िेकंि काॅमेडी का नया फामंमूला पेज- 13
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वर्ष 2 अंक 12 n पृष्: 16 n 22-28 जनवरी 2016 n नयी दिल्ली n ~ 5
पंजाब में दिलंली िोहरायेगी आप!
शरद गुपंता
भटिंडा. खदल्ली के बाद आम आदमी िाट््ी का लक््य अगले साल जनवरी मे् होने वाले िंजाब खवधानसभा चुनाव जीतना है. वह भी खदल्ली जैसी धमाकेदार जीत. सत््र मे्से 67 सी्टे्जीतना आसान नही्है. ज्यादा मुक्ककल है इस सफलता को दोहराना. लेखकन संक्ांखत के खदन बखटंडा के िास मुत्तसर साखहब मे् आयोखजत आि की रैली अगर कोई िैमाना है तो लगता है खक इस लक््य को िाना कखिन तो है, लेखकन असंभव नही्है. मुत्तसर साखहब मे् माघी मेले िर सभी प्म् ि ु दल रैली आयोखजत कर अिना शक्तत
प््दश्शन करते है्. अभी तक केवल अकाली दल और कांगस ्े रैखलयां करते थे. िहली बार है खक माघी मेले िर तीन िाख्टयि ो्की रैखलयां हुई.् ये रैखलयां गेहूं के िेतो्मे्आयोखजत होती
है.् खजन्हे्िाख्टयि ां खकसानो्से खकराये िर लेती है. िड्ेगेहूं िर बरसाती डाल कर, नमी रोकी जाती है और उसके ऊिर दरी डाली जाती है. इस बार अकाली दल और कांगस ्े ने 40-40
एकड्ज्मीन खकराये िर ली थी. जबखक आि ने 60 एकड्. खफर भी अकाली और कांगस ्े के िंडाल आधे से ज्यादा िाली रह गये. लेखकन आि की रैली इतनी बड्ी थी खक लोग उनके िंडाल के बाहर िंड, कोहरे और नमी के बावजूद भी दूसरे िेतो्मे्िड्ेथे. खदल्ली मे् सरकार बनाने के बाद यह केजरीवाल का िहला िंजाब दौरा था. रैली मे्आये लोगो्की संखय् ा और उनका उत्साह को देिा जाये. तो लगता है खक आि िंजाब मे् खदल्ली का सफलता दोहरा सकती है. केजरीवाल ने दो बजे बोलना शुर्खकया और उस समय भी लोगो् के आने का खसलखसला चल ही रहा था. लोग भागते दौडते रैली मे् बाकी पेज 2 पर
आखिरकार बंट गयीं लाल बतंंी
पूजा खिंह
भोपाल. दो साल की लंबी प््तीक््ा के बाद आखिरकार प््देश के मुख्यमंत्ी खशवराज खसंह चौहान ने खनगम मंडलो् मे् राजनीखतक खनयुक्ततयो्को हरी झंडी प््दान कर दी. खिछले खदनो्प््देश अध्यक््िद िर नंद कुमार चौहान की दोबारा खनयुक्तत के बाद से ही इस बात की प््तीक््ा हो रही थी खक यह घोषणा कब की जाती है. लंबी सुगबुगाहट के बाद प््देश प््भारी डॉ.खवनय सहस््बुद्े की मंजूरी खमलते ही 19 नेताओ्को खवखभन्न संस्थानो्मे्खनयुत्त बाकी पेज 3 पर
पठानकोट- साजिश में एसपी भी शाजमल? अखिलेश के सामने स्मृखि ईरानी!
खववेक िकंिेना
नयी टदलुली. गुप्तचर एजे्खसयो् का मानना है खक ििानकोट मे्वायुसेना के अड््े िर हुए हमलो् को एक सुखनयोखजत साखजश के तहत भारतीय लोगो् की ही मदद से अंजाम खदया गया था. उनका दावा है खक गृहमंत्ी राजनाथ खसंह ने जो आिरेशन िूरा हो जाने का ऐलान खकया था. वह सही था त्यो्खक मरने वाले आतंकवाखदयो्की संख्या छह नही्चार थी. ििानकोट हमले की जांच मे् जो तथ्य उभरकर आये है्. वे बेहद चै्काने वाले है्. हालांखक इस जांच का काम नेशनल इंनवेस्टीगेशन एजे्सी कर रही है. िर इस िर
िूरी नजर रि रही दूसरी गुप्तचर एजे्सी के सूत्ो् के मुताखबक यह तय हो चुका है खक िाखकस््ान ने इस साखजश मे् भारतीय नागखरको् िासतौर से िुखलस अधीक््क
टिरुअनंिपुरम. केरल स्वतंत् मत्स्य तोखजलाली फेडरेशन ने उन जहाजो् की नाकेबंदी की धमकी दी है जो िेयर ट््ॉखलंग (दो जहाजो् की जोड्ी बनाकर और बीच मे् जाल बांधकर) करके महासागर मे् मछली िकडऩे का काम करते है.् फेडरेशन के महासखचव जैकसन िोल्लाखयल ने एक वत्तव्य जारी कर कहा खक जहाजो् के जोड्ा बनाकर मछली मारने की वजह से बहुत बड्ी संखय् ा मे्नन्ही्मछखलयां जाल मे् फंसती है्. यह बात िारंिखरक मछुआरो्के खहतो्के खवर्दघ् है.उन्हो्ने दावा खकया िारंिखरक मछुआरो् ने नन्ही् मछखलयो् के मरने से समुद् मे् मछखलयो् को हो रहे नुकसान के चलते यह काम बहुत िहले छोड् खदया है. फेडरेशन ने यह मांग भी की खक राज्य सरकार को हर संभव प््यास करके छोटी
मछखलयो्को मारने के काम िर रोक लगानी चाखहये. िारंिखरक मछुआरो् के संघ ने ऐसी मछखलयो्को मारने वालो्से भी अिील की है वे समुद्ी मछखलयो् से जुड्े दीघ्शकाखलक वाखणक्जयक कारोबार के स्थाखयत्व् को ध्यान मे्रिते हुए भी इन मछखलयो्को मारना बंद कर दे.् मछुआरो् ने यह भी कहा खक खनखहत स्वाथ्शवाले तत्व् ो्का एक समूह सरकार द््ारा ऐसी मछखलयो् को मारने से रोकने संबंधी खनयम को धता बताते हुए भी मछखलयां मारने का प्य् ास कर रहा था. राज्य सरकार ने मछली मारकर उसे बाजार मे् बेचने के खलये उसका न्यूनतम आकार तय खकया है. इसके बावजूद राज्य मे् बड्ेिैमाने िर छोटी मछखलयो्को मारने की िबरे्सामने आती रही है.्
बंद हो छोटी मछलियों का लिकार
सलखवंदर िूरा सहयोग कर रहे थे. उनके मुताखबक इस हमले को अंजाम देने के खलए िंजाब सीमा िर तस्करी मे्खलप्त लोगो्और सुरक््ा बलो्की मदद ली गयी थी. सूत्ो् ने बताया खक िाखकस््ान से लगने वाली िंजाब की सीमा िर काफी लंबे अरसे से तस्करी होती आ रही है. इसमे् मुख्यतः नशीली दवाएं शाखमल होती है्. यह इतना फलने फूलने वाला धंधा है खक करीब साल भर िहले तक कभी भी िाखकस््ान ने यहां से आतंकवाखदयो् को भारत भेजने की कोखशश नही् की त्यो्खक उसको िता था खक अगर उसने ऐसा खकया तो इस इलाके मे् चौकसी चुस्दुरस्् कर दी जायेगी और तस्करी बाकी पेज 2 पर
िखवता वमंाम
खजन नामो्की चच्ाश है उनमे धम्शिाल खसंह, स्वतंत्देव खसंह और मेयर खदनेश शम्ाश का लखनऊ. उत््र प््देश मे् चुनावी साल नाम है .इस बीच नया नाम केद् ्ीय मंत्ी स्मखृ त मे् भारतीय जनता िाट््ी को अभीतक कोई ईरानी का आ गया है खजसे एक िेमा उछाल भी रहा है. ऐसा चेहरा दरअसल नसीब नही्हुआ प्ध ् ानमंत्ी नरेद् ् खजसके बूते वह मोदी एक प््देश मे् चुनाव झटके मे् ही अखभयान शुर् प््देश के कर सरकार कद््ावर और बनाने का दावा बुजुग्श नेताओ् िोक सके. को सक््ीय मौजूदा प््देश अध्यक्् लक््मीकांत वाजिेयी तो केयरटेकर राजनीखत से बाहर कर चुके है. खहंदुत्व का बाकी पेज 2 पर अध्यक््की भूखमका मे्है. इसके बाद िाट््ी मे्
सांप्दायिक नही्, सुयनिोयित थी मालदा की यहंसा
रीता खतवारी
मालदा. िख््िम बंगाल के मालदा खजले मे् बांगल ् ादेशी की सीमा से सटे काखलयाचक मे् तीन जनवरी को जो कुछ हुआ वह सांप्दाखयक खहंसा नही् बक्लक एक सुखनयोखजत साखजश थी. मालदा मे्कभी सांप्दाखयक खहंसा का कोई इखतहास नही् रहा है. इसखलए इस घटना के छह खदनो् बाद मुखय् मंत्ी ममता बनज््ी ने जब कहा खक यह सांप्दाखयक खहंसा नही् बक्लक बीएसएफ और स्थनीय लोगो् के बीच का झगड्ा था तो वे हकीकत से ज्यादा दूर नही् थी्. हां,
खहंसा के एक ििवाड्े बाद अब इसका असली चेहरा सामने आने लगा है. कभी अिने आमो् के खलए िूरी दुखनया मे् मशहूर मालदा अब िाखकस््ान से बांग्लादेश होकर आने वाले नकली भारतीय र्ियो् और सीमा िार नशीली वस््ुओ् की तस्करी के खलए सुख्िशयां बटोर रहा है. नेताओ् और माखफया का गिजोड्देिना यह बात जर्री है खक खसर िर िड्े हो तो खजले के सीमावत््ी इलाको्से बेहतर खवधानसभा चुनावो् को ध्यान मे् रिते हुए कोई जगह नही्हो सकती. िहले जहां महज उन्हो्ने न तो अल्िसंख्यको् के खिलाफ सीखमत इलाको्मे्अफीम की िेती होती थी कोई खटप्िणी की और न ही इलाके मे्तेजी वही्अब िुखलस व प््शासन की नाक के से िकड् बना रहे ड््ग माखफया िर. इस बाकी पेज 2 पर
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22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अदियान का सच एम कुमार
चंडीगढ़. आंकडे बेरहम होते है्. भाव और भावनाओ्से िरे. एक दम सच खदिाते है. वह भी जमीनी. और उत्साह भी आंकडो् के इस सच को दबा नही् सकता. खफर वह उत्साह हखरयाणा के सीएम मनोहर लाल िट््र का ही त्यो् न हो. हखरयाणा के बेटी बचाओ बेटी िढ़ाओ् के जो आंकडे है्, वह सरकार के उत्साह का साथ देते नजर नही् आ रहे है्. त्यो्खक आंकडे तो बता रहे है् हखरयाणा मे् कोि मे् बेखटयो् की हत्या का कलंक ित्म नही् हो रहा. एक साल मे् एक हजार लडको् के िीछे िांच लड्खकयां ही बढ़ िाई. वह भी तब जब 22276 रैखलयां, 15600 प््भात फेखरया 17 लाि र्िए के इनाम िीएनडीटी एत्ट के तहत 130 एफआईआर दज्श. िीएम नरेद् ्मोदी 22 जनवरी 2015 को िानीित मे् बेटी बचाओ् बेटी िढ़ाओ् काय्शक्म आयोखजत कर अखभनेत्ी माधुरी दीख््कत को ब्ड ्ै एंबस े ड े र बनाया वही्सीएम मनोहर लाल ने िखरखणखत चोिडा को बेटी बचाओ बेटी िढ़ाओ् अखभयान का ब््ैड एंबेसेडर. खफर भी 2014 मे्जहां लड्खकयो् की संख्या एक हजार लडको् के िीछे 871
थी वह इतनी कवायद के बाद बस 876 तक िहुंच िाई. इधर सरकार इसे बडी उिलक्धध बता रही है. उत्साह का आलम यह रहा खक सीएम मनोहर लाल िट््र जािान दौरे की िूव्श संध्या 16 जनवरी को खदल्ली से चंडीगढ़ िहुंचे. यहां आनन फानन मे् ित््कारवात्ाश की और खसलखसलेवार यह आंकडे िेश करते हुए दावा खकया खक हखरयाणा मे् लडखकयो् की संख्या बढ़ गई. सरकार का यह उत्साह तब था जब बेटी बचाओ्बेटी िढ़ाओ्अखभयान का एक साल
िूरा होने से िांच खदन बाकी थे. िर त्यो्खक तब तो सीएम जािान मे्हो्गे. सीएम का दावा है खक 12 खजलो् मे् बेखटयो्की संख्या बढ़ी है. उन्हो्ने जो आंकडे िेश खकए इसमे्खसरसा मे्999 िंचकूला मे् 961, करनाल मे् 959 फतेहाबाद मे् 952 गुडगांव मे्946 , रेवाडी मे्931 मेवात मे् 923, सोनीित मे् 942, जी्द 940, महे्द्गढ़ मे्912व खहसार मे्906लडखकयां एक हजार लडको् के िीछे हो गई. इधर शुक्वार ने बाकी बचे खजलो् के लडका लडकी अनूिात को िंगाला तो िाया खक सीएम ने उन सात खजलो्का खजक््त्यो्नही्
खकया. त्यो्खक यहां तो लडखकयो्की संख्या कम हो गई थी. इसमे्अंबाला मे्एक साल िहले जहां 984 लडखकयां थी घट कम 896 रह गई. झज््र मे् 800 से 794 कैथल मे् 877 से 816 मेवात 974 से 923 िलवल 904 से 880 िानीित 952 से 882 रोहतक मे्871 से 868 लडखकयां रह गई. (यह संख्या जनवरी मे् 1000 लडको् के िीछे थी जो खदसंबर मे्कम हुई) इधर प््देश की मखहला अखधकार काय्क श त्ाश एडवोकेट आरती का कहना है खक जागर्कता एक बात है.असली बात तोयह है खक प्द् श े मे् आज भी लडखकयो् दोयम दज््े का नागखरक समझा जाता है. सरकार ऐसा माहौल नही्बना िाई खजसमे्मखहलाओ्को इज्त् खमले. सब कुछ खदिावा भर हो रहा है. जमीनी स््र िर कुछ भी काम नही्हुआ. होना तो यह चाखहए खक सरकार लडखकयो् के खिलाफ होने वाले अिराध िर रोक लगाए. लडखकयां सुरख््कत कैसे हो? इसकी खचंता होनी चाखहए। लोगो् की मानखसकता बदलनी होगी. लडखकयो्को रोजगार के ज्यादा मौके देने हो्गे. आरती के अनुसार यह लंबी प्ख््कया है. इसके खलए एक रणनीखत बना कर ही काम करना होगा. कम से कम इस तरह से आंकडो् की हवा बाजी खदिा कर कुछ भी होने वाला नही्है.
सांपंिादयक नहीं, सुदनयोदजत थी मालिा की दहंसा
पेज 1 का बाकी नीचे धड्ल्ले से सैकड्ो्हेत्टेयर मे्इस फसल की िेती होती है. फसले्कटने के बाद तैयार होने वाली अिीम को सीमा िार बांगल ् ादेश भेजा जाता है और कई माखफया खगरोह इसमे् सख््कय है्. जाखहर है स्थानीय नेताओ्के वरदहस््के खबना यह संभव नही्है. तीन जनवरी की खहंसा के बाद प्श ् ासन की ओर से चले साझा अखबयान के दौरान साढ़्ेसात बीघे मे्लगी अिीम की फसले्नष््कर दी गई्. लेखकन हकीकत यह है खक लंबे अरसे तक कांगस ्े का गढ़्रहा यह खजला अब िूरी तरह ड्ग् माखफया व तस्करो्के चंगल ु मे्है. अब इलाके मे्कांगस ्े की कमजोर होती िकड्के बीच तृणमूल कांगस ्े काफी मजबूत है. लेखकन चाहे कोई िाट््ी सत््ा मे्रहे, खकसी ने कभी तस्करी के इस फलते-फूलते कारोबार और माखफयाओ्िर अंकश ु लगाने के बारे मे्सोचा तक नही्, कार्वश ाई करना तो बहुत दूर की बात है. अब यह काफी हद तक साफ हो गया है खक वह खहंसा माखफया समूहो्की सोची-समझी साखजश थी. उसका मकसद यह खदिाना था खक इलाके मे्चलती उनकी ही है, राज्य मे्सरकार चाहे खकसी की भी हो. काखलयाचक थाने को फूक ं कर उसमे्रिे तमाम दस््ीवेजी सबूत भी आग के हवाले कर खदए गए. िय्वश क े क ् ो्का कहना है खक यह घटना उन लोगो् (िढ़्े् सरकार, राजनीखतक दल और खजला प््शासन) के खलए एक सख्त चेतावनी है जो िानी मे् रह कर मगरमच्छ (िढ़्े् तस्करो्) से बैर करने की सोच रहे थे. खवधानसभा चुनावो्से िहले काखलयाचक जैसे छोटे इलाके मे् माखफया गुटो् के बीच खहंसा की घटनाएं भी बढ़्ी है्. यह संयोग नही्है खक वष्श2015 के अंखतम चार महीनो्के दौरान इस इलाके मे्50 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी है्. वैसे भी खजले की आबादी िर गौर करते ही कई समीकरण साफ हो जाते है्. मालदा अब अल्िसंखय् क-बहुल खजला बन चुका है. वष्श 1951 मे् यहां मुसलमानो् की आबादी 37 फीसदी थी जो अब बढ़् कर 52 फीसदी हो गई है. इसकी एक प््मुि वजह है सीमा िार से लगातार होने वाली घुसिैि. इस िार िहुंचने वाले घुसिैखियो् को वोटर काड्शसे लेकर राशनकाड्शतक दलालो्की सहायता से सहज ही खमल जाता है. वोट बै्क के सनमीकरण को ध्यान मे् रिते हुए तमाम राजनीखतक िाख्टयि ां ऐसे घुसिैखटयो्की सहायता के खलए हमेशा तत्िर रहती है.् काखलयाचक की खहंसा सांपद् ाखयक नही्थी इसका एक सबूत यह भी है खक थाने के िास बने काली मंखदक को कोई नुकसान
नही्िहुच ं ाया गया. इसके साथ ही जो दुकाने्जली्उनके माखलक खहंदू भी थे और मुसलमान भी. दरअसल, इस खहंसा की जड्े् इलाके की सामाखजक और आख्थशक िखरक्सथखतयो्मे्ही खछिी है्. इसबीच, चुनावो्को ध्यान मे्रिते हुए तमाम राजनीखतक दल इसकी आंच िर अिनी राजनीखत की रोखटयां से्कने मे् जुट गए है्. भाजिा और माकिा इस मुद्ेको भुनाने का प्य् ास मे्जुट गई है्जबखक तृणमूल कांगस ्े इसे स्थानीय घटना बता कर मामले िर लीिािोती का प््यास कर रही है. ध्यान रहे खक ध्यान रहे खक खहंदू महासभा के एक नेता की ओर से कखथत अिमानजनक खटप्िणी के कोई महीने भर बाद अल्िसंख्यको्के एक जुलूस के दौरान भडकी खहंसा और आगजनी मे् 40 से ज्यादा वाहन जला खदये गये थे. लोगो्ने काखलयाचक थाने मे् भी लूटिाट व आगजनी की थी. िुखलस का कहना है खक बीएसएफ के एक वाहन के आगे खनकलने के प््यास मे्रैली मे्शाखमल लोगो्से कहासुनी हुयी और उसके बाद ही खहंसा भड्की. भाजिा ने इस घटना के बाद अिनी दो अलग-अलग टीमो्को मौके िर भेजने का प््यास खकया था. लेखकन खजला प््शासन ने इलाके मे् धारा 144 लागू होने की बात कर इन प््खतखनखधमंडलो् को उल्टे िांव लौटा खदया. माकिा का एक प््खतखनखधमंडल को भी मौके िर नही्जाने खदया गया. घटना के एक सप्ताह के बाद मुख्यमंत्ी ममता बनज््ी ने अिनी चुप्िी तोड्ते हुए कहा था खक यह सांप्दाखयक खहंसा नही्, बक्लक स्थानीय लोगो्और सीमा सुरक््ा बल (बीएसएफ) के बीच संघष्शकी घटना थी. इसमे्प््शासन की कोई भूखमका नही्थी. भाजिा ने इस मामले मे् सरकार िर आरोखियो् को बचाने का आरोि लगाया है. माकिा ने भी सरकार िर खनशाना लगाते हुए कहा है खक काखलयाचक की घटना से साफ है खक सरकार राज्य मे् सांप्दाखयक खहंसा िर अंकुश लगाने मे् िूरी तरह नाकाम रही है. लेखकन कांग्ेस ने यह कहते हुए भाजिा सांसदो् की टीम को लौटाने के फैसले का बचाव खकया है खक इससे इलाके मे्तनाव बढ़ सकता था. तृणमूल कांगस ्े ने राज्य मे्होने वाले खवधानसभा चुनावो्से िहले भाजिा िर सांप्दाखयकता का मुददा भडकाने का प््यास करने का आरोि लगाया है. तृणमूल के राष््ीय प््वत्ता और सांसद डेरेक ओ ब््ायन ने यहां एक बयान मे्कहा खक मालदा खजले के काखलयाचक मे् िखरक्सथखत तनाविूण्शजर्र थी, लेखकन कभी बेकाबू नही्थी.
पंजाब में दिलंली िोहरायेगी आप!
पेज 1 का बाकी िहुंचने की कोखशश कर रहे थे. भीड् इतनी ज्यादा था खक रैली के बाद बारह खकलोमीटर लंबा जाम लग गया. दरअसल आि ने 430 सीटो् िर लोकसभा चुनाव लड्ा था. लेखकन जीती खसफ्फ चार थी. ये सारी सीटे् िंजाब मे् ही आि को खमली थी्. वजह थी जनता का अकाली दल से मोहभंग. इतना ग्ुस्सा खक अर्ण जेटली जैसा राष््ीय स्र् का नेता अमृतसर से जीतने मे् नाकाम रहा. देश के अनाज के एक बड्े खहस्से की िूखत् श करने वाले िंजाब की हालत इसी से समझी जा सकती है खक वहां खकसान आत्महत्या कर रहे है.् उद््ोग बंद हो गये है.् नौकखरयां है् नही्. नौ साल से सरकार चला रहे प्क ् ाश खसंह बादल को सभी लोग रोमन सम््ाट नीरो्की संज्ा दे रहे है.् जो उस वक्त् बंसी बजा रहा था. जब रोम जल रहा था. लोकसभा चुनाव मे्सफलता ने आि नेताओ्
का ध्यान िंजाब की ओर िी्चा. लेखकन योगे्द् यादव और प््शांत भूषण के साथ केजरीवाल के मतभेदो् का असर िंजाब िर भी िड्ा और चार मे् से दो सांसदो् को िाट््ी खवरोधी गखतखवखधयो्के चलते आि से खनकाल खदया गया. ऐसे मे् उम्मीद नही् थी खक इतने बड्ेझटके से िाट््ी इतनी जल्दी उबर जायेगी. आि के िंजाब सूबे के प्भ् ारी संजय खसंह ने शुक्वार को बताया खक लोकसभा चुनाव मे् सफलता के बावजूद आि का िंजाब मे कोई संगिन नही् था. चार महीने िहले उन्हो्ने अिने सहयोगी दुग्ेश िािक के साथ खमल कर संगिन बनाने का ख्जम्मा खलया. लोग कांग्ेस और अकाली दल दोनो्से इतने नाराज् थे खक उन्हो्ने आि को हाथो्हाथ खलया. वे हमे् िैसे भी दे रहे है्, गाख्डयां, मकान और िुद का समय भी. अरखवंद ने माच्श के बाद अिना िूरा ध्यान िंजाब िर लगाने का फैसला खकया है.
पेज 1 का बाकी चेहरा रहे कल्याण खसंह हो या खफर केसरीनाथ ख््तिािी या खफर लालजी टंडन. सब की राजनीखत सामने है. ऐसे मे् उत््र प््देश मे् भारतीय जनता िाट््ी के खलये खबना चेहरे के लडना खबहार जैसा आत्मघाती होगा तो चेहरे के साथ लडना तभी उखचत होगा जब उसकी राजनैखतक साि हो. भाजिा के एक नेता ने स्मृखत ईरानी के नाम िर कहा, राजनीखत मे् और अिनी िाट््ी मे् कुछ भी संभव है. त्या खकरण बेदी को भूल गए तो स्मखृ त ईरानी भी आ सकती है. िर खसफ्फइतना ध्यान रिना िडेगा खक स्मृखत ईरानी को इस
बार राहुल गांधी से नही मुख्यमंत्ी अखिलेश यादव से लडना होगा. और वे यानी समाजवादी खकस अंदाज मे् चुनाव लडते है खदल्ली से आए लोग भले ना समझे यहां का काय्शक्त्ाश समझता है. इस खटिण्णी से िाट््ी के माहौल को समझा जा सकता है. साफ़ है उत््र प््देश मौजूदा माहौल मे् भाजिा के खलये बहुत आसान तो नही्है. खवधान सभा चुनाव बाद खजतने भी उि चुनाव हुए उनमे खसफ्फदो सीट िाट््ी जीत िाई जबखक बाक़ी यानी ग्यारह सत््ार्ढ़ दल के िास गयी. ऐसे मे् िाट््ी के खलये अगला चुनाव बहुत आसान नही है.
अखिलेश के सामने स्मृखि ईरानी!
पठानकोट- साजिश में एसपी भी शाजमल? पेज 1 का बाकी करवा िाना मुक्ककल हो जायेगा. बीते कुछ समय से इस सीमा का इस््ेमाल आतंकवादी गखतखवखध को बढ़्ावा देने के खलए खकया जाने लगा है. दीनािुर की घटना भी इसी का िखरणाम थी. सूत्ो् के मुताखबक 31 खदसंबर को रात को टैत्सी ड््ाइवर इकागर खसंह को फोन करके खजन लोगो् ने बुलवाया था. वे िाखकस््ान तस्कर थे जो खक आइएसआइ के खलए काम कर रहे थे. इकागर खसंह िहले भी इन लोगो् के खलए काम करता आया था. उसने तस्कर समझ कर आतंकवाखदयो् को अिनी टैत्सी मे् खबिा खलया िर उनके हखथयार और गोला बार्द देिकर उसे शक हो गया खक वे आतंकवादी है्. उसने उनके बताये वायुसेना अड््े िर जाने से मना कर खदया. अंततः उन लोगो्ने उसकी हत्या कर दी. आतंकवाखदयो् ने यह िबर सीमा िार भेज दी. सूत् बताते है् खक आतंकवाखदयो् ने इस बारे मे् अिने आकांओ् को सूखचत खकया खजन्हो्ने हालात की गंभीरता को देिते हुए सलखवंदर खसंह को फोन करके इन लोगो्को गंतव्य स्थल तक िहुंचाने को कहा. वह अिनी साथी ज्वेलर और िानसामे को साथ लेकर उन्हे्वायु सेना अड््ेतक छोड्ने गया. वह और िानसामा िहले ही उतर गया और उसके साथी को आगे उतार खदया. सूत्बताते है् खक सलखवंदर खसंह अिनी सफाई मे् कुछ
भी दलील दे्. िर इतनी रात उसका मजार िर जाना और खफर तीन लोगो् का जीखवत बच जाना संदेह िैदा करता है. सबसे अहम बात यह है खक खजन लोगो् ने टैत्सी ड््ाइवर को मार खदया था. वे आखिर सलखवंदर और उसके दो साखथयो् को यह जानने के बाद भी खक वे लोग उन्हे् िहचान गये है्, त्यो् खजंदा जाने दे्गे. सलखवंदर और उसके िानसामे को तो यूं ही छोड् खदया गया. जबखक उसके ज्वेलर साथी के गले िर हल्की सी िरो्च डालकर उसे छोड्ा गया. यह चोट इतनी हल्की थी खक वह आराम से अगले खदन चैनलो्िर आराम से बयान देता नजर आया. एक िुलासा यह भी हुआ है खक आतंकवाखदयो् की संख्या चार थी. इसखलए जब गृहमंत्ी राजनाथ खसंह ने इस मुिभेड्मे् चार आतंकवाखदयो्के मारे जाने और मुिभेड् समाप्त हो जाने का ऐलान खकया तो वह सच बोल रहे थे. खकन कारणो्से यह संख्या छह बतायी गयी और मुिभेड् 24 घंटे तक और जारी रिने का ऐलान खकया गया. यह सरकार ही बता सकती है. सवाल यह है खक अगर छह आतंकवादी मारे गए थे. तो बाकी दो शव कहां गये? उनके िास से चार एके 47 और तीन खरवाल्वर बरामद हुए. तय है खक कोई भी आतंकवादी खबना एके-47 नही् रहा होगा. सलखवंदर खसंह भी उन्हे्उस रास््े से ले गया जहां खक िंजाब िुखलस ने नाका नही्लगाया हुआ था.
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22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
उतंंर पंंिेश में सुलगता छातंं आंिोलन सुलग उिी. इलाहाबाद खवखव की छात्् संघ अध्यक््ऋचा खसंह ने एक बार खफर िहल की और इस मसले िर एक प््देशस््रीय छात्् युवा सम्मेलन फरवरी मे् इलाहाबाद मे् करवाने का मन बनाया. इसी बीच 20 जनवरी को एक सेमीनार का आयोजन िहले से तय था खजसमे्वखरष््ित््कार एवं खचंतक खसद््ाथ्शवरदराजन को मुख्य अखतखथ के र्ि मे्आमंख्तत खकया गया था. खवश्ख्वद््ालय के कुलिखत ने सीनेट हाल मे् यह काय्शक्म कराने की िूव्शअनुमखत भी दे दी थी. लेखकन
आलोक खिंह
रामेंदं जनवार
िद संभालने के बाद से ही कांग्ेस सखहत समाजवादी और वामिंथी छात््संगिन यहां लखनऊ/इलाहाबाद. उत््र प््देश मे् लामबंद होते नजर आ रहे है.् कुछ खदन िहले खिछले काफी समय से छात्् आंदोलनो् के इलाहाबाद खवखव के ही एक काय्शक्म मे्ं नाम िर िखरसरो्मे्सन्नाटा नजर आ रहा था भाजिा सांसद योगी आखदत्यनाथ को खवद््ाथ््ी और अखधकांश छात््संघ चुनाव स्थखगत थे. िखरषद और खवश््खवद््ालय प््शासन द््ारा िरंतु के्द् मे् भाजिा सरकार के आते ही बतौर मुखय् अखतखथ बुलाये जाने िर छात््संघ शैक्खणक िखरसरो्के भगवाकरण की प््ख्कया और प््गखतशील संगिनो् ने जमकर खवरोध शुर्हुई और इसके प््खतख््कया स्वर्ि प््देश खकया था. नतीजे मे्काय्शक्म रद््करना िड्ा मे् तमाम प््गखतशील और समाजवादी युवा था. करीब 10 खदन िहले समाजवादी र्झान अचानक राजनीखतक सख््कयता खदिाने लगे. नतीजा यह खक िखरसरो्मे्छात््आंदोलन की वाले मैगसेसे िुरस्कार खवजेता संदीि िांडेय को बीएचयू के अखतखथ प््ाध्यािक िद से हटा खचंगारी दोबारा सुलगती नजर आ रही है. इलाहाबाद खवश््खवद््ालय छात््संघ की खदया गया. कुलिखत के इस खनण्शय के बाद िहली खनव्ाखश चत मखहला अध्यक््ऋचा खसंह के खवश््खवद््ालय के छात््ो् मे् खवरोध की आंच
भोपाल. मध्य प््देश सरकार भले ही कज्श मे् डूबी हुई हो और सूिे से त््स् खकसानो्की आत्महत्याओ्ने उसे सुख्िशयो्मे् बनाये रिा हो लेखकन खवधायको् की सुखवधाओ्िर इन बातो्का रत््ी भर भी फक्फ नही् है. प््देश के खवधायको् के वेतन भत््े शीघ्् ही दोगुने हो सकते है्. इस आशय का प्स ् ्ाव फरवरी मे्बजट सत््के दौरान प्स ् त्ु खकये जाने की िूरी संभावना है. वत्शमान मे् इन खवधायको् को 71,000 र्िये का वेतन खमलता है खजसे बढ़्ाकर एक लाि 25 हजार र्िये खकये जाने की तैयारी है. जानकारो् के मुताखबक प््देश की खवत््ीय क्सथखत कतई िीक नही् है. सीएजी हाल ही मे्अिनी खरिोट्शमे्ंकह चुका है खक प््देश सरकार िर डेढ़् लाि करोड्र्िये से अखधक का कज्श है. हालांखक देश के कई अन्य राज्यो्मे् कज्शकी क्सथखत इससे भी ज्यादा िराब है लेखकन खफर भी हालात ऐसे तो कतई नही्है्खक खवधायको्के वेतन भत््ो्मे् दोगुना का इजाफा खकया जाये. ताजा प्स ् ्ाव के मुताखबक खवधायको्का मूल वेतन 10,000 र्िये से बढ़्ाकर 20,000 र्िये जबखक खनव्ाशचन भत््ा
25,000 र्िये से बढ़्ाकर 50,000 र्िये खकया जाना है. मध्य प््देश खवधानसभा मे्ं कुल 230 खवधायक है्जबखक एक खवधायक नामांखकत है. अगर यह प््स्ाव मंजूर हो जाता है तो इसका फायदा करीब 1100 िूव्श खवधायको्को भी खमलेगा. राज्य की माली हालत िहले से ही िराब है. राज्य सरकार इससे िहले सूिा राहत और नम्शदा की सफाई के खलये के्द् सरकार से धन मांग चुकी है लेखकन उसे दोनो् ही मामलो् मे् खनराशा हाथ लगी है. सूिा राहत के खलये राज्य सरकार की 4500
समथ्शको् ने बाहर गालीगलौज करनी शुर् कर दी. िुखलस को आकर प्ख्तखनखधमंडल को सुरख््कत खनकालना िड्ा. भगवा ख््बगेड की ऐसी हरकतो् के चलते िखरसरो् मे् माहौल खदन िर खदन िराब होता जा रहा है. ऐसे मे् कहा जा सकता है खक वष्श 1973-74 के छात्् आंदोलन की िृष्भूखम िुन: तैयार होती नजर आ रही है. कही् ऐसा न हो खक छात्् दोबारा सडक़ो् िर उतरकर सत््ा िखरवत्शन की खनण्ाशयक लड्ायी लडऩे िर उतार्हो जाये्.
संगम के अखाड़े मे् लेफ्ट-राइट
छात््संघ की अध्यक््ऋ चा खसंह के खवरोध के कारण नही् आ सके. उन्हो्ने ने आखदत् यनाथ को साम्प्दाखयक व्यक्तत कहा. इलाहाबाद. कुछ समय िहले ही तो उसके जबाब मे् 20 जनवरी को ऋ चा सरकार के एक वखरष्् मंत्ी ने स्वदेशी खसं ह के िहल िर हो रही संगोष््ी मे्वखरष्् समथ्शको् से बातचीत मे् कडवे लहजे मे् ित् ् क ार खसद् ा ् थ्श वरदराजन के आने का कहा आि लोग राइट या लेफ्ट. इस सतही समझ का संदश े साफ़ था खक लेफट् -राइट के खवरोध छात्् संघ के अन्य िदाखधकाखरयो् ने आलावा और कोई राजखनखतक धरातल नही् खकया. तमाम उिािटक के बाद कुलिखत ने है. ऐसे ही राजखनखतक माहौल के दो िाटो्के इस आयोजन को रद््कर खदया. खवरोध करने बीच खिस रहा इलाहाबाद खवश््खवद््ालय छात््संघ के िदाखधकाखरयो्ने वरदराजन को राष्् खवरोधी और नत्सल से जुडा हुआ ताजातरीन उदाहरण है. अतीत मे् राजनीखत मे् नई धारा िैदा बताया. यह सब वही तक्फ है और सतही करने वाली खवश््खवद््ालय, आज िीक समझ का खहस्सा है जो िखरसर के बाहर उल्टा संकीण्श राजनीखत के लेफ्ट-राइट मे् राजनीखत का है. खजसमे् राइट का मतलब उलझ गया है. 20 नवंबर से 20 जनवरी साम्पद् ाखयकता और लेफट् राष््खवरोधी और तक होने वाली घटना इसी का िखरणाम है. नत्सली है. कुछ खदन जब इसी तरह के बेतुके 20 नवंबर को छात्् संघ के उद्घाटन आधार िर संदीि िाण्डेय को बीएचयू से सामारोह मे् आ रहे सांसद आखदत्यनाथ,
कर्जग्स् मप्् मे् विधायक हो्गे मस््!
पूजा खिंह
योगी आखदत्यनाथ के काय्शक्म के खनरस्् होने से िार िाये बैिी भगवा ख््बगेड ने दबाव बनाकर अंखतम समय मे् सीनेट हाल की अनुमखत खनरस््करवा दी. छात््संघ सभागार मे् खवद््ाथ््ी िखरषद िहले से कध्जा जमाये बैिी थी. आखिरकार आयोजको् ने वरदराजन का व्याख्यान खवश््खवद््ालय गेट के बााहर स्वराज खवद्ा्िीि सभागार मे्खकया. काय्शक्म के बाद जब छात््ो् का प््खतखनखधमंडल इस खवषय मे् बात करने कुलिखत के िास िहुच ं ा तो खवद््ाथ््ी िखरषद के
करोड् र्िये की मांग का आधा ही के्द् ने स्वीकार खकया जबखक नदी सफाई के खलये कोई धन नही् खदया गया. अब सरकार खकसानो् को मुआवजा देने खलये अिने ही राजकोष को िाली कर रही है. स्िष््है खक इस नये फैसले का असर उसके िजाने िर लाखजमी तौर िर िड्ेगा. सरकार िहले कह चुकी है खक राजकोष मे् कमी के चलते ही खवकास काय््ो्की प््ाथखमकता तय की गयी है और केवल जर्री काय््ो्को ही अंजाम खदया जा रहा है. शायद यही वजह है खक प््देश का खवत्् खवभाग ऐसे खकसी भी प्स ् ्ाव से अिनी असहमखत िहले जता चुका है. लेखकन चूंखक मामला वेतन भत््ो् मे् बढ़्ोतरी का है इसखलये इस बार भी हमेशा की तरह अभूतिूव्शएकता देिने को खमल रही है. खवधानसभा के उिाध्यक््और संबंखधत सखमखत के अध्यक्् राजे्द् खसंह कहते है् खक आगामी बजट सत्् मे्खवधायको्के वेतन भत््ो्के साथसाथ क््ेत् खवकास खनखध को बढ़्ाये जाने का प््स्ाव भी आ सकता है. अभी यह प््स्ाव िरीक््ण के खलये िुन: खवत्् खवभाग को भेजा गया है. जैसे ही उसकी अनुमखत खमलेगी, संबंखधत खवधेयक सदन मे्िेश खकया जायेगा.
बाहर कर खदया गया. अब वरदराजन राष्् खवरोधी और नत्सली. सत््ा की ताकत मे् मदमस्् लोगो् का संदेश साफ़ है की आि हमारे साथ नही् है है् तो हमारे दुक्मन है्. यही संदश े अमेखरका का िुरी दुखनया के खलए भी है. तो दूर कंही कुछ िक रहा है. यह मामला तब और गंभीर हो जाता जब गंगा के खकनारे बसे दोनो्के्द्ीय खवश््खवद््ालय है. राजनीखत का ककहरा खसिानेवाला इलाहाबाद खवश््खवद््ालय और बीएचयू जैसे केन्द्ो् िर इतनी राजनीखतक असखहष्णुता देश-समाज मे्गहरा अंधेरा ही िैदा करेगा. अच्छा यही होगा की खजतनी जल्दी हो िुले खदल-खदमाग, आिसी बातचीत से संगम बनाने की कोखशश करे. सत््ा की राजनीखत के साखजशो् के मोहरे न बनकर, नौजवानो्को राजनीखत की नई धारा को िैदा करना होगा.
आदिरकार बंट गयीं लाल बतंंी पेज 1 का बाकी खकया गया है. इनमे् तीन मुख्यमंत्ी के गृह खजले सीहोर से और तीन भोिाल से है् जबखक इंदौर के एक भी नेता का नाम इसमे् न होना लोगो्को चौ्का रहा है. दरअसल इंदौर के कद््ावर नेता कैलाश खवजयवग््ीय के साथ मुख्यमंत्ी का
स्वराज, प््देश प््भारी खवनय सहस््बुद्े, संगिन महामंत्ी अरखवंद मेनन आखद की िसंद को तवज््ो दी गयी है. जो 19 नेता चुने गये है्उनमे्से 11 को कैखबनेट मंत्ी जबखक तीन को राज्य मंत्ी का दज्ाश खदया गया है. प््मुि नामो् मे् प््देश प््वत्ता रहे डा. खहतेश वाजिेयी को
छत््ीस का आंकड्ा खकसी से खछिा नही् है. गाहेबगाहे खवजयवग्ी्य का नाम प््देश के मुख्यमंत्ी िद के खलये भी उछाला जाता रहा है. मुख्यमंत्ी द््ारा इंदौर के खकसी नेता को उिकृत न खकये जाने की घटना को इस बात से जोड्कर देिा जा रहा है. इन खनयुक्ततयो् मे् मुख्यमंत्ी खशवराज खसंह चौहान के अलावा, खवदेश मंत्ी सुषमा
नागखरक आिूख्तश खनगम का अध्यक्् जबखक िाट््ी के िुराने नेता तिन भौखमक को िय्शटन खवकास खनगम का अध्यक्् बनाया गया है. इसके अलावा रामखकशन चौहान को एमिी एग््ो, सैय्यद इमामुद्ीन को मदरसा बोड्श, खशव प््काश चौबे को िखनज खवकास खनगम जबखक लता वानिेड्े को राज्य मखहला आयोग का अध्यक््बनाया गया है.
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22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
इकसठ की उम्् मे् भी वही िज्बा कािम
रीता खतवारी
िाट््ी की मखहला शािा का महासखचव बनाया कोलकािा. तृणमूल कांग्ेस की प््मुि गया. अिने िूरे और िख््िम बंगाल की मुख्यमंत्ी ममता राजनैखतक कखरयर मे् बनज््ी बीते सप्ताह 61 बरस की हो गयी है्. उन्हो्ने सादगी िसंद लेखकन इस उम्् मे् भी उनमे् वही जोश और जीवन अिनाया है. जज्बा बरकरार है. जो उन्हो्ने कांगस ्े से नाता 1984 मे् हुए आम तोड् कर तृणमूल कांग्ेस के गिन के मौके चुनावो्मे्चुने जाने वाले िर खदिाया था. इस साल उनके सामने सबसे युवा सांसदो् मे् तृणमूल की सरकार बनाये रिने की अहम वह एक थी्. इस चुनाव मे् उन्हो्ने् माकिा के चुनौती भी है. महज 15 साल की उम््मे्छात््राजनीखत खदग्गज नेता सोमनाथ से जुडने वाली ममता को राज्य के खवखभन्न चटज््ी को जादविुर कालेजो् मे् कांग्ेस की छात्् शािा छात्् लोकसभा सीट से हराया. िखरषद की यूखनयनो् की स्थािना का श््ेय हालांखक, िांच साल बाद खदया जाता है. साल 1970 मे् कांग्ेस मे् 1989 मे्हुए आम चुनाव मे्कांग्ेस खवरोधी शाखमल होने के बाद उनको छह साल बाद लहर के कारण वे इस सीट िर माकिा की
िोगी िी का िंिाल
अखनल चौबे
नोखटस खदया जा रहा है. ऐसे मे् कब नोखटस खमलेगा कब जबाब खदया जायेगा. खफर कब रायपुर. बुदं ल े िंड मे्आल्हा, उदल की खनण्यश होगा, इस प्ख््कया मे्खकतनी भी जल्दी लडाई को लेकर एक प््चखलत ग््ंथ मे्खलिा त्यो्न की जायेगी. तो भी साल गुजर जायेगा है. हमे् भी िेलने दो नही् तो हम आिका और अखमत जोगी जैसे है् वैसे ही रहे्गे. वह िेल खबगाड दे्गे. कुछ ऐसी ही कहानी कांग्ेस की सेवा करते रहे्गे और कांग्ेस की छत््ीसगढ़ के िूवश्मुखय् मंत्ी अजीत जोगी की सेवा करने से उन्हे् कोई रोक नही् सकता. है. कांग्ेस मे् इससे िहले शुत्ल िखरवार ने िहले भी उन िर संगिन का आरोि लगता छत््ीसगढ़ की सत््ा का उिभोग खकया था. रहा है खक वह खबना इजाजत के दूसरो् के लेखकन आज के समय मे्ये नेक काम अजीत खवधानसभा मे् सभाये् करते रहे है्. खजससे जोगी कर रहे है.् इखतहास के िन्ने िलटने की वह कई वत्शमान खवधायको् की छखव ख़राब जर्रत नही्सभी जानते है्, इखतहास िुद को कर चुके है्. इसके साथ ही उन्हो्ने अिनी दोहराता है. लेखकन इस बार ऊंट िहाड के युवा खबग््ेड भी बना रिी है. छत््ीसगढ़ मे् नीचे आ गया है. मंतुराम िवार की कखथत अखमत जोगी ने अिनी िकड बना रिी है. इस बात को स्थानीय नेता सीडी का जो सार है. वह अच्छी तरह से जानते है्. यही है खक िैसे के लेनदेन चुनावी समीकरण के िेल को लेकर एक दूसरे िर मे् वह मदद भले न करे्, भारी अखवश््ास था. इस ले खकन नाराजगी की क्सथखत अखवश््ास को िोस र्ि मे ् नुकसान जर्र िहुंचा खदया गया. सीडी की सकते है्. इसी छखव के बातचीत से लग रहा है खक चलते दोनो्िाख्टियो्के नेता लेनदेन की देरी से एक िक्् आज भी जोगी से िंगा नही् मे् िासी बेचैनी मे् है. तो लेते है्. अखधकाखरयो्की तो दूसरा िक्् इंतजार कराने के मूड मे्है. इस मामले की जड मे्एक मंत्ी खहम्मत ही नही्है. सीडी बम की हवा खनकलते देि भूिेश और एक शराब िेकेदर का नाम भी आया है. िर वह ना तो ख़बरो्मे्है्और ना ही जांच मे् बघेल िेमा जो अभी तक संगखित था. वह खदल्ली प्स ्े त्लब मे्उनकी चच्ाश है. दो सांडो् अब खबिरने लगा है. बीजेिी के प््वत्ता की लडायी मे् दोनो् िाख्टियो् की बाखडयां खशवरतन शम्ाश ने तो यंहा तक कह खदया है ख़राब हो रही है्. सरकार सीडी को सच खक जोगी ही कांग्ेस मे्जनाधार वाले नेता है्. साखबत होने नही् देगी. जब सीडी झूिी तो उन्हो्ने यह भी कहा है खक इस िूरे सीडी कांड इल्जाम भी झूिे खफर खकस बात का खनलंबन, के रचखयता भूिेश बघेल ही है्. खशवरतन ऐसे मे् जोगी दुगनी ताकत से वािस आ शम्ाश के इस बयान से बीजेिी मे् िलबली सकते है्. यखद सीडी सही साखबत होती है, तो मच गयी. हे शम्ाश ने इस बयान से तीनो्खहत रमन खसंह का फैसला मोदी करे्गे. इस वत्त साधने की कोखशश की है. िर जोगी खवरोधी दोनो् िेमो् मे् दम साधे बेिे नेता भी समझ भाजिाई इस बयान को लेकर शम्ाश को घेरने रहे है्. असली तूफान तो अभी आने वाला है. मे्लग गये है्. उन्हो्ने संगिन मे्आिख््त दज्श ताजे घटनाक््म मे् सीडी संदेह के घेरे कराते हुए कहा है खक दूसरी के घर की आग मे् आ गयी है. तूफान िहर गया है कखथत जबरन अिने घर त्यो्लायी जा रही है. जब सीडी बनाने वाले ने ही आिनी आवाज िर हमारे मुखिया ने साव्शजाखनक कहा की यह प्क् न् खचन्ह लगा खदया है. खजसके चलते जोगी सीडी कांड कांग्ेस का अंदुर्नी मामला है. का खनष्कासन भी लटक गया है. उन्हे् अब तो खफर इस िर बयानबाजी त्यो्हो रही है.
माखलनी भट््ाचाय्शसे हार गयी्. दो साल बाद हुए आम चुनावो्मे्वह कलकत््ा दख््कण सीट
से सांसद चुनी गयी्. 1991 मे् िीवी नरखसंहा राव सरकार मे् उन्हे् मानव संसाधन, मखहला और बाल खवकास और युवा और िेल मंत्ालय मे् राज्यमंत्ी बनाया गया. साल 1996,1998, 1999 और 2009 के आम चुनावो् मे् वह कोलकाता दख््कण सीट से ही सांसद चुनी गयी्. साल 1997 मे् कांग्ेस से नाता तोडने के बाद उन्हो्ने एक जनवरी, 1998 को तृणमूल कांग्ेस का गिन खकया. अगले साल वे के्द् की राजग सरकार मे्
शाखमल होकर रेल मंत्ी बनी्. साल 2001 मे् खवखभन्न मुद्ो् िर मतभेद गहराने के बाद उन्हो्ने राजग से नाता तोड खलया. लेखकन तीन साल बाद ही खफर राजग मे्लौट आयी्. साल 2009 मे्उन्हो्ने केद् ्की यूिीए सरकार से हाथ खमलाया. लेखकन तीन साल बाद ही उन्हो्ने यूिीए से नाता तोड खलया. इस बीच, 2011 के खवधानसभा चुनावो् मे्उनकी िाट््ी ने भारी जीत हाखसल करते हुए राज्य मे्वाममोच्ाश के 34 साल के शासन का अंत कर खदया. अगले साल ही अमेखरका की टाइम िख््तका ने उनको दुखनया के सौ सबसे प््भावशाली लोगो् की सूची मे् शाखमल कर खलया. उसी साल ध्लूमबग्श माक््ेट्स िख््तका ने उनको खवत््ीय दुखनया के 50 सबसे प््भावशाली लोगो् की सूची मे् भी शाखमल खकया था.
जकसानों को लामबंद करती एक यातंंा
रीवा. खछंदवाडा से शुर्हुई जन अखधकार यात््ा मु ल ताई-इटारसी-कटनीजबलिुर से सीधी होते हुए मेधा िाटकर की अगुवायी मे्, डॉ सुनीलम, अखधवत्ता आराधना भाग्शव, अखिल भारतीय खकसान सभा के जसखवंदर खसंह, रामनारायण कुरखरया, सीिीएम के बादल सरोज और कई जाने-माने सामखजक काय्शकत्ाशओ् के साथ मध्यप््देश के रीवा िहुंची. मजदूरो्, खकसानो्, मछुआरो्के हक़ की लडाई इस यात््ा के माध्यम से लडी जा रही है. सभा मे् आये यहां के स्थायी खनवासी जो सरकार के भूखम आखधग््हण अध्यादेश से जूझ रहे् है्. जो कारिोरेट की लूट से जूझ रहे् है्. यहां के स्थायी खनवासी अिना दल के सूय्शमान खसंह ने कहा खक आज रीवा खजले का प््त्येक खकसान सरकार और कारिोरेट के लूट से तबाह हो चुका है. रीवा अिना दल के प््ांतीय अध्यक््बुद्सेन खसंह ने कहा खक भारत एक कृखष प्ध ् ान देश होते हुये भी आज कृखष करने वाला प््त्येक खकसान भूिो्मर रहा है. आज मध्य प्द् श े मे्ही 5 महीनो्मे्तक़रीबन 300 खकसानो् ने आत्महत्या कर ली. सरकार की सारी योजनाओ्का प््भाव खकसानो्के जीवन िर िड रहा है. आज नौकरशाहो्के वेतन तो रोज बढ़ाने के आदेश आ जाते है्. लेखकन खकसानो् के वेतन की बात तो दूर उसको उसका हक़, मुआवजा तक नही्खदया जा रहा है. मध्य प््देश के खकसान नेता जनक रािौड ने कहा खक आज खकसान िेती छोड रहे् है्. सरकार के सामने सबसे बडा सवाल यही है खक खकसानो् को इस देश मे् कैसे बचाया जाये, िर बचाये कौन त्यो्खक सरकार तो िुद ही कारिोरेट का सबसे बडा साथी बन चुका है. जो खकसानो् को लूट रहा है. आज
हमे्िुद जागना होगा और िुद ही िखरवत्शन लाना होगा. आज हम मांग करते है् खक खकसानो्को भी 2000 र्िये िे्शन खमले. वीरे्द् खसंह ने कहा खक जमौडा मे् नील गाय की समस्या सबसे ज्यादा है. लेखकन वन खवभाग खकसानो्की खशकायत नही्सुनता है. जब रीवा के राजकुमार से खशकायत की गयी. तो उन्हो्ने भी खकसानो्का साथ नही्खदया. जन अखधकार यात््ा के सदस्य उत््र प््देश के राघवे्द् खसंह ने कहा खक डॉ अंबेडकर ने कहा है खक जमीन भारत का आधार है. खकसान इस देश का अन्नदाता है. िर आज सरकार उसी को ही नष््करने िर आतुर है. रीवा के कृष्ण कुमार जी ने लोगो् से अिील की खक इस जल, जंगल,जमीन के लूट के खिलाफ इस यात््ा से जुडे और 24 फरवरी को होने वाले खदल्ली के खकसान रैली मे्अिने हक के खलए लडने जर्र आये. जन अखधकार यात््ा मे् आयी् ित््कार जुलेिा जबी् ने कहा आज भारत के प्ध् ानमंत्ी ने कूटनीखत के नाम िर देश के मुहं िर काखलि लगा दी है. आज सरकार खदल्ली मे्गरीब छात््ो्की छात््वृख्त भी बंद कर रही
है. खजससे भारत का युवा िढ़खलिकर सरकार से सवाल जवाब तक न कर सके. आज कारिोरेट की लूट मे् सरकार शाखमल होकर उद््ोगिखतयो् की जेबे्भर रही है. सीिीएम के बादल सरोज ने कहा खक अिनी राजनीखतक संकीण्तश ाओ्को छोडकर एक मंच िर आने की आवक्यकता िर जोर देते हुये जन अखधकार यात््ा मे् बडी संख्या मे् आने का आह््ान खकया. खकसानो्, मजदूरो्और आखदवाखसयो्का शोषण करने वाली मध्य प््देश और भारत सरकार की खनंदा करते हुये उसे िूंजीिखतयो् का साथी बताया. अदानी की कच्छ मे् बन रही खबजली को िाखकस््ान को बेचने और आनन-फानन मे् िाखकस््ान की यात््ा करने िर नरे्द्मोदी की खनंदा की. डॉ सुनीलम ने मोदी सरकार के कोि््ोरेट को 40 फीसदी तक छूट देने की खनंदा की. िैसे न होने का रोना रोकर मध्य प््देश मे्9 महीने से खवकलांगो्को िेश ् न नही्दी जा रही है. राजस्व खवभाग, मध्य प्द् श े ने खकसानो्को फसल बीमा तक नही् बांटा है. सूिे से प््भाखवत सोयाबीन की ख़राब हुयी फसल के मुआवजा देने मे् बडे िैमाने िर हुयी धांधखलयो्की िोलिोल की. अंत मे्नम्शदा बचाओ आंदोलन की नेत्ी मेधा िाटकर ने आग््ह खकया खक आज खकसानो् को आिस मे् समन्वय बनाकर चलना होगा. त्यूंखक आज सरकार खकसान खवरोधी नीखत बनाकर मक्सजद-मंखदर के नाम िर सांप्दखयक सदभाव को ख़त्म करने की कोखशश है. अभी महाराष््के एक गांव मे्ही बंदूक और ख््तशूल के दम िर आखदवाखशयो् को जबरदस््ी खहंदू कहलाने की घटना सामने आयी है. आज सरकार फूट डालो राज करो की नीखत िर चल रही है.
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22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
सहवाग की साफगोई
फइम
भा
रतीय टीम के िूव्श ओिनर वीरे्द् सहवाग की अंतरराष््ीय ख््ककेट से खवदाई शानदार नही् रही. अिने कखरअर मे् उन्हो्ने खजस तरह की बल्लेबाजी की और भारतीय ख््ककेट को नयी ऊंचाई दी, उसे देिते हुए उनकी खबदाई बहुत बेहतरीन नही् कही जा सकती. अिने घरेलू ख्क ् केट संघ खदल्ली और खजला ख््ककेट संघ की उदासीनता ने उन्हे्ज्यादा मायूस खकया. भारतीय ख््ककेट मे्सुनील गावस्कर और सखचन तेद् ुलकर की बल्लेबाजी की भले धूम रही हो, वीरे्द् सहवाग ने कुछ ऐसे कखरक्माई िारी िेली है, जहां तक न तो गावस्कर िहुंचे और न ही सखचन. लेखकन उनकी इस उिलक्धध को भारतीय ख््ककेट कंट्ोल बोड्श ने भी बहुत ज्यादा तवज््ो नही्दी और न ही खदल्ली और खजला ख््ककेट संघ ने उन्हे् सराहा. अिनी धमाकेदार बल्लेबाजी के खलए जाने जाने वाले इस बल्लेबाज ने बहुत ही चुिचाि अंतरराष््ीय ख््ककेट को अलखवदा कहा. हालांखक बाद मे्भारतीय ख््ककेट कंट्ोल बोड्श को होश आया और उसने इस चमत्कारी बल्लेबाज की उिलक्धधयो् को सर-माथे िर लगाकर उन्हे्उनके घरेलू मैदान खफरोजशाह कोटला िर सम्माखनत खकया. दख््कण अफ््ीका और भारत के बीच िेले गए चौथे टेस्ट के िहले खदन सहवाग का सम्मान बोड्श के महासखचव अनुराग िाकुर और उिाध्यक्् सीके िन्ना ने खकया. खदलचस्ि बात यह है खक डीडीसीए, खजसके खलए सहवाग ख््ककेट
िेलते रहे इस सम्मान समारोह से दूर रहा. डीडीसीए के अखधकाखरयो्का कहना था खक सहवाग को सम्माखनत करने की सूचना बीसीसीआइ ने काफी देर से की. हालांखक डीडीसीए ने दो स्टै्डो्को सहवाग के नाम से करके भरिाई करने की कोखशश जर्र की थी. िाकुर ने उनकी उिलक्धधयो् के खलए उन्हे् चमचमाती ट््ाफी भे्ट की. सम्मान समारोह के दौरान सहवाग के साथ उनकी मां कृष्णा सहवाग, ित्नी आरती और बेटे आय्वश ीर और वेदांत मौजूद थे. अिने सम्मान के दौरान सहवाग भावुक भी हुए. सहवाग ने टेस्ट ख््ककेट मे् दो यादगार िाखरयां िेली् थी् और वे भारत के इकलौते बल्लेबाज है् खजन्हो्ने टेस्ट ख््ककेट मे्भारत के खलए खतहरा शतक जमाया है.
गणिंत् खिवस पर हाख्िक ि शुभकामनाए..
Delivering Value Througt Intergration
With best compliments from
Bhushan ONVDQ & RSDDK
BHUSHAN POWER & STEEL LIMITED Uhkk.- Sg`dkjnknh, O.N. - K`o`mf` Sdg`rhk- Qdmf`kh, Chrs- R`la`kotq Nchrg`- 768232
सहवाग बल्लेबाजी मे् खजस तरह बल्लेबाजी के कायल है्, बातचीत मे् भी उतनी ही साफगोई से खदल की बात कहते है्. जाखहर है खक वे खकसी तरह के लाग-लिेट के कायल नही्है्. इसखलए उन भावुक क््णो्मे् भी बहुत ही बेबाक तरीके से उन्हो्ने कहा. सहवाग का कहना है खक यह सही है खक बल्लेबाजी मे्भारतीय ख््ककेट के धुरंधरो्का नाम जब भी खलया जाता है तो सुनील गावस्कर और सखचन ते्दुलकर का नाम सबसे ऊिर होता है लेखकन टेस्ट ख््ककेट की लंबी िाखरयो् का जब भी खजक्् आयेगा तो िहले स्थान िर सहवाग का नाम आयेगा, दूसरे स्थान िर सहवाग का नाम आयेगा और तीसरे स्थान िर भी सहवाग का नाम ही आयेगा. सहवाग ने टेस्ट ख््ककेट मे् दख््कण अफ््ीका के खिलाफ 319, िाखकस््ान के खिलाफ 309 और श््ीलंका के खिलाफ 293 रनो्की िारी िेली थी. सर डान ब्ड ्े मैन और ब््ायन लारा के बाद वे इकलौते ऐसे बल्लेबाज है् खजन्हो्ने टेस्ट ख््ककेट मे् दो खतहरा शतक जमाया है. सहवाग भारतीय टीम के उिकप्तान रहे और एक टेसट् और दो वनडे मैच मे्भारत की कप्तानी भी की है. सहवाग ने 104 टेस्ट और 251 वनडे मैच िेले है्. टेस्ट मे् सहवाग ने 49.34 की औसत से 8586 रन बनाये है्, इनमे्23 शतक और 32 अ््द्शशतक शाखमल है. वनडे मे्सहवाग ने 35.05 की औसत से 8273 रन बनाये है.् इनमे्15 शतक और 38 अ््द्शशतक है. सहवाग अिने तरीके की
बल्लेबाजी के खलए जाने जाते रहे है्. टेस्ट ख््ककेट मे् भी अिनी आखतशी बल्लेबाजी के खलए वे जाने जाते थे. िाखकस््ान के खिलाफ जब उन्हो्ने 309 रन बनाए थे, तब खदल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्ी साहेब खसंह वम्ाश ने उन्हे् 309 ग््ाम के सोने का मुकुट देने का एलान खकया था, लेखकन इस एलान िर अमल नही्हुआ. खफर जब उन्हो्ने सौवां टेसट् िेला था. तो डीडीसीए के उिाध्यक्् चेतन चौहान ने उन्हे्सोने के खसक््देने का एलान खकया. लेखकन यह एलान भी एलान ही रहा. इसके बाद डीडीसीए ने सहवाग के नाम िर एक गेट के नामाकरण की बात कही थी. लेखकन इस िर भी अमल नही् हुआ. जाखहर है खक सहवाग के खलए यह सब काफी िीडादायक रहा. डीडीसीए अखधकाखरयो् से मतभेद की वजह से उन्हो्ने खिछले साल रणजी ट््ाफी मे् हखरयाणा से िेलने का फैसला खलया. शायद यही वजह है खक खफरोजशाह कोटला मे् जब उन्हे् सम्माखनत खकया गया था तो वे भावुक हो उिे थे. बातचीत मे् खबंदास सहवाग ने बहुत ही बेबाकी से माना खक सत््ा िर काखबज लोगो् की वजह से खिलाखडयो्के चयन मे्भेदभाव बरता जाता है और राज्य संघो् का संचालन अक््म लोगो्के हाथो्मे्है्.खदल्ली को लेकर िूछे सवाल िर सहवाग ने कहा खक खसफ्फ खदल्ली ही नही्िूरे देश मे्ख््ककेट मे्इसी तरह का िेल चल रहा है. दूसरे राज्य संघ भी अिनी कर रहे है् और जब तक अंडर -19 और अंडर -16 स््र िर बदलाव नही्होगा,
गणिंत् खिवस पर शुभकामनाए.. 26 जनवरी 2016 Jugal Kishore Sultania B/N. KHED RSXKD A`k`idd Uhkk` Bnlokdw, R`qa`g`k O.N./Chrs. Ig`qrtftc`- 768201 Nchrg` Og. N6645-272291, Lna. 9776037804
FOUNDER PRESIDENT UTKAL PRANTIYA MARWARI YUVA MANCH SAMARPAN JHARSUGUDA
ख््ककेट मे् सुधार की गुंजाइश बहुत ही कम है. त्यो्खक आयु वग्शका मसला िूरे देश मे्है. आयु वग्शमे्हेराफेरी कर अगर ज्यादा उम््के खिलाडी को टीम मे्शाखमल खकया जाता रहा है. यह एक गंभीर मसला है और इसकी िहचान करने की जर्रत है. आमतौर िर भारतीय ख््ककेट के खदग्गज खिलाडी इस तरह की खटप्िणी करने से िरहेज करते है्. लेखकन सहवाग ने ख््ककेट मे्आयु वग्शके मसले िर गंभीर सवाल िडे कर खदये है्. देश भर मे् आयु वग्श मे् ज्यादा उम्् के खिलाखडयो् को शाखमल खकये जाने को लेकर अत्सर फुसफुसाहट होती थी. लेखकन सहवाग ने इसे िुल कर कहा और नयी बहस छेड दी है. सहवाग ने चयनकत्ाश बनने के सवाल िर भी बहुत ही सलीके से कहा खक वे चयनकत्ाश नही बन सकते त्यो्खक खहतो्का टकराव का मामला सामने आ सकता है. सहवाग ने स्कूल िोला है और वहां युवा ख््ककेट खिलाखडयो् को तैयार खकया जा रहा है. सहवाग का मानना है खक अगर ऐसे मे् वे चयनकत्ाश बनते है्. तो यह िीक नही्होगा. सहवाग ने कहा खक जब मै्छोटा था तो मैन् े दस और 12 ओवरो्के कई मैच िेले थे. मै्मध्यक्म् मे्बल्लबे ाजी करता था और मुझे केवल दस के आसिास गे्दे् ही िेलने के खलए खमलती थी और मै् उनमे् अखधक से अखधक स्कोर बनाने की कोखशश करता था. मै्ने घरेलू और अंतरराष््ीय ख््ककेट मे् भी यही रवैया अिनाया और लोग मेरे स्ट्ाइक रेट की तारीफ करते थे. जो टेस्ट ख््ककेट मे् 80 या 90 से अखधकथा. उन्हो्ने कहा खक मै् केवल अिना िेल िेलता था और इस बारे मे्नही्सोचता था खक मुझे तेजी से रन बनाने है्या कुछ अलग करना है खसवाय इसके खक जब मै्टीम से जुडा तो तब तेद् ल ु कर की तरह बल्लेबाजी करना चाहता था. मुझे अहसास हुआ खक ते्दुलकर केवल एक हो सकता है और मैन् े अिना स्टांस और बैकखलफ्ट बदली. मुझे अहसास हुआ खक मुझे अिना िेल बदलना चाखहए और मै्ने ऐसा खकया. इसके बाद मै् अिनी तकनीक से िेलने लगा. सहवाग ने कहा खक अगर राहुल द््खवड के कप्तानी छोडने के समय वे टीम से बाहर नही् होते तो भारतीय टीम का कप्तान उन्हे् बनाया जा सकता था. अगर मै् तब कप्तान के र्ि मे्अच्छा करता तो आगे भी कप्तान बना रह सकता था लेखकन यह सब मौको्िर खनभ्शर करता है.
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अखनल खिंदूर
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अपनी खेती अपना तािाब
महोबा. इस खजले की तहसील चरिारी के गांव काकून मे् तालाबो् से यहां के खकसानो्ने नयी इबारत खलिनी शुर्कर दी है. गांव के खकसान अब काफी िुश है्, उन्हो्ने िेत िर ही तालाब बनाकर जमीन की प्यास बुझाने के खलये वष्ाश जल का संचयन करने का इंतजाम कर खलया है. साल 2014-15 मे् अिना तालाब अखभयान के अंतग्शत काकून गांव मे्सूिे से तंग आकर तकरीबन 70 खकसानो् ने अिनी प्यासी िेती की ज्मीन िर तालाब बनाने का संकल्ि खलया. आज वो तालाब नयी इबारत खलिने को तैयार है्. खजन खकसानो्ने तालाब अिने िेतो् मे् अभी नही् बनवाये है्. वो उतावले है्खक कब वह भी तालाब बनवाकर अिनी वष्ाश के िानी का संचयन कर िुशहाल हो्. गांव के खकसान दशाराम ने अिनी आि बीती सुनाते हुए बताया खक वह िांच भाई है.् उनकी सारी जमीन खिताजी और माताजी के नाम है. खसचाई के साधन न होने के कारण वष्ाश िर ही िेती का भखवष्य तय होता था. हमने देिा खक वष्ाश तो हो रही है. लेखकन उस समय नही् जब उनके िेतो् को जर्रत है और वष्ाश का िानी भी एकख््तत करने का कोई साधन भी नही् खजसे बाद मे् समय िर प््योग खकया जा सके. घर मे् खिताजी ने खनण्शय खलया खक िेत िर तालाब बनवा खलया जाय खजससे समय िर जर्रत िडने वाले िानी का उियोग खकया जा सके. हमने खिताजी के नाम वाली ज्मीन िर तालाब िुदवाया जब माताजी ने खिताजी की ज्मीन िर तालाब बना देि और उसका उियोग समझ अिने नाम वाली
राजीव चंदेल
परंाावरण
22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
ज्मीन िर भी तालाब िुदवाने की खजद की और उनकी ज्मीन िर भी तालाब बनवाया गया. बीते साल वष्ाश कम हुई. इसके बावजूद उसके हमारे तालाब मे्बहुतायत िानी संखचत हो गया. जो मेरे खलये एक सुिद अनुभव है. मैयादीन के िास िट््ेकी दो बीघा बंजर ज्मीन है. लेखकन उसकी खसंचाई के साधन ही नही्है्. मैयादीन सरकार से खमली ज्मीन का उियोग िेती के खलये करने मे् असमथ्श थे. उन्हो्ने भी अिने िेत मे्एक छोटा तालाब िुदवाने का खनण्शय खलया. आज उनके तालाब मे् िानी है जो उनकी उम्मीदो् को िुख्ता करने के खलये काफी है. उनका कहना है खक तालाब ने एक आस जगा दी है. बुंदेलिंड मे्तालाबो्की वजह से सूिे मे् भी िुशहाल खकसान गांव की शांखत देवी के िास भी िट््े की ज्मीन है. उन्हो्ने भी अिनी िट््े की जमीन िर तालाब िुदवाया िास बात ये है खक वह उस तालाब से एक फसल भी ले चुकी है्. गांव के खकसानो् ने
िेती के बारे मे्सोचने लगे है्. जो उनके और उनके िखरवार के भखवष्य के खलये अच्छी सूचना है. खकसानो् ने बताया खक बोर के िानी से खसंचाई करने और तालाब के िानी से खसंचाई करने की लागत मे् तीन गुने का अंतर है.
तालाब से िानी िेतो् को देने मे् कम िच्श आना सुिद है. 2500 की आबादी वाले गांव मे् खचखकत्सा की कोई सुखवधा नही्है. बच््ो्को िढ़्ने के खलये प््ाइमरी स्कूल है माध्यखमक खशक््ा के खलये चरिारी जाना िडता है. जो लडखकयो्के खलये संभव नही्है. अिना तालाब अखभयान को गखत देने वाले िुष्िे्द्भाई ने बताया खक खगरते जलस््र को बचाने के खलये जर्री है. तालाबो् को संरख््कत खकया जाय साथ ही वष्ाश का िानी संचखयत करने को िेतो् िर ही तालाबो् को िुदवाया जाये. उन्हो्ने बताया खक प्ख्तखदन 4 इंच ज्मीन का जलस््र नीचे जा रहा है जो अच्छे संकेत नही्है्. खगरते जलस््र से है्डिंि और ट््ूबवेल िानी देना छोड रहे है्. केन बेतवा का गिजोड् भी भयावह क्सथखत को संभालने मे् सक््म नही् होगा. सरकार को चाखहए खक खकसानो् को तालाब बनाने के खलये खबना
ध्याज का कम-से-कम 6 साल के खलये धन मुहैया करवाये. खजससे उनकी माली हालत बदल सके. िेत िर तालाब हो्गे तो खकसान बाग्वानी का लाभ भी ले सके्गे. िेतो्मे्तार की बाड लगाकर खकसान एक हेत्टेयर मे् बागवानी कर 3000 र्िये प््खतमाह ले सकता है. एक हेत्टेयर मे् आम के 100, अमर्द के 278, आंवले के 278, बेर के 278, बेल के 278, नीबू प््जातीय के 278 और अनार के 400 िौधे रोखित कर सकता है. बुंदेलिंड मे्तालाबो्की वजह से सूिे मे् भी अगर खकसानो् को िुशहाल रहना है. तो उन्हे्सौ फीसदी जल संरख््कत करना होगा. ऐसा करने के खलए उद््ान खवभाग उन्हे् तीन साल तक 3000 र्िये देगा. साथ ही सरकार को तार खफखनखशंग के खलये बै्को्से खकसानो् को मदद का इंतजाम करवाना होगा. - इंखडया वाटर िोट्शल
नाम िर ही सही लेखकन एक-एक कर 90 से अखधक तालाब बनकर तैयार हो गये. इस तरह से भइयां गांव को जल संरक््ण के खलये तालाब के र्ि मे्नायाब तोहफ़्ा खमला. जो आज खकसानो्के खलये वरदान के समान है्. गांव के दख््कण भुंजवा तारा िर खकसान रमेश्र िटेल से मुलाकात हुई. चेहरे िर कोई िास िुशी नही्, कारण िरीफ सीजन मे् इस साल धान खसंचाई के अभाव मे् नष्् हो चुकी है. रमेश्र कहने लगे खक उस समय तालाब के िानी का इस््ेमाल खसंचाई के खलये इस उम्मीद मे् नही् खकया गया खक शायद नहर मे्िानी आ ही जाये. बाद मे्जब
िता चला खक मेजा जलाशय का िानी समाप्त हो गया है. इसखलये बेलन नहर से खसंचाई की उम्मीद करना ही बेकार है. आखिर मे् रबी के सीजन मे् खकसानो्ने सोचा खक यखद िलेवा के खलये इन तालाबो्से िानी नही्ले्गे तो घर मे् िाने के खलये एक दाना भी िैदा नही्होगा. आज खकसानो्ने तालाब से िानी खनकालकर गेहूं की बुआई की है. सूिे के संकट के समय तालाब का िानी वरदान बन गया है. यह बात सुनने मे् असंभव सा लगता है, लेखकन खकसानो्की माने्तो इस गांव मे्एक दज्नश ऐसे तालाब है.् खजनका िानी बीते 3040 सालो्से कभी सूिा ही नही्. कई तालाब 80 से 100 बीघे ज्मीन िर बने है्. गहराई भी िय्ाशप्त है इनकी. कुछ तालाब ऐसे है्खक मई-जून के मौसम मे् भी उनमे् एक िोरसा िानी (8-9 खफट गहरा) शेष बचा रहता है. भइयां गांव के प््धान राजेश्र खतवारी कहते है् खक तालाबो् की साफ-सफाई की जर्रत है. जो तालाब गम््ी मे्सूि जाते है्, मनरेगा योजना के तहत उनकी िुदाई
करायी जाती है. हालांखक खकसानो् का दद्श अलग है. तालाबो् के कैचमे्ट एखरया िर कध्ज्ा हो गया है. बाखरश का िानी तालाब मे् एकत्् नही् हो िा रहा है. तमाम तालाबो् के बांध को काटकर उस िर सड्के्बना दी गयी है्. खकसानो् को नहर से िानी खमल जा रहा था, इसखलये वह तालाबो्को तवज््ो्नही्दे रहे थे. इस बाबत बेलन नहर के इंजीखनयर दया सागर खकसानो्के प््खत नाराज्गी जाखहर करते हुये कहते है्खक यहां िर लोग िानी का अखतभोग करते है्. िानी का इस््ेमाल करने मे् भी जोर-ज्बरदस््ी होती है. बहुत सारे खकसान अनावक्यक िानी बहाते है्. नहर से तालाबो् तक जो नाखलयां बनाकर िानी को तालाब मे् भरने की सरकारी व्यवस्था थी. लेखकन खकसानो्ने इन नाखलयो्िर भी कध्ज्ा कर खलया. इसके बावजूद गांव वाले तालाबो् का शुख्कया अदा करना नही् भूलते. यह भी कहते नही् थक रहे है् खक सूिे के समय आखिर िुराने तालाब ही काम आये. ज्यादातर खकसानो् को इस साल यखद िाने को अनाज खमलेगा तो इन्ही् तालाबो् की - इंखडया वाटर िोट्शल वजह से.
बताया खक अब खकसानो् की व्यस््ता बढ़ने लगी है. अब लोग गांव मे् अिना समय व्यतीत नही् करते बक्लक िेत िर रह कर
बुंदेलिंड मे् िालाबो् की वजह से सूिे मे् भी अगर खकसानो् को िुशहाल रहना है. िो उन्हे् सौ फीसदी जल संरख््िि करना होगा. ऐसा करने के खलए उद््ान खवभाग उन्हे् िीन साल िक 3000 र्पये देगा.
आदिर काम आये वही पुराने तालाब
इलाहाबाद. जनिद मे् एक तहसील है, मेजा. इस तहसील के भइयां गांव मे्90 से अखधक तालाब है्. अकेले एक ग््ाम िंचायत मे्90 तालाब िानी की जर्रत को रेिांखकत करते है्. एक सवाल मन मे्आता है खक मात््एक गांव मे्इतने अखधक संख्या मे्तालाबो्की आवक्यता त्यो्िड्ी. कमजोर बाखरश से इस साल िरीफ और रबी, दोनो् सीजन मे्खकसानो्के खलये थोड्ा सा भी जल आशा की खकरण बन जा रहा है. िानी की कीमत त्या हो सकती है? इलाके मे् िानी का अखतभोग करने वाले खकसानो् को अब इसका ज््ान हो रहा है. यही नही्जब इस साल िानी के तमाम स््ोत जवाब दे गये, तो खकसानो् की नजर गांव के िुराने, जज्शर तालाबो्िर िड्ी. सूिे के संकट के समय मे्भी तालाबो्मे्िय्ाशप्त िानी देि गांव वाले अचंखभत हुय.े कई सालो् से खकसी का भी ध्यान इन तालाबो्की तरफ नही् जा रहा था. खकसानो् ने िहली बार महसूस खकया खक वास््व मे् ये तालाब तो बड्ेकाम के है्. ऐसे मे्जब चारो्तरफ जल
के तमाम स््ोत सूि रहे है्. तो इस गांव के तालाबो्ने जल ही जीवन है का अतुलनीय उदाहरण प््स्ुत खकया. खकसान मुनन् ा खसंह बताते है्खक दरअसल यह लािर इलाक़्ा है. लािर का मतलब सूिाग््स् होता है. सैकड्ो् साल िहले लािर क््ेत् अकाल से जूझ रहा था. बेलन नहर थी नही्. कुओ् मे् भी िय्ाशप्त िानी नही् खमल िाता था, त्यो्खक िानी का स््ोत सैकड्ो्खफट नीचे है. थोड्ी बाखरश हुई भी तो िानी नाले मे्बह जाता था. लेखकन खकसानो् ने एक िास बात िकड् ली. यहां की खमट््ी काली है. काली खमट््ी की ख़्ाखसयत होती है खक इस िर िानी खटकने की क््मता अखधक होती है. गांव वालो्को इसका लाभ खमलने की उम्मीद जगी. जब सूिा राहत के नाम िर िहले अंग्ेजी हुक़ू्मत और बाद मे् आज्ाद खहंदुस्ान की सरकार ने मज्दूरो्को रोजी-रोटी देने के खलये तालाब िुदायी का काय्शप््ारंभ करवाया. साल 1900 से 1970-71 तक तालाब बनाने का काय्श िूरा हुआ. राहत काय्श के
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स
रकार ने खकसानो्के खलये कम दाम मे् फसल का ज्यादा बीमा योजना को हरी झंडी देकर एक सकारात्मक कदम उिाया है. िर इसे लेकर अभी भी खकसानो्के मन मे्कई तरह की आशंका है. िेती की अथ्शव्यवस्था आम तौर िर कज्श िर खनभ्शर होती है. जो खकसान कज्श का भुगतान नही् कर िाता है. तो उसे खकसानो् से संबंखधत कई योजनाओ् का फायदा नही्खमल िाता है. इसी वजह से फसल बीमा योजना को लेकर सवाल भी उि रहे है्. दूसरे इसके दायरे मे् आग और जानवरो् से होने वाले नुकसान को शाखमल नही् खकया गया है. देश मे् िेती और बागवानी मे्जानवरो्से होने वाला नुकसान बढ़ता जा रहा है. मैदानी से िहाडी इलाको्मे् नीलगाय से लेकर अन्य जंगली जानवर िडी फसल के खलये ितरा बनते जा रहे है्. बागवानो् की नयी मुसीबत लंगूर और बंदर है्. जो बडे िैमाने िर फलो् को नुकसान िहुंचाते है्. उतरािंड के कुमायूं अंचल की
भारत डोगरा
दे
22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
फंिल बीमा की नयी पहल
फल िट््ी मे्करोडो्की कीमत के फल बंदर हर साल बब्ाशद कर देते है्. शहरी इलाको्से बंदरो्को लाकर फल िट््ी मे्छोड खदया जाता है. खजससे खकसान और बागवान बब्ाशद हो जाता है. दूसरी बडी समस्या आगजनी की है. खजसे बीमा के दायरे से बाहर रिा गया है. िहाड िर हर साल गम््ी के खदनो् मे् आग लगती है, जो बढ़ते हुए आबादी तक िहुंचती है. इसकी वजह से बगीचे भी आग का खशकार होते है्. ऐसे मे् बीमा के दायरे से इन्हे् बाहर रिना िीक नही्था. बहरहाल जो भी िहल हुई है, उसका स्वागत खकया जाना चाखहए. जलवायु बदलाव के इस दौर मे्सबसे ज्यादा संकट खकसानो्को ही झेलना िडता है. सूिा से लेकर बेमौसम बरसात तक. बाढ़ हो या खफर िाला िड जाये इसका िाखमयाजा खकसान को ही उिाना िडता है. फसल जबतक घर मे्न आ जाये खकसान आशंखकत रहता है. अचानक बरसात से तबाही हो या
सूिा िड जाये. तो सदमे से खकसान ख़ुदकुशी कर लेता है. ऐसे मे् बीमा योजना से कुछ तो राहत खमलेगी. फसल बीमा योजना अभी तक इसखलये भी कारगर नही् हो िाती थी. त्यो्खक इसका प््ीखमयम ज्यादा होता था. खजससे छोटे खकसान इस योजना का लाभ लेने के बारे मे् सोच भी नही् िाते थे. हो सकता है सरकार की इस नयी िहल से खकसानो्को फायदा हो. िर सरकार को िेती खकसानी को लेकर िोस िहल करनी होगी. तभी िेती बचेगी और खकसान भी बचेगा. देश मे्हर राजनैखतक दल खकसान की बात करता है. िर सत््ा मे् आने के बाद वह खकसान को भूल जाता है. किास खकसानो् के संकट का उदाहरण सामने है. अमेखरका अिने देश के किास खकसानो् को खवखभन्न तरीके से िचास फीसद से ज्यादा की सक्धसडी देता है. िर अिने यहां सरकार इस बारे मे्कोई बात नही्करती. सरकार की उदारीकरण की नीखत के
बाद खकसान के िरंिरागत बीज ख़त्म हो गये और आज वह िूरी तरह बहुराष््ीय कंिखनयो् के सहारे है्. इनका बीज लेने से ही काम नही् चलता. इन बीजो् से होने वाली फसल को बचाने के खलये इन्ही् की खबरादरी की कंिखनयो् का कीटनाशक और उव्शरक भी चाखहए. इसके साथ िय्ाशप्त िानी भी. यही वजह है खक इन बहुराष््ीय कंिखनयो्का बीज हर साल खकसान को लेना िडता है. त्यो्खक ये बीज एक ही बार काम आता है. जबखक िरंिरागत बीजो् से खकसान आगे की फसल के खलये बीज भी खनकाल लेता था. अब खकसान िूरी तरह बहुराष््ीय कंिखनयो् के हाथ मे् है. ऐसे मे् सरकार को कृखष क््ेत् के सुधार के खलये एक नही् कई कदम उिाने िडे्गे्. वन्ाश देश मे् जगह जगह खवदभ्श जैसे हालात िैदा हो जाये्गे. वैसे भी हखरत क््ांखत वाले िंजाब मे् खकसान ख़ुदकुशी करने लगा है. तो अंधाधुंध उव्शरक और कीटनाशक के इस््ेमाल से कई
अब लकसके सहारे है बुंदेिखंड
श के सबसे के्द् मे् क्सथत बुंदेलिंड सूिा और ओलावृख्ष से लगातार प््भाखवत हो रहा है. बीते डेढ़् दशक से लगातार मौसम प््खतकूलता की मार झेल रहा है. यह क््ेत्अब उम्मीद कर रहा है खक नीखत खनध्ारश क इस क्त्े ्का संकट दूर करने के खलए कुछ नये ढंग से सोचे्गे. खजस तरह जीवन बीमा, जीवन का िय्ायश नही्हो सकता. िीक उसी तरह कृखष बीमा भी कृखष का खवकल्ि नही्हो सकता. उत््रप््देश के बुंदेलिंड अंचल के बांदा खजले (खबसंडा ध्लाक) के ओरम गांव मे् मन्नूलाल के घर मे्गहरी उदासी जैसे िसर कर बैि गयी है. वहां से जाने का नाम नही् ले रही है. कुछ महीनो् िहले मन्नूलाल ने इसी आंगन मे्खदन दहाड्ेएक िेड्से फांसी लगा ली थी. आसिास के कई लोग देिते रह गये और गहरे आवेष और अवसाद से त््स् मन्नूलाल ने गले मे् फंदा डालकर अिना जीवन समाप्त कर खदया. उस समय तमाम अखधकारी आये और उन्हो्ने सहायता के आश््ासन खदये िर वास्व् मे्इस िखरवार को कोई सहायता नही् खमली. खदसंबर माह मे्जब हम यहां िंहच ु े तब उनकी ित्नी कही् मजदूरी के खलए गयी हुई थी. एक बेटा प््वासी मजदूर के र्ि मे्खकसी दूर के क््ेत् मे् जा चुका था, छोटा बेटा आसिास ही मजदूरी की तलाश मे्भटक रहा था. बेटी क्यामा बहुत उदास और अकेली बैिी हुई थी. वह इतनी दुिी और खनराश थी खक कुछ बोल ही नही्िा रही थी. बुंदेलिंड यात््ा के दौरान आत्महत्या करने वाले खकसानो्के िखरवार के सदस्यो्से खमलने िर बार-बार यह अहसास हुआ खक वे अिने को बहुत अकेला महसूस कर रहे है्. आख्थक श तंगी के अखतखरत्त कई मखहलाओ्को और भी कई तरह की िरेशाखनयो्को झेलना िड् रहा है. जैसे उनसे जमीन छीनने के प््यास हो रहे है्. इस क्सथखत मे् यह बहुत
जर्री है खक उनकी समस्याओ् िर तुरंत ध्यान खदया जाये. बांदा खजले के सामाखजक काय्क श त्ाश राजा भैय्या बताते है् खक आत्महत्या से प््भाखवत िखरवारो् की खवस््ृत जानकारी एकत्् कर उन्हो्ने सरकार को उिलध्ध करवायी थी. इसके खलए लिनऊ मे्उच्स ् र् िर बातचीत भी हुई थी. कई िखरवारो् को सहायता राखश खमली भी है, िर मन्नूलाल जैसे कई िखरवारो् को खबना कोई कारण बताये इस सहायता से वंखचत रिा गया. महोबा खजले के सामाखजक काय्शकत्ाश अखभषेक खमश्् ने भी आत्महत्या से प््भाखवत अनेक िखरवारो् की जानकाखरयां जुटाने के खलए बहुत दौड्-धूि की थी. वे बताते है् खक कई प््यासो् के बावजूद इन िखरवारो् को समुखचत सहायता नही् खमल सकी और प््भाखवत मखहलाएं अिनी समस्याओ्को लेकर भटक रही है्. इन खवकट क्सथखतयो् मे् उम्मीद को जीखवत रिना बहुत जर्री है. इस तरह के गंभीर हादसो् से प््भाखवत िखरवारो् से प््शासन को संिक्फ रिना चाखहए और जो सरकारी सहायता स्वीकृत हुई है. उसे सम्मानजनक ढंग से प््भाखवत िखरवारो् तक िहुंचाना चाखहए. उनकी अन्य समस्याओ् को भी प््ाथखमकता के आधार िर सुलझाना चाखहए. सूिाग््स् क््ेत्ो् मे् व्यािक स््र िर उम्मीद बनी रहे, इसके खलए रोजगार काय्श आरंभ करने के साथ समय िर उखचत मजदूरी का भुगतान करना भी बहुत जर्री है. माखनकिुर प््िंड मे् एक नवखनव्ाशखचत ग््ाम प््धान ने बताया खक इस क््ेत् मे् ऐसे
उदाहरण खमल जाये्गे. जहां कई महीने िहले मनरेगा का काय्श करने वाले मजदूरो् को आज तक मजदूरी नही् खमली है. सूिाग््स् क््ेत्ो् मे् तो ऐसा अन्याय कभी नही् होना चाखहए खक देर तक मजदूरी ही न खमले. इन काय््ो् के अंतग्शत जल और खमट््ी संरक््ण का महत््विूण्श काय्श करने की बड्ी संभावनाये् है्. खजससे आगे चलकर खकसानो् को बेहतर उत्िादन प््ाप्त करने मे् और कम वष्ाश के समय मे्भी अिनी िेतीखकसानी की रक््ा मे् बहुत मदद खमलेगी. खवशेषकर िेत तालाब बनाने का काय्शकाफी उियोगी रहा है. एक सवाल सामने है खक त्या मनरेगा और सूिा-राहत के बजट का सही उियोग इस तरह हो सकेगा खक वास््व मे् खमट््ी और जल संरक््ण की बड्ी उिलक्धध प््ाप्त हो? खचत््कूट खजले के िािा क््ेत् मे् वा ट र शे ड िखरयोजनाओ् मे् काय्श भलीभांखत त क नी की कुशलताओ्से खकया गया है. वहां कुछ गांवो् मे् खदसंबर महीने मे् भी तालाबो् मे् खसंचाई के खलए और िशुओ् से िीने के खलए िानी उिलध्ध था. मनगवां के खकसान कोदू कोल ने मुस्कराते हुए कहा, “इस िानी का उियोग कर मै् इस वष्श भी िखरवार के खलए िय्ाशप्त अनाज अिने िेत से प््ाप्त कर सकता हूं.” इन वाटरशेड काय््ो्को अखिल भारतीय समाजसेवा संस्थान ने काय्ाा्खवत खकया. इस संस्थान के खनदेशक भागवत प््साद बताते है्, “हमारा यह प््यास रहा खक बाहरी तकनीकी कुशलता और सुझाव तो जर्रत िड्ने िर प््ाप्त खकये जाये्, िर साथ मे् स्थानीय
आखदवाखसयो्और अन्य खकसानो्और उनकी स्थानीय सखमखतयो् के नजदीकी सहयोग से ही काय्श खकया जाये. तभी यह काय्श उनकी िेती-खकसानी को बेहतर करने मे् सफल होगा.” भागवत प्स ् ाद यहां और टीकमगढ़्खजले मे्जैखवक िेती के प््योगो्से भी उत्साखहत है्. उन्हो्ने बताया खक इस तरह जहां एक ओर खकसानो् का िच्श कम हुआ है. वहां उनका उत्िादन और आय बढ़्ाने मे् सहायता भी खमली है. जालौन खजले मे् जनकल्याण संस्था के काय्शक्ेत् मे् भी जैखवक काय्श की अच्छी सफलता नजर आयी है. वह भी मखहला खकसानो् की उत्साहवध्शक भागेदारी से. यहां और कानिुर खजले के कुछ प््यासो् से स्िष्् होता है खक जैखवक िेती के प््सार से मखहलाओ् की खवशेष र्खच है. त्यो्खक इससे उनकी आत्मखनभ्शरता बढ़्ती है. िच््ीली और बाहरी खनवेश खनभ्शर िेती के स्थान िर मखहला खकसान आत्मखनभ्शरता की िेती करना चाहती है्. खफर चाहे इसके खलए उन्हे् अखधक मेहनत करनी िड्े. इस समय तो तुरंत राहत िंहुचाने की जर्रत है. िर दीघ्शकालीन स््र िर देिे्तो जल और खमट््ी संरक््ण और जैखवक िेती से िेती-खकसानी को बहुत राहत खमल सकती है तथा इस ओर समुखचत ध्यान देना बहुत जर्री है. सूिे और अन्य तरह के प््खतकूल मौसम का संकट इस जलवायु बदलाव के दौर मे् खकसानो् के खलए बढ़्ता जा रहा है. अतः सरकारो्को स्िष््घोषणा करनी चाखहए खक वे खकसानो् के खहत से जुड्े काय्शक्मो् और आिदा प््बंधन के खलए आगामी वष््ो् मे् अखधक संसाधन उिलध्ध करवाये्गी. इसके अखतखरत्त शहरी लोगो् को भी गांवो् और खवशेषकर खकसानो् की समस्याओ् के प््खत अखधक संवेदनशील होना चाखहए और सूिे से त्स ् ्खकसानो्की सहायता के खलए आिसी सहयोग से प््यास होना चाखहए. (सप््ेस)
जवचार तरह की गंभीर बीमाखरयां बढ़ती जा रही है्. यह अब देश के कई प््देशो्मे्बढ़ता जा रहा है. आंध प्द् श े से लेकर तखमलनाडु, कन्ाटश क तक मे्खकसान ख़ुदकुशी कर रहे है्. तो मध्य प््देश, उत््र प््देश और छतीसगढ़ मे् भी खकसान ख़ुदकुशी कर रहा है. खवदभ्श मे् तो अब िेती खकसानी के खलये महाजनो् ने खकसानो् को कज्श देना भी बंद कर खदया है. ऐसे मे्बै्क से जो खकसान कज्शलेता है. वह भी चुका नही्िाता तो उसे फसल बीमा का लाभ कैसे खमलेगा यह सोचना होगा. त्या उन खकसानो् को भी फसल बीमा का लाभ खमल िायेगा. दूसरे अभी जो मुआवजे की व्यवस्था है उसमे् देश के कई खहस्सो् मे् िचास से लेकर डेढ़ सौ र्िये के चेक खदये जाने की घटनाये् सामने आ चुकी है. कही् इसी तरह फसल बीमा का मुआवजा तो नही् खमलेगा. इसखलये फसल बीमा के साथ समूचे कृखष क््ेत् को लेकर नये नजखरये से देिने की जर्रत है.
सूखे पर राजनीति
बुदं ल े िंड मे्भयावह तरीके से िडे सूिे के बाद अब उसिर राजनीखत तेज हो गयी है. उत्र् प्द् श े मे्2017 खवधानसभा चुनावो्को देिते हुए. सभी िाख्टियो् ने बुंदेलिंड िर खनगाहे् गडा रिी है्. राहुल िदयात््ा करे्गे, तो बीजेिी खवशेष िैकेज देने की तैयारी मे्है. तो वही् राज्य की अखिलेश सरकार बुदं ल े िंड के खलए केद् ्सरकार से अखतखरत्त िैसे मांग रही है. ऐसे मे्ये बात साफ़ हो जा रही है खक राजनेता खकस तरह से बुंदेलिंड को राजनीखतक अिाडा बनाने मे् लगे है्. ऐसे मे्यहां िाख्टियां खकसानो्की आत्महत्या और सूिा को मुख्य मुद्ा बनाकर चुनावी फायदा लेने मे्लगी है्. लदनेि भारती, रांची (झारखंड)
कश्मीर मे् जद््ोजहद
कक्मीर मे् खजस तरह से मुख्यमंत्ी मुफ़्ती मोहम्मद सईद के मौत के बाद राजनीखतक सरगख्मशयां तेज हुई है्. उससे अभी तक कोई खनष्कष्शखनकलता हुआ नजर नही् आ रहा है. अिने खिता से कही् ज्यादा आक््ामक महबूबा मुफ्ती से बीजेिी के साथ गिबंधन सरकार बनाने िर अभी तक संशय बना हुआ है. महबूबा को इस बात का डर सता रहा है खक वह बीजेिी के साथ खमलकर सरकार तो बना सकती है्. लेखकन कक्मीरी मुसलमानो्का खदल नही्जीत सकती है्. लरजवान अहमद, शंंावसंंी (उतंंर पंंदेि)
एक और तिपको आंदोलन
बीते अंक मे् प््काखशत नाखरयल आंदोलन को लेकर गोवा के सामाखजक काय्शकत्ाशओ्की एकजुटता ने एक बार खफर खचिको आंदोलन की यादो् को जी्वत कर खदया. सरकारे् खजस तरह से कॉि््ोरेट को बढ़ावा देने के खलए प््ाकृखतक चीजो् का दोहन बडी प््ाइवेट कंिखनयो् के हवाले कर रही्है.् उसका खवरोध हर जगह होना चाखहए. खजस तरह से गोवा मे् लोगो् ने नाखरयल से खचिककर उसकी रक््ा के खलए प्द् श्नश खकया है. ये वाकई बेहतरीन कदम है. रमेि चंदं, भोपाि (मधंय पंंदेि)
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राजकाज
लोढ़ा की दरपोट्ट का कमाल
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और उनके िैनल मे्शाखमल दो और जजो्को हर बैिक के खलए दो-दो लाि र्िये अदा करने िड्े.
परेशान पत््कारो् से
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ष््ीय सुरक््ा सलाहकार इन खदनो् ित््कारो् से बेहद दुिी है. उनकी खशकायत है खक ित््कारो् िर खवश््ास नही् खकया जा सकता है. वे तो आिसी खवश््ास मे् कही गयी बात को भी इंटरव्यू बताकर उनका नाम उजागर कर देते है्. हुआ यह खक जब ििानकोट हमले के बाद उन्हो्ने एक ित््कार िर फोन से बातचीत की तो बातो् बातो् मे् यह कह खदया खक अगर िाखकस््ान कार्शवाई नही्करता तो खफर देिे्गे. उस िर उसने सीधे यह िबर खलि दी खक िाखकस््ान के साथ बातचीत नही् होगी. हंगामा मचना स्वाभाखवक था. उन्हे्यह नही् िता था खक बातचीत टेि की जा रही है. इसखलए जैसे ही उन्हो्ने इंटरव्यू देने की बात से िंडन खकया. उनकी बातचीत का टेि चैनलो् िर चलने लगा. अब उन्हो्ने कान िकड्खलए है्खक ित््कारो्से दूर ही रहे्गे.
खाली दिमाग शैतान का घर सी ने िीक ही कहा है खक िाली खदमाग शैतान का घर. कम से कम िूव्शकानून मंत्ी हंसराज भारद््ाज िर तो यह कहावत एकदम िरी उतर रही है. वे कांग्ेस
बतकही शेर बचािे् िा आदमी
केजरीवाल ने की मिि
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सीसीआई मे् सुधार के खलए न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की खरिोट्शने तमाम िाख्टशयो् के नेताओ् को एकजुट कर खदया है. उन्हो्ने अिनी खरिोट्शमे्सुझाव खदया है खक मंख्तयो्, नेताओ् और सरकारी नौकरी करनेवालो्को इससे दूर रिा जाना चाखहए. इस िर नेता काफी नाराज है्. उनकी दलील है खक एकमात््वे ही है जो खक खबना कुछ खलए अिना बहुमूल्य समय ख््ककेट को देते है्. जबखक उनके अलावा बीसीसीआई से जुड्ा हर व्यक्तत मोटी फीस वसूलता है. सुनील गावस्कर और रखव शास््ी को हर साल बीसीसीआई एक-एक करोड् र्िये देती है. जब सुनील गावस्कर को आईिीएल का काय्क श ारी अध्यक््खनयुतत् खकया गया था. तो उन्हे् 15 खदन काम करने के एवज मे् तीन करोड्र्िये वसूले थे. उनका कहना था खक इसकी वजह से उनके दूसरे कामकाज िर असर िड्रहा है. और तो और जक्सटस लोढ़ा
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22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
हाईकमान से बेहद नाराज है्. आिसी बातचीत मे् ऐसे ऐसे िुलासे करते है् खक दांतो् तले उंगली दबा ले. कुछ समय िहले तो उन्हो्ने खबना खकसी औखचत्य 2005 मे् खबहार मे् राष््िखत शासन लगाने का मुद्ा उिाया. तब वे कानून मंत्ी थे. उन्हो्ने कहा खक उन िर कांग्ेस के शीष्श नेतृत्व का दबाव था खक वे सुप्ीम कोट्शसे केद् ्सरकार के फैसले िर मुहर लगवाये. ऐसा न करने िर उन्हे् कैखबनेट से हटाये जाने की धमकी दी गयी थी. इसके बावजूद उन्हो्ने इस बारे मे् प््धान न्यायाधीश से कोई बात नही्की. वे यूिीएदो की सरकार मे् मंत्ी की जगह राज्यिाल बनाये जाने से िासे िफा चले आ रहे है्. कांग्ेस के आला नेताओ् का मानना है खक अगर उन्हे्शांत नही्खकया गया तो वे िाट््ी के खलए टाइम बम साखबत हो सकते है्.
शोक रोड क्सथत भाजिा मुख्यालय मे् चच्ाश है खक केजरीवाल वास््व मे् अर्ण जेटली के संकट मोचन साखबत हुए है.् उन्हो्ने जेटली से टकराव लेकर उनका मंत्ालय बचा खलया है. िहले यह माना जा रहा था खक संघ खवत््मंत्ालय के कामकाज से िुश नही्है और यह चाहता है खक अर्ण जेटली को वहां से हटा खदया जाये. उन्हे् खवदेश मंत्ालय सौ्िे जाने की अटकले् लगायी जाने लगी थी्. िर जब केजरीवाल ने डीडीसीए प्क ् रण मे्जेटली िर गंभीर आरोि लगाये और उन्हो्ने उन िर मानहाखन का दावा कर खदया, तब से यह चच्ाश बंद हो गयी. कहा जा रहा है खक अर्ण जेटली को अगर खवत्् मंत्ालय से हटाया जायेगा तो केजरीवाल इसे अिनी खवजय के र्ि मे् प्स ् त्ु करेग् .े इसखलए उनको खफलहाल राहत खमल गयी है. वैसे राजीव गांधी के प््धानमंत्ी
शंभूनाथ शुकंल
इ
रहते हुए जब भी बूटा खसंह को गृह मंत्ालय से हटाये जाने की चच्ाश शुर्होती थी. अगले ही खदन 1984 के दंगा िीखड्त उनके घर िर प््दश्शन कर उन्हे् बि्ाशस् करने की मांग करने लगते थे.
टावा के लायन सफारी मे्शेरो्की संखय् ा न घटे इसके खलए स्वामी खदनेशानंद की देिरेि मे् धाख्मशक अनुष्ान चल रहा है. नवभारत टाइम्स मे् छिी एक िबर के मुताखबक शेरो्की संखय् ा बढ़्ाने के खलए देश भर की बड्ी नखदयो्का जल लायन सफारी मे् खछड्का गया और बुरी नजर वालो् का नाश करने हेतु अनुष्ान हुआ. दूसरी तरफ गाखजयाबाद खजले के कौशांबी नामक इलाके मे्होटल रेखडसन ध्लू के िास बसी झुकग् गयां उजाड्डाली गई्. और इस काम को अंजाम खदया गाखजयाबाद खवकास प््ाखधकरण ने. ऐसी िंड मे् उत््र प््देश सरकार कौन सा
अजब-गजब तरीका
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ध् ानमंत्ी नरेद् ्मोदी ने बीते खदनो्देश के वखरष््नौकरशाहो्से देश की प्ग् खत को लेकर नये खवचार देने को कहा था. मध्य प्द् श े के एक वखरष््नौकरशाह उनके काफी काम आ सकते है्. त्यो्खक उनका नया सोच इन खदनो् नौकरशाही के गखलयारो् मे् चच्ाश का खवषय बना हुआ है. सीएम के करीबी ये नौकरशाह बीते खदनो्तब दुखवधा मे् फंस गये, जब वह फरवरी मे्होने वाली अिनी बेटी की शादी के खलये मेहमानो् की सूची बना रहे थे. दरअसल उत्त नौकरशाह कई सालो्से रोज सुबह स्थानीय िाक्फ मे्टहलने जाते है.् जहां कई लोग सालो्से उनसे दुआ सलाम करते है् और हालचाल लेते है्. नौकरशाह महोदय उनको बेटी के ध्याह मे् बुलाना तो चाहते थे लेखकन उनको अिने इन 'खमत््ो्' का न नाम मालूम था न िता. उन्हो्ने इस समस्या से खनिटने का अनूिा तरीका अिनाया. िाक्फ के गेट िर वन खवभाग के एक अखधकारी को कैमरामैन के साथ िड्ा खकया गया. अखधकारी ने कई खदन तक िाक्फमे् आने वाले सभी
लोगो् के नाम िते दज्श खकये और उनकी तस्वीरे्भी िी्ची गयी्. बाद मे्इसकी फाइल बनाकर उत्त अखधकारी तक िहुच ं ायी गयी. उन्हो्ने खचत्् देि-देि कर अिने उन प््ात:कालीन भ्म् ण खमत््ो्को खचक्ननत खकया. तब जाकर उनके घर खववाह समारोह का खनमंतण ् िहुच ं ा.
नेताओ् का टोटा
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ग््ेस को लोकसभा मे् नेताओ् की कमी का सामना करना िड्रहा है. सदन मे्िाट््ी के उिनेता कैपट् न अमरेद् ्खसंह खिछले सत्् मे् एक ही खदन आये थे. तब वे िाट््ी हाईकमान से नाराज चल रहे थे. अब जब उन्हे्िंजाब का प्द् श े अध्यक््बनाया जा चुका है और अगले साल राज्य मे्होने वाले खवधानसभा चुनाव मे् मुख्यमंत्ी िद के उम्मीदवार के र्ि मे्िेश खकया जायेगा तो यह िद िाली होना तय है. उनकी जगह खकसे उिनेता बनाया जाये यह यक््प्क् न् बना हुआ है. इस दौड्मे्कमलनाथ और ज्योखतराखदत्य खसंखधया शाखमल है.् जो खक मध्यप्द् श े से आते है्. िाट््ी उनमे् से खकसी एक को मध्यप््देश मे्कांखतलाल भूखरया और अशोक चव्हाण के कांगस ्े का अध्यक््बनाने िर खवचार कर रही नाम भी शाखमल है.् देिना यह है खक खकसकी - िबरची है. इनके अलावा, अच्छा बोलने वाले नेताओ् लाटरी लगती है.
समाजवादी सरोकार वाला काम कर रही है यह समझ से िरे है. अब या तो अखिलेश सरकार की नौकरशाही उन्हे्गलत सलाह दे रही है अथवा उनकी िाट््ी के काय्शकत्ाश खनखहत स्वाथ््ो् के खलए सरकार को अलोकख््पय बनाने िर उतार्है.् अब सरकार स्वयं तय करे खक शेरो् को बचाना उसकी वरीयता मे्है या गरीब लोगो्के घरो्की रक््ा करना तथा ऐसी शीत मे्उन्हे्मरने को नही् छोड् देना. समाजवादी िाट््ी की सरकार से यह उम्मीद तो की ही जा सकती है खक यह सरकार गरीबो्और मलजूमो्को सहारा देगी. उन्हे्इस तरह उजडऩे नही्देगी. गाखजयाबाद खवकास प््ाखधकरण ने हाई कोट्श के एक आदेश के बहाने ऐसी िंड मे्1200 लोगो्को सड्क िर ला िड्ा खकया. िुले आसमान के नीचे अब ये कैसे रहेग् े इस िर खवचार भी नही् खकया. एक तरफ तो सरकार लोखहया आवास प््दान कर रही है दूसरी तरफ छह खडग््ी से्टीग््ेड के तािमान मे् औरतो्, बच््ो् और बूढ़्ो्को सड्क िर िदेड्रही है. दूसरी तरफ लायन सफारी के शेरो् को बचाने के खलए खफजूल के अनुष्ान खकए जा रहे है.् िूजा-िाि से तो शेर बचने से रहे. उन्हे् बचाने के खलए सफारी मे्उन्हे्रिने के स्थान का टैमप् च ्े र देिना होगा. खसंहो्के खलए कम तािमान ितरनाक होता है और बार-बार उन्हे्खडस्टब्शकरना भी. सबसे अहम बात तो यह है खक खसंह कभी भी सफारी मे्रहना िसंद नही् करता है उसके खलए तो खरजब्श फारेसट् बनाया जाना चाखहए. जहां का मौसम र्िा और प्क ् खृ त भी थोड्ी र्िी हो. मगर सरकार के अफसरो्ने शेरो्को तो नम मौसम वाली जगह दी और खजनको नम मौसम चाखहए उन्हे् र्िे मौसम मे् रहने को मजबूर कर खदया. मुखय् मंत्ी अखिलेश यादव से यह उम्मीद तो करनी ही चाखहए खक वे अिने अफसरो् िर नकेल कसे्गे और ऐसे अमानवीय फैसले लेने वाले अफसरो् को दंखडत करेग् .े अगले साल चुनाव है् और अफसर सरकार को अलोकख््पय बनाने के खलए हर संभव कोखशश मे्लगे है.्
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वखंतमका नंदा
डासना की दीवार बनी कैनवस
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र युवक, खववेक स्वामी, खकशन, संजय और दीिक. चारो्की उम््25 से 35 के बीच. चारो् मे् चार बातो् की समानता- सभी खचत्क ् ार है,् हत्या के आरोिी है्, खवचाराधीन कैदी है्और डासना जेल मे् बंद है्. शायद ये दुखनया के िहले ऐसे कैदी हो्गे खजन्हे्खरहाई के वत्त जेल का मोह िीछे मुड्कर देिने को मजबूर करेगा. यह मजबूरी मीिी है, इसने इनकी खजंदगी मे् उम्मीदो् का रस घोला है. इस मजबूरी का नाम है खतनका-खतनका डासना. इस इन्हो्ने मेरे कहने िर जेल की मुखय् दीवार िर रचाा. िांच महीने की अथक मेहनत के बाद जो सामने आया वह एक अजूबा था. खदल्ली की खतहाड् जेल से करीब 60 खकमी दूर क्सथत है गाखजयाबाद की डासना जेल. यह काफी चख्चशत रही है त्यो्खक आर्खष हत्याकांड मामले मे्उसके माताखिता राजेश और नूिुर तलवार तथा खनिारी कांड का आरोिी सुखरंदर कोली यहां कैद है्. खतनका-खतनका खतहाड्योजना के बाद खतनका-खतनका की दूसरी कड्ी मे् मै्ने डासना को चुना. इस श्ंिला मे्हर बार देश की खकसी नयी जेल िर काम खकया जायेगा.
डाॅ रजनी बाला
सा
साजितंर
22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
इस कड्ी मे् दीवार, खकताब, कैले्डर, गाने से लेकर कखवता तक, जेल के कैखदयो् की सृजनात्मकता को सामने लाने का प््यास खकया जाता है. िहली कड्ी है कैलड े् र. खतनका खतनका डासना के 6 िन्नो् के कैले्डर मे् उत््र प््देश, िास तौर से डासना जेल, के रचनात्मक प््योगो् को के्द् मे् रिा गया है. इस कैले्डर मे् जेल मे् हाल के खदनो्मे्खकये गये नये प््योगो्की झलक है. इसमे् वह गाना भी प््मुिता से रिा गया है जो मै्ने् कैखदयो्के खलए खलिा और अब यह गाना जेल का आधार गीत है. टूटे खफर भी आस ना, ये है इनका डासना. इन िंक्ततयो् के साथ जेल मे्उम्मीद भरने की कोखशश की गयी है. यह गाना भी जल्द ही खरलीज खकया जायेगा. बहरहाल, इस कैले्डर का के्द् वह दीवार हैखजसे इन चारो् बंखदयो् ने खमलकर बनाया है. जेल की दीवारे्फीकी होती है्और उन िर प््वचन उकेरे जाते है्. शायद बंखदयो्को प््वचन देना सबसे आसान काम है. लेखकन दीवारे् और भी बहुत कुछ कर सकती है्.
संभावना की इसी तलाश मे् डासना मे् उस दीवार का चुनाव खकया गया जो डासना के के्द् मे् थी. िीली, िाली, बेदम और बेरंग दीवार. उस दीवार िर रंग और िुशी भरकर उसे अंदर और बाहर की दुखनया के बीच एक िुल बनाना था. काम मुक्ककल था त्यो्खक दीवार जेल के अंदर थी और वह रोज
मजबूखरयां सोिती थी जबखक उस िर खरक्ते और रौशनी भरनी थी. लेखकन आखिरकार काम शुर् हुआ और मुकम्मल भी. सीढ़्ी आयी, रंग आये, ब््श आये और अंधेरे से उजाले की ओर यह सफर आरंभ हुआ. सिने साकार होने के इसी सफर का नाम है
खतनका-खतनका डासना. इस दीवार को खवशािाित््नम के रहने वाले खववेक स्वामी ने बनाया हैप्त खजस खदन दीवार बन कर तैयार हुई, उसी खदन वह खरहा भी हुआ. अजीब है न खक बाहर जाने की िुशी मे् भी दीवार के छूट जाने का गम उसके साथ रहा. यह दीवार आने वाले समय मे् उसके खलये कई राहे् िोलेगी. वह 3डी िे्खटंग मे् माखहर है. रंगो् को लेकर उसकी समझ लाजवाब है. मेरे द््ारा खदये गये आइखडया को उसने खजतने शानदार अंदाज मे्दीवार िर उतारा वह लाजवाब था. यह िे्खटंग करीब 10 साल तक इस दीवार िर बनी रहेगी. इसका एक खसरा अंधेरे मे्है जहां चांद और तारे खदन मे् जगमगाते हुए खदिायी दे्गे. दूसरे खसरे मे्उस गाने का अंश है खजसे मै्ने खलिा है और बंखदयो्ने गाया है. इसके िीक ऊिर चमकता हुआ सूरज है. बीच मे्10 नाम है्. ये वे नाम है्जो इन बंखदयो्की याद मे्शाखमल है.् इनमे् एक नाम आर्खष तलवार का भी है. 10 नामो् को 10 प््तीको्मे्घोलकर रचा गया है.एक नीली आंि, एक खदया, एक ित््ा, एक चाबी, एक ताला, एक माला, एक घड्ी, एक
खससखकयां लेिा स्वग्ि
ल 1991 से 2015 तक के इखतहास को समेटती डायरी ‘खससखकयां लेता स्वग्श’ मे् खनदा नवाज् ने 26 कखड्यो् मे् कक्मीर के दद्श का खसलखसला खिरोया है. डायरी मे् सभी शीष्शक कक्मीर और एक आम कक्मीरी के दद्श को र्िाखयत करने वाले है्. जब बात खससखकयां लेते स्वग्श की हो तो ज्ाखहर है उसे खकसी कक्मीरी खहंदू या कक्मीरी मुसलमान की नध्ज् मे् ही नही् टटोला जा रहा, बक्लक उसका ग्वाह खचनार भी है, सैलाखनयो् से भरी डल भी, खहम श््ंृग भी है और असमान से होड्लेते देवदार भी. धरती का स्वग्शकहे जाने वाले इस सतीसर प्द् श े की खससखकयां न केवल खनदा नवाज्ने सुनी है्, बक्लक वे स्वयं भी इनके साथ बदस््ूर खससका है. सच कहने की खहमाक़्त करता यह लेिक खसर िर कफ़्न बांध और खसर हथेली िर लेकर चलता है. चले भी त्यो् न - खजसने मौत का तांडव कई बार देिा हो, महज् दाढ़्ी रिने के कारण जो दो बार फौखजयो् द््ारा िीटा गया हो, इस्लाम का दुक्मन समझे जाने और खवद््ोही तेवर के कारण खजसका तीन बार आतंखकयो् ने अिहरण खकया हो, जब हथगोले फटे तो उन्हो्ने नही् देिा खक वह खहंदू के खलए जानलेवा होगा या खनदा के खलए नासूर बनने वाले िांच घाव देगा, खजसकी खहम्मत देि यमराज भी भाग िड्ा हो, जो जीने की ललक मे्हर िल मौत के मुहाने तक िहुंच जाये, उसे आखख़्र सच कहने, समाज और राजनीखत का वीभत्स आवरण उतारने से कौन रोक सकता है? इसीखलए कबीर की
तरह उसका रवैया आक््ामक और तेवर शासन और सीमा िार के अिने आक़्ाओ्की व्यंग्यात्मक है. उसका खवरोध हर तरह के शाबासी बटोरने का मोह. कही्डर तो कही् कट््रतावाद से है. अव्यवस्था से जन्मी उकताहट और मोहभंग ‘खससखकयां लेता स्वग्श’ का िूरा के कारण युवा वग्शआतंकवाखदयो्को नायक कैनवास आतंक के साये मे् स््ध्ध कक्मीर मानने लगा है. ग्रीबी से खनजात िाने की घाटी की छखव को उकेरता है. कक्मीरी खफ़्राक मे्मुफखलसी के खशकार युवाओ्को िंखडतो् और कक्मीरी आतंक की जो कटी- सीमा िार आतंकी ट््ेखनंग के खलए भेजा जा फटी, आधी-अधूरी तस्वीर राष््ीय- रहा है. इस तरह धाख्मशक खशष््ाचार के अंतरराष््ीय धरातल िर खदिाई जाती रही है िाबंद, ज्ुबान मे् दुखनया भर की खचकनाई उसकी हकीक़्त, रग-रेशे से खनदा नवाज्की लिेटे इन शाखतर खदमागो् मे् भरी बार्द की िुरानी और स्वानुभूत िहचान है. इसी कारण भे्ट हज्ारो् जवान चढ़्ते है् जबखक वे िुद आज के अंधेरे दौर की एक-एक कड्वी जेहाद के नाम िर दूसरे देशो् की दौलत से स्मृखत और नग्न यथाथ्श को अिनी खतजोरी भरते है्. सहेजने की कोखशश मे् डायरी मे् अनेक ऐसे कक्मीर की अखभव्यक्तत इस हवाले है्जो साफ करते है् डायरी के र्ि मे्हुई है. जब खक आतंकवाद प््त्यक्् मीखडया कक्मीरी हालात को आतंखकयो्के र्ि मे्भी है ‘राष््ीय खहत’ की छलनी मे् और ख़्ाकी वद््ी वालो् के छान आतंखकयो्द््ारा मानवीय तमगे और राजनेताओ् की उल्लंघन को बढ़्ा-चढ़्ा कर कुस्ी चाहने वाली खदिाता है और फज््ी झड्िो्, षड््ंत्कारी बुख्द के आतंक खवरोधी एजेख्सयो्और नकाब मे् भी है. सैखनक फौखजयो् की ड््ामेबाजी, ड््ामेबाखजयो् मे् हर रोज् िुखलस की ज््यादखतयो् को अंलतका पंंकािन, लदलंिी, संसंकरण इतने बेगुनाहो् के गले मे् नज्रअंदाज करता है, खनदा 2015, पृ. 112, मूलंय 235 रंपये एके 47 त्लाखरनकोफ डाल नवाज् ने इसी िहलू िर अखधक नज्र रिी सच के नाम िर झूि उगलवाने की कोखशश है. मीखडया ने अिनी टीआरिी बढ़्ाने के खलए मे् लात, घूसो्-गाखलयो्, लाखियो्, यहां तक ‘ब्ख्ेकंग-न्यज ू ’ के तौर िर कक्मीर िर खलिी खक एनकाउंटर की आज्माइश होती है खक िुस्को् की माक््ेखटंग बढ़्ाने के खलए आम खमखलटे्ट और खमखलटरी मे् कोई अंतर नही् कक्मीरी की भावनाओ्का शोषण खकया है. रहता. डायरी मे्ऐसे संदभ््ो्से सवाल उिाया डायरी मे्आतंकवाद की प््ेरणा के कुछ गया है खक त्या यह दृक्य लोकतांख्तक देश स्थूल और प््त्यक्् कारणो् के भी हवाले है्. लगता है जहां फौजी खमखलटे्ट का और मसलन, जेहाद का नाम देकर इस्लाम का खमखलटेट् मुिखबर का िप्िा लगाकर मारते है् अिमान करने वाली कट््रतावादी, इस्लामी त्यो्खक िहले को तरक््ी और तमगा और
दूसरे को आतंक का फैलाव चाखहए. आतंकवाद के जो िैर फैलते जा रहे है् उसका एक मनोवैज्ाखनक कारण डायरीकार ने एक स्थल िर स्िष्् खकया है,‘त्या इस तरह से नौजवानो् के वग्श को भावनात्मक और मानखसक तौर िर उत््ेखजत नही् खकया जा रहा है खजसका लाभ कुछ कट््रवादी और देशद््ोही तत्व उिा रहे है.्’ अिने ही बागो्की फोटो िी्चने की सज्ा जहां िूछताछ से लेकर जेल और जमानत तक मुकर्शर हो जाये, जहां 23 फरवरी 1991 की रात भर आि से अस्सी साल तक की लगभग सौ औरतो् का बलात्कार 68 ख््बगेखडयर राजिूताना राइफल्स की टुकड्ी द््ारा खकया गया हो; वहां ऐसे अिमानजनक हादसे त्या आतंकी बनाने के खलए काफी नही् है? आलम यह है खक सैकड्ो् फौजी कै्िो् के साथ सैकड्ो्कख््बस््ान है्खजसकी एक-एक कब्् मे् दज्शनो् लािता लोगो् के कंकाल है्. इंसानो् को कंकालो् मे् तध्दील करने का काम इन फौखजयो्ने ही खकया है. इस डायरी की हर कड्ी एक सवाल के साथ ित्म होती है: त्या हम आज्ाद है् या उस आज्ाद देश के गुलाम है्खजसके शासक आतंकी, धाख्मशक किमुल्ला और रक््क की शत्ल मे् भक््क सेना के अखधकारी है्? कक्मीरी भाग्य-चक्् इन्ही् के हाथो् मे् है. स्वग्श की खससखकयो् के कारणो् की िहचान करते हुए डायरी-लेिक ने इनके चेहरो् से नक़्ाब उतार उनके िीछे खछिे आतंकवाखदयो् और आतंकी संगिनो्को उजागर करते हुए कक्मीर मे्आतंक और उग््वाद के न थमने वाले खसलखसले के िीछे ख््कयाशील मंशा की भी ख््डखलंग की है.
फोटो फे्म और एक खिड्की. ये वे ङ््ष् बब है् जो जेल की खजंदगी से जुड्े है्. ये सभी ङ््ष् बब अलग-अलग स््ंभो्िर खटके है्. िे्खटंग के एक खसरे मे् घने अंधेरे मे् चमकते चांद और खसतारे और दूसरे खसरे मे् िूरी ऊज्ाश से दमकता सूरज कैखदयो्के खलये खझलखमलाती उम्मीद की लालटेन सा नजर आता है. यहां खदन मे्भी चांद तारो्की अिनी बारात के साथ मौजूद रहेगा. जबखक रात मे् सूरज अिनी िूरी ताकत के साथ चमक खबिेरेगा. हमारी आकांक्ा यही थी खक यह दीवार इस जेल के खलये और यहां आने वालो् के खलये शक्ततिुंज बन जाये. इसकी िखरकल्िना मे् यही सोच शाखमल थी खक बंखदयो्को चौबीस घंटे खकसी भरोसे के साथ जोड्े रिना संभव होगा. शायद हम इस कोखशश मे्काफी हद तक कामयाब हुए है्. यही तो है खतनका-खतनका डासना. लेखकन सिनो् के धागे का यह सफर एक खसरे से दूसरे खसरे तक केवल इसखलये कामयाब हो सका त्यो्खक जेल के अखधकाखरयो्का इसमे् िूरा सहयोग था. सबकुछ आिसी भरोसे िर खनभ्शर था. हालांखक मामला नाजुक था लेखकन यह भरोसा खकसी भी मोड् िर टूटा नही्. यह कड्ी देश की बहुत सारी और जेलो् के खलये प््ेरणा की वजह भी बन सकती है.
‘दिंिी उपन्यास की नयी जमीन' का लोकाप्षण
नयी टदलुली. प््गखत मैदान िर चल रहे खवश्् िुस्क मेले मे् शुक्वार को खहंदी साखहत्य की िख््तका 'बनास जन' के खवशेषांक 'खहंदी उिन्यास की नयी जमीन' का लोकाि्शण हुआ. इस खवशेषांक का लोकाि्शण वखरष्् उिन्यासकार िंकज खबष््, कथाकार हखरयश राय, लिनऊ से आये कखव अजय खसंह, उद््ावना के संिादक अजय कुमार और अनभै सांचा के संिादक द््ाखरका प््साद चार्खमत्् ने खकया. अर् प््काशन के मंच िर आयोखजत काय्शक्म मे् िंकज खबष्् ने कहा खक खवगत सालो् मे् युवाओ् के खलिे गये उिन्यासो् के मूल्यांकन िर के्ख्दत इस अंक का स्वागत खकया जाना चाखहए. हखरयश राय ने कहा खक खहंदी आलोचना के खजम्मेदार िक्् का उदाहरण यह अंक है. द््ाखरका प््साद चार्खमत्् ने लघु िख््तकाओ् के लगातार साखहत्य औरत संस्कृखत के खवषयो् िर गंभीर सामग््ी िािको् तक िहुंचायी जा रही है. खजसे और व्यािक करने के खलए साझा प््यास करने हो्गे. जन संस्कृखत मंच से संबद्् कखव और लेिक अजय खसंह और उद््ावना के संिादक अजय कुमार ने भी इस अवसर िर शुभकामनाये् दी्. बनास जन के भंवरलाल मीणा ने अंक मे्सक्ममखलत उिन्यासो्के बारे मे्बताया खक इस खवशेषांक मे् आि आलोचको् ने िंद्ह नये उिन्यासो् का मूल्यांकन खकया गया है. खजनमे् युवा िीढ़ी के अनेक उिन्यासो् के साथ काशीनाथ खसंह, रामधारी खसंह खदनकर, ज््ान चतुव्ेदी, शीला रोहेकर, हखर भटनागर और रजनी गुप्त के उिन्यास भी सक्ममखलत है्.
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सुभाष चंदं बोस के िनंम जिन पर जवशेष
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नेिाजी के साथ ऐखिहाखसक छलावा
राष््प्ेम के संस्कार खमले. देश की आजादी को लेकर तमाम तरह के प््क्न उनके मख््सष्क मे् घुमड्ा करते और उनकी माँ यथासंभव उन्हे्शांत करने का प््यत्न करती्. िहले तो उन्हे् लगा खक देश की जनता की शंभूनाथ शुकंल सेवा अंग्ेज सरकार मे्कलेत्टर बनकर की जा सकती थी इसीखलए वे लंदन जाकर रतीय राजनय के इखतहास मे्नेता जी खसखवल सेवा की िरीक््ा मे्बैिे और िास हुए सुभाष चंद् बोस एक ऐसा नायक है िर खफर लगा खक यह खसफ्फमृग मरीखचका ही खजसके साथ न्याय कभी नही्हुआ. एक तरफ ्े स्वाखमयो् तो अखधकांश देशवासी उन्हे्देवतुल्य मानते है. वे सरकारी सेवा मे्रहकर अंगज हुए उनकी िूजा करता है तो दूसरी तरफ के खवर्द्घ नही् जा सकते इसखलए उन्हो्ने आजादी के बाद से सरकार मे्आए खकसी भी इस नौकरी को लात मार दी और राजनीखत मे् राजनैखतक दल ने उनके िूरे जीवन िर कभी आ गए. उनकी मशहूर िुस्क तर्णाई के कोई ऐखतहाखसक दृख्ष नही्डाली. यानी नेता सिने मे् यह सब बाते् खवस््ार से बताई गई जी या तो भगवान मान खलए या भगोड्ा. दोनो् है्। देश सेवा का जज्बा खसफ्फ महात्वाकांक्ा ही क्सथखतयां खकसी ऐखतहाखसक नायक के िालना ही नही् है बक्लक उसे िूरा करने के खलए दुिद है्. आज तक यह भी साफ नही् खलए खनरंतर प््यास करना भी है. 1913 मे्वे हो िाया खक 18 अगस्् 1945 को नेताजी कोलकाता के प््ेसीडे्सी कालेज मे् गए और वाकई एक खवमान दुघ्शटना मे् मारे गए या बाद मे् स्काखटश चच्श कालेज से दश्शन मे् रहस्यमय िखरक्सथखतयो्मे्गायब हुए. ख््दतीय उन्हो्ने बीए खकया। अिने खिता की इच्छा को खवश््युद्घ ित्म होने के बाद खमत््राष््ो्की िूरा करते हुए वे इंग्लै्ड गए और वहां के नजर मे् जम्शनी व जािान को दोषी करार खफट्ज खवखलयन कालेज से िढ़्ाई िूरी की श की िरीक््ा मे्बैिे खदया गया और इसी नाते नेता जी भी दूसरे और इंखडयन खसखवल सख्वस खवश््युद्घ के िलनायक समझे गए. मगर और जल्द ही उन्हे् लग गया खक कलेत्टर नेता जी का मकसद अलग था वे कोई बाजार बनना और देश सेवा मे् फक्फ है. इसखलए की होड् मे् आकर इस युद्घ मे् जम्शनी व खसखवल सख्वशस की िरीक््ा के 1919 बैच मे् जािान के साथ नही्गए वरन्उनका मकसद चयखनत होने तथा चौथे नंबर िर आने के बाद भारत को अंग्ेजो् से आजाद करना था. यह भी उन्हो्ने सरकारी नौकरी नही् की. 1921 नेता जी का ही दबाव था खक जो कांग्ेस और मे्उन्हो्ने इंखडयन खसखवल सख्वशस से इस््ीफा उसके खडत्टेटर महात्मा गांधी 1939 से दे खदया. इस््ीफे के िूव्श उन्हो्ने अिने बड्े 1942 के शुर्आती सात महीनो् तक युद्घ भाई शरतचंद् बोस को एक ित्् खलिा खक को लेकर अिना स्टै्ड साफ नही्कर िा रही मात््नौकरी करना ही जीवन का लक््य नही् थी अचानक 9 अगस्् 1942 को अंग्ेजो् हो सकता. अिनी मातृभखू म के प्ख्त भी उनका भारत छोड्ो का नारा देने लगी. कांग्ेस के कोई दाखयत्व है. नेता जी भारत लौट आए और राजनीखत अंदर नेताजी के खवचारो् का दबाव इतना मे ् कु छ करने के खलए वे कांग्ेस के खनकट अखधक था खक गांधी जी को भी अंग्ेजो् के आए. उस वत्त कांग्ेस मे् खजन क््त्िो् की खवर्द्घ एक कड्ा र्ि अिनाना िड्ा. 1897 की 23 जनवरी को कटक मे्एक तूती बोलती थी उनमे्से एक खचतरंजन दास बंगाली िखरवार मे्जन्मे्सुभाष चंद्बोस को थे. बाबू खचतरंजन दास कई मायनो्मे्गांधी अिने घर िर अिनी माँ से देशभक्तत और जी से अलग राय रिते थे. दास बाबू ने
भा
अखभषेक रंजन खिंह
स्वयंसेवको् की कमांडरी उन्हे् सौ्िी गई. बतौर कमांडर उनके काम की तारीफ िुद महात्मा गांधी ने भी की थी. उनकी इस कमांडरी के बाद ही उन्हे्नेताजी का खिताब खमला. 1929 मे् नेता जी िुन: खगरफ्तार कर खलए गए. खरहा होने के बाद वे लंदन गए और वहां िर तमाम योरोिीय नेताओ्से खमले. वे कम्युखनस्ट नेताओ्के भी संिक्फमे्आए और फाखसस्ट नेताओ् के भी. अंग्ेज सरकार के एजे्ट इस युवा नेता की हर गखतखवखध िर नजर रिे थे. उन्हे्लगा खक कांग्ेस मे्इसकी नेताजी की प््खतभा िहचानी और उन्हे्बंगाल बढ़्ती लोकख््पयता और इस नेता के खवचार कांग्ेस की प््ान्तीय कमेटी का प््भारी बना िूरी िाट््ी को योरोि के खमत््देशो्के खहतो्के खदया. साथ मे्नेता जी दास बाबू का अिबार खवर्द्घ ले जाएंगे. इसखलए उन्हो्ने गांधी जी स्वराज और फारवड्शका कामकाज भी देिने िर दबाव बनाया खक अगर नेता जी सुभाष लगे. जल्दी ही नेताजी काम करने की अिनी चंद् बोस की गखतखवखधयो् िर रोक न लगाई ललक, मेहनत व जनसंिक्फके चलते बंगाल गई तो भारत को आजाद करने के खजस प्लान ु लग जाएगा. ही नही् वरन् िूरे देश की कांग्ेस मे् िहचाने िर वे सोच रहे है्उस िर अंकश जाने लगे. नेता जी युवाओ् के बीच इतने उधर नेता जी कांग्ेस के भीतर युवाओ् के लोकख््पय हो गए खक कांग्ेस की युवा ईकाई हीरो बन चुके थे. 1938 मे् गुजरात के का उन्हे् अध्यक्् चुन खलया गया. दास बाबू हखरिुरा मे्हुई कांग्ेस मे्नेता जी अध्यक््चुन कलकत््ा नगर खनगम मे् मेयर चुने गए तो खलए गए. दूसरा खवश््युद्घ खछडऩे िर गांधी उन्हो्ने सुभाष बोस को खनगम का सीईओ जी िर अंग्ेजो् का दबाव था खक वे उनकी ्े बना खदया. खनगम व सरकार मे्टकराव हुआ फौज के खलए जवान भरती कराएं. िर कांगस तो सुभाष बाबू को खगरफ्तार कर अंग्ेज मे् इस बात का घोर खवरोध हुआ. इसखलए सरकार ने बम्ाश प््ातं की मांडला जेल मे्डाल अगले ही वष्श जबलिुर के ख््तिुरी मे् जब खदया. वहां से नेता जी 1927 मे्आजाद हुए कांग्ेस बैिी तो गांधी जी ने नेताजी की िुन: और उनके जेल से खरहा होते ही उन्हे्कांग्ेस अध्यक््ी का घोर खवरोध खकया. सुभाष बोस का राष््ीय सखचव बना खदया गया. इसी को रोकने के खलए उन्हो्ने जवाहर लाल दौरान सुभाष बाबू की खनकटता जवाहर लाल नेहर् से अध्यक्् िद हेतु चुनाव लडऩे के नेहर्से हुई जो उनसे महज नौ साल बड्ेथे. खलए कहा. मगर जवाहर लाल नेहर् समझ दोनो् ही प््खतभाशाली और आजाद ख्यालो् रहे थे खक नेता जी के खवरोध का मतलब सीधे अलोकख््पय हो जाना है इसखलए उन्हो्ने गांधी और खवचारो्के. जवाहर लाल जी जब कांगस ्े के अध्यक्् खनव्ाशखचत हुए तो उन्हो्ने कांग्ेस जी को जवाब भेजा खक एक तो इस समय मै् का कामकाज देिने के खलए अिना सहायक लंदन मे्हूं आ नही्सकता दूसरे एक बार मै् सुभाष बोस को रिा. सुभाष बाबू एक अद््त रह चुका हूं इसखलए दुसरे युवा मौलाना स्वप्नदृष्ा थे. शायद इसीखलए उन्ही् खदनो् आजाद को आि कहे्. मगर मौलाना तो खसरे उन्हो्ने कलकत््ा मे् कांग्ेस की अखिल से ही नही् कर खदया त्यो्खक वे ताड् गए खक भारतीय सभा उन्हो्ने करवाई और कांग्ेस उन्हे्बखल का बकरा बनाया जा रहा है. अंत
मे् गांधी जी ने अिने खवश््स् िट््ाखभ सीतारामैया को चुनाव नेता जी के खवर्द्घ चुनाव लड्वाया. िट््ाखभ चुनाव हार गए तथा नेता जी सुभाष चंद्बोस खफर से अध्यक््चुन खलए गए. गांधी जी ने िुलकर कहा खक यह मेरी हार है और मै् अनशन करं्गा. नेताजी िर दबाव बना और उन्हो्ने अध्यक््ी बाबू राजे्द्प््साद को सौ्ि दी. इसके बाद नेता जी ने कांग्ेस छोड् दी और बंगाल आकर 22 जून 1939 को आल इंखडया फारवड्शध्लाक के नाम से अलग िाट््ी बनाई खजसका झुकाव कम्युखनज्म के प््खत अखधक था. कांगस ्े के उनके सहयोगी एमएन धेवर भी कांगेस छोड्कर नेता जी के साथ चले गए. धेवर ने तखमलनाडु के मदरास शहर मे्फरवड्शध्लाक की तरफ से नेता जी के सम्मान मे् एक रैली कराई. उसमे् इतनी भीड् जुटी खक कांग्ेस को एक बड्ा झटका लगा. तब तक नेता जी जािान और जम्शनी के सीधे संिक्फ मे् आ गए और भारत को आजाद कराने की िाखतर बम्ाश मे् जाकर आजाद खहंद फौज बनाई. इस फौज मे्वे देसी जवान व अफसर आ गए खजन्हे् अंग्ेज सरकार ने बम्ाश जाकर जािाखनयो् से मोच्ाश लेने को भेजा था. यह देिकर गांधी जी ने भी अंग्ेजो्के खवर्द्घ सीधी लड्ाई छेड्दी और क्तवट इंखडया का नारा देकर सुभाष बाबू को करारा झटका खदया. नेता जी अकेले िड्ते गए. एक तरफ तो हार से भयभीत जािानी शासको् ने उन्हे् मदद नही् की और चूंखक तब तक सोखवयत र्स भी लड्ाई मे् खमत््राष््ो्की तरफ से कूद चुका था इसखलए जम्नश ी उसमे्उलझ गया. उधर नेता जी ‘वार इनेमी’ मान खलए गए। नेता जी अकेले िड्ते गए. कांग्ेस उनके खिलाफ थी और योरोिीय देश भी. इसी हताशा मे्18 अगस््1945 को एक खवमान दुघ्शटना मे्नेता जी के मारे जाने की िबर आई. िूरा देश स््ध्ध रह गया। िर देशवाखसयो् को नेता जी की इस रहस्यमयी मौत िर आज तक भरोसा नही्हुआ है.
की याद खदलाती है’. साल 1930 मे्देश की िहली रखजस्टड्शट्ड ्े यूखनयन "कोल माइनस्श टाटा कोखलयरी मजदूर संगिन" की भी स्थािना नेताजी सुभाषचंद् बोस ने की थी. उस वत्त नेताजी के भतीजे अशोक बोस झखरया के बरारी कोखलयरी मे् केखमकल इंजीखनयर के िद िर काय्रश त थे. अत्सर नेताजी यहां आकर र्का करते थे और मजदूरो् को अिने अखधकारो् के प््खत जागर्क करते थे. जब अंग्ेजो ने नेताजी को नजरबंद खकया था, उस दौरान वह कलकत््ा क्सथत अिने आवास से खजयाउद््ीन िान नामक ििान का वेश धारण कर जनवरी 1941 को गोमोह आये थे. कोयलांचल मे् उन खदनो् अंग्ेजो् की सख््कयता कुछ ज्यादा थी. 17 जनवरी 1941 की मध्य राख््त को अिनी वंडर कार से नेताजी अिने भतीजे डॉ खशखशर बोस और अिनी ित्नी के साथ धनबाद के गोमोह िहुंचे. जहां उन्हो्ने अंग्ेजो्से भाग कर गोमो
क्सथत हखटयाटांड के आजाद खहंद स्कूल के िीछे घने जंगल मे् खछिे रहे. वही् उन्हो्ने गोमोह के स्वतंत्ता सेनानी अलीजान और वकील खचरंजीव बाबू के साथ एक गुप्त बैिक की थी. बैिक के बाद स्वतंत्ता सेनाखनयो् ने गोमोह के ही लोको बाजार क्सथत कबीलाई लोगो्ने अिने घर मे्उन्हे्छुिने का आश््य खदया. रात भर नेताजी सुभाष चंद् बोस उसी कबीलाई के घर मे् खछिे रहे. दूसरे खदन 18 जनवरी 1941 की रात उनके साखथयो्ने उन्हे् इसी गोमोह स्टेशन से कालका मेल से ििान कोट के खलए रवाना खकया. जहां से वे काबुल गये और उसके बाद वे जािान चले गये. अंखतम बार भारत मे्इसी गोमोह रेल जंत्शन से रेल यात््ा करने की वजह से रेल मंत्ालय ने साल 2009 मे् इस स्टेशन का नाम "नेताजी सुभाष चंद्बोस गोमोह" कर खदया गया. धनबाद का गोमोह रेल जंत्शन खजसे अब लोग "नेताजी सुभाष चंद्बोस गोमोह" के नाम से जानते है.
नेताजी का आखिरी पड़ाव गोमोह जंकश़ न
गया. आसनसोल रेलिंड िर एक गोमोह रेलवे स्टेशन है. हालांखक इसका नाम अब नेताजी सुभाषचंद् बोस गोमोह जंत्शन है. रात करीब नौ बजे मेरी ट्न्े इस स्टश े न िर र्की. कुछ तकनीखक िाखमयो् की वजह से इस स्टश े न िर ट्न्े करीब िौने घंटे र्की रही. चाय की तलाश मे् मै् डध्बे से उतरकर प्लेटफाम्श की ओर बढ़्ा. प््मोद नामक एक चाय खवके्ता के यहां लंबी भीड् लगी थी. अिनी बारी आने तक मै्गोमोह स्टेशन और नेताजी के बारे मे् सोच रहा था. एकबारगी यह ख्याल आया खक शायद बंगाल से नजदीक होने की वजह से इसका नाम नेताजी सुभाषचंद्बोस जंत्शन रिा गया है. मुझे चाय का कुल्हड् थमाते हुए प््मोद ने बगैर िूछे कहा, “नेताजी सुभाषचंद् बोस अंखतम बार इसी स्टेशन से ट््ेन िकड्कर िंजाब गये थे. “उसकी बात सुनकर मेरी खजज््ासा बढ़् गयी और मै् मन ही मन यह
कामना करने लगा खक ट््ेन कुछ देर और इसी तरह िड्ी रहे. चाय बनाते और बेचते हुए भी प््मोद मेरे सवालो् का जवाब देता रहा. उसके मुताखबक, जब नेताजी यहां आये थे. उस वत्त धनबाद ही खजला था. बोकारो और गोमोह तो बाद मे्खजला बना. प््मोद ने मुझसे िूछा, कालका मेल का नाम तो आिने सुना होगा, मै्ने कहां हां. उसके बाद उसने कहा 1941 मे्इसी स्टेशन से कालका मेल िकड्कर नेताजी ििानकोट गये थे. नेताजी सुभाषचंद्बोस और धनबाद का खरक्ता महज एक कहानी नही्, बक्लक एक संस्मरणात्मक हकीकत है. कोयलांचल के इसी धनबाद मे् उन्हो्ने देश की िहली रखजस्टड्श ट््ेड यूखनयन की शुर्आत की थी. इस ट््ेड यूखनयन के अध्यक््स्वयं नेताजी थे. इस िद िर रहते हुए उन्हो्ने मजदूरो् के अखधकारो् की लड्ाई लड्ी. भारत से खवदा होने से िहले वह आखिरी बार धनबाद आये
और कुछ समय यहां रहने के बाद इसी गोमोह स्टेशन से ििानकोट के खलए रवाना हुए. यहां के लोग आज भी नेताजी को याद करते है्और उन्हे्गव्शहै खक वह आखिरी बार यहां आये थे. रेलवे स्टेशन िर अिबार खवके्ता महेश कुमार बताते है्, ‘गोमोह ही वह जगह है, जहां नेता जी सुभाष चंद् बोस अज््ातवास मे्कुछ िल खबताये थे. आज यह राष््ीय धरोहर के र्ि मे्लोगो्को नेता जी
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22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
हखर मृदुल
जसनेमा
सेक्स काॅमेडी का नया फाम्मूला
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अ
ब बॉलीवुड के खफल्मकारो् की नजर एक नये जॉनर िर िड् चुकी है. यह जॉनर एकदम नया तो नही् है, लेखकन हॉलीवुड की तरह अिनी इंडस्ट्ी मे्इस तरह की खफल्मो्की कोई बड्ी िरंिरा भी नही्है. अब तक तो यही सीन था खक दो से चार साल मे् ख््दअथ््ी संवादो् वाली एकाध खफल्म आ जाती थी. जो दश्शको् की खमख््शत प््खतख््कया िाकर थोड्ी बहुत कमायी कर लेती थी. लेखकन ऐसी खफल्मो् से बॉलीवुड के नामी खनम्ाशता दूर ही रहते थे. लेखकन अब समीकरण बदल चुके है्. अब ‘सेत्स कॉमेडी’ जॉनर मे् ‘सौ करोड्’ वाली संभावनाये् देिी जाने लगी है्. तीन साल िहले इंद् कुमार के खनद््ेशन मे् बनी खफल्म ‘ग््ैड मस््ी’ ने सौ करोड् का खबजनेस कर बॉलीवुड के तमाम खनम्ाशताओ् की आंिे् चौ्खधया दी थी्. साल 2013 मे् खरलीज हुई, इस खफल्म का शुमार उस साल की सबसे सफल खफल्मो् मे् हुआ था. इस सफलता से उत्साखहत होकर ही अब इंद्कुमार ‘ग््ेट ग््ैड मस््ी’ का खनम्ाशण कर रहे है्. जो इसी साल 25 माच्श को दश्शको् के सामने होगी. अलग से बताने की जर्रत नही् है खक यह भी उनकी बीती खफल्म की तरह ही सेत्स कॉमेडी ही है. िहले से ज्यादा ख््दअथ््ी संवादो् वाली और िहले से ज्यादा उन्मुत्त खकरदारो् वाली. इंद् कुमार को इस नये जॉनर मे् भले ही अब तक की सबसे बड्ी सफलता खमली हो. लेखकन इस िर सबसे िहले भरोसा एकता किूर ने जताया था. साल 2005 मे् ‘त्या कूल है् हम’ जैसी सेत्स कॉमेडी सफलतािूव्शक खरलीज हुई थी. तब से उनका प्ख्तख््षत बैनर ‘बालाजी खफल्मस ् ’ इस तरह की खफल्मे् बेखझझक बना रहा है. बॉत्स ऑखफस के आंकड्ो्िर जाये्, तो तब यह खफल्म सफल करार दी गयी थी. आलोचको् ने जर्र इसे फूहड् कहा था. लेखकन आम दश्शको् ने इसे खहट करवा कर ही दम खलया था. इस खफल्म के खहट हो जाने से यह बात तो खचक्ननत हो ही गयी खक ऐसी खफल्मो् का भी एक बड्ा दश्शक वग्श है. िासतौर िर युवा वग्श को इस जॉनर की खफल्मो् मे् मनोरंजन खमलने लगे, तो घाटा होने की संभावना ित्म हो जाती है. ‘बालाजी खफल्म्स’ बैनर ने 2012 मे् एक और सेत्स कॉमेडी खफल्म ‘त्या सुिर कूल है् हम’ बनायी, इसे भी दश्शको् ने हाथो्हाथ खलया. यही कारण है खक अब एक बार खफर एकता किूर ने ‘त्या कूल है् हम 3’ का खनम्ाशण खकया है. ‘त्या कूल है् हम 3’ मे् तुषार किूर, आफताब खशवदासानी और मंदना करीमी है्. इस खफल्म मे् युवा फे्टेशी को बुना गया है. उमेश घाडगे के खनद््ेशन मे् बनी इस खफल्म के बारे मे्कहा जा रहा है खक यह ‘त्या कूल है्हम’ और ‘त्या सुिर कूल है्हम’ से भी आगे की चीज है. इस खफल्म के डबल मीखनंग संवाद रोजमर्ाश की खजंदगी से ही उिाये गये है्. हाल ही मे् तुषार किूर और आफताब खशवदासानी इस खफल्म के प््मोशन के खलए कई कॉलेजो् मे् गये, तो
इस सवाल के जवाब मे्इंद्कुमार कहते संख्या मे्ऐसी खफल्मे्बननी शुर्हो जाये्गी. उन्हे्जबद्शस्खरस्िांस खमला. इस खफल्म का ट््ेलर लांच हो चुका है. अब तक इसे 20 है्, ‘बात खकसी िास त्लब मे् एंट्ी की नही् इसकी वजह यह है खक अब हमारा दश्शक भी लाि खहट्स खमल चुके है.् कुल खमलाकर यही है. असल मे् सेत्स कॉमेडी खफल्मो् के प््खत काफी िुल चुका है. उसके खलए कोई भी खक 22 जनवरी को खरलीज हो रही इस दश्शको् का नजखरया एकदम बदल चुका है. खवषय अछूत नही्है. सबसे बड्ी बात यह खक ‘एडल्ट खफल्म’ को देिने के खलए काफी वह ढो्गी नही्है. वह खनजी जीवन मे्िुलकर युवा लालाखयत है्. इस खफल्म के एक सप्ताह सेतस ् िर बात करता है, तो खफर िरदे िर ऐसे के बाद ही खमलाि झवेरी खनद््ेखशत खवषय से कोई िरहेज भला त्यो् रिे्! सच ‘मस््ीजादे’ खरलीज हो रही है. 29 जनवरी बात तो यह है खक मेरी खफल्म मे् दश्शको् ने को खरलीज हो रही इस सेत्स कॉमेडी खफल्म िय्ापश त् मनोरंजन िाया था. हां, यह मनोरंजन मे्मुखय् आकष्ण श सनी खलयोनी है. कभी िोन्श िरंिरागत नही् था, लेखकन इसे िसंद खकया खफल्मो्की स्टार रही सनी का डबल रोल है. गया. आलोचको्ने ‘ग्ड ्ै मस््ी’ की धख््जयां दोनो् ही खकरदारो् मे् वह कहर ढाने के खलए उडायी्, लेखकन सच यह है खक वे दश्शको्मे् तैयार खदिायी दे रही है्. इस खफल्म मे् सनी आ रहे बदलाव को िहचानने मे् कामयाब के डबल रोल के साथ तुषार किूर और वीर नही्हो सके. दास मुख्य भूखमकाओ् मे् है्. इसी तरह ‘ग््ेट इसमे्कोई शक नही्है खक नयी िीढ़्ी के ग््ैड मस््ी’ मे् खरतेश देशमुि, खववेक दश्शक अब काफी िुला खदमाग रिते है्. ओबराय और आफताब खशवदासानी की इंटरनेट के प््योग की वजह से दुखनयाभर के खतकड्ी है, जो उव्श श ी रौतेला को खसनेमा से उनका िखरचय हो मुंबइया खफल्मकारो् ने एक नया फाॅम्मूला िोज रहा है. अब उनके िास एक लेकर न जाने खकतनी ही कल्िनाये् करती नजर आयेगी. खनकाला है- सेक्स कॉमेडी का. बीिे खदनो् ऐसी खफल्मो् िखरष्कृत से्स ऑफ ह््ूमर है. इंद् कुमार के खनद््ेशन मे् बन एडल्ट कंटे्ट से उन्हे् कोई रही इस खफल्म को लेकर न की कामयाबी ने एक नयी भेख्ियाधसान दौि् शुर् कर खदक्त् नही्है, त्यो्खक वे िुद केवल दश्शको् के मन मे् भी काफी िखरित्व है्. एकता दी है. इस दौि् मे् एकिा कपूर भी शाखमल है्. जबद्शस् खदलचस्िी खदिायी दे किूर कहती है्, ‘जब मै्ने रही है, बक्लक बॉलीवुड भी बड्ी खजज््ासा अब लोग हर तरह की खफल्मे् देिना चाहते ‘त्या कूल है्हम’ प््ोड््ूस की थी, तो सभी प््कट कर रहा है. सबके मन मे् एक ही है्. इंटरनेशनल माक््ेट मे् सेत्स कॉमेडी ने कहा था खक मै्अिना नाम िराब कर रही सवाल है खक त्या इस बार भी इंद् कुमार खफल्मो्की अिनी जगह है, लेखकन बॉलीवुड हूं. लेखकन मेरी सोच थी खक वत्त बदल रहा अिनी खफल्म को ‘सौ करोड् त्लब’ मे् एंट्ी मे् अभी शुर्आत ही हुई है. लेखकन देिते है. दश्शको्को इंटरनेट की मदद से दुखनयाभर जाइये खक कुछ ही सालो् मे् यहां भी बड्ी की खफल्मे् आसानी से उिलध्ध हो जाती है्. खदला िाये्गे?
तो खफर खकसी जॉनर से बचने का भला कोई मतलब है?’ एकता किूर जैसी ही सोच खववेक ओबराय की भी है. खववेक का कहना है खक अब दुखनया तेजी से बदल रही है. दश्शको् की कल्िनाशीलता खफल्मकारो् से आगे जा चुकी है. हालांखक खदलचस्ि बात यह है खक जब खववेक को ‘ग््ैड मस््ी’ ऑफर हुई थी, तो उनके माथे िर िसीना आ गया था. िूरी क्सक््प्ट सुनने के बाद उन्हो्ने डायरेत्टर इंद्कुमार से स्िष््कह खदया था खक वे इस खफल्म मे्काम नही्कर िायेग् .े खजस तरह की खवषय वस््ु है और खजस तरह के डायलॉग है,् यह वल्गर खफल्म ही बनेगी. खववेक बताते है्, ‘वाकई तब मुझे खबल्कुल अंदाजा नही्था खक इस खफल्म को इतना स्वीकारा जायेगा. इस खफल्म ने उस समय ‘सौ करोड्’ का खबजनेस खकया, जब खगनी चुनी खफल्मे्ही इस त्लब मे्एंट्ी िाती थी्.’ लेखकन इस तरह की खफल्मे् बनाना हमेशा तलवार की धार िर चलने जैसा ही होता है. एडल्ट कॉमेडी मे् खजतनी चुस् स्ख्कप्ट और नॉटी खकस्म के संवादो् की जर्रत होती है. उतनी अन्य जॉनर की खफल्मो्मे्आवक्यकता महसूस नही्होती है. असल मे् कॉमेडी और फूहड्ता मे् अंतर करना बहुत आवक्यक होता है. नग्नता और ग्लैमर के फक्फ को जानना जर्री होता है. खवशुद्खबजनेस की बात करे्, तो ऐसी खफल्मे् खसफ्फ बॉत्स ऑखफस कलेत्शन िर खनभ्शर रहती है्. से्सर कारणो् से ऐसी खफल्मो् की सेटेलाइट खबक््ी िर िासा नकारात्मक असर िड्ता है. लेखकन अब खनम्ाशता इस तरह के जोखिम उिाने के खलए तैयार खदिने लगे है्. युवा प््ोड््ूसर रंगीता नंदी का आकलन है, ‘आनेवाले वत्त मे्सेत्स कॉमेडी खवषय की खफल्मे्दश्क श ो्के बीच काफी लोकख््पय हो्गी. ये न केवल बड्ी संख्या मे् बने्गी. बक्लक लगातार बड्ी कमायी भी करके खदिाये्गी. वत्त बदल रहा है और लोग वज्शना मुत्त हो रहे है्.’ खनख््ित र्ि से इधर दज्शन भर खफल्मकार ‘सेत्स कॉमेडी’ वाली खकसी न खकसी कहानी िर खफल्म बनाने की जुगत मे् है्. लेखकन वे िहले ‘त्या कूल है् हम 3’, ‘मस््ीजादे’ और ‘ग््ेट ग््ैड मस््ी’ के बॉत्स ऑखफस िखरणाम देि लेना चाहते है्. अगर इन खफल्मो्को दश्शको्की स्वीकृखत खमलती है, तो खनख््ित र्ि से बड्ी संख्या मे् नये प््ोड््ूसर बॉलीवुड मे् सख््कय हो सकते है्.n
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22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
रीता खतवारी
सांस लेता इखतहास
परंाटन
मुंबई मे् रहते थे. लेखकन अब वे भुज मे् ही रहते है्और कभी-कभार यहां आते रहते है्. महल से कुछ दूर बने एक और भवन को अब हेखरटेज होटल मे् बदल खदया गया है. उसका अिना खनजी बीच है. छत की चारदीवारी मे्जगह-जगह जाखलयां बनी है्. केयरटेकर बताता है खक राखनयां इसी झरोिे से बाहर देिती थी्. उनको बेिद्ाश होने की इजाजत नही्थी. महल के िीछे दूर तक फैले फव्वारे इस इलाके के स्वण्शकाल की यादे् ताजा कर देते है्. केयरटेकर ने बताया खक आि खजतनी दूर तक देि सकते है्, वह सब राजा की ही संिख््त है. महल मे् घंटे भर से ज्यादा का समय खबताने के बाद अब हमारी अगली मंखजल थी मांडवी का समुद्तट. दो-तीन जगह रास््ा िूछते हुए जब वहां िहुंचे तो सूरज खसर िर चमक रहा था. रेत इतनी गरम थी खक उसकी तखिश चप्िल के तले को बेधती हुई िैर की त्वचा तक िहुंच रही थी. मांडवी बीच अरसे से देशी-खवदेशी सैलाखनयो् को आकख्षशत
मे् उतरे और ऊंट की सवारी का भी मजा खलया. बीच से लौटते समय देिा खक राजस्थानी सैलाखनयो्से लदी वही बस बीच िर िहुंच रही है खजसे िीछे खवजय खवलास िैलेस मे् छोड् आये थे. इस शहर की ज्यादातर प््मुि इमारते्और मंखदर-मक्सजद शहर के बसने के शुर्आती 50 सालो् के दौरान बने है्. उसी से िता चलता है खक कच्छ के खलए मांडवी की खकतनी अहखमयत थी. भुज क्सथत ख््बखटश िॉखलखटकल एजंट ने भी मांडवी को अिना गख्मशयो् का खिकाना बनाया था. शहर मे्क्सथत ख््बखटश कख््बस््ान को देि कर कर लगता है खक अंग्ेजो् के खलए भी मांडवी का महत्व कम नही्था. हां, मांडवी मे्है्तो यहां की मशहूर डबल रोटी का स्वाद लेना मत भूले्. स्थानीय भाषा मे् इनको डाबेली कहा जाता है. हमारे िास समय कम था और देिने को बहुत कुछ. इसखलए न चाहते हुए भी मन मसोस कर र्त्मावती के मुहाने की ओर चल िड्े. कभी कच्छ इलाके की रीढ़् रहे नौका खनम्ाशण उद््ोग को देिने. अब एंटीिाइरेसी कानून के तहत लागू िाबंखदयो् के चलते यह उद््ोग आखिरी सांसे्खगन रहा है. िांच साल िहले एंटी िाइरेसी कानून के तहत इन नावो्िर कई तरह की िाबंखदयां लग गयी है्. यहां खबना मास्ट के बनी नावो् को स्थानीय भाषा मे्ढौ कहा जाता है. करीब चार सौ सालो् से ढौ या नौका उद््ोग मांडवी की रीढ़्रहा है. खकसी जमाने मे्यह गुजरात का प््मुि बंदरगाह था. यहां से खजतनी चीजो्का आयात होता था, उसके मुकाबले कही् चार गुना खनय्ाशत होता था. दख््कण-िूव्श एखशया से लेकर सुदूर िूव्ी अफ््ीका तक से जहाज इस बंदरगाह िर आते थे. साल 1760 मे् राव गोडीजी के शानकाल के दौरान तो यहां चार सौ जहाजो् का बेड्ा था, जो इंग्लै्ड तक जाता रहता था.
करता रहा है. यहां अरब सागर का नीला िानी बरबस ही उनको अिनी ओर िी्चता है. शांत और साफ-सुथरे समुद्तटो्के खलए मशहूर मांडवी मे्फ्लेखमंगो जैसे प््वासी िक््ी भी अिनी यात््ा के बीच मे्िहरते है्. तटीय इलाके मे् जगह-जगह िवनचख््कयां लगी है्. दोिहर का समय होने की वजह से बीच िर ज्यादा भीड्भाड्नही्थी. कुछ देसी और कुछ खवदेशी सैलानी वहां नहाने और ऊंट की सवारी का लुत्फ उिा रहे थे. अब चूंखक हमे् खदन मे् लंबा रास््ा तय करना था. इसखलए नहाने का इरादा तो छोड्खदया. लेखकन िानी
समय के साथ बड्ेजहाजो्के मुंबई का र्ि करने की वजह से इस बंदरगाह का महत्व लगातार घटता गया. लेखकन नौका खनम्ाशण उद््ोग िांच साल िहले तक र्त्मावती नदी के खकनारे िूरे शबाव िर था. मांडवी की सुरक््ा के खलए कच्छ राजाओ्ने शहर मे्एक खकला बनवाया था खजसकी दीवारे् 8 मीटर ऊंची थी. इसमे् कई दरवाजे और 25बुज्श थे. अब यह दीवार लगभग ढह चुकी चुकी है, लेखकन दख््कण-िख््िम मे् क्सथत सबसे बडा बुज्श खफलहाल लाईट हाउस का काम कर रहा है.
गु
जरात मे् अरब सागर और र्त्मावती नदी के मुहाने िर बसा मांडवी एक शहर नही्, बक्लक इखतहास है. जब गुजरात दौरे का काय्शक्म बनाया था तब उसमे् इस शहर की जगह नही् थी. लेखकन बाद मे् नत्शो् से जूझते हुए जब देिा खक यह िूबसूरत समुदत् टीय शहर भुज से महज घंटे भर की दूरी िर है, तो इसे भी सूची मे्शाखमल कर खलया. भुज मे् दो खदनो् तक सफेद रेखगस््ान और काला डूंगर की लंबी यात््ाओ् के बाद यह तय हुआ खक अगले खदन मांडवी होते हुए द््ारका के खलए खनकल िड्े्गे. लेखकन इसमे् व्यावधान िैदा कर खदया आईना महल ने. दरअसल, हम बुधवार शाम को भुज िहुंचे थे. तो, उस खदन शहर के चक््र लगा कर उसकी नध्ज को समझने की हल्कीफुलक ् ी कोखशश हुई. खफर होटल मे्िहुच ं कर आराम खकया. अगले खदन सुबह खनकल कर सफेद रेखगस््ान और काला डूंगर. रास््े मे् कुछ गांवो्मे्िहर कर भुज की हस््कलाओ् से भी र्बर् हुए. गुर्वार को सुबह जाकर प््ाग महल तो देि खलया, लेखकन आईना महल उस खदन बंद रहता था. इसखलए तय हुआ खक अगले खदन सुबह आईना महल देिते हुए मांडवी के खलए खनकले्गे. इस चक््र मे् शहर से खनकलते हुए कोई िौने दस बज गये. अहमदाबाद से आि खदनो् के खलए जो कार खकराये िर ली थी उसका ड््ाइवर हीरालाल कुछ अख्डयल और खजद््ी खकस्म का इंसान था. भले उसे रास््ो् के बारे मे् िास जानकारी नही् हो, लेखकन फे्कता यूं था मानो वह िूरे इलाके से िखरखचत है. इस चक्र् मे्शहर से खनकल कर नेशनल हाइवे तक िहुच ं ने मे्कुछ समय िच्शहुआ. लेखकन
को महल के बारे मे्िता नही्था. सो, िूछतेिूछते वहां िहुंचे. शहर से कोई तीन खकलोमीटर दूर जंगल से खघरे हरेभरे इलाके मे् शान से खसर उिाये िड्े इस महल को देि कर यात््ा की थकान और ड््ाइवर की अज््ानता िर िैदा हुयी िीझ िल भर मे् न जाने कहां काफूर हो गयी. मांडवी को कच्छ के राजा िे्गरजी ने साल 1574 मे् बसाया था. धीरे-धीरे यह तटवत््ी शहर गम््ी के खदनो् मे् राजाओ् की तफरीह का िसंदीदा स्थान बन गया. मांडवी गुजरात के खगने चुने समुद्तटो्मे्से एक है. सागरतटीय सौ्दय्श के अलावा मांडवी की संसक ् खृ त भी यहां का एक प्म् ि ु आकष्ण श है. यह संस्कृखत गुजरात के बाकी खहस्सो् से एकदम अलग है. स्थानीय जनजीवन िर कच्छ संस्कृखत का असर साफ देिा जा सकता है. यही कारण है खक मांडवी की यात््ा कच्छ की यात््ा के खबना अधूरी मानी जाती है. खवजय खवलास िैलेस मांडवी का सबसे बड्ा आकष्शण है. एक समय यह कच्छ के
एक बार जो हाइवे िकड्ी तो मांडवी िहुंचने मे्बमुक्ककल घंटे भर लगे. हाइवे से उतर कर शहर मे् घुसने िर िहली नजर मे्यह बेहद शांत और उनी्दासा लगा. शहर मे् हमारी िहली मंखजल थी खवजय खवलास िैलेस. बेटी ने िहले से ही इंटरनेट िर देि कर तय कर खलया था खक सबसे िहले महल ही देिना है. वह जान चुकी थी खक हम खदल दे चुके सनम और लगान जैसी खफल्मे् इसी महल और इसके इद्श-खगद्श शूट की गयी् है्. इसखलए उसकी उत्सुकता बार-बार छलक रही थी. ड््ाइवर
महाराजाओ् का महल था. राव खवजयराज जी ने गरमी के दौरान रहने के खलए इसे बनवाया था. ओरछा और दखतया के महलो् की शैली मे्बने इस महल मे्राजिूत शैली का भी िूरा प्भ् ाव है. साल 1929 मे्बना यह महल बॉलीवुड को भी लुभाता रहा है. साल 1999 की खहट खफल्म हम खदल दे चुके सनम और उसके बाद साल 2001 मे्आखमर िान की लगान के कई खहस्से इसी महल मे् खफल्माये गये थे. महल मे् उन खफल्मो् की शूखटंग के दौर की तस्वीरे् भी लगी है्. अखमताभ बच््न के अलावा नरखगस भी इस
महल मे्आ चुकी है्. हम जब वहां िहुंचे तो राजस्थान के िय्शटको् से भरी एक बस बाहर िाख्कि्ग मे् िड्ी थी. वही्दोिहर का िाना बन रहा था और लोग िाने-िीने मे् जुटे थे. िाख्कि्ग मे् कार िड्ी करने के बाद खटकट लेकर एक
मांडवी महज एक शहर नही्, बल्लक इखिहास है. र्क्माविी नदी के िट पर बसे इस शहर का प््मुि आकर्मण खवजय खवलास पैलेस है जो एक समय कच्छ राजाओ् का आवास था. कुछ लाेकख््पय खफल्मो् के खहस्से भी यहां शूट खकये गये. खवशाल बगीचे के भीतर बने घुमावदार रास््े से होते हुए जब महल के नजदीक िहुंचे तो कुछ देर के खलए आंिे् िुली रह गयी्. इस महल मे्शूट की गयी खफल्मो्के दृकय् सहसा आंिो् के सामने खकसी अदृक्य िरदे िर चलने लगे. शुरआ ् ती फोटोग््ाफी के बाद अब बारी भीतर जाने की थी. जूते बाहर ही िोलने थे. वही्एक बोड्शिर खलिा था खक भीतर फोटो िी्चना या वीखडयोग््ाफी करना मना है. यह देि कर बेटी कुछ खनराश हो गयी. लेखकन अिने साथ महल घुमा कर उसका इखतहास बता रहे केयरटेकर से िूछा तो उसने कहा खक आिको खजतनी फोटो िी्चनी हो्, शौक से िी्खचए. खफर त्या था ? बैग मे्रिा एसएलआर कैमरा और सोनी का है्डीकैम िलक झिकते ही हाथो् मे्. केयरटेकर साथ-साथ चलते हुए बता रहा था खक कहां सलमान ने गाना गाया था और कहां ऐश््य्ाश राय ने अिने हाथो् की नस काटी थी. िासकर मेरी बेटी यह सब देिसुन कर बेहद रोमांखचत थी. महल की छत िर बने कंगरू े से नजदीक ही बह रहे अरब सागर का नीला िानी साफ नजर आता है. महल और समुद्तट के बीच फैली हखरयाली कड्ी धूि मे्आंिो्को काफी सुकून िहुंचा रही थी. महल के ऊिरी खहस्से मे् एक कमरा राजिखरवार के खलए सुरख््कत है. वहां तक िहुंचने के खलए एक अलग सीढ़्ी भी बनी है. कच्छ राजा के वंशज िहले
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22 जनवरी - 28 जनवरी 2016
रोदहत वेमुला की ख़ुिकुशी से गरमाया आंिोलन
शरद गुपंता
एसोखसएशन ने प््दश्शन खकया. संघ के सहयोगी नयी टदलुली. हैदराबाद से्ट्ल संगिन अखिल भारतीय यूखनवख्सशटी के दखलत छात््रोखहत वेमुला की खवद््ाथ््ी िखरषद इस आत्महत्या से िूरे देश मे् आंदोलन शुर् हो खफल्म के खिलाफ था. गये है्. कुछ वैसे ही जैसे खदल्ली की खनभ्शया दोनो मे् इस बात को के बलात्कार के बाद मखहला सुरक््ा को लेकर झगड्े हुए खजसके लेकर हुए थे. इस बार फ़्ोकस दखलतो् के बाद िखरषद के अध्यक्् साथ हो रहे भेदभाव और सरकार के एन सुशील कुमार ने कामकाज और उच््खशक््ा मे्मे्संघ िखरवार रोखहत और उसके चार के दख़्ल िर है. दु:ि की बात है खक आजादी साखथयो् िर मारिीट का लगाया. के सत््र साल बाद भी दखलतो्को बराबरी के आरोि यूखनवख्सशटी की जांच मे् दज््ेके खलए लड्ना िड्रहा है. िहले बात रोखहत की. िीएचडी का छात्् आरोि खनराधार िाये गये. खिछड्े समुदाय से आने वाले सुशील रोखहत समाज के सबसे कमज्ोर तबके से था. मां खसलाई मशीन िर लोगो् के किड्े खसल मारिीट की रात को अस्िताल मे्भत््ी हो गये. कर िच्श चला रही् थी्. रोखहत की ग्लती अगले खदन उनके एिे्खडत्स का ऑिरेशन खसफ्फ इतनी थी खक वह अंबेडकर स्टूडे्ट्स हुआ. डॉत्टरो्ने कहा - एिे्खडत्स की वजह एसोखसएशन का सदस्य था और गाहे बगाहे मारिीट नही्हो सकता. एबीवीिी नेताओ्ने राजनीखतक र्ि से संवेदनशील मुद्ो् िर तब बीजेिी सांसद और के्द्ीय राज्य मंत्ी अिनी राय रिता था. बीते साल अगस्् मे् बंडार् दत््ात््ेय से खशकायत की. उनका मुजफ् फ़ ् र् नगर दंगो्िर बनी एक खफल्म अिनी आरोि था खक याकूब मेनन को फांसी की यूखनवख्सशटी मे्खदिाने की इजाज्त को लेकर सजा के खिलाफ दखलत छात््ो् ने प््दश्शन
िामोश रहना नहीं सीिा शतंंु ने
रीता खतवारी
कोलकािा. खहंदी खफल्मो् मे् िामोश डायलाग के खलए और अब िानी मे्रह कर मगरमच्छ से बैर के खलए मशहूर भाजिा नेता शत््ुघ्न खसन्हा िुद को मौजूदा राजनीखत मे्एक अच्छा आदमी मानते है्. उनका दावा है खक वे खकसी भी िाट््ी के खटकट िर और यहां तक खक खनद्शलीय के तौर िर लड् कर भी चुनाव जीत सकते है्. कोलकाता मे् आयोखजत एिीजे साखहत्य महोत्सव के दौरान अिनी आत्मकथा ‘एनीखथंग बट िामोश’ के लोकाि्शण के मौके िर शत््ुघ्न ने कहा खक प््धानमंत्ी या िाट््ी ने जब कभी अच्छी या बुरी चीजे्की तो वे अिनी खटप्िणी नही् रोक िाए. उनका दावा है खक वे कभी असंतुष्या नाराज नही्रहे. कभी भाजिा के स्टार प््चारक रहे खसन्हा को भाजिा नेतृत्व ने खबहार के हाखलया खवधानसभा चुनाव के प््चार काय्श मे् नजरअंदाज खकया और उस चुनाव मे् िाट््ी का प््दश्शन िराब रहा था. खबहार मे् भाजिा ने खजस तरह से चुनाव प््चार खकया उसे लेकर उन्हो्ने िाट््ी की आलोचना की थी और यहां तक खक महागिबंधन की जीत को लोकतंत् की जीत बताया था. खसन्हा कहते है्खक चूंखक वे राजनीखत मे्एक अच्छे आदमी है्, इसखलए उनको लंबे अरसे से दूसरी राजनीखतक िाख्टियो् से भी प््स्ाव खमलते रहे है्. यही वजह है खक मै्कहता रहा हूं खक मुझे कोई समस्या नही्है. उन्हो्ने कहा खक मै् खरकाड्श मतो् के अंतर से जीतता रहा हूं. यहां तक खक खनद्शलीय चुनाव लडऩे िर भी समस्या नही् होगी त्यो्खक काफी लोग मुझे समथ्शन करे्गे. खसन्हा ने वष्श2014 का लोकसभा चुनाव 2.64 लाि से अखधक RNI- DELHIN/2008/ 24781
वोटो्के अंतर से जीता था. वे कहते है् खक मै् दीवार िर खलिी इबारत को देि सकता हूं. मै्ने यह कोखशश की खक हर कोई क्टवटर सखहत खवखभन्न माध्यमो्से मेरे खवचार जाने और समझे. मै्ने यह भी सुना खक मुझे िाट््ी से खनकाला जा सकता है. मै्ने कहा खक कोई समस्या नही् है आि औक से ऐसा कर सकते है्. लेखकन उन्हो्ने मुझे नही्हटाया. इस अखभनेता ने अिनी जीवनी मे् खववाहेत्र संबंधो्के बारे मे्भी िुलकर बात की है. खसन्हा ने कहा, 'यह खकताब मेरे जीवन का सारांश है खक खकस तरह से मै्ने िुणे मे् खफल्म की िढ़्ाई के खलए घर छोड्ा और खफल्म नगरी मे् संघष्श खकया. यह खकताब मेरे जीवन मे्आने वाली लड्खकयो्-‘घरवाली’ और ‘बाहरवाली’ की भी दास््ान है.'
कमेटी बनायी. कमेटी ने िांचो्छात््ो्को दोषी िाया. उन्हे् एक सेमेस्टर के खलए खनलंखबत कर खदया गया. बात यही् नही् र्की. सभी छात््ो् का हॉस्टल िाली करने का हुत्म खदया गया. साथ ही यूजीसी से खमल रही स्कॉलरखशि रोक दी गयी. रोखहत के चारो् साथी भी इतनी ही कमज्ोर िृष्भूखम से है्. उन सभी के खिता भूखमहीन मज्दूर है्. खकया था और जब सुशील कुमार ने इसका सामाखजक प््खतष््ा िर आंच आने और खवरोध खकया तो उनके साथ मारिीट की आख्थशक र्ि से नुकसान होने से िरेशान गयी. रोखहत ने रखववार की रात अिने एक साथी के बंडार्ने केद् ्ीय मानव संसाधन खवकास कमरे मे्फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मंत्ी स्मृखत ईरानी को खलिकर यूखनवख्सशटी इससे आक््ोखशत छात्् संगिन िूरे देश मे् की खशकायत की. मंत्ालय ने छह हफ््तो् मे् प््दश्शन कर बंडार्दत््ात््ेय को मंख्तमंडल से िांच ित्् खलिकर िूछा खक वह कानून बि्ाशस्खकये जाने की मांग कर रहे है्. इसी व्यवस्था खबगाड्ने वालो् िर त्या कार्शवाई बीच हैदराबाद यूखनवख्सशटी ने चारो्छात््ो्का कर रही है. इस बीच यूखनवख्सशटी के वाइस खनलंबन वािस ले खलया है. चांसलर बदल गये. नये वीसी ने खफर जांच मंगलवार को राहुल गांधी ने हैदराबाद
दवलुपंत होती वनंयजीव पंंजादतयां टिरुअनंिपुरम. हाथी सखहत केरल मे् तकरीबन 205 वन्यजीव प््जाखतयां खवलुप्त होने के कगार िर है्. खवखभन्न खवश््खवद््ालयो्के खकये गये अध्ययन मे्ये बात प््काश मे् आयी है. खजनमे् से 148 प््जाखतयां खवशेष तौर िर केरल के जंगलो्मे् ही िायी जाती है्. ऐसे मे्उनके खवलुप्त होने से िूरी दुखनया िर असर िडेगा. हाथी, बाघ, भालू और क्सटंगरे मछली के साथ-साथ कई प््जाखत के मेढक भी खवलुप्त होते जा रहे है्. अध्ययन मे् इसका प््मुि कारण अवैध खशकार और कानून की हीला-हवाली को बताया है. अध्ययन मे्िाया गया है खक केरल और िख््िमी घाट मे्रीढ़्की श््ेणी वाले 1,847 प्क ् ार प्ज ् ाखतयां थी्. खजनमे्23 प्ज ् ाखतयां को गंभीर लुपत् प््ाय बताया गया है और 90 अन्य प््जाखतयो् को लुप्तप््ाय सूची मे् शाखमल खकया जा गया है. इन प््जाखतयो् मे् से 148 दुखनया मे् कही् और नही् िायी जाती है्. खजसका साफ़ मतलब है खक यखद ये राज्य से ित्म हुई्तो िूरी दुखनया से ित्म हो जाये्गी. करीब 62 फीसद केरल मे्िायी जाने वाली प्ज ् ाखतयां वन्य जीव संरक्ण ् कानून के दायरे मे् शाखमल नही् है्. साथ ही राज्य मे् 92 फीसद िशु की प््जाखतयो् को अंतरराष््ीय व्यािार मे् शाखमल होने रोकने वाला कोई कानून नही्है. इस वजह से खवलुप्त होने के इस संकट से प््भाखवत होने वाली प््जाखतयो् की संख्या मे् लगातार वृख्द हो रही है. इस सव््ेक्ण के माध्यम से वन खवभाग से वन कानूनो्को मजबूत बनाने की खसफखरश की गयी है. साथ ही इसमे्समय के साथ सुधार करने की बात भी की गयी है. (मनोरमा)
जाकर प््दश्शन कर रहे छात््ो् का समथ्शन खकया. लेखकन उनके सामने ही एक छात्् ने उनसे इस मामले िर राजनीखत न करने का आग््ह खकया. वही् के्द् सरकार इसे संवेदनशील मामला मानते हुए खडफे्खसव मोड मे्नज्र आयी. लेखकन उसने बंडार्के खिलाफ खकसी तरह की कार्शवाई से इंकार करते हुए अख्डयल र्ख़् अिनाने का संकेत खदया. स्मृखत ईरानी ने कांग्ेस सांसद हनुमंत राव की एक िुरानी खचट््ी का हवाला देते हुए िूरी जांच के बाद ही कार्वश ाई का वादा खकया. असल बात है खक संघ और उसके साथी संगिन एबीवीिी ने सरकार िर दबाव बनाकर दखलत छात््ो् िर कार्शवाई की. अब रोखहत की आत्महत्या से मामला एक दूसरा ही र्ख़् ले चुका है, बीजेिी और संघ को इससे बाहर खनकलने का रास््ा नही् समझ आ रहा है. अगर वे कोई कोर्शवाई नही्करते है्तो यह खनभ्शया जैसा देश-व्यािी आंदोलन बन सकता है. और कम्शवाद करने का मतलब है अिनी ग्लती मानना. इस वजह से अगला एक सप्ताह देश की राजनीखत के खलए बहुत महत्विूण्शहो सकता है.
महबूबा की चुप्पी के मायने
माखजद जहांगीर
तो उन्हे् जबरदस्् लाभ खमला था. इस बार उसकी संभावना बहुत कम नजर आ रही है. अगर महबूबा यह मानकर चल रही है् खक शुुीनगर. महबूबा मुफत् ी ने जम्मू कक्मीर उनको दोबारा वैसा लाभ खमलेगा तो वह गलत के मुख्यमंत्ी का ताज िहनने मे्जो देरी की है . ् जम् म ू कक्मीर मे्आज राजनीखतक हालात है उससे दो बाते् साफ है्. िहली, वह आम लोगो् को यह संदेश देना चाहती है् खक वष्श2008 की तुलना मे्काफी बदल चुके है.् महबूबा को कुस्ी िर बैिने की कोई अगर महबूबा जनता के सामने जाकर कहती ् े की कद्् जल्दबाजी नही् है, न ही वह भाजिा जैसी है् खक भाजिा ने गिबंधन के एजेड कट््र खहंदूवादी िाट््ी के साथ जाने मे् बहुत नही्की तो लोग उनसे िूछगे् े खक उनके खिता िुश है्. दूसरी बात, वह भाजिा को भी यह मरहूम मुफत् ी मोहम्मद सईद ने भाजिा से हाथ अहसास कराना चाहती है् खक भाजिा और खमलाया ही त्यो्था? कक्मीर के वखरष्् ित््कार और िीडीिी की सरकार अब तभी बन सकती है जब िीडीिी की मज््ी के खिलाफ कोई मुद्ा राजनीखतक खवक्लेषक अली मीर कहते है्, 'महबूबा की लंबी चुप्िी इस बात का संकेत न उिाया जाये. है खक वे भारत सरकार से खकसी बड्े िैकेज महबूबा के मन मे्बड्ी खचंता इस बात की की इंतजार कर रही है्. एक ऐसा िैकेज जो है खक खिछले एक साल के दौरान भाजिा के कक् म ीर की जनता के मनोखवज््ान को साथ खमलकर सरकार चलाने से कक्मीर की संबोखधत कर सके. यह जनता के मन मे्जो नाराजगी कवायद इसखलए है ताखक िैदा हुई है, उससे होने वाले कक्मीर मे् भाजिा के साथ नुकसान की भरिायी खकस गिबंधन के बाद िराब हुई प्क ् ार की जाये? इन बातो्ने छखव को संभाला जा सके.' महबूबा मुफत् ी को मुकक् कल मे् इसमे् दो राय नही् डाल खदया है. जानकारो् के खक कक्मीर के लोगो् ने मुताखबक अगर आने वाले बहुत कम समय मे् खदनो् मे् वह भाजिा के साथ महबूबा को कुबूल खकया खमलकर सरकार बनाती भी है् लेखकन भाजिा से हाथ तो यह गिबंधन ज्यादा लंबा नही्चलेगा. बक्लक वह खकसी न खकसी बहाने खमलाने के बाद लोग िाट््ी और इसके नेताओ् से भाजिा से खरक्ता तोड् देग् ी. इससे उनको से खकनारा करने लगे है्. कुछ समय से ऐसी लोगो्को यह बताने मे्आसानी होगी खक वह िबरे्भी सामने आ रही है्खक महबूबा अिने शुर् से ही भाजिा के साथ सरकार चलाना छोटे भाई तसद््क मुफ़्ती को राजनीखत के नही् चाहती थी्. अगर महबूबा ऐसा कोई मैदान मे्उतार रही है्. देिना होगा खक त्या कदम उिाती है् तो यकीनन उनको कुछ न भाई के आने से िीडीिी और महबूबा की कुछ राजनैखतक लाभ खमल सकता है. िरंतु हालत मजबूत होगी? बहरहाल इंतजार तो वष्श2008 मे्अमरनाथ जमीन खववाद के मुदे् सबको यही है खक महबूबा कब अिनी चुप्िी िर उन्हो्ने कांगस ्े से समथ्नश वािस खलया था तोड्ती है्?
स्वत्वाखधकारी, प््काशक और मुद्क: क््मता खसंह के खलए अमर उजाला िक्धलकेशंस खलखमटेड, सी-21, 22, सेत्टर-59, नोएडा, उत््र प््देश से मुख्दत एवं दूसरी मंखजल, बी-146, हखरनगर आश््म, नयी खदल्ली- 110014 से प््काखशत. संिादकः अंबरीश कुमार (िीआरबी अखधखनयम के तहत समाचारो्के चयन के खलए खजम्मेदार) सभी कानूनी खववादो्के खलए न्याय क््ेत्खदल्ली होगा. संिक्फ: +91.8004903209, 9793677793 ईमेल: shukrawaardelhi@gmail.com