ककालका जकाद द
यह वविधधि उनकके ललए हहै जजो ककससी सके प्यकार करतके हहै और उस व्यककत कका प्यकार पकानका चकाहतके हह …
इस ककयकार्या सके आप उस व्यककत कके ददल मम अपनके ललए प्यकार जगका सकतके हह और उसकका प्यकार हकालसल कर सकतके हह ||
आविश्यक सकामगसी:
एक कपडके ककी और रुई ककी गडग ड़ियका ||
चकार मजोमबकततयका || एक बकाबांस ककी छजोटटी लकड़िसी ||
उस व्यककत ककी फजोटजो ||
आधिका मसीटर ककालका कपडका ||
एक पसीलका ननम्बद ||
वविधधि:
1. एक गजोल धिकारका ज़मसीन पर बनकायके बकाबांस ककी लकड़िसी कके सकाथ, और उसकके बसीच मम एक लसतकारका बनकाएबां ||
2. अब गगडड़ियका कजो लकेकर उसपर उस व्यककत ककी फजोटजो धचपकका दम ||
3. गगडड़ियका कजो और ननम्बद कजो गजोल चक्र कके बसीच मम रख दम || 4. चकाररों मजोमबकततओबां कजो गडग ड़ियका कके इदर्या धगदर्या रख दम और ममॉधचस कके सकाथ जलका लम ||
5. अब आप गजोल चक्र कके सकामनके बहैठ जकाएबां और नसीचके ददए गए मबांत्र कजो 121 बजोलके ||
मबांत्र:
“जग रके वविशतकाबांगड़िका जकाककी कजस मम रहके न जग रके एरबां डका पप्लटी ईदटी सक ग लकायके”
6. अब ककससी भसी मजोमबततसी ककी ललौ मम उस व्यककत कका चकेहरका दके खनके ककी कजोलशश करम और चररों मजोमबकततओबां कजो फबांद क मकार कर बझ ग का दम ||
7. ननम्बद कजो छजोड़ि कर सकारटी सकामगसी कजो ककालके कपडके मम बकाबांधि लम और ककससी विक्ष व कके नसीचके दबका दम ||
8. ननम्बद कजो उस व्यककत कके घर कके पकास फमक दम || 9.सकात ददन कके अबांदर आप उस व्यककत कका प्यकार हकालसल कर पकाएबांगके ||
ध्यकान रखनके यजोग्य बकातम:
1. यह वविधधि शननविकार कके ददन सदयकार्यास्त कके बकाद हटी करम || 2. इस वविधधि कजो एक हटी व्यककत पर बकार बकार इस्तकेमकाल न करम ||
4. इस वविधधि कजो करनके सके पहलके नहकायके जरूर || 5. मबांत्रजो कका उचकारण सहटी ढबां ग सके करम ||
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