बॉलीवुड के दरवाज्ेपर हॉलीवुड पेज- 13
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वर्ष 2 अंक 19 n पृष्: 16 n 17 मार्ष - 23 मार्ष 2017 n नयी दिल्ली n ~ 5
मध्य प््देश मे्कोई नही्रहेगा बेघर पूजा ससंह
भोपाल. मधंय पंदं श े देश का पहला राजंय होगा जहां गरीब और आवासहीनोंको मकान देने की गारंटी सरकार देगी. पंदं श े सरकार ने इस खसलखसले मेंआवास गारंटी कानून बनाने के खलए खवधेयक को मंजरू ी दे दी है. बुधवार को राजधानी में हुई कैखबनेट की बैठक मेंइसे मंजरू ी पंदं ान की गयी. इस पंस ं ंाव के तहत लोगोंको मकान के अलावा भूिडं भी मुहयै ा कराये जायेगं .े योजना के तहत हर गरीब को कम से कम 25 वगंडमीटर तक का मकान खकफायती दर पर खदलाया जायेगा. वहींनगर खनगम कंतंे ं में45 मीटर व अनंय इलाकोंमें60 मीटर तक के भूिड ं खनशुलक ं उपलबंध कराये जायेगं .े सरकार खहतगंंाखहयों को मकान बनाने के खलए पंध ं ानमंतंी आवास गारंटी योजना के तहत मदद भी मुहयै ा करायेगी. कौन सा वंयकंकत मकान का पातंंहै व कौन सा भूिडं का इसका खनधंारड ण करने के खलए खजला संरं पर एक कमेटी बनायी जायेगी. पंदं श े के जनसंपकंकमंतंी एवं पंवं कंता बाकी पेज 2 पर
यूपी के मुख्यमंत्ी पर मंथन क्यो्?
् ार). तमाम अटकलों लखनऊ (शुकव के बीच आखिरकार उतंतर पंंदेश के अगले मुखंयमंतंी के नाम पर संशय अब भी बरकरार है. यूं तो मुखंयमंतंी के नाम को लेकर भारतीय जनता पाटंंी (भाजपा) हमेशा ही संशय को बरकरार रिती है. मगर यूपी मेंयह इंतजार कुछ जंयादा ही लंबा रहा. नये मुखंयमंतंी से पंंदेश की जनता को काफी अपेकंायें होंगी. भंंषंटाचार पर लगाम लगाने और सूबे मेंलॉ एंड ऑडंडर का पालन कराने के खलये उनंहेंकई बड़े फैसले लेने होंगे. यही नहींमुखंयमंतंी के नाम पर हुयी इस देरी के खलये कई कारक खजमंमेदार हैं. राजधानी मेंइस बात चचंाड तेज हो गयी है खक आखिर इतना पंंचंड बहुमत होने के बाद भी मुखंयमंतंी के नाम को लेकर कोई फैसला कंयोंनहींखकया गया था. खकसी नाम पर मुहर लगाने में इतनी देरी करना यही संदेश देता है खक भाजपा हाइकमान को भी इसका पूरा भरोसा नहीं था खक वह इतने पंंचंड बहुमत से यूपी मेंनवाजे जायेंगे. बीते शखनवार को जब यूपी की खवखभनंन खवधानसभाओं के पखरणाम घोखित खकये जा रहे थे उसी समय यूपी मेंमुखंयमंतंी के नाम बाकी पेज 13 पर
l देश के लघु और सीमांत कृषको्के कज्जहो्गे माफ l यूपी के बाद अन्य राज्यो्को होगा लाभ
किसानों िे िरंज होंगे माफ
धीरेन्द्श््ीवास्व्
लखनऊ. देश के लघु और सीमांत कृिकों के कजंड माफ होंग.े इसकी शुरआ ं त उतंरं पंदं श े से होगी और वाया महाराषंं इस सुिद खनणंयड का लाभ देश के सभी राजंयों के खकसानों को खमलेगा. यह समंभव है खक भाजपा शाखसत राजंयोंके खकसानोंको इसका लाभ आसानी से खमल जाये और अनंय राजंयोंके खकसानोंको इसके खलए थोड़ा संघिंड करना पड़े. याद रहे खक उतंरं पंदं श े खवधानसभा की जंग मेंपंधं ानमंतंी नरेदं ंमोदी और भाजपा के राषंंीय अधंयकंं अखमत शाह ने कहा था खक उतंरं पंदं श े के लघु एवं सीमांत खकसानों का कजंडमाफ होगा. चुनाव मेंभाजपा को पंच ं णंड बहुमत हाखसल हो चुका है. अब केवल सरकार के गठन की औपचाखरकता बाकी है. इसखलए इसे लेकर पंशं नं उठना संवाभाखवक है खक खकसानोंका कजंडमाफ होगा खक नहीं? इसी संवाभाखवक पंशं नं के उतंरं मेंभाजपा के राषंंीय अधंयकंंअखमत शाह ने कहा खक लघु
स्वच्छ छवव पर ज्यादा जोर
लखनऊ (शुकव ् ार). उतंरं पंदं श े में बीजेपी सरकार का मुखयं मंतंी कौन होगा? यह सवाल अब भी पहेली बना हुआ है, लेखकन इसके साथ ही सूबे मेंमंतंी बनने की दौड़ंभी शुरं हो गई है. बीजेपी ने पखंंिम से लेकर पूवांच ां ल तक पंच ं डं बहुमत हाखसल खकया है. चौतरफा खमले जनादेश के चलते बीजेपी कंतंे ंीय, जातीय और वगंंीय संतल ु न के साथ ही आधी आबादी को भी मंखंतमंडल मेंतरजीह बाकी पेज 2 पर
तक टाला नहींजा सकता. इसमेंदेर होने और कजंड माफी का लाभ खशवसेना को खमल जायेगा. इसे देिते हुए भाजपा ने महाराषंंमें भी लघु एवं सीमांत खकसानों का कजंड माफ करने का एलान कर खदया. इसखलए माना जा रहा है खक महाराषंं सरकार भी जलंद ही खकसानोंकी कजंडमाफी का खनणंयड ले लेगी. इसे लेकर कोई दो राय नहींहै खक उखचत मूलयं नहींखमलने के कारण पूरे देश के खकसान कजंड के चपेट में है.ं इसखलए यूपी एवम महाराषंंमेंकजंमड ाफी की घोिणा के साथ ही कजंमड ाफी की मांग धीरे-धीरे देश के अनंय ं ों के 92 हजार राजंयोंमेंभी उठेगी. चूखं क कजंमड ाफी का एलान एवम सीमांत कृिकोंके कजंडमाफ होंग.े इधर, है.ं इनके ऊपर खवखभनंन बैक इसे लेकर उतंरं पंदं श े की सरकारी मशीनरी में 212 करोड़ंरंपये का फसली कजंडके रंप में पंधं ानमंतंी नरेदं ंमोदी ने िुद खकया है, इसखलए े सरकार भाजपा शाखसत राजंय इसे िुद मान लेगं .े भी हलचल देिा जा रहा है. इसखलए माना जा बाकी है. इन खकसानोंको उतंरं पंदं श रहा है खक यूपी कैखबनेट की पहली बैठक मेंही की पहली कैखबनेट का इंतजार है. जनदबाव में गैर भाजपा शाखसत राजंयोंको भी यूपी मेंकजंडमाफ़ी का संदश े खमलने के कजंमड ाफी का खनणंयड मानना होगा. इसखलए कजंडमाफी का खनणंयड लेकर भाजपा यह संदश े देगी खक खकसानों की कजंड माफी का एलान साथ ही खशवसेना ने महाराषंंमेंभी कजंमड ाफी माना जा रहा है खक यूपी के साथ ही पूरे देश के की मांग तेज कर खदया था. खशवसेना महाराषंं लघु एवं सीमांत खकसानों को कजंमड ाफी का जुमला नहींहै. पंंापंत जानकारी के अनुसार उतंरं पंदं श े में की भाजपा सरकार की पाटंनड र है. इसखलए तोहफा खमलने वाला है. क मांग को लंबे समय तकरीबन 55 लाि लघु एवं सीमांत खकसान उसकी उसकी ताखंकक बाकी पेज 2 पर
रावत के रवैये पर सवाल फ्ज्ल इमाम मल्ललक
देहरादून. उतंरं ािंड के नतीजों ने सारे अनुमान गलत साखबत खकए. अलग राजंय बनने के बाद उतंरं ािंड मेंहुआ चौथा चुनाव कांगस ंे के खलए बड़ंा झटका साखबत हुआ है. सतंंा पखरवतंडन को लेकर लोगों को बहुत जंयादा हैरानी नहीं हुई है कंयोंखक अब तक पंदं श े के लोगोंने हर चुनाव मेंसतंंा पखरवतंनड खकया था. विंड2002 मेंहुए पहले चुनाव मेंकांगस ंे सतंंा में आई थी तो 2007 के चुनाव में
भारतीय जनता पाटंंी की सरकार बनी थी. खपछले चुनाव में लोगों ने एक बार खफर कांगंेस की सतंंा में वापसी करा दी थी. उतंरं ािंड के लोगोंने इस परंपरा को कायम रिते हुए खवधानसभा चुनाव में भाजपा की सतंंा में वापसी कराई. लेखकन कांगंेस का खजस तरह से सफाया पंंदेश में हुआ है वह चौंकाने वाला रहा. कांगस ंे की इस तरह की हार की कलंपना िुद भाजपा ने नहींकी होगी. कांगस ंे इस बार खवधानसभा चुनाव में11 बाकी पेज 2 पर
फिर आस बंधी पृथक बुंदेलखंड राज्य की
धीरज चतुवद्े ी
छतरपुर (म.प्.्). उतंरं पंदं श े की राजनीखतक हवा के रंि ने पृथक बुदं ल े िंड राजंय की कलंपनाओंको साकार रंप मेंढालने की आस बंधवा दी है. संयोग ऐसा है खक लोकसभा और मधंयपंदं श े मेंभाजपा को पहले से ही पूणडं बहुमत है तो यूपी ने भी खदल िोलकर भाजपा को अपना बनाया है. महतंवपूणडंहै खक दो राजंयों को खमलाकर नये राजंय का संवरंप की आशा जगाये. यूं भी बुदं ल े िंड राजंय की मांग का समथंनड संवयं
केदं ंीय मंतंी उमा भारती भी करती रही है.ं यहां तक की लोकसभा चुनाव के साथ ही हाल के उतंरं पंदं श े चुनाव मेंभी उमा भारती का पंमं ि ु चुनावी मुदंेका केदं ंबुदं ल े िंड का अलग राजंय बनना रहा है. आजादी के बाद से ही यूपी और मधंय पंदं श े में समाखहत बुदं ल े िंड का खहसंसा राजनीखतक दलोंके खलये मातंंमोहरा रहा है. उतंरं पंदं श े के सात और मधंय पंदं श े के छह खजले समगंंबुदं ल े िंड मेंसमाखहत है.ं बाकी पेज 3 पर
राजनाथ के इनकार से समथ्थक खुश
धीरेनद् ्श््ीवास्व्
लखनऊ. देश के गृहमंतंी राजनाथ खसंह ने उतंरं पंदं श े के मुखयं मंतंी की कुसंी पर वापसी से इनकार कर खदया. इस बात से उनके समथंक ड िासे पंस ं नंन है.ं कहा जा रहा है खक ऐसा खनणंयड लेकर उनंहोंने देश के गृहमंतंी के समंमाखनत पद का मान रिा है. राषंंीय संवयं सेवक संघ के संवयं सेवक के रंप अपना सामाखजक जीवन शुरंकरने वाले राजनाथ खसंह विंड2000 मेंतीन दशक के सामाखजक जीवन के बाद पंदं श े के मुखयं मंतंी बने थे. इससे पहले वह सूबे के खशकंंा मंतंी थे. उनंहोंने नकल रोककर पंदं श े की खशकंंा को एक नया आयाम देने की कोखशश की थी. उनंहें आज भी एक बेहतर खशकंंा मंतंी के रंप मेंयाद खकया जाता है. विंड 2003 में उनंहें अटल खबहारी वाजपेयी की सरकार मेंकृखि मंतंी बनाया गया. 2006 से 2009 तक वह भाजपा के राषंंीय अधंयकंंरहे. सबको साथ लेकर चलने की कंमं ता के कारण ही 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले उनको दोबारा पाटंंी अधंयकंंबनाया गया. इस चुनाव मेंराजग को 336 लोकसभा सीटोंपर जीत खमली. इसमेंसे 282 सीटें बाकी पेज 2 पर
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17 मार्ष - 23 मार्ष 2017
मोदी के पुतले जला मनायी होली
भोपाल (शुक्वार). टोक-रोकोठोको कंंांखतकारी मोचंाड के बैनर तले 24 फरवरी से मूसामूड़ी मेंखकसान आंदोलन अब भी जारी है. इस आंदोलन मेंहोखलका के खदन कई गंंामोंके गंंामीणोंने पंध ं ानमंतंी नरेदं ंमोदी और मुखंयमंतंी खशवराज खसंह चौहान के पुतले फूंककर अपना खवरोध दजंडखकया. अनशन संथल में सामूखहक रंप से अहंकार, बैर और उतंपीड़ंन की पंंतीक होखलका के बजाए पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी, मुखंयमंतंी खशवराज खसंह, खजला पंंशासन सीधी, भू-अजंडन अखधकारी मझौली तथा आयंडन पावर कंपनी का पुतला जलाकर होली का तंयोहार मनाया. पुतला दहन के बाद गंंामीणोंएवं खकसानोंको संबोखधत करते हुए टोंको-रोंको-ठोंको कंंांखतकारी मोचंाड के संयोजक उमेश खतवारी ने कहा खक मधंय पंंदेश सरकार के खनदंंेश पर सीधी खजला पंंशासन आयंडन पावर कंपनी जो भाजपा नेताओं की है उसे लाभ पहुंचाने के खलए कायदे कानून की धखंंियां उड़ंाने का काम भुमका एवं मूसामूड़ी के खकसानों की भूखम अखधगंंहण करते समय खकया था और अब जब खकसान नंयाय के खलए संघिंडकर रहा है
तब खजला पंंशासन की भूखमका आयंडन पावर कंपनी के दलाल की हो गई है. इसका पंंमाण है खक भूि हड़ंताल के सतंंह खदन बीत जाने के बाद भी खजला पंंशासन का कोई पखरंदा तक अनशन संथल पर नहींपहुंचा.
रावत के रवैये पर सवाल
पेज 1 का बाकी सीटोंपर खसमट कर रह गई है. 2012 के खवधानसभा चुनाव में कांगस ंे ने 32 सीटेंजीती थीं. 2007 के खवधानसभा चुनाव में उसे 21 सीटें खमली थीं. इस बार चुनाव में भाजपा को 57 सीटें खमली हैं. खपछले खवधानसभा चुनाव में भाजपा को 31 सीटेंखमली थीं. इस बार बसपा और उतंरं ािंड कंंाखं त दल (उकंंादं ) का िाता भी नहींिुल पाया. खपछले खवधानसभा चुनाव मेंबसपा को तीन और उकंंादं को एक सीट खमली थीं. नतीजों ने राजखनखतक पंखडतों को झुठलाया. अब सवाल यह भी उठ रहा है खक उतंंरािंड में कांगंेस नहीं बकंलक मुखंयमंतंी हरीश रावत हारे हैं. चुनावी सवंंेकंणों में लोकखंंपयता मेंसबसे ऊपर रहने वाले हरीश रावत कांगस ंे का चेहरा थे. चुनाव का सारा ताना बाना उनके आसपास ही बुना गया था. वे संचार पंंचारक थे इसखलए पाटंंी को जीत खदलाने का दारोमदार भी उन पर ही था. लेखकन वे कखरशंमा नहीं कर सके. 2014 में खवजय बहुगण ु ा की जगह मुखयं मंतंी बनाए गए रावत िुद ऊधमखसंह नगर खजले की खकचंछा और गंंामीण हखरदंंार दोनों सीटों से हार गए. कांगंेस की इस दुगंडखत से रावत की परेशानी बढंी है. दो बार उतंरं ािंड मेंकांगस ंे को जीत खदलाने वाले रावत इस बार कांगस ंे को बुरी हार से नहीं बचा पाए और अब उनके रवैये पर सवाल िड़ंेहो रहे है.ं उनंहोंने पाटंंी नेताओं से जंयादा भरोसा दूसरे दलोंपर खदिाया और अपने कायंक ड ाल के दौरान संगठन से भी उनका टकराव बढंा. रावत ने चुनाव में अपने चहेतों को खटकट खदलवाया और पाटंंी के कई समखंपडत कायंडकतंाडओं की अनदेिी की इसका ही िखमयाजा कांगस ंे को उतंरं ािंड में भुगतना पड़ंा. उनके कई खवधायकों ने पहले उनका साथ छोड़ंा और ऐन चुनाव से पहले यशपाल आयंडजैसे खदगंगज नेता भी पाटंंी का साथ छोड़ं
कर चले गए. इसका नतीजा सामने है. कांगस ंे युकंत उतंंरािंड को भाजपा ने खफलहाल कांगंेस से मुकंत करा डाला है. चुनाव के दौरान यह पता नहींचल रहा था खक कांगस ंे बमुकंशकल दहाई का आंकड़ंों जुटा सकेगी और कहा जा रहा है खक रावत के अखत आतंमखवशंंास के कारण ही कांगंेस का यह हशंंहुआ है. चुनावी पंबं धं न के गुरंमाने जाने वाला पंश ं ांत कुमार उफंकपीके की रणनीखत भी यहां फंलाप रही. उतंंरािंड में पूरी रणनीखत हरीश रावत को केंदं में रि कर ही उनंहोंने बनाई थी. पीके ने ही नारा खदया था ‘उतंरं ािंड रहे िुशहाल, रावत पूरे पांच साल’. लेखकन उनका यह नारा भी बेअसर रहा. उतंंरािंड में खपछले साल ही रावत के खिलाफ कांगस ंे ने बगावत कर दी थी. कांगस ंे इस असंतोि को नहीं भांप पाई. बागी कांगखंेसयोंके नेता खवजय बहुगण ु ा अपने चहेते दो खवधायकों को रावत सरकार में मंतंी बनवाना चाहते थे और िुद के खलए राजंयसभा सीट चाहते थे. लेखकन, रावत और राहुल गांधी ने उनकी यह मांग नहीं मानी. इसके बाद कांगस ंे खवधायकोंने बगावत की. भाजपा ने उनकी मदद की. रावत राजंयपाल के आदेश के बाद मुखयं मंतंी पद से हटाये गए. लेखकन, अदालत ने उनंहेंखफर से मुखयं मंतंी की कुसंी पर खबठाया जरंर लेखकन उनके खिलाफ कांगंेस में असंतोि पनपता रहा. खफर खवधानसभा चुनाव की घोिणा के ऐन मौके पर कांगस ंे का सबसे बड़ा दखलत चेहरा यशपाल आयंड अपने बेटे संजीव आयंड के साथ भाजपा में शाखमल हो गए. इससे कांगंेस से दखलत मतदाताओंका मोहभंग हुआ और उनका वोट भाजपा को गया. खफर कांगस ंे के खदगंगज नेता नारायण दतंं खतवारी के समथंडन की वजह से बंंाहंमण मतदाता भी भाजपा के साथ हो गया. ठाकुर
राजनाथ के इनकार से समथ्थक खुश
पेज 1 का बाकी अकेले भाजपा ने जीतीं. नरेदं ंमोदी पंधं ानमंतंी खतवारी ने खजला पंंशासन को चेताते हुए बने और राजनाथ खसंह को देश का गृहमंतंी कहा खक पंंशासन इस भूल में न रहे खक बनाया गया. यह मंतंालय देश की खसयासत में खकसान थक-हारकर िुद भूि हड़ंताल बहुत अहम माना जाता है. सरदार पटेल, समापंत कर देगा, खकसान का फौलादी इरादा गोखवंद वलंलभ पटेल और लाल बहादुर शासंंी पाताल से पानी िींच लाता है और चटंंान को जैसे नेता यह पद संभाल चुके है.ं इस पद से पीसकर धूल बना देता है. जब तक मूसामूड़ी हटाकर उनको दोबारा 17 साल पुरानी कंसथखत एवं भूमका के भू-अजंनड की कायंवड ाही खनरसंं में पहुच ं ाने की अटकलों से उनके समथंक ड नहीं की जाती खकसानों की भूि हड़ंताल आहत थे. इसे उनके अपमान और उनकी जारी रहेगी. कंयोंना अगले साल की होखलका अवनखत के रंप मेंदेिा जा रहा था. दहन का आयोजन भी इसी संथल पर ही खवधानसभा चुनाव से पहले भी राजनाथ करना पड़ंे? आम जनों को संबोखधत करते को चेहरा बनाकर मैदान मेंउतरने की चचंाड हुए बहुजन समाज पाटंंी के खजलाधंयकंं थी. उनंहोंने उस समय ही कहा खक ऐसी बात शंंीखनवास साकेत ने कहा खक खकसानों दंंारा नहींहै.इसके साथ ही वह यूपी चुनाव के समर की जा रही भूि हड़ंताल का हम तथा हमारी मेंकूद पड़ं.े यह अलग बात है खक लोकसभा पाटंंी समथंनड करती है तथा खकसानोंके संघिंड चुनाव की तरह खवधानसभा चुनाव की जीत में मेंहम उनके साथ है. भी उनके अथक पखरशंमं की कहींचचंाड नहीं इस बीच अनशन संथल पर खशव कुमार खसंह, राज बहोर बैगा, गंगा पंंसाद खंंदवेदी, नमंडदा खसंह, राम नारायण खसंह, रामचरण खमशंंा, सुिसूदन खसंह, महावीर खसंह, हखरहर पेज 1 का बाकी खसंह, धमंडजीत खसंह, बृजेंदं पखनका, इंदंभान नरोतंमं खमशंंने मंखंतपखरिद की बैठक के कहा, खसंह, राम लिन कुशवाहा, रामचंदं 'मुखयं मंतंी खशवराज खसंह चौहान की अधंयकंतं ा कुशवाहा, खशवपाल खसंह, पंंवीण खंंदवेदी में मंखंतपखरिद की बैठक में एक कानून के आखद मौजूद रहे. मसौदे को मंजरू ी दी गयी है. यह कानून मधंय पंदं श े की धरती पर जनंमे हर एक गरीब नागखरक को अपना खनजी मकान या आवासीय भूिड ं का टुकड़ंा होने की गारंटी देता है.' उनं ह ोंने कहा खक राजंय मेंभूखम की कोई कमी नेता सतपाल महाराज की वजह से गढवाल नहीं है. यखद जरंरत हुई तो पंदं श े सरकार का ठाकुर मतदाता भी भाजपा के साथ हो गया. रावत की नाकामी यह रही खक उनकी इसके खलए खनजी जमीन िरीदने से भी नहीं पंदं श े कांगस ंे अधंयकंंखकशोर उपाधंयाय से भी खहचकेगी. इस कानून के अमल में आने से े की धरती पर जनंमा कोई भी नागखरक पटरी नहींबैठी. रावत ने लगातार संगठन की पंदं श उपेकंा की और राजंय में अपनी ही चलाई. खबना मकान या आवासीय भूिडं के बगैर नहीं संगठन की अनदेिी भी रावत को महंगी पड़ंी. रहेगा, कंयोंखक खजस वंयकंकत के पास आवासीय ं या खनजी मकान नहीं होगा, उनका खजस से कांगस ंे कई िेमोंमेंबंट गई लेखकन भूिड रावत ने इस िेमेबंदी पर कोई धंयान नहीं जीवन-संरं उठाने के खलए राजंय सरकार खनजी मकान या आवासीय भूिडं देगी. खदया. नतीजा सामने है. हालांखक शुरआ ं त मेंउनंहोंने शहीद होने की बात कह कर भाजपा के खिलाफ अखभयान भी छेड़ंा था लेखकन संगठन का साथ पेज 1 का बाकी उनंहेंनहींखमला और उनके खिलाफ आकंंोश देना चाहती है. इसके खलए उचंं संरं पर पनपता रहा. अब रावत के नेततृ वं कंमं ता को होमवकंकशुरंहो गया है. लेकर भी िूब छींटाकशी हो रही है. कांगस ंे पाटंंी के उचंचपदसंथ सूतंोंने बताया है खक का एक बड़ंा तबका उनकी कंंमता पर कई यूपी कैखबनेट में हर तबके को साधने की तरह का सवाल िड़ंा कर रहा है. रावत की कोखशश की जायेगी. फैसला भले ही देर से हो फजीहत इखसलए भी हो रही है कंयोंखक वे दोनों रहा हो मगर इसके दूरगामी अचंछे पखरणाम जगहोंसे चुनाव हार गए है.ं होंग.े उनंहोंने बताया खक युवा चेहरों को रावत हखरदंंार गंंामीण सीट पर मौजूदा पंंाथखमकता देने के साथ ही संवचंछ छखव वाले भाजपा खवधायक संवामी यतीशंंरानंद खवधायकों को कैखबनेट में शाखमल करने पर से 12,268 मतों से हारे और खकचंछा सीट खवचार खकया जा रहा है. पर भाजपा के मौजूदा खवधायक राजेश शुकल ंा ने 2127 मतों से जीत हाखसल की. कुमाऊं का ठाकुर नेता होने के कारण माना जा रहा था खक कांगंेस कुमाऊं में भाजपा पर भारी पेज 1 का बाकी पड़ेगी. लेखकन वहां कांगंेस का सफाया हो बता दें खक नवंबर माह में जब केदं ं गया है. ऊधमखसंह नगर खजले में कांगस ंे नौ सरकार ने खवमुदंीकरण का फैसला खलया था में से मातंं एक सीट जसपुर ही जीत पाई. तब देश मेंखकसानोंकी कजंमड ाफी का मुदंा भी हखरदंंार खजले की 11 सीटोंमेंसे कांगस ंे मातंं उठ िड़ंा हुआ था. मगर उस समय भाजपा तीन सीटें ही जीत पाई. रावत ने कांगंेस के नेताओंकी मांग को बैक ं ोंने िाखरज कर खदया बागी 12 पूवंड में से दस खवधायक चुनाव था. मगर इस फैसले के बाद खकसानों को जीतने मेंसफल रहे. काफी िुशी होगी. इस बीच बागी कांगखंेसयोंके नेता खवजय देश मेंइस वकंत करीब 32 लाि खकसान बहुगुणा अपने बेटे सौरभ को खसतारगंज से कजंदड ार है.ं इसमेंसबसे बुरा हाल महाराषं,ं खजताने में कामयाब रहे. खफलहाल तो पंदं श े मधंय पंदं श े , तेलगं ाना, आंधंपंदं श े , पंजाब और मेंकांगस ंे सकते मेंहै, कायंक ड तंाड सदमे मेंऔर उतंरं पंदं श े का है. यूपी और एमपी का रावत हाखशए पर. बुदं ल े िंड खहसंसा सबसे अखधक पंभं ाखवत माना
हुई. हां, पंच ं डं बहुमत खमलने के बाद यह चचंाड खफर तेज हो गयी खक वह पंदं श े के मुखयं मंतंी बनाये जा रहे है.ं गत 15 माचंडको तो यहां तक िबरे फ़ैल ं गयींखक राजनाथ खसंह ने भी वापस लौटने के खलए हां कर खदया है. इसे लेकर एक बार खफर उनसे सीधे पंशं नं खकया गया खक कंया वह उतंरं पंदं श े का मुखयं मंतंी बनकर लौटने वाले है?ं जवाब मेंउनंहोंने कहा खक यह फालतू बात है. उनके इस उतंरं से राषंंीय संरं पर राजनाथ के खिलाफ माहौल बनाने वाले खगरोह को झटका लगा है, उनके इस खनणंयड से पंदं श े के वह लोग भी मायूस हैंजो वापसी को लेकर सपने बुनने लगे थे, लेखकन उनके वासंखंवक समथंक ड काफी पंस ं नंन खदि रहे है.ं इसके बावजूद पंदं श े के मुखिया की रेस में उनका नाम चल रहा है भले ही वह िुद इनकार कर रहे हों. अगर पाटंंी फैसला कर लेती है तो वह मना नहींकर सकते.
मध्य प््देश मे्कोई नही्रहेगा बेघर
खमशंंा ने कहा, 'वतंमड ान मेंचल रहे बजट सतंं के दौरान खवधानसभा में इस संबध ं में खवधेयक पेश खकया जाएगा.' उनंहोंने दावा खकया खक देश मेंमधंय पंदं श े पहला राजंय होगा, जो पंदं श े मेंजनंमे हर एक भूखमहीन गरीब को आवासीय भूिडं का टुकड़ंा देगा. एक सवाल के जवाब मेंखमशंंा ने बताया, 'राजंय मेंभूखम की कोई कमी नहींहै और यखद जरंरत हुई, तो पंदं श े सरकार हर एक आवास खवहीन गरीब लोगों को आवास उपलबंध कराने के खलए खनजी भूखम िरीदने से भी नहींखहचकेगी.' इस खवधेयक को मौजूदा खवधानसभा सतंं मेंपेश खकया जायेगा. खवधेयक के पंस ं ंाव के मुताखबक पातंंवंयकंकत का मधंय पंदं श े का मूल खनवासी होना अखनवायंडहै. यह योजना केवल गरीब-खनमंन आय वगंड के लोगों के खलए ही होगी. खकसी भी वंयकंकत को आवास या भूिडं कोई एक ही खमल सकेगा.
स्वच्छ छवव पर ज्यादा जोर दरअसल, यह पूरी कवायद साल 2019 मेंहोने वाले चुनावोंको लेकर की जा रही है. भाजपा का यूपी में सतंता संभालने के बाद खदिने वाला पंदं शंनड ही उनके खलये आगे की राह सुखनशंखचत करेगा. इसीखलये भाजपा ने पंच ं डं बहुमत हाखसल करने के बाद भी खबना खकसी जलंदबाजी के हर फैसला सोचसमझकर कर रही है. हालांखक, भाजपा और आरएसएस के करीबी भी अभी भावी कैखबनेट मेंशाखमल होने वाले खकसी भी नाम पर कोई मुहर लगा रहे है.ं
ककसानो्के कज्थहो्गे माफ जाता है. इस संबधं मेंयूपी भाजपा की ओर से केदं ंसरकार के खवतंंमंतंालय और खरजवंडबैक ं ऑफ इंखडया को पतंंखलिा जा चुका था. मगर बैक ं ोंने उस समय पतंंका जवाब यह खदया था खक अगर पुराने कजंदड ारों का ऋण माफ कर खदया जाएगा तो नये कजंदड ार भी खकसंंों को भुगतान बंद कर देगं ,े उनके मन में ये आस जाग जाएगी खक उनको भी भखवषंय मेंलोन वेव ऑफ खमल जाएगा. इसखलए खकसानों की कजंमड ाफी बैक ं ों की नजर में संभव नहीं है. हालांखक, समय बीतते देर नहीं लगती और अब कजंमड ाफी का फैसला अनंय राजंयोंको भी राहत देने को तैयार है.
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17 मार्ष - 23 मार्ष 2017
फदल्ली मे्भाजपा पार्थदो्मे्खलबली
शाखमल होने वाले खनगम पािंडदों के अलावा बीजेपी के भी कुछ खनगम पािंडद ऐसे हैं जो बगावत का रासंंा अपना सकते है.ं बीजेपी के कुछ सीखनयर नेताओंका तो यहां तक कहना है खक कुछ पािंडद ऐसे हैंजो यखद खनदंडलीय भी चुनाव लड़ं लें तो उनंहें जीतने से कोई नहीं रोक सकता. खनगम पािंडदों के बगावत का रासंंा अपनाने के सवाल पर बीजेपी ने भी अपना रंि साफ़ करते हुए कड़ी कारंडवाई करने की बात कही है. बीजेपी के पंंवकंता अखंंशनी उपाधंयाय ने एक नंयूज चैनल से कहा था खक वतंडमान पािंडदोंको खटकट न देने का फैसला नयी ददल्ली. खदलंली में बीजेपी के की भी गुहार लगाई है खक इस फैसले पर पूरी तरह से सोच-समझकर और आवशंयक खकसी भी पूवंड खनगम पािंडद को चुनाव न पुनखंवडचार खकया जाना चाखहए. सूतंोंकी माने खवचार-खवमशंडके बाद खलया गया है. इसका लड़ंाने के फैसले से वतंडमान बीजेपी पािंडदों तो कुछ बीजेपी पािंडद फैसले के खिलाफ मुखंय उदंंेशंय युवाओं को अखधक से अखधक मेंिलबली मची हुई है. पाटंंी हाईकमान के बागी होने के खलए भी तैयार हैं. इनमें ऐसे मौका देना है. उनंहोंने कहा खक हमारे खलए इस फैसले से नाराज़ होकर कुछ पािंदड ोंने तो पािंदड ोंकी तादाद जंयादा हो सकती है खजनंहोंने राजनीखत सेवा का माधंयम है, केवल चुनाव ड ीय या लड़ना ही अंखतम उदंंेशंय नहीं है. आम बागी होने का भी मन बना खलया है. उधर, साल 2012 का एमसीडी चुनाव खनदंल पाटंंी हाईकमान ने भी साफ़ कर खदया है खक खफर खकसी और पाटंंी के बैनर तले लड़ंा था. आादमी पाटंंी और कांगंेस भंंिंाचार, फैसले का खवरोध करने को अनुशासनहीनता बगावत करने वाले खनगम पािंडदोंकी तादाद जाखतवाद, वंशवाद और पखरवारवाद को माना जाएगा और ज़रंरी कारंडवाई भी की साउथ एमसीडी में सबसे जंयादा बताई जा बढावा देती हैं जबखक बीजेपी हमेशा से इन चार बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ती रही जाएगी. बीजेपी के पंंदेश अधंयकंं मनोज रही है. ईसंट एमसीडी में खंंतलोकपुरी से खनगम है. उपाधंयाय ने कहा खक सभी खनगम पािंडद खतवारी के मंगलवार को पूवंड पािंडदों को ड ीय चुनाव लड़ंा था और पाटंंी के फैसले से सहमत है.ं मुझे नहींलगता चुनाव नहीं लड़ाने के फैसले से ही वतंडमान पािंदड कमल ने खनदंल उसके बाद वह बीजेपी मेंशाखमल हो गए थे. खक कोई भी इस फैसले पर सवाल िड़ंे पािंडदोंमेंहड़ंकंप मच गया है. गौरतलब है खक इस फैसले को सुनकर कमल ने कुछ खदन पहले ही बीजेपी से करेगा. यखद खकसी ने पाटंंी फैसले के खवरंदं ईसंट एमसीडी के पटपड़ंगंज से खनगम पािंडद इसंंीफा दे खदया है. कमल का कहना है खक जाकर काम खकया तो उसे खवरंदं कड़ंी संधंया वमंाड तो सबके सामने रोने ही लगींथीं. वह खफर से चुनाव लड़ंेंगे. खनदंडलीय और कारंडवाई होगी. पाटंंी की अनुशासन सखमखत कुछ पािंडदों ने पाटंंी हाईकमान से इस बात दूसरी पाटंंी से चुनाव लड़ंकर बीजेपी में इन पर फैसला करेगी.
भारी पड्रहा ककसानो्की कज्थमाफी का वादा
मुब ं ई. चुनावोंके दौरान यूपी के खकसानों से खकया गया कजंडमाफी का वादा बीजेपी को महाराषंं में भारी पड़ं रहा है. सरकार में सहयोगी खशवसेना कजंड माफी के मुदंे पर खवपकंंके साथ िड़ंी हो गई है. नतीजा ये है खक सरकार का कामकाज तक रंका पड़ंा है. राजंय के खकसानोंकी कजंडमाफी की मांग पर खशवसेना अड़ंगई है. सतंंा मेंभागीदार होते हुए भी खवपकंंसे खमल गई है. उसे यूपी के खलए की गई घोिणा से खदकंतं है. लेखकन, बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के मुखयं मंतीं देवदें ं फडणवीस का रंि तय है. इन सबके बीच एक अहम बयान में एसबीआई की चेयरपसंनड अरंधं ती भटंंाचायंडने कहा है खक कजंडमाफी मेंवंयवहाखरक खदकंतं ें भी है.ं महाराषंंखवधानसभा मेंये सब तब हो रहा है जब बजट पाखरत करवाने के खलए बीजेपी को खशवसेना के समथंनड की जरंरत है. लेखकन, शायद खशवसेना जनता के बीच ये संदश े देना चाहती है खक वो सरकार मेंरहकर भी सरकार के खिलाफ है. गौरतलब है खक यूपी मेंपंच ं ार के दौरान पीएम मोदी ने खकसानोंसे कजंडमाफी का वादा खकया था. खशवसेना का दावा है खक खकसानोंको कजंडमाफी का लालच देने से यूपी मेंबीजेपी जीती. दरअसल, महाराषंंदेश मेंसबसे जंयादा खकसान आतंमहतंया वाला राजंयों में एक है. महाराषंं में सूिे के दौरान खकसानों की आतंमहतंया की घटनाएं आम है.ं इस बीच एसबीआई की चेयरपसंनड अरंध ं खत भटंंाचायंड का यह बयान खकसानों की कजंमड ाफी के राजनीखतक वादोंको लेकर आया.
उनंहोंने कहा, ‘बैक ं को सरकार से कजंमड ाफी का पैसा खमल जाता है. लेखकन, इसके बाद जो भी कजंडखदया जाता है. उसे लौटाने के खलए खकसान अगले चुनाव तक का इंतजार करते है.ं’ अरंधं खत भटंंाचायंडने यह भी कहा खक उनके बैक ं को खकसानों की कजंमड ाफी के बारे मेंकेदं ंसे कोई पंस ं ंाव नहीं
खमला है. उनका यह भी कहना था खक खकसानोंकी मदद होनी चाखहए. लेखकन, इस तरह से नहीं खक कजंडचुकाने का अनुशासन ही खबगड़ंजाए. बीजेपी ने उतंरं पंदं श े में सरकार बनने पर पहली बैठक मेंखकसानोंका कजंडमाफ करने का वादा खकया है.
गोवा मे्नोटा अव्वल
नयी ददल्ली (शुकव ् ार). पांच राजंयोंके खवधानसभा चुनावों के खलए शखनवार को घोखित पखरणामोंके अनुसार कुल 936,503 उमंमीदवारोंने खकसी भी उमंमीदवार को वोट देने के बदले नोटा का खवकलंप चुना है. इलेकश ं न कमीशन दंंारा उपलबंध कराए गए आंकड़ंों के अनुसार, नोटा को सबसे जंयादा गोवा मेंपसंद खकया गया है. वहां 1.2 पंखंतशत या 10,919 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है. 40 सदसंयीय गोवा खवधानसभा मेंकांगस ंे 17 सीटेंहाखसल कर सबसे बड़ंी पाटंंी के रंप मेंउभरी है, जबखक सतंंाधारी भाजपा को 13 सीटेंखमली है.ं नोटा के मामले मेंदूसरा संथान उतंरं ािंड का है, और यहां कुल 1.0 पंखंतशत यानी 50,408 मतदाताओं ने नोटा का खवकलंप चुना है. यहां भाजपा ने 57 सीटोंके साथ पूणडंबहुमत हाखसल कर खलया है, और सतंंाधारी कांगस ंे को 70 सदसंयीय खवधानसभा में11 सीटोंसे संतोि करना पड़ंा है. आयोग के आंकड़ंेके अनुसार, नोटा के मामले मेंतीसरा संथान उतंरं पंदं श े का है, जहां
0.9 पंखंतशत या 757,643 मतदाताओंने नोटा का खवकलंप अपनाया है. यहां भारतीय जनता पाटंंी ने 312 सीटोंके साथ भारी जीत हाखसल की है, जबखक 403 सदसंयीय खवधानसभा में सतंंाधारी सपा 47 सीटोंके साथ दूसरे संथान पर, 19 सीटोंके साथ बसपा तीसरे संथान पर और सात सीटोंके साथ कांगस ंे चौथे संथान पर रही है. पंजाब नोटा के मामले मेंचौथे संथान पर है. यहां 0.7 पंखंतशत या 108,471 लोगोंने नोटा का खवकलंप चुना. कांगस ंे ने 117 सदसंयीय खवधानसभा में77 सीटोंके साथ पूणडं बहुमत हाखसल कर खलया है, जबखक 20 सीटों के साथ आप दूसरे संथान पर और 15 सीटें जीत कर खशरोमखण अकाली दल तीसरे और तीन सीटोंके साथ भाजपा चौथे संथान पर है. आयोग के अनुसार, मखणपुर मेंनोटा का पंखंतशत सबसे कम है. यहां 0.5 पंखंतशत या 9062 मतदाताओंने इस खवकलंप को चुना है. यहां 60 सदसंयीय खवधानसभा में 28 सीटें जीत कर कांगस ंे सबसे बड़ंी पाटंंी है, जबखक भाजपा 21 सीटोंके साथ दूसरे संथान पर है.
हहंदू जाहियो्के एकजुट होने से जीिी भाजपा लखनऊ (शुक्वार). उतंतर पंंदेश खवधानसभा चुनाव मेंभाजपा को खमली अपार सफलता ने एक नये खववाद को जनंम दे खदया है. राजनीखतक पंखडतोंका कहना है खक तीन तलाक के मसले पर भाजपा को राजंयसभा में खवधेयक पाखरत करने लायक बनाने के खलये मुसंखलम मखहलाओं ने यह कदम उठाया है. वहीं, कुछ राजनीखतक खवशंलेिकोंका कहना है खक यह खसफंक खहंदू मतदाताओं के एकजुट होने से सफल हो सका है. दरअसल, यूपी के दंगल में भाजपा ने मुरादाबाद नगर, देवबंद, नूरपुर, चांदपुर, नानपारा और नकुड़ंजैसे कुछ इलाकोंमेंभी भगवा परचम लहरा खदया है जहां मुसलमान बड़ंी संखयं ा मेंरहते है.ं राजनीखतक खवशंलिे कों का मानना है खक इन जैसी तमाम जगहोंपर मुकसं लम मत समाजवादी पाटंंी (सपा) और बहुजन समाज पाटंंी (बसपा) मेंबंट गए. हालांखक, खफर भी मुकंसलम पंंतंयाशी मेरठ, कैराना, नजीबाबाद, मुरादाबाद गंंामीण, संभल, रामपुर, संवार-टांडा जैसे
इलाकोंमेंजीत हाखसल करने मेंसफल रहे. कुछ मुकसं लम नेताओंने खनजी चैनलोंसे कहा खक कुछ सीटेंतो मुकसं लम मतोंके खवभाजन के कारण भाजपा की झोली में खगरीं. लेखकन, खजस पैमाने पर भाजपा को सफलता खमली है, उससे साफ है खक अगर मुसलमान खकसी एक पाटंंी के साथ गए होते तो भी कोई िास फकंक नहींपड़ंता.' उनंहोंने कहा, "सामानंय धारणा के खवपरीत, मुसलमान एकजुट होकर खकसी पाटंंी को वोट नहींदेत.े भाजपा खहंदू मतोंको एकजुट करने के खलए इस बात को उछालती है खक मुसलमान एकजुट होकर मत देते हैं जबखक सचंंाई यह है खक मुसलमान भी खकसी अनंय सामानंय मतदाता की ही तरह अपने मुदंों व खचंताओंके आधार पर मत देते है.ं" उनंहोंने कहा, ‘यह संभव ही नहीं है खक उतंरं पंदं श े के मुसलमान खकसी एक पाटंंी को मत दें. लेखकन, वे कभी-कभी एकजुट होकर खकसी एक कंतंे ं में खकसी एक पंतंयं ाशी का समथंनड करते है.ं’
कफर आस बंधी पृथक बुंदेलखंड राज्य की
पेज 1 का बाकी ऐखतहाखसक, सांसक ं खृ तक और पंंाकृखतक दृखंि से बुदं ल े िंड यूं तो समंपनंन है लेखकन दशकों से खवपनंनता की मार झेल रहा है. यहां खकसान आतंमहतंया करने को मजबूर है कंयोंखक िेती को लाभ का धंधा बनाने की कवायदें मातंं कागजोंको रंगती रहीं. आंकडोंके अनुसार, बुदं ल े िंड में2001 से 2006 के बीच 1275 और 2007 से 2010 के मधंय 1351 एवं 2011 से 2014 तक करीब 1500 खकसान आतंमहतंया कर चुके है.ं कहा तो जाता है खक यह आतंमहतंयायें नही बखलक सरकारी हतंयायें है.ं बुदं ल े िंड की समंपनंनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है खक यहां के पनंना की िदानों से खनकला हीरा खवशंंमेंखवशेि संथान रिता है. एमपी के छतरपुर खजले में भी बकसंवाहा इलाके मेंबंलक ै खलसंटडे ऑसंटंखंेलयन कंपनी खरयो खटंटो के हीरा खनकालने का मसला खववाखदत हो चुका है. खजसका खवरोध संवयं उमा भारती ने एमपी के चुनाव के वकंत खकया था. इस कंपनी ने तो अपने सवंक ंे ण ं के दौरान ही बेशकीमती हीरों का िनन कर खदया. खवडंबना है खक पनंना और बकसंवाहा के खजन इलाकोंसे हीरा खनकाला जा रहा है. यह दोनों ही कंतंे ंदखरदंतं ा का खशकार है.ं वन आधाखरत उदंंोगों की बुदं ल े िंड में अतंयखधक संभावना है. तेदं पू तंंा, सागौन की लकड़ंी, अचरवा व गोंद सखहत आयुवदंे जड़ंीबूखटयोंसे यह इलाका भरा पड़ंा है. िखनज के मामले में बुदं ल े िंड अतंयखधक समृदं है. काला सोना कहा जाने वाला गंनंे ाइट पतंथर यहींसे खवदेशोंमेंखनयंातड खकया जाता है. गोरा पतंथर सखहत मकानोंमेंखनखंमतड होने वाली खगटंंी पतंथर की दूर-दूर तक मांग है. िखनज के मामलों में यह आलम है खक पतंथरों के उतंिनन में बाहरी लोग मालामाल हो रहे हैं लेखकन इस इलाके को धूल के कणोंसे टीवी और खसलोकोखसस रोग खमल रहे है.ं पंखंतविंड सैकड़ंोंलोग इन बीमाखरयोंका खशकार हो रहे है.ं पयंटड न के दृखंिकोण से ऐखतहाखसक व पंंाकृखतक दोनोंही तरह के संथल यहां मौजूद है.ं पयंटड कोंको भी यहां की आबो-हवा हमेशा
आकखंितड करती रही है. िजुराहो, ओरछा, दखतया, झोसी, महोबा को जोड़ंकर कारीडोर बनाया जा सकता है. मगर कोई ऐसा खवचार नहींकरता है. कहा जा सकता है खक समंपनंन होते हुये भी बुदं ल े िंड गरीब है खजसकी उनंनखत तभी संभव है जब इसे अलग राजंय का दजंाड खमले. यही सोचकर दशकोंपूवडंसे बुदं ल े िंड को पृथक करने की मांग उठना शुरंहो गयी थी. भाजपा की तेज तरंारड नेता उमाभारती तो बुदं ल े िंड को अलग राजंय का दजंाड खदलाने की पकंधं र रही है.ं हर चुनाव मेंउनंहोंने इस पृथक बुदं ल े िंड को चुनावी मुदंा भी बनाया है. झोसी के लोकसभा चुनाव मेंजब वे पंतंयं ाशी हुयींतो उनका पंमं ि ु चुनावी हखथयार बुदं ल े िंड अलग राजंय कराने का नारा था. उमा भारती ने चुनाव मेंतीन साल मेंपृथक राज बनाने का वादा खकया था. वहींभाजपा ने अपने घोिणा पतंंमेंभी पृथक बुदं ल े िंड करने की घोिणा की थी. जंंात हो खक मधंयपंदं श े के बुदं ल े िंड के छह खजलोंछतरपुर, टीकमगढं, सागर, पनंना, दमोह और दखतया खजले की 29 खवधानसभा सीट मेंसे 23 पर भाजपा का कबंजा है. साथ ही, लोकसभा के सभी 4 कंतंे ंों िजुराहो, टीकमगढं, दमोह और सागर पर भी भाजपा ही काखबज है. इसी तरह यूपी के बुदं ल े िंड अंतगंतड झांसी, हमीरपुर व बांदा लोकसभा कंतंे ं मेंभी भाजपा के सांसद चुने गये थे. हाल के खवधानसभा चुनाव मेंतो पूरे 20 खवधायकोंकी खवजय दशंातड ी है खक बुदं ल े िंखडयों ने अपनी मांग की टीस पर सभी सीटेंपंधं ानमंतंी के नाम खलि दी हैंखजससे अलग राजंय की मांग का सपना साकार रंप ले सके. अभी तक केदं ंमेंकांगस ंे सरकार होने के कारण अलग राजंय की यह मांग दबा दी जाती थी लेखकन अब पखरकंसथखतयां खबलंकल ु अनुकल ु है.ं केदं ंऔर एमपी व यूपी मेंभाजपा का शासन है. केदं ंीय मंतंी उमा भारती पृथक बुदं ल े िंड के पकंं में भी है.ं वहीं, लोकसभा चुनाव के घोिणापतंंमेंभाजपा ने वादा भी खकया था. ऐसे मेंबदलते सभी राजनीखतक समीकरण उमंमीद जगाते हैंखक बहुपखंतखंंकत बुदं ल े िंड राजंय की मांग पर अब मुहर लग सकती है.
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संजय कुमार
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17 मार्ष - 23 मार्ष 2017
कब फदखेगी पटना मे्गंगा की स्िच्छ तस्िीर
पटना. पटना. पटना मेंगंगा के घाटोंकी तसंवीर अचंछी नहीं है. छठ पूजा को लेकर पटनावासी और खजला पंंशासन की ओर गंगा के घाटोंकी ऐसी सफाई की जाती है खक उसे देि कोई भी अचंखभत हो सकता है लेखकन छठ पूजा के बाद पटना के तमाम घाटों पर पसरी गंदगी भंंम को तोड़ देता है. वहीं, गंगा मेंनालोंके जखरये जाती गंदगी और घाटोंपर पसरा कचरा नमाखम गंगे योजना को मुंह खचढाते हैं. खबहार में गंगा को पंंदूिण से बचाने के खलए केनंदंसरकार ने खवशेि पहल करते हुए नमाखम गंगे योजना के तहत खबहार के पटना में गंगा सफाई के खलए एक हजार पचास करोड़ रंपये की मंजरू ी पंदं ान की है. इस राखश से राजधानी पटना में दो जलमल शोधन संयंतंसंथाखपत खकये जायेंगे. साथ ही, मौजूदा संयंतंोंके नवीनीकरण, दो पंखपंग संटेशनोंके खनमंाडण और चार सौ खकलोमीटर के नये भूखमगत खसवरेज नेटवकंकखबछाने पर इस राखश
मदद खमलेगी. वहींतीन अनंय कंपखनयोंलासंनड एंड टबंंो खलखमटेड वोलंटास खलखमटेड और जीएए जमंडनी-जेवी को राजधानी के बेउर कंंेतं में तेईस एमएलडी वाले संयंतं के खनमंाडण तथा बीस एमएलडी के मौजूदा संयंतं के नवीनीकरण और लगभग 180 खकलोमीटर का नया भूखमगत खसवरेज नेटवकंकखबछाने का काम खदया गया है. इसके खलए चार सौ पचास करोड़ रंपये आवंखटत खकये जायेंगे. जल संसाधन मंतंालय की मानें तो पखरयोजना के जखरये पटना शहर की मौजूदा खसवरेज वंयवसंथा में सुधार लाने के साथ अगले एक दशक तक शहर मेंबढती आबादी के मदंंेनजर संयंतंों को वंयवकंसथत करना है. जल संसाधन खवकास मंतंालय के अनुसार, इन पखरयोजनाओंके समयबदंंपखरचालन के को िचंडखकया जायेगा. इस योजना के तहत पटना के सैदपुर इसके खलए यूईएम इंखडया पंंाइवेट खलखमटेड बाद यह सुखनखंंित खकया जायेगा खक इन कंंेतं में साठ एमएलडी कंंमता वाले संयंतं और जंयोखत खबलंडटेक पंंाईवेट खलखमटेड को कंंेतंों से गंगा नदी में खकसी भी पंंकार के संथाखपत करने और 227 खकलोमीटर के नये ठेका खदया गया है. सैदपुर कंंेतंके जल-मल असंशोखधत जल नहीं बहाये जायेंगे. इस भूखमगत खसवरेज नेटवकंकखबछाया जायेगा. इस शोधक संयंतंकमंंी ने बताया खक इस पहल केंदंीय पहल से गंगा को पंंदूखित होने से पर छह सौ करोड़ रंपये िचंडका अनुमान है. से गंगा को पंंदूखित होने से बचाने में बचाया जायेगा. इस पूरी योजना पर राषंंीय
खुशविजाज खली का दुख िे्बीता है बचपन
सगरधारी लाल जोशी
पटना. भले ही द गंटंे िली के भारीभरकम शरीर को देिने के खलए सड़कों पर हुजमू उमड़ा हो. मगर उसके बचपन से खकये गये संघिंडकी दासंंान से लोग वाखकफ नहींहै.ं िुशहाल खमजाज और मेहनतकश िली ने अपने अथक पंयं ास की बदौलत ही दलीप खसंह राणा से द गंटंे िली की छखव हाखसल की है. जालंधर से नवगखछया और खफर भागलपुर का लंबा सफर तय कर वे खकसी के बुलावे पर होली से दो रोज पहले बुधवार शाम यहां आये थे. कोई ख़ास आयोजन था. और ख़ास-ख़ास लोगों को ही नंयोता भी था. आजकल भागलपुर में नंयोता लेने वालों का एक ख़ास खगरोह है खजसमें एक पंश ं ासखनक अखधकारी भी शाखमल है. सभी आयोजनों में इनकी मौजूदगी खकसी न खकसी रंप में खदि जाती है. दी गंटंे िली युवाओंके बीच ललक देि िुश जरंर हुए. मगर आयोजन मेंआकर नािुश ही नजर आए. उनंहें भीड़ं खबलकुल पसंद नहींहै. नवगखछया टंनंे से आने और जाने के दौरान सड़क जाम में फंस.े इससे भी वे खिनंन थे. खबहारी युवकोंमेंकुशतं ी की ललक उनंहेंइस वजह से भी खदिी खक उनके जालंधर कंसथत टंखंेनंग खजम मेंदो सौ मेंसे 20 खबहारी पहलवान हैंजो रेसलर बनना चाहते है.ं उनको देिने की ललक नौजवानोंमेंइस कदर थी खक भीड़ ने पूरा रासंता ही जाम कर रिा था. बदइंतजामी की वजह से भीड़ तो नाराज थी ही वे भी परेशान से नजर आए. िैर, इस बीच िली ने बातचीत मेंअपनी खजंदगी के कुछ ऐसे पलों का िुलासा खकया खजसे जान आप भी हैरान रह जाएंगे और यह आपको इसखलए भी जानना जरंरी है ताखक मुकशं कलों और खदकंतं के खदनों में भी आप िासकर नौजवान अपना हौसला न िो दे.ं उनके बुलदं इरादे ने ही उनंहेंइस ऊंचाई तक पहुच ं ाया. सफेद शटंड और बंलू जीनंस पहने िली भीड़ंमेंसबसे अलग नजर आ रहे थे. द गंटंे िली ने ऐसा भी दौर देिा और झेला है जब उनके गरीब माता-खपता उनकी संकल ू फ़ीस
के ढाई रंपये नहींभर पाए थे. इसकी वजह से उनंहेंसंकल ू से नाम काट खनकाल खदया गया था और उनंहें आठ साल की उमंं में पांच रंपये रोजाना कमाने की िाखतर गांव में माली की नौकरी करनी पड़ी थी. िली ने बचपन में बहुत ख़राब दौर झेला है. कद की वजह से भी वे लोगोंके मजाक का पातंंबने. बाद में िली ने कुशतं ी में पदापंण ड खकया और ऐसा कर खदिाया जो उनसे पहले खकसी भारतीय ने नहीं खकया था. वे डबंलड ू बंलईू में अपना जलवा खदिाने वाले पहले भारतीय पहलवान बने. िली और खवनीत के. बंसल ने संयकु तं रंप से एक खकताब भी खलिी है. खजसका नाम "द मैन हू खबकेम िली" है खजसमें खवशंं हैवीवेट चैखंपयनखशप जीतने वाले इस धुरधं र की खजंदगी के कई पहलुओंको बयां खकया गया है. इस दौरान िली ने खकताब का भी खजकंं खकया. संकल ू में उनंहोंने काफी कखठन वक़्त देिा. वे बताते हैंदोसंंउन पर हंसते थे और मां-बाप संकल ू की फीस भरने मेंअसमथंडथे. विंड1979 मेंगखंमयड ोंके मौसम मेंमुझे संकल ू से खनकाल खदया गया कंयोंखक बाखरश नहींहोने से फसल बबंादड हो गई थी और हमारे पास
फ़ीस भरने के रंपये नहीं थे. उस खदन मेरे कंलास टीचर ने पूरी कंलास के सामने मुझे अपमाखनत खकया. सभी छातंंोंने मेरा उपहास बनाया. इसके बाद उनंहोंने तय कर खलया खक वे कभी संकल ू नहींजाएंग.े िली ने कहा खक उसके बाद वे कभी संकल ू नहींगए. संकल ू से हरदम के खलए नाता टूट गया. मैंकाम मेंजुट गया ताखक पखरवार की मदद कर सकू.ं एक रोज खपता के साथ था तो पता चला खक गांव मेंखदहाड़ी मजदूरी के खलए एक आदमी की जरंरत है. मजदूरी रोजाना पांच रंपये खमलेगी. मेरे खलए उस वकंत पांच रंपए बहुत बड़ी रकम थी. ढाई रंपए नहींहोने के कारण संकल ू छोड़ना पड़ा था और पांच रंपए तो उससे दोगुने थे. िली ने कहा खक खवरोध के बावजूद उनंहोंने गांव मेंपौधे लगाने का वह काम खकया. मुझे पहाड़ से चार खकलोमीटर नीचे गांव से नसंरड ी से पौधे लाकर लगाने थे. सारे पौधे लगाने के बाद खफर नये लेने नीचे जाना पड़ता था. वे बोले, जब मुझे पहली बार मजदूरी खमली तो वह पल मुझे आज भी याद है. वह अनुभव मैंबयां नहींकर सकता.
तगड़ी रही लललतपुर की लड़ाई
लखनऊ (शुकव ् ार). बुदं ल े िंड लखलतपुर की दो खवधानसभा पर सीटोंपर कुल 24 पंतंयं ाशी चुनाव लड़ंने उतरे थे. हालांखक, इनमेंसे 31 पंतंयं ाखशयोंकी जमानत भी जबंत हो गयी. इसमेंखजले की लखलतपुर व महरौनी खवधानसभा खक बसपा का कबंजा धराशाही कर भाजपा ने कबंजा खकया. बुदं ल े िंड में इस बार सपा, बासपा का खकला ढह गया. बुदं ल े िंड में19 खवधानसभा सीटोंपर भाजपा ने जीत दजंडकी. कोई भी पाटंंी अपना बजूद नहींबचा पायी. लखलतपुर जनपद की दोनोंखवधानसभा सीटोंपर 24 उमंमीदवार मेंसे 16 उमंमीदवार नोटा के बराबर वोट नहीं जुटा पाये. 226 लखलतपुर सदर खवधानसभा कंतंे ं से 11 उमंमीदवार चुनाव मैदान में थे.
उमंमीदवारों में सवंाखड धक मत 1,56,942 भाजपा पंतंयं ाशी रामरतन कुशवाहा ने पंंापंत कर लखलतपुर सदर सीट का खवधायक बनने का गौरव पाया. दूसरे नमंबर पर रही समाजवादी पाटंंी की मखहला उमंमीदवार को 88,687 वोट, व तीसरे संथान पर बसपा के संतोि कुशवाहा को 55,549 मत खमले. साथ ही, आठ अनंय खनदंल ड ीय और छोटे राजनीखतक दलों के पंतंयं ाशी जमानत तक नहींबचा सके. खजले की दूसरी 227 महरौनी खवधानसभा में 13 उमंमीदवार मैदान थे. इसमें भाजपा पंतंयं ाशी मनोहर लाल को बुदं ल े िंड की 19 सीटों में से सवंाखड धक 1,59,291 मत खमले. दूसरे नंबर पर बसपा खवधायक फेरन लाल को 59,727 मत पाकर खनराशा हाथ लगी.
संवचंछ गंगा खमशन खनमंाण ड कायंडकी पंगं खत की खनगरानी संवयं करेगा. गंगा को पंंदूिणमुकंत करने की इस पहल से संवचंछ गंगा अखभयान से जुड़े पयंाडवरणखवदंकाफी िुश हैं. पटना के तमाम घाटों को जोड़ने को लेकर गंगा पथ का खनमंाडण तेजी से हो रहा है. इससे कई घाटोंकी सूरत बदल गयी है. घाटों को आकिंडक संवरंप खदया जा रहा है. लेखकन, दूसरी ओर आज भी गंदगी फेंकी जा रही है. नालों का गंदा पानी का बहाव जारी है. साथ ही जहां गंगा नदी में गंगा एकंसपंंेस बन रहा है. इससे घाटों पर गंगा नदी दूर हो गयी है और घाट खकनारे नालोंका पानी जमा हो रहा है. पयंाडवरणखवदं गुडू बाबा गंगा को पंदं खू ित होने से बचाने को लेकर लड़ाई लड़ते है.ं वे कहते है,ं गंगा मेंदो पंखंतशत लोग गंदगी फेंकते हैं जबखक 98 पंंखतशत कजरा कल कारिाने और खसवरेज से आता है. अब देिने वाली बात यह होगी खक करोड़ों की लागत वाली योजनाएं पटना में पंंदूखित गंगा को खकतना संवचंछ बना पाती है.
ईवीएम की ईमानदारी पर सवाल लखनऊ (शुकव ् ार). खवधानसभा चुनावोंके नतीजोंके बाद सबसे बसपा पंमं ि ु मायावती ने इलेकटं ं ंॉखनक वोखटंग मशीन (ईवीएम) पंण ं ाली के तहत चुनाव कराने को गलत बताया. धीरे-धीरे इस आरोप में अनंय दलोंके नेता भी जुड़तं े गये. ईवीएम पंण ं ाली से ही नयी खदलंली के मुखयमं ं तंी बने अरखवंद केजरीवाल तक ने इस पदंखंत को सवालोंके घेरे मेंला िड़ंा खकया. उनंहोंने तो यह बयान दे खदया खक पंजाब में उनके वोट भाजपा और खशरोमखण अकाली दल को गये है.ं ऐसे में इसकी जांच की जानी चाखहये. उधर, केदं ंीय खनवंाच ड न आयोग सभी आरोपोंको नकार खदया है. ऐसे में यह जानना जरंरी है खक ईवीएम पंण ं ाली मेंकाम कैसे खकया जाता है. विंड2009 मेंलोकसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी के भी कई नेताओंने ईवीएम पर सवाल उठाया था. इसके खलए खवदेश के कई उदाहरण भी खदये जाते रहे है.ं 2009 के चुनावों में कांगस ंे की बंपर जीत के बाद आज के बीजेपी नेता सुबहं मं णंयम संवामी ईवीएम पर सवाल उठा रहे थे. लेखकन इस बार कहते हैं खक कोई गड़ंबड़ंनहींहुयी. सुबहं मंणयं म संवामी कहते हैं खक इस बार मैनं े वैखरफाई खकया है. खजस तरह खचप को सील कर के रिा गया है उससे मुझे यकीन है खक यूपी मेंकोई गड़ंबड़ं नहींहुयी है. इसके साथ ही दावा है खक बीजेपी नेता जीवीएल नरखसमंहा राव ने ‘डेमोकेस ं ी एट खरसंक, कैन वी टंसं टं आवर इलेकटं ंॉखनक वोखटंग मशीन’ शीिंक ड नाम से एक खकताब भी खलिी थी. जब आज एबीपी नंयज ू ने जीवीएल नरखसमंहा राव का ईवीएम से छेड़छ ं ाड़ं के आरोपोंपर पकंंजानना चाहा, तो उनंहोंने बयान देने से मना कर खदया. ऐसे मेंये कह सकते हैं खक जो पाटंंी जीत जाती है, उसका ईवीएम पर भरोसा हो जाता है, जो हार जाती है, वो ईवीएम को ही कोसने लगती है. कई देशो्मे्बैन है ईवीएम हालांखक ये बात सच है खक दुखनया के खवकखसत और कई खवकासशील देशों में
ईवीएम की जगह बैलटे पेपर को ही पंंाथखमकता दी जाती है. जैसे नीदरलैड ं में पारदखंशतड ा की कमी के कारण ईवीएम बैन की गई. आयरलैडं मेंतीन साल की खरसचंडके बाद ईवीएम से वोखटंग बंद हुई. जमंनड ी ने ईवीएम को अंसवैधाखनक बताकर बंद खकया. इटली में भी ई-वोखटंग से गड़ंबड़ंी के शक मेंबंद खकया गया. इंगल ंड ैं और फंंास ं ने कभी ईवीएम का इसंमंे ाल ही नहीं खकया. इन दूसरे देश के कारणों को आधार बनाकर ये नहीं कहा जा सकता है खक हमारे देश में भी ईवीएम में बदलाव कर चुनावी नतीजे खफकंस खकए जा रहे है.ं देश मेंचुनावोंके दौरान पारदखंशतड ा लाने के खलए ही बैलटे पेपर की जगह ईवीएम का इसंमंे ाल शुरं हुआ. यूं तो देश में 1998 में पहली बार वोखटंग के खलए ईवीएम का पंयं ोग हुआ लेखकन उससे पहले बैलटे पेपर इसंमंे ाल करते है.ं खजसमें चुनावी नतीजे आने में ही तीन-तीन खदन तक लग जाते थे. बैलटे पेपर में वोखटंग के जखरए मतों के िराब होने की आशंका जंयादा रहती थी. ईवीएम में वोट बबंादड होने आशंका ना के बराबर रहती है. बैलटे पेपर से बूथ कैपच ं खरंग में जहां आधे घंटे में 1000 फजंंी वोट पड़ं सकते थे. ईवीएम मेंबूथ कैपच ं खरंग के दौरान भी आधे घंटे मेंकोई 150 से जंयादा वोट नहीं डाल सकता. कंयोंखक एक खमनट मेंपांच वोट ही ईवीएम में पड़ं सकते है.ं बैलटे पेपर काउंखटंग मेंजहां तीन खदन तक लग जाते थे. आज ईवीएम से चुनावी नतीजे 3 घंटे मेंसाफ हो जाते है.ं चुनाव आयोग ने पहली बार पांच राजंयों के खवधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी ईवीएम मशीन का भी इसंमंे ाल शुरंखकया है. खजसमें वोट डालते ही एक पचंंी के जखरए ये भी पता चल जाता है खक आपने खजस चुनाव खचनंह के आगे बटन दबाया, वोट उसी को गया है खक नहीं. कुल खमलाकर कोखशश ये होनी चाखहए खक देश में चुनाव पंण ं ाली को और पारदशंंी बनाया जाए. इसके खलए राजनीखतक दलोंको खमलकर कोखशश करनी चाखहए.
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फ्जल इमाम मल्ललक
खब
खलयडं्ंस व संनूकर के धुरंधर खिलाड़ंी पंकज आडवाणी सरकार के रवैये से नाराज हैं. पंकज आडवाणी ने खवशंं कंयू िेलोंमेंअपना दबदबा तो बनाया ही है. सोलह बार के वे खवशंंचैंखपयन भी हैंलेखकन कुछ िेलोंको खजस तरह से तरजीह खमलती रही है उसकी वजह से पंकज आडवाणी की उपलकंबधयां छोटी मालूम पड़ंती हैं. देश मेंबहुत कम लोगोंको ही पता होगा खक इस छोटे से कद के खिलाड़ंी ने देश को उपलकंबधयोंके खशिर पर ला िड़ंा खकया है और अपने व देश के खलए गौरव की नई नजीर कायम की है. लेखकन, दूसरे िेलों और िासकर खंंककेट के आगे पंकज आडवाणी के खवशंं चैंखपयन और वह भी सोलह बार बनने की कहानी कहीं पीछे छूटती रही हैं. जाखहर है खक इसकी पीड़ंा को पंकज को रही ही होगी. सरकार के रवैये से भी वे बुरी तरह आहत हैं. दरअसल, पंकज को पदंंपुरसंकार देने मेंइस साल भी सरकार ने कंजूसी खदिाई है. यह लगातार दूसरा साल है जब उनंहें पदंंभूिण पुरसंकार नहींखदया गया. हालांखक, संघ ने उनके नाम की खसफाखरश की थी लेखकन सरकार के खलए पंकज की उपलकंबधयां छोटी रहीं और उनंहें इस पुरसंकार के काखबल नहींसमझा गया. दूसरे साल भी पदंंभूिण पुरसंकार की अनदेिी खकए जाने के बाद सोलह बार के खवशंं चैंखपयन कंयू खिलाड़ी पंकज अपनी पीड़ंा को सामने लाने में खकसी तरह की कंजूसी नहीं करते. वे कहते हैं खक वे नहीं जानते खक उनंहेंइस समंमान को हाखसल करने के खलए कंया करना चाखहए. आडवाणी ने
17 मार्ष - 23 मार्ष 2017
लगता है खक इन पुरसंकारोंको हाखसल करने के खलए लॉखबंग काम कर रही है. अगर आप पंंदशंडन के आधार पर देिो तो पंकज को इसे कई साल पहले ही दे खदया जाना चाखहए था. कोई ऐसा खिलाड़ी बताइये जो पंकज की तरह लगातार खवशंंखिताब जीत रहा हो. हालांखक हम अगले साल खफर कोखशश करेंगे. लेखकन, पंकज ही नहीं भारत की धुरंधर बैडखमंटन खिलाड़ंी जंवाला गुटंा भी सरकार के रवैये से नाराज हैं. पदंंपुरसंकार नहीं खमलने से उनंहोंने भी मन की भड़ंास खनकाली है. वे कहती हैंखक ये पुरसंकार उनंहें खमलते हैं जो खसफाखरशी पतंं लेकर जाते हैं. जंवाला ने अपने फेसबुक पर खलिा, मुझे खकसी िास पुरसंकार के खलए आवेदन करने की अवधारणा पर हमेशा हैरानी होती है जो खक देश के पंंखतखंंषत पुरसंकार हैं. लेखकन इसी तरह से इनंहें िरीदा जा सकता है और इसखलए मैंने आवेदन खकया. इसखलए खपछले साल आठ खवशंंखिताब अपने नाम मेरी पदंंभूिण के खलये अनदेिी होती है तो के आठ एथलीटों को देश के चौथा सबसे आवेदन खकया कंयोंखक इनंहें हाखसल करना पंंखतषंंा माना जाता खकए. कनंाडटक सरकार और भारतीय मुझे नहीं पता खक मुझे कंया करना चाखहए.’ बड़ंा समंमान पदंंशंी खदया गया है. इन है कं य ोंखक मुझे लगता है खक मैंने अपने देश खबखलयरंसंड व संनूकर महासंघ इस साल पदंंभूिण के खलये खकसी खिलाड़ी खिलाखंड़यों में खवराट कोहली और दीपा का नाम रोशन खकया और मैंइसकी हकदार (बीएसएफआई) ने देश के तीसरे सवंंोचंं को नहीं चुना गया है जबखक खवखभनंन िेलों करमाकर शाखमल हैं. आडवाणी को 2009 हू ं . जं व ाला हती हैं खक मैं खपछले 15 से भी मेंपदंंशंी खदया गया था. नागखरक पुरसंकार के खलए उनके नाम की अखधक विं ो ं ं से देश के खलए िेल रही हूं और आडवाणी को भारत के सबसे बड़े िेल खसफाखरश की थी. भारत के महान कंयू देश मेंबहुत कम लोगोंको मै ं न े कई पं ं ख तखं ंषत टूनंाडमेंट जीते हैं. मुझे लगा पुरसंकार राजीव गांधी िेल रतंन (2006) खिलाखड़योंसे एक आडवाणी ने खफर से इन ही पता होगा कक इस छोटे से से भी नवाजा गया था. बीएसएफआई के खक इसके खलए आवेदन करना चाखहये पुरसंकारों के खलये अनदेिी खकए जाने के सखचव एस बालासुबंमणंयम को लगता है खक लेखकन मुझे लगता है खक इतना ही काफी बाद जंयादा कुछ नहीं कहा लेखकन उनंहोंने कद के किलाडंी ने देश को होता आपको खसफाखरश की जरंरत अपनी बात सोशल मीखडया पर साझा की. उपलबंधियोंके कशिर पर ला पदंंभूिण के खलए आडवाणी से बेहतर कोई नहीं पड़ती है. जंवाला का कहना है खक वे मौजूदा खिलाड़ी काखबल नहीं है. उनंहोंने आडवाणी ने िेल मंतंी खवजय गोयल के िडं ा ककया है और अपने व राषं ं म ं ड ल िेलोंमेंदो बार पदक जीत चुकी कहा खक यह देि कर बहुत दुि होता है खक पुणे में 28वां राषंंीय खिताब जीतने पर है और उनके नाम पर एक संवणंड और एक उनकी खफर से अनदेिी की गई. यह बधाई खदए जाने के जवाब में टंवीट खकया, देश के कलए गौरव की नई रजत दजं ड है . उनं होंने खवशंं चैंखपयनखशप में लगातार हो रहा है. यह उनके खलए ही नहीं ‘शुखंकया सर. सोलह खवशंंखिताबोंऔर दो नजीर कायम की है. भी पदक जीता है . बकंलक िेल जगत के खलए यह दुिद है. एखशयाई िेलोंके संवणंडपदक के बाद अगर
खेल डायरी
श्याम लाल काॅलजे को दिताब
आहत है्आडिाणी
मेजबान शंयाम लाल कॉलेज ने शानदार हॉकी कौशल का पखरचय देते हुए छठे पदमशंंी शंयाम लाल मेमोखरयल हॉकी टूनांमड टें मेंपुरिं वगंडका खिताब अपने पास बरकरार रिा. यह चौथी बार है जब शंयाम लाल कॉलेज की टीम इस टूनांमड टें की खवजेता बनी है। रोमांचक फाइनल मेंशंयाम लाल कॉलेज ने इंखदरा गांधी इंसटं ीटयूट ऑफ खफखजकल एजुकेशन एंड संपोटसंड साइंसेज (आईजीआईपीईएसस) को 6-3 से पराखजत खकया. मखहलाओंका खिताब जीसस एंड मैरी कालेज ने जीता. शंयाम लाल कॉलेज की टीम खदलंली खवशंखंवदंंालय की अंतर कॉलेज हाकी पंखंतयोखगता की भी गत तीन विंड से चैखंपयन है. शंयाम लाल की जीत मेंमैन ऑफ द मैच रहे पंवं ीण मुड ं ा ने तीन गोल खकए. लखलत, अरंण और मानसंवी ने भी एक-एक गोल खकए. पराखजत आईजीआईपीईएसएस के खलए नवीन, खवकास और रखव ने एक-एक गोल खकया. जीसस एंड मैरी कालेज ने सडन-डेथ तक खिंचे
रोमांचक फाइनल मेंशंयाम पंस ं ाद मुिजंंी कालेज को 32 से पराखजत कर खिताब जीता. खनधंाखड रत समय तक दोनों टीमें 2-2 से बराबरी पर थीं. टाईबंक ंे र में भी पांच-पांच पंयं ासोंके बाद संकोर 2-2 रहा. खजसके बाद सडन-डेथ में अखमता ने गोल कर जीसस एंड मैरी कालेज को चैखंपयन बना खदया. अखमता को मैच की सवंश ड ष ंे ंखिलाड़ंी भी घोखित खकया गया. मैच के दौरान जीसस एंड मैरी के खलए जय और मयूरी ने तो शंयाम पंस ं ाद कालेज के खलए आरती और सखरता ने एक-एक गोल खकया. टाईबंक ंे र मेंजीसस एंड मैर की गाय़तंंी ने दो और शंयामा पंंसाद कालेज की आरती ने दो गोल खकए. इसके बाद अखमता ने खनणंाडयक गोल खकया. मुखंय अखतखथ अखतखरकंत खजला नंयायाधीश खवरेदं र भटं,ं खदलंली पुखलस के सहायक आयुकंत खवखचतंं वीर, वॉलबॉल के पूवंड अंतररािंंीय खिलाडी केपी राणा और शंयाम लाल कॉलेज के पंंधानाचायंड रखब नारायण कर ने खिलाखडयों को पुरसंकार बांट.े
पीरामल गोल्फ टून्ाषमंेट
पीरामल इंटरपंंाइजेज गोलंफ टूनंाडमेंट का पंदंहवां संसंकरण जेपी गंंींस गोलंफ कोसंड पर संपनंन हुआ.
एडखमरलंस कप के खलए िेले गए गोलंफ टूनांमड टें मेंदेश की कई मशहूर हखंंसयों ने खहसंसा खलया. इनमें केंदंीय योजना व शहरी खवकास राजंय मंतंी राव इंदरजीत खसंह, जमंमू कशंमीर के पूवंड मुखंय मंतंी फारंक अबंदुलंलाह, नंयायमूखंतड सीके पंंसाद, नंयायमूखंतड खवकंंमजीत सेन, भारतीय खंंककेट टीम के पूवडंकपंतान कखपल देव शाखमल थे. टूनांमड टें मेंनंयायपाखलका, नौकरशाही एवं उदंंोग की टीमोंने खहसंसा खलया था.
ने इसके बाद 66वेंखमनट मेंएक और गोल दागकर अपनी टीम की 3-0 से जीत सुखनखंंित की.
ग्ट्े र नोएडा मंे ट्क ् रेदिंग
टाटा टंंक रेखसंग चैंखपयनखशप में 33 भारतीय टंंक डंंाइवरोंने सेमीफाइनल मेंजगह बना ली है. चैखंपयनखशप गंटंे र नोएडा के बुदं अंतरराषंंीय सखंकटक पर होगी. टाटा
ईस्टन्ष स्पोद्टि्ग यूदनयन रै्दपयन
ईसंटनंड संपोखंटिंग यूखनयन ने फाइनल में एकतरफा मुकाबले मेंराइखजंग संटडु टें स ं कंलब को 3-0 से हराकर इंखडयन वुमस ें लीग के पहले सतंंका खिताब जीत खलया. खवजेता टीम की ओर से कमला देवी (32वें और 66वें खमनट) ने दो जबखक परमेशरं ी देवी (57वें खमनट) ने एक गोल दागा. ईसंटनंडसंपोखंटगिं यूखनयन ने मैच के दौरान दबदबा बनाए रिा. टीम को तीसरे ही खमनट मेंगोल करने का मौका खमला लेखकन कमला के कमजोर शॉट को गोलकीपर ने आसानी से रोक खदया. टीम ने इस बीच बेमबेम देवी और परमेशरं ी देवी के पंयं ासों को नाकाम खकया. परमेशरं ी का 24वेंखमनट मेंशानदार कंंॉस गोल के ऊपर से खनकल गया. ईसंटनंड संपोखंटगिं यूखनयन ने हालांखक 32वें खमनट में कमला के टूनांमड टें के दसवेंगोल की मदद से बढत बनाई. उनंहोंने यह गोल कमला के कंंॉस पर खकया. ईसंटनंडसंपोखंटगिं यूखनयन की टीम मधंयांतर तक 1-0 से आगे थी. दूसरे हाफ की शुरआ ं त में ही परमेशरं ी ने संकोर 2-0 खकया जब उनंहोंने कशमीना के सहयोग से गोल खकया. कमला
टंक ं रेखसंग चैखंपयनखशप का यह चौथा संसक ं रण है. टी1 पंंाइमा टंक ं रेखसंग चैखंपयनखशप मेंखहसंसा लेने के खलए एक हजार से जंयादा आवेदन आए थे. टाटा मोटसंडके खवपणन पंमं ि ु यूटी रामपंस ं ाद ने बताया खक टी1 पंंाइमा टंक ं रेखसंग चैंखपयनखशप के चौथे सतंं में भारत और एफआईए की यूरोपीयन टंक ं रेखसंग चैखंपयनखिप (ईटीआरसी) से नए रेससंड इस बार मुकाबले में खहसंसा लेगं .े भारत में पहली बार टंंक रेखसंग शुरं कर इखतहास रचने और भारतीय डंंाइवरोंको इस िेल से जोड़ने के बाद आज हमेंइस बात पर गवंडहै खक टी1 मेंपहली बार कोई मखहला रेसर खहसंसा ले रही है।ं देश मेंएकदम नए अंदाज़ वाले इस मोटरसंपोटंड के चैथे संसक ं रण मेंजमंनड ी की संटफ े नी हाम मखहला रेसर के तौर पर टंक ंै पर उतरेगं ी.
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पय्ाावरण
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भूजल रीचाज्थके मास्टर प्लान का नजफरया बदले तो बात बने
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
भा
रत सरकार के सेंटंल गंंाउंड वाटर बोडंडने देश के लगभग 941541 वगंड खकलोमीटर ऐसे इलाके की पहचान की है जो सामानंय बरसात के बावजूद, बाकी इलाकों की तरह, तीन मीटर तक नहीं भर पाता है. अथंाडत उस इलाके में भूजल का संंर तीन मीटर या उससे भी अखधक नीचे रहता है. यह कंसथखत, उस इलाके के भूजल के संकट का मुखंय कारण है. सेंटंल गंंाउंड वाटर बोडंड का मानना है खक, बरसात के मौसम में भूजल रीचाजंड के कृखंतम तरीके को अपनाकर उस इलाके की िाली जगह को भरा जा सकता है. इस िाली जगह को भरने के खलये सेंटंल गंंाउंड वाटर बोडंड ने भारत के खलये सन 2013 में भूजल रीचाजंडका मासंटर पंलान तैयार खकया था. उस पंलान को इस अपेकंा के साथ सभी राजंयोंको भेजा था खक वे अगले दस सालों में मासंटर पंलान में सुझाए सभी कामों को पूरा कर लगभग 855650 लाि घन मीटर बरसाती पानी को जमीन के नीचे उतारेंगे. मासंटर पंलान के अनुसार गंंामीण इलाकों मेंभूजल रीचाजंडके खलये 22.83 लाि और शहरी इलाकों में 87.99 लाि काम खकये जाने थे. इन कामोंका कुल िचंडरं. 79178 करोड़ं(77 पंखंतशत गंंामीण इलाकोंऔर 23 पंंखतशत शहरी कंंेतंों में) था. सेंटंल गंंाउंड वाटर बोडंडने शहरी इलाकोंमें87.99 लाि मकानोंकी छत पर बरसे पानी को जमीन में
उतारने का सुझाव खदया है वहीं गंंामीण इलाकों में नदी-नालों पर पानी रोकने वाली संरचनाएँ और परकोलेशन तालाब बनना था. सेंटंल गंंाउंड वाटर बोडंड को भरोसा था खक इन कामों के पूरा होने के बाद ऊपर उलंलेखित इलाके में भूजल पर आधाखरत संरचनाओंका सूिना ितंम होगा और खगरता भूजल संंर बहाल होगा.
बरसात के मौसम मेंभूजल रीचाजंजके कृकंिम तरीके को अपनाकर उस इलाके की िाली जगह को भरा जा सकता है. इस िाली जगह को भरने के कलये सेटं ल ं गंंाउंड वाटर बोडंज ने भारत के कलये सन 2013 में भूजल रीचाजंजका मासंटर पंलान तैयार ककया था. सेंटंल गंंाउंड वाटर बोडंड का मानना है खक बाँधोंका पेट भरने के बाद जो पानी बचता है उसमें से केवल 8,55,650 लाि घन मीटर पानी ही कृखंतम भूजल रीचाजंडके खलये उपयोग मेंलाया जा सकता है. बोडंडका यह भी मानना है खक भारतीय पंंायदंंीप के अखधकांश इलाकों में धरती के नीचे भूजल रीचाजंडके खलये भले ही पयंाडपंत संथान मौजूद
लगभग साढंे चार गुना अखधक है. इतनी अखधक राखश िचंडकरने के बाद यखद समसंया बची रहती है या कखतपय इलाकोंमेंपनपती रहती है तो उसकी बारीकी से पड़ंताल जरंरी है. कारणों की िोज जरंरी है. िाखमयों को िोजना और उनंहेंठीक करना जरंरी है. उलंलेिनीय है खक मनरेगा के अनंतगंडत कुल 123 लाि जल संरकंंण संरचनाएँ बनाई गई हैं. इसके बावजूद, सन 2015-16 में देश के 678 खजलों में से 254 खजलों के 255,000 गंंामोंमेंपानी की कमी थी. खपछले 10 सालोंमेंबुनंदेलिणंड इलाके में15,000 करोड़ं रंपए िचंड कर 116,000 वाटर हावंंेकंसटंग संरचनाएँ बनाई गई हैं. खफर भी बुनंदेलिणंड मेंभूजल संंर की खगरावट और संरचनाओं में पानी की कमी का मामला, जमीनी संंर पर गहरी पड़ंताल का खविय बना हुआ है. बुनंदेलिणंड के अलावा देश मेंऔर भी अनेक समसंयागंंसं इलाके हैं. उनकी भी लगभग ऐसी ही समसंयाएँ हैं. भूजल का हैं पर वहाँ रीचाजंड के खलये अखतखरकंत पानी देशवंयापी खगरता जलसंंर और उनसे जुड़ंी की कमी है. दूसरी ओर, नाथं-ड ईसंट, खहमाचल समसंयाएँ, पूरे मामले पर नए खसरे से खवचार पंंदेश और दंंीप-समूहोंमेंअखतखरकंत पानी की करने की माँग करता है. लगता है, समसंयाओं बहुतायत है पर उन इलाकों की धरती में का हल कुछ अलग पंंकार के पंंयासोंमेंछुपा कृखंतम भूजल रीचाजंडके खलये पयंाडपंत िाली है. हो सकता है, उसका संथायी हल बरसात संथान अनुपलबंध है. इस हकीकत का के बाद खकये जाने वाले भूजल रीचाजंडपंयं ासों मतलब है खक भारतीय पंंायदंंीप के अखधकांश और पानी के तकंकसंगत उपयोग मेंछुपा हो. इलाकों में बरसात में कृखंतम भूजल रीचाजंड की समंभावना कम है. उन इलाकोंमेंपानी के खकफायती और बुखंदमतंंापूणंड उपयोग पर धंयान देना होगा. धन की वंयवसंथा के बारे मेंसेटं ल ं गंंाउंड वाटर बोडंड मानता है खक मनरेगा मद में उपलबंध धन का उपयोग कृखंतम रीचाजंड के कामों में भी खकया जाएगा और तालाबों एवं पहाड़ंों के ढाल पर बनी कंटूर टंंेचों की गाद भी खनकाली जा सकेगी. उमंमीद है खक इन कामों के खलये दस साल की अवखध में मनरेगा मद से करीब 20,000 करोड़ं की राखश खमल सकेगी. सेंटंल गंंाउंड वाटर बोडंड का यह भी मानना है खक कारपोरेट सोशल खरसपांखसखबखलटी के अनंतगंडत उदंंोगों से भी लगभग इतनी ही राखश खमल सकेगी. बची राखश जो लगभग 24,178 करोड़ं है, की जाखहर है भूजल रीचाजंड का मासंटर इनंतजाम राजंय सरकारोंदंंारा चालू कामोंतथा पं ल ान, 2013 की खचनंता का केनंदंखबनंदु वह अपने संंोतोंसे समंभव होगा. उलंलेिनीय है खक आजादी से लेकर इलाका रहा है जहाँ कुदरती रीचाजंड के अब तक पानी पर लगभग 3.5 लाि करोड़ं बावजूद भूजल का संंर, धरती की सतह से की राखश वंयय की गई है. यह राखश गंंाउंड तीन मीटर तक, बहाल नहीं हो पाता. यखद वाटर मासंटर पंलान 2013 में चाही राखश से सेंटंल गंंाउंड वाटर बोडंडके मासंटर पंलान के
अनुसार काम खकये जाते हैं, वे काम अपेखंकत पखरणाम देते हैं और पूरे देश में सब जगह बरसात के बाद का भूजल संंर सतह से तीन मीटर नीचे तक लौट आता है तो भी देशे में भूजल से जुड़ंी अनेक समसंयाओं का हल नहीं खनकलेगा कंयोंखक उनका असर बरसात के बाद पंंारमंभ होता है और वह गमंंी के मौसम मेंखवकराल रंप धारण करता है. भूजल संंर की खगरावट का असर बहुत वंयापक होता है. वह यखद नदी तल के नीचे उतरता है तो नदी सूि जाती है. वह यखद कुओं की तली के नीचे उतरता है तो कुआँ सूि जाता है. वह यखद नलकूप की तली के नीचे उतरता है तो नलकूप सूि जाता है. उलंलेिनीय है खक भूजल संंर का नीचे उतरना बरसात के बाद शुरं होता है और गुरंतंव बल के कारण नीचे-नीचे बहता पानी और कुओं तथा नलकूपों से खनकाला जाने वाला पानी उसकी खगरावट तय करता है. यह खसलखसला अगली बरसात के आने तक चलता है. इसखलये भूजल रीचाजंड के मासंटर पंलान, 2013 को अखधक कारगर बनाने के खलये उस पर नए खसरे से खवचार खकया जाना चाखहए. देश के सभी 500 सबकैचमेटं ोंऔर सभी 3237 वाटरशेडोंमेंबहने वाली मुखयं नखदयोंको जीखवत करने के लकंयं पर काम खकया जाना चाखहए. उनके कैचमेंट मेंखमलने वाले अखतखरकंत पानी की मातंंा का
अनुमान लगाकर उसे परकोलेशन तालाबों में संखचत खकया जाना चाखहए. परकोलेशन तालाबों को केवल रीचाजंड तथा टंंांखजशन जोन में बनाया जाना चाखहए. ऐसा करने के बाद ही नदी को अखधक समय तक भूजल खमलेगा. वह अखधक समय तक खजनंदा रहेगी. तालाबों, कुओंऔर नलकूपोंमेंअखधक समय तक पानी उपलबंध रहेगा. यह तभी समंभव है जब भूजल के मासंटर पंलान 2013 का नजखरया बदला जाये. बरसात बाद के संथान पर बरसात के पहले के भूजल संरं को बहाली का लकंंय बनाया जाये. उसे मुखंयधारा में लाया जाये. उसकी बहाली के खलये संथानीय भूगोल और पानी की उपलबंधता आधाखरत रणनीखत बने. रोडमैप तैयार हो. राजंयों में उतंंरदायी खवभाग हो. बजट हो. पखरणाम देने के खलये काम करने की आजादी हो. कोताही पर सजा हो. साभार: इंदिया वाटर पोट्टल
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अब किस रास्ते पर चले्गी आयरन लेडी इरोम
खणपुर की आयरन लेडी व पीपलंस खरसजंंेस एंड जसंखटस अलायंस (पीआरएजेए) पाटंंी का दामन थामकर मैदान में उतरीं इरोम शखंमडला को मखणपुर की थाउबल सीट पर महज 90 वोट खमले. यह पखरणाम चौंकाता कम डराता जंयादा है. बता देंखक इरोम को अपने डेढंदशक से भी अखधक चले अनशन को ितंम करने के खलए अपने राजंय मेंआलोचनाओंका सामना करना पड़ंा था. चेहरे पर घुघं राले बालोंऔर नाक मेंघुसी नली के साथ उनंहोंने मखणपुर के लोगों की मांग को अपने जीवन का उदंंेशंय बनाया था. ऐसे मेंउनका इतने कम वोटोंपर खसमटना चौंकाता कम खचंता मेंजंयादा डालता है. यहां यह बताना जरंरी है खक इरोम शखंमल ड ा सशसंं बल खवशेिाखधकार अखधखनयम (एएफएसपीए- अफंसपा) के खिलाफ 16 विंड तक भूि हड़ंताल पर रहीं थीं. इस लंबे संघिंडके बाद उनंहोंने अगसंं2016 मेंअपनी भूि हड़ंताल ितंम की थी. सोचने की बात है खक एक ऐसी मखहला खजसने अपना पूरा जीवन सामाखजक संघिंडमेंखबता खदया हो उसे ही उसी समाज ने चुनाव मेंखमटा खदया. धनबल के दम पर चुनाव लड़ंने के इस दौर में इरोम ने नामांकन के समय 20 खकलोमीटर की दूरी साइखकल से तय करके पचंाड दाखिल खकया था. उस समय लोगोंका समथंनड उनंहेंपंच ं डं बहुमत खदलाने को बेताब
सफरदौस ख़ान छले कई बरसों से देश में कोई भी चुनाव हो, राहुल गांधी की जान पर बन आती है. खपछले लोकसभा चुनाव हों, उससे पहले के खवधानसभा चुनाव हों या उसके बाद के खवधानसभा चुनाव हों, सभी के चुनाव नतीजे राहुल गांधी के खसयासी कखरयर पर गहरा असर डालते हैं. खपछले काफ़ी अरसे से कांगंेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. और हर हार के साथ राहुल गांधी के खहसंसे मेंएक हार और दजंड हो जाती है. आखख़र कंया वजह है खक राहुल गांधी के आसपास शुभखचंतकों की बड़ी फ़ौज होने के बावजूद वह कामयाब नहींहो पा रहे हैं. हाल ही में पांच राजंयों में चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल गांधी के नेतृतंव पर सवाल उठने लगे हैं. भले ही पंजाब में कांगंेस सरकार बनाने में कामयाब हो गई, लेखकन उतंंर पंंदेश के चुनाव नतीजों ने कांगंेस को ख़ासा मायूस खकया है. उतंंरािंड मेंभी कांगंेस को हार का मुंह देिना पड़ंा है. हालांखक, मखणपुर और गोवा में कांगंेस ने भारतीय जनता पाटंंी से बेहतर पंदं शंनड खकया, लेखकन खसयासी रणनीखत सही नहीं होने की वजह से कांगंेस सरकार बनाने में नाकाम नज़र आ रही है. ग़ौरतलब है खक उतंंर पंंदेश में साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जब कांगंेस 2004 के मुक़ाबले और ज़्यादा मज़बूत होकर सामने आई, तो उसका शंंेय राहुल गांधी को ही खदया गया. ख़ासकर उतंंर पंंदेश में कांगंेस के 21 सांसद जीतकर आने को
खप
ववचार
17 मार्ष - 23 मार्ष 2017
था. मगर कुछ खदनोंके बाद ही पखरणामोंकी झोली मेंइरोम को मातंं90 वोट खमले. दरअसल, 2 नवंबर, 2000 को एक युवा कखव मखणपुर के मालोम शहर के एक बस अडंंेपर िड़ंी थी. अचानक ही वहां सेना का एक जवान पहुंचता है और वह अंधाधुन तरीके से गोली चलाने लगता है. इस दौरान दस लोगों की मौत हो जाती है. वह लड़ंकी दरअसल इरोम ही थीं. यहींसे उनंहेंखजंदगी को जीने का लकंंय खमल जाता है. वह अफंसपा कानून का खवरोध शुरं कर देती हैं. मगर सोलह तक अनशन करके अपनी मांग अड़ंी
बाहुबली नेता अमरमखण खंंतपाठी के बेटे और हतंया के आरोपी अमनमखण को भी जेल की सलािोंसे ही जीत हाखसल हो जाती है. मगर इरोम को मातंं90 वोट ही खमलते है.ं अपनी हार के बाद मीखडया से मुिाखतब होते हुये इरोम उस खससंटम को भी दोि देने से गुरेज नहीं करती हैं खजसमें अपराखधयों को धनबल और बाहुबल के दम चुनाव जीतने में मदद खमलती है. इतना कहने के साथ ही वह राजनीखत से संनयास ं लेने की भी घोिणा कर देती है.ं हालांखक, इस आयरन लेडी ने यह जरंर कहा खक अफंसपा के खिलाफ उनकी जंग अब भी जारी रहेगी. उनंहोंने कहा खक अब वह सामाखजक कायंक ड तंाड के तौर पर इस जंग को जारी रिेंगी. वहीं, उनकी पाटंंी की ओर से रहने वाली इस आयरन लेडी की आंिों में बयान जारी खकया गया खक इरोम के खबना भी चुनाव पखरणाम वाले खदन आंसू आ जाते है.ं राजनीखत जारी रहेगी. साथ ही, उनंहोंने सखंंकय राजनीखत से हमेशा के दरअसल इरोम की छखव उसी खदन खलये खवदाई भी ले ली. यही नहीं 90 वोट धूखमल हो गयी थी जब उनंहोंने अपनी भूि खमलने के बाद उनंहोंने अपने एफबी पेज पर हड़ंताल ख़ंतंम की थी. हालांखक यहां यह खलिा, ’90 वोट देने के खलये शुखंकया.’ जानना बेहद ज़ंरंरी है खक मखणपुर के लोग इससे इतर उतंतर पंदं श े के मऊ खजले में इरोम शखंमडला के साथ उनकी भूि हड़ंताल गैंगसंटर से राजनेता बने मुखंतार अबंबास की वजह से नहींबकंलक उनकी उस लड़ंाई के अंसारी को खवरोधी नेता से 97000 वोट से साथ जुड़ंे थे जो वो राजंय के 1528 मासूम जीत खमलती है. यह दो उदाहरण हैं देश में लोगों की आफंसपं ा एकंट के तहंत हुई मौत के जनता की सोच के. यही नहींमुखतार ं ने यह खिलाफ लड़ंरही थी. जीत जेल में रहते हुये हाखसल की है. वहीं, इरोम राजंय से आफंसंपा एकंट हटाने के
राहुल गांधी के अपने फकतने ‘अपने’
राहुल गांधी की कामयाबी बताया गया. मगर उसके बाद से कांगंेस को ज़्यादातर नाकामी का ही सामना करना पड़ रहा है. खजस वक़्त केंदं में कांगंेस की सरकार थी और उतंंर पंंदेश से कांगंेस में 21 सांसद थे, तब साल 2012 में वहां हुए खवधानसभा चुनाव में कांगंेस महज़ 28 सीटेंही जीत पाई थी. उस वक़्त पंजाब खवधानसभा चुनाव में कांगंेस 117 में से 46 सीटें जीत सकी थी. हार की वजह कैपंटन अमखरनंदर खसंह से कांगंेखसयों का नाराज़ होना और पाटंंी दंंारा अमखरनंदर खसंह को मुखंयमंतंी पद के खलए पसंद खकया जाना बताया गया था. इसी तरह गोवा मेंभी कांगंेस को सतंंा से बेदख़्ल होना पड़ा. उतंंरािंड और मखणपुर में कांगंेस सतंंा हाखसल करने में कामयाब रही. गुजरात चुनाव में भले ही कांगंेस को हार खमली हो, लेखकन देवभूखम खहमाचल पंंदेश मेंकांगंेस ने जीत हाखसल की. खफर अगले साल 2013 में खदलंली, राजसंथान, मधंय पंंदेश, छतंंीसगढं, खंंतपुरा और नगालैंड में हुए खवधानसभा चुनावोंमेंकांगंेस को हार का सामना करना पड़ा. मेघालय, खमज़ोरम और कनंाडटक में कांगंेस को जीत हाखसल हुई. खपछले 2014 के लोकसभा चुनाव में कांगंेस को अपनी सतंंा गंवानी पड़ी. एक दशक से सतंंा पर क़ाखबज़ कांगंेस महज़ 44 सीटों तक ही खसमट कर रह गई. इतना ही नहीं, साल 2014 में हखरयाणा और महाराषंं में हुए खवधानसभा चुनावोंमेंभी कांगंेस की हार हुई और सतंंा उसके हाथों से खनकल गई. इसी तरह झारिंड और जमंमू-कशंमीर में भी कांगंेस को हार का सामना करना पड़ा.
उमर अबंदुलंला ने भी कांगंेस के ख़राब पंंदशंडन पर मायूसी ज़ाखहर करते हुए कांगंेस को नये खसरे से अपनी रणनीखतयोंपर खवचार करने की सलाह दे डाली. कांगंेस की लगातार हार से पाटंंी के बीच से आवाज़ उठने लगी है. कुछ वक़्त पहले खदलंली की पूवंडमुखंयमंतंी ने राहुल गांधी को अपखरपकंव कह खदया था. अब उनके बेटे संदीप दीखंंकत ने पाटंंी की रणनीखतयोंपर सवाल उठाते हुए कहा खक देवखरया से खदलंली तक की यातंंा रोकने से पाटंंी को काफ़ी नुक़सान हो गया है. सनद रहे खक उतंंर पंंदेश खवधानसभा चुनाव की घोिणा से पहले कांगंेस ने शीला दीखंंकत को मुखंयमंतंी उमंमीदवार घोखित कर अगले साल 2015 में कांगंेस खबहार में खदया था और बड़ंे ही जोश से राहुल गांधी महागठबंधन मेंशाखमल हुई और उसने जीत अगुवाई मेंदेवखरया से खदलंली की यातंंा शुरं का मुंह देिा. साल 2016 मेंअसम कांगंेस कर दी थी, लेखकन बाद में कांगंेस ने के हाथ से खनकल गया. केरल और पखंंिम समाजवादी पाटंंी से समझौता कर खलया. राहुल गांधी बहुत अचंछे इंसान हैं. वह बंगाल के खवधानसभा चुनाव में कांगंेस को नाकामी ही खमली. पुडच ं रे ी मेंकांगस ंे को जीत ख़ुशखमज़ाज, ईमानदार, मेहनती और सकारातंमक सोच वाले हैं और मेहनत भी नसीब हुई. इस साल के आखख़र में गुजरात और ख़ूब करते हैं. इसके बावजूद उतने कामयाब खहमाचल पंंदेश में खवधानसभा चुनाव नहीं हो पाते, खजतने होने चाखहए. आखख़र होने वाले हैं. कुछ खदन बाद खदलंली नगर उनकी नाकामी की वजह कंया है? अगर इस खनगम में चुनाव होने हैं. कांगंेस खनकाय पर गौर कंया जाए, तो कई वजहेंसामने आती चुनाव मेंभी बेहतर पंंदशंडन नहींकर पा रही हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह है खक जो लोग है. खपछले खदनों महाराषंं खनकाय चुनाव में ख़ुद को राहुल गांधी का क़रीबी और कांगंेस को नाकामी हाखसल हुई. कांगंेस शुभखचंतक कहते हैं, वही लोग उनके बारे में महज़ 31 सीटों तक ही खसमट कर रह गई, दुषंपंचार करते हैं. यूं तो राहुल गांधी जबखक साल 2012 के चुनाव में कांगंेस के जनसभाएं करते हैं, आम आदमी से सीधे रंबरंहोकर बात करते है,ं लेखकन अपनी ही 52 पािंडद जीते थे. हालत यह है खक नेशनल कॉनंफेंस के पाटंंी के कायंडकतंाडओंसे दूर हैं. क़ाखबले-ग़ौर है खक कांगंेस अधंयकंं नेता और जमंमू-कशंमीर के पूवंड मुखंयमंतंी
खलए लड़ं रही थी, एक ऐसा एकंट जो खकसी को भी शक की खबनाह पर आमंंी को गोली चलाने का अखधकार देता है. खजससे राजंय में कई मासूम लोगोंको जान गंवानी पड़ंी है. जब पंस ंे कॉनंफस ंे मेंइरोम ने अपनी हड़ंताल ख़ंतमं करने की वजह बताई तो इससे पूरा मखणपुर के साथ पूरा देश सनंन हो गया. इरोम ने बताया खक वो अपनी हड़ंताल इसीखलए ख़ंतंम कर रही हैं कंयोंखक वो शादी करना चाहती हैं. लोगों को इरोम शखंमल ड ा का यह कदम बस एक डैमज े कंटंोल के जैसा लगा. जब उनंहेंयह एहसास हुआ खक उनंहोंने एक बहुत बड़ंी ग़ंलती कर दी है तो उनंहोंने इसे सुधारने की कोखशश की. मखणपुर के आम जनता के मुताखबक इरोम ने आफंसपं ा मुदंे का मज़ंाक बनाया और अपने लंबे समय के खमतंं देसमॉनंड कॉखथनंहो जो खक लंदन में रहते हैं उससे शादी करने के खलए यह राजनीखतक डंंामा खकया है. लोगों को पता था खक वो चुनाव नहीं जीतेगं ी. इरोम ने अपने एक गलत बयान से अपना सारा जनाधार िो खदया. मगर अंतत: उनंहेंराजनीखत मेंखमली हार और 16 साल तक चले अनशन के बावजूद अपने लकंयं को पाने में सफलता नहीं खमली है. अब उनके सामने खसफंकएक ही सवाल है खक वह आखिरकार अब खकस रासंते पर चलकर अपनी जंग को जारी रिेगं ी.
सोखनया गांधी बीमारी की वजह से खसयासत मेंसखंंकय नहींहैं. उनकी ग़ैर हाखज़री मेंपाटंंी के सभी फ़ैसले राहुल गांधी ही ले रहे हैं. इन फ़ैसलोंमेंउनके खसयासी सलाहकारोंकी भी बड़ी भूखमका रहती है. हर चुनाव मेंपाटंंी की हार के बाद राहुल गांधी को अपनी रणनीखतयों में बदलाव लाने की सलाह दी जाती है. पाटंंी को अपनी हार का खवशलेिण कर ख़ाखमयों को दूर करना चाखहए, लेखकन ऐसा नहीं होता. पाटंंी हर चुनाव में अपनी पुरानी ख़ाखमयोंको दोहराती है. कुछ महीनों बाद खफर से दो राजंयों में खवधानसभा चुनाव होने हैं. साल 2019 में लोकसभा चुनाव आ रहा है. कांगंेस के पास ज़्यादा वक़्त नहींहै. उसे आने वाले चुनावों में जीत हाखसल करनी है, तो ईमानदारी से अपनी ख़ाखमयों पर ग़ौर करना होगा. पाटंंी को अपनी चुनावी रणनीखत बनाते वक़्त कई बातोंको ज़ेहन मेंरिना होगा. उसे सभी वगंंों का धंयान रिते हुए अपने पदाखधकारी तक करने होंगे. पाटंंी के कंंेतंीय नेताओंऔर कायंडकतंाडओं को भी खवशंंास में लेना होगा, कंयोंखक जनता के बीच तो इनंहीं को जाना है. बूथ संंर तक पाटंंी संगठन को मज़बूत करना होगा. राहुल गांधी को चाखहए खक वे पाटंंी के आखख़री कायंडकतंाड तक से संवाद करें. उनकी पहुंच हर कायंडकतंाड तक और कायंडकतंाड की पहुंच राहुल गांधी तक होनी चाखहए. उनंहें पाटंंी के मायूस कायंडकतंाडओं में जोश भरना होगा और जनसंपकंक बढाना होगा. अगर वह ऐसा कर पाए, तो खफर कांगंेस को आगे बढने से कोई नहींरोक पाएगा.
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रारिार
बनायी है वह खकसी से खछपा नहीं है. इसखलए इस साल खदलंली से अजय माकन ने 500 ऐसे नेता कायंडकतंाड यथा कंसथखत बनी रहेगी. कांगस ंे 59 और भाजपा 56 सीटों खभजवाए खजनंहोंने मालवा कंतंे ंमें‘आप’ से हुए मुकाबले में पर बनी रहेगी. अगले साल जरंर यह तसंवीर बदलेगी. पाटंंी की मदद की. है ना ‘अ’ का कमाल. अगले साल भाजपा को 13-14 सीटों का फायदा होगा. खजससे उसकी अखधकतम संखयं ा 70 तक पहुच ं जायेगी. हालांखक बहुमत के खलए उसे 123 वोटोंकी जरंरत पड़ंगे ी. उसे बस इतना ही संतोि करना पड़ंगे ा खक राजग के सांसदों की संखयं ा 80 से बढंकर 94 हो जायेगी.
होली मे् रंगे विदेशी
‘अ’ का कमाल
कां
अभी भी राज्यसभा मे् बहुमत नही्
पां
च राजंयों में से चार में अपनी सरकार बनाने और उतंंर पंंदेश और उतंंरािंड में डबलफाड़ं बहुमत हाखसल करने के बाद भी भाजपा को राजंयसभा मेंबहुमत नहीं खमल पायेगा इसखलए तमाम जरंरी खवधेयक पाखरत करवाने मेंउसे खदकंतं ोंका सामना करना पड़ंगे ा. इसकी वजह यह है खक भाजपा को असली फायदा अगले साल होने वाले राजंयसभा के दोवाखंिक ड चुनाव मेंखमलेगा जबखक इस साल राजंयसभा की खजन दस सीटोंके खलए चुनाव होने वाले हैंउनमेंसे छह सीटेंपखंंिम बंगाल से आयेगी. इनमें से पांच सीटेंतृणमूल कांगस ंे को खमलेगी जबखक एक कांगस ंे के िाते में जायेगी. सीपीएम महासखचव सीताराम येचरु ी तक के खलए सीट के लाले पड़ंने वाले है.ं वे इस बार चुनाव नहींजीत पायेगं .े उसके अलावा तीन सीटेंगुजरात मेंिाली होंगी. इनमें से दो पर भाजपा और एक पर कांगंेस का उमंमीदवार जीतेगा. मालूम हो खक केदं ंीय मंतंी संमखृ त ईरानी और खदलीप भाई पंडंा खरटायर हो रहे है.ं इसखलए गुजरात से भी भाजपा को कोई अखतखरकंत लाभ नहींहोने वाला है. गोवा से शांताराम नाईक का कायंक ड ाल समापंत होगा जो खक कांगस ंे ी है.ं इस सीट के खलए जबरदसंंमारामारी होगी. वहां खजस तरह से अलंपमत मेंरहते हुए भाजपा ने सरकार
गंस ंे मेंइन खदनों‘अ’ अकंरं को लेकर काफी चचंाड हो रहा है. पाटंंी नेता यह दलील दे रहे हैंखक पंजाब में ‘पीके’ की उसकी हैखसयत में रिने के कारण जो सफलता खमली उसमें‘अ’ अकंरं की खवशेि भूखमका रही. कैपटं न अमखरंदर खसंह के नेततृ वं मेंपाटंंी ने चुनाव जीता और अवंवल ं रही. वहां खक पंभं ारी महासखचव आशा कुमारी की. कांगस ंे ने इस चुनाव मेंअकाली दल का सूपड़ंा साफ खकया जबखक ‘आप’ को लगाम लगा दी. चुनाव अखभयान कंसथखत की अधंयकंंअंखबका सोनी थींजबखक उमंमीदवारी का चयन करने वाली सखमखत के अधंयकंंअशोक गहलोत थे. आशा कुमारी के साथ खमलकर खजस नेता ने सबसे जंयादा मेहनत की और जीजान लगा दी वे अजय शमंाड है.ं वहीं अहमद पटेल ने असंति ु ंोंको समझाने मेंअहम भूखमका अदा की.
हाखसल हुई तो वह इनकी सदसंयता रदंंहोने के बाद आप पाटंंी में तोड़ंफोड़ं करवायेगी. माना जा रहा है खक काफी आप खवधायक केजरीवाल से नाराज चल रहे हैंकंयोंखक वे बेहद तानाशाहीपूणडंबतंावड करते है.ं भाजपा चाहती है खक अगले साल होने वाले राजंयसभा चुनाव मेंखदलंली से िाली होने वाली तीनोंसीटोंपर उसका कबंजा हो जाये. खफलहाल ये तीनोंसीटे,ं आप पाटंंी को ही खमलेगं ी. भाजपा का मानना है खक पंजाब की हार के बाद आप पाटंंी की कंसथखत पहले जैसे नहींरही है. उसके तमाम बड़ंेनेता जैसे पंश ं ांत भूिण, योगेदं ंयादव पहले ही पाटंंी छोड़ंकर अपना अलग दल बना चुके हैं. ऐसे में अगर नगर खनगम चुनाव में ‘आप’ का पंदं शंनड अचंछा नहींरहता है तो खदलंली मेंउसकी सरकार खगरने पर कोई जंयादा हायतौबा नहींमचेगी, ऐसे मेंकम से कम दो राजंयसभा सीटोंपर तो वह काखबज हो ही जायेगी.
शुभ है् नायडू
भा
जपा में यह सवाल पूछा जाने लगा है खक वैक ं ये ा नायडू पाटंंी के खलए भागंयशाली हैं या अशुभ. कारण, उनके साथ मणीपुर में शपथ गंंहण समारोह में खहसंसा लेने जा रहे भाजपा अधंयकंंअखमत शाह खवमान में िराबी आ जाने का कारण इंफाल नहींपहुच ं सके. उनका खवमान िराबी के कारण करीब 40 खमनट की उड़ंान भरने के बाद वापस खदलंली लौट आया. वेक ं यै ा नायडू के साथ जपा और कांगस ंे के अलावा भले ही अनंय दलोंके पहली बार ऐसा नहींहुआ है. अकंसर उनकी खवमान यातंंा खलए होली बदरंग रही हो. मगर इस बार खवदेशी हादसों से भरी रहती आयी है. पहली बार विंड 2003 में राजनखयकोंने जमकर इसका लुतफ ं उठाया. चीनी राजदूत एयर डेकनं की शुरआ ं ती उड़ंान के दौरान उनके खवमान लुओ झाऊरंई ने अपने यहां पतंक ं ारों को आमंखंतत कर के इंजन मेंआग लग गयी थी. नगालैडं , मेघालय, झारिंड उनके साथ होली िेली. इस मौके पर लकी डंंा का भी और खशरडी में उनंहें हैलीकापंटरों की िराबी के कारण आयोजन खकया गया. चीनी दूतावास का फशंड रंगों से उतारना पड़ंा. इस बार जब वे दोनोंखवमान की िराबी के सराबोर हो गया जबखक संवीडन के राजदूत हेरलंड सैडबगंड कारण खदलंली वापस लौटे तो खकसी ने अखमत शाह से इस ने इस मौके पर खमसंंके राजदूत हेतम अल सईद को होली िेलने के खलए आमंखंतत खकया. फंंास ं के राजदूत भी कहां पीछे रहने वाले थे उनंहोंने अपने दूतावास पर कोकाखरयो के साथ होली िेली. नावंंेके राजदूत नीलस टैगगर ने रंगोंके साथ-साथ फूलोंसे होली िेली. वहींअमेखरकी कायंवड ाहक राजदूत मैरी के लॉस कालंस ड न ने अपनी पखत और दोनों बेखटयोंके साथ रंग िेलने का मजा खलया.
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‘आप’ पर संकट के बादल
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जपा के हाल के खवधानसभा चुनावों में हुए जबरदसंं पंंदशंडन के बाद खदलंली में मधंयावखध चुनावोंकी अटकलेंलगायी जाने लगी है. ऐसा माना जा रहा है खक अपंल ंै में होने वाले यहां के तीन नगर खनगम चुनावों के बाद केजरीवाल सरकार पर संकट के बादल मंडरा सकते है.ं मालूम हो खक ‘आप’ के 21 खवधायकोंके खिलाफ लाभ के पकंंका मामला चल रहा है इस महीने में इस मामले पर सुनवाई होनी है और चुनाव आयोग उसकी सदसंयता रदंंकर सकता है. कांगस ंे का भी यही मानना है खक 21 खवधायकोंकी सदसंयता रदंंहोने पर इन सभी सीटों पर उपचुनाव होंगे मगर भाजपा की रणनीखत कुछ अलग ही है. अगर नगर खनगम चुनाव में उसे अचंछी सफलता
बारे मेंचचंाड करते हुए उनंहेंबताया खक नायडू के साथ यातंंा करना बेहद जोखिम भरा होता है. अत: आप भखवषंय में उनके साथ मत जाइयेगा. इस पर शाह ने मुसक ं रु ाते हुए कहा, ‘आप इसे इस तरह कंयों नहीं देिते खक नायडू के साथ यातंंा करना खकतना सुरखंंकत है. वे हर बार बाल-बाल बच भी तो गये.’
बुटीक से मसाज पाल्रल तक
उ
तंंर पंंदेश के चुनाव नतीजे आने के बाद राजंय में खकसी भी दल को बहुमत न खमलने पर वहां गठबंधन सरकार में शाखमल होने के सपने देि रहे एक खपता-पुतं की जोड़ंी को इतना बड़ंा सदमा पहुंचा खक दोनों ने खफलहाल राजनीखत छोड़ंकर कोई और धंधा करने का मन बना खलया है. पहले खदलंली की राजनीखत मेंइन दोनोंकी सेकरें स ं का नहींबकंलक बीमा कंपखनयोंकी ‘टोटल लॉस वंहखै कल’ कहा जाता था खजसमेंजैसा है, जहां के आधार पर मोलभाव खकया जाता था. इस चुनाव में खपता पुतं के उमंमीदवारोंका सूपड़ंा साफ हो गया कंयोंखक खकसी ने भी उनंहेंनहींपूछा. अब बेटे ने अपनी पतंनी के साथ खमलकर बुटीक संटोर िोल खलया जहां मखहलाओंके फैशन पखरधान बेचे जा रहे है.ं बुजगु डंबाप से जंयादा मेहनत नहींहो पाती है अत: उनकी ही पाटंंी के एक नेता की सलाह है खक उनंहें मसाज पालंरड िोल लेना चाखहए ताखक धंधा चले या न चले कम से कम तेल माखलश का तो खसलखसला चलता रहेगा. प्स ् द्ु त-दववेक सक्सने ा
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प््ार्थना और पुकार के बीच
ओम सनश्चल
वाजपेयी कहते है,ं ‘कखवता भले ही इस अंधरे े समय में रोशनी का दरवाजा नहीं िोलती, शोक वाजपेयी अपने कखव-कमंड से खकंतु वह रोशनी की राह सुझाती अवशंय है.’ अकंसर अशोक वाजपेयी के यहां एक खजस तरह खपछले पचास विंंों से पंंखतशंंुत रहे हैं, वह उनके समकालीनों में ऐसा पढा-खलिा संवेदनशील वंयकंखत पाया उनंहें सवंाडखधक सखंंकय इकाई के रंप में जाता है जो तमाम पखरखंसथखतयों को लेकर संथाखपत करता है. जीवन में आपाधापी के खवकंंुबंध नज़ंर आता है. वह खसंथखतयों की बावजूद अशोक वाजपेयी का कखवता संसार कसमसाहट तो महसूस करता है, पर उतंतरोतंतर अगंंगामी कखवता संसार है जहां वे वंयवसंथा की भेड़ंचाल उसे रास नहीं आती. खनज और पर का एक वृहतंतर कखव-समय यही वह वगंड है जो ‘यह ले अपनी लकुखट सृखजत करते हैं. अपनी ताज़ंा, नूतन कमखरया’ कहते हुए सतंता के खकसी भी संवांग कलंपनाओं, उपमानों, उपमेयोंसे भरी कखवता का साथ देने से इनकार कर सकता है. खकंतु के खदनों (‘शहर अब भी संभावना है’) से यह वगंड जनता की तरह सीधी भागीदारी से होते हुए वे ‘नकंंतंहीन समय में’ के अंधेरे खबदकता है. इसीखलए उमंमीदी के बीच तक आये हैंतो रासंते और पीड़ंा के खनशान वाजपेयी के यहां भी हताशा की एक हलंकी उनकी कखवताओं में न आये हों, ऐसा सी लकीर खिंची नजर आती है. शायद यही वजह है खक वे एक कखवता मेंपूछते हैं: ‘इस मुमखकन नहीं. ‘नकंंतंहीन समय में’ केवल नया खवकट नाउमंमीदी के सैलाब में कंया उमंमीद संगहं ही नहीं, अंधरे े समय का एक ऐसा मोड़ं का कोई पतंता तैरता हुआ आता है?’ कंया भी है जहां आकर मुखंकतबोध की वह चीि यही वजह नहींखक वे कहते है,ं ‘हम तो अपने खफर सुन पड़ंती है : ‘सब चुप साखहखंतयक नकंंतंहीन बुझे तारों और बेसाफ रंग वाले चुप... तोड़ंने ही होंगे मठ और गढं सब...’ समय मेंकखवता मेंबचे ये रंग िोज रहे हैं.’ चुपंपी और चेतावनी का यह खननाद अचंछे असमंजस का यह कंपन ही उनंहें कदाखचत खदनों के कोरस में दब नहीं गया है, बकंलक हर वकंत संशयगंंसंत बनाये रहता है. तभी एक पंखंतगामी चेतना बन कर हमारे समय पर उनंहें भान होता है-हवा और अंधेरे के बीच पंंेत की तरह मंडरा रहा है. कलबुगंी और कांपते असमंजस की तरह भटकती दुबकती पानसरे के पंंेत बुखंदजीखवयों की चेतना को रहती है कखवता. लेखकन तमाम असमंजस के बावजूद अशोक वाजपेयी खहंदी के एक झकझोरते हैं. खपछले कुछ दशकों से दरवाजे का खजजीविु कखव हैं. जीवन की उतंतर शती में रंपक अशोक वाजपेयी की चेतना पर दसंतक देता रहा है. खपछले ही संगंह का नाम था : ‘कहींकोई दरवाज़ंा.’ यह उनके कृखततंव का एक साथंडक मोड़ं है. उनंहीं के शबंदों को मंमा रहती गांव’ में डॉ पंंदीप शुकंल उधार लेकर कहें तो यह उस दरवाजे की के नवगीतों का पहला संकलन है. तरह है जो खजतनी बार िुलता है उतनी बार हालां ख क उनके गीत इससे पहले पतंंगहरी सांस लेता है. यहां कखवता के दरवाजे पखं त ं काओं मे ं चखं च डत रहे हैं. पंंदीप शुकंल के के बहाने वे कुछ जरंरी मुदंे उठाते हैं और नवगीतों की खवशे िता है लोक मानस से इस मत पर पहुंचते हैं खक कखवता एक जु ड़ ा ं होना और उनं होंने खबंबो के माधंयम से दरवाजा है जो शबंदों और उनके चखरताथंड एक नया कथानक तैयार खकया है. पेशे से जीवनानुभवों को िोलता है. वे कहते हैं, खचखकतं स क शु क ं ल की कखवताएं गंंामीण ‘कखवता भािा मेंिुलती है और कई बार वहीं पखरवे श से और उसकी मासूखमयत से गहरा खिलती है. भािा के खबना कखवता संभव नहीं है. पर वे यह भी कहते हैं, ‘कखवता का संबंध रिती है, लेखकन उनमें समकाखलन दरवाज़ंा िोलना इतना आसान नहीं होता. राजनीखत का खवरंप भी अखभवंयकंत होता है. वह सचाई से िुलता है, पर लोग सचाई का कई रचनाओं में गंंामीण जीवन में शहरी सामना करने से घबराते हैं. दरवाज़ंे का आकंंमण के कारण आयी खवसंगखतयों का दिल उनकी हाल की आलोचना की पुसंतक अथंडपूणंडखचतंंण हैं. संगंह मेंशीिंडक कखवता में भी खदिता है: ‘कखवता के तीन दरवाज़ंे: के अलावा ‘रामधीन’, ‘नये साल में नये अजंंेय शमशेर और मुकंखतबोध.’ तो यह कलैंडर’, ‘अभी बचे हैं हम’, ‘खफर से मां दरवाज़ंा अशोक जी के खलए अनेकाथंंी है. गरजी’, ‘जय कनंहैया लाल की’, ‘खलिी केवल दरवाज़ंा-भर नहीं, वह चुनौखतयों का हुई मजबूरी’ आखद उलंलेिनीय हैं. रेश नारायण कुसंुबीवाल के कखवता पंंतीक भी है. सं गंह ‘कुछ भी नहीं होता अचानक’ भूमंडलीकरण के बाद से बाजार और की जं य ादातार कखवताओं का आगंंह है खक भौखतकता ने हमारे अंत:करण की आवाज़ंको आम पाठक तक कैसे अपनी अखभवंयकंकत खनषंपंंभ और मंद बना खदया है. खहंसा कला के रथ पर आरंढंहोकर आ रही है. असखहषंणुता पहुंचायी जाये. कुसंुबीवाल बौखंंदक कखवता की फसल राषंटंवं ाद और देशपंमंे के खपछवाड़ंे की बजाय संपंेिणीय कखवता खलिने के फल-फूल रही है. पंंखतरोध की आवाजेंदबाई पकंंधर हैंऔर इसमेंकाफी हद तक सफल जा रही हैं. कखवता भले ही पंंखतरोध की एक भी रहे हैं. उनकी संवेदना के संसार मेंरोटी मातंं इबारत हो, कखवता की जरंरत समाज के खसकने से लेकर खहरोखशमा नागासाकी में शायद कखवयों के खलए ही रह गयी है. पर बमों के हमले की खशकार एक छोटी सतंता अपने संवभाव के अनुकूल सबसे पहले लड़ंकी तक हमारे समय के जरंरी दृशंय पंखंतरोध की खनयामक शखकंतयोंको ही तोड़ंती खदिायी देते हैं. मराठीभािी होने के बावजूद है. खकंतु यह कखवता खफर-खफर सतंता का कुसुंबीवाद खहंदी खलिते रहे हैं और भािा अंगराग बनने से इनकार करती है. अशोक के संंर वे मराठी से जंयादा खहंदी के कखव
भी हाथो मेंपृथंवी उठाये हुए वे यह संवीकार करते हैं: ‘और इस असमंजस में फंसा कखव हूं/खक कखवता ही मेरी पृथंवी है/शबंद िोज रहे हैं पृथंवी/शबंद पुकार रहे हैं पृथंवी को. (पृषंठ 65) पर कंया यह समय केवल अंधेरे और असमंजस का है? वह भी एक कखव के खलए, जो भखवषंयदंंषंटा होता है, मंतंदंषंटा होता है: ‘कंया यह वही सच है खजसे देिने से बौखंंदक और बुजंडुआ वगंड आज भी कतराता है और एक अपील जारी कर कतंडवंयमुकंत महसूस करता है, हमने नरसंहार दूर से देिा/पर
हमारे साफ धुले कपड़ंोंपर /िून का एक भी दाग़ं नहीं है. अकारण नहीं खक सच को धखकया कर उससे मुंह फेर लेने में बौखंंदकों को महारत रही है. जहां पूरा तंतंजय-जयकार मेंशाखमल हो, कखवयोंकी आवाज अलग-थलग होकर भी अलंपसंखंयक होती है. वह अपने सच के साथ अकेले होने पर भी ताकतवर समझता है कंयोंखक न कहने का साहस पूरी भीड़ं में खकसी-खकसी को ही होता है. कखव की अकेली सतंता वंयवसंथा की मजबूत शहतीरों को खहला देने के खलए काफी है. ‘जब सब जयजयकार कर रहे थे’ ऐसी ही कखवता है जो अपनी थोड़ंी सी सचाई से संतुषंट कखव के होने का अथंडबताती है. अशोक वाजपेयी की कखवताओं में खकसी पंंायोखजत आशावाद की छाया नहीं, बखलंक वे एक सचंचे कखव की खवफलता का भान कराती हैं. सचंचे कखव की भी सांसत कोई कम नहीं है. वह खकसी खदखगंवजयी भाव से कखवता मेंपेश नहींआता, न वह इस लोकततंं में अपनी आवाज़ं को बेवजह ऊंची साखबत करना चाहता है. वह पखरखसंथखतयोंसे कुछ इस तरह वाखकफ़ंहै खक यह कहने में संकोच नहीं करता: ‘हमारी कखवता की परछी में/उदास उजास है/और शबंदों को उसमें नबेर पाना/थोड़ंा कखठन हो रहा है.’ ‘नकंंतंहीन समय में’ अशोक वाजपेयी ऐसे चाकंंुि खबंबों के साथ सामने आते हैं
खजनसे हम आज के समय का अंदाजा लगा सकते हैं. मसलन, वे खजस तरह के नैरेखटव मेंअपनी कखवता खवनंयसंत करते हैंउसमेंयह पंवं ाही समय िुद ब िुद बोल उठता है. एक पंखकंत की तेरह कखवताओं में सूखकंतमंखडत कखवता की पदावखलयां शाखमल है.ं अनुभव में पगे खवचार वाजपेयी के खचंतन और मनन की बानगी देते हैं. अशोक वाजपेयी की कखवता शुरं से लेकर अब तक शुदं कखवता की िोज का उपकंंम है. उनंहें संगीत की जैसी समझ है, दुखनया भर के कखवयों के पठन-पाठन से आयतंत जो अंतदंडृखषंट है उसका पयंाडपंत लाभ उनकी कखवता को खमला है, खबना चीि-पुकार के यह कखवता एक बुजुगंड कखव के आतंमसंशयों का एकालाप है और एक सावंडजखनक संवाद भी. उनकी कखवता पंंाथंडना और पुकार की, आतंमसंवीकृखतयोंकी कखवता है. शमशेर की अचूक अंतदंखडृ ंषट के हामी रहे हैं तो उनकी खबमंबखंंपयता के पंंशंसक भी. ऐसी अनेक दृशंयावखलयां िुद अशोक वाजपेयी के यहां हैं, चाहे ‘वे इबारत से खगरी मातंंाएं की कखवताएं हों, ‘कहींकोई दरवाज़ंा’ या ‘दुि खचिंंीरसा है’ की. जैसे इसी संगंह में वे कहते हैं: ‘हरी पतंती के कांपने से डोलता है हवा का अदृशयं महल ‘या’ पंंाथंनड ा एक वृकंहै खजसकी हर पतंंी गुनगुनाती है पर अपने खलए कुछ नहींमांगती.’
अम्मा रहती गाि मे:् डॉ प्द् ीप शुकल ् ; उत्र् ायण प्क ् ाशन, आफशयाना कॉलाेनी, लखनऊ, पहला संसक ् रण- 2016, मूलय् - 250/-
कुछ भी नही्होता अचानक: सुरशे नारायण कुसबं ीिाल; उद््ािना, राजनगर, गाफजयाबाद, फ््ितीय संसक ् रण- 2015, मूलय् - 150/-
चुनी हुई कफिताएं: डॉ नरेश अग्ि् ाल; राजस्थानी ग्न् थ् ागार, जोधपुर, पहला संसक ् रण- 2014 पृष-् 100, मूलय् - 150/-
लगते हैं. अपनी एक कखवता में कुंसुबीवाल तानाशाह का वणंडन करते हुए कहते हैं: वह भी उठ बैठता है डरकर/कभी कभी नींद में/हमारी तरह/उसे भी लगा है/उमंं के खहसाब से/चशंमा/नजर कमजोर होने से/तानाशाह होने के बावजूद/कभी ढलती संधंया में/लगता है वह/जैसे बैठा हो/एकदम मामृल ू ी बेबस आदमी/तब आती है उस पर दया.’ नी हुई कखवताएं डॉ नरेश अगंंवाल के छह कखवता संगंहों से चुनी गयी कखवताओं का चयन. उनकी संवेदना में आतंम खचंतन का गहरा योगदान है और
उनकी कखवताएं जीवन के अनुभवों की गहराई मेंसे आती है. िुद उनके अनुसार, ‘सारे पंंतीक और उपमाएं अपने पंि फड़ंफड़ंाने लगती है,ं और जब समापंत होता है कथन तो लगता है कुछ रहसंयमय उतंंर आया है हंदय में, वह भी बना अनुमखत के.’ कखव लीलाधर जगूड़ंी के अनुसार, ‘नरेश अगंंवाल सब कुछ को सलीके से खछपाकर वे अपने पाठक को सरल से सरल भािा में दृशंय-दर-दृशंय, कुछ अनसुने, अनदेिे और अनजाने को सुनने, देिने और जानने के खलए उकसाते हैं.’ अठतंंर कखवताओं के इस संगंह में ‘खपता के खलए खकताब’, ‘गेहूं के दाने’,
‘खचखंंियां’, ‘मजदूर के घर कबूतर’, ‘बैंड बाजे वाले’, ‘परीकंंा फल’, ‘डूबते जहाज मेंपंमंे ’ आखद कखवताएं कखव की संवदे ना को बेहतर ढंग से सामने रिती हैं. ‘यह लालटेन’ शीिंडक कखवता मेंनरेश अगंंवाल कहते हैं: ‘सभी सोये हुए हैं केवल जाग रही है एक छोटी-सी लालटेन रतंंी भर है पंंकाश खजसका घर मेंपड़ंेअनाज खजतना बचाने के खलए खजसे पहरा दे रही है यह रातभर.’
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नक्त् हीन ् समय मे:् अशोक िाजपेयी; राजकमल प्क ् ाशन, दफरयागंज, नयी फदल्ली, पहला संसक ् रण- 2016
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विनेमा
17 मार्ष - 23 मार्ष 2017
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बॉलीवुड के दरवाज़े पर हॉलीवुड हसर मृदुल लंमी पखरदृशयं तेजी से बदल रहा है. हॉलीवुड ने खहंदस ु ंान मेंअपने खलए बड़ंी संभावनायेंतलाश करनी शुरंकर दी है.ं उसे शुरआ ं त मेंकामयाबी खमलनी भी शुरंहो गयी है. गत विंड हॉलीवुड की 'कैपटं न अमेखरका', 'खसखवल वॉर', 'द एंगंी बडंस ड मूवी', 'द कंजयं खू रंग 2', 'कुगं फू पांडा 3', 'द अवेज ं सं'ड और 'द जंगल बुक' आखद खफलंमोंने भारत में न केवल अचंछा िासा कारोबार खकया बकंलक अपने साथ खरलीज हुई बॉलीवुड खफलंमों के बॉकंस ऑखफस पंदं शंनड को भी पंभं ाखवत खकया. िासतौर पर द जंगल बुक ने तो 180 करोड़ं रंपये का खरकॉडंडकारोबार कर सफलता का नया इखतहास रच खदया. इस खफलंम ने अपने आसपास खरलीज हुई तमाम खफलंमों के कारोबार को बुरी तरह पंभं ाखवत खकया. हालांखक हॉलीवुड खफलंमों की सफलता की शुरआ ं त इससे पहले फंयखू रयस 7 खफलंम से हो चुकी थी. उस खफलंम ने भी 100 करोड़ंकंलब मेंपंवं श े खकया था. इस खफलंम की सफलता ने जैसे हॉलीवुड को एक नयी राह खदिा दी. हॉलीवुड की खफलंम खनमंाण ड कंपखनयोंको समझ मेंआ गया है खक खहंदस ु ंान भी उनकी खफलंमोंका बहुत बड़ंा बाजार है. यही वजह है खक अब हॉलीवुड की खफलंमेंडब करवा कर भी खरलीज हो रही है.ं इन डब खफलंमोंमेंभारत के बड़ंेअखभनेताओंकी आवाज उधार ली जा रही है.खफलंम 'बीएफजी’ इसका उदाहरण है. संटीवन संपीलबगंड की इस खफलंम के मुखयं खकरदार को अखमताभ बचंनं ने अपनी आवाज दी है. अखमताभ के अलावा पखरणीखत चोपड़ंा और गुलशन गंंोवर ने भी दूसरे अहम चखरतंंों की डखबंग की है. इससे पहले 'द जंगल बुक ' मेंइरफान िान और खंंपयंका चोपड़ंा ने अपनी आवाज दी थी. कह सकते हैंखक 'द जंगल बुक ' की सफलता मेंइन लोकखंंपय कलाकारोंकी आवाज का भी योगदान रहा. हॉलीवुड की खफलंमेंहमारे देश मेंपहले भी खरलीज होती रही हैं लेखकन बहुत सीखमत संखयं ा मे.ं खनखंंित रंप से 'टाईटैखनक', 'जुराखसक पाकं'क , 'अवतार', 'सुपरमैन' या 'बैटमैन' जैसी खफलंमेंहमारे यहां बहुत सफल हुई हैंलेखकन इनंहेंवंयावसाखयक महतंवं ाकांकंा के साथ खरलीज नहींखकया गया था. परंतु अब खबजनेस की एक खवशेि रणनीखत के तहत बॉलीवुड हमारे यहां पांव पसार रहा है. खजससे बॉलीवुड की खफलंम खनमंाण ड कंपखनयों में
खफ
घबराहट का माहौल पैदा हो रहा है. बॉलीवुड सोशल मीखडया पंलटे फॉमंड मसलन फेसबुक के खनमंातड ा यह बात अचंछी तरह समझ गये हैं वंहाटंस एप और कंटवटर आखद की वजह से खक हॉलीवुड दूरगामी रणनीखत के तहत ही बहुत जलंदी इस बात का पता चल जाता है खक भारत मेंअपने पांव पसार रहा है. यही वजह है कौन सी खफलंम देिने लायक है और खकस पर खक हॉलीवुड की पैसा िचंड करना पैसे हॉलीवु ड की किलं म ों को भारत कंपखनयों ने अपनी की बरबादी है. यही खफलंमोंकी डखबंग खहंदी मेंकमल रही जबरदसंंसिलता वजह है खक बॉलीवुड के अलावा पंंादेखशक के सुपरसंटार भािाओंमेंभी करवानी ने कहंदुसंानी कसनेमा के कलए शाहरंि िान की शुरं कर दी है. वे ितरे की घंटी बजा दी है. डर खफलंम 'फैन' दशंक ड ोंने अपनी खफलंमोंके खहंदी, यही है कक कहींये किलंमें पूरी तरह नकार दी. तखमल, तेलगु ,ू कनंनड़ं यही हाल कैटरीना और मलयालम डब दशंजकोंका रंि न मोडंदें. कैफ की खफलंम वजंनड लेकर आ रहे है.ं 'खफतूर' का हुआ. इससे संथानीय खसनेमा पर असर पडऩा ऐशंयं डं राय जैसी संटार की खफलंम लाखजमी है. 'सरबजीत' भी बॉकंस ऑखफस पर कोई जादू तमाम टंडंे खवशेिजंंोंका भी आकलन है नहींजगा सकी. जबखक इनंहींखदनोंखरलीज हुई खक इस बारे मेंजलंद गौर नहींखकया गया तो कई हॉलीवुड खफलंमों ने उमंमीद से कई गुना वह खदन दूर नहीं, जब हॉलीवुड की खफलंमें अखधक वंयवसाय खकया. दशंक ड ोंका यह खनणंयड हमारे खसनेमाघरोंमेंलगी होंगी और बॉलीवुड हतपंभं कर देनवे ाला था, लेखकन इसका अपनी खफलंमोंकी खरलीज के खलए खगड़ंखगड़ंाता खवशंलिे ण सही तरह से हुआ नहीं. इसकी वजह नजर आयेगा. बॉकंस ऑखफस के आंकड़ंों पर यह रही खक दशंक ड ोंने मनोरंजन के साथ नये गहरी नजर रिनेवाले टंड ंे खवशेिजंं कोमल कंटटें वाली खफलंमोंको वरीयता दी. उनके पास नाहटा का कहना है, 'खनखंंित रंप से खफलंम देिने के खवकलंप मौजूद थे और उनंहोंने हॉलीवुड की खफलंमेंबॉलीवुड की खफलंमोंके इस मौके का सटीक इसंमंे ाल खकया. यह सही खलए बड़ंी चुनौती साखबत हो सकती है.ं इसकी वजह यह है खक हॉलीवुड की खफलंमों की गुणवतंंा के सामने हम कहीं नहीं ठहरते है.ं पेज 1 का बाकी उनकी खफलंमोंकी खनमंाण ड पंखंंकया बहुत उनंनत को लेकर चचंाडयें तेज हो गयीं थीं. शुरंआत होती है बकंलक कंटटें के मामले मेंभी वे हमसे में तो मुखंयमंतंी के नाम को लेकर कई बहुत बेहतर होते है.ं उचंंसंरं ीय तकनीक के खदगंगजों पर चचंाड तेज हुयी मगर अंतत: इसंमंे ाल में वे अब भी हमसे बहुत आगे है.ं भाजपा ने कोई नाम घोखित नहीं खकया. उनकी खफलंमोंका बजट हमारी खफलंमोंसे 20 दरअसल, पाटंंी के करीबी सूतंबताते हैंखक गुना जंयादा होता है. अगर बॉलीवुड के पंंधानमंतंी नरेंदंमोदी और भाजपा के राषंटंंीय खनमंातड ाओंको हॉलीवुड का मुकाबला करना अधंयकंं अखमत शाह खकसी भी पंंकार की है, तो उसका एक ही तरीका है खक अपनी जलंदबाजी में कोई खनणंडय नहीं लेना चाहते. जमीन को पकड़ंे रहो और देसी कहानी पर वे जानते हैं खक यूपी के मुखंयमंतंी की अंतरराषंंीय संरं की खफलंम बनाओ. परंतु कायंडशैली ही विंड 2019 के भावी पखरणामों हमारे यहां जंयादातर खफलंमकार भेड़च ं ाल का पर असर डाल सकते है.ं यानी यूपी मेंवंयापंत अनुसरण करनेवाले है.ं उनका खवशंंास भंंषंटाचार व लॉ एंड ऑडंडर के तमाम मामलों मसाला खफलंमोंमेंरहता है और वे संटारडम पर को खनपटा सकने में सकंंम नेता को ही यूपी की बागडोर देना सही है. इसीखलये यूपी में अखधक भरोसा करते है.ं' इसमेंकोई शक नहींखक देश मेंहॉलीवुड मुखंयमंतंी के नाम को लेकर इतना मंथन खफलंमोंकी लोकखंंपयता और उनके दशंक ड ोंकी खकया जा रहा है. वे बताते हैं खक यूपी में जातीय संखयं ा बहुत तेजी से बढं रही है. इंटरनेट ं ार उपभोकंताओंकी बढंत से हॉलीवुड खफलंमोंकी समीकरणोंको देिते हुये भी खकसी भी पंक पंखंत लोगोंकी खजजंंासा बढंती जा रही है. अब से कोई जलंदबाजी भरा फैसला नहीं खकया आम दशंक ड भी संरं ीय मनोरंजन चाहता है. जा सकता है. यानी यहां के मुखंयमंतंी से
है खक उपरोकंत तीनोंही खफलंमो मेंदशंक ड ोंका खदल जीतने की कंमं ता नहींथी. हालांखक इनसे ऐसी अपेकंा अवशंय थी. दशंक ड ों ने अपना खनणंयड सुना खदया. 'सुलतं ान' जैसी बंलॉक बसंटर खफलंम दे चुके सलमान िान हॉलीवुड की खफलंमोंकी सफलता पर अपनी राय कुछ इस पंक ं ार पंक ं ट करते है,ं 'हॉलीवुड वालोंने हमारे माकंटंे को अचंछी तरह समझ खलया है.उनंहें पता चल चुका है खक भारतीय दशंक ड खकस तरह की खफलंमेंचाह रहे है.ं उनकी खफलंमोंके सामने हमारी खफलंमोंके फंलॉप होने की वजह यह है खक हम अपनी जमीन को छोड़ं रहे हैं और अपने इमोशंस से दूर हो गये है.ं अखभनेता इरफान िान भी हॉलीवुड खफलंमों के खहंदस ु ंान में छा जाने को लेकर खचंखतत नजर आते है.ं बावजूद इसके खक वे इस समय खहंदस ु ंान के ऐसे इकलौत अदाकार है,ं जो हॉलीवुड की खफलंमोंमेंअहम मौजूदगी दजंड करवा रहे है.ं चूखं क इरफान दूसरे अखभनेताओं के मुकाबले हॉलीवुड की पंवं खृ ंतयोंसे जंयादा पखरखचत है,ं इसखलए उनके कहे को अवशंय महतंव खदया जाना चाखहये. दरअसल वे हॉलीवुड की उस बाजारंमानखसकता को भांप चुके है,ं खजसके तहत वह दुखनया की कई देशों की खफलंम इंडसंटंी को तहस-नहस कर चुका
है. इरफान कहते है,ं 'हॉलीवुड तेजी से अपने पांव बॉलीवुड में पसार रहा है, यह खचंता का खविय है. हॉलीवुड काफी आकंंामक वंयावसाखयक तरीके अपनाता है. उसके पास ताकत है और खबजनेस की कुशल रणनीखत भी है. कह सकते हैंखक हॉलीवुड की खफलंमों से हमारे खफलंम खनमंातड ाओंको जबदंस ड ंचुनौती खमलने जा रही है. हालांखक इस चुनौती के खसफंक नकारातंमक पकंं ही नहीं है.ं इस चुनौती की वजह से ही बॉलीवुड के खनमंातड ा ऐसी खफलंमें बनाने के खलए पंखंेरत होंगे खजनमें एकंटरों को काम करते हुए संतखु ंि खमलती है और खजनके कलातंमक मानदंड ऊंचे होते है.ं खफलंम खनमंातड ा वासु भगनानी का कहना है खक हॉलीवुड खफलंमोंसे इतना जंयादा डरने की जरंरत नहींहै. वे कहते है,ं 'हमेंचीन की तजंड पर ही हॉलीवुड खसनेमा का मुकाबला करना होगा. हमें खसनेमाघरों की की संखयं ा बढंानी होगी. हमारे यहां जनसंखयं ा को देिते हुए अब भी काफी कम खसनेमाघर है.ं खसनेमाघर बढंगें ,े तो हम अपनी खफलंमों के जंयादा खंंपटं खरलीज कर सकते है.ं' िैर, यथाथंड तो यही है खक आगामी खदनोंमेंबॉलीवुड को हॉलीवुड खफलंमोंकी जबदंस ड ंचुनौती खमलने जा रही है.
खसफंक सूबे को ही नहीं बलंखक देश की राजनीखत को भी खवशेि उमंमीदेंपली हुयींहैं. ऐसे में मुखंयमंतंी के नाम पर चचंाड का दौर लंबा होना लाखजखम है. बता दें खक यूपी में हमेशा ही लॉ एंड ऑडंडर को लेकर सवाल उठाये जाते रहे हैं. इसीखलए यहां मुखंयमंतंी खकसी भी दल का बना हो उसे कानून-वंयवसंथा के सवालोंको लेकर हमेशा ही सवालों के घेरे में िड़ंा खकया जाता रहा है. भंंषंटाचार के मसले पर भी यूपी मेंहमेशा ही राजनीखत का दौर चरम पर रहा है. इन दो मसलों को लेकर मुखंयमंतंी के पद बैठने वाले को काफी खदकंकतोंका सामना करना होगा. यूपी भाजपा के एक पदाखधकारी ने नाम न छापने की शतंड पर बताया खक भाजपा को केंदंीय नेतृतंव यह कभी नहींचाहेगा खक यूपी मेंकोई ऐसा नेता मुखंयमंतंी की कुसंी पर बैठे जो मोदी और शाह दोनोंकी ही यूपी मेंपकड़ं को कम करे. इसीखलये नाम पर मंथन का दौर बढंता ही चला जा रहा है. उनंहोंने बताया
खक अनुमान यह भी है खक यूपी मेंइस पद का खजमंमा उसे सौंपा जायेगा जो खकसी के भी अटकलोंके परे हो ताखक वह सदैव ही शाह और मोदी के अनुसार चल सके. हालांखक तमाम अटकलों के बीच में केंदंीय मंतंी राजनाथ खसंह आगे चल रहे हैं. बता दें खक इससे पहले हखरयाणा में आरएसएस पंच ं ारक मनोहर लाल िटंरं को मुखयमं ं तंी बनाकर भाजपा ने जो संदश े जनता के बीच खदया था वह भी अपने मकसद में कामयाब नहींहो सका है. िटंरं को मुखयमं ं तंी बनाने के बाद भाजपा नेततृ वं को भी ऐसा लगने लगा है खक वह पंंदेश को सही पंंकार से संचाखलत नहीं कर पा रहे है.ं जाट आंदोलन को लेकर होने वाली खकरखकरी भी कुछ यही पखरणाम खदिा रहा है. ऐसे में भाजपा हाइकमान कभी भी यह नहींचाहेगं े खक यूपी में वे दोबारा ऐसा ही कोई गलत कदम उठायें. इसीखलये वे सभी के मत को सुनने और पूरी तरह खवचार करने के बाद ही खकसी नये नाम पर मुहर लगायेगं .े
यूपी के मुख्यमंत्ी पर मंथन क्यो्?
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17 मार्ष - 23 मार्ष 2017
अंद्ेटा- कला का गांव
उस्मजलेश
‘अंदटंे ा’ खहमाचल के पालमपुर से लगभग 13 खकमी की दूरी पर बसा है. पालमपुर शहर से मंडी-मनाली रोड पर 8 या 9 खकमी आगे जाने के बाद दाखहनी तरफ एक पतली सड़ंक जाती है. इसी सड़ंक पर है ‘अंदटंे ा’. जंयादा बड़ंा गांव नहींहै. सुखवधाएं भी जंयादा नहींहैं, पर खबजली और सड़ंक है. उन खदनोंतो खबलंकुल नहींरही होगी, जब यहां देश के नामी-खगरामी कलाकारोंने बसने का फैसला खकया. धमंडशाला से ‘अंदंेटा’ तकरीबन 55-60 खकलोमीटर होगा. अचरज की बात है खक खपछली शताबंदी के तीसरे से पांचवें दशक के बीच इतने सारे खहमाचली नगरों-कसंबों-गांवोंको छोड़ंते हुए नोरा खरचरंसंड, सरदार सोभा खसंह, पंंोफ़ेसर जय दयाल और गुरंचरण खसंह जैसे बड़ंे कलाकारों-खचतंंकारों और खवदंंानों ने इसी गांव में बसने का फैसला कंयों खलया. ये लोग यहां अपना एक और वैककंलपक घर (खसफंकगखंमडयोंमेंआराम से रहने या तफरी के खलए) नहीं बना रहे थे, हमेशा के खलए यहीं बस रहे थे. इस गांव में ऐसा कुछ िास नहीं, जो पालमपुर या धमंडशाला के पास के अनंय गांवोंमेंनहींहै! धौलाधार की गोद मेंयहां अनेक सुरमंय गांव और कसंबे बसे हैं. खफर ये लोग ‘अंदंेटा’ ही कंयोंबसे? मुझे लगता है, इस इलाके में सबसे पहले पहुंचीं नोरा खरचरंसंड को इसका शांत और ठेठ गंवई माहौल पसंद आ गया होगा. जगह भी आसानी से खमल गयी होगी. बीसवीं सदी के तीसरे या चौथे दशक मेंखनिंंय ही यहां तक पहुंचने के खलए सड़ंक मागंडनहींरहा होगा. लोग पालमपुर से घोड़ंे, िचंंर या पैदल घूमते हुए यहां पहुंचते रहे होंगे. ‘अंदटंे ा’ वालों, िासकर बुजगु ंोंके मुताखबक, सबसे पहले वहां नोरा मेम साहब ही आकर बसीं. खफर उनंहोंने सरदार सोभा खसंह और पंंोफ़ेसर जय दयाल को यहां आकर बसने के खलए पंंेखरत खकया. गुरंचरण खसंह और कुछ अनंय कलाकार भी आये. कबीर बेदी की मां फेंडा बेदी और बीसी सानंयाल जैसे सृजनशील लोगोंने भी यहां काफी समय खबताया. एक जमाने मेंयहां नोरा और सोभा
खसंह से खमलने-जुलने खफलंम और रंगमंच की मशहूर हखंंसयां पृथंवीराज कपूर, बलराज साहनी और अनंय बहुत सारे कलाकार आया करते थे. शहर के माहौल से खबलंकुल अलग होने के चलते उनंहें यहां अपार शांखत खमलती. वे कई-कई खदन यहां रह जाते. सोभा खसंह संगंहालय मेंराषंंीय-अंतरराषंंीय खंयाखत के कई पंंमुि कलाकारों-खफलंमकारों के साथ संथानीय लोगों के फोटोगंंाफ भी मौजूद हैं. फेंडा बेदी यानी कबीर बेदी की मां के बारे मेंपहले भी पढंचुका हू.ं वे खंंबखटश मखहला थीं. कबीर के खपता पंजाबी थे. नाम था पी एल बेदी. वाम खवचारधारा से जुड़ंे एक दाशंडखनक-लेिक. फेंडा से उनकी मुलाकात खवदेश, संभवतः जमंडनी या इंगंलैंड में हुई. खनकटता बढंी, खवचारों में काफी सामंय था. कुछ समय की दोसंंी के बाद दोनोंने शादी कर ली. आजादी की लड़ंायी और वाम वैचाखरक आंदोलन में जमकर खहसंसा खलया. लाहौर में बेदी साहब का घर वामपंथी कंंांखतकाखरयों, लेिकों-कलाकारों और अनंय देशभकंतों के खलए ‘कमंयून’ जैसा हो गया था. उस दौर का शायद ही कोई पंंमुि कंंांखतकारी, वामपंथी बुखंदजीवी या संवाधीनता सेनानी हो, जो बेदी साहब के कमंयून में न गया हो! भारत में रहते हुए फेंडा बाद के खदनों में बौदंं बन गयीं. लाहौर के बाद वे कई संथानोंपर रहीं, खजनमें एक कांगड़ंा घाटी भी है. वह बीच-बीच में ‘अंदंेटा’ भी आती रहीं, लेखकन उनके अंखतम बरस अरंणाचल के तवांग मेंबीते. उन खदनों लाहौर पखंंिम भारत में कला, संसंकृखत और वैचाखरक आंदोलन का बड़ंा केदं ंथा. खंंबखटश हुकमू त के दौरान खफखलप अनंंेसंट खरचरंसंड नामक एक अंगरेज पंंोफ़ेसर अखवभाखजत खंंबखटश इंखडया के लाहौर शहर में पदसंथाखपत हुए. लाहौर राजकीय कालेज मेंपंंोफ़ेसर के रंप मेंनोरा उनकी पतंनी थीं. वे आयखरश थींऔर काफी समृदंपखरवार की थीं. अपने पखत की तरह वे भी लाहौर के ही एक अनंय पंंमुि खशकंंण संसंथान से जुड़ंीं. अंगंेज होने के बावजूद दोनों ही भारत की आजादी के पकंंधर थे. नोरा अपने पखत खफखलप के साथ सबसे पहले सन
1911 में लाहौर आयी थीं. कला, साखहतंय, िासकर रंगमंच मेंउनकी गहरी खदलचसंपी थी. खजंदगी के सबसे िूबसूरत लमंहे लाहौर में बीत रहे थे खक अचानक सन 1920 में उनके पखत की मृतंयु हो गयी. तब उनकी उमंं महज 45 की थी. पखत की असमय मौत से उनंहें गहरा धकंंा लगा और वे इंगंलैंड लौट गयीं. लेखकन इंगंलैंड में उनका मन जंयादा खदन नहीं लगा. उनका बचपन और युवावसंथा के शुरंआती खदन इंगंलैंड, बेलंलखजयम और ऑसंटंेखलया में बीते थे, लेखकन पखत के साथ काफी विंड लाहौर में रहीं. पखत-पतंनी लाहौर के सामाखजकसांसक ं खृ तक जीवन का खहसंसा बन गये थे. यही खरशंता उनंहें लंदन से िींचकर खफर लाहौर ले आया. सन 1924 में वे लौट आयीं. इस बार खनपट अकेले. उनंहोंने लाहौर में रंगमंच की अपनी गखतखवखधयों को खफर से शुरं खकया. कुछ समय वहां रहने के बाद खफर खहमाचल की कांगड़ंा घाटी आने का फैसला खकया. कांगड़ंा मेंघूमते-घूमते वे पहले बनूरी और खफर ‘अंदटंे ा’ पहुच ं ींऔर यहींकी होकर रह गयीं. कुछ ही समय मेंवे ‘अंदंेटा’ से इस कदर जुड़ंीं खक पालमपुर कंंेतं में इस गांव को लोग ‘मेम दा खपंड’ (मेम साखहबा का गांव) कहने लगे. नोरा तो भारतमय थीं, भारत में भी गंंामवाखसनी! सन 1935 मेंकांगड़ंा के खजला आयुकतं ने उनकी कलापंंखतभा और कंंेतं से उनके लगाव को देिते हुए रंगमंच संबंधी गखतखवखधयोंके खवसंंार के खलए उनंहेंयहां जमीन दे दी. फूल-पौधोंसे भरे बगीचे मेंनोरा का रंगकमंडताउमंं जारी रहा. उनंहोंने पंजाबी रंगमंच को नया ‘कंटेट’ और नया ‘फॉमंड’ खदया. खनिंंय ही ‘गंंामीण रंगमंच’ की उनकी अवधारणा सामाखजक-सांसंकृखतक नवजागरण से पंंेखरत थी. पंंखशखंंकत कलाकारों के साथ वे गांव के कलाकारोंको भी अपने मंच पर उतारतीं. इसकी तैयारी के खलए संथानीय गंंामीणों को अखभनय, गायन और खनदंंेशन का पंंखशकंंण देतीं. इस दौरान लाहौर, बंबई, कोलकाता, खदलंली, पखटयाला, जालंधर और अमृतसर से नामी-खगरामी कलाकार और कलापंंेमी भी यहां आते. उनंहोंने कांगड़ंा
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शैली मेंबनाये अपने खमटंंी के घर को और बेहतर शकंल दी और नाम रिा-‘चमेली खनवास’. यह घर कमंयून की तरह था. लाहौर, कलकतंंा, बंबई (तब कोलकाता और मुंबई नाम नहीं थे) और देश के अनंय खहसंसों से आने वाले कलाकार और बुखंदजीवी इसी मेंरंकते थे. अब यह पूरा पखरसर पखटयाला कंसथत पंजाबी खवशंंखवदंंालय के मातहत है. खवशंंखवदंंालय के एक-दो कमंडचारी भी यहां हैं, लेखकन नोरा का पखरसर उदास पड़ंा है. कोई िास गखतखवखध नहींहै. शायद, साल मेंएकाध बार यहां रंगमंच के कुछ कमंडकांडी आयोजन भर हो जाते हैं, लेखकन चमेली खनवास और आसपास का इलाका अनाथ सा खदिता है. एक गेसंट हाउस भी बना हुआ है. उसके इदंडखगदंड बेतरतीब ढंग से बढंे फूल-पौधों और घासों से साफ लगता है खक यहां खकसी तरह की खनयखमत गखतखवखधयां नहीं हैं. पंंवेश दंंार के पास ही नोरा सो रही हैं, खचरखनदंंा मेंसन 1971 मेंउनकी मृतंयु हुई. यहां से कुछ ही दूर है-सरदार सोभा खसंह का घर. इसी पखरसर में सोभा खसंह कला संगंहालय है. इसकी देिभाल सोभा खसंह के पखरजन करते हैं. उनके पौतंंकी पतंनी कमलजीत कौर बताती हैं खक सोभा खसंह जी यहां खवभाजन के बाद, सन 1948 मेंआये और सन 1986 में अपने खनधन तक यहींरहे. जीवन के 85वेंसाल मेंउनंहें नंयूमोखनया हो गया. पालमपुर-धमंडशाला आखद मेंइलाज के बावजूद तबीयत ठीक नहीं हो सकी. तब पंजाब के ततंकालीन मुखंयमंतंी सुरजीत खसंह बरनाला ने चंडीगढं इलाज कराने के खलए सरकारी हेलीकॉपंटर भेजा. उनंहें चंडीगढंकंसथत पीजीआई मेंभतंंी कराया गया, पर बचाया नहींजा सका. उनंहोंने अंखतम सांस वहींली. पदंश ं ंी समेत तमाम तरह के समंमानोंसे खवभूखित सरदार सोभा खसंह ने जीवन के शुरंआती विंड गुरंदासपुर, अमृतसर, बगदाद और लाहौर मेंखबताये. सन 1923 मेंउनंहोंने अमृतसर में अपना पहला पंंोफेशनल संटखू डयो सुभाि संटखू डयो िोला. संभवतः उन खदनोंवे सुभाि बोस से पंभं ाखवत थे. खफर वह लाहौर गये और वहींजम गये. खनसवत रोड पर संटूखडयो था, पर खवभाजन के दौरान खहंसा की आंधी मेंसब कुछ ितंम हो गया. सोभा खसंह ने उसी दौरान खहमाचल की तरफ कूच खकया और ‘अंदंेटा’ में बसने का फैसला खकया, जहां नोरा पहले से ही रह रही थीं. सोभा खसंह ने अपनी पेखंटंग के जखरये खसि गुरओ ं ,ं अनेक खहंद-ू मुकसं लम संतोंऔर अनंय महापुरंिोंकी समाज के समकंंछखव पेश की. गुरं नानक, गुरं गोखवंद खसंह, कृषंण, संत रखवदास, ईसा मसीह, शेि फरीद, भगत खसंह, महातंमा गांधी और जवाहर लाल नेहरंआखद के बनाये उऩके खचतंंइस कदर लोकखंंपय हुए खक आज उनंहीं की अनुकृखतयां या ‘खंंपंट’ देश के कोने-कोने मेंलोगोंके घरोंकी दीवालोंपर टंगे खमलते हैं. नोरा खरचरंसंडतो वापस लंदन जा सकती थीं, पर इन कलाकारों ने खहमाचल की कांगड़ंा घाटी में धौलाधार पवंडत शंंृंिला की गोद मेंबसे ‘अंदंेटा’ मेंरहने का फैसला खलया.
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17 मार्ष - 23 मार्ष 2017
क्या सच होगा नशामुक्त पंजाब का ख्वाब
अमृतसर. खफलंम ‘उड़ंता पंजाब’ में पंजाब में वंयापंत नशे की समसंया को पंंमुिता से खदिाया गया है. संथानीय नागखरकोंमेंभी पूवंडसरकार के पंंखत नशे को ितंम न कर सकने और भंंषंटाचार को बढंावा देने यही नाराजगी थी. इसीखलए पंजाब मेंकांगंेस को बेहतर खवकलंप के तौर पर चुनते हुए संथानीय जनता ने कैपंटन अमखरंदर खसंह से नशामुकंत पंजाब मांगा है. 117 खवधानसभा सीट में से 77 पर अपना कबंजा करने वाली कांगंेस की यह जीत देश में खमले हाखलया चुनाव पखरणामों के बीच अपंंतंयाखशत है. इसके पीछे का मुखंय कारण यह है अमखरंदर ने नशामुकंत पंजाब बनाने का वादा कर लोगों के मन में उमंमीद जगा दी थी. यह जीत लोगोंके उसी खवशंवास का पखरणाम है. मुखंयत: कृखि पर खनभंडर इस राजंय मेंलोगोंके खलये िेती अब एक अपयंाडपंत आय के शंंोत का जखरया है. फसलोंके नुकसान व कृखि ऋण की आसान उपलबंधता ने सभी को राह से भटकाया है. कृखि खवशेिजंंोंने पंजाब मेंखकसानोंके बढंते आतंमहतंया के मामलों के खलये इनंहीं बातों को खजमंमेदार ठहराया है. इन हालातों के बीच लोगों को कैपंटन अमखरंदर खसंह पर
मंचों से संवीकार कर चुके हैं. हालांखक, इस बीच वह लोगों को यह वादा भी कर चुके हैंखक जब तक वह नशे के कारोबार में संखलपंत लोगों को सजा नहीं खदला देंगे तब तक वह चैन से नहीं रहेंगे. इसके अलावा वह चुनाव पंंचार मेंयह भी बता चुके हैंखक पंंतंयेक घर से एक युवा को वह रोजगार देंगे. इसके खलये वह राजंय में इंडसंटंंीज की संथापना पर जोर देंगे. हालांखक, यहां यह जानना जरंरी है खक पूवंड पंजाब सरकार अपने वतंडमान कमंडचाखरयों को खनयखमत तरीके से वेतन दे सकने मेंअभी सफल नहीं हो पा रही है. वहीं, सतलज-यमुना नखदयोंके जल के बंटवारे को लेकर भी कैपंटन अमखरंदर को भरोसा बढंा और लोगोंने बादल सरकार को परेशान नजर आता है. इस बीच युवाओंको तमाम चुनौखतयों का सामना करना पड़ंेगा. िोिला करती जा रही नशे की समसंया ने दरअसल, हखरयाणा और पंजाब के बीच यह हटा खदया. पंजाब के आखंथडक मामलोंके जानकार सभी को खचंता में डाल रिा है. इस बीच खववाद काफी लंबे समय से चला आ रहा है. भी बताते हैं खक नयी सरकार को कई कड़ंे चुनाव पंंचार के दौरान कांगंेस का यह ऐसे में इस सरकार को इस समसंया का भी फैसले लेने होंगे. जब तक वह ऐसा नहीं कहना खक सतंता में आने के बाद वह मातंं समाधान करना होगा. मगर इन सबके बीच नशामुकंत पंजाब करेगी तब तक वह पंजाब में गहरा चुकी चार सपंताह में ही नशे की जड़ं को उिाड़ं खवखभनंन समसंयाओं का हल नहीं तलाश देगी, लोगोंको लुभाने के खलये काफी सटीक का खंवाब कैपंटन के खलये सबसे बड़ी चुनौती सकेंगे. वे बताते हैं खक एक ओर जहां युवा रहा है. यह पंंचंड बहुमत लोगों के उसी है. इस वादे की सफलता ही लोगोंके मन में नई सरकार के पंंखत समंमान व नफरत का बेरोजगारी की समसंया से जूझ रहा है वहीं भरोसे का पखरणाम है. इस बात को कैपंटन अमखरंदर भी कई सबब बनेगी. खकसान अपनी आखंथडक सुरकंंा के खलये
के्द्ीय मंफ्तयो्को लेकर कौशल का संकट
नयी ददल्ली. मनोहर पखंरक ड र एक बार खफर गोवा के मुखयं मंतंी बन चुके है.ं ऐसे में केदं ंीय खवतंंमंतंी अरंण जेटली के सामने खफर से दो मंतंालयों की खजमंमेदारी संभालने की कंसथखत पैदा हो गयी है. इससे बचने के खलये अब पंध ं ानमंतंी नरेदं ंमोदी को एक बार खफर अपने सांसदोंमेंसे नये रकंंा मंतंी की तलाश करनी होगी. मगर कैखबनेट में भरोसेमंद नेताओंकी कमी से यह समसंया एक बार खफर िड़ंी हो गयी है. नई खदलंली के रायसीना खहल पर पांचों कैखबनेट कमेटी ऑफ खसकंयोखरटी अफेयसंड मंतंालय मौजूद हैं. साउथ बंलॉक में रकंंा, खवदेश और पीएमओ है तो सड़ंक की दूसरी ओर नाथंड बंलॉक में खवतंं और गृह मंतंालय. बता दें खक दोनों मंतंालयों के कामकाज को लेकर काफी यातंंाएं करनी पड़ंती हैं. िासकर, रकंंा मंतंी को. ऐसा न खसफंकसुरकंंा जवानों का मनोबल बढंाने के खलए बकंलक सरहद की मौजूदा पखरकंसथखतयोंकी जानकारी लेने के खलए भी करना जरंरी होता है. गोवा में िंखडत जनादेश ने ऐसे हालात पैदा कर खदए खक पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी को पखंरक ड र से रकंंा मंतंालय छोड़ंकर वापस गोवा भेजना पड़ंा. इससे केदं ं की कैखबनेट में एक बार खफर अचंछे नेता की कमी हो गयी है. जेटली को रकंंा मंतंालय का अखतखरकंत भार ऐसे वकंत मेंखमला है जब संसद का बजट सतंंजारी है. उनंहेंफाइनेस ं (खवतं)ं खबल और एपरोखंंपएशन (खवखनयोजन)खबल को पास कराना है. इसके साथ ही उनके सामने नोटबंदी से पैदा हुए नाकारातंमक असर को जलंद से जलंद ितंम करने की भी खजमंमदे ारी है. तो अथंडवंयवसंथा में तेजी लाने की भी RNI- DELHIN/2015/ 65658
चुनौती है. इतना ही नहीं जीएसटी खबल को संसद से पास कराने के खलए भी जेटली को राजनीखतक समरसता तैयार कराने की बड़ंी चनौती है. ताखक जुलाई 2017 की डेडलाइन के तहत इसे लागू करवाया जा सके. इसके अलावा जेटली, पाटंंी के िास खसयासी रणनीखतकारोंमेंसे एक है.ं गोवा और मखणपुर के जैसे हालात हैं उसमें जेटली की खसयासी और कानूनी राय पाटंंी के खलए िास अहखमयत रिती है. हालांखक, पाखकसंंान के खिलाफ भारतीय सेना की सखंजक ड ल संटंाइक के बाद से सीमा पर कुछ हद तक शांखत का माहौल तो है. लेखकन उड़ंी और पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले इस बात की याद खदलाने को काफी हैंखक रकंंा मंतंालय मेंरकंंा मंतंी का पूरा धंयान होना चाखहए. इसमें दो राय नहीं खक मोदी सरकार ने बेहतर सुरकंंा तैयाखरयों पर धंयान खदया है. इसके साथ ही तीनोंसेना को जंयादा से जंयादा अखधगंंहण करना है, खजसके खलए गंलोबल खबरंस की सावधानीपूवक डं समीकंंा करने की जरंरत होगी. हालांखक जेटली को रकंंा मंतंालय का अखतखरकंत भार सौंप कर पंधं ानमंतंी नरेदं ंमोदी ने यह तो जाखहर कर खदया है खक, वो इस पद को भरने की जलंदबाजी मेंनहींहै.ं लोगोंको इस बात का तब तक इंतजार करना होगा जब तक खक उतंरं पंदं श े में मुखयं मंतंी का चुनाव नहींकर खलया जाता है. अगर उतंरं पंदं श े की खजमंमदे ारी केदं ंीय गृह मंतंी राजनाथ खसंह या खफर संचार मंतंी मनोज खसनंहा को सौंपी जाती है तो भखवषंय मेंकैखबनेट बदलाव की संभावना से इंकार नहीं खकया जा सकता है. यह एक खचंता का खविय है.
‘आप’ की बढ्ी् चुनौफतयां
नयी ददल्ली/देहरादून. उतंंरािंड में भारतीय जनता पाटंंी (भाजपा) खकसी चेहरे को थोपने की बजाय सवंडसमंमखत से मुखंयमंतंी का चुनाव करने की कवायद चल रही है. यही वजह है खक जीतकर आए सभी खवधायकों और पूवंड मुखंयमंखंतयों से चचंाड की जा रही है. सूतंों के मुताखबक सतपाल महाराज और खंंतवेंदं रावत के नाम पर सहमखत बनाने में मुकंशकलें आ रही हैं. खपथौरागढं से खवधायक पंंकाश पंत के नाम पर भी सहमखत बन सकती है. भगत खसंह कोशंयारी के पंंकाश पंत का नाम आगे करने के बाद िंडूरी कैँप ने भी खवरोध नहीं खकया है. इस बाद भाजपा हाईकमान ने खवशेि खवमान भेजकर देहरादून से खदलंली बुला था. इस बीच पूवंड भाजपा अधंयकंं खबशन खसंह चुफाल को भी देहरादून बुला खलया गया है.
70 खवधानसभा सीटोंमेंसे भाजपा को बंपर 56 सीटे हाखसल हुए हैं. इसके साथ ही अब बड़ंा सवाल मुखंयमंतंी को लेकर है. भाजपा के अंदरंनी सूतंों के मुताखबक तीन लोग सीएम की दौड़ं में सबसे आगे बताए जा रहे हैं. ये तीन नाम हैंसतपाल महाराज, खपथौरागढं से खवधायक और पूवंड खवधानसभा अधंयकंंपंंकाश पंत और खंंतवेंदं खसंह रावत. भाजपा में सीएम पद के खलए अंदर ही अंदर िींचतान चल रही है. दोनों केंदंीय पयंडवेकंक, नरेंदं तोमर और सरोज पांडेय बुधवार को देहरादून पहुंच रहे हैं. वे यहां सीएम के दावेदारों को लेकर खवधायकों से रायशुमारी करेंगे. समझा जा रहा है खक इसके पहले आज यानी मंगलवार देर शाम तक खदलंली में उतंंरािंड के मुखंयमंतंी का नाम तय कर खलया जाएगा.
नयी ददल्ली. नयी खदलंली में सरकारी धन से अनंय राजंयोंमेंचुनाव पंंचार करने के आरोपों को झेल रहे मुखंयमंतंी एवं आम आदमी पाटंंी (आप) पंंमुि अरखवंद केजरीवाल के खलये यह समय खचंता का सबब बना हुआ है. दरअसल, पंजाब और गोवा में लोगों ने खजस तरह केजरीवाल को नकारा है वह उनके व उनकी पाटंंी के अनंय खथंकटैंक के खलये एक पंंमुि मुदंा बना हुआ है. हकीकत तो यह है खक केजरीवाल के सामने एक नहींकई चुनौखतयां हैं. ‘आप’ के सामने इस समय सबसे बड़ंी चुनौती है खदलंली नगर खनगम (एमसीडी) के चुनाव में िुद को साखबत करने की. एमसीडी के चुनाव में केजरीवाल के खलये चुनौखतयां बहुत बड़ी है.ं दरअसल, ऐसा देिा जा रहा है खक खदलंली की जनता अरखवंद केजरीवाल और उनके खवधायकों की करतूतों से काफी नाराज है. इस बीच गोवा और पंजाब में अरखवंद अपनी पाटंंी की लोकखंंपयता के बारे में भी बारीकी से जान चुके हैं. जाखहर है, यूपी मेंभाजपा को खमलने वाली अपंंतंयाखशत सफलता भी ‘आप’ के खलये चुनौती का सबब तो है ही. वहीं, इन दोनोंही राजंयोंमेंपाटंंी को खमली हार के बाद एमसीडी चुनाव में कांगंेस को यह एक अवसर नजर आ रहा है. वहीं, एमसीडी चुनाव में अपना भागंय आजमाने को तैयार जेडीयू के नीतीश कुमार और संवराज अखभयान पाटंंी पंंमुि योगेंदं यादव केजरीवाल की मुसीबत बढंा रहे हैं. उनंहें इस बात का डर सता रहा है खक कहीं जेडीयू उनके पूवंाांचल के वोटबैंक पर सेंध न मार दे. वहीं, केंदं सरकार के साथ िटंंे खरशंते कर चुके केजरीवाल के खलये जनता के मन में भी खगरावट आयी है. इस बीच पूवंड राजंयपाल नजीब जंग से होने वाले खववाद ने ‘आप’ सरकार के पंंखत लोगोंमेंिटास बढंा दी थी. वहीं, बंयूरोकेंटंस पर आये खदन भंंषंटाचार के आरोप लगाने वाले केजरीवाल व उनगे मंखंतयोंको पंंशासन का भी समथंडन नहीं है. पंजाब से बड़ी उमंमीद लगाये बैठे ‘आप’ को इसकी उमंमीद थी खक जैसे ही उनंहें दूसरे राजंय में जनसमथंडन खमलेगा, उससे वह अपनी संखथखत को और मजबूत कर सकेंगे. मगर ऐसा हो न सका.
नयी ददल्ली. कुछ महीने पहले दखंंकणी कशंमीर के खनवाखसयों ने उजाला संकीम के तहत बांटे गए एलईडी बलंबोंको तोड़ंना शुरं कर खदया था. आपको बता देंखक इस संकीम के तहत 250 रंपए के बलंब को खसफंक20 रंपए मेंबांटा गया था. वहां पर यह अफवाह फैल गई खक इन बलंब मेंसखंवल ड ांस के उपकरण लगे हुए है,ं खजसकी वजह से लोगोंने इनंहेंतोड़ंना शुरंकर खदया था. यह कहा जा रहा था खक इन बलंब में माइकंंो खचप लगे है,ं जो लोगों की गखतखवखध और बातोंको टंक ंै कर सकते है.ं इसे सरकार
की एक चाल कहा जा रहा था. अफवाह फैल गई थी खक सखंवल ड ांस के उपरकरण लगाए जाने की वजह से ही इन बलंब को इतने ससंंेमेंबेचा जा रहा है. इसकी मदद से सरकार लोगोंपर नजर रिेगी. इसके अलावा एक अनंय अफवाह फैल रही थी, जो एक मोबाइल कंपनी के बारे मेंथी. कहा जा रहा था खक एक कंपनी मुफतं मेंलोगोंको खसम बांट रही है, जो टंखंैकंग कैपखे बखलटी से लैस है.ं यह अफवाह दो उगंवं ाखदयों की मौत के बाद फैली, जब छानबीन में यह पता चला खक वह उगंवं ादी उसी कंपनी का खसम काडंडइसंमंे ाल कर रहे
थे, जो कंपनी मुफतं मेंखसम बांट रही है. इसके बाद फैली अफवाह के चलते बहुत से लोगोंने उस कंपनी का खवरोध खकया और उसके खसम काडंडका इसंमंे ाल करना बंद कर खदया. इसके बाद सुरकंंा एजेखंसयों को घुसपैखठयोंऔर संथानीय आतंखकयोंसे खनपटने के साथ-साथ इन अफवाहोंसे भी लड़ंना पड़ंा. सुरकंंा अखधकाखरयोंने बताया खक यह अफवाह देश खवरोधी लोगोंकी तरफ से फैलाई गई थी, ताखक तनाव का माहौल पैदा हो सके, खजसके बाद खहंसा भी हुई थी. यह घाटी मेंतनाव पैदा करने के खलए ही खकया गया था.
मुखंयमंतंी िे रेस में पंंिाश पंत आगे
उजाला स़कीम की अफवाह ने लनकाली हवा
संवतंवाखधकारी, पंंकाशक और मुदंक: कंंमता खसंह के खलए अमर उजाला पकंबलकेशंस खलखमटेड, सी-21, 22, सेकंटर-59, नोएडा, उतंंर पंंदेश से मुखंदत एवं दूसरी मंखजल, बी-146, हखरनगर आशंंम, नयी खदलंली- 110014 से पंंकाखशत. संपादकः अंबरीश कुमार (पीआरबी अखधखनयम के तहत समाचारोंके चयन के खलए खजमंमेदार) सभी कानूनी खववादोंके खलए नंयाय कंंेतंखदलंली होगा. संपकंक: +91.8004903209, 9793677793 ईमेल: shukrawaardelhi@gmail.com