साप्ताहिक अखबार
www.shukrawaar.com
वर्ष 1 अंक 2 n पृष्: 16 n 13-19 नवंबर 2015 n नयी दिल्ली n ~ 5 n कठघरे मे् भाजपा नेतृत्ि
n
बयान सोची-समझी रणनीवत
n
सहयोगी दल अंसतुष्
भागवत ने कतरे मोदी के पर सुनीता शाही नयी दिल्ली. राष््ीय स्वयं सेवक के सर संघचालक िोहन भागवत क्या प््धानिंत्ी नरे्द्िोदी के पर क़तर रहे है्. मबहार चुनाव के नतीजो् से पहले ही यह िुद्ा राजनैमतक जिात के बीच चच्ाव का मवषय रहा और मबहार चुनाव के नतीजो् ने इस पर िुहर भी लगा दी. एक सांस्कृमतक संगठन के िुमखया की मरप्पणी ने मबहार चुनाव का एजंडा ही नही् बदला बल्कक भारतीय जनता पार््ी के नेतृत्व को भी करघरे िे् खड़ा कर मदया. भाजपा के बहुत से नेता अब खुलकर कहने लगे है मक भागवत की आरक््ण संबंधी मरप्पणी के चलते मबहार िे् भाजपा की सोशल इंजीमनयमरंग ध्वस््हो गयी और वह बुरी तरह मपरी. यह मरप्पणी संघ प््िुख की एक सोची सिझी रणनीमत का महस्सा था,
ऐसा भी बहुत से लोग अब िान रहे है्. संघ हिेशा से राजनैमतक हालात के िुतामबक अपनी रणनीमत तय करता है. इससे पहले भी संघ ने कई बड़े नेताओ् को भी आईना मदखाया है. पूव्व प््धानिंत्ी इंमदरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव िे्संघ ने कांग्ेस को ताकत दी थी यह ध्यान रखना चामहए. अब जब उसकी अपनी सरकार के्द्िे्है मफर भी संघ का न तो आम्थवक एजंडा लागू हो पा रहा है ना धाम्िवक. सूत्ो्के िुतामबक ऐसे िे्पार््ी संगठन से ऊपर उठते जा रहे िोदी पर संघ को मनयंत्ण रखना जर्री लगने लगा था. मबहार चुनाव िे् भागवत ने वह प््योग कर डाला और नतीजा सािने आ गया .यही नही मजस तरह आधा दज्वन वमरष्् नेताओ् ने िोदी के मखलाफ पार््ी संगठन िे्िोच्ाव खोला है वह मबना संघ की इजाजत के हो यह कोई िानने को तैयार नही् है. खैर मबहार िे् जो
शाह केनिशािेपर कौि
नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार््ी के राष््ीय अध्यक्् अमित शाह ने कहा है मक साठ साल के बाद के लोगो्को राजनीमत नही् करना चामहए. शाह ने उत््र प््देश-िध्य प््देश सीिान्त क््ेत् मचत््कूर िे् एक आंख अस्पताल के उद्घारन के िौके पर यह बात कही. यह िाना जा रहा है मक मबहार चुनाव पमरणाि आने के बाद पार््ी के वमरष््नेताओ् ने मजस तरह पार््ी अध्यक्् अमित शाह पर हार की जम्िेदारी लेने का दबाव बनाया उसका जवाब अमित शाह ने इस तरह मदया है. बीते शमनवार को अमित शाह आंखो् के अत्याधुमनक अस्पताल के उद्घारन के सिय इन्ही् वमरष्् नेताओ् को मनशाने पर
लेते हुए कहा मक राजनीमत िे्पूरी दुमनया िे् मजन्हो्ने एक उदाहरण प््स्ुत मकया मक साठ साल की उिर के बाद राजनीमत नही्करना चामहए बल्कक सिाज सेवा करना करनी चामहए. उन्हो्ने कहा, एक बहुत बड़ा उदहारण राजनीमत िे् काि करने वालो् के मलए प््ातः स्िरणीय नानाजी ने यहां पर रखा है. खास बात यह है मक प्ध् ानिंत्ी नरेद् ्िोदी 65 साल के है तो राजनाथ मसंह 64 के. अर्ण जेरली 63 के, वे्कैय्या नायडू 66, सुषिा स्वराज 63, जनरल वीके मसंह 64 साल के और रमवशंकर प््साद 61 तो कलराज मिश््74 साल के.साठ पार नेताओ् की पार््ी और सरकार दोनो्िे्लंबी सूची है.
243 िे् मसफ्फ 53 सीरो् पर जीत हामसल हुई. वही् िहागठबंधन को 178 सीर पर मवजय मिली. राजग की हार के वजह पर भाजपा के सहयोगी दल हि (एस) के िुमखया जीतन राि िांझी सर संघचालक को दोषी ठहराते है.् िांझी कहते है्मक भागवत के आरक्ण ् की सिीक््ा मकये जाने के बयान ने राजग को नुकसान पहुंचाया है. इसी तरह की राय िधुबनी से भाजपा के सांसद हुक्िदेव नारायण यादव भी िािले है. पर हार के कारणो्िे्आरएसएस के आमधकामरक बयान िे् भागवत के इस वक्तव्य पर कोई चच्ाव शुरआ ् त संघ ने की वह हैरान करने वाली थी नही् की गयी है. इस पर िहज िीमडया के इसकी कक्पना चुनाव मवश्लषे क भी नही् र्ख को लेकर सवाल उठाये गये है्. इससे कर सके थे. जब तक यह नतीजे जिीनी यह जामहर होता है मक संघ भागवत के इस हकीकत नही्बन गये. यह िोहन भागवत की बयान के साथ भमवष्य िे् भी जारी रखेगा. चुनावी रणनीमत की तरफ इशारा करता है. भले ही साल 2017 के उत््र प््देश मवधान जो मवधानसभा चुनावो् से पहले आरक््ण सभा चुनावो् िे् भी इससे नुकसान पहुंचे. नीमत के सिीक््ा का राग अलापते रहे. राष््ीय इससे साफ पता चलता है मक भागवत को स्वंयसेवक के सर संघचालक का यह बयान िोदी को नुकसान पहुंचाने के बाद भी कोई एक सोची सिझी रणनीमत का महस्सा था. वह पछतावा नही्है. यह कुछ िुद्ो्पर िोदी और अच्छी तरह जानते थे मक उनका यह बयान भागवत के बीच बढ्ती असहिमतयो् की मबहार के कुल ितदाताओ् के 60 फीसद वजह से भी हो सकता है. भागवत की रणनीमत पर चच्ाव करते हुए महस्से अन्य मपछड़्ा वग्व, अनुसूमचत जामत और जनजामत को नाराज कर देगा. मबहार एक वमरष््आरएसएस काय्वकत्ाव ने नाि न मवधानसभा चुनावो् िे् आरएसएस की जामहर करने की शत्वपर कहा मक आरएसएस राजनैमतक शाखा भारतीय जनता पार््ी भाजपा के साथ मकसी भी पमरल्सथमत िे्साथ (भाजपा) को िहागठबंधन (जदयू, राजग रहेगा. इसिे् केवल अहंकार और सत््ा और कांग्ेस) के हाथो् पराजय का सािना लोलुपता दो िुद्े है्मजन्हे्वह छोड़्कर हर बाकी पेज 2 पर करना पड़्ा. भाजपा के राजग को राज्य की
एक झटके में जंमीन पर शंभूनाथ शुक्ल आरएसएस भी शायद अब प्ध ् ानिंत्ी िोदी से मकनारा करने लगा है और इसीमलए मबहार के वमरष्् भाजपा नेता हुक्िदेव नारायण यादव की इस बात िे् दि मदखता है मक आरएसएस प्ि् ख ु िोहन भागवत ने ऐन चुनाव के बीच िे्आरक््ण की सिीक््ा वाला बयान देकर राज्य िे् भाजपा की नैया डुबोने का पुख्ता इंतजाि कर मदया था. आरक्ण ् के सिीक््ा की बात बाद िे्भी कही जा सकती थी और इसिे् कोई शक नही्मक आरक््ण िे्सिीक््ा की जर्रत भी है. पर हर बात कहने का िौका होता है. िोहन भागवत यह अच्छी तरह जानते थे मक उनकी बात का असर दूर तक पड़्ेगा. हालांमक आरक््ण िे् सिीक््ा से मपछड़्ी जामतयो् के आरक््ण पर कोई असर नही्पड़्ता क्यो्मक उनको आरक््ण क््ीिी लेयर िे् न पहुंचने तक ही सीमित है िगर दमलत जामतयो्का आरक््ण उनके अंदर जो एक अपर क्लास तैयार करता है उसे अपने ल्सथमत को लेकर सदैव एक भय बना ही रहता है पता नही् कब कौन-सी सरकार उनसे उनका यह आरक््ण वापस ले ले. इसीमलए दमलत एवं िहादमलत जामतयां इस बयान के आते ही सरकार के प््मत गोलबंद हो गई् मजसका फायदा राजनीमत के चतुर-सुजान लालू यादव ने बाकी पेज 2 पर
राजनाथ सिंह बनेंगे नाथ?
वििेक व््िपाठी
कई वमरष्् नेताओ् ने नाि भी सुझाने शुर् मकये है्. पूव्व राज्यसभा सदस्य राजनाथ लखनऊ. मबहार मवधानसभा चुनावो् िे् भारतीय जनता पार््ी मसं ह, सूय्व की िाने तो भाजपा को मिली करारी हार से उत््र प््देश संगठन भी सकते िे् है. ऐसे के मलए िौजूदा गृहिंत्ी िे् भाजपा को िजबूत करने के मलए वमरष्् नेताओ् ने अपने राजनाथ मसंह प््देश िे् सुझाव देने शुर् कर मदये है्. भाजपा सूत्ो् की िाने तो संगठन िे् संजीवनी का काि कर सकते होने वाले चुनाव िे् ऐसा चेहरा लाने की िांग उठी है जो बहुजन है्. उनका शासन-प््शासन सिाज पार््ी प््िुख िायावती और सिाजवादी पार््ी प््िुख िुलायि िे् िजबूत पकड़् भी है. अगर मसंह यादव को आक््ािक तरीके से जवाब दे सके. ऐसे िे् संगठन पार््ी उन्हे् अपना चेहरा उत््र िे् िौजूदा गृह िंत्ी राजनाथ मसंह को आगे लाने की िांग उठने प््देश िे् बनाती है तो तय लगी है. लंबे सिय से जंग खा रहे पुराने नेताओ् को भी भाजपा र्प िे् वे कारगर समबत होगे्. भाजपा उत््र प््देश संगठन िे् भी ढाल बनाने के बारे िे् मवचार कर रही है.मजससे प््देश िे् होने तेजी आ जायेगी. हालांमक पार््ी िे्अभी मनष््ावान काय्वकत्ावओ् बाकी पेज 2 पर वाले 2017 के चुनाव िे् पार््ी िजबूती से उभर के आ सके.
2
www.shukrawaar.com n
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
यूपी में फिर दंगों की साफिश
सुनीता शाही
लखनऊ. मपछले दो सालो्िे्पम््ििी उत््र प््देश िे्250 से ज्यादा धाम्िवक संघष्व के िािले सािने आये है्. कन्नौज और वाराणसी िे् दुग्ाव पूजा और तामजया के मछरपुर िािलो् के साथ बीत जाने के बाद आने वाले सिय िे्िाहौल को मबगाड़्ेजाने के संकेत मिल रहे है्. ऐसे संकेत मिले है्मक िध्य और पूव्ी उत््र प््देश िे् 2017 के मवधान सभा चुनावो्स पहले दंगे मफर से लौर सकते है्. ऐसे िे् उत््र प््देश सांप्दामयकता के साए िे्नजर आता है. हाल ही िे् सांप्दामयक महंसा के कारण कन्नौज िे् एक व्यल्कत की िौत और दो धाम्िवक स्थलो् नुकसान पहुंचाया गया था. इस तरह धाम्िक व स्थलो्को नुकसान पहुच ं ाने की यह एक उदाहरण है. भारतीय जनता पार््ी के राज्य काय्वसमिमत के सदस्य सुबत् पाठक के घर िे् पुमलस के छापे िे् ऐसे कई संकेत मिले मजसिे् पम््ििी उत््र प््देश महंसा की घरनाओ्को राजनीमतक फायदे के मलए हवा मदया जा सकता है. महंदू और िुलस् लि सिुदाय लोग कन्नौज के बाद कानपुर िे् दुग्ाव मवसज्वन के दौरान आपस िे् मभड़् चुके है्. िािले पर कानपुर रेज ् के डीआईजी एन चौधरी कहते है्मक यह मचंता का िािला है मक कुछ लोगो् के पास दंगो् के दौरान अवैध हमथयार थे. हिे् यह पता होना चामहए मक वे इसे कहां से लाये और क्यो् और भमवष्य िे् इसके प््मत सत्वक रहना चामहए. लेमकन सीसीरीवी से मिले फुरेज बताते है् मक इसिे् भगवा ताकतो् का इसिे् हाथ रहा है और उन पर पुमलस कार्ववाई िे् भी देरी की गयी. ऐसे िे् सवाल
उठना लाजिी है. यह याद मदलाने की ज़्रर् त नही्है, मक अक्पसंखय् क सिुदाय के लोगो् की एक बड़्ी तादाद िानती है मक अगस््और मसतंबर 2013 के िुजफ्फरनगर दंगे भड़्काने िे्भाजपा और सपा के नेताओ् का हाथ था. िुजफ्फरनगर के सािामजक काय्वकत्ाव िोमिन जोला कहते है्, यह हिारे मलए खास है क्यो्मक हि िुजफ्फरनगर की तरह दूसरे इलाको्िे्दंगे होने से डरते है्जो मवधानसभा चुनाव से पहले हो सकते है्. सत््ार्ढ् सिाजवादी पार््ी (सपा) के िहासमचव राि गोपाल यादव ने कानपुर महंसा के मलए भाजपा को हाल ही िे् दोषी ठहरा चुके है्, उन्हो्ने इसे 2017 मवधानसभा चुनावो् से पहले का मरयाज बताया था. फतेहपुर िे्, 17 भाजपा काय्वकत्ावओ् को स्थानीय नेता मगमरजेश मसंह के साथ मगरफ्तार कर जेल भेल मदया गया, उन पर दुग्ाव प््मतिाओ् के मवसज्वन के दौरान महंसा का आरोप था. कुछ िुल्सलि नेताओ् इस्िाइल अहिद, खुश्ीद अहिद और अहिद हुसैन
एक झटके में जंमीन पर पेज 1 का बाकी उठाया और वे अपने यादव-िुल्सलि गठजोड़् के साथ-साथ दमलतो् के एक बड़्े तबके को ले गए. नतीजा यह हुआ मक जीतनराि िांझी और रािमबलास पासवान सरीखे दमलत नेता अपने वोर बै्क को मवरोमधयो्के पाले िे्जाते देखते रहे. अब ऐसा भी नही् है मक िोहन भागवत जानते ही नही् थे मक उनके बयान के क्या मनमहताथ्व मनकाले जाएंगे. जो संगठन एक राजनीमतक पार््ी को साठ साल िे्इतनी बड़्ी कर ले गया हो मक वह देश िे् तीन बार सरकार चला ले उसके प््िुख को अनाड़्ी तो नही्ही कहा जा सकता. भागवत अच्छी तरह जानते थे मक इस बयान के बाद क्या होगा. दरअसल प््धानिंत्ी नरे्द्िोदी का अहंकार से न मसफ्फ आरएसएस बल्कक भारतीय जनता पार््ी के भी वमरष््नेता त््स्है्. कुछ तो पेशे ही ऐसे होते है् मक मजतना अमधक अनुभव होगा उतना ही वह पेशेवर ज्यादा घाघ और ज्यादा बड़्ा मखलाड़्ी होगा. ज्योमतषी नया और बैद पुराना, शायद यह कहावत भाजपा अध्यक्् अमित शाह व भाजपाई प््धानिंत्ी नरे्द् िोदी ने नही् सुनी वन्ाव यह भूल नही्करते. राजनीमत िे् सफलता पाने से ज्यादा
कमठन है सफलता को बनाए रखना. और यह मसल्दघ नरे्द्िोदी नही्हामसल कर पाए इसीमलए वे जक्द ही िुंह के बल आ मगरे. सोमचए मक लोकसभा चुनाव के पूव्विोदी जी मकस कदर आसिान पर थे और उनका हर नेता जीत गया भले वह अपनी उम्िीदवारी वाले क््ेत् िे् गया ही न हो. िुरली िनोहर जोशी कानपुर से लोकसभा चुनाव लड़् रहे थे और उन्हे्इस बात की सख्त नाराजगी थी मक वाराणसी, इलाहाबाद और अक्िोड़्ा सरीखे उनके गढ्जैसे सुरम््कत क््ेत्िे्मरकर नही्देकर उन्हे्उस सीर से लड़्ाया जा रहा है मजस पर एक तो वे श््ीप््काश जायसवाल मपछली तीन बार से लगातार जीत रहे थे जो एक तो केद् ्िे्कानपुर से पहली बार कैमबनेर तक पहुच ं पाए और दूसरे जायसवाल लोकल थे. इसके अलावा कानपुर का िाहौल जोशी के अनुर्प नही् था मफर भी वे जीत गए तो इसके पीछे करािात िोदी की ही थी. ऐसे सफल िोदी इतनी जक्दी रसातल पर आ जाएंगे मकसी ने सोचा तक नही् था. इसका किाल नीतीश व लालू की जोड़्ी की रणनीमत को तो रहा ही, भाजपा िे्िोदी और अमित शाह के अहंकार तथा पार््ी के वमरष्् नेताओ् की खी्चतान के अलावा संघ की नकारात्िक भूमिका का भी रहा.
को भी भीड़् को उकसाने के मलए मगरफ्तार मकया गया. िध्य और पूव्ी उत््र प््देश साल 2013 और 2014 के पम््ििी उत््र प््देश दंगो्के दौरान शांती बनी रहा लेमकन मपछले एक िहीने िे् इन दो मजलो् के बीच कई स्थानो्पर सांपद् ामयकता के नाि पर दंगे हुए. यह केवल भाजपा और सपा के मलए ही राजनीमत करने के िुद्े नही्है्. बल्कक कांग्ेस भी वाराणसी िे् अपने मवधायक अजय राय मक मगरफ्तारी पर राजनीमतक रोमरयां सेकने िे् लगी है. जो 22 मसतंबर को साधुओ् के एक मवरोध िोच्वपर लाठी चाज्वकरवाने के मलए कमथत तौर से आरोपी है्. वाराणसी से सांसद प््धानिंत्ी नरे्द् िोदी है्. मजसके कारण कांग्ेस नेताओ् की एक बड़्ी जिात उनकी ताजा रणनीमत को साधने के मलए हर मदन जिा होती है. यूपी प््भारी कांग्ेस िहासमचव िधुसूदन मिस््ी लगातार 2017 िे् साधुओ् का सिथ्वन लेने के मलए बैठको् की एक श््ृंखला कर चुके है्. लेमकन वे पारंपमरक तौर से भाजपा के साथ है्.
कतरेमोदी केपर
पेज 1 का बाकी हाल िे्भाजपा के साथ रहेगी. पर यह दोनो् प््धानिंत्ी नरे्द्िोदी िे्गले तक सिायी्है्. इनकी चच्ाव आरएसएस और भाजपा नेताओ् की एक संयुक्त बैठक िे् सािने आयी थी. जो इस साल मसतंबर के पहले हफ्ते िे् हुई थी. संघ काय्वकत्ाव िािले पर आगे बताते है् मक मदक्त् यहां संघ के दो धाराओ्िे्चलने की वजह से आ रही है. एक धारा का नेतृत्व भागवत कर रहे है्जो रज््ूभैया और केएस सुदश्वन के मवरासत को बनाये रखना चाहते है् तो दूसरी तरफ दत््ात््ेय होसबले सहसरकाय्ववाह है् जो िोदी के परि मवश््ासपात््है्. ऐसी ल्सथमत िे्जब भागवत चाहते है्मक भाजपा नीत राजग रािजन्ि भूमि, धारा 370 और सिान नागमरक संमहता जैसे िुद्े पर आये तो होसबले कहते है् मक आरएसएस कभी मकसी सरकार पर मकसी तरह का दबाब नही् डालेगी. मबहार चुनावो् िे् मिली हार के बाद ऐसी भी खबरे् आयी् है् मक भागवत ने भाजपा अध्यक्् अमित शाह से मबहार चुनावो् के पराजय के एक मदन बाद कहा था मक पार््ी को सांप्दामयक राजनीमत पर कि तीखी और अमधक मवचारशील र्ख अपनाना चामहए.
कुरैशी की ककताब पर रोक लगायें -हाकशम अंसारी
लखनऊ. आल इंमडया िुल्सलि पस्वनल लॉ बोड्वके सहायक समचव अब्दुल रहीि कुरैशी की मकताब फैक्ट्स ऑफ़ अयोध्या एमपसोड (मिथ ऑफ़ रािजन्िभूमि) से मववाद पैदा हो गया है. मकताब िे् राि के जन्िस्थान को लेकर मवरोधाभास है. इसिे् अयोध्या की जगह पामकस््ान के ढेरी शहर को राि का जन्िस्थान बताया गया है. राि जन्िभूमि और बाबरी िल्सजद केस के सबसे पुराने गवाह हामशि अंसारी ने इसपर तीखा मवरोध जताया है. साथ ही इस मकताब पर रोक लगाने की भी िांग की है. अंसारी ने कुरैशी पर अयोध्या िे् सांप्दामयक सौहाद्व को मबगाड़ने की कोमशश का आरोप लगाया है. अंसारी ने कहा मक कुरैशी को अयोध्या, बाबरी िल्सजद, रािजन्िभूमि या भगवान राि के बारे िे् एबीसी भी नही् आती है. उनकी मकताब का िकसद मसफ्फअयोध्या के भाईचारे को खराब करने का है. उन्हे्भगवान राि की मजंदगी पर मकताब मलखने का कोई अमधकार नही् है. िै् सरकार से उनकी मकताब पर रोक लगाने की िांग करता हूं, क्यो्मक इससे दो सिुदायो्के बीच िनिुराव बढ सकता है. अंसारी का कहना है मक रािजन्िभूमि और बाबरी िल्सजद का िािला उच्् न्यायालय िे् लंमबत है और अभी इस पर मनण्यव आना बाकी है. कुरश ै ी ने जो भी मलखा है, वह इस ऐमतहामसक स्थल पर मववाद को जन्ि दे सकता है. ये दुभ्ावग्यपूण्वहै मक कुछ लोग राि के पक्् और मवपक्् िे् बोलकर सािामजक िाहौल को मबगाड़ना चाहते है्. वे राजनीमतक र्प से ऐसा कर रहे है्. लेमकन
िै्इसे एक सिुदाय के मवश््ास से जुड़ा हुआ िानता हूं. हि इस वक्त राि के जन्िस्थान के बारे िे्चच्ाव करने के मलए तैयार नही्है्. राि अयोध्या िे् ही पैदा हुए थे. कुरैशी को इस तथ्य के बारे िे्जानकारी रखनी चामहए. राि हमरयाणा के सप्त मसंधु क््ेत्िे्पैदा हुए थे, जो पंजाब से लेकर पामकस््ान और अफगामनस््ान के पूव्व तक फैला हुआ था. इस बात को कुरश ै ी ने अपनी मकताब िे्मसद्् करने की कोमशश की है. कुरश ै ी के िुतामबक राि का जन्िस्थान पामकस््ान के मजले डेरा इस्िाइल का शहर रहिान ढेरी है. उन्हो्ने राि के त्त्े ा युग िे्पैदा होने पर भी सवामलया मनशान उठाया है. जबमक ये महंदुओ्के गहरे मवश््ास से जुड़ा है. अंसारी शुर् से ही बाबरी िल्सजद िािले को लेकर कोर्व िे् िुकदिा लड़ रहे है्. उन्हो्ने इस िुद्े को हल करने के मलए प््धानिंत्ी िोदी से मिलने की भी बात कही थी, वह कहते है्, कुरैशी जैसे लोग अपने राजनीमतक महत को साधने के मलए इस िुद्े को हवा देने की मफराक िे्है्. वे कहते है्मक िै् भगवान राि के बारे कुछ लोगो् के िूख्वतापूण्वतक्फदेने पर चुप नही्बैठ सकता. हि अयोध्या िे्है्और अच्छे से जानते है्की राि यही्पैदा हुए थे. िािले पर बाबरी िल्सजद काय्वसमिमत के वकील ज़फरयाब मजलानी कहते है् मक हि मकसी भी तरह का मववाद राि के जन्िस्थान को लेकर नही् चाहते है्. हिने पहले ही कोर्व िे् अयोध्या को राि का जन्िस्थान बताया है. अब सुप्ीिकोर्वको ये तय करना है मक राि वास््व िे् कहां पैदा हुए थे.
राजनाथ सिंह बनेंगे नाथ?
पेज 1 का बाकी की किी नही् है. लेमकन अभी भाजपा के आकष्ण व वाला कोई दूसरा चेहरा राजनाथ के अलावा पार््ी को मदख भी नही्रहा है मजसिे् िुलायि मसंह और िायावती से लोहा लेने की क््िता हो. सूय्व कहते है् मक राजनाथ मसंह ने अपने िुख्यिंम्तत्व काल िे् बहुत अच्छा काि मकया था. मजस वजह से भाजपा का जनाधार भी बहुत बढ्ा था. वह स्वच्छ और बेदाग छमव के नेता है्. उन्हो्ने अपनी राजनीमत से भाजपा को नये आयाि तक पहुंचाया है. इनकी पकड़् मपछड़्े और सिान्य दोनो् सिुदायो् िे् है. यह िेरा ित है मक पार््ी अगर उन्हे् उप्् िे् िुख्यिंत्ी प््ोजेक्र करती है. तो मनम््ित तौर पर वह बड़्ी सफलता हामसल कर सकते है्. वही भाजपा के एक वमरष्् नेता का कहना है मक राजनाथ मसंह के आने से पार््ी िे् कोई खास बदलाव और नही् होगा. जब वह प््देश िे् मशक््ािंत्ी थे तो इनके नकल अध्यादेश ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया था. युवा इनसे नाखुश हुए थे. मफर िुख्यिंत्ी के र्प िे्भी इन्हो्ने भाजपा का ग््ाफ मगराया है. उनके िुख्यिंत्ी रहते भाजपा नंबर तीन पर पहुंच गई थी.
इसके बाद राष््ीय अध्यक्् बने उससे यह िाना गया मक भाजपा प््देश को िजबूती मिलेगी पर ऐसा हुआ नही्. वह लोकसभा िे् सीरो् की संख्या नही् बढ्ा पाये. मवधानसभा िे्भी पार््ी वही्की वही्रह गयी. इनके आने से क््म्तय नेताओ् का जर्र दबदबा बढ्ा है. मजससे ब््ाम्हण वग्वभी नराज होता है. भाजपा को ऐसे िे्यह जोमखि लेने की जर्रत नही्है. भारतीय जनता पार््ी िे् अभी प््देश नेतृत्व का चुनाव होने वाला है इसिे् िुख्य र्प से उप्् िे् प््देश अध्यक्् के मलए जो नये नाि चच्ाव िे् है्, उनिे् भाजपा के उप्् िहािंत्ी स्वतंत् देव मसंह, धि्वपाल मसंह और िानव संसाधन मवकास राज्यिंत्ी रािशंकर कठेमरया भी शामिल है्. पार््ी सूत्ो् की िाने् तो पार््ी को िजबूत करने के मलए मपछड़्े वग्व को आगे करके बमढ्या चुनाव लड़्ा जा सकता है. ऐसे िे् मवनय कमरयार को चेहरा बनाया जाये तो सफलता मनम््ित तौर पर मिलेगी और पार््ी भी िजबूत होगी. अगर पार््ी सवण्व चेहरा ही प््ोजेक्र करती है तो ऐसे िे् लक््िीकांत वाजपेयी ज्यादा िजबूत है्, क्यो्मक वह राष््ीय अध्यक्् अमित शाह के मवश््ासपात््भी है्.
www.shukrawaar.com n
पूजा वसंह
3
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
सबहार चुनाव नतीजोंिे बच गए सिवराज
हां, यह जर्र है मक चाहते है्. प््देश की देवास और रतलाि राजनीमत पर गहरी उपचुनाव िे्उनको अब भोपाल. मबहार मवधानसभा चुनाव िे् पकड़् रखने वाले नये मसरे से जोर लगाना भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की पराजय पत््कार शमशकांत होगा. देवास तो भाजपा ने िध्य प््देश के िुख्यिंत्ी मशवराज मसंह म््तवेदी कहते है् मक की पारंपमरक सीर है चौहान को कुछ सिय के मलये मनम््िंत कर िोदी सरकार के लेमकन रतलाि-झाबुआ मदया है. इस बात की चच्ाव जोरो् पर थी मक के्द् िे् आगिन के लोकसभा सीर पर पार््ी मबहार चुनाव िे् अनुकूल नतीजे आने पर बाद से िध्य प््देश का िुकाबला कांग्ेस के प््धानिंत्ी नरे्द् िोदी मशवराज मसंह चौहान को न तो कोई कांमतलाल भूमरया जैसे को 'िहती' मजम्िदे ारी मनभाने के मलये मदक्ली मवशेष लाभ मिला है िं झे हुए राजनेता से है. और न ही आम् थ व क तलब कर सकते है्. उन् हे्हराने के मलये पार््ी िदद. प् ् द े श िे ् िोदी की मशवराज से नाराजगी के पीछे को एड़्ीचोरी का जोर मसं ह स् थ कु ् भ करीब एक तो उनका आडवाणी खेिे का होना लगाना होगा.' है और मकसान मजम्िदे ार है दूसरे, अरल मबहारी वाजपेयी के उधर, प््देश कांग्ेस बाद भाजपा िे् अक्पसंख्यको् के बीच आत्िहत्याएं कर प््वक्ता के के मिश््ा भी सव्ावमधक स्वीकाय्व चेहरा मशवराज मसंह रहे है् लेमकन देश िानते है् मक िोदी के चौहान का ही है. यह बात पार््ी िे्कुछ लोगो् के अलग-अलग बिहार बिधानसभा चुनाि में भाजपा की पराजय ने मधंय किजोर होने का फायदा इलाको् िे् पैकेज को रास नही्आती. पंंदेश के मुखंयमंतंी बशिराज बसंह चौहान को फौरी मशवराज मसंह चौहान को यह चच्ाव लंबे सिय से थी मक मबहार घोमषत कर रहे मिलेगा. इस मलहाज से चुनाव के बाद न केवल मशवराज मसंह चौहान प््धानिंत्ी के पास तौर पर राहत पंंदान की है. देखा जाए तो मफलहाल बल्कक राजस्थान की िुख्यिंत्ी वसुंधरा राजे िध्य प््देश को देने पमरणािो्ने कि से कि यह जर्र सुमनम््ित िुख्यिंत्ी मशवराज मसंह चौहान की कुस्ी को और छत््ीसगढ् के िुख्यिंत्ी रिन मसंह को के मलये कुछ नही्है. प््देश भाजपा के एक नेता नाि न जामहर कर मदया है मक मशवराज मसंह चौहान को कोई खतरा नही्है. वह यह भी कहते है्मक भी मदक्ली बुलाकर भाजपा अध्यक्् अमित करने की शत्व पर कहते है् 'मबहार चुनाव मनकर भमवष्य िे्कोई खतरा नही्है. लेमकन गुजरात िे् न केवल राज्य स््र पर बल्कक शाह अपने करीमबयो्को िुख्यिंत्ी बनवाना
बढंेगा आंधं का मछली उतंपादन
दिजयिाड्ा. राज्य िे्ित्सय् पालन को बड़्े रोजगार के तौर पर मवकमसत करने के मलए राज्य के िुख्यिंत्ी चंद्ाबाबू नायडू ने ित्स्य पालन को मवकमसत करने का खाका तैयार मकया है. इस िुमहि के जमरये वह भारी संख्या िे् रोजगार के िौके पैदा करने की कोमशश िे्जुरे है्. इसके मलए बाकायदा एक पूरी योजना भी बना ली गयी है. तरीय मजलो् िे्सरकारी कि्च व ामरयो्को उन गावो्का दौरा करने को कहा गया है जहां खाली पड़्े जिीनो् और जलाशयो् िे् िछली पालन मकया जा सके. राज्य की 974 मकलोिीरर लंबी तरीय सीिा िे् करीब 25,740 जलाशयो् के होने की संभावना है मजसिे् िछली पालन मकया जा सकता है. लेमकन िौजूदा सिय िे् मसफ्फ 8 हजार तालाबो् का ही इस््ेिाल मकया जा सका है. इसके अलावा राज्य के करीब 107 बड़्ेजलाशयो् िे्से केवल कुछ का ही इस््ेिाल हो रहा है. िुख्यिंत्ी एन चंद्ाबाबू नायडू जलीय कृमष के जमरये हजारो् रोजगार पैदा करना चाहते है्. ित्स्य पालन मवभाग इसके मलए 119 करोड़् र्पये की एक योजना इसके बुमनयादी जर्रतो्के मलए बना रहा है. इसके मलए धनरामश राज्य से इनलै्ड मफशरीज स्कीि साल 2015-16 कृमष योजना मवकास के तहत दी जायेगी. इसी नीमत के अनुसार कलेकर् र और ज्वांइर कलेकर् र भी झी्गा और िछली उत्पादन िे् बढ्ोतरी के मलए शुर् मकये गये उपायो् की देखरेख और मनगरानी करे्गे. इसिे्एक दूसरे तरीके मरिोर से्मसंग िानमचत्् के जमरये भी अमधकारी ित्स्य
पालन क््ेत्ो्की पहचान िे्जुरे है्. योजना के मवषय िे् ित्स्य आयुक्त राि शंकर नाइक बताते है् मक हि भारतीय कृमष अनुसंधान पमरषद, सिुद्ी उत्पाद मनय्ावत मवकास प््ामधकरण, राष््ीय सतत ित्स्यपालन के्द् और के्द्ीय ित्स्यपालन पैथोलॉजी लैब के साथ काि कर रहे है्. सरकार ने 300 बहुउद््ेश्यीय ित्स्य पालन मवस््ार अमधकामरयो् (एिपीएफईओएस) की तैनाती की है जो िछली, झी्गा और के्ब मकसानो् से जुड़्े आंकड़्ेिंडलो्से इकट््ा करे्गे. कृष्णा मजले िे्ित्स्य पालन अमधकामरयो्ने करीब हजार एकड़् से ज्यादा जिीन की पहचान गारला मडब्बा, पोलरा मडब्बा और तालपालि गांवो् िे् की गयी है. एक हैचरी भी तालपेलि िे् बनायी जानी है और पूव्ी गोदावरी मजले िे् के्ब मवकास के मलए जगह तलाशी गयी है. दूसरे काय्क व ि् ो्िे्िछली और झी्गा तालाबो् का पंजीकरण, नये व्यवसामययो् और रेक्नोके्र , अमधकामरयो्, मनय्ावतको् और दूसरे साझीदारो् के मलए काय्वशालांए और मकसानो्के मलए ज््ान बढ्ाने वाले काय्वक्ि चलाये जा रहे है्. ित्स्य पालन मवभाग मकसानो् को भी प््ोत्सामहत करेगा मक वह सोलर लाइर, पंप और एरेरर समहत एक्ररनेमरव स्पीशीज के इस््ेिाल करे् तामक उन्हे् गहरे पानी िे् भी िछमलयां पकड़्ने िे् आसानी होगी. बाजार के िुतामबक करीब 85 फीसद अंदर के जलस््ोतो् की िछमलयां राज्यो् से बाहर को जाती है्.
भाजपा के भीतर चल रही अल्सथरता और राष््ï् रीय स््र पर पार््ी के खराब प््दश्वन को देखते हुए अमित शाह को राष््ीय अध्यक््के पद से हराकर गुजरात का िुख्यिंत्ी बनाया जा सकता है. वही् भाजपा की िध्य प््देश इकाई की पम््तका 'चरैवेमत' के संपादक जयराि शुक्ल कहते है्, 'मशवराज मसंह चौहान इस सिय भाजपा का सबसे उदार चेहरा है.् भाजपा और आरएसएस को फ्डािे्रमलस्र िाना जाता है लेमकन मशवराज मसंह जी की छमव उनिे् भी एक प््गमतशील नेता की है. हां, मबहार चुनाव के नतीजो् से भाजपा सबक लेगी और िध्य प््देश िे् मफलहाल ऐसा कुछ करने से बचेगी.' मबहार चुनाव िे् भाजपा के िुद्ो् की मवफलता को देखते हुए यह कहा जा सकता है मक मफलहाल िुख्यिंत्ी मशवराज मसंह चौहान अपना ध्यान युवाओ् को रोजगार मदलाने और औद््ोमगक मवकास को गमतशील बनाने िे्लगायेग् .े व्यापि, डीिैर और तिाि अन्य घोरालो् के बीच वष्व 2018 के मवधानसभा चुनाव की राह आसान नही् लगती.
मोदी के निशािे पर अब असम
राजीि कुमार
गुिाहाटी. मबहार चुनाव िे् भाजपा की भद्् होने के बाद प््धानिंत्ी नरे्द् िोदी का ध्यान असि िे् अप््ैल 2016 िे् होनेवाले मवधानसभा चुनाव पर आकर पूरी तरह के्म्दत हो गया है. बांग्लादेश की जेल िे् मपछले 18 सालो्से बंद यूनाईरेड मलबरेशन फ््र आफ असि(उक्फा) के िहासमचव अनूप चेमतया उफ्फगोलाप बर्वा को लाने िे् सफलता पायी है. इस सफलता को िोदी बांग्लादेश को जिीन हस््ांतमरत करने के मलए हो रही आलोचना को कि करने िे् इस््ेिाल करे्गे. लोकसभा चुनाव के दौरान िोदी ने संप्ग की सरकार की आलोचना करते हुए कहा था मक हि एक इंच भी जिीन बांग्लादेश को मदए जाने के मखलाफ है्. लेमकन के्द्की सत््ा िे्आते ही उनका सुर बदल गया. तब िोदी ने कहा मक असि के महत के मलए जो अच्छा होगा वही करे्गे. बांग्लादेश को मववामदत जिीन हस््ांतमरत करने से सीिा सील करने िे्िदद मिलने के साथ ही कई अन्य सिस्याओ् का सिाधान होगा. इससे िोदी की आलोचना हुई थी. अब वे कहे्गे मक हि पुरानी उक्फा सिस्या का हल करने जा रहे है्. अनूप चेमतया को ले आएं है्. असि चुनाव को देखते हुए के्द्ीय गृह राज्यिंत्ी मकरेन मरजूज ने ताजा बयान मदया मक असि की जनगोम््षयो्को जनजामत का दज्ाव मदए जाने का िािला गृह िंत्ालय से पास हो गया है. अब मसफ्फकेद् ्ीय कैमबनेर की िंजूरी बाकी है. यानी के्द् लंमबत सभी िािलो् का तेजी से मनपरान कर रहा है.
तामक कांग्ेस व अन्य मवपक्् उन पर चुनाव प््चार के दौरान ज्यादा हिला न कर सके्. यहां तक मक पूव्ोत््र के राज्यो्को जो मवशेष दज्ाव हामसल था उसे रोक मदया गया था. अब के्द्ीय मवत्् राज्य िंत्ी जयंत मसन्हा ने इसे वापस बहाल करने की बात कही है. मबहार चुनाव के बाद अपनी इज््त बचाने भाजपा के शीष्व नेता गुवाहारी पहुंच गए है्. भाजपा के राष््ीय िहासमचव (संगठन) रािलाल ने आकर स्थानीय नेताओ् को फरकार लगाते हुए सांगठमनक ल्सथमत िजबूत करने को कहा है. भाजपा िे् कई संगठनो्व पाम्रयव ो्से नेताओ्के आने का तांता लगा था. मबहार के नतीजो्के बाद इसिे् ठहराव सा आ गया है. असि के िुख्यिंत्ी तर्ण गोगोई ने भाजपा को साझा शत््ुबताते हुए मबहार की तरह िहागठबंधन तो नही्, िहाअंडरस्रेमडंग करने की बात कही है. वे खुलकर कहते है् मक असि गण पमरषद,
आल इंमडया यूनाईरेड डेिोके्मरक फ््र (एआईयूडीएफ), वािपंथी पाम्रवयां और अमखल गोगोई को भी इसिे्शामिल होने को आिंम्तत करता हू.ं मजस पार््ी की जहां अच्छी पकड़् है, उसे हि वहां वोर देने के मलए कहे्गे. गोगोई का प््यास वोर मवभाजन से भाजपा को फायदा पहुंचने से रोकना है. यमद वे इसिे् सफल होते है् तो भाजपा के मलए यहां भी िुल्शकल होगी. भाजपा का अपना उतना आधार नही् है. मपछले मवधानसभा चुनाव िे् भाजपा को राज्य की 126 िे् से मसफ्फपांच सीरे्मिली थी्. लेमकन लोकसभा चुनाव िे् भाजपा के पक्् िे् लहर रहने के कारण 14 लोकसभा सीरो् िे् से सात सीरे् मिली्. पर अब वह लहर नही् है. असि के लोग भाजपा के यू-रन््ो् से खफा है् और वे अब की ल्सथमत िे्िजा चखाने को आतुर है्. बहुत बड़्ा कोई उलरफेर नही् हुआ तो भाजपा के मलए ल्सथमत अच्छी नही्होगी.
www.shukrawaar.com n
रीता वतिारी
5
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
चाय के प्याले मे् उफान
प
म््िि बंगाल िे्चाय के प्याले एक बार मफर उफनने लगे है्. खासकर उत््र बंगाल के बंद चाय बागानो् िे् भुखिरी के चलते होने वाली िौतो्का असर देश-मवदेश िे्सुम्खवयां बरोरती रही्है्. अब हाल िे्कई िजदूरो्की िौत के बाद यह िािला नये मसरे से तूल पकड़्रहा है. अगले साल होने वाले मवधानसभा चुनावो् को ध्यान िे् रखते हुए ििता बनज््ी सरकार भी अब बागान िजदूरो् की सुध लेने लगी है्. मवधानसभा की करीब दज्वन भर सीरो्पर चाय िजदूरो्के वोर ही मनण्ावयक है्. इसबीच, वाििोच्ाव से जुड़्ी 20 िजदूर यूमनयनो् ने राज्य और के्द् सरकार के उदासीन र्ख के मवरोध िे्27 नवंबर से चार मदन भूख हड़्ताल करने और मफर एक मदसंबर को हड़्ताल करने की अपील की है. िुख्यिंत्ी ििता बनज््ी ने चेतावनी दी है मक अगर िामलक चाय बागानो् को सिुमचत तरीके से नही् चलाते तो सरकार उनका अमधग््हण कर लेगी. चाय बागानबहुल उत््र बंगाल के दौरे पर गयी्िुख्यिंत्ी
ने कहा मक सरकार ठीक से बागान चलाने वालो्की सहायता करेगी. िजदूरो्को उनका बकाया मदये मबना अचानक चाय बागान बंद करने वाले िामलक ठीक काि नही्नही्कर रहे है्. िालूि हो मक सरकार ने डंकन इंडस्ट्ीज के बागराकोर चाय बागानो् िे् िजदूरो्को िजदूरी का भुगतान नही्होने की
अडानी परियोजना का
रििोध किने पि हमला
वजह से इस िािले की सीआईडी जांच का मनद््ेश मदया है. उस बागान िे् भुखिरी से हाल िे् तीन िजदूरो् की िौत हो गयी थी. इलाके िे्कई चाय बागान लंबे अरसे से बंद पड़्ेहै्. इस वजह से हजारो्िजदूर कुपोषण और भुखिरी के मशकार है्. दूसरी ओर, िजदूर यूमनयनो् ने इस िािले िे् राज्य सरकार पर भी उदासीनता
लिकास के एजंडा पर है सरकार -चौधरी
लखनऊ. सिाजवादी पार््ी के प््देश प््वक्ता राजे्द्चौधरी ने भाजपा-आरएसएस की सांप्दामयक राजनीमत को जनता िे् स्वीकाय्वता नही् मिलने की बात कही है. उन्हो्ने कहा मक मदक्ली के बाद मबहार मवधान सभा के चुनावो्िे्भाजपा को मिली करारी हार से यह साफ है मक जनता केा झूठे वादो्के भ््िजाल िे्नही्रखा जा सकता है. उत््र प््देश के पंचायत चुनावो्िे्भी भाजपा को इसीमलए िुंह की खानी पड़्ी है. राजे्द् चौधरी ने कहा मक लोकसभा चुनावो्के बाद से भाजपा जीत के अहंकार िे् थी. उत््र प््देश िे् मवकास का एजंडे पर िुख्यिंत्ी अमखलेश यादव काि कर रहे है.् पर भाजपा ने अमखलेश सरकार की छमव खराब करने के मलए पम््ििी उत््र प््देश को अपनी चौ्सारा. िध्यप्द् श े के चौ्सारा मजले के इससे पहले 2010 िे् वकील आराधना सांपद् ामयक राजनीमत की प्य् ोगशाला बनाया मछंदवाड़्ा गांव िे् मकसान संघष्व समिमत भाग्वव और डॉ सुनीलि के साथ यहां था. लेमकन मवधान सभा उपचुनावो् और (केएसएस) के समचव सज््ेचंद्वंशी और बदसलूकी की गयी थी. बाद िे्साल 2012 पंचायत चुनावो् िे् भाजपा के सारे दांव पे्च चार काय्वकत्ावओ् पर अडानी पे्च पॉवर िे् िेधा पारेकर और 22 केएसएस मवफल रहे. इस पार््ी के पास सांप्दामयकता प््ोजेक्र का मवरोध करने पर 14 नवंबर को काय्वकत्ावओ् पर हिले हुए थे. ये हिले ही एक हथक्डा है. इसके जमरये मववादास्पद हिला मकया गया. मकसान संघष्वसमिमत कई क्पनी के लोगो्ने मकये है्. सज््ेअपने घर िसलो्को ही उठाकर सािामजक सौहाद्वको सालो्से इस पमरयोजना के मनि्ावण काय्वका पर काय्वकत्ावओ् के साथ बैठक कर रहे थे. मबगाड़्ने का काि मकया जाता रहा है. उत््र प््देश से भाजपा के 73 लोकसभा मवरोध कर रही है्. मकसानो् की िज््ी के उसी दौरान क्पनी के लोग वहां पहुच ं कर उन मखलाफ सरकार ने यहां अडानी को कोयले पर और काय्वकत्ावओ् पर बेरहिी से हिला सांसद है्. इससे प््देश की मवकास से 1320 िेगावार मबजली का उत्पादन करने मकया. साथ ही पूरे पंडाल को मगरा मदया. पमरयोजनाओ् िे् के्द् की अड़्ंगेबाजी जारी के मलए पे्च नदी पर प््स्ामवत बांध के मलए इसिे्पुमलस भी हिलावरो्का साथ देती रही रहती है. िुख्यिंत्ी अमखलेश यादव के्द्के नीमत आयोग से धन की िांग करते रहे है्. 5607 हेक्रेयर से अमधक जिीन डूब क््ेत्िे् है. आवंमरत कर दी थी.मजन काय्वकत्ावओ् पर सरकार ने क्पनी को 2012 िे् इस पर राज्य से सौतेला व्यवहार हो रहा है. हिला मकया गया उनकी ल्सथत गंभीर है .इस मवद््ुत स्रेशन को लगाने के मलए जर्री भाजपा के सांसदो् और िंम्तयो् राज्य के अंचल के मवमभन्न जन संगठनो्ने हिले की पय्ाववरण िंजूरी दे दी थी. लेमकन कानूनी मवकास से कोई ितलब नही् है. वे तीखी मनंदा की है . तौर पर ग््ािीणो्ने इस िािले को 2013 िे् सिाजवादी सरकार के मवकास काय््ो िे् पमरयोजना का मवरोध कर रही मकसान कोर्विे्चुनौती दी. मजसे कोर्वने नेशनल ग््ीन रोड़्ा अरकाने िे्लगे है.् भाजपा-आरएसएस संघष्वसमिमत का कहना है मक इसकी वजह म््टब्यूनल के सिक्् काय्ववाही के मलए भेजा की अगर सांप्दामयक, झूठ फरेब और से 31 गांव पानी िे् डूब सकते है्. ऐसे िे् था. लेमकन क्पनी और ग््ािीणो् के बीच सािामजक सद््ाव मबगाड़्ने की राजनीमत क्पनी लोगो् के मवरोध को दबाने के मलए बड़ते तनाव को देखते हुए सुप्ीि कोर्व ने जारी रही तो इसके खुद भाजपा के मलए हिले करवाती रही है्. ये पहली बार नही्है, अप््ैल 2014 िे् इस प््ोजेक्र पर जनवरी आत्िघाती पमरणाि सािने आये्गे्. जनता अब कांठ की हांडी दुबारा नही्चढ्ने देगी. जब मवरोध कर रहे लोगो्पर हिला हुआ है्. 2016 तक के मलए रोक लगा दी थी.
पंंधानमंतंी को लिखा गंगू तेिी
का आरोप लगाया है. सीरू के प््देश अध्यक्् श्यािल चक््वत््ी का आरोप है मक सरकार ने पहले मजन पांच बागानो् का अमधग््हण मकया है वहां भी हालत खस््ा है. िजदूरो्को सिय पर राशन-पानी और आम्थक व सहायता नही् मिल रही है. उनके इलाज की भी कोई सिुमचत व्यवस्था नही् है. उनका आरोप है मक अब चुनावो्के नजदीक आने पर ििता बनज््ी इन िजदूरो्के साथ झूठी हिदद््ी जता कर अपना राजनीमतक महत साधने का प्य् ास कर रही है. िजदूरो् का आरोप है मक सरकार की ओर से उनको दो र्पये मकलो की दर पर मजस चावल की सप्लाई की जाती है वह इंसानो्के खाने लायक नही्है. ज्यादातर बागानो् िे् मबजली और पीने का साफ पानी भी िुहैया नही् कराया जाता. हालांमक ििता ने दावा मकया है मक उन्हो्ने मजला प््शासन से तिाि बंद बागानो् िे् मबजली व पानी की सप्लाई बहाल करने के मनद््ेश मदये है्. लेमकन िजदूरो्के ताजा र्ख से साफ है मक उनका आंदोलन एक बार मफर जोर पकड़्ेगा.
लखनऊ. भारतीय जनता पार््ी ने पूव्व प््धानिंत्ी पं जवाहरलाल नेहर् के जन्ि मदन पर कांग्ेस पार््ी के छात्् संगठन के इलाहाबाद िे् लगाये गये बैनर पर कड़्ी प््मतम््कया व्यक्त की है. भाजपा प््देश अध्यक्् लक््िीकान्त बाजपेयी ने कहा मक पोस्रर पर मलखी स्लोगन ‘कहां राजा भोज कहां गंगू तेली’ असमहष्णुता की पराकष््ा है और कांग्ेसी सोच की असमलयत को उजागर करता है. बाजपेयी ने कहा मक गरीब और आि आदिी के बीच से उभरे नेततृ व् के प््मत कांग्ेस की सोच देश के सािने है. सोच चाहे िमणशंकर अय्यर की रही हो मजन्हो्ने कहा था मक िोदी चाय बेच सकते है प््धान िंत्ी नही बन सकते या चाहे कांग्ेस अध्यक््का ‘िौत का सौदागार’ कहना यह कांग्ेस के सिझ को मदखाता है. अब प््धानिंत्ी को ‘गंगूतेली‘ बताने की मरप्पणी का जवाब भी जनता ही देगी. बाजपेयी ने कहा मक आजादी के लगभग 60 वष््ो तक राज करने वाली कांग्ेस के इसी सोच के कारण भारत मवश्् परल पर गरीब देशो्की कतार िे्खड़्ा रहा.
कालपेट्ा. स्वास्थ्य मवभाग से जारी आंकड़्ो् के िुतामबक वायनाड मजले िे् मपछले तीन साल िे्324 बच््ेिौत की भे्र चढ् चुके है्. इसिे् 267 बच््े आमदवासी बम््सयो्से है.् साथ ही वायनाड मजले िे्बीते 7 सालो् िे् 67 िमहलाओ् की भी जान गयी है, मजनिे् 46 िमहलाएं आमदवासी बम््सयो् से है्. ऐसे िे् वायनाड मजले िे् आमदवासी बच््ेकुपोषण का पूरी तरह से मशकार बनते जा रहे है्. स्वास्थ्य मवभाग के आंकड़्ेबताते है्मक साल 2010-11 के दौरान 90 बच््ो्की िौत कुपोषण और दूसरे रोगो्के चलते हुई. इसिे् 41 बच््े आमदवासी बम््सयो् से है्. साल 2012 िे्92 बच््ेइसके मशकार बने. इसिे् 46 आमदवासी बम््सयो्से थे. साल 2013 िे् यह आंकड़्ा 142 तक पहुंच गया, इनिे्74 आमदवासी बच््ेथे. स्वास्थ्य से जुड़ी सिस्याओ् ने इस साल अब तक 40 बच््ो् की जान ले ली है. डॉक्ररो् ने इसकी वजह गभ्ववती
िमहलाओ् को गभ्ाववस्था के दौरान पोमषत आहार नही् मिल पाना बताया है. कि उम्् िे् शादी, भोजन िे् पोषक आहारो् की किी और प््सव भी इन असािमयक िौतो् की वजह है्. मजले का स्वास्थ्य मवभाग कुपोषण को लेकर गभ्वव ती िमहलाओ्को जागर्क करने िे् नाकाि रहा है. साथ ही शराबी अमभभावको् का असर भी कुपोषण के आंकड़्ो्िे्इजाफा कर रहा है. स्वास्थ्य मवभाग के मरपोर्व के िुतामबक वायनाड मजले िे्हर साल औसतन 14,500 प्स ् व कराये जाते है.् अकेले मजला अस्पताल िे्िहीने भर िे्करीब 300 गभ्वव ती िमहलाएं भत््ी होती है्. इस मजले के दूसरे सिुदाय की िमहलाएं सरकार की आधुमनक सुमवधाओ् का पूरा फायदा उठा रही् है्, लेमकन आमदवासी िमहलाएं आज भी इन सुमवधाओ् से पूरी तरह िहर्ि है्. इस वजह से आमदवासी िमहलाएं और बच््े िौत का मशकार बन रहे है्.
कुपोषण का कशकार बनते आकदवासी बचंंे
www.shukrawaar.com n
7
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
पंंाकृसतक जलसंंोतोंकी अनदेखी घातक
कुलभूषण उपमन्यु
मह
िालय की तेज ढलानो् िे् बफ्फ और वनो् के कारण पानी ज़्िीन के अंदर जिा होता रहता है. जहां भी ढलान िे् पानी को बाहर मनकलने की जगह मिलती है, यह बाहर फूर पड़ता है. ऐसे स्थानो्पर लकड़ी, धातु या पत्थर के पाइप लगाकर पानी भरने का स्थान बना मलया जाता है. पहाड़ो्िे्80 फीसद जलस््ोत ऐसे ही है.् इन्हे् कश्िीर िे् चश्िा, महिाचल िे् नाड़ू, छर्हड़ू, पमणहार और गढवाल िे्धारा कहा जाता है. तराई के क्त्े ्ो्िे्बावमड़यां भी कही्कही्देखने को मिलती है्. महिाचल प््देश के हिीरपुर मजला िे्चट््ानो्से मरसने वाले पानी का संगह् ण करने के मलए चट््ानो्को कारकर भंडारण बावमड़यां बनायी जाती है्, मजन्हे् खातरी कहा जाता है. पानी की किी होने से कई जगह खातमरयो् के बाहर लकड़ी के दरवाजे लगाकर इन्हे्ताला लगाया जाता है. यह बड़ी अद््त मवके्म्दत जल आपूम्तव व्यवस्था है. पहाड़ी गांव ऐसे जलस््ोतो्के आसपास बसे है्. इन जल स््ोतो् िे् रासायमनक और आस््ेमनक प््दूषण की संभावना नगण्य ही है. खुले िे् शौच की परंपरा के चलते जैमवक प््दूषण की संभावना बनी रहती है. खुला शौच िुल्कत अमभयान को गंभीरता से लागू करके इस चुनौती से पार पाया जा सकता है. चश्िो् के पानी की सिय-सिय पर जांच करते रहने की व्यवस्था होनी चामहए, तामक इसकी गुणवत््ा को वैज्ामनक सिझ के
गुमान वसंह
आधार पर बनाये रखा जा सके. जब से नलो् से जलापूम्तव की व्यवस्था होने लगी है, प््ाकृमतक जलस््ोतो् की अनदेखी का दौर शुर्हो गया है. हालांमक, नलो् से जलापूम्तव योजनाओ् के मलए भी पानी ज्यादातर ऐसे स््ोतो् से ही मलया जाता है. इनके अभाव िे् नदी-नालो् और खड््ो् से भी पानी मलया जाता है. इस तरह की के्द्ीकृत जलापूम्तव व्यवस्था की अपनी लाभ-हामनयां है्. एक जगह पानी का भंडारण करके स्वच्छ पानी आपूम्तव को आसान िाना जाता है. उसिे्दवाई मिलाकर स्वच्छता िानक सुमनम््ित मकये जा सकते है्. यह भी देखा जाता है मक नालो्-खड््ो्से सीधे पानी मबना उमचत मफक्रर व्यवस्था के पाइप लाइनो्िे्डाल मदया जाता है. ऐसा होने
पहाड़ो् िे् नदी-नाले, खड््े तो नीचे दूर गहराई िे् बह रहे होते है्. पहाड़ो् के ऊपर बसी आबादी के बढने और जीवनशैली िे् बदलाव के चलते पानी की िांग लगातार बढती जा रही है. इसमलए इन चश्िो् का संरक्ण ् लगातार और भी जर्री होता जा रहा है. पेयजल से लेकर पहाड़ी सूक्ि मसंचाई व्यवस्थाओ्तक, पहाड़ी जर्रते्इन्ही्चश्िो् के सहारे पूरी होती है्. इसमलए मरकाऊ मवकास की दृम्ष से भी जलस््ोतो्का संरक्ण ् िहत््वपूण्वहो गया है. जल संरक्ण ् काय््ो्के मलये जलस््ोतो्के जल-भरण क््ेत्ो् को मचल्ननत मकया जाना चामहए. हर जलस््ोत का जल भरण, क््ेत्का नक्शा उस जल स््ोत के इस््ेिाल सिूह, स्थानीय पंचायत और जन स्वास्थ्य मवभाग के पास रहना चामहए.
जरूरी है नहमालय िीनि
को अपने गावो् के आम्थवक मवकास और सािामजक न्याय की योजना बनाने का अमधकार मदया िालय नीमत अमभयान 21 नवंबर 2015 से महिाचल प््देश िे् प््देश गया. इससे पहाड़् के इस राज्य व्यापी स्वराज यात््ा अमभयान चलाने जा रहा को एक ढाल मिला मजसके जमरये है. इस अमभयान की शुर्आत मकनौर के महिालय के मलए आवाज बुलंद मरकांग मपयो से होनी है. इसके जमरये लोगो् की जा सकेगी. तेरह मदसंबर साल 2005 को महिालय से जुड़े पमरवत्वनो्से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे िे् जागर्क को संसद ने वन अमधकार कानून मकया जायेगा. मजससे मक लोग महिालय की 2006 पामरत मकया. इसके तहत संपदा और संरक््ण िे् अपनी भागीदारी दे ग््ाि सभा की िंजूरी के मबना सके.् यात््ा का िकसद लोगो्को संमवधान से इलाके के संसाधनो् को मिले वन संपदा अमधकारो्की जानकारी देना व्यापामरक, सरकारी और साव्वजमनक काय््ो् के मलए हस््ांतमरत नही् भी है. ् कानून महिालय के संरक््ण िे् महिाचल प््देश मकया जा सकता है. पय्ावव रण संरक्ण 1986 के प् ा ् वधानो् िे ् पं च ायत और ग््ाि सभा की अहि भागीदारी जर्री है. पहाड़्ी राज्य की स् व ीकृ म त और जन सु न वाई के प््ावधान महिाचल िे् 73वां संमवधान संशोधन लागू होने के बाद हाल िे्यहां पंचायत और शहरी जोड़े गये. राज्य िे्73वां संमवधान संशोधन, मनकायो्के पांचवे्चुनाव हो्ग.े पहाड़्संरक्ण ् वन अमधकार कानून -2006, सूचना का िे् इस संशोधन की मवशेष भूमिका होगी. अमधकार, िनरेगा, भूमि सुधार कानून, भारतीय लोकतंत्िे्73वां संमवधान संशोधन महिाचल िे्नौ तोड़ मनयि, इत्यामद भारतीय (धारा 243) एक िहत्वपूण्व जनोन्िुखी संमवधान की िूल भावना के अनुरप् जनमहत पहल थी. इस बदलाव ने स्थानीय स्वशासन िे् बनाये गये थे. देश िे् साल 1991 से को वैधामनक दज्ाव मदया. हर स््र की वैश्ीकरण की नीमत लागू करने की प््म्कया पंचायतो्को सरकार ने िान्यता दी. ग््ाि सभा शुर् की गयी. मजस के तहत प््ाकृमतक
मह
से पूरे आपूम्तव क््ेत्िे्दूमषत जल से होने वाले नुकसानो् का खतरा बढ जाता है. मवके्म्दत व्यवस्था िे्ऐसा खतरा गांव तक ही सीमित रहेगा. पेयजल आपूम्तव की दृम्ष से िहत््वपूण्व िुद्ो्के अलावा जलस््ोतो्का संरक्ण ् , उसिे् पानी की िात््ा का संरक््ण भी बहुत िहत््वपूण्व है. महिालय िे् अत्यमधक चीड़ रोपण और सफेदा (यूकेमलप्रस) रोपण से कई जलस््ोत सूख गये है्. इस तरह के पेड़ जल संरक्ण ् नही्कर सकते, बल्कक पानी को शोषण करके जलस््ोतो्को सुखाते है्. जल मवद््ुत पमरयोजनाओ्के मलए बनाई जा रही सुरगं ो्के ऊपर बसे गांवो्के जल तभी सूखते जा रहे है्. बढती आबादी की बढती र्इंधन और इिारती लकड़ी की िांग के कारण भी वनो्का मवनाश हो रहा है.
फीसद जनता का जीवन 20 र्पया प््मतमदन के खच्व की औकात पर ही चल रहा है. महिालय क््ेत्ो् िे् प््कृमत को सिझ कर मवकास की नीमत बनानी चामहए. इसकी वजह यह है मक ये क््ेत् प््ाकृमतक आपदा संभामवत और भूकप् संवदे ी क्त्े ्है.् यहां होने वाले पय्ाववरणीय बदलाव का असर पूरे भारत पर पड़ता है. ऐसे िे्हर सरकारी और क्पमनयो्के काय्वऔर पमरयोजना का मवशेष आकलन मकया जाना संसाधनो्को जनता से छीन कर देशी मवदेशी चामहए. पय् ा व व रण की क््मत, आजीमवका के क्पमनयो्के हवाले मकया जा रहा है. इसमलए मवनाश और आपदा की वजह बन सकता है. आज मकसान आत्िहत्या करने पर िजबूर हो आज मरकाऊ मवकास के नज़मरये से गये है्. बेरोजगारी लगातार बढती जा रही है. नयी तकनीको् से खे त ी, वन मवकास, ग््ािीण आज बड़े उद््ोग रोजगार पैदा नही् करते, बल्कक स्थानीय लोगो् के सांझा और लघु उद््ोग, वैकल्कपक ऊज्ाव स््ोत पर े संसाधन और उनकी परंपरागत आजीमवका नीमतयां बनाने की जर्रत है. महिाचल प्द् श को छीनते है्. इसका बड़ा कारण नयी िे् जोतो् के बरवारे, शहरीकारण, मवकास तकनीक है, मजसे िुनाफे के मलए पूंजी ने योजनाओ्, उद््ोगो्, जल मवद््ुत और दूसरी आगे बढाया और इसी के जमरए कि पमरयोजनाओ् के मलए भूमि अमधग््हण से आदमियो्के श््ि से ज्यादा उत्पादन हो रहा खेती की जिीन कि हो गयी है. आज प््देश है. भारत िे् मपछले बीस बष््ो् िे् हजारो् िे्80 फीसद मकसान लघु मकसान हो गये है्. वन अमधकार कानून 2006 के तहत खरबपमत इसी लूर की देन है. देश की 80
महिालय क््ेत् िे् पानी का शोषण करने वाले वृक्ो् की प््जामतयो् चीड़, सफेदा का रोपण बंद होना चामहए उनके स्थान पर बहुउद््ेशीय, गहरी जड़ वाले फल, चारा, र्इंधन, खाद, रेशा और दवाई देने वाले वृक् लगाने चामहये. गहरी जड़ो्वाले, धीरे बढने वाले बांज, बुरांस, कागजी अखरोर, िीिल, कचनार, सानण, बड़, पीपल, आि, आंवला, अज्वुन, हरड़,बेहड़ा आमद अनेक प््जामतयां जन उपयोगी होने के साथ-साथ जल संरक््ण करने वाली है्. जंगली गुलाब, जंगली बेर, करो्दा,िालधन (रौर) आमद झामड़यां और बेले् भी जल संरक््ण करने वाली है्. इनका रोपण करना और उसके साथ कई इंजीमनयमरंग उपाय भी मकये जा सकते है्. (साभार इंमडया वारर पोर्वल)
जब तक वन अमधकारो्के दावो्के सत्यापन और िान्यता की प््म्कया पूरी नही् होती तब तक इन कब्जो् को बेदखल नही् मकया जा सकता है. महिाचल िे् अभी वन अमधकार कानून को लागू करने की प््म्कया चल रही है. महिाचल िे् यह अमधकार करीब 99 फीसद ग््ािीण लोगो् को हामसल होगा. ग््ाि सभा और पंचायतो् को इस कानून को लागू करवाने िे्पहल करनी होगी. इसके मलए वन अमधकार िान्यता के मलए सरकार पर दबाव बनाना चामहए. जब 73वे्संमवधान सशोधन पर बहसे्चल रही थी्, तब यह भी कहा जा रहा था मक एक तो के्द्और राज्य सरकारो् की योजनाएं जिीनी स््र पर मवकास की वास््मवक जर्रत को पूरा नही्करती्. महिाचल एक पहाड़ी प््देश है ऐसे िे् यहां पहाड़ की भौगोमलक, भूगभ््ीय और पमरल्सथमतकी के अनुर्प मवकास होना चामहए. नही् तो यह मवनाश का कारण ही बनेगा. इसमलए महिालय नीमत बने और उसी के िुतामबक गावो्से ले कर प््देश स््र तक मवकास की योजना बने. प््ाकृमतक संसाधनो् पर ग््ाि सिाज का मनयंत्ण और क्पमनयो् की इनकी व्यवसामयक लूर से रक््ा के मलए संघष्वकरना होगा.
8
www.shukrawaar.com n
पे
मरस की आतंकी घरना ने जहां यह संकेत मदए है्मक सीमरया और इराक िे् र्स और अिेमरका के तीव्् हिले के चलते इस्लािी इस्रेर (आईएस) बुरी तरह मघर गया है और वह बदला लेने के मलए यूरोप पर दहशत की कार्ववाइयां कर रहा है, वही् इसके बाद यह आशंका भी बन गई है अब यूरोप की उदार शरणाथ््ी और आव््जन नीमतयां अनुदार बने्गी और आधुमनक यूरोपीय देशो् से लेकर भारत तक इस्लाि के मवर्द् कट््रपंथी तत्वो् की गोलबंदी तेज होगी. यानी िानवता जहां आतंक के चलते संकर िे् है वही् उसके जवाब िे् तैयार होने वाली कट््रपंथी और अनुदारवादी लहर से भी वह लहूलुहान होगी. एक तरह से इस हिले के बाद यह आशंका बलवती हुई है मक जि्वनी पर शरणाथ््ी नीमतयो् को कड़्ा करने का दबाव बनेगा और 26
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
पेवरस मे् आतंक
यूरोपीय देशो् िे् एक बीसा को िान्यता देने वाली शेनगेन प््णाली पर भी ग््हण लगेगा. जि्वनी की चांसलर िक््ेल पर भी अपनी उदारता छोड़्ने और दूसरे देशो् को उदार बनाने का प््यास बंद करने का दबाव बनेगा मजसके चलते शरणाथ््ी और लाचार हो्गे. गौरतलब है मक पेमरस िे्जब हिले शुर्हुए उस सिय वहां के िुख्य स्रेमडयि िे्जि्वनी और फ््ांस का दोस््ाना फुरबाल िैच चल रहा था और उसिे् फ््ांस के राष्् होलंदे िौजूद थे, मजसके बाहर जेहामदयो् ने बि फोड़्ा. दूसरी तरफ एक हाल िे् संगीत का काय्वक्ि चल रहा था,जहां सबसे ज्यादा लोग िारे गए. आई एस के परचे िे्फ््ांस की संस्कृमत के लक््य करते हुए कहा गया है मक यह वेश्याओ् और अश्लील लोगो् की संस्कृमत है. मवडंबना देमखए मक इस हिले के कुछ
ही घंरे पहले अिेमरकी राष््पमत बराक ओबािा ने मजहादी जान के िारे जाने पर खुशी जताते हुए यह दावा मकया था मक आईएस को घेर मलया गया है. उन्हो्ने एक इंररव्यू िे्कहा था मक हि नही्सिझते मक वे अब ताकत हामसल कर रहे है्। हकीकत यह है मक हि शुर्से ही उन्हे्घेरना चाहते थे और हिने उन्हे्घेर मलया है. मजस जेहादी जान के िारे जाने पर अिेमरका और यूरोप खुशी जता रहा था वह म््बमरश नागमरक ही था. इसमलए अगर कोई यह सोच रहा हो मक आतंक के मखलाफ होने वाली यह लड़्ाई अरब और यूरोप के लोगो् के बीच मकसी पारंपमरक युद् की तरह चल रही है तो वह गलतफहिी िे् है. आईएस के लड़्ाको् िे् यूरोप के देशो्के अपने नागमरको्की अच्छी तादाद है. दूसरी तरफ आतंकी कार्वव ाई करने वाले उन शरणाम्थवयो्के साथ घुस रहे है्जो
युद् की मवभीमषका से भाग कर जान हथेली पर लेकर सिुद् के रास््े से यूरोप िे् शरण ले रहे है्. कभी िक््ेल का करीबी रहा युद् संवाददाता जग्े्न रोडेनहाफर ने जेहादी जान के संपक्फिे्रहते हुए हाउस आफ वार नािक जो मकताब मलखी है उसिे् चेतावनी दी गई है मक पम््ििी देश आईएस की ताकत को कि करके आंक रहे है्. जबमक आईएस ने पम््िि के मखलाफ एरिी सुनािी की तैयारी कर रखी है. इसे मसफ्फ अरब ही रोक सकता है. िुंबई के 26 /11 की तज्वपर हुए पेमरस के हिले ने जहां भारत की सिस्या को अंतरराष््ीय स््र पर उठाने िे् िदद की है और यही वजह है मक पहले म््बरेन और मफर अंतामलया(तुक्ी) िे्जी-20 देशो्की बैठक िे्शामिल होने गए भारत के प््धानिंत्ी नरे्द् िोदी ने इस िानवता पर हिला बताते हुए
नेहर् बड्े या आंबेडकि?
अर्ण कुमार व््िपाठी
पं
मडत जवाहर लाल नेहर् अपने ही देश िे्बेगाने हो गये है.् 14 नवंबर को उनकी जयंती पर भारतीय राष््ीय कांग्ेस भले कुछ अखबारो्और चैनलो्िे्मवज््ापन दे दे, कुछ काय्वक्ि कर ले, मदक्ली िे् राष््पमत प््गमत िैदान िे् अंतरराष््ीय व्यापार िेले का उद्घारन कर ले् और शांमत वन चले जाये्, लेमकन नेहर् व्यापक राजनीमतक, सािामजक मविश्व से एकदि गायब हो गये है्. हो सकता है इस दौरान कही् स्कूलो् िे् बाल मदवस भी िना मलया जाये. लेमकन अब बच््ो् के असली चाचा नरे्द् िोदी हो गये है् और उन्ही्की िन की बात सुनी सुनाई जाती है. नेहर् का सम्िान चला गया है. बल्कक संघ पमरवार और उसकी सरपरस््ी िे् चल रही एनडीए सरकार की सारी कोमशश उन्हे् हर प््कार से खलनायक ही सामबत करने की है. उनके प््मत अगर पूरे सिाज नही्तो महंदू िध्यवग्व िे् एक प््कार का नफरत का भाव भरा गया है. हि भारतीयो्की आदत भी है मक हि खलनायक बाहर नही् अपने भीतर ही ढूंढते है्और अगर वे अपने नायको्के बीच से ही मिल जाये्तो इससे अच्छा क्या है. इस बात को कभी पूव्व प््धानिंत्ी चंद्शेखर इस तरह से कहा करते थे मक हिे् या तो देवता चामहए या राक््स. हिे् िनुष्य नही् चामहए. यही रवैया आजकल पंमडत जी के साथ अपनाया जा रहा है. कुछ मदनो्पहले के्द्ीय गृह राज्य िंत्ी मकरण मरजुजू ने साफ तौर पर कहा मक नेहर् ने पूव्ोत््र के साथ धोखा मकया. पंमडत जी के मखलाफ सिाजवामदयो्की पहले सैद्ांमतक और बाद िे् मनजी तौर पर गंभीर मशकायते् रही है्. परेल और नेहर् मववाद पर तो संघ पमरवार पूरा राजनीमतक मविश्व खड़्ा करता है. संस्थाओ् और आधुमनकता के बारे िे्गांधी से भी नेहर्के
खड़्ा कर मदया. दूसरी तरफ 26 नवंबर को संमवधान पर राष्प् मत डाॅ राजेद् ्प्स ् ाद के हस््ाक्र् (1949 िे)् होने की याद िे्संसद के दोनो्सदनो्का संयुक्त सत्् बुलाया गया है और इस दौरान दो मदनो्तक संमवधान मनि्ावण िे्आंबेडकर के योगदान की चच्ाव होगी. बहुत आशंका है मक इस चच्ाव िे् आंबेडकर के योगदान को बढ्ाचढ्ाकर पेश मकया जाये और नेहर्को उनके प््मत अन्याय करने वाला एक नेता बताया जाये. दमलत शोधकत्ावओ् ने तो यहां तक मलख रखा है मक नेहर् ने न मसफ्फ आंबड े कर को संमवधान सभा िे्चुने जाने का ितभेद गहरे थे और संघ के लोगो् के तो वे हालांमक इस रायशुिारी िे् जूरी, िाक््ेर हर हाल िे्मवरोध मकया बल्कक जब वे बंगाल दुश्िन थे ही. मफर सुभाष और आंबेडकर के मरसच्व और आि पाठको् और श््ोताओ् की असे्बली से जोगे्द्नाथ िंडल और नािशूद् प्म्त भी नेहर्के अन्याय के तिाि मकस्से है.् तरफ से मकया गया चयन अलग-अलग था प््मतमनमधयो् के सहयोग से चुन मलये गये तो कुल मिलाकर नेहर् एक अन्यायी, और मकसी िे्जवाहर लाल नेहर्तो मकसी देश का मवभाजन कराकर उन तीन मजलो्को अदूरदश््ी, महंदू मवरोधी और चामरम््तक िे् आंबेडकर और मकसी िे् एपीजे अब्दुल पामकस््ान िे् ठेल मदया मजनसे आंबेडकर किजोरी से ग्म्सत किजोर शासक और नेता कलाि सबसे ऊपर थे. लेमकन इस सव््े ने चुने गये थे. लेमकन यहां इस तथ्य की के र्प पेश मकये जा रहे है्. लगता है मक उन लोगो् की बातो् को बल देना शुर् कर अनदेखी कर दी जाती है मक िहात्िा गांधी के नेहर्इस देश के मलए एक आवश्यक बुराई मदया है जो आंबेडकर को भगवान बनाने िे् आदेश पर राजे्द्प््साद ने उन्हे्बांबे राज्य के थे. संयोग से यह वष्वनेहर्और आंबेडकर लगे हुए है.् पुणे सिझौते के मवशेषज््और पूवव् प््धान बीजी खेर से कहकर जयकर की (और आचाय्वनरेद् ्देव) की 125 वी्जयंती प््शासमनक अमधकारी एस आनंद ने एक खाली सीर से संमवधान सभा के मलए का वष्व है इसमलए उन्हे् याद करने और िाक्स्ववादी इमतहासकार पेरी एंडरसन का चुनवाया और नेहर्ने उन्हे्ड््ाल्फरंग समिमत उनकी और आंबेडकर की तुलना का हवाला देते हुए मलखा मक बौम््दक र्प से का अध्यक्् बनवाया. इतना ही नही् आंबेडकर ने जगजीवन राि और परेल के आज िेहरू को खानरज करिा आसाि है कूयोूनक वे नकसी के वोट बैूक िहीू िाध्यि से प््यास मकया और िहात्िा गांधी हैू. कूयोूनक उिके समरूथक उगूू िहीू हैू. जबनक आंबेडकर की िारीफ करिे के की बातो्का खयाल रखते हुए नेहर्ने उन्हे् देश का पहला कानून िंत्ी बनाया. जबमक फायदे ही फायदे हैू और आलोचिा करिे के खिरे ही खिरे हैू. आंबेडकर हिेशा गांधी और नेहर् ही नही् अमभयान भी जोरो्पर है. आंबेडकर नेहर्, गांधी और कांग्ेस के कांग्ेस की राजनीमत का मवरोध करते रहे. बल्कक अब तो आंबेडकर को उनसे तिाि नेताओ् से बहुत ऊपर थे. इस बीच उन्हो्ने उन पर भ््ष्ाचार से लेकर हर प््कार बड़्ा नेता बताया जा रहा है. आउरलुक जैसी अर्ंधती राय ने आंबेडकर के िशहूर लेख के आरोप लगाये. जब सन 1942 िे्गांधी ने पम््तका ने तो तीन साल पहले ही सव््े और जामत उन्िूलन की नए मकस्ि की व्याख्या भारत छोड़्ो आंदोलन छेड़्ा तो आंबेडकर बौम््दको् की राय से यह मसद्् करने की करते हुए जो पुस्क (एनीमहलेशन आफ उसकी मनंदा करते हुए वायसराय कौ्मसल िे् कोमशश की मक िहात्िा गांधी के बाद सबसे कास्र) तैयार की वह िाक्सवव् ादी बौम््दको्के शामिल हो गये. उन्हो्ने पूरे आंदोलन को बड़्े भारतीय आंबेडकर है्. यह रायशुिारी मलए एक नई खुराक सामबत हुई है. आनंद महंसा के आधार पर खामरज मकया. इन सबके सीएनएन आईबीएन ने महस्ट्ी 18 चैनल और तेलतुंबड़्े जैसे बौम््दक तो उस लेख की बावजूद अगर नेहर् और गांधी उन्हे् बीबीसी के संयुक्त तत्वाधान िे् मकया था. तुलना काल्विाक्स्वऔर फेडमरक एंमगक्स के राष्म्नि्ाण व का महस्सा बनाने की पहल करते इस रायशुिारी के पमरणािो् िे् सबसे ऊपर कम्युमनस्र िेमनफेस्रो से करते है्. थे और उनकी प््कर र्प से आलोचना नही् भीिराव आंबड े कर उसके बाद एपीजे अब्दल ु मवजयादशिी के मदन आरएसएस के सर करते थे तो मनम््ित तौर पर उनकी उदारता कलाि, तीसरे नंबर पर बक्लभभाई परेल संघचालक िोहन भागवत ने भी आंबेडकर को खलनायकत्व के र्प िे् नही् देखना और चौथे नंबर पर नेहर् का नाि था. को बुद्और शंकराचाय्वके सिकक््लाकर चामहए.
नवचार संयुक्त राष्् से आतंक को पमरभामषत करने की अपील की है, वही्अंतरराष््ीय स््र पर यह बात सामबत होती जा रही है मक अल कायदा के िुकाबले आईएस ज्यादा सम््कय और खतरनाक संगठन के र्प िे्उभर चुका है. इन ल्सथमतयो्िे्भारत जी-20 देशो्से यह िांग कर सकता है मक वे सीिा पार से होने वाले आतंकी हिलो् के बारे िे् व्यापक वैम्शक दबाव बनाएं क्यो्मक तभी दुमनया िे् आम्थवक िंदी से मनकलने और मवकास करने का खुला और भयहीन िाहौल बनेगा. इस हिले के कारण भारत िे् सुरक््ा संबंधी चौकसी की जर्रत बढ् गई है और देश के तिाि सुरक््ा मवशेषज््ो्ने सतक्फभी मकया है मक सन 2008 के बाद मकसी हिले के न होने से हि मनम््िंत हो गए है् जो मक ठीक नही्है. उनकी चेतावनी पर ध्यान देना जर्री है.
आतंकी की जादत नही्
दुमनया के जाने-िाने देश आज के सिय िे् आतंक से पीमड़त है्. वह मदन अब पता नही् कब आयेगा जब दुमनया िे् अिन और भाईचारा कायि रह सकेगा. आने वाले सिय िे्शांमत जर्री है. जो आतंकवाद पर लगाि लगने से ही मिलेगी. अभी हाल िे् सीमरया, लेबनान और पेमरस िे्हुए आतंकी हिलो्िे्करीब हजार बेगुनाह िारे गये . ये घरना भारत िे् हुए 26/11 िुंबई हिलो् से मिलती जुलती है. आतंकी हिले को हि धि्व के चश्िे्से नही्देख सकते. इसकी वजह है मक आतंक का कोई िजहब नही्है. धि्वहिे् आपस िे् बैर रखना नही् मसखाता है. सीधे शब्दो्िे्आतंकी की कोई जामत नही्होती है. असद शेख, लखनऊ
भरी िोपहरी मंे संेध
मबहार चुनावो्िे्बीजेपी की करारी हार हुई. ये हार प््धानिंत्ी िोदी और उनके हनुिान अमित शाह की िानी जायेगी. क्यो्मक अगर मकसी गैर मबहारी से ये पूछा जाये मक मबहार िे् नीतीश और लालू का िुख्य िुकाबला मकससे रहा तो उसकी जुबान पर तुरंत िोदी और शाह आ जाता है. हालांमक बीजेपी पूरी तरह से मबहार मवजय को लेकर आश््स् थी. इसी के चलते पीएि िोदी ने मबहार को करोड़ो्र्पये का पैकेज पहले ही ठेल मदया था. लेमकन मजस तरह से मबहार िे्हारे उससे तो यही लगता है मक लालू और नीतीश ने मबहार िे्भरी दोपहरी िे्से्ध लगा दी हो. रितेश जायसिाल, उन्नाि
कोई नही् था महान
आजकल देश िे् बेितलबी बहसो् का दौर है. हाल के सिय िे् रीपू को िहान बताने का मसलमसला चला है, तो कोई अशोक को िहान बनाने िे् लगा है. कई संगठन िहानता का मखताब बांर रहे है्. दलीलो्का दौर जारी है इसिे् कुछ संगठन अशोक को िहान बना रहे है और रीपू को कितर बताते है्. पर सवाल है मक ये दोनो्िहान क्यो्थे. जामहर है आदिी अपने काि से िहान बनता है. कोई धि्व का झुनझुना बजाकर िहान नही्हो सकता. दोनो्बेहतर शासक रहे है्. सोमा शिीन, गारजयाबाद
www.shukrawaar.com n
मनोज ठाकुर
पं
खास खबर
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
पंजाब पर मंडराता आतंकी िाया
जाब के हालात तेजी से मबगड़ रहे है्. दीपावली के मदन जो कुछ हुआ, उससे एक बार मफर पंजाब के पुराने मदनो्की यादे् ताज़ा हो गयी्. सरबत खालसा िे् मनयुक्त मकये गये जत्थेदार ध्यान मसंह िंड और उनके सिथ्वक भेष बदल कर मसमवल ड््ेस िे् दरबार सामहब िे् घुस गये. यहां उन्हो्ने कौ़ि के नाि संदेश मदया. ये संदेश उन्हो्ने दरबार िे्तैनात भारी पुमलस फोस्वके बावजूद मदया. अपने सिथ्वको् के साथ िंड दरबार सामहब िे् पहुंच गये. वहां करीब 200 हमथयारबंद लोग उनकी सुरक््ा िे् जुर गये. वे अकाल तख्त पर पहुंचे, इस दौरान मसख युवको् ने हमथयार लहराये और उनके सिथ्वन िे् नारेबाजी की. बाद िे् िंड जब बाहर आये तो उन्हो्ने पहले िीमडया से बातचीत की. इसके बाद पुमलस ने उन्हे् महरासत िे्ले मलया. मसख इमतहास िे्पहली बार हुआ है मक श््ी अकाल तख्त सामहब से दो-दो जत्थेदारो्ने कौ़ि के नाि संदेश मदया हो. शाि चार बजे परंपरागत तरीके से जत्थदे ार ज््ानी गुरबचन मसंह ने दश्नव ी ड््ोढ्ी से कौ़ि के नाि संदेश मदया. इस दौरान कुछ गि्व खयामलयो् ने नारे लगाये और काली झंमडयां मदखाई्. इसके बाद जगतार मसंह हवारा की जगह पर काय्वकारी अध्यक््ध्यान मसंह िंड ने संदेश मदया. देखा जाये तो यहां िािला खत्ि होता नजर आ रहा है. लेमकन ऐसा है नही्. क्यो्मक मदक््त यह है मक सरकार कुछ भी करने की ल्सथमत िे्नही्है. यमद मसख संगठनो् के प््मत सरकार सख्त रवैया अपनाती है, तो पंथ के म्ख़लाफ काि करने का आरोप लगता है. यमद चुप रहती है तो सुबे की सुरक््ा के मलए गंभीर खतरा पैदा हो रहा है. सरबत खालसा यानी मसख धि्व िे् आस्था रखने वालो्का सिागि अकाली दल की धि्व की राजनीमत पर आधामरत है. लेमकन बीते कुछ सिय से पंजाब िे्श््ी गुरग् थ ्ं सामहब की बेअदबी होती रही है. इस वजह से मसख सिुदाय िे् बहुत गुस्सा है. इसी को लेकर पंजाब कई मदन तक बंद भी रहा. मसखो्के एक तबके का आरोप है मक बादल सरकार इस िसले पर कुछ नही् कर रही है. इस वजह से गि्व मिजाज वाले
9
पंजाब का एक तबका यह आरोप लगा रहा है मक मशरोिमण गुर्द्ारा प््बंधक किेरी पंजाब के सीएि प््काश मसंह बादल के इशारे पर काि करती है. डेरा सच््ा सौदा मसरसा के प््िुख रािरहीि को िाफी देने के िािले िे् अकाल तख्त के मनण्वय की खासी आलोचना हुई थी. उन्हे्िाफी क्यो्दी, इस बारे िे् सीएि प््काश मसंह बादल का कहना है मक यह मनण्वय अकाल तख्त का है. लेमकन उनके मवरोमधयो् का कहना है मक पंजाब के मवधानसभा चुनाव को देखते हुए यह मनण्वय मलया गया है. क्यो्मक पंजाब िे् 42 फीसदी वोरर एससी और ओबीसी है्. इसिे् से बड़ी संख्या िे् वोरर रािरहीि से जुड़े हुये है्. इन्ही् वोररो् को लुभाने के मलए ऐसा मनण्यव मलया गया है. लेमकन मसख संगत ने इसका जबरदस्् मवरोध मकया है. इसी मवरोध के बाद अकाल तख्त ने िाफी़ के हुक्िनािे को वापस ले मलया है. इस पर मववाद शांत होने की बजाय और भड़क गया. अब संगत की िांग है मक अकाल तख्त के संगठनो्ने 10 नवंबर को सरबत खालसा का खालसा बुलाया गया था. 26 जनवरी 1986 इस िौके को अपने पक््िे्कैश कराना चाह जत्थदे ार को हराया जाये. लेमकन एसजीपीसी आयोजन बुला मलया है. सरबत खालसा को बुलाये गये सरबत खालसा िे् रही है. श््ी गुर्ग््ंथ सामहब के पमवत््स्वर्प ने इस िांग को खामरज कर मदया. यही वजह यानी मसख िय्ावदा का पालन करने वाला मभंडरावाला के भाई रोडे को जत्थदे ार मनयुकत् की बेअदबी के िािले िे् इस््ीफा दे चुके है मक अब सरबत खालसा का आयोजन कर मसखो्का सिागि है. यह धाम्िक व िसलो्पर कर मदया था. ऐसे िे्सरकार उनके मखलाफ कांग्ेसी सांसद रिनजीत मरक््ी और बसपा जत्थेदार ज््ानी गुरबचन मसंह को हरा कर मचंतन करने के मलए बुलाया जाता है. दशि यमद एक्शन लेती है तो, उसके मखलाफ ही के अवतार मसंह करीिपुर भी सिागि िे् उनकी जगह हवारा को जत्थदे ार मनयुकत् कर मदया गया है. गुर्श््ी गोमबंद मसंह जी के बाद 17 वी्सदी िाहौल बनेगा. शामिल हुए. िे्िुगल राज िे्लाहौर के गवन्वर जामकरया सरबत खालसा िे्श््ी अकाल तख्त के जत्थेदार ज््ानी गुरबचन मसंह को हरा कर बेअंत मसंह हत्याकांड िे्सजायाफ़्ता आतंकी पंजाि में माहौल बफर बिगड़ जगतार मसंह हवारा को नया जत्थदे ार मनयुकत् रहा है. दीपािली के बदन जो कर मदया. हवारा क्यो्मक जेल िे्है्,इसमलये कृष्णकुमार रत््ू करने से भी जोड़ा जाता है. ऐसा पहली बार हुआ उससे पुराने बदनों की काय्वकारी जत्थेदार ध्यान मसंह िंड को हुआ जब अकाल के जत्थेदारो् को बुलाये उनका प््मतमनमध मनयुक्त कर मदया गया. िंड त््र भारत का ये क््ेत् जो अपनी बगैर डेरा प््िुख को िाफ़ कर मदया गया. यादें ताज़ा हो गयीं हैं. सरित ने ही 11 नवंबर को दरबार सामहब से कौ़ि जिीन और शौय्व के मलए इसे बीजेपी की दबाव की राजनीमत से खालसा में बनयुकंत बकये गये के नाि संदेश मदया. यानी एक तरह से मसख जानाउपजाऊ जाता है. आज दोराहे पर खड़ा है जहां जोड़कर भी देखा जा रहा है. इसकी वजह सिु द ाय ने मनण् व य मदया मक वे श् ी ् अकाल जतंथेदार धंयान बसंह मंड और तख्त के जत्थेदार ज््ानी गुरबचन मसंह को ज्यादातर लोग मचंता और हताशा िे्डूबे हुए यह है मक डेरा प््िुख की हामजरी से िे् बीजेपी सत््ा िे् पहुंचने िे् उनके समथंथक भेष िदल कर स्वीकार नही्करती. इसमलये उन्हे्हरा कर है्. लेमकन िै्आपको इसके पीछे के सच से हमरयाणा सफल रही. साथ ही पंजाब के िालवा क््ेत् र् ब र् करवाना चाहता हू ं , मजसे जानकार बसबिल डंंेस में दरिार साबहि िंड को इस पद पर मबठाया जाये. यह बहुत आप हैरान रह जायेग् .े यहां जो भी मचंता और िे् डेरा का बड़ा वोर बै्क है जो बीजेपी ही गहरी चाल है. गि्व मिजाज वाले संगठन आगािी चुनाव िे्हामसल करना चाहती है. में घुस गये. चाहते है्मक उनके दल का तख्त पर कब्जा हताशा है. वह मसफ्फराजनीमत की वजह से लेमकन पंजाब िे्इस वक्त अकाल तख्त के है . ऐसा क् य ो् हु आ मक सोचने , सिझने और बने. इसके मलये वे जबरदस््ी भी कर रहे है्. जत्थेदारो् के मखलाफ लोगो् का आक््ोश खान ने श््ी दरबार सामहब की नाकाबंदी की दीपावली के मदन जो हुआ वह इसी मदशा िे् जीने की ललक पर धाम्िवक उन्िाद भारी बढ्ता जा रहा है. मजसकी वजह से नाराज पड़ गया. मजसकी वजह से यहां की ल् स थमत थी. तब पहली बार दीपावाली पर 1746 िे् उठाया गया एक कदि है. क्यो्मक यह लोग पहली बार उनके पुतले को जलाकर नवाब कपूर की रहनुिाई िे्सरबत खालसा संगठन भी जानते है्मक ऐसा कोई मनयि ही मवस्फोरक हो गयी. अपना मवरोध जता रहे है्. साथ ही उनके िालवा, दोआब और िाझा अिृतसर का आयोजन मकया गया था. अंग्ेजी राज िे् नही् है. जो सरबत खालसा िे् मलया गया इस् ी ् फे की िांग कर रहे है्. हालात तो इतने साल 1747,1764 और 1765 िे्भी सरबत मनण्यव ही मशरोिमण हो. मजसे गुरद् ्ारा प्ब् धं क जैसे देहाती क््ेत्ो्िे्लोगो्ने रेल और सड़क खराब है् मक जत्थेदारो् का घर से बाहर किेरी या सरकार हर हालत िे् िाने. यातायात को बंद करवाकर अपना मवरोध मनकलना भी दूभर हो गया है. हालांमक एसजीपीसी ही जत्थेदारो् की प््दश्वन जामहर मकया. इस दौरान पुमलस की यही कारण है मक उप िुख्यिंत्ी मनयुल्कत करती है और मसखो् की नुिाइंदगी काय्ववाही िे् दो लोगो् की िौत भी हो गयी सुखबीर मसंह बादल पंजाब िे् डेरो् के है . ऐसे िे ् सरकार पू र ी तरह से मघर गयी है . भी. अब इससे पंजाब िे् रकराव बढने के ् ाश मसंह बादल चक््र लगा रहे है्. पंजाब की कुल आबादी आसार पैदा हो गये है्. क्यो्मक सरबत इस िािले पर िुखय् िंत्ी प्क कहते है ् मक ये बाहरी एजे्मसयो् का का 41 फीसद लोग डेरावाद या दमलत वग्व खालसा के मनण्वय को लागू करने के मलए मकयाधरा है . जो पं ज ाब की शां मत को पसंद से आते है्. मजसे सभी पार््ीयां अपनी तरफ गि्व मिजाज वाले मसख हर संभव कोमशश नही् करते है . ् उनका इशारा पामकस् ्ान की खी्चने की कोमशश करते रहे है्, लेमकन करे्गे. दूसरी ओर सरकार और एसजीपीसी ् बीजेपी की ख़ु म फ़या एजे ् स ी आईएसआई की तरफ था. मपछले कुछ सिय से ये वोर बैक इसे रोकने की कोमशश करेगी. अब इससे पंथ तरफ मखंचता नजर आ रहा है. जो अकाली जो प् ् द े श की शां म त को धाम् ि व क उन् ि ाद से भी सीधे तौर पर दो गुरो् िे् बंरता नजर आ दल को भी पसंद नही् है.पंजाब िे् अगर रहा है. इधर अब यह तय नही् होगा मक तोड़ने की कोमशश कर रहे है्. बीजेपी और दमलत साथ आ गये तो ये एक असल िे ् पं ज ाब िे ् इस सारे िसले की सरबत खालसा के जत्थेदार का हुक्ि मसख नयी शल्कत का उभार होगा. इससे िाने या श््ी अकाल तख्त के जत्थेदार ज््ानी जड़ को अगर गहरायी से देखा जाये तो अकामलयो्से लेकर बसपा और कांगस ्े तक गुरबचन मसंह का. मसयासी तौर पर अकाली मपछले िहीने अकाल तख्त के डेरा कांड के मनराश हो सकते है्. दल पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. कांग्ेस िुखय् अमभयुकत् गुरिीत राि रहीि को िाफ़
मुशंककल है यह दौर
उ
www.shukrawaar.com n
11
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
नगालैंड के मुखंयमंतंी की फडगंंी पर हुआ फववाद
रीता वतिारी
पू
व््ोत््र राज्य नगालै्ड के िुख्यिंत्ी रीआर जेमलयांग मववादो् िे् है्. मववाद की वजह है उनकी शैक्मणक योग्यता है. जेमलयांग ने बीते साल हुए चुनावो्के दौरान अपने हलफनािे िे् दावा मकया था मक उन्हो्ने वष्व1980 िे्कोमहिा कालेज से बीए की परीक््ा पास की है. लेमकन अब उनकी पूव्व पार््ी कांग्ेस ने उनके इस दावे पर ही सवाल उठा मदया है. ऐसे िे् वह मडग््ी के
मववादो्िे्मघर गये है्. प््देश कांग्ेस ने राज्यपाल पीबी आचाय्व को एक ज््ापन देकर उनसे िुख्यिंत्ी के चुनावी हलफनािे की हकीकत की जांच के मलए एक तरस्थ जांच समिमत गमठत करने की िांग की है. पार््ी के काय्वकारी प््देश अध्यक्् पी अवांग आओनोक का आरोप है मक राज्य मवधानसभा चुनावो् िे् पेरेन मवधानसभा सीर से परचा दामखल करते सिय मदये गये हलफनािे िे् जेमलयांग ने कहा था मक उन्हो्ने नाथ्व ईस्रन्व महल
नेपाल सीमा पर बढ़ी िंगली लकफियों की तसंकरी
संजीि श््ीिास््ि बहराइच. भारत-नेपाल सीिा पर जंगल के इलाको् िे् तेजी से खुल रहे ई्रभट््ो्िे्अवैध करान की लकमड़यो्को झो्का जा रहा है. इससे इलाके की वन संपदा पर बुरा असर पड़ रहा है. पय्ाववरण और वन मवभाग के मनयिो्की अनदेखी करते हुए यहां दज्वन भर से ज्याद ई्र-भट््ेखुल चुके है्. पर मवभाग और प््शासन इस ओर कोई ध्यान नही्दे रहा है. जबमक मजले के पय्ाववरणमवद इसको लेकर मचंमतत है्. ऐसे िे् इससे पय्ाववरण और वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है. बहराइच मजले के चमकया, र्पईडीहा, साजानडीह और अब्दुलागंज इलाको् िे् ये बेशकीिती लकमड़यां पाई जाती है्. मजस पर भारत और नेपाल के लकड़ी िामफयाओ्की नजर गड़्ी रहती है. सीिा सुरक््ा बलो्ने इन लकड़ी िामफयाओ्पर कुछ हद तक नकेल कसी है. इससे नेपाली लकड़ी तस्करो् पर रोक लगी है, लेमकन मजले के लकड़ी तस्कर अपने इस अवैध धंधे को बखूबी अंजाि दे रहे है.् मवकासखंड नवाबगंज और मिही्परु वा से सरे इलाको्िे्लोग धि्क व ांरा लगाकर ई्र भट््ा संचालको्से साठगांठ करके लकड़ी की
खुलेआि मबक््ी कर रहे है्. वन मवभाग के मनद्श ्े ो्और पय्ावव रण मवभाग की चेतावनी के बावजूद यहां चमकया, र्पईडीहा, जोमगमनया और अंराहवा जैसे इलाको् िे् खुलेआि लकमड़यो् की खुलेआि मबक््ी जारी है. अंधाधुध ं वनो्की कराई से पूरा जंगल वीरान लगने लगा है. जंगली जानवरो् के नाि पर िहज बंदर नजर आते है्. चमकया जंगल के मनकर कई वन िामफयाओ् के हौसले तो इतने बुलंद है् मक उन्हो्ने जंगल के अंदर अंराहवा िे् ई्र भट््ा तक खोल मलया है. जबमक िानको् के तहत वन क््ेत् से पांच मकलोिीरर की पमरमध िे् ई्र भट््ा या कोयला मनि्ाण व नही्मकया जा सकता है. इस वजह यह है मक भट््ो् के मचिमनयो् से मनकलने वाला धुआं और राख पेड़ो् के मलए बहुत नुकसानदायक होते है्. प््शासन की लापरवाही देखते हुए पय्ाववरणमवदो् ने राज्यपाल और भारत सरकार को पत्् मलखकर वन्य क्त्े ्के पास खुले भट््ो्को बंद करने िांग की है. जबमक मजला प््शासन जांच करने के बाद कार्ववाई की बात कहकर अपना पक्ला झाड़ ले रहा है. साथ ही वन मवभाग इस पर खािोश है. मजससे सीिावत््ी वन संपदा पर बड़ा खतरा िंडरा रहा है.
यूमनवम्सवरी (नेहू) के तहत कोमहिा कालेज से वष्व1980 िे्बीए की परीक््ा पास की थी. कांग्ेस का दावा है मक सूचना के अमधकार के तहत दायर एक यामचका से इस बात का खुलासा हुआ है मक जेमलयांग कोमहिा कालेज िे् वष्व 1979 िे् बीए की परीक््ा िे् शामिल जर्र हुए थे, लेमकन फेल हो गये थे. उसके बाद अगले साल उन्हो्ने बीए की परीक््ा ही नही्दी थी. कांगस ्े इस िुद्ेपर आंदोलन के िूड िे्है. उसका कहना है मक इस िािले की शीघ्् जांच करायी जाये और मरपोर्व को साव्वजमनक मकया जाये. छात््आंदोलन के रास््ेराजनीमत िे्आये जेमलयांग ने बीते साल तत्कालीन िुख्यिंत्ी नेफ्यू मरयो के लोकसभा िे् जाने के बाद िुख्यिंत्ी बने थे. वे कांग्ेस के मरकर पर लगातार तीन बार (1993, 1998 और 2003) मवधानसभा के मलए चुने जा चुके है्. इसके बाद उन्हो्ने कांग्ेस से नाता तोड़् कर अलग पार््ी बना ली थी मजसका बाद िे् नेफ्यू की नगा पीपुक्स फ््र (एनपीएफ) िे् मवलय हो गया था. वष्व 2004 से 2008 तक वे राज्यसभा सदस्य भी रह चुके है्. िुख्यिंत्ी का पद संभालने के बाद पार््ी के बाहर और भीतर कई तरह की चुनौमतयो्से जूझ रहे जेमलयांग की मडग््ी अब उनके मलए नयी िुसीबत बनती जा रही है.
अब आसाि िहीू होगा जमीि से पािी निकालिा शुक्िार ब्यूरो
पमरणािो् की सुध मकसी को नही् है. नये मदशा मनद््ेशो् से उम्िीद है मक भूजल के नई दिल्ली. भारत सरकार के मदये अरक््णीय उपयोग को रोका जा सकेगा. गये भूगभ््ीय जल संरक््ण के नए मदशा इसके तहत सभी उद््ोगो्को अब केद् ्ीय भूमि मनद््ेशो् का असर सभी तरल पेय उत्पादक जल प््ामधकरण से िंजूरी लेने की जर्रत क्पमनयो्पर पड़्ेगा. मजसका भारत संसाधन नही्है. बल्कक उन्हे्भूजल मनकासी के मलए के्द्ने सिथ्वन मकया. इसका उद््ेश्य उद््ोगो् सीजीडब्क्यूए से एक अनापम््त िे् इस््ेिाल हो रहे भूजल के उपयोग को प््िाणपत््(एनओसी) लेना होगा. नये मदशा-मनद््ेशो् के अनुसार सभी मनयंम्तत करना है.इसिे् शीतल पेय बेचने जल गहन उद््ोग जैसे शीतल पेय, पानी वाली नािी मगरािी कम्पमनयां शामिल है की बोतल, मडल्सरलरी, कागज और लुगदी, केद् ्ीय भूमि जल प््ामधकरण(सीजीडब्कय् एू ) उव् व र क आमद को कई वग्व िे् मवभामजत के लाये नये मदशा मनद््ेशो् से राष््ीय भूजल कर कड़् े मनयि शामिल मकये है्. मनकासी मनयािक एजे्सी 16 नवंबर, 2015 से काय्वरत हो जायेगी. यह उन सभी उद््ोगो् मनषेध क््ेत्ो् िे् इस तरह के उद््ोगो् पर रोक ् ार संगठन को संज्ान िे् लेगा जो भूजल का इस््ेिाल लगा दी है. अंतरराष््ीय चुनाव प्च करती है्. यह अमभयान उन क्पमनयो् के के अमित श््ीवास््व ने कहा मक यह मलए चलाया गया है जो अत्यमधक और एक िहत्वपूणव्कदि है लेमकन सीजीडब्कय् एू अरक््णीय भूजल के उपयोग के मलए की लायी नई नीमतयो् िे् भूजल शोमषत क््ेत्ो् के औद््ोमगक काय््ो् को रोकने की जवाबदेह है. 15नवंबर, 2012 के पहले से स्थामपत जर्रत है. श््ीवास््व ने कहा मक सरकार अपने उद््ोगो् से भूजल के अरक््णीय उपयोग को चुनौती देने के मलए भारत भर िे्अमभयान दि पर कोई काय्ववाही करेगी इसकी उम्िीद चलाया जा रहा है. इसके कारण भारत नही्कर सकते थे. लेमकन अब तक देश भर सरकार ने कुछ इलाको् को अमधक भूजल िे् संचामलत आंदोलनो् के कारण शोमषत क््ेत् घोमषत कर मदया है. 1998 सीजीडब्क्यूए और जल संसाधन िंत्ालय ने िे् अमधक भूजल शोमषत इलाका घोमषत कुछ ही कदि उठाये है. भूजल सिस्या भारत होने के बावजूद साल 2000 से जयपुर के िे् हर एक राज्य का मवषय है इसमलए काला डेरा िे्कोका कोला की क्पनी आज सीजीडब्क्यूए से भूजल शासन व्यवस्था के भी चल रही है और इसके मवनाशकारी मलए अच्छे मदशा मनद््ेश देने की जर्रत है.
गंडक नहर पसरयोजना पर िंकट के बादल
सतीश चंद् श््ीिास््ि
गोरखपुर/महाराजगंज. खेती मकसानी के काि िे् सबसे ज्यादा जर्री पानी है. मजसकी जर्रत मकसानो्को सबसे ज्यादा है. ऐसे िे्देश िे्कई नहर पमरयोजनाएं चल रही् है्. इन पमरयोजनाओ् को अगर सही से अिलीजािा पहना मदया जाये, तो बहुत से जगहो्के मकसानो्के मलए पानी की सिस्या ही खत्ि हो जाये. गंडक नहर पमरयोजना ऐसी ही पमरयोजनाओ्का महस्सा है. मजसके प्म्त सरकार की लापरवाही बढती जा रही है. िहराजगंज, कुशीनगर, देवमरया, गोरखपुर और मबहार के सारन आमद मजलो् की मसंचाई का िुख्य स््ोत गंडक नहर है. मवशेष र्प से िहराजगंज मजले के मकसान खेतो्की मसंचाई्के मलए नहरो्पर ही आम््शत है्. मसंचाई की अच्छी सुमवधा होने से मपछले सालो् िे् मकसानो् को कभी भी सूखे का सािना नही्करना पड़ा. फसल उत्पादन के िािले िे्मजला िहराजगंज को मिनी पंजाब कहा जाता है. िाइनर की सफाई नही्होने से मसंचाई के मलए नहरो् से खेतो् िे् पानी नही् पहुंच पा रहा है. इस साल पानी के अभाव िे् अमधकांश मकसानो्की धान की खेती प्भ् ामवत पर असर पड़ा है. भारत के पूव्व प््धानिंत्ी जवाहर लाल नेहर् ने उत््र प््देश के पूव्ोत््र क््ेत्
और मबहार के पम््ििोत््र क््ेत्ो् की मसंचाई के मलए नहर प््णाली मवकमसत करने के उद््ेश्य से नेपाल के तत्कामलक शासक राजा िहे्द् मवक््ि शाह से 1959 िे् सिझौता मकया था. नारायणी नदी नेपाल की पहामड़यो् से करीब 80 मकिी की यात््ा कर नेपाल के मजले नवलपरासी और मबहार के बगहा के सीिावत््ी गांव झुलनीपुर क्त्े ्से िैदानी भाग िे् आती है. यहां से इसका नाि बड़ी गंडक हो जाता है. सिझौते के तहत पम््ििी िुख्य गंडक नहर और बाक्िीमक नगर बैराज का मनि्ावण नेपाल के भूक्ेत्से होना था. भौगोमलक और तकनीकी वजहो् से नेपाल राष्् की जिीन लेना गंडक नहर प््णाली के मनि्ावण के मलए ज्यादा उमचत सामबत हुआ. इस जिीन के बदले गंडक नदी के दाये्तर पर नेपाल सीिा तक के भूभाग को बाढ्और कराव से बचाने की मजम्िेदारी भारत के सिझौते िे् सिावेमशत है. इसके तहत ए गैप बांध की लंबाई 2.5 मकिी और बी गैप बांध की लंबाई 7.23 मकिी है. नेपाल बांध की लंबाई 12 मकिी और मलंक बांध की लंबाई 2.5 मकिी है मजसका मनि्ावण उत््र प््देश मसंचाई और जल संसाधन मवभाग खंड-2 िहराजगंज ने कराया है. उत्र् प्द् श े िे्पम््ििी गंडक नहर करीब 3207 मकिी के भूभाग िे् मनम्िवत है. मजससे मसंचाई होती है. इस नहर की शीष्व
प्व् ाह क्ि् ता 18800 क्यस ू क े है. िुखय् नहर से मबहार प्द् श े भी 2500 क्यस ू क े पानी मलया करता है. नहरो्िे्मसक्र जिा होने और बाढ् क््ेत्ो् िे् नहरो् के क््मत ग््स् होने से, नहरे् अपनी मनध्ावमरत क््िता का पानी नही्ला पा रही्है्. नहरो्के रखरखाव के मलए बजर की किी से इसकी सही र्प से देखभाल नही्हो पा रही है. इसमलए अमधकांश नहरे् जज्वर अवस्था िे्है्. फलस्वर्प नहरो् से मसंचाई िे् किी आयी है. नहरो् िे् पानी तो छोड़ा जाता है. लेमकन पानी को खेतो्तक पहुंचाना आसान नही् है. मसफ्फ मजला िहराजगंज िे् 2220 गुलो् का अम््सत्व मिर गया है. नहरो् के कुलावे ने भी काि करना बंद कर मदया है. ऐसी ल्सथमत िे्मजन मकसानो्के खेत नहरो्के मकनारे्है्. वह भी अपने खेत की मसंचाई नही् कर पा रहे है्. सहायक अमभयंता एसपी मसंह का कहना है मक नहरो्के गुलो्की िरम्ित की मजम्िेदारी ग््ाि पंचायतो् को दी गयी है. मजले िे्कुल 83 िाइनर है्. इसके सफाई के मलए मसंचाई मवभाग ने 121 लाख र्पये का प््स्ाव भेजा था. मजसिे् िंजूरी मिली िात्् 58 लाख र्पये की. इससे सभी िाइनरो्की सफाई संभव नही् है. यही हाल करीब सभी मजलो् का है. सरकार की उदासीनता के कारण गंडक नहर प््णाली का अम््सत्व खतरे िे्है.
www.shukrawaar.com n
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
महबूबा को मुख्यमंत्ी बनाना चाहते है मुफ्ती
जम्मू. जम्िू-कश्िीर के िुख्यिंत्ी िुफ्ती िोहम्िद सईद अपनी बेरी िहबूबा को िुख्यिंत्ी का पद देना चाहते है. जानकारी के िुतामबक उन्हो्ने भाजपा के शीष्वनेततृ व् को यह जानकारी दे दी है. िुफत् ी सईद ने इच्छा जताई है मक 1 िाच्व2016 को सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर वो सीएि पद अपनी बेरी को देना चाहते है्. िुफत् ी सईद की इस इच्छा पर बीजेपी ने अभी कोई बयान नही् मदया है लेमकन बीजेपी अपना र्ख जक्द ही साफ करेगी. िुख्यिंत्ी िुफ्ती िोहम्िद सईद ने कहा है मक अगर उनकी बेरी और पीडीपी अध्यक््ा िहबूबा िुफ्ती राज्य की किान संभालती है तो यह लोकतंत् का एक महस्सा है. िुफ्ती सईद ने हाल ही िे्प््धानिंत्ी द््ारा राज्य के मलए घोमषत अस्सी हज़ार करोड़ र्पये के पैकेज का भी स्वागत मकया है . उन्हो्ने जम्िू िे् कहा मक अगर उनकी जगह उनकी बेरी राज्य की कािन संभालती है तो यह लोकतंत् का महस्सा है. िुफ्ती सईद ने यह भी कहा मक असल काि िहबूबा िुफ्ती ही करती है और वो स्वयं केवल भाषण देते है. हालांमक उन्हो्ने िहबूबा के िुखय् िंत्ी बनने के अंमति फैसले को पार््ी पर छोड़ा है . पीडीपी के बीच कुछ
कुमार कृष्णन
अपने ही नेताओ के मवरोधी सुरो् पर िुफ्ती सईद ने कहा मक वो कोई ठेकेदार नही् है और उनकी पार््ी िे् सब को अपने मवचार रखने का हक है. हाल ही िे् प््धानिंत्ी नरे्द् िोदी द््ारा राज्य को अस्सी हजार करोड़ के पैकेज पर िुफ्ती सईद ने खुशी जताई. उन्हो्ने कहा मक जम्िू कश्िीर की पीडीपी-बीजेपी सरकार सही ढंग से अपना काि कर रही है और उन्हे् िौजूदा सरकार के काि काज पर मजतना गव्व है उतना गव्व उन्हे् अपने 50 साल के राजनीमतक जीवन िे्कभी नही्हुआ .
तफमलनाडु में बरसात से हाहाकार चेन्नई. तमिलनाडु िे्हफ्ते भर से जारी बामरश के कारण अब तक 105 लोगो् के िारे जाने की खबर है. सोिवार को तूफान के असर से तमिलनाडु के अलावा आंध् प््देश और कन्ावरक के कई इलाको् िे् भी भारी बामरश हो रही है. बता दे्मक तमिलनाडु िे्9 नवंबर से तेज बामरश हो रही है. बामरश का सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु िे् पड़्ा है. चेनन् ई सिेत कई शहर बुरी तरह प्भ् ामवत है्. तमिलनाडु के 24 मजलो् िे् सभी स्कूल और कॉलेजो्की छुट्ी कर दी गई है. िौसि मवभाग ने िंगलवार शाि तक भारी बामरश का अलर्व जारी मकया है. कांचीपुरि और मतर्वक्लुर जैसे शहरो् िे् भी कई इलाके जलिग्न है्. तमिलनाडु के कई शहरो् िे् नदी-नाले उफान पर है्, चेन्नई के कई मनचले इलाके पूरी तरह से पानी िे्डूब चुके है्. राज्य के बाकी महस्सो् िे् रेल और रोड ट््ैमफक बुरी तरह प््भामवत हुआ है. वेदर वेबसाइर स्काईिेर के िुतामबक, चेन्नई िे् बीते 24 घंरे िे्256 मिलीिीरर बामरश हुई है. नवंबर िहीने िे्अभी तक करीब 1000 मिलीिीरर बामरश मरकॉड्व की जा चुकी है. इस बीच, िौसि मवभाग ने आगे भी राज्य िे् भारी बामरश का अलर्वजारी मकया है. िौसि मवभाग के िुतामबक, साउथ अंडिान क््ेत्िे्बने कि दबाव के क््ेत्की वजह से तमिलनाडु िे् भारी बामरश हो रही है.
कोरबा में हाफियों का हुडदंग
कोरबा. छतीसगढ के कोरबा िे् हामथयो्का उत्पात जारी है. करघोरा िंडल के दूरस्थ वनांचल गांवो्िे्इन मदनो्हामथयो् की हलचल से ग््ािीणो् िे् दहशत है. हामथयो् ने फसलो् को नुकसान पहुंचाने के साथ ही तीन िकानो् को भी नुकसान पहुंचाया है. हामथयो्से बचने और चौकन्ना रहने के मलए जंगलात मवभाग िुनादी करा रहा है. जंगल िे् नही् जाने की महदायत ग््ािीणो्को देते हुए जानबूझकर जंगल जाने पर मकसी तरह का नुकसानी नही्मिलने की भी चेतावनी दे रहे है्. एक सप्ताह पूव्व सीिावत््ी मजला िनेन्द्गढ् कोमरया की ओर से खदेड़्े गए 5 हामथयो्व एक शावक का दल कोरबा मजले के सीिांत ग््ाि चोमरया, सेिराहा, गाड़्ागोड़्ा, रोदे व पसान के जंगल िे् मवचरण कर रहा है. इससे पहले हामथयो् द््ारा खेतो् िे् खड़्ी फसलो् को रौ्दकर नुकसान पहुंचाया गया. ग््ाि रोदे मनवासी रंगलाल, बाल िुकदु् , इतवार साय के डंगोरा ल्सथत खेत िे्खड़्ी फसलो्को तहस नहस कर मदया गया तो वही् गाड़्ागोड़्ा िे् तीन ग््ािीणो् के िकान को तोड़् मदया गया. हामथयो्द््ारा चोमरया कोल ब्लाक डंमपंग क्त्े ् िे् बने जंगल िे् भी उत्पात िचाया जा रहा है. ग््ाि बमनया िे् भी इन्हो्ने फसलो् को तहस-नहस मकया. हामथयो्के बढ्ते आतंक को देखते हुए पसान वन पमरक््ेत् के मडप्री रे्जर एिआर खुसरो तथा गांव के कोरवार द््ारा िाइक के जमरए एवं हांका पार कर ग््ािीणो् को जंगल नही् जाने की सलाह दी
जा रही है. कहा जा रहा है मक गांव वाले जंगल नही् जाएं और जाते है् तो होने वाले नुकसान का िुआवजा पाने के हकदार नही् हो्गे. हामथयो् को मकसी भी तरह से पत्थर, मगट््ी ने नही् िारने, पराखा नही् फोडऩे, िशाल नही्जलाने, लाठी-डंडा से हाथी व उसके शावक को नही्िारने की महदायत दी जा रही है. यह भी कहा जा रहा है मक हामथयो् को खदेडऩे के मलए शोर िचाने रीन बजा सकते है् लेमकन ऐसा कोई काि न करे् मजससे हाथी आक््ािक हो जाएं. हाथी प्भ् ामवत कोरबा वनिंडल िे्शीघ्् ही हाथी कामरडोर का मनि्ावण होगा. कोरबा समहत संभाग के तीन वन िंडलो्िे्काय्वकी योजना तैयार की गई है. मबलासपुर वनवृत के तीन वनिंडल कोरबा, धरिजयगढ् व रायगढ्िे्गजराज पमरयोजना के तहत हाथी हैमबरेड व कामरडोर मवकमसत मकया जाएगा. पमरयोजना तैयार करने की जवाबदारी डीएफओ व एसडीओ स््र के अमधकामरयो् को सौ्पी गई है.6 सदस्यीय रीि की किान कोरबा डीएफओ मववेकानंद झा को सौ्पी गई है.सदस्य के र्प िे् रायगढ् डीएफओ राजेश पांडेय, धरिजयगढ् डीएफओ एसएस क्वर शामिल है.् योजना तैयार करते सिय मजन मबन्दुओ् को सिावेश करना है उसिे्प््िुख र्प से 3 वष््ो्िे्हाथी रहवासी क््ेत् हैमबडेर, कमरडोर का मववरण 1:125000 वृत्िैप व 1:50000 वनिंडल नक्शा पर दश्ावया जाएगा. मवमभन्न सीजन िे् हामथयो् के आहार पर मरपोर्व तैयार की जाएगी.
सर््ोदय का जमीनी संघर्ष
उपल्सथमत भी इस सम्िल े न की मवशेषता रही. सव््ोदय सम्िेलन िे् गांधी, मवनोबा और हात्िा गांधी की शहादत के बाद शुर् जयप््काश के साथ ही जॉन रल्कसन का नाि हुए अमखल भारतीय सव््ोदय सिाज भी जोड़्ा गया. उन्ही्के मचंतन के आधार पर के सम्िेलन िे् जिीन का िुद्ा छाया रहा. गांधी ने सव््ोदय की पमरकक्पना की थी. अब अतीत िे्हुए ज्यादातर सम्िेलनो्िे्मवनोबा तक इस सम्िेलन की संयोजकता की भावे की सम््कयता के कारण ही यह िुद्ा जवाबदेही बुजुग्ो्के क्धे पर रही है, लेमकन बनता रहा है. पर जिीन से जुड़्े सवाल- इस बार यह मजम्िेदारी आमदत्य परनायक जवाब काय्वक्ि नही् हुए. लेमकन इस बार जैसे युवा के हाथो् िे् थी. ‘हमरजन सेवक भूमिहीनो् के सवाल और भूदान के िुद्े संघ’ िे् साल 1932 िे् गांधी जी ने इसकी सम्िेलन का के्द् मबंदु बन गये. भूदान को स्थापना की थी. वे यहां 180 मदन तक रहे लेकर राष््ीय स््र पर गुवाहारी िे् बैठक थे. यही् रहते हुए उन्हो्ने राष््ीय िहत्व के करने का भी फैसला मलया गया. सव्व सेवा काय््ो्का संपादन मकया था. सम्िेलन का उद्घारन दीप प््ज्वमलत संघ के िंत्ी मवजय ने कहा मक पूरे देश िे् भूदान िे् मिली काफी जिीनो् का बंरवारा कर सुलभ इंररनेशनल के संस्थापक नही् हुआ है. पर भूदान की जिीन पर मबंदेश्र पाठक ने मकया. अमधवेशन को भूिामफयाओ् की बुरी नजर है. आंध् प््देश, िुख्य अमतमथ के तौर पर पद््भूषण जल्सरस गुजरात और मबहार िे्भूदान की जिीन को चंद्शेखर धि्ावमधकारी ने कहा मक बापू के लेकर कई गंभीर सवाल उठ खड़्े हुए है्. स्वराज का िकसद सभी प््कार की गुलािी सम्िेलन ने सव्व सेवा संघ को सुझाव मदया से िुल्कत थी. धि्ावमधकारी ने कहा मक मक मबना मकसी देरी वह भूदान संबंधी िुद्ो् सव््ोदय सिाज के सािने यह चुनौती है मक पर मवचार करे् और श््ेत पत्् जारी कर आनेवाली पीढ्ी को कैसी मवरासत सौ्पी जाये. इस पर मचंतन की जर्रत है. उनके कार्ववाई करे्. मदक्ली िे् पहली बार आयोमजत हुए मलए क्या अवसर हो्गे?, क्या संसाधन 46वे् अमखल भारतीय सव््ोदय सिाज हो्गे? इस पर मवचार करना होगा. सम्िेलन िे् हमरजन सेवक संघ के सम्िेलन िे् देश के कोने-कोने से आये अध् य क््शंकर कुिार सान्याल, लक््िी दास, गांधीजनो् की उपल्सथमत से यह सम्िेलन ् अम्िा जगन्नाथम्, राज्यसभा के सदस्य िहत्वपूण्वबन गया. गांधी जी से जुड़्ेदुमनया कृषण के अनेक देशो् कनाडा, िैल्कसको, जि्वनी, एवी स्वािी, गांधीवादी राजगोपाल पीवी नेपाल, भूरान, बम्लवन के प््मतभामगयो् की सिेत कई जाने िाने गांधीवादी शामिल रहे.
ि
13
सम्िेलन िे् बोलते हुए गांधीवादी पीवी राजगोपाल ने कहा मक सव््ोदय के दश्वन को संस्थाओ् से िुक्त कर सिाज के अंमति व्यल्कत तक ले जाना होगा. सव््ोदय संसथ् ाओ् िे् सिेरने की चीज नही् है. अंत्योदय से सव््ोदय की कक्पना तभी साकार हो सकती है जब यह सबके पास पहुंचे. सव्स व वे ा संघ के अध्यक््िहादेव मवद््ोही ने कहा मक िौजूदा सिय िे् बनी प््मतकूल पमरल्सथमतयो् के मखलाफ 27 नवंबर को दादरी से राजघार तक की सद््ावना यात््ा की जायेगी. सम्िेलन के काय्वयोजना को अंमति र्प देने के मलए वक्ताओ् िे् गांधीवादी िूक्यो् को लेकर काफी जज़्बा और जोश देखा गया. इसे देखकर सुप्मसद्् गांधीवादी राधाभट्् अपने आपको रोक नही् सकी और उन्हो्ने कहा मक गांधी की जिात आगे बढ्नी चामहए. करीब एक दशक से सव््ोदय सिाज के सम्िल े नो्िे्देखा जा रहा है मक मलये गये फैसलो्पर अिल नही्हो पा रहा है. सम्िेलन के संयोजक आमदत्य परनायक कहते है्मक अब इस सम्िल े न को दो साल की जगह हर साल मकया जायेगा. इसका उद्श्े य् होगा मक सम्िल े न मवस्िमृ त का मशकार न बने. इससे काय्यव ोजना को अंमति र्प मदया जा सकेगा. सिापन के िौके पर मनवेदन मकया गया मक भारतीय परंपरा सदैव से ही लोकतंत्, धि्वमनरपेक्ता, पारस्पमरक भाईचारे, परस्पर आदर मवश््ास और सहयोग से ही िजबूत हुई है. लेमकन वत्िव ान
िे्ऐसा वातावरण और सािामजक ल्सथमतयां बन गयी्. मजसिे् धाम्िवक, वैचामरक और अक्पसंख्यक लोग खतरे िे् आ जाते है्. मवरोधी लोगो्का चमरत््हनन मकया जा रहा है. मशक््ा और संस्कृमत के सभी के्द्ो् पर वैचामरक हिले हो रहे है्. उसिे् नाहक हस््क्ेप से उनकी पद प््मतष््ा मनरंतर मगराई जा रही है. यह प््स्ाव मदक्ली िे् हमरजन सेवक संघ के पमरसर िे् संपन्न हुए. तीन मदवसीय सव््ोदय सिाज सम्िेलन िे् मनवेदन पामरत मकया गया और इसका सिथ्वन सभी ने मकया. बापू के बमलदान को याद करते हुए मचंता जतायी गयी. आज देश
िे् नागमरको् के एक बड़्े तबके के संवैधामनक अमधकारो, िूक्यो्, मवश््ासो्पर आक््िण की घरनाओ् के बढ्ने से सभी गांधी सेवक मवचमलत और क््ुब्ध है्. असहिमत और मभन्नता को दबाने के मलए हत्या तक की जा रही है. बहुराष््ीय क्पमनयो् के मनरंतर हस््क्ेप और भारतीय ग््ािोद््ोग के िूल उत्पादन इकाइयो् को मनंरतर तोड़्ा जा रहा है. मवकास का ितलब िानव मवकास होना चामहए. लेमकन आधुमनक मवकास ने संपूण्विानवीय तंत्को तोड़् मदया है. ऐसी ल्सथमतयो् िे् गांधी के ग््ािोदय का रास््ा ही भारत का असली रास््ा होना चामहए.
www.shukrawaar.com n
15
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
धुंध मे् खोया एक डाक बंगला
अंबरीश कुमार
ब्लू
हेवन िुक्तेश्र के डाक बंगले के उस सूर का नाि है मजसिे िै्ठहरा हुआ हूं. बगल के दूसरे सूर 'पप्वल िूड' िे् आशुतोष और 'मपंक िेिोरीस' िे् लेखक-पत््कार सागर है्. यह िुक्तेश्र का अंग्ेजो् के ज़्िाने का डाक बंगला है मजसिे् कल अंधेरा मघरने के बाद हि सब पहुंचे तो ठंड बढ्चुकी थी. धुंध के चलते ज्यादा दूर तक कुछ भी मदखाई नही्दे रहा था. मदन भर पहाड़्ी रास््ो् पर फूर पड़्े झरनो् की फोरो खी्चते रहे. झरने भी ऐसे की देखते रह जाये्. पहाड़्के ऊपर जंगलो् से मलपरती िानो कोई बरसाती नदी पूरे वेग से नीचे आ रही हो. हर िोड़् के बाद झरने का पानी नज़्र आ रहा था. नैनीताल से िुकत् श े र् की यह पहली यात््ा थी मजसिे् जगह-जगह बहते झरनो् का दीदार हुआ. इससे पहले मशलांग से चेरापूंजी जाते सिय जो झरने देखे थे उनकी याद ताजा हो गयी. पूरा पहाड़् नहाया और भीगा हुआ. िौसि इस तेजी से बदल रहा था मक कभी धूप तो कभी धुंध. यह डाक बंगला जहां पर है वहां से बीस हजार फुर पर नंदा गुंती से लेकर म््तशूल , नंदा देवी और नंदा कोर जैसी चोमरयां मदखायी पड़्ती है्. यह जगह सिुंद्तर से साढ्ेसात हजार फुर की उंचाई पर है. आप यमद यह बात भूल जाये्तो डाक बंगले िे्एक मशला लेख इसकी याद मदला देता है . यहां हवा की आवाज गूंजती है. यह डाक बंगला 1872 िे्बना था. यहां पहुंचने के मलए कोई सड़्क भी नही् थी. सड़्क तो कुछ दशक पहले ही बनी है. डाक बंगले का कुछ हद तक कायाकक्प हो चुका है. ब्लू हेवन सूर पूरी तरह नीले रंग िे् रंगा हुआ था. यहां तक मक चादर क्बल और तमकये भी नीले रंग के थे. बीच का बरािदा भी बदला हुआ था. बंगले पर तैनात चौकीदार गोपाल मसंह खानसािा की भी मजम्िेदारी मनभाता है. खाना का ऑड्वर पहले ही देना पड़्ता है क्यो्मक शाि ढलते करीब एक मकलोिीरर दूर कुछ दुकाने् मजन्हे् बाजार कह सकते है वह बंद हो जाती है्. गोपाल मसंह ने यह भी बताया मक िुग्ाव बनवाना हो तो और पहले बताना होगा. फाि्वका िुगा्व दो सौ और देशी पांच सौ र्पये मकलो मिलेगा. बनवाने का सौ र्पये अलग से. बाकी सािान्य खाना अस्सी र्पये हर एक के महसाब से. यहां र्कने के मलए नैनीताल के कलेक्रर ऑमफस से बुमक्ग करानी पड़्ती है. डाक बंगले के सािने बड़्ा बगीचा है जहां रात
पहाड पि छाये बदल िे् एक तरफ अक्िोड़्ा तो दूसरी तरफ रानीखेत के चुका हू.ं पर सबसे बेहतर सिय िॉनसून का होता है जब पहाम्ड़यो्की रोशनी नजर आती है. बगीचे से लगे देवर धुध ं और बादलो्के बीच यह डाक बंगला काफी रहस्िय के दरख््त पहाड़् के नीचे दूर तक जाते मदखते है्. शाि सा नजर आता है. िॉनसून के सिय सत्बगुं ा से िुकत् श े र् ढलते ही ठंड बढ्जाती है. सन्नारा छा जाता है. नैनीताल तक सुख्वसेब से लदे पेड़्ो्को देख कोई भी सम्िोमहत हो से जो सैलानी आते है वे लौर जाते है्. सािने पय्वरन सकता है. इसके अलावा जिकर बामरश होती है. मवभाग िे्ठहरे सैलानी अपने किरो्िे्कैद हो जाते है्. आसिान साफ होते ही एक तरफ बफ्फसे ढकी महिालय डाक बंगले के भीतर की ढकी हुई बालकनी बैठने के की चोमरयां सािने होती है तो दूसरी तरफ नहाये हुए मलए बेहतर जगह है जहां से बाहर बागान और जंगल. लगता है मकसी का सारा दृश्य मदखता है और ठंडी यहां हिा की आिाज गूंजती मचत््कला के बीच खड़्े हो्. इससे हवा से भी बचे रहते है्. शाि के है. यह डाक िंगला 1872 में पहले सत्बुंगा से गुजरे तो ड््ाइवर ने काय्वक्ि के मलहाज से यह बहुत पाइमनयर अखबार के संपादक अच्छी जगह है. दामहने से एक िना था. यहां पहुंचने के बलए चंदन मित््का सड़्क के मकनारे बन पगडंडी जंगलो् के बीच जाती कोई सड़ंक भी नहीं थी. सड़ंक रहा घर मदखाया जहा पाइमनयर का मदखती है जो आगे चल कर एक कुछ दशक पहले ही िनी है. बोड्व भी लगा था. इस इलाके िे् पहाड़्ी घर पर र्क जाती है. यह बहुत से सामहत्यकार और पत््कार घर भी अब चार किरो्के होरल िे्बदल चुका है. मजस भी बस गये है्. िहादेवी वि्ाव और रमवंद्नाथ रैगोर के पगडंडी से यहां तक आये वह और संकरी होकर जंगल यहां रहने की वजह जो प््ाकृमतक खूबसूरती थी वह अभी के बीच से चढ्ती हुई पहाड़्पर चली जाती है. सम्दवयो्िे् भी काफी हद तक बची हुई है. यहां काफी बफ्फ मगरती है. इसमलए तब पूरे इंतजाि के सुबह किरे के सािने की मखड़्की का पद्ाव खोला साथ आना बेहतर होता होता है, िै् एक बार यहां फ्स तो धुंध से कुछ मदखाई नही्पड़्रहा था. आशुतोष किरे रहमालय की श््ंखला
मुक्तेश्ि का डाक बंगला िे् आये तो मखड़्की भी खोल दी. मफर बाहर से बादल भाप की तरह भीतर आने लगा. किरे िे् मबजली की केतली िे्चाय का पानी खौल रहा था और भाप उड़्रही थी. बाहर और भीतर की भाप िे्कोई फक्फनही्था. तभी लैपरॉप िे् िेल चेक करने बैठा तो इंदु जी का किे्र मिला जो िॉनसून की पोस्र पर था. अंत िे्उन्हो्ने शॉल की जगह साल मलखने की तरफ ध्यान खी्चा. िै्गूगल से िंगल िे्एक ऊ्गली से क्पोज करता हूं मजससे कई बार गलती छूर जाती है इसे िाफ़् कर देना चामहए. िुक्तेश्र के इस डाक बंगला के पीछे ही उत््रांचल सरकार का पय्वरक आवास गृह है मजसिे्रात िे्खाना खाने का िन था. पर उनके यहां सैलामनयो्की भीड़्के चलते िैनेजर ने िन कर मदया. मफर डाक बंगले के चौकीदार से पूछा तो उसने कहा सािान लेने दूर जाना पड़्ेगा और बरसात के साथ अंधेरा भी गहरा हो गया था. िुक्तेश्र िे्आईवीआरआई पमरसर िे्कोई बाजार नही् है मसफ्फदेवदार ,ओक और बलूत आमद के घने जंगल िे् म््बमरश कालीन पुराने बंगले जर्र नज़्र आते है्. अंत िे् ड््ाइवर अरमवंद को साथ भेज कर रात के खाने का इंतजाि मकया गया. इससे पहले रािगढ के अपने राइरस्व कॉरेज से शाि पांच बजे चले तो डर लग रहा था कही् तेज बरसात से रास््ा न बंद हो जाये. एक मदन पहले ही राइरस्व कॉरेज िे् देर रात बैठकी चली थी. किरे के सािने का देवदार का दरख््त जब बरसाती हवाओ् से लहराने लगा तो मित््लोग ग्लास के साथ बाहर ही सेब के पेड़्के नीचे बैठ गये. रात के दस बज चुके थे. खुले िे् ज्यादा देर तक नही् चल पाया. बूंदे भारी होने लगी तो भीतर जाना पड़्ा. इस बीच खाना बनाने का काि भी शर् हो गया. आशुतोष अच्छे खानसािा भी है् यह उनके बनाये अफगानी मचकन मरक््ा से पता चला. भवाली से चलते सिय देसी िुग्े मदखे तो सुझाव आया मक यही से ले मलया जाये. पर तय हुआ की रािगढ्से मलया जायेगा. रािगढ् से डाक बंगला रोड के िोड़् पर िुग्े के दड़्बे जब खली नज़्र आये तो दूकान वाले से पूछा गया .जवाब मिला आज गाड़्ी नही् आयी इसमलए कुछ नही् मिल पायेगा .मफर भवाली से आ रहे एक सज्न् को कहा गया तो वे मचकन लेकर पहुच ं .े मजसे िैमरनेर करने के बाद हि लोग कुछ लोगो् से मिलने चले गये. साथ आए एक लेखक अपनी पुस्क का एक अध्याय मलखने िे्व्यस्् हो गये.
16
www.shukrawaar.com n
13 नवंबर-19 नवंबर 2015
महागठबंधन: सर मुंिंाते ही ओले बसपा, कांगूेस, लोकदल और वाम दलोू िे नकया नकिारा
‘
‘
‘
मौय्ष
गठबंधन का शगूफा उनकी हताशा को दश्ावता है. हि तो अपने बूते ही सरकार बना ले्गे .हिे्मकसी गठबंधन की जर्रत नही्है. कांग्ेस के प््देश अध्यक््मनि्वल खत््ी भी इस
दनम्षल खत््ी
‘
सिाल ही नही उठता
हमे् गठबंधन की जर्रत नही्
बाहर हो गई उनपर कौन भरोसा करेगा. यह सभी को पता है वे क्यो् और मकसके दबाव िे् िहागठबंधन से अलग हुए. ऐसे िे् जब हि बहन िायावती के नेतृत्व िे् सरकार बनाने की तैयारी िे्है तो मफर दूसरे से कैसा गठबंधन. बसपा के मदग्गज नेता स्वािी प््साद िौय्व ने कहा- सत््ार्ढ दल का
तरह के मकसी भी गठबंधन के मखलाफ है. दूसरी तरफ भारतीय कम्यमु नस्र पार््ी के राज्य समचव डा मगरीश ने कहा मक मबहार के बाद आगे की मदशा साफ़ हो गई है. मबहार िे् वाि दलो्का गठबंधन तीन सीर जीता और 55 सीरो्पर तीसरे नंबर पर रहा. मबहार िे् हिारे पास एक सीर होती थी और हि इतने
भीषण जातीय ध््ुवीकरण के बावजूद तीन सीर जीते्है. मबहार मवधान सभा मक 27 सीर ऐसी है मजनपर हिे्दस हजार से ज्यादा वोर मिला है. इन हालात िे्हि उत्र् प्द् श े िे्भी
‘
‘
लखनऊ. सत््ार्ढ दल की तरफ से मबहार की तज्व पर उत््र प््देश िे् भी िहागठबंधन के प््स्ाव से वाि दल और बहुजन सिाज पार््ी सहित नही् है. यही ल्सथमत लोकदल की भी बताई जा रही है. दरअसल उत््र प््देश िे् चाहे सिाजवादी पार््ी हो या मफर बहुजन सिाज पार््ी, दोनो् अपने महस्से िे् कोई करौती नही् करते. बसपा तो चुनाव पूव्वगठबंधन के पक््िे्ही नही् रहती है .बसपा के एक सांसद ने नाि न देने मक शत्वपर कहा, 'यह कैसे संभव है. हि मवधान सभा की सभी सीरो् पर चुनाव लड़ रहे है क्यो्मक हि अकेले दि सत््ा िे् आये्गे. अगर इन सीरो् िे् हिने मकसी गठबंधन को सीरे दे दी तो वैसे ही हिारी ताकत किजोर हो जायेगी .मफर जो ताकते मबहार िे् मकसी बड़े गठबंधन से दबाव िे्
और वह कुछ हद तक सफल भी रहा. वाि नेता िानते है मक अगर िहागठबंधन और भाजपा गठबंधन ने इस चुनाव को जातीय गोलबंदी कर अगड़ा बनाि मपछड़ा का चुनाव नही् बनाया होता तो वाि दलो् को ज्यादा सीर मिलती. जातीय गोलबंदी से वाि दलो्को ज्यादा नुकसान हुआ है. अब जहां तक उत््र प््देश की बात है तो वही प््योग यहां भी दोहराया जायेगा. वैसे भी वाि दल उत््र प््देश सरकार के मखलाफ लगातार िोच्ाव खोले हुये है तो बसपा अध्यक्् िायावती की हर प््ेस कांफे्स का सिापन उत्र् प्द् श े िे्सपा के जंगल राज से होता है. लोकदल ने भी सरकार को लेकर कड़ा र्ख अपनाया हुआ है. लोकदल के अध्यक्् चौधरी अमजत मसंह ने तो यहां तक आरोप लगाया है मक सिाजवादी पार््ी सरकार एक मगरोह की तरह काि कर रही है .दूसरी तरफ सिाजवादी पार्ी् के सूत्ो् का दावा है मक
अदजत दसंह
दिरीश
िाम िलो् का मोच्ाा लडेगा
वाि गठबंधन के नाि से ही चुनाव लड़े्गे. वैसे भी वाि दलो् की राजनैमतक धारा अब अलग हो चुकी है .इस साल अप््ैल िे् पुड्चेरी िे्भाकपा और कोयंबतूर िे्िाकपा के अमधवेशन िे्वाल दलो्की एकजुरता के साथ ही वाि िोच््े को ताकत देने पर जोर मदया गया. मजसका प््योग मबहार िे् मकया
‘
‘
सविता िम्ाा
लोकिल ऐसे दकसी मोच््े मे् नही्
पार््ी अपने मवकास एजंडा के चलते अकेले ही सबसे बड़ी पार््ी बनकर चुनाव िे् उभरेगी. वजह भाजपा के पास राज्य िे्कोई चेहरा नही् है और न संगठन िजबूत है. बसपा का अगड़ा जनाधार मबखर चुका है ऐसे िे्अपने बूते वह सत््ा तक नही्पहुंच सकती.
िनमलिाडु मेू 'बूूांड अमूमा' की नसयासि
चेन्नई. मपछले तीन सालो्िे्तमिलनाडु की सरकार ने जयलमलता की िाक््ेमरंग का जो तरीका अपनाया था उसके नतीजे मदखने लगे है. सरकार ने अम्िा नाि के उत्पादो्को सस््े दािो् िे् बाजार िे् उपलब्ध कराया है. अम्िा नाि वाले कई उत्पाद बाज़ार के अन्य उत्पादो् से बहुत ही सस््े होते है.् मजससे ये आिजनो्तक ज्यादा पहुच ं रहे है.् तमिलनाडु िे् लोग इसे राजनीमत से प््ेमरत िानते है्. क्यो्मक राज्य िे् शासन करने वाली पार््ी एआईएडीएिके ने सरकार की सारी स्कीिो् पर अम्िा नाि का ठप्पा लगा मदया है.मवपक््ी दलो् ने इसे लेकर सवाल भी उठाया है. पर राजनैमतक क््ेत् िे् ब््ांड अम्िा को लेकर सुगबुगाहर तेज होती जा रही है. इनका मवरोध भी हो रहा है. हालांमक सरकारी सूत्ो् का दावा है मक अब ये उत्पाद लाखो्लोगो्तक पहुंच रहे है्. मपछले तीन सालो् िे् अम्िा ब््ांड ने आि RNI- DELHIN/2008/ 24781
लोगो् मजनिे् बच््ो् और अप््त्यक्् र्प से बाज़ार की जर्रतो्से जुड़े उत्पाद भी बनाएं है्. मजससे िहंगाई पर अंकुश लगाने िे्िदद मिली है.चेन्नई के उत््र भारतीय व्यावसायी प््दीप कुिार के िुतामबक िध्य वग्व और मनम्न िध्य वग्विे्जयलमलता ब््ाड ं के उत्पाद लोकम््पय हो रहे है .वैसे भी मिक्सी से लेकर मसलाई िशीन जैसे उत्पात पहले से लोगो्को रास आ रहे थे अब इनिे बढोतरी की गई है. जानकारो् के िुतामबक 2012-13 िे् खाद्् पदाथ््ो् की कीितो् िे् काफी बढोतरी हुई थी. उन मदनो् आि आदमियो् को ध्यान िे्रखते हुए अम्िा नाि के उत्पाद की मबक््ी शुर्हुई. अम्िा नाि से पीने के पानी से लेकर, शहरी गरीबो्के मलए खाने की कै्रीन मजसिे् बहुत सस््ा खाना उपलब्ध कराया गया, अम्िा दवाओ्पर 15 फीसद छूर, निक और सीिे्र भी अम्िा नाि से और यहां तक बच््ो्
की मकर भी अम्िा नाि से बाजार िे्उपलब्ध है. प््ोफेसर का कहना है मक िुख्यिंत्ी जयलमलता अम्िा का नाि इस््ेिाल करके बहुत बड़े सिूह का ध्यान अपनी तरफ खी्च रही्है्. राजनैमतक रीकाकार िानते है मक ये प््चार करने का बहुत ही आसान तरीका है. ब््ांड अम्िा को कोई प््ाइवेर एंररप््ाइज
प््ोिोर नही्कर रहा है. लेमकन सरकार और लोग इसे जानते है्मक ये किजोर तबको्का वोर मदलाने िे् अहि भूमिका मनभा सकता है.इक्युरर वैक्यू एडवाइजरी के अध्यक््और िुख्य जानकार अमधकारी रिेश जुड़े कहते है्मक िुखय् िंत्ी ऐसा करके खुद को अच्छे से िजबूत कर चुकी है्, वही्मवपक््उनका इस बात को लेकर मवरोध करता है.ब््ांड अम्िा आि लोगो् से लगातार जुड़ने की कोमशश कर रहा है. मफर भी आि धारणा यह है मक जयलमलता इस ब््ांड राजनीमत से अपनी लोकम््पयता बढा रही है. हालांमक डीएिके को यह प््योग रास नही्आया था. गौरतलब है मक अपने मपछले शासन के दौरान डीएिके ने कलैग्नर कापीट्् मथत््ि शुर् मकया था. लेमकन चुनाव वह बुरी तरह से हार गये. लोग सरकार की सस््ी और अच्छी सुमवधाओ्का लाभ तो उठाते है्. लेमकन ये कहना कमठन है मक वे सारे लोग वोर दे दे्गे.
चेरतया की िापसी का मतलब
रीता वतिारी
गुिाहाटी. असि के सबसे बड़े उग््वादी संगठन यूनाइरेड मलबरेशन फ््र ऑफ असि (उक्फा) के िहासमचव अनूप चेमतया की स्वदेश वापसी से दशको् से उग््वाद से जूझ रहे पूव्ोत््र िे्शांमत बहाली की प््म्कया तेज होने की उम्िीद है. सरकार करीब चार साल से उक्फा के साथ बातचीत कर रही है, लेमकन अब चेमतया की वापसी उस शांमत प््म्कया को तेजी से आगे बढा सकती है. चेमतया उक्फा के संस्थापक सदस्यो्िे् शामिल रहा है. उसकी वापसी से जहां उक्फा का बातचीत मवरोधी परेश बर्आ गुर अलग-थलग पड़ जायेगा, वही्शांमत प्म््कया िे् उपजे गमतरोध को भी दूर करने िे् सहायता मिलेगी. चेमतया को उक्फा का मथंकरै्क िाना जाता है. ऊपरी असि के मतनसुमकया मजले के जेराईगांव का रहने वाला चेमतया उक्फा के बातचीत मवरोधी गुर परेश बर्आ का चचेरा भाई भी है. ऐसे िे् शांमत प्म््कया िे्उसके शामिल होने से अपने सिुदाय से सिथ्वन की बर्आ गुर की उम्िीदो्को झरका लगेगा. यही वजह है मक तिाि संगठनो् और राजनीमतक पय्ववेक्को् ने चेमतया को भारत लाने का स्वागत मकया है. िुख्यिंत्ी तर्ण गोगोई ने इसे शांमत प््म्कया की मदशा िे्एक सकारात्िक कदि करार मदया है. सरकार ने वष्व 2011 िे् उक्फा के साथ शांमत सिझौते पर हस््ाक््र मकये थे, लेमकन संगठन का किांडर-इनचीफ रहे परेश बर्आ ने इसका मवरोध करते हुए अपना अलग गुर बना मलया था. यह गुर राज्य िे् सिय-सिय पर महंसक वारदाते्करता रहा है. अब चेमतया के आने के बाद बर्आ गुर पर अंकुश लगाने िे् आसानी होगी. असि के पूव्व पुमलस िहामनदेशक जीएि श््ीवास््व कहते है् मक चेमतया से सुरक््ा एजंमसयो्को बर्आ गुर के बारे िे्कई अहि खुमफया जानकामरयां मिल सकती है्. इनकी सहायता से बर्आ को अलग-थलग कर इलाके िे्उग्व् ाद पर काबू पाने व शांमत बहाल करने िे् सहायता मिलेगी. उक्फा उपाध्यक्् प््दीप गोगोई ने भी चेमतया की स्वदेश वापसी का स्वागत करते हुए कहा है मक इससे शांमत प््म्कया की राह िे् पैदा गमतरोधो् को दूर करने िे् सहायता मिलेगी. पूव्व िुख्यिंत्ी प््फुक्ल िहंत ने भी चेमतया की वापसी का स्वागत करते हुए इसे एक सकारात्िक कदि करार मदया है. राजनीमतक पय्ववेक्को् का कहना है मक चेमतया की वापसी से शांमत प््म्कया के परवान चढने की ल्सथमत िे्असि उग्व् ाद से जूझ रहे पूव्ोत््र के दूसरे राज्यो्के मलए भी एक मिसाल बन सकता है.
स्वत्वामधकारी, प््काशक और िुद्क: क््िता मसंह के मलए अिर उजाला पल्बलकेशंस मलमिरेड, सी-21, 22, सेक्रर-59, नोएडा, उत््र प््देश से िुम्दत एवं दूसरी िंमजल, बी-146, हमरनगर आश््ि, नयी मदक्ली- 110014 से प््कामशत. संपादकः अंबरीश कुिार (पीआरबी अमधमनयि के तहत सिाचारो्के चयन के मलए मजम्िेदार) सभी कानूनी मववादो्के मलए न्याय क््ेत्मदक्ली होगा.