HINDI BOOK_DIVINE SERPENT POWER_KUNDALINI AWAKENING

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लेखक: अंतरराष्ट्रीय गायत्री परिरवार के संस्थापरक आचायर श्रीराम शर्मार एक महान योगी शर्ंकराचायर और भगवान के अवतार थे िजिन्होंने िवश्व कल्याण और शर्ांित के िलए आध्याित्मक िवषयों परर मख् ु य रूपर से वैज्ञािनक सािहत्य की मात्रा िलखी थी. के िलए और अिधिक वैज्ञािनक ई सािहत्य pls http://www.shriramsharma.com/ www.awgpestore.com http://www.dsvv.ac.in/ www.akhandjyoti.org यात्रा और http://www.awgp.org/ िववरण: चक ध्यान - ESP, Nirvikalpa समािधि या मुफ्त ट्रांस बनना Ridhi - Sidhis या ईश्वरीय ऊर्जिार, भिवष्य वैज्ञािनक धिमर, सुपरर ऊर्जिार गायत्री िवज्ञान और कंु डलिलनी योग को सहसंबद न्यूरोसाइंसेस - ESP, Endocrinology, एनाटॉमी, मनोिवज्ञान और सोचा ई परुस्तके 1) सामग्री और आध्याित्मक समिृ द और 2) दिु नया एक

परिरवार के रूपर मे शर्ांित से एकजिुट करने के िलए समाजिशर्ास्त्र. एक खूबसूरत अनविधि दिु नया: हमारा एक सख्ती गैर वािणिज्यक वेबसाइट है जिो उम के महान नेताओं और दिु नया के िवचारकों के परुराने सपरने को साकार करना है . कीवडलर: कंु डलिलनी योग गायत्री e-िकताबे अल्ट्रा साउं डल टे िलपराथी parapsychology

तत्वमीमांसा िनिवरकल्पर समािधि प्रदष ू ण योग तंत्र िफिल्मे इंटरनेट सम्मोहन परािरिस्थितकी ज्योितष आयुवेद किल्क bioelectricity सजिररी परराबैगनीिकरण ओजिोन रडलार तनाव रचनात्मकता परुरातत्व िसंधिु घाटी सभ्यता ईंधिन संकट भोजिन की कमी सन ु ामी जिीवनी गुर िवश्व शर्ांित मन मानस दे वता सूक्ष्म तंिकात्रका चेतना आत्मा पररमात्मा ट्रान्स endocrine ग्रंिथयों ESP चक plexus ध्यान एकाग्रता बुिद भिवष्यवाणी Cheiro Nostradamus अरिवंद आनंद मिस्तष्क वेद सौर सय ू र की ऊर्जिार परिवत्र शर्द ु इंिद्रियों प्राण अवतार उपरिनषद प्रकाशर् सेल hypothalamus परीयिू षका परिरवतरन भिवष्यवादी

भिवष्यवाणी नािगन शर्िक्त जिीवन मानव नैितकता अखंडलता चिरत्र वेगस तंत्र Mooladhar पररमाणु न्यट्र ू ॉन सोच सोचा प्रोटोन समर्पणर्पण

पणिरिचय

एक अध्याय - एक NIVERSAL रिाष्ट की दे वी नाग िबिजली

अध्याय दो - सपण ु रि िदव्य शक्तियोक्तियो गायत्री सािवत्री औरि कंु डलिलनी कहा जातिा है


अध्याय तिीन - कंु डलिलनी पणूजा के मर्ाध्यमर् से जीवन शक्तियोक्ति का आग जलाने

चारि अध्याय - आत्मर्ा िवज्ञान की पणूजा िविध के रिहस्य दशक्तर्पन

पणांच अध्याय - योग के रिहस्य औरि Sidhis का गल ु दस्तिा

अध्याय छह - कंु डलिलनी ऊर्जार्प के पणाँच धारिाओं यानी की पणांच चेहरिे

साति अध्याय - जीवन शक्तियोक्ति ऊर्जार्प के शक्तरिीरि यह मर्ानव शक्तरिीरि कंकाल है

आठ अध्याय - चेतिना के सागरि छह चक्रो के बिैग मर्े ensnared

अध्याय नौ इस शक्तरिीरि मर्े 7 रित्नो का वॉल्ट का गोदामर् है

अध्याय दस - कंु डलिलनी शक्तियोक्ति के क्षेत्रािधकारि के अंतिगर्पति BRAHMIC चेतिना की गिति​िविधयां

ग्यारिह अध्याय - दे वी कंु डलिलनी, Mooladhar चक्र मर्े समर्ाया रिहने वाला

बिारिह अध्याय - कंु डलिलनी --- जीवन शक्तियोक्ति ऊर्जार्प के एक तिीव रूपण


अध्याय तिेरिह - यह आसान करिने के िलए ले, लेिकन मर्ुियोश्कल है करिने के िलए दे

चौदह अध्याय - िदव्य शक्तियोक्तियो कंु डलिलनी शक्तियोक्ति के चक्र पणिरिवारि मर्े अपणनी जड़ो की है

पणंद्रह अध्याय - FEMALE ...... SERPRENT उत्थान िदव्य शक्तियोक्ति जागरिण

अध्याय सोलह - एक नई रिचना के िलए आध्याियोत्मर्क PRACTISES

अध्याय सत्रह - एक रिाष्ट के कंु डलिलनी के पणिरिवतिर्पन की िविध

अठारिह अध्याय - कंु डलिलनी तिपणस्या की गहरिी आयाति औरि आवश्यक मर्ागर्पदशक्तर्पन

का सम्मर्ान पणाठको के िलए एक अपणील

पणावतिी हमर् बिहुति ही श्री आभारिी है. इंटरिनेट पणरि अपणने ई - बिुक को डलालने के िलए प्रणव एन CURUMSEY. हमर् भी िमर्सेज धन्यवाद. Varsha पणी. तिलपणदे अमर्ेिरिका पणुस्तिक का एक कंप्यूटरि िडलस्क बिनाने मर्े मर्दद के िलए.

Dedi CA tion


मर्ै दे वी भगवतिी औरि जगद्गुर श्रीरिामर् को झुकना िफिरि औरि िफिरि मर्ै अपणने कमर्ल पणैरिो पणरि झुकना.

एक मर्ाँ की तिरिह तिुमर् हमर्े पणीछे औरि एक िपणतिा की तिरिह आपण हमर्े रिास्तिा िदखाने के िलए. मर्ै तिमर् ु हे गुरू िवश्वास औरि िदव्य ज्ञान के साथ नीचे, धनुष.

भगवान की तिरिह दिु नया की मर्ाँ है औरि श्रीरिामर् दिु नया के गुरू है . मर्ै दोनो के पणिवत्र पणैरिो को नीचे धनुष क्योिक वे िवश्वास औरि िदव्य ज्ञान के भरिे हुए है.

मर्ै आपण हे गरू ु , जो गायत्री के एक प्रिति​िनिध है नीचे धनुष. उनकी nectarine शक्तब्दो सामर्ग्री दिु नया के जहरि को नष्ट.

उन दोनो ने असंभव को संभव करि सकतिे है, वे के िलए रिवाना तिीव बिाधाओं वाडलर्प शक्तियोक्ति है . मर्ै तिुम्हे करिने के िलए नीचे धनुष जो मर्हाकाल प्रकट है औरि जो एक है जो इस युग बिदलना होगा है .


हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु यग ु ऋषिष श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प आचायर्प जो गायत्री - मर्ैिनफ़ेस्ट शक्ताश्वति है औरि ियोजसका nectarine शक्तब्दो को इस दिु नया के िवष को नष्ट करिने के िलए हमर्ारिी िवनम OBESIANCES.

गुरू औरि गायत्री

सभी अनुभवी लोगो को एक सच्चाई केवल अथार्पति प्रचारि. भगवान एक है औरि है िक उसे अनुभव करिने के

िलए केवल एक रिास्तिा है जो भगवान की िशक्तक्षाओं को समर्झने औरि उन्हे एक दै िनक जीवन मर्े imbibing शक्तािमर्ल है . अभी तिक सकल, सामर्ग्री दिु नया मर्े एक पणूरिी तिरिह से अलग कुछ दे खतिा है . हमर् िविभन्न नामर्ो

औरि इस दिु नया के रूपणो के रूपण मर्े िचंितिति है के रूपण मर्े दरिू के रूपण मर्े मर्तिभेदो को दे खतिे है. इस दृश्य अंतिरि की

वजह से अलग अलग रिाय आगे डलाल रिहे है जो अंतितिः कड़वा झगड़े औरि strifes नेतित्ृ व. िनियोश्चति रूपण से हमर् स्वीकारि करितिे है िक उन जो लड़ पणूरिी तिरिह से पणरिमर्ेश्वरि का वास्ति​िवक स्वरूपण से अनिभज्ञ है होगा. औरि यह भी मर्तिलबि है िक इन झगड़ालू लोगो को एक सच्चे गुरू (गुरू) जो एक इस अंतिरि दृियोष्टकोण पणरि काबिू पणाने

औरि हमर्े सच है िक भगवान ियोजसमर्े है िक िनरिपणेक्ष िसद्धांति मर्े बिहाल करिने के िलए वहाँ केवल एकतिा औरि कोई मर्तिभेद नहीं है मर्दद नहीं िमर्ल सकतिा है . आगे यह भी मर्तिलबि है िक अगरि हमर् इस सामर्ग्री दिु नया मर्े

एक गुरू नहीं िमर्ले है हमर् गायत्री मर्हामर्ंत्र जो गर ु - मर्ंत्र प्रकट है के मर्ाध्यमर् से हमर्ारिे भगवान को प्राप्ति करि सकतिे है सकतिा है . यह एक आध्याियोत्मर्क साधक के नामर् के आधारि पणरि मर्तिभेद, फिामर्र्प, पणूजा के िविभन्न

तिरिीको पणरि काबिू पणाने के के रूपण मर्े एक आत्मर्ा (ईश्वरि) पणूरिे ब्रह्मर्ांडल सवर्पव्यापणी की िदव्य ज्ञान प्राप्ति करिने के

िलए मर्दद करितिा है . हमर् सभी को इस बिारिे मर्े जागरूक करि रिहे है. गायत्री मर्हामर्ंत्र के अनुसारि: भगवान कहाँ है ? जवाबि है "ओमर् Bhur Bhuva Sva" ियोजसका अथर्प है भगवान पणथ्ृ वी, आकाशक्त औरि कॉियोस्मर्क अंति​िरिक्ष


pervades. आपण उसे क्या कहतिे है? वह िलंगो के अंतिरि से पणरिे है यानी वह न तिो एक पणुरष औरि न ही एक

मर्िहला है . वह सभी के नामर् औरि रूपणो से पणरिे है . उसका स्वभाव क्या है औरि आपण उसे कैसे प्राप्ति करितिे है?

(जैसे Savitur Varenyam, Bhargo Devasya Dhimahee). वह िदव्य प्रकाशक्त है औरि आसानी से प्राप्य है . उसके साथ हमर्ारिे िरिश्तिे क्या है ? (जैसे Dheemahi) उसे अपणनी मर्ानिसकतिा मर्े िदव्य चमर्क के रूपण मर्े

आत्मर्साति. प्राथर्पना - इसका उपणयोग क्या है ? (Dheeyo Yona Prachodayat). भगवान हमर्ारिे intellects उत्पणन्न हो सकतिा है मर्हानतिा की रिाह पणरि चलना.

िकसी भी सक्षमर् गर ु हमर्े इस चमर्कदारि सत्र ू की मर्दद के साथ (भगवान) दे वत्व की ओरि नेतित्ृ व का प्रयास

करि सकतिे है. इस प्रकारि गायत्री मर्ंत्र भी हमर्े इस िदव्य प्रेरिणा दे तिा है औरि साथ मर्े यह जो वास्तिव मर्े प्रयास इस िदशक्ता मर्े एक गुरू के पणास उन लोगो की तिरिह िदव्य शक्तियोक्तियो िदया जातिा है के साथ. प्राचीन काल से

सही पणिरिणामर् के रूपण मर्े यह सबि सांप्रदाियक मर्तिभेदो से पणरिे चला जातिा है औरि इसिलए एक गर ु मर्ंत्र के रूपण मर्े स्थािपणति है .

ध्यान दे करिने के िलए एक औरि बिाति

गायत्री 2 भागो अथार्पति से बिना है . समर्लैिगक (मर्हत्वपणूणर्प बिल) + ित्र (संरिक्षण). गायत्री है , जो िक हमर्ारिे

जीवन शक्तियोक्ति की रिक्षा. प्रश्न जबि एक सरिु क्षा की तिलाशक्त करितिा है के रूपण मर्े उठतिा है ? यह बिहुति स्पणष्ट है िक जबि एक भक्ति एक बिड़ी समर्स्या मर्े शक्तािमर्ल है वह प्राथर्पना के मर्ाध्यमर् से सरिु क्षा चाहतिा है . उन समर्स्या है

िक एक सरिु क्षा की तिलाशक्त करिने के िलए मर्जबिूरि करि रिहा है क्या करि रिहे है? एक गायत्री से सुरिक्षा जो िदव्य चेतिना का मर्ौिलक ऊर्जार्प है जबि की तिलाशक्त करितिा है ? जबि चेतिना भावना 5 तित्वो से बिना अंगो मर्े बिहतिी है

यह गितिशक्तीलतिा की शक्तियोक्ति िमर्लतिी है . इसमर्े कोई शक्तक नहीं िक उन्हे हमर्ारिी इंिद्रयो मर्े ऊर्जार्प के प्रिति जागरूक प्रवाह मर्े गितिशक्तीलतिा अभी तिक लातिी है एक प्राथर्पना करितिी है िक vileness की िदशक्ता मर्े ले जाने के बिजाय इंिद्रयो पणिवत्रतिा की रिाह पणरि बिहना चािहए. क्योिक इंिद्रयां प्रकृिति मर्े िनियोष्क्रय रिहे है, वे सभी िदशक्ताओं मर्े

भटका करितिे है. हमर्ारिे शक्तरिीरि मर्े आत्मर्ा भूल िक सच्ची खुशक्ती जीवन शक्तियोक्ति मर्े ही मर्ौजूद है . इस खुशक्ती के िलए िवश्वास है िक इंिद्रयो अपणने नौकरि है औरि इसे िनयंित्रति क्या बिाहरि सेट को िनयंित्रति करिने के िलए करिने के

बिजाय, यह अपणने आपण मर्े यह द्वारिा िनयंित्रति हो जातिा है जातिा है . यह एक पणिरिणामर् है जो हमर्ारिे मर्हत्वपणूणर्प बिल उत्तिेियोजति हो जातिा है , जबि​िक सुरिक्षा की मर्ांग के रूपण मर्े है िक बिहुति समर्स्या है .


गायत्री िवज्ञान हमर्े इस भ्रमर् से बिचातिा है . रित्नाकरि, धव ु , प्रहलाद, अंगुिलमर्ाल तिीव मर्हत्वपणूणर्प बिल िविकणर्प.

गरू ु इन आत्मर्ाओं को जो अन्यथा एक गलति िदशक्ता मर्े भटक रिहे थे, या यह भी कहा जा सकतिा है िक शक्तरू ु से

ही अपणने भ्रमर् से बिंद warded था के िलए एक उिचति िदशक्ता दे दी है . आिद शक्तंकरिाचायर्प हमर्ेशक्ता इस तिरिह से गरू ु visualizes. औरि इसिलए इस तिरिह के एक गरू र्प ु "हमर्ेशक्ता गायत्री प्रकट रूपण मर्े ", शक्तंकरिाचायर्प िवनमतिापणव ू क धनष ु बिल ु ा गरू ु के िलए नीचे.

हमर्ारिे अच्छे भाग्य

अगरि हमर् इसे सत्य के प्रकाशक्त मर्े गवाह तिो हमर् एहसास होगा िक हमर् उन असाधारिण भाग्यशक्ताली लोगो को जो गायत्री औरि गायत्री के रूपण मर्े एक गर ु मर्ंत्र के रूपण मर्े गुर (गरू ु ) हािसल की है .

अपणने आपण से आध्याियोत्मर्क चाहने वालो के िकसी अन्य मर्ंत्र की तिरिह गायत्री मर्ंत्र का लाभ उठा सकतिा है . लेिकन इस युग मर्े यह केवल हमर्ारिे श्रद्धेय गुरदे व यानी युग ऋषिष श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प आचायर्प, जो िलए हमर्े एक

अिखल encompassing उपणदे शक्त के मर्ाध्यमर् से भगवान से संबिंिधति करिने के िलए यह आसान बिना िदया है . इस प्रकारि यह हमर्ारिा सौभाग्य है िक हमर् गायत्री मर्ंत्र के रूपण मर्े गुर मर्ंत्र िमर्ल गया है .

उसी तिरिह गायत्री जो हमर्ारिे गुर भी है , आसानी से एक औरि सभी से प्राप्य है . गायत्री पणिरिवारि के सदस्यो को पणूरिी तिरिह से अच्छी तिरिह से पणतिा है िक गायत्री अथार्पति के मर्हान भक्ति पणतिा. मर्हात्मर्ा आनंद स्वामर्ी हमर्ेशक्ता

तिनाव है िक हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू गायत्री से अिवभाज्य है . अथर्प दोनो गायत्री औरि हमर्ारिे गुरू एक दोनो के भीतिरि औरि िबिना करि रिहे है. स्वामर्ी आनंद आयर्प समर्ाज के एक सदस्य था. वह अत्यिधक आयर्प समर्ाज मर्े

प्रिति​ियोष्ठति िकया गया था. स्वामर्ी आनंद 25 साल से हमर्ारिे गर ु दे व के िलए विरिष्ठ था. अभी तिक वह हमर्ेशक्ता हमर्ारिे गर ु दे व (श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प आचायर्प) जो केवल छोटी उम मर्े नहीं था, लेिकन यह भी एक गह ृ स्थ औरि नहीं था एक सन्यासी (िभक्षुक) को झक ु ना होगा. इसमर्े कोई शक्तक नहीं स्वामर्ी सनातिन धमर्र्प के एक श्रद्धेय

आंकड़ा गायत्री एक औरि सभी के िलए िदया जा रिहा मर्ंत्र के अस्वीकृति Karpatri, वह अभी तिक गायत्री

पणिरिवारि के सदस्यो मर्े से एक बितिाया था िक श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प आचायर्प इस यग ु मर्े गायत्री का िपणतिा है . अपणने पणरिू े

जीवन के िलए वास्तिव मर्े वह गायत्री के उपणदे शक्तो के अनस ु ारि कामर् िकया औरि जबि वह अपणने गायत्री जयंतिी


के िदन पणरि नश्वरि कंु डलल दी वह गायत्री मर्े िवलय करि िदया. इसिलए यह वास्तिव मर्े हमर्ारिे मर्हान सौभाग्य है गायत्री के इस तिरिह के एक मर्हान प्रितिपणादक के साथ जड़ ु ा हो.

आिद शक्तंकरिाचायर्प ने एक शक्ताश्वति गुरू के रूपण मर्े गायत्री पणरि हमर्ेशक्ता दे खा उसे नीचे झुकाया. सनातिन का अथर्प है जो िक शक्तरिीरि, स्थान औरि समर्य के द्वारिा सीिमर्ति नहीं िकया जा सकतिा है . यहां तिक िक हमर्ारिे श्रद्धेय गुरदे व खुद के बिारिे मर्े इस तिरिह बिाति की. उन्होने ने कहा िक जो लोग िदव्य ऊर्जार्प औरि नहीं एक सीिमर्ति

मर्ानव शक्तरिीरि के रूपण मर्े मर्ुझ पणरि दे खो मर्ेरिे सच्चे प्रकृिति की िनकटतिा प्राप्ति होगा. इसिलए उन्होने यह भी

कहा िक मर्ेरिे शक्तरिीरि की एक मर्ूितिर्प बिनाने के िलए नहीं है . के बिजाय एक लौ मर्शक्ताल िफिरि से हािसल करिना है

जो पणरिमर्ेश्वरि औरि एक दीियोप्तिमर्ान, िदव्य बिुिद्ध मर्े गहन िवश्वास का प्रिति​िनिधत्व करितिा है . उन्होने आगे की

घोषणा की है िक कोई भी गायत्री पणिरिवारि मर्े एक गरू ु (गरू ु ) की ियोस्थिति को ले जाएगा के बिाद मर्ै अपणने नश्वरि कंु डलल दे . जो गायत्री मर्ंत्र मर्े दस ू रिो को आरिं भ हो जाएगा औरि जो लोग उन संस्कारि प्रदशक्तर्पन करिे गे केवल अपणने प्रिति​िनिध के रूपण मर्े ऐसा करिे गे. यह सबि सािबिति करितिा है िक वह पणरिमर्ात्मर्ा औरि नामर् औरि फिामर्र्प की सीिमर्ति छिव के रूपण मर्े नहीं ऊर्जार्प के रूपण मर्े गायत्री हािसल करिना चाहतिे थे.

हमर्ारिे श्रद्धेय गुरदे व युग ऋषिष श्रीरिामर् आचायर्प गायत्री अवतिारि था. मर्ाँ गायत्री सिवतिा भगवान के िदव्य ऊर्जार्प है जो अपणने होने का हरि रिोमर्कूपण व्याप्ति है . अपणनी सारिी ियोज़िंदगी वह असंख्य भक्तिो मर्हानतिा के रिास्तिे पणरि चलने मर्े मर्दद की. वह तिंत्र िवज्ञान के एक मर्ास्टरि था. अभी तिक नामर् औरि प्रिसिद्ध के िलए चमर्त्कारिी

शक्तियोक्तियो के प्रदशक्तर्पन मर्े वह कभी भरिोसा था. के रूपण मर्े एक सच्चे संति के रूपण मर्े अबि तिक वास्तिव मर्े िचंितिति है ये चमर्त्कारि के रूपण मर्े भगवान की इच्छा के अनुसारि उसके शक्तरिीरि के मर्ाध्यमर् से जगह ले जो भी का

अनुभव यह वास्तिव मर्े धन्य मर्हसूस करितिा है . हमर्ारिे श्रद्धेय गुरदे व अपणने िदव्य इतिनी के रूपण मर्े अपणनी

प्रेयसी भक्तिो को मर्दद की सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि की मर्दद के साथ िविभन्न स्थानो पणरि कई शक्तारिीिरिक रूपण ले िलया है . एक भक्ति के रूपण मर्े अपणने व्यियोक्तिगति िनयिति के प्रिति उसकी सुरिक्षा प्राप्ति िकया. यिद एक भाग्य बिहुति

सख्ति है , एक गुर िनियोश्चति रूपण से इस तिरिह के एक व्यियोक्ति को अपणने बिोझ को हल्का करिने मर्े मर्दद करितिा है औरि भक्ति उत्प्रेरिण को मर्ामर्ूली ददर्प से गज ु रिना द्वारिा, वह मर्ुियोक्ति पणाने मर्े मर्दद िमर्ली है . हमर् असंख्य

व्यियोक्तियो के उदाहरिण ियोजसमर्े अिधक से अिधक 1 लाख लोगो को चन ु ौतिी दी है िक उन िदनो मर्े जबि गर ु

िकसी को पणूरिा नहीं िकया, वे गर ु से मर्ल ु ाकाति की है औरि के बिारिे मर्े 1-2 घंटे के िलए वे हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु की

उपणियोस्थिति मर्े बिैठे. इन अनुभवो सच हो सकतिा है , लेिकन अगरि हमर् सकल दिु नया मर्े इसे का सबिूति खोजने की कोिशक्तशक्त हमर् बिुरिी तिरिह िवफिल हो जाएगा सकतिा है . करिना जनतिा के िलए वह अभी तिक अनुपणलब्ध अपणने अिडलग अनुयािययो के िलए वह खुद को उपणलब्ध करिाया था.


श्रद्धेय युग ऋषिष आचायर्प श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प की पणिवत्र भाषण

हमर्ारिे मर्न की मर्क ू गफि ु ा मर्े हमर्ारिे गर ु दे व श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प आचायर्प की िदव्य भाषण प्रितिध्विनयो. पणिवत्र आवाज कहतिे है - मर्ै हमर्ेशक्ता तिम् ु हारिे साथ हूँ. आपण कहीं भी जा सकतिा है , अभी तिक मर्ै तिम् ु हारिे बिीच मर्े िदखाई दे गा. मर्ै तिम् ु हारिे िलए ही रिहतिे है. मर्ै तिम् ु हे अपणने िदव्य अनभ ु वो का फिल दे ना होगा. तिमर् ु मर्ेरिे िदल की संपणियोत्ति है. तिमर् ु मर्ेरिी आँखो के तिारिे है. हमर् सभी भगवान मर्े एक (िवलय) करि रिहे है. मर्ै हमर्ेशक्ता आपण सबि के साथ आत्मर्ा की

एकतिा का अनभ ु व. मर्झ ु े डलरि कभी आपण कठोरि संघषर्प के धधकतिे आग मर्े प्रवेशक्त करिने के िलए मर्जबिरिू है . यह इसिलए है क्योिक मर्ै पणूरिी तिरिह से अपणनी आंति​िरिक शक्तियोक्ति के बिारिे मर्े पणतिा करि रिहा हूँ. मर्ै आपण एक के बिाद

एक ियोस्थिति का अनुभव करिने के िलए औरि अभी तिक मर्ेरिे भीतिरि की आँखे हमर्ेशक्ता आपण दे ख रिहे है मर्दद करितिे है. जो कुछ भी आपण द्वारिा िकया जातिा है मर्ेरिी पणिवत्र उपणियोस्थिति मर्े ही संभव है .

मर्ेरिे िवचारि मर्े औरि मर्ेरिे सािहत्य मर्े मर्ेरिी इच्छाओं के िलए आशक्तय दे खो. अपणने दै िनक जीवन मर्े उन पणिवत्र िशक्तक्षाओं को आत्मर्साति करिने के िलए, क्योिक वे पणहली बिारि मर्ेरिे गरू ु थे मर्ुझे िदया जो मर्ै ईमर्ानदारिी से आपण सभी के िलए करि रिहा हूँ पणरि गुजरि. केवल कल्पणना है िक जो एक है . उसके बिाद ही आपण अिधक से अिधक

उपणाय जो मर्ेरिा अनंति िनकायो के साथ अनुभव िकया जा सकतिा है िक एकतिा का अनुभव होगा. तिमर् ु ही मर्ेरिे सच्चे िशक्तष्य हो सकतिा है अगरि आपण सतिकर्प, दृढ औरि सोच के मर्ेरिे रिास्तिे के िलए समर्िपणर्पति करि रिहे है करि

सकतिे है. हमर् सभी के बिीच प्यारि की एक अनंति सागरि िनिहति है . एक गर ु औरि िशक्तष्य के बिीच बिंधन एक वज से भी अिधक फिमर्र्प है . यह भी मर्ौति की तिल ु ना मर्े अिधक शक्तियोक्तिशक्ताली है . अपणने स्वच्छं द इंिद्रयो पणरि कभी

िवश्वास नहीं. क्योिक वे हमर्ेशक्ता उत्तिेियोजति हो जबि खशक्त ु ी औरि गमर् के साथ सामर्ना िकया. इन सभी द्वंद्व से पणरिे जाओ. हालांिक यह सच हे बिच्चे का सामर्ना, हमर्ेशक्ता याद रिखे िक इंिद्रयो हमर्ेशक्ता आत्मर्ा की िदशक्ता के

िखलाफि कामर् करितिे है. इसिलए हमर्ेशक्ता सतिकर्प रिहतिे है. तिमर् ु आत्मर्ा औरि शक्तरिीरि औरि इसिलए मर्ेरिे बिहुति होने

का एक अिवभाज्य अंग नहीं है. शक्तरिीरि के िकसी भी क्षण गायबि हो सकतिे है. सच मर्े , जो इस समर्य जानतिा है ? इसिलए हमर्ेशक्ता अपणने लक्ष्य को कल्पणना. सोच के मर्ेरिे रिास्तिे के साथ अपणने पणरिू े मर्ानस भरिे . मर्त्ृ यु के समर्य पणरि नहीं है , लेिकन जीने के अपणने क्षणो मर्े , आजाद औरि अपणने मर्न शक्तद्ध ु . इसिलए भले ही मर्त्ृ यु

अचानक दृियोष्टकोण, आपण शक्तांिति के साथ इसके िलए तिैयारि है. इसिलए अपणने जीवन जीने के रूपण मर्े यद्यिपण यह बिहुति ही पणल मर्ौति के िलए आपण अपणनी चपणेट मर्े ले के बिारिे मर्े है . तिभी आपण एक सच्चे जीवन जी सकतिा है . समर्य तिेजी से भाग रिहा है . यिद आपण अनंति काल औरि अमर्रितिा का िवचारि अपणने मर्न मर्े िवसियोजर्पति करि दे तिे है तिो ही आपण अनंति काल मर्े समर्य चल रिहा है बिदल सकतिे है.


हरि िकसी के िलए संघषर्प का एक बिहुति का सामर्ना करितिे हुए आदशक्तो की रिाह पणरि चल रिहा है . इसिलए आपण भी

बिहादरिु ी से सभी पणरिीक्षणो औरि आपणदाओं का सामर्ना करिना चािहए. भगवान के संरिक्षण के एक जीवन जीतिे. अगरि तिमर् ु सच मर्े भगवान पणरि िनभर्परि है , सभी अपणने डलरि गायबि हो जाएगा. तिमर् ु सबि मर्ेरिे बिच्चे है. जहाँ भी तिमर् ु जाओ, यह जीवन या मर्ौति, खशक्त ु ी या दख ु , अच्छा या बिरिु ा मर्ै हमर्ेशक्ता अपणनी तिरिफि से रिहे गा. मर्ै हमर्ेशक्ता

आपण सबि की रिक्षा करिना. मर्ै आपण मर्े से सभी को प्यारि करितिा हूँ क्योिक मर्ै अपणनी भियोक्ति के द्वारिा आपण के

िलए बिाध्य करि रिहा हूँ. भगवान के िलए मर्ेरिा प्यारि मर्झ ु े तिम् ु हारिे साथ बिनातिा है . मर्ै अपणनी आत्मर्ा, बिच्चे, हूँ! अपणने िदल की हमर्े अपणने सच्चे िनवास. इसिलए आपण कुछ भी क्यो डलरितिे हो? बिहादरिु औरि िनडलरि रिहो.

पणिरिचय मर्े प्रस्तिुति करिने युग ऋषिष PRAJNAVATAR के रूपण मर्े श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प आचायर्प औरि इस पणस् ु तिक के लेखक

---- PRAJNAVATAR भगवान का िपणछले नौ अवतिारि की एकीकृति रूपण है .


अबि तिक भगवान के सभी अवतिारि प्रकट िकया है औरि इस युग के धमर्र्प पणिरिवतिर्पन की स्थापणना के िलए

िविभन्न ियोस्थितियो के आधारि पणरि िकया गया है . इस यग ु मर्े इन सभी ियोस्थितियो पणरि प्रकट िकया है औरि इसिलए एक ही समर्य एक तिल ु नात्मर्क अध्ययन के मर्ाध्यमर् से हमर् आसानी से समर्झ कैसे एक Prajnavatar भगवान के सभी अवतिारि के एकीकृति रूपण है .

1) MATSYAVATAR मर्छली (अवतिारि) - इस युग के पणिरिवतिर्पन की कहानी.

उसकी पणज ू ा िदनचयार्प के बिाद एक िदन भगवान मर्नु अपणनी हथेिलयो मर्े पणानी की पणेशक्तकशक्त सय ू र्प - दे वतिा

(Arghya कहा जातिा है ). उस समर्य वह एक सक्ष् ू मर् आवाज, मर्नु सन ु ा. मर्झ ु े दे खो, मर्झ ु े तिम् ु हारिी मर्दद की

जरूरिति है . मर्नु अपणनी हथेिलयो मर्े एक छोटी मर्छली को दे खा औरि आवाज मर्छली से प्रकट. मर्नु ने कहा, आपण एक िदव्य व्यियोक्तित्व होने लगतिे है. मर्झ ु े बितिाओ, मर्ै आपण की सेवा करि सकतिे है? मर्छली ने कहा, मर्ै

एक िवशक्ताल कायर्प िनष्पणािदति औरि इसिलए इस तिालाबि के िलए यह बिहुति छोटा है . इस प्रकारि मर्झ ु े गंगा नदी के िलए लेतिे है. भगवान मर्नु िदल प्यारि के साथ overflowed जबि वह इस िदव्य मर्छली की आवाज सुनी. इसिलए वह अपणने पणानी के बितिर्पन मर्े पणरिमर्ात्मर्ा मर्छली ले िलया है औरि यह एक बिड़ी नदी के िलए ले िलया.

एक औरि शक्तभ ु अवसरि पणरि भगवान मर्नु िफिरि उस जगह का दौरिा िकया औरि वह िफिरि से िक पणरिमर्ात्मर्ा मर्छली beheld. िदव्य मर्छली ने कहा, मर्ेरिा आकारि बिढ रिहा है . इसिलए मर्ुझे सागरि तिक पणहुँचने मर्े मर्दद. मर्नु

आभारिी है औरि सागरि के िलए मर्छली िलया. अचानक वहाँ जल - प्रलय (दिु नया की एक बिाढ के द्वारिा िवनाशक्त) था. िक िवनाशक्त मर्े सबि कुछ नष्ट हो रिही थी औरि इसिलए मर्छली साति Rishis (Saptarshis)

अपणनी पणीठ पणरि बिैठने को कहा. मर्छली जहां Rishis पणूरिी दिु नया के िलए वेदो का संदेशक्त (आध्याियोत्मर्क ज्ञान) फिैल से िहमर्ालय घाटी साति Rishis िलया. पणुरिाणो के अनुसारि (भारितिीय पणौरिािणक कथाओं) इस Matsyavatar की कहानी है .

यह अजीबि लगतिा है िक भगवान एक मर्छली के रूपण मर्े incarnates. औरि इसे औरि अिधक आश्चयर्पजनक है िक िक यह सभी शक्तियोक्तिशक्ताली extrasensory शक्तियोक्ति एक इंसान की तिरिह बितिार्पव करितिी है . प्राचीन काल मर्े

लेखन औरि भजन के रूपण मर्े िनियोश्चति ब्रह्मर्ांडलीय कानन ू (गर ु गर ु ) के बिारिे मर्े बिाति की एक पणरिं पणरिा रिही है . इस िवज्ञान के िसद्धांति भी है . िद्वपणद प्रमर्ेय का एक एक लाइन के समर्ीकरिण है , लेिकन इस पणरि िकया गया है काफिी बिढे . आइंस्टीन के िसद्धांति केवल E = mc 2, लेिकन अभी तिक यह एक बिहुति बिढे हुए ढं ग से िकया गया है उस पणरि िटप्पणणी की. भारितिीय संस्कृिति भी इस प्रकारि प्रस्तिति ु िकया गया है . यह बिहुति ही िसद्धांति


हमर्ारिे प्रारिं िभक पणांच अवतिारि मर्े प्रकट िकया है , इतिना है िक यह बिुिद्धमर्ान पणुरष से समर्झा जा सकतिा है .

अहं कारिी मर्ानिसक cravings के लोगो को खद ु को ऐसे facades पणरि नहीं डलाल आज के रूपण मर्े दे खा जा रिहा

है . ज्योितिषीय गणना के अनस ु ारि कियोल्क अवतिारि औरि प्रकट करिने के िलए इसिलए कुछ व्यियोक्तियो के िलए

समर्य है , संतिो खद ु Nishkalank अवतिारि (िनष्कलंक अवतिारि) के रूपण मर्े पणिरिचय, लेिकन वास्ति​िवकतिा मर्े वे

पणयार्पप्ति नहीं िफिट करिने के िलए भी इस कियोल्क अवतिारि (घोड़ा) की पणंछ ू हो रिहे है. वे िसफिर्प सतिही facades पणरि डलाल िदया है , के रूपण मर्े जल्द ही कृित्रमर् काले रिं ग के रूपण मर्े हटा िदया जातिा है , तिो हमर्े वास्ति​िवकतिा साफि

झलकतिी है औरि यह आज हास्यास्पणद हास्यास्पणद ियोस्थिति है . इस का एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े हो सकतिा है , इस िववरिण प्रतिीकात्मर्क प्राचीन समर्य मर्े दशक्तार्पया गया था.

एक मर्छली िक प्राणी है जो पणानी के प्रवाह के िवपणरिीति िदशक्ता मर्े चलतिा है . यह या तिो बिहुति छोटे या आकारि मर्े बिहुति बिड़े हो सकतिे है. मर्नु का अथर्प है जो दिु नया से जुड़ा हुआ है औरि compassionately को रिोकने के िलए इसे नष्ट करि िदया हो रिही इच्छाओं. औरि इस िमर्शक्तन (गायत्री पणिरिवारि) औरि उसके संस्थापणक के कामर् की गिति​िविध शक्तैली इस प्रकारि की है . बिंद व्यथर्प पणारिं पणिरिक मर्ान्यतिाओं warding करिके वह दिु नया वैिदक धमर्र्प

यानी आध्याियोत्मर्क भारितिीय संस्कृिति के आध्याियोत्मर्क ज्ञान िदया. का िवरिोध तित्वो को अपणने स्तिरि पणरि उसे मर्े बिाधा डलालतिी करिने की कोिशक्तशक्त की. गायत्री ब्राह्मर्णो के अंतिगर्पति आतिा है , यह कान मर्े बिोला जातिा है , यह

मर्िहलाओं के िलए नहीं है , यज्ञ केवल ब्राह्मर्णो द्वारिा िकया जा सकतिा है , ब्राह्मर्णो उन जन्मर् से ही करि रिहे है, आध्याियोत्मर्कतिा ही फिूल, ितिलक, मर्ाला का मर्तिलबि है , वह यह सबि औरि अभी तिक का िवरिोध िकया दस ू रिे हाथ पणरि यह सबि rejuvenated. वह 3 भागो मर्े मर्हान गायत्री िवज्ञान िलखा था. आज सभी छोटे / बिड़े

बिच्चो, बिज ु ग ु ो, पणर ु षो, मर्िहलाओं आिद गायत्री की पणज ू ा करितिे है. वे आगे आत्मर्ज्ञान के पणथ पणरि अग्रसरि है.

हरि कोई अपणने िसद्धांतिो को स्वीकारि करि रिहा है . आध्याियोत्मर्क िवज्ञान के िवनाशक्त की संभावना के अिनियोश्चति शक्ततिो के तिहति, वह सफिलतिापणव र्प भारितिीय संस्कृिति (गायत्री यज्ञ) औरि िहमर्ालय मर्े ऋषिष पणरिं पणरिा के मर्ातिा ू क िपणतिा (--- शक्तांितिकंु ज हिरिद्वारि) की स्थापणना की. यहाँ से, गंगा िशक्तव बिाल तिाले से िनकलतिी नदी की तिरिह, यह हरि जगह िकया जा रिहा है फिैल रिहा है . हरि कोई अपणनी अिभव्यियोक्ति का आनंद भाग लेना है .

पणहले वह आध्याियोत्मर्क संवेदनशक्तील लोगो के पणानी के बितिर्पन (हृदय) मर्े प्रवेशक्त िकया है , तिो वह उन्हे गायत्री ध्यान िदया है , तिो दस ू रिो को उपणदे शक्त है , तिो वह अपणने समर्य िदया था, अपणने स्वयं, वह अन्य शक्ताखाओं की

स्थापणना की है , वह सावर्पजिनक कायर्पक्रमर्ो िदया, वह Shaktipeethas वह स्थािपणति, ऋषिष पणरिं पणरिा है िक एक उच्च आदे शक्त की थी की एक आध्याियोत्मर्क समर्झ दी है , वह आज के कारिोबिारि प्रकारि आश्रमर्, अपणने िसरि आिद के साथ साथ बिाकी सबिको बिचा िलया है , तिो इस िदव्य ज्ञान औरि डलूबि गया है वहाँ भी एक सच

आध्याियोत्मर्कतिा के िनशक्तान नहीं रिह अगरि वह था हािसल नहीं है यह सबि. यह सबि वह शक्तेष छोटे कद औरि


आज मर्े वह अपणने ब्रह्मर्ांडलीय रिक्षक है के द्वारिा पणूरिा िकया है . मर्छली अवतिारि Prajnavatar के हरि कण मर्े व्याप्ति दे खा जा सकतिा है .

कछुआ अवतिारि सामर्ग्री आरिामर् औरि आध्याियोत्मर्क उत्थान का एक शक्तानदारि संयोजन अथर्प:

दोनो डलेमर्ी - दे वतिाओं औरि रिाक्षसो ब्रह्मर्ाजी के बिेटे है. वे रिखने के िलए लड़ रिहे है औरि एक दस ू ू रिे के साथ जझ रिहे है. दोनो दलो के िवनाशक्त का अनभ ु व िकया. पणीड़ा से बिाहरि इसिलए उन दोनो ब्रह्मर्ाजी से संपणकर्प िकया

औरि बिाद का अनरिु ोध करिने के िलए उन्हे शक्तांिति का रिास्तिा िदखा. ब्रह्मर्ाजी ने उन से पणछ ू ा सागरि यानी समर्द्र ु मर्ंथन मर्थना. Mandarachal पणहाड़ मर्ंथन रिॉडल बिनाया गया था. भगवान Shesha (नाग) एक रिस्सी मर्े

पणिरिवितिर्पति करि िदया गया. एक अंति मर्े डलेमर्ी - दे वतिाओं थे औरि दस ु मर्ंथन ू रिे पणरि रिाक्षसो, तिो के रूपण मर्े समर्द्र

करिने के िलए. समर्स्या यह थी िक सागरि के मर्ंथन के कारिण पणथ् ृ वी की पणरिू ी सतिह िबिखरि सकतिा है . इसिलए

जो बिोझ कंधे होगा? वे सबि इसिलए भगवान से प्राथर्पना की. कछुआ अवतिारि या Kacchap अवतिारि ले रिही है औरि उसकी पणीठ पणरि पणालन प्रभु Mandarachal पणवर्पति के वजन कंधो. समर्ुद्र मर्ंथन के बिाद िकया गया था,

14 गहने जो दोनो डलेमर्ी - दे वतिाओं औरि रिाक्षसो के िलए खुशक्ती के थे आया था. यह कछुआ अवतिारि की कहानी है .

कछुआ अवतिारि की कहानी शक्तारिीिरिक िवज्ञान, सामर्ाियोजक िवज्ञान औरि आध्याियोत्मर्क िवज्ञान की एक

अतिुलनीय अनुक्रमर् है . यह असंभव लगतिा है िक एक मर्ात्र कछुआ एक िवशक्ताल पणहाड़ के बिोझ कंधे करि

सकतिे है. शक्तियोक्तिशक्ताली सागरि औरि कैसे मर्ंथन िकया जा सकतिा है िक रिस्सी के रूपण मर्े भयानक नाग दे वतिा

(भगवान Shesha) के साथ भी है . लेिकन कछुआ अवतिारि की िदव्य खेल इस घटना को सािबिति करि िदया है सच्चा होना. 14 गहने के बिीच के रूपण मर्े के रूपण मर्े अच्छी तिरिह से अमर्ति ृ जहरि है . Prajnavatar कैसे दोनो

अमर्ति ृ औरि िवष हमर्ारिे जीवन मर्े उपणयोगी होतिे है के रूपण मर्े कछुआ अवतिारि के रिहस्य को खोलतिा है . रिाक्षसो

जो लोग जीवन का अंितिमर् लक्ष्य के रूपण मर्े भावना merriments पणरि दे खो. इस के िलए वे भी अन्य प्रािणयो को पणरिे शक्तान करिने के िलए तिैयारि करि रिहे है. जीवन के इस भौितिकवादी तिरिीका बिौिद्धक िसद्धांतिो औरि भौितिक िवज्ञान के उन लोगो के आदशक्तर्प के रूपण मर्े हे य दृियोष्ट से दे खा जा सकतिा है . आज की दिु नया मर्े यह

Tripurasura रिाक्षस हरि जगह दे खा है प्रकट. उन भौितिकवादी िवश्वासो के िलए कारिण वहाँ इतिना उत्पणीड़न, उत्पणीड़न, अपणरिाध, अवांछनीय तित्वो, डलकैतिी, बिलात्कारि आिद इस दिु नया मर्े प्रचिलति है . हरि कोई


पणयार्पवरिण प्रदष ू ण की तिरिह िवनाशक्त की ियोस्थितियो, अिवश्वास आिद चेहरिे समर्ाज िनियोष्क्रय, संवेदनशक्तीलतिा से

रि​िहति हो जातिा है जबि वहाँ औरि इस जड़तिा यानी िवश्वास िवश्वास की कमर्ी है हरि जगह औरि जीवन के सभी क्षेत्रो मर्े दे खा. संवेदनशक्तीलतिा की धारिा को इस हद तिक िक आज पणिति - पणत्नी एक दस ू रिे पणरि भरिोसा नहीं

करितिे है सख ू गया है , िपणतिा औरि बिेटे के बिीच कड़वाहट है , दो भाइयो के दश्ु मर्न बिन जातिे है औरि एक समर्ाचारि पणत्रो मर्े यह सबि पणढतिा. यह एक रिाक्षस होने का ददर्प है . यह स्वाथर्प उन्मर्ख ु भौितिकवाद पणरि आधािरिति है . औरि

यह सबि प्रकट होतिा है क्योिक आदमर्ी पणरि एक मर्ात्र शक्तरिीरि औरि आत्मर्ा के रूपण मर्े नहीं के रूपण मर्े दे खा जातिा है .

दस ू रिी ओरि, क्योिक एक सबि हो सकतिा है औरि जीवन के सभी अंति, आज धमर्र्प के रूपण मर्े अंधिवश्वास की

बिदसूरिति रूपण ले िलया है , जबि​िक केवल आध्याियोत्मर्कतिा पणरि दे ख का एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े मर्ानव मर्ल् ू यो को भूल जातिा है . आज तिीथर्प धब्बिे, आश्रमर्, मर्ठो औरि मर्ंिदरिो जो िफिरि से व्यावसाियक घरिानो के पणसंद के रूपण मर्े बिाजारि स्थानो बिदसूरिति भ्रष्टाचारि का पणयार्पय बिन गए. एक रिाजनीितिक भ्रष्टाचारि क्षमर्ा लेिकन

आध्याियोत्मर्कतिा के इस बिहाना के प्रत्यक्ष पणिरिणामर् केवल िवनाशक्त हो सकतिा है . इसका मर्तिलबि यह है िक दे वत्व एक तिरिफिा है . इसिलए समर्ुद्र का मर्ंथन करिने का मर्तिलबि है िक कैसे एक ही केन्द्र िबिन्द ु पणरि इन दोनो पणहलओ ु ं को लाने के िलए है . अथर्प जीवन साधना के पणरिीक्षण के तिहति मर्ंथन िकया जाना चािहए. एक

पणिरिणामर् के रूपण मर्े ज्ञान सांसािरिक कतिर्पव्यो के बिारिे मर्े आतिी है औरि हमर्े हमर्ारिे आध्याियोत्मर्क लक्ष्यो को प्राप्ति करिने मर्े मर्दद करि सकतिे है.

इस प्रकारि यह स्पणष्ट है िक श्रद्धेय गरू ु मर्ख् ु य उद्देश्य औरि प्रयास करिने के िलए एक ही मर्ंच पणरि इन दोनो

आदशक्तो लाने के िलए गया था. आदे शक्त मर्े दोनो बिौिद्धक वगर्प औरि ब्रह्मर् के अनुयािययो को एकजुट करिने के िलए वह हिरिद्वारि, भारिति मर्े Brahmavarchas अनुसंधान संस्थान की स्थापणना की. यहाँ िवश्वास फिामर्र्प औरि योग के अभ्यास उन्मर्ुख िनरिाकारि ध्यान के साथ भगवान के उन्मर्ुख ध्यान के दोनो पणिरिणामर् एक

वैज्ञािनक तिरिीके से दशक्तार्पया गया है . यह कंु डलिलनी शक्तियोक्ति की पणूजा करितिे है के प्रकट रूपण हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु से आया है . वह एक मर्हान एहसास संति औरि सांसािरिक सामर्ग्री उपणलियोब्धयो की एक मर्ास्टरि भी था. दोनो

िवपणरिीति िदशक्ताओं मर्े है, लेिकन कैसे दोनो एक मर्ंच पणरि लाया जा सकतिा है गायत्री Mahavigyan मर्े अपणने लेखन यानी (1) पणेज नग से समर्झा जा सकतिा है . 240-248.

हमर्ारिे गरू ु िलखतिे है िक िक Merudand (रिीढ की हड्डली) ही Mandarachal पणहाड़ है . Ida अथर्प

Chandranaadi (बिाएं) Svar शक्तांिति दे वत्व, औरि िपणंगला या Suryanaadi (सही Svar) के एक प्रतिीक है


गमर्ी औरि सामर्ग्री इच्छाओं का एक प्रतिीक है . (साँस लेने के व्यायामर्) Pranayaam औरि अन्य साधना के मर्ाध्यमर् से इन दोनो Naadis (सक्ष् ू मर् तिंित्रकाओं) मर्ंथन द्वारिा Mooladhar सिक्रय है . यह यहाँ िक ब्रह्मर्ांडल के ज्ञान का मर्ागर्प यानी Brahmanaadi शक्तरू ु से है . Mooladhar या Merudand के आधारि जबि भ्रण ू एक काला छह पणक्षीय Merudand के आधारि अणु से जड़ ु ी है के रूपण मर्े मर्ां के गभर्प मर्े है स्थािपणति है . आदे शक्त मर्े

छति फिमर्र्प बिनाने के िलए, बिहुति मर्जबिति ू तिम्बिू िपणन जमर्ीन मर्े खोद रिहे है औरि करि रिहे है तिो रि​ियोस्सयो से बिंधे. Brahmanaadi भी इस अणु छह तिरिफिा (Shata Kona) द्वारिा िकया गया है बिंधे. इस प्रकारि मर्हत्वपणण ू र्प शक्तियोक्ति शक्तरिीरि के िलए संयक् ु ति है . प्रतिीकात्मर्क यह बिहुति काला अणु छह तिरिफिा Kurma या कछुआ कहा

जातिा है . क्योिक यह एक कछुए के आकारि की है . पणथ्ृ वी के प्रतिीकात्मर्क अथर्प प्रभु Kurma (कछुआ) पणरि

िनभर्परि करितिा है िक हमर्ारिे जीवन का घरि भी कछुआ पणरि िनभर्परि है . इस ज्ञान केवल एक जो गहन साधना की प्रिक्रया के मर्ानस मर्े आतिी है . हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु यह ठीक िकया औरि हमर्े मर्नुष्यो अग्रणी एक भौितिकवादी जीवन एक एक आध्याियोत्मर्क लक्ष्य को प्राप्ति करि सकतिे है के बिावजूद इन 14 गहने या आध्याियोत्मर्कतिा

ियोजसमर्े रिास्तिा िदया. आज दोनो नाियोस्तिक बिौिद्धक वगर्प औरि िवश्वास उन्मर्ुख लोगो के theistic वगर्प हमर्ारिे िमर्शक्तन मर्े शक्तािमर्ल हो गए है, तिो के रूपण मर्े सफिलतिापणूवक र्प भगवान Kurma उपणदे शक्तो को दशक्तार्पतिी है .

इस तिरिीके मर्े यहोवा VARAH रिवाना पणथ् ू ण को धोया: ृ वी पणरि पणयार्पवरिण प्रदष

एक Hiranyaksha दानव का आह्वान िकया था. वह इतिना धन के िलए बिहुति तिड़पणा है िक वह पणूरिे ग्रह

पणथ् ृ वी के साथ भाग गया. दिु नया मर्े िबिल्कुल अरिाजकतिा था जबि वह गंदगी के साथ पणथ् ृ वी को कवरि िकया

औरि यह समर्ुद्र के मर्ागर्प से ले िलया. इन पणिरि​ियोस्थितियो मर्े जो ग्रह पणथ्ृ वी पणरि गंदगी का घूंघट वाडलर्प चाहतिे है? इसिलए प्रभु Varah (सअ ू रि) के रूपण ले िलया औरि Hiranyaksha की हत्या से वह ग्रह पणथ्ृ वी को बिचाया.

प्रभु गंदगी को कवरि हटा िदया है औरि वापणस शक्तुद्ध पणथ् ृ वी ने मर्नुष्य को इस पणरि िफिरि से ध्यान केियोन्द्रति करिना है . इस भगवान Varah अवतिारि का सारि है . Hiranyaksha वह ियोजनकी आँखे सोने या सामर्ग्री केवल धन के िलए तिरिस से भरिा रिहे है मर्तिलबि है . लालसा या तिो दे शक्त tilling या हस्ति​िशक्तल्पण बिनाने से संतिुष्ट नहीं हो सकतिा. यह केवल िमर्लो के मर्ाध्यमर् से पणूरिी तिरिह संतिुष्ट िकया जा सकतिा है , कारिखानो आिद उन्नति

प्रौद्योिगकी पणरि आधािरिति है . हमर्ारिे Rishis सपण ु रि वैज्ञािनको थे, लेिकन वे सामर्ग्री का इस्तिेमर्ाल िकया है िक प्रकृिति के िनयमर्ो के िखलाफि जो बिारिी मर्े प्रकृिति को नष्ट करि िदया चला गया कभी नहीं. आज हरि कोई

एलोपणैथी दवाओं पणथ्ृ वी पणरि इतिने सारिे जीव नष्ट करि िदया है औरि कैसे पणथ्ृ वी सख ू ापणन milked िकया जा रिहा


है िक के बिारिे मर्े पणतिा है . तिथ्य यह है िक हमर्ारिी पणथ् ृ वी के िलए रिवाना हो सबि गंदगी से धोया जाना चािहए

हमर्ारिे शक्तहरिो की गंदगी, पणरिमर्ाणु अपणिशक्तष्ट की समर्स्या, आिद रिोगो के नए प्रकारि से लगाया जा सकतिा है

डलैिनयल Wanken, पणुस्तिक "भगवान का दान 'के लेखक है िक एक बिारि एक समर्य मर्नुष्य शक्तक्र ु ग्रह पणरि dwelt पणरि िलखतिे है. वीनस पणरि भी पणथ्ृ वी पणरि की तिरिह वहाँ अरिाजकतिा, कारिो का धुआं, काबिर्पन

डलाइऑक्साइडल, काबिर्पन मर्ोनोआक्साइडल आिद यह सबि 2 कृित्रमर् उपणग्रहो का अध्ययन िकया गया था वहाँ

भेजा गया है . Wanken सोचतिा है िक वीनस के 2 चन्द्रमर्ाओं Phovos Lovos औरि कृित्रमर् उपणग्रहो बिुलाया.

लोगो को अन्य ग्रहो के िलए सरिु ित क्षति इस ग्रह को छोड़ िदया जबि वहाँ एिसडल की बिािरिशक्त थी. िकसी को पणतिा है िक इन िटप्पणिणयो के झूठे सच नहीं है , लेिकन पणथ् ू ण मर्े विृ द्ध िनियोश्चति रूपण से हमर् इस तिरिह के ृ वी पणरि प्रदष

एक गंभीरि ियोस्थिति का नेतित्ृ व करिे गे. इस के िलए यह पणयार्पप्ति है िक गंदगी औरि ऑटोमर्ोबिाइल धुआं प्रदष ू ण एक पणथ् ृ वी मर्े विृ द्ध है .

प्रभु Varah बिनने से हमर्ारिे गुरू इस प्रदष ू ण पणरि काबिू पणाने की कोिशक्तशक्त की. वह हमर्े मर्ाँ प्रकृिति के साथ

िमर्लकरि मर्े जीवन जीने के िलए प्रेिरिति िकया औरि िवशक्ताल यज्ञ मर्े शक्तोध. आज इस तिथ्य को आधुिनक

िवज्ञान से सािबिति हो गया है . गोरिखपणुरि अश्वमर्ेध यज्ञ के वैज्ञािनको के समर्य मर्े व्यवियोस्थति ढं ग से इस

तिथ्य की घोषणा की. Prajna पणुरष (हमर्ारिे गरू ु ) भी सामर्ग्री दिु नया के लगाव की एक जरिा भी नहीं था.

लेिकन वह खुद को इस जहरि िपणया इतिनी के रूपण मर्े इस संकट से दिु नया को बिचाने के िलए औरि इस तिरिह

अपणनी िकया जा रिहा अच्छी तिरिह से स्थािपणति है . भगवान Varah बिनने से वह पणथ् ू ण ृ वी का पणयार्पवरिण प्रदष

के संकट से बिचाने का िनश्चय िकया. अबि तिक वह न केवल यज्ञ का आयोजन िकया, लेिकन इस िमर्शक्तन से धोने है बिुवाई अनिगनति पणेड़ो से इस प्रदष ू ण औरि औषधीय उपणचारि के आयुवेद फिामर्र्प पणुनसर्पिक्रय. आने वाले िदनो मर्े दिु नया भरि मर्े इस प्रयास स्वीकृिति िमर्ल जाएगा. उसके बिाद ही पणथ् ृ वी को बिचाया जाएगा.

यहोवा NRISHINHA के अवतिारि आस्था के कायाकल्पण का मर्तिलबि है :

Hiryanksha के अन्य भाई Hiranyakashyap था. वह भी सोने के िलए िदन के सभी 24 घंटे तिड़पणा. यह लालसा ने उसे अपणनी आत्मर्ा के िखलाफि जाना. Amassing धन का एक बिड़ा सौदा उन्होने घोषणा की है

िक आदमर्ी खुद भगवान है . वह असली भगवान के बिारिे मर्े सुना है नफिरिति. उन्होने कई चीजे है जो वह भ्रमर्


के तिहति िकया गया है िक न तिो आदमर्ी औरि न ही िकसी अन्य प्राणी उसे मर्ारि सकतिा है का आिवष्कारि िकया. वह न तिो अपणने घरि औरि न ही बिाहरि के अंदरि मर्रि जाएगा. यह था के रूपण मर्े हालांिक वह सभी स्थानो मर्े एक सरिु क्षात्मर्क जीवन बिीमर्ा था. उन्होने मर्हसस ू िकया िक वह न तिो हिथयारि हमर्लो की वजह से मर्रि जातिे है औरि न ही िकसी भी रिोग के कारिण. वह न तिो िदन मर्े औरि न ही रिाति मर्े मर्रि जाएगा. ऐसी

पणिरि​ियोस्थितियो के अंतिगर्पति प्रभु Nrisinha (एनआरिआई = आदमर्ी + िसन्हा शक्तेरि =) Patio पणरि बिैठे औरि अपणने लंबिे शक्तेरि के नाखन ू के साथ Hiranyakasyap धड़ फिाड़ दोहरिी प्रजाितियो के भक्ति प्रहलाद औरि इस प्रकारि स्थािपणति िवश्वास हरि जगह बिचाया.

आज का आदमर्ी वास्तिव मर्े एक Hiranyakashyap बिन गया है . वह इतिने सारिे हिथयारि है िक वह हत्या

करि दी जा रिहा है डलरि नहीं है . वह अपणने िनपणटान मर्े कई दवाओं है िक वह यकीन है िक वह एक पणिरिपणक्व उम तिक रिहतिे है औरि शक्तायद अमर्रि भी बिन सकतिा है . बिेशक्तक, यह कोई संदेह नहीं है अपणने अंधा िवश्वास है . वह

अपणने जीवन के सभी क्षेत्रो मर्े सरिु क्षा के बिारिे मर्े सिु नियोश्चति है . वह केवल एक ही बिाति है िक भगवान का नामर् नहीं िलया यह सबि सिरितिा की तिरिह पणित्रकाओं मर्े broadcasted है आिद ऐसी पणिरि​ियोस्थितियो के अंतिगर्पति

भगवान शक्तांिति के सभी रूपणो का उपणयोग आदमर्ी के िदल मर्े आस्था के रूपण मर्े स्थािपणति करिने के िलए औरि इस तिरिह सभी नीच इच्छाओं को नष्ट िकया जाना चािहए इच्छाओं, संध्या के लालच आिद एक अथर्प

गायत्री पणूजा है , यह एक संिध (शक्तांिति) है . एक अन्य संिध युग संिध (जंक्शक्तन) मर्े जो सांसािरिक खुशक्ती जीवन का एकमर्ात्र उद्देश्य है . इस िवश्वास को नष्ट करि िदया जा रिहा है औरि आध्याियोत्मर्क आदशक्तो को धीरिे धीरिे

लेिकन िनियोश्चति रूपण से हरि जगह फिैल रिहे है. एक पणल के फ्लैशक्त मर्े हमर्ारिे Prajnavatar (यग ु ऋषिष आचायर्प श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प) आसानी से इस तिरिह से यह सबि हािसल के रूपण मर्े हालांिक भगवान Nrisinha जैसे वह

िबिखरितिा इसे खोलने के एक स्तिंभ के बिाहरि से आया था. वह धमर्र्प के प्रहलाद की रिक्षा औरि अपणने भक्तिो जो उसे प्रशक्तंसा करि रिहे थे के पणीछे छोड़ने के बिाद वह गायबि हो गया. वह एक बिहुति दयालु औरि संवेदनशक्तील

प्रकृिति का था, दष्ु टतिा के िलए वह मर्ौति प्रकट था. वह िदव्य प्रेमर् के साथ overflowed औरि अत्यिधक क्रोध भी था. जीवन के मर्ौिलक मर्ल् ू यो के साथ वह कभी समर्झौतिा. 21

सेट

सदी िक िकसका बिच्चा है वह िवश्वास

की तिरिह रिक्षा की थी एक उज्ज्वल भिवष्य की क्षमर्तिा के िलए गिति के साथ प्रकट है . युग संिध

Mahapurashcharan के रूपण मर्े इस छोटे टे लरि श्रद्धेय गुरदे व के जन्मर्स्थान मर्े अिधिनयिमर्ति िकया जा रिहा है , Anvalkheda 3,4,5,6,7 पणरि नवंबिरि 1995 ई. यह cravings के िवनाशक्त के एक औरि दृश्य औरि

िवश्वास को दशक्तार्पतिी होगा हरि जगह स्थािपणति िकया जाएगा . लोगो को यह सबि आश्चयर्पजनक गवाह औरि यह eulogise.


तिीन पणैरि वामर्न यानी भियोक्ति, ज्ञान औरि कारिर्प वाई की:

रिाजा बिाली अपणने धन औरि धमर् ू धामर् के बिारिे मर्े बिहुति अहं कारिी था. हालांिक वह िदल उदारि था वह अभी तिक उसकी मर्ानिसकतिा मर्े चीजो की एक बिहुति कुछ करिने के िलए cravings harbored. प्रिसिद्ध पणाने के िलए वह कुछ भी करिना होगा. वह पणरिू ी पणथ्ृ वी पणरि शक्तासन िकया. एक िदन एक छोटे बिच्चे (वामर्न) उसके बिीच मर्े आया औरि 3 फिुट मर्ापणने भिू मर् के िलए कहा. बिाली हँसे औरि ऐसा करिने पणरि सहमर्ति हुए. उस समर्य प्रभु

वामर्न जो एक बिच्चा था अबि तिक अपणने िवशक्ताल ब्रह्मर्ांडलीय फिामर्र्प प्रकट. वह अपणने 2 फिीट के साथ पणूरिी

दिु नया को मर्ापणा. अपणने तिीसरिे पणैरि रिखने के िलए जगह नहीं थी. उस िबिंद ु पणरि बिाली अहं कारि गायबि हो गया. इस प्रकारि बिाली भगवान के िलए अपणने सभी आत्मर्समर्पणर्पण करि िदया. यह भगवान वामर्न की कहानी है . लेिकन प्रवधर्पन काफिी बिड़ी है .

आज हरि िकसी का नामर् औरि प्रिसिद्ध के िलए craves. इसिलए संसद टूट जातिा है औरि सरिकारिो को बिदलने के. िवचारिधारिाओं मर्े मर्तिभेद रिक्तिपणाति है . छोटे लोगो पणरि बिड़े दे शक्तो के मर्ािलक. वे अपणने स्वयं के सनक औरि fancies के अनुसारि कामर् करितिे है. पणत्रकारिो मर्ानिसक रूपण से पणीिलयावाला बिन गए है, कानून की अदालति

मर्े कोई बिड़ा करिने के िलए रिहने के िलए आदशक्तर्प है , जो लोग अपणने नागिरिको की रिक्षा करिनी चािहए looters बिन गए है औरि यह सबि खल ु ेआमर् बिाली की िफितिरिति की तिरिह जा रिहा है . हरि जगह यह अभी तिक की यह

लोग सभी अनैितिक कायो मर्े गवर्प लेने के बिारिे मर्े शक्तिमर्र्मिंदा होने के बिजाय बिोली जातिी है . लड़िकयो सतिी के कारिण िकया जा रिहा है जला रिहे है, वे दहे ज के िलए पणरिे शक्तान करि रिहे है. जो लोग यह सबि को प्रोत्सािहति

करिने के िलए बि​िु द्धमर्ान होने के िलए कहा जातिा है औरि सभी सम्मर्ान िदया जातिा है . िवडलंबिना यह है िक ऐसे लोगो को लगतिा है िक वे बिहुति बि​िु द्धमर्ान है. दस ू र्प होने के ू रिो को उनके मर्हान भक्तिो औरि कड़ी मर्ेहनति के पणण िलए लगतिा है .

2700 पणुस्तिको का लेखन द्वारिा हमर्ारिे Prajnavatar दिु नया मर्े एक जगह मर्े ज्ञान रिखा औरि इस प्रकारि हमर्े बिुिद्ध दी. आज इस सािहत्य पणूरिी दिु नया मर्े मर्हान मर्ांग मर्े है . गायत्री पणिरिवारि िववेकानंद िशक्तकागो के साथ

पणयार्पय बिनतिा जा रिहा है . इस सािहत्य के कारिण कोई शक्तक नहीं है िक हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू पणूरिी दिु नया के ज्ञान मर्े फिैला है औरि अबि क्या रिहतिा है यह दिु नया के हरि कोने मर्े फिैला हुआ है . उसी तिरिह वह धािमर्र्पक बिहाना के बिीच मर्े पणिवत्र पणूजा का असली रूपण िदया. आने वाले िदनो मर्े केवल एक शक्तुद्ध िदल के भियोक्ति दिु नया मर्े गिति औरि िकसी भी बिहाना नहीं हािसल करिे गे. उसी तिरिह वह हमर्े िदखाया एक सबि कैसे हमर्ारिी गिति​िविधयो के िलए


भगवान को एकजुट करिके कारिर्प वाई के योग के एक आदमर्ी बिनने के द्वारिा एक एक शक्तरिीरि मर्े करि सकतिे है 5

िनकायो के उन लोगो के िलए समर्ान गिति​िविधयो प्रदशक्तर्पन. इन सभी 3 एक साथ डलाल धारिाओं ज्ञान, भियोक्ति, औरि कारिर्प वाई की ित्रवेणी यानी गायत्री पणज ू ा है . प्राचीन समर्य मर्े यह पणज ू ा सावर्पभौिमर्क अनमर् ु ोदन िकया था औरि भिवष्य मर्े यह है िक वास्तिव मर्े क्या होने जा रिहा है . उसी तिरिह आज की कूटनीिति की बिाली बिहाना

तिोड़ने के िलए औरि एकतिा धैयर्प, औरि स्नेह मर्हत्व लाभ होगा. यग ु आ रिहा है जो सभी प्रािणयो के बिंदरिगाह कल्याण औरि प्रदान करिना अच्छी तिरिह से उन पणरि िकया जा रिहा है िक पणथ पणरि चलना होगा. एक सभ्य समर्ाज के िलए एक स्वस्थ शक्तरिीरि औरि स्पणष्ट मर्न के आधारि पणरि ही िनमर्ार्पण संभव है .

हमर्ारिी PRAJNAVATAR के बिारिे मर्े सोचा प्रस्तिाव बिनामर् यहोवा पणरिशक्तरिु ामर् के िसरि काट:

यह कहा जातिा है िक िकं ग्स बिहुति अिभमर्ानी हो गया था. यह उनके स्वभाव मर्े था उनके िवषयो को पणरिे शक्तान करिने औरि उस समर्य मर्े भगवान पणरिशक्तुरिामर् का जन्मर् हुआ था. वह यत्न से सभी रिाजाओं के िसरि कटा.

भगवान पणरिशक्तुरिामर् के बिाद एक ऐसे कृत्यो िनष्पणािदति ब्राह्मर्ण होने के बिावजूद यह संभव प्रतिीति होतिा है िक वह रिाजिसक (सिक्रय) पणुरषो के िलए है िक वे उनके बिहुति सोच प्रिक्रया को बिदलना पणड़ा ऐसी तिीव सोच

िदया करितिा है . यह हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू के जीवन मर्े स्पणष्ट रूपण से दे खा जा सकतिा है . नीच कारिर्प वाई के रूपण मर्े

बिाहरि हमर्ारिे मर्ानस प्रकट मर्े बिुरिे िवचारि. हमर्ारिे श्रद्धेय गरू र्प अपणने शक्तियोक्तिशक्ताली लेखन के साथ ु िवनमतिापणूवक लोगो ने चेतिावनी दी है , वह वैज्ञािनक हमर्ारिे कायो की प्रिति​िक्रयाओं के बिारिे मर्े िवस्तिारि से बितिाया औरि इस

प्रकारि कई नीच पणुरषो को बिेहतिरि करिने के िलए बिदल रिहे थे. एक बिहुति िवशक्ताल नैितिक आंदोलन जगह है जो रिाजनीितिक शक्तासको के िसरि काट करिने के िलए समर्ान था िलया. 2700 हमर्ारिे श्रद्धेय गर ु दे व द्वारिा िलखी

िकतिाबिे एक कुल्हाड़ी की तिरिह है , जो भी पणढतिा है प्रभािवति है औरि इस तिरिह बिेहतिरि करिने के िलए बिदल जातिा है . यह नैितिक आंदोलन के प्रभाव है िक 800 - के सेिमर्नारि के िलए नेतित्ृ व िकया गया है . अिधकारिी शक्तािमर्ल है.

िकरिदारि गिरिमर्ा के भगवान रिामर् द्वारिा पणालन:


भगवान रिामर् मर्यार्पदा पणुरषोत्तिमर् कहा जातिा है --- पणिवत्र charactered पणुरषो के बिीच सबिसे अच्छा है . हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु न केवल जीवन के सभी क्षेत्रो मर्े पणिवत्र चिरित्र की िशक्तक्षाओं की स्थापणना की लेिकन खद ु को अपणने

जीवन मर्े आत्मर्साति इतिनी के रूपण मर्े हमर्ारिे िलए बिाति करिने के िलए अपणने िदन मर्े िदन हमर्ारिे जीवन के लेन - दे न के िलए उपणयोिगतिा.

िकसी भी अन्य समाट, रिाजा आिद से भगवान रिामर् कभी नहीं िलया सहायतिा लेिकन बिजाय अपणने सहयोिगयो भालू, बिंदरि, िचम्पणांजी आिद हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू थे साधारिण, संवेदनशक्तील लोगो को इकट्ठा िकया औरि उनमर्े से दै िनक कामर् के एक घंटे के साथ लेने से योगदान के 10 पणैसे के साथ उन्हे वह जमर्ीन से आकाशक्त को िमर्शक्तन उठाया. रिामर् सोने की लंका औरि हमर्ारिे श्रद्धेय लग ु दी कुचल गुरू सभी सामर्ग्री

िवचारिधारिाओं जला, लालच आिद भगवान रिामर्, कमर्जोरि, गरिीबि, दिलति औरि मर्िहलाओं के वगर्प uplifted. हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू भी शक्तति - प्रितिशक्तति इन कायो को िनष्पणािदति. वह दिु नया ब्रह्मर्ांडलीय फिामर्र्प िदखाया. हमर्ारिे

श्रद्धेय गुरू के लौिकक रूपण दे ख रिहे है. वह सबि Rishis का सम्मर्ान. ऋषिष पणरिं पणरिा कायाकल्पण करिके वह धमर्र्प को एक नई िदशक्ता दे दी है .

श्री कृष्ण 16 KALAS औरि ऊर्जार्प की 24 धारिाओं के PRAJNAVATAR:

भगवान कृष्ण के जीवन संघषर्प के साथ एक हाथ पणरि औरि दस ू रिी ओरि वह लोक कला स्थािपणति पणरि शक्तुरू है . यह भी हमर्ारिे Prajnavatar की कहानी है . उन क्षमर्तिा िक रिाजाओं की भावना आनंदो मर्े डलूबिे थे भगवान कृष्ण

द्वारिा भियोक्ति औरि सभी के कल्याण की िदशक्ता मर्े बिँट गया था. हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु अच्छी तिरिह से गायन कला को प्रोत्सािहति करिने के द्वारिा िकया जा रिहा है , अगरि श्री कृष्ण हमर्े कारिर्प वाई के योग का उपणदे शक्त िदया तिो

हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू ने हमर्े िसखाया है िक कैसे आज के मर्ियोु श्कल समर्य मर्े प्रदशक्तर्पन करिने के िलए कारिर्प वाई के योग आिद अिभनय के एक िदशक्ता दे दी है . वह तिपणस्या के एक आश्रमर् मर्े अपणने घरि मर्े भी बिदला है औरि

दस ू रिो को भी ऐसा करिने के िलए प्रोत्सािहति िकया. यह बिहुति मर्हाभारिति जो वह मर्ारि डलाला आज के युग

िनमर्ार्पण के रूपण मर्े अंितिमर् औरि शक्तियोक्तिशक्ताली अध्याय है . इस मर्े , अिभमर्न्यु की तिरिह युवको िवशक्ताल कायर्प को िक्रयाियोन्वति करि रिहे है. अजन ुर्प औरि भीमर् जैसे पणरिाक्रमर्ी योद्धा है. सभी शक्तानदारि लोगो को हमर्ारिे दे शक्त की एक सुपणरि पणावरि औरि पणूरिे दिु नया शक्तांिति से भरिा बिनाने की कोिशक्तशक्त करि रिहे है.


यहोवा हमर्ारिी PRAJNAVATAR बिुधी औरि धमर्र्प चक्र के संघ स्थापणना बिद्ध ु की तिरिह:

यिद आपण एक करिीबिी अध्ययन कायर्पक्रमर्ो की दृियोष्ट से तिो कामर् शक्तैिलयो, प्रितिष्ठानो, िवचारिधारिाओं औरि यग ु प्रवाह के िलए िदशक्ता की एक उिचति भावना दे बिनाने के िलए भगवान बिद्ध ु औरि यग ु िनमर्ार्पण योजना की गिति​िविधयो के समर्ान है . ऐसा लगतिा है मर्ानो भगवान बिद्ध ु की कायो हमर्ारिे Prajnavatar द्वारिा

िनष्पणािदति िकया जा रिहा है . बि​िु द्ध औरि भेदभाव की बि​िु नयाद गायत्री पणज ू ा है . वह भी धमर्र्प की स्थापणना की. िक युग िनमर्ार्पण से सहयोग करिने के िलए िदए गए प्रपणत्र भी गायत्री पणिरिवारि के द्वारिा िदया गया है . बिुद्ध सभी

प्रािणयो औरि गायत्री पणिरिवारि की हत्या का िवरिोध िकया भी उनके नक्शक्तेकदमर् पणरि पणीछा िकया. उनका लक्ष्य

मर्िहलाओं के उत्थान िकया गया था औरि यह एक युग िनमर्ार्पण योजना के प्रमर्ुख लक्ष्यो मर्े से एक है . उन्होने संघ बिनाया, युग िनमर्ार्पण योजना Shaktipithas स्थािपणति. इस तिरिीके मर्े 10 Nishkalank अवतिारि के सभी रूपणो का सारि है . इस बिारिे मर्े कोई संदेह नहीं है . जो शक्तक करिे गे संदेह के धधकतिे आग से नष्ट हो जाएगा. हमर्

एक Prajnavatar के रूपण मर्े हमर्ारिे श्रद्धेय गुरदे व के रूपण मर्े कभी नहीं नबिी को मर्ान्यतिा दी, इस तिरिह के एक मर्हान ऋषिष. जो उसे शक्तािमर्ल हो गए वास्तिव मर्े धन्य थे. Thos जो दरिू भटक आंदोलन का पणूरिा करि रिहे है औरि भिवष्य मर्े ऐसा ही रिहे गा.

िवश्व प्रिसद्ध PROPHESIZER औरि के अिधकारि के PRAJNAVATAR:

केवल कुछ सवर्पशक्तियोक्तिमर्ान ईश्वरि द्वारिा भिवष्यवाणी करिने की शक्तियोक्ति प्राप्ति है . यहाँ पणरि िवश्व प्रिसद्ध संति

के उन भिवष्यवाणी elucidated िकया जा रिहा है जो समर्य की एक मर्हान लंबिाई के िलए जनतिा के मर्ानस

को प्रभािवति िकया है . इन सभी संति के इस बिाति से सहमर्ति है िक दिु नया के एक उज्जवल भिवष्य की िदशक्ता

केवल भारिति द्वारिा िदया जाएगा, यह केवल एक असाधारिण "योग" िक अलग भिवष्यवाणी िबिंद ु बिनाया है हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू की िविभन्न गिति​िविधयो के िलए कहा जा सकतिा है .

PROPHESIZER जीन िडलक्सन


जीन िडलक्सन अदति ु भिवष्यवाणी करिने की शक्तियोक्ति थी औरि इसिलए वह न केवल अमर्ेिरिका मर्े बि​ियोल्क पणूरिी दिु नया मर्े प्रिसिद्ध प्राप्ति की. िनम्निलिखति लाइनो उसे सच भिवष्यवाणी करिने के िलए एक गवाह है:

जीन िडलक्सन एक Solgrave क्लबि मर्े एक पणाटी के िलए आमर्ंित्रति िकया गया था. उस समर्य अमर्ेिरिका के रिाष्टपणिति ट्रूमर्ैन के उपणाध्यक्ष थे. वह हँ सकरि तिमर् ु भगवान के एक भक्ति है, इसिलए आपण अपणने भिवष्य की भिवष्यवाणी करि सकतिे है? बिहुति जल्द आपण अमर्ेिरिका के रिाष्टपणिति बिन जाएगा, एक औरि ट्रूमर्ैन अमर्ेिरिका के रिाष्टपणिति चुने गए थे कुछ िदनो मर्े सही मर्ायने मर्े मर्स् ु कान के साथ जीन िडलक्सन ने कहा. वह रिाष्टपणिति

िनवार्पिचति िकया जा रिहा है पणरि स्वीकारि िकए जातिे है, "हमर् कोई अन्य िवकल्पण नहीं है लेिकन स्वीकारि करितिे है िक आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्तियो औरि अिधक सामर्ग्री शक्तियोक्तियो से अिधक शक्तियोक्तिशक्ताली है." अमर्ेिरिका के सभी

जीन िडलक्सन के prophesizing शक्तियोक्तियो पणरि है रिान था. वषर्प मर्े एक बिारि 1994 रिाष्टपणिति रूजवेल्ट की व्हाइट हाउस के िलए आमर्ंित्रति जीन िडलक्सन औरि पणूछा --- कबि तिक यह करिने के िलए अपणने कायो को पणूरिा करिने

के िलए ले जाएगा? िडलक्सन गंभीरितिा से --- रिाष्टपणिति ने कहा, मर्ै बिहुति कहना है िक आपण अबि जीने के िलए

बिहुति कुछ िदनो के िलए मर्ाफिी चाहतिा हूँ. रूजवेल्ट हँस मर्दद नहीं है औरि अभी तिक वह कुछ ही िदनो मर्े मर्रि सकतिा है . जीन िडलक्सन द्वारिा भिवष्यवाणी उनकी मर्त्ृ यु के मर्ियोस्तिष्क मर्े एक रिक्ति वािहका के फिटने की वजह से था.

abovementioned घटना िफिरि से एक अिधकारिी की अदालति मर्े सािबिति करि िदया था. एक िदन भारिति के जनरिल एजेट श्री िगिरिरिाज शक्तंकरि एक लंच पणाटी फिेक िदया. कनर्पल नवाबिजादा शक्तेरिाली साथ जीन िडलक्सन के साथ आमर्ंित्रति िकया गया था. कनर्पल शक्तेरिाली उसे एक सवाल पणूछा, "मर्ैडलमर्, आपण मर्ेरिे भिवष्य की भिवष्यवाणी करि सकतिे है?" बिेशक्तक हाँ, जीन िडलक्सन, 2 'ने कहा िक

एन डली

जून 1947 भारिति िवभाियोजति हो

जाएगा. आपण िक िहस्सा है जो मर्स ु लमर्ानो के साथ प्रबिल होना होगा (दे शक्त) के िलए जाना होगा. '

2 जन ू 1947 कनर्पल शक्तेरिाली की सबि ु ह पणरि जीन िडलक्सन --- मर्ैडलमर् कह फिोन िकया था, अपणनी भिवष्यवािणयो गलति है. लेिकन जीन िडलक्सन बिहुति दृढतिा के साथ कहा, "सरि, िकसी भी घटना एक दस ू रिे के फ्लैशक्त मर्े

जगह नहीं ले सकतिा. पणरिू े िदन अभी तिक छोड़ िदया है . कृपणया प्रतिीक्षा करिे . "सच 3 rd पणरि अमर्ेिरिकी समर्ाचारि

पणत्रो मर्े जन ू 1947 मर्े छपणा था --- भारिति औरि पणािकस्तिान को िवभाियोजति िकया गया है . इसके साथ साथ सेना भी िवभाियोजति िकया गया था औरि वास्तिव मर्े कनर्पल शक्तेरिाली पणािकस्तिान के िलए छोड़ना पणड़ा.


एक शक्तामर् मर्े 1947 जबि जीन िडलक्सन घरि मर्े रिाजनीितिक मर्ामर्लो पणरि एक बिाति थी, नई िदल्ली के नामर् भी उल्लेख िकया गया था. अचानक जीन िडलक्सन ने कहा, "गांधी जी की हत्या करि दी हो जाएगा लगतिा है

औरि यह 6 मर्हीने के भीतिरि हो जाएगा. "सच मर्े गांधीजी ने 30 पणरि हत्या करि दी गई थी जनवरिी, 1948 है . वे

उसी तिरिह वह 1963 मर्े रिाष्टपणिति कैनेडली की हत्या के बिारिे मर्े िचंितिति था. एक बिारि जबि वह कैनेडली दोस्ति पणिवत्र समर्झा के बिाद छह मर्हीने के िलए यात्रा से कैनेडली को रिोकने की कोिशक्तशक्त की. वास्तिव मर्े यह इस कैनेडली था ियोजसके िलए वह 1963 मर्े भिवष्यवाणी की थी िक वह अमर्ेिरिका के रिाष्टपणिति बिन जाएगा.

हालांिक उनकी मर्त्ृ यु के जीन िडलक्सन की भिवष्यवाणी मर्े आगे कहा गया है िक काितिल का नामर् पणत्र 'ओ'

औरि अंति के साथ 'डली' के साथ शक्तरू ु होगा. बिाद मर्े सभी कैनेडली की हत्या करिने के िलए एक गवाह था जबि वह टे क्सास दौरिा िकया गया था औरि के रूपण मर्े जीन िडलक्सन द्वारिा काितिल का नामर् ओसवाल्डल की भिवष्यवाणी की थी.

जीन िडलक्सन रूस के पणहले मर्ानवरि​िहति चंद्रमर्ा, Eisenhower एक कम्युिनस्ट दे शक्त बिनने के िलए अपणने

चुनाव अिभयान, के पणतिन के Khruschev, चीन जीति, शक्तास्त्रीजी नेहरू आिद, जो सभी से िनकला सच बिाद मर्े हो सकतिा है के बिाद प्रधानमर्ंत्री बिनने मर्े प्रवेशक्त रिॉकेट की तिरिह कई भिवष्य की घटनाओं की भिवष्यवाणी की थी.

नए यग ु के िलए संदभर्प के साथ एक बिहुति ही मर्हत्वपणूणर्प भिवष्यवाणी --- एक ग्रामर्ीण पणिरिवारि मर्े एक angelic आदमर्ी का जन्मर्

एक बिहुति ही िवनम, ग्रामर्ीण पणिरिवारि मर्े एक मर्हान आत्मर्ा के जन्मर्, जो प्रत्यक्ष, प्रबिंधन औरि एक मर्हान

आध्याियोत्मर्क क्रांिति को िनयंित्रति करिने के िलए िलया गया है . वह सिक्रय कायर्पकतिार्पओं जो बिेहतिरि करिने के िलए इस िवकृति दिु नया को बिदलने के द्वारिा सहायतिा प्राप्ति होगी.


एक छोटा सा गांव Anvalkheda, ियोजला आगरिा (उत्तिरि प्रदे शक्त, भारिति). यहाँ एक बिहुति छोटी लेिकन

सस ु ंस्कृति, पणरिमर्ात्मर्ा संचािलति पणिरिवारि मर्े शक्तहरिो की अरिाजकतिा से दरिू हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु के रूपण मर्े पणैदा हुआ था 50 साल पणहले ऊर्पणरि भिवष्यवाणी यानी मर्े उल्लेख िकया. वह सत्तिा के एक गोदामर् था. अपणने िपणछले

जीवन मर्े भी अपणने आध्याियोत्मर्क कौशक्तल की वजह से वह आध्याियोत्मर्क उत्थान का सही रिास्तिा िदखाया था.

यहां तिक िक उनके इस जन्मर् आध्याियोत्मर्कतिा के साथ शक्तरू ु िकया गया. आध्याियोत्मर्कतिा अपणने जा रिहा है वह इसे अपणने दै िनक जीवन की िदनचयार्प मर्े wove के एक बिहुति िहस्सा बिनाने. वह हमर्े आत्मर्ा (भगवान) के अियोस्तित्व से पणतिा चला है औरि दिु नया भरि मर्े एक आध्याियोत्मर्क क्रांिति का िबिगल ु िवस्फिोट से उड़ा िदया.

अपणने िवचारि क्रांिति के मर्ाध्यमर् से वह हमर्े ियोजसके पणिरिणामर्स्वरूपण कई आत्मर्ाओं उसके कदमर्ो मर्े पणीछा के रूपण मर्े इस तिरिह के एक पणथ िदया. एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े आध्याियोत्मर्कतिा का एक मर्ाहौल पणूरिी दिु नया मर्े

तिेजी आ रिहा है . अपणने सकल शक्तरिीरि की तिरिह आज भी अपणने सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि बिहुति सिक्रय है . हालाति बिदल रिहे है, यह भिवष्य मर्े भी बिदल सकतिे है औरि इस प्रकारि 21 के भिवष्य

सेट

सदी बिहुति उज्ज्वल हो जाएगा. ऐसा

लगतिा है िक जीन िडलक्सन भिवष्यवाणी सच भी इस समर्य आ जाएगा.

भिवष्यवादी जॉन MELARD

जबि​िक सहमर्ति है िक इस यग ु मर्े तिब्दील हो जाएगा 'हीिलंग लाइफि ", जॉन Melard के संपणादक िलखतिे है:

आज दिु नया की समर्स्याओं को इतिना है िक यह संभव नहीं है उन्हे एक कमर्जोरि मर्ानव बिुिद्ध से उबिरिने

कपणटपणूणर्प है. मर्ै एक आंति लग रिहा है िक भगवान ने पणथ्ृ वी पणरि प्रकट करिने के िलए जा रिहा है औरि वह अपणने सहयोिगयो की शक्तियोक्ति के साथ इस युग बिदलना होगा है .

शक्तब्द "इस यग ु के पणिरिवतिर्पन" औरि "हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु के यग ु िनमर्ार्पण योजना" ऊर्पणरि भिवष्यवाणी की एक प्रत्यक्ष प्रमर्ाण है . यह एक ज्ञाति तिथ्य है िक भगवान हमर्ेशक्ता िदव्य शक्तियोक्ति औरि सत्तिा के बिाकी दिु नया

िनयंत्रण के सहयोिगयो के साथ incarnates है . भगवान की इस शक्तियोक्ति का कुछ हमर्ारिे श्रद्धेय गर ु दे व के व्यियोक्ति मर्े अवतिीणर्प. अपणने िदव्य दृियोष्ट औरि आत्मर्ा बिल के मर्ाध्यमर् से उन्होने कई दै वीय सस ु ंस्कृति

व्यियोक्तियो पणाया गया है औरि उन्हे सशक्तक्ति बिनाने के द्वारिा वह उन्हे यग ु पणिरिवतिर्पन के पणथ पणरि नेतित्ृ व. वास्तिव मर्े पणूरिी दिु नया मर्े हो रिही बिदल के throes पणरि है .


आज सांसािरिक समर्स्याओं इतिनी तिीव है िक वे एक मर्ानव बिुिद्ध के द्वारिा हल नहीं िकया जा सकतिा है बिन गए है. िवश्व शक्तांिति मर्ानव प्रयास की शक्तियोक्ति से पणरिे है . अभी तिक वहाँ कोई िनरिाशक्ता नहीं करिने की जरूरिति है . क्योिक ऐसे संकेति है िक भगवान ने पणहले से ही हमर्ारिे बिीच मर्े अवतिीणर्प िनकट भिवष्य मर्े करि रिहे है औरि

उनके सहयोिगयो की शक्तियोक्ति की मर्दद के साथ एक नए यग ु की स्थापणना करिने का प्रयास है . उनके बिौिद्धक औरि आत्मर्ा की क्षमर्तिा का संकेति है िक वह भगवान का अवतिारि है . दिु नया के इस तिरिह के एक uplifter गप्ु ति रिहने से लंबिे समर्य के िलए नहीं रिह सकतिे है.

जबि मर्ानव endevaour मर्े िवफिल रिहतिा है , िदव्य शक्तियोक्ति बिागडलोरि पणरि लेतिा है औरि संभव करि रिही है िक जो मर्ानव प्रयास के िलए असंभव है मर्े सफिल होतिा है . हकीकति मर्े अवतिारि की हरि कारिर्प वाई के िलए एक स्मर्िृ ति िचन्ह हो जातिा है . पणाठको की हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू की 2700 पणुस्तिके है . अभी तिक 800 पणांडलुिलिपणयो को

प्रकािशक्तति िकया जा रिह है . इसके अलावा वेद पणरि िकतिाबिे, पणुरिाण औरि Smritis है. हमर्ारिे गुरू की तिरिह एक

आदमर्ी है जो अकेले ही ऐसी उपणयोगी सािहत्य िलखा था दिु नया के इितिहास मर्े कभी नहीं. जहाँ तिक आत्मर्ा

की शक्तियोक्ति के प्रश्न का संबिंध है यह िकतिाबिो की तिरिह नहीं िगना सकतिे है, लेिकन यह िनियोश्चति रूपण से सकल के साथ कामर् करि के रूपण मर्े के रूपण मर्े अच्छी तिरिह से सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि के उदाहरिण से समर्झा जा सकतिा है .

उसकी आत्मर्ा बिल का एक नमर्ूना यह है िक वह बिंद सभी घटनाओं सकल औरि सक्ष् ू मर् दिु नया अथार्पति ् मर्े

जगह लेने के पणथ्ृ वी से अन्तिरिाल आँखो से दे ख सकतिे है औरि यह भी सकतिा है औरि इसके कारिण प्रभावो का पणतिा है .

भिवष्यवादी ROMMAIN रिोलां (फ्रांस)

फ्रांस की Rommain रिोलां एक मर्हान िवचारिक, दाशक्तर्पिनक, औरि पणुस्तिको के लेखक था. वह कोई कमर् से कमर् एक मर्हान prophesizer भी था. बिहुति मर्जबिूतिी से वह जबि एक नई सभ्यतिा औरि संस्कृिति दिु नया की बिाति करि िवश्वास --- "मर्ुझे िवश्वास है िक अपणने अच्छे / बिुरिे गुण के साथ एक सफिेद सभ्य दौड़ के बिड़े समर्ह ू

औरि एक नई सभ्यतिा नष्ट हो जाएगा उभरिने जाएगा. भिवष्य मर्े भारितिीय संस्कृिति औरि दशक्तर्पन मर्े एक िवश्व धमर्र्प औरि संस्कृिति के रूपण मर्े पणूरिी दिु नया मर्े स्थािपणति िकया जाएगा. एक नए समर्ाज की स्थापणना की

जाएगी. मर्ै कलंिकति हो रिही का कोई डलरि नहीं है . पणियोश्चमर्ी दिु नया के िलए आत्मर्ा की अमर्रितिा समर्झ मर्े


िवफिल रिहतिा है , लेिकन मर्ै इसे मर्े मर्जबिूति िवश्वास है . पणियोश्चमर्ी दे शक्तो मर्े जन्मर् लेने वालो के पणियोश्चमर्ी संस्कृिति से प्रभािवति है औरि इस प्रकारि उनके जीवन मर्े तिीव बिाधाओं का सामर्ना करिे गे. "

पणैमर्ाने पणरि दिु नया भरि "Devasanskriti िदियोग्वजय" आंदोलन के गहन प्रयासो एक दिु नया रिाष्ट, एक

दिु नया की भाषा औरि एक िवश्व संस्कृिति मर्े करिना है . औरि यह है िक वास्तिव मर्े क्या होने जा रिहा है . यह वही है जो िदव्य द्रष्टा Rommain रिोलां ने संकेति िदया है .

भिवष्यवादी एंडलरिसन

एंडलरिसन अपणने बिचपणन से ही भिवष्य की भिवष्यवाणी करिने की क्षमर्तिा थी. उनकी भिवष्यवाणी की कई सच ---- आ गए

िद्वतिीय िवश्व युद्ध मर्े एक अमर्ेिरिकी जनरिल लड़ बिाद अमर्ेिरिका के रिाष्टपणिति बिन जाएगा. Eisenhower जो बिाद मर्े िमर्त्र दे शक्तो की सेना के अमर्ेिरिकी जनरिल अमर्ेिरिका के रिाष्टपणिति चन ु े गए थे.

1947 ई. मर्े एिशक्तया का एक मर्हत्वपणूणर्प दे शक्त मर्े िब्रिटशक्त शक्तासन के चंगुल से बिाहरि आ जाएगा. 1947 मर्े भारिति के रिाजनीितिक स्वतिंत्रतिा प्राप्ति की.

8 अगस्ति 1945 मर्े इस तिरिह के एक भयानक घटना है , ियोजसके पणिरिणामर्स्वरूपण एक जापणान के साथ युद्ध वे

के बिारिे मर्े ियोस्थिति काफिी बिदल जाएगा के रूपण मर्े हो जाएगा. औरि 18 अगस्ति युद्ध खत्मर् हो जाएगा. यह 8 वे

पणरि था अगस्ति िक िहरिोिशक्तमर्ा मर्े बिमर्बिारिी की गई. लाखो लोगो की मर्त्ृ यु हो गई. एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े वे

जापणान िबिखरि गया था. 18 पणरि आत्मर्समर्पणर्पण अगस्ति युद्ध का अंति हो गया. वे


एंडलरिसन जबि​िक भिवष्यवाणी है िक है िक दिु नया 1999 ई. के बिाद पणूरिी तिरिह से अलग कुछ होगा ---- िलखा है

एक बिहुति छोटे भारिति के ग्रामर्ीण पणिरिवारि मर्े जन्मर् लेने के व्यियोक्ति केवल अपणने दे शक्त को आध्याियोत्मर्क

प्रभािवति नहीं होगा, लेिकन भी दिु नया के अन्य दे शक्तो के. इस व्यियोक्ति को पणूरिी दिु नया के इितिहास मर्े सबिसे बिड़ी नबिी होगा. वह अकेले इतिना संगठनात्मर्क शक्तियोक्ति है जो िकसी भी सरिकारि द्वारिा नहीं िकया जाएगा

होगा. दिु नया के िकसी भी रिाष्ट की. दिु नया के सभी संिवधानो की तिजर्प पणरि वह पणूरिी दिु नया मर्े इस तिरिह के एक मर्ानव संिवधान ियोजसमर्े वहाँ एक भाषा, एक - सवोच्च दिु नया न्यायपणािलका औरि एक दिु नया झंडला होगा, पणैदा करिे गा. इस प्रयास आदमर्ी के प्रभाव के कारिण आत्मर् िनयंत्रण मर्े प्रचुरि मर्ात्रा मर्े है , अच्छा

व्यवहारि, न्याय, नैितिकतिा, त्याग औरि उदारितिा. अखबिारि सामर्ने पणन्नो मर्े ऐसी खबिरि सिु खर्पयो मर्े है जो मर्ानव सेवा, त्याग, साहस औरि उदारितिा को प्रोत्सािहति करिने के रूपण मर्े मर्ुिद्रति िकया जाएगा. पणढना यह सबि लोगो के प्रिति संवेदनशक्तील प्रकृिति प्रकट होगा. हत्या, डलकैतिी, लूट, अपणरिाध, अवैध गिति​िविधयो के एक कुल को

रिोकने के िलए आ जाएगा. 1999 तिक दिु नया के पणूरिे चेहरिे को बिदलने औरि िफिरि हजारिो साल के िलए लोगो को पणिवत्र शक्तांिति के एक जीवन जीना होगा. "

उन्होने आगे कहा िक धमर्र्प है िक दरिू है औरि व्यापणक आज भी हमर् कल्पणना करि सकतिे है नहीं जो फिैल

जाएगा. यह धमर्र्प औरि संस्कृिति िक भारिति औरि नबिी भी एक भारितिीय हो जाएगा. वह वतिर्पमर्ान मर्े दिु नया भरि मर्े एक क्रांिति की पणहली नींव पणत्थरि िबिछाने.

ऊर्पणरि भिवष्यवाणी बिहुति ज्यादा जीन िडलक्सन के िलए इसी तिरिह की है . इस तिरिीके मर्े दिु नया के मर्हान

futurists की इन इसी तिरिह की भिवष्यवाणी पणरि जोरि दे तिी है िक दिु नया पणिरिवतिर्पन भगवान की पणिवत्र इच्छा है औरि यह िकसी भी पणिरि​ियोस्थिति मर्े बिंद हो जाएगा. इसमर्े कोई शक्तक नहीं है िक इस यग ु िनियोश्चति रूपण से बिदलना होगा.

हकीकति मर्े हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू के इस असाधारिण िवचारि क्रांिति कायर्पक्रमर् पणूरिी दिु नया मर्े फिैल गया है . छोड़ने

घमर्ंडल, facades, अहं कारि आिद लोगो को त्याग, सेवा, सहयोग औरि एक बिड़े पणैमर्ाने पणरि अन्य मर्ानव मर्ूल्यो

imbibing रिहे है. धीरिे धीरिे आज की दिु नया मर्े एक िरिश्तिेदारि पणिरिवतिर्पन दे खा जा रिहा है . इस वास्ति​िवकतिा के


पणीछे है िक नबिी की िदव्य शक्तियोक्ति का कामर् है . उन्होने कहा, इन भिवष्यवािणयो के अनुसारि, उत्तिरि प्रदे शक्त मर्े बिल ु ाया Anvalkheda भारिति के एक छोटे से गाँव मर्े पणैदा हुआ था. वह इतिना आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्ति है िक

इसके आधारि पणरि वह प्रमर्ख ु हियोस्तियो औरि विरिष्ठ - बिहुति सोच बिदल एकत्र हुए. अिधकारिी शक्तािमर्ल है. एक

बिहुति ही कमर् समर्य मर्े रिाजनीितिक उत्थान दे खा जा रिहा है . असाधारिण तिथ्य यह है िक यद्ध ु बिहुति िगरिावट सेट पणरि है. लोग अबि भगवान के रूपण मर्े प्यारि पणरि दे ख रिहे है. 21 के हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु भिवष्यवाणी सदी बिहुति उज्ज्वल abovementioned भिवष्यवािणयो के सबिति ू है .

भिवष्यवादी िपणतिा वेक्टरि

िवश्व प्रिसद्ध भिवष्यवादी संति, औरि िपणतिा श्री वेक्टरि श्रद्धेय िलखतिे है जबि​िक चपणति elucidating. 6, 24 रिहस्योद्घाटन, बिाइिबिल मर्े मर्ैथ्यू िक:

"एक तिलवारि के साथ एक घोड़े पणरि बिैठा एक आदमर्ी का अथर्प एक ऐसे व्यियोक्ति से है जो दिु नया के सभी

मर्नुष्यो के िलए धािमर्र्पक िवचारिधारिा दे करि दिु नया मर्े क्रांितिकारिी बिदलाव होगा जन्मर् होतिा है . उस समर्य

आदतिो पणापणी हो जाएगा, शक्तरिीरि कमर्जोरि औरि मर्त्ृ यु के दे वतिा युद्ध, अकाल, बिाढ, मर्हामर्ारिी आिद प्राकृितिक आपणदाओं विृ द्ध पणरि होगा प्रेिरिति करिे गा. तिारिो औरि ग्रहो के आंदोलनो को मर्ानव जािति के िलए बिहुति

हािनकारिक हो सकतिा है औरि उस समर्य इस िदव्य शक्तियोक्ति पणथ् ृ वी पणरि अवतिारि होगा. वह पणिवत्र शक्तांिति प्रेिरिति औरि मर्ानवीय मर्ूल्यो की रिाह पणरि सभी का नेतित्ृ व करिे गे. "

Devasanskriti िदियोग्वजय आंदोलन के िलए अश्वमर्ेध यज्ञ के घोड़े एक तिलवारि के साथ नहीं है , लेिकन संस्कृिति के ध्वज के साथ रिन पणरि है . िवशक्तेषतिाओं से यह बिहुति स्पणष्ट है िक बिस के रूपण मर्े एक तिलवारि

कटौतिी वस्तिओ ु ं तिो भी हमर्ारिे सभी पणापणो को संस्कृिति मर्े कटौतिी का ध्वज. अबि आध्याियोत्मर्कतिा के वैज्ञािनक िवश्लेषण आध्याियोत्मर्कतिा के सभी पणरिु ानी मर्ान्यतिाओं को बिदल रिहा है . हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु केवल एक व्यियोक्ति नहीं है , लेिकन वास्तिव मर्े एक िवशक्ताल िदव्य शक्तियोक्ति के रूपण मर्े अवतिीणर्प. वह पणरिू ी दिु नया के अपणने

आध्याियोत्मर्क कौशक्तल के साथ पणिरिवतिर्पन की भारिी कामर् ले िलया है औरि आगे शक्तांिति के ऐसे उपणदे शक्तो जो लोगो को िफिरि से सोच का एक बिड़ा सौदा करिने के िलए मर्जबिरिू िकया डलाल िदया.


भिवष्यवादी प्रो. HARAREY

प्रो Hararey अपणने सपणनो मर्े भिवष्यवाणी की घटनाओं को दे खा. गांधीजी एक सप्तिाह पणहले िनधन हो गया है प्रो Hararey उसकी मर्ौति की भिवष्यवाणी की थी.

जबि सुकणो िसतिारिो अपणने चरिमर् पणरि थे प्रो Hararey कहा: आज लोग िकसी भी taints नहीं दे ख रिहे है, लेिकन एक बिहुति ही कमर् समर्य मर्े वे सक ु णो के पणतिन दे खेगे. सच के बिाद 1 वषर्प सुकणो एक पणतिन का अनुभव िकया.

Uptil अबि प्रो Hararey भिवष्यवािणयो के बिहुमर्ति सच मर्े आ गए. जबि एक आज की पणिरि​ियोस्थितियो का िवश्लेषण करितिी है यह कमर् से कमर् अदति ु हो सकतिा है अगरि एक उज्जवल भिवष्य की अपणनी भिवष्यवािणयो सच आ जाएगा.

उन्होने दे खा िक ---

वषर्प 2000 औरि इससे पणहले िक वषर्प ई..

दै वीय सियोन्निहति व्यियोक्ति जन्मर् ले िलया है , वह आनंद से सभी का मर्न भरि जाएगा, वह दिु नया के सभी किठनाइयो को दरिू करिे गे. वह inethical औरि अन्यायपणूणर्प लोगो को सीधा जाएगा.

रिाति की पणहली ितिमर्ाही जबि मर्ै गहरिी नींद मर्े हूँ मर्ै अपणने सपणने मर्े एक िदव्य व्यियोक्ति को दे ख. इस योगी की आइब्रो के बिीच एक जलमर्ागर्प के पणास बिैठा, मर्ै एक आधा चाँद दे खतिे है. उसके कपणड़े की तिरिह उसके बिाल

सफिेद होतिे है, उनकी त्वचा िनष्पणक्ष है औरि उसके पणैरि leatherless सैडलल है . पणण् ु य लोगो की एक भीड़ ने उसे

चारिो ओरि है . केन्द्र मर्े एक आग जलतिा है . इन लोगो को मर्ंत्र कुछ औरि िफिरि आग मर्े कुछ फिेक. धुआँ आकाशक्त


भरितिा है . दिु नया के सभी लोगो को इस स्थान की ओरि चल रिहे है. इनमर्े िवकलांग है, गरिीबिी से त्रस्ति लोगो

को. वह िदव्य व्यियोक्ति उन्हे िनदे शक्त िदया है औरि इस प्रकारि से आनंद के साथ उनके िदल को भरिने. पणीपणल् ु स किठनाइयो बिंद warded जा रिहा है करि रिहे है, लोगो को पणसंद / नापणसंद के प्रत्येक अन्य िवहीन के साथ

िमर्लातिे है. स्वगीय आनंद की एक मर्स ू लधारि बिािरिशक्त है . लाइट औरि धीरिे धीरिे बिढाने एक िदव्य पणवर्पति पणरि यह सय ू र्प के प्रकाशक्त की तिरिह बिहा रिही है . वहाँ से साल के स्कोरि के पणानी की तिरिह प्रकाशक्त की िकरिणो को उगतिा है औरि पणरिू ी पणथ्ृ वी के वातिावरिण को शक्तािमर्ल िकया गया है .

इसके बिाद के संस्करिण की भिवष्यवाणी है िक िवश्व प्रिसद्ध द्रष्टा प्रो Hararey जो वह मर्े बिाति की थी "नए युग प्रकट होगा औरि इसे आगे पणित्रका" पणियोश्चमर् िमर्रिरि "मर्े िकया गया था पणरि सिवस्तिारि. प्रो Hararey इसरिाइल के एक धािमर्र्पक यहूदी पणिरिवारि मर्े पणैदा हुआ था. अपणने उपणयुक्ति औरि सही भिवष्यवािणयो के

कारिण वह बिस के रूपण मर्े प्रो. Cheiro एंडलरिसन औरि अमर्ेिरिका मर्े िडलक्सन, इंग्लैडल औरि भारिति मर्े Varah

िमर्िहरि के रूपण मर्े यूरिोपण औरि अफ्रीका मर्े प्रिसद्ध हो गया. जबि लोग प्रो Hararey पणूछतिाछ की ऊर्पणरि सपणनो के बिारिे मर्े उन्होने कहा िक उन सपणनो िक मर्ै सुबिह घंटो मर्े एक बिहुति ही कमर् समर्य अविध मर्े सच हो, उन

सपणनो िक मर्ै आधी रिाति को 1 वषर्प के बिाद सच हो औरि उन 1 मर्े दे खा रिाति की ितिमर्ाही के कुछ वषो के बिाद

सच हो. इन सपणनो को मर्ै अपणने मर्न मर्े िवचारि िमर्लतिा है िक भारिति मर्े एक िदव्य व्यियोक्ति जन्मर् ले िलया है

जो वषर्प 1970 तिक िकसी भी बिाहरिी नामर् या प्रिसिद्ध के िबिना एक दिु नया आध्याियोत्मर्क क्रांिति के िलए सक्ष् ू मर् स्तिरि पणरि कामर् करितिे है लेिकन बिाद मर्े उनके नेतित्ृ व एिशक्तया मर्े हरि जगह फिैल जाएगा के बिारिे मर्े िफिरि पणरिू ी

दिु नया मर्े . उनके िवचारिो को मर्ानव मर्ल् ू यो औरि दरिू दिशक्तर्पतिा है िक दिु नया ख़ामर्ख़ाह उसके कदमर्ो मर्े पणालन करिे गे तिो पणरिू ा हो जाएगा. जबि िवज्ञान, धमर्र्प को नष्ट करिने औरि संस्कृिति तिो इस िदव्य संति एक

आध्याियोत्मर्क क्रांिति औरि लोगो को प्रेिरिति, मर्सीह के जन्मर् से पणहले की तिरिह होगा, आग, पणानी, हवा, अंति​िरिक्ष, आिद रि​िव की तिरिह प्राकृितिक तित्वो की पणज ू ा की गहरिी आयाति को समर्झने शक्तरू ु करि दे गे

एक सफिेद बिाल, सफिेद चमर्ड़ी, सफिेद कपणड़े औरि पणैरिो पणरि leatherless सैडलल के साथ कई लोगो को दे खतिे है, लेिकन यह वास्तिव मर्े दल र्प मर्ाथे पणरि एक आधा चाँद दे ख सकतिे है. हाँ, हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु के मर्ाथे पणरि सही ु भ

मर्ायने मर्े जो कैमर्रिे के ले स के द्वारिा पणकड़ा गया था एक पणिरिपणत्र सफिेद प्रकाशक्त चमर्कतिा है . यह भिवष्यवाणी यह करिने के िलए एक सच ू क है औरि प्रो Hararey की भिवष्यवाणी सािबिति होतिा है . वषर्प 1958 ई. मर्े हमर्ारिे श्रद्धेय गुरू 1008 यज्ञ ियोजसमर्े पणूरिे भारिति से 4 लाख लोगो ने भाग िलया का एक कायर्पक्रमर् बिनाया है . उस

समर्य वहाँ यज्ञ औरि पणिवत्र प्रवचन की एक सतिति कायर्पक्रमर् था. 1008 यज्ञ से अिधक औरि ऊर्पणरि 5 अिधक कायर्पक्रमर्ो टाटानगरि, मर्हासमर्ुंद, Porbunder, Baharaich, औरि Jhalavad मर्े आयोियोजति िकया गया.

इसके अलावा 108 यज्ञ कायर्पक्रमर् पणूरिे भारिति मर्े आयोियोजति की गई. हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु हमर्ेशक्ता दरिू समर्स्याओं


को सुलझाने औरि किठनाइयो warding के िलए अपणनी तिपणस्या का फिल दे िदया. इस संबिंध मर्े वहाँ

घटनाओं जहां वह लगभग अपणने जीवन िदया है . हकीकति मर्े वह हमर्ेशक्ता भगवान िशक्तव की तिरिह एक मर्हान

पणरिोपणकारिी के शक्तियोक्तिशक्ताली भिू मर्का िनभाई. वह पणिवत्र िहमर्ालय पणवर्पतिो मर्े गहन तिपणस्या प्रदशक्तर्पन िकया. सभी िदव्य प्रकाशक्त औरि िबिजली से वहाँ के रूपण मर्े हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु द्वारिा संकेति है .

सभी आध्याियोत्मर्क हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु "मर्ानव जािति मर्े दे वत्व की अिभव्यियोक्ति 'के इदर्प - िगदर्प घूमर्तिी का

प्रयास. वह आध्याियोत्मर्क मर्ल् ू यो औरि उसकी घोषणा की जा रिहा है के हरि रिोमर्कूपण पणूरिी दिु नया मर्े प्रवेशक्त करिने के िलए "एक ही पणिरिवारि के रूपण मर्े दिु नया." चाहतिा था वह सबि आियोस्तिक मर्ानव मर्ल् ू यो औरि नाियोस्तिक

संयुक्ति औरि कहा िक यह सच है धमर्र्प था. ऐसे कई लोगो को उनके द्वारिा िनधार्पिरिति रिास्तिे पणरि चल रिहे है औरि यह वही है जो मर्हान भिवष्यवादी ने संकेति िदया है .

दिु नया के बिदलतिे समर्य से पणतिा चलतिा है िक यह कमर् से कमर् अदति ु हो अगरि प्रो Hararey सपणने सच प्रितिशक्तति प्रितिशक्तति आ जाएगा.

भिवष्यवादी Nostradamus

Nostradamus, एक फ्रांसीसी, एक बिहुति बिुिद्धमर्ान ज्योितिषी औरि supersensory द्रष्टा था. उसके सबि

िहटलरि औरि नेपणोिलयन के बिारिे मर्े भिवष्यवाणी सच मर्े आ गए. उनके सभी भिवष्यवािणयो अपणनी पणुस्तिक मर्े िकया गया elucidated है "शक्ततिक औरि यह सच है मर्ाइकल डली. Nostradamus की भिवष्यवाणी."

एक िवश्व प्रिसद्ध व्यियोक्ति एक बिहुति धािमर्र्पक दे शक्त मर्े पणैदा हो जाएगा. वह अपणने आध्याियोत्मर्क सहयोिगयो के

कुछ के साथ पणूरिी दिु नया मर्े क्रांितिकारिी बिदलाव होगा. इस ऐितिहािसक मर्हान ऋषिष विृ द्ध ऐसे मर्हान अशक्तांिति िक हरि पणिरिवारि मर्े , ियोजला आिद आंति​िरिक अशक्तांिति होगा दे दे गे. यह आंति​िरिक पणिरिवतिर्पन चरिण 20 के अंति मर्े होगा सदी औरि 21 की शक्तर ु आति वे

सेट

सदी. लेिकन बिाद मर्े उच्च मर्ानवीय मर्ूल्यो को पणूरिी दिु नया पणरि शक्तासन

करिे गे. लोग नीच सोच शक्तेडल औरि दिु नया स्वगीय हो जाएगा.


चाँद के इितिहास के इस मर्हान संति के िसरि पणरि िमर्ल जाएगा. उसके कपणड़ो आसान हो जाएगा, वह दो बिारि शक्तादी करिे गा, वह 2 बिेटे है, वह 2 बिेिटयो औरि दो बिारि वह अपणने िनवास बिदल जाएगा. दोनो बिारि वह उत्तिरि की ओरि कदमर् होगा.

इस ऊर्पणरि भिवष्यवाणी का सबिूति है िक युग ऋषिष आचायर्प श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प की एक छोटा सा गांव Anvalkheda (आगरिा) मर्े पणैदा हुआ है , भारिति एक ऐसे आध्याियोत्मर्क क्रांिति है िक वास्तिव मर्े रिाक्षसो औरि डलेमर्ी - दे वतिाओं

के बिीच एक आंति​िरिक अशक्तांिति सभी के मर्न मर्े जगह ले ली प्रेिरिति िकया. दरिू दे शक्तो के िलए जा रिहा द्वारिा छोटे समर्य गायत्री पणिरिवारि औरि युग िनमर्ार्पण योजना संगठनो के सामर्ाियोजक कायर्पकतिार्प इतिना सदावना प्रेिरिति िकया है िक लोगो को अपणने नीच गिति​िविधयो बिहा शक्तरू ु करि िदया. अश्वमर्ेध यज्ञ के मर्ाध्यमर् से पणिवत्र

गिति​िविधयो के िलए आकषर्पण हमर्ारिे दे शक्त से दरिू दे शक्तो मर्े फिैल रिहा है . हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु िनवासो केवल दो बिारि बिदल िदया औरि दोनो बिारि वह उत्तिरि की ओरि कूच िकया.

ऐसा लगतिा है िक वास्तिव मर्े मर्हान भिवष्यवादी हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु के पणिरिवारि को दे खा, जबि​िक इस

भिवष्यवाणी बिना. औरि आश्चयर्पजनक इस भिवष्यवाणी को 16 सदी मर्े बिनाया गया था . यह इस वे

भिवष्यवाणी का सबिूति िटप्पणण लायक है ......

मर्हान संति आचायर्प श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प की दो बिारि शक्तादी करि ली. पणहली पणत्नी श्रीमर्तिी सरिस्वतिी दे वी, श्री Roopram शक्तमर्ार्प, Barsauli, आगरिा की बिेटी थी. दस ू रिी पणत्नी श्रीमर्तिी भगवतिी दे वी शक्तमर्ार्प, श्री Jaswantji Bihaur, आगरिा की बिेटी थी.

संस ---- श्री ओमर्प्रकाशक्त शक्तमर्ार्प. श्री Mrityunjay शक्तमर्ार्प.

बिेिटयो - श्रीमर्तिी Dayawati उपणाध्याय


श्रीमर्तिी Shailbala पणंड्या

भिवष्यवादी आथर्परि चाल्सर्प क्लाकर्प (अमर्ेिरिका)

यहां तिक िक एक छोटे से लड़के के रूपण मर्े चाल्सर्प क्लाकर्प एक असामर्ान्य extrasensory धारिणा के कारिण भिवष्य की भिवष्यवाणी करिने की शक्तियोक्ति थी. वह कह रिही है िक आदमर्ी केवल इस स्थूल शक्तरिीरि नहीं है ,

लेिकन िदव्य शक्तियोक्ति का एक गोदामर् है रिखा. इस शक्तियोक्ति प्रकाशक्त चमर्क, औरि सभी अिधकारि है िक मर्नुष्य पणरिमर्ेश्वरि की ओरि से प्राप्ति yearns है . लेिकन यह शक्तियोक्ति आदमर्ी मर्े अव्यक्ति है औरि इसे करिने के िलए जागति ृ िकया है .

एिशक्तया के दे शक्त मर्े कुछ िदन (भारिति का संकेति) मर्े एक मर्हान तिीव सोचा क्रांिति 1971 मर्े शक्तरू ु होगा. 10 साल के बिाद यह पणूरिी दिु नया मर्े फिैल जाएगा. औरि इस तिरिह आदमर्ी अव्यक्ति मर्ानस दे वत्व को जगाने के िलए

मर्जबिूरि हो जाएगा. उन ऊर्जार्प है िक आदमर्ी को आज पणूरिी तिरिह से अनजान है औरि दिु नया मर्े सभी के िलए

अध्ययन की प्राियोप्ति िवषय हो जाएगा. िवज्ञान एक नया मर्ोड़ ले औरि आध्याियोत्मर्क मर्ल् ू यो द्वारिा पणूरिी तिरिह से प्रभािवति हो जाएगा. इन आध्याियोत्मर्क मर्ल् ू यो औरि ऊर्जार्प रिे शक्तमर्ी कॉडलर्प है िक दिु नया के सभी दे शक्तो के साथ टाई जाएगा होगा.

The amazing correlation of Arthur Clark’s prophecy is this that our revered preceptor had churned entire India mentally till the year 1971 like the proverbial ocean and the jewels that emerged as a result were great soul powers. In order to intensify this thought churning, in order to awaken divinity in mankind and in order to manifest heaven on earth our revered preceptor performed intense penances in the Himalayan mountains. This divine energy gathered by him was showered on the entire world and as per the predictions of this great seer the movement of the thought revolution spread in all countries in these 10 years. This gave a new positive direction to all. It is because of this that the scientific world is researching into spiritual laws just as it does material laws. In reality it is only spiritual power that will aid it in its endeavour so that the entire world will be tied unitedly. This is the prediction in that prophecy.


All his prophecies of Independence of India, Friendship between China and Pakistan, War between Russia and China have come true. Of course the timing may not have been exact yet one should not doubt his prophecy of the rare thought revolution and era transformation before 2000 A. D. Because today’s circumstances are already leaning in that direction.

FUTURIST MRS. VORISKASILVIGAR (HUNGARY)

An English officer had laid a bet with Hungary’s great futurist Mrs. Voriskasilvigar that India would never attain political freedom from British rule. She in turn replied --- No power in the world can continue to make India a political slave after the year 1944. Its fate will shine and it is the religious people of India that will usher in peace in the entire world.

After the year 1944 India became politically independent as witnessed by one and all. The other truth of this prophecy is as follows :

“India will gain glory as a great power in the world but it will have to struggle a lot before becoming a super power. Superficially the times will be hard yet a great prophet will be born in this country who by gathering thousands of lesser powered individuals will induce so much fearlessness that these very small people will challenge the so-called materialistic people and will prove the latter’s ideology as illusory. After that righteous and straightforward people will prevail and peace will spread everywhere. Yet after a dint of hard struggle human values will augment on a permanent basis. Its characteristics will be very clear by the year 2000 A.D. and thus later the world will overflow with love, compassion, honesty, sense of others’ well-being and universal brotherhood.”

The dreadful circumstances of today are a proof of this prophecy. Today strife is at its peak. Our revered preceptor in the year 1958 itself had spread the brotherhood of Gayatri Parivar all over the world and later had also declared that the 21st century will be a radiant one. For correlating philosophy with action a bright future was being woven through the medium of Japa (Mantra chanting) and Yajna (fire sacrifices). People of the world are witnessing ---- the declaration of the resolve of lakhs of people renouncing vile habits, addictions etc. This is an influential aspect of the indication of a new bright era and rejuvenation of a civilized society. This is the pointer of our revered preceptor towards that divine hindsight and which is elaborated in this prophecy. Definitely pious people are on the rise and the ethics of Gayatri Parivar is being proved true. People proclaim that all


their hopes now rest on the mighty shoulders of Gayatri Parivar. It is this world family that is truly spreading brotherhood everywhere.

This is definitely a prophet who without the differences of caste, sex, Varna, religion, language, high-low etc. has induced many people in the world to imbibe the precept of “We will change, the era will change.” The proof of this is the scores of Ashwamedha Yajnas being carried out in far off nations and the first Purnahuti of Yuga Sandhi Mahapurashcharan in our preceptor’s birth place Anvalkheda in Agra.

FUTURSIST GERARD CHRISEY (HOLLAND)

In this century the great seer Gerard Chrisey of Holland has proved to be a great futurist not only in Holland but in entire Europe. He not only correctly predicted the future but also spoke correctly about one’s past life. Almost all his prophecies have come true. Today’s world conditions are a proof of his prophecy made as follows :

I am seeing that in a very ancient country of the East, India, such a great man has taken birth who will usher in welfare of the entire world. He will be aided by lakhs of people with women predominating. They will conduct fire rituals (Yajnas) and offer fragrant materials to the fire. The smoke coming out of it will purify the atmosphere. All the people of the world will gaze in their direction and listen to this great saint. All political leaders will be forced to sit on one dias. The proof of this prophecy is found in the end of the 20th century and later the entire world will be tied together in oneness. Everywhere there will be well being and prosperity. There will be no violence, crime, illegal activity etc. Those who are vile, wicked and show disrespect to women will be penalized severely. People will drink more milk. The number of flowers, trees etc will augment. Beauty of nature will bloom everywhere.

In reality our revered preceptor activated Gayatri Parivar which people say was accomplished subtly. This can be said to be the supreme revolution of this century. The result of allowing women to chant the Gayatri mantra is this that the power of motherhood understood her potency and came forward to carry the red flame. This was pre-envisaged by the above futurist.


By asking people to imbibe the precept of “I will behave with others in a way that I expect others to reciprocate”. When our revered preceptor through the medium of Yajna taught renunciation and spiritual goals to be achieved, at that time the potency of Gayatri Parivar set off to perform Yajnas for the welfare of all creatures and this was witnessed by the futurist with eyes closed. In reality Ashwamedha Yajnas have proved useful in purification of natural elements like air, water etc. along with good health as shown by research conducted on Yajnas.

FUTURIST JULES BERNE (FRANCE).

Jules Berne was a prolific writer and a great futurist. In the year 1962 once the armies of Russia and America challenged one another. There was terrible bombing, atom bomb usage along with missiles. The switch for war was about to be pressed and at that time French political leaders asked Jules Berne, “Who will win this war?” Jules Berne replied, “No one. Because there will be no war. Russia will withdraw.” This is exactly what happened because Russia withdrew.

A decade before man landed on moon he had predicted this event.

His prophecy of France being defeated by Hitler also came true.

Thus many prophecies of Jules Berne have come true.

As proof of contemporary times the following prophecy of Dr. Jules Berne is proving to be true :

Upto the year 2000 A.D. the world’s population will touch 600 crores and majority of the people will reside in Asia and America. Without doubt there will be no nuclear wars yet class based struggles will augment. On the one hand there will be class strifes and on the other a very new spiritual revolution will take place which will unfold the new mysteries of God and our soul. Science will emphasize it as a result of which atheism and the left path (Vaam Marg) will be destroyed. In its place will augment faith, justice, ethics, trust,


discipline and a sense of righteous duty. All these changes will be the foundation stones of a worldwide revolution.

The way Russia and America are taking political decisions it seems that Jules Berne’s predictions that there will be no nuclear warfare will come true and yet he has predicted strife taking place. It is very much like the flame flickers more radiantly before it gets extinguished. Here because world turmoils are definitely going to end these strifes will not be accidental.

The proof of this prophecy is that great scientists have agreed upon our revered preceptor’s religion since it is very scientific. The opinion of scientists that man is a mass of chemicals only has been proved totally incorrect. Scientists now agree that a divine power is behind creation and maintenance of our cosmos. This unseen divine power is none other than God. God is directly connected to our soul principle. And to understand this deeply a lot of research has been undertaken all over the world. Our revered preceptor by writing the book “Where is God and what is His Nature” has given us a path of realizing God and conducting spiritual research.

I strongly apprehend that this spiritual revolution will commence in India. Regarding its mode of execution I differ with Jean Dixon over the fact that this person has already taken birth before the year 1962 A. D. And that at this moment he is involved in a major endeavour in India itself. This divine person will have also participated in India’s freedom movement and his followers are many. His followers will form a powerful organization and in a short time span will influence the entire world. And with their soul force they will easily and successfully bring about those transformations of this world which at present seem impossible.

It is apt that Jules Bernes looks upon our yearnings to know the future as proof of the imperishable nature of our soul. The body never believes that it will remain forever because by nature it is perishable. But the soul is immortal hence even greater than its curiosity of the past is that towards future transformations. If man unites his intellect, discriminating understanding and effort to these transformations then the future of not only an individual but the entire human race can be changed into radiance. When this task cannot be executed by mankind then great sages alongwith awakened souls (aides) manifest on earth and as per the Lord’s wish a new era is created. Mr. Jules Berne believes that in the near future history will repeat itself and that none can obstruct this transformation.


Upto the year 1962 our revered preceptor had completed 50 years. From the very beginning he took part in activities of social and national welfare. When untouchability was at its peak in India he at the tender age of 15 years washed the wounds of his maid servant despite severe opposition from his family and village folks. He would tie up the wound, serve her in all ways and thus vociferously opposed all undesirable practices. He executed many programs for social welfare. He actively participated in India’s struggle for political independence. He went to jail thrice. In order to follow in the footsteps of our revered preceptor there is no bondage of caste or religion. He is the first Rishi of the world whose followers are crores in number and are spread out in 90 countries. The proof of Jules Berne’s prophecy is the character and behaviour of our revered preceptor.

FUTURIST CHEIRO

Prof. Cheiro of England predicted future events based on astrological calculations. People were wonderstruck on hearing his prophecies. He amazed people by predicting the war in South Africa, death of Victoria, death date of Edward Saham, downfall of the Russian Czar, and the correct year of the German war. Prof. Cheiro was called the magician of astrology.

Foll. is the prophecy of Prof. Cheiro :

The planet Sun is very powerful for India and it is in Aquarius. No power of the world can stop India from radiating with glory. A very powerful person full of sacred spiritual ethics will be born in India. This person will spiritually awaken all people of the world. His spiritual power will be more potent than all the material energies of the world put together. Because of Jupiter’s influence there is a possibility of a wisdom revolution taking place and its sacred effect will be seen all over the world. ------- Prof. Cheiro (England).

A very similar prophecy has been made by G. Vegilatin based on a carving of a stone in Egypt.


The years 1930 to 2000 A.D. will be the time span of the work of a great world uplifter. Despite looking ordinary externally yet his divine power will be so intense that in his own life time he will convert ž of the world atheists into believers of God. The most educated people of the world will become wonderstruck on witnessing his thought revolution.

The changing circumstances of the world gives us an indication that the time has come for re-installation of a new civilization and a new society. The philosophy of our revered preceptor is churning the minds of all. It is inducing faith in spirituality. The arrogance of the intellect is bowing down to the sacred emotions of the heart. The world is heading towards that possibility wherein the entire world will dwell in peace and a sense of well being for one another.

THE AGREEMENT OF INDIAN SEERS REGARDING THAT PROPHET OF GOD.

Like foreign futurists those prophecies made by Indian seers with reference to the new era seems to correlate totally with all the tasks executed by our revered preceptor.

Mahayogi Shri Aurobindo was a great seer-saint. He had the extraordinary capacity to dive deep into future events. All that he saw with closed eyes, whatever he experienced in his heart came to be true. All his words came true at the appropriate time.

We present his experience in his own words regarding a glimpse of the Prajnavatar.

SEER-SAINT SHRI AUROBINDO

India’s glorious times are very near. It will again get the credit of spreading the flow of righteousness and culture in the entire world.


In my psyche manifests divine inspirations and they say that India’s glory is very near, some people will try to force it to follow Western traditions but I am sure that a movement will commence in India which by destroying our vile tendencies will give our psyche a new spiritual direction. And this will augment the glory of India. This movement will once again bring in the joys of the Golden Age in the entire world.

All his words give us a feeling that he actually “saw” all that he wrote i.e. all of the name, form, character, activity perfectly fit our revered preceptor.

The great poetry of Maharshi Aurobindo called “Savitri” is well-known in the world. In canto 4 (pages 335-336) by pointing to a powerful leading messenger of God he forces us to delve deeply into its deep import. It looks as though he has written all this keeping in mind our preceptor’s “manifestation of Yuga Shakti.”

FUTURIST SWAMI ANANDACHARYA

Anandacharya who was born in the year 1983 in Bengal was an Indian. Later he was a resident of Norway. He was a spiritual sage, philosopher, thinker and an expounder of human religion. He was full of extrasensory perceptions. In 1910 he had declared that people should get ready for a first world war within 4 years.

On being questioned by a British News Agency he said that be prepared for one more world war later. Both these prophecies were proved to be true. Also his prophecies of the death of Kennedy, Martin Luther, Mussolini and leadership of Eisenhower and Krushchev came true.

In the foll. prophecy there is a true depiction of true facts :

True religion will take the form of an organization first in my own country. It will be born along with the freedom movement of India but after 24 years in 1971 A.D. it will illuminate entire India in the form of a powerful organization. On the one hand there will be widespread turmoil in world politics and in that Indian politics will be most active. That


organization which will appear for spiritual upliftment will make a new map of world welfare. The leader, director of this organization will be a householder and will gain fame as the greatest thinker in the annals of world history. That man will chart out a behavioural ethics of responsibilities of every individual towards society and how all nations will cooperatively coexist in a peaceful environment. If all his thoughts that he has put down on paper are published in book form then the book will weigh more than 100 pounds.

The great seer has said that 24 years after India’s Independence i.e. in 1971 A.D. a religious institution will build up into a huge organization. It will chart out a map of world peace. The proof of this prophecy is that the intense austerities of our revered preceptor which commenced in the year 1971 shook the psyche of one and all as a result of which scores of people joined the Gayatri Parivar. Revered Mother by joining her soul force to that of our revered preceptor proved the saying of 1 + 1 = 11. It was the true resolve charted out by our revered preceptor that became the behavioural ethics of all and is today being imbibed in all corners of the world. Thus the goal of world well-being will definitely be realized. He looked upon good behaviour and self control as the foundation stones of spiritual and material progress and hence he was very vociferous about it while putting it down on paper. In reality our revered preceptor’s writings weigh more than his bodily weight. This is being pointed out by the futurist. The basis of a bright world future will be this very behavioural ethics. And because of it the world will radiate with peace.

PROPHECY OF SAINT SURDAS

The great poet-saint Surdas was blind since birth. He never saw the world with open eyes. Yet his poetry is an example of live depictions. In reality his intuition was awakened. Thus with his subtle eyes he saw all creatures, the world and Brahman (God). According to him time is marching ahead in that direction.

In one verse Surdasji writes with his intuitive eyes :

After the year 1900 the world will transform. After this great transformation, righteousness will prevail in the world and for thousands of years there will be world peace. This is that very time.


FUTURIST SAINT VISHWARANJAN BRAHMACHARI

When the saint Vishwaranjan Brahmachari predicted that Shri Lalbahadur Shastri will become the Prime Minister of India he also sorrowfully declared that Shastriji would remain as Prime Minister for a very short time span only because of his impeding death outside India. Later India will have a female Prime Minister. This is exactly what happened.

He elaborated further by saying that in the coming days India will face lots of ups and downs. But that also a major event of a spiritual revolution in the country will also take place. Although this revolution will commence in Central India, yet it will spread in the entire country. The credit of uniting North and South India in one cord will go to the propounder of this revolution. In a short time India will re-instate new ideals which will be followed by people of the entire world. People will voluntarily give up vile activities and imbibe pious behaviour. In future people instead of competing with one another over money, status, material comforts etc. will vie with one another to become more honest, of a more charitable disposition, hardworking and more cooperative.

In every small and gigantic Yajna one can see that people are voluntarily renouncing vile habits, and addictions like gambling, alcohol, drugs etc. The divine character of our revered preceptor is churning the minds of all. People are heading towards the goal of pious actions. With ease people from North to South and East to West are being tied together by the cord of sacred culture. Thus the prophecy has been proved true.

FUTURIST PARAMHANS RAJNARAYAN PATASHASTRI

Mathura is that divine abode in India where Lord Krishna was born. He along with small cowherd boys opposed injustice, vile ethics etc. He gained victory over terrible demons like Kansa and Jarasandh and then lifted the Govardhan hill on his little finger so as to protect the Vrajvasis. This very act is being re-enacted by our revered preceptor Yuga Rishi Shriram Sharma Acharya with his character and various activities. By taking along with him ordinary folks he opposed social activities which were vile and distorted. To ward off all this we wrote a lot of sacred literature which of course did not kill demons but definitely warded off demonic activities and vile character. For world welfare he raised the


Govardhan hill of cultural victory aided by small cowherd boys along with their extraordinary powers. This is proving that the 21st century will definitely be radiant. The prophecy definitely points out to the spiritual and mighty endeavour of our revered preceptor.

LADY FLORENCE IMBUED WITH A GREAT SENSE OF EXTRASENSORY PERCEPTION (If she foresaw so much then why did she not take the name of our revered preceptor?)

Truly the lady of New Jersey (America) called Florence was strange. When she either touched a person or any article used by that person she could correctly describe events of that person’s life. By putting faith in this extraordinary power of Florence many govt. and private institutions solved their otherwise unsolvable problems. Whatever she said was absolutely correct. Regarding problems of regions and places she answered only if she was questioned. Yet she voluntarily spoke about the future of the world. All her predictions regarding the new era are in agreement with that of our revered preceptor. Whenever she spoke of era transformation that would be executed by a great saint it is very clear that she had the picture of our revered preceptor in the canvas of her mind’s eye. The only amazing thing is that despite seeing the future so vividly why did she not name our revered preceptor. Maybe the answer has been given by our revered preceptor when he says that ----

“My personality will come out in the open only at the appropriate time.”

PROPHECIES THAT HAVE COME TRUE

Regarding this it would be out of place to talk about certain prophecies on regions or individuals since they are many, yet we will place before the readers world problems and events predicted by Florence which have come true.


In 1964 A.D. she had said that the researches of those believing in a divine power will augment. Even communist countries that are atheists will be influenced by the above people. There will be tension amongst communist countries. In Central Asia the Arabs will not gain victory over Israel. She warned of tensions between various nations but that ultimately it will not lead to a world war.

This prophecy of Florence has come true. Scientists are now researching into a super divine power. Research of the stature of Ashwamedha Yajnas has already commenced. Tension between communist countries like Russia, China, Czechoslovakia is on the rise. The Arabs have virtually stopped attacking Israel. This is because they are involved in their own nations’ advancement. Saddam Hussein the President of Iraq went for a war with America. It looked as thought the world war would break out. Yet the danger was warded off.

In her book “Fall of the Sensational Culture” she had written that before the year 2000 A.D. there would be a downfall of Western materialistic ideology and that Mother Nature’s balance too would get distorted. For e.g.:

People will be full of wrath. Vile behaviour will reach its peak. Those in countries who lead a life of sense merriment will become full of despair, anguish and sorrow. Desires will augment and thus there will be hatred amongst people. Everywhere there will be violence and destruction. The poor will loot the rich. There will be an atmosphere of utter strife everywhere. Yet a new sacred thought wave originating in India will totally dispel the gloom of the world.

There is no need to give the avid reader an example to prove Florence’s prophecy. The solution to the problems of all people leaning towards sense merriment can be clearly seen in our revered preceptor’s life, his thought and his movement. Very clearly he declared that, “the mother of all vile behaviour is narrow-minded selfishness and that the solution rests in awakening sensitivity to others problems via spiritual endeavour. His precepts are so powerful that it induces people to firmly accept that only on its basis can a bright world future manifest.”

SCIENTIFIC SPIRITUALITY


Very clearly he writes that this thought flow will explain to all very scientifically the importance of selfless service and brotherhood. He further emphasized that there is no contradiction as far as religion and modern science is concerned. The pinnacles of spirituality will illumine the void of materialism. The middle class will be greatly influenced by this kind of thinking. Thus this class will create a new radiant society. And ultimately the entire world will radiate with glory.

Our revered preceptor re-instated materialistic science that augmented material comforts, thought sciences that augments ethical values and spiritual sciences that augmented one’s soul force. It is the coexistence of these 3 scientific streams that is manifesting a creative miracle. This will be more clear in the coming days.

WORLDWIDE MOVEMENT

Through my 6th sense I intuit that the expounder of this great thought flow will be a revered saint of India who has already taken birth. The influence of that radiant saint will create miracles everywhere. Today’s low spiritual influence will be rejuvenated by his thinking. All around there will be an atmosphere of spirituality.

Those people influenced by this great saint’s philosophy will head for the West for world welfare. Later they will spread out in entire Asia, Europe and America. People of the world influenced by the thinking of this great saint will follow in his footsteps. The West will look upon him as Lord Jesus, the Muslims as their Prophet and Asians as an incarnation of God.

The miracle of our revered preceptor’s movement is that although it is rooted in religion yet it has a secular outlook. People of all sects, communities etc. will not hesitate to join forces with him. The more his message is entering Western countries the more people “drink” these thoughts with thirst. This fact has been proved while conducting Ashwamedha Yajnas in the West.

INTELLECTUAL REVOLUTION


There will be an intellectual revolution as a result of the thinking of this great saint. The ideologies of intellectual men will transform. They will be full of faith and reverence for God.

DIVINITY IN MAN, HEAVEN ON EARTH.

Psychologists and mesmerism specialists i.e. the world famous Dr. Morey Berstein was a great friend of Florence who had once told him :

Dr., that moment is coming very near in which people of the world instead of following power hungry politicians will walk in the footsteps of pious social workers as yourself. In the 21st century a sacred spiritual thought wave will spread all over the world. In every country organizations of pious people will destroy all vile activities prevalent in society. This thought wave will originate in India. From there it will spread in the entire world. In that sacred country I see a great radiant saint. His spiritual light is working day and night to awaken the latent divinity in man so as to manifest heaven on earth.

AWAKENING DIVINE POWERS

Some journalists had once asked Florence as to how she foresaw the future. How did she know the whereabouts of lost people and materials. Florence replied, “Even I do not know how this has been possible. I will tell you an important fact about the future. At the end of the 20th century a light will be emitted from India. This light will inform everybody about all divine powers of the world which have so far been hidden from our understanding. Through a divine saint of India this divine light will spread in the entire world. He will inspire all to walk on the path of truth. In the entire world will spread the light of a new thought wave. Whenever I am in deep meditation I frequently see this great saint.

REGARDING THAT SAINT


She writes in another book of hers called “Golden Light of the New Era” that whenever I meditate I often see a great saint. On the forehead of this fair-skinned saint is light of the stars of space. I clearly see that this saint is spreading the light of divine wisdom in the entire world with his pious thinking and power of the sacred character of his followers.

This saint is continuously augmenting his divine powers so that a material transformation too ensues. He will execute his tasks in a scientific manner. With his grace and endeavour human civilization will be awakened. In all world human beings there will be new divine energy. A new form of layman power will ensue and will stop the arrogant behaviour of all power hungry politicians.”

Again and again Florence mentioned this great saint. She also clarified that he is present in a Northern state of India.

एक अध्याय एक सावर्पभौिमर्क रिाष्ट की दे वी नाग शक्तियोक्ति

इन िदनो वहाँ दिु नया भरि मर्े िवनाशक्तकारिी खतिरिे के इस तिरिह के एक बिािरिशक्त है जो मर्ानव अियोस्तित्व औरि सामर्ना करिने के िलए पणूरिी दिु नया के िलए बिहुति मर्ियोु श्कल हो जाएगा. हद तिक वे उस हद तिक सख्ति है हमर् मर्जबिूति संसाधनो की जरूरिति है उन पणरि काबिू पणाने के. एक हाथी एक छोटे से िपणस्तिौल के साथ नहीं मर्रि सकतिा. आदे शक्त मर्े एक िकले को नष्ट करिने के िलए, एक तिीरि की बिौछारि नहीं होगा, एक को तिोपणो का

उपणयोग िकया है . Vritrasura एक वज से ही मर्ारिा जा सकतिा है . यह चंडली तिीव क्रोध िक रिाक्षस


Mahisasura overcame था. हनुमर्ान तिाक़ति उसे मर्दद की एक पणवर्पति उखाड़. बिारूद पणहाड़ो को िवस्फिोट करिने के िलए प्रयोग िकया जातिा है . ियोस्थिति दे खकरि यह आवश्यक है िक वहाँ भी गंभीरि ियोस्थितियो से उबिरिने की जरूरिति है न केवल रिचनात्मर्क शक्तियोक्ति लेिकन ब्रह्मर्ास्त्र की तिरिह हिथयारिो की जरूरिति है .

यिद खतिरिे के रिाक्षसो जो मर्ानव सभ्यतिा को नष्ट करिने पणरि तिल ु े है मर्नुष्य है तिो दिु नया नष्ट हो जाएगा. यह करिने के िलए दरिू िकया जा है . की है िक अन्य प्रकारि के िलए हिथयारिो की जरूरिति है . हाथ बिमर् भयानक रिाक्षस, जो हरि जगह बिनाने के िलए संघषर्प औरि रिक्तिपणाति से उबिरिने की जरूरिति है .

मर्ेरिा जीवन गायत्री की तिजर्प पणरि िकया गया है उन्मर्ख ु है . मर्ेरिे जीवन काल की कभी कैसे रिहतिा है वह भी इसे करिने के िलए समर्िपणर्पति िकया जाएगा. अगरि मर्ै एक िववेकानंद िशक्तवाजी, या चन्द्रगप्ु ति पणाया था करिने के िलए आज की सख्ति ियोस्थितियो के िखलाफि लड़ाई तिो मर्ै अपणने रिास्तिे से कभी वीरि होगा. लेिकन मर्जबिति ू प्रयासो के बिावजद ू इस तिरिह के एक सन ु हरिा मर्ौका अपणने तिरिीके से नहीं आया था. िफिरि भी मर्झ ु े िनरिाशक्ता नहीं

है . वहाँ कोई शक्तक नहीं दिु नया मर्े आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्तियो रिहे है लेिकन वे सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि मर्े मर्ौजद ू है. एक िनहायति सियोन्निहति व्यियोक्तिगति सामर्ग्री के प्रयासो के िलए आवश्यक है . मर्हाकाव्य मर्हाभारिति 5 demigods

पणांडलवो के रूपण मर्े प्रकट होतिा है . कुछ भालू, बिंदरिो का रूपण ले िलया औरि कुछ perceivable कायो के िलए सामर्ग्री शक्तरिीरि के िलए आवश्यक है हनुमर्ान, अंगद आिद के रूपण मर्े िदखाई िदया. एक लंबिे समर्य से उन्हे

खोजने की कोिशक्तशक्त मर्े द्वारिा व्यपणगति. यिद सत्तिा के पणूरिे गोदामर् वहाँ नहीं है कमर् से कमर् एक िहस्सा अिभव्यियोक्ति वहाँ होना चािहए. एक व्यावहािरिक व्यवस्था अगरि यह एक िदव्य मर्नुष्य मर्े पणाया जातिा है

बिनाया जा सकतिा है . मर्ै जो अपणने बिीज के रूपण मर्े ऊर्जार्प प्रकट Prajna पणिरिवारि के रूपण मर्े ऋषिष केन्द्रो िमर्ल गया है . लेिकन अकेले रिहना व्यथर्प था. यिद यह िदशक्ता का एक उिचति भाव नहीं िदया गया था, तिबि है िक

ऊर्जार्प िवनाशक्तकारिी गिति​िविधयो मर्े शक्तािमर्ल िकया गया होगा. इसिलए केवल एक ही िवकल्पण पणथ दातिा िक वह खुद को आगे आने के िलए पणैदा करितिे है औरि इस िबिजली िवतिरिण औरि अगरि ज़िरूरिति पणड़ी रिास्तिा भी बिदल द्वारिा िदए गए िदशक्ता के अनुसारि बिने रिहे .

वापणस इस पणिरिवतिर्पन लोन सािवत्री पणज ू ा अंदरि लाया गया था तिीन साल आया था. यह एक सिक्रय व्यस्ति

जीवन जी के बिाद अकेले रिहना आसान नहीं है . सािवत्री पणज ू ा शक्तरिीरि (यौिगक शक्तास्त्रो मर्े कंु डलिलनी शक्तियोक्ति कहा

जातिा है ) के दे वी नाग शक्तियोक्ति के 5 sheaths के सिक्रयण शक्तािमर्ल है . यह भी subtilization औरि 5 गन ु ा वेदांति मर्े तिोड़ने के िलए कहा जातिा है . जो मर्झ ु े गायत्री पणज ू ा खद ु की ओरि िनदे िशक्तति िक गरू ु की िविध सािवत्री


पणूजा जातिा है िक मर्झ ु े के मर्ाध्यमर् से अन्य िदव्य पणुरषो की शक्तियोक्ति क्रमर् मर्े है िक वे उनके असली स्वभाव को

समर्झने मर्े औरि सभी के कल्याण के िलए उनकी आत्मर्ा की शक्तियोक्ति कामर् के मर्ाध्यमर् से जागति ृ िकया जा सकतिा है दे दी है .

यह दे खा गया है िक खतिरिो का प्रकाशक्त है , जो आसानी से दरिू िकया जा सकतिा है नहीं करि रिहे है. यह खेल है

िक सतिही था इसिलए एक अिधक गहन प्रयासो को बिनाने के िलए िकया था नहीं था. इसिलए सािवत्री से एक कदमर् आगे जा रिहा िदव्य शक्तियोक्ति की पणूजा करितिे है सख्ति बिारि पणरि काबिू पणाने के िलए सिक्रय िकया जा

सकतिा था. दस ू रिे शक्तब्दो मर्े इस मर्हाकाली Mahachandi, या Mahadurga है . यह आवश्यक नहीं पणाया गया है िक इस शक्तियोक्ति है जो अच्छी तिरिह से उन लोगो द्वारिा उपणयोग िकया जा रिहा था करिने के िलए आवश्यक जानकारिी दी जानी थी. िपणछले कुछ िदनो मर्े अध्ययन, िवश्लेषण, औरि दे वी नाग पणावरि (कंु डलिलनी शक्तियोक्ति) के अनुसंधान का एक बिहुति जगह ले ली है . इस के संदभर्प के साथ एक अजीबि वणर्पन पणुरिाने / नई पणुस्तिको मर्े

दी गई है औरि पणुनः संपणादन यह सबि कई लेखको द्वारिा पणुस्तिको के प्रकाशक्तन के िलए नेतित्ृ व िकया गया है . बिकवास का एक बिहुति नकल के इस प्रकारि मर्े इस क्षेत्र मर्े प्रवेशक्त िकया है .

केवल एक ही िनष्कषर्प दे वी नाग पणावरि के सभी िववरिणो को िक इस िवषय आकषर्पक है औरि एक रिहस्यमर्य िवज्ञान से भरिा जा रिहा है , उस पणरि कई कामर् िकया है , लेिकन कोई भी अपणने स्वयं के अनुभव हािसल करिने

की कोिशक्तशक्त की है पणढने के बिाद िकया जा सकतिा है . िलखा है िक वे जो कुछ भी िसफिर्प हठयोग का एक प्रस्तिावना जो भी दे वी नाग पणावरि सिक्रयण के 1% का गठन नहीं करितिा है . बिहुति बिड़ी चतिुरिाई से इस तिरिह के प्रयोगकतिार्पओं का प्रचारि है िक अपणने लक्ष्य को प्राप्ति िकया गया है . आज अकेले िकतिाबिे या प्रामर्ािणकतिा की िशक्तक्षाओं होने चलो वहाँ कोई सािहत्य है िक उसके मर्ल ू उपणदे शक्तो का सही िववरिण दे तिा है . मर्ै

िवनमतिापणूवक र्प आगे पणहले अपणने आपण को इस बिारिे मर्े भ्रमर् से बिचाने के द्वारिा सही िसद्धांतिो डलाल करिने की कोिशक्तशक्त की है .

मर्ेरिे सक्ष् ू मर् उपणदे शक्तक का केद्र जो सिदयो के िलए उपणियोस्थति िकया गया है उतिना ही गायत्री, सािवत्री, औरि दे वी नाग पणावरि के क्षेत्र का अनभ ु व है . वे सािवत्री पणज ू ा औरि गौरिवशक्ताली भारिति के दे वी नाग पणावरि के सिक्रयण के िलए िपणछले 3 साल के िलए एक अच्छी तिरिह से जांच की िसक्के के रूपण मर्े मर्झ ु पणरि दे ख करि मर्झ ु े इस्तिेमर्ाल

िकया है तिािक एक लगभग भल ू गया, लेिकन बिेहद शक्तियोक्तिशक्ताली िवज्ञान दरिू ध्वस्ति सख ू नहीं करितिा है . इसका श्रंख ु िक भिवष्य मर्े वे तिोड़ नहीं िकया जा सकतिा है . ृ ला के िलए दृढतिा से इतिना खल


गायत्री आध्याियोत्मर्क ज्ञान औरि आत्मर्ा से संबिंिधति है . सािवत्री आत्मर्ा सामर्ग्री है . यह आत्मर्ा िवज्ञान के अंतिगर्पति आतिा है , लेिकन एक सामर्ग्री लाभ हािसल करि सकतिे है औरि बिंद सांसािरिक खतिरिो वाडलर्प. के मर्ाध्यमर् से दोनो एक अपणने आपण को औरि दस ू रिो के िलए लाभ भी प्राप्ति करि सकतिे है. लेिकन दे वी नाग पणावरि की क्षमर्तिा ब्रह्मर्ांडलीय है औरि अपण मर्े शक्तािमर्ल है जो िक ऊर्पणरि टूट गया है करिने के िलए इस्तिेमर्ाल िकया जा

सकतिा है . अगरि वहाँ है चंडली क्रोध इसे अपणिवत्र गिति​िविधयो को सही करिने के िलए उपणयोग िकया जा सकतिा है . इसिलए यह रिाक्षसो का िवजेतिा कहा जातिा है . यह है जबि भी रिाक्षसो औरि उनके ढकोसला यह एक तिलवारि की तिरिह प्रयोग िकया जातिा है करिने के िलए चीजे स्लेशक्त पणरि काबिू पणाने के िलए इस्तिेमर्ाल िकया. यह

जबिरिदस्तिी सही रिास्तिे पणरि anarchaic तित्वो का नेतित्ृ व करिने के िलए इस्तिेमर्ाल िकया जा सकतिा है . यह कृित्रमर् िनद्रावस्था का िवज्ञान है . यह मर्ख् ु य रूपण से मर्न दरिू आकिषर्पति करिने के िलए प्रयोग िकया जातिा है .

मर्हाकाली Shumbha Nishumbha, Madhukaitaba मर्ंत्रमर्ुग्ध औरि उन्हे एक लड़ाई मर्े उबिरिने. वह भी Bhasmasura, सौंध Upsund औरि Mahisasura मर्ारि डलाला. रिामर् औरि सीतिा के मर्ाध्यमर् से वह रिावण पणरि िवजय प्राप्ति की औरि कृष्ण - बिलरिामर् के मर्ाध्यमर् से वह Putana, कंस, Jarasandha औरि अन्य शक्तैतिानी शक्तियोक्तियो overcame. इस शक्तियोक्ति (पणरिमर्ात्मर्ा शक्तियोक्ति) का एक पणहलू है .

जबि यह बिहुति शक्तियोक्ति रिचनात्मर्क प्रयोजनो के िलए प्रयोग िकया जातिा है तिो यह कॉियोस्मर्क रिचनात्मर्क शक्तियोक्ति बिन जातिा है . यह Jnanarnava तिंत्र मर्े ----- सभी सांसािरिक गिति​िविधयो इस शक्तियोक्ति के मर्ाध्यमर् से एक िवशक्ताल प्रस्तिावना की तिरिह पणरि जाने के िलए कहा जातिा है . पणिरिवतिर्पन के मर्हाकाल कायर्प भी इस शक्तियोक्ति

के मर्ाध्यमर् से कामर् करितिा है . चारिो ओरि जा रिहा एक िमर्ट्टी के बितिर्पन की तिरिह घुमर्ाया जातिा है औरि एक

पणिहया पणरि एक कुम्हारि की तिरिह यह कई नामर् औरि िविभन्न प्रािणयो के रूपणो बिनातिा है . हकीकति मर्े दे वी नाग पणावरि संदभर्प औरि दिु नया के िलए एक जा रिहा है के संदभर्प के साथ व्यियोक्ति के साथ समर्ग्रतिा मर्े िबिजली उत्पणन्न करितिा है . एक िनियोश्चति अथर्प मर्े दे वी नाग पणावरि ब्रह्मर्ांडलीय िबिजली जो योग के आग सिक्रय है औरि

एक व्यियोक्ति एक शक्तियोक्तिशक्ताली मर्हत्वपणण ू र्प बिल होने गवाह है . Kathopanishad ियोजसमर्े एक मर्े यमर् निचकेतिा संवाद पणातिा Panchagni िवज्ञान है जो एक रिोग, दख ु ापणे इतिनी के रूपण मर्े मर्ियोु क्ति पणाने के ु औरि बिढ

पणरिे लेतिा मर्े वहाँ एक ही मर्हत्वपणण ू र्प बिल की बिाति की है जबि तिंित्रका केन्द्रो को सिक्रय करि रिहे है शक्तियोक्ति उभरि रिहे है औरि एक क्षिणक पणहचान दे तिा है . लेिकन दे वी नाग पणावरि स्थायी है औरि एक चेतिन शक्तियोक्ति है जो एक व्यियोक्ति मर्े ऊर्जार्प प्रकट करिने के बिाद उसे बिदल दे तिी है .


जहां एक लौिकक स्तिरि पणरि, सभी व्यापणक स्तिरि दे वी नाग पणावरि के सिक्रयण की प्रिक्रया वहाँ पणरि जा रिहा है एक समर्झना चािहए िक यह वाडलर्प जो िक अवांिछति औरि प्रकट एक उज्ज्वल भिवष्य है . लेिकन इस तिरिह के

खतिरिनाक उपणक्रमर् के िलए पणिवत्र आत्मर्ाओं होना चािहए. जबि एक बिंदक ू चलाई है बिंदक ू पणीछे की ओरि चाले . जो लोग इस मर्हान शक्तियोक्ति के साथ कामर् इतिना उत्साह के साथ संपणन्न िकया जाना चािहए वीरितिा, औरि हो

सकतिा है िक वे हमर्ले के समर्य मर्े regressing झटके स्थायी करिने मर्े सक्षमर् है. वरिना लाभ के िलए िकए गए प्रयोगो के िलए बिहुति ही िवनाशक्तकारिी सािबिति हो सकतिा है . तिो यह केवल बिातिचीति का एक िवषय बिन जातिा है . इसिलए इस पणरि एक गप्ु ति ज्ञान के रूपण मर्े दे खा जातिा है औरि broadcasted खल ु ेआमर् कभी नहीं

की. जबि वहाँ शक्तष्ु क तिकर्प औरि अनावश्यक तिकर्प आगे रिखा, घमर्ंडली लोग गलितियाँ ढूँढने ऐसी पणिरि​ियोस्थितियो पणूजा के आधारि पणरि जो िवश्वास हीनतिा शक्तरू ु होतिा है औरि इसिलए भी सबिसे तिीव पणूजा िवफिल रिहतिा है शक्तरू ु

करितिे है. संभवतिः मर्न मर्े इन सभी कारिणो से िलिखति संति हमर्े िसफिर्प इतिना सूक्ष्मर् िवज्ञान के बिारिे मर्े बिाति

करिने से रिोका है रिखतिे हुए. यह आवश्यक है िक एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी की क्षमर्तिा जानने के बिाद उसे एक गरू ु पणूजा का एक उपणयुक्ति िवधा दे तिा है . न केवल आकांक्षी चिरित्र पणरि भी अपणनी जरूरितिो औरि पणिरि​ियोस्थितियो को ध्यान मर्े रिखा जाना है . केवल सही पणरिीक्षा के बिाद एक रिोगी औरि डलॉक्टरि के लाभ.

क्योिक सािवत्री औरि दे वी नाग पणावरि पणूजा मर्ुियोश्कल है यह एक धारि लोगो पणरि चलने की तिरिह की उपणेक्षा. कोई भी एक अच्छा इंजीिनयरि, कलाकारि आिद एक उिचति िशक्तक्षक के िबिना हो सकतिा है . इसिलए जबि एक दे वी

नाग पणावरि के अध्ययन के सच िवशक्तेषज्ञो नहीं िमर्ल रिहा है , तिो एक उस मर्े रिच छात्रो को कैसे िमर्ल सकतिा है ?

दे वी नाग पणावरि सिक्रयण शक्तारिीिरिक मर्हत्वपणूणर्प आग की igniting है औरि पणरिं पणरिा अबि तिक व्यियोक्तिगति लाभ के िलए िकया गया है . Brahmarandhra (खोपणड़ी) जो िदव्य ऊर्जार्प मर्े अिभसरिण Mooladhar (जननांगो) की यौन ऊर्जार्प Merudand (रिीढ) के मर्ाध्यमर् से पणािरिति करि िदया है . इस प्रकारि जबि िशक्तव शक्तियोक्ति एक मर्जर्प िदव्य शक्तियोक्तियो (Sidhis) हो जातिा है . लेिकन ऐसे समर्य मर्े एक एक साँपण िखलाने के रूपण मर्े सतिकर्प हो गया

है . एक सपणेरिा कोई शक्तक नहीं है साँपण से पणतिा चलतिा है के मर्ाध्यमर् से अपणने पणिरिवारि के िखलातिी है , अपणनी कला से पणतिा चलतिा है , लेिकन अभी तिक वह एक खतिरिनाक खेल खेल रिही है . यिद एक जहरिीला सांपण अपणने रिास्तिे मर्े आतिा है िफिरि भी अपणनी फिुफिकारि िदखाने के िलए, लोगो के िदल की धड़कन रिोकने के बिंद हो जातिा है औरि वहाँ मर्ौति का खतिरिा है .


िशक्तव शक्तियोक्ति की गदर्प न के चारिो ओरि साँपण का तिारि. प्रतिीकात्मर्क इस दे वी नाग पणावरि (कंु डलिलनी) है . इसमर्े कोई शक्तक नहीं िक यह आंिशक्तक रूपण से हठ योग, सभी ऊर्जार्प 6 चक्र (यौिगक पणिहयो) के मर्ाध्यमर् से गज ु रि द्वारिा न

केवल किठनाइयो को दरिू करिने के िलए इस्तिेमर्ाल िकया गया, लेिकन एक उच्च आदे शक्त की सािवत्री पणज ू ा के साथ शक्तािमर्ल होने से एक नया वातिावरिण उत्पणन्न होतिा है . 6 यौिगक चक्र जबि 5 sheaths भी सिक्रय करि रिहे

है के अितिक्रमर्ण के साथ - साथ तिो यह कई रिचनात्मर्क गिति​िविधयो के िलए उपणयोगी हो जातिा है . आदे शक्त मर्े एक घरि का िनमर्ार्पण करिने के िलए वहाँ ईंटो, प्लास्टरि, लोहे , लकड़ी औरि मर्ेसन की जरूरिति है . भोजन की

जरूरिति है एक ईंधन, आग, बितिर्पन, कच्चे भोजन औरि एक बिावची पणकाना. Panchratna (5 गहने) प्रिसद्ध है. शक्तरिीरि Panchratna औरि 5 मर्हत्वपणूणर्प बिलो के साथ ऊर्जार्प के द्वारिा बिनाई गई है . ऊर्जार्प के इस स्रोति जीवन शक्तियोक्ति के िलए एक औरि नामर् है . यिद मर्हत्वपणूणर्प आग, दे वी नाग पणावरि सिक्रयण, 5 म्यान सिक्रयण एक सुरि मर्े औरि सािवत्री कामर् के सिक्रयण तिो उसका प्रभाव व्यापणक है . दिु नया के सभी गंभीरि पणिरि​ियोस्थितियो से पणहले कभी नहीं दे खा गया. पणरिमर्ाणु हिथयारि, स्टारि युद्धो, आंति​िरिक / बिाहरिी दिु नया के प्रदष ू ण, प्रकृिति के

असंतिल ु न, मर्हामर्ारिी, आतिंकवाद आिद के काले बिादल बिड़े उभरितिे रिहे है औरि इसिलए यह आवश्यक है िक इस प्रयोग के एक बिड़े पणैमर्ाने पणरि आयोियोजति िकया. वहाँ कोई संदेह इन लेिकन इसके पणिरिणामर् इतिना भव्य है िक यह कुछ भी तिुलना नहीं की जा सकतिे है करि रिहे है समर्स्याओं पणरि िवजय पणाने की कोिशक्तशक्त मर्े ददर्प है .

इस भाग मर्े हमर् दै वी प्रेरिणा है जो बिड़े पणैमर्ाने पणरि मर्ानव समर्ुदाय की ऊर्जार्प सिक्रयण के िलए उपणयोगी होतिे है एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े केवल उन योजनाओं का वणर्पन करि रिहे है. पणाठको को अपणने िववरिण मर्े जाने के िलए

एक की जरूरिति है . वे केवल अपणने पणिरिणामर् दे ख सकतिे है औरि इस तिरिह वे क्या भिू मर्का मर्े खेल सकतिे है के रूपण मर्े समर्झ मर्े आतिा है . बिाद मर्े भी यह कैसे एक व्यियोक्ति न केवल खद ु के भीतिरि प्रगिति के रूपण मर्े औरि अिधक स्पणष्ट िकया जाएगा, लेिकन यह भी है िक इस रिास्तिे पणरि दस ू रिे को प्रेिरिति करिने के िलए भी. यह भी

िक कैसे औरि एक उज्जवल स्विणर्पमर् यग ु मर्े इस यग ु उपणिशक्तक्षक बिदलने के िलए. अंति मर्े इस प्रयोग भारिति की दे वी नाग पणावरि के सिक्रयण के मर्ाध्यमर् से आयोियोजति िकया गया है .

लेखक: अंतरराष्ट्रीय गायत्री परिरवार के संस्थापरक आचायर श्रीराम शर्मार एक महान योगी शर्ंकराचायर और भगवान के अवतार थे िजिन्होंने िवश्व कल्याण और शर्ांित के िलए आध्याित्मक िवषयों परर मुख्य रूपर से वैज्ञािनक सािहत्य की मात्रा िलखी थी. के िलए और अिधिक वैज्ञािनक ई सािहत्य pls http://www.shriramsharma.com/ www.awgpestore.com http://www.dsvv.ac.in/ www.akhandjyoti.org यात्रा और http://www.awgp.org/ िववरण: चक ध्यान - ESP, Nirvikalpa समािधि या मुफ्त ट्रांस बनना Ridhi - Sidhis या ईश्वरीय ऊर्जिार, भिवष्य वैज्ञािनक धिमर, सुपरर ऊर्जिार गायत्री िवज्ञान और कंु डलिलनी योग को सहसंबद न्यूरोसाइंसेस - ESP, Endocrinology, एनाटॉमी, मनोिवज्ञान और सोचा ई परुस्तके 1) सामग्री और आध्याित्मक समिृ द और 2) दिु नया एक


परिरवार के रूपर मे शर्ांित से एकजिुट करने के िलए समाजिशर्ास्त्र. एक खूबसूरत अनविधि दिु नया: हमारा एक सख्ती गैर वािणिज्यक वेबसाइट है जिो उम के महान नेताओं और दिु नया के िवचारकों के पररु ाने सपरने को साकार करना है . कीवडलर: कंु डलिलनी योग गायत्री e-िकताबे अल्ट्रा साउं डल टे िलपराथी parapsychology

तत्वमीमांसा िनिवरकल्पर समािधि प्रदष ू ण योग तंत्र िफिल्मे इंटरनेट सम्मोहन परािरिस्थितकी ज्योितष आयव ु ेद किल्क bioelectricity सजिररी परराबैगनीिकरण ओजिोन रडलार तनाव रचनात्मकता पररु ातत्व िसंधिु घाटी सभ्यता ईंधिन संकट भोजिन की कमी सन ु ामी जिीवनी गर ु िवश्व शर्ांित मन मानस दे वता सक्ष् ू म तंिकात्रका चेतना आत्मा पररमात्मा ट्रान्स endocrine ग्रंिथयों ESP चक plexus ध्यान एकाग्रता बिु द भिवष्यवाणी Cheiro Nostradamus अरिवंद आनंद मिस्तष्क वेद सौर सय ू र की ऊर्जिार परिवत्र शर्द ु इंिद्रियों प्राण अवतार उपरिनषद प्रकाशर् सेल hypothalamus परीयूिषका परिरवतरन भिवष्यवादी

भिवष्यवाणी नािगन शर्िक्त जिीवन मानव नैितकता अखंडलता चिरत्र वेगस तंत्र Mooladhar पररमाणु न्यूट्रॉन सोच सोचा प्रोटोन

अध्याय दो सपण ु रि पणरिमर्ात्मर्ा गायत्री सािवत्री औरि कंु डलिलनी नामर्क शक्तियोक्तियां

कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) की जांच गायत्री Mahaprajna के दशक्तर्पन की चचार्प के साथ शक्तरू ु होतिी है . मर्ल ू रूपण मर्े गायत्री पणूजा धािमर्र्पक िवचारिधारिा औरि िदव्य भावनाओं का एक प्रयोग है . यह आत्मर् अनुसध ं ान प्रमर्ुख

मर्हत्व िदया जातिा है औरि / ध्यान एकाग्रतिा के मर्ाध्यमर् से भियोक्ति पणैदा द्वारिा Brahmic चेतिना करिीबि लाया

जातिा है औरि एक मर्ानस मर्े interwoven हो जातिा है . चाहे आपण लकड़ी के एक ढे रि पणरि प्रकािशक्तति एक मर्ािचस फिेक या आपण पणेटोल पणरि लकड़ी जलतिी फिेक, दोनो कायो के समर्ान है. फिकर्प िसफिर्प इतिना है िक आत्मर् -

आत्मर्समर्पणर्पण के मर्ाध्यमर् से, अद्वैति (भगवान के साथ संघ) के दौरि से गज ु रि से एक जल्दी चमर्त्कारिी

पणिरिणामर् दे खतिा है . इसके बिजाय की कुल भी आत्मर् आत्मर्समर्पणर्पण अगरि वहाँ कुछ करिने की इच्छा है तिो

कोई संदेह नहीं है कारि नीचे धीमर्ी गिति से अभी तिक यह अंतितिः हमर्े लाभ दे दे गे शक्तािमर्ल. अभी तिक एक दिु नया मर्े अन्य लोगो के लाभ के िलए सक्षमर् बिनने मर्े िवफिल रिहतिा है . एक तिैरिाक ने खुद को अभी तिक

तिैरिना वह दस ू रिो की मर्दद करिने के एक केवट की तिरिह नदी पणारि करिने के कािबिल नहीं है हो सकतिा है . यह


इच्छा आधािरिति गायत्री पणूजा औरि वासना गायत्री पणूजा के बिीच अंतिरि है . प्रयास के दोनो प्रकारि के मर्ाध्यमर् से, आध्याियोत्मर्क उम्मर्ीदवारिो के अपणने स्वयं के रिास्तिे मर्े सफिल.

यिद हमर् गायत्री के दशक्तर्पन मर्े गहरिा गोतिा तिो की पणूजा करितिे है हमर्े पणतिा है िक हमर्ारिे पणूरिे चेतिना "मर्ियोस्तिष्क के

ज्ञान के बिीज" से प्रभािवति है . इसकी भूिमर्का शक्तारिीिरिक जीिवका औरि सामर्ाियोजक व्यवहारि के संदभर्प मर्े एक

प्रमर्ुख एक है . एक बिहुति ऊर्ंचा ियोस्थिति मर्े इस केन्द्र extrasensory क्षमर्तिा का झरिना है औरि यह यहाँ है िक ब्रह्मर् (भगवान) यानी सच मर्ानव लक्ष्य की प्राियोप्ति के साथ एक प्राणी को एकजुट करिने का आनंिदति गिति​िविध हािसल की है . गायत्री ब्राह्मर्ी शक्तियोक्ति (पणरिमर्ात्मर्ा शक्तियोक्ति) भी Brahmarandhra

Brahmasansthan, या Brahmaloka कहा जातिा है . क्षेत्र है िक यह ज्ञान चेतिना को प्रभािवति करितिी है . एक प्रतिीकात्मर्क तिरिीके मर्े गायत्री ब्राह्मर्णी या ब्रह्मर्ा की पणत्नी कहा जातिा है . अपणनी शक्तियोक्ति के रूपण मर्े दे खा जा सकतिा है (दण्डल) Brahmadand िक दष्ु ट पणरि काबिू पणा औरि सामर्ग्री दिु नया मर्े ददर्प औरि गरिीबिी को नष्ट करि दे तिा है . आध्याियोत्मर्क क्षेत्र मर्े अपणनी फिामर्र्प Brahmavarchas का रूपण ले िलया है .

से अिधक है औरि गायत्री पणूजा के ऊर्पणरि सािवत्री की पणूजा है . सािवत्री पणूजा बिहुति बिहुति गायत्री की सामर्ग्री पणहलू है . शक्तियोक्ति ऊर्जार्प की मर्दद से िवकिसति है . 5 तित्वो, 5 ईंधन के रूपण मर्े औरि इसकी सहायतिा के साथ

हमर्ारिे शक्तरिीरि कामर् के मर्हत्वपणूणर्प बिलो अियोग्न सिक्रय है . यह आग सिक्रयण सािवत्री पणूजा है . वहाँ सािवत्री औरि कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) मर्े एक अंतिरि होने के बिावजूद पणूजा वे बिरिाबिरि का कद है .

भारितिीय पणौरिािणक कथाओं के अनुसारि ब्रह्मर्ाजी दो पणियोत्नयां थीं. 1 गायत्री था औरि दस ू रिा सािवत्री था. प्रतिीकात्मर्क वे ज्ञान चेतिना औरि सामर्ग्री धन है. एक पणरिा प्रकृिति है औरि अन्य Apara प्रकृिति है . पणरिा प्रकृिति

मर्न, बिुिद्ध, मर्ानस, अहं कारि, Ritambhara Prajna आिद औरि ज्ञान के सभी क्षेत्रो शक्तािमर्ल है. दस ू रिी पणत्नी

सािवत्री Apara प्रकृिति, सामर्ग्री चेतिना औरि िनियोष्क्रय प्रकृिति है . मर्ामर्ले के सभी आंदोलनो पणरि िनभर्परि है. अणओ ु ं की क्रांिति, रिसायनो के प्रभाव, िबिजली, गमर्ी, प्रकाशक्त, चंबि ु कत्व, आिद ईथरि अपणने क्षेत्रािधकारि के अंतिगर्पति है. इन सभी उपणकरिण का उपणयोग करिके सामर्ग्री िवज्ञान अनंति तिो आिवष्कारि के रूपण मर्े हमर्ारिे

सामर्ग्री आरिामर् दे ने के िलए के साथ बिाहरि आतिा है . इस Apara प्रकृिति सािवत्री है . सािवत्री की Apara प्रकृिति सभी प्रािणयो के शक्तरिीरि के कामर्काज के िलए ियोजम्मर्ेदारि है औरि इस तिरिह दिु नया िवकिसति है . यह इस

शक्तियोक्ति है िक सत्व, रिजस, तिमर्स, 5 तित्वो, Tanmatras आिद (िदव्य शक्तियोक्तियो) Sidhis औरि बिन् ू स िनदे शक्तन सािवत्री के इस शक्तियोक्ति के मर्ाध्यमर् से प्राप्ति करि रिहे है. स्वास्थ्य, लंबिे जीवन, उत्साह, साहस, सौंदयर्प औरि


अन्य अनंति िवशक्तेष गुणो पणरि िनभर्परि हो सकतिा है . एक तिरिफि यह व्यापणक है अभी तिक पणथ्ृ वी औरि मर्ानव रिीढ की Mooladhar चक्र के खंभे पणरि अपणने मर्ख् ु य केन्द्र िबिन्द ु है . जबि​िक साधना प्रदशक्तर्पन यह भी कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) कहा जातिा है . सभी लक्ष्यो को इस शक्तियोक्ति को सिक्रय करिने के द्वारिा प्राप्ति करि रिहे

है. इस प्रकारि हमर् ऊर्जार्प उत्पणन्न करि सकतिे है. िलिखति रिोक का िवश्लेषण करिने पणरि हमर् समर्झतिे है िक कुछ

स्थानो पणरि सािवत्री औरि कंु डलिलनी के पणयार्पय बिन गया हो औरि जहाँ भी वे अलग उनके आध्याियोत्मर्क अभ्यास औरि लक्ष्य को भी अलग अलग मर्ाना जातिा है मर्ाना जातिा है कहा जातिा है . अभी तिक एक तिथ्य शक्ताश्वति है िक शक्तरिीरि औरि जागिृ ति के मर्ोडल के सक्ष् ू मर् िनमर्ार्पण हमर्ेशक्ता स्थायी रिहे गा. अंतिरि यह ensues जबि सत्तिा के उपणयोग के िविभन्न कारिणो से करि रिहे है.

असल मर्े कंु डलिलनी योग के भीतिरि, िक्रया योग बिेहतिरि है . Naadi Shodhan (तिंित्रका शक्तोधन), Trinaadi पणिरिमर्ाजर्पन (3 नसो के धोने), सत्कमर्र्प Chakravedhan (6 चक्रो या plexuses यात्रा), जैसे सभी साधना इस

तिरिह के िक ध्यान / एकाग्रतिा शक्तारिीिरिक अभ्यास के साथ भी मर्हत्व िदया जातिा है. प्राणायामर् मर्े मर्हत्वपणूणर्प बिल अभ्यास के अजीबि चक्र को आत्मर्साति करिने के िलए है . कंु डलिलनी शक्तियोक्ति बिंधा, मर्द्र ु ा, सिक्रय Aasan

(मर्ुद्रा) के कारिण मर्हत्व िदया जातिा है . लेिकन शक्तुद्ध सािवत्री पणूजा मर्े एक िसरि क्षेत्र की पणिरि​िध तिक ही सीिमर्ति

है . सहस्रारि कमर्ल (1000-petalled कमर्ल), Brahmarandhra (भीतिरिी खोपणड़ी क्षेत्र पणरि केन्द्र), मर्ियोस्तिष्क मर्े सामर्ग्री को सिक्रय करि रिहे है. Brahmarandhra भीतिरिी मर्ियोस्तिष्क क्षेत्र के बिाद लग रिहा है औरि बिाहरिी क्षेत्र के बिाद 3 Ajna चक्र कहा जातिा है आंखो से दे खा है . लेिकन जबि दोनो सािवत्री औरि कंु डलिलनी के साधना

संयक् ु ति करि रिहे है तिो दोनो के िविध एक िमर्श्रण हो जातिा है औरि पणिरिणामर् भी तिदनस ु ारि बिदल. आध्याियोत्मर्क अभ्यास जो हमर् यहाँ मर्ौजद ू है इस िकस्मर् की है . इसिलए हमर् stepwise गायत्री, सािवत्री औरि कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) के िसद्धांतिो औरि उपणयोग पणरि चचार्प की है .

शक्तास्त्रो ब्रह्मर्ा की पणत्नी मर्े जबि भी इन साधना के रूपण मर्े विणर्पति है , तिो यकीन है िक यह करिने के िलए प्रतिीकात्मर्क रूपण से िलया जा सकतिा है के िलए पणतिा है . एक सचेति शक्तियोक्ति के पणिरिवारि की तिरिह है िक मर्नुष्य

के कैसे हो सकतिा है ? अगरि िकसी को इतिना चाहतिी है वह तित्व आग अथार्पति 2 िवशक्तेष िवशक्तेषतिाओं दे सकतिे

है. गमर्ी औरि इन पणियोत्नयो के नामर् के रूपण मर्े प्रकाशक्त. यिद यह कड़ा है तिो वे बिेिटयो को कहा जा सकतिा है . यह क्या शक्तास्त्रो मर्े दे खा जातिा है . कुछ स्थानो पणरि सरिस्वतिी ब्रह्मर्ा सहचरिी कहा जातिा है औरि अन्य स्थानो पणरि

उसकी बिेटी. इसिलए बिजाय एक सांसािरिक तिथ्य के रूपण मर्े इसे दे खने का यह एक प्रतिीकात्मर्क तिरिीके से स्वीकारि िकया जाना चािहए. आत्मर्ा शक्तियोक्ति गायत्री है , सामर्ग्री की शक्तियोक्ति सािवत्री है . गायत्री की पणूजा का

फिल आत्मर्ा की चेतिना, हमर्ारिे चिरित्र के िवकास की प्रगिति शक्तािमर्ल है , मर्हान कायो, उच्च सोच औरि जबि​िक अभी तिक रिह (Jeevanmukti) मर्ियोु क्ति प्राप्ति करिने के िलए प्रयास के िलए कामर् करि रिहे है. जबि​िक सािवत्री


पणूजा कंु डलिलनी की जागिृ ति (दे वी नाग पणावरि) शक्तािमर्ल है के रूपण मर्े अपणने सिक्रयण के मर्ाध्यमर् से अव्यक्ति,

शक्तरिीरि मर्े जीवन शक्तियोक्ति का िवकृति ियोस्थिति पणरि काबिू पणाने के िलए. वहाँ िबिजली की दो धारिाओं यानी सकारिात्मर्क औरि नकारिात्मर्क है. केवल जबि दोनो एकजट ु ऊर्जार्प का प्रवाह है . केवल जबि गायत्री औरि सािवत्री एकित्रति होना साधना की सभी आवश्यकतिाओं को मर्हसस ू िकया जा सकतिा है . साथ सािवत्री एक

लाभ न केवल लेिकन हक़ीक़ति है िक गायत्री पणज ू ा एक आत्मर्ा की शक्तियोक्ति के साथ अपणने िवलय के साथ िवकिसति की पणज ू ा करितिे है. यह कंु डलिलनी पणज ू ा की प्राथिमर्क रूपण है . यिद यह हमर्ारिे मर्ानस मर्े धंध ु ला है तिो इस िदशक्ता मर्े सभी प्रयास व्यथर्प है.

अध्यात्मर् के क्षेत्र मर्े ज्ञान के पणथ दित क्षण मर्ागर्प कहा जातिा है . यह भी कहा जातिा है िनगमर् रिाजयोग, वेद मर्ागर्प

आिद कमर्र्प के पणथ Vaam मर्ागर्प, Agam, तिंत्र, हठ योग आिद अपणने रिास्तिे मर्े सभी बिाधाओं िवनाशक्तकारिी होतिे है कहा जातिा है . एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े वहाँ अरिाजकतिा औरि िवध्वंस है . कोई नहीं सन ु ने के िलए या डलेमर्ी दे वतिाओं औरि रिाक्षसो के बिीच झगड़े के बिारिे मर्े पणढने के िलए खशक्त ु है. वास्तिव मर्े पणढने के िलए यह वास्तिव मर्े

हमर्ारिे िवरिोध. लेिकन जबि दोनो पणक्षो के साथ सागरि मर्ंथन, समर्ुद्र की सभी अव्यक्ति धन उनके द्वारिा प्राप्ति िकया गया था. हरि कोई जानतिा है िक सागरि के मर्ंथन वे 14 गहने का एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े . उसी तिरिह

जबि गायत्री औरि सािवत्री पणूजा के बिाहरि िकया जातिा है एक साथ मर्े यह डलेमर्ी - दे वतिाओं औरि रिाक्षसो के बिीच सहयोग के स्तिरि का होना कहा जातिा है .

जबि िशक्तव पणावर्पतिी से शक्तादी की, उनके अकेलेपणन बिंद warded था. अपणने संघ के मर्ाध्यमर् से 2 बिेटे पणैदा हुए थे.

एक Sidhivinayak गणेशक्त औरि काितिर्पकेय, रिाक्षसो का नाशक्त. एक धमर्र्प औरि अन्य को नष्ट करि अधमर्र्प स्थािपणति करितिा है . गणेशक्त हमर्े एक िदव्य औरि शक्तियोक्ति के साथ बिुिद्ध औरि काितिर्पकेय के साथ आशक्तीवार्पद दे तिा है .

काितिर्पकेय 6 चेहरिे है . ये भी 6 चक्र (plexuses) कहा जातिा है . इस स्कंद अिभव्यियोक्ति 6 कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) से संबिंिधति चक्र के प्रभाव के रूपण मर्े हे य दृियोष्ट से दे खा जाना चािहए.

कंु डलिलनी कुछ भी नहीं है , लेिकन हमर्ारिे जननांगो मर्े आग शक्तियोक्ति िनवास है . सहस्रारि चक्र के रूपण मर्े िशक्तव (1000 - petalled कमर्ल हमर्ारिे िसरि के शक्तीषर्प पणरि) जबि पणरिाग मर्धु के िदल से बिोझ उठाना है जो िशक्तव

"Retas" (वीयर्प) मर्े सिक्रय पणिरिणामर्. कंु डलिलनी की आग शक्तियोक्ति आत्मर्साति. छह Kritikas (Pleiades िसतिारिो) यह ripened. इन 6 Kritikas 6 चक्र रिहे है. 6 6 Kritikas द्वारिा मर्नष्ु य के चेहरिे के साथ काितिर्पकेय प्रतिीकात्मर्क पणरि 6 चक्र के प्रभावशक्ताली पणिरिणामर् के रूपण मर्े दे खा जाना चािहए.


क्या वास्तिव मर्े इन 6 चक्र रिहे है? कहाँ औरि क्यो वे मर्ौजूद नहीं है ? वे िकस रिाज्य मर्े मर्ौजद ू है ? इसकी उपणयोिगतिा क्या है ? हमर् इन सबि सवालो के मर्हान िवस्तिारि मर्े नहीं जाना होगा. इसकी उपणयोिगतिा की

प्रकृिति औरि वैज्ञािनक िवश्लेषण के बिाद िवस्तिति ृ िकया जाएगा. यहाँ हमर् जो उन लोगो को जो सामर्ग्री के

मर्ाध्यमर् से प्रयास करिने के िलए आत्मर्ा की चेतिना के उच्च रिाज्यो को प्राप्ति करिना चाहतिे है के िलए है िक कंु डलिलनी मर्े delving है. ऐसे लोगो को िदव्य शक्तियोक्ति के उपणासक है औरि लगतिा है िक ऊर्जार्प के िलए अिधक मर्हत्वपणण ू र्प है . डलेमर्ी - दे वतिाओं औरि रिाक्षसो है िक रिाक्षसो द्वारिा उपणलब्ध ऊर्जार्प नीच गिति​िविधयो मर्े उनके

द्वारिा बिबिार्पद िकया गया था औरि िफिरि भगवान िवष्णु या िकसी अन्य उच्च आत्मर्ा की शक्तियोक्ति यह वशक्तीभति ू

था पणरि प्रयोग के बिीच लड़ाई मर्े . जबि शक्तियोक्ति पणज ू ा (ऊर्जार्प) दे वत्व के साथ जोड़तिा है तिो केवल यह सफिल नहीं. ऐसे िसिद्धयो अनन्ति है औरि दे खने के लंबिी अविध के िबिंद ु से यह सभी जीिवति प्रािणयो के िलए फिायदे मर्ंद

सािबिति होतिा है . रिाक्षसो की प्रारिं िभक सफिलतिा के सभी लौिकक हथेली पणरि भ्रामर्क सरिसो के बिीज की तिरिह था दे खा था. शक्तक्र ु ाचायर्प कंु डलिलनी िवज्ञान के एक िवशक्तेषज्ञ था. यह वह था जो उसके दानव चेलो को इस िवज्ञान िसखाया. बिह ु िकया गया है . योिगयो, तिपणस्या के पणुरषो औरि ब्रह्मर् की ृ स्पणिति डलेमर्ी - दे वतिाओं के गरू

knowers पणूछ गायत्री की पणूजा करिके वह उन्हे पणिवत्र चिरित्र है जो िक डलेमर्ी - दे वतिाओं के जैसा था मर्े बिनाया है . वह भी उन्हे िसखाया कंु डलिलनी िवज्ञान अभी तिक अपणने ही इरिादा था piousness बिढाने के. आत्मर्ा जो

भौितिकवादी समर्स्याओं को दरिू करिने के िलए था जो knowers पणरि औरि प्राथिमर्क िशक्तक्षा के ऊर्पणरि सािवत्री

पणूजा का पणालन करिने के िलए कहा गया था. यह सािवत्री पणूजा का सहारिा ले रिही है िक Dadhichi, भगीरिथ,

Lomharsh, Shringi, िवश्वािमर्त्र आिद सामर्ग्री समर्स्याओं को हल करि सकतिा है के द्वारिा िकया गया था. इसमर्े कोई शक्तक नहीं िक अंितिमर् लक्ष्य आध्याियोत्मर्कतिा था अभी तिक पणथ, आध्याियोत्मर्क अभ्यास का

संस्कारि आिद के प्रिति की जरूरिति के रूपण मर्े बिदल गया था. यहां तिक िक अजन ुर्प की पणसंद, हनुमर्ान आिद wordly strifes शक्तांति था. यहां तिक िक वे सािवत्री - कंु डलिलनी पणूजा है जो आध्याियोत्मर्क िवज्ञान के

तित्वावधान मर्े एक भौितिकवादी प्रयास था का पणालन करिने के िलए िकया था. यहां तिक िक मर्ेरिे अपणने आध्याियोत्मर्क तिपणस्या यह बिहुति ही कारिण के िलए औरि क्योिक मर्ै सही रिास्तिे पणरि चला गया था मर्ै सफिलतिा का स्वाद चखा.

जबि सािवत्री औरि कंु डलिलनी पणूजा सामर्ंजस्य मर्े पणीछा करि रिहे है, तिो पणिरिणामर् चमर्त्कारिी है. िबिजली एक दस ू रिे

के एक फ्लैशक्त मर्े अदति ृ शक्तरिीरि जल्दी इलेक्टॉिनक pyres पणरि जला ु कामर् करितिा है . यहां तिक िक एक मर्ति

िदया जातिा है , चावल, जबि​िक दाल आिद लकड़ी आग पणरि पणकाने के िलए एक लंबिा समर्य ले. इस पणथ का

सबिसे अच्छा एक जो एक आध्याियोत्मर्क पणतिन नहीं चाहतिा है के िलए अनुकूल है औरि अभी तिक जल्दी से

अपणने एक पणिवत्र चिरित्र के कारिण लक्ष्य को पणा लेतिा है . शक्तुद्ध कंु डलिलनी पणूजा तिंत्र औरि Vaam मर्ागर्प के प्रमर्ुख


के अंतिगर्पति आतिा है . जबि गायत्री सािवत्री औरि कंु डलिलनी संयुक्ति करि रिहे है तिो यह योग मर्ागर्प मर्ुख्य रूपण से दित क्षण मर्ागर्प है .

Varah, Nrisinh, पणरिशक्तुरिामर् आिद के रूपण मर्े मर्ुख्य रूपण से भगवान को पणरिे शक्तान पणिरि​ियोस्थितियो का सामर्ना करिना पणड़ा है . िशक्तव िशक्तव Bholey (मर्ासूमर् भगवान) बिाबिा या Aughaddani (कृपणया आसान) कहा जातिा है , लेिकन वह भी बिनाया Veerbhadra बिाहरि दक्ष प्रजापणिति के िखलाफि नारिाजगी का है औरि इस तिरिह दक्ष

अहं कारि को नष्ट करि िदया. यह एक बिहुति ही भयानक घटना है औरि इसिलए तिसल्ली की गिति​िविधयो की हत्या बिाहरि िकया जातिा है .

िविशक्तष्ट पणिरि​ियोस्थितियो मर्े अंकुशक्त औरि अन्य अिति उन्नति आत्मर्ा के अवतिारि दस ू रिो को प्रेिरिति करिने के इस कायर्प को करिने के िलए इतिना है िक अपणनी खद ु की सत्तिा नहीं समर्ाप्ति हो गया है . िवश्वािमर्त्र अपणने खद ु के यज्ञ की रिक्षा करिने मर्े सक्षमर् था, लेिकन आदे शक्त मर्े कहा िक अपणनी आत्मर्ा को बिल जबि​िक क्रोध प्रकट वह

क्षित्रय लड़को रिामर् औरि लक्ष्मर्ण को पणूछने के िलए तिड़का, Subahu, जैसे रिाक्षसो Mareech आिद िवश्वािमर्त्र रिामर् औरि लक्ष्मर्ण िसखाया सबि का मर्क ु ाबिला करिने के िलए चन ु ा नष्ट नहीं करितिा है एक सच्चे

सैिनक के कौशक्तल औरि इस प्रकारि उनकी मर्दद के साथ अपणने यज्ञ की रिक्षा की. समर्थर्प रिामर्दास औरि चाणक्य िशक्तवाजी पणूछा औरि चन्द्रगुप्ति क्रमर्शक्तः है जो स्वयं द्वारिा िनष्पणािदति िकया जा सकतिा है उन कायो का प्रदशक्तर्पन. यहाँ सवाल यह है िक ब्रह्मर् चमर्क अिधक मर्ूल्यवान है . इस िदव्य शक्तियोक्ति उच्च प्रयासो औरि बिंद

strifes warding मर्े बिबिार्पद नहीं के िलए संरि​ित क्षति िकया जाना चािहए. इस प्रकारि औरि एक संयुक्ति सािवत्री

औरि कंु डलिलनी पणूजा एक ही है औरि िवदे शक्ती strifes की सहायतिा से दरिू िकया जा सकतिा है औरि उपणयुक्तितिा एक धन शक्तियोक्ति की सीमर्ा के भीतिरि भी संविधर्पति िकया जा सकतिा है .

तिपणस्या के रिास्तिे मर्े न केवल दस ू रिो को बिदल सकतिे है, लेिकन यह भी वातिावरिण इतिना मर्ंथन करि सकतिे है

के रूपण मर्े यह बिेहतिरि करिने के िलए बिदलने के िलए के बिाद एक आदमर्ी द्वारिा उत्पणन्न िबिजली की सहायतिा के साथ. यह एक तिथ्य है . अन्य 2 िदव्य शक्तियोक्तियो की तिरिह दस ू रिो को भी प्रेिषति िकया जा सकतिा है . एक िदव्य शक्तियोक्ति के िलए एक है जो यह तिपणस्या से प्राप्ति करि ली है से पणछ ू ने के िलए औरि इस प्रकारि यह एक

उच्च प्रयोजन के िलए उपणयोग करि सकतिे है. यह बिैको से ब्याज लेने की तिरिह है . बिस एक अमर्ीरि आदमर्ी के जरूरितिमर्ंद लोगो को दान के रूपण मर्े हमर्ेशक्ता अपणने धन का एक िहस्सा ऐसा भी एक योगी अपणने िदव्य शक्तियोक्ति के अलावा उपणयक् ु ति लोग है, जो बिारिी मर्े सांसािरिक पणिरि​ियोस्थितियो पणरि काबिू पणाने की कोिशक्तशक्त करि रिहा है औरि


इस तिरिह िवश्व शक्तांिति स्थािपणति करिने के िलए दे तिा है . एक पणिरिवारि मर्े कमर्ानेवाला एक है . अन्य सदस्यो को घरि मर्े छोटे कायो प्रदशक्तर्पन रिहतिे है, लेिकन यह आवश्यक है िक वे अपणने स्वयं के धन कमर्ाने के िलए उनकी जरूरितिो का ख्याल रिखना होगा नहीं है .

कंु डलिलनी शक्तियोक्ति की जागिृ ति (दे वी नाग पणावरि) बिहुति जिटल है . यह प्रकाशक्त व्यवस्था के साथ खेल की तिरिह है . एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े वहाँ भी एक जीवन खोने की संभावना है . जबि​िक कंु डलिलनी को सिक्रय अगरि वहाँ

उिचति मर्ागर्पदशक्तर्पन या क्षमर्तिा की कमर्ी है तिो हमर् पणागल भी मर्ोड़ लोगो को दे खा है . पणक्षाघाति के साथ कई

पणीिड़ति थे औरि कई भी मर्रि गई. यिद एक व्यियोक्ति को कारि मर्े िकतिाबिे पणढने के द्वारिा केवल ड्राइिवंग सीखने की कोिशक्तशक्त करितिा है तिो िनियोश्चति रूपण से वह गहरिी मर्स ु ीबिति मर्े भिू मर् जाएगा. यहां तिक िक एक व्यियोक्ति जो

सीखा कारि ड्राइिवंग है बिहुति सावधान करितिे हुए एक कारि ड्राइिवंग औरि इस तिरिह मर्दद सह याित्रयो को उनके उिचति गंतिव्य तिक पणहुंच जाएगा. औरि कंु डलिलनी जागरिण का ज्ञान, Ridhi - सीधी आिद एक जल्दबिाजी मर्े नहीं बिन गया है औरि लगतिा है िक इस का पणालन करिने के िलए बिहुति ही आसान हो सकतिा है

प्रयास करिना चािहए की प्राियोप्ति पणाने के ऊर्पणरि. एक कंु डलिलनी एक सच्चे आध्याियोत्मर्क मर्ागर्पदशक्तर्पक के रूपण मर्े ,

गुरू या गरू ु की मर्दद के िबिना कभी नहीं जगाने चािहए. एक खुद कतिारि कूद औरि आगे अग्रसरि मर्े बिहुति मर्ेहनतिी हो, लेिकन यह सिु नियोश्चति करिे िक इस तिरिह के एक अिधिनयमर् के खतिरिे से भरिा है के िलए पणतिा लगतिा है िक हो सकतिा है .

कारिण है िक एक बिहुति ही सतिकर्प चचार्प गायत्री, सािवत्री औरि कंु डलिलनी के संयुक्ति आध्याियोत्मर्क पणूजा पणरि िकया जातिा है , यह है िक आज लोगो को बिहुति आकिषर्पति करि रिहे है. क्योिक यह एक रिहस्य िवज्ञान है एक घूंघट इसे कवरि है . यह उपणयुक्ति औरि कंु डलिलनी िवज्ञान के िसद्धांति, प्रकृिति औरि सामर्ाियोजक पणहलू को समर्झने के िलए बिहुति आवश्यक है . क्योिक जबि ऐसे िवज्ञान गायबि हो जातिे है एक बिुिद्धमर्ान सत्र ू िनदे शक्त के

छल्ले प्राप्ति व्यियोक्ति अपणने सीिमर्ति समर्झ के अनुसारि एक श्रंख ृ ला का िनमर्ार्पण िकया जाएगा. लेिकन अगरि

वहाँ सबि तिो इस तिरिह के एक िवज्ञान तिरिोतिाजा करि दे ने वाला कोई सरिु ाग नहीं है बिहुति जिटल है . इसिलए इस िवज्ञान की मर्हत्वपणूणर्प पणहलुओं imbibing मर्े कोई समर्स्या नहीं है . समर्स्या प्रयोग मर्े िनिहति है . यिद शक्तब्दो की एक तिीरि पणरिाजयो औरि अपणनी आवाज मर्े अपणने लक्ष्य बिनातिा है तिो पणिरिणामर् मर्ौति ही हो रिहा है .


एक मर्ात्र सतिही संस्कारि के रूपण मर्े कंु डलिलनी पणूजा स्वीकारि नहीं समर्झना चािहए िक एक उिचति पणहचान होनी चािहए. वहाँ के िलए एक बि​िु नयादी आध्याियोत्मर्क तिपणस्या है जो करिने के िलए आया है औरि के रूपण मर्े दरिू के रूपण मर्े अपणने आवेदन का संबिंध है , यह सक्षमर् िवशक्तेषज्ञो के हाथो मर्े छोड़ िदया है .

तिीन अध्याय कंु डलिलनी पणूजा के मर्ाध्यमर् से जीवन शक्तियोक्ति का आग जलाने

औरि कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) सिक्रयण आंदोलन बिेहद मर्ियोु श्कल है . क्योिक प्रवाह के िलए बिािधति हो गया है . एक लापणरिवाह औरि खशक्त ु ी का मर्ानना है िक जबि वहाँ कोई अनुशक्तासन नहीं है . tastebuds

पणरिमर्ानंद मर्े जबि कुछ भी औरि सबि कुछ खाने के िलए अनुमर्िति दी. आदति का एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े हमर्ारिी जीभ दोनो स्वािदष्ट औरि भोजन अिधक मर्ात्रा मर्े करिना चाहतिा है . वही हमर्ारिे जननांगो के िलए सच है .

Lusty लोगो को मर्ानिसक highs औरि चढाव छू रिखने औरि वे अपणने सभी गिति​िविधयो मर्े चरिमर् के िलए

जाना है . वासना का एक आदमर्ी मर्ानिसक तिुियोष्ट हो जातिा है कभी नहीं, उसके शक्तरिीरि तिेजी से टायरि, अभी तिक मर्न अिधक से अिधक इच्छा रिखतिा है . सभी इंिद्रयो के िलए एक ही सच है . मर्न 11 ज्ञानेद्री है . यह 3

यानी लालच, लगाव औरि अहं कारि tastebuds है . पणूरिे शक्तरिीरि सुस्तिी से भरिा है . इस िदशक्ता मर्े साधारिण जीवन प्रवाह. िवले गिति​िविधयो िक क्रूरितिापणूणर्प औरि प्रकृिति ड्रॉपण नीचे की ओरि मर्े भूितिया है. इसिलए इस िगरिावट िनरिोधक के रूपण मर्े एक मर्जबिूति बिांध के िनमर्ार्पण के रूपण मर्े मर्ियोु श्कल है . औरि अिधक मर्ुियोश्कल समर्ुद्र के

नमर्कीन पणानी vaporizing है तिो के रूपण मर्े यह पणीने योग्य बिनाने के िलए. बिहुति शक्तियोक्तिशक्ताली प्रौद्योिगकी

कुओं या तिेल कुओं की खद ु ाई करिने के िलए इतिनी के रूपण मर्े क्रमर्शक्त: पणानी औरि तिेल िमर्ल के िलए आवश्यक है . क्रेनो की जरूरिति खींचने औरि उन्हे बिढाने के िलए करि रिहे है. इसके अलावा, यह एक िवशक्ताल को बिनाए

रिखने के िलए औरि इन मर्शक्तीनो की मर्रिम्मर्ति का कायर्प है . एक बिहुति ही योग्य इंजीिनयरि मर्शक्तीनो के उिचति

रिखरिखाव के िलए आवश्यक है . न केवल िशक्तक्षा पणरि भी अपणनी सतिकर्पतिा औरि समर्पणर्पण के सबिसे आवश्यक है.


िनयंत्रण सिक्रयण, औरि कंु डलिलनी शक्तियोक्ति की स्थापणना उस क्रमर् मर्े तिेजी से मर्ुियोश्कल है . न केवल एक इियोन्द्रयो, मर्न, िवचारि, धन, समर्य, आिद के िनयंत्रण आत्मर्साति करितिा है , लेिकन एक के िलए घोड़ो को एक जंगली हाथी औरि एक ऊर्ंट का फिंदा, चेन की बिागडलोरि की तिरिह यह दृढ हो गया है . यह सबि करिने के िलए

अपणने स्वयं के सनक के अनस ु ारि अिभनय औरि fancies औरि जबिरिदस्तिी यह वांिछति लक्ष्यो को प्राप्ति करिने के िलए प्रयोग िकया जातिा है िक रिोकने के िलए िकया जातिा है . एक नीचे की ओरि तिैरिल पणदाथर्प की तिरिह

बिहतिा हुआ झरिना यिद एक इच्छाओं को रिोकने के िलए औरि के बिजाय ऊर्पणरि की िदशक्ता मर्े अपणने प्रवाह को बिदलने के िलए एक शक्तियोक्तिशक्ताली पणंपण की जरूरिति है . एक साधारिण क्षमर्तिा के साथ इस कायर्प को पणरिू ा नहीं िकया जा सकतिा है . यह असाधारिण शक्तियोक्ति की जरूरिति है .

िवकिसति एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी की आत्मर्ा बिल है जो आत्मर् िनयंत्रण के साथ अपणने मर्हत्वपणूणर्प बिल

आग सिक्रय प्रकट िदव्य शक्तियोक्तियो (Sidhis) औरि आवश्यक कायो के िलए ही उपणयोग करि सकतिे है. इस के संदभर्प के साथ कुछ उदाहरिण उल्लेखनीय है. मर्हात्मर्ा Jadbharat रिाजा भारिति के एक अवतिारि था. वह िसंधु

रिाजा Rahugan िदव्य ज्ञान िदया जबि​िक Rahugan पणालकी चलाना. एक बिारि एक Dasyu सैिनक उसे एक

बि​िल भे ट के रूपण मर्े पणकड़ा. Jadbharat मर्हाकाली छिव के सामर्ने खड़े रिहने के रूपण मर्े इतिना पणाने के िलए उसके िसरि काट करिने के िलए बिनाया गया था. पणुजारिी जो िसरि काटना था Jadbharat संपणकर्प िकया. लेिकन

Jadbharat शक्तांिति से खड़ा था. Bhadrakali के कारिण उसकी आत्मर्ा चमर्क छिव सिक्रय था. वह पणुजारिी के

हाथ से चाकू छीन िलया औरि सभी दष्ु ट पणर ु षो को मर्ारि डलाला. एक आत्मर्ा बिल तिीव, असीिमर्ति शक्तियोक्ति है . जबि शक्तारिीिरिक िबिजली जागा है यह एक आग हिथयारि की तिरिह कामर् करितिा है औरि करिने के िलए सभी बिाधाओं को दरिू करिने की क्षमर्तिा है .

जबि िशक्तव की पणत्नी सतिी उसके िपणतिा दक्ष के यज्ञ मर्े अपणमर्ािनति िकया गया था वह उसे योग आग औरि सिक्रय रिाख करिने के िलए अपणने शक्तरिीरि को जला. Sutikshnaji जो भी भगवान रिामर् के दशक्तर्पन होने से तिप्ृ ति िकया गया था योग की आग मर्े अपणने शक्तरिीरि को दे दी है . जबि दमर्यंतिी रिाजा नाला की पणत्नी उसके आत्मर्

सम्मर्ान को बिचाने के िलए िकया था, वह उसकी आँखो की आग के साथ लंपणट िशक्तकारिी को मर्ारि डलाला. इन सभी अव्यक्ति आत्मर्ा की शक्तियोक्ति के सिक्रयण के उदाहरिण है.

आमर्तिौरि पणरि यह भी मर्ियोु श्कल है जो लोग गहरिी नींद मर्े है जगा. जबि बिच्चो, वयस्क आिद वयस्को के ऊर्पणरि

जबिरिदस्तिी वे गस् ु सा हो जाग रिहे है क्योिक उन्हे लगतिा है िक वे सोने की खशक्त ु ी दे ने के िलए मर्जबिरिू करि रिहे


है. यह एक नींद साँपण जगा औरि भी अिधक खतिरिनाक है . एक पणरिमर्ाणु मर्े पणरिमर्ाणु ऊर्जार्प अव्यक्ति है . यिद यह हमर्ला िकया औरि टूटी हुई है , इस तिरिह के एक भयानक िवस्फिोट जगह है िक एक गवाहो िवनाशक्त मर्ील की

दरिू ी पणरि चारिो ओरि से लेतिा है . जो पणरिमर्ाणु िवस्फिोट से अनजान है िहरिोिशक्तमर्ा नागासाकी लोगो की बिमर्

िवस्फिोट ियोजसमर्े लाख की याद िदला रिहे है की मर्त्ृ यु हो गई औरि िवशक्ताल पणहाड़ो तिीव गमर्ी की वजह से िपणघल था. कैसे भयानक volcanos िक फिूटना करि रिहे है. केवल कुछ साल पणहले मर्ेियोक्सको औरि कोलंिबिया

के िवस्फिोट दे खा गया था. हे लेना के ज्वालामर्ख ु ी िवस्फिोट मर्े एक सप्तिाह से अिधक समर्य के िलए रिाति िदन पणिरिवितिर्पति. इसकी काली धल ू एक लंबिे समर्य के िलए आसमर्ान को कवरि िकया था. यह वास्तिव मर्े अव्यक्ति

कंु डलिलनी जागरिण के साथ मर्ामर्ला है . कई हाथी सो रिही है कंु भकणर्प छातिी पणरि चला गया के रूपण मर्े उसे जगाने के िलए. कंु डलिलनी जागरिण के िलए एक ही सच है . जबि यह अव्यक्ति है (सो) दै िनक िदनचयार्प पणरि कामर् करितिा है औरि क्षितिग्रस्ति पणिहयो के साथ एक गाड़ी की तिरिह चलतिा है . लेिकन जबि एक इंजन एक रिे लवे

टे न औरि एक त्वरिक प्रेस मर्े रिखा जातिा है , यह अन्य सभी carriages मर्े मर्दद करितिा है इसे करिने के िलए शक्तािमर्ल करिने के िलए तिेजी से आगे मर्ाचर्प. इस प्रकारि कंु डलिलनी पणूजा की एक आकांक्षी भी गंभीरि ियोस्थितियो

का सामर्ना करिने के िलए जबि साधना शक्तुरू है . लेिकन बिहुति बिाद मर्े चमर्त्कािरिक ढं ग से आंदोलन सामर्ान्य हवा की तिरिह है , लेिकन नहीं है एक चक्रवातिी हवा की तिरिह है . Typhoons औरि चक्रवाति की है िक इसकी गिति है .

Rishis मर्े "Mahayoga Vijnana" का कहना है िक ----

"एक मर्िहला सांपण की तिरिह आत्मर्ा बिल कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) Mooladhar चक्र (जाल) पणरि 3 की

twining औरि एक साढे दौरि के साथ सो रिही है . के रूपण मर्े लंबिे समर्य के रूपण के रूपण मर्े कंु डलिलनी शक्तियोक्ति सो रिहा है एक प्राणी के प्रकृिति मर्े पणाशक्तिवक रिहतिा. यहां तिक िक प्रयास के एक बिहुति कुछ के साथ एक प्राणी िदव्य ज्ञान प्राप्ति नहीं करितिा है . यिद एक बिुिनयाद बिल सो रिहा है तिो बिाहरिी दिु नया भी सो रिही है . लेिकन जबि यह जागतिा अपणने भाग्य औरि पणूरिी दिु नया के िलए खुला है . "

विृ द्ध का एक बिहुति है औरि आतिे है जबि हमर्ारिे भीतिरि मर्हत्वपणण ू र्प बिल आग को जलाया जातिा है . जबि वहाँ चक्रवातिी आकाशक्त मर्े वे उखाड़, पणेड़, घरिो आिद सख ू े पणत्तिे औरि धल ू विृ द्ध मर्ील की टीले संचालन हवाओं है. निदयो मर्े एड़ी धारिाओं नौकाओं औरि समर्द्र ु मर्े इस तिरिह के eddies िवशक्ताल जहाजो को भी उथल - पणथ ु ल

होना जाना नाव को उलटना. िवशक्तेष आंदोलनो अदृश्य दृश्यमर्ान बिनाने के िलए. जबि एक िवद्यति ु जनरिे टरि


तिो फिटने आसपणास के क्षेत्रो मर्े िबिखरि रिहे है. जबि प्रकाशक्त पणथ् ृ वी के िकसी भी िहस्से को छू यह रिाख करिने के िलए उस क्षेत्र जलतिा है .

जबि​िक जागरिण कंु डलिलनी एक ऐसी गंभीरि ियोस्थिति का सामर्ना करिना पणड़तिा है . इसिलए एक न केवल साहस

की जरूरिति है , लेिकन सतिकर्पतिा की एक बिहुति कुछ है . सुस्तिी यहाँ पणरि कोई जगह नहीं है . बिस के रूपण मर्े एक सकर्पस मर्े रिस्सी वॉकरि बिनाए रिखने के उनके संतिल ु न है , तिो भी एक व्यियोक्ति को उसकी कंु डलिलनी शक्तियोक्ति को सिक्रय करिने के िलए बिहुति सतिकर्प हो गया है औरि उच्च आध्याियोत्मर्क क्षमर्तिा होनी चािहए. अगरि वहाँ भी आलस का जरिा भी सामर्ना िकया खतिरिो सख्ति औरि कई है. मर्ियोक्खयो औरि mosquitos अनिगनति िदन भरि

अंडले दे ना. यहां तिक िक मर्छली एक ही शक्तॉट मर्े बिड़ी संख्या मर्े अंडले दे तिे है, लेिकन उन सभी को अपणने अंडले की

दे खभाल के बिारिे मर्े िचंितिति नहीं है. लेिकन जहाँ तिक मर्ाँ के रूपण मर्े मर्ानव भ्रूण मर्े िचंितिति है न केवल गभार्पवस्था के दौरिान भी बिच्चे के जन्मर् के समर्य मर्े बिहुति सावधान रिहना है . औरि बिाद मर्े मर्ाँ बिच्चे को भोजन, सफिाई के िलए व्यवस्था करि दे तिा है औरि यह मर्ौसमर् पणिरिवतिर्पन से बिचातिा है . सांसािरिक गिति​िविधयो

mosquitos द्वारिा रिखी अंडले की तिल ु ना मर्े िकया जा सकतिा है , आिद मर्ियोक्खयो लेिकन जहाँ तिक कंु डलिलनी जागरिण का संबिध ं है यह केवल एक मर्ानव मर्ां गभार्पवस्था, उसके बिच्चे के जन्मर् औरि बिाद मर्े उसके बिच्चे की

पणरिविरिशक्त के िलए तिल ु ना की जा सकतिी है . यह िबिल्कुल आसान नहीं है क्योिक वहाँ समर्स्याओं का एक बिहुति है वह चेहरिे है औरि इस तिरिह वह बिहुति ियोजम्मर्ेदारि हो गया है . यह सबि मर्ानिसक सतिकर्पतिा का एक बिहुति आवश्यकतिा है . जबि वहाँ एक गलतिी है वहाँ एक पणतिन का डलरि है .

एक मर्िहला scorpio प्रसव की िविध बिहुति अजीबि है . उसके गभर्प मर्े कई अंडले मर्े मर्नुष्य औरि एक औरि एक ही समर्य मर्े उठाया है . मर्ग ु ी अंडले एक िबिट वे गभर्प से बिाहरि आने की इच्छा बिढने. जननांग अंग के उद्घाटन

इतिनी छोटी है िक यह लगभग असंभव है के िलए छोटे अंडले से बिाहरि आने के िलए है . गभर्प मर्े अंडले करितिे हुए आगे बिढ रिही भख ू से पणूरिा करि रिहे है. इस प्रकारि वे मर्ाँ के पणेट मर्े ही खाना शक्तरू ु औरि उसके सारिे शक्तरिीरि को लेने

के बिाद अंडले से बिाहरि आतिे है. इस बिीच मर्े मर्ाँ scorpio मर्रि जातिा है के बिाद से उसके पणेट मर्े अंडले के द्वारिा िकया गया है खुला फिट.

Sidhis (िदव्य शक्तियोक्तियो) की उत्पणियोत्ति कंु डलिलनी के िलए संयक् ु ति यह िबिल्कुल वैसा ही है . जबि कंु डलिलनी

जागतिा िलिखति िवद्वानो का कहना है िक वह आध्याियोत्मर्क आकांक्षी के खन ू पणीतिा है औरि उसके मर्ांस खातिी. वह एक कंकाल की तिरिह हो जातिा है . इस काया कल्पण (शक्तारिीिरिक पणिरिवतिर्पन) का एक प्रकारि है ियोजसमर्े


पणुरिाने गंदगी फिेक दी जातिी है औरि नए बिीज आगे फिलने - फिलने का समर्य है . एक चतिुरि मर्ाली इस तिकनीक

का अनस ु रिण करितिा है . उन्होने सभी पणक्षो से फिूल संयंत्र trims. बिाद मर्े नई गोली मर्ारितिा आगे अंकुरि औरि फिूलो की बिड़ी संख्या मर्े उस पणरि बिढतिा है . इस प्रकारि औरि संयंत्र augments की गोलाई वैभव. कंु डलिलनी

जागरिण मर्े एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी खद ु करिने के िलए अपणने सभी नीच मर्ानिसक imprints, बिरिु ी आदतिो औरि अन्य मर्ानिसक गंदगी को नष्ट करिने के िलए है . जबि​िक trimming औरि संयंत्र को काटने मर्े

यह लग रिहा है के रूपण मर्े अपणनी आकारि कमर् हो गई है , हालांिक औरि है िक उसके शक्तरिीरि मर्े समर्ाप्ति हो गया है . लेिकन इस रिाज्य मर्े लंबिे समर्य के िलए अंितिमर् नहीं है . क्योिक नई गोली मर्ारितिा है औरि फिूलो पणरि अंकुरिण शक्तुरू. शक्तरिद ऋषतिु की उदासी गायबि हो जातिा है औरि वसंति के सद ुं रि फिूल एक औरि सभी के द्वारिा दे खा जातिा है .

कंु डलिलनी की जागिृ ति (दे वी नाग पणावरि) एक ज्वलंति पणरिीक्षण की तिरिह है . जबि सोने के गरिमर् सभी मर्ंडलूरि

जलकरि रिाख हो जातिा है . शक्तद्ध ु सोने के िलए कुछ भी नहीं होतिा है औरि यह वास्तिव मर्े अिधक गरिमर् िकया जातिा है औरि इसे शक्तानदारि ढं ग से चमर्कतिा है . inethics के संदेह गायबि हो जातिी है औरि हरि ग्राहक शक्तुद्ध सोने

की उिचति मर्ल् ू यांकन करितिा है . एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी है जो खुद अपणने कुण्डलिलनी शक्तियोक्ति जागति ृ है

बिहुति शक्तियोक्तिशक्ताली हो जातिा है . इसमर्े कोई शक्तक नहीं िक उसके शक्तरिीरि के बिाहरिी आकारि एक ही रिहतिा है , लेिकन उसके भीतिरि एक ऐसी िबिजली जागा है िक यह मर्ानिसक जागिृ ति प्राप्ति होतिा है औरि बिाहरिी वातिावरिण मर्े पणिरिवतिर्पन.

जबि आग जलाई है कई कायो को िक्रयाियोन्वति िकया जा सकतिा है . इसके साथ गोबिरि के िलये, गंदगी, औरि

सड़ा हुआ सामर्ान सूख जा सकतिा है . खाना पणकाया जा सकतिा है . Pyres जलाया जा सकतिा है . िमर्ट्टी बितिर्पन

एक कुम्हारि से गमर्र्प िकया जा सकतिा है जबि​िक कीचड़ वािहकाओं बिनाने. अयस्को smelted जा सकतिा है . इस प्रकारि आग कई के कामर् पणरि अमर्ल करि सकतिे है. जबि िकसी के शक्तरिीरि के भीतिरि, कंु डलिलनी जागति ृ है , ठं डल

लग की समर्स्या गायबि हो जातिी है . आग की मर्दद से खाना पणकाया जातिा है जो हमर्ारिी भख ू वाडलो. गीले औरि

बिदबिूदारि कपणड़े सख ू रिहे है. व्यियोक्तिगति लाभ करि रिहे है. बिाहरिी दिु नया मर्े भी कई लाभ अियोजर्पति करितिे है. एक

ironsmith, कुम्हारि, बिेकरि आिद उनकी भिट्टयां ऊर्पणरि प्रकाशक्त औरि उपणयोगी लेख. कंु डलिलनी जागरिण के साथ

कई सांसािरिक समर्स्याओं को हल करि रिहे है औरि उपणयोिगतिा लेख बिना रिहे है. आग भगवान की पणूजा के िलए भी प्रयोग िकया जातिा है . आग धूपण, दीपणक, आिद यज्ञ मर्े िदव्य शक्तियोक्तियो के साथ एक बिहुति लाभ के जोड़ से उपणयोग िकया जातिा है . केवल यही नहीं, आग की मर्दद से आपण वेियोल्डलंग करि सकतिे है. जबि भी

वेियोल्डलंग िकया जातिा है बिाहरि वहाँ वािहकाओं अलग तिोड़ने यहां तिक िक अगरि यह कहीं टूट जातिा है का कोई

खतिरिा नहीं है . पणरिमर्ात्मर्ा के ध्यान मर्े वहाँ एक औरि भावनात्मर्क तिरिं गो का भाटा प्रवाह है . कभी कभी भियोक्ति भावनाओं मर्ानस मर्े बिहुति तिीव गमर्ी की अिभव्यियोक्ति के िलए नेतित्ृ व.


कभी कभी दध ु े की फिोमर् के रूपण मर्े यह आधारि पणरि िमर्लतिा है . लेिकन अगरि यह कंु डलिलनी ू या पणानी के बिुलबिल शक्तियोक्ति के िलए संयुक्ति है तिो ियोस्थरितिा को बिनाए रिखा है .

बिुरिा मर्ानिसक imprints भी अितिप्रवाह संग्रिहति. गमर्र्प गमर्ी मर्े हरिी घास सूख जातिा है औरि हरिी मर्ानसून मर्े

िफिरि से बिदल जातिा है . एक व्यियोक्ति जो कुछ िनियोश्चति पणिरि​ियोस्थितियो मर्े सूख गए लगतिे है उसी तिरिह खरिाबि

मर्ानिसक imprints मर्े आगे बिाद मर्े िफिरि से िखलतिे है. िवश्वािमर्त्र मर्हान तिपणस्या के एक ऋषिष था, अभी तिक वह मर्ेनका, स्वगीय युवतिी के िलए आकिषर्पति िकया गया था. वह उसे औरि begetted बिच्चो से शक्तादी

करि ली. लेिकन अगरि िकसी मर्ानिसक imprints बिहुति ही जड़ो से रिाख को जला रिहे है वहाँ सामर्ग्री दिु नया मर्े उलझ होने का कोई सवाल ही नहीं है . पणरि Shukdev पणरिमर्हं स के रिाज्य िक अपणने िपणतिा Vedavyas के से

पणूरिी तिरिह अलग था. उनके बिड़े भाई की पणियोत्नयो के प्रस्तिाव के िलए अपणने बिच्चो साहबि जबि​िक Shukdevji

दरिू जंगल मर्े जैसे ही वह पणैदा हुआ था के रूपण मर्े ईश्वरि पणरि ध्यान करिने के िलए दौड़ा पणरि सहमर्ति हुए Vedavyas. अपणने िपणतिा सिहति हरि कोई उसकी इस तिरिह से दरिू जा रिहा है औरि हरि कोई उसे जंगल मर्े जाने से पणरिहे ज करिने की कोिशक्तशक्त की के िखलाफि था. लेिकन Shukdevji फिमर्र्प था औरि िकसी को सुनने से इनकारि

करि िदया. करिने के िलए उसे पणरिीक्षण इंद्र स्वगीय नतिर्पकी रिम्भा भेजा है , लेिकन कुछ ही शक्तब्दो मर्े वह उसे वापणस भेजा. यह बिुरिा मर्ानिसक imprints के जल का सही अथर्प है . यिद आपण एक पणेड़ की शक्ताखाओं मर्े

कटौतिी एक नया पणेड़ से उभरिने लेिकन अगरि आपण पणूरिी तिरिह से जड़ो को हटाने या उन्हे जला एक नया पणेड़ से यह कभी नहीं उभरि करि सकतिे है करि सकतिे है. कंु डलिलनी शक्तियोक्ति संिचति ऊर्पणरि जलतिा (जमर्ा), (भिवष्य)

Kriyamaan, Prarabhdha रिाख (वतिर्पमर्ान) कारिर्प वाई. यहाँ एक पणिरिपणक्व आकांक्षी है जो अच्छी तिरिह से तिपणस्या की भट्ठी से गमर्र्प एक ईंट के रूपण मर्े फिमर्र्प हो जातिा है .

आयुवेद डलॉक्टरिो रिस (रिस) या bhasma (रिाख) बिनातिे है. वे Shataputi, Sahasraputi, Gajaputi तिरिह

बि​िल आग से बिना रिहे है. यह संजीवनी (दवा है िक मर्ति ृ आत्मर्ाओं को वापणस जीवन के िलए लातिा है ) की तिुलना मर्े है . यह एक आग की रिस्मर् है . कंु डलिलनी आग के योग कहा जातिा है . यह मर्हत्वपणूणर्प बिल यज्ञ की आग जलाने की तिरिह है . यहाँ एक "बिेक्डल" आकांक्षी रिस रिाख, औरि संजीवनी के गुण के समर्ान है . इस प्रकारि एक कंु डलिलनी की आग मर्े गरिमर् आकांक्षी असाधारिण हो जातिा है औरि अपणनी शक्तियोक्तियो दल र्प औरि असीमर् है. ु भ


यिद भापण हरि जगह िबिखरिे हुए हो जातिा है यह िकसी कामर् का नहीं है , लेिकन अगरि यह एक सीिमर्ति क्षेत्र मर्े केिद्रति है , तिो अपणनी ऊर्जार्प के साथ टे न तिेजी मर्ील के िलए एक साथ चला सकतिे है. कुछ ही िमर्नटो मर्े आपण

अपणने भोजन दबिाव बिना सकतिा है . उसी तिरिह जबि अव्यक्ति, आपणके शक्तरिीरि के िबिखरिे हुए ऊर्जार्प कंु डलिलनी जागरिण के मर्ाध्यमर् से ध्यान केिद्रति िकया है हमर् सामर्ग्री Sidhis औरि आत्मर्ा Ridhis प्राप्ति है औरि िवश्व स्तिरि पणरि भी इन कई उपणयोगी कायर्प िनष्पणािदति िकया जा सकतिा है .

मर्ानव शक्तरिीरि मर्े एक िबिजली के शक्तियोक्तिशक्ताली गोदामर् है , लेिकन यह िबिखरिे हुए िनिहति है . इसिलए एक हो सकतिा है नहीं दे ख सकतिा. लेिकन कंु डलिलनी जागरिण के मर्ाध्यमर् से जबि यह सबि ऊर्जार्प एकत्र हुए औरि Mooladhar चक्र (रिीढ के आधारि) पणरि ध्यान केिद्रति यह एक सीिमर्ति क्षेत्र मर्े सामर्ग्री ऊर्जार्प ध्यान केिद्रति

करिने की तिरिह है . इस प्रकारि इस ऊर्जार्प का उपणयोग ऐसी है िक यह केवल एक औरि सभी को है रिान करि सकतिे है.

एक पणरिु ानी तिपणस्या से भरिा मर्िहला जंगल मर्े रिहतिे थे. िभक्षुक वहाँ आया था. बिढ ू ी औरिति एक झोपणड़ी के पणास बिनाया औरि उसे िखलाने की ियोजम्मर्ेदारिी ली है . एक रिाति एक मर्िहला होने लकड़हारिा अपणने तिरिह से खो िदया िभक्षुक की झोपणड़ी पणरि पणहुंच गया औरि वह दया के िलए भीख मर्ाँगी.

िभक्षुक सोचा था िक वह संभोग के िलए भीख मर्ाँग रिहा था औरि इसिलए उसे भोजन या आश्रय के िबिना दरिू

भेज िदया. पणुरिाने एक पणेड़ के नीचे बिैठा मर्िहला आशक्तय से दे ख रिहा था. वह आवाज सन ु ी. वह उसके साथ

मर्िहला लकड़हारिा िलया औरि उसे भोजन औरि आश्रय िदया. भोरि मर्े बिूढी औरिति लकड़हारिा को सही रिास्तिा िदखाया. बिूढी औरिति िभक्षुक की कठोरि शक्तब्दो को सुना था. वह इसिलए िक वह उसके िलए बिनाया था झोपणड़ी तिोड़ िदया. वह उसे खाना दे ने से इनकारि करि िदया औरि कहा: यहाँ आपण 24 साल के िलए रिहतिे थे औरि केवल अपणनी इच्छाओं पणरि िवजय प्राप्ति की. जबि से तिमर् ु तिुम्हारिे िदल मर्े दया के बिीज नहीं बिोया गया है यह एक शक्तमर्र्प की बिाति है िक आपण अपणने आपण को एक िभक्षुक फिोन है .


चारि अध्याय आत्मर्ा िवज्ञान की पणज ू ा िविध के रिहस्य दशक्तर्पन

एक प्याज के िछलके के भीतिरि एक औरि छील है . 2 छील के भीतिरि एक ितिहाई से एक है . उसी तिरिह अगरि केले के पणत्तिो को हटा रिहे है औरि वे एक के बिाद एक आतिे है. इस मर्ामर्ले की सबिसे छोटी इकाई एक पणरिमर्ाणु अभी तिक है , हालांिक पणरिमर्ाणु एकल प्रकट होतिा है यह तिो वास्ति​िवकतिा मर्े नहीं है . क्योिक यह भीतिरि एक नािभक है औरि न्यूटॉन, प्रोटॉन औरि पणिरिक्रामर्ी इलेक्टॉनो है.

सौरि प्रणाली के एक पणिरि​िध है , लेिकन अपणनी सीमर्ाओं के भीतिरि अपणने अक्ष के चारिो ओरि 9 ग्रहो औरि 43 उपणग्रहो घूमर्ना. पणरिमर्ाणु भी एक सौरि प्रणाली की तिरिह है . इसके भीतिरि गिति​िविध सौरि प्रणाली के समर्ान है .

यिद िमर्ट्टी के एक ढे रि पणरि हमर्ला िकया है तिो िमर्ट्टी का एक छोटा सा िबिखरि जातिा है , लेिकन अगरि एक पणरिमर्ाणु के नािभक पणरि हमर्ला िकया जातिा है तिो है िक यह ऊर्जार्प का उत्सजर्पन करितिा है एक िवशक्ताल पणवर्पति को दफिनाने करि सकतिे है.

तिो यह स्पणष्ट है िक अिधक सकल पणदाथर्प सक्ष् ू मर् बिना रिहे है, वे औरि अिधक शक्तियोक्तिशक्ताली बिन जातिे है. हमर्ारिे

शक्तरिीरि औरि जीन है िक हरि कोिशक्तका मर्े िछपणा रिहे है एक ही प्राणी के एक प्रोटोटाइपण है मर्े जीिवति कोिशक्तकाओं की लाखो रिहे है. एक मर्ानव शक्तरिीरि के भीतिरि इस तिरिीके मर्े , लौिकक दिु नया की तिरिह, प्रािणयो के लाखो मर्े

केियोन्द्रति है . इनमर्े उनमर्े से केवल एक संभोग के दौरिान मर्ाँ के गभर्प मर्े प्रवेशक्त के िलए एक मर्ौका है . इस प्रकारि एक भ्रण ू का गठन िकया है औरि जो अपणनी अलग शक्तरिीरि औरि शक्तारिीिरिक ऊर्जार्प का िनमर्ार्पण शक्तरू ु होतिा है . 9 मर्हीनो मर्े भ्रण ू पणिरिपणक्व होतिी है औरि अपणनी मर्ां के पणेट से बिाहरि आने के बिाद दिु नया मर्े घमर् ू तिा है .

भीतिरि इस नवजाति बिेबि एक अपणने मर्ातिा - िपणतिा, दादा - दादी औरि पणूवज र्प ो के स्कोरि के शक्तारिीिरिक औरि

मर्ानिसक गुणो पणातिा है . Vibhutis (िदव्य glories) के रूपण मर्े इन िवशक्तेष गुण इतिना सूक्ष्मर् है िक जीन का िवघटन सक्ष् ू मर् सबिसे जीवन औरि जीवन शक्तियोक्ति के बिावजूद, एक समर्कालीन पणिरि​ियोस्थितियो समर्झ मर्े नहीं


आ सकतिे है करि रिहे है. ऐसी ियोस्थिति है जबि बिच्चा बिड़ा प्रकट होतिा है औरि हमर्े अपणने िवशक्तेष गण ु के िलए एक स्पणष्ट पणिरिचय दे तिा है . इसका मर्तिलबि यह है िक उन िवशक्तेष जाना जातिा है जबि बिच्चा बिड़ा गण ु अपणने

अपणिरिपणक्व अवस्था मर्े नहीं जाना जातिा है . केवल बिच्चे का िवश्लेषण करिके हमर् अपणनी पणैतिक ृ प्रकृिति नहीं

पणतिा करि सकतिे है. केवल अपणने चेहरिे औरि त्वचा पणरि कुछ किथति िवचारि है . एक लंबिे समर्य के िलए Subtility अपणिरिपणक्व अवस्था मर्े बिनाए रिखा है औरि जबि यह पणिरिपणक्व शक्तरू ु यह हमर्े अपणने रिाज्य औरि अियोस्तित्व का एक पणिरिचय दे तिा है .

सूक्ष्मर् मर्े इस तिरिह के एक सक्ष् ू मर् की बिड़ी प्रस्तिावना िक छील एक प्याज छील औरि केले की पणियोत्तियो के भीतिरि प्याज के उदाहरिण बिहुति िवडलंबिना होना िदखाई दे तिे है .

यिद बिीज के एक ढे रि तिो इकट्ठा करि रिहे है एक बिहुति ही मर्ामर्ल ू ी अंतिरि के रूपण मर्े अबि तिक मर्ाना जातिा है क्योिक उसका रिं ग, वजन, फिामर्र्प आिद का संबिंध है , लेिकन जबि बिीज बिोया जातिा है प्रमर्ख ु मर्तिभेद सही मर्ारि,

पणियोत्तियो, शक्ताखाओं, फिूल, फिल आिद से मर्ाना जातिा है पणिरिपणक्व पणूणर्प िवकिसति पणेड़ो के बिीच एक स्पणष्ट अंतिरि है . फिूल, अपणनी खुशक्तबिू के आकारि के रूपण मर्े दरिू के रूपण मर्े इतिना अंतिरि है , फिल के स्वाद का संबिध ं है . इसिलए इन सबि अलग वगीकृति िकया जा सकतिा है . इस अंतिरि को असाधारिण है . अपणने मर्तिभेदो को बिीज चरिण मर्े िछपणी है औरि इसिलए उस चरिण मर्े नहीं दे खा जा सकतिा.

मर्ानव शक्तरिीरि के sheaths की साधारिण आकारि लगभग समर्ान है, लेिकन भीतिरि वहाँ कई रिहस्यो मर्े से एक है िक उनके बिारिे मर्े इसी जानकारिी को हो रिही पणरि है रिान है . सामर्ग्री केवल इस िवश्लेषण के सकल पणहलू मर्े वैज्ञािनक शक्तोध करि रिहा है .

कुछ हद तिक anatomists शक्तारिीिरिक sheaths के िविभन्न आंदोलनो के युजिनक्स औरि कैसे वे अपणने

िविभन्न कायो को पणूरिा अध्ययन िकया है . इसके आधारि पणरि वे िचिकत्सा जांच औरि सजर्परिी ले. औरि वे भी औरि एक इंसान के जीवन शक्तियोक्ति का संभािवति संभावनाओं को मर्ापणने.


लेिकन एक तिथ्य यह है िक मर्ानव भ्रण ू को केवल इस मर्ामर्ले की नहीं िकया जातिा है मर्े गहरिा िदखना चािहए. यह न केवल रिसायनो का एक िमर्श्रण है . क्योिक यह एक मर्हत्वपणण ू र्प पणहलू है चेतिना मर्ानव िबिजली कहा जातिा है . आध्याियोत्मर्क भाषा मर्े यह प्राण या मर्हत्वपणण ू र्प बिल कहा जातिा है . ही मर्हत्वपणण ू र्प बिल अभी तिक

एक है , क्योिक यह िविभन्न अंगो यह variedly का नामर् है लक्ष्य. िसरि मर्े यह सोचा िवश्वास, आशक्ता है , आदति के रूपण मर्े कायर्प करितिा है , इसका िवश्लेषण औरि प्रबिंधन आिद मर्न, बि​िु द्ध औरि मर्ानस के रूपण मर्े िकया

जातिा है . ज्ञान के अंगो मर्े यह बिहुति ही िसद्धांति आकारि, स्वाद, गंध, स्पणशक्तर्प, औरि ध्विन के रूपण ले. शक्तरिीरि के अन्य अंगो मर्े यह पणाचन कामर् करितिा है , उत्सजर्पन, शक्तारिीिरिक आिद जननांगो यह यौन जन ु न ू स्वाद के मर्ाध्यमर् से औरि इस प्रकारि procreates सकतिा है . हरि पणेशक्ती के तिंतिुओं औरि tendons अपणनी िविशक्तष्ट समर्ारिोह औरि प्रकृिति है . दोनो शक्तियोक्ति औरि ज्ञान मर्े interwoven है.

जानने औरि एक शक्तरिीरि के िनियोष्क्रय औरि होशक्त फिामर्र्प को समर्झने के बिाद यह िनष्कषर्प िनकाला है िक बिस के रूपण मर्े पणूरिे पणेड़ संभािवति बिीज मर्े पणाया जातिा है तिो भी मर्ैक्रो यानी पणूरिे लौिकक िसद्धांति सूक्ष्मर् अथार्पति ् शक्तरिीरि मर्े

िनिहति है . हमर् केवल ब्रह्मर्ांडल के वतिर्पमर्ान स्वरूपण औरि शक्तरिीरि अभी तिक अतिीति औरि भिवष्य दृढतिा से यह करिने के िलए संयुक्ति रिहे है दे खने के िलए सक्षमर् हो सकतिा है . शक्तरिीरि एक दपणर्पण की तिरिह है . अगरि हमर् अपणने

सूक्ष्मर् रिहस्यमर्य गहरिाई थाह करि सकतिे है िक हमर् केवल समर्झने औरि दे ख रिहा है िक कहाँ, कैसे औरि िकस हद तिक इस ब्रह्मर्ांडलीय व्यापणक बिाति औरि होशक्त मर्े िसद्धांति मर्ानव शक्तरिीरि के िलए संयुक्ति है . पणरि चिकति िकया जा सकतिा है

हकीकति मर्े एक इंसान के छोटे से शक्तरिीरि को कई चीजे है जो एक ही कहना है िक सभी िदव्य शक्तियोक्तियो की तिुलना मर्े एक साथ रिखा वह अकेले सबिसे शक्तियोक्तिशक्ताली है के साथ भरिा है . लेिकन समर्स्या यह है िक िदव्य

ऊर्जार्प के इस गोदामर् एक अव्यक्ति अवस्था मर्े है . आदे शक्त मर्े इन शक्तियोक्तियो आदमर्ी गहन तिपणस्या से गुजरिना की जरूरिति का अनुभव करिने के िलए. यिद इन तिपणस्या से बिाहरि नहीं िकया जातिा है तिो इन शक्तियोक्तियो को हमर्ेशक्ता अव्यक्ति बिनी रिहतिी है औरि यह वह जानवरिो द्वारिा िकए गए उन से बिाहरि िकसी भी उच्च गिति​िविध को ले जाने के अलावा असमर्थर्प होगा. इसिलए उत्कृष्टतिा प्राप्ति करिने के क्रमर् मर्े एक आध्याियोत्मर्क आध्याियोत्मर्क तिपणस्या के मर्ागर्प का अनुसरिण करिना चािहए.

आसानी से शक्तारिीिरिक िवज्ञान का िवश्लेषण पणरि एक सभी िदव्य glories हरि इंसान मर्े एम्बिेडलडल े पणातिा. इन िदव्य योग्यतिा को सिक्रय करिके एक िदव्य शक्तियोक्तियो (Sidhis) प्राप्ति करि सकतिे है. सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि मर्े 6 चक्र


अच्छी तिरिह से जाना जातिा है . वे करि रिहे है 1) 2 Mooladhar) 3 Svadhishthan) मर्िणपणुरि 4) Anahat 5) 6 Vishudhi) अजन. ये सभी हमर्ारिे शक्तरिीरि के भीतिरि लेिकन एक सक्ष् ू मर् स्तिरि पणरि करि रिहे है. यहाँ पणरि िसरि क्षेत्र

की अनदे खी की है . खोपणड़ी के भीतिरि (1000-petalled कमर्ल) सहस्रारि कमर्ल है . यिद आपण इस जोड़ तिो 7 चक्र रिहे है. इस प्रकारि आपण भव्यतिा करिने के िलए पणेशक्त करि रिहे है, धमर्र्पपणरिायण प्रयास के िलए सक्ष् ू मर् दिु नया मर्े यानी 7 तिीथर्प स्पणॉट. केवल आवश्यकतिा इन सक्ष् ू मर् चक्र के सिक्रयण है . जबि भ्रण ू मर्ां के पणेट मर्े मर्नष्ु य है यह एक बिच्चे के रूपण मर्े होतिी है औरि बिाद मर्े पणैदा हुआ. यिद एक बिीज को एक कमर्रिे मर्े बिंद करि िदया है यह

नहीं अंकुिरिति होगा. केवल जबि यह पणानी िदया जातिा है , सरिू ज, उपणजाऊर् भिू मर् पणरि एक पणेड़ मर्े िवकिसति है िक 1 औरि िफिरि फिूल सुस्वाद फिल भालू.

Merudand (रिीढ की हड्डली) शक्ताही मर्ागर्प कहा जातिा है . यह भी है िक पणथ् ृ वी से स्वगर्प मर्े हमर्े लगतिा है

Devyaan मर्ागर्प कहा जातिा है . इस यात्रा के भीतिरि 7 (Lokas संसारिो) है. भगवान औरि व्यियोक्ति की आत्मर्ा के

बिीच मर्े 7 Lokas बिाकी के धब्बिे है. एक यात्रा के दौरिान मर्ील की बिड़ी संख्या को कवरि करिने के िलए, बिाकी एक जरूरिी है . इसिलए रिास्तिे पणरि बिाकी घरिो रिहे है. एक टे न के िलए कोयला, पणानी आिद शक्तारिीिरिक ऊर्जार्प के

इन आरिामर् स्पणॉट 6 चक्र के रिास्तिे पणरि कई स्टे शक्तनो पणरि बिंद हो जातिा है . चक्र 2 तिरिीके, एक अवरिोधो औरि संरिक्षक के रूपण मर्े अन्य के रूपण मर्े िचित्रति करि रिहे है. मर्हाभारिति मर्े एक चक्रव्यूह (एक वगर्प या एक वत्ृ ति मर्े

सैिनको की एक सरिणी) की कहानी है . अिभमर्न्यु मर्े फिंस गया था. क्योिक वह नहीं जानतिा था िक कैसे इसे

से बिाहरि आने के िलए वह मर्रि गया. एक चक्रव्यह ू मर्े एक िकले के 7 प्राचीरि है. प्रतिीकात्मर्क इस घटना मर्े

एक व्यियोक्ति के शक्तरिीरि के 7 चक्र मर्े फिंस जा रिहा है आत्मर्ा के रूपण मर्े िलया जा सकतिा है . चक्र भी सामर्ग्री संलग्नक, भ्रमर् औरि िवकृितियो के रूपण मर्े मर्हल के 4 दीवारिो होना कहा जातिा है . इसिलए एक िविध के रूपण मर्े

इसे दरिू करिने के िलए िदया जातिा है . भागवति Mahatmya Dhundhukari भति ू के 7 िदनो के भीतिरि एक बिांस के 7 समर्द्र ु ी मर्ील तिो फिाड़ के रूपण मर्े एक दै वीय सियोन्निहति होने बिनने के िलए एक कहानी है . प्रतिीकात्मर्क यह एक चक्र से अगले एक यात्रा है .

साधना मर्े व्यियोक्ति अपणनी खुद की कोई शक्तियोक्ति है . केवल िवशक्तेष बिाति यह है िक वह मर्ेहनति करि रिहा है अपणने अव्यक्ति िदव्य शक्तियोक्तियो को जगाने. यहाँ एक ही ऊर्जार्प बिहुति कमर् है औरि अगरि तिपणस्या बिहुति साधारिण है यह ज्यादा नहीं प्राप्ति करि सकतिे है. सकर्पस के एक पणशक्तु प्रिशक्तक्षक केवल अपणनी मर्ंडलली मर्े उन जानवरिो ियोजसे वह सोचतिा है िक चतिुरि है लेतिा है . सभी साधना कलात्मर्क है. यह भियोक्ति संवेदनशक्तीलतिा की नींव का पणत्थरि

पणरि फिूल. इसिलए एक आदमर्ी आध्याियोत्मर्कतिा के मर्ागर्प मर्े प्रवेशक्त करिने के अपणने भियोक्ति भावनाओं के

दृियोष्टकोण गर ु है . इसके अलावा, वह अपणनी सोच औरि चिरित्र शक्तुद्ध है . यह प्राथिमर्क शक्ततिर्प है जो पणूरिा िकया जाना चािहए है .


जो आध्याियोत्मर्क अभ्यास क्या समर्य अविध के िलए िकया जाना चािहए? इस सवाल का जवाबि हरि िकसी के िलए ही नहीं है . क्योिक यह प्रत्येक व्यियोक्ति की मर्ानिसक ियोस्थिति पणरि िनभर्परि करितिा है . यिद आत्मर्ा के

साथ िकसी भी व्यियोक्ति overflows के व्यियोक्तित्व वह बिहुति जल्दी बिहुति प्रयास के िबिना बिल मर्हान आध्याियोत्मर्क लाभ प्राप्ति करितिा है . लेिकन उन पणिवत्र कायो है िक इन सभी गिति​िविधयो दे करिने के िलए भी इस्तिेमर्ाल िकया जा करितिे है. इस िदव्य शक्तियोक्ति का प्रयोग िकया जातिा है fro िगरि लोगो को ऊर्पणरि उठाने, द :ु ख कमर्, जो लोग डलूबि रिहे है बिचति औरि सभी की मर्दद करिने के िलए जीवन की सीढी पणरि चढने. तिपणस्या एक

पणिवत्र कमर्ो विृ द्ध की बिजाय. इस प्रकारि संतिल ु न बिनाए रिखा है औरि एक आकांक्षी / योगी आध्याियोत्मर्क एक

पणिवत्र साियोत्वक जीवन होतिा है . उनके दृियोष्टकोण मर्े स्वगीय औरि व्यवहारि (जीवन मर्ियोु क्ति) यह बिहुति ही जीवन मर्े आध्याियोत्मर्क जो मर्क् ु ति है की तिरिह है . आत्मर्ा आत्मर्ा मर्िहमर्ा के रूपण मर्े मर्हसस ू िकया है औरि लगातिारि िदव्य अंतिदृर्पियोष्ट की मर्दद से वह ब्रह्मर्ांडल के हरि कण मर्े भगवान beholds. यह एक पणिरिणामर् है

ियोजनमर्े से एक व्यियोक्ति को पणुरषो के बिीच सबिसे अच्छा कहा जातिा है औरि इस तिरिह खुद भगवान हो जातिा है के रूपण मर्े बिहुति रिाज्य है .

लेिकन अगरि एक िवचारि औरि चिरित्र शक्तुद्ध नहीं है, अगरि उसमर्े िनकम्मर्ापणन है तिो अगरि इस तिरिह के एक

व्यियोक्ति िदव्य शक्तियोक्तियाँ प्राप्ति, वह रिाक्षसी औरि अिभमर्ानी हो जातिा है . वह बिाहरि ऐसी नीच कारिर्प वाई है िक वह केवल एक रिाक्षस लेबिल िकया जा सकतिा है िकया जातिा है . यिद धन है , हो सकतिा है , भव्यतिा शक्तियोक्ति का

सही इस्तिेमर्ाल नहीं करि रिहे है यह एक व्यियोक्ति के पणतिन के िलए नेतित्ृ व करि सकतिे है. जबि अंगूरि िबिगड़ना वे

शक्तरिाबि के िलए पणिरिवितिर्पति करि रिहे है. यहां तिक िक अगरि आपण उसी तिरिह िदव्य शक्तियोक्तियो को प्राप्ति करिने के िलए औरि अगरि वही पणिवत्र गिति​िविधयो के िलए उपणयोग नहीं िकया है तिो एकमर्ात्र िवकल्पण रिहतिा है िक यह

िवनाशक्तकारिी प्रयोजनो के िलए उपणयोग िकया जाएगा. यिद आध्याियोत्मर्कतिा दित क्षण मर्ागर्प (पणिवत्र पणथ) का पणालन नहीं करितिा है िक यह एक के पणतिन के िलए नेतित्ृ व करिे गे. िवले actioned तिांित्रक Aghoris, Kapaliks आिद रिाक्षसी बिन गया है औरि मर्ारिन जैसे नीच कायो (मर्ंत्र जपण के साथ लोगो की मर्ौति हो गई),

मर्ोहन (षड्यंत्र) Vashikaran औरि Ucchatan (झाड़ - फिंू क के द्वारिा एक व्यियोक्ति के मर्न ध्यान भंग) िनष्पणािदति. डलीमर्न्स आमर् तिौरि पणरि हमर्ला प्रकारि के होतिे है औरि िनदोष लोगो को मर्ानव का अपणहरिण करिना.

ऐसी रिाक्षसो के उदाहरिण Vritrasur, Hiranyakashipu, Mahisasur, कंस, रिावण आिद उनके खारिDooshan, Kumbhkaran, मर्ेघनाद, Hiranyaksha, Jarasandh की तिरिह पणिरिवारि के सदस्यो, Raktabeej भी demonically व्यवहारि िकया. रिाक्षसो डलेमर्ी - दे वतिाओं को पणरिे शक्तान िकया. वे डलेमर्ी - दे वतिाओं

के धन को लट ू िलया औरि Rishis के खून िपणया. वे केवल अपणने िवषयो पणरिे शक्तान औरि स्वाथी लाभ का एक छोटा सा के िलए वे कई नीच कायो का प्रदशक्तर्पन िकया.


रिाक्षसो के 2 वगो है. एक वगर्प अिनयंित्रति है , हमर्ला करिने औरि आतिंकवादी प्रकारि के. अन्य वगर्प धोखा, चालाकी, भ्रामर्क काला जाद ू िबिजली आिद का उपणयोग करितिा है पणरि हमर्ला रिाक्षसो से िदखाने के उनके

साहस औरि काला जाद ू रिाक्षसो उनके धोखे की कला की प्रशक्तंसा. पणरि हमर्ला रिाक्षसो के नीचे खल ु ेआमर् हे य

दृियोष्ट से दे खा जातिा है लेिकन काला जाद ू रिाक्षसो facades का घंघ ू ट के पणीछे िछपणा रिहे है. वास्तिव मर्े चतिरिु रिाक्षसो संतिो की तिरिह बिाहरि से व्यवहारि करितिे है. उदाहरिण के िलए. Kalnemi. हालांिक वह रिावण के एक पणिरिवारि के सदस्य थे वह बिाह्य पणरि हमर्ला िकसी को कभी नहीं. इसके बिजाय वह काला जाद ू के मर्ाध्यमर् से

दस ू रिो की बि​िु द्ध को प्रेिरिति नीच कायो प्रदशक्तर्पन होगा. ऐसे लोगो को केवल एक पणतिन वाडलर्प असफिल नहीं हो, लेिकन िक वे नीच कमर्ो के दलदल मर्े गहरिे डलूबि सकतिा है .

एक िदव्य शक्तियोक्तियो को इकट्ठा करि सकतिे है, लेिकन अगरि यह पणिवत्र कामर्ो के िलए एक Kalnemi की तिरिह नहीं इस्तिेमर्ाल िकया जातिा है तिो बिाहरि सक्ष् ू मर् रिाक्षसी गिति​िविधयो को ले जाने के सकतिा है . यह वहाँ जा रिही आतिंकवादी गिति​िविधयो की वजह से बिदनामर् औरि समर्य की एक िनियोश्चति अविध के िलए पणण् ु य बिाह्य एक पणलायन मर्ानहािन होने के बिहाने कोई डलरि नहीं है . इसिलए आधुिनक कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) के क्षेत्र मर्े

रिाक्षसी व्यवहारि Kalnemi के टे डलमर्ाकर्प के तिहति बिाजारि मर्े उपणलब्ध है औरि िमर्नट के भीतिरि basketfuls के रूपण मर्े बिेच िदया जातिा है .

यह सच है आत्मर्ा की शक्तियोक्ति केवल अगरि एक धमर्र्प के पणिवत्र पणथ पणरि उत्पणन्न िकया जा सकतिा है . यह सभी व्यियोक्तियो की अच्छी तिरिह से िकया जा रिहा है औरि इस तिरिह पणूरिी दिु नया मर्े िनिहति है . आत्मर्ा िवज्ञान के सच्चे दशक्तर्पन है िक एक से बिाहरि िकया जातिा है आध्याियोत्मर्क तिपणस्या लेिकन िक धमर्ी प्रयोजनो औरि िवश्व कल्याण के िलए जो कुछ भी िदव्य शक्तियोक्ति Sidhis के रूपण मर्े प्रकट होतिा है ही इस्तिेमर्ाल िकया जाना चािहए.

मर्ोटे तिौरि पणरि एक समर्झना चािहए िक हालाति हमर्ारिे भियोक्ति भावनाओं की ियोस्थिति को प्रभािवति. हमर् सबि है िक बिाहरिी दिु नया मर्े जगह लेतिा है से प्रभािवति है. लेिकन आध्याियोत्मर्क िवज्ञान की िवचारिधारिा इस मर्ामर्ले

मर्े औरि अिधक गहरिा delved गया है औरि यह कहतिे है िक व्यियोक्तिगति चेतिना पणास औरि दरिू सांसािरिक ियोस्थितियो बिंद को प्रभािवति करितिी है . मर्नष्ु य अपणने भाग्य का लेखक है , लेिकन तिथ्य यह है िक एक उन्नति

आध्याियोत्मर्क रिाज्य मर्े वह ब्रह्मर्ांडलीय गिति​िविधयो के िनदे शक्तक भी है . इस संबिध ं मर्े यह िनियोश्चति रूपण से समर्झ गया िक एक एक मर्ानस के अनस ु ारि भीतिरिी औरि बिाहरिी क्षेत्रो के िलए संबिंिधति उपणकरिणो डलाली जा


सकतिा है . एक बिहुति ही उन्नति आध्याियोत्मर्क रिाज्य मर्े इस तिरिह के एक व्यियोक्ति भी ब्रह्मर्ांडलीय आंदोलनो प्रत्यक्ष करि सकतिे है. यह extrasensory शक्तियोक्ति कहा जातिा है . यह सपण ु रि मर्न रिाज्य है जो आमर्तिौरि पणरि सभी प्रािणयो मर्े मर्ौजद ू है लेिकन एक अव्यक्ति िनियोष्क्रय रिाज्य मर्े है . यह कैसे सिक्रय िकया जा सकतिा है ? यह कैसे सशक्तक्ति िकया जा सकतिा है ? औरि यह कैसे िविभन्न कायो के िलए उपणयोग िकया जा सकतिा है ? यह

आत्मर्ा िवज्ञान कहा जातिा है . यह भी ब्रह्मर्िवद्या कहा जातिा है . कंु डलिलनी अभ्यास मर्ारि डलाला है तिािक हमर्ारिे आत्मर्ा बिल को सिक्रय करिने के िलए.

लक्षद्वीपण के िनकट एक जंगल मर्े 4 संतिो dwelt. वे भीख भीख मर्ाँग के िलए समर्ुद्र के पणानी को पणारि करि

गया औरि गहृ स्वािमर्यो को आध्याियोत्मर्क प्रवचन िदया. 4 संतिो के बिीच एक बिहुति ही चतिुरि था. वह कैसे पणानी पणरि चलने के िलए कुछ शक्तियोक्तिशक्ताली जड़ी बिूिटयो के साथ अपणने पणैरिो िचपणकाने से सीखा था. अन्य 3 संतिो पणानी मर्े तिैरिा लेिकन इस चतिुरि ऋषिष उस पणरि चलना होगा. जो लोग उत्तिरिाद्धर्प ऋषिष दे खा उसे एक एहसास

संति होने के िलए सोचा. इसिलए लोगो को अपणने ही बिातिचीति करिने के िलए सुनने औरि उसे मर्हं गा प्रस्तिुति िदया.

धीरिे धीरिे रिहस्य खुलासा िकया गया था. चतिुरि भक्तिो ने जोरि दे करि कहा है िक वे गमर्र्प पणानी के साथ 4 संतिो पणरि पणैरि धोना होगा. इस प्रकारि तिथाकिथति मर्हान संति पणरि हबिर्पल पणेस्ट से नष्ट हो गया था. वह नहीं जानतिा था िक कैसे तिैरिना. इसिलए बिाहरि शक्तमर्र्प की बिाति है की वह वह संतिो मर्े से एक समर्ूह को छोड़ िदया औरि भाग गया. Facades िपणछले कभी नहीं लंबिा है .

पणांच अध्याय योग के रिहस्य औरि Sidhis का गुलदस्तिा

योग ब्रह्मर्ांडलीय आत्मर्ा जो अन्यथा भगवान कहा जातिा है के साथ व्यियोक्ति की आत्मर्ा के िमर्लन का मर्तिलबि है . जबि संख्या अपणने मर्ल् ू य बिढतिा है कई गन ु ा जोड़ रिहे है. मर्नष्ु य वानरि के वंशक्तज है . एडलमर् आयु मर्े उन्होने


ऐसा ही िकया गया था. न्यू िगनी मर्े आज भी वहाँ कुछ आिदवािसयो (Aborigines) जो आदमर् युग की

संस्कृिति है . पणर ु षो / मर्िहलाओं िनरिा नग्न करि रिहे है. भोजन के िलए वे पणशक्तु मर्ांस, जड़ो, फिल आिद वे मर्ील की दरिू ी पणरि तिथाकिथति सभ्य लोगो से दरिू चला औरि इसिलए उनकी भाषा पणरि िनभर्परि भी िवकिसति नहीं

िकया है . वे केवल कुछ शक्तब्दो को बिोलना औरि वे मर्ख् ु य रूपण से सांकेितिक भाषा औरि इशक्तारिो से संवाद करि

सकतिे है. लेिकन शक्तारिीिरिक दृियोष्टकोण से वे औरि अिधक शक्तियोक्तिशक्ताली है क्योिक वे एक िनियोश्चति तिरिीके मर्े तिीव गमर्ी, सदी, बिािरिशक्त आिद बिदार्पश्ति भी आदमर्ी एडलमर् यग ु की संस्कृिति का अनस ु रिण करि सकतिे है. वह खाने मर्े अच्छी तिरिह से वािकफि है , procreating औरि प्रकट लालच, लगाव आिद उन्होने मर्ानव मर्ल् ू यो imbibing िक सभी मर्ानव जािति की मर्िहमर्ा बिढाने घण ृ ा करितिा है .

मर्हानतिा औरि नैितिकतिा के glories हमर्ेशक्ता भगवान के िलए संयुक्ति है . जबि आदमर्ी िवश्वास के मर्ाध्यमर् से

भगवान के साथ एकजुट करितिी है वह िनियोश्चति रूपण से आदमर् युग की संस्कृिति से ऊर्पणरि ही उगतिा है . बिस के

रूपण मर्े जबि पणिति - पणत्नी एक दस ू रिे के साथ सहयोग के रूपण मर्े एक ही रिास्तिे मर्े बिनाने के िलए उनके घरि

स्वगीय जबि आदमर्ी भगवान के साथ एकजुट करितिी है वह पणरिमर्ात्मर्ा हो जातिा है . यौिगक अभ्यास इसिलए मर्हानतिा eulogized है औरि उन समर्झ आत्मर्ा उत्थान चलने के इस रिास्तिे पणरि मर्हत्व है .

योग 2 तिरिीको मर्े वगीकृति िकया गया है . 1 बिाह्य योग औरि दस ू रिा आंति​िरिक योग है . बिाहरिी योग है िक

शक्तारिीिरिक अभ्यास मर्े जो मर्हत्व िदया जातिा है . इस बिाहरिी योग मर्द्र ु ा शक्तािमर्ल है , व्यायामर्, Bandha, Mudras, मर्ंत्र, यज्ञ, भगवान की पणूजा, तिीथर्प, भगवान के नामर् आिद इस बिाह्य योग के िलए एक औरि नामर्

िक्रया योग है गायन का जपण श्वास. अपणनी शक्ताखाओं मर्े से एक हठ योग कहा जातिा है . यहाँ बिाह्य शक्तारिीिरिक गिति​िविधयो पणरि बिल िदया है . जोरि अपणनी िवधा औरि िनयमर्ो पणरि रिखी है . इसके पणिरिणामर्ो पणरि िनभर्परि aptly िक यह कैसे का उपणयोग िकया गया था. िक्रया योग हमर्ारिे स्वास्थ्य, चमर्क, बिौिद्धक कुशक्ताग्रतिा आिद मर्न की कुछ िनयंत्रण भी जगह लेतिा है को प्रभािवति करितिी है .

िद्वतिीय श्रेणी आंति​िरिक योग है . यहाँ िबिखरिे हुए मर्न औरि जीवन शक्तियोक्ति केिद्रति है औरि ध्यान केिद्रति करि रिहे है. िवले मर्ानिसक imprints शक्तद्ध ु होना है औरि हमर्ारिी सोच को उच्च िकया जाना है . वहाँ ध्यान के कई प्रकारि के होतिे है. वे सबि के सबि आंति​िरिक योग के प्रमर्ख ु के अंतिगर्पति आतिे है.


आमर् तिौरि पणरि ध्यान मर्े पणरिमर्ेश्वरि के एक काल्पणिनक छिव की िदशक्ता मर्े एक प्यारि भियोक्ति pours औरि एक के िलए यह अनभ ु व के रूपण मर्े अपणने आपण को बिहुति करिीबि करिने की कोिशक्तशक्त करितिा है . इसके अलावा अनभ ु वो Naad योग (ध्विन), Soham (है िक मर्ै करि रिहा हूँ) आध्याियोत्मर्क अभ्यास, सोमर्ा रिस पणीने Khechri मर्द्र ु ा आिद आंति​िरिक योग के मर्ाध्यमर् से भी Chakravedhan (6 चक्र के मर्ाध्यमर् से यात्रा), कंु डलिलनी जागरिण,

Granthi Vedhan शक्तािमर्ल आिद शक्तािमर्ल है क्योिक यहाँ पणरि एक सोचा तिरिं गो एक उिचति ध्यान केिद्रति िदशक्ता दी जातिी है . यह वहाँ िक्रया योग की कोई जरूरिति नहीं है जो शक्तारिीिरिक अभ्यास शक्तािमर्ल है .

िक्रया योग ऊर्जार्प औरि सकल शक्तरिीरि के साधारिण extrasensory क्षमर्तिा तिक सीिमर्ति है . इंिद्रयां प्रकृिति मर्े सकल करि रिहे है. यह एक शक्तारिीिरिक िहस्से के रूपण मर्े िगना जातिा है . अपणनी शक्तियोक्ति भी सकल ही है . संवेदी

क्षमर्तिा के subtilization केवल िकसी भी अन्य सामर्ग्री के िबिना औरि िकसी भी अन्य भावना अंग मर्ियोस्तिष्क की बिौिद्धक नसो कुछ सकल समर्स्याओं को हल करिने के की मर्दद के साथ यह बिहुति करितिा है . उदाहरिण के िलए. यिद एक अंधा होतिा है एक स्पणशक्तर्प की भावना अंग का उपणयोग औरि उं गिलयो के साथ वस्तिुओं, पणत्र, की उपणियोस्थिति के बिारिे मर्े पणतिा आिद (ब्रेल मर्े यानी) करि सकतिे है. सन ु वाई दरिू लगतिा है , दरिू की वस्तिुओं को दे खने Suprapsycho िवज्ञान, के भीतिरि, टे िलपणाथी पणरि extrasensory धारिणा (ESP) के रूपण मर्े

दे खा जातिा है . यह सबि बिुिद्ध का एक खेल है . फिकर्प िसफिर्प यह है िक प्रत्यक्ष मर्ाध्यमर्ो की तिुलना मर्े एक की पणहचान करिने औरि गमर्ी की लहरिो, ध्विन औरि प्रकाशक्त को पणकड़ने की क्षमर्तिा उपणलब्ध हो जातिा है . यह

सामर्ग्री लाभ औरि सफिलतिा के तिहति आ सकतिा है . हालांिक इस आध्याियोत्मर्क रूपण मर्े हे य दृियोष्ट से दे खा जातिा है , अभी तिक यह सच नहीं है . भगवान की गिति​िविधयो बिहुति ही असाधारिण औरि रिहस्यमर्य ढं ग से करि रिहे

है. भगवान हमर्ारिे सामर्ग्री उपणकरिण से नहीं समर्झा जा सकतिा. मर्हान वैज्ञािनक अल्बिटर्प आइंस्टीन के

अनस ु ारि, कण भौितिकी अभी बिहुति अपणंग औरि लंगड़ा है . यह हमर्ारिे लौिकक िदव्य शक्तियोक्ति अथार्पति ् पणरिमर्ेश्वरि की जानकारिी नहीं दे सकतिा. वहाँ एक ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना है िक हमर्ारिे पणरिू े ब्रह्मर्ांडल सेनाओं है . यह चेतिना भगवान, ब्रह्मर्, सभी व्यापणक ब्रह्मर्ांडलीय आत्मर्ा आिद Ridhi सीधी - (िदव्य शक्तियोक्तियो) के पणरिू े पणिरिवारि को भगवान की एक मर्ात्र झलक है कहा जा सकतिा है .

भौितिकवादी िवद्वान औरि दाशक्तर्पिनक मर्होदय Jams जीन्स के अनुसारि दिु नया मर्े सभी भौितिकवादी घटनाओं के िलए उपणयुक्ति है. िक जो हमर् कहतिे है एक दघ र्प ना वास्तिव मर्े ऊर्पणरि उल्लेख िकया है . इसके ु ट

िनमर्ार्पतिा िनियोश्चति रूपण से एक मर्हान कैलकुलेटरि, बिहुति शक्तियोक्तिशक्ताली औरि एक अदृश्य शक्तियोक्ति है . यह भगवान बिुलाया जाना चािहए. इस दिु नया मर्े एक आभ्यांति​िरिक मर्शक्तीन नहीं हो सकतिा है क्योिक हरि वस्तिु, प्राणी, दिु नया की जा रिही है आिद रिहने वाले उन मर्े िनिहति चेतिना है औरि यह है िक वे हमर्ेशक्ता सिक्रय करि सकतिे है. जबि व्यियोक्तिगति चेतिना ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना के साथ िमर्लकरि कामर् करितिा है (भगवान) यह योग कहा जातिा है .


मर्हाभारिति के अश्वमर्ेध पणवर्प मर्े वणर्पन है िक वहाँ िदव्य (Sidhas) संतिो, जो अपणने िदव्य आंख के साथ शक्तरिीरि के दे रिही है , उसके ऊर्पणरि एक तिाजा नए शक्तरिीरि ले औरि एक अन्य प्रजाितियो के शक्तरिीरि मर्े प्रवेशक्त करि दे ख सकतिे

है करि रिहे है. दृढ इच्छा शक्तियोक्ति के साथ लोगो को सदावना औरि मर्नष्ु य के साथ सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि आत्मर्ाओं के सहयोग स्थािपणति करिने मर्े सक्षमर् है. एहसास हुआ - द्रष्टा संतिो की िवशक्तेषतिाओं मर्े से एक यह है िक वे सक्ष् ू मर् दिु नया से संपणकर्प करि सकतिे है.

यह एक िदव्य शक्तियोक्ति है "टाई" समर्य जो कंु डलिलनी जागरिण का एक पणिरिणामर् है . योगी Changdev सेट

Janneshwar के समर्य के दौरिान 400 साल योग तिपणस्या की शक्तियोक्ति की वजह से पणुरिानी थी. बिाद मर्े सेट Jnaneshwar की सलाह के अनुसारि रूपण मर्े वह अपणने नश्वरि कंु डलल दे दी है . हमर्ारिा सूक्ष्मर् शक्तरिीरि श्रद्धेय गरू ु जो उदात्ति िहमर्ालय की किठन इलाके मर्े रिहतिा समर्य औरि स्थान की सीमर्ाओं से पणरिे है .

280 साल की उम मर्े मर्हान संति Tailang स्वामर्ी को िदया था Paush शक्तक् ु ला एकादशक्ती िवक्रमर् संवति 1944 पणरि भारितिीय कैले डलरि के अनस ु ारि वारिाणसी मर्े अपणने नश्वरि का तिारि. वह एक ब्राह्मर्ण मर्कान मर्ािलक के घरि मर्े िवक्रमर् संवति 1644 मर्े पणैदा हुआ था. पणुष्करि क्षेत्र मर्े वह भागीरिथ स्वामर्ी से संन्यास दीक्षा िलया था. अपणने गुरू उसे गणपणिति स्वामर्ी का नामर् था, लेिकन वह अच्छी तिरिह से Tailang स्वामर्ी के रूपण मर्े जाना जातिा था. वह एक मर्हान आध्याियोत्मर्क आकांक्षी, योगी औरि सभी प्रािणयो के सवर्परि था. कई चमर्त्कारिी घटनाओं उसके साथ जुड़े रिहे है. यहां तिक िक स्वामर्ी िववेकानंद ने अपणने नामर् का उल्लेख िकया था औरि वह स्वामर्ी

Dayanandji के जीवन के दौरिान जीिवति भी था. उच्चतिमर् योग के आध्याियोत्मर्क लक्ष्य को प्राप्ति करिके वह कई िदव्य शक्तियोक्तियाँ भी प्राप्ति िकया. एक बिारि Tailang स्वामर्ी नेपणाल के जंगलो मर्े तिपणस्या प्रदशक्तर्पन िकया. नेपणाल के रिाजा िशक्तकारि वहाँ अपणनी सेना के साथ साथ आया था. एक शक्तेरि अपणनी जान बिचाई थी जबि रिाजा ने

हमर्ला. लेिकन सेना प्रमर्ुख बिाघ का पणालन िकया. बिाघ Tailang स्वामर्ी के आश्रमर् मर्े प्रवेशक्त िकया. यह स्वामर्ीजी के चरिणो मर्े अपणने िसरि रिखा औरि नीचे चुपणचापण बिैठ गया. स्वामर्ीजी िप्रयतिमर् वस्तिु बिाघ शक्तरू ु करि िदया. जबि सेना प्रमर्ुख औरि रिाजा इस दृश्य को दे खा वे अवाक थे.

इस घटना िनियोष्क्रय ियोजज्ञासा के िलए नहीं है , लेिकन तिथ्य यह है िक के मर्ाध्यमर् से आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्तियो तिपणस्या से उत्पणन्न एक वास्तिव सक्ष् ू मर् दिु नया के प्रवाह की िदशक्ता बिदल सकतिे है के िलए संबिंिधति है . इसके

अलावा, एक एक बिीमर्ारि भाग्य से एक हद तिक वाडलर्प के िलए औरि दे उन घटनाओं घिटति जो अन्यथा िलखा


है उसे जगह नहीं ले के िलए एक मर्ाध्यमर् बिन सकतिे है. यह कहा जातिा है िक डलेमर्ी - दे वतिाओं के आशक्तीवार्पद औरि इलाज की शक्तियोक्ति है . लेिकन वास्तिव मर्े एक योगी, उच्च आध्याियोत्मर्क कद के संति आिद भी इस हािसल करि सकतिे है. यिद आपण एक तिारि है ियोजसमर्े िबिजली के वतिर्पमर्ान पणव ू र्प बिहतिी एक िनियोष्क्रय तिारि कनेक्ट भी

सिक्रय हो जाएगा. इसिलए अगरि डलेमर्ी - दे वतिाओं की िदव्य शक्तियोक्ति के िलए एक conjoins तिो उस व्यियोक्ति को भी उन शक्तियोक्तियो िमर्लतिा है औरि इस तिरिह िदव्य शक्तियोक्तियो का भंडलारि है िक भगवान के िलए है मर्े प्रवेशक्त

करितिी है . िदव्य शक्तियोक्तियो के क्षेत्र मर्े इस प्रवेशक्त सतिही नहीं है , लेिकन भागीदारिी का एक प्रकारि है . अगरि वहाँ कई व्यापणारि भागीदारिो के साथ एक दक ु ान है यह हरि एक से मर्ाल ले जा सकतिे है. िनियोश्चति रूपण से भागीदारिी

आपणको यह अिधकारि दे तिा है , लेिकन अगरि आपण िसफिर्प एक जब्री भक्ति औरि भगवान मर्े गहरिा िवलय करि िदया है नहीं है , वह केवल बिातिो के िलए भगवान से भीख मर्ाँगने का अिधकारि है .

िवदे शक्त योग या िक्रया योग केवल बिाहरिी दिु नया है िक िदखाई दे तिा है शक्तािमर्ल है . यह बिढतिी है , पणाली, बिढा सकतिे है या बिातिे कमर्ी है. यह भी कभी कभी िछपणाने के िलए या करि सकतिे है प्रकट बिातिे करितिा है , लेिकन दस ू रिे के मर्ानस के recesses मर्े प्रवेशक्त करिने की शक्तियोक्ति नहीं है . यह आसान है अपणने पणतिन के िलए िकसी को

नेतित्ृ व. यह आसानी से अपणरिािधयो, जुआरिी, looters आिद के द्वारिा पणूरिा िकया है , लेिकन यह एक पणूरिी तिरिह से अलग कहानी है जबि यह भौितिक औरि आध्याियोत्मर्क उत्थान दस ू रिो शक्तािमर्ल है . यह शक्तब्द तिीरि है िक डलॉट पणरि लक्ष्य तिक पणहुँचने है . यिद आपण िमर्ट्टी के एक ढे रि फिेक इसे कहीं भी औरि कहा िक एक लंबिी दरिू ी पणरि भी जा

सकतिे है. इस पणरि कोई िनयंत्रण नहीं है . केवल उपणयक् ु ति हाथ बिातिो का सच िनयंत्रण उपणाय करि सकतिे है. यह पणरिू ी तिरिह से करिने के िलए के रूपण मर्े अपणने िनणर्पय है िदशक्ता क्या है औरि कैसे उच्च िकसी को uplifted जा

रिहा है . इस तिरिह के एक व्यियोक्ति को जानतिा है िक कैसे ठीक एक ही तिेल मर्े गहरिा गोतिा करिने के िलए औरि यह उनकी क्षमर्तिा के अनस ु ारि को मर्ापणने के. एक छोटे से कूद िकसी के द्वारिा िक्रयाियोन्वति िकया जा सकतिा

है , लेिकन यह केवल िवशक्ताल रिॉकेट के िलए आकाशक्त मर्े उच्च विृ द्ध करिने के िलए औरि भी पणथ्ृ वी वायमर् ु ंडललीय कवरि पणरि पणारि के रूपण मर्े तिारिे के बिीच अंति​िरिक्ष मर्े प्रवेशक्त करिने के िलए संभव है . व्यियोक्तिगति योग के मर्ाध्यमर्

से भगवान के साथ एकजट ु आत्मर्ा के संबिंध सभी िदव्य शक्तियोक्तियो िक प्रकट Ridhi - सीधी तिरिह का सबिति ू

है . ग्रेट Sidhas कोई शक्तक नहीं है िदव्य पणुरष है. उनकी भेदभाव (िववेक) के पणूणर्प अनुग्रह या तिो आध्याियोत्मर्क

िकसी उत्थान करि सकतिे है या यह भी अच्छी तिरिह से िकया जा रिहा है सामर्ग्री का आशक्तीवार्पद प्रदान करिना. केवल इस तिरिह के िदव्य संति िदव्य शक्तियोक्तियो के मर्हान ऊर्ंचाइयो तिक पणहुँच सकतिे है.

िदखाई दिु नया की तिरिह वहाँ एक िछपणे हुए सूक्ष्मर् दिु नया है औरि हमर् कभी कभी स्वप्न मर्े या Nirvikalpa समर्ािध मर्े यह की एक झलक पणाने के मर्ुफ्ति टांस सोचा. िलिखति िवद्वानो यह दस ू रिी दिु नया कहतिे है. वे प्रकृिति मर्े सक्ष् ू मर् है. वे अदृश्य है. हमर्ारिे तिारिो औरि आकाशक्तगंगाओं मर्े इस तिरिह का कोई दिु नया है . इसका


मर्तिलबि है िक वहाँ कोई िशक्तव Loka, स्वगर्प, नरिक, Brhama Loka वहाँ पणरि के रूपण मर्े हमर्ारिे शक्तास्त्रो मर्े विणर्पति है . क्योिक सभी 7 संसारि ब्रह्मर्ांडल मर्े अदृश्य है. वे हमर्ारिे सकल आँखो से नहीं दे खा जा सकतिा. इन सक्ष् ू मर् अदृश्य दिु नया मर्े एक डलेमर्ी - दे वतिाओं, Pitrus, Sidhas, आध्याियोत्मर्क मर्क् ु ति लोगो आिद ये दिु नया

भौितिकवादी नहीं है, लेिकन पणरिमर्ात्मर्ा भावनात्मर्क स्तिरि पणरि है पणातिा है . ये दिु नया मर्े रिहने वाले आनंद, उत्साह, शक्तांिति, शक्तियोक्ति आिद भगवान के उन िदव्य सहयोिगयो (Parshads) इन सक्ष् ू मर् दिु नया मर्े वास का पणरिू ा करि रिहे है. एक उपणयक् ु ति समर्य पणथ् ु एक मर्हान संति, नबिी ृ वी पणरि इन सहयोिगयो प्रकट जबि भगवान खद

सभी आिद के uplifter के रूपण मर्े incarnates उनकी अदृश्य शक्तरिीरि केवल लंबिे समर्य के रूपण मर्े रिहतिा है के रूपण मर्े उनके िवशक्तेष कायर्प के िलए िक्रयाियोन्वति िकया जा रिहा है औरि बिाद मर्े वे पणहले के रूपण मर्े अदृश्य औरि

सूक्ष्मर् हो. सहयोिगयो के इस समर्ूह मर्े छोटा नहीं है . इस सकल सामर्ग्री दिु नया मर्े रिहने वाले प्रािणयो की संख्या की तिल ु ना मर्े , इन सक्ष् ू मर्, अदृश्य दिु नया मर्े रिहने वाले प्रािणयो की संख्या कमर् नहीं है . बिस सांसािरिक पणुरषो के बिीच के रूपण मर्े वहाँ बिहुति सक्षमर् औरि दीियोप्तिमर्ान लोग है तिो भी सक्ष् ू मर्, अदृश्य दिु नया मर्े वहाँ िदव्य

glories के साथ आत्मर्ाओं की कक्षाएं है. इन िदव्य glories िसफिर्प इन मर्हान आत्मर्ाओं से संग्रहीति नहीं करि रिहे है, लेिकन वे उदारितिा से यह अन्य आत्मर्ाओं जो उपणयुक्ति क्रेडलेिशक्तयल्स के साथ imbued है दान.

नरिसी मर्ेहतिा आध्याियोत्मर्क प्रयोजनो के िलए धन चाहतिा था. कुछ mendicants उससे संपणकर्प िकया औरि कहा िक कुछ गांव के लोगो ने उन से पणूछा था (mendicants) नरिसी दृियोष्टकोण. हमर् द्वारिका के िलए जा रिहे

है. कृपणया रपणये रिखने के िलए. आपण के साथ 700/00 औरि हमर्े िवदे शक्ती मर्द्र ु ा का एक िबिल दे इतिना है िक हमर्

हमर् वापणस हमर्ारिे नकदी प्राप्ति करि सकतिे द्वारिका के शक्तहरि मर्े रिास्तिे पणरि औरि लट ू िलया के खतिरिे का सामर्ना

नहीं करिना चाहतिी. नरिसी सोच है िक यह पणरिमर्ेश्वरि की ओरि से मर्दद के कुछ प्रकारि था नकदी स्वीकारि िकए जातिे है. वह अपणने प्यारिे दोस्ति प्रभु श्री कृष्ण के नामर् मर्े िविनमर्य िबिल िलखा था. द्वारिका भगवान कृष्ण

प्रच्छन्न रूपण मर्े एक व्यापणारिी के िविनमर्य िबिल स्वीकारि िकए जातिे है औरि mendicants रपणये दे िदया. 700/00. हकीकति मर्े यह भगवान है जो अपणने शक्तद्ध ु िदल के मर्ाध्यमर् से मर्हान आध्याियोत्मर्क उम्मर्ीदवारिो के आगे बिढातिी जरूरिति मर्े उन लोगो के द ु: ख से उबिरिने.

योगीरिाज मर्हिषर्प अरि​िवंद ने कहा िक स्वामर्ी िववेकानंद की िदवंगति आत्मर्ा उसे कई प्रेरिणादायक िवचारि िदया. 1901 मर्े पणरिमर्हं स रिामर्कृष्ण की आत्मर्ा उसे लौिकक कल्याण के िलए साधना प्रदशक्तर्पन करिने के िलए प्रेिरिति िकया. दे वी मर्ाँ भी उसे भगवान का एक दै वी प्रेरिणा के कारिण के साथ पणांिडलचेरिी मर्े िनवास करिने के

िलए आया था. सुकरिाति हमर्ेशक्ता बिनाए रिखा है िक एक Dayman उसकी मर्ानिसकतिा मर्े dwelt औरि उसे बिाहरि ले जाने के िलए िविभन्न कायो के िलए प्रेिरिति. वह हमर्ेशक्ता सबि उसके द्वारिा िकए गए कायो के िलए Dayman को ऋषण िदया है .


मर्हान ब्रह्मर् CW लीडलबिीटरि हमर्ेशक्ता अदृश्य दिु नया के आंदोलनो मर्े छानबिीन की. उन्होने कहा िक पणैतिक ृ

आत्मर्ाओं मर्ासूमर् बिच्चो औरि पणिवत्र आत्मर्ाओं औरि उन पणरि कई लाभकारिी आशक्तीवार्पद bestows की रिक्षा की. एक बिारि जबि वहाँ एक कमर्रिे मर्े एक मर्हान नरिक था. इसिलए कमर्रिा पणरिू ी तिरिह जल गया था. लेिकन एक िवशक्तेष बिच्चे लगातिारि इसे मर्े सोया औरि अभी तिक बिचा िलया गया था. एक िदव्य शक्तियोक्ति उसकी रिक्षा करि

रिखा है औरि इस प्रकारि आग बिच्चा नहीं जला सकतिा है . 1959 मर्े एक प्रिसद्ध पणत्रकारि औरि लेखक बिनार्पडलर्प हटन नामर्क उसकी "हाथ पणकड़े" नामर्क पणस् ु तिक मर्े एक िवशक्तेष घटना के बिारिे मर्े िलखा था. वह अपणनी दृियोष्ट खो िदया था औरि डलॉक्टरिो ने उसे मर्दद नहीं करि सकतिा. हटन सन ु ा था िक डलॉ. लैग प्रस्थान आत्मर्ा श्री एक

मर्ध्यमर् प्रदशक्तर्पन नेत्र आपणरिे शक्तन फिेरिीवाला बिनाने औरि इस तिरिह कई नेत्रहीन लोगो को अपणनी नज़िरि आ था.

हटन तिो वहाँ चला गया. फिेरिीवाला मर्ानस दजर्प करिके डलॉ. लैग हटन ऑपणरिे शक्तन औरि इस प्रकारि हटन उसकी नज़िरि आ.

ऊर्पणरि वणर्पन हमर्े पणतिा चलतिा है िक आंति​िरिक योग के एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी उसकी आत्मर्ा प्रकाशक्त, स्वच्छ औरि छे दक िक वह आसानी से अदृश्य दिु नया मर्े प्रवेशक्त करितिी है बिनातिा है . एक स्थूल शक्तरिीरि होने के

बिावजूद आंति​िरिक योग के एक गर ु अपणने सूक्ष्मर् औरि आकियोस्मर्क िनकायो के मर्ाध्यमर् से अदृश्य दिु नया के साथ संपणकर्प मर्े रिख सकतिे है. उनकी जरूरितिो के अनुसारि वे िदव्य शक्तियोक्तियो से संपणकर्प करिे . वे इस संपणकर्प बिहुति

गहरिी है औरि आसानी से उन िदव्य आशक्तीवार्पद आत्मर्साति. योग अभ्यास के पणहले चरिण आत्मर्ा की शक्तुिद्ध है . एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े बिहुति आसानी से एक ऐसे व्यियोक्ति Sidhas का आशक्तीवार्पद हो जातिा है जो आगे उसे खुद के उत्थान के िलए औरि लौिकक कल्याण के िलए कामर् करिने मर्े मर्दद करितिा है . जबि पणानी भापण बिन जातिा है यह स्वतिंत्र रूपण से वातिावरिण मर्े स्थानांति​िरिति करि सकतिे है. बिाद मर्े यह बिादलो के रूपण मर्े गाढा औरि बिािरिशक्त के रूपण मर्े पणथ् ृ वी के िकसी भी क्षेत्र मर्े डलाल सकतिे है. इसी प्रकारि भगवान से योिगयो दरिू दरिू कभी नहीं. वे मर्हान संतिो जो अनभ ु वी योग (भगवान के साथ संघ) के नक्शक्तेकदमर् मर्े चलतिे है. इस प्रकारि यह है िक वे

खद ु ही स्वयं को पणरिू ा िकया हो, लेिकन नहीं है िक वे दस ु व भी प्रदान करि सकतिे ू रिो को इस असाधारिण अनभ

है. कंु डलिलनी जागरिण का फिल इस मर्े अपणना आधारि है . िदव्य शक्तियोक्तियो (Ridhi - सीधी) के बिजाय िसफिर्प हमर्ारिे बिेकारि curiousity सिक्रय यह हमर्े प्रेिरिति करिने के िलए मर्ानव जीवन का पणरिमर् लक्ष्य को पणरिू ा करिना चािहए.


छह अध्याय कंु डलिलनी िदव्य ऊर्जार्प के पणाँच धारिाओं यानी की पणांच चेहरिे

बिोलचाल की भाषा मर्े सभी प्रािणयो के प्रािणयो कहा जातिा है . क्योिक वे प्राण (मर्हत्वपणूणर्प बिल) वे Pranis

भी कहा जातिा है . लेिकन यह इतिना आसान नहीं है . सामर्ग्री वैज्ञािनको को स्वीकारि नहीं करितिे िक एक प्राणी

जीवन शक्तियोक्ति है . वे कहतिे है िक जीवन एक शक्तरिीरि है जो रिसायनो से अिधक 5 तित्वो की एक िमर्श्रण है . जबि 5 तित्वो को एक दस ू रिे से अलग करि दे ना है िक प्राणी िवलुप्ति हो जातिा है . वे समर्झना है िक वहाँ एक आत्मर्ा िसद्धांति की तिरिह इस दिु नया मर्े कुछ भी नहीं है . आदमर्ी िसफिर्प एक चल रिहा है , चलतिी है , पणेड़ बिोल रिहा हूँ.

लेिकन इसके बिाद के संस्करिण िवचारिधारिा आध्याियोत्मर्क िवज्ञान की पणरिीक्षा पणास नहीं है . वे भगवान का एक िहस्सा अिभव्यियोक्ति के रूपण मर्े व्यियोक्ति की आत्मर्ा पणरि दे खो. मर्हत्वपणूणर्प बिल से अलग है . मर्हत्वपणूणर्प बिल या

प्राण जीवन शक्तियोक्ति है . वह है जो आंति​िरिक धैयर्प औरि बिाहरिी बिहादरिु ी है एक मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति के साथ imbued कहा जातिा है . यहाँ पणरि बिोली जाने वाली मर्हत्वपणूणर्प बिल वास्तिव मर्े आत्मर्ा है . आत्मर्ा चमर्क का मर्तिलबि है . चमर्क समर्झ, ईमर्ानदारिी, ियोजम्मर्ेदारिी औरि बिहादरिु चिरित्र भी शक्तािमर्ल है . आध्याियोत्मर्क दृियोष्ट मर्े

मर्िहमर्ा के इन गुणो को जीवन शक्तियोक्ति आग कहा जातिा है . इसमर्े कोई शक्तक नहीं िक नीच औरि दष्ु ट पणुरषो को भी साहस औरि बिहादरिु ी है . लेिकन वे बिहादरिु कभी नहीं कहा जा सकतिा है . पणरि वे सबिसे नीच औरि दष्ु ट कहा जा सकतिा है .

मर्हत्वपणण ू र्प शक्तियोक्ति के साथ imbued मर्ानव जीवन के उच्चतिमर् लाभ हािसल करिने के िलए है . लोग का

पणालन करिे औरि ही उन जो इस मर्िहमर्ा के अिधकारिी की स्ति​िु ति. इस तिरिह के लोग संतिो, जो न केवल खद ु के आध्याियोत्मर्क उत्थान लेिकन दस ू रिो की मर्दद अपणने आध्याियोत्मर्क कद बिढाने को कहा जातिा है . वे मर्े मर्दद करितिा है जो उन्हे इस संसारि रूपणी नदी पणारि औरि innumerous अन्य आत्मर्ाओं को भी मर्दद करिने के िलए उनके नक्शक्तेकदमर् पणरि चलना है िक नाव मर्े बिैठे है.

मर्हत्वपणूणर्प बिल चेतिन शक्तियोक्ति है . यह जीना िबिजली कहा जा सकतिा है . िवद्युति शक्तियोक्ति के कई कारिखानो के साथ कामर् करि रिहे है. प्रकाशक्त के साथ औरि अपणनी ऊर्जार्प के कई सामर्ग्री के आरिामर् के साथ शक्तहरि झपणकाए


उत्पणािदति करि रिहे है. एक नोट चिकति है िक साधारिण िनकायो की मर्दद से यह मर्हत्वपणूणर्प बिल िबिजली असंभव कायर्प ले जा सकतिा है .

यह मर्ुियोश्कल है िक पणथ्ृ वी पणरि जीिवति प्रािणयो के िनवास की कुल संख्या िगनतिी. क्योिक वहाँ असंख्य

जमर्ीन, हवा औरि समर्ुद्र पणरि रिहने वाले जीव है. उपणजाऊर् भिू मर् मर्े वहाँ बिहुति छोटे जीव है. पणानी की एक बिूंद मर्े असंख्य जीवाणु आिद कौन उनकी कुल संख्या िगनतिी होगी? क्योिक इसकी संख्या हमर्ारिी कल्पणना से पणरिे

है . एक कह सकतिे है िक इन सभी जीिवति प्रािणयो है. लेिकन हमर् यहाँ रिहने वाले लोगो के प्राणी है जो गहन आध्याियोत्मर्क चमर्क प्रकट औरि यह भी साधारिण laymen मर्े नहीं पणाया जातिा है पणरि चचार्प करिे गे. केवल वह

पणयार्पप्ति उच्च जो ऐसी नसो के पणास, मर्ांसपणेिशक्तयो, कल्पणना औरि सोच प्रिक्रया है जो एक बिहुति ही उच्च ग्रेडल के

तिीव िवद्युति शक्तियोक्ति प्रकट कूद करि सकतिे है. उनके असाधारिण योजनाओं बिनाकरि अपणनी आध्याियोत्मर्क

शक्तियोक्ति के आधारि पणरि ऐसे लोगो बिंदरिगाह असाधारिण िवचारिो औरि वे असाधारिण सफिलतिा प्राप्ति करितिे है. केवल ऐसे लोगो को स्वयं पणूरिा अनुभव. जो लोग दे ख सकतिे है औरि उन लोगो के बिारिे मर्े सन ु ा है उन्हे ऊर्ंचा कहतिे है.

तिीव मर्हत्वपणूणर्प बिल के साथ ही रिहने वाले प्रािणयो के बिीच उन िवशक्तेष औरि मर्हान है. वे बिहुति कमर् ही दे खा जातिा है औरि जबि भी वे दे ख रिहे है वे उनके आध्याियोत्मर्क प्रकाशक्त के साथ सभी की आँखो mesmerize. कई उनकी theistic अनुयायी बिन जातिे है. जो लोग उनके नक्शक्तेकदमर् पणरि चलना की संख्या कोई कमर् से कमर्

साधन के द्वारिा करि रिहे है. शक्तायद शक्ताही लेिकन एक पणथ नहीं कमर् से कमर् वे एक पणगडलंडली के पणीछे छोड़ इतिना है िक उस पणरि चलने उन उनके आध्याियोत्मर्क लक्ष्य तिक पणहुँच सकतिे है. ऐसे लोगो को स्वयं मर्िहमर्ा का

अनुभव है औरि वे दस ू रिो की आँखो मर्े िदव्य शक्तियोक्तियो मर्े जाना लाियोजमर्ी है . इितिहास के इितिहास मर्े एक

िवशक्ताल पणिवत्र गहन जीवन शक्तियोक्ति का पणूरिा पणुरषो द्वारिा बिाहरि िकए गए कायो का वणर्पन िमर्लतिा है . मर्हान पणुरषो के बिीच वे सपण ु रि का िखतिाबि िदया जातिा है .

यिद आपण एक वजन पणैमर्ाने की एक पणैन मर्े हमर्ारिे जीवन के साथ शक्तरिीरि, मर्ियोस्तिष्क, पणिरिवारि, धन, आिद यानी एकजट ु जगह औरि अन्य पणैन मर्े आपण िदव्य चमर्क जगह है , िनियोश्चति रूपण से उत्तिरिाद्धर्प पणैन इसके अिधक से अिधक मर्हत्व की वजह से जाना जाएगा. वे पणर ु षो के बिीच मर्क ु ु ट आभष ू ण कहा जातिा है . वे मर्ानव दे वतिाओं कहा जातिा है क्योिक आदशक्तो औरि नैितिकतिा के िलए वे नीचे इसके िलए अपणने जीवन दे ना चाहतिे

है. उनके कायो का पणालन करिने के िलए laymen के िलए आदशक्तर्प है. रिाजा हिरिश्चंद्र का नाटक दे खकरि यव ु ा


लड़के गांधी की कसमर् खाई है िक वह इस रिाजा के रूपण मर्े मर्हान बिन जाएगा. औरि अंति मर्े सभी ने दे खा िक गांधी वति को पणरिू ा िकया गया था. गांधीजी ने आत्मर्साति सत्य औरि अिहंसा, जो सही मर्ायने मर्े रिाजा हिरिश्चंद्र की तिरिह एक औरि िदग्गज बिन गया.

आदे शक्त मर्े एक ऐसी तिीव जीवन शक्तियोक्ति प्राप्ति करिने के िलए एक पणिवत्र ग्रंथो का अध्ययन, मर्हान संतिो के साथ संबिद्ध होना चािहए, आध्याियोत्मर्क सत्य पणरि गहरिाई से प्रिति​िबिंिबिति आत्मर्ा बिल के रूपण मर्े आत्मर्साति करिने के िलए औरि एक उपणयुक्ति मर्ानिसक ियोस्थिति पणैदा. इसके अलावा आदे शक्त मर्े आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्ति औरि चमर्क बिनाने के िलए प्राणायामर् का यौिगक श्वास व्यायामर् है . लेिकन इन सभी साधनो ऊर्पणरि कंु डलिलनी

जागरिण है . यह भी सूरिज पणरि ध्यान के द्वारिा जागति ृ िकया जा सकतिा है . यह सूरिज पणरि सामर्ग्री ऊर्जार्प के एक

स्रोति के रूपण मर्े केवल दे खने के िलए पणयार्पप्ति नहीं है . क्योिक आत्मर्ा के स्तिरि पणरि यह भी भगवान के साथ औरि मर्हज आग की एक गे द दे तिा है िक हमर्े गमर्ी हमर् एहसास होना चािहए िक यह हमर्े हमर्ारिे मर्ानस मर्े तिीव मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति के साथ रिं गना करि सकतिे है के रूपण मर्े इस पणरि दे ख नहीं द्वारिा पणयार्पय बिन गया है . हकीकति

मर्े यह एक तिथ्य है . यिद भगवान सिवतिा की चमर्क आध्याियोत्मर्क अभ्यास, तिपणस्या, िवश्वास औरि तिड़पण की

तिीव शक्तियोक्ति के मर्ाध्यमर् से आत्मर्साति िकया जा सकतिा है तिो आध्याियोत्मर्क आकांक्षी उम्मर्ीद कभी नहीं खो जाएगा.

हमर्ारिे मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति के इस होशक्त िबिजली ब्रह्मर्ांडल के हरि रिोमर्कूपण मर्े मर्ौजूद है . के मर्ाध्यमर् से एक मर्जबिूति

संकल्पण आदमर्ी के रूपण मर्े ज्यादा मर्ात्रा मर्े आत्मर्साति करि सकतिे है के रूपण मर्े वह imbibing के िलए सक्षमर् है . क्योिक एक ही है िक एक आध्याियोत्मर्क क्रेडलेिशक्तयल (Paatrata) के अनुसारि आत्मर्साति करि सकतिे है. सभी निदयो मर्े पणानी की एक बिहुति है . हमर्े के रूपण मर्े हमर् चाहतिे है के रूपण मर्े ज्यादा पणानी लेने से कोई नहीं रिोक सकतिा है . अभी तिक हमर् पणोति हमर् पणास के आकारि के अनुसारि केवल इतिना पणानी ले जा सकतिे है. अगरि

कोई पणोति है तिो हमर् तिथ्य यह है िक हमर् तिीवतिा के िलए नदी से पणानी लेने की इच्छा के बिावजूद भी पणानी की एक बिूंद नहीं ले जा सकतिे है.

सभी आकाशक्तगंगाओं औरि ग्रहो के बिीच सरिू ज सबिसे शक्तानदारि है . यह प्रकाशक्त बिल्बि की तिरिह नहीं है . क्योिक अपणने स्वयं के प्रकाशक्त ऊर्जार्प के साथ सरिू ज दस ू रिो उज्ज्वल बिनातिा है . चाँद भी सरिू ज की रिोशक्तनी की वजह से

चमर्कतिा है . हमर् करिने के िलए सय ू र्प के प्रकाशक्त की वजह से ब्रह्मर्ांडल मर्े अन्य िसतिारिो औरि ग्रहो को दे खने मर्े

सक्षमर् है. यह सरिू ज की रिोशक्तनी है िक पणेड़ो को रिोशक्तनी दे तिा है , पणौधो आिद यह है िक सरिू ज की रिोशक्तनी किलयो


फिूल िखलने की वजह से है . Prashnopanishad निचकेतिा मर्े मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति के मर्हत्व के एक िवस्तिति ृ

संस्करिण िदया गया था औरि वह भी 5 मर्हत्वपणण ू र्प बिलो आग की यह करिने के िलए संबिंिधति िवज्ञान पणढाया जातिा था.

उसी तिरिह मर्हत्वपणूणर्प बिल पणहलू औरि गायत्री सपण ु रि पणावरि की ऊर्जार्प पणहलू कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) है . मर्ूलरूपण मर्े दोनो एक है. िबिजली के िसद्धांति एक ही है . यह िसफिर्प इतिना है िक ve है औरि + ve अपणने दो पणहलू है. जीवन शक्तियोक्ति एक है , लेिकन शक्तरिीरि औरि जीवन शक्तियोक्ति अपणने 2 पणहलू है. गायत्री औरि कंु डलिलनी अलग नहीं है क्योिक इन दोनो धारिाओं पणरिस्पणरि एक दस ू रिे के पणूरिक है. यह कहा जातिा है िक: कंु डलिलनी मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति

के मर्ँह ु स्रोति गायत्री सशक्तक्ति है . यह गायत्री िक जीवन शक्तियोक्ति का मर्हान िवज्ञान है . जो लोग इस िवज्ञान पणतिा केवल वेदो के सच knowers हो कहा जातिा है .

-

Yogachudamani उपणिनषद

पणांच शक्तियोक्तिशक्ताली डलेमर्ी - दे वतिाओं के जीवन शक्तियोक्ति को इतिनी के रूपण मर्े अपणने सभी कायो को पणूरिा करिने के

िलए एकजुट हो रिहे है. क्योिक वे अव्यक्ति है वे मर्ति ृ िवज्ञापणन इस प्रकारि से उपणयोग नहीं िकया जा सकतिा हो िदखाई दे तिे है. एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े एक जीिवति िकया जा रिहा है कमर्जोरि औरि गरिीबि हो जातिा है . लेिकन

अगरि इन शक्तियोक्तिशक्ताली सहयोिगयो को सिक्रय करि रिहे है, अगरि अपणनी शक्तियोक्ति aptly उपणयोग िकया जातिा है , तिो शक्तेष के बिजाय आदमर्ी साधारिण असाधारिण हो जाएगा. वह एक अपणने अपणमर्ािनति रिाज्य उत्थान औरि उज्ज्वल मर्िहमर्ा का एक जीवन जीने का अवसरि िमर्ल जाएगा.

किपणल तिंत्र मर्े 5 तित्वो का वणर्पन डलेमर्ी - दे वतिाओं के रूपण मर्े 5 का प्रतिीक है :

िवष्णु अंति​िरिक्ष के प्रमर्ुख है . आग के प्रमर्ुख मर्ाहे श्वरिी शक्तियोक्ति है . िशक्तव पणथ्ृ वी के प्रमर्ुख है औरि गणेशक्त पणानी की प्रमर्ुख है . सय ू र्प हवा के प्रमर्ुख है . इस तिरिीके मर्े 5 दे वतिाओं हमर्ारिे शक्तरिीरि के 5 तित्वो के मर्िु खया शक्तियोक्तियो है.


5 Pranas (मर्हत्वपणूणर्प बिलो) डलेमर्ी - दे वतिाओं 5 भी कहा जातिा है . Tantraniv मर्े यह कहा जातिा है :

इस प्राणी 5 डलेमर्ी - दे वतिाओं है . क्योिक यह मर्हत्वपणूणर्प बिल है यह िशक्तव भी है . यह कंु डलिलनी सहयोगी िदव्य ऊर्जार्प के पणास है . अपणने फिामर्र्प उज्ज्वल िबिजली की तिरिह है .

1) 2 प्राण) 3 उड़ान) 4 Apan) 5 Vyan) Samaan: एक इंसान के सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि मर्े इन 5 Pranas (मर्हत्वपणण ू र्प बिल) के रूपण मर्े करि रिहे है. यह 5 1 कहा जातिा है ) 2 Devadatta सहयोिगयो) 3 Vrikal) 4 Kurma) नाग 5) धनंजय. हमर्ारिी चेतिना के 5 पणरितिो को कवरि करि रिहे है. इसके िमर्श्रण एक व्यियोक्तित्व का गठन िकया. उच्च कमर् अपणने कद की प्रकृिति के आधारि पणरि है औरि एक व्यियोक्ति की पणिरिपणक्वतिा औरि खास िवशक्तेषतिाओं िवकीणर्प संतिल ु न.

आधुिनक समर्ियोष्ट - मर्नोिवज्ञान के अनुसारि एक व्यियोक्ति के व्यियोक्तित्व के 5 तिरिीके मर्े वगीकृति िकया गया है . मर्नोिचिकत्सक डलॉ. Frederic मर्ोतिी का कहना है िक अगरि हमर्ारिे व्यियोक्तित्व का 5 coverings की जांच करि रिहे है औरि एक वैज्ञािनक तिरिीके से खोला, हमर्ारिे चिरित्र की अपणिरिपणक्वतिा को दरिू िकया जा सकतिा है

बिजाय इसे शक्तुद्ध िकया जा सकतिा है . 1) ियोक्लच पणरिति 2) िसंथेिटक आवेग 3 पणरिति) 4 पणरिति) आवेगी या मर्ौति 5

पणरिति) िवस्फिोटक या जीवन पणरिति: 5 coverings है. ियोक्लच पणरिति है जो एक अपणिरिपणक्व ढं ग से प्राप्ति करिने पणिरिपणक्वतिा पणरि शक्तरू ु एक िवस्फिोटक ऊर्जार्प का रूपण ले लेतिा है . एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े एक ऐसे व्यियोक्ति को एक स्वतिंत्र, वफिादारि, सिक्रय औरि उपणयुक्ति जीवन अग्रणी शक्तुरू होतिा है . 5 ऊर्जार्प Gestalt द्वारिा विणर्पति coverings हमर्ारिे सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि के 5 sheaths (पणंच koshas) के अलावा अन्य कोई नहीं करि रिहे है.

बिस के रूपण मर्े हमर्ारिे ब्रह्मर्ांडल के दृश्य वस्तिुओं को एक ही रिास्तिे मर्े 5 तित्वो से बिना रिहे है, व्यापणक चेतिना मर्हत्वपणूणर्प बिल harbors. इस ब्रह्मर्ांडल 5 जागरूक शक्तियोक्तियो का बिना है . मर्ानव शक्तरिीरि भी अपणनी सूक्ष्मर् पणहलू

है . वह जो मर्ैक्रो मर्े है (ब्रह्मर्ांडल) सक्ष् ू मर् (मर्ानव शक्तरिीरि) मर्े पणाया जातिा है . 5 मर्हत्वपणूणर्प ब्रह्मर्ांडल मर्े पणाया बिलो मर्ानव शक्तरिीरि मर्े मर्ौजद ू भी है. यह एक अव्यक्ति बिीज रिाज्य मर्े मर्ौजद ू है . एक बिीज एक पणूरिे पणेड़ harbors.

लेिकन पणेड़ के बिीज मर्े स्पणष्ट रूपण से नहीं दे खा जा सकतिा है . एक आदमर्ी औरि एक औरिति के िडलंबि के शक्तक्र ु ाणु

के िलए एक मर्ानव शक्तरिीरि के रूपण मर्े एकजुट करितिी है . िफिरि भी अगरि आपण भी एक मर्ाइक्रोस्कोपण का उपणयोग करिे औरि शक्तुक्राणु औरि िडलंबि की जांच मर्े यह एक आदमर्ी के बिच्चे कभी नहीं कल्पणना करि सकतिे है. एक ही


रिास्तिे मर्े सािवत्री शक्तियोक्ति का 5 गन ु ा गिति​िविधयो के बिारिे मर्े यह क्या इसके प्रत्यक्ष प्रकृिति औरि पणिरिणामर् के रूपण मर्े नहीं कहा जा सकतिा. इस के बिावजद ू , िदव्य शक्तियोक्ति का इस शक्तरिीरि मर्े incarnating पणरि, पणिरिणामर् है िक उपणाियोजति होना हमर्े अपणनी शक्तियोक्ति औरि अिधकारि के एक समर्झ दे सकतिे है.

5 glories 1) 2) 3 धन) 4 ज्ञान) ज्ञान औरि 5) िनपणुणतिा हो सकतिा है . इस तिरिीके मर्े 5 संदभो की अन्य प्रकारि के होतिे है. मर्हाभारिति युद्ध के 5 प्रमर्ुख योद्धाओं 5 पणांडलवो थे. रिामर् की सेना मर्े 5 प्रमर्ुखो अंगद, हनुमर्ान, नल,

नील औरि Jambavant. वहाँ ज्ञान की 5 अंग है. ऐसे कई 5 गुना पणहलओ ु ं की कारिर्प वाई 5 अंगो, 5 गहने, 5 सध ु ा, 5 गाय सामर्ग्री, िहंदओ ु ं का पणंचांग 5 गुना आिद वेदांति दशक्तर्पन के Pancheekaran बिहुति प्रिसद्ध है .

कंु डलिलनी जागरिण मर्े 5 sheaths के साथ पणेशक्त करि रिहे है औरि इन भोजन, जीवन शक्तियोक्ति, मर्न, ज्ञान औरि आनंद sheaths है.

Mahayog Vijnana कंु डलिलनी जागरिण मर्े ऊर्पणरि 5 sheaths की जागिृ ति का पणयार्पय बिन गया है . "जबि कंु डलिलनी आध्याियोत्मर्क प्रकाशक्त के साथ 5 sheaths िवकीणर्प जागा है .

शक्तरिीरि 5 तित्वो से बिना है . इसके Satvik चेतिना 5 तिरिीके मर्े प्रकट होतिा है . ) 1 2 मर्न) 3 बि​िु द्ध) 4 शक्तियोक्ति) की मर्ानिसकतिा औरि 5) अहं कारि.

5 Pranas जो भी कहा जातिा है मर्हत्वपणूणर्प बिल 5 तित्वो के रिाजाओं िसद्धांति से उभरिने. उन पणरि आधािरिति ज्ञान के 5 अंगो उनके इसी 5 वस्तिुओं की ियोजम्मर्ेदारिी ले. 5 तित्वो की तिमर्स िसद्धांति मर्ानव स्थूल शक्तरिीरि से

बिनाया जातिा है . यह 1 के रूपण मर्े दे खा जा सकतिा है ) 2 रिस) 3 रिक्ति) 4 मर्ांस) 5 हिड्डलयो) मर्ज्जा. कारिर्प वाई के 5 िवशक्तेष अंगो को भी ऊर्पणरि उल्लेख तिमर्स िसद्धांति के एक उत्पणाद है .

जबि वैज्ञािनक भाषा मर्े हमर् 5 मर्हत्वपणूणर्प बिलो औरि 5 sheaths की बिाति करितिे है, यह स्पणष्ट है िक उनके प्रमर्ुख प्रिति​िनिधयो सूक्ष्मर् जगति औरि जहान व्याप्ति है .


यहां तिक िक 5 प्रमर्ुख शक्तियोक्तियो की सामर्ग्री िवज्ञान वातिार्प. 1) िवद्युति मर्हान शक्तियोक्ति 2) कमर् शक्तियोक्ति 3) गुरत्वाकषर्पण बिल 4) बिल औरि 5) िवरिोधी बिाति है . ब्रह्मर्ांडलीय कणो 5 प्रकारि के है. ) 1 2 न्युटीनो) तिीन

क्वाको) 4 पणल्सरि) फिोटॉनो 5) laptons. क्वांटमर् वेव थ्योरिी के अनस ु ारि सभी बिलो तिरिं गो के रूपण मर्े ले जातिे

है. 5 ब्रह्मर्ांडलीय िकरिणो अथार्पति है. ) 1 2 ध्विन) अल्टासोिनक) 3 4 infrasonic) हाइपणरिसोिनक औरि 5) सपण ु रिसोिनक. 1 पणथ् ृ वी के 5 पणरितिो को कवरि करि रिहे है) 2 स्थलमर्ंडलल) 3 हीड्रास्फिीयरि) 4 बिीओियोस्फिअ) वातिावरिण pedosphere 5). इन पणरि योण क्षेत्र के रूपण मर्े 1600 मर्ील की दरिू ी के रूपण मर्े दरिू चला जातिा है . वह

भी 5 अिधक coverings अथार्पति है . 1) ozonosphere 2 endosphere) 3 troposphere) समर्तिापण मर्ंडलल 4) औरि 5) बि​िहमर्र्मिंडलल.

5 शक्तियोक्तियो ऐसी है िक वे भौितिक जीवन के क्षेत्र मर्े सिक्रय है. ये bioelectricity, biomagnetism, िविकरिण, िनमर्ार्पण, प्रजनन औरि प्रितिरिक्षा है. Bioelectricity 5 प्रकारि अथार्पति के आगे है . plexus िबिजली, neuronal िबिजली, सेलल ु रि िबिजली, प्रवाहकत्त्व िबिजली औरि मर्ुख अथवा आनन के िलए उपणसगर्प occular

िबिजली. आध्याियोत्मर्क क्षेत्र मर्े इन सभी Varchas, Ojas, तिेजस, Brahmavarchas औरि मर्ानस कहा जातिा है .

वहाँ 5 प्रमर्ुख अंग है िक मर्ियोस्तिष्क मर्ांसपणेशक्ती केद्र की दे खरिे ख औरि इन cortical नािभक, thalamus, hypothalamus, मर्ज्जा, औरि रिीढ की हड्डली है. रिस है िक मर्ियोस्तिष्क को सिक्रय रिखने के 5 संख्या मर्े है औरि

वे न्यूरिो humoral स्राव कहा जातिा है . इन dopamine, endorphin, ceratonin, encephalin औरि GABA है. जबि इनमर्े से संतिुलन टूट गया है , मर्ियोस्तिष्क समर्ारिोह िवकृति हो जातिा है . 5 हामर्ोनल ग्रंिथयो है

जो 5 sheaths के अनुरूपण चीटीदारि, थायरिाइडल, अिधवक् ृ क, gonads औरि िपणट्यूटरिी है. जबि हमर् 6 चक्र की बिाति करिे गे हमर् भी थाइमर्स ग्रंिथ की बिाति करिे गे. इस तिरिह वहाँ कई लौिकक औरि व्यियोक्ति शक्तारिीिरिक

वगीकरिण जो सूक्ष्मर् आंदोलनो के बिारिे मर्े लाने है. ये 5 प्रमर्ुख ऊर्जार्प समर्ह ू ो के 5 चेहरिे सािवत्री औरि कंु डलिलनी के 5 sheaths कहा जा सकतिा है . यिद उनमर्े से भी कुछ ठीक से उपणयुक्ति कंटोल के मर्ाध्यमर् से संतिुिलति करि

रिहे है तिो यह एक ऐसे व्यियोक्ति से है जो िदव्य शक्तियोक्तियो से भरिा है पणरि 5 दिु नया बिरिस फिूलो की 5 डलेमर्ी दे वतिाओं की तिरिह है . कंु डलिलनी जागरिण के पणिरिणामर् इस तिरिह के िवशक्तेष लाभ के भरिा है .


साति अध्याय जीवन शक्तियोक्ति ऊर्जार्प के शक्तरिीरि मर्े यह मर्ानव शक्तरिीरि कंकाल है

यह कमर् आश्चयर्पजनक नहीं है िक साढे 3 रिाउं डल के साथ कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) कुल मर्हत्वपणूणर्प बिल आग के रूपण मर्े मर्ानव शक्तरिीरि मर्े बिसतिा है . यह मर्ानव कंकाल की अतिुलनीय कलात्मर्क कौशक्तल अपणने

िनमर्ार्पतिा यानी भगवान कहा जा सकतिा है . इसे मर्े सत्तिा के एक अनंति भंडलारि यद्यिपण एक अव्यक्ति रिाज्य मर्े पणाया जातिा है . सकल, सूक्ष्मर् औरि आकियोस्मर्क िनकायो मर्े एक गिति​िविध, िवचारिो, भावनाओं, िदव्य बिुिद्ध

औरि िवश्वास पणातिा है . उन्हे सिक्रय करिके आदमर्ी भगवान यानी एक नीच होने से एक अितिमर्ानव ियोस्थिति के िलए बिन सकतिा है .

यह शक्तरिीरि 5 तित्वो से बिना है सबिसे असाधारिण पणूरिे ब्रह्मर्ांडल मर्े ऊर्जार्प का एक शक्तियोक्तिशक्ताली गोदामर् है . जबि​िक उसके समर्ीकरिण पणरि प्रकाशक्त डलालतिे E = mc

2

आइंस्टीन का कहना है िक एक पणरिमर्ाणु आपण 3,50,000

कैलोरिी के मर्ल् ू य की ऊर्जार्प दे तिा है . औरि मर्ानव शक्तरिीरि सकल, सक्ष् ू मर् औरि अदृश्य कणो िक अविध पणूरिे ब्रह्मर्ांडल से बिनाया जातिा है . एक पणूरिी तिरिह से 60 िकलोग्रामर् के एक औसति वजन के साथ एक मर्ानव शक्तरिीरि मर्े मर्ौजद ू

अनंति िबिजलीघरि कभी कल्पणना भी नहीं करि सकतिे है. (जो सकल आँखो को िदखाई है ) औरि िदव्य सूक्ष्मर्

औरि आकियोस्मर्क शक्तरिीरि. क्योिक मर्ानव शक्तरिीरि िदव्य शक्तियोक्ति का एक अनंति भंडलारि है यह "Jyotisham

Jyotihi" कहा जातिा है . इसिलए Rishis आदे शक्त हमर्े सभी इस मर्ानव शक्तरिीरि को सिक्रय करिने के िलए है औरि यह दिु नया के कल्याण के िलए उपणयोग.

एक ही स्तिब्ध हो सकतिा है जबि हमर् िविभन्न शक्तारिीिरिक अंगो िविभन्न कायो से बिाहरि ले जाने के दे ख सकतिे है. जैसे ले लो. हमर्ारिे िदल की. रिक्ति प्रवाह एक नदी की तिरिह नहीं है लेिकन पणानी का पणंपण है जो झटके मर्े

कदमर् की तिरिह है िक बिहुति ज्यादा है . िदल की धड़कन संख्या 72/min. औरि एक दस ू रिे मर्े यह 5 से 6 बिारि है .

जो िक िदल की धड़कन प्रकट अनंति िवद्यति ु तिरिं गो से एक इलेक्टोकािडलर्पयोग्रामर् या एक बिंडलल कािडलर्पयोग्रामर् से मर्ापणा जा सकतिा है . िदल मर्े 0.83 सेकेडल का एक बिहुति ही कमर् समर्य के िलए िटकी हुई है .


फिेफिड़ो समर्य भी िदल की तिरिह एक पणूरिे जीवन के िलए नहीं िमर्लतिा है आरिामर् करिने के िलए. वे श्वास औरि 20 से 30 हवा का घनत्व इंच साँस छोड़तिे. प्रिति िमर्नट सांस लेने के लगभग 18 से 20 गन ु ा है . वे ऑक्सीजन

श्वास औरि अवांिछति गैसो साँस छोड़तिे. एयरि बिैग मर्े हजारिो की संख्या मर्े है. यिद वे एक सीधी रिे खा मर्े व्यवियोस्थति करि रिहे है, वे 55 बिारि मर्ानव जािति की ऊर्ंचाई उपणाय करिे गे.

जो रिं ग मर्े तिंबिाकू भरिू े रिं ग के होतिे है गद ु े सेमर् के बिीज के आकारि के होतिे है औरि वे 150 ग्रामर् वजन. प्रत्येक

गुदे 4 इंच लंबिे, 2 आधा इंच चौड़ी औरि 2 इंच मर्ोटी है . बिस के रूपण मर्े फिेफिड़ो हमर्ारिे शक्तारिीिरिक हवा को साफि तिो भी गुदे हमर्ारिे शक्तरिीरि मर्े पणानी की मर्ात्रा को साफ़ करिे . मर्त्र ू के मर्ाध्यमर् से वे हमर्ारिे शक्तरिीरि से अवांिछति तित्वो को दरिू फिेक दे तिे है. यह tubelets के 10 लाख से अिधक है . अगरि इन सभी एक ही पणंियोक्ति मर्े व्यवियोस्थति करि रिहे

है तिो एक िवषुव लाइन की तिरिह एक यह पणिरिक्रमर्ा करिना करि सकतिे है. 1 घंटे मर्े गुदे इतिना रिक्ति शक्तुद्ध है िक यह दो बिारि पणूरिे शक्तरिीरि का वजन है .

लेखक: अंतरराष्ट्रीय गायत्री परिरवार के संस्थापरक आचायर श्रीराम शर्मार एक महान योगी शर्ंकराचायर और भगवान के अवतार थे िजिन्होंने िवश्व कल्याण और शर्ांित के िलए आध्याित्मक िवषयों परर मुख्य रूपर से वैज्ञािनक सािहत्य की मात्रा िलखी थी. के िलए और अिधिक वैज्ञािनक ई सािहत्य pls http://www.shriramsharma.com/ www.awgpestore.com http://www.dsvv.ac.in/ www.akhandjyoti.org यात्रा और http://www.awgp.org/ िववरण: चक ध्यान - ESP, Nirvikalpa समािधि या मुफ्त ट्रांस बनना Ridhi - Sidhis या ईश्वरीय ऊर्जिार, भिवष्य वैज्ञािनक धिमर, सुपरर ऊर्जिार गायत्री िवज्ञान और कंु डलिलनी योग को सहसंबद न्यूरोसाइंसेस - ESP, Endocrinology, एनाटॉमी, मनोिवज्ञान और सोचा ई परुस्तके 1) सामग्री और आध्याित्मक समिृ द और 2) दिु नया एक

परिरवार के रूपर मे शर्ांित से एकजिट ु करने के िलए समाजिशर्ास्त्र. एक खब ू सरू त अनविधि दिु नया: हमारा एक सख्ती गैर वािणिज्यक वेबसाइट है जिो उम के महान नेताओं और दिु नया के िवचारकों के पररु ाने सपरने को साकार करना है . कीवडलर: कंु डलिलनी योग गायत्री e-िकताबे अल्ट्रा साउं डल टे िलपराथी parapsychology

तत्वमीमांसा िनिवरकल्पर समािधि प्रदष ू ण योग तंत्र िफिल्मे इंटरनेट सम्मोहन परािरिस्थितकी ज्योितष आयव ु ेद किल्क bioelectricity सजिररी परराबैगनीिकरण ओजिोन रडलार तनाव रचनात्मकता पररु ातत्व िसंधिु घाटी सभ्यता ईंधिन संकट भोजिन की कमी सन ु ामी जिीवनी गर ु िवश्व शर्ांित मन मानस दे वता सक्ष् ू म तंिकात्रका चेतना आत्मा पररमात्मा ट्रान्स endocrine ग्रंिथयों ESP चक plexus ध्यान एकाग्रता बुिद भिवष्यवाणी Cheiro Nostradamus अरिवंद आनंद मिस्तष्क वेद सौर सय ू र की ऊर्जिार परिवत्र शर्द ु इंिद्रियों प्राण अवतार उपरिनषद प्रकाशर् सेल hypothalamus परीयूिषका परिरवतरन भिवष्यवादी

भिवष्यवाणी नािगन शर्िक्त जिीवन मानव नैितकता अखंडलता चिरत्र वेगस तंत्र Mooladhar पररमाणु न्यूट्रॉन सोच सोचा प्रोटोन


पणेट की व्यापणक शक्तल् ु क भोजन को पणचाने के िलए है , लेिकन इस समर्ारिोह मर्े बिहुति ही जिटल औरि िवशक्तेष है . इस छोटे बिैग (पणेट) के रिस के एक कमर्रिे मर्े बिल ु ाया जा सकतिा है . एक ही यह एक जादग ू रि अिधिनयमर् फिोन, क्योिक यह कई पणाचक रिस है औरि इन तिदनुसारि पणाचन के कई कायर्प िनष्पणािदति करि सकतिे है. उसी तिरिह एक कैमर्रिे की तिरिह आंख औरि कान के रूपण मर्े एक transducer या ध्विन िफिल्टरि केवल अदति ु ाया जाएगा. ु बिल

त्वचा हमर्ारिे शक्तरिीरि का एक सरिु क्षा कवरि की तिरिह है औरि यह एक ढाल के रूपण मर्े कायर्प करितिा है . अगरि एक

इंसान की त्वचा बिाहरि फिैल रिहा है , यह क्षेत्र के 250 वगर्प फिुट लेतिा है . त्वचा की 1 वगर्प इंच मर्े 72 फिुट लंबिी

तिंित्रका कोिशक्तकाओं औरि 12 फिुट लंबिी रिक्ति वािहकाओं है . त्वचा बिाहरि पणसीने की 1 £ फिेक को pores औरि भी श्वसन के समर्ारिोह की ियोजम्मर्ेदारिी लेतिा है . मर्नुष्य न केवल फिेफिड़ो से, लेिकन यह भी त्वचा pores से हवा

कशक्त लेतिे. यिद हमर्ारिी त्वचा की नसो को एक सीधी रिे खा मर्े रिखा जातिा है , इसकी लंबिाई 450 मर्ील की दरिू ी पणरि होगा. हमर्ारिी त्वचा के मर्ेलेिनन वणर्पक िनष्पणक्ष, काले, पणीले आिद की तिरिह त्वचा का रिं ग दे तिा है

आमर्तिौरि पणरि त्वचा की मर्ोटाई 0.3 से 3 एमर्एमर्एस है , लेिकन समर्ारिोह, गिति​िविध, औरि उपणयोिगतिा के आधारि पणरि इसकी मर्ोटाई शक्तरिीरि के िविभन्न भागो मर्े अलग है . हमर्ारिे 6mm मर्ापणने मर्ंह ु मर्े thinnest 0.5mm औरि बिड़ी से बिड़ी के उपणाय के आंखो पणरि है . हमर्ारिी त्वचा मर्े अनंति बिालो के रिोमर् ियोजनकी संख्या बिालो की

संख्या के आधारि पणरि 3 करिोड़ रपणए है. शक्तरिीरि रिचना िवज्ञान के आधारि पणरि मर्ानव त्वचा 6 coverings है औरि अपणने कायो को अलग करि रिहे है.

प्रिसद्ध वैज्ञािनक डलॉ. लोगान Clandering यह एक रिोमर्ांचक औरि रिहस्यमर्य िनमर्ार्पण का आह्वान िकया है .

वह कहतिे है िक िसफिर्प त्वचा है , लेिकन िनियोश्चति रूपण से एक सिक्रय अंग है हमर्ारिे शक्तरिीरि के एक िनियोष्क्रय कवरि नहीं है . त्वचा के मर्ख् ु य समर्ारिोह छू रिहा है . इसके अलावा, इस पणतिली कवरि मर्े िवशक्तेष कायर्प करितिा है िक अगरि यह सुलझाया जातिा है औरि िफिरि िवकिसति यह स्वाद, गंध के कायर्प, सन ु वाई करि सकतिे है, आिद दे खकरि औरि हमर्े उसके extrasensory क्षमर्तिा के िलए एक पणिरिचय दे सकतिे है. समर्य औरि िफिरि हमर् त्वचा

त्वचा ियोजसमर्े बिदबिू आ रिही है की िवशक्तेष गण ु वत्तिा के उदाहरिण िमर्ल वस्तिुओं दे खतिा है , लगतिा है औरि स्वाद भोजन सन ु तिा है . अंधे लोगो की त्वचा इतिनी संवेदनशक्तील हो जातिा है िक वे दृियोष्ट की कमर्ी के बिारिे मर्े पणरिे शक्तान नहीं करितिे.


मर्ानव मर्ियोस्तिष्क के िनमर्ार्पण औरि भी अिधक असाधारिण है . 3 पणाउं डल के अतिीति, वतिर्पमर्ान औरि भिवष्य के एक अव्यक्ति रिाज्य मर्े यद्यिपण मर्ियोस्तिष्क harbors ज्ञान के एक वजन के साथ 26 वगर्प इंच का एक बिॉक्स मर्े

संलग्न है . सभी िदव्य शक्तियोक्तियो के बिीज के रूपण मर्े िनिहति है . मर्ानव मर्ियोस्तिष्क मर्े 14 करिोड़ कोिशक्तकाओं औरि 14 अरिबि, 5 लाख नसो जो ग्रे औरि सफिेद पणदाथर्प के रूपण मर्े पणीला औरि सफिेद द्रव मर्े तिैरितिी है . यह मर्ियोस्तिष्क

श्वास, पणाचन, मर्ांसपणेिशक्तयो आंदोलन के अलावा इस प्रपणत्र के मर्हान सागरि से आिद की तिरिह शक्तारिीिरिक कायो के िनदे शक्तक है , स्वाद, गंध, स्पणशक्तर्प, औरि ध्विन हमर्ेशक्ता मर्ानव जािति के चारिो ओरि बिहतिी है औरि उस मर्े

turbulences मर्ियोस्तिष्क िहट. मर्ियोस्तिष्क को समर्झतिा है , पणहचानतिा है , यह सबि मर्े वगीकृति िकया है औरि िफिरि इसे अपणने िनणर्पय दे तिा है . बिॉक्स मर्े बिल ु ाया मर्ियोस्तिष्क एक नए औरि पणरिु ाने िवचारिो, ज्ञान धन इकट्ठा, वतिर्पमर्ान जन्मर् औरि िपणछले जन्मर्ो की स्पणष्ट झलक िमर्लतिी है , खशक्त ु / दख ु वो आिद सभी इस ु की बिाति अनभ वैज्ञािनको द्वारिा िसद्ध िकया गया पणातिा है .

दोनो endocrine औरि बि​िह: स्त्रावी के समर्ारिोह गठन बिाहरि पणाया गया वैज्ञािनको उन्हे चमर्त्कारिी बिक्से कहा जातिा है . इन ग्रंिथयो न केवल मर्ानव शक्तरिीरि के गठन मर्े मर्दद की है , लेिकन है िक यह रिहस्यमर्य तिरिीके से मर्ियोस्तिष्क की सचेति औरि बिेहोशक्त िहस्सा प्रभािवति है .

हमर्ारिे शक्तरिीरि की जीिवति कोिशक्तकाओं पणरि हमर्ारिे शक्तरिीरि की सबिसे छोटी इकाई के रूपण मर्े दे खा जातिा है . यिद प्रिति​िमर्नट एक नोट्स, हमर्ारिे शक्तरिीरि इन जीिवति कोिशक्तकाओं के एक शक्तियोक्तिशक्ताली सागरि का गठन िकया. यह पणैसठ प्रितिशक्तति पणानी है औरि सेल cytoplasm पणुरिस, औरि नािभक होतिा है . उनके िनमर्ार्पण मर्े मर्ानव

anatomists हमर्ारिे शक्तरिीरि 6,00,00,00,00, 000 कोिशक्तकाओं के अनुसारि काबिर्पन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइटोजन, फिास्फिोरिस आिद का उपणयोग िकया जातिा है . वैज्ञािनको के मर्ुतिािबिक यह सामर्ग्री तिंत्र इन कोिशक्तकाओं की ऊर्जार्प का िमर्श्रण औरि तित्व है िक इन कोिशक्तकाओं के उत्पणादन मर्े भाग लेने के साथ उपणाय करिने के िलए असंभव है .

सेल के cytoplasm के केद्र मर्े एक नािभक है . हरि नािभक मर्े गण ु सत्र ू ो के 24 जोड़े है औरि वे जीन नामर्क

इकाइयो के बिने होतिे है. हरि कोिशक्तका जीनो के 5,000 से 1,20,000 जोड़े है . इन जीनो शक्ताही सेना औरि डलीएनए के बिने होतिे है. इस subtility के िशक्तखरि है . एक वंशक्त के कलाकारिो मर्ोल्डल इन जीनो मर्े पणाया जातिा है .


अनिगनति पणीिढयो के िवशक्तेष गण ु इन जीनो मर्े पणाया जातिा है औरि उिचति समर्य पणरि यह इन गुणो प्रकट होतिा है .

जािहरिा तिौरि पणरि यह एक िपणतिा औरि मर्ाँ के रूपण मर्े हालांिक एक बिच्चे procreates लगतिा है औरि इसिलए बिच्चे उन्हे केवल सदृशक्त चािहए. लेिकन यह व्यापणक धारिणा एक झटका एक कई बिारि हो जातिा है क्योिक एक बिच्चे के जीन को न केवल अपणने मर्ातिा िपणतिा, लेिकन उनमर्े से पणहले पणूवज र्प ो के असंख्य पणीढी के कई गण ु के बिने होतिे है औरि इस प्रकारि बिच्चे को कुछ अजीबि गुण प्रकट होतिा है .

एक ही जबि एक जीवन शक्तियोक्ति है िक एक इंसान का एहसास चिकति िकया जा सकतिा है . बिस के रूपण मर्े यह आश्चयर्पजनक है िक एक बिीज एक शक्तट ू करिने के िलए पणिरिवितिर्पति िकया जातिा है तिो एक संयंत्र के िलए औरि

बिाद मर्े उसी तिरिह एक जीिवति िकया जा रिहा है अपणने बिचपणन के दौरिान भी अिधक तिीव एक प्रयास मर्े एक िवशक्ताल पणेड़ मर्े ,. शक्तक्र ु ाणु इतिनी छोटी है िक यह की 1000 भाइयो एक सई ु की नोक पणरि बिैठ सकतिे है . शक्तयन के दौरिान वहाँ इतिना जननांग अंगो है िक इसकी वजह से शक्तह एक शक्तुक्राणु से सेट िडलंबि यानी अपणने साथी िमर्ल मर्े िबिजली उत्पणन्न है . इस के िलए शक्तक्र ु ाणु के िलए इतिनी जल्दी है िक एक चीतिा चलाने की तिुलना मर्े धीमर्ी

लगतिा कदमर् है . जबि​िक एक िडलंबि की खोज मर्े एक शक्तक्र ु ाणु के िलए इस तिरिह के एक लंबिे समर्य से अपणने आकारि के असंतिल ु न की वजह से दरिू ी है िक यह एक आदमर्ी circumambulating हमर्ारिी पणूरिी पणथ्ृ वी तिुलना की जा सकतिी है चला गया है .

हमर्ारिे शक्तरिीरि मर्े कई रिहस्यो मर्े से एक है िक अभी तिक उनमर्े से एक बिहुमर्ति हमर्ारिे समर्झ से छुपणा रिहे है.

हामर्ोन, गुणसत्र ू ो, जीिवति कोिशक्तकाओं औरि उनके अदति ु क्षमर्तिा, उपण चेतिन मर्न, भावनात्मर्क

संवेदनशक्तीलतिा, extrasensory क्षमर्तिा के कायो स्वनोिदति जीवन शक्तैली, प्रभावशक्ताली िदव्य प्रकाशक्त,

रिासायिनक बिाति औरि जीवन शक्तियोक्ति की आग के रूपण मर्े िदव्य शक्तियोक्ति गोदामर् क्या करि रिहे है? हमर् केवल इस सबि के बिारिे मर्े थोड़ा बिहुति जानतिे है. लेिकन यह िकस आधारि पणरि बिनाया गया है ? मर्नुष्य इस बिारिे मर्े कुछ भी नहीं जानतिा है . कह रिही है िक सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि इन सभी कायो का िनदे शक्तन करिके हमर् चपण ु रिहतिे है.


मर्ानव शक्तरिीरि प्रभु हबिर्पटर्प के बिारिे मर्े कहना है िक. "ियोजसने शक्तरिीरि रिचना िवज्ञान के अध्ययन के िलए मर्हत्व दे तिा है एक नाियोस्तिक कभी नहीं. रिह सकतिे है" को स्वीकारि करिने से पणरिू ी तिरिह से रिचनात्मर्कतिा का पणण ू र्प एक

कुशक्तल िचत्रकारि के रूपण मर्े भगवान की शक्तियोक्ति aptly सकल औरि सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि का उपणयोग करिने के िलए एक आध्याियोत्मर्क लक्ष्य प्राप्ति द्वारिा इस तिरिह के एक व्यियोक्ति.

आठ अध्याय चेतिना के सागरि छह चक्रो के बिैग मर्े ensnared

मर्ानव शक्तरिीरि रिचना िवज्ञान के इस पणहलू साधारिण प्रकारि के पणहले से चचार्प की है औरि यह अध्ययन िकया

गया है औरि तिकनीकी उपणकरिण का उपणयोग करि समर्झ मर्े आ. यह हमर्ारिे शक्तरिीरि के सकल पणहलू है . बिनाने के बिाद एक रिोग िवश्लेषण सजर्पन टूटे हुए अंगो के कायर्प करितिे है.

से अिधक औरि ऊर्पणरि जबि हमर् मर्ानव शक्तरिीरि के प्रिति जागरूक पणहलू की बिाति करितिे है तिो यह िनियोश्चति रूपण से दोनो सकल औरि सक्ष् ू मर् है . यह तिो सकल है िक जैसे ही जीवन शक्तियोक्ति के रूपण मर्े रिवाना स्थूल शक्तरिीरि के फ्लैट िगरि जातिा है औरि िक शक्तरिीरि है जो िसफिर्प एक क्षण पणहले चल गया था औरि मर्े बिाति करि अबि दरिू सड़ रिहा है .

औरि साथ ही शक्तरिीरि इतिना सक्ष् ू मर् है िक अपणने सभी छोटे / बिड़े इकाइयो ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना के िलए शक्तािमर्ल हो

गए है. वहाँ कुछ जो वे अपणनी क्षमर्तिा के अनस ु ारि आत्मर्साति औरि इसे दरिू फिेक भी इस ब्रह्मर्ांडल मर्े मर्ौजद ू है . क्योिक व्यियोक्ति की आत्मर्ा ब्रह्मर्ांडलीय आत्मर्ा का एक िहस्सा है , यह पणव ू र्प से ऊर्जार्प को स्वीकारि करितिा है औरि

इसे करिने के िलए अपणनी क्षमर्तिा मर्े योगदान दे तिा है . जबि भी वहाँ कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) के एक चचार्प है वहाँ भी यह बिहुति सक्ष् ू मर् होशक्त मर्े केद्र के एक वणर्पन है .

मर्ानव शक्तरिीरि मर्े असंख्य केन्द्रो जो जीवन शक्तियोक्ति औरि जीवन शक्तियोक्ति ऊर्जार्प मर्े प्रचुरि मर्ात्रा मर्े है. इन

संवेदनशक्तील स्थानो रिहे है औरि उनकी कुल संख्या 700 है . जबि इन संवेदनशक्तील क्षेत्रो मर्े जीवन शक्तियोक्ति ऊर्जार्प

के असंतिल ु न है , स्वास्थ्य भी कमर्जोरि होतिी जातिी है औरि इस तिरिह इस तिरिह के एक व्यियोक्ति कई बिीमर्ािरियो के िशक्तकारि हो जातिा है . िचिकत्सा के क्षेत्र मर्े इन संवेदनशक्तील स्थानो बिहुति मर्हत्व िदया जातिा है . वास्तिव मर्े


एक्यूपणंक्चरि औरि एक्यूप्रेशक्तरि के तिरिीको के आधारि पणरि चीन औरि जापणान मर्े िविभन्न बिीमर्ािरियो के इलाज मर्े इन संवेदनशक्तील स्थानो रिहे है.

प्रिसद्ध वैज्ञािनक के अपणनी पणुस्तिक मर्े Carlfried िलखतिे है, "मर्नुष्य का मर्हत्वपणूणर्प केन्द्रो" िक तिंित्रका तिंतिुओं इन संवेदनशक्तील स्थानो मर्े केिद्रति है औरि न ही वे एक दस ू रिे से जुड़े हुए है, लेिकन यह भी अपणने केद्र

से संबिंिधति है . इसके अलावा संवेदनशक्तील स्थानो से हमर्ारिे शक्तरिीरि मर्े 7 अन्य प्रमर्ुख केन्द्रो मर्े जो जीवन

शक्तियोक्ति ऊर्जार्प औरि extrasensory क्षमर्तिा के अनंति धन यद्यिपण एक अव्यक्ति रिाज्य मर्े पणाए जातिे है. इन 7 केन्द्रो चक्र या plexuses कहा जातिा है . इन चक्रो मर्े ज्ञान तिंतिुओं (नसो) बिड़ी मर्ात्रा मर्े उत्तिेियोजति करि रिहे है. चक्र क्षेत्र मर्े मर्ौजद ू है जहां हमर्ारिे सकल औरि सूक्ष्मर् शक्तरिीरि को एकजुट करि रिहे है.

यरिू ोपण, पणेरिासेलसस, प्रिसद्ध मर्नोवैज्ञािनक "Astrum" के रूपण मर्े इन शक्तारिीिरिक सक्ष् ू मर् केन्द्रो (िसतिारिो) कहा जातिा है औरि कहतिा है िक सत्तिा के इन भंडलारिो है. उनके अनस ु ारि आकाशक्तगंगा औरि ब्रह्मर्ांडल के अन्य भागो की इन केन्द्रो ऊर्जार्प के मर्ाध्यमर् से हमर्ारिे शक्तरिीरि मर्े प्रवेशक्त.

यौिगक िवद्वानो भी कमर्ल के रूपण मर्े , उदाहरिण के िलए चक्र कहतिे है. हृदय कमर्ल, नािभ कमर्ल, खोपणड़ी

अंग्रेजी भाषा मर्े कमर्ल आिद plexus इस कमर्ल कहा जातिा है औरि जापणानी ज़िेन Budhism अनुसारि वे "Cusos" कहा जातिा है . चीनी तिाओ दशक्तर्पन मर्े चक्र ब्रह्मर्ांडलीय पणुरष औरि मर्िहला ऊर्जार्प यानी "यांग औरि ियन" संघ है.

का वणर्पन है िक सूक्ष्मर् शक्तरिीरि की वास्ति​िवकतिा के रूपण मर्े "पणावरि" औरि "शक्तियोक्ति एवं Shaakta", "िमर्स्टीिरियस कंु डलिलनी, वॉल्यूमर् VG Rele मर्े सरि जॉन वूडलरिोफि द्वारिा िदए गए. 2of "भारितिीय दशक्तर्पन के

इितिहास द्वारिा श्री दासगुप्तिा," ग्रेट िलबिरिे शक्तन ितिब्बितिी बिुक आत्मर्ा के द्वारिा पणारिा Bense पणौरिािणक कथाओं "इवांस औरि सहूिलयति से", वास्ति​िवकतिा यह है िक जो आगे औरि भारितिीय Rishis औरि दाशक्तर्पिनको

द्वारिा तिंत्र योग के द्वारिा रिखा गया था. कंु डलिलनी Ida औरि िपणंगला, सुषुम्ना, Merudand औरि 2 Mooladhar सहस्रारि केन्द्रो योग Kundalyupanishad, Yogarnav तिंत्र, ध्यान िबिंद ु उपणिनषद, Mahanirvan तिंत्र, Shatchakra Nirupanam, Kularnav तिंत्र, शक्तारिदा ितिलक आिद जैसे शक्तास्त्रो मर्े विणर्पति एक वैज्ञािनक भाषा मर्े elucidated िकया जा सकतिा है एक बिहुति सीिमर्ति तिरिीके.


वैज्ञािनको ने एक िबिजली िद्वधुवीय के रूपण मर्े कायर्पकाल सष ु ुम्ना. अपणने िनचले Cada equina नामर्क िहस्सा पणूरिी की ve िबिजली औरि ऊर्पणरिी आधे मर्ियोस्तिष्क बिल ु ाया + ve िबिजली है . Cada equina औरि Mooladhar चक्र के रिाज्य मर्े एक ही है . उसी तिरिह "आरिोही जालीदारि सिक्रय प्रणाली" मर्ियोस्तिष्क मर्े मर्ौजद ू

योग की सहस्रारि चक्र के बिरिाबिरि है . एक दल र्प ियोस्थिति मर्े जबि प्रवाह ऊर्पणरि से नीचे से है , यह जन ु न ू के बिीज से ु भ ब्रह्मर् की यात्रा करिने के िलए कहा जातिा है औरि यह Merudand Devyaan मर्ागर्प मर्े पणरिू ी हो जातिी है .

प्रतिीकात्मर्क इन भागो के िविभन्न नामर् िदया जातिा है , लेिकन वास्ति​िवकतिा मर्े वे सक्ष् ू मर् िवद्यति ु चम् ु बिकीय तिरिं गो के रूपण मर्े मर्ौजद ू है. वैज्ञािनको ने हमर्े बितिाया है िक औसतिन 1 लाख वोल्ट / हमर्ारिे शक्तरिीरि मर्े सेमर्ी की

एक िबिजली प्रेशक्तरि है . अन्य प्रािणयो की तिरिह जननांगो, त्वचा, औरि उस क्रमर् मर्े सांस से इस लीक औरि इस तिरिह नष्ट हो जातिा है . केवल आदमर्ी है जो पणतिन के गड्ढे मर्े िगरि गया है उसकी आत्मर्ा बिल बिढाने की शक्तियोक्ति के साथ िकया गया है भगवान का आशक्तीवार्पद है . िरिसाव आदमर्ी द्वारिा औरि एक चक्र (जाल) से दस ू रिे

के िलए यात्रा का योग प्रथाओं के मर्ाध्यमर् से रिोका जा सकतिा है , सहस्रारि कमर्ल िसरि क्षेत्र मर्े सिक्रय िकया जा सकतिा है औरि इस प्रकारि एक िदव्य प्रकाशक्त मर्े विृ द्ध करि सकतिे है.

जैसा िक पणहले उल्लेख पणूरिी तिरिह से 6 चक्र रिहे है. 7 जो सहस्रारि है 1000-petalled कमर्ल कहा जातिा है . यहाँ पणरि हमर् अपणनी इसी चक्र से मर्ानव शक्तरिीरि की रिचना के कनेक्शक्तन की एक संित क्षप्ति रूपणरिे खा दे दे गे.

Mooladhar चक्र सुषुम्ना के िनचले गद ु ा औरि perineum के जननांग अंग के मर्ध्य क्षेत्र के िलए इसी

Merudand की carksijial क्षेत्र मर्े 1/2 (मर्ेरूदं डल के मर्ध्य नहरि) मर्े ियोस्थति है . यहाँ पणरि ित्रक तिंित्रका जड़े िक Cada equina से उभरिने का गुच्छा ित्रक औरि perineal plexus बिनाने. इन तिंित्रका bunches मर्े िबिजली

के प्रवाह eddies करिना है िक चक्रवाति की तिरिह प्रकट ऊर्जार्प. यह बिहुति ही सक्ष् ू मर् िवद्युति प्रवाह Mooladhar शक्तियोक्ति कहा जातिा है औरि इसका मर्ख् ु य कायर्प प्रजनन औरि प्रसव है . कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) एक

साढे 3 दौरि िट्विनंग के साथ सोतिा है . इस प्रवाह योिगयो द्वारिा 4 पणंखुिड़यो की एक कमर्ल के रूपण मर्े अनुभव िकया है औरि इन 4 पणरिमर् आनंद, प्राकृितिक आनंद, यौिगक आनंद औरि िविभन्न वीरितिा का प्रतिीक

है. यहाँ वहाँ Shabda ब्रह्मर् (ध्विन) एक कंपणन औरि िक यह "Lum" से उत्पणन्न शक्तब्द है . इस चक्र Tanmatra बिू आ रिही है औरि तित्व पणथ् ृ वी है .


जबि आपण मर्ेरूदं डल पणरि ऊर्पणरि की तिरिफि यात्रा (Merudand) अगले चक्र Svadishthan है . यह ऊर्पणरि 4 उं गिलयो Mooladhar यानी अधोजठरि प्रदे शक्त मर्े ियोस्थति है . यहाँ पणरि plexus सष ु म् ु ना के तिंित्रका bunches औरि सहानभ ु िू ति नाड़ीग्रियोन्थ िक सष ु म् ु ना के दोनो तिरिफि ियोस्थति है से बिना है . आंति​िरिक अंग के िलए संयक् ु ति

अिधवक् ृ क ग्रंिथ है औरि यह अिधवक् ृ क हामर्ोन का स्राव करितिा है . जबि इस adrenalin सिक्रय है यह

मर्ानिसक अशक्तांिति औरि अन्य बिाधाओं को दरिू करिने की क्षमर्तिा है . इसका मर्ख् ु य समर्ारिोह के उत्सजर्पन औरि उत्सजर्पन है . लेिकन जबि यह सिक्रय है यह शक्तियोक्ति औरि शक्तियोक्ति बिढ जातिी है . सस् ु तिी, आलस, अिवश्वास,

अनशक्त ु ासनहीनतिा आिद की तिरिह सभी मर्ानिसक िवकृितियो को नष्ट करि रिहे है. यहाँ पणरि 6 पणंखिु ड़यो के साथ कमर्ल है . इसका बिीज मर्ंत्र है "Vum". इस चक्र Tanmatra रिासा (रिस) औरि उसके तित्व पणानी है . Mooladhar औरि Svadhishthan चक्र एक समर्ह ू औरि उसके (केन्द्र िबिन्द ु) संघ Rudragranthi है कहा जातिा है के तिहति आतिे है.

3 चक्र मर्िणपणुरि है . संरिचनात्मर्क दृियोष्टकोण से यह Merudand की काठ क्षेत्र यानी नािभ क्षेत्र मर्े पणाया जातिा है . यहाँ पणरि सौरि जाल जो सहानुभूिति नाड़ीग्रियोन्थ औरि vagus तिंित्रका बिंडललो की एक गच् ु छा के िमर्लन के कारिण का गठन िकया है . इस के िलए संयुक्ति ग्रंिथ अग्न्याशक्तय है जो एंजाइमर्ो हामर्ोन से अलग बिनातिा है .

जबि इस चक्र एक शक्तियोक्ति औरि इच्छा शक्तियोक्ति augments सिक्रय है . इसका मर्ुख्य समर्ारिोह मर्े पणाचन मर्े मर्दद करिने के िलए है . हमर्ारिी मर्ानिसक िवकृितियो कमर्ी औरि एक आध्याियोत्मर्क पणथ का अनुसरिण करिने के िलए इच्छुक है . यह कमर्ल नािभ मर्े ियोस्थति 10 पणंखिु ड़यो. इसका बिीज मर्ंत्र "रिमर्" है . इसके Tanmantra प्रपणत्र (दृश्यमर्ान) है औरि इसके तित्व आग है . यिद आपण यह सिक्रय है , शक्तरिीरि के 3 आग प्रज्विलति करि रिहे है औरि

यह इस तिरिह ऊर्पणरि की ओरि यात्रा मर्े मर्दद करितिा है . इस चक्र की असाधारिण ऊर्जार्प अपणने चक्र मर्शक्तीन के साथ जापणान के डलॉ. िहरिोिशक्तमर्ा Motoyama द्वारिा मर्ापणा गया था औरि वह इसके आधारि पणरि एक ग्राफि योजना

बिनाई. ितिब्बि​ितियो इसे Manipadma कॉल. चौथे चक्र Anahat जो हृद्स्नायज ु ाल िदल के पणीछे ियोस्थति है . यहाँ सहानभ ु िू ति नाड़ीग्रियोन्थ श्रंख ु म् ु ना औरि vagus तिंित्रका के िलए एक जाल के रूपण मर्े ृ ला के दौरिान, सष

एकजट ु है औरि इस तिरिह पणरिू े िदल क्षेत्र के िलए ऊर्जार्प की आपणिू तिर्प. यह कमर्ल 12 पणंखिु ड़यो. पणेसमर्ेकरि ऊर्जार्प की जड़ स्रोति यहाँ है . यह भी संवेदनशक्तील भावनाओं का केद्र कहा जातिा है . इस चक्र कलात्मर्क कौशक्तल, उन्मर्ादपणूणर्प अनुभव औरि नाजुक भावनाओं का स्रोति है . जबि यह सिक्रय है , उदारि मर्न से सेवा,

आध्याियोत्मर्कतिा, steadfastness की भावना की तिरिह भावनाओं abounds "दिु नया एक एकल एकजुट पणिरिवारि है ." थाइमर्स ग्रंिथ के िलए संयुक्ति है . इसका मर्ख् ु य समर्ारिोह के जीवन शक्तियोक्ति (प्राण) के बिंदरिगाह के

िलए है औरि यह aptly का उपणयोग. इस चक्र के बिीज मर्ंत्र "यमर्" है . यह Shabda ब्रह्मर् या Anaahat Naad (िदव्य ध्विन) का केन्द्र िबिन्द ु है . इसकी Tanmantra ध्विन औरि तित्व हवा है . Anaahat औरि मर्िणपणुरि चक्र के साथ डलाल िदया सूयार्प खंडल औरि िवष्णु Granthi फिामर्र्प.


गले मर्े Vishudhi चक्र है . थायरिॉयडल ग्रंिथ औरि pharyngeal औरि laryngeal इसके पणीछे ियोस्थति ग्रंिथयो Vishudhi चक्र के िलए संयुक्ति रिहे है. को सिक्रय करिने पणरि extrasensory क्षमर्तिा के इस चक्र के बिीज के आगे अंकुरि. उपण चेतिन मर्न औरि मर्ानिसक केद्र को प्रभािवति करिने के द्वारिा इस चक्र 'साइले ट क्षेत्र "नामर्क

मर्ियोस्तिष्क के ठीक आधे सिक्रय. यहाँ पणरि कमर्ल 16 पणंखिु ड़यो औरि अपणने बिीज मर्ंत्र "हमर्" है . इसकी Tanmantra स्पणशक्तर्प है औरि अंति​िरिक्ष इसकी तित्व है . िपणछले चक्र अजन जो Vishudhi चक्र के साथ एकजट ु करिके चंद्र समर्ह ू औरि ब्रह्मर्ा ग्रंथी बिनातिा है कहा जातिा है . इसका बिीज मर्ंत्र है औरि "ओमर् ्" अपणने तित्व मर्न

है . यह 2 पणंखिु ड़यो औरि पणीयिू षका औरि चीटीदारि ग्रंिथ का संघ है . भौंहो के बिीच केन्द्र िबिंद ु पणरि इन ग्रंिथयो

ियोस्थति है औरि यह सभी शक्तारिीिरिक कायो को िनयंित्रति करितिा है . इसे सिक्रय करिने के हमर्ारिे िदव्य दृियोष्ट खोला है . जबि limbic प्रणाली औरि hypothalamus सिक्रय करि रिहे है, सभी मर्ियोस्तिष्क coverings खोल रिहे है. इस प्रकारि व्यियोक्ति की आत्मर्ा ब्रह्मर्ांडलीय आत्मर्ा (भगवान) के साथ एकजुट करिने मर्े सक्षमर् हो जातिा है .

सहस्रारि कंु डलिलनी जागरिण के मर्हान यात्रा है जो आंति​िरिक कैप्सूल औरि जालीदारि सिक्रय प्रणाली मर्े यानी मर्ियोस्तिष्क के मर्ध्य क्षेत्र मर्े मर्ौजूद है के अंितिमर् स्टे शक्तन है . स्पणाक्सर्प के हजारिो से उत्सियोजर्पति हो औरि इसिलए

यह सहस्रारि कहा जातिा है . यह भी ब्रह्मर्लोक औरि Brahmarandhra कहा जातिा है . Ajna चक्र एक रिचनात्मर्क केद्र के रूपण मर्े इसे करिने के िलए एकजुट है . सहस्रारि उत्तिरिी धव ु है जो ब्रह्मर्ांडलीय आत्मर्ा के साथ एकजुट करिने पणरि को ब्रह्मर् का आनंद प्राप्ति करितिा है . सहस्रारि सिक्रय करि रिहा है िदमर्ाग मर्े ग्रे मर्ैटरि के केन्द्रो

को सिक्रय करिने का मर्तिलबि है . सुषुम्ना तिंित्रका जो Mooladhar चक्र नामर्क आधारि से उगतिा है इसके साथ साथ लेतिा है (गंगा) Ida औरि िपणंगला तिंित्रकाओं (यमर्ुना) को सही करिने के िलए छोड़ िदया यानी औरि िफिरि छोड़ िदया सही से. Ida जो बिाईं ओरि है चन्द्र Naadi कहा जातिा है औरि िबिजली के उद्यमर्ी गया है - ve.

सही पणक्ष पणरि िपणंगला है औरि सय ू र्प Naadi बिल ु ाया जो एक + ve िवद्यति ु आवेग है . यह संघ के 2 अंक जो

सष ु म् ु ना को एकजट ु करिने के रूपण Sarawati Mooladhar औरि अजन चक्र मर्े एक 3 गन ु ा संघ बिनातिा. Ida औरि िपणंगला नसो parasympathetic औरि सहानभ ु िू ति नसो प्रणाली का प्रिति​िनिधत्व करितिे है.

हकीकति मर्े यह असंभव है संरिचनात्मर्क संदभर्प मर्े कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) का वणर्पन है . हमर् ऊर्पणरि

क्या िदया मर्हान िवचारिको (Maneeshis) का अनुभव है . कंु डलिलनी शक्तियोक्ति दे वी नाग पणावरि, जीवन शक्तियोक्ति,

जीवन की आग आिद दे वी कंु डलिलनी जागरिण औरि 6 चक्र की सिक्रयतिा से प्राप्ति ऊर्जार्प आदमर्ी िदव्य शक्तियोक्तियाँ दे तिा है जैसे कई नामर् है .


नौ अध्याय इस िदव्य शक्तरिीरि साति रित्नो का गोदामर् की ितिजोरिी

आमर् तिौरि पणरि कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) हमर् 6 चक्र की बिाति करितिे है, लेिकन वास्ति​िवकतिा मर्े वे संख्या मर्े 7 पणरि चचार्प करितिे हुए. सहस्रारि या 1000-petalled कमर्ल सभी चक्र के िशक्तखरि है . क्योिक यह

मर्ियोस्तिष्क मर्े यह एक प्रमर्ुख मर्ाना जातिा है . यह असाधारिण लेबिल है क्योिक वहाँ Merudanad (मर्ेरूदं डल), औरि िफिरि िसरि क्षेत्र मर्े सहस्रारि भौंहो के बिीच Ajna चक्र मर्े 5 चक्र रिहे है.

7 Lokas (संसारि) मर्े विणर्पति है. उनके नामर् मर्े Bhooha, Bhuvaha, Svaha, Mahaha, Janaha, Tapaha सत्यमर् है. यह इस्लामर्ी शक्तास्त्रो मर्े भी कहा जातिा है िक भगवान 7 स्वगर्प मर्े रिहतिा है . प्राचीन काल से ही वे

एक समर्ान ईसाई धमर्र्प मर्े िदए गए िववरिण भी है . ग्रह पणथ् ृ वी एक है अभी तिक के प्रािणयो के 7 वगो यह अथार्पति पणरि रिहतिे है. रिे ति, पणत्थरि, पणेड़, जड़ी बिूटी, खिनज, पणानी.

एक नोट करिना चािहए िक हमर्ारिे भौितिक जगति के अंतिरि तिारिकीय अंति​िरिक्ष मर्े 7 दिु नया कभी नहीं पणाया जा सकतिा है . वे न तिो वहाँ आकाशक्त मर्े औरि न ही हमर्ारिे ग्रह पणथ्ृ वी के नीचे. हकीकति मर्े वे मर्ानव चेतिना मर्े मर्ौजद ू

है. क्योिक जहान (ब्रह्मर्ांडल) सक्ष् ू मर् जगति (मर्ानव मर्ानस) मर्े मर्ौजूद है . इसिलए बिजाय बिाहरिी दिु नया मर्े दरिू भटक इन 7 Lokas यानी हमर्ारिी चेतिना मर्े भीतिरि के िलए दे खा जाना चािहए. इस प्रकारि एक ये दिु नया से संपणकर्प करि सकतिे है.

आयुवेिदक िचिकत्सा के अनुसारि शक्तरिीरि 7 खिनज है औरि वे रिक्ति, त्वचा, रिस, मर्ांस, हिड्डलयो, मर्ज्जा औरि

वीयर्प है. हालांिक इन जािहरिा तिौरि पणरि अलग करि रिहे है, अभी तिक वे कसकरि भीतिरि interwoven है. इन सभी 7 डलाल एक साथ हमर्ारिे स्थल ू शक्तरिीरि का गठन िकया. जबि व्यियोक्ति के 7 गन ु ा पणहलओ ु ं पणरि िवचारि - िवमर्शक्तर्प

िकया जातिा है , यह लंबिाई, चौड़ाई, ऊर्ंचाई (पणहलू 3 गुना यानी होलोग्रफ़ी), िवशक्तेष अिभिवन्यास (समर्य अंति​िरिक्ष) औरि 5 िवरिोधी बिाति है . यह 5 पणहलू है जो सूक्ष्मर् शक्तरिीरि है िक extrasensory क्षमर्तिा बिंदरिगाहो से


मर्ेल खातिी है . 6 पणहलू सोच प्रिक्रया है औरि 7 िदव्य भावनाओं है . 1 4 पणहलओ ु ं िनियोष्क्रय है औरि शक्तेष तिीन चेतिना का पणहलू है.

Vali भगवान रिामर् को मर्ारिने से पणहले 7 के पणेड़ के साथ एक तिीरि के साथ ही uprooting Sugreeva अपणने िदव्य शक्तियोक्ति का प्रदशक्तर्पन िकया. हकीकति मर्े इन 7 पणेड़ हमर्ारिे सूक्ष्मर् शक्तरिीरि के 7 चक्र के अनुरूपण. क्योिक अिभमर्न्यु इन 7 चक्र एक उपणयुक्ति तिरिीके से नहीं जागा था िक वह Chakravyuha कौरिवो द्वारिा तिथ्य यह है िक वह िदव्य ज्ञान प्राप्ति िकया था, जबि​िक उसकी मर्ाँ उत्तिरिा के गभर्प मर्े अभी तिक के बिावजूद नीचे रिखी

नेट के बिाहरि नहीं आ सकी. कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) इतिना मर्ल् ू यवान है िक यह हमर्ारिे सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि के 7 चक्र जो एक िदव्य ितिजोरिी के तिाले मर्े बिंद करि िदया गया है .

जबि हमर् 7 चक्र (plexuses) की बिाति करितिे है वे इस आदे शक्त मर्े रिीढ अथार्पति के आधारि से ियोस्थति है. 1. 2 Mooladhar. 3 Svadhishthan. 4 Manipoor. 5 Anaahat. 6 Vishudhi. 7 अजन. सहस्रारि. कुछ स्थानो पणरि अजन चक्र के साथ - साथ वे एक िबिंद ु चक्र भी उल्लेख. इस प्रकारि सहस्रारि (Brahmarandhra) एक

1000 petalled कमर्ल या 1000-अध्यक्षतिा नािगन के रूपण मर्े अंितिमर् स्टे शक्तन मर्ाना जातिा है . इस के साथ

साथ वास्ति​िवकतिा मर्े वहाँ केवल 7 ियोजसमर्े कमर् 6 चक्र पणरि सहस्रारि िनयमर्ो चक्र रिहे है. यह बिहुति िपणट्यूटरिी ग्रंिथ endocrine ग्रंिथयो के प्रमर्ुख होने के िलए समर्ान है . ये 6 चक्र से दोनो को अलग से ियोस्थति औरि भी

रूपण मर्े एक दस ू रिे बिस के रूपण मर्े एक ही वषर्प के मर्ौसमर् एक दस ू रिे से संबिंिधति है से संबिंिधति होने के िलए कहा जा सकतिा है . उन्होने यह भी 6 मर्ील का पणत्थरि है औरि कहा जातिा है िक 7 एक पणत्थरि होने के बिजाय एक वे

एक पणिवत्र मर्ंिदरि है .

योिगयो की एक खास संप्रदाय 7 िनकायो यानी 1 के रूपण मर्े इन चक्र कहतिे है. भौितिक शक्तरिीरि 2. Etheric

शक्तरिीरि 3. सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि 4. मर्ानिसक शक्तरिीरि 5. आध्याियोत्मर्क शक्तरिीरि 6. लौिकक शक्तरिीरि 7. दे वी शक्तरिीरि. भौितिक शक्तरिीरि हमर्ारिे सकल आँखो से दे खा जा सकतिा है . उन्हे छूने से या अन्य साधनो के मर्ाध्यमर् से शक्तरिीरि के भीतिरि अंग मर्ाना जा सकतिा है .

दस ू रिा शक्तरिीरि है िक जो िवचारि पणैदा होतिे है. यहाँ एक अनुभव पणसंद / नापणसंद, / सम्मर्ान अपणमर्ान, एक ही / एिलयंस, / संतिोष असंतिोष, / संघ जुदाई औरि अन्य ऐसी िमर्ठाई / कड़वा अनुभव. यह आकाशक्तीय जो


etheric डलबिल के रूपण मर्े Theosophists लेबिल शक्तरिीरि है . उन्हे लगतिा है यह प्राण कोशक्ता या मर्हत्वपणूणर्प म्यान के साथ पणयार्पय बिन गया है . लेिकन वास्ति​िवकतिा मर्े यह एक औरि अिधक व्यापणक सीमर्ा है . यह दे खा जातिा है

औरि 'Biofluxes' के रूपण मर्े मर्ापणा. लीडलबिीटरि के मर्ाध्यमर् से "मर्ैन दृियोष्टगोचरि अदृश्य" इस पणरि चचार्प की थी. यह भी Ideosphere कहा जातिा है .

3 शक्तरिीरि के िवचारि, तिकर्प, बिुिद्ध, औरि िदव्य बिुिद्ध से संबिंिधति है . यह सामर्ाियोजक व्यवहारि, सभ्य व्यवहारि,

िवचारिधारिा, पणसंद, मर्ानिसक शक्तरिीरि मर्े संस्कृिति आिद कलात्मर्क कौशक्तल की उन्मर्ादपणूणर्प अनुभव है औरि यह नाजुक भावनाओं को प्रकट करिने के िलए संबिंिधति है . इस संवेदनशक्तीलतिा की दिु नया है . इस शक्तरिीरि मर्े रिहतिा

है दया, उदारितिा, आदशक्तो आिद 4 शक्तरिीरि मर्ानिसक शक्तरिीरि मर्े जो मर्िहमर्ा प्रकट होतिा है औरि हमर्ारिे साहस औरि वीरितिा यहाँ पणिरिपणक्व होतिी है . यह इस आधारि पणरि है िक आदमर्ी के लेखको को अपणने भिवष्य पणरि है . यिद यह aptly उपणयोग िकया जातिा है की आदमर्ी अपणने जीवन के िशक्तखरि पणरि पणहुंचतिा है औरि अपणने िवकृति अगरि, यह उनके पणतिन की ओरि जातिा है .

5 शक्तरिीरि आध्याियोत्मर्क शक्तरिीरि है औरि extrasensory क्षमर्तिा का एक गोदामर् है . उपण चेतिन मर्न अपणने क्षेत्रािधकारि के भीतिरि है . 6 शक्तरिीरि मर्े 7 शक्तरिीरि मर्े अंतिरि के आधारि पणरि "मर्ेरिा औरि तिुम्हारिा" दरिू है Rishis, पणुरषो तिपणस्या की, योिगयो, आत्मर् - िनयंत्रण आिद के पणुरषो को बिनाया जातिा है . यहाँ पणरि एक ही पणिरिवारि के रूपण

मर्े "दिु नया" औरि कहा िक "सभी प्रािणयो मर्ेरिी आत्मर्ा का एक िहस्सा है" की भावना जागति ृ है . यहाँ एक एक आत्मर्ा औरि ब्रह्मर् के शक्तरिीरि के अनुभवो. यह स्वगर्प औरि आध्याियोत्मर्क मर्ुियोक्ति के क्षेत्र मर्े है .

िशक्तव पणुरिाण मर्े िशक्तव के पणुत्र स्कंद या काितिर्पकेय जन्मर् के बिारिे मर्े एक अजीबि कथा है . भगवान िशक्तव का मर्ानना

था िक वह एक बिहादरिु बिेटा जो रिाक्षसो पणरि काबिू पणाने के िलए औरि डलेमर्ी - दे वतिाओं के शक्तासनकाल मर्े

स्थािपणति होगा पणैदा करिने की जरूरिति है . इस प्रकारि वह डलेमर्ी - दे वतिाओं की प्राथर्पना स्वीकारि करि िलया. िशक्तवाजी वीयर्प आग के रूपण मर्े प्रकट होतिा है . उनकी पणत्नी पणावर्पतिी, इस आग को सहन करिने मर्े असमर्थर्प था

औरि इसिलए Vaishwanar एक मर्िहला औरि उसके गभर्प मर्े आग के रूपण मर्े आत्मर्साति इस वीयर्प का रूपण ले िलया. जबि स्कंद पणैदा हुआ था वह इतिना िदव्य प्रितिभा है िक वहाँ के रूपण मर्े एक समर्स्या है जो पणीछे औरि उसे को पणोषण दे ने था प्रकट. Parvatiji कोई अनभ ु व नहीं था. इसिलए इस कायर्प को 6 Kritikas (Pleiades स्टारि) द्वारिा िलया गया था. वे पणाला औरि मर्नष्ु य स्कंद. स्कंद 6 मर्ंह ु इतिनी के रूपण मर्े प्रकट 6

Kritikas से दध ू पणीतिे है. इसिलए काितिर्पकेय भी Shadanan (6 िसरिो वाले) कहा जातिा है . जैसे ही वह प्राप्ति


की वह रिाक्षसो पणरि हमर्ला हो सकतिा है औरि उन पणरि िवजय प्राप्ति करिके वह डलेमर्ी - दे वतिाओं से पणूछा बिागडलोरि ले.

इस स्कंद अवतिारि 6 (plexuses) के साथ अपणने प्रभाव का चक्र कंु डलिलनी शक्तियोक्ति से संबिंिधति समर्ूह के रूपण मर्े हे य दृियोष्ट से दे खा जाना चािहए. िशक्तव Retas (वीयर्प) कुछ भी नहीं है , लेिकन कंु डलिलनी आग शक्तियोक्ति है औरि

आदे शक्त मर्े आत्मर्साति करिने के िलए यह आंति​िरिक Vaishwanar लागू है . 6 Kritikas 6 चक्र के रूपण मर्े दध ू

दे ने के िलए औरि आत्मर्ा की तिीव अखाड़ा, एक एहसास आध्याियोत्मर्क आकांक्षी जो अपणने कंु डलिलनी शक्तियोक्ति सिक्रय है मर्े एक बिहादरिु आत्मर्ा बिनने से यह पणिवत्र आध्याियोत्मर्क लक्ष्यो के िलए का इस्तिेमर्ाल करितिा है .

इन 6 चक्र Merudand के सक्ष् ू मर् भाग मर्े मर्ौजद ू िबिजली की तिाकतिवरि औरि टांसफिामर्र्परि को भी तिल ु ना की जा सकतिी है . इसका कायर्प सक्ष् ू मर् दिु नया मर्े ऊर्जार्प को आकिषर्पति करिने के िलए औरि इस तिरिह सकल, सक्ष् ू मर् औरि आकियोस्मर्क िनकायो पणोषण है .

: मर्े Parashakti, Jnanshakti, Icchashakti, Kriyashakti, Kundalinishakti, Matrishakti औरि Guhyashakti तिंत्र िवज्ञान के अनुसारि, दिु नया की प्रमर्ुख शक्तियोक्तियो के 7 तिरिीके मर्े वगीकृति करि रिहे है. इन

सभी के संघ "Farsus की ग्रांडल एकीकरिण" कहा जातिा है औरि सामर्ग्री अनुसध ं ान इस क्षेत्र मर्े आयोियोजति िकया जा रिहा है .

आध्याियोत्मर्क िवज्ञान मर्े एक 7 दिु नया, मर्हासागरिो, पणहाड़ो, मर्हाद्वीपणो आिद यह भूगोल सहसंबिद्ध नहीं करि

सकतिे है की एक िववरिण पणातिा है . क्योिक वास्ति​िवकतिा मर्े यह इसके िनमर्ार्पण औरि क्षमर्तिा के साथ साथ आध्याियोत्मर्क क्षेत्र के एक वणर्पन है . इन 7 गहने की ितिजोरिी करि रिहे है औरि एक मर्े पणातिा है जो िक सभी आदमर्ी अपणने सकल औरि सक्ष् ू मर् जीवन मर्े आवश्यकतिा है .


का सम्मर्ान पणाठको के िलए एक अपणील सम्मर्ान पणाठको िप्रय:

हमर् खद ु को समर्िपणर्पति है स्वगीय यग ु ऋषिष आचायर्प श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प की िशक्तक्षाओं का प्रसारि. हमर् मर्द्र ु ण पणस् ु तिको से हाडलर्प कॉपणी के रूपण मर्े औरि वेबिसाइटो पणरि भी ऐसा. इस पणिवत्र कायर्प के िलए हमर् हमर्ारिे िप्रय पणाठको के िलए अपणील करिने के िलए आिथर्पक रूपण से हमर्ारिे श्रद्धेय गरू ु की

ऐसी पणिवत्र सािहत्य प्रायोजक. कृपणया ध्यान दे िक हमर्ारिे िमर्शक्तन के िलए दिु नया भरि मर्े इन पणिवत्र िशक्तक्षाओं का प्रसारि करिने के िलए है के रूपण मर्े िवश्व शक्तांिति औरि िवश्व एकतिा उत्पणन्न करिने के िलए.

इसिलए अगरि आपण श्रीरिामर् शक्तमर्ार्प आचायर्प के सािहत्य की सरिाहना की है औरि आिथर्पक रूपण से

अिधक ऐसे पणिवत्र ग्रंथो के प्रायोजन मर्े रिच रिखतिे है, तिो संपणकर्प करितिे है एमर्आरि. अशक्तोक एन रिावल िनम्न पणतिे पणरि.

एमर्आरि. अशक्तोक एन रिावल सी / ओ गायत्री PRAGNA मर्ज्जा बिंद. िवसनगरि सड़क OPP. GEB 384 001 मर्ेहसाणा उत्तिरि गज ु रिाति


भारिति

दरिू भाष सं: 91-02762-251160 + ई - मर्ेल: ashokrawal@shriramsharma.com

कंु डलिलनी शक्तियोक्ति के क्षेत्रािधकारि के अंतिगर्पति BRAHMIC चेतिना की गिति​िविधयां

मर्ानव शक्तरिीरि मर्े एक दै वीय के प्रिति जागरूक प्रकाशक्त की एक abounding गोदामर् पणातिा है . लेिकन दै िनक जीवन के उपणयोग के िलए यह बिहुति कमर् िकया जातिा है . केवल इस प्रकाशक्त की एक बिहुति िमर्नट िहस्सा

खाने, सोने औरि अन्य दै िनक िदनचयार्प गिति​िविधयो के िलए प्रयोग िकया जातिा है . िपणछले आदति की वजह से केवल एक छोटा सा िहस्सा उपणयोग िकया जातिा है . वहाँ कोई संदेह शक्तियोक्ति वतिर्पमर्ान का एक बिहुति है ,

लेिकन यह एक अव्यक्ति अवस्था मर्े है . अगरि यह इतिना सिक्रय होतिा है के रूपण मर्े यह उपणयुक्ति प्रयोजनो के िलए उपणयोग करिने के िलए तिो एक ही कामर् है जो एक अपणने तित्वावधान मर्े बिाहरि ले जा सकतिा है पणरि

चिकति िकया जा सकतिा है . एक प्रयास औरि इन मर्हान आत्मर्ाओं की गिति​िविधयो को दे खने के िलए स्तिब्ध है . आमर्तिौरि पणरि िवद्युति ऊर्जार्प है िक शक्तरिीरि औरि िसरि pervades के केवल 7% अपणनी दै िनक िदनचयार्प मर्े सबिसे व्यस्ति laymen द्वारिा उपणयोग िकया जातिा है . शक्तेष भाग कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) हरि

व्यियोक्ति मर्े मर्ौजद ू जागरिण द्वारिा सिक्रय िकया जा सकतिा है . एक बिन सकतिा है आध्याियोत्मर्क रूपण मर्े के रूपण मर्े एक बिहुति शक्तियोक्तिशक्ताली इस अव्यक्ति कंु डलिलनी शक्तियोक्ति हमर् सबि के भीतिरि मर्ौजूद जागतिा है .

वैज्ञािनको िवचारिना दृढ िवश्वास है िक मर्ानव मर्ियोस्तिष्क का शक्तरिीरि रिचना िवज्ञान बिहुति जिटल है . यह हरि न्यरिू ॉन 60,000 synapses से जड़ ु े हुए है . एक न्यरिू ॉन से दस ू रिे को हस्तिांतिरिण एक आवेग (संदेशक्त) के 360 मर्ील / घंटा की गिति से एक है . तिबि वे अपणनी मर्ल ू ियोस्थिति मर्े लौटने. इन सभी आवेगो मर्ियोस्तिष्क िवद्यति ु ऊर्जार्प से आतिे है. स्वीडलन के जीविवज्ञानी, धारिक हे डलन के अनस ु ारि, यह इस िवद्यति ु आवेग है िक सोचा था


िक कोिशक्तकाओं नसो को संवेदनशक्तील हो गया है के कारिण है . चमर्क के सिक्रयण, वीरितिा, भेदभाव, इन कोिशक्तकाओं के आवेग का पणिरिणामर् है .

प्रिसद्ध िवचारिक वैज्ञािनक अल्बिटर्प आइंस्टीन के अनुसारि मर्ानव स्मर्िृ ति गोदामर् 1000 अरिबि (संदेशक्त) आवेगो जो 5 बिारि 30 उड़ानो मर्े दी गई जानकारिी के िलए रिािशक्त की दक ु ान करिने की शक्तियोक्ति है . िब्रटै िनका िवश्वकोशक्त.

10 अरिबि न्यूरिॉन्स औरि 10 अरिबि synapses बिना मर्ानव मर्ियोस्तिष्क असाधारिण गण ु ो के एक गोदामर् है औरि

एक जाद ू बिॉक्स है . डलॉ. डलीसी रिीफि, LH Sneider, डलॉ. िविलयमर् Horvij, डलॉ. मर्ािटर्प न डलब्ल्यू बिारि िकया जा

रिहा है मर्ियोस्तिष्क की खास िवशक्तेषतिा के साथ चिकति पणरि आिद जैसे कई औरि वैज्ञािनको मर्ियोस्तिष्क िवशक्तेषज्ञो का कहना है िक यह आदमर्ी की पणहुंच के िलए इस तिरिह के एक िनमर्ार्पण से पणरिे है मर्ियोस्तिष्क की तिरिह सपण ु रि कंप्यूटरि.

उन दल र्प लोगो मर्े , एक बिचपणन से ही अदति ु भ ृ कंु डलिलनी (दे वी नाग ु िवशक्तेष चमर्क दे खतिा है . यह एक जागति पणावरि) का चमर्त्कारि है . 3 साल की िनिवदा उम मर्े आचायर्प शक्तंकरि अपणनी मर्ातिभ ृ ाषा मर्लयालमर् मर्े मर्हारिति हािसल थी. वह अपणने मर्ातिा िपणतिा से एक ही सुनवाई पणुरिाणो आिद मर्े िकं वदं ितियो याद. वह 5 वषर्प की आयु मर्े

यज्ञोपणवीति संस्कारि िदया गया था औरि तिुरिंति उच्च अध्ययन के िलए भेजा है . 7 वषर्प की उम तिक वह 8 साल की उम मर्े वह संन्यास मर्े शक्तरू ु िकया गया था वेदांति, वैिदक ग्रंथो आिद मर्े मर्हारिति हािसल थी. एक बिहुति ही

कमर् समर्य मर्े वह एक Sidha योगी बिन गया. वह 16 वषर्प की उम तिक सभी प्रमर्ुख वैिदक ग्रंथो पणरि िटप्पणिणयो के उनके लेखन पणूरिा िकया था.

भारितिीय संस्कृिति की प्राचीन इितिहास इस सच्चाई का एक गवाह है िक आत्मर्ा की उन्निति के क्षेत्र मर्े Rishis तिरिह से उनके जीवन के बिहुति प्रारिं भ से आगे थे. एक कई ऐसे िववरिण जो हमर्े जागति ृ अज्ञाति पणरिमर्ात्मर्ा धन के पणिरिणामर्ो की एक झलक दे पणढ सकतिे है.

यह संभव है िक कुछ पणाठको ऊर्पणरि वणर्पन एक मर्ात्र अितिशक्तयोियोक्ति िमर्ल सकतिा है . लेिकन एक नोट करिना चािहए िक हाल ही मर्े कई उदाहरिण भी है. Alexandra ग्राहमर् बिेल 20 साल की उम मर्े टे लीफिोन का

आिवष्कारि िकया औरि Bilver ठीक 32 साल की उम मर्े हवाई जहाज का आिवष्कारि. Ely व्हाइटी 29 साल की उम मर्े मर्शक्तीन का आिवष्कारि िकया है िक उनके बिीज से कपणास अलग औरि Blaise पणास्कल 32 साल की


उम मर्े कैलकुलेटरि का आिवष्कारि िकया. 12 साल की उम मर्े जेम्स बि​ियोप्तिस्मर्ा अरिबि, ग्रीक, िहब्रू, Flemish आिद जैसे िविभन्न भाषाओं मर्े मर्हारिति हािसल थी औरि इन सभी लोगो मर्े एक जगह सरिु ित क्षति है "िगनीज बिक ु ऑफि वल्डलर्प िरिकॉड्सर्प मर्े ."

14 वषर्प की अल्पणायु मर्े प्रिसद्ध किव Gatey "नरिक मर्े यीशक्तु मर्सीह के Disteto मर्े िवचारि" प्रिसद्ध किवतिा

िलखी. िवक्टरि ह्यूगो 14 साल की उम से 3000 किवतिाओं को िलखा था. सेट Jnaneshwar 15 साल की उम मर्े "Jnaneshwari गीतिा" िलखा था. िसकंदरि 20 साल की उम मर्े एक दिु नया अिभयान पणरि छोड़ िदया है . मर्ुगल बिादशक्ताह अकबिरि ने 19 साल की उम मर्े शक्ताही िसंहासन औरि बिहुति प्रिसद्ध हो गया. समाट अकबिरि ने 19 साल की उम मर्े 20 साल औरि िशक्तवाजी की उम मर्े शक्ताही िसंहासन.

औरि कंु डलिलनी िवज्ञान के िवश्लेषण औरि चचार्प िदव्य अव्यक्ति शक्तियोक्तियो की वास्ति​िवकतिा जागरिण मर्े है . यिद इस तिरिह के एक आध्याियोत्मर्क योग अभ्यास के उपणाय के मर्ाध्यमर् से संभव है , तिो एक असाधारिण शक्तारिीिरिक सकतिा है औरि मर्ानिसक चमर्क मर्े विृ द्ध करि सकतिे है. वीरितिा, बिहादरिु ी, साहस, उत्साह, जोशक्त,

सतिकर्पतिा खरिीदखोरिी, औरि समर्झ का स्तिरि इतिना असाधारिण है िक इस मर्ाध्यमर् से बिाहरि िकए गए गिति​िविधयो ख़ामर्ख़ाह मर्हान सफिलतिा को आकिषर्पति करि सकतिे है हो सकतिा है .

मर्नुष्य के रूपण मर्े बिहुति समर्ान है, लेिकन उनके चिरित्र इतिना िविवध है िक एक बिस है रिान है . तिो एक सामर्ान्य शक्तरिीरि रिचना होने के बिावजूद कई लोगो को अभी तिक घोरि िनरिाशक्ता का जीवन जी रिहे है औरि सरिासरि बिोझ का एक जीवन जीने. दस ू रिी ओरि ऐसे इसी तिरिह की पणिरि​ियोस्थितियो के साथ लोग है, जो अपणने मर्जबिूति मर्ानिसक शक्तियोक्ति से ऐसी ियोस्थितियो है िक वे सफिलतिा के पणहाड़ो पणाने बिनाने है. हालांिक उनके जीवन बिाधाओं से भरिा है , िफिरि भी वे उन्हे सफिलतिा की नींव पणत्थरि मर्े पणिरिवितिर्पति. उनके मर्हान इच्छा शक्तियोक्ति उन्हे

सफिलतिा के ऐसे एक रिास्तिा है िक वे आसानी से अपणने लक्ष्य तिक पणहुँचने दे तिा है . वे सभी बिाधाओं है िक उनके रिास्तिे मर्े आने को कुचलने औरि िवजयी होकरि अपणने गंतिव्य तिक पणहुँचने. यह जागति ृ िदव्य शक्तियोक्ति का चमर्त्कारि है .

शक्तरिीरि एक असाधारिण तिरिीके से मर्न से प्रभािवति है . इन पणिरि​ियोस्थितियो, जबि जीवन शक्तियोक्ति िबिजली की

आपणूितिर्प के उपणयुक्ति नहीं है , हमर्ारिे शक्तारिीिरिक गिति​िविधयो िशक्तिथल करिना सभी. बिीमर्ािरियो औरि रिोगो मर्े औरि


आदे शक्त मर्े यह पणिरिणामर् है इसे दरिू करिने के िलए हमर् दवाई ले. लेिकन यह दे खा गया है िक क्योिक बिीमर्ािरियो

की जड़ ठीक से समर्ाधान नहीं करि रिहे है क्या होतिा है िक जबि हमर् दवाई लेने के पणहले बिीमर्ारिी गायबि हो जातिा है औरि एक नई बिीमर्ारिी से अिधक लेतिा है . बिीमर्ािरियो िसफिर्प फिामर्र्प का पणिरिवतिर्पन है , लेिकन पणण ू र्प रूपण से

गायबि नहीं करितिा है . आदे शक्त मर्े इस जाल से बिाहरि आने के िलए एक एक शक्तारिीिरिक िबिजली गोदामर् मर्े विृ द्ध

औरि अगरि यह रिोगग्रस्ति शक्तारिीिरिक भागो पणरि प्रयोग िकया जातिा है , एक मर्हान पणिरिणामर् प्राप्ति करि सकतिे है करिना चािहए.

यिद मर्न लालच, भ्रमर्, िवचारि, आिद इच्छाओं पणरि काबिू पणा, आदमर्ी उज्ज्वल औरि पणुरषो के बिीच एक नेतिा बिन सकतिा है . यहां तिक िक साधारिण पणिरि​ियोस्थितियो जबि वहाँ कोई अन्य मर्तिलबि या मर्ानव एड्स अभी तिक

उनके व्यियोक्तिगति चंबि ु कत्व के साथ ऐसे लोगो को खुद की ओरि आकिषर्पति िक वे ब्रह्मर्ांडल फिामर्र्प की

आवश्यकतिा के तिहति. अपणने स्वयं के आध्याियोत्मर्क बिल पणरि जीवन मर्े औरि बिांस झाड़ी की तिरिह एक िवधानसभा बिनाने के द्वारिा इस तिरिह के उज्ज्वल पणुरषो अिग्रमर्, जीवन के सभी क्षेत्रो मर्े असाधारिण

ऊर्ंचाइयो तिक पणहुँचने. यह अपणने भीतिरि सिक्रय जीवन शक्तियोक्ति का पणिरिणामर् है . यह वास्तिव मर्े कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) है . जबि यह सिक्रय है आदमर्ी बिोझ स्वतिंत्र औरि िनडलरि हो जातिा है औरि वह बिाधा, इस तिरिह मर्े किठनाइयो combats रूपण मर्े हालांिक वह एक खेल स्टे िडलयमर् मर्े अपणने पणेशक्तेवरि कौशक्तल िदखा रिहा है .

हरि कोई जानतिा है िक क्या इंिद्रयो की शक्तियोक्ति है . हरि कोई हाथ, पणैरि, आँखे, कान, जीभ आिद, लेिकन उन्हे

भीतिरि एक अदृश्य कवरि िसफिर्प शक्तरिीरि के भीतिरि के रूपण मर्े मर्हत्वपणूणर्प बिल है का उपणयोग िकया जातिा है . यहां तिक िक अगरि हमर् सीधे जीवन शक्तियोक्ति का अनुभव नहीं है , अभी तिक हमर् अपणने अियोस्तित्व को स्वीकारि करितिे

है. से अिधक है औरि इंिद्रयो की साधारिण कायो के ऊर्पणरि उसी तिरिह समर्झ औरि उच्च समर्तिल कायर्प है िक प्रकृिति मर्े सक्ष् ू मर् होतिे है के िनष्पणादन का एक तिीव संभािवति है . यह extrasensory क्षमर्तिा कहा जातिा है . यह सभी मर्नुष्यो मर्े आमर्तिौरि पणरि नहीं दे खा है , लेिकन अगरि एक व्यियोक्ति के मर्ानस आध्याियोत्मर्क तिो उन्हे मर्े

सिक्रय है extrasensory क्षमर्तिा भी कामर् पणरि है . Extrasensory क्षमर्तिा िपणछले जीवन के बिारिे मर्े सोचा

imprints भी शक्तािमर्ल है , एक ही है औरि दस ू रिो के भिवष्य जानने, दरिू दे शक्त मर्े िकसी भी तिकनीकी उपणकरिण की मर्दद के िबिना हो रिही घटनाओं को जानने, दस ू रिो के िलए एक के अपणने िवचारिो को भेजने, दस ू रिो के िवचारिो को समर्झने औरि इरिादो आिद यह कहा जातिा है Supramental िवज्ञान औरि पणूरिी दिु नया मर्े इन अनंति उदाहरिण है. योिगक साईंिसस के अनुसारि वहाँ कंु डलिलनी जागरिण का एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े एक

सहस्रारि चक्र पणरि असाधारिण प्रिति​िक्रया है . extrasensory क्षमर्तिा के उनके अचेतिन अवस्था दे करि पणरिमर्ात्मर्ा केन्द्रो सिक्रय हो जातिे है औरि वे दे ख, सुन, चीजे है जो आमर्तिौरि पणरि असंभव हो गया होतिा जानने लगतिे है.


हमर्ारिे सकल इंिद्रयो / अंतिरि - तिारिकीय अंति​िरिक्ष, लगतिा है औरि अपणनी रिोशक्तनी के असंख्य आंदोलनो कभी नहीं समर्झ सकतिा हूँ. इन सकल इंिद्रयो केवल दिु नया के सकल ज्ञान को आत्मर्साति करि सकतिे है. लेिकन अगरि एक extrasensory क्षमर्तिा सिक्रय है , यह संभव है Sidhas जो योग के पणथ का पणालन िकया है की तिरिह ब्रह्मर्ांडल के रिहस्यो को समर्झने के िलए. उन दल र्प लोगो मर्े इस extrasensory क्षमर्तिा तिीव यह इस ु भ जीवन मर्े सिक्रय प्रयासो के साथ िपणछले जन्मर् औरि कुछ अन्य लोगो मर्े पणहले से ही सिक्रय हो गया है .

भारितिीय धमर्र्प के इितिहास मर्े एक कंु डलिलनी सिक्रयण के मर्ाध्यमर् से प्राप्ति करि ली extrasensory क्षमर्तिा वाले लोगो के असंख्य उदाहरिण िमर्ल सकतिे है.

संजय शक्ताही मर्हल मर्े बिैठा है जो िक मर्हाभारिति यद्ध ु मर्े जगह ले जा रिहा था के रिाजा धति ृ रिाष्ट एक भाग िटप्पणणी दे दी है .

चैतिन्य मर्हाप्रभु भगवान श्री कृष्ण के Lilabhumi (जगह जहां पणरिमर्ात्मर्ा खेल बिाहरि िकए गए) दे खा था. वह बिंगाल से वंद ृ ावन के िलए चला गया औरि यह एक तिीथर्प स्थल के रूपण मर्े स्थािपणति है .

जबि स्वामर्ी िववेकानंद ने इंग्लैडल मर्े था वह जमर्शक्तेदजी टाटा जो वहाँ गया था एक लोहे के कारिखाने की

स्थापणना की अनमर् ु िति प्राप्ति करिने से मर्ल ु ाकाति की. टाटा स्वामर्ीजी से मर्ल ु ाकाति की औरि स्वामर्ीजी से पणछ ू ा

िक वह कहाँ लौह अयस्क, कोयला औरि पणानी की पणयार्पप्ति मर्ात्रा मर्े िमर्ल सकतिा है . स्वामर्ीजी अपणने िदव्य मर्सा के साथ टाटा पणूछा सक्ची नदी के तिट पणरि िबिहारि के िसन्हा भूिमर् ियोजले मर्े अपणने कारिखाने की स्थापणना

की. उस क्षेत्र मर्े स्वामर्ीजी ने कहा, आपण पणयार्पप्ति कच्चे मर्ाल के िलए अपणने कारिखाने की स्थापणना की सामर्ग्री िमर्ल जाएगा.

स्थल ू शक्तरिीरि औरि मर्ानिसक क्षेत्र मर्े कई चक्र, ग्रंिथयो, plexuses, Naadis औरि उनकी ऊर्जार्प का िदव्य प्रवाह है. सकल भौितिक शक्तरिीरि मर्े इन कुछ लोगो के बिीच रिहे है औरि दस ू मर् औरि आकियोस्मर्क िनकायो मर्े ू रिो को सक्ष्

है. आदे शक्त मर्े इन 3 िनकायो को सिक्रय करिने के िलए एक तिपणस्या औरि िविभन्न स्तिरिो के यौिगक प्रथाओं

प्रदशक्तर्पन िकया है . लेिकन अगरि इन साधना एक खुद की सत्तिा पणरि िलया जातिा है तिो यह समर्य की एक बिहुति


लेतिा है औरि भी किठनाइयो से भरिा है . लेिकन अगरि एक सकल, सक्ष् ू मर् औरि कारिण शक्तरिीरि को सिक्रय करिने

के िलए िकसी की मर्दद हो जातिा है तिो लंबिी जिटल तिपणस्या के दौरि से गज ु रि के बिजाय, एक एक अपणेक्षाकृति कमर् समर्य अविध मर्े आध्याियोत्मर्क लाभ प्राप्ति करि सकतिे है. यह साधारिण नहीं कहा जाना चािहए.

उपणरिोक्ति पणंियोक्तियो मर्े केवल उन तिथ्यो पणरि िवचारि - िवमर्शक्तर्प िकया गया है जो शक्तरिीरि औरि मर्न के अिधकारि क्षेत्र के अंतिगर्पति आतिे है. यिद इन आध्याियोत्मर्क तिो िवकिसति करि रिहे है एक कंु डलिलनी पणूजा (दे वी नाग पणावरि)

मर्े असाधारिण सफिलतिा पणा लेतिा है . इसके अलावा 2 अन्य क्षेत्रो ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना औरि ब्रह्मर् चेतिना कहा जातिा है. आदे शक्त मर्े उन्हे सशक्तक्ति करिने के िलए आत्मर्ा िबिजली की लहरिो को बिहुति मर्दद की है .

प्रकृिति (मर्ाँ प्रकृिति) ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना है . िलिखति िवद्वानो यह मर्ाया (भगवान की मर्ाया शक्तियोक्ति) कहतिे है.

अपणने आंदोलनो प्रत्यक्ष औरि ठीक से दिु नया की गिति​िविधयो का प्रबिंधन. ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना (प्रकृिति) के

सतिही coverings खोलने से वैज्ञािनको ने कई आिवष्कारि औरि खोजो बिना िदया है . लेिकन एक गप्ु ति िवज्ञान के पणहाड़ के बिाद जो कुछ भी आधुिनक िवज्ञान के द्वारिा प्राप्ति िकया गया है एक सरिसो के बिीज के आकारि की तिुलना करि सकतिे है अभी तिक की खोज की जा रिह है . वहाँ इतिना अभी तिक शक्तेष है िक सामर्ने

आया की जरूरिति है . यह संभव है िक इस खोज के तिकनीकी उपणकरिण औरि मर्शक्तीनो के साथ नहीं िकया जा सकतिा है . इसिलए आदमर्ी जागति ृ चेतिना का स्तिरि इतिना सूक्ष्मर् है िक यह एक बिहुति पणारिदशक्ती कांच के टुकड़े की तिरिह मर्ाँ प्रकृिति (प्रकृिति) के गहरिे recesses दे ख सकतिे है होना चािहए. इस चरिण मर्े कंु डलिलनी के क्षेत्र मर्े चमर्क बिनाने के द्वारिा प्राप्ति िकया जा सकतिा है .

बिच्चे के प्रसव के शक्ताखा ऐसी है िक यह संभोग करिने के िलए सीिमर्ति िकया जा रिहा है के बिजाय यह जीन औरि क्रोमर्ोसोमर् के क्षेत्र को शक्तािमर्ल िकया गया है . िवज्ञान की इस शक्ताखा जेनेिटक्स कहा जातिा है . आमर्तिौरि पणरि अन्य पणित क्षयो औरि जानवरिो भी आदमर्ी begets बिच्चो लेिकन आदमर्ी की तिरिह अपणने बिच्चो मर्े उच्च

समर्तिल िवशक्तेष गण ु बिनाने की क्षमर्तिा नहीं है . इसमर्े कोई शक्तक नहीं िक एक मर्ातिा िपणतिा की त्वचा, शक्तरिीरि मर्े

आँखो आिद के आकारि के रिं ग दे ख सकतिे है लेिकन क्या एक नवजाति बिच्चे की आंति​िरिक चिरित्र होना चािहए करि सकतिे है? क्या िवशक्तेष गण ु बिच्चे के भीतिरिी व्यियोक्तित्व मर्े चमर्क चािहए? एक साधारिण आमर् आदमर्ी की

यह सबि aptly कभी नहीं न्यायाधीशक्त लेिकन एक जग कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) अपणने मर्न की इच्छा को पणरिू ा करि सकतिे है करि सकतिे है. भारितिीय पणौरिािणक कथाओं मर्े (पणरिु ाण) वहाँ एक मर्ाँ के innumerous

उदाहरिण संभोग के िबिना गभर्पवतिी बिनने है औरि यह उस व्यियोक्ति द्वारिा िकए गए गहन आध्याियोत्मर्क


प्रथाओं के आधारि पणरि सक्ष् ू मर् िदव्य शक्तियोक्तियो को आकिषर्पति करिने के द्वारिा ही संभव था. इस तिरिह के एक नवजाति बिेबि हमर्ेशक्ता चमर्क औरि िदव्य मर्िहमर्ा से भरिा था.

कंु तिी सय ू र्प (सूयर्प) िबिजली, धमर्र्परिाज से युिधियोष्ठरि, भीमर् वायु से, िकसी भी यौन संघ के िबिना इंद्र से अजन ुर्प के

साथ कणर्प को जन्मर् िदया. मर्ाद्री उसके सह पणत्नी भी इस रिहस्य िवज्ञान पणढाया जातिा था औरि अियोश्वनी

कुमर्ारि की शक्तियोक्ति के मर्ाध्यमर् से एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े नकुल औरि सहदे व को जन्मर् िदया. उसी तिरिह अंजनी वायु शक्तियोक्ति के साथ हनुमर्ान को जन्मर् िदया. इस प्रकारि 21 की आधुिनक िवज्ञान के क्षेत्र मर्े जेनेिटक इंजीिनयिरिंग के उन प्रयोगो

सदी ऊर्पणरि पणौरिािणक उदाहरिण के िलए तिुलना मर्े बिहुति dwarfish लगतिे है. न केवल इस लेिकन सिक्रय extrasensory क्षमर्तिा के साथ आध्याियोत्मर्क प्रयोग असाधारिण बिच्चो सेट

के मर्ाध्यमर् से प्राचीन समर्य मर्े जन्मर् िलया है . भगवान रिामर् औरि उसके 3 भाइयो Putreshti यज्ञ का एक

पणिरिणामर् के रूपण मर्े पणैदा हुए थे. धपण ु द एक यज्ञ के मर्ाध्यमर् से द्रौपणदी औरि धष्ृ टद्युम्न begetted. द्रौपणदी असाधारिण सौंदयर्प, भेदभाव, औरि उद्यमर् के पणास. धष्ृ टद्युम्न मर्हाभारिति युद्ध के दौरिान पणांडलव सेना के आमर्ी चीफि था.

Vritrasur भी एक यज्ञ के िनष्पणादन की वजह से पणैदा हुआ था. कोई हिथयारि उसे मर्ारि सकतिा है . यह केवल वज ऋषिष Dadeechi (आध्याियोत्मर्क सिक्रय थे) हिड्डलयो जो Vritasur मर्ारि सकतिा से बिनाया था. सिक्रय जीवन शक्तियोक्ति का एक वातिावरिण मर्े तिीव जीवन शक्तियोक्ति तिीव तिपणस्या के मर्ाध्यमर् से िबिजली उत्पणन्न नवजाति

babes मर्े िवशक्तेष चमर्क सिक्रय करि सकतिा है . इस आधारि पणरि ऋषिष मर्े लव - कुशक्त पणैदा हुए थे वाल्मर्ीिक आश्रमर्, मर्हिषर्प कण्व आश्रमर् मर्े भारिति, असाधारिण चमर्क के साथ मर्हिषर्प जमर्दियोग्न आश्रमर् आिद मर्े Vatsaraj उदयन.

ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना (प्रकृिति) के संदभर्प के साथ एक पणारिं पणिरिक प्रणाली है . ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना एक सीिमर्ति या व्यापणक बिदलाव के बिारिे मर्े ला सकतिा है के स्पणशक्तर्प के कारिण. इस तिरिीके मर्े अगरि आदमर्ी इतिना इच्छाओं वह

अपणनी आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्तियो की मर्दद के साथ आवश्यक औरि उपणयोगी ब्रह्मर्ांडल के भग ू ोल मर्े पणिरिवतिर्पन के बिारिे मर्े ला सकतिे है. काफिी हद तिक ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना से प्रभािवति हो जातिा है .


दित क्षणेश्वरि मर्े चेतिना की प्रकृिति पणरि प्रभाव की चचार्प थी. एक भक्ति ने कहा िक मर्ाँ प्रकृिति संयंत्र की एक

सामर्ान्य िवशक्तेषतिा के कारिण ही फिूल का एक प्रकारि दे , लेिकन चेतिना के प्रभाव के एक ही पणौधे पणरि फिूलो की एक से अिधक िकस्मर् दे सकतिा करि सकतिे है? पणरिमर्हं स ने कहा: चेतिना के स्तिरि पणरि यह संभव है लगभग पणिरिवतिर्पन के सभी प्रकारि के बिारिे मर्े लातिे है.

जबि अगले िदन कुछ भक्तिो पणहुंचे वे गुलाबि के 2 अलग अलग रिं ग के साथ ही गल ु ाबि का पणौधा दे खा. एक लाल रिं ग मर्े थी औरि दस ु कुरिाया. ू रिी सफिेद था. िवस्मर्य मर्े जबि वे Paramhansji आया था, बिाद केवल मर्स् मर्हान संतिो, जो िदव्य शक्तियोक्ति का पणूरिा करि रिहे है के िलए यह सबि बिहुति ही साधारिण है , अभी तिक के क्रमर् मर्े वे

ऐसे अदति ु feats प्रदशक्तर्पन laymen के िदलो मर्े आत्मर्ा की चेतिना (भगवान) के बिारिे मर्े िवश्वास पणैदा करिने के िलए. यह सभी exhibitionism नहीं है औरि यह कभी नहीं करिना चािहए एक िदव्य शक्तियोक्तियो िदखा िकया.

भागीरिथ के प्रिसद्ध कथा जो तिपणस्या के मर्ाध्यमर् से स्वगर्प से पणथ् ृ वी पणरि गंगा नदी लाया हमर्े बितिातिा है िक कैसे

वह एक ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना औरि मर्ानव चेतिना पणरि शक्तासन करि सकतिे है यह कैसे के साथ बिन गया है . उसकी तिपणस्या की शक्तियोक्ति के मर्ाध्यमर् से अत्री पणत्नी Anasuya मर्ानसरिोवरि की एक धारिा से सहायतिा प्राप्ति करिने के िलए मर्ंदािकनी के रूपण मर्े िचत्रकूट क्षेत्र मर्े प्रवाह. इन सभी घटनाओं पणरि enumerated है यहाँ िदखाने के

िलए कैसे मर्हत्वपणूणर्प इन उदाहरिणो जो आमर्तिौरि जो जो केवल ठोस सबिूति मर्े िवश्वास द्वारिा की अनदे खी करि रिहे है. इन सभी प्राकृितिक पणिरिवतिर्पनो संभव आज भी करि रिहे है.

ब्रह्मर् चेतिना भगवान चेतिना का पणयार्पय बिन गया है . यह ब्रह्मर्ांडल के भगवान है . केवल यही नहीं, लेिकन यह मर्ाँ प्रकृिति औरि अपणने स्वयं के कलाकारिो के साथ मर्नुष्य के शक्तरिीरि imbued गया है . जहान मर्े जो भी है

(ब्रह्मर्ांडल) सक्ष् ू मर् जगति (व्यियोक्तिगति) मर्े है . सभी व्यापणक आत्मर्ा मर्े जो कुछ भी है (भगवान) व्यियोक्ति की आत्मर्ा (आदमर्ी) मर्े है .

भगवान एक एकल इकाई की तिरिह नहीं है . क्योिक असंख्य सकल, सक्ष् ू मर् औरि आकियोस्मर्क िनकायो उसे

करिने के िलए संयुक्ति रिहे है. इनमर्े से कुछ बिहुति ही साधारिण कद के है औरि बिाकी िदव्य शक्तियोक्तियो का पणूरिा करि रिहे है. लेिकन उनमर्े से कोई भी स्वतिंत्र है. वे ब्रह्मर् (भगवान) बिस के रूपण मर्े कई मर्ोतिी एक ही धागे मर्े

िपणरिोया जातिा है करिने के िलए एकजुट हो रिहे है. िबिजली सभी जिटल तिारिो के बिीच यात्रा औरि इस तिरिह


िबिखरिे हुए हो जातिा है . इस िबिजली के वतिर्पमर्ान बिस के बिारिे मर्े हरि जगह है औरि लाभकारिी लक्ष्यो के िलए उपणयोग िकया जा सकतिा है . इस तिरिीके मर्े कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना (पणैरिा प्रकृिति) के हरि क्षेत्र के िलए न केवल लेिकन संबिंिधति यह सभी statures है िक भगवान के िलए एकजट ु हो रिहे है

आत्मर्ा को िमर्लना करि सकतिे है िविशक्तष्ट आवश्यकतिाओं पणरि आधािरिति है . एक िरिश्तिे की स्थापणना के एक लक्ष्य के िबिना नहीं है . क्योिक इसके पणीछे मर्हत्वपणण ू र्प कारिण है औरि इस िरिश्तिे के साथ इन लक्ष्यो को

मर्हसस ू करि रिहे है. यह एक िवशक्ताल उपणलियोब्ध है . यिद एक आकांक्षी का एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े प्रकृिति

(प्रकृिति) औरि भगवान की हरि यिू नट के साथ एक संबिध ं स्थािपणति इस उपणयोगी कायर्प िनष्पणािदति करितिा है तिो यह केवल आग की उपणयोिगतिा है जो ईंधन के साथ एकजुट िचंगारिी के पणिरिणामर् की तिल ु ना मर्े िकया जा सकतिा है .

एक मर्ुद्रा के मर्ाध्यमर् से एक िकसी भी शक्तहरि मर्े औरि िकसी भी व्यियोक्ति के िलए एक टे लीफिोन कनेक्शक्तन प्राप्ति करि सकतिे है. उसी तिरिह जबि आपण आत्मर्ा की चेतिना (भगवान) िमर्लना, आपण पणूरिी दिु नया के िकसी भी व्यियोक्ति को संदेशक्त, िनदे शक्त, अनुरिोध, आदे शक्त भेजने के िलए औरि अपणनी क्षमर्तिा औरि इच्छा वह एक जवाबि भी िमर्ल सकतिा है के आधारि पणरि करि सकतिे है.

ब्रह्मर् केद्र Brahmarandhra (खोपणड़ी क्षेत्र) है . यहाँ यह है िक एक सहस्रारि कमर्ल (1000-petalled कमर्ल) पणातिा है . यह भी कहा जातिा है उत्तिरिी धव ु . ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना (प्रकृिति चेतिना) हमर्ारिे शक्तरिीरि के Mooladhar चक्र (जाल) मर्े मर्ौजद ू है . यह िबिजली हस्तिांतिरिण की जड़ स्रोति है . Mooladhar चक्र सहस्रारि कमर्ल

Merudand Devyaan मर्ागर्प के मर्ाध्यमर् से जड़ ु े हुए है . यह भी Brahmadand है . यह भी है ित्रवेणी 6 चक्र

(3 गुना केन्द्र िबिन्द ु) संगमर् (plexuses), आईडलीए, िपणंगला औरि सष ु ुम्ना. कंु डलिलनी िवज्ञान के सभी इस चचार्प इस प्राचीन िवज्ञान के मर्हत्व के रिहस्यो का खुलासा, आध्याियोत्मर्क तिपणस्या के मर्ाध्यमर् से असंभव को प्राप्ति करिने के उद्देश्य से िकया गया था औरि मर्ानव मर्ानव चेतिना को िनयंित्रति करिने की क्षमर्तिा का वणर्पन है .

ग्यारिह अध्याय दे वी कंु डलिलनी, Mooladhar चक्र मर्े समर्ाया रिहने वाला


कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) िवद्युति ऊर्जार्प, शक्तियोक्ति, औरि चमर्क की तिुलना की गई. एक िलिखति सूत्र मर्े यह के रूपण मर्े िबिजली की लाइन के रूपण मर्े प्रितिभाशक्ताली होने के िलए कहा है . इसे एक सूत्र मर्े कहा जातिा है िक कंु डलिलनी िदव्य Vaishwanar आग औरि एक तिीव आग की लौ जैसा है .

Yogakundalyopanishad मर्े यह कहा जातिा है :

िक कंु डलिलनी आत्मर्ा चमर्क औरि ब्रह्मर् चमर्क के रूपण मर्े Mooladhar चक्र के केद्र मर्े बिसतिा है . यह चमर्क के रूपण मर्े हमर्ारिे जीवन शक्तियोक्ति औरि जीवन शक्तियोक्ति है .

यह Mahayog Vijnan मर्े उसी तिरिह है िक कहा जातिा है :

Mooladhar चक्र मर्े आत्मर्ा प्रकाशक्त आग के रूपण मर्े प्रकट होतिा है . Svadhishthan चक्र मर्े यह मर्ँग ू े की एक गोली मर्ारि के रूपण मर्े प्रकट होतिा है . मर्िणपणरिु चक्र मर्े यह िबिजली की तिरिह चमर्कतिा है . Nabhi चक्र मर्े यह िबिजली की रिोशक्तनी की तिरिह है . Anahat चक्र यह एक phallus का आकारि की तिरिह है , सफिेद रिं ग के रूपण औरि

Taalu चक्र मर्े Vishudhi चक्र मर्े एकतिा औरि िनरिाकारि के एक अनभ ु व है . Bhroo चक्र मर्े यह हमर्ारिे अंगठ ू े

के आकारि की लौ की तिरिह है . Ajna चक्र मर्े यह धम ू पणान की लौ की तिरिह औरि एक शक्तानदारि कुल्हाड़ी की तिरिह सहस्रारि मर्े है .

ऊर्पणरि प्रतिीकात्मर्क वणर्पन कंु डलिलनी मर्हाशक्तियोक्ति के िवद्युति शक्तियोक्ति की एक झलक है . बिेशक्तक, वैज्ञािनक

अनुसंधान औरि एक सबिूति के आधारि पणरि मर्ानव िबिजली की एक तिीव भाग के रूपण मर्े कंु डलिलनी कॉल करि सकतिे है. गन पणाउडलरि या तिो हािनरि​िहति पणटाखे जल मर्े या िवशक्ताल पणहाड़ो बिंद डलायनामर्ाइट झटका की तिरिह मर्दद करि सकतिे है. िबिजली का एक हल्का फिामर्र्प चेहरिे पणरि या शक्तरिीरि औरि इसकी अिधक तिीव रूपण का एक प्रभामर्ंडलल 3 खोलने के द्वारिा दे खा जा सकतिा है के रूपण मर्े दे खा जा सकतिा है

तिीसरिी

िशक्तव की आंख है जो रिाख

मर्े जला िदया गया था Kaam दे व (कामर्दे व). Vyaadh दमर्यंतिी अिभशक्तापण का एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े जलकरि रिाख हो सकतिा है . रिाजा सागरि के अिनयंित्रति बिेटो के हजारिो जलकरि रिाख हो सकतिा है . इंद्र औरि


चंद्रमर्ा एक गौतिमर् अिभशक्तापण के कारिण पणतिन का अनुभव करि सकतिे है. यादव कबिीले दव ु ार्पसा शक्तापण की वजह से नष्ट हो सकतिा है . यह मर्ानव िबिजली कंु डलिलनी है िक एक भयानक रूपण ले सकतिा है . यह भी एक

"आध्याियोत्मर्क बिारूद." बिल ु ाया जा सकतिा है साधारिण ऊर्जार्प एक व्यियोक्ति के हरि रिोमर्कूपण मर्े मर्ौजद ू है . लेिकन यह मर्ियोस्तिष्क, हृदय औरि जननांगो (Mooladhar चक्र) मर्े औरि अिधक ध्यान केिद्रति िकया है . वैिदक भाषा

मर्े इन 3 आग Ahitagni Dakshinagni, औरि Gahrpatyagni कहा जातिा है . यह भी है मर्हाकाली, Mahachandi, औरि Mahadurga (3 दे वी). लंबिे समर्य मर्हत्वपणण ू र्प शक्तियोक्ति के दो साधारिण ऊर्जार्प व्यियोक्तियो की िनकटतिा के कारिण छोटे से जीवन शक्तियोक्ति को प्रभािवति करितिा है . पणिवत्र या नीच संघ के कारिण प्रभाव

अच्छा है या बिुरिा है . एक पणुरष औरि एक मर्िहला के संघ ऊर्जार्प के इस िदव्य खेल है . तिपणस्या के एक आदमर्ी यह बिहुति योग आग पणरि तिपणस्या करितिा है . पणेट की आग (Jatharagni) खाना हज़िमर् औरि यह वीयर्प गठन के चरिण के िलए ले जातिा है . पणुरषो औरि मर्िहलाओं के यौन जुनून की आग (कामर्ाियोग्न) से उत्तिेियोजति एक लौ मर्े

एक कीट की तिरिह खुद को जला. भाषण की आग (वाणी अियोग्न) या िमर्त्रो के दश्ु मर्नो अच्छा / बिुरिा भाषण के साथ बिनातिा है . Ojas तिेजस, औरि Varchas की चमर्क सभी मर्नुष्यो मर्े प्रितिभा भी शक्तािमर्ल है . की आग

ब्रह्मर् (Brahmagni) सहस्रारि कमर्ल (1000-petalled कमर्ल) मर्े बिसतिा है औरि व्यियोक्ति की आत्मर्ा पणरिमर्ेश्वरि की दृियोष्ट दे तिा है . भावनाओं के िदल मर्े आग (Bhavagni) दया, दोस्तिी, सेवा आिद Kaalagni के भाव या समर्य की आग से मर्ौति लातिी है के रूपण मर्े प्रकट होतिा है . सस् ु तिी की आग (Mandaagni) सस् ु तिी औरि मर्नुष्य

मर्े रिोगो लातिी है . मर्ानव शक्तरिीरि मर्े इस प्रकारि के असंख्य आग. आज के आधुिनक सामर्ग्री िवज्ञान 13 ऐसी आग का वणर्पन करितिा है . वे सबि के सबि अपणने स्वयं के िवशक्तेष गण ु है . इनमर्े मर्हत्वपणूणर्प बिल आग कंु डलिलनी है

जो जीवन शक्तियोक्ति, साहस औरि तिाक़ति मर्े मर्ानव जािति मर्े abounds है . यह मर्ाना जातिा है िक ऊर्जार्प के इस

अव्यक्ति स्रोति 6 आदमर्ी के सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि मर्े मर्ौजद ू तिाले की कोठरिी मर्े बिंद करि िदया है . इन 6 तिाले 6 (plexuses) चक्र है जो एक िवद्युति प्रवाह, एड़ी या plexuses के रूपण मर्े शक्तरिीरि मर्े मर्ौजद ू है. िलिखति िवद्वानो चक्र औरि एक बिहुति ही प्रतिीकात्मर्क तिरिीके मर्े कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) की बिाति की है .

शक्ताम्भिव तिंत्र का मर्ानना है िक बिस के रूपण मर्े आपण अपणने घरि मर्े प्रवेशक्त करिने के िलए एक औरि उसी तिरिह

आदमर्ी मर्े लॉक कंु जी का उपणयोग करि सकतिे है औरि ऊर्पणरि सष ु ुम्ना पणथ के मर्ाध्यमर् से कंु डलिलनी जागरिण ब्रह्मर्लोक मर्े प्रवेशक्त करि सकतिे है. Taitereya Aryank, चक्र Devlok कहा जातिा है . जबि​िक Soundarya

लािहड़ी मर्े यह कंु डलिलनी शक्तियोक्ति का वणर्पन आिद शक्तंकरिाचायर्प ने कहा है िक Ajna चक्र औरि सहस्रारि ब्रह्मर्, ब्रह्मर्लोक औरि वह भगवान मर्े तिैरितिी "कैसे का प्रिति​िनिधत्व करितिे है.

इस वणर्पन इस प्रकारि है : -


हे कंु डलिलनी, पणथ्ृ वी मर्े Mooladhar, Svadhishthan मर्े आग, मर्िणपणुरि मर्े पणानी, Anahat मर्े हवा,

Vishudhi मर्े अंति​िरिक्ष को सिक्रय करिने के द्वारिा आपण Ajna चक्र मर्े मर्न को प्रकाशक्त दे . से अिधक है औरि यह आपण सहस्रारि कमर्ल मर्े पणरिमर्ेश्वरि के साथ खेल के ऊर्पणरि. मर्े योग दशक्तर्पन सत्र ू 36 की समर्ािध PAAD यह कहा जातिा है :

जबि िदव्य प्रकाशक्त कंु डलिलनी blazes शक्तानदारि ढं ग से पणुरषो के सभी द :ु ख पणरि काबिू पणाने के.

िहंद ू धमर्र्प के 33 करिोड़ रपणए या 33 कोिट डलेमर्ी - दे वतिाओं की बिाति करितिी है . 33 घटको या मर्नका संरिचनाओं

की तिरिह Merudand (रिीढ की हड्डली) पणरि पणाया के अनुरूपण. ये कशक्तेरक कहा जातिा है . Merudand एक साँपण के आकारि का है . हरि 2 कशक्तेरकाओं के बिीच वहाँ कशक्तेरकाओं का समर्थर्पन करितिा है जो मर्ांस के एक िबिस्तिरि है .

इसिलए यह प्रकृिति मर्े लोचदारि है औरि अपणनी धरिु ी पणरि यह िकसी भी िदशक्ता मर्े बिारिी बिारिी से करि सकतिे है. यह 5 1 भागो मर्े िवभाियोजति िकया जा सकतिा है ) ग्रीवा - 7 2 कशक्तेरक) छातिी-12 काठ का कशक्तेरक 3) - 5 ित्रक कशक्तेरक 4) - 5 5 कशक्तेरक) carksegial कशक्तेरकाओं 4. इन 33 भागो मर्े एम्बिेडलडल े क्षमर्तिा दे वत्व की तिुलना मर्े है .

इसमर्े कोई शक्तक नहीं Merudand खोखले (झरिझरिा) है , लेिकन यह एक ड्रमर् की तिरिह उथले नहीं है . यह एक मर्ियोस्तिष्क मर्ज्जा पणातिा है . बिाएँ / सही पणक्ष पणरि हरि कशक्तेरक यानी की पणीठ मर्े छल्ले के आकारि का छे द ियोजसमर्े

से बिड़ा नसो जो कुछ भी नहीं है , लेिकन छोटे नसो की एक गच् ु छा उभरिने है. Merudand के िनचले िहस्से के एक शक्तंकु के आकारि का है औरि जािति टिमर्र्पनल कहा जातिा है .

अिधक कशक्तेरकाओं कुछ अिधक व्यापणक वे करि रिहे है क्षेत्रो मर्े छोटे है. वे खोखले अंदरि नहीं करि रिहे है औरि एक दस ू रिे के िलए एकजुट है. इन 4 कशक्तेरक एक अंडला या एक फिूल की कली के आकारि के रूपण मर्े एकजुट हो

जाएं. ये carcix कहा जातिा है . इस गे द को कंु डलिलनी योग मर्े कांडल "कहा जातिा है औरि भी Svayambhoo िलंगा कहा जातिा है .


क्षेत्रीय दृियोष्टकोण से चक्र इस प्रकारि के रूपण मर्े नािमर्ति करि रिहे है. ) 1 मर्िणपणुरि Mooladhar 2) 3 Svadhishthan))) 4 Vishudhi Anahat 5). Merudand इस िबिंद ु पणरि समर्ाप्ति होतिा है . Ajna चक्र आइब्रो औरि सहस्रारि खोपणड़ी के केद्र मर्े है के बिीच है .

जबि हमर् शक्तब्दो चक्र सिक्रयण, शक्तुिद्ध, जागिृ ति आिद का उपणयोग इसका मर्तिलबि यही है िक इन गुप्ति केन्द्रो की ऊर्जार्प क्षमर्तिा प्रकट िकया जा रिहा है .

यहाँ एक गहरिाई से समर्झतिे है िक िलिखति क्षेत्र मर्े शक्तारिीिरिक िवज्ञान (शक्तरिीरि रिचना) सक्ष् ू मर् िवज्ञान के एक फिामर्र्प के रूपण मर्े दे खा जातिा है . स्थल ू शक्तरिीरि केवल सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि की एक छाया है . कभी भी िकसी भी सकल अंग चािहए सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि के िलए सहसंबिद्ध. लेिकन यह केवल एक छिव औरि एक प्रिति​िनिध के रूपण मर्े पणरि

चािहए दे खा जाना. स्थल ू शक्तरिीरि के अंगो मर्े से कोई भी िकसी भी िदव्य आध्याियोत्मर्क शक्तरिीरि िवज्ञान मर्े विणर्पति शक्तियोक्तियो का है . स्थल ू शक्तरिीरि से आपण केवल उन सक्ष् ू मर् शक्तियोक्तियो का एक बिेहोशक्त झलक िमर्ल सकतिी है .

शक्तब्द Mooladhar 2 भागो से बिना है . मर्ूल - Adhar. मर्ूल जड़ बिेस के साथ, औरि Adhar का मर्तिलबि है

समर्थर्पन का मर्तिलबि है . क्योिक यह जीवन शक्तियोक्ति का बिुिनयादी समर्थर्पन है िक इस क्षेत्र Mooladhar कहा जातिा है . क्योिक यह सूक्ष्मर् दिु नया मर्े है यह अदृश्य है . अदृश्य प्रतिीकात्मर्क अंक स्थूल शक्तरिीरि मर्े मर्ौजद ू है.

Ajna चक्र की िदव्य दृियोष्ट के िलए उदाहरिण के िलए स्थूल शक्तरिीरि मर्े कामर् के रूपण मर्े 2 आँखो पणीयूिषका औरि चीटीदारि ग्रंिथ मर्े दे खा जातिा है . ब्रह्मर्ा चक्र के क्षेत्र मर्े हमर्ारिे िदल कामर् पणरि है . Mooladhar की ित्रक plexus Merudand (रिीढ) मर्े दे खा जातिा है . अपणनी आध्याियोत्मर्क गुणवत्तिा की वजह से यह उपणयुक्ति है िक यह है

िक ियोस्थिति औरि मर्िहमर्ा पणा लेतिा है . Mooladhar प्राण (मर्हत्वपणूणर्प बिल) का स्रोति है , लेिकन इसकी व्यापणक स्वभाव, व्यवहारि औरि िवतिरिण समर्ारिोह केवल Merudand के मर्ाध्यमर् से संभव है .

Mooladhar बिस के ऊर्पणरि औरि थोड़ा Svadhishthan चक्र नीचे anatomists के अनुसारि िगरिाया हुआ ग्रंिथ है . यहाँ वीयर्प केद्र ियोस्थति है . लहरिो यौन जुनून इस लातिी क्षेत्र से िनकलतिी है . इसके द्वारिा उत्सियोजर्पति हामर्ोन शक्तुक्राणु उत्पणादन के िलए ियोजम्मर्ेदारि है. मर्िहलाओं के गभर्प मर्े भी इस क्षेत्र मर्े िनिहति है . सष ु ुम्ना के िनचले

क्षेत्र मर्े काठ औरि ित्रक plexus िनिहति है . इन 2 plexuses मर्त्र ू उत्सजर्पन औरि जननांगो के यौन जुनून को िनयंित्रति करितिे है. अगरि इस क्षेत्र मर्े एक आंदोलन है , या तिो एक या दोनो समर्ारिोह मर्े बिाधा उत्पणन्न करि रिहे


है. यह इस क्षेत्र है िक अिति​िरिक्ति पणेशक्ताबि की िचिकत्सा समर्स्याओं, अिति​िरिक्ति कामर्वासना के स्रोति से है . यह जीवन के सभी उपणयोगी प्रेरिणास्त्रोति क्षेत्र है औरि यह भी कांडल Kurd, या Kaam बिीज (यौन जन ु न ू के बिीज)

कहा जातिा है . कांडल भी एक औरि Kurma (कछुआ) नामर् है . यह Kurma भगवान का अवतिारि यानी कछुआ

अवतिारि के प्रिति​िनिध है . वापणस लेने औरि अपणने पणैरि खींच अपणनी गिति​िविध की वजह से यह िदव्य शक्तियोक्तियो का प्रतिीक होने के िलए कहा जातिा है . कांडल क्षेत्र के आकारि िक एक अंडले की तिरिह है . यह एक कछुआ औरि हाथो औरि पणैरिो के वापणस ले िलया रिाज्य की तिल ु ना मर्े है . समर्द्र ु की कथा मर्े मर्ंथन रिॉडल मर्ंथन Mandarachal पणहाड़ था. प्रभु Kurma कछुए के रूपण मर्े इस पणहाड़ के नीचे बिैठ गया औरि अपणने कंधो पणरि अपणने वजन िलया. यह औरि कांडल क्षेत्र या कछुआ के भीतिरि की दिु नया के मर्ंथन की सत्तिा के िलए एक प्रतिीकात्मर्क वणर्पन है .

मर्हान िवचारिको 6 चक्र के सकल पणहलू के रूपण मर्े हामर्ोन केन्द्रो (ग्रंिथयो) सहसंबिद्ध है . उन्हे पणुरषो औरि

मर्िहलाओं मर्े के अनुसारि एक इन चक्रो मर्े िबिजली बिहने का एक िवकिसति रूपण मर्े दे खतिा है . पणुरषो मर्े यह steadfastness के रूपण मर्े औरि कोमर्लतिा के रूपण मर्े मर्िहलाओं मर्े है . इसके अलावा, यह एक जीिवति िकया जा

रिहा है की सामर्ान्य गिति​िविधयो के एक मर्ात्र झलक है . यह एक overstatement इन endocrine ग्रंिथयो फिोन नहीं है िक जाद ू बिक्से के रूपण मर्े िछपणाना हामर्ोन है . िनम्निलिखति 6 हामर्ोन ग्रंिथयो है: 1) पणीिनयल

(हामर्ोन - ceratonin औरि melatonin)) 2 िपणट्यूटरिी (विृ द्ध हामर्ोन)) 3 (थायरिोियोक्सन) 4) थायरिाइडल थाइमर्स (प्रजनन हामर्ोन) 5) (adrenalin ACTH) 6) adrenals gonads ( टे स्टोस्टे रिोन औरि एस्टोजेन).

साधारिणतिः साँपण कंु डलिलनी औरि Ajna, सहस्रारि आिद की तिरिह चक्र की तिरिह एक अव्यक्ति रिाज्य मर्े आमर् तिौरि पणरि करि रिहे है. गहरिी नींद या बिेहोशक्ती मर्े आदमर्ी भी प्रतिीति होतिा है जैसे िक वह मर्रि चक ु ा है . ऐसी हालति मर्े

वह सबि जागरूकतिा औरि चेतिना खो दे तिा है . यहां तिक िक अगरि कोई उसे लट ू तिा है िक वह बिारिे मर्े पणतिा नहीं है . यहां तिक िक अगरि उसके कपणड़े हटा रिहे है िक वह इसके बिारिे मर्े पणतिा नहीं है . लेिकन जबि वह जाग वह पणूरिी तिरिह से अपणने हो सकतिा है औरि उसकी भी घाटा के बिारिे मर्े पणतिा हो जातिा है .

शक्तारिीिरिक िवद्यति ु ऊर्जार्प की साधारिण प्रवाह एक अव्यक्ति अवस्था मर्े है , लेिकन अगरि यह उकसाया औरि साधना के मर्ाध्यमर् से सिक्रय है तिो वहाँ एक बिड़ा पणिरिवतिर्पन है .


जबि तिेज हवा बिांसुरिी के छे द िहट, यह एक ध्विन से उत्पणन्न है . इसी प्रकारि यिद तिेज हवाओं बिांस के पणेड़ो का एक बिड़ा समर्ह ू मर्ारिा, एक जंगल आग पणीछा करि सकतिे है.

एक सूखी पणियोत्तियो, घास, धल ू आिद तिेजी से चलतिी रिे लगाड़ी के बिाद चल रिहा है , कारिो आिद दे खने के िलए जबि पणानी की एक नदी मर्े िवशक्ताल चट्टानो के िखलाफि बिनूंगी तिो यह उच्च उगतिा है . जबि एक पणानी पणिहया के पणंखो िफिरि बिारिी बिारिी से एक भी गेहूं अनाज पणीसने के िलए गेहूं का आटा िमर्ल सकतिा है . जबि तिकनीकी

उपणकरिण एक झरिना है िक एक मर्हान ऊर्ंचाई से नीचे आतिा है से जुड़ा हुआ है , िबिजली उत्पणन्न होतिा है . Typhoons, तिफि ू ान, चक्रवाति, हमर्े उनके असाधारिण हो सकतिा है की एक स्वाद दे . इस प्रकारि जबि चक्र के

िलए उकसाया औरि सिक्रय करि रिहे है, औरि इस तिरिह सकल, सूक्ष्मर् औरि आकियोस्मर्क िनकायो उबिाल यानी सभी 3 िनकायो हमर्े अपणनी शक्तियोक्ति का पणिरिचय दे तिे है.

यह िविभन्न आध्याियोत्मर्क ग्रंथो मर्े कहा गया है :

उन डलेमर्ी - दे वतिाओं जो हमर्े भावना वस्तिुओं दे मर्ुियोक्ति कभी नहीं दे सकतिे है. जो आध्याियोत्मर्क मर्ोक्ष दे

भावना वस्तिुओं नहीं दे सकतिे है. लेिकन कंु डलिलनी शक्तियोक्ति हमर्े दोनो यानी भावना वस्तिुओं औरि मर्ियोु क्ति दे तिा है .

यह Mahayog Vijnan मर्े कहा जातिा है :

यिद एक व्यियोक्ति के Mooladhar शक्तियोक्ति सो रिहा है तिो उसकी पणूरिी दिु नया सो रिही है . लेिकन अगरि एक व्यियोक्ति कंु डलिलनी शक्तियोक्ति जागतिा है तिो उसकी िकस्मर्ति भी िखल जाएगा.

Mahatantra यिद यह कहा जातिा है :


यिद व्यियोक्ति कंु डलिलनी शक्तियोक्ति जागति ृ है तिो उसकी Vaikhari, Madhyama PARAÃ औरि Pashyanti वाणी (भाषण) भी जागतिा है . इस तिरिह के एक व्यियोक्ति के भाषण हमर्ेशक्ता सच आतिा है .

योिगनी तिंत्र मर्े यह कहा जातिा है :

के रूपण मर्े जल्द ही के रूपण मर्े कंु डलिलनी िक व्यियोक्ति के भीतिरि भव्यतिा जागतिा है औरि मर्िहमर्ा स्पणष्ट रूपण से मर्ाना जा सकतिा है .

वहाँ मर्हाभारिति ियोजसमर्े भीष्मर् िपणतिामर्ह मर्े एक प्रिसद्ध घटना अपणने नश्वरि फ्रेमर् दे जबि सरिू ज दित क्षणायन मर्े

था करिने के िलए तिैयारि नहीं था. वह उत्तिरिायण मर्े मर्रिने की कामर्ना की. इसिलए वह Devyan मर्ागर्प चुना दस ू रिी दिु नया तिक पणहुँचने. यहां भी वहाँ कंु डलिलनी की एक घटना है . दित क्षणायन कंु डलिलनी की आग है औरि

उत्तिरिायण िसरि क्षेत्र मर्े Brahmarandhra की ऊर्जार्प है . Devyan Merudand का पणथ है . भीष्मर् की कंु डलिलनी जागरिण अभ्यास 1/2 पणूरिा था. आदे शक्त मर्े इसे पणूरिा करिने के िलए वह इस िदशक्ता मर्े endevaoured जबि​िक तिीरि की एक िबिस्तिरि पणरि झूठ बिोल. जबि अपणने लक्ष्य को पणूरिा िकया गया था िक वह अपणने नश्वरि शक्तरिीरि को छोड़ िदया है .

अथवर्पवेद (19/37/1) मर्े कहा गया है :

हे आत्मर्ा की आग, अपणने अनुग्रह प्रकाशक्त के कारिण, हो सकतिा है , चमर्क, साहसी, मर्झ ु मर्े तिाक़ति अितिप्रवाह. हे आग, अपणने 33 िवभागो मर्ुझे आशक्तीवार्पद दे सकतिा है .

यह Yajurved मर्े कहा जातिा है :


हे पणरिमर्ात्मर्ा आग बिनने उम, वीरितिा, अच्छे बिच्चे, धन, तिेज बिुिद्ध, प्यारि, दृढतिा, आपण हमर्े आशक्तीवार्पद दे सकतिा है .

आधुिनक मर्नोवैज्ञािनक का कहना है िक है िक कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) अचेतिन मर्न की अव्यक्ति ऊर्जार्प है . योग के चीनी औरि जापणानी अनुयािययो ची, की, शक्तियोक्ति कहतिे है.

अमर्ेिरिकी लेखक ने अपणनी पणस् ु तिक "कंु डलिलनी मर्नोिवकृिति औरि अितिक्रमर्ण मर्े डलॉ. ली Senelia जबि​िक कंु डलिलनी के मर्हत्व के बिारिे मर्े िलखने का कहना है िक आदमर्ी अगरि कंु डलिलनी जागति ृ है औरि अिधक सिक्रय हो जाएगा. चिरित्र radiates औरि िछपणा मर्ियोस्तिष्क प्रकट जो एक अव्यक्ति रिाज्य मर्े अन्यथा उन क्षमर्तिा.

Vrihajabalopanishad का कहना है िक:

जबि समर्य यानी कंु डलिलनी के इस आग नीचे की ओरि यात्रा है , आदमर्ी दोनो शक्तारिीिरिक औरि मर्ानिसक रूपण से

कमर्जोरि हो जातिा है . लेिकन जबि यह ऊर्पणरि ही उगतिा है यह है िक व्यियोक्ति को िदव्य शक्तियोक्तियो (Sidhis) दे तिा है औरि उसे ब्रह्मर्लोक की ओरि जातिा है .

स्कंद पणुरिाण मर्े एक िदलचस्पण कहानी है . िनमर्ार्पण ब्रह्मर्ाजी की शक्तुरआति मर्े एक लंबिे समर्य अविध के िलए

तिपणस्या प्रदशक्तर्पन िकया. एक पणिरिणामर् के रूपण मर्े एक तिीव आग प्रकट. जबि यह पणथ् ृ वी छुआ, यह आग लग गई. जबि आग आकाशक्त मर्े उच्च गुलाबि बिाद आग लग गई. िक तिेजस से सभी 10 िदशक्ताओं के िलए सेट आग स्पणाक्सर्प.

आग ब्रह्मर्ाजी से कहा: मर्ै भूख से जल रिहा हूँ. मर्झ ु े खाना दो.. इसिलए ब्रह्मर्ाजी आग अपणने सभी शक्तारिीिरिक भागो एक एक खाने के िलए दे िदया. अभी तिक आग की भख ू तिप्ृ ति नहीं िकया गया था. इसिलए आग जबि​िक िचल्ला "भख ू से भूख भी रिोना शक्तुरू करि िदया.


क्योिक ब्रह्मर्ाजी कोई समर्ाधान की पणेशक्तकशक्त करिने के िलए िकया था उन्होने कहा: हे अियोग्न, आपण बिहुति इच्छा उन्मर्ख ु लोगो के शक्तरिीरि मर्े प्रवेशक्त करिे औरि अपणने सभी खिनजो खाने चािहए. आग िबिल्कुल इस िकया. आग अनिगनति पणर ु षो / मर्िहलाओं, जो इच्छाओं का पणरिू ा थे खा िलया. अभी तिक आग नहीं तिप्ृ ति िकया गया

था. इसिलए प्रजापणिति आग पणछ ू ा Rishis औरि डलेमर्ी - दे वतिाओं जहाँ वहाँ अमर्ति ृ था के मर्ानस मर्े प्रवेशक्त. आग इस अमर्ति ु करि िदया. ृ िपणया औरि इसिलए संतिष्ु ट था. इस प्रकारि आग िनवास शक्तरू

उपणरिोक्ति कहानी का िनष्कषर्प है िक अगरि कंु डलिलनी इच्छाओं के क्षेत्र मर्े प्रवेशक्त करितिी है , यह एक इंसान टूट सकतिा है . लेिकन जबि कंु डलिलनी आध्याियोत्मर्क प्रयासो के िलए प्रयोग िकया जातिा है तिो न केवल खुद खशक्त ु लेिकन यह है िक यह व्यियोक्ति को यह को शक्तरिण दे ने के िलए खशक्त ु ी दे तिा है .

कंु डलिलनी एक जंगल की आग है जो रिाख के िलए एक भारिी जंगल जलतिा की तिल ु ना मर्े है . यह एक पणनडलुब्बिी आग है जो आग के रूपण मर्े समर्द्र ु मर्े उगतिा है औरि पणरिू ी तिरिह से पणानी की रि​िहति सागरि renders की तिरिह भी

है . जबि दे शक्त के केद्रीय आग गँज ू उठतिा है , वहाँ एक भक ू ं पण औरि गमर्र्प फिूटना आग की लपणटो है . मर्नुष्य का बिुिनयादी शक्तियोक्ति िसद्धांति कंु डलिलनी जो ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना मर्े शक्तािमर्ल हो गए है औरि इच्छाओं के आधारि पणरि

की जरूरिति है औरि यह लौिकक गोदामर् से ऊर्जार्प imbibes है . Mooladhar चक्र मर्े अव्यक्ति नािगन आग वतिर्पमर्ान िवष थक ू ना रिहतिा है जबि​िक कंु डल मर्े झूठ बिोल रिही है . लेिकन यह िवष अमर्ति ृ मर्े बिदला जा सकतिा है . कंु डलिलनी जागरिण "पणीने" अमर्ति ृ औरि सोमर्ा रिासा (रिस) के िलए उच्च चक्र को ऊर्पणरि उठाने शक्तािमर्ल है .

बिारिह अध्याय कंु डलिलनी --- जीवन शक्तियोक्ति ऊर्जार्प के एक तिीव रूपण

आमर् तिौरि पणरि एक पणतिन एक बिुरिा अथर्प connotes औरि अच्छा करिने के िलए विृ द्ध का मर्तिलबि है . इस िसद्धांति

को भी शक्तरिीरि िवशक्तेष रूपण से औरि दरिू जननांग अंगो की जीवन शक्तियोक्ति का संबिध ं है के िलए लागू है . मर्ादा

जननांग अंग औरि सहस्रारि Mooladhar चक्र के रूपण मर्े करिारि पणुरष जननांग अंग के रूपण मर्े कोई संदेह नहीं


है केवल एक प्रतिीकात्मर्क िवश्लेषण िकया गया है , लेिकन यह अभी तिक के रूपण मर्े कारिर्प वाई के रूपण मर्े िचंितिति है नहीं है . इसके बिजाय यौन जन ु न ू मर्े Mooladhar ऊर्जार्प बिबिार्पद नहीं की यह िसरि क्षेत्र इतिना है िक उिचति ध्यान के मर्ाध्यमर् से िदव्य ज्ञान की आंख खोला जा सकतिा है के िलए उठाया जाना चािहए. कंु डलिलनी

शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) Shivaling आसपणास घाव सो रिही एक मर्िहला सो साँपण की तिरिह वहाँ बिसतिा है .

लेिकन जबि यह िवकिसति औरि िसरि क्षेत्र की ओरि तिक बिढ जातिा है वह सहस्रारि कमर्ल के सक्ष् ू मर् तिंित्रका नेटवकर्प मर्े यानी मर्ियोस्तिष्क के ग्रे मर्ामर्ले मर्े बिसतिा है . उदय के बिाद छोटे िशक्तविलंग एक िवशक्ताल कैलाशक्त पणवर्पति

के रूपण लेतिा है . यह िखलने 1000 मर्े आगे िवकिसति - petalled कमर्ल Sahasradal कमर्ल बिल ु ाया. इस प्रकारि एक एक मर्ियोस्तिष्क के सभी अव्यक्ति केन्द्रो द्वारिा सिक्रय हो. इस जहान के िलए सक्ष् ू मर् जगति की बिढतिी है .

एक िनयंत्रण की इस तिरिह यह बिहुति बिहुति जरूरिी है िक Merudand का समर्थर्पन िलया जा. यिद इस प्रकारि

सुषुम्ना के प्रिति जागरूक ऊर्जार्प का प्रवाह उच्च पणिवत्र लक्ष्यो के िलए इस्तिेमर्ाल िकया जा सकतिा है तिो ब्रह्मर्

का आनंद है िक n गन ु ा से अिधक भावना सख ु की खशक्त ु ी मर्े एक अनुभव है . Bandah, मर्द्र ु ा, प्राणायामर्, आसन आिद जैसे यौिगक अभ्यास इस प्रयोजन के िलए िकया जातिा है . Via Sidhasan, Vajrasan,

Shaktichalini मर्ुद्रा, bandhas, प्राण योग आिद Mooladhar की ऊर्जार्प सिक्रय / जग गया औरि इतिनी के रूपण मर्े ऊर्पणरि उठाया यह स्वयं को पणूरिा केन्द्रो के साथ एकजुट है . लेिकन इन सभी हठ योग औरि िक्रया योग प्रथाओं है लेिकन कंु डलिलनी सिक्रयण मर्े पणहला कदमर् है . कभी इन कंु डलिलनी सिक्रयण मर्े अंितिमर् कदमर् के

रूपण मर्े ले िलया है औरि वास्तिव मर्े यह केवल एक ठं डल मर्ोटरि इंजन हीिटंग का गला घोटना कारिर्प वाई करिने के िलए तिल ु ना की जा सकतिी है .

इस िवषय को िनियोश्चति रूपण से स्पणष्टीकरिण की जरूरिति है क्योिक कंु डलिलनी भी Kaamabeej (सभी इच्छाओं औरि यौन जुनून के बिीज) कहा जातिा है . एक प्रतिीक के रूपण मर्े िशक्तविलंग बिहाल है . जबि िशक्तविलंग तिो नहाया है पणानी पणोति ितिपणाई स्टैडल पणरि रिखा गया है औरि पणानी की एक बिूंदो से एक िशक्तविलंग स्नान. मर्िहला के

जननांगो मर्े यौन जुनून है . पणुरष गप्ु तिांग के िनचले आधे मर्े मर्ादा जननांग है . जबि इन दोनो िवपणरिीति सिक्रय

करि रिहे है तिो वहाँ सेक्स रूपणांतिरिण की घटना है. पणुरष एक मर्िहला औरि ठीक इसके िवपणरिीति हो जातिा है . कारिण यह है िक ऊर्जार्प के इन अव्यक्ति क्षेत्रो मर्े प्रवेशक्त करितिी है . यौन जुनून भी उपणरिोक्ति कारिणो की वजह से

प्रकट होतिा है . आदे शक्त है िक इस अवांछनीय कायर्प प्रकट अमर्ति ृ िसरि क्षेत्र से इन क्षेत्रो मर्े dripped नहीं की

जरूरिति है . यह अमर्ति ु ा के Soham आध्याियोत्मर्क अभ्यास ृ सोमर्ा रिासा कहा जातिा है . वह Khechri एक मर्द्र घूंट इस सोमर्ा रिासा हो जातिा है .


जबि एक ितिपणाई स्टैडल िशक्तविलंग स्नान जारिी है तिो इसकी 3 पणैरि Ida, िपणंगला औरि सष ु ुम्ना Naadis (सूक्ष्मर्

तिंित्रकाओं) का प्रिति​िनिधत्व करितिे है. एक िशक्तविलंग के स्नान कंु डलिलनी जागरिण का प्रतिीक है . इस

प्रतिीकात्मर्क वणर्पन हमर्े बितिातिा है िक कंु डलिलनी प्रभु शक्तियोक्तिशक्ताली भगवान िशक्तव है . िनवास की अपणनी जगह शक्तद्ध ु के रूपण मर्े कैलाशक्त पणवर्पति औरि मर्ानसरिोवरि के रूपण मर्े हे य दृियोष्ट से दे खा जाना चािहए. यह पणर ु षो औरि

मर्िहलाओं के जननांग अंगो के रूपण मर्े नहीं lewdly पणरि दे खा जाना चािहए. वास्तिव मर्े इसके मर्हत्व औरि एक शक्तद्ध ु तिा के पणिवत्र भावनाओं को शक्तरिण दे ने के द्वारिा साधना तिो प्रदशक्तर्पन के रूपण मर्े यह उच्च आध्याियोत्मर्क लक्ष्यो के िलए उपणयोग करिने के िलए िकया जाना चािहए. उद्यमर् औरि कलात्मर्क कौशक्तल औरि कायो औरि सौंदयर्प की भावनाओं का प्रयास संरिक्षण मर्े ही सख ू नहीं िकया जाना चािहए. Mooladhar चक्र जननांग अंगो के पणास वतिर्पमर्ान के बिजाय िशक्तव ऊर्जार्प उच्च आध्याियोत्मर्क लक्ष्यो के िलए उपणयोग िकया जाना चािहए.

कुछ भद्दा हठ योग का आध्याियोत्मर्क अभ्यास के बिारिे मर्े कल्पणना की पणूणर्प लोगो के बिारिे मर्े "यौन संघ से टान्स" पणरि चचार्प की. वह से है "Sambhog कहतिे है िक समर्ािध की अयस्क" वे इसे पणुरष phallus औरि

मर्िहला योिन सहसंबिध ं ी. यह िसफिर्प औरि बिहुति अश्लील, बिेतिक ु ा औरि िदशक्ता का एक उिचति भावना से रि​िहति वास्तिव मर्े सही नहीं है . हकीकति मर्े ऐसी अिशक्तष्ट, अश्लील िटप्पणिणयो के िसरि औरि िदल की तिरिह इस तिरिह के पणिवत्र क्षेत्रो स्पणशक्तर्प नहीं करिना चािहए. एक यह पणिवत्र रिखने की कोिशक्तशक्त औरि ब्रह्मर्चयर्प का पणालन करिना

चािहए औरि इस प्रकारि यह उच्च लक्ष्यो के िलए बिढा. यह दोनो पणुरषो औरि मर्िहलाओं द्वारिा मर्नाया जाना चािहए. िलिखति लेखको कंु डलिलनी की प्रकृिति पणरि चचार्प करितिे समर्य यह कलात्मर्क यौन कौशक्तल के िलए

सहसंबिद्ध है . लेिकन इसका अथर्प यौन वासना नहीं है औरि वास्तिव मर्े यह शक्तरिीरि मर्े शक्तियोक्ति औरि तिाक़ति की अिभव्यियोक्ति का मर्तिलबि है . Mooladhar चक्र भी यौन जन ु न ू के बिीज कहा जातिा है औरि सहस्रारि कमर्ल िदव्य ज्ञान के बिीज है . िववेकशक्तील गिति​िविधयो मर्े दोनो पणिरिणामर् की शक्तिु द्ध समर्न्वय. इस िदव्य शक्तियोक्ति हमर्े

एक चिरित्र औरि उच्च आदशक्तर्पवादी सोच के जीवन शक्तिु द्ध, के सवार्मिंगीण उन्निति मर्े एड्स. कंु डलिलनी योग िक आध्याियोत्मर्क अभ्यास है जो आध्याियोत्मर्क आदशक्तो को प्राप्ति करिने मर्े मर्दद करितिा है .

Shwetashwatar उपणिनषद कंु डलिलनी योग की आग "या" निचकेतिा आग "कहा जातिा है औरि यह एक यज्ञ

का शक्तद्ध ु आग के साथ पणयार्पय बिन गया है . यह कहा जातिा है िक जो भी शक्तरिीरि मर्े दे वत्व का इस आग जलाई है , वहाँ शक्तरिीरि diseaseless है औरि मर्न पणूरिी तिरिह से शक्तांति है . Chainik योग Pradeepika मर्े "" मर्ै Lohen यह आत्मर्ा "आग" के रूपण मर्े बिल ु ाया गया है औरि ahs यह आत्मर्ा के धधकतिे आग सहसंबिद्ध.


योग के पणियोश्चमर्ी स्कूल के मर्हान िवद्वान, सरि जॉन वडल ू रिोफि "नािगन आग" कहा जातिा है . िथयोसोिफिकल

सोसायटी के संस्थापणक, मर्ैडलमर् ब्लावत्स्की यह कॉल "कॉियोस्मर्क िबिजली" औरि कहना है िक इसकी गिति 3,45,000 मर्ील / सेक है . जबि​िक प्रकाशक्त की गिति 1,95,000 मर्ील / सेक है . िवद्यति ु तिरिं गो 2,99,000 मर्ील /

सेकंडल के एक गिति है . मर्हान वैज्ञािनको के अनस ु ारि सोचा तिरिं गो की गिति 7 बिारि िवद्यति ु तिरिं गो से अिधक है

यानी यह 22,65,120 मर्ील / सेक है . एक िवचारि की फ्लैशक्त पणल मर्े एक पणथ्ृ वी 40 बिारि पणिरिक्रमर्ा करिना करि सकतिे है.

एक आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्ति होने के बिावजूद कंु डलिलनी िनियोश्चति रूपण से शक्तारिीिरिक िबिजली सहसंबिद्ध हो जातिा है .

अपणनी पणुस्तिक "िमर्स्टीिरियस कंु डलिलनी" मर्े डलॉ. Vasantji Rele यह एक तिंित्रका फिोसर्प कॉल. इस पणुस्तिक का

पणिरिचय सरि जॉन वडल ू रिोफि द्वारिा िलखा गया है . उनके अनुसारि जहां Rele संबिद्ध कंु डलिलनी सही vagus तिंित्रका के साथ वह वहां खुद यह एक बिड़ा बिल कॉल. उनके अनुसारि कंु डलिलनी एक गितिशक्तील वास्ति​िवकतिा है . यह एक अव्यक्ति ऊर्जार्प है , जो एक बिाति के सामर्ान्य पणेचीदगी के बिजाय िवकिसति (उच्च स्थापणना) है

िवकीणर्प एक चिरित्र िदव्य मर्िहमर्ा के साथ करि सकतिे है. एक ियोस्थरि रिाज्य मर्े वसंति Rele कंु डलिलनी के अनुसारि साधारिण है , लेिकन जबि यह गितिज रूपण ले लेतिा है यह मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति बिन जातिा है . उनके

अनुसारि Hathayoga Pradeepika, िशक्तव संिहतिा औरि Shatchakra Niroopan जैसे ग्रंथो का कहना है िक कंु डलिलनी ब्रह्मर्ांडल मर्े जो मर्हान के प्रिति जागरूक शक्तियोक्ति व्याप्ति एक व्यियोक्तिपणरिक रूपण है .

पणियोश्चमर्ी वैज्ञािनक हडलसन अपणनी प्रिसद्ध पणुस्तिक "Seership की िवज्ञान" जो भी Hathayoga के एक िवद्वान है िक जादई ु के मर्ागर्पदशक्तर्पन के तिहति ही है औरि सिक्रय होना ु शक्तियोक्ति कंु डलिलनी एक मर्हान पणुण्य गरू

चािहए िक कहतिे है िक मर्न शक्तद्ध ु यानी िकसी भी इच्छा से रि​िहति होना चािहए . वरिना अगरि कंु डलिलनी नीचे

की ओरि चलतिा है , यह वासना औरि भावना वस्तिुओं के िलए लगाव का नेतित्ृ व करिे गे. औरि िफिरि इस शक्तियोक्ति संतिोषजनक नीच इच्छाओं औरि स्वाथी की जरूरिति तिरिह की गिति​िविधयो मर्े दर ु पणयोग िकया जाएगा.

जैन योग िशक्तक्षको रूपण मर्े "Tejoleshya" कंु डलिलनी नामर् िदया है औरि इसे प्राप्ति करिने की 2 तिरिीके िदया.

पणहली िविध के िलए तिपणस्या प्रदशक्तर्पन करितिे हुए भोजन औरि पणानी की बिहुति सीिमर्ति मर्ात्रा लेने के िलए है . दस ू र्प यानी की िकरिणो जबि​िक सरिू ज पणरि ध्यान सौरि ऊर्जार्प imbibing के साथ एक शक्तरिीरि की गमर्ी ू रिे मर्ोडल सय है . Tejoleshya की जड़ स्रोति सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि होना कहा जातिा है . यह केद्र भी कंु डलिलनी के अंतिगर्पति आतिा है . Tejoleshya भी सािवत्री पणज ू ा की एक रूपण कहा जा सकतिा है .


कंु डलिलनी शक्तियोक्ति पणरि चचार्प की, यौिगक वैज्ञािनको का कहना है िक "मर्ौन की आवाज" लोग आग औरि िबिजली के प्रभाव को जानतिे है औरि इसे का उपणयुक्ति उपणयोग करि यह है . यिद वे वास्तिव मर्े आध्याियोत्मर्क औरि आध्याियोत्मर्क आग के इस्तिेमर्ाल को समर्झने की तिो एक आत्मर्ा के क्षेत्र के असंख्य Sidhis (िदव्य शक्तियोक्तियो) को प्राप्ति करि सकतिे है.

डलॉ. स्कॉट का कहना है िक इस सहायतिा ियोजसका हमर्ारिे जीवन कायो के टांियोजस्टरि के साथ एक िक्रस्टल है . यह anatomists यह अपणने स्वयं के रिास्तिे मर्े वणर्पन है औरि वे रिीढ की हड्डली औरि "गे ियोग्लयोन अयुग्मर्ी."

Mooladhar चक्र कॉडलर्प एक जनरिे टरि फिोन की तिुलना मर्े है , डलाइनेमर्ो, बिैटरिी, चंबि ु क आिद सबि को स्वीकारि करितिा है िक यह यौन जुनून के क्षेत्र की एक चमर्कदारि िचतिा है औरि कहा िक अगरि यह उच्च उठाया है , यह है िक व्यियोक्ति को असाधारिण शक्तियोक्तियां दे तिा है .

ब्रह्मर्ांडलीय होशक्त मर्े िबिजली की जड़ स्रोति औरि सामर्ग्री दिु नया के िबिजली के िववरिण के साथ साथ डलॉ. हे नरिी Lindal भी मर्ानव शक्तरिीरि मर्े कामर् करि रिहे िबिजली elucidated है . ब्रह्मर्ांडल मर्े मर्ौजद ू सभी दौरि पणथ् ु ृ वी िवद्यति

चंबि ु कीय तिरिं गो के जाल फिैला है औरि यह सकारिात्मर्क िबिजली 3 लाख वोल्ट का एक बिल िदया है . हरि प्राणी 5 वोल्ट / मर्ीटरि के एक दबिाव भालू. कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) के रूपण मर्े इस ब्रह्मर्ांडलीय िबिजली के सूक्ष्मर् भाग मर्ानव शक्तरिीरि मर्े बिसतिा है . डलॉ. Lindal कहा गया है िक मर्ानव कोिशक्तकाओं औरि तिंित्रकाओं की

गिति​िविधयो मर्े िवद्युति ऊर्जार्प की एक बिड़ी रिािशक्त का उपणयोग हो जातिा है . इसके स्रोति मर्ियोस्तिष्क औरि िदल नहीं है . यह हमर्ारिे जीवन का प्रारिं भ औरि अंति के आधारि है . लेिकन इस स्रोति एकतिरिफिा नहीं है . मर्ियोस्तिष्क ग्रे Merudand औरि सुषुम्ना िक Cada equina मर्ेल खातिी के िनचले आधे के शक्तीषर्प पणरि ियोस्थति बिाति है , जीवन

शक्तियोक्ति िबिजली पणैदा करितिा है . जालीदारि सिक्रय प्रणाली यानी मर्ियोस्तिष्क ग्रे मर्ामर्ले मर्े वहाँ िबिजली के आग की एक सतिति अितिप्रवाह है . इस िबिजली का एक बिड़ा िहस्सा दित क्षणी धव ु जो भी यौन जुनून के केद्र है मर्े

पणाया जातिा है . डलॉ. िहरिोशक्ती Motoyama अपणने एमर्ी मर्शक्तीन की मर्दद के साथ ध्यान की इस िबिंद ु मर्े इस

िबिजली के घने अनुपणाति पणाया गया है . कारिण है िक वैज्ञािनको यौन जुनून के इस केद्र पणरि एक िवस्तिति ृ शक्तोध अध्ययन िकया है क्योिक कंु डलिलनी जीवन की गिति​िविधयो का एक मर्हत्वपणूणर्प क्षेत्र है . क्योिक एक नए

रिहने जा रिहा है नई सामर्ग्री के उत्पणादन के मर्ाध्यमर् से भरिा है , अपणनी शक्तियोक्ति औरि सभी अंगो की तिल ु ना मर्े

मर्हत्व सबिसे अिधक संवेदनशक्तील है औरि बिहुति शक्तियोक्तिशक्ताली है . ित्रक plexus औरि Cada equina बिहुति जिटल है औरि मर्ियोस्तिष्क की तिरिह िसफिर्प शक्तारिीिरिक दृियोष्टकोण से मर्हत्वपणूणर्प है . , डलॉ. सी. Naranjo - ध्यान के


मर्नोिवज्ञान "इस तिथ्य को श्री ली Sanela द्वारिा िकया गया है variedly अपणनी पणुस्तिक" मर्ानिसकतिा औरि Transcedence कंु डलिलनी "मर्े प्रस्तिति ु मर्े आरि Arnsteer

अपणनी पणुस्तिक "आधुिनक मर्नोिवज्ञान औरि भारितिीय दशक्तर्पन मर्े डला. Carrington िलखा है िक वहाँ बिहुति सारिे

उदाहरिण है ियोजसमर्े यह दे खा जातिा है िक चाहे जीवन शक्तियोक्ति औरि अणुओं के ऊर्पणरि बिना शक्तरिीरि रिहतिा है या न ही अभी तिक अपणनी सूक्ष्मर् अियोस्तित्व जारिी है . अपणने शक्तरिीरि को एकजुट होने के बिावजूद मर्हत्वपणूणर्प बिल

इकाइयो के अिधकारि केद्र के उस क्षेत्र मर्े बिरिकरिारि रिहे गा. सहसंबिद्ध को खोजने के िलए वहाँ योिगयो की एक

औरि खोज की है ियोजसमर्े वहाँ ideoplasm या psychoplasm जबि योगी समर्ािध या टान्स बिुलाया मर्ध्यस्थतिा के उच्चतिमर् रिाज्यो मर्े है एक उदव है . वैज्ञािनको िवचारि करिना है िक यह एक भापण रिाज्य मर्े शक्तरिीरि से उत्सियोजर्पति हो रिही रिखतिा है औरि यह सबिसे खोपणड़ी क्षेत्र मर्े पणाया जातिा है , उं गिलयो, होठ, चेहरिा,

Naadi चक्र जननांग अंगो के आसपणास के िटप्स. अध्ययन औरि सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि की जीवन शक्तियोक्ति के संदभर्प के

साथ िचत्रण (रूसी वैज्ञािनक Semian Kirlean द्वारिा "जैव प्लाज्मर्ा शक्तरिीरि की Kirlean फिोटोग्राफिी) इस अनुसंधान गिति​िविधयो - कंु डलिलनी के बिाद प्रिसिद्ध का एक बिड़ा सौदा प्राप्ति करि ली है . Emanueal Swedenborg यह ईथरि ियोजसमर्े िवशक्तेष िफिल्टरि यह उच्च वोल्टे ज प्रक्षेपणण की सहायतिा के साथ फिोटो

िखंचवाने जा सकतिा है के उपणयोग के बिाद के दृश्य बिादल कहतिा है . वैज्ञािनको िवचारि करिना है िक अपणनी उपणियोस्थिति एक तितिैया के शक्तद्ध ु औरि ओजोन की गंध करिने के िलए समर्ान है . इसका घनत्व बिढ जातिी है /

इसी विृ द्ध / जीवन शक्तियोक्ति की कमर्ी के कारिण कमर् हो जातिी है . भावनाओं को भी बिढाने के िलए / अपणने प्रभाव

को कमर् करि सकतिे है. इसके अियोस्तित्व के प्रमर्ाण अपणनी पणस् ु तिक "सपण ु रि नेचरि" मर्े िलएल वाटसन द्वारिा elucidated िकया गया है ियोजसमर्े यहां तिक िक अगरि एक व्यियोक्ति के शक्तरिीरि का एक िहस्सा काट रिहा है अभी

तिक इस व्यियोक्ति के ददर्प के रूपण मर्े अपणनी उपणियोस्थिति का अनभ ु व है , जल रिहा है , इस घटना मर्े आिद scratching बिल ु ाया "प्रेति अंग प्रभाव" यह सािबिति हो गया है िक सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि ectoplasm के रूपण मर्े मर्ौजद ू है औरि यह यह है िक एक व्यियोक्ति सकल नसो अनपण ु ियोस्थति होने के बिावजद ू सनसनी का अनभ ु व दे तिा है .

िकतिाबिे औरि स्थूल शक्तरिीरि औरि शक्तरिीरि के मर्हत्वपणूणर्प अलग से मर्ौजूद है "आत्मर्ा की चीनी पणुस्तिक" मर्ति ृ के

ितिब्बितिी बिुक "के अनुसारि. इसमर्े कोई शक्तक नहीं िक दोनो कंधे से कंधा िमर्लाकरि एक समर्य मर्े होना है ,

लेिकन कभी कभी शक्तरिीरि के मर्हत्वपणूणर्प तिो अलग हो जातिा है के रूपण मर्े कहीं औरि ध्यान केियोन्द्रति करिने के िलए औरि एक नया शक्तरिीरि के मर्हत्वपणूणर्प अियोस्तित्व मर्े आतिा है िक. इसिलए कई बिारि मर्नुष्य के अियोस्तित्व दोगुना अनुभव होतिा है .


डला. अंधा करिना औरि अपणनी पणुस्तिक मर्े जे टे लरि िलखने िक रिस्मर्े औरि िहंद ू धमर्र्प की साधना शक्तरिीरि के

मर्हत्वपणण ू र्प एक बिड़ा सौदा है औरि इसिलए का इस्तिेमर्ाल प्राचीन िहंदओ ु ं की सकारिात्मर्क िवज्ञान "बिहुति शक्तियोक्तिशक्ताली है. यह शक्तरिीरि के मर्हत्वपणण ू र्प िदव्य आँखो से दे खा जा सकतिा है . कुछ साल पणहले इस िवषय पणरि एक लेख पणित्रका "ब्रह्मर्" मर्े "तिंत्र के एनाटॉमर्ी" के शक्तीषर्पक के तिहति प्रकािशक्तति िकया गया था.

ब्रह्मर् वैज्ञािनक CW लीडलबिीटरि 6 अपणनी पणुस्तिक मर्े Merudand पणरि ियोस्थति चक्र पणरि आगे सिवस्तिारि "चक्र." वह opines है िक शक्तरिीरि के मर्हत्वपणूणर्प िवद्युति शक्तियोक्ति का एक िवशक्तेष प्रकारि का बिनाया जातिा है औरि

िसफिर्प एक पणक्षी के रूपण मर्े शक्तरिीरि मर्े मर्ौजद ू है अपणने घोसले मर्े cuddles. कई अन्य वैज्ञािनको के जीवन की आग "के रूपण मर्े प्राण (मर्हत्वपणूणर्प बिल) कहतिे है. इस आग मर्े एक व्यियोक्ति के शक्तरिीरि मर्े मर्ौजद ू है िक व्यियोक्ति

को जागरूक, उत्साही, साहसी औरि उज्ज्वल है . लेिकन जबि वहाँ यह की कमर्ी है तिो भी अगरि शक्तरिीरि को बिहुति अच्छी तिरिह से बिनाया गया है अभी तिक इस व्यियोक्ति को एक डलरिाने मर्ख ू र्प हो, सुस्ति औरि िनरिाशक्ता से भरिा जाएगा. इस िबिजली के बिल प्रयास के साथ भी संविधर्पति िकया जा सकतिा है . यह कारिण है िक यौिगक प्रथाओं के िलए प्रोत्सािहति िकया जातिा है . कंु डलिलनी योग मर्हत्वपणूणर्प बिल िवज्ञान पणरि आधािरिति है .

कंु डलिलनी जागरिण का सारि पणूरिे ब्रह्मर्ांडल से मर्हत्वपणूणर्प चेतिना आकिषर्पति इतिनी के रूपण मर्े एक ही मर्हत्वपणूणर्प बिल के साथ इस मर्हान चेतिना को एकजुट करिने औरि इस प्रकारि उच्च िदव्य शक्तियोक्तियाँ प्राप्ति शक्तािमर्ल है .

इसिलए योग प्रथाओं के रूपण मर्े इतिना उच्च पणिवत्र लक्ष्यो के िलए इन िदव्य शक्तियोक्तियो का उपणयोग करिने के िलए प्रोत्सािहति िकया जातिा है . इस क्षमर्तिा के अनुपणाति मर्े एक मर्ानिसक िनयंत्रण औरि इस क्षमर्तिा कमर् हो जातिी है इस बिल के अपणव्यय के साथ बिढ जातिी है औरि अंति मर्े नष्ट हो जातिा है .

याकूबि Boham बिहुति अच्छी तिरिह से यूरिोपणीय तिांित्रको के बिीच मर्े जाना जातिा है . पणुस्तिक "ब्रह्मर् practica" अपणने जमर्र्पन िशक्तष्य जॉजर्प िमर्शक्तेल द्वारिा लेखक की सलाह है िक कंु डलिलनी जागरिण औरि 6 चक्र एक बिारिीकी

से एकदमर् गोपणनीय रिखा जाना चािहए. क्योिक अगरि यह गलति हाथो मर्े हो जातिा है तिो यह एक ऐसे व्यियोक्ति के पणतिन के िलए नेतित्ृ व करि सकतिे है. क्योिक जबि इस तिरिह के कािबिल लोगो को कंु डलिलनी िवज्ञान के बिारिे मर्े जानने के वे "धमर्र्प का उपणदे शक्त दे ना" यह अंधा अन्य अन्धे अग्रणी पणर ु षो की तिरिह दस ू रिो को. इस प्रकारि तिथाकिथति उपणदे शक्तक भी अपणने तिथाकिथति की तिरिह िगरि "चेलो."


अध्याय तिेरिह यह आसान करिने के िलए ले, लेिकन मर्ियोु श्कल है करिने के िलए दे

शक्तियोक्ति, अनुशक्तासन, एकाग्रतिा, एक साधारिण जीवन के यौिगक व्यवहारि करि रिहे है औरि िकसी भी मर्ाध्यमर् से

उन्नति िकया जा सकतिा है . यह मर्न के बिजाय ियोजसमर्े ितितिरि िबितिरि करिने के हमर्ारिे िवचारिो को दरिू हमर् ध्यान केिद्रति करिने औरि उन्हे एक िबिंद ु पणरि ध्यान केिद्रति करिने की अनुमर्िति की दृढतिा है . यह हमर्ारिे दै िनक

िदनचयार्प गिति​िविधयो को correlating हमर् दरिू िबिखरिने से हमर्ारिे मर्न को रिोक सकतिा है . यिद एक ही होतिा है यह एक आध्याियोत्मर्कतिा imbibing के िलए पणयार्पप्ति सक्षमर् बिन सकतिा है . िफिरि भी यह पणयार्पप्ति नहीं है . आदे शक्त मर्े दस ू रिो पणरि इस प्रेरिक शक्तियोक्ति का उपणयोग करिने के िलए एक िवशक्तेष क्रेडलेिशक्तयल्स को प्राप्ति है . इसिलए एक िवशक्तेष साधना से गुजरिना पणड़तिा है .

आदे शक्त मर्े रिे िडलयो तिरिं गो को पणकड़ने के िलए एक टांियोजस्टरि की आवश्यकतिा है . लेिकन जहाँ संचारिण मर्शक्तीनो

रिखा जातिा है िक वे अिति​िरिक्ति िबिजली की पणूणर्प औरि बिहुति मर्हं गे है. उन वस्तिुओं के पणास बिहुति आसानी से अपणनी आँखो से दे खा जा सकतिा है . लेिकन अगरि आपण मर्े सन ु ा है औरि दरिू - दरिू स्थानो मर्े चीजो को दे खना चाहतिे है, तिो एक टीवी िक 1 imbibes औरि पणहुंचातिा िचत्रो की आवश्यकतिा है . कान को आसानी से िकसी भी

बिातिचीति है िक करिीबि है सुन सकतिे है. लेिकन अगरि आपण एक दरिू क्षेत्र के एक ध्विन सुनना चाहतिे है तिो शक्तियोक्तिशक्ताली बिैटरिी के साथ एक टे लीफिोन की आवश्यकतिा है . साधारिण गिति के साथ भी हमर्ारिे पणैरि चलतिे है,

लेिकन अगरि आपण उच्च गिति पणरि यात्रा करिना चाहतिे है तिो एक कारि या बिाइक की जरूरिति है औरि कहा िक जो भी पणयार्पप्ति पणेटोल / डलीजल सकतिे है. एक ही आध्याियोत्मर्क घटनाओं के िलए सच है . यह आत्मर्साति करिने के

िलए आसान है , लेिकन मर्ियोु श्कल संचािरिति करिने के िलए है . यह लाभ िमर्लतिा है औरि पणैसे का उपणयोग करिने के िलए आसान है , लेिकन मर्ुियोश्कल के िलए पणैसा कमर्ातिे है औरि यह सुरि​ित क्षति रूपण से स्टोरि है . कोई है जो यह

हमर्ारिे िलए प्रेिषति िकया गया है से िबिजली imbibing मर्े ज्यादा किठनाई नहीं है . क्योिक यहाँ एक केिद्रति

मर्न आवश्यक कारिर्प वाई करि सकतिे है. इस साधना के मर्ाध्यमर् से पणूरिा िकया जा सकतिा है . लेिकन यह भी हो सकतिा है िक अगरि आपण अिति​िरिक्ति उत्साह औरि एकाग्रतिा के साथ िकया उन दै िनक कायो के िलए

ियोजम्मर्ेदारिी िमर्लना तिो िबिखरिे हुए मर्न औरि ध्यान केिद्रति प्राप्ति करि सकतिे है एक छोटे से क्षेत्र मर्े ध्यान केिद्रति है . एक सकर्पस मर्े उन लोगो की तिरिह सभी गिति​िविधयो, अिभनय, क्लको की तिरिह खातिो को रिखने,

खेल खेल, जादग ू रि आिद से पणतिा चलतिा है मर्ानिसक ध्यान केिद्रति है औरि एकाग्रतिा पणरि िनभर्परि करितिा है . अगरि वे कुछ लगतिा है , औरि इस तिरिह कुछ अपणने िवचारिो को ितितिरि िबितिरि करिने के िलए, अपणने सभी प्रयास


बिेकारि चला जातिा है . यिद एक imbibes िकसी प्रेिषति संवेदनशक्तीलतिा औरि एकाग्रतिा के साथ आध्याियोत्मर्क क्षमर्तिा, एक लाभ सभी दौरि लाभ.

साधारिण ग्रेडल लाभ हािसल करिने के िलए इच्छा शक्तियोक्ति, इच्छा शक्तियोक्ति औरि एकाग्रतिा गठबिंधन के िलए ठीक है . यिद कुछ घटना कहीं जगह लेतिा है औरि अगरि उन खबिरि के िलए दस ू रिे स्थान पणरि भेजा जाना चािहए, तिो केवल यह है िक बिैटरिी का ज्यादा प्रयोग िकया जातिा है के रूपण मर्े ज्यादा रूपण मर्े imbiber यह पणकड़तिा.

वहाँ कई समर्स्याओं जबि​िक समर्द्र ु के पणानी से भापण बिनाने सामर्ना िकया है तिािक उन्हे बिादलो को बिदलने के

िलए, लेिकन जबि इन बिादलो शक्तॉवरि बिािरिशक्त कारिर्प वाई बिहुति सतिही है . यह बिहुति मर्ियोु श्कल है कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) जगाने. यहाँ वहाँ आत्मर् िनयंत्रण औरि आध्याियोत्मर्क प्रथाओं के दौरि से गज ु रि की कोई जरूरिति नहीं है , लेिकन लगतिा है िकसी ने पणहले से ही अपणने शक्तरिीरि मर्े इस िदव्य शक्तियोक्ति एकत्र तिो िकसी अन्य

व्यियोक्ति को इसका कुछ िहस्सा िवतिरिण मर्े कोई समर्स्या नहीं है . एक करिने के िलए एक िदमर्ाग का उपणयोग करितिे हुए धन कमर्ाने औरि तिीव प्रयास करिने की है , लेिकन अगरि यह पणैसे के िलए िकसी को उधारि िदया हो

या दान के रूपण मर्े सौंपण िदया है तिो धन का एक बिहुति इस्तिेमर्ाल िकया जा सकतिा है औरि एक बिहुति ही कमर् समर्य मर्े आसानी से. तिपणस्या करिने के िलए उन है जो दस ू रिो के िलए िदव्य शक्तियोक्तियो को दे ने की इच्छा से प्रदशक्तर्पन हो रिहे है. इस िसद्धांति कामर् पणरि सही है प्राचीन काल से है .

एक शक्तारिीिरिक एक िहस्से को हटाने के िलए यह जरूरिति मर्े एक औरि रिोगी के िलए दान करि सकतिे है. (एक गुदार्प आिद जैसे) उदाहरिण के िलए. हृदय, गुदे, आंख, रिक्ति आमर् तिौरि पणरि दस ू रिो के िलए दान करि रिहे है.

मर्हत्वपणूणर्प बिल संग्रह कोई संदेह नहीं है एक स्वयं के धन अभी तिक एक उदारि दातिा दस ू रिो को इस जीवन

शक्तियोक्ति का कुछ िहस्सा दान करि सकतिे हो जातिा है . आध्याियोत्मर्क दृियोष्ट मर्े इस "Shaktipaat" कहा जातिा है .

हमर्ारिे दै िनक जीवन मर्े िसफिर्प उसी तिरिह मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति का एक बिड़ा सौदा के साथ imbued उन कमर्जोरि िदमर्ाग प्रािणयो को उनके आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्तियो (पणरिमर्ात्मर्ा धन) का एक िहस्सा दान मर्े गरिीबिो को एक

धनी व्यियोक्ति अपणने धन का एक िहस्सा दान के रूपण मर्े . इस प्रकारि इन गरिीबि प्राणी कई किठनाइयो को दरिू करिने के िलए औरि भी उनकी जरूरितिो को पणूरिा करिे .


वहाँ Yogachoodamani, Tejabindoo उपणिनषद, ज्ञाना Sankalini tattva, Hathyog संिहतिा, Kularnav तिंत्र, Gherand संिहतिा, रद्र Yamal तिंत्र, योग Kundalyupanishad, शक्तारिदा आिद यहाँ मर्जबिति ू ओवरि ितिलक जैसे ग्रंथो मर्े एक Shaktipaat का िवस्तिति ु षो उनके एक सा ृ वणर्पन है संचािलति पणर दान करिे गे कमर्जोरि िदमर्ाग प्रािणयो के िलए आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्ति. पणैसा या तिो हो सकतिा है या उधारि सकतिा

है औरि दस ू रिो के िलए दान करि दी. उसी तिरिह इन आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्तियो अन्य सक्षमर् प्रािणयो के िलए एक

प्राकृितिक तिरिीके से जाना जबि मर्हान आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्तियो का या यह भी एक प्रबिल इच्छा शक्तियोक्ति का उपणयोग करि प्रेिषति िकया जा सकतिा है िक एक आदमर्ी की उपणियोस्थिति मर्े .

जबि हमर् एक जलतिी हुई स्टोव हमर् गमर्ी के पणास बिैठतिे है. उसी तिरिह इस शक्तियोक्ति के करिीबि िनकटतिा की जरूरिति है . इस / आदमर्ी औरि औरिति के बिीच आकषर्पण औरि प्रितिकषर्पण प्राकृितिक है . इसिलए क्रमर् मर्े उनकी शक्तियोक्ति की रिक्षा योिगयो, मर्िहलाओं के आकषर्पण से दरिू रिहो. यहां तिक िक एक तिीव दोस्तिी इस प्रवाह augments. इसिलए यह नीच लोगो की कंपणनी मर्े होने के िलए एक व्यियोक्ति के िलए एक मर्हान

आध्याियोत्मर्क नुकसान है . लेिकन यह एक पणूरिी तिरिह से अलग कहानी है अगरि स्वेच्छा से िकसी अन्य

व्यियोक्ति के िलए एक शक्तियोक्ति दान के रूपण मर्े उसे बिढाने के िलए आध्याियोत्मर्क या अपणने आध्याियोत्मर्क उन्निति प्रेिरिति. लेिकन यहाँ भी एक सतिकर्प है िक एक है जो दान के रूपण मर्े इस शक्तियोक्ति दी है यह नीच गिति​िविधयो के

िलए का दर ु पणयोग नहीं करिना है . इस तिरिह की ियोस्थितियो के तिहति िदया जातिा है क्या वापणस िलया जाना चािहए.

यह दे खा गया है िक इतिने सारिे लोगो को दस ू रिो के द्वारिा भेजे गए संदेशक्तो को प्राप्ति करितिे है. एक सपणने मर्े

संदेशक्त जातिा है , इस के िलए टे िलपणाथी आिद हो सकतिा है एक हो रिही संदेशक्त (प्रेरिणास्त्रोति) के िलए एक केिद्रति औरि ध्यान केिद्रति मर्न. अंति​िरिक्ष मर्े इतिने सारिे सोचा लहरिो के बिीच वह केवल उन है िक वह आवश्यकतिा है औरि इस तिरिह के एक कौशक्तल केवल आश्चयर्पजनक कहा जा सकतिा है लेतिा है .

कई लोगो के िलए भिवष्य prophesize शक्तियोक्ति है , दस ू रिो के िवचारिो औरि गिति​िविधयो को पणतिा करिने के िलए, िकसी अन्य व्यियोक्ति के अतिीति को जानतिे है औरि िक वे भी संदेशक्त औरि अदृश्य प्रािणयो के िनदे शक्त प्राप्ति है . वे या तिो वणर्पन या िकसी अन्य व्यियोक्ति के रिोग का इलाज करि सकतिे है. वे यह भी जानतिे है जहां धन दफिन है औरि क्या िकसी बिंद कोठरिी मर्े संग्रहीति है .


इन लोगो के बिीच वहाँ जो लोग िकसी िवशक्तेष तिपणस्या प्रदशक्तर्पन नहीं िकया है . इस के िलए कारिण यह है िक िपणछले जन्मर् मर्े वे तिपणस्या का एक बिहुति कुछ िकया है औरि पणिरिणामर्ी शक्तियोक्तियो इस जन्मर् मर्े दे खा जातिा है .

इसके अलावा ऐसा हो सकतिा है िक इस तिरिह के एक व्यियोक्ति एक आध्याियोत्मर्क शक्तियोक्तिशक्ताली संति से इन शक्तियोक्तियो हो जातिा है . एक औरि कारिण है िक एकाग्रतिा ऐसी है िक इसकी सहायतिा के साथ हमर्ारिे

extrasensory धारिणा कामर् करि रिहे है औरि शक्तरू ु होतिा है िक इस तिरिह की काल्पणिनक िचत्रो को दे खा जातिा है

जो बिाहरि बिारिी के िलए सच हो सकतिा है िकया जाना चािहए. यहां तिक िक अगरि िकसी यौिगक प्रथाओं प्रदशक्तर्पन नहीं करितिा है तिो भी वह चमर्त्कारिी शक्तियोक्ति के पणास है . ऐसी पणिरि​ियोस्थितियो मर्े यह सिु नियोश्चति करिे िक एक के ऊर्पणरि कारिण खेलने पणरि है के िलए जानतिे है. एक उपणयुक्ति कारिण के िबिना कोई भी िदव्य शक्तियोक्तियो के अिधकारिी करि सकतिे है.

उपणयुक्ति मर्ानिसक साख के िलए कारिण Shaktipaat की शक्तियोक्तियो imbibing करिके एक बिहुति शक्तियोक्तिशक्ताली व्यियोक्ति हो सकतिे है भले ही वह अतिीति मर्े बिहुति साधारिण था. उच्च लक्ष्यो िक प्रकृिति मर्े पणिवत्र है के िलए इन शक्तियोक्तियो का उपणयोग करिके, वह बिहुति िकसी भी अन्य योगी की तिरिह लाभ प्राप्ति करि सकतिे है.

यह िबिल्कुल सच है िक के मर्ाध्यमर् से (िदव्य शक्तियोक्तियो के संचरिण) Shaktipaat एक उच्चतिमर् लाभ प्राप्ति करि सकतिे है . लेिकन न्याय औरि नैितिकतिा हुक्मर् दे ना है िक इसके िलए "भुगतिान" के िबिना कुछ भी नहीं लेतिे है. िदव्य शक्तियोक्तियो को स्वीकारि करिने से पणहले, पणहले संतिो, जो भगवान का एहसास हो गया है प्यारि भियोक्ति सेवा प्रदान करितिे है.

चौदह अध्याय िदव्य शक्तियोक्तियो कंु डलिलनी शक्तियोक्ति पणिरिवारि के चक्र मर्े अपणनी जड़े

जीवन एक यज्ञ है . जीवन भी एक पणुजारिी, नरिदे व औरि अन्य सामर्ग्री है . िलिखति िवद्वानो यह सबि सहसंबिद्ध है . जबि​िक कंु डलिलनी यज्ञ का एक िवशक्तेष िववरिण दे ने Mundakopanishad (2/1/9) कहतिे है:


मर्हान आत्मर्ाओं से उभरिा है . आग की 7 आग की लपणटो से उत्सियोजर्पति करि रिहे है. ये 7 Samidhas (यज्ञ की लकड़ी) है औरि इन 7 havees (यज्ञ प्रसाद) करि रिहे है. अपणनी ऊर्जार्प सभी 7 (दिु नया) Lokas जो पणरिमर्ेश्वरि की ओरि से उच्च पणिवत्र उद्देश्यो के िलए बिनाया गया था मर्े प्रवेशक्त करितिी है .

लेखक: अंतरराष्ट्रीय गायत्री परिरवार के संस्थापरक आचायर श्रीराम शर्मार एक महान योगी शर्ंकराचायर और भगवान के अवतार थे िजिन्होंने िवश्व कल्याण और शर्ांित के िलए आध्याित्मक िवषयों परर मुख्य रूपर से वैज्ञािनक सािहत्य की मात्रा िलखी थी. के िलए और अिधिक वैज्ञािनक ई सािहत्य pls http://www.shriramsharma.com/ www.awgpestore.com http://www.dsvv.ac.in/ www.akhandjyoti.org यात्रा और http://www.awgp.org/ िववरण: चक ध्यान - ESP, Nirvikalpa समािधि या मफ् ु त ट्रांस बनना Ridhi - Sidhis या ईश्वरीय ऊर्जिार, भिवष्य वैज्ञािनक धिमर, सपर ु र ऊर्जिार गायत्री िवज्ञान और कंु डलिलनी योग को सहसंबद न्यरू ोसाइंसेस - ESP, Endocrinology, एनाटॉमी, मनोिवज्ञान और सोचा ई परुस्तके 1) सामग्री और आध्याित्मक समिृ द और 2) दिु नया एक

परिरवार के रूपर मे शर्ांित से एकजिुट करने के िलए समाजिशर्ास्त्र. एक खूबसूरत अनविधि दिु नया: हमारा एक सख्ती गैर वािणिज्यक वेबसाइट है जिो उम के महान नेताओं और दिु नया के िवचारकों के परुराने सपरने को साकार करना है . कीवडलर: कंु डलिलनी योग गायत्री e-िकताबे अल्ट्रा साउं डल टे िलपराथी parapsychology

तत्वमीमांसा िनिवरकल्पर समािधि प्रदष ू ण योग तंत्र िफिल्मे इंटरनेट सम्मोहन परािरिस्थितकी ज्योितष आयुवेद किल्क bioelectricity सजिररी परराबैगनीिकरण ओजिोन रडलार तनाव रचनात्मकता परुरातत्व िसंधिु घाटी सभ्यता ईंधिन संकट भोजिन की कमी सन ु ामी जिीवनी गुर िवश्व शर्ांित मन मानस दे वता सूक्ष्म तंिकात्रका चेतना आत्मा पररमात्मा ट्रान्स endocrine ग्रंिथयों ESP चक plexus ध्यान एकाग्रता बुिद भिवष्यवाणी Cheiro Nostradamus अरिवंद आनंद मिस्तष्क वेद सौर सय ू र की ऊर्जिार परिवत्र शर्द ु इंिद्रियों प्राण अवतार उपरिनषद प्रकाशर् सेल hypothalamus परीयूिषका परिरवतरन भिवष्यवादी

भिवष्यवाणी नािगन शर्िक्त जिीवन मानव नैितकता अखंडलता चिरत्र वेगस तंत्र Mooladhar पररमाणु न्यूट्रॉन सोच सोचा प्रोटोन

7 Lokas दे वी भागवति मर्े अलग ढं ग से विणर्पति िकया गया है . - पणवन, Svaha - िदव्य प्रकाशक्त, Mahaha -

मर्हानतिा, Janaha - तिपणस्या औरि Satyaha - सभी दिु नया, Tapaha के लोगो के भाषण मर्े कहा िक हमर्ेशक्ता सच आतिा है उस मर्े एक Bhuha पणथ् ृ वी, Bhuvaha पणातिा. इस तिरिीके मर्े सबि कुछ है िक सामर्ग्री औरि आध्याियोत्मर्क कायो के िलए आवश्यक है कंु डलिलनी योग (यानी चक्र) मर्े शक्तािमर्ल है . मर्ानव शक्तरिीरि Bhulok

(पणथ् ू र्प के रूपण मर्े िसरि मर्े सहस्रारि कहा जातिा है . 2 के ृ वी) की तिुलना की गई. Mooladhar मर्े यह पणथ्ृ वी औरि सय बिीच संकषर्पण Merudand कहा जातिा है . सूरिज की गमर्ी पणथ्ृ वी के िलए एक वरिदान है . Brahmarandhra


ब्रह्मर्ांडल का प्रतिीक है . केवल जबि पणथ् ृ वी imbibes गमर्ी / सूरिज की रिोशक्तनी इसे बिनाने औरि स्टोरि करि सकतिे है सामर्ग्री आध्याियोत्मर्क धन. उसी तिरिह सहस्रारि Loka ब्रह्मर्ांडलीय चेतिना की अिभव्यियोक्ति केद्र औरि लगातिारि

Mooladhar िक ज्यादा ऊर्जार्प है िक जो भी इस िबिजलीघरि से जो भी गण ु वत्तिा के उद्देश्य के िलए यह आवश्यकतिा imbibes

कैसे इस अनुग्रह पणथ्ृ वी के धव ु ीय क्षेत्रो के िलए जा रिहा द्वारिा नीचे pours की एक झलक िमर्ल सकतिी है .

क्योिक Brahmarandhra भी उत्तिरिी धव ू र्प औरि अन्य मर्हत्वपणूणर्प ग्रहो की प्रमर्ुख ऊर्जार्प नीचे ु मर्े जो सय

िगरिने रिखने को कहा जातिा है . यह िकतिना वह इस ऊर्जार्प imbibes के रूपण मर्े आध्याियोत्मर्क आकांक्षी पणरि िनभर्परि करितिा है .

हमर्ारिे ग्रह पणथ्ृ वी के उत्तिरिी धव ु के आकर्पिटक क्षेत्र कहा जातिा है औरि यह 50,000 मर्ील की दरिू ी पणरि एक व्यास है . दित क्षण धव ु (अंटाकर्पिटका) 30,000 मर्ील की दरिू ी पणरि एक व्यास है . उत्तिरिी धव ु मर्े धव ु प्रभा मर्ेर प्रकाशक्त के रूपण मर्े आतिा है औरि अजीबि िचत्र के रूपण मर्े दे खे जा सकतिे है. इस Aurora बिोरिे िलस नामर्क प्रकाशक्त धव ु ीय क्षेत्रो है िक एक ही अवाक हो सकतिा है पणरि इस तिरिह के एक अजीबि तिरिीके से चमर्कतिा है .

यह दे खा गया है Aurora बिोरिे िलस धपण ू मर्े िवकृितियो के कारिण अजीबि के रूपण मर्े हालांिक एक सचर्पलाईट जो रिोशक्तनी औरि िनिमर्ष रिहतिा तिरिह. उत्तिरिी धव ु मर्े Eskimos, भालू, reindeers, मर्छली आिद के दित क्षण धव ु मर्े

एक पणेगुइन जो प्यारि से भरिा है पणा सकतिे है रिहतिे है. उत्तिरिी धुव के एियोस्कमर्ो पणुरषो स्वभाव से बिहुति साहसी है .

वहाँ कई अजीबि घटनाओं धव ु ाया ु ीय क्षेत्रो पणरि सूरिज की रिोशक्तनी के बिारिे मर्े है. उत्तिरिी धव ु के एक यात्री बिल

जॉन Bayard एक बिारि वहाँ सय ू र्प के िविभन्न रिं ग के दे खा था. वहाँ पणरि वह हवा मर्े लटक वस्तिुओं दरिू दे खा. पणहाड़ो की ऊर्ंचाइयो क्या वे वास्तिव मर्े थे की तिुलना मर्े अिधक िदखाई िदया. कई बिारि एक कई सय ू र्प आकाशक्त

मर्े एक साथ बिढतिी दे ख सकतिा था. उसी तिरिह चाँद भी बिफिर्प, वायु औरि आकाशक्त मर्े variedly दे खा गया था. उत्तिरिी धुव मर्े रिाति के 6 मर्हीनो के िलए रिहतिा है . सूरिज मर्ुियोश्कल से पणूरिी तिरिह से 16 िदनो के िलए चमर्कतिा है .

चाँद कभी कभी इतिनी तिेज है िक यह सय ू र्प की प्रितिभा की तिल ु ना मर्े िकया जा सकतिा है चमर्कतिा है . प्रकाशक्त मर्े पणिरिवतिर्पन hues औरि लगातिारि झपणकाए. कभी कभी यह मर्शक्ताल की रिोशक्तनी की लंबिाई की तिरिह चलातिा है .


चंबि ु कीय तिूफिानो औरि लगातिारि आ जाओ. इस ऊर्जार्प का प्रवाह कूदतिा है औरि दित क्षण धव ू ण ु पणरि भूिमर्. प्रदष

औरि पणरिमर्ाणु धल ू उत्तिरिी धव ु के दित क्षण धव ु के उत्सजर्पन करि रिहे है. एक धव ु एक गड्ढा की तिरिह है औरि अन्य एक पणहाड़ी की तिरिह है . लगतिा है दरिू कई बिारि बिारिीकी से सन ु ा रिहे है औरि अन्य समर्य मर्े बिहुति पणास लगतिा है नहीं सन ु ा रिहे है. यह सबि ऊर्पणरि िदए गए िववरिण Mooladhar चक्र औरि मर्ानव शक्तरिीरि के सहस्रारि कमर्ल तिल ु ना की जा सकतिी है .

हमर्ारिे शक्तरिीरि के िसरि उत्तिरिी धुव औरि Mooladhar चक्र जननांग अंगो दित क्षण धव ु है. जबि हमर् पणिरि​ियोस्थितियो मर्े , िवशक्तेष गण ु है औरि इन दोनो के प्रभाव का िवश्लेषण, एक यह जननांग अंगो औरि िसरि क्षेत्र के िवशक्तेष गण ु

के िलए सहसंबिंधी करि सकतिे है. यौन जुनून के प्रवाह को िसरि से शक्तरू ु होतिा है औरि नीचे झूठ बिोल जननांग

अंगो हमर्लो. 2 के बिीच एक लंबिा रिास्तिा Merudand (रिीढ) कहा जातिा है तिो यह है िक दे ने औरि लेने के िलए संतिुिलति िकया जा सकतिा है . इस Merudand मर्े 6 चक्र (plexuses) कहा जातिा अवरिोधो है.

पणुरिाणो (भारितिीय पणौरिािणक कथाओं) की तिो कई कहािनयो कंु डलिलनी योग (दे वी नाग पणावरि) सहसंबिद्ध िकया जा सकतिा है . यह दिु नया Shesha नािगन के िसरि पणरि संतिुिलति है औरि सांपण पणरि शक्तरिीरि Mooladhar चक्र

कहा जातिा है . जबि इन क्षेत्रो मर्े आंदोलन करि रिहे है, आदमर्ी कमर्जोरि हो जातिा है , िवकलांग औरि िहजड़ा पणसंद है . भगवान Vishnoo Shesha नािगन पणरि सोतिा है . वहाँ भगवान िशक्तव की गदर्प न के चारिो ओरि तिारि िक सांपण है. यह Brahmarandhra का वणर्पन है . इन सभी सांपण एक दस ू रिे के साथ सहयोग करिने औरि कंु डलिलनी के उत्प्रेरिक के िलए इस ऊर्जार्प का लाभ दे . क्योिक यह ऊर्जार्प Vishnoo औरि िशक्तव के िलए संयुक्ति है यह एक प्रतिीकात्मर्क तिरिीके से उन मर्े उपणियोस्थति होने के िलए कहा जातिा है .

कहाँ Mooladhar के अव्यक्ति सुपणरि serpentess मर्िहला िसद्धांति connotes, सहस्रारि मर्े सुपणरि नािगन पणरि

एक पणर ु ष connotes. दोनो अपणने स्वयं के िवशक्तेष पणहलओ ु ं औरि Merudand कंु डलिलनी योग के मर्ाध्यमर् से दोनो के अनंति तिड़पण को पणरिू ा करिने के िलए एकजट ु है .

वैवािहक संघ की सामर्ग्री आनंद ब्रह्मर् का आनंद की एक झलक मर्ियोस्तिष्क ऊर्जार्प की शक्तह के कारिण ियोजसके पणिरिणामर्स्वरूपण होने के िलए कहा है . आमर्तिौरि पणरि दोनो क्षेत्रो मर्े एक अव्यक्ति अवस्था मर्े है औरि केवल उत्साह प्रकट होतिा है जबि वे उकसाया नहीं िमर्लतिा.


कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) Mooladhar ऊर्जार्प मर्हत्वपणूणर्प प्रवाह, जीवन शक्तियोक्ति, रिचनात्मर्क

प्रेरिणास्त्रोति, एक लंबिे जीवन, उत्साह, हास्य खेलने, साहसी आिद रिहतिे है आग्रह करितिा हूं िक यिद इस क्षेत्र अव्यक्ति झठ ू के रूपण मर्े प्रकट करिने के िलए दे खा जातिा है , आदमर्ी भी कमर्जोरि हो जातिा है औरि िनरिाशक्ता से भरिा है .

कंु डलिलनी के सहस्रारि कमर्ल के ऊर्पणरिी दिु नया मर्े बिुिद्ध ध्यान केियोन्द्रति करिना, प्रिक्रया, भेदभाव, भियोक्ति, आदशक्तर्पवाद, आत्मर् िनयंत्रण, प्यारि, िवश्वास, अच्छी सोच, कड़ी मर्ेहनति प्रकृिति आिद कामर् करि रिहे

यिद एक वासना, दोनो ऊर्पणरिी औरि िनचले केन्द्रो के साथ मर्ानस overflows िवकृति हो. एक दोनो शक्तारिीिरिक

औरि मर्ानिसक रूपण से कमर्जोरि हो जातिा है . लेिकन अगरि इन केन्द्रो केवल सीिमर्ति यौन औरि पणिवत्र उच्च आध्याियोत्मर्क लक्ष्यो के िलए जन ु न ू के िलए उपणयोग िकया जातिा है , एक असाधारिण लाभ प्राप्ति करितिा है .

यह पणहले से ही कहा गया है िक कंु डलिलनी ऊर्जार्प ही प्रसव औरि यौन खेलने के िलए स्थल ू भौितिक शक्तरिीरि के द्वारिा िकया जातिा है . इसकी औरि अिधक गंभीरि रूपण सूक्ष्मर् शक्तरिीरि मर्े पणाया जातिा है . जबि शक्तरिीरि dissected है

आपण चक्र नहीं िमर्ल रिहा है , लेिकन िनियोश्चति रूपण से आपण वहाँ पणरि नसो के समर्ूहो दे खेगे. संरिचनात्मर्क सहसंबिंध पणहले से ही िपणछले अध्याय मर्े elucidated िकया गया है . वास्ति​िवकतिा मर्े चक्र शक्तरिीरि का िवद्युति प्रवाह का प्रतिीकात्मर्क केद्र है.

िनम्निलिखति िदव्य प्रवाह रिक्ति प्रवाह, तिंित्रका plexuses, नसो, म्यान प्रवाह आिद जो इन मर्ान्यतिाओं को स्वीकारि अंति​िनर्पिहति वास्ति​िवकतिा समर्झ मर्े नहीं आतिा है औरि िसफिर्प उनके बिारिे मर्े बिाति करि सकतिे है सैद्धांितिक रूपण के रूपण मर्े नहीं जाना जा सकतिा. यह होशक्त मर्े मर्हत्वपणूणर्प प्रवाह जो सामर्ग्री िबिजली नहीं कहा जा सकतिा का एक िवषय है . क्योिक यह लकड़ी, रिबिरि आिद को प्रभािवति नहीं जबि​िक मर्हत्वपणूणर्प चेतिना दोनो िनियोष्क्रय मर्ामर्ला है औरि होशक्त मर्े ऊर्जार्प को प्रभािवति करि सकतिे है.


(दे वी नाग पणावरि) कंु डलिलनी योग Vasishtha, योग Choodamani, दे वी भागवति, शक्तारिदा ितिलक,

Shandilyopanishad, Muktikopanishad, Hathyoga संिहतिा, Kularnav तिंत्र, योिगनी तिंत्र, Bindupanishad, Rudrayamal तिंत्र, Soundarya लािहड़ी आिद मर्े िवस्तिति ृ है िफिरि भी यह रूपण मर्े नहीं है हालांिक एक समर्झ सकतिे है के साथ विृ द्ध / साधना की िगरिावट को कमर्. न तिो एक साधना के िविभन्न

िनयमर्ो को समर्झने के द्वारिा सफिलतिापणव र्प सही लक्ष्य को प्राप्ति करि सकतिे है. यह इसिलए है िक ऋषग्वेद ू क मर्े ऋषिष का कहना है :

हे मर्हत्वपणूणर्प आग, मर्ेरिे जीवन मर्े भोरि के रूपण मर्े प्रकट होतिा है . मर्ेरिी अंधेरिे वाडलर्प. मर्ुझे ऊर्जार्प दे इतिना है िक

मर्ुझे िदव्य शक्तियोक्तियो के िलए चला आया.

Trishikhibrahmopanishad के लेखक िलखतिे है:

कंु डलिलनी योग प्रथाओं द्वारिा सिक्रय चमर्कतिा है औरि िबिजली की तिरिह palpitates. सो रिहा है जो कोई भी आगे से जागतिा है औरि जो कोई भी ऊर्पणरि उठतिा है शक्तुरू से चल रिहे है .

अियोजति मर्ख ु जी "तिंत्री मर्ागर्प स्वामर्ी Agehanand" तिांित्रक पणरिम्पणरिा "औरि" जंभाई ऊर्जार्प ", हं स जैक्सन" पणियोश्चमर्ी मर्नोिवज्ञान औरि भारितिीय साधना "उमर्रि गैरिीसन तिंत्र जंभाई योग". Ukhil 'Haus Hathyoga Pradeepika पणरि टीका "िफि​िलपण है Rakhen" तिांित्रक काला ", जॉन के उज्ज्वल" चेतिना का सीमर्ांति ",

हं स के Rigjimar" भारितिीय धमर्र्प Kay Upakhyan औरि प्रतिीक ", औरि सरि जॉन के वूडलरिोफि" टे ढा पणावरि "एक िवस्तिति ृ आधुिनक के बिारिे मर्े िववरिण parapsychology, मर्नोिवज्ञान औरि कंु डलिलनी योग की साधना का शक्तास्त्र िदया गया है . वे आगे कहतिे है िक इन िनयमर्ो मर्े िनियोश्चति उपणदे शक्तो िक जो लोग aptly उन्हे उपणयोग काफिी लाभाियोन्वति िकया जाएगा पणरि आधािरिति है.

Mahatantra मर्े वणर्पन है :


एक सिक्रय कंु डलिलनी अनंति ऊर्जार्प को जन्मर् दे तिा है . इसे मर्े एक स्वतिः Naad िबिंद ु, औरि कला की तिरिह साधना का फिल िमर्लतिा है . पणैरिा 4 भाषणो, Pashyanti Madhyama, औरि Vaikhari प्रकट स्वतिः बिल ु ाया. इच्छा शक्तियोक्ति, ज्ञान शक्तियोक्ति औरि कारिर्प वाई की शक्तियोक्ति का एक अितिप्रवाह है . शक्तरिीरि औरि एक एकल फिाइल मर्े

औरि एक मर्ीठी आवाज़ि वे हमर्ारिे छातिी मर्े गंज ू के साथ लाइन के भाषण के सभी कनेक्शक्तन. Shabda ब्रह्मर् की इस िदव्य शक्तियोक्ति (सीधी) एक एक Jeevanmukta (जबि​िक अभी तिक ियोजंदा मर्क् ु ति) बिनातिा है .

जो आधारि के रूपण मर्े चक्र के भावनात्मर्क पणहलू करिने के िलए रिं ग, शक्तब्द, शक्तंकु, आिद वाहनो के एक गहरिे

ध्यान मर्े इस तिरिह के रूपणो मर्े दे ख सकतिे है औरि इस तिरिह के िवशक्तेष गण ु अनुभव करि सकतिे है िमर्लाना करितिे

है. लेिकन अगरि सच उपणदे शक्तो को आधारि बिना रिहे है तिो उनमर्े से एक चक्रवाति, volcanos की लावा,

असाधारिण शक्तियोक्तियो के लोगो मर्े निदयो आिद मर्े eddies की तिल ु ना करि सकतिे है. इस शक्तियोक्ति के साथ एक बिड़े पणैमर्ाने पणरि सक्ष् ू मर् दिु नया मर्े आंदोलनो को प्रेिरिति औरि एक आत्मर्ा उन्निति की सीढी के उच्चतिमर् कदमर् तिक पणहुँच सकतिे है करि सकतिे है.

पणंद्रह अध्याय नािगन जागरिण ..... उत्थान िदव्य शक्तियोक्ति

6 चक्र भी 6 गन ु ा धन कहा जातिा है . आध्याियोत्मर्क िवज्ञान मर्े यह मर्ानिसक (िनयंत्रण) शक्तामर्, दामर्ा (इंद्री िनयंत्रण), (उदासीनतिा) Uparati, िति​ितिक्षा (धैयर्प), श्रद्धा (िवश्वास), समर्ाधान (एकाग्रतिा) कहा जातिा है .

शक्तामर् शक्तांिति का मर्तिलबि है . आंदोलन, तिनाव, पणीड़ा औरि क्रोध का मर्तिलबि िवनाशक्त. Dama इंिद्रयो की मर्हारिति औरि उन्हे उनके संबिंिधति वस्तिओ ु ं की ओरि भटक से रिोक का मर्तिलबि है . Uparati िनकम्मर्ापणन, मर्न की दष्ु टतिा आिद के िखलाफि लड़ने का मर्तिलबि है .

िति​ितिक्षा शक्तांिति से सभी बिाधाएं है िक उच्च जीवन के लक्ष्यो को प्राप्ति करिने के रिास्तिे मर्े आने के स्थायी का मर्तिलबि है . श्रद्धा सभी पणिवत्र गिति​िविधयो मर्े गहरिी आस्था का मर्तिलबि है . समर्ाधान लालच, भ्रमर्, औरि

अहं कारि पणरि काबिू पणाने का मर्तिलबि है . वास्ति​िवकतिा जागरिण मर्े 6 चक्र स्वचािलति रूपण से एक चिरित्र, कायो औरि गुणो की शक्तुिद्ध के िलए होतिा है .


6 चक्र औरि कंु डलिलनी के सिक्रयण के मर्ाध्यमर् से िवशक्ताल ब्रह्मर्ांडल औरि एक व्यियोक्ति के शक्तरिीरि के अलग -

अलग प्रकृिति warding सहसंबिद्ध िकया है औरि अपणने बिेहोशक्त प्रकृिति पणरि काबिू पणाने से इसे समर्ग्रतिा मर्े सिक्रय

करिने की एक िविध है . उन 8 (िदव्य शक्तियोक्तियो) Sidhis अपणनी किवतिा "Soundarya लािहड़ी" मर्े आिद शक्तंकरिाचायर्प द्वारिा विणर्पति 6 चक्र, सहस्रारि औरि भीतिरि की आत्मर्ा को सिक्रय करिने के द्वारिा प्राप्ति करि रिहे है. इन Sidhis 1) जन्मर् सीधी .... िपणछले 2 जन्मर्ो की एक झलक) Shabda सीधी ज्ञाना सकल कानो से सन ु ा

शक्तब्दो के पणीछे िछपणे अथर्प जानने के. 3) शक्तास्त्र ... 4 शक्तास्त्रो का सही ज्ञान सीधी) Sahan ... 5 जीवन मर्े

किठनाइयो औरि बिाधाओं सहन शक्तियोक्ति Sakti) Tapah शक्तियोक्ति .... सांसािरिक गमर्ी औरि आपणदाओं को सहन करिने की शक्तियोक्ति है . 6) Shaap ... सत्तिा शक्तियोक्ति दस ू रिो को अिभशक्तापण या एक वरिदान दे . 7) िवद्या शक्तियोक्ति ...

दस ू रिो के मर्न के िवचारिो को जानने के. 8) Vijnan ... शक्तियोक्ति रिहस्य औरि ब्रह्मर्ांडल के रिहस्यो को जानने की शक्तियोक्ति. कंु डलिलनी के अपणने स्तिवन मर्े वास्ति​िवकतिा प्रभु शक्तंकरिाचायर्प बिहुति भावनात्मर्क रूपण से कहा गया है :

मर्ै जो कुछ भी आज अपणने आपण की तिरिह एक अनपणढ व्यियोक्ति पणरि अपणनी कृपणा की वजह से है .

कंु डलिलनी शक्तियोक्ति अन्य धािमर्र्पक नेतिाओं ने भी विणर्पति िकया गया है . इनमर्े सोचा की सूफिी स्कूल भारितिीय

दशक्तर्पन करिने के िलए बिहुति करिीबि है . एक सफि ू ी होने के बिावजूद Darashikoh (शक्ताह Jehan के बिड़े बिेटे) भी उपणिनषदो के एक िवद्वान था. उन्होने यह भी योग औरि तिंत्र ग्रंथो का अध्ययन िकया था औरि फिारिसी भाषा मर्े एक िटप्पणणी दी है . वह कंु डलिलनी शक्तियोक्ति को अपणनी पणुस्तिक "Risala - ऐ - Hukmanama" मर्े िटप्पणणी की है औरि िदल-E-Muddavar, िदल - ई Sarovari, िदल - ई Nilophari के रूपण 3 केन्द्रो का वणर्पन. ये

Brahmagranthi Vishnugranthi, औरि Rudragranthi के अनुरूपण. वे भी सहस्रारि Anahat, औरि Mooladhar चक्र कहा जातिा है . अपणनी पणुस्तिक "फिारिस मर्े तित्वमर्ीमर्ांसा का िवकास" मर्े शक्तेख मर्ोहम्मर्द

इकबिाल िलखतिे है कैसे िहंद ू दशक्तर्पन अन्य धािमर्र्पक संप्रदायो के अनुयािययो के िलए गहरिी सोच के िलए

भोजन है . एक िवद्वान अल Brooni बिुलाया योग Sootras औरि 11 मर्े अरिबिी भाषा मर्े अनुवाद िकया था सांख्य Sootras सदी. वे

ितिब्बितिी ग्रंथो के अनस ु ारि मर्ानव शक्तरिीरि िसरि मर्े झठ ू , गले, िदल, सौरि जाल औरि जननांग अंगो के केद्र के प्रमर्ख ु ऊर्जार्प केन्द्रो. ग्रीक दशक्तर्पन मर्े भी 6 ऊर्जार्प केन्द्रो elucidated िकया गया है . मर्हान anatomists गप्ु ति

ऊर्जार्प केन्द्रो, चक्र औरि Kamals के रूपण मर्े योग ग्रंथो मर्े विणर्पति सहसंबिद्ध िवद्यति ु प्रवाह, endocrine ग्रंिथयो


औरि अन्य स्वायत्ति ganglia. उस स्थान औरि आकारि जापणान मर्े "Cusos" नािमर्ति ग्रंिथयो औरि चक्र के िलए सहसंबिद्ध िकया जा सकतिा है . प्रिसद्ध अपणनी पणस् ु तिक "Esosteric मर्नष्ु य के िवश्वकोशक्त" मर्े

मर्नोवैज्ञािनक िबिन्यामर्ीन वाकरि का कहना है िक उनके 6 चक्र के हामर्ोन औरि ऊर्जार्प के साथ अंति: स्रावी ग्रंिथयो विृ द्ध / िगरिावट, गण ु , कारिर्प वाई, प्रकृिति औरि मर्ानव जािति के व्यियोक्तित्व मर्े एक प्रमर्ख ु भिू मर्का िनभातिे है.

कंु डलिलनी मर्हत्वपणूणर्प बिल आग है जो जबि मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति के िचतिा मर्े एक अव्यक्ति िचंगारिी (जननांगो

यानी) की तिरिह प्रज्विलति है , 6 दिु नया pierces औरि 7 Brahmaloka की दिु नया तिक पणहुँच है . वहाँ अपणने वे

फिामर्र्प िक ब्रह्मर् की आग की हो जातिा है . मर्हत्वपणूणर्प बिल आग शक्तरिीरि औरि मर्न के िवशक्तेष गुणो radiates. डलेमर्ी - दे वतिाओं औरि Rishis यह बिहुति सोमर्ा का रिस पणीतिे है. भगवान मर्े आत्मर्ा का त्याग करिके Brahmarshis मर्हत्वपणूणर्प अद्वैति (गैरि द्वंद्व) भगवान व्यियोक्ति की आत्मर्ा मर्े िवलीन हो जातिी है ियोजसमर्े रिाज्य स्थािपणति करिने के िलए औरि इस तिरिह भगवान बिन जातिा है . थोड़ा िनयंत्रण के साथ आध्याियोत्मर्क यज्ञ का यह वणर्पन िकया गया है अलंकृति लेिकन यह भी िवस्तिति ृ है औरि यह भी आत्मर्ा यज्ञ कहा जातिा है .

मर्हत्वपणूणर्प बिल आग को आकिषर्पति करितिी है औरि खुद की ओरि खींचतिी आत्मर्ा के अंतिरितिमर् कोरि मर्े िदव्य glories (Vibhutis) के रूपण मर्े शक्तारिीिरिक शक्तियोक्ति की सामर्ग्री क्षमर्तिा. यह एक सोमर्ा रिस की तिरिह अमर्ति ृ पणीने औरि इस तिरिह मर्हानतिा मर्े दीनतिा को बिदलने के िलए एक मर्ौका दे तिा है .

कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (पणावर्पतिी) औरि सहस्रारि िशक्तव है . िशक्तव - शक्तियोक्ति के िमर्लन के कारिण, 2 बिून्स प्राप्ति करि रिहे है. औरि वे गणेशक्त बिुिद्ध के एक बिुिद्धमर्ान प्रभु औरि काितिर्पकेय सभी ऊर्जार्प के दे वतिा है. आध्याियोत्मर्क आकांक्षी

अपणने शक्तरिीरि Vaishwanar मर्हामर्ाया के साथ बिह िनकला दे खतिा है औरि Brahmarandhra मर्े एक िदख

गंगा नदी की अिभव्यियोक्ति की तिरिह िदव्य चेतिना प्रकट नोिटस करि सकतिे है. यह सबि पणथ्ृ वी denizens के िलए सोमर्ा रिस बिरिाबिरि है औरि स्वगीय denizens के िलए यह अमर्ति ृ है . आध्याियोत्मर्क िवज्ञान मर्े दोनो सोमर्ा औरि अमर्ति ृ 2 संस्थाओं के एक कद के है.

मर्ानव मर्ियोस्तिष्क कहां वहाँ सहस्रारि मर्ल ु ायमर् सामर्ग्री की एक तिरिह से खोपणड़ी की हड्डली मर्े दे खा जातिा है पणरि ियोस्थति होने के िलए कहा जातिा है . लेिकन इसके सच मर्हानतिा बिहुति व्यापणक है . इसे का एक प्रमर्ुख िहस्सा


'साइले ट या अंधेरिे क्षेत्र "है जो िसरि क्षेत्र के 93% करिने के िलए 87% का गठन कहा जातिा है . शक्तांति क्षेत्र (यानी सही पणाियोश्वर्पका प्रांतिस्था, कोष callojum औरि limbic प्रणाली आिद) मर्ियोस्तिष्क के दोनो सचेति औरि

बिेहोशक्त भागो को एक साथ डलाल की तिल ु ना मर्े बिहुति अिधक स्थान लेतिा है . िदव्य शक्तियोक्तियो के केद्रो इन क्षेत्रो के भीतिरि है. मर्नोवैज्ञािनक िवज्ञान केवल चेतिन औरि अचेतिन मर्न मर्े अनस ं ान करि सकतिे है. इस ु ध superconscious मर्न पणरिू ी तिरिह से अपणने केन औरि पणहुंच से पणरिे है .

कंु डलिलनी योग बिहुति बिहुति हठ योग का एक िहस्सा है . हठ योग तिंत्र िवज्ञान के करिीबि है . इसके कारिण मर्ोहन, Ucchatan, Vashikaran आिद जैसे कई प्रथाओं के साथ जो एक िकसी पणरि हमर्ला करि सकतिे है औरि उनके पणतिन का कारिण है .

जबि रिॉबिटर्प स्कॉटलैडल याडलर्प के एक गप्ु ति एजेट Fabian अफ्रीका मर्े िकया गया था वह तिो कई तिांित्रक कायर्प करितिा है को मर्ारि डलाला जा रिहा है जो कई लोगो की मर्ौति के िलए नेतित्ृ व दे खा. वह गहरिी इन घटनाओं मर्े उनके द्वारिा िलिखति पणुस्तिक मर्े delved है .

इसिलए इन पणद्धितियो के केवल एक शक्तांति पणहलू सीधे इलाज मर्े दे खा जातिा है . बिाकी एक शक्तीषर्प गप्ु ति रिखा जातिा है क्योिक अगरि यह एक नीच charactered व्यियोक्ति के हाथो मर्े हो जातिा है , यह केवल आपणदा मर्े

पणिरिणामर् करि सकतिे है. इतिना है िक बिमर् है जो िवशक्ताल पणहाड़ो िबिखरितिा मर्े एड्स के रूपण मर्े रिोडलवेज को बिनाने

के िलए भी इतिनी के रूपण मर्े करिने के िलए स्कूलो, अस्पणतिालो आिद को चकनाचूरि करिने के िलए दस ू रिो के पणतिन का कारिण का दर ु पणयोग िकया जा सकतिा है . कारिण है िक कुछ साधना एक गप्ु ति रिखा जातिा है िक यह

िकसी के पणतिन के िलए नेतित्ृ व नहीं करिना चािहए. भारितिीय पणौरिािणक कथाओं मर्े सागरि (पणुरिाणो) डलेमर्ी दे वतिाओं औरि रिाक्षसो के साथ ियोजसमर्े मर्ंथन की एक कहानी है सागरि इतिना के रूपण मर्े 14 जवाहरिाति को प्राप्ति करिने के िलए मर्ंथन िकया.

एक कीट गड्ढे कंु डलिलनी की योिन के गुफिा मर्े बिाति की है . इस Kurma (कछुआ) है . मर्ंथन रिॉडल जो Mandarachal पणहाड़ बिुलाया गया था वास्तिव मर्े Merudand है . नािगन एक सागरि मर्थना रिस्सी के रूपण मर्े

इस्तिेमर्ाल िकया गया था. Ida औरि 3 के िपणंगला साढे snakelike दौरि है . मर्ंथन औरि रिोटे शक्तन के कारिण ऊर्जार्प का एक बिहुति प्रकट. यौन खेलने मर्े भी मर्ंथन औरि कंु डलिलनी योग मर्े मर्हत्वपणूणर्प बिल (Pranas) के मर्ंथन का


एक बिहुति है . इसे से दोनो अमर्ति ृ के रूपण मर्े रूपण मर्े जहरि प्रकट करि सकतिे है अच्छी तिरिह से. यिद इन गुप्ति िवज्ञान का दरू ु पणयोग करिने से तिरिह Vamachar तिांित्रक प्रथाओं मर्े एक अन्य व्यियोक्ति को नष्ट करि दे तिा है

तिो इसका मर्तिलबि है िक जहरि प्रकट िकया है औरि अगरि यह aptly लौिकक कल्याण के िलए उपणयोग िकया जातिा है , यह िनियोश्चति रूपण से अमर्ति ु ति उपणयोग बिनाने के िलए औरि नीच आदमर्ी ृ है . पणिवत्र लोगो के उपणयक् यह दर ु पणयोग. इसिलए यह छुपणा / एक खाल एक जननांग अंगो की तिरिह इसे कवरि करिने की एक नीिति है .

सो serpentess 1 हमर्लो है िक बिहुति जो व्यियोक्ति उसे जगा करिने की कोिशक्तशक्त करितिा है औरि उस व्यियोक्ति को

पणरिे शक्तान. दरू ु पणयोग औरि serpentess उकसाने के उत्पणीड़न के कारिण. आदे शक्त मर्े चमर्त्कारि िदखाने के िलए औरि दस ू रिो के पणतिन कई मर्ूखर्प आदमर्ी यह दर ु पणयोग कारिण. यौन जुनून भी augments औरि िक आक्रमर्ण मर्े भद्दा बिन सकतिा है .

यह हे नरिी ओस्लो "आध्याियोत्मर्क िफि​ियोजयोलॉजी पणरि नोट्स" नामर्क पणस् ु तिक मर्े िलखा है िक पणर ु षो औरि मर्िहलाओं मर्े यौन जुनून Merudand के िनचले आधे के sacrocarxial क्षेत्र से शक्तरू ु है . औरि इस क्षेत्र मर्े

laxness आक्रमर्ण यौन जुनून पणरि िनभर्परि करितिा है . जबि इस क्षेत्र िवकृति हो जातिा है िकसी को वासना से भरिा

सेक्स के साथ हो या एक िहजड़ा बिन सकतिे है. इसिलए योग ग्रंथो हुक्मर् दे ना है िक इस क्षेत्र Mooladhar बिांध, शक्तियोक्ति Chalini मर्ुद्रा, Vajrasan औरि Padmasan तिरिह यौिगक अभ्यास के मर्ाध्यमर् से शक्तियोक्तिशक्ताली

बिनाया जाना चािहए. कंु डलिलनी जागरिण के इन तिरिीको के मर्ाध्यमर् से प्रवाह के िलए ऊर्पणरि उठाया जा सकतिा है . यिद इस सवाल का पणालन नहीं िकया है , प्रवाह नीचे िगरि जातिा है औरि इस तिरिह एक बिहुति कमर् उम मर्े आध्याियोत्मर्क आकांक्षी आयु वगर्प के लोगो की कमर्जोरिी का मर्ानना है .

शक्तब्द कंु डलिलनी अथर्प है "एक बिाड़े मर्े बिैठने. नािगन बिनातिा है औरि एक बिाड़े बिैठतिा है , लेिकन अभी तिक उसके

हुडल के ऊर्पणरि उच्च है . यह अपणने सामर्ने का िहस्सा है . वह यहाँ से औरि जागने के बिाद चल रिहा है शक्तरू ु , सहस्रारि कमर्ल की Brahmarandhra करिने के िलए चला जातिा है . िफिरि वह ग्रे बिाति करिने के िलए चला जातिा है औरि अंतितिः जालीदारि सिक्रय प्रणाली के िलए िचपणक जातिी है . इस आध्याियोत्मर्क अभ्यास के िशक्तव मर्ंिदरि मर्े

िविभन्न िचत्रो औरि िचत्र के मर्ाध्यमर् से विणर्पति है . कंु डलिलनी िक ियोजस मर्े एक पणानी पणातिा है . िशक्तव फिामर्र्प औरि एक िक्रस्टल िशक्तविलंग की तिरिह कैलाशक्त पणवर्पति दौरि की है िक तिरिह है . यह एक पणानी के बितिर्पन के बिीच मर्े सेट करि िदया जातिा है .


प्राणी भी कंु डलिलनी enclosing द्वारिा नीचे बिैठतिा है . एक करिने के िलए िकतिनी बिातिे िनयंत्रण नहीं है के रूपण

मर्े गेज करिने मर्े िवफिल रिहतिा है . लेिकन वास्ति​िवकतिा यह है िक यह भी अपणने शक्तरिीरि को वशक्त मर्े नहीं करि सकतिे है. वह केवल अपणनी atonements के साथ पणापणो औरि पणिवत्र कमर्ो का बिोझ कंधो.

कंु डलिलनी जागरिण के िनष्कषर्प मर्े से एक "मर्ै सत्तिा" बिहुति ही कमर् पणिरि​िध बिनाने के िलए नहीं है . वह सो नहीं

जारिी रिखना चािहए. उसने अपणने आपण को जगाने औरि बिाहरि इस तिरिह के पणिवत्र ियोजसमर्े स्वाथर्प की दीवारिो से ही अन्य लोगो को भी जगाने कमर्ो ले जाना चािहए. वे दस ू रिो को प्रेिरिति करिने के िलए रिास्तिे पणरि चलने की

ियोजसमर्े जागति ृ कंु डलिलनी सहस्रारि करिने के िलए चला जातिा है तिो के रूपण मर्े भगवान िशक्तव िनवास के साथ एकजुट करिने के िलए करिना चािहए. इस प्रकारि एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी की साधना आध्याियोत्मर्कतिा की सबिसे ऊर्ंची चोिटयो को छू सकतिा है .

अध्याय सोलह एक नई रिचना के िलए आध्याियोत्मर्क PRACTISES

(भारितिीय पणौरिािणक कथाओं) पणुरिाणो मर्े वणर्पन है िक जबि िवश्वािमर्त्र ब्रह्मर्ांडल की हालति है वह एक नया

ब्रह्मर्ांडल बिनाने का फिैसला िकया दे खकरि उत्तिेियोजति था. आदे शक्त मर्े एक नए ब्रह्मर्ांडल वह तिीव सौरि तिपणस्या प्रदशक्तर्पन बिनाने की शक्तियोक्ति हािसल करिने के िलए. वह अपणने कायर्प मर्े सफिल रिहा. लेिकन जैसे ही वह एक नया ब्रह्मर्ांडल बिनाने की कोिशक्तशक्त की डलेमर्ी - दे वतिाओं िवश्वािमर्त्र प्राथर्पना करिने के िलए िनमर्ार्पण के बिारिे मर्े उनकी गिति​िविधयो को रिोकने क्योिक समर्स्याओं का एक बिहुति कुछ करिने के िलए एक नया ब्रह्मर्ांडल के नव

िनमर्ार्पण के बिाद सामर्ना करिना होगा. डलेमर्ी - दे वतिाओं िवश्वािमर्त्र अपणने प्रयास मर्े आगे जा रिहा है को रिोकने मर्े सफिल रिहा.

यह के रूपण मर्े दरिू के रूपण मर्े एक नया ब्रह्मर्ांडल के िनमर्ार्पण का संबिंध है कोई नई बिाति नहीं है . अपणने रिाज्य पणहले से ही पणहले से मर्ौजद ू है . यह िदखाई औरि िदन का अनुभव करिने के िलए सबि ु ह से पणरिे है . लेिकन यह


िनियोश्चति रूपण से मर्ौजद ू है . अपणनी शक्तियोक्ति को समर्झ मर्े आ गया है , लेिकन कोई भी इसे लागू करिने क्योिक इसके साथ एक छे ड़खानी अगरि, दिु नया के पणरिू े नक्शक्ता बिदल जाएगा बिहुति बिहादरिु है.

एक पणरिमर्ाणु के चैलेजरि िवरिोधी पणरिमर्ाणु, िक मर्ामर्ले की िवरिोधी बिाति औरि है िक दिु नया के िवरिोधी ब्रह्मर्ांडल है . इसका अियोस्तित्व सामर्ग्री वैज्ञािनको के द्वारिा स्वीकारि िकया गया. यह हमर्ारिे शक्तरिीरि की छाया की तिरिह हमर्ारिे बिगल मर्े चलतिा है . यह एक वजन पणैमर्ाने 2 पणैन की तिरिह औरि एक चक्र के दो पणिहयो की तिरिह संतिुिलति है औरि इस प्रकारि दृश्य ब्रह्मर्ांडल के रूपण अिति प्राचीन काल से ही बिनी हुई है . यह इस वजह से है िक वस्तिुओं अपणनी ही धरिु ी पणरि बिारिी बिारिी से औरि अपणनी व्यियोक्तिगति ियोस्थिति पणरि कड़ी. दिु नया व्यवस्था जारिी है ियोजसमर्े छोटी इकाइयो से पणहले अिधक से अिधक शक्तियोक्तियो के इदर्प - िगदर्प िफिरिना.

जबि भी हमर् पणानी मर्े eddies दे खतिे है, हवाओं मर्े चक्रवाति, ब्रह्मर्ांडल मर्े ब्लैक होल, एक समर्झतिा है िक साधारिण प्रवाह िनरिोधक द्वारिा कुछ िवरिोध शक्तियोक्ति ऐसी अदति ु दृश्यो लातिी है . वरिना अगरि प्रवाह सीधे गया था, वहाँ अरिाजकतिा की कोई जरूरिति नहीं थी. जबि झरिने मर्े पणानी जमर्ीन पणरि नीचे औरि बिैग्स बिहतिी है , वहाँ भी पणानी एक एड़ी वतिर्पमर्ान की तिरिह gyrates.

इस प्रकारि वहाँ innumerous घटनाओं है िक सीधे कपणटपणूणर्प है. एक तिफि ू ान मर्े तिीव ऊर्जार्प गेज जबि वे ऊर्ंची

इमर्ारितिो, चकनाचूरि पणत्थरि, आिद द्वीपणो नदी eddies मर्े नाव नाव को उलटना का तिख्तिा पणलट करिने औरि मर्हान मर्हासागरिो जहाजो की eddies मर्े नाव को उलटना औरि पणानी के नीचे दफिन करि सकतिे है. अंतिरि तिारिकीय अंति​िरिक्ष मर्े बिरिमर्ूडला की तिरिह काला छे द शक्तन् ू य हवा वाहन, पणानी वाहनो प्रस्तिुति करिना.

अपणनी चंबि ु कीय शक्तियोक्ति के साथ पणथ् ृ वी के गुरत्वाकषर्पण बिल अपणने साहस या घूणी आंदोलन के कारिण नहीं है .

लेिकन नवीनतिमर् िवश्वास है िक जबि िवरिोधी दिु नया की तिरिह वस्तिुओं (दिु नया की एक समर्ानांतिरि) rotates, इन 2 बिलो प्रकट जो न केवल पणथ्ृ वी rotates लेिकन उस पणरि एक सरिु क्षा कवरि तिो बिनातिा है िक अंतिरि तिारिकीय अंति​िरिक्ष से िविकरिण बिेध नहीं करितिे है औरि दजर्प करिे पणथ्ृ वी के वायुमर्ंडलल.


अबि के रूपण मर्े इस बिल िवरिोधी एक छाया की तिरिह है , लेिकन यह सोचतिे है िक इस िवरिोधी ब्रह्मर्ांडल आगे आतिा है औरि हमर्ारिे वतिर्पमर्ान ब्रह्मर्ांडल एक छाया मर्े बिदल जातिा है िक ियोस्थिति ऐसी है िक सबि कुछ नया होगा.

भौितिक वस्तिओ ु ं नया हो जाएगा, जीव नया हो जाएगा, मर्नष्ु य के नया हो सकतिा है औरि एक चिरित्र औरि जीवन की सामर्ान्य प्रवियोृ त्ति भी नया हो जाएगा.

यह िबिल्कुल संभव है ? सच्चाई यह है िक कोई भी आदमर्ी की तिल ु ना मर्े अिधक है . यह सच है िक भगवान

आदमर्ी बिनाया है , लेिकन इस िनयमर् के भी गलति नहीं है िक आदमर्ी भगवान बिना. मर्नुष्य के अलावा कोई अन्य प्राणी भगवान के अियोस्तित्व को स्वीकारि करितिा है . केवल आदमर्ी भगवान को समर्झा औरि इस तिरिह

अपणनी कल्पणना की क्षमर्तिा के अनुसारि भगवान के नामर् औरि प्रपणत्र बिनाया. एक करिने के िलए स्वीकारि करितिे है िक आदमर्ी Vyasji अवलोकन के अनुसारि भगवान के रिाजकुमर्ारि है :

मर्ै तिम् ु हे एक रिहस्य बितिा सकतिा है िक कोई एक पणरिू े ब्रह्मर्ांडल मर्े आदमर्ी की तिल ु ना मर्े अिधक है . यह िबिल्कुल सच है .

एक कई बिारि हमर्ारिे ग्रह पणथ् ृ वी अपणनी धरिु ी बिदलतिा है . लेिकन अगरि एक गेज यह aptly औरि कुछ मर्ानव जा रिहा है तिो चला जातिा है के रूपण मर्े यह अपणनी मर्ुट्ठी के साथ हमर्ला करिने के िलए, पणथ्ृ वी अपणनी कक्षा मर्े

बिदलने के िलए औरि बिस के रूपण मर्े आज ियोजसमर्े एक वषर्प मर्े 365 िदन (एक िदन मर्े 24 घंटे की है ) का गठन

रिहे गा, नहीं होगा के रूपण मर्े है औरि अिधक या कमर् हो जाएगा. इतिना ही नहीं, लेिकन यह भी तिापणमर्ान मर्े विृ द्ध / कमर् होतिी है औरि ियोस्थिति बिहुति अरिाजक हो जाएगा.

यिद एक सकल शक्तारिीिरिक ऊर्जार्प इतिना हािसल करिने के िलए, अगरि अपणने चेतिन शक्तियोक्ति है जो असीमर् रूपण से शक्तारिीिरिक शक्तियोक्ति से अिधक तिीव है अपणने सभी शक्तियोक्ति के साथ एक िवशक्तेष हमर्ले करितिा है सकतिे है, एक नहीं कह सकतिे है क्या एक भयानक पणिरिवतिर्पन पणीछा करिना होगा.

यह आज की कोिशक्तशक्त करि रिहा समर्य के रूपण मर्े हालांिक इच्छाओं भौितिक जगति के िनमर्ार्पण मर्े एक पणिरिवतिर्पन नहीं है . वास्तिव मर्े यह केवल समर्कालीन पणिरि​ियोस्थितियो मर्े एक पणिरिवतिर्पन की इच्छा है . इन पणिरि​ियोस्थितियो मर्े


खेलने मर्े आतिे है औरि वे कैसे बिदल जाएगा? जबि​िक गहरिाई से इस प्रश्न पणरि दशक्तार्पतिी यह सामर्ग्री की घटनाओं का िवश्लेषण करिने के िलए व्यथर्प है . इस सवाल मर्े गहरिी डलाइिवंग मर्े पणतिा चलतिा है िक बिाह्य

पणिरि​ियोस्थितियो एक पणिरिणामर् है औरि हमर्ारिी मर्ानिसक ियोस्थिति का प्रिति​िबिंबि है. मर्न इच्छाओं से प्रभािवति होतिा है . इच्छाओं हमर्े बिाहरिी दिु नया मर्े कायर्प करिने के िलए मर्जबिरिू है औरि इन सभी कायो के साथ बिाहरिी दिु नया मर्े बिना पणिरि​ियोस्थितियो डलाल िदया. इस प्रकारि मर्न मर्ल ू कारिण है िक दिु नया मर्े बिाहरिी ियोस्थितियो बिनातिा है .

इसिलए यह उिचति है लगतिा है िक अगरि आज की पणिरि​ियोस्थितियो की कोिशक्तशक्त करि रिहे है तिो पणूरिी मर्ानव सभ्यतिा के क्रमर् मर्े यह बिेहतिरि के िलए बिदल मर्ानस को बिेहतिरि करिने के िलए पणिरिवितिर्पति िकया जा होगा.

इसका सांसािरिक समर्ाधान उपणयुक्ति िशक्तक्षा प्रसारिण है , लेिकन यह एक बिहुति खोखला समर्ाधान है . जबि उन

जो नैितिकतिा स्तिुिति करिना, धमर्र्प, कतिर्पव्य आिद दे शक्तभियोक्ति की भावना, अपणने जीवन मर्े खुद को untowardly व्यवहारि करितिे है तिो यह स्पणष्ट है िक मर्ानिसक िशक्तक्षा आधा पणूरिा हो गया है . यह वहाँ भी एक कवरि पणरिति है

िक िकसी के व्यियोक्तित्व का सही कद बिनातिा है . जबि वे अपणरिाधी है जो अपणरिािधयो खुद को कैद करिने का दावा है , यह स्पणष्ट है िक केवल सैद्धांितिक ज्ञान के एक व्यियोक्ति को नहीं बिदल सकतिे है. क्योिक केद्र है िक

एक व्यियोक्ति को बिदल दे तिी है औरि कुछ औरि िक मर्ानस (मर्न) जो भी भीतिरि की आत्मर्ा कहा जातिा है . िनकायो या मर्हान संतिो की अन्य सामर्ग्री स्वयं द्वारिा मर्हान नहीं करि रिहे है, लेिकन उनके मर्ानस की मर्हानतिा की वजह से वे कद मर्े दस ु ना मर्े अिधक खड़े. जो भी साधन है ियोजसके द्वारिा वे ऐसे उच्च ू रिो की तिल सम्मर्ान मर्े आयोियोजति िकया जातिा है भी यग ु पणिरिवतिर्पन का मर्ल ू अथर्प है .

यिद यह एक या दो व्यियोक्तियो के एक सवाल था, वे enticements, दबिाव, सलाह, औरि कूटनीिति के मर्ाध्यमर्

से िकया गया है बिदल सकतिा है . लेिकन जहां 500 करिोड़ दिु नया के व्यियोक्तियो, जहां अलग मर्ाँ जीभ, अलग अलग पणिरि​ियोस्थितियो मर्े अलग पणरिं पणरिाओं के िविभन्न मर्ानिसक चिरित्र के, के लोगो के पणिरिवतिर्पन का एक सवाल है के भाग्य को बिदलने का सवाल है , िकतिना मर्ियोु श्कल यह करिने के िलए प्रेिरिति हो जातिा है उनके

मर्ानस मर्े औरि भी उच्च मर्ानिसक गुण उन्हे जीवन मर्े उच्च आदशक्तो को आत्मर्साति करिने के िलए प्रोत्सािहति करितिे है. यह मर्ुियोश्कल नहीं है यह सबि लाइन नहीं है .

इस तिरिह के एक मर्हान कायर्प के िलए एक सीिमर्ति मर्ानव प्रयास के बिजाय िदव्य शक्तियोक्तियो की जरूरिति है . मर्ानव शक्तियोक्ति आदमर्ी के दबिाव के तिहति सबिसे अिधक हाँ कह रिखने के िलए करि सकतिे है, लेिकन यह बिेहतिरि

करिने के िलए अपणने भीतिरि की आत्मर्ा को बिदलने के िलए दल र्प है . सच्चे शक्तब्दो मर्े यह यग ु पणिरिवतिर्पन की ु भ


नींव का पणत्थरि कहा जा सकतिा है . जबि हालाति कोई सतिही समर्ाधान आिद की कठोरि तिानाशक्ताही द्वारिा िनयंित्रति िकया जा सकतिा है , यहां तिक िक वे आदमर्ी अपणने मर्ानिसक imprints के सामर्ने हारि स्वीकारि करि िलया औरि इस तिरिह उन लोगो के साथ समर्झौतिा िकया था. इस प्रकारि यह बिहुति जिटल होने के साथ भीतिरि

की आत्मर्ा के मर्ंथन पणिरिवतिर्पन कैसे मर्ियोु श्कल है , बिहुति मर्ियोु श्कल है गेज. लेिकन यह याद करिने के िलए कुछ भी नहीं है िक मर्ियोु श्कल या असंभव को प्राप्ति करिने के िलए भगवान के िलए उपणयक् ु ति है . उन्होने बिनी के िलए Kaliyug बिदल दे तिी है औरि Tretayug मर्े एक नैितिक िनयमर् स्थािपणति. वह रिावण, Vritrasur आिद

जैसे रिाक्षसो का अहं कारि टूटतिा है वह सद ु ामर्ा Vibheeshan, औरि सग्र ु ीव की तिरिह गरिीबि लोगो को उनकी किठनाइयो को दरिू करिने मर्े मर्दद करितिा है . वह डलूबि डलेमर्ी - दे वतिाओं प्रलय (दिु नया का िवनाशक्त) की गफि ु ा मर्े औरि सभी व्यापणक पणानी से हरिाया वह एक नई दिु नया बिनातिा है . क्या असंभव है अगरि वह मर्नुष्य के मर्ानस

मर्े अशक्तांिति लातिी है के रूपण मर्े उनकी सोच औरि शक्तानदारि व्यियोक्तित्व के गौरिव को बिढाने के िलए. एक ही

उनकी कलात्मर्क कौशक्तल ग्रहो उत्प्रेरिण दे खकरि स्तिब्ध हो सकतिा है , िसतिारिो के िलए अंतिरि तिारिकीय अंति​िरिक्ष मर्े लटका औरि भी बिारिी बिारिी से / मर्े घूमर्ना आिद. इसिलए लगतिा है िक कभी नहीं भगवान की कृपणा की मर्दद करिने के िलए िवश्वास का एक आदमर्ी वांछनीय पणिरिवतिर्पनो मर्े लाने के िलए यह असंभव है .

इन िदनो मर्े आमर् आदमर्ी के िलए कोई समर्स्या नहीं है. वे पणूरिी रिाति सो, पणूरिे िदन के िलए कामर् करितिे है, हँ सतिे जबि ियोस्थिति अनुकूल है औरि िवलापण है जबि हालाति भयानक है. जन्मर् से मर्त्ृ यु तिक अिधकारि वे एक ही घरि मर्े औरि उन बिहुति िरिश्तिेदारिो के साथ या तिो दोस्तिी या दश्ु मर्नी िवकिसति केियोन्द्रति है . लेिकन जो लोग दरिू दशक्ती है, जो कुओं मर्े मर्े ढको से बिेहतिरि करि रिहे है, जबि वे दरिू बिीन के मर्ाध्यमर् से दे खतिे है यह कल्पणना कैसे आतिंक के काले बिादलो दिु नया मर्ानवतिा के आसपणास इकट्ठे हुए है मर्ियोु श्कल नहीं है .

उदाहरिण के िलए ले लो. पणिरि​ियोस्थितियो, उनमर्े से हरि एक ऐसी है िक एक छिव पणूजा के मर्ाध्यमर् से उन्हे अभी

तिक िचिकत्सा वहाँ नहीं है या अपणने असली समर्ाधान के िलए शक्तर ु आति के अंति की कोिशक्तशक्त करि रिहे है. एक

कैसे बिड़े कारिखानो को बिंद करि सकतिे है? प्रदष ू ण जो एक दै िनक आधारि पणरि विृ द्ध पणरि है कैसे दरिू िकया जा सकतिा है ? िविकरिण का स्तिरि कौन पणरिमर्ाणु हिथयारि के िवस्फिोट को रिोकने, पणरिमर्ाणु िरिएक्टरिो की सख्ति प्रवियोृ त्ति औरि कैसे बिढ सकतिे है बिंद warded जा सकतिा है ? आपण कैसे व्यवस्था बिनाने के िलए पणुरषो के एक

औरि दस ू रिे द्वीपण पणरि मर्िहलाओं के द्वीपण पणरि रिहने के िलए ऐसा करि सकतिे है के रूपण मर्े जनसंख्या िवस्फिोट को रिोकने के िलए? कैसे पणुरषो / मर्िहलाओं को जो एक साथ रिहतिे है यकीन है िक यह बिहुति खतिरिनाक है बिच्चो begetting जारिी करि सकतिे है? कैसे हमर्ारिी पणथ्ृ वी एक रिबिरि बिैडल की तिरिह खींच िलया जा सकतिा है तिो

के रूपण मर्े अपणने आकारि को बिढाने के िलए औरि इस प्रकारि भोजन, वस्त्र, आवास की कमर्ी की समर्स्याओं को हल करिने के? एक िशक्तक्षक भी है जो बिच्चो पणूछ करिने के िलए अन्य िवषयो दे उन्हे जीने की कला सीखने के


िलए औरि समर्ाज के प्रिति धमर्ी कतिर्पव्य की भावना औरि पणूरिी दिु नया के िलए प्रोत्सािहति करितिे है कहाँ िमर्ल सकतिा है ? कैसे इस तिरिह के िचिकत्सा केन्द्रो को खोलने के जो रिोिगयो को उनके रिोगो का इलाज करिने के

िलए औरि भी उन्हे रिोकने के िलए प्रोत्सािहति मर्न पणरि िनयंत्रण के िशक्तक्षण दे करि मर्ाँ प्रकृिति औरि िक का

पणालन करि सकतिे है? एक ऐसी सामर्ाियोजक व्यवस्था अियोस्तित्व मर्े कैसे आया इतिना है िक एक उत्पणीड़न, दमर्न, अपणहरिण, औरि एक भौितिकवादी दृियोष्टकोण से मर्क् ु ति करि सकतिे है? कैसे लोगो को प्यारि के साथ एक समर्य मर्े होना औरि एक दस ू रिे के सामर्ान का िहस्सा है ?

आदे शक्त मर्े सीधा करिने के िलए िक जो उल्टा एक िवशक्ताल शक्तियोक्ति की आवश्यकतिा होतिी है , जो नहीं है औरि मर्ानव पणरिमर्ात्मर्ा है . यह कैसे औरि सिक्रय िकया जा सकतिा है औरि इकट्ठा? यह उिचति कैसे मर्ानव सभ्यतिा

के कल्याण के िलए इस्तिेमर्ाल िकया जा सकतिा है ? यह एक िवशक्ताल कायर्प है . सबिसे बिड़ी समर्स्या सकारिात्मर्क शक्तियोक्तिशक्ताली personages के जीवन की िदशक्ता बिदलने मर्े िनिहति है .

चाहे वह अमर्ीरि हो या सत्तिा मर्े उन लोगो के है , चाहे वे लेखक या आध्याियोत्मर्क नेतिा है, सभी को गलति रिास्तिे पणरि है. वे सेवा के बिारिे मर्े अल्पणज्ञतिा बिाति सभी के िलए, लेिकन अभी तिक वे केवल स्वाथी प्रयासो मर्े शक्तािमर्ल करि रिहे है. यिद इन लोगो की क्षमर्तिा वतिर्पमर्ान अपणमर्ािनति रिाज्य से ऊर्ंची चोिटयो के िलए िनदे िशक्तति करि रिहे

है, अगरि वे स्वाथी प्रयासो की बिजाय आध्याियोत्मर्क लक्ष्यो के िलए कामर् करिने के िलए प्रोत्सािहति िकया जातिा है तिो िनियोश्चति रूपण से वातिावरिण शक्तुद्ध िकया जा सकतिा है .

आध्याियोत्मर्क िवज्ञान के अनुसारि वहाँ एक ही इलाज है औरि यानी कठोरि तिपणस्या है . इस शक्तियोक्ति के साथ यह था िक ब्रह्मर्ाजी एक नए ब्रह्मर्ांडल बिनाया था. यह तिपणस्या की इस शक्तियोक्ति के साथ था िक Bhageerath स्वगर्प के पणिवत्र गंगा को पणथ्ृ वी पणरि लाने मर्े सफिल रिहा. जबि डलेमर्ी - दे वतिाओं दानव Vitrasur वे Dadhichi उनकी

किठनाइयो पणरि काबिू पणाने मर्े उदारि मर्दद करिने के िलए सहारिा लेना पणड़ा द्वारिा पणरिे शक्तान िकया गया. मर्हान गहन तिपणस्या से भरिा पणरिशक्तरिु ामर् िफिरि से था औरि िफिरि पणथ्ृ वी पणरि नीच पणर ु षो को हरिाया. मर्हिषर्प दयानंद औरि अन्य मर्हान संतिो दृढतिा से नीच पणरिं पणरिाओं का िवरिोध िकया था.

यिद वतिर्पमर्ान मर्े कोई िवशक्ताल पणिरिवतिर्पन के िलए जगह नहीं ले गया है , यह केवल तिपणस्या शक्तियोक्ति के आधारि

पणरि िकया जाएगा. ब्रह्मर्ांडलीय इच्छा शक्तियोक्ति, इच्छा शक्तियोक्ति औरि कारिर्प वाई की शक्तियोक्ति है िक सकतिा है के साथ


एक के व्यियोक्तित्व का अिधकारि वांिछति सफिलतिा बिहुति आसानी से आकिषर्पति करि सकतिे है. सभी मर्ानव शक्तियोक्तियो के बिीच, कंु डलिलनी शक्तियोक्ति सवोच्च है . यह Mooladhar चक्र जननांग क्षेत्र मर्े बिसतिा है औरि एक वंशक्त को बिढाने मर्े मर्दद करितिा है . यह िनियोश्चति रूपण से एक आश्चयर्प है िक वीयर्प की एक मर्ात्र ड्रॉपण की मर्दद के साथ एक नया जीवन के अियोस्तित्व मर्े आतिा है . लेिकन यह केवल शक्तारिीिरिक सीमर्ा तिक सीिमर्ति है .

जबि साधना के मर्ाध्यमर् से इस शक्तियोक्ति ब्रह्मर्ांडल मर्े व्यापणक िकया जातिा है तिो यह तिले सभी प्रािणयो की मर्ानिसक ियोस्थिति इतिनी के रूपण turvys यह कुछ मर्हान बिनाने के िलए. यह एक युग बिदलने औरि

िवश्वािमर्त्र एक नया ब्रह्मर्ांडल बिनाने की तिरिह करि सकतिे है. इितिहास का कहना है िक इस मर्हत्वपणूणर्प िबिजली

के हमर्ले के कारिण जीन भी उत्पणिरिवितिर्पति िकया जा सकतिा है . ऋषिष पणुलस्त्य के सभी भव्य बिच्चो रिावण पणिरिवारि के रिाक्षसो बिन गया था. ऋषिष Balkhilya रिाक्षसी मर्ातिा िपणतिा के एक बिच्चा था, लेिकन जैसे ही वह पणैदा हुआ था वह उस मर्ाहौल से दरिू भटक गया औरि एक बिरिगद के पणेड़ के दध ू िपणया. इस प्रकारि वह इस दध ू

से मर्नुष्य था औरि एक ऋषिष बिन गया. दे ने के अपणने क्रूरितिापणूणर्प प्रवियोृ त्तियो आत्मर्साति मर्हान मर्हान पणुरषो की

नैितिकतिा औरि कौशक्तल Rishyanuk क्षेत्र के सभी बिंदरिो Tretayug. सभी ऐसी घटनाओं मर्े यह मर्हत्वपणूणर्प शक्तियोक्ति के सिक्रयण है िक कामर् पणरि है . यह इन िक हमर्े युग पणिरिवतिर्पन के बिारिे मर्े एक आशक्ता जलाना उदाहरिण

है . भगवान प्रािणयो बिनाया गया है लेिकन इसके साथ साथ (दे वी नाग पणावरि) कंु डलिलनी शक्तियोक्ति िप्रंस मर्े

मर्ौजूद इस तिरिह के एक िबिजलीघरि आदमर्ी कहा जातिा है िक इस तिरिह के एक व्यियोक्ति न केवल सम्मर्ािनति

हो जातिा है , लेिकन है िक वह आवश्यक सभी जीिवति प्रािणयो के चिरित्र को बिदलने की क्षमर्तिा है . Devatma भारिति के कंु डलिलनी जागरिण के िलए साधन केवल शक्तर ु आति मर्े एक व्यियोक्ति अभी तिक यह सबि मर्े भागीदारि है हो सकतिा है . इस शक्तियोक्ति का जागरिण भी एक यग ु पणिरिवतिर्पन के िलए प्रेिरिति करि सकतिे है.

सत्रह अध्याय एक रिाष्ट के कंु डलिलनी के पणिरिवतिर्पन की िविध

कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) सािवत्री का एक सक्ष् ू मर् शक्तियोक्ति है जो व्यापणक होने के बिावजद ू प्रकट इतिना है िक एक यह पणूजा करि सकतिे है नहीं करितिा है . सािवत्री मर्हाशक्तियोक्ति के सकल औरि साधारिण उपणयोग गमर्ी औरि


प्रकाशक्त के रूपण मर्े िकया जातिा है . अपणनी असाधारिण जीवन के िनमर्ार्पण मर्े उपणयोग है . ब्रह्मर्ांडल की सािवत्री शक्तियोक्ति के बिीज िसद्धांति मर्ानव शक्तरिीरि मर्े भी मर्ौजद ू है . 7 चक्र की तिरिह, 7 dhatus, 7 Jihvas, 7 Gargs, 7 Bhuvans, 7 Ashwas, 7 शक्तियोक्ति प्रवाह भी सरिू ज की 7 रिं ग 7 घोड़ो के रूपण मर्े समर्झा जातिा है . अपणनी सहायतिा के साथ दिु नया बिनाया है प्रचािरिति, औरि बिदल िदया.

केवल एक िवशक्तेष व्यियोक्ति कंु डलिलनी जागति ृ है औरि अपणनी इच्छा शक्तियोक्ति के साथ िविभन्न आध्याियोत्मर्क प्रथाओं के मर्ाध्यमर् से अच्छी तिरिह से ज्ञाति खबिरि के अनुसारि, मर्हत्वपणूणर्प बिल इस तिरिह के कायो के जो

आसानी से शक्तारिीिरिक शक्तियोक्ति औरि धािमर्र्पक संस्कारि के मर्ाध्यमर् से कभी नहीं पणूरिा िकया जा सकतिा है प्रदशक्तर्पन

करि सकतिे है. मर्ानव शक्तरिीरि मर्े इतिने सारिे अनंति बिीज िसद्धांति है जो जबि िवकिसति आदमर्ी असाधारिण करि

सकतिे है करि रिहे है. वे Sidhas, सपण ु रि, चमर्क के िबिजलीघरि औरि अिभशक्तापण / बिून्स के बिहुति जड़ के आधारि के रूपण मर्े िगना जातिा है . वे ऐसे िवशक्ताल कायर्प है िक वे केवल एक पणरिमर्ात्मर्ा इंसान से िक्रयाियोन्वति िकया जा

सकतिा है प्रदशक्तर्पन. सज ृ न औरि िवनाशक्त के कायो के भीतिरि वह इस तिरिह है िक यह केवल आश्चयर्पजनक कहा जा सकतिा है मर्े कामर् करितिा है .

यह सबि व्यियोक्तिगति सफिलतिा के बिारिे मर्े था. आमर्तिौरि पणरि आदमर्ी मर्े स्वाथर्प हमर्ेशक्ता overflows. वह केवल अपणने अहं कारिी मर्िहमर्ा, आमर्ोद, साहसी औरि प्रिसिद्ध के बिारिे मर्े सोचतिी है . स्वगर्प औरि मर्ोक्ष भी इस श्रेणी के

अंतिगर्पति आतिा है . शक्तापण बिन् ू स / एक ही augments औरि satisfies एक अहं कारि दे करि. अच्छी तिरिह से ज्ञाति प्रयोगो के बिीच इस तिरिीके से कंु डलिलनी जागरिण मर्े केवल व्यियोक्तिगति उन्निति के बिैनरि के तिहति आतिा है .

एक समर्ियोन्वति कंु डलिलनी जागरिण आत्मर्ा का एक उच्च समर्तिल प्रयोग है . आध्याियोत्मर्क आकांक्षी अहं कारि (आई) यहाँ पणरि संकीणर्प औरि सीिमर्ति नहीं रिह करितिा है , लेिकन सबि pervasively अनंति हो जातिा है . वह जो कुछ भी करितिा है या सोचतिा है िक केवल दिु नया के कल्याण के िलए हो सकतिा है . उन्होने यह भी "दिु नया

मर्ेरिी आत्मर्ा है " औरि "मर्ेरिा पणिरिवारि है दिु नया" उनके दृियोष्टकोण ripened है औरि इस तिरिह दिु नया के कल्याण के िलए अपणने सभी इच्छाओं को केवल का उपणयोग करिे गा. वह उसके साथ छोड़ िदया करिने के

िलए अपणने खद ु के कॉल करिने के िलए कुछ भी नहीं है . वह जो अद्वैति (अद्वैति) मर्े उच्च नीच िवलय करि िदया गया है मर्े द्वंद्व िवलय करि िदया गया है , संवेदनशक्तीलतिा मर्े पणिरिवितिर्पति इच्छाओं औरि लगतिा है औरि

दिु नया मर्े अच्छी तिरिह से ही होने के िलए कायर्प करिे गा. वह केवल एक ही इच्छा है औरि िक फिूल औरि इस संसारि रूपणी उद्यान मर्े शक्तांिति औरि भाईचारिे के सस् ु वाद फिल िखल दे ख रिहा है .


है जबि भी Devarshi नारिद भगवान िवष्णु से संपणकर्प वह केवल एक सवाल पणूछा था औरि वह था जबि

सांसािरिक पणिरि​ियोस्थितियो की कोिशक्तशक्त करि रिहा शक्तांितिपणूणर्प बिारिी होगी. Rishis इच्छा "कामर्दे व िफिरि dukha

taptanam praninam artanashanam" है . उदारि िदल के संतिो की तिपणस्या दस ू रिो '(दिु नया) अच्छी तिरिह से िकया जा रिहा है के िलए ही है . दीनतिा प्राचीन है . यह अतिीति उदास यग ु है िक आदमर्ी स्वाथी बिन गया है

की वजह से है . यह इन बिारि के दौरिान िकया गया था िक आत्मर्ा साधना औरि िसिद्धयो व्यियोक्ति स्वाथी इच्छाओं को संतिष्ु ट करिने के िलए थे. Sidhis इच्छाओं के क्षेत्र मर्े आज संकीणर्प िदमर्ाग स्वाथर्प के रूपण ले लो. लेिकन एक कभी नहीं सोचना चािहए िक सभी के रूपण मर्े हो सकतिा है औरि जीवन के सभी अंति. हो सकतिा है

िक एक अपणवाद के रूपण मर्े आध्याियोत्मर्कतिा औरि लौिकक कल्याण की गिति​िविधयो आज जीिवति है औरि अबि भी यह हमर्े अपणनी अनन्ति अियोस्तित्व की एक झलक दे तिा है .

िपणछले 3 वषो मर्े जबि​िक वतिर्पमर्ान पणिरि​ियोस्थितियो को ध्यान मर्े लेने, सभी िवशक्तेष आध्याियोत्मर्क शक्तांितिकंु ज,

हिरिद्वारि (भारिति) मर्े मर्ारि डलाला प्रथाओं रिाष्टीय औरि दिु नया कंु डलिलनी (दे वी नाग पणावरि) के सिक्रयण कहा जा सकतिा है . आग की चमर्क उसके आसपणास के क्षेत्र के पणास सबिसे बिड़ा है . से अिधक है औरि के ऊर्पणरि यह

अिधक से अिधक कमर् दरिू ी है अपणनी गमर्ी का अनुभव िकया. उसी तिरिह प्राचीन ऋषिष ऊर्जार्प के िफिरि से

जागिृ ति Saptadhara क्षेत्र के पणास हिरिद्वारि (भारिति) मर्े हो रिही है . िनकटतिा के दृियोष्टकोण से दे शक्त पणरि इसका प्रभाव काफिी तिेजी से दे खा जाएगा. लेिकन दरिू ी augments के रूपण मर्े इतिना प्रभाव धीरिे धीरिे लेिकन िनियोश्चति रूपण से किथति जाएगा. सूयोदय की पणहली िकरिण पणानी मर्े दे खा जातिा है . शक्तर ु आति मर्े इसकी झलक

1 पणहाड़ो औरि पणेड़ो की ऊर्पणरिी शक्ताखाओं की चोिटयो पणरि दे खा जातिा है . िफिरि धीरिे धीरिे अपणने प्रकाशक्त हरि जगह radiates. यह पणरिू े आकाशक्त मर्े फिैलतिा है औरि पणवर्पति चोिटयो से यह फ्लैट नीचे मर्ैदानो को फिैलातिा है . एक ही तिरिीका है िक कंु डलिलनी Mahaprajna जो इन 3 वषो मर्े सिक्रय हो गया है 1 भारिति मर्े दे खा जाएगा. औरि धीरिे धीरिे लेिकन िनियोश्चति रूपण से यह बिाद मर्े पणरिू ी दिु नया मर्े फिैल जाएगा. पणिरिवतिर्पन है िक इसके प्रभाव की

वजह से जगह ले जाएगा के िविभन्न तिरिीको मर्े िविभन्न क्षेत्रो मर्े दे खा जाएगा. यह िसफिर्प है , लेिकन एक िनियोश्चति तिथ्य यह है िक एक संभावना नहीं है . प्राचीन समर्य मर्े दिु नया औरि दे शक्त कंु डलिलनी जागरिण

िवश्वािमर्त्र द्वारिा हािसल िकया गया. उस समर्य भी वहाँ ब्रह्मर्ांडल के एक कुल पणिरिवतिर्पन था. सभी पणिरि​ियोस्थितियो को भी बिेहतिरि करिने के िलए बिदल िदया था. औरि अबि यह है िक वास्तिव मर्े क्या होने जा रिहा है . गंगाजल आज सरिकारि द्वारिा साफि िकया जा रिहा है . भारिति के पणैसे का एक बिहुति का उपणयोग करि. यहां तिक िक गोवधर्पन की मर्ानसी गंगा के आधारि पणरि गंदगी को हटाया जा रिहा है औरि यह नए, साफि पणानी के

साथ refilled िकया जा रिहा है . उसी तिरिह अबि समर्य के िलए हमर्े दिु नया मर्े सभी अवांछनीय तित्वो पणरि काबिू पणाने के िलए इतिनी के रूपण मर्े अच्छी तिरिह से इसे शक्तुद्ध करिने के िलए है . कंु डलिलनी सिक्रयण के हमर्ारिे उद्देश्य


दिु नया एक आदशक्तर्पवादी जीवन रिहतिे है औरि िसफिर्प एक कुछ व्यियोक्तियो तिक सीिमर्ति नहीं है बिनाने के िलए है .

दिु नया के inethics, अंधा िवश्वासो, अंधा पणरिं पणरिाओं औरि अवांछनीय तित्वो के बिंधनो से मर्क् ु ति होने की जरूरिति है .

इस पणिरिवतिर्पन जगह कैसे ले जाएगा? इस सवाल का जवाबि है िक हमर् दिु नया के सभी गंदगी उखाड़ करिे गा 1

है . वास्तिव मर्े , हमर् िकसी भी असुिवधा के हमर्ारिे रिास्तिे मर्े आतिे है िफिरि भी हमर् आगे हमर्ारिे प्रयास मर्े मर्ाचर्प करिे गे.

उसकी गोद मर्े बिच्चे के साथ खेलने से पणहले एक मर्ाँ के जन्मर् के ददर्प से गज ु रिना जबि​िक उसके बिच्चे को दे ने

है औरि उस समर्य खन ू गमर्र्प हो जातिा है . जबि​िक एक गंदे नाली सफिाई बिू सभी िदशक्ताओं मर्े फिैलतिा है . जबि एक फिोड़ा पणरि संचािलति है , जहरिीला पणदाथर्प उत्सियोजर्पति होतिा है . होम्योपणैथी दवाओं के बिारिे मर्े यह कहा जातिा है िक

यह पणहली बिारि रिोग के भीतिरिी िवकृितियो लातिी शक्तरिीरि से बिाहरि आने औरि िफिरि यह बिहुति जड़ो से रिोग के इलाज शक्तुरू होतिा है . एक इमर्ारिति के िनमर्ार्पण से पणहले एक गहरिी नीचे जमर्ीन मर्े एक फिमर्र्प नींव आधारि रिखना है . िविभन्न रिं ग मर्े कपणड़ा रिं गाई से पणहले यह अच्छी तिरिह से साफि िकया जा 1 है . यह बिहुति गिति​िविध शक्तुरआति िदन पणहले दे शक्त औरि दिु नया भरि मर्े कंु डलिलनी सिक्रय होतिा है मर्े दे खा जातिा है . िवकृितियो

uprooting के िबिना, घण ृ ा, भौितिकवाद, अहं कारि, नीच नैितिकतिा, बिुरिे िवचारिो एक नई सोच कभी नहीं स्थािपणति करि सकतिे है. इसिलए शक्तुरआति िदनो मर्े अगरि वहाँ कुछ दे खा िवनाशक्त है समर्झने के िलए, िक एक

कुम्हारि पणहले कीचड़ गीला है , यह एक छड़ी के साथ battering औरि उसके पणैरिो के साथ यह कुचलना है . औरि अिधक से अिधक औरि ऊर्पणरि, कीचड़ एक घूणन र्प पणिहया पणरि एक बितिर्पन के आकारि दे रिही है . बिाद मर्े वह भी गमर्र्प भिट्टयो मर्े बितिर्पन bakes. इस युग के नव िनमर्ार्पण मर्े यह बिहुति ही िविध के रूपण मर्े है तिो दिु नया भरि मर्े

एक पणिरिवतिर्पन के बिारिे मर्े लाने के िलए उपणयोग िकया जा रिहा है . कोई नहीं िनरिाशक्ता चािहए जबि वे destructions औरि दिु नया मर्े आपणदाओं दे खे.

जबि भी एक Vaidyaraj अमर्ल् ू य दवाओं बिनातिा है वह खत्मर् हो औरि एक मर्ोटार्परि औरि मर्स ू ल के साथ जड़ी

बि​िू टयो को कुचल ऊर्पणरि भी उन्हे आग प्रज्वलन मर्े तिपणतिा है . इस गिति​िविध लगतिा है के रूपण मर्े हालांिक जड़ी बि​िू टयो पणल्पण करिने के िलए िकया जा रिहा है बिढा रिहे है अभी तिक अपणने पणिरिणामर् बिेहद फिायदे मर्ंद है. यह एक उज्जवल भिवष्य का पणहला चरिण है . इससे पणहले एक बिीज एक पणेड़ बिन जातिा है यह जमर्ीन मर्े सड़ने के बिाद

िक यह एक पणौधा बिन जातिा है औरि िफिरि एक िखल पणेड़ असरि फिूलो औरि फिलो मर्े बिदल जातिा है . आज की


दिु नया की िपणछले अवांछनीय पणरिं पणरिाओं को दरिू करिके एक यह इस तिरिह है िक एक मर्ानव मर्िहमर्ा का एक सीधा दृियोष्ट िमर्ल जाएगा मर्े remould होगा.

मर्ानसून की शक्तर ु आति के कारिण एक गंदगी हरि जगह दे खतिा है . हवा औरि बिािरिशक्त hutments कारिण िबिखरि रिहे है औरि िवशक्ताल भवनो भूिमर् पणरि razed करि रिहे है. लेिकन एक बिहुति ही कमर् समर्य मर्े सूखी नदी िबिस्तिरि बिािरिशक्त के पणानी से भरि रिहे है. िकसानो िखलने की हिरियाली के साथ हरि जगह क्षेत्रो. उस समर्य 21

सेट

सदी के

अनुरूपण होगा ियोजसमर्े एक संस्कृिति, उन्निति, औरि पणूरिी दिु नया की मर्िहमर्ा दे खेगे. 20 के िपणछले 13 वषो

वे

सदी संघषर्प औरि आपणदाओं से भरिा होगा. मर्ानसून के दौरिान खेतिो की दीवारिो को तिोड़ने औरि वहाँ निदयो की

बिाढ है , एक आिद धारिाओं को समर्झना चािहए िक 20 के िपणछले 13 वषो सदी मर्े जो काले बिादल आसमर्ान वे

है , जहां िबिजली एक औरि सभी आतिंिकति मर्े इकट्ठे हुए इस तिरिह के थे औरि अवांछनीय घटनाओं हुई. लेिकन अंतितिः अंधेरिे उदास बिादलो केवल अच्छा भिवष्य समर्य मर्े पणिरिणामर्. हरि गंभीरि ियोस्थिति केवल अच्छे पणिरिणामर् बिाद मर्े दे सकतिे है.

आदमर्ी दिु नया मर्े कामर् करितिा है . औरि अपणनी प्रिति​िक्रया हमर्ेशक्ता से सामर्ना िकया है . लेिकन िदव्य कानून पणूरिी तिरिह से अलग है . यह पणहली बिारि मर्े एक मर्ाहौल बिनाया है . औरि इस तिरिह जीव, व्यियोक्तियो औरि वस्तिुओं

से प्रभािवति है. अपणने स्वयं के उपणयुक्ति समर्य ठं डल, गमर्ी, मर्ानसून अपणने स्वयं के वातिावरिण पणैदा करितिे है. एक आसानी से शक्तरिद ऋषतिु औरि वसंति के मर्ौसमर् के प्रभाव को दे ख सकतिे है. युग पणिरिवतिर्पन भी एक िदव्य

मर्ौसमर्ी पणिरिवतिर्पन जैसा गिति​िविध के रूपण मर्े समर्झा जा सकतिा है . यहाँ अदृश्य सूक्ष्मर् वातिावरिण एक प्रमर्ुख भूिमर्का िनभातिा है . यह दोनो िनियोष्क्रय औरि होशक्त मर्े िसद्धांतिो प्रभािवति हो.

जबि यह िनियोष्क्रय बिाति है , जीव, पणुरषो औरि पणिरि​ियोस्थितियो को प्रभािवति रिाष्टीय औरि दिु नया कंु डलिलनी शक्तियोक्ति

(दे वी नाग पणावरि) की जागिृ ति के प्रभाव दे खा जाएगा. िमर्ट्टी अिधक उपणजाऊर् हो जाएगा, खिनज अयस्को के साथ इसकी खद ु ाई के अनपण ु ाति के साथ विृ द्ध होगी. खिनज अयस्को आदमर्ी क्या वास्तिव मर्े आवश्यकतिा से

ज्यादा वजन मर्े अिधक हो जाएगा. कच्चे तिेल की कमर्ी कभी नहीं होगा. रिसायन, भारिी मर्ात्रा मर्े उपणलब्ध हो जाएगा. मर्नष्ु य को मर्ेहनति पणेड़, जड़ी बिट ू ी आिद कारिण मर्ाँ प्रकृिति के आंदोलनो मर्े वे अपणने दमर् पणरि िवकिसति होगा िवकिसति नहीं होगा. जलमर्ागर्प की कोई कमर्ी नहीं हो जाएगा. प्राचीन समर्य की तिरिह जंगलो

की जड़ी बि​िू टयो िफिरि से इतिना है िक यह िविभन्न बिीमर्ारिी के इलाज मर्े मर्दद िमर्लेगी अमर्ल् ू य हो जाएगा. उपणयोगी जीव विृ द्ध पणरि हो सकतिा है औरि एक लंबिे समर्य के िलए रिह जाएगा. उन जीव है िक खतिरिनाक होतिे


है काफिी नहीं पणैदा करिना औरि वे मर्ियोु श्कल से अपणनी जान बिचाने के िलए सक्षमर् हो जाएगा. खिनज पणानी मर्े

बिढा है औरि इस तिरिह प्रदष ू ण को दरिू करिे गे. गंदगी मर्े कमर्ी औरि पणिवत्रतिा विृ द्ध पणरि हो जाएगा. प्राकृितिक

आपणदाओं बिहुति दल र्प हो जाएगा. मर्ाँ प्रकृिति के िलए अनक ु ू ल है , बिाढ जैसी प्राकृितिक आपणदाओं, अकाल, ु भ चक्रवाति बिनने के कारिण, typhoons आिद मर्े कमर्ी होगी.

बिेशक्तक, आदमर्ी के रूपण मर्े एक ही आज के रूपण मर्े दे खा जातिा है रिहे गा. अभी तिक 21 मर्े

सेट

सदी आत्मर्ा औरि

मर्ानस के स्तिरि पणरि अपणने आंति​िरिक व्यियोक्तित्व काफिी बिदल जाएगा. हरि कोई नीच की आदतिो घण ृ ा औरि आमर् आदमर्ी से कभी नहीं प्रभािवति होगा. वे लूटपणाट, अपणरिाध, अवैध गिति​िविधयो, तिस्करिी, कठोरितिा आिद

जबि बिहुमर्ति मर्े पणिवत्र चिरित्र, कारिर्प वाई, अच्छे स्वभाव औरि भलमर्नसाहति का एक अितिप्रवाह हो जाएगा के साथ पणक्ष कभी नहीं होगा, नीच लोगो दव्ु यर्पवहारि औरि कभी नहीं इस तिरिह दष्ु ट मर्े सफिल असफिल हो जायेगी गिति​िविधयो. Mosquitos, मर्ियोक्खयो गंदगी औरि कीचड़ मर्े पणैदा करिना. अवैध गिति​िविधयो औरि अपणरिाध दरि मर्े विृ द्ध ही है जबि वे दृढतिा से बिािधति नहीं करि रिहे है. जबि हरि कदमर् पणरि यह अवरिोधो, आपणियोत्तियो, िवपणक्ष

आिद का सामर्ना करिे गे, यह कभी कैसे सफिल हो सकतिी है ? जबि सदाचारिी व्यवहारि विृ द्ध पणरि होगा, नीच व्यवहारि उसके हुडल कभी नहीं जुटाने के औरि न ही दव्ु यर्पवहारि की िहम्मर्ति करि सकतिे है.

लोग िवश्वास, स्वतिंत्रतिा, औरि कड़ी मर्ेहनति का पणूरिा हो जाएगा. इसिलए वहाँ कोई कारिण नहीं है िक

ियोस्थितियो गरिीबिी की तिरिह, सामर्ग्री आिद प्रबिल करि सकतिे है की कमर्ी है . यिद आदमर्ी के मर्ेहनतिी स्वभाव औरि ज्ञान augments, इसिलए वह जीवन के िकसी भी क्षेत्र मर्े एक कमर्ी का सामर्ना करिना होगा? यिद

उदारितिा proliferates, लोगो को अपणने स्वयं के कंधो पणरि दस ू रिे के द ु: ख लेने के िलए औरि अन्य लोगो के साथ अपणनी खुशक्ती का िहस्सा होगा. इस प्रकारि कोई भी गुस्से मर्े बिदला लेने के िलए औरि न ही िकसी को भी चोट लगी होगी.

जबि व्यियोक्तिगति स्वाथर्प औरि कठोरितिा पणैदा करिना इसे अन्य नीच गिति​िविधयो के साथ साथ सामाज्यवाद,

उपणिनवेशक्तवाद, उत्पणीड़न, उत्पणीड़न आिद के िलए होतिा है . के रूपण मर्े एक पणिरिणामर् यद्ध ु ो लगाने औरि लोगो की अनंति संख्या मर्रि जातिे है. हकीकति मर्े व्यियोक्तिगति अहं कारिशक्तन् ू य हुए सामर्िू हक िवनाशक्त की ओरि जातिा है . यद्ध ु मर्े दोनो दलो को हरिाया औरि वे इस तिरिह के एक टूट रिाज्य है िक वे केवल feebly अियोस्तित्व का प्रबिंधन करि

सकतिे है मर्े िमर्लतिा है . के रूपण मर्े यद्ध ु के रिोष के रूपण मर्े लंबिे समर्य तिक मर्ौजद ू है तिो ऐसा लगतिा है मर्ानो हमर् अजेय है. लेिकन जबि यद्ध ु रिोष नीचे मर्रि जातिा है , एक एहसास है िक यह आत्मर्हत्या लेिकन कुछ भी नहीं


था. बिातिचीति के मर्ाध्यमर् से या न्याियक आयोगो के मर्ाध्यमर् से हल हो सकतिा है जबि हमर्ारिे मर्न मर्े भेदभाव dawns हमर् है िक रिाय के अंतिरि का एहसास. हो सकतिा है िक अंितिमर् पणिरिणामर् एक पणाटी के िलए नक ु सान का मर्तिलबि है , अभी तिक यह िनियोश्चति रूपण से यद्ध ु आघाति से अिधक फिायदे मर्ंद है सकतिा है . जबि यह अहसास सभी मर्नष्ु यो के मर्ानस मर्े भोरि जाएगा तिो वहाँ छोटे लड़ाई या िवशक्ताल यद्ध ु कभी नहीं होगा.

ज्ञान है िक अगरि यह रिचनात्मर्क प्रयोजनो के िलए प्रयोग िकया जातिा है , तिो हो सकतिा है सामर्ग्री आरिामर् का उत्पणादन िकया जा सकतिा है के साथ साथ मर्ानव कड़ी मर्ेहनति मर्े इतिनी शक्तियोक्ति है . के साथ इसके उपणयोग आदमर्ी आनंद, संस्कृिति औरि डलेमर्ी - दे वतिाओं के सभी दौरि सौंदयर्प को प्राप्ति करि सकतिे है. जबि इस पणथ् ृ वी नैितिकतिा के मर्ागर्प पणरि चल व्यियोक्तियो के साथ जाना लाियोजमर्ी है , तिभी हमर् मर्िहमर्ा दे खने के िलए औरि स्वगर्प के िलए जैसा आरिामर्.

आने वाले िदनो मर्े हमर् िनियोश्चति रूपण से एक ऐसे मर्ाहौल दे खेगे. इसकी नींव का पणत्थरि है िक इसका मर्तिलबि है जो दिु नया भरि मर्े कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (दे वी नाग पणावरि) औरि िपणछले 3 वषो मर्े यह तिीव तिपणस्या के मर्ाध्यमर् से हािसल िकया गया है की जागिृ ति कहा जातिा है के द्वारिा िकया जा रिहा है नीचे रिखी.

पणिरिवतिर्पन के समर्य स्वगीय पणिरि​ियोस्थितियो रिामर् (या रिामर् रिाज्य) िनयमर् की तिरिह बिनी रिहे गी. यह बिहुति ही उपणयुक्ति हो यह "गोल्डलन आयु यानी बिनी की वापणसी" कॉल.

अठारिह अध्याय कंु डलिलनी तिपणस्या की गहरिी आयाति औरि आवश्यक मर्ागर्पदशक्तर्पन

हरि वस्तिु अपणने स्वयं के दृश्य औरि अदृश्य रूपण है . सोने की एक बिहुति ही मर्ल् ू यवान अयस्क है . जबि कीचड़

पणथ् ृ वी के साथ जोड़तिा है यह अयस्क के रूपण मर्े बिाहरि आतिा है . लेिकन इस अयस्क सफ़ाई पणरि यह बिाजारि मर्े


ऊर्ंची कीमर्तिो पणरि बिेचा जातिा है . औरि इस स्वणर्प सद ुं रि गहने के साथ बिना रिहे है. लेिकन जबि रिासायिनक

उपणचारि के मर्ाध्यमर् से यह सोने रिाख मर्े बिदल जातिी है , यह अदति ु प्रकट होतिा है . यह एक कमर्जोरि शक्तरिीरि ु गण

बिहुति मर्जबिति ू बिनाने मर्े मर्दद करितिा है . आदमर्ी इस प्रकारि एक लंबिा जीवन जी सकतिा है . ये खास िवशक्तेषतिाओं अन्य अयस्को मर्े वहाँ भी करि रिहे है. आमर्तिौरि पणरि लोगो को इसका इस्तिेमर्ाल करिने के िलए कुछ लेख बिना. लेिकन जबि वे रिासायिनक इलाज करि रिहे है, इन अयस्को की रिाख मर्हान गण ु प्रकट. एक रिे ति के कण के सक्ष् ू मर् भाग पणरिमर्ाणु ऊर्जार्प पणैदा करिने मर्े मर्दद करितिा है . यह एक िबिजली, िविभन्न िकरिणो के िविकरिण औरि हिथयारि हो जातिा है . यह िक जो सकल है subtilization है .

यह एक सवर्पिविदति तिथ्य है िक िकसी भी वस्तिु के सूक्ष्मर् रूपण मर्े अपणने सकल पणहलू से infinitely अिधक शक्तियोक्ति है . कीचड़ पणरिमर्ाणु ऊर्जार्प के एक ढे रि की तिुलना मर्े िवशक्ताल कायर्प िनष्पणािदति करि सकतिे है. शक्तरिीरि की

तिुलना मर्े हमर्ारिे मर्न औरि अिधक ऊर्जार्पवान है. भापण पणानी की तिुलना मर्े अिधक शक्तियोक्तिशक्ताली है . आत्मर्ा अदृश्य अभी तिक है जबि यह अिग्रमर् आगे यह संतिो, ऋषिषयो, िदव्य पणुरष औरि अवतिारि के रूपण मर्े प्रकट होतिा है .

उसी तिरिह, मर्ानव अियोस्तित्व की subtlization भी योग औरि आध्याियोत्मर्क तिपणस्या के मर्ाध्यमर् से जगह ले सकतिे है. तिपणस्या के एक आदमर्ी अपणने शक्तारिीिरिक िदव्य क्षमर्तिा जागतिा है . भापण एक टे न चलाने के िलए मर्दद करि सकतिे है. जबि बिांस के पणेड़ को एक दस ू रिे के िखलाफि रिगड़ना, एक जंगल आग प्रकट करिने के िलए

दे खा जातिा है . यह बिहुति प्रभाव तिपणस्या की साधना के मर्ाध्यमर् से प्रकट होतिा है . जबि एक ग्लास ले स पणरि िबिखरिे हुए सौरि िकरिणो एक ही िबिंद ु पणरि ध्यान केिद्रति करि रिहे है, आग के स्पणाक्सर्प दे खा जातिा है . साधना औरि तिपणस्या के पणिरिणामर्ो के िलए एक ही सच है .

के मर्ाध्यमर् से योग आदमर्ी अपणमर्ािनति िदव्य दिु नया औरि इस एकीकरिण की मर्हानतिा मर्े िवलीन हो जातिी है

रिाज्य के साथ कमर् उच्च के िवलय के िलए होतिा है . जबि तिारिो िबिजली संपणकर्प वे शक्तियोक्तिशक्ताली हो गया है औरि इस प्रकारि हमर्ारिे वांिछति कायो ले. एक नल के पणानी के रूपण मर्े ही टैक के िलए जो यह जड़ ु ा रिहतिा है पणानी के

साथ भरि के रूपण मर्े लंबिे समर्य से दे सकतिे है. यह बिहुति स्पणष्ट है िक िदव्य ऊर्जार्प के टैक खाली नहीं है औरि इसे करिने के िलए नल एकजट ु लंबिे समर्य के रूपण मर्े पणानी दे तिा है , के रूपण मर्े कोई बिाधा अपणने रिास्तिे मर्े आतिा

है . जबि मर्ानव चेतिना भगवान की िदव्य ऊर्जार्प imbibes, बिहुति जल्द ही वह आदमर्ी से भगवान, पणर ु ष से पणर ु षोत्तिमर् औरि नीच से िकया जा रिहा मर्हान हो जातिा है . खद ु को बिढाने के साथ साथ शक्तरिीरि के व्यापणक


प्रकृिति इसकी क्षमर्तिा भी बिढ जातिी है . एक शक्तेरि की तिुलना मर्े न केवल एक िवशक्ताल हाथी के शक्तरिीरि है , लेिकन

इसकी हो सकतिा है भी अिधक शक्तियोक्तिशक्ताली है . एक बिच्चे की तिल ु ना मर्े न केवल एक वयस्क के शक्तरिीरि अिधक मर्जबिति ू है , लेिकन उसके िलए कामर् करिने की क्षमर्तिा भी बिहुति अिधक है . एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी की तिपणस्या उसे एक Sidha (संति का एहसास) बिनातिा है .

तिपणस्या आत्मर् िनयंत्रण, radiating चिरित्र औरि अन्य प्रािणयो के िलए सेवा की भावना के िलए आमर् तिौरि पणरि नहीं है जबि संयुक्ति सफिल नहीं है . एक बिीज एक पणेड़ कैसे हो सकतिा है अगरि यह ठीक के बिाद नहीं दे खा

है औरि उपणजाऊर् िमर्ट्टी, पणानी आिद इस िनयमर् के िलए बिहुति बिहुति कंु डलिलनी जागरिण के तिरिीको के िलए भी लागू होतिा है के साथ आपणूितिर्प करि सकतिे है.

कंु डलिलनी जागरिण का अथर्प है तिेज औरि पणरिमर्ात्मर्ा हमर्ारिी चेतिना मर्े िछपणा शक्तियोक्तियो को सिक्रय. यह सभी 3 िनकायो मर्े िविभन्न प्रयोजनो के िलए िविभन्न तिरिीको से पणरिू ा िकया जा सकतिा है .

ऊर्पणरि को सिक्रय करिने के 14 तिरिीके है. इन 14 glories 14 गहने उभरिा जबि समर्ुद्र मर्ंथन िकया गया था की

तिुलना मर्े िकया जा सकतिा है . इसका वगीकरिण इस प्रकारि िकया जा सकतिा है . साथ 6 चक्र Merudand

यानी सहस्रारि कमर्ल तिक Mooladhar से शक्तुरू एक शक्तियोक्तिशक्ताली मर्ाध्यमर् है िक सामर्ग्री क्षेत्र के glories के

उत्पणादन मर्े बिाधाओं पणरि काबिू पणाने मर्े एड्स कहा जा सकतिा है . इसकी प्राियोप्ति आदमर्ी शक्तियोक्तिशक्ताली, अमर्ीरि औरि उद्यमर् से भरिा बिनातिा है . इस आधारि पणरि एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी असीमर् रूपण से एक आमर् आदमर्ी

की तिुलना मर्े अिधक शक्तियोक्तिशक्ताली हो जातिा है . हमर्ारिी इंिद्रयो अबि औरि externalized बिजाय अंतिमर्ख ुर्प ी बिनने

से, एक बिहुति व्यापणक क्षेत्र मर्े कामर् करि रिहे है. उन दृश्यो िक हमर्ारिे सकल आँखो से नहीं दे खा जा सकतिा है स्पणष्ट रूपण से करि रिहे है हमर्ारिे िदव्य दृियोष्ट के िलए िदख रिहा है . वही अन्य इंिद्रयो के िलए सच है . िसिद्धयो टे लीिवजन की तिरिह सकल दिु नया से संबिंिधति है , लगतिा है , दरिू संवेदन, वस्तिु िनयंत्रण, जीवन शक्तियोक्ति

प्रवाह, Shaktipaat, जानतिे हुए भी भिवष्य आिद स्थल ू शक्तरिीरि के कंु डलिलनी को सिक्रय करिने पणरि आत्मर्साति िकया जा सकतिा है दरिू सन ु वाई. इस मर्ाध्यमर् से एक भी प्रकट Ojas तिेजस, औरि Varchas करि सकतिे है.

5 sheaths के आधारि पणरि एक सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि की कंु डलिलनी जगाने (दे वी नाग पणावरि) करि सकतिे है. 5 sheaths

बिुलाया भोजन म्यान, मर्हत्वपणूणर्प म्यान, मर्ानिसक म्यान, ज्ञान म्यान, आनंद म्यान हमर्ारिी चेतिना पणरि


पणरितिो को कवरि करि रिहे है. मर्े यह 5 तित्वो औरि 5 Pranas पणाए जातिे है. उन्होने यह भी दिु नया 5 या 5

एक्सटे शक्तन कहा जातिा है . जबि इन क्षमर्तिा िवकिसति आध्याियोत्मर्क आकांक्षी अदृश्य दिु नया से संपणकर्प शक्तरू ु होतिा है . आमर्तिौरि पणरि लोगो को केवल नामर् औरि वस्तिओ ु ं अथार्पति रूपणो के सकल िदखाई दिु नया को समर्झतिे है. लेिकन जबि एक आध्याियोत्मर्क आकांक्षी के सक्ष् ू मर् शक्तरिीरि की कंु डलिलनी जागति ृ है , आदमर्ी अदृश्य दिु नया से संपणकर्प. वह Pitrus, डलेमर्ी - दे वतिाओं आिद संलग्न करिने के िलए हो जातिा है , औरि वहाँ एक दे औरि उन दोनो के बिीच संबिंध रिखना है . वह अबि मर्ाँ प्रकृिति के िछपणे रिहस्यो को समर्झतिा है . वह भिवष्य की घटनाओं की

उम्मर्ीद करि सकतिे है. उपणयक् ु ति व्यवस्था एक अनक ु ू ल पणिरि​ियोस्थितियो औरि अवरिोधो से लाभ प्राप्ति करि सकतिे

है बिंद warded जा सकतिा बिनाने के द्वारिा इस ज्ञान के आधारि पणरि. Laymen के मर्ानस मर्े एक पणिवत्र सोच पणैदा करि सकतिे है औरि इस प्रकारि मर्ानव सभ्यतिा aptly ढाला जा सकतिा है .

आकियोस्मर्क शक्तरिीरि के 3 आवेदन करि रिहे है औरि यह ग्रंथी Bheda कहा जातिा है . िसरि के बिीच मर्े

Brahmagranthi है औरि यह भी कैलाशक्त पणवर्पति या Ksheersagar कहा जातिा है . यह धुवीय केद्र है िक हमर्ेशक्ता दे औरि ब्रह्मर्ांडलीय ऊर्जार्प के साथ ले मर्े शक्तािमर्ल है कहा जातिा है . 2 िदल क्षेत्र मर्े िवष्णु चक्र है . यह चेतिना की

गुफिा कहा जा सकतिा है . यह संवेदनशक्तील भावनाओं का केद्र है . यहाँ पणरि एक संतिुियोष्ट, संतिोष औरि शक्तांिति

िमर्लतिी है . बिनाने के अलावा हमर्ारिे उच्च मर्ानस statured एक Vishnugranthi की शक्तियोक्ति की मर्दद के साथ एक सकारिात्मर्क रिास्तिे मर्े दस ू रिो की समर्झ ढालना चािहए. 3 Rudragranthi है . यह Naabhi चक्र (नािभ) मर्े पणाया जातिा है . इस क्षेत्र मर्े एक शक्तारिीिरिक स्वास्थ्य, चमर्क, प्रितिभा, शक्तियोक्ति, साहस, रिचनात्मर्कतिा

औरि संवधर्पन पणातिा. इस क्षेत्र मर्े एक Mooladhar चक्र पणातिा. लंबिे समर्य से कंु डलिलनी शक्तियोक्ति की जगह आरिामर् के समर्य इस क्षेत्र मर्े है . मर्हत्वपणण ू र्प शक्तियोक्ति के हमर्ले जागति ृ िकया जा सकतिा है , उच्च औरि ब्रह्मर्लोक के पणोटर्प ल के िलए ले जाया गया उठाया.

स्थल ू शक्तरिीरि के 6 चक्र, सूक्ष्मर् शक्तरिीरि औरि आकियोस्मर्क शक्तरिीरि के 3 Granthis (समर्ुद्री मर्ील) की 5 sheaths 14

संख्या मर्े जोड़ने. इनमर्े 7 उच्च दिु नया (Lokas) औरि नीचे का दिु नया के 7 मर्े से एक है. प्रयोगो मर्े अबि 7 के

रूपण मर्े औरि शक्तेष 7 बिढाने के िलए आयोियोजति की जातिी है इतिना पणरि प्रयोग के रूपण मर्े उन्हे एक पणतिन को रिोकने के िलए. मर्ानव अियोस्तित्व एक सागरि के रूपण मर्े हे य दृियोष्ट से दे खा जा सकतिा है औरि यह 3 गुना

कंु डलिलनी पणूजा के मर्ाध्यमर् से मर्ंथन िकया जा सकतिा है . वास्ति​िवक रूपण मर्े शक्तरिीरि मर्े एक रिाक्षस है औरि मर्न एक नरिदे व है . जबि दोनो योग की तिपणस्या करिने के िलए, वे 14 से ऊर्पणरि उल्लेख िकया जवाहरिाति प्राप्ति करितिे

है. समर्ुद्र की पणौरिािणक मर्ंथन मर्े इसके िववरिण को एक प्रतिीकात्मर्क ढं ग से िदया गया है . 5 तित्वो औरि 5 मर्हत्वपणूणर्प बिलो के ऊर्पणरि बिना मर्ानव शक्तरिीरि के रूपण मर्े गहरिी है औरि समर्ुद्र के रूपण मर्े व्यापणक होना मर्ाना जातिा

है . वहाँ कोई बिाहरिी दिु नया मर्े दरिू आवारिा इियोच्छति वस्तिुओं को प्राप्ति करिने के िलए इतिनी के रूपण मर्े करिने की


जरूरिति है . जो कुछ भी आपण की इच्छा आपण के भीतिरि मर्ौजद ू है . खोज के बिाहरि क्यो? एक िहरिण की कस्तिूरिी की तिरिह यह शक्तरिीरि के भीतिरि के िलए दे खा जाना चािहए.

संक्षेपण मर्े यह कंु डलिलनी पणूजा की रूपणरिे खा जहां एक पणिरिचय, िववरिण, औरि पणूजा िविधयो इस संस्करिण के

पणहले पणन्नो मर्े िदया गया है . लेिकन जान - बिूझकरि 14 साधना के बिारिे मर्े िववरिण नहीं िदया गया है . क्योिक यह पणरिमर्ाणु िवस्फिोट पणरि प्रयोग की तिरिह है . उसके तिरिीको मर्े प्रवेशक्त करिने से पणहले हमर् रिाज्य क्या है , ियोजसके

िलए व्यियोक्ति, इस उद्देश्य के िलए क्या आपण को कंु डलिलनी जगाने चाहतिे हो मर्े पणतिा होना चािहए. इन सभी

िववरिण जानने के िबिना कंु डलिलनी सिक्रयण शक्तरू ु एक बिमर् के साथ छे ड़छाड़ करिने वाले एक बिच्चे की तिरिह है . कंु डलिलनी शक्तियोक्ति का दरू ु पणयोग है िक व्यियोक्ति के भयानक पणतिन के िलए नेतित्ृ व करि सकतिे है. नए िखलािड़यो औरि कमर् सचेति लोगो के िलए ज्ञान, भियोक्ति, कारिर्प वाई, औरि िदव्य बिुिद्ध सिक्रयण के रिास्तिे है. अगरि वे इतिना करितिे है, यह पणयार्पप्ति से अिधक है .

कोई नहीं भी कंु डलिलनी जागरिण जानने के बिेचैन हो सकतिा है औरि कोई भी हुक या अपणरिाधी द्वारिा आत्मर् पणूितिर्प को प्राप्ति करिने की इच्छा बिंदरिगाह चािहए. कमर् से कमर् एक सदी के िलए मर्ै लोगो को िशक्तक्षण अपणनी

व्यियोक्तिगति क्षमर्तिा के अनुसारि इस मर्हान आवेदन की ियोजम्मर्ेदारिी ले जाएगा. मर्ै उन्हे इस िदशक्ता मर्े िशक्तित क्षति जारिी रिहे गा. यहां तिक िक अगरि मर्ेरिी स्थल ू भौितिक शक्तरिीरि अबि इस दिु नया मर्े अपणने सूक्ष्मर् अियोस्तित्व के साथ अभी तिक बिनी हुई है िक मर्ै इस िदशक्ता मर्े लोगो की सेवा के िलए जारिी करिे गा.

कोई उपणयुक्ति आध्याियोत्मर्क आकांक्षी कभी भी है िक अनुभव होगा, क्योिक वहाँ कोई उसे / उसे कंु डलिलनी जागरिण के इस िविध िसखाने के िलए एक था, वे अपणने इियोच्छति लक्ष्य तिक नहीं पणहुंच सका. बिस के रूपण मर्े

व्यापणक िदव्य शक्तियोक्ति मर्ुझे बिाहरि ले जाने के िलए 24 साल मर्े Mahapurashcharan प्रेिरिति है औरि न ही मर्झ ु े 3 साल की गहन तिपणस्या के मर्ाध्यमर् से अपणने दे शक्त के कंु डलिलनी शक्तियोक्ति (भारिति) को सिक्रय करिने की

िविध से पणतिा चला है , के साथ यह मर्झ ु े िदया था जो कुछ भी करिने की जरूरिति थी लक्ष्य को प्राप्ति करिने.

उसी तिरिह मर्ै भी उन लोगो के बिीच प्रज्ञा पणिरिवारि जो कंु डलिलनी िवज्ञान के िलए एक िवशक्तेष लक्ष्य के िलए

िवशक्तेष शक्तियोक्तियो को एकत्र करिने के िलए सहारिा ले औरि उन सबि को दे िक उनके पणिवत्र लक्ष्य को प्राप्ति करिने के िलए आवश्यक है की इच्छा के िलए प्रयास करिे गे.


लश्करि अमर्ेिरिका सभी िवश्व शक्तांिति औरि भाईचारिे के िलए प्राथर्पना लेखक: अंतरराष्ट्रीय गायत्री परिरवार के संस्थापरक आचायर श्रीराम शर्मार एक महान योगी शर्ंकराचायर और भगवान के अवतार थे िजिन्होंने िवश्व कल्याण और शर्ांित के िलए आध्याित्मक िवषयों परर मख् ु य रूपर से वैज्ञािनक सािहत्य की मात्रा िलखी थी. के िलए और अिधिक वैज्ञािनक ई सािहत्य pls http://www.shriramsharma.com/ www.awgpestore.com http://www.dsvv.ac.in/ www.akhandjyoti.org यात्रा और http://www.awgp.org/ िववरण: चक ध्यान - ESP, Nirvikalpa समािधि या मुफ्त ट्रांस बनना Ridhi - Sidhis या ईश्वरीय ऊर्जिार, भिवष्य वैज्ञािनक धिमर, सुपरर ऊर्जिार गायत्री िवज्ञान और कंु डलिलनी योग को सहसंबद न्यूरोसाइंसेस - ESP, Endocrinology, एनाटॉमी, मनोिवज्ञान और सोचा ई परुस्तके 1) सामग्री और आध्याित्मक समिृ द और 2) दिु नया एक

परिरवार के रूपर मे शर्ांित से एकजिुट करने के िलए समाजिशर्ास्त्र. एक खूबसूरत अनविधि दिु नया: हमारा एक सख्ती गैर वािणिज्यक वेबसाइट है जिो उम के महान नेताओं और दिु नया के िवचारकों के परुराने सपरने को साकार करना है . कीवडलर: कंु डलिलनी योग गायत्री e-िकताबे अल्ट्रा साउं डल टे िलपराथी parapsychology

तत्वमीमांसा िनिवरकल्पर समािधि प्रदष ू ण योग तंत्र िफिल्मे इंटरनेट सम्मोहन परािरिस्थितकी ज्योितष आयव ु ेद किल्क bioelectricity सजिररी परराबैगनीिकरण ओजिोन रडलार तनाव रचनात्मकता पररु ातत्व िसंधिु घाटी सभ्यता ईंधिन संकट भोजिन की कमी सन ु ामी जिीवनी गर ु िवश्व शर्ांित मन मानस दे वता सक्ष् ू म तंिकात्रका चेतना आत्मा पररमात्मा ट्रान्स endocrine ग्रंिथयों ESP चक plexus ध्यान एकाग्रता बिु द भिवष्यवाणी Cheiro Nostradamus अरिवंद आनंद मिस्तष्क वेद सौर सय ू र की ऊर्जिार परिवत्र शर्द ु इंिद्रियों प्राण अवतार उपरिनषद प्रकाशर् सेल hypothalamus परीयिू षका परिरवतरन भिवष्यवादी

भिवष्यवाणी नािगन शर्िक्त जिीवन मानव नैितकता अखंडलता चिरत्र वेगस तंत्र Mooladhar पररमाणु न्यूट्रॉन सोच सोचा प्रोटोन


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