Shukrawaar 1 15 september 2016 medium resolution

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वर्ष 9 अंक 17 n 1-15 सितंबर 2016 n ~ 20

हीरोइनों का बॉलीवुड



www.shukrawaar.com

वर्ष9 अंक 17 n 1 से 15 ससतंबर 2016 स्वत्वािधकारी, मुद्क एवं प्​्काशक क्​्मता सिंह प्​्बंध िंपादक आशुतोष सिंह िंपादक अंबरीश कुमार िंपादकीय िलाहकार मंगलेश डबराल राजनीसतक िंपादक सववेक िक्िेना फोटो िंपादक पवन कुमार िंपादकीय िहयोगी

िसवता वम्ा​ा अंजना सिंह िुनीता शाही (लखनऊ) अिनल चौबे (रायपुर) पूजा ि​िंह (भोपाल) िंजीत स्​्िपाठी (रायपुर) अिवनाश ि​िंह (िदल्ली) अिनल अंशुमन (रांची) कुमार प्​्तीक

कला

प्​्वीण अिभषेक

महाप्​्बंधक

एि के सिंह +91.8004903209 +91.9793677793 gm.shukrawaar@gmail.com

आवरण कथा

6 | एक और सुनहरा दौर

गहंदी गसनेमा मे्यह अगभनेग्तयो्का दूसरा सुनहरा दौर है. गपछले गदनो्ऐसी कई गरल्मे् आयी है,् गिनके केद् ्मे्हीरो नही्, बक्लक हीरोइने्है्िो अपने अगभनय के मापदंड रच रही है्और गरल्मो्को कामयाब भी बना रही है.्

16 | ख्तरे की घंटी जैतापुर

महाराष्​्के रत्नागिगर गिले मे्लिने िा रहे िैतापुर न्यकू ल् लयर पॉवर प्लांट के प्त्य् क्​् और परोक्​्िोगिम स्पष्​् है,् लेगकन प्श ् ासन के कान पर िूं नही्रेि् रही है.

20 | बसपा-भाजपा बनाम सपा

भािपा और बसपा के बीच मुकाबले की चच्ाष रािनीगतक िगलयारो्मे्िूब हो रही है, लेगकन वास्ग्वक होड्यह है गक सत्​्ा की लड्ाई मे्समािवादी पाट्​्ी को चुनौती कौन देता है.

िबजनेि हेड

शरद कुमार शुक्ला +91. 9651882222

ब्​्ांिडंग

कॉमडेज कम्युिनकेशन प्​्ा़ िल़

प्​्िार प्​्बंधक

यती्द्कुमार ितवारी +91. 9984269611, 9425940024 yatendra.3984@gmail.com

सिज्​्ापन प्​्बंधक सजते्द्समश्​्

सिसध िलाहकार शुभांशु सिंह

shubhanshusingh@gmail.com

+91. 9971286429 सुयश मंजुल

िंपादकीय काय्ा​ालय

एमडी-10/503, िहारा ग्​्ेि, जानकीपुरम लखनऊ, उत्​्र प्​्देश-226021 टेलीफैक्ि : +91.522.2735504 ईमेल : shukrawaardelhi@gmail.com www.shukrawaar.com DELHIN/2008/24781 स्वत्वािधकारी, प्क ् ाशक और मुदक ् क्म् ता गसंह के गलए अमर उिाला पक्ललकेशस ं गलगमटेड, सी-21, 22, सेलट् र-59, नोएडा, उत्र् प्द् श े से मुग्दत एवं दूसरी मंगिल, ल्ाी-146, हगरनिर आश्म् , नयी गदल्ली-110014 से प्क ् ागशत. संपादक : अंबरीश कुमार (पीआरल्ाी अिधगनयम के तहत समाचारो्के चयन के िलए ि​िम्मेदार) सभी कानूनी िववादो्के िलए न्याय क्​्ेत्िदल्ली होिा.

24 | लोक से दूर हिवराज

32 | हववाि के हवरोध मंे मंहदर

44 | लाज रखती महिलाएं

46 | साइहकलो् पर मुलक ्

गशवराि गसंह चौहान की बढ्ती अलोकग्​्पयता और उसके समांतर अगनल माधव दवे की बढ्ती सग्​्ियता प्​्देश की रािनीगत मे् बदलाव की सूरत तैयार कर रही है.

गरयो ओलंगपक मे् भारतीयो्गिलाग्डयो् के सबसे बड्ेदल का सबसे गनराशािनक प्द् श्नष देश मे्िेलो् की हालत पर बहुत बड्ा सवागलया गनशान है.

दग्​्कण कन्नड्ा गिले मे्प्​्शासन ने युवाओ्के मंगदर मे्गववाह के गलए पगरवार की इिाित को अगनवाय्ष कर गदया है. यह संगवधान की आत्मा के प्​्गतकूल है.

कोपेनहेिन मे् साइगकलो्ने कारो्को पीछे छोड्गदया है. वे गसर्फसंखय् ा मे्आिे नही् है,् अपनी चमक और आकर्ण ष मे् बेशकीमती कारो्को भी मात देती है.् शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

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आपकी डाक

दलित उभार की धार

तथाकलथत गोरक्​्क

शुि्वार पग्​्तका के बीते एक अंक का संपादकीय िो कगित िोरक्​्को् पर के्ग्दत िा, बहुत पसंद आया. वह संपादकीय इतनी सहि भारा मे्गलिा िया िा गक कोई अनिान व्यक्लत भी हालात को भली भांगत समझ ले. िोरक्​्क गिरोह दरअसल समाि का दुश्मन है. वह िाय का सहारा लेकर दगलतो् की िाल उतारने का िघन्य अपराध कर रहा है. मै्संपादक की इस बात से सहमत हूं गक अब राष्​्भक्लत, िाय, िोरक्​्ा आगद सभी एक हो िये है्. िोभल्तो् के कारण चुनावो्पर असर पडने की बात भी ऐसी है गक उससे सहमत होना लागिमी है. सुशील कौल ईमेल से

डरी हुई क्ौम

शुि्वार के 16 से 31 अिस्​्के अंक मे्चंचल का कॉलम 'डरी हुई कौम का सच', मम्षस्पश्​्ी िा. यह बात एकदम सच है गक भारतीय मुसलमान अिर रोिीरोटी के गलए सडक पर उतरता है या सत्ा् प्​्गतष्​्ान की मुिालरत करता है तो उसे तुरंत पागकस्​्ान का एिे्ट या आतंकवादी कह गदया िाता है. इतने वर्​्ो् की

सोशल मीडिया शुल्िया शुि्िार

मुख्यधारा के मीगडया मे्गवरले ही ऐसा होता है गक दगलतो् को इस कदर तवज्​्ो दी िाये. शुिव् ार पग्​्तका का आभार इस दबे हुए स्वर को यूं मुिरता से उठाने के गलए. लेगकन दलो् के दलदल मे् दगलत नामक गरपोट्ष इस नये उभार की पगरणगत को लेकर गचंता भी पैदा करती है. बस यही आशा है गक इस बार िो आंदोलन 4

शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

नये दगलत उभार पर गदलीप मंडल की कवर स्टोरी बहुत सारिग्भषत लिी. गदलीप मंडल हमेशा से तथ्यात्मक लेिन करते है्गिसमे्चूक होने की आशंका बहुत कम होती है. पूरे उना मामले और उसके पश्​्ात सोशल मीगडया पर इस िबर के प्​्सार को उन्हो्ने गिस तरह अपने आलेि मे्पेश गकया है वह एक नयी दृग्ष पेश करता है. सच मे्सोशल मीगडया नही्होता तो ऐसी तमाम िबरे्सामने ही नही्आ पाती्अिर सोशल मीगडया नही्होता. कंवल भारती का आलेि दगलतो् मे् भी

दगलत, दगलत समाि के भीतरी अंतग्वषरोधो्को हमारे सामने लाता है. आिादी के इतने दशक बाद भी अिर वाल्मीगक समुदाय की क्सिगत इतनी बुरी है तो रािनीगतक दलो् के अलावा दगलत समाि को भी अपने भीतर झांककर देिना होिा. संपादकीय मे्बलूगचस्​्ान के मुद्े को उठाये िाने के ितरो् का सही गचत्​्ण है. भले ही बलूगचस्​्ान हमारी िुपत् नीगत का गहस्सा हो लेगकन अपनी भूगमका का साव्षिगनक स्वीकार अंतरराष्​्ीय मंचो् पर देश की क्सिगत को कमिोर कर देिा. रमेश कुमार, नयी दिल्ली

आिादी के बाद भी वह अपने भीतर यह िर्री आत्मगवश्​्ास नही् पैदा कर पाया है गक सही िलत का साव्षिगनक र्प से गि​ि्​् कर सके. आि भी वह गकसी मुद्े पर अपनी राय रिने के बिाय आसपास के लोिो्या अपने समुदाय के लोिो् का मुंह तकता है तागक उनकी हां मे् हां गमला सके. आत्मगवश्​्ास की यह कमी हम सभी के गलए गचंता का गवरय होना चागहए. देश के सत्​्ाधारी दलो्को भी यह समझना होिा गक दुगनया भर मे् गहंदू तभी सुरग्​्कत रहे्िे िब हम अपने देश मे्माइनागरटी की रक्​्ा कर सके्.

दोबारा सोचने का वल्त तो रहता नही् इसगलए कई बार बहुत गतल्त गटप्पगणयां भी सामने आती है्. इस कगवता के मामले मे्भी यही हुआ. एक भयावह हायतौबा मची.कुछ ने बकायदा इसकी अश्लील पैरोडी करके अपनी भड्ास गनकाली. इसने गहंदी सागहत्य ि​ित की उस छगव को उभार गदया गिसे एक पाठक शायद ही देिना चाहे.

कलिता पर घमासान

िेवे्द् दसंह, भोपाल

शुि्वार ने शुभमश्​्ी की चग्चषत कगवता 'पोयट्​्ी मैनेिमे्ट' पढने का अवसर प्​्दान गकया. इस कगवता को भारत भूरण अग्​्वाल पुरस्कार गमलते ही गटप्पगणयो्, प्​्गतगटप्पगणयो्का िो दौर चला वह गहंदी सागहत्य ि​ित के गलए कोई अपगरगचत नही्है. यहां हर पुरस्कार या हर छोटी बड्ी घोरणा के बाद ऐसा कुछ देिने को गमलता ही है. सोशल मीगडया के आिमन के बाद यह िेमेबंदी और मुिर ढंि से पाठको्के समक्​्है. ितरनाक बात यह है सोशल मीगडया पर िड्ा हो वह गकसी भी तरह अन्ना आंदोलन की क्सिगत को प्​्ाप्त न हो. श्याम सुंिर, फेसबुक

अरहर का रोना

दाल की महंिाई को व्यि्षतूल गदया िा रहा है. हमारे यहां केवल अरहर की दाल ही बनती है. यगद गकसी गदन कोई अन्य दाल िाने का मन हो तो बात अलि है. उस गदन अपने मन की बना लेती हूं. बाकी गदन अरहर की दाल ही. अच्छी दाल 140 र्पये गकलो है. 150 ग्​्ाम मे् चार लोिो् की दाल बन िाती है. यानी 140

रदित शम्ा​ा, पटना

पाठको् से हनवेदन

शुि्वार मे्प्​्कािशत गरपोट्​्ो्और रचनाओ्पर पाठको्की प्​्गतगि्​्या का स्वाित है़ आप अपने पत्​्नीचे िदए िए पते पर या ई-मेल से भेि सकते है् एमडी-10/503, सहारा ग्​्ेस, िानकीपुरम, लिनऊ उत्​्र प्​्देश-226021 टेलीरैल्स : +91.522.2735504 ईमेल : shukrawaardelhi@gmail.com र्पये मे्पगरवार कई गदन दाल िा लेता है. यह हर गलहाि से सक्लियो्से भी सस्​्ा है. दवजय पुष्पम पाठक, फेसबुक

दलित तेिर

पग्​्तका के दगलत िािरण अंक का आवरण एकदम सटीक है. िय भीम के नारे गलिे नीले झंडे, नारेबािी कर रहे लोिो् का आि्ो्श एकदम उगचत अगभव्यक्लत प्स ् त्ु कर रहे है.् िो तेवर है्वे निर भी आ रहे है्. तर्ण दमश्​्, फेसबुक


संपादकीय

आप का रास्​्ा अ

अंबरीश कुमार

के्द्सरकार केजरीवाल सरकार को अस्थिर करने का कोई मौका हाि से जाने नही्देती, पर इस सबके बावजूद अरसवंद केजरीवाल को अपने अहंकारी और बड्बोले नेताओ्पर सजस तरह का अंकुश लगाना चासहए िा, वह उन्हो्ने नही्लगाया.

भी लोि भूले नही्है. करीब ढाई-तीन साल पहले तक गदल्ली के िंतर मंतर से लेकर रामलीला मैदान तक गतरंिा लहराता िा और वंदमे ातरम का नारा िूि ं ता िा. भ्ष ् ्ाचार के गिलार अण्णा हिारे का लोकपाल आंदोलन देश मे्दूसरी आिादी की लड्ाई लडऩे का दावा कर रहा िा. अण्णा हिारे को िांधी तो अरगवंद केिरीवाल को उनका नेहर् तक माना िा रहा िा. रोि नये गवशेरण, नयी रणनीगत सामने आती. गिसकी प्ग्तग्​्िया मे् देश के गवगभन्न गहस्सो् मे् नौिवान िड्ा हुआ और एक बड्े बदलाव की उम्मीद बनी िी. हिारे िब िेल िये तो गतहाड्ही घेर गलया िया िा. चौहत्र् के िेपी आंदोलन के बाद यह पहला बड्ा आंदोलन िा. गरर आंदोलन का रास्​्ा बदला, सािी बदले और नौिवानो्की एक टीम गदल्ली की सत्​्ा तक पहुचं ियी. भािपा के मौिूदा शीर्षनेता नरेद् ्मोदी के उभार के दौर मे्केिरीवाल ने भािपा का गदल्ली मे्सराया कर गदया. यह सब उस आंदोलन से पैदा हुई आि का ही असर िा. पर सत्​्ा मे् वे आये तो गरर और बदलाव आया. भारा बदली, संसक ् गृ त बदली तो कामकाि का तौर तरीका भी बदला. गरर टूट हुई और आंदोलन से िुड्ा दूसरा धड्ा भी आम आदमी पाट्​्ी से गनकल िया. योिेद् ् यादव, प्​्ोफेस ् र आनंद कुमार से लेकर प्श ् ांत भूरण तक बाहर चले िये. हालांगक िब इस पाट्​्ी का चाल चगरत्​्और चेहरा बदला तो समािवादी धारा से गनकले योिेद् ् यादव का समािवाद भी बदल चुका िा, कुछ पहले ही. बाद मे्वे तो समािवाद शल्द तक को भी बदलने पर िोर देने लिे िे. िैर, इससे पहले िन आंदोलनो्के कई बड्े चेहरे इस पाट्​्ी के िठन से पहले ही आंदोलन से अलि हो चुके िे. मेधा पाटकर, संतोर हेिड्,े डा सुनीलम, रािेद् ्गसंह से लेकर पीवी राि​िोपाल तक. िो बचे उन्हो्ने िो रास्​्ा चुना उसके चलते हाल ही मे्इस आंदोलन के नायक अण्णा हिारे ने रालेिण गसग्​्ि मे्कहा, 'मै यह देि कर बहुत दुिी हूं गक गदल्ली के मुखय् मंत्ी अरगवंद केिरीवाल के कुछ सहयोिी िेल िा रहे है,् िबगक कुछ अन्य 'धोिाधड्ी मे् शागमल है.् हिारे ने कहा, 'मुझे बहुत पीड्ा पहुच ं ी है. वह (केिरीवाल) िब मेरे साि िे तो उन्हो्ने ग्​्ाम स्वराि पर एक पुसक ् गलिी िी. ल्या हम इसे ग्​्ाम स्वराि कहेि् ?े इस कारण मै्बहुत दुिी हू.ं मै्गिस आशा के साि केिरीवाल को देि रहा िा, वह समाप्त हो ियी.'

अण्णा हिारे की यह गटप्पणी सब कुछ कह दे रही है हालांगक इसके गलए वह भी कम गिम्मदे ार नही् है.् गिस आंदोलन को बुगनयादी बदलाव की गदशा मे् ले िाना चागहये िा वह दरअसल गसर्फलोकपाल तक सीगमत कर गदया िया. देश के गकसानो्, मिदूरो्और आगदवागसयो् को लेकर कोई दृग्ष नही् िी. आंदोलन की रािनैगतक दृग्ष भी साफ्नही्िी, न ही हिारे की रािनैगतक दृग्ष साफ्िी. गिसका नतीिा सामने है. िो भी गमला, िैसा भी गमला सब आंदोलन से लेकर सत्​्ा तक साि आ िया. बदगमिाि भी तो बदगदमाि भी. िब एक सांसद शराब पीकर संसद िाने लिे तो समझ लेना चागहये की इस पाट्​्ी ने गकस तरह का रास्​्ा बनाया िा. गपछले दो साल मे्पाट्​्ी के कई नेताओ्की गटप्पणी और साव्ि ष गनक व्यवहार को देि ले्तो ज्यादा उम्मीद नही् निर आती है. अरगवंद केिरीवाल को भी सोचना चागहये गक उनसे देश ने बहुत उम्मीद लिा रिी है. अिर उन्हो्ने अपने गवधायको् और नेताओ् को नही् संभाला तो िो लोि उन्हे्सत्​्ा तक ले आये है्वही उन्हे्बाहर का रास्​्ा भी गदिा सकते है.् गसर्फग्​्ाम स्वराि पर पुसक ् गलिने से कोई रक्फनही्पडऩे वाला है. आप अपने िीवन मे्उसे गकस प्क ् ार ले रहे है् यह बात ज्यादा अहम है. केिरीवाल का ज्यादा समय एलिी से लडऩे गभडऩे मे्िया है. यह सही है गक केद् ् सरकार केिरीवाल सरकार को अक्सिर करने का कोई मौका हाि से िाने नही् देती. पर इस सबके बाविूद अरगवंद केिरीवाल को अपने अहंकारी और बड्बोले नेताओ्पर गिस तरह का अंकश ु लिाना चागहये िा वह उन्हो्ने नही्लिाया. गिस तरह के आरोप अब उनके गवधायक, मंत्ी और नेताओ्पर लि रहे है् उससे लोिो् का आम आदमी पाट्​्ी से मोहभंि हो रहा है. एक मगहला को लेकर उनके मंत्ी गिस तरह के गववाद मे् रंसे है् वह दुभा्गष य् पूणष्है. इसके बाद बचाव मे्गिस तरह का तक्-फ कुतक्फमीगडया से लेकर सोशल मीगडया पर गकया िा रहा है उसकी उम्मीद इस पाट्​्ी से लोिो् से नही् िी. ल्यो्गक यह एक िन आंदोलन से गनकली पाट्​्ी है. यह उन आम रािनैगतक दलो्से अलि मानी िाती है गिसके नेता भ्ष ् ,् व्यगभचारी, मागरया या बाहुबली भी होते है.् यह तो आम आदमी की पाट्​्ी है. इसमे् तो आम आदमी की सुनी िानी चागहये. वन्ाष ल्या रक्फरह n िायेिा. आप मे्और दूसरे दलो्मे?् ambrish2000kumar@gmail.com शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

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आवरण कथा

नादयकाओ् का नया जमाना: (बाये् से) िीदपका पािुकोण, द्​्ियंका िोपड्ा और कंगना रनौट

एक और सुनहरा दौर सहंदी ससनेमा मे्यह असिनेस्ियो्का दूसरा सुनहरा दौर है. सपछले सदनो् ऐसी कई सिल्मे्आयी है्, सजनके के्द्मे्हीरो नही्, बस्लक हीरोइने्है्. जो अपने असिनय के मापदंड रच रही है्और सिल्मो्को कामयाब िी बना रही है्. इस पसरदृश्य मे्हीरो कही्सपछड्गया है. 6

शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

हलर मृदुि

ह गसनेमा का नया दौर है. इस दौर मे् बहुत सारे बदलाव देिने को गमल रहे है्. गहंदी गसनेमा मे् नागयकाओ् की बढ्ती अहगमयत को इस बदलाव से िोड् कर देिा िाना चागहए. बीते कुछ वर्​्ो्मे्बॉलीवुड की हीरोइनो्ने अपनी गवगशष्​्ि​िह बनायी है. उन्हे्अपनी प्​्गतभा गदिाने का अवसर तो गमल ही रहा है, साि ही वे अगभनय की अच्छीिासी कीमत भी वसूल पा रही है्. गहंदी गसने ि​ित की नागयकाएं अब नायको् से टक्​्र ले रही है्. दीगपका पादुकोण को ही लीगिए: वे


एक गरल्म की रीस 12 करोड्र्पये मांि रही है्. कमाल यह गक यह रागश उनको गमल भी रही है. यह नयी शुर्आत उन्हो्ने 'रानी पद्​्ावती' गरल्म से की है. संिय लीला भंसाली िैसे शीर्ष गरल्मकार ने इस रीस पर अपनी मोहर लिा दी है. दीगपका हाल ही मे् हॉलीवुड की गरल्म 'ग्​्टपल एल्स: द गरटन्ष ऑप डे्िर केि' की शूगटंि से लौटी है्. मुंबई पहुंचने की देरी िी गक उनके घर गनम्ाषताओ् का तांता लि िया. रीस बढ्ाने का एक मकसद यह भी हो सकता है गक केवल वही गरल्मकार संपक्फ करे् िो अपने प्​्ोिेल्ट को लेकर िंभीर हो्. यह िबर भी सुग्िषयो्मे्है गक अंतरराष्​्ीय पग्​्तका ‘रोल्स्ष’ ने उनको सबसे ज्यादा रीस लेने वाली दुगनया की शीर्ष 10 नागयकाओ्मे्शागमल गकया है. अगभनय के गलए यह मोटी रकम केवल दीगपका को ही नही्गमल रही है, बक्लक ग्​्पयंका

चोपड्ा भी उनकी राह पर है्. अमेगरकी गसरीि 'ल्वांगटको' के बाद उनकी शोहरत भी बुलंगदयो् पर है. वे इस सीगरयल के दूसरे भाि मे् भी काम कर रही है्. 'बेवॉच' के र्प मे् उनको हॉलीवुड की एक गरल्म भी गमल ियी है. कहना न होिा गक इस वल्त बॉलीवुड मे् उनकी हैगसयत गकसी नायक से कम नही् है. बॉलीवुड के िगलयारो्मे्यह िबर आम है गक 'ल्वांगटको' के हर एगपसोड के गलए उनको अच्छी¬-िासी रकम गमलती है. 'बेवॉच' भी उनके गलए करोड्ो की रागश लेकर आयी है. अभी हाल ही मे् उन्हो्ने एक ऐसे गवज्​्ापन मे् काम करने के गलए हामी भरी है गिसमे् उन्हे् 10 गदन काम करना है और इसके गलए उनको रोिना डेढ् करोड् र्पये का भुितान गकया िायेिा. िास बात यह है गक िोरदार कमाई करने वाली अगभनेग्तयो् की कतार मे् केवल यही दो हीरोइन नही्है्. करीना कपूर, कैटरीना

कैर, आगलया भट्​्, सोनम कपूर, अनुष्का शम्ाष और कंिना रनौट भी इस सूची मे्शागमल है्. गरल्म अगभनेग्तयो् की तकदीर हमेशा ऐसी नही् िी. पहले वे अदाकारी मे् चाहे अगभनेता से बीस रहती हो्, लेगकन उनको पागरश्​्गमक हमेशा कम ही गमलता िा. लेगकन अब हालात बदल चुके है्. अिर स्ग्िप्ट दमदार हो तो अगभनेग्तयां अपने दम पर गरल्म गहट कराने का माद्​्ा भी रिती है्. 'द डट्​्ी गपल्चर', 'कहानी', 'ल्वीन', 'तनु वेड्स मनु गरटस्​्ं', 'एनएच 10', 'हाइवे', 'एंग्ी इंगडयन िॉडेस' और 'नीरिा' िैसी अनेक गरल्म है् गिनमे्हीरोइन की भूगमका प्​्भावशाली िी और ये गरल्मे्बॉल्स ऑगरस पर भी कमाल गदिाने मे्कामयाब रही्. दरअसल अब दश्षको्का मानस भी बदल चुका है. कुछ समय पहले तक दश्षक सोचते शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

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आवरण कथा

(ऊपर) सोनम कपूर: नयी िस्​्क

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शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

िे गक अकेली हीरोइन गकसी गरल्म को अपने का बोझ उठा सकती है् और उसे सरल करा नािुक कंधो् पर नही् ढो सकती. परंतु अब सकती है्. 'तनु वेड्स मनु' और 'तनु वेड्स ऐसा नही् है. दश्षको् की नयी पीढ्ी भी सामने मनु गरटस्​्ं' के गनद्​्ेशक आनंद एल राय का आ चुकी है िो गरल्म की कहानी और उसमे् कहना है गक 'आि की हीरोइन गकसी भी काम कर रहे अदाकारो् का काम बारीकी से मामले मे् हीरो से कम नही् है्. शत्ष एक ही है देिती है. उसे इससे मतलब नही् है गक हीरो गक उन्हे् अच्छी गलिी हुई भूगमका गमले और कौन है और हीरोइन कौन. अिर गकसी गनद्​्ेशक उन पर भरोसा करे्. अब दश्षक हीरोइन ने शानदार काम गकया है तो वे उससे अच्छी कहानी और पररॉम्​्ेस देिने िाते है्, प्​्भागवत होते है्. 'द डट्​्ी गपल्चर' मे् गवद्​्ा न गक हीरो और हीरोइन को.' चूंगक हीरोइनो्ने सरलता के नये प्​्गतमान बालन ने गिस अंदाि मे् गसल्क क्समता से प्​्ेगरत गकरदार गनभाया, वह अपनी अलि छाप िढऩे शुर्कर गदये है्, इसगलए उनको के्द्मे् छोडऩे मे्कामयाब रहा. एक िरीब पगरवार की रिकर गरल्मे्भी अगधक बनने लिी है्. इससे लडक़ी के बेइंगतहा संघर्ष के बाद सरल गरल्मो् मे् गवगवधता भी िूब बढ्ी है. गकरदारो् हीरोइन बनने और गरर त्​्ासद अंत की कहानी की िगरमा का पूरा ध्यान रिा िाने लिा है. ने दश्षको् को झकझोर गदया िा. इसके बाद इसका रायदा पगरणीगत चोपड्ा, डायना पे्टी, वानी कपूर, इगलयाना उन्हो्ने 'कहानी' गरल्म मे् एक बार गरर चूकं ि हीरोइनों ने सफलता िे नये गडिू्ि और भूगम पेडणेकर िैसी नयी शानदार अगभनय पंकं तमान गढंने शुरं िर किये है,ं पीढ्ी की अगभनेग्तयो् गकया और गरल्म को इसकलए उनिो िेदं ं में रखिर को गमल रहा है. बीच अपने दम पर बॉल्स कफलंमें भी अकि​ि बनने लगी है.ं मे् लि रहा िा गक ये ऑगरस पर गहट इससे किकि​िता भी खूब बढंी है. अगभनेग्तयां एक-दो करवाया. गरल्मे्करके रित पट कंिना रनौत ने भी यही कगरश्मा गकया. 'ल्वीन' मे् उन्हो्ने अपने से िायब हो िाये्िी, लेगकन ऐसा नही् हुआ. असाधारण अगभनय से सबका गदल िीत इसकी विह केवल यह है गक गनम्ाषताओ् का गलया. इसके बाद 'तनु वेड्स मनु गरटस्​्ं' मे् सोच बदल चुका है. वे िान िये है्गक बगढय़ा एक बार गरर उन्हो्ने शानदार अगभनय गकया स्ग्िप्ट हो तो अगभनेग्तयां भी सरलता की और यह गरल्म भी सुपरगहट रही. 'हाईवे' मे् िारंटी सागबत हो सकती है्. पगरणीगत चोपड्ा आगलया भट्​् का गकरदार भी भला कोई कैसे इन गदनो्'मेरी प्यारी गबंदू' और 'तकदुम' िैसी भूल सकता है? वे नयी अगभनेग्तयो् मे् गरल्मो्मे्काम कर रही है्. इनमे्उनके सामने सव्ाषगधक समि्ष है्. इसी तरह, 'नीरिा' िैसी कोई बड्ा स्टार नही्है. वही्भूगम पेडणेकर के बायोगपक गरल्म की सरलता का पूरा श्​्ेय पास 'मनमग्िषयां' है तो वानी कपूर यशराि सोनम कपूर को िाता है. उन्हो्ने गदिा गदया बैनर की 'बेगरिे्' मे्काम कर रही है्. डायना गक वे गबना नायक के अपने कंधो् पर गरल्म पे्टी ने हाल ही मे्गरलीि हुई गरल्म 'हैप्पी भाि (नीिे बाये् से) कैटरीना कैफ और आदलया भट्​्: नयी भूदमकाओ् की ओर


सोनाक्​्ाी दसन्हा और अनुष्का शम्ा​ा: नयी उमर नयी फसल

िायेिी' मे् शीर्ष भूगमका गनभायी है. उन्हे् देिकर लिता है गक प्​्गतभा की कोई कमी नही् है, िर्रत है तो बस सही मौके की. इस बारे मे् ट्​्ेड गवशेरज्​् कोमल नाहटा कहते है्, 'अब मगहला-प्​्धान गवरय आिे आ रहे है्, तो इसकी विह यही है गक दश्षक हीरोइनो् को लीड रोल मे्देि रहे है्और सराह रहे है्. नये गनद्​्ेशको् ने हीरोइनो् को दमदार रोल देने का िो बीड्ा उठाया िा, यह उसी का सकारात्मक पगरणाम है.' अगधकांश बॉलीवुड गनद्​्ेशक इस बात को समझ चुके है् गक वल्त बदल िया है. अब हीरोइनो् को लेकर कोई पूव्षग्ह नही् चल पायेिा. वे उतनी ही प्​्भावशाली है्, गितने गक

हीरो. हीरो भी इस सच्​्ाई को गबना गकसी संकोच के स्वीकारने लिे है्. अगमताभ बच्​्न िैसे महानायक ने तक स्वीकार गकया है गक गरल्म 'पीकू ' की सरलता का सबसे बड्ा कारण दीगपका पादुकोण का बेहतरीन पररॉरमे्स िा. वे तो गसर्फसहायक भूगमका मे् ही िे. सुपर स्टार शाहर्ि िान अपनी आिामी गरल्म 'गडयर गिंदिी' से इसगलए आश्​्स् निर आ रहे है् गक उसमे् आगलया भट्​्िैसी नयी पीढ्ी की हीरोइन उनके साि है्. दग्​्कण के िाने माने गनद्​्ेशक ए.आर.मुर्िदॉस भी अपनी नयी गहंदी गरल्म 'अकीरा' से संतुष् निर आ रहे है्, ल्यो्गक इसमे् सोनाक्​्ी गसन्हा ने बेस्ट पररॉरमे्स दी है. केतन मेहता की अिली गरल्म 'रानी लक्​्मीबाई' है, गिसमे् रानी लक्​्मीबाई की लीड भूगमका कंिना रनौट को सौ्पी ियी है. यह केतन मेहता की सबसे महत्वाकांक्ी गरल्म है. 'शागहद' और 'अलीिढ्' िैसी गरल्मे्दे चुके हंसल मेहता ने भी कंिना रनौट को लेकर गरल्म 'गसमरन' शुर् की है. उन्हे् पता है गक कंिना अपने गकरदार को गवश्​्सनीय बनाने के गलए कोई कसर नही् छोडऩ्े वाली है्. यह गरल्म अकेले उन्ही् के कंधो्पर गटकी है. हंसल मेहता कहते है्, 'अब मगहला-प्​्धान गरल्मो् का एक नया दौर शुर् हो चुका है. मगहलाएं हर क्​्ेत् मे् अपने झंडे िाड्रही है्, तो भला वे बॉलीवुड मे्पीछे ल्यो् रहे्िी? हालांगक इस पोिीशन तक पहुंचने के गलए उन्हे् कारी संघर्ष करना पड्ा है, लेगकन उन्हो्ने हर मोड्पर अपनी कागबगलयत सागबत की है.' हीरोइनो् की कामयाबी की इस दौर मे्

पदरणीदत िोपड्ा: नयी बयार देिा िाये तो गहंदी गसनेमा का हीरो कही्पीछे छूट िया लिता है. गरल्मो् के तीन िान बंधुओ्- आगमर, शाहर्ि और सलमान- का साम्​्ाज्य डोल रहा है हालांगक वे उसे बनाये रिने की िीतोड् कोगशश कर रहे है्. अिय देविन, अक्​्य कुमार िैसे हीरो भी पुराने पड् चले है्. िास बात यह है गक नयी हीराेइनो्के साि आने वाले हीरो अपनी बड्ी पहचान बनाने मे् अभी तक नाकाब है् और वे गरल्म के गहट होने की िारंटी भी नही् दे सकते है्. इसगलए गरल्म गनद्​्ेशक नागयकाओ्पर ज्यादा भरोसा कर रहे है्. दूसरी तरर नयी अगभनेग्तयां अपने युवा उत्साह और प्​्गतभा के साि n बॉलीवुड मे् कदम रिती िा रही है्. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

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आवरण कथा

यि बस एक मुकाम िै

बॉलीवुड की सबसे महंगी नाियका दीसपका पादुकोण से बातचीत. है्. हॉलीिुड फिलंम 'फं​ंिपल एकंस: र फरटनंनऑि डेंजर केज' की शूफटंग का अनुभि कैसा रहा? इस गरल्म की शूगटंि पूरी हो चुकी है और मै् एक अलि गकस्म के सुिद अहसास से भरी हुई हूं. चार महीने की शूगटंि के दौरान हॉलीवुड मे् कई दोस्​् बने. मै् अलि-अलि लोिो् से गमली्. उनके काम करने के अंदाि को करीब से देिा. यह मेरे गलए एक नयी दुगनया िी, इसीगलए मै् कारी रोमांच से भरी हुई हूं. मै्अपने गकरदार को लेकर भी कारी उत्सुक िी. इस फिलंम के रौरान फकस तरह की चुनौती पेश आयी? मै्ने इसमे् सेरेना अंिर का गकरदार गनभाया है. यह रचनात्मकता के स्​्र पर एकदम अलि गकरदार िा. मै्ने कारी सोचने के बाद यह गरल्म साइन की िी. पहले भी मुझे हॉलीवुड के ऑरर गमले िे लेगकन गकसी रोल ने यूं आकग्रषत नही्गकया िा. मै्केवल नाम के गलए हॉलीवुड गरल्म नही् करना चाहती िी. इस गरल्म को साइन करने से पहले मै्ने पूरी स्ग्िप्ट पढ्ी और अपने रोल को बारीकी से िांचा. मैन् े पाया गक यह बहुत आकर्क ष ऑरर है. मेरे गलए रोल की लंबाई मायने नही्रिती. बक्लक गकरदार की अहगमयत होनी चागहये. सच यह भी है गक गसनेमा की दीवारे्ढह रही है्. भारा अब कोई समस्या नही्है. दुगनया का गसनेमा भाराओ्के परे िा चुका है. परंतु हॉलीिुड और बॉलीिुड में तो अब भी कािी अंतर है. उनका काम करने का तरीका अलग है. इस बारे में आपका कंया कहना है? अंतर तो है ही. बॉलीवुड मे् बड्े स्टूगडयो अब आये है्, हॉलीवुड मे् वर् ो ् ् से कॉप्​्ोरेट की सग्​्ियता है. यह सच है गक बड्ेस्टूगडयोि के आने से न गदनो्दीगपका पादुकोण का कगरयर बुलंगदयो्पर है. वह सरलता के हमारी इंडस्ट्ी मे् भी सकारात्मक बदलाव आये है्. अिर हमारे यहां बड्े गनत नये कीग्तषमान रच रही है्. हाल ही मे् उन्हो्ने अपनी पहली स् ट ग ू डयो नही्आते तो नये तरह की गरल्मे्नही्बनती्. गहंदुस्ानी गसनेमा हॉलीवुड गरल्म 'ग्​्टपल एल्स: द गरटन्षऑर डे्िर केि' की शूगटंि ित्म मे ् िो भी प्​्योि हो रहे है्उनका श्​्ेय कॉप्​्ोरेट को गदया िाना चागहये. कुछ की है. संिय लीला भंसाली ने भी उनको लेकर 'रानी पद्​्ावती' गरल्म वल् त पहले तक पीकू या राइंगडंि रेनी िैसी गरल्म बनाने के बारे मे्सोचा बनाने की घोरणा कर दी है. आप एक बार फिर संजय लीला भंसाली के साथ काम करने जा रही भी नही् िा सकता िा. इसकी विह यह है गक भारतीय गनम्ाषता िोगिम हैं. फकसी फनरं​ंेशक के साथ टं​ंूफनंग हो जाती है तो अफभनय करना मोल नही्ले सकते िे. गरल्म गनम्ाषण बहुत िच्​्ीला काम है. अिर गरल्म नही् चली तो बरबाद होते वल्त नही् लिता. अिर कोई प्​्ोड्​्ूसर बब्ाषद आसान हो जाता है? बहुत आसान हो िाता है. कई गरल्म करने के बाद गनद्​्ेशक भी होता है तो उसका असर कलाकारो् पर भी पड्ता ही है. सच यही है गक कॉप्​्ोरेट के आिमन के बाद सुरक्​्ा बढ्ी है. आपकी िागमयो्और िूगबयो्से पगरगचत हो चुका होता है. आप भी गनद्​्ेशक के गमिाि को समझ मुझे एकंटिंग िी िुकनया में ि​िम आप इस समय बॉलीिुड की टॉप हीरोइन हैं लेफकन इधर आपने एक फिलंम में आइटम चुके होते है्. इससे ट्​्ूगनंि तो बनती है. भंसाली रखे नौ साल ही हुए है,ं लेकिन सॉनंग करना संिीकार फकया है. सर के साि काम करना हमेशा बेहतरीन अनुभव मु झ े सं त ोष है कि मै न ं े इस अिकि इसमे्चगकत होने की कोई बात नही्. मुझे यह रहा है. चाहे रामलीला हो या बािीराव मस्​्ानी. अच् छ ा लिा तो उसे करना स्वीकार कर गलया. मै् मे ं अपना एि मु ि ाम हाकसल िर मुझे उनके साि काम करके अच्छा लिा. पहले भी आइटम सॉि कर चुकी हूं. वैसे भी इस कलया है. खबर है फक इस फिलंम में आपके सामने गरल् म के गनम्ाषता मेरे गमत्​्है्. शाहरंख खान, ऋफतक रोशन और शाफहर अपनी अब तक की उपलबं ध धयों से पं​ंसनंन हैं? कपूर के नाम पर फिचार चल रहा है. इस बार रणिीर फसंह अलाउदं​ंीन िी हां बहुत िुश हूं. मुझे एक्लटंि की दुगनया मे्कदम रिे नौ साल ही फखलजी के नकारातंमक फकररार मेंहोंगे? इस बारे मे्तो भंसाली सर ही बता पायेि् .े वह गकसे साइन करना चाहते हुए है.् मुझे संतोर है गक मैन् े इस अवगध मे्अपना एक मुकाम हागसल गकया है्यह भला मुझे कैसे पता होिा? यह िर्र है गक वे गकरदार के गहसाब से है. मै्ने यहां तक पहुंचने के गलए बहुत मेहनत की है और गकस्मत ने भी n ही कलाकार चुने्िे. वह गकसी तरह का समझौता करने वाले गनद्​्ेशक नही् मेरा साि गदया है.

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असली घर िै बॉलीवुड

हॉलीवुड मे्सबसे चस्चषत िारतीय असिनेि्ी सि्​्यंका चोपड्ा से बातचीत.

ग्​्प

यंका चोपड्ा का ज्यादातर वल्त अब हॉलीवुड मे्बीत रहा है. इधर वह अमेगरकन गसरीि 'ल्वांगटको' की शूगटंि तो कर ही रही है्साि ही एक हॉलीवुड गरल्म 'बेवाच' मे्भी अगभनय कर रही है्. वह गवगधवत गरल्म गनम्ाषण मे्लि चुकी है्. उन्हो्ने दो भोिपुरी गरल्मे्प्​्ोड्​्ूस की है्. िल्दी ही उनकी योिना एक मराठी और एक गहंदी गरल्म बनाने की है. कंिांफटको के रूसरे सीजन की शूफटंग के अनुभि कैसे रहे? मै्इस शूगटंि का भरपूर आनंद उठा रही हूं. रोि नये अनुभव होते है्. बहुत मिा आता है. पहले सीिन की सरलता की विह से लोि पहचानने भी लिे है्. वहां का मीगडया भी मेरे बारे मे्गलिता रहता है. इस फसरीज ने आपके अफभनय कफरयर में एक नया मोडं ला फरया है. इस फसरीज को आप फकतनी बडंी उपलबंधध मानती हैं? इस शो की विह से मेरे प्​्शंसको्की संख्या मे्भारी इिारा हुआ है. हॉलीवुड मे् भी मेरी पहचान बनी है. परंतु मै् िुद को गवशुद्घ र्प से बॉलीवुड अगभनेत्ी ही मानती हू.ं मुझसे पहले अगनल कपूर, िुलशन ग्​्ोवर, अनुपम िेर और गनमरत कौर ऐसी अमेगरकी गसरीि मे्काम कर चुके है् लेगकन मुझे लिता है गक गकसी बॉलीवुड स्टार के गलए अमेगरकी टीवी पर सरलता पाना कगठन काम है. सबसे बड्ी चुनौती अंग्ेिी उच्​्ारण और बॉडी लैग्व् ि े की है. शो के अन्य सागियो्से घुलने गमलने मे्भी वल्त लिता है. आपको हॉलीिुड की एक फिलंम भी फमल गयी है, 'बेिाच.' इसमें काम का अनुभि फकतना चुनौतीपूणंनहै? मै्इस गरल्म मे्हॉलीवुड के कई बड्ेगसतारो्के साि काम कर रही हूं. इतने नामी अगभनेताओ् के साि काम करना कारी मायने रिता है. िासबात यह है गक इस गरल्म मे् मेरी भूगमका नकारात्मक है. मै् बहुत धड्कने दो मल्टीस्टारर िी लेगकन उसमे् मेरी भूगमका चुनौतीपूण्ष िी. चुनौतीपूण्षभूगमका गनभा रही हूं. बािीराव मस्​्ानी के बारे मे्भी मेरा यही मानना है. नकारातंमक भूफमका फनभाना सही करम है? चचंान है फक आप कलंपना चािला की बायोफपक फिलंम मेंकाम कर हां, इसका मेरे कगरयर पर कोई नकारात्मक असर नही् पडऩे वाला सकती हैं. है. हॉलीवुड मे् गकसी को नकारात्मक या सकारात्मक के पैमाने पर नही् मै्ने अभी तक यह गरल्म साइन नही् की है इसगलए कुछ कह नही् कसा िाता है. वहां देिा िाता है गक अपनी भूगमका आपने गकतनी अच्छी सकती हूं. हां अिर मुझे मौका गमलता है तो मै्िर्र गरल्म करना चाहूंिी. तरह गनभायी. मेरे गलए यह बड्ी बात होिी. कल्पना चावला का व्यल्ग्तव बहुत प्​्ेगरत फिलंम 'बाजीराि मसं​ंानी' मेंआपने काशीबाई की भूफमका फनभायी करने वाला है. जो सेकेंड लीड थी. इससे आपको फकतना िायरा फमला? कंया 'डॉन 3' मेंभी आपको फलए जाने की खबर है. आगे भी ऐसी भूफमकायेंफनभाने के फलए तैयार हैं? अभी तक इस गरल्म की कोई र्परेिा तय नही् है. ऐसे मे् कुछ भी अिर भूगमका सशल्त होिी तो मै्िर्र सेके्ड लीड करं्िी. लेगकन कहना बहुत िल्दबािी होिी. शत्षयह है गक ऐसी गरल्मो्का गनद्​्ेशक भी संिय इन किनों नयी तरह िी िहाकनयों बीच मेंखबर थी फक 'मैडमजी' नामक फिलंम लीला भंसाली िैसा हो. मै्उनकी बहुत बड्ी रैन पं​ंोडं​ंूस करने जा रही हैं? पर कफलंमें बन रही है.ं मैं उनसे हूं. मै् उनके साि हर हाल मे् काम करना चाहती मधुर भंडारकर के साि इस गरल्म की िी. उन्हो्ने इस भूगमका के बारे मे्बताया तो कहा पंरंे णा ले रही हू.ं मैं यह भी चाहती योिना बनी िी लेगकन अभी बात आिे बढ्ी नही् िा गक इतनी चुनौतीपूणष्भूगमका मै्ही गनभा सकती हूं कि नयी पंकं तभाओं िो मौिा है. अिर यह गरल्म बनती है तो यह कम बिट की हूं. आि मै्गिस मुकाम पर हूं वहां मुझे स्टारडम एक बेहतरीन गरल्म होिी. कमले. पर नही्अदाकारी पर ध्यान देना है. बतौर पं​ंोडं​ंूसर आपकी महतं​ंिाकांकंा कंया हॉलीिुड में भले ही आपके काम की चचंान हो चुकी है है? आपका पं​ंोडकंशन हाउस रूसरोंसे कैसे अलग होगा? लेफकन बॉलीिुड में तो आप जंयारातर मलंटी संटारर फिलंमों में मुझे नही्पता गक मै्दूसरो्से गकतनी अलि गरल्म बनाऊंिी. इन गदनो् फरखती हैं. कंया आपको सोलो हीरोइन िाली फिलंमों की पेशकश नयी तरह की कहागनयो्पर गरल्मे्बन रही है्. मै्उनसे प्​्ेरणा ले रही हूं. मै् नहींहै? चाहती हूं गक नयी प्ग्तभाओ्को मौका गमले. मै्अच्छे गवरयो्पर छोटे बिट मै् गकरदार से संतुष् होने के बाद ही गरल्म साइन करती हूं. गदल की गरल्मे्बनाना चाहती हूं. n शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 11


आवरण कथा

सुनहरे िौर के यािगार िेहरे: मधुबाला, मीना कुमारी, वैजयंती माला, वदहिा रहमान और नूतन

स्वण्ा युग रजत पदरयां मनोहर नायक

चा

लीस से साठ के दशक तक को गहंदी ग्फल्मो् का स्वण्क ष ाल यानी ‘िोल्डन एरा’ कहा है. मोटे तौर पर यह समय 1941 से 1965 तक का माना िाता है. यह आज़ादी से ठीक पहले और बाद का समय है और अिर हम पूरे राष्​्ीय पगरदृशय् को देिे्तो पायेि् े गक िीवन के तमाम क्त्े ्ो्मे्उस समय गदग्ि​ि प्ग्तभाएं सग्​्िय िी्. गहंदी गसनेमा, गिसे अब बॉलीवुड कहते है,् मे्भी हर तरह के हुनरमंदो्का िमावडा िा. नये गवचारो्, प्य् ोिो्, सरोकारो् की धूम िी. महबूब ख़ान, गबमल रॉय, बीआर चोपडा, गविय भट्,् कमाल अमरोही, चेतन आनंद, के. आगसफ्, रािकपूर, िुरद् त्​्और गविय आनंद िैसे ग्फल्मकार िे. अशोक कुमार, मोतीलाल, गदलीप कुमार, रािकपूर, देव आनंद, बलराि साहनी, िुरद् त्,् सुनील दत्​्िैसे अगभनेता और दुिा्ष िोटे, सुरयै ा, नरगिस, मधुबाला, मीना कुमारी, नूतन, वहीदा रहमान, वैियंती माला िैसी अगभनेग्तयां िी्. यह गदलचस्प है गक पगत परमेशर् , सती सागवत्​्ी आगद ग्फल्मी दौर से आती नागयका इस दौर मे्उन्मलु त् है. इस दौर की नागयका ने बहुत से बंधनो् को तोड गदया और आि की बेधडक अगभनेग्तयो् का माि्ष प्श ् स्​् गकया. 'िाइड’ मे्िब 'कांटो्से िी्चकर ये आंचल’ िाने के गलए गनद्श ्े क गविय आनंद िीतकार शैलदे् ्को गसचुएशन समझा रहे िे तो उन्हो्ने कहा िा गक रोज़ी पुराने बंधनो्को तोडकर नृतय् को अपना लेती है, इसगलए आप इसमे् 12 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

सहंदी ससनेमा के पहले सुनहरे दौर की असिनेि​ि्​्यो्ने ससनेमा को पसत परमेश्र और सती सासवि्​्ी की छसवयो्से मुक्त सकया. इस दौर की नासयका ने बहुत से बंधनो्को तोड सदया और आज की बेधडक असिनेस्ियो्का माग्षि्​्शस्​्सकया. 'तोड के बंधन बांधी पायल’ लाइन ज़र्र रिे.् यह िीत इस गहसाब से भी अनोिा है गक यह अंतरे से शुर्होकर मुिडे पर आता है. 'कांटो्से िी्चकर ये आंचल, तोड के बंधन बांधी पायल. आि गरर िीने की तमन्ना है आि गरर मरने का इरादा है.’ ये बंधन लिातार टूटते िये. 'तीन देगवयां’ मे्तो साफ् ऐलान िा, 'डाल के घुघं टा, र्प को अपने/और नही् मै् गछपाऊंिी/सुदं री बनके तेरी बलमवा/आि तो मै्लहराऊंिी.’ इस काल की नागयकाओ् के बारे मे् बात करे् तो सुरयै ा, नरगिस, मधुबाला, नूतन, वहीदा, वैियंतीमाला, मीना कुमारी, िीता बाली, उरा गकरण, साधना के बारे मे्कुछ कहे गबना बात नही्बनती. सुरयै ा नरगिस से पंदह् गदन छोटी िी्. नूतन से अगभनय मे्उन्नीस िी्और सौ्दय्षमे्मधुबाला, मुनव्वर सुलत् ाना, नलगन ियवंत उनसे बीस िी्, लेगकन सिने का उनका तरीक़्ा, बातचीत की नफ्ासत सबसे अलि िी और इस सबके ऊपर उनका सुरीला कंठ. वे र्पहले पद्​्ेकी पहली ग्लमै र िल्षिी्. शायद गितनी शोहरत और दौलत उन्हे्गमली, उतनी गकसी को नही्. लोि उनके आगशक तो िे ही, प्म्े नाि और रहमान भी उन्हे्हागसल करना चाहते िे. वे पृथव् ीराि कपूर की नागयका भी रही्और उनके दो बेटो्राि और शम्मी की भी. सहिल के साि काम करने की इच्छी 'तदबीर’ मे् पूरी हुई. दोनो् 'उमर िय्याम’ और 'परवाना’ मे्भी आये- िायक अगभनेता और िागयका अगभनेत्ी साि-साि. सुरयै ा ने नागयकाओ् को शान शौकत के सलीके गसिाये. िग्मयष ो् मे् वे लोनावाला चली िाती. िहां उनका बंिला िा वह अब सुरयै ा रोड है. रािकपूर-नरगिस, गदलीप कुमार-मधुबाला के प्म्े के कारण ग्फल्मो्मे् िान पड िाती िी. सुरयै ा का देव आनंद के साि यही आलम िा. उनके


सहपाठी रािू भारतन को एक बार उन्हो्ने अपनी प्म्े िािा सुनायी िी. देव आनंद ने आकाशवाणी के गवशेर ियमाला काय्ि ष म् मे्अपने साि काम करने वाली नागयकाओ्का गज़ि्​्गकया, पर गिस नाम को सब सुनना चाहते िे वह गछपा िए. िोडी ख़ामोशी के बाद बोले गक एक नाम तो मै्भूल ही िया, सुरयै ा का और गरर िुनिुनाने लिे, 'लेके पहला पहला प्यार, भरके आंिो्मे् िुमार, िादूनिरी से आया है कोई िादूिर’. इसके बाद उन्हो्ने 'अफ्सर’ का िाना बिाया, 'नैन दीवाने इक नही्माने,् करे मनमानी, माने ना.’ सुरयै ा ने भारतन से कहा िा गक हम दोनो्(सुरयै ा-देव) के अलावा शायद ही गकसी को याद रहा होिा गक इसी िाने को ग्फल्माने के साि हम दोनो्गबछड िये िे. नरगिस को सआदत हसन मंटो पहले से िानते िे. उन्हो्ने गलिा है, ‘तगबयत मे्गनहायत ही मासूम गिलंदडापन िा. बार-बार अपनी नाक पो्छती िी िैसे निला ज़ुकाम की गशकार है 'बरसात’ मे्इसको अदा के तौर पर पेश गकया िया है - मिर उसके उदास-उदास चेहरे से साफ्अयां िा गक वह अपने अंदर ग्क़द्ारष गनिारी का ज़ौहर रिती है. हो्ठो को गकसी क़्द्भी्च कर बात करने और मुसक ् रु ाने मे्िो बज़ागहर एक बनावट िी, मिर साफ्पता चलता िा गक यह बनावट गसंिार का र्प इक्खतयार करके रहेिी.’ महबूब ख़ान ने उसे 'तक़्दीर’ मे्पहली बार पेश गकया. ख़ान के साि उसने चार ग्फल्मे्की्. रािकपूर के साि पंदह् , गदलीप कुमार के साि सात. गदलीपराि मे्नरगिस को लेकर प्ग्तस्पध्ाष िी. 'अंदाि’ मे्तीनो्िे और यह प्म्े ग्​्तकोण की एक पुरअसर ग्फल्म िी. बाद मे्नरगिस राि कैप् की हो ियी्. उनकी िोडी ने नरगिस को अगभनेत्ी के र्प मे्गवकगसत होने का ख़ूब मौका गदया. आरके ग्फल्मस् का प्त् ीक गचह्न 'बरसात’ मे्दोनो्की एक प्ण ् य भंगिमा पर है. लेगकन इसने नरगिस को मुलत् आकाश मे्पर रैलाने से बागधत गकया. टीिेएस ने नरगिस की िीवनी गलिी है. उनका कहना है गक 'अंदाि’ के बाद गदलीप के साि नरगिस की िोडी न बने, इसके गलए रािकपूर ने सभी हिकंडे अपनाये. 'मुिल-ए-आज़म’ मे्अनारकली वे ही बनने वाली िी्, पर राि ने यह र्कवा गदया. महबूब ख़ान की 'आन’ भी उनके हािो्से ियी. अंतत: नुकसान का भान उन्हे् भी हुआ. 'िािते रहो’ के अपने एकमात्​् आग्ख़री सीन मे्वे 'िािो मोहन प्यारे’ िाते हुए रािकपूर को पानी गपलाकर उनके कैमप् से गवदा हुई.् महबूब ख़ान की 'मदर इंगडया’ ने उन्हे्उस ऊंचाई पर िडा कर गदया िहां तक कोई नही्पहुच ं ा. इस बेगमसाल ग्फल्म मे्उनका अगभनय बेगमसाल िा.

मधुबाला का वास्ग्वक नाम मुमताि िहां बेगम् िा. मीना कुमारी की तरह वे भी बाल कलाकार के र्प मे्ग्फल्मो्मे्आयी्. इंदौर के कगव हगरकृषण ् प्म्े ी ने उन्हे्मधुबाला नाम गदया. मधुबाला िैसी सुदं र और कोई तागरका नही् हुई. उन्हे्गहंदी गसनेमा की वीनस, ल्लागसक ल्यटू ी न िाने ल्या-ल्या कहा िाता रहा. उनकी उपक्सिगत से ही पद्ाष दीप्त हो िाता िा. उनकी मुसक ् रु ाहट बेिोड िी, आंि उठाकर देिना भी वैसा ही गदलकश िा. उनका िीवन छोटा और दद्-ष भरा रहा. गदलीप कुमार से उनकी क़्रीबी िी, िो 'तराना’, 'अमर’, 'संिगदल’ मे् ख़ूब नज़र आती है. 'तराना’ का अगनल गवश्​्ास के संिीत संयोिन मे्प्म्े धवन का गलिा और तलत-लता का िाया िीत 'नैन गमले नैन हुए बावरे’ मे्उनका प्म्े देिते ही बनता है. 'नया दौर’ मे्बीरआर चोपडा से मामला रंसा और गदलीप ने भी उनके ग्ख़लाफ्कोट्षमे्िवाही दी. यहां से दोनो्के रास्​्ेअलि हुए. लेगकन 'मुिल-ए-आज़म’ दोनो्की बेहतरीन ग्फल्म है. 'मोहे पनघट मे्नंदलाल छेड ियो रे’ और 'प्यार गकया तो डरना ल्या’ िानो्के अलावा कई दृशय् ो्मे्उन्हो्ने कमाल गकया है. मधुबाला ने अनेक ग्फल्मे्की्. 'महल’, 'चलती का नाम िाडी’, 'काला पानी’, 'शराबी’, 'बरसात की रात’ आगद. अंतत: उन्हो्ने गकशोर कुमार से शादी की गिन्हे्उनके गपता 'बगनया दामाद’ कहते िे. गदलीप कुमार अिर ट्ि ्े डी गकंि िे तो मीना कुमारी गनस्सदं हे ट्ि ्े डी ल्वीन िी्. उनकी अनेक ग्फल्मे्दद्षसे गलपटी हुई है.् गदलचस्प बात यह है गक गदलीप कुमार के साि की 'कोहेनरू ’, 'आज़ाद’ िैसी ग्फल्मो् मे् वे कारी िुशनुमा और गदलकश है.् वे अपनी आंिो्और आवाज़ से अगभनय करती िी्. उनकी संवाद अदायिी अनूठी िी. 'सागहब बीबी और ग्ल ु ाम’ की छोटी बहू का गकरदार उनके असली िीवन की सच्​्ाई बन िया िा. वे बहुत पीने लिी िी्. वे गनरंतर सुि की तलाश मे्रही्. 'बैिू बावरा’ उनकी पहली सरल ग्फल्म िी गिसके गलए पहला ग्फल्म फेय् र अवाड्ष उन्हे् गमला. कमाल अमरोही से उन्हो्ने प्यार गकया. गनकाह हुआ पर शादी चली नही्. मीना बेहतरीन अदाकारा और गनहायत दद्मष दं इंसान िी. 'दायरा’, 'पगरणीता’, 'चांदनी चौक’, 'एक ही रास्​्ा’, 'गमस मेरी’, 'गदल अपना और प्​्ीत परायी’, 'भाभी की चूगडयां’, 'कैसे कहू’ं , 'मै्चुप रहूिं ी’, 'चार गदल चार राहे’् , 'बहू बेगम् ’, 'मेरे अपने’ 'पाक़्ीिा’ आगद ग्फल्मो्मे्काम गकया. 'पाक़्ीिा’ के गरलीज़ के आसपास ही चालीस बरस मे्उनकी मृतय् ु हो ियी. िुलज़ार उनके करीबी रहे है्और उनकी 'मेरे अपने’ ग्फल्म मे्उन्हो्ने वृि्ा का रोल गकया शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 13


आवरण कथा

िा. एक बार उन्हो्ने िुलज़ार से कहा िा गक उन्हो्ने अपनी िवानी 'पाक़्ीिा’ को दे दी (यह कई सालो्मे्बनी िी) और बुढापा 'मेरे अपने’ को. 'पाक़्ीिा’ से ज्य् ादा ग्​्पय उन्हे्'सागहब बीबी और ग्ल ु ाम’ िी और वे कहती िी्गक गसफफ् मै्ही बहू हू.ं वे कहती िी्गक वे प्यार से प्यार करती है.् उनके िीवन के बारे मे्सोचते हुए उनकी ही ग्फल्म 'गदल अपना और प्​्ीत परायी’ मे्िाये िीत की ये पंकल् तयां याद आती है,् 'रोशनी के साि ल्यूं धुआं उठा गचराि से/एक ख्वाब देिती हूं िैसे ि​ि ियी हूं ख्वाब से.’ नूतन एक सहि और उन्मलु त् अगभनेत्ी रही है.् कैसे भी गकरदार को अपनी प्ग्तभा से असाधारण और यादिार बना देने की सलागहयत उनमे्रही है. 'तेरे घर के सामने’, 'गदल्ली का ठि’, 'बागरश’, 'पेइिं िेसट् ’, 'अनाडी’, 'छगलया’ िैसी हल्की-रुलक ् ी ग्फल्मे्हो्या 'सुिाता’, 'सीमा’, 'बंगदनी’ िैसी संिीदा ग्फल्म,े् नूतन हमेिा कामयाब रही है.् ग्लमै र के गबना भी वे हमेशा अिली पंकल् त की अदाकारा रही्. शादी के बाद अगभनेग्तयां सरल नही्होती िी्. इनमे्अपवाद नूतन रही्. शादी के बरसो्बाद भी दश्क ष उन्हे्देिने चाव से टॉकीि पहुच ं ते रहे. उन्हे्पांच बार ग्फल्म फेय् र अवाड्षगमले. उनकी मां शोभना समि्ष एक समि्ष अगभनेत्ी िी्. नूतन अगिल भारतीय सौ्दय्ष प्ग्तयोगिता मे्पहले नंबर आयी िी्. शोभना के गमत्​्मोतीलाल ने उन्हे्पहली बार 'हमारी बेटी’ मे्पेश गकया िा. गकसी ने कहा है गक िीता बाली हमारे ग्फल्म लोक का छोटा गकंतु शानदार तोहरा िी्. बात सही भी है. उनका गनधन चेचक से युवावस्िा मे्ही हो िया िा. पर गितनी भी ग्फल्मे्उन्हो्ने की्, उनमे् बेहद ताज़िी िी. वे कोई बहुत बडी अगभनेत्ी नही् िी् न ही असाधारण र्पवती, पर उनमे्यह िूबी िी गक तागरकाओ्की भीड मे्वे अलि नज़र आती िी्. 'बावरे नैन’, 'िाल’, 'ररार’, 'पॉकेटमार’, 'िेलर’, 'बारादरी’, 'रंिीन राते’् , 'सुहािरात’, 'बाज़ी’ उनकी ग्फल्मे्उनके अनोिेपन की गमसाल है. देवआनंद के साि उनकी िोडी िूब िमी लेगकन भिवान दादा की ग्फल्म 'अलबेला’ मे्वे अलबेली िी्. उनका गववाह शम्मी कपूर से हुआ िा. वहीदा रहमान को सत्यगित रॉय 'इंटल े ीिेट् ल्यटू ी’ कहते िे, वैसे ही िैसी सुगचत्​्ा सेन, िो गबमल रॉय की 'देवदास’ मे्पारो बनी िी्और बांगल ्ा ग्फल्मो्की इस महानागयका ने वहां उत्म् कुमार के साि ही तीस से ज्य् ादा ग्फल्मे्की्. वहीदा यहां उन्ही्की टक्र् की अगभनेत्ी रही है.् वे िुरद् त्​्की िोि िी्और शुरआ ् त उन्हो्ने 'सीआईडी’ मे्िलनागयका के गकरदार से की िी. िुरद् त्​्के गदलो-गदमाग्पर वे छा ियी िी्. उनकी 'कािज़ के रूल’, 'प्यासा’ और 'सागहब बीबी और ग्ल ु ाम’ मे्वे िी्. वहीदा ने 'धरती’, 'शतरंि’, 'पहचान’ िैसी साधारण ग्फल्मे्भी की है,् लेगकन उनके पास बहुत अच्छी ग्फल्मे्भी है:् 'तीसरी कसम’, 'ख़ामोशी’, 'आदमी’, 'सोलहवां साल’, 'काला बाज़ार’, 'राम और श्याम’, 'गदल गदया दद्षगलया’, 'राल्िनु ’, 'चौदहवी्का 14 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

साधना, आशा पारेख और हेलेन: अलग अंिाज की अिाकारा चांद’ आगद. पर इन सबसे ऊपर है 'िाइड’. वहीदा की पद्​्ेपर उपक्सिगत मन को प्स ् न्न करने वाली होती िी. उनके व्यक्लतत्व मे्शालीनता, उदात्त् ा के साि घरेलपू न और सहिता हमेशा घुली-गमली रही. वैियंतीमाला ग्फल्मो् मे् 'बहार’ के साि आयी्. सन 1955 मे् वे 'देवदास’ मे्गदलीप कुमार के साि िी्. उन्हे्इसके गलए सहायक अगभनेत्ी का ग्फल्म फेय् र अवाड्षगमला िा िो उन्हो्ने नही्गलया ल्यो्गक वे मानती िी् गक उनकी भूगमका नागयका से कमतर नही्िी. गबमल रॉय ने भी बाद मे्कहा गक इस ग्फल्म मे् दो नागयकाएं िी्. गदलीप कुमार, गिनके साि 'पैिाम’, 'संघर्’ष , 'लीडर’, 'नया दौर’ और 'िंिा िमुना’ ग्फल्मे् उन्हो्ने की्, उन्हे् अनिढ हीरा मानते िे. उनका कहना िा गक उसने अपने को मेहनत से तराश गलया है. वैसे 'संघर्’ष के गदनो्मे्दोनो्मे्अनबन िी और प्म्े दृशय् ो्के बाद दोनो् अलि-अलि कोनो् मे् दोनो् चले िाते िे. 'नागिन’, 'नयी गदल्ली’, 'आशा’, 'एक झलक’, 'नज़राना’, 'अमरदीप’, 'संिम’, 'आम्प् ाली’, 'ज्वल े िीर’ आगद ग्फल्मो्मे्उनकी भूगमका ज़बद्स ष ्िी. वे कुशल नृतय् ांिना है्और उनकी चाल मे्ही िज़ब लय रहती िी. अभी हाल ही मे्उन्हो्ने गदल्ली मे्भरतनाट्म् की प्स ् ग्ुत की. इस समय वे अस्सी पार है.् इस युि की तागरकाओ् की रेहगरस्​् लंबी है. उरा गकरण है,् गिनके अगभनय के गदलीप कुमार कायल िे. शग्मल ष ा टैिोर एक नयी बयार लेकर आयी िी्. पग्​्दनी नृतय् ांिना और कुशल अगभनेत्ी िी्. 'गिस देश मे्िंिा बहती है’ के गलए उन्हे्ग्फल्म फेय् र अवाड्षगमला िा. संधय् ा, नागदरा, िमुना, सरोिा देवी, बेगम् पारा, बीना राय, नगलनी ियवंत, श्यामा, शकीला, माला गसन्हा, आशा पारेि ने कई सौ ग्फल्मो्मे्काम गकया. लडगकयो्की रैशन को नया सलीका देने वाली साधना िी्िो गनस्सदं हे संिीदा अगभनेत्ी िी्. सायरा बानो, गनर्पा रॉय, अगनता िुहा, नागदरा, गनम्मी, कुमकुम, लीला नायडू, नंदा, कल्पना, गसम्मी, तनूिा, इंद्ाणी मुि​ि्​्ी िैसी अगभनेग्तयो्का इस युि को स्वण्क ष ाल बनाने मे्कम योिदान नही्िा. गरर पांच सौ से ज्य् ादा नृतय् कर चुकी हेलन, शगशकला, कुक्ू और टुनटुन यानी उमादेवी पूरे दौर मे्नुमायां होती रही्. इसके अलावा भी याद करे्तो रागिनी, सईदा, लक्म् ी छाया, राधा सलूिा, रेहाना सुलत् ान, बेला बोस, मनोरमा, अगमता, साईदा ख़ान, गविया चौधरी, सोगनया साहनी भी याद आती है.् और शीला रमानी की भी, िो नवकेतन की 'रंटश ू ’ मे्देव आनंद की नागयका िी्पर उनकी अगमट याद 'टैलस ् ी ड्​्ाइवर’ ग्फल्म की है. इसमे्वे ल्लब डांसर है. एक तरह से उन्हो्ने कैबरे डांस का इस ग्फल्म से आिाज़ गकया. उनका िाया एक िाना िा, 'गदल िले तो िले, ग्म पले तो पले, गकसी की न सुन, िाये िा’. और एक और गदलकश िीत िा: 'गदल से गमलाके गदल, प्यार कीगिए/कोई सुहाना इक़्रार (लेिक वगरष्​्पत्क ् ार है.्) कीगिए.’ n


उमंग कुमार

‘मैरीकॉम’ और ‘सरबजीत’ के फिलंमकार

वे हकसी से कम निी्

नये दौर की नासयकाएं सकसी िी मामले मे्नायको्से कम नही्है्. हाल की कुछ सिल्मे्इसकी गवाह है्.

पने कैगरयर की शुर्आत ही मै्ने ऐसी गरल्मो्के गनद्​्ेशन से की, िो मगहला-प्​्धान है्. चाहे 'मैरीकॉम' हो या 'सरबिीत'. मेरी गरल्मो्मे् हीरोइने्ही हीरो है्. यगद आप िौर करे्तो पाये्िे गक इन गरल्मो्मे्हीरो का दि्ाष दरअसल सामान्य गरल्मो्की हीरोइन का है. मेरा कहने का तात्पय्ष यह नही्है गक मै्हीरो की उपेक्ा कर रहा हूं, बक्लक मै्यह कहना चाहता हूं गक आि के दौर मे्हीरोइनो्को कमतर आंकने की कोई विह नही्है. चाहे ऐश्​्य्षराय हो्या ग्​्पयंका चोपड्ा, दोनो्ही प्​्गतभा के मामले मे्गकसी हीरो से कम नही् है्. इन दोनो् की लोकग्​्पयता पर गकसी को कोई संदेह नही्है. दोनो्के चाहने वालो्की कोई कमी नही्. बहुत कम ऐसे हीरो है्िो इन दोनो्अगभनेग्तयो्के सामने गटक पाये्िे. बॉलीवुड की ऐसी कई हीरोइने् है्गिनकी तूती बोल रही है. दीगपका पादुकोण को ही ले लीगिए. हर गकसी को मालूम है गक वे गकतनी बेहतरीन अदाकारा है्. आि वे शीर्षपर है्और उनके साि देर-सबेर िोड्ी बनाने के गलए तमाम हीरो तरसते है्. कैटरीना कैर की लोकग्​्पयता भी गकसी से नही्गछपी है. बॉलीवुड मे् उनको भी बहुत लंबा वल्त बीत चुका है. करीना कपूर का स्टारडम अभी तक बरकरार है. आगलया भट्​् हो् या अनुष्का शम्ाष, दोनो्ही गरल्म उद्​्ोि मे् अपनी दमदार मौिूदिी िता चुकी है्. इन सबसे एकदम िुदा अगभनेत्ी है् कंिना रनौट. वे गकसी हीरो से कम नही् है्. उनकी गरल्मो् का चयन बताता है गक उनके अंदर आत्मगवश्​्ास गकस कदर भरा हुआ है. सोनम कपूर का भी िवाब नही् है. गरल्म 'नीरिा' मे् वे हीरोइन नही्, बक्लक हीरो निर आ रही िी्. िब मैन् े 'मैरीकॉम' का गनद्श ्े न करने की सोची तो कई लोिो्ने सलाह दी िी गक कैगरयर की शुर्आत मगहला-आधागरत गरल्म से मत करो. मगहला बॉल्सर की गिंदिी पर गरल्म बनाना बहुत िोगिम भरा बताया िया. लेगकन मेरी निर मे्वे हीरो िी्और मै्अपनी गरल्म मे्उनको इसी र्पमे्गदिाना चाहता िा. उस गकरदार को गनभाने के गलए ग्​्पयंका चोपड्ा से बगढय़ा कोई हीरोइन नही् िी. कई लोि आि भी सवाल पूछते है् गक मैरीकॉम पर गरल्म बनाने की बात आगिर मन मे्आयी कैसे? दरअसल

मै्कारी समय से गरल्म बनाना चाह रहा िा, लेगकन एक बात तय िी गक मेरी गरल्म का गकरदार मगहला -प्​्धान होिा. मुझे आि के दौर की गकसी मगहला की कहानी चागहए िी िो प्​्ेरणादायी हो. आगिरकार साइगबन ि्​्ोड्स ने मुझे मैरीकॉम की कहानी सुनायी. मै्रोमांगचत हो िया. सच कहूं तो मै्मैरी कॉम के बारे मे्कुछ भी नही्िानता िा. िब मै्ने उनकी कहानी सुनी तो हैरान रह िया. इतनी बड्ी प्​्गतभा हमारे देश मे्है और हम उसके बारे मे्कुछ िानते ही नही्? मै् मैरीकॉम से गमलने अपनी पत्नी वगनता और साइगबन के साि मगणपुर पहुंचा. हमने उनसे गरल्म बनाने की इिाित मांिी. उन्हे्आश्​्य्ष हो रहा िा गक कोई उनकी कहानी पर गरल्म बनाना चाह रहा है. मै्ने िब उन्हे् साइगनंि अमाउंट गदया, तब िाकर उनको भरोसा हुआ गक गरल्म बनाने वाली बात मिाक नही् है. मैरीकॉम की भूगमका ग्​्पयंका चोपड्ा ने गनभायी और उन्हो्ने इगतहास रच गदया. उन्हो्ने गदिा गदया गक गकरदार गनभाने के गलए वे गकस हद तक िा सकती है्. उन्हो्ने छह महीने तक बॉक्लसंि का प्​्गशक्​्ण गलया. गिम ियी्. मसल्स बनायी्. कड्ी मेहनत के बाद वे मैरीकॉम को परदे पर उतारने मे् कामयाब रही्. गरल्म की सरलता ने भी यह बता गदया गक वे गकसी नायक से कम नही्. मेरी दूसरी गरल्म 'सरबिीत' की भी चुनौगतयां कम नही्िी्. इस बार भी मै्ने अपनी हीरोइन को हीरो की तरह पेश गकया. आप देगिए गक इस गरल्म मे् 23 साल से पागकस्​्ानी कैद मे् पड्े सरबिीत को छुड्ाने के गलए उसकी बड्ी बहन दलबीर कौर कैसा संघर्ष सरबजीत मे् ऐश्​्य्ा राय: नयेपन को दकरिार करती है. मै्ने कभी नही् सोचा िा गक मेरे गनद्​्ेशन की दूसरी गरल्म भी बायोगपक होिी. सरबिीत की बहन दलबीर के गकरदार के गलए ऐश्​्य्ष राय के बारे मे् सोचा िया, लेगकन मन मे् ही् शंका िी गक वे इनकार न कर दे्. उन्हे् िब गरल्म की पेशकश की तो उन्हो्ने तत्काल हां कर दी. मुझे लिता है गक आि की हीराइनो् मे् िबरदस्​् प्​्गतभा है. बस उन्हे् परदे पर उतारने वाला शख्स n गमलना चागहए. (हफर मृरुल की बातचीत पर आधाफरत) शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 15


देशकाल

ि्​्स्ादवत न्यूक्ललयर प्लांट का मुख्य द्​्ार: सुरक्​्ा के गंभीर सवाल

ख्तरे की घंटी जैतापुर

महाराष्​्के रत्नासगसर सजले मे् लगने जा रहे जैतापुर न्यूस्कलयर पॉवर प्लांट के ि्​्त्यक्​् और परोक्​्जोसिम थ्पष्​्है्, लेसकन ि्​्शासन के कान पर जूं नही्रे्ग रही है. अलभषेक रंजन लसंह

रीब बारह बिे दोपहर मै्अपने एक सािी पत्​्कार के साि सािरी नाटे चौराहे पर पहुंचा. िांव िाने के ि्​्म मे् ‘शहीद तबरेि सायेकर चौक पर निर पड्ी. 18 अप्​्ैल 2011 को इसी ि​िह िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट का गवरोध कर रहे ग्​्ामीणो् पर पुगलस ने अंधाधुंध िोगलयां चलायी िी् गिसमे् तबरेि नामक शख्स की मौत हो ियी और दि्षनो्लोि िख्मी हो िये. ‘सािरी नाटे गवशुि् मछुआरो् की बस्​्ी है. यहां की कुल आबादी 10 हिार है, गिनमे्ज्यादातर लोि मछली पकड्ने का काम करते है्. वैसे तो न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट मे्इस 16 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

िांव की कोई िमीन नही् ियी है, लेगकन प्​्स्ागवत प्लांट से सबसे ज्यादा असुरग्​्कत यही् के गनवासी है्. दरअसल स्िानीय मछुआरो् की गचंता भी वागिब है, ल्यो्गक अरब सािर की िाड्ी मे् बसे इस िांव के मछुआरे मछली पकड्ने समुद्मे्िाते है्, लेगकन प्लांट बनने के बाद उन्हे् 10 गकलोमीटर के दायरे मे् िाने से प्​्गतबंगधत कर गदया िायेिा. इस प्​्गतबंध का असर यहां के छोटे मछुआरो्पर पड्ेिा, ल्यो्गक वे िहरे समुद्मे्नही्िा सकते और बडी नाव िरीदने के गलए उनके पास धन नही्है. िांव मे् हमारी मुलाकात ‘महाराष्​् मच्छीमार कृगत सगमगत’ के उपाध्यक्​् अमिद बोरकर से हुई. अमिद प्​्स्ागवत िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट को को्कण का शाप बताते है्. बकौल अमिद ‘सािरी नाटे’ मे् मत्स्य उत्पादन का सालाना कारोबार 100 करोड्र्पये से अगधक का है. यहां के मछुआरे कई पीग्ढयो्से इस व्यवसाय से िुड्ेहै्. ऐसे मे् िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट बनने से न गसर्फ मछुआरे, बक्लक हिारो्काश्तकारो्की िीगवका ितरे मे् पड् िायेिी. उनके मुतागबक, परमाणु उि्ाष गवभाि की दलील है गक िैतापुर मे्

प्​्स्ागवत न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट पूरी तरह सुरग्​्कत है और इससे स्िानीय लोिो् को डरने की कोई िर्रत नही् है. लेगकन यह िारंटी तो र्स के चेन्ोगवल और िापान के रुकुगशमा परमाणु हादसे से पहले भी दी ियी िी. िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट से प्​्गतगदन 5,200 लीटर िम्षपानी समुद्मे्छोड्ा िायेिा. िागहर है उस पानी मे्परमाणु कचरे भी मौिूद हो्िे, गिसका असर मछगलयो्एवं अन्य समुद्ी िीवो् समेत मानवीय स्वास्थ्य पर भी पड्ेिा. समुद्ी मछगलयां एक गनग्​्शत तापमान मे्रहती है्. समुद्ी िल के तापमान मे् अचानक वृग्ि होने से न गसर्फमछगलयो्के प्​्िनन पर असर होिा, बक्लक संभव है गक पांपलेट, सुरमई, साग्डिल और बांिड्ा िैसी स्िानीय स्वागदष्​् मछगलयां यहां से पलायन कर िाये्. दरअसल ‘सािरी नाटे’ के मछुआरो् की समस्या यही् पर ित्म नही् होती. कई ऐसी दूसरी गदक्​्ते् इस न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट से िुड्ी्है,् गिसका मुकम्मल िवाब परमाणु ऊि्ाष गवभाि और सरकार के पास नही् है. मसलन, न्यूक्ललयर पॉवर कॉप्​्ोरेशन ऑर इंगडया गलगमटेड (एनपीसीआईएल) सुरक्​्ा के


मद्​्ेनिर प्लांट एगरया के दस गकलोमीटर के दायरे को प्​्गतबंगधत क्​्ेत् घोगरत करेिा. नतीितन इस दायरे मे् मछुआरो् और उनकी नौकाओ् को आने की अनुमगत नही् होिी. इन गनयमो् का उल्लंघन करने पर राष्​्ीय सुरक्​्ा कानून के तहत उन्हे् गिरफ्तार भी गकया िा सकता है. ऐसे मे् यहां के मछुआरो् की हालत कमोबेश वैसी हो िायेिी, गिस तरह समुद्ी सीमा रेिा के उल्लंघन के आरोप मे् भारतीय मछुआरो्को पागकस्​्ान और श्​्ीलंका की िेलो् मे्बंद रहना पड्ता है. रत्नागिरी मे्मछली पैकगे िंि रैलट् ्ी मे्काम करने वाले रकीर मोहम्मद हमिा एनपीसीआईएल के इन गनयमो् को दुभ्ाषग्यपूण्ष बताते हुए कहते है्, ‘रािापुर तहसील मे् 30 गकलोमीटर अरब सािर का िाड्ी क्त्े ्है. समुद् की िहरायी कम होने की विह से सािरी नाटे के मछुआरे छोटी नौकाओ् के सहारे मछली मारने का काम करते है.् ऐसे मे्10 गकलोमीटर क्त्े ्को प्ग्तबंगधत गकये िाने से यहां के हिारो् मछुआरे बेरोि​िार हो िायेि् .े ल्यो्गक उनके पास बड्ी नौका िरीदने के गलए लािो्र्पये नही्है.् िबगक, सरकार बेरोि​िार होने वाले मछुआरो् को नौका िरीदने के गलए कोई सहायता रागश देने वाली नही् है. हमिा के मुतागबक, राज्य सरकार िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट को को्कण का गवकास कहकर अपनी पीठ िपिपा रही है. हकीकत मे् यह तरक्​्ी नही्, बक्लक को्कण की बब्ादष ी का करार है.

प्​्शासन ने गविय और माड्बन के बाकी गकसानो्को िेती करने से रोक गदया. माड्बन िांव मे्गविय समेत करीब डेढ्सौ गकसानो्ने कोई मुआविा नही् गलया है. गविय बताते है्, 'यह मेरी पुश्तैनी िमीन है और िेती िीगवका का एकमात्​् साधन है. िमीन बेचकर इस दुगनया मे्कोई गकसान संपन्न नही्हुआ है. िांव मे् कई ऐसे गकसान है्, गिन्हो्ने लालचवश मुआविा तो ले गलया, लेगकन अब उनके पास न तो पैसे बचे है्और न ही िमीन.' वगरलवाड्ा िांव के प्​्ेमानंद गतबड्कर के पास पांच एकड् िमीन है. उनका कहना है गक अणु ऊि्ाष प्क ् ल्प बनने से आि नही् तो कल लोिो् को िांव छोडऩा ही पड्ेिा. सरकार लाि दावा करे, लेगकन गवगकरण के दुष्प्भाव से कोई कब तक सुरग्​्कत रहेिा ? गमठिवाणे गनवासी मनोि बालकृष्ण गलंिायत की 12 एकड् िमीन उनकी मि्​्ी के गिलार अगधग्​्हीत कर ली ियी. लेगकन उसने भी अपनी िमीन का कोई मुआविा नही्गलया है. उसे यकीन है गक परमाणु प्क ् ल्प के गिलार िारी आंदोलन का व्यापक असर होिा और एक गदन वह अपनी िमीन पर पहले की तरह िेती पंिायत भवन की इबारत: बढ्ता हुआ दवरोध कर सकेिा. उसके मुतागबक, गिन बड्ेगकसानो् िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट का गनम्ाषण ने मुआविा गलया है, उनमे्ज्यादातर लोिो्का फ्​्ांस की गववादास्पद कंपनी अरेवा (अब गरश्ता िांव से नही् है. वे मुंबई, पुणे या गवदेशो् ईडीएर) के सहयोि से होने वाला है. 9900 मे्रहते है्. इसगलए उन्हे्अपनी िमीन से भला मेिावाट की यह परमाणु पगरयोिना गवश्​् के ल्यो् मोह होिा! ऐसे लोिो् के गलए न्यूक्ललयर सबसे बड्े प्​्ोिेल्ट मे् शुमार है. इस प्लांट के पॉवर प्लांट एक लॉटरी की तरह सागबत हुआ गलए रािापुर तहसील के पांच िांवो् मे् 938 और उन्हो्ने स्िानीय गकसानो् के गहतो् की हेल्टेयर िमीन अगधग्​्हीत की ियी है्. इनमे् परवाह गकये गबना िमीन बेच दी और करोड्ो् सव्ाषगधक 690 हेल्टेयर िमीन अकेले माड्बन र्पये का मुआविा ले गलया. गनवेली िांव के िांव की है. इसके अलावा, गमठिवाणे मे्102 गकसान संदेश करनिूटकर कहते है् गक हेल्टेयर, गनवेली मे् 72.61, करेल मे् 70.68 न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट से स्िानीय लोिो् को और वगरलवाड्ा मे् 1.91 हेल्टेयर िमीन गकतना रोि​िार गमलेिा यह कोई नही् िानता, अगधग्​्हीत की ियी है. भूगम अगधग्​्हण का लेगकन रलोत्पादन और मछली व्यवसाय िैसे सव्ागष धक गवरोध माड्बन मे्हो रहा है. हालांगक, परंपराित पेशे पर इसका बुरा असर पड्ेिा. इस िांव मे् करीब 90 िै ता पु र पंलांि से संथानीय लोगों िो रीसद लोिो् ने िमीन न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट कितना रोजगार कमलेगा यह िोई मे् भूगम अगधग्​्हण से का मुआविा ले गलया है, मुआविा नही् लेने प्​्भागवत होने वाले नहीं जानता, लेकिन फल और वाले वैसे छोटे गकसान गकसानो् को गरलहाल मछली वंयिसाय जैसे परंपरागत है्, िो गकसी भी हालत 22.50 लाि प्​्गत पेशे पर इसिा बुरा असर पडंगे ा. हेल्टेयर मुआविा देने मे् अपनी िमीन नही् छोडऩा चाहते. का प्​्ावधान है. िबगक शुरआ ् त मे्गकसानो्को चार एकड् िमीन के काश्तकार गविय महि 70 हिार र्पये प्​्गत हेल्टेयर मुआविा िवानकर ऐसे ही एक व्यक्लत है्. उनकी पूरी देने की बात कही ियी िी. वर्ष 2009 मे् हुए िमीन इस पगरयोिना मे् चली ियी है. िबरदस्​् गकसान आंदोलन की विह से अगधग्​्हण से पहले गविय अपनी िमीन पर सरकार ने मुआविा रागश मे्कई िुना वृग्ि कर धान और सल्िी की िेती करते िे. वर्ष2013 दी. रािापुर तहसील के एसडीएम सुशांत मे् आगिरी बार उन्हो्ने अपनी िमीन पर िेती िांडेकर ने इस संवाददाता को बताया गक बढ्ी की िी. उसके बाद न्यूक्ललयर पॉवर कॉप्​्ोरेशन हुई मुआविा रागश से गकसानो्को कारी रायदा ऑर इंगडया गलगमटेड और रत्नागिरी गिला पहुंचा और शायद यही विह है गक इलाके मे् शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 17


देशकाल

भूगम अगधग्​्हण के गिलार िारी आंदोलन लिभि िम सा िया है. उनके अनुसार, न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट मे् रािापुर तहसील की पांच िांवो्ि्म् श: माड्बन, गमठिवाणे, गनवेली, करेल और वगरलवाड्ा मे् 2,336 गकसानो् की 938 हेल्टेयर िमीन अगधग्​्हीत की ियी है. िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट के गलए 2006 मे् अगधसूचना िारी हुई िी. साल 2007-08 तक भू-सव्​्ेक्ण का काम पूरा हुआ और साल के अंत तक भूगम अगधग्​्हण का काम भी लिभि पूरा हो िया. वर्ष2010 मे्अगधकांश िमीनो्की सुपुद्षिी के दस्​्ावेि राज्य सरकार ने भारत परमाणु ऊि्ाष गवभाि को सौ्प गदये. सरकारी गरकॉड्ष के मुतागबक, 90 रीसद गकसानो् ने मुआविा लेकर िमीनो् पर दावा छोड् गदया है. भूगम अगधग्​्हण की प्​्ग्िया तेि करने के गलए तत्कालीन कांग्ेस-एनसीपी िठबंधन सरकार मे् मुख्यमंत्ी प़थ्वीराि चव्हाण ने रत्नागिगर मे् सग्कफल रेट से कई िुना ज्यादा मुआविा देने का ऐलान कर गकसानो्को िुश करने का प्​्यास गकया. इस तरह ररवरी अमजि बोरकर: मच्छीमारो् की आवाज

18 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

है. न्यायालय का अंगतम रैसला गिन पक्​्कारो् के हक मे् सुनाया िायेिा, उन्हे् मौिूदा दर से उगचत मुआविा गदया िायेिा. स्िानीय गकसान कहते है् गक मुकदमे का रैसला कब आयेिा पता नही्, रैसले के बाद असंतुष् पक्​्कार सक्​्म न्यायालय मे् अपील करने को स्वतंत् है, लेगकन इस तरह के गनयम बनाकर सरकार ने गकसानो्को दोहरी मुसीबत मे्डाल गदया है. रत्नागिरी-गसंधुदुि्ष संसदीय क्​्ेत् से गशवसेना के सांसद गवनायक राउत ने दो टूक शल्दो् मे् बताया गक उनकी पाट्​्ी प्​्ारंभ से ही िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट के गवरोध मे्है, जैतापुरः पहाड्ी पर ि्​्स्ादवत न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट ल्यो्गक यह प्​्कल्प को्कण क्​्ेत् के गलए 2013 मे् न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट के गलए गवनाशकारी है. इससे न गसर्​्ं यहां की िैवगकसानो् की अगधग्​्हीत की िाने वाली िमीन गवगवधता ितरे मे् पड्ेिी, बक्लक गवश्​् प्​्गसि्​् का मुआविा 22.50 लाि र्पये प्​्गत हेल्टेयर अल्रांसो आम का यह क्​्ेत्पूरी तरह बब्ाषद हो देने की घोरणा की ियी. तत्कालीन राज्य िायेिा. उनके मुतागबक, िैतापुर भूकंप के सरकार ने भूगम अगधग्ह् ण से प्भ् ागवत होने वाले गलहाि से कारी संवेदनशील है, ल्यो्गक यह सभी गकसान पगरवारो्के एक वयस्क सदस्य को इलाका िोन चार मे्क्सित है. यह िानते हुए भी नौकरी देने का भी ऐलान गकया िा. इसके के्द् और राज्य सरकारे् को्कण को तबाही के अलावा, न्यूक्ललयर कॉप्​्ोरेशन ऑर इंगडया रास्​्े पर ले िाना चाहती है्. उन्हो्ने अरेवा गलगमटेड (एनपीसीआईएल) की ओर से कंपनी (अब ईडीएर) पर सवाल उठाते हुए माड्बन, गमठिवाणे, गनवेली, करेल और कहा गक गिन देशो्मे्इस कंपनी ने न्यूक्ललयर वगरलवाड्ा िांवो् के गरयेल्टर लिाये है्, गवकास के गलए दो-दो उनकी सुरक्​्ा पर िंभीर भारत जैसे िेश में जहां सडंिों करोड् र्पये देने की िी सफाई कनयकमत ढंग से नहीं हो सवाल भी िड्े हुए है्. घोरणा की ियी िी. इतना ही नही्भगवष्य मे् पाती, िहां परमाणु िचरे िी प्लांट के तहत आने होने वाली परमाणु सफाई और उससे सुरकं​ंा िी वाली हर ग्​्ाम पंचायत हादसे पर न तो कोई को बुगनयादी सुगवधा बीमा रागश का प्​्ावधान बात िरना बेमानी है. मुहैया कराने के गलए है और न ही गकसी सालाना 25 लाि र्पये (हर तीन साल मे्10 क्​्गतपूग्तष की कोई शत्ष. ऐसे मे् आशंका है गक रीसद इिारे के साि) देने की बात कही ियी भोपाल िैस त्​्ासदी के गलए गिम्मदे ार कंपनी की िी. लेगकन इन िांवो्की तरक्​्ी के नाम पर न तरह अरेवा भी मानवीय त्​्ासदी पैदा कर ररार तो एक र्पया िच्षहुआ और न ही ग्​्ामीणो्की हो िायेिी. गिंदिी मे्कोई बदलाव गदि रहा है. हां, ग्​्ामीण गिला पगररद सदस्य अिीत ियवंत गपछले कई साल से एक अदृश्य िौर के साये नारकर परमाणु ऊि्ाष के पक्​्मे्गदये िाने वाले मे्िी रहे है्. सभी तक्​्ो् के सख्त गिलार है्. उनका कहना यहां एक बड्ा मामला गववागदत िमीनो्के है, 'भारत िैसे देश मे् िहां सड्को् की सराई अगधग्​्हण का भी है. गिला प्​्शासन न्यागयक गनयगमत ढंि से नही् हो पाती, वहां परमाणु आदेश की प्त् ीक्​्ा गकये बिैर उन िमीनो्का भी कचरे की सराई और उससे सुरक्​्ा की बात अगधग्​्हण कर रहा है गिन पर दो पक्​्कारो् या करना बेमानी है. परमाणु कचरा सैकड्ो् साल उससे अगधक लोिो् के बीच वर्​्ो् से मुकदमा बाद भी नष्​् नही् होता. बाविूद इसके के्द् चल रहा है. ऐसे सैकड्ो्मामले गिला एवं सत्​् सरकार हमे् परमाणु कचरे के ढेर पर गबठाना न्यायालय, हाईकोट्ष एवं सुप्ीम कोट्ष मे् लंगबत चाहती है.' है्. गिला प्​्शासन की इस नासमझी से इलाके रािापुर गवधानसभा क्​्ेत् से गशवसेना मे् िून-िराबे की आशंका से इनकार नही् गवधायक रािन साल्वी का कहना है गक उनकी गकया िा सकता. वही् इस मुद्े पर एसडीएम पाट्​्ी िैतापुर न्यूक्ललयर पॉवर प्लांट का गवरोध िांडेकर की दलील हास्यास्पद है. उनके वर्ष2000 से कर रही है. शुर्आत मे्भारतीय मुतागबक, राज्य सरकार के आदेशानुसार भूगम िनता पाट्​्ी भी इस मुद्े पर उनके साि िी, अगधग्​्हण अगधगनयम की धारा 6 के तहत लेगकन के्द्मे्राि​ि की सरकार बनने के बाद तकरारी िमीनो्का भी अगधग्​्हण गकया िा रहा भािपा इस मुद्े पर िामोश है. n


रा छत्चे्ीहसगढ् शंभूनाथ शुक्ि

जहां आये कामयाब आये

वे पहले ऐसे संपादक है्सजन्हो्ने कहा सक पि्​्कासरता एक कसरयर बनना चासहये.

पा

रा करीब 46 गडग्​्ी रहा होिा िब शगश िी और मै् मंदागकनी नदी पार करने की कोगशश मे्िे. गचत्क ् टू के पास उस इलाके मे् भयानक सन्नाटा रैला िा. इसकी विह भी िी. एक गदन पहले ही दस्यु सुरे्द् ठोगकया सीतापुर मे्दो लोिो्की गदन-दहाड्े हत्याकर इसी िंिल की ओर भाि आया िा. नदी की चट्​्ानो्पर काई के कारण गरसलन िी और हम दोनो् उस क्​्ेत् के गलए एकदम अनाड्ी िे. हमारा संवाददाता भी तय समय पर नही्आया और हमारे गलए रास्​्ा बताने का काम आगरस का एक कंप्यूटर आपरेटर कर रहा िा. शगश िी के वुडलै्ड के िूते भीिकर भारी हो िये िे और बारबार गरसल रहे िे. पर वह हर हाल मे्उस िंिल के अंदर िाने को अड्े िे. मै्ने कहा भी गक यह डकैतो्का इलाका है हमे्लौट चलना चागहये. पर उनका आग्​्ह िा कोई तो गमले. तभी उस गबयाबान मे्हमे्एक लकड्हारा गमला और उसने बताया गक आिे सुरे्द्ठोगकया और ददुआ मे्िोलीबारी हो रही है. अब हमारा लौटना लागिमी िा. हम लौट कर गरर गचत्​्कूट के उसी यूपी टूगरज्म के पय्षटक आवास िृह मे् आये िहां हमने रात िुिारी िी. गरसेप्शन पर कहा िया गक सर आपका कमरा बदल गदया िया है. तब पता चला गक रात को शगश िी के कमरे का एसी ही नही्काम कर रहा िा. मैने कहा, 'अरे आप ने मुझे भी नही्बताया. वन्ाष आप मेरे कमरे मे्आ िाते.' शगश िी ने कहा गक गरर आपकी नी्द िराब करता! यह मेरा अपने समूह संपादक शगश शेिर से पहला वास्​्ा िा और मै् चगकत िा गक गिस संपादक के बारे मे्सुना िाता िा गक वह बेहद िुस्सैल और गनद्षयी है वह तो अंदर से नागरयल की तरह एकदम मुलायम गनकला. शगश िी की िमीनी रािनीगतक समझ एकदम सार है और उनका पत्क ् ारीय आकलन कभी िलत नही्गनकला. हम िब गचत्​्कूट से वापस कानपुर लौट रहे िे तब रास्​्ेमे्पडऩ्ेवाले िांवो्-कस्बो्और वहां पर लिे शाइगनंि इंगडया के पोस्टरो्को देिकर उन्हो्ने कहा िा गक अिर यही शाइगनंि इंगडया है तो आप समझ लीगिये गक इस बार राि​ि सरकार नही्लौटेिी. महि 15 गदनो् बाद ही उनकी भगवष्यवाणी िरी उतरी और साल 2004 के लोकसभा चुनाव मे्राि​ि का कुनबा गनपट िया. बीएचयू से प्​्ाचीन इगतहास मे्एमए करने के बाद शगश शेिर अपने पगरवार की परंपराओ् को गनभाते हुए आईएएस मे् िा सकते िे पर शगश िी ने पत्​्कागरता का पेशा अपनाने का रैसला गकया. उस समय वाराणसी मे्'आि' अिबार गसरमौर िा और इस अिबार ने इलाहाबाद से संसक ् रण गनकालने का रैसला गकया. उसने अपने इलाहाबाद संस्करण के गलए

बीएचयू से गनकले 24 साल के शगश शेिर को कमान सौ्पने का रैसला गकया. शगश शेिर ने तय कर गलया गक अिर सरल होना है तो उन्हे्इलाहाबाद मे्यह अिबार िन-िन तक पहुंचा देना होिा. और शगश शेिर अपने मकसद मे् कामयाब रहे. 'आि' ने आिरा संसक ् रण गनकाला और कमान उन्ही् शगश शेिर को सौ्प दी िो इलाहाबाद मे्अिबार को लोकग्​्पय बना चुके िे. वहां भी संपादक के दागयत्व पूरे करने मे् शगश शेिर पूरी तरह सरल रहे. ग्​्पंट मीगडया मे् सरलता के चरम पर होने के बाविूद शगश शेिर ने इलेल्ट्ागनक मीगडया की शदश शेखर: कामयाबी का मंत् तरर र्ि गकया और 'आि तक' चैनल मे् एल्िील्यूगटव प्​्ोड्​्ूसर बनकर गदल्ली आ िये. पर िल्द ही उनका यहां से मोहभंि होने लिा. उन्हे् महसूस हुआ गक पत्​्कागरता के असल मायने तो ग्​्पंट मे्ही होते है्. चुनौगतयां भी अनगिनत और िोगिम भी िूब. इसीगलए उन्हो्ने पुन: ग्​्पंट मे् वापसी की और अमर उिाला मे् समूह संपादक बनकर मेरठ पहुंचे. तब तक अमर उिाला का मुख्यालय मेरठ ही िा. अमर उिाला ही नही्समूची वन्ाषल्यूलर मीगडया के गलए यह एक नयी पहल िी. तब तक गकसी पत्​्कार को समूह संपादक बनाने का प्​्योि नही्हुआ िा और अिबारो्के मागलक ही समूह संपादक होते िे. शगश िी ने समूह संपादक बनते ही सारे संस्करणो्के प्​्भारी संपादको्का ग्​्पंट लाइन मे्नाम देना शुर्करवाया. अमर उिाला के मागलको्की यह दूरदग्शषता रंि लायी और शीघ्​् ही अमर उिाला देश के सव्ाषगधक प्​्सार वाले अिबारो्मे्शुमार होने लिा. सात साल तक अमर उिाला मे् रहने के बाद वे 2009 मे् गहंदी गहंदुस्ान के प्​्धान संपादक बनाये िये. वन्ाषल्यूलर मीगडया से आये गकसी संपादक को राष्​्ीय मीगडया मे्संपादक बनाये िाने की यह पहली घटना िी. अमर उिाला मे् उन्हो्ने िो प्​्योि गकये िे उन्हो्ने उनके संपादकीय व्यक्लतत्व को िूब गनिारा. उन्हो्ने अिबारो् को समय के अनुकूल भारा और तकनीक दी. तब तक शायद गहंदी अिबारो् मे् आउटपुट, इनपुट, प्​्ोडल्ट ल्वागलटी और इन्रोग्ग्रल्स गडिाइन िैसे शल्द नही् समझे िाते िे. शगश शेिर ने अपने काय्षकाल मे् इन सबके गलए संपादक पद सृगित कराये. शगश िी ने उन लोिो्को भी संपादक बनने को प्​्ेगरत गकया िो अगधक से अगधक न्यूि एगडटर बनना ही अपना लक्​्य समझा करते िे. वे पहले ऐसे संपादक है्गिन्हो्ने कहा गक पत्​्कागरता एक कगरयर बनना चागहये. ऐसा कगरयर गिसमे् वह ि्​्ीमी लेयर भी आये िो कम पैसो्के कारण प्ग्तभासंपन्न होने के बाविूद पत्क ् ागरता से कन्नी काट n िाया करता िा. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 19


उत् मास्​्रटप्​्दहेडेश लि​िेक सक्सेना

सल मे् हमारे और बसपा के बीच छह माह बाद होने वाले गवधानसभा चुनाव का सेमी राइनल चल रहा है. भािपा और बसपा दोनो्यह सागबत करने के गलए बेताब है् गक सपा से असली मुकाबला उनका ही होिा और वही उसे परागित कर सकती है्. हम सभी अपने-अपने वोटरो्की पोिीशगनंि कर रहे है्.' यह गवचार भािपा के एक वगरष्​् नेता के है्. उनके मुतागबक प्​्देश मे्सत्​्ा पर कागबि होने की कोगशश मे्पाट्​्ी ने पूरी ताकत झो्क दी है. वह सागबत करना चाहती है गक वह बसपा को पछाड् रही है. इसीगलए उसके घर मे् से्ध लिायी िा रही है. उत्​्र प्​्देश का चुनावी िगणत बहुत अनूठा है. गपछले तीन सालो् के लोकसभा व गवगभन्न गवधानसभा चुनावो् के नतीिे बताते है् गक भािपा को वही् रायदा पहुंचता रहा है िहां उसकी कांग्ेस से सीधी टक्​्र होती आयी है. चूंगक गबहार और गदल्ली मे्यह क्सिगत नही्िी इसगलए वहां भािपा बुरी तरह से हारी. उत्​्र प्​्देश के बारे मे् पाट्​्ी का आकलन यह है गक उसे तभी रायदा पहुंचेिा िबगक मुक्सलम मतदाता भ्​्म मे् रहे व गहंदू मतदाता का ध्​्ुवीकरण हो िाये. ध्​्ुवीकरण के गलए केराना, दादरी से लेकर भािपा सांसद हुकुम गसंह ने गहंदुओ् के पलायन तक की तरकीब अपनायी तागक धाग्मषक आधार पर माहौल को िरमाया िा सके. मुसलमानो् को भ्​्म मे् रिने का भािपा 2014 से रायदा उठा चुकी है. ल्यो्गक तब यह वोट सपा व बसपा के बीच बंटा िा. मुसलमान यह तय नही्कर पा रहे िे गक गकसकी क्सिगत ज्यादा मिबूत है. उस समय पढ्ा-गलिा युवा, शहरी वि्षका यादव मतदाता भी नरे्द्मोदी के प्​्भाव मे्आ िया िा. अब अिर भािपा बसपा मे्से्ध लिाते रहने मे्कामयाब हो िाती है तो मुसलमान यह तय नही् कर पायेिा गक मायावती वास्​्व मे् सरकार बनाने की क्सिगत मे्आ पाये्िी या नही्. मालूम हो गक मायावती की कोगशश दगलत मुक्सलम व ब्​्ाह्मण वोट को साि लेने की है. िब 2007 मे्मायावती ने यह प्​्योि गकया िा तो उन्हे् राज्य गवधानसभा मे् पूण्षबहुमत हागसल हुआ िा. प्​्देश का इगतहास बताता है गक महि 30 रीसदी वोट हागसल करके कोई भी दल यहां सत्​्ा मे् कागबि हो सकता है. प्​्देश मे्चार प्​्मुि दल है्- सपा, बसपा, भािपा व कांग्ेस. इन सबका अपना-अपना वोट बै्क रहा है. मुलायम गसंह यादव की समािवादी पाट्​्ी को यादव, मुसलमान, ठाकुर व कुछ अन्य गपछड्ेवि्षका वोट गमलता आया 20 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

मायावती: से्ध लगने के बावजूि

बसपा-भाजपा बनाम सपा

है. वही्मायावती का वोट बै्क दगलत, िाटव, मुसलमान व ब्​्ाह्मण रहते आये है.् िहां 2007 मे् ब्​्ाह्मण अयोध्या आंदोलन के बाद पहली बार बसपा मे् िया िा वही् मुसलमान सपा से अपनी नाराि​िी के चलते बसपा के साि आता िाता रहा है. भािपा को पता है गक अिर उसे सत्​्ा पर कागबि होना है तो हर हालत मे् उसे ब्​्ाह्मणो्को मायावती के साि िाने से रोकना होिा. इसी रणनीगत के तहत बसपा के ब्​्ाह्मण नेताओ् को तोड्ा िा रहा है. नवीनतम गशकार ब्​्िेश पाठक है िो गक कभी ब्​्ाह्मणो् वाली सोशल इंिीगनयगरि गलए सतीश गमश्​् के साि कंधो्से कंधा गमलाकर रणनीगत तैयार कर रहे िे. अहम बात यह रही गक उन्हो्ने आिरा की रैली मे्मंच पर बहनिी का िुणिान गकया और

अिले ही गदन बसपा छोड्कर भािपा मे् शागमल हो िये. उन्हे् भािपा मे् लाने मे् महेश शम्ाष की अहम भूगमका रही. मालूम हो गक नवंबर 2015 मे् ही उनकी राज्यसभा की सदस्यता समाप्त हुई िी. उनके साले अरगवंद ग्​्तपाठी को िून मे् पाट्​्ी ने गनकाला िा. असल मे् भािपा व संघ ने िो योिना बनायी है उसके तहत करीब 85 बसपा नेताओ् को भािपा मे् लाया िाना है. इसकी सूची तैयार की िा चुकी है. पाट्​्ी नेताओ् का मानना है गक अिर बड्ी तादाद मे् ब्​्ाह्मण नेताओ् को अपने यहां लाने मे् कामयाब हो िाते है् तो यह हवा बनेिी गक ब्​्ाह्मण भािपा मे् िा रहा है. रािेश ग्​्तपाठी, बाला प्​्साद अवस्िी पहले ही आ चुके है्. असल मे् इन


नरे्द् मोिी और अदमत शाह: िांव पर भदवष्य

िाजपा और बसपा के बीच मुकाबले की चच्ाष राजनीसतक गसलयारो्मे्िूब हो रही है, लेसकन वास्​्सवक होड्यह है सक सत्​्ा की लड्ाई मे्समाजवादी पाट्​्ी को चुनौती कौन देता है. नेताओ्के भािपा मे्िाने की विह यह है गक उन्हे् लिता है गक गिस तरह से मायावती ने 403 सीटो् वाली गवधानसभा मे् 100 मुसलमानो्को गटकट देने का ऐलान कर गदया है उसे देिते हुए उनकी सीट पर ितरा मंडराने लिा है. गरर इस बात की भी ल्या िारंटी है गक भािपा गवरोधी वोट बसपा मे्ही्िाये्िे? िैर िाटव दगलत भी मायावती के साि िाता निर नही् आ रहा है और इस सच की अनदेिी नही् की िा सकती है, गक लोकसभा चुनाव मे् भािपा के सबसे ज्यादा दगलत उम्मीदवार उत्​्रप्​्देश मे्ही िीते िे. िैर िाटव दगलतो् का समि्षन हागसल करने के गलए भािपा ने महाराष्​्मे्रामदास आठवले, गबहार मे्राम गवलास पासवान व गदल्ली मे्उगदत राि

का लोकसभा चुनाव मे् सहारा गलया िा. पगरणाम स्वर्प उत्​्रप्​्देश मे् िहां सपा के पांच, कांग्ेस के दो सांसद िीते वही्बसपा का िाता तक नही् िुल पाया. ऐसे मे् मुसलमान के पास तीन गवकल्प रहे सपा, बसपा व कांग्ेस. कांग्ेस की गदक्​्त यह है गक वह िुद ही 100 सीटो् पर लड्कर 50 सीटे् िीतने का मन बना रही है. तो उसके नतीिो्की कल्पना की िा सकती है. अंतत: उसे सपा या बसपा मे् से गकसी एक का दामन िामना पड्ेिा. शीला दीग्​्कत को मुख्यमंत्ी पद के उम्मीदवार के र्प मे्पेश करने से िोड्ा बहुत ब्​्ाह्मण व मुक्सलम वोट इस पाट्​्ी मे्भी िा सकता है. भािपा चाहती है गक ब्​्ाह्मण बसपा से पूरी तरह दूर हो िाये. लोकसभा चुनाव मे्वह यह करने मे्कामयाब भी रही िी. उस समय नरे्द् मोदी की हवा के कारण पाट्​्ी को उत्​्रप्​्देश मे् 43 रीसदी वोट हागसल हुए िे. पर अब हालत बदल चुके है्. भािपा की सबसे बड्ी समस्या यह है गक उसके पास अभी तक मुख्यमंत्ी पद का चेहरा ही नही्है. दूसरी समस्या बड्ी तादाद मे्बसपा नेताओ्को शागमल करवाने की है. िो बड्े नेता शागमल हो रहे है् वे अपने अलावा कुछ समि्षको् के गटकट भी सुगनग्​्शत करना चाहे्िे. ऐसे मे् असली भािपाइयो् के गटकट

कटना तय हो िायेिा. इससे पाट्​्ी के अंदर िो िबरदस्​्उठापटक होिी. उसकी कल्पना की िा सकती है. भािपा, कुरमी, लोध, िैर िाटव, गपछड्े वि्ष से उम्मीद लिाये है्. अिर चुनाव तक सांप्दागयक धु्रवीकरण करवा पाने मे्पाट्​्ी नाकाम रही तो उसे इसका नुकसान हो सकता है. ध्यान रहे 1996 मे् िब यह चरम पर िा तब भािपा को राज्य मे्32.51 प्​्गतशत रीसदी वोट गमले िे िो गक 2002 मे् घर पर 20.12 प्​्गतशत, 2007 मे् 16.97 रीसद व 2012 मे् मात्​् 15 रीसदी ही रह िये्. दयाशंकर गसंह को मायावती प्​्करण के बाद पाट्​्ी से गनकाले िाने के बाद ठाकुर वोट अलि नाराि है. वैसे ब्​्ाह्मणो् को लेकर मायावती और बसपा की रणनीगत बदलती रही है. कभी बसपा ने नारा गदया िा गक 'गतलक, तरािू और तलवार इनको मारो िूते चार'. गरर 2007 मे् नारा बदल िया, गक 'ब्​्ाह्मण शंि बिायेिा, हािी बढ्ता िायेिा.' हालांगक िब पहली बार एक शम्ाष बसपा के गटकट पर पग्​्शमी उत्​्र प्​्देश से लड्ेिे तो यह नारा लिाया गक 'हािी पर सवार है, ब्​्ाह्मण नही् चमार है'. अब देिना यह है गक राइनल मे् कौन सपा से n मुकाबला करता है. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 21


उत्​्र प्​्देश

तोड़फोड़ का गणित

उत्​्र ि्​्देश मे्िाजपा बसपा नेताओ्को तोडने मे्लगी हुई है. चुनाव मे्उसकी यह नीसत काम नही्आ सकी िी. उत्​्र ि्​्देश मे् क्या होता है, यह देिना होगा. सुनीता शाही

हुिन समाि पाट्​्ी (बसपा) का िन्म ही ब्​्ाह्मणवाद के गवरोध से हुआ िा. लेगकन िब इस पाट्​्ी से बिावत करने वाले पूव्षसांसदो् िुिुल गकशोर और ब्​्िेश पाठक तिा पूव्षनेता प्​्गतपक्​्स्वामी प्​्साद मौय्षने इससे नाता तोड्ा तो उन सभी ने भारतीय िनता पाट्​्ी (भािपा) मे्ही शरण ली. भािपा ने भी इन सभी नेताओ् का उदारतापूव्षक और िुले गदल से स्वाित गकया. यह बात अनगिनत बार कही सुनी और सागबत की िा चुकी है गक भािपा और उसका मातृ संिठन राष्​्ीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समाि मे्ब्​्ाह्मणवादी व्यवस्िा का पोरण करते है्और उसके संरक्​्ण के गलए काम करते है्. िागहर सी बात है गक बसपा की टूट की कहानी एकगदन मे्नही्गलिी िई. भािपा सूत्ो् का दावा है गक ओम प्क ् ाश मािुर ने उत्र् प्द् श े भािपा का प्​्भारी बनाये िाने के पश्​्ात इसकी तैयारी शुर् कर दी िी. हाल ही मे् पाट्​्ी के उपाध्यक्​् मािुर ने एक टेलीगविन साक्​्ात्कार मे्इसकी लिभि प्त्य् क्​्पुग्ष भी कर दी. उन्हो्ने साक्​्ात्कार मे् कहा, 'मै् उत्​्र प्​्देश मे् भािपा को सत्​्ा मे्लाने के गलए कुछ भी करं्िा. इसी नीगत के तहत हम बसपा के प्​्मुि नेताओ् को भािपा मे् शागमल कर रहे है्.' मािुर की बातो् से लि रहा िा गक प्​्गतद्​्ंद्ी दल के नेताओ् को तोडना ही उनका काम है. उन्हो्ने आिे कहा, 'आने वाले गदनो्मे्और नेता भािपा मे्आये्िे. यहां तक गक सत्​्ाधारी समािवादी पाट्​्ी के कुछ नेता भी हमारे संपक्फमे्है्.' कहना नही् होिा गक भािपा ने अपने पत्​्े िोल गदये है्. हालांगक गक उत्​्र प्​्देश चुनाव मे् भािपा की िीत पर संशय करने की अभी पय्ाषप्त विह है. बसपा सुप्ीमो मायावती ने 22 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

भाजपा मे् शादमल होते स्वामी ि्​्साि मौय्ा: दकतना पड्ेगा फक्क अपनी पाट्​्ी को क्​्गत पहुंचाने की भािपा की बसपा छोडकर भािपा मे्चले िये है्.' कोगशशो्का मिौल उड्ाया है. 28 अिस्​्को लेगकन लाि टके का सवाल यह है गक आिमिढ् मे् एक रैली मे् उन्हो्ने कहा, 'मै् ल्या भािपा बसपा को तोडकर अपनी योिना बसपा का कचरा सार करने के गलए भािपा को मे् सरल होिी? कम से कम 2015 मे् गबहार धन्यवाद देती हूं.' उन्हो्ने दावा गकया, 'भािपा गवधानसभा चुनाव के नतीिे तो यही बताते है् अध्यक्​् अगमत शाह व्यक्लतित र्प से उन गक ऐसा करके ज्यादा सीट िीतने मे्कोई मदद नेताओ्के िले मे्माला पहना रहे है्िो बसपा नही् गमलेिी. गबहार मे् राष्​्ीय िनता दल के से उनकी पाट्​्ी मे् िा रहे है्. परंतु मै् कहना नेता रामकृपाल यादव और िनता दल यूनाइटेड चाहती हूं गक ये वे नेता है् िो पगरवारवाद की के नेताओ्भीम गसंह और एन के गसंह समेत कई रािनीगत मे् यकीन करते है्. इन्हो्ने बसपा तब अन्य को भािपा मे् शागमल गकया िया िा. छोड्ी िब मै्ने उनके पगरिन को गवधानसभा इसके बाविूद भािपा 243 मे्से महि 53 सीटे् का गटकट देने से इनकार गकया.' िीत सकी. रािद और िदयू को ि्​्मश: 80 गनष्पक्​् गवश्लेरण गकया िाये तो पता और 71 सीटे्गमली्. चलता है गक मायावती अपने पाट्​्ी नेताओ् को इगतहास बताता है गक ब्​्ाह्मणवादी नाराि करके एक गकस्म का िोगिम मोल ले व्यवस्िा की मूल प्​्वृग्त यही है गक िो भी रही है्. पाठक का बसपा से िाना उनके गलए रािनैगतक या आध्याक्तमक तौर पर उसके एक बड्ी चेतावनी के समान है ल्यो्गक वह पाट्​्ी गवर्ि् मिबूत हो िाता है वह उसे िुद मे् महासगचव और राज्य सभा सदस्य सतीश चंद् समागहत कर लेती है. आगिर ल्या विह हो गमश्​्ा के बहुत करीबी है्. गमश्​्ा को मायावती के सकती है गक आरएसएस के सरसंघचालक सबसे गवश्​्सनीय नेताओ्मे्शुमार गकया िाता मोहन भािवत ने 28 अिस्​् को लिनऊ मे् है. बसपा के एक नेता ने िोपनीयता की शत्षपर आयोगित एक बैठक मे्िौतम बुि्को राम और कहा, 'हमे्नही्लिता गक पाठक ने गबना गमश्​्ा कृष्ण िैसे गहंदू देवताओ् की श्​्ेणी मे् शागमल का आशीर गलए भािपा की सदस्यता ली होिी. कर गदया. गिस वल्त भािवत यह बोल रहे िे कुछ ही लोि यह िानते है् गक सव्​्ोच्​् ठीक उसी वल्त मायावती आिमिढ् मे् रैली न्यायालय के अगधवल्ता गमश्​्ा ने सन 1977 मे् कर रही िी् और भािपा पर सांप्दागयक अपने रािनैगतक कगरयर की शुर्आत भारतीय रािनीगत करने का आरोप लिा रही िी्. रािनीगत के नटवरलाल हेमवती नंदन बहुिुणा मायावती रािनीगत मे् नयी नही् है् और के पोल मैनेिर के र्प मे्की िी. गमश्​्ा बसपा उनको अपनी भगवष्य की नीगत पता होिी. 21 का ब्​्ाह्मण चेहरा है्और भािपा के पूव्षसांसद अिस्​् केा आिरा मे् और 28 अिस्​् को लालिी टंडन के साि भी काम कर चुके है्. आिमिढ् मे् उनके दो शुर्आती भारणो् से तो मायावती के रािीबंध भाई टंडन ने ही गमश्​्ा को यही संकेत गमलता है. उन्हो्ने कहा, उनसे गमलवाया िा. उस वल्त मायावती को 'आरएसएस और भािपा मे् कुछ रि्​्ी दगलता गकसी ऐसे व्यक्लत की िर्रत िी िो भ्​्ष्ाचार है्िो वोट के गलए लोिो्को धोिा देने का काम के उनके मामलो्को देि सके. गमश्​्ा ने अपने करते है्. लेगकन वे गकसी भी कीमत पर अपनी पत्​्े एकदम सही ढंि से िेले और उनके योिना मे्सरल नही्हो्िे ल्यो्गक लोि उनकी वरादार बन िये. अब गमश्​्ा के वरादार पाठक बांटने वाली रािनीगत को समझ चुके है्.' n


उत्​्राखंड

रावत बनाम रावत हरक ससंह रावत की सविल बगावत ने उनके सलए मुसीबतो् की बाढ्ला दी है. हरीश रावत सरकार ने उन पर और उनके करीसबयो्पर जांच सबठा दी है.

बलात्कार का आरोप लिाया िा. तब हरक की कुस्ी िाती रही िी. उस वल्त वह नारायण दत्​्गतवारी मंग्तमंडल मे्मंत्ी िे. अब मगहला ने मुकदमा वापस लेकर हरक को िोडी राहत दे दी. परंतु अब कांग्ेस इस मांि पर अड ियी है गक मामले की पूरी िांच हो. कहा िा रहा है गक मगहला असम की रहने वाली है. अब उसका कहना है गक उसके साि दुराचार नही् हुआ है. मगहला ने कहा गक 2003 मे्हुई िुद फ्ज्ि इमाम मल्लिक के साि हुई घटना का केस दोबारा िुलवाने त्​्रािंड के पूव्ष मंत्ी हरक गसंह रावत के गलए उसने मुख्यमंत्ी काय्ाषलय रोन गकया गरलहाल तो बलात्कार के आरोप से तो मगहला से गकसी रावत नाम के व्यक्लत ने मुल्त हो िये है् लेगकन कुछ सवाल अब मदद करने का वादा गकया और उसे हरक भी उठ रहे है्. रावत कांग्ेस मे् िे और कुछ गसंह का नंबर देकर कहा िया गक हरक के महीने पहले तक हरीश रावत सरकार मे् गिलार दुराचार का मामला दि्ष कराओ. मुख्यमंत्ी हरीश रावत का कहना है गक मंत्ी िे लेगकन उन्हो्ने अचानक हरीश रावत के गिलार बिावत कर दी. सरकार गिराने इस मामले मे् उनका या उनका काय्ाषलय का की कोगशश तक की लेगकन सुप्ीम कोट्ष के कोई लेना देना नही् है. रावत के मुतागबक दिल ने रावत के मंसूबो् पर पानी रेर गदया. उत्​्रािंड मे्उनकी सरकार गिराने मे्नाकाम अदालती दिल की विह से हरीश रावत की रही भािपा अब इस तरह की सागिश कर रही सरकार तो बच ियी लेगकन हरक गसंह रावत है. हरीश रावत के मुतागबक हरक पर आरोप की गवधानसभा सदस्यता िाती रही. वह लिाने वाली मगहला को वह नही् िानते. यह सागियो् समेत भािपा की शरण मे् चले िये. मगहला बाद मे् मगिस्ट्ेट के सामने अपने हरक गसंह रावत पर गदल्ली के सरदरिंि आरोप से पलट ियी. इसे लेकर हरक अब एल्सेटंशन िान मे् एक मगहला ने बलात्कार गसयासत कर रहे है्. सन 2003 मे्भी भािपा का आरोप लिाया. मगहला ने अपनी गशकायत ने सदन के भीतर और बाहर िोर-शोर से इस मामले को उठाया िा. उन्हो्ने भािपा पर मे् हरक पर शोरण का आरोप लिाया िा. हरक पर ये आरोप नये नही्है्. 2014 मे् गनशाना साधते हुए कहा गक अब उसके बयान भी उन पर इस प्​्कार का आरोप लिा िा और सही है् या िब उसने हरक पर आरोप लिाये 2003 मे् असम की एक मगहला ने उन पर िे, वह सही िे. हरीश रावत ने कहा गक हरीश रावत और हरक दसंह रावत: डाल-डाल और पात-पात

मगहलाओ्को सुप्ीम कोट्षने िो अगधकार गदये है्, उन अगधकारो् मे् धमकाना भी िंभीर मामला मे्आता है. राज्य सरकार ने हरक के गिलार घोटाले के एक मामले मे् िांच गबठा दी है. कृगर मंत्ी रहते हरक पर घोटाले के आरोप लिे िे. हरक के काय्षकाल मे् उत्​्रािंड बीि एवं तराई गवकास गनिम (टीडीसी) मे्हुए बीि घोटाले की उच्​् स्​्रीय िांच के आदेश गदये िये है्. अपर मुख्य सगचव कृगर रणवीर गसंह की अध्यक्​्ता मे् िगठत इस चार सदस्यीय िांच कमेटी मे्आईिी को भी सदस्य के र्प मे्रिा िया है. यह मामल 2015-16 का है. हरक गसंह उस समय कांग्ेस सरकार मे् कृगर मंत्ी के साि ही टीडीसी के अध्यक्​्भी िे. टीडीसी ने उस दौरान दो लाि 93 हिार 422 क्लवंटल िेहूं के बीि का उत्पादन गकया िा. उत्पादन और रिरिाव मे् लापरवाही से इस बीि की िुणवत्​्ा कारी िराब हो ियी. िेहूं के बीि के टीडीसी के गनयगमत ग्​्ाहक यूपी, गबहार ने बीि को घगटया पाते हुए वापस कर गदया िा. इसके बाद टीडीसी ने मनमाने दामो् पर इन बीिो्को गठकाने लिा गदया. यूं भी हरक का टीडीसी प्​्ेम गकसी से गछपा नही्है. कृगर मंत्ी बनने के बाद अिस्​्2012 मे् वन एवं ग्​्ाम्य गवकास आयुल्त को हटाकर वो टीडीसी के अध्यक्​् बन िये िे. लाभ का पद होने की विह से कारी गकरगकरी होने पर हरक ने नौ मई 2013 को अध्यक्​् पद से इस्​्ीरा गदया. अप्​्ैल 2015 मे्हरक एक बार गरर से टीडीसी के अध्यक्​्बने. अपर मुख्य सगचव डा रणवीर गसंह के मुतागबक शुर्आती िांच मे्िंभीर अगनयगमतता पायी ियी है. हरक के गिलार सहसपुर मे् िमीन की िरीद-ररोख्त के मामले मे्दोबारा कार्षवाई शुर् हो चुकी है. इसमे् उनके एक करीबी के गिलार एरआईआर भी दि्षकी िा चुकी है. इसके अलावा उत्​्रािंड पूव्ष सैगनक कल्याण गनिम मे् तैनात हरक और बि्ाषस् गवधायक शैलरानी रावत के चार गरश्तेदारो्को भी सरकार बि्ाषस् कर चुकी है. हरक की परेशानी इसगलए बढ सकती है ल्यो्गक कांग्ेस से भािपा मे् िये हरक से भािपा के कई गदग्ि​ि नेता भी नाराि है. भािपा मे् वे शागमल िर्र हुए है् लेगकन भािपा का एक िेमा इससे िुश नही्है. प्​्देश के पूव्ष मुख्यमंत्ी रमेश पोिगरयाल गनशंक रावत को पाट्​्ी मे् शागमल गकये िाने के पक्​् मे् नही् िे. लेगकन के्द्ीय नेतृत्व के आिे उनकी नही चली. िागहर है गक राज्य सरकार का हरक के गिलार सग्​्िय होने से भािपा का एक तबका िुश है. n शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 23


मध्य प्​्देश पूजा लसंह

ध्य प्द् श े मे्मुखय् मंत्ी गशवराि गसंह चौहान के हागलया संकते अच्छे नही्रहे है.् गपछले गदनो् प्द् श े के अनेक गहस्सो् मे् आयी बाढ् के दौरान िहां मुखय् मंत्ी को व्यापक िनगवरोध का सामना करना पड्ा वही्राष्​्ीय स्वयंसवे क संघ द्​्ारा बुलायी ियी समन्वय बैठक मे् गवगभन्न सांसदो्ने राज्य सरकार को सीधे तौर पर गनशाने पर गलया. उधर, केद् ्ीय पय्ावष रण मंत्ी अगनल माधव दवे का कद बढ्ाये िाने के बाद से गशवराि गसंह चौहान के गलए मुकश् कल बढ्ाने वाली िबरो्का गसलगसला िम ही नही्रहा है. बीते गदनो्पूव्ी मध्य प्द् श े का पूरा इलाका भारी बाढ् से िूझता रहा. ऐसे मे् मुखय् मंत्ी गशवराि गसंह चौहान बाढ्की क्सिगत का िायिा लेने पहुच ं .े सतना गिले मे्कई स्िानो्पर लोिो् ने मुखय् मंत्ी का िमकर गवरोध गकया और उनके गिलार नारे लिाये. रीवा मे् तो लोिो् की नारेबािी के चलते अपना दौरा तक पूरा नही्कर

पाये और उनको बीच मे्से ही लौटना पड्ा. उस दौरे मे्पाट्​्ी के ज्यादातर बड्ेनेता मुखय् मंत्ी के साि निर नही्आये. यह बात भी अटकलो्का सबब बनी. रीवा गवधायक व उद्​्ोि मंत्ी रािेद् ् शुलल ् के अलावा कोई भी बड्ा नेता मुखय् मंत्ी के साि गदिायी नही्गदया. गशवराि गसंह चौहान अपने तीसरे काय्क ष ाल मे् है् और इससे पहले ऐसे व्यापक गवरोध का सामना उनको शायद ही करना पड्ा हो. डंरर घोटाले से लेकर व्यापम घोटाले तक तमाम बड्े मामले उछलने के बाविूद गशवराि गसंह चौहान की छगव बेदाि बनी रही. यहां तक गक आंतगरक गभतरघात भी कम नही् लेगकन गशवराि उससे गनपटने मे्कामयाब रहे. परंतु यह पहला मौका है िब िनता िुलकर गवरोध मे्सामने आ ियी है. इससे पहले उमगरया गिले मे् भी मुखय् मंत्ी को िन गवरोध का सामना करना पड्ा िा. रही सही कसर मुखय् मंत्ी की उस तस्वीर से पूरी हो ियी िी गिसमे्वह दो सुरक्​्ाकग्मयष ो्की िोद मे्बैठकर पानी पार करने की कोगशश कर रहे िे. यह

लोक से िूर दशवराज

24 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

तस्वीर प्श ् ासन के िनसंपक्फगवभाि की ओर से िारी की ियी िी. गशवराि गसंह के बुरे गदनो्की एक और आहट गपछले उधर, आरएसएस की ओर से प्श ् ासगनक समन्वय के गलये बुलायी ियी बैठक मे्मध्य प्द् श े के सांसदो्ने िुद अपनी ही सरकार और संिठन को कठघरे मे् िड्ा कर गदया. समन्वय बैठक मे्सांसदो्ने िमकर अपने मन की भड्ास गनकाली. उन्हो्ने नौकरशाही के साि-साि गवधायको्और मंग्तयो्तक पर आरोप लिाया गक कोई उनकी बात नही् सुनता है. मुखय् मंत्ी गशवराि गसंह चौहान के गवरोधी माने िाने वाले पाट्​्ी के राष्​्ीय महासगचव कैलाश गवियवि्​्ीय ने तो प्द् श े की नौकरशाही को सीधेसीधे भ्ष ् ्ही बता गदया. रािधानी भोपाल के शारदा गवहार मे् आयोगित इस समन्वय बैठक मे् पांच सत्​्ो् मे् चच्ाष हुई. शुरआ ् ती दो स़त्ो्मे्सांसदो्से सुझाव आमंग्तत गकये िये. इन सुझावो्को सुनकर संघ के सरकाय्वष ाह भैयािी िोशी और सह सरकाय्वष ाह कृषण ् िोपाल बुरी तरह चौ्क िये.

मि्​्के मुख्यमंि्ी सशवराज ससंह चौहान की बढ्ती अलोकस्​्ियता और उसके समांतर असनल माधव दवे की बढ्ती सस्​्ियता ि्​्देश की राजनीसत मे्एक बड्ेबदलाव की सूरत तैयार कर रही है. िो बाढ्े् और िो मुद्ाएं: आलोिना के के्द् मे् दशवराज दसंह िौहान


अमेदरका मे् उद्​्ोगपदतयो् से ि​ि्ा​ा करते दशवराज और उद्​्ोग मंत्ी राजे्द् शुल्ल: दनवेश की दकतनी आस

सांसदो् ने अपने मन की पूरी भड्ास गनकाली. सरकार और प्श ् ासन के गिलार यह गवरोध नया िा. यह विह िी गक बाद मे् भैयािी िोशी ने आपसी िगतरोध को रेिांगकत करते हुए कहा गक भारतीय िनता पाट्​्ी अन्य रािनीगतक दलो्से पूरी तरह अलि है. यह बात उसकी िगतगवगधयो् मे् निर नही्आ रही है. एक वगरष्​् भािपा नेता ने नाम िागहर न करने की शत्षपर कहा गक बढ्ती बेरोि​िारी पर सरकार का कोई ध्यान नही् है. िबगक वह भी राज्य सरकार के िले की रांस बन सकती है. प्द् श े मे्बड्ी संखय् ा मे्युवा है्और वे बेरोि​िार भी है.् इस युवा वि्षने गपछले चुनाव मे्पहली बार भािपा को वोट गदया िा िब वे 18साल के हुए िे. अब वही युवा 23-24 वर्षके हो चुके है.् इस उम्​्मे्बेरोि​िार होने के कारण िागहर तौर पर उनका मोह राज्य शासन से भंि हो रहा है. इन तमाम बातो्के बीच एक अन्य बात िो मुखय् मंत्ी की पेशानी पर बल डालती है वह है प्द् श े के भगवष्य के र्प मे्अगनल माधव दवे का बार-बार गि​ि्.् सूत्ो्के मुतागबक वह लंबे समय से प्द् श े का मुगिया बनने का ख्वाब पाले हुए है.् अब उनको केद् ्ीय वन एवं पय्ावष रण राज्य मंत्ी का स्वतंत्प्भ् ार देकर मोदी ने उन्हे्एक िमीन मुहयै ा करा दी है िहां से वह चौहान को सीधी चुनौती दे सकते है.् प्द् श े भािपा के कई वगरष्​् नेता दबी िुबान मे् यह स्वीकार करते है् गक अगनल माधव दवे की महत्वाकांक्ा गशवराि गसंह चौहान की आिे की राह मुकश् कल कर सकती है. प्द् श े मे्आयोगित हागलया गतरंिा यात्​्ा को दवे के आपरेशन श्यामला गहल्स की शुरआ ् ती तैयारी माना िा रहा है. गपछले कारी समय से गशवराि गसंह चौहान छगव के संकट से िूझ रहे है.् उनके गरश्तदे ारो्का

नाम भी िाहेबिाहे उछलता रहता है. दवे इस बात का पूरा रायदा उठा रहे है.् हाल ही मे्रािधानी भोपाल मे्आयोगित एक समारोह मे्दवे ने अपनी ईमानदारी का िुणिान िुद ही गकया. उन्हो्ने कहा, ‘मै्अपने गवभाि मे्िया तो उन्हे्स्पष्​्कर गदया गक मै्हूं और मेरा सेिट्े री है.् ये िब रोन करे्तो काम करना. इसमे्भी िो सही हो, उसे ही करना. इसके अगतगरल्त मेरा कोई गरश्तदे ार नही् है. कोई रोन करे्तो मुझे बताये.् यगद इसके बाद भी कोई काम करेिा तो वह िुद गिम्मदे ार होिा.’ दवे की बातो्मे्भी संकते सार निर आये. उन्हो्ने गशवराि गसंह चौहान की तारीर करते हुए कहा गक मेरा व उनका घगनष्​् संबध ं है. उन्हे् चुनाव लडने और िीतने का शौक है और मुझे चुनाव लडाने और गविय हागसल करने मे्र्गच है. िागहर है प्द् श े मे् गशवराि की बढ्ती अलोकग्​्पयता, काय्क ष त्ाष समुदाय की उनसे नाराि​िी की िबरो्के बीच इस गतरंिा यात्​्ा की टाइगमंि सबकी समझ से बाहर है. आमतौर पर गिंक टैक ् की भूगमका मे्रहने वाले दवे ने अपनी इस यात्​्ा के साि सबके सामने यह स्पष्​्कर गदया है गक वह प्द् श े मे् अहम सग्​्िय भूगमका गनभाने के गलए तैयार है.् गशवराि गसंह चौहान प्द् श े मे्गनवेश िुटाने की कवायद मे् गपछले गदनो् पांच गदन की अमेगरका यात्​्ा पर भी िये. सरकारी िानकारी के मुतागबक वे 28 अिस्​्से पांच गदन की अमेगरकी यात्​्ा पर िये तागक वहां की बड्ी कंपगनयो् को प्द् श े मे्कारोबारी गनवेश करने के गलए न्योता दे सके.् लेगकन इस बीच यानी 30 और 31 अिस्​् को अमेगरका के तमाम बड्े उद्​्ोिपगत भारतअमेगरका सीईओ बैठक मे् गहस्सा लेने के गलए भारत पहुच ं े हुए िे. लिभि उसी वल्त यह िबर भी आयी गक िनन क्त्े ्की बड्ी कंपनी गरयो गटंटो

मध्य प्द् श े मे्अपना प्​्ोिेलट् बंद करना चाहती है. ऐसे मे्िानकार गशवराि की यात्​्ा पर सवाल उठा रहे है.् गिस गदन मुखय् मत्​्ी अमेगरका पहुच ं ,े उसी गदन यह िबर आ ियी गक िनन क्त्े ्की दुगनया की िानमानी कंपनी गरयो गटंटो ने प्द् श े के छतरपुर गिले मे्अपना काम समेटने का रैसला गकया है. कंपनी बीते 12 वर्षसे वहां काम कर रही िी लेगकन पय्ावष रण मंिरू ी नही् गमलने के कारण उसने काम ठप करने का गनण्यष गलया है. प्द् श े सरकार के अगधकारी भी यह मानते है्गक यह प्द् श े मे्होने वाले गवदेशी गनवेश के गलए बड्ा झटका है. उद्​्ोि मंत्ी रािेद् ्शुलल ् ने भी कहा गक गरयो गटंटो प्द् श े मे्एक बड्ी गवदेशी गनवेश करने वाली कंपनी िी. शुलल ् ने कहा गक कंपनी 900 हेलट् ये र वन भूगम मे् िनन के गलए पूरी मंिरू ी चाहती िी िबगक राज्य सरकार यह मंिरू ी देने की क्सिगत मे्नही्िी. प्द् श े की अि्वष य् वस्िा की हालत पहले ही पतली है और वह डेढ्लाि करोड्र्पये के कि्षमे्डूबा हुआ है. ऐसे मे्सरकारी धन पर की िाने वाली गवदेश यात्​्ाओ् पर प्श् न् िड्े होना लागिमी है. िौरतलब है गक वर्ष2007 से अब तक प्द् श े मे्हर वर्षवैग्शक गनवेश सम्मल े न का आयोिन करती है िहां तमाम समझौता ज्​्ापनो् पर हस्​्ाक्र् होते है्लेगकन िमीन पर इस गनवेश का कही्कोई रायदा निर नही्आता. कांगस ्े ने पहले से ही संकट मे्गघरे गशवराि को इस मुद्ेपर घेरने की पूरी योिना तैयार की है. प्द् श े कांगस ्े अध्यक्​्ने सरकार से मांि की है गक वह इस बारे मे्पूरी िानकारी िनता के सामने रिे गक अब तक हुई इन्वसे ट् स्षसगमट मे्प्च ् ागरत करीब आठ लाि करोड् र्पये के गनवेश मे् से गकतना n रलीभूत हुआ है. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 25


छत्​्ीसगढ्

ख़ुदकुशी का गढ़ छत्​्ीसगढ्का एक चेहरा समकालीन अन्य राज्यो् से ज्यादा तेज रफ्तार से तरक्​्ी करने का है तो दूसरा चेहरा सकसान और युवाओ्की आत्मह्त्या के मामले मे्देश के राज्यो्मे् पांचवे्नंबर पर पहुंचने का. संजीत ल्​्िपाठी

िु

लाई के दूसरे पिवाड्े मे् छत्​्ीसिढ् के मुख्यमंत्ी डॉ. रमन गसंह के गनवास के सामने एक गवकलांि युवक ने िुद को आि लिा ली. विह, बेरोि​िारी, सीएम िनदश्षन मे् आश्​्ासन के बाद भी कोई सहायता नही् गमल पाना. चंद रोि अस्पताल मे् गिंदिी और मौत के बीच हुए संघर्षके बाद वह लड्ाई हार िया. गरर वही दृश्य निर आया, मौतो् पर रािनीगत का. गवपक्​्कांग्ेस ने हमला बोला तो पूव्ष मुख्यमंत्ी अिीत िोिी के नविगठत दल छत्​्ीसिढ्िनता कांग्ेस (िोिी) ने प्​्देश बंद 26 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

आग की लपटो् मे् नौजवान: सरकार की आंखो् के सामने

बुला गलया, वह नाकाम होता गदिा तो िोिी व्हील चेयर पर िुद गनकल पड्े सीएम हाउस के सामने धरना देने और सड्क पर िद्​्ा गबछाकर लेट िये. यह रािनीगतक ड्​्ामा तो एक गदन मे् ित्म हो िया लेगकन अपने पीछे अबूझ सवाल छोड्िया. आंकड्ेबताते है्गक छत्​्ीसिढ्मे्हर साल (वर्ष 2014 को ही आधार माने् तो) 800 गकसान और 1800 युवा ख़्ुदक़ु्शी कर रहे है्. नेशनल ि्​्ाइम गरकाड्ष ल्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड्ो् के मुतागबक आत्महत्या के मामले मे्देश के 13 राज्यो्मे्छत्​्ीसिढ्पांचवे्नंबर पर है. हर साल करीब पांच से छह हिार लोि यहां आत्महत्या कर रहे है्. इसमे् युवाओ् की संख्या सव्ाषगधक है. िबगक इसमे्गकशोर और बच्​्े भी शागमल है्. यह तस्वीर छत्​्ीसिढ् की उस तस्वीर के ठीक उलट है गिसके मुतागबक वर्ष 2000 मे् बने तीन राज्यो् यह सबसे तेि गवकगसत होता राज्य है. भारत मे्ख़्ुद्क़ु्शी का राष्​्ीय औसत प्​्गत एक लाि मे् 10.6 का है लेगकन छत्​्ीसिढ् मे् यह औसत दोिुने से भी ज्यादा 22.4 का है. इतनी बड्ी संख्या मे्प्​्देश मे् हो रही आत्महत्याओ् के बाद भी न तो सरकारी स्​्र पर कोई सव्​्ेया शोध हुआ है, न ही गनिी तौर पर गकसी संस्िा की ओर से कोई ऐसे प्​्यास हुए है्. गकसानो्के मसले पर लौटे्तो हम पाते है्

गक एनसीआरबी का महि एक साल (वर्ष2014) का गरकाड्ष यह कहता है गक छत्​्ीसिढ् मे् आत्महत्या करने वाले 5683 लोिो्मे्से 13.3 रीसदी अि्ाषत 755 लोि या तो कृरक िे या गरर कृगर से िुड्े रोि​िार मे् संलग्न िे. 2014 के आंकड्े कहते है् गक छत्​्ीसिढ् मे् 5,600 से ज्यादा लोिो् ने आत्महत्या की तो सूत्ो्के मुतागबक वर्ष2015 मे्यह आंकड्ा 6,000 तक िा पहुंचा. एक अनुमान के मुतागबक देशभर मे् प्​्गत वर्ष करीब 60,000 युवा अपनी िान देते है्. इनमे्से अगधकांश 15 से 24 की युवा उम्​्के होते है्. छत्​्ीसिढ्मे्भी िुदकुशी करने वालो् की औसत उम्​् 20 से 29साल के बीच है. राज्य मे् रायपुर और गबलासपुर गिले इस गलहाि से अगधक संवेदनशील है्. सबसे ज्यादा आत्महत्याये्इन्ही्दो गिलो्मे्होती है. चौ्काने वाली िानकारी यह भी है गक आत्महत्या का रास्​्ा चुनने वालो्मे्सबसे ज्यादा 88 रीसदी ग्​्ामीण क्​्ेत्ो् से होते है् तो 12 रीसदी शहरी्. िानकारो् का स्पष्​् कहना है गक आत्महत्या की बड्ी विह गकसान और गकसानी मे् पैदा हुआ संकट है. बेरोि​िारी, िरीबी और आग्िषक तंिी भी. आत्महत्या के गलए अपनाये िये तरीको् पर भी निर डाले् तो रांसी लिाना/कलाई काटना/िला काटना आगद तरीके आिमाये


िाते है्. रासायगनक िहर का सेवन कर िान देने का प्​्यास भी गकया िया. ग्​्ामीणो् ने अगधकांशत: रासायगनक कीटनाशको् का प्​्योि गकया है. मनोरोि गवशेरज्​् डॉ सोगनया पगरयल ग्​्ामीणो्मे्आत्महत्या की बढ्ती प्​्वृग्त के पीछे बड्ी विह नशे के अत्यागधक सेवन को बताती् है्. यह नशा शराब, तंबाकू, ड्​्ि आगद कुछ भी हो सकता है. िबगक युवाओ् और गकशोरो् के मामले मे् वह कहती है् गक युवाओ् पर पढ्ाई और रोि​िार को लेकर सबसे ज्यादा दबाव रहता है, वही्नशा करने की आदत और दोस्​्ो् से अलिाव भी ख़्ुदक़ु्शी के कारण बनते है्. नशा करने से व्यक्लत के गनण्षय लेने की क्​्मता ित्म होने लिती है. उनका कहना है गक िो युवा या गकशोर अपने पगरवार और दोस्​्ो् से भावनात्मक र्प से िुड्े रहते है् वे आत्महत्या िैसा कदम नही्उठाते. गकसान नेता रािकुमार िुप्ता इस मसले पर कहते है् गक गकसानो् की आत्महत्या के मामलो्मे्सच्​्ाई सामने नही्आ पाती. समाि मे् िगटलताये् बढ्ती िा रही है्. समाि से िो मदद गमलती िी, वह धीरे-धीरे ित्म होती िा रही है. िगटलताओ् को दूर करने के गलए सामागिक, रािनीगतक और मनोवैज्ागनक तरीके से सोचना होिा. वही् पुगलस का निगरया इन आत्महत्याओ् के मामले मे् िोड्ा अलि है. राज्य पुगलस के सीआईडी एडीिी रािीव श्​्ीवास्​्व कहते है् गक ख़्ुदक़ु्शी के मामले मे् कई राज्यो् की तुलना मे् छत्​्ीसिढ् की क्सिगत िोड्ी ठीक है. उनका कहना है गक गरर भी युवाओ् और बच्​्ो् की आत्महत्या के आंकड्ेहर गिले से पुगलस मुख्यालय मंिवाये

िाये्िे. युवाओ् और बच्​्ो् की आत्महत्या को लेकर शोध कराया िायेिा. मनोगवज्​्ान, समािशास्​् के शोधाग्िषयो् से इस संबंध मे् अपील की भी करे्िे. राज्यभर से एकग्​्तत आंकड्ो् के िगरये यह पता लिाया िायेिा गक गकन पगरक्सिगतयो्मे्आत्महत्याये्हुई्है्. एनसीआरबी के आंकड्ो्मे्और भी मसले शागमल है्गिन पर गटप्पणी करते हुए राज्य के िृहमंत्ी ने कहा गक इन आंकड्ो् मे् कुछ तो िलती हुई है गिसे ठीक करने के गलए एनसीआरबी को राज्य शासन की ओर से पत्​् भेिा िायेिा. इस मसले पर प्​्देश कांग्ेस कमेटी के प्​्वल्ता सुशील आनंद शुल्ला का कहना है गक वर्ष 2006 से 2011 के बीच 1555 गकसानो् ने आत्महत्या की. उसके बाद 2013 से सरकार ने आत्महत्या करने वालो के पेशे मे्कृगर गलिना बंद करवा गदया. 20152016 मे्ही 453 गकसानो के आत्महत्या करने की िबरे सामने आयी. एनसीआरबी के आकड्ो् के अनुसार छत्​्ीसिढ् मे् गपछले चार वर्​्ो्मे्11785 लोिो ने आत्महत्या की. इनमे् सव्ाषगधक युवा और 40 साल से कम उम्​् के लोि िे. कांग्ेस नेता ने आरोप लिाते हुए कहा गक प्​्देश के िृहमंत्ी रामसेवक पैकरा महि आंकड्ो की बािीिरी कर अपनी सरकार और उसकी नीगतयो्का बचाव करने मे्लिे हुए है्. चूंगक सीएम हाउस के सामने एक गनशल्त युवक ने िुद को आि लिा ली. इसके बाद 'शुि्वार' ने िब छत्​्ीसिढ् मे् गनशल्तो् के गलए चल रही योिनाओ् और उनके लाभ के बारे मे् पड्ताल की तो यह बात सामने आयी गक अन्य राज्यो्की तुलना मे्गनशल्तो्के गलए कोई भी सुगवधा हकीकत मे् निर नही् आती. धरने पर बैठे अदजत जोगी: ि्​्त्यक्​् आरोप

छत्​्ीसिढ् मे् 6,24,937 गनशल्त साक्​्र है् गिसमे् से महि 81,509 ही पढ्े गलिे है्. गवकलांिो् के प्​्माण पत्​् आगद संबंगधत िो काम समाि कल्याण गवभाि को करने चागहये वह गनिी संस्िाओ्को करना पड्रहा. समाि कल्याण गवभाि 40 रीसदी गनशल्तता पर ही गकसी को गवकलांि मानता है. यह भी उनकी परेशानी का सबसे बड्ा कारण है. वर्ष 2014-15 मे् गवकलांिो् का सभी श्​्ेणी मे्सव्​्ेहोना िा, पंचायत स्​्र पर गनद्​्ेश भी िारी गकये िये िे, लेगकन सव्​्ेअब तक पूरा नही् हो पाया है. नतीितन समाि कल्याण गवभाि के पास ऐसा कोई डाटा ही नही्गिससे यह िानकारी सामने आये गक मगहला या पुर्र की साक्​्रता का प्​्गतशत गकतना है या गकस श्​्ेणी के गनशल्त ज्यादा है्. इस बारे मे् समाि कल्याण गवभाि के संचालक डॉ संिय अलंि कहते है्, यह सही है गक अभी गवभाि के पास इस तरह का डाटा नही् है. इसके गलए गवभाि ने योिना बनायी है. 'स्वयं' नाम की इस योिना मे् गनशल्तो् की सारी िानकारी गमल िायेिी और कौशल उन्नयन के तहत उन्हे् प्​्गशक्​्ण गदया िायेिा. इन घटनाओ् के बीच राज्य सरकार अब बेरोि​िारो् या गकसानो् के गलए ल्या कदम उठायेिी यह तो भगवष्य ही बतायेिा लेगकन इन पर िो रािनीगत चल रही है वह िनता की आंि िोल देने के गलए कारी है. सीएम हाउस के सामने एक बेरोि​िार गवकलांि अपनी नौकरी और बहनो् की शादी की मदद मांिते हुए िुद को िला लेता है तो गवपक्​्कांग्ेस और िोिी की छिकां भूचाल िड्ा कर देते है् तो मुख्यमंत्ी डॉ रमन गसंह यह कहते है् गक ल्या इससे पहले सीएम हाउस के सामने गकसी ने आत्महत्या नही्की? इसगलए इस पर रािनीगत नही् होनी चागहये. तो पूव्ष मुख्यमंत्ी िोिी इस आत्महत्या को उस युवा का साहगसक कदम बताते है्. तक्​्ो्के आधार पर िर्र डॉ रमन गसंह की बात सही निर आती है ल्यो्गक पूव्ष मुख्यमंत्ी अिीत िोिी के शासनकाल मे् भी सीएम हाउस के सामने एक युवक ने आत्महत्या कर ली िी. अप्​्ैल 2002 मे्एक युवक गिते्द्साहू नौकरी मांिने िन दश्षन मे् पहुंचा िा, सुरक्​्ा मे्तैनात िवानो् ने मारपीट कर उसे भिा गदया िा इससे आहत युवक ने िहर िाकर आत्महत्या कर ली िी. तब भािपा गवपक्​् मे् िी और उसने िूब हंिामा गकया िा. तत्कालीन सीएम का इस्​्ीरा मांिा िा. आि वही भािपा इस मामले मे्रािनीगत नही्करने की बात कह रही है तो, तब के मुख्यमंत्ी अिीत िोिी आि नयी पाट्​्ी िगठत कर इस मामले मे् रािनीगत कर रहे है्. n शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 27


छत्​्ीसगढ्

जंगल मे् अफ्सरी मंगल

दो आईएएस अिसरो्के सिलाि मामला चलाने की अनुमसत समलने के बाद राज्य सरकार ने केद् ्से वन सविाग के अिसरो्पर िी मामला चलाये जाने की इजाजत मांगी है. संजीत ल्​्िपाठी

त्​्ीसिढ्मे्वन अरसर इन गदनो्'िंिल राि' चला रहे है.् गपछले कुछ माह मे्ऐसे दो-तीन उदाहरण सामने आये है्. ररवरी 2014 मे् एंटी करप्शन ल्यूरो ने आईएरएस अगधकाी रािेश चंदेला के यहां छापा मार कर 5 करोड्र्पये से अगधक की संपग्​्त िल्त की. िबगक सेवा अवगध के दौरान उनकी कुल आय ही 66 लाि र्पये िी. उस वल्त चंदल े े पर कोई कार्षवाई नही् हुई लेगकन इस साल वे दोबारा सुग्िषयो्मे्आ िये िब प्​्देश कांग्ेस की आईटी सेल के उपाध्यक्​् गवकास गतवारी ने आरोप लिाया गक चंदेला ने बस्​्र के सुकमा मे् डीएरओ रहते हुए अपने सरकारी बंिले मे् गनिी िच्ष से 70 लाि र्पये का एक आलीशान स्वीगमंि पूल बनवाया. इस पूल मे्न केवल वह बक्लक अन्य अगधकारी भी तैराकी का अपना शौक पूरा करते है्. यह मामला मई माह का है िब समूचा छत्​्ीसिढ् भीरण िम्​्ी मे् िल समस्या से िूझ रहा िा. तब बड्ा सवाल यही िा गक एक डीएरओ गसर्फ अपने आनंद के गलए सारे गनयम कायदो् को ताक पर रिकर सरकारी बंिले मे्स्वीगमंि पूल कैसे बनवा सकता है. वह भी तब िब पूरा प्​्देश बूंद-बूंद पानी के गलये तरस रहा हो. सरकारी बंिले मे् बने इस आलीशन स्वीगमंि पूल के गनम्ाषण के गलए गकसी से कोई इिाित नही् ली िई िी. बक्लक 28 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

कहा तो यह भी िाता है गक इस गनिी स्वीगमंि पूल के गलए अरसरो् ने आपस मे् चंदा भी गकया िा. यह मामला सामने लाने वाले कांग्ेस आईटी सेल के उपाध्यक्​्गवकास गतवारी कहते है् गक चंदेला तो महि एक उदाहरण भर है्. नौकरशाही को राज्य सरकार का वरदहस्​् हागसल है और हर दूसरा अगधकारी ऐसी हरकत कर रहा है. प्​्देश की रमन गसंह सरकार आंि मूंदे हुए है. ि​िदलपुर के समीप छोटादेवरा मे् चंदेला के व्हाइटहाउस नामक राम्ष हाउस मे् भी ऐसा ही आलीशान स्वीगमंि पूल है. हालात यह है्गक उनको स्वीगमंि पूल वाले बड्ेसाहब के नाम से पुकारा िाता है. इतने हो हल्ले के बाद राज्य सरकार की नी्द टूटी है और चंदेला के गिलार अगभयोिन चलाने की मंिूरी के्द्सरकार से मांिी ियी है. पहले एसीबी छापे के बाद यह प्स ् ्ाव भेिा िया िा असल मे्नान घोटाले मे्नाम आने के बाद दो आईएएस अगधकागरयो् डॉ आलोक शुल्ला और अगनल टूटेिा के गिलार अगभयोिन की मंिरू ी करीब साल भर बाद गमली है. इससे राज्य शासन को भरोसा है गक अब चंदेला के गिलार भी अगभयोिन की मंिूरी गमल िायेिी. ल्यो्गक स्वीगमंि पूल मामले के सामने आते ही राज्य शासन ने िांच के आदेश दे गदये िे. बस्​्र के मुखय् वन संरक्क ् तपेश झा को िांच का गिम्मा गदया िया िा. उनकी गरपोट्ष के आधार पर ही राज्य शासन ने गवधानसभा के मानसून सत्​्से ठीक पहले कार्षवाई करते हुए चंदेला को वन मुख्यालय मे्अटैच कर गदया िा. इधर आईएएस डॉ आलोक शुल्ला और अगनल टूटेिा पर अगभयोिन चलाये िाने को लेकर के्द् की मंिूरी गमलने के बाद प्​्देश कांग्ेस ने एक बार गरर राज्य की डॉ रमन गसंह सरकार पर हमला बोल गदया है. पीसीसी अध्यक्​् भूपेश बघेल व नेता प्​्गतपक्​् टीएस गसंहदेव का कहना है गक गकसी आईएएस अगधकारी के गवर्ि् अगभयोिन की स्वीकृगत

अफसरो् के दलए क्सवदमंग पूल: अपना जंगलराज िांच पूरी होने और दोरी पाये िाने के बाद ही मांिी िाती है. नान घोटाला मामले मे् सारे सबूत, सारे दस्​्ावेि, सारे बयान ईओडल्ल्यू के पास है् तभी स्वीकृगत मांिी ियी. गरर अब ईओडल्ल्यू यह ल्यो् कह रहा है गक काय्षवाही मे्अभी और समय लिेिा? यगद प्​्ारंगभक तौर पर यह अगधकारी दोरी नही्लि रहे िे तो गरर अगभयोिन चलाने की अनुमगत ल्यो् मांिी ियी? यह गवरोधाभास ल्यो्? दोनो्नेताओ्का कहना है गक िानबूझकर बचने-बचाने का िेल शुर् गकया िया है. इसीगलये िांच मे् और समय लिने की बाते् कही् िा रही है. यह समय प्​्भावशाली िुनाहिारो् को बचाने की डील तैयार करने के गलये गलया िा रहा है. आरोपी अगधकागरयो् सगहत मुख्यमंत्ी और उनके पगरिनो् को बचाने की पटकिा गलिी िा रही है. के्द् की स्वीकृगत गमलने के बाद भी नान के िुनाहिार इन दोनो् अगधकागरयो् पर कार्षवाई मे् देर मुख्यमंत्ी और उनके पगरिनो् को बचाने के गलये की िा रही है. इसी तरह राज्य मे् एक अन्य वगरष्​् आईएरएस है्, बीएन ग्​्दवेदी. उन्हो्ने पीसीसीएर वाइल्डलाइर रहने के दौरान बारनवापारा के िंिल मे् अपने पूिा पाठ करने के गलए वाइल्डलाइर के पैसे से एक अलि से दोमंगिला िेस्ट हाउस बनवा गलया, िबगक वहां से कुछ ही दूरी पर िंिल गवभाि का चार बेडर्म वाला सव्षसुगवधायुल्त गवभािीय िेस्ट हाउस पहले से ही मौिूद है. बताया िाता है गक 18 लाि की लाित से बनवाये िये नये िेस्ट हाउस मे्अनुष्ान करने के गलए गवशेर कमरा, एक बेडर्म, एसी, टीवी आगद सभी सुगवधाये् है्. लेगकन राज्य की भािपा सरकार ने उन पर भी दगरयागदली गदिाते हुए महि तबादले की सिा सुनायी. अब वे पीसीसीएर वाइल्ड लाइर के बिाय n हब्षल बोड्षका काम देि रहे है्.


ख्तरे मे् आणिवासी ़जमीन छत्​्ीसगढ्के आसदवासी अंचल मे्टाउनसशप सनम्ाषण के बहाने ग्​्ामीणो्की सहमसत के सबना जमीन असधग्​्हण की कोसशश तूल पकड्ती जा रही है. संजीत ल्​्िपाठी

टा

टा ने भले ही बस्​्र मे् संयंत् लिाने की योिना से हाि िी्च गलए हो्लेगकन इस पूरे क्​्ेत् मे् गवगभन्न योिनाओ् के गलए िरीब आगदवागसयो्की िमीन के अगधग्​्हण का िेल अब भी िारी है. टाटा स्टील ने गपछले गदनो् बस्​्र गिले के लोहंडीिुडा मे् ग्​्ीन रील्ड इंटीग्ट्े डे स्टील प्लांट की योिना को िमीन नही् गमल पाने के रद्​्कर गदया. कंपनी ने 2005 मे् राज्य सरकार के साि 19,500 करोड्र्पये की लाित से स्टील प्लांट लिाने का समझौता गकया िा लेगकन िमीन के न गमल पाने को कारण बताते हुए संयतं ्लिाने से इंकार कर गदया. तािा मामला कांकेर गिले की अंतािढ् तहसील के कलिांव मे् गभलाई स्टील प्लांट की टाउनगशप का है. इसके गलए िमीन अगधग्​्गहत गकये िाने की प्​्ग्िया शुर्है. कलिांव के गनवासी इसका गवरोध कर रहे है्. ित वर्ष अल्टूबर मे् उन्हो्ने कलेल्टर िनदश्षन मे् इसका गवरोध करते हुए गशकायत भी की िी गिसका गनराकरण आि तक नही्हो सका है. अब उन्हो्ने एक बार गरर तहसीलदार और कलेल्टर को ज्​्ापन सौ्पा है. कलिांव मे्कुल 17.750 हेल्टेयर िमीन अगधग्​्गहत की िानी है. इस िमीन का मागलकाना हक िरीब आगदवासी गकसानो्का है िो उस पर िेती करते है्. िबगक कुछ िमीन गनस्​्ारी के काम आती है. िांव वालो्का कहना है गक वे इस िमीन के अगधग्​्गहत गकये िाने के गलए सहमत नही् है्. यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात है गक यह क्​्ेत् पांचवी अनुसूची के तहत आता है, इसगलए पगरयोिना के गलए

िमीन अगधग्​्हण करने ग्​्ाम सभा की सहमगत िर्री है. लेगकन ग्​्ाम सभा इस से सहमत नही् है. ग्​्ाम सभा ने इस टाउनगशप का गवरोध करते हुए अपनी असहमगत छह अल्टूबर 2015 को ही कलेल्टर िनदश्षन मे् गशकायत करते हुए दि्ष करवा दी िी. उस पर आि तक कोई कार्षवाई नही्की ियी है. गदलचस्प यह भी है गक ग्​्ाम सभा कलिांव की पारंपगरक सीमा के अंदर की सारी िमीन और गनस्​्ार के सारे साधन के मागलकाना अगधकार के गलए वन अगधकार अगधगनयम 2006 के तहत सामुदागयक वन अगधकार की प्ग्​्िया भी चल रही है. अत: यह पगरयोिना वन अगधकार अगधगनयम 2006 उल्लघं न करती है. ग्​्ामीणो् का कहना है गक उल्त भूगम को ग्​्ाम सभा ने रािस्व पट्​्े के गलए 21 अिस्​् 2012 को सव्ष सहमगत से प्​्स्ागवत कर गदया है. वही वन अगधकार कानून 2006 की धारा पांच के अंति्षत ग्​्ाम सभा ने सामुदागयक वन अगधकार एव व्यक्लतित वन अगधकार दावा प्​्ग्िया शुर्करने हेतु प्​्स्ाव पागरत कर गदया िा. ग्​्ामीणो्के अनुसार टाउनगशप के गलए िैसे ही उन्हे् िमीन को अगधग्​्हण की िबर गमली तो ग्​्ामीणो्ने असहमगत, आपग्​्त दि्षकराते हुए गलगित मे् तहसीलदार को कई ज्​्ापन भी सौपे िे. उनका आरोप है गक टाउनगशप के गलए अंतािढ् मे् िमीन अगधग्​्हण की बिाय कलिांव मे्आगदवागसयो्की िमीन को िबरन अगधग्​्हण करने का प्​्यास गकया िा रहा है. टाउनगशप से गसर्फ उद्​्ोिपगत सेठो् और रािनेताओ् को लाभ है, गिसके गकए कलिांव मे्िेती-गकसानी कर रहे गकसानो्की िमीन को मोहरा बनाया िा रहा है. कहा िा रहा है गक स्िानीय कांग्ेस नेत्ी कांगत नाि कलिांव मे्

दभलाई स्टील प्लांट:कारखाने से टाउनदशप तक िमीन अगधग्​्हण को लेकर डटी हुई है्. िबगक ग्​्ामीणो् का कहना है गक श्​्ीमती नाि को अंतािढ्मे्अपनी िमीन पर टाउनगशप गनम्ाषण करना चागहए न गक िेती-गकसानी कर रहे कलिांव के गकसानो् के िमीनो् को िबगरया अगधग्​्हण मे्गहस्सेदारी गनभाना चाहये. इस बारे मे्हालांगक कांगत नाि से कोगशश करने के बाद भी संपक्फनही्हो सका. ग्​्ामीणो्ने कलेल्टर को सौ्पे िये ज्​्ापन मे्यह भी आरोप लिाया है गक गपछले कई गदनो् से कुछ रािनीगतक दलो् के नेता और संिठन के लोि मांि कर रहे है् गक टाउनगशप कलिांव मे्ही बने, लेगकन इन मांि वालो् मे् कोई भी कलिांव गनवासी नही् है, बक्लक ग्​्ाम कलिांव तो पूण्ष सहमगत से इस पगरयोिना का गवरोध कर रही है. पड्ताल के दौरान शुिव् ार को मालूम चला गक ग्​्ामीणो्की इस िमीन पर स्कूल बनाने का प्​्स्ाव है, इसगलए अगधग्​्हण गकए िाने की तैयारी है. बहरहाल इन सबके बीच मसला यह भी रहा िा गक राज्य के मंत्ी केदार कश्यप इस टाउनगशप को अपने गवधानसभा क्​्ेत् नारायणपुर मे् ले िाना चाहते िे, िबगक यह अभी प्​्स्ागवत है अंतािढ् गवधानसभा क्​्ेत् मे्. वही्अंतािढ्गवधायक भोिराि नाि शुर्से ही इसके अंतािढ् मे् ही रिे िाने के पक्​् मे् है्. बहरहाल, इन दोनो् की िी्चतान मे् िरीब आगदवागसयो् के गहतो् की गचंता की अनदेिी सामने आ रही है. कांकेर कलेल्टर शम्मीद आगबदी ने इस बारे मे्शुि्वार से बातचीत करते हुए कहा गक उन्हो्ने ग्​्ामीणो्की गशकायत का परीक्​्ण करने के गलए ज्​्ापन एसडीएम के हवाले कर गदया है. उनका भी यही कहना है गक अिर ग्​्ामीण सहमत नही्है्तो िमीन गकसी भी सूरत मे्नही् n ली िायेिी. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 29


झारखंड अलनि अंशुमन

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ब से गवश्​्बै्क ने झारिंड को कारोबारी सुिमता यानी ईि ऑर डूइिं गबिनेस के गलहाि से देश का तीसरा सबसे बेहतर राज्य घोगरत गकया है तब से प्​्देश के मुख्यमंत्ी इस कदर उत्​्ेगित है् गक वे संगवधान और कानून तक को भुला बैठे है्. उनका पूरा वल्त तमाम महानिरो्मे्घूमने और कंपगनयो्को गरझाने मे् बीत रहा है. इस आतुरता मे्उन्हो्ने वर्​्ो्से लािू सीएनटी अगधगनयम मे्संशोधन कर राज्यपाल से हस्​्ाक्​्र करवाकर उसे राष्​्पगत तक गभिवा गदया है. गकसी मुख्यमंत्ी द्​्ारा राज्य के गवकास के गलए ऐसा करना िलत नही्लेगकन गदक्​्त तब होती है िब एक लोकतांग्तक सरकार, संवध ै ागनक मय्ादष ाओ्और कानून को दरगकनार कर देती है और उसकी इस हरकत का गवरोध करने वालो्को कानून व्यवस्िा भंि करने का दोरी मान गलया िाता है. इन गदनो् राज्य के हिारीबाि गिले मे् क्सित बड्कािांव क्​्ेत् मे् एनटीपीसी की गबिली पगरयोिना के गलए अगधग्​्हीत िमीन के मामले मे् ऐसा ही गदि रहा है. यहां कंपनी-सरकार और गकसान आमने सामने है्. स्िानीय भािपा सांसद और के्द्ीय मंत्ी गकसानो् की बात सुनने के बिाय उलटा दोर मढ्रहे है्गक वे गवकास नही्चाहते. बड्कािांव के सारे गकसान आि से 16 वर्ष पूव्ष तत्कालीन प्​्धानमंत्ी अटल गबहारी वािपेयी द्​्ारा पास के टंडवा मे्एनटीपीसी की गबिली पगरयोिना के गशलान्यास को कोस रहे है्. उनको लिा िा गक गबिली पगरयोिना शुर् होिी तो उनके गदन गररे्िे. उन्हे् ल्या पता िा गक यह पगरयोिना ही उनके गलए काल बन िायेिी और उन्हे् अपनी भरीपूरी रसल वाली िमीन से हाि धोना पड्ेिा. इतना ही नही् उनको सरकार और प्​्शासन के कोप का भी भािी बनना पड्रहा है. एनटीपीसी के गवगभन्न गबिली संयंत्ो् को कोयला आपूग्तष हेतू के्द् की मंिूरी के तहत कण्षपुरा पकरी- बरवाडीह कोयला पगरयोिना से 2007 के आगिर तक कोयला िनन शुर् होना िा. इसके गलए प्​्स्ागवत 1200 एकड् िमीन का अगधग्​्हण होना िा गिसमे् 7,000 एकड्से अगधक िमीन रैयती िी. लेगकन इस बारे मे् न तो गकसानो् से रायशुमारी की ियी और न ही अगधग्​्ा के गलए कोई कानून सम्मत प्​्ग्िया अपनायी ियी. इसका गवरोध हुआ. अपनी बहुरसली िमीन छीने िाने से भयभीत गकसानो् ने सरकार से कई बार िुहार लिायी गक वह पहले िमीनी सचाई िान ले उसके बाद अगधग्​्हण पर कोई गनण्षय ले. उनकी बातो्पर कोई ध्यान नही्गदया िया. वािपेयी सरकार के 30 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

टनडवा मे् स्थादनय दकसानो् का ि्​्िश्ान: दवश्​् बै्क का दवरोध

कंपनी की सरकार डकसान बेज़ार

बाद संप्ि सरकार सत्​्ा मे्आयी और गकसानो् ने अपनी िुहार वहां भी लिायी. लेगकन मामला िस का तस बना रहा. आगिरकार गवलंब होता देिकर 2006 मे्एनटीपीसी ने आनन-रानन मे् साइट ऑगरस िोला तो बौिलाये गकसानो् ने उसे ध्वस्​्कर गदया. गकसानो्के गवरोध को देिकर सन 2007 मे् कंपनी ने प्​्शासन के साि गमलकर िन सुनवायी का नाटक रचा. छह िनवरी 2007 को लोिो् को िुटने को कहा िया लेगकन एक गदन पहले ही भाड्े की भीड् िुटाकर रि्​्ी िन सुनवायी करने का प्​्यास गकया िया. इसकी भनक गकसानो् को लि ियी. उन्हो्ने काय्ि ष म् स्िल पर िाकर इसे गवरल गकया. आगिरकार छह अप्​्ैल 2008 को बड्कािांव ल्लॉक के मैदान मे् कंपनी प्​्गतगनगधयो्, राज्य प्​्दूरण बोड्ष और गिला प्​्शासन ने गवगधवत िन सुनवायी आयोगित की. गकसानो्ने एक स्वर मे्कहा गक वे अपनी

बहुरसली िमीन नही् दे्िे. कोयला िनन से गवस्िागपत होने वाले 32 िांवो्मे्अब तक कुल 22 और िन सुनवायी हुई् लेगकन गकसानो् ने एक मे्भी अपनी सहमगत नही्दी. कंपनी का कहना है गक वह गनयमो् का पालन कर रही है. लेगकन इसी छह अिस्​्को प्​्शासन, कंपनी और आंदोलन प्​्गतगनगधयो्की संयुल्त वात्ाष हज़ारीबाि मे्हुई. लोिो्ने कंपनी पर आरोप लिाया की उसने सुप्ीम कोट्ष को िलत हलरनामा गदया है गक इस पगरयोिना को वह स्वतंत् र्प से चला रही है. िबगक सच यह है गक इसमे्'ग्​्तवेणी सैगनक' और 'िय मां अंबे' कंपगनयां शागमल है्. सन 2004 मे् ही कण्षपुरा बचाओ संघर्ष सगमगत के िगरये आंदोलन शुर्गकया िया. 2006 मे्िब सप्​्ीम कोट्ष ने केरल के एक मामले मे् यह रैसला गदया गक गकसान की ज़मीन के नीचे के िगनि पर भी उसी का मागलकाना होिा, तब िन्मभूगम


झारिंड सरकार कारोबारी सुगमता की राह पर बढ्ते हुए सकसानो्की मांग सुनने को तैयार नही्है. कंपसनयो्को िायदा पहुंचाने मे्वह सनयम-कायदो्को ताक पर रि रही है. रक्​्ा सगमगत बनाकर यहां के गकसानो्ने कोयला सत्याग्​्ह के र्प मे् प्​्तीकात्मक आंदोलन चलाकर घोरणा की गक हमारी ज़मीन के नीचे का कोयला भी हमारा है, कंपनी का नही्. िब से इस पगरयोिना की घोरणा हुई तब से ही क्त्े ्के गकसानो्व िनसंिठनो्ने लिातार गवरोध आंदोलन िारी रिा है. इस दौरान कई बार आंदोलन तीिा भी हुआ, 2014 मे्कंपनी के ऑगरस गनम्ाषण के समय हुए गवरोध पर पुगलगसया रायगरंि मे् एक गकसान केश्र महतो की मौत भी हो ियी. 14 अिस्​् 2015 को कंपनी के गिलार प्​्दश्षन कर रहे गकसानो् पर पुगलस रायगरंि मे् दि्षनो् घायल हुए. कांिेस नेता योिे्द्साव पर उग्​्वागदयो्से सांठिांठ का आरोप लिाकर उनको िेल भेि गदया िया िा गिससे उनकी गवधायकी चली ियी और तब उनकी पत्नी उनके स्िान पर लड्कर िीती्. इसके बाद हिारीबाि गिला प्​्शासन ने

सक्ाषर के इशारे पर उनपर सीसीए लिा गदया और बाद मे्गज़ला बदर घोगरत कर गदया गिसे चंद गदन पहले है हाई कोट्षने ख़ागरि कर गदया. अब यह इलाका एक बार गरर सरिम्ष हो उठा है तो प्​्श्न यह उठता है गक ऐसा ल्यो् हुआ? दरअसल पगरयोिना के शुर् होने की घोरणा के समय से िारी गकसानो्के गवरोध के बाद एनटीपीसी प्​्बंधन पगरयोिना पर दोबारा गवचार कर रहा िा लेगकन 2014 मे् के्द् मे् मोदी सरकार आते ही वह दोबारा हरकत मे्आ िया. गनिी कंपगनयो् भारी पुगलस सहायता उपलल्ध कराकर एकतररा ढंि से काम शुर् करा गदया िया. अटकले्है्गक इन कंपगनयो्को सत्​्ाधारी दलो् के नेता मंग्तयो् का वरदहस्​् हागसल है. वही्गवरोध करने वालो्पर सरकारी दमन चि्​् टूट रहा है. गपछली 17 मई को गचर्डीह गतलैयाटांड् मे् िबरन गकये िा रहे िनन के गवरोध मे् 31 माच्ष के आसपास गकसान व िन संिठनो् के लोि अगनग्​्शतकालीन धरने पर बैठे. 16 मई को िब िनन कंपगनयो् ने बुलडोिर और पोकलोन मशीनो्की मदद से िनन शुर्गकया तो गवरोध मे्ढेर सारे लेाि एकग्​्तत हो िये. अिले गदन स्िानीय िाना प्​्भारी रामदयाल मुंडा पुगलसकग्मषयो् के साि आये और शांगतपूण्षतरीके से धरना दे रहे गकसानो्से कहा गक शांगतपूण्षधरने मे्लाठी डंडो्का ल्या काम है. इतना सुनकर गकसानो्ने लागठयां हटा दी्. इसी बीच पुगलसकम्​्ी िाली-िलौि करते हुए उन पर टूट पड्े. प्​्त्यक्​्दग्शषयो्के मुतागबक 300 से अगधक पुगलसवाले आसपास के िांवो् मे्गदन के तीन बिे से लेकर रात आठ बिे तो लोिो्के साि घर मे्घुसकर मारपीट करते रहे. उन्हे् अश्लील िागलयां दी ियी् और घर द्​्ार तोड् गदये िये. पुगलसवालो् ने अनाि और सामान नष्​्ï कर गदया. िाते-िाते वे लोिो्को रघुवर िास: दनवेश का नशा

इलाका छोड्कर िाने की धमकी भी दे िये. उसके बाद से िनता का प्​्गतगनगधत्व करने वालो् और गकसानो् को गचक्हनत कर मुकदमे िोपने व गिरफ्तार करने का गसलगसला चालू है. गकसानो् के पक्​् मे् आवाि उठाने वाले एक संिठन के अिुआ डॉ. गमगिलेश डांिी को बातचीत के नाम पर बुलाकर सीधे िेल मे्डाल गदया िया. करीब 3,000 से अगधक अज्​्ात नामो् पर रि्​्ी मुकदमे दि्ष है् व आये गदन लोिो्को पकड्ा िा रहा है. गकसानो्का कहना है गक ऐसा कहर तो यहां कभी अंग्ेिो्ने भी नही् ढाया. उधर, कई गवपक्​्ी दल और नेता इसे सरकार के गिलार राज्यव्यापी मुद्ा बनाकर कूद पड्ेहै्. इनमे्वे दल भी शागमल है्िो कल तक सत्​्ा मे् िे और आि गवपक्​् मे्. बीते चार अिस्​् को लाव लश्कर के साि ये नेता गिरफ्तारी देने पहुंचे. एक पाट्​्ी तो वत्षमान सरकार मे्भी शागमल है और सदन मे्सत्​्ा पक्​् मे् बैठती है लेगकन सदन के बाहर वह गवपक्​् बन िाती है. इस मुद्े पर वह भी कारी सग्​्िय है. समि्षको् को छोड् गदया िाये तो आम िनता की निर मे् यह केवल रािनीगतक कवायद भी है गिसका कोई नतीिा नही् गनकलना है. कई लोिो्का तो यहां तक कहना है गक यह सब कंपनी के साि मामला िमाने और ठेका आगद हागसल करने के गलए गकया िा रहा है. ये सब मुआविे की बात कर रहे है् िबगक अगधकांश गकसान 2013 के िमीनी अगधग्​्हण कानून को लािू करने और रायशुमारी की बात कर रहे है्. कुछ रोि पहले कंपनी और गिला प्​्शासन ने सांसद और के्द्ीय मंत्ी ियंत गसन्हा की उपक्सिगत मे् रैयतो् और आंदोलन प्​्गतगनगधयो् के साि वात्ाष रिी. िब लोिो्ने वर्ष2013 के भूगम अगधग्​्हण कानून के प्​्ावधान लािू करने तिा गकसानो् की रायशुमारी की मांि की तो मंत्ी िी गबिड्कर चले िये. िाते-िाते उन्हो्ने उलाहना गदया गक लोि गवकास ही नही्चाहते. इसके बाद मुख्यमंत्ी ने क्​्ेत् के गकसान प्​्गतगनगधयो्को उनका हाल िानने के नाम पर बुलाया और दो टूक शल्दो्मे्कह गदया गक उन्हे् िमीन िाली करनी होिी ल्यो्गक यह प्​्देश के गवकास का मामला है. गकसानो् का कहना है गक बहुरसली िमीन अिर दे दे्िे तो वे कहां िाये्िे और ल्या िाये्िे? सरकार और कंपनी मे् से कोई इस बारे मे् बात नही् करना चाहता है. हालांगक पुगलगसया पहरे मे्कंपनी का काम चालू है. लेगकन गकसान गबना 2013के िमीन अगधग्​्हण कानून और रायशुमारी के िमीन नही् देने पर अड्े हुए है्. कई िन संिठन गकसानो्के पक्​्मे्सड्क पर उतरने की तैयारी n मे्है्. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 31


कर्ा​ाटक

दस्​्कण कन्नड्ा सजले मे्थ्िानीय ि्​्शासन ने युवाओ्के मंसदर मे् सववाह के सलए पसरवार की इजाजत को असनवाय्षकर सदया है. यह कदम न केवल संसवधान की आत्मा के ि्​्सतकूल है, बस्लक इसके कई सामासजक पहलू िी है्. मनोरमा

िर आप अपनी मि्​्ी से और अपनी पसंद से िीवनसािी चुनते है्और उससे शादी करना चाहते है् तो इस बात का शुि् मनाइये गक आप कन्ाषटक के मंिलूर या दग्​्कण कन्नड्ा गिले मे् नही् रहते. देश का संगवधान गकसी भी वयस्क को अपनी मि्​्ी से िीवनसािी चुनने और उसके साि मनचाहे रीगत गरवािो्से गववाह करने का पूरा अगधकार देता है. परंतु कन्ाषटक के तटीय इलाके मे्

क्सित दग्​्कण कन्नड्ा गिले मे्हाल ही मे्गिला प्​्शासन ने आदेश िारी गकया है गक गबना माता-गपता या अगभभावको्की इिाित के कोई भी िोड्ा गिले के गकसी भी मंगदर मे् अपनी मि्​्ी से गववाह नही्कर सकता. गिला प्​्शासन के इस अिीबोिरीब आदेश के पीछे का तक्फ ज्यादातर लोिो् के िले नही् उतर रहा है. िासकर युवाओ्के तो गबलकुल भी नही्. उनका कहना भी सही है. अगधकतर मामलो् मे् कोई भी िोड्ा शादी करने के गलए मंगदरो्या अदालतो्मे्तभी िाता है िब उसके माता-गपता या अगभभावक उनके प्​्ेम और शादी के गिलार होते है्. माता-गपता के रािी रहने पर ज्यादातर मामलो् मे् शादी पगरवार वाले ही संपन्न कराते है्. गरर उन िोड्ो् का गचंगतत होना स्वाभागवक है गिन्हो्ने मां-बाप की नापसंदिी के बाविूद अपनी पसंद के सािी से शादी करने का सोच रिा है. और ऐसा ही रहा तो उन्हे् गकसी और शहर मे् िाकर शादी करने के बारे मे्सोचना होिा. िौरतलब है गक मंिलूर् दग्​्कण कन्नड्ा गिले मे् ही आता है और यहां कई तरह के कॉलेि है्िहां न गसर्फपूरे राज्य बक्लक पूरे देश और गवदेश से भी छात्​् पढऩे आते है्. ये छात्​्

छात्​्ाये्हॉस्टल्स मे्रहते है्, ऐसे मे्अपने िागत धम्ष से अलि उनके बीच निदीगकयां या प्​्ेम होना उतना ही स्वभागवक ही है. लेगकन इस ररमान के बाद वो चाहकर भी दग्​्कण कन्नड्ा के मंगदरो् मे् अपना गववाह नही् कर सकते है्. दरअसल, पोलाली क्सित श्​्ी क्​्ेत्ा रािरािेश्री मंगदर मे् कुछ महीने पहले एक िोड्े ने शादी की िी, लेगकन गपछले महीने युवती के बंिलूर्मे्रह रहे माता-गपता ने इस गववाह को िबरन की ियी शादी बताया और इस आधार पर उसे िागरि करने को कहा. इससे पहले भी मंगदरो् मे् अपनी मि्​्ी से हुई कुछ और शागदयो् के मामलो् मे् भी बाद मे् अगभभावको् की ओर से ऐसी ही गशकायते् की ियी िी्. इसी आधार पर गपछले हफ्ते गिला प्​्शासन ने मंगदरो् मे् अगभभावको् की अनुमगत के बिैर की ियी शागदयो्के मान्य नही्होने का आदेश िारी गकया है. साि ही अगतगरल्त गडप्टी कगमश्नर कुमार के काय्ाषलय की ओर से सभी मंगदरो् को ये अगनवाय्ष गनद्​्ेश गदया िया है गक अगभभावको् के अनुमगत पत्​् और लड्के और लड्की की उम्​् का प्​्माणपत्​् देिे बिैर कोई भी गववाह संपन्न नही् कराये् इस आदेश के क्​्ेत् राजेश्री मंदिर: दववाह के दलए िादहए अनुमदत

दववाह के दवरोध मे् मंदिर

32 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016


सात फेरे और एक गांठ: िद्​्कण भारतीय दववाह

मंदिर मे् दववाह संस्कार: नयी अड्िने

पीछे एक तक्फ नाबागलिो् िासतौर पर कुछ सालो् मे् तेिी से कट्​्रता, असगहष्णुता, नाबागलि लड्की के गववाह के मामलो् पर भी धम्ां्धता और अप्​्िगतशील सोच व रोक लिाने का है. प्​्ेम गववाह के बहुत से गवचारधाराओ्ने अपनी िहरी िड्ेिमा ली है्. मामलो्मे्बाद मे्लड्की के अगभभावक उसके चच्​्ो् पर हमलो् से लेकर लव गिहाद और दो नाबागलि होने की बात कहते है् और इसी अलि धाग्मषक समुदायो्के बीच अल्सर तनाव आधार पर लड्के पर लड्की को िबरदस्​्ी के हालात यहां बहुत आम बात है. लड्गकयां भिा कर देने िाने, अपहरण करने गरर िबरन पहले के मुकाबले असुरग्​्कत हुई है्. छोटी सी शादी कर लेने का आरोप लिाते है्. इसके घटना पलक झपकते बड्े गववादो् का सबब अलावा लड्के, लड्की को अपनी पहचान के बन िाती है. प्​्माण भी देने हो्िे. साि ही अपने अपने गपछले कुछ सालो् मे् कई ऐसी तनाव की पंचायतो् से िारी अनापग्​्त प्​्माणपत्​् भी घटनाएं हुई है्मसलन, मंिलोर मे्एक मुक्सलम गदिाना होिा गिसमे्उनके पहले से शादीशुदा युवक के कपड्े उतार कर भरे बािार मे् उसे नही्होने का भी आश्​्ासन भी होना चागहये. एक घंटे तक िंबे से बांध कर रिा िया और वैसे प्​्शासन का तक्फ चाहे िो हो श्​्ी क्​्ेत् 30 से ज्यादा लोिो् के द्​्ारा पीटा िया. केवल रािरािेश्री मंगदर के इसगलए गक वह एक काय्षकारी अरसर राम सेना िे पंमं ोि मुथाकलि इस गहंदू मगहला से बात कर हरीशचंद्के मुतागबक, रहा िा. मंिलोर मे्पब फैसले िा संिागत िर रहे है.ं मंगदर मे् गववाह के मे् लड्गकयो् को पीटे उनिे मुताकबि पंमंे कि​िाह िरने िाने की घटना की गलए आनेवाले िोड्ो् िालों िी उमं​ं िे साथ उनिा िमंम चच्ाष तो दुगनयाभर मे् की अमूमन उम्​् देिकर ही उनका हुई िी. िागहर है ऐसे मे् भी पता चल जायेगा. गववाह संपन्न कराया गकसी भी स्​्र पर िाता है और गववाह का प्​्माणपत्​् गदया िाता अप्​्िगतशील, गपछड्ेव दगकयानूसी मूल्यो्को है. गहंदू गववाह अगधगनयम के तहत मंगदर मे् स्िागपत करना भगवष्य मे् यहां के सामागिक गहंदू रीगत से संपन्न हुई शादी और िवाहो् के ताने-बाने को और गबिाड्सकता है. हस्​्ाक्​्र के साि प्​्माणपत्​् को कानूनन वैध कोई आश्​्य्ष नही् गक श्​्ी राम सेना के माना िाता है. प्​्मोद मुिागलक समेत ऐसे ही संिठनो्से िुड्े बहरहाल, दग्​्कण कन्नड्ा गिला प्​्शासन लोि प्​्शासन के इस रैसले का स्वाित कर की ओर से गिस शादी के बाद इस तरह का रहे है्, उनके मुतागबक प्​्ेम गववाह करने वालो् आदेश िारी हुआ वो कारी प्​्भावशाली लोि की उम्​् के साि-साि स्वत: उनका धम्ष भी है्. लड्के के गपता इस इलाके के िाने-माने पता चल िायेिा, इससे अंतर धाग्मषक प्​्ेम होटल व्यवसायी है्. लेगकन दूसरी ओर ये भी गववाहो् के बारे मे् भी पहले ही िानकारी गमल सच है गक कन्ाषटक के तटीय गिलो् मे् गपछले िायेिी. दूसरी ओर मुक्सलम समुदाय के युवक

इस रैसले के बाद सोशल मीगडया पर मिाक मे्गलि रहे है्गक मंगदर मे्शादी नही्हो सकती तो कोई बात नही् मक्सिदो् मे् तो हो सकती है. मुसलमान बन िाओ. िागहर है इलाके के लोिो्मे्सतह के नीचे कारी कुछ भरा हुआ है कोई भी छोटी सी गचंिारी भयंकर आि लि सकती है. गहंदू लड्की से गकसी मुसलमान लड्के के बात करने या दोस्​्ी करने के कई मामलो् मे्, लड्के की गपटाई कर देने की मानगसकता और पूरे इलाके मे् इस तरह के गनद्​्ेश अपनी िागत और अपने धम्ष से अलि प्यार करने वाले िोड्ो्की गिंदिी को और मुक्शकल बना सकती है. ये लोि दोनो् समुदायो् के अगतवागदयो् के गनशाने पर आ सकते है्. िबगक अगतगरल्त गडप्टी कगमश्नर कुमार इसके पक्​् मे् ये कहते है् गक ऐसा करने से कुछ महीनो् मे् हम कम उम्​् मे् गकये िा रहे गववाहो् और झूठ बोलकर एक से अगधक शादी करने के मामलो्को रोक सके्िे. पांगडचेरी गवश्​्गवद्​्ालय मे् सामागिक गवज्​्ान के अध्ययन अध्यापन से िुड्ी नगलनी इस बारे मे् गटप्पणी करती है् गकसी भी तक्फ के आधार पर मंगदरो् को वयस्क िोड्ो् की शादी बिैर अगभभावको्के अनुमगतपत्​्के नही्कराने के आदेश को सही नही् ठहराया िा सकता. यह सीधे तौर पर संगवधान से गमले मौगलक अगधकारो् का हनन है. यह िर्र है गक इस तरह कम उम्​्मे्और एक से अगधक शादी िैसे मामलो् पर निर रिी िा सकती है परंतु यह बात समझ के बाहर है गक दो वयस्क लोिो्को अपनी मि्​्ी से गववाह के गलए अगभभावको्का n अनुमगत पत्​्ल्यो्देना होिा? शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 33


केरल

काम मे् जुटे अनबोडू कोद्​्ि के नौजवान: अपने शहर से ि्​्ेम

एक मुहिम अनबोडू कोह्​्ि चेन्नई की बाढ से ि्​्ेरणा लेकर एरनाकुलम के युवाओ् ने सजले के तमाम जल माध्यमो् को साफ़ करने की मुसहम शुर्की. इस मुसहम को ि्​्शासन और जनता का िूब सहयोग समल रहा है. मनोरमा

रनाकुलम गिला अपने चच्,ष बीच, बोट टूर, िैव गवगवधता और हगरयाली के गलए िाना िाता है लेगकन इस साल यह उन युवाओ् के कारण चच्ाष मे्है िो पढ्ाई, कगरयर और नौकरी के साि-साि अपने शहर के पय्ाषवरण और 34 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

पगरवेश मे्सुधार के गलए लिातार प्य् ासरत है.् इन युवाओ् के प्य् ासो् की बदौलत ही गिले के 50 से अगधक तालाब अब पूरी तरह सार हो चुके है्. उनमे् कूड्े और िंदिी की ि​िह अब सार पानी निर आने लिा है. बेशक इसके गलए 'अनबोडू कोग्​्च' के युवाओ् को शाबासी दी िानी चागहये. 'अनबोडू कोग्​्च' यानी कोग्​्च को प्यार करने वाले. यह नाम बीते साल गदसंबर मे् चेन्नई मे् आयी भीरण बाढ् के समय चच्ाष मे् आया िा िब िल प्ल ् य िैसे हालात ने कोग्​्च के नौ दोस्​्ो्को वहां रंसे हिारो्अनिान लोिो् की मदद के गलए प्ग्ेरत गकया. टीवी पर चेनन् ई मे्मची तबाही को देिने के बाद इन नौ दोस्​्ो् ने मदद की अपील के साि रेसबुक पर अनबोडू कोग्​्च नामक एक पेि बनाया. एक गदन मे् ही इस पेि पर 200 से ज्यादा लोि िुड्िये. देिते देिते लोिो्की ओर से िाना, कपड्े, पानी की बोतले्, िर्री

दवाइयां और रोिमर्ाष की िर्रत की चीिे्मदद के र्प मे्आने लिी्. लोिो्ने इस अगभयान मे् इस हद तक सहयोि गदया गक िर्री वस्ओ ्ु ्के साि यहां से चेन्नई कुल 22 ट्​्क भेिे िये. उल्लेिनीय है गक इस पूरे अगभयान मे् एरनाकुलम के गिलागधकारी श्​्ी रािामगणक्म् का सहयोि बहुत उल्लि े नीय और प्र्े क रहा. चेनन् ई मे्बाढ्पीगड्तो्की सहायता करने के बाद भी 'अनबोडू कोग्​्च' के सदस्यो् ने अपने काम को िारी रिने का रैसला गकया तागक उनकी कोगशशो् से देश और समाि मे् कुछ सकारात्मक बदलाव आ सके. इस ि्म् मे्सबसे पहले उन्हे् यही ख्याल आया गक कल अिर उनके गिले मे् भी चेनन् ई िैसी बरसात हो िाये तो शहर की गकतनी बुरी हालत होिी? इस कल्पना भर ने उन्हे्डरा गदया साि ही ये मकसद भी गदया गक एरनाकुलम को चेन्नई नही् बनने देना है. इसके बाद ही तालाब बचाये्, भगवष्य


बनाये् नारे के तहत 'एंटेकुलम एरनाकुलम' मुगहम की शुरआ ् त हुई. एंटक े ल ु म का अि्षहै मेरा तालाब. गिले के सभी तालाबो्, झीलो्को सार करने का लक्य् गनध्ागष रत गकया िया. हालांगक इस मुगहम या पगरयोिना की र्परेिा गिलागधकारी एम िी रािामगणक्म् ने ही तैयार की िी. 10 िनवरी 2016 को गचट्​्ाठुकारा के तालाबो् की सरायी के साि इसकी शुरआ ् त हुई. अनबोडू कोग्​्च गिसे टीम एके भी कहा िाता है के सदस्यो् ने पगरयोिना के साि साि आम लोिो् को िािर्क करने का काम भी शुर्गकया. नुकड् ् नाटको्, पग्चयष ो्, पोस्टरो्और िीत के माध्यम से लोिो्को यह समझाने की कोगशश की ियी गक कैसे तालाबो्, झीलो्और अन्य िल गनकायो्को सार रिकर चेनन् ई की बाढ्िैसी हालत बनने पर बचा िा सकता है. तालाबो् और झीलो् के सार और अवरोधमुलत् होने पर ज्यादा बागरश होने पर भी पानी इन िल गनकायो् मे् िमा हो िायेिा. शहर की सड्को्, िगलयो् और घरो् मे् नही्बहेिा. इस पगरयोिना के तहत गिले के 50 से ज्यादा तालाबो्को सार करने का लक्य् रिा िया और टीम एके के सदस्यो्के साि आसपास के लोिो्को िोडऩे की कोगशश की ियी तागक भगवष्य मे् भी आसपास की झीले् या तालाब हमेशा सार रह सके.् वैसे भी सराई चाहे वो आपके अपने घर की हो, मोहल्ले या शहर की, वह लिातार आदत का गहस्सा बनने से होती है. अनबोडू कोग्​्च की टीम बार बार तालाबो् और झीलो् को सार नही् करेिी. एक बार सार हो िाने के बाद आसपास के लोिो्को ही उसे हमेशा के गलए सार रिने की गिम्मेदारी उठानी होिी. एंटेकूलम एरनाकूलम मुगहम की सबसे िास बात यही रही गक टीम एके और गिलागधकारी को गिले के सभी लोिो् का समि्षन गमला. युवाओ् ने इसमे् िबरदस्​्उत्साह से गहस्सा गलया. उदाहरण के गलए िवन्षमे्ट मॉडल इंिीगनगयरंि कॉलेि गिक्​्ारा के 150 से अगधक छात्​् अनबोडू कोग्​्च के साि गमलकर इस मुगहम का गहस्सा

बने और कुर्माट्​्म मेिाला, नेल्लीकुझी, पल्लीकारा, रायांिलम, वट्​्ाक्​्ाट्प् डी व वेि् रु के तालाबो्की सराई मे्सहयोि गदया. िवन्षमे्ट मॉडल इंिीगनयंगरि कॉलेि के सोशल इनीगशएगटव समूह एल्सेल 2016 की अध्यक्​् रागतमा नािरीन ने इस अगभयान से िुडऩे को बहुत संतोरप्द् अनुभव बताया. उन्हो्ने कहा, 'कूड्े-कचरे से भरे तालाबो् को अपनी मेहनत के बाद सार देिना हम सभी छात्​्ो् के गलए ऐसा अनुभव िा गिसे शल्दो्मे्बयान नही् गकया िा सकता.' अनबोडू कोग्​्च की सदस्य नीना नायर कहती है् गक ज्यादातर लोि अपनी अिली पीढ्ी के गलए बेहतर गशक्​्ा सुगनग्​्शत करते है्और उनके गलए चल-अचल संपग्​्त बना देना िर्री समझते है्लेगकन ये लोि नही्सोच पा रहे गक ये सब गकसी काम का नही् अिर आपके आस-पास का पगरवेश रहने लायक ही न रह िाये. सबसे िर्री बात यह गक सार पानी के गबना तो गकसी का िुिारा ही नही् है. हमारे शहरो् के अभी यही हालात है् नगदयो्, तालाबो्, झीलो्मे्पानी नही्है और अिर है भी तो वो नालो् और सीवरो्का प्द् गू रत पानी है, लेगकन िरा सी बरसात होते ही सारा शहर पानी पानी होने लिता है. चेन्नई मे् बागरश से िो हालात बने उससे पहले 26 िुलाई 2005 मे् मुबं ई मे् भी ऐसा ही हुआ िा. िबगक ये दोनो्शहर समुद्के गकनारे है्यानी पानी की गनकासी सीधे समुद्मे्होती है. अिर गरर भी बाढ्आ रही है तो इसका मतलब यह मानवगनग्मषत समस्या है. अिर शहर के तालाबो्, झीलो् को सार रिा िया होता तो अगतगरल्त िल इनमे्संगग्हत होता और नागलयां, सीवर सार होते. उनमे् र्कावट नही् होती तो अगतगरल्त पानी बहकर समुद्मे्चला िया होता. बाढ्नही्आयी होती. अनबोडू कोग्​्च के सदस्यो् ने चेनन्ई् मे्राहत काय्षके बाद समस्या की असली विह के बारे मे् सोचा और वही् अपना अिला गमशन बनाया यानी गिले के तालाबो्, झीलो्की सराई. गिलागधकारी रािामगणक्​्म ने राहत

तालाब की सफाई: अपने िम पर काय्षके बाद भी समूह के सदस्यो्की सामागिक भािीदारी और सग्​्ियता को सकारात्मक तरीके से समाि के गहत मे् इस्म्े ाल करने का सोचा और इसके गलए उन्हे् प्​्ेगरत गकया. गिला प्श ् ासन, गिला आपदा प्ब् धं न प्​्ागधकरण टीम के साि गमलकर इस पहल का नेततृ व् भी गकया. काक्​्ानाड के गचट्​्ाटुकारा पंचायत के मॉडल तालाब से शुरआ ् त के बाद उदयमपूर, चोट्​्ागनकारा, गिर्वगनयार और मानीड पंचायत के तालाबो्को सार गकया िया गिसमे्अनबोडू कोग्​्च और एल्सल े 2016 के छात्​्ो्के अलावा स्िानीय िांव के लोि और बच्​्ो्ने भी श्म् दान गकया. टीम एके के सदस्यो्को भरोसा है्िांव के लोि िुद ही अब अपने तालाबो्को हमेशा सार रिेि् .े बहरहाल, एरनाकुलम के इस अगभयान ने एक रास्​्ा गदिाया है और केरल के सभी गिलो् के लोिो् को प्​्ेगरत गकया है, गतर्अनंतपुरम, पल्लाकाड और कोझीकोड गिलो् मे् भी सामुदागयक भािीदारी से तालाबो्को सार करने की योिना बन रही है. n

(इंगडया वाटर पोट्ल ष से साभार)

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लिज्​्ापन

अंलकता जैन

गुमशुदा ढाेलकिया

मारे देश मे् कुछ ऐसे िास शहर, कसबे और िांव है्गिनमे्हम अनिान है्ल्यो्गक उनकी िूबसूरती, उनकी िागसयत, उनकी बेगमसाल रवायते्बहुत समय से िामोशी ओढ्े बैठी है्, उन्ही् मे् से एक है तालबेहट. युपी के बंुदेलिंड िोन मे् लगलतपुर गिले का एक िूबसूरत कस्बा तालबेहट, और अपने कसबे की ही तरह यहां रहने वाले बाबूिी भी िुद मे् बहुत कुछ समेटे हुए िामोशी की गिंदिी िी रहे है.् उनका नाम तो दरअसल बाबूलाल बेडनी है, लेगकन सब उन्हे् बाबूिी ही कहते है्, उन्हे् अपनी गिंदिी मे् दो ही चीिो् से सबसे ज्यादा लिाव है, एक तालबेहट की मानसरोवर झील गिस पर बने बोट ल्लब मे् वो नौकरी करते है् और दूसरी उनकी लाडली पोती नीगलमा. ‘नीगलमा, बाबूिी अपना मोबाइल भूल िये है्, िरा दे आ बेटा?’ कमरे मे् िुमसुम बैठी नीगलमा से उसकी मां ने कहा.

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‘गकसी से गभिवा दो ना मां, मै्अभी िोड्ा टे्शन मे्हूं.’ नीगलमा ने कहा. ‘ल्या हुआ बेटा?’ मां ने पूछा. ‘वो इस बार झांसी मे् िो यूपी गदवस पर कल्चरल इवेट् होने वाला है उससे हमारे स्कल ू को भी एक ग्​्ुप डांस प्​्ेिे्ट करना है.’ ‘तो इसमे् गदक्​्त ल्या है, तुम लोि तो पहले भी कई ि​िह पररॉम्षकर चुके हो न?’ ‘हां, लेगकन इस बार रोक डांस प्​्ेिे्ट करना है, मुझे तो कुछ गमल ही नही्रहा, िूिल भी कर गलया.’ नीगलमा के स्कूल वालो् ने इस बार बच्​्ो् को िाेड्ा सा मुग्शकल टास्क दे गदया िा, गहपहॉप के िमाने मे्पुरानी धरोहरो्को समेटने और सहेिने के गलए उन्हो्ने बच्​्ो् से कुछ स्पेगसगरक पररॉम्षकरने को कहा िा, िो वहां का कोई लोक नृत्य हो, गिसमे् उस क्​्ेत् की झलक गदिती हो, ये कोगशश बच्​्ो् को अपने राज्य के रोक कल्चर के बारे मे्ेिानकारी देने के गलए इस बार होने वाले स्टेड डे पर स्पेशल

प्​्ोग्​्ाम के िगरये की िा रही िी. नीगलमा परेशान िी, उसे कही्कुछ ऐसा नही्गमल रहा िा, गिसे देिकर वो सीि सके, बारीगकयो्को िान सके, ‘ओह’ मां ने कहा, गरर कुछ सोचकर बोली, ‘इस मामले मे् तेरी मदद िूिल नही् बक्लक बाबूिी कर सकते है्.’ ‘बाबूिी?’ नीगलमा ने चौ्कते हुए पूछा. ‘हां, लेगकन उन्हे्मत बताना गक मै्ने तुझे कहा, तू बस उन्हे्अपनी परेशानी बताना.’ बाबूिी की गिंदिी का एक गहस्सा बहुत ही सुर संिीत भरा िा, लेगकन गरर समय की दौड्, िर्रतो्के गलए बेहतर कमाई का साधन, और पत्नी के आिे उन्हे् अपना वो शौक या यूं कहे् गक वो काम छोड्ना पड्ा गिसमे् उनकी िुशी बसती िी, अब वो गकसी प्​्गसि्​् डांस ग्​्ुप के मंझे हुए ढोलगकया नही्रह िये िे, बक्लक वोट ल्लब के एक साधारण से मैनेिर रह िये िे, गिसमे्भी उनकी नौकरी गसर्फसाल भर की ही बची िी. उम्​्के इस पड्ाव पर अब उनकी पत्नी


साि नही्िी, इसगलए कई बार उन्हे्लिता िा गक वापस उन दोस्​्ो् के साि मंडली शुर् की िाये, लेगकन वापस वही सब कैसे हाेिा, हाे पायेिा भी या नही्, यही सोचकर वो एक कदम भी आिे नही् बढ्ा पाते. उनकी पोती को उनके उस काम के बारे मे् कोई िानकारी नही् िी, उनकी पत्नी ने कभी िानने भी नही् गदया, बहू को भी बेटे ने कभी बताया होिा, िो आि नीगलमा के सामने एक आश्​्य्ष बनकर आया िा. एक िास राक डांस ि रप्​्ेिे्ट करने की परेशानी को उसके दादािी भी हल कर सकते है्ये िानकर नीगलमा को आश्य् ष्हुआ िा. घर से बोट कल्ब तक के रास्​्े मे् वो यही सोचती रही गक शायद दादािी के पास कोई गकताब या पुरानी केसेट विैरह होिी. वोट कल्ब पहुंची तो बाबूिी ऑगरस मे् नही् िे. स्टार से पता लिा गक वो आि गकले पर गनकल िये है्तो नीगलमा भी वही्चली ियी. मानसरोवर झील पर बने तालबेहट गकले मे्िब नीगलमा पहुच ं ी तो उसके दादािी झील मे् आधी डूबी गकले की एक दीवार पर बैठे िे. पै्ट मोड्कर पैर ठंडे पानी मे्डालकर िेल रहे िे, और दादािी का मन न िाने गकस ियाल मे् िेल रहा िा. ‘दादािी आप यहां ऐसे ल्यूं बैठे है्?’ नीगलमा बोली, ‘और आप अपना मोबाइल घर भूल आये िे, ये लीगिये.’ ‘कुछ नही्बेटा, बस ऐसे ही पुराने गदनो्को याद करने कभी-कभी यहां आ िाता हू’ं बाबूिी बोले, ‘ तुझे पता है ये गकला 1618 मे् रािा भारत शाह ने बनवाया िा.’ ‘हां दादू, मुझे सब पता है’, नीगलमा हंसकर बोली, गरर अपने दादािी की सुनाई इस गकले से िुड्ी रािा मद्षन गसंह और रानी लम्मीबाई की वीरता कहागनयां, अंग्ेिो्से िुड्ी इस गकले की दीवार का गकस्सा गक अिर अंगि ्े इस गकले की दीवार नही् तोड् पाते तो वे कभी झांसी के िकले तक नही् पहुंच पाते, और वो सारे गकस्से सुना गदये िो बचपन से नीगलमा अपने दादािी से सुनती आयी िी. बहुत देर तक दादािी पोती के बीच हंसी के ठहाको् के बीच इगतहास के गकस्से िूंिते रहे, गरर कुछ िामोशी के बाद नीगलमा बोली, दादू आप यहां के गकसी रेमस रोक डांस के बारे मे्िानते है् ल्या?’ ‘रोक डांस?’ रोक डांस का नाम सुनकर बाबूिी के चेहरे के भाव बदल िये, गरर नीगलमा की पूरी परेशानी सुनकर बाबूिी बोले, ‘आ तुझे कुछ गदिाता हूं’ घर आकर उन्हो्ने अपने कमरे से पुराने धूल लिे कपड्ेमे् बंधी एक ढोलक गनकाली. बाबूिी के पास इतनी पुरानी कोई ढोलक भी है ये देिकर

नीगलमा चहकते हुए बोली, ‘ये आपकी है? आप ढोलक भी िाते है्?’ ‘बिाता हूं नही् बिाता िा, अरसा हुआ छोड्े’ बाबूिी ने ठंडी सांस भरते हुए कहा. ‘तो गरर छोड्ा ल्यूं?’ नीगलमा ने कहा. ‘बेटा, ये तो तू िानती है न गक हम लोि िंधव्ष समाि से है्, यहां के लोि हमे् बेडनी कहते है्इसगलए वही सर-नेम चल िया.’ ‘हां, िानती हूं तो उससे ल्या?’ ‘बेटा हमारे समाि से िुड्ी कई बाते् ऐसी है्गिन्हे्तू नही्िानती, दरअसल तेरी दादी को हमारा पारंपगरक काम राई सेरा पसंद नही् िा, उन्ही्के चलते शादी के बाद मै्ने राई सेरा छोड् गदया. ’ बाबूिी आि नीगलमा को उनके असल काम के बारे मे्वो सब बता देना चाहते िे, िो अपनी पत्नी की विह से कभी कह नही्पाये. ‘लेगकन दादी को पसंद ल्यूं नही् िा, और राई सेरा है ल्या?’ पुरानी यादो्मे्िोये दादािी से नीगलमा ने पूछा. ‘बेटा राई सेरा एक बुंदेलिंडी लोक नृत्य है, गकसी िमाने मे् िब यहां छोटी-छोटी गरयासते् हुआ करती िी्, तब उन गरयासतो् के रािा हर त्यौहार या िश्न मे् राई नृत्य करवाते िे, उसके गबना उनका िश्न अधूरा होता िा.’ ‘इंटरनेक्सटंि, आपको भी आता है वो डांस?’ नीगलमा ने पूछा. ‘नही्बेटा, मै्वो डांस नही्करता िा, मेरे बाबा-दादा राई सेरा के ढोलगकया िे, और छोटे मं कुछ साल मै्भी.’ ‘ढोलगकया?’ नीगलमा ने पूछा. ‘हां’ बाबूिी नीगलमा को बताने लिे गक कैसे राई सेरा मे् ढोलगकयो् की अहम भूगमका होती है, और वो ढोलगकये नाचती हुई नत्षकी के साि ढोलक की िाप पर आिे-पीछे बढ्ते है्, बैठते है,् चक्र् लिाते है,् िब नृतय् अपने चरम

पर होता है तब ढोलगकये दोनो्हािो्के पंिो्पर अपने शरीर का पूरा बोझ संभालते हुए, पैर आकाश की तरर करके सेमी-सक्फल बनाकर आिे पीछे चलता है, उस पोिीशन को गबच्छू कहते है.् ढोलगकया ल्या होता है ये बताते-बताते बाबूिी िैसे उन गदनो्मे्पहुंच िये िब वो िुद ढोलगकया हुआ करते िे, गरर एक ठंडी सांस भरकर बोले, ‘वो नन्हेहाल का िानती है ना तू, वो मैनेिर िा हमारी मंडली का, और उसकी पत्नी के साि तीन और बेडगनयां िी्.’ ‘बेडगनया’ एक नये शल्द को सुनकर नीगलमा नीगलमा ने पूछा. ‘हां, बेडगनयां, मेन डांसर, वो िब बहुत घेर वाला लहंिा चोली, पैरो् मे् घुंघर्, ओढ्नी से लंबा घूंघट करके नाचती िी् तो लिता िा िैसे मोर अपने पंि िोलकर नाच रहा हो.’ ‘ल्या बात है. आप मुझे वो डांस गसिा सकते है?् आपके सािी कोई हो्िे ना अब भी?’ नीगलमा ने पूछा. ‘मुझे छोड्े तो 40 साल हो िये बेटा. हां चोरी छुपे अपनी मंडली के दोस्​्ो्से गमल लेता हूं. मिर अब उन गदनो् को कोई याद नही् करता.’ बाबूिी बोले, वो अािे नही् बोल पाये गक उनके अंदर मरती धरोहर को अब वो या उनके सािी बस अपने मन मे् ही कभी-कभी याद कर गलया करते है्. उन्हो्ने नीगलमा को आि बता गदया गक उसकी दादी को लिता िा, बदलते समाि मे्िहां गरयासते्ित्म हो रही्है् वहां इस नृत्य मे्ना इज्​्त है न पैसा, इसगलए कोई नौकरी करना ज्यादा बेहतर है. ‘ओह, लेगकन अब मेरे गलए आप एक बार सबसे बात कगरए ना प्लीि, अपने ग्​्ुप के साि गमलकर मेरे ग्​्ुप को गसिाइए ना. हम कुछ मॉगडगरकेशन करके इसे नेशनल लेवल पर होने वाले डांस कम्पटीशन तक ले िाये्िे.’ ‘हम्म.’ ‘हम्म नही्, ये लीगिये रोन, और अभी अपने दोस्​्ो् को रोन कगरए’ नीगलमा ढोलक को एकटक देिने के बाद र्कते हािो्से बाबू िी ने रोन गकया ‘हेल्लो, नन्हे, और बूढ्े हो िाएं उससे पहले एक बार गरर राई सेरा की मंडली शुर्करे्ल्या?’ ‘लेगकन बेडगनयां?’ नन्हे्ने गबना कुछ कहे िब हामी भर दी तो बाबूिी काे लिा िैसे नन्हे तो बस तैयार ही बैठा िा और बाबूिी के रोन का ही इंतिार िा. बाबूिी ने उनके सवाल का िवाब गदया. ‘मेरी पोती और उसके कुछ दोस्​् है्, तुम सबसे बात करो. इन बच्​्ो् को उनके असल से गमलवाते है्.’ नीगलमा बाबूिी के िले लि ियी, और बाबूिी, उन्हे् तो मानो गरर नयी गिंदिी गमली िी. (सूचना एिं जनसम्पक्क लिभाग उत्​्ार प्​्देश द्​्ारा प्​्कालशत) शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 37


मास् साहहत् ट हेयड

खूंटे कहानी

कुसुम भट्​्

मु

झे हवा के घूंट पीने है्.’ आवाि झमक कर चेतना मे्गिरती है. सरेद गपलगपले हािो् से चेहरा घुमाने लिा है बेताल. सीधेऽ... गलिगलिे स्पृश के बोझ तले दबी मेरी िद्षन टीसने लिी है चल ही तो रही हूं िाने कबसे, िाने कहां, अंधरे ी सुरिं कभी समाप्त ही नही्होती! मकान िंडहर मे्तल्दील हो चुका होिा या िोडा बचा होिा साबुत. िोया मेरी स्मृगत िस की तस. इसे ल्यो्नही्पो्छ पाया वल्त अपने सूिे र्माल से? ‘अब ल्या बचा है वहां...? िंडहर हुए घरां मे् चमिादड सी रडरडाती यादे्.’ पीछे से आि्​्मक होती आवाि. मुझे पीछे नही्देिना. बेताल कंधे पर बैठा है ठसक के साि. ‘िोिने से रायदा? काल के पगहये के बीच बह चुका िो वापस नही्

38 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

न आता...’ पीछे से िी्चती आवाि पर ठहरने को होती हू.ं सब कुछ रायदे के गलए ही नही्देिना होता है. कुछ चीिे्रायदे की पगरगध मे्नही्आती हो्बेशक, गरर भी अपने वल्त के आइने मे्िर्री होती है्देिनी- िर्री होता है एक वल्त से दूसरे वल्त को परिना. बेताल के गलिगलिे स्पृश के बीच न चाहते हुए भी. अंधरे ी िोह मे्भी सीढी िोिी िी, पर चढने नही्गदया. पावो्को िी्च गलया पीछे. हवा मे्लटका रह िया मेरा सवाल. बह चुकी मान्यताओ्को वल्त के पानी से बटोर कर आइना न गदिाया िया तो अंधेरा अपने रैलते हुए साम्​्ाज्य पर इठलाता रहेिा. तब मै् सो नही् पाऊंिी एक रात भी चैन की नी्द. ‘होऽ... होऽ’ बेताल ने और कस ली है िद्नष . और मेरी आंि मे्उंिली डाल मुझसे सवाल करने पर आमादा है. रास्​्े पर चलते-चलते गठठकी िी. बस यूं ही उठी आंि पीपल के बूढे पेड पर गरसलती नीचे इस घर पर. घर िा या कारा िी तन-मन की. पल प्​्गतपल बहते वल्त से चेतना मे् अनगिन पत्िरो्का गिरना. सबकी िठरी बांधे चलती आयी हूं. ‘लौट आ नंगदनी, आिे ितरा है. िंडहर मे् िहरीले िीव. लौट आऽ...’ गशवा पिडंडी पर अडसी अपनी िोल िुलिुल देह को सहला रही है. ‘घुटने दुिते है्नंगदनी... कैसा शौक पाला तूने धरती की कोि मे्दबे चेहरो्को उघाडना. मेरी तरह गिया कर... िाओऽ-पीओऽ ऐश करोऽ... मस्​् रहो... िढे मुद्े उिाडने से कुछ हागसल नही् न होिा.’ वह अपनी देह से मोह की आंि गटकाये सोच रही है. इस देह ने उसे सुि से लबरेि गकया है, आत्मा-चेतना की बाते्उसकी समझ से परे है.् मै्पांव आिे बढाती हूं, चौक मे् सडे-िले पीपल के पत्​्ो् के ढे़र पर चर्षऽ...मर्षऽ. िोया एकएक कदम पर कुचले िा रहे हो्सगडयल गवचार! बेताल ने गरर टीस दे दी. हार मान लूं...? तब भी कहां मानी िी! गरर अब ल्यांऽ? चर्षऽ... मर्षऽ... चर्षऽ... मर्षऽ की आवाि पर चेतना की कौन सी परत उधडती िा रही है. आिे... और... आिे ल्या तलाश रही हूं यहां इन िंडहर हुए घरां मे्? पर मन भी तो सीधी सडक नही् गक आराम से चलते हुए यात्​्ा पूरी. मन की इस उलझी िुत्िी के बीच िाने पल-पल गकतनी दुगनया बसती है. अलि-अलि दुगनया के अलि-अलि चेहरे. िोया पूरी पृथ्वी मेरी मेरी हिेली मे्. सोिना चाहती हूं इसकी गरसती टीसे्. मिर कैसे...? कोई बता पायेिा मुझे...? चौक का पुश्ता सही-सलामत! नीचे उसके घर की पटाले्उघडी है्. लाल बलुई गमट्​्ी समय की बागरश से धुंधला ियी दीवार पर अल्पना के गचह्न झांक रहे है्धार की िून (चांद) िैसे झांक रही हो बीत चुके वल्त की ओट से. गहमालय की तलहटी मे्बसे िांव से उड्ा लाया िा उसे अधेड दरोला गशवानंद! एक िऊ सी स्​्ी के होते. िाड् गदया िूंटा इतना िहरा गक भूल ियी िी वह गहमालय की साक्तवक चमक...! दरोले की दार् पकाते औटाते बेचते िपा दी गिंदिी! ‘आह!’ मेरा पांव गकसी चीि से टकराया है. ठोकर लिी है. लडिडाते हुए गिरने से बचा पायी हूं िुद को. पीडा की टीसती लहर गशवा से गलिडी है, ‘िा गलया िख्म... तुडा ली है न टांि...? बोला िा न ितरा है- आिे. ‘वह लपक कर पत्​्ो्का ढेर हटाती है, उसे सांप गबच्छू का ितरा टोह रहा है. मै्लडिडाते हुए आिे िा रही हूं. गशवा गचहुंकती है, ‘नंगदनी देि- इसी से टकराया है तेरा पांव. देि नंगदनी देि, गकतना बडा िूंटा! ऊपर से कहां गदिता. सडे पत्​्ो्का ढे़र. इसी के नीचे दबा िा कमबख्त!’ गशवा रोर मे्उसे िी्चने लिी है– ‘इस बूढे पीपल को भी अब तक उिड िाना चागहए िा...’ िूंटा उिाडने मे् िुटी गशवा की हालत िस्​्ा हुई िा रही है, पर िूंटा उिडने की हामी नही् भर रहा! इसी िूंटे पर रंस ियी िी कौ्सी दीदी की लाल साडी. मेरे बडे मामा की बडी बेटी चौदह वर्ष की दुलहन. मंिल स्नान के वल्त भी इस बूढे पेड से यो्ही झरते रहे िे पीले बेिान सडे पत्​्े. हे राम! तब िुठार मे्


अनगिन िूंटे िे. भेड, बकगरयो्, िाय, भै्स, बैलो् के अलि-अलि... चूल्हे की दोनो् ओट पर पसरी दादी-नानी आिे बैठी. िून की सौत मै्ने छोटे... बडे...िू्ंटे छोटी-बडी मोटी-पतली रक्ससयो्से गलपटे...! सीढी से हिेली लिायी िी उसकी नागसका मे्- गिंदा है भी? नीचे िोडी दूरी पर िुिाली करती िाय गिसका बडा सा िन दूध से ठसाठस ‘भली लड्की है. तेरी तरह नही्, िहां सुलाओ, सो िाती है. िैसा भरा गदिता. मंिल स्नान के बाद पीला दुशाला उठाते हुए मामी ने गदिाया गिलाओ िा लेती है. िऊ है् तुम्हारी सोबती समधन. हमारे तो रूटे भाि िा कौ्सी को िूंटा. समझाया िा रस्सी का मतलब. धीरे से रुसरुसा कर ठहरे.’ दादी ने मेरी ओर गहकारत से देिते हुए प्​्शंसा भरी निरो्से देिा कान मे्घोला िा िाने कौन सा मन्त्गक कौ्सी दीदी के मासूम चेहरे का िा उसे. एक ये है हमारी...! पंछी सी रुदक इधर रुदक उधर. चैन नही् रंि हल्दी की आभा मे् सरेद पड िया िा. वह देर तक िरिराती रही इसे घडी भर! गचंगचंयाती रहती हर ि​िह. वल्त का गलहाि नही् ! ‘हे िी...! साल भर बाद उसे बघेरा उठा ले िया! िूटो् से गकसी ने िवाब भिवती! इसका ल्या होिा...? हमारी नाक रहेिी भी साबुत.?’ तलब नही्गकया! आने-िाने वाले पाहुनो् की आंिो् को झेल पाने मे् असमि्ष मै् दादी मेरे भीतर की कोठरी धुंए से भर रही है... आंिो् मे् यातना का पानी से गचपकने लिी िी. वह मुझे ठेलती िा रही िी. उसकी चुंधी् आंिो् मे् डबक-डबक भरने लिा है! इस पानी का कोई मोल नही्ऽ... गकतना बह अपने गलए पहली मत्षबा िो गदिा, मेरी नन्ही छाती से बलबला उठा िा.. चुका वल्त की हिेली से इगतहास की िमीन पर, गरर भी उव्षरक नही्हो दादी का िोरा िुलिुल झुग्रषयो् भरा चेहरा नोचने को मेरे नािून बढे िेपाया. पठार अधगलिा िा... पठार ही रहा... गिलती कगलयां ची्धता रहा ‘हां... मै्हूं बुरी लडकी... मार दो मुझे... िान से मार दो मुझे... मै्धुंआ पंिुडी... पंिुडी... तब भी... आि भी... बस्स दृश्य बदल िये...! नही्पी सकती... मुझे हवा के घूंट पीने है्और आकाश मे्छलांि लिानी ‘कहा िा न, िूंटो् से सुरग्​्कत रहती है गिंदिी.’अंधेरी िुरा से कोई है...! ‘ये अच्छी लडकी हुई ? कुठार के नीचे सोयी भी बेसुध..! इसका शल्दो्के पत्िर रे्कने लिा है. दम नही्घुटता?’ मै्दादी को गझंझोडती िा रही िी. मेरी आंिो्से आि मे् सामने सीगढयां गदिती है्. गलपटे आंसू की बूंदे् टपक कर िालो् मे् बह रही दूसरी तरर वह ि​िह िहां रामदेई नानी, गिसे िी्, बहुत कुछ अनकहा गनशल्द रडरडाने लिा अब िोठार िे नीचे िूप िी हम छोटी नानी कहते, अलाव िलाया करती िी. िा भीतर. गकतने हाि लपके िे मुझे िी्चने. चािर लहरा रही है. छत िी िाडे के गदनां पूरा िांव आकर घेर लेता िा अलाव. गकतने चेहरो्पर उिी आंिे्मुझे नररत से घूर रही पठालें उखडने से खाली जगह िी. गकतने होठो्के बीच सुिबुिाहट िी मेरे िले आंच से दहकते चेहरे बतरस बांटते एक दूसरे से से किखता है. मधंयाहंन िा सूरज! मे् रस्सी डालने के गलए और मै् िी गक अनगिन िोया. इतने भीिे आनन्द से गक पहाड की पिरीली गिन्दिी सेमल रूल सी हलकी होने लिती पलक आंिो्की िू्रता देि दहशत से नही्भरी, बक्लक अपनी समूची आग में कखलता. झपकते ही. उल्टा उन्ही्की आंिो्से सवाल कर रही िी. तो ‘ऊपर चढ नंगदनी.’ गशवा भी अब िंिालने को उत्सुक है. कल नीम मै्वल्त से ज्यादा दूर गनकलने लिी िी? वल्त को पीछे धकेलती हवा के अंधेरे मे् मै्ने इस यात्​्ा की सरिोशी की िी, तो वह गचहुंकने लिी िी– पंिो्पर उडने की मेरी िुर्षत. झप्प! रस्सी गिरी िी पावो्मे्और िानवरो् ‘बंिर हुए रास्​्े पर गपर्ल हटाते चले्िे तो शाम हो िायेिी.’ उसी की के िैसे मेरे गलए भी िड्िया िा िूंटा. सलाह पर अब सुबह पौ रटने से पहले हमारी यात्​्ा शुर्हुई िी. अब कोठार के नीचे धूप की चादर लहरा रही है. छत की पटाले् अभी हमारी मंगिल मील भर है. यहां से गदिता है अपना िांव. गशवा उिडने से िाली ि​िह से गदिता है. मध्याह्न का सूरि! अपनी समूची और मै् साल भर के अन्तराल पर पुराने िूंटे बदलकर नये िूंटो् से बंधी् आि मे् गिलता. गकतना चमकदार! इस वल्त काला गलसगलसा अंधेरा एक ही िांव मे्. यही एक छोटी सी िुशी हमारे बीच चहकती रही िी. ठसा रहता िा! सूरि की एक गकरण का प्​्वेश भी यहां गनगरि्​्! वल्त को िंिालते हुए ऊपर आती हूं. इतनी ही सीगढयां चढी िी बचपन सडे-िले-पीले पत्​्ो्की छाया तले कब गबला िया, िबर भी गिन्दिी की. आठ या नौ. कुल. ढोल-दमाऊ की कनरोड आवािो्के बीच न हुई. मेरी आंिो् मे् िाढा वही् गलसगलसा धुंआ रैलता आ रहा है. उम्​् मसक बािे की माग्मषक धुन िले मे्अटकी है. िोया मृत्यु धुन! मै्भी रोना और पगरक्सिगतयो्का र्पांतरण होने के बाविूद मन के गकसी अंधेरे कोने चाहती िी गवदा होती बेटी के साि बुक्ा राड कर. इतना भर िया िा िले मे्कुछ वैसा ही िमा रहता है साबुत, गिसे वल्त का पैना हिौडा भी तोडने तक गक उलीच दूं सारा पानी पेड पर. कमाल है. मेरा रोना भी सहन नही् मे्असमि्षरहता है. वर्​्ो्बाद आि भी िाने ल्यो्मेरी छाती मे्िमा वही होता. मेरे कंठ मे्अटकी मसक बािे की मृत्यु धुन के साि मछली के कांटे बलबला िलबलाने लिा है. आलो् मे् िाने ल्या तलाश रही गशवा को से अटकी वल्त की र्लाई. आवाि देती हूं. िोया गशवा के साि इगतहास की िमीन पर िड्े िूंटो् मे यह कुठार है, गिसके नीचे सोयी भी िी वह घोडे बेच कर. िोया मेरी क्सिर उन सभी चेहरो् को. मेरा चेहरा आि की परत मे् गलपटने लिा है. हम उम्​्‘धार की िून‘ की बेटी. पाहुनो्की भीड, आकाश राडती आवािो् गशवा सहम ियी है. मै्भी हैरान हूं. दरअसल मेरे िले से शल्द नही्चीिे् का शोर. गबत्​्ा भर बन्द गिडकी सहमी-सहमी हवा का आिमन भी वग्ितष . रूटी है.् सीगढ्यां उतर कर तेिी से मै्िूटं ा उिाडने लिी हू.ं गशवा का चेहरा उिास से भर उठा है – ‘नंगदनी, हमने िूंटा उिाड्ने की कवायद पहले कर ली होती..?’ अब तो चेहरे भी िायब हो िये. उसके हाि मेरे साि िुडने लिे है. हमने पूरी ताकत झो्क ली है, पर िूटं ा िमीन के भीतर िहरे धंसा है! िीली गमट्​्ी नयी पीढ्ी की किाकार. ‘िेम्स वाट के कण मेरी आंिो्मे्भरने लिे है.् आगिरी प्य् ास मे्हम दोनो्ने िोरो्से की केतली’, ‘गिलता है बुरांश’ उसे िी्च गलया है. गशवा ने लकडी के भारी िूटं े को दोनो्हािो्से लहराते कहानी संग्ह , ‘लौट आओ गशगशर’ और एक कगवता संग्ह हुए हवा मे्उछाल कर नीचे सूिे पत्िरो्से अटे िधेरे मे्रेक ् गदया है. ‘बचा लो उसकी आंि का पानी’ िं ड हर हु ए िां व को लां घ ते हमे ् अपना िां व गदिाई दे रहा है. यहां कुछ प्​्कागशत. गवगभन्न पत्​्-पग्​्तकाओ् पगरवार है्गिन्हे्अपनी माटी-पानी के मोह ने बचाये रिा है. बंिर हुए िेतो् मे्रचनाएं. को देिते हम इस ऊंची पहाड्ी पर आ ियी है्. तन-मन से रूल सी हल्की. हमारी िुशी का कोई गठकाना नही्. नदी के बहने की आवाि आ रही है. n शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 39


साहहत्य/समीक्​्ा

क्दमो् से बरे रास्​्े आत्मारंजन की कसवता मे्केवल वैचासरकी नही्है, बस्लक सवचार और संवेदन का सामंजथ्य है. डॉ सुधा उपाध्याय

सूिी गचनाई/गक गडगबया की तरह बैठने चागहए पत्िर/िुद बोलता है पत्िर/कहां है उसकी ि​िह बस सुननी पड्ती है उसकी आवाि/िूब त्मारंिन की ‘पिडंगडयां िवाह है’् की कगवता मे्केवल वैचागरकी समझता है वह पत्िर की िुबान/पत्िर की भारा मे्बगतया रहा है सुन रहा नही्है, बक्लक गवचार और संवेदन का सामंिस्य है. इस संकलन िुन रहा बुन रहा/एक एक पत्िर.’ लिभि हर कगवता मे् िड्ता को ित्म करने की बात कही ियी है. मे् कई कगवताएं कई गनर्त्गरत सवालो् को बार-बार दोहराती है्, िो गक रचनाधग्मतष ा की यही सबसे बड्ी शत्षहै. ‘पिडंगडयां िवाह है’् की कगवताएं कमज़्ोर तभी तक कमिोर है िब तक वह चीिकर गवरोध नही्िताता. अपने अनुभावन से र्पायन की यात्​्ा मे्गिन-गिन पड्ावो्को पार करती और सही भी है तमाम िेमो् मे् वाद-गववाद मे् क़ै्द कगवता को मुक्लत है, वहां कगव का अगभप्​्ेत भी है, उसकी भोिी हुई वास्​्गवकता भी और गदलानी पड्ेिी. कगवता भले ही कलात्मक गवधा है, गकंतु उसकी आंतगरक धुन उसकी पहचान बनती है. वह भले ही िद्​्ात्मक हो, पर भीतर का परत-दर-परत बहुत सी अंतध्व्षगनयां भी गवद्​्मान है्. स्​्ी को आत्मारंिन वसुधं रा के र्प मे्सहनशील और प्​्ाकृगतक उष्मा आि्​्ोश और आत्मगवश्​्ास उसे लयात्मक बना देता है. कगवता वही है गलये हुए गदिाते है.् वे उस स्​्ी की बात करते है्िो ग्ज़दं िी की आंच सहती िहां कमिोर अपने को ढूढं ले, िहां आसानी से उसकी आवािाही हो सके हुई सृिनशील है. वही तहिीब और तमीि का समूचा स्वाद रचती है. भले और िहां उसे सांस ही नही्, कोई आस भी गमले. आत्मारंिन की इन ही नौकरी-पेशा है गकंतु व्यस्​्तम ग्ज़ंदिी मे् भी िीने का सलीका ढूंढ ही कगवताओ् मे् यह िुंिाइश अंत तक गवद्​्मान है. गरर चाहे वे रंि पुताई लेती है: ‘तुम्हारी कड्छी और छुअन मात्​् से/गबिेरने लिती है करने वाले हो्: ‘दरअसल यह दीवार की नही्/पृथ्वी की सीलन है/इन हुनरमंद हािो्से पुंछती/मरहम लिवाती हुई’ ठीक इसी महक/उिलने लिती है स्वाद के रहस्य/मै्िानना चाहता प्​्कार गवरोध का िात्मा होना आत्मारंिन ग्ज़ंदिी का हूं हांडी होने के अि्ष/तान देती है िो िुद को लपटो्पर/ िात्मा समझते है्. एक अन्य कगवता मरा हुआ आदमी मे् और िलने के बदल देती है पकने मे्.’ वे कहते है्‘चीिता है िब भी मरा हुआ आदमी/िीगवत इसी तरह आत्मारंिन प्क ् गृ त और ज़्मीन के भी बहुत से हो िाता है ज्यादा ताक़्तवर िौरनाक.’ क़्रीब है्. इस संग्ह मे् ‘पृथ्वी पर लेटना’ बेहतरीन आत्मारंिन की कगवता उन तमाम िड्बग्डयो् की कगवता है. िो भे्ट-अकवार पुर्र अपनी स्​्ी से, बच्​्ा ओर भी हमारी ध्यान आकृष् करती है िहां कगरयर अपनी मां से महसूसता है, वही गदन भर के श्​्म मे् रत के्ग्दत नयी पीढ्ी गवश्​्ग्ाम का सदस्य हो िाना चाहती मिदूर पृथ्वी की बाहो्मे्पसर कर गवश्​्ांगत पा लेता है. है. वही्उससे िेत-िगलहान मौसम संबधं सब छूट िाता इस दुलभष् दौर मे्िब सहिता मन को सुकनू और आराम है और इस असंवेदनशील मौके पर अपनी बात बेबाकी देने वाले पल और स्वस्ि संवाद करने वाले लोि कम से कह पाना आत्मघाती मसला है: कब कहां ल्यो्कैसे से होते िा रहे है्, श्​्मशील मनुष्य को पृथ्वी पर लेटना गरर बािबर मॉल/नही्िानता मौसम के कहर के बाविूद/ से ग्ज़ंदा कर देती है. िो नैसग्िषक सुि आत्मीय लिाव मील भर दूर/कैसे महक उठा एक झाड्/गिल उठी कुज्ी मां के आंचल िैसा गपराती पीठ को अपने स्नेगहल स्पश्ष की दूगधया कगलयां.’ से िागलस दुलार से समेट लेती है: ‘देह और धरती के पगडं द डयां गवाह है : ् आत् म ा रं ज न; अपनी सि्षना के माध्यम से कगव वंगचतो्-बेिुबानो् बीच/अड्ी रहती है वह दूगरयां ताने/वंगचत होता, चूक अं द तका ि् क ् ाशन, शालीमार गाड् न ा , और मासूमो् का अंतम्षन उनके तलछट तक िाकर िाता स्नेगहल स्पश्ष िागलस दुलार/गक तमाम िागलस एकसटेश् न-II, गादजयाबाि; सौ र्पये पकड्ता है. यह वह उपेग्कत गहस्सा है िो उस पगहये के चीज़्ो्के बीच/सुगवधा एक बाधा है.’ समान है गिसकी कील कब की उिड् चुकी है बाविूद सुगवधा-भोिी समाि प्​्कृगत से िुड्े गबना, अपनी माटी से िागलस दुलार पाये, गबना बहुत उड्ने की चाह गलये हुए, िमीन से उचक-उचक इसके वह िाड्ी की िगत के साि गघसटे चले िाने को मिबूर है. उसे प्भ् तु व् कर उठता-गिरता अपने दंभ मे् अपनी िीत को भी हार मे् बदल देता है. संपन्न लोि गकसी भी समय गनकाल रे्कने पर आमादा है्: ‘सुबह उठते ही उससे बेहतर तो वह मनमौिी बच्​्ा है गिसे पता है गमट्​्ी मे्लोटपोट होने गहंसा और अनाचार के/बब्रष भयावह दृशय् ो्/औरतो्बच्​्ो्के गिस्म/चीिड्ो् का सुि ‘कौन समझाए गविेताओ् बुग्िमानो् को/गक लेटना न सही/वे की कमे्टरी के बाद/बुलेगटन समाप्त करती/ मुस्कुराते हुए कहती है सीि ले् कम से कम पृथ्वी पर लौटना/पृथ्वी की रिो् मे् िीवन राि/गक समाचार वागचका/ हैव ए नाइस डे. बाज़्ारवाद और वैग्शकतावाद ऐसी अड्चन भी नही् है गिसका यहां िीतना और िोतना पय्ाषयवाची है/गक िीतने की शत्ष/रौ्दना नही् मु क ाबला नही् गकया िा सकता. सामागिक गवकास की प्​्ग्िया मे् ये रोपना है.’ गिस गवसंिगत से रचनाकार िूझता है उसके समाधान भी उसे गपशाच डराते ज़्र्र है्लेगकन सव्षसाधारण को अपनी ऐगतहागसक क्सिगत, कगवता मे्िुटाने होते है.् धार बनाए रिने के गलए अपने समय की ज़्रर् त सामागिक पहचान और अग्​्सत्व अक्समता के गलए आिे आना ही होिा और और उसका सारा पगरवेश पकड्ना पड्ता है. यगद रचनाकार इसमे्असरल अपना सं घ र् ष दि् ष कराना ही होिा. यही् से गरर नये रास्​्े िुले्िे ल्यो्गक है तो उसकी रचना लंबे समय तक का साि नही् देती. व्यवस्िा और वच्षस्व की सत्​्ा मे्पगरवत्षन लाने के गलए समय के प्​्वाह और ठहराव की ‘पिडंगडयां िवाह है्’ ‘गडिे भी है् लड्िड्ाये भी/चोटे भी िायी् गकतनी ओर भी ध्यान रिना होिा. ‘पत्िर गचनाई करने वाले’ कगवता मे्यह अंश ही/पिडंगडयां िवाह है्/कुदागलयो्-िैगतयो्-मशीनो् ने नही्/कदमो् ने ही n देिने लायक है: कला की गमलावट/असल तो वह है/गबना मसाले की बनाये है्रास्​्े.

40 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016


आज्ादी हिसकी मंहज्ल है यह एक घुमक्​्ड्ल़ड्की की थ्वतःथ्िूत्षयायावरी है सजसमे्सजतनी यूरोप की िोज है उतनी ही अपनी िी. ल्​्पयदश्नश

सफ्र करना, अनिान गठकानो्पर र्क िाना, रात गबताना? औसत भारतीय इसकी कल्पना तक नही्कर सकता. लड्गकयो्के गलए ऐसा सोचना तो कुफ् छ गकताबे् अनिान शहरो् की तरह िुलती है-् िगलयो्, मकानो्, है. मिर अनुराधा इस सरर मे्अनुभव की कम से कम दो सौिाते हमारे गलए दुकानो्, मैदानो् और लोिो् के बहुत आमरहम और िाने-पहचाने लाती है.् पहली तो यही गक मनुषय् मूलतः अच्छा, संवदे नशील और भरोसे दृशय् ो्के बीच उनका अनूठापन िैसे गछपा रहता है. िब हम उन्हे्ध्यान से लायक प्​्ाणी है. दूसरी बात यह गक इस अच्छाई और संवदे नशीलता के पोरण ् गृ तक पय्ावष रण चागहए िो देिना शुर्करते है्तो उनका अपना स्पदं न नज़्र आता है, एक अलि सा और गवकास के गलए एक उगचत सामागिक-सांसक िीवन धड्कता गदिाई देता है, एक इगतहास सांस लेता प्त् ीत होता है, एक आधुगनक यूरोप ने अपनी बहुत सारी गवडंबनाओ्के बाविूद अपने नािगरको् को गदया है. अकेले घूमती लड्की हमारे यहां हौवा हो िाती है- या तो हम पूरी सभ्यता सोयी हुई गमलती है. ् ाहसी या बदचलन अनुराधा बेनीवाल की ‘आज़्ादी मेरा ब्​्ाडं ’ ऐसी ही गकताब है. वह हमे् उसके प्ग्त गचंता से भर उठते है्या उसे अगतगरल्त दुसस अपने साि एक यात्​्ा पर ले चलती है- बक्लक एक नही्, कई यात्​्ाओ्पर. तक मान सकते है्या गरर उसका गशकार करने को उि्त् हो सकते है.् ऐसा असली सरर एकरैगिक नही्, बहुआयामी होते है-् हम एक िली से िुज़र् ते हमेशा हो, यह ज़्रर् ी नही्है, मिर गकसी यूरोपीय शहर के मुकाबले गकसी है्तो उसके भूिोल से भी िुज़र् ते है,् इगतहास से भी और इन दोनो्के साि भारतीय शहर मे्अकेली लड्की ज्य् ादा असुरग्​्कत है- बेशक, इसगलए नही् गक भारतीय बुरे होते है,् बक्लक इसगलए गक हमारे समाि मे् अपने भीतर से भी. तो इस गकताब की एक यात्​्ा तो यूरोप स्​्ी-पुरर् संबधं ो्और मैग्तयो्के सहि गवकास मे्इतनी की है- लंदन, पेगरस, ब्स ् ले स ् , एम्सटड्मष , बग्लनष , प्​्ाि, गवसंिगत पैदा कर दी ियी है गक दोनो् एक-दूसरे को ब्​्ागतस्लावा, बुदापेसट् , इंसब्क ्ु , बन्षऔर गरर वापस पेगरस नािगरको्या मनुषय् ो्की तरह नही्, मद्षऔर औरत की तरह की. लेगकन यह यूरोप घूमने गनकले गकसी सैलानी का ही देि पाते है.् नल्शा नही्है- यह एक घुमक्ड् ्ल़डक ् ी की स्वतःस्रतू ष् अनुराधा को कई तरह के लोि गमलते है-् सामुदागयक यायावरी है गिसमे् गितनी यूरोप की िोि है उतनी ही गिंदिी मे्भरोसा करने वाले भी, िो साझा गकचेन चलाते है् अपनी भी. और ऐसे भी िो बहुत बेतरतीब रहते है,् और ऐसे पगरवार भी दरअसल इस लड्की ने अपने होने की यह िोि िो बड्ी िुशगमज़्ािी से बेटे का िन्मगदन मना रहे है,् मिर कारी पहले शुर् कर दी िी. उसके गहस्से की पाट्​्ी ख़्तम् हो िाने के बाद अपने-अपने एकांत मे्बताते है् िुशग्क़स्मती बस इतनी है गक रोहतक मे्रहते हुए उसे गक उनके बीच तलाकनामे पर दस्ख़ ् त् हो चुके है.् एक ऐसा घर गमला गिसने पढ्ने और शतरंि िेलने की छूट शख् स ् एक बार उसे अपने साि रात िु ज़ ्ारने का भी न्योता दे ही नही्दी, उसका पूरा इंतज़्ाम गकया. यह लड्की राष्​्ीय डालता है गिसके बाद वे कु छ असहि हो िाती है.् इस पूरी स्र् पर शतरंि की चैग्पयन भी बन िाती है- उसके भीतर यात् ा ् मे ् वह आम यू र ोप गदिता है गिसके अपने ज़्खम् भी एक िुननू है, एक मकसद है, मिर हार का एक अनुभव आज् ा िी मे र ा ब् ा ् ड ं : अनु र ाधा बे न ीवाल; है , ् अपना अके ल ापन भी, अपने अतीत की शम् ष भी और इन अचानक उसे समझाता है गक ग्ज़दं िी इस तरह की दौ़ड्मे् राजकमल ि् क ् ाशन, िदरयागं ज , दिल् ल ी सबके बीच मानवीय िगरमा का ियाल भी. नही्है- इस लक्य् मे्एक लक्य् हीनता है िो उसका अभीष्​् 199 र्पये बहरहाल, इस घुमक्ड ् ्ी का हागसल ल्या है? वह नही्हो सकती. ं ती है?् इस सवाल का िवाब बन्षकी लेगकन उसका अभीष्​्ल्या है? शायद वह िीवन है गिसके बहुत सारे मुकाम कौन सा है िहां अनुराधा पहुच अंशो्से वह इसगलए भी वंगचत रह िाती है गक उसे अच्छी लड्की बनना है. सड्को्पर दो लड्को्के साि गनकली वह लड्की देती है िो अपनी आज़्ादी यह अच्छी लड्की होने की मिबूरी एक सांसक ् गृ तक आरोपण है- यह बात की मांि के साि लिभि चीि पड्ती है- िैसे वह एक-एक को झकझोर कर उसे अपनी एक घुमक्ड् ्सहेली रमोना को देिकर समझ मे्आती है. ग्ज़दं िी पूछना चाहती है गक कहां है उसके गहस्से की आज़्ादी? भारत मे्स्​्ी आज़्ादी की सांसक ् गृ तक लड्ाई कही्बौग्​्िक सैि्ागं तगकयो् िब इस लड्की को लंदन ले िाती है तब वह आिे का रास्​्ा बनाती है. वह ृ लवाद मे्और कही्परंपरा की उस छोटी-छोटी नौकगरयां कर पैसे िमा करती है. इसके बाद गरर एक बैिपैक मे्उलझी हुई है तो कही्बाज़्ार के उच्छि पीठ पर टांिती है और घर से गनकल पड्ती है- न आिे के सफ्र का गटकट संगदग्ध दृग्ष मे्िो ऐसी आज़्ादी को ही प्श् न् ांगकत करती है. लेगकन अनुराधा गलये न ठहरने की ि​िहो्का इंतज़्ाम गकये. यहां से शुर्होती है असली यात्​्ा. इन सबमे्नही्पड्ती. वे बस बैकपैक लेकर चल प़डती है-् बताती हुई गक इस सरर मे्कुछ रोचक िानकागरयां हमारे गलए भी है.् यूरोप घूमने के आज़्ादी को अपने साहस से गसरिना पड्ता है और अपने अनुभव के साि गलए ज़्रर् ी नही्गक आप होटल, धम्श ष ालाएं, सराय या हॉस्टल िोिे.् लोि समझना और िीना पड्ता है. यही इस गकताब की सरलता है. वह बहुत बड्ी अपने घरो्मे्मामूली दर पर आपको रहने की ि​िह दे सकते है.् लिभि पूरे बात कहे गबना बहुत सारी लड्गकयो्को उनके गहस्से का साहस और सपना सरर मे्अनुराधा यही तरीक़्ा अपनाती है.् वे कही्पहुच ं ने से पहले नेट पर दे िाती है- उनकी आिादी की राह इतने भर से कुछ सुिम हो उठती है. काश गक गकताब के नाम मे्‘ब्​्ाडं ’ की ि​िह कोई दूसरा शल्द होताअपने ठहरने की ज़्रर् त डाल देती है् और लिभि हर बार कोई न कोई मेज़ब् ान उन्हे्गमल िाता है. इसी तरह सरर करने के गलए वे नेट पर ही ऐसे ल्यो्गक ब्​्ाडं अंततः आज़्ादी को भी एक गवि्य् योग्य उत्पाद मे्बदलता लिता है. मिर यह इतनी बडी बात नही्गक इस गकताब की पठनीयता के सुि पर लोिो्की तलाश करती है्गिन्हे्अनुराधा के अिले गठकानो्पर िाना है. n लेगकन ल्या यह रास्​्ा िोग्ख़म भरा नही् है- अनिान लोिो् के साि हावी हो िाये.

कु

शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 41


साहहत्य/कहवता

राजेंदं राजन की कविताएं

प्​्हतमाओ् के पीछे

वे दूर कर सकते है्इस आदमी की बीमारी अिर लोि इसकी लाश को बचा कर रिे्.

हमारे समय के िुनहिार अल्सर गछप िाते है् गकसी न गकसी प्​्गतमा के पीछे

बिस मंे अपराजेय

कोई अपनी काय़रता गछपा लेता है वीरता की प्​्गतमा के पीछे कोई सारे समझौते करता है त्याि और ईमानदारी की प्​्गतमा के पीछे गकसी के सारे पाप धुल िाते है् न्याय और बराबरी की प्​्गतमा के पीछे कोई अपने सारे िुनाह गछपा लेता है राष्​्की प्​्गतमा के पीछे कभी ये प्​्गतमाएं कुछ कहती िान पड्ती िी् कभी प्यार से कभी गझड्की कभी रटकार भरे अंदाि मे् उनसे एक संदेश टपकता रहता िा हवा मे् अब ये प्​्गतमाएं अवाक है् ल्या इसीगलए उनके आिे िारी है श्​्ि्ा-प्​्दश्षन की होड्! इन प्​्गतमाओ्के पीछे दूर तक अंधेरा है ल्या तुम्हे्पता है वहां ल्या हो रहा है?

खंडिरो् पर पताकाएं वे वत्षमान की गचंता मे्दुबले नही्होते वे रहते है्अतीत के िोये हुए महल मे् िहां सब कुछ है आलीशान और महान भारी और भव्य नये पौधे रोपने मे्उनका यकीन नही् वे आंधी मे्उिड्िये बूढ्ेपेड्को उसकी िड्ो्से िोड्ने मे्िुटे रहते है् और सोचते है् इस तरह वे लौट िायेिे आंधी से पहले के मौसम मे् वे पुरिो्की वीरता के गकस्से सुना कर सोचते है्उनकी कायरता गछपी रहेिी वे दावा करते है् गक वे दुर्स्कर सकते है्बीते हुए समय को 42 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

वे कभी बहस नही्करते या गरर हर वल्त बहस करते है् वे हमेशा एक ही बात पर बहस करते है् या गरर बहुत-सी बातो्पर बहस करते है् एक ही समय वे बहस को कभी गनष्कर्षकी तरर नही्ले िाते वे गनष्कर्षलेकर आते है् और बहस करते है् िब वे बहस करते है् तब सुनते नही्कुछ भी कोई हरा नही्सकता उन्हे्बहस मे्.

झंडाबरदार उनके हाि मे्होना ही चागहए कोई न कोई झंडा वरना वे डंडा चमकाते घूमते रहते है् िैसे ही आ िाता है उनके हाि मे्कोई झंडा वे िोर-िोर से िाते है् अपने झंडे का िाना

कगव-पत्​्कार. कगवताएं प्​्मुि पत्​्-पग्​्तकाओ्ओर सोशल मीगडया मे्प्​्कागशत. लंबे समय तक सामगयक वात्ाष की संपादकीय गिम्मेदारी से िुड्ेरहे. संप्गत ‘िनसत्​्ा’ के संपादकीय गवभाि मे्.

वे चाहते है् सब लोि करे्उनके झंडे की वंदना सब लोि िाये्उनके झंडे का िाना सब लोि आ िाये्उनके झंडे के नीचे सब लोि चले्उनके झंडे के पीछे हर चीि रंिी हो उनके झंडे के ऱंिे मे् झुका गदये िाये्दूसरे सब झंडे गमटा गदये िाये्दूसरे सब रंि अपना झंडा सबसे ऊंचा करने की गरराक मे् वे भूल िाते है्िमीन की ताकत और पूरे िोर से उसे िाड्ने लिते है्हवा मे् गरर वे गिर पड्ते है्नीचे कोई नही्होता उनके पीछे.

ख्ून बिा उसका एक बार गरर वही हुआ गिसका अंदेशा िा दोनो्पक्​्िूब लड्े पर िून उसका बहा गिसका दोनो्के झिड्ेसे कोई लेना-देना नही्रहा.

सत्यमेव जयते वे कहते िे सत्यमेव ियते पर सत्य का मुंह बंद िा डर के मारे उनके कुस्ी पर रहते.

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बतकही चंचि

चरखे का पवहया

चरिा काटने के बैठने की मुद्ा और सूत की रिवाली मन की एकाग्​्ता को बढ्ाती है.

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दी अपने रौ मे् सुनाती िी: 'पढोिे, गलिोिे होिे िराब./िेलोिे, कूदोिे बनोिे नवाब. यह हमारे गलए कोई सूत्नही्िा, न ही कोई सीि. बक्लक यह िाने की एक धुन िी गिसे हम बच्​्े नारे की तरह गचल्लाते िे.ल्यो्गक तब यह मालूम नही्िा गक गिंदिी बनाने के गलए कल स्कूल ही िाना होिा. िब हमे् स्कूल िाने पर मिबूर गकया िया तो हम दादी का नारा दोहराने लिे. उसकी दुहाई भी दी लेगकन नारा तो नारा होता है वह गकसी बचाव की दलील नही् बन सकता. बहरहाल स्कूल िये, पहली बार िाना गक गमट्​्ी भी इबारत गसिाती है. महुऐ की घनी छांव मे् हमे् गमट्​्ी के सामने गबठा गदया िया और सामने रैली धूल को हाि की हिेली से सपाट बनाकर कहा िया गक इस पर एक िोला बनाओ, सामने एक डंडा लिा दो, डंडे के आिे लग्िी और यह बन िया 'क'. कइयो् ने िल्दी सीिा, कई िड्बड्ा भी िाते. हम इसी िड्बड्ी वालो्मे्िे. चुनांचे आगहस्​्ा-आगहस्​्ा हम आिे भी बढ्े. दूसरी कलम तक पहुंच िये. अद्घा, पौना के चक्​्र मे्उलझते रहे, सात पौने का उत्​्र न दे पाने के एवि मे् बांस की छड्ी से मार भी िाये. लेगकन कोई दुि नही्हुआ ल्यो्गक गकसी न गकसी को, गकसी न गकसी गवरय पर छड्ी िानी ही पड्ती िी. एक गदन घोड्ी पर सवार होकर गडप्टी साहब आये. उनके साि आया सरकार का नया ररमान- 'देश के गशक्​्ा मंत्ी िनाब अबुल कलाम आिाद ने बच्​्ो् और अध्यापको्को कहा है गक उन्हे् महात्मा िांधी की बुगनयादी तालीम के तहत अक्​्र ज्​्ान के साि कसरत, हुनर और स्वावलंबन की गशक्​्ा दी िाये. साि ही साि गलिावट को सुधारा िाये.' गलिावट के गलए सुलेि गमला .कसरत के गलए लेगिम और लाठी सुनार के गलए तकली. तकली से सूत गनकालनेकी प्ग्तस्पध्ाष मे्गकसी अध्यापक को यह रैसला नही करना होता िा गक गकसका गकतना सूत गनकला है कौर वह गकतना पतला है. एक साल बाद सरकार ने चरिा गवतगरत कर गदया. मुल्क नया-नया आिाद हुआ िा, सारे संसाधनो्की िबरदस्​्कमी िी, चरिा के सूत ने संसाधनो्को सी्चना शुर्कर गदया. और िादी आिे बढ्गनकली. सुबह प्​्ाि्षना के बाद पूरा स्कूल िुले मैदान मे् बैठ कर एक साि सूत कातता िा. यह गवहंिम दृश्य अब एक सपने की तरह लिता है. वल्त चलता रहा, सब कुछ बदल िया और इस कदर बदला गक अब वापस िाने की कोई डिर ही नही्गदिती. अचानक एक गदन उत्​्र प्​्देश के मुख्यमंत्ी ने िब चरिे के पुनि्ाषिरण की घोरणा की तो हम और हमारे िैसे करोड्ो्लोिो्के मन मे् एक नया िोश उमड्ा गक चलो स्वावलंबन और स्वागभमान के साि

आग्िषक आिादी की तरर चलने की शुर्आत तो हुई. चरिा केवल उत्पादन का िगरया भर नही्है, मुल्क की आिादी की लड्ाई मे्यह सबसे बड्ा आग्िषक हगियार रहा है,यह सुराि का प्​्तीक िा. आि देश के तकरीबन 30 लाि पगरवार चरिे से िुड्ेहै.् चरिे का आग्िक ष पक्​्गितना ठोस है उतना ही योि से िुड्ा है. चरिा काटने के बैठने की मुद्ा और सूत की रिवाली मन की एकाग्​्ता को बढाती है. यह योि की एक गदशा है. आि अिर उत्​्र प्​्देश की सरकार तमाम गशक्​्ण संस्िानो् और ल्लॉक स्​्र पर चरिा घर िोल कर 'एक घंटा अपने गलए और देश के गलए' का नारा दे दे तो प्​्देश ही नही देश की आग्िषक नी्व तो पुख्ता होिी ही िादी गनय्ाषत से गवदेशी मुद्ा भी कमाई िा सकती है. आि सारी दुगनया मे्िादी वस्​्की िबरदस्​्मांि है ल्यो्गक िादी ही ऐसा वस्​्है िो स्वास्थ्य के गलए और सेहत के गलए रायदेमंद है और चम्षरोि से मुक्लत गदलाता है. दूसरी तरर चरिे और िादी से िुड्ेलोिो्मे्एक बार गरर पुर्राि्षि​िेिा और अनुदान भोिी समाि स्वावलंबन, और स्वागभमान के साि उठ िड्ा होिा. एक गदन हम अपने पुराने सािी, समािवादी पाट्​्ी के प्​्मुि प्​्वल्ता और मंत्ी भाई रािे्द् चौधरी से गमलने उनके दफ्तर िये. बातो्-बातो् मे् हमने उनसे कहा गक हमारे समता घर को कम से कम 50 चरिा और एक चरिा मास्टर चागहये. भाई रािे्द् चौधरी ने तुरंत कहा गक प्​्ोिेल्ट बनाओ तुरंत काय्षवाही शुर् होिी. लेगकन समताघर के दूसरे प्​्ोिेलट् िांधी-लोगहयो शोध केद् ् मे्रंसे रहने की विह से इसमे् गवलंब हुआ. इस बीच मुखय् मंत्ी अगिलेश िी ने एक गदन चरिा के्द्और िादी को वरीयता देने का ऐलान कर गदया. बेहद िुशी हुई गक अब तक िरीबो्वंगचतो्, दगलतो्और गनचले पायदान पर पड्े लोिो् के उत्िान की बात करने वाले कई लोि और कई सरकारे् आई् लेगकन शल्द िाल बुनने के अलावा गकसी ने कोई ठोस उपाय नही्पेश गकया. वही् गवदेश से पढ्ाई पूरी करके आये नौिवान मुख्यमंत्ी अगिलेश यादव ने चरिे को के्द् मे् रिकर िो काय्षि्म बनाया है वह आगिरी पायदान पर पड्ेलोिो्को स्वावलंबी, स्वागभमानी और िुदमुख्तारी से भर देिा. इसका पगरणाम यह होिा गक चरिे के साि-साि िुद मुख्यमंत्ी अगिलेश यादव हर घर के आंिन मे्िड्ेहो िाये्िे. और उस आंिन मे् वह बतौर मुख्यमंत्ी नही्बक्लक घर के सदस्य की हैगसयत से िड्ेहो्िे. बुआ अब गचढ्ाये्िी नही् बक्लक गिड्की से अपने भतीिे को ऊपर चढ्ते हुए देिे्िी. कभी इस मंत्का पहला प्​्योि िांधीिी ने गकया िा और इसके n िगरये वह हर घर के दरवािे पर िा पहुंचे िे. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 43


खेल

ओलंदपक मे् पीवी दसंधु: एक बड्ी कोदशश

लाज रखती महहलाएं सरयो ओलंसपक मे्िारतीयो् सिलास्डयो्के सबसे बड्ेदल का सबसे सनराशाजनक ि्​्दश्षन देश मे्िेलो्की हालत पर बहुत बड्ा सवासलया सनशान है, लेसकन िेलो् मे्सुधार के कोई आसार नही् सदिते.

नलमता

भा

रत मे्इन गदनो्दावे पर दावे गकए िाने का दौर चल रहा है. उसकी तस्दीक करने की रुरसत ना तो दावे करने वाले के पास है और ना ही सुनने वालो्की उसकी कोई परवाह. ऐसे ही दौर मे्िब गरयो ओलंगपक का आयोिन निदीक आया तो तरह तरह के दावे िताए िए. दावो् की एक बड्ी विह तो ये भी िी गक भारत पहली बार 120 गिलाग्डयो् का भारी भरकम दल ओलंगपक मे् गहस्सा लेने के गलए भेि रहा िा. गलहािा कोई पदको् की 44 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

संख्या एक दि्षन तक पहुंचने के कयास लिा रहा िा तो कोई इसे भारतीय प्​्दश्षन के गलहाि से सबसे बेहतरीन ओलंगपक मान रहा िा. करीब दो साल पहले भारतीय सेना के एक काय्षि्म मे् ओलंगपक िोल्ड मेडल िीतने के नुस्िे बता चुके प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी ने गिलाग्डयो् को भव्य तरीके से गवदाई भी दी. लेगकन येन गवदाई से पहले पहलवान नरगसंह यादव डोप टेस्ट मे् रंस िए. उनका पूरा प्​्करण भारत के गरयो ओलंगपक प्​्करण की त्​्ासदी बन कर उभरा. लेगकन इससे पहले गरयो मे् भारतीय गिलाग्डयो् का गनराशािनक प्​्दश्षन देिने को गमला. सबसे ज्यादा गनराशा गनशानेबािी मे् हुई. उम्मीद की िा रही िी की इस बार अगभनव गबंद्ा अपने आगिरी ओलंगपक को यादिार बनाएंिे और मगहला वि्ष मे् अपूव्ी चंदेला िोरदार रॉम्ष मे् चल रही िी्. गबंद्ा तो 10 मीटर एयर रायरल मे् चौिा स्िान हागसल करने मे् कामयाब रहे और मामूली अंतर से पदक से चूके लेगकन बाकी पूरी टीम ख़्ासकर िीतू राय और अपूव्ी चंदेला ने कारी गनराश गकया.

गनशानेबाज़्ी के अलावा बाक्लसंि मे् भारतीय मुके्बाज़् कुछ िास नही् कर पाए. गशव िापा हो् या गरर गवकास कृष्णन इन सबके गलए ल्वाट्षरफ्ाइनल तक पहुंचना ठेढ्ी िीर सागबत हुआ. तीरंदािी मे्एक बार दीगपका कुमारी िैसी गवश्​्स्रीय तीरंदाि भी गरयो मे् कोई कमाल नही् गदिा पाई. टेगनस मे् गलएंडर पेस और रोहन बोपन्ना से पदक की उम्मीद िी, लेगकन ये िोड्ी पहले ही दौर मे्बाहर हो िई. सागनया गमि्ाष और रोहन बोपन्ना सामने गमले मौके को पदक मे्तल्दील नही्कर पाए. हाकी मे् भारतीय टीम का प्​्दश्षन िोड्ा बेहतर िर्र हुआ, ल्वाट्षर फ्ाइनल मे् पहुंचे िर्र लेगकन पदक हागसल करने लायक टीम अभी तक नही् बनी है. मगहला हाकी मे् टीम ल्वाट्षर फ्ाइनल मे् भी नही् पहुंच सकी. इन सबके बीच भारत के िेल मंत्ी गविय िोयल ने अलि तमाशा कर गदया. उन पर आयोिन सगमगत के सदस्यो् के साि बदतमीिी करने का आरोप लिा. इस बाबत भारतीय दल को दो बार चेतावनी भी गमली और अंतरराष्​्ीय मीगडया मे्भारत की भद अलि गपटी.


साक्​्ी मदलक: पहली कामयाबी

बैडगमंटन मे्पदक की सबसे बड्ी उम्मीद सायना नेहवाल पहले ही दौर मे्बाहर हो िई्. लेगकन पीवी गसंधु ने मशाल िाम गलया. वही् मगहला कुश्ती मे् शानदार शुर्आत के बाद गवनेश रोिाट चोगटल हो िई् िबगक बगबता अपने रंि मे् नही् गदिी्. लेगकन साक्​्ी मगलक इसकी भरपाई करने के गलए तैयार निर आई्. हगरयाणा की साक्​्ी मगलक ने गरयो ओलंगपक मे् भारत के गलए पहली कामयाबी हागसल की. उन्हो्ने रेपेचेि राउंड से गमले मौके का रायदा उठाते हुए कांस्य पदक के मुकाबले मे् कीग्िषस्ान की पहलवान से 0-5 अंक से गपछड्ने के बाद िोरदार वापसी करते हुए पदक िीता. इसके अिले गदन पीवी गसंधु बैडगमंटन के फ्ाइनल मे् पहुंचकर रित पदक पक्​्ा कर गलया. वे गवश्​्की नंबर एक गिलाड्ी स्पैगनश कैरोलीना मागरन से पार नही्पा सकी्, लेगकन ओलंगपक इगतहास मे्रित पदक िीतने वाली पहली मगहला भारतीय एिलीट िर्र बन िई् है्. एक तरह से कहे्तो गरयो मे्भारत की डूब चुकी नाव को साक्​्ी और गसंधु ने सहारा गदया. इन दोनो् के अलावा चच्ाष दीपा कम्षकार की भी करनी होिी, गिन्हो्ने पदक तो नही् िीता लेगकन सीगमत सुगवधाओ् के बीच वह गवश्​्स्रीय प्​्दश्षन मे् कामायब रही् है्. गिमनाक्सटल्स के वाल्ट इवे्ट मे्दीपा कम्षकार चौिे स्िान पर रही् और मामूली अंतर से

पदक िीतने से रह िई्. एक मुक्शकल इवे्ट मे् यह प्​्दश्षन ऐगतहागसक माना िाएिा. इसके अलावा तारीर लगलता बाबर की भी करनी होिी, गिन्हो्ने 3000 मीटर स्टेपेल चेि मे् 10वां स्िान हागसल गकया. भारत की पदक की आगिरी उम्मीदो् को वल्ड्ष एंटी डोगपंि एिे्सी ने भी झटका गदया. नरगसंह यादव पर मुक़्ाबले से पहले बैन लिाया िया. हालांगक नाडा उन्हे् ल्लीन गचट दे चुकी िी लेगकन नरगसंह अपने साि हुए कगित धोिाधड्ी की थ्योरी को िेल पंचाट के सामने उपयुल्त Sढंि से रि नही् पाए. यानी वे गरयो िए भी और मुकाबले मे्गहस्सा भी नही् ले पाए. वही् लंदन ओलंगपक मे् कांस्य पदक िीतने वाले योिेश्र दत्​्कुछ िास नही्कर सके. गरयो ओलंगपक के दौरान एक अन्य गववाद की भी चच्ाष रही. भारत की मैरािन धागवका ओपी िैशा दौड् पूरी करने के बाद बेहोश हो िई् और उन्हो्ने आरोप लिाया गक उन्हे् पानी देने वाला कोई स्टार तक मौिूद नही् िा. हालांगक ये स्पष्​् िा की पानी और ग्​्डंल्स की व्यवस्िा मौिूद िी, लेगकन ये भी देिा िया गक भारतीय दल का कोई प्​्तगनगध उस वल्त भारतीय स्टॉल पर मौिूद नही्िा. भारत के गलहाि गरयो ओलंगपक केवल साक्​्ी और गसंधु के नाम रहा. हालांगक इस बार तैयागरयो् के गलए गिलाग्डयो् के सरकार की ओर से िास स्कीम के तहत पैसे भी मुहैए

िीपा कम्ाकार: थोड्ी सी िूक

कराए िए िे लेगकन हमेशा की तरह यह िागहर हो िया गक िब तक हम एक िेल संस्कृगत के देश के तौर पर गवकगसत नही्होते तब तक ओलंगपक मे्पदको्की संख्या इके्दुके्से आिे नही्बढ्पाएिी. हालांगक गरयो मे् नाकामी के बाद प्​्धानमंत्ी नरे्द्​् मोदी ने अिले तीन ओलंगपक यानी 2020, 2024 और 2028 तक के गलए टास्क रोस्षसगमगत िगठत करने का ऐलान कर गदया है, लेगकन ये अभी केवल घोरणाओ् मे् ही है. इस गदशा मे् िब तक ठोस काय्षनीगत नही् अपनाई िाती है, िब तक हिारो् की तदाद मे्कम उम्​्के गिलाग्डयो्को बेहतरीन ट्​्ेगनंि मुहैया नही् कराया िाता है तब तक ओलंगपक मे्पदको्की संख्या नही्बढ्ेिी, भले ही हम बाते्गितनी और िैसी बना ले्. कुल गमलाकर भारतीय ओलंगपक दल मे् मगहलाएं ही िी्गिनका प्​्दश्षन कुछ आश्​्स् करने वाला रहा. िौरतलब यह है गक ये मगहलाएं भी हागशये की दुगनयां से और वह भी अपने संघर्ष के बूते पर उभरी. ग्​्तपुरा की दीपा कम्षकार ने तो यह कहा भी गक मै्गिस अंचल से आयी हूं उसके बारे मे् ज्यादातर लोिो् को पता ही नही् होिा. गरयो ओलंगपक के दौरान अगधकागरयो् द्​्ारा गिलाग्डयो् की उपेक्ा और उन्हे्सुगवधाओ्से वंगचत करने की घटनाएं भी चग्चषत रही. एक बार गरर गरयो ओलंगपक ने देश के िेल प्​्शासन की संवेदनहीनता को ही n उिािर गकया. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 45


मास् यायावरी ट हेड

साइदकलो् पर मिलता मुल्क

कोपेनहेगन मे्साइसकलो्ने कारो्को पीछे छोड्सदया है. वे ससि्फसंख्या मे्आगे नही् है्, अपनी चमक और आकर्षण मे्बेशकीमती कारो्को िी मात देती है्. बड्ी कारो्की तरि सड्को्पर ज्यादा लोगो्की नजर नही्जाती. उल्मशिेश

काेपेनहेगन: इदतहास और आधुदनकता का संगम 46 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

स वल्त मै् डेनमाक्फ की रािधानी कोपेनहेिन मे् हूं. बेहद सुहाने मौसम मे् कोपेनहेिन और भी सुंदर लि रहा है. इस शहर का आकर्ण ष गसर्फइसकी सुदं र प्​्ाकृगतक-भौिोगलक क्सिगत नही् है. इसे आकर्षक बनाने मे् इसके अपने समाि, आम लोिो् की सभ्यता-संस्कृगत और िीवनशैली की अहम भूगमका है. इसकी सार-सराई, हगरयाली, झीले्, समंदर, बेहद सुस्वादु भोिन परोसने वाले रेस्रां, गियेटर, कला-दीघ्ाषये्और ऑपेरा, ये सारे इस शहर को सुंदर बनाते है्. लेगकन ये चीिे्दुगनया, िासकर यूरोप के कई और शहरो्मे्भी गमल िाये्िी. िो चीि यहां मुझे गबल्कुल नायाब सी गदि रही है और सबसे ज्यादा आकग्रषत कर रही है, वह हैयहां की सड्को् पर रराट्​्े से चलती साइगकले्. देश के दूसरे शहरो्-उपनिरो्, यहां तक गक िांवो् भी साइगकलो्का िलवा लिातार बढ्रहा है. कोपेनहेिन मे् तो साइगकलो् ने कारो् को पीछे छोड् गदया है. वे गसर्फ संख्या मे् आिे नही् है्, अपनी चमक और आकर्षण मे्वे बेशकीमती कारो् को भी मात दे रही है्. इन बड्ी कारो् की तरर सड्को् पर ज्यादा लोिो् की निर नही् िाती. कारो्के मामले मे्वैसे भी यह अपने देश िैसा नही् गक लोि गकसी बड्ी गवदेशी कार को आंिे् राड्-राड् कर देिे्िे. तमाम तरह की छोटी-बड्ी-मझोली कारे्यहां टैकल् सयो्के र्प मे् चल रही है.् शायद, इसीगलए अपने देश की तरह कारो् के नये-नये मॉडल या ब्​्ांड मे् यहां लोिो् की ज्यादा र्गच नही् है. वे नयी-नयी शैली की साइगकलो्पर ज्यादा िौर करते निर आते है्. शहर की एक बड्ी आबादी अल-सुबह साइगकलो्पर सवार होकर सड्को्पर गनकलती है. रंि-गबरंिी साइगकलो् का रेला लि िाता है. इनके अलि ट्​्ैक बने है्. ऐसी बहुत सारी साइगकले् गदि रही है्, गिनमे् छोटे बच्​्ो् को


आराम से सोते हुए ले िाने के गलए बाल्स बने है्. ऐसी साइगकलो् को कही् मगहलाये् तो कही् पुरर् चलाते गदि रहे है.् मुझे लिता है, डेनमाक्फ मे्साइगकल-गनम्ाषण कारोबार मे्गनत-नये िोि और शोध हो रहे है्. तभी तो इतने नये-नये अंदाि और गडिाइन की साइगकले् सड्को् पर गदिाई दे रही है्. कही्गबल्कुल हल्की साइगकलो् की तेि रफ्तार लोिो् को लुभाती है तो कही् अपेक्ाकृत गडिाइनदार साइगकलो् की सुंदरता आकग्रषत करती है. ये साइगकले् यहां महि आवािमन का साधन नही् है्, ये डेगनश समाि और यहां की समृि् सभ्य़ता मे् नये मूल्य िोड् रही है्. िीने का पूरा सलीका बदल चुकी है्. शहर के लोि हो् या िांव या उपनिरो् के, ये साइगकले् सबकी िीवन शैली का गहस्सा बन चुकी है्. आगधकागरक तौर पर मै्ने पता करने की कोगशश की. पता चला गक कोपेनहेिन महानिर (ग्​्ेटर गसटी) की लिभि 37 रीसदी से ज्यादा आबादी इस वल्त अपने कामकाि के गलए यातायात के तौर पर साइगकलो् का सहारा लेती है. शेर आबादी लोक-पगरवहन-सरकारी बसे्, नौकाएं, स्िानीय रेल या मेट्ो आगद या गरर गनिी कारो्के िगरये यात्​्ा करती है. हर रेल-मेट्ो और नौका आगद मे् साइगकल-सवारो् की सहूगलयत के गलए अलि स्िान बनाये िये है् तागक वे अपनी आिे की यात्​्ाओ् के गलए अपने साि साइगकले् ले िा सके्. अिर कोपेनहेिन अपना लक्​्य पाने मे् सरल रहा है तो सन 2017-18 तक साइगकलो् से सरर करने वालो् की तादात 55 से 60 रीसदी हो िायेिी. पूरी दुगनया के गलए यह एक चमकदार गरकाड्षहोिा. कोपेनहेिन मे् यह चमत्कार यूं ही नही् हो

साइदकल के सम्मान मे् र्का हुआ ट्​्ैदफक: सभ्यता का संकेत

रहा है, इसके पीछे 50 सालो्की सुसंित निरयोिना की अहम भूगमका है. ‘ग्​्ेटर कोपेनहेिन’ और आसपास के इलाके मे् हर सड्क के साि साइगकलो् के गलए अलि रास्​्े (ट्​्ैक) बनाये िये है्. इसकी लंबाई 412 गक.मी. से कुछ अगधक है. सुरक्​्ा के इतने बेहतर बंदोबस्​्है्गक सबसे कम दुघ्षटनाये् साइगकलो् वालो् की होती है्. स्कूली बच्​्ो् और उनके अगभभावको् को साइगकल-सवारी के प्​्गत आकग्रषत करने के गलये कई रचनात्मक योिना बनायी् ियी् है्. गसर्फकोपेनहेिन मे्स्कूली बच्​्ो्के साइगकलकोपेनहेगन मे् साइिकल सवार: कारो् से आगे

फोटो: उद्मालेश

पि को सुरग्​्कत और आरामदायक बनाने के गलए हाल ही मे् 5 करोड् डेगनश मुद्ा िच्ष की ियी. महानिर मे् 96 रीसदी स्कूली बच्​्ो् के पास साइगकले् है्, 55 रीसदी बच्​्े रोिाना साइगकलो् से ही अपने स्कूल िाते है्. एक अनुमान के मुतागबक शहर के अंदर्नी गहस्से मे् सुबह के वल्त लिभि 35 हिार साइगकले्एक साि सड्को्पर होती है.् इन पर चलने वाले होते है-् पांच साल के बच्​्ेसे लेकर 85 साल के बूढ.्े साइगकल सवारो्की इतनी बड्ी संख्या के चलते कोपेनहेिन की सुबह वाकई देिने लायक होती है. शहर के अनेक चौराहो् या ट्​्ैगरक गसिनलो् पर मै्ने देिा गक ‘ग्​्ीन-लाइट’ होने पर सबसे पहले साइगकल-सवार गनकलते है्. कारे्बाद मे् चलती है्. अपने कोपेनहेिन प्​्वास के दूसरे गदन कोपेनहेिन की वास्​्ुकार गटना सैल्बी से मुलाकात हुई. मै्ने साइगकल सवारो् की भारी संखय् ा के बारे मे्पूछा तो वह बताने लिी्गक ‘इन गदनो् शहर के अंदर्नी इलाके मे् 55 रीसदी आबादी साइगकलो् से चल रही है. कुछ समय बाद शायद पूरे महानिर मे् हम यह आंकड्ा छू ले्िे. अनेक पगरवारो्के पास तो कारे्है्ही नही्. ऐसा नही् गक वे कार नही् िरीद सकते पर वे इसकी िर्रत नही् महसूस करते. मेरा ही उदाहरण लीगिये-मेरे पास कोई कार नही्है. मेरे दोनो्बच्​्ेभी साइगकलो्का ही उपयोि करते आ रहे है्.‘ गटना सैल्बी बेहद स्वस्ि, सुंदर और िूब लंबी मगहला है्. उन्हो्ने कहा, ‘देगिये यह गसर्फ पय्ाषवरण की सुरक्​्ा और संरक्​्ण के गलये ही बड्ा कदम नही् है, हमारे व्यक्लतित स्वास्थ्य और संपूण्षमानव सभ्यता के गलये भी महत्वपूण्ष है.’ शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 47


यायावरी

कोपेनहेिन को डेगनश लोि दुगनया की ‘साइगकल-रािधानी’ कहते है्. इसमे् अगतशयोक्लत नही्है. दुगनया मे्पहली बार इसी शहर मे्‘साइक्ललंि एम्बे्सी’ स्िागपत हुई है. इस संस्िान के अध्यक्​् है्-ट्​्ॉल एंडरसन. संस्िान शहर-योिना, साइगकल संस्कृगत, साइगकलट्​्ैल्स, साइगकल-गनम्ाषण और उपकरण-सुधार योिना एवं सुरक्​्ा और स्वास्थ्य िैसे मसलो्पर काम करता है. इसने यूरोप, अमेगरका (िासकर न्यूयाक्फ) और एगशया(िासतौर पर चीन) के साइगकल-रेडरेशनो् या संबि्​् संस्िाओ् से िीवंत संपक्फ बना रिा है. महानिर मे् साइगकल-एडवोकेसी के कई के्द् भी काम कर रहे है्. इनमे्‘कोपेनहेिन साइगकल गचक’ सबसे प्​्मुि के्द्माना िाता है. डेनमाक्फ मे् साइगकलो् की लोकग्​्पयता अचानक नही् बढ्ी है. इसका गसलगसला दूसरे गवश्​् युि् से शुर् हुआ. युि् के बाद, ऊि्ाषसंकट के दौर मे् लोिो्के बीच ये िासतौर पर लोकग्​्पय हुई्. पर सन 1960 के दशक मे् अचानक यहां गवकगसत हो रही साइगकल संस्कृगत पर अचानक ‘हमला’ सा हो िया. ऐसा लिा गक चमचमाती रंि-गबरंिी कारो् के आिे साइगकले् िायब हो िाये्िी. कारो् का उत्पादन तेिी से बढ्ा. उस समय की पगरवहन व्यवस्िा पर कारो्ने मानो धावा बोल गदया हो, िैसा आि 48 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

पानी मे् नाव:बांधो इस ठांव याग्​्तयो् की संख्या के बराबर साइगकलो् की भारत मे्गदि रहा है. लिा गक शहरो्-कस्बो्का कतारे् िी्. यही हाल रेलिागडयो्, िासतौर पर सारा पगरदृश्य बदल िाएिा. पर पय्ाषवरण और मेट्ो या ट्​्ूल्स मे् भी है. एक और बात िो मुझे िलवायु-पगरवत्षन से िुड्े मुद्ो् पर गिस तरह िो बेहद पसंद आई, यहां के लोि अपनी इस देश मे् नए ढंि का िन-िािरण उभरा, साइगकल को प्​्ेगमका की तरह िी-िान से उसने बड्ी बड्ी पूि ं ी-समग्ितष कारो्की संसक ् गृ त मुहल्बत करते है्. साइगकल के बारे मे्उनसे बात को कड्ी चुनौती दी. अंततः उसे सरलता भी कीगिये तो वे अपनी उसकी िास संरचना, गमली और साइगकले्सड्को्पर गरर छाने लिी्. उसकी गडिाइन, ब्​्ांड या उसे तैयार करने वाली डेगनश गसगवल सोसायटी की पहल ने इसमे्बड्ी कंपनी की उपलक्लधयो्की पूरी कहानी कह दे्िे. भूगमका गनभाई. कोपेनहेिन मे् इस अपने प्​्वास के एक िास गदन की बात शहर िे बीच बहते बैि-िािर में नविािरण को िनता और सरकार का बराबर बताऊं. डेगनश चलते छोिे-मझोले या बडंे का सहयोि गमला है. कल्चरल सेट् र मे्हमारी मोिरबोिों-संिीमरों में याकं​ंियों िे इसने गसर्फ पय्ाषवरण बैठक दोपहर तक ित्म साथ उनिी साइकिलों िे कलए और ऊि्ाष संकट का हो ियी. मशहूर गसटी भी पयंामपंत जगह किखी. समाधान ही नही् पेश हॉल स्ल्वायर और गकया, सामुदागयक और गटवोली िाड्​्ेन िैसे व्यक्लतित स्वास्थ्य के अनेक उलझे मसलो्को इलाको्मे्अकेले िाने की इच्छा हुई. हम अकेले भी हल गकया है. डेनमाक्फ के इस सरल प्​्योि ही शहर मे्मंडराते रहे और सच पूगछये, उस गदन से ल्या भारत िैसे गवकासशील देश सबक लेिे्, हमने चारो् तरर साइगकलो् का िलवा देिा. गिनकी ज्यादातर सड्के्इन गदनो्बड्ी कारो्के कइयो् से साइगकल सवारी के रायदे-नुकसान गहसाब से बनायी िा रही है्, िहां शहरी पर चच्ाष भी की. रायदे छोड् नुकसान बताने मध्यवि्​्ीय समािो् मे् मोटापा और मधुमेह के वाला कोई नही्गमला. शहर के बीच बहते बैकहमले लिातार बढ्रहे है्! वाटर मे्चलते छोटे-मझोले या बड्ेमोटरबोटो्स्टीमरो्मे्याग्​्तयो्के साि उनकी साइगकलो्के (लेिक की शीघ्​् प्​्काश्य पुस्क गलये भी पय्ाषप्त ि​िह देिी. हर मोटरबोट मे् ‘ग्​्िस्टेगनया मेरी िान’ का एक अंश) n


खारपार अर्ण कुमार ‘पानीबाबा’ (पानी बाबा नही्रहे. पानी बाबा अमर रहे्. समाि के गलए िीने वाला लेिक और काय्षकत्ाष कभी मरता नही्. अर्ण कुमार पानीबाबा ने मौसम के अनूकूल बनने वाले भारतीय व्यंिनो्पर गलिकर स्वाद और सेहत संबंधी समाि की समझ को गिंदा रिा है. उनके कालम को बंद करना संवाद के अगवरल प्​्वाह को बंद करना है. इसगलए शुि्वार के सुधी पाठक बाबा की रसोई मे्गकगसम-गकगसम के स्वाद आिे भी पाते रहे्िे.)

अदरक-सोंठ के गुण

पस्​्िमी सभ्यता अदरक के थ्वाद से बड्ी हद तक अपसरसचत है. जबसक हमारा िोजन सबना इसके अधूरा है.

र्ां्त के लिभि बािार मे्नया अदरक आ िाता है. अटपटी बात है, अपने देश मे्अदरक का स्वाित-उत्सव नही्मनाया िाता. मात्​्िुणो् की दृग्ष से देिा िाये तो शायद संसार मे्अन्य िाद्​्पदाि्षनही्, गिसकी अदरक से तुलना की िा सके. और स्वाद तो वाह-वाह ही है. सुझाव है- आंवला नम, ककग्डया-िरबूिा एकादशी, गिचड्ी संि्ातं (दग्​्कण मे्पो्िल) वैष्णव अन्नकूट आगद की तरह ‘सौगठया स्वाित पव्ष’ भी वर्ां्त उत्सव की तरह मानाया िाना चागहये. यूरोप की भोिन गवगधयो्मे्अदरक का उपयोि निण्य ही है. दो-एक गकस्म की पावरोटी और गबस्कुट छोड्कर पग्​्शमी दस्​्रिान मे् ऐसा व्यंिन नही्गिसमे्अदरक का मामूली उपयोि भी होता है. कुल गमलाकर अबूझी चरचराहट के चलते, अंग्ेि इसकी एकमात्​् उपयोगिता ‘अपाच्य’ रािनीगतक िुटबािी ‘गिंिर ग्​्ुप’ की तरह ही गवकगसत कर पाये. अदरक का िैम, मुरल्बा या आचार भी वहां चलन मे् गदिाई नही् पड्ता. यह स्वाभागवक है. अपने को बंदर का वंशि मानने वाली िागत अदरक के िुण, स्वभाव, स्वाद आगद से अनगभज्​्है. उत्​्र भारत मे् गदल्ली से लिनऊ तक बारीक कटा अदरक चाट एवं गवगभन्न दाल-सक्लियो्मे्आवश्यक र्प से डाला िाता है. गदल्ली और मेरठ शहर के गिन घरो्मे्पुरानी रवायत से िायापकाया िाता है, वहां आि भी अदरक का सूत िैसा बारीक लच्छा नी्बू के रस मे् नमक डालकर रचाया िाता है. इस सुि्षलाल रचे अदरक की, बड्ेिाल मे् हरी, कत्िई चटगनयो्, काले-पीले अचारो् के अलि-बिल, रौनक गनराली होती है. सद्​्ी-बरसात की बीमागरयो् से बचने के गलए नी्बू-नमक मे् रचा अदरक और बीि रगहत हरी गमच्षगसि्​्औरगधयो्का काम करती है. िीला ही नही्, सूिा अदरक यानी सो्ठ भी चाय तक मे् डालने का गरवाि कई प्​्देशो्मे्है. रसे के आलू, आलू टमार, आलू मटर या अकेली मटर की तरकारी मे् केवल हरी गमच्ष, हरी धगनया, अदरक डाल ले्तो अन्य गकसी मसाले की दरकार ही नही्रह िाती. िुिरात, महाराष्​्मे्सल्िी बेचने वाले आि से 20 -30 बरस पहले तक यह तीनो् चीिे्- अदरक, हरी गमच्ष और हरी धगनया (बंबई का कौिंबीर) िोड्ी मात्​्ा मे् बतौर ‘मसाला’ मुफ्त गदया करते िे. िुिरात, महाराष्​् मे् दाल (आमटी) बनायी िाती है उसमे् यह हरा मसाला अगनवाय्षही होता है. अत्यंत संक्ेप मे् हम यही सुझा रहे है् गक वर्ां्त से लेकर होली तक गकसी न गकसी र्प मे्अदरक का गनयगमत उपयोि अवश्य करे्, बच्​्ो्को भी इसके स्वाद का चस्का लाये, दाल, छोलो्, रािमा, लोगबया आगद मे् कूट-पीस कर ही डाले.् चबाने मे्कटा अदरक चपटपटा लिता है, इसगलए

बच्​्ेउसे गनकाल कर अलि कर देते है्- गपसा अदरक होिा तो बच्​्ेसहि ही उसके स्वाद के अभ्यस्​्हो िायेि् .े भोिन मे्अदरक के साि घी अगधक मात्​्ा मे्अगनवाय्षहोता है. वर्ां्त से सग्दं्यो् की समाक्पत तक तुलसी, अदरक, काली गमच्ष के चाय/काढ्ा अत्यंत उपयोिी औरगध है. बेशक नया अदरक अभी िोड्ा महंिा है- पचास से अस्सी र्पये प्​्गत गकलो- तो भी सप्ताह मे्पाव-आधा सेर अदरक का उपयोि अवश्य करे्. दवा-दार् के तत्कालीन िच्​्ो् मे् गकरायत होिी और केवल िगठया, दमा, निला-िुकाम ही नही्, बक्लक तपेगदक व कै्सर िैसे भयंकर रोिो्से रक्​्ा का उपाय भी होिा. अपने नुस्िो्मे्यदा-कदा अदरक उपयोि की गवगभन्न गवगधयां सुझाते ही रहेि् -े गरलहाल एक नुसि ् ा मटर की चाट का, गिसमे् अदरक का प्च ् रु उपयोि होता है. सूिे, पीले-सरेद मटर पानी मे् एक रात गभिो दीगिये. अिले गदन अदरक की महीन चटनी डाल कर उबाल लीगिये तागक गबलकुल घुल व िल िाये्. बस इसमे्उबला आलू, कच्​्ा टमाटर, बारीक हरी गमच्ष, से्धा नमक, काला नमक, नी्बू का रस, अदरक का बारीक लच्छा गमला ले्. धगनया, िीरा, काली गमच्ष, दालचीनी, पीपल एक साि भून कर उम्दा मसाला भी बना सकते है्. मुबारक रमिान के दौरान रोिा-इफ्तारी के गलए यह एक उपयुल्त व्यि ं न है- हर तरह से उपयोिी है. घी तेल से मुल्त मटर के साि पय्ाषप्त अदरक का उपयोि अगनवाय्षहै. शासकीय अगतगिशाला का हाल तो िो है, सो है. पचासेक या और अगधक बरसो् से हिरतिंि मे् एक मशहूर हलवाई की दुकान देिते-सुनते रहे है्. एक दोपहर उन्ही्के यहां िाना िाने चले िये. यह िानकर क्​्ोभ से चगकत हो िये गक स्वीट्स नाम की मशहूर दुकान पर कारीिर को न पूड्ी बेलनी आती है, न गपट्​्ी लिाकर कचौरी बनना, आलू, कद्​् के साि बेलज्​्त िे, बूंदी के रायते के गलए भूना िीरा तक उपलल्ध न िा. अचार-चटनी के नाम पर िो कुछ िा, लिनवी नरासत की तौहीन िैसा िा, बात सार है हलवाइयो्के यहां िुर्-गशष्य परंपरा नष्​् हो चुकी है और व्यावसागयक प्​्गशक्​्ण का तरीका इिाद नही् हुआ. यही विह है गक हुनर के गलए स्विौरव का सवाल ही नही्उठता. तमाम शालीनता को उतार कर ग्​्फि मे् सुरग्​्कत रिने के बाद यह कहने को मिबूर है्गक उत्​्र भारत मे्तो पूण्षकागलक िृगहणी का हाल भी ऐसा ही बेहाल है. होम साइंस के देसी स्कूल िोगलये या टीवी के सीगरयल मे्उस दक्-् कुशल सास का चगरत्​्रगचये िो नयी बहू को येन-केन प्क ् ारेण घर-बार गसिा सके. इतना िर्र िान लीगिये गक इस बार ओलंगपक मे् n िो दो पदक पाये है्- वह मोटा आटा िाने वालो्ने प्​्ाप्त गकये है्. शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016 49


अंितम पन्ना संदीप पांडे

स्वर्ष के भीतर का नरक

क्या हम कश्मीरी को अपना उतना ही नागसरक नही्मानते सजतना अन्य सकसी राज्य के नागसरक को?

शांगत के दौरान कश्मीर मे्छर्​्ेवाली बंदक ू (पैलटे िन) का प्य् ोि गकया िया है. सोचने की बात यह है गक ल्या देश के गकसी और गहस्से मे्सरकार एक गदन भी लोिो्पर ऐसे हगियार का प्य् ोि कर पाती? यह संभव नही्िा. लोि बिावत पर उतर आते और सरकार ही न चलने देत.े सरकार के मंत्ी कश्मीर मे्िनता को गहंसा छोडऩे की नसीहत दे रहे है,् लेगकन इसी बीच बुरहान वानी की मृतय् ु के बाद से अब तक कश्मीर मे्चले सबसे लंबे कफ्य् ू मे्आम नािगरक ही सबसे अगधक मारे िये है.् सवाल यह है गक गकसकी गहंसा अगधक घातक या िानलेवा िी- लोिो्की या सुरक्​्ा बलो्की? अिर सरकार चाहती है गक लोि गहंसा छोड्कर समाधान की गदशा मे् बढऩे के मामले मे्उसकी अपील सुने्तो सरकार को भी सुरक्​्ा बलो्की गहंसा रोककर माहौल को सामान्य बनाने का काम करना चागहए. अर्ण िेटली ने सांबा मे्अपने भारण मे्कहा गक हगियार उठाने वालो् और पत्िरबािी करने वालो्, दोनो्से सख्ती से गनपटा िायेिा. गसंह ने कहा गक वे कश्मीर के युवाओ्के हाि मे्पत्िर और बंदक ू की बिाय पेन, कंपय् टू र और रोि​िार देिना चाहेि् .े रक्​्ा मंत्ी मनोहर पग्रक ष र ने पागकस्​्ान को नरक कहा है. प्ध् ानमंत्ी कहते है्गक गहंसा के गलए उकसावा देने वाले बच नही् सकेि् .े उन्हो्ने यह भी कहा गक िान चाहे गकसी की िाये, युवा हो या सुरक्​्ाकम्​्ी, आगिर है तो यह देश का ही नुकसान. नरेद् ्मोदी ने पागकस्​्ान अगधकृत कश्मीर से आने वाले शरणाग्ियष ो्के गलए 2000 करोड्र्पये की रागश आवंगटत करने की घोरणा की है. भािपा के सभी नेता मानते है्और अब महबूबा मु्फ्ती से भी कहलवाया िा रहा है गक कश्मीर मे् िो भी असंतोर है उसके गलए पागकस्​्ान गिम्मदे ार है. भािपा नेताओ्की सरलीकृत सोच कश्मीर समस्या को समाधान की गदशा मे्न ले िाकर और पेचीदा बनायेिी. नेताओ्के बयान से ऐसा लिता है मानो गवकास से लोिो्के असंतोर को दूर गकया िा सकता है. परंतु अिर लोि केवल भौगतक गवकास से ही संतष ु ï् हो िाते तो पंिाब िैसे संपन्न राज्य के युवा इतने बड्ेपैमाने पर नशे की लत के गशकार नही्होते. ल्या सरकार को वाकई लिता है गक पागकस्​्ान-अगधकृत कश्मीर के लोिो्की वरादारी िरीदी िा सकती है? यगद ऐसा होता तो कश्मीर मे्अन्य राज्यो्की अपेक्ा गवकास पर ज्यादा धन िच्षकरने के बाद आि हालात इतने बुरे नही् होते. कश्मीर के लोि भारत से प्स ् न्न नही्है,् वे तब तक िुश नही्हो सकते है िब तक कश्मीर समस्या का समाधान उनके मन मुतागबक नही्गनकलता. ज्यादातर गवशेरज्​्ो्का कहना है गक यह हल गकसी गकस्म की स्वायत्त् ा होिी िो कश्मीगरयो्को मंिरू हो. कम से कम भारत द्​्ारा िोपा कोई हल शायद यहां के लोिो्को स्वीकार न हो. भािपा नेता गितनी िल्दी यह बात समझ िायेि् ,े उतनी ही उनकी और कश्मीगरयो्की तकलीर कम होिी. कश्मीर मे्लोिो्को यह भरोसा गदलाने के गलए गक सरकार समाधान के गलए िंभीर है, सुरक्​्ा बलो्को धीरे धीरे हटाना चागहए. तेरह वर्​्ो्मे्पहली 50 शुक्वार | 1 से 15 गसतंबर 2016

बार सीमा सुरक्​्ा बल को भी बुलाया िया. सुरक्​्ा बलो्की भूगमका सीमा पर है, उन्हे्वहां तैनात रहना चागहए. अंदर्नी कानून और व्यवस्िा, िम्मू और कश्मीर की सरकार और पुगलस पर छोडऩी चागहए. आगिर देश मे् अन्य ि​िहो्पर भी आतंकवादी हमले होते है.् ल्या हर ि​िह सुरक्​्ा बलो्को न्योता गदया िाता है? अर्ण िेटली को सोचना चागहए गक आम कश्मीरी मगहलाएं और बच्​्े भी ल्यो्पत्िर उठा रहे है?् पत्िर तो लोि सुरक्​्ा बलो्की गहंसा की प्ग्तग्​्िया मे्उठा रहे है.् बक्लक िेटली को तो कश्मीगरयो्का धन्यवाद देना चागहये गक लोि पत्िर ही उठा रहे है्और बड्ेपैमाने पर कोई गहंसा नही्कर रहे. ऐसे कश्मीरी, िो सुरक्​्ा बलो्पर घातक हमले कर सके,् उनकी संखय् ा बहुत कम है. सुरक्​्ा बल तो पत्िरो्से अपनी सुरक्​्ा कर ही सकते है.् गकंतु लोि, गिनमे् बच्​्ेऔर मगहलाएं भी शागमल है,् अपने को छर्​्ेके बौछार वाली बंदक ू ो्से कैसे बचायेि् ?े इस हगियार से 8 वर्​्ीय िुनदै का रेरड्ा रटने से या 16 वर्​्ीय इंशा की आंि िाने से लोिो्के पास ल्या सुरक्​्ा है? गितने लंबे समय से कश्मीरी इन घातक हगियारो्को झेल रहे है,् हमे्कहना होिा गक कश्मीरी गहंसक नही्, बक्लक सहनशील है.् मुखय् मंत्ी को शम्षभी नही्आती गक वे इंशा से अस्पताल मे्पूछती है्गक ल्या वह उनसे नाराि है? भारत के मुखय् भू-भाि मे्इस गकस्म की गहंसा, शायद आगदवासी इलाके को छोड्, कही्भी बरदाश्त नही्की िाती. कश्मीगरयो्का यह सवाल िायि है गक भारत मे् छर्​्े के बौछार वाली बंदक ू ो् का इस्म्े ाल अब तक और कही् ल्यो् नही् गकया िया? ल्या हम कश्मीरी को अपना उतना ही नािगरक नही्मानते गितना अन्य गकसी राज्य के नािगरक को? कोई भी संवदे नशील लोकतांग्तक सरकार इस गकस्म के हगियार का इस्म्े ाल अपने नािगरको् पर नही् करेिी. इसे इिराइल गरगलस्​्ीनी लोिो् पर इस्म्े ाल करता है, परंतु इिराइल का गरगलस्​्ीगनयो्से वैसा गरश्ता नही्है, िैसा गक भारत कश्मीर के साि होने का दावा करता है. पागकस्​्ान को कश्मीर मे्होने वाली सभी प्क ् ार की गहंसा के गलए दोरी मान लेने मे्भी सरकार की गकरगकरी है. इससे यही सागबत होता है गक कही् न कही्लोिो्पर पागकस्​्ान का प्भ् ाव है और भारत उसके सामने लाचार है. गिस तरह आि भारत बलूगचस्​्ान, गिलगित, बाक्लटस्​्ान या पागकस्​्ान अगधकृत कश्मीर मे्लोिो्के असंतोर का रायदा उठाने की कोगशश कर रहा है वही काम पागकस्​्ान ने इतने सालो्से कश्मीर मे्गकया है. प्ध् ान मंत्ी कह रहे है्गक गहंसा के गलए उकसाने वाले बचेि् े नही्. इस किन मे्यह अहंकार झलकता है गक सरकार ही सही है और िनता िलत. ल्या नरेद् ्मोदी अपने किन को देश के अंदर उनके गहंदतु व् वादी सागियो्द्​्ारा की ियी गहंसा के n संदभ्षमे्भी लािू करेि् ?े (लेिक मैिसेसे पुरस्कार से सम्मागनत समािकम्ी् है.्)




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