Shukrawaar newspaper 2016 medium resolution

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हिम काऱ​़ेट मे़ एक रात पेि- 15

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वर्ष 1 अंक 13 n पृष्: 16 n 29 जनवरी-04 फरवरी 2016 n नयी दिल्ली n ~ 5

हिधान सभा अध़यक़​़ माता प़स ़ ाद पांडे ने किा

कामकाज में अडंग ं ा डाल रहे हैं राजंयपाल

अऱण कुमार ह़​़िपाठी

लखनऊ. समाजवादी आंदोलन से हनकलकर उत्​्र प्​्देश हवधानसभा के अध्यक्​् िद तक ि​िुंचे माताप्​्साद िांिे प्​्देश के उन हगने चुने नेताओ्मे्िै्. हजनमे् संघर्ण और चुनावी राजनीहत और ज्ा्न का अद्​्त समन्वय िै. िा राममनोिर लोहिया, चौधरी चरर हसंि से लेकर मुलायम हसंि तक के साथ काम करने का उनका व्यािक अनुभव िै. ि​िली बार 1980 मे् हवधायक बने िांिे 2012 मे् छठी बार उत्​्र प्​्देश हवधानसभा के हलए चुने गये और दूसरी बार स्िीकर बने िै्. उनके नेतृत्व मे् उत्​्र गौरवशाली जयंती मनायी िै. िालांहक इस प्​्देश हवधानसभा ने अिनी 125 वी् बार प्​्देश मे् ह्​्तशंकु हवधानसभा निी् िै

हि​िेक सक़सेना

की सरकार आने के बाद प्​्देश के राज्यिाल ने सरकार और हवधायी काय्​्ो्मे् हजस तरि से अड्ंगा लगाना शुर्हकया िै. उससे स्िीकर मिोदय भी दुखी िै्. हिर उत्​्र प्​्देश जैसा राज्य जिां िर कानून तोड्ने की प्​्वृह्त आम मानी जाती िै. विां कानून बनाने और उसका शासन कायम करने की क्या अिहमयत िै. यि हवरय भी स्िीकर िोने के नाते उन्िे् मथता िै. यि िूछने िर हवधायी काय्​्ो् मे् जनप्​्हतहनहधयो् के हगरते चहरत्​् के अलावा वे कौन सी स्सथहतयां िै् जो चुनौती प्​्स्ुत करती िै ? हवधान सभा अध्यक्​् माताप्​्साद िांिेय ने और सत्​्ार्ढ् समाजवादी िाट्​्ी को िूर्ण किा -हवधायी काय्​्ो् मे् राज्यिाल जैसी बाकी पेज 2 पर बिुमत िाहसल िै. लेहकन के्द् मे् भाजिा

रोहित की पिचान हिपाने की साह़िश नाकाम शरद गुप़ता नयी दिल्ली. रोहित वेमुला को लेकर दहलत बनाम स्ावर्णबिस चलाने की ज्रर् त िी निी्िै, क्यो्हक वि तो दहलत था िी निी्. वि तो वड्​्ेरा जाहत से था हजसका शुमार हिछड्ी (ओबीसी) जाहतयो् मे िोता िैस्महृ त ईरानी, केद् ्ीय मानव संसाधन हवकास मंत्ी, भारत सरकार यि ि​िला िमला था रोहित की ि​िचान बदलने को लेकर. उसकी मौत के बाद उसकी ि​िचान हमटाने की

ताकि हार िा ठीिरा शाह िे किर ही फूटे

क्यो्हक यहद यिी िैमाना अिनाया जाता हिर तो आने वाले समय मे् िर नयी दिल्ली. भाजिा के बुजगु ण्असंतष ु ् हवधानसभा चुनाव नेताओ्का हवरोध िी अहमत शाि की दोबारा िहरराम आने के बाद ताजिोशी करवाने मे् सबसे ज्यादा सिायक ने त त ृ व ् िहरवत् न ण करने की साहबत िुआ. प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी के हलए अगर उनको दोबारा अध्यक्​् बनाना प्​्हतष्​्ा नौबत आ सकती थी. इसहलए संघ व मोदी का प्​्श्न बन गया था तो संघ के सामने ऐसी तकनीकी मजबूरी थी हजसके चलते वि उन्िे् ने मिज साल भर मे् इस िद से वंहचत निी्रख सकता था.हिछले उत्​्रप्​्देश समेत आधा आम चुनाव व उसके बाद िुए चार दज्णन से ज्यादा राज्यो् मे् हवधानसभा चुनावो्मे्िाट्​्ी को सत्​्ा मे्लाने िोने वाले हवधानसभा चुनावो् के मद्​्ेनजर के बाद उन्िे् हदक्ली और हबिार की करारी अहमत शाि को तीन साल के हलए िुनः िार के बाद िटाया जाना मुनाहसब निी्लगा अध्यक्​्बना हदया. जिां प्ध् ानमंत्ी नरेद् ्मोदी

केरल, तहमलनािू, िुड्चेरी िह्​्िम बंगाल मे्िाट्​्ी का िारना तय माना जा रिा िै.असम मे् उसका कांग्ेस से कड्ा मुकाबला िै.िह्​्िम बंगाल मे् भाजिा के हसि्फ दो हवधायक िै. केरल, तहमलनािू, िुंिुचेरी मे् उसका खाता खुलना िै। ले देकर असम िी एकमात्​् ऐसा राज्य िै जिां कांग्ेस को सत्​्ा से बािर करने के हलए भाजिा ने िूरी ताकत झो्क दी िै. इसके बावजूद अिने बलबूते िर विां िाट्​्ी के सत्​्ा मे्आने की संभावना नजर निी्आ रिी िै. सबसे बड्ी चुनौती तो अगले साल उत्​्रप्​्देश व िंजाब के हवधानसभा जाएंगे. भाजिा सूत्ो्के मुताहबक इस साल िांच चुनाव िै। संघ इस हनष्कर्णिर ि​िुंचा िै हक बाकी पेज 2 पर राज्यो् मे् िोने वाले हवधानसभा चुनावो् मे् को उनसे ज्यादा कोई और हवश्​्ासिात्​् नजर निी् आया विी् संघ ने उन्िे् यि सोचकर इस िद िर बनाए रखना उहचत समझा हक अगर प्​्ादेहशक चुनावो्मे्िार िी अध्यक्​् बदलने का िैमाना बनाया तो अगले लोकसभा चुनाव तक न जाने हकतने अध्यक्​् बदलने िड्

सबकी आंखों का पानी भी सूख गया

पूिा हसंि

झां सी / ओ र छा / ल दल त पु र . बुदं ल े खंि िी निी सूखा िै बस्कक लगता िै सबकी आंखो्का िानी भी सूख गया िै .क्या सरकार क्या हविक्​् सभी के हलये बुंदेलखंि एक चुनावी हबसात बे बदलता जा रिा िै .कांग्ेस उिाध्यक्​् रािुल गांधी इस अंचल का दौरा कर गये िै तो अन्य नेता आने वाले िै .िर इस अंचल के िालात जस के तस िै .उत्​्र प्​्देश मे् बुंदेलखंि सव्णदलीय लूट का नायाब उदािरर बन चुका िै .दशक भर ि​िले तक जो िरे भरे ि​िाड थे वि अब गिरी खाई मे् बदल चुका िै् .प्​्ाकृहतक संसाधनो् की ऐसी लूट िुयी िै हक ि​िाड

गायब िो गये और ताल तालाब का िानी भी सूख गया .सूख तो लोगो्के आंखो्का िानी भी गया िै . इहतिास की हकताबो्मे्जब िम िढ्ते हक अंग्ेजो् ने बुंदेलखंि क्​्ेत् की िूरी

आबादी को किी्और स्थानांतहरत करने की हसिाहरश की थी तो िमे् उनकी समझ िर रश्क िोता. एक बार बुदं ल े खंि जाइये, आिको उनकी दूरदश्​्ी सोच से सचमुच ईष्य्ाण िोगी. ि​िले से िी भीरर जलसंकट का हशकार बुंदेलखंि इलाका साल दर साल नयी त्​्ासहदयां झेल रिा िै. लगातार कम िोती बाहरश, प्​्ाकृहतक जल स्​्ोतो् का खात्मा और भूजल के हववेकिीन दोिन ने बुंदेलखंि को िूरी तरि प्यासा कर हदया िै. िलायन के दृश्य यिां आम िै्. लंबे अरसे से यिां के गांवो्से िलायन का हसलहसला चल रिा िै. गव्​्ीले हकसान शिरो् मे् जाकर मजबूर मजदूर बन रिे िै्. पूरी रपट पेज 7 पर

साह्जश. उसके बाद तो संघ िहरवार और भाजिा से जुड्ी मीहिया मशीनरी िूरी ताक्त से जुट गई रोहित की 'असली' ि​िचान बताने मे.रोहित को लेकर देश के सवर्ण सामंती हदमाग के लोग हजस तरि का दुष्प्चार कर रिे िै उसे देखते िुये उसकी िृष्भूहम को जानना जर्री िै. पूरी रपट पेज 3 पर

मेघालय में साफ हो रहे हैं जंगल

तु रा. (मे घालय ) रो्ग जे्ग के लोग िेड्ो्की बड्ेिैमाने िर अवैध कटान हकये जाने से खासे हनराश िै्. िम्बो-रो्ग जे्ग के लोगो् के हलए ये हकसी हसरदद्ण से कम निी्िै. ये अवैध कटान बीते कई सालो्से जारी िै , हजसे वन अहधकारी रोकने मे् नाकामयाब रिे िै्. जबहक ये वन क्​्ेत् यिां के लोगो् के शान से जुडा िुआ िै. रो्ग जे्ग मे् ईस्ट गारो हिक्स के हनवासी थे जू मारक ने किा हक वनो् को उजाडना खतरनाक साहबत िो सकता िै. ले हकन यिां के वन अहधकाहरयो् को इसकी कोई हचं ता निी् िै . ऐसे मे् अहधकाहरयो् को इसको ले क र सचे त िो जाना चाहिए. साथ िी वन सं ि दा की सख्त हनगरानी करना चाहिए. अगर ऐसा

निी् िोगा तो इस हरजव्ण का नाम िी हसि्फ बचेगा. रो्ग जे्ग गांव के स्थानीय लोगो् ने किा हक यिां से लकड्ी शालंग मे्िह्​्िम खासी हिक्स के माग्​्ो् से असम के गोलिाड्ा ि​िुंचायी जाती िै. थेजू ने किा हक इस अवैध धंधे मे्िर कोई शाहमल िै. चािे वि अहधकारी िो्या हिर लकडी तस्क र. क्यो्हक इस माग्ण िर हबना हवभाग की जानकारी के कोई लकडी ले िी निी् जा सकता िै. िू व्ी गारो हिक्स के जं ग ल, रो्ग रे्ग हरजव्ण हवहलयमनगर और अब िम्बो रो्ग जे्ग हरजव्ण िर भी लगातार अहतक्​्मर से इसके खत्म िोने के आसार िै्. यिां लकहडयो् की बडे िैमाने िर तस्क री िो बाकी पेज 2 पर


2 29 जनवरी - 04 फरवरी 2016 भंष ं ंाचार के आगे बेदम नवीन सरकार www.shukrawaar.com n

हिश़​़नाथ देिाती

सं ब लपु र . ओहडशा की नवीन िटनायक सरकार लगातार भ्​्ष्ा चार के आगे घुटने टेक रिी िै. कभी राशन काि्ण घोटाला, तो कभी जमीन अहधग्​्ि र घोटाला सरकार के हलए सबसे बडी समस्या बने िु ए िै्. इन घोटालो् से मु ख्य मं त्ी नवीन िटनायक की छहव लगातार खराब िो रिी िै. अिने भोलेिन, ईमानदार और स्वाहभमान के हलए मशिूर नवीन िटनायक के ऊिर घोटालो् के दाग लगातार लगते जा रिे िै्. भ्​्ष्ाचार हनरोधक ब्यूरो की हरिोट्ण के मु ताहबक साल 2008 से ले क र 2015 तक ओहडशा मे् भ्​्ष्ा चाहरयो् की सं ख्या 2080 तक ि​िुंच गयी िै. ऐसे मे् ओहडशा राज्य हवकास के मामले मे्ि​िले नंबर िर भले िी न ि​िुं चे , ले हकन भ्​्ष्ा चार के मामले मे् नंबर एक िर ि​िुंच जायेगी. ये आंकडा ये बताता िै हक ओहडशा मे् हकस कदर भ्​्ष्ाचार अिनी जडे जमा चुका िै. ले हकन सरकार इसको खत्म करने के हलए कुछ निी् कर रिी िै. इस हरिोट्ण के आने के ि​िले तक सरकार भ्​्ष्ाचार के आरोिो् को हसरे ख़ाहरज करती आयी िै .

ले हकन इस हरिोट्ण की हलस्ट मे् ओहडसा सरकार के कई मं त्ी और हवधायक के नाम भी िै्. ऐसे मे् बु द्जीवी वग्ण के हनशाने िर नवीन सरकार आ गयी िै . साथ िी मु ख्य मं त्ी नवीन िटनायक के िारदश्​्ी और जवाबदेि शासन के दावे की िोल खुल गयी िै. हजस हवकास और सुशासन को मुद्ा बनाकर राज्य की बीजू जनतादल बीते िेढ

दशक से राज्य मे् सत्​्ासीन िै. भ्​्ष्ाचार के आरोिो् और लां छ नो् से उसकी हकरहकरी िो रिी िै . राज्य मे् जनता को अिना गुजर बसर करने मे् बेिद हदक्​्तो् का सामना करना िड रिा िै . तो विी् राज्य के मंत्ी और हवधायको् ने लूट मचा रखी िै. िालांहक हजन मंत्ी और हवधायको् िर भ्​्ष्ाचार के आरोि साहबत िो रिे िै्. उन िर मुख्यमंत्ी ने काय्णवािी करते िुए. उनकी अवैध संिहतयो्को सरकारी घोहरत करके उसिर स्कूल और अस्िताल बनाये जाने की घोररा कर दी िै. साथ िी उन्िो्ने किा हक वि एक भी भ्​्ष्ा चारी को निी् छोडे्गे. भ्​्ष्ा चार के हवरोध मे् जनता भी जागर्क िो रिी िै और वि सरकार के हखलाि हवरोध प्​्द श्णन कर रिी िै . क्यो्हक भ्​्ष्ा चार बढने से प्​्दे श की आह्थणक स्सथहत कािी िद तक चरमरा सी गयी िै . जबहक बीजद िर चु नाव मे् हवकास के मुद्े िर लिती आयी िै. साथ िी जनता ने भी उसे हवकास के नाम िर वोट देकर चार बार राज्य की कुस्ी सौ्िी िै . ऐसे मे् प्​्दे श के मु ख्य मं त्ी को अगर अगले हवधानसभा 2019 मे् दोबारा सत्​्ा मे् आना िै. तो उसे अभी से भ्​्ष्ाचार िर लगाम लगाना शुर् कर देना चाहिए.

कामकाज में अडं​ंगा...

ताकि हार िा ठीिरा शाह िे किर ही फूटे

पेज 1 का बाकी संस्था के माध्यम से बड्ी अड्चने् िैदा िो रिी िै्. आि को मालूम िोगा हक तमाम हवधेयक हकस तरि राज्यिाल की तरि से रोक हलए जाते िै् या लटकाये जाते िै्. लोकायुक्त अहधहनयम उसका ताजा उदािरर िै. इस तरि के तमाम अहधहनयम िै्, हजन िर राज्यिाल ने अड्ंगा लगाया िै. यि स्सथहतयां जिां से भी िैदा की जाती िै्, वे प्​्देश के हवकास को रोकती िै्. संहवधान हनम्ाणताओ् ने ऐसा सोचा भी निी् िोगा हक राज्यिाल हवधेयको् को रोककर बैठ जाये्गे. हवधानसभा जनता का प्​्हतहनहधत्व करती िै और वि कोई भी कानून बिुमत से िाहरत करती िै. ऐसे मे् उसे रोकने का क्या औहचत्य बनता िै.

पेज 1 का बाकी अगर हबिार व हदक्ली मे्िार के कारर अहमत शाि को िटाया जाता िै तो हिर िांच राज्यो् की िार का दोर हकसके हसर मढ्ा जाएगा.प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी भी यि निी् चािते थे हक अहमत शाि को िटाकर संदेश हदया जाए हक िाट्​्ी िर उनकी िकड्कमजोर िो रिी िै व वे असंतुष्ो्के दबाव मे्आ गए िै्. यिी वजि थी हक जब अहमत शाि की ताजिोशी िुई तो माग्णदश्णक मंिल के दो प्​्मुख सदस्यो् लाल कृष्र आिवारी व मुरलीमनोिर जोशी को समारोि मे्आमंह्तत िी निी् हकया गया। शांता कुमार व यशवंत हसन्िा खुद निी्आए.यि किना गलत िै हक आिवारी व जोशी ने समारोि का बहिष्कार हकया था। ऐसा जानबूझ कर हकया गया ताहक उनको उनकी िैहसयत बताई जा सके.

(शुक्वार िाह्​्कक को हदये गये इंटरव्यू का अंश)

इसके ि​िले भी दीनदयाल उिाध्याय की याद मे्उत्र् प्द् श े मे्िुए समारोि मे्आिवारी को आमंह्तत निी्हकया गया था. बेगलुर्मे्उन्िे् मंच िर भी निी्बैठाया गया था। मालूम िो हक इन सभी नेताओ् ने हबिार चुनाव के नतीजे आने के बाद विां िाट्​्ी की िार की हजम्मेदारी तय हकए जाने के संबंध मे्संयुक्त बयान जारी हकया था. उनके हनशाने िर अहमत शाि थे. भाजिा के एक वहरष्​्नेता के मुताहबक अहमत शाि की सबसे बड्ी असिलता यि िै हक वे हदक्ली मे् रिकर अिने लोगो् के जहरए राज्यो् मे् राजनीहत करते िै् हजसके कारर प्​्देश स्​्र के नेता काय्णकत्ाण खुद को उिेह्कत मिसूस करते िै.् हदक्ली व हबिार के चुनाव नतीजे इसका िहरराम िै. िाट्​्ी का अिना आकलन यि िै हक अगले साल िोने वाले उत्र् प्द् श े हवधानसभा चुनाव मे्भाजिा

पीसी हगरफ़तार, गरमाया पिाड़

नै नीताल. सामाहजक राजनैहतक काय्णक्त्ाण िीसी हतवारी को चौबीस जनवरी को हजस तरि आधी रात के बाद जेल भेज हदया गया उससे ि​िाड मे् आंदोलन फ़ैल गया िै .िीसी हतवारी को घायलावस्था मे् िी जे ल भे ज हदया गया जबहक उन िर िमला करने वाले छाती िुला कर घूम रिे िै्.इस मु द्े िर सोशल मीहिया मे् बिस हछड गई िै .वहरष्​् ित्​्कार राजीव लोचन शाि ने हटिण्री की ' हजस जमीन को बचाने के हलये यि सब हकया गया.िीसी का अि​िरर, हिटाई, हगरफ्तारी, उस िर एससी/एसटी एक्ट, नैनीसार जा रिे आन्दोलनकाहरयो् को रोकना, आतंहकत करने वाला शस्कत प्​्दश्णन. अब सुना जा रिा िै हक अब िीएम अक्मोडा स्वीकार कर रिे िै्हक उसका िट्​्ा अभी हजन्दल के

िरीश रावत ने आंदोलनकारी िीसी हतवारी को देशद्​्ोिी घोहरत कर हदया िै. वजि भी आि सबको िता िै. िरीश रावत और उसका बेटा हजंदल को नानीसार की जमीन अिनी समझकर बेच रिे थे. ि​िाड् की िूरी जनता इसका हवरोध कर रिी थी. िीसी हतवारी और उनकी िाट्​्ी उत्​्राखंि िहरवत्णन िाट्​्ी इसका हवरोध कर रिी थी. लेहकन िरीश रावत का लड्का और हजंदल एक िी िैलीकाप्टर मे् बैठकर भाजिा के एक सांसद मनोज हतवारी के साथ नानीसार की जमीन िर 22 लाख िीस वाले एक अन्तरराष्​्ीय हवद्​्ालय का उद्घाटन कर गये.िीसी हतवारी के साथ िम सबलोग अिने—अिने स्​्र िर इसका हवरोध कर रिे थे. हिछले हदनो् हदक्ली के जंतर—मंतर िर िमने धरना

नाम िु आ िी निी् िै. अजब गोरख्योली िै .क्या िमारे कोई वकील दोस्​् इन्िे् अदालत मे् सबक निी् हसखा सकते ? इसी मुद्े िर एक अन्य नाराज नागहरक ने हटिण्री की ' आि सबको िता िै हक उत्​्राखं ि के मुख्यमंत्ाी और देशभक्त

देकर सोहनया गांधी को ज्​्ािन हदया था. उसी हदन तय िुआ था हक नैनीसार मे् गरतंत्हदवस के अवसर िर हजंदल को दी गयी 354 नाली जमीन िर झंिा ि​िराये्गे. इससे ि​िले सत्​्ा के इशारे िर हजंदल के गुंिो ने िीसी हतवारी िर िमला बोल हदया.

मेघालय में साफ... के हलए सरकार बना िाना तो दूर रिा हवधानसभा मे् लोकसभा की तरि 73 सीटे् िाहसल करना भी मुस्शकल िोगा। िंजाब मे् िालत वैसे िी ितली िै. हिछले 18 मिीनो्मे् िाट्​्ी की लोकह्​्पयता का ग्​्ाि बिुत तेजी से नीचे गया िै. चूंहक मोदी सरकार के सत्​्ा मे् आने व उसके बाद िहरयारा, मिाराष्,् जम्मू कश्मीर व झारखंि मे् भाजिा की सत्​्ा मे् लाने का श्​्ेय अहमत शाि को हदया जा रिा था इसहलए दो राज्यो्की िार के हलए भी वे िी हजम्मेदार माने जाएंगे. इससे भी बड्ा सवाल तो यि िै हक 2019 मे् िोने वाले गुजरात के हवधानसभा चुनाव िै. मालूम िो हक अहमत शाि को अगस्​् 2014 मे् राजनाथ हसंि के गृिमंत्ी बन जाने के बाद अध्यक्​् बनाया गया था। इस बार उन्िे् तीन साल का काय्णकाल हमला िै जो हक 2019 तक चलेगा.

पेज 1 का बाकी रिी िै. हजसमे् मंि गी लकहडयां अंधाधुंध तरीके से काटी जा रिी िै्. क्​्ेत् के हनवाहसयो् ने कई बार राज्य वन हवभाग मे् हशकायते् की िै्. ले हकन इस िर कभी कोई काय्णवािी निी् िु ई िै . यिां की एक और हनवासी हरक्​्ी सं ग मा न किा हक वि जं ग लो् की अं धाधुं ध कटाई और वन हवभाग ने अब तक इस रोकने के हलए क्या हकया इसके बारे मे् जानने के हलए जक्द िी एक आरटीआई दायर करे्गी. हजसके माध्य म से वि जं ग लो् मे् िे डो् की संख्या बताने की मांग करे्गी. उन्िो्ने आगे किा हक वन हवभाग जानबू झ कर इन जं ग लो् का नाश कर रिा िै . इसमे् तस्क रो् और वन कम्णचाहरयो् की हमलीभगत िै.


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29 जनवरी - 04 फरवरी 2016

अब रोहहत की जाहत को लेकर दुषंपंचार!

शरद गुप़ता

'गोद' ले हलया. लेहकन काम नौकरीनी का कराती थी. अंजनी के घर का झाड्​्िो्छा से नयी दिल्ली. रोहित वेमुला के हखलाि लेकर बत्णन धोने तक सारा काम राहधका िो रिे दुष्प्चार के चलते उसे ईसाई तक करती थी. अंजनी ने अिने बि्​्ो् को अच्छे बताया गया, उसे राबट्ण वाड्​्ा से जोड्ने की अंग्ेजी स्कूलो् मे् िढाया लेहकन अंजनी के कोहशश िुई यि किते िुए हक वाड्​्ा को आंध् हकताब काहियो्से दूर रखा. वि मिज तेरि मे् वड्​्ेरा किते िै्. यिी निी् उसे राष्​्द्ोिी साल की थी जब अंजनी ने अिने सजातीय क्रार हदया गया. वि भी के्द्ीय मंत्ी बंिार् महर कुमार से राहधका की शादी कर दी. दत्​्ात्य्े द्​्ारा.तो आह्ख़र कौन था रोहित हजसे लेहकन उसकी जाहत हछिा कर. एक अस्िताल मे् चिरासी महर से लेकर िूरे देश मे् हनभ्णया की तजण् िर आंदोलन चल रिे िै्, रोज्छात्​्हगरफ्​्तारी दे राहधका को अगले िांच साल मे् तीन बि्​्े रिे िै् और हजसके बारे मे् खुद प्​्धानमंत्ी िुए. रोहित सबसे बड्ा था. लेहकन िांच साल नरे्द्मोदी ने किा - कारर जो भी िो्लेहकन बाद महर को यि जानकार धक्​्ा लगा जब माँ भारती ने एक लाल खो हदया? रोहित की उसे मालूम चला हक राहधका वड्र्े ा निी्आंध् मां, उसकी दादी, हिता, भाई, मां और दोस्​्ो् मे्सबसे नीची माने जाने वाली दहलत माला से बातचीत के आधार िर जो किानी हनकली जाहत की थी. उसने उसे मारा िीटा और बि्​्ो् िै वि इस प्​्कार िै -रोहित की मां राहधका समेत घर से हनकाल हदया. वि एक बार हिर माला (दहलत) जाहत की थी. उसके मां - अंजनी के घर नौकरानी का काम करने िर बाि गुटं रू मेर् ल े वे लाइन िर काम करने वाले मजबूर थी. लेहकन राहधका को एक बात का संतोर मज्दूर थे. वि मिज एक साल की थी हक वड्​्ेरा जाहत की संिन्न महिला अंजली ने उसे था हक उसके बि्​्े िढने मे् बिुत िोहशयार

थे. ख़्ासतौर िर रोहित. आँध्हवश्​्हवद्​्ालय मे्एमएससी की प्​्वेश िरीक्​्ा मे्उसने हकसी ओबीसा या एससी कोटे से प्​्वेश निी् िाया बस्कक एंट्ेस मे्ग्यारिवां रै्क िाकर मेहरट के आधार िर दाह्ख़ला हलया. उसके बाद उसे उसकी िसंदीदा िांहिचेरी यूहनवह्सणटी मे् भी दाह्ख़ला हमल गया. रोहित के छोटे भाई राजा के अनुसार वि इसहलए िॉंहिचेरी यूहनवह्सटण ी निी्जा िाया क्योहक आंध्हवश्​्हवद्​्ालय ने एनओसी देने के हलए छि िज्ार र्िए जमा कराने को किा. रोहित या उसके िहरवार के िास इतने िैसे निी्थे. राजा का किना िै हक उसे यि देख कर बिुत शम्ण आती था हक हजस अंजनी के वि दादी किता था, वि दरअसल उसकी मालहकन थी. ऐसे मे्रोहित ने जन्म से िी अभावो् को देखा था. उसे मालूम था हक िढ्ाई से समय मे् इज्​्ज्त हमलती िै. इज्​्ा िाने के हलए िी उसने ि​िले माक्स्णवादी और हिर अंबेदकरवादी हवचारधारा को चुना. लेहकन जब िीएचिी

मप्​् मे् मंत्िमंडल तिस्​्ार जल्द! संमारंट ससरी में न

पूिा हसंि

मंह्तमंिल हवस्​्ार की चच्ाण हिछले कािी समय से चल रिी िै लेहकन व्यािम घोटाले भोपाल. मप्​्मे्मंह्तमंिल हवस्​्ार की तथा चुनाव समेत हवहभन्न मुद्ो् िर व्यस्​् अटकले्तेज िो गयी िै्. हिछले हदनो्हनगम मुख्यमंत्ी इसके हलये समय निी्हनकाल िा मंिलो् के अध्यक्​् उिाध्यक्​् िदो् िर रिे थे. हिलिाल प्​्देश मे्23 मंत्ी िै्. प्​्देश हनयुस्कतयो्के बाद से िी इस संबंध मे्ंहकसी मे्ं 230 हवधानसभा सीट िै्. अगर 15 घोररा की संभावना जतायी जा रिी िै. प्​्हतशत को मंत्ी बनाने के िाम्णूले िर अमल भारतीय जनता िाट्​्ी (भाजिा) के अंदर्नी हकया जाता िै तो प्​्देश मे्कुल 34 मंत्ी िो सूत्ो् हक अगर सबकुछ ठीकठाक रिा तो सकते िै्. मुख्यमंत्ी इस संबंध मे् अिनी चुप्िी निी्तोड्रिे िै् िरवरी के प्​्थम लेहकन अगर सूत्ो् सप्ताि मे मंह्तमंिल की माने् तो वि का हवस्​्ार िो अिनी टीम मे्ं6 से 9 सकता िै. मुख्यमंत्ी सदस्यो् तक का हशवराज हसंि इजािा कर सकते िै. चौिान इस मामले गौरतलब िै हक मे् हदक्ली से िरी मुख्यमंत्ी हशवराज झंिी िाहसल कर हसंि चौिान ने हिछले चुके िै्. हदनो् हदक्ली जाकर मं ह्​्त मं ि ल प्​्धानमंत्ी नरे्द्मोदी हवस्​्ार मे् कुछ नये और िाट्​्ी अध्यक्​् चेिरे अवश्य देखने अहमत शाि से को हमल सकते िै् मु ल ाकत की थी. औिचाहरक तौर िर किा लेहकन हकसी िुराने मंत्ी को िटाये जाने की आशंका निी्िै. हजन वहरष्​्नामो्की चच्ाण गया था हक यि मुलाकात हसंिस्थ कुंभ के जोरशोर से चल रिी िै उनमे्िूवण्मंत्ी अच्नण ा हनमंत्र और प्​्देश की प्​्मुख योजनाओ्के हचटनीस, र्स्म हसंि, जयभान हसंि िवैया, बारे मे्ंजानकारी देने के हलये थी लेहकन सूत्ो् संजय िाठक, सुदश्णन गुप्ता, रमेश मेद् ोला, की माने्तो इस दौरान मंह्तमंिल हवस्​्ार के हवश्​्ास सारंग आहद शाहमल िै्. प्​्देश में् बारे मे्भी चच्ाण की गयी.

लखनऊ न बनारस

नयी दिल्ली. देश मे् स्माट्ण हसटी िहरयोजना के तित हवकहसत हकये जाने वाले ि​िले 20 शिरो् की घोररा आज (गुरव् ार को) िो गई. केद् ्ीय शिरी हवकास मंत्ी एम वेक ् यै ा नायिू ने एक प्स ्े कॉन्फस ्े मे् ि​िले साल हवकहसत हकये जाने वाले सभी स्माट्ण शिरो्के नाम घोहरत हकये िै.् घोहरत नामो मे् िांच हवहभन्न प्द् श े ो्की राजधाहनयां िै.् मध्य प्द् श े के सव्ाहण धक तीन शिरो्इंदौर, भोिाल और जबलिुर को भी ि​िले चरर मे्शाहमल हकया गया िैिर इसमे् न लखनऊ िै न बनारस. िहरयोजना के तित कुल सौ शिरो् को स्माट्ण बनाया जाना िै, िालांहक अभी जम्म-ू कश्मीर समेत तीन शिरो्के बारे मे्कोई अंहतम हनर्यण निी्िो िाया िै. ये है् पहले चरण के 20 स्माट्ट शहर भुवनेशर् (ओहिशा), िुरे (मिाराष्)् , जयिुर (राजस्थान), सूरत (गुजरात), कोह्​्ि (केरल), अिमदाबाद (गुजरात), जबलिुर (मध्य प्द् श े ), हवशाखािटनम, सोलािुर (मिाराष्)् , धवनहगहर (कन्ाटण क), इंदौर (मध्य प्द् श े ), नई हदक्ली नगर हनगम (एनिीएमसी), कोयंबटूर (तहमलनािु), काकीनािा (आंधप् द् श े ), बेलगाम (कन्ाटण का), उदयिुर (राजस्थान), गुवािाटी (असम), चेनन् ई (तहमलनािु), लुहधयाना (िंजाब), भोिाल (मध्य प्द् श े ).

की िढ्ाई के दौरान भी जब जातीय भेदभाव बंद निी् िुआ और झूठे आरोि लगाकर उसके हखलाि अनुशासनात्मक कार्वण ाई की गई तो वि िूरी तरि टूट गया. उसने कभी भी याकूब मेनन का समथ्णन निी्हकया. वि तो हवचारधारा के आधार िर िांसी की सजा का हसद्​्ांत र्ि हवरोध कर रिा था. यिी वजि थी हक वि 'मुजफ् फ़ ् र् नगर बाकी िै' नाम की हिक्म का प्​्दश्णन करना चािता था ताहक सामंती हदमाग का अत्याचार सामने आए . लेहकन उसे राष्​्हवरोधी क्रार हदय गया. उस िर अहतवादी िोने के आरोि लगे. उसकी मौत के िांच हदन बाद प्ध् ानमंत्ी भी भावुकता का प्​्दश्णन कर चुि िो गए. न तो रोहित का खोया सम्मान हदलाने के कोई प्​्यास िुए और न िी इस बात के आगे से कोई और रोहित वेमुला न बने. आजादी का जश्न मनाने मे्िम यि भूल गए हक एक बजी आबादी अभी भी आजादी का इंतजार कर रिी िै.

मुशक् िल मे् फंसे ओमान चांडी

द्​्िशूर : ह्​्तशूर के सतक्तफ ा अदालत के जांच आयुकत् एवं हवशेर न्यायाधीश एस. एस. वासन ने सौर ऊज्ाण घोटाले के संबध ं मे् मुखय् मंत्ी ओमान चांिी और उज्ाण मंत्ी आय्ादण न मोिम्मद के हखलाि प्​्ाथहमकी दज्ण करने के आदेश हदये. उन्िो्ने यि आदेश िीिी जोसेि की हनजी हशकायत िर सुनाया. सतक्तफ ा हनदेशक को किा गया िै हक वि इस संबध ं मे् प्​्ाथहमकी दज्ण करे और हजतना जक्दी िो सके उतनी जक्दी जांच िूरी करे. जोसेि ने किा हक उनकी हशकायत का आधार सौर ऊज्ाण घोटाले की मुखय् आरोिी सहरता एस. नायर के बयानो्िर आधाहरत था जो उसने कल न्यायाधीश हशवाराजन आयोग के समक्​्हदये थे. जोसेि ने किा हक उन्िो्ने सबूत के तौर िर आयोग के समक्​्सहरता द्​्ारा हदए गए बयानो् से संबहं धत एक सीिी और समाचार ित्​्ो्की कहटंग भी सौ्िी थी. चांिी और मोिम्मद िर हनशाना साधते िुए सहरता ने आरोि लगाया था हक मुखय् मंत्ी के एक नजदीकी को उसने कुल 1.90 करोड्र्िये की हरश्त् दी थी जबहक ऊज्ाण मंत्ी को 40 लाख र्िये हदए गए. िालांहक दोनो् ने इन आरोिो्को खाहरज कर हदया. इसी बीच कोझीकोि मे् मुखय् मंत्ी ने ित्क ् ारो् से किा हक उनके हखलाि लगाए गए आरोि माकिा और कुछ बार माहलको्के एक धड्ेद्​्ारा तैयार हकए गए एक राजनीहतक रड्त्ं ् का हिस्सा िै. सहरता ने कोह्​्ि मे् ित्क ् ारो्से किा हक यहद अदालत हनद्श ्े देगी तो वि सतक्तफ ा अदालत को खुद के साथ सारे सबूत भी सौ्ि देग् ी. वि कानून से भागेगी निी्.

संजय मिशं​ं नये लोकायुकंत

लखनऊ. उत्​्र प्​्देश के राज्यिाल और मुख्यमंत्ी ने आज उि्​्तम न्यायालय द्​्ारा सेवाहनवृत् न्यायमूह्तण संजय हमश्​् को राज्य का नया लोकायुक्त हनयुक्त हकये जाने का स्वागत हकया. राज्यिाल राम नाईक ने यिां एक बयान मे् किा हक मै्ने माननीय उि्त् म न्यायालय के आदेश का िमेशा सम्मान हकया िै. उि्त् म न्यायालय के न्यायमूह्तणगर श्ी् राजन गोगोई और िीसी िन्त की खण्ि​िीठ द्​्ारा न्यायमूह्तण संजय हमश्​्ा को उत्​्र प्​्देश का लोकायुक्त हनयुक्त हकये जाने के हलये िाहरत आदेश का मै्सम्मान करता िूं. इस बीच, मुख्यमंत्ी अहखलेश यादव ने एक काय्णक्म से इतर संवाददाताओ् से बातचीत मे् लोकायुक्त हनयुस्कत के सवाल िर किा हक मै् बस इतना किना चािता िूं हक िम उि्त् म न्यायालय के इस िैसले का स्वागत करते िै्. मालूम िो हक उि्​्तम न्यायालय ने इलािाबाद उि्​् न्यायालय के िूव्ण न्यायाधीश न्यायमूह्तण वीरे्द् हसंि को उत्​्र प्​्देश का लोकायुक्त हनयुक्त करने का 16 हदसंबर का अिना आदेश हनरस्​् करते

िुए एक अन्य सेवाहनवृत् न्यायाधीश संजय हमश्​्ा को लोकायुक्त हनयुक्त हकया िै. न्यायमूह्तण हसंि के नाम िर उि्​् न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्​्ारा उठाई गई आिह्​्तयो्का उक्लेख करते िुए िीठ ने किा हक अब िमे् लोकायुक्त के र्ि मे् न्यायमूह्तण हसंि की िात्​्ता िर गंभीर संदेि िै. उि्​्तम न्यायालय ने हिछले साल 16 हदसम्बर को एक मित्विूर्ण आदेश मे् अिनी संवधै ाहनक शस्कत का इस्​्ेमाल करते िुए न्यायमूहत् ण वीरेनद् ्हसंि को उत्​्र प्​्देश का लोकायुक्त हनयुक्त हकया था. िालांहक, न्यायालय ने हसंि के शिथग्​्िर समारोि से एक हदन ि​िले 19 हदसम्बर को सह्​्िदानन्द गुप्ता नामक व्यस्कत की याहचका िर सुनवाई करते िुए हनयुस्कत को स्थहगत कर हदया था. गुप्ता का आरोि था हक सरकार ने इलािाबाद उि्​् न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश िी. वाई चंद्चूि ने न्यायमूह्तण वीरेन्द्हसंि के नाम िर आिह्​्त जाहिर की थी और सरकार ने यि तथ्य हछिाकर ‘शीर्णअदालत के साथ छल' हकया िै.



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संिीि श़​़ीिास़​़ि

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29 जनवरी - 04 फरवरी 2016

गन्ने के खेत मे् बाघो् का डेरा

बहराइच. कताह्नणयाघट वन क्​्ेत् के लगातार कम िोते दायरे की वजि से बाघो् और ते्दुओ् ने आसिास िैले गन्ने के खेतो् को अिना िेरा बनाना शुर् कर हदया िै. इससे वन्य जीव अहधकाहरयो्की हचंताये्बढ गयी िै्. वन्य जीव हवशेरज्​्और उत्​्र प्​्देश राज्य वन्य जीव िहररद के सदस्य सरदार गुर्नाम हसंि ने किा हक वक्ि्ण वाइक्ि लाइि िंि की भारतीय इकाई ने िाल िी मे् एक सवे्क्र कराया था. इसके मुताहबक बिराइच स्सथत कताह्नणयाघाट वन्यजीव प्भ् ात दुधवा राष्​्ीय उद्​्ान से लगे गन्ना क्त्े ्ो मे्10-12 ते्दुओ्और बाघो्के हछिे िोने हक आशंका िै. उन्िो्ने किा हक जब तक गन्ने की िसल लगी िुई थी, तब तक तो कोई समस्या निी थी. लेहकन अब जब िसल की कटायी से खेतो्के खाली िोने का समय आ गया िै. ऐसे मे् जानवरो् और मनुष्यो् के

आमने सामने आने की घटनाये् बढ सकती िै्. उन्िो्ने किा जंगलो से भटक कर गन्ने के खेतो मे् हवचरर कर रिे ते्दुएं और बाघ िूरी तरि असुरह्​्कत िै. इस बात हक सख्त जर्रत िै, हक उन िर नजर रखी जाये और उनकी सुरक्​्ा के प्​्बंध हकये जाये्. जंगली इलाको् से सटे भीरा मैलानी और बाकेगंज क्​्ेत्ो् मे् लोगो् के मरने हक घटनाये् बढी िै्. इस संबंध मे् हसंि ने किा हक हकसानो्ने गन्ने हक िसल काटनी शुर् कर दी िै. ऐसे मे्गन्ने हक खेतो्मे्हछिे बाघ और तेद् एु शारदा-घाघरा और बरौछा नाले के हकनारे बीिडो्मे्हछिने मजबूर िै्. जो थोडा खुला क्​्ेत्िै. उन्िो्ने किा गनीमत यि िै हक

अब तक गन्ने के खेतो् मे् हवचरर कर रिे बाघ और ते्दुओ् ने हकसी गन्ना हकसान को कोई नुकसान निी् ि​िुचाया िै. लेहकन यि किना मुस्शकल िै हक यि स्सथहत कब तक रिेगी. उन्िो्ने बताया हक कताह्नणयाघाट वन्य

जीव हवशेरज्​् इस स्सथहत से हचंहतत िै्. अभी 18 जनवरी को लखनऊ मे्िुई उत्​्र प्​्देश राज्य वन्य जीव िहररद की बैठक मे् गन्ने के खेतो् और भटक कर आबादी वाले क्​्ेत् मे् ि​िुंच जा रिे िै्. ऐसे मे् लोगो्हक सुरक्​्ा िर हवचार हवमश्ण हकया गया. तराई नेचर कंजरवेशन सोसाइटी के संयोजक ने किा हक इलाकाई जानकार बाघो् और ते्दुओ् के रिन सिन की गिरी जानकारी रखते िै्. लेहकन उनकी जानकारी का व्यविाहरक उियोग निी्िो िा रिा िै. उन्िो्ने बताया हक बाघो् के हलए घास और गन्ने मे् कोई अंतर निी्िोता िै. इसहलए उनको जंगली इलाको् से लगे सैकडो्िेक्टेयर क्​्ेत्मे्िैली गन्ने की

िसलो मे् घुस आना बिुत स्वाभाहवक िै. उन्िो्ने बताया जंगल से सटे आबादी वाले गांवो मे्जंगली सुअरो्नीलगायो्और हिररो् की प्​्चुरता के कारर गन्ने के खेतो मे् हछिे बाघ ते्दुओ् के हशकार की कोई कमी निी रिती. इसहलए जब तक िसल बढती िै और कटाई निी शुर्िोती िै. तब तक उन्िे्गन्ने के खेत जंगल के घास वाले क्​्ेत् की तरि लगते िै्. उन्िो्ने किा हक समस्या तब िैदा िोती िै. जब गन्ने के खेत खाली िोने लगते िै्. यिी वजि िै हक बीते साल जंगलो से सटे गावो मे् नवंबर से िरवरी के बीच इन जानवरो् के ि​िुंच जाने हक घटनाये् सामने आयी् थी. कताह्नणयाघाट मे् जंगली क्​्ेत्ो् से सटे इलाको्मे्बाघ हक गहतहवहधयो्िर नजर रखने के हलए वन्य जीव संरक्​्र और वन्य जीव संरक्​्क टाइगर वाच के दो िद िै्. मगर वत्णमान मे्दोनो्िद खाली िै्. हजससे मानव और वन्य जीवो्के बीच संघर्णका भी खतरा बढ्गया िै.

मकसी के मलये आसान नहीं है कानपुर दकितों पर तेजाब फेंिा

अिनीश कुमार

मुरली मनोिर जोशी िै्. तो विी् कांग्ेस के िास श्​्ीप्​्काश जायसवाल जैसा एक बड्ा कानपुर. उत्​्र प्​्देश मे् 2017 मे् िोने चेिरा िै. लेहकन सत्​्ा मे् बैठी सिा के िास वाले हवधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलो् और बसिा के िास हजला स्​्र िर भाजिा ने अभी से कमर कसना शुर्कर हदया िै. िो और कांग्ेस के इन दो बडे हदग्गजो्के सामने भी क्यो् ना उत्​्र प्​्देश िी कई बड्ी नेताओ् खड्ा करने के हलए कोई बड्ा वि मजबूत की हकस्मत को बदलने का काम जो करता चेिरा निी् िै. जो कानिुर की जनता को िै. उत्​्र प्​्देश का िी चुनाव िै, जो बड्े हरझाने मे् कामयाब िो सके. किने को तो नेताओ् को ताज भी हदलाता िै और वक्त सिा के िास िूव्ण मंत्ी हशव कुमार बेहरया आने िर ताज को छीन भी लेता िै. अब ऐसे नामक एक चेिरा िै्. लेहकन अगर िाट्​्ी ्े के इन कद्​्ावर नेताओ्के प्​्देश के हवधानसभा चुनाव को लेकर िाट्​्ी भाजिा और कांगस के बड्ेनेताओ्का िरेशान िोना लाजमी िै. सामने इन्िे्लाकर खड्ा भी करती िै. तो िाट्​्ी हजसके चलते 2017 के हवधानसभा चुनाव मे् िी िूट की स्सथहत िैदा िो जायेगी और को िूरा एक साल अभी बाकी िै. लेहकन िाट्​्ी के अंदरखाने की लड्ाई शुर्िो जायेगी. राज्य की चारो् बडी िाह्टणयां कांग्ेस, भाजिा, सिा और बसिा प्द् श े मे्अिने िक्​् मे् मािौल बनाने मे् लग गयी् िै्. जिां एक तरि उत्​्र प्​्देश के बनारस मे् आकर भारत के प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी ट्​्ेन का तोि​िा देते िै्. तो विी् कांग्ेस के युवराज रािुल गांधी बुंदेलखंि जाकर जनता के जख्मो्िर मरिम लगाने का काम करते िै्. विी् चार साल से मौन धारर हकये िुए बिुजन समाज िाट्​्ी की मुहखया बिन मायावती अिने जन्महदन िर मौन को तोड्ते िुए अन्य िाह्टणयो्िर प्​्िार करने से निी्चुकती िै्. प्​्देश मे्सत्​्ा मे्बैठी सिा सिा सूत्ो् की माने तो िूव्ण मंत्ी हशव कुमार सरकार के कराये गये काय्​्ो् को बताने मे् बेहरया के अिने कम हवरोधी ज्यादा िै. िाट्​्ी कोई कोर कसर निी् छोड् रिी िै्. तो विी् के कुछ आला काय्णकत्ाण तो यिां तक किते आम आदमी िाट्​्ी उत्​्र प्​्देश मे् अिने िै्हक आि यिी्से समझ लो हक अगर िाट्​्ी जनाधार को तैयार करने मे्जुटी िै. अब ऐसे मे्उनके हवरोधी ना िोते तो शायद वि आज मे्तो आने वाला समय िी बतायेगा हक उत्​्र मंत्ी िोते. लेहकन उनके हवरोहधयो्ने उनको प्​्देश का ताज हकसके हसर िर सजेगा. प्​्देश मंत्ी िद से िटवाने मे् कोई भी कसर निी् मे् कुछ भी िो लेहकन उत्​्र प्​्देश की छोड्ी िै. सूत्ो्ने तो यिां तक कि िाला हक औद्​्ोहगक नगरी कानिुर का राजनैहतक िूव्ण मंत्ी जी को उनकी हवधानसभा क्​्ेत् समीकरर तो कुछ और िी बयां कर रिा िै. रसूलाबाद से 2017 के चुनाव मे्लड्ने का जिां एक तरि उत्​्र प्​्देश के कानिुर मे् मौका सिा देती िै हक निी्. ऐसे मे्वि ि​िले सांसद के र्ि मे् भाजिा के वहरष्​् नेता अिनी हवधानसभा सीट से अिनी हटकट तो

िक्​्ी करवाये्. हिर किी् जाकर भाजिा और कांग्ेस के हदग्गज चेिरे का सामना करने की सोचे्. अब ऐसे मे् सिा के सामने तो सवाल खड्ा िोता िै हक कानिुर मे्मौजूद इन दो बड्े चेिरो् का सामना करने के हलए हजला स्​्र िर हकस को लाया जाये. तो विी् बसिा के िास भी बिुत बड्ा चह्चणत चेिरा कानिुर मे्निी्िै. जो भाजिा के वहरष्​्नेता और कानिुर से सांसद मुरली मनोिर जोशी और कांग्ेस के िूव्ण के्द्ीय मंत्ी श्​्ीप्​्काश जायसवाल का सामना कर सके. जब की िाल िी मे् कानिुर मे् सव्ाणहधक हवधायक सिा और भाजिा के िास िै्. जबहक कांग्ेस के िास एक वि बसिा के िास एक भी हवधायक निी् िै. अब ऐसे मे् सवाल यि उठता िै हक क्या सिा सव्ाणहधक हवधायक िाने वाली िाट्​्ी िै, तो क्या 2017 मे्िोने वाले हवधानसभा चुनाव मे्कानिुर की गद्​्ी िर अिने हवधायको् को बनाये रखने मे्कामयाब िो िायेगी. नतीजा कुछ भी िो लेहकन 2017 मे् िोने वाले हवधानसभा चुनाव मे्कानिुर की हवधानसभाओ् मे् बिुत बड्ा उलटिेर िोने की संभावना िै. क्यो्हक भाजिा के वहरष्​् नेता मुरली मनोिर जोशी लगातार कानिुर की जनता के बीच आकर जनता के बीच एक चच्ाण का हवरय बने रिते िै्. तो विी् कांग्ेस के श्​्ीप्​्काश जायसवाल कानिुर के िोने के साथ-साथ लगातार जनता के बीच आने का कोई भी मौका निी् छोड्ते िै्. चािे कोई जनता से जुड्ी समस्या को लेकर लगातार आवाज उठा कर जनता के बीच चच्ाण का हवरय बने रिते िै्. अब ऐसे मे् सिा और बसिा के हलए यि दो बड्े हदग्गज कानिुर की राजनैहतक समीकरर हबगाड्ने का काम कर रिे िै्. अब यि तो आने वाला वक्त िी बतायेगा कौन सा हवधायक अिनी हवधायकी को बचाने मे्कामयाब िो िाता िै.

संिय कुमार िटना. दहलतो् का उत्िीडन देश मे् िर जगि िो रिा िै. हबिार के अरहरया हजले मे् एक दहलत िहरवार िर कुछ दबंगो्ने तेजाब िेक ् कर िमला हकया िै. ऐसे मे् दहलतो् को अिने िक के हलए या तो िैदराबाद हवश्ह्वद्​्ालय के छात्​्रोहित वेमल ु ा की तरि आत्मित्या करने िर मजबूर िोना िडता िै या हिर लोगो्के जुकम् ो्को सिने िर मजबूर िै.् दहलतो्के झंिा ि​िराने का मामला िो या हिर दहलत लडके का उि्​् जाहत की लडकी से शादी करने का. चौतरिा दहलतो् के साथ जलम ढाये जा रिे िै.् अब सवाल ये उठता िै हकआहखर यि र्कगे ा भी या निी्? िालात तो यिी बताते िै्अभी इसके र्कने के आसार निी् के बराबर िै.् जवाब के बीच एक बार हिर हबिार मे्दहलत उत्िीडन का मामला सामने आया िै.अरहरया हजले के नरितगंज प्ख ् िं के ितेि​िुर गांव मे् दबंगो् ने मामूली हववाद मे् मिादहलत ऋहरदेव के िहरवार के चेिरे िर तेजाब िेक ् कर िमला बोला और घर मे्आग लगा दी. इस तेजाबी िमले मे्आनंदी ऋहरदेव सहित तीन लोग घायल िो गये. सभी घायलो् को इलाज के हलए नरितगंज प्​्ाथहमक अस्िताल मे् भत्​्ी कराया गया िै. दबगो् के िमले से सिमे् िीहडत आनंदी ऋहरदेव ने नरितगंज थाना मे् आवेदन देकर न्याय की गुिार लगायी िै.

आनंदी ऋहरदेव के हलहखत बयान िर सुरदे् ्ठाकुर, सीता देवी, अहमत कुमार ठाकुर सहित आठ दबंगो्केहखलाि प्​्ाथहमकी दज्ण की गयी िै. िीहडत आनंदी ऋहरदेव ने हलहखत बयान मे् बताया िै हक मुखय् मंत्ी सडक हनम्ार ण योजना के तित सडक बन रिा था. 26 जनवरी को सडक हनम्ार ण को लेकर ठेकदे ार के साथ िंगामा िो गया था. इसके बाद वि लोगो्को समझाने का प्य् ास कर रिे थे हक सरकारी काय्णमे्बाधा मत िाहलये. इतने मे् सुरदे् ् ठाकुर उन्िे् जाहत सूचक शब्द और गंदी-गंदी गाहलयां देने लगे. हजसिर मामला बढ गया और वि लोग मारिीट करने लगे. िंगामे् के बीच ऋहरदेव के िुत् िवन और िहरवार के अन्य सदस्य भी विां आ गये. इन सभी को आते देख सुरदे् ् ठाकुर ने किा हक इन सब का मन बढ गया िै. मुिं िर तेजाब िेक ् दो. इतना सुनना था हक सुरदे् ् ठाकुर की ित्नी सीता देवी, बेटे अहमत ठाकुर और सुहमत ठाकुर ने तेजाब िेक ् ना शुर्कर हदया. तेजाब की चिेट मे्आकर उनके िहरवार और अन्य सियोहगयो्के िाथ और िैर जल गये. इतना िी निी्दबंगो्ने गोिाल घर मे्भी आग लगा हदया. घटना की सूचना हमलते िी नरितगंज िुहलस िरकत मे्आयी िै. लेहकन अब देखना यि िोगा हक दोरी लोगो् के हखलाि कोई कठोर काय्वण ािी िोती िै या हिर नीतीश सरकार के न्याय के साथ कानून के राज का नारा हसि्फप्त् ीक बनकर रि जायेगा.


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फइम

स्टा

र स्िोर्स्ण प्​्ो कबड्​्ी लीग नए रंग-र्ि और भव्यता के साथ तीस जनवरी से हवजाग मे् शुर् िो रिा िै. कबड्​्ी लीग का यि तीसरा सत्​् िै. बडी बात यि िै हक इस तीसरे सत्​् मे् ग्यारि देशो् के छब्बीस हखलाडी भी हिस्सा ले्गे. भारतीय कबड्​्ीबाज तो िो्गे िी. लेहकन वैह्शक ि​िचान बनाने के हलए कबड्​्ी को ज्यादा देशो् तक ि​िुंचाना जर्री था और कबड्​्ी लीग इसका जहरया बन रिी िै. कबड्​्ी लीग के ि​िले सत्​् मे् जयिुर हिक िै्थस्ण की टीम चै्हियन बनी थी, जहबक दूसरे सत्​् मे् हखताब यू मुंबा ने जीता था. हिछली चै्हियन यू मुंबा और तेलुगे टाइटंस के बीच मुकाबले से तीसरे सत्​् का आगाज िोगा. िांच माच्ण को नए चै्हियन की ताजिोशी िोगी. िाइनल हदक्ली के त्यागराज स्टेहियम मे् खेला जाएगा. लीग की लोकह्​्पयता को देखते िुए इस साल इसके दो आयोजन हकए जाएंगे. तीसरे सत्​् मे्आठ टीमो्मे्कुल 138 हखलाडी खेलने उतरे्गे हजनमे् 11 देशो् के 26 अंतरराष्​्ीय हखलाडी शाहमल िै्. इस बार प्​्ो कबड्​्ी का दायरा केन्या, जािान, ओमान, थाईलै्ि, इंिोनेहशया और िोलै्ि तक जा ि​िुंच िै. टून्ाणमे्ट मे् तेलुगु टाइटंस, यू मुंबा, दबंग हदक्ली, बंगलुर् बुक्स, जयिुर हिंक िै्थस्ण, िुरेरी िक्टन, िटना िाइरेर्स और बंगाल वाहरयस्ण की टीमे्हिस्सा ले रिी िै्. जयिुर टीम के माहलक अहभरेक बि्​्न किते िै् हक प्​्ो कबड्​्ी भारत मे् आइिीएल के बाद दूसरा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला खेल िै. मुंबई टीम के कप्तान अनुि कुमार हकसी ह्​्ककेटर से कम लोकह्​्पय निी्िै. जयिुर मे्िी उनके बिुत समथ्णक िै्. इस खेल के हखलाडी संिूर्ण एथलीट िोते िै् हजनमे् हजमनास्सटक्स, एथलेहटक्स, भारोत्​्ालन का तालमेल िोता िै. कबड्​्ी और िुटबाल टीमो् के माहलक अहभरेक से एक टीम की िसंद के बारे मे् िूछे जाने िर उन्िो्ने दाश्णहनक अंदाज मे् किा हक कबड्​्ी और िुटबाल मेरे हलये एक

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कबडं​ंी...कबडं​ंी...कबडं​ंी

िै. उन्िो्ने किा हक अब िम खुद को कबड्​्ी हखलाडी किलाने मे् गव्ण मिसूस करते िै्. वजीर हिछले दो सत्​्ो् मे् िुरेरी िक्टन टीम की तरि से खेले थे और िुरे की टीम के कप्तान भी थे. लेहकन इस बार वे रवी्द् ि​िल की कप्तानी वाली दबंग हदक्ली की टीम की तरि से खेले्गे. वजीर ने किा- प्​्ो कबड्​्ी ने िमे्ि​िचान दी िै और िमारा स्​्र भी बढा िै. यि देखकर अच्छा लगता िै हक अब लोग िमे् ि​िचानते िै्. िम िूरे साल मेिनत करते िै् और अिना हिटनेस स्​्र ऊंचा रखते िै्. कबड्​्ी के क्​्ेत् मे् आज हजतनी न.कहरयां िै् वि हकसी अन्य खेल क्​्ेत् मे्निी्िै. दबंग हदक्ली के कप्तान िहरयारा के सोनीित के रवी्द् ि​िल ने किा हक उनकी टीम इस बार तीन चार सीहनयर हखलाहडयो् के आने से कािी मजबूत िो गई िै. ि​िल ने बातचीत मे् किा हक हिछले सत्​् मे् शुर्आती मैचो् मे् अच्छे प्​्दश्णन के बाद िमारे कई हखलाडी चोहटल िो गये थे हजससे िमारा प्​्दश्णन प्​्भाहवत िुआ था. ि​िल ने किा हक हदक्ली की टीम मे्इस बार वजीर, प्​्वीर और राजगुर् जैसे सीहनयर िहरवार की तरि िै् और आि एक िहरवार बन गई िै और इसका श्​्ेय प्​्ो कबड्​्ी लीग (आइओसी) के सामने कबड्​्ी को हखलाडी शाहमल िुए िै् हजससे टीम कािी मे् से हकसी एक को ज्यादा या हकसी को को जाता िै. िम इस सत्​्के हलए िूरी तरि ओलंहिक मे्शाहमल करने के हलए मजबूती मजबूत हदखाई दे रिी िै. अगर म.जूद टीम कम िसंद निी्कर सकते. वैसे मुझसे किा तैयार िै्और मुझे यकीन िै हक िमारी टीम से दावा िेश करे्. गिलोत के मुताहबक की हिछले साल की टीम से तुलना की जाए जाए तो मै्अिनी जयिुर टीम के साथ रिना अिने हखताब का बचाव करेगी जयिुर टीम िमारे कोचो् को अज्​्ेटीना, कोहरया और तो यि 70 िीसदी बेितर िुई िै. नए केन्या सहित कई देशो् मे् भारी मांग कप्तान के माग्णदश्णन मे् खेलने को लेकर िसंद करं्गा. अहभरेक ने किा अंतरराष्​्ीय कबड्​्ी महासंघ के िै. िमारा इरादा हवश्​् चै्हियनहशि वजीर ने किा हक उन्िे् नई टीम मे् नए हक उनका हवचार िै हक तीसरे कप्तान के नेतृत्व मे् खेलने को लेकर कोई सत्​्मे्हिक्म स्टारो्की एक टीम अध्यक्​्जर्ा​ादर ससंह गहलोत भी मारते है् कराने का भी िै. हिछले दो सत्​् मे् चमकदार िरेशानी निी् िै. वे अिनी नई टीम को बनाकर प्​्ो कबड्​्ी की आॅल स्टार सक लीग रे कबड्​्ी की लोकस्​्ियता बढ़ाई प्​्दश्णन निी्करने का मलाल दबंग बेितर प्​्दश्णन के जहरये हखताबी मंहजल टीम के साथ एक चैहरटी मैच है. अब वे कबड्​्ी को ओलंसिक मे्जगह हदक्ली के कप्तान रवी्द् ि​िल को तक ले जाने की िूरी कोहशश करे्गे. कराया जाए. प्​्ो कबड्​्ी का स्टार लीग मे् और रंग भरने के हलए िै. वे किते िै् हक इस बार िमारी स्िोर्स्ण िर चार भाराओ्अंग्ेजी, सदलारे की कोसि​ि मे ् जु ट े है . ् उन् ह ो् र े ‘बािु बली’ हिक्म के स्टार रारा िग्गुबाटी टीम बेितर िै और िम अिना श्​्ेष् हिंदी, कन्नड और तेलुगु मे् यकीर सदलाया सक वे इसमे ् जर् र को तीसरे सत्​् के हलए अिना ि्​्ांि दूत प्​्दश्णन करे्गे. ि​िल ने किा हक प्​्ो प्​्सारर िोगा और इसका बनाया. िग् ग ुबाटी खेल और लीग को कबड्​्ी कबड्​्ी लीग ने कबड्​्ी हखलाहडयो् प्​्सारर वैह्शक स्​्र िर कामयाब हो्गे. को ऐसा स्टारिम दे हदया िै हक वे प्​्ेहमयो् के बीच बढावा दे्गे खास कर अमेहरका, ह्​्िटेन, मध्य िूव्ण और लाहतन अमेहरका सहित 100 देशो्मे्हकया के कप्तान नवनीत गौतम ने कबड्​्ी की खुद को कबड्​्ी हखलाडी किलाने मे् अब आंध्प्देश और तेलंगाना मे्. अिनी इस बढती लोकह्​्पयता का हजक्​्करते िुए किा गव्ण मिसूस करते िै्. दबंग हदक्ली की ओर नईभूहमका िर इस तेलुगु अहभनेता ने किा जाएगा. गत चै्हियन यू मुंबा के कप्तान अनूि हक मुंबई के एक बडे िोटल मे् मै्ने देखा से खेलने जा रिे िहरयारा के जी्द हजले के हक मेरे हलए बडी िमेशा से लुत्ि उठाने ने किा हक ि​िले िमारी कोई ि​िचान निी् था हक एक ह्​्िहटश िहरवार के बि्​्े वजीर हसंि का भी मानना िै हक प्​्ो कबड्​्ी वाला खेल रिा. नये प्​्ार् ि से यि और थी लेहकन अब िमारी एक अलग ि​िचान काहरिोर मे् कबड्​्ी खेल रिे थे जबहक लीग से उनकी अब एक अलग ि​िचान बनी अहधक लोकह्​्पय िोगा. हदक्ली मे् मै्ने िाया था हक स्सवटजरलै्ि से एक िहरवार कबड्​्ी देखने के हलए भारत आया था. इससे िता लगता िै हक यि खेल हकस कदर लोकह्​्पय िो चुका िै. अंतरराष्​्ीय कबड्​्ी मिासंघ के अध्यक्​् जन्ाणदन हसंि गिलोत भी मानते िै् हक लीग ने कबड्​्ी की लोकह्​्पयता बढाई िै. अब वे कबड्​्ी को ओलंहिक मे् जगि हदलाने की कोहशश मे् जुटे िै्. उन्िो्ने यकीन हदलाया हक वे इसमे्जर्र कामयाब िो्गे. गिलोत ने किा हक कबड्​्ी लगातार लोकह्​्पय िोती जा रिी िै और उनका लक्​्य इसे ओलंहिक तक ि​िुंचाना िै. हिलिाल दुहनया मे् 31 देश कबड्​्ी खेलते िै्. एहशया मे् 18 देश मिासंघ से जुडे िै्. एहशयाई महिला चै्हियनहशि मे् 12 टीमे् और हवश्​् महिला चै्हियनहशि मे् 14 टीमो् ने हिस्सा हलया था. इससे जाहिर िोता िै हक यि खेल मजबूती से अिनी जडे्जमा रिा िै. गिलोत ने किा हक िमारी कोहशश िै हक िम अंतरराष्​्ीय ओलंहिक सहमहत


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पर्ा​ावरण

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पूिा हसंि

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सूखे बुंदेलखंड से बढ़ा पलायन

हतिास की हकताबो्मे्जब िम िढ्ते हक अंगज ्े ो्ने बुदं ल े खंि क्त्े ्की िूरी आबादी को किी् और स्थानांतहरत करने की हसिाहरश की थी तो िमे् उनकी समझ िर रश्क िोता. एक बार बुंदेलखंि जाइये, आिको उनकी दूरदश्​्ी सोच से सचमुच ईष्या्ण िोगी. ि​िले से िी भीरर जलसंकट का हशकार बुंदेलखंि इलाका साल दर साल नयी त्​्ासहदयां झेल रिा िै. लगातार कम िोती बाहरश, प्​्ाकृहतक जल स्​्ोतो्का खात्मा और भूजल के हववेकिीन दोिन ने बुदं ल े खंि को िूरी तरि प्यासा कर हदया िै. िलायन के दृशय् यिां आम िै.् लंबे अरसे से यिां के गांवो् से िलायन का हसलहसला चल रिा िै. गव्​्ीले हकसान शिरो् मे् जाकर मजबूर मजदूर बन रिे िै्. बुंदेलखंि के झांसी हजले के बंगरा हवकास खंि के गांव हखसनी बुजुग्ण और हखसनी खुद्ण इस हवभीहरका के जीते-जागते उदािरर िै्. एक दूसरे से सटे इन गांवो् को एक िी गांव माना जाता िै. जनवरी के मिीने मे्िी िानी के दश्णन दुल्णभ िो चले िै्. िानी की कमी दूर करने के हलये सरकार ने यांह्तक तकनीक अिनायी और जगि-जगि िै्ि​िंि खुदवाकर अिने कत्णव्य की इहतश्​्ी कर ली. लेहकन यिां के कुएं और िैि ् िंि िूरी तरि सूख चुके िै्. गांव मे् िीने का िानी निी् िै. सूखे की सूचना ने सरकारी अमले की िलचल बढ्ा दी िै लेहकन शोध और िरंिराओ् से कट चुकी सरकार एक बार हिर विी गलती दोिराने जा रिी िै. यानी गांव के सूखे िै्ि​िंिो् मे् दोबारा बोहरंग करायी जा रिी िै. उनकी हविलता की स्सथहत मे्टै्कर की मदद से िानी की आिूह्तण सुहनह्​्ित की जा रिी िै. हकसान के हलये जिां कुओ्, तालाब और िै्ि​िंि मे्िानी सूख रिा िै, विी् सरकारी अमले की आंखो् के सूखते िानी ने उनकी मुस्शकल और बढ्ा दी

इलाहाबाि. भूहम सुधार अमल करने, सीहलंग सीमा कम करने और गरीब व भूहमिीन हकसानो् को िट्​्े देन,े नाहवको् को बालू का रवन्ना देने और शंकरगढ ित्थर मजदूरो्को खदान के िट्​्ेदेकर जीहवका का साधन उिलब्ध कराने के आह्नान के साथ कल देर रात एआईकेएमएस का बारा तिसील सम्मल े न कांटी गांव मे्सम्िन्न िुआ. कुल 27 गांव से122 प्ह्तहनहधयो् ने भाग हलया हजनमे् 19 महिलाएं थी. सम्मल े न मे् नदी मे् गैरकानूनी मशीनो् का प्य् ोग, घाट से सूखी बालू उठाए जाने के हवर्द,् जमुना से बारा ताि हबजलीघर के हलए िानी उठाए जान के हवर्द,् स्माट्णहसटी के हलए खेतो्व घरो्से हकसानो्को उजाडने के हवर्द,् तथा छतो्िर सौर ऊज्ाण िैनल लगाकर घरो् को मुफत् हबजली देन,े वृद्ा िेश ् न बढाने की मांग उठाने के साथ तिसील सहमहत का चयन हकया हजसके अध्यक्​्सुरश े हनराद िो्ग,े उिाध्यक्​् धनिहत, मिासहचव हवजय कुशवािा और

िै. सरकार लगातार सूखे के बावजूद िुराने िै्ि​िंि को गिरा करने जैसे हघसेहिटे उिाय अिना रिी िै. उसे इस समस्या की जड् तलाशनी चाहिये लेहकन वि टिहनयां काटछांट कर िी अिने कत्णव्य की इहतश्​्ी करना चािती िै. इन जुड्वा गांवो् की कुल आबादी 9,000 िै. यि समझना मुस्शकल िै हक हबना िानी के यिां जीवन कैसे चल रिा िै और आगे कैसे चलेगा? हखसनी बुजुग्णके 27 मे् से 25 िै्ि​िंि िूरी तरि सूख चुके िै्जबहक हखसनी खुद्ण के 50 मे् से 22 िै्ि​िंि हकसी तरि काम चला रिे िै्. हखसनी बुजुग्ण के हनवासी सुमेर हसंि बताते िै् हक इस वैश्यठाकुर बिुल गांव की सुध सरकार ने ि​िली बार 1977 मे् ली थी. िानी की समस्या को देखते िुए यिां िै्ि​िंि और कुओ् की व्यवस्था की गयी. िालांहक यि तरीका बिुत कारगर निी्िो सका क्यो्हक यि िूरा इलाका ि​िाड्ी िर स्सथत िै. बाद मे्लोगो्ने कुओ्मे् िंि लगाकर भी िानी हनकालने की कोहशश की लेहकन बिुत लंबे समय तक और अहधक सिलता निी्हमल सकी. एक अन्य स्थानीय रिवासी मउरानीिुर मे्जंगलात हवभाग के रे्जर देवे्द्हसंि किते

बच गया िै. लेहकन यिां के रिवाहसयो् की िानी की समस्या जस की तस िै. एक अन्य स्थानीय व्यस्कत भवानी ठाकुर बताते िै् हक सूखे की वजि से यिां की तकरीबन 40 िीसदी आबादी िलायन कर बुंदेलखंड के जुड्वा गांव चुकी िै. स्थानीय लोगो् ने अिने िशुओ् को सखसरी बुजुग्ाऔर सखसरी खुला छोड् हदया िै क्यो्हक उनके िास खुद खुद्ाइस बात का जीता-जागता िीने के हलए िानी िी निी्िै तो भला िशुओ् किां से हिलाये्गे. अगर िीने और अन्य उदाहरण है्सक ि्​्िाससरक को जर्री कामो् तक के हलए िानी निी् िै तो लािरवाही सकस तरह मौसम खेती हकसानी तो बिुत दूर की बात िो जाती की मार के असर को कई िै. गांव मे् 15-20 ट्​्ैक्टर िै् लेहकन हकसी गुरा बढ़्ा सकती है. के काम के निी्. खेती करने के हलए मूलभत चीज का अभाव िै, िानी नदारद िै. गांव मे् तकरीबन 30 - 35 लोग नरेगा योजना के उनमे्जरा भी िानी िो. लेहकन िेढ्दशक से तित रोजगारशु दा िै्. गांव की हवभीहरका की ज्यादा समय से बनी अवर्ाण की स्सथहत ने िानी के हकसी भी प्​्ाकृहतक स्​्ोत मे्जरा सा खबर जब अहधशासी अहभयंता जल संस्थान भी िानी शेर निी्रिने हदया िै. ऐसे मे्उनके आर एस यादव के नेततृ व् मे्एक टीम जमीनी जीर्​्ोद्​्ार या नये कुए,ं तालाब खोदने से कुछ िालात का जायजा लेने ि​िुंची. उन्िो्ने मदद हमल िायेगी या निी्इसमे्वि संदेि िी स्थानीय ग्​्ामीरो् से बातचीत की और कई ्े जताते िै्. आसिास के जंगलो् मे् रिने वाले बोहरंग को और अहधक गिरा करने का हनद्श जंगली जानवर अिना काम घने जंगलो् मे् जारी कर हदया गया. स्थानीय जनिद िंचायत के सदस्य बने एक तालाब से चला लेते िै्जो िहरयाली तथा तमाम अन्य वजिो्के चलते सूखने से प्​्ीतम हसंि किते िै् हक िानी की कमी की िै् हक सरकार का िूरा ध्यान िै्ि​िंि िर िी के्ह्दत िै. िुराने कुओ् और बावह्डयो् के जीर्​्ोद्​्ार की बात तो तब िैदा िोती िै जब

मजदूरों को दें खदान का पटं​ंा

सहचव राजेश कोल िो्ग.े सम्मल े न का उद्घाटन राज्य अध्यक्​् धरमिाल हसंि ने हकया और उन्िो्ने राष्​्ीय आह्नान मे् उठाई गई मांगो्, मंिगाई कम करने, अप्त्य् क्​्कर समाप्त करने, खेती व मनरेगा की मजदूरी बढाने, महिलाओ् को बराबर मजदूरी देन,े मनरेगा व अन्य सरकारी

योजनाओ्मे्भ्ष ् ्ाचार समाप्त करने, खेती की लागत, िीजल, बीज, खाद आहद के दाम घटाने, हवदेशी कम्िहनयो् के टह्मनण टे र व जीएम बीज िर रोक लगाने, िसल के लाभकारी मूकय् देन,े हसंचाई व्यवस्सथत व हनयहमत करने और गरीब हकसानो्व खेहतिर मजदूरो् के सभी कज्ण अदा करने व माि

करने, की बात समझाते िुए किा हक इसी से देश की अथ्वण य् वस्था सुधरेगी. सभा की हरिोट्ण प्स ् त्ु करते िुए राजकुमार ने बालू मशीनो्व माहिया के हवर्द् और कांटी व गढैया मे् जबरन हवस्थािन के हवर्द्लडे गए संघर्​्ो्के अनुभव से प्र्े रा लेने की अिील की. प्ह्तहनहधयो्ने स्टोन क्श ् र मशीने्रोकने,

समस्या आज से निी् िै. बुंदेलखंि का िूरा इलाका अब इस समस्या के िल िोने को लेकर िूरी तरि नाउम्मीद िो चला िै. इस क्​्ेत्मे्कई हकसानो्ने सूखे के कारर िसल खराब िोने तथा कज्णमे्िूबे िोने के कारर आत्मित्या तक कर कर ली िै. झांसी के हनकट िी मेढकी गांव के एक हकसान ने तो कुंए का िानी सूख जाने के बाद अिनी जान दे दी. िानी की कमी का कोई इलाज निी्िै. या तो िानी उिलब्ध कराया जाये या हिर लोग यिां से किी् और चले जाये्. लोगो् ने िानी की कमी के चलते निाना-धोना तक बंद कर हदया िै क्यो्हक बचे िुए िानी को वे खानेिीने जैसे जर्री कामो् मे् इस्​्ेमाल करते िै्. िानी लाने के हलए लोगो्को मीलो् लंबा सिर तय करना िड्ता िै. प्​्ीतम हसंि किते िै् हक सरकार हजतने प्​्यास यिां िानी उिलब्ध कराने को लेकर कर रिी िै उससे कई गुना अहधक उिाय उसे यि शोध करने मे्करना चाहिये हक आहखर बुंदेलखंि ऐहतिाहसक तौर िर इस गिन जल संकट से क्यो् गुजर रिा िै. हवज्​्ान और तकनीक के इस युग मे् इस समस्या का हनदान हनकालना असंभव निी्िै. ( इंहिया वाटर िोट्णल )

शंकरगढ मे्ित्थर खनन काम चालू करने, आहदवाहसयो्को जनजातीय दज्ाण देने की मांग उठाई और किा हक गी्ज मे्िुई मौते्हदखाती िै हक सरकारी राशन व मनरेगा दोनो योजनाएं िूरी तरि हविल िै सम्मल े न मे् कचरी के हकसानो्, कांटी के हकसानो्, बालू मजदरो्व अन्य हकसान आन्दोलनो् िर दज्ण िज्​्ी मुकदमे हबना शत्णवािस लेने की मांग उठाई. वक्ताओ्ने स्माट्णहसटी, िवाई अड्​्ा, शाहिंग मॉल, रीवर वाटर फंट् मनोरंजन िाक्फआहद के हनम्ार ण िेतु घाटो् को िक्​्ा करने तथा खेती की जमीन मे्ताि हबजलीघर लगाने का हवरोध हकया और किा हक इससे िय्ावण रर, रोजगार, िाहरस्सथहतकी, खेती, मत्सय् व िशु जीवन प्भ् ाहवत िोगा तथा ऊिर के गांव बरसात मे् िूबगे् .े सम्मल े न की अध्यक्त् ा रामकैलाश, सुरश े , श्​्ीचन्द, हतलकधारी यादव और सिदेई ने की. भैयालाल िटेल के नेततृ व् मे्िहरवत्नण सांसक ् हृ तक मंच के साहथयो् ने क्​्ाहं तकारी गीत गाए.


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भा

रतीय जनता िाट्​्ी और उसकी सरकार दोनो् िर रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी भारी िडेगी. िाट्​्ी के नेता िो् या सरकार के नासमझ मंत्ी वे यि निी्समझ िा रिे िै्हक इस देश मे् सभी वग्​्ो् और सभी जाहतयो् को साथ हलये हबना राष्​्ीय राजनीहत मे् आि ज्यादा दूरी तक निी् चल सकते. हबिार चुनाव से ि​िले संघ प्म् ख ु मोिन भागवत ने आरक्र ् की समीक्​्ा का जो मुद्ा उठाया था उसकी कीमत हबिार ने वसूल ली िै.अब िैदराबाद मे् जो िुआ उसकी भरिायी िाट्​्ी और सरकार के हलये बिुत आसान निी्िै. लखनऊ मे् हजस तरि प्ध ् ानमंत्ी नरेद् ् मोदी के हखलाि दहलत छात्​्ो्ने वािस जाओ के नारे लगाये वि तो दहलतो्की नाराजगी की एक बानगी भर िै. देश और समाज मे्भाजिा की यि छहव बनती जा रिी िै हक यि हिंदू समाज की सवर्णजाहतयो्के हित का ज्यादा ध्यान रखती िै और मौका िडने िर दहलत हिछडो्के हखलाि अगडो्को गोलबंद करती

हिरदौस ख़ान

रा

29 जनवरी - 04 फरवरी 2016

रोहित की ख़ुदकुशी

िै. यि बात अलग िै हक हिछले लोकसभा चुनाव मे्दहलत और हिछडी जाहतयो्ने नरेद् ् मोदी का जमकर समथ्णन हकया था क्यो्हक उन्िे्बदलाव की बडी उम्मीद थी. यिी वजि िै हक उत्​्र प्​्देश मे् मायावती ि​िली बार शून्य िर हसमट गयी् तो मुलायम हसि्फ िहरवार बचा िाये िाट्​्ी िार गयी. हबिार मे्भी सोशल इंजीहनयहरंग के मिारथी माने जाने वाले लालू नीतीश िाहशये िर चले गये थे. इसके बावजूद संघ ने अिनी प्​्ाथहमकता िर हिंदू समाज के अगडो् को रखा और उसके संगठनो्ने इसी एजंिे िर काम हकया. जो िैदराबाद मे्िुआ वि उत्र् भारत मे् भी कभी भी घट सकता िै. इलािाबाद हवश्​्हवद्​्ालय छात्​् संघ की अध्यक्​् ऋ चा हसंि आये हदन इन कट्र् िंथी ताकतो्से जूझ रिी िै् तो बीएचयू मे् आईआईटी से हनकले संदीि िांिये को िटाया जा चुका िै. लखनऊ मे्भाकिा माले के छात्​्संगठन से जुडे छात्​् छात्​्ाओ् िर िमला िो चुका िै. इस सारे

मामले मे् हवश्​्हवद्​्ालय प्​्शासन अप्​्त्यक्​् र्ि से कट्र् िंथी ताकतो्का साथ दे चुका िै. उत्र् प्द् श े के राज्यिाल राम नाईक वैसे भी िाट्​्ी एजंिा को लेकर गंभीर रिते िै्इसहलये उनके अधीन आने वाले ये हवश्​्हवद्​्ालय कैसे अलग हदशा मे्जा सकते िै.् दुभा्गण य् की बात यि िै इन कट्र् िंथी ताकतो् के समाज हवरोधी एजंिे से मुकाबला करने की जो उम्मीद धम्णहनरिेक् दलो् से िो सकती िै वे छात्-् युवा राजनीहत से िी बािर नजर नजर आ रिे िै.् वाम दल िो्या समाजवादी धारा के राजनैहतक दल, हकसी की भी छात्​्शाखा सकारात्मक सामाहजक राजनैहतक मुद्ो् िर कोई गहतहवहध करती नजर निी्आती. कांगस ्े के छात्​् संगठन तो शुर् से िी अगंभीर और अराजनैहतक रिे िै्. यि उदािरर भले िी उत्र् प्द् श े का था िर समूचे देश मे्कमोबेश ऐसे िी िालात िै्. ऐसे मे् दह्​्कर भारत के िैदराबाद हवश्​्हवद्​्ालय के दहलत छात्​्, िहरसर मे् अगडी जाहतयो् के जोर जुक्म के

हखलाि अगर अंबिे कर के नाम िर बने छात्​् संगठन के मंच िर सह्​्कय िो् तो यि स्वभाहवक िी िै. यिी्से उनका टकराव संघ की छात्​्शाखा हवद्​्ाथ्​्ी िहररद से शुर्िुआ. केद् ्सरकार के दो मंह्तयो्ने इसमे्दखल देकर ऐसे िालात िैदा कर हदये हजससे एक छात्​् को ख़ुदकुशी करने िर मजबूर िोना िडा. इसमे् हवश्​्हवद्​्ालय प्​्शासन की भूहमका आिराहधक थी. ध्यान रिे यि अिराध ज्यादातर हवश्​्हवद्​्ालयो् और कालेजो् मे् िो रिा िै. इनमे् आईआईटी से लेकर हनजी क्े्त् के हवश्​्हवद्​्ालय तक शाहमल िै.् इन संसथ ् ानो् मे् बडी जाहतयो् के हशक्​्क, जातीय आधार िर छात्​्ो् का उत्िीिन करते िै्. िर वर्ण इसके बिुत से उदािरर सामने आ रिे िै् दहलत अक्िसंख्यक और हिछडे छात्​् बिुत मुस्शकल से उि्​् हशक्​्ा के इन संस्थानो् मे् ि​िुंचते िै् और हिर विां के िालात से िार जाते िै.्

रौशनी न देख पाने का ददंट

त मे् कुछ देर के हलए हबजली चले जाये, तो लोग बेिाल िो जाते िै.् रौशनी के हलए वे क्या कुछ निी् करते. रौशनी के हबना हजंदगी का तसव्वुर भी निी् हकया जा सकता िै. लेहकन इस दुहनया मे्करोडो्लोग ऐसे भी िै्, हजन्िो्ने कभी रौशनी निी् देखी, वे निी् जानते हक रौशनी िोती कैसी िै या रौशनी हकस चीज को किते िै्. मिाराष्​् के वध्ाण शिर के रिने वाले सुरेश मूलचंद चौधरी ने कभी उजाला निी् देखा. वि जन्मजात नेत्िीन िै्. क्रीब 56 साल के सुरेश संगीत हशक्​्क िै्. उनके माता-हिता की आंखे् हबक्कुल सिी थी्. उनकी दो बिने् और चार भाई भी ठीक िै्. वि बताते िै्हक नेत्िीनता की वजि से उन्िे् बिुत िी िरेशाहनयो्का सामना करना िडा. िालांहक उनके माता-हिता और भाई-बिनो् ने उनका बिुत साथ हदया, लेहकन इसके बावजूद वि अक्सर ख़ुद को अलग-थलग मिसूस करते थे. उन्िो्ने संगीत को अिनी हजंदगी बना हलया और हिर इसी मे् खो गये. उन्िो्ने संगीत मे् हवशारद की उिाहध िाहसल की. उनका हववाि िुआ. उनकी ित्नी ने उन्िे् हजन्दगी की िर ख़ुशी देने की कोहशश की. एक तरि से विी उनकी आंखे्बन गयी्और वि अिनी ित्नी की आंखो् से िी दुहनया देखने लगे. साल 1997 मे्उनकी ित्नी का हनधन िो गया और एक बार हिर से वि अकेले िो गये. वि घर मे् िी एक संगीत हवद्​्ालय चला रिे िै्. वि बताते िै् हक वि अिनी िोती और अिने हवद्​्ाह्थणयो् के साथ बिुत ख़ुश रिते िै.् उन्िो्ने संगीत का जो ज्​्ान िाया िै, उसे आने वाली िीहढयो्तक ि​िुच ं ाने के काम मे्लगे िुए िै्. इससे उन्िे्जिां कुछ आमदनी िो जाती िै, विी् हदली सुकून भी िाहसल िोता िै. वि बताते िै् हक उन्िे् आंखे् हमल रिी थी्, लेहकन हचहकत्सको् ने किा हक वि

जन्मजात नेत्िीन िै्. इसहलए उन्िे् हकसी और की आंखे् निी् लगायी जा सकती्. वि ईश्​्र का शुक् अदा करते िुए किते िै् हक उनके बि्​्ेनेत्िीन निी्िै्. नेत्िीन लोगो्से वि यिी किना चािते िै्हक वे अिने मन की आंखो्से दुहनया को देखे्. दुहनयाभर मे्तकरीबन िांच करोड लोग नेत्िीन िै्. भारत मे्नेत्िीनो्की तादाद सवा करोड के आसिास िै, जबहक 80 लाख लोग ऐसे िै्, हजनकी एक आंख ठीक िै और दूसरी आंख से वि निी्देख िाते. कई करोड लोग नेत्संबंधी बीमाहरयो्से िीहडत िै्. देश मे् करीब 60 फ़ीसद मामलो् मे् मोहतयाहबंद इसके हलए हजम्मेदार िै्, 20 फ़ीसद मामलो् मे् हबम्ब मे् कमी और 6 फ़ीसद मामलो् मे् कालामोहतया नेत्िीनता की अिम वजि िै. हवश्​् स्वास्थ्य संगठन ने अिनी ‘हवजन 2020 ि​िल’ मे्मोहतया और बाल नेत्रोग को नेत्िीनता का प्​्मुख कारर माना िै. काहबले-ग़ौर िै हक दान मे् हमली 30 फ़ीसद आंखो्की नेत्िीनो्को लगायी जाती िै्, जबहक बाकी 70 फ़ीसद आंखे् बेकार चली जाती िै्. इसकी वजि यि िै हक गंभीर बीमाहरयो् के हशकार लोगो् की आंखे् हकसी दूसरे नेत्िीन व्यस्कत को निी् लगायी जा सकती्. राष्​्ीय अंधता हनयंत्र काय्णक्म (एनिीसीबी) की 2012-13 की हरिोट्ण के मुताहबक साल 2012-13 मे्केवल 4,417 काह्नणया उिलब्ध थे. जबहक िर साल तकरीबन 80 िजार से एक लाख के बीच लोगो्को इनकी जर्रत िोती िै. हचहकत्सको् का किना िै हक आज के दौर मे्एक व्यस्कत की दो आंखो् से 6 लोगो् की आंखो् की रौशनी लौटायी जा सकती िै. एक आंख के अलग-अलग हिस्सो् को तीन लोगो् की आंखो् मे् इस्​्ेमाल कर सकते िै्. कॉह्नणया आंख की िुतली के ऊिर शीशे की तरि की एक िरत िोती िै. कॉह्नयण ा आंख मे्संकम् र, चोट लगने और बचिन मे् िोरर की कमी की वजि से क्​्हतग्​्स्िो सकती िै. कॉह्नणया के क्​्हतग्​्स् िोने से हजसकी आंखो् की

रौशनी चली जाती िै, उसे कॉह्नणया प्त्य् ारोिर के बाद रौशनी लौटायी जा सकती िै. देश मे् नेत्दान को प्​्ोत्साहित करने के हलए मुहिम चलायी जा रिी िै, ताहक मृतको् की आंखे्उन लोगो्को लगायी जा सके्, जो हकसी भी वजि से अिनी आंखो् की रौशनी खो चुके िै्. िालांहक मुहिम कुछ िद तक कामयाब भी िो रिी िै और लोग अिनी आंखे् दान भी कर रिे िै्. लेहकन इस मुहिम को उतनी कामयाबी निी्हमल िा रिी िै, हजतनी हमलनी चाहिए. इसकी सबसे बडी वजि र्हढवाहदता और अंधहवश्​्ास िै. कुछ लोगो् का मानना िै हक आंखे्दान करना गुनाि िै. जब वे अिनी कि्​्ो् से उठाये जाये्गे, तो वे अंधे उठे्गे. इसहलए वे आंखे् या अन्य अंग दान करने के हख़लाफ़ िै्. भावनात्मक काररो्से भी लोग आंखे्दान निी्करते. वे निी् चािते हक उनके िहरजन की आंखे् हनकाली जाये्. ऐसे मामले भी सामने आते िै्, हजनमे् अमुक व्यस्कत ने तो अिनी आंखे्दान कर दी थी्, लेहकन मररोिरांत उसके िहरजन नेत्दान के हलए तैयार निी्िोते. कई मामलो् मे्िहरवार वाले अंगदान के्द्ो्को इस बारे मे् कोई जानकारी मुिैया निी् कराते. अंग दान के मामले मे्सबसे ि​िला काम िोनर काि्ण िर िस्​्ाक्र् करना िै. इस काि्णमे्दान कत्ाण का नाम और िता हलखा िोता िै. यि काि्ण इस बात का गवाि िै हक व्यस्कत अिना अंग दान करना चािता िै. यि भी जर्री िै हक अंगदान की इच्छा के बारे मे् व्यस्कत अिने िहरवार के लोगो्और अिने हमत्​्ो्को इसकी जानकारी दे, वरना उसकी मौत के बाद उसकी अंगदान की इच्छा िूरी निी्िो िायेगी. ऐसा करना इसहलए भी जर्री िो जाता िै, ताहक व्यस्कत की मौत के बाद िहरवार के सदस्य अंगदान के्द्को सूचना दे सके्और अंगदान की सिमहत भी दे सके्. दरअसल, िहरवार की मंजरू ी हमलने के बाद िी अंग दान के फ़ैसले को आहख़री माना जाता िै.

ग़ौरतलब िै हक के्द् सरकार ने साल 1976 मे् नेत्िीनता को हनयंह्तत करने के हलए राष्ट्​्ीय काय्क ण म् शुर्हकया था. इसका मकसद कुल आबादी की 0.3 फ़ीसद की व्यािकता दर िाहसल करना था. नेत्िीनता को हनयंह्तत करने के हलए, देश भर मे्हजला स्तर िर अंधता हनयंत्र संस्थाओ् को भी स्थाहित हकया गया और कई ग़ैर सरकारी संगठन भी भारत मे्अंधता हनयंत्र के हलए अिम हकरदार हनभा रिे िै.् इससे मोहतयाहबंद का ऑिरेशन करने, स्कूली बि्​्ो्की आंखो् का िरीक्​्र करने और दान मे्दी गयी आंखो् को इकट्​्ा करने के मामले मे्कामयाबी हमली िै. हचहकत्सको् के मुताहबक आंखो् को दुष्प्​्भाहवत करने वाले कई प्​्मुख रोग िै्, जैसे मोहतयाहबंद, ग्लूकोमा, आयु संबंहधत मैक्यूलर ह्​्ास, भे्गािन, अलग िो गया रेहटना, हनकट दृह्ष और दीघ्ण दृह्ष. चूंहक आंखे्िमारे शरीर का सबसे मित्विूर्ण अंग िै्, इसहलए यि बेिद जर्री िै हक इन्िे् स्वस्थ और रोग मुक्त रखने के हलए सावधाहनयां बरती जाये.् मसलन, अगर आि कोई ध्यान लगाने वाला ह्​्कयाकलाि कर रिे िो्यथा िढ्ाई, हसलाई या कंप्यूटर िर काम, तो आधे घंटे के अंतरालो् िर अिनी आंखो् को कुछ देर के हलए आराम दे्. अिनी आंखे् बंद करने, अिने काम से िट कर देखने या आकाश मे् टकटकी लगाने से आंखो् का तनाव कम हकया जा सकता िै. आंखो् को िथेहलयो् से ढक लेने से भी थकी िुई आंखो्को आराम हमलता िै. िढ्ते वक्त या कंपयू् टर की स्क्​्ीन िर देखते वक्त बार-बार आंखे् हमचकाने से भी आंखो् िर ज्यादा जोर निी् िडता. सूरज की तेज रौशनी, धुएं, धूल और आंखो् को नुकसान ि​िुंचाने वाली अन्य चीजो् से दूर रिकर भी आंखो् को सिी रखा जा सकता िै. देशभर मे् समय-समय िर आंखो् की जांच और आंखो् के आिरेशन के हलए हशहवर लगाये जाते िै्.

कवचार ऐसे िी िालात मे् रोहित वेमुला ने ख़ुदकुशी की. िर रोहित के समथ्नण मे्हजस तरि स्वतः स्ितू ण्आंदोलन खडा िुआ िै वि के्द् की भाजिा गठबंधन सरकार के हलये शुभ संकेत निी् िै. हबना दहलत हिछडो् के समथ्नण के यि िाट्​्ी हिर विी्न ि​िुच ं जाये जिां आज कांग्ेस ि​िुंच गयी िै. बंगाल, िंजाब और हिर उत्​्र प्​्देश मे् चुनाव िोने वाले िै.् यिां के दहलत समाज ने वि िोटो भी देखी हजसमे मोदी के हखलाि नारे लगाने वाले छात्​्का मुिं दबोच कर बािर हकया गया था. कोई समाज इन बातो् को जक्दी भूलता निी्िै. यि ध्यान रखना चाहिये. संघ ने अगर अिनी अगडा राजनीहत की ररनीहत निी् बदली तो मोदी के हलये आगे का रास्​्ा बिुत आसान निी्िोगा. और वे राजनैहतक दल जो इस समाज के मुद्ेिर खामोश िै्उनके हलये भी इनका समथ्णन हमलना आसान निी् िै. हिलिाल रोहित वेमल ु ा ने राजनीहत का िौरी एजंिा तो बदल िी हदया िै.

दलित के प्ल् त र्के लिंसा

जातीय हिंसा िमारे देश की सबसे बडी समस्याओ् मे् आती िै. आज भी जब िम स्माट्ि ण ोन के युग मे्जी रिे िै.् तब भी ऐसी घटनाओ्का िोना ये हदखाता िै हक िम किी् न किी् अभी भी अिनी िुरानी नीहतयो् और मान्यताओ्के आगे घुटने टेके िुए िै.् आज भी लोग जातीय भेदभाव और छुआछूत के मनोरोग से िीहडत िै.् रोहित वेमल ु ा जैसे शोध करने वाले छात्​् को आत्मित्या करने को मजबूर िै.् िमारा समाज आज भी दहलतो्के उत्थान को गले से निी्उतार िाता िै. ये हकसी एक दहलत या व्यस्कत हवशेर का मसला निी् िै. ये िूरे देश के दहलत लोगो्के अस्समता से जुडा मामला िै. रंजीत भारती, देहरादून (उतंरं ाखंड)

सिवाग की खरी-खरी

बीते अंक मे्सिवाग की सािगोई शीर्क ण वाले लेख मे्इस िूवण्हवस्िोटक बक्लबे ाज के बारे मे्िढकर ह्​्ककेट िर उनकी बेबाक राय जानने को हमली. उनके मुिं से ह्​्ककेट िर उनकी बाते्बिुत िद सिी िै.् क्यो्हक ह्​्ककेट मे् भ्ष ् ्ाचार और हखलाहडयो् के चयन मे् भेदभाव िर उन्िो्ने अिनी तीखी बात रखी. उन्िो्ने साफ़ किा हक इस िर रोक लगनी चाहिए. उन्िो्ने हसि्फहदक्ली िी निी्देश के ह्​्ककेट एसोहसएशन िर सवाल दागे हजसमे् चयन मे्भारी भेदभाव िोने की बात भी किी.

बेसिारा बुदं िे खंड

सि​िेक ससंह, सदलंली

सूखा और अकाल का नाम आते िी िमारे हदमाग मे् उत्र् प्द् श े का हजला बुदं ल े खंि तुरतं आता िै. बीते कुछ सालो्से ये क्त्े ् सूखा प्भ् ाहवत क्त् ्ो् मे् आता रिा िै. लेहकन हकसी भी सरकार ने इससे हनजात और छुटकारा िाने के हलए कोई ठोस कदम निी् उठाया िै. हजस तरि से सरकारे्हकसानो्की जमीनो् को िडिने के हलए तेजी हदखाती आयी िै.् उस तरि हकसी भी सरकार को ये निी्सूझ रिा िै हक वि कैसे इस क्त्े ्को सूखा और अकाल से बचाये.् सोमनाथ िमंा,ट सोनभदं​ं (उतंरं पंदं शे )


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राजकाज

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29 जनवरी - 04 फरवरी 2016 टकराव सवराित का

िपनों की दुसनया में मोदी

मु

कौ

फ्ती मोिम्मद सईद के हनधन के बाद उनकी बेटी और मुख्यमंत्ी िद की उम्मीदवार मिबूबा मुफ्ती ने शोक अवहध िूरी िो जाने के बाद अिने छोटे भाई तस्सादुक िुसैन मुफ्ती का िाट्​्ीजनो् से िहरचय करवाया. यि अिने आि मे् बिुत अिम घटना थी और ज्यादातर िीिीिी नेताओ् ने मुफ्ती के बेटे को देखा तक निी् था. अब मिबूबा चािती िै्हक वि राजनीहत मे्उसकी मदद करे्.

न किता िै हक प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी अिने सिनो् की दुहनया मे् जीते िै्. िाल िी मे् उन्िो्ने अिनी सरकार के कामकाज की समीक्​्ा के हलए सहचवो् की बैठक बुलायी. इसमे् उन्िो्ने दो टूक शब्दो् मे् किा हक उन्िे् िता िै हक उनकी सरकार की ि​िले जैसी लोकह्​्पयता निी् रिी िै. अभी तो साढ्े तीन साल बाकी िै्. इसहलए उन्िे् इस ओर ध्यान देना चाहिए. उनका किना था हक सहचव सरकार की छहव सुधारने का काम करे् और वे राजनीहतक प्​्बंधन िर ध्यान दे्गे. एक सहचव का किना था हक प्​्धानमंत्ी को िूरा हवश्​्ास िै हक हजस तरि से उन्िो्ने गुजरात मे्सिलतािूव्णक सरकार चलायी, वैसा िी के्द्मे्भी िोगा.

अमर सिंह के गं​ंह

हरष्​् कां ग्े सी ने ता और िाट्​्ी प्​्व क्ता आनं द शम्ाण हजस तरि से प्​्ेस को ि्​्ीि करने के हलए बे ि द उत्साहित रिते िै्. उसे तमाम िाट्​्ी ने ता खु श निी् िै्. उनका मानना िै हक इससे अक्स र िजीित िी िोती िै . नवीनतम मामला ने ताजी सु भार चं द् बोस से जु ड्े 100 िाइले् साव्णज हनक करने का िै . इधर सरकार ने िाइले् जारी की निी् हक 15 हमनट बाद िी आनं द शम्ाण ने ित्​्कारो् को बु ला हलया. उन्िो्ने सोशल मीहिया मे् वायरल िु ई , उस हचट्​्ी िर सरकार को हनशाना बनाया हजसमे् कहथत तौर िर यि जवािर लाल ने ि र् ने ह्​्ि टे न के तत्कालीन प्​्धानमं त्ी क्लीमे्ट इटली

भा

जिा इस बार राम की जगि सीता के नाम को भुनाना चािती िै. िाट्​्ी को हवश्​्ास िै हक भले िी सुि्मण्यम स्वामी सरीखे नेता राम मंहदर हनम्ाणर के मुद्े को गरमाने की िूरी कोहशश करे्. िर अगले साल उत्​्र प्​्देश मे्िोने जा रिे हवधानसभा चुनाव मे् भी उसका ज्यादा लाभ हमलता नजर निी् आ रिा िै. इसहलए अब उसके खोजी नेता प्​्भात झा ने सीता के जन्मस्थान सीतामढी मे् भी सीता जन्मस्थान मंहदर बनाये जाने की मुहिम शुर् कर दी िै. उन्िो्ने कुछ अन्य िाट्​्ी नेताओ् के साथ हमलकर इसके हलए िस्​्ाक्​्र अहभयान शुर् कर हदये िै्. हकवदंती यि िै हक सीता

जनकिुर मे् िैदा िुई थी. जो हक तब भारत का हिस्सा निी् िुआ करता था. यि स्थान सीतामढ्ी के िास िी बताया जाता िै. विां हवशाल मंहदर बनाने की प्​्ह्कया शुर् िो गयी िै. जिां तक िाट्​्ी उिाध्यक्​्प्​्भात झा का सवाल िै, वे भी िैदा तो हबिार मे् िुए थे. उन्िो्ने मुंबई मे् िढ्ाई की और मध्यप्​्देश के भाजिा के अध्यक्​् बने. अब हदक्ली की राजनीहत कर रिे िै्. वैसे हबिार ऐसे मामलो् मे् भाजिा के हलए शुभ साहबत निी्िुआ िै. लाल कृष्र आिवारी का रथ इसी राज्य मे् लालू यादव ने रोका था और बीते साल िाट्​्ी की विां करारी िार का सामना करना िड्ा.

राहुल की ताजपोशी कब !

रा

शमंा​ा के उतंिाह िे परेशान

अब राम नहीं िीता को भुनायेंगे

को हलखा था. इसमे् ने ताजी को ह्​्ि हटश सरकार का यु द् अिराधी बताते िु ए किा गया था हक उनको अिने यिां शरर दे क र र्स ने धोखा हकया िै . हबना इस बात की िु ह्ष हकये सरकार के जारी दस्​्ावे जो् मे् यि हचट्​्ी भी शाहमल िै या निी् उन्िो्ने सरकार िर िज्​्ीवाड्ा कर ने ि र् को बदनाम करने का आरोि मढ् िाला. बाद मे् िता चला हक इसे तो सरकार ने जारी हकया िी निी् था. उनके इस कदम से मीहिया िरकत मे् आ गया और बड्ी मु स्शकल से िाट्​्ी ने इसे दबाया. प्​्व क्ताओ् की हशकायत िै हक यि ि​िला मौका निी् िै जब हक आनं द शम्ाण ने िाट्​्ी की िजीित करवायी िो.

मर हसंि िाल मे् मुख्यमंत्ी अहखलेश यादव से हमले तो हिर चच्ाण तेज िुई राज्य सभा को लेकर.अमर हसंि सबको साध चुके िै िर आजम और राम गोिाल यादव से छतीस का आंकडा बरकरार िै्. हशविाल से लेकर अहखलेश से मधुर संबंध बने िुए िै. नेताजी भी घर वािसी चािते िै. िर जानकारो्के मुताहबक अभी ग्​्ि अभी ठीक निी्िै.

िुल गांधी भले िी कांग्ेस का अध्यक्​् िद न संभालने जा रिे िो िर िाट्​्ी मे् व्यािक स्​्र िर िेरबदल की तैयारी शुर् िो गयी िै. सोहनया गांधी चािती िै् हक वे अध्यक्​् बने ताहक देश का मीहिया उन्िे् गंभीरता से लेना शुर्करे. वे नरे्द् मोदी के मुकाबले मे् हवकक्ि के र्ि मे् देखे जाये् उनकी हचंता यि िै हक इस समय मीहिया का सारा ध्यान नीतीश और केजरीवाल िर िी के्ह्दत िै. उनकी सलाि िै हक इस साल िोने वाले िांच राज्यो्के हवधानसभा चुनावो् की िरवाि न करते िुए उन्िे्यि िद संभाल लेना चाहिए. विी्रािुल गांधी हबना यि िद संभाले िाट्​्ी मे् िेरबदल करना चािते िै्. अगर उनके करीहबयो् िर हवश्​्ास हकया जाये तो मौजूदा 10 की जगि 12 मिासहचव हनयुक्त करना चािते िै्. सीिी जोशी, बीके िहरप्​्साद और गुर्दास कामथ को छोड्कर बाकी सब को बदल हदये जाने

की संभावना िै. मुकुल वासहनक की जगि िूव्ण आइएएस अिसर के राजू को नये दहलत चेिरे के र्ि मे्सामने लाये जाने की चच्ाण जोरो्िर िै.

अजं​ंान-धिं-म करंणा-गरीबी ऐसे ही हैं जैसे चोली-दािन! शंभनू ाथ शुकल ़

भा

रत सोका गोक्​्ाई का एक काय्क ण म् लोदी रोि स्सथत हचन्मय हमशन मे्था. इस संगठन के दो काय्क ण त्ाण श्​्ी वीके कालड्ा और श्​्ी खरे मेरे हमत्​्िै.् वे अक्सर मेरे आवास िर आकर चाँट करते िै्और बुदघ् की प्ह्तमा के समक्​्ध्यान भी. इस काय्क ण म् मे्उन्िो्ने मुझे भी न्योता. ि​िले सोचा हक गाड्ी ले जाऊँ िर कल रात यूिी गेट से वसुधं रा तक के रास्​्े मे् हजस तरि का जाम लगा िुआ था उसे अखबार मे्िढ्कर िोश उड्गए और मैने तय हकया हक मै्मेट्ो से चला जाऊँ और लौटने मे् वैशाली मेट्ो स्टश े न से चार हकमी िैदल चलकर घर आ जाऊँ. क्यो्हक जाते समय िमारे आटो वाले ड्​्ाइवर हवनोद हसंि ने बताया था हक कल इतना जाम था हक वैशाली मेट्ो से वसुधं रा तक आने मे्िूरे दो घंटे लग गये थे. यूं भी हदक्ली मे्कार ले जाने मे्एक हसरदद्णिाह्कगि् की िै. आि ठीक तरि से िाक्फ कर गये और िता लगा कोई धनकुबरे आिकी

गाड्ी के िीछे अिनी गाड्ी यूं लगा गया हक अब जब तक वि निी्हनकल जाये आि गाड्ी हनकाल निी्सकते इसहलए भी िैदल, मेट्ो व बस सेवा ज्यादा मुिीद प्त् ीत िोती िै. वैशाली मेट्ो मे् आमतौर िर सीट हमल िी जाती िै बशत्​्ेहक वहरष्​्नागहरक वाली सीट िर कोई युवती या युवा छात्​्ा अिने िहत या प्म्े ी समेत निी्बैठी िो. आमतौर िर आजकल मेट्ो की इन सीटो्िर युवहतयां कब्जा कर लेती िै्और अिने िुरर् साहथयो्को भी हबठा लेती िै हिर वे दोनो् बेशम्​्ी के साथ बैठे रिते िै.् इसके अलावा एक प्​्ारी और िै् जो इन सीटो् िर काहबज रिते िै्वे िै्अधेड्िुरर् जो देखने मे् तो ठीकठाक और चालीस के ऊिर दीखते िै् तथा वे आम स्सथहतयो्मे्अिनी उम्​्िैत् ीस िी बताते िै्लेहकन मेट्ो मे्सीहनयर हसहटजन्स के हलए आरह्​्कत सीट िर बैठने के हलये वे अिने साठ साला िोने का सट्​्ीहिकेट अिने माथे िर हलखा लेते िै.् खैर मुझे सीट हमल गई और आि्य् ज ण् नक र्ि से मंिी िाउस मे् चेज ् करने के बाद बदरिुर जाने वाली मेट्ो मे्भी सीट हमल गई. अब मुझे उतरना था खान माक्ट्े िर जो एनाउंसमेट् िो रिा था वि सुनाई निी् िड् रिा था और जो हिहजटल मूकवारी स्क्ीन िर उभर रिी थी वि एक

स्टश े न िीछे की सूचना देती थी. उसने खान माक्ट्े को केद् ्ीय सहचवालय बताया और नेिर्स्टहे ियम को खान माक्ट्े . जाहिर िै मै् बजाय खान माक्ट्े उतरने के नेिर्स्टहे ियम उतरा. अब हचन्मय हमशन की लोकेशन के बारे मे् कन्फय् ज ू न िो गया. चूहं क हचन्मय हमशन जाने का मेरा ि​िला िी चांस था इसहलए मैने सोचा हक हचन्मय हमशन विी्िोगा जिां एक आंध्ाइट मंहदर िै, साई् मंहदर िै और जिां रामायर केद् ्िै यानी हक भीष्म हितामि माग्.ण सो मैने ि​िले तो ित्क ् ाहरता के हशरोमहर प्​्ात: स्मररीय दयाल हसंि मजीहठया के नाम िर

बतकही

बने दयाल हसंि कालेज का राउंि हलया और ि​िुच ं ा साई् मंहदर के िास. विां आंध् मंहदर और साई्मंहदर के बीच मे्एक भगत अिनी िो्िा हसटी गाड्ी लगाए िूरी-सब्जी और ि्ि्े िकौड्ा बाट रिा था. अिने को हिंदू किने वालो्मे्कर्रा का अथाि सागर लिराता िी रिता िै. जिां कोई गरीब, वंहचत या हनध्नण अथवा लाचार हवकलांग या उिेह्कत बीमार देखा निी्हक ये श्द् घ् ालु हिंदू ि​िले तो खखार

कर थूकगे् े हिर जेब से एक र्िया हनकाल कर उसकी तरि िेक देग् े या बचा िुआ अन्न अथवा उतरन उसको दे देग् .े सो विां भी भीड् जुटी थी और वे गरीब भी कोई कम निी्िोते वे भी कर्रा के सागर मे्िूबते-उतराते रिते िै्तथा अिने दान मे्िाए भोजन मे्से वे कुछ अन्न बचा लेते िै् जो वे गाय माता अथवा कुत्ो्या हरक्श-े ठेले वालो्को दे देते िै.् कुछ तो इतने ढीठ िोते िै्हक उन िो्िा हसटी कार वाले के लड्के को िी िकड्ा हदया. मुझे प्त् ीत िुआ हक हिंदू समाज मे्गरीबी बिुत अिहरिाय्ण िै. हजस हदन गरीब गरीब न रिे हिंदू समाज र्ई के िािे की तरि उड्जायेगा. िूरे भीष्म हितामि माग्णिर मुझे हचन्मय हमशन हदखा निी्. एक ट्ह्ैिक कान्सटेबल से िूछा तो ि​िले तो वि मुझे देखता रिा हिर बोला- हकसी के चौथे मे्जाना िै? मैने किा निी्दरोगा जी एक िंकश ् न िै तो वि कुछ मंद िड्ा और िूछा- कार िै? मैने किा- निी् िैदल िू।ं तो उसने िटाक से जवाब हदयाहिर क्या िै सीधे जाओ, बत्​्ी से उलटे िो जाना और अगली बत्ी् से रांग साइि. बस आ गया हचन्मय हमशन. मैने उसके द्​्ारा बताए गए िंथ को िकड्ा और इंहिया िैहबटेट सेट् र ि​िुचं कर हिर कन्फय् ज ू न िो गया तो मैने कालड्ा

सािब को िोन हकया तो वे बोले यिी्िास मे् िै इस्लाहमक कक्चरल सेट् र के बगल मे.् मैने किा- ि​िले बता हदया िोता तो कब का ि​िुच ं जाता. खैर मै्एक जािानी द्​्ारा शुर्की गई इस बौद्घ हमशन मे् ि​िुच ं ा. विां गत हदनो् भोिाल जागरर लेकहसटी यूनीवह्सटण ी की ि​िल िर िुए एक काय्क ण म् की िुटज े हदखाई जा रिी थी हजसमे्सोका गोक्​्ाई इंटरनेशनल के अध्यक्​्िॉ दायसाकू इकेदा ने िी अिनी मातृभारा जािानी मे् अिना भारर हदया िर जागरर लेकहसटी यूनीवह्सटण ी के कुलिहत अनूि स्वर्ि और कुलसहचव आर नेसामूहत् ण अिनी निीस अंगज ्े ी मे्िी बोले और यि भी बताना निी्भूले हक दैहनक जागरर भारत मे् सबसे ज्यादा हबकने वाले हिंदी दैहनक िै. एक ऐसे संसथ् ान मे्जुिऩे का क्या लाभ जो आि अिनी मातृभारा बोलने मे्शम्णमिसूस करते िै.् भारत सोका गोक्​्ाई संगठन के अध्यक्​् अिनी हिंदीनुमा अंगज ्े ी मे्बोले. मेरा इस िर किना था हक यि संगठन आम लोगो्मे्कैसे लोकह्​्पय िो सकता िै जब तक हक इसका प्च ् ार-प्स ् ार हिंदी या अन्य भारतीय भाराओ् मे्निी्िोगा. यि तो विी कर्रा का अथाि सागर मे्लोट रिे लोगो्का मानहसक हवलास िी िो गया.


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लखनऊ.उत्​्र प्​्देश के मुख्यमंत्ी अहखलेश यादव ने ि​ि्​्ीस जनवरी को शुक्वार के िोटो संिादक की तरि से तैयार कािी टेबल बुक ' अहखलेश यादवसंघर्ण की सिलता' के हलए िवन कुमार को बधाई देते िुए किा हक यि उनके जीवन के संघर्ण को ताज्ा करने जैसा िै. िोटोग्​्ािर िवन कुमार द्​्ारा मुख्यमंत्ी के राजनैहतक सिर के प्​्ारस्मभक हदनो् से लेकर अब तक के हवहभन्न अवसरो् के िोटोग्​्ाफ्स को इस िुसक ् मे्संकहलत हकया गया िै. इस मौके िर मुख्यमंत्ी अहखलेश यादव ने किा हक वे िोटोग्​्ािर िवन कुमार को तब से जानते िै जब कोई िोटोग्​्ािर उनके िास निी् आता था .िवन कुमार से उनकी मुलाकात आशीर यादव उफ़्फ सोनू

29 जनवरी - 04 फरवरी 2016

संघरंट के सदन याद आ गये- असखलेश

यादव ने कराई थी और तबसे से उनका िमारा साथ िै .गौरतलब िै हक िवन कुमार ने संघर्ण के दौर मे् अहखलेश यादव और हिंिल यादव की कई अद्​्त िोटो खी्ची िै . उत्​्र प्​्देश हिन्दी संस्थान के काय्णकारी अध्यक्​् उदय प्​्ताि हसंि ने किा हक मुख्यमंत्ी िर आधाहरत कािी टेबल बुक से प्​्देश के नौजवानो् को प्​्ेररा हमलेगी. उन्िो्ने मुख्यमंत्ी अहखलेश यादव के हवजन एवं इसके अनुर्ि काय्ण करने

की क्​्मता की सरािना करते िुए किा हक इतने कम समय मे् जन मानस मे् स्थान बनाने मे् अहखलेश यादव ने जो सिलता प्​्ाप्त की िै, वि उनकी हवनम्​्ता एवं जनता के दुःख एवं तकलीिो् को िूरी संवेदनशीलता से दूर करने के प्​्यासो् के कारर सम्भव िो िाया िै. उन्िो्ने किा हक राज्य सरकार ने तमाम हवश्​्स्रीय हवकास काय्​्ो् के साथ-साथ जनकक्यारकारी काय्​्ो्को आगे बढ्ाया िै। इसके साथ िी, लहलत कला के क्​्ेत् मे्

कािी काम हकया िै. उत्​्र प्​्देश भारा संस्थान के काय्णकारी अध्यक्​् एवं प्​्ख्यात कहव िा गोिालदास नीरज ने मुख्यमंत्ी द्​्ारा हकए जा रिे तमाम हवकास काय्​्ो् के साथ-साथ साहित्यकारो्के हलए हकए गए कक्यारकारी काय्​्ो् की भी सरािना की. उन्िो्ने किा हक देश के सभी मुख्यमंह्तयो् मे् प्​्देश के मुख्यमंत्ी सव्ाणहधक हवनम्​् िै् और वे िूरी तरि अिंकार रहित भी िै्. इस कम उम्​् मे् अहखलेश यादव ने शालीनता से प्​्देश

िाकहत्र

मे् हवकास का जो काम हकया िै, वि सरािनीय िै. एवरेस्ट हवजेता श्​्ीमती संतोर यादव ने आज हवमोहचत हवहभन्न िुस्को् की चच्ाण करते िुए किा हक मीहिया देश एवं समाज के हवकास मे् मित्विूर्ण योगदान देती िै. संचार के मित्व का उक्लेख करते िुए उन्िो्ने किा हक जनता एवं सरकार के बीच मे् कम्युहनकेशन बनाए रखने मे् जनसुनवाई एवं मीहिया िेक्िलाइन कािी मित्विूर्णभूहमका हनभाएंगी.

और अब आबबद सुहैल भी चलेगये बीस साल से बना रहे है् दिरंगा

िीर हिनोद िारड़ा

संिय कुमार

ब्बीस जनवरी की शाम मुबं ई मे्उद्णूके मशिूर अफ़साना हनगार आहबद सुिल ै सािब का हनधन िो गया. वो उद्णूअफ़साना हनगारी के चंद बाकी हसतारो्मे्से थे. उनके जाने से यकीनन उद्णू अदब बिुत ग़रीब िो गया िै. बीते साल जुलाई मे् िॉ हवशेश्र प्​्दीि सािब के इंतकाल से उद्णूअदब अभी तक संभल भी निी्िाया था. मै्ने आहबद सुिैल सािब को बेिद करीब से देखा िै. उस वक्त से जब मै्ने िोश संभाला था. वो मेरे हदवंगत हिता रामलाल, मशिूर उद्णू अफ़साना हनगार के बिुत अजीज दोस्​्ो् मे् से एक थे. िम नक्खास मे् रिे िो् या आलमबाग, चारबाग़ या हिर इंहदरा नगर मे्. िमारे घर मे्अदबी बिस के हलए नहशस्​्सजी िो और आहबद सुिैल सािब की उसमे् हशरकत न िुई िो, ऐसा कभी निी् िुआ. िमारे िहरवार से वो 1956 से जुडे थे. तब िम नक्खास के कटरा अबु तराब खां मे्रिा करते थे. मुझे याद िै हक बरसो् तक उन्िो्ने उद्णू माहसक 'हकताब' का प्​्काशन-संिादन हकया था. कौमी आवाज उद्णू िेली मे् वो बरसो् रिे. हिर नेशनल िेराक्ि मे् न्यूज एहिटर िुए. टाइम्स ऑफ़ इंहिया मे् बरसो् उन्िो्ने 'फ्​्ॉम उद्णूवक्ि्ण' कॉलम हलखा. ट्​्ेि यूहनयन से उनका हरश्ता भी बिुत करीबी था. उद्णू-अंग्ेजी के अलावा हिंदी की दुहनया से

भी उनका ख़ासा वास्​्ा रिा. प्​्ोग्​्ेहसव राइटस्ण मूवमे्ट से भी आहबद सुिैल सािब का बिुत गिरा और लंबा एसोहसएशन रिा. बीते दो बरसो्मे्साहिस्तयक गोह्​्षयो्मे् मेरी उनसे कई मुलाकाते् िुई्. आहख़री मुलाकात 22 हसतंबर 2015 को मशिूर हिंदी लेखक और ट्​्ेि यूहनयन नेता हदवंगत कामतानाथ जी के 82वे् जन्महदवस के अवसर िर आयोहजत समारोि मे्िुई थी. उस हदन मैन् े उनसे किा हक मुझे आिसे आिके इक्मो-अदब के बारे मे्, आिके और मेरे हिता के मध्य दोस्​्ी के बारे मे् और अदब-हनजी हजंदगी से जुडे कुछ मजेदार वाक्यात के बारे मे्जानना िै. इस हसलहसले मे्मै्आिसे जक्दी हमलूंगा. उन्िो्ने किा था हक तुमसे ज्यादा जक्दी तो मुझे िै. चौरासी क्​्ॉस कर चुका िूं. वक्त थोडा िै, जक्दी आना.

हजस भी प्​्ोग्​्ाम मे् वो मुझे हदखते थे, उनकी कोई न कोई तस्वीर मेरे मोबाईल फ़ोन कैमरे मे् कैद िो जाती थी. लेहकन दुभ्ाणग्य से उस हदन मेरा मोबाईल िोन घर िर छूट गया था. मै् उनकी तस्वीर निी् ले सका. मै्ने उनसे किा था- जब आिके घर आऊंगा तो ढेर तस्वीरे्उतार लूंगा. लेहकन सुिैल सािब ने सिी फ़रमाया था वक्त कम िै, जक्दी आना. हनयहत के कू्र िाथो्ने उन्िे्उठा हलया. और मै्सोचता िी रि गया हक आज निी् कल जर्र जाऊंगा. अिनी सुस्ी िर मुझे ताउम्​् अफ़सोस रिेगा. आहबद सुिैल सािब का इंतकाल मेरे िहरवार की एक हनजी क्​्हत िै. मेरे हदवंगत हिता के एक और करीबी का चला जाना िै. उनको छूने से मुझे अिने हिता के िोने का अिसास िोता था.

पटना. हबिार के बक्सर हजले के िुमरांव अनुमि ं ल हनवासीशमीम मंसरू ी बीते 20 सालो् से राष्​्ीयध्वज की हसलाई का काम करते आ रिे िै्. अिने इस काम और देश के प्​्हत सम्मान को लेकर वेअिने क्​्ेत् मे् खास ि​िचान बना चुके िै्. शमीम के हलये हतरंगा आन,बान और शान के साथ रोजगार का भी साधक िै. इस बार भी गरतंत् हदवस िर लोगो् ने उनके बनाये हतरंगे को ि​िराकर राष्​्ीय िव्ण मनाया. शमीम 1996 से हतरंगे की हसलाई लगातार करते आ रिे िै्. राष्​्ीय ध्वज हतरंगा की हसलाई इस िहरवार का िुस्ैनी रोजगार िै. शमीम मंसूरी किते िै् हक माता हिता और ित्नी के साथ मै् हतरंगे झंिे की हसलाई करते आ रिे िै्. िालांहक मां और बाि बूढे िो चुके िूं और ित्नी के देिांत के बाद अब मेरे उिर िी इस िरंिरा को हनभाने की हजम्मेदारी आ िड्ी िै.

शमीम का हसला िुआ हतरंगा हसि्फ बक्सर हजला मे् िी निी् बस्कक यूिी और आसिास के राज्यो् मे् भी जाता िै. शमीम बताते िै् हक गरतंत् हदवस और स्वतंत्ता हदवस के हलए एक हदन मे1् 00 से 150 झंिा हसलते िै्और इसकी हबक्​्ी कर वो रोजाना 700 से 1000 र्िया आमदनी कमा लेते िै्. शमीम बताते िै्हक भले िी राष्​्ीय ध्वज

की हसलाई का काम मेरे आह्थणक ि​िलू से जुड्ा लेहकन इसे काम मे् एक अलग सुख और अिने देश के हलए कुछ करने का एिसास िोता िै.


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29 जनवरी - 04 फरवरी 2016

गुम हो जानेको हैपहचान

िीएन दास

अंबड े करनगर. टांिा दुहनया भर मे् अिने िथकरघे से तैयार उत्िादो् के हलए प्ह्सद्​् िै. िहरयारा िंजाब से लेकर हबिार, उडीसा, िह्​्िम बंगाल, छत्​्ीसगढ, राजस्थान और असम जैसे राज्यो्के उत्िाद यिां आिको हमल जायेग् .े धाह्मक ण नगरो मे टांिा कस्बे के िावर लूम उत्िादो् की हबक्​्ी अक्सर देखी जाती िै. खासकर मुसस् लम बिुल क्त्े ्ो् और हिंदओ ु ्के धाह्मक ण स्थलो्िर ये उत्िाद कािी ज्यादा प्च ् हलत िै.् लेहकन बुनकर नगरी टांिा अिनी िथकरघा की हजस बुनाई कला के हलए हवश्​्मे अिनी ि​िचान रखती थी. वि अब तकरीबन खत्म िो चुकी िै. िथकरधा की जगि, िावर लूम यूहनर्स ने ले ली िै. अहधक कमाई, कम मेिनत की लालच ने यि िहरवत्नण हकया िै. यिां के िावर लूम से तैयार अरबी र्माल की बडी सप्लाई अब खाडी देशो्मे्िो रिी िै. यिां की जामदानी साडी की कीमत हवदेशो्मे्50 िजार र्िये से लेकर एक लाख र्िये तक थी. लेहकन अब इस साडी का हनम्ार ण यिां िूरी तरि से बंद िो गया िै. टांिा मे्अब टेरीकाट की शट्,ण लुगं ी, गमछा,चादर, हिंदओ ु ् के धाह्मक ण अनुष्ानो् मे् प्य् कु त् िोने वाले रामनामी दुपि् टे और गक्ि के देशो्के अरबी हलबास िी तैयार िोते िै.् बुनकरो् के नेता जुबरे अिमद के मुताहबक टांिा और इसके आसिास के क्त्े ् िंसवर, भूलिे रु , अकबरिुर,जलालिुर और इक्तिातगंज मे्करीब 70 िजार िावर लूम यूहनर्स िै.् हजसमे् तकरीबन सवा दो लाख बुनकर काम करते िै.् कुल बुनकरो्की संखय् ा के 75 िीसदी से ज्यादा कारीगर बुनकर रोजाना इन्िी् िॉवर लूमो् मे् मजदूरी करके अिनी जीहवका चलाते िै.् इनमे्कई भुखमरी के कगार िर िै.् सरकारी योजनाओ्का लाभ बडे बुनकर झिट लेते िै.् मजदूर बुनकरो्तक योजनाएं ि​िुच ं िी निी् िा रिी िै.् कारीगर बुनकर इकबाल अिमद के मुताहबक 14 घंटे की िावर सप्लाई िर लगातार काम करके दो सौ र्िये से कम िी मजदूरी बन िाती िै. िूरा िहरवार काम करे तो 500 र्िये से ज्यादा िगार का माल तैयार निी् िो िाता िै. वि बताते िै् हक करीब िेढ अरब का करोबार बुनकर नगरी मे्चल रिा िै. िर कुशल मजदूर बुनकर के िहरवार भुखमरी का दंश झेल रिे िै.् िीएम नरेद् ् मोदी का संसदीय क्त्े ् वारारसी वास्व् मे्बनारसी साहडयो्के हलए हवख्यात िै. यि क्त्े ्भी बुनकरो्का गढ माना जाता िै. ऐसे मे्बुनकरो्की समस्याओ्और उनके हवकास को लेकर सारा िोकस िीएम के क्त्े ्िर िी िै. वारारसी की तुलना मे्सवा दो लाख बुनकर आबादी वाली टांिा नगरी सरकारी तौर िर िूरी तरि उिेह्कत िै. यिां बुनकरो् के उत्थान के हलए बनी सरकारी योजनाएं केवल कागजो िर िी रि गयी िै. अहशक्​्ा और उनके संगठनो् के नेततृ व् की कमजोरी के चलते वे अिने सरकारी िक को िाने मे नाकामयाब रिे िै. इतनी बडी तादाद मे यिां के बुनकर अब भी िुराने िी ढर्​्ेिर िी रोजगार कर रिे िै.् वैसे केद् ् सरकार के नेशनल िैि् लूम िेवलिमेट् प्​्ोग्​्ाम, िैि् लूम वीवर कंपि्े हे्सव वेलिेयर स्कीम, यान्ण

सप्लाई स्कीम जैसी तमाम योजनाये् भारत सरकार की हमहनस्ट्ी ऑफ़ टेकस ् टाइल के अंतगण् त चल रिी िै. लेहकन वे यिां तक निी ि​िुच ं ी िै.् िैि् लूम की िथकरधा इकाइयां िी यिां खत्म िो चुकी िै.् टांिा और वारारसी दोनो्िावरलूम सेवा केद् ्ो् के रीजनल मैनज े र एस अंसारी के मुताहबक ये योजनाएं बुनकरो्और िावर लूम यूहनर्स के हवकास के हलए सरकार ने चलायी िै.् बीमा योजना मे्80 र्िये जमा करने िर नेचरु ल िेथ िर बुनकर को 60 िजार र्िये हमलते िै.् एक्सीिेट् मे्मौत िर िेढ लाख र्िये िहरवार को हमलेग् .े वारारसी मे् 170 और टांिा मे् 100 से भी कम बुनकरो् का बीमा हकया गया िै. सस्बसिी के तौर िर प्त्य् क े यूहनट िर 15 िजार र्िये की सस्बसिी दी जाती िै. वारारसी मे्147और टांिा मे्केवल 33 बुनकरो्को ये लाभ अभी तक हमला िै. अंसारी ने किा हक टांिा के बुनकरो् की सबसे बडी समस्या उनकी अहशक्​्ा और लोकल स्र् िर हकसी सरकारी हि​िो और बडे बाजार का न िोना िै. बुनकर एकता हवकास सहमहत के अध्यक्​् मो काहसम का आरोि िै हक वोटबैक ् की राजनीहत मे्बुनकर समाज हिस रिा िै. चुनाव के समय बुनकरो् के हलए तमाम घोरराये्नेतागर करते िै.् िर बाद मे्योजनाये्शूनय् या कागजो्िर िी रि जाती िै.् रिी बात िीएम मोदी के हिहजटल इंहिया का चािे हकतना प्च ् ार हकया जा रिा िो, िर िावरलूम कारोबार से जुिे़ यिां के करीब सवा दो करोड बुनकर इससे िूरी तरि से अनअवेयर िै. वे ई-कामस्,ण ई-बैहकंग, आनलाइन भुगतान, िैब इंहिया और िाक के जहरये रोजगार जैसी योजनाओ्और सुहवधाओ् से िूरी तरि से अनहभज्​् िै. केद् ् और प्द् श े सरकार ने भी इन्िे िाईटेक सुहवधाओ् से प्ह्शहशत करने के हलए कोई स्थाई काय्क ण म् निी्चलाया िै. भारत सरकार के स्थानीय और वारारसी के िावरलूम सेवा केद् ्के रीजनल मैनज े र एस अंसारी खुद मानते िै्हक वारारसी मे् िाईटेक ट्ह्ेनंग प्​्ोग्​्ाम चलाया जा रिा िै. लेहकन टांिा मे अभी इसकी शुरआ ् त निी्की जा सकी िै. उन्िो्ने बताया हक दो तरि के प्ह्शक्र ् काय्क ण म् चलाने की योजना िै. ि​िला सह्वसण टैकस् के साथ िांच सौ र्िये और दूसरा दो िजार र्िये िीस देकर आधुहनक वीवर टेकस ् टाइल जाब वक्फऔर कम्पय् टू र नेट से रोजगार का प्ह्शक्र ् का काय्क ण म् बनाया गया िै. जो वारारसी मे्अब तक केवल 20 बुनकरो्को प्ह्शक्र ् दे सका िै. इस दर से तो दो लाख बुनकरो्को िाईटेक करने मे्सालो् लग जायेग् .े इस समस्या का समाधान हनकालने की बात जब िोती िै. तो हवश्​्हवख्यात जामदानी बुनाई कला के कारीगर इकबाल किते िै्हक इस बुनाई कला को हिर से हजंदा हकया जा सकता िै. इसमे् सरकारी अनुदान से उि्​् कोहट के िथकरघो्की इकाई स्थाहित करके बडे िैमाने िर जामदानी किडे तैयार हकये जाये.् इसकी माक्ह्ेटंग की हजम्मदे ारी केद् ्के टेकस ् टाइल मंत्ालय को संभालनी चाहिए. सरकार को सस्​्े दरो् िर लूम की व्यवस्था करनी चाहिए. साथ िी इसमे्काम करने वाले कारीगरो्को ट्ह्ेनंग देने के हलए स्कल ू खोले जाने चाहिए.

उदं​ंोग/वंयापार मलंटी बं​ंांर उतंपादन में िौ फीिदी एफरीआई

दे

श मे्िोने वाली खाद्​्उत्िादो्की बरबादी को रोकने व कृहर के क्​्ेत् मे् हवहवधता लाने के हलए के्द् सरकार मक्टी ि्​्ांि खाद्​् उत्िादन के क्​्ेत् मे् सौ िीसदी प्​्त्यक्​् हवदेशी हनवेश की अनुमहत देने िर गंभीरता से हवचार कर रिी िै. ऐसा करके यि सुहनह्​्ित हकया जाएगा हक अंत्णराष्​्ीय ि्​्ांि भा​ारत मे्अिने ि्​्ांि उत्िाद हनय्ाणत करने की जगि यिी िर उन्िे्तैयार करे. इस संबंध मे् के्द्ीय खाद्​् प्​्संस्करर मंत्ी िर हसमरन कौर बादल ने प्​्धानमंत्ी को ित्​् भी हलखा िै.उन्िो्ने किा िै हक इससे हकसान व उिभोक्ताओ् दोनो् का िी िायदा िोगा.उन्िो्ने इस क्​्ेत् मे् 10 साल के हलए कर मुक्त रखे जाने का भी सुझाव हदया िै. हिलिाल मक्टी ि्​्ांि हरटेल के क्​्ेत्मे्51 िीसदी प्​्त्यक्​्हवदशी हनवेश की िी छूट िै जो हक यूिीए सरकार ने तय की थी. िालांहक भाजिा अभी तक यि सीमा बढ्ाए जाने का हवरोध करती आयी िै. उसकी दलील िै हक इससे िड्ोस के उन हकराना दुकानदारो् के हलए संकट िैदा िो जाएगा हजनके हलए यि िुश्तैनी व्यवसाय रिा िै.सरकार चािती िै हक सौ िीसदी एि​िीआई की अनुमहत हदए

जाने के साथ िी यि शत्ण लगा दी जाए हक खाद्​् उत्िाद तैयार करने के हलए भारत मे् िी उिलब्ध सामान का इस्​्ेमाल करना िोगा. िरहसमरन कौर का मानना िै हक अब िालात बिुत बदल चुके िै्. िम 1960 के दशक मे् निी् जी रिे िै्. आज भी भारतीय हकसान प्​्ौद्​्ोहगकी व माक्​्ेहटंग के क्​्ेत् मे् दुहनया के दूसरे हकसानो् से बिुत िीछे िै्. अब िमे् इस क्​्ेत् मे् नवीनतम तकनीक प्​्ौद्​्ोहगकी को अिनाने की जर्रत िै.

आसंकमी गं​ंोिरी ने कोका कोला अवारंा जीता

भा

रत की तेजी से उभरती आनलाइन ग्​्ोसरी प्लेटिाम्ण आस्कमी ग्​्ोसरी ने ' इमेज मोस्ट एिमायि्ण आॅनलाइन ग्​्ोसरी िायिरलोकल स्टाट्णअि आि द ईयर ' का िुरस्कार प्​्ाप्त हकया िै. यि सम्मान नवे् वाह्रणक कोका कोला गोक्िन स्िून अवाि्णस 2016 समारोि मे् इस्णिया िूि िोरम 2016 की साइिलाइन मे्प्​्दान हकया गया. यि सम्मान आस्कमी ग्​्ोजरी के आनलाइन ग्​्ोसरी एवं िाइिरलोकल क्​्ेत् मे् नई खोज एवं सिलता का प्​्मार िै. आस्कमी ग्​्ोसरी के िास अग्​्री एवं कैहिटल लाइट कारोबार मािल िै जो हक हबना, वेयरिाउस और हबना हिलीवरी वैन के काम करती िै.वि यि िुरस्कार प्​्ाप्त करने वाली इस उद्​्ोग मे् सबसे नई कंिनी िै. जो इस बात का प्​्तीक िै उसका स्थानीय व्यािार मािल उन आनलाइन ग्​्ोसरी कम्िहनयो् के हलए माग्णदश्णक िै जो हक िड्ोस की हकराना दुकानो् का एक ईकोहसस्टम कायम करना चािते िै्.आस्कमी ग्​्ोसरी टीम की तरि से अंहकत जैन और श्​्ी अहमत हनगम ने यि िुरस्कार ग्​्िर हकया. आस्कमी ग्​्ोसरी के सि संस्थािक अंहकत जैन ने किा हक िमे् आनलाइन ग्​्ोसरी िाइिरलोकल स्टाट्णअि आि द ईयर िुरस्कार के हलए चुने जाने िर कािी खुरी िो रिी िै. यि अवाि्ण िमारे अहभनव िाइिर मािल की सिलता का प्​्मार िै.यि काय्णिमारे कम्णचाहरयो् के साथ िी िमारी हिलीवरी टीम के सियोग के हबना

कदाहचत संभव निी् िो िाता हजन्िो्ने िमारे उि्​्स्रीय ग्​्ािक अनुभव को बनाए रखने के हलए अथक काय्ण हकया. उन्िो्ने किा हक मिज 6-7 मिीने की अवहध मे् आस्कमी ग्​्ोसरी ने उक्लेखनीय प्​्गहत की तथा भारत के 35 शिरो् मे् 1000 के करीब हरटेलस्ण से सम्िक्फ बनाया और इसकी प्​्हतमाि. हबहलयन सच्ण िै. िमे् इस बात की ख़ुशी भी िै हक िम ग्​्ोसरी शाहिंग को िमारे ग्​्ािको् के हलए एक यादगार अनुभव बना सके. उन्िो्ने किा हक िमारी योजना आस्कमीग्​्ोजरी को इस हवत्​्ीय वर्ण के अंत तक अिनी उिस्सथहत 70 से अहधक शिरो् तक करने की िै. िमे् भारा िै हक भहवष्य मे् नए लक्​्य को छू ले्गे.द इंहिया िूि िोरम का गठन वर्ण 2007 मे् हकया गया, यि िूि हरटेल तथा िूि सेवाओ् के हलए भारत का अत्यहधक ज्​्ान बांटने वाला और नेटवह्कि्ग प्लेटिाम्णिै.

फं​ंांि रेल इंजन बनायेगा

फ्​्ां

स ने भारत मे् 800 एक्सटाय रेल इंजन बनाने का समझौता हकया िै. यि मौजूदा इंजनो्से दुगनी क्​्मता वाले िो्गे. मजेदार बात यि िै हक इनका हनम्ाणर हबिार के मधेिुरा मे् हकया जाएगा. हजस िर फ्​्ांस 1300 करोड् र्िए का हनवेश भी

करेगा. इस समय भारत मे्बनने वाले रेल इंजनो्की क्​्मता 6000 िासिावर िै जबहक एक्सटाय इंजनो्की क्​्मता 12000 िास्णिावर िोगी. इसके हलए फ्​्ांस मधेिुरा मे्कारखाना लगाएगा. वि अंबाला और लुहधयाना रेलवे स्टेशनो्को भी हवकहसत करेगा.

चीन हसरयाणा में सनवेश करेगा

ची

न के जाने माने खरबिहत वांग हजयांग हलन की कंिनी िाहलयन वांिा समूि भारत मे् 10 अरब िालर का हनवेश करके औद्​्ोहगक िाक्फ स्थाहित करेगी.उसने इस सं बं ध मे् िहरयारा सरकार के साथ अनु बं ध हकया िै जो हक सोनीित हजले मे् हकया जाएगा. इस संबंध मे् वांग, प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी व िहरयारा के मु ख्य मंत्ी मनोिर लाल खट्​्र के बीच हिछले एक साल से बातचीत चल रिी थी. यि कं ि नी वां िा सां स्कृ हत िय्णटन शिर भी हवकहसत करे गी जो इस िहरजयोजना का िी हिस्सा िोगा. वांिा समूि चीन का सबसे बड्ा व्यावसाहयक संि ह्​्त हवकहसत करने वाला समूि िै . ‘वां िा इं ि स्ह्टयल न्यू हसटी’ हवकहसत करने का ि​िला चरर इस साल शु र् िो जाएगा. लगभग 13 वग्ण हकलोमीटर मे् िै ले इस औद्​्ोहगक नगर मे् साफ्टवे य र, िैक्थ केय र, कार हनम्ाणता

कंि हनयां स्थाहित की जाएगी. समझा जाता िै हक यि अब तक का भारत मे् आने वाले सबसे बड्ा हवदेश िूंजी हनवेश िोगा. इसी माि वांिा समूि ने गािहजला हिक्म की हनम्ाणता कंिनी लेजेि री इंट रटेनमे्ट को 3.5 अरब िालर मे् खरीदा िै.



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29 जनवरी - 04 फरवरी 2016

मनोिर नायक

क एफ़्एम रेहियो स्टश े न से िुराने गानो् का एक काय्क ण म् आता िै- 'गाने जो हिट थे, हिट रिेग् .े ’ ह्फ़क्मो्के सम्मोिन के हलए भी िम कि सकते िै्हक यि हिट था, हिट िै और हिट रिेगा. बचिन से कॉलेजी जवानी तक ह्फ़क्मो्का जो केज ् बनता िै वि बना रिता िै चािे आम हजंदगी मे्हकतने भी िािड बेले जा रिे िो्. वि सम्मोिन रिता िर शायद बदलता िुआ. आिकी ह्फ़क्मो् की िसंद बदल जाये. आि सेलसे क् टव या चूजी िो जाये,् हजसके मौके अब कम िी िै क्यो्हक टीवी िर ह्फ़क्मो् का अप्ह्तित प्व् ाि िै, हिर भी ह्फ़क्मो् का यि सम्मोिन आिका िीछा करता रिता िै. ह्फ़क्मो्का सुनिरा अध्याय सौ बरस से भी दो साल ि​िले शुर्िुआ, 17 मई 1913 मे.् तब लगातार रंगारंग सिने र्ि​िले िद्​्ेिर लोगो् को मुगध् करते रिे. िीरो, हिरोइने,् खलनायक, खलनाहयकाएं सृहजत हकये जाते रिे. कथाओ् के साथ ये हसतारे भी अिने को दुिराते रिे िर हसनेमा का आकर्र ण तेज िोता रिा. शुरआ ् ती दौर मे् मास्टर हवनायक, मंदाहकनी, गौिर, जुबदे ा थे हजन्िे्अब कोई निी्जानता. वे अब एक ख़ास हसनेमाई युग को इंहगत करने वाले िात्​् िै.् हसंहगंग स्टार कुदं नलाल सिगल, नूरजिां और सुरयै ा, िस्ट् लेिी ऑफ़्द स्क्ीन देहवका रानी, दुगा्ख ण ोटे, अशोक कुमार ह्फ़क्मो् की कहशश को बढाने वाले स्टार थे. िृथव् ीराज किूर, सोिराब मोदी, शांताराम आदमकद के हसनेिरु र् थे. मोतीलाल, बलराज सािनी के िास आकर अहभनय सिज िुआ. हदलीि कुमार, राजकिूर और देवआनंद की अमर त्य् ी बनी. मीनाकुमारी, गीताबाली, मधुबाला, नरहगस, वैजयंतीमाला, नूतन, विीदा रिमान िचास के दशक की ि​िचान बनी्. सत्यहजत राय विीदा को इंटल े ीजेट् किते िै.् बांगल ्ा हसनेमा की महलका सुहचत्​्ा सेन भी चमक के साथ यिी बौह्​्दक आभा लायी्. अिने युग के प्ह्तहनहध के र्ि मे् कलाकार उभरते रिे. गुरद् त्,् संजीव कुमार जैसी संजीदा ह्फ़क्मी िह्​्सयो्, अहभनेताओ् और अहभनेह्तयो्का आना अबाध जारी रिा. िर आमतौर िर त्य् ी का िी बोलबाला रिा. हदलीि-राज-देव के बाद सुनील दत्-् राजेद् ् कुमार-शम्मी किूर का जमाना रिा तो हिर धम्द्े -् मनोज-शहश और हिर राजेश खन्ना आये. अहमताभ-हवनोद-शत्घ्ु न् से लेकर आहमर-शािर्ख-सलमान तक यि हसलहसला अटूट िै. प्​्ार, जीवन, मदनिुरी, कन्ियै ालाल से लेकर प्म्े चोिडा, अजीत, िैनी, अमरीश िुरी से लेकर गब्बर अमजद ख़ान जैसे खलनायक. ह्फ़क्मो् मे् नायक-नाहयकाखलनायक यिी मुखय् िात्​् िोते िै,् बाकी जर्रत के मुताहबक. हदलचस्ि यि िै हक इन स्टारो् और एक्टरो् के बीच भी बिुतरे े आतेजाते सिल रिते िै.् ह्फ़क्मो्का आकर्र ण देश के कोने-कोने से लोगो्को खी्चकर लाता रिा िै. औसत दज्​्े की भीड के बीच साहिर, कैफ़्ी, मजर्ि, शंकर-जयहकशन या हदलीि कुमार, गुरद् त्,् देवआनंद जैसी प्ह्तभाएं भी िोती िै.् िर हबक्लीमोरा से आने वाले मिबूब ख़ान को क्या किा जाये, वे हनिट हनरक्र् थे, दस्ख़ ् त भी निी्कर सकते थे लेहकन उन्िो्ने 'आन’ और 'मदर इंहिया’ जैसी नायाब ह्फ़क्मे् दी्. राज

किनेमा

साठ के दशक का लसनेमा

खोसला गायक बनने आए थे बने हनद्श ्े क सिनो्को भी वे र्ि​िले िद्​्ेिर आकार दे रिी अिने देश के आह्थक ण हवकास को इस कूर् और 'सीआईिी’, 'सोलिवां साल’, 'काला थी्. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा हनराश दृह्ष से देखता िै यि बडी अजीब बात िानी’, 'दो रास्’्े जैसी हकतनी ह्फ़क्मे् दी्. सकता िै हक देश मे्जो सबसे मित्विूरण्चुनाव िै.’ अनेकानेक जॉय मुकज्​्ी, हवश्ज ् ीत, अहनल माने गये उनमे्एक साउथ मुबं ई से कांगस राय की अिू त्य् ी: िाथेर िांचाली, ्े के धवन, कुमार गौरव और रेिाना, रामेशर् ी, कृषर ् मेनन और आचाय्ण कृिलानी के बीच अिराहजतो और अिूर संसार, भारतीय गांवो् हवद्​्ा हसन्िा, जरीना के बीच से कोई एक िुआ हजसमे्ह्फ़क्मी दुहनया मेनन के िीछे खडी को सटीक दृशय् ांकन करती िै. एक बडी हदलीि एक धम्द्े ,् एक राजेश खन्ना, एक िो गयी. उनके मंच िर हदलीि-राज-देव उम्मीद के साथ समानांतर हसनेमा आया, जो बि्न् उभरता िै और इसी तरि एक विीदा, मौजूद िोते थे. अिने अंतह्वरण ोधो्से ख़त्म िो गया. इसे बेिद एक रेखा और एक माधुरी. अछूत समस्या िर चेतन की 'नीचा नगर’ हनराशा से 'आशा का गभ्िण ात’ किा गया, हिंदी हसनेमा के सौ साल के इस इहतिास िो, हवमल राय की 'सुजाता’ िो, मजदूरो्की उसमे्सामाहजक-राजनीहतक यथाथ्णसे र्बर् मे्िचास और साठ के दशक को स्वह्रमण काल समस्या िर केए अब्बास की 'धरती के लाल’ करने वाली ह्फ़क्मे् बनी्. श्याम बेनगे ल की किा जाता िै. इसकी गूज ं सत्र् के दशक तक िो या 'िैग़्ाम’ िो सामाहजक सरोकारो्िर एक ि​िली तीनो् ह्फ़क्म-े् 'अंकरु ’, 'हनशांत’ और सुनायी देती िै. यि वि समय था जब ह्फ़क्मी से एक सुमधुर ह्फ़क्मे्बनती रिी्. बंबई िी निी् 'मंथन’ ग्​्ामीर िहरवेश िर थी्. यिी 'िार’ मे् राजधानी बंबई मे्देश के कोने-कोने से प्ख ् र दह्​्कर मे्अदूर गोिाल कृषर ् न िो्या बंगाल मे् भी ग्​्ामीर िहरवेश िै. मुखय् धारा के हिंदी प्ह्तभाएं आकर जमा िो गयी थी्. हदलीि-राज- सत्यजीत राय वे नये ढंग के सामाहजक हसनेमा हसनेमा मे् जेिी दत्​्ा की ह्फ़क्मे् 'यतीम’, देव इस काल के मिानायक थे. 'बंटवारा’ और 'िहथयार’ और उन्िो्ने ह्फ़क्मो् का कायाकक्ि सहंदी ससरेमा के सौ साल के इस इसतहास मे् िचास प्क ् ाश झा की 'दामुल’ िमे् कर हदया. हवमल राय, मिबूब गी्वो् की बदिाली के बीच ख़ान, के आहसफ़्, राजकिूर, और साठ के दिक को स्वस्णाम काल कहा जाता है. खडा कर देती िै. सदलीि-राज-देव इस काल के महारायक थे. गुरद् त्,् बीआर चोिडा, चेतन हिक्म 'मदर इंहिया’ मे् आनंद, शस्कत सामंत, राज गांव के कूर् आह्थक ण तंत् के खोसला, हवजय आनंद, यश चोिडा जैसे को संभव करते रिे. राय ने भारतीय हसनेमा के बीच एक भारतीय नारी की हजजीहवरा और हनद्श ्े क-हनम्ातण ा थे तो सहचन देव, नौशाद, सी हलए हवश्​् की हखडकी खोली. 'प्यासा’, जीवट के दश्नण िोते िै,् तो 'गंगा जमना’ भी रामचंद,् रोशन, मदनमोिन, शंकर- 'काग़्ज के िूल’, 'सािब बीबी और ग़्ल ु ाम’ नये और असरदार ढंग से यि किानी किती जयहकशन, सहलल चौधरी, िेमतं कुमार, रहव, जैसी शानदार ह्फ़क्मे्बनाने वाले गुरद् त्​्की िै. नारी को लेकर भी ह्फ़क्मकार सचेत रिे िै.् कक्यारजी-आनंदजी, लक्म् ीकांत-प्यारेलाल तो इच्छा थी सत्यजीत राय बनने की. भले राय वैसे आमतौर िर वि ग्लमै र गल्णया खूबसूरती से रािुल देव बम्नण जैसे संगीतकार और की ि​िली और अह्​्ितीय ह्फ़क्म 'िाथेर के अिसास के तौर िर विां रिी िै लेहकन शैलदे् -् साहिर-शकील, मजर्ि के साथ िसरत िांचाली’ का मजाक िाक्यमू टे् री ह्फ़क्म 'बंदनी’ या 'गाइि’ उसके दूसरे िक्​्ो् को जयिुरी, राजेद् क ् षृ र ् , राजा मेिदं ी अली ख़ान, किकर उडाया गया िो और नरहगस ने उन िर उभारती िै.् समांतर ह्फ़क्मकारो् की अनेक नीरज, आनंद बख्शी जैसे गीतकार और लता, देश की ग़्रीबी को हवदेशो्मे्बेचने का आरोि ह्फ़क्मे् नाहयका प्ध ् ान रिी िै.् महरकौल की आशा, गीतादत्,् सुमन, शमशाद, तलत, रफ़्ी, लगाया िो, राय और 'िांचाली’ का लोिा 'उसकी रोटी’, 'अराढ का एक हदन’ और मन्नािे, मुकश े , िेमतं , हकशोर कुमार और दुहनया मानती िै. इस समय देश का हकसान 'दुहवधा’, बेनगे ल की 'अंकरु ’, कुमार शिानी मिेद् ् किूर जैसे गायक थे. संगीतकारो् मे् आत्मित्या कर रिा िै. भूहम अहधग्ि् र हबल की 'माया दि्र ण ’, हशवेद् ्हसन्िा की 'हिर भी’ िंहित रहवशंकर भी थे तो गीतकारो्मे्िंहित उसके यिां िाका िालने जैसा मंसबू ा था. तथ्य ऐसी ह्फ़क्मो् मे् हजनमे् हरश्तो् की तलाश के नरेद् ्शम्ाण और प्म्े धवन भी. यि िै हक इस देश का हसनेमा छि दशको्से साथ स्​्ी के मनोभावो्, प्र्े राओ्, इच्छाओ्का देश अभी स्वतंत् िुआ िी था. वि सरकारो् को चेताते आ रिे िै् हक गांवो् और सूकम् हचत्र ् हकया गया िै. वैसे 'मै्चुि रिूगं ी’, नवहनम्ार ण के रास्​्ेिर था. जवािरलाल नेिर् हकसानो् को तबाि करना राष्​्ीय हविदा 'कैसे किू’ं जैसी ह्फ़क्मे्उस समय की भारतीय के साथ वि खुशिाली और बदलाव के सिने साहबत िोगा. साल 1953 मे्बनी हबमल राय स्​्ी का यथाथ्णिै लेहकन ह्फ़क्मो्के जहरए िम देख रिा था. उस समय भी दुहनया मे्भारत का की 'दो बीघा जमीन’ मे्जमी्दार जब हकसान उसके सशक्तीकरर िर नजर िाल सकते िै.् ह्फ़क्म हनम्ार ण मे् दूसरा स्थान था. िाम्ल णू ा बलराज सािनी से िैकट् री लगाने के हलए आगे ह्फ़क्मो्मे्वि बाकायदा 'र्ि को अिने उनका मंत् था और बॉक्स आह्फ़स उसकी उससे अिनी दो बीघा जमीन बेचने को किता न हछिाऊंगी’, 'गोरी नाचेगी छत टुटती िै तो कसौटी. शहशधर मुखज्​्ी जैसे लोग उस समय िै तो वि जवाब देता िै, 'मै्आिका क्जण्चुका टुट जाये’ का ऐलान करती िुए 'कानो्मे्मेरे 'बॉक्स आह्फ़स के जादूगर’ किे जाते थे. दूगं ा. जमीन तो मेरी मां िै, इसे मै् कैसे बेच चािे कुछ भी कहिए’ गाने लगती िै. ह्फ़क्मो्मे् जाहिर िै उस दौर की ज्य् ादातर ह्फ़क्मो् मे् सकता िू.ं ’ इस ह्फ़क्म को देखकर एक हवदेशी एक सामाहजक हनरंतरता िोती िै जो आज िमे् ् ार ने हलखा था, 'भारत हकसी अन्य प्क ् ार मुखय् धारा की नारी केह्​्दत 'मैरी कॉम’, मनोरंजन तत्व की प्ध ् ानता िी रिी जोहक ित्क हटकट हखडकी िर कमाई से अहभप्त्े थी. से न सिी, लेहकन राजनीहतक दृह्ष से एक 'किानी’, 'मद्ानण ी’ आहद ह्फ़क्मो् मे् हदखायी लेहकन वे हसफ़फ्इतनी भर निी्थी. नेिर्के नवस्वतंत्देश िै. इस देश का एक ह्फ़क्मकार देती िै.

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अमीर-ग़्रीब का द्द्ं ,् गांव-शिर का अलगाव, स्​्ी-िुरर् संबध ं ो्, स्मगहलंग और तमाम सामाहजक राजनीहतक कुरि् ताओ्िर अनेक उम्दा ह्फ़क्मे्बनी िै.् 'बूट िाहलश’ मे् िम 'न भूखो्की भीड िोगी, न दुखो्का राज िोगा, हसतारो्िर हलखा िै’ की उम्मीद िाते िै् तो 'जागते रिो’ मे् 'सि्​्े िांसी चढते देख,े झूठा मौज उडाये’ की सि्​्ाई इस माह्मक ण बयान के साथ देखते िै्हक, 'सब कि दे इसे रब दी माया, मै्किता अन्याय.’ गरज यि हक एक से एक ह्फ़क्मे्सामाहजक उद्श्े य् ो्से प्ह्ेरत िोकर बनी्. हिक्म 'हजस देश मे्गंगा बिती िै’ िाकुओ् के आत्मसमि्र ण को लेकर थी तो 'काला बाजार’ मे्भी हबगडे िुए को सुधारने की बात थी. हिक्म 'जाल’ मे्िीरो िी हवलेन था- टोनी. लेहकन वि लडकी की जान लेने की हिम्मत निी्कर िाता. धाह्मक ण भेदभाव िर चोट करने वाली अनेक ह्फ़क्मे्िै.् इन ह्फ़क्मो्का बीज गीत यिी िै, 'तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा.’ लेहकन कई बार ह्फ़क्मो्मे्ये सब संदश े गीत-संगीत की चिेट मे् भी आ जाते िै.् कई बार गीतसंगीत उसे उभार देता िै तो बाज वक्त् िुबो भी देता िै. ऐसा मानने वाले बिुतरे े िै् हक गीत िमारी ह्फ़क्मो्के स्थायी अंतह्वरण ोध िै.् इनके अहत उियोग ने ह्फ़क्मो् को कुछ जर्री उिलस्बधयो्से वंहचत कर हदया िै. लेहकन हिंदी ह्फ़क्मो्के गीत-संगीत जैसा दुहनया मे्कुछ िै िी निी्. िर मौके्के हलए एक नायाब गीत मौजूद िै. आज भी ह्फ़क्मे्गीत के हबना अधूरी मानी जाती िै्या ऐसा िो तो यि उनकी हवशेरता बन जाती िै. िचास-साठ का वि दौर अहतशय रोमानी था. हदलीि-राज-देव दरअसल प्म्े की तीन धाराएं थी्. देवदास, आवारा और बंबई का बाबू धाराएं. हिक्म 'बाजी’ नवकेतन की थी. गुरद् त्​्िायरेकट् र थे. किानी बलराज सािनी ने हलखी थी. उन्िो्ने उसमे्छि गानो्की गुज ं ाइश रखी थी. गुरद् त्​् ने नौ गाने िाल हदये. बलराज सािनी नाराज भी िो गये. गुरद् त्,् राज खोसला, हवजय आनंद ये एक िी स्कल ू के िायरेकट् र थे. गानो् को ह्फ़क्माने मे्बेिद कक्िनाशील. राजकिूर को भी इसमे्मिारत थी. देव-हदलीि-राज के साथ मधुबाला, विीदा, नूतन, नरहगस आहद का स्टारिम उस दौर के गीतकारो्, संगीतकारो् और गायको्-गाहयकाओ्ने हमलकर बनाया. नेिर् भी 'लास्ट ऑफ़् द रोमांहटक्स’ थे. ये ह्फ़क्मी और राजनीहतक रोमान दोनो् बिुत घुल-े हमले नजर आते िै् और उस समय की ह्फ़क्मो्मे्एक बडी र्माहनयत िैदा करते िै,् हजसका सम्मोिन टूटता निी्. यि दौर तीव्​् प्म्े के साथ अचूक भोलािन हलए िै. प्म्े की िुकारे् िै् किी् मस्​्ी भरी 'यिां विां ह्फ़जा मे् आवारा, ये हदल अब तलक िै बेचारा’ तो किी् आ्त् ण् 'ये मेरा दीवानािन िै, या मोिब्बत का क्सरू ’ तो किी् प्यार का आवेग िै 'प्यार िुआ इक्रार िुआ िै प्यार से हिर क्यूं िरता िै हदल’. प्म्े सव्​्ोिहर िै. अनारकली िर एक इसी नामसे और एक मुग़ल ् -ए-आजम के नाम से ह्फ़क्म बनी हजनमे् प्म्े का संदश े था- 'ये हजंदगी उसी की िै जो हकसी का िो गया’ और 'प्यार हकया तो िरना क्या.’ ह्फ़क्मे्बि्​्ो्को 'इंसाफ़्की िगर’ िर चलने का संदश े देती िै् तो बाक्ी को 'हकसी की मुसक ् रु ािटो् िर िो हनसार’ का.



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शंभूनाथ शुक़ल

धुं

पर्ाटन

29 जनवरी - 04 फरवरी 2016

हिम काऱट़े मे़ एक रात

धलका िोने लगा था. िम बीते दो घंटे से जंगल के अंदर धूल िांक रिे थे. िर बाघ तो दूर िमे्अभी तक हकसी टस्कर (बडे दांत वाली िाथी) के भी दश्णन निी् िुए थे. बेचनै ी के उसी क्र ् मे्मैन् े एक नदी के िाट िर गाड्ी र्कवाई और लघुशक ं ा के उद्श्े य् से एक झाड्ी की तरि बढ्हलया. अचानक मेरे मन मे् ख्याल आया हक अब मै् जंगल मे् अकेला िू.ं साथी और गाड्ी दूर छूट चुके िै.् अगर ऐसे मे् कोई जानवर हमल जाये तो भागना भी मुसश् कल िोगा. यि सोचते िुए बदन हसिर गया. तभी अचानक गाड्ी मे्बैठी मेरी बेटी हचक्लाई िाथी. जक्दी से हनिटकर मैन् े झाड्ी के बािर आकर देखा तो िाया करीब आधा हकमी की दूरी िर कुछ िाथी हकक्लोल कर रिे िै.् चूहं क उस बरसाती नदी मे्किी्किी्िानी भरा था इसहलए उन्िे्शायद किी् िानी हमल गया था. िाहथयो्की संखय् ा बढ्ती जा रिी थी और यकायक एक टस्कर िमारी ओर बढ्ता हदखा. िम घबरा कर अिनीअिनी गाहिय्ो्मे्बैठ गये. विां से हखसकने मे्िी भलाई समझी. िमारी दोनो्गाहिय्ां अभी एक िल्ागा् िी आगे बढ्ी थी हक िमारे साथ बैठे िमारे कालागढ् के संवाददाता अतिर हसद्​्ीकी ने किा सर जो मांगना िो मांग लीहजए, दुगा्ण मां की सवारी जा रिी िै. गाह्डयो् की िेिलाइट मे्देखा हक दो बाघ आगे िीछे चले जा रिे िै.् िम भी उनके िीछे-िीछे अिनी गाह्डयो्को धीमी गहत से चलाते रिे थे. बाघ की कमर ितली िोती िै और आगे का हिस्सा भारी. उसकी चाल मे्न तो िड्बड्ािट िोती िै, न हकसी तरि की कोतािी. वे एकदम मस्​् और हबंदास अंदाज मे् चलते िै.् उन्िे् अच्छी तरि िता िोता िै हक सृह्ष मे्उनको िराहजत करना आसान निी् िै. यि इतना सुदं र और मनभावन दृशय् था हक कई बार मेरा मन हकया हक मै्गाड्ी से उतर जाऊं. लेहकन मेरी ित्नी और बेहटयो्के बि्​्ेमुझसे हचिटे िुए थे. मानो् मै्िी उनको बचा रिा िू.ं आगे चल रिी गाड्ी मे्िमारे हमत्​्और हबजनौर मे्अमर उजाला के ब्यरू ो चीि अशोक मधुि और मेरे दामाद जी थे. करीब आधा हकमी चलने के बाद अचानक वे दोनो्बाघ अमानगढ्की सीमा िर स्सथत नाले मे् उतर गये और किां चले गये िता िी निी्चला. मैन् े तत्काल उत्र् ाखंि मे् वन और िय्ावण रर सलािकार अहनल बलूनी

को िोन हकया और किा हक भाई मेरी तो हजम काब्​्ेट यात्​्ा समाप्त अब आगे की योजना रद्.् हजस मकसद से आया था वि िूरा िो गया िै. लेहकन आि के सूबे मे्निी्अिने यूिी मे् िी मैने बाघ देख हलया िै. ि​िले तो बलूनी जी कुछ निी्समझे. लेहकन जब समझ मे् आया तो मानने को राजी िी निी् िुए हक मैने बाघ यूिी के हरजब्णिारेसट् अमानगढ्मे् देखा िै. उन्िो्ने सिाई दी हक बाघ िै्तो हजम काब्ट्े के िी िर यूिी की तरि कूद गये िो्ग.े दरअसल हजम काब्ट्े की दह्​्करी सीमा यूिी के अमानगढ्से सटी िुई िै और अक्सर बाघ या िाथी इधर भी घुस आते िै.् कुछ भी िो बाघ अगर देखने िो्तो हजम काब्ट्े और अमानगढ् सबसे उम्दा अभ्यारण्य िै्. हदक्ली से हजम काब्​्ेट जाने का सबसे सुगम रास्​्ा िै वाया गजरौला, मुरादाबाद और राम नगर िोकर. रामनगर मे् रात हबताकर सुबि आि हजम काब्ट्े मे्प्व् श े ले सकते िै.् हजम काब्ट्े के अंदर वन हवभाग के रेसट् िाउसेज िै.् लेहकन उनमे् बुहकंग ि​िले से करानी िड्ती िै. क्यो्हक आम तौर िर वे िुल िी रिते िै.् धनगढ्ी गेट से प्​्वेश लेकर आि हढकाला ि​िुच ं सकते िै.् विां िर िारेसट् के रेसट् िाउसेज के अलावा एक गेसट् िाउस भी िै. उसमे् कई र्म हमल जाते िै्. इसके अलावा रामनगर-धनगढ्ी र्ट मे्रामगंगा के हकनारे बिुत सारे प्​्ाइवेट िोटल और हरजॉट्ण भी िै्. रामनगर मे् भी िोटल बेितर िै्. अभ्यारण्य के भीतर हसि्फ िारेस्ट के गेस्ट

िाउस िै्. विां िर हनजी िोटल खोलने की अनुमहत निी् िै. हदक्ली से हजम काब्​्ेट की दूरी 245 हकमी और लखनऊ से 450 हकमी की िै. दोनो्िी राजधाहनयो्से रेल और बस

सजम काब्​्ेट मे्रात को जब आि अिरे कमरे से बाहर आते है्तो रेस्ट हाउस की कटीली बाड्की िरली तरफ असंख्य लाल चमकती हुई आंखे्आिको घूर रही होती है्. ये दरअसल वे जारवर है्, जो रेस्ट हाउस के अंदर आरे को आतुर होते है्. सेवा का इंतजाम िै. हनजी गाहिय्ो् से भी ि​िुच ं ा जा सकता िै. लेहकन दोनो्िी स्थान से िाईवे की सड्के्कामचलाऊ िै.् लखनऊ से एनएच-24 के जहरये आि बरेली आ सकते िै्. विां से िंत नगर िोते िुए हजम काब्​्ेट ि​िुंचा जा सकता िै. यि एनएच-24 बस सीतािुर तक िी बेितर िै और िोर लाइन िै. जबहक हदक्ली से मुरादाबाद तक एनएच-24 िोर लेन का िै. आगे का रास्​्ा आि सामान्य और स्टटे िाईवे िर चलते िुए िूरी करते िै.् गजरौला के हसवाय खाने का रास्​्े मे् कुछ निी्हमलेगा. इसहलए बेितर रिे हक गजरौला के हमिवे िर िी कुछ खा ले.् मुरादाबाद शिर मे् जाने की कोई जर्रत निी् िै. इसी तरि लखनऊ से आने वालो्के हलए बेितर स्थान ‘िाई वे’ िोटल िै् या हिर बरेली के िोटल ‘रेस्ा’ं . हजम काब्ट्े मे्आि अिनी गाड्ी निी्ले जा सकते इसहलए आिको जंगल सिारी िी बुक करानी िड्गे ी. जंगल सिारी के हलए जो जीि हमलती िै. वि आमतौर िर हजप्सी िोती िै. जो हक खुली िुई और िेट्ोल से चलने वाली िोती िै. जंगल के अंदर िीज्ल गाह्डयो् का प्​्वेश हनरेध िै. जंगल सिारी के हलए आि शेयर टैकस ् ी भी ले सकते िै.् चािे्तो िूरी हजप्सी भी बुक करा सकते िै.् यि सब कुछ

वन हवभाग के हनयंतर ् मे्िी िै. यिां िर िाथी सिारी का आनंद भी ले सकते िै.् सुबि िाते िी हढकाला से आि िाथी बुक करा सकते िै.् तड्के चार बजे से िी िाथी अिनी सवाहरयो् को लेकर हनकल जाते िै.् आमतौर िर मृग के हमलने की संभावना िाथी से िी अहधक िोती िै. िाथी से बाघ भी दूर से िी नमस्कार िसंद करता िै और िाथी भी अिने प्​्हतद्​्ंदी का उतना िी आदर करता िै. लेहकन यहद टस्कर टकरा जाये तो न तो आिको लेकर जाने वाली िहथनी की खैर और न िी बाघ की. ऐसे मौको् को मिावत आमतौर िर टालने का प्​्यास करते िै्. लेहकन िालात बेकाबू िोने िर िारेस्ट गाि्ण को आवाज देकर टस्कर को ट्स्ैक् वलाइजर से बेसध ु करवाते िै.् आमतौर िर हजप्सी के शोर से जानवर िी भागते िै.् मै् हनजी तौर िर एनएच-24 के जहरये मुरादाबाद, काशीिुर, रामनगर के रास्​्े की बजाय मेरठ, मवाना,हबजनौर का रास्​्ा िकिऩा िसंद करता िूं. इसके जहरये िम कालागढ् गेट से हजम काब्ट्े मे् प्व् श े करते िै.् यूिी के अमानगढ् िारेसट् रेसट् िाउस मे् रात हबताकर अगले हदन हजम काब्ट्े मे्ि​िुच ं जाते िै्. अमानगढ् के जहरये जाने िर उत्​्र प्द् श े वन हवभाग आिके हलये उत्र् ाखंि वन हवभाग से हवशेर अनुमहत लेता िै. इस रास्​्े के दो लाभ िै.् एक तो इसके जहरये िम उस भीड्और प्द् रू र से बच जाते िै्जो हदक्ली के शौहकया िय्टण क िैलाया करते िै.् दूसरे इसी बिाने एहशया के सबसे ऊंचे बांध को भी देख लेते िै.् जो कालगढ् से सात हकमी ऊिर िै. असली िायदा तब िोता िै जब इस रास्ते जाते िुए कालगढ् और अमानगढ् के सघन जंगलो्मे्वनराज हदखने को हमल जाये.् अब हजम काब्​्ेट का नाम भले िो मगर वनराज िय्णटको् की िायतौबा से घबराकर यूिी के जंगलो् की तरि हखसक हलये िै्. कालागढ् का जंगली वन भी यूिी मे् िी िड्ता िै. मै् आमतौर िर सुबि छि बजे हनकलता िू.ं साठ हकमी मेरठ और विां से 85 हकमी हबजनौर का रास्​्ा तय कर बाद मे्75 हकमी और गाड्ी भगाता िू.ं 12 बजे दोि​िर तक अिजलगढ् ि​िुच ं जाता िू.ं विां िर द्​्ाहरकेश चीनी हमल िै. हजसके काह्मक ण प्ब् ध ं क िै्अहनल कुमार हसंि िवार. वे इस कदर के मेिमाननवाज िै्

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हक आगंतुक अहतहथ को एक हदन तो अिने यिां रोकेग् े िी और हमल हदखाते समय अिनी बड्ेदाने की सुसव् ादु चीनी का स्वाद अवश्य चखायेग् .े िम यिां से दो रास्​्ो्िर जा सकते िै.् एक तो सीधे कालागढ् चला गया िै. जो यिां से दस हकमी दूर िै. दूसरा सीधे यूिी के अमानगढ्िारेसट् मे्प्व् श े कर हलया जाये. अमानगढ् जाने के हलए द्​्ाहरकेश चीनी हमल से हनकलते िी जंगल का कि्​्ा रास्​्ा िकड्लेना िड्ता िै. विां िर अिनी गाड्ी ले जा सकते िै् इसहलए बेितर रिे हक वन हवभाग के दो बंदक ू धारी गाि्ण भी साथ मे् ले ले.् जंगल का कोई भरोसा निी्कब कौन-सा जानवर हमल जाये. तब ये गाि्ण उन्िे् िवाई िायर से िरा सकते िै्. ट्​्ैस्कवलाइजर के चलते कुछ क्​्रो् के हलए उन्िे् बेसुध कर सकते िै.् हकसी भी हरजव्णिारेसट् मे्आि कोई भी िहथयार लेकर निी् प्व् श े कर सकते िै.् यिां तक हक अिना लाइसेस ् ी िहथयार भी वन हवभाग मे् जमा कराना िोगा. अमानगढ् मे् यूिी िारेसट् का एक गेसट् िाउस िै. और यिां र्कने की बेितर व्यवस्था. विां िर स्थानीय रेज ् र के जहरये आि सुइट बुक करा सकते िै.् िर दो हदक्त् े्िै,् एक तो भोजन का इंतजार करना िोगा. विां का चौकीदार भोजन बना तो देगा मगर आटा, दाल, चावल, सब्जी लानी िोगा. दूसरा यहद रात को लाइट चली जाये तो जेनसेट के हलए िीजल का प्ब् ध ं भी आिको िी करना िड्गे ा. बिरिाल यिां जंगल घना िै और मृगराज या गजराज के दश्णनो् की संभावना खूब िै. अिजलगढ्से दूसरा रास्​्ा वाया कालागढ्िै. कालागढ्का मशिूर िैम और िाईहिल का िावर िाउस देखने के बाद आि हजम काब्​्ेट मे् उत्​्राखंि िारेस्ट हि​िाट्णमे्ट से अनुमहत लेकर और हनध्ाणहरत मूकय् चुका कर आि प्व् श े ले सकते िै.् वैसे कालागढ् के जंगल मे् भी िाथी या बाघ आिको हमल िी जायेग् .े हजम काब्ट्े के अंदर हढकाला के अलावा सुकत् ान, ि्ज ् रानी और मनाली सव्​्ोत्म् गेसट् िाउस िै्. इसमे् से हसि्फ हढकाला और ि्​्जरानी िी िय्णटको् के हलए उिलब्ध िै्. मनाली मे् आमजन के प्​्वेश की मनािी िै. विां जाने के हलए आिको वन हवभाग से हवशेर अनुमहत लेनी िोगी. आिको बताना िोगा हक आि मात्​्घुमक्ड ् ्ी का शौक निी् रखते साथ िी आिको वाइक्ि लाइि मे्र्हच भी िै. सुक्तान मे् ते्दुये बिुतायत मे् िै् और अक्सर वे यिां के िारेस्ट रेस्ट िाउस तक चले आते िै.् बालकनी मे्आराम िरमाते इन्िे् देखा जा सकता िै. मनाली रेज ् सबसे दुगमण् िै और यिां भालू, िाथी और बाघ हनद्व्​् न्द घूमा करते िै.् इसीहलए इस रेज ् मे् टूहरस्ट सिारी िर रोक लगी िै. िमने तो मनाली मे्कई बार िैथ् र, टाइगर और भालू तो देखे िी िै.् यिां का रेसट् िाउस 1929 का बना िुआ िै और यिां हबजली निी्िै. रात को जब आि अिने कमरे से बािर आये् तो देखे् हक रेस्ट िाउस की कटीली बाड् की िरली तरि असंख्य लाल चमकती िुई, आंखे आिको घूर रिी िोती िै.् ये दरअसल वे जानवर िै,् जो रेसट् िाउस के अंदर आने को आतुर िोते िै.् लेहकन बाड्िर दौड्ता सोलर िावर का करंट उन्िे् बाड् के भीतर घुसने से रोकता िै.


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29 जनवरी - 04 फरवरी 2016

महबूबा की सोची-हवचारी खामोशी माहिद ि​िांगीर श्​्ीनगर. जम्म-ू कश्मीर की राजनीहत मे् मुफत् ी मोिम्मद सईद के हनधन के बाद आये ठिराव के बीच नयी सरकार को लेकर कयासो्का दौर जारी िै. छप्िन वर्ी्या मिबूबा मुफत् ी की चुपि् ी ने सबको िैरान कर रखा िै. सबका ध्यान इसी बात िर िै हक वि सरकार बनाने का िैसला क्यो्निी्ले िा रिी्? हविक्​्ी नेशनल कांफस ्े ने कई बार सरकार न बनाने के मुद्े िर िीिीिी की आलोचना की िै. उसने कई बार यि भी किा िै हक राज्य मे्नये चुनाव कराये जाये.् इससे संकते हमलता िै हक वि िमदद्​्ी को आधार बनाकर वोट िाहसल करना चािती िै. उसे लग रिा िै हक शायद िीिीिी को भाजिा के साथ गठबंधन का गुनिगार मानकर लोग उसे िरा दे.् िालांहक यि नेशनल कांफस ्े का मुगालता िी िै. लोग उसके दौर को इतनी आसानी से भूलने वाले निी् िै.् िाट्​्ी मिबूबा की आलोचना शायद इसहलए कर रिी िै हक जब िॉक्टर िार्क अब्दकु ल ् ा के हिता शेख मोिम्मद अब्दकु ल ् ा का हनधन िुआ था तो िार्क अब्दकु ल ् ा ने कुछ िी घंटो्मे्मुखय् मंत्ी का ताज ि​िन हलया था. लेहकन मिबूबा ने वि राि निी्िकड्ी िै. विी्जानकारो्का किना िै हक सरकार न बनाना मिबूबा की मजबूरी िै क्यो्हक उन्िे्

कश्मीर के लोगो्का यकीन िाहसल करने के हलये कुछ नया करना िोगा. िीिीिी से जुड्े लोगो्का किना िै हक िाट्​्ी ने भाजिा के साथ हरश्ता तोिऩे िर भी बिुत गौर से हवचार हकया था लेहकन िाट्​्ी मे्इस िर सिमहत निी्बन सकी. दलील यि दी गयी हक अगर इस समय िीिीिी ऐसा करेगी तो इसका अथ्ण यि हनकाला जायेगा हक मुफत् ी मोिम्मद सईद ने भाजिा के साथ गठजोड्ा का गलत िैसला हकया था. हवश्लरे को्का किना िै हक मिबूबा के हलये हदक्ली और कश्मीर के बीच के संवदे नशील हरश्तो्को बनाये रखना भी एक चुनौती िोगी. हवश्लरे को् का किना िै हक मिबूबा समझती िै् हदक्ली और कश्मीर के बीच के हरश्तो्को सिी हदशा मे्रखना उनके

उपचुनाव नहीं लड़ेगी कांगंेस

एम ठाकुर

क्यो् हकया गया? ले हकन रमनजीत के हसवाय यिां कांग्ेस के िास दूसरा मजबूत चं डीगढ़. आहखरकार कांग्े स खिूर उम्मीदवार निी् था. कां ग्े स के हलए साहिब उिचु नाव से िीछे िट गयी. हदक्​्त यि रिी हक उिचुनाव न लडने का नामाकं न के अं हतम हदन 27 जनवरी हनरय्ण ऐन मौके िर हलया गया. हजससे को कां ग्ेस की ओर से घोहरत प्​्त्याशी मतदाताओ् मे् यि संदेश गया हक कांग्ेस हनव्णतमान हवधायक रमनजीत हसकरी उिचुनाव को लेकर स्िष्​् निी् िै. कांग्ेस उम्मीदवार रमनजीत हसक्​्ी नामां कन करने ि​िुं चे िी निी्. इसके कु छ दे र बाद कां ग्े स ने घोररा की वि ि​िले से िी चुनाव के हलए तैयार निी् थे. ये उिचु नाव निी् लडे गी. हजस तरि से उन्िो्ने 21 जनवरी को कैप्टन को हचट्​्ी यि हनर्णय हलया गया. इससे एक बार हलखकर कि हदया था हक वे चुनाव निी् हिर से कैप्टन अमरे्दर हसंि अिनी िाट्​्ी लडना चािते . हिर भी कां ग्े स उन्िे् िी के ने ताओ् के हनशाने िर आ गये िै्. उम्मीदवार बनाने िरतुली िुई थी. इधर हविक्​् ने कां ग्ेस िर जम कर िालां हक कै प्टन ने खु द को जस्सटिाई करते िु ए किा हक क्यो्हक 2017 मे् हनशाना साधा िै . हिप्टी सीएम सुखबीर प्​्देश का हवधानसभा चुनाव िै . इसकी हसंि बादल ने किा हक कांग्ेस मैदान छोड अभी से तैयारी करनी िै. हलिाजा उिचुनाव कर भाग गयी िै. क्यो्हक कैप्टन मे् दम िी मे् समय खराब िोता. इसहलए इस निी् िै. इतना िी निी् सीहनयर कां ग्े सी उिचुनाव से कांग्ेस ने दूर रिने का हनर्णय जगमीत बराड ने सोशल मीहिया िर कैप्टन के हखलाि तीखी बाते्किी्. उन्िो्ने हलया िै. इस साल गुर् ग्​्ंथ साहिब की बेअदबी किा हक मेरा खून खौल रिा िै हक िमने िर रोर व्य क्त करते िुए खिू र साहिब बादल और अकाली दल के सामने सरे्िर हवधानसभा सीट से कांग्ेस हवधायक कर हदया. िमने मैदान छोड् हदया. मै् और रमनजीत हसंि हसकरी ने हरजाइन कर हदया कांग्ेस काय्णकत्ाण बीते 35 साल से इनके था. यि सीट हवशुद् र्ि से िंथक सीट हखलाि लड्रिे थे. बुरा लग रिा िै. कुल मानी जाती रिी िै. ऐसे मे् कांग्ेस के हलए हमला कर उिचुनाव से िीछे िटना कांग्ेस यि उिु चनाव ि​िले हदन से िी मुस्शकल के हलए हकसी भी मायने मे् ठीक निी् भरा िो गया था. हदक्​्त यि थी हक यहद समझा जा रिा िै. अब देखना यि िोगा हक रमनजीत को यिां से दोबारा हटकट हदया कैप्टन अमहरंदर हसंि इस नु क सान की जायेगा. तो हविक्​् किेगा हक हिर हरजाइन भरिाई भहवष्य मे् कैसे करते िै्? RNI- DELHIN/2015/ 65658

हलये उतना िी जर्री िै हजतना उनके हिता और उनके ि​िले के लोगो्के हलये था. िीिीिी मौजूदा िालात मे् चुनाव का सामना निी्करना चािती क्यो्हक हिछले एक साल मे्िीिीिी की सरकार ने कश्मीहरयो्के हलये कोई ऐसा काम निी्हकया हजससे उनको यकीन हमल सके हक लोग उनके साथ िै.् विी् नेशनल कांफस ्े लोगो् के मन मे् यि बात हबठाने की कोहशश कर रिी िै हक उसने भाजिा जैसी हिंदवू ादी िाट्​्ी के साथ हमलकर सरकार बनाने की कोहशश निी्की. िीिीिी ने इसके ठीक उलटा हकया. उसके िर की वजि भी यिी िै. विी् भाजिा िूरे खेल को खामोश तमाशायी की तरि देख रिी िै. आने वाले हदनो् मे् सूबे का हसयासी ऊंट हकस करवट बैठगे ा यि देखना िोगा.

भाजपा को नेताजी का सहारा!

रीता हतिारी

को दोिरा झटका दे हदया. नेताजी की िाइलो् और चंद्बोस के सिारे िाट्​्ी को राज्य के उन कोलकाता. िह्​्िम बंगाल मे्इस साल लाखो् लोगो् का समथ्णन िाहसल िोने की िोने वाले हवधानसभा चुनावो् मे् भारतीय उम्मीद िै. जो मानते िै् हक नेताजी की मौत जनता िाट्​्ी नेताजी के सिारे िी मैदान मे् साल 1945 के हवमान िादसे मे्निी्िुयी थी. उतरेगी. ताजा घटनाक्म् से तो यि बात साि नेताजी के िहरजनो्मे्से चंद्बोस िी उनकी ण हनक करने के मुद्ेिर सबसे िो गयी िै. िाट्​्ी के वहरष्​्नेता भी इसकी िुह्ष िाइलो्को साव्ज करते िै.् िाट्​्ी अध्यक्​्अहमत शाि ने दोबारा मुखर रिे िै्. उनको िक्​्ा भरोसा िै हक भाजिा की कमान संभालने के बाद यिां नेताजी की मौत उस िादसे मे्निी्िुयी थी. ण हनक करने की मांग मे् वे िावड्ा मे्अिनी ि​िली रैली मे्नेताजी सुभार िाइलो् को साव्ज िाल के मिीनो्मे्कई बार चंद् बोस के िड्िोते चंद् प् ्धानमंत्ी नरे्द् मोदी से बोस को िाट्​्ी मे् शाहमल मुलाकात कर चुके थे. कर तुर्ि का ित्​्ा चल दूसरी ओर, तृरमूल हदया िै. अब िाट्​्ी इसी कांगस ्े सांसद सुगत बोस तुरि् के सिारे हवधानसभा और िूव्ण सांसद कृष्रा चुनावो्मे्ममता बनज्​्ी की बोस का मानना िै हक अगुवायी वाली तृरमूल नेताजी की मौत उसी कांग्ेस को मात देने का हवमान िादसे मे्िुयी थी. ताना-बाना बुन रिी िै. हदलचस्ि बात यि िै भाजिा सूत्ो् का हक चंद् बोस उन्िी् ममता किना िै हक चंद् बोस बनज्​्ी के हखलाि चुनाव अगले लोकसभा चुनावो्मे् प्​्चार के हलए मैदान मे् यिां िाट्​्ी के उम्मीदवार उतरे ् ग े . हजनको खु द भी हवमान िादसे मे् िो्ग.े लेहकन उससे ि​िले दो मिीने बाद िोने ने त ाजी की मौत की थ्योरी िर यकीन निी् वाले हवधानसभा चुनावो्मे्वे िाट्​्ी के चुनाव अहभयान का प्म् ख ु चेिरा बनेग् .े प्ध ् ानमंत्ी िै. अब क्या नेताजी भाजिा की चुनावी नैया नरेद् ् मोदी ने ि​िले नेताजी जयंती िर उनसे को िार लगाये्गे, इस सवाल का जवाब तो जुड्ी एक सौ गोिनीय िाइलो्को साव्ज ण हनक चुनावी नतीजो्से िी हमलेगा. लेहकन िाट्​्ी तो हकया और उसके दो हदनो बाद िी चंद् बोस इसी के सिारे चुनावी वैतररी िार करने की को अिने िाले मे् कर िाट्​्ी ने ममता बनज्​्ी तैयारी मे्िै.

कब तक झंडा उंचा रहे हमारा!

अहनल अंशुमन

भी खूब िो रिा िै. ऐसे मे्यि ि​िाडी लगातार कमजोर िोती जा रिी िै. बीआईटी मेसरा के छात्​्ो् और िुरातत्व के शोधकत्ाणओ् ने इस रांची. सूखा और अकाल से त्स ् ्जनता ि​िाडी को अनस्टेबल घोहरत हकया िै. के चेिरे िर जबरन देशभस्कत का जुनून उन्िो्ने इस स्थल के हवशेर रख-रखाव और थोिकर झारखंि की सरकार ने राजधानी सुरक्​्ा के हलए सुझाव भी हदये िै्. लेहकन रांची मे्देश का सबसे उंचा और बडा हतरंगा िय्ावण रर रक्​्ा की हदन रात दुिाई देने वाली झंिा लिराया. के्द्ीय रक्​्ा मंत्ी ने ि​िाडी भाजिा सरकार को अिने राष्व् ाद के एजंिे मंहदर िहरसर मे् हरमोट से झंिोत्​्ोलन करते के हलए कुछ भी मायने निी् िुए किा हक इससे साहबत रखता िै. देश का सबसे िोता िै हक राज्य मे्हवकास उंचा और दुहनया मे् िांचवा तेज गहत से िो रिा िै. स् थान िाने को उिलस्बध राज्यिाल और मुख्यमंत्ी मानने मे् कोई िज्ण निी् िै. समेत मंत्ी, काय्णकत्ाणओ् ने ले ह कन लंबे समय तक इस प्श ् ासन के बुलाये गये लोगो् झंिे के हटके रिने िर गंभीर के बीच खुद अिनी िीठ संशय िो रिे िै.् क्यो्हक हमट्​्ी ठोकते िुए मोदी राज का कटाव से ि​िाडी लगातार यशगान हकया. जमीन से जज्रण -कमजोर िोती जा रिी 493 िीट उंचा और 66 िै और जब भी तेज िवाये् िीट चौडे और 95 िीट की चले्गी तब इस ऊंचे और लंबाई के आकार वाले इस हवशाल झंिे को हटकाना झंिे को हलम्का बुक ऑि ् न ने हमलकर हनम्ार ण काय्णहकया िै. मुसश् कल िोगा. ये जनता निी् िै हक सरकार हरकाि्ण मे् शाहमल करने का दावा भी हकया कंसट् क् श हजसमे् मेकान रांची के इंजीहनयरो् ने प्​्मुख कुछ भी लाद दे. बीते हदसंबर मिीने मे्अिने गया िै. शासन के एक साल िूरे करने वाली प्द् श े की किा जाता िै हक एक समय इस ि​िाडी भूहमका हनभायी िै. रघु व र सरकार को घोररा और हशलान् यास सरकार और प् ् श ासन की आं ख ो् के िर अंगज ्े स्वतंतत् ा सेनाहनयो् को िांसी देते की सरकार माना जा रिा िै . ऐसे मे ् सबसे सामने तकरीबन 26 एकड मे ् िै ल े इस क् त े ् ् थे. इसीहलए जब देश आजाद िुआ तो लोगो् ने सबसे ि​िले यिी् झंिा ि​िराया था. इस मे्अहतक्म् र भी कािी िुआ िै. इस वजि से ऊंचा हतरंगा लिराकर देशभस्कत की िवाई ऐहतिाहसक स्थल को यादगार धरोिर के र्ि यिां भवन हनम्ाणर कािी िुआ िै. हजसकी िे्कडी तो हदखायी जा सकती िै. जनता के मे् बनाने की जर्रत थी. लेहकन उस समय वजि से बाहरश से यिां की हमटटी का कटाव िाथ कुछ निी्लगने जा रिा. के व्यवसाहयओ् ने गुिचुि तरीके से मंहदर बनवाकर यिां िुजारी हबठा हदया. तब से इस स्थल का नाम ि​िाडी मंहदर रख हदया गया. आज इस मंहदर की कािी कमाई िै. क्यो्हक रांची आने वाला िर कोई इस स्थल से दूर से िी आकह्रणत िोता िै. झंिे का हनम्ाणर खच्ण मंहदर कहमटी ने िी हदया िै. फ़्रांस की आईअथ्ण कंिनी और कोलकाता की आरसीिी

स्वत्वाहधकारी, प्​्काशक और मुद्क: क्​्मता हसंि के हलए अमर उजाला िस्बलकेशंस हलहमटेि, सी-21, 22, सेक्टर-59, नोएिा, उत्​्र प्​्देश से मुह्दत एवं दूसरी मंहजल, बी-146, िहरनगर आश्​्म, नयी हदक्ली- 110014 से प्​्काहशत. संिादकः अंबरीश कुमार (िीआरबी अहधहनयम के तित समाचारो्के चयन के हलए हजम्मेदार) सभी कानूनी हववादो्के हलए न्याय क्​्ेत्हदक्ली िोगा. संिक्फ: +91.8004903209, 9793677793 ईमेल: shukrawaardelhi@gmail.com


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