कंगना: नया मुकाम नये अरमान पेज- 13
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वऱश 2 अंक 21 n पृष़: 16 n 31 माऱश - 06 अप़़ैल 2017 n नयी ददल़ली n ~ 5
l कई फैसले ताबड़तोड़l मोदी से होने लगी तुलना l खी़चा विश़़मीविया का ध़यान
नया उभरता ब््ांड योगी
नीरज वतिारी
पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी के शुरंआती बदनों की लखनऊ (शुक्वार). उतंंर पंंदेश में झलक नजर आ रही है. कहा तो यह भी जा योगी आबदतंयनाथ की ताबडंतोडं कायंाशैली रहा है बक आगे चलकर िह मोदी के बिकलंप इन बदनों सुबंखायों में है. उनके कामकाज में के रंप में उभर सकते हैं. आशंंयंा नहीं बक
बेदख़ली से सकते मंे वनगूजर
फ़ज़ल इमाम मल़ललक
ने िनगूजरों को अबतकंंमणकारी घोबषत नैनीताल हाइकोटंाकी नंयायमूबंता राजीि बकया है. इस फैसले को लेकर िनगूजर शमंाा ि आलोक बसंह की खंिपीठ ने काबंंेट नंयाबयक पंंबंकया पर सिाल उठा रहे हैं. ि राजाजी नेशनल पाकंक से िनगूजरों को िनगूजरोंका मानना है बक िनाबंंित समुदाय िनों से बेदखल करने के आदेश बदये हैं. के साथ हुये ऐबतहाबसक अनंयाय को खतंम इससे तमाम िनगूजर ि िनों में रहने िाले करने के बलए िषंा 2006 में संसद ने िनाबंंित समुदाय मेंघोर आकंंोश वंयापंत है. ऐबतहाबसक बिबशषंं ‘अनुसूबचत जनजाबत बपछले साल 19 बदसंबर को नैनीताल एिं अनंय परमंपरागत िनाबधकारों को मानंयता’ कानून याबन िनाबधकार कानून हाइकोटंाने यह आदेश सुनाया था. हाइकोटंामेंजंगलोंमेंलगने िाली आग पास बकया था. इस कानून की अनदेखी कर को लेकर दायर की गयी एक याबचका पर हाइकोटंाका यह आदेश बजसमेंकेंदंसरकार आदेश सुनाते हुए तमाम िनगूजर समुदाय से एक नयी िननीबत को लागू कर िनोंमें बाकी पेज 2 पर को ही िनों का दुशंमन ठहराते हुए हाइकोटंा
उतंंर पंंदेश का मुखंयमंतंी इस कदर मीबिया मेंछाया हुआ है. योगी एक कबठन परीकंंा से गुजर रहे हैं और उसमें सफल होते भी बदख रहे हैं. शायद यह पहली बार हुआ बक मुखंयमंतंी ने कैबबनेट की बैठक से पहले की कई अहम फैसले बलए. हालांबक बकसानोंकी कजंमा ाफी जैसा मुदंा अब तक बिचाराधीन है. लेबकन योगी की काम करने की गबत चौंकाने िाली है. कुछ रोज पहले जब उनंहोंने राजधानी के पांच, काबलदास मागंा संथथत मुखंयमंतंी आिास मेंपंंिेश बकया तो उनंहोंने घर मेंलगे नौ एसी बाहर करिा बदये और एक कमरे में सादगी से रहने का फैसला बकया. इस बात की भी चारों ओर चचंाा रही. उनकी जीिनशैली की तुलना पंंधानमंतंी नरेंदंमोदी से की जाने लगी. पंंदेश के एक उचंं अबधकारी के मुताबबक सादगी से जीने का
आलीशान बस मंे अकाल दश़शन
अयोध्या से लौटकर: अयोधंयािासी अब पूरी उमंमीद पाले हैं बक राम जनंमभूबम का मंबदर यकीनन बन जायेगा. बदलंली में मोदी और उतंंरपंंदेश में योगी. अब नहीं तो कब. यह उमंमीद यूपी मेंपूणंाबहुमत के साथ बखले कमल की िजह से है. हालांबक मुखंयमंतंी बनने के बाद योगी आबदतंयनाथ सुपंीम कोटंा के आदेश और आपसी सहमबत पर मंबदर मसले को सुलझा लेने की बात बोलते हैं. लेबकन, अयोधंया के िाबशंदों ने भाजपा पर रामलला का मंबदर बनाने के िासंंेही भरोसा कर िोट बदया है.
नयी दिल्ली. लोकसभा में जब जीएसटी बबल पर चचंाा हो रही थी और इस चचंाा में शाबमल सभी बिपकंंी दल बितंंमंतंी अरंण जेटली को चौतरफा घेरने की कोबशश में लगे थे. इस मौके पर समाजिादी पाटंंी के नेता और पूिंा अधंयकंं मुलायम बसंह यादि भी अपनी बात कहने के बलए उठे. मुलायम अपने संबोधन में जीएसटी बबल का बिरोध कर रहे थे और इसे लेकर पीएम मोदी और बितंंमंतंी पर कडंा हमला भी कर रहे थे. हालांबक, इस दौरान लोकसभा में मौजूद सीपीएम के सांसद मोहमंमद सलीम ने उसी समय मुलायम से पूछ बलया बक आपने 19 माचंा को योगी आबदतंयनाथ के शपथगंंहण समारोह के दौरान पीएम मोदी के कान में कंया कहा था उसका खुलासा कीबजए? ये साफ है बक मोहमंमद सलीम ने मुलायम से जो सिाल बकया िो माहौल को हलंका बनाने बाकी पेज 2 पर
बूचड़खाने बंद बेरोज़गारी शुऱ
मुब ं ई. बकसानोंके मसले सुनने के बलए महाराषंं में बिपकंं की संघषंा यातंंा नया बििाद लेकर चल रही है. इस बििाद के केदं ं मेंहै िह एसी बस बजसमेंसे बिपकंंी दलोंके बिधायक संघषंायातंंी बनकर सफर कर रहे हैं. इस बस पर लगा मबंसािीज बेंज का थंटीकर ही बस के आलीशान होने का अहसास करा रहा है. महाराषंं में बिधानभिन में बजट सतंं चल रहा है. इसे बीच में छोडकर अपने लचर हो चले संगठन मेंजान फूक ं ने के बलए बाकी पेज 2 पर
राममंदिर दिम्ााण की बढ्ी उम्मीि
वगरधारी लाल जोशी
फैसला करके योगी ने अपने बिरोबधयों को भी यह जता बदया है बक िे भले ही मुखंयमंतंी पद पर चयबनत होते िकंत अपनी अनुभिहीनता के बलए लोगों के बनशाने पर रहे हों लेबकन अब अपने फैसलों के चलते िही केंदंमेंरहेंगे. उनंहेंजनता मेंअपनी छाप छोिऩे का हुनर मालूम है. अपने कामकाज की शैली के चलते उनको दुबनया भर के मीबिया मेंतिजंंो बमल रही है. भाजपा के एक िबरषंंï नेता का कहना है बक योगी से जैसी उमंमीद थी िह िैसा ही कर रहे हैं. उनंहोंने अपनी पंंचबलत छबि से अलग हजाते हुए अब सांपंदाबयक भाषणों से भी दूरी बना ली है. यह पूछे जाने पर बक कंया अपनी इन खूबबयोंके चलते िह मोदी की छबि पर भी भारी पडं सकते हैं, अबधकारी ने कहा बक नहींऐसा नहींहो बाकी पेज 5 पर
मोदी के कान में मुलायम की बात
यहां के लोगों के सामने दूसरा कोई मुदंा अहबमयत नहीं रखता और न इनका कोई दूसरा गुलाबी सपना है. बजस रोज योगी का नाम मुखंयमंतंी की कुसंी के बलए तय हुआ इतंंफाक से यह संिाददाता अयोधंया के दौरे पर था. भाजपा का कमल पूणंा बहुमत के साथ बखलते ही अयोधंया के िाबशंदों ख़ासकर बहंदू बिचारधारा के लोगोंकी तो ख़ुशी का बठकाना नहीं था. दरअसल, इनंहें अब रामलला का मंबदर बनता बदखने लगा है. बस ख़ुशी इसी बात को लेकर है. बाकी पेज 2 पर
लखनऊ (शुकव ् ार). योगी सरकार के बनदंश ंे पर अब कई बूचडंखानोंपर ताला लग गया है. ऐसे मेंबडी संखया ं मेंलोगोंके सामने बेरोजगारी का सिाल खडंा हो गया है. इस बीच बेरोजगारी की मार तो सब पर पडंरही है, लेबकन बसफंक मीट कारोबार से ही जुडंा काम जानने िाले लोग अब बदहाडंी पर काम करने को मजबूर हो गए हैं. यूपी में योगी की राह पर चलते हुए झारखंि और राजथंथान सरकार ने भी अिैध बूचडंखानों को बंद करने का आदेश जारी कर बदया है. जलंदबाजी इतनी की कई सालों से चले आ रहे इन बूचडंखानों को राजंय महज कुछ घंटों में बंद करा देना चाहते हैं. बीजेपी शाबसत राजंयोंउतंंराखंि, छतंंीसगढं और मधंयपंंदेश में भी कारोबाबरयों पर
कारंािाई शुरं कर दी गयी है. एक अंगंेजी अखबार की एक खबर के मुताबबक, मंगलिार को हबरदंंार की तीन, रायपुर की 11 और इंदौर मेंएक मीट की दुकान को बंद कर बदया गया है. कहा जा सकता है बक उतंंर पंंदेश से यह जो बसलबसला शुरं हुआ है, उसके पंंभाि मेंकई दूसरे राजंय भी आ चुके हैं. बूचडंखानों पर लगे इस पंंबतबंध का बडंा आबंथक ा खाबमयाजा भुगतना पडंसकता है. एगंंीकलंचरल एंि पंंोसेथंि फूि पंंोिकंटंस एकंसपोटंािेिलपमेंट अथॉबरटी (एपीईिीए) के आंकडंोंके मुताबबक साल 2015-16 में करीब 26,682 करोडं रंपये का भैंस का मांस बनयंाात हुआ. यह बनयंाात साल 2007बाकी पेज 2 पर
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माच़चमे़ही झुलसाती गम़़ी
नयी दिल्ली. इस साल माचंा महीने में ही गमंंी ने अपने तेिर बदखाने शुरंकर बदये हैं. गुजरात के अहमदाबाद मेंभीषण गमंंी की िजह से येलो अलटंाजारी कर बदया गया है. यहां का अबधकतम तापमान करीब 43 बिगंंी दजंाबकया गया तो महाराषंंमेंपारा अभी से बरकॉिंातोडने लगा है. यहां के कई शहरोंमेंपारा 40 बिगंंी के पार चला गया है. यहां के रायगढ बिले के
भीरा गांि मेंमंगलिार को पारा 46.5 बिगंंी दजंा बकया गया. िहीं राजधानी बदलंली और उसके आसपास के इलाकोंमेंबीते दो से तीन बदनों में तापमान में क़रीब 10 से 12 बिगंंी का उछाल आया है और पारा सामानंय से 7 बिगंंी तक ऊपर चला गया है. मौसम बिभाग ने अगले दो महीनोंमेंपूरे देश में औसत से अबधक तापमान रहने की संभािना जताई है. 1901 के बाद बीता साल
यानी 2016 सबसे गमंा साल था. जब राजथंथान के पहलोडी में पारा 51 बिगंंी दजंा बकया गया था. 2016 में आंधं पंंदेश और तेलंगाना में गमंंी से सबसे बुरा हाल रहा था. िहीं इस साल का जनिरी महीना 1901 के बाद आठिां सबसे गमंा महीना रहा है. िहीं, राषंंीय राजधानी में गुरंिार का बदन बीते पांच िषंंोंमेंसबसे गमंारहा. गुरिं ार सुबह का तापमान 23.7 बिगंंी सेसलं सयस दजंा बकया गया. मौसम बिभाग के एक अबधकारी ने बताया, नंयूनतम तापमान सामानंय से छह बिगंंी अबधक 23.7 बिगंंी सेसंलसयस रहा जो इस मौसम मेंबीते पांच िषंंोंमेंसिंााबधक है. सुबह 8.30 बजे आदंतं ांा का संरं 58 फीसदी दजंाबकया गया. बीते एक हफंते से सुबह का नंयूनतम तापमान 20 बिगंंी को पार कर रहा है. मौसम बिजंंाबनयोंके मुताबबक, आज बदन मेंबादल छाये रह सकते हैंऔर अबधकतम तापमान 38 बिगंंी के आसपास बना रह सकता है. बीते का नंयूनतम तापमान 23.1 बिगंंी तथा अबधकतम तापमान 38.2 बिगंंी दजंाबकया गया था.
आलीशाि बस मंे अकाल िश्ाि
बूचड़खाने बंद...
पेज 1 का बाकी कांगंेस ने महाराषंं में संघषंा यातंंा का आयोजन बकया है. इस बार कांगंेस ने एनसीपी को भी साथ में बलया है. राजंय के उन इलाकों में संघषंा यातंंा गुजरेगी जहां बकसान सबसे जंयादा परेशान हैं. बकसान की कजंामाफी इस यातंंा का मुखंय एजेंिा है. बकसान आतंमहतंयाओं के बलए पबरबचत बिदभंासे इस यातंंा की बुधिार को शुरंआत हुई. इस मौके पर संघषंा यातंंी बिधायकों ने चंदंपुर में आतंमहतंया कर चुके बकसान के पबरजनोंसे मुलाकात की. लेबकन इस दौरान यातायात के बलए एसी बस से सफर करना सतंंापकंंके बलए बटपंपणी करने का मुदंा बना. बीजेपी नेता और राजंय के मंतंी बिनोद तािडे ने संघषंा यातंंा को एसी बस से घूमते बिपकंंी नेताओंकी बपकबनक करार बदया है. तो बकसान आंदोलन से जुडे िबरषंं नेता बिजय जािंबदया ने इस संघषंायातंां को लेकर बिधायकों से माफी की उमंमीद की है. एनिीटीिी इंबिया से बातचीत में जािंबदया
पेज 1 का बाकी 08 में महज 3,533 करोडं रंपये का था. इन बदनों में देश सबसे बडंा मीट (भैंस का मांस) बनयंाातक बन चुका है. मीट बनयंाात में आयी तेजी यह बताती है बक काफी लोग इस कारोबार से जुडंे हैं. ऐसे में बूचडंखानों पर पाबंदी से इस कारोबार से जुडंे लोगों की रोजी-रोटी पर सिाल खडंा हो सकता है. एक मीबिया बरपोटंा के मुताबबक बसफंक यूपी में इस कारोबार से करीब 25 लाख लोग परोकंंया अपरोकंंरंप से जुडंेहै.ं इसमें कुछ खास तबके के लोग भी शाबमल हैंजो इसी कारोबार के बलए ही जाने जाते हैं. हाल के सालों में कारोबार में इजाफा होने के कारण इनकी आबंथाक संथथबत के साथ सामबजक हालात भी सुधरे थे. अब कारोबार पर पाबंदी की तलिार लटकने से िो पुराने हालात मेंलौटने को मजबूर हो जायेंगे. यूपी से अगर भैंस मीट के बनयंाात पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी तो राजंय को हर साल 11,350 करोडंरंपये का नुकसान होगा.
ने पूछा बक ऐसी यातंंाएं गंंामीण भारत और शहरी भारत मेंकहींदूरी तो पैदा नहींकरतीं? कंया इसके बलए माफी नहीं मांगी जानी चाबहए? िैसे आपको बता देंबक कांगंेस ने संघषंा यातंंा में शाबमल होने िाले अपने बिधायकों को एक आचार संबहता थमा दी थी. बजसमें थंपषंं रंप से कहा गया था बक यातंंा के दौरान कोई भी बिधायक महंगे आभूषण जैसे घडी, गॉगल आबद पहनकर नहीं चलेगा. साथ ही आयोजन के दौरान सादगी बनी रहेगी. उधर, एसी बस से चल रही संघषंा यातंंा पर बनशाना बनाए जाने को लेकर महाराषंं कांगंेस अधंयकंं अशोक चवंहाण ने गुथंसा जाबहर बकया है. मीबिया से बातचीत मेंचवंहाण ने कहा बक संघषंायातंंा मेंचल रही एसी बस का मुदंा बकसान कजंामाफी के मुदंे से धंयान हटाने की सतंंा पकंंकी कोबशश है. अगर एसी से सतंंा पकंंको इतना ही परहेज है तो िे अपने सरकारी बंगलोंसे एसी हटिा दें.
बेिख्ली से सकते मंे विगूजर
पेज 1 का बाकी रहने िाले परमंपरागत समुदायोंको बेदखल करने के सुझाि बदये गये हैं. इससे यह सिाल खडंा होता है बक आबखर हाइकोटंा दंंारा संसद के ही अनंय बिबशषंं कानून की पूरी तरह से निरअंदाज कंयों बकया गया जबबक इसी नंयायालय ने िनगूजर कलंयाण सबमबत की अनुचंछेद 226 के तहत दायर याबचका संखंया 1720/2008 में राजंय सरकार को राजाजी नेशनल पाकंक में िनगूजरोंको ‘िनाबधकार कानून 2006’ के तहत उनके अबधकारों को मानंयता देते हुए उनंहें बसाने की बात कही गयी है. लेबकन, बदसंबर के आदेश मेंन ही िनाबधकार कानून का और न ही हाइकोटंाके 2008 के आदेश का बजकंंहै. इस आदेश के बाद बफर से िन
बिभाग को मनमानी करने की छूट बमल जायेगी और िह िन गुजरों को परेशान करेगा. योंभी उतंंराखंि मेंकानून पास होने के बाद भी उसे पंंभािी ढंग से पंंदेश मेंपंंभािी तरीके से लागू नहींबकया गया है. इस कानून को लागू करने की गंंाम सभा की इकाई गंंाम संंरीय िनाबधकार सबमबत जो बक एक संिैधाबनक ईकाई है, को बकसी पंंकार की मानंयता नहींदी गयी है. इस कानून को लागू कराने के बलए िनगूजरों ने हर संंर पर कोबशश की लेबकन उसका कोई नतीजा नहीं बनकला. उतंंराखंि में पूिंा की भाजपा ि कांगस ंे सरकार इस कानून को लागू कराने में बकसी तरह की बदलचथंपी नहीं बदखायी. राजंय सरकार के अलािा केंदंसरकार ने भी इस कानून को पास तो करा बदया लेबकन इसे
लागू करने को लेकर िह भी गंभीर नहीं है. सरकार की इस उपेकंा की भारी कीमत िनगूजरोंको उठानी पड रही है. हाइकोटंा के इस आदेश से िनाबंंित समुदाय पर खतरा मंिरा रहा है. इसे देखते हुए िनगूजर, िनगंंाम समुदाय ि अनंय िनाबंंित समुदाय वंयापक रंप से गोलबंद हो रहे हैं. अबखल भारतीय िनजन िंंमजीिी यूबनयन, िनपंचायत संघषंा मोचंाा, िनगूजर कलंयाण सबमबत, बिकलंप सामाबजक संगठन ि बहमालयन नीबत अबभयान ने संयुकंत रंप से इस लडंाई को आगे ले जाने का फैसला बकया है ताबक िनाबधकार कानून पंंभािी ढंग से लागू हो सके और िनाबंंित समुदाय के मानिाबधकार सुरबंंकत रहेंि िे समंमानजनक नागबरक की तरह अपना जीिन वंयतीत करें.
मोिी के काि मे्मुलायम की बात पेज 1 का बाकी और मजाबकया अंदाज में पूछा. उनके सिाल के जिाब में मुलायम ने तो उनंहें कोई जिाब नहीं बदया लेबकन िहां मौजूद अनंय सांसदों ने जरंर इसका भरपूर मजा बलया और सदन ठहाकोंसे गूंज उठा. जैसा बक हम सभी जानते हैंबक यूपी के नए सीएम योगी आबदतंयनाथ के शपथ गंंहण समारोह मेंमुलायम न बसफंक शाबमल हुए बसंलक पीएम मोदी से बडंी ही गमंाजोशी से बमले भी. इस दौरान उनंहोंने हाथ से खींचकर अबखलेश को मोदी से बमलिाया भी और नरेंदं मोदी के कान में कुछ कहा. दोनोंनेताओंकी गमंाजोशी भरी ये मुलाकात न बसफंक तुरंत चचंाा में आ गयी बसंलक सोशल मीबिया में काफी बदनों तक छायी भी रही. जहां हर कोई ये पूछता और कयास लगाता हुआ बदखाई दे रहा था बक आबखर मुलायम बसंह यादि ने मोदी जी के कान में कंया कह बदया? लेबकन, 19 माचंाके उलट कल संसद में जीएसटी बबल पर हो रही चचंाा के दौरान मुलायम के तेिर बबलंकुल ही बदले हुए नजर आए और िे पीएम मोदी और बितंंमंतंी जेटली को इस मुदंे पर आडंेहाथोंलेते हुए बदखे. मुलायम ने अपने भाषण में कहा बक, ‘बीजेपी ने उतंंरपंंदेश में चुनाि के दौरान
बडंे-बडंे िादे बकये बजसके झांसे में आकर बीजेपी को जबदंासं जीत बमली जबबक एसपी िादे पूरा करने के बािजूद चुनाि हार गई.’ मुलायम ने दािा बकया बक एसपी सरकार ने मुफंत बशकंंा और बचबकतंसा सुबिधा देने के साथ बकसानों के कलंयाण के बलए कई कदम भी उठाये. अथंपतालों में बचबकतंसा सुबिधा को बेहतर बनाया. ऐसा देश में कहीं नहीं हुआ. हमने सभी िादे पूरे बकये लेबकन बफर भी हम चुनाि हार गये. मुलायम ने मोदी से कहा, ‘आपने लोगों से बडंे-बडंे िादे बकये. पहले भी (2014 के लोकसभा चुनाि) बकये, लेबकन उनंहें पूरा नहीं बकया. इसके बाद बिधानसभा चुनाि में भी बडंे-बडंे िादे बकये. लोगोंने समझा बक बहादुर पंंधानमंतंी हैंऔर जय मोदी, जय मोदी करके आपको जीता बदया.’ मुलायम ने कहा बक बीजेपी को जो बहुमत बमला है उसकी उमंमीद न आपको थी न बकसी और को लेबकन बफर भी आप जीते. लेबकन जब लोगोंके िादे पूरे नहींहोंगे तब पता चलेगा कंयोंबक उतंंरपंंदेश की जनता बनाना भी जानती है और पाटना भी जानती है इसबलए मोदी जी इस बात को धंयान में रखें और जनता से बकए गए िादों को पूरा करें.
राममंदिर दिम्ााण की बढ्ी उम्मीि पेज 1 का बाकी आंखोंका अथंपताल चेबरटेबल अयोधंया आई हॉसंथपटल की चहारदीिारी से सटी एक चाय की गुमटी है और बगल में गुमटीनुमा सैलून है. िहां दाढी बनिाने के दौरान सैलून माबलक रामशरण शमंाा से बातचीत हुयी. िे पूरे ठसक के साथ कहते हैं, ‘अब तो राम मंबदर बन जाएगा. इसीबलए तो कमल को िोट बदया है.’ उनसे पूछा गया बक अयोधंया से कौन जीता. उनंहेंइतना ही पता है भाजपा जीती है. बडी मुसंशकल से िे बसफंक यह बता पाये बक कोई गुपतं जी जीते हैं. ये गुपंताजी का पूरा नाम नहीं जानते. असल में िेदपंंकाश गुपंता भाजपा बिधायक हैं. िहां की राम पौढी की सफाई का काम तो चल रहा है. यह पहले से ही हो रहा है. लगा नमाबम गंगे का धन खचंा हो रहा है. सरयू नदी का पानी इस थंिगंा के रासंंे कहे जाने िाले राम पौढी से होकर ही गुजर कर िापस सरयू मेंबमल जाता है. जेसीबी मशीन से जमा कीचड बनकालने का काम जोरशोर से जारी है. हमने महंतों से बात करने के बजाय आम लोगोंकी नबंज टटोलने की कोबशश की ताबक जान सकेंबक भाजपा की सरकार से ये कंया उमंमीद रखते हैं. जहां से भगिान राम अपने पूरे पबरिार के साथ बैकुंठ रिाना हुये उस जगह गुपंतार घाट पर जाने पर सुनील पांिे से मुलाकात हुयी. उनंहोंने एक बकथंसा सुनाया. इशारा कर बताते हैं, यहीं पुषंपक बिमान आया था. पंज ं ा समेत िंंीराम बैठ गये. जैसे-जैसे संखंया बढती िैसे-िैसे बिमान में बैठने की जगह भी बढ जाती. मगर हनुमान बैठने लगे तो बिमान छोटा हो गया. तब हनुमान को अयोधंया का राजपाट सौंप िंंीराम ने कहा कलयुग में आप ही रकंंा कबरये. तब से हनुमान अजर अमर है.ं िे यहां
हनुमान गढी पर बिराजमान हैं. अयोधंया के तमाम मंबदरोंके पट खुलने और बंद होने का समय है. मग़र हनुमान गढी 24 घंटे खुला रहता है और िे आज भी सबकी रखिाली करते हैं. यह इनका अटूट बिशंंास है. सुनील पांिे एक शंलोक सुनाते है "कलंपकोट काशी बसै मथुरा बसै हजार एक बनबमतंं सरयू बसै तुले न तुलसी दास." कहते हैं सब तीथंंों का मसंंक है अयोधंया और अयोधंया का मसंंक है गुपंतार घाट. िही एक जजंार जीणंा-शीणंाअिथंथा में एक मंबदर है. उसके उदंंार की बात कोई नहीं करता. पर राम मंबदर अब बन जाने की पूरी उमंमीद सुनील पांिे सरीखे पाले हैं. कहते हैं केंदं में मोदी और यूपी में योगी अब कंया चाबहए. अब नहींतो कभी नहीं. अयोधंया का माहौल राम मंबदर बन जाने को लेकर उमंमीदों से भरा है. चाहे आप अयोधंया आई अथंपताल के कतंााधतंाा पिन साह से बात कर लेंया डंंाइिर मनोज से. या बाराबंकी के गांि िदोसराय जहां पाबरजात का पेड का दशंान करने या नेबमषारणंय धाम जाकर तीथंाचकंं में थंनान करने के दौरान साकेत लाल से बातचीत करने पर सभी की एक ही उमंमीद है बक राम मंबदर बनेगा. अयोधंया के कथािाचक राम नयन महाराज भी इसी उमंमीद से लबरेज हैं. ये िहां के बदगमंबर जैन मंबदर के बगलिाली गली में रहते हैं. बदलचथंप बात बक सरकार मेंआये योगी आबदतंय नाथ अभी और ही बातोंमेंमशगूल हैं. मसलन, गैरकानूनी बूचडखाने बंद करने, रोबमयो थंकंिॉयि जैसे कामों में लगे हैं. अयोधंया के रामलला मंबदर पर मौन है. िैसे अभी योगी को िकंत भी है. पर अब कोई बहाना चलने िाला नहींहै.
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31 माऱश - 06 अप़़ैल 2017
बिकर रहेगा राम मंदिर : आरएसएस
लखनऊ (शुक्वार). अयोधंया मसले को लेकर एक बार बफर चचंाा तेज हो चली है. बहंदू और मुथंबलम समुदाय के लोगों के बीच इन बदनों यह बहस का मुदंा बन चला है. ऐसे मेंकेंदंएिं राजंय की भाजपा सरकार के साथ ही राषंटंंीय थंियंसेिक संघ ि अनंय बहंदूिादी संगठनों ने रामलला के मंबदर के बनमंाण ा के बलये जोर-आजमाइश शुरंकर दी है. इस संबंध मेंआरएसएस के अिध पंंांत के पंंांत संघचालक पंंभु नारायण िंंीिासंंि ने हाल ही में राजधानी में आयोबजत एक पंंेसिातंाा के दौरान कहा बक चाहे मोदी होंया योगी अयोधंया मेंिंंीराम मंबदर बनकर रहेगा. हालांबक, उनंहोंने यह भी कहा बक मंबदर का बनमंााण संघ नहींसंबिधान के तहत और देश की जनता बमलकर करेगी. पंंभु नारायण कोयमंबटूर में संघ की हुयी अबखल भारतीय बैठक मेंबलये गये बनणंाय के बारे मेंपतंंकारों से रंबरं थे. उनंहोंने कहा बक संघ ही नहीं भारतीय संथंकृबत से जुडे सभी लोग अयोधंया में भगिान िंंीराम का भवंय मंबदर देखना चाहते हैं. लेबकन, इसका बनणंाय संघ नहीं, धमंा संसद, बिशंं बहंदू पबरषद, िंंीराम जनंमभूबम नंयास और भारत की जनता करेगी. भाजपा और संघ के बीच समंबनंध के बारे में पूछे गये एक सिाल के जिाब में उनंहोंने कहा बक सभी संगठन थंिायतंंहै.ं राजनीबतक दल जब तक संघ का बिरोध नहींकरते तब तक संघ का बकसी भी राजनीबतक दल से परहेज नहीं है. हमें भाजपा सरकार से कोई अपेकंा नहीं. इतना जरंर है बक भाजपा
लेकर 21 माचंातक तबमलनािु के कोयमंबटूर में आयोबजत संघ की अबखल भारतीय पंंबतबनबध सभा की बैठक हुई थी. बैठक में संघ ने बजस महतंिपूणंा मुदंों पर चचंाा की उसकी जानकारी देने बलए पंंेस कांफेंस का आयोजन बकया गया था. इस बारे में जानकारी देते हुए पंंांत संघचालक ने बताया बक बैठक में पाबरत पंंसंाि मेंपबंंशम बंगाल मेंबजहादी ततंिोंके बनरंतर बढंरहे अतंयाचार, मुसंथलम िोट बैंक की राजनीबत के चलते पबंंशम बंगाल की राजंय सरकार की ओर से राषंंबिरोधी ततंिों को बढंािा और राजंय में घटती बहंदू जनसंखंया पर बचंता वंयकंत की गयी. इसके सरकार के कारण थंपीि बंंेकर खतंम हो गया बदिंगत महापुरंषों को संघ पंंमुख मोहन अलािा कटंंरपंथी बहंसा और राजंय सरकार है. संघ कायंा को बढाने के बलए अनुकूल भागित समेत सभी सदथंयोंदंंारा िंंदंासुमन की मुसंथलम तुषंीकरण नीबत की कडंेशबंदों िातािरण है. थंियंसेिकों को तेज गबत से अबंपात बकया गया. उनंहोंने संघ कायंा पर में बनंदा की गयी. इस बैठक में सभी पंंकाश िालते हुए कहा बक 2016-2017 में देशिाबसयों से यह आहंंान बकया गया बक कायंाकरने की जरंरत है. पंंभु ने कहा बक संघ कायंाबकसी सरकार बपछले िषंा बक तुलना में 20 हजार शाखाएं बजहादी बहंसा और पबंंशम बंगाल की राजंय के आने ि जाने से न बढता है और नहीं बढी हैंजबबक सोशल मीबिया के जबरए 52 सरकार की सांपंदाबयक राजनीबत के बिरंदं घटता है. हमारा कायंाअपने बनषंकाम कमंासे लाख लोग सीधे संघ से जुडे हैं. संघ कायंाके जन जागरण करें. आगे बढता है. अबखल भारतीय पंंबतबनबध बारे मेंबताते हुए पंंांत संघचालक ने कहा बक अिसर पर सह पंंांत कायंािाह ने बताया सभा मेंबलये गए बनणंाय के बारे मेंबताते हुये आरएसएस का कायंा सजंंन शसंकतों को बक युिाओं को संघ से जोडंने के बलए उनंहोंने कहा बक पबंंशम बंगाल मेंअबतिादी, जोडना है. इंटरनेट के माधंयम से ‘जंिाइन आरएसएस’ आरएसएस का देश में तेजी से बिसंंार की जो वंयिथंथा की गयी है उसके अनुसार बजहादी आतंकिाद ि कटंंरपंथी ताकतों के दंंारा कानून-वंयिथंथा को पंगु बनाया जा रहा हो रहा है. िहींइस संगठन से बडंी संखंया में अिध पंंांत मेंचार िषंंोंमेंसंघ से जुडंने िाले है. पंंधानमंतंी के बखलाफ भी फतिा देने का युिा जुडं रहे हैं. अिध पंंांत में बपछले चार युिाओं की संखंया बढंी है. साल 2013 में दुःसाहस हो रहा है. उस बैठक में ‘पबंंशम बरसोंमेंइंटरनेट के माधंयम से संघ से जुडंने जहां 1217 युिा जुडं रहे थे. िहीं जनिरी बंगाल मेंबढती बजहादी गबतबिबधयां: राषंंीय िाले युिाओंकी संखंया बढंी है. शबनिार को 2016 से लेकर 15 माचंा तक यह संखंया बहतों को चुनौती’ बिषय पर पंंसंाि पाबरत बिशंंसंिाद केदं ंबजयामऊ मेंआयोबजत एक 3321 हो गयी. पंंेस िातंाा के अंत में भी पंंेस कांफेंस में यह जानकारी अिध पंंांत के उनंहोंने यही कहा बक राम मंबदर का बनमंााण कर बचंता जतायी गयी. इसके अलािा बिगत िषंा हुये 40 संघचालक पंंभुनारायण ने दी. 19 माचंा से कराने के बलये संघ पूरी तरह से संकलंबपत है.
मेड इन चाइना बनाम मेड इन इंडडया नयी दिल्ली. दुबनयाभर के बाजारोंको ससंंे उतंपादों बेचकर अपनी मैनंयुफैकच ं बरंग की बादशाहत बदखाने िाले चीन को गुणितंंा और भरोसे के बाजार में भारत से बशकथंत बमली है. यूरोपीय संघ और दुबनया के 49 बडंे देशों को लेकर सोमिार को जारी मेि इन कंटंी इंिेकंस (एमआईसीआई-2017) मेंउतंपादोंकी साख के मामले मेंचीन हमसे सात पायदान पीछे है. सूचकांक मेंभारत को 36 अंक बमले हैंजबबक चीन को 28 से ही संतोष करना पडंा है. सौ अंकोंके साथ पहले थंथान पर जमंानी, दूसरे पर संथिटंजरलैंि है. थंटैबटथंटा ने अंतरराषंंीय शोध संथंथा िाबलया बरसचंा के साथ बमलकर यह अधंययन दुबनयाभर के 43,034 उपभोकंताओं की संतुबंष के आधार पर बकया. यूरोपीय संघ समेत सिंंेहुए 50 देश दुबनया की 90 फीसद आबादी का पंंबतबनबधतंि करते हैं. सिंंे में उतंपादों की गुणितंंा, सुरकंंा मानक, कीमत की िसूली, बिबशषंतं ा, बिजायन, एििांथि ं टेकनं ोलॉजी, भरोसेमंद, बटकाऊपन, सही तरीके का उतंपादन और पंबंतषंंा को शाबमल बकया गया है. 2014 में देश की सतंंा में आते ही पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी ने बिबभनंन योजनाओं के जबरए ‘मेक इन इंबिया’ को बढंािा बदया. मेक इन इंबिया को बढंािा देने के बलए दुबनया भर में पीएम मोदी ने दौरे के दौरान खूब पंंचार-पंंसार बकया. फायदा यह हुआ बक कई मलंटीनेशनल कंपबनयां भारत में
आकर पंंोिकंट तैयार करने और आयातबनयंाात करने के बलए रंबच बदखाई. इसी का नतीजा है बक भारत पनिुबंबी से लेकर सेटेलाइट तक खुद बनाने मेंसकंंम हो चुका है. 2014 में देशी कंपबनयों दंंारा बनबंमात मंगलयान मंगल की ककंंा मेंपहले पंंयास में थंथाबपत करने िाला भारत दुबनया का एकमातंंदेश बना. 19िींसदी के समापन के दौरान जमंानी दुबनया के बाजारों को बडंे बंंांि की नकल करके घबटया उतंपाद बेचकर पाट रहा था. भले ही आज उसके उतंपादों और इंजीबनयबरंग का कोई सानी न हो, लेबकन तब िह भारी मातंंा मेंअपने घबटया और बडंे बंंांिों की नकल करके बनाए उतंपादों को बंंबटेन बनयंाात कर रहा था. बजससे बंंबटेन की अथंावंयिथंथा िांिािोल होने लगी. बलहाजा बंंबटेन ने नकली उतंपादों से बचने को ‘मेि इन’ लेिल की शुरंआत की. चीन ने नंयनू तम मजदूरी के बूते अंतरराषंंीय बाजारों में जमकर घबटया और ससंंा माल उतारा. चीन हमेशा से संसाधनों की सीबमत उपलबंधता के चलते मैनंयुफैकंचबरंग में घबटया कचंंे माल का इसंंेमाल करता है. लेबकन अब उसके उतंपादों की कलई खुल चुकी है. उतंपाद िैबंशक गुणितंंा मानकोंपर खरे नहींउतर रहे. ऐसे मेंइस खबर से पता चलता है बक भारत के बलये अभी िैशंबिक बाजार मेंअपनी जगह को सुबनशंबचत करने का सुअिसर बरकरार है.
पुरानेनोट बदलने की बेचैनी
नयी दिल्ली. भारतीय बरजिंा बैंक के बाहर पुराने 500 और 1,000 का नोट बदलने के बलए लोगों की लंबी कतारें और लोगों में अफरातफरी बदख रही हैं. नोटबंदी की अिबध के दौरान देश से बाहर गए भारतीयोंको पुराने नोट बदलने की यह सुबिधा 31 माचंा को समापंत हो रही है. समयसीमा समापंत होने की तारीख नजदीक आने के साथ नोट बदलिाने िाले लोगोंमेंकाफी बेचैनी बदख रही है. राजधानी मेंबरजिंाबैंक के दफंतर के बाहर रात से ही लोग कतार लगाकर खडंे रहते हैं ताबक अगले बदन सुबह िह कतार मेंआगे रह कर जलंदी नोट बदलािा सकें. बरजिंा बैंक ने निंबर-बदसंबर, 2016 के दौरान देश से बाहर गये नागबरकों को पुराने नोट बदलने के बलए 31 माचंातक का समय बदया है. िहीं, एनआरआई 30 जून तक पुराने नोट बदल सकेंगे. यह सुबिधा बरजिंा बैंक के मुंबई, बदलंली, कोलकाता, चेनंनई और नागपुर के दफंतरों पर ही उपलबंध है. बकसी िजह से अपने पास मौजूद पुराने नोटोंको बदल पाने मेंबिफल रहे लोग इनंहें बदलने का अंबतम पंंयास कर रहे हैं. अमेबरका में रहने िाले एनआरआई बनबखल कपूर ने कहा, ‘मैं भारत थोडंे समय के बलए आया हूं. मैं पहले बदन ही यह काम बनपटाना चाहता था, इसबलए हिाई अडंंेसे सीधे बरजिंाबैक ं के ऑबफस पर आ गया.'
योगी सरकार पर जिमंच की िजर
लखनऊ (शुक्वार). उतंतर पंंदेश में योगीराज चल रहा है. हर रोज पुरानी सरकार के फैसलों को जांचने के साथ ही ताबतोडं नये आदेश भी जारी बकये जा रहे हैं. ऐसे में योगी सरकार के कामकाज को परखने और सरकार दंंारा बकये गये िादोंको पूरा कराने के बलये जनमंच उतंतर पंंदेश का गठन बकया गया है. इस संगठन में उन सभी लोगों को शाबमल होने के बलए आहंंान बकया गया है जो पंंदेश की बेहतरी ि लोकतंतं
एिं नागबरक अबधकारों की रकंंा के बलए काम करते हैं या काम करना चाहते हैं. जनमंच के गठन की पहल करते हुए अबखलेंदंपंंताप बसंह ने कहा बक जनमंच के गठन में बकसानों ि नौजिानों की बडी भूबमका होगी. उनंहोंने कहा बक पंंदेश की जनता को बकसी िर ि दहशत में रहने की जरंरत नहींहै और िे अपने लोकतांबंतक अबधकारों का खुलकर पंंयोग करें. उतंंर पंंदेश का नागबरक समाज अनंयाय का बिरोध करने में
सकंंम है. जनमंच गठन के संदभंा में जंयादा से जंयादा लोगों से सुझाि मांगने के बलए upjanmanch.com िेबसाइट को लांच बकया जा रहा है. इसके तहत उनंहोंने जनमंच के गठन के बलए लखनऊ में कब बैठक बुलाई जाये और बकन वंयसंकतयों और संगठनों को आमंबंतत बकया जाये, के संदभंा मेंजनता से बिचार मांगे हैं. इसके साथ ही लोग इस दौरान संगठन के चबरतंंऔर थंिरंप पर भी अपना मत भेज सकते हैं.
और अब ममशन गुजरात
नयी दिल्ली. उतंंरपंंदेश और उतंंराखंि में बंपर जीत के बाद अब पंंधानमंतंी नरेंदं मोदी आगामी बिधानसभा चुनािों की तैयाबरयों में जुट गये हैं. शायद इसीबलये पंंधानमंतंी मोदी ने बीते सपंताह अपने घर पर गुजरात और राजथंथान के बीजेपी सांसदों के साथ चाय पर चचंाा की. इस बैठक मेंबीजेपी अधंयकंंअबमत शाह भी मौजूद थे. इस दौरान उनंहोंने बताया था बक सांसद अपने इलाके मेंजायेंऔर बिकास के कामों को आगे बढायें. पीएम मोदी ने कहा बक सभी सांसद गरीब जनता से जुडें और उनकी परेशाबनयों को दूर करने में मदद करें. दरअसल, िह तैयारी थी गुजरात बिधानसभा चुनाि को फतह करने की. गुजरात चुनािों
को लेकर पीएम मोदी और अबमत शाह काफी गंभीर हैं. इसीबलये मोदी और शाह दोनों ही यूपी में पंंचार खतंम होने के बाद गुजरात के दौरे पर गये थे. यही नहींगुजरात
मेंबीजेपी की जीत के बलये ‘मोदी लहर' के सहारे ‘बमशन 150' हाबसल करने की पहल शुरंकी है. भाजपा लंबे समय से गुजरात में शासन कर रही है. पीएम नरेदं ंमोदी खुद िहीं से है.ं िे राजंय के तीन बार मुखयं मंतंी रह चुके हैंऔर िहां के सीएम रहते हुए ही उनंहोंने देश की बागिोर पंंधानमंतंी के तौर पर संभाली थी. ऐसे में गुजरात चुनाि भाजपा की पंंबतषंंा का सिाल है. ऐसे में भाजपा बकसी भी पंंकार का कोई भी बरथंक नहीं लेना चाहती. गुजरात में दबलतों और पटेलों के आंदोलन को लेकर भाजपा पर दबाि है. इसीबलये बीजेपी बकसी तरह का बरथंक नहीं लेना चाहती है और पहले से ही तैयाबरयोंमें जुट गयी है.
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दबहार बरट की लीला अपार
संजय कुमार
पटना. भारत के बनयंतक ं और महालेखा परीकंंक की बरपोटंा ने खुलासा बकया है बक बबहार सरकार ने बितंंीय िषंादो हजार पंदहं सोलह में एक सौ बयासी योजनाओं में एक भी पैसा खचंानहींबकया है. इस िजह से इन योजनाओं की कुल राबश पांच हजार 134 करोड रंपये को िषंाके अंत मेंिापस करना पडा है. यह खुलासा कैग की बबहार बिधान मंिल मेंपेश हुई बरपोटंासे हुआ है. 27 माचंा को बिधानमंिल में यह बरपोटंा पेश की गयी थी. इसके बाद राजंय के महालेखाकार धमंंेनंदं कुमार ने पतंंकारों को बताया बक बबहार सरकार ने 2015-16 के बलये एक लाख 48 हजार 312 करोड रंपये का बजट अनुमान बकया था. इसमेंसे 35 हजार करोड बिबभनंन योजनाओं में खचंा नहीं हो सके. बबहार के महालेखाकार ने इस बरपोटंा के बिबभनंन पहलुओं की जानकारी दी और बताया बक बरपोटंा में बबजली कंपबनयों के कायंा पंंणाली पर भी असंतोष पंंकट बकया गया है. समय पर बितंंीय कायंा नहीं करने,
मानक के अनुसार उतंपाद नहींहोने और सही बनगरानी के अभाि में बबजली कंपबनयों से बबहार सरकार को 336 करोड 44 लाख का नुकसान हुआ है. इसमें पनबबजली पबरयोजना से एक करोड 97 लाख जबबक 38 करोड का नुकसान फेंचाइजी से हुआ है.
िया उभरता ब््ांड योगी
पेज 1 का बाकी सकता. भाजपा में इस समय मोदी से बडंा बंंांि दूसरा कोई नहीं है. ऐसे में योगी बसफंक अपनी अलग छबि बना रहे हैं. इन दोनों के बनरंतर काम करते रहने के गुण के अलािा बहुत सी बातेंएक-दूसरे से जुदा हैं. भाजपा में योगी की बढंती अहबमयत और कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है बक आगामी गुजरात बिधानसभा चुनाि के बलए पाटंंी ने उनको पंंधानमंतंी मोदी और राषंंीय अधंयकंं अबमत शाह के साथ पंंमुख पंंचारक घोबषत बकया है. अिैध बूचिख़ानों के बंदी के फैसले ने भी योगी को सुबख ं या ोंमेंला खडंा है. उनका यह फैसला राजथंथान में भी असर बदखाने लगा है. िहां की सरकार पर इसका दबाि बढंगया है. झारखंि मेंतो अिैध बूचिख़ाने को बंद करने के बलए 31 माचंा तक की समय-सीमा भी तय कर दी गयी है. बबहार में भी भाजपा बिधायकों और कायंाकतंााओं ने नीतीश सरकार से बूचिख़ानोंमेंहो रहे पशुओंकी हतंयाओंपर तुरंत फैसला लेने का दबाि बढंा बदया है. यानी योगी ने इस एक फैसले से पूरे देश में अपनी छबि का बंंांि चमका बलया है.
हालांबक, इस फैसले के बाद से यूपी मेंबजस तरह से एक खास समुदाय मेंबेरोजगारी का भय बढंा है, उसका कोई बिकलंप योगी के पास नहींबदखता. लंबे समय से यूपी की राजनीबत को करीने से देखने िाले पतंंकारों का भी यही कहना है बक योगी बजतनी तेजी से काम कर रहे हैं, उससे एक समय के बाद िह संभित: केंदंीय गृहमंतंी राजनाथ बसंह सबहत उनके समककंं अनंय भाजपा नेताओं को खटकने लगेंगे. ऐसे में योगी को अपनी रफंतार कुछ कम करनी चाबहये. अनंयथा िे आलोचना के बशकार भी हो सकते हैं. योगी सरकार को लेकर पंंदेश की बिरोधी राजनीबतक दलों में भी बफललहाल चुपंपी छायी हुई है. कोई भी पाटंंी अभी योगी के बखलाफ कुछ खास नहीं बोल रही है. हालांबक, समय-समय पर बसपा पंंमुख मायािती िार करने से नहीं चूक रही हैं. यानी योगी के बिरोध मेंअभी लामबंदी शुरं नहींहुई है. अभी सारे दल उनके ताबडंतोडं फैसलों को भौचकें होकर देख रहे हैं. हालांबक, इस बीच अयोधंया मेंराम मंबदर के बनमंााण को लेकर उनकी ओर से कंया कदम उठाया जायेगा, इसकी आशंका लोगोंमेंबनी हुई है.
रांची. यूपी से बनकलकर ऑपरेशन बूचडंखाना झारखंि में हलचल मचा रखा है. सूबे के अलग-अलग जगहों पर कई अिैध बूचडंखानोंको बंद बकया जा रहा है. कई बंद कर बदए गये हैं. ऐसे में बजनका पबरिार बूचडंखानों से चलता था, उनमें नाराजगी है. अिैध बूचडंखाना चलाने िालों का का कहना है बक इस उमंं में मुझे कौन रोजगार देगा. सरकार को चाबहए बक िो हमें नौकरी दें, हम इस काम को छोडंने के बलए तैयार
हैं. यूपी में योगी सरकार के कडंे बनणंाय से पंंेबरत होकर रघुिर सरकार ने 72 घंटे के भीतर झारखंि मेंअिैध बूचडंखानोंको बंद करने का आदेश बदया था. बीते गुरंिार को 72 घंटे की समय सीमा समापंत हो चुकी है. रांची में इन 72 घंटों के भीतर कई अिैध बूचडंखानों को बंद कराया गया है. ऐसा ही कुछ हाल सूबे के दूसरे जगहोंका भी है. इस बीच इन जगहों पर काम करने िालों का कहना है बक िे बकस तरह अपने पबरिार का जीिनयापन करेंगे.
झारखंड सरकार से बूचड्खािो्की गुहार
कैग की बरपोटंा में कहा गया है बक कई बिभागोंमेंबजट आिंटन से कम खचंाबपछले बितंंीय िषंामेंबकये गये. महालेखाकार ने कहा है बक बिबभनंन योजनाओं में राबश के खचंा नहीं होने से 24 हजार 465 करोड रंपये िापस करने पडे
जबबक 10,585 करोडं रंपये लैपंस हो गये. यह बरपोटंा राजंय सरकार के अनुबचत बजट अनुमान को दशंााती है. िहीं, 31 माचंा2016 तक 29,400 करोड रंपये का उपयोबगता पंंमाण पतंं लंबबत था. इनमें सबसे जंयादा 9282 करोड बशकंंा बिभाग और 7400
करोड पंचायती राज बिभाग का है. कैग की बरपोटंाके अनुसार बबहार बजला पबरिहन कायंाालयों की ओर से बरती गयी बिबभनंन अबनयबमतता से सरकार को तीस करोड नबंबे लाख की कंबंत हुई है. यह मामला बारह बजलों के नमूने की जांच से सामने आया है. कैग की बरपोटंापर भाजपा के िबरषंं नेता सुशील मोदी ने चुटकी ली और कहा है बक महालेखाकार की बरपोटंासे यह थंपषंंहो गया है बक राजंय मेंयोजनाओंके कायंाना िं यन ठीक ढंग से नहींहो रहे हैं. उनंहोंने कहा बक राजंय मेंबसंचाई, बबजली और अनंय कई कंंेतंों मेंबिकास योजनाओंपर सरकार की ओर से बिशेष धंयान नहीं बदया जा रहा है. और नीतीश सरकार बिकास गान कर रही है. कैग की बरपोटंामेंजहां बबहार सरकार के बिकास की पोल खुलता बदख रहा है, िहीं बिपकंंका हमला भी यह बताने की कोबशश करता है बक राजंय मेंयोजनाओंका सही ढंग से पालन नहीं हो पा रहा है. जनता तक उनकी योजनाएं नही पहुच ं पा रही है और पैसे का िापस हो जाना भी इस बात का गिाह है बक सरकार बिकास के बलये बकतनी गंभीर है.
आर्थिक झटका है बूचड्खानो् की बंदी
लखनऊ (शुक्वार). उतंंर पंंदेश की सतंंा संभालने के बाद योगी आबदतंयनाथ की सरकार ने अिैध बूचडंखानों पर हमला बोला है. इस फैसले पर लोगोंकी बमलीजुली पंंबतबंंकया दे रहे हैं. कुछ इसके पकंंमेंहैंतो कुछ बिपकंंमे.ं हालांबक, इस फैसले से सबसे जंयादा राजधानी के लोग ही पंंभाबित हुये हैं. भारत मेंमांस का उदंंोग कुल 15000 करोडं रंपये का है और इसपर कुल 25 लाख लोग बनभंार हैं. इसमें से भी यूपी में मांस का कारोबार काफी बडंा कारोबार है. थंिाद के शौकीनोंको इससे काफी बदकंकत हो रही है. देशभर में कुल 72 बूचडंखाने हैं बजसे लाइसेस ं पंंापंत हैंबजसमेंसे अकेले यूपी में38 बूचडंखाने हैं, इसमें4 बूचडंखाने ऐसे भी हैं बजसे सरकार खुद चलाती है, जोबक आगरा, सहारनपुर में है. िहीं दो अनंय पंंसंाबित बूचडंखाने लखनऊ और बरेली में है. अलीगढं में बहंद एगंंो आईएमपीपी पहला बूचडंखाना है बजसे 1996 मेंशुरंबकया गया था. यहां यह समझने िाली बात यह है बक खाडंी के देशोंमेंभैस ं के मांस की काफी मांग है और भारत इसके बलए सबसे कारगर देश है, इसकी सबसे बडंी िजह है बक यहां ससंंा मांस बमलता है और बिकेंता को इस बात का भरोसा बमलता है बक उसे हलाल मांस ही बदया जा रहा है. इसी के चलते यूपी मेंअिैध बूचडंखाने काफी जंयादा खुले हैं. औसतन हर रोज 300 से 3000 जानिरों को बूचडंखाने मेंकाटा जाता है, यह इस बात पर बनभंार करता है बूचडंखाने की सीमा बकतनी है. बूचडंखानों में सांि को तभी काटने की इजाजत होती है जब या तो िह 15 साल से अबधक का हो या बफर िह बीमार हो. मांस बनयंाात में उतंंर पंंदेश देश का सबसे बडंा राजंय है, इसमे अिैध बूचडंखानों का आंकडंा शाबमल नहीं है, औसतन यहां 140 बूचडंखाने चलते है,ं इसके साथ ही 50
आंकडंों के अनुसार हर िषंा कुल 26685 करोडंरंपए का मांस हर िषंाबनयंाता बकया जाता है. ऑल इंबिया मीट एंि बलिथंटॉक एकंसपोटंरा के आंकडंोंके अनुसार पंंबतबंध लगाने से 11350 करोडं रंपए का पंंदेश को नुकसान होगा. अगर अगले पांच साल तक पंंबतबंध लागू रहा तो तो सरकार को 5600 करोडं रंपए का नुकसान होगा. 2015-16 में यूपी ने कुल 564958.20 मीबंंटक टन भैंस का मांस बनयंाात बकया था. बता देंबक यूपी मेंबूचडंखाना चलाने के बलए एक यूबनट लगाने के बाद उसके बलए यूपी पंंदूषण कंटंोल बोिंा से इजाजत लेनी पडंती है बजसके बाद यह शहर के िीएम के पास कंलीयरेंस के बलए जाती है. इसके बाद िीएम इस आिेदन को एक पैनल के पास भेजा जाता है जो यूबनट का बनरीकंंण करती है. इसके बाद यहां पंदं षू ण बिभाग की ओर से भी बनरीकंंण बकया जाता है. इसके बाद अगर एनओसी बमलती है तो कृबष और पंंसंथंकृत खादंं उतंपाद बनयंाात बिकास पंंाबधकरण (एपीईिीए) के पास इस आिेदन को भेजा जाता है जो केंदंसरकार के अंतगंात आता है, इन सबसे कंलीयरेंस बमलने के बाद बूचडंखाने को लाइसेंस बदया जाता है. सुपंीम कोटंाने 2012 मेंसभी राजंयोंको बकलोगंंाम भैंस का मांस, 1171.64 लाख बकलोगंंाम बकरे का मांस, 230.99 लाख इस बात का बनदंंेश बदया बक सभी राजंय बकलोगंंाम मांस भेडं का और 1410.32 सरकारें एक कमेटी बनाए और सभी लाख बकलोगंंाम सुअर का मांस बनयंाता बकया बूचडंखानों को उस जगह पर थंथानांतबरत करें और जरंरी मानकों का पालन बकया गया है. केंदंसरकार हमेशा से ही इस उदंंोग को जाए. यूपी नगर बनगम के एकंट 1959 के बढंािा देती आई है, केंदंसरकार बूचडंखानों अनुसार इन नगर बनगम पर इस बात की को लगाने के बलए 50 फीसदी मदद यूबनट जमंमेदारी होगी बक िह लोगों बेहतर मांस लगाने में देती है. उतंंर पंंदेश भारत के पंंापंत हो और इसके साथ ही इनकी तकरीबन 50 फीसदी मांस का उतंपादन कायंापंणाली पर नजर रखें. इसके अलािा करता है, देश मेंपंंतंयकंंया अपंंतंयकंंरंप से नगर बनगम पर इस बात की भी बजमंमेदारी कुल 25 लाख लाख लोग इस उदंंोग से जुडंे होगी बक िह पंंाइिेट बूचडंखानों में पशुओं की बबकंंी पर भी नजर रखे. हुए हैं. हजार अिैध मीट की दुकानें भी चलती हैं. एपीईिीए के आंकडंों के अनुसार यूपी में सबसे अबधक 19.1 फीसदी मांस बनयंाात करता है, जबबक आंधंपंंदेश 15.2 फीसदी, पबंंशम बंगाल 10.9 फीसदी मांस बनयंाात करता है. 20008-09 से 2014-15 के आंकडंों के अनुसार कुल 7515.14 लाख
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31 माऱश - 06 अप़़ैल 2017
लंबे इंतरार के बाि दमली बीसीसीआई से मान्यता
फ़ज़ल इमाम मल़ललक
लं
बे संघषंा और जदंंोजहद के बाद आबखरकार बबहार को भारतीय बंंककेट कंटंोल बोिंा(बीसीसीआई) ने मानंयता दे ही दी. बबहार बंंककेट एसोबसएशन कभी बीसीसीआई का सदथंय हुआ करता था और राषंंीय मुकाबले में बबहार की टीम बहथंसा लेती रही थी. बबहार से कई बदगंगज बखलाडंी सामने आये और अपनी पहचान बनायी. बता दें बक रमेश सकंसेना, सैयद सबा करीम, सुबतं ो बनजंंी, हबर बगििानी, दलजीत बसंह, अबिनाश कुमार, अमीकर दयाल, केिीपी राि, सुनील कुमार, जीशानुल यकीन सरीखे नाम हैं बजनंहोंने बबहार बंंककेट को राषंंीय फलक पर पहचान बदलायी थी लेबकन बबहार का बंटिारा होते ही बबहार बंंककेट
भी देर हो सकती थी. लेबकन पूिांकेदं ंीय मंतंी सुबोध कांत सहाय और आबदतंय िमंाा ने बंंककेट एसोबसएशन ऑफ बबहार बनाकर कानूनी लडंाई लडंी और इसे अंजाम तक पहुंचाया. आबदतंय िमंाा ने सुपंीम कोटंा में आइपीएल मेंसटंबंे ाजी की घटना सामने आने के बाद याबचका दायर की थी. उस याबचका पर पहले जसंथटस मुकल ु मुदगल की अगुआई मे ं कमे ट ी बनी और बफर अदालत ने जसंथटस जंयादा समय तक बंंककेट की मुखयं धारा से दूर लोढं ा सबमबत बना कर बं क ं केट के काबलख को रखा. मगर कसूर बसफंकचौधरी का ही नहींथा. धोने की पहल की. लडं ा ई लंबी जरंर चली जगमोहन िालबमया से लेकर शरद पिार ले ब कन लोढं ा सबमबत की बसफाबरशों ने और एन िंंीबनिासन से लेकर शशांक मनोहर तक ने बबहार की सुध नहीं ली और न ही भारतीय बंंककेट बोिंा में कुछ इस तरह रंगबबहार को उसका हक बदलाने की कोबशश रोगन फेरा बक उसका चेहरा पूरी तरह बदल की. इसका खबमयाजा बबहार के बखलाबंडयों गया. सुपंीम कोटंाने बीसीसीआई के अधंयकंं रहे अनुराग ठाकुर और सबचि अजय बशकंंे को भुगतना पडंा. मामला अदालत तक नहीं पहुंचता तो को पद से हटाने का सखंत आदेश बदया शायद बबहार को उसका हक बमलने मेंऔर कंयोंबक ठाकुर न बसफंकअदालती कामकाज में
बिहार का िंटवारा होते ही बिहार ब््िकेट अबिकाबरयो् के अहंकार और िीसीसीआई के गलत रवैये का बिकार हो गया. कई तरह के आरोपो् को झेल रहे बिहार के तत्कालीन ब््िकेट अबिकारी ने कुछ इस तरह की हेराफेरी की बिहार की जगह झारखंड को मान्यता बमल गयी. अबधकाबरयोंके अहंकार और बीसीसीआई के गलत रिैये का बशकार हो गया. कई तरह के आरोपों को झेल रहे बबहार के ततंकालीन बंंककेट अबधकारी ने कुछ इस तरह की हेराफेरी की बबहार की जगह झारखंि को मानंयता बमल गयी. तब जमशेदपुर में ही बबहार बंंककेट एसोबसएशन का मुखंयालय हुआ करता था और अबमताभ चौधरी पुबलस अबधकारी थे. उनंहोंने जोडं-तोडंकर कुछ ऐसा खेल रचाया बजसने बबहार को एक दशक से
अनुसार बदलाि बकया है. सबमबत ने सदथंयता में बदलाि करते हुए कई राजंयों को पूणंा सदथंयता पंदं ान की, जो पहले बीसीसीआई के सदथंय नहींथे. पूणांसदथंयता पाने िाले राजंयों मेंबबहार, उतंरं ाखंि ि तेलगं ाना के अलािा बसबंंकम, नागालैंि, बमजोरम, अरंणाचल पंदं श े , मबणपुर और मेघालय है.ं इस तरह नए संबिधान के मुताबबक पूणां सदथंयों की सूची मेंअब कुल 30 राजंय हो गए हैंबजनमेंइन नौ राजंयों के अलािा आंधं पंंदेश, असम, छतंंीसगढ, बदलंली, गोिा ,गुजरात, हबरयाणा, बहमाचल पंंदेश, जमंमू-कशंमीर, झारखंि, कनंााटक, केरल, मधंय पंंदेश, महाराषंं, ओबडसा, पंजाब, राजथंथान, तबमलनािु, बंंतपुरा, उतंरं पंदं श े और बंगाल शाबमल है.ं पंश ं ासकोंकी सबमबत ने संबिधान मेंयह दखल दे रहे थे और बसफाबरशों को लागू भी थंपषंंबकया है बक बजन राजंयों में एक से करने मेंआनाकानी कर रहे थे बसंलक सुपंीम जंयादा सदथंय हैंउनमेंपूणांसदथंयता िाबंषक ा कोटंा में गलत हलफनामा तक दाबखल कर रंप से उन सदथंयोंके बीच रोटेट करेगी ताबक बदया था. बजस पर सुपंीम कोटंा ने सखंत एक समय पर एक ही सदथंय पूणांसदथंय के कारंािाई करते हुए उनंहें पद से हटाया. अबधकारों और सुबिधओं का इसंंेमाल कर हालांबक, बाद में ठाकुर ने अदालत से बबना सके. संबिधान मेंअब यह भी थंपषंंकर बदया शतंा माफी तक मांगी लेबकन बफलहाल उनंहें गया है बक हर पूणंा सदथंय का एक ही िोट राहत नहींबमली है. सुपंीम कोटंाने इसका बाद होगा और उसका अबधकृत पंबंतबनबध ही इसे बोिंाका कामकाज देखने के बलए पंश ं ासकों इसंमंे ाल कर सकेगा. एसोबसएट सदथंय आम की एक सबमबत बनायी बजसने संबिधान को सभा बैठक में बहथंसा तो ले सकेगा लेबकन नये तरीके से पबरभाबषत करते हुए बबहार को उसे िोट िालने का अबधकार नहीं होगा. मानंयता तो दी ही, इसके अलािा उतंरं ाखंि, इतना ही नहींसंबिधान मेंपंंाकंसी िोबटंग पर तेलंगाना और पूिंोतंंर के राजंयों को भी भी पंंबतबंध लगा िाला गया है. बदलंली में मानंयता दे िाली. असम ि बंंतपुरा को छोडं पंंॉकंसी िोबटंग की बशकायत सबसे जंयादा कर बाकी के राजंयों को बीसीसीआई ने बमलती रही है. इस पर भी अब लगाम लगेगा. मानंयता नहींदी थी. बहरहाल बबहार को उसका हक तो बमल गया पंश ं ासकोंकी सबमबत ने बीसीसीआई के है लेबकन उसे रणजी टंंाफी में खेलने का संबिधान में लोढा पैनल की बसफाबरशों के मौका कब बमलता है, यह देखना बाकी है.
खेल डायरी
दे रहे हैं. भारतीय बैिबमंटन संघ की देखरेख में चैबंपयनबशप राजधानी के बसरी फोटंाखेल पबरसर मेंचल रही है. चैबंपयनबशप मेंकरीब सिा तीन लाख िालर की इनामी रकम दांि पर लगी है. भारत के युिा शटलर के बलए इंबिया ओपन में दुबनया के बदगंगज बखलाबंडयों के साथ बभडंेंगे. चैंबपयनबशप में भारत की बदगंगज मबहला बखलाडंी सायना नेहिाल और पीिी बसंधू पर बनगाहें रहेगं ी. सायना ने दो साल पहले इस बखताब पर कबंजा जमाया था और दुबनया की नंबर एक बखलाडंी बनने का जीसस एंड मैरी कॉलेज को दखताब नेहा बचलंलर की घातक गेदं बाजी (12 रन देकर 5 गौरि हाबसल बकया था. बसंधू अभी लय मेंहैंऔर िे भी बिकेट) की बदौलत जीसस एंि मैरी कॉलेज ने गागंंी बखताब की दािेदार है.ं इनके अलािा थंपने की कैरोबलना कॉलेज को 37 रनोंसे हराकर िीमेन अंतर कॉलेज टी- माबरन और बपछली चैंबपयन थाईलैंि की रतचानोक 20 बंंककेट टूनंाामेंट का बख़ताब जीत बलया. पहले इंतानोन भी बखताब की दािेदार हैं. पुरंषों के िगंा में ं न और कोबरया के सोन िान बलंलबे ाजी करते हुये जीसस एंि मैरी कॉलेज ने आशंंी िेनमाकंकके बिकंटोर एलेकस ं य और चौधरी के 21 रन की बदौलत बनधंाबा रत 20 ओिर मेंनौ के अलािा भारत के अजय जयराम, एचएस पंण बिकेट पर 88 रन बनाये. गागंंी कॉलेज के बलए नेहा 2015 के चैंबपयन बकदांबी िंंीकांत बखताब के दािेदार राजाित और काजल ने दो-दो बिकेट चटकाये. जबाब में माने जा रहे है.ं संघ के अधंयकंंने चैबंपयनबशप का बंयोरा देते हुआ गागंंी कॉलेज की टीम नेहा बचलंलर की धारदार गेदं बाजी बताया बक जलंद ही भारतीय बैिबमंटन संघ भारतीय के आगे बसफंक 51 रन बनाकर आउट हो गयी. नेहा को बखलाबं ड यों की लीग शुरं करने पर बिचार कर रहा है. िीमेन ऑफ़ द मैच का पुरथंकार पूिांभारतीय बंंककेट टीम इसके अलािा एबशयाई बखलाबंडयोंकी लीग के बलए भी के कपंतान बबशन बसंह बेदी ने पंदं ान बकया. इस अिसर हम बिचार कर रहे हैं और बिशंंबैिबमंटन संघ से इस पर उजंिं ल ठाकुर और बिशाल रािदान भी उपसंथथत बसलबसले मेंहमने बातचीत की है. उनंहोंने कहा बक बपछले थे. कुछ सालोंमेंभारत मेंबैिबमंटन खेल का रंतबा बढंा है, योनेकस़ सनराइज इंदडया सुपर सीरीज बाई ने जमीनी संरं पर जाकर बखलाबंडयोंको बनखारने योनेकंस सनराइज इंबिया ओपन बैिबमंटन का जो बजमंमा उठाया है, यह उसी का नतीजा है. चैबंपयनबशप मेंदुबनया के टाप शटलर एकंशन मेंबदखाई
अपना बंंांि राजदूत बना कर धमाका बकया है. पैनासोबनक इंबिया के दबंंकण एबशया अधंयकंंमनीश शमंाा ने कहा बक बसंधू एक बडंी बखलाडंी हैंऔर अपने साथ उनंहें जोडं कर कंपनी को नया थंिरंप देने की कोबशश की है, जो समपंण ा और जूझारंपन बसंधू मेंहै पैनासोबनक के उतंपादोंमेंभी िह देखने को बमलता है. इस मौके पर पैनासोबनक एनजंंी के अधंयकंंएम. मोबरकािा मौजूद थे.
स़पशे ल ओलंदपक दवजेताओ़ का सम़मान दसंधू पैनासोदनक की ब़़ाडं राजदूत
दुबनया की छठे नंबर की बखलाडंी और ओलंबपक रजत पदक बिजेता पीिी बसंधू पैनासोबनक एनजंंी इंबिया की बंंािं राजदूत बनींहै.ं राजधानी मेंआयोबजत समारोह में बसंधू ने कहा बक यहां तक पहुंचने में उनंहोंने कडंी मेहनत की है और करीब बारह साल का अरसा लग गया कामयाबी को हाबसल करने मे.ं उनंहोंने कहा बक भारत में बैिबमंटन मेंपंबंतभाशाली बखलाडंी सामने आ रहे हैंऔर बिशंंरैबंकंग मेंअपने पंदं शंना से मुकाम बना रहे है.ं पदंि ं ंी और राजीि गांधी खेल रतंन पुरथंकार से समंमाबनत बसंधू ने कहा बक यह सही है बक कभी चीनी बखलाबंडयों का बैिबमंटन में दबदबा था लेबकन भारतीय बखलाबंडयों ने चीनी बखलाबंडयों को हाल के बदनों में न बसफंक यह की कडंी चुनौती दी है बसंलक हमने कई बार चीन की दीिार को तोडंा भी है. बसंधू ने कहा बक मैनं े हमेशा पैनासोबनक उतंपादोंकी सराहना की है. पैनासोबनक ने दो बदनोंमेंलंयबू मकंस कैमरा और थंमाटंाफोन भी बाजार मेंउतारा है और अब बसंधू को
थंपेशल ओलंबपक मुकाबले में भारत के बलए बेहतरीन पंदं शंना करने िाले बखलाबंडयोंको राजधानी में एक समंमान समारोह में समंमाबनत बकया गया. हबंाल लाइफ ने देश के उन 89 एथलीटोंको समंमाबनत बकया बजनंहोंने थंपश े ल ओलंबपक में भारत के बलए 37 थंिणं,ा दस रजत और 26 कांथंय पदक जीते. चैंबपयबनशप
आथंबंटया में हुई थी बजसमें भारतीय बखलाबंडयों ने बेहतरीन पंंदशंान बकया. इन एथलीटों का समंमान अंतरराषंंीय मुकेंबाज मैरी काम, बैिबमंटन बखलाडंी सायना नेहिाल और शूटर हीना बसदंं की मौजूदगी में बकया गया.
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31 माऱश - 06 अप़़ैल 2017
पय्ाावरण
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सारी दुबनया एक थंिर से नदी को गंदा करना बुरा मानती है. इसी कारण संयुकंत राषंंसंघ ने गंदे पानी को बिशंंजल बदिस 2017 का मुखंय बिचारणीय बिषय घोबषत बकया है. इस घोषणा के कारण इस बिषय पर सालभर सारी दुबनया मेंचचंाा होगी पर मौजूदा िैबंशक अथंावंयिथंथा पानी या नदी में पंंिाबहत पानी को नागबरक नहीं मानती. उसके पंंाकृबतक अबधकारों को तिजंंो नहीं देती. उसके सामाबजक सरोकारों का बखान तो होता है पर उनकी रकंंा में कोताही नजर आती है. कुछ लोगों के बलये िह समंपबंंत है, कुदरत का तोहफा नहीं. उनके बलये िह मातंं िसंंु है. िह धन कमाने का बहुत बबंढया साधन है. भारत में कुछ लोग उनंहें िाटरबॉिी तो कुछ लोग मां का दजंाा देते हैं. मां का दजंाा बमलने के बाद भी सारी मातायेंसेहतमंद नहीं हैं. राषंंीय नदी होने के बािजूद गंगा और उसके कछार की नबदयां कहीं-कहीं बहुत बीमार हैं. उनका पानी अमृत नहींहै. उनका पानी जीिन की रकंंा मेंअसफल बसदंंहो रहा है. िादों और दािों के बािजूद माता और उसका पबरिार अथंपताल मेंहै या अथंपताल ही उसका उपयोग तथा दोहन बकया जाना जाने की तैयारी कर रहा है. पनंन हैं. उत्र् ाखण्ड उच्् न्यायालय के फैसले के िाद गंगा तथा यमुना को हैंऔरउलंसमं लख े नीय है बक माओरी समाज िृकंो,ं चाबहये. आने िाले बदनों में उतंंराखणंि उचंं देि के नागबरको् की ही तरह वे सभी अबिकार प््ाप्त हो्गे जो नंयूजीलैंि के उतंंरी दंंीप में संथथत नंयायालय के फैसले को अमलीजामा पहनाने पहाडंोंऔर नबदयोंको जीिंत मानता है. उनंहें भारत के आम नागबरक को संबविान के अन्तग्तग बमले है.् उन्हे् जीबित वंयसंकत का दजंाा देता है. एक पंंबसदंं िांगानुई नदी की कहानी रोचक और सबक के बलये सामाबजक तथा राजनैबतक दबाि ा माओरी कहाित कहती है बक मैं ही नदी हूं बिचारणीय है.ं पंंारमंभ मेंनदी का पानी बनमंल बनेगा. कुछ लोग असहमत होंगे तो कुछ उसे प्द् बू ित करना या हाबन पहुचं ाना अपराि की श्ण ्े ी मे् आयेगा. और नदी ही मैंहू.ं कुदरत के अिदानोंके पंबंत था. िह पंंदूषणमुकंत थी. बाहरी लोगों ने चुनौबत भी देगं .े भारत मेंचूबं क नबदयोंकी पूजा यह भािना बन:संदेह अदंंत है. माओरी उसमें अनुपचाबरत मल-मूतं तथा रसायनों की जाती है. कुछ नबदयों को माता का दजंाा अकंसर आगे रहते हैं. इस फैसले ने समाज में समाज की इसी भािना का कानून ने समंमान को बिसबंजात कर उसे पंंदूबषत बकया. पंंदूषण बदया जाता है. कुछ को अितार माना जाता कृष़ण गोपाल 'व़यास’ तंंराखणंि उचंं नंयायालय ने लगभग फैले उकंत भंंम को बकसी हद तक खंबित बकया है. कानून ने थंिीकार बकया है बक नदी के कारण नदी में थंनान करना और तैरना है. कुछ नबदयां पबरकंंमा के बलये जानी जाती तीन साल की अलंपािबध में मोहमंमद बकया है. संसाधनोंका पकंंमजबूत हुआ है. की सेहत का सीधा और गहरा संबंध माओरी कबठन हो गया. पंंदूबषत पानी के कारण हैं. ऐसी हालत में कानून और आथंथा का उतंंराखणंि उचंंनंयायालय का फैसला समाज के लोगों की सेहत से है. उनकी मछबलयां मरने लगीं. सीिर टंंीटमेटं पंलांट भी समुदं मंथन होगा. धाबंमाक तथा सामाबजक सलीम की जनबहत याबचका पर नबदयों के बहत में ऐबतहाबसक फैसला सुनाया है. यह नंयूजीलैंि के उतंंरी दंंीप में संथथत 288 कानूनी लडंाई बसदंं करती है बक नागबरकों बेअसर हुये. हालात बबगडंे और माओरी संगठन भी अपनी बात सामने रखेंगे. फैसला उनंहेंजीबित वंयसंकत का दजंाा देता है. बकलोमीटर लमंबी नदी िांगानुई नामक नदी की सेहत तभी तक ठीक रह सकती है जब समाज के सामने खादंंानंन संकट पैदा हो नंयूजीलैंि का कानून भी भारत सबहत यह फैसला बिशंं जल बदिस के दो बदन के समंबनंध में पाबरत पेरेंट पैबंटआई लीगल तक पंंाकृबतक संसाधन सेहतमंद हैं. गया. आजीबिका के संकट ने कानूनी लडंाई पूरी दुबनया में नदी को संरकंंण देने के बलये पहले अथंाात 20 माचंा 2017 को आया है. राइट से पंंेबरत पंंतीत होता है. इस नदी का उतंंराखणंि उचंंनंयायालय का फैसला की धार को कम नहीं होने बदया. कानूनी बेहतरीन उदाहरण बनेगा. नदी और पयंािा रण नाम नं य ज ू ीलै ि ं की माओरी जनजाबत के नाम इस फैसले ने एक ओर यबद नबदयों को इस हकीकत पर कानूनी मुहर लगाता है. सफलता बमली. इसी कारण नंयूजीलैंि की बात करने िालों के बलये यह माकूल उनकी असंथमता एिं जीिन की रकंंा का पर है. उलंलेखनीय है बक सबदयोंसे माओरी दूसरे शबंदोंमेंकुदरत से तालमेल के बसदंंांत सरकार ने नदी को जनजातीय मानंयताओंसे समय है लेबकन आने िाला समय बाजार कानूनी किच पहनाया है तो समाज तथा नदी समाज इस नदी के बकनारे रहता है. िह पर अपनाया बिकास ही सही तथा बनरापद बाहर बनकाल का पेरेंट पैबंटआई लीगल राइट और कुदरत के अबधकारों के दंंंदं को भी पंंेबमयोंको िषंा2017 का सबसे बडंा तोहफा इसकी रकंंा करता है. उसकी सेहत की बचंता बिकास होता है. िही बटकाऊ बिकास है. का कानूनी किच पहनाया. देखेगा. आने िाला समय सरकार और करता है. उनकी खादंं आिशंयकताओं की उसी के चलते जीिन की बनरंतरता संभि बदया है. आज इस गुमनाम नदी को बिशंंवंयापी उसकी भूबमका को भी देखेगा. इस सब के इस फैसले के बाद गंगा तथा यमुना को पूबंता इस नदी से होती है. उनंहोंने 100 से तथा सलामत है. उसे ही समाज की मानंयता पहचान बमल चुकी है. उसकी चचंाा होने लगी बीच संभि है. नबदयों को और कुछ समय देश के नागबरकों की ही तरह िे सभी अबधक सालोंतक इस नदी की असंथमता की पंंापंत है. माओरी समाज के गेरािंा अलबटंा है. उसकी तजंापर नबदयोंके पकंंमेंनीबतयों तक सूयंोदय का इंतजार करना पडंे. अबधकार पंंापंत होंगे जो भारत के आम कानूनी लडंाई उन लोगोंसे लडंी है जो बाहरी कहते हैंबक नदी को जीबित वंयसंकत मानकर और कानूनोंकी सुगबुगाहट तेज हो गयी है. साभार: इंदिया वाटर पोट्टल नागबरक को संबिधान के अनंतगंात बमले हैं. उनंहेंपंदं बू षत करना या हाबन पहुच ं ाना अपराध की िंण ंे ी मेंआयेगा. अब िे अनाथ नहींहोगी. इस फैसले ने उनके बलये तीन अबभभािक भी तय कर बदये है.ं अबभभािक हैंनमाबम गंगे के महाबनदेशक, उतंंराखणंि राजंय के मुखंय सबचि और उतंंराखणंि राजंय के ही महाबधिकंता. जाबहर है गंगा तथा यमुना और उनकी सहायक नबदयों के अबभभािकों को अदालत दंंारा पंंदतंंअबधकार दी गई कानूनी बजमंमदारी के बाद हालात बदलेंगे. गंगा-यमुना तथा उनकी सहायक नबदयों की संथथबत में सुधार होगा. भले कुछ समय लगे पर अनंय राजंयों में भी नबदयों के बलये समान अबधकारोंका मागंापंंशसंंहोगा. यह सही है बक कुछ लोग अडंंगा भी लगायेंगे पर आने िाले बदनों में 20 माचंा, 2017 की तारीख नबदयोंतथा पयंाािरण पर काम करने िाले नागबरकोंके बलये दीिाली के शुभ बदन जैसी थंमरणीय होगी. अनुभि बताता है बक कुदरती संसाधनों की सलामती और नागबरकों के हक की लडंाई में नागबरक ही
ििी अस्ममता को दमले कािूिी अदधकार
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भुिन भास़कर
31 माऱश - 06 अप़़ैल 2017
भाजपा की लगाम संघ केहाथ
षंंीय थंियंसेिक संघ के बरसाना तहसील के तहसील पंंचारक मनीष कुमार उतंंर पंंदेश की बोिंापरीकंंा मेंहो रहे नकल को रोकने बलए उप मुखंयमंतंी बदनेश शमंाा के अबभयान चलाने संबंधी बयान से उतंसाबहत होकर अपने इलाके के रामादेिी इंटर कॉलेज पहुंच गए. कैमरा बलया और लगे दो होमगािंाजिानोंका िीबियो बनाने, जो इंटर में बफबजकंस की परीकंां के दौरान नकल करा रहे थे. बफर कंया था, होमगािंा जिानों ने आि देखा न ताि, मनीष कुमार पर बपल पडंे. िंिों से बपटे मनीष कुमार बाद में संगठन के कायंाकतंााओंके साथ थाने पहुंचे, तो होमगािंाशेरपाल और धनेश के बखलाफ कारंािाई का भरोसा बदया गया. उनंहें जेल भेजने के आशंंासन के साथ बनलंबबत कर बदया गया. लेबकन कंलाईमैकस ं अभी बाकी था और िह तब आया जब थंियं बीजेपी के कुछ नेता संघ के कायंाकतंााओं पर मामले को जंयादा तूल न बदए जाने का दबाि बनाने लगे. कारण? दरअसल यह थंकूल एक बीजेपी नेता का है और िह बीजेपी नेता बकसी मंतंी का करीबी बताया जा रहा है. बीजेपी की तरफ से यही संघ के बलए संदेश है. संघ का पंंचारक चुनाि में संगठन को मोबबलाइज करे, कायंाकतंााओं को अपने घर से अपना
खाना खाकर, अपना तेल जलाकर, अपना काम नुकसान कर संगठन के बहत मेंबीजेपी के उमंमीदिार को बजताए और चुनाि खतंम होने के बाद चुपचाप शाखा लगाए. बीजेपी के नेता सतंंा सुख भोगें. संघ के बलए यह खतरे की घंटी है. संघ हमेशा से दािा करता है बक राजनीबत से उसका कोई मतलब नहीं और िह एक सामाबजक-सांथंकृबतक संगठन है. लेबकन सच सबको पता है. बीजेपी का गभंानाल संघ से जुडंा है और अपने संगठन सबचिों और महासबचिों के जबरए संघ पाटंंी के कायंाकलापोंऔर नीबतयों पर बनयंतंण भी रखने की कोबशश करता है. बपछले दशक तक संघ के पंंचारक, बजनंहें संगठन की कमान दी जाती थी, सतंंा में भागीदार नहीं बनते थे और सरकार में कोई पद नहीं लेते थे. लेबकन नरेंदं मोदी से शुरं होकर अब इस परंपरा में कई नाम शाबमल हो चुके हैं. इससे बाहर से देखने पर ऐसा लगता है बक बीजेपी पर संघ का बनयंतण ं बढंता जा रहा है. उतंंराखंि में 19 साल तक पंंचारक रहे बंंतिेंदंबसंह राित और उतंंर पंंदेश मेंमनोज बसंहा का नाम लगभग फाइनल होने के बािजूद योगी आबदतंयनाथ की ताजपोशी ने इस अहसास को और गहरा बकया है. लेबकन थोडंा भीतर जाकर देखा जाए तो चीजेंअलग बदखने लगती हैं. बपछले दो दशकों में बजस
वफरदौस ख़ान त और हार बबलंकुल धूप और छांि की तरह हैं. िक़्त कभी एक जैसा नहीं रहता. देश पर हुकूमत करने िाली कांगंेस बेशक आज गबंदाश में है लेबकन इसके बािजूद िह देश की माटी में रचीबसी है. देश का बमिाज हमेशा कांगंेस के साथ रहा है और आगे भी रहेगा. कांगंेस जनमानस की पाटंंी रही है. कांगस ंे का अपना एक गौरिशाली इबतहास रहा है. इस देश की माटी उन कांगंेस नेताओंकी ऋणी है बजनंहोंने अपने ख़ून से इस धरा को सींचा है. देश की आिादी में महातंमा गांधी के योगदान को भला कौन भुला पायेगा. देश को आिाद कराने के बलए उनंहोंने अपनी पूरी बिंदगी समबंपात कर दी. पंबित जिाहरलाल नेहरं, िंंीमती इंबदरा गांधी, राजीि गांधी और सोबनया गांधी ने देश के बलए बहुत कुछ बकया. पंबित जिाहर लाल नेहरंने बिकास की जो बुबनयाद रखी थी उसे इंबदरा गांधी ने परिान चढाया. राजीि गांधी ने देश के युिाओं को आगे बढने की राह बदखायी. उनंहोंने युिाओं के बलए जो ख़्िाब संजोये, उनंहें साकार करने में सोबनया गांधी ने कोई कोर-कसर नहीं छोडी. कांगंेस ने देश को दुबनया की तीसरी बडी अथंावंयिथंथा बनाया. देश को मिबूत करने िाली कांगंेस को आज ख़ुद को मिबूत करने की िरंरत है. कांगस ंे के उपाधंयकंंराहुल गांधी को हार को भुलाकर संघषंाकरना चाबहये. सडक से सदन तक पाटंंी को नये बसरे से खडा करने का मौक़ा उनके पास है. राहुल गांधी बकसी ख़ास िगंा के नेता न होकर जन नेता हैं. िे
कहते हैं, ‘जब भी मैं बकसी देशिासी से बमलता हूं. मुझे बसफ़कं उसकी भारतीयता बदखती है. मेरे बलये उसकी यही पहचान है. अपने देशिाबसयोंके बीच न मुझे धमंान िगंा न कोई और अंतर बदखता है.’ इस िक़्त राहुल गांधी के कंधों पर दोहरी बिमंमेदारी है. पहले उनंहें पाटंंी को मिबूत बनाना है और बफर खोई हुई हुकूमत को हाबसल करना है. उनंहें चाबहये बक िे देशभर के सभी राजंयों में युिा नेतृतंि ख़डा करें. बसयासत मेंआज जो हालात हैंिे कल भी रहेंगे. ऐसा िरंरी नहींहै. जनता को ऐसी सरकार चाबहये जो जनबहत की बात करे जनबहत का काम करे. बबना बकसी भेदभाि के सभी तबक़ोंको साथ लेकर चले. कांगंेस ने जनबहत में बहुत काम बकये हैं. ये अलग बात है बक िे अपने जन बहतैषी कायंंों का पंंचार नहीं कर पाई जबबक भारतीय जनता पाटंंी लोक लुभािन नारे देकर सतंंा तक पहुंच गयी. बाद मेंख़ुद पंंधानमंतंी ने अपनी पाटंंी के चुनािी िादों को’ जुमला’ क़ंरार दे बदया. आज देश को राहुल गांधी जैसे नेता की िरंरत है जो छल और फ़रेब की राजनीबत नहींकरते. िे कहते है,ं ‘मैंगांधीजी की सोच से राजनीबत करता हूं. अगर कोई मुझसे कहे बक आप झूठ बोलकर राजनीबत करो तो मैंयह नहींकर सकता. मेरे अंदर ये है ही नहीं. इससे मुझे नुक़सान भी होता है. मैंझूठे िादे नहींकरता.’ क़ाबबल-ए-ग़ौर है बक एक सिंंे में बिशंंसनीयता के मामले में दुबनया के बडे नेताओंमेंराहुल गांधी को तीसरा दजंाा बमला है यानी दुबनया भी उनकी बिशंंसनीयता का
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तरह बीजेपी का सांगठबनक और बपछले एक दशक मेंबजस तरह इसकी सतंंा का बिसंंार हुआ है, उसके बलहाज से संघ के बलए पाटंंी पर बनयंतंण रखना एक बडंी चुनौती है. यह चुनौती समय के साथ बडंी होती जा रही है. पहले बीजेपी के तमाम बडंेनेता संघ की पृषंभूबम से थे और इसबलए उनमेंसे लगभग हर एक की लगाम संघ के बकसी न बकसी बडंे अबधकारी के हाथ में होती थी. यह लगाम बकसी ताकत या मोलभाि की नहीं, बसंलक नैबतक होती थी. इसकी मुखंय िजह थी बक बीजेपी के इन बडंे नेताओं की सांगठबनक और िैचाबरक परिबरश बकसी न बकसी पंंचारक की छतंंछाया मेंहुई होती थी, तो ये नेता उन पंंचारकों के सामने कुछ भी
गलत करने या गलती जाबहर होने से िरते थे. लेबकन 2017 की बीजेपी अलग है. संगठन और सरकार मेंऐसे नेताओंकी एक पूरी फौज है, जो चुनाि से महज कुछ बदनों, हफंतों या महीनों पहले पाटंंी में शाबमल हुए और पाटंंी या सरकार के महतंिपूणंा पदों पर पहुंच गए. ये िे नेता हैं, बजनंहोंने पूरी बजंदगी संघ को, उसकी बिचारधारा को और उसके पंंचारकों को गाबलयां दी हैं. इनके मन में न संगठन के पंंबत और न ही संघ के अबधकाबरयों के पंंबत कोई समंमान है. है तो बस िर. िर संघ की सांगठबनक ताकत का. यह बात संघ को भी समझ मेंआ गई है बक बीजेपी पर बनयंतंण बनाए रखने का
राहुल की राह दकधर है लोहा मानती है. कांगंेस को मिबूत करने के बलए राहुल गांधी को पाटंंी की आंतबरक कलह को दूर करना होगा. पाटंंी में आंतबरक कलह बदनोबदन बढ रही है. पाटंंी के राषंंीय सबचि और मधंय पंंदेश के पूिंामंतंी सजंंन िमंाा ने पाटंंी अधंयकंंसोबनया गांधी को पतंंबलखा है बजसमें उनंहोंने कुछ बसयासी पबरिारों पर कांगंेस को ख़तंम करने की एिज में सुपारी लेने का आरोप लगाया है. उनंहोंने पाटंंी अधंयकंंको फ़ौरन सख़्त कारंािाई करने की सलाह देते हुए यह बलखा है, ‘इंबदरा गांधी ने राजा-महाराजाओंका पंंभाि ख़तंम करने के बलए बरयासतें ख़तंम कर दी थीं, तब कुछ लोगोंने ख़ूब शोर मचाया था. अब िही लोग राजनीबतक शोर मचा रहे हैं. ऐसे लोगों का पंंभाि ख़तंम करने के बलए कठोर बनणंाय लेने होंगे. तभी हमारी पाटंंी पंंदेश और देश में
खडंी हो पायेगी.’ सजंंन कुमार का पतंं सािंाजबनक होने के बाद पूिंा सांसद पंंेमचंद गुडं ने भी सोबनया गांधी को पतंं बलखा है बजसमें उनंहोंने सजंंन िमंाा के बयान को ग़ैरबिमंमेदाराना बताते हुये उन पर अनुशासनातंमक कारंािाई करने की मांग की है. उनका कहना है बक हमारी लडंाई भारतीय जनता पाटंंी से है लेबकन कांगंेस के सबचि अपने ही लोगोंपर सिाल उठा रहे हैं. बहरहाल, इस बात मेंकोई दो राय नहीं बक कांगंेस की नैया िुबोने में इसके खेिनहारों ने कोई कोर-कसर नहीं छोडी. पाटंंी के नेताओंने कांगंेस को अपनी जागीर समझ बलया और सतंंा के मद में चूर िे कायंाकतंााओं से भी दूर होते गए. नतीजतन, जनमानस ने कांगंेस को सबक़ बसखाने की ठान ली और उसे सतंंा से बेदख़ल कर बदया. िोटों के बबखराि और सही रणनीबत की कमी की िजह से कांगंेस को ि्यादा नुक़सान हुआ. लेबकन इसका यह मतलब क़तई नहींबक कांगंेस का जनाधार कम हुआ है. लोकसभा चुनाि के बाद हुए बिधानसभा चुनािों में कांगंेस का मत पंंबतशत बढा है. हाल मेंबिधानसभा चुनाि मेंपांच मेंसे तीन राजंयोंमेंकांगंेस का पंंदशंान बेहतर रहा है. आिादी के बाद से देश मेंसबसे ि्यादा िक़्त तक हुकूमत करने िाली कांगंेस के अब लोकसभा में भले ही 44 सांसद हैं लेबकन कई मामलों में िे भारतीय जनता पाटंंी के 282 सांसदों पर भारी पडे हैं. सतंंाधारी पाटंंी ने कई बार ख़ुद कहा है बक कांगंेस के सांसद उसे काम नहींकरने दे रहे हैं. साल 2019 मेंलोकसभा चुनाि होने हैं.
ववचार एकमातंं तरीका पाटंंी नेताओं को जीत में अपनी अपबरहायंाता साबबत करते रहना है और इसीबलए हर चुनाि मेंसंघ की भागीदारी और गहन होती हुई बदखती है. लेबकन संघ की इस रणनीबत के अपने खतरे भी हैं. जब बीजेपी नेता के थंकूल में परीकंंा में चोरी रोकने के चकंरं मेंसंघ का तहसील पंच ं ारक बपटता है और जब बीजेपी के नेता संघ के कायंाकतंााओंपर मामले को दबाने का दबाि बनाते हैं तो ये खतरा अपने पूरे जोरों पर मुखर हो जाता है. खबर यह भी है बक बदलंली के एमसीिी चुनािों में संघ के कायंाकतंाा घर-घर जाकर यूपी की तजंा पर पंंचार करने िाले हैं. इसमें बकसी को संदेह नहीं बक बदलंली के तीनों एमसीिी मेंबीजेपी शासन का भंष ं तं म चेहरा सामने आया है. संघ इसका मूक दशंाक बना रहा और अब बफर से बीजेपी की जीत पकंंी करने के बलए मैदान मेंउतरने की तैयारी मेंहै. अगर यह सच है तो संघ को यह भी सुबनबंंशत करना चाबहए बक उसके समथंान और पसीने से बनी सरकार उसकी नीबतयों, उसके मूलयं ों और दशंान पर चले. नहींतो बीजेपी सतंंा में आकर अपना लकंंय हाबसल कर लेगी, लेबकन भारत को एक गौरिमयी और आदशंा समाज देने का संघ का उदंंेशंय धंिसंं हो जाएगा. (लेखक िबरषंंपतंंकार हैं)
इससे पहले दस राजंयोंमेंबिधानसभा चुनाि होंगे बजनमें बहमाचल पंंदेश, गुजरात, कनंााटक, मेघालय, बमिोरम, बंंतपुरा और नगालैंि शाबमल हैं. बहमाचल पंंदेश, कनंााटक, मेघालय और बमिोरम में कांगंेस की हुकूमत है. मधंय पंंदेश, छतंंीसगढ और राजथंथान में भारतीय जनता पाटंंी की सतंंा है. इन राजंयों में कांगंेस को भारतीय जनता पाटंंी से कडा मुक़ाबला करना होगा. इसके बलए कांगंेस को अभी से तैयारी शुरं करनी होगी. इस साल 31 बदसंबर तक कांगंेस के संगठनातंमक चुनाि होने हैं. पहले ये चुनाि 30 जून तक कराये जाने थे लेबकन पाटंंी ने चुनाि आयोग को पतंं बलखकर छह महीने का और िक़्त मांगा, बजसे मंिूर कर बलया गया. कांगंेस को चाबहये बक िह पाटंंी की कमान राहुल गांधी के हाथों में सौंपे. राहुल गांधी को चाबहये बक िे ऐसे नेताओंको बाहर का रासंंा बदखायें जो पाटंंी के बीच रहकर पाटंंी को कमिोर करने का काम कर रहे हैं. राहुल गांधी को चाबहये बक िे कायंाकतंााओं के मनोबल को बढाएं कंयोंबक कायंाकतंाा बकसी भी पाटंंी की रीढ होता है. जब तक रीढ मिबूत नहींहोगी, तब तक पाटंंी भला कैसे मिबूत हो सकती है. उनंहें पाटंंी के कंंेतंीय नेताओंसे लेकर पाटंंी के आबख़री कायंाकतंाा तक अपनी पहुंच बनानी होगी. बूथ संंर पर पाटंंी को मिबूत करना होगा. साफ़ छबि िाले जोशीले युिाओं को ि्यादा से ि्यादा पाटंंी मेंशाबमल करना होगा. कांगंेस की मूल नीबतयों पर चलना होगा ताबक पाटंंी को उसका खोया हुआ िचंाथंि बमल सके.
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राजकाज
सरकार के कामकाज मेंअडंंगेबाजी नहींकर पायेंगे. ऐसे में बसदंं और उनके समथंाक उपमुखंयमंतंी पद की मांग भी नहींकरेंगे. अब चाहे कोई अरंण जेटली, रबिशंकर पंंसाद, बाबूलाल सुबंपयो का उदाहरण देता है बक उनंहोंने मंतंी बनने के बाद अपनी िकालत और बफलंमोंमेंजाना बंद कर बदया था, कम से कम कैपंटन यह नहींचाहते हैं बक बसदंंभी ऐसा ही आदशंापंंसंुत करें. उनका कहना है बक अगर बसदंं के संथंकृबत मंतंालय से उनके बहतो का टकराि होता नजर आया तो िे उनका मंतंालय ही बदल देंगे.
िोफनया अधूयकूू बनी रहेूगी
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हुल गांधी कब पाटंंी अधंयकंं बनेगे यह कांगंेस में यकंंपंशं नं बन गया है. हाल ही मेंमबणशंकर अयंयर ने सुझाि बदया बक कांगंेस के बसंगापुर मािल अपनाना चाबहए. राहुल गांधी पाटी के अधंयकंं बन जाये और सोबनया गांधी उसकी संरकंंक बने. मगर उनकी इस सलाह का बिरोध शुरंहो गया है. कई िबरषंंनेताओंका
बटपंपणी तक नहींथी. इसकी िजह यह है बक पांच राजंयों के बिधानसभा नतीजे आने के बाद अब भाजपा अपने दम पर राषंंपबत बनिा सकती है. उसे अपने उमंमीदिार की जीत मेंबकसी तरह की कोई आशंका नजर नहींआ रही है. इसबलए अब अगर उसके उमंमीदिार के मुकाबले बिपकंं अपना उमंमीदिार खडंा भी करता है तो यह औपचाबरकता मातंं होगी. ऐसे में नीतीश कुमार और निीन पटनायक दंंारा साझा उमंमीदिार खडंे करने के पंंयास बेमानी ही साबबत होगें.
फिर बोले शफश थरूर
कां
गंंेस के बडंबोले नेता शबश थरंर एक बार बफर चचंाा मेंहै.ं इस बार इसकी िजह उनके दंंारा देश मेंराषंंपबत पंंणाली की सरकार बनाये जाने की िकालत करना है. इसे संयोग ही कहेंगे बक इधर उनका यह लेख छपा और उधर उनके समथंक ा ोंने उनंहेंकांगस ंे का अधंयकंं बनाये जाने का अबभयान शुरंकर बदया. कांगंेस के कुछ आला नेताओंका कहना है बक शबश थरंर जो कुछ कर रहे हैंउसका सीधा लाभ भाजपा और नरेंदंमोदी को बमल रहा है. अगर देश मेंराषंंपबत पंंणाली की सरकार बनती है तो उसका लाभ सीधे मोदी को ही बमलेगा. पर िे बेचारे कंया करें. अभी तक उनकी पतंनी सुनंदा की आतंमहतंया का मामला बंद नहींहुआ है. बजन लोगोंपर पुबलस शक कर रही है उसमेंिे भी शाबमल है.
फिदूू का दूर रहना ही बेहतर
पं
जाब में मंतंी बने निजोत बसंह बसदंं ने जब यह ऐलान बकया बक िे सीबरयल मेंकाम करते रहेंगे तो
इससे सबसे जंयादा खुशी मुखंयमंतंी अमबरंदर बसंह को हुई. उनंहोंने तुरंत कहा बक अगर कानून इसकी इजाजत देता है तो भला उनंहेंकंया आपबंंत हो सकती है. इतना ही नहीं पंजाब के एििोकेट जनरल तक ने कह बदया बक इसमें कुछ भी गलत नहीं है. मंतंी रहते टेलीबिजन शो करने से कानूनी रंप से कहीं भी बहतो का टकराि नहीं होता है. कुछ नेता इसे कैपंटन की दबरयाबदली मान रहे हैं. पर सचंंाई कुछ और ही है. मुखंयमंतंी को अपने मन की करने के बलए जाना जाता है. िे तो कांगस ंे हाईकमान तक की परिाह नहींकरते आये हैं. बसदंंभी उनकी ही तरह जटंंबसख है जो अपने मन की करते हैं. ऐसे मेंदोनोंके बीच टकराि होना थंिाभाबिक है. कैपटं न के करीबबयोंका कहना है बक अगर बसदंंने सीबरयल मेंकाम करना जारी रखा तो उनका जंयादातर समय मुंबई में बीतेगा. िे
पहले अपना गठबंधन िुधारेू लालू
रा
जद अधंयकंं लालू पंंसाद यादि देश में भाजपा के बखलाफ राषंंीय संंर पर गठबंधन बनाये जाने का ऐलान कर चुके हैं मगर बबहार में जद(यू) के साथ उनका अपना गठबंधन सुचारंरंप से नहींचल पा रहा कहना है बक अगले एक साल मेंबहमाचल, कनंाटा क और है. हाल ही में बबहार बदिस पर दोनों दलो के बीच यह गुजरात मेंबिधान सभा चुनाि होने से पहले दो राजंयोंमें दूरी थंपषंं नजर आयी. राजंय सरकार ने अपने तीन कांगंेस की सरकार है बजसका सतंंा से बाहर होना तय बदिसीय कायंाकंम के बलए जो बनमंतंण छपिाया उसमें माना जा रहा है. गुजरात में मोदी को चुनौती दे पाना लालू और उनके बेटों का नाम गायब था. बताते है बक लगभग असंभि है. अगर राहुल ने अधंयकंंबनने के बाद उनके बेटों उपमुखंयमंतंी तेजथंिी यादि और थंिाथंथय ा मं मेंआमंबंतत तक नहींबकया पाटंंी चुनाि हारी तो उनके िोट बदलाने की कंंमता पर तेज पंतं ाप यादि को कायंक गया था इसीबलए इस पबरिार का कोई भी सदथंय िहां सिाबलया बनशान लग जायेगा. िहीं अगले साल राजथंथान, मधंयपंंदेश और छतंंीसगढं में बिधानसभा नजर नहींआया. इससे पहले गुरंगोबिंद बसंह की 350 चुनाि होगे िहां भी कांगंेस बहुत कुछ हाबसल नहीं कर जयंती पर पटना मेंआयोबजत कायंाकंम मेंभी लालू और तेजथंिी को मंच पर जगह नहीं दी गयी थी. उनंहें सामने पायेगी. अगले लोकसभा चुनाि तक मोदी के रहते कांगस ंे कबरशंमा बदखा पाने की हालत मेंनहींआ पायेगी. इसबलए की पंसंकत मेंदशंाकोंके बीच मेंबैठना पडंा था. लगातार बेहतर यही रहेगा बक राहुल अभी इंतजार करें. सोबनया हो रहे अपने अपमान से राजद नेता बहुत नाराज है मगर गांधी को 2018 मेंअधंयकंतं ा करने की 20िींसालबगरह उतंंर पंंदेश के चुनाि नतीजो ने उनके मुंह पर ताला मार मनाते हैं और उसी मौके पर पाटंंी की कमान उनंहें पूरी बदया है. प््स्ुदि-दववेक सक्सेना तरह से सौपने का ऐलान कर बदया जाये.
बेचारी ममता
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छले पांच सालों में राजनीबत में बकतना बडंा बदलाि आ गया है. कहां ममता बनजंंी पांच साल पहले पंंणि मुखजंंी को राषंंपबत बनाने के बलए उनकी थंियंभू झंिाबरदार बन गयी थी और िहां आपके जो बितंं मंतंी सलाह दे रही हैं उस पर बिचार करना तो दूर रहा कोई बटपंपणी तक करने को तैयार नहींहै. उनंहोंने हाल ही में लाल कृषंण आििाणी के राषंंपबत बनाने का सुझाि बदया. उनंहोंने यह भी कहा बक सुबमतंंा महाजन और सुषमा थंिराज के नाम पर भी बिचार बकया जा सकता है. समझा जा रहा है बक भाजपा की लगातार हो रही जीत के मदंंेनजर ही उनंहोंने रंदंभाि कायम करने के बलए अपनी ओर से यह पेशकश की है. मगर भाजपा ने इस पर कोई
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31 माऱश - 06 अप़़ैल 2017
अऱण कुमार ित़प़ ाठी
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क बार बफर भारतीय राजनीबत सामंंाजंयिादी बिमशंाकी योजना में फंस गयी है. िह एक तरफ आबंथाक नीबतयों के मोचंंेपर महा सहमबत कायम करने मेंलगी है, बजसमें िामपंथ से लेकर दबंंकणपंथ और अमेबरका से लेकर चीन तक से तालमेल और समनंिय कायम बकया जा रहा है, िहीं राजनीबतक संरं पर अपने ही महापुरषं ों का दंगल आयोबजत बकया जा रहा है.गांधी को सुभाष से लडंाया जा रहा है, सुभाष को नेहरं से लडंाया जा रहा है, तो गांधी को भगत बसंह और आंबेिकर से. नेहरं बनाम पटेल की लडंाई तो चल ही रही है. चूबं क बशिाजी बनाम औरंगजेब और पंंताप बनाम अकबर और बाबर बनाम राम का बिमशंा अब बासी हो चुका है इसबलए नये संदभंंों में दबंंकणपंथी राषंिं ाद के बलए महापुरषं ोंकी दंगल से ऐसे राषंिं ाद को बिकबसत करने की आिशंयकता है बजससे देर सबेर, सािरकर, गोलिलकर और हेिगेिार जैसे वंयसंकततंि भारतीय राजनीबत के पंरंे णा पुरषं बन सके.ं पहले यह काम अंगंेज इबतहासकार करते थे और इस काम के माधंयम से िे भारतीय इबतहास को बिभाजन तक ले गये. इसके बाद इस काम को कैबंंबज और आकंसफोिंाके इबतहासकारों के साथ माकंसिां ादी इबतहासकारोंने एक हद तक संभाला. जब माकंसंािादी इबतहासकार समनंिय का काम करने लगे तो इस काम को दबंंकणपंबथयोंने संभाल बलया. ऐसे समय में गांधीिादी संथथ ं ा सिंस ा िे ा संघ ने गांधी और सुभाष पर एक रोचक, जंंानिधंाक, आतंमीय और जरंरी पुसंक पंक ं ाबशत की है.यह पुसक ं गांधी और भगत बसंह जैसी बकताब की िंख ंृं ला की एक कडंी है.गांधी और सुभाष नामक पुसंक की लेबखका सुजाता ने यह पुसक ं ऐसे समय में तैयार की है जब नयी सरकार के माधंयम से यह तथंय सामने लाया जा रहा है बक पंबित जिाहर लाल नेहरं ही नहीं लाल बहादुर शासंंी पंधं ानमंतंी रहते हुए नेताजी के पबरिार की जासूसी कराते रहे और इस तथंय से भयभीत रहे बक कहींनेताजी पंक ं ट न हो जाये.ं बफलहाल चूबं क बकताब गांधी और सुभाष पर केबंंदत है इसबलए इसके पंस ं गं 1948 तक ही हैंऔर लेबखका ने उस दौरान इन दोनोंमहान थंिाधीनता सेनाबनयों के बरशंतों को पंंमाबणत करने के बलए सरकारी दसंंािेजों और इबतहासकारों की बटपंपबणयों को दरबकनार करते हुए दोनोंके िांगमं य का सहारा बलया है. यही िजह है बक लेबखका ने यह पुसक ं इस भािना से मुकंत होकर बलखी है बक महातंमा गांधी और उनके सबसे बंंपय अनुयायी जिाहर लाल नेहरं ने सुभाष बाबू के साथ बहुत अनंयाय बकया और उनंहेंदेश छोडंकर भागने पर मजबूर कर बदया.उनंहोंने इन दोनों को एक देशभकंत की भािना से देखा है और संभितः आज की राजनीबतक जरंरत से जंयादा उस समय की संथथबतयों के मदंंेनजर थंिाधीनता के इन दो नायकोंके बिचारोंऔर रणनीबतयोंकी सीमाओंऔर संभािनाओंको भारत की आजादी के संदभंा में देखने की कोबशश की है. ऐसा करते हुए उनंहेंउन दोनों के बीच पयंापा तं राजनीबतक टकराि बदखा है
मतभेद थे मनभेद नहीं
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के आते ही गांधी ने सुभाष बाबू की मां को तार भेजा,`संपण ू ांराषंंअपने और आपके िीर पुतं की मृतयं ु पर शोकमगंन है...’ लेबकन जब उनंहें दूसरे ही बदन इस खबर के गलत होने की सूचना बमली तो उनंहोंने उनकी मां पंंभािती बोस को तार बकया-भगिान को लाख-लाख धनंयिाद बक बजस समाचार को बबलकुल पंंामाबणक कहा जाता रहा था, िह गलत साबबत हुआ.आप को और राषंं को हमारी बधाई.’ महातंमा गांधी ने न बसफंकनेताजी के नारे, ‘जयबहंद’ को थंिीकार बकया बसंलक उसे िंदे मातरम के समककंंरखा. उनंहोंने नेताजी की भतीजी बेला बोस के पबत हबरदास बमतंं की मृतयं दु िं को कंमं ा करने के बलए अपील की. उनकी अपील के बाद हबरदास की फांसी और उतना ही बनजी आदर और पंमंे भी. शायद नबंज पर गांधी का हाथ हमेशा रहा है और इसी बनमंबालकर ने बताया बक सुभाष बाबू के मन मृतयं दु िं मेंबदली गई. शायद साल 1938 और 1939 महातंमा यही संतबु लत इबतहास लेखन है और इसीबलए बसलबसले मेंिे भी बिमान हादसे मेंसुभाष बाबू मेंमहातंमा गांधी के पंबंत ऐसा समंमान था बक इबतहास बलखा भी जाता है. चूबं क यह पुसक ं के मारे जाने की खबरोंके ऊहापोह मेंिूबते 26 जनिरी को जापान मेंआजाद बहंद फौज गांधी और सुभाष के संबधं ोंके बनणंाया क साल सिंासेिा संघ ने पंक ं ाबशत की है इसबलए यह उतराते रहते थे. दो जनिरी 1946 को की सलामी लेते समय नेताजी ने बतरंगे को थे. साल 1938 मेंमहातंमा गांधी ने उनंहेंयह कहा जा सकता है इसमें महातंमा गांधी को बमदनापुर में राजनीबतक कायंाकतंााओं के फहराया, तो सामने महातंमा गांधी की बडंी सी मौका बदया था बक िे अबहंसा के रासंंे पर ंे की कमान संभाले.ं लेबकन सुभाष के संदभंामेंजंयादा सकारातंमक रोशनी समंमल े न मेंगांधी ने कहा,`मैंनहींमानता बक तथंिीर रखी और कहा, `आप राषंबंपता हैंपूरे चलते हुए कांगस 1939 तक आते -आते सुभाष बाबू अंबहसा से मेंपेश बकया गया है लेबकन पुसक ं कहींभी सुभाष बाबू की मृतयं ु हो गयी है. मुझे लगता है देश के बपता...’ नेताजी ने एक पुसंक भी बनराशा वंयकंत करते हुए बहंसा की भाषा बोलने सुभाष बाबू को नकारातंमक रोशनी मेंनहींपेश बक िे कहींछुपे हुए हैंऔर उपयुकतं घडंी में बलखी-‘फादर आफ द नेशनंस’ करती. सुभाष बाबू की रणनीबतयों से पंक सुभाष बोस जीबित हैंया नहीं, इस दंदंं ंमें लगे.पहला चुनाि सुभाष बाबू गांधी जी के ं ट होंग.े मैं उनके साहस और देशपंमंे की असहमत होना और उसके खतरे बताना एक पंश ंस ं ा करता हू.ं लेबकन साधनों के संबध ं में महातंमा गांधी को झूलते देखकर लुई बफशर ने कहने पर दबंंकणपंथी गुटोंके सहयोग से जीते बात है लेबकन न तो कोई उनकी महानता को मेरा उनसे मतभेद है.मुझे पूरा बिशंंास है बक उनसे पूछा बक आप बोस की पंश ंस ं ा कंयोंकरते थे लेबकन दूसरा चुनाि िे अपने बूते पर जीते. खाबरज कर सकता है और न ही देश पंमंे को. सचंंी थंितंततं ा, आम आदमी की आजादी , हैं, कंया आप को बिशंंास है बक िे जीबित इसी चुनाि पर महातंमा गांधी ने उनके पंबंतदंदंं ंी लेबकन बकसी के देशपंमंे को दूसरे महापुरषं कभी सशसंंबिदंंोह से पंंापंत नहींहो सकती.’ है.ंइस पर गांधी ने कहा बक िे पंश ंस ं ा इसबलए िॉ पटंंाबभ सीतारमैया की हार को अपनी हार के देशपंंेम से कुशंती लडंाने की तमाशबीन महातंमा गांधी अपने अबहंसा के बसदंंातं करते हैं कंयोंबक उनका मानना है बक सुभाष बताया.लेबकन सुभाष बाबू ने बलखा-हाल के शैली और उसमेंसे एक को खलनायक और पर दृढं थे. नेताजी अबहंसा को एक रणनीबत बाबू देशभकंतों के बसरमौर हैं.लेबकन, `अब अधंयकंंपद के चुनाि के बारे मेंमहातंमा गांधी ां दूसरे को नायक पेश करने का पंंयास इस के तौर पर इसंमंे ाल करना चाहते थे. उनके मुझे यह बिशंंास नहींहै बक िे जीबित है.ंएक ने जो िकंतवंय बदया है मैनं े अतंयतं धंयानपूिक पुसक ं मेंकतई नहींहै. बलए देशभसंकत सिंंोपबर थी. िे बकसी भी बार मेरे बदल ने मुझे अनंयथा बिशंंास करने पढंा है. मुझे यह जानकर दुख होता है बक पुसंक यह दशंााती है बक गांधी और को कहा था, कंयोंबक िे राबबनहुि की महातंमा गांधी ने उसे अपनी बनजी पराजय माना है.इस मुदंे पर मैं बिनमंतं ापूिक ां अपनी सुभाष के बीच का बरशंता कुछ बाजिंिं ा और बकंिदंती जैसे मशहूर हो गये थे.’ असहमबत पं ं क ट करना चाहू ं ग ा.मतदाताओं , नबचकेता जैसा था. िही दंदंं ं जो जीिन और इस पर लुई बफशर ने गांधी पर बफर अथं ा त ा पं ब ं तबनबधयों से महातं म ा गां ध ी के पकं ं या राजनीबत के बडंे सिालों पर दो पीबंढयों के सिाल दागा,`मेरा मुदां यह है बक बोस जमंना ी बीच और दो रणनीबतयों और दो बसदंंातं ों के और जापान दोनोंगये. दोनोंही फाबसथंट देश बिपकंं में मत देने को नहीं कहा गया बीच रहता है. इस दंदंं ंके कारण पुतंयमराज है.ंअगर िे फाबसथंटोंके पकंधं र हैंतो आप की था.पबरणामतः चुनाि का नतीजा मेरी राय में के पास तक चला जाता है और बपता पछताता उनके साथ कोई सहानुभबू त नहीं हो सकती. और अबधकांश लोगों की राय में, उनको भी है.बफर पुतंको पछतािा होता है और िह अगर िे देशभकंत थे और यह बिशंंास करते (गांधीजी को) पंभं ाबित नहींकरता.’ पुसंक में बंंतपुरी समंमेलन के बाद बपता के पास लौटना चाहता है. तब तक बहुत थे बक भारत की रकंंा बिशेषकर 1944 में देर हो चुकी होती है. पीबंढयोंऔर महापुरषं ों जमंना ी और जापान से की जाएगी तो िे मूखां महातंमा गांधी और सुभाष बाबू के बीच हुए े है. इसमेंसुभाष के इस दंदंं ंके बािजूद उनके बरशंते दुशमं न नहीं थे और राजनीबतजंंों के बलए मूखंा बनने की लंबे पतं-ं वंयिहार का उलंलख बाबू के बडंे भाई शरत बोस और मौलाना सहयोगी और पंश ंस ं क के तौर पर है.ं इस बात कोई गुज ं ाइश नहींहोती.’ को महातंमा गांधी ने अपनी हतंया से एक हफंते महातंमा गांधी ने उनंहें शांत करते हुए आजाद के बििाद का भी उलंलेख है. एक पहले 23 जनिरी 1948 को पंंाथंना ा बेला में कहा, `राजनीबतजंंोंके बारे मेंआप की अचंछी जगह तो सुभाष बाबू महातंमा गांधी के आगे कहा, `सुभाष बाबू बहंसा के पुजारी रहे हैंऔर राय है.उनमें से अबधकतर मूखंा हैं..मुझे तो देश बहत में अपना आतंमबिलोपन करने को मैं अबहंसा का! लेबकन उससे कंया? गांधी और सुभाष: सुराता. प््काशक- सि्ासेिा संघ- बहुत बिषमताओंके बिरंदंकाम करना पडंता तैयार हो जाते हैं लेबकन गांधी उनंहें बकसी ं ार के आतंमदमन से रोकते हैंऔर कहते तुलसीदास जी ने रामायण मेंबलखा हैः- संत प््काशि, रारघाट, िाराणसी- 221001. मूल्यहै.और बहंसा...? लोगों में बहंसा की एक पंक हंस गुन गहबहं पय, पबरहबर िाबर बिकार. हंस 130(अदरल्ि), 170 (सदरल्ि) सबंंकय पंिं बृ ंत मौजूद है, बजसका बक बिरोध हैं बक िे इस पाप को भागीदार नहीं बनना जैसे पानी छोडंदूध पी जाता है, िैसे ही मानि करना होगा और िह मैं अपने तरीके से कर चाहते. िे कहते हैंबक सुभाष बाबू खुले हाथ से कांगंेस की कायंासबमबत का गठन करें, में गुण दोष होते ही हैं, पर हमें तो गुणों का रहा हू.ं ’ पुजारी होना चाबहए. सुभाष बाबू बकतने कीमत पर देश को आजाद करना चाहते थे, हालांबक महातंमा गांधी जमंना ी के चांसलर लेबकन गांधी िैसा कर नहीं पाते और चार देशभकंत थे, इसका िणंना करना असामबयक लेबकन आजाद बहंद फौज के लोगों के पंंबत बहटलर और इटली के शासक मुसोबलनी के महीने बाद अधंयकंंपद से इसंंीफा दे देते है.ं कुल बमलाकर यह पुसंक 1920 से होगा. सुभाष बाबू सिंाधमंासमभाि रखते थे. गांधी के मन में बकसी तरह का गुथंसा और अमानिीय कामोंकी कडंी से कडंी बनंदा कर इसी कारण उनंहोंने देश के भाई बहनोंके हंदय नफरत नहींथी. िे उनंहेंभी समझा कर अपने रहे थे, लेबकन िे माकंसंािाबदयों की तरह लेकर 1845 तक यानी 25 साल तक भारत जीत बलए थे.उनके इन गुणोंको याद रखकर अबहंसा के दायरे मेंलाने को तैयार थे. फाबसथंट बनाम लोकतंतंकी बहस मेंशाबमल के दो महापुरषं ोंके मतभेदोंऔर मेल बमलाप हम उनंहें अपने जीिन में उतारे,ं यही उनकी गांधी और नेताजी के भीतर पारथंपबरक नहींथे और न ही सुभाष बाबू को उस तराजू की कोबशशोंका िणंना है. यह बेहद ईमानदारी थंथायी थंमबृ त होगी. आदर और थंनहे के बारे मेंआजाद बहंद फौज पर तौलने को तैयार थे. उनके बलए बहंसा बडंा से बकया गया है जो थंपषंंतौर पर िैचाबरक है. गांधी और सुभाष मेंएक दूसरे से दूर जाने के कैपंटन बनमंबालकर भी पंंमाबणत करते मुदंा था, चाहे िह लोकतंतं होने का दािा इसमेंथंिाधीनता और सामाबजक नंयाय का दंदंं ं के बजतने कारण और पंंसंग हैं उससे कहीं है.ंमहातंमा गांधी ने उनसे कहा,`मेरा सुभाष के करने िाले बंंबटेन का हो या तानाशाही को है. इसमेंअबहंसा और बहंसा, शतंंुसे घृणा करने और न करने का, बहटलर और मुसोबलनी की जंयादा पास आने और एक दूसरे से गंहं ण करने साथ तीवंं मतभेद था, बफर भी उनकी मानने िाले जमंना ी का. सुभाष बाबू की मृतंयु का समाचार एक तारीफ और बनंदा का दंदंं ं है. पर इससे गांधी के पंस ं गं है.ं एक दूसरे के पबरिार और थंिाथंथयं देशभसंकत, उनके साहस और उनकी सूझ-बूझ ं तंु होते है.ं की बचंता के तो तमाम पंंसंग हैं ही. देश की की मैंसदा सराहना करता आया हू.ं ’ इस पर बार माचंा1942 मेंभी उडंगया था. इस खबर और सुभाष सही पबरपंकंे यं मेंपंस
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31 माऱश - 06 अप़़ैल 2017 तरह का जोबखम िे बनजी बजंदगी मेंभी लेती रही हैं. जंयादा दूर न भी जायें, तो ऋबतक रोशन से साथ हुए उनके बििाद के बारे में सबको पता ही है. कंगना को इस बात का अहसास था बक िे जरा भी कमजोर पडंीं, तो एक तरफ पूरी बफलंम इंिथंटंी होगी और दूसरी तरफ िे एकदम अकेली खडंी बदखाई देंगी. लेबकन उनंहोंने ऐसी नौबत नहीं आने दी. इस मेल िोबमनेट समाज में उनंहोंने एक नयी बमसाल कायम की. अबला की जगह िे सबला नजर आयीं. इधर जब ऋबतक रोशन उन पर कई तरह के सिाल खडंे कर रहे थे, तो उधर कंगना राषंंपबत के हाथों समंमाबनत हो रही थींऔर नेशनल अिािंागंंहण कर रही थीं. उनके आतंमबिशंंास के चलते ही अखबारों की सुबंखायां बदल गयी थीं. कल तक उनके बारे मेंमसालेदार खबरेंबलखने िाले अखबार अब उनंहेंपंथ ं म पृषंपर जगह देने पर बाधंय थे. कंगना और ऋबतक का शीत युदं जारी है, लेबकन इस पंंकरण मेंअब बॉलीिुि के तमाम बदगंगज बफलंमकारोंने भी तटथंथ रहने मेंही भलाई समझी है. यह कंगना का मनोबल ही है बक िे अपने से कई गुना ताकतिर ऋबतक से टकराने मेंजरा भी नहींबझझकींऔर उनंहें पीछे हटने पर मजबूर कर बदया. िे कहती हैं, ‘मेरा कोई बफलंमी खानदान नहीं है, इसबलए मुझे हर चीज के बलए संघषंाकरना पडंा है. मेरे बलए सबसे बडंा संघषंाकाम पाना नहींथा, बसंलक आतंमसमंमान को बचाए रखना था. सच यह है बक बॉलीिुि में बिनमंंता को कमजोरी मान बलया जाता है.’ बपछले ही महीने कंगना ने बॉलीिुि में10 साल पूरे बकये हैं. इन 10 िषंंों में उनके पास एक से बढक़र एक उपलसंबधयां हैं. उनकाकबरयर बफलंम ‘गैंगथंटर’ से शुरं हुआ था. इसके बाद उनंहोंने ‘लाइफ इन ए मैटंो’, ‘फैशन’, ‘राज’, ‘काइटंस’, ‘िंस अपॉन ए टाइम इन मुबं ई’, ‘नॉक आउट’, ‘नो पंंॉबंलम’, ‘तनु िेडंस मनु’, ‘गेम’, ‘रेिी’, ’िबल धमाल‘, ’राथंकलंस’, ‘तेज’ और ‘शूटआउट एट ििाला’ जैसी बफलंमेंकीं. इन बफलंमोंमेंकुछ को सफलता बमली, तो कुछ असफल साबबत हुईं. लेबकन ये बफलंमें
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ब कंगना हीरो बन चुकी है, यही िजह है बक िे हीरोइन िाले बकरदार नहीं अदा करना चाह रही हैं...’ कंगना के बारे में यह बात जाने-माने अबभनेता इरफान ने कही. दरअसल एक बफलंम में इन दोनों अदाकारों की जोडंी बनाने की बातें हो रही थीं, लेबकन कंगना ने इस बफलंम मेंकाम करने से इनकार कर बदया. जाबहर है बक इरफान को कंगना का यह बतंााि बुरा लगा, इसीबलए अपने मन की कहने के बलए उनंहोंने वंयंगंय का सहारा बलया. लेबकन यह सचंंाई है बक अब िे पहले जैसी कंगना नहींरहीं. िे अपनी बफलंमोंको लेकर दो टूक बनणंया
लेती हैं. कंगना का अपने बनमंााता-बनदंंेशकोंसे साफ कहना है बक उनंहेंबसफंकबिबशषंंबकरदार चाबहये. हां, अगर बकरदार पसंद आ गया, तो बफर रंपये जंयादा मायने नहीं रखते. अगर बडंेबजट और बडंेबैनर की बकसी बफलंम में‘खान बतकडंी’ में से कोई सुपर थंटार हो, लेबकन कंगना की भूबमका कमतर हो, तो भी उनंहें ऐसे बकरदार को झटकने में जरा भी देर नहीं लगेगी. दरअसल इस समय िे बजस मुकाम पर हैं, उनका अपने आपसे कबमटमेंट है बक िे बकसी भी लालच मेंआकर हलंका बकरदार नहींकरेंगी. बात बसफंक बफलंमों में भूबमकाओं की ही नहीं है, कई
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कहने की जरंरत नहींहै बक इस बफलंम के बाद उनंहें एक से एक बडंे बैनर की बफलंमों के ऑफर बमलने लगे. लेबकन कंगना ने बफलंमें साइन करने में बेहद सािधानी बरतनी शुरंकर दी. अब उनंहोंने ऐसी थंबंकपंटंस पर धंयान देने की ठान ली, जो िूमन सेंबंटक हों. ‘रजंंो’ और ‘बरिॉलंिर रानी’ ऐसी ही बफलंमेंथीं. लेबकन ये बफलंमेंचल नहीं पाईं. हां, ‘कृष 3’ जैसी बडंे बजट की बफलंम में उनंहोंने एक बार बफर दुथंसाहस का पबरचय बदया. इस बफलंम में कंगना ने नेगेबटि बकरदार बनभाया. उनके अबभनय को सराहा गया, परंतु िे बेचैन थींबक कुछ नया बकया जाये. तब कंगना ने एक बोलंि कदम उठाया. िे िायरेकंशन और राइबटंग का कोसंा करने अमेबरका चली गयीं. जब लौटकर आयीं, तो िे एक शॉटंा बफलंम की राइटर, िायरेकटं र और पंंोडंस ंू र बन चुकी थीं. उनंहोंने ‘द टच’ नाम की एक ऐसी बफलंम बनयी बजसमेंचार िषंाके एक बचंंेऔर एक कुतंे की कहानी थी. इस संिेदनशील बफलंम को काफी सराहना बमली. इसके बाद आयी उनकी बहुपंतीबंंकत बफलंम ‘तनु िेडंस मनु बरटनंसंा’. इस बफलंम ने न केिल बॉकंस ऑबफस पर धमाका बकया, बसंलक कंगना को तीसरा नेशनल अिािंाभी बदलिा बदया. बहमाचल पंंदेश के बजला मंिी के भांबला से मायानगरी में आई अदना सी कंगना ने धीरे-धीरे अपना कद बढंाया. इस बार जब िे राषंंपबत के हाथों नेशनल अिािंाले रही थीं, तब उनके कद का सही आकलन बकया जा सकता था. बेथटं एकंटर के बलए यही अिािंामहानायक अबमताभ बचंंन को बदया गया था. कंगना और अबमताभ एक ही लाइन में खडंे थे. बबग बी के बडंे कद के सामने भी कंगना का अपना अबंंसतंि नजर आ रहा था. कंगना आतंमबिशंंास से भरी थीं, लेबकन िे बेहद भािुक थीं. यह भी महज इतंंफाक ही था बक इनंहींबदनोंअखबारोंमेंउनंहें ‘एंगंेथंट यंग िूमन’ करार बदया गया था, लेबकन िे ‘कूल’ थीं. असल में कंगना जानती हैं बक बिपरीत पबरसंथथबतयों से कैसे बनपटा जाए और कैसे अपने आपको एक कदम आगे बढंाया जाए. उनको बनकट से जाननेिालोंका कहना है बक िे काफी धैयंािान और रणनीबतक हैं. िे कहती हैं, ‘मैं अपने जीिन में ईमानदार हूं. संबंधों के पंंबत भी और अपने काम के पंंबत भी. आज जो मेरी स1सेस जनंंी बदखाई दे रही है, उसके पीछे मेरी कठोर मेहनत है.’ कंगना की सफलता की एक िजह उनका आधंयासंतमक रंझान भी है. राज की बात है बक कंगना अपने कंगना को बहुत कुछ दे गयीं. बफलंम ‘फैशन’ मेंअबभनय जीिन में सबसे जंयादा पंंेरणा बििेकानंद से लेती हैं. के बलए उनंहें सहायक अबभनेतंी का पहली बार नेशनल बििेकानंद से िे तब से पंंभाबित हैं, जब िे बहमाचल पंंदेश अिािंाहाबसल हुआ. ‘तनु िेडस ं मनु’ जैसी छोटे बजट की मेंथंकूल की पढंाई करती थीं. िे उनकी बातेंअपनी टेथंट बफलंम बहट हो गयी और इसमें उनके काम की बडंी बुक मेंनोट करके रखती थीं. िे बििेकानंद और गीता के सराहना हुई. इसके बाद आई बफलंम ‘कंिीन’, जो उनके िचनोंको अपने जीिन मेंभी उतारने का पंंयास करती हैं. कैबरयर में बहुत बडंा मोडं साबबत हुई. ‘कंिीन’ ने उनंहें इस बारे में िे बताती हैं, ‘मेरे बलए कोई धाबंमाक पुसंक एक कामयाब हीरोइन के साथ-साथ बेहद पंंबतभािान बसफंक पूजा के बलए नहीं है. मैं हर उपदेश को जीिन में अबभनेतंी भी साबबत कर बदया. इस बफलंम मेंअबभनय के उतारना चाहती हूं. सच कहूं तो मेरी पसंानाबलटी में बलए कंगना को सिंािंेषं अबभनेतंी का नेशनल अिािंा बििेकानंद की बशकंंाएं शाबमल हैं. अगर बििेकानंद की हाबसल हो गया. यह बफलंम बॉकंस ऑबफस पर भी बंपर बशकंंाएं मेरे जीिन से हट जाएं, तो मैं शूनंय हो जाऊंगी. साबबत हुई. बििेकानंद मेरे संबल हैं.’
कंगना: नया मुकाम नये अरमान हवर मृदुल
विनेमा
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31 माऱश - 06 अप़़ैल 2017
साझी दवरासत का पदतसर
पय्ाटन
पंमंे ी थे और शायद यही िजह है बक उनकी कई रचनाओंमेंपंक ं बृ त और उसकी अपंबंतम सुदं रता का बिसंंारपूिक ां बजकंं है. रिींदं सरोिर के चारोंतरफ उन बदनोंआम,पलाश और पीपल के कई पेडंमौजूद थे. गुरंजी उनंहीं पेडंों की छांि में बैठकर कई कालजयी उपनंयास, कहाबनयां और कबिताओंकी रचना की. गांि से होकर बहने िाली नागौर नदी, बजसमेंइन बदनोंपानी नहींहै, उसके बकनारे बैठकर भी उनंहोंने कई रचनाएं बलखी. गुरदं िे रिींदनं ाथ टैगोर संगहं ालय के पंभं ारी मोहमंमद सोहेल इसंमतयाज बताते है.ं साल 1913 में गुरदं िे रिींदनं ाथ टैगोर को पंबंतबंंषत नोबेल पुरथंकार से समंमाबनत बकया गया. उनंहेंबमला यह समंमान पबतसर िाबसयोंके बलए भी बेहद गिंा की बात थी. गांि िाबसयों के आगंहं पर रिींदनं ाथ टैगोर पबतसर आये और उनंहोंने अपने रैयतोंको संबोबधत बकया. साल 1937 में िह आबखरी बार पबतसर आये मौका था.
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जी बैठा करते थे. िह इस संगहं ालय मेंआज भी अचंछी संथथबत मेंहै. उनके जीिन से जुडंी इस संगहं ालय मेंकरीब साढंेतीन सौ िसंएंु ं है.ं जो उबचत देखरेख की िजह से अचंछी संथथबत मेंहै. रिींदंसरोिर के बकनारे उनकी एक भवंय पंबंतमा भी है. बजसे देखने के बलए पूरे बांगल ं ादेश और भारत से हजारों लोग हर साल आते है.ं पबतसर आने िाले सैलाबनयों के बलए कोई बदकंतं न हो, इसबलए थंथानीय बजला पंश ं ासन संगहं ालय से चंद कदम दूर एक िाक बंगला भी बनाया है. अतंयाधुबनक सुबिधाओंसे लैस इस िाक बंगले में कुल 22 कमरे है.ं इसराबफल आलम बांगल ं ादेश अिामी लीग के थंथानीय सांसद है.ं उनके मुताबबक, रिींदनं ाथ टैगोर की िजह से इस गांि की पहचान पूरे बिशंंमेंहै. दुबनया के अलग-अलग कोने से यहां लोग घूमने और उनके बिषय में शोध करने के बलए आते है.ं खासकर उनके जनंमबदन और पुणयं बतबथ के मौके पर यहां काफी भीडंरहती है. रिींदनं ाथ टैगोर और काजी नजरंल इथंलाम भारत और बांगल ं ादेश की साझी बिरासत है.ं साबहतंय के कंतंे ंमेंउनंहेंएक जैसा ही समंमान दोनोंदेशोंमेंहाबसल है. इतना ही
पबतसर मे् रवी्द्नाथ ठाकुर की स्मृबत मे् स्थाबपत संग्हालय को देखना एक दौर के रोमांचक इबतहास के र्िर् होना है. यहां गुर्देव की उपस्सथबत िड्कती हुई महसूस होती है. अवभषेक रंजन वसंह
ढा
का समेत कई शहरों की यातंंायें पूरी करने के बाद हमें नौ गांि जाना था. साल 1984 से पहले यहां राजशाही बजले के अंतगंता था. रात करीब पौने गंयारह बजे पुराना ढाका बस थंटिैं से यातंंी बस मेंसिार होकर हम लोग नौ गांि के बलए रिाना हुए. भारत की तुलना मेंयहां रेल नेटिकंकका उतना बिसंंार नहींहो पाया है. नतीजतन आिाजाही के बलए यहां लोगोंको बसोंका सहारा लेना पडंता है. नौगांि की दूरी राजधानी ढाका से करीब ढाई सौ बकमी है. रात करीब दो बजे हमारी बस एक
पुल के ऊपर से गुजर रही थी. एक सहयातंंी ने बताया, यह बंगबंधु सेतु है, जो एबशया का सबसे लंबा सेतु है. पदंंानदी पर बना यह सेतु बोगरा और बसराजगंज बजले को आपस में जोडंता है. सुबह पौने पांच बजे अपनी बनयत समय पर बस नौगांि पहुच ं ी. पहले से खडंींिहां दो कारेंऔर कुछ लोग हमारा इंतजार कर रहे थे. कार मेंसिार होकर हम लोग गांि पबतसर के बलए रिाना हुए. इस गांि की दूरी नौ गांि बजला मुखयं ालय से पचंंीस बकमी है. सुबह होने की िजह से सडंक पूरी तरह खाली थी. दोनों तरफ धान के खेत और उसके बीच में काली सडंक काफी सुदं र बदख रही थी. कार में सिार टंि ंे यूबनयन से जुडंी नेता लिली यासबमन ने बताया ‘पबतसर मेंमशहूर बांगल ंा साबहतंयकार गुरदं िे रिींदनं ाथ टैगोर के पूिज ां ों की जमींदारी थी. इसके अलािा भारतीय थंितंततं ा आंदोलन के महान कंंाबं तकारी पंफ ं लु ल ं चंदंचाकी का गृह बजला बोगरा भी नौ गांि से जंयादा दूर नहींहै.’ सुबह ठीक छह बजे हमारी कार पबतसर संथथत िाक बंगले में रंकी. भारत में िाक बंगले अमूमन शहरों में होते है.ं लेबकन बांगल ं ादेश के एक गांि में सबंकटक हाउस का होना इस गांि की अहबमयत बताने के बलए काफी थी. गाडंी से उतरते िकंत चेहरे पर थकान और आंखों में नींद की झलक साफ बदख रही थी. अचानक नौजिानों का एक समूह ‘जय बांगल ं ा-जय बंगबंध’ु का नारा लगाते िाक बंगला पबरसर मेंदाबखल हुए और उनंहोंने हमारा थंिागत बकया. करीब तीन घंटे के बििंंाम के बाद हम िाकबंगला के बाहर रिींदंसरोिर के पास पहुच ं .े थंथानीय लोगोंने खजूर का रस पीने के बलए हम लोगों को आमंबंतत बकया. उनंहोंने बताया बक बांगल ं ादेश के गंंामीण इलाकोंमेंसूयंोदय से पहले उतारे गये खजूर का रस लोग पीना पसंद करते है.ं थंिाथंथयं के दृबंषकोण से इसका सेिन फायदेमदं माना जाता है. हालांबक भारत के कई
राजंयों में नशे की खाबतर खजूर के रस का पंयं ोग बकया जाता है. दोपहर के भोजन से पहले गांि मेंघूमने और थंथानीय लोगों से बात करने पर काफी नयी जानकाबरयां बमली. बदलते िकंत के साथ बेशक इस गांि में भी काफी बदलाि हुय.े लेबकन पबतसर की पहचान आज भी कबि रिींदनं ाथ ठाकुर से होती है. साल 1830 में रिींदनं ाथ टैगोर के दादा दंंारकानाथ ठाकुर ने अंगज ंे ोंसे यहां की जमींदारी खरीदी थी. नागौर नदी के तट पर बसा यह गांि राजधानी ढाका समेत देश के बिबभनंन बजलोंके बलए यहां से आिागमन की अचंछी सुबिधा है. पबतसर से 12 बकमी की दूरी पर अतरई रेलिे थंटश े न है. बंंबबटश भारत के समय बनबंमता इस थंटश े न का अपना ऐबतहाबसक महतंि भी है. यह थंटश े न महातंमा गांधी, पंफ ं लु ल ं चंदं रॉय, नेताजी सुभाषचंदं बोस और मोहमंमद अली बजनंना समेत कई बडंेनेताओंके आगमन का गिाह रहा है. रिींदनं ाथ टैगोर पहली बार साल 1891 ईसिी में पबतसर आये थे. िह बेशक एक जमींदार पबरिार से तालंलक ु रखते थे. लेबकन पेशा जमींदारी और काशंतकारी से उनंहें कोई खास सरोकार नहींथा. रिींदनं ाथ टैगोर पंक ं बृ त
बांगल ं ा तंयोहार ‘पुणयं उतंसि’ का. कुछ समय के बाद उनका बनधन हो गया और उसके बाद 1947 मेंएकीकृत बंगाल पूिंी पाबकसंंान बन गया. जमीन और नजरी नकंशे पर भले ही भारत और पाबकसंंान बन गये होंऔर उनके बीच संपबंंतयोंके बंटिारे हो गये हों. लेबकन दोनों देशों की साझी बिरासत को न तो अंगज ंे तकसीम कर पाये और न ही उन बदनों के महतंिाकांकंी नेता. राजशाही बिशंबंिदंंालय में पंंोफेसर मोहमंमद अमीरंल मोबमन चौधरी बताते है,ं ‘ ततंकालीन पूिंी पाबकसंंान की हुकमू त यहां बांगल ं ा भाषी अिाम पर जबरन उदंाूथोपना चाहती थी. उनकी नजरोंमेंहमारी भाषा और साबहतंय का कोई मतलब नहींथा. उनकी जंयादा बदनोंतक नहींचली और चौबीस साल बाद यानी 1971 को बांगल ं ादेश का जनंम हुआ. नया देश बनने पर गुरदं िे रिींदनं ाथ टैगोर का समंमान और बढं गया. जब उनके बलखे गीत आमार सोनार बांगल ं ा को राषंगं ीत के रंप मेंपंबंतबंंषत बकया गया.’ पबतसर में ढाई एकडं जमीन पर उनकी थंमबृ त मेंबना भवंय संगहं ालय है. इस संगहं ालय मेंउनके जीिन से जुडंी कई महतंिपूणांिसंएंु ं मौजूद है.ं बजस पलंग और कुसंी पर कभी गुरं
नहीं, बांगल ं ादेश में महातंमा गांधी, नेताजी सुभाषचंदं बोस और थंिामी बििेकानंद को लोग उसी आदर और समंमान से याद करते है.ं महातंमा गांधी को लोग यहां बकस तरह याद करते है.ं उसका जीिंत उदाहरण पबतसर से 10 बकमी दूर अतरई के गांधी आिंमं मेंदेखने को बमला. करीब पंदहं बीघे में बना यह आिंमं काफी पुराना है. गांधी आिंमं के अधंयकंं मोहमंमद अमीनुल इथंलाम बताते है.ं साल 1939 मेंराजशाही बििीजन के कई बजलोंमें भीषण बाढंआयी थी. बाढंपीबंडतोंसे बमलने के बलए महातंमा गांधी यहां आये थे और इसी आिंमं में िह कई बदनों तक रहे. आिंमं में उनके चरखे समते कई िसंएंु ं आज भी मौजूद है.ं आिंमं के उपाधंयकंं बनरंजन कुमार दास बताते है.ं महातंमा गांधी से पहले पंफ ं लु ल ं चंदं रॉय और नेताजी सुभाषचंदंबोस 1922 मेंयहां आ चुके है.ं महातंमा गांधी को अतरई से काफी लगाि था. कंयोंबक भारत बिभाजन के समय नोआखाली में भडंके सांपदं ाबयक बहंसा में काफी लोग मारे गये थे. जबबक नौगांि, राजशाही, बोगरा और बसराजगंज में खूनखराबे की कोई बडंी घटना नहीं हुई थी. नोआखाली से लौटते िकंत महातंमा गांधी अतरई संथथत इसी आिंमं मेंपंंाथंना ा सभा की थी. साथ ही उनंहोंने यहां बहंदू और मुसथं लम दोनों समुदायों के बीच आपसी भाईचारे की भरपूर तारीफ की. बनरंजन के मुताबबक, बांगल ं ादेश के नागबरक महातंमा गांधी का काफी समंमान करते है.ं यहां होने िाले सांथक ं बृ तक और शैकबंणक कायंक ा मं ोंके पोथंटर-बैनरोंमें गुरदं िे रिींदनं ाथ टैगोर,बंगबंधु शेख मुजीबुरहां मान और महातंमा गांधी की तथंिीरों को देखा जा सकता है. बांगल ं ादेश में बशकंंा के पंबंत लोगों में बकतनी जागरंकता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है बक अकेले नौगांि बजले मेंही 95 शैकबंणक संथथं ान है.ं यह संथथबत पूरे बांगल ं ादेश मेंहै. यहां की मुसथं लम मबहलाएं पाबकसंंान के मुकाबले कहींजंयादा बशबंंकत है.ं
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रोजगार वदलायेगी संस़कृत
पूजा वसंह
भोपाल. मधंय पंंदेश सरकार संथंकृत को रोजगारपरक भाषा बनाने पर गंभीरता से बिचार कर रही है. यह बात पंंदेश के थंकूली बशकंंा मंतंी बिजय शाह ने राजंय संंरीय संथंकृत समंमेलन में कही. यह काम कैसे होगा इस बारे मेंउनंहोंने कोई ठोस जानकारी नहींदी. शाह ने कहा बक मबहलायेंभी संथक ं तृ में कुशल हों इसके बलए राजधानी में शासकीय संथंकृत बिदंंालय की थंथापना की जायेगी. इसमेंकुल 360 सीट होंगी. उनंहोंने कहा बक संथंकृत से रोजगार पैदा हों इसके बलए िंंेषंतम तरीके अपनाये जायेंगे. इसके तहत पंंबत िषंा कम से कम 20 मबहलायें शासकीय खचंा पर पंबित के रंप में तैयार की जायेंगी. इन मबहला पंबितों को महबंषा पतंजबल संथंकृत संथंथान मेंअधंययन करने का अिसर बमलेगा. इतना ही नहीं संथंकृत बिदंंालय का भिन बनबंमात करने के बलए 50 लाख रंपये की राबश उपलबंध करायी जायेगी. उनंहोंने कहा बक जलंदी ही पंंदेश में जंयोबतष, िासंंु
और योग के बिपंलोमा कोसंा भी शुरं बकये जायेंगे. कायंाकंम के मुखंय अबतबथ पंंदेश के पूिंा मुखंयमंतंी कैलाश जोशी ने कहा बक देश में संथंकृत और बहंदी की अगर उपेकंा की गयी तो इससे देश की संथंकृबत को सीधा खतरा
उतंपनंन होगा. उनंहोंने कहा बक िकंत आ गया है बक संथंकृत को रोजगार पैदा करने िाली भाषा बनाया जाये. संथंकृत के बिदंंान देिी शंकर शासंंी ने कहा बक संथंकृत मेंरोजगार पैदा करने का बिचार बहुत अचंछा है लेबकन ितंामान बशकंंा पंंणाली में संथंकृत के
रजनीकांत सेराजनेता बननेकी अपील
चेन्नई. इन बदनों दबंंकण भारत में बॉलीिुि के मेगाथंटार रजनीकांत को लेकर जगह-जगह पोथंटर लगाये गये हैं. उसमें संदेश बदया गया है बक रजनीकांत सबंंकय राजनीबत मेंउतरकर जनता का बिकास करें. जगह-जगह चथंपाये गए ये बैनर और पोथंटर बिरोधी खेमे के बलये बचंता का सबब बन चुके हैं. तबमलनािु के कमोबेश हर चौराहे पर लगींये होबंिगिं स ं सभी के बलये खास बन चुकी हैं. इसमेंयह भी संदेश बदया गया बक या तो िे बकसी राजनीबतक दल का समथंान करेंया अपनी एक राजनीबतक पाटंंी का गठन कर सबंंकय राजनीबत मेंथंथान बनायें. इस बाबत
पूजा वसंह
था. रजनीकांत को िंंीलंका की लीका कंपनी ने साल 2009 के गृहयुदं से पंंभाबित िं आंतबरक रंप से बिथंथाबपत तबमलों के बलए निबनबंमात 150 मकानों को उनंहें सौंपे जाने के कायंाकंम में आमंबंतत बकया था. इसके बाद रजनीकांत ने कहा बक उनंहोंने िीसीके नेता टी बतरंमािलिन, एमिीएमके के महासबचि िाइको और टीिीके नेता टी िेलमुरंगन के राजनीबतक बिरोध और िहां नहींजाने की अपील को देखते हुए यह दौरा रदंं कर बदया. उनंहोंने कहा था बक 'राजनीबतक दलों के नेताओं की अपीलों में बिरोधाभास होने के कारण मैंउनके बिचारों को मन से थंिीकार नहींकर सकता.’
रारिीदत मे्दशि पुत्
भोपाल. मधंय पंंदेश के मुखंयमंतंी बशिराज बसंह चौहान के बेटे काबंताकेय बसंह के राजनीबतक जीिन में पंंिेश को लेकर कयासबाजी का दौर अब लगभग समापंत होने को है. गत सोमिार को गृहगंंाम जैत में नमंादा सेिा यातंंा के दौरान काबंताकेय ने अपना पहला राजनीबतक भाषण बदया. इस भाषण मेंउनंहोंने अपने बपता की सेिा भािना का जमकर बखान बकया. पंंतंयकंंदबंशायोंके मुताबबक इस दौरान मां साधना बसंह उनंहें अपलक बनहारती ही रहीं. बपता बशिराज भी खासे पंस ं नंन नजर आये. खास बात यह है बक उनका यह भाषण िहां मौजूद राजंय सरकार के तमाम मंबंतयोंसे पहले हुआ. पंंदेश के िबरषंं पतंंकार दीपक बतिारी कहते हैंबक राजनीबत मेंिंशिाद नया नहींहै लेबकन िंशिाद के बलए कांगस ंे को पानी पीपीकर कोसने िाली भाजपा के बलए जरंर
RNI- DELHIN/2015/ 65658
थंथानीय मीबिया की बरपोटंाबताती हैंबक ऐसा संदेश उनके चाहने िालों ने जगह-जगह चथंपाया है. सभी की यही खंिाबहश है बक िे अपने सुपरथंटार को रंपहले पदंंे से हटकर जनता के बीच राजनीबत करते हुये भी देखें. हालांबक, इस संदभंामेंरजनीकांत की ओर से कोई बयानबाजी नहींकी जा रही है. बता दें बक िषंा 1996 में रजनीकांत ने जयलबलता के समथंान में चुनाि पंंचार बकया था. पबरणाम थंिरंप िीएमके और टीएमसी के गठजोडं को जयलबलता की एआईिीएमके के हाथोंकरारी हार झेलनी पडंी थी. रजनीकांत ने कुछ बदन पहल अपना अगले महीने का िंंीलंका दौरा रदंंकर बदया
बशकंंा ली है. िह अभी पुणे में ही रहते हैं लेबकन अपने बपता के चुनाि कंंेतं बुधनी में िह लंबे समय से सबंंकय हैं. उनके फेसबुक थंटेटस में भी उनका जुडंाि बिबदशा एिं बुधनी चुनाि कंंेतं से बताया गया है. ताजा घटना के बाद अब पंंदेश के राजनीबतक हलकों में यह अंदाजा लगाया जाने लगा है बक आबखर काबंताकेय चुनािी राजनीबत में कब बशरकत करेंगे. भारतीय जनता पाटंंी के एक िबरषंंनेता नाम जाबहर न करने की शतंापर कहते हैंबक यह नया है. बतिारी बशिराज बसंह के पहले एक सरकारी आयोजन में मुखंयमंतंी के पुतं अपने बेटोंको राजनीबत मेंलानंच करने िालों का यूं अनंय नेता-मंबंतयों पर तरजीह देकर में पूिंा मुखंयमंतंी रबिशंकर शुकंल, भाषण बदलाना सही परंपरा नहीं है. उनंहोंने गोबिंदनारायण बसंह, अजंाुन बसंह, कैलाश कहा बक मुखंयमंतंी के सुपुतं की खुद न तो सारंग, सुंदरलाल पटिा, बदसंगिजय बसंह, कोई राजनैबतक हैबसयत है न ही िे बकसी संिैधाबनक पद पर हैं, बफर िह एक सुभाष यादि आबद का नाम लेते हैं. उलंलेखनीय है बक काबंताकेय बसंह ने शासकीय आयोजन में अतंयंत उचंं पदथंथ पुणे के बसंबायोबसस ला थंकूल से अपनी लोगोंके पहले भाषण कैसे दे सकते हैं?
‘रात मे्मदहलाओ्की ि लगाये्दशफ्ट’
इकंंादुकंा बशकंंक पदोंके अबतबरकंत बकसी अनंय रोजगार की संभािना नहींनजर आ रही है. अगर सरकार िासंंि में संथंकृत में रोजगार मुहैया कराने को लेकर गंभीर है तो उसे सबसे पहले बशकंंा पंंणाली में बदलाि करते हुए संथंकृत को उसका उबचत थंथान बदलाना होगा. गौरतलब है बक पंंदेश के बशकंंा मंतंी का यह बिचार आरएसएस से संबदंं शैकंबणक संगठन बिदंंा भारती की उस धारणा के अनुकूल ही है बजसके तहत िह देश के थंकल ू ोंमेंथंिदेशी संथक ं बृ त को बढंािा देने की बात कहता है. बिदंंा भारती के अबधकारी देश की बशकंंा पदंंबत को माकंसंािाबदयों, मदरसािाबदयोंसे मुकतं कराने की बात कहते रहे हैं. इससे इतर बिदंंा भारती के एक अनंय आयोजन में पंंदेश के मुखंयमंतंी बशिराज बसंह चौहान ने बचंंोंकी पंंी नसंारी पढंायी पर बचंता पंंकट की. उनंहोंने कहा बक आज बचंंों को दो-ढाई साल की अलंप आयु में थंकूली पंंबतथंपधंाा में धकेल बदया जाता है जो उनके बलहाज से कतई उबचत नहींहै.
बे्गलुर्. कनंााटक में बिधायकों की एक सबमबत ने बसफाबरश की है बक मबहलाओं से रात की बशफंट में काम नहीं करिाया जाना चाबहये और कंपबनयों को जहां तक हो सके मबहलाओं को रात की पाली में काम के बलए नहीं बुलाना चाबहये. इस सुझाि को लेकर कामकाजी मबहलाओं तथा मबहला कायंक ा तंाओ ा ंकी तरफ से बिरोध शुरंहो गया है, बिधायकोंके इस सुझाि से कामकाजी मबहलाओं में खासा रोष है. उनका कहना है बक यबद ऐसा होने लगा तो उनंहें लोग नौकरी नहीं देंगे. इससे उनकी कमाई पर काफी बुरा पंंभाि पडंेगा. िहीं, उनका यह भी मानना है बक मबहलाओं को 26 हफंते का मातृतंि अिकाश बदए जाने का नया कानून भी मबहलाओंको काम पर रखने मेंबाधा िाल सकता है. सबमबत के अधंयकंं एनए हैबरस ने दािा बकया है बक मबहलाओं के पास काम बहुत जंंयादा होता है, कंयोंबक उनंहें न बसफंक घर की देखभाल करनी होती है, बसंलक उनंहेंबचंंोंकी देखरेख भी करनी होती है.
िेहरािून. उतंंराखंि के सीएम बंंतिेंदं राित ने बीते बुधिार को राजधानी देहरादून में कैंट रोि िाले चबंचात बंगले में बिबधबिधान के साथ गृह-पंिं श े बकया. करोडंोंकी लागत से बने इस बंगले के बारे में साल 2007 से ही बमथक है बक जो भी मुखंयमंतंी इस बंगले में रहा, कायंाकाल पूरा नहीं कर सका. ऐसे में राजनीबतक गबलयारों में यह चचंाा आम हो गयी है बक कंया बंंतिेंदं बसंह अपना कायंाकाल पूरा कर सकेंगे. बता दें बक मुखंयमंतंी रहते रमेश पोखबरयाल बनशंक मई 2011 से बसतंबर 2011, बीसी खंिूरी बसतंबर 2011 से माचंा 2012 और बिजय बहुगुणा माचंा 2012 से जनिरी 2014 तक इस घर में रह चुके हैं. तीनों ही अपनी कुसंी संभाल कर नहीं रख सके. सीएम बंंतिेंदंराित मुखंयमंतंी आिास में ही रहेंगे. करीब 30 करोडं की लागत से बने इस मुखंयमंतंी आिास के बारे में कहा जाता है बक इसमेंिासंंुदोष है. कहा जाता है बक जो भी सीएम इस बंगले मेंरहने जाता है िह अपना कायंाकाल पूरा नहीं कर पाता. उतंंराखंि बनने के पहले यह रेथंट हाउस हुआ करता था. बीसी खंिूरी के कायंाकाल में यह बंगला बनकर तैयार हुआ था. इस बंगले में खंिूरी रहने की तैयारी कर ही रहे
थे की उनको हटना पडंा. इसके बाद रमेश पोखबरयाल बनशंक सीएम बने लेबकन िे भी कायंाकाल पूरा नहीं कर पाए. इसके बाद बीसी खंिूरी बफर से सीएम बने और इस आिास मेंकुछ ही बदन रह सके. बिजय बहुगुणा भी कैंट रोि के इस बंगले मेंरहने आए, लेबकन िे भी 5 साल पूरे नहीं कर सके. सीएम बनने के बाद हरीश राित ने इस बंगले में रहने की बजाय बीजापुर गेथंट हाउस को ही अपना आिास बना बलया था. सीएम बंंतिेदं ंबसंह राित भारी बहुमत के साथ उतंंराखंि के 9िें सीएम बने हैं. सरकार बनने के बाद बिधानसभा का पहला सतंं मंगलिार को समापंत हो चुका है. बुधिार को मुखंयमंतंी बंंतिेंदं बसंह कैंट रोि िाले सीएम घर में पंंिेश बकए. इस बारे में जब मीबिया ने राित से पूछा बक इस आिास को अशुभ माना जाता है और कोई भी यहां रहने िाला सीएम अपना कायंक ा ाल पूरा नहीं कर सका. इस पर बंंतिेंदंराित ने वंयंगंय के लहजे में कहा बक जहां भी िे जाते हैं, भूत भाग जाते हैं. इसबलए ऐसी कोई बात नहींहै. अब मुखंयमंतंी बंंतिेंदं राित कैंट रोि संथथत आिास में बशफंट हो गए हैं तो यह काफी चचंाा का बिषय बना हुआ है.
संदेहो् से घिरी रावत सरकार
थंितंिाबधकारी, पंंकाशक और मुदंक: कंंमता बसंह के बलए अमर उजाला पसंबलकेशंस बलबमटेि, सी-21, 22, सेकंटर-59, नोएिा, उतंंर पंंदेश से मुबंदत एिं दूसरी मंबजल, बी-146, हबरनगर आिंंम, नयी बदलंली- 110014 से पंंकाबशत. संपादकः अंबरीश कुमार (पीआरबी अबधबनयम के तहत समाचारोंके चयन के बलए बजमंमेदार) सभी कानूनी बििादोंके बलए नंयाय कंंेतंबदलंली होगा. संपकंक: +91.8004903209, 9793677793 ईमेल: shukrawaardelhi@gmail.com