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शाहरुखु: दिल की डगर पेज- 13
वर्ष 1 अंक 8 n पृष्: 16 n 25-31 दिसंबर 2015 n नयी दिल्ली n ~ 5
तो खनन कंपननयों को ऐसे फायदा देगी रमन नसंह सरकार
पूजा दसंह
रायपुर. बीते कुछ समय से लगातार दववादो़ मे़ दघरी छत़़ीसगढ़ की भाजपा सरकार पर इस बार एक गंभीर इल़जाम लगा है. कांग़ेस महासदचव और मध़य
प़़देश के पूव़डमुख़यमंत़ी ददव़ववजय दसंह ने आरोप लगाया है दक प़़देश सरकार स़टांप शुल़क मे़ दरयायत की मदद से खनन कंपदनयो़ को जबरदस़़ लाभ पहुंचाने की दफराक मे़है. आरोप यह है दक राज़य सरकार ने इसके दलए भारतीय स़टांप (छत़़ीसगढ संशोिन) अध़यादेश 2015 की मदद ली है. गत अक़टूबर मे़एक अध़यादेश के बाकी पेज 2 पर
n राजनाथ, सुषमा खामोश
केजरीवाल ने घेर ललया जेटली को
दववेक सकुसेना
नयी तिलुली. रीरीसीए कांर मे़ दवत़़ मंत़ी अऱण जेटली बुरी तरह से फंस गये है़. जहां एक ओर अरदवंद केजरीवाल ने उऩहे़घेर दलया है वही़ प़़िानमंत़ी नरे़द़ मोदी के इस बयान के बाद दक लाल कृष़ण आरवाणी की तरह जेटली भी बेदाग सादबत हो़गे, उनके भदवष़य पर प़़श़न दचऩह लग गया है. भाजपा के ही वदरष़़ नेताओ़ का मानना है दक प़़िानमंत़ी ने यह बयान देकर अप़़त़यक़़ऱप मे़ इशारा कर ददया है दक वे अव़वनपरीक़़ा मे़ खरे सादबत हो़इसके दलए उनको यह परीक़़ा देनी ही होगी. मतलब यह है दक दजस तरह से जैन हवाला कांर मे़अपना नाम आने बाद आरवाणी ने इस़़ीफा ददया था, ठीक उसी तरह से जेटली को भी कदम उठाना चादहए. मालूम हो दक आरवाणी ने तब तक कोई पद नही़ दलया था जब तक दक अदालत की अव़वनपरीक़़ा मे़खरे सादबत नही़हुए. उऩहो़ने न चुनाव लड़ा और न ही पाट़़ी तक मे़ कोई पद दलया. इस बीच कीद़तड आजाद के दनलंबन के बाद जेटली पर इस़़ीफे का दबाव और बढ गया है. शत़़ुघ़न दसऩहा ने भी मोदी के हवाले से उऩहे़ आरवाणी के रास़़े पर चलने की नसीहत दे राली है. पाट़़ी मे़ भी जेटली के दखलाफ लामबंदी तेज हो रही है. भाजपा सूत़बताते है़दक केजरीवाल एंर
कंपनी पर मुकदमा ठोकने का फैसला अऱण जेटली ने खुद ही दलया. उऩहो़ने यह कदम उठाने के पहले न तो प़़िानमंत़ी नरे़द़ मोदी की सलाह ली और न ही भाजपा अध़यक़़ अदमत शाह के साथ दवचार दवमश़डदकया. वे अपने आपको बेहद चतुर, सक़़म मानते है़. उऩहे़ लगा दक उनके इस कदम से पाट़़ी के अंदर और बाहर के दवरोदियो़ को सांप सूंघ जायेगा. मालूम हो दक जहां पाट़़ी सांसद कीद़तड आजाद ने गंभीर आरोप लगाये थे वही़भाजपा के अंदर ही यह नारा चलने लगा था दक ‘भाई बड़ा कमाऊ है, कालमाड़ी का ताऊ है.’ यह माना जा रहा था दक रदववार को कीद़तड आजाद की प़स ़े कॉऩफस ़े के बाद अगले ही कुछ घंटो़मे़उनके दखलाफ काऱडवाई कर दी जायेगी. पर 48 घंटे बीत गये. दफर लगा
नंंिसमस पर बेहाल हुआ रबर नकसान
तिरुवनंिपुरम. रबर की कीमतो़ मे़ भारी दगरावट के चलते केरल मे़ रबर दकसानो का द़़िसमस का उत़सव खटाई मे़ पड़ गया है. रही सही कसर लगातार हो रही बरसात ने पूरी कर दी है .रबर यहां की मुख़य नगदी फसल है, दजससे यहां का दकसान मुनाफा कमाता है. बीते साल रबर की कीमत 125 ऱपये प़़दत दकलो थी. लेदकन इस समय केरल मे़ इसकी कीमत 80 से 100 ऱपये प़़दतदकलो के अपने ऩयूनतम स़़र पर है. दकसान जब रबर को शीट के तौर पर बेचते है़ तो उऩहे़ इसका दाम 100 ऱपये दकलो के दहसाब से दमलता है. लेदकन जब वह रबर को दूि के ऱप मे़बेचते है,़ तब उऩहे़ 80 ऱपये प़़दत दकलो के दहसाब भुगतान दमलता है. कोट़़ायम मे़ रबर की खेती करने वाले दकसान दननान जैकब ने कहा दक आवश़यक वस़़ुओ़ की कीमते़ आसमान छू रही है़. दजससे मुव़शकले़ और बढ गयी है़. हाल के समय मे़ रबर अपने सबसे ऩयूनतम मूल़य
n जेटली पर बढ़ा इसुुीफे का िबाव
पर दबक रहा है. दजससे आने वाला त़यौहार द़़िसमस को मनाने मे़दकसानो़को ददक़़तो़ का सामना करना पड सकता है. इस तरह के घाटे के बाद त़यौहार कौन मनायेगा और कैसे मनायेगा . साथ ही मूसलािार बादरश ने हमारी आत़मा पर चोट पहुंचाने का काम दकया है. दथऱवल़ला मे़ घर बनाने
का काम करने वाले जेसी अब़़ाहम ने कहा दक इस साल लगातार बादरश के चलते यहां ठंरक भी कम पड रही है. मुव़शकल से यहां के कुछ घरो़मे़लोग अलाव जलाते है़. बीते साल के मुकाबले ये काफी कम है.इस सबके चलते त़यौहार जैसा माहौल तो नजर नही़आ रहा.
दक मंगलवार को होने वाली संसदीय दल की बैठक मे़उऩहे़जऱर दनकाल देने की काऱवड ाई की जायेगी. अखबार और मीदरया इसी आशय की खबरो़से भरे पड़ेथे. मीदरया के जदरए दबाव बनाया गया. कीद़तड आजाद को सवालो़ के जदरए घेरने की तैयारी की गयी दजससे की वे आि़़ोश मे़ आकर अऱण जेटली का नाम ले ले और उन पर अनुशासनहीनता और मानहादन के आरोप लगाये जा सके. पर वे चालाक दनकले बारबार कहा दक वे तो मोदी के बताये माग़ड पर चलते हुए भ़़ष़ाचार के दखलाफ लड़रहे है़. पर पाट़़ी मे़ दबाव बढा तो बुिवार को उऩहे़ प़़ाथदमक सदस़यता से दनलंदबत कर ददया गया .इस पर कीद़तड आजाद ने सवाल भी खडा दकया दक वे सांसद है़ और उऩहे़ दबना
कारण बताओ नोदटस ददये कैसे दनकल ददया गया. इस मुद़े पर कीद़तड आजाद को शत़़ुघ़न दसऩहा का साथ भी दमला. यह बात अलग है दक संसदीय दल की बैठक मे़नरे़द़मोदी ने अऱण जेटली को दनशाने पर ले दलया. उऩहो़ने आरवाणी की अव़वनपरीक़़ा के साथ उनकी तुलना करते हुए कहा दक आरवाणी जी इसमे़सफल सादबत हुए है. वैसे ही जेटली भी दनष़कलंक होकर उबरे़गे. मतलब यह दक उऩहो़ने कीद़तड आजाद की इस मांग पर ठप़पा लगा ददया दक भ़़ष़ाचार की जांच होनी चादहए. उसमे़ कोई दोषी है या नही़. यह तो जांच से ही सादबत होगा. अब उऩहो़ने इस बयान से अऱण जेटली की ओर इशारा कर ददया है दक आप आरवाणी की तरह खुद को बाकी पेज 2 पर
बिगड़ गयी िनारस की आिोहवा
वाराणसी. बढ़ते प़़दूषण का असर बनारस मे़ भी ददखाई देने लगा है. हवा मे़ बढ़ते हादनकारक गैसो़ की मात़़ा इसका साफ इशारा है. के़द़ीय प़़दूषण दनयंत़ण बोऱड (सीपीसीबी) की आदिकादरक वेबसाइट पर जारी होने वाले आंकड़े भी इसकी गवाही देते है़. हर घंटे जारी होने वाले इन आंकड़ो़ से साफ है दक पूरे उत़़र भारत के साथ बनारस शहर मे़ भी जबद़डस़ वायु प़़दूषण है. बढ़ते प़़दूषण और पय़ाडवरण मे़ बदलाव को लेकर लोगो़ मे़ जागऱकता बढ़ाने को लेकर व़हहसल ब़लोवर ट़़स़ट ने जो पहल की है उसमे यह बात उभर कर आई. बनारस के बदलते पय़ाडवरण पर अपने दवचार रखते हुए केयर फार एअर अदभयान की प़़बंिक एकता ने कहा दक ददल़ली के प़़दूषण स़़र की चच़ाड करते हुए हम बनारस
के साथ पूरे उत़़र भारत के प़़दूषण स़़र के बारे मे़चच़ाड करना भूल गये है.़ केद़ ़ीय प़द़ षू ण दनयंतण ़ बोऱड(सीपीसीबी) की आदिकादरक वेबसाइट पर जारी होने वाला हर घंटे का आंकड़ा यह सादबत करता है दक पूरे उत़़र भारत के साथ बनारस शहर मे़ भी जबद़डस़ वायु प़़दूषण है. उऩहो़ने इसकी दवस़़ृत जानकारी दी और कहा दक सीपीसीबी के अनुसार बनारस मे़बीते 60 ददनो़मे़प़़दूषण बाकी पेज 2 पर
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25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
लिर गरमा रहा है छात्् आंदोलन
दवषुणु पुुभाकर
कऩवे़शन करने लगे दजससे छात़़ो़ से भरपूर समथ़डन दमला. इस दवरोि को देखते हुए नयी तिलुली. दजन छात़़ो़ को अपना मानव संसािन दवकास मंत़ी स़मदृ त ईरानी को ज़यादा समय लाइब़़ेरी मे़देना चादहए वो छात़़ घोषणा करनी पड़ी दक नॉन-नेट फ़ेलोदशप िरना देने को मजबूर है़. आंदोलन को दो को बंद नही़ दकया जायेगा. लेदकन एक महीने से भी ज़यादा ददन हो गये है. छात़़ो़को कमेटी बना दी गयी जो पैमाना तय करेगी दक नॉन नेट फ़ेलोदशप दजसके तहत एमदफल दकसको फ़ेलोदशप दमलनी चादहए और और पीएचरी के शोिाद़थडयो़ को पांच हजार दकसको नही़दमलनी चादहए. ये पैमाना मेदरट और आठ हजार दमलता है. इस फ़ेलोदशप को या इनकम पर आिादरत हो सकता है. जो पांच हजार से आठ हजार और आठ हजार से कमेटी फ़ेलोदशप को बढ़ाने के दलए बनाई 12 हजार करने के दलए छात़़ो़ की तरफ से जानी थी वह कमेटी फ़ेलोदशप को सीदमत करने के दलए बना दी गयी. पहले से मांग हो रही थी. पर मंत़ालय की तरफ से इसे बढ़ाना तो दूर इसके समीक़़ा के दलए ही कमेटी बना दी गयी है. दजससे छात़़ो़मे़दनराशा पैदा होती ददख रही है. सात अक़तूबर 2015 को यूजीसी की मीदटंग हुई. 20 अक़टूबर 2015 को यूजीसी ने नॉ न - ने ट अब तक दवरोि का दायरा ह़यापक फ़ेलोदशप बढाने के बजाय खत़म करने का एलान कर ददया. जब छात़़ो़को पता चला तो हो चुका था, देश भर मे़ प़़दश़डन होने लगा वो यूजीसी के सामने िरने पर बैठ गये. जो अब तक हो रहा है. पहले दशक़़ा के पुदलस ने िरने पर बैठे छात़़ो़ पर लादठयां बजट मे़कटौती और अब नॉन-नेट फ़ेलोदशप भांजी दजसमे़ जेएनयू के पूव़ड और वत़डमान दजसे रब़लूटीओ से हुए समझौते का दहस़सा छात़़संघ उपाध़यक़़ अनंत प़़काश नारायण माना जा रहा है. अदखल भारतीय दवद़़ाथ़़ी और शेहला रशीद को गंभीर छोटे आयी़. पदरषद को छोडकर सभी छात़़संगठनो़द़़ारा लेदकन छात़़िरने से उठे नही़. छात़़ो़ने इस इसका दवरोि हो रहा है. आइसा के ‘ददल़ली आंदोलन को आक़यपू ाई यूजीसी नाम ददया है. चलो’ के आह़़ान पर देश के कोने कोने से इस आंदोलन को ह़यापक बनाने के दलए छात़़‘दशक़़ा बचाओ, देश बचाओ’ कऩवे़शन ं .े कऩवश े़ न जेएनयू, एएमयू, रीयू, जेएमआई के छात़़ो़ने मे़8 ददसंबरर को जंतर मंतर पहुच देश के सभी दवश़़दवद़़ालयो़ मे़ जा-जाकर मे़ दशक़़ादवद़ अदनल सद़़ोपाल, इदतहासकार
हरबंश मुदखया, नम़डदा बचाओ आंदोलन की नेता मेिा पाटकर, स़वराज अदभयान के नेता योगे़द़यादव, प़़ो चमनलाल, ददलीप मंरल, कदवता कृष़णन ने इस आंदोलन का समथ़डन दकया और इसे और ह़यापक बनाने की बात कही. 9 ददसंबर को आइसा, एसएफआई, एआइएसएफ का संयुक़त संसद माच़डहोना था. हजारो़छात़़संसद माच़ड मे़शादमल हुए. माच़डको पुदलस ने शुऱहोने के साथ ही रोकने की कोदशश की लेदकन माच़डको रोक नही पायी. ‘लडो पढाई करने को, पढ़ो समाज बदलने को’ का नारा लगाते छात़़ आगे बढते रहे. बैरीकेरो़ को तोड ददया गया था. पुदलस ने लाठी चाज़ड दकया और बब़डरता से छात़़-छात़़ाओ़ को पीटना शुऱ दकया. दफर भी माच़ड आगे बढता रहा. तब पुदलस ने आंसू गैस फे़कना और इस ठंर मे़ पानी की बौछार की दजसमे़ दज़डनो़ छात़़ घायल हो गए. घायल छात़़-छात़़ओ़ को एंबुले़स से हॉव़सपटल ले जाया गया. सैकडो़ छात़़ दगरफ़तार हुए. इसके बावजूद सरकार बहरी बनके बैठी है. बहरहाल दवरोि का दसलदसला अभी जारी है. अब इन छात़़ो़ को पुदलस की लादठयो़ की आदत सी हो गयी है. अभी भी छात़़ यूजीसी के सामने िरने पर है़. इस लडाई मे़ दकसकी जीत होगी और आंदोलनकारी छात़़ अपनी इस लडाई को कहां तक लडे़गे इसको देखना है.
खनन कंपननयों को ऐसे फायदा देगी रमन... केजरीवाल ने घेर..
पेज 1 का बाकी जदरये मूल अदिदनयम को संशोदित दकया गया. पहले जहां स़टांप शुल़क का आकलन बोली की कुल रकम पर दकया जाना चादहये था. वही़ संशोिन के बाद इसे रॉयल़टी के आिार पर आकदलत करने की ह़यवस़था की गयी. ददव़ववजय दसंह ने अपनी वेबसाइट पर एक आलेख मे़ बकायदा उदाहरण देकर समझाया है दक कैसे इससे सरकार के राजस़व को करोड़ो़ऱपये की चपत लगेगी. उद़़ोग जगत के अदिकादरयो़ के मुतादबक पुरानी ह़यवस़था मे़ बोली की रादश पर स़टांप शुल़क का आकलन दकये जाने के कारण लीज रीर का द़़ियाऩवयन नही़ हो पा रहा था. क़यो़दक यह रादश कंपदनयो़ के लगाये गये अनुमान से 100 गुना तक ज़यादा हो रही थी. यही वजह है दक बीते छह महीने से अदिक समय से खनन काय़ड बंद है. उिर कांग़ेस का आरोप है दक प़़देश सरकार इसके जदरये कई खनन कंपदनयो़ को हजार करोड़ ऱपये से अदिक
की राहत प़़दान की जा रही है. यह संशोिन मूल अदिदनयम की अनुसूची 1(क) मे़ दकया गया है. छत़़ीसगढ़ बचाओ मंच के संयोजक नंद कुमार कश़यप के मुतादबक नीलामी को लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी कंपदनयो़ ने खनन शुऱ नही़ दकया था. इस बीच वे लगातार राज़य सरकार पर दबाव बना रही थी़दक उनको स़टांप शुल़क मे़दरयायत प़़दान की जाये. प़़देश सरकार ने अपने बचाव मे़ दावा दकया है दक पड़ोसी राज़यो़मध़य प़़देश और उड़ीसा मे़ पहले ही यह बदलाव दकया जा चुका है. राज़य सरकार ने केवल पारदद़शडता बढ़ाने के दलये ही इसका अनुकरण दकया है. सरकार ने यह भी कहा दक यह कदम उठाने के पहले महादिवक़ता से मशदवरा कर दलया गया था. प़़देश के वादणज़य कर मंत़ी अमर अग़़वाल का कहना है दक इससे राजकोष को कोई नुकसान नही़पहुंच रहा है.
पेज 1 का बाकी अव़वनपरीक़़ा मे़ खरा सादबत करना पड़ेगा. मुकदमा लड़ो़और जीत कर आओ. आदखर यह फैसला भी जेटली का ही था. केजरीवाल के साथ गोपाल सुब़मण़यम और राम जेठमलानी सरीखे वकील खड़ेहुए है़. ददल़ली सरकार ने अलग आयोग बनाकर जांच शुऱकरवा दी है. मतलब यह दक अब जेटली को अदालत और आयोग के चक़़र काटने पड़े़गे. मुकदमे दकस तरह से दघसटते है यह दकसी से दछपा नही़. जेटली के पुराने दुश़मन, जेठमालानी पांच जनवरी को उनसे दजरह करे़गे तो अखाड़े मे़ दो पहलवानो़ के लड़ने जैसा दृश़य होगा. यह कदम उठाकर मोदी ने जेटली से पल़ला झाड़ दलया है. हालांदक इसकी झलक तो तभी दमल गयी थी जब जेटली पर आरोप लगने के बाद उनके बचाव मे़स़मदृ त ईरानी ने कहने के बाद प़स ़े कॉऩफस ़े की थी. जबदक वसुि ं रा राजे और सुषमा स़वराज के बचाव मे़अदमत शाह और राजनाथ दसंह नेता सामने आये थे.
पणजी में सीवेज पंलांट को हरी झंडी
पणजी. शहर के दनगम को एक बडी राहत देते हुए एनजीटी ने उस यादचका को ख़ादरज कर ददया है. दजसमे़कचरा संयंत़पर रोक लगाने की मांग की गयी थी. ये हीरा पेट़ोल पंप के पीछे लगाया जा रहा है. जहां कचरे का दनस़़ारण दकया जायेगा. ऩयायमूद़तड वीआर दकंगओ़कर और दवशेषज़़ सदस़य रॉ अजय देशपांरे की अध़यक़़ता वाली खंरपीठ ने काय़डकत़ाड काशीनाथ शेट़े और पांच अऩय लोगो़ की ओर से दायर यादचका पर अपना ये दनण़डय सुनाया. इस दनण़डय मे़ कहा गया है दक इस संयंत़ से पय़ाडवरण को कोई नुकसान नही़ होगा. साथ ही आवेदको़ को इस साईट की सही जानकारी भी नही़है. खंरपीठ ने कहा दक आवेदको़ ने जो तस़वीरे़पेश दक है़उसमे़पेडो़की कटाई उस स़थान से मेल नही़ कर रही है. ऐसे मे़ आवेदको़ के लगाये आरोप अस़पष़़ है़. इसदलए ये पूरा मामला राजनीदत से प़़ेदरत है और जो पय़ाडवरण की रक़़ा करने के इरादे से दायर नही़ दकया गया है. हमारी राय मे़, ये यादचका नेशनल ग़़ीन द़़टब़यूनल अदिदनयम, 2001 'की िारा 14 की उप-िारा (1) के भीतर आती है. पीठ ने कहा दक इसमे़ पय़ाडवरण से संबंदित पय़ाडप़त सवाल शादमल नही़है़. बीते सोमवार को इस पदरयोजना को रोकने के दलए इन काय़डकत़ाडओ़ ने जो यादचका दायर की थी. उसमे़बड़ेपैमाने पर वनस़पदतयो़का दवनाश और दनयाज़होटल से पहले सांताि़्ज-मस़डस जंक़शन और पणजी के राष़़ीय राजमाग़ड के साथ सीआरजेर अदिसूचना 2011 का बड़े पैमाने पर उल़लंघन करने का आरोप लगाया था.
हालांदक, जीएसआईरीसी के ठेकेदार दशल़पी दनम़ाडण ने इसके जवाब मे़ बताया दक मै़ग़ोव या दलदली भूदम के दनचले क़़ेत़ मे़ दकसी भी तरह की अवैि कटान जैसा कुछ नही़ दकया गया है. उऩहो़ने यह भी बताया दक सीजेरएमए और अऩय अदिकादरयो़ के जारी दकए गए दरकाऱड के मुतादबक ही काम दकया है. इस साल माच़डमे़एनजीटी ने पणजी मे़ प़स ़ ़ादवत हीरा पेट़ोल पम़प के पीछे इस संयतं ़ पर रोक लगाने के आदेश दे ददए थे. अदालत ने 17 जून 2013 को पणजी शहर के दनगम के नगर पादलका के दनदेशक से एमएसरब़ल़यू की स़थापना के दलए सही जगह के चयन मे़ 'एनएनईईआरआई' के दरपोट़डको ध़यान मे़रखने की दहदायत दी थी. साथ ही एमएसरब़ल़यू की सुदविा वाले इस एजंरे को समय-समय पर सीसीपी की सूची मे़दज़डकरने की भी बात कही थी. 23 अप़़ैल 2015 को दरप़टी कदमश़नर ने इस प़़ोजेक़ट के नये रीपीआर को मंजूरी दे दी थी, दजसमे़ पणजी शहर के दनगम के दलए एमएसरब़लू नाम से जेएनएनयूआरएम के अंतग़डत काम करना है. हालांदक गोवा सरकार के जऱरी मापदंरो़ पर दवचार करने के बाद एनजीटी ने नये रीपीआर को लागू करते हुए इस यादचका को ख़ादरज कर ददया. साथ ही आवेदको़ के प़़कृदत के बारे मे़ जानकारी पर भी सवाल उठाया.
बिगड़ गयी िनारस की आिोहवा
पेज 1 का बाकी का जो स़़र रहा है, उसमे़ हालात बहुत दचंताजनक रहे है़. उऩहो़ने बताया दक शहर की वायु मे़ मौजूद पाद़टडकुलेट मैटर के अलावा सल़फर राई ऑक़साइर, नाइट़़ोजन आक़साइर, काब़डन मोनो ऑक़साइर और काब़नड राइ ऑक़साइर, ओजोन गैस सभी ने हवा को जहरीला बनाया है. इससे बच़़ो़और श़़ांस संबंदित रोगो़ से जूझ रहे सभी आयु वग़डके लोगो़को ददक़़ते़हो रही है़. पदरणाम यह है दक आज कल ज़यादातर बच़़े छोटी उम़़ से ही अस़थमा (श़़ांस और फेफरे़) जैसे रोगो़के दशकार हो जाते है़. आशा ट़़स़ट के वल़लभाचाय़ड पांरेय ने कहा दक 2.5 माइि़़ोन के छोटे पाद़टडकुलेट मैटर, दजऩहे़ पीएम 2.5 कहा जाता है. वे केवल छोटे िूलकण नही़होते, बव़लक उनमे़ उद़़ोगो़ और पदरवहन सेक़टर से उत़सद़जडत दवषाक़त काब़डदनक तत़व और भारी िातु होते है़. स़वस़थ समाज मे़ पीएम 2.5 का अदिकतम स़़र शूऩय से लेकर 50 यूदनट
तक होना चादहए. जबदक सीपीसीबी दनयामक की वेबसाइट के अनुसार बनारस मे़ पीएम 2.5 कण 350 से लेकर 400 यूदनट तक है़. वल़लभाचाय़ड ने यह भी कहा दक बनारस मे़ लगातार हदरयाली कम होती जा रही है. नददयो़-तालाबो़ पर अदति़़मण बढ़ रहा है. दसंगरौली और सोनभद़़ मे़ लगातार जीवाश़म ई़िन आिादरत उद़़ोग और दबजली कारखाने लग रहे है़. पहले से मौजूद कारखानो़ की क़़मता भी बढ़ रही है. सड़क बनाने के नाम पर अंिािुंि पेड़ो़ की कटाई की जा रही है. दजला और राज़य शासन को ददल़ली से सीखते हुए सकारात़मक पहल करने की जऱरत है. वल़लभाचाय़ड ने आमजन से इस दवषय पर जागऱकता बनाने की अपील की. उऩहोने़ कहा दक पय़ाडवरण केवल राज़य का मसला मानने के कारण ही आज यह व़सथदत है. ऐसे मे़वायु प़़दूषण को दनयंद़तत करने के दलए सभी को अपने स़़र पर प़य़ ास करना चादहए. (शुिव़ ार ब़यरू ो)
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25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
लक््मीकांत की जमानत, भगत सिंह के सिरोध लिवराज की सांसत! मेंहसरयाणा िरकार? एम कुमार
पूजा दसंह
हाथ मे़है.़ ऐसे मे़नाम को लेकर दववाद चल रहा है. इिर पूव़ड सीएम भूपे़द़ दसंह हुड़ा ने चंडीगढु. भाजपा चाहती है मंगलसेन आरोप लगाना शुऱ कर ददया दक यह के नाम पर हो चंरीगढ एयरपोट़डका नाम तो सरकार भगवाकरण को बढावा दे रही है. पंजाब कांग़ेस के नवदनयुक़त प़़देश अकाली चाहते है शहीद भगत दसंह के नाम अध़ य क़़और पूवड़सीएम कैपट़ न अमरेद़ र दसंह पर होना चादहए. ऐसे मे़चंरीगढ़एयरपोट़डके ने भी नाम बदलने का दवरोि दकया. अब नाम को लेकर खी़चतान जारी हो गयी है. बादल सरकार की मजबूरी बन गयी दक नाम हदरयाणा मे़तत़कालीन कांगस ़े सरकार ने जब कम से कम मंगलसेन तो न होने पाये. 2009 मे़चंरीगढ एयरपोट़डको इंटरनेशनल एयरपोट़ड मे़ दवकदसत करने की पंजाब क़यो़दक पंजाब मे़2017 मे़दविानसभा चुनाव सरकार की योजना मे़दहस़सेदारी का प़़स़ाव है. ऐसे मे़ यदद नाम शहीद भगत दसंह की ददया था तो अकाली सरकार ने सोचा भी नही़ जगह मंगलसेन हो गया तो पाट़़ी को खासी होगा दक उऩहे़ यह ददन भी देखना पडेगा. ददक़़त आयेगी. पंजाब मे़ भाजपा अकाली उनका सबसे पसंदीदा प़़ोजेक़ट दबना नाम के दल की सहयोगी पाट़़ी है. लेदकन पद़़ेके पीछे ही रह जायेगा. हदरयाणा मे़ भाजपा की खूब दावपे़च चल रहे है़. कांग़ेस सांसद सरकार बनते ही इस एयरपोट़ड का नाम रवनीत दसंह दबट़़ ने संसद मे़ इस बारे मे़ शहीद भगत दसंह से बदल कर मंगलसेन के सवाल पूछा. 3 ददसंबर 2015 को लोकसभा नाम का प़़स़ाव हदरयाणा सरकार ने के़द़को मे़नागदरक उड़़यन राज़य मंत़ी महेश शम़ाड के भेज ददया. अब इसके दलए बादल सरकार जवाब से भाजपा व अकाली दल की इस कतई तैयार नही़है. यही वजह रही दक इस छुपी लडाई का सच सामने आया. पदटयाला साल जब 11 दसतंबर को पीएम नरेद़ ़मोदी ने से आम आदमी पाट़़ी सांसद िम़डवीर गांिी एयरपोट़ड का उद़़ाटन तो कर ददया. लेदकन और वाम दलो़के तमाम सांसदो़ने सीपीएम नामकरण नही़दकया. हवाई अड़़ेके दनम़ाडण महासदचव सीताराम येचुरी के नेतृत़व मे़17 मे़ के़द़ सरकार का दहस़सा 51 फीसदी है. ददसंबर को संसद भवन के सामने और भीतर पंजाब और हदरयाणा-दोनो़ सरकारो़ का भगतदसंह की प़द़तमा के सामने दवरोि प़द़ श़नड दहस़सा 24.5 फीसद है. हदरयाणा की कर हदरयाणा सरकार की दनंदा की और भगत तत़कालीन हुड़ा सरकार एयरपोट़डमे़बजट देने दसंह के नाम पर चंरीगढ़हवाई अड़़ेका नाम के दलए खुद आगे चल कर आयी थी. तब रखने की मांग की. मंगलसेन पूव़ड संघ पंजाब दविानसभा ने एक प़़स़ाव पास कर प़़चारक थे. वे 1947 के दवभाजन के बाद शहीद-ए-आज़म भगत दसंह अंतरराष़़ीय पंजाबी मे़ शरणाथ़़ी थे. उऩहो़ने हदरयाणा मे़ हवाई अड़़ा मोहाली रखने का प़़स़ाव भाजपा को खडा दकया. एक समय हदरयाणा सव़डसम़मदत से पंजाब दविान सभा से भी के देवीलाल मंद़तमंरल के सदस़य रहे और पादरत दकया था. लेदकन अब हदरयाणा 1990 मे़ उनके देहांत के बाद लोग उनको सरकार बदल चुकी है और सत़़ा भाजपा के भूल गये.
भोपाल. ह़यापम घोटाला मामले मे़ दपछले 18 महीने से जेल मे़बंद प़़देश के पूव़ड दशक़़ा और संसक ़ दृ त मंत़ी लक़म़ ीकांत शम़ाड को आदखरकार जमानत दमल गयी. उऩहे़ह़यापम घोटाले के तहत सात मामलो़ मे़ आरोपी बनाया गया था. मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने उऩहे़ 16 जून 2014 को दगरफ़तार दकया था. उल़लेखनीय है दक दगरफ़तारी के बाद पाट़़ी ने भी उनसे दकनारा कर दलया था और उनकी सदस़यता तक समाप़त कर दी गयी थी. बहरहाल जेल से बाहर दनकलने के तत़काल बाद उऩहो़ने जो शव़कत प़़दश़डन दकया है. उसे लेकर कयासो़का दसलदसला शुऱहो गया है. शम़ाड भोपाल से अपने गृह क़त़े ़दसरो़ज गये. करीब 100 दकमी की यह दूरी तय करने मे़उनको 10 घंटे का वक़त लग गया. जेल से दनकलने के बाद वह कुछ भी कहने मे़ काफी सतक़फता बरत रहे है़. उऩहो़ने खुद को बेकसूर बताया और कहा दक अब तक जुबान नही़खोली है और आगे भी नही़ खोलूंगा. अपने वक़त के ताकतवर नेताओ़ मे़ से एक शम़ाड एक समय प़़देश मे़ नंबर दो की हैदसयत रखते थे. लेदकन बदले हुए हालात मे़प़द़ श े भाजपा के अदिकांश बड़े नेताओ़ ने उनसे दूरी बनाये रखी. हालांदक जमानत पर छूटने के बाद कैलाश दवजयवग़़ीय ने उनका स़वागत करते हुए उनको दनद़़ोष बताया. ह़यापम मामले मे़लगातार प़द़ श े सरकार को कठघरे मे़खड़ा करने वाले प़़देश कांग़ेस
प़़वक़ता के के दमश़़ा कहते है़, 'जमानत ऩयादयक प़़द़िया का दहस़सा है. यह जांच मे़ बरती जा रही दिलाई को ददखाता है. उनका शव़कत प़़दश़डन राजनैदतक ब़लैकमेदलंग का दहस़सा है. वह पाट़़ी नेतृत़व को अपने पक़़ मे़ करने का प़़यास कर रहे है़. इस बीच कैलाश दवजयवग़़ीय समेत कुछ नेता उनके पक़़ मे़ सामने आए है़. मुख़यमंत़ी दशवराज दसंह चौहान ने एक ट़वीट जारी करके कहा है दक पाट़़ी के नेता सारी बाते़ पाट़़ी फोरम पर ही करे़. यह बात उनके रर को सामने लाती है. क़यो़दक बीते 10 साल के शासन मे़ पहली बार उऩहो़ने ऐसा कहा है. माकपा की राज़य इकाई के सदचव बादल सरोज कहते है़ दक आरएसएस पूरी तरह से
लक़़मीकांत शम़ाड के साथ है. अब प़़देश मे़ लड़ाई आरएसएस बनाम दशवराज की बनने जा रही है. आरएसएस इस अवसर का प़य़ ोग अपनी ताकत ददखाने के दलए करेगा. प़़देश भाजपा के अंदऱनी सूत़ो़का भी कहना है दक झाबुआ चुनाव मे़पराजय के बाद बैकफुट पर खड़ेमुखय़ मंत़ी दशवराज दसंह चौहान के दलए आने वाले ददन चुनौती भरे हो सकते है़. दरअसल कैलाश दवजयवग़़ीय पहले से ही दशवराज के िुर दवरोिी माने जाते है़. ऐेसे मे़ लक़़मीकांत शम़ाड की दरहाई के बाद कुछ नये समीकरण सामने आ सकते है़. बहरहाल, अब दनगाहे़ इस बात पर दटकी है़ दक संघ लक़़मीकांत शम़ाड को लेकर कौन सा ऱख ददखाता है?
नयी तिलुली. समाजवादी दचंतक और पूव़डसांसद सुरे़द़मोहन की पांचवी़पुणय़ दतदथ पर सुरदे़ ़मोहन मेमोदरयल फाउंरश े न, जनता ट़़स़ट और समाजवादी समागम ने बीते 17 ददसंबर, 2015 को गांिी शांदत प़़दतष़़ान मे़ ‘लोकतंत़ के समक़़ चुनौदतयां और चुनाव सुिार’ दवषय पर एक संगोष़़ी का आयोजन दकया. इसकी अध़यक़़ता जव़सटस राजे़द़ सच़़र ने की. इस मौके पर जव़सटस सच़़र ने कहा दक कंपदनयो़ से दलो़ को चंदा देने पर पाबंदी लगानी चादहए. आपातकाल से पूव़ड मिु दलमये ने इसी आशय का दनजी सदस़यता दबल लोकसभा मे़रखना चाहा था. लेदकन सरकार ने यह भरोसा ददया दक वह खुद ही इस बाबत कानून मे़बदलाव करेगी. साल 1978 मे़ जव़सटस फलीमन और उद़़ोगपदत महे़द़ और खुद हमारी अध़यक़़ता मे़बनी सदमदत ने कंपनी लॉ मे़संशोिन का सुझाव ददया था. जव़सटस सच़़र ने कहा दक अब इस सवाल पर फौरी तौर पर कानून बदलने की जऱरत है. इसके दलए उऩहो़ने जम़डनी की तरह सूची प़़णाली अपनाने की
बात कही. इस मौके पर जदयू, सपा, सीपीआई, राष़़वादी कांग़ेस, दहंद मजदूर सभा, जद(से), सोशदलस़ट जनता पाट़़ी, जय दकसान आंदोलन, सोशदलस़ट पाट़़ी इंदरया पीयूसीएल ददल़ली, लोकतांद़तक समाजवादी पाट़़ी दद़़कण एदशया दबरादरी, समता संदश े के संपादक और दूसरे गणमाऩय लोगो़ने अपनी बात रखी. इस मौके पर जदयू के राष़़ीय अध़यक़़ शरद यादव ने कहा दक चुनाव सुिार को लेकर बाते़ बहुत हुई़, सदमदतयां भी बनी़, लेदकन ईमानदारी और मजबूत इच़छाशव़कत की कमी रह गयी. यदद गंभीरता से काम नही़ हुआ तो दजस चुनाव प़़णाली पर हम नाज करते आये है़, वह बेतलब हो जाये़गा और इससे देश मे़लोकतंत़अपना अथ़डखो देगा. दद़़कण एदशया दबरादरी के सतपाल जी ने कहा दक चुनाव सुिार का मसला दसफ़फभारत ही नही़, बव़लक पूरे देश और दुदनया का गंभीर दवषय है, क़यो़दक आम आदमी चुनाव प़द़़िया से अलग होता जा रहा है. सोशदलस़ट पाट़़ी इंदरया के पंजाब से आये बलवंत दसंह खेड़ा
के दलए कर रही है़. इतना ही नही़उम़मीदवार चयन की प़़द़िया पारदश़़ी भी नही़ है. राजस़थान से समता संदेश के संपादक दहम़मत सेठ ने कहा दक कॉरपोरेट का लोकतंत़ पर कब़जा हो गया है. जनतंत़ के दलए चुनाव को कॉरपोरेट के चंगुल छुड़ाना होगा. इस मौके पर स़वराज अदभयान के योगे़द़ यादव ने कहा दक चुनाव सुिार पर परंपरागत बहस बेमानी हो गयी है. ऐसे मे़ जऱरी है दक पैसे के प़़भाव को सीदमत करने और मीदरया सभी उम़मीदवारो़को स़थान देने पर भी सोचना होगा. दनगम पाष़डद राकेश ने कहा दक समाजवाददयो़ के दलए चुनाव कुमार ने कहा दक मौजूदा राजनीदत मे़ सुिार का दवषय सव़ाडदिक खास रहा है, िनबल और जादतवाद हावी है. इसी वजह से क़यो़दक समाजवादी लोकतंत़ को सव़़ोच़़ आम लोगो़का दवश़़ास इसमे़कम हो रहा है. मूल़य के तौर पर मानते है़. इसदलए संगोष़़ी का संचालन समाजवादी समागम के राजनीदतक दलो़को सूचना के अदिकार के राष़़ीय संयोजक पूव़ड दविायक रॉ सुनीलम दायरे मे़ लाना चादहए. फैक़टर के संयोजक ने दकया. उऩहो़ने कहा दक आच़ाडय नरे़द़देव, अऱण श़़ीवास़़व ने कहा दक िनशव़कत के लोकनायक जयप़़काश नारायण और रॉ आगे पाद़टियो़ मे़ काय़क ड त़ाडओ़ की पूछ चुनाव राममनोहर लोदहया ने आजादी के पहले हुए लड़ने के दलए समाप़त हो चुकी है. इनका चुनावो़ मे़ ददखी दवकृदतयो़ पर सुिार के इस़़ेमाल पाद़टियां महज िनपदत उम़मीदवारो़ सुझाव ददये थे. दजऩहे़ कई सरकारो़ ने
सुरेंदं मोहन को याद ककया समाजवाकदयों ने
अनसुना कर ददया. राज़य दवत़़ पोदषत, अनुपादतक चुनाव प़़णाली और एक साथ सभी चुनाव कराये जाने जैसे सुझावो़को यदद अमल मे़लाया गया होती तो आज राजनीदत की सूरत बदल गयी होती. समाजवादी समागम के दवजय प़़ताप ने कहा दक आजादी के बाद चुनाव सुिार की उपेक़ा के चलते लोकतंत़ ि़्र मजाक बन गया है. यही वजह है दक फासीवादी ताकते़ देश की राजनीदत मे़ हावी है़. सुरे़द़ मोहन मेमोदरयल फाउंरेशन और की ओर से सुरे़द़ मोहन की पत़नी और सोशदलस़ट जनता पाट़़ी की अध़यक़़ मंजू मोहन ने कहा दक सुरे़द़ मोहन जी आजीवन लोकतंत़ और चुनाव सुिार के दलए संघष़ड करते रहे. वे बार-बार कहते थे दक सत़ऱ लाख ऱपये लोकसभा और दविानसभा चुनाव के दलए अठ़़ाइस लाख ऱपये की सीमा मे़ देश की अस़सी लाख जनसंख़या की कोई भूदमका नही़ है. ऐसे मे़ जब अदिकांश जनसंख़या की आमदनी प़़दतददन 20 ऱपये से कम हो तो यह सोचने का दवषय है.
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दशवानंि दुुिवेिी
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25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
आंिोलनो् का गवाह जंतर मंतर
नयी तिलुली. जंतर मंतर की सडक और देश की संसद के बीच महज कुछ सौ मीटर का फासला है. लेदकन भारतीय लोकतंत़ के इदतहास मे़ जब भी संसद और सडक का दजि़़ हुआ है, जंतर मंतर की सडक तमाम मामलो़ की गवाह बनी है. जंतर-मंतर से होते हुए तमाम फैसले संसद के गदलयारे तक गये है़. उन फैसलो़ को अमली जामा पहनाया गया है. वैसे तो रोज ही जंतर-मंतर पर दज़डनो़ िरना, प़़दश़डन, आंदोलन होते रहते है़. लेदकन हाल के कुछ आंदोलनो़ का दजि़़ करे़ तो 19 ददसंबर की तारीख को एक ही दकस़म के मामले मे़ दो परस़पर दवरोिी प़द़ श़नड दकये गये. 19 ददसंबर को जंतर मंतर पर दो दज़डन से ज़यादा आंदोलनो़ के शोरगुल के बीच दो परस़पर दवरोिी प़़दश़डन चल रहे थे. एकतरफ िाई साल से चल रहे आसाराम की दरहाई की मांग को लेकर िरने पर बैठे लोगो़ का जमावडा हुआ था. तो वही़ दनभ़डया के नबादलग दोषी की दरहाई के दखलाफ देश के कुछ संगठन जंतर मंतर की सडक पर नजर आये.
गौरतलब है दक जंतर-मंतर पर दनभ़डया की एक फोटो लगाकर दो-चार लोग दपछले िाई-तीन साल से नजर आते है़. वही़ आसाराम को जमानत की मांग को लेकर भी उनकी दगरफ़तारी के बाद से ही दो-चार लोग रोज जंतर-मंतर पर नजर आ जाते है.़ लेदकन 19 ददसंबर को दनभ़यड ा के नबादलग की दरहाई के दवरोि मे़अदखल भारतीय दवद़़ाथ़़ी पदरषद के सैकडो़ छात़़ जंतर मंतर पर नजर आये. तो वही़ हाथ मे़ तव़खतयां दलए सैकडो़ मदहलाएं, बूढे और बच़़ेआसाराम की दरहाई की मांग को लेकर ददखे. एक सडक पर आंदोलन का दो दमजाज दसफ़फजंतर-मंतर पर ही ददख सकता है! वरना ऐसा कहां संभव है दक एक तरफ बलात़कार के आरोदपत की जमानत के समथ़डन मे़ सैकडो़ लोग सडक पर हो़ तो वही़ दस मीटर के फासले पर सैकडो़लोग एक दूसरे मामले के बलात़कारी के दरहाई के दवरोि मे़ खडे हो़! हालांदक जंतर मंतर पर चल रहे आंदोलनो़मे़शादमल हुए लोगो़ से बातचीत करने का भी एक अलग अनुभव होता है. आसाराम को जमानत की मांग कर रही एक मदहला ने कहा दक ‘जब सबको जमानत दमल रही है.
संजय कुमार
ह़यवस़था की समस़या है. अगर 15 साल का लडका बलात़कार का दोषी हो सकता है तो सजा क़यो़ नही़ काट सकता है? इसके बाद दनभ़डया के पदरजन भी दरहाई के दवरोि मे़ सडक पर आ चके है़. जंतर-मंतर से इंदरया गेट तक अपना दवरोि जता चुके है़. कही़न कही़ इऩही़ दबावो़ की वजह से जुवेनाइल क़ानून सुिार के साथ राज़यसभा से पादरत भी सातवी़कक़़ा के बच़़ेसे बात करने पर पता हुआ है. लेदकन अभी भी सवाल यही है दक चलता है दक उसे ज़यादा कुछ नही़ पता दक दनभ़यड ा के दोषी पर यदद यह क़ानून लागू नही़ वो क़यो़आया है. चूंदक उसके टीचर ने कहा होता है तो दनभ़डया के साथ ऩयाय कैसे होगा? खैर, जंतर-मंतर की जमीन पर चल रहे दक चलना है, तो उसकी कक़़ा के सभी बच़़े आये है.़ वाकई वहां करीब पचास बच़़ेअपने इन आंदोलनो़ के बीच तमाम ऐसे भी नारे स़कल ् की पोशाक मे़प़़ाथ़नड ा की मुद़ा बनाकर आसानी से सुने जा सकते थे. दजनका न तो खडे थे. वही़ दूसरी तरफ जब ‘दनभ़डया को दनभ़डया मामले से सरोकार है और न ही ऩयाय दो’ नाम से बने छोटे से चबूतरे वाले आसाराम से ही उऩहे़ कोई मतलब है. मंच पर बैठे छह से सात लोगो़ से बातचीत मसलन, वन रै़क वन पे़शन, नाथ़ड ईस़ट से हुई तो उनका कहना था दक दनभ़डया के जुडे नारे, यूजीसी से जुडा छात़़ो़ का बलात़कार के दोदषयो़की दगरफ़तारी की मांग आंदोलन. इन तमाम आंदोलनो़और प़द़ श़नड ो़ को लेकर बैठे है़. अजीब व़सथदत तो ये थी दक के बीच जाकर इस बात का अहसास तो होता उनमे़से एक मदहला को ये भी नही़पता था ही है दक देश मे़दवरोि की भावना भी है और दक दनभ़डया मामले मे़ दगरफ़तारी बहुत पहले दवरोि का अदिकार भी सुरद़़कत है. देखा हो चुकी है. दनभ़डया वाले चबूतरे को अक़सर जाये तो देश का सबसे ‘सदहष़ण’ु लोकतांद़तक देखा जा सकता है. हालांदक दनभ़डया के पदरवेश जंतर मंतर पर ही नजर आता है. ऐसे नबादलग अपरािी की दरहाई के दखलाफ मे़ दवरोि की अदभह़यव़कत का सबसे माक्ल उतरे छात़़ो़ का कहना था दक यह एक मंच जंतर मंतर ही है. तो बापू के साथ अऩयाय क़यो़ हो रहा है! आदखर सलमान खान छूट जाते है़. लेदकन हमारे बापू को क़यो़ फंसाया जा रहा है. आसाराम की जमानत वाले खेमे मे़खडे एक
जंतर मंतर
जमीन डूबी हमारी, पानी मछली कैसे तुमह् ारी
तिंिवाड़ा. दकसान संघष़ड सदमदत ने 19 ददसंबर को खकरा चौरई मे़पे़च नदी के दकनारे रहने़वाले मछुआरो़का पे़च नदी मे़ रेत खेती (दरंगरबाडी) के रूबने का मुआवजा मांगा है. ये सम़मेलन हदर बनवारी की अध़यक़़ता मे़ संपऩन हुआ. नकदझर, राजा खोिाना, दसंगोडी, बांका, मिका दसहोरा, भूलामोहगांव, बरहा दबरहारी जैसे गांव पेच ़ नदी पर बांि बनने से प़़भादवत हुए है़. इऩही़ गांवो़ के मछुआरो़ ने सम़मेलन मे़ भागीदारी की. सम़मेलन के दौरान मछुआरो़ने खूब नारेबाजी भी दक- जहां जमीन रूबी हमारी, पानी मछली कैसे तुम़हारी? हम मछुआरो़का एक ही नारा नही़छोडेगे पे़च दकनारा, जैसे नारे लगातार गुंजते रहे़. साथ ही यहां के मछुआरो़ने कहा दक वह पे़च नदी को छोडने वालो़ मे़ से नही़ है़.सम़मेलन को संबोदित करते हुए हदर प़़साद बनवारी और अऩय लोगो़ ने कहा दक पे़च नदी मे़वह सददयो़से दरंगरबाडी लगाकर और मछली पकडकर अपने पदरवार का भरण-पोषण कर रहे है़. वक़ताओ़ने आगे कहा दक वह यहां एक हेक़येटर मे़30 ट़़ाली तरबूज पैदा करते आये़है़. दजससे उऩहे़औसतन एक हेक़येटर से 4 लाख ऱपये की आमदनी होती रही है. हम दटंरे, करेले, लोकी, बरवटी, ककडी आदद की पैदावार कर अपने पदरवार को पालते आये है़. पे़च नदी पर ही हम मछदलयां पकडकर
हासिये पर हैं उरंदूपतंंकार
दमलना चादहए. उऩहो़ने आगे कहा दक मप़़ सरकार दक पुऩडवास नीदत मे़ इसका स़पष़़ उल़लेख है. उऩहो़ने कहा दक पे़च नदी पर बने मांचागोरा बांि मे़ मछली पालने का अदिकार पे़च के दकनारे बसे मछुआरो़ को ही देना चादहए. जैसा की बग़़ी बांि, तवा बांि और सरदार सरोवर बांि मे़ ददया गया है. उऩहोने़कहां दक मछुआरो़को मछली पकरने़, काटा करने़, और रेत के अवैि उत़खनन को रोकने का अदिकार देना चादहए. सम़मेलन को संबोदित करते हुए प़़देश उपाध़यक़़आरािना भाग़डव ने कहा दक बांि से प़़भादवत होने वाले हर ह़यव़कत का पुऩडवास करना सरकार की दजम़मेदारी है. दबना सम़पूण़ड पुऩडवास की ह़यवस़था दकये बांि के काम को मछली का ह़यवसाय करते है.़ पहाडी मछदलयां होने के कारण आगे बढाना सव़़ोच़़ ऩयायालय के दनद़़ेशो़ का अवमानना उनकी कीमत भी हमे़अच़छी दमलती आई है. लेदकन पे़च नदी करने के बराबर है. एर भाग़डव ने कहा दक पे़च ह़यपवि़डन मे़बांि बनने के कारण अब हम भूखमरी के कगार पर खडे पदरयोजना से दो हजार मछुआरे प़़भादवत हो रहे है़. उऩहोने़ है़. हमारे पास रोजगार का कोई अवसर नही़ है. सरकार ने़ पीदडत मछुआरो़से अपील की दक वे अपना अदिकार हादसल हमे़ कोई मुआवजा भी नही़ ददया है. मुख़य आदतदथ दकसान करने के दलए संगदठत होकर संघष़ड करे़. उऩहोने़ बताया दक संघष़ड सदमदत के काय़डकारी अध़यक़़ और जन-आंदोलनो के नेशनल फेररेशन ऑफ दफश वक़फस के राष़़ीय अध़यक़़ राष़़ीय संयोजक पूव़डदविायक रॉ.सुनीलम ने सम़मेलन को पुरूचेरी के पूव़ड दविायक इंलागो़ 11 जनवरी 2016 को संबोदित करते हुए कहा दक नम़डदा नदी और तवा नदी के दछंदवाडा पहुंच रहे़है़. जो मछुआरो़के साथ उनके अदिकारो़ े न मे मछुआरा संघष़ड दकनारे मछुआरा समाज को जो अदिकार दमले है़. वही को लेकर दवस़त़ृ बातचीत करेग.े़ सम़मल अदिकार पे़च नदी के दकनारे रहने वाले मछुआरो़ को भी सदमदत का गठन करने का दनण़डय दलया गया है.
पटना. उद़डूपत़़कादरता के 200 वष़डपूरे होने पर भारत सरकार के मानव संसािन दवकास मंत़ालय के राष़़ीय उद़डू भाषा दवकास पदरषद नयी ददल़ली के तत़वाविान मे़ पटना मे़ सेदमनार का आयोजन दकया गया. सेदमनार मे़वक़ताओ़ने उद़डूपत़़कादरता के इदतहास और देश मे़ स़वतंत़ता संग़ाम मे़ उद़डू पत़़कादरता की असािारण और साहदसक भूदमका पर प़़काश राला. लेदकन उद़डू पत़़कारो़ के माली हालात पर दकसी ने अपना मुंह नही़खोला. वास़़व मे़वष़़ो़से उद़डूपत़़और पत़़कार हादशये पर है़. दबहार के प़़संग मे़ हो या देश के, अखबार का मादलक संपादक बना हुआ है. जो मुनाफा तो बटोर रहा है लेदकन काम करने वाले पत़़कारो़ या अऩय कद़मडयो़ के प़़दत उसका नजदरया दबलकुल एक पूंजीपदत सा बन गया है. देश और प़़देश के कई पत़़कार, लेखक और उद़डू भाषा से जुडे मशहूर हद़़सयो़ ने ‘उद़डू पत़़कादरता के 200 वष़ड’ पूरे होने पर अच़छे-अच़छे शब़दो़ से समां बांिा. दकसी ने अनछुए पहलुओ़ पर दवचार दवमश़ड दकया तो दकसी ने इदतहास पर प़़काश राला. पदरषद के दनदेशक प़़ो. इत़डजा करीम ने उद़डूपत़़कादरता के समक़़ वत़डमान चुनौदतयो़ पर ध़यापन आकद़षडत दकया और उद़डू समाचार पत़़ो़ के पाठको़की संखय़ ा नही़बढ़ने पर दचंता ह़यक़त की. वही़ राष़़ीय उद़डू भाषा दवकास पदरषद, नयी ददल़ली के उपाध़यक़़ पद़़श़ी मुजफ़फर हुसैन ने उद़डू पत़़कादरता मे़ काट़डून की कमी की बात रखी. लेदकन उनके दहतो़ की रक़़ा पर कोई सवाल या मुद़ा सामने नही़आया. जादहर सी बात थी दक मौके पर उद़डू अखबारो़ के कई संपादक-मादलक मौजूद थे. इस बात से इंकार नही़दकया जा सकता दक भले ही उद़डू पत़़कादरता के 200 वष़ड हो गये है़ और उद़डू पत़़कादरता ने भी दहंदी और अंग़ेजी की तरह आिुदनकता और बाजार को अपना दलया है. लेदकन उद़डूपत़़कारो़की माली व़सथदत बद से बदतर है. तनख़वाह की बात करने या बताने मे़ सद़मि़दगी महसूस होती है. चाहे वह संपादक हो या कोई और. जो भी पत़़-पद़़तकाओ़ के मादलक होते है़. वह नीदत-दनि़ाडरक से लेकर संपादक और ह़यवस़थापक तक की कुस़ी हदथया लेते है़. जैसा वह चाहते है़ वही करवाते है.़ उनकी नजर मे़पत़क ़ ारो़की कोई अहदमयत नही़ होती. वह उऩहे़ सहायक के तौर पर इस़़ेमाल करते है़, लेदकन पत़़कार होने का तमगा नही़ देते. इसदलए अदिक तेज या पढे-दलखे लोग उनको रास नही़ आते. मादलक लोग चीफ और बेस़ट मे़ दवश़़ास रखते है.़ ऐसी व़सथदत मे़तेज पत़क ़ ार उनकी उपेक़ा का दशकार हो जाता है. एक कड़वी सच़़ाई यह भी है दक उद़डूपत़क ़ ारो़का हाल अब दीपक तले अंिेरा जैसा है. दजसे खुद कभी रोशनी नसीब नही़ होती. इसकी दशा और ददशा का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
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अरुण दिवारी
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25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
पयंादिरण
पेररस जलवायु समझौते के पे्च
यारी के तीन माह, सम़मेलन के 12 ददन और 12 राते़, 50 हजार प़़दतभागी और समझौता मसौदे के 31 पऩने. जलवायु दुऱस़ करने के मसले पर वैद़शक सहमदत के दलए ये सभी देश जुटे थे. जैसे सबने तय कर दलया था दक इस बार नाकामयाब नही़ लौटे़गे. पेदरस जलवायु सम़मेलन की तारीखो़मे़एक रात और एक ददन और जोड़ेगये. ददन शदनवार, तारीख 12 ददसंबर, 2015. सुबह 27 पेजी नया मसौदा आया और शाम को नया क़ण ़ . समय-रात के सात बजकर, सोलह दमनट. सजी हुई नाम पद़़टकाएं, उनके पीछे बैठे 196 देशो़ के प़़दतदनदि, फ़़ांसीसी दवदेश मंत़ी लारे़ट फेदबयस की मंच पर वापसी, साथ मे़ संयुक़त राष़़ उच़़ादिकारी और माइक पर एक उद़घोषणा, ‘पेदरस समझौते पर हस़़ाक़़र हो चुके है़.’ दुदनया को जैसे बस इसी एक पंव़कत का इंतजार था. तादलयो़ की गड़गड़ाहट, दचयस़ड के शब़द बोल, सीदटयो़ की गूंज और इन सबके बीच कई चेहरो़ को तरल कर गयी हष़डदमद़़शत अश़़ुबूंदे कह रही थी दक जो कुछ हुआ, वह आसान नही़था. यूरोपीय संघ के राष़़ो़ने राष़़ीय स़ऱ पर काब़डन उत़सज़डन मे़ स़वैव़चछक कटौती की कानूनी बाध़यता को स़वीकारा, अमेदरका ने ‘घाटा और क़़दत’ की शब़दावली को और भारत-चीन ने वैद़शक तापमान वृद़द को 1.5 दरग़़ी सेवल़ सयस से ऊपर न जाने देने की आकांक़ा को. आज 134 देश दवकासशील की श़़ेणी मे़ है़. उनके हक मे़माना गया दक दवकदसत की तुलना मे़गरीब और दवकासशील देश कम काब़नड उत़सज़नड कर रहे है,़ जबदक काब़डन उत़सज़डन कटौती की कवायद मे़ उनका दवकास ज़यादा प़़भादवत होगा. दलहाजा, दवकदसत देश घाटा भरपाई की दजम़मेदारी ले़. इसके दलये ‘ग़़ीन क़लाइमेट फंर’ बनाना तय हुआ. तय हुआ दक वष़ड2025 तक इस दवशेष कोष मे़100 अरब रॉलर की रकम जमा कर दी जाये. वष़ड1992 से संयुक़त राष़़से की जा रही वैद़शक जलवायु समझौते की कोदशशो़ की नाकामयाबी को भी देखे़, तो कह सकते है़दक सचमुच यह आसान नही़था. इसे मुमदकन बनाने के दलए यह सम़मल े न भारत जैसे देशो़ को दबाव मे़लाने की कोदशशो़से भी गुजरा. भारत, चीन, दद़़कण अफ़़ीका और ब़़ाजील के दबना इस समझौते को अिूरा मानने की बात कही गयी. इसके दलए दुदनया भर मे़बाकायदा हस़़ाक़़र अदभयान चलाया गया. तैयारी बैठको़मे़चले खेल से दुखी प़़दतदनदि कहते है़दक अमेदरका ने गंदी राजनीदत खेली. उसके संरक़़ण मे़ 100 देशो़का एक गुट अचानक सामने आया और उसने उसके मुतादबक समझौता कराने मे़ क्टनीदतक भूदमका दनभाई. कहने वाले ये भी कहते है़दक अमेदरका ने भारत के कंिे पर बंदूक रखकर दनशाना सािा. एक तरफ अमेदरकी दवदेश मंत़ी जॉन केरी ने अपने एक साक़़ात़कार मे़ जलवायु पदरवत़डन सम़मेलन मे़ भारत को ही एक चुनौती करार दे ददया, तो दूसरी तरफ अमेदरकी राष़़पदत, भारत के नेतृत़वकारी भूदमका की सराहना करते रहे. मशहूर पद़़तका टाइम ने भारत की भूदमका की तारीफ की. इसे दबाव कहे़ या दफर राजनीदतक कौशल, अमेदरकी राष़़पदत ने भारतीय प़़िानमंत़ी से बैठक, फोन वात़ाडओ़ और फ़़ांस के राजनीदतक कौशल का असर यह रहा दक जो भारत और चीन, काब़डन उत़सज़डन कम करने की कानूनी बाध़यता के बंिन मे़बिने से लगातार इनकार करते रहे, संयकु त़ राष़़ का पेदरस सम़मेलन, दुदनया की सबसे बड़ी आबादी और आद़थडक दृद़ष से महत़़वपूण़ड इन दो मुल़को़ को बांिने मे़ सफल रहा. साल 1997 मे़ हुई क़योटो संदि की आयु 2012 मे़ समाप़त हो गयी थी. तभी से दजस नयी संदि की कवायद शुऱहुई थी, वह कॉऩफे़स ऑफ द पाट़़ीज ‘कोप 21’ के
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प़़ाकृदतक आपदा की एवज मे़ नही़, बव़लक भारतीयो़ के रहन-सहन और रोजी-रोटी के तौर-तरीको़मे़बदलाव के दलए दमलेगा.नये मसौदे मे़ हवाई यात़़ा के अंतरराष़़ीय यातायात तंत़ पर बात नही़ है. सच़़ाई यह है दक काब़डन बजट के साथ-साथ अऩय बाध़यताएं न होने से अमेदरका और हदरत तकनीको़ के दविे़ता देश खुश है़. राष़़पदत बराक ओबामा ने राहत की सांस ली है. वे जानते है़दक बाध़यकारी होने पर सीनेट मे़ उसका घोर दवरोि होता. सम़मेलन मे़नेतृत़वकारी भूदमका दनभाने के दलये भारतीय प़ि ़ ानमंत़ी को बार-बार बिाई के पीछे एक बात सम़भवतः यह राहत की साँस भी है. कह सकते है़ दक पेदरस सम़मेलन, आशंकाओ़ के साथ शुऱ हुआ था और आशंकाओ़ के साथ ही खत़म हुआ. पर इसमे़ भारत ने अहम भूदमका दनभाई. इसे लेकर दकसी को कोई आशंका नही़ है, न दवशेषज़़ स़वयंसेवी जगत को और न मीदरया जगत को. हम गव़डकर सकते है़दक सौर ऊज़ाड के अंतरराष़़ीय दमशन को लेकर फ़़ांस के साथ दमलकर भारत ने वाकई साथ संपऩन हुई. गौर कीदजए दक पेदरस जलवायु मुख़य दवरोि इसी बात का है दक ‘ग़़ीन क़लाइमेट नेतृत़वकारी भूदमका दनभाई. भारत ने काब़डन उत़सज़डन मे़ समझौता, अभी दसफ़फएक समझौता भर है. कुल वैद़शक फंर’ के दलए 100 अरब रॉलर िनरादश एकत़़ करना स़वैव़चछक कटौती की महत़़वाकांक़ी घोषणा की. इसके काब़डन उत़सज़डन मे़ से 55 प़़दतशत उत़सज़डन के दलए तो बाध़यकारी बनाया गया है, पर कौन सा देश कब और अनुसार भारत, वष़ड2005 के अपने काब़डन उत़सज़डन की दजम़मेदार देशो़ मे़ से 55 देशो़ की सहमदत के बाद दकतनी िनरादश देगा, यह बाध़यता नही़ है. समझौते मे़ तुलना मे़ 2030 तक 30 से 35 फीसदी तक कटौती समझौता एक कानून मे़बदल जायेगा. कहा गया है दक 2025 तक अलग-अलग देश अपनी करेगा. इसके दलए भारत, अपने दबजली उत़पादन के 40 दवकदसत और अग़़णी तकनीकी देश, इन मसलो़पर सुदविा से 100 दबदलयन रॉलर के कोष मे़योगदान देते फीसद दहस़से को कोयला जैसे जीवश़म ऊज़ाड स़़ोतो़ के दबना उत़पाददत करेगा. 2022 से एक लाख, 75 हजार स़पष़़ऱपरेखा प़़स़ुत करने मे़आनाकानी बरतते रहे. वे रहे़. मे गावाट दबजली, दसफ़फअक़़य ऊज़ाड स़़ोतो़से पैदा करेगा. चालाकी मे़ है़ दक इस पर पेदरस सम़मेलन के बाहर हर गौर कीदजए दक समझौते के दो दहस़से है़: दनण़यड खंर एक महत़व़ पूणड़कदम के तौर पर भारत ने 2030 तक देश से अलग-अलग समझौते की व़सथदत मे़अपनी शत़़ो़ और समझौता खंर. दनण़डय खंर मे़दलखी बाते़कानूनन 2.5 से तीन अरब टन काब़डन राइऑक़साइर अवशोदषत को सामने रखकर दूसरे दहत भी साि ले़गे. मसौदा, बाध़यकारी नही़ हो़गी. समझौता खंर की बाते़ सभी को करने का भी लक़़य रखा है. इसके दलये भारत वन क़़ेत़मे़ दनद़़ित तौर पर तकनीकी हस़़ांतरण के मसले पर माननी हो़गी. दवकासशील और गरीब देशो़को इसमे़छूट पय़ ा प ड त ़ इजाफा करेगा. इन कवायदो़के बदले मे़भारत को कमजोर है. नये मसौदे मे़ हवाई यात़़ा के अंतरराष़़ीय अवश़य दी गयी है, पर संबंदित ऩयूनतम अंतरराष़़ीय यातायात तंत़ पर बात नही़ है. सच़़ाई यह है दक काब़डन मानको़की पूदत़ ड करना तो उनके दलए भी बाध़यकारी होगा. ‘ग़़ीन क़लाइमेट फंर’ नामक दवशेष कोष से मदद बजट के साथ-साथ अऩय बाध़यताएं न होने से अमेदरका मलाल इस बात का भी है दक 100 अरब रॉलर के दमलेगी. यह पैसा बाढ़, सुखाड़, भूकंप जैसी दकसी और हदरत तकनीको़के दविे़ता देश खुश है़.यह कानून, काब़डन बजट को एक हकदारी की बजाय, मदद की तरह प़़ाकृदतक आपदा की एवज मे़ नही़, बव़लक भारतीयो़ के सहमदत दतदथ के 30वे़ ददन से लागू हो जाएगा. इसी के पेश दकया है, जबदक सच यह है दक कम समय मे़काब़डन रहन-सहन और रोजी-रोटी के तौर-तरीको़मे़बदलाव के मद़़ेनज़र तय हुआ है दक सदस़य देश 22 अप़़ैल, 2016 उत़सज़डन घटाने के लक़़य को पाने दलए दजन हदरत दलए दमलेगा. अऩय पहलू यह होगा दक पर जीवाश़म ऊज़ाड को संयुक़त राष़़ मुख़यालय पहुंचकर समझौते पर तकनीको़ को आगे बढ़ाना होगा, वे महंगी होगी. गरीब स़़ोत आिादरत दबजली संयंत़ो़ को दवदेशी कज़ड दमलना दवदिवत हस़़ाक़़र करे़गे. जादहर है और दवकासशील देशो़के दलये यह लगभग असंभव हो जायेगा. अऩय देशो़की तरह भारत को एक तरफ अमे र रकी दक पेदरस जलवायु समझौते को एक अदतदरक़त आद़थडक बोझ की भी हर पांच साल बाद बताना होगा दक उसने क़या दकया. करने की बात यह भी है एक वैद़शक दनगरानी कानून मे़ बदलता देखने के दलये रिदेश मंत्ी जॉन केरी ने तरह होगा. दनगरानी व मूल़यांकन तंत़ गौर बराबर दनगाह रखेगा दक भारत दकतना काब़डन हम सभी को अभी अगले पृथ़वी करने वाली अंतरराष़़ीय सदमदत अपने एक साक् ा ् त् क ार उत़ स ज़ न ड कर रहा है. दनगरानी, समीक़़ा तथा मूल़यांकन ददवस का इऩतजार करना है. पर उऩहे़ऐसा करने पर बाध़य करेग़ ी. न ये काय़ ड एक अंऩतरराष़़ीय सदमदत की नजर से होगा. ‘कोप 21’ के समीक़़क इसका मानने पर काब़डन बजट मे़उस देश मे्जलिायु पररित्तन असल समीक़ ़ा काय़ड 2018 से ही शुऱ हो जाएगा. इंतजार क़यो़ करे़? कोप 21 के की दहस़सेदारी रोक दे़गे. बाध़यता सम् म ल े न मे ् भारत को ही नतीजे मे़जीत-हार देखने का दौर की व़सथदत मे़ तकनीको़ की खरीद अंतरराष़़ीय मानको़ के आिार पर समीक़़ा होगी. क़या तो सम़मेलन खत़म होने के तुरंत एक चुनौती करार दे रदया, मजबूरी होगी. इसीदलये सम़मेलन इससे भारत पर अंतरराष़़ीय मानक भारत की भू सांस़कृदतक, सामादजक और आद़थडक दवदविता के बाद ही शुऱहो गया था. तो दूसरी तरफ अमेररकी पूव़ड ही मांग की गयी थी दक अनु क्ल है़या नही़? समझौते के कारण भारत दकऩही नई दकसी ने इसे ऐदतहादसक उत़सज़डन घटाने मे़ मददगार उपलव़बि कहा, तो दकसी ने इसे राष््परत, भारत के नेतृत्िकारी तकनीको़ को पेटे़ट मुक़त रखना और जदटल बंददशो़ मे़ फंस तो नही़ जायेगा? भारत मे़ भूरमका की सराहना िोखा, झूठ और कमजोर करार और हदरत तकनीकी का हस़़ातं रण जलवायु पदरवत़डन से दनपटने के दलये वष़ड 2008 मे़ भी ददया, खासकर, गरीब और को मुनाफ़़ा मुकत़ रखना बाध़यकारी राष़़ीय काय़डयोजना पेश की थी. करते रहे . अक़़य ऊज़ाड, ऊज़ाड दक़़ता, कचरे का बेहतर दवकासशील देशो़ के दहमायती हो, पर यह नही़हुआ. दनस़ ़ारण, पानी का कुशलतम उपयोग, दहमालय दवशेषज़़ो़ द़़ारा समझौते को आद़थडक और तकनीकी तौर दवकदसत और अग़़णी तकनीकी देश, इन मसलो़पर सं र क़ ण ़ , हदरत भारत, दटकाऊ कृदष व पय़ाडवरण ज़़ान तंत़ पर कमजोर बताया जा रहा है. दवशेषज़़प़़दतद़़िया है दक स़पष़़ऱपरेखा प़़स़ुत करने मे़आनाकानी बरतते रहे. वे का दवकासउसके आठ लक़़य क़़ेत़थे. बीते सात वष़़ो़मे़ जो सव़डश़ेष़ संभव था, उससे तुलना करे़गे, तो दनराशा चालाकी मे़ है़ दक इस पर पेदरस सम़मेलन के बाहर हर हम दकतना कर पाये? आगे नही़कर पाये़गे, तो क़या हमे़ होगी. जलवायु मसले पर वैद़शक समझौते के दलए अब देश से अलग-अलग समझौते की व़सथदत मे़अपनी शत़़ो़ काब़ ड न बजट मे ़ अपना दहस़सा दमलेगा? नही़ दमला, तो तक हुई कोदशशो़से तुलना करे़गे, तो पेदरस सम़मेलन की को सामने रखकर दूसरे दहत भी साि ले़गे. मसौदा, भारत की आद़ थ क ड ी दकस ददशा मे़जायेगी? तारीफ दकये दबना नही़रहा जा सकता. भारत के वन एवं दनद़़ित तौर पर तकनीकी हस़़ांतरण के मसले पर कही़ ऐसा तो नही़ दक काब़डन उत़सज़डन घटाने और पय़ाडवरण मंत़ी प़़काश जावड़ेकर ने भी माना दक यह कमजोर है. समझौता, हमे़तापमान को दो दरग़़ी से कम रखने के माग़ड एक महत़वपूणड़कदम के तौर पर भारत ने 2030 तक अवशोषण बढ़ाने की हदरत तकनीको़ को लेकर हम पर नही़ रखता. समझौते को नाकाफी या फरेब बताने 2.5 से तीन अरब टन काब़डन राइऑक़साइर अवशोदषत अंतरराष़़ीय दनगरानी सदमदत के इशारे पर नाचने पर वालो़का मुखय़ तक़फयह है दक जो दजम़मदे ादरयां, दवकदसत करने का भी लक़़य रखा है. इसके दलए भारत वन क़़ेत़मे़ मजबूर हो जाये़गे? प़़श़न बता रहे है़दक हवा-पानी ठीक देशो़ के दलए बाध़यकारी होनी चादहए थी, वे बाध़यकारी पय़ापड त़ इजाफा करेगा. इन कवायदो़के बदले मे़भारत को करने का भारतीय मोच़ाड भी इन तमाम आशंकाओ़ से खंर मे़नही़रखी गयी़. दवकदसत देश, बड़ी चालाकी के ‘ग़़ीन क़लाइमेट फंर’ नामक दवशेष कोष से मदद मुक़त नही़है. (साभार इंदरया वाटर पोट़डल) दमलेगी. यह पैसा बाढ़, सुखाड़, भूकंप जैसी दकसी साथ भाग दनकले.
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ऩनई मे़ ड़़ेनेज दसस़टम खराब होने की वजह से जो बाढ आयी उसने शहरो़मे़ ताल-तालाब और नददयो़ की बदहाली पर नये दसरे से बहस छेड दी है. शहर से लेकर महानगर तक मे़ अब नददयो़ का इस़़ेमाल सीवर का कचरा बहाने के दलए दकया जा रहा है. इससे नददयो़ का न दसफ़फ पानी प़़दूदषत होता है बव़लक कचरा नदी के बहाव मे़ भी बािा रालता है और गाद तेजी से बढ़ती है. चेऩनई की क्वम नदी मे़करीब 75 टै़को़का गंदा पानी छोडा जाता है, जो चेऩनई महानगर से दनकलता है. वही़ अरयार नदी मे़ करीब 450 टै़को़का पानी आता है. यह हाल उत़़र से दद़़कण और पूरब से पद़़िम तक हर नदी का हो गया है. कई जगह तो नदी और शहर के बडे नाले मे़फक़फही कर सकते. लखनऊ मे़कुकरैल नदी हो या भावली मे़पके़नाले से बहने वाली दशप़़ा नदी हो, पता ही नही़ चलेगा दक यह नदी है या नाला. भवाली से
25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
नाले मेु िबुिील होिी नदियां
कुमायूं के रानीखेत, अल़मोडा और दबनसर की तरफ जाने वाले सैलानी कई बार भवाली के खुले नाले पर नाखुशी जताते भी दमल जाते है दक शहर की मुख़य सडक के साथ इतना बडा नाला खुला क़यो़बह रहा है. कई जगह तो इस नाले पर स़थानीय दुकानदारो़ने स़लैब रालकर िक भी ददया है. इससे लोग इसे शहर का नाला ही समझते है और इसमे़ कई नाले बहते भी है़. पर दरअसल यह एक पहाडी नदी दशप़़ा है दजसके उद़़म से लेकर अंत तक जहां यह दूसरी नदी मे़ दमल जाती है लोगो़ने अदति़़मण कर रखा है. बाकी रही सही कसर स़थानीय प़़शासन ने इस नदी के दोनो़पाट को पक़़ी दीवार बना कर पूरा कर ददया है .यह एक उदाहरण है जो आज हर शहर से लेकर महानगर तक मे़दमल जायेगा. ज़यादातर नददयो़मे़शहर का सीवेज का कचरा राला जा रहा है. उद़़ोग िंिो़ से दनकलने वाला कचरा तो अलग है. जैसे
अलग है जो शहर के सीवेज का कचरा सीिे गंगा मे़बहा देते है. यही व़सथदत यमुना की है जो दजस शहर से गुजरती है उस शहर का सारा कचरा बटोरती जाती है. इटावा के पचनदा मे़ जहां पांच नददया दमलती है वहां जब तक यमुना नही़ दमलती तब तक अऩय नददयो़का पानी साफ ददखता है क़यो़दक अऩय नददयां दकसी बडे शहर से नही़गुजरती़. इसमे़चंबल का पारदश़़ी पानी सबसे अलग ददखता है . पर यमुना के दमलते ही पचनदा दक सभी नददयो़ मे़ यमुना का प़द़ दू षत पानी दमल जाता है . साफ़ है दक शहर के बीच से गुजरने वाली सभी नददयां शहरो़ कानपुर मे़टेनरी का जहरीला कचरा तो गंगा की गंदगी बटोरते-बटोरते बुरी तरह प़़दूदषत मे़राला ही जाता है साथ ही शहर के सीवेज हो जाती है . नेशनल ग़़ीन द़़टब़यनू ल ने नददयो़ की गंदगी इसी मे़राली जाती है. वाराणसी मे़ और समुद़मे़होटल दरसॉट़डके कचरे पर कुछ ऐदतहादसक वऱणा और असी नदी मे़ शहर जगहो़ पर तो रोक लगायी है. पर नददयो़ मे़ की गंदगी राली जाती है जो इन दोनो़नददयो़ सीवेज का कचरा सीिे न बहाया जाये और के जदरए गंगा मे़ पहुंचती है. अऩय नाले तो सीवेज ट़़ीटमे़ट प़लांट सभी शहर मे़ िंग से
उद््ोग मे्खुिी रकसानी मे्रनरािा
औद़़ोदगक वृद़द दर के मुकाबले तकरीबन चल रहे अऩय सात-आठ देशो़से ज़यादा है. पांच फीसद के पास बैठने वाले इस साल का सबसे ज़यादा दचंताजनक व़सथदत दकसानी आंकड़ा बहुत उत़साहवि़डक लग रहा है. की है. यूपीए सरकार ने अपने दस सालो़के इन व़सथदतयो़ के बावजूद ज़यादा खुश शासन मे़अगर दकसानो़की आत़महत़याओ़से इसदलए नही़ हुआ जा सकता दक वैद़शक दबाव मे़ आने के बाद उसे ऊपर उठाने का अरुण कुमार दुुिपाठी मंदी जारी है और भारत का दनय़ाडत बढ़ने के कुछ काम दकया था तो एनरीए सरकार के ल मे़ जारी साल 2015 के तीसरी बजाय घटने की प़़वृद़त का दशकार है. चूंदक शासन मे़ सूखा और उपेक़ा के कारण वह दतमाही के आंकड़े जहां उद़़ोग जगत वैद़शक मांग के साथ घरेलू मांग भी कम है व़सथदत दबगड़ी है. शायद इस सरकार का के दलए सुखद संदेश लेकर आये है़. वही़ इसदलए मैऩयूफैक़चदरंग सेक़टर की वृद़द पर पहला लक़़य भूदम अदिग़़हण कानून मे़ दकसानी मे़ अभी भी दनराशा का माहौल है. लंबे समय तक न तो इतराया जा सकता है संशोिन करके औद़़ोदगक घरानो़ के दलए जादहर है खेती के दपछड़े होने के बावजूद उद़़ोग जगत मे़ हुई इस वृद़द का असर पूरी अथ़डह़यवस़था पर पड़ा है. ताजा आंकड़ो़ के अनुसार तीसरी दतमाही मे़ भारतीय अथ़डह़यवस़था का 7.4 फीसद की दर से दवस़़ार हुआ है जो दक दूसरी दतमाही के 7.1 फीसद की दर से बेहतर है. बाजार को उम़मीद थी दक यह दर ज़यादा से ज़यादा 7.3 फीसद तक जा सकती है लेदकन 0.1 फीसद की अदतदरक़त उपलव़बि से बाजार ज़यादा उत़सादहत है. यह उपलव़बियां दवत़़ीय, रीयल इस़टेट, बीमा और मैऩयूफैक़चदरंग क़़ेत़ के अच़छे प़़दश़डन से प़़ाप़त हुई है़. तीसरी दतमाही मे़औद़़ोदगक उत़पादन पांच साल के सव़़ोच़़ गदत यानी 9.8 फीसद की दर से बढ़ा है जबदक अक़टूबर के महीने मे़ यह दर 10.6 अकेले महाराष््मे्अब तक 3300 रकसान आत्महत्या कर चुके फीसद रही है. है्. इनमे्सबसे ज्यादा संख्या मराठिाड्ा क््ेत्की है जहां दो लेदकन भारत के मुख़य आद़थडक हजार से ज्यादा रकसानो्ने खुदकुशी की है. सलाहकार अरदवंद सुब़ह़मण़यम ने इन पदरणामो़की वजहे़बताते हुए साविान दकया है दक इन पर अभी ज़यादा उत़सादहत होने की और न ही आश़़स़ हुआ जा सकता है. ज़यादा जमीन उपलब़ि कराना था. इसदलए जऱरत नही़ है. क़यो़दक एक तो यह आंकड़े दपछले 11 महीनो़ से भारत का दनय़ाडत क़़ेत़ उसने खेती से ज़यादा उस दबल पर ध़यान दीवाली के त़यौहार के कारण बढ़े है़ और नकारात़मक प़़वृद़त का दशकार है और ददया और जब वह दबल पास नही़ हो पाया दूसरे दपछले साल का बेस इतना नीचा था दक अक़टूबर 2015 मे़उसमे़17.53 फीसद की तो सूखे ने देश को चपेट दलया. अकेले कुछ भी वृद़द ज़यादा बढ़कर ददखाई पड़ेगी. दगरावट आयी है. यानी कुल 21.35 अरब महाराष़़ मे़ अब तक 3300 दकसान आत़महत़या कर चुके है़. इनमे़ सबसे ज़यादा कंज़यूमर ड़़ूरेबल और कैदपटल गुड़स ने रालर का नुकसान हुआ है. इस बीच चेऩनई की बाढ़ के कारण संख़या मराठवाड़ा क़़ेत़ की है जहां दो हजार अथ़डह़यवस़था के दवस़़ार के आंकड़ेको और भी दवस़़ार ददया है. कंज़यूमर ड़़ूरेबल मे़ भारतीय अथ़डह़यवस़था को तीन अरब रालर से ज़यादा दकसानो़ ने खुदकुशी की है. इन 42.2 फीसद और मैऩयूफैक़चदरंग सेक़टर मे़ का नुकसान हुआ है. भारत का दवत़़ीय घाटा आंकड़ो़ को राष़़ीय स़़र पर ले जाये़ तो वे 9.3 फीसद की वृद़द हुई है. दपछले साल 3.8 फीसद है जो दक ब़़ाजील और दो एक पांच हजार से ऊपर तक जाते है़. इसकी वजहे़कई है़लेदकन प़म़ ख ु वजह यानी अक़टूबर 2014 के 2.7 फीसद के अऩय देशो़ को छोड़कर दवकास की दौड़ मे़
हा
खेती मे़होने वाली वृद़द दर का िड़ाम होना है. अगर यूपीए सरकार के काय़क ड ाल मे़साल 2013-14 के दौरान कृदष की वृद़द दर 4.7 फीसद थी तो इस साल यह घटकर 1.1 फीसद तक आ गई है. यूपीए सरकार के दस साल के काय़डकाल मे़ कृदष का दनय़ाडत 7.5 अरब रालर से बढ़कर 42.6 अरब रालर तक पहुंच गया था. हालांदक इन आंकड़ो़पर कांगस ़े से ज़यादा एनसीपी के नेता शरद पवार काफी प़़सऩन हो सकते है़. लेदकन एनरीए सरकार के 18 महीनो़ मे़ कृदष के दनय़ाडत मे़ 29 फीसद की कमी आयी है. देश मे़आय और संपद़़त की असमानता के आंकड़े जनगणना के रदजस़ट़ार और नेशनल सै़पल सव़़ेकी तरफ से भी आये है़. वे सब भारी असमानता की तस़वीर खी़चते है.़ िेद़रट सुइसे ने नेशनल सैप़ ल सव़़ेके आिार पर कहा है दक भारत के एक फीसद लोगो़के पास देश की 53 फीसद संपद़़त है. जबदक ऊपर के दस फीसद लोगो़ के पास 76.30 फीसद संपद़़त है. देश के 90 फीसद लोगो़के पास देश की एक चौथाई से भी कम संपद़़त है. जबदक सन 2000 मे़ अमीरो़ की व़सथदत इतनी मजबूत नही़ थी. दपछले साल दस फीसद गरीबो़ के मादसक ह़यय मे़ 17.2 फीसद तो 10 फीसद अमीरो़ की मादसक आय मे़30.5 फीसद की वृद़द हुई. जनगणना के आंकड़े और भी दचंताजनक तस़वीर पेश करते हुए कहते है़दक ग़़ामीण भारत की 67 करोड़ आबादी 33 ऱपये रोजाना पर गुजर करती है. देश मे़ बेरोजगारी की दर 9.60 फीसद है. औपचादरक ऱप से दज़ड आंकड़ो़ के अनुसार 11.6 करोड़ लोग बेरोजगार है़ या दकसी न दकसी ऱप मे़काम की तलाश मे़ है़. इनमे़ साक़़रो़ की संख़या तीन गुनी और दनरक़़रो़ की संख़या एक दतहाई है. ऊपर के आंकड़े एक बार दफर ब़़ाजील के पूव़ड राष़़पदत लूला के उस बयान को दोहराने का मौका देते है़ दजसके तहत अथ़डह़यवस़था की हालत अच़छी हो रही है लेदकन जनता की बदहाली बनी हुई है.
सिचार काम करे़इस पर कोई कडा दनद़श ़े नही़ददया है. यही वजह है दक शहर का ड़़ेनेज दसस़टम भी दबगड रहा है दजसका ताजा उदाहरण चेऩनई है. यहां की दोनो़ नददयां कचरे और गंदगी का िेर बन चुकी है दजससे पानी का बहाव बादित होता है. अदनयोदजत दनम़ाडण खासकर ड़़ेनेज ह़यवस़था मे़ बािा रालने वाला इसकी मुख़य वजह तो है ही नददयो़के पानी की दनकासी ह़यवस़था भी चौपट होती जा रही है क़यो़दक इसे हम नाले की तरह इस़़ेमाल कर रहे है़. चेऩनई मे़ जो हुआ वह कल को अऩय तटीय शहरो मे़भी हो सकता है चाहे पणजी हो दतऱअनंतपुरम हो या दफर मुंबई. क़यो़दक ऐसे सभी तटीय और गैर तटीय शहरो़ मे़ नददयो़ के जदरये होने वाली पानी दनकासी की ह़यवस़था चरमरा रही है. इस पर हमे़ गंभीरता से दवचार करना होगा. यह ह़यवस़था तो करनी ही होगी दक कोई नदी नाले मे़न बदल जाये.
जेटली के पीछे क्या
अऱण जेटली के ऊपर दजस तरह से आप पाट़़ी और कीद़तड आजाद के अपरोक़़ आरोप है़. उससे यही लगता है दक अऱण जेटली के पीछे क़या ऐसा छूट गया था. जो आज उनके पीछे भूत की तरह पड गया है. एक चतुर दकस़म के राजनेता रहे अऱण जेटली इस वक़त रीरीसीए के एक पुराने दववाद के लपेटे मे़आ गये है़. अब ये देखना बडा ही ददलचस़प हो गया है दक बीजेपी के संकटमोचक खुद को कैसे इन आरोपो़ से पाक साफ सादबत करते है़. दीपंकर लारहड़ी, रायपुर (छतीसगढ़)
चेन्नई के बाि
चेऩनई की बाढ ने महानगरो़ की असदलयत को सबके सामने ला खडा दकया है. दजससे यह बात सादबत हो जाती है दक सरकारे़कैसे बडे दबल़ररो़के दबाव मे़और अपने दसस़टम की खादमयो़से लोगो़की जान की परवाह नही़करती है.़ ऊंची इमारते़खडा करना दवकास मे़ आता है, लेदकन इनके साथ उदचत जल दनकासी के बारे मे़ कभी नही़ सोचा जाता है. हाल की बाढ ने हमे़ सोचने पर मजबूर कर ददया है दक देश का हर महानगर दकस तरह से ड़ऩे ज े दसस़टम पर ध़यान दे रहा है. दीपरिखा, लखनऊ (उत्तर प््देि)
हेरल्ड पर रार
सोदनया गांिी और राहुल गांिी को दजस तरह से बीजेपी सांसद और वदरष़़ वकील सुब़मण़यम स़वामी ने कोट़ड हेरल़र मामले मे़ कोट़डमे़हादजर होने पर मजबूर कर ददया है. उससे ये बात साफ़ हो जाती है दक गांिी पदरवार ने हेरल़र को फोथ़ड दपलर से दरयल स़टेट मे़बदल ददया. अब कांग़ेसी दजस तरह से इस मामले को लेकर संसद मे़ हंगामा काट रहे है़. उससे उनके देश के प़़दत गैर दजम़मदे ारी साफ़ झलक रही है. दकसी ह़यव़कत दवशेष पर चल रही कानूनी प़़द़िया को लेकर संसद मे़हंगामा करना देश की जनता के साथ सामूदहक िोखा करने के बराबर है. अलंकर सोनी, पटना (रबहार)
खाि खबर 9 पॉललथीन रोक के िैसले से कही् खुिी कही् गम
www.shukrawaar.com n
25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
अवनीश कुमार
का
नपुर. पॉदलथीन से बढ़ते प़़दूषण की वजह से उत़़र प़़देश सरकार ने इस पर रोक लगाने का फैसला दलया है. इसके दलए कानपुर मंरल के सभी दजलो़ मे़ योजनाएं बनानी शुऱ हो गयी़ है़. एक तरफ जहां कुछ सामादजक संस़थाओ़, जन प़़दतदनदियो़और आम लोगो़ने पॉदलथीन की रोक का स़वागत दकया है, तो वही़औद़़ोदगक नगरी कानपुर मे़ इस पर रोक को लेकर अपने रोजी-रोटी की दचंता सताने लगी है. प़़देश सरकार पॉदलथीन पर रोक लगाने से इसके उद़़ोग से जुड़े लोगो़ को अपने कारोबार की दचंता घेरने लगी है. पॉदलथीन के उत़पाद से जीवनयापन कर रहे लोगो़ को इस फैसले के लागू दकये जाने को लेकर गहरा झटका लगता ददख रहा है. ये लोग अपने भदवष़य को लेकर काफी दचंदतत नजर आ रहे है़. इनका मानना है दक जो हुआ वह सही नही़है क़यो़दक यह फैसला लागू होते ही हजारो़लोग बेरोजगार हो जाये़गे और उनके सामने रोजी रोटी की समस़या आ खड़ी होगी. इस फैसले से कानपुर औद़़ोदगक इकाई और इनसे जुड़े कम़डचादरयो़ के साथ छोटे ह़यवसायी भी प़़भादवत हो़गे. गरीब तबके के क्ड़ा रीसाइव़कलंग से जुड़ेलोगो़पर भी इसका असर होगा. ऐसे मे़ अब यह तो आने वाला समय ही बतायेगा दक इस फैसले के क़या पदरणाम हो़गे. पॉदलथीन पर रोक के फैसले से फैव़कट़़यो़ के भदवष़य को लेकर दचंता के मद़़ेनजर कई कम़डचादरयो़ की माने तो इन फैव़कट़़यो़ के मादलक हाईकोट़ड का सहारा लेने के बारे मे़सोच रहे है़. प़़देश मे़कानपुर की पहचान औद़़ोदगक नगरी की है. यहां लगभग साढ़े तीन सौ फैव़कट़़यां कानपुर महानगर के अंदर पॉदलथीन बनाने का काम करती है़. इन फैक़द़टयो़ से हजारो़ की तादात मे़कम़डचारी है़. इनके अलावा बहुत से लोगो़ की रोजी-रोटी भी इन फैक़द़टयो़ से जुड़ी है. लेदकन कैदबनेट का फैसला आने के बाद से क़या फैक़ट़ी मादलक और कम़डचादरयो़ को अपने रोजी-रोजगार का संकट सताने लगा है. ऐसे मे़ उऩहे़ अपने भदवष़य की दचंता घेर रही है. सरकार के फैसले का सामादजक
संगठनो़ और काय़डकताओ़ ने स़वागत दकया है. सामादजक काय़क ड त़ाड राम दसंह दपछले कई वष़़ो़ से पय़ाडवरण बचाओ के तहत जगहजगह पेड़-पौिे लगाते है़. उनका मानना है दक पय़ाडवण अगर शुद़ नही़ होगा तो हमारा जीवन संकट मे़पड़जायेगा. वे प़द़ श े सरकार के फैसले की सराहना करते है़. इसके दलए उत़ऱ प़द़ श े के मुखय़ मंत़ी अदखलेश यादव को ददल से िऩयवाद करता हूं. सही समय रहते जो फैसला मुख़यमंत़ी ने दकया है. उससे हमारे प़द़ श े के पय़ावड रण पर आने वाले संकट को रोकने का काम दकया है. यह जनता के दहत मे़है. मोदहत कुमार एक सामादजक संस़था चलाते है.़ यह सामादजक संसथ ़ ा पय़ावड रण को बचाने के दलए जनता को जागऱक करती है. मोदहत कुमार ने कहा दक उत़ऱ प़द़ श े सरकार ने पॉदलथीन पर रोक लगाने का फैसला आम जनता के दहत के दलए दलया है. सरकार का यह फैसला सराहनीय है. छत़प़ दत शाहूजी महाराज दवश़द़वद़़ालय के छात़़अनुज, रोदहत और श़यामू भी प़़देश सरकार के पॉलीदथन रोक के फैसले को सही मानते है़. इसके दलए वे प़़देश सरकार को
िऩयवाद भी कहना चाहते है़. इंदरयन इंरस़ट़ीज एसोदसएशन के राष़़ीय उपाध़यक़़सुनील वैश़य ने कहा दक ये फैसला दुभ़ाडव़य पूण़ड है. उऩहो़ने कहा दक
जहां एक तरफ कुछ सामारजक संस्थाओ्नेताओ् और आम जनमानस ने पॉरलथीन की रोक का स्िागत रकया है. तो िही्औद््ोरगक नगर कहे जाने िाले कानपुर मे्कुछ ऐसे भी लोग है्. रजन्हे् प््देश सरकार के लागू रकये गये पॉरलथीन रोक से गहरा झटका लगा है. केवल शहर मे़ही पॉलीदथन के बड़ेकारखाने है़. दादानगर, अफीमकोठी के अलावा समूचे शहर मे़ हर जगह छोटी फैक़द़टयां है़. उऩहो़ने कहा दक बात प़़देश की की जाये तो 4500 से अदिक यूदनटे़है़. अकेले कानपुर शहर से ही इस कारोबार का प़़दतवष़ड 750 करोड़ से अदिक का टऩडओवर है. ऐसे मे़ प़़दतबंि से क़या असर पड़ेगा यह समझना आसान है. कानपुर शहर देश की एक बड़ी पॉलीदथन मंरी के ऱप मे़जाना जाता है. इतना ही नही़ शहर प़द़ श े की सबसे बड़ी पॉलीदथन मंरी के ऱप मे़ पहचान रखता है. इसके बाद गादजयाबाद का नंबर है. इलाहाबाद, बनारस और लखनऊ सदहत अऩय छोटे जनपदो़ मे़ भी कुछ कारखाने है़. इस कारोबार से जुड़े लोगो़की माने़तो प़़दतबंि होने के बाद इससे परोक़़और अपरोक़़से जुड़ेशहर के लगभग तीन लाख से अदिक लोग बेरोजगार हो जाये़गे. यूपी प़लाव़सटक मैऩयूफैक़चस़ड वेलफेयर एसोदसएशन के प़़देश अध़यक़़हरीश इसरानी
करते है़. लेदकन यह फैसला उत़़र प़़देश सरकार ने कोट़डके दबाव के चलते भी दलया है. अगर उत़़र प़़देश सरकार को जनता की ज़रा सी दचंता होती तो शायद यह फैसला उत़़र प़़देश सरकार बहुत पहले ही कर देती, लेदकन इस फैसले से कानपुर के उद़़ोग को और उससे जुड़ेकम़डचादरयो़को दनद़़ित तौर पर बड़ी ददक़़तो़ का सामना करना पड़ेगा. हजारो़ की तादात मे़ लोग बेरोजगार हो जाये़गे. हम सरकार से यह अपील करते है़ दक रोजगार के बंद होने से बेरोजगार होने वाले लोगो़ के दलए सरकार वैकव़लपक ह़यवस़था कराये, अगर सरकार इन बेरोजगारो़ की वैकव़लपक ह़यवस़था नही़ कराती है तो भारतीय जनता पाट़़ी बेरोजगारो़ को रोजगार ददलाने के दलए उत़़र प़़देश सरकार के दखलाफ दवरोि प़़दश़डन करेगी. कानपुर के कल़याणपुर दविानसभा से समाजवादी पाट़़ी के दविायक सतीश दनगम ने कहा दक उत़़र प़़देश सरकार ने पॉदलथीन बंद करने का जो फैसला दलया है.वह जनता के दहत को देखते हुए दलया गया है. अगर सरकार यह फैसला नही़लेती तो आने वाले ने कहा दक सरकार ने यह फैसला समय मे़ प़़दूषण चरम पर होता और जनता कारोबादरयो़ का पक़़ जाने दबना ही दलया के स़वास़थ़य पर इसका बहुत बड़ा असर है.कारोबादरयो़ को मौका ददया जाना चादहए पड़ता. रही पॉदलदथन उद़़ोग की बात तो जो कारखाने पॉदलदथन के दलफाफे बना रहे है़ था. पॉलीदथन की ट़़ेदरंग करने वाले सतीश अब वही ह़यापारी कागज के दलफाफे को अवस़थी कहते है़दक दनयमो़को सख़त दकया अपना ह़यापार बनाये़ आने वाले समय मे़ जाना चादहए. दजम़मेदार दवभागो़ को इसके कागज से बने दलफाफा का चलन बढ़ दलए समय-समय पर जांच करनी चादहए. जायेगा. कैदबनेट के फैसले से प़़देश पॉदलथीन सरकार के इस तरह के फैसले से तो कई मु क त ़ हो जायेगा. कानपुर के आिे से अदिक लोगो़के सामने जीवन यापन की समस़या हो लोग प़़देश सरकार के फैसले के साथ है. जायेगी. कुछ अऩय ह़यापादरयो़ का कहना है दक सभी मे़खुशी का माहौल है और जनदहत से प़़दतबंि पॉलीदथन से होने वाली समस़या का जुड़ा हुआ यह फैसला है. इसदलए जल़द से दनस़़ारण नही़ है. इसके दलए दनयमो़ को जल़द लागू होने की उम़मीद भी लग रही है. सख़त दकया जाना चादहए. जब पहले से ही लेदकन साथ ही साथ कुछ ही लोग ऐसे है़.जो 40 माइि़़ॉन से कम की पॉलीदथन बनाने पर प़़देश सरकार के इस फैसले से नाखुश है प़़दतबंि है तो समूचे कारोबार को बंद करने और कोट़डजाने तक की बात कर रहे है़. अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा.की वाला यह फैसला पूरी तरह से गलत है. प़द़ श े सरकार को इस पर पुनद़वडचार करना चादहए. प़़देश सरकार के फैसले से नाखुश लोगो़ भारतीय जनता पाट़़ी के दजलाध़यक़़सुरदे़ ़ प़़देश सरकार दकस प़़कार से राहत देती है. मैथानी ने कहा दक उत़़र प़़देश सरकार मे़ लेदकन पॉदलथीन मुक़त दजले को बनाने के पॉदलदथन बंद करने का जो फैसला दलया है. दलए दजला प़़शासन ने ऊपर से आये फैसले वह जनता के दहत मे़ है इसदलए हम उत़़र को जल़द से जल़द लागू करने के दलए काय़ड प़़देश सरकार के इस फैसले का स़वागत योजना बनानी शुऱकर दी है.
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डॉ. रामू दसदुुाथुथ
25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
मुक्ततबोध का अंत:करण
काम है. दजसमे़रचनाकार का के़द़ीय अंतय़ड प़़कट हो जाये, उसकी दवकास-यात़़ा को िुदनक दहंदी सादहत़य के इदतहास मे़ लद़़कत दकया जा सके, उसके दवदवि प़़ेमचंद और मुव़कतबोि ऐसे दविागत एवं दशल़पगत प़़योग भी आंख से रचनाकार है़दजऩहो़ने युग के नादभकीय सत़य ओझल न होने पाये़और साथ ही रचनाकार को उसकी पूरी संव़शलष़़ता और गदतशीलता ने दजन दवदवि दविाओ़ मे़ सृजन दकया है, मे़ पकड़ने की कोदशश की और उऩहे़ इसमे़ उऩहे़भी संतुदलत प़़दतदनदित़व ददया जा सके. दकसी बड़ेरचनाकार का संचयन तैयार काफी सफलती भी दमली. जीवन-यथाथ़डका कोई ऱप उनके दलए एक स़वतंत़टुकड़ा नही़ करने मे़संचयन कत़ाड की आत़मगत सीमाएं था, अदपतु संपूण़ड यथाथ़ड का एक अंश था. आड़े न भी आये, तो भी वस़़ुगत सीमाएं दोनो़के पास गहरी संवदे नात़मक सौ़दय़डदृद़ष होती ही है़. मुव़कतबोि संचयन के संपादक के साथ ऐदतहादसक द़़ंद़ात़मक भौदतकवादी राजेश जोशी अपने समय के चद़चडत और सचेत ज़़ानात़मक चेतना भी थी. युग के प़़दतद़़षत रचनाकार है़. इसदलए दवदवि संव़शलष़़ यथाथ़ड को, इदतहास दृद़ष और दविाओ़ से चयन करने मे़ उऩहे़ अदिक भदवष़य दृद़ष के साथ अदभह़यक़त करने के सफलता दमली है. कुल 539 पृष़ो़का यह दलए प़़ेमचंद के पास आिुदनक युग की संचयन चार खंरो़- कदवता, कहानी, दनबंि महाकाह़यात़मक दविा उपऩयास के ऱप मे़ तथा उपऩयास मे़ दवभादजत है, हालांदक मौजूद थी, लेदकन मुव़कतबोि की यह मुख़य मुद़ण संबंिी भूल के चलते कहानी और दविा नही़थी. युग के आत़मसात यथाथ़डको दनबंि खंर एक मे़ दमल गये है़. स़वभादवक स़वर देने की बेचैनी उनको दवदवि दविाओ़ था दक पहला खंड़कदवता का होता. संचयन की ओर ले गयी, भले ही वे अपने बारे मे़ का लगभग आिा दहस़सा कदवताओ़ को कहते हो़दक ‘मै़मुख़यतः दवचारक न होकर समद़पडत है. चद़चडत एंव प़़दतद़़षत कदवताओ़ कदव हूं.’ महज 46 वष़ड (1917-1964) के साथ, ऐसी कदवताओ़ को भी जगह दी की जीवन-यात़़ा और तीन दशको़ (1936 गयी है जो सामाऩय पाठको़के दलए अनजानी से 1964) की सृजन प़़द़िया मे़उऩहो़ने 25 हो सकती है़. मुव़कतबोि की कदवताओ़ मे़ एक सौ से अदिक पृष़ो़का लेखन काय़डदकया. दवकास-यात़ ़ा ददखाई देती है- पहाड़ की इस लेखन मे़ कदवता, कहानी, आलोचना, चढ़ ा ई जै स ी. इसकी मूल वजह यह है दक वे दनबंि, रायरी, पत़क ़ ादरता,उपऩयास के साथ तात़ क ादलक सं व े द नात़ मक आवेगो़ और इदतहास की पुस़क भी शादमल है. लगभग 25 सौ पृष़ो़वाली, छह खंरो़की रचनावली उच़छवासो़ के कदव नही़ है़, वे जीवन को मे़से एक ऐसा संचयन तैयार करना कदठन टुकड़ो़-टुकड़ो़ मे़ नही़ पकड़ते है़, उनकी
आ
संवेदना दनरंतर वैचादरकी के साथ अंतग़डुव़मफत होती गयी है, गहन तथा ह़यापक होती गयी है दजसकी चरम पदरणदत ‘अंिेरे मे’़ कदवता मे़ददखाई देती है दजसमे़संवदे ना, वैचादरकी, इदतहास दृद़ष, भदवष़य दृद़ष तथा युग का नादभकीय सच इस प़क ़ ार अदभह़यक़त हुआ है दक वह कालजयी कृदत बन गयी. यह एक लंबी प़़द़िया का पदरणाम था. इस पूरी प़द़़िया को संचयन की कदवताओ़से दचव़नहत दकया जा सकता है. यह इस संचयन की बड़ी सफलता है. दूसरा खंड़कहादनयो़का है. मुव़कतबोि का कदव और आलोचक ऱप तो स़थादपत है, लेदकन एक कहानीकार के ऱप मे़ उनकी कम चच़ाड हुई है. राजेश जोशी उऩहे़ एक महत़वपूण़ड कहानीकार मानते है. वे
मुकत् तबोध संचयन: संपादक- राजेि जोिी, प्क ् ािकभारतीय ज््ानपीठ, इंक्टटट््ूिनल एररया, लोदी एत्टे्स, नयी रदल्ली, मूल्यः 700 र्पये
संपादकीय मे़दशकायत के स़वर मे़कहते है दक ‘क़लॉर ईथरली, पक़़ी और दीमक तथा समझौता जैसी अद़़दतीय कहादनयो़ के बावजूद नयी कहानी की आलोचना मे़ उनकी चच़ाड उस तरह नही़ हुई,जैसी अऩय महत़व़ पूणड़कथाकारो़की कहादनयो़की हुई.’ मुव़कतबोि की पांच महत़़वपूण़डकहादनयो़को संचयन मे़ जगह दमली है. ये कहादनयां भारतीय जीवन यथाथ़ड-दवशेषकर दनम़न मध़य वग़ड– के दवदवि ऱपो़को सामने लाती है़.संचयन का तीसरा खंर दनबंिो़ का है. इसमे़ रायरी, आलोचना और अऩय दनबंि शादमल है़. संयोजन इस प़़कार दकया गया है दक मुवक़ तबोि के आलोचनात़मक कृदतत़व की मूल स़थापनाएं सामने आ जाये. उनकी आलोचना के सैद़ांदतक मानदंर तय करने वाले दनबंिो़ के साथ ही इन दसद़़ांतो़ पर आिादरत ह़यवहादरक आलोचना के दनबंिो़ को भी समुदचत स़थान ददया गया है. राजेश जोशी मुव़कतबोि के आलोचक ह़यव़कतत़व को बहुत महत़़व देते है़. पूव़डकथन मे़ उऩहो़ने दलखा है दक ‘स़वािीनता के बाद की दहंदी आलोचना मे़ मुव़कतबोि एक सव़ाडदिक महत़़वपूण़ड नाम है़. वे दजतने महत़़वपूण़ड कदव है़ उतने महत़़वपूण़ड आलोचक भी है.़’ संचयन मे़आलोचनात़मक दनबंिो़ को इस प़़कार संयोदजत दकया गया है दक उनकी रचना संबंिी सैद़ांदतक प़़स़थापनाओ़ के साथ ही दहंदी सादहत़य की दवदवि िाराओ़–अंति़ाडराओ़ और युगदवशेष की मुख़य प़़वृदतयो़पर मुव़कतबोि की
सरोकार की पतंंकानरता
शंभूनाथ शुकुल
मु
झे दबहार के बारे मे़उतनी ही जानकारी थी दजतना दक मै़ने टीवी देखा-सुना और अखबारो़ मे़ पढ़ा था. प़़काश झा की गंगाजल, अपहरण जैसी दफल़मे़ देखकर भी दबहार को जाना था. इसके अलावा दबहार को समझने का एक स़़ोत और था, जो हमारे साथ काम करने वाले थे. ददल़ली मे़ दबहार से भागकर आये ऊंची जादत के जातक बताया करते थे दक सोने की लंका कहे जाने वाले दबहार का सारा वैभव दपछले 25 वष़़ो़ के मंरल राज ने जंगल राज मे़बदल राला है. दबहार मे़न रोटी है न बेटी सुरद़़कत है. पर अभी हाल की दविानसभा चुनाव मे़ एनरीटीवी के रवीश कुमार ने दबहार की जो तस़वीर लाइव ददखायी उससे यह जड़ता िड़ाम से दगरी. लगा दक दबहार भी उतना ही समृद़घ है, दजतना दक दहंदुस़ान के दूसरे प़़ांत. दबहार मे़ मानदसकता कैसे बदल रही है. औसत दबहारी दकस तरह सोचता है और करता है. इसका पूरा मजमून रवीश कुमार ने ब़योरेवार ददखाया. मुसलसल करीब रेढ़ महीने तक यह चला. कह सकते है़ दक रवीश कुमार की यह जादुई शैली थी दक लोकमाऩयता मे़दपछड़ेऔर ददरद़़दबहार का
वह खाका उऩहो़ने खी़चा जो तब तक अज़़ात था. नीतीश कुमार ने साइदकले़देकर दबहार की बेदटयो़ को 21 वी़ सदी मे़ ला ददया है. आज दबहार की बेदटयां अपनी पुरानी पीढ़ी से कई साल आगे चली गयी है़. गांव-गांव मे़ सड़के़है़. दकसान को अपनी उपज का सही दाम दमलने के दलए बाजार भी है़. एक दबजली कैसे एक गांव मे़ि़़ांदत कर देती है, इसका एक नायाब दृश़य रवीश कुमार ने ददखाया और स़वदेश दफल़म की याद ददला दी. दजसमे़ नायक शाहऱख खान अकेले दबजली लाकर उस गांव की जड़ता को तोड़ता है. वाकई यह सब देखकर लगा दक चाहे मंरल हो या कमंरल दवकास की अनदेखी करने वाला सत़़ा मे़ नही़ लौट सकता. जनता भावनाओ़ मे़ बहकर वोट नही़ देती बव़लक खूब ठोक-बजाकर और परख कर ही वोट देती है. रवीश कुमार की यही लीला उऩहे़ दूसरे पत़़कारो़ से अलग करती है. इससे लगता है दक टीवी की दझलदमलाती दुदनया मे़ भी रवीश जैसे पत़़कार जब तक रहे़गे तब तक पत़़कादरता के सरोकार दजंदा रहे़गे. रवीश की यह लगन इसदलए नही़है दक वे लीक से हटकर चलने वाले पत़क ़ ार है.़ इसीदलए वे कुछ ऐसा करना चाहते है़दजससे वे अलग ददखे.़ या चलन के
दवऱद़घ चलकर कुछ लोग अपने को कुछ अलग सादबत करने का प़़यास करते रहते है़ बव़लक रवीश इसदलए ऐसा करते है़ क़यो़दक रवीश के प़़ोफेशनदलज़म मे़दसफ़फकौशल ही नही़एकेरेदमक़स का भी योगदान है. ददल़ली यूनीवद़सडटी से मॉऱडऩडदहस़ट़ी मे़पोस़ट ग़़ेजुएट रवीश की नजर तीक़़ण है और उनका टारगेट रहा है दक आजादी के बाद शहरीकरण ने दकस तरह कुछ लोगो़को सदा-सदा के दलए
पीछे छोड़ ददया है, उनकी ह़यथा को ददखाना. आप कह सकते है़ दक यह भी संयोग रहा दक रवीश कुमार को जो चैनल रहा वह भी लीक से हटकर प़़ो-पीपुल़स है, पर कॉरपोरेट की एक सीमा होती है. वह उससे एक कदम भी आगे नही़बढ़सकता. अब यह तो वहां काम कर रहे प़़ोफेशनल का
ही कमाल होता है दक वह उस कॉरपोरेट को कनदवंस कर दकतनी छूट हादसल करता है. रवीश कुमार अपने इस दमशन मे़सौ फीसद कामयाब रहे है़. मै़ रवीश को नही़ जानता था. पर कोई पांच साल पहले की बात है अचानक मै़ने देखा दक एनरीटीवी पर कापसहेड़ा की एक लाइव दरपोट़ड चल रही थी. कापसहेड़ा पद़़िमी ददल़ली का एक गांव हुआ करता था, अब वह लालरोरा मे़ आ गया है. वहां पर दकस तरह से मकान मादलक अपने दकरायेदारो़ को अपना बंिुआ बनाकर रखते है़. जो युवक इस दरपोट़डको पेश कर रहा था वे थे रवीश कुमार. अकेले उस दरपोट़ड ने मुझ पर ऐसा जादू दकया दक आज तक शायद ही रवीश की कोई दरपोट़ड या बाद मे़ शुऱ हुआ उनका प़़ाइम टाइम न देखा हो. रवीश की दरपोट़डसे ही इस एंकर के अपने ऱझान और अपनी ऱदचयां साफ कर दी थी़. लगा दक इस नवयुवक मे़ टीवी की दझलदमलाती स़ि़ीन मे़ भी कुछ िुंिले पक़़ ददखाने की मंशा है. रवीश कुमार की यह प़़दतबद़घता उऩहे़कही़न कही़आज के चालू पत़़कादरता के मानको़ से अलग करती है. जब पत़क ़ ादरता के मायने दसफ़फचटक-मटक दुदनया को ददखाना और उसके दलए दचंता
िासहतंय दृद़ष सामने आ सके. संचयन मे़ह़यवहादरक आलोचना के उन दनबंिो़ को दलया गया है जो या तो युग दवशेष या ह़यव़कतत़व़ दवशेष की मूल प़व़ दृ तयो़को रेखांदकत करते है़या अपने भीतर उन बीज-तत़वो़ को समेटे हुए है़ दजनके आिार पर भदवष़य की आलोचना दवकदसत की जा सकती है. रचना प़़द़िया मुव़कतबोि के दचंतन का महत़़वपूण़ड दवषय रही है. रचना प़़द़िया संबंिी महत़़वपूण़ड दनबंिो़को भी संचयन मे़जगह दी गयी है. मुव़कतबोि नयी कदवता के कदव रहे है़. उऩहो़ने सव़ाडदिक दचंतन नयी कदवता पर दकया है. स़वाभादवक था दक संचयन मे़नयी कदवता पर उनके आलोचनात़मक दनबंिो़को सव़ादड िक स़थान दमले ऐसा हुआ भी इसी खंर मे़ शेक़सदपयर तथा प़़ेमचंद के प़़दत मुव़कतबोि के प़़बल आकष़डण और श़़द़ा को ह़यक़त करने वाले दो दनबंिो़ को भी रखा गया है. इसी खंर मे़ मुव़कतबोि का वह ऐदतहादसक पत़़ भी शादमल है जो उऩहो़ने श़़ीपाद अमृत रांगे को दलखा था. छोटा सा यह पत़़मुवक़ तबोि की सादहव़तयक माऩयताओ़ का उद़घाटन करने के साथ ही उस युग के प़़गदतवादी िारा के कुछ अगुआ तत़वो़ की जड़सूत़ता और संकीण़डता को भी सामने लाता है दजससे प़़गदतशील िारा को काफी नुकसान उठाना पड़ा. अंदतम खंर मे़ मुव़कतबोि के उपऩयास को रखा गया है. संचयन के पूव़ड कथन मे़ राजेश जोशी ने दवदभऩन हवालो़से मुव़कतबोि की ह़यव़कतगत जीवन-यात़़ा को भी संक़ेप मे़रखा है.
ह़यक़त करना हो गया हो तब रवीश उस दुदनया के स़याह रंग की दफि़़करते है़. मीदरया मे़ आया हर पत़़कार रवीश जैसी चकाचौ़ि और व़लैमर चाहता है. पर रवीश बनना आसान नही़ है. उन जैसे सरोकार तलाशने हो़गे. उन सरोकारो़ के दलए एकेदरमक़स यानी अनवरत पढ़ाई जऱरी है. रवीश बताते है़ दक वे सादहत़य या दफक़शन की बजाय वह इकोनादमक़स, सोदशयोलाजी और साइसं पढ़ते है़. इऩही़ दवषयो़ की दकताबे़ खरीदते है़. उनके दकताब खरीद का बजट कोई दस हजार ऱपये महीना है. रवीश ने दबजली वाली स़टोरी करने के दलए दबजली के बारे मे़ ही नही़ पढ़ा बव़लक इसके दलए दबजली से बनते-दबगड़ते अथ़डशास़़ को जानने के दलए उऩहो़ने अमेदरका से पांच हजार ऱपये की एक दकताब मंगवाई. इसी तरह कचरा और अरबनाइजेशन पर वे दनरंतर पुस़के़ पढ़ते रहते है़. यह जऱरी भी है. सरोकार का टारगेट समझना दजतना आवश़यक है उतना ही आवश़यक उस सरोकार से होने वाले दवकास को समझना. दवकास द़़दअथ़़ी शब़द है, दजसका प़़दतद़़ियावादी और प़़गदतकामी कई अलग अथ़ड बताते है़. एक दवकास नरे़द़ मोदी का है तो दूसरा नीतीश कुमार का, अदखलेश यादव का और मायावती का. पर प़़श़न वही है दक आप दकस तरह के सरोकारो़ के साथ खड़ेहै़.
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25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
दुल्लभ औषलियो् पर तस्करो् की नजर
संजीव शुुीवासुुव
बहराइच. नेपाल सीमा से सटे इलाको़ मे़तस़करो़की नजर जंगली इलाके के जड़ी बूदटयो़ पर गड़ चुकी है. दजले मे़ संजीवनी बूटी जैसी कई महत़वपूण़ड दुल़डभ औषदियो़ पौिो़ पर खतरे के बादल मंरराने लगे है़. नेपाल सीमा से लगे कतद़नडयाघाट, चदकया अब़दलु ल ़ ागंज और सोहेलवा वन क़त़े ़ो मे़पाये जाने वाले दुल़डभ औषिीय पौिो़ जड़ीबूदटयो़ को संरद़़कत न दकये जाने से इनकी तस़करी का खतरा बढ़ने लगा है. ऐसे मे़ सरकारी दवभाग की उदासीनता तस़करो़ के दलए मौका देती ददखाई दे रही है. बहराइच दजले और श़़ावस़़ी के जंगलो़ मे़ अक्त वन संपदा है. इनमे़ दुल़डभ और जीवनदादयनी वनस़पदतयां है़. मीठी नीम, हर दसंगार पनयार, बऱ मेदा, ज़वराकुश, सतावर, लटजीरा, सप़डगंिा कालमेघ पाषाण भेद, सनाय, लेमन ग़़ास सेटोनेला, पामारोजा के अलावा यहां पाये जाने वाले औषिीय पौिो़ की देश के अलावा पड़ोसी देशो़ मे़ काफी मांग है. आयुव़ेददक और यूनानी दवा बनाने वाली कंपदनयां इन औषिीय पौिो़से भारी मुनाफा कमाती है़. इसके दलए कंपदनयो़ के एजे़ट मुंह मांगी कीमत देने को तैयार रहते है़. दुलभड़ औषदि वन तुलसी और सप़गड ि ं ा दजसे
संजीवनी बूटी कहा जाता है बहुतायत मे़ इन वन क़़ेत़ो़ मे़ मौजूद है. यहां पायी जाने वाली काली मुसली का प़़योग हड़़ी जोड़ने और त़वचा आदद पर लगे घाव को ठीक करने के साथ ही अऩय शारीदरक दवकारो़ मे़भी लाभप़द़ है. सफेद मुसली का इस़म़े ाल नाड़ी दवकार और दुब़डलता दूर करने वाले सव़़ोत़़म टॉदनक के ऱप मे़ होता है. पीपली का उपयोग सद़़ी, खांसी श़़ास, वात, कुष़रोग पीदलया, साइदटका और मोटापा कम करने के दलए दकया जाता है. अरूसा, श़़ास, रोग, मलेदरया, अदतसार, चम़डरोग
संदवधान बचाओ यात््ा
तिंिवाड़ा. दकसान संघष़ड सदमदत की मुलताई से शुऱ की गयी ‘खेती बचाओ- संदविान बचाओ’ यात़़ा सौसर ब़लॉक के ग़़ाम सातनूर और संवगा होकर खकरा चौरई पहुंच चुकी है. दकसान संघष़डसदमदत के काय़डकारी अध़यक़़ पूव़ड दविायक रॉ सुनीलम ने सातनूर और संवगा मे़ दकसानो़ की सभाओ़ को भी संबोदित दकया. उऩहो़ने कहा दक सरकार ने दकसानो़ की जमीन लेने के दलए साल 2005 मे़ दवशेष आद़थडक क़़ेत़ कानून बनाया था. इसमे़ कंपदनयो़ को सभी करो़ से मुक़त रखा गया था. साथ ही पानी और दबजली की ह़यवस़था की दजम़मेदारी सरकार ने ली थी. इसके बाद इन क़़ेत़ो़ को श़़म कानूनो़ से भी मुक़त कर ददया था. देश मे़ साल 2005 से लेकर अब तक दो लाख हेक़टेयर जमीन दकसानो़ से छीन कर कंपदनयो़ को दी जा चुकी है़. इसमे़ करीब सात सौ हेक़टेयर जमीन करीब 150 क़़ेत़ो़ मे़ दकसानो़ ने बचाने मे़ सफलता हादसल की है. दकसानो़ के सशक़त आंदोलनो़ के चलते मोदी सरकार को अध़यादेश के माध़यम से लाये गये भू-अदिग़़हण कानून से पीछे हटना पडा है. इससे पहले की सरकार ने कानून पादरत करके और दवशेष आद़थडक क़़ेत़ कानून बनाकर सातनूर और संवगा क़़ेत़ के दकसानो़ की जमीनो़ को अदिग़़दहत कर दलया था. ऐसे मे़ अब सरकार को दछंदवाडा रेवलपस़ड से इन
जमीनो़ को दोबारा दकसानो़ को वापस कर देनी चादहए. आरािना भाग़डव ने सातनूर और सवंगा मे़ एसईजेर प़़भादवत दकसानो़ से कहा दक पुऩडवास और पुऩडह़यवस़थापन मे़ उदचत प़़दतकर और पारदद़शडता का अदिकार अदिदनयम 2013 के मुतादबक दकसान अपनी जमीन के मादलक हो चुके है़. दछदवाडा रेवलप़डस के नाम पर साल 2007 से 2012 के बीच रदजस़द़टयां हुई़ है़. लेदकन दछंदवाडा रेवलप़डस ने अभी तक दकसानो़ से जमीन का कब़जा नही़ दलया है. पांच साल होने के बाद भी आज तक कोई उद़़ोग भी यहां नही़ शुऱ हुआ है. दकसानो़ को 15 हजार ऱपये हर साल और नौजावानो़ को रोजगार देनेकी शत़ड पर ही रदजस़ट़ी दवशेष आद़थडक क़़ेत़ अदिदनयम 2005 के अंतग़डत की गयी थी. लेदकन शत़़ो़ का पालन न होने के कारण दवशेष आद़थडक क़़ेत़ के अंतग़डत की गयी रदजस़ट़ी शूऩय हो चुकी है. अतः प़़भादवत दकसानो़ के नामराजस़व दरकाऱड मे़ दज़ड कर उऩहे़ ऋ ण पुद़सका प़़दान होनी चादहए. यात़़ा के साथ प़द़ श े उपाध़यक़़संतोषराव वारस़कर, सदचव महे़द़ आठ़़ा और दछंदवाडा दजला सदचव अमूल गुव़ेभी मौजूद थे. यात़़ा अब खकरा चौरई पहुंच गयी है, जहां ग़़ामीणो़ने इसका भह़य स़वागत दकया. इस मौके पर रॉ सुनीलम ने दकसानो़ के साथ अऩयाय खत़म करने के दलए संघष़डका भी आह़़ान दकया.
और टीबी आदद के दलए बहुत ही कारगर औषदि है. यहां पाये जाने वाले दचरायता की भी भारी मांग है. इस पौिे से रक़त साफ करने वाली औषदि साफी बनायी जाती है. कोरैयया पेड़ की छाल और जड़ो़ से बवासीर, बहुमूत़ता सदहत तमाम बीमादरयो़की दवा बनायी जाती है. बच का उपयोग गभ़डऔर श़़ास रोगो़को दूर करने मे़ दकया जाता है. अश़़गंिा का प़़योग गदठया, दद़ड और लकवा, जोड़ो़ के सूजन मे़ दकया जाता है. सीमावत़़ी क़त़े ़के वनो़मे़पायी जाने वाली दुल़डभ वन औषदियो़ पर इलाकाई
तस़करो़ की नजर लग चुकी है़. दवभागीय संरक़़ण न होने से इनमे़से कई दवलुप़त होने के कगार पर पहुंच चुकी है. पर दवभाग बेपरवाह बना हुआ है.़ जबदक आयुव़ेददक दचदकत़सा राज़यमंत़ी दद़़न दमश़़ा का गृह और दनव़ाडचन क़़ेत़ जनपद बहराइच और श़़ावस़़ी है. इस संबि ं मे़ प़़भागीय वनादिकारी का कहना है दक दुल़डभ वन औषदियो़ की तस़करी दकसी भी कीमत पर नही होने दी जायेगी. उऩहो़ने कहा दक वन औषदियो़की तस़करी रोकने के दलए सघन अदभयान चलाया जा रहा है.
गैस कांड पीकंितों के राहत की मांग
भोपाल. शहर के कई सामादजक संगठनो़ ने भोपाल गैस पीदडतो़ के राहत और पुनव़ाडस की के़द़ सरकार से मांग की है. इन संगठनो़ मे़ भोपाल ग़़ुप फॉर इऩफॉम़़ेशन एंर एक़शन, भोपाल गैस मदहला स़टेशनरी कम़डचारी संघ सदहत कई दूसरे संगठन शादमल है़. इन संगठनो़ की मांग है दक के़द़ सरकार भोपाल गैस कांर के दोषी कंपनी के दखलाफ सख़त रवैया अपनाये. इन संगठनो़ ने आरोप लगाते हुए कहा है दक बीते दसतंबर मे़ प़़िानमंत़ी मोदी ने इस कंपनी के सीईओ एंड़यू दलवदरस को शानदार भोज ददया था. जबदक कंपनी भोपाल दजला अदालत की नोदटस को लगातार अनदेखा कर रही है. भोपाल गैस कांर राहत और पुनव़ाडस काय़ड से जुड़े संगठन भोपाल ग़़ुप फॉर इऩफॉम़़ेशन एंर एक़शन के सतीनाथ षरंगी ने मीदरया से कहा दक भोपाल दजला अदालत ने यूदनयन काब़ाडइर के अदिकृत प़़दतदनदि को अदालत मे़ हादजर कराने के दलए राव केदमकल को दो बार नोदटस जारी दकया है. लेदकन अब तक वह हादजर नही़ हुए है़. उऩहो़ने कहा दक ऐसे मे़के़द़ीय जांच ब़यूरो़ (सीबीआई) की तीसरी बार भी जारी नोदटस की राव केदमकल अवहेलना कर रही है.
मध्य प््देश मे् जारी है अवैध खनन
भोपाल. माइंस, दमनरल एंर पीपल (एमएमपी) नाम के संगठन ने खनन के बदले खनन कानून और लोगो़ के कल़याण के दलए प़़स़ादवत योजना पर एक चच़ाड का आयोजन दकया गया है. इसमे़अवैि खनन और भावी पीढी पर भी चच़ाड हुई. दजसमे़कहा गया दक सरकार को प़़ाकृदतक संसािनो़को दनजी लाभ के दलए देने का कोई हक़ नही़है. ऐसे मे़ भावी पीढी के अदिकारो़ को सुरद़़कत रखते हुए खदनज संपदा के संयदमत दोहन पर दवचार दकया जाना चादहए. दजससे आने वाली पीदढयो़के दलए एक भदवष़य दनदि बनायी जा सके. तादक पय़ाडवरणीय ऩयाय सुदनद़़ित हो सके. चच़ाड मे़ भाग ले रहे सदस़य यूसुफ बेग, श़़ीिर, गुमान दसंह और श़़ीमाली ने सरकार का ध़यान गंभीर मुद़ो़जैसे दक गरीबी, पय़ाडवरण संरक़़ण, रोजगार और दवस़थादपतो़के पुनव़ास ड की तरफ खी़चा. साथ ही खनन से जुडे कामगारो़के अदिकारो़और स़वास़थ़य संरक़़ण पर भी बल देने की बात कही. भूवैज़ादनक श़़ीिर और एमएमपी के सलाहकार ने खान और खदनज के संशोदित कानून माच़ड 2015 के बारे मे़ भी बताया. दजसका एक मात़़मकसद है दक गैर कोयला खदनजो़ को भी नीलामी के जदरये आवंदटत दकया जाये. साथ ही नये पट़़ो़ को 50 साल के दलए ददया जाये.1957 के कानून के मुतादबक पट़़े20 साल के दलए ददये जाते थे. सरकार ने 2010 के संशोिन मे़ 26 फीसद दहस़सेदारी का प़़ाविान सुझाया था.
लेदकन अब 2015 के कानून मे़ दसफ़फ 30 फीसद रॉयल़टी की रादश उन पट़़ेिारको़ को जमा करनी है. दजनके पट़़े12 जनवरी 2015 से पहले के है़. एमएमपी के जनरल सेिे़टरी अशोक श़़ीमाली ने बताया दक अवैि खनन का दसलदसला थम नही़रहा है. संसद मे़भी चच़ाड होती रही है पर अवैि खनन की संख़या लगातार 80 हजार से 90 हजार बनी हुई है. मध़य प़़देश के संदभ़ड मे़ अवैि खनन की संख़या छह हजार से सात हजार के बीच बनी हुई है. लेदकन अवैि खनन के मामलो़ से सरकार ने अभी तक मात़़129 करोड ऱपये ही जुम़ाडने के तौर पर वसूल पायी है. जबदक हजारो़करोड ऱपये का खदनज कुछ ही लोगो़ और ह़यापादरयो़ ने लूटा है. इसका नुकसान दसफ़फ सरकार और आम नागदरको़ को भुगतना पड रहा है. श़़ीिर ने बताया दक भारत के दनयंत़क और महालेखापरीक़़क
(कैग) ने कई बार ऑदरट परीक़ण ़ के दौरान कई राज़य सरकारो़ की बहुत सी खादमयां सामने रखी है़. दजनमे़ बहुत सी खादमयां उभरकर सामने सामने आयी़ है़. कैग ने 2009 मे़ जो परीक़़ण दकये उनमे़ 433 मामलो़ मे़ 333.33 करोड के नुकसान का आकलन दकया गया है. साल 2013-14 मे़ यह नुकसान 196 करोड ऱपये का रहा है. वन अदिकार कानून 2006 के तहत वन भूदम हस़़ांतरण करने से पहले वहां के दनवादसयो़ को सौ़पा जाना चादहए. साथ ही लौह खदनज का भी संरक़़ण दकया जाना चादहए और इनके दनकालने की भी एक सीमा तय की जानी चादहए. दजससे भावी पीद़ढयो़ को इससे वंदचत न होना पडे. सरकार को भावी पीढी के अदिकारो़ को सुरद़़कत रखने के दलए खदनज संपदा के दोहन और इनकी बब़ाडदी पर रोक लगानी चादहए.
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सिनेमा
25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
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शाहरंखं: कदल की डगर शाहर्ख खान से हरर मृदुल की रिशेष बातचीत.
हदर मृिुल
शा
हरुख खान अपनी आगामी फिलुम ‘फिलवाले’ को लेकर कािी उतुसाफहत हैु. रोफहत शेटुी के फनिुुेशन मेु बनी इस एकुशन कॉमेडी फिलुम मेु उनके साथ उनकी पसंिीिा हीरोइन काजोल की जोडुी है. रोफहत शेटुी के फनिुुेशन की बात है, तो वह पहले भी शाहरुख़ के साथ फमलकर ‘चैनुनई एकुसपुुेस’ जैसी फहट फिलुम िे चुके हैु. लेफकन ‘फिलवाले’ के सामने कई चुनौफतयां हैु.
हमने कुछ अलग करने की कोफशश नहीुकी है. इतना जरुर कह सकता हूं फक यह एक िनी कॉमेडी है. यह अजीज फमजुाड और कुंिन शाह की जैसी सेटल कॉमेडी नहीु है. मैु इन िोनोु फिलुमकारोु के साथ अचुछी कॉमेडी फिलुमेुकर चुका हू,ं लेफकन मुझे चालुुी चैपपु लन और जॉनी लीवर वाली कॉमेडी ही जुयािा लुभाती है. ऐसी कॉमेडी कमाल की होती है. िशुडक भी ऐसी कॉमेडी अफिक पसंि करते हैु. एक एकुटर के तौर पर फिलुम को सिलता फिलवाने का पुुेशर तो होता ही है, फकसी फिलुम के पुुोडुुूसर होने का आप पर फकतना िबाव रहता है?
मेरे पास कई रासुुेहैु.
इसमेुरोफहत शेटुी टाइप कॉमेडी है. इसमेु
रोमांफटक फिलुमोु मेु आपकी एक छाप है. आपके फलए रोमांस के कुया मायने हैु? फहंिी फिलुमोु का रोमांस अनूठा होता है. फनजी फजंिगी मेु हम जो नहीु करते, परिे पर वह सबकुछ करते हैु. हमेुलव सुटोरी इसफलए अचुछी लगती हैु फक वह कभी कंपलीट नहीु होती हैु. रोमांस के फलए नयी पुसथफतयां बनती
अजीज फमजुाड के साथ भी काम फकया है. हमारे यहां फवशाल भारदुुाज, राजकुमार फहरानी और अनुराग कशुयप की फिलुमेु भी हैु, जो मुझे वुयपुकतगत रुप से पसंि आती है.ु लेफकन यह सचुुाई है फक अब सुपर सुटार के फलए फवफवि तरह की फिलुमेु करने के अवसर नहीु हैु. हालांफक मैु अगर फवशुदु कॉमफुशय ड ल फिलुम ‘फिलवाले’ कर रहा हू,ं तो ‘िैन’ और ‘रईस’ जैसी ऑिबीट फिलुमेुभी कर रहा हू.ं ये िोनोु ही 200 करोडुकुलब वाली फिलुमेुनहीुहै.ु इिर कहा जा रहा है फक अब कंटेुट ही सुपर सुटार है. जलुि ही सुपर सुटासुडका जमाना चला जायेगा. आप कुया सोचते हैु? मैुसमझता हूं फक सुटारडम बहुत जरुरी है. आज उन िेशोुका फसनेमा खतुम हो चुका है, जहां सुटारडम नहीुहै. सारे गुटुे मेकर हॉलीवुड जा चुके है.ु इंगल ु डैु मेुअब फसिुफअठारह फिलुमेु ही साल मेुबनती है,ु जब फक हॉलीवुड की डेढु सौ फिलुमेुवहां लगती है.ु जमुन ड ी मेुफसिुफतीन और पोलैडु मेुभी इकुुा िुकुा फिलुमेुफनफुमतड होती हैु. फ्ुच फसनेमा खतुम हो चुका है. ऐसा सुटारडम टूटने की वजह से ही हुआ है. सोफचये
‘फिलवाले’ के साथ ‘बाजीराव मसुुानी’ भी फरलीज हुई. जब िो बडुी फिलुमेु एक ही फिन फरलीज हुई हैु, तो उसका फबजनेस पर फकतना असर पडुता है? मेरा मानना है फक िो बडुी फिलुमेुएक ही फिन फरलीज नहीुहोनी चाफहये. यह िुभुाडगुयपूणुड है. िरअसल अब फबजनेस पांच फिन का रह गया है, इसफलए िशुडकोुके बंटने से नुकसान हो जाता है. हालांफक िोनोुफिलुमेुअलग जॉनर की हैु. िोनोुतरह की फिलुमोुके अपने िशुडक हैु. ऐसे मेुउमुमीि यही बंिती है फक एक िूसरे के फबजनेस पर जुयािा असर नहीुपडुेगा.
आपकी काजोल के साथ एक अलग ही मैु बतौर पुुोडुुूसर कोई िबाव महसूस कैफमसुटुी मानी जाती है. आप िोनोु फजस आज एक नयी तरह की पायरेसी सामने आ फिलुम मेुहोते हैु, वह सिलता का नया रेकॉडुड नहीु करता हूं. हां, मैु अचुछी फिलुमेु बनाने के चुकी है. फजस फिन कोई फिलुम फरलीज होती फलए कोई कसर नहीुछोडुता हू.ं यह सच है फक बनाती हैु. इस बार भी यही उमुमीि है? है, उसी फिन लोगोुको मोबाइल पर भी िेखने कोई भवुय फिलुम बनानी हो, तो बहुत जुयािा इसमेु कोई शक नहीु है फक िशुडक रुपये लगते हैु. मैु अपनी फिलुम के फलए को फमल जाती है. इसका भी तो फबजनेस पर काजोल और मेरी जोडुी बहुत पंसि करते हैु. फकसी फनमुाडता से कह नहीु सकता था फक बहुत जुयािा असर पडुता होगा? ‘फिलवाले िुलुहफनया ले जायेुगे’ से लेकर बजट बढुाओ, वरना पुुोडकुट अचुछा नहीु हां, पायरेसी की वजह से हमेुबहुत जुयािा ‘फिलवाले’ तक हम िोनोुने सात फिलुमेुसाथ बनेगा. यही वजह है फक मैुने फिलुम पुुोडुुूसर नुकसान उठाना पडुरहा है. कुछ फिन पायरेसी मेु कर ली हैु. ‘बाजीगर’, ‘करण अजुडुन’, बनने का िैसला फलया था. जब मैु पुुोडुुूसर पर लगाम लगी थी, लेफकन अब फिर से नयी ‘कुछ कुछ होता है’,‘कभी खुशी कभी गम’ होता हूं, तो मुझे रुपयोु की फचंता नहीु होती है. शकुल मेु शुरु हो चुकी है. साउथ मेु पायरेसी और ‘माइ नेम इज खान’ मेु हम िोनोु की मैु पाटुडनरफशप भी नहीु करता हूं. उसमेु भी पर अब भी लगाम लगी हुई है. हालीवुड मेुभी ऑन सुकुीन कैफमसुटुी को बहुत पुयार फमला. कािी झमेले होते हैु. मैुअब रुपये कमाने के पायरेसी आसान नहीुहै. बॉलीवुड मेुपता नहीु मुझे यकीन है फक ‘फिलवाले’ मेुभी हमेुलोगोु फलए अफभनय नहीु करता हूं. अफभनय मेरा कुयोुआसानी से पायरेसी हो जाती है. इस पर की बेपनाह मोहबुबत फमलेगी. हमने िशुडकोुके पैशन है. मैुअचुछी फिलुमेुकरना चाहता हू.ं यही कोई ठोस किम उठाये जाने चाफहये. मनोरंजन का पूरा खुयाल रखा है. वजह है फक जो फिलुम मैु साइन करता हूं, आपको करोडुोुलोगोुका पुयार फमला है. लोग ऐसी फिलुमोुमेुकहानी का जुयािा महतुव नहीु उसके मेहनताने की कोई बात नहीुकरता हूं. आपको बॉलीवुड बािशाह या फकंग खान होता है. फसिुफ मसाले ही मसाले होते हैु. कुया मैुपहले फपकुचर करता हूं और फिलुमकार से कहते हैु. इस मुकाम पर आप अपने आपको कहता हूं फक चेक बाि मेुिे िेना. मैुिुफनया का आप यह बात सुवीकार करते हैु? फकस तरह से लेते हैु? िूसरा सबसे िनी एकुटर हूं. रुपये कमाने के ऐसा तो नहीुहै. फबना कहानी के कोई भी फिलुम बन ही नहीुसकती. इसमेुबडुी मजेिार कहानी है, फजसे मैुपूरी तरह से नहीुखोलूंगा. इसमेु िो वकुत की कहानी है. मैु यंगर और ओलुड िोनोु ही फकरिार फनभा रहा हूं. फिलुम पुुेजेुट और पासुट िोनोु की कहानी कहती है. पासुट की कहानी जुयािा है फिलुम मेु. मेरे फकरिार का नाम राज है, जो फक बडुा ही जेुटलमैन है. उसके पास कोई जॉब नहीु है, लेफकन वह खुशफमजाज है. कुल फमलाकर मजेिार कहानी है. फिलुम मेु रोमांस के साथ कॉमेडी फपरोयी गयी है. यह कॉमेडी रुटीन फकसुम की है या कुछ नया करने की कोफशश की गयी है?
इस मुकाम मेुपहुचं ने के बाि अपना कुछ नहीुरहता. बस एक फससुटम मेुपडुेहुये हैुऔर अपना काम फकये जा रहे है.ु मैुपचुुीस साल से करीब बारह घंटे रोज काम कर रहा हू.ं मुझे यह पता नहीुहै फक मैुआगे कहां पहुचं पाऊंगा और कुया बन जाऊंगा. मेरे पास सब कुछ है, लेफकन इस सब कुछ को भला मैुखुि फकतना यूज कर पाता हूं. सच यह है फक मुझे छोटी चीजोुमेुखुशी फमलती है. मैुअपने पफरवार के साथ सबसे जुयािा सुखी महसूस करता हू.ं हां, अफभनय मेरे फलये जीफवत रहने का रसायन है. मुझे हर हाल मेुएपुकटंग करनी है. इस कुत ुे ुमेु बतौर एकुटर और फिलुमकार कुछ अलग हो जाये, तो अचुछा ही है. लेफकन मैु फकसी भी पुसथफत मेुएकुटर बने रहना चाहता हू.ं
रहती है.ु मेरे फलये रोमांस के मायने हैुडूबकर पुयार करना और फबना सुवाथुडके पुयार करना. बॉलीवुड मेुफवफवि पुुकार की फिलुमेुबनती हैु. कुया आप सुपरसुटारडम छोडक़र लीक से हटकर फकरिार अिा करने का साहस कर पायेुगे? मैन ु े कई बार लीक से हटकर फिलुमेुकी हैु. मैु करण जौहर और आफितुय चोपडुा की फिलुमेु ही नहीु करता, मैुने अमोल पालेकर, कुंिन शाह, केतन मेहता, मफण कौल और
फक आईपीएल मेु सुटार न होु, तो उसे कोई िेखेगा? सुटार फससुटम बहुत जरुरी है. इसी फससुटम की वजह से हमारी फिलुम इंडसुटुी खतुम नहीुहो पायी है. आप अपने फकरिारोु के फलए फकस तरह की तैयाफरयां करते हैु? मैु लोगोु को िेखता रहता हूं, लेफकन मैु उनुहेु फकरिारोु मेु अपने ही अंिाज मेु ढालता हूं. मैु ‘चक िे इंफडया’ मेु पूरी तरह मीररंजन नेगी नहीु बन सकता था. मुझे ऐसे फकरिारोु मेुअपनी ओर से भी बहुत कुछ डालना होता है. मैुअपने फकरिारोुकी तैयारी करते समय िेखता हूं फक वे कैसे बोलते हैु और कैसे वुयवहार करते हैु. इन फिनोु बॉलीवुड को बायोफपक फिलुमोु पर जुयािा भरोसा हो गया है. आप ऐसी फिलुम के बारे मेुनहीुसोच रहे हैु? मुझे एक बायोफपक फिलुम भाग फमलुखा भाग ऑिर हुई थी, लेफकन मैन ु े पाया फक इस रोल के फलए मेरे भीतर समपुडण की कमी है. मैुने इनकार कर फिया था. मैुशोभराज चालुसुड का फकरिार फनभाने की जरुर सोचता था, लेफकन अब इस फवषय पर फिलुम बन चुकी है.ु फिलहाल तो मैु फकसी बायोफपक के बारे मेु नहीुसोच रहा हूं.
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पयंदटन
25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
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अब यहां कोई ट््ेन नही् आयेगी सिीश जायसवाल
ज
बलपुर से नागपुर के बीच छोटी लाइन का खूबसूरत रेलवे स़टेशन नैनपुर बीते पहली ददसंबर से सूना हो गया. अब इस पर कोई ट़़ेन नही़आयेगी. अब तक दजतनी ट़़ेनो़ का आना-जाना यहां से होकर रहा है, उनसे और उनके चलने से जुडा हुआ मालअसबाब यहां से हटाया जा रहा है. रेलवे की नजर मे़ जो माल-असबाब है, इदतहास की नजर मे़ वह िरोहर है. लेदकन यह ऐदतहादसकता दवकास के नजदरये से बाहर की बात है. रेलवे का नजदरया भी यही ददखता है. उसकी अपनी पहली प़़ाथदमकता मे़माल का लदान और पदरवहन होता है. याद़़तयो़ का पदरवहन तो रेल की दूसरी प़़ाथदमकता है. इसके बावजूद यह भी एक तथ़य है दक रेलवे का अपना इदतहास है. और उसे सहेजा जाना जऱरी है. नैनपुर रेलवे स़टेशन का अपना इदतहास सौ बरसो़से भी पुराना है. छोटी लाइन का यह रेलवे स़टश े न 1902 ई. मे़ट़़ेनो़के दलए खुला था. यह ‘हउआ’ दकस भाषा का शब़द है, और इसका क़या मतलब होता है? मुझे नही़ मालूम. लेदकन यह शब़द हमारे रोजमऱाड के ह़यवहार मे़शादमल हो चुका है. और सब के साथ मै़भी इसका उपयोग करता हूं ददलचस़प बात यह है दक अथ़डजाने दबना भी, ह़यवहार मे़इसका प़़योग ठीक उसी जगह पर होता है जहां इसकी जऱरत होती है. और वहां यह अपने सही अथ़ड मे़ ही प़़युक़त होता है. जबलपुर का एक लोकल स़टेशन हैहांऊबाग़. सुनने और बोलने मे़ कुछ ऐसा लगता है, जैसे इसकी उत़पद़़त इसी, 'हउआ' शब़द से हुई हो. यह छोटी लाइन का रेलवे स़टेशन है. यहां से छोटी लाइन की एक खूबसूरत ट़़ेन चलती है -0001 हाऊबाग़बालाघाट सतपुड़ा एक़सप़़ेस. भोर मे़, 5 बज कर 30 दमनट पर. भोर मे़चली यह एक़सप़स ़े ट़़ेन, कोई 4 घंटो़मे़नैनपुर पहुंचा कर आगे, बालाघाट के दलए, दनकल जाती है जहां उसे पहुंचना होता है. बीच के दकसी स़टेशन पर उतरकर अपनी ट़़ेन को जाते हुए देखना मुझे एक अजीब सी उदासी मे़ छोड़ता है. ऐसे, जैसे दकसी होटल या 'सराय' मे़ रात गुजारने के बाद ददन मे़ अपना असबाब समेट कर खुद कही़ और के दलए दनकल पड़ना. वैसे अब 'सराय' बचे ही कहां? कही़ दमलते है़ तो, दकऩही़ पुराने बयानो़ मे़. वैसे ही अब, यह खूबसूरत ट़ऩे 'सतपुड़ा एक़सप़स ़े ' ही कहां बच जाने वाली है़? अब सभी छोटी लाइनो़ को बडी लाइनो़मे़बदला जा रहा है. रफ़्तार बढ जायेगी, आमद-रफ़त बढ जायेगी. यह, रेल खंर भी बडी लाइन मे़ बदल ददया जाना है. तब यह ख़ूबसूरत ट़़ेन'0001 हांऊबागबालाघाट सतपुड़ा एक़सप़़ेस भी नही़ रहेगी. इसकी जगह कोई और नंबर, कोई और नाम और कोई दूसरी ट़़ेन होगी जो, मालूम नही़ ऐसी ही खूबसूरत होगी दक नही़? यह दवचार मेरी उदासी को गहराता है या मै़ ही ऐसी दकसी गहरी उदासी से ऱबऱ मुलाकात के दलए इतने ददनो़ से यहां-नैनपुर आने को
बेताब था? यदद वह उदासी केवल एक रेल खंर की छोटी लाइन के बडी लाइन मे़ गुम जाने के अंदेशे की थी, तो नैनपुर रेलवे स़टेशन पर हमारा स़वागत करने वाली दखली-दखली िूप मे़उसे छंट जाना था. जब हम वहां पहुंचे तो सद़दडयो़ के ददन की दखली- दखली िूप मे़ नैनपुर का रेलवे स़टेशन चमक रहा था. और स़टश े न से ही ददखने वाली खूबसूरत सी रेलवे कालोनी दकसी मशहूर दचत़क ़ ार के लैर ़ स़कपे की तरह फ़ैली हुयी थी. लेदकन गुलाबी कवेलू और दवक़टोदरयन शैली की िलवां छतो़वाली दचत़़-सदृश कालोनी दकसी दचत़़की तरह ही व़सथर थी. कोई गदत या हलचल उसमे़ नही़ थी दसवाय, सुबह के उस समय चल रही हल़की हल़की हवा के. और हवा उस दकसी दचत़़ मे़ ददखाई नही़ पड़ने के बावजूद बदन को छू रही थी. इसदलए उसे महसूस दकया जा सकता था. दवक़टोदरयन शैली के,इसके मकानो़ के भीतर, द़़बदटश ददनो़ के 'फायर प़लेस' अभी, दबलकुल कल की तरह बाकी है़. उन ददनो़के दकसी 'फायर प़लेस' के पास ऐसा लगेगा दक, दपछली रात मे़ही यहां लोग रहे हो़गे और देर तक इसके दगद़ड बैठे आग तापते हो़गे. बाहर से देखने पर इन घरो़की दचमदनयां इस जीती-जागती बस़़ी को दकसी दचत़़से भी अदिक सजावटी बनाती है़. मेरे युवा दमत़़ तनवीर हसन का सौ़दय़डबोि, पता नही़क़यो़ और कैसे और दकतने गहरे से, इन फायरप़लेसो़ और उनकी दचमदनयो़ के साथ जुड़ा हुआ है? मुझे लगा दक ये दचमदनयां उऩहे़ उदासी के बदले कोई लयात़मक उद़़ीपन प़द़ ान करती हो़गी. तनवीर, भारतीय रेल सेवा के एक बड़ेअदिकारी है़. लेदकन उनके साथ मेरी दमत़त़ ा उनके संवदे नशील इदतहास-बोि से है. ट़़ेन के दनकल जाने के बाद अब वहां हमारे अपने बोलने-बात करने की आवाजो़ से ही आवाज हो रही थी. स़टेशन दकसी दचत़़ की तरह दबलकुल दनशब़द था. और रेलवे कालोनी, मालूम नही़ कब से दबना दकसी आवाज के गुजारा कर रही थी? भारतीय रेल के दहसाब-दकताब मे़ नैनपुर अभी दद़़कण-पूव़ड-मध़य रेलवे, दबलासपुर के अंतग़डत आने वाले नागपुर दरवीजन का दहस़सा है. पहले यह नैनपुर , छोटी लाइन का एक स़वतंत़ और महत़वपूण़ड रेल-दरवीजन था. चारो़ ददशाओ़ के आददवासी इलाको़ जबलपुर, मंरला, दछंदवाड़ा और बालाघाट को रेल संपक़फ से
जोड़ने वाला रेल मंरल. अब यह बडी लाइन का एक छोटा स़टेशन बन कर रह जाने वाला है. एक महत़वपूण़ड दरवीजन का उसका ओहदा अब दबखर कर, कुछ नागपुर दरवीजन मे़ समा जायेगा और बकाया के दहस़से भी, ऐसे ही टुकड़ो़-टुकड़ो़मे़कही़ना कही़पुनव़ाडस पा जाये़गे. यह, दवस़थापन और पुनव़ाडस की एक ऐसी दाऱण प़़द़िया है, दजस पर अभी दकसी का ध़यान नही़ जा रहा है. और, शायद जायेगा भी नही़, क़यो़दक यह दवकास की अदनवाय़डपदरणदत है. देखने और सोचने वालो़ के ध़यान तो दवकास पर ही के़द़दत होते है़. लेदकन नैनपुर मे़ तो इस प़़द़िया के समानांतर, एक पूरी की पूरी मनुष़य जादत के होने के दनशानो़को दमटाने का काम भी चल रहा है. कभी यह नैनपुर 500 घरो़ की एक
रेलिे स्टेशन नैनपुर पर अब कोई ट््ेन नही्आयेगी. लेरकन नैनपुर का अपना इरतहास सौ बरसो्से भी पुराना है जहां जाना स्मृरतयो्के सन्नाटे मे् जाने की तरह है. खूबसूरत ऐ़व़लो-इंदरयन कालोनी वाली गुलजार बस़़ी रही है. अब, यहां एक भी ऐ़व़लो-इंदरयन पदरवार नही़ बचा. रेलवे की नौकदरयो़ से दरटायर होने के बाद कुछ पदरवार तो अपने पैतृक-कुल से दमलने की आस दलये हुए इंव़लै़र या आस़ट़ेदलया या उन दकऩही़देशो़की तरफ दनकल गये जहां,मालूम नही़, उऩहे़उनका कुल दमला या नही़? और बकाया के, जो कही़ नही़ जा सके हो़गे अब
कहां है़, दकस हाल मे़ है़ और क़या है़ भी या नही़? दकसी को नही़ पता. न ही कोई यह पता करना चाहता. एक पूरी की पूरी मनुष़यजादत, दजसके पास उसके अपने दकस़म का ऐसा सौ़दय़ड-बोि था, जो आज के ददन तक अपनी दश़डनीयता मे़हमारे पास बचा हुआ है वह इस तरह लापता हो जाये! और कही़भी उसके बारे मे़पता करने की कोई कोदशश ना नजर आये. यह दकतना अमानवीय है? यह अमानवीयता नैनपुर मे़उन ददनो़की स़मदृ तयो़ मे़ जगह पाकर रह रही है, जो सचमुच मे़ खूबसूरत ददन थे. लेदकन दुभ़ाडव़य से हमारे अपने इदतहास के बदसूरत ददनो़ का दहस़सा थे. इसदलए, यहां उनसे छुटकारा पाने की कोदशशे़ चल रही है़. ये कोदशशे़ दुभ़ाडव़य से छुटकारा पाने के दलए है़या इदतहास के उस दहस़से से छुटकारा पाने के दलए है़दजसे हमारी अपनी समझ ने एक ऐसी बदसूरत शक़ल दे दी दजससे छुटकारा पाने के दलए बाद के ददनो़ मे़मशक़़त करनी पडे? उसकी एक लाचार कोदशश यहां चल रही है. क़या अपने ही इदतहास से छुटकारा पाया जा सकता है? अंग़ेजो़ ने यहां, अपने दलये एक यूरोदपयन क़लब बनवाया था, जैसा वो अऩय बड़े और अपने पसंदीदा रेलवे स़टेशनो़ मे़ दकया करते थे. उस क़लब की इमारत, कुछ बरस पहले िहा दी गयी क़यो़दक वह 'यूरोदपयन क़लब' था. औपदनवेदशक ददनो़की दनशानी? अलबत़़ा, उस क़लब का 'दबदलयड़स़ड टेबल' अभी बचा हुआ है और अपने ददनो़की तरह शानदार है. पता नही़इस टेबल पर खेलने वाले लोग अब यहां, नैनपुर मे़है़या नही़और क़या वो इस टेबल की तरह शानदार लोग है?़ बाद मे,़ सन 1922 मे़यहां भी दहंदुस़ादनयो़ ने 'यूरोदपयन क़लब' के मुकाबले मे अपने दलये 'नाथ़डईस़ट इंसट़ ीटयूट' बना दलया था. इसमे़ उनकी अपनी एक लायब़़ेरी भी है. इस लाइब़़ेरी मे़ कुछ पुरानी दकताबे़ अभी बची हुई है़.लेदकन इन पुरानी पुस़को़ मे़ 'नैनपुर नैन' मुझे नही़ दमली जो नैनपुर के उन ददनो़पर के़द़दत एक महत़वपूण़ड दस़़ावेज मानी जाती है. कटनी के राय बहादुर हीरा लाल ने दनमाड़के इदतहास और उसके वैभव पर के़द़दत महत़वपूण़ड गवेषणात़मक काय़ड दकया था. और तीन पुस़के़दलखी थी़. 'नैनपुर नैन' उस त़़यी की एक पुस़क है. वह इसी नैनपुर से संबंदित है इसदलए, मेरा अनुमान था दक अब दुल़डभ हो चुकी वह पुस़क मुझे यहां देखने को दमल जायेगी. लेदकन मेरा अनुमान गलत सादबत
हुआ. दकसी के दलए भी यह समझ पाना मुव़शकल होगा दक यहां के लोग अपने अंचल के एक महत़वपूण़ड इदतहासदवद और सादहत़यकार के अवदान के प़़दत इतने उदासीन कैसे हो सकते है़? मुझे इस बात पर संतोष करना पडा दक नैनपुर की रेलवे कालोनी मे़ एक लाइब़़ेरी है और उसका नामकरण महादेवी वम़ाड के नाम पर दकया गया है. नैनपुर रेलवे स़टेशन 1902 मे़ प़़ारंभ हुआ था. यहां रेलवे का अपना एक 'हेदरटेज हाउस' है, जहां 1902 मे़ प़़ारंभ हुए इस स़टेशन का ि़़दमक दवकास कुछ खूबसूरत पे़दटंव़स मे़दचद़़तत है. एक पे़दटंग मे़हाथी है़जो इमारती लकद़डयो़ के भारी-भारी लट़़ो़ को अपनी सूंर से लपेट कर मालगाड़ी के दरब़बो़ मे़ लाद रहे है़. उन ददनो़, नैनपुर चारो़ तरफ घने जंगलो़से दघरा हुआ था. और इन जंगलो़ से कीमती इमारती लकदड़यां काटकर बाहर भेजने का काम इस खूबसूरत रेलवे स़टश े न से दकया जाता था. अब नैनपुर के चारो़तरफ के वो जंगल पय़ापड त़ दवरल हो चुके है.़ और हाथी भी यहां नही़रहे. उन ददनो़की दनशादनयो़को इस 'हेदरटेज हाउस' मे़िरोहर की तरह सुरद़़कत रखा गया है. यहां वो दनशादनयां इतने करीने से सजा कर रखी हुई है़दक उनके सहारे उन ददनो़मे़ पहुंच जाने का आभास होने लगता है जो ददन अब सौ बरस से भी पहले की बात हो गये. सन 1902 मे,़ जब यहां दबजली नही़थी तब, दजन दकरासीन लै़पो़से यहां रोशनी की जाती थी वे लै़प और उनके साफ़-सुथरे कांच अभी भी उन ददनो़का झरोखा बने हुए है़. उन ददनो़ यह छोटा सा पहाड़ी रेलवे स़टेशन चारो़तरफ से घने जंगलो़ से दघरा हुआ रहा होगा. और उन जंगलो़की छाया यहां की रातो़पर पड़ती होगी. तब यहां दकतना घना अंिेरा हुआ करता होगा? उस घने अंिेरे मे़ दकरासीन वाले इन लै़पो़की रोशनी मे़दजतनी दूर तक ददखाई पड़ता होगा, उस से अदिक दूर तक ददखाई नही़ पड़ने वाला फैलाव होता होगा. ददखाई नही़ पड़ने वाले उस फैलाव मे़ ददलकश ऱमादनयत के दलये खूब जगह रही होगी. तब यह नैनपुर, अपने होने से अदिक एक ऱमान मे़ बसर करता हुआ होगा. तब उस एक मनुष़य जादत के लोगो़ का भी बसर यहां रहा होगा दजनका अब यहां नही़ होना नैनपुर को स़मृदत जीवी बनाता हैनोस़टेलदजक. एक उदास स़मृदत-जीवन यहां वास करता है.
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25 दिसंबर-31 दिसंबर 2015
माकपा महालिवेिन मे् बनेगी वापसी की रणनीलत
रीिा दिवारी
कोलकािा. बंगाल समेत कई राज़यो़मे़ अगले साल होने वाले चुनावो़ के मद़़ेनजर माकपा चार दशक बाद कोलकाता मे़ संगठन के महादिवेशन का आयोजन कर रही है. यह 27 से 31 ददसंबर तक चलेगा. इस महादिवेशन मे़ पाट़़ी की भावी रणनीदत तय करने के साथ संगठन की कमजोदरयो़ पर भी चच़ाड होगी. इसमे़पाट़़ी की राजनीदतक तौर पर दखसकती जा रही जमीन पर भी गहन मंथन होने की योजना है. इसमे़ करीब 436 प़़दतदनदि भाग ले़गे. पाट़़ी के महासदचव सीताराम येचरु ी के नेततृ व़ मे़पाट़़ी का यह पहला महादिवेशन होगा. दपछला महादिवेशन साल 1978 मे़हुआ था. माकपा के नेतृत़व मे़ वाम दल 27 ददसंबर को ऐदतहादसक द़़बगेर परेर मैदान से तृणमूल-मुक़त बंगाल का नारा बुलंद करे़गे. सभा मे़ राज़य के 77 हजार बूथो़ से एकएक काय़डकत़ाड उक़त सभा मे़ आकर राज़य सरकार के दखलाफ आंदोलन का संकल़प ले़गे. माकपा के राज़य सदचव और दवपक़़के नेता रॉ सूय़डकांत दमश़़ने आरोप लगाया दक तृणमूल कांग़ेस के शासन मे़ बंगाल मे़ अप़़त़यादशत ऱप से अराजकता और भ़़ष़ाचार फैला है. अगले दविानसभा चुनाव
बस््र मे्सड़क पर उतरे पत््कार
जगिलपुर. दो पत़़कारो़की दरहाई को लेकर बीते सोमवार को पत़़कारो़ ने िरना देने के बाद कलेक़टर को एक ज़़ापन सौ़पा, दजसमे़ उऩहो़ने पत़़कारो़ के दलए सुरक़़ा संबंिी कानून बनाने के साथ-साथ अऩय मुद़ो़पर आवश़यक काऱवड ाई कराने का आग़ह़ दकया. कलेक़टर अदमत कटादरया ने उऩहे़ आश़स ़ ़दकया दक मुखय़ मंत़ी ने पत़क ़ ारो़की समस़याओ़ के संबंि मे़ संज़ान लेकर राज़य शासन के सदचव स़़र के अदिकारी के अिीन एक दवशेष सदमदत गदठत करने का सैद़ांदतक दनण़डय दलया है. गौरतलब है दक बस़़र मे़दो पत़़कारो़को माओवादी बताकर जेल मे़रखा गया है दजसके दखलाफ पत़क ़ ार आंदोलनरत है. कलेक़टर ने बताया दक पत़़कार की दगरफ़तारी के संबंि मे़ 72 घंटे के भीतर सदमदत को की गयी दशकायत की जांच सरकार के पास उपलब़ि ठोस तथ़यो़ के आिार पर की जाएगी. इस मौके पर पत़़कार सुरक़़ा कानून संयुक़त संघष़डसदमदत के सदचव कमल शुकल ़ ा, मनीष गुपत़ ा, शंकर पांरे, हरजीत दसंह पप़पू, केके वासुदेवन, एनआरके दपल़ले, राज गोस़वामी, के शदशिरन, प़़भात दसंह, रीतेश श़़ीवास़़व आदद मौजूद थे . RNI- DELHIN/2008/ 24781
मे़तृणमूल को सत़़ा से हटाने के दलए माकपा आदखरी दम तक आंदोलन करेगी. दविानसभा चुनाव के मद़़ेनजर 27 से 31 ददसंबर तक माकपा का सांगठदनक प़लेनम होने जा रहा है. द़़बगेर परेर मैदान मे़ 27 ददसंबर को जनसभा के माध़यम से इसका आगाज होगा. पाट़़ी ने अराजकता, भ़़ष़ाचार और लोकतंत़पर हो रहे हमले को जनसभा के दलए प़़चार का मुख़य हदथयार बनाया है. अगले चुनाव से पहले वाम दलो़ के काय़डकत़ाड 'तृणमूल हटाओ, बंगाल बचाओ’ और 'भाजपा हटाओ, देश बचाओ’
का नारा बुलंद करे़गे. रॉ दमश़़ ने कहा दक राज़य के ज़वलंत मुद़ो़ पर माकपा समेत वाममोच़ाड का आंदोलन के़द़दत होगा. राज़य मे़अराजकता, भ़ष ़ ़ाचार, लोकतंत़पर हमले और मदहलाओ़ के दखलाफ अपराि की घटनाएं बढ़ती जा रही है़. उऩहो़ने बताया दक पाट़़ी महासदचव सीताराम येचुरी, माकपा पोदलत ब़यूरो की सदस़य वृंदा कारत,द़़तपुरा के मुख़यमंत़ी मादनक सरकार और के़द़ीय कमेटी के सदस़य सांसद मोहम़मद सलीम द़़बगेर की सभा के मुख़य वक़ता हो़गे.
उड़ान के रलये तैयार कन्नूर हवाई अड््ा
कनुनूर. नये साल पर केरल सरकार कऩनूर के नये बने हवाई अड़़े से उड़ान परीक़़ण का मन बना चुकी है. नागदरक उड़़यन दवभाग की मंजूरी दमली तो यह संभव हो सकता है. कऩनूर हवाई अड़़ा टद़मडनल का दनम़ाडण काय़ड करीब पूरा हो गया है. दसफ़फ रनवे पर तारकोल लगाने का काम बाकी है. अब यह सरकार पर है दक वह यहां से पहली परीक़़ण उड़ान की तारीख तय करे. इसके दलए प़़ादिकादरयो़ ने एअर इंदरया और भारतीय वायुसने ा से बातचीत शुऱकर दी है. पर अभी यह तय नही़ हो सका है दक कौन सा वायुयान इस नये हवाईअड़़े से उड़ान भरेगा. कऩनूर हवाई अड़़े के पहले चरण मे़ 3050 मीटर लंबे रनवे का दनम़ाडण होना है. पर परीक़़ण उड़ान के दलए 2400 मीटर रनवे की ही जऱरत होगी. इसके दलए राज़य सरकार ने कमर कस ली है. ऐसे मे़रनवे पर तारकोल लगाने का काम दस ददनो़मे़पूरा हो जायेगा. इस तरह परीक़़ण उड़ान 2400 मीटर लंबे रनवे पर होगी. सरकार की इस रनवे पर नये साल के ददन परीक़़ण की योजना है. इस वजह से हवाई अड़़ेपर तेजी से काम चल रहा है. इसमे़पद़़टयां रखे जाने और टावर बनाने का काम भी शादमल है. लेदकन उड़ानो़का परीक़ण ़ महादनदेशक नागदरक उड़़यन से अनुमदत के बाद ही शुऱ हो सकेगा. केआईएल अदिकादरयो़ ने कहा
कसखों का मजाक बनाना पिंेगा महंगा
एम कुमार
दफल़म ददखाने का सारा दसस़टम खरीदने को हरी झंरी दे दी गयी है. दफल़म के दौरान ही 15 दमनट का एसजीपीसी का प़़ोग़़ाम भी चंडीगढु. अब दसखो़का मजाक बनाना ददखाया जायेगा दजसमे़ मेदरकल सेवाएं, या दफर दसखो़की हंसी वाले चुटकले बनाना अऩय िाद़मडक गदतदवदियां ददखाना शादमल भारी पड़ सकता है. ऐसी तमाम साइट़स है. है दजन पर दसखो़ से संबंदित चुटकुले राले यही नही़, श़़ी दरबार सादहब के दश़डन गये होते है़. मामले पर दशरोमदण गुऱद़ारा करवाने के दलए आठ बसे़ और दो ट़़क हर प़ब़ ि ं क कमेटी (एजीपीसी) ने सख़त एतराज दविानसभा हलके से भी चले़गे. इसकी जताया है. इसी एतराज के चलते अब शुऱआत भी एक जनवरी 2016 से श़़ी कमेटी सुप़ीम कोट़ड मे़ इसके दखलाफ एक आनंदपुर सादहब से होगी. इस सारे काम की यादचका दायर करने जा रही है. मामले कोट़ड देखरेख संबंदित हलको़ के एसजीपीसी जाने का फैसला एसजीपीसी की काय़क ड ादरणी सदस़य करे़गे. मे़दलया गया. भले ही एसजीपीसी दावा कर रही है दक दसखो़ पर हंसी वाले चुटकुले पर जोश भरने के दलए और उऩहे़ िम़ड के साथ वे िम़ ड के प़़चार प़़सार के दलए काम कर रहे एसजीपीसी प़़िान जत़थेदार अवतार दसंह जोड़ने के दलए भी काम करेगी. इसके दलए मक़़ड ने कहा दक दसख यह अपमान युवाओ़ को अमृतिारी बनाने के दलए है़, लेदकन हकीकत तो यह है दक अकाली बद़ाडश़त नही़ करे़गे. इसके दखलाफ हमे़ गुरबाणी गायन मुकाबले भी करवाये जाये़गे. दल के हाथ से दछटक रहे वोटस़डको दोबारा काऱवड ाई करनी ही होगी. दरअसल कमेटी को दजसका प़़सारण टीवी चैनलो़ पर होगा. से पाट़़ी के साथ जोडने की एक कोदशश है. लंबे समय से इस बात पर ऐतराज है दक युवको़ तक यह संदेश पहुंचाया जायेगा दक क़यो़दक अकाली दल के दखलाफ इस बार दसखो़को मजाक का टॉदपक बनाया जा रहा दसख बहुत ही सम़मादनत और िम़डपरायण पंजाब मे़जबरदस़़माहौल बन रहा है. ऐसे है. इससे पहले भी कई बार इस मामले पर लोग है.़ उऩहे़अपने िम़डपर गव़डहोना चादहए. मे़ एसजीपीसी िम़ड की बात कर रही है. एक जनवरी 2016 से एसजीपीसी िम़ड क़यो़दक पाट़़ी का पारंपदरक वोटर भले ही एसजीपीसी दवरोि जताती रही है. इस संबि ं ी एक यादचका पहले से ही चल रही है लेदकन प़़चार कमेटी के जदरये बदठंरा दजले से गांव- बादल सरकार से दकतना भी नाराज हो, एसजीपीसी के प़़िान ने कहा दक एसजीपीसी गांव मे़चार सादहबजादे और बाबा बंदा दसंह लेदकन जब बात पंथ की आती है तो वह बहादुर के जीवन पर बनी दफल़मे़ददखायेगी. इमोशनल हो ही जाता है. और इसी का अपना केस अलग से लड़ेगी. एसजीपीसी अब पंजाब के युवको़ मे़ एसजीपीसी ने इसके दलए 50 वैन और फायदा अकाली दल काे दमलता है.
दक राज़य सरकार से परीक़़ण उड़ान की तारीख तय होने के बाद उड़़यन दवभाग से सहमदत भी दमल जायेगी. इसके दलए मुख़यमंत़ी की अगुवाई मे़ कैदबनेट टीम भी नागदरक उड़़यन मंत़ालय से संपक़फमे़है. पर नये बने हवाई अड़़े को जब तक लाइसेस ़ नही़दमल जायेगा तब तब तक यात़़ी दवमानो़ को यहां उतरने की इजाजत नही़ होगी. अदतदवदशष़़ ह़यव़कतयो़ के दवमान भी यहां नही़उतर सके़गे. इसके पीछे सुरक़़ा को कारणो़ की दचंता है. हालांदक यहां वायु यातायात की कोई समस़या नही़ है. ऐसे मे़ यहां पहली उड़ान के दलए वायु यातायात दनयंतण ़ कक़़की कोई जऱरत नही़होगी. पर नागदरक उड़़यन दनदेशक से अनुमदत, वायरलेस प़लादनंग और संचार समऩवय, सीआईएसएफ अदिकादरयो़ की तैनाती संबंिी मुद़े पर के़द़ से इजाजत दमलनी है. दजसके बाद ही हवाई अड़़ा सुचाऱ ऱप से चल सकेगा.
किर कमले आडवाणी, कसनंहा और जोशी नयी तिलुली. सांसद कीद़तड आजाद को दनलंदबत दकये जाने के बाद भाजपा के वदरष़़ नेताओ़ ने गुऱवार को बैठक की. जानकारी के मुतादबक लालकृष़ण आरवाणी, शांता कुमार, मुरली मनोहर जोशी और यशवंत दसऩहा ने इस बैठक मे़
कीद़तड आजाद के मुद़े पर भी चच़ाड दक .यह बैठक मुरली मनोहर जोशी के घर पर हुई.बैठक के बारे मे़ अभी पूरा ब़यौरा नही़ दमला है .पर जानकारो़का मानना है दक इन नेताओ़ने पाट़़ी मे़चल रही गदतदवदियो़पर अपनी नाखुशी जतायी है. इन नेताओ़ ने इससे पहले दबहार चुनाव मे़भाजपा की हार के बाद बैठक की थी और खुले आम पाट़़ी नेतृत़व पर सवाल उठाया था. यह भी कहा जा रहा है दक कीद़तड आजाद के बार शत़़ुघ़न दसऩहा पर गाज दगर सकती है.
स़वत़वादिकारी, प़़काशक और मुद़क: क़़मता दसंह के दलए अमर उजाला पव़बलकेशंस दलदमटेर, सी-21, 22, सेक़टर-59, नोएरा, उत़़र प़़देश से मुद़दत एवं दूसरी मंदजल, बी-146, हदरनगर आश़़म, नयी ददल़ली- 110014 से प़़कादशत. संपादकः अंबरीश कुमार (पीआरबी अदिदनयम के तहत समाचारो़के चयन के दलए दजम़मेदार) सभी कानूनी दववादो़के दलए ऩयाय क़़ेत़ददल़ली होगा. संपक़फ: +91.8004903209, 9793677793 ईमेल: shukrawaardelhi@gmail.com