म छर म थलेश आ द य
म छर क कमजोर समाज
ऊपज और परव रश को दे खकर आदमी हमेशा से
इसक करता आ रहा है ह या
साथ ह आरो पत के लहजे म कहता है
अथात ्
म छर, आदमी के सारे काय पर
आदमी क मान सकता समझ कर
ण कर
कान के पास आकर रा
भि त गीत गन ु गन ु ाता है
मन — मि त क को जाग क करना चाहता है ईमानदार के साथ होने के लए
क—
म छर खून पीकर
फैलाता है — मले रया, फले रया, डगू और कई तरह क बमार याँ
रा
ेम, समाज
और आदमी के
त
यार बढ़ाना चाहता है
और कहता है
और वा
न चैन से सोने दे ता है
पर अफशोस
न चैन से जगने दे ता है
और इसका छोटा — सा कद को दे खकर
क — यह
य के
त करता है सचेत
और
म छर क छोट — सी द ु नयाँ
कान के पास आकर
इस पर
आदमी इनसे है दःु खी
इसक कोई इ जत नह ं है
म छर क ऐसी समाचार जानकर
पहचानना नह ं चाहता है
बेवजह भन भनाता है
आज से म —
म छर पर शोध करने लगा हूँ — म छर के
त संवेदनशील हो गया हूँ —
म छर का चंतन — वभाव —
कम — वभाव को पहचान रहा हूँ क म छर
खून नह ं पीता, खून जाँचता है क—
आदमी के रगो म रा
ेम, समाज
और आदमी के
त
खून दोड़ता है या नह ं — सेवा भाव है या नह ं —
कसी क अ छ नगाह नह ं है
इसके गण ु ी वभाव को
सीखना नह ं चाहता है ... ... स पक सू : –
रानीगंज , मेर गंज : ८५४ ३३४
िजला : अर रया ( बहार ) भारत E-mail : mithileshadityabihar@gmail.com