hans patrika
हंस पत्रिका उपन्यास सम्राट पे्रमचंद द्वारा स्थापित और संपादित हंस अपने समय की अत्यन्त महत्वपूर्ण पत्रिका रही है। महात्मा गांधी और कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी दो वर्ष तक हंस के सम्पादक मंडल में रहे। मुंशी प्रेमचंद की मृत्यु के बाद हंस का संपादन उनके पुत्र प्रसिद्ध कथाकार अमृतराय ने किया।