Ek Geet By Lata Haya
मै हहिंदी की वो बेटी हु, जिसे उदू द ने पाला है ।
www.literatureguide.in
मै हहिंदी की वो बेटी हु, जिसे उदू द ने पाला है , अगर हहिंदी की रोटी है , तो उदू द का ननवाला है । मुझे है प्यार दोनों से, मगर ये भी हकीकत है , लत्ता िब लड़खडाटती है , तो हया ने ही सिंभाला है ।
मै िब हहिंदी से ममलती हु, तो उदू द साथ आती है , मै िब उदू द से ममलती हु, तो हहिंदी घर बल ु ाती है । मुझे दोनों ही प्यारी, मै दोनों की दल ु ारी हु, इधर हहिंदी सी माई है , तो उधर उदू द सी खाला है ।
यही की बेहटयािं दोनों, यही पर िन्म पाया है , मसयासत से इन्हे हहन्द द और मुजललम क्यों बनाया है । मझ ु े दोनों की हालात, एक सी मालम द होती है , कभी हहिंदी पर बिंहदश है , तो कभी उदू द पर ताला है ।
भले अपमान हहिंदी की, या तौहीन उदू द की,खद ु ा की है कसम मुझको, हरगगस हया ये सह नहीिं सकती। मै दोनों के मलए लड़ती और दावे से कहती हु, मेरी हहिंदी भी उत्त्त्तम है , मेरी उदू द भी आला है ।