करीना को करनी है एक्शन फिल्म पेज- 13 www.shukrawaar.com
वर्ष 1 अंक 6 n पृष्: 16 n 11-17 दिसंबर 2015 n नयी दिल्ली n ~ 5 n मनमज््ी से रेट तय करने की छूट
n गारंटी नही् बासमती असली हो
राज्यसभा जाये्गी हरियाणा मे ं धान घोटाला प््तिभा आडवाणी! बिहार की हार का फायदा आडवाणी को?
वी सक्सेना नयी दिल्ली. बिहार बिधानसभा चुनाि में हुई भाजपा की करारी हार का फायदा लाल कृषंण आडिाणी को बमलने िाला है. पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी उनकी िेटी पंंबिभा आडिाणी को राजंयसभा में भेजने पर गंभीरिा से बिचार कर रहे हैं. हाल ही में उनंहोंने इस िबरषंं नेिा से मुलाकाि कर इस िारे में संकेि भी बदया. आडिाणी ने उस समय िो कोई पंंबिबंंिया नहीं जिाई, पर अहमदािाद मेंसंथानीय बनकाय चुनाि मेंिोट डालने के िाद मोदी सरकार को अचंछा काम करने का पंंमाण पतंंदे बदया. भाजपा के भरोसेमंद सूतंों के अनुसार पाटंंी के िुजुगंग असंिुषं नेिा लाल कृषंण आडिाणी को खुश बकये जाने की कोबशश शुरंहो गयी है. मालूम हो बक बिहार चुनाि के निीजे आने के िाद चार िुजुगंग
नेिाओं लाल कृषंण आडिाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांिा कुमार और यशिंि बसनंहा ने एक साझा ियान जारी करके कहा था बक इस हार की बजमंमेदारी सिको लेनी चाबहए. उनका इशारा नरेंदं मोदी और अबमि शाह की िरफ था. इस हार से अगले सिा साल में ही होने िाले उतंंर पंंदेश, पंजाि बिधानसभा चुनािों में पाटंंी की पिली होिी हालि को देखिे हुए, नरेंदं मोदी के वंयिहार में गजि का िदलाि आया. िे आडिाणी से बाकी पेज 2 पर
मनोज ठाकुर
चंडीगढ़. िासमिी की 1509 बकसंम िीन साल पहले िक दो से लेकर चार हजार रंपये पंंबि कंकिंटल िक बिकी इस साल पहली िार सरकार ने इसका नंयूनिम समथंगन मूलंय घोबषि कर 1450 रंपये में इसकी खरीदारी की. बनयंागि के बलए पंंयोग होने िाली इस धान की खरीद पर अि बिपकंं मनोहर सरकार को लगािार घेर रहा है. आरोप इिने जिरदसंं है बक सीएम अपनी पाक साफ छबि के िाद भी आरोपोंके छींटों से खुद को िचा नहींपा रहे हैं. िीन साल पहले की िाि है. करनाल बजले के िरािड़ंी के बकसान ने 1509 धान को िेच कर इिना पैसा कमा बलया बक उसका िेटा हालंंे डेबिडसन िाइक खरीद लाया. धान की खेिी कर लाखपबि िनने िाला यह अकेला बकसान नहीं था. हबरयाणा मेंऐसे हजारोंबकसान थे जो 1509 धान को िेच कर लखपबि िन गये थे. दाम ही इिना बमल रहा था. दो हजार से लेकर चार हजार रंपये पंंबि कंकिंटल. यानी एक एकड़ से 50 से 80 हजार रंपये िक का फायदा बमला. बपछले साल धान की इस बकसंम के दाम कम हुए. बफर भी 1700 रंपये िक धान बिकी. इस साल मनोहर
सरकार ने आिे ही इस धान का नंयूनिम समथंगन मूलंय घोबषि करिे हुए इस बकसंम को साधारण शंंेणी में शाबमल कर रेट 1450 रंपये पंबंि कंकिंटल िय कर बदया. धान के दम पर लखपबि होने िाले बकसान एक झटके में अशंग से फशंग पर आ बगरे. इस िार हालाि यह रहे बक धान का खचंग भी पलंले नहींपड़ा. अि देखने मेंलग रहा है बक धान का समथंगन मूलंय घोबषि कर
बस््र मे् तेज हुआ महहलाओ् का जंगल बचाओ आंदोलन
फिलीप फसंह ठाकुर
की संपदा का दोहन कर सकिे हैं . िसंंर की बिशेषिा हे की यंहा छतंंीसगढ़ की सिसे मंहगी िन संपदा है, बफर उचंं संंरीय जगिलपुर (बस््र). िसंंर के जंगलों आयरन ओर सिसे खरिनाक एटाबमक में मबहलाओं ने पेड़ काटने के बखलाफ बमनरल बटन िसंंर के घने जंगलोंमें पंंचूर आंदोलन िेज कर बदया है. राजंय का यह मातंंमेंउपलबंध है. सिकी नजर इसी खबनज कांगेर घाटी का यह इलाका आबदिासी और संपदा पर है. बजसके चलिे अरिों रंपयों िन के बिना अधूरा है. िसंंर का नाम याद का अिैध धंधा यहाँ फल फूल रहा है. आिे ही घने िन भोले-भाले आबदिाबसयोंके जंगलों की कटाई िादसंंूर जारी है. दूसरी चेहरे सामने आ जािे हैं. इस घाटी मेंदरभा िरफ खबनज जो िाहर भेजा जािा है उसे भी गांि भी है जहां कांगंेस के काबफले पर हमला लूट लेिे है. रेल की पटबरयां उखाड़कर टंंेन हुआ था और बिदंंा चरण शुकंल, महेंदंकमंाग रोकिे है और उससे सैकड़ों टंंक आयरन समेि कई बदगंगज कांगंेसी नेिा मारे गये थे. उठा ले जािे है. इसे िेचकर उनंहें अचंछी घने जंगल के िीच िसा गांि दरभा इस िैली आमदनी हो जािी है. इसके अलािा का एक बहसंसा है. जहां लगिा है माओिादी आबदिाबसओं को पैसा देकर बटन धािु की राजंय संथाबपि है और उनंही की चलिी है. खबनज संपदा है बजसे यहां के पंंभािशाली अिैध कटाई के बखलाफ दस गांिों की माइबनं ग भी कराने की जानकारी सामने आई हालांबक मुखयं मंतंी रमण बसंह शुििं ार से हुई लोग बमलकर लूट रहे है. इसमें नेिा भी है, मबहलाओंने आंदोलन छेड़ बदया है. िािचीि में इससे साफ़ इंकार कर चुके है. अफसर भी है, िसंकर भी है िो नकंसली यानी गौरिलि है बक इस कांगेर घाटी में है. हालांबक संिंबधि अफसर इसपर मुंह बफर भी िसंंर के इस अंचल में पंंाकृबिक माओिादी भी. पर अि इस अंचल में माओिादी इस लूट िड़ा बहसंसा टैकंस के खोलने को िैयार नहींहै. इसी िीच इस घाटी के दस गांिो की संसाधनों की लूट जारी है. इसकी मुखंय आबदिासी मबहलाओंने सभी को चुनौिी देिे रंप में इन लुटेरों से िसूलिे हें िभी िन बाकी पेज 2 पर िजह इस कांगरे घाटी की अरिोंकी िन और हुये पंबंिरोध शुरंकर बदया है. अि जंगल की िसंकर उन घने िनोंमेंजाकर अरिोंरंपयों
सरकार ने एक िरह से बकसानों की मदद की. फौरीिौर पर देखने में ऐसा ही लग रहा है. लेबकन यह सच नहीं है. दरअसल समथंगन मूलंय घोबषि करना सरकार का बकसान बहि में उठाया गया कदम जान पड़ रहा है. लेबकन सच यह है बक इस आड़ंमेंिड़ी गड़िड़ हुई. बजसका सीधा लाभ बनयंागिकोंको बमलिा नजर आ रहा है. पूरी खबर पेज 9 पर
गोवा से मुंबई डबल डेकर मे्
पणजी. रेल मंतंी सुरेश पंंभु ने देश की पहली डिल डेकर गोिा-मुंिई िािानुकूबलि शिाबंदी टंंेन को हरी झंडी दे दी है. यह टंंेन गोिा के मडगांि संटेशन और मुिं ई के लोकमानंय बिलक संटश े न के
िीच सपंिाह में 3 चकंकर लगायेगी. रेलगाड़ंी में 8 कोच हैं और हर कोच में 120 सीटेंहैं. बाकी पेज 2 पर
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
डंंेनज रससंटम रबगड़ा तो चेनंनई मेंआई बाढ़
नयी दिल्ली. एक िरफ जहां दुबनया में िदलिे जलिायु पर चचंाग हो रही है, िहीं चेनंनई में इसका साफ़ पंंभाि बदखाई दे रहा है. मौसम में लगािार हो रहे िदलाि से भारिीय उप-महादंंीप में ऐसी घटनाओं की संखयं ा िढ़ रही है.ं चेननं ई के सेटं र फॉर साइंस एंड एनिायरनमेंट ने इस िाढ़ का दोष यहां के पंंाकृबिक जल के बनसंंारण और डंंेनेज बससंटम की खाबमयों को ििाया है.सीएसई महाबनदेशक सुनीिा नारायण ने कहा बक हमने कई िार बदलंली, कोलकािा, मुंिई, चेनंनई, शंंीनगर आबद शहरों को पहले से पंंाकृबिक आपदाओंके पंंबि आगाह बकया है. पर जल बनकायोंने इस पर पयंापग िं धंयान नहीं बदया है. चेनंनई के आसपास की झीलों में शहर के नालोंसे ही इिनी मातंंा मेंपानी आ जािा है. बजससे ये झीलें पानी से लिालि भरी रहिी है.ं बजससे इसके िहाि मेंरंकािट आ जािी है. सीएससी की मदद से पंंकाबशि होने िाली पाबंंकक पबंंतका ‘डाउन टू अथंग’ में चेनंनई के बिनाश की सूचना पहले ही दे दी थी. जुलाई 2014 में, नारायण ने चेनंनई में एक इमारि के ढहने पर लेख पंंकाबशि बकया था. ये इमारि पोरंर झील पर िनायी गयी थी. उनंहोंने बलखा था बक जल िोडंगका काम शहरोंमेंलोगोंिक पानी पहुंचाना और िाढ़ का पंंिंधन करना है. अि संिाभाबिक सिाल िनिा है बक ऐसी दलदली भूबम पर लोगों को बनमंागण की अनुमबि कैसे दी गयी थी, इसका सही जिाि नहीं बमलेगा. ये दलदली जमीनें नगर बनगम में दजंग हैं, िो इसकी जानकारी बकसी को कंयों नहीं है. योजनाकारोंने जमीन िो ले ली, लेबकन इन लालची बिलंडरों ने पानी के पंंिंधन से बखलिाड़ कर बदया. चेनंनई सबहि कई ऐसे शहर हैं, जो पानी की कमी और िाढ़ं की समसंया का सामना कर सकिे हैं. दोनों समसंयायें अबनयंबंति बनमंागण जहां पानी की खराि बनकासी और
पणजी भी कहींडूब न जाये समुदंमें
पणजी. िड़िे शहरीकरण और अवंयिकंसथि जल पंंिंधन से पणजी में भी चेनंनई जैसे हालाि पैदा हो सकिे हैं. चेनंनई मेंआयी िाढ़ पानी के खराि पंिं ध ं न का एक निीजा है. हर िार खराि मानसून से पणजी के आपदा पंंिंधन की कलई खुलिी रही है. जो यहां के बिशेषजंं अबधकारीयों की बिफलिा भी कही जा सकिी है. गोिा बिशंंबिदंंालय में शोधकिंाग और सहायक पंंोफेसर डॉ नंदकुमार कामि कहिे हैं बक पुणे शहर के पुराने नकंशे की सािधानीपूिंगक जांच की जानी चाबहए. बजसके पुराने डंंेनेज बससंटम में अि िहुि सारी खाबमयां हैं. बजसमेंअि िड़े सुधार की जरंरि है. साथ ही अबनयंबंति शहरीकरण, अिैध बनमंागण, अबििंंमण और भूबम सुधार में लचीलेपन से हालाि काफी बिगड़ गये हैं.एनआईओ के पूिंग िैजंाबनक कामि के नजबरये से सहमि हैंऔर कहिे हैंबक पुराने नकंशे मेंििंगमान पबरदृशंय से पिा चलिा है बक मीरामार सबंकल ि से एनआईओ िक िहुि सारे पंंाइिेट बरयल एसंटेट के बनमंागण हो गये हैं. जहां पहले िषंाग का पानी अंदर के धान के खेिोंमेंपहुंचाया जािा था. ये टाउन और कंटंी पंलाबनंग एकंट 1974 का उलंलंघन है. इसकी िजह से खाबंड़यां और नाले नषंंहो गए थे. साथ ही बिकास की ये संरचना पूरी िरह खोखली है. ऐसे में अगर देखा जाये िो पणजी में बपछले दो िीन दशकों से नगरीय बिसंंार हुआ है. लेबकन यहां जल पंंिंधन के बलए कोई ठोस कदम नहींउठाये गये हैं. बजससे यहां अगर चेनंनई जैसी िाबरश होिी है. िो इस हालाि का सामना करने के बलए पणजी भी िैयार नहीं है.िैजंाबनक सेंट आइनेज िंंीक के बिलुपंि होने का सिसे िड़ंा कारण 1975 में हुए सैकड़ंों बनजी अबििंंमण को मानिे हैं. कला अकादमी- पणजी घाट से पुिंगगाली सड़क के बनमंागण में हुए पबरििंगन की भी आलोचना हुई है.
हुआ है. इस पंंकार कई बदनों की िाबरश ने पूरे शहर मेंििाही मचा रखी है. हालांबक चेनंनई में मानि-बनबंमगि जल बनकासी वंयिसंथा से अचंछी पंंाकृबिक जल बनकासी वंयिसंथा है. सीएसई बिशंलेषण से पिा चलिा है बक पंंाकृबिक नहर और नाबलयां सीधे चेनंनई शहर की झीलों और अडंंार और कुउम नबदयों से जुड़ी हुईं हैं. कुउम नदी मेंकरीि 75 टैंकोंका गंदा पानी छोड़ा जािा है जो चेनंनई महानगर से बनकलिा है. िहीं अडयार नदी में करीि 450 टैंकों का पानी आिा है और साथ ही चेमिरामंिकंंाम टैंक का पानी यहींआिा है जो इसके कंंेतंमेंनहींआिा है. चेनंनई में िाबरश ने 100 साल का बरकॉडंग(बसफंि 24 घंटे में 374 बममी) िोड़ं बदया है. निंिर में, शहर में 1218 बममी िाबरश का पानी आ गया है जो औसि पानी 407 बममी से करीि िीन गुना जंयादा है. िैजंाबनक अनुसंधान ने पहले ही जलिायु मेंभयानक िदलाि की आशंका को
जाबहर कर बदया था. आईपीसीसी की 5िीं बरपोटंगमेंअतंयबधक िषंाग का आकलन संपषंं रंप से कर बदया था और साथ ही भबिषंय में इसके िढ़ने की आशंका है. जमंगनी की पाटंसडैम जलिायु संसंथान और अनुसंधान केंदंने अपने 2015 के शोध में ििाया है बक िीिे 30 सालों में जो िषंाग िढ़ी है उसका एक कारण जलिायु पबरििंगन भी है, आने िाले समय में इसकी िजह से 12 फीसदी िाबरश और िढ़ सकिी है. पुणे कंसथि भारिीय उषंणकबटिंधीय मौसम संसंथान (आईआईटीएम) के साल 2006 मेंएक अधंययन के मुिाबिक 1950 से 2000 के िीच भारि मेंिाबरश िढ़ी है. सीएसई के जलिायु पबरििंगन बिशेषजंं सिाबलया अंदाज में कहिे हैं बक हालांबक चेनंनई में आयी ििाही का बिसंंार से अधंययन करना जरंरी है. मौजूदा िैजंाबनकों को चेनंनई में आयी ििाही और जलिायु पबरििंगन के िीच और अबधक बलंक का पिा लगाने की जरंरि है.
बस््र मे् महिलाओ् का जंगल बचाओ...
गोवा से मुंबई डबल..
राज्यसभा जाये्गी प््तिभा आडवाणी!
पेज 1 का बाकी मबहलाओं ने संकलंप बलया है बक िे जंगल काटने नहीं देंगी. मबहलाओं की इस जंगल िचाओ मुबहम के चलिे लकड़ी िसंकर परेशान हैं. दरसल दरभा गांि की सोमनी िाई ने िकरी चरािे िकंि कटाई की आधुबनक मशीनोंसे लैस िसंकरोंको दो सौ साल पुराने शीसम के पेड़ को काटिे हुए देखा. काटने से रोकने पर बििाद हो गया. मबहला का कहना था की यह हमारे पूिंगजों का पेड़ है, इसे काटने नहींदूंगी. मबहला के इस हौसले को देख िसंकर हैरान थे. बिगड़िे माहौल की सूचना जि िाहुिबलयोंको बमली िो फोन पर बमले बनदंश ंे ोंका पालन करिे हुए िसंकर िो िंहा से चले गये. लेबकन यह खिर जंगल में आग की िरह फैल गयी. सोमनी िाई ने िाहुिबलयों के गुगंों को पेड़ नहीं काटने बदया. उनंहें खाली हाथ भागना पड़ा. सोमनी िाई की बहमंमि देख िन पंंेबमयोंकी भीड़ एकतंं हो गयी. इसी के िाद जंगल िचाओ आंदोलन शुरं हुआ. आंदोलन जि
पेज 1 का बाकी रेल मंतंी सुरेश पंंभु ने पणजी से िीबडयो कांफेंबसंग के जबरये टंंेन को हरी झंडी बदखाकर रिाना बकया. इस दौरान उनके साथ गोिा के सीएम लकंंमीकांि पारसेकर और केंदंीय आयुष राजंयमंतंी शंंीपाद नाइक भी मौजूद थे. पारसेकर ने इस मौके पर कहा बक यह देश की इस िरह की पहली टंंेन है और इससे पयंगटन को िढ़ंािा बमलेगा. उनंहोंने कहा, ‘पयंगटक अि अबधक संखयं ा मेंऔर जंयादा सुबिधा से गोिा आयेगं .े मुझे खुशी है बक यह देश की पहली िािानुकूबलि डिल डेकर रेलगाड़ंी है. यह टंनंे मडगांि से लोकमानंय बिलक संटश े न के िीच की दूरी करीि 12 घंटे में पूरी करेगी. इस दूरी का बकराया मातंं835 रंपये है. इन दोनों संटेशनो के िीच यह ठाणे, पनिेल, खेड़ं, बचपलुन,रतंनाबगरी, कनकािली, सािंििाडी़, बथबिम और करमाली पर ठहरेगी.
पेज 1 का बाकी बमलने के बलए उनके घर गये. उनंहोंने पंंबिभा को राजंयसभा में भेजने की इचंछा जिाई. मालूम हो बक आडिाणी 2014 का लोकसभा चुनाि गांधी नगर से नहीं लड़ंना चाहिे थे. उनकी इचंछा थी बक इस सीट से पंंबिभा को चुनाि लड़ंिाया जाये. पर मोदी इसके बलए िैयार नहीं हुए. अि अचानक उनके ििंागि में आया यह िदलाि बिसंमयकारी था. उनंहें चंदन बमतंंा की जगह राजंयसभा में भेजा जा सकिा है जो बक अगले साल बरटायर होने िाले हैं. भाजपा सूतं ििािे हैं बक पाटंंी के अंदर नरेंदं मोदी के बखलाफ भले ही कोई कुछ कह पाने की बहमंमि न रखिा हो, पर असंिुषं बकसी भी हालि में अबमि शाह को िखंशने के मूड में नहीं है. िे इस िाि की पूरी कोबशश करेंगे बक उनंहें दूसरी िार भाजपा अधंयकंंन िनने बदया जाये. इसबलए िे बफर कोई कदम उठा सकिे हैं. इसके
िंद पंंाकृबिक डंंेनेज बससंटम से उपज सकिी हैं. सुकंषमिा सेन गुपंिा, सीएसई की जल टीम के कायंगिंम की उपपंंिंधक का कहना है बक चेनंनई में पीने योगंय पानी की समसंया है. बजसके चलिे यहां समुदं के जल को पीने योगंय िनाया जािा है. बजसमें िहुि जंयादा लागि आिी है. सीएसई के शोध के मुिाबिक चेनंनई में 1980 के दशक में600 से अबधक झीलेंथीं, लेबकन 2008 मेंपंक ं ाबशि एक मासंटर पंलान मेंइन झीलोंपर बचंिा जाबहर की गयी. राजंय के जल संसाधन बिभाग के मुिाबिक, 19 पंंमुख झीलों का कंंेतंफल 1980 दशक में 1,130 हेकंटेयर था. जो 2000 में घटकर 645 हेकंटेयर ही िचा है. कुछ जगह ये झीलें नालोंमेंिबंदील हो गयींहैं. बिशंलेषण में ये भी पिा चलिा है बक िूफानी जल नाबलयों में भरा हुआ है, बजसे ितंकाल बनकाले जाने की जरंरि है. चेनंनई में 855 बकमी शहरी सड़ंकों और 2847 बकमी गंंामीण सड़कोंपर िूफ़ान का पानी भरा
आगे िढ़ने लगा िो इस कारिां मेंसंथानीय नेिाओं ने घुसपैठ करने की सोची. इस मामले को अपने हाथोंमेंलेने का पंंयास भी बकया. मबहला समूहों ने एक संिर में उनंहें नकार बदया और खरी-खोटी भी सुनाई. दलाल बकसंम के नेिाओंकी दाल भी जि न गली िो पंंशासन से जोर डलिाया गया. मजे की िाि यह है बक पंंशासन इस मामले मेंदो फाड़ हो गया. एक जंगल िचाने के पकंं में था िो दूसरा गुट कटिाने के पकंं में था. बििाद हो गया िचाने िालोंका पलंला भारी था. बजसके िाद िन पबरकंंेतं अबधकारी उमेश कुमार भंडारी ने भी इस अबभयान का समथंगन बकया. इस आंदोलन के चलिे अि जंगल काटने िाले ठंढे पड़ गये है. यह बसलबसला कई महीने से चल रहा है. मबहला समूहों ने इस आंदोलन को िेज करने के बलये सोमानी िाई बचडंपाल को अपना नेिा घोबषि कर बदया है. हर गांि में उनका एक मुबखया है. इस आंदोलन से िसंंर में िदलाि की नई पहल िो शुरंही हो गई है.
बलए आडिाणी को खुश रखना जरंरी है जो बक असंिुषंों के अघोबषि नेिा माने जािे हैं. लाल कृषंण आडिाणी को दादा कहकर िुलाने िाली पंंबिभा का अपने बपिा से बिशेष लगाि रहा है. भाजपाई ििािे हैं बक आडिाणी उनंहें उिना ही पंयार करिे हैं बजिना की जिाहरलाल नेहरं, इंबदरा गांधी को बकया करिे थे. उनकी िहुि इचंछा थी बक पंंबिभा भी राजनीबि में आ जाये. पर पबरिारिाद के आलोचक रहे इस नेिा के बलए यह संभि नहीं रहा. िे दिे संिरोंमेंअपनी यह इचंछा अपने बिशंंास पातंं लोगों के िीच जिािे आये थे. िैसे यह सतंय बकसी से छुपा नहींहै बक उनका पबरिार बिशेष िौर पर पतंनी कमला और पंंबिभा, उनके करीिी सलाहकार रहे हैं. जि िे उप पंंधानमंतंी थे िो अकंसर पंंबिभा उनके साथ िमाम अहम दौरोंपर जािी थी. पंंबिभा एक पतंंकार रही हैं, बजनंहोंने िमाम सीबरयल और साकंंातंकारोंकी शंख ंृं ला भी िैयार की है.ं
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बुंदेलखंड मेंिोटी औि पानी का संकट बढ़ा
हफरश््ंद्
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
हजारों की संखंया में रोज पलायन
महोबा. िुंदेलखंड इलाके में पानी की भारी बकलंलि के चलिे हजारों गंंामीण मजदूर बकसान पबरिार हर रोज महानगरों की िरफ पलायन करने को मजिूर हैं. गांिों मेंिचे लोग केंदंऔर राजंय सरकार से राहि की आस लगाये हैं. गंंामीण कंंेतंों में िृदं िीमार लोग अपनी मौि का इंिजार कर रहे है.ं पशुओंको खुला छोड़ंदेना इनकी मजिूरी िन गयी है. इस िजह से पशु िसंकरी को िढ़ंािा बमल रहा है. ऐसे में यह इलाका पलायन का बशकार हो रहा है. िुदं ल े खंड कंतंे ंके सभी पंमं ख ु और छोटे संटेशनोंपर िड़ंी-िड़ंी िोबरयोंमेंजरंरि का सामान िांधकर गंंामीण और बकसानों की भीड़ंदेखी जा सकिी है. सैकड़ंोंपबरिार रेल गाबंड़योंके इंिजार मेंरेलिे पंलेट फामंंो और पबरसरोंमेंपड़ंेडेरा डाले हुए है. सदंंी मेंबिना कपड़ंों के िचंंे और गंंामीण पुरंष और मबहलाएं रेल गाबंड़यों में लदकर महानगरों की िरफ रोजगार की िलाश मेंपलायन कर रहे हैं. राबंंत मेंठंड से बठठुर रहे महोिा रेलिे संटेशन पर दीन दयाल, हबरशरण,महेश अपने पूरे पबरिार सबहि 21 लोग, बजसमें6 मबहलाएं 4 युिा लड़ंबकयां 11 छोटे िचंंेटंंेन के इंिजार में खड़ंे थे. िाि करने पर इस पबरिार ने ििाया बक िे बदलंली जा रहे हैं. बदलंली जा रहे पबरिारों में से अबखलेश, रामरिी, मनोहर, रघुिंशी, का कहना है बक यहां िो बकसी िरह से रोटी का इंिजाम हो पा रहा है. बदलंली में रोटी और पानी दोनों का िंदोिसंंहो सकेगा. बदलंली जा रहे कांशीराम ििािे हैं बक उनके पबरिार में 18 लोग हैं. खेिों में पानी न बमलने से कारण 15 लाख रंपयोंसे जंयादा का नुकसान हुआ है. िे ििािे हैं बक इसके अलािा कजंगकी रकम भी है. ऐसे मेंपबरिार पालने की खाबिर महानगरों की ओर ही जाना पड़ंेगा.इलाके के िहसीलों के कई
मनोज ठाकुर दिमला. बहमाचल मेंआज भी िहुि से बनणंगय देििाओंकी आजंंा के िाद ही अंबिम रंप से माने जािे हैं. िहां देिोंकी आजंंा का इिना महतंि है बक पूरा समुदाय भी इस आजंंा के आगे निमसंंक हो जािा है. अि पंचायि चुनाि को ही ले. मनाली बजले के कोई 20 गांिों ने पंचायि चुनाि का िबहषंकार करने की चेिािनी दे दी. इनका आरोप है बक सरकार उनकी सुनिाई नहीं करिी. उनके गांिों में रोजी रोटी के बलए पुखंिा इंिजाम नहीं हैं. इसके बिरोध संिरंप िे पंचायि चुनाि में बहसंसेदारी नहीं करेंगे. यह बनणंगय गंंामीणोंने एक राय से बलया है. लेबकन अभी इसका अंबिम बनणंगय नहीं हुआ है. कंयोंबक अभी िो देििाओं से इस बनणंगय पर मुहर
लेखपाल, अमीन और संिासंथंय कमंगचारी भी गंंामीण कंंेतंोंमेंभुखमरी और िेरोजगारी को पलायन की िड़ंी िजह मानिे हैं. ऐसे में गांिोंमेंपशुओंऔर िृदंलोगोंकी ही संखंया जंयादा है. हालाि यह है बक इलाके के जंयादािर मकानों में िाला लटकने लगा है. गंंामीणोंके जाने से गाय, भैंस, िछड़ंे, िैल, भेड़ं, िकबरयों आबद जानिरों के खाने पीने का इंिजाम कौन करेगा. इसी सोच से लोग पशुओंको खुला छोड़ंबदये हैं. बपछले कुछ बदनों से बंंतसंंरीय पंचायि चुनाि के दौरान पंचायि चुनाि के उमंमीदिारों ने अपने कंंेतं के िाबशंदों के बदहाड़ंी देने की िाि और घर पबरिार का हाल जानने के बलए अपने खचंंे पर िुलाया था. इलाके के लोग आये भी. पर िे लोग अि िहुि सारे लोगों को अपने साथ लेकर बफर शहरोंकी िरफ जा रहे हैं. झांसी मथुरा रेल कायंागलय िाबणजंयक अफसर ििािे हैंबक यहां पलायन की िजह से रेलिे संटेशनों की वंयिसंथा नाकाफी है. मंडल के अबधकांश संटेशनोंपर गंंामीण डेरा डाले हैं. इसकी िजह से भारी गंदगी पसरी है. ऐसे में सभी वंयिसंथाएं सुचारं रंप से चला पाना िेहद कबठन हो रहा है. अपंंैल 2015 से निंिर 2015 िक करीि एक लाख िाबशदों ने केिल महोिा रेलिे संटेशन से महानगरोंकी ओर पलायन बकया है. ऐसी ही कंसथबि बचतंंकूट, िांदा, के िहि आने िाले खजुराहो, हरपालपुर, मऊरानीपुर, डुरई, लबलिपुर, कालपी आबद रेलिे संटेशनोंपर भी रही. इलाके की िदहाली पर यहां के सांसद पुषंपेंदंबसंह चंदेल (हमीरपुर-महोिा) कहिे हैं बक गंंामीण और शहरी कंंेतंों में पेयजल वंयिसंथा नाकाफी है. िांदा झांसी मंडल के सभी कंंेतंों में संसाधनों की कमी से नये रोजगार नहीं पैदा हो रहे हैं. इससे युिा पलायन कर रहे हैं. इसका असर कंंेतं के वंयिसाय और बनमंागण कायंंो पर हो रहा है.
फरार है देवास का भववष्य!
पूजा फसंह
म
धंय पंंदेश मेंहाबलया उपचुनाि के िाद देिास नगर के मुखंय कलेकंटरेट चौराहे पर लगे एक होबंडगिं ने लोगोंका धंयान अपनी ओर खींचा. भाजपा के युिा मोचंाग के एक नेिा दंंारा लगिाये गये इस होबंडिंग पर देिास के बपछले बिधायक और संथानीय राजघराने के मुबखया रहे संिगंंीय िुकोजीराि पिार के साथ उनकी पतंनी (ििंगमान बिधायक) गायतंंी राजे और िेटे बििंंम बसंह का बचतंं लगा है. गायतंंी राजे की िसंिीर के नीचे 'ििंगमान' जिबक बििंंम बसंह की िसंिीर के नीचे 'भबिषंय' बलखा हुआ है. चुनाि के पहले भी पंंचार माधंयमोंमेंबििंंम बसंह की िसंिीरें आम थीं बजनमें उनको िकायदा 'शंंीमंि महाराज सा' बलखकर संिोबधि बकया गया था. यह अलग िाि है बक आजादी के िाद जनंमे िुकोजीराि पिार को भी अपने नाम के आगे महाराज बलखने का अबधकार नहीं था कंयोंबक उनंहोंने देिास पर कभी शासन नहीं बकया. राजनीबिक दृबंषï से देखा जाये िो ऐसे पोसंटर और होबंडिंग आम हैं. लेबकन यह मामला अलग है. दरअसल बजन बििंमं बसंह को इस पोसंटर में देिास का भबिषंय ििाया गया है िह हतंया के एक मामले मेंआरोपी हैं और बपछले कई महीनोंसे फरार चल रहे हैं. साफ सुथरी और 'अलग' राजनीबि का दम भरने िाली भारिीय जनिा पाटंंी का एक चेहरा यह भी है. बििंंम बसंह हतंया के मामले मेंनामजद आरोपी हैं. िीन महीने िक फरार रहने के िाद िह जून में उस समय हाबजर हुए थे जि बपिा के बनधन के िाद उनकी िाजपोशी के बलये उनको अबंंगम जमानि बमली. िाजपोशी करिाने के िाद िह एक िार बफर फरार हैं. दरअसल बििंंम बसंह पर आरोप है बक उनंहोंने गि 18 माचंगको राघोगढ़ंमेंजमीन से जुड़ंे एक बििाद में एक वंयकंकि के साथ मारपीट की. उस वंयकंकि के गंभीर रंप से घायल होने के िाद बििंंम बसंह फरार हो गये. उधर, उस वंयकंकि का असंपिाल में बनधन हो गया और बििंंम बसंह हतंया की
अदालि ने बििंंम बसंह को 15 बदन की अबंंगम जमानि दे दी. 19 जून को िुकोजीराि पिार के बनधन के िाद बििंंम बसंह को िकायदा महाराजा के रंप मेंगदंंी भी सौंप दी गयी. बििंंम की जमानि का मामला भी कम बदलचसंप नहींहै. उनके िकीलोंने अदालि मेंकहा बक िह एक शाही पबरिार के िाबरस हैं. हालांबक उनके बखलाफ गैर जमानिी अपराध दजंगहै लेबकन राजघराने से होने के कारण बगरफंिारी उन पर धबंिा होगी,
बलहाजा उनको िाजपोशी के बलये जमानि दी जाये.. िहरहाल अदालि ने मानिीय आधार पर उनको जमानि दे दी. देिास मेंरहने िाले पतंंकार मनीष िैदं कहिे हैं, 'बििंंम बसंह पर पहले से कोई मामला दजंगनहींथा यह पहला मामला है िह भी हतंया का. बििंंम को बपिा के बनधन के िाद रसंम अदायगी करने के बलये जमानि बमली थी लेबकन िाजपोशी के िाद िह बफर फरार हो गया.' संथानीय लोगों का कहना है बक राजकुमार बसफंिपुबलस की नजरोंमेंही फरार हैं. भाजपा के एक िबरषंïं नेिा से जि हमने इस पूरे पंंकरण पर िाि करने की कोबशश की िो उनंहोंने कुछ भी कहने से इनकार कर बदया. हां, उनंहोंने यह हैरानी जरंर जिायी बक कंया यह भी कोई खिर है? कांगंेस नेिा भूपदें ंगुपिं ा कहिे हैंबक पंदं श े भाजपा सरकार अपराबधयों को भरपूर पंंशंय दे रही है. िह याद करिे हैं बक पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी ने 100 बदन में संसद को अपराधमुकंि िनाने की िाि कही थी जिबक यहां खुद उनकी पाटंंी हतंयारोपी को अपना भबिषंय ििा रही है. िहरहाल पोसंटर के मुहािरे का पंयं ोग करें िो देिास का भबिषंय बफलहाल फरार है.
कंयोंबक यूं िो उनकी आिाज को कोई सुन नहीं रहा है. जि से चुनाि के िबहषंकार का ऐलान बकया गया है िभी से उनंहें मनाने के पंंयास हो रहे हैं. साफ है उनकी िाि पर अि पंंशासन ने धंयान बदया है. लेबकन हमारा
बनणंगय हो चुका है. अि हम बकसी की िाि सुनने िाले नहीं है. हां यबद देििाओं ने आदेश बदया बक चुनाि में जाना है िो िे मिदान करेगं .े इस बनणंयग पर यहां के गंंामीण एकमि है.
कोबशश से सीधे हतंया के आरोपी हो गये. िलाश की कोबशशोंके िाद पुबलस ने उनको भगोड़ंा घोबषि कर बदया. इस घटना के करीि िीन महीने िाद 17 जून को देिास की बजला
देवास के 'नये महाराजा' ववक््म वसंह पवार हत्या के आरोप मे् फरार है् जबवक भाजपा युवा मोर्ाा पोस्टर छापकर उनको अपना भववष्य बता रहा है.
अब देवता तय करेंगे वोट डाले या नहीं
ऐसे देंगे देवता अपना रनणंणय
लगिानी िाकी है. मनाली बजले के गंंामीणों ने ििाया बक सरकार की िेरंखी से बनराश होकर पंचायि चुनािों का िबहषंकार करने को मजिूर हुए है.ं उझी घाटी की दो पंचायिों िुरंआ और शनाग ने पहले ही पंचायि चुनािोंका िबहषंकार कर बदया है.
चुनाि िबहषंकार के सिाल पर गंंामीण सुरेंदं, राहुल, डोला राम, रोशन, पूणंग और रंप चंद ठाकुर ने ििाया बक िे भी अपनी पंचायि का गठन करना चाहिे हैं, लेबकन रोजी-रोटी के कारण घाटीिासी चुनािों का िबहषंकार करने को मजिूर हैं.
इसके बलए एक बदन िय बकया जायेगा. िि सि लोग िहां जमा होंग.े इसके िाद पूजा होगी. िि आराधंयदेि अपने पंंबिबनबधयों (गुरं पुजारी) के माधंयम से अपना बनणंगय देिलूओं को सुनायेंगे. िबहषंकार करने िाले गंंामीण भी देि आदेश का पालन करेंगे. मनाली घाटी का यह िही ऐबिहाबसक मंबदर है, जहां लोहड़ंी के बदन देििा ऋबष बंयास-गौिम और नाग 43 बदनों
के बलए िपसंया मेंलीन हो जािे है.ं इन बदनों गांि के लोग भी टीिी रेबडयो और मनोरंजन के सभी साधनोंसे दूरी कर लेिे हैं. यहां के लोगोंमेंदेििाओंके पंंबि गहरी आसंथा है. इसी बिशंंास के चलिे यहां हर काम में देििाओं की इजाजि ली जािी है. गांि के सामुबहक बनणंगय िि िक अमल में नहीं लाए जािे िि िक बक देििा इस पर अंबिम बनणंगय न दे दे.
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
पर स्मार्ट सिरी बनेगा कैिे कानपुर
अवनीश कुमार
नगर बनगम को इन कबंजेदारोंके आगे घुटने टेकने की नौिि आ जािी है. कागजों में कानपुर. शहर के फुटपाथों पर सड़ंक और फुटपाथ अबििंंमण शूनंय कबंजेदारों का िोलिाला है. सड़ंकों के बदखाया जािा है. पर हकीकि इसके उलट बकनारे गंदगी का आलम भी आम है. ऐसे में है. ऐसा नहीं है बक अबििंंमण को हटाने कानपुर नगर बनगम का शहर को संमाटंगबसटी के बलए नगर बनगम ने कोबशश नहीं की है. िनाने का सपना हकीकि िनिा बदखाई नहीं नगर बनगम ने अबििंंमण को हटाने के बलए देिा. भले ही जनिा ने कानपुर को संमाटंग लाखोंका खचंाग भी बकया. पर हालि जस की बसटी िनाने के बलए 169842 िोट बदये. िस है. ऐसे मेंसिाल है बक कंया संमाटंगबसटी इसमेंबरकॉडंगिोड़ंऑनलाइन िोबटंग भी हुई. का सपना सच हो पायेगा. अगर कानपुर के कानपुर संमाटंगबसटी की दौड़ मेंपहला संथान संमाटंग बसटी का सपना सच होिा भी है िो िानने में सफल रहा. पर कंया सड़ंकों के कंया नगर बनगम इस सपने को सच करने के फुटपाथोंऔर गंदगी के ढेर को बलये कानपुर बलए िैयार है. ऐसे कई सिाल नगर बनगम के संमाटंग बसटी िन पायेगा. यह सपना नगर सामने मुहं िाये खड़ंेहै.ं महज इिना भर कह देने से बक अबििंमं ण हटाने की बजमंमदे ारी िो बनगम की नींद उड़ंा रहा है. नगर बनगम की है, पर बफर से अबििंंमण न कानपुर महानगर की सड़ंकों के हो इसकी बजमंमेदारी पुबलस की है. इससे बकनारे िने फुटपाथ पर कबंजेदारों का नगर बनगम की बजमंमेदारी खतंम नहीं हो िोलिाला है. नगर बनगम इन कबंजेदारों के आगे घुटने टेक चुका है. एक िरफ नगर जािी. ऐसे में अि यह आने िाला समय ही बनगम के कुछ कमंगचारी इन कबंजेदारों को ििायेगा की कंया संमाटंगबसटी का सपना कभी हटाने का कायंगकरिे हैंिो िहींनगर बनगम पूरा भी होगा या बफर संमाटंगबसटी नगर बनगम के कुछ कमंगचाबरयों के साठगांठ के चलिे की अनंय योजनाओं की िरह फाइलों में ही
कैद रहेगी. भारिीय जनिा पाटंंी के बजला अधंयकंं सुरेंदं मैथानी ने कहा बक नगर बनगम की लापरिाही के चलिे और कुछ भंंषंअफसरों के कारण हमारा कानपुर िदनाम होिा है. नगर बनगम की घोर लापरिाही के चलिे फुटपाथ पर कबंजा है. संमाटंगबसटी का सपना भारि के पंंधानमंतंी का है और उनके सपने को साकार करने के बलए हम कानपुर की जनिा को भी जागरंक करने का कायंगकरेगं .े इसके पशंंाि भी अगर कानपुर को संमाटंग िनाने में नगर बनगम में कोई कोर कसर छोड़ंी हम उसके बिरंदंआंदोलन करेंगे. कानपुर नगर बनगम के नगर आयुकंि देिेंदं कुमार बसंह कुशिाहा ने कहा बक फुटपाथ पर लगे अबििंंमण को हटाने के बलए अबभयान चलाया जा रहा है. इस अबभयान में पुबलस की भी मदद ली जा रही है. बफर भी फुटपाथ पर अगर कोई कबंजा करिा है िो उसके ऊपर कानूनी कारंिग ाई की जायेगी. साथ ही साथ कानपुर की जनिा को भी चाबहए बक अबििंंमण करने िाले लोगों
को जागरंक करें. संमाटंग बसटी के मुदंे पर राजेश बसंह कहिे हैं बक जि िक कानपुर महानगर से रोड पर जमे कबंजादारों से कानपुर की जनिा को छुटकारा नहींबमलिा है. िि िक कानपुर महानगर को संमाटंग बसटी िनाने का सपना देखना नगर बनगम छोड़ं ही दे. इसबलए पहले नगर बनगम खुद िदले. इसके िाद कानपुर महानगर को िदलने की िाि करें.कानपुर के संमाटंगबसटी िनने के सिाल पर शशांक शेखर शुकंला कहिे है बक कहने मेंिो िड़ंा आसान है. कानपुर को संमाटंगबसटी में नगर बनगम िदल देगा. पर इसके बलए पहले खुद नगर बनगम को संमाटंगहोना पड़ंगे ा. िि जाकर कहीं कानपुर को संमाटंग बसटी में िना पायेंगे. इसकी िजह है बक कानपुर में शायद ही कोई ऐसा कोना हो जहां अबििंमं ण और गंदगी ने अपना कबंजा नहींजमाया हो. ऐसे हालाि में नगर बनगम कैसे िदलेगा कानपुर महानगर को संमाटंग बसटी में. जि आज िक नगर बनगम शहर को कूड़ंा मुकंि नहींकरा सका.
कैददयों के नाम दतनका दतनका इंदडया अवॉडंड नयी दिल्ली. बिनका बिनका इंबडया अिॉडंग10 बदसंिर को राषंंीय मानिाबधकार बदिस के मौके पर बदये गये. इसमेंकबििा, गदंं और बचतंंकारी को शाबमल करिे हुए िीन िगंग रखे गये. इस पुरसंकार की घोषणा करिे हुए बिनका बिनका इंबडया अिॉडंग की संसंथापक, संयोजक और जेल सुधार बिशेषजंं िबंिगका नंदा ने कहा बक इन पुरसंकारोंका मकसद कड़ंी सलाखों के िीच इन िंबदयों के बलए उमंमीद के बचराग को जलाये रखना है. बजससे सजंा के िीच रौशनी भी बजंदा रहे, सृजन भी और मानिीयिा को जगह बमले. िबंिगका नंदा देश की जानी-मानी पतंंकार और जेल सुधार बिशेषजंं हैं. बिनका बिनका भारिीय जेलों में शुरं की गयी उनकी एक शंंृंखला का नाम है. इसके िहि िे देश की अलग-अलग जेलों को मीबडया से जोड़ं कर नये पंंयोग कर रही हैं. इससे पहले बिमला मेहरा के साथ संपाबदि उनकी बकिाि बिनका बिनका बिहाड़ं को बलमंका िुक ऑफ़ं बरकॉडंगस में शाबमल बकया जा चुका है. इस मौके पर इंबडया टुडे के संपादक अंशुमान बििारी ने पुरसंकार अपने हाथों से बदये. इस मौके पर उनंहोंने कहा बक िबंिगका नंदा ने िेहद बनबषदंं माने जाने िाली संसंथा में जाकर एक िेहद नये काम को कर लोगोंको अचंभे मेंडाला है. जेल के अंदर जाकर जेल की रचनातंमकिा को खोजना िहुि ही पंंभािी और पंंशंसनीय है. इन पुरसंकारों का एलान देश के जाने-माने संसथ ं ान बसबिल सबंिबग सज ऑबफससंग इंसंटीटंंूट में एक समारोह में बकया गया. बिनका बिनका इंबडया अिॉडंग अि से हर साल मानिाबधकार बदिस के मौके पर बदये जायेंगे. इसमें देश की बकसी भी जेल में िंद कोई भी भारिीय कैदी बहसंसा ले सकिा है.
छत््ीसगढ़-केज कल्चर से मछली पालन को ममला बढ़ावा
रायपुर. पंंदेश में मीठे जल में मछली पालन को िढ़ािा देने के बलए मछली पालन बिभाग दंंारा बनरंिर पंंयास बकए जा रहे हैं. इसी पंंयास में नई िकनीक ' केज कलंचर' से मछली पालन मेंअचंछी सफलिा बमल रही है.जलाशयोंमेंकेज कलंचर से मछली पालन के कंंेतंमेंछतंंीसगढ़ देश के अगंंणी राजंयोंमें शाबमल हो गया है। ििंगमान मेंसरोदा सागर, कंंीर पानी, घोंघा जलाशय, झुमका जलाशय िथा िौरेंगा जलाशय में केज कलंचर से मछली पालन बकया जा रहा है. केज कलंचर से अभी िक 350 मीटबरक टन मछली का उतंपादन बकया जा चुका है. राषंंीय पंंोटीन पबरपूरक बमशन के अंिगंगि जलाशयोंमेंकेज कलंचर से मछली पालन शुरं बकया गया है। केज कलंचर में जलाशयों में बनधंागबरि जगह पर फंलोबटंग बंलॉक िनाए जािे हैं। सभी बंलॉक इनंटरलॉबकंग रहिे हैं. बंलाकों में 6 गुना 4 गुना 4 के जाल लगिे हैं। जालों में 100-
100 गंंाम िजन की मछबलयां पालने के बलए छोड़ी जािी है. मछबलयोंको पंंबिबदन आहार बदया जािा है। फंलोबटंग बंलाक का लगभग िीन मीटर बहसंसा पानी मेंडूिा रहिा है और एक मीटर ऊपर िैरिे हुए बदखायी देिा है. केज कलंचर मेंपंगेबसयस पंंजाबि की मछली का पालन होिा है. सौ-सौ गंंाम की मछबलयां दस महीनोंमेंएक-सिा बकलो की हो जािी है। पंगेबसयस मछली िाजार में 70-80 रंपए पंंबि बकलो की दर से बिकिी है. छतंंीसगढ़ में सिंग पंंथम केनंदंीय मातंकंसयकी बशकंंा संसंथान मुमंिई के िकनीकी सहयोग से बिलासपुर बजले के घोंघा जलाशय में जीआई पाईप से केज िनाकर मछली िीज का संिधंगन कायंग बकया गया. हिा से कंंबिगंंसं होने के कारण घोंघा जलाशय के केज कलंचर को भरिपुर जलाशय में बशफंट बकया गया. इसके साथ ही ििख पालन एिं मुगंी पालन का कायंगभी शुरंबकया गया. भरिपुर जलाशय में उतंपाबदि मछली
की बििंंी सहकारी सबमबियों के माधंयम से करने के बलए कोलंडचेन संथाबपि कर बकया गया। इसके िाद एनएमपीएस योजना पंंारंभ होने पर किीरधाम बजले के दूरसंथ कंंेतं सरोदासागर जलाशय में पंंदेश का पंंथम एचडीपीई केज का बनमंागण बकया गया। यहां पर पंंारंभ मेंएचडीपीई एिं जीआई पाईप के 24- 24 केज बनबंमगि बकए गए. इसके िाद दो और इकाई सरोदा सागर जलाशय में
संथाबपि की गई। बिबभनंन जलाशयोंमें496 केज में मछली पालन बकया जा रहा है. इन केज मेंपंंदेश मेंही सिंबंधगि पंगेबसयस सूची पंंजाबि की मछली का संचयन बकया गया.इनको 20 से 30 पंंबिशि पंंोटीनयुकंि पूरक आहार बदया जािा है। पंंायोबगक िौर पर कामनकापं,ग गंंासकापंगएिं पंमं ख ु भारिीय सफर मछबलयों के िीजों भी संचयन बकया गया परनंिु उनमें अपेबंकि िृबंद नहीं देखी
गई. पंगेबसयस सूची मछली में 10 माह पशंंातं नर मछली में 700 गंंाम एिं मादा मछली में 1100 गंंाम औसि 900 गंंाम िजन की िृबंद दजंग की गई बजसकी उतंंरजीबििा 95 पंंबिशि िक पंंापंि की गई. पंंदेश मेंकेज कलंचर पंगेबसयस सूची मछली का पयंागपंि बिकास हुआ है. सरोदा सागर जलाशय के िाद किीरधाम के ही कंंीरपानी जलाशय में96, बिलासपुर बजले के घोंघा जलाशय में 48, कोबरया बजले के झुमका जलाशय में96 के साथ-साथ गबरयािंद बजले के िौरेंगा जलाशय में 48 केज, कोरिा के िांगों जलाशय में 48 एिं अंबिकापुर बजले के घुनघुटा जलाशय में 48 केज से मछली पालन बकया जा रहा है. एक केज कलंचर से लगभग साढ़े िीन हजार बकलोगंंाम मछली का उतंपादन होिा है. मछली पालन की लागि को घटाने के िाद एक केज से करीि 70 हजार रंपए की शुदंआय होिी है.
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
पानी बना ज़हर
सुनीता शाही बदलया. पूिंी उतंंर पंंदेश का िबलया बजला पानी में जहर पी रहा है. जहर भी ऐसा की पीने िाले को कुछ नहींपिा. खामोशी से यह जहर इलाके को लोगों के जीिन आयु को कम करिा जा रहा है. िबलया समेि करीि दस बजलों में आसंंेबनक की पानी में बमली जंयादा मातंंा चौंकाने िाली है. इसकी िजह से इलाके के लोग कैंसर समेि कई दूसरी तंिचा की िीमाबरयोंकी बगरफंि मेंहै. ऐसे में इन इलाकोंका पानी जहर िन गया है. उतंंर पंंदेश में करीि िारह साल पहले िबलया और इससे सटे बजलों में पानी में आसंंेबनक बमले होने की िाि पिा चली थी. समसंया को कम करने के बलए सरकार की िरफ से दस हजार करोड़ंरंपये की रकम भी खचंगकी गयी. पर अि इसने आसंंेबनकोबसस (िीमारी) का एक नया रंप ले बलया है. तंिचा कैंसर के रंप में इलाके में इसकी िढ़ंिी हुई समसंया साफ बदखाई दे रही है. जानकार मानिे हैं बक बपछले एक दशक में इस महामारी के िौर पर इस काबंसगनोजेबनक आसंंेबनक ने हजारोंबजंदबगया लील ली हैं. आसंंेबनक के शोध से जुड़ंे लोग इसका खुलासा कर रहे हैं. कोलकािा इंसंटीटंंूट ऑफ पोसंट गंंेजुएट मेबडकल एजुकेशन एंड बरसचंग में तंिचा बिभाग के पूिंग पंंमुख रहे पंंो आरएन दतंंा ने िबलया और उससे सटे बजलों का दस साल से जंयादा िकंि िक आसंंेबनक के पंंभािोंका अधंययन बकया. पंंो दतंंा ििािे हैंबक एक औसि आसंंेबनकोबसस मरीज दस सालोंमेंमर जािा है. िह ििािे हैंबक करीि
आसंंेबनक के पानी में बमलने की िजह पंंोफेसर दतंंा ििािे हैं बक िहुि सारे आसंंेबनक मेंबमले हुए खबनज पदाथंगगंगा के साथ िहकर चले आिे हैं और यह नदी के िलहटी मेंिैठ जािे है.ं जि नदी अपना रासंंा िदलिी है और लोग इसके बकनारे पर िसे लोग जमीनी पानी के जबरये आसंंेबनक बमला पानी पीने लगिे हैं और िह आसंंेबनक से उपजी िीमारी आसंंेबनकोबसस का बशकार हो रहे हैं. उतंंर पंंदेश जल बनगम के समुदाबयक भागीदारी यूबनट के संयुकंि बनदेशक आरएम बंंतपाठी कहिे हैंबक इस समसंया से लड़ंने के बलए कई कदम उठाये गये हैं. अपने बलबखि ियान में उनंहोंने कहा है बक इसके बलए अबधक गहराई िाले इंबडयन माकंिके हैंडपंप 40 फीसद मरीज बजनसे मैं िीिे दस साल पहले ही मर जािे थे. और उनके मरने की लगाये जा रहे हैं. जो जमीनी संंर से करीि पहले बमला था. उनमेंसे अबधकिर मर चुके िजह नहींपिा चल पािी थी. अि हमेंइसका 60 मीटर की जंयादा गहराई पर गाड़ंेजािे हैं. हैं. मेरे दोिारा गांि मेंजाने पर िह मौि का पिा चल गया है. लेबकन बफर भी मुझे हैरानी बजससे बक लोगों को आसंंेबनक मुकंि पानी है बकिने मरीज डॉकंटर के पास पहुंच पािे बशकार हो चुके थे. बमल सके . इसके अलािा एलंयूबमना होंगे. पंंोफेसर दतंं आधाबरि आसं े ं ब नक मु कंि करने िाली आसंंेबनक के कहिे हैंबक आसंंेबनक बविया और उसके आसपास इकाइयां लगाई जा रही हैं. बजससे बक रोकथाम पर काम कर हमारे शरीर के संभी आसं े ं ब नक मु क ं ि जल सं ो ं िों को बकया जा के कई वजिो् मे् पानी मे् रही एक संसंथा इनर अंगोंपर असर डालिा सके . इसके अलािा हमने पाइप से पानी की है. यह तंिचा पर आस््ेवनक की भारी अंतरा से िॉयस फाउंडेशन के आपू ब ं ि ग की योजना चलाई है . बजससे सौरभ बसंह कहिे हैं बरकंशन करके उस पर आसं े ं ब नक मु क ं ि जोन से पानी बनकाल कर कै स ् र और त् व रा के रोगो् मे ् बक हमारे सिंंे के काले रंग के धबंिे िना आपू ब ि ं ग की जा सके . देिा है. यह धबंिे धीरे- बढ़ोतरी हुई है. करीब पच््ीस मुिाबिि 28 लाख बंंतपाठी यह भी ििािे हैं बक एलंयूबमना लोग िबलया और धीरे बिंदु का रंप ले िाख िोग ज़हरीिा पानी पीने पर आधाबरि आसंंेबनक हटाने िाली करीि करीि दजंगन भर के लेिे थे. यह कैंसर की 1011 इकाइयां िबलया, िहराइच, गोंडा, के विए अवभशाप् त है . ् सटे बजलों में शुरंआिी अिसंथा थी. िरे ल ी और गोरखपु र मेंलगाई गयी हैं. पाइप आसंंेबनक बमला पानी लेबकन राजंय की से जल आपू ब ं ि ग की वंयिसंथा आसंंेबनक से संिासंथंय पंंणाली इसकी पहचान करने में पी रहे हैं. आप यह आसानी से गणना कर दू ब षि इलाकों मे ं की जा रही है. इसमें सकंंम नहीं है. इस िजह से अबधकांश लोग सकिे हैंबक एक दशक मेंयह मृतंयु दर 40 आसं े ं ब नक मु क ं ि जोन से पानी की आपूबंिग फीसद के करीि है. बकये जाने की योजना है . इस साल 31 माचंग देश में कई इलाकों में साल 1978 में 2015 िक करीि 534 आसं ंेबनक पंंभाबिि आसंंेबनक की मौजूदगी का पिा चला था. पर पड़ंी है. यहां िक की इसकी बरपोटंगभी झूठी िबलया मेंइसकी मातंंा का पिा साल 2003 िबंंसयोंमेंपाइप से जल आपूबिं ग की वंयिसंथा हैं. पीने के पानी मेंआसंंेबनक की िय मातंंा में पिा लगी. जि जाधिपुर बिशंंबिदंंालय की गयी है. करीि 112 और आसंंेबनक 10 से 50 पीपीिी है जिबक बजले के कई के िैजंाबनकों के एक दल को एहसास हुआ पंंभाबिि िबंंसयों को और इस जल आपूबंिग गांिोंमेंयह मातंंा पानी के संंोिोंमें1000 बक आसंंेबनकोबसस के िड़ंी संखंया में मरीज योजना के िहि लाने के बलए काम हो रहा पीपीिी से जंयादा पायी गयी है. इनर िॉयस इन बजलोंसे िंगाल इलाज के बलए आ रहे है.ं है. िाकी िचे इलाकों को साल 2017 िक फांउडेशन के सौरभ बसंह कहिे हैंबक उतंरं साल 2005 में राजंय और केंदं सरकार की पाइप जल आपूबंिग योजना मेंलाने का लकंंय पंंदेश जलबनगम का कहना है बक एजेंबसयों ने भी इस समसंया को िबलया, है. राजंय सरकार इसमें गंगा और घाघरा के आसंंेबनक पंंभाबिि बजले के इन गांिोंमेंसे लखीमपुर खीरी, िहराइच, गोरखपुर, पानी के भी िेहिरीन इसंंेमाल की करीि 200 में पाइप से जल आपूबंिग की चंदौली, गाजीपुर, िरेली, गोंडा और संि संभािनाओंको िलाश रही है. लेबकन इलाके के लोग इन आकड़ंोंको वंयिसंथा की गयी है. लेबकन करीि दस किीर नगर के 1255 िबंंसयोंमेंििाया. िि साल से गांिोंमेंकाम करने के दौरान हमें से राजंय सरकार अपनी हर िैठक में इसी कभी यह पाइप जल आपूबंिग सही ढंग से आकड़ंे के साथ आसंंेबनक के साथ अपनी काम करिी नहीं बदखाई नहीं पड़ंी और लड़ंाई की िाि कर रही है. करीि 90 फीसद यह आपूबंिग आसंंेबनक साल 2014 में हुए अधंययन से पर अि जानकार ििा रहे हैंबक अि यह बमले पानी की हो रही है. करीि िीन हजार िबंंसयों में फैल चुका है. खुलासा हुआ बक आसंंेबनक की मौजूदगी बसंह कहिे हैं बक देश में िबलया इसे लेकर राजंय सरकार साल 2005 में करीि 50 से 200 फीट के नीचे आसंंेबनक युकंि पानी से सिसे जंयादा सिंंेकंण भी कर चुकी है. एनजीओ के सौरभ दबंंकणी और मधंय िाराणसी के इलाकों पंंभाबिि है. बजले के 17 बंलाकों में से बसंह ििािे हैं बक िबलया बजले में साल में भी है. इसके िाद साल 2015 में करीि दस बंलाक के 500 गांि इसकी िुरी 2005 मेंइससे पंंभाबिि िबंंसयोंकी संखंया हुए शोध में पिा चला बक आसंंेबनक की िरह से चपेट में हैं. ये बजले गंगा और करीि 310 थी. पर अि िढ़ंकर 500 हो गयी मौजूदगी करीि 300 फीट नीचे भूगंगभ जल घाघरा नबदयों के िीच में हैं. इनमें भारी है. यह िबलया से सटा िाराणसी बजला साल में भी है. िाराणसी में आसंंेबनक की मातंंा जनसंखंया है. जो तंिचा रोग के िीमाबरयों 2005 मेंआसंंेबनक मुकंि था. लेबकन हमारे िय सीमा से जंयादा डुमरी, मबधया, की बगरफंि मेंहैंइसमेंकैंसर की िजह पीने साल भर में बकये गये सिंंेकंणों और भगिानपुर, बचतंंुपुर और शीर गोिधंगन में का पानी है. बजले के बंलाकों में िैबरयां, पंंयोगशालाओं में हुई जांच से साफ पिा इलाकोंमेंहै. इसकी िजह गंगा के बकनारे मुरली छपरा, िेलाहबर, दुभाद, रीओटी, चलिा है बक इस बजले की करीि दस इन गांि के इलाकों में जीिाणु संिंमण, ं रिरी और सोहान आबद िुरी िरह से िबंंसयां आसंंेबनक के पंंभाि के िुरी िरह से सीिेज के बनसंंारण और साफ सफाई की िेरआ पंंभाबिि हैं. भी बदकंंिेंहैं. चपेट मेंआ चुकी हैं.
बदलया मंे आस््ेदनक से मौत िबलया के बििारी टोला के लोगों का औसि जीिन आयु अि 55 साल हो गयी है. आसंंेबनकोबसस नाम की िीमारी से दजंगनोंलोग हर साल मर रहे हैं. करीि 25 से जंयादा देश और बिदेश की टीमोंने गांि मेंजाकर इसका अधंययन बकया है. बजससे गांि के पानी में बमले आसंंेबनक की मातंंा और पंंभाि को जाना और समझा जा सके. लेबकन अभी भी बकसी खास और पंंभािी हल का इंिजार है. हबरहरपुर के हरे राम सबहि करीि 20 लोगोंसे जंयादा की जान साल 2010 से अि िक जा चुकी है. इकौना के राम िहादुर सबहि दो लोग एक ही पबरिार से और िबलहार के िसंि बमशंंा और रामगढ़ं के कनंहैंया की जान भी आसंंेबनकोबसस से बपछले चार साल में चली गयी. इसके अलािा अबधक मौि होने िाले गांिों में उदिंि छपरा, राजपुर, गंगापुर, हलंदी, बरंकी छपरा, चौिे छपरा, शंंीपालपुर, सोनिरसा, ओझिबलया और िाहुरा शाबमल हैं. हालांबक सरकार दािा करिी है बक कई कदम इस समसंया को कम करने के बलए उठाये गये हैं. इसका सिसे िड़ंा नमूना यह यह बक पानी की गुणितंंा जांच के बलए बजले मेंकरीि 70 लाख रंपये से िनी पंंयोगशाला बपछले दो सालोंसे िेकार
दिरफ्त मंे वाराणसी
कुछ तथ्य ● आसंंेबनकोबसस की चार अिसंथायेंहैं. इसमेंमेलोनेबसस(बपंगमेंटस का जंयादा हो जाना), बकरेटोबशस (तंिचा मेंबकरेबटन की मातंंा िढ़ं जाना) िोंस (तंिचा कैंसर से पहले की अिसंथा) बफर कैंसर. ● राषंंीय पेयजल समीकंंा सुरकंंा पायलट पंंोजेकंट की िैठक 16-17 अपंंैल को खजुराहो मेंहुई यह बकसी आसंंेबनकोबसस पंंभाबिि इलाके मेंहो सकिी थी. पर नहीं बकया गया ● साल 2013 मई में एक बशकायि के जिाि में िबलया में हजारों लोगों की मौि पर बचंिा जिाई गयी. इसके िाद एनएचआरसी ने साल 2014 में एमंस के डॉकंटरोंकी एक टीम िबलया भेजी. बजसने िाद में राजंय सरकार को समसंया के िारे मेंचेिािनी दी. ● राजंय सरकार ने साल 2011 मेंइसके बलए करीि 41 करोड़ंका िजट पाइप जल आपूबंिग के बलए बदया. इसमेंराजंय संंर की पंयं ोगशालाओंके बलए करीि 2.34 करोड़ं रंपये पानी की जांच के बलए और 25 लाख रंपये डाटा कलेकंशन के बलए बदये गये थे. पर आज यह पंंयोगशालायेंकाम नहींकर रही हैं. डाटा कलेकंशन का काम साल 2005 से नहींहो रहा है. महज कागजी ििािे हैं. िह इन दािों की पोल भी खोलिे हैं. िबलया के बििारी टोला के बनिासी भरि पांडेय ििािे हैं बक करीि साि- आठ साल पहले बजले में पाइप जल आपूबंिग के बलए गहराई िाले िोल िेल और आसंंेबनक बफलंटर यूबनट लगायी गयी थी. लेबकन आज ये सभी आसंंेबनक बमला पानी ही सपंलाई मेंपी रहे हैं. इस िरह से पानी की गुणितंंा के बनयंतंण के बलए कोई वंयिसंथा नहीं हैं. पानी की जांच के बलए िनाई गयी पंंयोगशालायें भी सही ढंग से काम नहीं कर रही हैं और िह झूठे आंकड़ंे दे रही हैं. सरकार पानी के जांच के बलए बकट देने की िाि दोहरािी रहिी है. पर हमेंअभी िक कुछ नहींबमला है. पानी से जुड़ंेबिशेषजंंोंका मानना है बक भूजल संंर को िढ़ंाकर, कुओं की सफाई और िेहिरीन रखरखाि से गांिोंमेंफैल रहे जल में आसंंेबनक की मातंंा को खतंम बकया जा सकिा है. इसके बलए खुले कुओं में नमक और पोटैबशयम परमैंगनेट आबद का इसंंेमाल कर आसानी से साफ बकया जा सकिा हैं. िबलया, गाजीपुर और िाराणसी को बमलाकर करीि 20 हजार कुएं हैं. एक कुआं िनिाने की लागि करीि पांच से आठ लाख रंपये िक आिी है. लेबकन कोई भी इन पानी ससंंेऔर सहज जल संंोिोंको बफर से सहेजना नहींचाहिा. पंंोफेसर दतंंा ििािे हैं बक सरकारी एजेंबसयों का जोर इन गांिों में केिल महंगे िड़ंे पंंोजेकंट िनाने पर है. उनकी रंबच यहां की मुकंशकलोंको खतंम करने मेंनहींबदखाई देिी. िे बसफंि िड़ंे िजट में बदलचसंपी बदखा रहे हैं.
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बद
लंली समेि देश के जंयादािर महानगर की हिा जहरीली हो चुकी है. इसके चलिे संिांस संिंधी िीमाबरयां िढ़ंिी जा रही हैं. बदलंली की केजरीिाल सरकार ने बनजी कारों के आिाजाही पर बनयंतंण की एक पहल की है. यह एक छोटा कदम हो सकिा है. लोगों की समसंया को भी िढ़ा सकिा है. खासकर मबहलाओं को जो खुद गाड़ी चलाकर अपने दफंिर, संकूल और कॉलेज जािी हैं. इसकी िजह यह है बक सािंगजबनक पबरिहन पंंणाली अभी ऐसी नहींहै बक लोग इसके जबरये आराम से यातंंा कर सकें. बदलंली की िसों में भीड़ कभी कम नहीं होिी. मेटंो में भी सुिह और शाम को चलना िहुि आसान नहीं है. खासकर िचंंों, मबहलाओं और िुजुगंों के बलए. ऐसे में बदलंली सरकार को इनके िारे में भी सोचना होगा. यह सही है बक बनजी िाहनों
11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
हवा मे् घुलता जहर
पर बनयंतंण लगाये बिना िायु पंंदूषण पर कािू पाना मुकंशकल है. सरकार की भी यही मंशा है. हालांबक िारीख के बहसाि से सम और बिषम नंिर िाले िाहनों का इसंमंे ाल बकया जाना बकिना वंयािहाबरक हो पायेगा यह अभी कहा नहींजा सकिा. टंबंैफक पुबलस के बलए भी यह नया बसरददंग साबिि हो सकिा है. पर इस सिके िािजूद कहींन कहीं से इस जानलेिा पंंदूषण की रोकथाम िो करनी ही होगी. गांि से शहर िक का पानी दूबषि होिा जा रहा है. नबदयां और िाल-िालाि भी िेजी से पंंदूबषि हो रहे हैं. ऐसे में हिा भी जहरीली हो गयी िो कैसे लोग िचेंगे. इसके अनंय उपाय भी सोचने होंगे. हर महानगर में सारे सरकारी दफंिर कंयों हो यह भी सोचना चाबहए. दफंिर के साथ िड़े पंंबिषंंान और बिशंंबिदंंालय भी शहर के िाहर हो िो कोई फकंि नहीं
िवाल लोकपाल का
योगे्द् यािव
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लंग माकंसंग ने कहा था, ‘इबिहास अपने आप को दोहरािा है, पहले तंंासदी के रंप मेंऔर बफर पंहं सन की िरह.’ भंंषंाचार बिरोधी जनलोकपाल आंदोलन के िारे मेंयह उकंकि चबरिाथंगहो रही है. आज से चार साल पहले देश में एक अभूिपूिंग आंदोलन हुआ. लाखों नागबरक अपने जीिन में पहली िार बकसी धरनापंंदशंगन में शाबमल हुए. देश में नयी उमंमीद पैदा हुई. आज रामलीला मैदान में खुले आकाश के िले पैदा हुई इस आशा की हतंया की जा रही है. तंंासदी यह है बक जो लोग चार साल पहले इस पंंसि में दाई की भूबमका में थे, िही आज उसका गाला घोंटने मेंशाबमल हैं. पंंहसन यह है की इस हतंया को जनंमबदन की िरह मनाया जा रहा है, जशंन जारी है. जो पाटंंी जनलोकपाल के सिाल पर िनी, बजसने इस नारे पर चुनाि जीिा, िो पाटंंी आज इसी सिाल पर कुसंी की भाषा िोल रही है. बपछले साल जि आम आदमी पाटंंी की सरकार थी िो उसने लोकपाल कानून के मुदंे पर इसंंीफ़ा बदया था. सिने सोचा था बक इस िार सरकार िनिे ही उसी लोकपाल कानून को पास करेगी. लेबकन नौ महीने िक बदलंली सरकार ने इसकी सुध नहीं ली. कई िार आलोचना होने के िाद कहा गया की कैबिनेट इस मुदंे पर बिचार कर रही है. आंदोलन ने मांग की थी बक कानून िनाने की पंबंंिया पारदशंंी हो, लेबकन उसी आंदोलन से बनकली पाटंंी ने इस बिधेयक के िारे में गोपनीयिा िरिी. न िो जनिा मेंिहस की न ही डंंाफंट को सािंगजबनक बकया. बिधेयक को पेश करने से 48 घंटे पहले कानूनी मजिूरी के चलिे बिधेयक की पंंबि बिधायकों को पकड़ाई. जि डंंाफंट सािंगजबनक हो गया िो िाकी सरकारोंकी िरह गोपनीयिा भंग होने
जेल जैसी जगह आिादी के िीच में है. यह एक उदाहरण है. इसी िरह िहुि से सरकारी दफंिर िीच शहर से दूर ले जायॆ और सािंगजबनक पबरिहन वंयिसंथा से लोग िहां पहुंचे िो िाहनों की भीड़ पर कुछ िो असर पड़ेगा .हमें याद है छतंंीसगढ़ की नयी बिधानसभा जि िनी थी िो िह शहर से दूर थी और िहुि सी िसों से लोग िहां पहुंचिे थे. इससे शहर के टंंैबफक पर भी दिाि कम होिा है और पंंदूषण पर बनयंतंण पाना आसान होगा. बदलंली सरकार ने जो पहल की है िह पड़ेगा. रोचक यह है बक पचास साल पहले िंबदयों के बलए जेल शहर से िाहर िनायी अनंय राजंयोंके बलए भी नजीर िन सकिी है. गई थी. पर आज िे जंयादािर जेल शहर के हर िड़ा शहर जि पंंदूषण का बशकार हो िि िीच में आ चुकी हैं, जिबक उनंहें आिादी सभी को इस िारे में समय रहिे सोचना से दूर होना चाबहए. इनमेंसे कुछ िड़े शहरों चाबहए. साइबकल जैसी सिारी को कहीं भी ने िो बफर से नयी जेल का बनमंागण शहर से पंंोतंसाहन नहीं बदया जा रहा है. इससे इस दूर करा बदया है. पर िहुि जगह अभी भी समसंया पर कािू पाने में िहुि मदद बमल
की दुहाई दी. झूठा पंंचार बकया की यह बिधेयक हूिहु िही है बजसे रामलीला मैदान मेंिनाया गया था और बजसे बपछले साल पेश बकया गया था. जि राज खुला िो समझ आया की इिनी गोपनीयिा कंयोंिरिी जा रही थी. पिा लगा बक सारे देश को जनलोकपाल की सीख देने िाले खुद रामलीला मैदान में िनाये गये कानून को भूल गये हैं. िे खुद अपने ही िनाये बपछले साल के क़ानून को भी भूल गये हैं. अगर आप अनंना आंदोलन के जनलोकपाल बिल, मनमोहन सरकार के कोंगंेसी बिल, आम आदमी पाटंंी की 49 बदन की सरकार के बिल, और इस िार के बिल की िुलना करेंिो साफ़ हो जायेगा आंदोलन की हर एक मुखंय मांग को नकार बदया गया है. रामलीला मैदान के बिल की िो िाि ही छोबड़ए, यह बिल िो कांगंेस सरकार के लोकपाल से भी कमजोर है. रामलीला मैदान में हुए जनलोकपाल आंदोलन की मांग थी की देश मेंभंष ं ंाचार को रोकने के बलए एक एक सचंंा और िाकििर चौकीदार हो. िह अपना काम ठीक से कर
जि केजरीिाल रामलीला मैदान से िोलिे थे िो यह मांग करिे थे की लोकपाल की बनयुकंकि करने िाली कमेटी में सरकार और नेिाओं का िहुमि नहीं होना चाबहए. अनंना आंदोलन के बिल में यह पंंसंाि था बक जनलोकपाल की बनयुककं ि एक खुली और पारदशंंी िरीके से होगी, चयन एक नौ सदसंयों की सबमबि करेगी बजसमें बसफंि दो राजनेिा होंगे. पंंधानमंतंी और बिपकंं के नेिा. जि कांगंेस सरकार ने अपने बिल में पंंसंाि रखा की पांच लोगो की चयन सबमबि होगी बजसमेंसंपीकर सबहि िीन नेिा होंगे िो अरबिंद केजरीिाल ने कहा की ऐसा लोकपाल िो चूहा भी नहीं पकड़ सकिा था. अि बदलंली सरकार ने िय बकया है बक बसफंि चार लोग बमलकर लोकपाल को बनयुकंि करेंगे. मुखंयमंतंी, उनंहीं के िफादार संपीकर, बिपकंं के नेिा और हाईकोटंग के चीफ जकंसटस. यानी की कोई लोकपाल ऐसा िन ही नहीं सकिा जो सतंंाधारी पाटंंी को सके इसके बलए िह सरकार और नेिाओंके मंजूर न हो. ऐसा लोकपाल संििंतं कैसे दिाि से मुकंि हो, उसके हाथ मेंजांच करने होगा? अनंना आंदोलन के दौरान दूसरी िड़ी के सारे औजार हों और ऊपर से नीचे िक सभी नेिाओं और अफसरों की जांच करने मांग यह थी बक लोकपाल को हटाने का की िाकि हो. कांगंेस ने इन िािोंको मानने अबधकार नेिाओं को नहीं नंयायपाबलका को से मना कर बदया. नाम के बलए लोकपाल हो. जनलोकपाल बिधेयक में यह पंंािधान कानून पेश कर बदया, लेबकन उसे सचमुच था बक लोकपाल के बखलाफ बकसी भी अपनी मुठंी से नहींछोड़ा. िीजेपी जि बिपकंं बशकायि की जांच सुपंीम कोटंग करेगा. इस में थी िो लोकपाल की िाि करिी थी, िाि को िो कांगंेस सरकार का 'जोकपाल' लेबकन मोदी के चुनाि जीिने के िाद से िाला बिल भी मान गया था. बपछले साल के लोकपाल का नाम भी नहींबलया. सरकार की आम आदमी पाटंंी के बिधेयक में हाई कोटंग जांच कर सकने िाली हर संसंथा में अपने में जांच की िाि थी. इस िार बजसे बपठंंऔर दागी अफसरोंको लगा बदया. सभी जनलोकपाल कानून ििाया जा रहा है उसने पाबंटियोंके इस दोगले रंख से बपंड छुड़ाने के िो सुपंीम और हाई कोटंगको बकनारे कर बदया बलए ही आम आदमी पाटंंी िनी, और सीधे लोकपाल को हटाने की िाकि जनलोकपाल के नारे पर जनिा ने आम बिधान सभा के दो-बिहाई िहुमि को दे दी आदमी पाटंंी को िोट बदया. लेबकन अि है. जरा कलंपना कीबजए आम आदमी पाटंंी उसकी सरकार ने भी कांगंेस और िीजेपी के बडगंंीधारी बिधायक जीिेंदं िोमर िाला काम कर बदया. नाम िो लोकपाल का लोकपाल को हटाने का पंंसंाि लाएंगे, बदया है, लेबकन उसे न िो सरकार से संििंतं सोमनाथ भारिी उसका अनुमोदन करेंगे, बकया है, न उसे जांच करने का बससंटम बदया और पलक झपकने से पहले लोकपाल को हैं, न ही हर िरह के भंंषंाचार को रोकने की हटा बदया जायेगा. ऐसी कंसथबि में लोकपाल बिना डर के कैसे काम करेगा? िाकि दी है.
बवचार सकिी है. कार, मोटर साइबकल की संखंया भी कम हो सकिी है. लखनऊ में साइबकल टंंैक का पंंयोग महतंिपूणंगहै. बकसी अनंय िड़े शहर मेंइिना लंिा टैक नहींिनाया गया है. बदलंली मेंभी कुछ जगहोंपर खासकर दबंंकण बदलंली मेंयह पंंयोग बकया जा सकिा है. ऐसे कई बिकलंपों पर अि गौर करना चाबहए. दूसरे शहरों के भीिर िड़े िाहनों की आिाजाही पर रोक लगानी होगी. सिसे जंयादा पंंदूषण िस और टंंकोंसे होिा है. राि नौ िजे के िाद जंयादािर शहरों में टंंकों को िीच शहर से बनकलने की इजाजि बमल जािी है बजसके िाद िे शहर में डीजल का धुआं भर देिे है.ं यही कंसथबि रोडिेज की िसों की है. िेहिर हो इनंहेंशहर के िाहर िाईपास रासंंे िक ही सीबमि बकया जाये. इस िरह के कई उपाय से हिा मेंिढ़िे जहर पर कुछ िो अंकुश लगाया ही जा सकेगा.
जलवायु यात््ा
चेनंनई में बजस िरह से सौ साल िाद भारी िाबरश से ििाही मची गयी है. उससे यही पंंिीि हो रहा है बक कहींन कहींमानि पंंकृबि से बखलिाड़ कर रहा है. िीिे कुछ सालोंसे भारि या दुबनया मेंबकसी न बकसी रंप में पंंकृबि बनबंमगि ििाही आिी रही है. भारि मेंखासकर िाढ़ का खिरा िढ़िा जा रहा है. जमंमू से लेकर उतंरं ाखंड और चेननं ई की िाढ़ इसका पंंमाण हैं. अभी िक इसका समाधान नहींढूंढा जा सका है. लेबकन िीिे अंक में पुषंपनाथ जी की जलिायु के पंंबि जागरंक करने िाली यातंंा एक िेहिरीन कोबशश मानी जा सकिी है. शायद ये िकंि की मांग भी है. दीपांकर लासहरी, रांची झारखंड
नेपाल मंे िहराते संकट
िीिे अंक मेंछपी खिर से नेपाल संकट से रंिरंहोने के िाद मन मेंबचंिा सी होने लगी है. भारि के सिसे करीिी पडोसी नेपाल में मधेसी आनंदोलन के चलिे, इस िकंि बजस िरह से संकट पैदा हो गया है. उसका जलंद से जलंद समाधान होना चाबहए. बजससे िहां के लोगोंको रोजाना की जरंरी चीजेंबमलनी शुरंहो जाये.ं इसके बलए भारि सरकार को भी कोई ठोस कदम उठाना चाबहए. बजससे िहां के िचंंों को भूखों न सोना पड़े. यूबनसेफ़ ने जो बरपोटंगजारी की है, उससे िहां आने िाले समय में संकट के िदल और गहरा जायेंगे. पवन यादव, बाराबंकी उत््र प््देश
रेदियो को दमले आजािी
िीिे अंक मेंिबंिगका नंदा के आलेख में रेबडयो के पंंबि सरकार के रिैये को जानकर िासंंि में काफी हैरानी हुई. आबखर ऐसा टीिी और इंटरनेट के साथ कंयों नहीं बकया गया. यहां एक िाि जो साफ़ झलक रही है. िह है रेबडयो की पहुंच इससे सुगम कोई साधन है ही नहींबजससे देश के हर वंयकंकि को जोड़ा जा सकिा है. लेबकन सरकार का दोहरा मापदंड समझ से परे लग रहा है. एफएम रेबडयो कंया गाने ही िजाने िक सीबमि रहना चाबहए. िौरभ कुमार, रायपुर छत््ीिगढ़
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मनोज ठाकुर
खास खिर
11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
हरियाणा मेंहुआ धान घोटाला
ऐसे समझंे धान से चावल बनने के मुनाफे का िदणत
धान की 1509 बकसंम बपछले साल िक िासमिी की शंंेणी मेंआिी थी. बनयंागिक इस धान को खरीदिा था, एकंपोटंग कंिबलटी का चािल िैयार कर कुछ देशी माकंंेट िो कुछ बिदेशी माकंटंे मेंिेच बदया जािा था. िि िक सरकार का इस खरीद में कोई दखल नहीं था. धान के रेट भी मांग और आपूबंिग के साथ साथ कंिाबलटी पर बनभंगर करिे थे. एक िो इस बकसंम की धान िासमिी की िुलना में लगभग दोगुना उतंपादन देिी थी. दाम भी
धान का रेट कम रहने के िाद भी आम माकंंेट में िासमिी चािल 90 रंपये से लेकर 140 रंपये पंंबि बकलोगंंाम है. चािल बमलसंगके मुिाबिक चािल इंडसंटंी का थंि रंल है बक बजस कीमि पर धान खरीदी, उिनी ही कासंट चािल िनाने में आयेगी. कंयोंबक एक बकलो धान से िकरीिन 60 फीसद चािल बनकलिा है. औसिन एक बकलो 600 गंंाम धान से एक बकलो चािल बनकलिा. यानी 1450 रंपये यबद धान खरीदी गयी और टैकंस टंंांसपोटंग आबद बनकाल दे िो धान पंंबि बकलोगंंाम 15 रंपये 50 पैसे आयेगी. इस पर 15 रंपये 50 पैसे बमबलंग कासंट लगा लेंिो कासंट आयेगी 31 रंपये. होना यह चाबहए था बक धान के कम रेट है िो चािल के दाम भी कम हो.
मजबूरी थी इसदलए धान को सरकार ने खरीिा : धनखड्
धान की खरीद मामले पर कृबष मंतंी ओमपंंकाश धनखड़ंने कहा बक 1509 के दाम 1100 रंपये पंंबि कंकिंटल िक आ गये थे, िि हमने केंदंको बलखा बक 1509 की सरकारी खरीद की जाये. हमने िो बकसान का फायदा बकया है. उनंहोंने कहा बक बिपकंं गलि िोल रहा है. धनखड़ ने दािा बकया बक बिपकंंबिनािाि का आरोप लगा रहा है. हमने िो एक िरह से बकसानोंकी मदद की है. उनंहोंने कहा बक हम िो बमलसंगका संटॉक भी जांच कर रहे है. बजसमेंयह िय बकया जा रहा है बक बजस बमलसंग को सरकारी धान बजिना बदया गया अि उसके पास उिना संटॉक है या नहीं. अि सरकार भले ही लाख सफाई दे, लेबकन बकसान और बिपकंं का खुला आरोप है बक सरकार ने धान की खरीद में िड़ा घोटाला बकया है. बजसकी सीिीआई या बकसी बसबटंग जज से जांच होनी चाबहए. मामले पर यंग बकसान संघ के पंंिकंिा सुधीर कहिे हैं बक सरकार यबद 1509 बकसंम के चािल की माकंबंेटंग खुद करिी िो यह समसंया पैदा ही न होिी िकंलक बकसानों को धान के िहुि अचंछे दाम बमल जािे. कंयोंबक िि बमलसंग में यह संदेश जािा बक उनंहें 1509 धान नहीं बमलेगी. इसबलए िे कंपीबटशन मेंआिे. ऐसा न करिी िो कम से कम यहींकर देिे बक धान के संटाक पर बकसानोंको इिना कजंगदे बदया जािा बजससे उनका काम चल जािा. बकसान को आबंथगक मजिूिी बमलिी और िह धान का संटाक करने की कंसथबि में आ जािा.
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िासमिी के िरािर ही बमल जाया करिा था. इसबलए यह बकसंम बकसानों में िहुि ही लोकबंंपय हो गयी. हबरयाणा में 60 फीसदी रकिे में यहीं बकसंम थी. बपछले साल भी इसका अचंछा खासा उतंपादन हुआ था, लेबकन बकसानों को दाम जंयादा नहीं बमले. चौंकाने िाली िाि िो यह रही बक राषंंीय और अंिरराषंंीय माकंटंे मेंचािल के दाम में कोई बगरािट दजंगनहींहुई. बफर ऐसा कंया था. इसके पीछे बनयंागिकों का हाथ था. बजनंहोंने
जानिूझ कर बपछले साल 1509 बकसंम की खरीद में जंयादा उतंसाह नहीं बदखाया. इधर बकसानों में यह भंंम िना रहा बक इस िार अंिरराषंंीय रोक की िजह से चािल की बडमांड कम है इसबलए उनकी धान का जंयादा भाि नहीं बमल रहा. इसी सोच के चलिे इस िार भी बकसान 1509 की रोपाई िड़े पैमाने पर कर गये. इधर धान कटाई के शुरंआिी दौर मेंऐसा माहौल िना बदया गया बक इस साल िो इस बकसंम को कोई खरीदेगा
खरीदी िो सरकारी बससंटम ने लेबकन पहुंच गयी बनयंागिकों के पास. जि इनेलो के आरोपोंकी पड़िाल की िो पाया बक जो धान सरकारी खरीद मेंबलया जािा है, इसे सरकार सािंज ग बनक बििरण पंण ं ाली मेंचािल के िौर पर इसंंेमाल करिी है. यानी बमलसंग को सरकार धान देिी है, िदले में 67 बकलो चािल लेिी है और उनका बमबलंग चाजंगदेिी है. एक िरह से यह बमलसंगसरकार के बलए चािल िैयार करने की सबंिगस देिे है. लेबकन दूसरी ओर जो एकंसपोटंगचािल िैयार करने िाले बमल है, िह अलग िरह के होिे है. अि िासमिी शंण ंे ी का धान जो बक साधारण धान के भाि खरीदा गया. िह धान बनयंागिकों के पास पहुंच गया. इसका चािल अि भी एकंसपोटंग कंिाबलटी का िनेगा. यानी अि फूड संटेंडडंग अथाबरटी ऑफ इंबडया सारा मुनाफा बनयंागिकों की जेि में जायेगा. जंिाइंट डायरेकटं र डाकंटर एके बसंगला कहिे कंयोंबक इस शंंेणी के चािल का दाम हैं बक सेंटर लेिल पर देश में िासमिी अंिरराषंंीय िाजार में 100 रंपये पंंबि चािल को लेकर संथानीय माकंंेट के बलए बकलोगंंाम से जंयादा दाम पर बिकिा है. अि कोई पैरामीटर नहीं है. यानी यह पिा नहीं 1509 धान खरीदा िो साधारण धान की लगाया बक जा सकिा जो चािल हम खरीद कीमि यानी 1450 रंपये पंंबि कंकिंटल. पर रहे है,ं िह 1509 का है या दूसरी बकसंम का. उसका चािल बिकेगा 100 रंपये बकलो. इससे सीधा फायदा बमलसंगको होगा. इिना इसबलए इस आरोप में दम है. इधर बजिना ही नहींिासमिी चािल िाजार मेंजंयादािर 1509 धान बनयंागिकों के पास गया, उसकी बमलसंगअपने बंंांड के नाम पर िेचिा हे. िि जगह साधारण धान दूसरे राजंयों से खरीद कसंटमर चािल की गुणितंंा को लेकर भी कर उन बमलसंग को बदया जा रहा है जो सिाल नहींउठा सकिा. सरकारी खरीद के धान की कुटाई कर चािल मामले पर यंग बकसान संघ के पंंिकंिा िनािे है. सुधीर कहिे हैं बक सरकार यबद 1509 पूिगंसीएम भूपदे ंबसंह हुडंा ने ििािे हैंबक बकसंम के चािल की माकंबंेटंग खुद करिी िो एकंपोटंगर िक 1509 इसबलए पहुंच गया यह समसंया पैदा ही न होिी िकंलक बकसानों कंयोंबक सरकार ने यह बरकॉडंग ही नहीं रखा को धान के िहुि अचंछे दाम बमल जािे. बजसमें यह पिा चल सके बक इस शंंेणी में कंयोंबक िि बमलसंग में यह संदेश जािा बक बकिना धान खरीदा गया. जो चािल बमलसंग उनंहें 1509 धान नहीं बमलेगी. इसबलए िे से सरकार को लेना है िह भी धान की शंंेणी कंपीबटशन मेंआिे. के नाम पर नहीं िकंलक िजन के बहसाि से ऐसा न करिी िो कम से कम यहींकर लेना है. यानी की बमलसंगसरकार को िस 67 देिे बक धान के संटाक पर बकसानोंको इिना बकलोगंंाम के बहसाि से कोई भी चािल दे कजंगदे बदया जािा बजससे उनका काम चल सकिा है. इस िाि की पुबंष हबरयाणा के जािा. बकसान को आबंथगक मजिूिी बमलिी खादंंआपूबंिग मंतंी करणदेि कंिोज भी करिे और िह धान का संटाक करने की कंसथबि में हैँ. उनका कहना है बक धान शंंेणी के िौर पर आ जािा. नहींखरीदा गया.
ही नहीं. िि सरकार ने बकसानों से हमददंंी बदखािे हुए इस बकसंम का िासमिी की शंंेणी से बनकाल कर साधारण शंंेणी में रख कर इसका एमएसपी िय कर बदया. िासंिि में यहींिड़ा घोटाला हुआ. मामले पर इनेलो के पंंदेश अधंयकंं अशोक अरोड़ंा और बिपकंं के नेिा अभय चौटाला ने कहा बक बनयंागिक िो यहीं चाह रहे थे. सरकार ने जो रेट िय बकया 1509 इसी दाम पर बिकने लगा. लेबकन यह बकसंम
असली बासमती चावल की िारंटी नही्
मनमज््ी से रेट तय करने की छूट
दिमांि कम तो बढ्ा िेते है् नकली संकट
चािल एजेंट हरिंस बसंह और राजेश चोपड़ा ने ििाया बक कीमि िय करने का अबधकार बमलसंग का है. िासमिी चािल की अबधकिम संटाक इसके बलए कोई बनयम या फामंगूला नहीं सीमा नहीं है. जैसे ही िाजार में चािल के है. िस बडमांड और सपंलाई पर बडपेंड दाम कम होने लगिे है बमलसंगसपंलाई कम करिा है. कर देिे हैं.
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
'हिद््ोिी'- मोच््े पर शिीद एक जनकहि
पंकज श््ीवास््व
और वंयंगंय करिे हैं ऎसे लोगों पर जो यह जानने के िाद भी पूछिे हैं, “बिदंंोही, ह एक बिरल घटना है. 'बलटफेसंट' में िुम कंया करिे हो? बिदंंोही िीिे न लजािी कबििा और इठलािे कबियों जाने बकिने सालों से शाम ढले जेएनयू के दौर में एक कबि ऐसा भी हुआ जो पहुंच जािे हैं और बफर जििक सभी ढािे आबंिरी िकंि िक अंबिम आदमी के गीि िंद नहीं हो जािे, कम से कम िि िक बसफंि गािा ही नहीं रहा, साथ ही उनकी उनका कयाम यहीं होिा. बफर जैसी कंसथबि लड़ंाइयोंमेंमशाल उठाकर चलिा भी रहा. रही, उस बहसाि से िे कहीं चल देिे. ये कोई और कबि नहींथा, यह 'बिदंंोही जी' मसलन साल 1993-94 में, कुछ बदन िक थे. जैसा नाम, िैसा काम. जीिन भर िे मेरे कमरे में या मैं हॉसंटल के बजस भी 'आसमान से भगिान उखाड़ंकर धान िोने' कमरे में रहूं. िे िहीं ठहर जािे. एक बदन की जदंंोजहद मेंजुटे रहे. िीिे 8बदसंिर को सुिह-सुिह भाभी जी उनंहें बलिा ले जाने भी जेएनयू के छातंंों के साथ, बशकंंा को पधारीं. कई बदनोंसे घर मेंमहाशय के पांि िाजंार के हिाले करने के बंिलाफ़ं यूजीसी ही नहींपड़ंेथे. भाभी जी सामानंय सी नौकरी ग लंप कबि है.ं बिदंंोही मुखंयालय पर जमाये गये मोचंंे में शाबमल करिी है.ं बिदंंोही बनबंिक ने कबििा कभी बलखी नहीं, िे आज भी होने पहुंचे थे और िहींबन:शेष हो गये. शाम कबििा‘कहिे ’ है , ं चाहे बजिनी भी लंिी हो. को जंिर-मंिर पर कबििा कृषण ं न उनंहेंयाद मे र े जे ए नयू छोड़ं न े के िाद, एक िार मेरे करिे हुए कहिी हैं, काश ऐसी ही मौि उनंहें िहु ि कहने पर, कई बदनों की मे ह नि के िाद भी नसीि हो. बजस समाज मेंबकसी 'बिदंंोही' की जंरंरि न रह जाये, उसे िनाने के बलए िे अपनी ढेर सारी कबििाएं बलखकर मुझे दे िो कई पीबंढ़यों िक शहादि का यह गये. इलाहािाद मेंमेरे घर पर उन कबििाओं बसलबसला चलेगा. बिदा कॉमरेड बिदंंोही..! का अकंसर ही पाठ होिा, लोग सुनकर चबकि होिे, लेबकन मसरंबंफ़याि ऐसी थीं अलबिदा! कुछ समय पहले बिदंंोही जी के बक मैंउनंहेंछपा न सका. बलहाजा कबििाओं 'अंिरिम के मीि' और जेएनयू छातंंसंघ के की पांडुबलबप बिदंंोही जी को िापस पहुंच पूिंग अधंयकंं पंंणय कृषंण ने उन पर एक गयी. बिदंंोही कभी जेएनयू के छातंंथे, लेबकन आतंमीय लेख बलखा था. नीचे उसे पबंढ़ए बकंिदंिी के मुिाबिक उनंहोंने टमंग और और बिदंंोही होने का मिलि समबझए. ‘नाम है-रमाशंकर यादि ‘बिदंंोही’, सेबमनार पेपर बलखने की जगह िोलने की बंजला सुलिानपु ं र के मूल बनिासी. नाटा कद, बंजद ठान ली और पंंोफ़ेंसरों से कहा बक दुिली काठी, सांिला रंग, उमंं लगभग 50 उनके िोले पर ही मूलंयांकन बकया जाये. के आसपास,चेहरा शरीर के अनुपाि में ऐसे मेंबिदंंोही ‘अमूलयं ांबकि’ ही रहे. लेबकन थोड़ंा िड़ंा और बिकोना, बजसे पूरा बहला- जेएनयू छोड़ं िे कहीं गये भी नहीं, िहीं के बहलाकर िे जि िाि करिे हैं, िो नजंर कहीं नागबरक िन गये. जेएनयू की िाम राजनीबि और जमा पाना मुकंशकल होिा है. बिदंंोही और संसंकृबि पंंेमी छातंंों की कई पीबढ़यों ने फकंंड़ंऔर फटेहाल रहिे हैं, लेबकन कहीं बिदंंोही को उनकी ही शिंंोंपर संिीकार और से आतंमकरंणा का लेशमातंंभी नहींहै. िड़ंे पंयार बकया है. बकसी ने एक िार मजंाक में ही कहा गिंग के साथ अपनी एक कबििा में घोषणा करिे हैं बक उनका पेशा है कबििा िनाना बक बिदंंोही जेएनयू के राषंंकबि हैं. जेएनयू
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संजय कुंिन
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बरषंं कबि चंदंकांि देििाले ने एक िार कहा था बक जि सौ जासूस मरिे होंगे, एक कबि पैदा होिा है. उनका आशय है बक कबि का एक काम सि पर नजर रखना भी है. और िह सि कुछ उजागर करना, जोराि के अंधेरे में घबटि हुआ या इस िरह बक बकसी और ने नहींदेखा. उनके संगंह ‘खुद पर बनगरानी का िकंि’ का शीषंगक भी इस िाि की िसंदीक करिा है. इसकी कबििाएं आधुबनक सभंयिा के संकट की पड़ंिाल करिी हैं. संकट के जिािदेह ितंिों की पहचान को सिके सामने पंंकट कर देिी है. यह कुछ िैसा ही है जैसे एक जासूस सि कुछ पिा लगाकर अपनी बरपोटंगदे रहा हो. एक िरफ कबि की नजर देश के ‘अनंनदािा’ बकसानों की आतंमहतंया पर है िो दूसरी ओर हिाई जहाजों से बिदेश सौदा करने जािे देश के िथाकबथि सारबथयोंपर भी. कबि को लगिा है बक आज सि कुछ इिना अबिशंंसनीय है
के हर कबि-समंमेलन-मुशायरे में िे रहिे ही हैं और कई िार जि ‘िड़ंे’ कबियों को जाने की जलंदी हो आिी है, िो मंच िे अकेले संभालिे हैं और घंटों लोगों की फ़ंरमाइश पर कावंय-पाठ करिे. बिदंंोही ने मेरे जानिे जेएनयू पर कोई कबििा नहीं बलखी लेबकन बजस अपिंबचि राषंं के िे सचमुच कबि हैं, उसकी इजंंजंि करने िाली संसंकृबि कहीं न कहीं जेएनयू में जंरंर रही है.’ ‘जन-गण-मन’ शीषंगक िीन खंडों िाली लंिी कबििा के अंबिम खंड मेंबिदंंोही ने बलखा हैमैंभी मरंंगा/और भारि भागंय बिधािा भी मरेगं /े मरना िो जन-गण-मन अबधनायक को भी पड़ंेगा/लेबकन मैंचाहिा हूं/बक पहले जन-गण-मन अबधनायक मरें/बफर भारिभागंय बिधािा मरें/बफर साधू के काका मरें/यानी सारे िड़ंे-िड़ंे लोग पहले मर लें/बफर मैं मरंं- आराम से, उधर चलकर िसंि ऋ िु में/जि दानोंमेंदूध और आमोंमें िौर आ जािा है/या बफर िि जि महुिा चूने लगिा है/या बफर िि जि िनिेला फूलिी है/नदी बकनारे मेरी बचिा दहक कर महके/और बमतंं सि करें बदलंलगी/बक ये बिदंंोही भी कंया िगड़ंा कबि था/बक सारे िड़ंे-िड़ंेलोगोंको मारकर िि मरा.
लखनऊ. जयशंकर पंंसाद सभागार में पंंबिबलबप डॉट कॉम की ओर से बिदंंोही की कबििा गंभीर बनबहिाथंंों, आयोबजि पंंबिबलबप कथा-समंमान और भवंय आशयों, महान संिपंनों िाली कबििा पंंबिबलबप कबििा समंमान में साबहतंयकारों है, लेबकन उसे अनपढ़ंभी समझ सकिा है. को समंमाबनि बकया गया. इस अिसर पर बिदंंोही मूलि: इस देश के एक अतंयंि ‘पढ़ने के नये माधंयम और साबहतंयकार जागरंक बकसान-िुबंदजीिी हैं बजसने की भूबमका’ बिषय पर गोषंंी का आयोजन अपनी अबभवंयकंकि कबििा में पायी है. भी पंंबिबलबप की ओर से बकया गया. गोषंंी बिदंंोही सामानंय बकसान नहीं हैं, िे पूरी की अधंयकंिं ा िबरषंंकथाकार बशिमूबिं ग ने वंयिसंथा की िुनािट को समझने िाले की. िबरषंं कबि नरेश सकंसेना इस बकसान हैं. ‘नयी खेिी‘ शीषंगक कबििा में कायंि ग मं के मुखयं अबिबथ रहे. िकंिाओंमें बलखिे हैंकथाकार अबखलेश, िबरषंं आलोचक मैंबकसान हूं िीरेंदं यादि, कबि सिंंेदं बििंंम और आसमान मेंधान िो रहा हूं अबनल बंंतपाठी ने अपनी िाि रखी. कुछ लोग कह रहे हैं कथाकार बशिमूबंिग ने पहले संथान पर रही बक पगले! आसमान मेंधान नहींजमा पं ं ज ं ा की कहानी ‘िकसीम’ को पंंथम करिा पुरसंकार से समंमाबनि बकया. ये कहानी मैंकहिा हूं पगले! अगर जंमीन पर भगिान जम सकिा है इस िषंग ‘पाखी’ पबंंतका में पंंकाबशि हुई िो आसमान मेंधान भी जम सकिा है थी. अपने अधंयकंंीय िकंिवंय मेंबशिमूबंिग और अि िो दोनोंमेंसे कोई एक होकर जी ने इंटरनेट पर साबहतंय की दुबनया का रहेगा संिागि करिे हुए कहा बक यबद या िो जंमीन से भगिान उखड़ंेगा सांपंदाबयकिा पर बचंिा वंयकंि करिी या आसमान मेंधान जमेगा. कहानी पुरसंकृि हो रही है िो पाठक गंभीर उनकी बलखी ‘औरि’ शीषंगक कबििा हैं और सामाबजक सरोकार की कहाबनयां की आबखरी पंकंकियां देबखएसमाज पसंद करिा है. नरेश सकंसेना जी ‘इबिहास मेंिह पहली औरि कौन थी ने कबििाओंमेंपंथ ं म आई सेमिं हरीश की बजसे सिसे पहले जलाया गया? कबििा के साथ चुनी गयी पहली िीस मैंनहींजानिा कबििाओंमेंअबनल अनहलािु की कबििा लेबकन जो भी रही हो मेरी मां रही होगी, ‘मानिीय पीढ़ा का बजगुरि’ को समंमाबनि मेरी बचंिा यह है बक भबिषंय मेंिह बकया. चयन सबमबि में िबरषंं कबि आबखरी संंी कौन होगी बिजे ं द ं , माया मृग और मंिवंय पबंंतका के बजसे सिसे अंि मेंजलाया जायेगा? सं प ादक हरे प ंकाश उपाधंयाय रहे. इस मैंनहींजानिा अिसर पर मधु अरोड़ा की कहानी और लेबकन जो भी होगी मेरी िेटी होगी आभा खरे की कबििा भी समंमाबनि हुईं. और यह मैंनहींहोने दूंगा.’ समं माबनि रचनाकारों में पंंजंा ने ििंगमान बिदंंोही के साथ चलना हर बकसी के समय की चुनौबियोंपर अपनी िाि रखिे बलए आसान नहीं है. बजन युिा मूलंयों का िह कैंपस में पंंबिबनबध िने रहे. उनंहें खतंम हुए अपनी कहानी की रचना-पंंबंिया पर कर देने की हजंार कोबशश, रोजं-ि-रोजं पंंकाश डाला और अबनल अनहलािु ने जारी है. अपनी कबििा का पाठ बकया .
वक्त की नब्ज थामती सकताब
बक खुद पर नजर रखने की जरंरि है. इसकी िजह उसे यह लगिी है बक कई िार अपनी ही परछाईंमुखबिर हो जािी हैं. कबि जि एक छोटी गड़ंिड़ंी को देखिा है िो उसे पिा चलिा है बक यह दरअसल बकसी िड़ंी गलिी की देन है बजसका संिंध बकसी और िड़ंी चूक से है. कुल बमलाकर इन सिके पीछे उसे बकसी का खेल नजर आिा है. बकसी का छुपा हुआ संिाथंग बदखिा है. बकसका? यह समझना आसान नहीं है, कंयोंबक दोबषयोंकी भी एक लंिी शंंृंखला है. इनमेंकौन बकसका इसंंेमाल कर ले रहा है. यह कहना आसान नहीं है. संभि है जो हमारा सिसे करीिी, सिसे बहिैषी बदख रहा हो िही हमारे बखलाफ षडयंतंोंका सूतंधार हो. कुल बमलाकर एक आदमी के बलए खुद को जीबिि रखना और अपने को मनुषंय िनाए रखना ही सिसे िड़ंी चुनौिी है. कबि इस मुकंशकल का ियान इन शबंदों में करिा है: बफलिकंि मेरे मुंह में मि ठूंसो/ बिसंफोटक संिाद/िंद कर दो पंंॉमंपबटंग/
कंयोंबक अभी ठीक से नहीं ििा पाऊंगा मै/ं कैसे िुझा रहा पानी अपनी पंयास /बकिनी मुकंशकल से हिा ले पा रही सांस/बक बससकिी सड़ंकोंपर/मुसीििोंका िोझ बलए कजंाग चुकाने/कहां जा रहे खदेड़ंेगए घिराये लोग. आज समाज िहां पहुंच चुका है बक
खुद पर निगरािी का वक्त, चंद्कांत देवताले, वाणी प््काशि, 21-ए, दनरयागंज, ियी नदल्ली-110002, मूल्य: 150 र्पये
पंंरतरलरप समंमान
हरेक वंयकंकि को कोई न कोई मुखौटा लगाना पड़ंिा है. कंसथबियां ही ऐसी हैं बक एक सहज-सीधा इंसान भी िरह-िरह के दांिपेच चलने पर मजिूर है. ऐेसे में एक शुदं आदमी से बमलना िेहद कबठन है. कबि ने इस मुकंशकल को इस िरह ियान बकया है: पेड़ंकी छाया में/जैसे समुदंी थपेड़ंोंकी िौछारोंमेंभींजिे/पीिे-अघािे नीर नाबरयल का/िैसा ही अभूिपूिंग कंंण यह/आतंमीयिा के इस अकाल में/गिानाथ यानी शुदं आदमी से बमलना. कबि का मानना है बक आज सच और झूठ का भेद बमट गया है. उसका बिशंंास इिना बडग गया है बक उसे लगिा है बक कबििा का सच भी सच नहींहै: और आज के हालाि देख/मुझे िो यही लगिा/असंभि है कबििा से भी/सच उगलिा लेना/िो बफर भाषाखोरों के/इस फरेिी िाजार में/कंया करें कबि?/इिने दरखंि और कहीं/पतंंा िक नहींखड़ंकिा. लेबकन बिषम कंसथबियों में भी कबि की आसंथा खतंम नहीं होिी. िह अपने
दाबयतंि नहींभूलिा. िह चुपचाप अपने काम में लगा रहिा है. िह पीबंड़िों की आिाज को, उनके दुख को सामने लाने का काम करिा है: ऐसे में कंया मिलि रखिा है/साठसतंंर या पचहतंंर का हो जाना/बफर भी हिाश िो किई नहीं/बचंगाबरयां भड़ंक रही हैं/दोसंंो! इस िकंि खामोशी में दुिके हुए/औरिों-िचंंों और नबदयों के/आंसुओं का कर रहा अनुिाद. यह कहकर िह कबि कमंग को भी पबरभाबषि करिा है. लेबकन िह इस िाि से भी आगाह करिा है बक कहींकबि जनिा से कट न जाये. िह जीिन की कबठनाइयों से मुहं मोड़ंकर एक छोटे से िौबंंदक दायरे मेंन बसमट जाये. बलखो कबििाएं जैसी चाहो बलखो/ ऊिड़ंखािड़ं, सखंि, खुरदरी,/कोमल और गबझन कैसी भी/पर इनमेंरम मि जाओ मेरे कबि/बनकलो अपने साबथयों के साथ/ कबििाओं के बकलों, हरमों, बपंजरों, िैठकखानोंसे/िाहर बनकलो.
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
रबना मासंटि के चल िहे सैकड़ोंसंकूल
धीरज चतुव्ेिी
छतरपुर. िुंदेलखंड के संकूलों में बशकंंकोंकी भारी कमी है. कई संकूल ऐसे हैं बजनमें िचंंे पेड़ं के नीचे िैठकर अपनी िकदीर िनाने की कोबशश में लगे हैं. इस हालाि में बशकंंा का अबधकार खोिा हुआ बदखाई दे रहा है. सागर संभाग के पांच बजलों में14389 बशकंंकोंकी कमी है िो संकूलोंमें बिदंंाबंथगयों के बलए 20250 कमरों की जरंरि है. ऐसे में सिाल यह है बक बजस संभाग में करीि आठ सौ संकूल बशकंंक बिहीन हैं िो िहां संकूल चलो अबभयान का नारा बकिना सही है. बशकंंा का अबधकार कानून पाबरि हुए करीि 6 साल िीि गये. पर आज भी बशकंंा की बचंिाएं महज नारे िक बसमटी बदखाई दे रही है. िुंदेलखंड के सागर संभाग मेंबशकंंा के आंकड़ंेसरकार को खुद मुंह बचढ़ंा रहे हैं. मधंय पंंदेश सरकार का बशकंंा बिभाग का पोटंगल इसकी पोल खोल रहा है. इसके अनुसार सागर संभाग के पांच बजलों में बशकंंक और हेडमासंटर को बमलाकर
48308 पदसंथापना होनी चाबहए. जिबक 33947 ही कायंगरि है. इसमें 1812 हेडमासंटर और 32135 बशकंंक है. सिसे अबधक बशकंंकों की कमी छिरपुर बजले में है, जहां 3756 बशकंंकों की कमी है. िहीं 498 संकूल हेडमासंटर बिहीन है. इसी िरह टीकमगढ़ंबजले में3042 बशकंंकोंकी कमी है और 260 हेडमासंटर के पद बरकंि है.ं पनंना बजले के कुल 2453 संकूलों में से 323 में
हेडमासंटर नहीं है. साथ ही यहां 1742 बशकंंक भी नहींहैं. दमोह बजले मेंपंंाथबमक से लेकर हाईसंकूल के करीि 2198 संकूल हैं. इनमेंकरीि 1719 बशकंंकोंकी कमी है. िहीं218 संकल ू ोंमेंहेडमासंटर नहींहै.ं बशकंंा को समबंपगि डॉ हबर बसंह गौर ने सागर की इस धरिी को अपना जीिन बदया. सागर संभागीय मुखंयालय के बजले में 2886 बशकंंकों के पद बरकंि हैं. इसी िरह सागर
नेपाल सीमा पर िढ़ी तसंकरी
कालाधन जमा करने में भारत चौथे नंबर पर
संजीव श््ीवास््व बहराइच. पड़ंोसी राषंं नेपाल में नया संबिधान लागू होने के िाद मधेबशयों का आंदोलन बहंसक हो गया है. इसके चलिे जरंरी सामानों को लेकर भारि से नेपाल जाने िाले साधन पूरी िरह िंद है. ऐसे में सीमा पर िसंकरों की चांदी हो गयी है. िे नेपाल मेंभारिीय कंंेतंसे जाने िाले जरंरी सामानोंको मुंहमांगे दामोंमेंिेच रहे हैं. िहीं पेटंोल-डीजल की बकलंलि को देखिे हुए इसकी भी िसंकरी िड़ंेपैमाने पर की जा रही है. खुली सीमा और बनजी गाबंड़यों के आसानी से आिाजाही से ये खेल और भी आसान हो गया हैं. भारि नेपाल सीमा पर पेटंोल और बकरोबसन की िसंकरी धड़ंलंले से जारी है. िसंकर इसके जबरये हर बदन करीि 5 हजार रंपये की काली कमाई कर रहे है.ं यही नहीं, यहां गैस बसलेंडर की भी खूि कालािाजारी हो रही है. िहराइच-शंांिसंंी के पेटंोल पंप भी िसंकरी की गिाही दे रहे हैं.
इन पेटंोल पंप पर बदनभर जंयादािर नेपाली नंिर पंलेट की गाबंड़यां ही बदखिी हैं. दरअसल, नेपाल में नाकेिंदी की िजह से पेटंोल 400 रंपये पंंबि लीटर बिक रहा है. इसे भी लेने के बलए लंिी लाइन लगानी पड़ंिी है. नेपाली िसंकर अपनी गाबंड़योंकी टंकी फुल कराकर नेपाल ले जािे है और िहां इसे 400 रंपये पंंबि लीटर िेच मुनाफा कमा रहे हैं. इससे िहराइच-शंंािसंंी सीमा के पेटंोल पंपों पर भीड़ं लग रही है. बजसमें जंयादािर गंंाहक पेटंोल की िसंकरी में लगे हैं. इसमें करना कुछ नहीं है,िस नेपाल से गाड़ंी लेकर बिना रोकटोक के पेटंोल पंप पर आना है. यहां से टंकी भरकर 67 रंपये पंंबि लीटर का पेटंोल नेपाल में 400 रंपये पंंबि लीटर के दाम पर िेच देना है. इसमेंिाइक सिाल कई चकंंर लगाकर कमाई करने में लगे हैं. आमिौर पर एक िाइक सिार एक बदन मेंिीन चकंंर लगािा है. इस िरह उसे पांच हजार रंपये का मुनाफा बमल जािा है. इसमें पेटंोल पंप माबलकोंकी भी खूि चांदी है.
नयी दिल्ली. भारि कालाधन बिदेश में जमा करने के मामले में चौथे संथान पर है और 2004-2013 के िीच देश से 51 अरि डालर सालाना िाहर ले जाया गया है. यह िाि अमेबरका की एक बिचार संसंथा ने कही.िाबशंगटन की एक अनुसंधान और सलाहकार संसंथान गंलोिल बफनांशल इंटेबंगटी (जीएफआई) ने अपनी बरपोटंग के मुिाबिक भारि का रकंंा िजट 50 अरि डालर से कम का है. चीन सालाना 139अरि डालर की बनकासी के साथ इस सूची मेंशीषंगपर है. बजसके िाद रंस (104 अरि डालर सालाना) और मेकंकसको (52.8 अरि डालर सालाना) का संथान है. बरपोटंगमेंकहा गया बक 2013 के दौरान बिकासशील और उभरिी अथंवग यं िसंथाओंमें गैरकानूनी धन, कर चोरी, अपराध, भंंषंाचार और अनंय गैरकानूनी गबिबिबधयों से पैदा बरकाडंग 1,100 अरि डालर
कालाधन बिदेश मेंजमा बकया गया. बरपोटंग में 2013 िक के आंकड़ंे उपलबंध हैं.जीएफआई के अनुमान के मुिाबिक कुल बमलाकर 2004-2013 िक के दशक के दौरान भारि से510 अरि डालर की राबश िाहर गयी है. जिबक चीन से 1,390 अरि डालर और रंस से 1,000अरि डालर कालाधन बिदेश गया है.
बजले के कुल 3380 संकूलों में से 239 में हेडमासंटर की दरकार है. सिसे अबधक बिडंिना है बक छिरपुर बजले के 219 संकल ू ों मेंबशकंंक ही नहींहैं. इसमें124 माधंयबमक और 95 पंंाथबमक शालाएं हैं. अनुमान लगाया जा सकिा है बक सागर संभाग के करीि आठ सौ से जंयादा संकूलोंमेंबशकंंक ही नहींहै. संकूलों के भिनों की हालि भी िहुि अचंछी नहींहैं. इनके आंकड़ंेभी बचंिाजनक हैं. सागर संभाग के पांच बजलों सागर, छिरपुर, टीकमगढ, पनंना और दमोह बजले के संकूल भिनोंमेंअभी कुल 37461 कमरे हैं. जिबक बशकंंा के अबधकार कानून के िहि 54017 कमरे होने चाबहए. आंकड़ंोंके मुिाबिक 20250 कमरोंकी कमी से संकूल भिन जूझ रहे हैं. ऐसे मेंिचंंोंकी पढ़ंाई पर असर पड़ंना लाजमी है. कई संकूल बिना भिनोंके ही चल रहे हैं. दमोह बजले में51 संकूल बिना भिन के हैं. सागर संभाग के पांच बजलों में कुल 9112 पंंाथबमक, 3596 माधंयबमक, 409 हायर सेकेंडंी और 382 हाईसंकूल है.
शीत कालीन सत्् से क्यो् भाग रही है सरकार- भाजपा लखनऊ. समाजिादी पाटंंी की सरकार दंंारा शीि सतंं संथबगि करने की मंशा पंंकट करने का भारिीय जनिा पाटंंी ने बिरोध बकया है. भाजपा पंंदेश अधंयकंं डा लकंंमीकांि िाजपेयी ने कहा बक सामनंयि पंंतंयेक िषंगमेंिीन सतंंकराना बनयम भी है और परमंपरा भी है. यदंंबप पहले भी दो सतंं हुये है बकनंिु सिंाबग धक सीबटंग एिं सतंंकरने का दािा करने िाली समाजिादी पाटंंी बिधानसभा का शीि कालीन सतंंिुलाने से कंयोंभाग रही है? डा0 िाजपेयी ने कहा बक सरकार राजसंि संबहिा अधंयादेश लाना चाहिी है. 1977 मेंराजसंि संबहिा बिधेयक आया था बजस पर सदन की सहमबि नहींिनी थी और िह पंंिर सबमबि को सुपुदंगहुआ था बजसकी बरपोटंग भी आ गयी थी. िि इिने समय से लकंमिि बिधेयक की यबद अबनिायंगिा और बशघंंिा है.िो सरकार बिधानसभा का शीि सतंं िुलाकर पास करिाने के िजाये अधंयादेश कंयोंलाना चाहिी है?
दवदहप ने कहा- मंददर वहीं बनायेंगे
अयोध्या. शौयंगबदिस के अिसर पर बिशंं बहंदू पबरषद के संिाबभमान समंमेलन में संिों और धमंागचायंंों ने एक सुर में शंंीराम जनंमभूबम पर भवंय मंबदर बनमंाण ग करने की िाि कही. संिों ने कहा बजस िरह से उनंहोंने 6 बदसंिर, 1992 को शंंीराम जनंमभूबम से मकंसजद को धंिसंंकरके भगिान रामलला के भवंय मंबदर बनमंागण की आधारबशला रखी थी. उसी िरह िह एक बदन मंबदर भी िनायेंगे. कारसेिकपुरमं में आयोबजि बहंदू संिाबभमान समंमेलन की अधंयकंंिा शंंीराम जनंमभूबम नंयास अधंयकंं महंि नृतंयगोपालदास महाराज ने की. इस अिसर पर उनंहोंने कहा मंबदर िो िहां संथाबपि हो गया है भवंयिा देनी िाकी है. ये काम जलंद ही शुरंबकया जायेगा. बहंदू समाज समय की पंंिीकंंा कर रहा है. उनंहोंने कहा भारि के पंंधानमंतंी के कंसथर होिे ही शंंीराम जनंमभूबम पर भवंय मंबदर बनमंागण की समसंया को दूर करने के बलए संिों का पंंबिबनबध मणंडल बमलेगा. उनंहोंने कहा है बक ििंगमान सरकार को िथाकबथि सेकंयूलरिादी शकंकियां अकंसथर करने में लगी हैं. उनंहोंने कहा राम मंबदर बनमंागण में िाधक िने लोग संििः ही दूर हो जायेंगे. बजस पंंकार 6 बदसंिर को ढांचा ढहाने का समय सही था. उसी िरह ये समय भी मंबदर बनमंागण के बलए अनुकूल है. लेबकन हमें अभी भी सिंगदेि अनुषंान जैसे धाबंमगक आयोजन कर दैिीय शकंकि पंंापंि करनी है. कायंगिंम के मुखंय िकंिा बिबहप केंदंीय
मंतंी राजेंदं बसंह पंकज ने कहा बिबहप संरकंंक अशोक बसंहल ने अपने जीिन में सांसंकृबिक राषंंिाद को समाबहि बकया. उसमेंअयोधंया मेंशंंीराम जनंमभूबम पर भवंय मंबदर का बनमंागण भी सकंममबलि है. उनंहोंने कहा अयोधंया मेंमंबदर बनमंागण के बलए बहंदू समाज सदैि संघषंग करिा रहा है. उनंहोंने कहा राम मंबदर बनमंाण ग बहंदू समाज की इचंछा ही नहींउनके जीिन का संकलंप भी है. बहंदू समाज कोई भी िबलदान देकर इसे पूरा करेगा. उनंहोंने कहा उजंंैन मेंबसंहसंथ कुमंभ मेंसंि एकतंंहो रहे है.ं िहींपर इसका बनणंयग होगा. उनंहोंने कहा हम सोमनाथ की िजंगपर सरकार से मांग करिे हैं बक राम जनंमभूबम पर भवंय मंबदर बनमंागण का मागंगपंंशसंंकरे. इस समंमेलन का संचालन उमाषकर बमशंंने बकया. इस अिसर पर महामंडलेशंर भगिान दास, पंंेम शंकर दास, महंि सुरेश दास, डॉ राम बिलास िेदांिी, महंि कनंहैया दास, महंि सुशील दास, महंि राम शरण दास, महंि बचनंमय दास,राजू दास, महंि रामकृषण ं दास आबद संि-धमंागचायंग और बिबहप पदाबधकारी उपकंसथि रहे.
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
रीता फतवारी
सीमाएं बमटाती एक मछली
बरशंिा जनंम-जनंमांिर का है. माछ-भाि यानी मछली-िाि कोलकाता. एक मछली के पूरे िालाि का बजिंंहोिे ही मन मेंिंगाल को गंदा करने िाली कहािि िो िहुि पुरानी और िंगाबलयों की िसंिीर है. लेबकन एक मछली ऐसी भी है जो एक पूरी उभरिी है. यह िही मछली है बजसके कौम के सामाबजक िाने-िाने और संसंकृबि िे ब मसाल संिाद के बलए िीन मेंकाफी गहरे रची-िसी है, भले ही िह कौम दो देशों की सीमाओं में कंयों न िंटी हो. इस साल पहले पंंधानमंतंी मछली को आम िोलचाल में बहलंसा और मनमोहन बसंह शाकाहार िांगंला में इबलस कहा जािा है. यूं िो यह छोड़ंने िक को िैयार हो गए थे. मूल रंप से िंगाबलयों के ओडीशा और आंधंपंंदेश मेंभी िड़ंेचाि से खाई जािी है, लेबकन पबंंशम िंगाल, बंंतपुरा बलए एक संटेटस बसंिल का और असम की िराक घाटी मेंिसे िंगाबलयों दजंाग हाबसल कर चुकी इस मछली का के बलए यह महज एक मछली नहीं, िकंलक पबंंशम िंगाल मेंसेिन देश की आजादी के इस कौम की सामाबजक-सांसक ं बृ िक अकंसमिा िाद िढ़ंा. इसकी िजह थे ितंकालीन पूिंी की पहचान है.यानी मछली िाली कहािि िंगाल से यहां पहुंचने िाली िंगाली को अगर बहलंसा के संदभंग में कहना हो िो शरणाथंंी. िीन साल पहले िक िो सिकुछ कहना पड़ंेगा बक एक मछली बसफंिबदलोंही ठीक-ठाक चला. लेबकन िषंग 2012 में नहीं, अंिरराषंंीय सीमा की दूबरयों को भी िांगंलादेश ने जि से बहलंसा के बनयंागि पर बमटा सकिी है. िैसे िो यह पड़ंोसी िांगल ं देश पािंदी लगा दी िि से एक आम िंगाली की की राषंंीय मछली है. लेबकन इसके मूल में बदनचयंाग और खानपान की आदिें भी िदल िंगाली ही हैं. यानी बहलंसा से िंगाबलयों का गई हैं.
बक डेढ़ं से दो बकलो िजन िाली बहलंसा सिसे अचंछी होिी है. लेबकन इनकी कीमि एक हजार रंपए बकलो से भी जंयादा होिी है और आपको इसके बलए पहले से बििेंिाओं को आडंगर देना होिा है. िंगाली बहंदू पबरिारों में बहलंसा के बिना कोई भी शुभ काम पूरा नहीं होिा. िह चाहे शादी-बििाह का मौका हो या बफर बकसी पूजा िैसे िो बहलंसा का सेिन ओडीशा, या तंयोहार का. िंगाली पबरिार िो बंंतपुरा, असम, आंधं पंंदेश और बमजोरम में अपने िांगंला नििषंग पोयला िैशाख की भी होिा है, लेबकन जो िाि िंगाल में है सुिह की शुरंआि ही बहलंसा और पांिा िह कहीं और नहीं है. शंकर छदंंनाम से भाि यानी राि भर पानी मेंबभगो कर रखे गए बलखने िाले िांगल ं ा उपनंयसाकार मबण शंकर भाि के साथ शुरं करिा है. शादी के मौके मुखजंंी ििािे हैं बक पहले आम िंगाली पर िर पकंं की ओर से िधू पकंं को इबलस पबरिार में बहलंसा खाना और घर आने का जोड़ंा उपहार बदए बिना िाि ही नहीं िाले अबिबथयों को बखलाना शान की िाि िनिी. हालांबक महंगाई की मार से अि समझी जािी थी. लेबकन अि दूसरों को इसकी जगह रोहू मछली ले रही है. बहलंसा बखलाना महंगा सौदा हो गया है. िे ििािे हैं िैसे िो िंगाल की खाड़ंी मेंभी पाई जािी है.
लेबकन समुदंी बहलंसा उिनी संिाबदषंं नहीं होिी बजिनी नदी िाली बहलंसा. यहां गंगा में भी बहलंसा बमलिी है. लेबकन िांगल ं ादेश कंसथि पदंंा नदी की बहलंसा का संिाद सिसे िेजोड़ं होिा है. बहलंसा की एक खाबसयि यह भी है बक यह रहे भले समुदं के खारे पानी में, लेबकन अंडे नदी के मीठे पानी मेंही देिी है. अंडे देने के िाद अपने िचंंों के साथ यह बफर समुदं की गहराइयों में लौट जािी है. बहलंसा की कीमि उसके साइज से िय होिी है. बजिनी िड़ंी मछली, उिनी ही जंयादा कीमि. बहलंसा एक िैलीय मछली है. इसमें ओमेगा 3 फैटी एबसड भरपूर मातंंा मेंहोिा है. िंगाली लोग इस मछली को पचास से भी जंयादा िरीकों से पका सकिे हैं और हर वंयंजन का संिाद एक से िढ़ं कर एक होिा है. कोलकािा के बिबभनंन होटलोंऔर रेसंरां में िांगंला नििषंग और दुगंागपूजा के मौके पर आयोबजि बहलंसा महोतंसिोंमेंउमड़ंने िाली भीड़ं से इसकी लोकबंंपयिा का अंदाजा बमलिा है.
सिी दा जवाब िही्
नचंनतत है् सुशांत नसंह राजपूत
करीिा को करिी है एक्शि निल्म
क््ास बॅार्डर लवस्टोरी कर रहे अभय
सनी देओल की एनजंंी का कोई जिाि नहीं. सचमुच उनकी सबंंियिा देखिे ही िनिी है. एक िो िे घायल िंस अगेन के पंंदशंगन की िैयारी कर रहे हैं, दूसरे िे अपने िड़ंेिेटे करण देओल को लेकर एक बफलंम लांच करने की योजना भी िना रहे हैं. हालांबक करण की बफलंम का बनदंंेशन कौन करेगा, इसकी जानकारी अभी नहीं दी गयी है. हां, बफलंम पंंोडकंशन हाउस िय है. िे हम पंंोडकंशन की बफलंम से ही लांच होंगें. सनी की पंलाबनंग है बक घायल िंस अगेन की बरलीज के िाद िे करण की बफलंम पर धंयान
केंबंदि करेंगे. इधर िे करण को एकंकटंग संिंधी जरंरी टंंेबनंग भी बदलिा रहे हैं. खिर िो यहां िक है बक करण ने घायल िंस अगेन की मेबकंग मेंअपने बपिा को अबससंट बकया है. लंदन में पले-िढ़ंे करण के बलए िॅालीिुड की जमीन थोड़ंी रपटीली है. इसबलए सनी ने उनंहें सखंि बहदायि दी थी बक िे बफलंम बनमंागण से संिंबधि हर िारीकी पर गौर करे.ं इससे उनंहेंअबभनय मेंभी मदद बमलेगी. देखने की िाि होगी बक जूबनयर देओल कि परदे पर आिे हैं. - हदर मृिुल
करीना कपूर ने यह कह कर अपने पंंशंसकोंको चौंका बदया है बक उनंहेंअि एक धांसू एकंशन बफलंम मेंकाम करना है. इस बफलंम के बलए उनंहेंमाशंगल आटंगकी बिशेष टंंेबनंग भी लेनी पड़ंे, िि भी कोई बदकंंि की िाि नहीं. करीना ने इस िाि का खुलासा नहीं बकया है बक उनके मन मेंएकंशन बफलंम करने की िीवंंइचंछा आबखर कंयोंजगी? हालांबक इस मामले मेंजानकारोंका मानना है बक िजरंगी भाईजान ने ही उनंहेंऐसे बकरदार के बलए पंंेबरि बकया होगा. बजस िरह उनकी बफलंम िजरंगी भाईजान को दशंगकोंका पंयार बमला है, िेिो की कलंपनाशीलिा जाग उठी है. िो कंया िे लेडी सलमान खान िनना चाहिी हैं? बफलहाल िो करीना ने बसफंिएक इशारा भर बकया है. शायद बकसी बफलंमकार के पास ऐसी संबंिपंट िैयार है, बजसमें हीरोइन के बलए एकंशन सीन है. खैर, अि यह देखना बदलचसंप होगा बक उनके साथ बकस बफलंमकार को काम करने का मौका बमलिा है? यह भी सच है बक शादी के िाद अि िे पहले जैसी हॅाट नहींरहीं. पिा नहींएकंशन दृशंयों मेंिे बकिनी जम पायेंगी!
इन बदनोंसुशांि बसंह राजपूि काफी बचंबिि नजर आ रहे है.ं एक िो बफलंम हॉफ गलंगफेंड उनके हाथ से बनकल चुकी है. इधर सुशांि की नयी टेंशन है आगामी बफलंम एमएस धोनी-द अनटोलंड संटोरी. इस बफलंम मेंअि बनधंागबरि िजट से जंयादा रंपये लगने की िाि की जा रही है. िजट िढ़ंने से बनमंागिा का रंख िदल चुका है. खचंंेके संंर पर कटौिी करने की िाि सामने आ रही है. असल में बजस कलेिर की यह बफलंम है, उसके बनमंागण मेंिजट िढ़ंना लाबजमी है. लेबकन बदकंंि की िाि यह है बक इस बफलंम के बनमंागिा इस िाि को समझने के बलए िैयार नहींहैं. बनमंागिा ने साफ कह बदया है बक िजट को संिुबलि रखना उनके बलए िहुि जरंरी है. भले ही इसके बलए समझौिा करना पड़ं.े कहने की जरंरि नहींहै बक ऐसे मेंसुशांि टेंशन मेंआ चुके हैं. धोनी जैसी सखंबसयि पर बफलंम िनाने के बलए िो खुलकर खचंाग करना ही पड़ंेगा. िभी िह एक िड़ंी बफलंम िन सकिी है. सच िो यह है बक बकसी भी बकसंम का समझौिा बफलंम में नेगेबटि असर डाल सकिा है. ऐसे में सुशांि को डर है बक कहीं पंंोडंंूसर और डायरेकंटर की िनािनी न िढ़ंजाये. अगर ऐसा हुआ, िो बफलंम िनने मेंवंयिधान आ सकिा है.
अि अभय देओल लौट आये हैं. इधर कुछ समय से िे िॅालीिुड मे बदखाई नहींदे रहे थे. बफलंमी गबलयारोंमेंउनके नाम की कोई चचंाग नहींथी. बपछले साल अभय ने एक बफलंम पंंोडंंूस की थी. जो िुरी िरह फंलॅाप हो गयी थी. इसके िाद ही उनंहोंने िॅालीिुड से दूरी िना ली थी. इस िीच खिर आयी बक पंंोडंंूसर िनने से उनंहेंकरोड़ंोंकी चपि लगी है, इसबलए िे बडपंंेशन मेंहैं. लेबकन अि खिर यह है बक िे बफलंम हैपंपी भाग जायेगी की शूबटंग में वंयसंि हैं. यह बफलंम िनु िेडंस मनु बरटनं्स ग जैसी डेढ़ं सौ करोड़ंी सुपर बहट बफलंम देने िाले बनदंंेशक आनंद एल राय के िैनर की है. हालांबक इस बफलंम का बनदंंेशन आनंद राय खुद नहीं कर रहे हैं. इस काम की बजमंमेदारी उनंहोंने नये बनदंंेशक मुदसंसर अजीज को सौंपी है. हैपंपी भाग जायेगी में अभय के साथ डायना पेंटी की जोड़ंी िनायी गयी है. इसमें ि्ंास िॅाडंगर लि संटोरी है. यानी यह बफलंम बहंदुसंानी लड़ंके और पाबकसंंानी लड़ंकी के पंंेम पर आधाबरि है. इस बफलंम की शूबटंग अमृिसर, चंडीगढ़ं और कुछ दूसरे शहरों में होनी िय हो चुकी है. सिसे िड़ंी िाि यह बक इसे पाबकसंंान में भी बफलंमाया जायेगा. हालांबक बफलंम की यूबनट पाबकसंंान कि जायेगी, इसकी अभी जानकारी नहींदी जा रही है.
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
अंबरीश कुमार
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दीव की वह तूफानी रात
रा
ि करीि नौ िजे यहां का मौसम संथानीय लोगों की भाषा में िंराि हो गया जो हमारे जैसे सैलाबनयों के बलए सुहाना था. खासकर बदन में गीर के जंगल में िपिी धूप से परेशान होकर लौटने की िजह से. गरमी की िजह से जंगल से जलंद लौटने के िाद दीि के डाक िंगले के कमरे में जो गये िो राि आठ िजे बडनर का िुलािा आने पर ही बनकले. िाहर कड़ंकिी बिजली के िीच अरि सागर की लहरें लग रहीं थी बक कमरे िक आ जायेंगी. दीि का यह भवंय डाक िंगला जो मुखयं सबंकटि हाउस कहलािा है जालंधर िीच पर िना है. करीि एक बकलोमीटर लंिी सड़क समुदं के साथ चलिी है. सड़क जहां पर ितंम होिी है िहीं िायीं ओर सबंकिट-हाउस का बरसेपंशन है िो दायीं ओर सड़क िक आिी अरि सागर की लहरें. एक कूड़ेदान कपपंलेट के आकार मेंिना है जो सभी का धंयान खींचिा है. दीि के िटीय इलाके के एक कोने मेंकरीि बकलोमीटर भर का यह समुदं िट इस डाक िंगले के अबधकार कंंेतं में आिा है जहां आम लोगोंकी आिाजाही नहीं होिी. इसबलए शाम और सुिह डाक िंगले मेंठहरे कुछ लोग इस िट पर नजर आिे हैं या बफर समुदंपर उड़िे पबरंदे जो डाक िंगले के पबरसर में नाबरयल के छोटे से जंगल के पेड़ोंपर आिे रहिे है.ं बदन भले कुछ गमंगरहा हो पर राि मेंमौसम िदलने के िाद हलंकी ठंड महसूस हो रही थी. भोजन-ककंं में अकेले हम ही लोग थे देर से खाने िाले. आबसफ जि सुिह ही राि के खाने का मीनू पूछ रहा था िो हम थोड़ा चौंके भी कंयोंबक अभी राि में िहुि समय था. िि उसने ििाया बक दीि मेंसबंजी से लेकर मछली का िाजार सुिह आठ-नौ िजे लगिा है और बदन में िारह-एक िजे िंद हो जािा है, उसके िाद शाम को नहीं खुलिा. सामानंय िाजार भी कई शहरोंकी िरह बदन मेंखाने के समय में िंद हो जािा है. ऐसे में अगर मछली, झींगा या लोिसंटर का कोई वंयंजन खाना हो िो पहले ििाना होिा है. समुदंी वंयंजन के बलए ये खानसामा िाजा मछली झींगा लािे है. मैंने दो लोगोंके बलए संथानीय मछली लाने को िोला, कंयोंबक िाकी दो
यानी सबििा और आकाश शाकाहारी है. राि पान की दूकान िक न बमले. भी. पुिंगगाबलयों के बकले, चचंग और अनंय यह दीि पुिंगगाबलयों का उपबनिेश था. बनमंागण आज भी दीि में है. पर अि कोई के खाने में ये बमला भी और िहुि ही संिाबदषंं िनाया था. आबसफ से िनाने का दीि शहर की िरफ जािे ही सेंट पॉल चचंग पुिंगगाली नहीं िचा है. सभी पुिंगगाल लौट िरीका पूछा और बफर िरसाि देखने समुदं रासंंे में पड़ंिा है. सतंंहिीं शिाबंदी की चुके है.ं गोिा,दमन और दीि की आजादी के के सामने आ गये. लहरें पास िक आ रहीं शुरंआि में िने इस चचंग को पूरे होने में िाद पुिंगगाल ने सभी को िीजा देकर िुला थींऔर िौछार से अि काफी भीग चुके थे. करीि दस साल लगा. पुिगगं ाबलयोंने जो चचंग बलया. अपिाद है िो गोिा, जहां कुछ लेबकन िरसाि और समुदंकी िढ़िी लहरों यहां िनिायेंउनमेंइस चचंगको सिसे भवंय पुिंगगाली पबरिार अभी भी हैं. जि िक के सामने से हटने का मन नहीं था. ििाया माना जािा है. इसका िुडिकंि दुबनया के पुिंगगाली शासन रहा पुिंगगाली भाषा गया बक पूिंगराषंंपबि पंंबिभा पाबटल को यह िेहिरीन िंंाफंट िकंसंग में है. इसके पास ही अबभजातंय िगंग की भाषा रही, पर आज भी जगह इिनी पसंद थी बक िे हर साल नये िषंग सेंट थॉमस चचंग है जो अि मंयूबजयम में कुछ पबरिार पुिंगगाली भाषा िोलिे नजर आ पर हफंिा भर यही रंकिी थी. ितंकालीन िदल चुका है. मंयूबजयम में दीि पर राज जायेंगे. लेबकन खानपान और संसंकृबि पर चीफ इंजीबनयर आरएन बसंह ने यह करने िाले िमाम शासकों और उनके दौर पुिंगगाली जो असर छोड़ं गये िह आज भी जानकारी दी जो अि िहां से खजुराहो जा के िंंाफंट के नमूने हैं. दीि का एक और िरकरार है. शाम को खानसामा ने जो आकषंगण सी-शेल मंयूबजयम है. बजसे मचंंेट सुरमई मछली और बकंग पंंान परोसे िह भी चुके हैं. यह डाक िंगला भी िहुि भवंय था. नेिी के एक कैपंटन ने िनाया है. यहां पुिंगगाली वंयंजन थे, जो आज भी गोिा,दमन नाबरयल के पेड़ोंसे बघरा हुआ. आम से और दीि में लोकबंंपय है. दीि में आज पाम िक और भी िहुि से पेड़ थे. बजस पुराना वकिा, िकड़ी के बेहतरीन काम भी पुिंगगाली खाना िहुि लजीज माना सूट में रंके िह दो िेडरंम का फंलैट वािे रर्ा, म्यूवजयम और पुत्ागािी जािा है. गोिा और दमन की िरह यहां जैसा था. बकचन के साथ, बजससे देर अि पुिंगगाली आिादी नहींहै. पुराने चचंग राि कॉफ़ी खुद िना ली जािी. बखड़ंकी उपवनवेश के दूसरे अवशेष. नावरयि के हैं लेिकन खानपान पर उनका असर के ठीक सामने अरि-सागर है िो िायें पेड़ो् से विरे और समुद् की गंध से भरे जरंर िचा है खासकर समुदंी वंयंजन िरफ बकले की चाहरदीिारी के अिशेष. दीव की संस्कृवत और खानपान पर अब पर. खाने मेंझींगा हो या िली हुई पामंफटंे सबंकिट-हाउस से लगा हुआ समुदंिट है मछली पुिंगगाली असर से मुकंि नहीं है. भी पुत्ागािी असर मौजूद है. जहां िचंंेसे लेकर नौजिान िक लहरों पर दीि, गोिा और दमन से काफी से खेलिे नजर आिे है. पर यहां के अलग है. गोिा शाम से ही बजस रंग में मशहूर िीच नागोिा और घोघला है.ं नागोिा िकरीिन िीन हजार शेल हैं. सीपों और रंग जािा है िह यहां नहींबमलेगा और दमन मेंिो हर समय मेला लगा रहिा है. गुजराि शंबखयोंका िना खुकरी मेमोबरयल भारिीय के मुकािले यह जगह सैलाबनयोंको जंयादा से िड़ंी संखंया मेंलोग आिे हैं. पर हम बजस नेिी के शौयंग की अनूठी बमसाल है. खुकरी पसंद आयेगी. दीि के बलए मुंिई से रोज जगह रंके थे िह पूरी िरह शांि थी. इंबडयन नेिी का एक िेज लड़ंाकू जहाज था. फंलाइट है िो टंंेन से सोमनाथ िक जाकर आसपास कोई दुकान देखने बनकले िो दो साल 1971 की लड़ंाई में इसने पाबकसंंान िहां से नबंिे बकलोमीटर के सड़क मागंग से बकलोमीटर चलने पर भी कोई ठेला ढािा या पर िमिारी की और िाद में नेिी की भी दीि पंहुचा जा सकिा है. अमदािाद से जांिाजी का पबरचय देिा हुआ 18 अफसरों भी रािभर का सफ़ंर है. नाबरयल के पेड़ंोंसे और 176 नाबिकोंसबहि समुदंमेंसमा गया. बघरे दीि का मौसम भी खुशगिार रहिा है. पुिगगं ाबलयोंका िनाया एक और बकला समुदं बदन मेंिेज धूप हो िो जरंर गरमी लगिी है. के िीच में है जो कभी फोटंसंग आफ पर शाम ढलिे ही सागर की ठंडी हिाओंमें पानीकोटा के नाम से जाना जािा था. आज िैठना अचंछा लगिा है. पानीकोठा भी कहलािा है. इस बकले में पर आज िो िरसाि और हिा कहर ढाह मोटर िोट से जाया जा सकिा है. रही थी. बरशेपंशन के सामने का लैंपपोसंट पर दीि का मुखंय बकला ही महतंिपूणंग उखड़ं कर बगर गया था, िो पयंगटन बिभाग माना जािा है बजसे साल 1535 में नुनो दे का िह कप पंलटे भी बिरछा हो गया था बजसे कुनंहा ने िनिाया था. िाद में भारि में सैलानी कूड़दंे ान की िरह इसंमंे ाल करिे है.ं पुिंगगाल के चौथे िाइसराय (1547- राि होिे िूफ़ंान और िेज हो चुका था. समुदं 1548) जोआओ दे कासंंो ने इस बकले का पूरी िाकि से गरजिा हुआ सड़ंक पर चढ़ं पुनबंनगमंागण कराया. बकले में चचंग है िो जेल आने का असफल पंंयास कर रहा था. दूर भी. जि यह बकला िना था िो एक छोटा- लाइटहाउस की रोशनी िूफ़ंान के िीच भी सा पुिगगं ाल इसमेंसमाया हुआ था. इस बकले बटमबटमा रही थी. पुराने जंमाने में यह ने कई युदंदेखे और पुिंगगाबलयोंको िचाया लाइटहाउस ही जहाजोंको जमीन का संकेि
फोरो- िसवता वम्ाट देिे थे. यह आज भी मछुिारों के छोटे जहाजों को बदशा ििािे हैं. मछुिारे भी पूरे हफंिे का राशन पानी और िफंिके कैशरोल लेकर बनकलिे है.ं यह उनकी बकसंमि पर है बक बकिनी मछबलयां बमलिी हैं. ऐसे ही एक जहाज के माबलक अयूि भाई ने कहाबकसंमि अचंछी हो िो दो िीन लाख की मछबलयां बमल जायेंगी. िरना डीजल और राशन पानी का भी खचंग नहीं बनकल पािा. गोिा, दमन की िरह दीि भी मछुआरों का गांि रहा है. एक िड़ंी आिादी आज भी इस पर बनभंगर है. ये जि समुदंमेंबनकलिे हैंिो खाने का सामान खासकर परंपरागि पुिंगगाली मसाला भी साथ रहिा है. मछली िो िाजा बमल जािी हैं जो जहाज पर ही संटोप या गैस के छोटे चूलहं े पर िना ली जािी है. चािल के साथ मछली से पूरा खाना हो जािा है. यह एक दो नहींमछुआरोंकी एक िड़ी आिादी की बदनचयंाग है . अंधेरा छािे ही लाउंज के सामने रोशनी हो गयी और समुदंिट के बकनारे िनी सड़ंक जो िरसाि से भीगी हुई थी चमकने लगी. आसमान मेंकाले िादल बघरे हुए थे. थोड़ंी देर पर बिजली कौंध जािी िो दूर िक समुदं की लहरेंबदख जािी. एक युिक जो शाम से ही मछली पकड़ंने की कबटया डाले हुए था िह एक िड़ंी मछली पकड़ंने के िाद िापस आिा बदखा. िाबरश की िजह से आज िहुि कम सैलानी समुदंिट पर नजर आ रहे थे, लहरें भी इिनी आिंंामक थी बक पानी में उिरने पर डर लग रहा था. मोटरसाइकल पर कुछ जोड़ंेजरंर भीगिे हुए गुजर रहे थे. बिन मौसम िरसाि का मजा भी अलग है. शाम को िंदर चौक से पानी के छोटे जहाज से एक चकंरं लगाने का कायंि ग मं भी चौपट हो चुका था. िीच पर इस मौसम मेंजाने का सिाल ही नहीं उठिा. बलहाजा िाबरश के हलंके होिे ही समुदं के बकनारे सीमेंट की कुसंी पर हम जम गये और लहरोंको देखने लगे. एक लहर आिी और बकनारे पहुच ं िे ही बिखर जािी. िभी दूसरी लहर और िेग से आ जािी, यह बसलबसला जारी रहिा. दूर समुदं में जहाज की रोशनी जरंर धंयान खींचिी. दायीं िरफ एक टापू रोशनी से जगमगा रहा था. दीि एक दंंीप है बजसके आसपास कुछ और छोटे दंंीप जैसे टापू िन गये हैं.
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11 दिसंबर-17 दिसंबर 2015
दवा ने ली चालीस की िौशनी
पूजा फसंह
भोपाल. पंंदेश के िड़ंिानी बजला असंपिाल में मोबियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान खराि दिा के इसंंेमाल की िजह से 40 से अबधक लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने के िाद राजंय सरकार ने पीबड़ंिों के बलये 5,000 रंपये की आजीिन माबसक पेंशन और घटना की उचंंसंंरीय जांच की घोषणा कर दी है. संिंबधि दिा कंपनी पर अिीि में लगा पांच साल का पंंबििंध सुबंखगयोंमेंहै िहींकांगंेस ने इसे दिा खरीद घोटाले कह रही है लेबकन वंयापम घोटाले के कंवहसलबंलोअर डॉ. आनंद राय इसे भंंषंïाचार और पंंशासबनक अकंंमिा का जीिा जागिा उदाहरण ििािे हैं. डॉ. राय की िाि मायने रखिी है कंयोंबक िह खुद पेशे से नेतं बचबकतंसक (शलंय बंंिया बिशेषजंं) हैं. िह इसे पंंशाबसनक अकंंमिा का मामला मानिे हैं. डॉ. राय कहिे हैं, 'दिा कंपनी पर सिाल उठाने से काम नहीं चलेगा. हमें असल सिालो से जूझना होगा. िड़ंिानी मेंआरएल सॉलंयुशन का इसंंेमाल बकया गया कंयोंबक िह ससंंा आिा है जिबक आजकल हर जगह आंखों में िीएसएस सॉलंयुशन का पंंयोग बकया जा रहा है.िीएसएस से आंखों मेंफंगस पैदा होने की आशंका न के िरािर होिी है. रही िाि दिा की गुणितंंा की िो िह िय करना दिा बनयंतंक की बजमंमेदारी होिी है हो एक आईएएस अबधकारी होिा है. दिा खरीद का पंंभारी भी एक आईएएस अबधकारी होिा है और बजला अंधिा बनयंतंण सोसाइटी (डीिीसीएस) का चेयरपसंगन भी एक आईएएस अबधकारी ही होिा है.' मधंय पंंदेश में डीिीसीएस मोबियाबिंद के हर ऑपरेशन पर 1,000 रंपये देिी है जिबक छतंंीसगढ़ंमेंयह राबश 7,000 रंपये है. यह राबश संियंसेिी संगठनों के जबरये खचंग होिा है. सामाबजक कायंगकिंाग चिुरेश
मनोज ठाकुर
ििािे हैंबक इस 1,000 रंपये मेंभी अचंछी खासी राबश का गिन हो जािा है. बदशाबनदंंेशोंकी िाि करेंिो मोबियाबिंद का ऑपरेशन बशबिरों में बकया ही नहीं जाना चाबहए. िहां केिल मरीजों की संिंीबनंग काम बकया जाना चाबहये. बकसी भी िरह की शलंय बचबकतंसा असंपिाल या मेबडकल कॉलेज में ही होनी चाबहये. इिना ही नहीं डॉ. राय कहिे हैं बक मोबियाबिंद का ऑपरेशन कोई आपािकालीन ऑपरेशन नहीं है बफर इसे बशबिर लगाकर थोक में बनपटाने की कंया जरंरि है? इसके बलये िो महीनोंिाद की िारीख भी दी जा सकिी है. ऑपरेशन ककंंका भी हर 15 बदन मेंकलंचर टेसंट होना चाबहये िाबक िहां बकसी िरह के संिंमण का पिा लगाया जा सके. डॉ. राय इन ऑपरेशनोंके बलये टारगेट िय करने के औबचतंय पर भी सिाल उठािे हैं. उनका कहना है बक ऐसे ऑपरेशनों में हड़ंिड़ंी और अवंयिसंथा से ऐसी घटनायें घटिी हैं. उधर, पंंदेश कांगंेस पंंिकंिा के के बमशंंने पंंदेश के संिासंथंय मंतंी नरोतंंम बमशंं पर दिा कंपबनयों से सांठगांठ रखने और कंपबनयों दंंारा ऊंची कीमि पर अपनी दिा िेचने का गंभीर आरोप लगाया है. उनका कहना है, 'िड़ंिानी मामला इस िाि का उदाहरण है बक राजंय में भंंषंाचार बकस कदर हािी है. वंयापम और डीमैट घोटाले के िाद अि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. यहां दांि पर आम आदमी की जान ही लगी है.' दरअसल बजस दिा 'आईिाश' के इसंमंे ाल से यह तंंासदी घटी है उसे इंदौर की दिा कंपनी िैरल दंंारा िनाया जािा है. जानकारी के मुिाबिक इस कंपनी को काली सूची मेंडाल बदया गया था लेबकन पंंबििंध समापंि होिे ही उसे 12 करोड़ंरंपये की दिा आपूबंिग का ठेका दे बदया गया. बमशंंा का आरोप है बक संिासंथंय मंतंी के बनदंंेश पर बनयमों को बशबथल करके इस कंपनी को यह ठेका बदया गया और इसकी उचंंसंरीय जांच होनी चाबहये.
बादरश से नहीं आ रहे सैलानी
कुमार प््शांत
पे
ऊटी. राजंय के कई इलाकों में भारी िाबरश होने की िजह से सैलाबनयों की संखंया में कमी आयी है. अबधकाबरक सूतंों के मुिाबिक बंंिसमस और नये साल पर यहां बिशेषकर उतंंर भारि से जंयादा संखंया में सैलानी आिे थे. पर िीिे बदनों पयंगटकों की संखंया मेंबगरािट आयी है. बजले के कुछ अनंय भागों में भारी िाबरश से सड़कों पर यािायाि िाबधि हो गया है. ऐसे में जो सैलानी यहां ठंडी में नये साल का जशंन मनाने आिे थे. िह इस िार हो सकिा न आ पायें. अबधकाबरयों का कहना है बक भारी िाबरश से कई जगहोंपर रासंंेिंद हो गयेंहैं. फायर और रेसंकंयू बिभाग रासंंोंमेंबगरे पेड़ों को हटाने मेंलगा हुआ है. ऊटी- कुनूर रोड और गुदालुर रोड के रासंंेभी करीि घंटे भर से जंयादा देर िक िंद थे. सिसे जंयादा िाबरश िीिे गुरंिार नीलबगरी के कोडनाडू में36 बममी दजंगकी गयी. इसके िाद कटंंी में 26.4 बममी और उटी में44 बममी िाबरश हुई.
भाजपा के िाथ इनेलो क्यो् खड़ी?
पास शराि िेचने का लाइसेंस होिा है. यहां से ही शराि लाइसेंसी ठेके पर जािी है. चंडीगढ़. हबरयाणा के संिासंथंय मंतंी लेबकन एनिन की कमाई मेंएक िड़ा बहसंसा अबनल बिज के साथ जुिान लड़ाने पर उस शराि का भी होिा है जो लाइसेंसी ठेके फिेहािाद एसपी पद से हटाई गयी संगीिा की िजाय शराि माबफया के माधंयम से काबलया के मामले मेंपंंदेश के पंंमुख कंंेतंीय बिकिी है. रबिया में नशे के बखलाफ काम दल इंबडयन नेशनल लोकदल ने सही कर रहा एनजीओ शकंकि के अधंयकंं संिोष ठहराया. इनेलो ने संिासंथयं मंतंी अबनल बिज बसंह ििािे हैंबक यह एलिन से शराि लेकर को सही ििाया. हर मुदंे पर भाजपा को घेरने गांिोंमेंखुदंोंपर बिकिी है. कंयोंबक एसपी ने िाली इनेलो का यह यूटनंगकंयों? यह सिाल शराि माबफया की नकेल कस दी थी. ऐसे में िड़ा था. लेबकन इसका िाबजि जिाि नहीं शराि के कारोिारी एसपी से नाराज थे. बमल रहा था. शुिंिार ने जि गहनिा से उनकी यहींकोबशश थी बक बकसी भी िरह से छानिीन की िो पाया बक इनेलो के इस कदम एसपी यहां से िदल जाये. इसकी िजह रही के पीछे कोई राजनीबि िजह नहीं शराि के बक एसपी ने शराि माबफया पर नकेल कसने मेंकोई कसर नहींछोड़ रखी थी. बसंह कहिे धंधे की मजिूरी है. फिेहािाद में शराि के कारोिार में हैंबक गांिोंमेंबिकने िाली अिैध शराि के इनेलो के दो बिधायकों की िड़ंी बहसंसेदारी धंधे को कुछ िीजेपी के संथानीय लीडर है. िे एलिन चलािे हैं. यह िह दुकान होिी संचाबलि करिे हैं. पंजाि की सीमा के साथ लगने िाले इस है जो शराि के थोक बििेंिा होिे हैं. इनके RNI- DELHIN/2008/ 24781
पेनरस मे् परेशाि हम
बजले के कई गांिों की सीमा िो सीधे सीधे पंजाि में लगिी है. यहीं िजह है बक यहां सूखा नशा, पोसंंऔर अफीम की िड़े पैमाने पर िसंकरी है. इसके साथ ही डंंग और मेबडकल नशे का भी यहां लंिा चौड़ा कारोिार है. एसपी पद पर रहिे हुए संगीिा काबलया ने यहां नशे पर रोक लगाने के बलए कोई कसर नहीं छोड़ी थी. कागजों में दजंग मुकदमे उनकी कायंगपंणाली को सही साबिि करने के बलए काफी है. संगीिा काबलया जि यहां की एसपी थी िो उनके दस माह के कायंगकाल मेंयहां 2500 केस अिैध शराि समेि नशीले पदाथंगिेचने के दजंगबकये गये. बजसमें1384 लोगोंको नामजद बकया गया. 202 लोगों का एनडीपीसी एकंट में पकड़ा गया. 29065 िोिल अिैध शराि 15198 इंबडयन मेड शराि पकड़ी. यानी एसपी ने शराि माबफया की नकेल कसने में कोई कसर नहींछोड़ी थी.
बरस मेंसभी अपनी िाि कहने आये थे. कही और चले गये! हमारे हाथ कंया लगा ? कुछ िैसी ठकुरसुहाबियां जो पहले िो सुनने मेंभली भी लगिी थीं, अि न भली लगिी हैं, न अथंगपूणंग! अि ये कहने िालों का नकलीपन उजागर करिी है. आज खिरा यह नहींहै बक जलिायु, रोग, मृतयं -ु युकिं हो गयी है. िो उसे कैसे िचायें! अि खिरे का आलम यह बक हम कैसे िचें? मानि जाबि अपने अबंंसतंि पर आये संकट से जूझ रही है? लेबकन कंया यह सच भी है? हम उससे अंबिम हद िक जूझने को िैयार हैं? अगर ऐसा होिा िो यह कैसे होिा बक पेबरस एक बदन की उपकंसथबि के बलए आये अमरीकी राषंंपबि के रखरखाि पर 20 लाख डॉलर का खचंग बकया जािा है? खिरा यह है बक आज भी हमारी बचंिाओंका हमारे जीिन से कोई मेल नहींहै. 175 देशोंके पंंबिबनबधयों ने बजस पेबरस में जमा हो कर जलिायु पर इिना सर धुना, उनंहोंने ही इसी अिबध में पेबरस की जलिायु मेंऔर उस रासंंेदुबनया की जलिायु में3 लाख टन कािंगन और भी भर बदया ! हमें कोई ििाये बक पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी की पेबरस यातंंा पर बकिना खचंग आया, कंयोंबक जलिायु अगर िोल सकिी िो हमें ििािी बक उनका िहां ना जाना उसे ससंंा पड़िा ! हमारे पंंधानमंतंी सबहि हर राषंंाधंयकंं कह रहा है बक जलिायु की बगरािट पंंाबणमातंं के अबंस ं तंि पर संकट खड़ंा कर रही है. लेबकन इसी सांस मेंहर कोई यह भी कह रहा है बक इस बगरािट को रोकने की बजमंमेिारी हम ही कंयोंउठाएं? बिकास एक ऐसा देििा िना बदया गया है बक बजसकी िेदी पर संसार की िबल चढ़ाने से कोई पीछे हटने को िैयार नहीं है. सि उंगली उठािे हैं बक आपने कभी इस देििा की आराधना मेंसभी का दोहन कर, िह संपनंनिा हाबसल की है. जो आज हम सिको बिपनंन िना रही है ! पबंंशमी देशों के आका मुलंकों से सि पूछिे हैं बक आपने िो सुख-समृबंद का बशखर छू बलया है बफर हमें कंयों रोकिे हैं? न सिाल पूछने िाला ईमानदार है, न जिाि देने िाला ! अगर ऐसी कोई ईमानदारी होिी िो ओिामा कहिे बक हमने जो बकया, उसे फेर सकना िो संभि नहींहै. लेबकन आज से अमरीकी जीिन शैली में िे सारे पबरििंगन आप देख सकेंगे बजनके कारण जलिायु को जल और िायु दोनों के बलए बिकल होना पड़ं रहा है. अि आगे से ओिामा बिशेष बिमान मेंअपना अनािशंयक काबफला लेकर नहींचलेंगे. सारे राषंंाधंयकंंयाद रखेंबक हर उड़ंने, दौड़ंनें और िैरने िाली मशीनें जलिायु के फेंफड़ंों पर आघाि करिी हैं. आप यह याद रखेंगे िो आपकी नौकरशाही को भी याद रखना ही पड़ंेगा. आप दोनों के संंर पर यह होने लगेगा िो समाज जलंदी ही िही सीखने लगेगा. लेबकन कंया ओिामा, ओलांद,े माकंल ंे या ऐसे ही राषंंाधंयकंंोंमेंसे
बकसी ने ऐसी कोई िाि कही? बकसी ने सुनी? उनंहोंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा. पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी या दूसरे भी बकसी ने यह कहा बक यूरोप और अमरीका जैसे मुलंकोंने कंया बकया और कंया करेंगे, इसकी जांच-पड़िाल िो हम करिे ही रहेंगे. लेबकन हम उन जैसा अि आगे कुछ नहीं करेंगे, इसकी जांच-पड़ंिाल िो हम करिे ही रहेंगे लेबकन हम उन जैसा अि आगे कुछ नहीं करेंगे. कंयोंबक जो जलिायु का बिनाश करे िह बिकास हो ही कैसे सकिा है. हमें बिकास की पबरभाषा भी और उसकी कसौटी भी िदलनी पड़ंेगी. कई लेन की सड़ंकेंनहीं उन पर चलने िाला इंसान, उसका समाज और उसका पयंागिरण ही बिकास की एक मातंंकसौटी है. सारे संसार को यह समझने की जरंरि है बक यहां बकसी को भी, बफर चाहे िह इंसान हो या कोई दूसरा पंंाणी, बकसी को भी गरीिी और अभाि रहने की लाचारी नहीं होनी चाबहए. लेबकन लाचारी है और िह यह है बक हमारे बिकास-दानि ने हमसे दूसरे बिकलंप छीन ही बलये हैं. उसकी आराधना में हमने अपना सिंसग िं बनछािर कर बदया है. हम याद ही नहींरखिे हैंबक नबदयोंको अगर उनके िहाि का पूरा पानी नहींबमलिा है. िो नबदयों की गरीिी भी हमारी ही बचंिा और योजना का बिषय है. नबदयों को पानी नहीं बमलने का मिलि है पूरे पयंागिरण को पंयासा रखना और पयंागिरण जि लंिे समय िक पंयासा रखा जािा है िि िह अपनी पंयास िैसे ही िुझािा है जैसे उसने कशंमीर में िुझाई और चेनंनई में िुझा रहा है. हम इस अिैजंाबनक बिजंंान की जकड़ं से िाहर बनकलें बक जलिायु जैसे बक नबदयां, पहाड़ंऔर जंगल सारी हमारी सेिा मेंखड़ंी जड़ंवंयिसंथाएं हैं बजनके साथ हम मनमानी कर सकें. पेबरस में जमा आका लोग समझें और मानें आज इससे कहीं जंयादा जरंरी यह हो चला है बक आकाओं के आका हम इसे समझें और मानें. हमें उन वंयिसंथाओं की ओर लौटना ही होगा. बजनंहें आधुबनकिा या बिकास के नाम नर हमने दुतंकार बदया था. कंयोंबक सिसे आधुबनक िकनीक और बिजंंान िह है जो कम-से-कम संसाधनोंमें अबधकाबधक जीिन को पालिा, संभलिा है. अि सिाल गरीि और अमीर देशोंका नहीं है िकंलक यह समझने का है बक हम एक ऐसे संसार मेंरहिे हैंजहां संसाधन सीबमि ही हैं. इनंहें मनचाहा िढ़ंाया नहीं जा सकिा है. बिनषंंजरंर बकया जा सकिा है. हम एकदूसरे से छीन-झपट जरंर ही सकिे हैं. लेबकन दो चान नहीं िना सकिे हैं. छीनाझपटी से गुलामी आिी है, उपबनिेशिाद आिा है, आिंककारी शासन आिा है और बफर आिंकिादी आिे हैं. हि इसे देख और भुगि रहे हैं. िेचारा फंंांस जि जलिायु बचंबिि नेिाओंकी आिभगि मेंलगा था िि भी उसके माथे से खून ही िो िह रहा था न. िो चुनाि िहुि सीबमि है, बदशा िदलो और अभी िदलो.
संितंिाबधकारी, पंंकाशक और मुदंक: कंंमिा बसंह के बलए अमर उजाला पकंबलकेशंस बलबमटेड, सी-21, 22, सेकंटर-59, नोएडा, उतंंर पंंदेश से मुबंदि एिं दूसरी मंबजल, िी-146, हबरनगर आशंंम, नयी बदलंली- 110014 से पंंकाबशि. संपादकः अंिरीश कुमार (पीआरिी अबधबनयम के िहि समाचारोंके चयन के बलए बजमंमेदार) सभी कानूनी बििादोंके बलए नंयाय कंंेतंबदलंली होगा. संपकंि: +91.8004903209, 9793677793 ईमेल: shukrawaardelhi@gmail.com