Akhand Jyoti 1961 Hindi

Page 1

आ म व वास का शा

जीवन सं ाम का सबसे बड़ा श

आ म व वास है ।

िजसे अपने ऊपर-अपने संक प बल और पु षाथ के

ऊपर भरोसा है वह सफलता के लये अ य साधन को जट ु ा सकता है । आ म संयम भी उसी के लये स भव

है िजसे अपने ऊपर भरोसा है । िजसने अपने गौरव को भल ु ा दया, िजसे अपने म कोई शि त दखाई नह ं पड़ती िजसे अपने म केवल द नता, अयो यता, एवं

दब ू े पर आगे ु लता ह दखाई पड़ती है । ह कस बलबत

बढ़ सकेगा? और कैसे इस संघष भर द ु नयाँ म अपना अि त व यम रख सकेगा। बहती धार म िजसके पैर उखड़ गया, उसे पानी बहा ले जाता है पर जो अपना हर कदम मजबत ू ी से रखता है वह धीरे -धीरे तेज धार को भी पार कर लेता है ।

हम परमा मा ने उतनी ह शि त द है िजतना क कसी अ य मनु य को। िजस मंिजल को दस ु े ह उसे ू रे पार कर चक हम य पार नह ं कर सकते? फौज के

अपनी सझ ू बझ ू और यो यता का काम है ।

येक सै नक को एक सी ब दक ू द जाती है । नशाना लगाना हर सपाह क

सभी यि त अन त साम य लेकर इस भत ू ल पर अवतीण हुए ह।

न केवल पहचानने, भरोसा करने और उसके

सदप ु योग का है । िज ह अपने ऊपर भरोसा है वे अपनी उपल ध साम य का सदप ु योग करके क ठन से क ठन

मंिजल को पार कर सकते ह। द ु नयाँ को चलाने और सध ु ारने क हमार िज मेदार नह ं है । पर अपने लए जो कत य सामने आते ह उ ह परू ा करने म स चे मन से लगना और उ ह ब ढ़या ढं ग से करके दखाना न चय ह हमार िज मेदार है । अपने आपको यवि थत करके हम द ु नयाँ के संचालन और सध ु ार म सबसे बड़ा और सबसे

मह वपण ू योग दे सकते है । अधरू े और भ दे काम करना अपने आप को कलं कत करना है । परमा मा ने हमार रचना अपण ू नह ं सवाग और उ चको ट क साम ी से क है । उसने हम सजाने म कोई कसर नह ं छोड़ी है । फर हमीं अपने गौरव को मल न य न होने द। हम जैसा अ छा बनाया गया है उसी के अनु प हमारे काम भी गौरवपण ू होने चा हए। पं ीराम शमा आचाय


अख ड यो त १९६१ मई पेज १९


Turn static files into dynamic content formats.

Create a flipbook
Issuu converts static files into: digital portfolios, online yearbooks, online catalogs, digital photo albums and more. Sign up and create your flipbook.