स ा महारानी क ोत कथा
उतरल फा गुन चढल चैत, पास पड़ोस म सब डोरा बंधबा रह! थी . झरोखा म मुह देकर रानी देख रह! थी . रानी अपनी दासी से बोली ये लोग )या कर रह! है , दासी बोली हे रानी ये लोग यहाँ डोरा बंधबा रह! है . रानी बोली हे दासी म+ भी सपता महारानी का डोरा बं-ब.गी . सब इ0तेजाम कर के रानी भी डोरा बं-बली . रात म जब रजा घर आये और पानी मांगे तो रानी देने गयी . तब राजा बोलेहे रानी तुम तो रोज हाथ उघार कर पानी देती थी तो आज हाथ ढक कर पानी )य5 दे रह! हो ?
रानी बोली क हे रजा आज हम सपता महारानी का डोरा बं-बायेह+
. रजा बोलेक तुम तो रानी हो , सोना चांद! पहननेवाली तो डोरा )य5 पहनी हो ? इतना बोल कर रजा डोरा तोड़ कर फ़ क 9दए . रानी डोरा उठाकर दध ू से धोकर पहन ली . रजा 9फर उसको तोड़कर द!या म जला 9दए . यह देखकर सपता महारानी कु=पत हो गयी और अपनी बहन =बपता से बोली हे बहन =बपता रजा को बहुत घम>ड हो गया है , उसका घमंड चूर कर दो . =बपता ने रानी से पूछ@ क तुम जव ानी म दःु ख लोगी क बुढ़ापा म . रानी बोली क बुढ़ापा का दःु ख सहन नह!ं होगा इसीिलए जव ानी म ह! दःु ख दे दो . इतना कहते ह! =बपता महारानी के कोप से आंधी आया और महल िगर गया , सारा राजपाट सब कुछ नE हो गया . बच गया रजा, रानी , रोहू दस बेटा और हरा =पटारा . राजा बोलेक हे रानी हम लोगो को कह! दरू चला जाना चा9हए . )य59क जहा राज 9कया जाता है व ाहा भीख नह!ं माँगा जाता है . इतना सोच राजा सब को लेकर नगर छोड़ कर चल 9दए . राःतेम जाते समय रानी को भूख लगी . सामने म एक गुलर का पेड देखकर स5ची क )य5 न हम कुछ गुलर का फल खा ल . इतना बोलतेह! गुलर का पे ड़ बहुत ह! ऊँचा उठ गया . रजा बोलेÐ हे रानी चलो यहाँ से , यह सपता महारानी का कोप है .
वह से आगे चले तो नद! पार करने के िलए नाव पर चढ़े . नाव जब =बच म
पंहुचा तब नाव म एक चूहा का बIचा कूदने लगा . तब रानी बोली क हे राजा शायद इसके ऊपर भी कोई =वप=L आई है . इसे भी नाव म ह! रहने द!Mजए . कुछ दे र के बाद चूहा ने नाव को काट द!या . और नाव म पानी भर गया .
रोहुदास बेटा और हरा =पटारा उसमे बह गया .
बच गए राजा और रानी . राजा बोले चलो रानी यह सपता महारानी का ूकोप है . राजा बोले क चलो रानी हम अपनी बहन के यहाँ चलते ह+ . जब राजा अपनी बहन के यहाँ पहुचे तब 9कसी आदमी को भेजे क जाकर मेर! बहन को बोल दो क भैया भाभी आये
ह+ . राजा क
बहन बोली क 9कतना दल 9कतना बल है . तब उस आदमी ने बोला क कुछ दल बल नह!ं है . तब बहन बोली क वो मेरे भैया भाभी नह!ं हो सकते . उसको घुडसाल म बैठने बोलो और एक लोटा म पानी और सावे दे दो रःसी बंटेगा . उस 9दन उसके लड़का का छठ@यार! था .रानी सब को Mखलने =पलाने म Oयःत थी . इतना करते करते रात हो गयी . राजा रानी =बना खाए =पए ह! बैठे रहे . अंत म दासी बोली क हे रानी घुडसाल म जो बैठा है उसको अभी कुछ भी खाना पीना नह!ं िमला है . तब रानी बोली क म+ जो पहले =पPठा और घोर खायी थी उसमे से कुछ बचा होगा जाकर दे दो . दासी जब लेकर गयी तब राजा बोले Ðरख दो हम बाद म खा ल गे . राजा स5चे क अगर बहन दे ती तो हम खा भी लेते मगर दासी हमको लाकर द! है इसीिलए खाना उिचत नह!ं है . और बोले क हे धरती माँ तुम फट जाओ और म+ जो दे ता हूँ उसे रख लो (उस समय धरती पर कानी अंगुली से ितन रे खा पारना है ) , जब म+ मांगूंगा तब मुझे लौटा दे ना . इतना कह कर राजा और रानी वह से चल 9दए . आगे जाने के बाद कुछ दरू पर )या दे खते ह+ क कुछ औरत वह कु9टया =पिसया कर रह! थी . राजा और रानी के वह पहुचते ह! सपता महारानी के ूकोप से 9कसी का आटा 9कसी का गेहूं उड़ने लगा . रानी को सब डांटने लगी क कैसा अलIछ कुलIछ आई है
9क हम लोग का सब उड़ने लगा . उसमे से एक औरत
बोली 9क बेचार! दMु खया होगी थोडा सा आटा इसे दे दो . उधर राजा नद! 9कनारे गए वहा पर
म लाह लोग मछली मार रहे थे . पहले से अIछा अIछा मछली जाल म पड़ता था राजा के जाते ह! खराब वाला मछली
जाल म पड़ने लगा . राजा को सब डांटने लगा 9क कैसा मनहूस
तुम आया 9क अIछा मछली जाल म पड़ना बंद हो गया . उसमे से एक आदमी बोला 9क )या करोगे कोई दMु खयार! लगता है एक दो मछली इसे दे दो . राजा मछली को लेकर रानी के पास चला आया और बोला हे रानी िलPट! और चोखा बनाओ , अ0न खाए बहुत 9दन हो गया है . इतना कह कर राजा नहाने चले गए . रानी बनाकर धोने गयी )य59क वह जल गया था . Uय5ह! रानी धोने लगी
9क िलPट! उड़ गया और मछली Mज0दा होकर नद! म बह गयी
जब नहाकर आये तब रानी बोली 9क हे राजा हमको बहुत जोर क
. राजा
भूख लग गयी इसीिलए हम
सब खाना खा गए . राजा बोले हे रानी हम सब समझ गए , तुम )या खाओगी यह सब सपता महारानी का कोप है .
चलो
रानी हम अपने िमत िम=Lन के यहाँ चलते ह+ और चले गए .
एक आदमी बोला रानी रानी आपके िमत िम=Lन आये है . रानी बोली 9कतना दल 9कतना बल .नौकर बोला कोई दल बल नह!ं ह+ . 9फर रानी बोली दल बल रहे गा उनके िलए नह!ं रहे गा उनके िलए , हमरा तो वोह! िमत िम=Lन ह+ . जाओ जाकर के बुलाकर ले आओ . राजा को द!या सोने के कटोर! म तेल लगाने के िलए और रानी को 9दए अपना बIचा रखने के िलए . राजा तेल लगा ह! रहे थे 9क कटोर! कौवा लेकर उड़ गया . उधर रानी )या दे खती है 9क एक मोर है जो 9क सोने का एक हार िनगल रह! है . राजा रानी डर गए 9क हमलोग5 9क ह! बदनामी होगी . िमत िम=Lन को =बना बताये हुए वहा से दोन5 चल 9दए . राःते म एक कनु का घर िमला . राजा बोले 9क हम दोन5 को तुम रख लो तुVहारे घर का हम लोग सारा काम कर द गे . बना खाना हम नह!ं खाय गे , कIचा दोगी तो बना कर के खा ल गे . कानू बोला 9क ठ@क है तुम दोन5 मेरे घर रहो . रानी को द!या बतWन धोने के िलए , और राजा को द!या खािचया और हँ सुआ घास लेन के िलए . रानी जब नद! म बतWन धोने गयी तो सब बतWन नद!
म बह गया , राजा
जब घास लाने गए तो वन दे वी उनका खािचया और हँ सुआ चुरा िलए . राजा बोले चलो रानी यहाँ सपता महारानी का कोप है . यह सोच कर राजा और रानी वहा से आगे चल 9दए
. राःते
म राजा बोले हे रानी तुम बैठो हम तुVहारे गोद म सर रखकर सोय गे , सोये हुए बहुत 9दन हो गया है . इतने म राजा को कुछ बात याद आया और राजा रानी दोन5 िमलकर हसने लगे . सपता महारानी बोली हे बहन =बपता राजा रानी जो हस रहा है हमको दे खा नह!ं जा रहा है . दोन5 को अलग कर दो . इतने म बहुत जोर से अं धी आई और राजा रानी उड़कर अलग अलग जगह चले गए .. रानी एक लXखी बैँया के घर चली गयी और बोली 9क हमको रख लो . बैँया बोली 9क हम तुमको नह!ं रख सकते )य59क तुम बहुत सु0दर हो . 9कसी के पित या बेटे को फुसला दोगी तो हम
)या कर गे . रानी बोली 9क हम ऐसा नह!ं कर गे . कIचा दोगी तो हम
बनाकर खाय गे , पका खाना दोगी तो हम नह!ं खाय गे . लXखी बैँया बोली 9क ठ@क है रह जाओ . उधर राजा एक तेली के घर नौकर बन कर रह गए . उस नगर म राजा नह!ं था . राजा का चुनाव होने के िलए भार! सभा लगा हुआ था . एक हाथी को माला दे द!या गया , और सब का कहना था 9क हाथी Mजसके गले म माला डालेगा वोह! राजा होगा . राजा बोले 9क हे तेली हम भी सभा दे खने जाय गे . तेली बोला 9क तुम वह )या दे खने जाओगे , वहा जाकर तुम )या करोगे तुम तो एक नौकर हो . राजा बोले तम ितन कोस दरू से ह! दे ख गे . तेली बोला जाओ पर मेरे बIचे को तैयार कर के साथ म लेते जाना . राजा बIचे को तैयार कर के साथ म लेकर दे खने चले गए . इतने म हाथी आया
और राजा के ह! गले म माला डाल द!या . सब लोग
कहने लगे 9क हाथी पागल हो गया है , दस ू रे हाथी को माला दो . दस ू रा हाथी भी राजा के ह! गले म ह! माला डाल द!या . तीसरे ने भी राजा के ह! गले म माला डाल द!या . यह दे खकर सब लोग कहने लगे 9क ठ@क है इ0ह! को राजा बना दो राजा रहे गा तो राज करे गा नह!ं रहे गा तो नह!ं करे गा . यह स5चकर राजा को राजिसं घासन पर बैठा द!या गया . राजा बोले 9क बारह
वषW के बाद हमको राज िमला है , हम लXखी बैँया के घर जाय गे . उधर जब रानी कुआँ पर पानी लेन गयी तो )या दे खती है 9क सब औरत डोरा बंधबा रह! है . यह दे ख कर रानी रोने लगी . रानी से सब पूछने लगी 9क तुम )य5 रो रह! हो . रानी बोली 9क हम भी सपता महारानी का डोरा बंधबये
थे , Mजसे राजा ने तोड़कर फ़ क 9दए . जब हम उठाकर 9फ र से दध ू
म धो कर पहने तो राजा ने तोड़कर द!या म जला 9दए , इसीिलए सपता महारानी हम पर नाराज हो गए और बारह वषW का दःु ख दे 9दए . आज बारह साल पूरा हो गया है . आज हम भी डोरा बं-बते . सभी बोली बेचार! को कुछ कुछ दे दो ये भी डोरा बंधबा लेगी . रानी भी डोरा बं-बयी Mजससे सपता महारानी का कोप समा हो गया . इधर लXखी वैँया के घर राजा आये . वैँया रानी से बोली 9क जाओ जाकर तेल लगा दो तब तक हम तैयार होते ह+ . रानी तेल लगाने गयी . राजा के दाया पैर म लहसन था . रानी को जब लहसन पर नजर पड़ा तो रानी रोने लगी . राजा बोले हमको बारह
साल के बाद राज िमला है , तुम )य5 रो रह! हो .रानी बोली 9क मेरे
राजा को भी लहसन था
इसीिलए म+ रोई और कोई बात नह!ंहै . पता नह!ंमेरे राजा कहा ह5गे
, सपता महारानी के कोप से हम दोन5 अलग हो गये ह+ . राजा उठकर तुरंत खड़ा हो गए और बोले 9क तुVह! मेर! रानी हो हम ह! तुVहारे राजा ह+ . इतना कह कर राजा वहाँ से चल 9दए और जाकर एक आदमी को भेजे और बोले 9क जाकर लXखी वैँया से बोल दो 9क Mजतना पैसा लेगी उतना हम द गे , चाकरानी हमको दे दो . वैँया बोली 9क हम सोना \पैया कुछ भी नह!ं ल गे . राजा दामाद जैसा आवे हम रानी को बेट! जैसा =बदा कर द गे . इतना सुन कर राजा दामाद जैसा तैयार होकर आ गए और रानी उसने अपनी बेट! जैसा =बदा कर द!या . राजा बोले 9क हे रानी जहा हम नौकर बने ह+ वहाँ पर राज नह!ं कर गे , चलो अपना नगर चलते ह+ . राःते म राजा को वन महारानी हँ सुआ और खािचया दे 9दए . रानी को नद! म बतWन भी िमल गया . राजा रानी दोन5 िमलकर कानू के घर म जाकर दे 9दए 9क तुम अपना सामान
रख लो ,
)य59क हम उस 9दन इतना ह! के िलए चोर बने थे . कानू बोला 9क उस 9दन भी हम आपको कुछ नह!ं बोले और आज भी हम कुछ नह!ं बोल गे . राजा वहाँ से अपना िमत िम=Lन के यहाँ गए . राजा के जाते ह! कौवा जो सोना का कटोर! ले गया था सो आँगन म लाकर िगरा द!या . मोर जो 9क सोना का हार िनगल गया था सो उगल द!या . रानी बोली 9क हे िम=Lन इसी हार के िलए उस 9दन हम चो]रन बने थे . िम=Lन बोली 9क यह माट! का मोर है . इसका येह! काम है िनगलते और उगलते रहता है . उस 9दन भी हम आपको कुछ नह!ं बोले आज भी आपको कुछ नह!ं बोल गे . राजा वाहाँ से आगे चलकर नद! 9कनारे आये तो िलPट! और मछली सामने आ गए . िलPट! को बोले 9क जाओ जाकर तुम पीपल का पLा बन जाओ . शुभ म 9कसी के घर नह!ं जान अशुभ म जाना . मछली को बोले 9क जाओ तुम खराब मछली बन जाना . वहाँ से राजा आगे चल 9दए . आगे गुलर का पेड़ िमला . वह राजा को दे खकर एकदम िनचे लोटने लगा . रानी पांच गुलर तोड़कर अपना आँचल म रख ली ( उस समय अपना आँचल म एक गांठ बंधना है ) . राजा स5चे 9क अब अपना बहन के यहाँ जाना चा9हए . रानी बोली 9क हम उनके िलए एक पायल बनवा कर ले जाय गे . राजा रानी पायल ले कर चल 9दए . राजा 9कसी आदमी को बोले 9क जाकर बोल दो 9क भैया भाभी आये ह+ . बहन बोली 9क 9कतना दल 9कतना बल है . आदमी बोला बहुत दल बल है . रानी बोली 9क वह! मेरे भैया भाभी ह+ , जाओ जाकर बुला कर ले आओ . राजा 9क बहन ने दोन5 का खूब ःवागत 9कया . राजा अपनी बहन के िलए जो पायल लाए थे सो 9दए और बोले 9क तुम इसको पहनो . राजा 9क बहन ने पायल पहन िलए और खाना Mखलने लगी . बहन जब चलती तो पायल से आवाज़ िनकलता हहाल घोर , फफाल =प_ठा .बहनोई बोले 9क पायल से )या आवाज़ िनकल रहा है . राजा बोले 9क कुछ भी िनकले आपको )या मतलब है . ले9कन बहनोई को बहुत आमह करने पर , जो शaद िनकल रहा था सो बता 9दए 9क जब हमारे ऊपर =वप=L आई तब हम दोन5 आपके यहाँ आये थे . उस 9दन
आपके यहाँ पर बIचा का छठ@यार!
था हमदोनो को घुडसाल म बैठाया गया . हम 9दन भर
बैठकर रःसी बनाते रहे . कुछ खाना भी नह!ं िमला . रात होने पर दाई के माफ़Wत घोर और =प_ठा िभजवा 9दए . हम स5चे 9क अगर बहन अपने हाथ से दे ती तो हम खा भी लेते पर दाई के हाथ से भेजी तो )या खाय गे . बहन बोली 9क बहनोई ऐसा कर सकता पर बहन नह!ं कर सकती . राजा बोले 9क हे धरती माँ जो हम रखने के िलए 9दए थे सो हमको दे द!Mजए . धरती फट गयी, घोर और =प_ठा िनकल कर बाहर आ गया (उस समय पहले जो लाइन पारे ह+ उसे िमटाना है ) . यह दे खते ह! बहनोई मूिछW त होकर िगर गए . रानी बोले 9क हे राजा बारह वषW बाद राज लौटा है तो )या हम लोग सहोदर का ह! वध कर गे . राजा के कानी अं गुली म अमृत था . राजा अपने अं गुली से अमृत िनकाल कर िछट 9दए . उनका बहनोई उठकर खड़ा हो गए . राजा रानी खुशी खुशी अपना नगर को लौट आये . नगर वासी बहुत खुश हुए . Mजसको जो बन पाया राजा को उपहार दे ने आये . एक म लाह सोचा 9क हम भी आज राजा को मछली दे द . म लाह 9दन भर मछली मारता रहा पर एक मछली से Uयादा जाल म नह!ं फसा . म लाह स5चा 9क शायद एक मछली से Uयादा राजा के भाcय म नह!ं है . यह स5च कर एक ह! मछली राजा को जाकर के द!या . राजा मछली दे खकर बहुत खुश हुए . रानी से बोले हे रानी बहुत 9दन से हमलोग मछली नह!ं खाए ह+ , जाओ जाकर अIछा से बनाओ . रानी दासी से बोली हे दासी ठ@क से बनाना . दासी जैसे ह! मछली काटने बैठ@ वैसे ह! मछली से आवाज़ िनकला हे दासी ठ@क से काटना इसम रोहूदास बेटा है . दासी दौडकर रानी के पास गयी और बोली 9क हे रानी हम मछली नह!ं काट गे )य59क मछली बोल रह! है . रानी गुःसे से बोली 9क हे दासी तुम छोड़ दो हम अपने से बनाय गे . राजा को घमंड हुआ तो बारह वषW भोगे , तुमको घमं ड हुआ तो पता नह!ं तुVहारा )या होगा . इतना बोल कर रानी मछली काटने बैठ गयी . रानी जैसे ह! मछली काटने लगी तो मछली बोला माँ माँ नाख़ून से काटना इसम रहूदास बेटा है . रानी ने नाख़ून से
मछली को चीर द!या . उसमे से रोहूदास बेटा िनकल गया . यह बात जब म लाह 9क पeी को पता चला तो झगड़ने चली आई 9क यह मेरा बेटा है . और रानी बोली 9क यह मेरा बIचा है . नगर के सब लोग बोले 9क कपडा का घर बनाओ . एक तरफ रोहुदास को खड़ा कर दो और दस ू रे तरफ तुम दोन5 खड़े हो जाओ . Mजसका दध ू रोहुदास के मुह म जाएगा उसीका ह! बेटा होगा .म लाह 9क पeी का कोई भी बIचा नह!ं था , इसीिलए रानी का ह! दध ं ू रोहुदास के मुह म गया . बेटा रानी को िमल गया . राजा, रानी और रोहुदास बेटा तीन5 िमलकर राज करने लगे . Mजस तरह राजा रानी का राज पात लौटा 9दए , उसी तरह सपता महारानी सब का राज पात लौटा दे .
------बोलो सपता महारानी 9क जय --------