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वर्ष 10 अंक 4 n 16-28 फरवरी 2017 n ~ 20

इतिहास बनािा चुनाव



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वर्ष10 अंक 4 n 16 से 28 फरवरी 2017 स्वत्वािधकारी, मुद्क एवं प्​्काशक क्​्मता सिंह प्​्बंध िंपादक आशुतोष सिंह िंपादक अंबरीश कुमार िंपादकीय िलाहकार मंगलेश डबराल राजनीसतक िंपादक सववेक िक्िेना फोटो िंपादक पवन कुमार िंपादकीय िहयोगी

िसवता वम्ा​ा अंजना सिंह फजल इमाम मल्ललक (सिल्ली) िुनीता शाही (लखनऊ) अिनल चौबे (रायपुर) पूजा ि​िंह (भोपाल) िंजीत स्​्िपाठी (रायपुर) अिवनाश ि​िंह (ि​िल्ली) अिनल अंशुमन (रांची)

आवरण कथा

6 | चुनावी घमासान केसंकेत

उप्​्मवधानसभा चुनाव भमवष्य की केद् ्ीय राजनीमत की मदशा तय करेगा. तीन चरण के ितदान के बाद कई संकते साफ नजर आने लगे है.् तीनो्दलो्के प्च ् ार की धुधं के पार कई नेताओ्के बयान आने वाले इमतहास की झलक दे देते है.्

30 | साइरस को टाटा क्यो्

रतन टाटा और साइरस मिस्​्ी दोनो् को लगता रहा मक लंबे सिय से साथ काि करने के कारण वे एक दूसरे को बेहतर सिझते है,् लेमकन ऐसा नही् हुआ.

कला

प्​्वीण अिभषेक

महाप्​्बंधक

एि के सिंह +91.8004903209 +91.9793677793 gm.shukrawaar@gmail.com

िबजनेि हेड

शरि कुमार शुकल ्ा +91. 9651882222

ब्​्ांिडंग

कॉमडेज कम्युिनकेशन प्​्ा़ िल़

प्​्िार प्​्बंधक

यती्द्कुमार ितवारी +91. 9984269611, 9425940024 yatendra.3984@gmail.com

सिज्​्ापन प्​्बंधक सजते्द्समश्​्

सिसध िलाहकार शुभांशु सिंह

shubhanshusingh@gmail.com

+91. 9971286429 सुयश मंजुल

िंपादकीय काय्ा​ालय

एमडी-10/503, िहारा ग्​्ेि, जानकीपुरम लखनऊ, उत्​्र प्​्िेश-226021 टेलीफैक्ि : +91.522.2735504 ईमेल : shukrawaardelhi@gmail.com www.shukrawaar.com DELHIN/2008/24781 स्वत्वािधकारी, प्क ् ाशक और िुदक ् क्ि् ता मसंह के मलए अिर उजाला पब्ललकेशस ं मलमिटेड, सी-21, 22, सेकट् र-59, नोएडा, उत्र् प्द् श े से िुम्दत एवं दूसरी िंमजल, ल्ाी-146, हमरनगर आश्ि् , नयी मदल्ली-110014 से प्क ् ामशत. संपादक : अंबरीश कुिार (पीआरल्ाी अिधमनयि के तहत सिाचारो्के चयन के िलए िजम्िेदार) सभी कानूनी िववादो्के िलए न्याय क्​्ेत्िदल्ली होगा.

32 | सोशल मीचिया की वाचिनी

आरएसएस की अंधरे ी प्य् ोगशाला िे् आभासी क्त्े ्के मलए मकस प्क ् ार के मवषाणुओ्को तैयार मकया जाता है, इसका एक जीवंत ल्यौरा स्वामत चतुवद्े ी की मकताब िे्दज्यहै.

34 | पलट गयी बाज्ी

37 | मातृसत्​्ा की मरीचिका

38 | कोई ऐसी शाम

46 | दच्​्िण वन मंे एक चदन

तमिलनाडु का िुख्यिंत्ी बनने का शमशकला का स्वप्न चूर-चूर हो गया, लेिकन पलानीसािी को कुस्ी मिलने से तमिल राजनीमत का घिासान र्कने वाला नही्है.

छोटे शहर िे् स्​्ी-पुरष् के िानवीय संबधं ो् और व्यवहारो् की पड्ताल करती कथाकार जयशंकर की नयी और िाम्िक य कहानी.

िातृसत्​्ात्िक सिाज होने के बावजूद नगालैड् िे् िमहलाओ्को राजनीमतक आरक्ण ् के सवाल पर उथल-पुथल िची हुई है और चुनाव भी अस्थमगत करने पड्ेहै.्

दम्​्कण अफ्​्ीका के जंगल अपनी मवमवधता और मवमभन्न पशुओ् की सफारी के कारण पय्टय को् को बहुत आकम्षतय करते है.् शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

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आपकी डाक

अखिलेश से उम्मीद

खिसिा और िैसा आनंद

िध्य प्​्देश िे् आनंद मवभाग का गठन क्या सचिुच नीरो की याद नही् मदलाता. रोि जल रहा था और नीरो बांसरु ी बजा रहा था. सरकार को जनता को िुश रिने के मलए ऐसे चो्चले करने के बजाय रोटी-कपड्ा और िकान जैसी िूलभूत सिस्याओ्पर ध्यान देना चामहये. लोगो् की िुशी आंकने के मलए सूचकांक की आवश्यकता पड् रही है. उसके मलए दान को िाध्यि बनाया जा रहा है तो मफर सवाल यह उठता है मक एक लोक कल्याणकारी राज्य की आमिर भूमिका ही क्या है? सरकार अपने उत्​्रदामयत्व को लोगो् पर थोपने की चालाकी भला क्यो्अपना रही है? सवाल यह भी है मक पात्त् ा और दान की यह राजनीमत आमिर लोगो् को कब तक रास आयेगी? राहुल दुब,े भोपाल

यादो् मे् यनम

पुडच ् रे ी के करीब ब्सथत फ्​्ास ं ीसी उपमनवेश यनि का यात्​्ा वृतांत िन िोह लेने वाला है. ऐसे लेि हिे् स्िमृ तयो् के उस आंगन िे् ले जाते है् जहां जाकर हिे्रोिांच होता है. यनि की िूबसूरती

सोशल मीडिया वेब संस्िरण

इंटरनेट के तेज होते मवस्​्ार के बीच पम्​्तका िे् ठहरकर राजनीमतक ल्योरे पढना अपने आप िे् मदलचस्प है. शुक्वार का इस िािले िे् कोई िुकाबला नही् है. सिकालीन महंदी सिाचार पम्​्तका जगत िे् राजनीमतक मवश्लेषण करने वाली सबसे िहत्वपूणय्पम्​्तका है शुकव् ार. अगर पम्​्तका का वेब संस्करण लाया जाये तो यह 4

शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

इसिे्कोई दो राय नही्है मक उत्​्र प्​्देश िे्हो रहे मवधानसभा चुनावो् िे् अमिलेश यादव के नेतृत्व वाली सिाजवादी पाट्​्ी को स्पष्​् बढ्त हामसल है. पमरवार की लड्ाई िे्वह मजस तरह मवजे​ेता बनकर उभरे है् और उत्​्र प्​्देश िे् उन्हो्ने जो मवकास काय्य मकये है्, वे सब मिलाकर उनको एक संपूण्य राजनेता का व्यब्कतत्व प्​्दान करते है्. कांग्ेस के साथ गठबंधन का उनका मनण्यय भी दूरदम्शतय ा है. क्यो्मक राजनीमत िे्आप हिेशा आगे या पीछे नही् हो सकते. आपको सिय

देिकर अपनी चाल तय करनी होती है. अमिलेश यादव को चामहये मक कांग्ेस के साथ गठबंधन िे् मिले इस अवसर का पूरा लाभ उठाये्. वह मवधानसभा िे्मजतनी अमधक सीटो् के साथ आये्गे उनके मलए आगे की राह उतनी ही आसान होगी. काि बोलता है का उनका नारा प्​्देश की राजनीमत िे्इसमलए भी चल मनकला है क्यो्मक यह हवा-हवाई नही्है. उत्​्र प्​्देश िे् उन्हो्ने जो काि मकया है वह जिीन पर ठोस ढंग से नजर भी आता है.

के ल्योरे एकबारगी िन िे् यह मवचार लाने पर िजबूर करते है.् यनि की पूरी बसावट पर भले ही मपछले 50-60 साल का प्भ् ाव स्पष्​्नजर आता हो लेमकन मकसी भी अन्य उपमनवेश की तरह वह भी अपने अतीत से जुड्ा हुआ है.

अमीर मंखदर

शांसि सिंह, पटना

मुसीबत िा नाम ट्प्ं

अिेमरका िे्डोनाल्ड ट्प्ं के राष्प् मत बनने को लेकर जो भी आशंकाये्मवश्​्राजनीमत िे्प्क ्ट की जा रही थी्वे सब एक-एक करके सािने आ रही है.् डोनाल्ड ट्प्ं मवश्​् राजनीमत िे् मजतनी अमधक अपमरपक्वता का पमरचय देग् ,े चीन और र्स जैसे अिेमरका के प्म्तद्द्ं ्ी देशो्के मलए तो यह उतना ही अच्छा होगा. ये देश ट्प्ं को उनकी गलमतयो्पर कभी नही्टोकेग् े क्यो्मक अिेमरका की गलमतयां उनके मलए लाभ लेकर आयेग् ी. लेमकन भारत सिेत दुमनया के अन्य देशो्के मलए जहां से बड्ी तादाद िे् लोग अवसरो् की चाह िे् अिेमरका जाते है्, उनके मलए ट्​्ंप के कदि आगे चलकर िुसीबत सामबत हो सकते है.् ट्​्ंप के शुर्आती कदि इस बात का संकेत दे चुके है.् असनकेि कुमार, नयी सदल्ली अमधकांश पाठको्के िन की बात होगी.

िूबसूरत खववरण

देवे्द् सिवारी, फेिबुक

सच पूमछये तो शुक्वार के ताजा अंक िे्यनि के बारे िे् एक बेहद िूबसूरत यात्​्ा मववरण पढा. अपने अज्​्ान पर लम्​्ित हुआ. दरअसल इससे पहले िै्ने कभी यनि का नाि तक नही् सुना था. मकतना कुछ है देश-दुमनया िे् देिने जानने को. मवदेश छोमडये िाली अपना देश ढंग से देिने को एक जन्ि नाकाफी है. राजेश स्​्िवेदी, फेिबुक

राजेश्र सिंह, लखनऊ

नोटबंदी के बहाने देश के तिाि प्​्िुि िंमदरो् की अिीरी पर प्क ् ामशत मरपोट्यआंिे्िोल देने वाली है. ये चुमनंदा िंमदर मकतनी बड्ी संपम्​्त के िामलक है?् ये िंमदर आस्था का केद् ्कि और धन-संपम्​्त प्ब् ध ं न के गढ् अवश्य हो गये है?् श्​्द्ालु भले ही वहां दश्यनो् के मलए जाते हो् लेमकन मजस िात्​्ा िे्धन का जुड्ाव इन िंमदरो् से है, लगता नही्मक वहां के पुजामरयो्और अन्य कि्यचामरयो् का ध्यान पूजा पाठ िे् लग पाता होगा. प्द् ीप समश्,् इंदौर

पाठको् से चनवेदन

शुक्वार िे्प्​्कािशत मरपोट्​्ो्और रचनाओ् पर पाठको्की प्​्मतमक्​्या का स्वागत है़ आप अपने पत्​्नीचे िदए गए पते पर या ईिेल से भेज सकते है्. एिडी-10/503, सहारा ग्​्ेस, जानकीपुरि, लिनऊ, उत्​्र प्​्देश-226021 टेलीफैक्स : +91.522.2735504 ईिेल :shukrawaardelhi@gmail.com

अनुपलब्धता िी समस्या

शुक्वार एक बेहतरीन पम्​्तका है लेमकन इसका सहजता से उपलल्ध न हो पाना हि पाठको्के मलए सिस्या बना हुआ है. िहोबा िे्यह पम्​्तका आसानी से नही्मिल पाती है. देवे्द् यादव, फेिबुक

नवसमाजवाद िी समझ

शुक्वार के नये अंक से नवसिाजवाद और अमिलेश के बारे िे् अपनी सिझ बढाने का अवसर मिला.

डा. सजिे्द् प्​्िाप यदुवंशी, फेिबुक


संपादकीय

हवा-पानी क्यो् मुद्ा नही् उ

अंबरीश िुमार

ककसी भी राज्य मे्साफ़ हवा और पानी मुद्ा नही् है. उत्​्राखंड मे्कई राजनैकिक दलो्के घोरणा पत्​्से लेकर संकल्प पत्​्पर नजर डाले्िो ककसी मे्भी साफ़ हवा-पानी कैसे दे्गे, यह जवाब नही्कमलेगा.

त्​्र प्​्देश और उत्​्रािंड सिेत पांच राज्यो् िे् चुनाव हो रहे है्. पर मकसी भी राज्य िे् साफ़ हवा और पानी िुद्ा नही् है. उत्र् ािंड िे्कई राजनैमतक दलो्के घोषणा पत्​् से लेकर संकल्प पत्​् पर नजर डाले् तो मकसी िे् भी साफ़ हवा पानी कैसे दे्गे यह जवाब नही्मिलेगा. उत्​्रािंड के नैनीताल की िशहूर नैनी झील का पानी जनवरी की ठंड िे् िानक के अनुसार करीब 10 फुट पर होना चामहये था वह सािान्य से भी दो फुट नीचे जा चुका है. झील िे् पानी का यह िानकस्​्र पीने के पानी की आपूम्तय पहाडो् की सुरक्​्ा और झील की सुंदरता जैसे िानदंडो् पर आधामरत होता है. बरसात िे्जब ज्यादा पानी आ जाता है तो इस झील का द्​्ार िोल मदया जाता है तामक अमतमरक्त पानी मनकल जाये. पर मपछली बरसात िे्यह नौबत ही नही्आयी मक इस झील का द्​्ार िोलना पडे. अब बफ़्फ़बारी का सिय है और झील सूि रही है. यह एक बानगी है पहाड िे्पानी के बढते संकट को सिझने के मलए. नैनी झील के अलावा आसपास की अन्य सभी झील िे्पानी का स्​्र घटता ही जा रहा है. भीिताल के बगल वाली सडक से गुजरते सिय यह आसानी से देिा जा सकता है. फरवरी की शुर्आत िे्यह हाल है तो आगे का अंदाजा लगाया जा सकता है. उत्​्रािंड िे् राजनैमतक दल के चुनावी वायदो् िे् मवकास है तो पय्यटन भी है. पर हवा पानी नही्है. वैसे भी अगर सिझदारी से मवकास न हो तो सबसे ज्यादा प्​्भामवत हवा, पानी और जंगल ही होता है. सिूचे उत्​्रािंड िे् पय्यटन उद्​्ोग फ़ैल रहा है पर बहुत ही अमनयंम्तत ढंग से. मजसके चलते पानी के परंपरागत स्​्ोत अब एक मतहाई से भी कि बचे है.् झरना, नौला और जगह-जगह फूटने वाले पानी के स्​्ोत ित्ि होते जा रहे है.् मजसकी वजह से गैर महिालयी नमदयो् का पानी भी हर साल घटता जा रहा है. इसी तरह बहुिंमजली इिारतो् िासकर होटल और मरसाट्यके अंधाधुंध मनि्ायण से भी न मसफ्फ़पानी का संकट बढा बब्लक हवा भी िराब हो रही है. ऐसे सभी होटल और मरसाट्यबडे-बडे जेनरेटर रिते है् और मबजली जाते ही इनका धुंआ कई घंटो्के मलए हवा िे्जहर घोल देता है. इनके जेनरेटर से जो धुंआ मनकलता है उसका र्ि सडक की ओर होता है मजससे आि आदिी प्भ् ामवत होता है. इन उदाहरण से पहाड

के मबगडते पय्ायवरण को सिझा जा सकता है पर कोई राजनैमतक दल इस तरह की सिस्या का सिाधान नही्बताता. उत्र् प्द् श े िे्भी पानी का संकट िाच्य आते-आते शुर् हो जायेगा. ज्यादातर नमदयां या तो कि पानी की वजह से दि तोड रही है् या बुरी तरह प्​्दूमषत हो चुकी है.् राजनैमतक दल मरवर फ्ट् की बात तो कर रहे है्पर नदी का पानी कैसे साफ़ रहे कैसे नदी िे् पानी बचा रहेगा यह नही्बताते है्. मपछली कई सरकारो्ने जहां बुंदेलिंड िे् अवैध िनन के चलते पहाड िोदकर उसे िाई िे् बदल मदया था वही् िौजूदा सरकार ने वहां करीब हजार तालाब को पुनज्​्ीवन मदया है. यह एक सकारात्िक पहल थी पर इसका कोई मजक्​् भी नही्करता अपने घोषणा पत्​्िे्न भाषण िे्. यह अच्छी बात है. नेकी कर दमरया िे् डाल शायद इसी को कहते हो्ग.े पर अगर इसे बताया जाता तो पूव्ा​ा्चल से लेकर अन्य महस्सो् िे् भी लोगो्को प्​्ेरणा मिलती. तराई और पूव्ा​ा्चल िे् अब आस्​्ेमनक का प्​्भाव बढ रहा है. बमलया के बाद लिीिपुर बहराइच िे् भी आस्​्ेमनक की सिस्या बढ रही है. हाल िे् तराई की एक चुनावी सभा िे्आस्म्ेनक का िुद्ा उठा भी. कुछ हैरानी भी हुई क्यो्मक आि तौर पर चुनाव के दौरान रस्ि मनभाने के मलए इस तरह के िुद्े उठाये जाते है्. आने वाले सिय िे्सबसे बडा संकट साफ़ हवा और पानी का ही आने वाला है. पर मफर भी न तो कोई साफ़ पानी की बात कर रहा है न हवा की. लोगो्को सैर के मलए मरवर फ्​्ट बनाये्पर उस रीवर का पानी साफ़ हो यह भी सुमनम्​्ित करे्. उस मरवर फ्​्ट पर िडे होकर क्या करे्गे मजसिे् प्​्दूषण के चलते िरी हुई िछमलयां उतराती हो्. साबरिती का मरवर फ्​्ट बहुत िशहूर हुआ पर साबरिती नदी का करीब एक मतहाई महस्सा इस मरवर फ्​्ट की भे्ट चढ गया. लोगो् को यह नही् पता की इस नदी को नदी जैसा मदिाने के मलए नि्दय ा का पानी देना पडता है. नदी नही्बचेगी तो मरवर फ्​्ट का क्या करे्गे. नदी, ताल और तालाब को भी चुनाव के एजे्डा िे् लाना चामहये. रोचक यह है मक पानी के सवाल पर काि करने वाले कुछ संगठन बुंदेलिंड और प्​्देश के कुछ महस्सो् िे् लोगो् को जागर्क करने की पहल कर रहे है्. वे मकतना काियाब हो्गे यह सिय बतायेगा. n ambrish2000kumar@gmail.com शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

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आवरण मास्ट हेकथा ड

चुनावी िभा मे् असखलेश और राहुल गांधी: गठबंधन की िाकि

िभी फोटो: आशीष यादव

उप्​् का चुनावी घमािान: कुछ िवाल कुछ िंकेि उत्र् प्द् श े कवधानसभा चुनाव भकवष्य की केद् ्ीय राजनीकि की कदशा िय करेगा. शुरआ ् िी िीन चरण के मिदान के बाद कई संकिे साफ नजर आने लगे है.् कांटे की इस किकोनी टक्र् मे् िीनो्दलो्के दावो्और प्च् ार की धुधं के पार कई नेिाओ्के बयान आने वाले इकिहास की झलक दे देिे है.् 6

शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

रंजीव

त्र् प्द् श े मवधानसभा चुनाव िे्तीन चरणो् का ितदान हो चुका है और संभामवत नतीजो् की बंद िुट्ी कई तरह के संकते देने लगी है. िास तौर पर दूसरे चरण के ितदान से ऐन पहले बहुजन सिाज पाट्​्ी की िुमिया िायावती का वह बयान, मजसिे्उन्हो्ने चुनावी भाषण िे्कहा मक उनकी पाट्​्ी को बहुित न मिला तो मवपक्​् िे् बैठगे् ी. सरकार बने या न बने, वह भाजपा को न सिथ्नय देग् ी और न ही लेग् ी्. िायावती का बयान मफर इसकी पुम्ष कर गया मक दमलत वोटरो्के साथ िु्ब्सलि वोटरो् को जोड्ने की उनकी

रणनीमत पूरी तरह काियाब नही्हो पायी है. वरना पहले चरण के मलए वोट पड् जाने और दूसरे चरण से ठीक पहले 'सरकार बने न बने' सरीिा जोमि​ि भरा बयान देने का ितरा िायावती नही् िोल लेती्. िायावती के दमलत-िुबस् लि सिीकरण से अल्पसंखय् क वोटर मकतना प्भ् ामवत हुए, यह नतीजो् से पता चलेगा, लेमकन यह चच्ाय जर्र तेज हो गयी है मक उन्हो्ने अतीत िे् भाजपा के साथ मिलकर तीन बार सरकार बनायी थी. इस पर लगाि लगाने के मलए ही िायावती को सफाई देनी पड्ी मक वे भाजपा के साथ नही् जायेग् ी. इससे भ्ि् दूर हुआ या बढ्ा, यह देिा जाना है,


िपा-कांग्ेि की सवशाल रैली: िकारात्मक िंदेश

लेमकन ितदान के अगले चरणो् िे् उनके इस बयान के मसयासी िायने जर्र लगते रहेग् .े िाना जा रहा है मक िुबस् लि वोटरो्के अपने वोट का मनण्यय करने के गुणा-भाग िे्िायावती का ताजा बयान भी शामिल होगा. पहले दो चरणो्की तरह िुबस् लि वोटरो्का मनण्ायय क प्भ् ाव आगे जर्र नही्है, लेमकन िध्य से बुदं ल े िंड और अवध से पूव्ी उत्र् प्द् श े तक लगभग सभी सीटो्पर यह वोटर तबका फैकट् र जर्र है और सिाजवादी पाट्​्ी-कांगस ्े गठबंधन उसका साथ पाने का प्ब् ल दावेदार. यानी सफाई के बावजूद िायावती की राह आसान नही् है. इतना तय है मक आगे के ितदान क्त्े ्ो्िे्िुबस् लि वोट पाने की होड्और तेज होगी. िुबस् लि वोटो्के मलए गठबंधन और बसपा की होड्से परे चुनाव िे्एक िुकाबला प्ध् ानिंत्ी नरेद् ् िोदी बनाि अमिलेश यादव-राहुल गांधी भी चल रहा है. िोदी और भारतीय जनता पाट्​्ी के अन्य नेताओ्के भाषणो्िे्मनशाने पर अमिलेश यादव और राहुल गांधी है.् बहुजन सिाज पाट्​्ी या िायावती का उल्लि े कि है. प्ध् ानिंत्ी के हिलो्के जवाब िे्अमिलेश और राहुल की युवा जोड्ी भी भरपूर पलटवार कर रही है. राजनीमतक मवश्लषे को्का िानना है मक प्ध् ानिंत्ी के नाते नरेद् ्िोदी के भाषणो्िे्शल्दो्का चयन कई बार व्यब्कतगत स्र् की लक्ि् ण रेिा को छू जा रहा है.

हालांमक भाजपा के रणनीमतकारो्का कहना है मक सब िय्ादय ाओ्के तहत ही हो रहा है और शल्दो् का चयन व्यब्कतगत हिला कि और रणनीमतक ज्यादा है. अलबत्​्ा आरोपो् पर प्म्तम्​्कया िे् अमिलेश यादव अपेक्ाकृत संयमित है.् िसलन उनका यह कहना मक प्ध् ानिंत्ी को इतना भावुक या गुसस ् े से नही्भरना चामहए क्यो्मक इससे यही पता चलता है मक भाजपा सिथ्नय न मिलता देि परशान हो गयी है. वही्'प्ध् ानिंत्ी को दूसरो्के बाथर्ि िे् झांकना अच्छा लगता है' सरीिा तीिा बयान देने का राहुल गांधी कोई िौका नही् चूक रहे. िुखय् र्प से तीन पालो्के बीच लड्ेजा रहे इस चुनाव के इन प्ि् ि ु मकरदारो्के भाषणो्से कुछ चुनावी संकते ो् को सिझा जा सकता है. अमिलेश यादव और राहुल गांधी पर प्ध् ानिंत्ी के तीिे हिले कही्न कही्से इसका संकते देते है्मक सिाजवादी पाट्​्ी और कांगस ्े का गठजोड् असर मदिा रहा है. इसमलए भाजपा के सबसे प्ि् ि ु चुनावी चेहरे यानी िोदी ने इसी जोड्ी को मनशाने पर मलया है. िास तौर पर अमिलेश यादव को. संभवत: चुनाव का िाहौल परवान चढ्ने के साथ भाजपा िेिे को लग रहा हो मक कांगस ्े से साथ गठजोड् हो जाने से अमिलेश यादव की वोटरो्िे्स्वीकाय्तय ा बढ्ी है. िास तौर पर इसमलए भी क्यो्मक अमिलेश यादव मवकास

को िुद्ा बनाकर उतरे है् और अपनी पाट्​्ी के पारंपमरक वोट सिीकरणो् से इतर अपनी साफ छमव के बूते सभी तबको्को साधने की कोमशश कर रहे है.् मलहाजा यह िहज चुनावी संयोग नही् मक अमिलेश के मवकास के एजेड् े पर ही भाजपा िेिे की ओर से सबसे ज्यादा हिले मकये जा रहे है् मजसका लक्य् संभवत: अमिलेश यादव की छमव को सवालो् के घेरे िे् लाना है. पहले चरण के ितदान के बाद इसिे् इजाफा हुआ, मजसकी किान िुद प्ध् ानिंत्ी ने संभाली है. मवकास की मजन योजनाओ् का अमिलेश अपने चुनावी भाषणो्िे्सिावेश कर रहे है,् िोदी उन पर ही सवाल उठा रहे है.् मवश्लषे को्का िानना है मक इसिे् तेजी की एक वजह यह हो सकती है मक िुबस् लि बहुल इलाके वाले शुरआ ् ती चरण के ितदान िे्अल्पसंखय् क तबके के वोटरो्ने सपाकांगस ्े गठबंधन को तवि्​्ो दी. उन सीटो्पर वे बसपा के साथ जर्र गये, जहां यह िाहौल था मक वहां गठबंधन का प्त्य् ाशी भाजपा को टक्र् नही् दे पा रहा. वही् जाट वोटरो् की िुली नाराजगी पहले दो चरणो्िे्भाजपा के मलए मफक्​् की वजह बनी. जाट वोटरो् के बड्े तबके ने भाजपा को नकार कर चौधरी अमजत मसंह के राष्​्ीय लोकदल के मलए वोट मकया. शुर् की 140 सीटो् पर ितदान का यह शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

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आवरण कथा

ऐसी भाषा शोभा नही् देती

राजस्थान के पूवष्मुखय् मंत्ी और कांगस ्े के वकरष्​्नेिा अशोक गहलौि से धीरेद् ्श्​्ीवास्व् की बािचीि. धीरे्द् श्​्ीवास्व्

त्र् प्द् श े िे् दो चरण के ितदान हो चुके है.् 140 सीटो् पर हुए इस ितदान िे्तिाि कोमशशो्के बावजूद सांपद् ामयक ध्व्ु ीकरण नही्हो सका. इसे लेकर भाजपा की हताशा प्ध् ानिंत्ी नरेद् ्िोदी की भाव-भंमगिा और उनके भाषणो् िे् नजर आ रही है. राजस्थान के पूवय् िुखय् िंत्ी और अमिल भारतीय कांगस ्े किेटी के िहासमचव अशोक गहलौत का िानना है मक प्ध् ानिंत्ी को मकतनी भी मवपरीत पमरब्सथमत िे्ऐसी भाषा नही्बोलनी चामहये. बातचीत के प्ि् ि ु अंश: उत्र् प्द् श े के दो चरणो् मे् आपके गठबंधन की क्या स्थिति है? इस चुनाव िे् तीन प्​्िुि दावेदार िैदान िे् है्. पहला,कांग्ेससिाजवादी पाट्​्ी गठबंधन, दूसरा- बहुजन सिाज पाट्​्ी, तीसरा- भारतीय जनता पाट्​्ी. तीनो्के नेताओ्की भाव-भंमगिा आपको बता देगी मक जिीनी हालात क्या है.् इस िािले िे्आप लोग हि लोगो्से बेहतर सिझ रिते है.् क्यो्मसराज, सही है न? जहां न पहुच ं े रमव, वहां पहुच ं े कमव, यानी पत्क ् ार. हम आपके मुहं से इसका जवाब सुनना चाहिे है.् तबना लागलपेट के. साफ-साफ? हिे् देमिये. सुबह से मनकले है.् जैसे काय्ाल य य िे् प्व् श े मकये, आप लोगो्से भेट् हो गयी. प्स ् न्न वातावरण िे्बातचीत हो रही है. यानी दो चरणो् की मरपोट्य हिारे िन िामफक है. हि सफाया कर रहे है.् उत्र् प्द् श े की जनता कांगस ्े -सिाजवादी पाट्​्ी गठबंधन को प्च ् डं बहुित देने जा रही है. इसमलए मदनभर की भागदौड्के बाद भी हि प्स ् न्न है.् नरेद् ्िोदी की भाषा सुमनये. भाजपा के राष्​्ीय अध्यक्​्अमित शाह की भाषा सुमनये. सुनकर बोध होता है मक धिकी दे रहे है.् अमित शाह से हि कोई उम्िीद नही्रिते लेमकन िोदी तो देश के प्ध् ानिंत्ी है.् उन्हे्अपने पद की िय्ादय ा का ध्यान रिना चामहये. उन्हे्धिकी की भाषा का प्य् ोग नही् करना चामहये. िायावती सफाई दे रही है्मक बसपा को बहुित नही्मिला तो हि मवपक्​् िे् बैठे्गे. भाजपा के साथ मिलकर सरकार नही् बनाये्गे. अचानक यह सफाई क्यो्? ितलब पता चल गया है मक कांग्ेस और सिाजवादी पाट्​्ी का गठबंधन दो चरणो्िे्काफी आगे मनकल चुका है. मोदी या अतमि शाह धमकी वाली भाषा का प्य ् ोग क्यो् कर रहे है?् र्झान ही आगे के चुनाव के मलए हर दल की रणनीमत का पैिाना बन रहा है. िोदी का अमिलेश पर हिला, िायावती की भाजपा के साथ मिलकर सरकार न बनाने की सफाई और सपा-कांगस ्े गठबंधन का उत्र् प्द् श े के मवकास के एजेड ् े पर ही चुनावी चच्ाय को बनाये रिना यही संकते भी कर रहे है.् मलहाजा अगले चरणो् के जमटल वोट सिीकरणो्की राह पर एक-दूसरे को पछाड्ने की कोमशशो्को और गमत मिलेगी. िध्य उत्र् प्द् श े का इटावा-िैनपुरी-कन्नौज का चुनावी क्त्े ्यमद अमिलेश यादव को अमतमरक्त ताकत देगा तो बुदं ल े िंड िे्काियाबी का चुनावी इमतहास िायावती का हौसला बढ्ायेगा. वही् 8

शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

भाजपा के नेताओ् को उम्िीद थी मक वे भड्काऊ भाषण कराकर सांप्दामयक आधार पर ध्​्ुवीकरण करा ले्गे. इसके मलए इलाकाई दंगाई नेताओ्के साथ साक्​्ी िहाराज और योगी आमदत्य नाथ को मवशेष तौर पर लगाया गया. इन लोगो्को छोमड्य़.े भारत सरकार का गृह राज्य िंत्ी चुनाव के बीच बयान दे रहा है मक देश िे्महंदओ ु ्की संखय् ा घट रही है. क्या ितलब है इसका? साक्​्ी िहाराज, योगी आमदत्यनाथ से लेकर भारत सरकार के गृह राज्य िंत्ी के बयान का? इन लोगो् के बयान देश के सद्​्ाव के मलए भी ितरा पैदा करने वाले है.् अच्छी बात है मक ये प्ल ् ाप करते रहे लेमकन दूसरे पक्​्ने जवाब नही्मदया. इसीमलए ये मवफल रहे. यानी मबहार की तरह उत्र् प्द् श े िे्भी जीत का सपना चूर. ये लोग एकतरफा प्ल ् ाप करते रहे, दूसरे पक्​् ने इसका जवाब नही् मदया. इसमलए इन लोगो्की हर योजना फेल हो गयी. योजना फेल होने का ितलब है मक मबहार की तरह उत्र् प्द् श े जीतने का सपना भी चकनाचूर. इसमलए प्ध् ानिंत्ी गुसस ् े िे्है.् धिकी की भाषा बोल रहे है.् आपके प्च ् ड ं बहुमि का आधार केवल भाव भंतगमा ही है क्या? वह एक पहलू है लेमकन केवल वही नही् है. इसका ठोस आधार है

भाजपा को अन्य मपछड्ी जामतयो्(ओबीसी) की मवमभन्न मबरादमरयो्को इस बार पहले से ज्यादा मटकट देने का गमणत राहत दे सकता है. हालांमक ओबीसी की सबसे बड्ी मबरादरी यादव ितदाताओ् को सिाजवादी पाट्​्ी का स्वाभामवक सिथ्क य िाना जाता है, लेमकन गैरयादव ओबीसी ितदाता बुदं ल े िंड, अवध और पूवा्च ा्ं ल िे्फैले है्और उनका सिथ्नय पाना हर पाले के मलए अहि होगा. िास तौर पर ओबीसी िे्शामिल अत्यतं या अत्यमधक मपछड्ी जामतयां. मटकट देने िे्इस तबके को िास तवि्​्ो देने का भाजपा का प्य् ोग फलता है या नाकाि रहता है, वह देिना मदलचस्प होगा. वैस,े ओबीसी पर

अत्यमधक मनभ्रय ता से सवण्यितदाताओ्के एक तबके िे्भाजपा के प्म्त नाराजगी भी पाट्​्ी के इस प्य् ोग के प्द् श्नय का एक अहि मसरा है. हालांमक ओबीसी के इस वोटर सिूह को अपने साथ पाने की भारतीय जनता पाट्​्ी की कोमशशो् को सिाजवादी पाट्​्ी और बहुजन सिाज पाट्​्ी से कड्ी टक्र् मिलना तय है. इसमलए भी मक महंदी पट्​्ी िे्िंडल की राजनीमत के उदय के बाद उत्र् प्द् श े िे्यही दो दल इस तबके की स्वाभामवक पसंद बनकर उभरे. यह तबका वोट प्म्तबद्त् ा बदलता है या नही्, यह देिना मदलचस्प होगा. इस तबके को पाले िे्लाने की गरज से ही भाजपा ने पूवा्च ा्ं ल िे् सहयोगी


् क का पैसा भी बैक ् िे् ग्​्ाउंड मरपोट्.य िसलन प्ध् ानिंत्ी नरेद् ् िोदी के संसदीय क्त्े ् को लीमजये. क्या? नही् आया. उलटे नोटबंदी के नाि पर गुलल वाराणसी संसदीय क्त्े ्िे्कुल पांच सीटे्है.् यहां इस बार भाजपा का िाता रिवा मलया. अपना ही पैसा मनकालने पर पाबंदी लगा दी. पूरे देश को लाइन नही्िुलने वाला है. इसिे्से शहर की तीन सीटो्पर तो भाजपा लंबे सिय िे्िड्ा कर मदया. लोगो्की जाने्गयी्और प्ध् ानिंत्ी को अपने इस कृतय् से कामबज रही है. जब वाराणसी की यह ब्सथमत है तो और जगह की ब्सथमत पर अफ़्सोस भी नही् है. उन्हे् पता है मक लोग अपने वोट का प्य् ोग कर इसकी सजा देने वाले है्तो अब नये वादे कर रहे है.् की कल्पना िुद कर लीमजये. प्ध ् ानमंत्ी कांगस ्े से 70 साल का तहसाब मांग रहे है.् कांगस ्े जवाब कांगस ्े और सपा के बीच तकिनी सीटो् पर मिभेद है? कुछ सीटो् पर ितभेद है. बातचीत से हल मनकाला जा रहा है. इसके क्यो् नही् दे रही है? आज िंगल पर भी भारत का परचि लहरा रहा है. दुशि् न को सबक तहत कुछ को हिने वापस मलया है. कुछ को सपा ने वापस मलया है. कुछ मसिा देने वाले िारक हमथयार भी हि िुद बना रहे है.् भारत ने सुई से शुर् और सीटो्पर भी ऐसा हो सकता है. मकया और अब ऐसी कौन सी चीज है जो भारत नही्बना रहा है या नही्बना क्या इन सीटो् मे् अमेठी और रायबरेली की सीटे् भी है?् यह चुनाव है. एक ही दल के काय्क य त्ाय इसे अपनी अपनी नजऱ से देिते सकता है. यही नही्, 18 वष्यके युवाओ्को ित देने का अमधकार, रोजगार है.् कोई मकसी को िजबूत बताता है तो कोई मकसी को. नेततृ व् इसी िे्आि की गारंटी, सूचना का अमधकार, पंचायतो् को िजबूती, पंचायतो् और ् , दूर संचार क्​्ामं त क्या-क्या मगनाये?् इस सहिमत तलाशता है. हर संभव कोमशश के बाद भी कुछ सीटो्पर ितभेद मनकायो्िे्िमहलाओ्को आरक्ण ्े के काय्क य ाल िे्ही हुआ है. िोदी जी को मवद्​्ोह तक जाता है. यह तो दो दलो्का गठबंधन है. ितभेद होने स्वाभामवक देश िे्जो कुछ हुआ है, कांगस है.् इसे शाट्यआउट मकया जा रहा है. इसके तहत कांगस ्े ने लिनऊ िध्य, बताना चामहये मक उन्हो्ने ढाई साल िे्क्या मकया? मसफ्फ़जुिलो्की िेती. मबंदकी, सोरांव, पयागपुर छांव से अपने प्त्य् ाशी हटा मलए तो सिाजवादी प्ध् ानिंत्ी की कुछ िुद करने के िािले िे्ब्सथमत तीसरे वैज्ामनक वाली है. िीसरे वैज्ातनक का मिलब? पाट्​्ी ने िहाराजपुर, कानपुर कैट् , कोरांव, बार तथा दो मदन पहले एक मिलने वाले ने हिे् एक िहरौनी से अपने प्त्य् ाशी वापस ले मलए है.् अिेठी इस देश मेंजो कुछ हुआ है, मकस् स ा सुनाया मक तीन वैज्ामनक अपनी-अपनी और रायबरेली से हिारे नेता राहुल गांधी और कांगस ंे के कारंक य ाल मेंही हुआ है. शोध क्ि् ता पर बहस कर रहे थे. इसिे्एक ने कहा सोमनया गांधी सांसद है.् हर कांगस ्े ी चाहेगा मक इन मोदी जी को बताना चाहहए हक मक िै् ऐसा तार बना सकता हूं मजसे कोई देि नही् दोनो्क्त्े ्ो्की सभी सीटे्हि लड्.े् यह अंकगमणत उनंहोंने ढाई साल मेंकंरा हकरा? सकता है. दूसरे ने कहा मक िै्इस तार िे्छेद कर का हल नही्है, यह मदल का सवाल है. हि उम्िीद हसरंफजुमलोंकी खेती. सकता हू.ं तीसरे ने कहा मक िै् इस तार पर 'िेड करते है् मक सिाजवादी पाट्ी् के साथी हिारी इस बाई िी' की िोहर लगा सकता हू.ं प्ध् ानिंत्ी हो्या भावना का सम्िान करेग् े और जो िैदान िे्बने हुए उनके िंत्ी या उनके िुखय् िंत्ी, सब तीसरे वैज्ामनक है.् प्ध् ानिंत्ी की प्थ् ि है,् अपना नाि वापस लेग् .े ् ो देवी धाि को जोड्ने के मलए जाने वाली प्​्धानमंत्ी अपनी सभाओ् मे् कांग्ेस और समाजवादी पाट्​्ी के कश्िीर यात्​्ा को लीमजये. वह वैषण ट्न्े का लोकाप्ण य कर रहे थे. यह योजना कांगस ्े के काय्क य ाल िे्बनी. कांगस ्े गठबंधन को अपतवत्​् गठबंधन बिा रहे है.् य ाल िे्काि हुआ. और, प्ध् ानिंत्ी ने ऐसा पोज मकया मक जैसे यह भाजपा ने प्त्य् क्​्र्प से भी कई जामत आधामरत दलो्से गठबंधन मकया के काय्क काय्यउन्हो्ने कराया है. उन्हो्ने इस काय्यपर तीसरे वैज्ामनक की तरह 'िेड है. प्ध ् ानिंत्ी को बताना चामहये मक यह गठबंधन पमवत्​् है या अपमवत्?् य ाल िे्शुर् प्ध् ानिंत्ी को जुिलो् के बल पर पाट्​्ी को सत्​्ा िे् लाने का श्य्े है. अब बाई िी' की िोहर लगा दी. जयपुर िे्िेट्ो का काि िेरे काय्क य ाल िे्हुआ. भाजपा की िुखय् िंत्ी ने तीसरे उसकी नैया डुबाने का श्य्े भी उन्हे्मिलने वाला है. इसमलए वह डरे हुए है.् हुआ, चलाने का ट्​्ायल िेरे काय्क इसी डर िे्वह अपनी बेचनै ी बयां कर रहे है.् वरना सच यह है मक राहुल वैज्ामनक की तरह िेट्ो पर िोहर लगा दी 'िेड बाई िी'. गांधी और अमिलेश यादव की दोस्​्ी यानी कांगस ्े -सिाजवादी गठबंधन आप मिदािाओ् से कोई खास अपील करना चाहिे है?् केवल एक अपील मक ितदान जर्र करे् और यह सोचकर करे् केवल उत्र् प्द् श े का नही्, देश के भी भमवष्य की मदशा तय करेगा. प्ध ् ानमंत्ी बोल रहे है् तक भाजपा की सरकार बनी िो तकसानो् की मक इस देश की गंगा-जिुनी तहजीब ितरे िे् है, सद्​्ाव ितरे िे् है, लोकतंत्ितरे िे्है, जेएनयू का नजीब ितरे िे्है, रोमहत वेिल ु ा जैसो्की कज्ज माफी की तजम्मदे ारी उनकी है? ु ्ान ितरे िे्है और आपका अिूलय् ित उसकी रक्​्ा लोकसभा चुनाव िे्प्ध् ानिंत्ी ने कहा था मक मवदेशो्िे्रिा काला धन जान ितरे िे्है, महंदस लायेग् .े देश के हर आदिी के िाते िे्जायेगा 15-15 लाि र्पया. आया कर सकता है. n अपना दल और ओिप्क ् ाश राजभर की भारतीय सिाज पाट्​्ी के मलए कुछ सीटे्छोड्ी्है.् प्ध् ानिंत्ी िोदी के संसदीय क्त्े ् वाराणसी पूव्ा​ा्चल के आमिरी चरण िे् शुिार होना भी भाजपा पर बेहतर नतीजो् का अमतमरक्त िनोवैज्ामनक दबाव बनायेगा. वही्बसपा प्ि् ि ु िायावती के मलए भी ितदान के इस दौर िे्एक अमतमरक्त इब्मतहान होगा. उनके मलए िुख्तार और अफजाल अंसारी बंधुओ् के कौिी एकता दल से दोस्​्ी का नफा-नुकसान तय होगा. मसयासी जानकारो् का िानना है मक कानूनव्यवस्था को बड्ी पूज ं ी बनाकर अपना मसयासी एजेड् ा तय करने वाली्िायावती ने आपरामधक

छमव वाले नेताओ्को साथ लेकर मनस्सदं हे जुआ िेला है. मजसका लक्य् पूवा्च ा् ल की लड्ाई िे्बने रहना है. अमिलेश यादव और राहुल गांधी के गठबंधन को भी आगे के चरणो् िे् जोड्ी का आकष्ण य बनाये रिना होगा. सात चरणो् की करीब एक िाह लंबी चुनावी प्म्​्कया िे्शुरआ ् ती मफजां बनाये रिना आसान नही्. िास तौर पर तब, जबमक जिाना चौबीस घंटे वाले िबमरया चैनलो् और सोशल िीमडया से पल भर िे् सब जान जाने का हो, मजसिे्िबरो्को बासी होते देर नही् लगती. हालांमक इसिे् कोई शक नही् मक उत्र् प्द् श े के चुनाव िे् सपा-कांगस ्े गठबंधन

और अमिलेश-राहुल का एक िंच पर मदिना सबसे बड्ी घटना है. रोड शो और साझा सभाओ् के जमरये िाहौल बनाकर मवरोमधयो्पर हावी होने िे्भी यह युवा जोड्ी काियाब रही, मजसे संचार िाध्यिो्की तेजी के कारण सूबे भर की जनता भरपूर देि-सुन चुकी है. ऐसे िे्पूवा्च ा् ल िे्होने वाले आमिरी दो चरणो्के ितदान तक जोड्ी िे् नयेपन का भाव बनाये रिने का दारोिदार दोनो् युवा नेताओ्पर होगा जो गठबंधन के प्द् श्नय का अहि पैिाना भी बनेगा. हर पाले के मलए अगले चरणो्िे्संभावनाओ् और चुनौमतयो्का यही सिीकरण चुनाव िे्अभी n कई नये रंग घोलेगा यह तय है. शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

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आवरण कथा

हम तुष्ीकरण के खि्लाफ्

भाजपा के राष्​्ीय अध्यक्​्अकमि शाह से कववेक सक्सेना की बािचीि.

माजवादी पाट्​्ी और कांग्ेस के गठबंधन के बाद भाजपा के तलए उत्​्र प्​्देश मे् चुनौिी बढ् गयी है? दोनो्का मपछला इमतहास और कारगुजामरयां मकसी से मछपी नही्है? जब दो भ्​्ष् व नाकाि ताकते् साथ आती है् तो लोग स्वत: सकारात्िक और रचनात्िक ताकत की ओर आकम्षयत होते है्. उत्​्र प्​्देश िे् हिारे िुकाबले िे्कोई नही्है. वहां डेढ्दशको्का सपा-बसपा का कुशासन ही हिारी भव्य जीत सुमनम्​्ित करेगा. यादव पतरवार मे् जो कुछ हुआ उसका राजनीतिक पतरणाम क्या तनकलेगा? यह नाटक था मजसे जनता बहुत अच्छी तरह से सिझती है. अपनी नाकामियो्से लोगो्का ध्यान हटाने के मलए इन लोगो्ने यह नाटक मकया. लोग सब सिझते है्और चुनाव के जमरये इन लोगो्को उनकी जगह मदिा दे्गे. क्या इस चुनाव को नोटबंदी के मुद्े पर जनमि संग्ह माना जाये? िेरा िानना है मक यह चुनाव सपा सरकार की नाकामियो्, भ्​्ष्ाचार, भाई-भतीजावाद पर जनित संग्ह है. मफर भी अगर कोई इसे नोटबंदी पर जनित संगह् िानना चाहता है तो हि उसके मलए तैयार है.् जनता को पता चल चुका है मक कालाधन सिाप्त करने के मलए हिने मकतना बड्ा कदि उठाया. यह कदि उठाने की राजनीमतक इच्छाशब्कत मसफ्फ़ नरे्द् िोदी िे् ही थी. हिने ही मपछली बार सम्जयकल स्ट्ाइक की. क्या कभी मकसी और सरकार ने ऐसा करने की महम्ित मदिायी थी. इस बार भाजपा को तकिनी सीटे् तमले्गी? क्या लोकसभा चुनाव के बाद मोदी लहर ठंडी सी पड् गयी है? उस सिय देश िे्जो िोदी लहर चल रही थी वह अब सुनािी िे्बदल चुकी है. हिे्लोकसभा चुनाव िे्71 सीटे्मिली थी्. इस बार मवधानसभा चुनाव िे्हि दो मतहाई बहुित हामसल करे्गे. िब आपके पास नरे्द् मोदी का चेहरा िा. इस बार िो भाजपा मुख्यमंत्ी पद का उम्मीदवार ही िय नही्? यह संसदीय बोड्यका फैसला है और इसिे्नया कुछ भी नही्है. हिने िहाराष्​्, हमरयाणा और झारिंड िे्भी ऐसा ही मकया था और वहां चुनाव जीते. सरकारे्बनायी्. यह तो रणनीमत का महस्सा है. मगर इसी के चलिे भाजपा तदल्ली और तबहार मे् बुरी िरह से हारी. क्या इससे आप लोगो् ने कोई सबक नही् सीखा? हिने दोनो्ही पराजयो्का कारण पता लगाने के मलए समिमत बनायी. मवमशष्​्राजनीमतक पमरब्सथमतयो्के चलते हि वहां हारे. इन कारणो्को साव्यजमनक नही्मकया जा सकता है. हिने असि िे्सरकार बनायी. हि स्थानीय मनकाय के चुनाव जीते. केरल और पम्​्ि​ि बंगाल िे् हिारा जनाधार बढ्ा. भाजपा भी दलो् को िोड्ने मे् व्यस्​् हो गयी है. इन दलो् के नेिाओ् को िोड्कर उन्हे् तटकट तदया गया है. आप क्या कहना चाहे्गे? इसे तोड्ना कहना ठीक नही्है. अगर हि चुनाव नतीजे आने के बाद इस तरह का कुछ करते है् तो हिारी आलोचना की जा सकती थी. िगर हि तो चुनाव के पहले ही सिाज के मवमभन्न वग्​्ो्को संगमठत कर रहे है्. इसे आप राजनीमतक पलायन कह सकते है्. यह पलायन उन ताकतो्को एकजुट करने िे्िदद करेगा जो मक बाद िे्उत्​्र प्​्देश और देश के मलए लाभकारी सामबत हो्गी. 10 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

इस चुनाव मे् मंतदर मुद्ा नजर नही् आ रहा है? इस संबंध िे्भाजपा का र्ि स्पष्​्है. हि चाहते है्मक संवैधामनक व्यवस्था के तहत उसका मनि्ायण हो या तो आपसी सहिमत से राि िंमदर बने. अथवा अदालत का फैसला आये. हि राि िंमदर बनाने के मलए प्​्मतबद्​्है्. पतरवारवाद की आलोचना करिी आयी भाजपा ने भी इस बार अपने नेिाओ् के पतरवार के लोगो् को तटकट तदया है. यह उतचि है? हि मजस पमरवारवाद की बात करते है् वह िुलायि मसंह यादव, फार्ि अल्दुल्ला, सोमनया गांधी का पमरवार है. जहां यह तय हो जाता है मक उसका बेटा ही िुख्यिंत्ी बनेगा या राहुल गांधी ही प्​्धानिंत्ी पद का उम्िीदवार होगा. आगे चलकर अमिलेश यादव, उिर अल्दुल्ला, राहुल गांधी के बच्​्ेसरकारे्संभाले्गे. हि मटकट देते है्पर इसका अथ्ययह नही् होता मक उस पमरवार का सदस्य िुख्यिंत्ी तो क्या िंत्ी भी बन पायेगा. िेरे जैसा दरी मबछाने वाला पाट्​्ी अध्यक्​्है और चाय बेचने वाला इस देश का प्​्धानिंत्ी है. भाजपा के अनेक नेिा सांप्दातयक बयान देकर माहौल खराब कर रहे है्. इन लोगो् के बारे मे् आप क्या कहना चाहिे है्? हिारी मदक्​्त यह है मक उत्​्र प्​्देश िे् दशको् तक तुम्षकरण की राजनीमत होती आयी है. जब कोई भाजपा नेता इसके मिलाफ बोलता है तो उसकी बात को सांप्दामयक करार दे मदया जाता है. अगर पलायन के बारे बात करो तो उसे सांप्दामयक िान मलया जाता है. हि अगर अपने चुनाव घोषणा पत्​् िे् एंटी रोमियो स्क्वाड बनाने का वादा करते है् तो इसे सांप्दामयक बता मदया जाता है. यह सही नही्है. क्या आपका इशारा पत्​्िमी उत्​्र प्​्देश की घटनाओ् पर है? पूरे प्​्देश का एक जैसा हाल है. सपा-बसपा की तुम्षकरण की राजनीमत के चलते ही धि्यऔर जामत के आधार पर अफसरो्की मनयुबक् तयां की जाती रही है्. क्या आपने कभी भाजपा शामसत राज्यो् से मकसी के पलायन करने की िबर सुनी है. मुस्थलम मतहलाओ् के िीन िलाक के मुद्े को आप इिनी अहतमयि क्यो् दे रहे है्? हिारा िानना है मक देश की हर िमहला को वे अमधकार मिलने चामहये n जो मक संमवधान ने सिाज की तिाि िमहलाओ्को मदये है्.


ओम थानवी

मोदी का गिरना

संसद की पकवत्​्जमीन पर ऐसा भाकरक कवचलन शायद ही ककसी प्​्धानमंत्ी ने पहले प्​्कट ककया होगा.

िा

ना मक प्​्धानिंत्ी नरे्द्िोदी के पूव्यप्​्धानिंत्ी िनिोहन मसंह पर रेनकोट वाले कटाक्​्िे्ऐसा कुछ नही्, मजस पर कांग्ेस मबफर कर मफर संसद से उठ चले. लेमकन इसिे्भी कोई शक नही्मक प्​्धानिंत्ी के पद से यह बेहद मछछला कटाक्​् था. इसमलए और भी मक उन्हो्ने पूव्य प्​्धानिंत्ी पर बग्ैर मकसी प्​्िाण या हवाले के भ्​्ष्ाचार िे् मलप्त होने, बब्लक भ्​्ष्ाचार को आिंम्तत करने का आरोप संकेतो्िे्िढ्ा. सबको िालूि है मक ‘बाथर्ि’ िे्‘नहाने’ कोई अपनी पहल से जाता है, ख्ुद ‘पानी’ का चयन और वरण करता है. मनस्संदेह िनिोहन मसंह पर उनके काय्यकाल िे्दाग्भरे भारी छी्टे पड्े; उन्हो्ने शायद सत्​्ािोह िे् उनकी अनदेिी भी की. लेमकन उस पानी - बब्लक कीचड् - को उन्हो्ने आिंत्ण मदया हो और ‘रेनकोट’ वाले मकसी कौशल से दाग्ो्से बचे रहे हो्, अब तक उन पर न कभी ऐसा आरोप कभी लगा न कोई प्ि् ाण सािने आया है. इसमलए पूवय् प्​्धानिंत्ी की मनजी छमव अब भी ग्ैर-भ्​्ष्नेता के र्प िे्क्ायि है. उनकी पाट्​्ी इसका भरपूर इस्​्ेिाल करती आयी है. भ्​्ष् नेताओ् ने भी मसंह का इस्​्ेिाल रेनकोट की तरह मकया होगा, लेमकन उन पर रेनकोट पहन ख्ुद भ्​्ष्ाचार से नहा लेने का आरोप िौजूदा प्​्धानिंत्ी की अपनी कल्पना के मसवा कुछ नही्. िोदी ने ऐसा संगीन आरोप मसंह पर क्यो् लगाया होगा? एक तो शायद पलटवार करने की गरज से. अथ्श य ास्​्ी िनिोहन मसंह ने संसद के मपछले सत्​्िे्नोटबंदी पर अपनी दुल्यभ और संम्कप्त तक्रीर िे् अपेक्या तीिा भाषण मदया और 'संगमठत लूट' और 'प्लंडर' शल्दो् का प्​्योग मकया. मनि्​्य ही नवअथ्यवाद के िसीहा बनने के ख्​्वामहशिंद िोदी को यह हिला चुभा होगा. भले मसंह के शल्द-प्​्योग को कही् से गाली या मछछली शल्दावली न िाना जा सके. दूसरे, मवधानसभा चुनावो्के िद्​्ेनज्र भी िोदी की ज्बान मफसली होगी जहां नोटबंदी का उनका सिूचा प्​्योगवाद दांव पर चढ्ा है. मदल्ली और मबहार की अपिानजनक हार के बाद ये चुनाव िोदी के मलए नाक का सवाल बने हुए है्. इससे भी बढ्कर यह प्​्धानिंत्ी का अपना अपराध-बोध ज्ामहर होता है. आधे से ज्​्यादा िाग्यतय कर लेने के बाद भी उनकी सरकार प्​्िुि िोच्​्ो्पर मवफल रही है. उनकी अनेक िहत्​्वाकांक्ी योजनाएं इतनी हवाई सामबत हुई है्मक अब आि बजट तक िे् जगह नही् पाती् या हामशये पर पड्ी नज्र आती है्. रोज्गार के वादे, कालाधन-उगाही, कर-सुधार, िेक इन इंमडया, स्िाट्य मसटी, बुलेट ट्​्ेन, नदी जोड्ो आमद िुख्यतः अब भी काग्ज्ो्पर रे्गते वादे है्. आशंका है मक निामि गंगे का झांसा तो िोदी के अपने चुनाव क्​्ेत्

बनारस िे्भारी गुल मिला सकता है. इस सब पर नोटबंदी का क्हर है. िोदी चाहे मकतने ही आत्िमवश्​्ास का िुज्ामहरा करे्, या उनके सद्​्ावी चैनल और एजे्मसयां भुगताऊ सव्​्ेक्णो् आमद के ज्मरये नोटबंदी को क्​्ांमतकारी सामबत करे्, िै्ने उत्​्र प्​्देश और पंजाब के अपने हाल के दौरो् िे् पाया है मक नोटबंदी आि जनिानस िे्भारी रोष का सबब बन चुकी है. लोग इस तरह जब आहत, अपिामनत और ठगा हुआ-सा िहसूस करे्तो सिझना चामहए मक ितदान के वक्​्त बदला लेते है्. इस क्दर मक जातीय सिीकरण और म्फ़रक्ापरस्​् ध्​्ुवीकरण सब धरे रह जाते है्. ऐसे िे् प्​्धानिंत्ी ने अपने चुनावी दौरो् िे् मजस हिलावर और चुटकीिार अंदाज्को अपनाया, संसद िे्बहस के जवाब िे्बोलते वक्​्त भी उनका तेवर िनिोहन मसंह के बहाने उन आहत ितदाताओ् से िुख्ामतब रहना रहा होगा. संचार के आधुमनक चाक्​्ुष िाध्यिो्के प्​्योग-दुर्पयोग से उनसे ज्​्यादा कौन वाम्कफ़्है? संसद से प्​्सारण के बाद भाषण के चुमनंदा टुकड्े उनकी प्​्चार-िंडली ने मवमभन्न 'सोशल' िाध्यिो्के ज्मरये तुरंत हर चुनावी क्​्ेत् िे् पहुंचा मदये गये. आि चुनाव िोदी ने कांग्ेस दौर के भ्​्ष्ाचार को िुख्य िुद्ा बनाते हुए सुशासन ('अच्छे मदन') की मदलासा पर जीता था. नोटबंदी के बचाव िे् अब सीधे िनिोहन मसंह को भ्​्ष्ाचार के आरोप का मनशाना बनाना उसी रणनीमत का पुनरामवष्कार मदिाई देता है. रही िोदी की भाषा. चुनावी राजनीमत िे् भाषा का पतन नयी चीज् नही्. अनेकानेक नेताओ् ने बुरी भाषा और कटाक्​्ो् का इस्​्ेिाल मवमभन्न िंचो्पर मकया है. सोमनया गांधी और राहुल गांधी भी भामषक संयि के मलए नही्जाने जाते है्. िोदी की पकड्भाषा और उसके नाटकीय इस्​्ेिाल पर कही् ज्​्यादा गहरी है. पचास करोड् की गल्यफे्ड कहने के बाद वे कभी यह भी कह जाते है्मक चुनावी इज्हार जुदा चीज् होता है. उनकी पाट्​्ी के अध्यक्​् अमित शाह भी चुनावी जुिलो्को सम्िमत का जािा पहना चुके है्. लेमकन प्​्धानिंत्ी पद से संसद की पमवत्​्ज्िी्पर, मजसे पहले रोज्िोदी ने सर नवाया था, स्​्रहीन भाषा का प्​्योग अजीबोग्रीब मगरावट की ओर इंमगत करता है. ऐसा भामषक मवचलन शायद ही मकसी प्​्धानिंत्ी ने पहले प्​्कट मकया होगा. अटलमबहारी वाजपेयी ने भी नही्, मजनसे िोदी और अन्य भाजपा नेता n भाषा और नाटकीय भाव-भंमगिाओ्का गहन पाठ सीि आये है्. (लेिक वमरष्​्पत्​्कार और ‘जनसत्​्ा’के पूव्यसंपादक है्.) शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 11


आवरण मास्ट हेकथा ड

सजिने दांव उिने दावे उत्​्र प्​्देश कवधानसभा चुनाव के दो चरण का मिदान हो चुका है. अब िक न िो चुनाव कवश्लेरक न ही कोई अन्य यह अनुमान लगा पा रहा है कक आकखर मिदािाओ् के मन मे्क्या चल रहा है.

फोटो: आशीष यादव

अखिषेि श्​्ीवास्​्व

त्​्र प्​्देश िे् पहले चरण के ितदान की सुबह मदल्ली से हापुड् जा रही लोकल डीएियू जब सामहबाबाद स्टेशन पर र्की, तो वहां से चढ्ेकुछ नौजवान पहले से चुनावी चच्ाय िे्िशगूल थे. ट्न्े के भीतर थोड्ी देर िे्दो िेिे बन गये और एक-दूसरे के नेताओ् पर चुटकी लेने लगे. इसी बीच एक युवक ने मटप्पणी की, ‘इस बार तो साइमकल पंचर सिझो.’ अब तक िूक दश्क य बनी कोने िे्बैठी एक बुजगु य्िमहला अचानक चच्ाय िे्हस्क ् प्े करते हुए बोली, ‘बेटी की शादी के मलए िैन् े पाई-पाई पैसा जोड्ा था. सब िोदी ले गया. साइमकल पंचर नही्होगी, इस बार तो दौड्गे ी.’ बिुबश् कल िहीने भर पहले लग रहा था मक भीतरी कलह के चलते सिाजवादी पाट्​्ी टूट जायेगी. देवमरया से मदल्ली के बीच राहुल गांधी की हवा भी मनकल चुकी थी. ऐसे िे्11 फरवरी को लिनऊ िे्पहली संयकु त् प्स ्े कांफस ्े कर रहे ‘यूपी के लड्को्’ को जब देश भर ने टीवी के परदे पर देिा, तो बस अड्​्ो्से लेकर प्लटे फॉि्​्ो् तक पंचर पड्ी साइमकल वास्व् िे् दौड् पड्ी. नोटबंदी के िुद्े पर लगातार के्द् सरकार के

12 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

मवरोध िे् िड्े उत्​्र प्​्देश के िुख्यिंत्ी अमिलेश यादव और कांग्ेस उपाध्यक्​् राहुल गांधी के एक साथ गठबंधन िे्आने से अचानक प्द् श े की चुनावी हवा पलट गयी. इसी का असर था मक पम्​्ि​िी उत्र् प्द् श े और र्हल े िंड के कुल 26 मजलो्की 140 सीटो् पर 11 और 15 फरवरी को हुआ ितदान िोटे तौर पर मिम्​्शत रहा. पहले चरण िे्भाजपा की ब्सथमत ठीक नही्थी, लेमकन दूसरे चरण िे्कुछ सीटो् से भरपाई होती मदिी है. चूमं क सपा और कांगस ्े के साथ आने की िुखय् वजह ही भाजपा को सत्​्ा िे् आने से रोकना है, मलहाजा दोनो् चरणो्िे्सीधी लड्ाई गठबंधन और भाजपा के बीच हुई. भाजपा ने आमिरी दि तक इस क्त्े ् िे्ध्व्ु ीकरण की कोमशश की थी, इसके बावजूद वह महंदू वोटो्को एकजुट नही्कर पाई. इसका फायदा िासकर सपा को मिला है. अहि बात यह है मक सारे फ़्साने िे् मजसका मज्क् न था, वह नोटबंदी गांवो्-कस्बो् िे् भाजपा के मलए 'साइलेट् मकलर' का काि कर रही है. पहले चरण के बाद ितदाताओ्के बीच भ्ि् फैलाने िे् सबसे बड्ी भूमिका 12 फरवरी को भाजपा अध्यक्​् अमित शाह के एक बयान की रही. लिनऊ िे् शाह ने पहली बार कहा मक

हैसलकॉप्टर िे प्​्चार: हवा मे् उिरिे िंकेि भाजपा की लड्ाई बसपा से है, सपा से नही्. यह बयान अपने आप िे् चौ्काता है क्यो्मक चुनाव प्च ् ार के दौरान अब तक प्ध ् ानिंत्ी नरेद् ्िोदी सिेत पाट्​्ी के तिाि नेता सपा और अमिलेश यादव को ही मनशाने पर लेते आये थे और ऐसा लग रहा था जैसे बसपा सुप्ीिो िायावती को जान-बूझकर मरयायत दी जा रही हो. धारणा भी यही बनाई जा रही थी मक सीधी जंग भाजपा और सपा के बीच है. इसके बाद बसपा सुप्ीिो िायावती ने िुलआ े ि अपनी रैली िे् घोषणा कर डाली मक वे भाजपा के साथ कभी भी गठबंधन नही्करेग् ी. यह दोतरफा मविश्य सपा-कांग्ेस गठजोड् के मलए ितरनाक सामबत हो रहा था, मलहाजा िुखय् िंत्ी अमिलेश यादव ने उन्नाव की चुनावी रैली िे्कह डाला मक बसपा और भाजपा मिले हुए है्और वे चुनाव के बाद साथ जा सकते है.् चुनाव से पहले तक मजस बसपा का कोई नािलेवा नही् मदि रहा था, धीरे-धीरे सारा मविश्य उसी पर के्म्दत होता गया. भाजपा को उम्िीद थी मक बसपा का नाि अपने िुख्य प्म्तद्द्ं ्ी के र्प िे्उछालकर वह ितदाताओ्को भ्म्ित कर देगी तामक वे बंटे्जबमक सपा के पास िायावती को मनशाना बनाने के अलावा और


कोई चारा नही्था. इसका सीधा फायदा दूसरे चरण िे्अप्त्य् क्​् र्प से भाजपा को हुआ है क्यो्मक िुब्सलि ितदाताओ् िे् भ्ि् फैलने के साथ ही िैदान िे् तीसरे मिलाड्ी के र्प िे्असदुद्ीन ओवैसी की पाट्​्ी एआइएिआइएि ने भी संभल, सहारनपुर और िुरादाबाद की सीटो्पर अच्छी संखय् ा िे्वोट काटे है.् िुरादाबाद मनवासी आरटीआई काय्क य त्ाय िो. सलीि बेग बताते है्, ‘दूसरा चरण भी तकरीबन पहले की तज्य पर ही हुआ है. िुसलिानो् के सबसे ज्यादा वोट सपा-कांग्ेस गठबंधन को गये है्, लेमकन िुरादाबाद और संभल के क्त्े ्िे्यह वोट थोड्ा और बंटा है. हो सकता है एिआइएि संभल की सीट मनकाल ले जाये.’ र्हेलिंड के बरेली, पीलीभीत, िीरी, अिरोहा िे्बसपा का आधार कभी नही्रहा. इन इलाको्िे्भाजपा को बढ्त मिली है. सहारनपुर िे्एक लाि से ज्यादा दमलत ितदाताओ्के होने के कारण बसपा को मिले िुब्सलि वोटो् को मिलाकर देिे्तो उसका प्द् श्नय अच्छा कहा जा सकता है. ‘िुब्सलि टुडे’ पम्​्तका के संपादक और सहारनपुर मनवासी िामजद अली िान कहते है्मक बसपा की पांच सीटे्सहारनपुर िे्मनकल

जायेग् ी. मबजनौर के नयागांव िे्एक लड्के और उसके पम्​्ि​िी उत्र् प्द् श े िे्चुनावी दौरा कर रहे मपता पर दूसरे सिुदाय के लोगो्ने िेत िे्पानी मकसान नेता और कभी सपा से िध्यप्​्देश के देते वक्त हिला मकया मजसिे्17 वष्​्ीय मवशाल मवधायक रहे डॉ. सुनीलि भी इस बात से कुिार की िौत हो गयी थी और मपता संजय मसंह इत्फ ्े ाक रिते है.् उनका कहना है, ‘मजतना िैन् े को गहरी चोट आयी. िहज छह िहीने के भीतर देिा है, िुझे लगता है मक सहारनपुर िे् लड्ाई पेडा-नयागांव के इलाके िे्यह ऐसी दूसरी घटना बसपा और गठबंधन के बीच है. बसपा पहले की थी जो सांप्दामयक तनाव को पैदा कर सकती तरह चार सीटे् मनकाल सकती है.’ बदायूं िे् थी. भाजपा नेताओ् ने इसका लाभ उठाने की लड्ाई बसपा और भाजपा के बीच रही है. यहां कोमशश िे् कोई कसर नही् छोड्ी. मबजनौर िे् सपा-कांगस ्े गठबंधन को थोड्ा नुकसान हुआ है. भले ही ितदान दूसरे चरण िे् हुआ, लेमकन पहले चरण िे् मजन 73 सीटो् पर ितदान शमनवार की सुबह से ही मसंभावली, िेरठ, गढ् हुआ, वे बसपा के िजबूत इलाके िाने जाते है् िुक्तेश्र और गामज्याबाद तक भाजपा के लेमकन गठबंधन बनने के कारण इस बार काय्यकत्ाय इस घटना का प्​्चार करने िे् तुरंत िुब्सलि वोटो् का पलड्ा उस तरफ झुक गया. सम्​्कय हो गये. वॉट्सऐप पर संदेश भेजे जाने इसके चलते बसपा को कुछ सीटो्पर नुकसान लगे. पमरवार पर दबाव बनाया गया मक वह हो सकता है. इसके अलावा मटकटो् के गलत िृतक की लाश को लेकर राजिाग्यजाि कर दे,् बंटवारे का असर भी कुछ सीटो् पर पड्ेगा. लेमकन ऐसा करने से पमरजनो् ने इनकार कर िसलन, गामज्याबाद की सामहबाबाद सीट से मदया. बसपा के मवधायक रहे अिरपाल शि्ाय की जीत मपछले साल मसतंबर िे्मबजनौर के पेडा िे् पक्​्ी िानी जा रही थी, लेमकन जून के तीसरे लड्की से छेडछ ् ाड्की एक घटना के बाद दंगा सप्ताह उन्हे् पाट्​्ी से मनकालकर जलालुद्ीन भड्क गया था मजसिे्तीन लोगो्की जान चली मसद्​्ीकी को मटकट दे मदया गया मजसने इस सीट गयी थी. इस िािले िे्िुद िुखय् िंत्ी अमिलेश पर बसपा की हार तय कर दी. यादव को दिल देना पड्ा, तब जाकर दो मदन ितदान से एक मदन पहले 10 फरवरी की बाद पुमलस की जांच िे् यह बात सािने आयी दोपहर शि्ाय के काय्ायलय पर दमबश देकर मक दंगे का िुख्य आरोपी आरएसएस की पुमलसबल ने 15 पेटी शराब बरािद की थी. सहयोगी संस्था अमधवक्ता संघ का मजला मदनदहाड्े डेढ् बजे के आसपास हुई इस घटना अध्यक्​् एश्​्य्य चौधरी था. मदलचस्प है मक ने सबको चौ्का मदया था. इस बार कांग्ेस के मबजनौर मवधानसभा क्त्े ्से भाजपा ने चौधरी की मटकट पर लड् रहे शि्ाय की लोकम्​्पयता का पत्नी शुमच चौधरी को इस बार मटकट मदया है. आलि यह था मक पाट्​्ी बदलने के बावजूद चुनाव िे्ताज्ा घटना का लाभ उठाने के िकसद ितदाताओ् पर एक मदन पहले की घटना का से ितदान से पहले रमववार 12 फरवरी को कोई असर नही्पड्ा. मदलचस्प है मक इस सीट मबजनौर के भाजपा सांसद भारतेद् ्मसंह अस्पताल पर दमलत वोट बसपा िे् भत्​्ी संजय मसंह से पहले चरण के बाद मतदाताओं मिलने पहुचं े थे, लेमकन की जगह गठबंधन के बीच भंमं रैलाने मेंसबसे प्त्य् ाशी शि्ाय को गये है.् ितदान पर इस घटना शि्ाय के काय्ायलय का कोई असर नही् बडंी भूहमका 12 ररवरी को से कुछ दूरी पर दैमनक पड्ा. भाजपा अधंरकं​ंअहमत शाह के ज्र्रतो् का सािान भाजपा की एक बरान की रही. बेचने वाले एक ग्ामज्याबाद इकाई के दुकानदार बताते है्, ‘भाजपा इस सीट से एक वमरष्​्नेता नाि न छापने की शत्यपर बताते राजनाथ मसंह के बेटे पंकज मसंह को िड्ा करना है्, ‘हि लोगो् ने उम्िीद छोड् दी थी. हिारा चाहती थी. उसके मलए ज्रर् ी था मक अिरपाल चुनाव किज्ोर पड्गया था लेमकन मबजनौर की को यहां से हटाया जाये. बहुत पहले से भाजपा घटना के बाद लगा मक कुछ हो सकता है. वालो्को अिरपाल के पीछे लगा मदया गया था. ितदान से पहले आधी रात िे् ही पूरी पाट्​्ी मजस मदन उन्हे्बसपा से मनकाला गया, उस मदन सम्​्कय हो गयी थी. आप सिमझये मक ितदान भाजपा वाले िानकर चल रहे थे मक अब पंकज होने तक चुनाव महंदू और िुसलिान िे्बंट गया का रास्​्ा आसान है लेमकन अिरपाल को था.’ इस अमतरंमजत दावे की हकीकत यह है मक कांगस ्े से मटकट मिल गया. तब जाकर िजबूरी गामज्याबाद सीट पर िुद ब्​्ाह्िण ितदाता िे्नोएडा से पंकज मसंह को िड्ा करना पड्ा.’ आमिरी वक्त िे् भाजपा का साथ छोड्कर सांप्दामयक ध्​्ुवीकरण पैदा करने की अपनी जामत के सपा प्​्त्याशी सागर शि्ाय की कोमशशो्से अब ितदाता भ्म्ित नही्हो रहा. 10 ओर िुड्गये क्यो्मक भाजपा और बसपा दोनो्के फरवरी की रात मबजनौर िे्एक संगीन घटना हुई ही प्त्य् ाशी वैशय् सिुदाय से आते है.् कुछ यही कहानी िशहूर कासगंज सीट की मजसकी गूज ं ग्ामजयाबाद तक सुनने को मिली. शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 13


आवरण कथा

है जहां बसपा ने ब्​्ाह्िण प्त्य् ाशी िड्ा मकया था. ध्यान रहे मक पूव्य िुख्यिंत्ी िायावती ने कासगंज को मजला बनाया था और इसका नाि कांशीराि नगर रिा था. कासगंज की सीट दशको् से उत्​्र प्​्देश िे् जीतने वाले दल का संकते देती रही है, लेमकन इस बार हो सकता है मक यह रीमत पलट जाये. दरअसल, उत्र् प्द् श े का चुनाव धारणा के स्​्र पर भाजपा बनाि अन्य िे् आरंभ से ही तल्दील था. यही सबसे बड्ी मदक्​्त भी है क्यो्मक कोई ितदाता अगर भाजपा को वोट न देना चाहे तो वह मकसे वोट दे, इसका जवाब अब तक नही्मिल सका है. पहले चरण वाले इलाको् िे् गठबंधन का प्​्चार बहुत तगड्ा था जबमक बसपा यहां पहले से िजबूत रही है. िामजद कहते है्, ‘सपा-कांग्ेस गठबंधन का केवल हल्ला है, बसपा चुपचाप वोट ले जा रही है.’ ताबड्तोड् प्​्चार से इतर सपा-कांग्ेस गठबंधन की िौजूदा ब्सथमत क्या है, उसे जानने के मलए 2012 िे्राज्य के सात क्त्े ्ो्िे्तिाि दलो्के प्द् श्नय पर एक नजर डालनी जर्री है. बसपा के गढ्पम्​्ि​िी यूपी िे्44 सीटो्िे्सपा को 10 सीटे् आयी थी् और 20.5 फीसदी वोट मिले थे. बसपा ने पम्​्ि​िी यूपी की 44 िे्से 17 सीटो् पर जीत दज्य की थी और 29.2 फीसदी वोट बटोरे थे. तराई वाले इलाके िे्सपा को 61 िे् से 32 सीटे् आयी् और वोट दर 28 फीसदी रही. र्हल े िंड की 52 सीटो्िे्से उसे 29 सीटे् हामसल हुई थी्. गठबंधन ने भले ही प्​्देश िे् चुनाव को िड्ा कर मदया हो लेमकन इसकी काियाबी पूरी तरह इस बात पर मनभ्रय करेगी मक एक पाट्​्ी से दूसरी पाट्​्ी िे्वोट मकतनी आसानी 14 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

कि नज्र आती है क्यो्मक एक तो भाजपा तिाि कोमशशो् के बावजूद ध्​्ुवीकरण नही् कर पायी है, दूसरे, कैराना जैसी सीट पर उसके मदग्गज नेता हुकिु मसंह को चुनाव से ठीक पहले महंदओ ु ् के कमथत पलायन पर अपना बयान बदलना पड् गया. हुकिु मसंह ने मपछले साल एक मववादास्पद सूची जारी कर के हंगािा िचा मदया था, लेमकन ितदान से पहले उन्हो्ने बयान मदया मक अपराध के कारण महंदू और िुसलिान दोनो् कैराना से पलायन कर रहे है.् कैराना के एक पाष्दय बताते है,् ‘ये तो होना ही था. उनकी बेटी िैदान िे्है. िुसलिानो्िे्बाबूजी (हुकिु मसंह) को लेकर काफी आदर रहा है. यहां की मफज्ां िे् ज्हर घोलना इतना आसान नही्.’ िुसलिानो्का वोट हिेशा की तरह बंटा है. िुसलिान ितदाताओ् ने हर उस प्​्त्याशी को वोट मदया है मजसिे् उन्हे् भाजपा को हराने की गुंजाइश मदिी है, मफर चाहे वह महंदू हो या िुबस् लि लेमकन बसपा के सबसे ज्यादा िुबस् लि प्त्य् ाशी देने का उसे थोड्ा लाभ हुआ है. िामजद असमि शाह: नही् चला िांप्दासयक पत्​्ा​ा कहते है,् ‘इसके अलावा बुिारी की कॉल का से ट्​्ास ं फर होते है.् इस िािले िे्िाना जाता है भी असर पड्ा है. मजन सीटो् पर बसपा के िुबस् लि प्त्य् ाशी है,् वहां 70 फीसदी वोट उसे कांगस ्े के िुकाबले सपा कही्ज्यादा कुशल है. उधर, जाट आरक्ण ् के िुद्े िे् नोटबंदी ने गया है और जहां नही् है,् वहां भी औसतन 25 आग िे्घी जैसा काि मकया है, लेमकन एक और फीसदी वोट बसपा को गया है.’ दूसरी तरफ पम्शचि के कई मजलो्िे्तैनात मदलचस्प सािामजक बदलाव नोटबंदी के चलते आया है. नवंबर िे् िुजफ्फरनगर-शािली का रह चुके पूवय्आईपीएस अमधकारी शैलदे् ् प्त् ाप दौरा कर चुके वमरष्​् पत्क ् ार प्श ् ांत टंडन का मसंह ने ‘शुक्वार’ से कहा, ‘दूसरे चरण का ्े के गठबंधन को बल देता कहना था मक बैक ् ो्और एटीएि के बाहर लाइनो् ितदान सपा-कांगस हु आ नजर आ रहा है. इसका बडा कारण यह है िे्लगे जाट और िुसलिानो्के बीच नये मसरे से मक यह क् े ् त ् िु म स ् लि बहुल है. यहां पर लोग सािामजक एकजुटता कायि हुई है, मजसे तोड्ना भाजपा को तथाकमथत तौर पर ही स्वीकार करते अब बीजेपी के वश िे्नही्है. इसका सबसे बड्ा है . ् ’ वे अपने तक् फ़ को मवस् तार देते हुए कहते है,् संकते पहले चरण िे्मिला है जब जाटो्के वोट ‘बसपा इस बार अपने सोशल इंजीमनयमरंग के बड्ेपैिाने पर रालोद के प्त्य् ामशयो्को पड्ेहै.् दादरी मनवासी सियपाल मसंह मदल्ली िेट्ो आकष्यण से ितदाताओ् को मरझाने िे् भी के वैशाली स्टेशन के बाहर पान-बीड्ी की काियाब नही्हो सकी है. ऐसे िे्ितदाताओ्ने ्े गठबंधन को स्वीकार करते हुए उसे दुकान चलाते है.् वे कहते है,् ‘भाजपा को हिने सपा-कांगस मपछली बार वोट मदया था. हो सकता है अगली अपने वोटो्से नवाजा है.’ एक सवाल के जवाब िे् शैले्द् कहते है्, बार भी लोकसभा िे् दे,् ‘पम्शचि िे्यादवो्की पूवयंआईपीएस अहिकारी लेमकन अबकी तो संख्या भी कि है. लोकदल को ही हिने शैलदें ंपंतं ाप हसंह ने कहा , चूमं क, ऐसा िाना जाता वोट मदया है.’ लिनऊ ‘दूसरे चरण का मतदान सपाहै मक यादवो् का ब्सथत मगमर इंबस् टट्ट्ू के कां ग स े ं के गठबं ि न को बल दे त ा ज्यादातर वोट सपा को शोधाथ्​्ी अमनल यादव ने हु आ नजर आ रहा है . ’ ही जाता है. ऐसे िे् पम्​्ि​िी यूपी के दौरे के िुमस्लि बहुल इस क्त्े ् बाद बताया, ‘अमजत ्े और सपा का गठबंधन लोगो्को रास मसंह की रालोद कुछ सीटे्मनकाल सकती है. इस िे्कांगस आया होगा.’ बार जाटो्का वोट उसे पड्ा है.’ वही्, वमरष्ठ पत्​्कार मसद्​्ाथ्य कलहंस भी उत्​्र प्​्देश िे् हर चुनाव िुब्सलि ितदाताओ् के इद्य-मगद्य घूिता रहा है क्यो्मक इस बात को स्वीकारते है् मक दूसरे चरण के उनकी संखय् ा करीब 18 फीसद है. आि तौर पर ितदान िे् गठबंधन को िजबूती मिली है. वे यह कहा जाता है मक िुबस् लि वोटो्के बंटने से कहते है्, ‘कुछ जगहो् पर राष्ट्​्ीय लोकदल ने भाजपा को फायदा होगा. इस बार ऐसी ब्सथमत भाजपा को किजोर मकया है. िगर ज्यादातर


भाजपा से कोई सहयोग नही् रालोद नेिा अजीि कसंह से कववेक सक्सने ा की बािचीि.

पकी पाट्​्ी को अकेले चुनाव लड्ना पड् रहा है. सपाकांगस ्े ने तजस िरह अनदेखी की है, उस पर क्या सोचिे है?् हि गठबंधन िे्कभी शामिल ही नही्होना चाहते थे. न ही मकसी दल से इस बारे िे्हिारी बात ही हुई. हां इतना जर्र है मक एक-दो बार िुलायि मसंह यादव ने इस बारे िे्चच्ाय करने की कोमशश जर्र की पर िैन् े ही इसे अहमियत नही्दी. क्या आप सूबे की राजनीति मे् एकदम अलग-िलग नही् पड् गये? इस चुनाव मे् रालोद की क्या संभावनाएं है?् रालोद प्द् श े की सबसे िजबूत पाट्​्ी है. हि अपने बलबूते पर सरकार बनाने जा रहे है.् हिारी कोमशश होगी मक हर सीट पर अपने उम्िीदवार िड्े करे.् अगली सरकार रालोद की बनने जा रही है. मगर वष्ज 2014 के लोकसभा चुनाव मे् िो आप और जयंि चौधरी अपनी सीटे् नही् जीि पाये िे? मपछली बार बात अलग थी. तब नरेद् ्िोदी की हवा चल रही थी. हि लोग तब केद् ्िे् सरकार बनाने के मलए नही्लड्रहे थे. इस बार िाहौल बदल चुका है. लोग प्द् श े िे्पमरवत्नय चाहते है.् आपकी पाट्​्ी का मुखय ् मंत्ी पद का उम्मीदवार कौन है? युवा नेता जयंत चौधरी. मगर आप दोनो् ही तवधानसभा चुनाव नही् लड् रहे है?् इस सिय हिारा लक्य् रालोद को सत्​्ा िे्लाना है. इसमलए पाट्​्ी का चुनाव प्च ् ार करने के मलए हिे् पूरे प्द् श े िे् दौड् भाग करनी पड् रही है. सरकार बनने के बाद भी चुनाव लड्ा जा सकता है. अगर तकसी दल या गठबंधन को बहुमि हातसल नही् हुआ िो आप सरकार बनाने के तलए तकसे समि्नज देग् ?े िै्उन सवालो्का जवाब देता हूं जो तथ्यो्पर आधामरत होते है.् हि क्यो्यह िानकर चले्मक रालोद को बहुित नही्मिलेगा. हिे्तो दो मतहाई बहुित मिलने वाला है. अगर भाजपा को कुछ सीटो् की जर्रि पड्ी िो? भाजपा का सिथ्नय तो हि स्वप्न िे्भी नही्कर सकते. आपके बारे मे् आम राय है तक रालोद तबकाऊ माल है. सत्​्ा मे् तहथ्सा तमले िो तकसी का भी समि्नज कर सकिे है?् यह सब मवरोमधयो् का दुष्प्चार है. िै्ने कभी भी सत्​्ा के मलए कोई िुम्सलि ितदाताओ् ने गठबंधन को ही अपनी पसंद िाना है.’ वे कहते है्, ‘गठबंधन को लोगो् ने इसमलए स्वीकार मकया क्यो्मक यहां पर भाजपा का ज्यादा तय वोट नही्है. बसपा ने भी अपनी चिक इस बार कुछ िो सी दी है. ऐसे िे् लोगो् के पास सपा-कांग्ेस का गठबंधन स्वीकार करना ही एक रास्ता रह गया था.’ ऑल इंमडया िजमलसे इत्ह्े ादुल िुबस् लिीन (एआइएिआइएि) ने 11 िुबस् लि बहुल सीटो् पर इस बार अपने उम्िीदवार उतारे है.् इसकी ब्सथमत उत्र् प्द् श े िे्मबहार से मबलकुल अलग है. यहां मपछले साल पाट्​्ी ग्​्ाि पंचायत चुनाव िे् चार सीटे्मनकाल चुकी है. िुरादाबाद और संभल के इलाके िे्िुबस् लि युवाओ्के बीच इस पाट्​्ी

सिझौता नही्मकया. अपने राजनीमतक जीवन िे्िुद्ो्और मसद्​्ातं ो्से कोई सिझौता नही्मकया. अतखलेश यादव व उनकी सरकार के बारे मे् क्या राय है? वे हर िोच्​्ेपर असफल रहे है.् उनके राज िे्कानून व्यवस्था का भट्​्ा बैठ गया. भ्ष ् ्ाचार अपने चरि पर है. क्या पत्​्िमी उत्र् प्द् श े का मुसलमान और जाट पूरी िरह से रालोद का समि्नज करेगा? हिने कभी धि्यया जामत की राजनीमत नही्की. िै्हिेशा चौधरी चरण मसंह के उसूलो्पर चला. वे मकसानो्के महत की बात करते थे. आज भी यह वग्यपूरी तरह से हिारे साथ है. आपने िमाम सपा छोड्कर आये लोगो् को तटकट तदया है? सपा के तिाि बड्े नेताओ् को पामरवामरक झगड्े के चलते अपिान झेलना पड्ा. उनकी अपनी राजनीमतक हैमसयत है मजसकी अनदेिी नही्की जा सकती है. उन्हे्लोगो्की सहानुभमू त का फायदा मिलेगा. क्या सपा-कांगस ्े ने आपके साि धोखा तकया? हिारे लोगो् को कई बार ऐसा लगता है. जब िुलायि मसंह यादव ने िुझे याद मकया तो िै्तिाि मपछली बाते्भुलाकर उनकी िदद के मलए गया. िगर बाद िे्रालोद को ही बरबाद करने की सामजश की गयी. कांगस ्े के बारे मे् क्या कहना चाहेग् ?े उत्र् प्द् श े िे् कांगस ्े िुद सपा की मपछलग्गू है. उसके बारे िे् क्या कहा जाये. n

को लेकर िासा र्झान मदिा. मबहार की तज्यपर यहां भी एिआइएि पर आरोप है मक वह िुसलिानो्का वोट बांट रही है. इस पर बेगनु ाह िुबस् लिो्के मलए काि करने वाले संगठन मरहाई िंच के प्​्वक्ता शाहनवाज् आलि कहते है्, ‘सेकल ु रवाद के नाि पर अब तक तिाि पाम्टयि ां िुसलिानो् को बांटती आई है्, एिआइएि िे् नया क्या है.’ गुजरात के ऊना िे्मपछले साल दमलतो्की सरेआि हुई मपटाई की घटना सुम्िययो् िे् आने के बाद से लेकर अब यूपी चुनाव की दौड् िे् सबसे ज्यादा बहस दमलत-िुब्सलि एकता पर हुई है. यह मवधानसभा चुनाव इस एकता का असली इब्मतहान होगा. यह दुल्यभ सािामजक

सिीकरण उत्​्र प्​्देश के चुनाव िे् जिीन पर उतरता है या बाद िे्, यह तो देिने वाली बात होगी लेमकन 11 फरवरी की दोपहर जब करोड्ो् लोग ितदान के्द्ो्के बाहर कतारो्िे्िड्ेहुए थे उस वक्त मदल्ली की तीस हज्ारी अदालत दमलत-िुब्सलि एकता का प्​्तीकात्िक गवाह बन रही थी. उत्​्र प्​्देश के रहने वाले एक िुब्सलि युवक ने उस मदन एक दमलत िमहला के साथ अपना मनकाह रचाया. यह ऐमतहामसक शादी करवाने वाले मदल्ली उच्​् न्यायालय के अमधवक्ता एडवोकेट आनंद मिश्​्ा कहते है्, ‘पहले सिाज बदलता है, मफर राजनीमत. चुनावी जीत-हार अपनी जगह, इंसान का n बदलना ज्यादा ज्र्री है.’ शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 15


आवरण कथा

नरे्द् मोदी: आत्मसवश्​्ाि बनाम बदहवािी

भयभीि की बदलिी भाषा

आम पाट्​्ी काय्षकि्ाष िक नरे्द्मोदी की भारा और शैली मे्आये बदलाव से चककि है्. कुछ इसे अकि-आत्मकवश्​्ास मानिे है्िो कुछ लोगो्को इसमे्एक बदहवासी कदखिी है. खववेि सक्सने ा

ह बहुत दुिद बात है मक हिारे शीष्य नेताओ्ने इमतहास तो दूर रहा, भूतकाल से भी न कुछ सीिा और न सबक मलया. वे तीन साल के अंदर ही ऐसी भाषा बोलने लगे है् जो कांगस ्े के पतन का कारण बनी. उसके नेता तो सत्​्ा िे्रहते हुए टूजी स्पकै ट् ि् सरीिे भ्ष ् ्ाचार के िािले िे् जीरो लॉस या िहंगाई के िुद्े पर

16 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

पांच र्पये िे् भरपेट िाना िाने की थ्योरी बेचकर आि आदिी का उपहास उड्ाते थे, िगर नरेद् ्िोदी तो दबंगई पर उतर आये है.् लोगो्को उनके कच्​्ेमचट्​्ेिोलने की धिकी देते हुए िुहं बंद रिने के मलए कह रहे है्.’ ये मवचार एक बुजगु य्भाजपा नेता के है्मजनकी मगनती पाट्​्ी के संस्थापको् िे् की जाती है. वे ही नही्, बब्लक आि पाट्​्ी काय्यकत्ाय तक नरे्द् िोदी की भाषा और शैली िे् आये बदलाव को लेकर बेहद आि्​्य्यचमकत है्. कुछ का िानना है मक यह उनके अमत-आत्िमवश्​्ास का लक्ण ् है तो कुछ इसे चुनाव नतीजो्के पूवा्भय ास को लेकर पैदा हो रही बदहवासी बता रहे है.् नवंबर िे्नोटबंदी के बाद जब आि जनता को हुई मदक्​्तो्और देश की अथ्यव्यवस्था को जबरदस्​् झटका लगने की िबरे् आने लगी् और प्​्धानिंत्ी की आलोचना शुर् हुई, तो उसके बाद उनके स्वर बदलने लगे. पहले उन्हो्ने इसका मवराध करने पर मवपक्​्को भ्​्ष् कह मदया. मफर संसद के बजट सत्​्िे्मवपक्​्का िजाक उड्ाया और अब मवधानसभा चुनाव

प्​्चार के दौरान हमरद्​्ार की चुनावी रैली िे् कांग्ेसी नेताओ् को दो टूक िे् धिकी देते हुए कहा मक चुप बैठो, वरना िै् तुम्हारे सारे कच्​्े मचट्​्ेिोल दूंगा. तुि सबकी जन्िपत्​्ी िेरे पास है. संसद के दोनो् सदनो् िे् राष्​्पमत के अमभभाषण पर धन्यवाद प्स ् ्ाव का जवाब देते हुए िोदी ने मजस भाषा-शैली का इस्ि्े ाल मकया वह कही् से भी सभ्य सिाज की नही् कही जा सकती थी. भाजपा के ही अनेक वमरष्​् नेता आपसी बातचीत िे् यह स्वीकार करते है् मक प्ध ् ानिंत्ी को इस तरह की भाषा का इस्ि्े ाल नही्करना चामहए. उन्हो्ने राज्यसभा िे्भगवंत मसंह िान से लेकर, लोकसभा िे्पूवय्प्ध ् ानिंत्ी डॉ. िनिोहन मसंह तक पर ऐसे कटाक्​् मकये मजनकी कोई कल्पना भी नही् कर सकता था. ऐसा लगा मक कोई प्ध ् ानिंत्ी नही्, बब्लक कोई दबंग बोल रहा हो. उनके अंदर अिर मसंह की आत्िा का प्व् श े हो गया हो या वे डोनाल्ड ट्प्ं की राह पर चलने का िन बना चुके हो्. लोकसभा िे् नोटबंदी को लड्ाई का िौसि


बताते हुए उन्हो्ने कहा मक एक तरफ देश को कांग्ेसी नेताओ् को अपने िुंह बंद रिने की लूटने वाले लोगो् का और दूसरी तरफ देश को धिकी देते हुए कहा मक िेरे पास तुि सबकी ईिानदारी की ओर ले जाने वालो्का िोच्ाय लगा जन्िपत्​्ी है. क्या कभी मकसी ने इस बात की हुआ था. वे डाल-डाल थे और हि लुटेरो् के कल्पना भी की थी मक देश का प्​्धानिंत्ी इस जवाब देने के मलए पात-पात थे. असल िे् यह तरह से धिकी देगा? कांग्ेसी नेताओ् को ही कहकर वे इस आलोचना का जवाब दे रहे थे मक नही्, यह तो देश के सवा सौ करोड् लोगो् को नोटबंदी के 50 मदनो्के दौरान हर रोज सरकार धिकी थी, मजन्हे्नोटबंदी के जमरये यह सरकार ने अपने मनयि बदले. देश के तिाि गैर-जर्री पहले ही बेईिान और चोर बता चुकी है और कानून रद्​्करने और प्ि् ाणपत्​्िुद ही सत्यामपत अब उन्हे्आयकर के नोमटस भेजे जा रहे है्. ट्​्ंप करने जैसे कदि उठाकर देश को सरकारी लाल जैसे बेहदू े राष्प् मत तक ने अपने देश के नेताओ् फीताशाही और बेितलब के मनयि-कानूनो् से को उनके कच्​्ेमचट्​्ेिोलने की धिकी नही्दी. देश िे् आपातब्सथमत लगाने वाली इंमदरा छुटकारा देने का दावा करने वाले प्ध ् ानिंत्ी ने लोकसभा िे् यह बात जोर देकर कही मक गांधी भले ही अपनी पाट्​्ी के नेताओ् से लेकर सरकार मनयिो् से चलती है, मजम्िेदामरयो् से मवपक्​्ी दलो्, अफसरो् और पत्​्कारो् की चलती है. जो लोग पहले पूछते थे मक मकतना जन्िपत्​्ी तैयार करवा कर रिती थी्, लेमकन उन्हो्ने भी कभी इस गया, वे लोग अब पूछते भाजपा ही सबसे जंरादा तरह की धिकी नही्दी है् मक मकतना आया. िोदी इतने ज्यादा अखबारोंको हवजं​ंापन दे रही है. मक अगर िेरा मवरोध उत्सामहत और पारं​ंी सूतंोंके मुताहबक, कुल राहश मकया तो तुम्हारी जन्िपत्​्ी िोल दूंगी. आत्िमवश्​्ास से का 90 रीसद भु ग तान नकद मे ं आज देश की सवा सौ लबरेज हो उठे मक हकरा जा रहा है. करोड् जनता को िनिोहन मसंह तक से सरकार से अपनी दो-दो हाथ कर मलये. िालूि हो मक पूवय्प्ध ् ानिंत्ी ने नोटबंदी की ईिानदारी का प्ि् ाणपत्​्लेना होगा. उसने उनके आलोचना करते हुए कहा था मक नोटबंदी एक िातो्से लेकर िच्यतक पर अपनी नजर रिी तरह की लूट और डकैती सामबत हुई. उन्हे् हुई है. वह जब मजसे चाहे, चोर घोमषत कर अपना मनशाना बनाते हुए उन्हो्ने कहा मक 70 सकती है. िासतौर से मडमजटल भुगतान के साल िे् से 30-35 साल उनका अथ्य जगत से कारण तो सरकार आपकी हर गमतमवमध पर सीधा संबध ं रहा है. देश के अथ्ज य गत पर उनका नजर रिे हुए है. पूव्य मवत्​्िंत्ी पी मचदंबरि के िुतामबक, लगातार दबदबा रहा. इस बीच मकतने ही घोटालो्की बाते्सािने आयी्. हिारे राजनेताओ् इससे मनजता एकदि सिाप्त हो जायेगी. क्या को डॉक्टर साहब से बहुत कुछ सीिना चामहए. दुमनया िे् कोई शासक मिलेगा जो अपनी उस इतना सारा घोटाला हुआ पर एक दाग नही्लगा. जनता को चोर घोमषत कर दे जो उसे बाथर्ि िे् रेनकोट पहनकर नहाने की कला अमतउत्साह और आशाओ् के साथ सत्​्ा िे् को डॉक्टर साहब ही जानते है्और दूसरा कोई लायी थी. वे पूरी दुमनया को बता रहे है्मक िेरे नही्. उन्हो्ने लोकसभा िे् भगवंत िान पर देश के लोग कारे्िरीदते है्, मवदेश घूिने जाते मटप्पणी करते हुए उन पर शराब पीकर वहां है्. अपने िातो् िे् दो-ढाई लाि र्पये जिा आने का इशारा मकया और मफर हमरद्​्ार की करवाते है्, िगर टैक्स नही्देते. ये सब चोर है्. जनसभा िे् तो तब इंमतहा हो गयी जब उन्हो्ने वे तो आजादी के बाद से अब तक का मरकॉड्य

िंगालने से लेकर िातो् ही नही्, बै्क लॉकर तक पर हाथ डालने की बात कर रहे है्. उनकी यह धिकी मसफ्फ़मवपक्​्के मलए नही्है, बब्लक िीमडया, न्यायपामलका, अफसरवादी और एनजीओ से लेकर भाजपाइयो्और संमघयो्तक के मलए है मक अगर िुंह िोला और िेरा मवरोध मकया तो सबकी जन्िपत्​्ी जगजामहर कर दी जायेगी. यहां सबसे बड्ा सवाल यह पैदा होता है मक यह धिकी और ल्लक ै िेमलंग क्यो्की जा रही है. जनता ने उन्हे्पूणय्बहुित दे मदया है. सारी जांच एजे्मसयां उनके अधीन है् और कही् मकसी ने कुछ गलत मकया है तो उसके मिलाफ कार्वय ाई करने से उन्हे्कौन रोक रहा है. अगर िुलायि मसंह यादव, सोमनया गांधी, पी मचदंबरि, राहुल गांधी, अहिद पटेल और डॉ. िनिोहन मसंह आमद ने कुछ गड्बड्मकया है तो उनके मिलाफ कार्वय ाई कमरए. उन्हे्जेल िे्डाल दीमजए. आप तो अपनी पहली कैमबनेट िीमटंग िे्ही कालेधन की जांच के मलए एसआईटी बनाने का श्य्े लेते है,् िगर उसने तीन साल िे्क्या मकया, यह नही् बताते. क्या मकसी िास प्​्योजन के मलए ही मसफ्फ़ धिकी दी जा रही है? जन्िपत्​्ी साव्ज य मनक क्यो्नही्की जा रही है? वैसे इस सरकार की कथनी और करनी िे् मकतना अंतर है, इसका अनुिान इससे ही लगाया जा सकता है मक उत्​्र प्​्देश मवधानसभा िे् मसफ्फ़ भाजपा ही सबसे ज्यादा अिबारो् को मवज्​्ापन दे रही है. पाट्​्ी सूत्ो् के िुतामबक, कुल रामश का 90 फीसद भुगतान नकद िे् मकया जा रहा है. यह तो पाट्​्ी है, मजसकी सरकार सिोसा िरीदने का भुगतान तक पेटीएि से करने की दलीले् देती आयी है. भाजपा के ही एक नेता के िुतामबक, नरेद् ्िोदी के व्यवहार िे् आये पमरवत्नय के पीछे इन पांच मवधानसभा चुनावो् िे् पाट्​्ी को काफी चोट मिलने की आशंका बताई जा रही है. अगर ऐसा होता है तो उनके नोटबंदी के कदि की धम्​्ियां उड्जायेग् ी. n

ख्बरो् िे पीछे िी ख्बर िे िलए लॉिगन िरे्

www.shukrawaar.com शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 17


आवरण मास्ट हेकथा ड

उत्​्र प्​्देश के मुसलमान दूध के जले हुए है्. अगर कोई मज़हबी मुद्ा नही्उछला िो माना जा सकिा है कक वे कवकास के एजे्डे को िरजीह दे्गे. वैसे उनकी सुरक्​्ा भी एक बड़ा मुद्ा है. खिरदौस खान

सिाजवादी पाट्​्ी हिेशा से ही यादव जामत और िुब्सलि ितदाताओ् को अपनी ताकत िानती आयी है. इसके अलावा अन्य मपछडी जामतयां भी सिाजवादी पाट्​्ी के साथ है्. साल 2012 िे्हुए मवधानसभा चुनाव िे्सिाजवादी पाट्​्ी ने तकरीबन 29 फ़ीसद ितो् के साथ बहुित हामसल कर सरकार बनाई थी. साल 1990 िे् अयोध्या िे् कारसेवको् पर गोली चलवाने के बाद से िुलायि मसंह िुसलिानो् के चहेते बन गये. प्​्देश के िुसलिान उन्हे् अपना महतैषी सिझते है्. यहां तक मक िुलायि मसंह को िुल्ला िुलायि भी कहा जाने लगा. िुलायि मसंह अपने साथ िुल्ला-िौलमवयो् की फ़ौज रिने लगे. उन्हो्ने िुसलिानो्की नल्ज पकड ली. उन्हो्ने िुसलिानो् को भारतीय जनता पाट्​्ी का डर मदिाकर अपनी तरफ़ करने की कोमशश की और इसिे् वह काफ़ी हद तक काियाब भी हुए. साल 2002 के मवधानसभा चुनाव िे् सिाजवादी पाट्​्ी को 54 फ़ीसद िुब्सलि ितदाताओ्का सिथ्यन मिला था. साल 2014 के लोकसभा चुनाव िे्सिाजवादी पाट्​्ी को 58 फ़ीसद िुसलिानो्ने वोट मदए थे. अब सत्​्ा िे् वापसी के मलए उसे िुसलिानो्के सिथ्यन की जर्रत है. उसके पास आजि खान, िहबूब अली, शामहद िंजूर और इकबाल िहिूद जैसे िुब्सलि चेहरे है्, मजसके बूते वह िुसलिानो् को मरझाने की कोमशश कर रही है. हालांमक िुलायि मसंह पर सरकारी नौकमरयो् िे् िुसलिानो् को नजरंदाज करके यादवो्को फ़ायदा पहुंचाने के आरोप भी लगते

त्​्र प्​्देश िे् कई सीटो् पर िुब्सलि आबादी चुनाव नतीजो् को सीधे प्​्भामवत करती है. मवधानसभा की 403 मवधानसभा सीटो् िे् तकरीबन 120 सीटे् ऐसी है्, जहां िुब्सलि ितदाता मनण्ाययक भूमिका मनभाते है्. इस बार भी उत्​्र प्​्देश मवधानसभा चुनाव िे् िुब्सलि ितदाता अहि मकरदार अदा करे्गे. प्​्देश िे् 19 फ़ीसद िुसलिान है्, जबमक 22 फ़ीसद सवण्य जामतयां, 21 फ़ीसद दमलत और 8 फ़ीसद यादव है्. सभी मसयासी दल िुब्सलिो् को एक बडा वोट बै्क िानते है्. इसमलए वे उन्हे् अपनी तरफ़ करने की हर िुिमकन कोमशश करते है्. मफ़लहाल उत्​्र प्​्देश िे् िुख्य िुकाबला सिाजवादी पाट्​्ी, बहुजन सिाज पाट्​्ी और भाजपा िे् िाना जा रहा है. कांग्ेस और राष्​्ीय लोकदल का सिाजवादी पाट्​्ी के साथ गठबंधन है. इसमलए इनका भी मसयासत पर गहरा असर है. मुस्ललम आवाम के बीच असखलेश और आजम खान: भरोिे की मुलाकाि

18 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

एक वोट रहे है्. मपछले मवधानसभा चुनाव िे् जीत के बाद िुलायि मसंह ने अपने बेटे अमिलेश यादव को प्​्देश की बागडोर सौ्पी. अमिलेश ने अपने िंम्तिंडल िे् 10 िुब्सलि मवधायको् को शामिल जर्र मकया, लेमकन अपने मपता की तरह जामतगत-िुब्सलि मसयासत को अहमियत देने की बजाय मवकास को अपना चुनावी एजे्डा बनाया. उनके शासनकाल िे् प्​्देश िे्अनेक सांप्दामयक दंगे हुए और हजारो् िुसलिानो्को बेघर होना पडा. दादरी कांड ने भी अमिलेश यादव की छमव धूमिल की. िुसलिान भारतीय जनता पाट्​्ी के साथ-साथ सिाजवादी पाट्​्ी को भी दंगो्के मलए मजम्िेदार ठहराते है्. सिाजवादी पाट्​्ी ने िुसलिानो्को अपनी तरफ़ करने के मलए जहां कांग्ेस का दािन थाि मलया है, वही्वह िुसलिानो्को लािबंद करने के मलए भारतीय जनता पाट्​्ी के सत्​्ा िे् आ जाने का डर मदिा रही है. सिाजवादी पाट्​्ी जानती है मक िुसलिान भारतीय जनता पाट्​्ी


मुस्ललम मददािा:नयी पीढ्ी की नयी उम्मीदे्

बैंक की ववडंबनाएं को सत्​्ा से बाहर रिने के मलए उसे सिथ्यन दे सकते है्. कांग्ेस एक ऐसी पाट्​्ी है, मजसे सब अपना िानते है्. कांग्ेस शुर्से ही िुसलिानो् की पहली पसंद रही है. बहुजन सिाज पाट्​्ी की प्​्िुि िायावती जामतगत मसयासत िे् िामहर है्. वह भी िुसलिानो् को एक बडा वोट बै्क िानती है्. उन्हो्ने प्​्देश की सभी 403 सीटो् के मलए उम्िीदवारो्के नाि घोमषत कर मदये है्. उन्हो्ने 97 िुसलिानो्को चुनावी िैदान िे्उतारा है. उन्हो्ने बाहुबली िुख्तार अंसारी की पाट्​्ी कौिी एकदा दल का अपनी पाट्​्ी िे्मवलय कर उन्हे् और उनके पमरवार को तीन मटकटे् भी दी है्. बहुजन सिाज पाट्​्ी के पास नसीिुद्ीन मसद्​्ीकी जैसा िुब्सलि चेहरा है. उन्हो्ने नसीिुद्ीन मसद्​्ीकी के बेटे अफ़जाल मसद्​्ीकी को पाट्​्ी उम्िीदवार बनाकर िुब्सलि युवाओ् को पाट्​्ी से जोडने की कोमशश की है. गौरतलब है मक अफ़जाल मसद्​्ीकी की अगुवाई िे् बहुजन सिाज पाट्​्ी ने भाईचारा समिमत का गठन मकया

है, मजसका िकसद गंगा-जिुनी तहजीब को बढावा देना है. िायावती ने 87 अनुसूमचत जामत के लोगो् को मटकट मदया है, जबमक 106 अन्य मपछड्ा वग्य और 113 स्वण्य जामत के लोगो् को उम्िीदवार बनाया है. बहुजन सिाज पाट्​्ी की खास बात यह है मक उम्िीदवारो् के चयन िे् जामतगत के साथ-साथ सािामजक सिीकरण को भी िद्​्ेनजर रिा जाता है. इसका फ़ायदा भी पाट्​्ी को मिलता है. साल 2007 के मवधानसभा चुनाव िे् बहुजन सिाज पाट्​्ी ने 30 फ़ीसद वोट हामसल कर प्​्देश िे् अपनी जीत का परचि लहराया था. िुसलिान िायावती पर ज्यादा भरोसा नही् करते, क्यो्मक वह तीन बार भारतीय जनता पाट्​्ी की िदद से उत्​्र प्​्देश की िुख्यिंत्ी बन चुकी है्. भमवष्य िे् भी वह भारतीय जनता पाट्​्ी के साथ हाथ मिला सकती है्. हालांमक उन्हो्ने इस बार बयान मदया है मक चुनाव के बाद भी वह मकसी हाल िे्भाजपा के

साथ नही्जाएंगी. िुसलिानो् को लुभाने के मलए वह अपने भाषणो् िे् हदीसो् का हवाला भी देने लगी है्. इतना ही नही्, तीन तलाक जैसे िुद्े पर उन्हो्ने भारतीय जनता पाट्​्ी को भी िरी-िरी सुनाते हुए कहा मक वह शरीया कानून िे् दखल देने की कोमशश कर रही है्. साथ ही वह अल्पसंख्यको् को आरक्​्ण देने जैसे िुद्ो् पर भी बेबाक बयान दे रही है्. बहुजन सिाज पाट्​्ी को दमलतो्, मपछडो्और िुसलिान का सिथ्यन हामसल है. इतना ही नही्, िायावती सवण्य जामतयो्को भी पाट्​्ी से जोडने िे्काियाब रही है्. वह अकेले दि पर सरकार बनाने की बात कर रही है्. भारतीय जनता पाट्​्ी ने 371 सीटो् पर उम्िीदवारो् का ऐलान कर मदया है, लेमकन इनिे् से एक भी िुब्सलि नही् है. पाट्​्ी के राष्​्ीय प्​्वक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है मक प्​्देश िे् एक भी िुसलिान जीतने लायक नही् मिला, इसमलए भाजपा ने मवधानसभा चुनाव िे्मकसी भी सीट से िुब्सलि उम्िीदवार नही् उतारा. मपछले लोकसभा चुनाव िे् उत्​्र प्​्देश िे्भाजपा को 72 सीटे्मिली थी्, लेमकन इनिे्एक भी सांसद िुसलिान नही्है. भारतीय जनता पाट्​्ी िे् मगने-चुने ही िुब्सलि चेहरे नजर आते है्, मजनिे् िुख्तार अल्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन है्. िुख्तार अल्बास नकवी झारिंड से राज्यसभा िे् पहुंचे है् और राज्य िंत्ी है्, जबमक शाहनवाज्हुसैन लोकसभा चुनाव हार गये थे. कांग्ेस ने भाजपा से गयी िमणपुर की राज्यपाल नजिा हेपतुल्ला कही्नजर नही्आती्. दरअसल, िुब्सलि उम्िीदवार न बनाना, िुसलिानो् के प्​्मत भारतीय जनता पाट्​्ी की िानमसकता को दश्ायता है. उसके चाल, चमरत्​् और चेहरे को उजागर करता है. ऐसे िे् कौन िुसलिान इस पाट्​्ी पर भरोसा कर सकता है, यह कहने की जर्रत नही्. वैसे भी भारतीय जनता पाट्​्ी महन्दुत्व की राजनीमत करती है. उसका िकसद वोटो् का ध्​्ुवीकरण रहता है, तामक िुब्सलि वोट बंट जाये, मजसका उसे सीधा फ़ायदा हो सके. इसके मलए वह राि िंमदर जैसे सांप्दामयक िुद्े उठाने िे्पीछे नही् रहती. िुसलिानो् की सबसे बडी किी यह रही है मक वे मवकास जैसे िुद्ो्को तरजीह नही्देते. वे धाम्ियक भावनाओ्िे्जल्दी बह जाते है्और भारतीय जनता पाट्​्ी व अन्य मसयासी दल इसी बात का फ़ायदा उठाते है्. बहरहाल, उत्​्र प्​्देश के िुसलिान दूध के जले है्. अगर कोई िजहबी िुद्ा नही्उछला तो, िाना जा सकता है मक वे मवकास को तरजीह दे्गे. वैसे उनकी n सुरक्​्ा भी एक बडा िुद्ा है. शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 19


आवरण कथा

जनिभा मे् मायाविी: हवा का र्ख भांपने की कोसशश (दाये्) बहुजन िमाज पाट्​्ी की रैली: जासि के िमीकरण

माया का समशन 2017 वर्ष2017 के कवधानसभा चुनाव के बहाने मायाविी के राजनीकिक जीवन और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव मे्लगे झटके के बाद उनकी गकिकवकधयो्पर एक नजर. नेहा दीख्​्ित

ष्य 2014 के लोकसभा चुनाव िे् बहुजन सिाज पाट्​्ी (बसपा) को देशभर िे् एक भी सीट पर जीत हामसल नही् हुई थी. हालांमक पाट्​्ी को देशभर िे्हुए ितदान िे्4.2 फीसदी ित हामसल हुए जो भाजपा और कांगस ्े के बाद सव्ामय धक थे. लेमकन ये वोट सीट िे्तल्दील नही् हुए. अपने गढ्उत्र् प्द् श े िे्पाट्​्ी 80 िे्से 33 जगह दूसरे स्थान पर रही. सन 1989 िे्पहली बार चुनाव िैदान िे्उतरी बसपा का यह सबसे बुरा प्द् श्नय था. इस बात ने पाट्​्ी को आत्िमचंतन पर िजबूर मकया. बसपा प्ि् ि िायावती को सिझ िे्आ

20 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

गया मक अगर अब भी उन्हो्ने उत्र् प्द् श े िे्पाट्​्ी को िजबूत बनाने का प्य् ास नही्मकया तो राज्य के ितदाताओ् पर उनकी पकड् मवधानसभा चुनाव तक एकदि किजोर हो जायेगी. नतीजे आते ही िायावती ने अपने सहयोमगयो् से कहा मक अब वह मदल्ली के बजाय लिनऊ िे्बैठगे् ी. मदल्ली के एक प्​्ोफेसर जो िायावती के करीबी है्, वह याद करते है् मक िायावती ने उनसे क्या कहा था, 'िैन् े दो मदन तक िुद को किरे िे्बंद कर गहराई से आत्िावलोकन मकया मक आमिर इतने वोट मिलने के बावजूद गलती कहां हुई?' 14 िई को चुनाव नतीजे आये और 20 िई को िायावती ने पाट्​्ी की सारी समिमतयां भंग कर दी्. अगले चार मदन तक वह प्द् श े के 75 मजलो् के सिन्वयको् से िुलाकात करती रही्. उन्हो्ने बूथ स्​्रीय फीडबैक की सिीक्​्ा की. वह इस नतीजे पर पहुंची् मक बसपा के दमलत वोट िे् जाटव और गैर जाटव ने बड्ी संखय् ा िे्भाजपा का साथ मदया. िायावती िुद जाटव है्और यह उत्र् प्द् श े का सबसे बड्ा दमलत सिूह है जो लंबे सिय से बसपा के साथ रहा है. उन्हो्ने पाट्​्ी के 10 वमरष्​् नेताओ् के साथ चच्ाय िे् इस बदलाव की दो वजह बतायी्. एक केद् ्िे्िोदी लहर और दूसरी िुजफ्फरनगर दंगो्के बाद धाम्िक य ध्व्ु ीकरण.

भाजपा का सिथ्यन आधार महंदूवादी है जबमक बसपा ने अपने शुर्आती वष्​्ो् िे् इसे नकारा. उसने दमलतो्का आह्​्ान मकया मक धि्य ही उनके समदयो्के शोषण का कारण है. उत्र् प्द् श े िे् लोकसभा चुनाव के अनुभव ने बसपा को बता मदया मक दमलतो् िासतौर पर जाटवो् का वोट अगर भाजपा को गया तो उसका सीधा असर पाट्​्ी पर पड्गे ा. चार बार उत्र् प्द् श े की िुखय् िंत्ी रह चुकी् िायावती तुरतं सम्​्कय हो गयी्. अगले एक साल िे् उन्हो्ने पाट्​्ी को भाजपा से लड्ने के मलए तैयार कर मदया. उनकी मचंता को इस बात से सिझ सकते है् मक उन्हो्ने पाट्​्ी के क्​्ेत्ीय सिन्वयको् से उन दमलतो् का पता लगाने को कहा जो िंमदर जाने लगे हो्. िौजूदा मवधानसभा चुनाव िे् िायावती के मलए काफी कुछ दांव पर लगा है. वष्य2012 के मवधानसभा चुनाव िे्बसपा की हार और 2014 लोकसभा िे् पाट्​्ी के मनराशाजनक प्​्दश्यन ने पाट्​्ी को काफी पीछे धकेल मदया. जबमक एक वक्त िायावती इतनी ताकतवर थी् मक उन्हे् प्ध ् ानिंत्ी पद का दावेदार िाना जाता था. इस चुनाव िे् अपना िोया आधार वापस लेने के मलए उन्हो्ने िुब्सलिो् को लुभाने की नीमत अपनायी. उत्​्र प्​्देश िे् दमलतो् के अलावा


िुबस् लि बड्ी तादाद िे्है.् कांशीराि भी इन दोनो् सिुदायो्को साथ लाना चाहते थे. िायावती ने इस चुनाव िे्यह कर मदिाया है. उन्हो्ने पहली बार 99 िुबस् लिो्को मटकट मदया है. िामफया डॉन िुखत् ार अंसारी के पमरवार को पाट्​्ी िे्शामिल मकया गया है यानी िुबस् लिो् को लुभाने की कोमशश िे्िायावती उनके अतीत तक की अनदेिी कर रही है.् पाट्​्ी ने िुबस् लि और दमलत ितदाताओ् को साथ जोड्ने का प्य् ास भी मकया है. उनका कहना है मक भाजपा की 2014 की जीत के बाद दमलत और िुबस् लि सिान र्प से प्​्तामड्त हुए. उत्​्र प्​्देश िे् िोहम्िद अिलाक को िारे जाने और गुजरात के ऊना िे्गाय का चिड्ा छीलने के आरोप िे् दमलतो् की मपटाई ने उनकी इस बात को बल मदया. इस बीच भाजपा ने दमलत आधार िे् से्ध लगाना जारी रिा. अप्ल ्ै 2015 िे्डॉ. बीआर आंबड े कर की जयंती के अवसर पर कई चच्ायय े् आयोमजत की गयी्और दमलत नायको्ज्योमतबा फुल,े छत्प् मत शाहू जी िहाराज आमद को महंदू नायक के र्प िे् पेश करने का प्​्यास मकया गया. िायावती ने इसके प्​्मतरोध िे् बसपा की सांसक ् मृ तक शािा जागृमत दस्​्ा के पुराने सदस्यो् की तलाश शुर्की जो कांशीराि के बाद से ही लुपत् प्​्ाय थे. उनकी इच्छा इसके जमरये भाजपा की काट करने की थी. यह योजना परवान न चढ् सकी तो उन्हो्ने युवाओ्पर ध्यान लगाया तामक उनके अमभयान के मलए प्​्मतभाशाली युवा लेिक, संस्कृमतकि्​्ी सािने आये्. इस तरह

भीि जागरण सािने आया. िाता के जागरण के तज्यपर होने वाले इन काय्क य ि् ो्िे्गीत-संगीत, हंसी-िजाक सब होता है. लेमकन इन सबसे अहि है महंदूवादी मिथको् को ध्वस्​् करना. 2014 से 2016 के बीच ऐसे कई आयोजन मकये गये. सोशल िीमडया पर भी दमलत युवाओ् को जिकर जोड्ा गया. उनके बीच िायावती के भाषण और साक्​्ात्कार मवतमरत मकये गये. यह स्थामपत मकया गया मक वह इकलौती नेता है्जो राष्​्ीय स्र् पर िोदी का िुकाबला कर सकती है.् सोशल िीमडया पर व्हाट्सऐप का इस्ि्े ाल सबसे ज्यादा मकया जा रहा है. बसपा का िानना है मक फेसबुक और ब्टवटर एलीटो् के हमथयार है.् लेमकन व्हाट्सऐप तक सबकी पहुच ं है. पाट्​्ी ने हर चार गांव के बीच एक व्हाट्सऐप ग्​्ुप बनाया है. मदल्ली के युवा मडजाइनरो् की िदद लेकर मडमजटल पोस्टर, वीमडयो आमद तैयार मकये गये. िायावती ने युवाओ् को साथ लेने का भी प्य् ास मकया. उन्हे् आभास हो गया था मक पढ्े मलिे शहरी दमलत युवा भाजपा की ओर झुक रहे है.् बसपा के एक मवधायक कहते है्मक ये युवा सािामजक कारणो्से उच्​्वग्यऔर उच्​्जामत की पाट्​्ी से जुडन् ा चाहते है.् पूव्ी उत्र् प्द् श े िे् िासतौर पर वे ऐसे कई दलो् से जुड्े. इसका प्म्तरोध करते हुए बसपा और बािसेफ ने सिता सैमनक दल, भारत िुब्कत िोच्ाय, बहुजन िूल मनवासी सिाज और भीि आि्​्ी जैसे कई युवा संगठन स्थामपत मकये. िायावती ने 2014 चुनाव के बाद जो व्यापक सुधार मकये वैसे ही सांगठमनक सुधार की साक्​्ी वह सन 1980 के दशक िे् हो चुकी है.् उस वक्त उन्हो्ने उत्र् प्द् श े िे्अकेले दि पाट्​्ी का ढांचा िड्ा मकया था. कांशीराि ने उस वक्त पंजाब और िध्य प्द् श े , हमरयाणा और िहाराष्​् पर ध्यान केम्​्दत मकया था. पंजाब िे्दमलतो्का अनुपात मकसी भी अन्य राज्य से अमधक है. बसपा के संसथ् ापक सदस्यो्िे्से एक ने बताया, 'उत्​्र प्​्देश िे् पाट्​्ी का कोई आधार नही् था. दमलत और िुबस् लि पारंपमरक तौर पर कांगस ्े के साथ थे. िायावती ने मबना मकसी अनुभव के कड्ी िेहनत से यहां पाट्​्ी को िड्ा मकया.' सन 70 के दशक िे्कांशीराि से िुलाकात के पहले वह मशम्​्कका थी्. उन्हे् भी जामत और लै्मगक भेदभाव का सािना करना पड्ा था. अपनी एक मकताब िे्िायावती मलिती है,् 'जब िै्बच्​्ी थी और िां के साथ बस िे्सफर करती थी तो लोग हिारी जामत पूछते और जब उन्हे्पता चलता मक हि 'चिार' है्तो वे अपनी सीट बदल लेत.े ' घर पर उनके मपता भाइयो्को तवि्​्ो देत.े उन्हे् बेहतर स्कूल िे् भेजा जाता और मनजी ट्​्ूशन मिलता. इस बीच उनका सािना

आंबेडकर के लेिन से हुआ. उन्हो्ने भारतीय प्​्शासमनक सेवा िे् जाकर जामतगत दिन से लड्ने का तय मकया. सन 1977 िे् 21 वष्य की उम्​् िे् वह कांशीराि के संपक्फ़ िे् आयी्. मदल्ली के कांसट् ीट्श ्ू न क्लब िे्उनके जोरदार भाषण के बारे िे्सुनकर वह बहुत प्भ् ामवत हुए. सभा के िुखय् वक्ता राज नारायण उस वष्यइंमदरा गांधी को हराकर चच्ाय िे्आये थे. वह बार-बार दमलतो् को हमरजन कह रहे थे. िायावती ने िाइक पाते ही राज नारायण की आलोचना कर दी. उन्हो्ने कहा मक वह हमरजन कहकर एक पूरे सिुदाय को नीचा मदिा रहे है.् उन्हो्ने अपनी पुसक ् िे् मलिा है मक भाषण के बाद लोगो्ने नारे लगाकर उनका सिथ्नय मकया. घटना के बारे िे्सुनकर कांशीराि चुपके से उनके घर गये और उन्हे् सिझाया मक क्यो् उन्हे् जामतभेद से लड्ने के मलए मसमवल सेवा के बजाय राजनीमत िे् आना चामहये. मपता के दबाव बनाने पर िायावती ने घर छोड्मदया और करोलबाग िे्कांशीराि के एक किरे के घर िे् रहने आ गयी्. यह बहुत साहमसक और जोमि​ि भरा कदि था. िायावती को पहली चुनावी जीत 1989 के लोकसभा चुनाव िे्मबजनौर िे्मिली. कांशीराि की तुलना िे्वह चुनावी राजनीमत िे्जबरदस्​् सफल रही्. उनकी सफलता ने उन्हे् वह कद प्द् ान मकया जो आज उनके साथ है. पाट्​्ी िे् मटकट मवतरण अक्सर मववाद का मवषय रहता है. कई सदस्य आरोप लगा चुके है् मक िायावती मटकट बेचती है.् मवधानसभा चुनाव के पहले एक बार मफर इन आरोप का दौर शुर् हुआ. हाल ही िे्बसपा छोड्कर भाजपा िे्गये नेता स्वािी प्​्साद िौय्य कहते है्, 'िायावती कांशीराि की मवरासत को बेच रही है्. वह दलाल है्और उन्हो्ने पाट्​्ी को धंधा बना मदया है.' मटकट बेचने के आरोप से कोई इनकार नही् करता. एक पूवय्प्ि् ि ु समचव इसकी वजह बताते हुए कहते है् मक बसपा को कारोबारी संरक्​्ण उतना अमधक नही्मिला. बसपा की दमलत-िुबस् लि एकता की नीमत को भांपकर भाजपा ने आरएसएस काडर के साथ मिलकर दमलत बम्​्सयो्िे्बैठके्शुर्की्. बसपा ने इस बात पर जोर मदया मक िायावती के राज िे् िुबस् लि अमधक सुरम्​्कत रहे है.् लेमकन उसे लगातार इस धारणा से लड्ना पड् रहा है मक वह भाजपा के साथ सरकार बनाने िे्गुरज े नही् करती. शायद इसीमलए पाट्​्ी िुब्सलि नेताओ्का कद बढ्ा रही है. पाट्​्ी कभी िुद को धि्यमनरपेक् नही् कहती है. यह बात उसके मिलाफ जा सकती है. बसपा के संस्थापक कांशीराि की िशहूर उब्कत है मक हि n अवसरवादी है.् (कारवां िैगजीन से साभार. आलेि का संम्कप्त अंश.)

शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 21


आवरण मास्ट हेकथा ड

उप्​्कवधानसभा चुनाव मे् मकहलाएं आश्​्य्षजनक र्प से प्​्भावशाली नजर आ रही है्. इनमे्राजनीकिक शक्कि-संपन्न मकहलाएं है्िो उससे बाहर समाज मे्चक्चषि नाम भी. आशा ख्​्िपाठी

ह बात चमकत अवश्य करती है मक आमिर पुरष् प्ध् ान सिाज िे्अचानक म्​्सयो्की अहमियत कैसे बढ् गयी? िमहलाये् अपने हक के मलए वष्​्ो्से संघष्यकर रही है,् पर उधर मकसी का ध्यान नही् था लेमकन जब पुर्षो् का काि फ्सने लगता है तब उन्हे्िमहलाये्याद आती है.् मफलहाल, पुर्षो् को लग रहा है मक यमद िमहलाओ् को आगे कर मदया जाये तो मसयासी बाजी जीती जा सकती है. उत्​्र प्​्देश के मवधानसभा चुनाव िे्भी यही हालात देिने को मिल रहे है.् चाहे कोई भी दल हो उसने िमहलाओ् को ही आगे कर मसयासी जंग जीतने की रणनीमत बनायी है. उन दलो्िे्मदग्गज पुरष् नेताओ्की किी भी नही् है, पर पता नही् क्यो् अब उन मदग्गजो्को भी यह लग रहा है मक डूबती मसयासी नाव की सामहल िमहलाये्ही हो सकती है.् सबसे पहली चच्ाय कांग्ेस की. कांग्ेस ने अपने चुनावी रणनीमतकार प्​्शांत मकशोर की सलाह पर ब्​्ाह्िण िमहला नेत्ी व पूवय्िुखय् िंत्ी शीला दीम्​्कत को आगे मकया. शीला दीम्​्कत जुझार् है,् संघष्श य ील है् और उन्हो्ने पुरष् ो् के वच्सय व् वाले सिाज िे्अपनी एक िास पहचान बनायी है. िैर, कांग्ेस और अमिलेश यादव दंगल मे् इंिजार: गीिा और बबीिा

22 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

राहुल गांधी और स्​्पयंका गांधी: भाई का िाथ

आधी दुडिया का िेिे के बीच मसयासी तालिेल सािने है. इस तालिेल िे्भी िमहलाये्ही िुखय् भूमिका िे्है.् सूत्ो्का कहना है मक अमिलेश िेिे से कांगस ्े के तालिेल की बात को उनकी पत्नी मडंपल यादव ही आगे बढ्ाती आयी है.् कहा जा रहा है मक मडंपल यादव द्​्ारा लगातार राहुल गांधी की बहन और कांगस ्े की स्टार प्च ् ारक म्​्पयंका गांधी से इस संबंध िे् बात की जा रही है. इसे बहुत जल्द राहुल गांधी और अमिलेश यादव इस

तालिेल पर िुहर लगाने वाले है.् इतना ही नही्, सूत्ो्का तो यहां तक कहना है मक यमद अमिलेश िेिे से कांगस ्े के सीटो्का तालिेल हो जाता है तो म्​्पयंका गांधी और मडंपल यादव ही इस िेिे की स्टार प्​्चारक हो्गी. यही दोनो् नेम्तयां एकसाथ िंच पर नजर आये्गी तथा लोगो् से अपने िेिे को मजताने के मलए वोट िांगगे् .े प्द् श े के एक अलग मसयासी ध्व्ु बसपा के बारे िे् तो सबको पता है. वहां वन वुिन शो ल्वासि सिंह: भाजपा का चेहरा


सडंपल यादव: मसहलाओ् का आकष्षण

दांव

चलता है. यानी पूव्य िुख्यिंत्ी िायावती. िायावती के शासन काल िे्प्द् श े िे्हुए मवकास काय्​्ो्को लोग अभी भूले नही्है.् इतना ही नही्, िायावती का जुझार्पन भी उन्हे्सबके जेहन िे् बनाये रिता है. आितौर पर लोग कहते है्मक िायावती बहुत सख्त प्​्शासक है्. जब उनकी सरकार बनती है तो अपराध का बोलबाला कि हो जाता है और सरकारी अमधकामरयो्की मघग्घी बंध जाती है. जानकारो् का कहना है मक िमहलाओ् को मटकट देने के िािले िे् भी िायावती अन्य दलो् की अपेक्ा ज्यादा लचीले स्वभाव की है.् यानी वे चाहती है् मक िमहलाये् आगे बढ्े् और अपने अमधकार की लड्ाई िुद लड्े्. कहने का तात्पय्य यह है मक िायावती अकेले अपने अन्य मसयासी मवरोमधयो्से टक्र् लेने को तैयार है.् इसके मलए बसपा िेिे िे्भी लगातार रणनीमतयां बनायी जा रही है.् यूं कहे्मक बसपा िे् भी नारीशब्कत यानी िायावती का ही अकेला बोलबाला रहेगा और पाट्​्ी की स्टार प्च ् ारक वह िुद हो्गी. भाजपा को तो जैसे ये लग रहा है मक भले प्ध् ानिंत्ी नरेद् ्िोदी पाट्​्ी के स्टार प्च ् ारक हो्ग,े पर चुनाव उन्हे् िमहलाये् ही मजताये्गी. ज्यादा सिय नही् हुआ जब भाजपा के एक नेता दयाशंकर मसंह ने पूव्य िुख्यिंत्ी बसपा प्​्िुि िायावती पर अभद्​् मटप्पणी कर दी थी. मजसे

लेकर काफी बवाल हुआ. दयाशंकर मसंह को जेल भी जाना पड्ा. उनके मिलाफ िुकदिा चल रहा है. इसी बीच दयाशंकर मसंह की पत्नी स्वामत मसंह का पूरे तेवर के साथ मसयासत िे्प्​्ादुभा्वय हुआ. देिते-देिते स्वामत मसंह न मसफ्फ़िीमडया बब्लक पाट्​्ी िे्भी िास लोकम्​्पय हो गयी्. नतीजा यह हुआ मक उन्हे्आनन-फानन िे्उत्र् प्द् श े भाजपा िमहला िोच्ाय का प्द् श े अध्यक्​्बना मदया गया. जानकारो्का कहना है मक भाजपा स्वामत मसंह को चुनाव प्​्चार के दौरान एक स्टार प्च ् ारक की तरह उपयोग कर सकती है.् बीच िे् यह भी शोर होने लगा था मक शायद कांगस ्े की शीला दीम्​्कत के िुकाबले भाजपा स्वामत मसंह को िुखय् िंत्ी का उम्िीदवार भी घोमषत कर सकती है. पर यह नही्हुआ. मफलहाल भाजपा ने मकसी को िुख्यिंत्ी पद का उम्िीदवार घोमषत नही् मकया है. उल्लि े नीय है मक चुनाव और दंगल, दोनो् िे्ही फैसला हार-जीत का होता है. चुनाव िे्यह फैसला ितदाता करते है्और दंगल िे्पहलवानी दांव. उत्र् प्द् श े के चुनावी दंगल िे् ज्यादा से ज्यादा ितदाता वोट डाले्, इसके मलए जागर्कता कै्पेन चलाये जा रहे है्. ऐसे िे् बलाली की पहलवान बहनो्गीता और बबीता का भी उत्र् प्द् श े का दंगल इंतजार कर रहा है. दोनो् पहलवान बहनो् को ितदाताओ् को जागर्क करने के मलए बुलाया गया है. इसके मलए 22 जनवरी को उन्हे् ितदाता जागर्कता कैप् ने िे् बतौर िुख्य अमतमथ आिंम्तत मकया गया है. हालांमक मफलहाल दोनो् बहने् प्​्ो. रेसमलंग िे् महस्सा ले रही है.् उनके भाई राहुल फोगाट का कहना है मक उनके पास िेरठ मजला प्श ् ासन की तरफ से मनिंतण ् आया है. 22 तारीि को यमद

िंपि पाल: िमाज िे सियाि​ि िक मकसी अन्य काय्क य ि् िे्व्यस्​्नही्होगी्तो गीता और बबीता जर्र िेरठ दंगल िे्शामिल हो्गी. बचपन से युवा होने तक इन दोनो्बहनो्ने मपता के सपने को अंतरराष्​्ीय स्र् तक पहुच ं ा कर मिसाल दी. कुशत् ी जैसे िेल िे्जहां पहले से ही पुरष् ो्का वच्सय व् था, उस िेल िे्राष्​्ीय और अंतरराष्​्ीय पदक जीतकर अन्य युवमतयो् के मलए राह मदिाने वाली गीता-बबीता का नाि सबकी जुबान पर है. उनपर, उनके मपता िहावीर फोगाट और उनके संघष्य पर हाल ही िे् बनी मफल्ि दंगल लोगो्को बेहद पसंद आयी. इतना ही नही्प्द् श े के बुदं ल े िंड के चुनावी िैदान की तीन िमहला मिलामड्यो् का नाि भी जोर पकड्रहा है. बताते है्मक संपत पाल, पुषप् ा गोस्वािी और शीलू मनषाद, ये तीनो्अपने दि पर इस चुनाव के मलए अपनी दावेदारी ठोक रही है.् बदोसा की एक आि औरत संपत पाल (50 वष्)य ने अपने गुलाबी गैग् के बूते पर दूर-दूर तक अपनी पहचान बनायी. दूसरी ओर बांदा की पुषप् ा गोस्वािी (48 वष्)य जो बेलन फौज की िुमिया और भाजपा की सिथ्क य है.् पुषप् ा बांदा की गमलयो् िे्िमहलाओ्की िदद के मलए अपने बेलन फौज के साथ घूिती है.् बेलन फौज की शुरआ ् त 2008 िे् हुई थी. संपत और पुषप् ा की तरह ही शाहबाजपुर की शीनू (23 वष्)य भी राजनीमत िे् आने का सपना देि रही है.् तेजतर्ारय और आक्​्ािक तेवर वाली शीलू की कहानी दुिद है. 2011 िे् बसपा की सरकार के दौरान उसका मवधायक पुरष् ोत्ि् नरेश म्​्दवेदी ने कमथत र्प से रेप मकया. शीलू तबसे ही अक्​्ािक है और राजनीमत के िाध्यि से बदला लेने को बेचनै है.् बहरहाल, ब्सथमतयां जो हो्, पर िमहलाओ्का दांव n इस चुनाव िे्भारी पड्ने वाला है. शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 23


आवरण मास्ट हेकथा ड

उत्​्र प्​्देश की राजनीकि मे्पुराने बाहुबकलयो्के उत्​्राकधकाकरयो् की पीढ्ी खम ठोककर चुनावी मैदान मे्डटी है. दबंगई के कलए कुख्याि इन लोगो्का दावा है कक कवधानसभा उनके कलए जेल से बेहिर है. धीरे्द् श्​्ीवास्​्व

सिे्दो राय नही्है मक अमधकृत बातचीत िे् हर आदिी अपराध का मवरोधी है. िासतौर से राजनीमत िे् मकसी कीित पर अपराधी को बढते नही् देिना चाहता है, लेमकन व्यवहार िे?् हि अपराध जगत के िूि ं ार चेहरो्को भी देश और प्द् श े की पंचायत िे् भेजने से परहेज नही्करते है.् हिारी-आपकी इस सदाशयता से यह तबका काफी उत्सामहत है. िासतौर से पूव्ी उत्र् प्द् श े िे्कई बाहुबली अपने बल पर अपनी दूसरी पीढी को उत्​्र प्​्देश की मवधानसभा िे् भेजने के मलए बेताब है.् कई िुद भी िैदान िे्है.् कोई िुद िैदान िे् नही् है तो अपनी पत्नी को िैदान िे्उतार मदया है. चुनाव क्त्े ्िे्इन लोगो् के कामफले िे्अच्छी-अच्छी बात करने वाले भी रहते है्. मछपकर नही्, ये अच्छे लोग सरेआि तक्फ़ प्​्स्ुत करते है् मक इनका मवधानसभा िे् जाना क्यो्जर्री है. बाहुबल से राजनीमत िे्स्थामपत होने वालो् िे् एक बडा नाि है हमरशंकर मतवारी का. एक सिय था, उन्हो्ने जो चाहा, सो मकया. जो सािने पडा, वह कुचल गया. वह पहला चुनाव जेल िे् रहकर जीते. मफर जीते, मफर जीते और प्​्देश सवनय शंकर सिवारी: दबंगई की सवराि​ि

24 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

अमनमसण स्​्िपाठी:बाहुबल का उत्​्रासधकार

बाहुबसलयो् के बाहुबली सरकार िे्िंत्ी बने. आज भी बडी-बडी उलझी पंचायते् उनके नाि से सुलझ जाती है्. उनके नाि पर दूसरे भी चुनाव लडते और जीतते है्. मतवारी अपनी रणनीमत के बल पर अपने एक पुत् भीष्िशंकर मतवारी को लोकसभा का चुनाव पवन पांडेय: अयोध्या मे् युद्

मजतवा चुके है.् यह अलग बात है मक उनके क्त्े ् के लोग ही दो बार उनकी जगह राजेशपमत म्​्तपाठी को मवधानसभा िे् भेज मदया. इस बार मतवारी जी िुद िैदान िे् नही् है.् उनकी जगह उनके पुत् मवनयशंकर मतवारी बहुजन सिाज पाट्​्ी की ओर से िैदान िे् है्. एक पत्​्कार की िाने तो इस बार मवनय शंकर की बारी है. मजले के पमनयरा मवधानसभा से मतवारी जी के भांजे गणेश शंकर पांड,े जो मवधान पमरषद के अध्यक्​् रह चुके है्, बहुजन सिाज पाट्​्ी की तरफ से िैदान िे्है.् बाहुबल के जगत िे् अिरिमण म्​्तपाठी का नाि भी मकसी पमरचय का िोहताज नही् है. मवधायक और िंत्ी रहे अिरिमण म्​्तपाठी कवमयत्​्ी िधुमिता शुकल ् ा की हत्या के िािले िे् जेल िे् सजा काट रहे है.् इस िािले िे् उनकी पत्नी को भी जेल जाना पडा. अपनी पत्नी की हत्या के िािले िे्उनके पुत्अिनिमण म्​्तपाठी को भी जेल जाना पडा.


अखंड प्​्िाप सिंह: बिपा का बाहुबल

असदसि सिंह: रायबरेली का गढ्

मुख्िार अंिारी: इि बार सनद्षलीय

पत्नी की हत्या के िािले िे् सच क्या है, यह तो न्यायालय ही बता सकता है. मफ़लहाल अिरिमण म्​्तपाठी के पुत् अिनिमण म्​्तपाठी िहराजगंज के नौतनवां से मवधानसभा िे्पहुच ं ने के मलए मनद्ल य ीय उम्िीदवार के र्प िे्िैदान िे् है.् िौजूदा मवधायक कौशल मकशोर उफ़्फ़िुनन् ा मसंह सपा-कांग्ेस गठबंधन की ओर से उनके सािने है.् कहा जा रहा है मक इस बार अिनिमण म्​्तपाठी से लोगो् की सहानुभमू त है. बाहुबल की चच्ाय हो और मनम्नमलमित योद्​्ाओ्की चच्ाय न हो, ितलब चच्ाय अधूरी. िसलन, रायबरेली के अमिलेश मसंह. गांधी नेहर्पमरवार को चुनौती देकर मवधायक बनने वाले अमिलेश मसंह की जगह इस बार उनकी पुत्ी अमदमत मसंह कांगस ्े सपा गठबंधन की ओर से चुनाव िैदान िे् है्. कहा जाता है मक वह म्​्पयंका गांधी की िाध्यि से कांगस ्े िे्आयी है.् भाजपा के सांसद ब्ज ् भूषण मसंह राि​िंमदर आंदोलन के िाध्यि से राजनीमत को अपनी िुट्ी िे् करने वाले रहे है्. जनाब अपने पुत् प्त् ीकभूषण मसंह भाजपा की ओर से गो्डा सदर से मवधानसभा िे् भेजने के मलए प्​्यासरत है्. उनके मिलाफ लोहा लेने के मलए सपा की ओर से उतरे है्सूरज मसंह जो अमिलेश सरकार के चम्चतय िंत्ी पंमडत मसंह के भतीजे है.् इसी मजले की तरबगंज सीट से िुद पंमडत मसंह सपा की ओर से एक बार मफर तकदीर आजिा रहे है.् आजिगढ की सदर सीट से अमिलेश सरकार के िंत्ी दुग्ाय यादव सूबे िे् जीत का

मरकाड्य बनाने की ओर है्. उनके िुकाबले के मलए बसपा ने उतारा है भूपदे् ्मसंह उफ्फ़िुनन् ा को जो बाहुबल के क्त्े ्िे्वत्िय ान िे्मकसी से कि नही्है.् इस िािले िे्अिंड प्त् ाप मसंह का भी जलवा मकसी से मछपा नही्है. वह बहुजन सिाज पाट्​्ी की ओर से अतरौमलया िे् हांफ रहे है् मक िुझे मवधानसभा िे्भेज दो. पूव्य सांसद रिाकांत यादव सपा से भी सांसद रहे है् और बसपा से भी. इस चुनाव िे् अपने पुत्अर्ण यादव को मवधानसभा िे्भेजने के मलए प्​्यासरत है. जौनपुर से सांसद रहे धनंजय मसंह ने सांसदी कला िे् भी किाल मकया. उन्हे् जेल जाना पडा. उन्हे् संसद का मटकट देने वाली बसपा ने उन्हे्इसे लेकर पाट्​्ी से मनकाल मदया. इस चुनाव िे् िल्हनी क्त्े ् से मवधायक बनने को प्य् ासरत, िौफ की दुमनया िे्मकसी को डरा देने वाले िुनन् ा बजरंगी अपनी पत्नी को मवधानसभा िे्देिना चाहते है.् इसके मलए िमडयाहूं मवधानसभा िे्गोट मबछा रहे है.् िऊ की सदर सीट से िुद िुखत् ार अंसारी उम्िीदवार है् तो घोसी से उनके पुत् अल्बास अंसारी. पडोस के जनपद गाजीपुर के िोहम्िदाबाद मवधानसभा क्​्ेत् से उनके भाई मशगतुलल ् ा अंसारी उम्िीदवार है्तो जिामनयां से उनके िास अतुल राय. यानी तिसा से कि्नय ासा तक एक पक्​्िुखत् ार अंसारी एंड ब्द् स्य का है जो बहुजन सिाज पाट्​्ी की ओर से मवधानसभा िे्पहुच ं ने के मलए पूरी ताकत झो्के है्तो इन्हे्रोकने के मलए भारत सरकार के प्भ् ावी

िंत्ी िनोज मसन्हा भी इस बार मकसी हद तक भी जाये्गे. उनका यह प्​्यास रंग लाया तो िोहम्दाबाद िे्सपाई भाजपा को वोट देते नजर आयेग् े और जिामनयां तथा िऊ िे्भाजपाई सपा को. कोमशश घोसी िे् भी हो रही है लेमकन मतकोना संघष्यकी वजह से मदक्त् है. िुख्तार अंसारी का नाि मलया जाये और बृजश े मसंह नही्. यह उमचत नही्है. मसंह मवधान पमरषद सदस्य हो चुके है,् इसमलए वह िैदान िे् नही् है.् मजस सीट से वह 2012 िे् चुनाव हार गये थे, उस सैयदराजा से इस बार िैदान िे् है् सुशील मसंह जो बृजेश मसंह के भाई पूव्य मवधानपमरषद सदस्य चुलबुल मसंह के पुत् है्. उनके हाथ िे्किल है. बहुजन सिाज पाट्​्ी ने उनके िुकाबले के मलए यहां से मवनीत मसंह पर दांव लगाया है मजनकी धिक रांची तक है. िौजूदा मवधायक िनोज मसंह सपा कांग्ेस गठबंधन की ओर से मफर िैदान िे्है. अयोध्या फ़ैजाबाद से अमिलेश सरकार के िंत्ी पवन पांडये मवधानसभा के मलए दावेदार है् जो िुख्यिंत्ी आवास िे् अपनी पाट्​्ी के एिएलसी को पीटने के िािले िे्नाि किा चुके है्. सुल्तानपुर सदर से मवधानसभा के मलए दावेदार सपा के िौजूदा मवधायक अर्ण वि्ाय ने तीन साल पहले सािूमहक दुषक ् ि्यके िािले िे् नाि किाया तो इस सिय वे पीमडत युवती की हत्या को लेकर चच्ाय िे् है.् जनाब का मफर भी दावा है मक वे बेगनु ाह है. उन्हे् मवधानसभा की शोभा बढाने के मलए मफर भेज मदया जाये. n शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 25


आवरणमास्कथा/मणणपु ट हेड र

फोटो: दीपक सशजागुर्मायुम

वोट पर भारी नाकाबंदी

मकणपुर मे्कपछले िीन महीने से अकधक समय से चल रही आक्थषक नाकेबंदी राज्य मे्हो रहे चुनाव के निीजो्को कनक्​्शि िौर पर प्​्भाकवि करेगी. िुमार प्​्तीि

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मणपुर िे्मपछले करीब साढ्ेतीन िहीनो्से चली आ रही आम्थयक नाकेबंदी इस बार प्​्देश मवधानसभा चुनावो् पर भारी पड्ती मदि रही है. इससे राज्य की कि से कि 20 नागा बहुल सीटो्पर चुनावो्को लेकर अमनि्य् पैदा हो गया है. राज्य िे् 15 साल से सरकार चला रही कांग्ेस और सत्​्ा की प्​्िुि दावेदार भाजपा िे् इस िुद्े पर जंग मछड् गयी है. यह आम्थयक नाकेबंदी इन चुनावो्िे्सबसे बड्ा िुद्ा है. िमणपुर िे् नये मजलो् के गठन की िांग पुरानी है. लेमकन तिाि सरकारे् अशांमत के अंदेशे से महचकती रही्. राज्य िे्वष्य2002 से ही कांग्ेस सरकार के िुख्यिंत्ी रहे ओकराि 26 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

ईबोबी मसंह ने बीते साल राज्य िे् प्​्शासमनक सहूमलयत के मलहाज से सात नये मजलो् के गठन का फैसला मकया था. लेमकन िासकर सदर महल्स, मजसका नया नाि अब कांगपोक्पी है, को मजले का दज्ाय देने के सवाल पर राज्य की नगा जनजामत ने मवद्​्ोह का मबगुल बजा मदया. नगा संगठनो्, मजनको उग्​्वादी संगठन नेशनल सोशमलस्ट कौ्मसल आफ नगालै्ड के इसाक-िुइवा गुट (एनयेससीएन-आईएि) का सिथ्यन हामसल है, ने पहले इस फैसले के मिलाफ आवाज उठायी और मफर पहली नवंबर से राज्य िे्बेमियादी आम्थक य नाकेबदं ी शुर्कर दी. इससे भी बात नही्बनी तो सबसे बड्ेनगा संगठन यूनाइटेड नगा कौ्मसल (यूएनसी) ने दूसरे संगठनो्के साथ मिलकर िमणपुर बंद की अपील कर दी. दूसरी ओर, नये मजलो्के गठन का सिथ्नय करने वाले िैतेयी और कूकी जनजामत के लोगो् ने नगा संगठनो् की नाकेबंदी का मवरोध शुर् कर मदया. नगा संगठनो्के मवरोध और महंसा के बावजूद सरकार ने बीते िहीने नौ तारीि को सात नये मजलो् के गठन की अमधसूचना जारी कर दी. अब राज्य िे्कुल 16 मजले हो गये है्.

मसणपुर मे् नाकाबंदी: जन-जीवन ठप

इसके बाद हुई महंसा के मसलमसले िे् यूएनसी अध्यक्​् गाइडन कािेई और सूचना समचव स्टीफन लािकांग को मगरफ्तार मकया गया. राज्य िे्मवधानसभा की 60 सीटे्है्. पहले चरण िे्चार िाच्यको 38 सीटो्पर वोट पड्े्गे और दूसरे चरण िे् आठ िाच्य को बाकी 22 सीटो्पर. राज्य िे्लंबे अरसे से शासन कर रही ओकराि ईबोबी मसंह की अगुवाई वाली कांग्ेस सरकार ने बीते िहीने राज्य िे्सात नये मजलो् का गठन कर तुर्प की चाल चल दी है. इससे जहां नगा संगठन उनके मिलाफ हो गये है्वही् ईबोबी को राज्य के बहुसखं य् क िैतये ी तबके का पूरा सिथ्यन मिलने की उम्िीद है. दूसरी ओर, असि िे् सत्​्ा हामसल करने और पड्ोसी नगालै्ड िे् नगा पीपुल्स फ्​्ट (एनपीएफ) के साथ साझा सरकार िे् शामिल भाजपा की मनगाहे् अब िमणपुर की सत्​्ा पर है. असि िे् जीत के बाद पूव्ोत्​्र राज्यो् िे् प्​्भाव बढ्ाने के िकसद से उसने क्​्ेत्ीय दलो्के साथ नाथ्यईस्ट डेिोके्मटक अलायंस का गठन मकया था. इस बीच, सन 1980 से ही राज्य िे् लागू सशस्​् बल मवशेषामधकार अमधमनयि के मिलाफ भूि हड्ताल करने वाली लौह िमहला


इरोि शम्ियला भी तिाि दलो् को राजनीमतक सिीकरणो् को गड्बड्ाने के मलए िैदान िे् उतरने का एलान कर चुकी है्. वे पीपुल्स मरसज्​्ेस एंड जब्सटस एलायंस (पीआरएजेए) नािक नये राजनीमतक दल के साथ िैदान िे् है्. उन्हो्ने िुख्यिंत्ी ईबोबी मसंह के मिलाफ चुनाव लड्ने की बात कही है. उन्हो्ने भाजपा की ओर से चुनाव लड्ने के मलए 36 करोड् र्पये की पेशकश की बात कहकर एक नया जलजला ला मदया है. भाजपा और शम्ियला के िजबूती से उभरने के बावजूद कांग्ेस को उम्िीद है मक नये मजलो् के गठन को लेकर नगा संगठनो्के मवरोध की वजह से राज्य के लोग अबकी भी कांग्ेस को ही सत्​्ा सौ्पे्गे. यहां पव्यतीय इलाको्और घाटी के बीच राजनीमतक िाई काफी चौड्ी है. राज्य के दो-मतहाई महस्से िे् फैले होने के बावजूद पव्यतीय क्​्ेत् िे् मवधानसभा की िहज 20 सीटे् है्. बाकी 40 सीटे् घाटी िे् है् और यही सीटे् राज्य िे्सरकार का स्वर्प तय करती है्. घाटी िे्िैतेयी वोटर बहुित िे्है्और पहाड्ी इलाको् िे् नगा तबके की बहुलता है. इस मवभाजन ने सत्​्ा के दावेदार भाजपा के सिक्​् भी िुब्शकले् पैदा कर दी है्. अगर वह अपने साझीदार नगा पीपुल्स फ्​्ट (एनपीएफ) या यूनाइटेड नगा कौ्मसल के साथ कोई तालिेल करता है तो िैतेयी वोटरो् के उससे दूर जाने का ितरा है. नये मजलो् के गठन के िुद्े पर नगा व िैतेयी तबके के ितभेद चरि पर है.् शायद यही वजह है मक भाजपा यहां अकेले अपने बूते िैदान िे् उतरी है. बीते मवधानसभा चुनावो्िे्कांग्ेस को 42 सीटे्मिली थी्. बाद िे्िमणपुर स्टटे कांगस ्े पाट्​्ी के पांच मवधायक भी उसिे् शामिल हो गये. उपचुनावो्िे्जीत और दूसरे दलो्के मवधायको् के शामिल होने से मफलहाल उसके पास 50 मवधायक है्. उन चुनावो्िे्तृणिूल कांग्ेस को भी सात सीटे् मिली थी्. लेमकन उपचुनावो् िे् हार और दलबदल के चलते मफलहाल उसका कोई मवधायक नही् है. मवपक्​् के नाि पर एनपीएफ के चार मवधायक है् और भाजपा का एक. पांच सीटे्िाली है.् आम्थक य नाकेबदं ी और बंद के लंबे दौर से राज्य िे्आवश्यक वस्​्ुओ् और िाद्​्सािग्​्ी की भारी मकल्लत पैदा हो गयी है. यह पहाड्ी राज्य सब्लजयो् और िाने-पीने की दूसरी चीजो्के मलए दूसरे राज्यो्पर मनभ्यर है. लेमकन वाहनो् की आवाजाही ठप होने की वजह से आवश्यक वस्​्ुये्बाजार से गायब है्. इससे आि जनजीवन ठहर गया है. सीिावत्​्ी शहर िोरे से होकर म्यांिार के साथ होने वाला सीिा व्यापार भी ठप है. इससे म्यांिार की करे्सी कयात के िुकाबले भारतीय िुद्ा की कीित मगरी है. पहले जहां एक सौ भारतीय

र्पये की कीित 1900 कयात थी वही्अब यह 800 कयात रह गयी है. वैसे, भी पूव्ोत्​्र राज्यो् िे् असि को छोड्कर बाकी मकसी राज्य िे्होने वाले चुनावो् को िीमडया िे् िास तवि्​्ो नही् मिलती. इसकी प्​्िुि वजह यह है मक उन राज्यो् की राजनीमत का राष्​् की िुख्यधारा की राजनीमत पर कोई असर नही्होता. अबकी भी ऐसा ही हो रहा है. अब तक उस आम्थयक नाकेबंदी की भी ज्यादा िबरे्सािने नही्आई है्मजसने राज्य के लोगो्का जीना िुहाल कर रिा है. इसकी वजह से जर्री वस्​्ुओ् की आसिान छूती कीितो् और नोटबंदी के चलते नकदी की भारी मकल्लत राज्य िे्चुनावी िाहौल पर भारी पड्रही है. लेमकन नगा संगठन आमिर नये मजलो्के गठन का मवरोध क्यो् कर रहे है्? दरअसल, िमणपुर के सदर महल्स इलाके िे्सौ साल से भी

इरोम शस्मषला: िनिनीखेज खुलािा लंबे अरसे से नगा जनजामत के लोग रहते है्. उनका दावा है मक यह उनके पुरिो्की जिीन है. नगाओ्को अंदेशा है मक नये मजलो्के गठन के बहाने सरकार उनसे पुरिो्की जिीन छीन लेना चाहती है. राज्य के अमिल नगा छात्​्संघ का कहना है मक नये मजलो् के गठन पर उसे कोई आपम्​्त नही्है. लेमकन इस प्​्म्कया िे्नगा लोगो् को भी शामिल मकया जाना चामहये था. दूसरी ओर, िुख्यिंत्ी ईबोबी मसंह कहते है्, 'सरकार बातचीत के जमरये इस सिस्या को सुलझाने का प्​्यास कर रही है. लेमकन यूएनसी इसके मलए तैयार नही्है.' नये मजलो् के गठन के सरकार के इस फैसले ने राज्य की तीनो् प्​्िुि जनजामतयो्िैतेयी, नगा और कूकी-को बांट मदया है. असि

के बाद िमणपुर की सत्​्ा पर कामबज होने का सपना देि रही भाजपा ने िुख्यिंत्ी पर चुनावो् को ध्यान िे् रिते हुए नये मजलो् के गठन का आरोप लगाया है. भाजपा का सवाल है मक सिुमचत आधारभूत ढांचे के मबना नये मजलो्का गठन कैसे हो सकता है. पड्ोसी नगालै्ड िे् नगा पीपुल्स फ्​्ट की अगुवाई वाली साझा सरकार िे्शामिल होने के बावजूद भाजपा ने िमणपुर िे् अगला चुनाव अकेले लड्ने का एेलान मकया है. शायद उसे िहसूस हो गया है मक राज्य की दो-मतहाई सीटो् पर िैतये ी जनजामत के वोट ही अहि है्और यह लोग नये मजलो् के पक्​् िे् है्. बीते अक्तूबर िे् हुए एक सव्क ्े ण ् िे्60 सदस्यीय मवधानसभा िे् भाजपा को 31 से 35 सीटे्मिलने की बात कही गयी थी. दूसरी ओर, कांग्ेस को उम्िीद है मक िुख्यिंत्ी के इस साहमसक फैसले से िैतेयी व कूकी वोटरो्के बीच पाट्​्ी की छमव मनिरेगी. कांग्ेस ने िौजूदा हालात के मलए उग्​्वादी संगठन एनएससीएन के इसाक-िुइवा गुट के प्​्मत के्द्को नरि रवैये को मजम्िेदार ठहराया है. उसका कहना है मक नाकेबंदी की अपील करने वाले नगा संगठन यूनाइटेड नगा कौ्मसल (यूएनसी) को इस उग्व् ादी संगठन का सिथ्नय हामसल है. िमणपुर कांग्ेस के प्​्वक्ता एन. मबजोय मसंह कहते है् मक सात नये मजलो् के गठन के बाद आंदोलनकामरयो् ने पुमलसवालो् पर फायमरंग की थी. उनका सवाल है मक जब यूएनसी का एनएससीएन से कोई संबंध नही्है तो आमिर आंदोलनकामरयो् के पास हमथयार कहां से आए? भाजपा ने इस बार नाकेबंदी को प्​्िुि िुद्ा बनाने की तैयारी कर ली है. इसी वजह से वह चाहती है मक चुनावो्से पहले नाकेबदं ी ित्ि हो जाये तामक पाट्​्ी इसका श्​्ेय ले सके. हाल के कुछ िहीनो् िे् कांग्ेस के कई नेता भाजपा िे् शामिल हुए है्और पाट्​्ी ने इन दलबदलुओ्को उदारता से मटकट भी बांटा है. उपिुख्यिंत्ी जी. गाईिांगि का आरोप है मक एनएससीएन के साथ शांमत वात्ाय करने वाली के्द् सरकार इस िािले िे्उग्व् ादी संगठन की भूमिका को लेकर चुप है. उनका कहना है मक के्द् चाहे तो एनएससीएन पर दबाव डाल कर मिनटो् िे् नाकेबंदी ित्ि करा सकती है. लेमकन भाजपा ने इन आरोपो् का िंडन मकया है. प्​्देश कांग्ेस के पूव्य नेता, जो अब भाजपा िे् शामिल हो गये है्, एन. बीरेन मसंह सवाल करते है् मक आमिर सरकार मकस आधार पर एनएससीएन और यूएनसी िे्साठगांठ होने का दावा कर रही है. अगर ऐसा है तो उसे यूएनसी पर पाबंदी लगा देनी चामहये. उन्हो्ने कहा मक िौजूदा पमरब्सथमत के मलए n कांग्ेस ही मजम्िेदार है. शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 27


आवरण कथा

पुत् से राजनेता तक अकखलेश यादव पाकरवाकरक लड़्ाई के साथ हाकलया राजनीकिक पहल के चलिे भी न केवल एक लायक बेटे, बक्लक योग्य राजनेिा के र्प मे्सामने आये है्. स्समता गुप्ता

ब ‘यूपी के लड्क’े (चुनाव प्ब् धं को्ने अमिलेश और राहुल गांधी को प्च ् ार िे् यही नाि मदया है) रोड शो के मलए आगरा पहुच ं े तो सड्को्-गमलयो् िे् बेशुिार भीड् ने उनका स्वागत मकया. इस भीड् को देिकर शहर के पुराने रहवासी तक हैरत िे् थे. दोनो् दलो् के काय्क य त्ाय एकजुट होकर रोड शो को सफल बनाने िे्लगे थे. दोनो्दलो्के झंडे हवा िे्लहरा रहे थे. लाउडस्पीकरो्पर सपा का चुनावी गीत-काि बोलता है, गूज ं रहा था. यह गीत कुछ और नही्बब्लक युवा िुखय् िंत्ी अमिलेश यादव के मवकास के कािो्का बिान कर रहा था. भीड्का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है मक रोड शो को 12 मकिी की दूरी तय करने िे्तीन घंटे का सिय लग गया. आमिरकार अमिलेश यादव ने िाइक संभाला. उन्हो्ने जोर देकर कहा मक वह और राहुल गांधी युवा पीढ्ी के है.् उन्हो्ने कहा मक वे नयी दृम्ष के साथ नया रास्​्ा बनायेग् .े अमिलेश यादव ने उत्सामहत युवा श्​्ोता सिुदाय से कहा, ‘िुझे यहां काफी उज्ाय िहसूस हो रही है. हिारा चुनाव मचह्न साइमकल है.िुझे पता है कई बार जब आप साइमकल पर बैठते है्तो कई बार उत्सामहत होकर मबना हाथ के साइमकल चलाते है.् लेमकन अब हिारे साथ कांगस ्े का भरोसेिदं हाथ है.’ इस चुनाव िे्मकसी बड्ेिुद्ेका अभाव है. बीते छह िहीने अमिलेश यादव के मलए व्यब्कतगत र्प से भी और राजनीमतक तौर पर भी िासे कमठन रहे है्. इसके चलते उत्​्र प्​्देश के चुनाव काफी हद तक व्यब्कतत्वो् की लड्ाई िे् बदल गये है.् यहां भाजपा के पास जहां िुखय् िंत्ी पद का कोई उम्िीदवार तक नही् है वही् बसपा सुप्ीिो िायावती तिाि सव्​्ेक्णो् िे् लोकम्​्पयता के पैिाने पर अमिलेश से पीछे ही मदिी है.् अमिलेश भी इस लड्ाई को अमिलेश बनाि अन्य बनाना चाहते है.् यह चुनाव सपा अपने दि पर भी लड्सकती थी. िगर जनवरी के िध्य िे्जब तक यादव पमरवार की आपसी लड्ाई सिाप्त हुई, साइमकल चुनाव मचह्न अमिलेश को मिल चुका था. इससे पाट्​्ी को काफी नुकसान पहले ही हो चुका था. िायावती ने दमलतो्-िुबस् लिो्को साथ लेने की पूरी कोमशश की. इससे अल्पसंखय् क ितो्के बंटने का ितरा पैदा हो गया. इन हालात िे् अमिलेश को लगा मक सपा का िुबस् लि आधार बचाये रिने के मलए कांगस ्े से गठबंधन करना जर्री है. कुछ ऐसा ही वष्य2015 िे्मबहार के िुखय् िंत्ी नीतीश कुिार ने मकया था. उन्हो्ने लालू प्स ् ाद के राजद और कांगस ्े के साथ मिलकर िहागठबंधन मकया था. इसिे्नीतीश की साफ सुथरी छमव की भी भूमिका है. 28 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

असखलेश यादव: चेहरा और छसव व्यब्कतत्व केम्​्दत चुनाव पहली बार नही्हो रहे. अतीत िे्कई कमरश्िाई नेता इस तरह सफलता हामसल कर चुके है.् लालू प्स ् ाद ने सन 1990 के दशक िे्मबहार िे्इसे आजिाया. नरेद् ्िोदी ने 2000 के दशक िे्इसका सफल प्य् ोग मकया. उसके बाद वह इसकी बदौलत 2014 िे् मदल्ली की गद्​्ी पर कामबज हुए. गत वष्यि​िता बनज्​्ी ने पम्​्ि​ि बंगाल िे्यही मकया. वह घोटालो्के आरोप के अलावा नकारात्िक छमव तक को धता बताकर चुनाव जीत गयी्. राजनीमत िे्केद् ्ीय भूमिका िे्उभार के साथ ही अमिलेश यादव की कोमशश है मक वह इसका अमधकामधक लाभ ले सके.् पामरवामरक मववाद के बीच िे्उन्हो्ने अपना पूरा ध्यान िुद पर लगाये रिा. एक वीमडयो मफल्ि मदिाती है मक वह कैसे वह समचवालय िे्लगन से काि कर रहे है्जबमक दूसरे महस्से िे्वह घर पर अपनी पत्नी तथा तीन बच्​्ो्के साथ आराि कर रहे है.् यह एक िेहनती िुखय् िंत्ी व पामरवामरक व्यब्कत की संपण ू य्तस्वीर पेश करता है. चुनाव मचह्न हामसल करने के बाद सपा के संसथ् ापक प्ि् ि ु रहे िुलायि मसंह यादव दोबारा पोस्टरो्पर नजर आने लगे. एक पोस्टर िे् िुलायि ने अमिलेश से भी ज्यादा जगह घेर रिी है. अमिलेश इस पोस्टर िे्अपने मपता के सिक्​्हाथ जोड्ेझुके हुए है.् मपता-पुत्के साथ काि कर चुके नौकरशाह कहते है्मक अमिलेश कभी मपता के प्म्त सम्िान मदिाने िे् पीछे नही्हटे. उन्हो्ने सपा को एक नयी पहचान दी जबमक इस दौरान उनकी पाट्​्ी सिाजवादी िूल्यो् पर अमडग रही है. अमिलेश यादव ने सपा का आधार बढ्ाया है. दरअसल, अमिलेश यादव की छमव िे्मदि रहा यह बदलाव मकसी चित्कार से कि नही्. िहज छह िाह पहले तक उनकी छमव एक परामजत व्यब्कत की थी. एक नाकाि िुखय् िंत्ी मजसे कदि-कदि पर कदृावर मपता एवं ताकतवर अंकलो् का दबाव सहन करना पड्ता हो. बीते मसतंबर िे् यादव पमरवार का झगड्ा सड्क पर आ गया. लेमकन इस पामरवामरक झगड्े िे्अमिलेश ने मजस धैयय्व दबाव सहन करने की क्ि् ता का प्द् श्नय मकया उसने उन्हे्मनिरी छमव प्द् ान की. आमिरकार, सपा पर पूरी तरह से मनयंतण ् व साइमकल चुनाव मचह्न पाने के साथ ही अमिलेश यादव ने भरोसेिंद लोगो् को अहि पदो् पर मबठाना शुर्कर मदया. उन्हो्ने तिाि दागी मवधायको्से छुटकारा पाया. वह जहां युवा वग्यिे्उम्िीद व आशा का केद् ्बने है्वही्बुजगु य्उनको इसमलए पसंद कर रहा है क्यो्मक मपता के साथ मववाद िे्उन्हो्ने कभी एक शल्द भी नही्कहा. बुजगु य्अक्सर अमिलेश के बारे िे्यह कहते देिे गये मक उनका n वक्त आ चुका है, आमिरकार वह एक लायक बेटे है.्

(साभार: द महंद)ू


मुद्ा िुमार प्​्शांत

क़्दी नंबर 3295 के सवाल

सव्​्ोच्​्न्यायालय का यह फैसला ककसी हद िक हमारी न्याय-व्यवस्था अौर संकवधान पर कटप्पणी करिा है.

ह उनके मलए भी अासान तो नही् रहा होगा- पोश गाड्​्ेन से मनकल कर सीधे जेल जाना! हिारे मलए भी कहां अासान है यह सिझ पाना मक तमिलनाड की राजनीमत चलती है तो ऐसे क्यो् चलती है मक चलती लगी ही नही्है, मघसटती ज्यादा लगती है; यामक यह सिझ पाना भी कहां अासान है मक जयलमलता ने अपनी राजनीमत को अपने अलावा कोई दूसरा अाधार भी देने की कोमशश क्यो् नही् की? मजन नेताअो् के पास अपनी पब्तनयां या बेटे या बेमटयां है् उनिे् से कोई भी नही् है मक मजसने अपनी राजनीमत को पामरवामरक अाधार देने की कोमशश नही्की है. अब तो यह हक के र्प िे्िान्य भी मकया जा चुका है. यह सिझना भी िुझे िुब्शकल लग रहा है मक जब राज्यो्िे्कही्भी ऐसी राजनीमतक ब्सथमत बनती है तब के्द्सरकार अौर उसका राज्यपाल न्याय व संमवधान की प्​्मतबद्​्ता छोड्, इतनी अासानी से दूसरी प्​्मतबद्​्ताअो्से कैसे बंध जाता है? राज्यपाल के्द्ीय सत्​्ा का प्​्मतमनमध तो होता है लेमकन क्या वह उस संमवधान से बंधा नही्होता है मक मजसके संरक्​्ण की अामिरी मजम्िेवारी राष्​्पमत व न्यायपामलका की होती है? यह सिझना मकतना िुब्शकल है मक राज्यपाल मवद्​्ासागर राव अपना राज्य छोड्कर गायब ही हो गये अौर उस राजनीमतक पतन को अबाध चलने मदया मजसे रोकने के मलए ही इस संवैधामनक पद की कल्पना की गई है. ऐसी राजनीमतक पमरब्सथमतयां कभी-कभी ही बनती है्जब राष्​्पमत या राज्यपाल के होने की साथ्यकता बनती है. वैसी घड्ी िे् जो कितर सामबत हो उसे उस पद पर रहना ही क्यो् चामहए या उस पद पर उन्हे् रिना ही क्यो् चामहए, यह सिझना भी अासान नही्है. मफर यह सिझना िेरे मलए तो बहुत ही िुब्शकल है मक हिारी न्यायपामलका के फैसलो् का अाधार क्या होता है? मजन िािलो् िे् कोई नैमतक या संवैधामनक पे्च न हो, उन िािलो् िे् फैसला लेने का कोई मनम्​्ित, ठोस अाधार व प्​्म्कया है या नही्? क्या संमवधान की िोटी पुस्क मसफ्फ़जयकारा लगाने के मलए है मक वह मनम्​्ित मदशा-मनद्​्ेश भी करती है? इतने सारे सवाल इसमलए मक बंगलार्का सबसे मनरीह ट्​्ायल कोट्य अाय से अमधक संपम्​्त के िािले िे् वष्​्ो् पहले जयलमलता व शमशकला को अपराधी बता देता है; मफर कन्ायटक हाईकोट्य उसी िािले की, उन्ही् दस्​्ावजो् के अाधार पर सुनवाई करता है अौर दोनो् ‘िहारामनयो्’ को बेदाग मरहा कर देता है; मफर वही िािला उन्ही्लोगो्के साथ, वे ही दस्​्ावेज लेकर सव्​्ोच्​् न्यायालय िे् अाता है. सव्​्ोच्​् न्यायालय अपने ही हाईकोट्यके फैसले से एकदि उल्टा र्ि लेता है अौर िृत जयलमलता से उनकी प्म्तष्​्ा अौर कुस्ी पर अाधी चढ्बैठी शमशकला से उनकी कुस्ी छीन लेता है. अब अाप देमिए मक यहां सव्​्ोच्​्न्यायालय

अपने ट्​्ायल कोट्यके साथ िड्ा होता है अौर हाईकोट्यको िामरज करता है. लेमकन वह हिे् क्यो् नही् बताता मक उसके हाईकोट्य ने संमवधान की मकस धारा की क्या व्याख्या की,मकस दस्​्ावेज को मकस तरह पढ्ा मक ट्​्ायल कोट्य का फैसला एकदि से रद्​्ी की टोकरी िे् फे्क मदया अौर ‘अपराधी’ को सत्​्ा की बड्ी कुस्ी पर मबठा मदया. अौर मफर सव्​्ोच्​् न्यायालय ने क्या पढ्ा, क्या देिा मक उसने हाईकोट्यका फैसला कूड्ेिाने िे्डालकर, जयलमलता को दोबारा ‘दफना मदया’ अौर शमशकला को कैदी नंबर 3295 बना मदया? सव्​्ोच्​् न्यायालय का यह फैसला मकसी हद तक हिारी न्यायव्यवस्था अौर संमवधान पर तीिी मटप्पणी करता है. क्या मकसी मदन का न्याय इस पर मनभ्यर करता है मक उस मदन जज की कुस्ी पर कौन बैठा है? सुनते है्हि मक वकील अपने िुवम्​्कल से कहता है मक अाज बे्च बहुत िराब है, हि अगली तारीि ले लेते है्यामक यह मक अब तो अपनी लुमटया डूबी ही सिझो क्यो्मक ‘साहब’ बहुत िराब है! अगर न्याय का दारोिदार मकसी व्यब्कत की िौज पर है तब तो संमवधान, न्याय-व्यवस्था का यह जंजाल, जज साहबन का तेवर, वकीलो्की फौज की िौज सब अथ्यहीन हो जाते है्. इसमलए यह सिझना अासान नही् है मक कन्ायटक हाईकोट्य अपने ट्​्ायल कोट्य का फैसला इस तरह उलट दे मक जयलमलता जेल की जगह िुख्यिंत्ी की कुस्ी पर जा बैठे्; मफर सव्​्ोच्​्न्यायालय अपने हाईकोट्य का फैसला जड्से ऐसा पलट दे अौर मजसे हाईकोट्य ने पोस गाड्​्ेन िे् रहने का अमधकार मदया था, उसे वहां से मनकाल कर चार लंबे वष्​्ो् के मलए परपन्ना अग्​्हारा जेल भेज दे लेमकन अपने हाईकोट्य से यह भी न कहे मक उसकी चूक कहां हुई थी; अौर देश से ‘सॉरी’ भी न कहे! नही्, इन सब पर गंभीरता से मवचार मकए मबना न्यायपामलका की छमव बनाए रिना संभव नही्होगा. यह तकनीकी सवाल नही्है, न्याय के तत्व का सवाल है. हि कल्पना करे्मक जयलमलता जीमवत होती् अौर िुख्यिंत्ी की कुस्ी पर होती् अौर तब ऐसा अदालती फैसला अाया होता तो तमिलनाडु की सड्को् पर क्या हुअा होता? वे सड्को्पर हाहाकार िचवा देती्! कुछ अात्िदाह भी हो जाते. इस िािले िे्शमशकला बेचारी सामबत हुई्क्यो्मक वे जयलमलता के साथ का फायदा तो उठाती रही् लेमकन जयलमलता का जय-सूत् न पढ् सकी्, न सिझ सकी्. वे सत्​्ा तो चाहती थी् लेमकन यह सत्य नही्पहचानती थी्मक सत्​्ा प्​्धानिंत्ी की हो मक िुख्यिंत्ी की, अापको सड्क पर उतरना अाना चामहए. इस िानी िे्अभी िुख्यिंत्ी की कुस्ी से्क रहे ई.के. पलानसािी अौर कुस्ी से उतारे गये अो. पन्नीरसेलवि दोनो् ही अत्यंत किजोर व अनमधकारी व्यब्कत है्. n(लेिक गांधी शांमत प्​्मतष्​्ान के अध्यक्​्है्.) शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 29


मास् देशकाल ट हेड

साइरस को टाटा क्यो् रिन टाटा और साइरस कमस्​्ी दोनो्को लगिा रहा कक लंबे समय से साथ काम करने के कारण वे एक दूसरे को बेहिर समझिे है्और यह कसलकसला हमेशा चलिा रहेगा. लेककन ऐसा नही्हुआ. आलम श्​्ीखनवास

क पुरानी कहावत कहती है मक रोि न तो कुछ िहीनो् िे् बना था और न ही नष्​् हुआ. रतन टाटा और साइरस मिस्​्ी के बीच हुए मववाद पर भी यह बात लागू होती है. मकस्से की शुर्आत 2010 से होती है जब टाटा अपना उत्​्रामधकारी तलाश रहे थे. इससे संबंमधत पांच सदस्यीय समिमत िे्एन ए सूनावाला, आर के कृष्ण कुिार, यूके के लॉड्य भट्​्ाचाय्य, मशरीन भर्चा और साइरस मिस्​्ी शामिल थे. मिस्​्ी के पमरवार के पास सिूह की होब्लडंग क्पनी टाटा संस िे् 18 फीसदी महस्सेदारी है. नवंबर 2011 िे्18 बैठको्के बाद समिमत ने इस 150 साल पुरानी क्पनी को चलाने के मलए साइरस मिस्​्ी का चयन मकया जो टाटा संस के मनदेशक के र्प िे् पहले से ही अंदर के आदिी थे. वह एक भीतरी लेमकन बाहरी व्यब्कत थे और 100 अरब डॉलर के कारोबार वाले सिूह के मलए यह कोई आदश्य ब्सथमत नही् थी. दरअसल अंदर्नी व्यब्कत से हिेशा यह अपेक्ा रहती है मक वह एक पामरवामरक सिूह िे्िुमिया की पसंद का ध्यान रिे. क्पनी के िामलक के मलए भी ऐसे व्यब्कत से मनपटना आसान नही् होता. उसे हिेशा डर लगता रहता है मक उसका प्​्भुत्व मछन सकता है. रतन टाटा ने भी यही दावा मकया मक साइरस सिूह पर कल्जा करना चाहते थे. वही् उनको यह डर भी था मक साइरस उनके पुराने फैसलो् को बदल भी सकते है्. साइरस चाहते थे मक यूरोप का स्टील कारोबार बेच मदया जाये और नैनो कार संयंत् को बंद मकया जाये. ये दोनो् रतन टाटा के फैसले थे और उनके मदल के बेहद करीब भी. मकस्सा कोताह ये मक िािले की शुर्आत ही गड्बड्हुई. टाटा और मिस्​्ी को लगा मक उन्हो्ने वष्​्ो् एक-दूसरे के साथ काि मकया है इसमलए यह मसलमसला चल मनकलेगा लेमकन ऐसा नही् हुआ. टाटा को अंदाजा था मक नया िुमिया चीजे्अपने महसाब से बदलना चाहेगा शायद इसीमलए उन्हो्ने ऐसी व्यवस्था बनाई मक मनयंत्ण उनके हाथ िे् बना रहे. मिस्​्ी ने एक साल तक उनके साथ काि मकया और मदसंबर 2012 िे् औपचामरक तौर पर मनयंत्ण प्​्ाप्त मकया. लेमकन साइरस को यह अहसास हो चुका था मक उनको पूरा मनयंत्ण नही्मिलने वाला. टाटा संस के दो-मतहाई शेयर सात टाटा ट्​्स्ट्स के पास है्. ये ट्​्स्ट टाटा पमरवार के सदस्यो् द्​्ारा संचामलत है्. सर दोराबजी ट्​्स्ट के पास 30 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

रिन टाटा: कठोर कदम 28 प्​्मतशत और सर रतन टाटा ट्​्स्ट के पास 23.5 प्​्मतशत शेयर है्. इन दोनो् ट्​्स्ट के िुमिया रतन टाटा है्. सन 2012 िे् टाटा संस के मनयिो् िे् बदलाव मकया गया तामक रतन टाटा की पकड् बरकरार रहे. अब मकसी भी मनयुब्कत या मकसी को भी हटाने के पहले टाटा ट्​्स्ट्स के मनदेशको् की िंजूरी जर्री कर दी गयी. बोड्य के एक मतहाई मनदेशको् की मनयुब्कत का अमधकार भी ट्​्स्ट्स को दे मदया गया. इन फैसलो् पर साइरस सहित थे. सन 2014 िे् कुछ और बदलाव कर टाटा ट्​्स्ट्स को अमधक अमधकार दे मदये गये. अब सिूह के मवलय, अमधग्​्हण, मनवेश और फ्ड जुटाने जैसे िािलो्िे्ट्​्स्ट्को वीटो अमधकार मिल गया. इसके बावजूद रोजिर्ाय के काि िे् साइरस को पूरी आजादी थी. इससे पहले 2013 िे् सिूह का भमवष्य तय करने के मलए रतन टाटा ने एक समिमत बनायी मजसिे् अमधकांश लोग उनके थे. इसकी अध्यक्​्ता िुद टाटा के पास थी. इसिे् बांबे स्टाक एक्सचे्ज के पूव्य सीईओ िधु कन्नन भी शामिल थे. ट्​्स्ट अब अमधक ताकतवर हो गया था. मनदेशको्को तिाि अहि िसलो् पर वीटो करने का अमधकार मिल गया. टाटा ने यह सुमनम्​्ित कर मदया था मक मिस्​्ी मकसी भी तरह कारोबारी मनयंत्ण हामसल न करने पाये्. शुर्आती संकेत 2013 िे्मिले जब टाटा ट्​्स्ट ने टाटा संस िे्नये मनदेशक भत्​्ी मकये. इनिे्हाव्यड्यमबजनेस स्कूल के डीन रह चुके मनमतन नोहमरया और पूव्यरक्​्ा समचव मवजय मसंह शामिल थे. मिस्​्ी की मवदाई के बाद दोनो् का नाि मववादो् िे् है. दोनो् टाटा के िास थे और मिस्​्ी इन्हे् पसंद नही् करते थे. मिस्​्ी को लगता था मक मसंह टाटा को गलत सलाह देते है्. उन्हो्ने क्पनी से मनकाले जाने के बाद अपने िन की बात कही. उन्हो्ने कहा मक बतौर रक्​्ा समचव मसंह का नाि अगस्टा वेस्टलै्ड हेलीकॉप्टर घोटाले िे् उछला था. मिस्​्ी हाव्यड्य का डीन होने के बावजूद नोहमरया को भी तवि्​्ो नही्देते थे. टाटा सिूह ने 2014 िे्मविानन कारोबार िे्प्​्वेश मकया. यह रतन टाटा का वष्​्ो् पुराना सपना था. यह पामरवामरक मवरासत थी. जहांगी रतनजी दोराबजी टाटा को मविान उड्ाना बहुत पसंद था. मविानन सेवा शुर् करना उनका भी स्वप्​् था. रतन टाटा ने एयर एमशया से सिझौता मकया और वह भारत िे् 49 फीसदी महस्सेदारी वाली अनुषंगी क्पनी बनाने वाली पहली मवदेशी मविान सेवा बनी. यह गव्य का मवषय था लेमकन सायरस इसके मिलाफ थे.परंतु पूरी तरह अमधकार संपन्न न


ममस्​्ी की मवरासत

साइरस मिस्​्ी पलोनजी मिस्​्ी के बेटे है्मजनको बॉम्बे हाउस िे् फै्टि कहकर पुकारा जाता था. 2016 िे् फोल्स्य िैगजीन ने उनको पांचवा सबसे अिीर भारतीय बताया था मजनके पास 14 अरब डॉलर की संपम्​्त थी. पलोनजी शायद ही कभी साव्यजमनक र्प से मदिते हो् हालांमक उनको जनवरी 2016 िे्पद्​्भूषण मदया गया. मिस्​्ी पमरवार की शुर्आत मनि्ायण क्पनी से हुई और वह जल्दी ही मरयल एस्टेट, बुमनयादी ढांचा, उपभोक्ता वस्​्ुओ्और वस्​्कारोबार िे्आ गयी. कहते है्टाटा संस िे्मिस्​्ी पमरवार को 10-12 फीसदी महस्सेदारी इसीमलए मिली क्यो्मक उसने क्पनी के मलए स्टील और वाहन कलपुज्े बनाये. बाद िे्यह महस्सेदारी बढ्गयी और 18 फीसदी के साथ मिस्​्ी पमरवार टाटा संस का सबसे बड्ा शेयरधारक है. दोनो् पमरवारो् िे् आपसी मरश्ते है्. पलोनजी की बेटी अलू का मववाह टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा से हुआ है. साइरस की मनयुबक् त से पहले चच्ाय थी मक नोएल ही सिूह के िुमिया बने्गे. िाइरि समस्​्ी: दाल गली नही् होने के कारण वह इस िािले िे् कुछ न कर सके. दशको् से िुंबई के पारसी सिुदाय को टाटा सिूह से काफी कुछ मिलता रहा है. उन्हो्ने लगातार अपना पैसा सिूह की मवमभन्न क्पमनयो् िे् लगाया और उनके शेयर िरीदे. उनको िुनाफे के साथ लाभांश भी मिला. लेमकन सायरस के किान संभालते ही वे मचंमतत हो गये. दरअसल सायरस िुद को रतन टाटा से बेहतर सामबत करने के मलए बेकरार थे. उन्हो्ने उन क्पमनयो्िे्लाभांश कि करना चाहा जो अच्छा प्​्दश्यन नही् कर रही थी्. इस बात ने सिुदाय को प्​्भामवत मकया. िुंबई के कारोबार पर िारवामड्य़ो्और अन्य सिुदायो्के दबदबे ने पारमसयो्को एक-दूसरे के करीब ला मदया था. सन 1997 िे्इंमडयन एक्सप्​्ेस ने कुछ िबरे्प्​्कामशत की्मजनको वामडया टेप या टाटा टेप कहा गया. इनिे् वामडया की नेताओ्, राजनीमतक दलालो्, कारोबामरयो् और टाटा के साथ बातचीत थी. यह िािला टाटा टी से जुड्ा हुआ था मजसे असि िे् कारोबार के दौरान उल्फा जैसे संगठनो् से उसका कमथत जुड्ाव सािने आया था. आरोप था मक क्पनी उल्फा की आम्थयक िदद करती है और उसके अस्पतालो् िे् उल्फा नेताओ् का इलाज होता है. इस िािले ने वामडया और टाटा की करीबी जामहर की. वामडया टाटा संस सिेत कई क्पमनयो्के मनदेशक थे. साइरस के आगिन के बाद वामडया ने टाटा से दूरी बना ली और उनके करीब हो चले. पारसी सिुदाय िे् द्​्ंद् शुर् हो गया. नतीजा, सायरस के साथ वामडया को भी मनकाल बाहर मकया गया. उन्हो्ने टाटा संस पर अविानना का केस मकया है. साइरस का मरश्ते का भाई िेहली टाटा का पुराना मित्​् है. लेमकन साइरस और िेहली की नही् बनती. इसके बावजूद वह टाटा पॉवर से कई अनुबंध पाने िे् काियाब रहा. साइरस को लगा यह टाटा की मिलीभगत से हो रहा है. िेहली के िुतामबक यह सही नही्है. साइरस को यही लगता है मक उनका पद जाने िे्िेहली का भी हाथ है. रतन, साइरस, वामडया और िेहली के मरश्तो्िे्आई िटास ने िुंबई और भारत भर िे् उनके कारोबारी सिूहो् को प्​्भामवत मकया. इनके कारोबारो्को बॉम्बे क्लब के नाि से जाना जाता था. आजादी के दो साल पहले और दूसरे मवश्​्युद्के बाद जेआरडी टाटा, जीडी मबरला, श्​्ीराि, कस्​्ूरभाई लालभाई और सर पुर्षोत्​्िदास ठाकुरदास ने बॉम्बे प्लान प्​्कामशत मकया. यही बॉम्बे क्लब था. सिूह ने सरकार के सिक्​्आजादी के बाद को लेकर कई योजनाये् पेश की्. िोटे तौर पर उनकी िांग थी

भारतीय कारोबामरयो्के संरक्​्ण की जो आजादी के पहले उपलल्ध नही् था. सन 1991 िे् आम्थयक सुधारो् के बाद एक बार मफर यही डर पैदा हुआ. सन 1993 िे् आठ महंदू और पारसी उद्​्मियो् ने तत्कालीन मवत्​् िंत्ी िनिोहन मसंह को देने के मलए एक नोट तैयार मकया. िीमडया के िुतामबक प्​्मतस्पध्ाय का स्वागत करते हुए भी इसिे्कहा गया था मक इन क्पमनयो्को देश के मवकास िे्उमचत भूमिका मनभाने दी जाये. वे मवदेशी क्पमनयो्से िुकामबल होने के मलए वक्त िांग रहे थे. इस मववाद ने साइरस की मवदाई तय कर दी. जापान की एनटीटी डोकोिो और टाटा टेलीसम्वयसेज के बीच काफी सिय से सिस्या थी. जब डोकोिो ने साझेदारी ित्ि करने का मनण्यय मलया तो उसने पहले से तय रामश की िांग की. परंतु इस िािले िे् आरबीआई ने दिल मदया और पहले से तय रामश के भुगतान पर रोक लगा दी. डोकोिो ने िध्यस्थता पंचाट की शरण ली और लंदन किम्शययल कोट्य से 1.17 अरब डॉलर की रामश का आदेश हामसल कर मलया. लेमकन देश िे् कानून बदल चुका था और टाटा संस इसका भुगतान करने को बाध्य नही्थी. डोकोिो ने मदल्ली उच्​् न्यायालय की शरण ली. टाटा ने पूरी रामश अदालत िे् जिा कर दी लेमकन कानूनन वह रामश डोकोिो को नही् दी जा सकती थी. जापानी क्पनी ने धिकी दी मक वह िािले को अंतरराष्​्ीय अदालत िे् ले जायेगी और सिूह की मवदेशी संपम्​्त जल्त करवायेगी. साइरस ने कहा मक यह संभव नही् क्यो्मक मवदेशी संपम्​्तयां टाटा स्टील और टाटा िोटस्य की है्जहां प्​्वत्यक की महस्सेदारी कि है. आठ अक्टूबर 2016 को साइरस को हटाया गया और 24 अक्टूबर को डोकोिो ने न्यूयॉक्फ़ की अदालत िे् िािला दायर कर मदया. इसने टाटा क्सल्टे्सी के राजस्व को जोमि​ि िे् ला मदया. इस क्पनी िे् टाटा संस की 74 फीसदी महस्सेदारी भी है. कोई भी क्पनी अपने साझेदार के मलए इतनी रामश को जोमि​ि िे्नही्डालेगी. साइरस ने घाटे िे् चल रही क्पमनयो् को बेचने की कोमशश की. उन्हो्ने टाटा स्टील के वैम्शक कारोबार और नैनो को बंद करना चाहा जबमक दोनो्रतन टाटा की म्​्पय थी्. उन्हो्ने टाटा स्टील की नीलािी की योजना बना ली और नैनो के भी बंद होने का ितरा पैदा हो गया. इस n बात ने ताबूत िे्आमिरी कील की भूमिका अदा की. (साभार: जी फाइल्स) शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 31


मास् देशकाल ट हेड

सोशल मीचिया की गुंिा वाचिनी अर्ण माहेश्री

भा

रतीय राजनीमत के इंटरनेट युग िे्राष्​्ीय स्वयंसेवक संघ का एक सबसे िौमलक अवदान है- सोशल िीमडया की गुंडा वामहनी. आरएसएस अपनी नल्बे साल से ज्यादा की उम्​् िे् भारतीय राजनीमत िे् शुर् से इस प्​्कार के िौमलक योगदान करती रही है. इसका जन्ि मजस महंदुत्व की मवचारधारा से हुआ, उसके पहले प्​्व्त्यक वीर सावरकर का योगदान था सशस्​् क्​्ांमतकारी से अंग्ेजो् की गुलािी िे् प्​्त्यावत्यन. सन 1913 िे्ही उन्हो्ने कालापानी से अंग्ेज सरकार के नाि िाफीनािा मलिकर सदा-सदा के मलए उनकी मिदित करने का प्​्ण मलया था. उनका यह पत्​् राष्​्ीय शि्य के एक ज्वलंत दस्​्ावेज के तौर पर आज भी भारतीय अमभलेिागार िे्िौजूद है. मफर ऐसा ही एक बड्ा योगदान मकया था राष्​्ीय स्वयंसेवक के स्थापनाकत्ाय बलीराि केशव हेडगवार ने छल की राजनीमत का. वे 1920 िे्गांधीजी के असहयोग आंदोलन िे्एक बार मसफ्फ़ मदिावे के मलए जेल गये तामक वे सिाज िे्अपने मलए मवश्स ् मनयता हामसल कर सके.् उनके संघी जीवनीकार मभशीकर ने अपनी ल्वासि चिुव्ेदी की सकिाब का मुखपृष्

32 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

आरएसएस की अंधेरी प्​्योगशाला मे्आभासी क्​्ेत्के कलए ककस प्​्कार के कवराणुओ् को िैयार ककया जािा है, इसका एक जीवंि ब्यौरा स्वाकि चिुव्ेदी की ककिाब मे्दज्षहै.

पुस्क ‘केशव: संघ मनि्ायता’ िे् (पृष्-31) कारनािो् का एक नया इमतहास शुर् हुआ. और बाद िे्आरएसएस के प्थ ् ि िहासमचव जी इसके बाद सन 2002 िे्गुजरात का जनसंहार एि हुद्र ने मवशेष तौर पर मलिा है मक इनकी अब तक की कीम्तययो् के शीष्य पर िाना ‘हेडगेवार 1920 िे् जेल गये, यह सच है, जाता है. लेमकन इससे यह नही्पता चलता मक उन्हे्उस नकारात्िकता और पि्​्गामिता के अपने जन-आंदोलन िे् मवश्​्ास था. वह तो यह अब तक के लंबे इमतहास िे्, सन 2014 के मदिाने के मलए था मक मजस तरह जन-आंदोलन लोकसभा चुनाव िे्भारतीय राजनीमत िे्इनका िे्मवश्​्ास करने वाले देशभक्त जेल जा सकते एक और िौमलक अवदान रहा: सोशल िीमडया है्, उसी तरह वे भी जेल से नही् डरते.’ पर एक इंटरनेट गुंडा वामहनी का गठन मजसने (इलस्ट्ेटेड वीकली आॅफ इंमडया, 7 अक्तूबर, पूरे सोशल िीमडया को गंदी से गंदी गामलयो्और 1979). धिमकयो्के एक सड्ेहुए क्​्ेत्का र्प देने की इसके बाद उसी दौर िे् िुिमबरी का भरसक कोमशश की है. आरएसएस की गोपनीय उदाहरण पेश मकया अटल मबहारी वाजपेयी ने 1 अंधेरी प्​्योगशाला िे् संवाद के इस उदीयिान मसतंबर 1942 के मदन, जब पूरा देश भारत आभासी क्​्ेत्के मलए मकस प्​्कार के मवषाणुओ् छोड्ो आंदोलन िे् उत्​्ाल था, अटल मबहारी को तैयार मकया जाता है, इसका एक जीवंत वाजपेयी ने ग्वामलयर िे्सेकड े् क्लास िैमजस्टट्े ल्यौरा हिे्मिलता है- स्वामत चतुव्ेदी की हाल के सािने धारा 164 के तहत आंदोलनकारी िे्प्​्कामशत मकताब िे्. ककुआ उफ्फ़ लीलाधर और िहुआ के मिलाफ स्वामत चतुव्ेदी एक िोजी पत्​्कार है जो बयान मदया था. मफर आजादी के ठीक बाद अमभव्यब्कत की आजादी को ही अपनी रोजीगांधीजी की हत्या की सामजश से आरएसएस पर रोटी बताती है. अब तक उनके मिलाफ सरकारी सरकार ने प्​्मतबंध लगाया. सावरकर को तो गोपनीयता कानून के तहत भारत सरकार की अमभयुक्त भी बनाया गया था, लेमकन मनहायत ओर से कई िुकदिे्दायर हो चुके है्. स्वामत ने तकनीकी कारणो्से वे बच गये. अपनी मकताब िे्सोशल िीमडया के ट्​्ौल्स को जब 1975 िे् इंमदरा गांधी ने आंतमरक ऑनलाइन गुंडे बताया गया है, जो भड्काऊ आपातकाल लगाया तो जेलो्िे्आरएसएस के बातो् अथवा तस्वीरो् के जमरये लोगो् से पंगा लोगो् ने थोक के भाव िाफीनािे मलिे थे. मलया करते है,् गाली-गलौज करके सािने वाले सिाजवादी नेता बाबा जाधव और िधु मलिये के मिजाज को िराब करते है्. िुद स्वामत ने इसके बारे िे् मलिा है मक तत्कालीन आरएसएस और भारतीय जनता पाट्​्ी के ऐसे सरसंघचालक बाबा साहब गुंडो् की मशकार देवरस ने इंमदरा गांधी से बनती रही है, जो संवाहत चतुवंेदी के हखलार काफी पत्​्ाचार मकये थे उनके ‘आइ ऐि अ अब तक सरकारी गोपनीरता और संघ के लोग जेलो् िे् ट्​्ॉल’ बारे िे्न जाने कानून के तहत भारत सरकार भी ‘संजय गांधी के मकतने प्​्कार की की ओर से कई मु क दमे दारर हो क म्यु मन स्ट - मव रो धी , अश्लील कहामनयां चुके हैं. व्यब्कतवादी और बना-बना कर, गंदी अमधनायकवादी मवचारो् से गंदी बाते्की झड्ी का स्वागत करते थे.’ लगाते रहे है्. अपने अलावा टीवी की एंकर सन ‘77 के बाद जनता पाट्​्ी की सरकार बरिा दत्​् और राजदीप सरदेसाई की तरह के िे्मशरकत करके उसे मगराने िे्भी उनकी बड्ी लोगो् के मिलाफ इनके द्​्ारा चलाये गये भूमिका रही. और नल्बे के दशक िे्इन्हो्ने उत्र् अमभयानो्का बयान करते हुए स्वामत ने बताया प्​्देश िे्अपनी पाट्​्ी की सरकार का लाभ उठा है मक कैसे इस प्​्कार के काि िे् बॉलीवुड के कर मजस प्​्कार सैकड्ो् साल पुरानी बाबरी गायक अमभजीत की तरह के लोग भी शामिल िब्सजद का ढहा मदया, वहां से इनके मवध्वंसक होते है्.


स्वामत ने अमभजीत के गंदे और धिकी भरे ट्वीट समहत ढेर सारे अन्य ट्वीट को अपनी मकताब िे् संकमलत मकया है. इसिे् एक िहत्वपूण्य कहानी आरएसएस की इंटरनेट शािाओ्के बारे िे्है और उसिे्सबसे ज्यादा उल्लेिनीय तथ्य यह है मक िुद हिारे प्​्धानिंत्ी नरे्द् िोदी इस पूरी गुंडा वामहनी के सरगना की तरह काि करते है्. भाजपा के इस आईटी सेल का प्​्िुि है -अिेमरका से आये हुए अरमवंद गुप्ता, जो सीधे नरेन्द्िोदी के संपक्फ़िे् रहते है्. 2014 के चुनाव के वक्त वह हर रोज रात के सिय नरेन्द्िोदी से बात करके यह तय करते थे मक कल मकसके मिलाफ मघनौना अमभयान चलाना है. इन संवादो्िे्वे अपने मशकार के मिलाफ गंदी बातो्, गामलयो् आमद का प्​्योग करते थे और िास तौर पर यमद मशकार कोई स्​्ी हो तो उनका र्प और भी वीभत्स हो जाता था. फोटो शॉप पर उस स्​्ी की गंदी तस्वीर तैयार करके मकस प्​्कार पोस्ट की जाती थी इसकी पूरी कहानी तिाि तथ्यो् के साथ स्वामत ने अपनी मकताब िे्दज्यकी है. बीजेपी का यह सेल उसके 11 अशोक रोड ब्सथत सदर दफ्तर से िुखय् र्प से काि करता था और मफर सदर दफ्तर से भेजे गये संदेशो् को देशभर िे् उनके लोग मदनभर दोहराते रहते थे. इस मकताब िे्साध्वी िोसला नािक एक स्​्ी की कहानी है मजन्हो्ने अपने को एक भाजपा का ट्​्ॉल बताया है और साथ ही यह भी बताया है मक मकस प्​्कार अरमवंद गुप्त और उसके लोगो्ने एक देशभक्त कांग्ेसी पमरवार से आयी

इस मशम्​्कत िमहला की भावनाओ्का गलत ढंग से उपयोग करके इंटरनेट पर उनसे वे सारे काि करवाये्मजनके मलए आज उन्हे्बेहद अफसोस हो रहा है. उन्हो्ने यह बताया है मक मकस प्​्कार अरमवंद गुप्त ने उनके जमरये बरिा दत्​् के अनेक िुब्सलि पमतयो् की कहानी बनवायी, मचदंबरि को बदनाि करने का अमभयान चलवाया. अरमवंद गुप्ता ने राजीव गांधी के मिलाफ महंदू-मवरोधी सोमनया गांधी की सामजशो्, म्​्पयंका गांधी की तुनकमिजाजी की बीिारी, पमत राॅबट्य वाड्​्ा से उनके अलग हो जाने और राहुल गांधी के नशीली दवाएं लेने और एक गैर-महंदू औरत से उनकी शादी और उससे राहुल गांधी के बच्​्ो् तक की झूठी कहामनयां इंटरनेट पर चलवायी थी्. साध्वी िोसला को बाद िे्तब होश आया, जब उन्हे् यह लगा मक स्िृमत इरानी जैसी नेता और अरमवंद गुप्ता भी उसके साथ गुलािो् की तरह का सलूक कर रहे है्. िोसला ने आरएसएस के इस गुह् संसार िे् उसके नेता राि िाधव की भूमिका का भी उल्लेि मकया है. 2014 के बाद भी जब उन्हो्ने पाया मक इस कमथत आईटी सेल का काि मसफ्फ़ और मसफ्फ़ अफवाहे् फैलाना और सािामजक सौहाद्य् को नष्​् करना है, तो उसके कान िड्े हो गये. िास तौर पर जब अरमवंद गुप्ता ने उनसे मफल्ि अमभनेता शाहर्ि िान के मिलाफ जहर उगलने के मलए कहा तो िोसला को लगा मक एक गंदे संसार िे्शामिल हो गयी है्! इस मकताब िे् ऐसे ऑनलाइन गुंडो् को तैयार करने की आरएसएस की सारी

ल्वासि चिुव्ेदी: शब्दो् मे् िूफान गमतमवमधयो्का िुलासा मकया गया है. इसे पढ् कर अनायास ही राणा अयूब की मकताब ‘गुजरात फाइल्स’ की याद ताजा हो जाती है, मजसिे्गुजरात िे्िोदी-शाह के गुजरात शासन के पूरे तंत् के िूंिार चेहरे की एक पहचान मिलती है. आज प्​्धानिंत्ी के सािने यह सवाल उठाने की जर्रत है मक वे क्यो् ऐसे अनेक लोगो्के ब्टवटर अकाउंट फ़्ॉलो करते है् मजनिे् िुले आि दूसरो् के मलए िां-बहन की गामलयो् का प्​्योग मकया जाता है, म्​्सयो् को बलात्कार और जान से िार देने की धिमकयां दी जाती है? यह सवाल इसमलए मक उन ब्टवटर अकाउंटो् िे् बाक्ायदा यह मलिा हुआ है मक उन्हे्प्ध् ानिंत्ी का आशीव्ादय मिला हुआ है और प्​्धानिंत्ी उन्हे् फ़्ॉलो करते है्. कुछ ने तो बाक्ायदा प्​्धानिंत्ी से हाथ मिलाते हुए अपनी तस्वीरे्भी लगा रिी है्. स्वामत चतुव्ेदी की मकताब िे् गीमतका नािक एक ब्टवटर यूजर का मजक्​् है. इसके 80000 फ़्ॉलोवर है मजनिे्हिारे प्ध ् ानिंत्ी भी शामिल है. गीमतका ने 9 जुलाई 2016 को एक ट्वीट मकया मजसिे्कश्िीर के बुरहान वानी के जनाज्े की तस्वीर के साथ यह मलिा गया था मक जनाज्ेपर बि िारकर बीस हज्ार लोगो्को स्थायी आजादी दे दी जानी चामहए थी. एबीपी के न्यूज्एमडटर अमभसार शि्ाय ने सवाल मकया मक क्या देश के एक संवेदनशील राज्य िे्जनसंहार की बात करने वाले ट्वीट है्डल को प्​्धानिंत्ी को फ़्ॉलो करना चामहए. क्या प्​्धानिंत्ी से नही् पूछा जाना चामहए मक क्यो्वे ऐसे लोगो्के साथ n अपने को जोड्ेहुए है्? शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 33


तणमलनाडु मास्ट हेड

ई पलानीिामी: बहुमि का दावा

पलट गयी बाज्ी िकमलनाडु का मुख्यमंत्ी बनने का शकशकला का स्वप्न चूर-चूर हो गया, लेिकन उनके कवश्​्स् ई पलानीसामी को कुस्ी कमलने से िकमल राजनीकि का घमासान र्कने वाला नही्है. मनोरमा

मिलनाडु की राजनीमत मपछले काफी सिय से पूरे देश की मनगाहो् िे् है. प्​्देश के राजनीमतक घटनाक्​्ि इन मदनो् पल-पल नाटकीय तेजी से बदलते रहे. हालांमक जे जयलमलता की िौत से कुछ पहले से ही इस बात के संकते मिलने लगे थे मक ओ पनीरसेलव् ि के 34 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

मलए िुबश् कले्बढ्ने वाली है.् यह आभास हो गया था मक वह अम्िा की राजनीमतक मवरासत की वो देि-संभाल तो सकते है् लेमकन उन्हे् उत्​्रामधकार नही् मिलने वाला क्यो्मक कभी जयलमलता की अंतरंग दोस्​् रही शमशकला नटराजन धीरे-धीरे पृषभ् मू ि िे् दामिल हो रही थी् और 'पोएस गाड्यन' ब्सथत वेद मनलयि़ (जयलमलता का मनवास) से लेकर एआईडीएिके सारे डोर अपने मनयंतण ् िे्ले रही थी्, हालांमक अम्िा की िौत से एक मदन पहले यानी छह मदसंबर को वह पूरे मदन पाट्​्ी के मवधायको्को पनीरसेलव् ि के सिथ्नय िे्एकराय करने िे्लगी रही्और जयलमलता की िौत की आमधकामरक घोषणा के दो घंटे बाद ही उन्हे्राज्य के नये िुखय् िंत्ी के तौर पर शपथ मदलवा दी, लेमकन ये केवल शुरआ ् त थी मजसका अंत इतनी जल्दी और इस तरह हो जायेगा शायद शमशकला ने भी अंदाजा नही्लगाया होगा.

दरअसल, आय से अमधक संपम्त ् के िािले िे् सुप्ीि कोट्य के ताजे फैसले िे् शमशकला और उनके दो मरश्तदे ारो्को चार साल कैद और 10 करोड्का जुिा्नय ा की सजा सुनायी गयी है. इस फैसले ने 60 वष्​्ीय शमशकला के राजनीमतक कमरयर को लगभग हिेशा के मलए ित्ि कर मदया है, क्यो्मक ना तो अब वो िुखय् िंत्ी बन सकती है् और ना ही अगले दस साल तक चुनाव लड्सकती है. जन प्म्तमनमध कानून के प्​्ावधान के तहत इस फैसले के बाद से शमशकला मरहा होने के बाद छह साल तक मवधायक बनने और मफर िुख्यिंत्ी बनने के मलए अयोग्य िानी जाये्गी. सुप्ीि कोट्य ने शमशकला नटराजन, उनके भतीजे एन सुधाकरन और भाभी जे इलावरसी को दोषी करार देते हुए मनचली अदालत द्​्ारा उन्हे्दी गयी चार साल की सजा को बरकरार रिा और उन्हे् तत्काल आत्िसिप्यण कर बची हुई सजा पूरी करने का आदेश सुनाया है, शमशकला लगभग छह िाह जेल िे्मबता चुकी है.् गौरतलब है मक आय से अमधक संपम्​्त के िािले िे्बेग् लुर्की मवशेष अदालत ने मसतंबर 2014 िे्जयलमलता, शमशकला और उनके दो संबंमधयो् को चार साल की सजा और 100 करोड्र्पये का जुिा्नय े की सजा सुनाई थी और शमशकला को उकसाने और सामजश रचने का दोषी करार मदया गया था, मजसे 2015 िे् कन्ाटय क हाई कोट्यने िामरज कर मदया था और जयलमलता व शमशकला सिेत चारो्आरोमपयो् को बरी कर मदया था. इस फैसले के बाद ही जयलमलता के वापस मफर से िुखय् िंत्ी बनने का शसशकला: िपना चूर-चूर


् िे्ये साफ रास्​्ा साफ हुआ था. लेमकन अम्िा की मकस्ित होगा. इन दो िेिो्िे्शब्कत परीक्ण से उलट सुप्ीि कोट्यके फैसले के बाद मचनम्िा होगा मक राज्य के अगले िुख्यिंत्ी ओ का जेल जाना तय हो गया. शमशकला का यह पनीरसेल्वि बने्गे या मफर शमशकला के िािला लगभग 21 साल पुराना है, 1996 िे् मवश्​्ासपात्​् ई. पलामनस्वािी. राजिाग्,य लोक जयलमलता के मिलाफ आय से 66 करोड्र्पये मनिाण्य और लघु बंदरगाह मवभाग िंत्ी ज्यादा संपम्​्त का िािला दज्यहुआ था, मजसिे् पलामनस्वािी पांचवी् बार मवधायक है् और उनके साथ शमशकला और उनके दो और सेलि मजले के िजबूत नेता िाने जाते है्. मरश्तेदार आरोपी थे. अपने फैसले िे् उच्​्ति बहरहाल, फैसले के बाद तमिलनाडु के न्यायालय ने कहा मक बंगलूर्उच्​्अदालत ने काय्यवाहक िुख्यिंत्ी ओ. पन्नीरसेल्वि के य ो्िे्िुशी और जश्न का िाहौल है िािले से जुड्े अहि सबूतो् पर गौर करने िे् सिथ्क उनका पलड्ा लगातार िजबूत होता जा रहा नाकाि रही. साथ ही शमशकला और बाकी आरोपी ये सामबत करने िे् नाकायाब रहे मक है, अदालत के फैसले के तुरतं बाद करीब 22 उन्हो्ने अपनी संपम्​्त कानूनी तरीके से किाई मवधायको् ने पाला बदलकर पनीरसेल्वि के है. 1991 िे्इन सभी की कुल संपम्​्त 2.1 र्पये साथ जुडने का फैसला मकया, उनके पास करोड् थी जो 1996 िे् बढ्कर 66.44 करोड् लगभग 25 से ज्यादा मवधायको्का सिथ्नय है. उन्हे् िदुरै दम्​्कण के मवधायक एसएस सव्नय न र्पये की हो गयी. वैसे, तमिलनाडु िे् जारी राजनीमतक जैसे नेताओ् का सिथ्नय भी मिलने लगा है जो तूफान को शांत होने िे् अभी कुछ मदन और फैसले से एक रात पहले भेष बदल कर गोल्डनलगने वाले है.् फैसले के तुरतं बाद शमशकला ने बे मरजॉट्यसे भाग कर पनीसेलव् ि के िेिे िे्आ अपने सिथ्क य मवधायको्मजन्हे्उन्हो्ने चेनन् ई से गये. उनके िुतामबक कई और मवधायक है् जो बाहर एक मरज्ाटय िे्कमथत तौर पर बंधक बना ओपीएस के साथ आने के मलए तैयार बैठे है्. रिा, के साथ मिलकर अपने मवश्​्स् ई. इसके अलावा पनीरसेल्वि ने शमशकला पलानीसािी को एआईडीएिके मवधायक दल सिथ्यक मवधायको् से अपील भी की है मक वे का नया नेता चुन मलया है और पनीरसेल्वि तमिलनाडु और एआईडीएिके दोनो्के हक िे् सिेत 20 नेताओ् (12 सांसद और 8 अपनी अंतरआत्िा की आवाज पर फैसला करे.् ये भी साफ नही्है मक वे सच िे्शमशकला मवधायको्) को पाट्​्ी से बि्ायस् कर मदया है, य सारे मवधायको् की पसंद है् या केवल मजनिे् सी पोन्नयन, पीएच पंमडयन, एनआर सिथ्क मवश्​्नाथन और आईपी िुनुसिी और िंत्ी शमशकला के, ऐसे िे् उनके जेल जाते ही पंमडयाराजन के नाि शामिल है.् जामहर है अगले सिीकरण उलट जाने की पूरी संभावना है. एक कुछ मदनो् िे् ये साफ होगा पनीरसेल्वि और संभावना पनीरसेलव् ि को डीएिके का सिथ्नय पलामनस्वािी िे्से कौन राज्य का नया िुखय् िंत्ी मिल जाने से भी बनती है जैसा मक शमशकला जयलसलिा ल्मारक पर पनीरिेल्वम: नाटकीय उठापटक

िेिा उनपर आरोप लगा रहा है हालांमक पनीरसेल्वि के सिथ्यको् ने ऐसी मकसी भी संभावना से इनकार मकया है. जयलमलता की भतीजी दीपा जयकुिार ने भी सुप्ीि कोट्य के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है मक तमिलनाडु का िुख्यिंत्ी शमशकला का कठपुतली नही् होना चामहये, हालांमक पनीरसेलव् ि हिेशा से जयलमलता की कठपुतली िुखय् िंत्ी ही बने रहे थे. यानी कुल मिलाकर जेल से अपने भरोसेिदं के िाफ्तफ़ सत्​्ा की डोर अपने हाथ िे्रिने की शमशकला की िहत्वकांक्ा का साकार होना इतना आसान नही्है, तब जबमक शमशकला की तरफ से सारे रणनीमतक दांवपे्च और इंतजाि उनके भतीजे सुधारकरन देि रहे थे और सुधाकरन को भी शमशकला के साथ दोषी करार मदया गया है और सजा सुनाई गयी है. हालांमक कानून मवशेषज्​्ो्की राय के अनुसार अदालत ने शमशकला को पुनम्वच य ार यामचका दायर करने से नही्रोका है. लेमकन यह यामचका उन्हे्30 मदन के भीतर दायर करनी होगी और अज्​्ी के िामरज हो जाने पर वह प्​्ाकृमतक न्याय के मसद्​्ांत की अनदेिी मकये जाने के आधार पर सुधार (क्यरू मे टव) यामचका भी दायर कर सकती है्. मफर भी यामचका दायर करने पर भी पूरी प्म्​्कया और अदालत के फैसले तक उन्हे् जेल िे्ही रहना होगा. राज्यपाल सी मवद्​्ासागर राव भी अब राहत की सांस ले सकते है् और सरकार बनाने के आिंत्ण के फैसले िे् देरी को ताम्कफ़क ठहरा सकते है,् पहले उनकी िंशा पर सवाल उठाये जा रहे थे, उल्लि े नीय है मक बहुित के दावे के बाद भी और पनीरसेलव् ि का इस्​्ीफा स्वीकार कर लेने के बाद भी उन्हो्ने शमशकला को सरकार बनाने के मलए आिंम्तत नही्मकया था. बब्लक राजनीमतक संकट को जल्दी हल करने के बजाय वह छुट्ी पर चेन्नई से बाहर चले गये और बाद िे् अपनी वापसी आगे बढ्ाते रहे. इसमलए तमिलनाडु िे् राजनीमतक संकट को लंबा करने िे् केद् ् िे् सत्​्ार्ढ् दल भाजपा की भूमिका पर भी संदहे जताया गया, मजसके जवाब िे्भाजपा के वमरष्​्नेता वैक ् य्या नायडू ने स्पष्​् मकया मक तमिलनाडु का राजनीमतक संकट एआईडीएिके का अंदर्नी िसला है, राज्य िे् भाजपा का मसफ्फ़ एक मवधायक है और भाजपा मकसी भी तरह से वहां सरकार बनाने की ब्सथमत िे्नही्है. बहरहाल, तमिलनाडु के राज्यपाल सी मवद्​्ासागर राव ने पलानीस्वािी को िुख्यिंत्ी की शपथ मदला दी है. क्यो्मक बहुित सािी के साथ था. लेमकन इसका अथ्य यह नही् अन्ना द्ि् क ु की भीतरी राजनीमत िे्जो तूफान आया है वह शांत हो जायेगा. n शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 35


हणरयाणा

बगंावत की बैठक दक्​्कणी हकरयाणा मे्भाजपा के ही कवधायक मुख्यमंत्ी मनोहर लाल खट्​्र की सरकार को भ्​्ष् बिाकर उसकी घेरेबंदी करने मे्लगे है्.

मनोहर लाल खट्​्र: अब िक बेसफक्​्

मनोज ठािुर

मरयाणा के िुख्यिंत्ी िनोहर लाल िट्​्र की मदक्​्ते्कि होने का नाि ही नही्ले रही है्. बीते ढाई साल के शासन काल िे्उन्हे् मवपक्​्से कि अपने सामथयो्से ज्यादा चुनौती मिली है. ताजा िािला दम्​्कण हमरयाणा का है जहां पाट्​्ी के 10 मवधायक उनके मिलाफ गोलबंद हो गये है्. गुड्गांव के मवधायक उिेश अग्​्वाल के नेतृत्व िे् बना यह गुट बहुत ही सधे हुए तरीके से अपनी ही सरकार को घेरने िे्लगा है. िुद्ा भी भ्​्ष्ाचार को बनाया है. यह गुट जानता है मक भ्​्ष्ाचार पर यमद सरकार को घेरते है् तो के्द्ीय नेतृत्व भी मिलाफ नही् जा सकता है. इस िािले िे्उिेश अग्​्वाल के नेतृत्व िे् एक बैठक हुई मजसिे् पूरी रणनीमत बनी मक कैसे सरकार को घेरा जाये. इसी िाह प्​्देश का मवत्​् बजट शुर् होने वाला है. मजसिे् मवधायक जोरदार तरीके से भ्​्ष्ाचार का िािला उठाते हुए सरकार को घेरे्गे. इस दौरान नौकरशाही की आड्िे्सरकार को घेरा जायेगा. इतना ही नही्उिेश अग्​्वाल ने िुख्यिंत्ी िहोदय को एक पत्​् भी मलिा है. इसिे् प्​्देश िे् मबजली िीटर की िरीद िे् गड्बड्ी का आरोप लगाया गया है. अग्​्वाल ने पत्​्िे्कहा मक मबजली िीटर के टे्डर िे्शत्य थी मक मजस क्पनी का टन्यओवर सवा करोड् र्पये होगा वह भी बोली िे् भाग ले सकती है. लेमकन मनगि के अमधकामरयो्ने टन्यओवर की शत्यको 400 करोड् र्पये कर मदया. इससे हुआ यह मक अब टे्डर िे्केवल बड्ी क्पनी ही भाग ले सकती है्. यह मकसी एक क्पनी को लाभ पहुंचाने के मलए मकया जा रहा है. अग्​्वाल ने इस पत्​् का सीएि को भेजने से पहले ही 36 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

िीमडया िे्लीक कर मदया. हालांमक िुख्ियंत्ी िट्​्र का कहना है मक उनको ऐसा कोई पत्​् नही्मिला है. गुड्गांव िे् गवाल पहाड्ी की जिीन इसका तात्कामलक िुद्ा बनी. यह जिीन मदल्ली, गुड्गांव व फरीदाबाद की सीिा पर कीित है. करीब 446 एकड् िे् फैली इस जिीन िे्300 से ज्यादा लोग िामलक है्. यह जिीन ढाई दशक से अमधक सिय से मववामदत है. इंतकाल नगर मनगि के पास था. लेमकन तत्कालीन डीसी टीएसल सत्यप्​्काश ने मनयिो् की अनदेिी करते हुए इस जिीन को कल्जाधामरयो् के नाि इंतकाल कर मदया. बाद िे् टीएल सत्यप्​्काश का डीसी पद से तबादला हो गया. इधर मनगि िे् कमिश्नर वी उिाशंकर ने िंडल आयुक्त डी सुरेश की कोट्य िे् अपील दायर कर मजला कलेक्टर टीएल सत्यप्​्काश के इंतकाल को चुनौती दी. इस पर कोट्य ने टीएल सत्यप्​्काश के आड्यर को स्टे कर मदया. उिेश अग्​्वाल ने इस िािले की सीबीआई जांच की िांग कर डाली है. बताया जा रहा है मक ये सभी मवधायक दम्​्कण हमरयाणा के ही एक के्द्ीय िंत्ी के इशारे पर काि कर रहे है्. उनकी रणनीमत है मक सरकार को भ्​्ष्ाचार के िुद् पर घेर कर दबाव बनाया जाये. मजससे उनकी सुनवाई हो और उन्हे् भी वह तवि्​्ो मिले जो दूसरो् को मिल रही है. इन मवधायको्िे्से ज्यादातर को सरकार िे् भाव नही् मदया जाता है. यहां तक मक इतने छोटे-िोटे काि भी रोक मदये जाते है्. अमधकारी भी उनकी बात नही्सुन नही्रहे है्. इससे सरकार के प्​्मत इनिे् काफी गुस्सा था. लेमकन वे सीधे सीएि के मिलाफ जाने का जोमि​ि तो उठा नही् सकते थे. इसमलए िौके के इंतजार िे् थे. जिीन िािले िे् उन्हे् िौका मिल गया. प्​्देश की राजनीमत पर मकताब मलिने

उमेश अग्​्वाल: घेरेबंदी की कोसशश

वाले से्टर फॉर सोशल साइंस चंडीगढ् के प्​्िुि डाक्टर दीपांकर का कहना मक प्​्देश की सरकार िे् मदक्​्त यह है मक इसिे् कई गुट है्. लगता है कोई पद्​्े के पीछे से इस सरकार को चला रहा है. इसिे्न तो काय्यकत्ाय की बात सुनी जा रही है, न मवधायको्की. हद तो यह है मक प्​्देश का ितदाता भी सरकार को सिझ नही्पा रहा है. सारी पावर तो सीएि ने के्म्दत कर ली है. ऐसे िे्मवधायक क्या करे्? बस मवधायक यही तो कर रहे है्. इतना ही नही्हमरयाणा की राजनीमत को तीन महस्सो् िे बांट सकते है्. एक जाट लै्ड, दूसरा जीटी रोड बेल्ट, मजसे नान जाट एमरया बोला जा सकता है. तीसरा महस्सा है एनसीआर. एनसीआर के मवधायको् की मदक्​्त यह है मक उन्हे्चंडीगढ्िे्ज्यादा िहत्व नही्मिलता. वे प्​्देश की राजनीमत िे् अलग-थलग पड्े रहते है्. िुद को ताकतवर मदिाने के मलए उन्हे् यह कोमशश करनी पड् रही है. इतना ही नही् उनकी मदक्​्त जहां सरकार िे् िुद को ताकतवर मदिाने की है, इससे भी बड्ी बात तो यह है मक अपने क्​्ेत् के ितदाता को अपने साथ जोड्कर कैसे रिे्? यह उनकी असली मचंता है. ऐसे िे् कि से कि उनके सिथ्यको् का कुछ जायज-नाजायज काि ही हो जाये. इधर सीएि िनोहर लाल िट्​्र मनम्ि ् ंत नजर आ रहे है्. शुक्वार से बातचीत िे्उन्हो्ने कहा मक उिेश अग्​्वाल ने जो पत्​् मबजली िीटर िरीद को लेकर मलिा है वह मिला नही् है. उन्हे् जब बताया गया मक यह पत्​् तो िीमडया िे् यहां वहां घूि रहा है, मफर आप तक कैसे नही्पहुंचा? इस पर उन्हो्ने कहा मक पता नही् इस बारे िे् तो क्या कहा जा सकता है. गुड्गांव की जिीन का िािला क्यो्मक अदालत िे्चल रहा है. इसमलए इस पर अभी n कुछ नही्बोला जा सकता है.


नगालै्ड

मािृसत्​्ात्मक समाज होने के बावजूद नगालै्ड मे् मकहलाओ्को राजनीकिक आरक्​्ण के सवाल पर उथलपुथल मची हुई है. िुमार प्​्तीि

भा

रत के पूव्ोत्​्र राज्यो् िे् िातृसत्​्ात्िक सिाज है. यानी िमहलाओ् को पुरष् ो् के िुकाबले ज्यादा अमधकार है्. लेमकन बात जब राजनीमत और चुनाव की होती है तो िमहलाओ् को जबरन दबा मदया जाता है. नगालैड ् िे् 33 फीसदी आरक्ण ् की िांग उठाने वाली िमहलाओ् का आंदोलन इतना महंसक हो गया मक सेना बुलानी पडी और दो लोगो् की िौत हो गयी. अंतत: चुनावो्को स्थमगत करना पडा. आरक्ण ् मवरोधी अपनी िांगो् के सिथ्यन िे् अब अपनी परंपरा की दुहाई दे रहे है.् दरअसल, यहां लडाई संवधै ामनक प्​्ावधानो् और परंपरा के बीच है. नगालैड् ट्​्ाइबल एक्शन किेटी (एनटीएसी) िुखय् िंत्ी टीआर जेमलयांग के इस्​्ीफे की अपनी िांग पर अडी हुई है. पूव्ोत्​्र िे् ज्यादातर जनजातीय सिूह िातृसत्​्ात्िक है.् यहां पामरवामरक व सािामजक ही नही्बब्लक आम्थक य तौर पर भी िमहलाये्देश के दूसरे राज्यो्के िुकाबले ज्यादा ताकतवर है.् आमिर आितौर पर उग्​्वाद के मलए सुम्िययां बटोरने वाले इस राज्य िे् अबकी िमहलाओ्ने इस कदर मजद क्यो्पकडी मक पूरा राज्य महंसा की चपेट िे्आ गया? राज्य िे्एक फरवरी को शहरी मनकाय चुनावो् के मलए ितदान होना था. इस िौके पर टी.आर.जेमलयांग के नेततृ व् वाली नगा पीपुलस ् फ्ट् (एनपीएफ) सरकार, मजसिे् बीजेपी भी साझीदार है, ने िमहलाओ्के मलए 33 फीसदी आरक्ण ् पर िुहर लगा दी. लेमकन मवमभन्न नगा संगठनो् ने बडे पैिाने पर इसका मवरोध शुर् कर मदया. दूसरी ओर, िमहला संगठन नगा िदस्यएसोमसएशन भी अबकी सुप्ीि कोट्यके फैसले के हवाले आरक्ण ् की िांग पर अडा रहा. इसी पर टकराव शुर् हुआ. दरअसल वष्य 2012 िे् नगा िदस्य एसोमसएशन ने सुप्ीि कोट्यिे्दायर एक यामचका िे् अदालत से शहरी मनकायो् िे् िमहलाओ् को 33 फीसद आरक्ण ् िुहयै ा कराने के मलए राज्य सरकार को मनद्​्ेश देने की अपील की थी. दो साल चली सुनवाई के बाद बीते साल अप्ल ्ै िे् सुप्ीि कोट्य ने उसके पक्​् िे् फैसला सुनाया. इसके बाद सुप्ीि कोट्य के फैसले का सम्िान करते हुए सरकार ने 16 साल से इन चुनावो्के

मोच्​्े पर मसहलाएं: वासजब मांग

मािृित्​्ा की मरीसचका

मलए ितदान कराने का फैसला मकया. उसके बाद ही िमहलाओ्के मलए 33 फीसदी आरक्ण ् को िंम्तिंडल की हरी झंडी मिल गयी. सरकार के फैसले के बाद ही पुरष् प्ध ् ान जनजातीय नगा संगठनो् ने इसका मवरोध शुर् कर मदया. उनकी दलील है मक 33 फीसदी आरक्​्ण का यह प्​्ावधान संमवधान की धारा 371ए के तहत नगा लोगो् को मिले अमधकारो् और समदयो् पुरानी परंपरा का उल्लंघन है. आरक्ण ् -मवरोधी आंदोलन की किान संभालने वाली ज्वायंट कोआम्डनि श े न किेटी (जेएसी) के सह-संयोजक वेिोसाई न्योिा कहते है्, 'संमवधान की धारा 371 ए के तहत हिे् जो मवशेषामधकार मिले है,् उनका हनन बद्ाशय त् नही् मकया जाएगा. हि अपनी िाताओ् व बहनो् का सम्िान करते है्. लेमकन उनको राजनीमतक अमधकारो्से लैस नही्होने देग् .े ' राजनीमतक पय्यवेक्को् का कहना है मक दरअसल, पारंपमरक नगा सिाज िे् जिीन पर िमहलाओ्का कोई हक नही्होता. नगा सिाज िे्सत्​्ा का केद् ्सिझी जाने वाली ग्​्ाि पमरषदो् िे्भी उनकी आवाज नही्सुनी जाती. यहां तिाि फैसलो्का अमधकार पुरष् ो्को ही है. अब उनको डर है मक शहरी मनकायो् िे् चुने जाने पर िमहलाये्तिाि धन और उनके िच्यका महसाब िांगने लगेग् ी. नगा सिाज के पुरष् अहं को यह बात बद्ाशय त् नही् हो रही है. नगा होहो के बैनर तले आंदोलन करने वाले तिाि संगठनो् की दलील है मक िमहलाओ्को राजनीमत िे्आने का अमधकार मिलने की ब्सथमत िे् नगा सिाज का समदयो् पुराना तानाबाना और पंरपराये् टूट कर

मबिर जायेग् ी और इसका प्म्तकूल असर होगा. दूसरी ओर, िमहला संगठनो्की दलील है मक वह अपनी प्​्ाचीन परंपराओ् का सम्िान करते है्. लेमकन सिय के साथ नगा सिाज को भी बदलना होगा. गुवाहाटी हाईकोट्यके आदेश के बाद राज्य सरकार ने चुनावो् को टालने से इंकार कर मदया.पूव्ोत्र् के यह इलाके संमवधान की छठी अनुसच ू ी िे्आते है्जहां पर राज्यपाल की िंजरू ी के मबना केद् ्और राज्य सरकार का कोई कानून वहां लागू नही्मकया जा सकता. इसके अलावा 371 (ए) आमदवामसयो्को अपनी परंपरा और रीमतमरवाज की महफाजत का भी अमधकार देता है. इन अमधकारो्व रीमत-मरवाजो्के बारे िे्फैसला राज्य के 18 आमदवासी जामतयो्के संगठन मिलजुलकर करते है्. िुख्यिंत्ी टीआर मजमलयांग कह रहे है् मक स्थानीय मनकायो् का गठन आधुमनक है, इसमलए उनको आमदवामसयो् की परंपरा और रीमत-मरवाजो् के दायरे िे् शामिल नही् मकया जा सकता. लेमकन नगालै्ड के आमदवासी संगठन को यह आरक्ण ् कबूल नही् है और इसके मवरोध िे् उन्हो्ने कोमहिा िे्नगर पामलका का दफ्तर फूक ् ा और िुखय् िंत्ी आवास पर भी हिला मकया. नगालै्ड की राजनीमत िे् िमहलाओ् की अनुपब्सथमत को अच्छी तरह िहसूस मकया जा सकता है. साठ सदस्यीय राज्य मवधानसभा के मलए आज तक एक भी िमहला नही् चुनी जा सकी है. मफलहाल राज्य िे् हालात बेहद तनावपूणय्है.् इस िुद्ेपर सरकार भी अदालत व संमवधान की दो चम्​्कयो्के बीच फ्सी है. n शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 37


साणहत् मास्यट/कहानी हेड

ह आकाशवाणी के स्टुमडयो िे् शाि की महंदी न्यज ू पढ्ती रहती और िै् पमरसर के बाहर के फुटपाथ पर उसका इंतजार करता रहता. बामरश या ठंड की शािे्होती्तब िै्स्टमू डयो के बाहर के महस्से िे् सोफे पर बैठा हुआ पढ्ता रहता. वहां दीवारो्पर तब भी, आज की ही तरह, हीराबाई बड्ोदेकर और अल्दल ु करीि िान की तस्वीरे् टंगी रहती थी्. कर्णा वहां केज्युएल एनाउंसर थी और उसे कुछ ही घंटे आकाशवाणी को देने पड्ते थे. िै्यूमनवम्सटय ी लाइब्र्े ी से अपने स्कटू र पर आकाशवाणी आ जाता और शाि की उसकी न्यूज के बाद िे् हि एकाध घंटा साथ गुजारा करते थे. िेरा कर्णा के मलए ऐसा इंतजार, एक छोटे शहर की शिो्िे्हिारा साथ, सात-आठ िहीनो् तक चलता रहा. अच्छी तरह चलता रहा. िै् अंगज ्े ी िे्एि.ए. करने के बाद टी.एस. एमलयट की कमवताओ्पर मरसच्यकर रहा था. कर्णा को मवधवा हुए साल भर से ज्यादा हो चला था. उसकी तीन बष्यकी मबमटया थी और तब उसकी

38 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

िहानी जयशंिर

कोई ऐसी शाम

उम्​् छल्बीस की हो चली थी. शायद एक वष्य पहले ही वह अपने िाता-मपता का, अपने सासससुर का शहर छोड्कर हिारे शहर िे् अपनी मरटायड्य िां और मबमटया के साथ रह रही थी. अंगज ्े ी सामहत्य िे्एि.ए. कर रही थी. हिारी पहली िुलाकात यूमनवम्सटय ी लाइब्र्े ी के सािने की सीम्ढयो्पर हुई थी, जहां हि दोनो् बामरश के थिने का इंतजार करते हुए िड्े थे. जुलाई का िहीना. एग्​्ीकलचर कॉलेज से जुड्े िेत पर िड्ी बामरश की शाि. नीले रंग की साड्ी और ल्लाउज पहने हुए एक सांवली लड्की. आंिो्पर चढ्ा हुआ चश्िा. हाथ िे्कीट्स की कमवताओ् की मकताब. छी्कता हुआ, बार-बार र्िाल का इस्ि्े ाल करता हुआ एक गोल और सांवला चेहरा. वही कर्णा थी. बीस से भी ज्यादा बरस हो गये हो्गे. िै् आकाशवाणी िे्अपनी कमवताओ्की मरकॉम्डगि् के मलए आया हुआ हूं. शाि ढल रही है. कि्च य ामरयो् का पमरसर से बाहर मनकलना शुर् हो गया है. िै्अपने पामरश्म्िक के चेक के तैयार


होने का इंतजार कर रहा हूं. वही हरे रंग की की ही नही्, इसकी भी बहुत अच्छी देिभाल लकम्डयो् की बाल्कनी. वही सीम्ढयां. वही् करती है.’ सरसराता शीशि का पेड्. स्कूटरो् और ‘आपको कैसे पता है?’ साइमकलो् का स्टै्ड. कभी यहां या यहां के ‘वह िेरी अकेली सहेली है.’ आसपास रोज ही अपनी शािो् को कर्णा के ‘और िै.्’ इंतजार िे्गुजारा करता था. तब कर्णा ने िुझे मजन मनगाहो्से देिा था, कहां चली गयी्वे शािे?् उन मनगाहो्को िै्आज बीस बरसो्के बाद भी कहां चली गयी्कर्णा? कहां भूल पाया हू?ं क्या-क्या नही्था उन मनगाहो् हिारे अपने एक ही जीवन िे्मकतना कुछ िे्िेरे मलए? िेरी कर्णा की असीि कर्णा. िेरे है जो छूटता चला जाता है. न पुराने मदन हिेशा मलए. िेरे जीवन पर उसका गहरा और मनश्छल साथ रहते है्और न पुराने लोग. याद करना शुर् मवश्​्ास. मकसी दूसरे से मिला ऐसा गहरा, करते ही िोये हुए, िरे हुए चेहरो्की याद आती िजबूत और अमवस्िरणीय मवश्​्ास, जो हि है. वे चेहरे, मजनके साथ कभी हिारा बचपन सबके जीवन िे्कभी-कभार ही उतरता है. कुछ बीता था. दादा-दादी का चेहरा. नाना-नानी का आभागो्के जीवन िे्तो कभी उतरता ही नही्है. चेहरा. िाता-मपता, भाई-बहनो्, बचपन के दोस्​्ो् िेरे साथ यह तसल्ली है. िेरे साथ यह तसल्ली का चेहरा. िेरे जीवन की आमिरी सांस तक बनी रहेगी मक पुराने चेहरो्की जगह नये चेहरे आ जाते है.् िेरी मजंदगी िे्कोई एक शाि आयी थी. जब िैन् े पुराने लोगो्की जगह, नये लोग. अपना िुद का मकसी लड्की की मनगाहो्िे्अपने मलए मवश्​्ास चेहरा ही मकतना-मकतना बदल जाता है. अब को िहसूस मकया था. िेरे अपने मलए उम्िीद को कर्णा की आंिे्कैसी हो्गी? िै्जब कभी उसे बनते हुए देिा था. एमलयट की कमवताएं सुनाया करता था. तब िेरे मवश्​्ास की, िेरी उम्िीद की उस शाि उसकी आंिो् िे् कैसी जादुई चिक चिकने के पहले तक िै्जानता ही नही्था मक कर्णा के लगती थी. और उस शाि की कर्णा की आंि,े् पमत ने िुदकुशी की थी. सुबह-सुबह उन्हे्नी्द जब िै्ने उससे मववाह करने की अपनी इच्छा की गोमलयो्की शीशी के साथ अपने मबस्र् पर जामहर की थी. िृत पाया गया था. छल्बीस साल का एक आदिी. ‘क्या िुझे यह कहना नही् था?’ िैन् े पूछा दो बरस की मबमटया का बाप. िां-बाप का था. इकलौता लड्का. उसकी आत्िहत्या के बोझ को ‘नही्-नही्. यह सब इतना अचानक हुआ... कर्णा ने सहना शुर्मकया था. कौन नही्था जो िै्मवधवा हू.ं .. िेरी बेटी है और जयू, तुि िुझसे पमत की आत्िहत्या के मलए कर्णा को दोषी नही् छोटे हो...’ ठहरा रहा था? उसके साथ मसफ्फ़उसकी मरटायड्य ‘िुझे मसफ्फ़तुमह् ारी इच्छा से ितलब है.’ हो चुकी, बूढ्ी हो रही िां थी और दो बरस की ‘िुझे सोचना पड्गे ा, जयू.’ मबमटयां, जो मसफ्फ़तीन-चार आधे-अधूरे वाक्यो् उस शाि के बाद भी हि रोज ही मिलते रहे को भी तुतला-तुतलाकर बोल सकती थी. पमत के थे. िै् हर शाि उसे छोड्ने के मलए उसके घर न रह पाने के बाद के दो तीन िहीनो्िे,् उसने जाता था. वह रसोई िे्िेरे मलए नाश्ता, चाय या अपना घर, अपना शहर छोड्मदया था. कॉफी तैयार करती रहती कर्णा ने अपनी करंणा ने अपनी मां और और िै् उसकी िां और िां और मबमटया के हबहररा के साथ एक परारे मबमटया के साथ उनके साथ एक पराये शहर िे् ड्​्ाइंग र्ि िे्बैठा रहता. अपना जीवन शुर् ही शहर मेंअपना जीवन शुरंही वह उनका मकराये का मकया था मक उसकी हकरा था हक उसकी मुझसे िकान था. नीचे एक िुझसे िुलाकात हो मुलाकात हो गरी. पारसी बुम्ढया अपनी गयी. अंग्ेजी सामहत्य नौकरानी के साथ रहती की उसकी पढ्ाई िे् िै् थी और ऊपर का महस्सा कर्णा ने मकराये पर उसकी थोड्ी-बहुत िदद करने लगा. टी.एस. मलया था. सफेद दीवारो्के उस दुिमं जले िकान एमलयट पर अपनी मरसच्य के काि िे् िुझे भी की शुरआ ् त िे्छोटा-सा बगीचा हुआ करता था. उससे िदद मिलती रही. शायद धीरे-धीरे वह नीबू और आि के पेड.् पारसी बुम्ढया का सफेद अपने काले-कड्वे अतीत से बाहर भी मनकलने कुत्ा, जो शायद अपने आिरी बरसो् िे् रहा लगी थी. होगा. एक शाि जब िै्उसके घर गया तो वह लता ‘यह हिेशा इतना शांत रहता है.’ िंगश े कर की गायी हुई िीरा की कमवताओ् का ‘बूढ्ा हो गया है, बीिार रहता है.’ मरकाड्यसुन रही थी. वह उसकी छुट्ी का मदन था. ‘इसकी देिभाल?’ उसने तभी नहाया होगा. िाथे पर आये बालो्की ‘नौकरानी बहुत अच्छी है, अपनी िालमकन लटे्गीली थी्. हि चाय पीने लगे तो उसने िुझे

सुपमरमचत कहानीकार. प्क ् ामशत कृमतयां: ‘शोकगीत’ , ‘लाल दीवारो् का िकान’, ‘िर्सथ् ल’, ‘बामरश, ईश्र् और िृतय् ’ु , ‘चैब् र म्यमू जक’. श्​्ीकांत वि्ाय स्िमृ त पुरस्कार और मवजय वि्ाय कथा सम्िान. संपक्:फ़ jayshankar58@gmail.com बताया था मक िीरा अपने एक भजन िे् अपने एक सपने को अपनी िां को बता रही है मक उसने सपने िे्कृषण ् के साथ अपने मववाह को देिा है. मफर हिारी बात िीराबाई की छोटी-सी, कमठन लेमकन सुदं र मजंदगी पर होने लगी. िै्ज्यादा नही् जानता था. कर्णा ने ही उनको बार-बार सुनासिझा था. वैसे भी भब्कतकाल की कमवताओ्की उसकी अपनी गहरी सिझ रही होगी. मकसी शाि उसने कबीर की कमवताओ् पर काफी-कुछ अच्छा और गहरा कहा था. ‘मकतनी साहसी रही होगी िीराबाई! मकतना गहरा रहा होगा उनका मवश्​्ास!’ ‘तुिने महंदी सामहत्य लेना था.’ ‘तब बेरोजगार ही रहना पड्गे ा... अभी तो िां का सहारा है... बाद िे्क्या होगा?’ ‘क्या दुबारा शादी नही्करोगी.’ ‘िुझ अभागन से कोई क्यो्शादी करेगा?’ ‘और कोई करना चाहे तो.’ ‘ऐसा होगा ही नही्... और हुआ तब सोचूगं ी...’ उसके बाद िै्ने कर्णा की झूठी हंसी को उसके हो्ठो् पर तैरते हुए देिा था. तब तक िै् उसकी झूठी और सच्​्ी हंसी को पहचानने लगा था. वह पहली और आमिरी बार था मक िै्ने अपने जीवन िे् मकसी को इतना ज्यादा जानापहचाना था. इतना ज्यादा जानना-पहचाननाचाहा था. कर्णा के जाने के बाद मकसी को जानने-पहचानने की न कभी िै्ने जर्रत ही िहसूस की और न इसके मलए िैँने प्​्यत्न ही मकया होगा. बहुत-बहुत मदनो् तक िै्ने यह जर्र सिझना चाहा था मक उसने िुझसे मववाह करने की असहिमत क्यो्जताई होगी. क्या िुझिे्कोई शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 39


साणहत्य/कहानी

बड्ा दोष रहा होगा? क्या उसके मलए िेरी गहरी भावनाओ्िे्कोई झूठ िड्ा रहा होगा? क्या िै् दया से उसकी तरफ बढ्ता चला गया था? क्या वह अपने िृत पमत को इतना ज्यादा प्यार करती रही थी? कर्णा के मववाह से इनकार के बाद िै् अपनी कूर् ता िे,् अपने किीनेपन िे् इतना दूर चला गया था मक िुझे लगा मक वह मकसी और से प्यार करती रही है, उसके उसी प्यार ने उसके पमत को आत्िहत्या के मलए िजबूर मकया है. िै् अपने इस नीच, गलीज और पागल मवचार को अपने तक ही रि पाता, तब भी उतना बुरा नही् हो सकता था. िै्ने अपनी इस अिानवीयता, अधीरता, कठोरता और नीचता को एक पत्​् िे् कर्णा तक पहुच ं ाया था. वह हिारे मरश्ते का अंत सामबत हुआ. हिारे प्ि्े का पतन. हिारे संबधं ो् की सिामध. आदिी यह भी कर सकता है? यह मसफ्फ़आदिी ही कर सकता है. िैन् े पहले से ही टूटे हुए िंडहर हो चुके जीवन को इतनी बुरी तरह इतनी कूर् ता के साथ तहस-नहस मकया था. िै् जो जीवन भर कमवताएं पढ्ता रहा, कमवताएं मलिता रहा. अपने भीतर एक िोिला, िुदगज्यऔर कूर् आदिी बना रहा था. कर्णा से अलग हुए बीस से भी ज्यादा साल होने को आ रहे है. िै्अब भी कमवताएं मलिता हूं, अपने छात्​्ो् को अंग्ेजी सामहत्य पढ्ाता हूं. अपनी कमवताओ् की मरकाम्डि्ग के मलए ही आकाशवाणी आया हू.ं िेरी पत्नी ि​िता की तो नही्, िेरी िां की िेरी कमवताओ् िे् मदलचस्पी अब भी बनी हुई है. किजोर मनगाहो् से िेरी कमवताएं पढ्ना उनके मलए िुबश् कल होता जा रहा है, पर उनको सुनना िां केा अब भी अच्छा लगता है. िै् उनके मलए भी बीच-बीच िे् आकाशवाणी िे्अपनी कमवताएं भेजा रहता हू.ं यहां आकाशवाणी िे्आता हू.ं यहां के लंबे और पुराने गमलयारो्से गुजरता हू.ं शीशि के पेड् तेल ठहरता हू.ं लकड्ी की बालकनी से सािने के पेट्ोल पंप, मगरजे और नीि के पेड्ो्को देिता हूं. तब बीस बरस पहले की यहां बीती शािे् बरबस ही सािने से बहने लगती है्. सािने से गुजरने लगती है.् अच्छा लगता है उन मदनो् िे् रहना. उन मदनो् से गुजरना. बढ्ती उम्​् के अलगाव, अवसाद और अभाव के इन मदनो् िे् अपने वे मदन हरे-भरे. भरे-भरे से तसब्ललयां देते हुए नजर आते है्. यह कहते हुए भी मक अपने सिूचे जीवन िे,् ऐसे मकतने कि मदन होते है.् जो मनरंतर, शायद हिारी आमिरी सांस तक बने रहते है्और ये मदन ही वे मदन हो जाते है,् मजनके साथ और मजनके बीच हि हिेशा ही बने रहना चाहते है.् मजन मदनो्िे्हि अपने प्ि्े िे्रह रहे होते है्, तब शायद हि अपने आवेग को, अपनी आकांक्ा को, अपनी आतुरता-अधीरता को 40 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

पारसी मकान मालहकन का कुतंा मर चुका था और वह पारसी बुहंिरा असंपताल मेंथी. करंणा के घर के नीले रंग के दरवाजे पर ताला रंगा था. अच्छी तरह देि नही्पाते है्और बरसो्-बरसो् के बाद जब हि अपने प्ि्े के उन बीते हुए बरसो् िे्झांकते है,् तब न वहां की उदामसयां नजर आती है और न वीरामनयां. चिकता और चिचिाता कोई तारा, उजला-उजला-सा कुछ जादुई, मनराला, मनरासक्त और अप्त्य् ामशत-सा. यह कौन सा अमभशाप है िनुषय् को मक न वह मकसी को हिेशा प्यार कर पाता है और न ही कोई उसको हिेशा प्यार करता है. क्या होता है मक मकसी भी प्ि्े की मनरंतरता अंतत: टूटली ही है. अगर जीवन से नही्, तो िृतय् ु से. कर्णा िेरे साथ होती, तब हि इस मवषय पर देर-देर तक बातचीत कर सकते थे. वह िीराबाई की कमवताओ् के सहारे. अपने िुद के जीवन की सिझ से, अपने मनज के दुि, प्ि्े और अनुभवो् से िुझे मकतना कुछ मसिा सकती थी, सिझा सकती थी. कर्णा होती, िुझे पता होता मक कर्णा कहां है तो िै्आकाशवाणी पर उसके मलए भी अपनी कमवताएं पढ्रहा होता. वह िेरी कमवताएं सुनती उनके बारे िे्अच्छा-बुरा बताती और अच्छी तरह मलिने और ज्यादा मलिते रहने की बार-बार और लगातार मलिने की महदायते् देती. िुझे कमवता के कमठन रास्​्ो्को पार मकये हुए कमवयो् के बारे िे्बताती और कोई एक शाि िे्मसफ्फ़िेरी कमवताओ्के मलए, िेरे कमवता मलिने के मलए ही िुझे घर पर कॉफी मपलाती. िेरे मलए सैड् मवच या फैच ् टोस्ट तैयार करती.

इस वक्त कर्णा कहां हो्गी? कैसी मदिती हो्गी? कौन सी नौकरी करती हो्गी? क्या उसने दूसरा मववाह कर मलया होगा? क्या कभी उसे िेरी याद आती भी होगी? शायद नही्. मबल्कल ु भी नही्. हिारे मरश्तो् के आमिरी मदनो् िे् िै् उसके प्म्त मकतना कूर् . उदासीन, असभ्य और अताम्कक फ़ होता चला गया था. क्या कुछ बुरा नही् मलिा था िैन् े उस पत्​्िे?् मकतना पतन हुआ था िेरे प्ि्े का. आज सोचता हूं मक ऐसे कैसे कोई इतना ज्यादा मगर सकता है? क्या िैन् े कीट्स, शेली और एमलयट की कमवताओ्, भाषा और भावनाओ् से यही सीिा था मक एक किजोर, असहाय मवधवा के जीवन और चमरत्​्पर संदहे कर्?् िै्ही तो कहा करता था मक हिे्एक ऐसा सिाज बनाना है जो हिेशा दूसरो्के जीवन को जज न करता रहे. ऐसा आदिी, जो न्यायधीश की भूमिका न मनभाता रहे. कहां गयी थी िेरी मववेकशीलता? कहां चला गया था िेरा कमव? उसके शहर छोड्देने के बाद िै्एक शाि उसके घर गया था. पारसी िकान िालमकन का कुत्ा िर चुका था और वह पारसी बुम्ढया अस्पताल िे्थी. कर्णा के घर के नीले रंग के दरवाजे पर ताला टंगा था. दरवाजे के करीब साइमकल का टायर और तोते का मपंजरा रिा था. िै्ने नीचे देिा था. नी्बू के पेड् के पास मगलहमरयां िेल रही थी्. आि के पेड् के पास तार पर कुछ कपड्ो्को धोने के बाद टांगा गया था. वहां नीले रंग की जुराबे्थी्. वैसा ही नीला रंग, मजसे पहने हुए पहली बार कर्णा को युमनवम्सयटी लाइब्​्ेरी की सीम्ढयो् पर सद्​्ी से बेहाल होते हुए देिा था. वह बामरश के मदनो्की कोई शाि थी. िेरे जीवन की कोई एक शाि, जब िैन् े अपने सुि को जानना शुर्मकया था और शायद उस दुि को जानना भी, मजसके साथ िै् मपछले बीस बरसो्से अपनी उम्​्के पैत् ालीसवे् साल िे्आज तक रह रहा हू.ं िै् नही् जानता कर्णा मक तुि कहां हो, लेमकन िैन् े कभी भी जाना मक तुि हो. तुि कही् हो तो िै् एक बार मसफ्फ़ एक बार तुिसे जर्र मिलूगं ा. तुिसे अपनी उस मचट्​्ी के मलए भी िाफी िांगगू ा, मजसने न जाने तुमह् े्मकतना ज्यादा दुि मदया होगा और दुभा्गय य् भी मक अंतत: िै्भी उन लोगो् िे् ही शामिल हो गया मजन्हो्ने तुमह् े् कभी नही्सिझा. कभी सिझना ही नही्चाहा था. तुि शायद मकसी भी बात के मलए, मकसी को भी िुझे भी िाफ कर देती लेमकन तुमह् े्न सिझने के मलए तुमह् े् गलत सिझने के मलए मकसी को भी िाफ कर पाना तुमह् ारे मलए िुबश् कल ही नही्, असंभव ही था. कर्णा अब िै्धीरे-धीरे और बड्ा होता जा रहा हू.ं कुछ बरसो्के बाद िेरा बूढ्ा होना भी शुर् हो जायेगा. पर यह तसल्ली है मक अब िै् तुमह् े् n सिझ रहा हू,ं अब िै्तुमह् ारे्करीब हू.ं


साणहत्य/कणवता

सुबोध सरकार की कचवताएं बांग्ला के जाने-िाने कमव और संपादक. कई कमवता संग्ह प्​्कामशत. बांग्ला अकादेिी और सामहत्य अकादेिी पुरस्कार से सम्िामनत. ‘भाषा नगर’ का संपादन. ‘इंमडयन मलटरेचर’ के संपादक भी रहे. बांग्ला से अनुवाद: अमृिा बेरा संपक्फ़: amrujha@gmail.com

भूत-राक्​्स िछलीवाले कमवता नही्पढते शहद बेचनेवाले भी नही्पढते कमवता. मनराश युवक, भई तुि भी ित पढना मनमतन गडकरी नही्पढते कमवता. कमवता के प्​्काशक कमवता नही्पढते जो कॉलेज िे्पढाते है्, वे भी नही्पढते कमवता. तो क्या भूत पढते है्सारी कमवताएं? क्या राक्​्स खरीदते है्कमवताओ्की मकताबे्?

वेश्या कैसी होगी मचरहमरत देश िे्वह है एक कहानी. संध्याजल से उठ िडी हुई मकसी नाव की तरह अकेली बस्​्ी िे्उसका नाि है पुष्पा. क्या छोटी बहन जैसी है पुष्पा? क्या बडी दीदी जैसी है पुष्पा? मवधवा बुआ जैसी? संध्याजल से उठ कर वह आवाज देगी, ‘कल्लू, एक कुल्हड चाय दे जा” मचरहमरत देश िे्वह है एक कहानी. ‘थू:, चाय है या घोडे का िूत?’ लहजे से पता चलता है उसके स्टोव पे चढी भाजी िे्लगी हुई है आग. लेमकन वह कैसी होगी? कभी वह हुआ करती थी घोडी, पूंछ थी उसकी मजतना ज्यादा होता मजसकी पूंछ का र्आब,

उतनी ही सुंदर वह होती, लेमकन अपने गभ्यगृह िे्उसे कोई नही्घुसाता. एक जलता हुआ स्टोव और उसका प्​्मतपक्​् एक वेश्या लेमकन अभी-अभी वह नदी को लात िार नदी पथ से लौट रही है शहर िे्.

रीछ-मेष वात्ा​ा िेरे मसर का रंग और आयतन देि कर िां चिक उठी थी्. आज अब िुझे तकलीफ़ नही्होती पहले-पहले बहुत लोग डर जाते थे. आईने के सािने जाकर देिा िेरा मसर इंसान का नही्, एक िेष का था आईने के सािने जाकर देिा िेरा मसर इंसान का नही्, एक रीछ का था इस रीछ-िेष की कहानी के भीतर कोई हाहाकार नही्, कौतुक ने भी प्​्वेश नही्मकया था कही् एक गंधव्यके बाल-बच्​्ेसूय्ायस्देिने

आये है् िै्उनके बीच पीठ पर कूबड मलये आ िडा हुआ हूं कूबड के अनमगनत िुंह से मनकल रहे है्कीट.

मच्छर मवज्​्ामनयो्की राय िे्िच्छर दुमनया के सबसे साफ़-सुथरे पतंगे है् िच्छर एक सेके्ड िे् 600 बार पंि फडफडाते है्. एक सेके्ड िे्600 बार पंि फडफडाते है् इसमलए हि कहते है्वे क्यो्मभनमभना रहे है्? लेमकन िच्छर मजस गंदगी को ढोता है वह इंसानो्की है. सेके्ड िे्600 बार पंि फडफडा कर भी उसे इंसानो्की गंदगी से छुटकारा नही्मिलता.

धंधे की राजनीतत उम्​्ज्यादा नही्, 32, किर से जी्स शराब पीकर देर रात लडकी उठा घर लौट रहा था पर पुमलस उसे जीप िे्डाल थाने ले आयी. थाने की कुस्ी पर बैठे बत्​्ीस ने कहा िै्एक फ़ोन कर सकता हूं यह रहा िेरा पाट्​्ी काड्य कभी उस लडके का बाप भी था काड्य-होल्डर मजंदगी िे्कभी थाने नही्गया मजंदगी िे्कभी िुसीबत के वक्त मकसी को फ़ोन नही्मकया. 32 साल के हो्ठो्से जुम्ला मफसला अजी छोमडए जाने दीमजए बाप करता था पैदल राजनीमत अच्छा था, पर बेवकूफ़ था अब वह वक्त नही्, अब किा कर िाना पडता है. या मफर िाकर करना पडता है (पुमलस वालो्की मिली-जुली हंसी). इस करने और िाने, दोनो्म्​्कयापदो्को छोड मजंदगी कुछ नही्.

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शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 41


साणहत् मास्यट/कहानी हेड

चलिे-सफरिे देवी-देविा आत्मवृत्

शेिर जोशी

चपन िे् अपने अंचल िे् जुटने वाले प्​्िुि िेलो् का मजक्​् करना भी रोचक होगा. हिारे गांव से करीब पांच मकलोिीटर दूर सोिेश्र है. मशवराम्​्त के मदन वहां बड्ी धूिधाि से िेला लगता था और मशव िंमदर िे् जल चढ्ाया जाता. िेरी उम्​् करीब चार साल रही होगी. िै् बाबू के साथ गया था. जब िै् थक जाता था, तो वह िुझे क्धे पर या गोदी िे् ले लेते थे. तब िै्ने पहली बार िोटर कार देिी. एक आकष्यण वहां जलेबी िाने का रहता था. दूसरी मिठाइयां तो अल्िोड्ा से आने वाले लोग-बाग ले ही आते थे, लेमकन जलेबी सोिेश्र िे् ही मिल पाती थी. वे लाल-लाल िोटी जलेमबयां िुंह िे्रिते ही जैसे घुल जाती थी्. दूसरा आकष्यण चीनी के पाग िे्डुबाए हुए

वमरष्​्कहानीकार और कमव. प्​्िुि कृमतयां: ‘कोसी का घटवार’, ‘दाज्यू’, ‘नौरंगी बीिार है’, ‘बच्​्े का सपना’, ‘िेरा पहाड्’, ‘एक पेड् की याद’ और ‘साथ के लोग’. दाज्यू कहानी पर बाल मफल्ि समिमत द्​्ारा मफल्ि का मनि्ायण. कोसी का घटवार पर फीचर मफल्ि मनि्ायणाधीन. संपक्फ़: 9161916840 42 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

बेसन के कुरकुरे सेव होते थे, मजन्हे् हि जेब िे् रिकर घर भी ले आते थे. एक बड्ा आकष्यण चार िटोले वाले झूले का भी होता था. एक-एक पैसे िे् मबठाकर झूले वाला आठ-दस चक्​्र आकाश की सैर करा देता था, लेमकन हि लोगो् को उसिे् बैठने नही् मदया जाता था. कहा जाता था मक उसिे्जातकुजात के बच्​्े बैठते है् और झूला चलने पर वे तुम्हारे मसर पर आये्गे. झूले का िेरा शौक केकड्ी (अजिेर) जाने पर तेजाजी के िेले िे् पूरा हुआ. रंगीन पंि बंधी हुई मपपहरी बजाते हुए हि लोग घर लौटते थे. िेले िे्िै्ने गुल्बारे भी िरीदे थे. मकसी वष्य हि लोग गणनाथ िंमदर के मशवराम्​्त के िेले िे् जाते थे. वह बहुत ऊ्चाई पर ब्सथत था. पेड्ो् की जटाये् लटकती रहती् और उनसे होकर पानी कु्ड िे् मगरता. उस िंमदर िे् काले पत्थर की कई सुन्दर िूम्तययां थी्. हिे् काले पत्थर का नंदी बहुत अच्छा लगता था. उसे हि गागर िे् पानी भर कर नहलाते थे. एक िप्पर था, मजसे पानी से भरने की होड्बच्​्ो्िे्लगी रहती थी, लेमकन गागर भर कर पानी डालते ही वह मफर िाली हो जाता था. आसपास बैठे हुए साधु लोग मचलि का कस लगा कर िुँह से पीला धुंआ उड्ाते रहते. हि उन्हे् कौतुहल से देिा करते. िेले से लौटते हुए रास्​्े िे् पत्थर चुन कर िकान बनाने का मनयि था और सारे रास्​्े िे् छोटेछोटे घर बने हुए मदिायी देते थे. िकर संक्ांमत के मदन गोिती व सरयू के संगि पर ब्सथत बागेश्र का िेला लगता था. वह इस दृम्ष से बहुत िहत्वपूण्यथा मक भारतचीन युद्से पहले जब मतल्बत से िुक्त व्यापार होता था, सीिांत प्​्देश के व्यापारी ऊन तथा ऊन से बनी हुए वस्​्ुएं लेकर बड्ी संख्या िे् वहां पहुंचते थे. स्थानीय लोग बांस और नरसल की चटाइयां, सूप, टोकरे तथा अन्य कृमष काय्यिे्उपयोगी वस्​्ुएं लेकर आते. यह


एक प्​्कार से व्यापामरक िेला भी था. मवशेष था तामक उन्हे् टट्​्ी-पेशाब करने िे् सुमवधा प्​्कार की लकड्ी से बने हुए दूध, दही, घी रहे. छोटी लड्मकयां झगुला (लम्बा फ्​्ॉक) आमद रिने के बत्यन तथा िट्​्ा िथने के बड्े पहनती थी्. युवमतयां और िमहलाये् भी पात्​्ढेर-के-ढेर वहां मदिाई देते. अमधकांश सिय धोती-पेटीकोट िे् रहती्, िै् और िेरा चचेरा भाई देवा एक ही बार लेमकन मवमशष्​् अवसरो् पर कािदार घाघरा, इस िेले िे् जा पाये थे. बाबू ने एक पमरमचत ओढऩ्ी और पीले रंग का लाल मबंमदयो् वाला सि्​्न के घर िे् हिारे र्कने की व्यवस्था मपछौड्ा (ओढऩी) पहनती्. युवमतयो् के कर दी थी. लेमकन हिे् वह मठकाना रास नही् ल्लाऊज आधी बांह के और क्धो्पर फूले हुए आया और 'अभी आते है्' कह कर हि अपनी- होते, लेमकन सयानी औरते्िोटे कपड्ेका पूरी अपनी पंिी लेकर िेले िे् चले आये. िेले िे् बाँह का आंगड्ा पहनती्. मकतना घूिते! जाड्े की रात काटने के मलए िद्यलोग िोटे कपड्ेका पाजािा, किीज, हिने एक तंबू िे् बने घुिंतू मसनेिाघर के वास्कट, कोट, और गरि या सूती टोपी आठ-आठ आने के मटकट िरीदे तामक दो- पहनते. सयाने लोग पाजािे के अन्दर छोटी ढाई घंटे आराि से तंबू िे् कट सके्. मकसी धोती को लंगोट की तरह पहन कर किीज धाम्ियक मफल्ि की तीन-चार रीले् मदिाने के पजािे के अन्दर डाले रहते. सलवार-किीज बाद पद्​्े पर 'दी एंड' की घोषणा हो गयी. तब तक प्​्चलन िे् नही् आया था. केवल लेमकन ग्​्ािीण दश्यक बहुत संतुष् थे, मवशेष सोिेश्र बाजार के मनकट िुसलिान बस्​्ी िे् तौर पर िमहलाये् बहुत िुश थी् मक उन्हो्ने औरते्चूड्ीदार पाजािा पहनती थी्. युवा लोग देवी-देवताओ् को चलते-मफरते देि मलया. टोपी पहनना छोड्चुके थे. बड्ेबूढ्ेउनके नंगे हि से अगली पंब्कत िे् बैठी िमहलाये् कोहनी मसर देिकर कभी छी्टाकशी भी कर देते थे. वे िारकर पड्ोसन से कहती्, 'हाथ जोड्ो, उन्हे् व्यंग्य िे् बुलबुलीबाज कहते थे. कुछ भगवानजी है्. ' पुराने लोग मकसी बुलबुलीबाज लड्के द्​्ारा दो-तीन बार मसनेिा देिने के बाद हि प्​्णाि मकए जाने पर व्यंग्य से पूछते मक घर िे् मफर िुले िैदान िे् थे. रात मकसी तरह कटी, सब कुशल तो है? लेमकन ये पुरानी बाते् थी्. तो सुबह हि घर को लौट चले. पुल पर एक- बाद िे्सब सािान्य हो गया था. दूसरे को ठेलती-दौड्ती-हंसती-मिलमिलाती, बड्ी उम्​्के पुर्ष और म्​्सयां सुबह-सबेरे घाघरा-ओढऩी पहनी उन नाटी, स्वस्थ्य और नौल (छोटी बावड्ी) पर जाकर नहा आते. लाल गालो् वाली युवमतयो् को देिना हि सुबह नौल का पानी गुनगुना रहता था और मकशोरवय के लड्को्का एक अनोिा अनुभव मदन चढऩे के साथ-साथ ठण्डा होता जाता था. था. शुद्पय्ायवरण और िेहनती मदनचय्ाय ने ही नौल की बनावट सीढ्ीदार, कि गहराई वाले शायद उन्हे् यह कुएं की तरह होती. सलवार-कमीज तब तक पं​ंचलन चारो् तरफ दीवार से आकष्यक सौन्दय्यप्​्दान मकया था. उतनी स्वस्थ मेंनहींआरा था. केवल सोमेशंर बंधा हुआ ढलुवा छत नाटी-नाटी लड्मकयो् वाले िकान-सा बाजार के हनकर मुसलमान के झुंड हिने पहली मदिाई देने वाले नौल बसं​ंी मेंऔरतेंचूडंीदार पाजामा िे् दो प्​्वेश द्​्ार होते बार देिे. वे जैसे पहनती थीं. सचिुच िेले को जी थे. इनके बीच दीवार रही थी्. का परदा रहता. एक अलगोझा की धुन पर हाथो् िे रंगीन ओर पुर्ष तथा दूसरी ओर म्​्सयां इसका र्िाल मलए युवक जगह-जगह नाचते-गाते उपयोग करती्. बच्​्ो् को रोज नही् नहलाया मदिाई दे रहे थे. कही्-कही्जोड्-भगनौल की जाता था. ठंड के िारे हाथ-पैर फटे रहते. काव्य शैली िे्आशु कमवयो्के बीच प्​्श्नोत्​्र उनिे् तेल लगाया जाता और िूब रगड् कर की होड् लगी थी. मकसी कमठन व्यावहामरक उनका िैल छुड्ाया जाता. यह म्​्कया हफ्ते िे् प्​्श्न का उत्​्र देने के मलए आशु कमव मिथको् एक-दो बार ही होती. हिारे पुराने घर और नौल के बीच एक का सहारा लेकर तक्फ़ के र्प िे् सटीक उत्​्र दे देता तो श्​्ोतागण वाह! वाह!! कह उठते. लम्बा िेत था. उसके बाद हिारे नए घर तक अनपढ् ग्​्ािीण आशु कमवयो् का यह वुम्द- आने के मलए ढलान िे् कई पथरीली सीमढ्य़ाँ थी्. मफर सीधा रास्​्ा था. बाबू सबसे पहले मवलास मवस्ियकारी था. नौल जाने वालो्िे्होते थे. मजस रात बफ्फ़मगरी होती, वह घर से लकड्ी का फावड्ा लेकर जब हि छोटे थे, तो बच्​्ो् के पहनावे िे् चलते और रास्​्ेकी बफ्फ़को हटाते जाते तामक एक ऐसा पाजािा आि तौर से होता था, बाद िे् आने वाली िमहलाओ् के मलए रास्​्ा मजसका अगला और मपछला महस्सा िुला होता साफ हो जाये.

धोिी का लंगोट

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साणहत्य/कहानी

वंदवे​े स्मािरम की गूंज वतंत्ता संग्ाि िे्चरि संघष्य के मदन

थे. असहयोग आंदोलन के कारण बहुत धरपकड् हो रही थी. हिारे पड्ोसी गांवो् िे् कई कांग्ेसी काय्यकत्ाय थे, जो घूि-घूिकर प्​्चार करते. सफेद कुत्ाय-पजािा और गांधी टोपी पहने, क्धे िे् झोला लटकाये स्वतंत्ता सेनामनयो्की एक टोली 'भारत िाता की जय', 'वन्दे िातरम्', 'गांधीजी की जय' जैसे नारे लगाती हुई और देश प्​्ेि के गीत— 'िेल ित सिझो मबरादर जेल जाने के मलए, एक चम्िच दाल रोटी चार िाने के मलए' गाती हुई एक मदन हिारे गांव के ऊपर से गुजर रही थी. हिने सोचा—वे लोग आगे गणनाथ जा रहे हो्गे. हि आंगन िे्िड्े-िड्ेउन्हे्देि रहे थे. लेमकन जब वे गांव के सीिांत िे् पहुंचकर मतराहे से गांव के उस पार वाले भाग की ओर िुड्े, तो िै्, बसदा और एक-दो साथी न जाने मकस भावना से प्​्ेमरत होकर जल्दी-जल्दी कुछ फूल चुनकर तेजी से उस पार पहुंचे और उन्हे् वे पुष्प भे्ट मकये. यह भावना कैसे आई, कह नही्सकता. हो सकता है मक कोस्यिे्इस तरह की कमवता पढ्ी होगी. 'एक फूल की चाह' जैसी कमवता तब तक पढ्ी भी थी या नही्, क्या पता. हि नंगे पैर थे, तब भी इस पहाड् से उतर कर उस पहाड् तक भाग कर गये. तब तक वे लोग उधर से घूि कर आ गये थे. वही् पर हिने उन्हे्फूल मदये. यूं हिारे गांव िे् कोई सम्​्कय कांग्ेसी काय्यकत्ाय नही्था, लेमकन परोक्​्र्प से उनसे

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सहानुभूमत सभी रिते थे. कभी-कभी देर रात िे्कुत्ाय-पाजािा पहने क्धे िे्झोला लटकाये, नंगे पांव एक सि्​्न हिारे घर पहुंचते थे और सुबह के झुटपुटे िे् ही लौट जाते थे. हि उन्हे् कुतान दा कहते थे. बड्ेहोने पर पता चला मक वह प्​्मसद्​् गांधीवादी देवकीनंदन पांडे थे, मजन्हो्ने रानीिेत के नजदीक ताड्ीिेत िे्प्​्ेि मवद्​्ालय की स्थापना की थी. इस मवद्​्ालय िे् गांधीजी भी आए थे. देवकीनन्दन पांडे हिारे गांव के भांजे लगते थे. बाबू की उम्​् के रहे हो्गे. वह बाबू को िािू कहते थे. वह बारहो िास नंगे पैर रहते थे. उन्हो्ने व्​्त ले रिा था मक देश के स्वतंत् हो जाने के बाद ही जूता पहनूंगा. स्वाधीनता के बाद वह कुिाऊ् क्​्ेत् के एक बड्े नेता के र्प िे् िाने जाते रहे और इंमदराजी उनका बहुत सम्िान करती थी्, लेमकन उन्हो्ने कभी मकसी बड्ेपद की लालसा नही् रिी.

स्वतंत्ता संग्ाि के दौरान हिारे स्कूल िे् भी 'हे प्​्भु, आनंद दाता ज्​्ान हिको दीमजये, ' प्​्ाथ्यना के बाद 'मवजयी मवश्​् मतरंगा प्यारा झंडा ऊ्चा रहे हिारा' गीत गाया जाता था. उन मदनो्अमभवादन का प्​्चमलत संबोधन 'वंदे िातरि' या संक्ेप िे् 'वंदे' हुआ करता था. तो, वह सन 1942 के आंदोलन का जिाना था. सरकारी जंगल की घेराबंदी करने वाले तार काट मदए गए थे. आंदोलनकामरयो् की मपटाई की गयी. लोगो् को जेलो् िे् ठूंसा गया. हिारे गांव के मलए दुभ्ायग्यपूण्य यह रहा मक मकसी ने बढ्-चढ् कर स्वतंत्ता संग्ाि िे् भाग नही् मलया, लेमकन ऐसा नही् मक गांव वाले तटस्थ रहे हो्. हिारे इलाके के नेता हमरकृष्ण पांडे अक्सर जेल िे् रहते थे. िुझे ऐसा लगता है मक बाबू को उनके घर की कुछन-कुछ मचंता हिेशा रहती थी. पता नही् वह मकस तरह से अपना दामयत्व पूरा करते हो्गे, क्यो्मक तब मकसी स्वतंत्ता सेनानी के पक्​् िे् जाना राजद्​्ोह होता था. बाबू और पांडेजी की िैत्ी अंत तक बहुत अच्छी बनी रही. हमरकृष्ण पांडेजी के मनकट सहयोमगयो्िे् मजन्हे् हि पहचानते थे, बजेल गांव के चंद् मसंह, सतराली के सुदश्यन युवक नंदन लोहनी और मनरई गांव के मबसन मसंह थे. चंद् मसंह, मजन्हे् लोग प्यार से चनर् गांधी कहते थे, के सुपुत् भूपाल दड्मिया स्कूल िे् िेरे सहपाठी थे. जोगी िािा िेरे आध्याब्तिक गुर्. n ( क्​्िश:)


साणहत्य/समीक्​्ा

उम्मीदो् का नयापन

कमलजीि की ककविाओ्मे्जो नयापन है, वह समय के संक्शलष्​्यथाथ्षको भारा मे्उकेरने की कोकशश है. राज खिशोर राजन

मलया जाना/जैसे िा मलया जाना/अिर्द का सौभाग्य है/हाँ, स्वाद भी अच्छा/और तासीर िे्भी. दरअसल, किलजीत चौधरी की कमवताएं ऐसी है्मक मक मबना पढे िन िलजीत चौधरी महंदी के उन युवा कमवयो् िे् से है् मजन्हो्ने अपनी कमवताई से एक उम्िीद बंधाई है. कि शल्दो्िे्अमधक का गुण इनकी नही्िानता. यह एक युवा कमव के मलए बडी बात है मक अपनी संम्कप्तत् ा, कमवताओ्को एक अलग पहचान मदलाता है. ‘महंदी का निक’ इनका पहली मितकथन और शैली के नयेपन के कारण प्​्ाथमिक र्प से उसकी कमवताएं प्क ् ामशत कृमत है जो अपने नयेपन, कहन, बुनावट और बनावट के कारण पढे जाने के मलए आिंम्तत करती है्. आज सिकालीन कमवता के ऊपर अलग से रेिांमकत की जा सकती है. प्त् ीकात्िक भाषा और मबंबो्के कुशल िहती मजम्िदे ारी है मक एक तरफ वो अपने कमवत्व को भी बचाये रिे, साथ ही कमवता को जनिानस के साथ जोडे. इस संगह् की ऐसी संयोजन और पूवय्तैयारी के साथ यह कमव काव्य संसार कई कमवताएं है् मजनिे् कमव का यह प्​्यास दृम्षगोचर िे् प्व् श े करता है और तिाि ितरो् को दरमकनार कर होता है : लडकी की उंगमलयो्िे/् चामभयो्का छल्ला िेल अपनी कमवताओ् की िास मनम्िमय त के मलए पथ प्श ् स्​् रहा है/उसका पोर-पोर बोल रहा है/नदी बहेगी/सडक करता है. यूं तो हर कमव को अपनी भाषा और शैली की चलेगी/अलिारी िुलगे ी/जो तालो्िे्बंद है उसकी पहली िोज करनी पडती है और अंततोगत्वा यही िोज उसे कमव पसंद है. के र्प िे्प्म्तम्​्षत करती है. इसी को हि िौमलकता कहते िान बहादुर मसंह ने मलिा है मक भाषा, कमवता का है्जो कमवताई की पहली शत्यहै. कमवता िे्कमव की छाप डी.एन.ए. है. भाषा के आधार पर हि कमव के बहुलांश को होनी चामहए, उसका चेहरा मदिना चामहए. जो कमव इस सिझ सकते है.् ब्ख्े त् ने भी मलिा है मक यथाथ्यबदलता है शत्य को मजस िात्​्ा िे् पूण्य करता है उसकी काव्ययात्​्ा तो उसे व्यक्त करने के तरीके भी बदलेग् .े किलजीत की उतनी ही साथ्यक होती है. संग्ह की एक कमवता ‘ कमवताओ् िे् जो नयापन है दरअसल अपने सिय के बहुसखं य् क बनाि अल्पसंखय् क’ िे्कमव अपने सािामजक संब्शलष्​् यथाथ्य को भाषा िे् उकेरने की कोमशश है. सरोकारो् को कमवता िे् ढालता है्: जहां हि दोनो् सािामजक यथाथ्य के साथ एक कमव का पूण्य व्यब्कतत्व बहुसखं य् क थे/अल्प से िात िा गये/हि चुप है/् या गलत रचा-बसा होता है. कमवता की यही शत्य है मक वह बांगे लगा रहे है.् सहंदी का नमक: कमलजीि चौधरी; दखल अनासक्त रह ही नही्सकता. यह संभव है मक एक कमव यह कमवता हिारी ठस वैचामरकता को मझंझोडती है प्क ् ाशन, बठला अपाट्मष टे् , 43 आईपी यथाथ्यको अपनी संवदे ना िे्या अपनी संवदे ना से बदल और अल्पसंखय् क और बहुसखं य् क की कृम्ति दीवार को एक्िटेश् न, नयी सदल्ली- 92; 125 र्. सकता है. तोडती है. ‘निक िे्आटा’ अपने आकार के कारण छोटी इस संग्ह की ‘महंदी का निक’ ‘मचम्​्टयां’, ‘निक िे् आटा’, कमवता है पर अपने कथ्य, कहन, शैली के कारण याद रह जाने वाली कमवता है. देमिए हिारी तिाि चालामकयो्ओर मतकडिो्का फलाफल क्या है : ‘सामहब्तयक दोस्​्’, कमवता की तीसरी आंि’, ‘शीष्यक आप दीमजए’, इस तरह हि/कि िे्ज्यादा/ज्यादा िे्कि होते गये/हिने होना था/आटे िे् ‘मडब्सकत आंगिो’, ‘लद्​्ाि’ जैसी कमवताओ्िे्आप इसे िहसूस कर सकते है्. ‘महंदी का निक’ िेरी पसंदीदा कमवताओ्, िे् से है. जब पूरे देश िे् निक/िगर हि निक िे्आटा होते गये. ् मृ त, कमव अपने ‘सामहब्तयक दोस्​्’ नािक कमवता िे् कमव-कमवता- बाजारवाद और भूिडं लीकरण की हवा बह रही हो, हिारी ग्​्ािीण संसक ् ्हो्, अिीर, और अिीर, गरीब और गरीब हो रहा कमवताई के अंतस्ब्ा धं ो्और मवरोधाभासो्के बीच िे्जाता है. दरअसल, यह िूलय् , पहचान संकटग्स ब्सथमत हर वक्त िौजूद रहती है. कमव की प्श ्स ं ा करनी होगी मक उसने बडे हो, इंमडया से भारत बमहष्कतृ होता जा रहा हो, (कमव भरोसे के निक को ् ्ाव करता है.) सांसक ् मृ तक क्र् ण के कारण भाषा, िूलय् ो्पर ही साहस के साथ सामहत्य िे्व्याप्त धूततय् ाओ्, िक्​्ामरयो्को सािने रिा बचाने का प्स संकट हो : मिठास के व्यापारी/यह दुमनया िीठी हो सकती है/पर िेरी जीभ है: वे शीशे के घरो्िे्रहते है/् पत्थरो्से डरते है/् कांच की लडमकयो्से प्ि्े तुमह् ारा उपमनवेश नही्हो सकती/यह महंदी का निक चाटती है. करते है/् बि पर बैठकर/वे फूल पर कमवताएं मलिते है.् यह निक हिारे पुरिो्के त्याग, मवरासत का है. यह हिारा िूलय् है. कुशल मबंब प्य् ोग िासतौर पर ध्यान आकृष्करता है. इस युवा कमव ने अपनी ज्यादातर कमवताओ्िे्मबंबो्का सुदं र प्य् ोग मकया है. हि जानते हिारे यहां निक की बडी िमहिा है इसीमलए निकहराि शल्द है. शक्र् है्मक मबंब की अवधारणा आचाय्यआनंदव्द ् नय् (ध्वन्यालोक) से शुर्हुई की उतनी िमहिा नही्. यह ठेठ महंदी का ठाठ है. किलजीत, उम्िीद के और यह परंपरा आज तक चली आ रही है. कमव को गहराई से सिझने िे् कमव है्और उनकी कमवता, उम्िीद को हरसंभव बचाए रिना चाहती है. वे मबंब मवधान उपयोगी है. हि इनके द्​्ारा कमव िन के तीनो् स्​्रो् चेतन, स्वप्नदश्​्ी है्. यह युवा कमव आत्ि​िुग्ध नही् है. यह कमवता को अपने अचेतन और अवचेतन को सिझ सकते है.् हालांमक, मबंब आमद कलात्िक सािामजक सरोकारो्और उत्र् दामयत्व की तरह ग्ह् ण करता है. मततली के उपादान सृजन को आकष्ण य बनाने िे्साधनिात्​्है.् वह कभी भी लक्य् नही् पंि िे्पटािा बांधकर भाषा के हल्के िे्मवस्फोट करने की इनकी िंशा नही् हो सकते. संतोष की बात है मक किलजीत की कमवताओ् िे् कही् भी ये है. ये जिीन से जुडे कमव है.् इनिे्साहस भी है मक िरी-िरी बाते कह सके:् कलात्िक उपादान साधक है,् साध्य नही्. उनकी कमवता िे् कला निक महंदी कमवता का एक आलोचक/बफ्​्ीली चोमटयो्पर/बकरी को बांधने पर िुगध् है/और बच्​्ेका िेलना मकतना जर्री है/इस कमवता फमवता से बहुत बराबर ही है, भाव दाल की तरह. n वीरेन डंगवाल की एक कमवता का अंश है: कमव का सौभाग्य है पढ ज्यादा जर्री.

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मास् यायावरी ट हेड

दक्​्कण अफ्​्ीका ने कजस िरह अपने वनो्का संरक्​्ण ककया है, वह अन्य देशो्के कलए कमसाल है. उसके जंगल अपनी कवकवधिा और कवकभन्न पशुओ् की सफारी के कारण पय्षटको् को बहुि आकक्रषि करिे्है्. स्वाखत खतवारी

सु

दूर दम्​्कण अफ्​्ीका िे्केप टाउन के जंगल िुझे िूब घने या हरेभरे तो नही् मदिे लेमकन वन्य जीवन के िािले िे्वे िूब सिृद् रहे. हिे्मनद्श ्े मिल चुके थे मक सुबह पांच बजे िुली गाड्ी िे्सफारी के मलए मनकलना है. हि गि्यकपड्ेपहनकर तैयार थे. हि चम्चतय बफेलो सफारी के मलए मनकले थे और दुमनया भर िे् चम्चतय दम्​्कण अफ्​्ीका के वन्य जीवन को देिने के मलए उत्सक ु ता से भरे हुए थे. हिारा िाग्दय श्नय कर रहे रॉबट्यने बताया मक कई बार सड्क पर भी जानवर नजर आ जाते है् इसमलए हि सावधान रहे.् वैसे भी वहां इंसान से ज्यादा कीित सजराफ: घटिी हुई िंख्या बफेलो िफारी: लोकस्​्पय मनोरंजन

िुदूर दस्​्िण वन मे्

जानवरो्की है. उन्हे्नुकसान पहुच ं ाने पर भारी जुि्ायना. इस बीच जंगल िे् हिारी गाड्ी थोड्ी धीिी होती है. रॉबट्य हिे् चुप रहने का इशारा करते है्सािने जंगली सुअरो्का एक सिूह आ रहा था. वे सड्क पार कर सािने छोटी पहाड्ी के पार चले गये. हि अब सतक्फ़हो गये थे और चौकस मनगाहो्से सड्क के दोनो्ओर देिते जा रहे थे. रास्​्ेिे्हिे्शुतरु िुगय्भी मिले मजनके पीछे चूजो्की पूरी कतार चली जा रही थी. इस बीच हि बफेलो सफारी के बुमक्ग काउंटर पर पहुंच चुके है्. हिे् दो क्बलनुिा जैकटे मदये जाते है् मजनका वजन कि से कि पांच मकलो तो होगा ही. हिारे अलावा सभी पय्टय क मवदेशी है.् दुबले, लंबे और कि उम्.् हवा इतनी तेज थी मक बोलते हुए आवाज बहने लगे. कान सुनन् और हाथ बफ्फ़से ठंड.े रात अपना सािान बांध रही थी हालांमक अभी पौ फटने िे्वक्त था. सफारी के मलए वह 46 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

दुबला पतला अश्​्ेत लड्का हिारा र्ट सिझाता है. गाड्ी चल पड्ी है. उसकी आवाज कानो्िे्पड्ती है, 'बफेलो सफारी िे्उगता सूरज आपके स्वागत के मलए रंग चुन रहा है वह देमिए...' हि आंिे् िोलते है,् वाकई अनुपि दृश्य. लामलिा मलए मसंदूर मछड्कती ऊषा का उमजयारा पसरने लगा था. िेरी सद्​्ी जाने कहां गायब हो चुकी है. िै् जोश िे् बोलती हूं, गुड िॉम्नगा् अफ्​्ीका. जंगल का सबेरा गजब का िूबसूरत था. सािने किर तक हरी घास की चादर. ड्​्ाइवर ने कुछ देर के मलए गाड्ी रोक दी और इशारा मकया सािने सैक ् ड्ो्चीतलो्की ओर जो ऐसे िेल रहे थे जैसे िेल के िैदान िे्बच्.्े अब िुझे सिझ आया मक क सफारी की गाड्ी इतनी ऊ्ची क्यो् थी, दूर तक साफ देिने के मलए. आगे घास नही् है. ऊ्चे पेड्ो् का झुरिुट है. गाड्ी र्कती है. मवदेमशयो् के लंबे लैस ् वाले कैिरे ब्कलक होने


एक सदन

लगते है्. हिारे सािने हरी पम्​्तयो् की जुगाली करता लंबी गरदन, टांगो् और अपनी मवमशष्​् सी्गो वाला मजराफ िड्ा था. मजराफ शाकाहारी पशु है और औसतन 5-6 िीटर ऊ्चा और 1,000 मकलो वजन वाला जीव है. इसकी कुल नौ प्ज ् ामतयां है्जो आकार, रंग, त्वचा के धल्बो् आमद के जमरये एक दूसरे से मभन्न है.् अफ्​्ीका के सात देशो् िे् मजराफ लुपत् हो चुके है.् इस बीच गाड्ी को घुिाकर मजराफ के एकदि सािने कर मदया गया था. हिारे साथ यात्​्ा कर रहे जि्नय छायाकार बताने लगे मक मजराफ हिेशा िड्े रहते है्और सोते भी िड्-े िड्ेही है.् शाकाहारी जीवो्िे्मजराफ सबसे मवलक्ण ् है. उनकी नजर तीक्ण ् होती है और अत्यमधक ऊ्चाई के कारण वे दूर तक देि सकते है.् मसंह जैसे जानवरो्से बचने के मलए मजराफ 50 मकिी प्​्मत घंटे की रफ्तार से भाग सकता है. इसिे् कोई भौगोमलक बाधा आड्ेनही्आती. ड्​्ाइवर अब र्ट बदलता है. सािने ढलान पर ऐसा नजारा है जैसे कोई हरी कारपेट मबछी हो या गोल्फ िेलने का िैदान हो. दूर दूर तक िैदान नुिा जंगल है यहां जंगली सूअरो् का एक झुड ं बारहमसंगे या नीलगाय जैसे मकसी प्​्ाणी को दौड्ा रहा था. वह अकेला था और ये 10-15. तभी कही् से चार-पांच जेब्ा मनकल आते है.् इनको देिकर सुअर चले जाते है.् जि्नय छायाकार इससे पहले भी अफ्​्ीका आ चुके थे. वह बताने लगे मक अफ्​्ीका िे्घोड्ेकी कई प्ज ् ामतयां है् जो अपने शरीर िे् सफ़ेद् और काली धामरयो् से पहचानी जाती है्. इसकी धामरयां अलग-अलग प्​्कार की होती है्. यह सािामजक प्​्ाणी होता है जो छोटे से लेकर बड्े झुडं िे्रहता है. लेमकन इनका करीबी जीव जेब्ा कभी पालतू नही्बनाया जा सका. जेब्ा की तीन केपटाउन शहर: आधुसनक रहन-िहन

प्​्जामतयां है्- िैदानी जेब्ा, ग्​्ॅवी का जेब्ा और पहाड्ी जेब्ा. िैदानी और पहाड्ी जेब्ा महप्पोमटम्​्गस उपवंश के है्लेमकन ग्व्ॅ ी का जेब्ा डॉमलकोमहप्पस उपवंश का है. ग्​्ॅवी का जेब्ा देिने िे् गधे जैसा लगता है और वह उससे करीबी संबधं भी रिता है. जबमक पहले दो देिने िे् घोड्े जैसे नजर आते है.् इस बीच हि नाश्ते के मलए र्कते है्. तकरीबन 20 मिनट के अंतराल के बाद हि दोबारा जंगल का र्ि करते है.् अब रास्​्ा थोड्ा अमधक दुगिय् है. अचानक ड्​्ाइवर गाड्ी रोक देता है और चुप रहने का इशारा करता है. सािने से एक लकडबघ्घा सड्क पार करके जा रहा है. आगे हि लंबी घास के िैदान को पार करते हुए बढ्ते है.् एक बाड्े नुिा संरचना के पास हिे गाड्ी से उतारा जाता है. हि चुपचाप चल रहे है.् घास बड्ी है और डर भी है कही्कोई जीवजंतु न मनकल आये. लेमकन सािने का नजारा देिकर िै् सब भूल बैठी. दुमनया का सबसे िूबसूरत कहा जाने वाला जानवर सािने था. वह भी एक नही्बब्लक चारचार. जी हां यह चीता था. करीबी इतनी की रो्गटे िड्े हो जाये.् कही् भड्क गये तो! मकसी तरह चंद तस्वीरे् ली्. मदिाग िे् डर बैठ गया, हि जल्दी-जल्दी वापस गाड्ी के पास चले आये लेमकन हिारे पीछे कोई नही्आया. एक बार मफर िन िे्वापस जाने का ख्याल आया. लेमकन अब दो मकलोिीटर कौन जाये? भय और रोिांच के बीच की यही आवाजाही तो जंगल का हामसल है. िै् गाड्ी िे् बैठी गाइड को कोस रही हूं. भई जेबरा, मजराफ और चीतल तो गाड्ी िे्मदिा रहा है और चीतो् के सािने पैदल ही परोस रहा है. शायद इसीमलए उसने बताया नही्मक कहां ले जा रहा है. क्या पता डर के िारे कई लोग जाते ही नही्. लोग अब पलटकर आते मदि रहे है.् उनके चेहरे पर भय और रोिांच साफ नजर आ रहा है. हि अफ्​्ीकी शेरो् की तलाश िे् आगे मनकलते है्लेमकन पूरा एक चक्र् बेकार चला जाता है. गाड्ी वापस चाय के ब्क ्े के मलए लौट आती है. अभी शेरो्से िुलाकात बाकी है. उसके मबना तो पूरी यात्​्ा ही बेकार है. इस बार कोई दूसरी राह चुनी गयी है. शायद पानी के आसपास वाली कोई जगह. सब सांस रोके बैठे है्. कही् मजराफ महनमहनाया है, अलाि्यहोगा शायद. तभी देिा सािने से दो बबर शेर चले आ रहे है.् गाइड िािोश रहने का इशारा करता है. लेमकन कैिरे तो चल ही रहे है.् शेर की चाल देिकर िुझे याद आयी वह कहावत मक हाथी की तरह िस्​्ानी चाल चलने वाले गंभीर, बुम्दिान और दूरदृम्ष वाले होते है्, मबल्ली की तरह चलने वाले संतुमलत, शांत व मिलनसार मकस्ि के होते है् लेमकन शेर की तरह चाल चलने वाले स्वामभिानी होते है्, वे हिेशा अपने लक्​्य को लेकर चलते है्. यमद सात िे् से पांच जानवर शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 47


यायावरी

आपने देि मलए तो यात्​्ा सफल िानी जाती है. िै्अपने िन िे्मगनने लगती हूं मक िैन् े क्या-क्या देिा? दुमनया का सबसे ऊ्चा जीव मजराफ, सबसे बड्ा पक्​्ी शुतुरिुग्य, मवशालति जीव हाथी, ट्​्ैमफक का ज्​्ान देने वाला जेब्ा, सबसे बुबघ् घिान जीव मचंपज ै् ी, सबसे तेज दौडऩे वाला चीता, कुत्ा प्​्जामत का सबसे बड्ा जीव लकड्बघ्घा​ा और मबल्ली पमरवार का सबसे बड्ा जीव मसंह. अपनी इस यात्​्ा िे् िैन् े सबसे बड्ी सिुद्ी जीव व्हल े भी देिी. तो यात्​्ा सफल रही. हि वापस लौट रहे थेसािने जंगली मबल्ली से बड्ा कोई मबल्ले जैसा जानवर था मजसके कानो् के मसरे पर काले बाल थे, िूछ ं े्थी्. बताया गया मक यह मबल्ली पमरवार का ही एक ितरनाक जानवर है. अंत िे्हिे्बफेलो सफारी के आमिरी चरण िे्ले जाया गया जहां दूर से ही जंगली भैस ् के झुडं नजर आते है.् गाइड ने बताया मक एक साथ होने पर ये शेर को भी पछाड्देती है.् िै्िन ही िन अफ्​्ीका का धन्यवाद करती हूं मजसने अपने जंगलो्को इस तरह बचाया है. हिारे यहां तो कहा जाता है मक वन मवभाग ही

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केपटाउन मे् हाथी िफारी: एक और आकष्षण जंगलात का सबसे बड्ा दुशि् न है. सच यही है मक इंसान ही नही्दुमनया की कोई भी नस्ल जल, जंगल और जिीन के मबना जी नही्सकती. पहले जंगल पूज्य थे, श्​्घ्घेय थे, इसमलए उनकी पमवत्त् ा को बचाकर रिा जाता था. लेमकन वक्त बीता और उनसे जुड्ी संवदे नाये्और भावनाये्भी बदल गयी्. स्वाथ्य ने जंगलो् को नष्​्ï मकया. हिारी जैव मवमवधता को नुकसान पहुंचाया. प्​्कृमत अपनी चीजो् का िुद इस्​्ेिाल नही् करती. नदी अपना पानी िुद नही् पीती, पेड् अपने फल नही् िाता. यह सब हिारे मलए है लेमकन हि है्मक मजस डाल पर बैठे है्उसे ही काट रहे है.् मलयोनाड्​्ो द मवंची ने 1445 िे्सबसे पहले उडऩे वाले यंत् की कल्पना की थी. उन्हो्ने पम्​्कयो्की शरीर संरचना और उनके उडऩे की मवमधयो्का अध्ययन करके पैराशूट और हवाई जहाज के मचत्​्बनाये थे. यह कल्पना और प्क ् मृ त के िेल का बेजोड् निूना था. इसी तरह स्िाट्य कपड्ो् के अन्वेषको् को कोमनफर प्​्जामत के पौधो्से प्र्े णा मिली जो जो एक िास तापिान

के दायरे िे् अपने बीजो् का िुलकर प्​्कीण्यन करते है.् हि भी पामरब्सथमतकी तंत्का ही महस्सा है.् सह जीवन के उत्र् दायी. िुझे िहात्िा गांधी की याद आती है. वह कहते थे मक प्क ् मृ त िे्सभी व्यब्कतयो् की िूलभूत आवश्यकताओ् को पूरा करने की क्ि् ता है. लेमकन वह एक भी व्यब्कत के लालच को पूरा नही्कर सकती. सोच रही हूं ऐसे उघ्घरण अपने दफ्तर, घर और तिाि जगहो् पर पोस्टर बनाकर चस्पा कर्ग् ी. लोगो्को याद मदलाऊ्गी मक ऋमष िुमनयो् ने आध्याब्तिक चेतना यही् से हामसल की थी. इसी के सौ्दय्य से िुग्ध होकर न जाने मकतने कमवयो्की आत्िा से कमवता फूट पड्ी. सािने से शुतरु िुगय्का पमरवार पुन: लौट रहा था. गाड्ी रोक कर उनको रास्​्ा मदया गया. सड्क पार कर िादा शुतरु िुगय्र्की. उसके चेहरे पर िुसक ् ान थी और आंिो्िे्कृतज्त् ा. जि्नय छायाकार ने उस भाव की फोटो िी्ची. वह छायाकार है्और िै्लेिक व पक्​्ी प्ि्े ी. भावो्को हि नही्पहचानेग् े तो भला कौन पहचानेगा? िन ही िन प्क ् मृ त के संरक्ण ् की अथव्वय दे िे् उब्ललमित शपथ को दोहराती हूं, 'हे धरती िां, जो कुछ भी तुिसे लूंगी, वह उतना ही होगा मजतना तू पुन: पैदा कर सके.तेरे ि​ि्यपर या तेरी जीवनी शब्कत पर कभी आघात नही्कर्ग् ी.' जो सूयय्जाते वक्त अनुपि लग रहा था अब उसकी तपन चरि पर थी. जंगल का िंगल सिाप्त होने को था. हि सफारी से बाहर आये. रॉबट्यगाड्ी िे् एक नी्द पूरी कर चुका था. हिे देिकर िुस्कराता है. िै् भी िुस्कराकर उसे धन्यवाद देती हू.ं मजस यात्​्ा को लेकर जाते सिय िन िे्सवाल थे लौटते सिय वही यात्​्ा प्स ् न्नता का सबब बन चुकी है. सािने रेस्टोरे्ट िे् हि रॉबट्यको कॉफी की पेशकश करते है्और चल पड्ते है्केपटाउन की ओर. अफ्​्ीका सबसे बड्ा वन्य प्​्ाणी उद्​्ान है. यहां के वनो् िे् सरीसृप, पक्​्ी, उदमबलाव और सफेद सिुद्ी मचमडय़ा आमद िूब पाये जाते है्. छोटे स्​्नधारी जीवो् की भी अनेक प्ज ् ामतयां मिलती है.् जीवन िे् एक बार वन्य प्​्ामणयो्के मलए अफ्​्ीका जर्र देमिये. n


खानपान अर्ण िुमार ‘पानीबाबा’ (पानी बाबा नही्रहे. पानी बाबा अिर रहे्. सिाज के मलए जीने वाला लेिक और काय्यकत्ाय कभी िरता नही्. अर्ण कुिार पानीबाबा ने िौसि के अनूकूल बनने वाले भारतीय व्यंजनो्पर मलिकर स्वाद और सेहत संबंधी सिाज की सिझ को मजंदा रिा है. उनके कालि को बंद करना संवाद के अमवरल प्​्वाह को बंद करना है. इसमलए शुक्वार के सुधी पाठक बाबा की रसोई िे्मकमसि-मकमसि के स्वाद आगे भी पाते रहे्गे.)

हरे चने के व्यंजन

हरे चनो्की कपट्​्ी के भरवां पराठे भी बनिे है्. हरे चनो्की पकौक्ड़यां भी नाश्िे मे्शाही अंदाज का व्यंजन है्.

पनी ज्​्ान परंपरा िे्वसंत को ‘ऋ तुराज’ कहा गया है. आजकल आि, लीची, िुिानी, आडू, आलूबि ु ारा वगैरह बौराते है.् बात पल्लमवतपुबष् पत होने की नही्है. इसी िौसि िे्आंवला और बेल पूरी तरह से पक कर स्वत: पेड्से टपकते है.् ये दो फल ऐसे है्जो तैयार होने िे्पूरा साल लगाते है्. दोनो् गुणो् की िान है्. आंवले का च्यवनप्​्ाश और िुरल्बा आजकल स्वत: टपके फलो्का ही डालना चामहए. च्यवनप्​्ाश िहारसायन है जो वैदश ् ालाओ्िे्ही बनाया जाता सकता है और िुरल्बा भी अत्​्ार वगैरह ही डाल सकते है.् लेमकन िांड/शक्र् िे्पका कर िुरल्बे जैसी चटनी घरो् िे् भी तैयार की जा सकती है. आंवला को हल्का सा उबाल कर, दबाकर तोड्ले,् गुठली अलग कर दे.् मजतना गूदा हो अंदाज से उतनी ही िात्​्ा या कुछ ज्यादा देसी िांड डाल कर पका ले.् पकी चटनी ठंडी हो जाये्तो कांच के बत्नय िे्भर कर रि दे.् आधे अप्ल ्ै से जून अंत तक बच्​्ो्को सुबह के नाश्ते िे् दो चम्िच आंवले की चटनी और दूध देती रहे.् इतने आहार को संपण ू य्नाश्ता िान ले्तो बच्े्गम्ियय ो्िे्नकसीर, लू वगैरह से बचे रहेग् े और बरसात िे्जाड्ो्तक सद्​्ी-जुकाि से बचे रहेग् .े आजकल िाने के मलए बेल ् सव्ामय धक उपयोगी फल है. नयी बेल का मिठास और सो्धापन बच्​्ो्को तभी र्चगे ा जब उन्हे्उमचत रीत से बेल िाने का अभ्यास कराया जाये. बेल के बीज कड्वे होते है.् बच्​्ो् को बेल तभी अच्छी लगेगी जब बीज हटाकर मिलाई जायेगी. पहले मछलके िे् लगा गूदा चम्िच से िुरचकर मिलाइए, मफर वे अंदर का गूदा भी पसंद करने लगे्गे. यह बात हि इसमलए कह रहे है् मक आजकल बेल िायी तो जा सकती है. यानी िानी ही चामहए, लेमकन बेल के शब्तय का सिय अप्ल ्ै अंत तक पूरी गि्​्ी शुर्होने पर ही आयेगा. बेल इसमलए िानी चामहए मक आजकल मपत्​्प्क ् मु पत होना शुर्हो जाता है. और अिूिन आंतश ् ोथ की बीिारी छोटे-बड्ो्सभी को हो जाती है. बेल ऐसा फल है जो सिुमचत औषमध भी है. अब मजतना जल्दी बेल का उपयोग शुर्करेग् े उतना लाभकारी होगा. चने-बेसन के व्यज ं नाे्पर तो पहले भी कुछ मलिा होगा, नही्तो बाद िे् भी मलिा जा सकता है. आज का प्ि् ि ु नुसि ् ा तो हरे चनो्का है. कहने को बादाि का हलुवा ऊ्चा पकवान है, लेमकन हरे चने के हलवे की बात ही मनराली है. पाव भर चने का तीन पाव हलवा तैयार होता है. पहले मसल बट्​्े से हरे चनो्की िहीन मपट्​्ी तैयार कीमजए. आध पाव-तीन छटांक घी िे्इसे अच्छी तरह से भून ले.् यानी भुनते-भुनते मपट्​्ी घी छोड्ने लगे. बस इसिे् पाव भर पानी और सवाई देसी िांड/ बूरा मिला कर पका ले.् पुन: इस तरह घो्टे की हलवा तर मदिाई देने लगे. इस हलवे िे् इलायची, मकशमिश, बादाि, मचरौ्जी कुछ नही् डाला जाता. हरे चनो् का हलवा अपने आप िे्

संपण ू य्व्यज ं न है. बसंत नवराम्​्त के नौिी-अष्ि् ी के पूजन िे्यही प्स ् ाद भोग लगाकर कन्याओ्को परोसना चामहए. यह जर्र ध्यान रिे्मक हरे चनो्की बहार पंदह् मदन से आगे नही्है. बस बैसािी को हरे चनो्का अंमति मदन िान लीमजए. चने के संबध ं िे्यह जान ले्मक वष्ाय के तुरतं बाद शरद िे्बोया जाता है और कि से कि छह िहीनो्िे्पक कर तैयार होता है. बरसाती िक्​्ा, ज्वार-बाजरे से ठीक दुगना सिय लेता है. पूरी सद्​्ी ओस पीकर बनता है और बसंत की धूप िे् पकता है. चना वास्व् िे् ‘सहज पके’ की मिठास और गुणो्का प्त् ीक है. अकेले चने की दाल मसफ्फ़गम्ियय ो्िे्लौकी या तोरी डालकर बनानी चामहए. चना प्क ् मृ त से अत्यतं ठंडा अन्न है. इसके मछलको् के पानी से नक्सीर की बीिारी जड्से ित्ि की जा सकती है. बेसन की कढ्ी उड्द-चने की दाल की तरह बारहिासी सालन है. उड्द और चने मवपरीत स्वभाव के होते है.् उड्द गि्यऔर चने ठंड.े दोनो्मिलाकर बनाने पर प्क ् मृ त सि हो जाती है और बूढ्ो् तक के मलए उपयोगी भी. हरे चनो्की मपट्​्ी के भरवां पराठे भी बनते है्और मलट्​्ी-बाटी भी. हरे चनो्की पकौम्डयां भी शाि के नाश्ते िे्शाही अंदाज का व्यज ं न है.् हरे चनो् को दरड्ले,् थोड्ेसे उबले आलू और िािूली सा बेसन लगाकर सान ले,् हरी मिच्यभी काट कर मिला ले.् नया पुदीना और नयी इिली बाजार िे्है.् इिली-पुदीने की चटनी के साथ परोसे्. िेहिान िामतर-नवामजश के कायल हो जायेग् .े हरे चनो्का हलवा, पकौम्डयां, कढ्ी या सालन बड्ी-बड्ी शाही दावत की रौनक बढ्ा सकते है.् जब तक उपलल्ध हो् दो-चार बार उपयोग अवश्य कर ले.्े पुदीने की चच्ाय तो सारी गम्िययो् होती है, पहले इिली का तब्सकरा बहुत जर्री है. कच्​्ी इिली यानी कटारे तो तीन से चार िहीनो्िे्तैयार हो जाते है.् बसंत अंत िे्लाल-लाल िहीन फूल पेड्ो्पर मदिाई देने लगते है,् जुलाई-अगस्​् तक कटारे पूरा र्प धारण कर ले्गे, लेमकन इिली तो अगली बसंत के आसपास ही पक कर तैयार होगी. यानी पकी इिली उन्ही्फलो्िे्शुिार है जो सहज-सहज पकते है.् पकी इिली अब्गन प्​्दीपक (यानी भूि को बढ्ाने वाली), र्िी, दस्​्ावर, गि्य तथा कफ और वात मवनाशक है. दम्​्कण भारत के भोजन िे् सांभर और रसि (दाल के पानी का एमपटाइजर) िे् मनत मदन इस्ि्े ाल की जाती है. हिारे यहां इिली की िीठी सो्ठ को ही ‘चाट’ कहते है.् इिली की सो्ठ लग जाती है तो पत्​्ा चाटने लायक हो जाता. दही की पकौड्ी िे्तो चाट लगती ही है लेमकन िटर और फलो्की चाट िे्भी इिली n की िटाई से ही पत्​्ा चाटने लायक बनता है. शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017 49


अंितम पन्ना खहमांशु दामले

नोटबंदी के शेष सवाल

बै्क ऑफ अमेकरका और मेकरल कलंच का शोध बिािा है कक देश का 90 प्​्किशि कालाधन नकदी मे्नही्है.

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धानिंत्ी नरे्द् िोदी ने आठ नवंबर की िध्य राम्​्त से अचानक देश की 83 प्​्मतशत िुद्ा को बेकार घोमषत कर मदया वजह क्या बताई गयी? काला बाजारी रोकी जायेगी, आतंकवाद को पैसा देने वालो्पर रोक लगाई जायेगी और िूलर्प से भ्​्ष्ाचार को सिाप्त मकया जायेगा. यही घोमषत उद्​्ेश्य थे. 500 और 1000 र्पये के नोट अचानक बेकार हो गये. इन्हे्दो िहीनो्के अंदर अपने-अपने बै्क िातो्िे्जिा करवाना था. देश के ज्यादातर लोग मजनकी मजंदगी नोटो् पर आधामरत है, यानी कैश पर आधामरत है, उन्हे्देश के महत के मलए कमठनाइयां झेलनी हो्गी, हिारे जवान भी सीिाओ् की सुरक्​्ा करते हुए मकतनी कमठनाइयो् का सािना करता है. मबना मशकायत मकये. कोई तैयारी नही्थी, न मरजव्यबै्क को पता था न और मकसी को, नये नोट छापने का भी बंदोबस्​्नही्था, मसफ्फ़प्ध् ानिंत्ी और उनके कुछ ख्ास लोगो्ने देश के महत के नाि पर ये मनण्यय ले मलया, सच क्या है? क्या यही गुड गवन्​्ेस यानी िोदी जी का सुशासन है? हुआ यह मक लोगो्की लंबी-लंबी कतार बै्को्के सािने, एटीएि के सािने लगने लगी. कभी पैसा मिला तो कभी नही् मिला. िमहलाओ् का अपने बेमटयो् या बच्​्ो्के मलए रिे हुए पमत से छुपाया हुए पैसे का भी िुलासा करना पडा, लेमकन करोडो्के पास बैक ् के िाते नही्है्या जो मदहाडी िजदूर लाइन लगाने के कारण मदहाडी का काि छोड नही् सकता, उन सब का क्या हाल हुआ? कोई सोच भी रहा है? और िोदी जी की शि्यनाक घोषणा 9 नवंबर की सुबह-देश के हर अिबार के पहले पन्ने पर मवज्​्ापन की शक्ल िे्नजर आयी. एटीएि नही्अब पेटीएि करो! मकतना शि्यनाक सुझाव और घोषणा! नोटबंदी क्यो् की गयी? इससे मकसका फायदा? इसका क्या प्​्भाव हुआ? कहा गया मक नोटबंदी के जमरये भारतीय अथ्यव्यवस्था की तीन िूल सिस्या - काला धन, आतंकवाद के मलए पैसे का जुगाड करवाना और जाली नोटो्के मवस्​्ृत जाल को सिाप्त करना इस नोटबंदी के कारण बताये गये. यह चुनौती के िुद्े है् जर्र लेमकन क्या नोटबंदी ही एकिात्​् रास्​्ा था इसका िुकाबला करने का? बै्क ऑफ अिेमरका और िेमरल मलंच के शोध से पता चलता है मक देश का 90 प्​्मतशत कालाधन कैश िे्नही्है, ल्लूिबग्यका कहना है मक 97 प्म्तशत पैसा जो बैक ् िे्जिा हुआ है वह काला धन नही्है और मरजव्य बै्क का कहना है मक 2014-16 िे् काला धन करीबन 29.64 करोड र्पये था जो मक पूरी िुद्ा जो इस्​्ेिाल हो रही थी उसका मसफ्फ़0.0018 प्​्मतशत था. वास्​्व िे्नोटबंदी का प्​्भाव देिकर एक केरल िे्प्​्चमलत 50 शुक्वार | 16 से 28 फरवरी 2017

िुहावरे की याद आ जाती है, चूहे को ढूंढने के मलए घर को आग लगाना! मकसने सुना है मक नोटो् पर बंदी लगाकर आतंकवाद को बंद मकया जाता है? आतंकवाद एक सोच है जो और कुछ भी हो, पैसो्के मलए नही् पनपता है, अगर पुराने 1000 और 500 र्पये के नोट गडबडी पैदा कर रहे थे तो नये 2000 और 500 र्पये के नोट भी वैसी ही गडबड कर सकते है्. इस िािले से िोदी सरकार ने आि जनता पर आम्थयक आतंकवाद फैलाने के अलावा कुछ काि नही्मकया है. सरकार के इस मवनाशकारी कदि के नतीजे कुछ इस प्​्कार सािने आये, काले धन को रोका नही्जा सका. मदहाडी िजदूरो्को काि मिलना बंद हो गया. छोटे व्यापामरयो्का काि चौपट हो गया. पूरे असंगमठत क्​्ेत् के िेहनतकश वग्य का जीवन अस्​्-व्यस्​् हो गया. कारीगर और काश्तकार का काि ठप हो गया. मकसान नयी फसल बो नही्पाये क्यो्मक पैसा नही्था या िडी फसल को जबरन कि दाि िे्बेच मदया. शहरो्से लािो्िे्लोग िजदूरी नही्मिलने की वजह से गांव वापस आ गये मबना िजदूरी मलए क्यो्मक िजदूरी देने लायक पैसा छोटे कल-कारिानो् के िामलको् के पास नही् था. नरेगा का काि बहुत जगह पर र्क गया-देहातो् िे् लोगो् को काि मिलना बंद हो गया. जबरदस्​्ी लोगो् का पैसा बै्को् िे् रिवाया गया और हिारे बै्क मजस तरीके से क्पमनयो्को उधार देते है्उससे तो मसफ्फ़ क्पमनयो्को ही बै्को्िे्अमधक पैसा जिा रिने का लाभ होगा, और मकसी को नही्. उधर, मदसंबर िहीने िे्गुजरात के दीसा िे् एक रैली िे् िोदी ने कहा, ‘बै्क िे् लाइन िे् लगना छोडो-अब ई-वॉलेट और िोबाइल पर ई-बै्क ही आप लोगो्का बै्क है’. सरकार अब कैशलेस अथ्यनीमत की बात करने लगी इस नोटबंदी के कारण के तौर पर, अगर यही उद्श्े य् था तब लोगो्को बताकर तैयारी के साथ इसे मकया जा सकता था. इतनी भी जल्दी क्या और क्यो् थी? वास्​्व िे् िोदी जी देश की अथ्यनीमत को पेटीएि जैसे बै्क के हाथ िे् सौ्पना चाहते है्. इससे मवदेशी पूंजीपमत तो िुश हो जाये्गे, लेमकन अपने देश की बै्क व्यवस्था ध्वस्​् हो जायेगी और इसके जमरये मवश्​् आम्थयक उतार-चढाव से जो बचाव देश को मिलता था, वह सिाप्त हो जायेगा. मवधानसभा और लोकसभा िे्हिे्सवाल का सही जवाब चामहए और अगर सही जवाब नही् मिल रहा है तो हिे्सोचना चामहए मक इस तरीके की बेदद्यसरकार को क्या n हिे्मवधानसभा और लोकसभा िे्मनव्ायमचत करना चामहए? (लेिक जाने-िाने अथ्यशास्​्ी है्.)




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