Partition and its Aftermath

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www.ijtsrd.com e-ISSN: 2456

How to cite this paper: Krushnalal "PartitionanditsAftermath"Published in International Journal ofTrend in Scientific Research and Development (ijtsrd),ISSN:24566470, Volume-6 | Issue-7, December 2022, pp.10851089, URL: www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd52568.pdf

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International Journal of Trend in Scientific Research and Development (IJTSRD) Volume 6 Issue 7, November-December 2022 Available
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भारत और पाकिस्तान िा किभाजन, िी , , कि । आजभीबंटिारे िे जख्मभरे न।ीं।ैं इसत्रासदीिोहुएपचास िर्ष से अकधि बीत चुिे ।ैं किर भी य। भयानि घटना एि औसतभारतीयिे मनिोिचोटती। डेकनंगकटप्पणीिे रूप में: ; िी किया जाता । ( , - ने " िी " (रेली, ने किभाजन िी : ।त्याओं, , , , किभाजन किभाजन , सदी में लोगोंिािष्टदायीप्रिासनन।ींथा ( ,197)किभाजन िी , , , ने : बहुत सारे लोग जो किभाजन िे आघात से गुजरे थे, झने झ ने झ िट्टरता से क्ोंनष्ट ।ो गया” 01 किभाजन िी खबर से लाखोंपंजाबी और बंगाली प्रभाकित हुए अपने पुश्तनी घरोंसे उखडे और बडे पमाने पर प्रिास िे कलए धिेले गए ये लोग सबसे दयनीय थे प्रिास िे दौरान कितने लोगोंिीकनमषम।त्यािीगईयाकितनीअस।ायमक।लाओंिो िाकिले से अगिाकियागया, मनो।रमालगांििरएबेंडइनदगंगा( आजादी( िी टरेनटूपाकिस्तान( तमस( : पन्निरते ।ैं किभाजन ध्यानदेने योग्यबात य।।किइनउपन्यासोंिे किर्यसमान।ोने िे बािजूदइनिा एक्सपोजर, - टरेनटू पाकिस्तानभारतीयपररदृश्य, आजादीउस स्थथकतसेसंबंकधत।जोकिभाजनिीख़बरोंसेपाकिस्तानमेंपदा हुईथी न।लने आजादीिे िईम।त्वपूणष प।लुओंिोएि।ी सूत्र में कपरोया । उपन्यास भारत पहुंचने िे बाद नरसं।ार, , - िी ने िी किया ।: िे यथाथषिादी उपन्यास िे बजाय अपनी जन्मभूकम िे कलए ( , 10) IJTSRD52568

पढना

InternationalJournalofTrendinScientificResearchandDevelopment@www.ijtsrd.comeISSN:2456-6470 @IJTSRD | UniquePaperID – IJTSRD52568 | Volume – 6 | Issue – 7 | November-December2022 Page1086 , किभाजन ने ने : य। िेिल एि ऐकत।ाकसि घटना िा पुनरािलोिन न।ीं। बस्ि एि ऐकत।ाकसि युग िा एि िल्पनाशील पुनरािलोिन ।; ; झ ; और, , ( , 114) उपन्यास पररदृश्य िे दो।रे प्रकतकनकधत्व िे साथ खुलता । जो शांकतपूणष ितषमान और आगामी तूिानी भकिष्य । लॉडष माउंटबेटन द्वारा भारत िी स्वतंत्रता और किभाजन िी घोर्णा किएजाने िीकचंता। अनाजव्यापारी, िांशीराम किभाजन िी ने ; िो म।सूस िरो बीबी िे किराएदार जब अमरिती ने रेकडयो पर किभाजन िी खबर सुनी तो उन्हें अपने िानों पर किश्वास न।ीं हुआ िे डर से चकित थे: य। क्ा बििास थी कि िोई द।शत न।ीं, , , ! ? ने ? ? किभाजन ? ? ( , 65) उपन्यास िी शुरुआत में, ने झ , िी , रण कदया गया । जो किभाजन से प।लेिे जीिनिोदशाषता।औरइससेउत्पन्नपीडािोबढाता । ना।ल कलखते ।ैं: लाला िांशीराम ने दरिाजे से दूर ति देखा,... िी ... , ने सब उन्होंने और प्रभा रानी ने एि साथ रखा था थोडाने ! ( . 34) बंटिारे िी खबर ने सारी शांकत ब।ा दी इधर लाला िांशीराम उन लाखों लोगों िे प्रतीि ।ैं, नेकिभाजन िे संबंध में इसी तर। िे किचार देते ।ैं जसा कि ि। टालता ।, ; ने ने 1947 किभाजन ने " ( , ) किभाजन िी खबर िूटने से प।ले, , ने ने िांशीराम ने िी किया ।: चौधरी बरित अली लाला िी ओर मुडे िांशीराम और गंभीरता से बोले: ... था, ने िी ( . 107) भले ।ी एि धमषपरायण मुसलमान, अली एि क।ंदू नेता, िी ने " " िी ने िी शुरू ।ोती । और समय िे साथ पररपक्व ।ोती गई और एि मजबूत बंधन में बदल गई कजसे सांप्रदाकयिता से तोडा न।ींजा सिता खेलोंमें, ने , ने िी िी िी , ने कचल्लािर
िांशीराम आलोचि।ैं उन्हें इसबातिामलाल।किबंटिारे िीखबरसामनेआनेसेप।ले कजन्ना और ने।रू; , " ( 210 किभाजन ने िी िांशीराम उस समय िे अनेि भारतीयोंिीभािनाओंिोप्रकतकबस्ितिरते ।ैं उनिीस्थथकत िा िणषन कनम्नकलस्खत शब्ोंमें किया गया ।: आस्खर क्ा तोड कदया लाला ने प्रांत में शांकत बनाए रखने िे कलए जनरल रीस िे त।त सीमा बल िी अक्षमता िांशीराम िा कदल था एि
उसे उत्सा।जनिकदशादी (89) मत्रीपूणषिातािरणिाएिअन्यिणषनदश।राउत्सििे उत्सि िे कििरण िे साथ कदया गया । “ ; िी (94 ने िीिांशीराम ने , न्होंने प।ली भार्ा
और कलखना सीखा था और जब कलखने िी बात आई, िी , ने ; ने िी ? ने ने प्राथकमि कशक्षि, ” ( , किभाजन िी, -
InternationalJournalofTrendinScientificResearchandDevelopment@www.ijtsrd.comeISSN:2456-6470 @IJTSRD | UniquePaperID – IJTSRD52568 | Volume – 6 | Issue – 7 | November-December2022 Page1087 अंग्रेज िानून व्यिथथा रखने में असमथष!.... ( ,211) न।ल ने अत्याचार,- िी , से भरा मतलब सामने आया ।: “ ने , … ने , , आज ... स स्वीिृकत िा अथष इन बकनयों िे कलए पयाषप्तरूपसेस्पष्टिरनाथा, " (73) मो।ल्ले में प्रदशषन िरने िी अनुमकत न।ींदी गई, " , !" ' - - ' ' -, -, -... - - 'िी ..."( न्मििणषनिे साथ आगे बढता । कजसने क।ंदू समुदाय
में जोर से और
कजसे ऊपरसेस्पष्टरूपसेसुनाजासिताथा, ,' ! ! ! ! ' , ' नारे लगा र।े थे (77) य। पूरा प्रिरण एि किडंबनापूणष मोड लेता । जब नगर कनरीक्षि इनायतने , िलाए उनिी इच्छा थी कि भीड उनिे घरोंमें आगलगादे औरउनिीसंपकिलूटले दृश्यमेंअराजिताबढ र।ी । ि। कसख िांस्टेबलों और ।िलदारों िो बीम से गेट खोलनेिाआदेशदेिरक।ंदू औरकसखिोअपमाकनतिरनेिी िोकशश िरता । लेकिन अंत में पूरी स्थथकत िो उपायुक्त ने अपने कनयंत्रण में ले कलया उपरोक्तदृश्यउपन्यासमेंघटीघटनाओंिे क्रममेंम।त्वपूणष। क्ोंकि य। किकभन्न समुदायों िे बीच अचानि िडिा।ट िो प्रिट िरता । ना।ल ने राजनीकति नेताओं द्वारा मुस्िम श्रकमििगषमेंिट्टरताऔररूकढिाकदतािागंभीररूपसेलेखाने िी : लीगसष ने सिलतापूिषि उन्हें ' ' ने ने , ने ,, लोग उनिे नेताओं िी िक्तृत्व िला से आसानी से ब।ि जाते थे . ( , 47) किभाजन, , िी ,' िक।ंदू' ' ' अगस्तिे अंतमें, िी िी िी ने िी ने सलमान" , ने " ( ने ने ेे कलएछोडकदयागयाथारेलगाडीसे या िाकिले से पररि।न िे दोनों माध्यमों िो साम्प्रदाकयितािाकदयों ने जमिर कनशाना बनाया सामूक।ि पलायनअक्सरसामूक।ि।त्यामेंबदलगयाक्ोंकिकनदोर्लोग अपनीरक्षािरने में लाचारथे िांशीरामकनराशम।सूसिरते ।ैं: " रिारें भ्रातृघाति युद्ध, ?िी : अगस्त1946 िसंतिे बीचिे नौम।ीनोंमें, , ने ने 6 . , उन्हें उनिे परोंऔर उनिे परोंसे उठाया गया था और उनिे कसरदीिारोंसेटिरागएथे अगरिेबस्ियां थीं, , िी ( , 9) िाकिला ज।ां भी जाता, ने ेाले दृश्य ।ोते पाकिस्तानी सेना िी मदद से जानबूझिर पदल िाकिले पर।मलाकियागया युिकतयोंिे साथबलात्कारऔर अप।रण किया गया मक।लाएं और बिे आसान लक्ष्य ।ोते ।ैं क्ोंकििेशारीररिरूपसेिमजोर।ोते।ैंऔरआत्मरक्षािरने में असमथष ।ोते ।ैं स्मािष स्वन िी कटप्पणी: " , , , , " ( , 12) ने िी िी यथाथषिादी लेकिन सरा।नीय सीकमत तस्वीर दी । ।ालााँकि, : िई अपहृत क।ंदू और कसख मक।लाएं उनिी क।रासत में थीं... , ने िी
में भय पदा किया: डुग िी तुलना
अकधि खतरनाि और
InternationalJournalofTrendinScientificResearchandDevelopment@www.ijtsrd.comeISSN:2456-6470 @IJTSRD | UniquePaperID – IJTSRD52568 | Volume – 6 | Issue – 7 | November-December2022 Page1088 ... - र अपमान िे कलए रखा गया, ( , 293) साम्प्रदाकयि आक्रोश ऐसी बबषरता िो जन्म देता । और इस तर। िी ।िाकनयत िी प।ली और आसान कशिार मक।ला बन जाती । किसी ने ऐसी परेड िो रोिने िी िोकशश न।ींिी थथानीयअकधिाररयों, ने ने में से िई िीमृत्यु।ोगईक्ोंकिभकिष्यिे पासउन्हेंदेनेिे कलएिुछभी न।ीं। दंगोंऔरयुद्धिे दौरानबलात्कारिीदरबढजाती। ब्राउनकमलर मक।लाओंपर हुए अन्याय िे बारे में बताते ।ैं: एि बार ।म मूलभूत सत्य िे रूप में स्वीिार िर लें कि बलात्कार न।ीं।
बन गई शस्क्त कदल्ली पहुंचने िे बाद प्रिासी दूसरी मुसीबतें झेलने िो मजबूर ।ैं. िांशीराम पाकिस्तान से आए शरणाकथषयों िा स्वागत न।ींकिया गया बस्ि उन्हें संदे। और घृणा िी दृकष्ट से देखा गया ये लोग म।ीनों िी िठोर यात्रा िे बाद अपना सब िुछ खो िर भारत पहुंचे थे किर भी भारतीय अकधिाररयों द्वारा उनिे साथ बुरा व्यि।ार किया गया कदल्ली स्टेशन पर पुनिाषसअकधिाररयोंनेलालािे साथदुव्यषि।ारकियािांशीराम और उनसे पूछा: ' ? ' ' ने िी ' ' ? िी ?' (341) स।ानुभूकतऔरिरुणाम।सूसिरनेिे बजाय, ने , ने ने भारत में शरणाकथषयोंिीकदलकपघलादेने िालीतस्वीरपेशिी। इन शरणाकथषयोंिाररश्तेदारोंनेस्वागतन।ींकिया उनिे बचनेिी िोईउम्मीदन।ींबची। य।ां तिकिराजनेताभीशरणाकथषयों िो संगकठत स।ायता प्रदान िरने में कििल र।े: ने।रू िे आिास िे बा।र भारी भीड थी पुकलस किसी िो भी अंदर न।ींजाने देती थी ि।घंटोंइंतजार िरता था... ; ने ... ? ,' ने (345) अरुण और लालिांशी राम ने कदल्ली में ।र उस इलािे िी तलाशिीज।ां िेकिराएपरर।सिते ।ैं लेकिनअसिलर।े ' िांशीराम िेिल इसकलए बदनाम म।सूस िर र।े थे क्ोंकि मांगी गई ररश्वत उनिी ।कसयत से बा।र थी: ' ,' ने ' आपिो एि ररफ्यूजी फ्लट कमल जाता ।...' ' ?' ' ,' ने " (348) मध्यमिगष िे लोगोंिे पूरे िगष िोकबनाकिसीगलतीिे अपनी मातृभूकम से खदेड कदया गया और अब भकिष्य पूरी तर। से अंधिारमयथा ना।लद्वाराकनतांतमूल।ीनतािाकचत्रणकिया गया । लाला ने अपनी मयाषदा खो दी । और उन्होंने पगडी प।ननाछोडकदया। ि।किग्सििपमअपनीईटिीझोपडी
थी, ने उनिीअव्यिथथाऔरजड।ीनतानेउन्हेंअंत।ीनचुप्पीिीओर धिेलकदयाथा लालािांशीरामऔरउनिे पररिारनेबातचीत िा िारण खो कदया । रात भर जागते र।ते ।ैं किर भी एि दूसरे से ददष न।ींबााँट पाते ि।इसिे बारे मेंप्रभारानीयाअरुणसेबातिरनाचा।ताथा य। एि और बबाषदी थी जो आजादी ने िी थी उसने अपने पररिार िे साथ संिाद िरने िी क्षमता खो दी थी ि। अपनी पत्नी या अपने बेटे िे साथ संपिष थथाकपत न।ींिर सिा स्ने। ि।ींथा कचंताि।ींथी उनिे प्रकतउनिासम्मानभीथा किर भी संपिष टूट गया िुछ ने उन्हें अलग िर कदया था न।ीं, (370) भािनाओं िे आदानगकतकिकधयोंमें शाकमलहुएलेकिनिे किभाजनिे दुखोंिो न।ींभूल सिे ि। अिेले र।ना पसंद िरता ।, - ने : िे सभी एि प्रिार िे अस्स्तत्वगत अिेलेपन से पीकडत ।ैं... , , , , दोस्तों और ररश्तेदारों िी ।ाकन, िी िी िी ... ( ) ( ,
तिष।ीन, , िासना, झ , , कगरािट और िब्जे और भाग िा of a , ने और भय िो प्रेररत िरें... ( , 324) इस प्रिार, किजेताओं िे कलए अपनी मदाषनगी िा दािा िरने िा एि उपिरण
में एि गलािाट प्रकतयोकगता िे दबाि में एि छोटी सी किराने िीदुिानशुरूिरता। सुनंदा, गररमािा जीिन जीती

न्यूयॉिष: साइमन एंड शूस्टर, 1975. झा, मो।न " चमन ना।लिाआजादी:प।चानिीखोज"तीनसमिालीन उपन्यासिार एड धिन,आरिे नईकदल्ली:क्लाकसिल पस्िकशंग िंपनी, 1985

[3] झा, मो।न. " चमन ना।ल िा आजादी : प।चान िी खोज"तीनसमिालीनउपन्यासिार एड धिन,आरिे नई कदल्ली: क्लाकसिल पस्िकशंग िंपनी, 1985

[4] माथुर, ओपी " चमन ना।ल "भारतीय अंग्रेजी उपन्यासिार - आलोचनात्मि कनबंधों िा संिलन मधुसूदन प्रसाद (संपा .). नई कदल्लीीः स्टकलिंग पस्िशसष

[5] मोिे, कब्रकटशराजिे अंकतमकदन लंदन: ,

[6] नाईिर, बसिराज " आजादी में किभाजन िा आघात " अंग्रेजी में आधुकनि भारतीय लेखन: म।त्वपूणष प्रकतकक्रयाएाँ कदल्ली: अटलांकटि प्रिाशन, 2009 [7] राकजमिाले,शरद."किभाजन,भार्ाऔरभारतीयअंग्रेजी लेखि" अंग्रेजीमेंसाक।त्यमेंअध्ययन ईडी रे,मोक।त, िे. िॉल्ूम 14. नई कदल्ली: अटलांकटि प्रिाशि, 2011

InternationalJournalofTrendinScientificResearchandDevelopment@www.ijtsrd.comeISSN:2456-6470 @IJTSRD | UniquePaperID – IJTSRD52568 | Volume – 6 | Issue – 7 | November-December2022 Page1089 इस प्रिार ना।ल ने किभाजन िे मनोिज्ञाकनि प्रभाि िो िलात्मिरूपसेप्रकतकबस्ितकिया। स्वतंत्रतानिेिलअपने साथ नरसं।ार, , , , इिट्ठा िरने और व्यिस्थथत िरने में अपना पूरा जीिन लगा देता । किर भी, ने , :- चक्करदारचक्करउपन्यास िे माध्यम से लगातार जलते प्रेम और स।ानुभूकत िे शाश्वत मानिीय मूल्ों िी सिेद लौ और व्यस्क्तगत िारषिाई िी आिश्यिता और िलदायीता िे साथ समाप्त ।ो जाते ।ैं, ( , 90) कनस्संदे।, िाझिाि' ' िी िी िी , संदर्भ: [1] ना।ल, चमन आजादी नई कदल्ली:
पेपरबि.1988.कप्रंट [2] ब्राउनकमलर,
ओररएंट
एस.अगेंस्टअिरकिल:मेन,िीमेनएंडरेप

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