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डॉ. भान काश
डॉ. भान काश डॉ. बी.सी. मंडल डॉ. अिभलाषा डॉ. सििया साद
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डॉ. भान काश1, डॉ. बी.सी. मडल2, डॉ. 3 4मज लता , डॉ. अिभलाषा 5एव डॉ. सििया साद
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2एम.वी.एस.सी. छा, ायापक, 3सहायक –ायापक, 4,5एम.वी.एस.सी. छाा, पश पोषण िवभाग, पश िचिकसा एव पशपालन िवान महािवालय, गोवद बभ पत किष एव ौोिगक िविवालय, पतनगर-263145, उराखड
भारत एक किष धान दश ह। यहा की 70 ितशत आबादी किष एव किष सबिधत स ही अपनी आमदनीाकरतीह।मगपालनइनमसएकह। मगय क पालन क यवसाय को मग पालन या कटपालनकहतह।मगपालनककईफायदह। मग पालन यवसाय बहत ही कम लागत म श िकया जा सकता ह, इसक िलए बड़ी जगह की जरत नह होती, मग पालन कम समय म ही बहत आमदनी दता ह, यह आय और रोजगार क अवसर ा कराता ह तथा इसक िलए बक स आसानी स ऋण िमल जाता ह। मग पालन अय पशपालन स सरल भी ह।यह यवसाय पहले अनुभव क िलए छोट प म ारभ करना चािहए, िफरधीर-धीरबढ़ानाचािहए।मगयसअडे,चजव मासाहोताह।।इसलेखमहममयतःमासक िलएपालीजानवालीमगयकबारमबताएग।
मग पालन क िलए आवास
मग पालन को यावसाियक तर पर करन क िलए आरामदायक एव सरित आवास की आवयकताहोतीह।मगकघरकोआबादीसदर तथाखले थानपरबनायाजाना चािहए। यहथानढलानवालाहोनाचािहए.िजससमगघर क आस पास पानी जमा नह हो सक। हवा एव धप वश क िलए मग घर का दिण अथवा पव भाग खलारखाजाना चािहए। मग मगय क रहन क थान ऐस होन चािहए जहा हवाकावशहोसक,परतवष,ठडीएवगमहवा क झको स बचाव हो सक, एक मग/ मग क िलए कम स कम पौन दो वग मीटर जगह दड़बे क अंदर िमलनी चािहए। इसक साथ बाहर खले बाड़े म ढाई स पौन तीन वग मीटर जगह पड़ पौध की छाया का होना आवयक ह। अय जानवर स बचाव क िलए बाड़े क चार ओरतारकजाली का घेरा भी रखा जाता हजो ायः एक सडढ़ मीटर तक ऊँचा होता ह। दड़बकोबदकरनकिलएदरवाजाऔरउनकनीच तारकीजालीलगातह।कछआवासथानसदसर थान पर ले जाए जा सकत ह, िजह चल आवास कहतह।
बाड़ का आकार
ायःबाड़े कीलबाई12मीटरऔरचौड़ाई6मीटर रखीजातीह।यहमगयकघमनिफरनऔरउनक दड़ब क िलए पय होता ह। यह मग खाना ईट, लकड़ी या धातका भी बनाया जा सकता ह। बहतठडी,जगहकिलएईटकामगखानाहीठीक होता ह। जहा मौसम खराब रहता ह और पानी खब बरसताह,वहाधातकहवादारमगखानबनातह। मग घर िनमण क िलए पजरा णाली अथवा डीपिलटरणालीयकीजातीह।कमसयाम मगपालनकिलएपजराणालीएवयावसाियक तर पर पालन क िलए डीप िलटर णाली उपयु रहती ह।
मग घर की सफाई व दखभाल
मगय का भोजन
मगय क िलए भोजन चयन करत समय उसम काबहाइट,ोटीन,वसा,िवटािमस,खिनजलवण, जलआिदकीमााकािवशषयानरखनाचािहए। मगय क िलए भोजन मयतः पीली मा, जौ, मगफली की खल, गह की चापड़, चावल की कदा, वार, शीरा, मछली का चरा, सगमरमर क ककड़, खिनजलवणआिदिनितमाामिदएजानचािहए। मीटकउपादनकिलएपालीजानवालीमगयको अलग-अलग समयाविध म अलग-अलग तरह क राशन िदए जात ह।1 िदन स 7 िदन तक ी टाटर राशन,7स21िदनतकटाटरराशन तथा 21िदन स6-8हततकिफिनशरराशनिदयाजाताह। अड क िलए पाली जान वाली मगयको जम स 9 हत तक लयर मगय को टाटर राशन िदया जाता ह। 9 हत स 15 हत तक मगय को ोवर राशन िदयाजाताह।16स20 हततकमगयकोी-ले राशन िदया जाता ह। लेयर राशन करीब 20 हत की आय स दना श िकया जाता ह।अड क िलए पाली जान वाली मगय क राशन म लगभग 16% ोटीन और अितिर कशयम िमलाया जाता ह िजससमगयकअडकाखोलमजबतरहताह। भोजन दन का समय भी िनित रखना चािहए, ातःकाल भोजन म दान का आधा भाग दना चािहए.11-12बजहरीघास,सजयाकटकड़े दत ह.दानकाशषआधाभाग तीन चार बज िदया जाना चािहए।
मगय म डीविमग व टीकाकरण
आ जाती ह, िजसकी रोकथाम क िलए मगय को िपपराजीन, मेबडाजोल या एबडाजोल द जो िक बाजार म नॉक-4 5 , वरिमन पाउडर और अबोमार नाम स उपलध ह। 2 0 स 3 0 िमलीलीटर अबोमार को पानी म िमलाकर 100 मगय को द। बाहरी अग म जू, घन, िपस क कारण मगय क शरीर म खजली होन लगती ह िजसकी रोकथाम क िलए गमगजीन, डीडीटी या मलाथायोन की कर मगय म िवषाणओं एव जीवाणओं स होन वाली िविभ बीमािरय स बचान क िलए समय-समय पर टीक लगवाना जरी ह। यह टीक मगय क पानी म िमलाकर इनको िपलाए जा सकते ह या िफर उनकी चमड़ी कनीच लगाए जा सकते ह।
मगय म होन वाल िविभ रोग अितसार या दत
यह बीमारी अिधकतर दाना चारा खराब दन क कारण या िफर िवषाणु, जीवाण ु या परजीवी क समण क कारण होत ह। ऐसी पिरथितय म सफागअनीदीन/ सफमथजीन या िथयज़ोल की आधी िटिकया पीनवालपानी म घोलकर िदन म दो बार द। खूनी दत की पिरथितय म 0.5 ाम नबलोन पाउडर पानी म घोल कर द। अगर दत हर रग की होती ह तो मगय को बाईफरान या फरसोल का 1 ाम पाउडर 1 लीटर पानी म िमलाकर एक हते तक द।
सद और जखाम
बबलफट
कई बार पज की गी या उगिलय क बीच म फोड़े होन क कारण मगया लंगड़ान लगती ह, इसी को बबलफट कहत ह। ऐसी पिरथित म मगय की गी एव उंगिलय को बोिरक एिसड या नमक को गम पानी म डालकर िसकाई कर। अगर उंगिलय क बीच म मवाद बन जाता ह तो चीरा लगाकर, मवाद िनकाल तथा बीटाडीन स ेसग कर। घाव को जदी भरन क िलए जीवाण नाशक मलहम जस बीटाडीन, लोरकसन या सोामायिसन का इतेमाल कर।
गुदा का घाव
एग ॉप सोम
इसरोगकापहलालणपीली-खोलवाले अडका उपादन होता ह, इसक तरत बाद नरम-खोल वाले और िबना खोल वाले अड का उपादन होता ह। खोल म बदलाव दखन स पहल क िदन म िणक सती दखी जा सकती ह।भािवतमगया क झंड अंड क चरम उपादन तक पहचन म िवफलता िदखाते ह। अंडा उपादन म 40 फीसदी तक की िगरावट आ सकती ह। भािवत मगया िणक दत, एनीिमया और भख न लगना िदखा सकती ह।इस बीमारी क िनवारण क िलए मगय म टीकाकरण एववछता जरी ह।
पोषण सबधी रोग
मगय क आहार म पोषक तव एव िवटािमन की कमी होन स मगय म िविभ लण दख जा सकत ह। िवटािमन ए की कमी होन स मगय का वजन िगरन लगता ह और पख झड़न लगत ह, आख स पानी आन लगता ह और यह कमी जारी रहती ह तो मग अधीभीहोसकती ह। िवटािमन डी की कमी होन स चजो म िरकस और वयकमगयमऑटयोपोरोिससनामकबीमारी हो जाती ह िजसस हिया कमजोर हो जाती ह, चजो की वृि क जाती ह और टाग कमजोर हो जातीह िजस सचजसही सचल भी नह पाते। िवटािमन ई की कमी स चजो म मतक सबधी िवकारहोजातह। िवटािमन क की कमी स र जमावट म कमी हो जातीहऔरइससआतिरकरावहोसकताह। बढ़ती मगय म, िवटािमन बी 12 की कमी स वजन कमहोताहऔरभोजनकासवनकमहोताह,साथ हीखराबपखऔरतिकासबधीिवकारहोतह। यवा बढ़त पिय क आहार म कशयम या फॉफोरस की कमी स हिय का असामाय िवकासहोताह। िनयािसन की कमी स वचा और पाचन अग म गभीर िवकार हो सकत ह।शआती लण आमतौर पर भख म कमी, मद िवकास, सामाय कमजोरीऔरदतहोतह। जब खराब ससािधत मछली क भोजन का उपयोग िकया जाता ह तो थायिमन की कमी हो सकती ह, यिकउनमिथयािमनजएजाइमहोताह।पियम थायिमन की कमी वाला आहार खान स भख म उेखनीय कमी दखी जाती ह। कट यूरोमकलर समयाओं क िलए भी अितसवदनशील होते ह, िजसक पिरणामवप िबगड़ा हआ पाचन, सामाय कमजोरी, टारगजग और बार-बार आप होता ह। ऐस लण म मग क आहार म िवटािमन एव खिनज सीमट िमलाए। अगर बीमारी िफर भी सही ना हो तो मगय को अपन िनकटतम पश िचिकसककोिदखाए।