Shukrawaar newspaper 2015 medium quality

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साप्ताहिक अखबार

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वर्ष 1 अंक 1 n पृष्: 16 n 6-12 नवंबर 2015 n नयी दिल्ली n ~ 5

नीतीश-लालू ने रोका रथ

n एनडीए की नौका डूबी

बिहार, देश और दीवाली

अंबरीश कुमार

दीवाली तो मदलूली के चौबीस अकबर रोड से शुरू होकर जंतर मंतर होते हुए देश के कई महसूसोू मेू आज ही शुरू हो गयी. सही कहा था मोदी ने इस बार मबहार दो-दो दीवाली मनायेगा. पर अब यह दीवाली महागबंधन और जनता मनायेगी. मबहार मेू मोदी के महंदुतूव का रथ लालू यादव और नीतीश ने रोक मदया. इसी मबहार मेू पचू​ूीस साल पहले लाल कृषूण आडवाणी का रथ तब ततूकालीन मुखूयमंतूी लालू पू​ूसाद यादव ने रोका था. अब मुखूयमंतूी नीतीश कुमार और लालू यादव ने मोदी के उस अशू​ूमेध के घोडे की लगाम पकड ली जो करीब डेढ साल पहले सारे देश को जीत कर राजूयोू की तरफ बढ रहा था. मबहार का चुनाव कई मलहाज से महतूवपूणूथ था. मवकास का एजंडा लेकर आगे बढ रहे पूध ू ानमंतूी नरेदू ू मोदी तक ने जामत से लेकर गाय तक के मुदूेको लेकर अपना बयान मदया. हालांमक मदलूली के चुनाव मेू भी मोदी की भाजपा को करारी हार ममली थी पर मदलूली मेू न मवकास मुदूा था और ना ही यदुवंश या गाय .यह सब मबहार चुनाव का मुदूा था. मबहार चुनाव के दौर मेू ही देश मेू बढूती असमहषूणुता के मखलाफ सामहतूयकार से लेकर मफलूम जगत के लोगोू ने अपने राषू​ूीय पुरसूकार लौटाने शुरू मकये तो उनके मखलाफ भी माहौल बनाया गया. सोशल मीमडया तक मेू मखलूली उडाई गयी. दादरी मेूजो हादसा हुआ उस पर न मसफूफपू​ूधानमंतूी नरेूदूमोदी ने चुपूपी साधी बलूलक मबहार के चुनाव का पू​ूचार दादरी की बात से ही शुरू हुआ .हद तो तब हुई जब भाजपा ने मबहार चुनाव के अंमतम दौर मेूगाय को लेकर मवजू​ूापन तक जारी कर मदया गया .हर सू​ूर पर इस चुनाव को पू​ूभामवत करने का पू​ूयास मदलूली से हुआ. मीमडया के एक तबके ने एलूजजट पोल के नाम पर जो भू​ूम फैलाया वह शमूथनाक था. लगातार यह पू​ूचार मकया गया मक नीतीश बाकी पेज 2 पर

n महागठबंधन की महारिजय

‘यह बडी मवकट लडूाई थी. एक तरफ मनी बैग था तो दूसरी तरफ मसदू​ूांत की लडूाई थी. यह नरेदू ूमोदी व अममत शाह की हार है.’ शरद यादि (जदयू सुप्ीमो)

n भाजपा तीसरे स्थान पर

कुमार का चौथी बार मुखयू मंतूी बनना तय हो गया है. जीत के बाद लालू के मनवास पर दोनोू नेता लालू- नीतीश साथ बाहर आये. लालू ने नीतीश के नेतृतूव मेू ही मबहार के मवकास की बात मफर से दुहराई और कहा मक अगली सरकार नीतीश कुमार चलाएंग.े मबहार की जनता ने इतना बडूा जनादेश मदया, इसके मलए जनता को बधाई. नीतीश कुमार को बहुत-बहुत बधाई. लालू ने यह भी कहा मक अब वे बनारस जायेूगे और वहां से पूरे देश मेू पू​ूधानमंतूी नरेूदू मोदी की पोल खोलने की शुरूआत करेूगे. लालू ने कहा मक आरजेडी-जेडीयू नहीू महागठबंधन के मजंदाबाद का नारा लगेगा. हमारे बीच लोगोू ने फूट डालने की कोमशश की, लेमकन हम महले नहीू. इन सबके बीच मबहार की जनता ने भरपूर पूयार मदया. ममहलाओूने जो उतूसाहा मदखाया उनके अरमानोू का मबहार हम बनायेूगे. लालू ने इस जीत को पू​ूदेश की जनता का आशीवूाथद बताया और कहा मक भाजपा महागबंधन को भारी जीत ममली है तो दूसरी का सूपडूा साफ हो गया. युवाओूममहलाओू, शुक्िार ब्यूरो तरफ राजग को हार का मुंह देखना पडूा है. गरीबोू, अगडूो-ू मपछडूोूका भी समथूनथ ममला. पटना मबहार मेू महागठबंधन को भारी जीत मबहार जीत का दूरगामी असर होगा. इसमेू मबहार मेू मवकास हो मफर से नीतीश ममली है. लालू- नीतीश के गठजोडू को मोदी सरकार धूवसू​ूहो जायेगी. इसके साथ कुमार हो. जनता ने इस पर अपनी मुहर लगा करीब 180 सीटोू पर जीत ममली हैू. दूसरी ही लालू ने पू​ूधानमंतूी समेत दूसरे दलोू के कर पकू​ूा कर मदया है. लालू नीतीश के तरफ राजग गठबंधन 50 सीटोू पर मसमट नेताओूके बधाई संदेश को सूवीकारा भी और महागठबंधन को दो मतहाई से भी जूयादा सीटोू गया है. मबहार मवधानसभा मेूकुल 243 सीटेू आगे की रणनीमत पर चचूाथ जलूद ही होने की पर जीत हामसल हुई है. इससे एक बार मफर हैूबहुमत के मलए 122 सीटोूकी जरूरत है. बात कही. इसके साथ ही राजद सुपूीमोू ने नीतीश कुमार को जनता ने सूवीकार कर गदू​ूी महागठबंधन को दो मतहाई से जूयादा सीटोू इस चुनाव को देश की मदशा बाकी पेज 2 पर पर मबठा मदया है. नीतीश और लालू के पर जीत हामसल हुई है. इसके साथ ही नीतीश

उर्मिलेश

‘नीतीश कुमार को बधाई उमूमीद है मक वे अगले पांच साल मेू मबहार के मवकास के मलए काम करेूगे.’ विराग पासिान (लोजपा नेता) ‘मबहार मेू मबहारी की जीत हुई और बाहरी की हार.’ शत्घ्ु न ् वसन्हा (भाजपा के असंतुष्नेता) ‘पू​ूशून हार या जीत का नहीू है. हमारी रणनीमत फेल नहीू हुई है. हम इससे सबक लेूगे.’ मुख्तार अब्बास नकिी (भाजपा प्​्िक्ता) ‘मोदी और अममत शाह का गुररू जनता ने तोडूा.’ अरविंद केजरीिाल (वदल्ली, मुख्यमंत्ी) नीतीशजी, लालूजी और उनकी समूची टीम को मुबारकबाद. सभी मबहारी भाइयोू-बहनोू को भी मुबारकूबाद. समहषूणुता की जीत और असमहषूणुता की हार हुई है.’ ममता बनज्​्ी (मुख्यमंत्ी, पव्​्िम बंग)

न जाित काम आयी न गाय

‘जंगलराज’ का पूतू ीक-पुरषू घोमषत मकया. जनादेश से साफ है मक अवाम ने लालू के मखलाफ ‘जंगलराज’ के भाजपाई ू मदया. दोनोूपहलुओूके महसाब यह लालू पू​ूसाद यादव और नीतीश कुमार के जुमले को भी कूडदूे ान मेूफेक से यह जनादे श जद(यू ) -राजद की भारी जन-सूवीकृमत का महागठबंधन को मदया गया सकारातूमक-समथूनथ का जनादेश ऐलान है . है. लोगोू ने मबहार मेू पू​ूधानमंतूी मोदी और उऩकी पाटू​ूी के चुनाव पू​ूचार के दौरान नीतीश कुमार ने कई बार कहा एजेूडे को खामरज मकया और नीतीश-लालू को अपनी मंजूरी दी. राजूय मेूशासन के मलए नीतीश को बेहतर माना. नीतीश मक महागठबंधन मबहार मेूसमावेशी मवकास यानी सामामजक कुमार बीते दस सालोूसे राजूय के मुखयू मंतूी है.ू इसके बावजूद नूयाय के साथ आमूथथक मवकास मेूयकीन करता है. यही बात उनके मखलाफ मकसी तरह की ‘एंटी-इनकंबेूसी’ का न होना लालू अपनी भाषा मेू कहते रहे. इस मायने मेू यह जनादेश बहुत बडूी राजनीमतक पमरघटना है. मबहार के लोगोूको लगा कॉरपोरेट-आमू​ूित मवकास की सोच के मखलाफ समावेशी मक सरकार चलाने के मलए नीतीश से बेहतर कोई नहीूऔर मवकास की मंजूरी भी है. कहीू न कहीू, भाजपा और मोदी सरकार के कॉरपोरेटवाद की नामंजूरी भी है. बीते लोकसभा सामामजक नूयाय के मलए लालू अब भी एक जरूरत हैू. भाजपा की तरफ से मोदी-शाह की जोडूी ने इस चुनाव चुनाव मेूमबहार की इसी जनता ने भाजपा को भारी बहुमत से मेू सवूाथमधक मनशाना लालू पू​ूसाद को बनाया. उनूहेू मजताया था. तब लालू और नीतीश अलग लडूरहे थे. उऩके

मबखराव का भाजपा को पूरा फायदा ममला. इसके अलावा जनता ने केूदूसरकार बनाने के मलए नरेूदूमोदी को वरीयता दी कूयोूमक वे कांगूेस-नीत यूपीए-2 से बेहद कू​ूुबूध थे. देश के अनूय महसूसोू की तरह तब मबहार के लोगोू को भी मोदी के ‘गुजरात मॉडल’ की बातेू सुहानी लगी थीू. लेमकन महज सतू​ूह महीने मेूमहंगाई, खासकर दालोू, अनूय खादू​ूसामगू​ूी, दवाओूआमद के दामोूमेूबढूोतरी हुई, मजस तरह संघ-पमरवार से जुडूेसंगठनोूकी तरफ से असमहषूणुता और सांपूदामयकता को बढूावा मदया गया और सरकार खुलेआम लोकतांमूतक संसूथाओूका मवकृतीकरण करती नजर आया, उसका असर समाज के हर तबके पर पडूना लामजमी था. मबहार के जनादेश मेूइन सभी पहलुओूका महसूसा है. पर असल बात है-लालूनीतीश का एक होना. लालू-नीतीश के ममलने से एक पुखूता बाकी पेज 2 पर


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6 नवंबर-12 नवंबर 2015

दाना चुग कर उड़ न जाये़ रामूवाललया!

रि​िेक कुमार नई रिल्ली

ई मदलूली. रामूवामलया तो साइबेमरया के पू​ूवासी हंस है कब दाना चुगकर उडू जाये, कुछ नहीू कहा जा सकता है. ये मटपणूणी है कांगूेस कांगूेस मवधायक बलबीर मसंह मसदू​ू की . रामूवामलया यानी बलवंत मसंह रामूवामलया मजनूहेू अमखलेश यादव ने मंमूतमंडल मेू शाममल मकया है . उनूहेू मंतूी बनते देखा तो इस संवाददाता की यादेूताजी हो गयीू. उनूहेू तब से ही जानता हूं जब उनूहोूने राषू​ूीय राजनीमत मेू पैर रखा था. वे जाने माने अकाली नेता हरचंद मसंह लोूगोवाल के काफी करीब थे जो मक अकाली दल के अधूयकू​ूव धमूथयुदूमोचूाथ के मडकूटेटर हुआ करते थे. वे अपने बचपन के मकसूसे कहामनयां सुनाते रहते थे. अकूसर शाम को मैू उनके मफरोजशाह रोड लूसथत बंगले मेू बैठकर बमूढया सूकॉच पीने और देशी मुगूे खाने का लुतूफ उठाता रहता था. तब वे इतनी भोली बातेू करते थे मक अपना मदल खोलकर ही रख देते थे. वे पंजाब की अकाली राजनीमत से कहीूजूयादा मदलूली की अकाली राजनीमत मेूरूमच लेते थे. इतने बडूे कलाकार थे मक एक बहुराषू​ूीय बैूक मेू मदलूली गुरूदूारा पू​ूबंधक कमेटी का खाता खुलवा कर उनूहोूने कनाडा मेू भैूस की डेरी चला रहे अपने बेटे को मोटा कजूथ मदलवा मदया. मंतूी बनने के बाद उनूहोूने अपने घर पर कुछ दोसू​ूोू को दावत दी. जब हम वहां पहुंचे तो देखा मक उनूहोूने अपनी कुसूी के पीठ वाले महसूसे पर अशोक की लाट की

हुए भी केदू ूीय सामामजक कलूयाण मंतूी बनवा मदया. जब उनका छह माह तक मबना सदसूय रहे मंतूी रहने का कायूथकाल समापूत ही होने वाला था तो अचानक मुलायम मसंह यादव ने उनूहेूउतू​ूर पू​ूदेश से अपने दल के पू​ूतूयाशी के रूप मेू राजूयसभा मेू मभजवा मदया. वे इंदर कुमार गुजराल की सरकार मेू भी मंतूी बने. जब यह सरकार गयी और अकामलयोूके यहां वे पहले ही तनखैया घोमषत मकये जा चुके थे तो उनूहोूने अपनी पंजाबी लोक भलाई पाटू​ूी बना डाली. इसका काम पंजाब से शादी करके मवदेश जाने वाली ममहलाओूके शोषण और दामन के मखलाफ आंदोलन छेडूना था. मवधानसभा चुनाव मेूउनकी पाटू​ूी का सफाया हो गया. एक दशक से जूयादा समय तक इधर-उधर रहने के बाद वे साल 2011 मेू अकाली दल मेू वापस लौट गये. हालांमक अगले साल होने वाले मवधानसभा चुनाव मेू पाटू​ूी की लहर के बावजूद वे चुनाव हार गये. उनूहेूपू​ूकाश मसंह बादल ने अकाली दल की कोर कमेटी मेूशाममल मकया. उनकी बेटी को मजला योजना बोडूथ का सदसूय बनाया. उनूहेू कढूाई करवा रखी थी. ‘मचयसूथ’ करने मचलूलाने लगे ‘मैू रामूवामलया केूदूीय मजन अकाली नेताओू ने सूवणूथ मंमदर से एसएएस नगर का पूभू ारी बनाया मफर भी वहां के बाद पहले इधर-उधर के मामलोू पर मंतूी’. यह कदम उनूहोूने भावना मेू बहकर मनकलकर समपूथण मकया, उनमेू वे भी अकाली दल नगर मनगम चुनाव हार गया. चचूाथ होती रही. मफर चंद पैग के बाद वे उठाया था या नशे मेू बहकर हम पता नहीू शाममल थे. वे दो बार अकाली दल की कृपा रामू व ामलया को पूरा मवशू​ूास था मक उनूहेू से लोकसभा के सांसद बने. जब केूदूमेूवीपी काफी भावुक हो गये. वह कहने लगे मक लगा पाये. उनकी एक बडूी खामसयत थी. इसकी मसंह की सरकार बनी तो उनूहोूने राम मवलास राजूयसभा का सदसूय बना मदया जायेगा. पर बचपन मेूहम चार दोसू​ूहुआ करते थे. इनमेू से तीन पांचवी के आगे पढूही नहीूसके. एक उनके डीएनए मेूबहुत गहरी पैठ हो चुकी थी. पासवान का पलूलू थामा और अपने मसख ऐसा नहीूहुआ और अब जब 2017 मेूउनूहेू टू​ूक डू​ूाइवर बन गया. दूसरा पुमलस मेू उनके मपता कवीशूरू करनैल मसंह पारस एक होने का लाभ उठाते हुए छह साल के मलए अकाली दल की हार दीवार पर मलखी नजर इंसपू के टू र बन गया. तीसरा मवदेश मेूखेती कर अचूछे ढांढी (चारण/भाट) थे. रामूवामलया राषू​ूीय अलूप संखूयक आयोग के उपाधूयकू​ू आने लगी तो उनूहोूने मुलायम मसंह का दामन थाम मलया. वे दोनोू एक दूसरे का बहुत रहा है और चौथा मैू बलवंत मसंह उनूहेूअपनी साइमकल पर बैठाकर गांव-गांव बना मदए गये. तब तक वे माकपा महासमचव हरमकशन समूमान करते हैू. कांगूेस मवधायक बलबीर रामूवामलया, भारत सरकार का केूदूीय मंतूी घुमाते थे. सतू​ूा मेूबैठे लोगोूकी वंदना करने कभी मैनू े सपने मेूभी कलूपना नहीूकी थी मक का गुण उनूहेूअपने मपता से मवरासत मेूममला मसंह सुरजीत के करीब जा चुके थे मजनूहेूउन मसंह मसदू​ू इस मामले पर कहते हैू मक एक मदन पू​ूधानमंतूी के साथ केमबनेट की था. इस 73 वषू​ूीय नेता को 1980 तक कोई मदनोूपरमानेूट पंजाब एडवाइजर टू गवनूथमेूट रामूवामलया तो साइबेमरया के पू​ूवासी हंस है मीमटंग मेूबैठा करंूगा. मफर वे अपने आपको नहीूजानता था. उनूहोूने पहले संत लोूगोवाल ऑफ इंमडया कहा जाता था. सुरजीत और कब दाना चुगकर उडूजाये, कुछ नहीूकहा रोक नहीू पाये. कुसूी पर उछलने लगे. वे का दामन थामा. आपरेशन बूलू सूटार के बाद केसरी ने उनूहेूमकसी सदन का सदसूय न होते जा सकता है.

बिहार, देश और दीवाली

रोका रथ

पेज 1 का बाकी को लालू यादव से अलग चुनाव लडना चामहए .इसके मलए भी मीमडया मेू अमभयान चलाया गया तामक यह महागठबंधन टूट जाये और लालू-नीतीश अलग हो जायेू. मुलायम मसंह यादव ने तो ऐमतहामसक भूल करते हुए इस महागठबंधन से नाता भी तोड मलया. इस सबके बावजूद लालू-नीतीश ने अपना अमभयान छोटी सभाओूके जमरये जारी रखा. पूधू ानमंतूी मोदी ने लोकसभा चुनाव की तरह न मसफूफ आकू​ूामक अमभयान चलाया बलूलक कई बार भाषा की लकू​ूमण रेखा भी लांघी .यह काम लालू यादव ने भी मकया पर वह उनकी पुरानी राजनैमतक शैली है. पर देश के पू​ूधानमंतूी से इस भाषा की उमूमीद मकसी को नहीूथी .खासकर मजस तरह का हमला लालू यादव पर मकया और आरकू​ूण के मुदूे पर एक समुदाय का हवाला मदया. बाकी चाहे साधूवी पू​ूाची ,संगीत सोम हो या मफर मगमरराज मसंह मकसी ने भी कोई कसर नहीूछोडी . भाजपा की सारी कोमशश जातीय और मजहबी गोलबंदी की थी .मोहन भागवत की आरकू​ूण को लेकर मटपूपणी हो या अनूय

पेज 1 का बाकी बदलने वाली चुनाव कहा. महागठबंधन से जीतने वाले पू​ूमुख उमूमीदवारोूमेूमहुआ से राजद सुपूीमोूलालू पूस ू ाद के बेटे तेजपूतू ाप यादव (राजद) और इमामगंज से जीतनराम मांझी शाममल है. बांकीपुर से भाजपा के नीमतन नवीन जीत चुके हैू. अलीनगर से राजद उमूमीदवार अबूदुल बारी मसदू​ूीकी ने जीत हामसल की है. मोकामा से मनदूथलीय पू​ूतूयाशी अनंत मसंह चुनाव जीत चुके है. फुलवारी से जदयू के पू​ूतूयाशी शूयाम रजक ने भी चुनाव मेू जीत दजूथ कर ली है. राजद के मवजय पू​ूकाश ने जमुई से जीत दजूथकी है. बहादुर गंज से मो. तॉसीफ आलम (कांगूेस) और भागलपुर से अमजत शमूाथ(कांगूेस ) मवजयी घोमषत हुए. महागठबंधन की जीत से देश की राजनीमत की मदशा बदलनी तय है. एक तरफ महागठबंधन को भारी जीत ममली तो दूसरी तरफ भाजपा को इन चुनावोू मेू मुंह की खानी पडूी. इस हार से पू​ूधानमंतूी का मवकास का नारा पीछे छूटता मदखा. वहीू महागठबंधन की जीत ने सुशासन बाबू का मवशू​ूास और पकू​ूा कर मदया.

नेताओू की दादरी कांड को लेकर असमहषूणुता के बेतुके बयान हो, यह सब चुनाव जीतने के हथकंडे थे. इस चुनाव मेू हर हथकंडा अपनाया गया .पू​ूधानमंतूी ने मरकॉडूथतोड सभाएं की. पर जो नतीजा आया है वह भाजपा की राजनैमतक शैली पर भी सवाल खडा करता है तो मोदी की साख पर भी. मोदी ने लोकसभा चुनाव मेू जो वादे मकये उसमेू जूयादातर हवा मेू है. सबसे महतूवपूणूथ वादा था महंगाई दूर करने का. आज पूयाज से लेकर दाल तक के दाम आसमान छू रहे है .ऐसे मेू केूदू सरकार के कामकाज को लेकर सवाल तो उठना ही था .ऐसे सवालोूसे बचकर अगर अगडा मपछडा या गाय-बछडा का मुदूा उछाला जायेगा तो वह लोगोूको रास नहीूआ सकता. अगर देश मेू असमहषूणुता बढेगी और समहषूणुता माचूथ मनकाल कर उनके मखलाफ मोचू​ूेबंदी की जायेगी तो उसका जवाब भी जनता ही देगी. अब इन नेताओू को समहषूणुता का अथूथ भी समझ मेू आ गया होगा और दाल का भाव भी. यह मबहार चुनाव का नतीजा है. आगे कई राजूयोू के चुनाव है इससे सबक सीख लेना चामहए.

न जाित काम आयी न गाय

पेज 1 का बाकी चुनावी गठबंधन की बुमनयाद पडूगयी. दोनोू के बीच गजब का तालमेल सूथामपत हुआ. दोनोू एक-दूसरे दलोू के मलए वोट टू​ूांसफर कराने मेूभी कामयाब रहे. चुनाव पू​ूचार अमभयान के दौरान लालू ने संघ-पू​ूमुख मोहन भागवत के आरकू​ूणसमीकू​ूा मवषयक मववादासूपद बयान को पकडूा. इससे मबहार के दमलत-मपछडूोू के बीच जबदूस थ ूगोलबंदी हुई. उनूहोूने मबहार की बडूी आबादी के समकू​ू संघ-भाजपा के दमलत-मपछडूा मवरोधी राजनीमतक शलूकत होने की बात को मशदू​ूत के साथ पेश मकया. इसकी काट मेू मोदी-शाह की जोडूी मवकास के एजंडे को भूलकर मफर से भगवाएजंडे पर उतर आयी. कभी ‘पामकसू​ूान मेू पटाखे फूटने’ की बात होने लगी तो कभी भाजपा के मवजू​ूापनोू मेू ‘गाय’ मदखने लगी. मबहार के लोगोू ने भाजपा के सांपूदामयक एजंडे को पूरी तरह कूडूेदान मेू फेूक मदया. भाजपा-एनडीए के पू​ूचार अमभयान की एक खास बात उसके मखलाफ गयी. वह थीएनडीए के पू​ूचार की मुखूय कमान मोदी-

शाह के पास होना. दोनोूगैर मबहारी थे. मफर ‘बाहरी बनाम मबहारी’ का नीतीश का नारा लोगोूके मदमाग मेू जम गया. भाजपा का कोई मबहारी नेता पू​ूचार अमभयान के दौरान उभरकर सामने नहीू आया. इससे मतदाताओू के सामने असमंजस भी था मक नीतीश के बदले कौन? नीतीश के सूरू का कोई सूथानीय नेता भाजपा के अंदर नहीू मदखा. मोदी-शाह का लहजा ‘कनूवीलूनसंग’ के बजाय ‘कनूफंूमटंग’ था. मबहार कई मायनोू मेू गुजरात से अलग ढंग का सूबा है. यहां ‘कमूयुनल काडूथ’ नहीू चल पाया. लोग आमतौर पर गाय या दुधारू जानवरोू को पूयार करते हैू. ‘गाय की पूंछ पकडूकर सूवगूथजाने’ की बातेूममथकोूमेूतो जीमवत हैू पर मबहार के राजनीमतक सोच वाले लोग भला इस बात के मलए कैसे राजी होते मक चुनाव मेू कोई नेता या पाटू​ूी ‘गाय की पूंछ पकडूकर मवधानसभा’ पहुच ं .े मबहार ने ‘गाय की राजनीमत’ पर जारी राषू​ूीय मवमशूथ को नया आयाम देते हुए इस ‘चैपूटर’ को अब खतूम कर मदया है.


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6 नवंबर-12 नवंबर 2015

शंभूनाथ शुक्ल

एक चुनाव एक आईना

सा

रे आकलन धरे के धरे रह गये. मबहार ने बडूबोले पू​ूधानमंतूी नरेूदू मोदी और उनके अहंकारी अधूयकू​ूके मुहं पर कामलख पोत दी. सारी अकडूमनकल गयी. भाजपा की ऐसी दुगूथमत का अनुमान तो महागठबंधन के नेताओू ने भी नहीू जताया था. अलबतू​ूा राजद अधूयकू​ू लालू यादव जरूर अपने गठबंधन को 190 सीटेूममलने का दावा कर रहे थे. भारी ताम-झाम और अनाप-शनाप पैसा झोक देने के बावजूद एनडीए की सीटेू इतनी कम आयीू मक वह अपने पू​ूमतदू​ूंदूी महागठबंधन से ढाई गुना के अंतर से पीछे हो गया. दमलत नेता जीतन राम मांझी की पोल खुल गयी. हर मौके का फायदा उठा लेने वाले राम मवलास पासवान और उपेूदूकुशवाहा दोनोूको इतना अपमान तो कभी नहीू झेलना पडूा होगा. अभी डेढू साल पहले जो राजनीमतक दल और मजस नेता पर देश ने जबदूथसू भरोसा जताया था वह धडूाम से नीचे आ मगरा. इसकी वजह उसका अहंकार रहा. पू​ूधानमंतूी ने मबहार मेू जाकर मजस तरह की बातेूबोलीूउससे लग रहा था मानोूवे एक देश की जनता से रूबरू नहीूहो रहे बलूलक मकसी शतू​ूुदेश के शासकोू को ललकार रहे होू. मबहार देश का अटूट महसूसा है. वहां की सरकारोू ने भी वैसे ही काम मकया है जैसा मक अनूय सरकारोू ने, लेमकन पू​ूधानमंतूी जी ने अपने अहम मेू मबहार के नेताओू को कुछ समझा ही नहीू. शायद मबहामरयोू ने मोदी जी को आईना इसीमलए मदखाया है.

प्​्िीप श्​्ीिास्​्ि

मडी शंनई मदलूली. मबहार मेू चुनाव पू​ूचार के दौरान मतदाताओू का जो रूझान मदखाई दे रहा था, चुनाव नतीजे उससे कोई अलग नहीूरहे. पर सवू​ूेरपट और टीवी चैनलोू मेू नतीजोू के आये शुरूआती रूझानोू से जब यह आभास होने लगा मक भाजपा और उसके सहयोमगयोूकी सरकार बन रही है तो भाजपा नेताओू ने बगैर देर मकए भाजपा की इस कमथत सफलता का सेहरा पू​ूधानमंतूी नरेूदू मोदी को पहनाना शुरू कर मदया. भाजपा के वमरषू​ू नेता और हमरयाणा की तरह मबहार मेू भी चुनावी रणनीमत मेू लगे कैलाश मवजय वगू​ूीय ने तुरंत इसे मोदी के नेतृतूव पर मतदाताओू का मवशू​ूास बताया. पर आधे घंटे बाद ही जब रूझानोू की मदशा बदली तो उनूहोूने अपने बयान मेू संशोधन कर इसे पाटू​ूी कायूथकतूाथओू की असफलता बतायी. तकूफमदया मक मू​ूकयानूवयन पाटू​ूी और कायूथकतूाथओूको करना होता है, हम ठीक से इसे नहीूकर पाये. भाजपा के नेता अब जो कुछ भी कहे पर सच यहीूहै मक इस चुनाव मेूभाजपा की हार पू​ूधानमंतूी नरेूदू मोदी की भी हार है. लोकसभा चुनाव मेू मोदी की जो छमव थी उसका गू​ूाफ अब लुढूक गया है. बडूी बात यह है मक भाजपा की मदलूली के बाद यह लगातार दूसरी बुरी हार है. इन नतीजोू से

मबहार ने एक रासू​ूा मदखाया है. मवपकू​ू को एकजुट होने को उकसाया है. लालू और नीतीश जैसे परसूपर तीन और छह का मरशूता रखने वाले नेताओूको करीब ला मदया और वे ममलकर लडूे. अगर वे ममलकर न लडूे होते तो यह कमरशूमा संभव नहीू था. इससे यह भी सामबत हो गया मक मोदी को अपराजेय मानना एक भूल है. देश की जनता समरसता, भाईचारा और परसूपर महलममल कर ही रहना चाहती है. उसे चाहे मजतना

भडूकाया जाये,चाहे मजतना गाय या राम के नाम पर दूर मकया जाये पर अंतत: वह ममल ही जाती है. साथ मेूएक बात और मक मबहार की जनता की राजनीमतक जागरूकता हर बेलगाम घोडूेको बांधना जानती है. मजे की बात ये है मक पू​ूधानमंतूी और अममत शाह तथा बीजेपी के नेता दावा कर रहे थे मक इस बार ममहलाएं जूयादा संखूया मेू वोट देने मनकलीू और उनूहोूने लालू यादव के कायूथकतूाथओू की गुंडई के मवरोध मेू भाजपा

के मवकास के नारे को साथ मदया. मगर हो गया उलटा दरअसल मजन लडूमकयोू को मुखूयमंतूी नीतीश कुमार ने साइमकलेूदी थीू वे अब वोटर हो गयीू थी. वे उनूहीू साइमकलोू पर सवार होकर वोट करने गयीू और अपने मू​ूपय मुखूयमंतूी के एजंडे पर वोट दे आयीू. एक बात और पू​ूधानमंतूी मबहार की हार से सबक लेू और मवकास का खोखला नारा देने की बजाय ठोस मुददोूपर काम करेू.

‘हार मोदी के मलए संदेश, वह देश को बांट कर जीत नहीूसकते.’ राहुल गांधी ( कांग्ेस उपाध्यक्​्) ‘रूझान हमारे मलए मनराशाजनक हैू. हमेू अपनी हार से जू​ूयादा उनकी जीत के कारणोू का पता लगाना है.’ मनोज वतिारी (भाजपा सांसद) ‘अममत शाह भारतीय जनता पाटू​ूी के अधूयकू​ू बने रहेूगे.’ राम माधि (बीजेपी नेता) ‘नीतीश जी को जीत की बधाई.’ नरे्द्मोदी ( प्​्धानमंत्ी) ‘बीजेपी मेू जो मजतना ओछा, वह उतना ऊंचा.’ लालू यादि (राजद सुप्ीमो) ‘जनता ने नरेूदू मोदी को मदया अपमान का जवाब.’ मीसा भारती ‘नीतीश कुमार को बधाई.’ राज ठाकरे (वशिसेना प्​्मुख) ‘हम इस जनमत का समूमान करते हैू और इसे सूवीकार करते हैू.’’ रविशंकर प्​्साद (के्द्ीय मंत्ी ) ‘नीतीश कुमार मबहार के हीरो हैू.’ संजय राउत, वशिसेना नेता ‘नीतीश कुमार और लालू पू​ूसाद यादव को मबहार मवधानसभा चुनाव जीतने पर बधाई देता हू.ं हम मबहार की जनता के जनादेश का समूमान करते हैू. नयी सरकार को मेरी शुभकामनाएं मक वह मबहार को मवकास के पथ पर आगे ले जाये.’ अवमत शाह, ( भाजपा अध्यक्​्)

मोदी की हार का मतलब

भाजपा रणनीमतकारोू को एक सबक यह भी ममला की सांपूदामयकता की लाइन पर देश मेू मतदाताओूको नहीूबांटा जा सकता है. यह भी तय है मक मबहार के इस चुनावी नतीजे का देश की राजनीमत पर दूरगामी और बहुआयामी असर पडूेगा. मबहार के चुनाव को पूध ू ानमंतूी ने अपनी पू​ूमतषू​ूा का सवाल बना मलया था. न केवल भाजपा नेता के रूप मेूबलूलक पू​ूधानमंतूी की हैमसयत से उनूहोूने अपनी पूरी ताकत इसमेू झोूक दी थी. पू​ूधानमंतूी की मकसी राजूय के चुनाव मेूमदखी मदलचसूपी ने मबहार के चुनाव को ऐमतहामसक बना मदया था. शायद ही मकसी पूध ू ानमंतूी ने इतनी रैमलयां मकसी राजूय मेूइसके पहले की थी. न केवल पू​ूधानमंतूी, बलूलक उनकी सहममत की वजह से कई केूदूीय मंतूी पटना मेू महीनोू डेरा डाले रहे. पू​ूधानमंतूी की हैमसयत से ही मोदी ने चुनाव की शुरआ ू त मेूमबहार को हजारोूकरोडूरूपये का पैकेज देने का एलान मकया. मफर इसी हैमसयत से यह धमकी भी दी मक नीतीश सतू​ूा मेू आयेूगे तो यह पैकेज केूदू नहीू देगा. करते हैू. चुनावी समर मेू बयानबामजयोू का कूयोूमक वे इसका दुरूपयोग करेूगे. देखना है दौर भी खूब चला. पू​ूधानमंतूी खुद अपनी पू​ूधानमंतूी अब इस घोमषत पैकेज का कूया जामत की बात करने लगे. तमाम तरह के

धामूमथक और अभदू​ू भाषा का इसू​ूेमाल भी मकया. लेमकन मबहार की जनता ने इन सब से परे जाकर नीतीश को मफर से गदू​ूी पर मबठाने

के मलए वोट मदया. जीत का सेहरा नीतीश के मसर तो मफर हार का सेहरा भी दूसरे गठबंधन के मुमखया के मसर ही बंधेगा.



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वशिराज की अग्नन परीक्​्ा उप िुनाि मे्

पूजा रसंह

भो

पाल .मधूय पू​ूदेश मेूरतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट और देवास मवधानसभा सीट पर उपचुनाव करीब हैू. मपछले कुछ उपचुनावोूके दौरान सहानुभूमत काडूथ खेलने से परहेज करने वाली भाजपा को इस बार वूयापम, डीमैट और पेटलावद जैसी घटनाओूके कारण पनपे जन असंतोष ने सहानुभमू त लहर का सहारा लेने पर मजबूर कर मदया है. उपचुनाव के पहले दोनोू सीटेू भाजपा के पास थीू इसमलये कांगूेस के पास गंवाने को कुछ नहीूहै लेमकन अगर भाजपा यहां से हार गयी तो उसके मलये यह बडूा झटका होगा. यही वजह है मक आमदवासी रतलाम सीट से मपछले सांसद सूवगू​ूीय मदलीप मसंह भूमरया की बेटी मनमूथला भूमरया को मटकट मदया गया है जबमक देवास मवधानसभा सीट से मवधायक रहे मदवंगत तुकोजीराव पवार की पतूनी गायतू​ूी राजे को मटकट ममला है. देवास सीट सूथानीय राजघराने की पारंपमरक सीट मानी जाती है. यहां से तुकोजीराव पवार के बेटे मवकू​ूम को मटकट ममलना था लेमकन उन पर आपरामधक मामला दजूथ हो जाने के कारण अंतत: तुकोजीराव की पतूनी को मटकट मदया गया. लेमकन इसका पाटू​ूी कायूक थ तूाओ थ ूके मनोबल पर बुरा असर पडूा है कूयोूमक मवकू​ूम की अनुपलूसथमत मेूयहां कई दावेदार थे. उधर रतलाम संसदीय सीट पर मदलीप मसंह भूमरया की जीत के बाद भाजपा को पहली बार सफलता ममली थी. पारंपमरक तौर पर यह सीट कांगूेस की रही है. मदलीप मसंह भूमरया भी पहले कांगूेस मेूही रहे थे. मपछले लोकसभा चुनाव मेू मोदी लहर की बदौलत उनूहोूने पांच बार सांसद रह चुके कांगूेस के कांमतलाल भूमरया को मशकसू​ू दी थी. अब यहां से उनकी बेटी मनमूथला भूमरया को मटकट मदया गया है और उनका सामना एक बार मफर कांमतलाल भूमरया से है. जामहर है इस लडूाई को आसान नहीूमाना जा रहा. एक और खास बात यह है मक न तो

दे

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6 नवंबर-12 नवंबर 2015

मनमूथला भूमरया और न ही गायतू​ूी राजे ने अपनी ओर से चुनाव लडऩे मेू कोई मदलचसूपी मदखायी थी. मनमूथला पेटलावाद से मवधायक हैू और वह राजूय मंमूतमंडल मेू शाममल मकये जाने की तमनूना रखती हैू. पेटलावद मसतंबर माह मेूहुए भीषण धमाकोू के बाद सुमूखथयोू मेू आया था मजसमेू करीब 90 लोगोू की मौता हो गयी थी. वहीू गायतू​ूी देवी भी चुनाव लडऩा नहीूचाहती थीू लेमकन बेटे का नाम आपरामधक पू​ूकरण मेू आने के बाद उनको मजबूरी मेूमटकट मदया गया. लेमकन इन दोनोू सीटोू पर चुनावी टकू​ूर से अमधक चचूाथ पाटू​ूी के रूख मेू बदलाव की है. कू​ूेतूकी राजनीमत पर पकडू रखने वाले सूथानीय पतू​ूकार सुचेूदू ममिू​ू कहते हैूमक इससे पहले हुए चार मवधानसभा उपचुनाव मेूभाजपा ने सहानुभूमत काडूथनहीू खेला था. कुछ अरसा पहले मंदसौर की गरोठ मवधानसभा सीट के उपचुनाव मेू मदवंगत मवधायक राजेश यादव के सूथान पर उनके पमरवार से मकसी को मटकट नहीूमदया गया था. उनका मानना है मक पाटू​ूी के रूख मेूयह बदलाव दरअसल वूयापम और डीमैट घोटालोू के बाद खराब हुई छमव के कारण आया है.

भारत में गं​ंीनपीस का रबिसंटंेशन रदं​ं

पयूाथवरण मामलोू पर काम करने वाले अंतरराषू​ूीय संगठन गू​ूीनपीस का रमजसूटश ूे न भारत मेूरदू​ूकर मदया गया है. यह जानकारी खुद गू​ूीनपीस संसूथा ने दी. गू​ूीनपीस ने कहा है मक उसे इसके बारे मेूतमलनाडु रमजसूटूार ऑफ सोसाइटीजू से नोमटस ममला है. गू​ूीनपीस की अंतमरम कायूथकारी मनदेशक मवनुता गोपाल ने कहा है मक ये नोमटस गृहमंतूालय के आदेश पर दी गयी है, जो मपछले एक साल से भारत मेू गू​ूीनपीस को बंद करना चाहता है. गृहमंतूालय अमभवूयलूकत की सूवतंतूता और मवरोध मेू उठने वाली आवाजूोू को दबाना चाहता है. इसे सरकार की राषू​ूीय और अंतरराषू​ूीय सू​ूर पर मकरमकरी हो रही है. गू​ूीनपीस ने यह भी आरोप लगाया है मक सरकार ने संसूथा को अपना पकू​ू रखने का मौका मदये मबना ये कदम उठाया है. संसूथा रमजसूटूेशन रदू​ू मकये जाने को अदालत मेू चुनौती देगी. इसी साल मसतंबर मेू गृह मंतूालय ने संसूथा पर मवदेशी फंड लेने के मनयमोू का उलूलंघन करने के मलए मवदेशोू से फंड हामसल करने का लाइसेूस रदू​ू कर मदया था.

टं​ंांसिेंडर सि इंसंपेकंटर

टू​ूांसजेूडरोू को एक और जीत हामसल हुई है. मदू​ूास हाईकोटूथ ने तममलनाडु यूमनफॉमूडूथसमूवथस मरकू​ूटमेूट बोडूथको आदेश मदया है मक वह टू​ूास ं जेडू र के पृमथका यामशनी को सब इंसूपेकूटर के पद पर मनयुकूत करे. बोडूथने यामशनी के आवेदन को मनरसू​ूकर मदया था, इसके बाद उसने हाईकोटूथ का दरवाजा खटखटाया था. मुखूय नूयायाधीश संजय मकशन कौल और जलूसटस पुषूपा सतूयनारायण की पीठ ने बोडूथ को अगली भतू​ूी पूमू​ूकया तक टू​ूास ं जेड ू रोूको तीसरी िूण ूे ी मेूशाममल करने का भी आदेश मदया है.

मनमोहन भी िोले

असमहषूणतु ा पर जारी बहस के बीच पूवथू पू​ूधानमंतूी मनमोहन मसंह ने कुछ महंसक अमतवादी समूहोूके मवचारोूकी सूवतंतूता के अमधकार के खुले उलूलंघन की आज मनंदा की. इस बात से सहममत जतायी मक यह राषू​ूपर आघात है. उनूहोूने सचेत मकया मक अगर एकता नहीू होगी और मवमवधता, धमूथमनरपेकूता और बहुलता के पू​ूमत समूमान नहीू होगा तब गणतंतू के समकू​ू खतरा हो सकता है.

अब साइदकल के सहारे ममता बनरं​ंी

रीता रतिारी, कोलकाता

बनायी गयी है. एक सरकारी अमधकारी ने कहा मक जलूदी इन साइमकलोूकी खरीद के हार के मुखूयमंतूी नीतीश कुमार के मलए खुली मनमवदाएं आमंमूतत की जायेूगी. बाद अब पमू​ूिम बंगाल की मुखयू मंतीू पहले इसे बाजार से सीधे खरीदने की योजना े ा हुआ मक इससे ममता बनजू​ूी भी साइमकल के जमरये अगले थी. लेमकन बाद मेूयह अंदश मवपकू ू भू ू ष ू ा चार के आरोप लगा सकता है. साल होने वाले मवधानसभा चुनावोू मेू सतू​ूा इसमलए पू र ी पू ू म ू क या को पारदशू ूी रखने का वापसी का सपना देख रही हैू. बनजू​ूी ने इस साल सूवाधीनता मदवस के मौके पर अपने फैसला मकया गया. तृणमूल कांगूेस नेताओू भाषण मेूआठवीूसे दसवीूककू​ूा तक के 40 का कहना है मक दीदी की यह महातूवाकांकूी लाख छातू​ूोू को मुफूत साइमकल देने का योजना मबहार से ली गयी है. दीदी और उनके सहयोमगयोूकी दलील एलान मकया था. अब इस योजना को अमली जामा पहनाने कवायद शुरूहो गयी है मक गू​ूामीण इलाकोूमेूबांटी जानी वाली इन है. वैसे, दीदी की सरकार मपछले साल से ही साइमकलोू से छातू​ूोू को सूकूल-कॉलेज जाने माओवाद-पू​ूभामवत पमू​ूिम मेमदनीपुर, मेूआसानी होगी ,वहीूइनसे गरीब तबके के बांकुडूा और पुरूमलया मजलोू मेू नौवीू और लोगोूको पमरवहन का ससू​ूा साधन भी ममल दसवीूककू​ूा की आमदवासी छातू​ूाओूको मुफतू जायेगा. पाटू​ूी की सोच यह है मक मजन छातू​ूोू साइमकल देती रही है. पर अब पूरे राजूय के को साइमकलेू दी जायेूगी उनमेू से जूयादातर छातू​ूोू को इस योजना के दायरे मेू लाया अगले साल 18 साल के हो जायेूगे. यानी वे वोट डाल सकेूगे. जामहर है साइमकलोू के जायेगा. दबाव मेूउनका वोट तृणमूल कांगूेस को ही इसके मलए ममता ने सबूज साथी ममले ग ा. नामक एक योजना तैयार की है. कई दूसरी ओर, मवपकू​ू ने इसे चुनावी मजलोूमेूअकूतूबर के आमखरी हफूते से अपने दौरे के दौरान ममता ने साइमकल बांटने कवायद करार मदया है. मवधानसभा मेूमवपकू​ू थू ांत ममिू​ूकहते हैूमक मुखयू मंतूी का काम शुरू भी कर मदया है. वे कहती के नेता सूयक हैू मक जनवरी तक 25 लाख साइमकलेू एक ओर तो धन की कमी का रोना रो रही हैू बांट दी जायेूगी. बाकी साइमकलेू भी और दूसरी ओर, करोडूोूकी लागत से मुफूत मवधानसभा चुनावोू से पहले तक छातू​ूोू को साइमकलेू बांट रही हैू. यह एक मवडंबना ही है. कांगूेस और भाजपा ने भी आरोप लगाया ममल जायेूगी. ू ूाचार के तमाम आरोपोूसे जूझ रही ममता कहती हैूमक सरकार ने अब तक है मक भूष करीब साढूेतीन लाख छातू​ूाओूको साइमकल तृणमूल कांगूेस की चुनावी नैयूया पार लगाने दी है. अब 40 लाख छातू​ू-छातू​ूाओू को के मलए ही दीदी ने साइमकल बांटने का साइमकल देने की एक महातूवाकांकूी योजना फैसला मकया है.

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दादरी कांड को लेकर गांधीवाददयों की अपील

श के पू​ूमुख गांधीजनोू ने एक सावूज थ मनक वकूतवूय के जमरये अपील की है मक दादरी गांव मेू29 मसतंबर को मुहमूमद अखलाक की वहमशयाना हतूया और 16 अकूतबू र को महमाचल पूदू श े मेूनोमन अखूतर की हतूया जैसी घटनाओूसे देश मक शांमत पर बुरा असर पडा है. ऐसे मेू हम बेहद वूयमथत और शमूमिूदा हैू. साथ ही पू​ूधानमंतूी और उनकी पाटू​ूी के लोगोूने मजस तरह से आग मेू घी डालने का काम मकया है वह मकसी अपशकुन का संकेत है. मुबंई मेू सुधीूदू कुलकणू​ूी के चेहरे पर पोती गयी काली

सूयाही फैलती हुई कशूमीर तक पहुंच रही है और ये अंधेरा गहरा रहा है. ये घटनाएं अफवाहोू से उनूमामदत भीडू का पागलपन नहीूहैूबलूलक देश के सांपूदामयक माहौल को मबगाडूने की योजनाबदू​ू कोमशश हैू. इन सबसे देश मेूएक ऐसा माहौल बनता मदखाई दे रहा है. मजसमेूकानून, संमवधान और इन सबसे ऊपर भारतीय समाज और संसक ू मृ त पर लगातार चोट पडूरही है. हम जानते हैू मक इससे पहले भी सरकारेू, पुमलस-वूयवसूथा आमद अपने कतूथवूयपालन मेू मवफल होती रही हैू और

समाज का सांपूदामयक सदू​ूाव टूटता रहा है. लेमकन हमेूऐसे माहौल को देखकर मचंता हो रही है.मजसमेू अलूपसंखूयकोू को लगातार असुरकू​ूा की तरफ धकेला जा रहा है. इस माहौल से लोगोू को आगाह करने वाले लेखकोू-बुमूदजीमवयोू को मारने और अपमामनत करने का मसलमसला जारी है. लेखकोू,वैजूामनकोू और कला से जुडे लोगोू ने सरकारी समूमानोू-पुरसूकारोू को वापस लौटाने का जो मसलमसला चलाया है, वह असहममत दजूथ कराने की उनकी बेहद रचनातूमक कोमशश है. उसका समूमान करने

और उनकी पीडूा को समझने की जगह उनका उपहास मकया जा रहा है. हम केूदूसरकार को सावधान करते हैूमक उनके कायूपथ ण ू ाली से देश भर मेूगंभीर सवाल खडूे हो रहे हैू. इसकी अनदेखी समाज और सरकार दोनोू पर भारी पडूेगी. पामूटियां और सरकारेू नहीू, हमारी मचंता का मवषय भारतीय समाज है जो इस राषू​ूकी आतूमा है. मजससे मखलवाड करने का मकसी को हक नहीूहै. इन दुभूाथजूयपूणूथ घटनाकू​ूमोू से सरकार कूया सबक लेती है. इस पर हमारी और पूरे

देश की भी नजर मटकी है. गांधी-पमरवार के हम पू​ूमतमनमध उन सबसे कू​ूमा मांगते हैू मजनके घर-पमरवार का नुकसान हुआ है. हम हर महंदुसूानी से कहना चाहते हैू मक आज शांमत और सदू​ूाव ही सबसे बडूा मवकास है. इसकी अपील करने वालोू मेू गांधी सूमारक मनमध, नई मदलूली के अधूयकू​ू गोपीनाथन नायर और मंतूी रामचंदू राही एवं गांधी शांमत पू​ूमतषू​ूान, नई मदलूली के अधूयकू​ू कुमार पू​ूशांत और गांधी मागूथ के संपादक अनुपम ममिू​ू शाममल हैू.


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6 नवंबर-12 नवंबर 2015

जंगल खा जायेगा नदियों का जोडं

वनूय जीव बोडूथकी सहममत ममलनी है. इससे पनूना टाइगर मरजवूथ की करीब 5 हजार धूय पू​ूदेश सरकार ने केन-बेतवा नदी हेकूटेयर से अमधक भूमम अमधगू​ूमहत होगी. जोडूपमरयोजना को मंजरू ी दे दी है. केदू ू इससे यह जंगल दो महसूसोू मेू बंट जायेगा. भी इसे लेकर सकारातूमक है. इस योजना से वन मवभाग के मुतामबक यह वह इलाका है मधूय पू​ूदेश और उतू​ूर पू​ूदेश के बुंदेलखंड जो मरजवूथफॉरेसूट के कोर एमरया मेूआता है इलाकोूमेूहमरयाली का सपना भी देखा जाने यानी यह कू​ूेतू को बाघोू की आवाजाही और लगा है. पर कई पयूावथ रणमवद इस पमरयोजना मनवास के मलए अहम है. पनूना टाइगर मरजवूथके नुकसान को कम को सही कदम नहीू मानते, इतना ही नहीू पनूना टाइगर मरजवूथ को भी इससे नुकसान करने की कोमशश मेू उतू​ूर पू​ूदेश सरकार ने होने की आशंका है. हालांमक मधूय पू​ूदेश के रानीपुर और महावीर सूवामी वनूयजीव मुखूयमंतूी मशवराज मसंह चौहान इस अभयारणूय को पनूना टाइगर मरजवूथ का पमरयोजना मेूपयूाथवरण मानकोूसे समझौता सैटेलाइट कोर एमरया बनाने का फैसला नहीू करने की बात करते हैू. पर जमीनी मकया है. दूसरी ओर मधूय पू​ूदेश सरकार ने मरजवूथके 60 मकमी के बफर एमरया को कोर हकीकत इससे परे मदखती है. नदी जोडूपमरयोजना को राजूय वनूयजीव एमरया मेू बदलने का फैसला मकया है. पर बोडूथ से मंजूरी ममलने के बाद अभी राषू​ूीय मवशेषजू​ू मानते हैू मक यह टाइगर मरजवूथ को

होने वाले नुकसान के बदले यह काम नाकाफी होगा. वमरषू​ू पयूाथवरणमवद और पू​ूोजेकूट टाइगर के पूवूथ मनदेशक हेमेूदू मसंह पवार भी सरकार की इस कोमशश को अपयूाथपूत बता चुके हैू. पनूना टाइगर मरजवूथको साल 2009 मेू बाघ रमहत घोमषत कर मदया गया था लेमकन अभयारणूय के पूवथूफीलूड मनदेशक िू​ूीमनवास मूमूतथ के पू​ूयासोू से यहां बाघोू का दोबारा पूज ू नन हुआ. अब यहां 24 बाघ है.ू खुद मूमतू थ इस पमरयोजना के सखूत मखलाफ थे. बीते मई मेूउनके सूथानांतरण के पीछे इस मववाद को भी एक वजह माना जाता है. केन-बेतवा नदी जोडूको अमली जामा पहनाने के मलए केन नदी की अपसूटूीम मेू मजस दौधन बांध का मनमूाथण मकया जाना है उसके मलए पनूना टाइगर मरजवूथ और उसके बफर जोन (पूमूतबंमधत कूतूे )ू के 10 गांवोूको मवसूथामपत करना जरूरी है कूयोूमक ये डूब कू​ूेतू मेू हैू. ये गांव मधूय पू​ूदेश के छतरपुर मजले की मबजावर तहसील मेू हैू. इनमेू मैनारी, पलकोहा, खरयानी, दौधन, शुकवाहा, भोरखुआ, घुघरी, कूपी, शाहपुरा और बसुधा गांव के नाम हैू. इनमेूअनुसूमचत जामत 34 फीसद और जनजामत 16 फीसद के करीब हैू. इसमेू करीब 9 हजार लोग मवसूथामपत होूगे. राषू​ूीय जल मवकास अमभकरण (एनडबूलयू ड ू ीए) ने मधूय पूदू श े के वनूय जीव

र्​्पयंका कौशल

हैू.

पूजा रसंह

पन्ना टाइगर ररजर्व एक दृर्ि: मपू​ूके उतू​ूरी इलाके मेूकेन नदी के दोनोू ओर लूसथत. कुल कू​ूेतूफल 54,000 हेकूटेयर वषूथ1981 मेूराषू​ूीय पू​ूाणी उदू​ूान बना मफलहाल 24 बाघोूका आवास केन बेतरा रररर रिंक योजना: केन नदी के पानी को दोधन मेूपू​ूसूामवत बांध मेूलाया जाएगा. यहां से 220 मकलोमीटर लंबी नहर की मदद से इसे बेतवा तक ले जाया जायेगा. बुंदेलखंड के सूखागू​ूसूइलाके मेूमसंचाई सुमवधा उपलबूध होगी. करीब 6 लाख हेकूटेयर कू​ूेतूमसंमचत होगा. टाइगर ररजर्व पर दुष्प्भार: बाघोूकी मरहाइश वाला 5,000 हेकूटेयर

मवभाग के पास चचूाथ के मलए एक संशोमधत पू​ूारूप भेजा है. पू​ूदेश के वनूय जीव मवभाग के पू​ूधान मुखूय वन संरकू​ूक (वनूयजीव) नरेूदू कुमार ने कुछ अरसा पहले शुकूवार को बतलाया था 'मवभाग की आपमू​ूतयोू के बाद एनडबूलूयूडीए ये यह नया पू​ूसूाव भेजा है. मजसका अधूययन अभी मकया जाना है.' पमरयोजना पर पयूाथवरण पू​ूभाव आकलन (ईआईए) की मरपोटूथ भी पू​ूभामवत पमरवारोू के आंकडूोू से लेकर तमाम मवसंगमतयोूसे भरी हुई है. जहां मरपोटूथके एक पैरागू​ूाफ मेू दौधन बांध से 1585 पमरवारोू

कोर एमरया डूब जायेगा मगदूघोूके पू​ूजनन केूदूनषू​ूहो जायेूगे केन घमडयूाल अभूयारणूय का अमू​ूसतूव समापूत हो जायेगा गहरीघाट जल पू​ूपात का अमू​ूसतूव समापूत हो जायेगा कई पू​ूमुख जलीय जीव और पौधे नषू​ूहो जायेूगे पर असर की बात है तो वहीूदो पैरागू​ूाफ के बाद अचानक पू​ूभामवतोूका आंकडूा बढूकर 7224 हो जाता है. संयुकूत पू​ूगमतशील गठबंधन (संपूग) के दूसरे कायूथकाल मेू केूदूीय मंतूी जयराम रमेश इस पमरयोजना से पयूाथवरण पर असर पडूने की आपमू​ूत जतायी थी. इसके बाद यह ठंडे बसू​ूेमेूचला गया. अब मोदी सरकार ने इसे गमत दी है. पर इससे पनूना टाइगर मरजवूथ फारेसूट और दूसरे जैव मवमवधता से भरपूर इस इलाके पर असर पडूता मदखाई देता है.

पानी ने बना ददया समय से पहले बूढ़ा

बताते हैूमक उनके जोडोूमेूभी एक साल से ददूथ की मशकायत है. वे रोज भोपालपटनम मडी शंकर (35 वषू)थ का पैर खराब हो जाकर 20 लीटर पानी पीने के मलये लाते हैू, गया है. खेती-बाडूी का काम करने वाले लेमकन गाँव के समूपनून लोग ही ऐसा कर शंकर अब कुछ कर पाने की लूसथमत मेू नहीू सकते हैू. गरीब लोगोू को तो गाँव मेू मौजूद है. उसके शरीर मेू ददूथ बना रहता है. कुछ जलसू​ूोूतोू पर ही मनभूथर रहना पडूता है. ऐसा ही हाल कोरसे मुतैया, पेूदरल बायको सरकारी तंतू हमारी दशा सुधारने के मलये और तमडूी लकू​ूमैया का है. इन सभी की उमू​ू कोई पू​ूयास नहीू कर रहा है. नीलम मजस करीब-करीब एक जैसी ही है और यह सभी पाटू​ूी से तालूलुक रखते हैू, मपछले 13 वषू​ूोूसे आमदवासी बहुल इलाके भोपालपटनम से छतू​ूीसगढूमेूउसी की सरकार है. कुछ ऐसी ही लूसथमत छतू​ूीसगढू के तीन मकमी दूर गुलल ू ापेटा पंचायत के गेराूगथ ड ु ूा सू र जपु र मजले के रामानुजनगर मवकासखणूड गाँव मेूरहते हैू. के हनु मानगढू इलाके की भी है. लगभग इस गाँव मेूपाँच नलकूप और चार कुएँ हैू. इनमेू से सभी नलकूपोू और कुओू मेू 1000 की आबादी वाला यह एक ऐसा गाँव फूलोराइडयुकतू पानी मनकलता है. यही कारण है जहाँ के हमरजन मोहलूले की आधी आबादी है गेराूगथ ड ु ूा गाँव मेूबचू​ूोूके दाँत खराब हो गए मवकलांग है. यह मवकलांगता न तो पोमलयो है.ू जवानोूके चेहरे पर झुमूरथयाँ और पीठ पर के कारण हुआ है और न ही कुपोषण इसका कूबडू मनकल आये हैू. सरकारी तंतू की मजमूमेदार है. दरअसल हनुमानगढू के पानी मेू उपेकूा ने इन गू​ूामीणोू का जीवन नरक से फूलोराइड, सलूफर, फासूफोरस और अनूय बदतर बना मदया है. जानकारोूका कहना है मक डेढ पीपीएम रासायमनक ततूवोू की मातू​ूा अमधक है. जो से अमधक फूलोराइड की मौजूदगी को यहाँ के लोगोूके मलये जहर का काम कर रहा खतरनाक माना गया है. गेरूाथगुडा मेू डेढ से है. बचू​ूोू पर तो फूलोरोमसस का पू​ूभाव 8 से दो पीपीएम तक इसकी मौजूदगी का पता 14 साल की उमू​ूमेूही मदखने लगा है. शायद चला है और लोगोूमेूइसका खतरनाक असर आपको यह जानकर हैरानी हो मक इस गाँव के लोग फूलोराइड युकूत पानी एक दो वषू​ूोूसे साफ मदख रहा है. गेरूाथगुडूा के भाजपा नेता नीलम गणपत नहीूबलूलक मवगत 20 वषू​ूोूसे उपयोग कर रहे

सामामजक कायूथकतूाथ सुनील अगू​ूवाल कहते हैू मक पीएचई मवभाग की गैर मूजमूमेदाराना हरकत के कारण लोगोू का जीवन बबूादथ हो गया हैूकूयोूमक मवभाग ने वहाँ मबना जाँच परख के हैणूडपमूप लगवाया था. इस समूबनूध मेूकई बार पू​ूशासन को अवगत भी कराया गया लेमकन नतीजा मसफर रहा है. यूनीसेफ की एक सवू​ूेकूण मरपोटूथ पर नजर डाले तो इस समय पूरे भारत के 20 राजूयोूके गू​ूामीण अंचलोूमेूरहने वाले लाखोू लोग फूलोराइड युकूत पानी के सेवन से फूलोरोमसस के मशकार हैू. हालांमक केनूदूीय सूवासूथूय और पमरवार कलूयाण मंतूालय ने जूयारहवीूपंचवषू​ूीय योजना के तहत नेशनल पू​ूोगू​ूाम फॉर मू​ूपवेूशन एडं कंटूोल ऑफ फूलोरोमसस के तहत देश के 17 राजूयोू के 100 मजलोूमेूएक मवशेष योजना चलाई है. जहाँ इन मामलोूपर बारीमकयोूसे नजर रखी जा सके. मंतूालय के अनुसार इस वकूत देश के 19 राजूयोूके करीब 230 मजले इससे पू​ूभामवत हैूजो मचनूता की बात है. छतू​ूीसगढ की बात करेू तो राजूय मेू सवूाथमधक पू​ूभामवत मजलोूमे बीजापुर है जहाँ 31 कसूबोू के हजारोू गू​ूामीण फूलोरोमसस से पीमडत हैू. छतू​ूीसगढ के दुगूथ मेू 7 गू​ूाम, रायगढ मेू 6 गू​ूाम कोरबा मेू 6 गू​ूाम और

मबलासपुर का एक गू​ूाम इसकी चपेट मेूहै. वषूथ2013 मेूछतू​ूीसगढूमवधानसभा मेू कांगूेस मवधायक पू​ूेमसाय मसंह टेकाम को ततूकालीन पीएचई मंतूी केदार कशूयप ने यह जानकारी देते हुए बताया था मक पू​ूदेश के राजनांदगाँव मजले की 21 बमू​ूसयोूमेूपेयजल मेू आसू​ूेमनक की मातू​ूा मानक से अमधक ममलने की मशकायतेूममली हैू. इसके अलावा 523 बमू​ूसयोूमेूभूजल मेूफूलोराइड की मातू​ूा मानक से अमधक पाई गई है. इन सूथानोू पर जल शोधन संयंतूोू, हैणूडपमूप, नल-जल या जल पू​ूदाय

योजनाओू से पेयजल की वूयवसूथा की जा रही है. इसके साथ ही गमरयाबंद मजले के 8, धमतरी मजले की 29, दुगूथ मजले की 7 और बालोद मजले मेू 29 बमू​ूसयोू का पेयजल पू​ूदूमषत पाया गया है. बेमेतरा मेू1, बसू​ूर मेू 92, कोूडागाँव मेू 40, कांकेर मेू 57, बीजापुर मेू 06, कोरबा मेू 43 , रायगढू मेू 07, सरगुजा मेू81, कोमरया मेू10, सूरजपुर मेू46 और बलरामपुर मजले मेू65 जगहोूपर फूलोराइडयुकूत पानी पाया गया है. इंिडया वॉटर पोटूथल



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दु

त्यौहार और पय्ाि​िरण

गूाथ पूजा के मवसजूथन के दूसरे मदन देश के कई शहरोूमेूनमदयोूकी जो फोटो मीमडया मेू आयीू वे हैरान करने वाली थीू. चाहे लखनऊ हो इलाहाबाद हो या देश का कोई अनूय शहर जहां की नमदयोू मेू मूमूतथ मवसजूथन मकया गया सभी जगह इसी तरह के दृशूय देखने मेू आये. यह तूयोहारोू का समय है इसमलए इस मुदूे पर गंभीरता से सोचना चामहए. हर तूयौहार के साथ हम पयूाथवरण को मकतना नुकसान पहुंचा रहे हैू. अभी मवसजूथन की वजह से नमदयोू का पानी साफ़ नहीूहुआ मक दूसरे तूयोहारोूसे हवा, पानी और पू​ूदूमषत करने की तैयारी शुरू हो गयी. दूसरी तरफ वाराणसी मेू मूमूतथ मवसजूथन को लेकर मववाद लंबा मखंचा हुआ है. हालांमक मजला पू​ूशासन ने मवकलूप के रूप मेू गंगा मकनारे ही दो जलाशय बना मदये पर उससे भी मामला नहीू बना. साधू संत मूमूतथयोू को गंगा मेू पू​ूवामहत करने पर ही जोर देते रहे. यह समसूया हर कुछ मदनोूबाद आती रहेगी कूयोूमक धामूमक थ कायूक थ मू खासकर मूमतू थ मवसजूनथ आमद अब लगातार होते रहते हैू. धूयान से देखेूतो पता चलेगा मक वे तूयौहार जो देश के दूसरे महसूसोू मेू जूयादा जोर शोर से मनाये जाते थे अब उतू​ूर भारत मेू भी पू​ूचमलत होते जा रहे हैू. गणेश चतुथूी जैसे तूयौहार पहले महाराषू​ू मेू जूयादा धूमधाम से मनाये जाते थे बाद मेू छतू​ूीसगढ, मधूय पू​ूदेश के साथ मदलूली और उतू​ूर पू​ूदेश मेूभी बडे पैमाने पर मनाया जाने लगा. साथ ही मवसजूथन भी शुरू हुआ. इसी तरह पहले दुगूाथपूजा बंगाल तक सीममत थी जो आज बहुत से राजूयोू मेू मनायी जाती है. इसी तरह कुछ सूथानीय देवी देवताओू की पूजा और उनका मूमूतथ

अशोक कुमार शरण

मवसजूथन भी देश के अलग-अलग अंचल मेू मकया जाता है. मूमूतथ मवसजूथन को लेकर अब नजमरया बदलने की जरूरत है. पहले नमदयोू मेू भरपूर पानी होता था ,बहाव तेज होता था और मूमूतथयां भी ममटू​ूी की पू​ूाकृमतक रंगोूसे बनायी जाती थीू. इसकी वजह से नदी के पानी पर कोई ख़ास असर नहीूपडता था. पर अब हालात बदल चुके हैू. जलवायु पमरवतूथन के चलते मौसम चकू​ू बदला तो बढते पू​ूदूषण मक वजह से नमदयोू का पानी जहरीला होता जा रहा है. देश की जूयादातर नमदयोूका पानी पीने लायक नहीूरहा और वषूाथ कम होने से पानी भी कम हो गया. इस बार तो उतू​ूर भारत मेू बाढ भी नहीू आयी. बाढ की वजह से खेतोू की ममटटी बदलती है और अचूछी फसल होती है. वह सब तो हुआ नहीू नदी मेू पानी भी कम हो गया. पहले जब कुंभ मेूगंगा या यमुना मेूपानी कम हो जाता था तो बांध से पानी छोडकर लोगोूके नहाने लायक साफ़ पानी का इंतजाम मकया जाता रहा है. यह बात अलग है मक इस पानी मेू गंगा यमुना से जूयादा चमूबल कोसी का पानी आ जाता था. अब जब नमदयोूकी यह हालात हो तो उसमे हजारोूकी संखूया मेूहर शहर मेूमूमूतथयोूका मवसजूथन मकया जायेगा तो नदी का कूया हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. यही वजह है मक हाई कोटूथ ने मूमूतथयोू के मवसजूथन पर रोक लगाने का फैसला मकया. इसी तरह गू​ूीन मू​ूटबूयूनल ने कई जगहोू पर नदी और समुदूके पानी मेूकचरा डालने पर रोक लगा दी है. ऐसे मेूजब रासायमनक रंगोूसे बनी हजारोू बडी मूमूतथयोू का मवसजूथन नमदयोू मेू मकया जायेगा तो उसका पानी नहाने लायक भी नहीूबचेगा.

ठप्पा न बने खादी

खा

दी गांव मवकास का सपना है. इसके जमरये महातूमा गांधी ने देश और गांवोू को रोजगार से जोडूने का सपना देखा था. एक हद तक यह सपना हकीकत भी बना. पर बदले दौर मेूअब इसके कई पू​ूयोग देखने को ममल रहे है. नये तरह की पहचान देने की मुमहम मेू खादी की असली पहचान और सोच गायब होती मदखाई दे रही है. ऐसे मेू औदू​ूोमगकीकरण की बढूती लागत और नूयूनतम रोजगार उपलबूधता की वजह से मवशू​ू एक बार मफर आमूथथक मंदी की ओर बढूता जा रहा है. तब जरूरत है ऐसे छोटे उदू​ूोगोूकी जो नूयूनतम मनवेश मेूअमधकतम रोजगार उपलबूध करवा सकेूऔर पयूाथवरण की सुरकू​ूा भी सुमनमू​ूित करवा सकेू. यह कूवत केवल खादी जैसे उदू​ूोगोू मेू ही है. खादी के शताबूदी वषूथ मेू इस मदशा मेू गंभीर पू​ूयास मकये जाने चामहए. देश मेू पहले काफी लोग थे जो सूवावलंबी खादी पू​ूयोग करते थे कूयोूमक उनके काते गये सूत का कपडूा खादी संसथ ू ाएं मनशुलूक बना कर देती थीू. धीरे-धीरे अनेक संसूथाओू ने यह कायूथ करना बंद कर मदया. अब देश मेूकेवल एक दो संसूथाएं ही बची हैू जो यह कायूथकरती हैू. सूत कातने वालोूकी कमी नहीूहै पर समसूया यह है मक उस सूत का कूया मकया जाये? उसका कपडूा कैसे बने? देश की राजधानी मदलूली मेूही पूमूत वषूथ सैकडूोू मकलो सूत काता जाता है. लोगोू मेू अंबर चरखे पर कताई करने मेूरूमच बढूरही है पर समसूया यह है मक उनको पूनी की आपूमूतथ कैसे की जाये. इस हेतु मवकेूमूदत वूयवसूथा के अंतगूथत छोटे पूनी संयंतू लगाने होूगे. संसूथाओू को इस सूत के बुनाई की वूयवसूथा नूयूनतम दरोूपर करनी ही होगी. खादी गू​ूामोदू​ूोग आयोग के खादी कूतूे ूके संपण ू थूकजूथ2408.02 रूपये करोडूको मुकतू करने हेतु पू​ूसूाव काफी समय पूवूथ केूदू सरकार को मभजवाया जा चुका है. आयोग के आंकडूोू के आधार पर सरकार पर केवल 832.65 करोड रूपये का आमूथक थ भार होगा.

दिचार

6 नवंबर-12 नवंबर 2015

संसूथाओू ने बैूक कजूथ से तीन गुणा अमधक तक का भुगतान कर मदया है. इस मवषय का अधूययन भारत सरकार/आयोग ने मनयुकूत मवशेषजू​ू संसूथाओू/मवभागोू ने खुद करके खादी संसूथाओू को कजूथ मुकूत करने की अनुशंसा भी की है. खादी गू​ूामोदू​ूोग आयोग एक ओर संसथ ू ाओूके संपण ू थूकजू-थ मुलकू त के मलए भारत सरकार से अनुशस ं ा करता है वहीूदूसरी ओर संसूथाओू से सीबीसी कजूथ की मकशूत और

खादी माकूफमनयमन 2013 खादी के मवरासत सूवरूप को समापूत कर देगा और खादी वूयलूकतगत वूयवसामययोू, फमूथ, कंपमनयोू के हाथ मेू मुनाफा कमाने वाले उतूपाद के रूप मेू चली जायेगी. यह महातूमा गांधी के टूसू टू ीमशप के मसदू​ूातं ोूऔर न लाभ न हामन के पदू​ूमत पर आधामरत खादी कायूथकूमोूके मूल अवधारणा के मवपरीत है. अतः इसे ततूकाल पू​ूभाव से रदू​ूमकया जाना चामहए. आयोग मजस योजना के अंतगूथत बैूक से

खादी माक़क दनयमन 2013 खादी के दिरासत स़िऱप को समाप़त कर देगा और खादी व़यक़ततगत व़यिसादययो़, फम़म, कंपदनयो़ के हाथ मे़ मुनाफा कमाने िाले उत़पाद के ऱप मे़ चली जायेगी. बूयाज पैनल बूयाज आमद की वसूली की जा रही है, यह अंतर मवरोधी कारूथवाही है. अतः जब तक उपयूथुकूत पर मनणूथय नहीू हो जाता वसूली सूथमगत रखी जाये. कोई भी माकूफ वसू​ूुओू की गुणवता के पू​ूतीक सूवरूप होता है तामक गू​ूाहकोू की संतुमूष हो सके. वुल माकूफ, मसलूक माकूफ, होलोगू​ूाम आमद गू​ूाहकोूऔर उतूपादनकतूाथओू पर थोपे नहीूगये हैू. पर खादी माकूफजबरन थोपा गया काला कानून है. इससे खादी को आजादी से पूवूथ ममल रही करोू, चुंगी आमद छूट से वंमचत होना पडूेगा. खादी आजादी के संघषूथ की पू​ूतीक और देश की मवरासत है.

कजूथउपलबूध करवाता है उसमेूसंसथ ू ाओूको 4 फीसद और बाकी का बूयाज आयोग वहन करता है. बैूक अपनी पदू​ूमत के मुतामबक सारा बूयाज संसूथाओू के खाते मेू डाल देता है. आयोग अपने महसूसे का बूयाज काफी देर से बैूक मेू जमा करता है मजससे न केवल संसूथाओू की कायूथशील पूंजी रूक जाती है बलूलक आयोग के महसूसे के बूयाज पर भी बूयाज देना पडूता है. इसमेू सुधार की आवशूयकता है. बैूक पू​ूमत माह सीधे यह बूयाज की रामश नोडल बैूकोू माधूयम से आयोग खाते मेूडाले. खादी को महंगी करने मेू आयोग से

संचामलत पूनी संयंतूोू की बडूी भूममका है. आयोग से खादी संसूथाओू पर दबाव डाल कर बाजार से कई गुना अमधक महंगी दरोूपर पूनी खरीदने के मलए मववश मकया जाता है. इनकी गुणवतू​ूा भी बाजार के पूनी से अचूछी नहीू होती. आयोग या तो बाजार भाव और अपने संयंतूोूके भाव का अंतर वहन करे या संसूथाओू को बाजार से पूनी खरीदने की अनुममत पू​ूदान करे. इस संबंध मेू आयोग देश के मकसी भी कानून को मानने के मलए तैयार नहीू है. मजसमेू उसके अपने ही ऋण मनयमन और संमवधान समूमत सवूथमानूय पमरपाटी तक शाममल हैू. आयोग ने मजतना ऋण संसूथाओू को मदया है उतनी संपमू​ूत के कागजात इकूवीटेबल मोटूथगेज के मनयमानुसार रख कर बामक संपमू​ूतयोू के कागजात संसूथाओू को वापस करे तामक इन संपमू​ूतयोू का उपयोग कर संसूथाएं खादी और गांधी जी के अनूय रचनातूमक कायू​ूोू के मलए कायूथकारी पूंजी जुटा सकेू. इससे अनुमचत कानूनी हसू​ूकूेपोू से बचा जा सकेगा. अंगूेजराज मेूमू​ूपवीपसूथकौूमसल के समय से ही खादी को कर के दायरे से बाहर रखा गया है. आयकर अमधमनयम 1961 की धारा 10(23-बी) के अंतगूथत खादी को आयकर से छूट पू​ूापूत है. पू​ूापूत जानकारी के मुतामबक भारत सरकार की आगामी मवतू​ू वषूथ से डायरेकूट टैकूस कोड लागू करने की योजना है मजसमेू खादी पर आयकर छूट वाला पू​ूावधान नहीूहै. खादी संसथ ू ाएं भारत सरकार के कायूक थ मू के गू​ूामीण रोजगार देने का कायूथ मबना लाभ के कर रही हैू. अतः इसकी आय (यमद कोई होती है तो) को करमुकूत रखा जाये. इससे रोजगार सृजन के कायूथकूमोूको बढूावा ममलेगा. भारत सरकार वषूथ2010 से एमडीए योजना लागू की गयी थी. इसके पू​ूावधानोू के अनुरूप आयोग भुगतान नहीू कर रहा है और पू​ूमतवषूथनये पू​ूावधान जोडूता जा रहा है मजससे संसूथाओूको कमठनाई आ रही है. संसूथाओूकी बडूी रामश रूक जाने के कारण कमू​ूतन व बुनकरोू को भुगतान मेू कमठनाई आ रही है.

वोट िेने वाली गाय

मपछले कुछ मदनोू से मबहार चुनाव मेू गाय का मुदूा गरमाया था. पूरे देश मेू गाय को बचाने की एक मुमहम मछड गयी. हलूला हुआ अख़लाक ने गोमांस खाया है, भीड के भेष मेू वोट के लुटेरोू के आदममयोू ने उसे पीटकर मार डाला. यही हाल महमाचल पू​ूदेश, हैदराबाद और पंजाब मेू चुपके से गुरू गू​ूंथ सामहब की कुछ पू​ूमतयां जला दी गयीू. मुदूे की बात ये है इन मामलोूपर केूदू और राजूय सरकारोूका रूख मसफूफएक दूसरे पर आरोप-पूतूयू ारोप करने भर तक रहा. ऐसे मेूमुझे गाय दूध देने के मसवाय वोट भी देती मदखी. हमेू इस तरह की राजनीमत को पहचानना होगा, तामक मकसी की जान गाय न ले ले. मनोज व्​्तपाठी, लखनऊ

राजनीदि और पुरस्कार

अपूरे देश मेूसाकूरू ता को बढावा देने के मलए कभी इन पू​ूमतभा संपनून लेखकोू ने जूयादा कुछ भी नहीूमकया. खुद पोथी पढकर पोथी मलख डाली. अब वे सामहतूय अकादमी का पुरसूकार लौटा रहे हैू. जब वह इस समूमान का पूरा िू​ूेय पा चुके हैू. इसका कारण जब वह देश मेू अशांमत के माहौल को देते हैू. उनकी मंशा साफ़ सामने आ जाती है. ये गैरवामजब भी है, कूया ये पहला मौका है जब देश का महौल मबगडूा है. इसमलए पुरसूकार पर राजनीमत न हो तो बेहतर होगा.

नीवलमा रावशद, भविंडा

लड़ाई बराबरी की

मबहार की अपनी खामसयत है, उसने देश की राजनीमत मेूहमेशा हलचल पैदा की है. इस चुनाव मेू अभी तक नेताओू ने खुद की अघोमषत जीत की घोषणा की है. लेमकन मुझे नहीूलगता मकसी ने भी मबहार की जनता के मन का अंदाजा सही से मकया है. जबमक मीमडया से लेकर पोल सवू​ूे वाले भी मतदाताओूपर अपनी राय देने मेूअसमंजस मेूमदखायी पडते हैू. कवि मल्होत्​्ा , मुंगेर

पादकस्िान जाना आसान

आजकल पामकसू​ूान भेजने का मरवाज चल पडूा है. अकूसर भाजपा के नेता लोगोू को पामकसू​ूान की राह सुलभ कराते मदख रहे हैू. शाहरूख के बयान के बाद उनूहेूपामकसू​ूान का मटकट ममल गया तो मशवसेना के गुलाम अली के कायूक थ मू को ही रदू​ू कर मलया. इस तरह के उलजूलूल बयानबामजयोू से देश की जनता को कुछ ममलने वाला नहीूहै. अनुराग शुक्ला, जमशेदपुर

अन्न िािा कहां सुखी

हमारी संसद की कैूटीन मेू पीएम ने खाना खाने के बाद रमजसूटर मेू अनून दाता सुखी भव की बात की थी. लेमकन जमीनी हकीकत इसके उलट है. देश का मकसान आतूमहतूया और भुखमरी का मशकार होता जा रहा है. इसके पूयू ास से ही पूरे देश को भोजन ममलता है. लेमकन टूवीटर और फेसबुमकया मीमडया वाले दौर के पू​ूधानमंतूी इस पर चुप हैू. खुद की जारी की गयी मरपोटूथ पर भी सरकार धूयान नहीूदे रही. रीतेश जायसिाल, उन्नाि


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सादहत़य

6 नवंबर-12 नवंबर 2015

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असदिषंणुता के दिकार या दिकारी? िीरे्द् याि​ि

दे

श के शीषूथलेखकोूऔर बुमूदजीमवयोूने बढती असमहषूणुता के मवरोध मेू समूमान वापसी का जो मसलमसला मवगत कुछ सपूताहोू से चल रहा है वह अब बढकर इमतहासकारोू, मफलूमकारोू, वैजूामनकोू और अनूय बौमू​ूदक कू​ूेतूोूतक मवसू​ूृत हो गया है. समूचा बौमू​ूदक समाज अमभवूयलूकत की आजादी और देश की संमवधान समूमत धमूथ मनरपेकू जनतांमूतक संरचना को बचाने के मलए एकजुट होता दीख रहा है. नयनतारा सहगल, कृषूणा सोबती, रोममला थापर, इरफ़ान हबीब, केकी दारूवाला से लेकर वैजूामनक पी एम भागूथव सरीखे वयोवृदूइस अमभयान का नेतृतवू कर रहे है.ू सूवीकार करना होगा मक सूवाधीनता के बाद यह पहली बार है जब सतू​ूा और देश का बौमू​ूदक समुदाय एक दूसरे से मुठभेड की मुदूा मेूहै. लेमकन इस समूचे पू​ूकरण मेू सतू​ूा पकू​ू ने बौमू​ूदकोू से संवाद करने के बजाय असमहषूणुता के मवरूदूइन गंभीर मचंताओूको मजस तरह ख़ामरज मकया है वह सचमुच हैरतंअंगेज है. मवतू​ू मंतूी अरूण जेटली इस अमभयान को ‘मैनूयूफकूचडूथ’ बताने के बाद अब असमहषूणुता का सबसे बडा मशकार खुद

सेवा में

पू​ूधानमंतूी नरेूदूमोदी को बता रहे हैू. केूदूीय मंमूतयोूमेूइस अमभयान के मवरूदूएकजुटता पू​ूकट करने की तो जैसी होड लग गयी है. कोई इसे ‘नैमतक आतंकवाद’ बता रहा है तो कोई ‘अंतरराषू​ूीय षडू​ूंतू’. यहां तक मक अब जेएनयू भी सतू​ूापकू​ू के मनशाने पर इसमलए है मक वहां बौमू​ूदक संवाद का खुला वातावरण आज भी है. सच तो यह है मक भाजपा सरकार और राषू​ूीय सूवयसेवक संघ ने बौमू​ूदकोू के इस पू​ूमतरोध के मवरूदू जो आकू​ूामक मुदूा अपनाया है वह देश मेूबढती असमहषूणुता से

स्वाधीनता के बाद यह पहली बार है जब सत्​्ा और देश का बौद्​्िक समुदाय एक दूसरे से मुठभेड़ की मुद्ा मे् है. कहीू अमधक मचंताजक है. आरएसएस पू​ूवकूता का ऐलामनया यह कहना मक आरएसएस की मवचारधारा इस देश की ‘रूमलग़ आइमडयालोजी’ बनने की ओर

अगू​ूसर है. यह मकसी तरह के संदेह की गुंजाइश को खुद समापूत कर देता है . इतना ही नहीूअब तो यह भी दावा मकया जाने लगा है मक आरएसएस को फासीवादी या गैरजनतांमूतक संगठन इसमलए नहीू कहा जा सकता कूयोूमक संघ का एक पू​ूचारक आज देश का पू​ूधानमंतूी है. उसने संमवधान की शपथ ली है. कहना न होगा मक भाजपा के केूदूीय सतू​ूा मेू आने के बाद आरएसएस मशकू​ूा, संसूकृमत, इमतहास, मवजू​ूान और देश के अनूय शीषूथसूथ संसूथानोूमेूपाठू​ूकूम और मनयुलकू तयोूसे महंदतु वू वादी सोच को मजस तरह

केूदूीयता पू​ूदान कर रहा है वह अब तक के सूवीकृत तामूकफक और वैजूामनक मूलूयचेतना की मवरोधी है. यही कारण है मक एमएम कलबुगूी, गोमवंद पानसरे और नरेूदू दाभोलकर सरीखे तकूफशील और अगू​ूगामी मचतकोू लेखकोू की कटू​ूर महंदुतूववादी शलूकतयोूके जमरये हतूया केदू ूसरकार के मलए मचंता और कारूथवाई का मवषय नहीू बनतीू. मजस असमहषूणतु ा को लेकर देश के राषूपू मत, मरजवूथ बैूक के गवनूथर, कॉपू​ूोरेट जगत यहां तक मक अंतरराषू​ूीय आकलन संसूथा मूडी तक मचंमतत और चेतावनी की मुदूा मेूहो उस पर मवतू​ूमंतूी का यह कथन मक ‘कहां हैू असमहषूणतु ा’ शुतमु रथुू गी अंधतूव ही नहीूबलूलक मनमूथम भी है. देश की सामूमहक अंतिू​ूेतना के रखवाले बौमू​ूदकोूसे सतू​ूामद मेूडूबे सामहबोू और मुसामहबोू का यह पूछा जाना मक ‘तब कहां थे’ सचमुच पू​ूहसनातूमक है. लेमकन सवूाथमधक दयनीय है असमहषूणुता के मवरूदू पू​ूमतरोध का मवरोध करती सतू​ूा के पैरोकारोू की वह सूची मजसका पहला नाम उन लोकेश चंदूका है मजनूहोूने भारतीय सांसक ू मृ तक संबध ं पमरषद का अधूयकू​ूबनाये जाने के बाद नरेूदू मोदी को ईशू​ूर का अवतार और गांधी से बडा महामानव बताया था. सचमुच यह ढीठपन है. अचूछा है मक देश का बौमू​ूदक समुदाय अब अपनी चुपूपी तोडकर बुलंदी के साथ मुखर हुआ है. सचमुच यह पहल ऐमतहामसक और दूरगामी है.

प़​़लतकार का कोई और अस़​़ नही़ है: शेखर पाठक िू​ूीमान पू​ूणव मुखजू​ूी भारत के राषू​ूपमत राषू​ूपमत भवन नयी मदलूली-110001

महोदय, मैू महमालय कू​ूेतू के उतू​ूराखंड पू​ूांत का वासी हूं. कुमाऊं मवशू​ूमवदू​ूालय नैनीताल मेू मशकू​ूक रहा हूं. मैूने कुछ काम महमालयी इमतहास, सामामजक आंदोलन, सूवतंतूता संगूाम और भौगोमलक अनूवेषण के इमतहास पर मकया और अभी भी इसमेू जुटा हूं. महमालयी समाज, संसूकृमत, इमतहास और पयूाथवरण पर केूमूदत पू​ूकाशन पहाडूको मैूअपने सामथयोूके साथ संपामदत करता रहा हूं. भारतीय लोक भाषा सवू​ूेकूण के कायूथ से भी मैू जुडूा रहा. मेरा मकसी राजनैमतक पाटू​ूी से संबंध नहीूहै. लेमकन लोकतंतू, धमूथमनरपेकूता, अमभवूयलूकत की सूवतंतूता और समता मैू मेरा अगाध मवशू​ूास है. मैू जनांदोलनोू का समथूथक और महसूसेदार रहा हूं. साल 2007 मेू मुझे मशकू​ूा और सामहतूय के मलए पदू​ूिूी समूमान ममला था, मजसे मैूने ततूकालीन राषू​ूपमत सूव एपीजे अबूदुल कलाम साहब के हाथोूपू​ूापूत मकया था. मैू इसे राषू​ू से मदया गया बहुत बडूा समूमान मानता हूं. अब मैूअतूयंत रंज के साथ इस समूमान को लौटा रहा हूं. कूयोूमक मेरे पास पू​ूमतकार का कोई और असू​ूनहीूहै. l देश मेू मजस तरह असमहषूणुता और नफरत का माहौल बनाया जा रहा है, सूवतंतूचेता मवचारकोूकी हतूया की जा रही है और हमारी ‘भारतीय पहचान’ के बदले

धामूमक थ और सांपदू ामयक पहचान को सामने लाया जा रहा है, वह मकसी भी आम भारतवासी की तरह मुझे असूवीकायूथ है. इतने मवमवधता भरे, समदयोू मेू मवकमसत कई मवचारोू, दशूनथ ोू, पूमूतरोधोूऔर सृजनशीलताओूवाले मेरे देश मेू, जो सामंती वूयवसूथा, औपमनवेमशक शासन, मवभाजन और तमाम जातीय और सांपदू ामयक दंगोूके दंश सह कर भी अपनी जगह खडूा था और धीमे ही सही आगे

बढूरहा था, एकाएक इतनी अमधक असमहषूणतु ा पैदा कर दी जायेगी और मवचारोू की अमभवूयलूकत को रोकने की कोमशश होगी या मवचारकोू और सामहतूयकारोू की हतूया का मवरोध कर रहे सामहतूयकारोू, मफलूमकारोू, वैजूामनकोू और इमतहासकारोू का उपहास मकया जायेगा, यह सोचा भी न था. चाहे एम.एम. कलबुगूी, नरेूदूदाभोलकर या गोमवंद पानसरे की हतूया हो या मेरठ, दादरी या अनूयतू​ूके कांड हो, सुधीूदू कुलकणू​ूी पर सूयाही फेूकना हो या उसू​ूाद गुलाम अली को मुंबई मेू पू​ूसूुमत करने से रोकना हो ये सब फासीवादी पदू​ूमतयां हैू, मजनके साथ अपने अलावा मकसी भी और आवाज को न सुनने का अपराध जुडूा है. मैूइन शमूथनाक घटनाओूपर रोष पू​ूकट करता हूँ. l साल 1990 के बाद इस देश को मजस तरह खगोलीकरण, मनजीकरण और कॉरपोरेटीकरण का मशकार होना पडूा है उससे कोई भी अपमरमचत और अपू​ूभामवत नहीू है. आम जनता/समुदायोू की जमीन, जंगल, जल संसाधन और वनूयता को मजस तरह लूटा जा रहा है और सबसे बडूे गणतंतू की चुनी हुई सरकारोू ने मजस तरह कॉरपोरेट शलूकतयोू के सामने आतूमसमपूथण मकया गया और मकया जा रहा है उससे संसाधन तो नषू​ू हो ही रहे हैू, लोग मवसूथामपत हो रहे हैू. वनवामसयोू, जनजामतयोू, पवूथतवामसयोू, मछुआरोू, मकसानोूहरेक का जीवन कमठन होता जा रहा है. एक अतूयनूत युवा और अभी भी बन रहे महमालय पवूथत मेू अवैजूामनक खनन करना, नमदयोू के पू​ूवाह को बामधत करना, मबना वांमछत जांच-पडूताल के बडूे-बडूे बांध बनाना, जंगल और खेती की जमीन को गैर वनूय या

गैर खेती के कामोू मेू इसू​ूेमाल करना, वनूय जीवोू का मवनाश तथा जंगलोू का कटान करना और सावूथजमनक भूमम को (पनघट, गोचर आमद) बडूे वूयापामरक घरानोू और संसथ ू ाओूको सौपना सूथानीय समुदायोूऔर यहां की पामरलूसथमतकी के मवरूदूहै. साल 2013 की पमू​ूिमी नेपाल, उतू​ूराखंड और पूवूी महमाचल की आपदा से सीखने से भी इनकार मकया जा रहा है. मजन-मजन कारणोू से यह महाआपदा आई, उनूहेू ही मफर अपनाया जा रहा है. गंगा जैसी पावन नदी (यह धूयान रहे मक उतू​ूराखंड और महमाचल का छोटा-सा महसूसा ही गंगा का भारतीय महमालयी जलागम है) के साथ राजनीमत की जा रही है. उतू​ूराखंड मेू बडूे बांधोू के बाबत भारतीय वनूय जीव संसूथान, आईआईटी कनसोमूटियम और रमव चोपडूा कमेटी (ये तीनोूकमेमटयां सरकार ने बनायी थीू) के मदये गये सुझावोू को ताक पर रख कर वैजूामनक अधूययनोूऔर पूमू ाणोूकी अवहेलना की जा रही है. इसी तरह उतू​ूराखंड पू​ूांत की मनमूवथवाद राजधानी गैरसैण मेू सूथामपत करने मेू आम जनता से जो छल मकया जा रहा है, वह भी मेरी पीडूा का कारण है. बहुमत के साथ आयी केदू ूऔर पू​ूातं की नयी सरकारेू अपनी पूवूथवतू​ूी सरकारोू से महमालय की लूट के मामले मेूऔर आगे जा रही है. मैूभारतीय महमालय के महतूवपूणथू कू​ूेतूउतू​ूराखंड की उपेकूा का भी मवरोध करता हूं. आपको कषू​ूदेने के मलये मैूकू​ूमा पू​ूाथू​ूी हूं. ववनीत/पं​ंेषक शेखर पाठक (शेखर पाठक की मचठू​ूी के संपामदत अंश)


10 6 नवंबर-12 नवंबर 2015 पावर प़लांट के लखलाफ करछना मे़ www.shukrawaar.com n

'कूड़ा लाओ, पैसा ले जाओ'

लकसानो़ का मोच़ा​ा खुला

इलाहाबाि

रछना तहसील मेू पू​ूसूामवत पावरपूलांट से पू​ूभामवत मकसानोू ने इसके मवरोध मेू 6 नवंबर को वाराणसी के शासू​ूी घाट वरूनापुल पर धरना मदया.‘साझा संसूकृमत मंच’ और ‘जन आंदोलनोू के राषू​ूीय समनूवय उतूरू पूदू श े ’ के लोग भी इस धरने मेूशाममल हुए. इलाहाबाद शहर से 40 मकमी दूर दमू​ूकण मेू करछना के 8 गांव के मकसान जेपी समूह संगम पावर जेनरेशन कंपनी मलममटेड के 660.2 मेगावाट कू​ूमता के इस पू​ूसूामवत पावर पूलांट से मवसूथामपत होने को मजबूर हैू. जेपी समूह को पावर पूलांट के मलए कुल 555.63 हेकटू ये र जमीन की जरूरत है. मजसमेू242 हेकटू ये र भूमम का अमधगू​ूहण हो चुका है. साल 2008 मेू इस पमरयोजना को मकसानोू की राय मलये मबना ही घोमषत कर मदया गया था. फसल वाले खेतोू को बंजर बताकर लोगोू का जो मुआवजा तय मकया गया, वह समूकल फ रेट के मुकाबले बहुत ही कम है. अब तक मसफूफ 17 फीसद लोगोू ने मुआवजा मलया है. इस

करछना धरने की तस्िीर योजना से सीधे तौर पर दो हजार मकसान पमरवार और दो नहरेूभगेसर और मेडरा भी पूभू ामवत होूगी. इससे पहले जब भटू​ूा परसौल मेू14 लाख रूपये पू​ूमत बीघे के मुआवजे का मामला उठा तब करछना के लोगोूने भी बढूी हुई दर पर मुआवजे की मांग की. साल 2009 मेू इसी मांग को लेकर टू​ूेन रोको आंदोलन हुआ और पुमलस ने

जल,जंगल, जमीन और अन्य प्​्ाकृदतक संसाधनो् पर सत्​्ा की मदद से काप्​्ोरेट्स का कब्जा बढ़ता जा रहा है, जबदक वास्​्दवक स्सिदत मे् गरीब ददनो्ददन बदहाल होता जा रहा है. जो बहुत ही खतरनाक है. आंदोलनकामरयोू पर गोमलयां चलायी. मजसमेू आंदोलन कर रहे मकसान गुलाब मवशू​ूकमूाथ की मौत हो गयी. इसके बाद ततूकालीन मजलामधकारी ने 100 रूपये के सूटांप पेपर पर पमरवार के एक वूयलूकत को

नौकरी और घर आमद देने का वादा मकया . लेमकन मजलामधकारी के तबादले के बाद ऐसा कुछ भी नहीू हुआ. मकसानोू ने संघषूथके मलए पुनवूास थ मकसान कलूयाण और सहायता समममत नामक एक संगठन बनाया गया. इस संगठन ने इलाहाबाद हाईकोटूथ मेू एक यामचका दायर की. मजसमेू 13 अपू​ूैल 2012 को हाईकोटूथने मकसानोूको मुआवजा वापस कर जमीन वापस लेने का फैसला मदया. मकसानोू ने राजूयपाल को एक पतू​ू भेजा. इसमेू मकसानोू ने मुआवजा वापस करने की बात कही है. बीते 26 अकूटूबर,2015 को वाराणसी के सवूथ सेवा संघ मेू मधूय पू​ूदेश के पूवूथ मवधायक और मकसान संघषूथ समममत के कायूक थ ारी अधूयकू​ूडॉ सुनीलम की अधूयकूतू ा मेू तैयार की गयी थी. इस बैठक मेू उतू​ूर पू​ूदेश व अनूय राजूयोू के अनेक संगठनोू ने महसूसा मलया था. मवरोध की इस कडूी मेू16 नवमूबर 2015 को लखनऊ लूसथत गांधी पू​ूमतमा पर पूरे राजूय के संगठन इकठू​ूा होूगे. इससे पहले पुमलस ने आंदोलन कर रहे मकसानोूमजनमेू वृदूो,ू नाबामलगोूसमेतू 42 मकसान नेताओूऔर गू​ूामीणोूको महरासत मेू लेकर उन पर गैूगसूटर और रासुका जैसी धारायेूलगाई थी. वकूताओूने कहा मक आज सरकारेूजो मवकास की जो नीमतयां अपनायीू हैू, वह आम नागमरक के महत से अमधक पूंजीपमतयोू और कापू​ूोरेट घरानोू को लाभ पहुंचा रही हैू. जल,जंगल, जमीन और अनूय पू​ूाकृमतक संसाधनोूपर सतू​ूा की मदद से कापू​ूोरेटूस का कबूजा बढता जा रहा है, जबमक वासू​ूमवक लूसथमत मेू गरीब मदनोूमदन बदहाल होता जा रहा है. जोबहुत ही खतरनाक है. धरने के बाद लोग जुलूस के रूप मेू मजला मुखूयालय पहुंचे और मुखूयमंतूी को संबोमधत करता हुआ जू​ूापन मजलामधकारी के पू​ूमतमनमध को सौूपा.

रतर्िनंतपुरम

बचू​ूे मनयत समय पर अपने साथ एक खास बैग मेू ई-कचरा लायेूगे. इस पू​ूोजेकूट फाई की यह अनूठी पहल है मजससे की मजमूमेदारी सूकूल के मकसी अधूयापक की हामनकारक ई-कचरे और पूलालूसटक होगी जो बचू​ूोू के इस ई-कचरे का वजन की सफाई की जा सकेगी. केरल सरकार ने करके एक रमजसूटर मेूनोट कर मदया करेूगे. राजूय के सीबीएसई, आईसीएसई और मनजी हारून कहते हैू मक एनएसएस इकाई भी सूकल ू ोूके छातू​ूोूके जमरये ‘गू​ूीन आमू​ूी’ बनाने सूकूलोू मेू इसमेू अपना सहयोग करेगी. वेू की योजना को अंमतम रूप देने मेू लगी है. अपने घरोू और सूकूलोू के आसपास जाकर इस तरह छातू​ूपयूाथवरण संरकू​ूण के साथ ई- ई-कचरा और पूलालूसटक की चीजेू इकठू​ूा ू ाए कचरे और पूलालूसटक को बेचकर पॉकेट मनी करेगू .े इलाके के कचरा जुटाने वाली संसथ भी सू क ल ू ोू मे ू मनयममत रू प से कचरा इकठू ूा भी पायेूगे. करके सीके स ी को सौू प ने का काम करे ग ू ी. एक योजना के तहत छातू​ूोू को बेकार बचू​ूोूके माता-मपता भी इसमेूपूलालूसटक की चीजोू को एक खास बैग मेू जुटाने और के कचरे को साफ करके लाने मेूमदद कर एक तय समय पर लाने को कहा जायेगा. इससे जलूदी ही राजूय के हजारोू छातू​ू अपने सकते हैू, मजससे इनकी कीमत मरसाइलूकलंग सूकूलोूमेूबेकार के पूलालूसटक की चीजोूऔर इंडसूटूी से अचूछी ममल सकेगी और इनका खराब इलेकूटूामनक सामानोू के साथ जाते दुबारा इसू​ूेमाल हो सकेगा. सरकार ने ईमदखेगू .े इसमेूबचू​ूोूके अमभभावक भी उनका कचरा अमभयान यूनाइटेड नेशन की पहल साथ देूगे. योजना पर राजूय की सूवचूछ केरल पर सूकूलोू के साथ ममलकर शुरू मकया है. कंपनी (सीकेसी) के पू​ूबंध मनदेशक कबीर मजसमेू 2020 तक मकूफरी के उतूपादोू जैसे बी हारून कहते हैू मक हम एक मकलो ई- बूलड पू​ूेशर मॉमनटर,कूलीमनकल थमूाथमीटर कचरे के बदले छातू​ूोू को 25 रूपये देूगे. और उचू​ू-दबाव वाले मकूफरी लैूपोू के अमभवावकोूको भी बचू​ूोूकी इस कोमशश मेू उतूपादन, आयात और मनयूाथत को चरणबदू​ू तरीके हटाने की योजना है. साथ देना चामहए.

अडानी की माया दकसानों पर काला साया

सुनीलम रिंि​िाड़ा

एकड जमीन मेू कोई काम अभी तक नहीू शुरूमकया गया है. इस अंचल मेूअडानी ने बडे पैमाने पर मकसानो की जमीन ली है. न आंदोलनोू की राषू​ूीय राषू​ूीय सूरू चचूाथ के चार साल पहले अडानी समनूवय समममत (एनएपीएम) मधूय पू​ूदेश मेू तब चचूाथ मेू आए जब उनूहेू की तरफ से आगामी दस जनवरी को भाजपा सरकार ने 2010 मेूमकसानोूसे मधूय मधूय पू​ूदेश के मछंदवाडा मजले मेू अडानी पू​ूदेश मवदू​ूुत मंडल की ओर से पावर पू​ूोजेकूट की मवमभनून पमरयोजनाओू से लगाने के मलए जमीन मदलवायी. यहां पू​ूभामवत मकसानोूके संघषू​ूोूको तेज करने के मकसानोूसे तीन से दस हजार पू​ूमत एकडूकी मलये राषू​ूीय भूमम अमधकार समूमेलन का दर पर खरीदी गयी. जमीन को 13 लाख आयोजन मकया जा रहा है. इस समूमेलन मेू रूपये पू​ूमत एकडूकी दर से अडानी के पावर मेधा पाटकर, योगेूदू यादव समेत देश के पू​ूोजेकूट के मलए बेच मदया. यह जमीन 24 मवमभंन महसूसोूसे मकसान नेता यहां पहुंच रहे साल पहले पांच गांवोूचौसरा, टेका चांवरी, हैू. गौरतलब है मक अडानी की मवमभनून डांगावानी, पमररीया तथा धनीरा के पमरयोजनाओू के नाम पर करीब सात सौ गू​ूामवामसयोू के पमरवार के एक सदसूय को

नौकरी देने के वादे के साथ अमधगू​ूहीत की गयी थी. पू​ूभामवत मकसानो को मनशुलूक मबजली और कूतूे ूके मकसानो को लागत मूलयू पर मबजली उपलबूध कराने की भी बात कही गयी थी. उस समय लागत मूलयू 50 पैसा पूमूत यूमनट थी. सवू​ूोचू​ूनूयायालय से दादरी मेूमरलायंस पावर पू​ूोजेकूट समहत मवमभनून पमरयोजनाओू मेूभूमम अमधगूहू ण का उदूशूे यू बताने के चलते मकसानोू को जमीन वापस मदये जाने का फैसला मकया जा चुका है. इस वजह से अडानी को मकया गया भूमम आवंटन गैर कानूनी है. साल 1986 मेूमधूय पू​ूदेश मवदू​ूुत मंडल ने मबजली कारखाना सूथामपत करने और मवदू​ूुत गृह के कमूथचामरयोू के मलए

कालोनी बनाने के उदू​ूेशूय से भूमम अमधगू​ूमहत की थी. अडानी पावर पू​ूोजेकूट का मनमूाथण कायूथ शुरू करने के मलये 52 एकडू के जंगल पर कबूजा कर चार मंमजला पूश ू ासमनक भवन का मनमूाथण कर मदया गया. शासन के समकू​ू मामले की मशकायत की गयी. इस पर मेधा पाटकर के साथ पयूावथ रण मंतूी जयराम रमेश और जयंती नटराजन ने अमतकू​ूमण और मनमूाथण को अवैध घोमषत कर मबना अनुममत के कोई मनमूाथण न करने की बात कही. लेमकन आज तक अमतकू​ूमण की भूमम पर खडूी इमारत को नहीू तोडूा गया. अडानी पू​ूबंधकोूने गांवोूके सावूथजमनक रासू​ूोू, कुंओू यहां तक मक मरघट पर भी कबूजा कर मलया

है.

पावर पू​ूोजेकूट के पयूाथवरण पर पडूने वाले मवपरीत पू​ूभावोू के मुदूे को लेकर मकसान संघषूथ समममत के सदसूय नेशनल गू​ूीन मू​ूटबूयूनल मेू गए. यहां वमरषू​ू अमधवकूता संजय पामरख ने भी यही बताया मक पेच ू अभूयारणूय, पेच ू नदी और आस-पास की खेती की जमीन पर पमरयोजना का मवपरीत असर पडूेगा. पू​ूबंधकोू ने ममयाद का सवाल उठाया, मजसे मू​ूटबूयूनल ने असूवीकार कर मदया. पू​ूबंधक उचू​ूतम नूयायालय गये. नूयायालय ने भी यह माना मक यामचका समय सीमा के अंदर पू​ूसूुत की है जो अभी गू​ूीन मू​ूटबूयूनल मेू लंमबत है.



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6 नवंबर-12 नवंबर 2015

आंदोलन से आर्किड उद्​्ान तक

राजीि कुमार

सम की कृषक मुलूकत संगूाम समममत (केएमएसएस) का नाम अराजकता फैलाने और आंदोलन करनेवाले संगठन के तौर पर हो चुका था, लेमकन हाल ही मेू समममत का एक काम इतना पू​ूशंसनीय हुआ है मक देशीमवदेशी पयूथटक उधर खीूचे चले जाते हैू. असम के काजीरंगा राषू​ूीय उदूाून पयूथटक एक सीूगी गैूडे को देखने आते हैू, लेमकन अब एक सीूगी गैूडे के साथ ही समममत के बनाये काजीरंगा आमूकफड उदू​ूान को देखने पयूथटक जाते हैू. इससे समममत ने सूथानीय लोगोूको सूवावलंबी बनाने के साथ ही असम की जैव मवमवधता के संरकू​ूण और कलासंसूकृमत को देशी-मवदेशी पयूथटक के सामने पेश मकया है. समममत ने काजीरंगा के दुगूाथपुर मेू काजीरंगा आमूकफड उदू​ूान बनाया है. हर रोज यहां हजारोू की संखूया मेू पयूथटक आते हैू. इससे समममत को आय होने के साथ ही सूथानीय लोगोू को रोजगार भी ममला हैू.यह एक आमूथथक कू​ूांमत है. 14 अकूतूबर को सामहतूयकार होमेन बरगोहाईू ने इसका उदूघाटन मकया. उदूघाटन के साथ ही देशी-मवदेशी पयूथटकोूका तांता लग गया. करीब छह महीने मदन-रात एक कर असंखूय समममत के मकसानोू ने ममलकर आदशूथगांव दुगूाथपुर को आकषूथक बना डाला है.

सुजीत चक्​्ित्​्ी

काजीरंगा के कहरा से दुगूाथपुर गांव दो मकलोमीटर दूर है. राषू​ूीय राजमागूथ के मकनारे दाईू ओर एक मवशाल बहुरंगी जामप(असममया पारंपमरक टोपी) से बना पू​ूवेश दू​ूार है. यहां से दो सौ मीटर अंदर जाने पर ही दुगूाथपुर आदूथश गांव आता है.यहीू केएमएसएस का आमूकफड उदू​ूान है. एक टीले पर मनमूमतथ इस बहुरगं ी मनमोहक उदू​ूान मेूमसफूफआमूकड फ ही नहीू,फलमूल, असम के कई धानोूका संरकू​ूण है. यहां मततमलयां भी मौजूद है. हरे गृह के साथ ही एक फोटो संगूाहलय है मजसमेूमवशू​ूके सभी आमूकफडोू के फोटो नाम समहत लगे हैू.यहां अनूय एक संगूहालय मेू असम के दो सौ से अमधक

सूथानीय धान के बीज संरमू​ूकत और पू​ूदमूशथत मकये गये हैू. जैसे ही पयूथटक उदू​ूान के पू​ूवेश दू​ूार से आगे जाते हैू तो उनूहेू ठंडा पेयजल देने के साथ ही असम के बाजार मेू अब तक उपलबूध न होनेवाला भीम केले(एकपू​ूकार का केला) का एक कप शरबत मुफूत मेू मदया जाता हैू.यह इतना मजेदार है मक पयूटथ क जाने के दौरान इसे पचास रूपये लेना नहीू भूलते.समममत पयूथटकोू के आकषूथण के मलए असम के सूथानीय नाशूते को भी वूयवसामयक सू​ूर पर उतूपादन कर बेच रही है. कला-संसूकृमत को भी पयूथटकोू के

जीवन दे रहा है रबर

क ममहला ममली, जो सूथानीय थी. नमूथदा तट के मकनारे की पूलालूसटक की पलूननयां बीन रही थी. मैनू े मजजू​ूासावश पूछ मलया, आप सफाई कर रही हैू, मकसकी तरफ से? हमारा घाट है, हमारी नमूथदा है, हम सफाई करते रहते हैू. उसकी बात सुनकर मन िू​ूदूा से भर गया. नमूथदा मकनारे दोनोूतरफ बडूी संखूया मेूमाझी, केवट और कहार लोग रहते हैूजो मछली पकडूने व नमूदथ ा की रेत मेूतरबूज-खरबूज की खेती करते थे. तरबूज-खरबूज की खेती तो अब नहीू हो पाती लेमकन मछली अब भी पकडूी जाती है. मवमपन चंदू देववमूाथ 1999 तक, एक गरीब ख़ूानाबदोश था. अब यह 75 वषू​ूीय आमदवासी गू​ूामीण पमू​ूिम मू​ूतपुरा के मविू​ूामगंज मेूपकेूमकान मेूरहता है, कार चलाता है और उसके पास सभी कीमती घरेलू सामान है, उसके तथा उसके पमरवार की जीवन- शैली मेू13 वषू​ूोूकी अवमध मेूयह अमवशू​ूसनीय पमरवतूनथ , मू​ूतपुरा की राजधानी अगरतला से मातू​ू40 मक.मी. दूर मसपाही जाला मजले के मविू​ूामगंज गांव मेू पू​ूाकृमतक रबर की खेती करने के कारण संभव हुआ है. िू​ूी देववमूाथ, एक भूतपूवूथ, झुममया (खानाबदोश मकसान) अब बागबान पाडूा रबर पू​ूोडू​ू​ूससूथ सोसायटी (बी.पी.आर.पी.एस.) के अधूयकू​ू हैू. इस सोसायटी के पास मजले मेूबागवान पाडूा गांव मेू54.4 हेकूटेयर का एक रबर बागान है. 75 वषू​ूीय इस रबर कृषक ने कहा “अब मैूएक खुश मपता हूं, मैूने कभी भी ऐसे जीवन की कलूपना नहीूकी थी. रबर की खेती ने मेरे पमरवार की लूसथमत बदल दी है. न केवल मेरे पमरवार बलूलक, अनेकोूउन झाममया पमरवारोू ने एक छोटी-सी अवमध मेू ही नाटकीय मवकास देखा है.” िू​ूी देववमूाथ का बडूा बेटा असम मेूमडबू​ू​ूगढूमचमकतूसा कालेज मेूदवाइयोूकी पढूाई कर रहा है, उसका दूसरा बेटा सेना मेू राइफलमेन है और उसी एकमातू​ू बेटी मू​ूतपुरा सूकूल मशकू​ूा मवभाग मेूअधूयामपका है. भारत के पूवूोतूरू राजूयोू, मवशेष रूप से मू​ूतपुरा मेूरबर की खेती उन गरीब आमदवामसयोू के जीवन को बेहतर बना रही है जो ‘झूम’ या सूलैश एवं बनूथ

मनोरंजन के मलए पेश मकया जाता है.तीन हजार कई पेडूोूके बीच एक खुला मंच तैयार मकया गया है. इसके पास ही मममसंग जनगोषू​ूी का चांग घर और काबू​ूी जनगोषू​ूी का टेूगी घर है. खुले मंच मेूहर मदन असम के कई जनगोमू​ूषयोूके पारंपमरक नृतूय गीत पेश होते रहते है.ू उदू​ूान मेूदो तालाब है,जहां पयूथटक नौका मबहार का आनंद ले सकते हैू.साथ ही चाय बागान से सटा राक गाडूथन है. समममत के सलाहकार अमखल गोगोई का कहना है मक इस उदू​ूान मेू पूवूोतू​ूर मेू ममलनेवाले सभी आमूकफडोूका संरकू​ूण मकया गया है. असम मेूममलनेवाले 402 तरह के

कृमष का कायूथकरते थे तथा इस कृमष से कू​ूेतूकी अथूथवूयवसूथा मेूनाटकीय पमरवतूथन आया है. खेती के इस बदलते हुए रूप मेूसामानूयतः पहाडूोूके सभी जंगलोूको काटना, कटे हुए पेडूोूको जलाने तथा मचरने से पहले पहाडूोूकी ढलान पर सुखाना मनमहत होता था, इस अवैजूामनक खेती मेू सलूबजयोू, मकू​ूा/जूवार, कपास, सरसोूतथा अनूय फ़ूसलोूके साथ धान बीच की फसल होती थी. तथामप इस खेती से ममटू​ूी एवं पयूाथवरण दोनोूको कू​ूमत पहुँचती थी और संबंमधत गरीब “झुममया” पमरवारोू के मलए पूरे वषूथ का भोजन भी नहीू ममल पाता था. मू​ूतपुरा मेूरबर की खेतीबी.पी.आर.पी.एस. ने रबर बोडूथएवं मू​ूतपुरा सरकार के आमदवासी कलूयाण मवभाग की सहायता से 1999 मेूरबर का वृकूारोपण पू​ूारंभ मकया और 2007 मेूरबर लेटेकूस का उतूपादन पू​ूारंभ हुआ, रबर शीट बनाने के मलए लेटके स ू को संसामधत मकया जाता था और रबर शीट, रबर बोडूथ तथा रबर उतूपादक सोसायटी दू​ूारा संयुकूत रूप मेू चलाई गई एक कंपनी ममनमलायर रबसूथ पू​ूाइवेट मलममटेड को बेची जाती थी. रणजीत देववमूाथ के अनुसार ममहलाओू सहमत 80 से भी अमधक आमदवासी युवकोू को बी.पी.आर.पी.एस. मेू सूथायी रोजूगार पू​ूापूत हुआ. ये युवा रबर बागान को काटने, लेटेकूस एकतू​ूकरने, रबर शीट बनाने, संसामधत करने का तथा अनूय कायूथ करते हैू. मानसून के दौरान उनकी सोसायटी रबर शीटोू की मबकू​ूी से एक महीने मेू लगभग 8 लाख रू. अमूजथत करती है, जबमक शेष महीनोू मेू आय 17 लाख से 18 लाख रू. पू​ूमत माह होती है. रबर बोडूथके अपर उतूपादन आयुकूत ने बताया मक पू​ूाकृमतक रबर मू​ूतपुरा मेू लगभग 52000 कृषक पमरवारोूके मलए और लगभग इतने ही मजूदूर पमरवारोूके मलए एक सूथायी जीमवका है. मू​ूतपुरा केरल के बाद दूसरा सबसे बडूा रबर खेती कू​ूेतू है, जहां पू​ूाकृमतक रबर की खेती की जाती है. यहां 2010-11 मेू लगभग 60,000 हेकटू ये र कूतूे ूमेूलगभग 26,000 टन पू​ूाकृमतक रबर का उतूपादन हुआ. मू​ूतपुरा आमदवासी कलूयाण मवभाग एवं रबर बोडूथ के मकसानोू को पू​ूमशकू​ूण देने के अमतमरकूत मवतू​ूीय तथा तकनीकी समथूथन भी दे रहे हैू. आमदवासी कलूयाण मवभाग के अनुसार 1999 तक लगभग 51,265 पमरवार “झुम” खेती पर

आमूकफडोू के साथ ही पूवूोतू​ूर मेू ममलनेवाले 850 आमूकफडोू का यहां संरकू​ूण है. यह पूरे 18 बीघा मेू है. सूकूली छातू​ूोू से 20, कालेज छातू​ूोू से पचास, असम के पयूथटकोू से सौ, भारतीय पयूथटकोू से दो सौ और मवदेशी पयूटथ कोूसे पांच सौ रूपये पूवू श े फीस ली जाती है. कैमरोू की फीस अलग है. गोगोई का कहना था मक हमने सूथानीय 60 लोगोू को यहां रोजगार मदया है. सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक यह खुला रहेगा. समममत ने यह कदम उठाकर सामबत कर मदया है मक वह मकसानोूकी बात सोचती है. साथ ही असम मेू आमूथथक कू​ूांमत लाना चाहती है.

पूणूथतः आमू​ूित थे. वन मवभाग दू​ूारा 2007 मेूमकए गए एक सवू​ूेकूण से पता चलता है मक ऐसे पमरवारोूकी संखूया कम होकर 27,278 के लगभग रह गई है, मू​ूतपुरा वन मवभाग के अमधकामरयोू के अनुसार “झुममया” पमरवारोू की संखूया अब घट कर 20,000 से कम हो गई है. न केवल झुममया पमरवार या असंगमठत मजूदूर बलूलक सरकार को आतूमसमपूथण कर चुके आतंकवादी एवं अनूय वूयलूकत भी रबर की खेती से जुडूेहैू. देश के लचीले पॉमलमर उदू​ूोग को बढूावा देने एवं राजूय मेू उपलबूध संसाधनोूका उपयोग करने के मलए केरल के ईरापुरम मेूरबर पाकूफके बाद, भारत का दूसरा औदू​ूोमगक रबर पाकूफ23 करोडूरू. की लागत पर पमू​ूिमी मू​ूतपुरा के बोदंगनगर मेूसूथामपत मकया गया है. अगले कुछ वषू​ूोूमेूइस पाकूफ मेूरबर आधामरत उदू​ूोग की लगभग 20 पमरयोजनाएं सूथामपत की जाएंगी. गैर पारंपमरक भूमम अमधकांशतः कनूाथटक, गोवा एवं महाराषू​ूराजूयोूमेू पमू​ूिमी घाटोूके मगरीपीठोूके समानांतर तथा आंधूपू​ूदेश एवं उडूीसा मेूकुछ सीमा तक पूवूी घाटोूके समानांतर पडूती है, रबर बोडूथदू​ूारा पहले मकए गए एक मूलूयांकन के अनुसार, असम, मू​ूतपुरा मेघालय, ममणपुर, ममजोरम तथा नगालैडू पूवूोतूरू राजूयोूमेूलगभग 450,000 हेकटू ये र कूतूे ूउपलबूध हो सकता है. (इंमडया वॉटर पोटूथल)



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6 नवंबर-12 नवंबर 2015

समुद्के वकनारे कुछ वदन अंबरीश कुमार

मत

रूअनंतपुरम मेू केरल पयूथटन मवभाग का होटल सूटेशन के पास है. यह काफी आरामदेह भी है इसमलए तय मकया गया मक रूकेूगे यहीूऔर घूमने के बाद लौट आया करेूगे. वैसे भी तममलनाडु और केरल के बीच जो बांध मववाद चल रहा था उसके चलते टैकूसी वाले शाम तक मतरूअनंतपुरम लौट आने की शतूथपर जाने को तैयार हो रहे थे. साल का अंमतम हफूता था. सैलामनयोूकी भीडूउमडूी हुई थी. हम मजस होटल चैथरम मेूरूके थे उसके सामने ही टैकूसी सूटैूड था. सूटश े न भी वहां से बाएं तरफ करीब सौ मीटर की दूरी पर था. ठीक बगल मेू एक मीनार जैसे भवन मेूइंमडयन कॉफी हाउस. यह ऐसा कॉफी हाउस था मजसमेूमचकन मबरयानी से लेकर रोगन जोश तक परोसा जाता है. खैर यहां से मतरूअनंतपुरम का मुखूय बाजार से लेकर मंमदर तक सभी दस पंदूह ममनट की दूरी पर है इसमलए ठहरने के मलहाज से यह जगह ठीकठाक है. अंत मेू तय हुआ मक सुबह कनूयाकुमारी के मलए चलकर रात तक लौट आया जाए. रासू​ूे मेू तू​ूावनकोर के राजा का बनवाया मशहूर पदमानभापुरम महल और सुमचंदूम का थानुमलायन मंमदर देखा जाए. मदसंबर का अंमतम हफूता होने बावजूद गरमी इतनी थी मक गाडूी का एसी चलवाना पडूा. मतरूअनंतपुरम शहर से बाहर मनकलते ही नामरयल के पेडूोू की हमरयाली से कुछ माहौल बदला. खेतोू के बीच सुपारी के खूबसूरत पेडू देखते बनते थे जो पतले तने के पर नामरयल से जूयादा ऊंचे और सीधे खडूेनजर आते हैू. नामरयल के पेडूतो कई जगह टेढूे-मेढूेभी नजर आए, पर सुपारी के पेडूसीधे ही नजर आए. रासू​ूेमेूछोटे-छोटे बाजार मजसमेू कई दुकानोू पर केले और नामरयल मबकते नजर आ रहे थे. केले की भी यहां कई पू​ूजामतयां होती हैू मजसमे पीले रंग के मछलके वाले छोटे आकर के केले से लेकर करीब एक फुट का लाल केला भी शाममल है. सुबह मबना नाशूता मकए मनकले थे इसमलए महल देख कर बाहर मनकलते ही केले मलए और नामरयल पानी पीकर पूयास

बुझाई. राजा तू​ूावनकोर का यह महल वासू​ूुमशलूप के मलहाज से अदू​ूत है. लकमूडयोूका काम देखते ही बनता है मजसमेू सागौन से लेकर कटहल तक की लकडूी का इसू​ूेमाल हुआ है. महल मेूही संगूहालय है मजसमेू उस समय की मूमूतथयोू से लेकर कलाकृमत भी पू​ूदमूशथत की गई है. इस महल को जलूदी-जलूदी देखने मेूभी करीब डेढूघंटे से जूयादा लग गए. इससे पहले मतरूअनंतपुरम मेू राजा रमव वमूाथ के संगहू ालय को देखकर रोमांमचत था. पर यहां का संगूहालय इस अंचल के इमतहास, कला और संसूकृमत की झलक भी मदखा देता है. महल देखकर हरेभरे खेतोू के बीच से होते हुए कनूयाकुमारी की तरफ बढूे. कनूयाकुमारी पहले कई बार आना हुआ है पर बचू​ूोूके साथ पहली बार जा रहा था. सबसे पहले पमरवार के साथ गया था तब मववेकानंद मेमोमरयल के बडूेसे अमतमथगृह मेूरूकना हुआ था. आज भी याद है मदुरै से कनूयाकुमारी बस से चले थे और पहुंचतेपहुंचते रात के दस बज चुके थे. तब कनूयाकुमारी एक गांव जैसा था जो रात मेू वतर्अनंतपुरम मे्बैक िािर का एक दृश्य

दस बजे तक शांत हो जाता था. भूख सभी को लगी हुई थी और अमतमथगृह के मैनजर से खाने की वूयवसूथा के बारे मेू पूछा तो उसका मवनमू​ू जवाब था- आपने पहले से जानकारी नहीूदी थी इसमलए अब नहीूबन पाएगा. पर गुजरात से एक गू​ूुप आ रहा है उनकी संखूया जूयादा नहीूहुई तो आप लोगोू को भी खाने पर बुला लेूगे. करीब चालीस ममनट बाद ही उनूहोूने खाने पर बुला मलया

दववेकानंद रॉक मेमोदरयल पर जाने के दलए दतर्पदत मंददर जैसे दो घंटे कतार मे् खड़्ा रहना पड़्ा तब मोटरबोट पर चढ़्ने का मौका दमला. और गमूथचावल के साथ सांभर,रसम ,छाछ और सबूजी परोसे गये. उस खाने का सूवाद कभी भूलता नहीूहै. मववेकानंद मेमोमरयल का अमतमथगृह का पमरसर काफी बडूेइलाके मेूफैला हुआ था. कमरे भी मबना तामझाम वाले मकसी अचूछे धमूथशाला की तरह के थे. यहां से सुबह और शाम दोनोू समय सूयूोदय और सूयूाथसूमदखने के मलए बस जाती थी. सुबह की चाय ,नाशूता और भोजन का समय भी मनधूाथमरत था. जमीन पर बैठकर बहुत मदन बाद यहां भोजन मकया तो गांव की शादीबारात याद आ गई. तब यह अमतमथगृह समुदू तट से दूर मनजूथन इलाके मेूथा. इस बार जब हम कनूयाकुमारी के बाजार मेू दामखल हुए तो पहला झटका इस अमतमथगृह को देखकर लगा जो बाजार का महसूसा बन चुका था. कनूयाकुमारी अब कोई गांव नहीूहै यह छोटे से शहर मेू बदल चुका है. भीडू-भाडू और टू​ूैमफक की समसूया के चलते वहां समुदूतट से पहले एक पामूकिूग बनानी पडूी जो केरल सरकार के अमतमथ गृह से लगा था. बगल मेू

तममलनाडु पयूथटन मवभाग का होटल है मजसके सामने पहले जो खुला खुला समुदू नजर आता था वह अब उतना खुला नहीूरह गया है. नबूबे के दशक मेू जब समवता के साथ यहां आया था तो इसी होटल के सामने वाले सूट मेूरूका था. बडूी सी बालकनी मेूझूला लटका हुआ था मजस पर देर रात तक बैठकर समुदूको देखा करते थे. रात मेूमसफूफ लहरोू की आवाज ही सुनाई पडूती थी. पर अब तो यह कंकूीट का जंगल बन चुका है. भीडूइतनी की हर जगह लाइन लगाना पडूे. मववेकानंद रॉक मेमोमरयल पर जाने के मलए मतरूपमत मंमदर जैसे दो घंटे कतार मेू खडूा रहना पडूा तब मोटरबोट पर चढूने का मौका ममला. अब मववेकानंद रॉक मेमोमरयल की वह भवूयता नहीू रह गई जो पहले थी. तीन समुदूके संगम मेूपहले चारो तरफ से यही मेमोमरयल मदखता था पर अब दमू​ूकण पूवूथमेू एक चटू​ूान पर पू​ूमसदू​ू तममल संत कमव मतरूवलूलुवर की मवशाल पू​ूमतमा इसे पीछे कर देती है. इस पू​ूमतमा को तैयार करने मेू पांच हजार से जूयादा मशलूपकार जुटे थे. इसकी ऊंचाई 133 फुट है,जो मक मतरूवलूलुवर के रमचत कावूय गू​ूंथ मतरूवकुरल के 133 अधूयायोूका पू​ूतीक है. समुदूतट से करीब दस ममनट मेूमोटर बोट से मववेकानंद रॉक मेमोमरयल पहुंचे तो वह भी भीडूथी. चारो ओर समुदूदेख कर पुरानी यादेू ताजा हो गई. सामने का शहर अब मछुआरोू का गांव नहीू बलूलक एक अतूयाधुमनक शहर की तरह मदख रहा था. समुदूतट के पास तक बडूी-बडूी इमारतेूबन चुकी थी जो दूर तक नजर आ रही थी. जबमक मपछली बार यह नामरयल के घने जंगलोूसे मघरा एक दू​ूीप जैसा लगा था. करीब दो घंटे बाद वापस लौटे तो कनूयाकुमारी मंमदर देखने के मलए मफर लाइन लगानी पडूी. मटकट लेने के बावजूद

कोिलम मे्लाइि हाउस के सामने का समुद्ति घंटा भर लग गया. आकाश ने भीतर जाने से मना कर मदया कूयोूमक पुरूष कमर से ऊपर कोई कपडूा पहन कर नहीू जा सकते हैू. कनूयाकुमारी अमूमन मंमदर समुदू तट पर लूसथत है. पूवाूमथ भमुख इस मंमदर का मुखयू दू​ूार केवल मवशेष अवसरोू पर ही खुलता है, इसमलए उतू​ूरी दू​ूार से इस मंमदर मेू पू​ूवेश करना होता है. करीब 10 फुट ऊंचे परकोटे से मघरे वतूथमान मंमदर का मनमूाथण पांडू राजाओू के काल मेू हुआ था. देवी कुमारी पांडूराजाओूकी अमधषू​ूातू​ूी देवी थीू. मंमदर से कुछ दूरी पर सामवतू​ूी घाट,गायतू​ूी घाट, सूयाणु घाट और तीथूघथ ाट बने है.ू इनमेूमवशेष सूनान तीथूथघाट पर माना जाता है. घाट पर सोलह सू​ूंभ का एक मंडप बना है. देवी की नथ मेू जडूा हीरा इस मंमदर का मुखूय आकषूण थ है. मजसे लेकर कई मकसूसे भी हैूमक कभी इसकी चमक से समुदूी जहाज के नामवक इसे लाइट हाउस की रोशनी समझ लेते थे. पर यह कहानी ही जूयादा लगती है. अब यह मंमदर भी बाजार के बीच मेू है. आसपास कई दमू​ूकण भारतीय रेसूरां और शंख सीप आमद की दुकानेू हैू. वह कनूयाकुमारी जो पहले देखा था वह नहीू ममला. न ही नामरयल के हरे मवसू​ूार मदखे और न कई रंग के रेत वाला समुदूतट. अब यह सब सीमेूट की दीवारोू से मघर गया है. देश के अंमतम छोर पर तीन समुदू तट का यह संगम अब बाजार मेू बदल चुका है मजससे जलूद बाहर मनकलना चाहता था. करीब एक घंटे बाद जब नामरयल के पेडूोूसे मघरे टेढूे-मेढे रासू​ूोू पर लौटे तो एसी बंद कराकर कार का शीशा खोला तो ताजी हवा से राहत ममली. शाम ढल चुकी थी. आगे एक बाजार मेू सजा हुआ चचूथ मदखा मजसकी रोशनी देखते बनती थी. पर इस कनूयाकुमारी को देखकर मन खराब हो चुका था. यह मवकास की नई अवधारणा का एक नमूना था.



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दफर से राह ददखाये दबहार

राजे्द् रतिारी

मब

6 नवंबर-12 नवंबर 2015

हार के बारे मेूकहा जाता है मक मबहार हमेशा देश को रासू​ूा मदखाता है. मबहार ने एक बार मफर यह बात सामबत की है. ऐसे समय मेूजब पूरे देश मेूअसमहषूणुता का माहौल बढूता जा रहा है और पूमूतरोध की आवाज उठ रही है, इस माहौल मेूमबहार ने पू​ूमतरोध की आवाजोू मेू अपना सुर ममलाया है. मबहार मवधानसभा चुनाव के नतीजे इसी का पू​ूमाण हैू. तमाम अटकलबामजयोू, अनुमानोूऔर आशंकाओूके बीच मबहार मेू भाजपा नीत एनडीए की करारी हार हुई. नीतीश के नेतृतूव वाले महागठबंधन ने लगभग दो-मतहाई बहुमत के साथ जीत दजूथ की. मवधानसभा चुनाव की शुरूआत मेू एनडीए के सामने महागठबंधन कहीूठहरता हुआ पू​ूतीत नहीू हो रहा था. पर जैसे-जैसे

देश मेू असमहषूणु ताकतोू का पू​ूदशूथन बढूा और इस पर पू​ूमतरोध की आवाजेूबुलंद हुईू, मबहार मवधानसभा चुनाव की तसूवीर बदलती गयी. दादरी की घटना और आरकू​ूण पर आरएसएस पू​ूमुख के बयान ने राजूय के चुनावी समीकरणोूको बदल मदया. जब तक भाजपा यह समझ पाती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. मवकास से शुरू हुआ एनडीए पूच ू ार अमभयान पहले जामतगत समीकरणोूमेू और मफर धामूमक थ धूवूु ीकरण की राह पर चल पडूा. हालांमक इससे पहले कुछ कोमशश भाजपा ने इसे मवकास पर लाने की जरूर की, लेमकन तब तक काफी देर हो चुकी थी. दूसरी तरफ महागठबंधन का पू​ूचार मवकास के नैरेमटव के साथ-साथ सामामजक नूयाय के मुदूे से शुरू हुआ. महागठबंधन मेू नीतीश कुमार और लालू पू​ूसाद ने अपनी भूममकाएं तय कर रखी थीू. अंत तक दोनोू नेता अपनी इन भूममकाओूसे थोडूा भी इधरउधर नहीू हुए. नीतीश कुमार कुमार संयत भाषा मेूमवकास की बात के साथ पू​ूधानमंतूी नरेूदूमोदी और भाजपा अधूयकू​ूपर सधे हुए

RNI- DELHIN/2008/ 24781

हमले कर रहे थे और उनके हर दावे को आंकडूोू मेू उधाडूते रहे. दूसरी तरफ, लालू पूस ू ाद सामामजक नूयाय के मुदूेपर आकू​ूामक रूख अलूखतयार करने के साथ-साथ पू​ूधानमंतूी और भाजपा अधूयकू​ू के आरोपोू का उनूहीू की भाषा मेू जवाब देने का काम करते रहे. एक-दो मौकोू पर लालू पू​ूसाद फंसते जरूर नजर आये लेमकन मफर बहुत ही होमशयारी से उनूहोूने हर मवपरीत पमरलूसथमत को अपने पकू​ूमेूमोडूमलया. आिूयू ज थू नक बात यह है मक भाजपा के कई नेता इस हार को मबहार की जनता पर ही मढू रहे हैू, उनका कहना है मक मबहार की जनता जामतवादी राजनीमत मेू फंस गयी मजससे एनडीए की हार हुई. कुछ नेताओूने तो टीवी चैनलोू पर अपनी शुरूआती पू​ूमतमू​ूकया मेूमहागठबंधन को बधाई देने की जगह उसकी बढूत को मबहार के मलए दुभूाथजूयपूणूथतक करार दे मदया. इससे कम से कम इतना तो पता चलता है मक भाजपा नेता लोकतंतूके फैसलोूको मकस नजर से देखते हैू. मबहार मेू महागठबंधन की जीत से भाजपा की अंदरूनी राजनीमत तेज होगी और नमो व अममत शाह के मखलाफ धू​ूुवीकरण का उदय हो सकता है. राजनाथ, सुषमा, वेूकैया और गडकरी पर सबकी नजरेूमटकीू हैू. दूसरे, एनडीए का सूवरूप बदल सकता है और राषू​ूीय सू​ूर पर राजनीमतक ताकतोू को एकजुट करने का मसलमसला भी शुरूहो सकता है. अब तक देश के राषू​ूीय मवपकू​ूके पास एक मवशू​ूनीसनीय चेहरे का अभाव था लेमकन अब नीतीश कुमार मवपकू​ू की राजनीमतक धुरी होूग.े नीतीश कुमार न मसफूफ एक मवशूस ू नीय राजनीमतक के तौर पर उभरे हैूबलूलक मवकास के सेन मॉडल के पैरोकार भी है जो गुजरात के भगवती मॉडल से अलग है. इसका भी असर केूदूसरकार की नीमतयोू पर पडूना तय है. हो सकता है, आने वाले मदनोूमेूकेूदूमनरेगा जैसी कलूयाण योजनाएं लेकर आये तो गू​ूामीण भारत के मलए होू. अब तक केूदू की इस एनडीए सरकार के सभी कदम मनचले तबके, गरीबोूऔर गू​ूामीणोूको पू​ूाथममकता पर न रखकर मवकास के आंकडूे को दुरूसूकरने वाले ही नजर आते रहे हैू. मबहार के बाद, बंगाल, असम और उतू​ूरपू​ूदेश के चुनाव हैू. देखना यह है मक भाजपा नेतृतूव मबहार मेूहुए हिू​ूके बाद इन पूदू श े ोूमेूकूया रणनीमत अपनाता है? कूया वह शुरू से मवकास के साथ ही रहेगा या मफर धू​ूुवीकरण की चाभी भरेगा? जो भी हो, आने वाले मदनोू मेू इससे तय है मक देश की राजनीमत नयी करवट लेगी. साल 2014 के आम चुनाव मेू देश की जनता ने मोदी को मवकास के एजंडे पर चुना था, अब उसकी असल मेूपरीकू​ूा होगी. (लेखक पू​ूभात खबर के संपादक हैू)

दूर तक जायेगा संदेश

अर्ण कुमार र्​्िपाठी

मब

हार मवधानसभा चुनाव मेूलालू पूस ू ाद और नीतीश कुमार के महागठबंधन को दो मतहाई सीटोू का ममलना भारतीय राजनीमत के मलए दूरगामी संदेश है. भले ही इसे सूथायी ताकत न बने मफर भी यह राषू​ूीय राजनीमत मेूगैर-भाजपावाद की बडूी दसू​ूक है, देखना है मक उसमेू कांगूेस मकतनी सहजता से रहती है और मकतना योगदान देती है. इसकी कामयाबी इस बात पर मनभूथर करती है मक उसमेू आप से लेकर तृणमूल कांगूेस , कमूयुमनसूट पाटू​ूी और तृणमूल कांगस ूे व बीजू जनता दल जैसी पामूटयि ां मकस –मकस रूप मेू जुडूती हैू. मबहार की जनता ने एक तरफ मवधानसभा से लेकर लोकसभा तक सूपषू​ूबहुमत देने के चार सालोूसे चल रहे मसलमसले को तोडूा नहीूहै लेमकन दूसरी तरफ यह संदेश भी मदया है मक वह भारतीय राजनीमत को मवकलूपहीन या मवपकू​ूहीन नहीू रहने देगी. लेमकन यह संदेश तभी साथूथक होगा जब गैर-भाजपाई राजनीमतक दल इसकी भाषा को समझेू और इसके मलए दूरगामी योजनाएं बनाएं. मबहार ने यह साफ कर मदया है मक मवकास का मुखौटा लगाकर महंदू राषू​ू बनाने का सपना मोदी सरकार और संघ पमरवार न देखे. उसके पास चाहे मजतना भी धन, कायूथकतूाथ और राजनीमतक सतू​ूा हो, लोकतंतूमेूअसली सतू​ूा जनता की है और वह जब चाहे, लोकतंतूको अपहरण करने की मकसी योजना को चकनाचूर कर सकती है. मबहार ने यह भी बताया है मक अगर

पूध ू ानमंतूी मोदी मबना सोचे समझे आकू​ूामक भाषा बोलते रहे और जमीनी सू​ूर पर अचूछे मदन के सपने को नहीूउतार पाए तो महंदुतूव की मजस अंतसूधारा पर सवार होकर वे सतू​ूा मेू आए थे, वह उनूहेू जूयादा मदन मदद नहीू करने वाली है. उनूहेूमालूम होना चामहए मक अगर 2002 के दंगोू के बहाने महंदू सहानुभूमत लेकर वे सतू​ूा मेूआए तो 1984 मेू इंमदरा गांधी की हतूया और मसख मवरोधी दंगोू की महंदूवादी लहर पर सवार होकर राजीव गांधी भी सतू​ूा मेूआए थे. फकूफइतना ही है मक राजीव गांधी के साथ राषू​ूीय सूवयं सेवक संघ जैसा संगठन नहीू था. इसमलए 1989 मेूराजीव गांधी का जो हिू​ूहुआ वह अगर 2019 मेू मोदी के साथ भी दोहराया जाए तो आिू​ूयथूनहीूहोना चामहए. इन अथू​ूोू मेू यह कहना असंभव है मक

मवशू​ूनाथ पू​ूताप मसंह कौन सामबत होगा लेमकन नीतीश कुमार और अरमवंद केजरीवाल के बीच इस दावेदारी को लेकर सहयोग और होडू होनी है. पंजाब चुनाव, पमू​ूिम बंगाल, तममलनाडु और मफर सबसे अहम यानी उतू​ूर पू​ूदेश के चुनाव आने तक बहुत सारे राजनीमतक समीकरण बनने मबगडूने हैू. पर मबहार ने जो संदेश मदया है वह इस मामले मेू सूपषू​ू है मक देश मेू धमूमथ नरपेकूराजनीमत के मवचार का अंत नहीू हुआ है. वह कभी कू​ूेतूीय और मंडलवादी दलोू के कंधोू पर सवार होकर आएगी तो कभी कांगस ूे व कभी गैर भाजपावाद के सहारे अपनी जगह बनाएगी. लेमकन इस मवचार की आतूमा और देह की सबसे बडूी मदकू​ूत यही है मक वह मकसी भी दो राजूय मेू एक देह मेू पू​ूवेश नहीू करती. वह हर पांच सौ मकलोमीटर पर चोला बदलती है. चोला बदलने की यही पूमू​ूकया उसकी मवमवधता का पू​ूमाण है तो उसकी कमजोरी भी. कांगूेस के पास ऐसी राषू​ूीय ताकत बची नहीूहै मक वह धुरी बन सके और मवमभनून राजूयोूके कू​ूेतूीय दलोू के बीच गठबंधन लायक कोई सूथायी रसायन या उपकरण नहीू है. उनूहेू हर बार नए फामूथूले से मवकमसत करना होते हैू. इन लूसथमतयोूके बावजूद मबहार चुनाव पमरणामोूकी आतूमा अगर मकसी भी रूप मेू उतू​ूर पू​ूदेश मेूपू​ूवेश करके वहां नया चोला पहन कर नए समीकरण बनाती है और उसे भाजपा की आशा के मवपरीत कामयाबी ममलती है तो यह तय मामनए मक देश मेूमोदी और उनकी पाटू​ूी के एक मवकलूप बनने की शुरूआत हो चुकी है.

सूवतूवामधकारी, पू​ूकाशक और मुदूक: कू​ूमता मसंह के मलए अमर उजाला पलूबलकेशंस मलममटेड, सी-21, 22, सेकूटर-59, नोएडा, उतू​ूर पू​ूदेश से मुमूदत एवं दूसरी मंमजल, बी-146, हमरनगर आिू​ूम, नयी मदलूली- 110014 से पू​ूकामशत. संपादकः अंबरीश कुमार (पीआरबी अमधमनयम के तहत समाचारोूके चयन के मलए मजमूमेदार) सभी कानूनी मववादोूके मलए नूयाय कू​ूेतूमदलूली होगा.


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