Shukrawaar 16 31 march 2016 medium resolution

Page 1

वर्ष9 अंक 6 n 16-31 मार्ष2016 n ~ 20

किसिे माल्या किसिा माल



www.shukrawaar.com

वर्ष9 अंक 6 n 16 से 31 मार्ष2016 स्वत्वािधकारी, मुद्क एवं प्​्काशक क्​्मता सिंह िंपादक अंबरीश कुमार िंपादकीय िलाहकार मंगलेश डबराल राजनीसतक िंपादक वववेक सक्सेना फोटो िंपादक पवन कुमार िंपादकीय िहयोगी

सववता वम्ा​ा अंजना वसंह सुनीता शाही (लखनऊ) अिनल चौबे (रायपुर) पूजा िसंह (भोपाल) अिवनाश िसंह (िदल्ली) अिनल अंशुमन (रांची) कुमार प्​्तीक मनोज वतवारी

कला

प्​्वीण अिभषेक

महाप्​्बंधक

एस के वसंह +91.8004903209 +91.9793677793 gm.shukrawaar@gmail.com

आवरण कथा

8 | अजब माल्या की ग्ज्ब दास्​्ान

सवजय माल्या अपनी रंगीन जीवनशैिी, सिजूिखच्​्ी और ग्िैमर के बि पर िंिद तक पहुंचने के बाद अंतत: देश छोड्कर चिे गये, िेसकन उनका जाना हमारी उि राजनीसतक व्यवस्था के बारे मे्कई बुसनयादी िवाि पैदा कर रहा है.

18 | ताकक रंग मंे भंग न हो

होिी के मौिम मे्बाज़ार मे् रंगो् की बहार है, िेसकन ज्यादातर रंगो् मे्रिायन समिे होते है्जो आंखो् और त्वचा के सिए नुक़िानदेह हो िकते है्.

20 | ‘लेककन सपने नही्जलंेगे’

िबजनेि हेड

मानवासधकार काय्ाकत्ा​ा और आम आदमी पाट्​्ी की नेता िोनी िोरी पर हमिे कोई नयी बात नही्है, िेसकन हर मुिीबत के बाद उनका हौि​िा और झुझार्पन बढ्ता जाता है.

शरद कुमार शुकल ्ा +91. 9651882222

ब्​्ांिडंग

कॉमडेज कम्युिनकेशन प्​्ा़ िल़

प्​्िार प्​्बंधक

यती्द्कुमार ितवारी +91. 9984269611, 9425940024 yatendra.3984@gmail.com

सिसध िलाहकार शुभांशु वसंह

shubhanshusingh@gmail.com

+91. 9971286429 सुयश मंजुल

िंपादकीय काय्ा​ालय

एमडी-4/304, सहारा ग्​्ेस, जानकीपुरम लखनऊ, उत्​्र प्​्देश-226021 टेलीफैक्स : +91.522.2735504 ईमेल : shukrawaardelhi@gmail.com www.shukrawaar.com DELHIN/2008/24781 स्वत्वािधकारी, प्क ् ाशक और मुदक ् क्म् ता सिंह के सिए अमर उजािा पब्लिकेशि ं सिसमटेड, िी-21, 22, िेकट् र-59, नोएडा, उत्र् प्द् श े िे मुस्दत एवं दूिरी मंसजि, ल्ाी-146, हसरनगर आश्म् , नयी सदल्िी-110014 िे प्क ् ासशत. िंपादक : अंबरीश कुमार (पीआरल्ाी अिधसनयम के तहत िमाचारो्के चयन के ि​िए िजम्मेदार) िभी कानूनी िववादो्के ि​िए न्याय क्​्ेत्िदल्िी होगा.

26 | दंगल दीदी और दादा का

30 | अम्मा कै्टीन अम्मा वोट?

46 | बीहड्अब भी संभावना है्

48 | छोटी उम्​्बड्ी उम्मीद

ममता बनज्​्ी अपनी जीत के प्​्सत आश्​्स्िगती है्और उन्हे् उखाड्ने के बारे मे्वाम मोच्ा​ा अपनी आशंका के चिते कांग्ेि िे तािमेि की जी-तोड्कोसशश मे्है.

इटावा मे्यमुना िे शुर्होने वािे बीहड् करीब िौ िाि तक डकैतो्के शरण स्थि बने रहे. अब इि शांत इिाके को पय्टा न क्त्े ्मे्बदिा जा िकता है.

चेन्नई की भयंकर बाढ्और उि​िे सनपटने मे्िरकार की नाकामी के बावजूद यह पहिी बार है सक तसमिनाडु मे्ित्​्ा के सवरोध की िहर नही्सदख रही है.

नयी पीढ्ी की असभनेस्तयो्मे् आसिया भट्​्िबिे प्​्सतभावान मानी जा रही है्. वे कम उम्​् के बावजूद सिनेमा की अच्छी िमझ रखती है्. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

3



आपकी मास्ट हेडाक ड

यह संघ की पाठशाला नहीं

नफरत बढ़ाते डोनाल्ड

डोनाल्ड ट्​्ंप के बयान भिे ही चुनाव जीतने के सिए राजनीसत िे प्स्ेरत हो्. िेसकन ये सकिी छोटे देश के नेता का बयान नही् है. सजिे हल्के मे् िेकर टाि सदया जाये. ये दुसनया के नेतृत्वकत्ा​ा माने जाने वािे अमेसरकी राष्​्पसत पद के उम्मीदवार का बयान है. जो शायद चुनाव जीत भी िकता है. जरा िोसचए ऐिा व्यब्कत अमेसरका और दुसनया के सिए सकतना खतरनाक हो िकता है. ये बयान उि अमेसरका के नेता की तरि िे आया है. सजिने कुछ िािो् पहिे गुजरात मे् दंगो् मे् मुब्सिमो् के सखिाि सहंिा रोक पाने मे् नाकाम रहने के कारण राज्य के तत्कािीन मुखय् मंत्ी नरेद् ्मोदी को वीजा देने िे मना कर सदया था. गुजरात दंगो्मे्तो मोदी की भूसमका कभी िासबत भी नही्हुई. तब भी उनका अमेसरका ने इतना सवरोध सकया. यहां तो ट्​्ंप अमेसरका मे् पूरे मुब्सिम िमुदाय पर ही बैन िगा देने की बात कर रहे है.् जो शायद दुसनया मे्अपने तरह का पहिा मामिा होगा. ट्प्ं की जीत िे अमेसरका मुबस् िमो्का खुिे तौर पर सवरोधी बन जायेगा. सजि​िे जासहर तौर पर अमेसरका और इस्िाम धम्ा के बीच दूसरयां बढ्े्गी और मुब्सिमो्के मन मे्अमेसरका के प्​्सत निरत कई गुना बढ्जायेगी. क्या अमेसरका की ऐिी कट्​्र िोच िे दुसनया मे्आशांसत और युद् का खतरा नही्बढ्ेगा? िशीद खान, पटना (गबहाि)

बे-ख्बर ही ख्बर है

शुक्वार के बीते अंक मे् कठघरे मे् मीसडया शीर्ाक की िंपादकीय मे् मीसडया पर उठ रहे िवािो् को बहुत अच्छे िे दश्ा​ाया गया. आज के ज़माने मे् न्यूज़ बनाने वािे भी होड मे धडाधड खबरे्बना रहे है.् खबर परोिने के बाद

अिज़्ि पर िंवाद को व्यापक नजसरये िे देखना होगा. सजि कसथत राष्व् ाद के सवचार का पािन करते है्. वह भी कही् न कही् सकिी न सकिी सवचार मंथन िे सनकिा है. शुकव् ार ने इि पर सवस्​्ृत सरपोट्ा प्​्कासशत की जो बेहद ही अच्छे ढंग िे इि पूरे प्क ् रण पर प्क ् ाश डािने जैिी रही है. सवश्​्सवद्​्ािय सवद्​्ािय होते है् पाठशािा नही्. वहां सवचारो्का िमुदम् थं न होता है. इि िमुद्मंथन की िािो् की प्​्स्कया िे सवचारो्का अमृत सनकिता है और ये अमृत ही िमाज को सदशा देता है. सवचारमंथन तभी हो

िकता है जबसक िभी प्क ् ार के सवचार िामने आएं. उनपर िंवाद हो. ये िब सवश्स्वद्​्ािय मे् तभी हो िकता है जब िरकार उन्हे्स्वतंत्छोड्.े हो िकता है सक सकिी सवचार िे आप िहमत न हो् िेसकन आप तय नही् कर िकते सक सवश्स्वद्​्ाियो्मे्सकि प्क ् ार का सवचार सवमश्ा हो. कुछ सवचारधाराये् जड्ता की सहमायती है्. वो िमय का चक्​् भी उल्टा घुमाना चाहती है्. उनके सिए भी सवचार रखने की छूट होनी चासहए. जेएनयू मे्इि सवचारधारा के िोग भी थे.

उिके नीचे सडस्क्िेमर िगाकर मीसडया अपनी सजम्मेदारी िे पल्िा झाड िेती है. अब िवाि यह है सक क्या ऐिी खबरो्और िोटो को छापने िे पहिे क्या मीसडया को उिके पीछे के तथ्य को ित्यासपत नही्करना चासहए. पूवा्मे ऐिे कई मामिे उभर कर िामने आये है्. जहां गित खबर छापने या सदखाने के सिए न्यूज़ चैनिो् और पोट्ािो्को मािी मांगनी पडी है. िवाि यह भी है सक क्या मािी भर मांगने िे मीसडया की सज़म्मेदारी खत्म हो जाती है. िमस्या यह है सक आज सजन खबरो् को खबर बनना चासहए, वह 'डस्ब्बबन' मे्चिी जाती है्. क्यो्सक उन्हे पढने और देखने वािा कोई है ही नही्. िोगो को भी ऐिी सववासदत खबरे् खूब भाती है्. प्​्ािंसगक-खबरो् की जगह 'बेखबर' और बेअिर खबरे्, खबर बन रही है्.

सिंह तो कभी िािकृष्ण आडवाणी तो कभी कैिाश सवजयवग्​्ीय के िाथ िोटो िे ड्​्ाइंग र्म िे िेकर िेिबुक टाइमिाइन को भी रौशन करते रहे. दाद देनी होगी कसमश्नर िाहब की तत्परता की भी सजन्हो्ने कन्हैया को हासिज कनेक्शन के नाम पर जेएनयू िे तो उठा सिया. िेसकन उन्हे् िरेआम िड्क पर एक नेता को पीटते बीजेपी के नेता भी अज्​्ात ही नजर आये.

सुगि​ि निवाल, िोहिक (हगियाणा)

भाजपा ने कदया मौक्ा

शुक्वार के बीते अंक मे् भाजपा ने खुद कैिे अपनी सकरसकरी करायी. इि पर एक बेहतरीन व्याख्या पढने को समिा. इि बार िदन मे् हंगामा तो तय ही था. िेसकन िरकार ने खुद इिके सिए मिािे और मौके दोनो्हाथो्िे एक िाथ परोिेगी ये नही् मािूम था. िदन चिे ये सजम्मदे ारी िरकार की होती है. मगर िरकार का निीब ऐिा सक िभी मुद्े छटक कर सवरोधी खेमे मे् चिा जायेगा ऐिा सवपक्​् ने भी नही् िोचा था. हैदराबाद मे् प्​्योग िे मन नही् भरा तो पूरा िरकारी-सियािी अमिा जेएनयू पर टूट पड्ा. नतीजा ये हुआ सक कै्पि िेवि का आयोजन देश का िबिे बडा आयोजन बन गया. रही िही किर उन कािे कोट वािे िंघर्ाशीि नेताओ्की जमात ने पूरी कर दी. जो अब तक कंट्ील्यूशन के नाम पर कभी राजनाथ

गिगिजा गिवािी, बनािस (उत्​्ि प्​्देश)

िुकेश कुिाि, िांची (झािखंड)

क्यो्खायंे ज्हर

आजकि देश के सकिानो्पर बढती आबादी को राशन और िल्जी मुहयै ा कराने का भारी दबाव है. सकिान रािायसनक खादो् को धुआंधार इस्म्े ाि करते है.् इि​िे हमारे खाने मे्एक तरह रािायसनक जहर समिता जा रहा है. जो हमे् कच्​्ेअनाज और िल्जी मे्समिता है. ऐिे मे्हमे् पानीबाबा के नुसख ् े को जर्र उपयोग मे् िाना चासहए. कोई भी िल्जी सबना उबिे न खाये.् श्​्ेिा गसंह, देहिादून (उत्​्िाखंड)

पाठको्से कनवेदन

शुक्वार मे्प्​्कािशत सरपोट्​्ो्और रचनाओ्पर पाठको्की प्​्सतसक्​्या का स्वागत है़ आप अपने पत्​्नीचे िदए गए पते पर या ई-मेि िे भेज िकते है् एमडी-4/304, िहारा ग्​्ेि, जानकीपुरम, िखनऊ उत्​्र प्​्देश-226021 टेिीिैक्ि : +91.522.2735504 ईमेि : shukrawaardelhi@gmail.com शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

5


राजकाज

पलटवार

व्यंग्यगचत्​्: साि​ि कुिाि

केजरीवाल खोज रहे पकरवार जब अर्ण जेटिी अमृतिर िे िोक िभा चुनाव िड्ने गये थे. तो उन्हो्ने इि शहर को अपनी ि​िुराि घोसरत सकया था. बाद मे् पता चिा सक उनकी ि​िुराि तो जम्मू मे् है. अब जब पंजाब सवधानिभा चुनाव सनकट आ गये है.् तो वहां चुनाव मे्उतरने का मन बना चुकी आम आदमी पाट्​्ी की भी हाित कुछ ऐिी ही है. केजरीवाि पंजाब मे्गये तो उन्हो्ने अबोहर मे् अपने सरश्तेदार खोज सनकािे. उनके मामा का पसरवार वहां रहता है. िो, उन्हो्ने अपने मामा और उनके तमाम सरश्तेदारो्को मैिेज भेजा सक वे उनिे समिने आना चाहते है्. उनके मामा और दूिरे िदस्यो्का कहना है सक इि​िे पहिे

ममता की बढ़्ती मुश्ककल कन्हयै ा के रातो्रात िुसख ् या ो्मे्आने के बाद अब उनकी चुनावी उपयोसगता के बारे मे्िोचा जाने िगा है. ऐिा माना जा रहा है सक कन्हैया की राजनीसत िे िबिे बड्ा खतरा ममता बनज्​्ी को है. राहुि गांधी और िीताराम येचुरी मतिब कांग्ेि और िेफ्ट मे्जो दोस्​्ी बनी है. उिका िव्ा​ासधक अिर पस्​्िम बंगाि के सवधानिभा चुनाव मे्होगा. िेफट् ने यसद कन्हयै ा को पस्​्िम बंगाि के प्​्चार मे्उतारा तो तृणमूि कांग्ेि के सिए मुब्सिम वोट बांधे रखना टेढ्ा काम होगा. कांग्ेि और िेफ्ट मे् चुपचाप िीटवार एिायंि बन रहा है. इिका अथ्ामई 2014 के िोकिभा चुनाव आंकड्ो्के मुतासबक तृणमूि 6

शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

केजरीवाि ने कभी भी उनिे िंपक्फ नही् सकया और वे करीब ढाई दशक बाद समिे. केजरीवाि ने िबके िाथ बैठ कर िैसमिी िोटो सखंचवाई और िोशि और पारंपसरक मीसडया मे् इिका खूब प्​्चार कराया. इिके बाद उन्हो्ने भ्​्ष्ाचार सवरोधी मुसहम का मुद्ा बनाया और कहा सक वे सदल्िी माडि िागू करना चाहते है्. इि​िे भी उनकी अपनी दावेदारी अटकिो्को बि समिा है. बनाम कांग्ेि-िेफ्ट मे् कांटे का मुकाबिा है. इिमे् ममता बनज्​्ी की जो हल्की बढ्त है वह मुब्सिम वोटो् के कारण है. वह मुब्सिम वोट अब कंफ्यूज होगा. पांचो् राज्यो् के सवधानिभा चुनाव मे्मुि​िमान राज्यवार टेब्कटकि वोसटंग करेग् .े अिग-अिग राज्य मे्अिग-अिग उि पाट्​्ी को वोट देगे् जो भाजपा को हराते हुए िरकार बनाने की ब्सथसत मे् सदखेगी. पर जेएनयू, अिजि गुर्, देशद्​्ोह, कन्हैया और मीसडया के हल्िा बोि ने मुि​िमान के सिए दुसवधा बना दी है. कन्हैया िे मुि​िमानो् मे् िेफट् की ब्​्ासं डंग बढ्गयी है. अगर िेफट् -कांगि ्े ने कन्हैया को यसद प्​्चार मे्उतार पूरी सशद्​्त िे पस्​्िम बंगाि मे्चुनाव िड्ा तो ममता बनज्​्ी को बहुत पिीना बहाना पड्ेगा.

भाजपा का रेहरा स्मृकत! केद् ्ीय मानव िंिाधन सवकाि मंत्ी स्मसृ त ईरानी िे पाट्​्ी के कई नेता नाराज है्. जवाहरिाि नेहर्यूसनवस्िाटी और रोसहत वेमुिा की घटना पर िंिद मे् बहि के दौरान उन्हो्ने जो भारण सदया, उि​िे पाट्​्ी मे् उनका ग्​्ाि बढ्ा है. अचानक उनको उत्​्र प्​्देश मे् मुख्यमंत्ी का दावेदार घोसरत करने की चच्ा​ा शुर्हो गयी है. इि​िे कई नेता सचढ्े है्. कई वसरष्​् नेता यह सशकायत कर रहे है्सक उन्हो्ने जमीनी स्​्र पर काम सकया है. िेसकन उनके नाम पर सवचार करने की बजाय सि​ि्फ िच्छेदार भारण देने वािी स्मृसत ईरानी के नाम पर सवचार हो रहा है. पाट्​्ी की एक मसहिा नेता ने िंिद पसरिर मे् अ नौ प चा सर क बातचीत मे् कहा सक िंिद मे् बोिने की किा िे ज्यादा तथ्यो् और तैयारी का महत्व होता है. सजिकी कमी स्मृसत ईरानी के भारण मे्थी. बहरहाि, पहिे सदन के भारण के बाद दूिरे सदन जब सिर राज्यिभा मे्मायावती िे स्मृसत ईरानी का टकराव हआ तो ईरानी सिर िे जवाब देने के मूड मे्थी्. िेसकन सवदेश मंत्ी िुरमा स्वराज ने उन्हे्चुप करा सदया. बताया जा रहा है सक सवत्​्मंत्ी अर्ण जेटिी ने भी स्मृसत ईरानी को िमझाया है.


संपादकीय

अन्न संकट की आहट ज

अंबरीश कुमार

नुकसान का वास्​्ववक आकलन कराकर वाविब मुआविा वकसानो्तक पहुंराना भी सरकार की विम्मेदारी है. कृवर क्​्ेत्पर गंभीरता से ध्यान नही्वदया गया तो अन्न का बड़ा संकट पैदा हो सकता है.

िवायु पसरवत्ान का ज्यादा अिर अब खे ती बागवानी पर पड रहा है. बीते िाि भी िूखा, बेमौिम बरिात और ओिा पडने िे देश के सवसभन्न सहस्िो्मे्सकिानो्की ि​ि​ि बब्ा​ाद हो गयी थी. इि िाि भी िग रहा है सक सकिानो् को राहत नही् समिेगी. माच्ा के दूिरे हफ्ते मे् देश के कई सहस्िो् मे् भारी बरिात हुई और ओिा पडा. सजि​िे बडे पैमाने पर खेती को नुकिान पहुंचा है. खेती के िाथ बागवानी को भी मौिम मे् हो रहे बदिाव के अिर को झे िना पड रहा है . पहाड पर इि िाि बि्फ बहुत कम सगरी सजि​िे िे ब, नाशपाती, आडू और खू बानी जैिे ि​िो् पर बुरा अिर हुआ है. मौिम मे् बदिाव की वजह िे ि​ि-िूि ऋ तु चक्​् भी प्​्भासवत हो रहा है. जो िूि माच्ा के अंत तक आते थे . वे िरवरी अं त िे िेकर माच्ा के पहिे हफ्ते मे्ही सखि गये. क्यो्सक अचानक गम्​्ी बढ गयी. यह नयी तरह की चु नौती है, सजिे गंभीरता िे िेना होगा और कृसर वैज्ासनको्को इि​िे सनपटने के बारे मे् िोचना होगा. इि तरह मौिम बदिता रहा तो सकिानो् के सिये बडी िमस्या पैदा हो जायेगी. वैिे भी सकिान तरह-तरह की िमस्याओ्िे जूझ रहा है. कभी खेती की जमीन पर िंकट के बादि सघर आते है्. तो कभी खेती ही बब्ा​ाद हो जाती है. के्द् िरकार ने ि​ि​ि बीमा की जो योजना शुर् की है . उिे िे क र भी सकिानो् ने िवाि उठाया है . इि बीमा के दायरे मे् खेती बागवानी करने वािे बहु त कम सकिान आ रहे है्. जो सकिान इिके दायरे मे् आते भी है्. उन्हे् सकतना िायदा पहुंच पायेगा यह कहना मुब्शकि है. मध्य प्​्देश मे् बीते महीने 'खेती बचाओ िंसवधान बचाओ' यात्​्ा करीब दो िौ गांवो् िे गुजरी तो सकिानो्ने िामसजक काय्ाक्त्ा​ा मेधा पाटकर और सकिान ने ता डा िु नीिम को ि​ि​ि बीमा की वास्​्सवकता िे अवगत कराया. यह चौ्काने वािा था. मध्य प्​्दे श िरकार ने िूखा आपदा िे प्​्भासवत सकिानो् के सिये आठ हजार र्प ये प्​्सत हे क्टे य र का मुआ वजा तय सकया है. िेसकन जमीनी हकीकत एकदम अिग है. सकिी भी सकिान को इि सहिाब िे मुआवजा नही् समिा और आधे िे ज्यादा सकिानो् इि मु आवजे िे वंसचत है्. इि गडबडी मे् िरकारी तं त् का

अंसतम प्​्सतसनसध यानी पटवारी िेखपाि इिमे् बडी भूसमका सनभा रहे है्. वे घूि के सहिाब िे बोनी का रकबा तय करते है्. सजिके आधार पर सकिी सकिान की ि​ि​ि के नुकिान का आकिन सकया जाता है. नतीजा यह होता है की सकिान मनचाही सरश्​्त नही्दे पाता और उिे ि​ि​ि नु क िान का दि-बीि िीिद मु आवजा ही समि पाता है . इिमे् भी ि​ि​ि को कई तरह िे हु ए नु किान को बीमा के दायरे मे् रखा ही नही् गया है. सकिान ने ताओ् की सशकायत है सक मवेशी या जानवरो् िे होने वािा नुकिान, घसटया बीज या कीटनाशक िे होने वािे नु क िान इिमे् शासमि ही नही् है्. मौिम बदिाव की वजह िे देश के बहुत िे सहस्िे प्​्भासवत हुए है्. सजिमे् मध्य प्​्देश के सहस्िे मे् पडने वािा सहस्िा हो या उत्​्र प्​्देश मे् पडने वािा बुंदेिखंड की ब्सथसत बहुत ही बुरी है. हािांसक उत्​्र प्​्देश मे्कुछ जगह सकिानो् को मुआवजा ठीक िे समिा भी है. िसितपुर िे झांिी के आिपाि के सकिानो्के मुतासबक उन्हे् 4700 र्पये प्​्सत एकड के सहिाब िे ि​ि​ि नुकिान का मुआवजा समिा है. के्द् िरकार ने भरोिा सदया है सक प्​्भासवत सकिानो् के नुकिान का आकिन कराया जा रहा है और पूरी सरपोट्ा समिने के बाद मदद की जायेगी. जब िरकार बडे उद्​्ोगपसतयो् का कज्ा माफ़ कर िकती है. तो सकिानो्को भी उिी उदारता िे ि​ि​ि िे हुये नु किान की भरपायी के बारे मे् िोचना चासहये . िाथ ही यह भी िु सनस्​्ि त करना चासहये की ि​ि​ि नुकिान का पूरा मुआवजा सकिानो् तक पहुंचे. ये सबचौसियो् की जेब मे् न चिा जाये . राज्य िरकारो् को इिकी सनगरानी की व्य वस्था करनी चासहये. सजि तरह ि​ि​ि नुकिान का आकिन करने मे् पटवारी गडबड कर रहे है्. उि​िे ब्सथसत और खराब होगी. ठीक उिी तरह जैिे सवदभ्ा मे् िू दखोरो् के सगरफ्त मे् िंिे सकिानो् की हु यी है . इिसिए ि​ि​ि नुकिान का वास्​्सवक आकिन कराकर वासजब मु आवजा सकिानो् तक पहुं चाना भी िरकार की सजम्मेदारी है. कृसर क्​्ेत् पर अगर गंभीरता िे ध्यान नही् सदया गया तो अन्न का बडा िंकट पैदा हो िकता है. यह बात ध्यान रखी n जानी चासहये. ambrish2000kumar@gmail.com शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

7


आवरण मास्ट हेकथा ड

शराब और एयरलाइन के कारोबारी वविय माल्या अपनी रंगीन िीवनशैली, वि​िूलखर्​्ी और ग्लैमर के बल पर संसद तक पहुंरने के बाद अंतत: देश छोड़्कर रले गये, लेवकन उनका िाना हमारी उस रािनीवतक व्यवस्था, पूंिी के भ्​्ष्तंत्और नौकरशाही के बारे मे्कई बुवनयादी सवाल पैदा कर रहा है, विसका िायदा उठाते हुए उन्हाे्ने कामयाबी की सीव्ियां रि्ी्और देश के बैको्के साथ कई हिार करोड़्र्पये की धोखाधड़्ी की.

गवजय िाल्या: देश का िाल हजि

अजब माल्या की ग्जब् शरद गुपंता

ह कहानी केवि बै्को् को नौ हजार करोड् र्पये का चूना िगाने वािे व्यापारी की नही् है. यह एक सबगड्े शहजादे की दास्​्ान भी है जो सपता की गाढ्ी मेहनत की कमाई को ऐशो-आराम पर उड्ाता रहा. यह कहानी इि ऐश को बरकरार रखने के सिये उधार पर उधार करने की भी है. यह कहानी सदखावे की सजंदगी जीने वािे एक शख्ि के िामने देश के बै्को्, िरकार और िरकारी एजे्सियो् के झुके रहने की भी है. यह उि पूरे तंत् की कहानी है जो सवजय माल्या, िसित मोदी और उन जैिे दज्ानो् चतुर िुजानो् की िाज्ार दैन िाइि छसव की पृष्भूसम तैयार करता है, उन्हे् अपनी दौित सवदेश मे् जमा करने और जर्रत पड्ने पर देश िे भाग जाने मे्मदद करता है. गौर कीसजए- दो माच्ा को माल्या िे कज्ा विूिी मे् नाकाम 17 बै्क िव्​्ोच्​् न्यायािय 8

शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

िे गुहार िगाते है् सक वह सवदेश भागने की सिराक मे् है, उिे भागने मत दीसजए, उिका पािपोट्ा रद्​् कीसजए. इधर िुनवाई शुर् हुई और उधर माल्या िात िूटकेिो्के िाथ हवाई अड्​्े रवाना. हवाई अड्​्े पर उन्हे् देखकर आव्​्जन असधकारी िीबीआई को िूचना देते है् क्यो्सक उनके सखिाि िुकआउट नोसटि था. िेसकन माल्या सिर भी सनकि गये. उि सदन और िगभग उिी िमय िीबीआई के सनदेशक असनि सिन्हा भारतीय बै्क िंघ द्​्ारा आयोसजत एक िेमीनार मे् कह रह थे सक िीबीआई के बार-बार अनुरोध के बावजूद बै्को् ने सकंगसिशर के सखिाि जांच एजे्िी के पाि सशकायत दज्ा नही् करवायी. सिन्हा के मुतासबक आसखर मे् एजे्िी को खुद ही केि दज्ाकरना पड्ा. जासहर है, बै्क असधकारी नही् चाहते थे सक माल्या के सखिाि केि दज्ा हो. उनमे् िे ही सकिी ने उन्हे्बता सदया था सक हम आपका पािपोट्ा रद्​् करवाने जा रहे है्. िव्​्ोच्​्

न्यायािय ऐिा कोई आदेश जारी करे, उि​िे पहिे आप सनकि िीसजए. क्या अब भी यह िमझाने की आवश्यकता है सक कोई बै्क असधकारी अपने बै्क और देश के सहत के सखिाि क्यो्काम कर रहा था? िीबीआई की बात करे् तो िुकआउट नोसटि मे् माल्या को सवदेश जाने िे रोकने के बजाय केवि िूसचत करने का प्​्ावधान यो्ही तो नही्हो गया. आव्​्जन सवभाग ने िीबीआई को िावधान कर सदया था सक सवजय माल्या भारत छोड्कर जा रहे है्. इिकी वजह भी थी. िीबीआई के अनुरोध पर ही बीते िाि ही माल्या को िेकर एक िुकआउट नोसटि जारी सकया गया था. ये नोसटि चार तरह के होते है्. पहिा, सजिमे् आव्​्जन सवभाग सकिी व्यब्कत की यात्​्ा की योजनाओ् पर नजर रखता है. दूिरा, सजिमे् वह तुरंत िंबंसधत एजे्िी को खबर देता है. तीिरा, सजिमे् वह िंबंसधत व्यब्कत को देश छोड्ने िे रोक िेता है और चौथा, सजिमे् वह उि व्यब्कत को सहराित मे्िे िेता है.


कैसे हो पैसा वसूल?

माल्या ने कहा है वक उनके नाम पर न संपव्​्ि है और न कि्ष.

मा

ल्या ने राज्यसभा मे् दिये हलफनामे मे् कहा है दक उनके नाम पर न कोई संपद्​्ि है और न कोई कर्.ज वे सच कह रहे है.् उनके घर, रहार, याच, शानिार कारे-् सब कुछ उनकी कंपनी यूनाइटेड स्पपदरट्स दलदमटेड के नाम पर है. इसे माल्या ने 2400 करोड् र्पये मे् दडयादरयो को बेच दिया. यानी यह सारी संपद्​्ि अब दडयादरयो की हो गयी. बै्क चाहे् तो भी इसमे् एक-एक पैसे की संपद्​्ि बेचकर अपनी वसूली नही् कर सकते. यूनाइटेड ब्​्ुएरीर होस्लडंग दलदमटेड मे् माल्या की दहप्सिे ारी 52.34 फीसिी है. इन शेयरो् का बारार मूल्य 6864 करोड् र्पये है. वही् यूनाइटेड स्पपदरट्स दलदमटेड मे् माल्या के शेयरो् की कीमत 141 करोड् र्पये है. अगर इन कंपदनयो् के भाव शेयर बारार मे् दगरे तो यह रादश कम हो रायेगी. बैक ् ो् से दलये कर्ज का बड्ा दहप्सा माल्या पहले ही दविेशी बैक ् ो् मे् रमा कर चुके है्. दडयादरयो से दमलने वाली दरस 545 करोड् र्पये की रादश पर कई बैक ् हक् रता रहे

दास्​्ान

सवजय माल्या के सखिाि जारी िुकआउट नोसटि दूिरी तरह का था. िीबीआई के अनुरोध पर ही बीते िाि ही माल्या को िेकर एक िुकआउट नोसटि जारी सकया गया था. िीबीआई के एक प्​्वक्ता का कहना है, 'माल्या के सखिाि कोई वारंट नही्था. इिके अिावा वे इि​िे पहिे भी कई बार देश िे बाहर जाकर वापि जा चुके है्. हम उनिे पहिे ही तीन बार पूछताछ कर चुके है्और इि घोटािे िे जुड्ेिबूत इकट्​्ा कर चुके है्. यानी पके् िबूत होने के बावजूद उन्हे् सनकिने सदया गया. अभी इि मामिे की बहुत िी परते्खुिनी बाकी है्. हो िकता है, आगे जाकर ख्ुिािा हो सक ि​िां-ि​िां मंत्ी ने िोन सकया था सक माल्या को िंदन चिे जाने दो और िीबीआई या पुसि​ि का ि​िां असधकारी उन्हे्हवाई अड्​्े तक छोडऩे भी गया था. मीसडया िे िरकार तक िब उिकी खासतरदारी कर रहे थे. िब उिकी दसरयासदिी

के कायि थे. माल्या ने​े कभी उनकी चापिूिी नही् की. इिके उिट, ताकतवर माने जाने वािे िेाग उनकी खुशी मे् अपनी खुशी तिाश करते थे. उनकी शाही पास्टियो् की िबको प्​्तीक्​्ा रहती थी. सजिे उनका िािाना सकंगसिशर कैिे्डर समिता था, वह खुद को भाग्यशािी मानता. यही वजह है सक गवजय की बीयि: लोकग्​्पय लहि

है,् उसमे् से 275 करोड् र्पये माल्या पहले ही वसूल कर चुके है.् वह भी दविेशी खातो् मं.े कऱार की शत्​्ो् के मुतादबक बाकी रादश 25-25 करोड् की दकस्​्ो् मे अगले छह-सात साल मे् दमलेगी. भारत मे् माल्या को एक तरह से आद्थक ज अपराधी घोदित कर दिया गया है. अिालते् उनके दखलाफ ग्ैर-ज्मानती वारंट रारी कर रही है.् दकसी बैक ् से, या अिालत से उसे राहत दमलती नरऱ नही् आ रही है. माल्या ने राज्यसभा से छुट्ी के दलए आवेिन नही् दिया है. बग्ैर आवेिन के ग्ायब रहने पर सांसि के दखलाफ अनुशासनात्मक कार्वज ाई शुर् की रा सकती है. उनका राज्य सभा का काय्क ज ाल भी 5 रून को समाप्त हो रहा है. ऐसे मे् लगता नही् दक माल्या वापस लौट कर आये्गे. वे लदलत मोिी की तरह दविेश मे् रहते हुए अपना कारोबार चलाये्गे. हो सकता है वह नया कारोबार शुर् करं.े लेदकन क्या दविेशी बैक ् भी हमारी बैक ् ो् की तरह मुफत् मे् कर्ज िे िेग ् ?े ऐसा संभव तो नही् लगता.

वर्ा 2002 मे् जब माल्या ने राज्यिभा मे् जाने की ख्वासहश जतायी तो जनता दि िेक्युिर िे िेकर कांग्ेि तक िब उिकी मदद मे् जुट गये. कन्ा​ाटक के तत्कािीन मुख्यमंत्ी एिएम कृष्णा माल्या के सरश्तेदार थे. राज्य मे् वे िबिे ज्यादा वोट िे जीते. िन 2010 मे् उन्हे् राज्यिभा के सिए दोबारा चुन सिया गया. इि बार राज्य मे् भाजपा की िरकार थी. िेसकन तत्कािीन मुख्यमंत्ी येस्दयुरप्पा िे भी उनके िंबंध उतने ही मधुर थे सजतने कृष्णा िे. भाजपा के िाथ इि बार भी जनता दि िेक्युिर का िमथ्ान था. इि बार भी वे िव्ा​ासधक वोटो्िे जीते. क्या अब भी बताने की जर्रत है सक ऐिा कैिे हुआ? राजनेताओ् िे माल्या के िंबंध कैिे थे, इिका अंदाजा इि बात िे िगाइए सक जनता दि िेक्युिर के प्​्मुख और पूव्ाप्​्धानमंत्ी एच डी देवेगौड्ा आज भी उनकी वकाित कर रहे है्. देवेगौड्ा का कहना है सक वह भागा नही्है, वह कन्ा​ाटक का बेटा है और वापि आयेगा. वह ख्ुाद पर िगे आरोपो् िे बरी हो जायेगा. इतना भरोिा कहां िे आता है? उधर, माल्या कह रहे हंै सक ऐिे माहौि मे्भारत आना िंभव नही्. मीसडया ने मुझे पहिे ही दोरी ठहरा सदया है. स्पष्​्है सक वे जेि जाना नही्चाहते. उन्हे् कोई भेजना भी नही्चाहता. अगर ऐिा होता तो उन्हे्भागने ही क्यो्सदया जाता. अगर उिे जेि शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

9


आवरण कथा जाना पड्ा तो उनके पीछे कई ि​िेदपोश भी जाये्गे. उनकी सहम्मत की दाद दीसजए. उन्हाे्ने अपने ताजा बयान मे् कहा है सक अगर मेरे सखिाि मीसडया ट्​्ायि जारी रहा तो भारत मे् असधकांश बड्े पत्​्कारो्-िंपादको् ने मुझिे जो-जो िुसवधाएं िी है् उन िबका खुिािा कर दूंगा. माल्या प्​्करण के तीन पहिू है्. पहिा, जब उनका शराब कारोबार इतना ि​ि​ि था तो वह अन्य कारोबारो् मे् क्यो् घुिे और अपनी कब्​् क्यो् खोदी? दूिरा, िगातार घाटे के बावजूद बै्क माल्या को कज्ापर कज्ाक्यो्देते गये? और तीिरा क्या बै्क अपना नौ हजार करोड् र्पये का कज्ा वापि िे पाये्गे? अगर पूरा नही् तो सकतना? यह भी सक क्या माल्या भारत वापि आये्गे? िबिे पहिे कारोबार की बात. सवजय माल्या के सपता सवट्​्ि माल्या ने शराब का कारोबार शुर् सकया था. उन्हो्ने बहुत मेहनत कर इिे मुनािे का िौदा बनाया, िेसकन अभी सवजय माल्या की उम्​् 28 ही थी सक सपता की मृत्यु हो गयी. माल्या को कारोबार िंभािना पड्ा. उन्हो्ने तेजी िे इिका सवस्​्ार सकया. उन्हो्ने कई कंपसनयां खरीदी्. शॉ वैिेि के सिए मनु छाबसड्य़ा िे िड्ाई िड्ी. िाि 2002 मे् मनु की मौत के बाद कंपनी को खरीद सिया और माल्या की यूनाइटेड ब्​्ुएरीज दुसनया की दूिरी िबिे बड्ी सबयर सनम्ा​ाता गकंिगिशि एयिलाइंस: हजािो् कि्मचािी बेिोजिाि

10 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

कंपनी बन गयी. अब तक माल्या को यह िगने िगा था सक शराब के कारोबार मे् मुनािा तो है, िेसकन इज्​्त नही् है. यही वजह थी सक उन्हो्ने दूिरे कारोबार मे् हाथ आजमाना शुर् कर सदया. बेस्ट, क्​्ांपटन और बज्ार पे्ट तक कई कंपसनयां खरीदी् और बेचा. बज्ार पे्ट को िगभग 25 करोड् र्पये के मुनािे पर कुिदीप और गुर्बचन धी्गड्ा को बेची. दोनो् भाइयो् ने इिे छह हजार करोड्

घाटे की एक बड़ी वजह बना एक हजार करोड़ऱपये मे़एयर डेक़न को खरीदना. माल़या ने बबना ऐयर डेक़न की बैले़सशीट देखे उसे खरीद बलया. र्पये मूल्य की देश की दूिरी िबिे बड्ी पे्ट कंपनी बना सदया. इि बीच माल्या ने रॉयि चैिे्जि्ा बे्गिुर् नामक आईपीएि टीम खरीदी. िॉम्ाूिा वन टीम खरीदी, कोिकाता की एक िुटबाि टीम खरीदने का प्​्याि सकया. िरवरी 2016 मे् बारबाडोि ट्​्ाइडे्ट टीम खरीदी जो कैरेसबयाई प्​्ीसमयर िीग खेिती है. माल्या ने करीब 13 करोड्र्पये मे्इि टीम को खरीदा और सखिासड्य़ो्के वेतन के र्प मे्पांच करोड्

र्पये भी सदये. िाि 2015 मे् सकंगसिशर अल्ट्ा इंसडया डब्​्ी मे्तीन करोड्र्पये िगाये और अपने जन्म सदन पर तीन करोड् र्पये खच्ा सकये. डेढ् करोड् र्पये खच्ा कर एक नीिामी मे् टीपू िुल्तान की तिवार खरीदी. महात्मा गांधी के पत्​् खरीदे. ये िौदे छोटे थे, िेसकन इन्हो्ने मीसडया की खूब िुस्खायां बटोरी्. माल्या को पता चि चुका था सक दरअि​ि िम्मान कैिे हासि​ि सकया जाना है. सवजय माल्या पर 'द सवजय माल्या स्टोरी' नामक सकताब सिखने वािे के सगसरप्​्काश कहते है्, 'भारत मे्शराब व्यविाय को अच्छी नजऱो्िे नही्देखा जाता. माल्या चाहते थे सक िोग उन्हे्शराब के बड्ेव्यविायी नही्, बब्लक एक उद्​्ोगपसत के र्प मे्जाने्. वे इि ठप्पे िे पीछा छुड्ाना चाहते थे. इिसिए माल्या ने इंजीसनयसरंग, उव्ारक, टेिीसवजऩ और चाटज्​् सवमान िेवा की कंपसनयो् मे् पैिे िगाये.' सवजय माल्या ने सजंदगी का िबिे बड्ा जुआ खेिा सकंगसिशर एयरिाइंि खोिकर. पहिे सदन िे ही यह कंपनी घाटे मे् चिी गयी. यह सि​िसि​िा 2012 मे् कंपनी बंद करने के बाद भी िमाप्त नही्हआ. नौ हजार करोड्र्पये का घाटा िर पर िवार हो गया. इि घाटे की एक बड्ी वजह बना एक हजार करोड्र्पये मे्ऐयर डेक्न को खरीदना. माल्या ने सबना ऐयर डेक्न की बैिे्िशीट देखे उिे खरीद सिया क्यो्सक उन्हे् सवदेश मे् सवमान उड्ाने के गविाट कोहली औि िाल्या: पैसा औि गि्​्केट


माल्या बनाम कपल्लई

ग्​्ीनपीस की काय्षकत्ाष व्​्िया वपल्लई को लुकआउट नोवटस के वबना ही ववदेश िाने से रोक वदया गया.

न 2015 की 11 रनवरी को पय्ावज रण संरक्ण ् के दलये काम करने वाले प्वयंसेवी संगठन ग्​्ीनपीस की एस्कटदवप्ट द्​्िया दपल्लई को दिल्ली हवाई अड्​्े पर अदधकादरयो् ने उस समय रोक दलया रब वह लंिन राने वाली एक उड्ान मे् सवार होने रा रही थी्. एक साल िो महीने बाि िो माच्ज 2016 को बै्को् के हरारो् करोड् र्पये चुकाने मे् नाकाम दववािाप्पि उद्​्ोगपदत दवरय माल्या लुकआउट नोदटस होने के बावरूि बहुत आसानी से िेश छोड्कर लंिन चले राते है्. ये िोनो् घटनाये् मौरूिा सरकार के िोहरे मानिंडो् को उरागर करती है्. दरस समय दपल्लई को रोका गया, उसके कुछ अरसा पहले से ही सरकार और ग्​्ीनपीस के बीच टकराव सामने आ रहा था. दपल्लई मध्य ि्​्िेश के महान कोयला ब्लॉक क्​्ेत् मे् आदिवादसयो् के अदधकारो् से रुड्े एक सम्मेलन मे् दहप्सा लेने लंिन रा रही थी्. ग्​्ीनपीस आदिवादसयो् के रीवन पर नकारात्मक ि्​्भाव वाली इस योरना के दखलाफ प्थानीय लोगो्ं को रागर्क करने का काम कर रही थी और सरकार इस बात से दचढ्ी हुई थी. उस वक्त सरकार ने कहा था दक दपल्लै को इसदलए रोका गया क्यो्दक सरकार दविेशो् मे् िेश की नकारात्मक छदव नही् बनने िेना चाहती थी. हालांदक कुछ ही समय बाि सरकार को मुंह की खानी पड्ी और सव्​्ोच्​् न्यायालय ने सरकार को आिेश दिया दक दपल्लै का नाम उन लोगो् की सूची से हटा दिया राये दरनकी यात्​्ा ि्​्दतबंदधत है. अब बात करते है् दवरय माल्या की. िेश के बै्को् से करीब 9000 करोड् र्पये का कर्ज लेने वाले दडफॉल्टर उद्​्ोगपदत दवरय माल्या रब िो माच्ज की रात रेट एयरवेट की उड्ान से लंिन गये तो उन्हे् मामूली पूछताछ के बाि राने दिया गया. उल्लेखनीय है दक इस कर्ज मे् अदधकांश दहप्सा सरकारी बै्को् का है और कहना नही् होगा दक यह आम भारतीयो् की गाढ्ी मेहनत की कमाई से दिये राने वाले करो् का पैसा है. शायि सरकार की नरर मे् माल्या का अपराध दपल्लई की तुलना मे् छोटा है. यही वरह है दक उनके नाम पर सीबीआई का लुकआउट नोदटस होने के बावरूि उनको आसानी से दविेश चले राने दिया गया. रानकारी के मुतादबक पहले इस लुकआउट नोदटस मे् माल्या के दविेश राने के ि्​्यास करने पर उनको दगरफ्तार करने का दनि्​्ेश था लेदकन उसे बाि मे् बिलकर केवल दविेश

असधकार इिी के माध्यम िे समिने वािे थे. सकिी भी कंपनी को कज्ा देते िमय बै्क उिकी तीन िाि की बैिे्ि शीट, कज्ाचुकाने का सरकॉड्ा, बाजार मे् उिकी ब्सथसत और उिके व्यापासरक अनुमान पर ध्यान देते है्. अगर इनमे् िे कोई चीज कमजोर समिी तो कज्ा वापि िेने की गारंटी के तौर पर उि कंपनी के शेयर, उिकी जमीन और िंपस्​्त सगरवी रख िेते है्. बड्ा कज्ा होने पर बै्क कज्ादार के सनदेशक मंडि मे् शासमि हो जाते है् तासक उिके कामकाज पर नजर रखी जा िके. जब कोई कंपनी सडिॉल्ट करती है तो बै्क उिके कज्ा को िंिा हुआ मानकर खाते िे हटा देते है् इि​िे उनके खाते िाि-िुथरे बने रहते है्. हािांसक एक दो िाि बाद तक उि कज्ा की विूिी के प्​्याि जारी रहते है्. माल्या ने असधक िे असधक कज्ा िेने के सिए अपनी िभी कंपसनयां सगरवी रख दी्,

ग्​्पया गपल्लई: भेदभाव की गशकाि यात्​्ा की सूचना िेने की खानापूरी तक सीदमत कर दिया गया. यही वरह है दक माल्या आसानी से िेश छोड्कर चले गये. यह ि्​्श्न भी उठता है दक ि्​्धानमंत्ी के अधीन काम करने वाली सीबीआई के आिेश मे् यह बिलाव दकसने और क्यो् करवाया? बहरहाल, ये िो घटनाएं मौरूिा के्द् सरकार की ि्​्ाथदमकताओ् को एकिम प्पष्​् कर िेती है्. उसे आदिवादसयो् के दहतो् की बात करने वाली एक पय्ाजवरण काय्जकत्ाज से खतरा महसूस होता है दक वह दविेशो् मे् िेश की छदव खराब कर िेगी रबदक काले धन के नाम पर सि्​्ा मे् आने वाली सरकार उद्​्ोगपदत दवरय माल्या को सरकारी खराने से हरारो् करोड् र्पये की रकम हरम कर बहुत आसानी से दविेश चले राने िेती है. - पूरा दसंह

िेसकन उनकी िंपस्​्त की कीमत औ्धे मुंह सगरी. सकंगसिशर एयरिांइि पर डेढ् हजार करोड्र्पये का कज्ाथा, िेसकन आज उिकी कुि िंपस्​्त डेढ्करोड्र्पये भर है. शायद बै्क माल्या के दबाव मे् आ गये. डूबती कश्ती को बचाने के सिए माल्या िे ज्यादा मेहनत बै्को्ने की और कज्ा देते चिे गये. आसखरी कज्ा आईडीबीआई बै्क का है सजिने तीन िाि पहिे 800 करोड् र्पये सदये. तब तक िब जान चुके थे सक माल्या सदवासिया होने के कगार पर है्. माल्या ने पैिे के सिए बै्को् िे िगातार झूठ तो बोिा ही, िाथ ही बै्को्का पैिा व्यापार मे् िगाने के बजाय शानोशौकत पर खच्ा सकया. नौ हजार करोड् र्पये के कज्ा के बावजूद उनके चार हजार करोड् र्पये िे असधक सवदेशी बै्को् मे् जमा है्. माल्या ने सवदेशो् मे् तमाम िंपस्​्तयां खरीदी्. एक अनुमान के मुतासबक, भारत मे् माल्या की

सजतनी िंपस्​्त है उि​िे कई गुना असधक तो सवदेशो् मे् है. सजि िमय बै्क अदाित मे् उनका पािपोट्ारद्​्करवाने की गुहार िगा रहे थे, उि िमय माल्या सडयासजयो कंपनी िे हुई 545 करोड् र्पये की डीि के 275 करोड् र्पये सवदेशी बै्क मे् जमा करवा रहे थे. यही वजह है सक बै्को्ने उनको सवि​िुि सडिॉल्टर घोसरत सकया. यानी ऐिा व्यब्कत जो जानबूझकर कज्ानही्चुका रहा. सकिी भी कज्ा का बोझ या तो कज्ा िेने वािे िर पर होता है या सजि बै्क का कज्ा उिके शेयर धारको्पर. असधकांश बै्क शेयर बाजार मे् िूचीबद्​् है् ऐिे मे् उनके शेयर के भाव उनकी सवत्​्ीय ब्सथसत िे िीधे जुड्े है्. खराब कज्ा का बोझ आसखरकार बै्क ही उठायेगा. यानी वह अपने अंशधारको् को जो िाभांश दे िकता था, उि​िे बहुत कम दे पायेगा. यह पैिा अंतत: आम आदमी की जेब n िे जायेगा. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 11


आवरण कथा वि​िेक सकंसेना

मेशा पैिे िे राजनीसत करने और राजनीसत के जसरये पैिा कमाने की किा मे् पारंगत सवजय माल्या आसखर िबको ठे्गा सदखाते हुए बड्े आराम िे देश छोड् कर चिे गये. उनके जाने के बाद िरकार और तमाम जांच एजंसियो् को इि बात की िुध आयी सक उन्हे्देश छोड्ने िे रोकना सकतना जर्री था. यह हैरतनाक है सक सजि उद्​्ोगपसत के सखिाि 27 मुकदमे चि रहे हो्, सजि पर 9000 करोड् र्पये की देनदारी हो, सजिके पीछे 17 बै्क, अदािते्, िीबीआई, िीसरयि फ्​्ाड आसि​ि, प्​्वत्ान सनदेशािय, इंटि े ीजेि ् ल्यरू ो िगे हो्, वह आराम िे एग्जीक्यूसटव क्िाि का सटकट कटवा कर िंदन चिा जाये और वहां जाकर आंखे्सदखाते हुए यह बयान दे सक वह भागकर नही्आया है. अगर उिने मुहं खोि सदया तमाम िोग बेनकाब हो जाये्गे. माल्या ने देश की मौजूदा व्यवस्था का भरपूर िाभ उठाया. सजि देश की िबिे बड्ी जांच एजंिी िीबीआई के सनदेशक के घर मांि व्यापारी हफ्ते दो हफ्ते मे् मांि िेकर आता हो, सजि देश का िबिे बड्ा आइएएि अि​िर कैसबनेट िसचव अपने घर की पाट्​्ी का चंद हजार का सबि का सकिी उद्​्ोगपसत िे भुगतान करवाता हो, अगर उिी देश मे्रहते हुए सवजय माल्या ने भी व्यवस्था की कमजोसरयो्, बै्क मै्नेजरो, जांच एजंसियो्, राजनीसतक दिो्और मंस्तयो्की कमजोसरयो्का भरपूर िाभ उठाया, तो इिमे् गित क्या है? वह शराब का खानदानी व्यविायी था. इि िमय देश मे् सबकने वािी आधी सबयर और एक सतहाई शराब की आपूस्ता उिके ही शराब कारखानो्िे होती है. उिे हर तरह के नशे का शौक है. बि, एक राजनीसत का ही नशा रह गया था. इिसिए उिने ित्​्ा के गसियारो् तक पहुंचने की ठान िी. वह िन 2002 मे् पहिी बार जनता दि (एि) और कांग्ेि की मदद िे राज्यिभा मे् सनद्ािीय उम्मीदवार के र्प मे् पहुंचा. बसढया कारो्, घोड्ो् की िवारी करने के सिए मशहूर इि उद्​्ोगपसत ने इि बार ऐिी िगाम किी सक वह िीधे िंिद पहुंच गया. उिने िन 2004 के कन्ा​ाटक चुनाव मे्जनता पाट्​्ी के सटकट पर कुछ दज्ान उम्मीदवार खड्े सकये. यह वही जनता पाट्​्ी है सजिके अध्यक्​् डा िुब्मण्यम स्वामी है्. सवधायको्के प्​्चार मे्सहस्िा सिया. तन-मन-धन िे उनका िमथ्ान सकया. चुनाव प्​्चार के दौरान उिका हैिीकाप्टर दुघ्ाटनाग्​्स्हुआ. उिकी टांग और सदि दोनो् ही टूट गये और उिने भसवष्य मे् सिर कभी िीधे चुनाव न िड्ने का िैि​िा कर सिया. वे दोबारा 2010 मे् भाजपा और जनता दि 12 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

शराबपति का ठेंगा (एि) की मदद िे सिर राज्यिभा मे्पहुंचाये. उि िमय कन्ा​ाटक मे् वाइएि येस्दयुरप्पा की िरकार थी. 17 जून 2010 को भाजपा सवधायक दि की बैठक मे् यह सनद्​्ेश जारी सकया गया सक उन्हे् अपने असतसरक्त वोट सवजय माल्या को देने है्. तब यह दिीि दी गयी सक कांग्ेि को हराने के सिए ऐिा करना जर्री था. सवजय माल्या पुनः जीते और िंिद की कामि्ा और नगर सवमानन मंत्ािय के स्थायी िसमसत के िदस्य बना सदये गये. आमतौर पर यसद सकिी िांिद के सकिी मंत्ािय िे व्यापासरक सहत जुड्ेहोते है्तो उिे उिके स्थायी या ि​िाहकार िसमसत मे् नही् रखा जाता है. इि बार भाजपा ने उनकी मदद की. रही बात जनता दि (एि) की, तो उिके बारे मे् कन्ा​ाटक मे् कहा जाता है सक वह तो ‘तत्काि’ िेवा है. असतसरक्त शुल्क चुका कर कोई भी सटकट खरीद िकता है. वह राजीव चंद्शेखर िे िेकर एमएएम रामस्वामी तक को इिी िेवा के जसरये राज्यिभा तक का ि​िर करवा चुका है.

गवजय िाल्या: दोनो् हाथो् से ठे्िा

राज्यिभा मे्पहुंचने के बाद सवजय माल्या को िगा सक जब वे इतनी आिानी िे राजनीसत मे्उड्ान भर िकते है्तो क्यो्न अपनी सवमान िेवा शुर्की जाये. उन्होे्ने भी 2005 मे्अपनी सकंगसिशर एयरिाइंि शुर्कर दी. तब यपूीए की िरकार थी. उिका दावा था सक वे देश की िबिे शान-शौकत वािी हवाई िेवा मे् दूिरे नंबर की सनजी एयरिाइंि थी. उन्हो्ने सवमान खरीदने के सिए आईडीबीआई िमेत तमाम बै्को िे पैिा िेना शुर्कर सदया. मंत्ी, िांिद, िंपादक, अि​िरशाह, बैक ् मैनज े र उनके सनजी सवमान की िेवाएं िेते थे. वे उन्हे् दुसनया के सवसभन्न कोनो्मे्होने वािे टैस्ट मैच सदखाने िे जाते थे. राष्​्वादी कांग्ेि पाट्​्ी के नेता प्​्िुल्ि पटेि नगर सवमानन मंत्ी थे, सजन्हे् उनका िंमधी कहकर भी बुिाया जाता है. उि िमय यह सनयम था सक सवदेशी उड्ान भरने के सिए एयर िाइंिेि का पांच िाि पुराना होना जर्री है. तब तक सकंगसिशर एयर िाइंि को दो िाि ही हुए थे. वह इि शत्ापर खरी नही्उतरती थी. अतः एक आिान तरीका खोजा गया कैप्टन


शराब के खानदानी व्यापारी माल्या ने देश की व्यवस्था का भरपूर लाभ उठाते हुए नेताओ्नौकरशाहो् से अपना नेटवक्क बनाया और रािनीवत मे्अपनी हैवसयत पुख्ता की. गोपीनाथ की डेक्न एयर को खरीद सिया, जो सक उि िमय घाटे मे्चि रही थी और सवदेश मे्उड्ान भरने की शत्ापूरी करती थी. िरकारी िरपरस्​्ी के चिते डेक्न एयर का नाम सकंगसिशर रेड रखा और उिका सकंगसिशर मे् सविय करा उिे बंद कर सदया और अपनी कंपनी के नाम िे सवदेशी उड्ान भरनी शुर्कर दी. प्ि ् लु ि ् पटेि सकंग सिशर और जैट एयरवेज पर इतने मेहरबान हुए सक उन्हो्ने तमाम मुनािे वािे र्ट एयर इंसडया और इंसडयन एयर िाइंि िे िेकर इन दोनो्को िौ्प सदये. इिके बावजूद सवजय माल्या की अय्याशी बढ्ने के कारण सकंग सिशर घाटे मे्जाने िगी. यूपीए के ही शािन काि मे्व्यािर रसव ने नगर सवमानन मंत्ी रहते हुए तत्कािीन सवत्​् मंत्ी प्​्णब मुखज्​्ी िे इि एयरिाइंि के पुन्ागठन के सिए बै्को् िे 7000 करोड् का कज्ा सदिवाने की पैरवी की. िरकार सकि कदर मेहरबान थी सक इिका अनुमान इि​िे ही िगाया जा िकता है सक सकंग सिशर की ब्​्ांड वैल्यू 500 करोड् आंकी गयी और उिके आधार पर उिे कज्ा दे

सदया गया. एयरिाइंि की ब्​्ांड वेल्यू भिे ही न रही हो, पर उिके मासिक की ब्​्ांड वेल्यू जर्र काम कर रही था. शायद ही कोई ऐिा िांिद या मंत्ी हो, सजिके घर दीवािी पर माल्या बसढ्या शराब न सभजवाते हो्. बहुचस्चात ‘रासडया टेप’ मे्नीरा रासडया को प्​्िुल्ि पटेि के बारे मे्यह सटप्पणी करते हुए पाया गया सक अब उन्हे् नगर सवमानन मंत्ी नही् बब्लक सकंगसिशर का मंत्ी कहा जाता है. सकंगसिशर की देनदारी बढ्ती गयी, वह घाटा उठाती रही और अंततः 31 सदिंबर 2012 मे् यह सवमान िेवा ठप्प हो गयी और उिका िाइिे्ि रद्​्कर सदया गया. ढाई िाि बाद मई 2014 मे्ित्​्ा पसरवत्ान हो गया. जब भाजपा की राजग िरकार ित्​्ा मे् आयी तो उिे पता था सक सकन िोगो्ने बैक ् ो्का कािा धन दबा रखा है. कािा धन वापि िाने और हर नागसरक के खाते मे् 15 िाख र्पये जमा करवाने के वादे करने वािी इि िरकार के ित्​्ा मे् आने के बाद यह नही् िोचा सक सवदेश मे्जमा कािा धान वापि िाने के पहिे देश बै्को् की डूबी रकम को उगाही कर िी जाये. बीते पांच िािो् िे 17 बै्को् के पैिे की विूिी नही् हो पा रही थी. पर नयी िरकार ने इनकी उगाही की कोई कोसशश नही्की. कांग्ेि का तो िीधा आरोप है सक राजग िरकार मे् माल्या के दोस्​्ो् की कमी नही् है. अगर बै्क सपछिी िरकार के दबाव मे् उनके सखिाि विूिी की कार्ावाई करने िे कतराते रहे तो यह िवाि पैदा होना स्वाभासवक है सक इि िरकार को ऐिा करने िे सकिने रोका था? सजि तरह िे िीबीआई ने कार्वा ाई की, वह आंखे् खोिने वािी है्. िुप्ीम कोट्ा तक िीबीआई को सपंजरे मे्बंद तोता करार दे चुका है, पर िगता है सक अभी तक उिके कामकाज के तरीके मे्कोई बदिाव नही्आया है. गुिाम नबी आजाद कहते है्, ‘िीबीआई ने अक्टूबर मे्जो िुकआउट नोसटि जारी सकया था. उिमे् माल्या के देश छोड्ने की कोसशश करने पर सहराित मे् िेने की बात थी. नवंबर मे् यह आदेश बदि सदया गया और उनके देश छोड्ने पर आव्​्जन असधकासरयो् िे सि​ि्फ िूचना देने को कहा गया.’ कांग्ेि अर्ण जेटिी पर यह आरोप िगा रही है सक उन्हो्ने माल्या को भागने मे्मदद की. ल्यूरो आि इसमग्​्ेशन (बीओआई) ने िीबीआई को माल्या के देश िे जाने के बारे मे् आगाह सकया था क्यो्सक उनके सखिाि बीते िाि िुकआउट नोसटि जारी सकया गया था. हािांसक िीबीआई प्​्वक्ता ने बताया ‘माल्या के सखिाि कोई वारंट जारी नही् सकया गया था. पहिे वे कई बार सवदेश जाने के बाद देश िौटे

है्.’ अब िीबीआई ि​िाई दे रही है सक पहिा नोसटि गिती िे जारी हो गया था, इिसिए उिे वापि िे सिया गया. यह वही िीबीआई है जो सक कभी मायावती के सखिाि आय िे असधक िंपस्​्त का मामिा दायर करती है और सिर हाित बदिते ही कोई िबूत न होने की बात कहकर मामिा खत्म करने की अदाित िे सि​िासरश करती है. कंप्यूटर क्​्ांसत के इि युग मे् इि​िे ज्यादा हास्यास्पद बात और क्या हो िकती है सक राज्यिभा के िदस्य माल्या दो माच्ाको आराम िे देश छोड्कर चिे जाते है्और तीन माच्ाको देश के िबिे बड्ेवकीि अटाॅन्ी जनरि मुकि ु रोहतगी िुप्ीम कोट्ा मे् कहते है् सक शायद वे देश छोड्कर चिे गये है.् िंभवतः स्​्बटेन गये है.् िरकार के इि रवैये िे ही सनष्कर्ासनकािे जा िकते है्सक या तो वह नाकारा है जो सक माल्या को देश छोड्ने िे रोकने मे् नाकाम रही इि तरह िे उन्हे्भाग जाने देने के पीछे उिका हाथ रहा. माल्या पर िरकार सकतनी मेहरबान रही इिका उदाहरण स्टेट बै्क आि इंसडया की अध्यक्​् अर्ंधसत के खुिािे िे भी िमझा जा िकता है सक हाईकोट्ाके आदेश के बावजूद वे गोवा ब्सथत सवजय माल्या के बंगिे पर कल्जा नही्हासि​ि कर िकी्क्यो्सक वहां का किेकट् र इि मामिे को महीने िटकाता रहा. उन्हो्ने इि मामिे मे्आठ बार िुनवाई की और सिर िंबी छुट्ी पर चिे गये ध्यान रहे सक गोवा मे्भाजपा की ही िरकार है. अब कांग्ेिी िीधे राजग िरकार पर माल्या को भगाने मे्मदद करने का आरोप िगा रहे है्और पूछ रहे है्सक इि बात का खुिािा होना चासहए सक माल्या का सनजी सवमान कौन-कौन इस्​्ेमाि करता था. तमाम भाजपा के नेता मंत्ी बनने के बाद भी उिकी िेवाओ्का िाभ उठाते रहे्है्. भाजपा नेता यह दिीि दे रहे है्सक कांग्ेि ने भी तो भोपाि गैि कांड के असभयुक्त वारे्न एंडरिन और बोिोि्ाकांड के दिाि ओरासवया क्वात्​्ोकी को देश िे भगाया था. मानो कहना चाहते है्सक क्या इि तरह के तत्वो्को देश िे भागने मे्मदद करने का िव्ासा धकार तुमह् ारे पाि ही िुरस्​्कत है. भाजपाई यह भूि जाते है् सक कांग्ेि के शािनकाि मे् उिके अपने िांिद िुरेश किमाडी, ए राजा िे िेकर िुब्तराय िहारा तक जेि भेजे गये थे. अब सवत्​् मंत्ी िदन मे्उन्हे्वापि िाने के चाहे सकतने ही दावे करे्, पर वे िब बेमानी है्. जैिे सक इि िरकार ने िाि भर पहिे िसित मोदी को िाने का वादा सकया था. भाजपा के ही एक मंत्ी के मुतासबक अिसियत यह है सक कोई भी दि यह नही्चाहता सक माल्या वापि िौटे्क्यो्सक अगर उिने अपना मुंह खोि सदया तो िबके मुखौटे n उतर जाये्गे. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 13


आवरण मास्ट हेकथा ड पूजा वसंह

ब दो माच्ाको सवजय माल्या देश छोड्कर गये तो तीन सदन बाद पांच माच्ाको उनके तीन वर्​्ीय घोड्ेने चेनन् ई मे्एक रेि मे्जैकपॉट जीता. इि नौजवान घोड्े की यह छह रेि मे् तीिरी जीत थी. यह थोड्ा अजीब िगता है, िेसकन माल्या के काम करने की यही शैिी रही है. एक ओर अपने वेतन भत्​्ो्की मांग कर रहे सकंगसिशर एयरिाइंि के कम्ाचारी तो दूिरी ओर जन्मसदन पर करोड्ो्र्पये मेहमाननवाजी मे्उड्ाते सवजय माल्या. सवजय माल्या भड्कीिेपन का दूिरा नाम है. एक झटके मे् सिये गये कारोबारी िैि​िे, शाही अंदाज मे् पाट्​्ी करना, दुसनया की िबिे खूबिूरत जगहो् पर सठकाने बनाना और सकंगसिशर के बहुचस्चात कैिे्डर के सिए मॉडि तिाशना आसद कुछ बाते है् जो सवजय माल्या की रंगीसनयत की झिक पेश करती है्. करीब 17 बै्को् की 9000 करोड् र्पये िे असधक की रासश सडिॉल्ट कर देश िे बाहर चिे गये माल्या की ये खूसबयां इन सदनो्एक बार सिर चच्ा​ा मे्है्. यूबी ग्​्ुप और सकंगसिशर ब्​्ांड माल्या की पहचान है्. उनकी मौजूदा परेशासनयो् की एक बड्ी वजह सकंगसिशर एयरिाइंि की सवि​िता ही है हािांसक सकंगसिशर सबयर को पिंद करने वािी एक पूरी पीढ्ी जवान हो चुकी है. देश के सबयर बाजार के 50 प्स्तशत िे भी असधक सहस्िे पर सकंगसिशर ब्​्ांड का ही कल्जा है. अपनी कंपनी की टैगिाइन ‘सकंग ऑि गुड टाइम्ि’ के अनुर्प ही माल्या 'अच्छे सदनो् के राजा' ठहरे. 9,000 करोड् र्पये िे असधक के कज्ा मे् डूबी माल्या की कंपसनयो् का उनकी सनजी िंपस्​्त िे कोई िेना-देना नही्है और तकनीकी र्प िे उनको सनजी तौर पर इिे चुकाने के सिए शायद ही बाध्य सकया जा िकता है. माल्या दुसनया के उन सगने-चुने कारोबासरयो्मे्शुमार है्जो अपनी कंपसनयो्के ब्​्ांड एंबेिडर खुद है्. ऐिे िोगो्को अपने ब्​्ांड के प्म् ोशन के सिए सकिी िेसिस्​्बटी की जर्रत नही्पड्ती है, क्यो्सक वे खुद अपनी िाज्ार दैन िाइि इमेज गढ् चुके होते है्. सवजय माल्या और स्​्बसटश उद्​्ोगपसत सरचड्ा ब्​्ानिन जैिे कारोबासरयो्पर यही बात िागू होती है. िेसकन इिमे्एक जोसखम भी है. ब्​्ांड गुर्हरीश सबजूर कहते है् सक ब्​्ांड सनम्ा​ाण की इि शैिी मे् एक जोसखम भी है. जब िब कुछ ठीक चि रहा हो तो कोई सदक्​्त नही्, िेसकन जैिे ही आप िमस्या मे् पड्ते है्. परेशासनयो् का सि​िसि​िा चािू हो जाता है. मौजूदा सववाद का माल्या की सनजी पसरिंपस्​्तयो्िे कोई िेनादेना नही्है. माल्या की 14 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

अपनी शिाब के ब्​्ांडो के साथ गवजय िाल्या: शानदाि-ठाठदाि शैली

जलवे लाजवाब

आईपीएि स्​्ककेट टीम बेग् िुर्रॉयि चैिज े् ि्,ा िाम्ि ाू ा वन टीम िोि्ाइंसडया, दुसनया की िबिे आिीशान और सवशाि याच मे्िे एक ‘इंसडयन एंप्ेि’ िमेत वे तमाम पसरिंपस्​्तयां पूरी तरह िुरस्​्कत है् सजनको माल्या की पहचान माना जाता है. कारो के शौकीन माल्या के पाि 250 सवंटेज कारो का शानदार जखीरा मौजूद है. माल्या का ब्​्ांड सकंगसिशर और उनकी ि​ि​ि कारोबारी की छसव को जहां एक के बाद एक सडिॉल्ट ने गहरा झटका पहुंचाया वही् उनकी महंगी और ग्िैमर िे भरपूर पास्टियो् मे् कही् कोई कमी नही् आयी. टॉप मॉडल्ि िे िेकर बेहतरीन एक्ट्ेि तक, िाम्ाूिा वन टीम मासिको् िे िेकर चै्सपयन ड्​्ाइवर तक दुसनया भर मे् िैिे माल्या के आिीशान िाइव स्टार सठकानो्मे्पास्टियां करते रहे. माल्या की आईपीएि पास्टियां हो्या उनकी रॉयि याच इंसडयन इंप्ेि पर दी जाने वािी शानदार पास्टियां. इनमे् शासमि होने वािे िोग िाव्ाजसनक र्प िे यह स्वीकार करते है् सक माल्या की पास्टियो्की भव्यता की तुिना दुसनया मे् सकिी और पाट्​्ी िे नही् की जा िकती. वसरष्​् पत्​्कार शेखर गुप्ता एक आिेख मे्

सिखते है् सक देश के शीर्ा बै्कर माल्या की पास्टियो्मे्आमंस्तत सकये जाने को िेकर तरिते थे. इनमे्आईपीएि की पास्टियां शासमि थी्. ये वे पास्टियां थी् जहां माल्या देश और दुसनया की खूबिूरत मॉडिो् और असभनेस्तयो् िाथ नजर आते थे. जासहर है, माल्या पर बै्को् की कृपा अनायाि नही् थी. यह याद रखना होगा सक 1,000 करोड् र्पये िे असधक की रासश डूब जाने के बाद भी बै्को् ने उनको उनकी सनजी िाख पर हजारो् करोड् र्पये का और कज्ा सदया. स्टेट बै्क द्​्ारा सवि​िुि सडिॉल्टर (जानबूझकर पैिे ने देने वािा) घोसरत सकये जाने के बाद गत सदिंबर मे् माल्या ने गोवा ब्सथत सकंगसिशर मेश ् न मे्अपना जन्मसदन ऐिी धूमधाम िे मनाया सक उिे एक उम्​् तक याद सकया जा िकता है. दो सदन तक चिे इि भव्य आयोजन मे् 200 िोग शासमि हुए. स्पेन के जाने माने पॉप स्टार एनसरक इग्नेसशयि और बॉिीवुड के गायक िोनू सनगम ने वहां अपनी प्​्स्ुसतयां दी्. एक अनुमान के मुतासबक इि जन्मसदन पाट्​्ी पर करोड्ो् का खच्ा आया. माल्या की उि पाट्​्ी ने सरजव्ा बै्क गवन्ार


पाट्​्ी-पुर्ष िाल्या: ग्लैि​ि की गजंदिी

वविय माल्या की कंपवनयां राहे विस कदर घाटे मे्गयी हो्, लेवकन कि्षलेकर घी पीने की ति्षपर रलने वाली उनकी वनिी विंदगी की रंगीवनयत और िलवािरोशी कभी कम नही्हुई. रघुराम राजन को बुरी तरह नाराज कर सदया था. िेसकन माल्या की यही शैिी है. वे सकिी की परवाह नही्करते. माल्या की ख्यासत एक प्िेल्वॉय की रही है. उन्हो्ने इि ख्यासत को कभी सछपाया नही्, बब्लक इिे हमेशा बढ्ावा ही सदया. माल्या के सकंगसिशर कैिे्डर के बारे मे्यह ख्यासत रही है सक यह दुसनया का इकिौता ऐिा कैिे्डर है सजिे िोग सदन और तारीख देखने के सिए अपने पाि नही्रखते. इि अल्ट्ा हॉट कहे जाने वािे कैिे्डर पर देश और दुसनया की जानीमानी मॉडल्ि/असभनेस्तयो्की िुपर हॉट तस्वीरे्रहती है्. कटरीना कैि, िीजा हेडन, दीसपका पादुकोण िमेत कई असभनेस्तयां इि कैिड े् र की शोभा बढ्ा चुकी है्. सिकर बैरन के नाम िे मशहूर माल्या का िबिे ट्​्स्टेड ब्​्ांड है सकंगसिशर सबयर. देश के सबयर बाजार मे् सकंगसिशर की सहस्िेदारी 36 प्​्सतशत िे असधक है. भारत के अिावा दुसनया के 50 िे असधक देशो्मे्सकंगसिशर सबयर बेची जाती है. िन 1978 मे् शुर् हुई सकंगसिशर सबयर एक पूरी पीढ्ी की पिंदीदा सबयर है. अपने बेटे सिद्​्ाथ्ा माल्या के अठारहवे्

जन्मसदन पर सवजय माल्या ने सकंगसिशर एयरिाइंि की शुर्आत की जो आगे चिकर उनके पतन की वजह बनी. यह सवमानन कंपनी कभी घाटे िे नही्उबर पायी. कारोबारी सजद मे् उन्हो्ने 1000 करोड्र्पये िे असधक रासश खच्ा करके डेक्न एयरिाइंि खरीदी जो ताबूत मे् आसखरी कीि िासबत हुई. माल्या की सकंगसिशर एयरिाइंि िगातार घाटे मे्चि रही थी िेसकन इि िबिे बेवपरवाह माल्या िगातार दूिरी जगहो्पर बेतहाशा खच्ासकये जा रहे थे. माल्या ने िाि 2008 मे्इंसडयन प्​्ीसमयर िीग की बे्गिुर्फे्चाइजी खरीदी. इिके सिये उन्हो्ने 111.6 समसियन डॉिर की रकम खच्ा की.इि​िे एक िाि पहिे वर्ा2007 मे्उन्हो्ने 90 समसियन यूरो की रासश खच्ा करके िोि्ा इंसडया नामक िाम्ाूिा वन टीम तैयार की. िाि 2006 मे्उन्हो्ने कतर के एक शेख िे 95 मीटर िंबी सवशाि याच खरीदी और इिे नाम सदया इंसडयन एंप्ेि. इि याच मे् इतनी शानोशौकत है सक राजे महाराजे तक शम्ा​ा जाये.् माल्या के पाि एक बोइंग 727, एक गल्िस्ट्ीम और एक हाल्कर 700 सवमान है.

इिके अिावा उनके पाि महंगी कारो् का पूरा बेड्ा भी है. माल्या सवंटेज कारो्के भी शौकीन है् और उनके पाि 250 िे असधक सवंटेज कार है्. खबरो् के मुतासबक, माल्या के पाि िक्​्द्ीप के सनकट एक द्​्ीप का असधकार है. उनके पाि यूरोप मे् भी एक द्​्ीप है. खबरो् के मुतासबक, मो्टे काि्​्ो के सनकट ब्सथत इि द्​्ीप को उन्हो्ने 2009 मे्750 करोड्र्पये की रासश खच्ा करके खरीदा था. माल्या की िंपस्​्तयां दुसनया भर मे्है.् भारत मे्सदल्िी, मुबं ई, बेग् िुर् और गोवा के अिावा स्कॉटिै्ड, मोनैको, न्यूयॉक्फ, दस्​्कण अफ्​्ीका और िंदन िमेत दुसनया के अनेक शहरो्और देशो मे्माल्या के सनजी सठकाने है्. बात सिंतबर 2003 की है. मैिरू के शािक रहे टीपू िुल्तान की तिवार को एक गुमनाम व्यब्कत ने िंदन मे्हुई नीिामी मे्खरीद सिया. इि सजज्​्ािा का अंत छह महीने बाद हुआ जब माल्या अपनी ट्​्ेडमाक्फशैिी मे्उि तिवार के िाथ मीसडया के िामने आये. िन 2005 मे् उन्हो्ने एक बार सिर 9.5 करोड्र्पये की रासश खच्ा कर टीपू के तमाम िामान नीिामी मे् खरीदे. िाि 2009 मे् माल्या ने गांधी जी के चश्मे िमेत उनकी कुछ वस्​्ुएं न्यूयॉक्फमे्एक नीिामी मे्9.5 करोड्र्पये मे्खरीदी्. शेखर गुप्ता अपने आिेख मे् सवजय माल्या िे जुड्ी एक घटना को याद करते है्जो उनके व्यब्कतत्​्व को शायद बेहतर ढंग िे पसरभासरत करती है. वे कहते है्, 'यह िाि 2010 की बात है. स्टेट बै्क ऑि इंसडया ने अपने तकनीकी बदिाव को िाव्ाजसनक करने के सिए मुंबई के ब्​्ेबोन्ा स्टेसडयम मे् एक भव्य काय्ाक्म का आयोजन सकया था.आयोजन मे् तत्कािीन सवत्​् मंत्ी प्​्णव मुखज्​्ी िमेत िभी कारोबारी सदग्गज आये हुए थे. िाइब्ि बंद कर दी गयी्और एिबीआई के तत्कािीन चेयरमैन ओपी भट्​् ने िेजर के जसरये अपनी प्​्जे्टेशन देनी शुर्की. ‘अचानक बायी् ओर थोड्ी हिचि हुई. िेजर की रोशनी मे्दज्ान भर िोग आते सदखे. यह सवजय माल्या थे जो अपनी खाि अदा के िाथ वहां आ रहे थे. उनके िाथ दज्ान भर नौकर-चाकर और अंगरक्​्क थे. एक कम्ाचारी ने चांदी की तश्तरी मे् उनके दो मोबाइि िोन उठा रखे थे. काय्ाक्म एक पि को र्क गया. िोगो्मे्िुि​िुिाहटो्का दौर चि पड्ा. उिमे् ईष्य्ा​ा भी थी और प्​्शंिा भी. मेरी टेबि पर बैठे एक कारोबारी ने कहा, यार आप कुछ भी कह िीसजए. अगर उधार िेने वािा हो तो सवजय माल्या जैिा. उनके पाि यह क्​्मता है सक वे देश के िबिे बड्ेऋ ण देने वािे बै्क की पाट्​्ी तक को एक पि को रोक िकते है्और इिके बावजूद िोग उनिे इज्​्त िे पेश आते है्.' n शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 15


आवरण कथा अरंण कुमार वं​ंिपाठी

राबपसत सवजय माल्या ने तो कज्ा िेकर घी(शराब) पीने के व्यंग्यात्मक उब्कत का अक्र् शः पािन सकया है. िाथ ही वह सवदेश भी सनकि गये. िेसकन ऐिे पूंजीपसतयो् की िेहसरस्​्िंबी है. जो कज्ाके भारी दबाव मे्है् और अपनी पसरिंपस्​्तयां बेचकर भी उिे चुकाने की ब्सथसत मे् नही् है्. सवकसित देशो् की तरह भारत मे्दीवासिया कानून के अभाव मे्कज्दा ार अपने को दीवासिया घोसरत नही्कर पा रहे है्. सजिकी वजह िे कज्ादाता उन पसरिंपस्​्तयो्को बेचकर बेहतर प्​्बंधन नही् कर पा रहे है्. हािांसक कज्ा का नयी-नयी शत्​्ो् के िाथ िमायोजन की प्​्स्कया चि रही है. िेसकन उि​िे अपेस्कत िाभ नही्समि रहे है.् रणनीसतक ऋण िमायोजन योजना के तहत बैको् ने 81 हजार करोड् का कज्ा विूिने के सिए 16 कंपसनयो्का प्​्बंधन अपने हाथ मे्िे सिया है. इि योजना के तहत आने वािे कज्ा को बट्​्ा खाते मे् नही् माना जाता. सि​िहाि उन कंपसनयो्पर नजर डािे्सजनके कज्ाके बारे मे् के्सडट स्यूि, कैसपटािाइन और केयर जैिी एजंसियो् ने सचंता जतायी है. सजनके चिते वे कंपसनयां या तो तमाम जगहो् िे अपने सहस्िे कम रही है्या सिर जायदाद बेच रही है्. अंबानी िमूह- बीते िाि सितंबर तक असनि धीर्भाई अंबानी िमूह का कज्ा 1.14 खरब र्पये यानी उिकी हैसियत का िात गुना पहुंच गया था. यह िमूह कुछ व्यविायो् मे् अपने शेयर और कुछ मे् अपनी पसरिंपस्​्तयां बेचकर इि कज्ाको पूरा करने की कोसशश कर रहा है. यह िमूह िड्क और िीमे्ट के व्यविाय िे बाहर सनकिना चाहता है. इिीसिए उन िंपस्​्तयो् को बेच रहा है. इन दोनो् िे उिे क्​्मशः पांच हजार करोड् और 8,800 करोड् र्पये की प्​्ाब्पत होगी. मल्टीप्िके ि ् बेचने िे उिे 700 करोड् र्पये की प्​्ाब्पत हो रही है. कैसपटािाइन के मुतासबक अपने तमाम शेयर बेचने िे अंबानी िमूह 50 हजार करोड् र्पये का इंतजाम कर पा रहा है. जो सक कज्ा के सिहाज िे बहुत कम है. के्सडट ब्सवि के मुतासबक चूंसक इि िमूह ने अपने कज्ाका 46 िीिदी सवदेशी मुद्ा मे् सिया है. इिसिए र्पये की कीमत सगरते जाने िे कज्ा का आकिन बढ्ता जाता है. इि कंपनी का बाजार मूल्यांकन 870 अरब र्पये का है. जबसक उिकी िकि िंपस्​्तयां 1800 अरब र्पये की है्. अडानी िमूह- अडानी िमूह का कज्ा14 िीिद िाि दर िाि की दर िे बढ्ा है और अब 96,031 करोड् का हो गया है. गौतम अडानी इिके चेयरमैन है् और इनकी सनजी िंपस्​्त सितंबर 2014 तक 7.1 अरब डािर की थी. 16 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

निे्द् िोदी अगनल अंबानी औि नीिा अंबानी के साथ: चहेिे उद्​्ोिपगि

ति​िने अमीर उिने कर्ंखंोर

िन 1988 मे् बने गुजरात के इि िमूह ने राजनेताओ्िे िंपक्​्ो्के कारण तेजी िे तरक्​्ी की और टेिीकाम टावर, िाइबर आब्पटक्ि और िीमेट् मे्अपना कारोबार िैिाया. अब यह िमूह इन क्​्ेत्ो्मे्अपने शेयर बेचकर कज्ाका बोझ कम करना चाहता है. उि​िे इिे 50 हजार करोड् र्पये समिने की उम्मीद है. हाि ही मे् इिे आस्ट्ेसिया मे् कोयिे के व्यापार के सिए स्टेट बै्क आि इंसडया िे समिे नौ हजार करोड् के दीघ्ाकासिक कज्ा की सवशेर चच्ा​ा रही. यह िमूह प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी का सवश्​्िनीय है और उनके मेक इन इंसडया काय्ाक्म मे्सवशेर िस्​्कयता सदखा रहा है.

जेएिडल्िू- िाजन सजंदि का 11 अरब डािर का यह िमूह इस्पात, ऊज्ा​ा, िीमेट् के क्​्ेत् मे् काम करता है. पहिे कांग्ेि और अब प्ध ् ानमंत्ी नरेद् ्मोदी का सवशेर तौर पर स्​्पय है. इिने इक्​्ीिवी् िदी के पहिे दशक के मध्य मे् आये औद्​्ोसगक उछाि मे् तेजी िे तरक्​्ी की. इिके िंबंध पासकस्​्ानी प्​्धानमंत्ी नवाज शरीि िे भी अच्छे बताये जाते है.् इि िमय इि िमूह का कज्ा58 हजार करोड्र्पये तक पहुच ं गया है. इि िमूह के अिगासनस्​्ान मे् सवशेर आस्थाक सहत है्. इिके अिावा इिका कारोबार अमेसरका, अफ्​्ीका और दस्​्कण अमेसरका मे् इस्पात, ऊज्ा​ा, खसनज और बंदरगाह के क्​्ेत्मे्


िौि​ि अडानी: घगनष्​् गिश्िे

अगनल अग्​्वाल: अिबो् का कज्ाम

ऐसे पूि ं ीपवतयो्की िेहवरस्​् लंबी है िो भारी कि्षमे्है्और अपनी पवरसंपव्​्ियां बेरकर भी उसे रुका नही्सकते. कानून के अभाव मे्वे अपने को दीवावलया घोवरत नही्कर पा रहे है.् है. िाजन सजंदि ने टी पाट्​्ी सडप्िोमेिी के माध्यम िे अपने राजनीसतक िंबंधो् को कािी िैिाया है. नवाज शरीि जब मुंबई आये, तो उनके घर चाय पीने आये. इन्ही् िंपक्​्ो् के कारण िाजन सजंदि ने काठमांडू मे्मोदी और शरीि की भे्ट करवायी. यह भी कहा जाता है सक मोदी की औचक िाहौर यात्​्ा के पीछे भी िाजन की भूसमका थी. जीएमआर िमूह- व्यापार को पसरवार की तरह और पसरवार को व्यापार की तरह चिाने वािा यह िमूह आंध् प्​्देश के जीएम राव के नेतृत्व मे् चि रहा है. जीएमआर इि िमय िबिे िंपन्ने तेिगु ू उद्​्ोगपसत है.् उन पर कांगि ्े

पाट्​्ी की सवशेर कृपा रही है और उिी के कारण उन्हे् इंसदरा गांधी अंतरराष्​्ीय हवाई अड्​्े के आधुसनकीकरण का ठेका समिा. उन्हो्ने पहिे हैदराबाद का हवाई अड्​्ा बनाया था. इि िमय इि िमूह पर 42,201 करोड्का कज्ाहै. इि िमूह का 40-65 िीिद कज्ा सडिाल्टर की श्​्ेणी मे्डाि सदया गया है. एअरपोट्ाके प्​्ोजेक्ट को िीज करने के आरोप मे्िीबीआई इि िमूह की जांच भी कर रही है. आंध्प्द् श े के एक छोटे िे गांव िे यात्​्ा शुर् करने वािे ग्​्ंथी मब्लिकाज्ान राव आज 2.6 अरब डािर के मासिक है्. पहिे उन्हो्ने एक खस्​्ा हाि जूट समि को सिया और बाद मे्िुगर, ऊज्ा​ा, हाईवे िे होते हुए हवाई अड्​्ा बनाने के क्​्ेत् मे् उतरे. प्​्िुल्ि पटेि की सवशेर कृपा िे मजबूती पाने वािे जीएमआर पहिे मोदी के सनशाने पर थे. िेसकन अब मोदी ने उन्हे् नेपाि की करनािी, मारसिंगदी जि सवद्​्ुत पसरयोजनाओ् का काम देकर अपना कृपापात्​्बनाया है. इि िमय यह िमूह कोयिा और खसनज क्​्ेत्के अपने शेयर बेचकर कज्ाकी भरपाई करने की कोसशश कर रहा है. िैक ् ो िमूह- एि मधुिदू न राव के नेततृ व् मे्चि रही इि कंपनी का कज्ासवत्​्वर्ा2018 तक 45 हजार करोड् र्पये का हो जायेगा. इिकी स्थापना 1964 मे् िगदापसत अमरप्पा नायडू ने की थी. यह कंपनी कांग्ेि पाट्​्ी िे िंपक्​्ो्के कारण तेजी िे आगे बढ्ी. इिमे्कांगि ्े िांिद एि राजगोपाि की सवशेर भूसमका रही. ऊज्ा​ा और इनफ्​्ास्टक् च ् र के क्त्े ्मे्काम करने वािे इि िमूह ने पसरवहन मे्भी हाथ आजमाया और 2010 मे्ये दुसनया की िबिे तेजी िे बढ्ने वािी कंपनी के र्प मे्सचब्ननत की गयी. कंपनी का बाजार मूल्यांकन 2007 मे् 18777.19 करोड् का था. जो 2015 मे् घटकर 879.39 करोड्का हो गया. भारी कज्ाके कारण कंपनी के िामने गंभीर चुनौसतयां है्. इिसिए कंपनी इब्कवटी बढ्ाने पर जोर दे रही है. जेपी िमूह- जयप्क ् ाश गौड्की यह कंपनी पर के्सडट स्यूि के मुतासबक 75,163 करोड् र्पये का कज्ा हो चुका है. इि कंपनी के 75 िीिद कज्ा पर सडिाल्ट रेसटंग दी जा रही है. कभी कांग्ेि तो कभी बहुजन िमाज पाट्​्ी और मायावती िे नजदीकी के कारण यह कंपनी तेजी िे आगे बढ्ी और इंजीसनयसरंग, कांस्ट्क्शन, िीमे्ट और हाइड्​्ोपावर के क्​्ेत् मे् अपने पैर जमाये. िाि 2012 मे् उन्हे् भारत के 70वे् िबिे धनी व्यब्कत के र्प मे्सचब्ननत सकया गया था. िेसकन कज्ा ने आज कंपनी की ब्सथसत खराब कर रखी है. कंपनी के नये प्​्भारी िमीर गौड् ने मायावती के ित्​्ा िे हटने के बाद नये मुख्यमंत्ी असखिेश यादव का दामन पकड्ा. हािांसक पहिे िपा ने कंपनी के कामकाज की

िीबीआई जांच की मांग की थी. वेदांता िमूह- इि कंपनी पर इि िमय 1.03 अरब र्पये का कज्ा है. के्सडट स्यूि सरपोट्ा के मुतासबक कंपनी पर ल्याज का भारी दबाव है. रेसटंग कंपनी एि एंड पी ने कंपनी का नकारात्मक आकिन सकया और कहा सक बीते 12 िे 18 महीनो् मे् कंपनी का प्​्दश्ान बहुत खराब रहा है. इिी खराब छसव के कारण जब कंपनी ने कैन्ाइंसडया के शेयर खरीदे तो उिके भाव आधे सगर गये. पहिे स्कै्प िे अपना व्यापार शुर्करने वािे असनि अग्​्वाि ने इि कंपनी का नाम अपनी मां वेद और उनके वेदांत मे्र्सच को देखकर कंपनी का नाम वेदांता रखा था. कंपनी को िबिे पहिा और बड्ा कज्ा सिंसडकेट बै्क ने 50 हजार करोड् र्पये का सदया और इिने खसनज, तेि, सजंक, आयरन अयस्क मे् अपना कारोबार िैिाया. आज इि कंपनी के कारोबार जांसबया, दस्​्कण अफ्​्ीका, आयरिै्ड, सिबेसरया, यूएई और श्​्ीिंका मे् िैिे है्. एस्िार िमूह- के्सडट स्यूि के मुतासबक इि िमूह पर सवसभन्न बैक ् ो्का 98 हजार करोड् र्पये का कज्ा है. अन्य िूत्ो् के मुतासबक यह कज्ा1.2 िाख करोड्र्पये का है. हाउि आि डेट की 2015 की रपट के मुतासबक यह देश के दि प्​्मुख कज्ादार िमूहो् मे् िे एक है. शसश र्इया की स्थासपत इि िमूह को आगे बढ्ाने मे् उनके छोटे भाई रसवकांत नंद सकशोर र्इया का भी महत्​्वपूण्ा योगदान है. कांग्ेि के शािन मे् जब इि िमूह ने वोडािोन िे िमझौता सकया, तो उिके पाि नकदी की बासरश हुई. इि बीच स्टै्डड्ाचाट्ाड्ा, आईिीआईिीआई और एब्कि​ि बैक ् ने एस्िार ग्िोबि को 3.5 अरब डािर का कज्ासदया. एस्िार स्टीि को बै्क आि इंसडया और एचडीएि​िी ने एनपीए की श्​्ेणी मे् डाि सदया है. इि कंपनी को 90 सदनो् तक कोई भुगतान नही्सकया गया और 2013 मे्इिे रेसटंग एजे्िी ने सडिाल्टर बताया. जासहर है सक कज्ादार या ऋणवीर कंपसनयो् का यह पसरवार कािी बड्ा है. इि​िे बै्क, िरकार और कंपनी िभी भारी दबाव मे् है्. िेसकन सजि तरह सरजव्ाबै्क के गवन्ार रघुराम राजन ने रामनाथ गोयनका स्मृसत व्याख्यान मे् अपनी बात रखी उि​िे िगता है सक न तो कड्ी कार्ावाई होगी और न ही इि ब्सथसत को ऐिे चिने सदया जायेगा. उनका िाि कहना था सक कज्ा के मामिे मे् ज्यादा िख्ती करने िे व्याविासयक गसतसवसधयो् पर उल्टा अिर पड्गे ा. बैक ् बोड्ाल्यरू ो तो बनाया ही गया है और स्थासपत सनयमो्को दरसकनार करके पूवा्िीएजी सवनोद राय को उिका अध्यक्​् बनाया गया है. दूिरी तरि एनिािवे्िी और बै्क सडिाल्टर n एक्ट को पाि कराने की तैयारी भी है. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 17


मास् देशकाल ट हेड

ताकि

होली के मौसम मे्बाज़ार मे् रंगो्की बहार है, लेवकन ज्यादातर रंगो्मे्रसायन वमले होते है्िो आंखो्और त्वरा के वलए नुक़सानदेह हो सकते है्. वंिरदौस खंान

रं

होली पि उल्लास औि आनंद के पल 18 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

गारंग होिी है तो रंग हो्गे. रंगो् के िाथ हुडदंग भी होगा, ढोि-ताशे भी हो्गे. यही िब तो होिी की रौनक़ है. होिी रंगो्का त्यौहार है, हर्​्ोल्िाि का त्यौहार है. उमंग का त्यौहार है. िेसकन दुख तो तब होता है. जब ज़रा िी िापरवाही िे रंग मे्भंग पड जाता है. इंद्धनुरी रंगो् के इि त्यौहार की खुसशयां बरक़रार रहे्. इिके सिए काफ़ी एहसतयात बरतने की ज़र्रत होती है.


होली के िंि: प्​्ेि औि एकिा के प्​्िीक

रंग में भंग न हो

बाज़ार मे् रंगो् की बहार है. ज्यादातर रंगो् मे् रिायन समिे होते है्. जो आंखो् और त्वचा के सिए नुक़िानदेह हो िकते है्. सचसकत्िको् के मुतासबक़ रंगो् खािकर गुिाि मे् समिाये जाने वािे चमकदार अभ्​्क िे कॉस्नाया को नुक़िान हो िकता है. रिायसनक रंगो् मे् भारी धातु जैिे िीिा हो िकती है्. सजि​िे आंख, त्वचा को नुक़िान पहुंचने के अिावा डम्ाटा ाइसटि, त्वचा का िूखना या चैसपगं, ब्सकन कै्िर, राइनाइसटि, अस्थमा और न्यूमोसनया जैिी बीमासरयां हो िकती है.् एम्ि की एक सरपोट्ा के मुतासबक़ हरे और नीिे रंगो्का िंबध ं ऑक्यि ु र टॉब्किसिटी िे है. ज़्यादातर 'प्िेसजंग टू आई' रंग बाज़ार मे्मौजूद है्. जो टॉब्किक होते है् और इनकी वजह िे गंभीर स्वास्थ्य िमस्याये् हो िकती है्. मैिाशाइट ग्​्ीन का इस्​्ेमाि होिी के रंगो् मे् बहुत होता है और इिकी वजह िे आंखो् मे् गंभीर खुजिी की हो जाती है और एसपथीसियि को नुक़िान होता है. इिसिए इिे कॉस्नाया के आिपाि नही् िगाना चासहए. इिके अिावा

िस्​्े रिायन जैिे िीिा, एसिड, एल्किीज, कांच के टुकडे िे न सिफ़्फत्वचा िंबंधी िमस्या होती है. बब्लक एब्​्ेशन, खुजिी या झुंझिाहट के िाथ ही दृस्ष अिंतुसित हो जाती है और िांि िंबंधी िमस्या हो िकती है. इि​िे कै्िर का खतरा भी बना रहता है. एल्किीन वािे रंगो् िे ज़ख्म हो िकते है्. अमूमन बाज़ार मे्तीन तरह के रंग सबकते है्. पेस्ट, िूखा पाउडर और पानी वािे रंग. परेशानी तब बढ जाती है, जब इन्हे्तेि के िाथ समिाकर त्वचा पर इस्​्ेमाि सकया जाता है. ज्यादातर रंग या गुिाि मे्दो तत्व होते है्- एक किरे्ट जो टॉब्किक हो िकता है और दूिरा एस्बेिटि या सिसिका होता है. दोनो् िे ही स्वास्थ्य िंबंधी खतरे होते है्. सिसिका िे त्वचा पर बुरा अिर पडता है, जबसक एस्बेिटि िे कै्िर हो िकता है. होिी खेिने के सिए प्​्ाकृसतक रंगो्का इस्​्ेमाि करना िबिे अच्छा है. बाज़ार मे् हब्ाि रंग भी समिते है्. िेसकन इनकी क़ीमत ज़्यादा होती है. वैिे घर पर भी प्​्ाकृसतक रंग बनाये जा िकते है्. पीिे रंग के

सिए हल्दी िबिे अच्छी है. टेिू के िूिो् को पानी मे् उबािकर पीिा रंग तैयार सकया जा िकता है. अमिताि और गेद् े के िूिो्को पानी मे्उबािकर भी पीिा रंग बनाया जा िकता है. िाि रंग के सिए िाि चंदन पाउडर का इस्​्ेमाि सकया जा िकता है. गुिाब और गुड्हि के िूखे िूिो् को पीिकर गुिाि बनाया जा िकता है. गुिाबी रंग के सिए चुकदं र को पीिकर उबाि िे्. कचनार के िूिो् को पीिकर पानी मे् समिाने िे क़ुदरती गुिाबी या केिसरया रंग बनाया जा िकता है. हरा रंग बनाने के सिए मेहंदी का इस्​्ेमाि सकया जा िकता है. मेहंदी के पत्​्ो्को पीिकर प्​्ाकृसतक हरा रंग बनाया जा िकता है. नीिे रंग के सिए नीि का इस्​्ेमाि सकया जा िकता है. कुछ िोग होिी के सदन पके् रंगो् का इस्म्े ाि करते है.् सजि​िे रंग कई सदन तक नही् उतरता. इि​िे कई बार मनमुटाव भी हो जाता है. कुछ िोग होिी खेिना पिंद नही्करते. ऐिे िोगो् को जबरन रंग िगाया जाता है. तो िडाई-झगडा भी हो जाता है. बच्​्े िादे या रंगीन पानी िे भरे ग़ुल्बारे एक-दूिरे पर िे्कते है्. ग़ुल्बारा आंख के पाि िग जाने िे आंख को नुक़िान हो िकता है. ये ग़ुलब् ारे अक्िर िडाईझगडो् की वजह भी बन जाते है्. होिी खेिने के दौरान कुछ िावधासनयां बरत कर इि पव्ा की खुशी को बरक़रार रखा जा िकता है. नुक़िानदेह रंगो्िे बचाव के सिए धूप के चश्मे का इस्​्ेमाि सकया जा िकता है. शरीर को रंगो् के दुषप् भ् ाव िे बचाने के सिए पूरी बांह के कपडे पहनने चासहए. चमकदार और गहरे रंग के पुराने कपडो् को तरजीह दी जानी चासहए. बािो् मे् तेि ज़र्र िगा िेना चासहए. तासक उन पर रंगो् का बुरा अिर न पडे. रंगो् को िाफ़ करने के सिए गुनगुने पानी का इस्​्ेमाि करना चासहए. अगर आंख मे् रंग पड गया है. तो फ़ौरन इिे बहते हुए पानी िे धो िेना चासहए. रंग मे्मे् रिायसनक तत्व हो्गे, तो इि​िे आंखो्मे्हल्की एिज्​्ी होगी या सिर बहुत तेज़ जिन होने िगेगी. व्यब्कत को एिज्​्ी की िमस्या, कैसमकि बन्ा, कॉस्नायि एब्​्ेशन और आंखो्मे् ज़ख्म की िमस्या हो िकती है. होिी पर भांग और शराब का िेवन आम है. सचसकत्िको् के मुतासबक़ भांग के िेवन की वजह िे सदि की धडकन और ल्िड प्​्ेशर बढ िकता है. सजि​िे मस्​्सष्क को नुक़िान पहुंचने का खतरा बना रहता है. शराब पीने वािो् के िाथ भी अक्िर ऐिा होता है. ज़्यादा शराब पीने के बाद व्यब्कत अपनी िुधबुध खो बैठता है. इिकी वजह िे िडक हादिे का खतरा भी बढ जाता है. होिी प्​्ेम का पावन पव्ा है, इिसिए इिे िावधानी पूव्ाक प्​्ेमभाव के िाथ ही मनाना n चासहए. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 19


मुमास् लाकात ट हेड

‘लेककन सपने नही् जले्गे’

20 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

मानवावधकार काय्षकत्ाष और आम आदमी पाट्​्ी की नेता सोनी सोरी पर हमले कोई नयी बात नही्है, लेवकन हर मु सीबत के बाद उनका हौसला और झुझार्पन बि्ता िाता है. अनंनू आनंद

ब िोनी िोरी िे मेरी मुिाकात हुई, उनके चेहरे के घाव अभी भरे नही् थे. िेसकन इि घावो्िे असधक दद्ाउनको इि बात का था सक इिके चिते उनकी िड्ाई र्क गयी है. वह िड्ाई जो वे आसदवासियो्पर हो रहे अत्याचारो् के सखिाि िड् रही है्. अपने चेहरे पर पड्े ि​िोिो् को िहिाते हुए छत्​्ीिगढ् की इि मानवासधकार काय्ाकत्ा​ा ने कहा, 'वे मेरे चेहरे को जिा िकते है्, मेरे िपनो् को नही्. मै् डरं्गी नही् और अन्याय और अत्याचार के सखिाि मेरी यह िड्ाई जारी रहेगी.' गत 20 िरवरी को चेहरे पर ज्विनशीि रािायसनक पदाथ्ा िे हुए हमिे के बाद सदल्िी मे् इिाज करा रही िोनी िोरी ने छत्​्ीिगढ् वापिी िे पहिे एक खाि बाचतीत मे् कहा, 'मेरे चेहरे की हाित बस्​्र के आसदवासियो्के िंघर्ाकी ब्सथसत को बयां करती है.अब मेरी बेटी को मारने की धमकी दी जा रही है.' यह पूछे जाने पर सक क्या उन्हे् डर नही् िगता, िोरी के चेहरे पर एक व्यंग्य भरी मुस्कान तैर जाती है. सिर पर पड्ा दुपट्​्ा ठीक करते हुए वे कहती है्, 'डर? अब कैिा डर? जब मै्सदल्िी के अस्पताि मे्थी तभी मेरी 16 िाि की बेटी को जान िे मारने की धमकी समिी.मेरी बेटी ने मुझे बताया सक उिका मुझिे भी बुरा हाि करने की धमकी दी गयी है. उिने हंिते हुए कहा सक मां आप अपना िंघर्ा जारी रखो मै् इन धमसकयो् िे डरने वािी नही् हूं.’ िेसकन बतौर मां िोरी के चेहरे पर सचंता की िकीरे्िाि नजर आती है्. पेशे िे सशस्​्कका िोनी िोरी का नाम िाि 2011 मे् पहिी बार तब िुस्खायो् मे् आया था जब छत्​्ीिगढ् पुसि​ि ने उनको नक्िसियो् के िाथ िंबंध रखने के आरोप मे् सगरफ्तार कर सिया था. िोनी को दो िाि जेि मे्रहना पड्ा. जेि मे् िोनी पर भीरण अत्याचार सकये गये. िोरी कहती है्, 'उन्हो्ने मुझे जेि मे् हर प्​्कार की यातनाएं दी्. मेरे गुप्तांगो्मे्पत्थर डािे गये, युवा िड्सकयो् के िाथ जेि मे् मै्ने रेप होते देखा. मुझे बार-बार पीटा गया, जेि मे् मेरे िामने मेरे पसत को अपासहज बना सदया गया.


बाद मे् जेि मे् ही उिकी मौत हो गयी.' िोनी का कहना है सक इि बब्ारता के कारण ही उिका िारा डर जाता रहा. वह डर अब उनकी ताकत बन चुका है. आसखरकार िाि 2013 मे् िोनी पर िे नक्ि​िी होने का आरोप गित िासबत हुआ और वे जेि िे सनदोर्ा सरहा हो गयी्. बाहर आकर उन्हो्ने छत्​्ीिगढ्मे आप पाट्​्ी सटकट पर चुनाव िड्ा. उनको हार का िामना करना पड्ा. िेसकन इिका अिर उनकी िड्ाई पर नही् पड्ा. वे िगातार आसदवासियो् के िाथ हो रही पुसि​ि की बब्ारता और अत्याचार के सखिाि िंघर्ाकर रही है्. खुद पर बार-बार नक्ि​िी होने के आरोप िगाये जाने के कारणो्का सजक्​्करते हुए िोनी कहती है्, 'दरअि​ि यहां पर दो बड्ी कंपसनयां जंगिो्की ज़्मीन हसथयाना चाहती है्. इिसिए पुसि​ि की समिीभगत िे वे आसदवासियो् को जंगिो्िे खदेड्ने का काम कर रही है. जंगिो् को खािी कराने के नाम पर आसदवासियो् पर नक्ि​िी होने का आरोप िगाने और उन्हे् तंग करना आम बात है. मसहिाओ्को िुरक्​्ा देने के सिए आने वािे पुसि​िकम्​्ी ही उन मसहिाओ्िे बिात्कार भी करते है्. कुछ मामिो् मे् मसहिाओ्ने सशकायत भी की, एिआईआर भी दज्ा की गयी िेसकन कोई कार्ावाई नही् की गयी.' िोरी कहती है्सक उन्हे्भी अपने देश िे उतना ही प्यार है सजतना सकिी अन्य व्यब्कत को होता है. वे िवाि उठाती है् सक क्या

जेएनयू िे् कन्हैया कुिाि के साथ सोनी सोिी: एकजुटिा की आवाज िीआरपीएि द्​्ारा 40 मसहिाओ् के िाथ मोटरिाइसकि पर अपने गांव गीदम वापि आ बिात्कार के मामिे मे् पुसि​ि द्​्ारा कोई रही थी् तो अचानक रास्​्े मे् तीन युवको् ने कार्ावाई न सकये जाने के सखिाि आवाज उनकी गाड्ी रोक िी. िोरी बताती है् सक जैिे उठाना राजद्​्ोही या नक्ि​िी होना होता है? ही वे मोटरिाइसकि िे नीचे उतरी्. एक युवक सपछिे माह उनके चेहरे को जिाने वािे ने उनकी समत्​् सरंकू को चाकू की नोक पर हमिे के पीछे वे बस्​्र रे्ज के आईजी सकनारे खड्ा कर सदया. दूिरे िड्के ने कोई एिआरपी कल्िूरी का हाथ मानती है्. उि जिने वािी चीज िोरी के चेहरे पर पोत दी और घटना को याद करते हुए िोरी ने बताया सक कुछ कहा सक मद्ाुन मामिे मे् िीआरपीएि के िमय पहिे ही उनको पता चिा था सक मद्ाुन सखिाि केि वापि िे िो. उिने यह भी कहा मे्पुसि​ि एक व्यब्कत को उठा िे गयी है. िात सक अगर आईजी कल्िूरी के सखिाि सशकायत वापि नही् िोगी तो तुम्हारा बहुत बुरा हाि होगा. सोनी का कहना है बक अब यह धमकी िच िासबत होती सदख रही पुबलस के अत़याचारो़के है क्यो्सक िोनी अभी घर पहुंची ही थी् सक बखलाफ अंबिम लड़ाई लडऩे 11 माच्ा को खबर समिी सक पुसि​ि ने उनकी का समय आ गया है. सोनी के बहन और उिके पसत को उठा सिया है. उनके सपता के िाथ भी पुसि​ि स्टेशन मे् बदतमीजी हौसलो़की परीक़​़ा जारी है. की गयी. बहरहाि, सरपोट्ा सिखे जाने तक बच्​्ो्के पसरवार वािे उि व्यब्कत का शव तीन उनकी बहन और जीजा को पुसि​ि ने छोड् सदन की पुसि​ि सहराित के बाद मद्ाुन के जंगिो् तो सदया िेसकन इि शत्ा पर सक जब भी वे मे्समिा. उिके पसरवार के बुिावे पर मै्उनिे बुिाये्गे उन्हे् पुसि​ि स्टेशन हासजऱ होना मुिाकात करने गयी. पुसि​ि का कहना था सक होगा. िोनी का कहना सक मेरे बूढ्ेसपता जी के वह माओवादी था और उि पर एक िाख र्पये िाथ पुसि​ि वािो् ने बदतमीजी की उन्हे् का ईनाम था. हमने पुसि​ि को बताया सक वह डराया-धमकाया. मेरे पसरवार को बार-बार एक गरीब सकिान था कोई माओवादी नही्. बाद िताया जा रहा है. इिसिए अब पुसि​ि के मे् हमने कानून के िहारे अपनी िड्ाई िडऩी अत्याचारो्के सखिाि अंसतम िड्ाई िडऩे का शुर्की. धरने-प्​्दश्ान के माध्यम िे न्याय की िमय आ गया है. िोनी के हौि​िो् की परीक्​्ा गुहार िगानी शुर् की. िोरी जब 20 िरवरी कब तक जारी रहेगी, सि​िहाि यह कहना n को अपनी समत्​् सरंकू के िाथ जगदिपुर िे मुब्शकि है. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 21


विजं​ंापन जमशेद कंमर वसदं​ंीकंी

दीदी, ओ दीदी क्या बात है आज बड्ी खुश िग रही हो?’ 9 िाि के दीपू ने हरमीत कौर के मुसक ् रु ाते चेहरे को देखकर पूछा तो उिने प्यार िे दीपू के बािो्को छेड्ते हुए कहा, ‘हां, दीपू आज बहुत खुश हूं. ये ि​िेद सि​िािा देख रहे हो ना, इिी मे्मेरी िारी खुसशयां.’ हरमीत कौर को सजंदगी ने यूं तो खुश होने की वजहे्कम ही दी थी. चौदह िाि पहिे, जब हरमीत सि​ि्फ6 िाि की थी उिके मम्मी डैडी इि दुसनया िे र्ख्ित हो गये थे, उिे अकेिा छोड्कर. जरा िी उम्​्मे्मां-बाप का िाया िर िे उठ जाना सकिी बच्​्े के सिए सकतना दद्ानाक होता है इिका एहिाि करना मुस्शकि नही्है. बहरहाि, उिके बाद हरमीत के चाचा करतार सिंह उिे अपने िाथ िीतापुर िे आये थे. उन्हो्ने तय सकया था सक वो अपनी भतीजी हरमीत को अब िे अपने पाि रखे्गे. िेसकन हरमीत को िाने की वजह ना तो हरमीत िे हमदद्​्ी थी और ना ही सिक्​्, वो तो इ िसिए िे आयेथे इिसिए क्यो्सक वो भी हमारे देश के तमाम, िंकीण्ािोच वािे िोगो्की तरह मानते थे सक िड्सकयां ही ‘खानदान की इज्त् ’ होती है्, और इिीसिए इज्​्त को सहिाजत के नाम पर, कैद करके रखना चाहते थे. हरमीत के बचपन मे्हर कदम पर िंघर्ाथा और हर मोड् पर आंि.ू चाचा ने उिकी परसवश तमाम बंसदशो् मे् की. उनके पाि हरमीत के हर िवाि का सि​ि्फ एक ही जवाब था, ‘हमारे घर की िड्सकयां ऐिा नही्करती.’ िड्सकयो्की प्​्सत चाचा की िोच ऐिी ही थी. सकतनी तो समन्नते् करके उिने ग्​्ेजुएशन करने की परसमशन िी थी. वरना चाचा तो दिवी्के बाद ही उिकी शादी कर देना चाहते थे. हरमीत के ख्वाब कुछ और थे, वो कुछ कर सदखाना चाहती थी, अपने पैरो् पर खड्ी होना चाहती थी. ऐिा नही् है सक चाचा जी की ज्यादसतयां सि​ि्फ हरमीत के सिए थी, चाची भी कहां खुश थी्. आये सदन सकिी ना सकिी बात पर चाचा-चाची को खूब डांटते थे. अक्िर, घर आकर अपने काम का गुस्िा भी चाची पर ही उतार देते थे. चाचा मे् मसहिाओ् के प्​्सत कोई खाि इज्त् नही्थी. हरमीत की चाची भी यूं तो अपने सजंदगी मे्घुटन महिूि करती थी, िेसकन िंबे वक्त तक यूं ही सजंदगी गुजारनेके बाद वो अपमान जैिे उनकी सजंदगी का सहस्िा हो गया था. उन्हे्आदत हो गयी थी. खैर वो करती भी क्या, और चाची, बि कभी-कभी अपना गुस्िा

22 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

बराबरी

हरमीत पर उतार देती थी्. िेसकन हरमीत के पाि कोई नही् था, सजि​िे वो अपना गम हल्का कर िके, सिवाये मम्मी-डैडी की उि ल्िैक एंड व्हाइट तस्वीर के, सजिे वो तसकया के नीचे रखकर िोती थी. िेसकन हां, इि तस्वीर के अिावा चाचा-चाची के बेटे दीपू को देखकर उिे बड्ा िुकून आता था. वही तो उिका इकिौता दोस्​्था. सदन का ज्यादातर वक्त तो वे हरमीत के पाि ही गुजारता था. ‘दीदी ये देखो मैन् े ड्​्ाइंग बनायी, दीदी देखो मुझे टीचर ने गुड सदया, दीदी मै् बड्ा होकर िसचन ते्दुिकर बनूंगा.’ जाने क्या-क्या बाते् सकया करता था सदनभर, उिके मािूसमयत भरे िवाि और छोटी-छोटी शै तासनयां ही तो थी जो हरमीत को उि उदाि घर मे् मुस्कुराने की वजह देती थी्. दीपू था ही बहुत प्यारा, िबकी आंखो्का तारा. यहां तक सक िख्त समजाज चाचा भी अपने बेटे दीपू की शैतासनयां देखकर मुस्कुरा ही देते थे. िेसकन आज तो हरमीत भी बहुत खुश थी, वो सि​िािा हाथ मे्सिये, आने वािे कि के खूबिूरत ख्वाब िजा रही थी. ऐिा िग रहा था जैिे सक वो अपनी मंसजि िे बि

कुछ कदम दूर थी. ‘हरमीत नीचे आओ.’ चाचा की िख्त आवाज हरमीत को उिके ख्वाबो्िे वापि अि​ि दुसनया मे् खी्च िायी, कानो् मे् आवाज पड्ते ही हरमीत कांप गयी, उिने िुत्ी िे िर ढका और तेज कदमो् िे िीस्ढयां उतरते हुए नीचे आंगन मे् आ गयी. उिके चेहरे पर हल्का डर था. जाने क्यो्बुिाया था चाचा ने, ‘जी’ आंगन मे्पहुंचकर िर िे दुपट्​्ा ओढ्े हरमीत, नजरे नीची करके खड्ी थी. ‘क्या कर रही थी?’ चाचा की आवाज खामोशी को तोड्ते हुए घर के कोने-कोने तक गूंज गयी. हरमीत ने िड्खड्ो हुए कहा, ‘मै्, मै्आ, मै्वो, मै्पढ्रही थी.’ ‘बि बहुत हो गया ये पढ्ाई-सिखा का तमाशा.’ इि बार चाचा की आवाज मे् जरा ज्यादा नाराजगी थी, ये वो अंदाज था जैिे अब कोई िैि​िा िुनाने जा रहे है्, ‘तुझे कौन िा किेकट् र बनना है, तेरे सरश्ते की बात कर िी है, अगिे हफ्ते आ रहे है्िड्के वािे.’ ‘िेसकन चाचा मै् तो.’ बि इतना ही कह


पायी थी वोसक चाची की आवाज गूंज गयी. ‘िेसकन वेसकन कुछ नही्, सजतना कहा गया है उतना िुनो.’ िैकड्ो्िपने और हजारो्उम्मीदे् उिी आंगन मे्सबखर गयी थी. कहां तो हरमीत ख्वाब देख रही थी खुद के पैरो् पर खड्े होने का. तभी तो तमाम प्स्तयोगी परीक्​्ाओ्मे्सहस्िा िेना चाहती थी, तमाम िरकारी नौकसरयो्मे्तो

आवेदन भी कर चुकी थी. सपछिे हफ्ते ही तो यूपी मे् िेखपाि भत्​्ी के सिये िाम्ा भरा था उिने, सवभाग िे जवाब भी आ गया था. जवाब का वही ि​िेद सि​िािा सिये तो वो िुबह िे खुश थी. दो सदन बाद इंट्ेि टेस्ट था, िेसकन चाचा के िैि​िे ने उिके िब अरमानो्का गिा घोट सदया था. शाम को अपने सबस्​्र पर औ्धी पड्ी हरमीत जानती थी सक इि बार चाचा का िैि​िा नही् टािा जा िकता. उिने तसकया के नीचे रखी मम्मी-पापा की तस्वीर सनकािी और अपने मुकद्​्र पर रोने िगी. ‘क्या हुआ दीदी, क्याे्रो रही हो?’ दीपू की मािूम आवाज िे कमरा गूंज गया. हरमीत ने अपने आंिू पोछे और प्यार िे दीपू के गाि छूते हुए कहा, ‘छोटू, तुम नही् िमझेगो.’ ‘क्यो्नही्िमझंूगा बताओ ना दीदी.’ दीपू ने सजद की तो हरमीत ने उिे िमझाया सक दो सदन बाद उिे एक एग्जाम मे् शासमि होना है, िेसकन चाचा जाने नही्देगे. दीपू कुछ देर िोचता रहा और सिर उिने आंख मारकर, चुटकी बजाते हुए कहा, ‘आईसडया.’ दीपू ने हरमीत को अपना आइसडया बताया तो हरमीत ने खुशी िे उिे गिे िगाकर कहा, ‘यू आर जीसनयि दीपू.’ दीपू का आइसडया हरमीत को बहुत पिंद आया था. हािांसक उिमे्सरस्क था िेसकन जब िवाि सजंदगी का हो तो सरस्क तो िेना ही पड्ता है. बहरहाि, वो सदन भी आ ही गया, सजिका हरमीत को इंतजार था. आइसडया के मुतासबक उि िुबह हरमीत घर िे चुपचाप सनकि गयी. उिके जाने के बाद, दीपू ने मेनडोर िॉक कर सिया और कुछ देर बाद ‘दीदी बीमार है’ कहकर नाश्ता उिके कमरे मे् रख आया. चाचा-चाची को िगा हरमीत अपने कमरे मे्ही

है.

िेसकन हरमीत तो अपने इग्जासमनेशन िे्टर यानी िखनऊ आ गयी थी. उिने खुशीखुशी पच्ा​ा सिखा और पूरे तीन घंटे की मेहनत के बाद उम्मीदो् का वो कागजी पुसिंदा जमा करके बाहर आ गयी. बहुत खुश थी वो, ऐिा िग रहा था जैिे मंसजि के करीब आ गयी हो. इमारत िे बाहर आते ही उिकी नजर कॉिेज के ठीक िामने िगे होस्डि्ग पर पड्ी तो उिकी खुशी दोगुनी हो गयी. दरअि​ि वहां सिखा था सक िरकार अल्पिंख्यको् को प्​्सतयोगी परीक्​्ाओ् की तैयारी के सिए मुफत् कोसचंग दे रही थी, िीतापुर िमेत यूपी के कई इिाको्मे्मुफ्त कोसचंग का इंतजाम सकया गया था. हरमीत तो खुशी िे उछि पड्ी, उिने तय कर सिया सक िेखपाि परीक्​्ा का पसरणाम चाहे जो भी आये, वो दूिरी प्स्तयोगी परीक्​्ाओ्मे्बैठने की भी तैयारी करेगी और अपने पैरो्पर खड्ी होकर gही रहेगी. यूपी के िाखो् अल्पिंख्यक छात्​्ो् की तरह वो भी योजना का िायदा उठायेगी. यही िोचते-िोचते वो िीतापुर के सिए रवाना हो गयी. कुछ ही घंटो् मे् आराम िे घर के पाि पहुंच गयी. जैिे ही उिने दरवाजे को धक्​्ा सदया. िामने चाची की आंखे् गुस्िे िे िाि थी. िेसकन तभी कुछ अजीब हुआ. चाची ने कुछ नही् कहा और वो आंगन िे कमरे मे्चिी गयी. हरमीत हैरान तो थी िेसकन वाे झट िे ऊपर अपने कमरे मे्चिी गयी. माजरा कुछ िमझ मे् नही् आ रहा था. िेसकन बात तब िाि हुई जब थोड्ी देर बाद दीपू हरमीत के मरे मे्आया और उिने बताया सक चाची का गुस्िे की वजह दरअि​ि चाचाचाची का झगड्ा था. उि सदन दोनो्का जमकर झगड्ा हुआ था. यूं तो चाचा चाची को अक्िर डांटते थे िेसकन उि सदन बात जरा ज्यादा बढ् गयी थी. दीपू ने बताया, ‘पापा और मम्मी का बड्ा जोर का झगड्ा हुआ है, मम्मी बहुत नाराज है्, कह रही थी्घर छोड्कर चिी जाये्गी.’ दीपू ये बाते हरमीत को बता ही रहा था सक तभी हरमीत के कमरे मे्एक आवाज गूंजी. हरमीत, कमरे मे् चाची की आहट िे हरमीत घबरा गयी. िेसकन आज चाची की के चेहरे का रंग बदिा हुआ था. उन्हो्ने हरमीत का हाथ पकड्ा और कहा बेटी, आज मै् जान गयी सक औरत को बराबरी तभी समि िकती है जब वो अपने पैरो्पर खड्ी होना िीखे. तुम िही हो बेटा, काश मै्ने भी तुम्हारी तरह कभी ऐिा िपना देखा होता, पर कोई बात नही्, अब तुम्हे् सजतने भी एगजाम देने है्दो, मै्तुम्हारे िाथ हूं. हरमीत ने चाची को गिे िगा सिया. तसकया के एक कोने िे झांकते हुए मां भी मुस्कुरा रही थी. (सूचना एिं जनसमंपकंक विभाग उतं​ंार पं​ंदेश दं​ंारा पं​ंकावशत) शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 23


विजं​ंापन

सौभाग्य का रंग

पूजा वं​ंत गुपंता

‘आ

सखरी बार कहती हूं वो पीिी वािी िाड्ी दे दो रवना मै्ने सनकािी तो दो-चार और िेकर जाऊंगी.’ स्​्पया ने अिमारी का दरवाजा खोिते हुए मां िे कहा. ‘क्यो् सजद करती है तू, कहा ना, मेरी िास्डयां अब तू नही् पहन िकती, जा अब जाकर पैसकंग कर िे.’ ये कहते हुए ममता अिमारी का दरवाजा बंद कर सकचन की तरि चिी गयी. िेसकन स्​्पया अब तक वही् खड्ी

24 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

थी. इि िोच मे्सक सकतना बदि गयी है्उिकी मां. आज जब ममता ने उिे अपनी िाड्ी देने िे इनकार सकया तो स्​्पया को तीन िाि पहिे हुई अपनी िेयरवेि पाट्​्ी याद आ गयी थी. जब ममता जबरदस्​्ी अपनी हर िाड्ी स्​्पया के कंधे पर रख-रखकर उि​िे कह रही थी सक वो इन्ही् मे् िे सकिी िाड्ी को पहनकर िेयरवेि मे् जाये, िेसकन तब स्​्पया पापा के िाथ जाकर कािगंज की िबिे िेमि िास्डयो्की दुकान िे अपनी अिग िाड्ी िे आयी थी. और आज तीन िाि बाद जब स्​्पया, मां की उन्ही्िास्डयो्

मे् िे एक िाड्ी अपने िाथ ि​िुराि िे जाने की सजद कर रही थी तो मां ने उिे िाि मना कर सदया था. स्​्पया िमझती थी सक मां उिे अब अपनी िास्डयां क्यो् नही् देना चाहती. कि उिने मां और अपनी मन्नो बुआ के बीच हुई बातचीत जो िुन िी थी. मां ने मन्नो बुआ को जब ये बताया था सक स्​्पया उिकी पीिी वािी िाड्ी मांग रही है, तो बुआ ने हमेशा की तरह तीखी आवाज मे् कहा था ‘पगि गयी हो का, उिकी शादी की िास्डयो् मे् रखोगी अपनी िास्डयां, अरे सवधवा हो अब तुम, तुमाई िाड्ी िे जाना तो दूर, वो अब हाथ भी ना िगाये. और कहो हो अब तक िंभाि-िंभाि कर रखी हो अपनी िास्डयां, अरे देओ सदवाओ छुट्ी करो.’ अपनी नन्द मन्नो की इि बात मे्भी ममता ने सबना कुछ कहे हमेशा की तरह, ‘हां जीजी’ कहकर िर सहिा सदया था. िेसकन वही् बैठी दोनो्की बाते्िुनती स्​्पया को मां की इि हां मे् उनकी बेबिी िाि सदखाई दे ती थी. बेबिी उनके ि वधवा हो जाने की, बेबिी उनके िामासजक बंधनो्मे्बंध जाने की, जो पसत की मौत के बाद ना चाहते हुए भी इि िमाज मे् पत्नी पर थोप सदये जाते है्. दो िाि पहिे एक रोड एक्िीडे्ट मे्अचानक हुई पापा की मौत के बाद परंपराओ् के नाम पर ना जाने सकतनी चीजे्अपनी मां िे सछनते हुए देखी थी्स्​्पया ने. मां अब िीकी-िीकी िास्डयां पहनने िगी थी जो कभी चुन-चुनकर चटक रंग िाती थी. उनके खािी-खािी हाथो्मे्कभी खूब चूस्डयां खनकती थी, और हर वक्त बड्ी िी गहरे िाि रंग की सबंदी िगाने वािी उिकी मां का माथा अब िूना हो गया था. इन दो िािो् मे् जैिे उनकी सजंदगी सजंदगी िे िारे रंग गायब हो गये थे. ये िब बि इिसिए था क्यो्सक मां सवधवा हो गयी थी. स्​्पया को मां का यूं इि तरह रहना कहां पिंद था? िेसकन मन्नो बुआ के आगे सकिी की बोिने की सहम्मत भी तो नही्थी. वही तो थी् सजनके कहने पर मां ने अपना सकतना कुछ छोड्सदया था. ‘मां सबजिी’ का सबि भी जमा करा सदया है और अगिे महीने के गैि कनेक्शन के सिए भी बोि सदया है’ बाहर िे िौटी स्​्पया मां को इतना बोि ही पायी थी सक मन्नो बुआ ताना किते हुए बोिी्. ‘अरे, ये िब तू अब ममता को भी सिखा दे, क्या ि​िुराि िे आयेगी इन िारे कामो् के सिए. मै् ना कहती थी ममता, एक िड्का हो तो कम िे कम बुढ्ापे का िहारा होवे, अब ये तो गयी ि​िुराि, सिर?’ ‘सिर, सिर क्या बुआ जी, मेरे ना रहने िे क्या िारे काम बंद हो जाये्गे? और िड्का? मनोज भैया सकतना िहारा दे रहे है् आपको,


बताइये जरा,’ स्​्पया ने गुस्िे मे्बुआ को जवाब सदया तो पाि खड्ी ममता उिे िटकारते हुए बोिी ‘स्​्पया, बि कर, बुआ है वो तेरी, इि तरह बात करते है्बुआ िे, अरे, वही्तो इि घर की बड्ी है्अब, हर अच्छा बुरा िमझती है्, मािी मांग अभी’ ममता बोिी तो मन्नो बुआ बि उिका चेहरा देखे जा रही थी्. सकतना िम्मान था ममता के मन मे्उनके सिए. वो िम्मान जो मन्नो बुआ एटा मे् बने अपने घर मे् अपने बहू बच्​्ो् के बीच ढूंढती थी्. िेसकन वहां उन्हे् सिवाय उल्टे जवाब के कुछ नही्समिता. ‘िॉरी बुआ’ कहते हुए स्प् या तो अंदर कमरे मे् चिी गयी थी, िेसकन मन्नो् बुआ आज देर तक ममता के हाथो्पर अपना िर सटकाये रोती रही्, वो ऐिे सि​िक रही् थी्, जैिे अपने दु:ख बांट िेना चाहती हो्. सि​िसकयो्के िाथ उन्हो्ने कई बार कहा, ‘कौन पूछे है ममता अब मुझे? बता तू? अब मुझे देख, एक-एक पैिे के सिए तरिू घर मे’् ये कहते हुए जब वो रोयी्तो ममता ने उन्हे्उनकी पे्शन के बारे मे्पूछा ‘तो जीजी आपकी पे्शन?’ ‘हमे् पे्शन? अरे हमको काहे की पे्शन? कौन कोई िरकारी नौकरी सकये रहे हम.’ ये कहते हुए मन्नो बुआ िाड्ी के छोर िे आंिू पोछने िगी्. ‘ना जीजी, नाैकरी नही्, अब तो वो आई

है ना िरकार की योजना, अरे वो क्या है,’ ममता आगे कुछ िोचकर बोिती इि​िे पहिे ही कमरे िे बाहर आयी स्​्पया ने बुआ को िमाजवादी पे्शन योजना के बारे मे्बताया था, और तो और उनिे ये वादा भी सकया सक वो जल्दी ही इि योजना मे्उनका नाम जुड्ने का प्​्याि करेगी. ये िब कहने के बाद जब स्​्पया ने बुआ का हाथ पकड्कर तिल्िी देते हुए कहा, ‘बुआ क्यो् सचंता करती है् आप, हम है् ना आपके सिए, और सिर जब मेरे जाने के बाद मां अकेिी हो्गी, तो आप तो यहां कािगंज आती रहे्गी’ तो मन्नो बुआ ने हजारो्दुवाओ्के िाथ उिका माथा चूम सिया था. परिो् स्​्पया की शादी थी. घर मेहमानो् िे भरने िगाथा था. कुछ ही देर मे्तेि चढ्ाई की रस्म शुर् होने वािी थी. स्​्पया मन मे्ठान के बैठी थी सक वो इन िारे ढकोि​िो्को तोड्ते हुए अपनी तेि चढ्ाई मे् मां की वही पीिी िाड्ी पहनेगी, जो मां उिे देना ही नही्चाहती. मां के कमरे मे् आकर उिने अिमारी िे उि पीिी िाड्ी को जैिे ही सनकािा तो िाड्ी के बीच िंिी एक डायरी जमीन पर सगर पड्ी. ये तो वह डायरी थी, सजिे मां अक्िर ये कहकर सिखती सक इिमे् वो सहिाब-सकताब िंभािकर रखती है्. िेसकन जमीन पर सगरकर खुि चुकी उि डायरी के पन्ने पर सिखे हुए अक्​्र सहिाब-

सकताब के नही् थे. वो तो कुछ और ही था. सिखा था... ‘आज स्​्पया कॉिेज िे बहुत िेट हाे गयी है. मन बहुत घबरा रहा है, िेसकन वो ये कहां िमझती है, ज्यादा बोिो तो कहती है सक बड्ी हो गयी हूं, तुम होते तो.’ स्​्पया ने अगिा पन्ना पिटा, ‘आज कॉिेज िे आते हुए स्​्पया जब रोशनिािा की दुकान िे िोहन पापड्ी िायी, तब याद आया सक आज तो मेरा जन्मसदन है, वरना अब कहां याद रहता है जन्मसदन तुम्हारी तरह चामुंडा दवी के मंसदर भी िे गयी.’ अगिा पन्ना, ‘स्​्पया की शादी पक्​्ी हो गयी है पंकज. आजकि जब-जब उिकी शादी की खरीददारी के सिए नदारी गेट जाती हूं तो ऐिा िगता है तुम यही्आिपाि िे मुझे आंख सदखाते हुए कह रहे हो, ‘नीर्बि इिसिए तुझे बाजार नही्िाता, एक-एक चीज खरीदने मे्तू घंटो् िगताी है.’ स्​्पया भी कुछ ऐिा ही बोिती है मुझिे. उि सदन मीणा बाजार मे्चूस्डयां िेते हुए मुझे भी जबरदस्​्ी कड्े सदिवा िायी है. कहती है सक उिे मेरे खािी हाथ अच्छे नही् िगे. सबल्कुि तुम्हारी तरह सजद्​्ी है तुम्हारी बेटी.’ स्​्पया पन्ने पिटती जा रही थी. हर वो बात जो सपछिे कुछ महीनो् मे् घर मे् हुई थी, मां ने उिे इन पन्नो् पर उतार सदया था. डायरी को माथे िे िगाये वो बहुत देर तक सि​िकती रही. ‘स्​्पया, हो गयी तैयार, चि जल्दी कर बेटा’ ये कहते हुए जैिे ही ममता ने दरवाजा खोिा तो स्​्पया ने डायरी िास्डयो् के बीच छुपाते हुए आंखे्िेर िी. ‘इधर देख तो जरा, स्​्पया, ए स्​्पया, तू रो रही है बेटा?’ जैिे ही मां ने उिके चेहरे पर हाथ रखा वो किकर िुबुक उठी. कि बेटी की सवदाई हो जायेगी ये िोचकर ममता भी उिे िीने िे िगाये देर तक रोती रही. दोनो्की सि​िसकयां देखकर दरवाजे िे िटी खड्ी मन्नो बुआ का भी सदि सपघि गया था. वो धीरे-धीरे उनकी तरि चिती हुई आयी् और सबस्​्र पर पड्ी पीिी िाड्ी का एक छोर स्​्पया के सिर पर रखती हुई बोिी् ‘िे पहन िे आज इि पीिी िाड्ी काे, िौभाग्य का रंग पीिा, खूब ि​िेगा, कोई और िाड्ी चासहए मां की तो िे जा, िेसकन हां, ये गुिाबी वािी नही्, िोचती हूं तेरी शादी मे्तेरी मां की ये गुिाबी वािी िाड्ी मै्पहन िूं. और ममता तुझे तो नीिा रंग पिंद है ना, तो तू सिर ये नीिे रंग की पहन.’ यूं इि तरह मन्नो्बुआ को देखकर स्​्पया और मां मुस्कुरा रही थी्. कुछ था जो उन्हे्रंगो् की तरि खी्च िाया था. मन्नो् बुअा बदिने िगी थी्. (सूचना एिं जनसमंपकंक विभाग उतं​ंार पं​ंदेश दं​ंारा पं​ंकावशत) शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 25


पश्िमास् चमटबंहेगडाल

ममता बनि्​्ी अपनी िीत के ि्​्वत आश्​्स्लगती है्और उन्हे्उखाड़्ने के बारे मे्वाम मोर्ाष अपनी आशंका के रलते कांग्ेस से तालमेल की िी-तोड़् कोवशश मे्है. रीता वतिारी

क ओर अपनी िोकस्​्पयता और अल्पिंख्यक वोट बै्क के बूते दोबारा ित्​्ा मे् िौटने के आत्मसवश्​्ाि िे िबरेज तृणमूि कांग्ेि प्​्मुख और मुख्यमंत्ी ममता बनज्​्ी और दूिरी ओर, िांगठसनक कमजोरी, गुटबाजी, अंतरसवरोधो्, नेतृत्व और मुद्ो् के अभाव िे जूझते हुये राजनीसतक सहतो् के सिए अपने आदश्​्ो् और सिद्​्ांतो् को सतिांजसि देने को आतुर, िेसकन ममता को ित्​्ा िे बेदखि करने का िपना देखते दो प्​्मुख सवपक्​्ी राजनीसतक दि यानी माकपा की अगुवाई वािा वाममोच्ा​ा और कांग्ेि. िंक्ेप मे्कहे्तो पस्​्िम बंगाि मे् अगिे महीने होने वािे सवधानिभा चुनावो् िे पहिे की राजनीसतक तस्वीर इि एक वाक्य िे ही बयान की जा िकती है. भाजपा तो राजनीसतक हासशये पर सखिक कर सि​िहाि अपने घावो्पर मरहम िगाते हुये यह िमझने का प्​्याि कर रही है सक आसखर उि​िे गिती कहां हुयी? तृणमूि कांग्ेि िाि 2011 के चुनावो् मे् जीत कर राज्य की ित्​्ा पर कासबज हुई तो इिकी अकेिी िबिे बड्ी वजह ममता की िोकस्​्पयता थी. उन्हो्ने िरकार मे् रहने की वजह िे थोक भाव मे् पूरे राज्य मे् सवकाि पसरयोजनाये्शुर्की है्. उन्हो्ने दो र्पए सकिो खाद्​्ान्न िप्िाई की योजना शुर्की है, इिके अिावा छात्​्ो् को स्कािरसशप, िाइसकिे्, स्कूि ड्​्ेि और जूते बांट रही है्. बेरोजगारो्को आिान शत्​्ो् पर कज्ा भी मुहैया कराये गये है्. उनकी कन्याश्​्ी योजना को यूनीिेि ने भी िराहा है. इिी तरह िबूज िाथी योजना के तहत िगभग चािीख िाख छात्​्-छात्​्ाओ् को िाइसकिे् दी जा रही है्. इिी जनवरी मे् ममता ने खाद्​् िाथी नामक योजना शुर् की सजिके तहत आठ करोड्ो्िोगो्को दो र्पए सकिो की दर पर अनाज समि रहा है. उनका दावा है सक तृणमूि कांग्ेि िरकार के ित्​्ा मे्आने के बाद अब तक 6.8 िाख िोगो् को नौकसरयां समिी है.् वे इन सवकाि पसरयोजनाओ्के िहारे चुनावी वैतरणी पार कर ित्​्ा मे् बने रहने के प्​्सत आश्​्स्है्. 26 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

सवधानिभा चुनावो् िे पहिे राज्य के दो प्​्मुख सवपक्​्ी दिो् िीपीएम और कांग्ेि ने आपि मे् चुनावी गठजोड् के तो पय्ा​ाप्त िंकेत दे सदये है्, िेसकन सबल्िी के गिे मे् घंटी कौन बांधे के चक्​्र मे्उनकी यह कवायद अब तक परवान नही् चढ् िकी है. दोनो् पक्​् बार-बार गठजोड्की गे्द एक-दूिरे के पािे मे्धकेिते हुए अपने तमाम सवकल्प तौिने मे् जुटे है्. िोकिभा के पूव्ा अध्यक्​् और माकपा िे सनष्कासित िोमनाथ चटज्​्ी कहते है् सक राज्य मे् कांग्ेि व माकपा का गठजोड् राजनीसतक सवकल्प नही्, बब्लक जर्रत है. उनका कहना है सक राज्य मे् िोकतंत् की बहािी के सिए सवपक्​्ी दिो्का एकजुट होना बेहद जर्री है. सवपक्​्चाहे सजतनी और जैिी रणनीसत बना रहा हो, ममता बनज्​्ी ने आम िोगो्को िुभाने और अपने सवकाि के एजंडे को घर-घर तक पहुंचाने के सिए उन्हो्ने सवकाि पसरयोजनाओ् की भरमार कर दी है. राज्य की तंग मािी हाित के बावजूद ममता बीते छह महीनो् के दौरान हजारो्करोड्की पसरयोजनाओ्का ऐिान और सशिान्याि कर चुकी है्. इिके अिावा जनवरी मे् आयोसजत वैस्शक सनवेशक िम्मेिन मे्

िाखो्करोड्के सनवेश का झुनझुना सदखा कर वे िोगो्के सदमाग मे्यह बात भरने का प्​्याि कर रही है् सक राज्य मे् उनके काय्ाकाि मे् सजतनी सवकाि पसरयोजनाएं शुर् की गयी है् उतनी वाममोच्ा​ा के तकरीबन 34 िाि के शािनकाि मे् भी नही् की गयी्. वे दूिरे दिो् और चुसनंदा हस्​्सयो् को भी िाथ िे रही है्. माकपा के सनष्कासित नेता और पूव्ामंत्ी अल्दुर रज्​्ाक मौल्िा, स्​्ककेटर िक्​्मी रतन शुक्िा और जगमोहन डािसमया की पुत्ी वैशािी डािसमया को पाट्​्ी मे् शासमि करना उनकी इिी रणनीसत का सहस्िा है. दूिरी ओर, सवपक्​् के पाि राज्य की बदहाि औद्​्ोसगक ब्सथसत और शारदा सचटिंड घोटािे के अिावा दूिरा कोई मुद्ा नही् है. िेसकन बंगाि मे्औद्​्ोसगक बदहािी का दौर तो तीन दशक पहिे ही शुर् हो गया था. राजनीसतक पय्वा क े क ् असमत कुमार जाना कहते है्, ‘राज्य मे् वाममोच्ा​ा िरकार के जमाने मे् उग्​्वादी ट्​्ेड यूसनयन गसतसवसधयो् की वजह िे तमाम उद्​्ोग-धंधे चौपट होने िगे थे. बंगाि की िोना उगिने वािी जूट समिो् मे् भी बदहािी का दौर उिी िमय शुर्हुआ.’

दंगल दीदी और

ि​ि​िा बनज्​्ी: इस बाि भी आश्​्स्


सवपक्​् ममता पर खुशामद की राजनीसत करने का आरोप िगाता रहा है. वे अल्पिंखय् क िमुदाय िे अपने राजनीसतक सरश्तो्को मजबूत करने की सदशा मे्िगातार काम करती रही है्. इिके सिये उन्हो्ने सिद्​्ीकुलि ् ा चौधरी की आि इंसडया यूनाइटेड डेमोके्सटक फं्ट के िाथ तो हाथ समिाया ही है, अल्पिंख्यको् के कल्याण के सिए िैकड्ो् करोड् की योजनाओ् का भी ऐिान सकया है. इनमे्नये मदरिो्की स्थापना, उनका आधुसनकीकरण और अल्पिंख्यक तबके के छात्​्-छात्​्ाओ् को स्कािरसशप देना शासमि है. पूरे देश मे्अिसहष्णतु ा पर होने वािी बहि के बीच ही उन्हो्ने कोिकाता मे् आयोसजत गजि िम्​्ाट गुिाम अिी के काय्ाक्म के जसरए यह िंदेश देने का प्​्याि सकया सक उनकी िरकार ही मुि​िमानो् की िच्​्ी सहतैरी है. सपछिी बार तृणमूि को ित्​्ा मे् पहुंचाने मे् अल्पिंख्यक वोटरो् ने अहम भूसमका सनभाई थी. सकिी दौर मे् अल्पिंख्यक तबके ने खुि कर कांगि ्े को िमथ्ना सदया था. उिके बाद यह वोट बै्क माकपा की झोिी मे् चिा गया और इिी के िहारे उिने कोई 34 िाि तक बंगाि

पर सनरंकुश राज सकया. उिके बाद ममता ने नंदीग्​्ाम मे्भूसम असधग्ह् ण-सवरोधी आंदोिन के दौरान इि हकीकत को िमझा सक अल्पिंखय् क वोट बै्क ही उनको ित्​्ा सदिा िकता है और िंबे अरिे तक कुि्ी पर सटकाये रख िकता है. कभी ममता बनज्​्ी का दासहना हाथ रहे मुकि ु राय की िाि भर बाद पाट्​्ी मे्धमाकेदार वापिी हुयी है. यह िही है सक पाट्​्ी मे्आंतसरक गुटबाजी बहुत ज्यादा है और ममता को बाकायदा इिके सिए सवसभन्न गुटो् को चेताना भी पड्ा है. िेसकन कुशि रणनीसतकार माने जाने वािे मुकुि की वापिी िे ममता इि मोच्​्े पर कािी हद तक सनस्​्िंत हो गयी है्. ित्​्ा की चमक तृणमूि कांग्ेि के दफ्तरो्के भीतर और बाहर िाि देखी जा िकती है. इिके मुकाबिे दो िाि पहिे धमाकेदार तरीके िे आगाज करने वािी भाजपा का दफ्तर िूना नजर आता है. उिकी सनगाहे् भी कांग्ेि व माकपा के प्​्स्ासवत गठजोड् पर सटकी है्. पाट्​्ी ने यहां अपने तमाम पदासधकारी बदि सदये है्. िेसकन वह जानती है सक बंगाि मे् मोदी का जादू इन दो वर्​्ो् मे् कािी िीका पड् चुका है. माकपा मुख्यािय अिीमुद्ीन स्ट्ीट पहिे के मुकाबिे

दादाओं िा

सोगनया िांधी, डी िाजा औि सीिािाि येचुिी: िंठबंधन होिा गक नही्

अब कुछ रोशन भिे नजर आ रहा हो, नेताओ् के चेहरो् पर अिमंजि और असनि्​्यता के भाव िाि देखे-पढ्े जा िकते है्. दूिरी ओर, कांग्ेि के दफ्तर मे्भी असनस्​्ितता का माहौि है. प्द् श े कांगि ्े प्म् ख ु अधीर चौधरी के अिावा अल्दि ु मन्ना और अबू हाशेम खान जैिे सदग्गज माकपा िे हाथ समिाने के पक्​्मे्है्िेसकन पूव्ा प्​्देश अध्यक्​् मानि भुइयां और उनका गुट इिके सखिाि. उन्हो्ने पाट्​्ी उपाध्यक्​् राहुि गांधी िे भी अपनी अिहसमत जता दी है. माकपा का कहना है सक अबकी मुद्ा सवकाि नही्, बब्लक राज्य मे् िोकतंत् का अभाव और िांप्दासयक धुव्ीकरण तेज होना है. पाट्​्ी राज्य मे्सनवेश आकस्रात करने मे्तृणमूि कांग्ेि की नाकामी को भी मुद्ा बना रही है. भाजपा राज्य मे्बांगि ् ादेश िे बढ्ती घुिपैठ और िीमावत्​्ी सजिो् मे् मुब्सिम वोटरो् के बढ्ते अिर िे सचंसतत है. माकपा िे गठजोड् मुक्मि नही्होने तक कांग्ेि की िबिे बड्ी सचंता अपने तमाम नेताओ् व गुटो् को एकजुट रखना है. यह बात तो माकपा भी मानती है सक उिमे् अकेिे अपने बूते चुनाव जीतने की कूवत नही् है. उिका अपना आकिन है सक सि​िहाि तृणमूि कांग्ेि के वोटो्का प्​्सतशत 35 िे 37 िीिदी के बीच है. इिमे्राज्य के अल्पिंख्यक वोट बै्क की अहम भूसमका है. राजनीसतक पंसडतो् का कहना है सक अल्पिंख्यको् का िमथ्ान अबकी भी ममता को ही समिेगा. राज्य मे्िगभग 29 िीिदी आबादी अल्पिंख्यक है् और कई चुनाव क्​्ेत्ो् मे् तो मुब्सिम वोट ही सनण्ा​ायक ब्सथसत मे्है्. माकपा के आकिन पर भरोिा करे्तो सहंदू वोटर तृणमूि िे दूर गये है्. िेसकन सकतनी दूर? इि िवाि का जवाब उिके पाि नही्है. यही वजह है सक माकपा के नेता अबकी कांग्ेि िे हाथ समिाने के सिए आतुर नजर आ रहे है्. िेसकन कांग्ेि की मुब्शकिे् भी कम नही् है्. बंगाि के िाथ उिे केरि मे् भी सवधानिभा चुनावो् का िामना करना है जहां वह ित्​्ा मे्है और माकपा ही वहां उिकी िबिे प्​्मुख प्​्सतदंवद्​्ी है. िोकिभा चुनावो् के दौरान राज्य के राजनीसतक पसरदृश्य पर आि्​्य्ाजनक र्प िे उभरी भाजपा को समिे िगभग 17 िीिदी वोटो् ने तब राज्य मे्वाममोच्ा​ा की िुसटया डुबो दी थी. िेसकन बीते डेढ् िािो् के दौरान भाजपा की िोकस्​्पयता घटी है. पाट्​्ी मे् िाि 2014 वािे न तो तेवर है्और न ही वोटरो्पर वैिी मजबूत पकड्. शहरी सनकाय के चुनावो् ने िाि कर सदया है सक सपछिी बार सजन दो िोकिभा िीटो् यानी आिनिोि और दास्जासिंग मे् उिके उम्मीदवार जीते थे, वहां भी उिका ग्​्ाि तेजी िे सगरा है. n शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 27


मास् असम ट हेड

िुख्यिंत्ी िर्ण िोिोई: कगठन होिी िाह

साख सबकी दांव पर

असम मे्होने वाले ववधानसभा रुनाव मे्भािपा बािी मारने की कोवशश मे्अगप से समझौता कर रुकी है, लेवकन कांग्ेस भी इस रुनौती को देखते हुए तालमेल और गठिोड़्मे्पीछे नही्है. कुमार पं​ंतीक

गिे महीने सजन पांच राज्यो् मे् सवधानिभा चुनाव होने है् उनमे् पूव्ोत्​्र का प्​्वेश द्​्ार कहे जाने वािे अिम के चुनाव बहुत महत्​्वपूण्ा है.् यहां प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी िमेत भाजपा के तमाम बड्े नेताओ् की िाख दांव पर है. पाट्​्ी को इि बार यहां ित्​्ा का दावेदार माना जा रहा है. आश्​्स्स का स्​्र यह है सक भाजपा ने पहिे ही दो सतहाई बहुमत हासि​ि करने का दावा कर सदया है. भाजपा ने अिम मे्ताकतवर रहे असखि अिम छात्​्िंघ (आिू) के अध्यक्​्रह चुके िव्ा​ानंद िोनोवाि को अपना चेहरा बनाया है. वही् िगातार तीन काय्क ा ाि पूरे कर चुकी तर्ण गोगोई की कांगि ्े िरकार भी ित्​्ा मे्वापिी का दावा कर रही है. अिम मे् क्​्ेत्ीय दिो् की भूसमका शुर् िे ही अहम रही है. इिसिए यह कहना िही नही् होगा सक यहां मुकाबिा केवि भाजपा और 28 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

कांगि ्े के बीच होगा. िरकार चाहे सजिकी बने, उिे क्​्ेत्ीय दिो् का िहारा िेना पड्ेगा. इि चुनाव मे्भी अिम गण पसररद (अगप), आि इंसडया यूनाइटेड डेमोके्सटक फं्ट (एआईयूडीएि) और बोडो दिो् की भूिमका अहम होगी. भाजपा ने भी बोडो के ताकतवर गुट बोडो पीपुल्ि फं्ट यानी बीपीएि और अगप िे हाथ समिा सिया है. प्ध् ानमंत्ी मोदी बोडो बहुि कोकराझार इिाके मे्रैिी कर चुके है्. उन्हो्ने बोडो और कारबी जनजासतयो् को अनुिूसचत जनजासत का दज्ा​ा देने का वादा करके सियािी चाि भी चि दी है. िाि 2011 के सवधानिभा चुनावो्मे्राज्य की 125 िीटो्मे्िे भाजपा को केवि पांच पर जीत समिी थी िेसकन दो तीन िाि के भीतर िोकिभा चुनाव मे् उिने 14 मे् िे िात िीटो् पर जीत हासि​ि कर तगड्ी मौजूदगी दज्ा की. ऊपरी अिम मे् पाट्​्ी का जनाधार बसढय़ा है िेसकन सनचिे अिम के इिाके मे् अपनी

कमजोरी को भांपते हुए उिने छोटे दिो्के िाथ तािमेि को प्​्ाथसमकता देना शुर्कर सदया है. हाि के महीनो्मे्अगप और कांग्ेि के दज्ानो् नेता व सवधायक भाजपा मे्शासमि हुए है.् इनमे् गोगोई िरकार मे्मंत्ी रह चुके हेमंत सवश्​्शम्ा​ा का नाम प्​्मुख है. बीते िोकिभा चुनाव मे्राज्य की 14 मे्िे िात िीटे्जीतने के बाद भाजपा ने सवधानिभा चुनाव के सिये समशन 84 तय सकया यानी 126 मे् िे 84 सवधानिभा िीटो् पर जीत हासि​ि करना. िेसकन सवडंबना यह है सक क्​्ेत्ीय दिो् के िाथ तािमेि के क्​्म मे् उिके पाि अब इतनी िीटे् ही नही् बच िकी्. भाजपा ने अगप िे हाथ तो समिा सिया है, िेसकन इन दोनो्दिो् के चुनावी तािमेि पर सिर िुटव्वि शुर् हो गयी है. इि गठजोड् िे नाराज दोनो् दिो् के कुछ नेताओ्और काय्ाकत्ा​ाओ्ने बगावत करते हुए नयी पाट्​्ी बना िी है या उिकी तैयारी मे्है्. भाजपा के बागी नेताओ् ने तृणमूि भाजपा


नामक एक नयी पाट्​्ी का गठन कर अगप के सखिाि अपने उम्मीदवार उतारने का एिान कर सदया है. िगातार तेज होती यह बगावत दोनो्दिो्के शीर्ानेततृ व् के सिये सिरदद्ाबनती जा रही है. गठजोड्के तहत भाजपा ने राज्य की 126 सवधानिभा िीटो्मे्िे 24 िीटे्अगप के सिये छोड्ी है्. िेसकन पाट्​्ी का एक तबका इि​िे नाराज है. इि गठजोड्के ऐिान के सदन ही कई भाजपा िदस्यो् ने स्थानीय पाट्​्ी काय्ा​ाियो् मे् तोडफ़ोड्की थी. इि गठजोड्के सखिाि राज्य के कई सजिो्मे्दोनो्दिो्के काय्ाकत्ा​ा अपनी नाराजगी जता रहे है्. इि गठजोड्को रद्​्करने की मांग मे् सवसभन्न सजिो् के काय्ाकत्ा​ाओ् ने राजधानी गुवाहाटी ब्सथत अगप दफ्तर मे् भी यूजी ब्​्ह्ि: कांग्ेस का साथ तोडफ़ोड्की है. अगप के पूव्ाअध्यक्​्थानेश्र बोरो रंसगया िीट िे तीन बार जीत चुके है्. अब तो हर पाट्​्ी मे् है. िेसकन हम बागी नेताओ् िे स्थानीय नेताओ्ने वहां अगप आंचसिक नामक बात करे्गे. सि​िहाि कांग्ेि को हराना िबिे जर्री है. नई पाट्​्ी बनाने का ऐिान सकया है. उधर, अगप अध्यक्​्अतुि बोरा ने पाट्​्ी के अगप सवधायक प्​्वीण हजासरका ने िाि काय् ाकत्ा​ाओ् िे जमीनी हकीकत को िमझने 2011 मे्कांगि ्े की िहर के बावजूद सवश्न् ाथ और राज्य के िोगो् की उम्मीदो् का िम्मान िीट जीती थी. उनका िवाि जायज है सक करने की अपीि की है. उनका कहना है सक आसखर मेरी िीट भाजपा को क्यो्दे दी गयी ? हजासरका ने सनद्ािीय के तौर पर मैदान मे् िोग कांग्ेि को ित्​्ा िे बाहर करना चाहते है्. उतरने की धमकी दी है. इिी तरह भाजपा बोरा के मुतासबक, काय्ाकत्ा​ाओ् की नाराजगी सवधायक जादव डेका ने भी सनद्ि ा ीय के तौर पर जायज है. िेसकन बड्ा िक्​्य हासि​ि करने के िडऩे की धमकी दी है. उनकी कमिपुर िीट सिये छोटे-छोटे सहतो्की कुबान्​्ी जर्री है. दूिरी ओर, ित्​्ार्ढ्कांग्ेि का दावा है सक तािमेि के तहत अगप की झोिी मे्चिी गयी उिने राज्य का चेहरा बदि सदया है. इिसिए है. सदिचस्प बात यह है सक वे भाजपा सवधायक िोग चौथी बार भी उिे ही ित्​्ा मे् सबठाये्गे. दि के नेता रहे है्. अिम कां ग ि े ् के प्व् क्ता प्द ् त्ु बोरदोिोई कहते िगातार तेज होती बगावत के बावजूद दोनो् है , ् 'ित् ा ् के तमाम दावे द ार राज्य के िोगो् को दिो् के नेताओ् को यह मामिा शीघ्​् िुिझने झू ठ े िपने सदखा रहे है ् . िे स कन हमने तो कर की उम्मीद है. भाजपा के प्​्वक्ता और पूव्ाप्​्देश सदखाया है . हमने 15 वर् ो ् ् मे ् अिम का सजतना अध्यक्​्सिद्​्ाथ्ाभट्​्ाचाय्ाकहते है्सक अिंतोर िोवाहाटी िे् अगि​ि शाह औि सब्ामनंद सोनोवाल: िौके पि सिझौिा

सवकाि सकया है उतना आजादी के बाद नही् हुआ था.' बोरदोिोई कहते है् सक बीते दो सवधानिभा चुनावो् के दौरान हमने बोडो पीपुल्ि फं्ट (बीपीएि) के िाथ तािमेि सकया था. इि​िे कांग्ेि का नुकिान ही हुआ. बीपीएि अब भाजपा के िाथ है. एक िवाि पर उनका कहना था सक भ्​्ष्ाचार के आरोपो् िे सघरे नेता ही पाट्​्ी छोड् कर भाजपा मे् गये है्. इि​िे हमारी िेहत पर कोई अंतर नही् पड्ेगा. बहरहाि, बोरोदोिोई चाहे सजतने भी दावे करे्, अबकी कांग्ेि की राह आिान नही्है. िरकार के कई मंत्ी भ्​्ष्ाचार के आरोपो्िे जूझ रहे है्. ित्​्ासवरोधी िहर भी चुनाव मे् अहम भूसमका सनभायेगी. सनचिे अिम की बोडोिै्ड टेरीटोसरयि काउंसि​ि मे् ित्​्ार्ढ् बीपीएि के भाजपा के िाथ हाथ समिाने के बाद राज्य मे् ित्​्ार्ढ् कांग्ेि ने राजनीसतक िंतुिन िाधने के सिये दूिरे बोडो िंगठनो्की तिाश शुर्कर दी है. बोडोिै्ड इिाके मे् बीपीएि सवरोधी बोडो िंगठन यूनाइटेड पीपुल्ि पाट्​्ी (यूपीपी) के बैनर तिे एकजुट होने की कवायद मे् जुटे है्. कांग्ेि ने इिका हाथ थामा है. इिाके के प्​्मुख बोडो नेता व राज्यिभा के पूवा्िदस्य यूजी ब्न् म् की अगुवाई वािे यूपीपी को पीपुल्ि कन्वे्शन िॉर डेमोट्​्ेसकटक राइब्ि (पीिीडीआर), नेशनि डेमोके्सटक फं्ट आि बोडोिै्ड (एनडीएिबी) के बातचीत िमथ्ाक गुट और ताकतवर असखि बोडो छात्​्िंघ (आल्िू) का भी िमथ्ान हासि​ि है. बोडोिै्ड टेरीटोसरयि काउंसि​ि और उि​िे िटे इिाके मे्सवधानिभा की 20 िीटे् है्. भाजपा और बीपीएि के बीच हुए गठजोड्ने उिे इि इिाके मे्मजबूती दे दी है. अब उिकी काट के सिए कांग्ेि ने भी चुनावो् िे पहिे यूपीपी िे हाथ समिा कर उिे चार िीटे्दे दी है्. अिम आंदोिन की कोख िे पैदा होने वािी अिम गण पसररद भाजपा िे तािमेि की शुर्आती बातचीत परवान नही् चढऩे के बाद अकेिे चुनाव िडऩे का मन बना रही थी. िेसकन चुनावो् के ऐिान िे ठीक पहिे आसखरकार उिने भाजपा के िाथ गठजोड्कर सिया. अगप अध्यक्​् अतुि बोरा कहते है्, 'अगप क्​्ेत्ीय दि के तौर पर ित्​्ार्ढ्कांग्ेिसवरोधी वोटो् का सवभाजन रोकना चाहती थी. इिसिए हमने कुछ नुकिान िह कर भी भाजपा िे हाथ समिाने का िैि​िा सकया है.' राजनीसतक पय्ावेक्को् का कहना है सक राष्​्ीय व क्​्ेत्ीय दिो्के मैदान मे्उतरने और राज्य के जासतगत िमीकरणो्को ध्यान मे्रखते हुए अिम मे् अबकी सवधानिभा चुनाव बेहद सदिचस्प होने के आिार है् n

शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 29


तशमलनाडु मास्ट हेड

अम्मा कै्टीन से अम्मा वोट?

रेन्नई की भयंकर बाि्और उससे वनपटने मे्सरकार की नाकामी के बाविूद यह पहली बार है वक तवमलनाडु मे्सि्​्ा के ववरोध की लहर नही्वदख रही है. मनोरमा

सनपटने मे् िरकार की नाकामी के बावजूद ये पहिी बार है सक यहां ित्​्ा के सवरोध की िहर समिनाडु मे् मौिम के िाथ-िाथ नही् सदख रही है. इिसिए बहुत िंभव है सक राजनीसतक माहौि भी चुनाव की घोरणा जयिसिता छठी् बार राज्य की मुख्यमंत्ी बन के बाद गम्ा होने िगा है. नेताओ् के बीच रोज जाये्. गौरतिब है सक तसमिनाडु की राजनीसत मुिाकातो् और जोड्तोड् का सि​िसि​िा जारी मे् 1977 िे 1988 तक िगातार 11 िाि की है. िेसकन पूरी तस्वीर अगिे एक दो हफ्ते मे् अवसध मे् दो बार मुख्यमंत्ी बनने का गौरव िाि होने वािी है. वैिे, अम्मा कै्टीन, अम्मा सि​ि्फ एमजीआर को हासि​ि है. उनके बाद ये वाटर और अम्मा वेजीटेबि के कारण वत्ामान पहिा मौका है जब मौजूदा मुख्यमंत्ी के मुख्यमंत्ी जयिसिता सि​िहाि िोकस्​्पयता के सखिाि सवरोध नही्बब्लक िमथ्ान की हवा है. वैिे यह शोध का भी सवरय हो िकता है चरम पर है्. चेन्नई की भयंकर बाढ्और उि​िे जयलगलिा औि (सबसे नीचे) अम्िा कै्टीन: गवजय की उम्िीद

30 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

सक आसखर क्यो् कुशािन, सबजिी की भारी सकल्ित, भ्​्ष्ाचार और आय िे ज्यादा िंपस्​्त रखने के आरोपो् की दोर मे् जेि जाने के बावजूद उनके सखिाि सवरोध की कोई हवा नही्है. यहां तक सक 2014 िोकिभा चुनाव मे् जब पूरे देश मे्मोदी और भाजपा की िहर थी. तब भी यहां की 39 िीटो् मे् िे एआईडीएमके ने अकेिे 37 िीटो्पर जीत हासि​ि की थी. दस्​्कण के िाज्ार देन िाईि कटआउट वािी राजनीसत मे् जयिसिता की िाव्ाजसनक छसव भी िाज्रा देन िाईि बन चुकी है. हांिासक ये भी कहा जा रहा है सक जयिसिता की तसबयत अब उतनी ठीक नही्रहती है. िेसकन पाट्​्ी की ओर िे सकिी ने इिकी पुस्ष नही्की. हाि ही मे् उन्हो्ने अपना 68वां जन्मसदवि मनाया है. बेशक बढ्ती उम्​् ने अम्मा की िस्​्कयता को प्​्भासवत सकया है. बहरहाि, आय िे असधक िंपस्​्त के मामिे मे् बीते िाि कन्ा​ाटक उच्​् न्यायािय ने उन्हे्बरी कर सदया था. इिके बाद ही सिर िे उनके मुख्यमंत्ी बनने और चुनाव िड्ने का रास्​्ा िाि हुआ. सजतने सदनो् जया जेि मे्रही्उनकी जगह पर पनीरिेल्वम राज्य के रबरस्टै्प मुख्यमंत्ी बने रहे. अच्छी बात ये है सक आय िे असधक िंपस्​्त के 20 िाि पुराने मामिे के बाद जयिसिता के सखिाि भ्ष ् ्ाचार का कोई और आरोप नही् है. इिके अिावा राजनीसतक सवरोसधयो् के मामिे मे् भी उनका रवैया पहिे की तरह कठोर नही् है. िेसकन ज्यादा िंभावना है सक एआईडीएमकेके अकेिे ही चुनाव िडे्. वैिे तसमि मासनिा कांग्ेि या टीएमिी जयिसिता के िाथ चुनावी तािमेि करने को तैयार है. िेसकन एआईडीएमके ने स्पष्​्नही्सकया है. एम कर्णासनसध पांच बार राज्य के मुख्यमंत्ी बन चुके है्. इि सिहाज िे इि बार डीमके को ही जीतना चासहए. िेसकन हािात कािी बदि चुके है्. िबिे बड्ा बदिाव ये है सक डीएमके के सपतामह एम कर्णासनसध 92 िाि के हो चुके है.् कर्णासनसध की राजनीसतक सवराित और उत्​्रासधकार के िवाि पर दो िाि पहिे ही एम के स्टासिन और उनके भाई अिासगरी मे् कािी सववाद हुआ था. अंतत: अिासगरी को पाट्​्ी िे सनकाि सदया गया. डीएमके को हमेशा अपने भ्​्ष्ाचार और पसरवारवाद के सिए तक्फ देने हो्गे. बहरहाि


डीएमके ने इि चुनाव के सिए कांग्ेि के िाथ समिकर तािमेि सकया है. खाि बात ये है सक िस्​्कय राजनीसत मे् प्​्त्य़्क् सहस्िा नही् िेने के बावजूद कर्णासनसध अपने सदमाग और अपनी योजनाओ्िे मुकाबिे का र्ख बदि िकते है्. चुनावी िव्​्ेक्णो् मे् तो डीएमके के एआईएडीएमके को कड्ी टक्​्र देने की बात कही जा रही है. क्यो्सक 234 िदस्यो् वािे िदन मे्इि बार एआईएडीएमके को बीते 203 िीटो्की तुिना मे्116 िीट ही समिने की बात की जा रही है. जबसक सपछिी बार डीएमके को 31 की तुिना मे् 101 िीटे् हासि​ि हो िकती है्. यानी बड्ा िाभ डीएमके को ही होने की

कर्णागनगध औि स्टागलन: यह िहा जीि का नुस्खा िंभावना है. डीएमडीके और उिके नेता कैप्टन सवजयकांत का कद भी तसमिनाडु की राजनीसत मे् िगातार बड्ा है. इिसिए इि चुनाव मे् भाजपा िे िेकर डीएमके िभी उन्हे्अपने पक्​् मे् करने की कोसशश कर रहे थे. यहां तक सक कर्णासनसध डीएमडीके के िाथ चुनावी तािमेि को िेकर इतने आश्​्स्थे सक केवि औपचासरक घोरणा होनी बाकी थी. िेसकन सवजयकांत ने अकेिे चुनाव िड्ने का एिान कर मुकाबिे का बहुकोणीय बना सदया है. सवजयकांत खुद को अगिे मुखय् मंत्ी के तौर पर देख रहे है्. इि​िे पहिे 2014 िोकिभा चुनाव

मे् डीएमडीके ने भाजपा के िाथ समिकर 14 िीटो् पर चुनाव िड्ा था. िेसकन जीत नही् समिी. िेसकन बीते चुनावो् के दौरान डीएमडीके के वोट िीिदी मे् वृस्द हुई है. बहरहाि, 2011 के सवधानिभा चुनाव मे् सवजयकांत अम्मा िे दूरी रखने के बावजूद एआईडीएमके के मोच्​्े मे् थे और उनकी पाट्​्ी को 29 िीटो् पर जीत समिी थी और वह नेता सवपक्​्चुने गये थे. दूिरी ओर पीपुल्ि वेि​िेयर फं्ट भी एक मजबूत पक्​्बनकर उभर रहा है. सजिके तहत एमडीएमके, िीपीआई, िीपीएम और वीिीके जैिे दि पांच दशक िे जारी एआईडीएमके और डीएमके की द्​्सवड्प्​्भुत्व वािी राजनीसत को चुनौती देने की तैयारी कर रहे है्. इिके अिावा पट्​्ािी मक्​्ि काची या पीएमके के नेता अंबूमसण रामदाि भी खुद को अगिे मुख्यमंत्ी पद का दावेदार मानते है्. उनका जनाधार द्स्वड्के मुकाबिे वसनयार िमुदाय मे् ज्यादा है. गौरतिब है सक पीएमके की भाजपा और डीएकडीके िे दुसरयां 2014 िोकिभा चुनावो्के बाद बढ्ी है. कुि समिाकर देखा जाये तो तसमिनाडु मे् मुख्य मुकाबिा एआईडीएमके, डीएमके-कांग्ेि, डीएमडीके, पीपुल्ि वेि​िेयर फं्ट और पीएमके जैिे दिो् के बीच है. कांग्ेि डीएमके के िाथ हो िकता है सक थोड्ी जमीन हासि​ि करने मे्कामयाब हो जाये. िेसकन भाजपा िुदूर दस्​्कण कन्याकुमारी िे आगे अपना जनाधार बनाने मे् अभी ि​ि​ि नही्हो पायी है. बहरहाि, अगिे कुछ सदनो्मे् तसमिनाडु की तस्वीर ज्यादा िाि हो पायेगी.n

मुक्ाबला बहुकोणीय है

तवमल मावनला कांग्ेस के उपाध्यक्​्बीएस गणदेवसकन से बातरीत. अपने अनुभवो् से आपका क्या आकलन है? इस बार मुकाबला बहुकोणीय है, केवल एआईडीएमके और डीएमके के बीच नही् है. एक ओर पीएमके के अंबूमदण रामिास है्. रो अकेले मैिान मे् है्, तो िूसरी ओर वाईको के नेतृत्व मे् पीपुल्स वेलफेयर फं्ट है. दरसमे् एमडीएमके, सीपीआई, सीपीएम और वीसीके रैसे िल शादमल है्. वाईको बहुत ि्​्भावशाली नेता है्. अब भी अगर वाईको डीएमके मे् होते तो एम के प्टादलन की तुलना मे् डीएमके की स्पथदत ज्यािा बेहतर होती. दफर डीएमडीके के दवरयकांत भी अकेले मैिान मे् है्. हमारी पाट्​्ी टीएमसी दफलहाल बेहतर दवकल्प की तलाश मे् है. आप लोग पीपुल्स वेलफेयर फं्ट मे् क्यो् नही शादमल हुए? क्या टीएमसी भी अकेले चुनाव लड्ने वाली है? वाईको ने हमारे पाट्​्ी अध्यक्​् को फं्ट मे् शादमल होने का न्यौता दिया था. बात भी हुई थी लेदकन अभी और लोगो् से भी बात चल रही है. हमलोग दकसी ना दकसी िल के साथ दमलकर ही चुनाव लड्े्गे. ज्यािा संभावना एआईडीएमके के साथ चुनावी तालमेल की है.

टीएमसी क्या अपनी मूल पाट्​्ी कांग्ेस के साथ तालमेल करेगी? और आप भी तो कांग्ेस से ही टीएमसी मे् आये् है्? टीएमसी का गठन 1996 मे् रीके मूपनार ने दकया था. एआईडीएमके साथ कांग्ेस के चुनावी तालमेल का दवरोध करते हुए ये बहुत बड्ा वैचादरक मतभेि नही् था. इसदलए उनके बेटे रीके वासन ने 2001 मे् अध्यक्​् बनने के एक साल बाि ही 2002 मे् टीएमसी का कांग्ेस मे् दवलय कर दिया था. लेदकन बाि मे् दफर वैचादरक मतभेिो् के कारण 2014 मे् टीएमसी कांग्ेस से अलग हो गयी. मै् अपने नेता री के वासन के साथ हूं. तो क्या अम्मा ही अगली मुख्यमंत्ी बन रही है्? संभावना तो है ही मै्ने पहले ही कहा मुकाबला बहुकोणीय है. लेदकन इसका ये मतलब नही् है दक सबसे ज्यािा फायिा एआईडीएमके को ही होने वाला है. क्या भारपा का खाता खुलेगा इस बार? संभव है भारपा को कन्याकुमारी मे् एक-िो सीटे् दमल राये्. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 31


मास् पुडट्चेरहेीड

वापसी के आसार

एन िंिास्वािी: अच्छी छगव का लाभ

लंबे समय से पुड्रेरी के मुख्यमंत्ी एन रंगास्वामी को रुनौती देने वाला कोई नही्है इसवलए भी वे अपनी िीत के बारे मे्वनव्​्िंत है्. मनोरमा

समिनाडु के िाथ िाथ उि​िे िटे के्द् शासित प्​्देश पुड्चेरी मे् भी चुनाव की घोरणा के िाथ ही िरगस्मायां अपने चरम पर है्. पारंपसरक र्प िे पुड्चेरी कांग्ेि का गढ्रहा है, िेसकन 2011 मे् हािात बदि गये. जब मौजूदा मुख्यमंत्ी एन रंगास्वामी ने कांग्ेि िे बगावत कर अपनी अिग पाट्​्ी एनआर कांग्ेि बना िी और ित्​्ा मे्भी आ गये. एन रंगास्वामी िंबे िमय िे पुडच ् रे ी के मुखय् मंत्ी है्और िबिे प्​्भावशािी नेता भी. िेसकन 16 मई को एकि चरण मे् िंप़त् होने जा रहे चुनाव मे् कई और राजनीसतक दि और उनके नेता भी मैदान मे्है्. हर ओर िे नये गठजोड्, नये चुनावी तािमेि की कोसशशे् जारी है्. तासक 19 मई का िैि​िा उनके हक मे्आये. वत्ामान मे्एनआर कांग्ेि का के्द्मे्भाजपा के िाथ तािमेि है. सदल्िी और सबहार के चुनाव मे् समिी सशकस्​्के बाद भाजपा राष्​्ीय अध्यक्​्असमत शाह चाहते है् सक दस्​्कण के राज्यो् के चुनाव पसरणाम पाट्​्ी के सिए उत्िाहजनक हो्. िेसकन सि​िहाि एनआर कांग्ेि िबिे मजबूत ब्सथसत मे् है. मुख्यमंत्ी एन रंगास्वामी पुड्चेरी के 32 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

अिावा माहे और यनम मे् भी अपना जनाधार मजबूत करने मे् जुट गये है्. माहे और यनम सजिे भौगोसिक र्प िे क्म् श: केरि और आंध् प्​्देश के नजदीक है्. हािांसक अब भी यहां कांग्ेि का आधार बहुत मजबूत है. इिसिए यनम के कांग्ेि सवधायक मिादी कृष्ण राव के एनआर कांग्ेि मे् शासमि होने की बार बार खबरे्आयी्. िाथ ही एआईडीएमके की ओर िे भी िगातार मिादी को अपनी ओर करने की कोसशश हो रही थी. िेसकन मिादी कृष्ण राव ने स्पष्​्कर सदया है सक वो कांग्ेि के ही िाथ है्. मुख्यमंत्ी रंगास्वामी 1991 िे 2011 तक िगातार थट्​्ानचावदी िे चुनाव जीतते रहे है्, 2001 मे् कांग्ेि ने इन्हे् पहिी बार राज्य का मुख्यमंत्ी बनाया 2006 चुनाव मे् पुन: जीत समिने पर बतौर मुख्यमंत्ी सिर रंगास्वामी ही कांगि ्े की पिंद बने.् िेसकन 2008 आते पाट्​्ी की अंदुर्नी राजनीसत और किह के कारण कांग्ेि हाईकमान ने उनिे इस्​्ीिा िे सिया. कांग्ेि िे अिग होने के बाद 2011 मे्उन्हो्ने आि इंसडया एनआर कांग्ेि के नाम िे अपनी नयी पाट्​्ी का गठन सकया और तीन महीने के भीतर ही एआईडीएमके के िाथ तािमेि कर 17 िीटो् मे् िे 15 पर जीत हासि​ि की.

एआईडीएमके को दि मे्िे पांच पर जीत समिी. एआईडीएमके के िाथ तािमेि कर रंगास्वामी सिर मुख्यमंत्ी बने्. जहां तक रंगास्वामी की छसव का िवाि है तो वह कािी िाि-िुथरी, िोकस्​्पय और सवकाि करने वािे मुखय् मंत्ी की है. िंभवत: वह भारत के अकेिे ऐिे मुख्यमंत्ी है् जो बगैर िुरक्​्ा कवर के चिते है् और उन्हे् मोटरिाईसकि चिाते हुए िोगो् िे समितेजुिते देखा जा िकता है. उनकी कई िामासजक-आस्थाक योजनाओ् ने भी उन्हे् िोकस्​्पय बनाया है. मि​िन, पुड्चेरी को झोपड्ीमुक्त बनाना, िरकारी स्कूि के बच्​्ो् को सकताब-कॉपी, रेनकोट, छाता, िाईसकि मुहैया कराना, बच्​्ो् को समड डे मीि के अिावा िुबह नाश्ते मे्गरम दूध और सबब्सकुट मुहैया कराना. एनआर कांग्ेि और कांग्ेि के अिावा तसमिनाडु की िभी मुख्य पास्टियां जैिे आईडीएमके, डीएमके, पीएमके की भी पुड्चेरी की राजनीसत मे्महत्वपूण्ासहस्िेदारी है. िेसकन तसमिनाडु िे अिग इि बार एआईडीएमके यहां उतनी मजबूत नही्है. सपछिी बार एनआर कांगि ्े के िाथ जयिसिता का चुनावी तािमेि था. िेसकन बीच मे्ही रंगास्वामी ने जयिसिता िे दूरी बना िी और एनडीए मे्शासमि हो गये. हांिासक बीते िाि जब एनआर कांग्ेि को अपने उम्मीदवार को राज्यिभा मे् भेजने मे् मुबश् कि आ रही थी. तब जयिसिता िे अनुरोध करने पर एआईडीएमके के पांच सवधायको् ने उन्हे् िमथ्ान सदया था. इिके अिावा पीडल्ल्यूएि जो सक िीपीआई, िीपीएम, वीिीके, एमडीएमके और आरएिपी का िमवेत मोच्ा​ा है और पुड्चेरी को पूण्ाराज्य का दज्ा​ा सदिाने के वादे के िाथ मैदान मे् है्. इन िभी के कारण चुनाव के बहुकोणीय होने के आिार है्और कई िीटो्पर मुकाबिा कांटे का होनेवािा है. िेसकन कुि समिाकर हवा एंटी इनकम्बंिी की सबल्कुि नही्है. पुडुचेरी सवधानिभा मे् 31 िदस्य होते है् सजनमे्30 िोगो्के मतदान िे चुने जाते है्और एक सवधायक एंग्िो-इंसडयन िमुदाय के प्​्सतसनसधत्व के तौर पर राज्यपाि िे मनोनीत सकया जाता है. पुड्चेरी के बारे मे् एक रोचक तथ्य ये है सक 1963 िे अब तक यहां केवि िात मसहिाये् बतौर सवधायक चुनी गयी है्. मौजूदा िदन मे् भी 31 सवधायको् मे् एक भी मसहिा नही् है. जबसक पुर्र मतदाताओ् के मुकाबिे मसहिा मतदाताओ्की आबादी ज्यादा है. वत्ामान मे् पुड्चेरी सवधानिभा के 30 सवधायको् मे् िे 16 एनआर कांग्ेि िे है्. िात एआईडीएमके िे, 5 कांग्ेि िे और 2 डीएमके िे है्. सवश्िेरको्की राय मे्चुनाव पूव्ािव्​्ेक्ण रंगास्वामी की वापिी का िंकते कर रहे है.् n


मीशडया िवंतिका नंदा

रंगो्मंे जीता मीकडया

पहला सबक यह सीखा वक टीवी की दुवनया वसि्क एक वदलकश रेहरा ही नही् मांगती, बल्लक मांगती है तल्लीनता, तस्वीरे्, तकनीक और बहुत से रंग.

रं

ग सजंदगी की िबिे मीठी कसवता है.् इनकी िय, ताि, िरगम िमझने मे्मुझे िंबा िमय िगा. बरिो्पहिे पठानकोट के स्कूि की पहिी मंसजि पर एक दोपहर मै्ने इंद्धनुर को देखा. मेरे जैिे बहुत िे बच्​्ेजमा होकर हैरानी िे रंग सबखेरते उि कैनवाि को देखने िगे. जासहर है िबने अपनी-अपनी िमझ के मुतासबक कुदरत के इि कसरश्मे को पसरभासरत सकया. तब पहिी बार िगा सक ढेर िारे रंग जब करीने िे एकदूिरे िे समि जाते है्तो मन यौवन की मस्​्ी और िावन की खुशबू िे भरपूर एक बगीचा बनकर सखि जाता है. कश्मीर की वासदयो् मे् केिर के खेत िे गुजरते हुए एक बार सिर इंद्धनुर िे िामना हुआ. रंगो्की यह छसव सदि के हर कोने मे्िमा गयी. हर रंग कुछ कहता है- वह धड्कता है, झनझनाता है, इिका अहिाि हुआ. िगा सक रंगो्का िरोकार अकेिे होिी िे कहां है, वे तो सजंदगी के हर अंश मे् िैिी खुशूबू की तरह है् सजिे तमाम िरहदो् के पार कोई भी आत्मिात कर िकता है. टीवी की दुसनया मे् कदम बचपन मे् ही रखा और पहिा िबक यह िीखा सक टीवी की दुसनया सि​ि्फएक सदिकश चेहरा ही नही्मांगती बब्लक मांगती है तल्िीनता, तस्वीरे्, तकनीक और बहुत िे रंग. िाइट, कैमरा, एक्शन की दुसनया के िाथ जैिे-जैिे मेरी नजदीकी बढ्ी, रंगो्की िमझ भी कई करवटे् िेती गयी. न्यूज की भागमभाग के बीच हर मंझा हुआ पत्​्कार/ कैमरामैन रंगो्के तािमेि के घोि को पीकर रखता है. हमेशा यही कोसशश रहती है सक कहानी िे कही् कोई रंग छूट न जाये. इंटरव्यू सरकॉड्ाहो तो बैकग्​्ाउंड भरा-भरा िगे. आउटडोर हो तो पेड्-पौधे, रंगीन

खंबे नजर आये्. इनडोर हो तो भी स्टूसडयो या सिर कमरा भरा-भरा िगे, सरपोट्ार टीवी पर सदखे तो जरा िा चमके. एंकर परदे पर अगर सदखे तो सदखे अिग हट कर. जासहर है एंकर इिी ग्​्ह का वािी है, वह अिग क़्या सदखेगा िेसकन इिमे् पत्​्कासरता की िमझ के अिावा अगर कोई चीज खाि तौर िे भा िकती है तो वह भी रंग ही है. इतना ही नही्, टेिीसवजन स्टूसडयो मे् िगे िेट िे िेकर चैनि के माइक के रंग तक िे आम इंिान चैनि के स्वभाव का अंदाजा िगाता है. चैनिो् पर चि रही िूचनाओ् की रंगीन पट्​्ी तक का चयन इि बारीकी िे सकया जाता है सक इि िबका दश्ाक पर कुछ अिग ही प्​्भाव सदखे. िनिनीनुमा काय्ाक्मो्मे्अगर आमतौर पर िाि रंग हावी सदखता है तो युवा मन को खी्चते खबरी काय्ाक्म कई बार नीिे रंग मे् नजर आते है्. िेसकन मजे की बात यह भी सक टीवी की दुसनया मे्भी हर रंग मान्य नही् है. कुछ रंग इि तरह के भी है् सजनके सवशुद् तौर के इस्​्ेमाि िे जरा परहेज सकया जाता है जैिे सक एकदम ि​िेद या कािा. ये दोनो् ही रंग कैमरे की आंख िे आकर्ाण पैदा नही्करते. यही वजह है सक टीवी के मैदान मे्रंगो्का चयन अकक़्िर बहुत िोच-सवचारकर सकया जाता है. यहां तक सक एकता कपूर स्​्बगेड भी अपने तमाम िािबहूनुमा करतबो्मे् रंगो्के तािमेि का खाि ख्याि रखती है. िेसकन यह तस्वीर का एक र्ख है. टेिीसवजन मीसडया 20 िीिदी की वास्राक दर िे तरक्​्ी की राह पर है. सहंदुस्ान मे् इि िमय सजतने चैनिो् की भरमार है, उतनी पूरी दुसनया मे् कही् नही्. इि सिहाज िे टेिीसवजन कुछ नया करने की प्​्योगशािा बन चिा है िेसकन परेशानी तब होती है जब सकिी एक रंग मे्बेवजह दूिरे रंग घोि सदये जाते है्. वाकई दद्ा होता है जब दंगे की कवरेज को और िुख्ा कर सदया जाता है तासक वो और सबके, जब आंिुओ्को और मटमैिा कर सदया जाता है तासक दश्ाक बि सकिी एक चैनि को बंध कर देखता रहे, जब शरीर के गेहएुं रंग को कपड्ो्की परत िे हटा कर जरा और पारदश्​्ी कर सदया जाता है तासक टीवी मिािा आइटम भी बने तब िगता है सक रंगो्के चयन मे्हम जरा चूक गये. नये िाि की नयी होिी िंयम और िम्मान के िाथ िभी को िही रंगो् को िही िमय पर दस्​्क देने की िीख दे जाये तो वाकई टीवी का चेहरा कही्ज्यादा रंगीन और पावन हो उठेगा और िगेगा सक जैिे सकिी ने िच्​्ेमन िे माथे पर गुिाबी टीका िगा सदया हो. n शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 33


मास् पय्ाटावरण हेड

िुि होिी िौिैया

िौिैया: एक गचग्िया का शोकिीि

आबोहवा मे् बि्ते िहर के कारण िंगल से वगद्​्-रील आवद गायब हो रहे है् तो घरो् से गौरैया नदारद हो रही है. बीस मार्षको ववश्​्गौरैया वदवस इसी घरेलू पक्​्ी की वरंता को रेखांवकत करने वाला वदन है. रंजीत

समि और मियािम मे् कुर्सव, तेिगू मे् सपचुका, कन्नड् मे् गुबाब्चछ, गुजराती मे् चकसि, मराठी मे् सचमानी, मैसथिी मे् बगड्ा,बंगािी मे्चरई, ओसडय़ा मे्घर चसटया, उद्ाू मे् सचसडय़ा, पंजाबी मे् सचसड्, सिंधी मे् सझरकी और अंगज ्े ी मे्स्परै ो. ये िब नन्ही गौरैया के ही अिग-अिग नाम है.् कहने को इतने िारे नाम िेसकन अब सचसडय़ा ही गुम हो चिी है. िै्कड्ो्िािो्िे हमार घर आंगन और मुंडेर पर िुदकने और चहचहाने वािी इि सचसडय़ा के अस्​्सत्​्व पर खतरा मंडराने िगा है. ज्यादा िमय नही् हुआ जब यह सचसडय़ा दुसनया के तमाम भूभागो् मे् नजर आती थी िेसकन आज यह सविुप्तप्​्ाय हो चिी है. कई स्थानो् पर तो इिका अस्​्सत्​्व िमाप्त भी हो गया है. िबिे दुखद बात यह है सक इि घरेिू 34 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

सचसडय़ा की घटती आबादी पर अब तक कोई राष्​्ीय या अंतरराष्​्ीय शोध नही्हुआ है. हां, कुछ िाि पहिे स्​्बसटश रॉयि िोिाइटी ऑि प्​्ोटेक्शन ऑि बर्ि्ा ने इिे िाि िूची मे् अवश्य डाि सदया था. िंस्था का कहना है सक दुसनया भर मे्गौरैया की िंखय् ा मे्आि्य् ज ा् नक र्प िे कमी आयी है. गौरैया का कम होना कोरी कयािबाजी नही् है. इिके तमाम िबूत हमारे आिपाि मौजूद है.् िाि 2000 के बाद जन्मे असधकांश बच्​्ो्को नही् मािूम सक सजि गौरैया की कहानी वे सकताबो्मे्पढ्रहे है्वह कभी उनके ही घरो्मे् घो्ि​िा बनाकर रहती थी. एक जमाना था जब मां अपने बच्​्ो् को गौरैया को सदखा-सदखाकर खाना सखिाती थी्. कमरे के अंदर इधर िे उधर िुदकती गौरैया को देखकर बच्​्ेरोना भूि जाते थे. िेसकन ये िारी बाते् अब सकिी और जनम का सकस्िा िगती है्. शहरो् िे तो यह बहुत

पहिे नदारद हो गयी थी, अब गांवो्मे्भी गौरैया की िंख्या बहुत कम हो चुकी है. ऐिा भी नही् है सक पय्ा​ावरणसवद इि िमस्या िे पूरी तरह अनसभज्​् ही है्. 20 माच्ा को दुसनया भर मे्गौरैया सदवि मनाने का उद्श्े य् यही है सक िरकारे् िसदयो् िे इंिानो् के िाथ रहती आयी और अचानक िुप्त सदख रही इि सचसडय़ा को बचाने के सिये हर जर्री कदम उठाये. िेसकन िरकारो्का र्ख देखकर िगता नही्सक उनको इिकी जरा भी परवाह है. सकिी व्यवब्सथत वैज्ासनक शोध के अभाव मे्अब तक गौरैया के िुपत् होने की रफ्तार और उन कारणो्को सचब्ननत नही्सकया जा िका है सजनके चिते इि सचसडय़ा की जान पर बन आयी है. िेसकन सिर भी सछटपुट अध्ययन बताते हं सक बढ्ता प्द् रू ण, पय्ावा रण अिंति ु न, कीटनाशको् का बढ्ता प्य् ोग, जिवायु पसरवत्ना , शहरीकरण आसद ने इिकी बसि िी है.


गौरैया पर जो कुछ एक गंभीर वैज्ासनक शोध हुए है्उनके मुतासबक, खेतो्मे्रािायसनक कीटनाशको् के अंधाधुंध इस्​्ेमाि के कारण गौरैया मर रही है. कीटनाशको्के इस्​्ेमाि िे वे िूक्म जीव िंक्समत होते है्, सजिका गौरैया भक्ण ् करती है. उल्िख े नीय है सक गौरैया घाि​िूि मे् पिने वािे छोटे-छोटे कीड्े-मकौड्े, वनस्पसतयो्आसद का भोजन करती है. इनमे्िे असधकतर कीड्े-मकौड्ेहाि के वर्​्ो्मे्या तो

सविुप्त हो गये है् या कीटनाशको् के कारण िंक्समत हो गये है्.जब गौरैया ऐिे िंक्समत जीवो्का भक्ण ् करती है, तो बीमार हो जाती है. कुछ अन्य शोध मे्मोबाइि िोन टॉवरो्की बढ्ती िंख्या को भी गौरैया के सिये िंकट की वजह माना गया है. केरि के पय्ा​ावरण िंगठन 'केरि पय्ा​ावरण अध्ययनकत्ा​ा एिोसिएशन' ने इि पर शोध सकया था. इिके मुतासबक मोबाइि टॉवरो् िमेत दूरिंचार के सिये सबछाये जा रहे तमाम तरंग-यंत्गौरैया के अंडो्को खराब कर देते है्. एिएन कॉिेज मे् प्​्ासणसवज्​्ान के िहायक प्​्ोिेिर और जाने माने पक्​्ीशास्​्ी डॉ िैनुद्ीन पत्​्ाझी के नेतृत्व मे् हुए इि शोध के मुतासबक, गौरैया के अंडे की ऊपरी परत कािी नाजुक होती है. दूरिंचार के काम मे्िाये जाने वािे सवसभन्न उपकरणो् िे िे सनकिने वािी इिेक्ट्ोमैगनेसटक तरंग जोसक 900 िे 1800 मेगाहट्ाज रे्ज की होती है, वह गौरैया के अंडो् को गंभीर नुकिान पहुंचाती है. शोध के दौरान अनुिंधानकत्ा​ाओ् ने गौरैया के कुछ अंडो् को मोबाइि टॉवर के पाि रखा और कुछ को दूर. कुछ िमय बाद देखा गया सक जो अंडे मोबाइि टॉवर िे दूर थे वहां सनध्ा​ासरत अवसध मे् बच्​्े सनकिे जबसक टॉवर के पाि रखे गये अंडो् िे बच्​्ेनही्सनकिे. शोध मे्शीशायुक्त पेट्ोि के इस्​्ेमाि को भी गौरैया के सिए खतरनाक माना गया. कहा गया है सक शीशायुक्त पेट्ोि जब जिता है तो समथाइि नाइट्​्ेट नामक रिायन हवा मे्िैिता है. यह रिायन छोटे कीड्े-मकौड्ो् के सिए जानिेवा होता है. शीशायुकत् पेट्ोि के बेतहाशा इस्​्ेमाि के कारण कीड्े-मकौड्े घटे है् और गौरैया का भोजन-आधार िगातार कम होते गया है. प्​्सिद्​् पय्ा​ावरण िंस्था बंबई नेचुरि सहस्ट्ी िोिाइटी (बीएनएचएि) के पय्ावा रणसवद मोहमद सदिावर बीते कुछ वर्​्ो्िे गौरैया के िंरक्​्ण को िेकर तरह-तरह के असभयान और जागर्कता काय्क ा म् चिा रहे है.्

घिेलू औि गित्​् पक्​्ी: दूल्मभ दश्मन उनका कहना है सक िामान्यतया गौरैया जंगिो् मे् नही् रहती. यह सचसडय़ा इंिानो् के िाथ सरहायशी इिाको्, खेत-खसिहानो्, अनाज गोदाम आसद के आिपाि रहना पिंद करती है. िेसकन हाि के वर्​्ो् मे् घरो् की बनावट मे् पसरवत्ान हुए है्. आज के घरो्मे्गौरैया के सिए जगह नही्है. कांक्ीट के घर वैिे भी गौरैया को पिंद नही्और िूि के घर गांव मे्भी कम होते गये है्. दूिरी ओर पासरब्सथसतकी के सबगडऩे के कारण इिका भोजन आधार कमजोर हुआ है. एक िाथ इतनी िमस्याओ्के कारण गौरैया का अस्​्सत्व िंकटमय हो गया है. बीते दो तीन दशक कई पस्​्कयो्के अस्​्सत्व् पर भारी पड्े है्. सचसडय़ो् पर वैज्ासनक शोध करने वािी मशहूर िंस्था बड्ािाइि इंटरनेशनि की हासिया सरपोट्ा के मुतासबक दुसनया भर मे्पस्​्कयो्की तकरीबन 12 िीिदी प्​्जासतयां सविुब्पत के कगार पर है. अगर भारतीय पसरप्​्ेक्य मे्देखे्तो इि उपमहाद्​्ीप मे् भी सचसडय़ो्की करीब पांच दज्ान प्​्जासतयो्पर n अस्​्सत्​्व का िंकट मंडरा रहा है.

खंबरों के पीछे की खंबर के िलए लॉिगन करें

www.shukrawaar.com शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 35


साशहत्मास् य/होली ट हेडशवशेष

धरोहर वंयंगंय कथा हवरशंकर परसाई

क बार एक वन के पशुओ् को ऐिा िगा सक वे िभ्यता के उि स्​्र पर पहूंच गये है्, जहां उन्हे् एक अच्छी शािन-व्यवस्था अपनानी चासहए. और एक मत िे यह तय हो गया सक वन-प्​्देश मे्प्​्जातंत्की स्थापना हो. पशु-िमाज मे् इि `क्​्ांसतकारी’ पसरवत्ान िे हर्ा की िहर दौड् गयी सक िुख-िमृस्द और िुरक्​्ा का स्वण्ा-युग अब आया और वह आया. सजि वन-प्​्देश मे्हमारी कहानी ने चरण धरे है्, उिमे् भेडे् बहुत थी्– सनहायत नेक, ईमानदार, दयािु, सनद्​्ोर पशु्, जो घाि तक को िूंक-िूंक कर खाता है. भेडो् ने िोचा सक अब हमारा भय दूर हो जायेगा. हम अपने प्​्सतसनसधयो् िे क़ानून बनवाये्गे सक कोई जीवधारी सकिी को न िताये्, न मारे. िब सजये् और जीने दे्. शांसत, स्नेह, बंधुत्व और िहयोग पर िमाज आधासरत हो. इधर, भेस्डयो् ने िोचा सक हमारा अब िंकटकाि आया. भेडो् की िंख्या इतनी असधक है सक पंचायत मे् उनका बहुमत होगा और अगर उन्हो्ने क़ानून बना सदया सक कोई पशु सकिी को न मारे, तो हम खाये्गे क्या? क्या हमे् घाि चरना िीखना पडेगा? ज्यो्-ज्यो् चुनाव िमीप आता, भेडो् का उल्िाि बढ्ता जाता. ज्यो्-ज्यो्चुनाव िमीप आता, भेस्डयो्का सदि बैठता जाता. एक सदन बूढे सियार ने भेस्डये िे कहा, ‘मासिक, आजकि आप बड्ेउदाि रहते है्.’ हर भेस्डये के आिपाि दो–चार सियार रहते ही है्. जब भेसड ् या अपना सशकार खा िेता

भेड़ और भेड़डये है, तब ये सियार हस्​्डयो् मे् िगे मांि को कुतरकर खाते है्, और हस्​्डयां चूिते रहते है्. ये भेस्डये के आिपाि दुम सहिाते चिते है्, उिकी िेवा करते है्और मौके-बेमौके ‘हुआंहुआं’ सचल्िाकर उिकी जय बोिते है्.

िुप्सिद्​् व्यंग्यकार और गद्​्सशल्पी. जन्म 22 अगस्​्1924. सनधन: 10 अगस्​्1995. प्​्मुख कृसतयां: ‘िदाचार का तावीज’, ‘जैिे उनके सदन सिरे’, ‘रानी नागिनी की कहानी’, ‘सठठुरता हुआ गणतंत्’, ‘पगडंसडयो्का जमाना’, ‘वैष्णव की सि​ि​िन’, ‘प्​्ेमचंद के िटे जूते’. सवसभन्न पुरस्कारो्िे िम्मासनत.

36 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

तो बूढे सियार ने बडी गंभीरता िे पूछा, ‘महाराज, आपके मुखचंद् पर सचंता के मेघ क्यो् छाये है्?’ वह सियार कुछ कसवता भी करना जानता होगा या शायद दूिरे की उब्कत को अपना बनाकर कहता हो. खैर, भेस्डये ने कहा, ‘तुझे क्या मािूम नही् है सक वन-प्​्देश मे् नयी िरकार बनने वािी है? हमारा राज्य तो अब गया. सियार ने दांत सनपोरकर कहा, ‘हम क्या जाने् महाराज! हमारे तो आप ही ‘माई-बाप’ है्. हम तो कोई और िरकार नही् जानते. आपका सदया खाते है्, आपके गुण गाते है्.’ भेस्डये ने कहा, ‘मगर अब िमय ऐिा आ रहा है सक िूखी हस्​्डयां भी चबाने को नही् समिे्गी.’ सियार िब जानता था, मगर जानकर भी न जानने का नाटक करना न आता, तो सियार


शेर न हो गया होता! आसखर भेस्डये ने वन-प्​्देश की पंचायत के चुनाव की बात बूढे सियार को िमझाई और बड्ेसगरे मन िे कहा, ‘चुनाव अब पाि आता जा रहा है. अब यहां िे भागने के सिवा कोई चारा नही्. पर जाये्भी कहां?’ सियार ने कहा, ‘मासिक, िक्फि मे्भरती हो जाइए.’ भेस्डये ने कहा, ‘अरे, वहां भी शेर और रीछ को तो िे िेते है्, पर हम इतने बदनाम है् सक हमे्वहां भी कोई नही्पूछता’ ‘तो,’ सियार ने खूब िोचकर कहा, ‘अजायबघर मे्चिे जाइए.’ भेस्डये ने कहा, ‘अरे, वहां भी जगह नही् है, िुना है. वहां तो आदमी रखे जाने िगे है्.’ बूढ्ा सियार अब ध्यानमग्न हो गया. उिने एक आंख बंद की, नीचे के हो्ठ को ऊपर के दांत िे दबाया और एकटक आकाश की और देखने िगा जैिे सवश्​्ात्मा िे कनेक्शन जोड् रहा हो. सिर बोिा, ‘बि, िब िमझ मे् आ गया. मासिक, अगर पंचायत मे् आप भेस्डया जासत का बहुमत हो जाये तो?’ भेस्डया सचढ्कर बोिा, ‘कहां की

आिमानी बाते् करता है? अरे, हमारी जासत कुि दि िीिदी है और भेड्े और अन्य पशु नल्बे िीिदी. भिा वे हमे्काहे को चुने्गे. अरे, कही् सज़ंदगी अपने को मौत के हाथ िौ्प िकती है? मगर हां, ऐिा हो िकता तो क्या बात थी!’ बूढ्ा सियार बोिा,’ आप सखन्न मत होइए िरकार! एक सदन का िमय दीसजए. कि तक कोई योजना बन ही जायेगी. मगर एक बात है, आपको मेरे कहे अनुिार काय्ाकरना पड्ेगा.’ मुिीबत मे् िंिे भेस्डये ने आसखर सियार को अपना गुर् माना और आज्​्ापािन की शपथ िी. दूिरे सदन बूढ्ा सियार अपने तीन सियारो् को िेकर आया. उनमे्िे एक को पीिे रंग मे् रंग सदया था, दूिरे को नीिे मे्और तीिरे को हरे मे्. भेस्डये ने देखा और पूछा, ‘अरे ये कौन है्? बूढ्ा सियार बोिा, ‘ये भी सियार है् िरकार, मगर रंगे सियार है्. आपकी िेवा करे्गे. आपके चुनाव का प्​्चार करे्गे.’ भेस्डये ने शंका की, ‘मगर इनकी बात मानेगा कौन? ये तो वैिे ही छि-कपट के सिए बदनाम है्.’ सियार ने भेस्डये का हाथ चूमकर कहा, ‘बड्े भोिे है् आप िरकार! अरे मासिक, र्प-रंग बदि देने िे तो िुना है आदमी तक बदि जाते है्. सिर ये तो सियार है्.’ और तब बूढे सियार ने भेस्डये का भी र्प बदिा. मस्​्क पर सतिक िगाया, गिे मे् कंठी पहनायी और मुंह मे्घाि के सतनके खो्ि सदये. बोिा, ‘अब आप पूरे िंत हो गये. अब भेडो् की िभा मे् चिे्गे. मगर तीन बातो् का खयाि रखना– अपनी सहंिक आंखो् को ऊपर मत उठाना, हमेशा ज़्मीन की ओर देखना और कुछ बोिना मत, नही् तो िब पोि खुि जायेगी और वहां बहुत-िी भेड्े आये्गी, िुंदर-िुंदर, मुिायम-मुिायम, तो कही् सकिी को तोड मत खाना.’ भेस्डये ने पूछा, ‘िेसकन रंगे सियार क्या करे्गे?ये सकि काम आये्गे?’ बूढ्ा सियार बोिा,’ ये बड्े काम के है्. आपका िारा प्​्चार तो यही करे्गे. इन्ही् के बि पर आप चुनाव िड्े्गे. यह पीिा वािा सियार बडा सवद्​्ान है,सवचारक है,कसव भी है,और िेखक भी. यह नीिा सियार नीिा और पत्​्कार है. और यह हरा धम्ागुर्. बि, अब चसिए.’ ‘ज़रा ठहरो,’ भेस्डये ने बूढे सियार को रोका, ‘कसव, िेखक, नेता, सवचारक– ये तो िुना है बड्े अच्छे िोग होते है्. और ये तीनो्...’

बात काटकर सियार बोिा, ‘ये तीनो्िच्​्े नही् है्, रंगे हुए है् महाराज! अब चसिए, देर मत कसरए.’ और वे चि सदये. आगे बूढ्ा सियार था, उिके पीछे रंगे सियारो् के बीच भेस्डया चि रहा था– मस्​्क पर सतिक, गिे मे् कंठी, मुख मे्घाि के सतनके. धीरे-धीरे चि रहा था, अत्यंत गंभीरतापूव्ाक, िर झुकाए सवनय की मूस्ता! उधर एक स्थान पर िहस्​्ो्भे्ड्ेइकट्​्ी हो गयी् थी्, उि िंत के दश्ान के सिए, सजिकी चच्ा​ा बूढे सियार ने िैिा रखी थी. चारो् सियार भेस्डये की जय बोिते हुए भेडो् के झुंड के पाि आये. बूढे सियार ने एक बार जोर िे िंत भेस्डये की जय बोिी! भेडो्मे् पहिे िे ही यहां-वहां बैठे सियारो् ने भी जयध्वसन की. भेडो्ने देखा तो वे बोिी्, ‘अरे भागो, यह तो भेस्डया है.’ तुरंत बूढे सियार ने उन्हे् रोककर कहा, ‘भाइयो और बहनो! अब भय मत करो. भेस्डया राजा िंत हो गये है्. उन्हो्ने सहंिा सबिकुि छोड दी है. उनका ‘ह्दय पसरवत्ान हो गया है. वे आज िात सदनो् िे घाि खा रहे है्. रात-सदन भगवान के भजन और परोपकार

उनकी भेब़डया जाबि ने जो अत़याचार आप पर बकये है़उनके कारण भेब़डया संि का माथा लज़​़ा से जो झुका है, सो झुका ही हुआ है. मे् िगे रहते है्. उन्हो्ने अपना जीवन जीवमात्​् की िेवा मे् अस्पात कर सदया है. अब वे सकिी का सदि नही्दुखाते, सकिी का रोम तक नही्छूते. भेडो्िे उन्हे्सवशेर प्​्ेम है. इि जासत ने जो कष्​् िहे है्,उनकी याद करके कभीकभी भेस्डया िंत की आंखो् मे् आंिू आ जाते है्. उनकी अपनी भेस्डया जासत ने जो अत्याचार आप पर सकये है्उनके कारण भेस्डया िंत का माथा िज्​्ा िे जो झुका है, िो झुका ही हुआ है. परंतु अब वे शेर जीवन आपकी िेवा मे् िगाकर तमाम पापो् का प्​्ायस्​्ित्​् करे्गे. आज िवेरे की ही बात है सक एक मािूम भेड् के बच्​्ेके पांव मे्कांटा िग गया, तो भेस्डया िंत ने उिे दांतो्िे सनकािा, दांतो्िे! पर जब वह बेचारा कष्​् िे चि बिा, तो भेस्डया िंत ने िम्मानपूव्ाक उिकी अंत्येस्ष-स्​्कया की. उनके घर के पाि जो हस्​्डयो् का ढेर िगा है, उिके दान की घोरणा उन्हो्ने आज िवेरे ही की. अब तो वह िव्ास्व त्याग चुके है्. अब आप उनिे भय मत करे्. उन्हे् अपना भाई शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 37


साशहत्य/होली शवशेष िमझे्. बोिो िब समिकर, िंत भेस्डया जी की जय!’ भेस्डया जी अभी तक उिी तरह गद्ान डािे सवनय की मूस्ता बने बैठे थे. बीच मे् कभी-कभी िामने की ओर इकट्​्ी भेडो् को देख िेते और टपकती हुई िार को गुटक जाते. बूढ्ा सियार सिर बोिा, ‘भाइयो और बहनो, मे् भेस्डया िंत िे अपने मुखारसवंद िे आपको प्​्ेम और दया का िंदेश देने की प्​्ाथ्ाना करता पर प्​्ेमवश उनका ह्दय भर

भेब़डया जी उसी िरह गद़दन डाले बवनय की मूब़िद बने बैठे थे. कभीकभी सामने की ओर इकट़​़ी भेडो़ को देख लेिे और टपकिी लार को गुटक जािे. आया है, वे गदगद हो गये है् और भावासतरेक िे उनका कंठ अवर्द्हो गया है. वे बोि नही् िकते. अब आप इन तीनो् रंगीन प्​्ासणयो् को देसखये. आप इन्हे् न पहचान पाये हो्गे. पहचाने् भी कैिे? ये इि िोक के जीव तो है् नही्. ये तो स्वग्ा के देवता है्जो हमे्िदुपदेश देने के सिए पृथ्वी पर उतारे है्. ये पीिे सवचारक है्,कसव है्, िेखक है्. नीिे नेता है् और स्वग्ा के पत्​्कार है्और हरे वािे धम्ागुर् है्. अब कसवराज आपको स्वग्ा-िंगीत िुनाये्गे. हां कसव जी.’ पीिे सियार को ‘हुआं-हुआं’ के सिवा कुछ और तो आता ही नही् था. ‘हुआं-हुआं सचल्िा सदया. शेर सियार भी ‘हुआं-हुआं’ बोि पडे. बूढे सियार ने आंख के इशारे िे शेर सियारो् को मना कर सदया और चतुराई िे बात को यो् कहकर िंभािा,’ भई कसव जी तो कोरि मे् गीत गाते है्. पर कुछ िमझे आप िोग? कैिे िमझ िकते है्? अरे, कसव की बात िबकी िमझ मे् आ जाये तो

38 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

वह कसव काहे का? उनकी कसवता मे् िे शाश्​्त के स्वर िूट रहे है्. वे कह रहे है् की जैिे स्वग्ा मे् परमात्मा वैिे ही पृथ्वी पर भेस्डया. हे भेस्डया जी महान! आप िव्ात् व्याप्त है्, िव्ाशब्कतमान है्. प्​्ातः आपके मस्​्क पर सतिक करती है, िांझ को उरा आपका मुख चूमती है, पवन आप पर पंखा करता है और रास्​्त को आपकी ही ज्योसत िक्​्िक्​् खंड होकर आकाश मे् तारे बनकर चमकती है. हे सवराट! आपके चरणो् मे् इि क्​्ुद्का प्​्णाम है.’ सिर नीिे रंग के सियार ने कहा, ‘सनब्ािो्

की रक्​्ा बिवान ही कर िकते है्. भेड्ेकोमि है्, सनब्ाि है्, अपनी रक्​्ा नही् कर िकती्. भेस्डये बिवान है्, इिसिए उनके हाथो् मे् अपने सहतो् को छोड सनस्​्िंत हो जाओ, वे भी तुम्हारे भाई है्. आप एक ही जासत के हो. तुम भेड् वह भेस्डया. सकतना कम अंतर है! और बेचारा भेस्डया व्यथ्ाही बदनाम कर सदया गया है सक वह भेडो्को खाता है. अरे खाते और है्, हस्​्डयां उनके द्​्ार पर िे्क जाते है्. ये व्यथ्ा बदनाम होते है्. तुम िोग तो पंचायत मे् बोि भी नही् पाओगे. भेस्डये बिवान होते है्. यसद तुम पर कोई अन्याय होगा, तो डटकर िड्े्गे. इिसिए अपने सहत की रक्​्ा के सिए भेस्डयो् को चुनकर पंचायत मे्भेजो. बोिो िंत भेस्डया की जय!’ सिर हरे रंग के धम्ागुर् ने उपदेश सदया, ‘जो यहां त्याग करेगा, वह उि िोक मे् पायेगा. जो यहां दुःख भोगेगा, वह वहां िुख पायेगा. जो यहां राजा बनायेगा, वह वहां राजा बनेगा. जो यहां वोट देगा, वह वहां वोट पायेगा. इिसिए िब समिकर भेस्डये को वोट दो. वे दानी है्, परोपकारी है्, िंत है्. मे्उनको प्​्णाम करता हूं.’ यह एक भेस्डये की कथा नही् है, िब भेस्डयो् की कथा है. िब जगह इि प्​्कार प्​्चार हो गया और भेडो् को सवश्​्ाि हो गया सक भेस्डये िे बडा उनका कोई सहत-सचंतक और सहत-रक्​्क नही्है. और, जब पंचायत का चुनाव हुआ तो भेडो् ने अपनी सहत- रक्​्ा के सिए भेस्डये को चुना. और, पंचायत मे्भेडो्के सहतो्की रक्​्ा के सिए भेस्डये प्​्सतसनसध बनकर गये. और पंचायत मे् भेस्डयो् ने भेडो् की भिाई के सिए पहिा क़ानून यह बनाया— हर भेस्डये को िवेरे नाश्ते के सिए भेड्का एक मुिायम बच्​्ा सदया जाये, दोपहर के भोजन मे्एक पूरी भेड्और शाम को स्वास्थ्य के खयाि िे कम खाना चासहए, इिसिए n आधी भेड्दी जाये.


संजय कुंदन की व्यंग्य कविताएं जाने-माने कसव-कथाकार और पत्​्कार. प्​्मुख कृसतयां: कागज के प्​्देश मे्,चुप्पी का शोर, बॉि की पाट्​्ी, हीरािाि, टूटने के बाद. इन सदनो् दैसनक नवभारत टाइम्ि मे्िहायक िंपादक .

राजा वह खुद िे सकतना छोटा है कहना मुब्शकि है हो िकता है वह अपनी जेब मे्बैठा हुआ हो या अपने र्माि मे्बंधा हो उिकी छाया सदखती है तनकर मंच पर खड्ी हाथ सहिाती, मुस्कराती वही करती दस्​्ावेजो्पर हस्​्ाक्​्र समिती राष्​्ाध्यक्​्ो्िे देती प्​्जा को आश्​्ािन उिकी छाया को और ऊंचा और उन्नत बनाने के उपायो्पर मनन करते उच्​्ासधकारी, सवद्​्ान और पुरोसहत पर इि​िे राजा घबराया रहता है ज्यो्-ज्यो्बढ्ती जाती है उिकी छसव वह होता जाता है और छोटा और छोटा और छोटा.

कनवेश वह मुझे एक गुल्िक िमझता है और रोज अपना नमस्कार मुझमे्डाि देता है वह एक सदन िूद िसहत अपने िारे नमस्कार मुझिे विूि िेगा उिके सिए असभवादन भी सनवेश है और धन्यवाद भी सकिी की हेयरस्टाइि की तारीि वह यो्ही नही्करता सकिी की कमीज को अद्​्त बताते हुए वह अंदाजा िगा रहा होता है सक वह सकतने िाख का आदमी है वह अपनी मुस्कराहट का पूरा सहिाब रखता है जब सकिी की समजाजपुि्ी के सिए गुिदस्​्ा और ि​िो्की टोकरी सिये

वह जा रहा होता है उिके भीतर अगिे पांच वर्​्ो्की योजना आकार िे रही होता है वह िोच रहा होता है सक इि बीमार व्यब्कत िे कहां कब-कब क्या काम सनकािा जा िकता है.

पनीर शाही पनीर पनीर पिंदा पनीर दो प्याजा पनीर भुज्ी पनीर हसरयािी ये िब तो पनीर के ही व्यंजन है् िेसकन दूिरे खानो्मे्भी पनीर का खािा दखि है वह छोिे मे्घुिा हुआ है, दाि मे्टांग अड्ा रहा है मटर और िाग के िाथ अभी गठबंधन कर रखा है पर सकिी भी सदन बेदखि कर िकता है उन्हे् थािी मे्अब सि​ि्फवही रहना चाहता है शहर िे गांव तक वही सदखना चाहता है आप चिे जाये्अहमदाबाद या अिवर चिे जाये्पटना, कोिकाता या भुवनेश्र अब हर जगह समिते है्एक जैिे व्यंजन एक जैिा स्वाद हर जगह पनीर पनीर जैिे शहरो्की हसरयािी छीन रहा कंक्ीट वैिे ही उनके जायको्पर कासबज हो गया है पनीर उिकी नरमी पर न जाये् वह बाजार का दुिारा है सतजारत के हर दांव जानता है

वह सबकने के सिए बदि िकता है रंग-र्प-आकार सकिी सदन वह सदख िकता है भंटे जैिा गोिमटोि या सभंडी िा छरहरा एक सदन वह इतना ज्यादा नजर आयेगा सक सजद की तरह बै्गन के भुत्े खाता हुआ आदमी भी अपने को अकेिा पाकर डर जायेगा और पनीर खाने िगेगा.

आदमीनामा गुिेि मे्पत्थर की जगह एक आदमी रखा जा रहा था और उिी िे घायि सकया जा रहा था दूिरा आदमी आदमी का इस्​्ेमाि कई र्पो्मे्िंभव था सकिी को सि​िािा बनाया जा रहा था तो सकिी को आिसपन और पेपरवेट भी कुछ िोग खुद ही कहते थे सक आओ मुझे अपना डस्टसबन बनाओ िेसकन कुछ िोगो्को सबना बताये चुपके िे डस्टसबन बना सदया जाता था और भ्​्म पैदा सकया जाता था सक वे तो िूटकेि है् आदमी का र्प इतनी तेजी िे बदि रहा था सक खुद आदमी को आदमी पर भरोिा नही्रह गया था इिसिए आदमी अब आदमी िे नही् चीजो्िे प्यार करने िगा था जैिे सकिी को अपने मोबाइि िे प्यार था तो सकिी को अपनी कार िे.

सोशल मीकडया िोशि मीसडया पर एक आदमी इि तरह बोिता था जैिे एक िाथ दि मुंहो्िे बोि रहा हो कई िोग तो इि तरह आते जैिे उनके पीछे-पीछे उनकी दि िोटोकॉपी िहराती चिी आ रही हो.

n

शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 39


साशहत्मास् य/होली ट हेडशवशेष

देशभकंतों िी बादशाहत वंयंगंय राजेंदं शमंाि

क बादशाह था. अच्छे सदनो् का बादशाह नही्, सिंपि बादशाह. सिंपि भी कहां, गित टैम का बदशाह कसहए. वक्त बदि गया था. िोग बदि गये थे. दुसनया बदि गयी थी. पर बादशाह बना हुआ था, अपने अनहोतेपन पर इतराता हुआ. पर बादशाह सि​ि्फबना रहे डायनािोर की तरह, ऐिा नही् होता है. बादशाह था, क्यो्सक वह बादशाह की तरह करता था बाते् भी और काम भी. वैिे इि पर इसतहािकारो्मे्मतभेद है सक वह ज्यादा क्या करता था- बाते् या काम. खैर, जो भी हो, वह सि​ि्फ नाम का बदशाह हस्गाज नही्था. िच पूसछए तो बात इि​िे उल्टी थी. वह बि नाम का ही बादशाह नही् था. उिका बादशाह होना उिके बादशाह कहिाने मे् नही्, बादशाह की तरह करने मे् था. वन्ा​ा िोग उिे बादशाह की तरह िीसरयि​िी कैिे िेते? बादशाह चूंसक नाम का नही्, काम का बादशाह था, वह सनयम िे हर रोज बादशाहो् वािा एक काम सबिा नागा करता था. िुबहिुबह दरबासरयो्को बुिाता था और कोई न कोई िरमान जारी करता था. शुर-् शुर्मे्दरबासरयो् को यह िब अच्छा िगता था. जब बादशाह नया था, दरबारी भी नये थे. िुबह जल्दी उठने की जरा सदक्​्त थी, सिर भी नया करने का जोश था और इिीसशएंशी बढ्ने का शोर भी. िेसकन जल्दी ही दरबार मे् कानािूसियां होने िगी्. िुबह के दरबार के चक्​्र मे् सगरते-पड्ते

दरबारी टैम पर पहुंच तो जाते थे. पर सदन की शुरआ ् त बादशाह के िाथ योग, प्​्ाथ्ना ा, वगैरह िे ही होती थी. इंतजामात पूरे थे. हर चीज एकदम टैम पर थी. पर िब एक जैिा था. हर रोज एक जैिा. िब के सिए एक जैिा. दरबारी एक-दूिरे के कान मे् सशकायत करते--हमारे यहां तो.... दरबार मे् कानािूिी हो, तो बादशाह िे कहां छुप िकती है? जािूिो्ने खबर पहुच ं ा दी. बादशाह ने तब भी बादशाह का ही काम सकया और भरे दरबार मे् एिान कर सदया सक दरबार तो यो् ही चिेगा. हमारी राष्​्ीय िंस्कृसत और परंपरा तो यही है. सिर भी अगर कोई अिग रहना चाहे तो उिके सिए अिग इंतजाम भी सकया जा िकता है. क्यो्सक हम पैदाइशी िसहष्णु है्. अंत मे् बादशाह ने पूछा सक सकिे तकिीि है, सकिे राष्​्ीय परंपरा िे अिग इंतजाम चासहए. आगे आने वािा कोई नही्था. उि सदन िे एक और राष्​्ीय परंपरा कायम हो गयी-बादशाह जो कहे, वही िही. अिहमसत का मतिब है, बाहर की दुसनया मे् राज की बदनामी. देशभक्त वही, बादशाह के िरमान पर सि​ि्फएक शल्द कहे--िही, िही और िही. इि तरह राजद्​्ोह के डंडे के डर िे कानािूिी भी दरबार िे बाहर सखिक गयी. जैिा हमने पहिे ही बताया, बादशाह अपने सनयम का बड्ा पक्​्ा था. हर रोज कोई न कोई िरमान जर्र जारी करता था. उिके दरबार मे् राष्​्ीय परंपरा, िंस्कृसत, धम्ा वगैरह तय होने की चच्ा​ा दूर-दूर तक िैिी और दूर-दूर िे बाबा, िंत-महंत, सखिाड्ी, राजदूत और व्यापारी उिके दरबार मे् पहुंचने िगे. िबके िब यथायोग्य आसतथ्य पाते और अपने-अपने अनुकूि िरमान जारी करा िे जाते. कोई

जाने-माने व्यंग्यकार और पत्​्कार. धम्ासनरपेक्ता और िाेकतंत् के िवािो्पर कई पुस्को्का िंपादन. पत्​्-पस्​्तकाओ्मे् सनयसमत व्यंग्य िेखन. इन सदनो्िाप्तासहक िोक िहर के िंपादन िे जुड्ेहै्.

40 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

कारोबार का रबर का तंबू िैिाने का, तो कोई नदी-जंगि िबको काम पर िगाने का. कोई ऐन नदी मे् घुि के जंगि मे् मंगि मनाने का. पब्लिक की खुशी का पता नही्, पर बाकी िब इिमे् खूब खुश थे- बादशाह भी, दरबारी भी और तरह-तरह के घोसरत-अघोसरत व्यापारी भी. वैिे कभी-कभार िीधे पब्लिक के सिए भी िरमान जारी होते थे: िाि-ि​िाई रखो. खुिे मे् शौच मत जाओ. कूड्ा मत िैिाओ. बेसटयो् को बेवजह मत मारो, वगैरह! दिो्सदशाओ्मे् बादशाह की कीस्ता िैि रही थी और बाहर के पैिे के िाथ तरक्​्ी आ रही थी. िब कुछ बड्े आनंद िे चि रहा था. हफ्तो्-महीनो्गुजर गये. कई मौिम बदि गये. िब ठीक-ठाक चि रहा था. िेसकन हर अच्छी चीज का भी अंत आता है बब्लक अच्छी चीजो् का अंत जल्दी आता है. एक सदन अचानक दरबार मे् अप्​्त्यासशत िमस्या आ खड्ी हुई. सदन के िरमान के एिान का टैम आ


गया. दरबार िजा हुआ था, पर िरमान जारी करने के सिए कुछ था ही नही्. न कोई राहत की मांग, न सकिी इजाजत की. पब्लिक के सिए कोई मि​िहत भी नही्. बादशाह ि​िामत जब तक िमझ पाता सक माजरा क्या है, दरबासरयो्िे सहकमत आजमायी. उन्हो्ने बादशाह को गुर्जी के पे्सडंग आदेश की याद सदिायी सक दरबार मे्तो िब ठीक है, पर पब्लिक का कल्चर बहुत खराब हो रहा है. कल्चर और धम्ा को बचाने के सिए एक अिग दारोगा चासहए. बादशाह ने मशसवरा सकया--दो अिगअिग या एक ही? महामंत्ी ने कहा सक एक दारोगा का ही खच्ा​ा कािी है, वैिे भी िंस्कृसत और धम्ा मे् अंतर ही क्या है? बेचारे सशक्​्ा मंत्ी ने अपने सिए अिग दरोगा का सजक्​् भी छेड्ा, पर कमखच्​्ी की दिीि के आगे सकि की चिती है? उल्टे महामंत्ी की निीहत और िुननी पड्ी- िब अिग-अिग दारोगा िगाये्गे, तो शहर दारोगा सकि मज्ाकी दवा है. दरबार के सहिाब िे तो बात आयी-गयी हो गयी, पर सशक्​्ा मंत्ी के मन मे् बात चुभ गयी. उधर िंस्कृसत और धम्ा का दारोगा क् या सम ि ग या , िं स्कृ सत मंत्ी तो बौरा ही गये. न इि करवट चैन न उि करवट चैन. कभी मांि खाने वािो्को राज िे बाहर की राह सदखाये, तो कभी िव जेहासदयो्के पीछे दारोगा को दौड्ाये्. कभी पुराने भूिो्-भटको् की वापिी कराये्. कभी पुरानी मूस्तायो्को िाड्ी पहनाये्, तो कभी सकिी काट्ाून बनाने वािे को डंडे िगवाये्. यहां तक सक बेचारे को पुरस्कार वापिी स्​्बगेड के हल्िे को झेिना पड्ा. वह तो उनकी और उनके दारोगा की मदद को उनके कुनबे की डंडा पिटन आ गयी, वन्ा​ा मंत्ी जी ने तो एक िाथ इतने मोच्​्ेखोि सदये थे सक िंभािना मुब्शकि था. िच पूसछये तो डंडा पिटन ने ही उन्हे्धम्ा और िंस्कृसत के सरश्ते की उिझन िे उबारा. िाठी जो कहे िो धम्ा. िाठी जो रचे िो िंस्कृसत. पर िाठी ने देखते ही देखते मंत्ी तो मंत्ी, दारोगा तक को आधा बेरोजगार कर छोड्ा. बि बादशाह के रोजगार मे् कोई कमी नही्आयी. सनत नये धास्माक तमाशे कराये और

उन्हे्िांस्कृसतक उत्िव बताये. िब कुछ करे् तो नीचे िे िाठी बंधु और ऊपर िे बादशाह ि​िामत और चच्​्े हो् सि​ि्फ िंस्कृसत मंत्ी के. िभी मंस्तयो् को इि​िे सशकायत थी, पर बादशाह के िामने कुछ कहने की सकि मे् सहम्मत थी. सशक्​्ा मंत्ी को अिग दारोगा न समिने की खुदं क और थी. उन्हो्ने तय कर सिया सक दारोगा न िही, डंडा-पिटन की िेवाओ् पर तो उनका भी उतना ही हक है, सजतना सकिी और का. उन्हो्ने आव देखा न ताव, डंडा पिटन के िाथ शहर दारोगा की िेवाओ्को जोड्सदया और िरकारी कॉिेजो्यूसनवस्िासटयो् मे् देशद्​्ोसहयो् के सखिाि युद् छेड्सदया. उनके निीब िे युद्छेडऩे के सिए देशद्​्ोसहयो् की कोई कमी नही् थी. अंबेडकरपेसरयार का नाम िे, वह देशद्​्ोही. बादशाह या दरबार की सशकायत करे, वह देशद्​्ोही. दसितो् को दसित, अल्पिंख्यको् को अल्पिंख्यक कहे, वह देशद्​्ोही. िांिी पर एतराज जताये, वह देशद्​्ोही. दंगे के सखिाि सिल्म सदखाये, वह देशद्​्ोही. मसहरािुर सदवि मनाये, वह देशद्​्ोही. डंडा पिटन का रास्​्ा रोके, वह देशद्​्ोही. देखते ही देखते, देशद्​्ोसहयो् के सखिाि जंग इतनी तेज हो गयी सक िंस्कृसत मंत्ी िे िेकर महामंत्ी तक, िब खबरो्िे बाहर हो गये, सशक्​्ा मंत्ी को छोडक़र. बादशाह ि​िामत भी खबर मे्रहे तो इिकी सशकायतो्मे् सक कब तक चुप रहे्गे, कुछ कहते¬-करते क्यो्नही्? िेसकन सशक्​्ा मंत्ी डाि-डाि, तो िंस्कृसत मंत्ी पात-पात. वह नये-नये देशद्​्ोही खोजे, तो वह भी नयी-नयी चीजे् सगनाये सजनके सबना पब्लिक का मजे मे्काम चि िकता है. पडोिी राज िे एक जाने-माने गायक आये. डंडा पिटन ने एिान कर सदया सक पड्ोि िे हमे् सि​ि्फगोिी का िेन-देन मंजूर है, गिूकारी का नही्. िंस्कृसत मंत्ी ने तस्दीक कर दी--पड्ोिी का गाना नही्िुने्गे तो कोई आिमान नही्सगर पड्ेगा. एक किाकार का कैनवाि िासठयो् ने िाड् सदया. किाकार ने पूछा डर-डर के कोई कैिे सचत्​्बनाये. मंत्ी ने कंधे उचका सदये- सचत्​् नही् बनाये जाये्गे तो क्या देश र्क जायेगा. नाटक वािे, िेखक, सिल्म वािे, िब सशकायत िेकर आये सक आपकी िाठी पिटन हमे्रचने नही्दे रही है. िंस्कृसत मंत्ी ने कहा, कुछ टैम रचने िे छुट्ी िे िीसजए. आप िोग रचना बंद कर दे्गे तो देश का कुछ न कुछ कागज वगैरह ही बचेगा. नही् भी बचे तब भी कम िे कम देश का जीडीपी कोई नीचे नही्आ जायेगा. आप िे देश को बदनामी िे सिवा समिता भी क्या है? पर हुआ क्या सक देशद्​्ोसहयो् के सखिाि बादशाह की जंग जैिे-जैिे तेज हुई, वैिे-वैिे

देशद्​्ोसहयो् की सगनती बढ्ती गयी. होते-होते देशद्​्ोसहयो्की सगनती इतनी बढ्गयी सक उन्हो्ने देशद्​्ोही होने िे िाि इनकार करना शुर् कर सदया. उल्टे खुद को अि​िी देशभक्त बताना शुर्कर सदया. बादशाह ने िुना तो उिके गुस्िे का सठकाना नही्रहा. यह तो िीधे-िीधे उिकी हुकूमत के सिए चुनौती थी. उिने एिान कर सदया सक देशद्​्ोही को देशद्​्ोही न कहना भी देशद्​्ोह माना जायेगा. िेसकन इिका अिर उल्टा हुआ. अब िोगो्ने खुिेआम कहना शुर् कर सदया सक बादशाह ठीक नही् है. ऐिे बादशाह का क्या िायदा? ऐिे बादशाह िे तो सबना बादशाह के भिे. खुिी बगावत के आिार

बड़े-बड़ेआबलमो-फाबजल आये. वकील आये. पीरऔबलया भी आये. उऩहो़ने िरहिरह के दांव आजमाये. पर पब़ललक मानकर नही़दी. सदखायी सदये तो बादशाह को पब्लिक का खयाि आया. उिने भरे दरबार मे् एिान कर सदया सक जो पब्लिक को मनाकर वापि िायेगा मुंहमांगा इनाम पायेगा. बड्े-बड्े आसिमो-िासजि आये. वकीि आये. पीर-औसिया भी आये. उन्हो्ने तरह-तरह के दांव आजमाये. पर पब्लिक पठ्​्ी मानकर नही् दी तो नही् ही दी. महीनो् तक यही सि​िसि​िा चिता रहा. तभी एक सदन दूर पहाड्ो्मे्िे एक बुजुग्ा गड्सरया आया, भेड्ो् की गंध मे् सिपटा हुआ. उिे देखते ही दरबासरयो् के मुंह बन गये और उन्हो्ने अपनी नाक पर इत्​्िने र्माि रख सिये. पर बुजुग्ाचरवाहे ने सकिी की ओर देखा तक नही्और िीधे बादशाह िे मुखासतब होकर बोिा- मुंह मांगा इनाम देने का कौि पक्​्ा तो है? सिर राजदारी के िाथ कहने िगा, हुजरू का काम तो मै् चुटकी मे् कर दूंगा, पर मेरी एक छोटी िी शत्ा है. मुंह मांगा इनाम एडवांि चासहए. कई दरबारी एक िाथ सचल्िाये- यह जर्र कोई ठग है. इनाम िेकर िुर्ाहो जायेगा. पर बादशाह, बादशाह था. उिने कहा, भरे दरबार मे् बादशाह को ठग कर सनकि जाये, वह तो वाकई इनाम का हकदार होगा! बोि क्या इनाम चासहए? गड्सरये ने गहरी सनगाह िे बादशाह को देखा और कहा- बादशाहत खत्म कर और मेरे िाथ पहाड्ो्मे्चि. पब्लिक खुद िब िंभाि िेगी. बादशाह एक क्ण ् को तो िोच मे्पड्गया, सिर बोिा, िही इिाज! बादशाहत खत्म कर दी. हाथ मे् िाठी, कंधे पर कंबि सिया और बुजुग्ा गड्सरये के िाथ चि पड्ा. पहाड्ो्मे्गड्सरयो्ने उिे हाथो्-हाथ सिया जैिे n कोई बहुत सदनो्का सबछुड्ा िाथी हो. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 41


साशहत्मास् य/होली ट हेडशवशेष कहानी सुनील भटं​ं

आओ कोई संस्था डुबाये्

दु

ब्ाुस्दचंद एक िमझदार और जवान बेटा था और दुसनया के तमाम िमझदार और जवान बेटो्की तरह वह भी मानता था सक उिके सपता िािा िुबुस्दचंद मूख्ा है्. वे िमय के िाथ सपछड गये है्. ज़माना आगे सनकि चुका है और वे अब भी पुराने अनुभवो्िे सनध्ा​ासरत हो रहे है्. माना सक दुसनया उन्हे् िही मानती है, पर हकीकत तो वह जानता है. उिका मानना था सक िोग उिके सपता को इिसिए िही मानते है्क्यो्सक वह हर ि​ि​ि इंिान को िही मानते है्. जब वह ि​ि​ि हो जायेगा, तो िोग उिे भी िही मान िे्गे, इिसिए उिने कभी सकिी की राय की परवाह नही्की. उिके सपता उिे िमझाते रहे, पर उिके कान पर जूं तक न रे्गी, बब्लक सपता के हर िेक्चर के बाद उिका सवश्​्ाि और मजबूत होता चिा गया. दुब्ाुस्दचंद का मानना था सक उिके सपता ने स्कूिो्, िाइब्​्ेसरयो् और धम्ा​ाथ्ा सचसकत्िाियो् का जो िाम्​्ाज्य खडा सकया है, उनके तौर-तरीको् मे् बदिाव जर्री है. स्कूिो् मे् इतनी कम िीि िेना और वह भी तब, जबसक उनका इतना नाम हो, िही नही् है. िाइब्​्ेरी मे् मुफ्त सकताबे् उपिल्ध कराना भी गित है; खािकर तब, जबसक पढने वािे बच्​्ेबाइक मे्आते हो्. और धम्ा​ाथ्ासचसकत्िािय तो बेवकूिी की हद है. इतनी महंगी मशीने्इतने कम दाम मे,् वह भी शहर के िबिे अच्छे डॉक्टरो्की देखरेख मे्! जब प्​्ाइवेट अस्पतािो् िे िुट-सपटकर िोग अपना केि खराब करवाकर हमारे यहां आते है्, तो हम क्या पागि है्, जो िगभग फ्​्ी मे् उनका इिाज़ करे्? परंतु उिके सपता का मानना था- परोपकार हमारे धंधे का मूि मंत्है. और उन्हो्ने इि मंत्को कभी नही्छोडा. परोपकार की ये बाते् दुब्ाुस्दचंद को बीते जमाने की िगती थी्, जब िोगो्के पाि पैिा नही्था. उन सदनो्िमाज मे्अभाव ज्यादा था, इिसिए िोगो्द्​्ारा ऐिे िस्​्दचार रखना िही था. पर अब हािात बदि गये है.् अब िोगो् के पाि पैिा आ गया है. स्कूि और अस्पताि िाइव स्टार होटि जैिे हो गये है्. िोग वहां भीड िगाते है्. वहां जाना अपनी शान िमझते है्. इिसिए अगर हम भी ऐिा करे्तो गित नही्है. पर उिके सपता ने जीतेजी न उिकी िुननी थी, न िुनी; िो सपता की मृत्यु के बाद उिने इन िंस्थानो्मे्अपने सहिाब िे बदिाव करने की िोची. िबिे पहिे उिने इि सवरय पर सवद्​्ापसत जी िे बात की. वह उिके सपता के परम समत्​् और शुर्आती दौर िे उनके िाथी थे. सपता की तरह उन्हो्ने भी उिकी राय िे अिहमसत जतायी. उन्हो्ने उिे िमझाया सक यह सि​ि्फपरोपकार ही नही्, एक ि​ि​ि सबज़नि मॉडि भी है. माना सक सजतने प्​्ाइम िोकेशंि मे् हमारी ज़मीने् है्, उनमे् हम मॉि या शॉसपंग प्िाज़ा खोिकर ज्यादा कमा िकते थे, परंतु हम घाटे मे् भी कभी नही् रहे. हम इकोनॉमी-ऑि-स्कि े पर खेिते है.् हम िीि कम रखते है,् सजि​िे ज्यादा एडसमशन होते है् और हमारा हर स्कूि मुनािा कमाता है. हमारी हर िाइब्​्ेरी अपना खच्ा​ा िोटोकॉपी और मै्बरसशप िीि के दम पर सनकाि िेती है. और जरा िोचो, इन िाइब्स्ेरयो्की बदौित सकतने बच्​्ो्को मदद समिी है! जब हमने यह काम शुर्सकया था, तब हमारे शहर के िोग कही् सपछडे हुए थे, और अब देखो, सकतना िक्फहै ! मत भूिो सक तुम्हारे सपता ने िमाज मे् िेवाभाव और व्यापार का एक िाझा व ि​ि​ि मॉडि पेश सकया है इिसिए इिमे्छेडाखानी करना ठीक नही्है.

युवा कसव और व्यंग्यकार. सवसभन्न पत्​्-पस्​्तकाओ्और िोशि मीसडया मे् कसवताएं प्​्कासशत. िासहर िुसधयानवी पर दो पुस्के्: ‘मेरे गीत तुम्हारे’ और ‘िासहर िुसधयानवी की सहंदी गीत’.

42 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016


दुब्ाुस्दचंद को िमझ आ गया सक उिके कासबसियत िे बडी स्वासमभब्कत होती है. इि पद सपता के दोस्​् भी उनकी तरह है्, सिर भी उिने के सिए यो्तो उिके और भी कई नाकासबि दोस्​् उन्हे् अपनी बात िमझाने की कोसशश की, ‘मै् थे, पर सि​ि्फगधे्द्कुमार ही उिे यकीन सदिा पाया आपकी बात िे इंकार नही्करता हूं सक िमाज मे् सक उिके ऊंचे दज्​्ेका गधापन उिकी स्वासमभब्कत परोपकार जर्री है. आपका सबजनेि मॉडि भी की गारंटी है. दुब्ाुस्दचंद को मानना पडा सक एक िही है और इि शहर को आगे िे जाने मे्आपका बुस्दमान कम्ाचारी के मुक़ाबिे एक मूख्ाकम्ाचारी और इन िंस्थाओ् का वास्​्व मे् ऐसतहासिक की स्वासमभब्कत ज्यादा भरोिेमंद होती है. मूख्ा योगदान है. पर आप यह नही् देख पा रहे है् सक जानता है सक वह इि पद पर अपनी कासबसियत िे आपका उद्श्े य् पूरा हो चुका है. हमारा शहर तरक्​्ी नही्, ऊपर वािे की कृपा िे बैठा है और यहां िे कर चुका है. जो अभाव का दौर पहिे था, वह जाने के बाद उिे यह पद नही् समिेगा. इिसिए खत्म हो चुका है.’ उिके स्वासमभक्त बने रहने की िंभावना ज्यादा सवद्​्ापसत कुछ कहते, इि​िे पहिे वह उन्हे् रहती है. गधेद् ्कुमार को चुनने के पीछे एक कारण अपनी थ्योरी िमझाने िगा, ‘एक सवपन्न िमाज यह भी था सक उिके अिावा बाकी िोग सवद्​्ापसत की जर्रत सशक्​्ा और रोजगार है तो िंपन्न िमाज जी के कद और काय्ाकी महत्​्ा को िमझते थे, िो की जर्रत मनोरंजन. हमारा िमाज तरक्​्ी कर कभी-न-कभी वो उनके कद िे दब िकते थे, पर चुका है और तरक्​्ी का अथ्ा अंततः उपभोक्ता गधे्द्कुमार के िाथ ऐिा िंभव नही्था. वह उनके बनना होता है, जो वे बन चुके है्. अब उनकी कद िे कतई अनजान था. उिकी अज्​्ानता उिकी जर्रत ज्​्ान नही्, आनंद है. अब उन्हे् ताकत थी. उिके वाइि-चेयरमैन बनते पसरवत्ान एयरकंडीशंड मॉि चासहए, पच्​्ीि सकस्म की अवश्यभं ावी था. कहना न होगा सक उिने वही सकया कमीजे् और पचाि सकस्म के कुत्े चासहए, देशजो कहा गया. उसने हर स़ क ल ू मे ़ प़ श ़ ासबनक सवदेश के टूर चासहए. उनके बच्​्ो् के सिए उिकी सनयुब्कत िे कई स्कूिो् के स्​्पंसिपि घुडिवारी और ब्सवसमंग पूि वािे स्कूि चासहए. नाराज हुए. उन्हो्ने दुब्ाुस्दचंद िे सशकायते् की्, अबिकारी की पोस़ट बनायी, आपने पहिे भी इनकी जर्रते् पूरी की थी्, अब बजसमे़उऩहे़भि़​़ी बकया जो कभी िोकि मीसडया मे् भी कािी कुछ छपा. बोड्ा भी कीसजए. उन्हे्यह िब दीसजए और अगर आप मीसटंगो्मे्भी गधे्द्कुमार का तीखा सवरोध हुआ. चालीस प़​़बिशि से ज़यादा नंबर ‘सवध्यापसत का उत्​्रासधकारी ऐिा सनकम्मा!’ पर परोपकार करना चाहते है्, तो सपताजी के नाम पर नही़ला सके. दि-बारह स्कॉिरसशप शुर्कर दीसजए, मुझे कोई दुबसाु्​्दचंद असडग था, ‘अब चाहे िर िूटे या माथा, आपस्​्त नही्है; पर ये फ्​्ी के स्कूि, िाइब्​्ेरी और मै्ने तो हां कर िी.’ धम्ा​ाथ्ासचसकत्िािय बंद कीसजए.’ तीन-चार महीने मे्िब शांत हो गया. इि बीच एक स्कि ू के स्​्पसं िपि िेसकन कहना आिान था, करना मुब्शकि. सवद्​्ापसत नही् माने ने तैश मे् आकर नौकरी छोडने की धमकी दी तो गधे्द् कुमार ने उिके और हर बूढे आदमी की तरह ‘तुम मेरी बात को िमझ नही् रहो सखिाि अनुशािनात्मक काय्वा ाही कर दी. बेचारा घबरा गया. जब िबको हो’ कहकर चुप हो गये. इिके बाद दुब्ाुस्दचंद ने बोड्ा के और भी कई यह िग गया सक सवरोध करना बेकार है, तो िब ठंडे पड गये, और िोगो् को िमझाना चाहा, पर जल्द ही उिे िमझ आ गया सक उिके दुब्ाुस्दचंद को मंत् समि गया. उिे िमझ आ गया सक अगर उिे इन सपता ने इि िंस्थाओ्के नेतृत्व के सिए ऐिे िोग चुन-चुनकर बैठा रखे िंस्थाओ्को नष्​्करना है, अथ्ा​ात इनमे्िमयानुकूि पसरवत्ान करना है, है्, जो उनकी और सवद्​्ापसत की डुब्पिकेट कॉपी है्. कोई उिकी बात तो उिे वहां भारी-भरकम गधे बैठाने हो्गे. छोटे-मोटे गधो् िे काम नही् िुनने तैयार नही्था. वह देख रहा था, उिके सपता ने अपने सवचारो्को चिेगा. कौन जाने कब उनके गधेपन मे् कमी आ जाये और वह उिकी स्थासपत करने के सिए िंस्थाएं बनायी् और इनमे् काम करने वािो् को बात मानने िे इंकार कर दे्. उि सवचारधारा का वाहक. उिके सपता के सवचार इन िोगो् के सिए इिके बाद उिने हर स्कूि मे् प्​्शािसनक असधकारी की एक िंस्कारो्की तरह थे. ये उनके जीवन-मूल्य थे और वे उन्हे्छोडना नही् पोस्ट बनायी, सजिमे् सि​ि्फ उन िोगो् को भत्​्ी सकया जो पूरे जीवन-भर चाहते थे. कभी चािीि प्​्सतशत िे ज्यादा नंबर नही् िा िके. हर स्​्पंसिपि के पुराने िोग, पुरानी िमझ, पुराने तक्फ! उिने सिर पीट सिया. ऐिे सिए यह जर्री सकया गया सक वे अपने िब काम इन प्​्शािसनक दसकयानूिी िोगो्के िाथ काम करना उिके सिए दमघो्टू था. पर उिने असधकासरयो् की ि​िाह पर करे्. कािांतर मे् ये िभी िोग दुब्ाुस्दचंद के ठंडे सदमाग िे काम िेने की िोची. सदक्​्त यह थी सक काम सकया कैिे भक्त िासबत हुए. जाये, सपता की टीम के रहते यह िंभव नही् था. िबको एक झटके मे् आगे स्कूिो् का क्या हाि हुआ होगा, कहने की जर्रत नही् है. सनकािना भी िंभव नही् था. एक-दो िंस्थाएं होती् तो बात और थी, पर िाइब्​्ेसरयो् और अस्पतािो् की िुसटया कैिे डूबी होगी, यह बताने की यहां तो तीन सजिो्तक नेटवक्फिैिा था. पर वह भी अपने सपता की तरह जर्रत भी नही्है. पाठकगण खुद िमझदार है्. मेरा इि कहानी को कहने ढीठ था. यही वह एकमात्​्गुण था जो उिने सपता िे पाया था और इिी के का उद्​्ेश्य सि​ि्फ इतना है सक अगर आप भी अपने सपताजी का या सकिी िहारे वह आसखरकार ि​ि​ि हुआ. और का बना-बनाया िंस्थान डुबोना चाहते है् तो दुब्ाुस्दचंद का अनुभव उिकी सजद और रोज़ की सकच-सकच िे नाराज होकर सवद्​्ापसत जी आपके काम आ िके. बि इतना ध्यान रहे सक अगर नाटक-मंडिी डुबोनी ने इस्​्ीिा दे सदया. इि बुढापे मे्इतनी बकवाि िुनना उनके बि की बात है, तो उिके हैड का नाटक िे दूर-दूर का कोई नाता न हो, अगर कानून नही् थी. वे िभी स्कूिो् के वाइि-चेयरमैन थे. िारे स्​्पंसिपि उन्ही् को का कॉिेज डुबोना है तो उिका हेड वकीि न हो. ध्यान रहे सक ज्​्ान का सरपोट्ाकरते थे. दुब्ाुस्दचंद को मानो मौका समि गया. उिने तुरंत इि पद अभाव इि महान काय्ा की िबिे बडी जर्रत है और दूिरी जर्रत है उि नािायक के पक्​्मे्दृढता िे खडा होना. अगर आपने ये दो काम कर पर अपने एक दोस्​्गधे्द्कुमार को रख सदया. n गधे्द्कुमार िच मे्एक नंबर का गधा था. दुब्ाुस्दचंद जानता था सक सिये तो आपको ि​ि​ि होने िे कोई नही्रोक िकता. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 43


साशहत्य/होली शवशेष

बायदा कारोबार का मौसम

वंयंगंय

जं​ंान चतुिंेदी

ह बोिे सक यार कुछ नये वायदे िुझाओ सजन्हे् हम मतदाताओ् िे कर िके्क्यो्सक वही¬-वही पुराने वायदे िुनिुनकर जनता इतनी आसजज आ चुकी है सक अब तो कोई उन्हे्पूरा भी कर डािे तो वह खुश नही्होने वािी. वोट िेने है्तो कुछ नये वायदे करने हो्गे. नये का जमाना है. कहने िगे सक तुम कुछ िोचकर बताओ. कैिा भी बता दो क्यो्सक करना ही तो है, कौन िा सनभाना है. बि, शत्ा यह है सक िुनने मे् अच्छा और चमत्कारी िगे और कुछ सदनो्के सिए आदमी झांिे मे्बना रहे. मजे की बात यह सक मै्ने उन्हे्कई वायदे िुझा भी सदये और स्वयं भी इि सदशा मे् अपनी िुप्त प्​्सतभा िे खािा प्​्भासवत हुआ. यसद अपनी इि प्​्सतभा का प्​्योग मै्शुर्मे्प्यार मे्और बाद मे्दांपत्य मे्ठीक िे कर पाता तो मेरा इन दोनो्क्​्ेत्ो्मे्वह हाि न हुआ होता जो हुआ. बहरहाि, जो वायदे मै्ने नेताजी को िुझाये वे प्​्स्ुत है्. कई वायदे है्जो सकये जा िकते है्. जैिे सक पुि बनवाने का वायदा. कह दे् सक हम नदी पर पुि बनवा दे्गे. या केवि पुि बनवाने की कह डािे्. नदी तो आती रहेगी. पुि बनवाने की बात मे्न जाने कौन िी बात है सक मतदाता आज भी तुरंत प्​्भासवत हो जाता है. पुि की जर्रत है भी सक नही्, इिकी परवाह न करे्. कह दे् सक पुि बनवाये्गे. मतदाता को िगेगा सक हो िकता है सक मुझे नही् पता, परंतु कही् न कही् पुि की आवश्यकता होगी ही. पुि की कह कर तो देसखए, मतदाता तुरंत मान जाता है क्यो्सक पुि तो चासहए ही. एक हो तो एक और चासहए. एक िे जाओ और दूिरे िे िौट आओ. बब्लक तीिरा भी बन जाये तो बस्ढया. तीिरे का क्या करेग् े? तीिरे िे आमे्गे-जाये्गे नही्, बब्लक उि पर खड्े होकर आने-जाने वािो् को देखा करे्गे. खड्े रहने के सिए भी तो चासहए सक नही्? पुि बनना हर इिाके मे् एक िगातार चिने वािा काम है. कहने मे्अच्छा िगता है और बाहर िे आने वािो्को गव्ापूव्ाक बताया जा िकता है सक यहां समट्​्ी पुि बनने के सिए पड्ी है. िो पुि का वायदा तो कर ही देना. सजि इिाके मे्नदी बहती है, वहां तो वह वायदा करना ही, परंतु वहां भी करना जहां नदी न हो. वहां का आदमी भी िुनकर प्​्िन्न होगा सक आज पुि आ रहा है तो नेताजी कि नदी भी िा दे्गे. पुि कब तक अकेिा रहेगा? यह तो शादी टाइप मामिा है सक आदमी कब तक कुंवारा बैठ िकता है? पुि के अिावा दूिरा वायदा, जो मतदाता को िौरन िे पेश्तर शीशे मे्उतार िेता है, वह है िड्क का वायदा. िड्क का वायदा जर्र कीसजये. िुपसरसचत व्यंग्यकार और उपन्यािकार. पेशे िे डॉक्टर. प्​्कासशत कृसतयां: बारामािी, नरक यात्​्ा, प्​्ेत कथा और हम न मरब. पद्​्श्ी अिंकरण और दूिरे पुरस्कारो्िे िम्मासनत.

44 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

हर इिाके को िड्क चासहए. न जाने क्यो्, परंतु हर इिाके मे्मतदाता को िगता है सक इिाके मे्िड्के्नही्है्. पांच समनट भी बात करता है तो तीन समनट िड्क का रोना रोता रहता है. जाना कही्भी नही्है, चिने को राजी नही् है, परंतु उिे िड्क चासहए. िड्क छाप को भी चासहए और शरीिो् को भी. इिी कारण आप िड्क बनवाने का वायदा अवश्य कर डासिए. िड़क एक ऐिी चीज है जो सनरंतर बनती रहती है. पहिे िे एक हो तो एक और बन िकती है, या उिी को चौड्ा सकया जा िकता है, डामरीकरण सकया जा िकता है, कंक्ीट की बनवाई जा िकती है आसद. तात्पय्ाहै सक िड़क हर िमय एक िंभावना है और हर िड्क मे् एक नये वायदे की गुंजाइश रही आती है. बब्लक यह एक ऐिा वायदा है सजिकी हर मतदाता प्​्तीक्​्ा सकया करता है सक कोई कहेगा. इिाके मे्बस्ढया िड्क हो तो भी जनता चाहेगी सक कोई िड्क की बात अवश्य कहे, वन्ा​ा उिे यह िगेगा ही नही्सक चुनाव आ गये. यह ठीक उिी तरह है सक जैिे खूबिूरत प्स्ेमका भी चाहती है सक उिे खूबिूरत कहा जाये और बार-बार कहा जाये. कहना पड्ता है. कहो. न कहोगे तो कहे्गे सक एक िड्क तक का वायदा तो कर नही्पाये. िो करो. िड्क का वायदा जर्र करो. ऐिा ही एक शाश्​्त चुनावी स्वच्छ प्​्शािन देने का वायदा है. सकिी को भी ठीक¬-ठीक नही्पता सक आसखर यह चीज है क्या और सदखती कैिी है, पर िभी चाहते है सक समिे. जैिे बचपन मे्परी का मामिा रहता है न (बब्लक कई िोगो्का बुढ्ापे तक रहता है) वैिा ही. देखा सकिी ने नही्, परंतु िोचते है् सक कही् होती होगी और समि जाये तो मजा आ जायेगा. मतदाता को िुनकर अच्छा िगता है सक स्वच्छ प्​्शािन सदया जायेगा जबसक अिसियत यही है सक कभी वास्​्व मे्स्वच्छ प्​्शािन आ जाये तो मतदाता ही िंि जायेगा और रोता सिरेगा क्यो्सक उिके वे पचािो् काम अटक जायेग् े सजन्हे्वह सि​िहाि यहां-वहां िे-दे कर करवाता रहता है. परी समि ही जाये तो उिके नखरे उठाते-उठाते जीवन बीत जायेगा, परंतु सिर भी चाह तो रहती ही है सक काश समि जाती! िो वायदा कसरए सक हम स्वच्छ प्​्शािन दे्गे. न उन्हे् पता और न आपको खबर सक यह होता क्या है. िो बाद मे् जो भी दोगे, उिे स्वच्छ प्​्शािन कह िकते है्. आदमी भी थोड्ी चूं-चां करने के बाद उिे मान भी होता है जैिे सक हर आदमी को अंतत: एक परी समि ही जाती है, सजिे परी मानने मे्ही उिकी खैसरयत रहती है. िाहब चुनाव और जीवन तो ऐिे ही चिते रहे है्. इिके अिावा आप भ्​्ष्ाचार को िमूि नष्​्करने की बात भी कह दे् तो िारे भ्​्ष्ाचारी तो आपका इरादा और आपको पहचान कर िबिे पहिे वोट दे दे्गे. पीने का स्वच्छ पानी दे्गे सजि​िे नहाया भी जा िकता है और धोया भी– यह भी कह दे्, क्यो्सक पानी की परेशानी िब तरि है. गरीब की रक्​्ा की जायेगी और गरीब को अठन्नी मे् िौ सकिो चावि भी सदये जाये्गे, यह वायदा करने मे् भी बुराई नही् क्यो्सक गरीब धीरे-धीरे इन मजाको्िे ऊपर उठ चुका है और ऐिे वायदे करने वािो्के सगरेबान नही् पकड्ता. कहने का कुि मतिब यह है सक जो मूं मे्आये, वही वायदा कर डासिए. प्म्े , पागिपन और चुनाव मे्िब जायज है. कर डासिए. मतदाता n बेवकूि बनने को आतुर बैठा है.


बतकही चंचल

आस्था का अस्सथ-कलश

वह गया िेल मे्तो एक नया बाबा उतर आया. डबल श्​्ी वाला. वदल्ली मे्िमुना वकनारे भारी उत्पात मराकर आयोिन वकया है. भांवत-भांवत के औरत, मद्ष, सब इकट्​्ा हो रहे है्.

चु

आ गुर्सजि यात्​्ा पर थे, उिके बारे मे्पंसडत उमा शंकर शुक्ि का बयान बुिदं आवाज मे्पूरे इिाके ने िुना था. चुआ की धास्मक ा पत्नी ने भी िुना था. कुनमुनाई, चेहरा गुस्िे मे् भी हुआ और शुक्ि की िानत मिामत भी की िेसकन अंदर ही अंदर अपने परमेश्र की गुप्त हरकतो्िे िशंसकत भी हुयी. कई वारदाते्एक-एक करके याद आयी्. बंगाि िे आयी जजमान की किाई पकडकर सजि तरह िे चुआ ने गंगा पूजन कराया था. उिे पंडाइन ने आज तक िंजो कर रखा है. समज्ापा रु की किमुही भीि को िेकर चुआ ने तीन सदन तक गया मे्सपंड दान का अनुष्ान पूरा सकया था. पूरा घाट आज तक ताना मारता है. तो जब चुआ आट्ाऑफ़ सिसवंग के के सिए सदल्िी रवानगी की तैयारी मे्माि अिबाब की गठरी बांधने िगे तो पंडाइन ने िवाि भी पूछे. ई कहां की यात्​्ा है, आंटा, दाि, चावि, खटाई, नमक मिािा िब सिए जा रहे है्. जहां जा रहे हो वहां आदमी ना रहते का? औ पसहिे ई बताओ जा कहां रहे हो? आइना कंघी िपेटते हुए चुआ गुर् ने अनमने ढंग िे जवाब सदया- आट्ा ऑफ़ सिसवंग. नाम िुना है? न तुम्ही बताय दो, ई का है आट्ा ऑफ़ सिसवंग? ई तो हम भी नही्जानते, पर है कोई बडा अनुष्ान. वरना देश-दुसनया िे िोग काहे आते. एक िे बढकर एक धुरंधर िाधुओ् िंयािी, जोगी, तपी, अपनी अपनी मांद िे सनकि कर काहे इत्​्ी दूर आते? होगा का हुवां ? वही जो आज कि के िाधु िंयािी करते है्, या ई भी हो िकता है की कोई नयी सवसध बताये्. तो हम भी चिे्? मनाही है भाई, वरना हमे्का गुरेज. औरतो्पर पाबंदी है का? जर्र होगा, वरना िोिारक सतवारी, ररा नाई िब के िब अकेिे काहे जाते? तो ऐिा बोिो न की सछनरन का मेिा है. वही िोिारक, जाऊन अंग्ेजन िौ्सडया के िाथ पकडान रहा. ररा के नही्जानते क्या... बात पुरी होने के पहिे ही चुआ गुर्ने पंडाइन का मुह बंद करने का ब्​्म्हास्​्छोडा. एक बात िुन िो अगर तुमने हमारे धास्माक काम मे् अडंगेबाजी की तो कान खोि कर िुन िो. उि बार की तरह सिर रात को गंगा मे् कूद

कर जान दे दूंगा जैिे सपछिी दिा हुआ था. पंडाइन का चेहरा सवकृत हुआ- हुंह! नौटंकी !! भांग के नशे मे्गंगा पार उतर रहे थे. दि र्पये के बाजी जीतने के सिए, ज्यादा मत बोिो, िब जानती हूं. जाओ जो मन मे्आये करो. इतना कहकर पंडाइन चिी गयी्. पडोि मे्, वही् डगर मे् पंसडत उमा शंकर शुक्ि सदख गये. पैदाइिी मुरहा. पंडाइन को जब भी देखेगा, चुआ गुर् के बारे मे् ऐिी ऐिी कुबात बोिेगा की पूछो मत. आज भी वही हुआ. ये शुक्ि की आदत है. परोछ बोिता है, िामने नही्. अपने चबूतरे पर बैठे शुक्ि जी खैनी मि रहे है्और ठेिे पर िल्जी सिए जा रहे बैतािी को बुिा कर बतकही करने िगे. िल्जी का दाम कुछ सगरा सक ि​िुरा करेिा नीम पर चढा रहेगा. गुर्! आज के जमाने मे्हर चीज ऊपर चढ के बोिती है. कोई नीचे आने को तैयार ही नही्है. शुक्ि ने हो्ठ खी्चा और चुटकी भर खैनी मुंह मे् डािकर ऊंचे स्वर मे्चिे गये. एक काम करो बैतािी तीन पीढी िे तुम्हे जानते है्. िल्जी बेचे जा रहे हो, अब कोई और धंधा शुर्करो. बैतािी ने जोर का ठहाका िगाया. इि उम्​्मे्कौन धंधा शुर् करं्गा गुर्? शुक्ि ने कहा सक ठेिा बेच कर तीन गज िाि कपडा खरीद िो. और बाबा बन जाओ. जो चाहो िो करो. आिुमि तांगा चिाता था. चना महंगा हुआ तो तांगा बेच कर बाबा बन गया. अब देखो ऐश कर रहा है. आज कि उिे िोग आिाराम बापू बोिते है्. बैतािी ने गौर िे शुक्ि को देखा. िच्​्ी गुर्! िो ये भी नही् जानते? वह गया जेि मे् तो एक नया बाबा उतरा आया. डबि श्​्ी वािा. सदल्िी मे् जमुना सकनारे भारी उत्पात मचाकर आयोजन सकया है. भांसत-भांसत के औरत, मद्ा, िब इकट्​्ा हो रहे है्. िेना िेवा मे् िगा दी गयी है. िरकार भरपूर मदद मे् है्. सकिान उजाड सदए गये है्. सकि वास्​्ेजानते हो? िुनो हम बताते है्, आिाराम जो आड मे् करता था. वह िब इिमे्िाछात होगा. देशदुसनया के सजतने सछनरा है्. िब दाना पानी िेकर पहुंच रहे है्. अगर िमझ मे्न आ रहा हो, तो यही्देख िो कौन कौन िोग वहां जाय रहे है्. िब की कुण्डिी अपने पाि है. चोर, चम्चोर, ...बैतािी िुनना तो चाहते थे. िेसकन पापी पेट भी है चुनांचे मुहं खुिा और जोर िगा कर बैतािी चीखने िगे- आिू, मूिी, सभंडी, n करेिा ... शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 45


मास् यायावरी ट हेड

इटावा मे्यमुना से शुर्होने वाले बीहड़्करीब सौ साल तक डकैतो्के शरण स्थल बने रहे. अब यह क्​्ेत्लगभग शांत है इसवलए इसे पय्षटन क्​्ेत्मे् बदला िा सकता है और औद्​्ोवगक ववकास के वलए भी गुंिाइश खूब है. शंभूनाथ शुकंल

त्​्र प्​्देश मे् जानने को, घूमने को और पय्ाटन को सवकसित करने के सिए बहुत कुछ है. कुछ तो ऐिे स्थि है् जहां इसतहाि भी है, भूगोि भी और िमाज शास्​्भी है. इटावा के आगे औरय्या के आिपाि बहुत कुछ ऐिा है सजिे सवकसित करने की सजम्मेदारी उत्​्र प्​्देश िरकार की है. जो िोग इटावा का भूगोि जानते हो्गे उन्हे् पता होगा सक इटावा सजिे के दस्​्कणी छोर पर यमुना नदी बहती है. और यहां यमुना का बहाव क्​्ेत्ढिवां है. इिसिए यहां यमुना की धार तेज और जमीन काटने वािी है. यही कारण है सक इटावा िे वे कगार शुर्होते है.् जो कानपुर तक चिे गये है्. ये कगार अपने आप मे् इतने नीरि और बीहड् है् सक मीिो् दूर तक आपको चपिघटा िे् यिुना: पय्मटन की संभावना

िूसानि​ि का देवयानी िालाब: यिुना से आिा पानी

बीहड़ अब भी संभावना है़

सकिी भी मनुष्य के दश्ान तक नही् होते. मगर करीब 200 सकमी की यह पट्​्ी नैिस्गाक िौ्दय्ा िे भरी पड्ी है. यहां का वातावरण खािा रहस्यमयी है. आपके ठीक बगि िे कोई गुजर रहा है. उिका अंदाज तक आपको नही् होगा. कुछ सदखता ही नही् है. यही कारण रहा सक सपंडासरयो्और ठगो्ने एक जमाने मे्यही्अपना डेरा बनाया था. बाद मे्कन्ाि स्िीमैन ने उनका उच्छेद सकया. मगर यह क्​्ेत् वैिा ही पड्ा रहा. बाद मे् इि बीहड् मे् डकैत आ गये. तकरीबन िौ िािो् तक यह पूरा क्​्ेत् डकैतो् की शरण स्थिी बना रहा. अब यह िगभग शांत है इिसिए इि पूरे क्​्ेत्को पय्ाटन क्​्ेत्मे्बदिा जा िकता है. यहां पय्ाटन और औद्​्ोसगक सवकाि क्​्ेत् सवकसित करने के सिए गुंजाइश खूब है. यह इटावा-कानपुर के बीहड् इिाके का कोई यात्​्ा िंस्मरण नही् है पर यह एक ऐिे 46 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

इिाके का वण्ान है. सजिे अगर सवकसित सकया जाये तो िंभावनाये् अपार है्. सकिी भी पय्ाटन स्थि के सिए उिके आिपाि का वातावरण, उिकी भौगोसिक ब्सथसत और उिका इसतहाि महत्वपूण्ाहै. कानपुर देहात सजिे के मूिानगर इिाके के पाि इसतहाि भी है, भूगोि भी है और इि इिाके के आिपाि िौ्दय्ा सबखरा पड् है. यकीनन इिका सवकाि होगा तो यह इिाका पय्ाटन के नजर िे बहुत ही बड्ा इिाका िासबत होगा. पहिे जब मुगि बादशाह के पाि खाि​िा जमीन आगरा िे इिाहाबाद (कोड्ा जहानाबाद) तक हुआ करती थी. तब चपरघटा का बड्ा र्तबा था. बादशाह का िाव-िश्कर मुगि रोड िे ही आगरा िे इिाहाबाद जाता. आगरा िे इटावा हािांसक इटावा आने के सिए बाबर के िमय तक वाया ऊदी रास्​्ा था और


बादशाही िोग ऊदी िे ही यमुना पार कर इटावा आते थे. बाबर ने अपनी डायरी बाबरनामा मे् इटावा आने का सजक्​् सकया है. दूिरा रास्​्ा था वाया एत्मादपुर, सिरोजाबाद होते हुए इटावा. इिके बाद महेबा, बाबरपुर-अजीतमि, मुरादगंज होकर औरय्या सिर सिकंदरा. इिके बाद भोगनीपुर सिर चपरघटा,मूिानगर, घाटमपुर, जहानाबाद, बकेवर, सिर चौडगरा पहुंच कर बादशाही िश्कर वही पुरानी शेरशाह िूरी माग्ा (जीटी रोड) पकड्ता और सिर मिवां, ितेहपुर,खागा होते हुए एक रास्​्ा जाता है. कोड्ा जहानाबाद और दूिरा प्​्याग के सकिे की तरि. अकबर के िमय शहजादा ि​िीम को कोड्ा जहानाबाद की नवाबी समिी थी. उिने सवद्​्ोह इिी सकिे िे सकया था. इिीसिए इि पूरे रास्​्े मे् बादशाही िाव-िश्कर के आराम के सिए िराय थी्. अकबर के अिावा बाकी के बादशाह चूंसक यमुना का पानी सपया करते थे. इिसिए पूरे रास्​्े मे् िड्क िे यमुना नदी तक जाने के सिए िुरंगे्थी्. सजनके अवशेर आज भी मौजूद है्. मुगिरोड पर यमुना नदी के एकदम सकनारे मूिानगर बिा है. जहां िुप्सिद्​् मजार है. मुकत् ादेवी का मंसदर है और चंदि े राजाओ्का बनवाया देवयानी तािाब है. सजिमे्िीधे यमुना िे पानी िाने का स्​्ोत है. मूिानगर िे करीब 40 सकमी पहिे सिकंदरा है. औरंगजेब के िमय मे्जब सकिान सवद्​्ोह शुर् हुआ और आगरा दरबार के

कट्​्रपंसथयो् ने सवद्​्ोह को दबाने के सिए मंसदरो् को भी सनशाना बनाया तो नागा िाधुओ् ने गुिाइयो् की िौज तैयार की. ये गुिाई् बड्े ही खतरनाक िड्ाके थे. पर औरंगजेब के बाद वे बेकार हो गये. तो उनकी िौज भाड्े पर िडऩे िगी. मुगिो्के वजीरे आजम ि​िदरजंग ने इि गुिाई्िौज का बखूबी इस्​्ेमाि सकया. गुिाइयो् की दो बड्ी छावनी थी्. एक िागर और दूिरी सिकंदरा थी. पहिे सदल्िी दरबार का पतन और बाद मे् अवध के नवाब की दयनीय दशा के

मूसानगर से थोड़ा पहले जहां पर से़गुर नदी का मुहाना है, वही़पर चपरघटा है. वहां पहुंचिे ही ऐसा लगिा है मानो रोड एकदम-से पािाल मे़चली गयी हो. कारण इन गुिाइयो्का दबदबा खत्म हो गया. तो ये िूटपाट करने िगे. इिके सिए िबिे मुिीद जगह चपरघटा थी. सिकंदरा िे आगे और मूिानगर िे थोड्ा पहिे जहां पर िे्गुर नदी का मुहाना है. वही् पर चपरघटा है. वहां पहुंचते ही ऐिा िगता है मानो रोड एकदम-िे पाताि मे् चिी गयी हो. 45 सडग्​्ी के ढिान िे नीचे और बि चंद गज बाद ही इिी अंदाज मे्चढ्ायी. यही वह जगह थी जहां गुिाई्िोग िूटपाट करते थे. यह इिाका इतना बीहड्था और ते्दुओ्िे भरा

ककई ई्टो् के अवशेष : ध्वस्​् होिी गविासि हुआ सक कंपनी िरकार कुछ कर ही नही्पाती. सपण्डारी गुिाई् िूटपाट करते और यमुना और िे्गुर के बीहड्ो् िे होते हुए वे यमुना पार कर जाते. इिीसिए चपरघटा के बारे मे्कहावत चि सनकिी- सदल्िी की कमाई, चपरघटा मां गंवायी. उत्​्र प्​्देश का भूिंरक्​्ण सवभाग अभी तक यहां के बीहड् को खत्म नही् कर पाया है. हािांसक वन सवभाग ते्दुए तो नही् बचा िका. पर जब आज िे 35 िाि पहिे तक यहां डाकुओ् का एकछत्​् राज था. तब स्थानीय पुसि​ि और नेता पकड्छुड्ाने के सिए यही्पर पीसड्त पसरवार िे समिकर बंदरबांट सकया करते थे. मूिानगर थाना हाि तक उत्​्र प्​्देश पुसि​ि का एिओ रै्क का थाना था और कमाई का एक बड्ा स्​्ोत. यहां पर आप बीहड् मे् उतरकर यमुना का उिान देख िकते है्. प्​्कृसत की कू्र मार िे पीसड्त िोगो्का दद्ा भी जान िकते है्. अरहर, चना और िरिो् के अिावा यहां और कुछ नही् पैदा होता. यहां र्कने की कोई व्यवस्था नही् है. आपको कानपुर र्कना होगा अथवा भोगनीपुर के सकिी टूटे-िूटे डाकबंगिे मे्. चूंसक यह इिाका 1857 मे् सवद्​्ोह का के्द् रहा इिसिए अंग्ेजो् ने भोगनीपुर िे तहिीि हटाकर पुखरायां सशफ्ट कर दी थी. पर आप यमुना पार कर कािपी के भी डाकबंगिे मे् र्क िकते है्. पर मै् राय दूंगा सक आप वापि कानपुर िौट जाये्. मेरा गांव चूसं क मूिानगर िे कुि िात सकमी है. इिसिए मै् तो गांव चिा गया. n शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 47


शिल् मास्मट/इंहेटडरव्यू हवर मृदुल

यी पीढ्ी की असभनेस्तयो् मे् आसिया भट्​् िबिे प्​्सतभावान मानी जा रही है्. उनकी सिल्मो्का चयन भी बताता है सक वे कम उम्​्के बावजूद सिनेमा की अच्छी िमझ रखती है्. उनकी आगामी सिल्म है ‘कपूर एंड िंि’. शकुन बत्​्ा के सनद्​्ेशन मे् बनी इि सिल्म मे् उनके अपोसजट दो हीरो है,् सिद्​्ाथ्ामल्होत्​्ा और िवाद खान. उनकी बीती सिल्म ‘शानदार’ को दश्ाको् ने पिंद नही् सकया था. िेसकन इि​िे उनकी िोकस्​्पयता मे्कोई कमी नही्आयी है. इधर वे एक सिल्म शाहर्ख खान जैिे िुपर स्टार के िाथ भी कर रही है.् आसिया भट्​्िे बातचीत: आपकी फिल्मो् का चयन बताता है फक कंटे्ट के प्​्फत आप कािी सतक्क रहती है्. आगामी फिल्म ‘कपूर एंड संस’ के बारे मे् बताइये फक यह फकस तरह की फिल्म है? ‘कपूर एंड िंि’ के बारे मे्िोगो्ने अनुमान िगाया है सक इिमे् प्​्ेम स्​्तकोण की कहानी है, िेसकन ऐिा है नही्. पता नही् क्यो् प्यार को अक्िर िडके और िडकी तक ही िीसमत कर सदया जाता है. जबसक िैसमिी िे भी तो िोग अथाह प्यार करते है्. यह सिल्म पसरवार और उिके िदस्यो् के स्नेसहि िंबंधो् पर आधासरत है. मै्ने इिमे् सटया मसिक का सकरदार सनभाया है. वह नेक्स्ट डोर गि्ा है. इि सिल्म मे् मेरी मौजूदगी तुिनात्मक र्प िे कम है. िेसकन मै्ने क्वासिटी वक्फ सकया है. मै् कािी िकी महिूि करती हूं सक मुझे दश्ाको्और स्​्कसटक्ि का बहुत िपोट्ासमिा है. पहिी सिल्म िे ही िोगो्ने मुझ पर भरोिा रखा है. जहां तक सिल्मो्के चयन की बात है, तो मै् िचमुच अपनी सिल्मो् को िेकर कािी ितक्फरहती हूं. ‘शानदाि’ िे् शागहद औि आगलया

48 शुक्वार | 16 िे 29 िरवरी 2016

आपके अपोफिट फसद्​्ार्थ मल्होत्​्ा और िवाद खान तो है् ही, इस फिल्म मे् आपको ऋफि कपूर, रत्ना पाठक शाह और रित कपूर का भी सार फमला है. मुझे िगता है सक इि सिल्म मे्ऋ सर कपूर, रत्ना पाठक शाह और रजत कपूर की भूसमकाये् ज्यादा महत्वपूण्ा है्. ऋ सर िर तो बड्े ही कूि दादा जी बने है्. वे 85 िाि के ऐिे व्यब्कत के सकरदार मे्है्. जो युवाओ्का िाथ पिंद करता है. मै्ने उनमे् अपने नाना जी को पाया, जो सक 87 िाि के है्. वे आज भी गोल्ि खेिते है्. िुनाने के सिए एक जोक उनके पाि हमेशा ही रहता है. उन्हे् देखकर िगता है सक उम्​् एक िंख्या भर ही है. रत्ना जी और रजत जी िे भी कािी कुछ िीखने को समिा. िवाद बेहतरीन एक्टर है्. उनके पासकस्​्ानी िीसरयिो् की िैन िोिोसवंग हमारे यहां कािी है. जहां तक सिद्​्ाथ्ा का िवाि है, वह िगातार अपना टेिे्ट िासबत कर रहा है. आप खुद पाफरवाफरक संबंधो् को फकतना महत्वपूर्थ मानती है्? िैसमिी सरिेशन बहुत महत्वपूण्ा होते है्, िेसकन दुभ्ा​ाग्यपूण्ा है सक नयी पीढ्ी इन िंबंधो् को ज्यादा महत्व नही् देती है. मेरे सिए तो

आगलया भट्​्: अगभनय का हाईवे पसरवार ही िब कुछ है, िेसकन मै् अब कािी व्यस्​्हो चुकी हूं. मुझे अपने घरवािो्िे समिने का अब टाइम नही् समिता. िुबह िात बजे सनकिती हूं और रात मे् बारह बजे घर पहुंचती हूं. मै् िकी हूं सक मेरा जन्म सिल्म इंडस्ट्ी िे िंबंसधत घर मे्हुआ है. इिसिए वे मुझे और मेरी व्यस्​्ता को अच्छी तरह िमझते है्. पापा तो मेरे दोस्​्जैिे ही है्. आपके हार मे् एक और एकदम अलग फविय वस्​्ु की फिल्म है ‘उड्ता पंिाब’. इस फिल्म मे् आि के युवाओ् के नशे मे् डूबने की कहानी है. इसमे् आपकी भूफमका फकतनी चुनौतीपूर्थ है? इि सिल्म मे् काम करना मेरे सिए कािी चेिे्सजंग रहा है. यह एक सरयसिब्सटक एप्​्ोच वािी सिल्म है. िेसकन ट्​्ीटमे्ट के स्​्र पर पूरी तरह कॉमस्शायि है. इि तरह की यथाथ्ावादी सवरयो्वािी सिल्मे्आजकि कािी बन रही है् और उन्हे्दश्ाक पिंद भी कर रहे है्. ‘उड्ता पंिाब’ मे् एक बार फिर आपकी िोडी शाफहद कपूर के सार है, हालांफक आपकी बीती फिल्म ‘शानदार’ तो दश्थको् की कसौटी पर खरी नही् उतर पायी. ‘उड्ता पंजाब’ मे्मेरी भूसमका एकदम रि


छोटी उम्​् बि्ी उम्िीद नयी पीि्ी की अवभनेव्तयो्मे् आवलया भट्​्सबसे ि्​्वतभावान मानी िा रही है्. उनकी विल्मो् का रयन भी बताता है वक वे कम उम्​्के बाविूद वसनेमा की अच्छी समझ रखती है्. टि है. इि सिल्म को देखकर िोगो् को मेरी सिल्म ‘हाईवे’ की याद ताजा हो जायेगी. जहां तक ‘शानदार’ के फ्िॉप होने की बात है. तो इि​िे मुझे एक झटका तो िगा ही है. इि सिल्म

िे पहिे मै्िगातार सहट दे रही थी. सनस्​्ित र्प िे यह अच्छी थीम होने के बावजूद एक िाधारण सिल्म बन कर रह गयी थी. एक सिल्म नही् चिती है, तो उिका किाकारो्पर बुरा अिर तो पड्ता ही है. िेसकन दश्ाक बहुत होसशयार होते है.् इिसिए मै्कह िकती हूं सक शासहद और मुझ पर ‘उड्ता पंजाब’ मे् हमारी बीती सिल्म के फ्िाप होने का कोई अिर नही् पडने वािा है. वैिे भी सहट और फ्िॉप का चक्​्र तो सदन और रात की तरह ही है. बॉलीवुड मे् ऐसे फवियो् पर फिल्मे् बन रही है्, फिनके बारे मे् कभी सोचा ही नही् गया रा. आप फकस तरह की फिल्मो् के प्​्फत आकफ्िथत होती है्? मुझे नये सवरय ज्यादा आकस्रात करते है्. एक असभनेत्ी के तौर पर ऐिी सिल्मो् मे् कािी कुछ करने को भी होता है. यही वजह है सक मै् नये िल्जके ट् वािी सिल्मे्ही चुनती हू.ं नतीजतन मेरी अपनी हर सिल्म के िाथ उम्मीदे्बढ जाती है्. मै् अपनी हर सिल्म मे् कुछ नया करना चाहती हूं और नये अनुभव बटोरना चाहती हूं. आपको शाहर्ख खान िैसे सुपरस्टार के सार भी काम करने का मौका फमला है. इस फिल्म के बारे मे् बताइये? इन सदनो् इि सिल्म की शूसटंग गोवा मे् हो रही है. शाहर्ख खान जैिे िुपरस्टार के अपोसजट काम करना सकिी अनूठे िपने के पूरे होने की तरह है. मैन् े कभी िपने मे्िोचा भी नही् था सक मुझे शाहर्ख खान के िाथ काम करने का मौका समिेगा. शुर् मे् मै् कािी नव्ाि थी. िेसकन उन्हो्ने मुझे एकदम िामान्य कर सदया. वे बहुत ही मेहनती स्टार है्. मै् उन्हे् रात-सदन काम करते हुए देखकर दंग रह जाती हूं. ‘हाईवे’ िे् आगलया: िंभीि पहचान

आपको उनकी कौन सी फिल्मे् पसंद है्? मुझे उनकी सिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ बहुत पिंद है. मै्ने बचपन मे् इि सिल्म के गानो् ‘ये िडक़ा है दीवाना...’ और ‘कोई समि गया...’ पर कािी डांि सकया है. ‘सदि वािे दुल्हसनया िे जाये्गे’ के गाने भी मुझे बहुत पिंद रहे है्. ‘कभी खुशी कभी गम’ मुझे बहुत स्​्पय थी. इि सिल्म के एक गाने ‘बोिे चूसडय़ां...’ पर भी मै्ने खूब कमर मटकायी है. शाहर्ख आज भी मेरी एजग्​्ुप मे्भी बहुत पॉपुिर स्टार है्. क्या फकंग खान की तरह ही आप भी टॉप पर पहुंचना चाहती है्? हां, मै् टॉप पर पहुंचना चाहती हूं, िेसकन इिमे्अभी िमय िगेगा. यह जर्र है सक मै्एक न एक सदन जर्र टॉप मे् पहुंचूंगी. इिका मुझे पूरा भरोिा है. आप कह िकते है् सक मै् एक महत्वाकांक्ी हीरोइन हू.ं िेसकन मुझे इतना ऊपर पहुंचने के सिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड्ेगी. आपको नही् लगता है फक यह मेल डोफमनेफटंग इंडस्ट्ी है और इसमे् िगह बना पाना कािी कफठन होता है? हां, यह मेि डोसमनेसटंग इंडस्ट्ी है, िेसकन अब तक इिकी शक्ि कािी हद तक बदि चुकी है. ज्यादा दूर न भी जाऊं, तो ‘क्वीन’ और ‘पीकू’ जैिी सिल्मो्ने इि समथ को तोड्ा है. क्या होम प्​्ोडक्शन की फकसी फिल्म मे् काम करने की योिना बन रही है? नही्, अभी मै् होम प्​्ोडक्शन की सकिी भी सिल्म मे्काम नही्कर रही हूं. दरअि​ि मै्भट्​् कै्प की ऐिी सिल्म करना चाहूंगी, जो हर हाि मे् तहिका मचा दे. िेसकन अभी कोई ऐिी स्स्कप्ट समि नही्पायी है. आपका नाम को-एक्टस्थ के सार आसानी से िुड् िाता है. आपके घर मे् फकस तरह की प्​्फतफ्​्िया होती है? मेरे घरवािे बॉिीवुड को अच्छी तरह िमझते है्, इिसिए ऐिी गॉसिप पर ध्यान नही् देते है्. वे मेरे बारे मे् सि​ि्फ यह िोचते है् सक मै् ठीक िे खाना खा रही हूं या नही्. िही िे िो रही हूं या नही्. वे मुझे िेहत िे कोई सखिवाड्नही्करने देते है्. इिके अिावा उन्हे् मेरी कोई सचंता नही् रहती. उन्हे् मुझ पर पूरा भरोिा रहता है. कुछ समय पहले तक ‘फदल है फक मानता नही्’ की रीमेक की बात हो रही री. मुझे तो इि सिल्म का कभी कोई प्​्स्ाव नही् समिा है. अगर इि सिल्म की रीमेक होती है और उिमे् मुझे सिया जाता है. तो मेरे सिए इि​िे बड्ी बात हो ही नही् िकती. यह एक बेहतरीन सिल्म है. इिसिए मुझे िगता है सक इिकी रीमेक के सिए यह एकदम िही n वक्त है. शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016 49


अंितम पन्ना कृषंणा सोबती

महामहहम राष्​्पहि के नाम भारत के राष्​्पवत के नाम वहंदी की ि्​्वसद्​्लेवखका कृष्णा सोबती का एक साव्षिवनक पत्​्.

िं

प्​्भुतापूण्ाभारत देश राष्​्की कोसट-कोसट िंतानो्के पुरोधा राष्​्पसत जी! आप हमारी वैचासरक, िोकतांस्तक और िंस्कृसत के िंरक्​्क है्. हम भारत के िोकतांस्तक मूल्यो् मे् आस्था रखनेवािे नागसरक आपके िम्मख ु इि प्​्ाथ्ना ा के िाथ उपब्सथत है्सक देश आज सजि िंकट के िामने है, आप उिे गंभीरतापूव्ाक देखे्. देश को सवभासजत करनेवािे कोिाहि की हर प्​्सतध्वसन आप तक पहुंचती है. जो आज हो रहा है और सजिके कारण देश तनाव मे्है, उिके िब्ममसित स्वर को िेकर हम आपके िामने हासजर है्. राष्​् की राजनीसतक-िामासजक गसतसवसधयो् का िेखा-जोखा और िंवधै ासनक-नैसतक व्यावहासरकता की राजनैसतक पुस्ष और उल्िघं न, दोनो् आप तक िगातार पहुंचते है्. महामसहम, इि िंदभ्ा मे् हैदराबाद सवश्​्सवद्​्ािय के दसित छात्​् रोसहत की आत्महत्या का दुखदायी प्क ् रण और इिके पीछे आतंसकत करते दसित छात्-् दमन जैिे कई मामिे हमारे िोकधम्ाको पछाड्ने की भरिक कोसशश मे्है्. हम भारत की िाधारण प्​्जाएं एक िाथ पुरानी सविंगसतयो्और सवरमताओ्िे उबरते हुए िोकतंत्की उन बरकतो्को छूना चाहते है् जो िंसवधान के अनुर्प भारतीय िोकतांस्तक जीवन-शैिी िे उभर रही है.् हम भारतवािी िंसवधान द्​्ारा प्​्दत्​् नागसरक बराबरी और मानवीय अब्समता के िम्मान को प्​्सतस्​्षत करना चाहते है्. देश मे्सनवाि करते सपछड्े, दसित और सवसभन्न दसित िमूह सवश्​्सवद्​्ाियो्मे्कैिी पसरब्सथसतयो्का िामना कर रहे है्, वह आज िव्ासवसदत है. इन कू्र ब्सथसतयो्-पसरब्सथसतयो् का इसतहाि कम िंबा नही्. राष्​्पसत जी, हमारे देश का िोकतंत् सजि मानवीय सबरादरी मे् आस्था रखता है, भारत का हर नागसरक वहां तक पहुंचना चाहता है. िंसवधान ने हर सहंदुस्ानी को बराबरी का असधकार सदया है. हर सहंदुस्ानी अपने देश के िंसवधान िे बंधा हुआ है. उिके गुणो्मे् आस्था रखता है. महामसहम, भारत के ऊंचे, ि​ि​ि, सपछड्े िभी प्​्जाजन देश के िंसवधान के जनक अंबड े कर जी को शत-शत प्ण ् ाम करते है्सजन्हो्ने राष्​् के िोकतांस्तक िंस्कार को िंसवधान मे्बांधकर यह वरदान सदया. आपके िामने नतमस्​्क हो सवनम्​्तापूव्ाक यही प्​्ाथ्ाना है सक आज िोकतंत् मे् जो सवद्​्ूप और अमानवीय सविंगसतयां उभर रही है्, उनका 50 शुक्वार | 16 िे 31 माच्ा2016

राजनैसतक िमाधान आप करे्. महामसहम, आप राष्​्के ित्​्ातंत्के िव्​्ोपसर है्. राष्​्की सवचारधारा सकि ओर जा रही है, वह आप देख ही रहे है्. अपने देश का भूगोि-इसतहाि भारतवासियो्के एकत्व् मे्गुथ ं ा है. उिे तानाशाही राष्​्वाद की ओर बढ्ते देख हम नागसरक सचंता मे्है्. भारतीय सववेक िसदयो्-िसदयो् िे सवसभन्नताओ् मे् भारत के एकत्​्व को रचता आ रहा है. इिकी यह िंरचना सवश्​्-प्​्सिद्​्है. एक स्वतंत् देश के नागसरक के र्प मे् भारत का हर सवशेर और िाधारण जन इन्ही्मानवीय िंबंधो्को गरमाहट िे जीना चाहता है. हम िाधारण नागसरक यह िमझने मे् अिमथ्ा है् सक जेएनयू जैिे सवश्स्वद्​्ािय के छात्​्नेता कन्हयै ा िे पुसि​ि द्​्ारा पूछताछ करने के दौरान उिे बगैर गुनाह िासबत हुए क्यो्पीटा गया और पसटयािा हाउि मे्वकीिो् ने सकि सवचारधारा िे प्​्ेसरत हो उि पर हमिा सकया. मान्यवर, िोकतंत् की राष्​्ीय सवराित कन्हैया जैिे युवाओ् को पीटने-धमकाने और िजा देने मे्नही्, उनकी प्​्सतभा को देश के सिए इस्​्ेमाि करने मे्है्. जवाहरिाि नेहर् सवश्​्सवद्​्ािय और उि जैिे अन्य सवश्​्सवद्​्ाियो् मे् पनप रही सवचारधाराएं इि बात का प्​्माण है्सक आज के भारत का युवा-िमाज आत्मसनरीक्​्ण िे अपनी चेतना को स्िूत्ा करता है, िंकुसचत आत्ममुगध ् ता िे नही्. वह अपनी िुयोग्यता िे िाव्ाजसनक जीवन मे् अनुशािन और आत्मसवश्​्ाि िे अग्​्िर होता है. महामसहम, भारत देश के बहुजातीय, बहुधम्​्ी, बहुभारी िमाजो् की अब्समता को सकिी िंकीण्ािांसक ् सृ तक सवचारधारा िे नत्थी करना िेहतमंद पक्​्धरता का प्​्तीक नही्. सजि वैचासरक सनयंत्ण की यह भूसमका है, वह हमारे देश की उभरती पीसढयो् की िोकतांस्तक अवधारणाओ्और सवश्​्ािो्के सवपरीत है. महामसहम, िोकतंत्के नाम पर ही अगर सवश्स्वद्​्ािय मे्िोकधम्ाका अंग-भंग होगा तो यह नागसरक िमाज की िोकतांस्तक आस्था को भी घायि करेगा और यह िंकीण्ाता देश की बौस्​्दक प्​्सतभा और ऊज्ा​ा का भी ह्​्ाि कर देगी. महामसहम, आज हम जो भी िगातार िुन-पढ्रहे है,् वह िोकतांस्तक मूल्यो्के सनतांत सवपरीत है. हम िाखो्-िाखो्नागसरक राष्​्के भसवष्य के सिए सचंसतत है्. आपकी सेवा मे् भारत के नागफरक समाि की एक प्​्ाचीन सदस्य कृष्रा सोबती n




Turn static files into dynamic content formats.

Create a flipbook
Issuu converts static files into: digital portfolios, online yearbooks, online catalogs, digital photo albums and more. Sign up and create your flipbook.