वर्ष 9 अंक 7 n 1-15 अप््ैल 2016 n ~ 20
दो खंभों में टकराव
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वर्ष9 अंक 7 n 1 से 15 अप्ल ्ै 2016 स्वत्वािधकारी, मुद्क एवं प््काशक क््मता सिंह िंपादक अंबरीश कुमार िंपादकीय िलाहकार मंगलेश डबराल राजनीसतक िंपादक वववेक सक्सेना फोटो िंपादक पवन कुमार िंपादकीय िहयोगी
सववता वम्ाा अंजना वसंह सुनीता शाही (लखनऊ) अिनल चौबे (रायपुर) पूजा िसंह (भोपाल) अिवनाश िसंह (िदल्ली) अिनल अंशुमन (रांची) कुमार प््तीक मनोज वतवारी
कला
प््वीण अिभषेक
महाप््बंधक
एस के वसंह +91.8004903209 +91.9793677793 gm.shukrawaar@gmail.com
आवरण कथा
8 | टकराव का नया दौर
हमारे िोकतंत्मे्सवधासयका और न्यायपासिका मे्जब-तब टकराव की नौबत आती रही है. आज उत््राखंड और कुछ पहिे अर्राचि प््देश मे्ऐिी ही ब्सथसत सनस्मणत हुई सजििे िोकतंत्के दो प््मुख ि््ंभो्के बीच िंवैधािनक िंकट पैदा हुआ है.
14 | ट्िवटर पर टकसके फ़्न नमो प््धानमंत्ी नरे्द्मोदी की ब्ववटर पर िस््ियता ने नयी तरह की कूटनीसत को जन्म सदया है. वे सकन िोगो्को फॉिो करते है्, यह देखना भी कम सदिचस्प नही्.
16 | सुरक््ा और असुरक््ा के बीच
िबजनेि हेड
बांग्िादेश मे्सहंदुओ्की ब्सथसत उतनी बुरी नही्सजतनी कल्पना की जाती है. िेसकन कुछ पुराने कानूनो्के जसरये उनकी िंपस््त छीना जाना मुिीबत का िबब बना हुआ है.
शरद कुमार शुकल ्ा +91. 9651882222
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यती्द्कुमार ितवारी +91. 9984269611, 9425940024 yatendra.3984@gmail.com
सिसध िलाहकार शुभांशु वसंह
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िंपादकीय काय्ाालय
एमडी-4/304, सहारा ग््ेस, जानकीपुरम लखनऊ, उत््र प््देश-226021 टेलीफैक्स : +91.522.2735504 ईमेल : shukrawaardelhi@gmail.com www.shukrawaar.com DELHIN/2008/24781 स्वत्वािधकारी, प्क ् ाशक और मुदक ् क्म् ता सिंह के सिए अमर उजािा पब्लिकेशि ं सिसमटेड, िी-21, 22, िेकट् र-59, नोएडा, उत्र् प्द् श े िे मुस्दत एवं दूिरी मंसजि, ल्ाी-146, हसरनगर आश्म् , नयी सदल्िी-110014 िे प्क ् ासशत. िंपादक : अंबरीश कुमार (पीआरल्ाी अिधसनयम के तहत िमाचारो्के चयन के ििए िजम्मेदार) िभी कानूनी िववादो्के ििए न्याय क््ेत्िदल्िी होगा.
22 | तकनीक से ऑक्सीजन
24 | डूबता द््ीप: चुनावी सहारा?
44 | गुलाबी के बीच कुछ धूसर
48 | हॉलीवुड पहुंचा बॉलीवुड
सिंहस्थ के आयोजन के पहिे पता िगा सक सशप््ा नदी के पानी मे् ऑक्िीजन न के बराबर है. िरकार अब नदी मे्ऑक्िीजन डािने के सिए पांच िंयंत्िगा रही है.
गुजरात के पय्टण न को वहां की िांपद् ासयक नीसत नष््कर रही है. अतीत के स्थापत्य के प्स्त सहकारत पय्टण न सवभाग की काय्ण प्र ् ािी पर िवासिया सनशान िगाती है.
माजुिी के अस््ित्व के सिए बढ्ता जि-ि््र बड्ा खतरा बना हुआ है. क्या सवधान िभा चुनाव िे उिके गंभीर िंकट का कोई िमाधान होगा?
स््पयंका और दीसपका का बॉिीवुड मे् महत्वपूर्णभूसमका सनभाना उदाहरर है सक िफल्मी सितारो् का बॉिीवुड िे सरश्ता और भी मजबूत हो रहा है. शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
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आपकी मास्ट हेडाक ड
माल के साथ चंपत माल्या
दीदी का इम्ततहान
बीते अंक मे्प््कासशत दीदी और दादा के दंगि शीर्णक की सरपोट्ण काफी अच्छी रही. िेसकन बंगाि चुनावो्को िेकर मेरी राय कुछ इि तरह है. पस््िम बंगाि मे्पसरवत्नण देखने को समिेगा ये बात अभी वोटरो्के मुस्ियो्मे्कैद है. िेसकन जमीनी हकीकत ममता के पक््मे्नही्है. राज्य अभी भी िंिाधनो्की कमी िे जूझ रहा है, बड्े सनवेश अभी भी राज्य मे्नही्पहुंचे है्. नौकसरयां जि की ति है्, सशक््ा वैिे ही सपछड्ी हुई है. कानून-व्यवस्था की हाित पहिे िे और खराब हो चुकी है. ममता िरकार ने इन पांच िािो्मे् िोगो् की उम्मीद पर ठोकर मारने का काम सकया है. अप्ि ्ै के पहिे हफ्ते मे्सवधानिभा के चुनाव होने वािे है्. िोगो् का मानना है सक ममता आिानी िे एक बार सफर िरकार बनाने जा रही है्. ऐिा इिसिए सक पस््िम बंगाि मे् वोटर भिे ममता के पांच िाि के शािन िे त््ि् है्. िेसकन उनके पाि और कोई मजबूत सवकल्प नही्है. िोकिभा चुनावो्के बाद कुछ िमय के सिए िगा था सक मोदी िहर आने वािे सदनो् मे् ममता के सिए बड्ी चुनौती बनकर खड्ी हो िकती है. िेसकन ये िहर सबहार चुनाव हारने के बाद कमजोर हो गयी है. रजनीश दिशूू, भोपाल (िधूयपूूिेश)
टजंदा रहंेगे सपने
शुि्वार के बीते अंक मे् िेसकन िपने नही् जिे्गे शीर्णक िे प््कासशत िोनी िोरी पर एक बेहतरीन िेख पढने को समिा. इििे पता चिता है सक वह कोई आम आसदवािी मसहिा नही् है्. वह िंघर्ण की जीती जागती समिाि है् और दमन का सजंदा उदाहरर है्. अब िवाि ये सक आसदवासियो् पर अमानवीय जुल्म करने वािे िोग कौन है्? हो िकता है, सकिी दबंग
बीते अंक की कवर स्टोरी अजब माल्या की गजब दाि््ान िे इि देश मे् फैिे भ््ष्ाचार के परत दर परत को खोि कर रख सदया है. प््धानमंत्ी नरे्द् मोदी ने वादा सकया था. न खाउंगा, न खाने दूंगा’ और इिी वादे ने उन्हे् प््धानमंत्ी की कुि्ी पर बैठा सदया था. िेसकन अब इिी न खाने और न खाने देने वािी िरकार को धता कर िरकारी बै्को् का करोड्ो् डकार चुके है्. शराब कारोबारी सवजय माल्या देश छोड्कर इंग्िै्ड भाग गये है्. एक देशभक्त देश के 17 बैक ् ो्के नौ हज्ार करोड्र्पये िेकर भाग
गये. ये प््तीको्पर आधासरत देशभब्कत का दौर है. इि दौर मे् सवजय माल्या जैिे िोगो् को देशभक्त िासबत करने के सिए प््तीको्की कमी नही्है. आप कह िकते है्सक सवजय माल्या वह पहिे भारतीय थे. जो बापू का चश्मा अंग्ेजो्के चंगुि िे सनकािकर िाये. ये उनका देश प््ेम ही तो था सक बापू की जेब घड्ी, पीति की थािी, कटोरी भी िाकर भारत मां के चररो्मे् डाि दी. पांच िाख डॉिर खच्ण करके वे टीपू िुल्तान की तिवार भी वापि िाये थे.
और ठेकेदार का नाम आया हो. हो िकता है ये िब काम आिपाि के दंबगो् ने सकया हो. हो िकता है पुसिि थाने मे् जुल्म की दाि््ान मानकर सवचसित हो गये हो्. िेसकन ये दाि््ान इििे कही् ज्यादा सचंताजनक और दहिाने वािी है. िोनी िोरी ने आरोप िगाया था सक ये िारी अमानवीय यातनाएं उन्हे्जेि मे्दी गयी्. तीन बच््ो् की मां िोनी के पसत िोनी के जेि जाने का िदमा नही् िह िके और उनकी भी मौत हो गयी.
िहर न हो तो अन्ना द््मुक या द््मुक मे्िे एक पाट््ी को चुनावी जीत समि िकती है.
नीरज गौति, गादजयाबाि (उतूूर पूूिेश)
अत्मा की राह कटठन
तसमिनाडु मे् जो सफिहाि राजनीसतक िमीकरर बन रहा है, उििे ऐिा प््तीत होता है सक आगामी सवधानिभा चुनाव स््तकोरीय हो्गे. एक तरफ अन्ना द््मुक अपने िहयोगी दिो्के िाथ होगी, दूिरी तरफ द्म् क ु का गठबंधन होगा और इनके बीच हार जीत का अंतर बीजेपी के नेतृत्व वािा तीिरा मोच्ाण होगा. गुटबाजी की सशकार कांग्ेि तसमिनाडु मे् इि सिहाज िे बहुत कमजोर है. कुि 238 िीटो्मे्िे उिके हाथ शायद 25 या 30 िीटे् ही िग िके्गी. तसमिनाडु मे्पूरा माहौि जयिसिता के पक््मे् होता सदख रहा है. िेसकन कावेरी मे्काफी पानी बह चुका है. जयिसिता की राजनीसतक ब्सथसत सफिहाि वैिी नही् है जैिी 6 माह पहिे तक थी. इिमे्तसमिनाडु मे्सदिचस्प और कांटे की टक््र होने की िंभावना बहुत असधक है. तसमिनाडु मे् जहां दो प््मुख पास्टियां है्. अन्ना द््मुक और द््मुक, वही्बहुत छोटी छोटी पास्टियां भी है्. जो कुछ खाि वग््ो् का प््सतसनसधत्व करती है्. ये छोटी पास्टियां अपने िमथ्णक मतदाताओ् का वोट ट््ांिफर करने मे् िक््म है्. कहने का अथ्ण यह है सक अगर कोई
नीरूवाजपेयी, नयी दिलूली
आशीष रंजन, पटना (दबहार)
अन्न संकट की आहट
शुि्वार ने अपने िंपादकीय मे् सकिानो् की िमस्या को उठाया है. आज सकिानो् की बदहािी के पीछे कही् न कही् िरकार की नीसतयां ही सजम्मदे ार है.् कृसर को देश के सवकाि की मुख्यधारा का मानक िमझा ही नही् गया. उल्टे उनकी खेती योग्य भूसम को तमाम तरह की सवकाि योजनाओ्के नाम पर औने-पौने दामो् मे् खरीदकर उन्हे् दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर सकया जाता रहा है. हाईस््िड फििो्के नाम पर सकिानो्के िामने महंगे बीज का िंकट उनकी पारंपसरक सकिानी की राह का बहुत बड्ा रोड्ा िासबत हो रहा है. खेती के सिए सिया गया कज्ण न चुका पाने के कारर रोटी के भी िािे पड् जाते है् और सनराशा आत्महत्या तक िे जाती है. तुफैल अहिि, रांची (झारखंड)
पाठको् से टनवेदन
शुि्वार मे्प््कािशत सरपोट््ो्और रचनाओ्पर पाठको्की प््सतसि््या का स्वागत है़ आप अपने पत््नीचे िदए गए पते पर या ई-मेि िे भेज िकते है् एमडी-4/304, िहारा ग््ेि, जानकीपुरम, िखनऊ उत््र प््देश-226021 टेिीफैक्ि : +91.522.2735504 ईमेि : shukrawaardelhi@gmail.com शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
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राजकाज
पलटवार
वूयंगूयदचतूू: सागर कुिार
रहस्य फर्ाषटेदार अंग्ेजी का प््धानमंत्ी नरे्द्मोदी इतनी जल्दी इतनी बसढ्या अंग्ेजी बोिना कैिे िीख गये और वे दूरदश्णन को इतनी अहसमयत क्यो्दे रहे है्? इिका हाि ही मे् खुिािा हुआ. खाितौर िे सजि तरह िे े न मे् उन्हो्ने राजधानी मे्आयोसजत िूफी िम्मि जो भारर सदया उिमे्अंग्ेजी के सजन शल्दो्का इि््ेमाि सकया गया. उन्हे् िुनकर तो कांग्ेि के अंग्ेजीदां नेताओ् के मुंह खुिे रह गये. हाि ही मे् दूरदश्णन मे्एक आिा िूत् ने खुिािा सकया सक जब भी प््धानमंत्ी अपना भारर देते है्. तो मंच पर रखे
नीतीश की नयी पाट््ी ? उत््र प््देश सवधानिभा चुनाव के पहिे नीतीश कुमार नयी पाट््ी बना िेना चाहते है्. िेसकन उनकी पाट््ी कोई शक्िो-िूरत अब्खतयार नही् कर पा रही है. उन्हो्ने जनता पसरवार िे जुड्े रहे नेताओ् िे िंपक्क सकया है और उनकी पास्टियो् का सविय जनता दि (यू) मे्कराने का प््याि सकया है. िेसकन कई काररो् िे अभी नेता सहचक रहे है्. एक बड्ा कारर नयी बनने वािी पाट््ी के राष््ीय अध्यक्् को िेकर है. शरद यादव अभी जनता दि (यू) 6
शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
पोसडयम पर दो टेिीप््ाम्पटर िगे होते है्. इिेक्ट्ासनक मीसडया मे् टेिी टेिीप््ाम्पटर का उपयोग खबरे्पड्ने के सिए एंकर करते है्. इन पर खबरो् की पट््ी चिती रहती है. सजिे पढ्ते हुए वे सबना सकिी र्कावट के बोिते रहते है्. प््धानमंत्ी के पोसडयम पर एक टेिीप््ाम्पटर बायी् ओर और दूिरा दांयी ओर िगाया जाता है. इिसिए चेहरा िीधे रखने की बजाय कभी बायी् ओर तो कभी दायी् ओर करते रहते है्. दूरदश्णन को िख्त सनद््ेश है सक कैमरे इि तरह िे सफट सकये जाने चासहए. तासक ये उपकरर नजर न आये इिीसिए सिफ्क उिे ही उनके काय्णि्म कवर करने की इजाजत है. गौरतिब हो 2014 के िोकिभा चुनाव के पहिे जब नरे्द्मोदी ने रायटर िमाचार एजे्िी को अपना पहिा इंटरव्यू सदया था. तो उिमे्अंग्ेजी मे्पूछे गए िवािो्के जवाब सहंदी मे्ही सदये थे. के अध्यक््है्. ऐिे मे्वे स्वाभासवक र्प िे नयी पाट््ी की कमान भी उनके हाथ मे्रहने की चच्ाण है. िेसकन बताया जा रहा है सक राष््ीय िोकदि के नेता असजत सिंह की इच्छा अध्यक्् बनने की है. उनकी पाट््ी के जानकार िूत्ो् का कहना है सक सबहार मे् अभी कोई चुनाव नही् है. जबसक उत््र प््देश मे् अगिे िाि चुनाव है्. ऐिे मे् अगर एकीकृत जनता पसरवार का अध्यक्् असजत सिंह को बनाया जाता है. तो उनके मतदाताओ्मे्अच्छा िंकेत जायेगा.
दूसरी सालटगरह की तैयारी दो महीने बाद के्द्की नरे्द्मोदी िरकार के दो िाि पूरे होने वािे है्. िेसकन अभी िे दूिरी िािसगरह की तैयासरयां शुर्हो गयी है.् िरकार के दो िाि पूरे करने के मौके पर प्च ् ार की बड्ी योजना बन रही है. बताया जा रहा है सक िूचना और प््िारर मंत्ािय मे्करीब दि सदन पहिे एक अहम बैठक हुई थी. सजिमे् िरकार की उपिब्लधयो्के प््चार की योजना पर चच्ाण हुई. िभी मंत्ाियो्िे सपछिे दो िाि के कामकाज का ल्यौरा देने को कहा गया है. प््धानमंत्ी नरे्द्मोदी ने खुद अपने िभी िांिदो् िे कहा है सक वे िरकार की उपिब्लधयो् का प््चार करे्. इिके सिए भी जर्री िामग््ी जुटाई जा रही है. अिगअिग मंत्ाियो् ने दो िाि मे्क्या फैििे सकये है् और उन पर सकतना अमि हुआ है. इिका ल्यौरा तैयार सकया जा रहा है. िरकार सवज््ापनो्के जसरये तो इनका प््चार करेगी ही िाथ ही पाट््ी के िांिद और मंत्ी िोगो् के बीच जाकर इिका प््चार करे्गे. मंत्ाियो्के कामकाज के अिावा एक अिग ल्यौरा प््धानमंत्ी की महत्वाकांक्ी योजनाओ्का जारी सकया जायेगा.
संपादकीय
पानी पर पहरा पा
अंबरीश कुमार
हम प््कृति से जो छेड़छाड़ कर रहे है्. उसका निीजा हम सबको भुगिना पड़ेगा. देश मे्जगहजगह लािूर जैसी घटनाएं हो सकिी है्. इसतलए पानी के सवाल पर बहुि गंभीर होने की जर्रि है.
नी के सिए आने वािे िमय मे् सवश्् युद्होगा. यह तो पहिे िे कहा जा रहा है. िेसकन देश मे् पानी के सिये युद् तो शुर् हो ही गया है. माच्ण महीने के तीिरे हफ्ते मे् महाराष्् के िातूर सजिा प््शािन ने शहर मे् पानी को िे कर िं घ र्ण रोकने के सिए जि स््ोतो्के आिपाि धारा 144 िागू कर दी थी. धारा 144 के तहत चार या उििे असधक िोग एक स्थान पर एकस््तत नही् हो िकते. यह अभूतपूव्ण ब्सथसत है. पानी पर िातूर शहर मे् ब्सथत छह वाटर टै्क्ि और शहर को पानी की िप्िाई करने वािे तािाबो्, कुओ् और अन्य जि स््ोतो् के आिपाि असधक िोगो् के एक िाथ जाने पर पाबं दी िगा दी गयी है . स्जिे के किेक्टर पां डु रं ग पोिे के मु तासबक िातूर शहर और आिपाि के इिाक्ो्मे्पानी को िेकर सहंिक झड्पो् की आशं का को दे ख ते हु ए ये क्दम उठाया गया था. यह एक बानगी है . देश मे् पानी के बढते िंकट की. यह सिफ्क महाराष्् की ही बात नही् है . बब्लक दस््कर िे िे कर उत््र तक का यह हाि है . बे्गिुर् मे् एक वै वासहक आयोजन मे् आमंस्त त करने वािे पसरवार ने पानी की सकल्ित को िेकर पहिे ही आगाह कर सदया था. सकिी सदन ऐिा भी हो िकता है सक नहाने का पानी न समिे. बुंदेिखंड के उरई मे्अभी अप््ैि के शुर् मे् ही बेत वा की धार टूटने िगी है . चं देि कािीन तािाब जो हजार िाि िे ज्यादा िमय तक पानी िे िबािब रहे. वे बीते कुछ िािो्मे्िूखने िगे है. पानी के िंकट का यह हाि है सक नसदयो् के िौ्दय््ीकरर मे् जु टी कुछ राज्यो् की िरकार नसदयो् के पानी की राहजनी पर उतर आयी है्. अमदाबाद मे् िाबरमती के दोनो्तटो्को पक््ा करके शहर िे गुज रने वािी इि ऐसतहासिक नदी की चकबंदी कर दी गयी. नदी का एक सहस्िा पाट कर उिे पक््ा कर बडे बडे सबल्डरो्को बेचा जा रहा है. इि िौ्दय््ीकरर िे सकिको सकतना िुख समिेगा इिका पता नही् पर एक नदी जो हजारो् िािो् िे बह रही थी. वह खत्म हो जायेगी. अब िूखती िाबरमती मे् नम्णदा का पानी छोडा जाता है. तासक शाम को जो िोग नदी के तटबंध पर मौज मि््ी के सिये सनकिे. उन्हे् नदी मे् बहता पानी सदखे. भिे वह उधार का पानी हो. यह कौन िी नीसत है
सजिके चिते मनोरं जन के सिये पानी की व्यवस्था की जाती है. नसदयो् का आकार तक छोटा कर सदया जाता है. दू िरी तरफ िातू र मे् पानी पर पहरा बै ठा सदया जाता है . यह सिफ्क एक नदी का नही् बहुत िी नसदयो् का हाि है. उत््र प््देश की राजधानी िखनऊ िे गुजरने वािी गोमती तो बहु त पहिे ही दम तोड चुकी थी. अब उिका पाट भी पाटकर छोटा कर सदया गया है. इि नदी मे् घाघरा का पानी डािा जायेगा. हम नसदयो् को सकि तरह खत्म कर रहे है्. इिके ये उदाहरर है्. िाथ ही ऐिा हर राज्य मे् हो रहा है और हर नदी के िाथ हो रहा है. पानी का िंकट बढ रहा है और पानी के जो भी स््ोत बचे हुए है्. उिे हम तबाह कर रहे है . सदल्िी मे् यमु ना तट पर श््ी श््ी रसवशं कर का जो तमाशा हुआ, वह भी दुभ्ाणग्यपूर्ण है. पहाड पर गैर सहमाियी नसदयो् का हाि और बुरा है. ज्यादातर नसदयां िूख रही है् और पानी का िंकट िमूचे पहाड पर मंडरा रहा है. हम नसदयो् के पानी मे् या तो जहर घोि रहे है्या अपने तौर तरीको्िे उिे िू ख ने पर मजबूर कर रहे है्. हर शहर का कचरा नदी मे्डािा जाता है. उिके बाद नदी की िफाई के असभयान पर अरबो् र्पये खच्ण सकये जाते है. कु छ िाि पहिे तक जो जि जंगि जमीन का िवाि उठाता था. उिे एनजीओ वािा बताकर इि मुद्े िे ही सकनारा करने का प््याि सकया जाता था. िे सकन केदारनाथ हादिे के बाद कश्मीर के श््ीनगर मे् बाढ िे हुई तबाही और सफर चेन्नई की बाढ ने अब इि मु द्े पर िबको िोचने को मजबू र कर सदया है. हम प््कृसत िे जो छेडछाड कर रहे है्. उिका नतीजा हम िबको भुगतना पडेगा. दे श मे् जगह जगह िातू र जैिी घटनाये् हो िकती है्. इिसिये पानी के िवाि पर बहुत गंभीर होने की जर्रत है. तािाब और नसदयो् को िेकर हमे् अपना नजसरया बदिना होगा. अभी तो तािाब खत्म हो रहे है्. इिके बाद नसदयो् की बारी है. कई नसदयां िूख चुकी है्. तो कई िूखने की कगार पर है्. सजि तरह िे दोहन हो रहा है, उििे भूजि भी कुछ िािो् मे्खत्म हो िकता है. ऐिे मे्आने वािे िमय मे् पानी के िंक ट का अं दाजा िगाया जा n िकता है. ambrish2000kumar@gmail.com शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
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आवरण मास्ट हेकथा ड
िेश की ससंि और (िायेू) िेश का सवूूोचूूनूयायालय: एक संकट के आिने-सािने
टवधाटयका बनाम न्यायपाटलका
टकराव का नया दौर
नाजुक आैर जतटल संवैधातनक मसलो्पर हमारे लोकिंत्मे्जन-प््तितनतधयो्की तवधातयका और न्यायोतिि शासन के तलए गतिि न्यायपातलका मे्जब-िब टकराव की नौबि आिी रही है. इनमे्राज्यो्की स्वायत््िा का मुद्ा अहम है. आज उत््राखंड और कुछ पहले अर्णािल प््देश मे्ऐसी ही स्सिति तनत्मषि हुई तजससे लोकिंत्के दो प््मुख स््ंभो्के बीि संवैधािनक संकट पैदा हुआ है. शरद गुप्ता
उ
त््राखंड मे्राष््पसत शािन िगाने के के्द् के फैििे पर रोक िगाने वािे नैनीताि हाई कोट्णकी सिंगि बे्च के आदेश को भारतीय जनता पाट््ी के नेता राष््पसत की अवमानना बता रहे है्. उनका कहना है सक राष््पसत के आदेश को अदाित मे् चुनौती नही् दी जा िकती है. शायद वे भूि गये सक जब 2005 मे् के्द् की िंप्ग िरकार के इशारे पर सबहार मे् सवधानिभा का ित््बुिाये सबना ही सवधानिभा भंग कर दी गयी थी, तब नीतीश कुमार की अपीि पर िुप्ीम कोट्ण ने राष््पसत शािन के फैििे को ग्ित बता कर सवधानिभा सफर िे गसठत करने के आदेश सदये थे. चूंसक तब तक नये चुनाव होकर सवधानिभा का गठन हो चुका था, यह फैििा अमि मे् नही् िाया जा िका
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शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
िेसकन तत्कािीन राज्यपाि बूटा सिंह के इि््ीफा देना पड्ा था. यह पहिा मामिा नही्है जब िंवैधासनक िंकट पैदा होने पर अदाित ने दख्ि सदया हो. इििे पहिे भी उत््र प््देश मे्कल्यार सिंह की जगह जगदंसबका पाि को मुख्यमंत्ी बनाने के तत्कािीन राज्यपाि रोमेश भंडारी के फैििे को उिट बैिट बॉक्ि िगाकर िीिेट् बैिट के ज्सरए दोनो्के बीच मुक्ाबिा कराने का आदेश सदया था. िबिे पहिे यह स्पष्् होना चासहये सक राष््पसत शािन िगाने का फैििा सकिका होता है- राष््पसत का, के्द्ीय मंस्तमंडि का या राज्यपाि का. क्या अदाित इि पर िवाि उठा िकती है या नही्? क्या इिे अदाित की ज्रर् त िे ज्यादा िस््ियता माना जा िकता है? उत््र िवाि मे् ही सनसहत है. राष््पसत शािन
िगाने की सिफ्ासरश राज्यपाि के्द् िरकार (के्द्ीय गृहमंत्ी को) को भेजते है्. वह इिे अनुमोदन के सिये के्द्ीय मंस्तमंडि के िामने िे जाते है.् कैसबनेट की सिफ्ासरश के आधार पर राष्प् सत महोदय िंसवधान के अनुचछ ् दे 356 के तहत राष््पसत शािन िगाने का आदेश पासरत करते है्. राष््पसत चूंसक कैसबनेट की ििाह पर ही काम करते है्, इिसिये उनकी स्जम्मेदारी िीसमत है. वे असधक िे असधक कैसबनेट के फैििे को पुनस्वणचार के सिये िौटा िकते है्. जैिा केआर नारायरन ने उत््र प््देश के मामिे मे् 1996 मे् सकया था. िेसकन यसद कैसबनेट इिे सफर राष््पसत के पाि भेजती है तो उनके पाि इि पर मुहर िगाने के अिावा ज्यादा सवकल्प नही्होते है्. असधक िे असधक वे फैििा िेने मे् देरी कर िकते है. यूं तो
असनस््ितकाि की देरी भी िंभव है. इिसिये राष््पसत शािन के आदेश के सिये मुख्य र्प िे के्द्िरकार (प््धानमंत्ी और गृहमंत्ी) ही इिके सिये सजम्मेदार माने जाने चासहये. तो राष््पसत शािन पर अदाित के आदेश को राष््पसत महोदय का अपमान करार देना सवशुद् राजनीसत है. दरअिि, दिबदि कानून को िख््त बनाने के बावजूद सवधानिभा अध्यक््, राज्यपाि और के्द् िरकार को िंसवधन जो असधकार सदये है् उनमे् इतनी अस्पष््ता है सक अब्सथरता की ब्सथसत मे् ऊंट नरेूदूिोिी: सरकारेूदगराने का खेल
सकिी भी करवट बैठ िकता है. ऐिी ब्सथसत मे् ख्ाितौर पर के्द्िरकार का पिड्ा भारी रहता है. अर्राचि प््देश के मामिे मे् िुप्ीम कोट्ण ने भी के्द्िरकार के फैििे पर मुहर िगा कर यही िासबत सकया है. आसखर इन मामिो्की हक्ीक्त क्या है? अर्राचि प््देश मे् मामिे की शुर्आत हुई कांग्ेि सवधायक दि मे्फूट पड्ने िे और यही बात उत््राखंड मे् है. मसरपुर मे् भी ब्सथसत कमोबेश यही है. इन िभी राज्यो्मे्कांग्ेि की आंतसरक किह का फायदा बीजेपी ने उठाया.
के्द् िरकार ने राज्यपाि के जसरये कांग्ेि की िरकार सगराकर अपनी िरकार बनायी या बनाने की कोसशश की. हािांसक कांग्ेि का आरोप है सक उिकी राज्य इकाइयो् मे् फूट भी ित््ा और धन का प््िोभन देकर बीजेपी ने ही डिवायी. िेसकन इि हक्ीक्त िे बीजेपी इंकार नही् कर िकती सक बास्गयो् को िंरक््र तो उिने ही सदया. दरअिि उत््राखंड मे् पूव्ण मुख्यमंत्ी सवजय बहुगुरा के नेतृत्व मे् नौ सवधायको् ने मुख्यमंत्ी हरीश रावत के सखिाफ बग्ावत की. राज्य मे्बजट पाि करते वक््त उन्हो्ने सवपक््ी बीजेपी के िाथ समिकर मत सवभाजन की मांग की. वोसटंग होने पर िरकार हार जाती और रावत के इि््ीफा देना पड्ता, इिीसिये स्पीकर ने मत सवभाजन की मांग ठुकरा कर बजट ध्वसन मत िे पासरत करा सदया. बीजेपी इिी को अिंवैधासनक करार दे रही है. इिी के बाद बाग्ी खुिकर रावत के सखिाफ उतर आये, सवश््ाि प््ि्ाव िाने की मांग करने िगे. राज्यपाि केके पॉि ने मुख्यमंत्ी िे 30 माच्ण िे पहिे सवधानिभा मे्बहुमत सिद््करने को कहा. िेसकन 29 माच्ण की रात को ही के्द् िरकार ने रावत के बख्ाणि् कर सवधानिभा सनिंसबत कर दी. के्द्िरकार ने इि मामिे मे्जो दिीिे्दी् उनमे् प््मुख थी सवधानिभा मे् बहुमत न होने के बावजूद अिंवैधासनक तरीके िे बजट पासरत कराना और स्पीकर गोसवंद कुंजवाि के नौ बाग्ी सवधायको् की िदस्यता खत्म करना. िेसकन िंसवधान कहता है सक नौ बाग्ी अिग पाट््ी नही्बना िकते. दिबदि कानून के तहत पूूणव िुखजूूी: जदटल िसलेूसरल हल
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आवरण कथा उनकी िदस्यता खत्म कर दी जाये. यानी कुंजवाि का फैििा क्ानूनी र्प िे िही है. वही्, बहुमत न होने पर बजट पासरत कराना गित था. िेसकन सजि तरह सवधानिभा ित््िे महज बारह घंटे पहिे आधी रात को राष््पसत शािन िगाया गया उिे भी कतई उसचत नही् ठहराया जा िकता. इिी तरह अर्राचि मे् फूट पड्ने पर राज्यपाि ने मुख्यमंत्ी नबम टुकी को दो सदन के भीतर सवधानिभा मे्बहुमत सिद््करने को कहा. िेसकन सवधानिभा अध्यक््नबम रेसबया सवधानिभा भवन मे् तािा िगाकर िापता हो गये. तब राज्यपाि ने राष््पसत शािन िगाकर सडप्टी स्पीकर टीएन थंगडोक को सवधानिभा का ित््बुिाने का सनद््ेश सदये. थंगडोक ने एक होटि मे् सवधानिभा का ित्् आयोसजत कर असवश््ाि प््ि्ाव पासरत कर सदया और टुकी
अिफि रहने पर ही बख्ाणि् सकया जाना चासहये. उत््राखंड मे्यह नौबत आने िे महज बारह घंटे पहिे िरकार बख्ाणि् की गयी. अर्राचि मे् होटि को ही िदन मान सिया गया. उत््राखंड हाईकोट्ण की सडवीज्न बे्च ने भिे ही सिंगि बे्च को फैििे पर रोक िगा दी हो िेसकन सवधासयका मे् न्यायपासिका की दख्िंदाज्ी िे टकराव बढ्रहा है. हािांसक यह टकराव दोनो के बीच आजादी के बाद िे ही चि रहा है. इिीसिये सवधासयका ने िंसवधान मे् िंशोधन का राि््ा सनकािा. हािांसक कुछ िमय बाद न्यायपासिका ने भी जनसहत यासचका (पीआईएि) के जसरए अपना दायरा बढाने की कोसशश की. दरअिि िंसवधान मे् दोनो् की स्जम्मेदासरयाँ िाफ्तय की है्. अनुच्छेद 121 के अनुिार सकिी न्यायमूस्तण के बारे मे् िदन मे चच्ाण नही् की जा िकती. उन पर महासभयोग िगाने के सिये िदन मे् दो सतहाई का बहुमत चासहये. इिी तरह अदाित के िामने जो मामिा हो, िंिद उि पर भी चच्ाण नही्करती. वही्, अनुच्छेद 122 के मुतासबक िंिद या सवधानिभा के अंदर की काय्णवाही पर अदाित फैििा देना तो दूर िुनवायी भी नही् कर िकती. पीवी नरसिंह राव के प््धानमंत्ी काि मे्घूि िेकर िरकार के पक््मे्वोट देने वािे
राज्यपाल ने मुख्यमंत्ी नबम टुकी को दो ददन मे्बहुमत दिद्् करने को कहा. लेदकन दिधानिभा नबम रेदबया भिन मे् ताला लगाकर लापता हो गये.
नबि टुकी: पकूूपात के दशकार?
की जगह कसिखो पुि को मुख्यमंत्ी चुन सिया. उन्हे् बीजेपी के दो सवधायको् के िाथ कुछ सनद्णिीयो् का िमथ्णन समिने िे बहुमत प््ाप्त हो गया. इि मामिे मे् भी िंिदीय मान्यताओ्और परंपराओ्की धस््ियां उड्ायी गयी् िेसकन कोट्ण आि््य्णजनक र्प िे खामोश रहा. सवधानिभा मंडि दि मे् फूट के िभी मामिो् मे् िुप्ीम कोट्ण के एिआर बोम्मई मामिे मे् फैििे का उदाहरर सदया जाता है. इि फैििे मे्िाफ्कहा गया था सक सवधायको् के शब्कत परीक््र की जगह राजभवन नही् हो िकता. िरकारो् को िदन मे् बहुमत सिद्् करने के कहा जाना चासहये और उिमे् 10 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
झारखंड मुब्कत मोच्ाण के िांिद इिीसिये क्ानूनी कार्णवाई िे बच गये जबसक घूि देने वािो्पर मुकदमा चिा. इिके बावजूद दोनो् एक दूिरे पर असधकारो् के असति््मर का आरोप िगाती रही है्. कैश फॉर वोट मामिे मे्जब िंिद की इसथक्ि कमेटी ने िांिदो् को दोरी पाते हुए उनकी िदस्यता खत्म करने की सिफासरश की तो िंिद ने एकमत िे उनकी िदस्यता खत्म करने का प््ि्ाव पाि कर भी सदया. िेसकन उनमे्शासमि बीएिपी के एक िांिद राजाराम पाि ने िुप्ीम कोट्ण मे् इि फैििे को चुनौती दी. उनका कहना था सक जनता द््ारा चुने हुए प््सतसनसध को बख्ाणि्करने का असधकार िंिद के पाि नही् है. एक बहुमत िे चुने हुए जनप््सतसनसध को केवि राइट टु रीकॉि के जसरए की बख्ाणि् सकया जा िकता है. चूंसक अभी यह कानून बना नही्है इिसिये िंिद का फैििा गित है. कोट्ण ने िोकिभा अध्यक्् िोमनाथ चटज््ी को भी िम्मन जारी सकये सजिे
चटज््ी ने स्वीकार करने िे इंकार कर सदया. िाथ ही उन्हो्ने िंसवधान के अनुच्छेद 122 का हवािा देते हुए कहा सक अदाित िंिद की कार्णवाई की िमीक््ा नही् कर िकती है. सफर भी पंजाब हाई कोट्ण ने अमसरंदर सिंह की िदस्यता खत्म करने के पंजाब सवधानिभा के आदेश को रद्् कर उनकी सवधासयका बहाि कर दी. इि बार पंजाब सवधानिभा खामोश रही और अनुच्छेद122 का हवािा नही्सदया. न्यायपासिका और सवधासयका के टकराव का िबिे मशहूर मामिा तो मसरपुर का है. 1992 मे् तत्कािीन सवधानिभा अध्यक्् एच बोरोबाबू सिंह ने दिबदि के आरोपी एक सवधायक को अयोग्य घोसरत कर सदया. वह िुप्ीम कोट्ण िे इि आदेश के सखिाफ स्थगन आदेश िे आया. सवधानिभा के िसचव मसरिाि सिंह ने कोट्ण के आदेश का पािन करते हुए सवधायक की िदस्यता बहाि करने के आदेश पासरत कर सदये. गुस्िाये स्पीकर ने िसचव का आदेश खासरज कर सदया और उिे असनवाय्ण िेवासनवृस्त दे दी. परेशान िसचव वापि िुप्ीम कोट्ण पहुंचा. अदाित ने न सिफ्क बोरोबाबू का आदेश रद्् कर सदया बब्लक अदाित की अवमानना का केि बनाते हुए बोरोबाबू को कोट्णके िामने पेश होने के आदेश सदये. काफी सदनो् की रस्िाकशी चिी. बोरोबाबू की दिीि थी सक स्पीकर का पद िंवैधासनक है इिसिये उिके फैििे को अदाित मे् चुनौती नही् दी जा िकती जबसक कोट्ण ने कहा सक वह स्पीकर के फैििे की िमीक््ा कर िकती है. िाथ ही यह भी कहा सक सवधानिभा के िसचव को सरटायर करने का फैििा प््शािसनक है, इिसिये कोट्ण उि पर रोक िगा िकती है. आसखर अदाित ने बोरोबाबू को पेश करने सिये न्यूनतम बि प््योग के आदेश सदये. प्ध ् ानमंत्ी पीवी नरसिंह राव को हि्क ् प्े करना पड्ा. गृहिसचव माधव गोडबोिे ने जर्रत पड्ने पर बोरोबाबू को सगरफ्तार करने के आदेश पर दि््खत सकये. आसखर 20 माच्ण1993 को बोरोबाबू को सदल्िी िाने के सिये एक स्पेशि प्िेन भेजा गया. उन्हे्कोट्णके िामने पेश होना पड्ा. िेसकन मामिा यही्खत्म नही्हुआ. इि मामिे पर िंिद मे्चच्ाण हुई और एक स्वर िे िभी िांिदो्ने सवधासयका के अपमान के सिये िुप्ीम कोट्णकी आिोचना की. इििे पहिे भी केशव सिंह नामक व्यब्कत ने 1965 मे्उत््र प््देश के सवधानिभा अध्यक्् को एक अपमानजनक पत्् सिखा. उन्हो्ने इिे सवधानिभा की तौहीन मानते हुए पुसिि के आदेश सदये सक केशव सिंह को सगरफ्तार कर सवधानिभा मे् पेश सकया जाये. केशव के एक िप्ताह के सिये िखनऊ सजिा जेि मे्बंद कर
दवजय बहुगुणा और हरक दसंह रावत: बगावत के दनदहत सूवारूथ सदया गया. इिी दौरान िोिोमन नाम के एक ढांचे के िाथ छेडछाड्नही्की जा िकती. वकीि ने हाई कोट्ण मे उिकी ओर िे एक जजो् की सनयुब्कत करने वािे कॉिेसजयम अपीि दासखि कर कहा सक स्पीकर का आदेश को िेकर अच्छा ख्ािा बवाि रहा. इििे पहिे अवैध है इिसिये केशव सिंह को सरहा कर सदया राहुि गांधी सजि सबि को नॉनिे्ि कहते हुए जाये. हाई कोट्ण के दो जजो् की बे्च ने अपीि फाड्कर चच्ाण मे्आये थे वह िाया ही इिसिये मे् दम पाया और 20 माच्ण के उि सरहा करने जा रहा था सक िुप्ीम कोट्ण के आदेश के के आदेश दे सदये. सवधानिभा ने इिे अपना मुतासबक आपरासधक मुकदमो् मे् िजा पाए अपमान माना और केशव सिंह, िोिोमन के राजनेताओ्को चुनाव िड्ने की मनाही कर दी िाथ ही दोनो्जजो्के सगरफ्तार करने के आदेश गयी थी. शाहबानो मामिे मे्भी िंिद ने िुप्ीम सदये. वही् जजो् ने 23 माच्ण के मुख्यमंत्ी, कोट्णके आदेश को पिटने के सिये िंसवधान मे् सवधानिभा अध्यक्् के िाथ सवधानिभा के िंशोधन कर सदया था. इंसदरा गांधी के ज्माने िुरक््ा गाड्ण(माश्णिो्) को सगरफ्तार करने का मे् एक दो मामिो् को छोड्कर न्यायपासिका आदेश सदया. आसखर राष््पसत और िुप्ीम कोट्ण सवधासयका के िामने िाचार सदख रही थी. के मुखय् न्यायाधीश के बीचबचाव के बाद दोनो् इिीसिये न्यायपासिका की स्वतंत्ता और ने अपने अपने आदेश वापि सिये. सनष्पक््ता क्ायम करने के सिये कॉिेसजयम इिी तरह के टकराव की वजह िे िुप्ीम सिस्टम का गठन सकया गया. इिके तहत कोट्ण ने केशवानंद भारती केि के फैििे मे् िुप्ीम कोट्णऔर हाई कोट्णमे्जजो्की सनयुब्कत िक््मर रेखा खी्च दी सक िंिद िंसवधान मे् केवि जजो् की िसमसत ही करेगी. िेसकन कहां और सकतना िंशोधन कर िकती है. सवधासयका ने इिमे्भाई-भतीजेवाद का आरोप िुप्ीम कोट्ण ने स्पष्् सकया सक कानून बनाना िगाकर अपनी कुछ दख्ि बना िी है. िंिद का असधकार है िेसकन िंसवधान के मूि ऐिे ही हाि ही मे्हसरयारा और राजस्थान
की राज्य िरकारो् के उि आदेश पर कोट्ण ने रोक िगा दी सजिके मुतासबक पंचायत चुनाव िड्ने के सिये न्यूनतम योग्यता मैस्टक पाि होना थी. िाथ ही प््त्याशी के घर मे्शौचािय भी होना चासहये. सवपक््ी दिो्ने आरोप िगाया सक इि देश के बाद इन प््देशो् की आधी आबादी चुनावी अखाड्ेिे बाहर हो जा रही थी. सवपक््ी दिो् ने इिे मुद्ा बना सिया. उनकी कहना था िंसवधान के अनुिार केवि मानसिक र्प िे बीमार या अपरासधक मामिो् मे् तीन िाि िे ज्यादा की िजा पा चुके िोगो् पर ही चुनाव िड्ने पर रोक है. इि सवरय पर सवपक््ी दिो् ने अदाित का र्ख् सकया और िरकारी आदेश रोक िगा सदया गया. इिी तरह उत््र प््देश सवधानिभा ने हाि ही मे्जब आजतक चैनि पर एक गित खबर चिाने को िेकर िदन की अवमानना का प््करर बना सदया, तो चैनि ने अदाित की शरर िी. खबर यूं तो सवधानिभा के सखिाफ न होकर वसरष्् मंत्ी आजम खान पर थी. िेसकन आजम का अपमान सवधानिभा का अपमान माना गया. सवधानिभा अध्यक्् ने चैनि के टॉप मैनेजमे्ट को सवधानिभा के िामने पेश होने का हुक्म सदया वह तो भिा हो कोट्ण का सजिने इि आदेश पर स्टे कर सदया, वरना कई पत््कारो् को जेि भेजने की पूरी तैयारी थी. सवधासयका और न्यायपासिका को बीच टकराव रोकने का कोई पूर्ण िुरस््कत उपाय नही् है. न कोई कानून इिे िुसनस््ित कर िकता है और न ही कोई सनयम-कायदा. इि टकराव को आपिी िमझबूझ और िंयम िे ही टािा जा िकता है. िभ्य िमाज के ये दो िबिे सजम्मेदार अंग है् और उन्हे् अपना काम पूरी गंभीरता िे करना होगा. सबना अहं की िड्ाई बनाये. सबना गित बात के प््सत आंख मूदे्. सबना िंसवधान के दायरे िे बाहर गये. जासहर है यह आग का दसरया है और इिे पार n करना भी है.
शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 11
आवरण मास्ट हेकथा ड अर्ण कुमार त््िपाठी
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सवधान के अनुच्छेद 352 यानी आपातकाि के असधकार के बाद अनुचछ ् दे 356 ही वह असधकार है जो सकिी प्ध् ानमंत्ी या केद् ्िरकार को तानाशाह बनने की गुज ं ाइश देता है. जहां 352 को भारत की िुरक््ा के सिये खतरा, युद् और िशस्् सवद््ोह की ब्सथसत मे् प्य् ोग की इजाजत दी गयी है वही्356 को सकिी राज्य मे् िंवैधासनक तंत् के सवफि होने की ब्सथसत मे्इि्म्े ाि करने का प््ावधान है. मौजूदा प््धानमंत्ी नरे्द् मोदी ने अपने दो िाि के काय्क ण ाि मे्इि असधकार का इि्म्े ाि महज दो बार सकया है. यह सरकाड्ण सवश््नाथ प््ताप सिंह के सरकाड्णके बराबर है. इिके बावजूद नरेद् ् मोदी के राजनीसतक िोच और काय्णशैिी को देखते हुए तीव््आशंकाये्पनपने िगी है.् शायद उिकी वजह सवपक्् के प््सत उनका आि््ामक िोच और कांग्ेि मुक्त भारत की कल्पना है.
िेसकन आज इि अनुच्छेद के सिये सवशेर चौकिी भी सदखायी पड्रही है जो िोकतंत्के सिये शुभ है. राज्यो्मे्राष्प् सत शािन िगाने का फैििा अब तक 100 बार हो चुका है और आजाद भारत की कोई िरकार ऐिी नही् है सजिने इिका इि्म्े ाि न सकया हो. िेसकन इिका इि्म्े ाि उि िमय ज्यादा हुआ है जब केद् ्और राज्य मे् अिग अिग दिो् की िरकारे् रही् और राज्यो् की तरफ िे केद् ्को चुनौती देने वािी राजनीसत खड्ी हो रही हो. इिका प्य् ोग तब कम हुआ जब भारत की केद् ्िरकार और उिके राज्यो्पर एक पाट््ी का एकासधकार रहा हो. िेसकन जैिे ही वह एकासधकार टूटने िगा वैिे ही इि अनुचछ ् दे का उपयोग या दुरप् योग तेज हुआ. इि अनुचछ ् दे का दुरप् योग उि िमय भी तेज हुआ जब देश की दिीय प्र ् ािी मे् एक प्क ् ार का िंिम् र बढ्ा और उिका ज्यादा िंघीय ढांचा उभरने िगा. राज्यो् मे् राष््पसत शािन िबिे ज्यादा
दववाि से दिरा एक अदधकार
12 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
इंसदरा गांधी ने िगाया और यह महज िंयोग नही् है सक उन्ही्के शािन मे्िंसवधान के अनुचछ ् दे 352 का भी िबिे िूर् इि्म्े ाि हुआ. िेसकन सवडंबना देसखये जो राजनीसतक िमूह िंसवधान के इन असधकारो् का सवरोध करते हुए ित््ा मे् आया उिने भी 356 का जम कर इि््ेमाि सकया. इंसदरा गांधी ने इि असधकार का इि्म्े ाि कुि पचाि बार सकया. यानी राष््पसत शािन िगाने का आधा इसतहाि उनके खाते मे् और बाकी मे् िारे प्ध ् ानमंत्ी. इंसदरा गांधी ने 1967 िे 1977 तक इिका असधकार का 35 बार प््योग सकया और 1980 िे 84 तक 15 बार. खाि बात यह है सक आपातकाि के दौरान आये िबिे सववादास्पद 42 वे्िंसवधान िंशोधन के तहत िरकार ने यह व्यवस्था कर दी सक 356 के असधकार को न्यायािय मे्चुनौती नही्दी जा िकती. आज मोदी िरकार भी तकरीबन यही दिीि दे रही है. कई िंसवधान सवशेरज््ो् ने भी उत्र् ाखंड हाई कोट्णकी एकि पीठ के िदन मे्
आपािकाल के अतधकार के बाद अनुच्छेद 356 ही वह अतधकार है जो तकसी प््धानमंत्ी या के्द् सरकार को िानाशाह बनने की गुंजाइश देिा है. लेतकन आज इस अनुच्छेद के प््ति तवशेर िौकसी भी तदखाई दे रही है. आपातकाल के िौरान इंििरा गांधी और संजय गांधी: तानाशाही का िौर
बहुमत परीक््र के आदेश को इिीसिये गित माना सक जब तक राष्प् सत शािन है तब तक बहुमत परीक््र का मतिब क्या है. यानी राष्प् सत शािन को अवैध घोसरत सकये जाने के बाद ही बहुमत परीक्र ् के आदेश की िाथ्क ण ता बनती है. िेसकन अनुचछ ् दे 356 को न्यासयक िमीक््ा के दायरे िे बाहर रखने वािे 42 वे् िंसवधान िंशोधन को 1977 मे् आयी जनता पाट््ी की िरकार ने 44 वे्िंसवधान िंशोधन के माध्यम िे पिट सदया. इि िंशोधन मे् न्यायाियो् को राष्प् सत शािन की िमीक््ा का हक सदया गया. उिी हक के तहत 1994 मे्एिआर बोम्मई का फैििा आया और उिमे् िुप्ीम कोट्ण के नौ िदस्यीय पीठ ने ऐिे कई महत््वपूर्ण सिद््ांत प््सतपासदत सकये जो सक के्द् राज्य िंबंधो् पर सवचार करने के सिये न्यायमूस्तण िरकासरया आयोग के िुझावो्के अनुरप् थे और िंसवधान के िंघीय ढांचे की रक््ा करने वािे थे. सनस््ित तौर पर एिआर बोम्मई के फैििे के बाद सवशेर तौर पर 1996 िे अब तक अनुच्छेद 356 के दुर्पयोग मे् कमी आयी है. जबसक इि दौरान के्द् और राज्यो् मे् अिग अिग पास्टियो् की िरकारे् रही है्. इिकी एक बड्ी वजह यह भी हो िकती है सक सदल्िी मे् बहुमत की िरकारे् नही् रही है् और देश पूरी तरह िे बहुदिीय प्र ् ािी की ओर चिा गया था जो 2014 मे् एक बार सफर एक दिीय एकासधकार की ओर िौटता सदख रहा है. कांगि ्े के अिावा कम िमय तक शािन मे्रही जनता पसरवार की िरकारो्ने भी राष्प् सत शािन िगाने मे् कोताही नही् की है. महज दो िाि तक ित््ा मे्रहे प्ध ् ानमंत्ी मोरारजी देिाई की िरकार ने इि अनुच्छेद का 16 बार इि्म्े ाि सकया जो इतने अल्प िमय मे्अपने मे् सरकाड्णहै. देश पर दि िाि तक शािन करने वािी मनमोहन सिंह की िरकार ने 12 बार इि असधकार का इि्म्े ाि सकया सजिमे्सबहार का मामिा तो सववादास्पद हो गया. िाि 2005 मे् जब सबहार मे्राष्प् सत शािन िगाया गया तो सवधानिभा की एक बैठक भी नही्हो पायी थी और िरकार ने सवधानिभा भंग कर दी. िेसकन जब तक िुप्ीम कोट्णने िरकार के उि आदेश को खासरज सकया तब तक सबहार मे्नये चुनाव के माध्यम िे दूिरी िरकार ित््ा मे् आ चुकी थी. इिसिये यह सवडंबनापूर्ण ब्सथसत है सक अदाितो् के पाि राष्प् सत शािन की न्यासयक िमीक््ा का असधकार होने के बावजूद वह एक आदश्णवादी ब्सथसत बनकर रह जाती है और व्यवहार मे्काय्पण ासिका और सवधासयका की ही मनमानी चिती है. सवधासयका को सदक्त् तभी आती है जब उिका दोनो्िदनो्मे्िे सकिी एक मे् बहुमत नही् होता. या सफर उिके िहयोगी
नूयायिूदूतथ सरकादरया: सुधार की पहल
एसआर बोमूिई: ऐदतहादसक दिसाल दिो्मे्िहमसत नही्होती. पीवी नरसिंह राव ने भी 11 बार राष्प् सत शािन िगाने के असधकार का इि्म्े ाि सकया. इनमे्िव्ासण धक प्य् ोग उि िमय सकया गया जब 1992 मे् बाबरी मब्सजद सगरायी गयी. एि आर बोम्मई के मुकदमे मे्वे दि सबंदु सदये गये है्सजनमे्सकिी राज्य मे्िंसवधान तंत् सवफि हुआ नही्माना जायेगा. िंयोग िे वे वही ब्सथसतयां है् सजनको िरकासरया आयोग ने भी सचब्ननत सकया थाः (1) सकिी राज्य मे् कुशािन की ब्सथसत िेसकन सवसधवत बनी िरकार को सवधानिभा का बहुमत हासिि हो. (2) जब कोई मंस्तमंडि इि््ीफा देता है या बहुमत खोने के कारर बख्ाणि् सकया जाता है और राज्यपाि वैकब्लपक िरकार की िंभावना तिाशे सबना राष््पसत शािन िगाने का िुझाव देता है. (3) जब कोई िरकार िदन के पटि पर परासजत नही्हुई है और राज्यपाि ने अपने आत्मगत आकिन के आधार पर राष््पसत शािन का िुझाव सदया है. (4) जब िोकिभा के आमचुनाव मे् राज्य की ित््ार्ढ् पाट््ी को भारी पराजय का िामना करना पड्ता है.(जनता पाट््ी और बाद मे्इंसदरा गांधी ने इिी आधार पर नौ राज्यो् की िरकारे् बख्ाणि् कर
दी थी्. इि तरह तो उत्र् प्द् श े की िपा िरकार को भी 16 मई के बाद बख्ाणि् कर सदया जाता.) (5) जब राज्य मे्आंतसरक अव्यवस्था है िेसकन के्द् िरकार ने अपने कत्णव्यो् के सनव्णहन मे् अनुच्छेद 355 के तहत समिे िारे असधकारो्का इि्म्े ाि नही्सकया है. (6) जब अनुच्छेद 256-257 के तहत राज्य को समिे सनद््ेशो् के पािन के बारे मे् कोई पूव्ण चेतावनी नही दी जाती या राज्य को अपने को िुधारने का अविर नही् सदया जाता. (7) जब ित््ार्ढ् दि के आंतसरक झगड्े को हि करने के सिये ताकत का इि््ेमाि सकया जाता है. (8) इि ताकत का इि््ेमाि महज राज्य की कसठन सवत््ीय ब्सथसतयो् के कारर नही् सकया जा िकता. (9) इि ताकत का इि््ेमाि इि आधार पर भी नही् सकया जा िकता सक मंस्तमंडि के बारे मे्भ््ष्ाचार के गंभीर आरोप है्. (10) िंसवधान मे् सदये गये आधार के अिावा सकिी और आधार पर अगर इि असधकार का इि््ेमाि सकया गया तो इिे कानूनी र्प िे अनुसचत माना जायेगा. रोचक तथ्य यह है सक हमारे स्वाधीनता िंग्ाम के िेनासनयो् ने भारत िरकार के असधसनयम 1935 मे्वायिराय को सदये गये इि तरह के असधकार का िगातार सवरोध सकया सजिमे् उन्हे् सवधानिभाओ् को भंग करने का असधकार सदया गया था. उि नाते अंगज ्े िरकार भी इि तरह के प््ावधान के प््योग िे डरती थी. उिके बाद जब िंसवधान बनने िगा तो जब 356 प्ि ् ्ासवत सकया गया और उिमे्कहा गया सक राष्प् सत राज्यपाि के िुझाव या सकिी अन्य आधार पर इि असधकार का प््योग कर िकता है, तो उत््ेसजत एचवी कामथ ने कहा हमे् इि िंसवधान िभा को भंग कर देना चासहये और अपने-अपने घर जाना चासहये. जबसक सिल्बन िाि िक्िेना ने कहा सक हम (इि अनुच्छेद िे) राज्यो्की स्वायत्त् ा को मजाक बना रहे है.् नजीर्द्ीन अहमद ने कहा सक हम िंभवतः अचेत र्प िे तानाशाही की तरफ बढ्रहे है्. हमारे िंसवधान िभा के िदस्य तब शांत हुए जब मिौदा िसमसत के अध्यक्् डा. भीमराव आंबेडर ने उन्हे् शांत करते हुए कहा: ‘हम उम्मीद करते है सक ऐिी ब्सथसत कायम रहेगी जहां हमे् ऐिे अनुच्छेदो् के इि््ेमाि की आवश्यकता नही्पड्गे ी. वे अनुचछ ् दे एक प्क ् ार िे मृतप््ाय रहेग् .े अगर उनका िवाि उठेगा भी तो हमे्उम्मीद है सक राष्प् सत सजिके पाि इिके प्य् ोग का असधकार है वे प््ातं के प्श ् ािन को भंग करने िे पहिे िमुसचत िावधानी बरते्गे.’ आंबेडकर के इि कथन को हम मिीहाई बताकर आदश्णके खाते मे्डाि भी िकते है्और िोकतंत्और भारतीय िंघ के स्वास्थय् के सिये n बेहद जर्री मानकर अपना िकते है.् शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 13
देशकाल
प््धानमंत्ी नरे्द्मोदी की स्ववटर पर सत््ियिा ने नयी िरह की कूटनीति को िो जन्म तदया ही है, लेतकन वे तकन लोगो्को फॉलो करिे है्, यह देखना भी कम तदलिस्प नही्.
ट्िवटर पर टिसिे फ़्न नमो संजय कुमार तसंह
प
ध ् ानमंत्ी नरेद् ्मोदी ने बीते िाि मई मे्जब अपने ् काय्क ण ाि के एक िाि पूरे सकये तो वाि स्ट्ीट जन्णि ने एक खबर छापी थी सक प्ध् ानमंत्ी िोशि मीसडया के िुपर स्टार बन गये है.् इि खबर मे्बताया गया था सक पासकि््ान के िाथ भारत के िंबध ं ो्मे्कुछ बदिाव आया तो उन्हो्ने ना प्ि ्े कांफि ्े की ना ही टेिीसवजन पर भारर सदया बब्लक व्वीट का िहारा सिया.िबिे पहिे उन्हो्ने पासकि््ान की स््िकेट टीम को अपनी शुभकामनाये्व्वीट की्और सफर बताया सक वे सवदेश िसचव को इस्िामाबाद िमेत पड्ोिी देशो्की राजधासनयो्मे्भेज रहे है.् अखबार ने सिखा था सक मोदी के प््धानमंत्ी बनने के बाद िे देश की नीसतगत घोरराये्140 कैरके ट् र (अक्र् ) की घोरराओ् मे् सिमट गयी है् तथा ब्ववटर और िोशि मीसडया के जसरएकूटनीसत हो रही है. उन्हो्ने अपनी छसव ऐिी बनायी है जैिी सकिी दूिरे अंतरराष््ीय नेता की नही्है. अब यह एक िाि पुरानी बात हो चिी. ब्ववटर कूटनीसत एक बात है िेसकन यसदप्ध ् ानमंत्ी की छसव की बात हो तो जनता की अपेक्ाये् बदि जाती है्. इिसिए, दादरी के सकिी घर मे्गोमांि होने की अफवाह पर जब एक व्यब्कत की हत्या कर दी गयी और उिके बेटे कोगंभीर र्प िे घायि कर सदया गया तो प््धानमंत्ी िे व्वीट की अपेक्ा िबको थी और प््धानमंत्ी ने इि घटना पर कोई सटप्परी नही्की तो इिके कई मतिब िगाये गय. बाद मे्भिे हीउन्हो्ने इि घटना को गित बताया पर व्वीट का िमय सनकि चुका था. इिी तरह, जनवरी 2016 मे् मशहूर 14 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
नृतय् ांगना मृरासिनी िाराभाई का सनधन हुआ तो उनकी बेटी मब्लिका िाराभाई ने फेिबुक पर पोस्ट सिखकर प्ध ् ानमंत्ी की सनंदा की थी सक उन्हो्नउे नकी मां के सनधन पर कुछ नही् कहा. कैिाश सवजयवग््ीय ने यह कहकर प्ध ् ानमंत्ी का बचाव सकया था सक मृरासिनी के सनधन के सदन ही पीएमओ की ओर िे उनके बेटे कास्तक ण ये िाराभाई के पाि प्ध ् ानमंत्ी काय्ाि ण य िे िंवदे ना पत््भेजा गया था. ऐिे मामिो्िे ही यह बात चच्ाण मे् आयी सक िोशि मीसडया पर प््धानमंत्ी की गसतसवसध क्या और कैिी है. आमजनता की अपेक्ा के अनुिार व्वीट न आने पर एक तरफ अगर िोग हैरत जताते, टीका सटप्परी करते तो प््धानमंत्ी की ‘ऑनिाइन िेना’ अपने अनुिार िोगो् को सनशाना बनाती औरजवाब देती. इि ‘ऑनिाइन िेना’ को पूरी तरह नजरअंदाज भी नही् सकया जा िकता है. खािकर तब जब आप जाने सक प््धानमंत्ी िोशि मीसडया मे् कैिे हैड ् ि को फॉिो करते है्. इि बीच, प््धानमंत्ीने अफगासनि््ान के िोिी के टूववटर के निूने
राष्प् सत अशरफ घनी को इि िाि 12 फरवरी को जन्म सदन की बधाई व्वीट कर दी. िंयोग िे यह उनका जन्म सदन नही्था और उन्हो्ने एक अन्य व्वीट के जसरए प्ध् ानमंत्ी को धन्यवाद देते हुए बताया सक उनका जन्म सदन अिि मे् 19 मई को है. इि तरह, प्ध् ानमंत्ी के सवरोसधयो्को यह कहने का मौका समि गया सक एक तरफ तो वे देश के गंभीरमुद्ो्पर कोई सटप्परी नही्करते है्और दूिरी तरफ सवदेशी नेताओ्को िमय पूवण् ही जन्म सदन की बधाई दे देते है.् खाि बात यह है सक प्ध ् ानमंत्ी नरेद् ्मोदी के बारे मे् माना जाता है सक वे इिे खुद हैड ्ि करते है्और दूिरे बड्ेिोगो्की तरह यह सजम्मा सकिी अन्य को नही् दे रखा है. ऐिे मे् उनके है्डििे होने वािे हरेक व्वीट का मतिब है और पुराने व्वीट तथा रीव्वीट मे्अपनी तारीफ करने वािे व्वीट को री व्वीट करने िे िेकर ‘िुपर कंप्यूटर, िुपर कंप्यूसटंग करेगा’ जैिे बहुचस्चणतव्वीट शासमि है्. फेिबुक पर तो आपने प्ध ् ानमंत्ी के सखिाफ कुछ सिखा नही् सक भक्त टूट पड्ते है् िेसकन व्वीटर पर प्ध ् ानमंत्ी के व्वीट का मजाक भी उड्ाया जाता है. केद् ्ीय मानव िंिाधन मंत्ी स्मसृ त इरानी ने िोकिभा मे् हैदराबाद सवश््सवद््ािय के छात्् रोसहत वेमि ु ा की आत्महत्या पर जो बहुचस्चतण भारर सदया था उिका यूट्ूब का सिंक रीव्वीटकरते हुए प््धानमंत्ी ने उिे िुनने की सिफासरश की थी और ‘ित्यमेव जयते’ भी सिखा था. बाद मे् जब इि भारर पर सववाद हुआ और गित तथ्यो् के उपयोग का आरोप िगा और कुछ अंश को सरकाड्णिे सनकािे जाने की कार्वण ाही हुई तो ‘ित्यमेव जयते’ का प्य् ोग
ऐिे दूिरे मामिो्मे्इि भारर की याद सदिाने के सिए भी सकया गया. राहुि गांधी ने एक व्वीट सकया था,सजिकी शुर्आत ही ित्यमेव जयते मोदी जी िे की थी. इिमे्उन्हो्ने प्ध ् ानमंत्ी िे रोसहत की मां रासधका का बयान भी िुनने के सिए कहा था. सजिमे् उन्हो्ने कहा सक, ‘मेरा बेटा यंत्रा के कारर मर गया. न्याय देने के सिये इि िरकार को सकतनी मौते्चासहये.’ यह भारर मुखय् र्प िे स्मसृ त ईरानी के भारर का जवाब था. प््धानमंत्ी के ब्ववटर है्डि िे होने वािे व्वीव्ि पर िोगो् की नजर शुर् िे ही रही है. यह तथ्य है सक पीएमओ इंसडया और नरेद् ्मोदी के नाम िे दो ब्ववटर हैड ् ि है.् पीएमओ इंसडया आसधकासरक हैड ् ि है जबसक नरेद् ्मोदी के नाम िे सनजी हैड ् ि है. दोनो् हैड ् ि िे नीता अंबानी की तारीफ हो चुकी है और इि तारीफ की सनंदा भी. इिमे्एक व्वीट सदिचस्प रहा सजिमे्कहा गया था सक अंग्ेजी मे् नरे्द् मोदी के नाम के पहिे दो-दो अक््र िे बनने वािा नमो ‘दरअिि नीता अंबानी माक्स्ेटंग ऑसफि’ है. ब्ववटर पर प्ध् ानमंत्ी की िस््ियता जैिी भी हो, िोकस््पयता जबरदि््है. खबर सिखने तक उनके फॉिोअि्ण की िंख्या 18.8 समसियन यानी एक करोड्88 िाख है. िेसकन खुद नरेद् ् मोदी दुसनया भर मे्सिफ्क1371 िोगो्को फॉिो करते है्. सदिचस्प यह है सक इिमे् सदल्िी के मुख्य मंत्ी अरसवन्द केजरीवाि, कांग्ेि उपाध्यक््राहुि गांधी और कांगि ्े नेता सदब्गवजय सिंह कोअभी हाि मे् यानी होिी के मौके पर शासमि सकया गया है. एनडीटीवी डॉट कॉम ने मीसडया की कुछ रपटो्के हवािे िे खबर दी है सक होिी के मौके पर प्ध ् ानमंत्ी ने अन्य जाने-
नरेूदूिोिी का टूववटर खाता: लोकदूूपयता का िंच मानेपस्तद्स्ं्दयो् को फॉिो करना शुर् सकया है. ‘सद सहन्द’ू के हवािे िे सिखा है सक प्ध ् ानमंत्ी की टीम के िूत्ो्ने कहा सक ऐिा सिफ्करंगो्के त्यौहार होिी के कारर सकया गया है. व्वीटर काउनका अकाउंट बताता है सक वे 2009 िे व्वीटर पर है.् और 10.8 हजार व्वीट कर चुके है.् प््धानमंत्ी सजन िोगो् को फॉिो करते है् उनमे्हेमा मासिनी, जूही चाविा, ममता बनज््ी, रवीना टंडन, सिमी ग््ेवाि, प््ीसत सजन्टा, मधु सकश््र, सवनोद खन्ना, प््ीसतश नंदी, सकरर मजूमदारशॉ, आनंद मसहन्द्ा, एि गुर्मूस्तण, िुधीर चौधरी और डीएनए अखबार भी, मधु त्ह्े न, राहुि कंवि, रोसहत िरदाना, एएनआई की ब्समता प््काश, आसदत्य ठाकरे तो शत््ुघ्न सिन्हा, कीस्तणआजाद, सबि गेव्ि, सबि एंड मेसिन्डा गेव्ि फाउंडेशन की मेसिन्डा गेव्ि, नोबि सवजेता कैिाश ित्याथ््ी, भारतीय स्टेट बै्क, नैिकॉम, सिएंडर पेि, प््िून जोशी, कैिाश खेर, नीसतशकुमार, शरद पवार, िुस्पया िुि,े पृथव् ीराज चव्हार, कैपट् न अमसरन्दर सिंह, अहमद पटेि, आरपीएन सिंह, ज्योसतरासदत्य सिंसधया, िीताराम येचुरी, ररदीप एि िुरजेवािा, अजय माकन, शसश थर्र, नवीन पटनायक, असखिेश यादव, िािू यादव, तेजस्वी यादव, सद स््टल्यनू , कसपि देव, िंजॉय नारायर, ित्य नाडेिा, इंसडयन एक्िप््ेि की अनन्या गोयनका, रजत शम्ा,ण प्भ् ु चाविा, श््ी श््ी रसवशंकर जैिी हस््ियां और िेिीस््िटी शासमि है.् टीवी चैनिो् मे् ईटीवी राजस्थान है तो नेशनि सजयोग््ासफक भी, ईटीवी सबहार झारखंड तो बीबीिी ि््ेसकंग न्यूज, ऑि इंसडया रेसडयो
न्यूज और िीएनएन आईबीएन, एनडीटीवी, एबीपीन्यूज, सहन्दुि्ान टाइम्ि, पायोसनयर के िाथ इकनोसमक एंड पॉसिसटकि वीकिी भी है. अजीबोगरीब दीस््कत भी है सजनका पसरचय है स्कॉि डॉट इन द््ारा ित्यासपत अजीबोगरीब है्डि,कौशि िे ऐय्यार, पेशे िे बेकार. राजनैसतक सठठोिी मे् पारंगत, सफिहाि भूसमगत. एक स््िएसटव सडजाइनर भी है्जो पेशे िे सवजुअि सडजाइनर है्. उन्हो्ने इतना ही पसरचय सदया है औरदूिरो्की तरह यह भी दावा नही् सकया सक उन्हे् मोदी जी फॉिो करते है्. नरेद् ्मोदी फैन तो कई है.् समशन अिम भी है सजिका समशन कांगि ्े मुक्त अिम, िक््य मोदीफायड अिम है और नरे्द् मोदी के फॉिो करने िे िम्मासनत है ऑसफि ऑफ भक्त, नरे्द् मोदी आम््ी, िेकि ु रिाइंसटस्ट असमत शाह आम््ी, नमो चाय पाट््ी के अिावा एक अस्पतण ा भी है्जो ‘अपने’ पीएम नमो के िाथ समिकर व्यवस्था बदिना चाहती है.् एक छसव भी है्जो पेशे िे आस्कटक के ट् (आईआईटी र्ड्की) और सदि िे बागी व एब्कटसवस्ट है् और हां एक ‘पक््ा’ बीजेपी िपोट्णर भी है् जो गांधी पसरवार, अरसवन्द केजरीवाि और आम आदमी पाट््ी िे इिी ि्म् मे्घृरा करती है.् ट््स्ट नरे्द् मोदी, नरे्द् मोदी पीएम, मोदी फॉर पीएम, मोदी यूनाइटेड फैन क्िब, नमो टी पाट््ी, नरे्द् मोदी मैसथिी, मोदीफाइड इंसडया, नमो इंसडया, देशभक्त, भारतीय जनता पाट््ीराजस्थान मसहिा मोच्ाण, नमो गाथा, नरे्द् मोदी तेिगु ,ू नमो युग, नमो माई पीएम, ग्िोबि सिसटजन्ि फॉर मोदी, नरेद् ्मोदी भोजपुरी, मोदी सगरी बीजेपी हसरयारा, बीजेपी िंवाद एमपी, मोसदफाई यूपी, बीजेपी यूपी स्टेट, उत््र प््देश भाजपा, उत्र् प्द् श े भाजपा के प्द् श े अध्यक््डॉ. िक््मीकांत वाजपेयी और बेशक आरएिएि, समशन यूपी, भारतीय, सहन्दुत्व, िंघ, भाजपा, नमो , भारतीय जनता युवा मोच्ाण स्टडी िस्कि क िे िेकर रत्ना रॉय, सहन्दतु व् ादी िेकि ु र, िेमी मॉडन्णभारतीय नारी भी है्सजन्हो्ने सहन्दओ ु ्को एकजुट और प््ेसरत करने का सनर्णय कर रखा हैऔर ब्ववटर िे जुड्ी है्तासक िबकी िुने्और चोट कर िके.् नरे्द् मोदी िंस्कृत, मराठी, सहंदी, उद्णू, तसमि, उस्डया, बांग्िा, कन्नड् आसद भाराओ् के अपने ब्ववटर है्डि को भी फॉिो करते है् सजन्हे्काय्क ण त्ाण िंभािते है्और सजिके बारे मे् दावासकया जाता है सक अनुवाद की गिती ना हो इिका पूरा ख्याि रखा जाता है. इिके अिावा, अगर सहन्दू सडफेि ् िीग को फॉिो करते है् तो आईआईएम-कोिकाता, इंदौर, कोझीकोड, अहमदाबाद, िखनऊ, बंगिौर के है्डि भी n अछूते नही्है.् शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 15
मास् बांग्लट ादेहेडश
सुरक््ा और असुरक््ा िे बीच अतिषेक रंजन तसंह
भा
रतीय मीसडया मे्बांगि ् ादेश मे्रहने वािे अल्पिंख्यक िमुदाय खािकर सहंदुओ् की जान-माि की िुरक््ा िे िंबसं धत खबरे्प््ाय: देखने को समिती है.् यह िच है सक सहंदओ ु ्पर आये सदन हमिे होते है् और कट््रपंथी ताकते् उनकी िंपस््त और उनके धम्सण थ् िो्को नुकिान पहुच ं ाती है्िेसकन केवि इतने भर िे यह नही् माना जा िकता है सक बांग्िादेश सहंदुओ् की कत्िगाह बन गया है. सपछिे सदनो्जब मै्ढाका मे्था तो वहां के अखबारो्और िमाचार चैनिो् मे्एक सहंदू पुजारी की हत्या िे जुड्ी खबरे्दोतीन सदनो् तक प््मुखता िे प््कासशत और प्ि ् ासरत होती रही्. पुजारी की हत्या के सवरोध मे् कई सहंदू िंगठनो और स्वयंिेवी िंगठनो् की ओर िे माच्ण सनकािा गया. पुसिि-प्श ् ािन ने भी िस््ियता सदखायी और दो सदन मे् हत्या मे् शासमि िोगो्को सगरफ्तार कर जेि भेज सदया. बीते िाि ढाका मे्कट्र् पंसथयो्ने कुछ सहंदू ल्िॉगरो्की हत्या कर दी थी. अल्पिंखय् को्की िुरक््ा का दावा करने वािी शेख हिीना िरकार भी इन घटनाओ् के बाद शक के दायरे मे् आ
16 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
गयी. भारत मे् असधकांश िोग यह मानकर चिते है्सक बांगि ् ादेश मे्सहंदओ ु ्की दशा वैिी ही है जैिी सक पासकि््ान मे्. िेसकन यह िच नही् है. बांगि ् ादेश की िंिद मे् बतौर िहायक िसचव काम कर रहे वासरि हुिनै कहते है् सक कुछ घटनाओ्के आधार पर यह मान िेना िही नही् है सक बांगि ् ादेश मे् सहदुओ् के िाथ जुलम् हो रहा है. वासरि के मुतासबक बांग्िादेश की राजनीसत, सशक््ा, प््शािन और सफल्म-िंगीत जगत मे्सहंदओ ु ्की खािी भागीदारी है. यहां तक सक देश की 350 िदस्यीय जातीय िंिद मे्19 िांिद सहंदू है.् यह आंकड्ा बीते कई िािो्की तुिना मे् बेहतर है. इतना ही नही् शेख हिीना िरकार मे्शासमि मंस्तयो्के सनजी िसचवो्की बात करे्तो उनमे्िे तकरीबन 40 फीिदी सहंदू है्. देश की सिसवि िेवाओ् मे् 40 फीिदी असधकारी सहंदू है.् उिी तरह स्कि ू कॉिेज और सवश्स्वद््ािय मे्20 िे 25 फीिदी सशक्क ् और अन्य कम्च ण ारी सहंदू है.् िबिे बड्ी बात यह सक देश की िव््ोच्् अदाित के मुखय् न्यायाधीश िुरदे् ्कुमार सिन्हा भी सहंदू है.् कहने का आशय यह सक बांगि ् ादेश बेशक एक मुबस् िम बहुि देश है. िेसकन यहां सहंदओ ु ्के प्स्त कोई नफरत यह गैरबराबरी नही्
बांगूलािेश िेूएक दहंिू दववाह: बंगाली शैली
बांग्लादेश मे्तहंदुओ्की स्सिति हालांतक उिनी बुरी नही्तजिनी कल्पना की जािी है. लेतकन कुछ पुराने कानूनो्के जतरये उनकी संपत््त छीना जाना मुसीबि का सबब बना हुआ है. सदखती. इि बार तो िंिद मे्िरस्वती पूजा का आयोजन भी सकया गया था. िमारोह मे् प््धानमंत्ी शेख हिीना और स्पीकर िमेत कई िांिद और मंत्ी शासमि हुए. बांग्िादेश मे् दुग्ाण पूजा, होिी और दीवािी धूमधाम िे मनाये जाते है.् ढाका मे्कई स्थानो् पर भव्य पूजा पंडाि मे्देवी दुगा्ण की पूजा होती है. सहंदओ ु ्के कई महत्वपूरण्त्योहारो्पर िरकारी अवकाश घोसरत होता है. िामासजक काय्क ण त्ाण आशमा रहमान के मुतासबक, सवश्स्वद््ािय मे् उनके ज्यादातर दोि्् सहंदू थे. बांग्िादेश मे् भूसमहीनो्की िड्ाई िड्रहे िुबि िरकार के मुतासबक सहंदओ ु ् पर होने वािे ज्यादातर हमिे िंपस््त के िािच मे्सकये जाते है.् बावजूद इिके यहां के अल्पिंख्यक िमुदाय को देश की न्यायपासिका पर भरोिा है. राजधानी ढाका िे करीब ढाई िौ सकिोमीटर दूर नौगांव सजिे का एक गांव है पसतिर. गांव की आबादी करीब छह हजार है. सजिमे्40-50 पसरवार सहंदओ ु ्के है.् करीब 60 वर््ीय रंजीत िाहा इिी गांव के सनवािी है.् उनके पाि पांच बीघा कृसर भूसम है. उनके मुतासबक, बंटवारे िे पहिे इि गांव मे् सहंदुओ् और मुििमानो् की आबादी िगभग बराबर थी.
बांग्लादेश संसद मे् हिंदू सांसद 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8.
सांसद का नाम रमेश चंद्िेन मनोरंजन िासहि गोपाि टीपू मुंशी िाधन चंद्मजूमदार रंजीत कुमार रॉय स्वप्न भट््ाचाय्ण वीरेन सिकदर पंचानन सवश््ाि
पार््ी बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग सनद्णिीय बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग
िेसकन 1947 के बाद यहां के िंपन्न सहंदू भारत चिे गये. िन 1971 के मुबक् त युद्के िमय भी कई सहंदू पसरवार भारत चिे गये. रंजीत के अनुिार, यहां रहने वािे सहंदू पसरवार शांसत पूव्णक अपना जीवन व्यतीत कर रहे है.् यहां सहंदओ ु ्के पूजा पाठ व अन्य धास्मक ण आयोजनो्पर सकिी तरह का कोई प्स्तबंध नही् है. एक चबूतरे की ओर इशारा करते हुए उन्हो्ने कहा सक यहां कभी कािी मंसदर हुआ करता था, िेसकन कई िाि पहिे यह सगर गया. क्या इि मंसदर को मुििमानो्ने सगराया? इि पर उन्हो्ने कहा नही्, काफी पुराना होने की वजह िे यह सगर गया. रंजीत इि मंसदर के पुनस्नमण ा्र ण के सिये भी प्य् ािरत है.् बांग्िादेश की कुि आबादी मे् 9 फीिदी सहंदू है्. हािांसक िन 1951 के बाद हर वर्ण उनकी िंख्या कम होती गयी है. पहिी जनगरना (तत्कािीन पूव्ी पासकि््ान) मे् मुििमानो्की आबादी 3.22 करोड्थी जबसक सहंदुओ् की 92.39 िाख. सफिहाि सहंदू यहां 1.22 करोड्है्जबसक मुबस् िम आबादी 12.63 करोड् पहुंच चुकी है. सहंदुओ् के अिावा यहां
सांसद का नाम 9. नारायर चंद्चंदा 10. धीरे्द्देवनाथ शंभु 11. पंकज नाथ 12. अनुपम शाहजहां जॉय 13. प््मोद मानसकन 14. छसव सवश््ाि 15. िुकुमार रंजन घोर 16. मृराि कांसत दाि 17. िुरजजीत िेनगुप्ता 18. डॉ. दीपू मोनी 19. वीर बहादुर सिंह
बौद्घ आबादी भी तेजी िे कम हुई है. वर्ण 2013 मे् अंतरराष््रीय अपराध न्यायािय ने जमात ए इस्िामी के वसरष््ो्नेता सदिावर हुिैन को िन 1971 मे् हुए युद् अपराधो् के सिये मौत की िजा िुनायी. इि फैििे के बाद जमात ए इस्िामी के िमथ्क ण ो्ने अल्पिंख्यको् खािकर सहंदुओ् को सनशाना बनाया. गौरतिब है सक सदिावर को सजन अपराधो् का दोरी पाया गया था उनमे् िाि 1971 के मुब्कत युद् मे् सहंदुओ् की हत्या और बिात्कार के मामिे बड्ेपैमाने पर शासमि थे. अमेसरका मे् रहने वािे बांग्िादेशी मूि के प््ोफेिर अिी सरयाज अपनी पुि्क गॉड सवसिंग: द पॉसिसटक्ि ऑफ इस्िासमज्म नी बांगि ् ादेश मे्यह उल्िख े सकया है सक बीते 25 िाि मे् करीब 53 िाख सहंदू वहां िे पिायन कर चुके है.् बांगि ् ादेश मे्जमात ए इस्िामी जैिे कुछ दि है्जो देश को पासकि््ान की राह पर िे जाना चाहते है्. पहिे बांग्िादेश एक धम्णसनरपेक् देश था िेसकन िन 1977 मे् िंसवधान िे धम्सण नरपेकत् ा शल्द हटा सदया गया और िाि 1988 मे्उिे इस्िासमक देश घोसरत नौगांव िेूरवीूदूनार ठाकुर संगूहालय: गुरूिेव का असर
पार््ी बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग बांग्िादेश अवामी िीग
नूयायिूदूतथ सुरेूदूनार दसनूहा: नूयाय की ऊंची कुसूी कर सदया गया. मौजूदा िंिद के 18 सहंदू िांिदो्मे्िे 16 अवामी िीग िे है् जबसक दो सनद्णिीय है्. बांगि ् ादेश मे्िागू शत््ुिंपस््त सवधेयक को िेकर सहंदू जर्र नाराज है.् उनका मानना है सक यह कानून बांगि ् ादेशी सहंदओ ु ् को उनकी िंपस््त िे बेदखि करने का जसरया है. बीते कुछ िािो्मे् शत््ुिंपस््त असधसनयम के चिते बड्ी िंखय् ा मे् सहंदुओ् को अपनी िंपस््त गंवानी पड्ी है. एक अनुमान के मुतासबक इि कानून के तहत सहंदओ ु ् की करीब 20 िाख एकड् जमीन हड्पी जा चुकी है जो देश की कुि भूिंपदा का पांच फीिदी है. िेसकन यह सहंदओ ु ् की कुि जमीन का 45 फीिदी है. इि असधसनयम के सशकार बौद्घ भी हुए है.् चटगांव सडवीजन के तीन सजिो् बंदरवन, खग््ाछारी और रंगमती मे्22 फीिदी बौद्घो् की जमीन इि कानून के आड् मे् छीन िी गयी. बांगि ् ादेश मे्शत््ुिंपदा असधसनयम के अिावा वेसट् ड े प््ॉपट््ी एक्ट भी है. बांग्िादेश भूसमहीन िसमसत के महािसचव िुबि िरकार के मुतासबक, 'शत््ु िंपदा असधसनयम' उन िोगो्के सिये हसथयार बन गया जो अल्पिंखय् को् की जमीन पर सनगाहे् गड्ाये शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 17
बांग्लादेश थे. अगर िरकार इि पर ध्यान नही्देती है तो वह सदन दूर नही् जब िभी अल्पिंख्यक भूसमहीन हो जाये्गे. यह कानून तत्कािीन पासकि््ान िरकार ने बनाया था. कानून के मुतासबक, 1965 की िड्ाई के बाद जो िोग पूव्ी पासकि््ान ( अब बांग्िादेश) छोड्कर भारत चिे गये, उनकी अचि िंपस््त को िरकार ने शत््ु िंपदा घोसरत कर सदया. 1971 के मुब्कत युद् के िमय भी बड्ी िंख्या मे् बांग्िादेशी सहंदओ ु ्ने भारत मे्बिने का फैििा सकया. ऐिा नही् था सक उनके पसरवार के िभी िोग भारत आकर बि गये थे. उनमे् िे कई िोगो् के भाई और सपता वही्रह गये. बांगि ् ादेश मे्रहने वािे इन पीसड्त पसरवारो्का कहना है सक जो िंपस््त उनके बाप-दादा के नाम पर है, अगर उनमे्िे कुछ िोग भारत चिे गये तो उन्हे्उनकी िंपस््त िे क्यो्बेदखि सकया जा रहा है. यहां िवाि यह है सक 1965 मे्जब 'शत््ुिंपदा सवधेयक' िागू
भारत मे्भी 1947 के बंटवारे के बाद पासकि््ान गये िोगो् की िंपस््त को 'शत््ु िंपदा’ घोसरत कर सदया गया. पुरानी सदल्िी, िखनऊ, हैदराबाद, भोपाि, मुंबई और कोिकाता मे् हजारो् की िंख्या मे् ऐिी अचि िंपस््तयां है्, सजिे भारत िरकार ने शत््ु िंपदा घोसरत कर रखा है. इिके सिये बाकायदा एक कस्टोसडयन बनाया गया है. भारत मे्शत््ुिंपस््त िे जुड्ा एक महत्वपूर्ण सववाद राजा महमूदाबाद िे िंबंसधत है. हािांसक, बांग्िादेश और पासकि््ान के मुकाबिे इि मामिे मे् भारत िरकार और अदाितो् का रवैया बेहतर है. भारत मे् इि कानून की िगातार िमीक््ा हुई और िंशोधन सकये गये. हािांसक बांग्िादेश मे्भी 'शत््ुिंपदा असधसनयम' और 'वेस्टेड प््ॉपट््ी एक्ट' मे् िंशोधन की पहि हुई है, िेसकन वह नाकाफी है. िाि 2003 मे् प््धानमंत्ी शेख हिीना ने अपने मंस्तमंडि की बैठक मे् 'वेस्टेड प््ॉपट््ी
सकया गया था, उि वक्त पासकि््ान था. िेसकन 1971 के मुबक् त युद्के िमय भारत गये िोगो् की िंपस््त को 'शत््ु िंपदा असधसनयम' और वेस्टेड प््ॉपट््ी एक्ट' के दायरे मे् क्यो् शासमि सकया गया? क्या बांगि ् ादेश मुबक् त युद्मे्भारत की ऐसतहासिक मदद और हजारो् भारतीय िैसनको् की कुब्ाणनी का यही प््सतफि है. बांग्िादेश िुप्ीम कोट्ण के जब्सटि (सरटायड्ण) सिकंदर मकबूि हक के मुतासबक, बांग्िादेश की सजिा अदाितो् िे िेकर हाईकोट्ण और िुप्ीम कोट्ण मे् 'शत््ु िंपदा असधसनयम' िे जुड्े िाखो् मामिे िंसबत है्. सनस््ित र्प िे इि कानून की िमीक््ा होनी चासहये, क्यो्सक ऐिा प्त् ीत होता है सक यह कानून उन िोगो्के सिए मुफीद हो गया है, जो अल्पिंखय् क िमुदायो्की जमीन पर कल्जा करना चाहते है.् 'शत््ुिंपदा असधसनयम' न सिफ्कबांग्िादेश और पासकि््ान बब्लक भारत मे् भी िागू है.
पापडूसुखाती दहंिू िदहलाएं: रोजिरूाथ का जीवन एक्ट' मे्अहम बदिाव करने का फैििा सकया. बावजूद इिके बांग्िादेशी सहंदुओ् को इिका पय्ाणप्त िाभ नही्समि िका. बांग्िादेश िुप्ीम कोट्ण के जब्सटि (सरटायड्ण) मोहम्मद गुिाम रल्बानी 'सडस््पवेशन ऑफ सहंदू माइनॉसरटी इन बांग्िादेश सिसवंग सवथ वेस्टेड प््ॉपट््ी' नामक सकताब की भूसमका मे् सिखते है्, 'शत््ु िंपदा असधसनयम' की वजह िे बांग्िादेश मे् रहने वािे सहंदुओ् सकतने परेशान है्, इि बात का अनुभव मुझे तब हुआ, जब मै् 1969 मे् ढाका हाईकोट्णमे्वकाित कर रहा था. इि सििसििे मे्नौगांव सजिे के एक सहंदू पसरवार का केि मेरे िमक्् आया. यह तीन भाईयो् िे जुड्ा मामिा था. 1952 मे्एक भाई भारत चिा गया. बाकी दो भाई नौगांव मे्ही अपने पैतक ृ गांव मे्रह गये. स्थानीय प््शािन ने भारत गये उि व्यब्कत के सहस्िे वािी जमीन को 'ऐनेमी प््ॉपट््ी ' यानी शत््ु िंपदा घोसरत कर उिे अपने कल्जे मे् िे
18 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
सिया. असधकासरयो् ने उनकी कोई दिीि नही् िुनी, नतीजतन उन्हो्ने हाईकोट्ण मे् केि दायर करने का फैििा सकया. मुझे खुशी है सक इि मामिे मे् न्याय की जीत हुई और उि सहंदू पसरवार को उनकी जमीन वापि समि गई. इिी तरह का एक दूिरा वाकया बोगरा सजिे िे िंबंसधत था. यहां एक सहंदू कारोबारी की राइि और िरिो्तेि की समिे्थी. सजनके नाम पर ये दोनो् समिे् थी, वे 1962 मे् भारत जाकर बि गये, िेसकन उनके दोनो् िगे भतीजो् ने बोगरा मे्ही रहने का फैििा सकया. सजिा प््शािन ने इन समिो् को 'शत््ु िंपदा' घोसरत कर कल्जा कर सिया. इिके सखिाफ पीसड्त पक्् ने मेरी ििाह पर हाईकोट्ण मे् मुकदमा सकया और अंतत: उन्हे्जीत समिी.' भारत और नेपाि के बाद बांग्िादेश मे् सहंदओ ु ्की िव्ासण धक आबादी है. नेपाि मे्जहां करीब ढाई करोड् सहंदू है् वही् बांग्िादेश मे् करीब डेढ् करोड् सहंदू रहते है्. िन 1947 मे् भारत और पासकि््ान के बंटवारे के वक्त पूव्ी पासकि््ान (अब बांगि ् ादेश) मे् सहंदओ ु ् की िं या 28 फीिद थी. 1971 मे्बांगि ् ादेश बनने के बाद 1981 मे्वहां पहिी जनगरना हुई, उिमे् सहंदू आबादी महज 12 फीिद रह गयी. वर्ण 2011 की जनगरना मे् सहंदुओ् की आबादी घटकर नौ फीिदी रह गयी. 1947 के बाद िे बांग्िादेश के इिाके मे् इस्िामीकरर के नाम पर करीब 30 िाख सहंदओ ु ्की हत्या हुई. िाि 2013 और 2014 मे् बांग्िादेश के सवसभन्न सजिो्मे्सहंदू सवरोधी सहंिा मे्करीब चार दज्णन मंसदरो् और िैकड्ो् सहंदुओ् के घरो् मे् िूटपाट की गयी. इिमे् कोई शक नही् सक बांग्िादेश मे् खासिदा सजया की बांग्िादेश नेशनसिस्ट पाट््ी और जमात-ए-इस्िामी जैिी पास्टियो् की नीसतयो् की वजह िे कट््रपंथी ताकतो्को बढ्ावा समिा है. जमात-ए-इस्िामी बांगि ् ादेश मे् 'ईश सनंदा कानून' िागू करने के सिये िड्क िे िेकर िंिद तक प्य् ाि कर रही है. कुछ िाि पहिे इिे िेकर राजधानी ढाका मे् बड्े पैमाने पर सहंिा भी हुई थी. 'ईशसनंदा कानून' वही कािा कानून है, जो पासकि्ा्न मे् जनरि सजयाउि हक्ने िागू सकया था. पासकि््ान मे् इि कानून की वजह िे अल्पिंखय् को्को सकतनी प्त् ाड्ना झेिनी पड्ती है, यह पूरी दुसनया को मािूम है. पासकि््ान मे् इिी कानून की मुखािफत करने की वजह िे कुछ िाि पहिे पंजाब के गव्णनर ििमान तािीर और पासकि््ान के अल्पिंखय् क मामिो् के मंत्ी शहबाज भट््ी की गोिी मारकर हत्या कर दी गयी थी. जमात-ए-इस्िामी बांगि ् ादेश को भी उिी राि््ेपर िे जाना चाहती है. राहत की बात है सक आम बांगि ् ादेशी जनता का िमथ्नण ऐिी n पास्टयण ो्को नही्है.
मुद्ा
शिक््ा के शिर्द् शिक््ा का क्ानून
बीिे दो-ढाई दशक मे्सरकारी स््र पर प््ाितमक तशक््ा की स्सिति खराब हुई है. तशक््को्और व्यवस्िा की कमी, गुणवत््ा न होने से अतभभावक सरकारी स्कूलो्से दूर हुए है्.
ससूूी दशकूूा की उपेकूा के दखलाफ पूूिशूथन: ढांचा िुरूसूकरने की िांग स्कि ू ो्के सि ये 800 वग्मण ीटर और माध्यसमक तशवानंद त््िवेदी के सिये 1000 वग्मण ीटर जमीन होनी असनवाय्ण म्मीद की गयी थी सक सशक््ा का असधकार है. कई स्कूि ऐिी बिावट वािे इिाको् मे् है् कानून िागू होने के बाद देश मे् प््ाथसमक जहां अब सवि््ार की िंभावना नही्. इनकी आय ि्र् पर गरीब िे गरीब बच््ेको सशक््ा समिना और बजट भी इतना असधक नही्है सक ये दूिरे ू को नये तरह िुसनस््ित हो िकेगा. िेसकन इि कानून की खुिे इिाको्मे्जाकर अपने स्कि पेचीदसगयो् ने इिकी प््ािांसगकता पर ही िे शुर्कर िके.् पहिे कक््ा िात तक चिने वािे स्कि ू ो्के प्श् न् सचन्न िगा सदया है. देश मे्प््ाथसमक सशक््ा की बात करे्तो सपछिे दो-ढाई दशक मे्िरकारी सिये मान्यता आवश्यक नही्थी िेसकन अब नये ि्र् पर प््ाथसमक सशक््ा की ब्सथसत खराब हुई है. सनयम मे्मान्यता असनवाय्णहै. अगर आरटीई के ू खोिना हो तो बुसनयादी ढांचे मे् सशक्क ् ो्और व्यवस्था की कमी, गुरवत््ा न होने मुतासबक स्कि ही बहु त बड् ा सनवेश करना होगा. चूंसक इन िे असभभावक िरकारी स्कूिो् िे दूर हुए है्. स् क ि ू ो् की फीि भी बहुत िीसमत होती है इिसिए तमाम िरकारी प््िोभन भी छात््ो् को वापि स्कि ू नही्िा पा रहे. इिके चिते गिी-गिी मे् इिका अिर िीधा फीि पर पड्गे ा. ऐिे मे्इन सनजी स्कूि खुि गये. गरीब िे गरीब व्यब्कत िि््े स्कूिो् मे् बच््ो् को पढ्ाने वािे तमाम ू च्वायि िे िंबसं धत अपने बच््ो्को सनजी स्कि ू ो्मे्पढ्ा रहा. तमाम पसरजन प्भ् ासवत हो्ग.े स्कि पसरवार गरवेश, स्टश े नरी और छात्व् सृ ्त िरकारी शोध पर काम कर रहे िे्टर फॉर सिसवि स्कि ू ो् िे िे रहे िेसकन सशक््ा सनजी स्कि ू मे.् िोिायटी के एिोिएट डायरेक्टर असमत चंद्ा परंतु सशक््ा के असधकार के आगमन के िाथ ही कहते है,् 'िरकार इि कानून के जसरये सशक््ा को छोटे िोगो्िे छीन पूज ं ीपसतयो्के हाथ मे्िौ्पना सनजी सवद््ाियो्पर खतरा मंडराने िगा. नये सनयमो् के तहत देश के िाखो् सनजी चाहती है. गुरवत््ा के बजाय बुसनयादी ढांचे को स्कि ू अवैध मान सिये जायेग् .े मीसडया मे्आयी तरजीह देना बताता है सक िरकार का ध्यान एक सरपोट्ण के मुतासबक सपछिे िाि हजारो् सशक््ा पर कम और िुसवधाओ्पर ज्यादा है. खुद प््धानमंत्ी नरे्द् मोदी के गृहराज्य स्कि ू बंद हुए. आरटीई कानून के दो प्म् ख ु सबंदु गु ज रात मे् इि सदश मे् राह सदखायी गयी. वहां है्जो इन स्कि ू ो्के सिये िमस्या खड्ी कर रहे पु र ाने स् क ि ू ो्को सनयम िे राहत दी गयी है. जब है.् पहिा, एक सनस््ित क्त्े फ ् ि मे् स्कि ू ो् की मोदी मु ख य ् मंत्ी थे तो उन्हो्ने सशक््ा को वरीयता असनवाय्तण ा और दूिरा गिी-मोहििे के स्कि ू ो् के सिये भी मान्यता को असनवाय्ण करना. ये और सनयमो्का स््दतीयक बनाने का काम सकया सनयम उन स्कि ू ो्पर भी थोपे जा रहे है्जो बीते िेसकन उनके के्द् मे् आने पर पता नही् क्यो् कई िािो् िे चि रहे है्. कानूनन प््ाथसमक िरकार उिी मॉडि को पूरे देश मे्िागू नही्कर
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पा रही?' नेशनि इंसडपे्डे्ट स्कूि अिायंि द््ारा जंतर-मंतर पर आयोसजत धरना प्द् श्नण मे्उत्र् प्द् श े िे आये मान्यता प््ाप्त सशक््ा िंघ के प्द् श े प्भ् ारी राहुि भारती बताते है,् 'इि नये सनयम पर जोर देने िे िाखो्की िंखय् ा मे्वो बच््ेिड्क पर आ जाये्गे सजनकी सशक््ा पुराने स्कूिो् पर सनभ्रण है.' वही्उत्र् प्द् श े सवत्स्वहीन सवद्य्् ािय िंघ की तरफ िे आये ि्ज ्श े यादव कहते है सक िरकार यही मानक अपने सवद््ाियो् पर नही् िागू करती जबसक सनजी स्कि ू ो् पर सनयम का दबाव बनाया जा रहा है. ि्ज ्श े कहते है,् 'िाि 2011 मे्भी िरकार ने इन सवद््ाियो्को बंद करने का नोसटि सदया था, तब भी हम िडक पर उतरे.' 2013-14-15 मे्भी यही रहा. िरकार को स्थायी िमाधान देने की जर्रत है. आसखर िाखो्बच््ेकहां जायेग् ?े उनकी क्म् ता बड्ेस्कि ू ो्मे्पढने की नही है और छोटे स्कि ू ो्का बजट आरटीई के मानको्को पूरा करने का नही है.' महाराष््िे आये भरत मसिक कहते है्सक छोटे-छोटे यानी बजट स्कि ू ो्मे्जब आरटीई के मानको् को शतप्स्तशत िागू करने का दबाव आयेगा तो या तो ये स्कूि बंद हो जायेग् े या सफर गित काम करेग् .े एक सरपोट्णके मुतासबक्अगर आरटीई के सनयमो्मे्ढीि नही् दी गयी अथवा पुराने स्कि ू ो्िे यह सनयम हटाया नही गया तो िगभग िाखो् की िंखय् ा मे् बच््े सशक््ा िे महर्म हो्ग.े क्ानून िे स्कि ू तो बंद सकया जा िकता है िेसकन बच््ो्की सशक््ा को िुसनस््ित कैिे सकया जायेगा इिको िेकर सकिी के पाि कोई योजना नही है. यह कानून आते ही देश के तमाम अल्पिंखय् क स्कि ू िव््ोच््न्यायािय चिे गये. इन स्कि ू ो् ने अपनी स्वायत्त् ा का हवािा देते हुए यासचका दायर की दी. ऊपरी अदाित ने इनकी दिीि स्वीकार करते हुए इनको आरटीई कानून के नये प््ावधानो् िे मुकत् भी कर सदया. इन स्कि ू ो् को भवन, मान्यता और 25 फीिदी गरीब बच््ो्को पढ्ाने जैिे सकिी भी सनयम का पािन नही् करना होगा. नतीजा यह हुआ सक छोटे स्कि ू चिाने वािे बहुत िे स्कि ू प्ब् धं को् ने अपने स्कि ू ो्को अल्पिंखय् क स्कि ू का दज्ाण दे सदया. ऐिे मे् िवाि है सक उन सनयमो् का फायदा ही क्या सजनका सवकल्प िरकार उपिल्ध नही करा पा रही िेसकन बंसदशे् जर्र पैदा कर n रही है. शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 19
उत् मास््रटाखंहेड
खंड-खंड तसयासि
हदरश रावत: अधूरा कायूथकाल
अब िक उत््राखंड मे्केवल एक मुख्यमंत्ी काय्षकाल पूरा कर सके है्. यह राज्य सत््ा सुख की लालसा और बंदरबांट का अनूिा उदाहरण्ा है. प््याग पांडे
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त््राखंड के नेताओ्की ित््ािोिुपता और सनजी महत्वाकांक्ाओ्ने इि पहाड्ी राज्य को राजनीसतक अब्सथरता के भंवर मे् धकेि सदया है. राज्य मे्राष््पसत शािन िगने मे्यहां के नेताओ् की ित््ासिप्िा भी कम सजम्मेदार नही् है. इि अमय्ाणसदत दौड् मे् कांग्ेि और भाजपा के बीच जो जंग सछड्ी है उििे िभी वासकफ है्. अिग राज्य गठन िे जुड्ेबुसनयादी िवाि पहिे ही दरसकनार हो चुके है.् उत्र् ाखंड की आम जनता दोनो् प््मुख दिो् के हाथ की कठपुतिी बनकर रह गयी है. मौजूदा ित््ा किह के चिते ही पहाड् के नेताओ् की सवश््िनीयता और िाख पर तो बट््ा िगा ही है िाथ ही इि सियािी प््हिन ने यहां के आम िोगो् को जबरदि्् सनराशा और हताशा के भंवर मे्धकेि सदया है. उत््राखंड राज्य का गठन यहां के आम िोगो्के सिये एक िुनहरा िपना था. इि िपने को पूरा करने के सिये यहां के िोगो् ने िंघर्ण सकया. अपनी शहादत तक दी्, अपमान िहा, यातनाएं झेिी्. हािांसक पृथक उत््राखंड राज्य आंदोिन के दौरान भी पहाड् का राजनैसतक नेतृत्व सवश््िनीय िासबत नही् हुआ. कांग्ेि और भाजपा दोनो् ही उत््राखंड राज्य के स्वाभासवक सहमायती कभी नही्रहे. भाजपा िन 20 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
1987 के पहिे छोटे राज्यो्की पक््धर नही्थी. वही्कांग्ेि के ज्यादातर बड्ेनेता आसखर तक उत््राखंड राज्य के सखिाफ थे. जब राज्य की मांग जबरदि्् जनांदोिन मे् बदि गयी तब कांग्ेि ने अपनी सियािी जमीन बचाने के सिये इि मुद्े का िमथ्णन सकया. आसखरकार नौ नवंबर 2000 को उत््राखंड राज्य अि्््सतव मे् आया. तब असवभासजत उत््र प््देश सवधानिभा के सिये उत््राखंड िे चुने गये 22 सवधायको् और 9 सवधान पसररद िदस्यो् की मदद िे अंतसरम सवधानिभा बनी. राज्य बनते ही भाजपा मे् मुख्यमंत्ी की कुि्ी को िेकर खी्चतान शुर्हो गयी. नेताओ् की आपिी रस्िाकशी के बीच भाजपा के सनत्यानंद स्वामी मुख्यमंत्ी बनाये गये. वे 354 सदन तक ही मुख्यमंत्ी रह पाये. 30 अक्टूबर 2001 को भाजपा ने भगत सिंह कोश्यारी को राज्य का नया मुखय् मंत्ी बना सदया गया. अिग राज्य बनने के बाद िभी सियािी पास्टयि ो्िे जुड्ेहरेक काय्क ण त्ाण की महत्व् ाकांक्ा िीधे आिमान पर पहुंच गयी. जो िोग कभी ग््ाम प््धान बनने का स्वप्न भी नही्देख िकते थे वे सवधायक बनने की उड्ान भरने िगे. वही् जो सवधायक थे वे मुख्यमंत्ी बनने की हिरत देखने िगे. इिके बाद वर्ण 2002 मे् उत््राखंड की पहिी चुनी हुई िरकार बनी. इि चुनाव मे् कांग्ेि ने 70 मे्36 िीटो्पर जीत हासिि की
जबसक भाजपा को महज 19 िीटे् समिी्. उधर कांग्ेि के भीतर मुख्यमंत्ी को िेकर मची घमािान के बीच नारायर दत्् सतवारी को उत््राखंड का मुख्यमंत्ी बना सदया गया. वह अपनी ऊज्ाण आंतसरक सवद््ोह को दबाने मे् िगाते रह गये. कुि्ी बचाने के सिये िै्कड्ो् िािबत््ी बांटने के बाद सकिी तरह उन्हो्ने अपना 5 िाि का काय्णकाि पूरा सकया. वह राज्य के इकिौते मुसखया है् सजिने पांच िाि शािन सकया. 2007 के सवधानिभा चुनाव मे्भाजपा को 34 और कांग्ेि को 21 िीटे् समिी. भाजपा ने उत््राखंड ि््ांसत दि के तीन सवधायको् की मदद िे िरकार बनायी. आठ जून 2009 को भुवनचंद्खंडरू ी राज्य के मुखय् मंत्ी बने, िेसकन दो िाि बाद उनको हटाकर रमेशचंद् पोखसरयाि सनशंक को िीएम बना सदया गया. सनशंक दो िाि दो महीने इि पद पर रहे और खंडूरी को दोबारा गद््ी िौ्प दी गयी. भाजपा ने पांच िाि के दौरान प््देश को तीन मुख्यमंत्ी सदये. इन िभी का ज्यादातर काय्क ण ाि आंतसरक िंघर््ो् िे सनपटने मे् ही बीता. भाजपा ने भिे सतवारी के काय्णकाि मे् बंटी िािबस््तयो् को मुद्ा बनाया िेसकन अपनी बारी आने पर पाट््ी ने यही सकया. 2012 के सवधानिभा चुनाव मे् कांग्ेि ने 32 और भाजपा ने 31 िीटे् जीती्. कांग्ेि ने बिपा के तीन, तीन सनद्णिीय और उि््ांद के एक सवधायक की मदद िे िरकार बनायी. कांग्ेि के बड्े नेताओ् की बगावत को नजरअंदाज कर सवजय बहुगुरा को मुख्यमंत्ी बनाया गया. िेसकन एक िाि 11 महीने बाद ही हरीश रावत को गद््ी पर सबठा सदया गया. हरीश रावत को भी अपना बोया काटना पड्ा. आसखरकार तमाम बगावत के बाद 18 माच्ण 2016 को कांग्ेि के नौ सवधायक खुिकर िामने आ गये. 27 माच्ण को के्द् िरकार ने उत््राखंड मे् राष््पसत शािन िगा सदया. अब मामिा अदाित की शरर मे्है्. जब राज्य मे्िरकार भी नही्बनी थी तभी देहरादून मे्अस्थायी राजधानी के वाि््ेिामान खरीद मे् नौकरशाही द््ारा करोड्ो् की गड्बड्ी के आरोप िग गये थे. राज्य मे्जनप््सतसनसधयो् की अगुआई मे्िरकारे्बनने के बाद नेताओ्के नजदीक सवसभन्न प््जासत के दिािो्, ठेकेदारो् और मासफया का गठजोड् पैदा हो गया. उत््राखंड मे् चाहे सकिी भी दि या नेता की िरकार रही हो, भ््ष्ाचार के आरोपो् िे कोई नही्बचा. राज्य मे्तीिरी सियािी ताकत मौजूद नही् है और दोनो् बड्े दिो् के आिाकमान िरकार बनाने और बचाने तक ही िीसमत रहे. सवकल्पहीनता के दौर मे् दोनो् बारी-बारी ित््ा िुख भोग रहे है्. जनता के दुख िे सकिी को n वाि््ा नही्.
उत् मास््रटप््दहेडेश
हौसले का एक नाम तबस्सुम िबस्सुम ने पुर्रो्के वि्षस्व वाले क््ेत्मे्प््वेश करके न केवल उनको िुनौिी दी है, बस्लक पतरवार के पालन-पोरण का दातयत्व भी तनभा रही है्.
तबसूसुि: हंसिुख और खुदूार
रनीश कुमार
इ
िाहाबाद की िडको् पर अगर आपको कही् गुिाबी रंग का ऑटो नजर आये और उिका नंबर यूपी 70 4085 हो तो झट पहचान िीसजये सक उिे कोई पुर्र नही्बब्लक हंिमुख और खुद्ार तबस्िुम चिा रही है्. तबस्िुम ने पुर्रो् के वच्णस्व वािे क््ेत् मे् प््वेश करके न केवि उनको चुनौती दी है बब्लक अपने पसरवार के पािन पोरर का दासयत्व भी वह वहन कर रही है. मूिर्प िे प््तापगढ्सजिे के नरसिंहगढ्की रहने वािी तबस्िुम की सजंदगी िंघर््ो् की जीती जागती दाि््ान है. तबस्िुम बताती है सक बचपन मे्ही सपता के गुजर जाने के बाद उिकी मां ने गरीबी मे् उिे पािापोिा और अरबी मे् आरंसभक सशक््ा सदिायी. पसरवार मे् दो बहन और एक भाई भी है्. आस्थणक अभाव के चिते मां ने जल्दी शादी कर दी. पसत निीम मुंबई मे्टैक्िी चिाता है. शादी के बाद तबस्िुम को पता चिा सक वह निीम की छठवी्पत्नी है. बेटे अल्दुल्िाह के जन्म के बाद िे ही उिे िगातार दहेज के प््तासड्त सकया जाने िगा और शारीसरक तथा मानसिक यंत्राये्दी जाने िगी. इि बीच पसत निीम ने एक और शादी कर िी. अंतत: उिका तिाक हो गया. तिाके के बाद मायके वािो्ने भी िहयोग नही् सकया और िाि 2007 मे् वह पैदि अपने बच््े के िाथ इिाहाबाद आ गयी. यहां एक आदमी ने उिे सिस्टर शीबा के पाि पहुंचा सदया. तबस्िुम बताती है् सक सिस्टर शीबा ने उिे हौििा और सजंदगी िे िडऩे की ताकत दी. तबस्िुम कहती है, 'उन्हो्ने मुझिे कहा सक डरो मत यहां तुम जैिी और भी िड्सकयां रहती है्. उन्हो्ने मां बनकर, गुर्बनकर मेरा िाथ सदया. शुर्मे्अनुशािन के कारर बहुत गुस्िा आता था िेसकन धीरे धीरे मै्इि पसरवार मे्घुिसमि गयी. सिस्टर ने मुझे िाइसकि चिाना
सिखाया, उिके बाद उन्हो्ने मुझे स्कूटी और कार चिाना भी सिखाया. मेरा बेटा बड्ा हो रहा था. सिस्टर ने उिे गासजयाबाद के एक बोस्डि्ग स्कूि मे् डिवाया और मुझे हाईस्कूि करवाया.' इि बीच तबस्िुम की अपने बेटे के सिये तड्प देखकर सिस्टर शीबा ने बच््े को वापि बुिवा सिया िेसकन 10 िाि िे असधक उम्् के बच््े शेल्टर मे् नही् रह िकते थे इिसिये तबस्िुम को शेल्टर छोडऩा पड्ा़ वह अपने बेटे के िाथ सकराये के घर मे् रहने िगी. सिस्टर ने उिका दासखिा शहर के एक प््सतस््षत स्कूि मे्करा सदया िेसकन तबस्िुम के सिये आजीसवका का िंकट गहराने िगा. अिग रहने के बाद जर्रतो्िे मजबूर तबस्िुम अपने सिये काम की तिाश करने िगी थी. सिस्टर शीबा ने उिे ई सरक्शा चिाने का िुझाव सदया. तबस्िुम वाहन चिाना पहिे ही िीख चुकी थी इिसिये उिे यह सवकल्प जंच गया. सिस्टर की पहि पर पहिे कज्ण िेकर एक ई सरक्शा खरीदा गया. इि तरह 2013 मे्तबस्िुम ने पुर्रो्के वच्णस्व वािे क््ेत्मे् पहिा कदम रखा. कुछ घूरती सनगाहो् ने प््श्न सकये तो कुछ िोगो् ने िराहना की. तबस्िुम कहती है सक ई सरक्शा चिाना आिान नही्था. उिे बि स्टै्ड और स्टेशन के आिपाि खड्े नही् होने सदया जाता था. दूिरे सरक्शा चािक और जीआरपी वािे िब उिे खरीखोटी िुनाते. यह जिाित उिकी सजंदगी का सहस्िा बन गयी. िेसकन उिने हार नही्मानी और धीरेधीरे उिे िफिता समिने िगी. इि बीच उिने ऑटो खरीदने का सनर्णय सिया िेसकन इिके सिये पैिे नही्थे. तब एक पसरसचत की गारंटी पर उिने अपना ऑटो बाजार िे सिया. अब तो तबस्िुम को मानो पंख िग गये उिे अपना ऑटो हवाई जहाज िगता है. सिस्टर शीबा कहती है् सक तल्बिुम बुक्ाण पहने अपने बच््े के िाथ मेरे पाि आयी. एक मुब्सिम मसहिा को इि प््कार आगे बढ्ाना कम चुनौतीपूर्णन था. पढ्ाई की कहने पर ये मुझ पर गुस्िा हो जाती, मुझ पर सचल्िाती. िेसकन मै् जानती थी पढ्ाई िबिे बड्ा हसथयार है िमाज मे् खड्ेहोने और िडऩे के सिये. मैन् े इिके सिये एक सशक्क ् का प्ब् ध ं सकया िाथ ही िाथ इिे कढ्ाई सििाई के सिए भी प््ेसरत सकया. बाजार के िारे कामो् मे् ये हाथ बंटाती थी और शेल्टर की िड्सकयो् का ध्यान रखती. आज तल्बिुम आत्म सनभ्णर है और अपने व अपने बेटे के िाथ-िाथ अपने गांव मे्मां और सवधवा बहन के बच््ो्को भी पाि रही है. तबस्िुम को िरकार िे भी सशकायत है. वह प््देश के युवा मुख्यमंत्ी असखिेश यादव िे सशकायती अंदाज मे्कहती है सक िरकार तक खबर ही नही् पहुंचती. इतनी योजनाये् िरकार चिाती है, उिे चासहये सक वह इि शेल्टर के बच््ो्को भी छत सदिवा दे. िरकार िैपटॉप, िाइसकि, ई सरक्शा िब बांट रही है् िेसकन उिकी ये िुसवधाये् कभी हम तक नही् पहुंचती्. तबस्िुम हंिते हुए कहती है सक पता नही् इिके सिये सकिकी n मुि्ी गम्णकरनी होगी. शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 21
मध्य प््देश
ऑकूसीजन कि तकनीक जूूयािा तसंहस्ि के आयोजन के पहले पिा लगा तक तशप््ा नदी के पानी मे्ऑक्सीजन न के बराबर है. सरकार अब नदी मे्ऑक्सीजन डालने के तलए पांि संयंत्लगा रही है. िलिी नदी मे्ऑक्सीजन डालने का यह पहला प््योग है. तसंहस्ि को ऐसे कई िकनीकी नवािारो्के तलए जाना जायेगा. पूजा तसंह
म
ध्य प््देश िरकार सिंहस्थ कुंभ के आयोजन पर जमकर खच्ण कर रही है. उिने इिे अंतरराष््ीय आयोजन बनाने के सिये वर््ो् पहिे िे प््याि शुर् कर सदये थे िेसकन अब जबसक सिंहस्थ को महज कुछ ही सदन बचे है् तो यह जानकारी िामने आयी है सक सशप््ा नदी के पानी मे् महज तीन एमजीएि (समिीग््ाम प््सत िीटर) ऑक्िीजन है. पानी मे् ऑक्िीजन की कमी सिंहस्थ के दौरान उि््ैन आने वािे करोड्ो्िोगो्को बीमार कर िकती है इिसिये िरकार ने तत्काि कदम उठा सिये 22 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
है्. नदी के पानी मे्ऑक्िीजन का ि््र बढ्ाकर 8 एमजीएि करने के सिये 9 करोड् र्पये की िागत िे पांच िंयंत् स्थासपत सकये जा रहे है्. पय्ाणवरर के क््ेत्मे्काम करने वािे काय्णकत्ाण रसव कुमार कहते है्सक सशप््ा मे्तो यूं भी पानी की कमी है. िेसकन ऑक्िीजन की यह कमी सशप््ा के पानी मे् नही् बब्लक नम्णदा के पानी मे् है क्यो्सक नम्णदा का पानी सिंहस्थ के सिये सशप््ा मे्डािा जा रहा है. इि प््स्िया के बारे मे् वैज्ासनक तापि चकमा बताते है् सक ओजोनाइजेशन एक ऐिी प््स्िया है सजिके द््ारा ऑक्िीजन को ओजोन मे् बदिकर पानी मे् समिाया जाता है. पानी मे् ऑक्िीजन की मौजूदगी तमाम कीटारुओ्, रिायनो्और अन्य अशुबद् घयो्को दूर करने का काम करती है. िरकार उि््ैन मे् पांच स्थानो् पर ऐिे िंयंत्िगाये जा रहे है्जो हर रोज 100 सिसिंडर ऑक्िीजन नदी के पानी मे् डािे्गे. ओजोनाइजेशन की इि प्स््िया के सिये कोरोना सरएक्शन सकया जायेगा. यह प््स्िया आिमान मे् चमकने वािी सबजिी और ऑक्िीजन के सविय िे बनने वािी ओजोन के िमान ही होती है. पृथ्वी पर इिे बनाने के सिये बहुत उच्् तकनीकी योग्यता का होना असनवाय्ण है. जानकारी के मुतासबक सिंहस्थ के दौरान पूरे माह भर ये िंयंत् सदन रात चिाये जाये्गे. इि प््स्िया को अंजाम देने वािी कंपनी पूरब
दशपूूा के तट के पर एक साधु: िहािेले का आवाहन िॉसजब्सटक्ि के िंचािक रजनीश मेहरा के मुतासबक देश मे् पहिी बार सकिी बहती नदी को इि प््कार िाफ सकया जा रहा है. िाथ ही कुभं के पानी को िंिम् ररसहत करने की भी यह पहिी कोसशश है. इिके असतसरक्त भी इि कुंभ मे् तकनीक का जोरदार प््योग देखने को समिेगा. कुंभ मे् करीब पांच करोड् श््द्घािुओ् के आगमन का अंदाजा िगाया गया है. जासहर है इनके प््बंधन के सिये अप््त्यासशत चौकिी की आवश्यकता होगी. िरकार यह काम िूचना प््ौद््ोसगकी की मदद िे करने जा रही है. प्द् श े िरकार इि बात के सिये कमर किकर तैयार है सक प््धानमंत्ी नरे्द् मोदी की स््पय योजनाओ् मे् िे एक सडसजटि इंसडया की छाप इि सिंहस्थ मे्स्पष्् तौर पर देखने को समिे. यही वजह है सक सिंहस्थ मे् कई ऐिी नयी पहि आजमायी जा रही है् जो शायद देश के कई बड्े शहरो् मे् भी अभी तक नजर नही्आयी है्. सिंहस्थ के आयोजन का प््भार िंभाि रहे उि््ैन के िंभागीय आयुक्त रवी्द् पि््ोर ने शुिव् ार को बताया, 'चूसं क सिंहस्थ एक धास्मक ण पव्ण है इिसिए िभी धास्मणक आयोजन और कम्णकांड तो पारंपसरक तरीके िे ही पूरे सकये जाये्गे िेसकन प््शािसनक तथा अन्य काय््ो् मे् तकनीक के प््योग के मामिे मे्यह कुंभ देश मे् अब तक हुए ऐिे सकिी भी आयोजन पर भारी
पड्ेगा यह तय है. उन्हो्ने बताया सक सिंहस्थ कुंभ के िमि्् मेिा क््ेत् का ज्योग््ासफकि इंफॉम््ेशन सिस्टम (जीआईएि) के जसरये नक्शा तैयार सकया जा रहा है. तासक एक एक इंच क््ेत् पर नजर रखी जा िके. ' इि कुंभ मे् जो तकनीकी नवोन्वेर देखने को समिे्गे उनमे् कैशिेि िुसवधा, सडसजटि पास्कि्ग सिस्टम, फेि सडटेक्शन, ड््ोन िस्वणिांि के िाथ-िाथ कुंभ पर आधासरत एक मोबाइि एप का सवकाि भी शासमि है. बड्े धास्मणक आयोजनो् मे् मचने वािी अफरातफरी को देखते हुए उि््ैन सिंहस्थ मे् नकदी के न्यूनतम इि््ेमाि पर जोर सदया जा रहा है. जानकारी के मुतासबक िभी प््मुख िरकारी और सनजी बै्को् िे प््देश शािन की बात हो चुकी है. वे न केवि सिंहस्थ के सिए अिग सिंहस्थ डेसबट काडज््जारी करे्गे बब्लक मेिा क्त्े ्मे्श्द ् ्ािुओ्की िुसवधा के सिये 100 िे असधक एटीएम भी स्थासपत सकये जाये्गे. पास्कि्ग की व्यवस्था को पूरी तरह सडसजटिाइज सकया जायेगा. पास्कि्ग क््ेत् मे् कौन िी पास्कि्ग स्िॉट कहां खािी है या भरी हुई है इिका सरकॉड्ण सडसजटि प्िेटफाम्ण पर रखा जायेगा. अपने वाहन पाक्ककरने के सिये दूर खड्ेिोग इिकी पूरी जानकारी अपने िामने िगी सडसजटि स्ि्ीन पर देख िके्गे. इिके अिावा ऑनिाइन भी यह जानकारी हासिि की जा
दसंहसूर 2016 की तैयादरयां: नयी तकनीक का सहारा िकेगी. मेिा पसरिर मे् पास्कि्ग तथा अन्य स्थानो् पर फेि सडटेक्शन तकनीक का प््योग सकया जायेगा. उदाहरर के सिये जैिे ही कोई वाहन मेिा क््ेत् मे् ब्सथत पास्कि्ग मे् पहुंचेगा, इि तकनीक की वजह िे वाहन का नंबर और उिमे्िवार िोगो्की िंखय् ा स्वत: सिंहस्थ कुभं के डाटाबेि मे्शासमि हो जायेगा. इि तकनीक की मदद िे न केवि मेिा क््ेत् मे् आने-जाने वािे िोगो्की िंख्या पर नजर रखी जा िकेगी
पहली बार दकिी मेले मे्फेि दिटेक्शन तकनीक का भी प््योग दकया जायेगा. ड््ोन दिमानो्का भी इि मेले मे्खाि मकिद िे प््योग दकया जायेगा.
बब्लक सकिी गड्बड्ी की आशंका होने पर िोगो् को तत्काि सचब्ननत भी सकया जा िकेगा. श््द्ािुओ् की िुरक््ा िुसनस््ित करने के सिए न केवि िीिीटीवी और इन्फ्ारेड कैमरो् का प््योग सकया जायेगा बब्लक देश मे् पहिी बार सकिी मेिे मे् फेि सडटेक्शन तकनीक का भी प््योग सकया जायेगा. इिके अिावा ड््ोन सवमानो् का भी इि मेिे मे् खाि मकिद िे प््योग सकया जायेगा. इंसडयन इंस्टीट््ूट ऑफ िाइंि बे्गिुर्
और नीदरिैड ् के एम्िटरडम सवश्स्वद््ािय के 14 वैज्ासनको् की टीम ड््ोन सवमान, िैटेिाइट मैसपंग तथा ट््ैसकंग उपकररो् की मदद िे न केवि भीड् की गसतसवसधयो् पर बारीक नजर रखेगी बब्लक वह बाद मे् इिके जसरये जुटाये गये आंकड्ो् का प््योग भगदड् का पूव्ाणनुमान िगाने के सिए एक िॉफ्टवेयर सवकसित करने मे्भी करेगी. यह पहि महत््वपूर्ण है क्यो्सक देश मे् अक्िर धास्मणक स्थानो्पर होने वािी भगदड्मे् बड्े पैमाने पर िोग अपनी जान गंवा बैठते है्. आईआईएि, बे्गिुर् के एक वैज्ासनक ने बताया, 'हम इिके जसरये भीड्की गसतसवसधयो् पर नजर रखे्गे. हम कुछ श््द्ािुओ् को ई िॉकेट पहनाकर उनको िाइव ट््ैक भी करे्गे. इििे हमे्यह जानकारी समि िकेगी सक सकिी भी िमय श्द् घ् ािुओ्के एक खाि िमूह मे्क्या घसटत हो रहा है.' सिंहस्थ कुंभ को ध्यान मे् रखकर एक मोबाइि एप भी सवकसित सकया जा रहा है. सफिहाि यह एप परीक्र ् के ि्र् पर है िेसकन माच्ण के दूिरे िप्ताह तक यह िभी मोबाइि ऑपरेसटंग प्िेटफाम्ण पर उपिल्ध करा सदया जायेगा. पि््ोर ने शुि्वार को बताया सक यह एप श््द्ािुओ् और कम्णचसरयो् के सिये िमान र्प िे उपयोगी होगा. कम्णचासरयो्के सिये जहां इिमे् मौजूद िमूचा डाटाबेि और उनके काम के बंटवारे आसद का चाट्णप््योग मे्आयेगा वही् आम जनता के प््योग के सिये इिमे् तमाम नक्शे और र्ट चाट्णआसद उपिल्ध रहे्गे. मध्य प््देश िरकार सपछिे काफी िमय िे पय्णटन पर खािा जोर देती रही है. ऐिे मे् सिंहस्थ को भी वह धास्मणक पय्णटन के र्प मे् सवकसित कर राज्य की अथ्यण वस्था के सिये बड्े अविर के र्प मे्देख रही है. एक अनुमान के मुतासबक कुंभ मे् कुि समिाकर पांच करोड् श््द्ािु देश-सवदेश िे उि््ैन आये्गे. इनमे् िे करीब 15 िाख श्द् घ् ािु ऐिे भी हो्गे जो सनरंतर मेिा पसरिर मे्ही रहेग् .े माना जा रहा है सक इि कुंभ की बदौित प््देश की अथ्णयवस्था मे् छह िे आठ हजार करोड् र्पये का आगमन होगा. प््देश के वसरष्् आस्थणक पत््कार शसशकांत स््तवेदी कहते है्सक मेिे मे्पांच करोड्िोगो्के आगमन का अनुमान है. यह िंख्या बढ्ेगी ही कम नही्होगी. ऐिे मे्अगर मान सिया जाये सक एक व्यब्कत मेिा प््वाि के दौरान कम िे कम दो-दो हजार र्पये भी खच्णकरेगा तो शहर और प््देश की अथज््व्यवस्था मे्10,000 करोड्की रासश तत्काि आ जायेगी. यही वजह है सक शहर मे् नये घाट उपिल्ध कराये जा रहे है् तासक स्नान के सिये आने वािे अखाड्ो् तथा आम श््द्घािुओ् को सकिी तरह की अिुसवधा का n िामना नही्करना पड्े. शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 23
असम
डूबते द््ीप िो चुनावी सहारा? रीता ततवारी
आ
जादी के बाद िे छोटे िे द््ीप माजुिी मे् रहने वािे िोगो्ने कई चुनाव देखे है्. िेसकन हर बार उनको राजनेताओ् के खोखिे वादो्िे ही िंतोर करना पड्ा है. अब अिम मे् चार अप््ैि को हुए पहिे चरर के मतदान िे द््ीप के 1.68 िाख की आबादी के मन मे्पहिी बार उम्मीद की एक नयी सकरर पैदा हुयी है. िोगो् को िगता है सक अगिे महीने जब मतपेसटयां खुिे्गी तो उिके िाथ इि द््ीप और यहां के िोगो्की सकस्मत भी खुि जायेगी. स्थानीय िोगो्की उम्मीद की कई वजहे्है.् पहिी तो यह सक यहां िे भाजपा के मुख्यमंत्ी पद के उम्मीदवार िब्ाणनंद िोनोवाि चुनाव मैदान मे्है्. इिके अिावा पहिी बार देश का कोई प््धानमंत्ी इि द््ीप पर आया था. प््धानमंत्ी नरे्द् मोदी ने अपनी चुनावी रैिी मे् इि द््ीप को मुख्यभूसम िे पुि िे जोड्ने का
24 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
भरोिा सदया है. वैिे इििे पहिे बीते महीने ही के्द्ीय मंत्ी सनसतन गडकरी एक पुि का सशिान्याि कर चुके है्. इन तमाम वजहो् िे माजुिी ने चुनावो्िे पहिे काफी िुसख ् यण ां बटोरी है्. इििे पहिे माजुिी आसखरी बार िाि 1997 मे् िुस्खणयो् मे् उि िमय आया था. जब उग््वादी िंगठन उल्फा ने िंजय घोर नामक एक िामासजक काय्णकत्ाण का पहिे अपहरर कर रहस्यजनक हािात मे् हत्या कर दी थी. हािांसक घोर का शव कभी बरामद नही् हो िका. घोर उि िमय एक गैर-िरकारी िंगठन के िाथ समिकर ि््न्मपुत् के भूसम-कटाव िे माजुिी को बचाने के काम मे्जुटे थे. अिम के जोरहाट सजिे मे्ि्न् म् पुत्के बीच ब्सथत दुसनया का यह िबिे बडा नदी द््ीप माजुिी दशको् िे अपने वजूद की िडाई िड रहा है. सदिचस्प बात यह है सक यह िबिे बड्ा नदी द््ीप अिम का िबिे छोटा सवधानिभा क्त्े ् है. आजादी के बाद िे ही एक के बाद एक ित््ा
िाजुली: संकट िेूभी जारी है जीवन
आकार मे्छोटा माजुली सबसे बड़्ा नदी द््ीप कहलािा है, लेतकन बढ्िा जल-स््र उसके अत््सत्व के तलए बड़्ा खिरा बना हुआ है. क्या तवधान सभा िुनाव से उसके गंभीर संकट का कोई समाधान होगा ? मे् आने वािी राजनीसतक पास्टियो् ने िमृध्द िांसक ् सृ तक सवराित वािे इि द््ीप को बचाने की कोई ठोि पहि नही्की. अपनी सवशेरताओ्के चिते दुसनया भर मे्मशहूर माजुिी का अस्ि ् त्व अब िाि दर िाि आने वािी बाढ और भूसमकटाव के चिते खतरे मे्पड गया है. पहिे इिका क््ेत्फि 1278 वग्ण सकमी था. िेसकन िाि दर िाि आने वािी बाढ और भूसमकटाव के चिते अब यह घटकर 557 वग्णसकिोमीटर रह गया है. इि द््ीप पर रहने वािे िोग तिवार की धार पर जीवन काट रहे है्. हर िाि बरिात के मौिम मे्यहां कमर तक पानी भर जाता है. एक गांव िे दूिरे गांव तक जाने का राि््ा टूट जाता है और टेिीफोन काम नही् करता. माजुिी के िब सडवीजनि आसफिर दीपक है्सडक बताते है् सक यह द््ीप नदी के बीचो बीच बिा है. बरिात के चार महीनो्के दौरान बाहरी दुसनया िे इि द््ीप का िंपक्क कट जाता है और िोगो्
निी िेूिछदलयां पकडूती िदहला: जीवन का आधार
का जीवन दूभर हो जाता है. द््ीप की िडके् खि््ाहाि है्. बरिात के सदनो्की बात छोड भी दे्, तो िाि के बाकी महीनो् के दौरान भी द््ीप के कई इिाको् मे् जाना तकरीबन अिंभव है. राज्य मे्एक के बाद एक आने वािी िरकारो्ने इि ओर कभी कोई ध्यान ही नही् सदया. नतीजतन सजि माजुिी को दुसनया के िबिे आकर्क ण पय्टण न केद् ्के तौर पर सवकसित सकया जा िकता था. वह आज अपने वजूद की िडाई िड रहा है. यहां पय्णटन का आधारभूत ढांचा
तैयार करने मे् सकिी ने कभी सदिचस्पी नही् सदखायी. द््ीप की अस्िी फीिदी आबादी रोजीरोटी के सिए खेती पर सनभ्णर है. माजुिी के मानि बर्आ कहते है्सक स्थानीय िोग अपना पेट पािने के सिए खेती पर सनभ्णर है्. िेसकन हमारे ज्यादातर खेत हर िाि पानी मे्डूब जाते है्और फििे्चौपट हो जाती है्. मोनी िैसकया भी यही रोना रोते है्. वे कहते है् सक बाढ् हर िाि आती है. िेसकन हमे् कोई िहायता नही् समिती. बाद मे् िब िोग चुप्पी िाध िेते है्. स्थानीय पत््कार सवपुि िैसकया कहते है्, ‘खािकर िाि 1975 मे् आयी बाढ् के बाद यहां भूसमकटाव की िमस्या तेज हो गयी है. इिकी वजह िे हजारो् पसरवारो् को सवस्थापन का दंश झेिना पड्रहा है.’ सवश्् धरोहरो् की िूची मे् इिे शासमि कराने के तमाम प््याि भी अब तक बेनतीजा ही रहे है्. यूनेस्को की बैठको् के दौरान राज्य िरकार या तो ठीक िे माजुिी की पैरवी नही् करती या सफर आधी-अधूरी जानकारी मुहैया कराती है. नतीजतन यह कोसशश परवान नही् चढ् िकी है. िोनोवाि ने अपने चुनाव
िाजुली िेूएक सतूूके भीतर: वैषूणव पूूभाव प््चार के दौरान इि द््ीप को मुख्यभूसम िे जोड्ने के सिए तीन पुि बनाने, इि िबसडवीजन को सजिे का दज्ाण देने और इिे सवश्् धरोहरो् की िूची मे् शासमि करने की सदशा मे् ठोि प््याि करने का भरोिा सदया है. यही वजह है सक द््ीप के िोगो् ने बदिाव के सिए वोट डािे है्. स्थानीय कािेज छात््धीरेन गोहांई कहते है्, ‘हमने िबको देख सिया. अबकी िोगो् ने बदिाव के सिए वोट डािे है्. शायद यही चुनाव हमारे सिए भाग्यसवधाता बन
जाये.’ यह द््ीप अपने वैष्रव ित््ो्के अिावा राि उत्िव, टेराकोटा और नदी पय्णटन के सिए मशहूर है. माजुिी को अिम की िांस्कृसतक राजधानी और ित््ो्की धरती भी कहा जाता है. अिम मे् फैिे तकरीबन 600 ित््ो् मे् 65 माजुिी मे्ही थे. राज्य मे्वैष्रव पूजास्थिो्को ित््कहा जाता है. माजुिी तक पहुंचना आिान नही् है. सजिा मुख्यािय जोरहाट िे 13 सकमी दूर सनमताघाट िे सदन मे् पांच बार माजुिी के सिये बड्ी नावे् चिती है्. इि िफर मे् एक िे डेढ्घंटे िगते है्. दरअिि, भाजपा िरकार ने इि द््ीप को मुख्य भूसम िे जोड्ने के सिए पुि बनाने का फैििा िोनोवाि की उम्मीदवारी तय होने के बाद ही सकया. माजुिी मे् आधी िे ज्यादा आबादी समिंग, देउरी व िोनोवाि काछारी जनजासतयो्की है. वैिे, िोनोवाि के सिए माजुिी कोई नयी जगह नही्है. यह उनके िंिदीय क्त्े ्िखीमपुर का ही सहस्िा है. िोनोवाि कहते है्, ‘यहां प््ाकृसतक िौ्दय्ण, ताजी हवा और धनी िांस्कृसतक सवराित है. मै् इिे पय्णटन के वैस्शक सठकाने के तौर पर सवकसित करना चाहता हूं.’ उन्हो्ने राज्य को अवैध घुिपैठ िे पूरी तरह मुक्त करने का दावा सकया है. मुख्यमंत्ी तर्र गोगोई भी मानते है् सक उनकी िरकार माजुिी के सिए कुछ खाि नही् कर िकी है. वे कहते है् सक तमाम कोसशशो् के बावजूद भूसमकटाव की िमस्या पर प््भावी तरीके िे अंकुश नही्िगाया जा िका है. यहां नावे्िोगो्के जीवन का असभन्न सहस्िा है्. िोग तमाम आधुसनक िुख-िुसवधाओ् के सबना तो रह िकते है् िेसकन नावो् के सबना नही्. हर िाि बाढ के दौरान पूरे द््ीप के डूब जाने पर यहां अमीर-गरीब और जासत का भेद खत्म हो जाता है. महीनो्तक नावे्ही िोगो्का घर बन जाती है्. उि िमय माजुिी मे् आवाजाही का एकमात््िाधन भी िकडी की बनी यह नौकाएं ही होती है्. अगर इि द््ीप को बचाने के सिए जल्दी ही ठोि कदम नही्उठाए गये तो वह सदन दूर नही् है. जब यह धरोहर पूरी तरह ि््न्मपुत् मे्िमा जायेगी. माजुिी के िरकारी स्कूि मे् अंग्ेजी के सशक््क सबटूपन बोरा कहते है्, ‘पहिी बार मुख्यमंत्ी पद का कोई उम्मीदवार माजुिी िे चुनाव िड्ा है. इिी तरह मोदी यहां आने वािे देश के पहिे प््धानवमंत्ी है्. इििे स्थानीय िोगो् को अपने सदन बहुरने की आि है.’ वैिे पुि बनाने के भरोिे िे एक नयी आशंका भी सिर उठा रही है. बोरा कहते है्सक इििे नावो् के जसरये रोजी-रोटी कमाने वािे िोगो् की आजीसवका खतरे मे् पड् जायेगी. उनके सिए n कोई वैकब्लपक इंतजाम जर्री है. शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 25
सेहत
झाबुआ तजले के आतदवासीबहुल इलाक मे्एक संगिन अकेले दम पानी मे्फ्लोराइड के तखलाफ जंग छेड़्ेहुए है. उसके प्य् ास दूसरी जगहो्मे्फ्लोराइड की अतधकिा वाले पानी को शद्् करने मे्कारगर हो सकिे है.् पूजा तसंह
म
ध्य प््देश के झाबुआ सजिे को िरकार ने वर्ण1986 मे्ही फ्िोराइड प्भ् ासवत घोसरत कर सदया था. तब िे अब तक फ्िोराइड िे मुब्कत के नाम पर वहां तमाम योजनाये् बनी्, तमाम पसरयोजनाये्शुर्की गयी्िेसकन नतीजा वही रहा सजिे कहावत मे् ढाक के तीन पात कहा जाता है. िेसकन गुजरात के आरंद सजिे के िंगठन इनरेम फाउंडेशन ने झाबुआ मे् फ्िोराइड की िमस्या और इििे होने वािी फ्िोरोसिि की बीमारी िे सनपटने के ि््म मे्जो महत््वपूर्ण उपिब्लध हासिि की है वह देश के कई इिाको् मे् िंकट का िबब बन चुकी इि पेयजि िंबंधी िमस्या िे सनपटने मे बहुत मददगार िासबत हो िकती है. गुजरात के आरंद सजिे के िंगठन इनरेम फाउंडेशन ने वर्ण 2010-11 मे् झाबुआ के दो बड्े गांवो् जिोदा खुमजी और समयाटी मे् स्केिेटि फ्िोराइड िे प््भासवत 25 बच््ो् को िेकर एक अध्ययन की शुरआ ् त की. ये वे बच््े थे सजनके शरीर पर फ्िोराइड का प््भाव काफी हद तक नजर आने िगा था. टीम ने पूरे वैज्ासनक तरीके िे इन बच््ो्की सचसकत्िकीय जांच करवायी. इनको दवा आसद देने का काम आरंभ सकया गया. बीते पांच िाि िे कुछ असधक वक्त मे्ये िभी बच््ेिगभग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके है्. इन बच््ो्मे्िे कुछ गांव पर ही रहकर पढ्ाई कर रहे है् और कई बच््े युवावस्था की दहिीज पार कर रोजगार की तिाश मे्बाहर जा चुके है्. इनरेम फाउंडश े न के फ्िोरोसिि समसटगेशन िे्टर ने बच््ो् मे् डे्टि और स्केिेटि फ्िोरोसिि (यानी दांतो् और हस््ियो् का फ्िोरोसिि) का पता िगाने के सिये सवद््ाियो् मे् िव््ेक्र का काम आरंभ सकया. िंस्था ने सितंबर 2010 िे जनवरी 2011 तक झाबुआ के पांच ल्िॉक के 28 गांवो्के कुि 46 स्कि ू ो्मे् पढऩे वािे 5431 बच््ो्का िव्क ्े र ् सकया. इनमे् िे 999 बच््ो् मे् डेट् ि और कुछ मे् स्कि े टे ि फ्िोरोसिि के िक््र पाये गये. कुि प््भासवत बच््ो्मे्661 िडके्और 338 िड्सकयां थी्. शरीर को बहुत िीसमत मात््ा मे् फ्िोराइड 26 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
फूलोरोदसस की दशकार दवनती: कि सिय िेूकुछ सुधार
एक ख्ामोश जंग
की आवश्यकता होती है. वह दांतो् तथा अन्य हस््ियो्के सिये आवश्यक होता है. पीने के पानी मे्फ्िोराइड का ि््र एक पीपीएम िे कम होना चासहये. जबसक झाबुआ के कई इिाको् मे् इिका ि््र बहुत असधक पाया गया. इनरेम फाउंडश े न के झाबुआ प््ोजेकट् के प््ोग््ाम मैनज े र अरसवंद प््जापसत बताते है् सक सजिे के थांदिा ल्िॉक के समयाटी गांव और रामा ल्िॉक के जिोदा खुमजी गांवो् के पानी मे् िोराइड की मात््ा 4 िे 11 पीपीएम तक पायी गयी जो बेहद खतरनाक ि््र था. पानी मे् फ्िोराइड के ि््र की जांच को डॉ एके िुशीिा के सदल्िी ब्सथत फ्िोरोसिि सरिच्ण ऐ्ड र्रि डेविपमे्ट फाउंडश े न की प्य् ोगशािा मे्अंजाम सदया गया. इिके अिावा एक िमांतार जांच आरंद ब्सथत राष््ीय डेयरी सवकाि बोड्णकी प््योगशािा मे् भी की गयी. राष््ीय पेयजि एवं स्वच्छता मंत्ािय के आंकड्ो् के मुतासबक भी वर्ण 2010-11 िे 2013-14 के बीच इि क््ेत् के पानी मे् फ्िोराइड का ि््र दो िे 11 पीपीएम के बीच रहा. झाबुआ आिीराजपुर मे्सजिा फ्िोरोसिि ििाहकार एमडी भारती के मुतासबक फ्िोराइड की िमस्या का एकमात््हि स्वच्छ पानी और बचाव ही है. उन्हो्ने कहा सक फ्िोरोसिि की
बीमारी होने पर पूर्ण िुधार होना भी िगभग नामुमसकन है. जिोदा खुमजी के कुंवर सिंह और घवासिया गांव की सवनती जैिे उदाहरर हमारे िामने थे. कुंवर सिंह के दोनो् पैरो् का टेढ्ापन काफी हद तक ठीक हो चुका है जबसक 9 िाि की सवनती जो देखने मे् तीन िाि िे बड्ी नही्िगती है. वह अब अपने टेढ्ेमेढ्ेपैरो् पर चिने िगी है. सवनती के मां-बाप बताते है् सक एक िाि पहिे तक वह सकिी तरह सघिटसघिट कर चिा करती थी. उिका चिना उनके सिये सकिी चमत्कार िे कम नही्. इनरेम फाउंडश े न के ज्वाइंट डायरेकट् र डॉ. राजनारायर इंदू और एक्जक्यूसटव डायरेक्टर डॉ. िुंदरराजन कृष्रन देश भर मे् फ्िोराइड प््भासवत इिाको् का दौरा करते हुए झाबुआ पहुंचे. यहां उनकी टीम ने वर्ण 2008-10 के दौरान बहुत बड्ेपैमाने पर डेट् ि फ्िोरोसिि का िव््ेक्र करना शुर् सकया. इनरेम के झाबुआ प््ोजेक्ट के फील्ड प््ोग््ाम मैनेजर िसचन वारी कहते है्, 'हमने तमाम इिाको् का अध्ययन सकया था िेसकन कही् भी इतनी कम उम्् मे् स्केिेटि फ्िोरोसिि का अिर देखने को नही् समिा था. उक्त अध्ययन मे् शासमि िभी 25 बच््े उि वक्त 10 िाि िे कम उम्् के थे. इतना ही नही्उि िमय हमारे िामने यही 25
जसोिा खुिजी के कुंवर दसंह और पतूनी काली: टेढूेपैरोूकी यातूूा
फ््लोराइड से
मामिे थे इिसिये हमने िभी को अध्ययन मे् शासमि कर सिया. बाद के वर््ो्मे्इनकी िंखय् ा बढ्कर िौ का आंकड्ा पार कर गयी.' समयाटी और जिोदा खुमजी के पीसड्त बच््ो् के रक्त और मूत् की जांच करके उनके शरीर मे् फ्िोराइड का पता िगाने की प््स्िया शुर् की गयी और उनके शरीर मे् फ्िोराइड का ि्र् िामान्य िे काफी ज्यादा पाया गया. इन बच््ो् के हाथ पैर का सडसजटि एक्िरे झाबुआ के शािकीय मे् करवाया गया और उिकी िीडी बनाकर हैदराबाद के अपोिो अस्पताि मे् भेजी गयी. जहां फ्िोरोसिि सवशेरज्् और न्यूरोिज्णन डॉ. राजा रेि्ी और उनकी टीम ने पाया सक रोसगयो् को ऑब्सटयोपोरोसिि की बीमारी भी शुर् हो चुकी है. उल्िेखनीय है सक डे्टि फ्िोरोसिि िे दांतो् मे् पीिापन पैदा होता है और तरह-तरह के धल्बे नजर आने िगते है्. फ्िोरोसिि जब शरीर की हस््ियो् पर अिर डािता है तो हाथ-पैर टेढ्ेहोने िगते है्. कम उम््मे्ही मनुष्य बूढ्ा नजर आने िगता है. इनरेम टीम ने मेघनगर के िुपसरसचत माटी किाकार रामचंद्प््जापसत िे िंपक्कसकया और समट््ी के सफल्टर तैयार करवाये. वजह यही सक स्थानीय िोग समट््ी के बरतनो् िे पसरसचत थे. सफल्टर मे्फ्िोराइड का प््भाव िमाप्त करने के
सिये एब्कटवेटेड एिुसमना का प््योग सकया गया. िबिे पहिे दोनो् गांवो् मे् एक-एक सफल्टर सदया गया और बाद मे् जागर्कता बढऩ्े के िाथ उनकी िंख्या बढ्ायी गयी. अरसवंद बताते है्सक सकिी गांववािी को एक भी सफल्टर मुफ्त मे्नही्सदया गया क्यो्सक अपने अनुभव िे टीम यह जान चुकी थी सक मुफ्त समिने वािी चीजो् का कोई मोि नही. इि बीच िोगो् को िगातार प््ोत्िासहत सकया गया सक वे ऐिे खाद्् उत्पादो् का प््योग करे्जो इि बीमारी के सनदान मे्मदद करते है्. उदाहरर के सिये दूध, आंविा, िोयाबीन, िहजन, अमर्द आसद आिानी िे समिने वािी चीजे् सजनमे् कैब्लशयम और मैगनीसशयम जैिे खसनज होते है्जो फ्िोराइड के प््भाव को कम करते है्. इि पूरे इिाके मे् िमस्या की िबिे बड्ी वजह है्कदम-कदम पर खोदे गये हैड ् पंप. शुर्आती सदनो् मे् िरकार की सचंता फ्िोराइड थी ही नही्. उिे तो हर आदमी तक पेयजि पहुंचाना था. इिका िबिे आिान उपाय था है्डपंप. नतीजा, जहां पानी की आवश्यकता महिूि हुई वही् धरती का िीना चीर कर एक है्डपंप धंिा सदया गया. यह अिग बात है सक झाबुआ के समयाटी और जिोदा खुमजी जैिे गांवो् मे् 99 फीिदी या कहे् िगभग 100
फीिदी है्डपंप पूरी तरह फ्िोराइड युक्त पानी उगि रहे है्. इनिे िोगो्को पानी तो समि रहा है िेसकन वह सकिी काम का नही्है. फ्िोराइड की िमस्या िामने आने पर तो िरकारी अमिे की और बन आयी. आननफानन मे् फ्िोराइड िे सनपटने के सिये िंयंत् स्थासपत करने और मशीने्िगाने की बात शुर् हो गयी. कागजो् पर यह िबकुछ हो भी गया िेसकन जमीनी हािात एकदम बुरे है.् कई जगह फ्िोराइड मुक्त पानी उपिल्ध कराने के सिये िगायी गयी टंसकयो्के ढांचे खड्ेहै्जबसक शेर मशीनरी नदारद है. बड्े बड्े िरकारी दावो् के तज्णपर इन गांवो्मे्िमस्या िे सनपटने के सिये िौर ऊज्ाण िे चिने वािे उपकरर भी िगाये गये िेसकन क्या ये काम कर रहे है्. हमने तीन िंयंत्ो्को अपनी आंखो्िे देखा सजनमे्िे एक भी काम नही् कर रहा था. समयाटी गांव के स्कूि फसिया मे् एक िौर ऊज्ाण चासित फ्िोराइड सरमूवि िंयंत् िगा हुआ है िेसकन वह पूरी तरह नाकाम हो चुका है. उिकी देखरेख करने वािे दीवार भाबर कहते है् सक यह िंयंत्महज कुछ महीने चिने के बाद ठप हो गया. समयाटी के िरपंच कािू भाबर भी घुमासफराकर इि बात को स्वीकार करते है् िीधे-िीधे नही्. समयाटी मे्माध्यसमक सवद््ािय के सशक््क सदनेश निगया बताते है् सक इि स्कूि िमेत तमाम स्कूिो् मे् बहुत बड्े पैमाने पर िरकार ने आयरन सफल्टर िगवाये है्. हकीकत मे् यहां आयरन की कोई िमस्या ही नही् है. ऐिे मे् िरकार द््ारा आयरन सफल्टर िगवाया जाना यह बताता है सक िरकार जमीनी हकीकतो्िे सकि कदर दूर है. हकू् का कुंआ समयाटी गांव के आमिी फसिया मे्ब्सथत है. कुि 36 मीटर व्याि वािा यह कुंआ गांव की बहुत बड्ी आबादी के सिये स्वच्छ पेयजि का स््ोत बना हुआ है. यह कुंआ इि गांव तथा आिपाि के इिाको् के उन चुसनंदा स््ोतो् मे् िे है जहां पीने का िाफ पानी अभी भी समि पा रहा है. इि कुंए िे आमिी फसिया के अिावा पाि ब्सथत ओहारी फसिया, स्कूि फसिया तथा कुछ अन्य इिाको् मे् भी पीने का पानी जाता है. इिके अिावा एक टै्कर यानी तकरीबन 5,000 िीटर पानी हर रोज कुछ दूर ब्सथत तीखी र्ंडी फसिया मे् भी भेजा जाता है. बहरहाि, झाबुआ सजिे के केवि इन दो गांवो् की यात््ा ने हमे् बता सदया सक नेक इरादे और पेशेवर ईमानदारी की मदद िे फ्िोराइड जैिी िमस्या िे सनजात पाना कोई मुब्शकि काम नही् है. आवश्यकता है तो केवि दृढ् n इच्छाशब्कत की. (सरपोट्णइंसडया वाटर पोट्णि की फेिोसशप के तहत शोध काय्णके र्प मे्सिसखत.) शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 27
आधी मास्टदुनहेिया ड
हारमोन के असंिुलन से ग््स्, दाढ्ी-मूंछ वाली युविी हरनाम आज सौ्दय्षके मद्ाषना प््तिमानो् को िुनौिी दे रही है और दुल्हन की पोशाक मे्िस्वीरे्तखिवाकर दुतनया को ितकि तकये हुए है. गायि््ी आय्य
मर्ााना पैमाने पर सवाल
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ग्िै्ड के एक कस्बे मे्रहने वािी 23 िाि की हरनाम कौर दुसनया की पहिी ऐिी ‘मूंछ-दाढ्ी‘ वािी स््ी है जो इिी पहचान के िाथ फख््िे जी रही है. पुर्रो्की तरह मूछदाढ्ी उगने की िमस्या िे जूझने वािी हरनाम दुसनया मे् कोई अकिी या पहिी िड्की नही् है, िेसकन इि िमस्या को ही अपनी पहचान बनाने वािी सनःिंदेह वह पहिी िड्की है. आज हरनाम अपने जैिी िाखो् िड्सकयो् के सिए प््ेररा का स््ोत है्. सिर पर पगड्ी, आंखो् मे्काजि, मुह पर मूंछ-दाढ्ी, दोनो्हाथो्और कमर पर टैटू और आत्मसवशवाि िे भरा यह व्यब्कतत्व आज पूरे िंदन मे्अपनी अिग और पुख्ता पहचान बना चुका है. हरनाम पोिीकायब्सटक ओवरी सिंडोम िे पीसड्त है्, सजिके कारर शरीर मे्मेि हाम््ोन एंड्ोजन की मात््ा बढ्ने िे पूरे शरीर मे् बाि िुलूहन के रूप िेूहरनाि: नया पूूदतिान
की ग््ोथ बढ् जाती है. िाथ ही पीसरयड्ि की असनयसमत््ा के कारर कई बार इििे स््सयो् की प््जनन क््मता भी प््भासवत होती है. पूरी दुसनया मे् 13-40 िाि की 10 फीिदी िड्सकयां-स््सयां इि सिंड्ोम िे प््भासवत है्. मेट्ोपोसिि हेल्थ केयर के कराये गये एक िव््े मे् िामने आया सक भारत मे् िगभग 18 फीिदी स््सयां इि सिंड्ोम िे ग््सित है्. पुर्रोसचत िक््रो्के िाथ िड्की के र्प मे्पहचान बनाकर यहां तक पहुंचने का िफर हरनाम के सिए बेहद चुनौती-भरा रहा है. 11 िाि की उम्् मे् हरानाम के चेहरे पर बाि उगने शुर् हुए और तभी िे शुर् हुआ हरनाम
िोलह िाल की उम््तक अििाद और आत्महंता मनस्थिदत मे्रहने के बाद हरनाम ने इि स्थिदत को िकारात्मकता मे्बदलने का दनर्णय दलया. की अंतहीन कड्ी चुनौसतयो् का सििसििा. अपने चेहरे को िड्सकयो् की तरह सचकना और िाफ सदखाने के सिए हरनाम ने वैब्किंग, शेसवंग, ल्िीसचंग और थ््ेसडंग पर हजारो् पौ्ड खच्ण सकये. वे कहती है्, ‘खुद को सचकना 28 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
बनाये रखने के सिए सकये जाने वािे इन िारे उपायो् िे मेरी त्वचा जिने िगती थी... जैिे मेरी खाि उधेड्ी जा रही हो!’ पसरवार हरानाम के सिए काफी िहयोगी था िेसकन स्कूि मे् जाना उिके सिए बेहद चुनौती भरा था. वे बताती है् ‘स्कूि जाना मै् पिंद नही् करती थी और क्िािर्म मे् बैठने िे मुझे नफरत थी, क्यो्सक मै् जानती थी सक वहां िब मुझे सचढ्ाये्गे. मुझे अक्िर ‘शी-मैन‘ या ‘ही-वूमैन‘ जैिे शल्द िुनने को समिते थे.’ हरनाम अक्िर खुद को कमरे मे् बंद रखती थी, खुद को नुकिान पहुंचाने की तरीके खोजती रहती थी. प््कृसत ने जो सखिवाड् उिके िाथ सकया था उिके चिते स्कूि और िमाज के िोग बजाये उिके प््सत िहयोगी होने के, उिे धमकी देते थे और टाच्णर करते थे. इिी िबके चिते वह िमाज िे कटी और पूरी तरह अिग-थिग पड्गयी थी. वह इतनी ज्यादा सडप््ेि महिूि करती थी सक उिने कई बार आत्महत्या करने की भी िोची. िोिह िाि की उम््तक तनाव, अविाद और आत्महंता मनब्सथसत मे्रहने के बाद एक सदन हरनाम ने इि िारी नकारात्मकता को िकारात्मकता मे् बदिने का सनर्णय सिया. वे कहती है. ‘एक सदन मै्ने खुद िे बात करनी शुर्की. सजतनी ऊज्ाण तुम खुद को िताने और
हरनाि कौर: आतूिदवशूूास की कहानी खत्म करने मे् िगा रही हो, उतनी ऊज्ाण तुम खुद के जीवन को बदिने और बेहतर करने मे् िगाओ.’ सफर हरनाम ने सिख धम्ण की दीक््ा िेने का सनर्णय सिया, क्यो्सक सिख धम्ण बाि
काटने की नही्, बब्लक बाि बढ्ाने की िीख देता है. उि सदन पहिी बार हरनाम ने अपनी दाढ्ी को बढ्ाने का फैििा सकया. उनके अनुिार, ‘शुर्मे्मै्ने धास्मणक काररो्िे दाढ्ी बढ्ाई थी, िेसकन बाद मे्यह व्यब्कतगत कारर बन गया. इि दाढ्ी-मूछ के कारर मै् खुद को ज्यादा बहादुर और आत्मसवश््ािी स््ी महिूि करती हूं जो िमाज के बने-बनाये सनयम तोड्ने मे् नही् डरती!’ अब हरनाम अपनी मूछ-दाढ्ी के िाथ पूरी तरह िहज महिूि करती है. हाि ही मे्हरनाम उि िमय सफर िे चच्ाण का सवरय बनी जब एक वेसडंग फोटोग््ाफर िूसिया ने उिे ‘ि््ाइडि फोटो शूट‘ के सिए आमंस्तत सकया. दाढ्ी मे् रंग-सबंरंगे फूिो् को सपरोये और सिर पर िफेद फूिो्का ताज पहने, िफेद गाउन मे् िजी हरनाम जब पोज देती है् तो िोशि मीसडया मे्मूछ-दाढ्ी वािी दुिहन तहिका मचा देती है. फूिो्और िफेद गाउन मे् दुल्हन की तरह िजी हरनाम िुंदरता के सिए गढ्े गए िारे पैमानो् को, िारी उपमाओ् को एक सिरे िे ध्वि््करती है्! अिि मे् हरनाम स््ी िौ्दय्ण के नए प््सतमान गढ्ती है. वे न सिफ्क स््सयो् के सिए गढ्े गये िौ्दय्ण के पैमानो् के सवर्द् खड्ी है बब्लक करोड्ो्अरबो्का टन्णओवर करने वािी हेयर सरमूसवंग ि््ीम, ल्िीच और वैक्ि ि््ीम की कंपसनयो्को मुंह सचढा रही है. स््ी िौन्दय्णकी बुसनयादी शत््ो् मे् िे एक है सचकना सदखाई देना. दुसनया भर की हेयर सरमूसवंग ि््ीम, वेक्ि और ल्िीच ि््ीम का बाजार आज सिफ्क इिी
बुसनयाद पर फि-फूि रहा है सक िारी दुसनया की िड्सकयो्-स््सयो् को सचकनी चमड्ी की ित िग गई है. वे नही्िोच िकती या िोचना चाहती सक प््कृसत की दी हुई इि चीज को ऐिे ही क्यो्नही स्वीकार सकया जाये? आधुसनक िोच का डंका बजाने वािी और उिी तरह िे जीने वािी तमाम िड्सकयां भी िमाज द््ारा िड्सकयो्के सिए गढ्ेगए िौन्दय्ण के पैमानो्को चुनौती नही्दे रही है्. रंग, कद, शेप, सफगर, के जो भी परंपरागत और िसदयो् पुराने िामंती पैमाने है्, तमाम आधुसनक िड्सकयां उिमे् सफट होने की होड् मे् है् हर पि. गोरा रंग, मीसडयम हाइट, जीरो सफगर, 36-24-36 की शेप, और सचकनी त्वचा आज तमाम आधुसनक िड्सकयो्का िुंदर िपना है! स््ी िौन्दय्ण के मद्ाणना पैमानो् की ताि पर आधुसनकाएं मदहोशी िे सथरक रही है्! िेसकन हरनाम डंके की चोट पर उि मदहोशी को तोड्ने के प््सतबद््है. हरनाम के चेहरे की बढ्ती मूछ-दाढ्ी का एक-एक बाि स््ी िौ्दय्ण के पैमानो् की चैड्ी छाती पर मूंग दि रहा है! वह न सिफ्क हारमोनि अिंतुिन िे पीसड्त िड्सकयो् के सिए एक आदश्णहै, बब्लक िौन्दय्णके सिए हर िमय अपनी त्वचा को जगह-जगह िे सछिवाकर सचकना बनाने वािी िड्सकयो्स््सयो् के सिए भी एक शानदार उदाहरर है. हरनाम जो है जैिा है, उिे वैिे ही खुशी और स्वासभमान िे स्वीकार करने की िीख देती है. िौ्दय्ण के सचकने िेसकन िू्र पैमाने पर उग आये एक-एक बाि कुछ कहता है. n
शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 29
तवज््ापन अंतकता जैन
सद
ल्िी िे 128 सकिोमीटर दूर नेशनि हाइवे 24 के दोनो् हाइवे िे हर रोज िायं-िाएं करके गुजरने वािी गास्डयो्के िाथ यहां कई िोगो् के िपने सदल्िी तक का राि््ा तय करते है,् पर अिि मे्आते-जाते सकतने है,् कौन जाने. छोटे शहरो् िे महानगरो् की ओर पिायन ने भिे ही छोटे शहरो् और गांवो् की आबादी छीनने की कोिशश की हो. िेसकन इन्ही् छोटे शहरो् मे् बिने वािा िुकून, िुरक््ा और यहंा की समट््ी की कुछ रवायते् कभी इन्हे् छोड्कर महानगर नही् गयी्, शहर मे् नौकरी करने वािे बच््ो् के वो मां-बाप जो अपनी जमीन, अपना गांव छोड्कर एक अनजान शहर का सहस्िा नही् बनना चाहते, वो भी तो इन छोटे-छोटे गांवो्की रवायतो्मे्िे एक ही है्. रशीद के अम्मी-अल्बू भी कई िािो् िे जाेया मे्अकेिे ही रह रहे थे. यूं तो उनके पांच बच््े थे, िेसकन चार बेसटयो् को उन्हो्ने ल्याह कर पराया कर सदया और इकिौते बेटे की शहर वािी नौकरी ने उन्हे् उििे पराया करा सदया. ऐिा नही्था सक रशीद ने अम्मी-अल्बू को शहर िे जाने की या अपने िाथ रखने की कोसशश न की हो, िेिकन अपना गांव, घर और बरिो्की वहां बिी यादो्, दोि््ो् को छोड्कर कौन बूढ्ा शहर की खामोश गुमनाश सजंदगी का िहस्िा बनना चाहेगा. बि इिसिए वो राजी-खुशी जोया मे्ही रह रहे थे. रशीद को भी जोया बहुत पिंद था, िेसकन इि बार उिका जोया आने का कारर दूिरा था, पत्नी के देहांत के एक िाि बाद रशीद इनारा को िेकर जोया आ गया और चाहता था सक वो अब यही्रहे उिके दादा-दादी के पाि, िेिकन इनारा तैयार नही् थी, दोनो् बाप-बेटी एक दूिरे को कनवे्ि करने की पूरी कोसशश कर रहे थे, ‘इनारा, बेटा, तुमह् े्हर िाि यहां वेकेशन मे् जोया आना सकतना अच्छा िगता था, तुम जो यहां आने का वेकेशन शुर् होते ही कहने िगती थी्.’ रशीद ने कहा. ‘अल्बा, वेकेशन की बात अिग है, और हमेशा के सिए यहां रहना अिग,’ इनारा ने सफर वही् बात कही जो वो काफी देर िे रिीद को िमझा रही थी, ‘यहां मेरी पढ्ाई, मेरी आट्णएंड ि््ाफ्ट की क्िािेि िब बंद हो जायेगा.’ इनारा ने अपनी बात कही, उिे डर था सक यहां रही तो दादी अयाना फुपप् ी की तरह दो िाि बाद उिकी भी शादी करवा दे्गी. उिकी बात िुनकर इि बार दादाजी बोिे, ‘बेटा भिे सकिी वजह िे तुम्हारी फुप्पी िोग स्कूि नही्जा पायी हो्, िेसकन तुम अमरोहा के
30 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
इनारा
कान्वेट स्कूि मे्ही पढ्ोगी’ दादाजी के कहने के बाद भी इनारा का डर जि का ति था. रशीद सफर बोिा, ‘बेटा एक िाि हम िोगो्ने तुमह् ारी अम्मी के सबना सदल्िी मे्रहकर देखा ना, सकतनी परेशानी हुई, मुझे आॅसफि मे् भी बि तुम्हारी सचंता िगी रहती थी, और दादाजी ने कहा ना तुम पढ्ाई की सचंता क्यो्कर रही हो, इतना गूगि करती हो, कभी अपने गांव को गूगि सकया, यहां एजुकेशन एवरेज 85 परिे्ट है, जो नेशनि एजुकेशन एवरेज िे भी ज्यादा है और िड्सकयो्का 82 परिे्ट.’ ‘और मेरी आट्ण एंड ि््ाफ्ट की क्िािेि, वो तो मेजर है, मै्ने सकतना कुछ िोचा है अपने फ्यूचर के सिए उिके बेि पर’ रशीद ने िमझाया तो इनारा ने दूिरी परेशानी बताई. इनारा का र्झान बचपन िे ही आट्णएंड ि््ाफ्ट मे्था, उिे कुछ भी कभी िीधा नही्सदखता था बब्लक ‘हर चीज िे कुछ मे् था, उिे कुछ भी कभी िीधा नही्सदखता था बब्लक’ हर चीज िे कुछ ि््ाफ्ट मटेसरयि तैयार सकया जा िकता है, ये सिफ्कउिका तसकया किाम नही्था, बब्लक वो करती भी थी, केिे के पत््े िे ग््ीसटंग काड्ण बनाना, थम््ोकोि िे बारीक कसटंग करके िंगमरमर िे सदखने वािे घर, वॉि है्सगंग, राखी को सडजाइनर थासियां, जूट का िमान, 15 िाि की छोटी िी उम््मे्इनारा इन िबके सिए अल्बा-अम्मी के फे्ड िक्कि मे्भी फेमि
हो गयी थी, कोई भी त्योहार हो, या कोई भी फंक्शन, कुछ सडफरे्ट करने के सिए िोग इनारा िे आइसडया जर्र मांगते थे. ‘उिका भी कुछ न कुछ बंदोबि्् हो जायेगा बेटा,’ दादी ने कहा, पर इनारा चुप रही. उिे न दादी पर यकीन हो रहा था, न अपने अल्बा पर, रशीद भी क्या करता, उिकी सफि्् भी अपनी जगह जायज थी. बड्ी-बड्ी इमारतो् की सबजी िाइफ मे् जहां दरवाजा खोिकर पड्ोिी की खोज-खबर िेने वािे इक््ा-दुक्ा ही िोग समिते है् वहां वो अपनी बच््ो् को अकेिे नही् छोड्ना चाहता था. इिसिए उिने िोच सिया सक इनारा अब जोया मे् ही रहेगी, और अपने अल्बा के िामने इनारा को, बुझे मन िे पैर पटकने की िाख कोसशशो् के बाद भी जोया मे्ही रहना पड्ा. रशीद की सजद िे इनारा रह तो गयी िेसकन अब मुस्शकि इनारा की नही् दादी की थी, अपना स्कूि, अपने दोि््, और खािकर अपनी आट्ण एंड ि््ाफ्ट स्पेशि क्िािेि छूटने के बाद अब इनारा न पहिे जैिे मुस्कुराती थी, न चहकती ही. उिे तो हर पि यही िगता सक काश अम्मी होती तो यहां नही् रहना पड्ता. जोया मे् उिकी िाइफ अब वेस्ट है, यहां रहकर तो उिे अपना आट्ण एंड ि््ाफ्ट का एक स्पश े ि ऑनिाइन माक्ट्े बनानेका िपना छोड् ही देना चासहए, यहां न वो दोि््है्सजनके िाथ
समिकर उिकी प्िासनंग चि रही थी, न वो िाधन और िुसवधाएं. छोटी जगह मे् रहने की वजह िे अब वो कभी अपने उन िपनो्को पूरा नही्कर पायेगी जो उिने देखे थे. ‘इनारा, बेटा रब्शम आयी है. तुझे छस्डयां मे् जाने बुिाने आयी है.’ कमरे की सखड्की मे् बैठकर बाहर झांकती इनारा के िर पर हाथ फेतरे हुए दादी ने कहा.
‘मेरा मन है दादी, उिे बोि दो मै्िो रही हूं’ इनारा सखड्की िे दूर सदखती िड्क पर भागती गास्डयो्िे नजरे्हटाये सबना ही कहा. ‘चिी जा ना सबसटया, थोड्ा मन बहि जायेगा’ दादी ने सफर पुचकारा. ‘नही्’ इनारा ने वैिे ही सबना दादी की तरफ देखे जवाब सदया. ‘हर िाि तो फोन पर कहती थी दादी छस्डयां के मेिे मे् जाना है, िेसकन कभी तेरे इम्तेहान तो कभी तेरी कोई क्िाि की वजह िे आ नही् पाती थी. अब जब मौका समिा है तो जाती नही्.’ दादी ने कहा, सफर इनारा के बािो् को िहिाती हुई बोिी्‘तुझे पता हे ये छस्डयां के बारे मे्सकस्िा है सक बहुत िाि पहिे आिपाि के गांव के िोग अपने-अपने गांव के अिग-अिग रंग के झंडे िाते है्, फिि कटते ही थोड्ा िुि्ाने, मौज मि््ी मनाने, खाने पकाने, एक डंडे मे् अपने गांव का झंडा फंिा िेते सजििे उनकी पहचान होती. बि इिसिए इिका नाम छस्डयां पड्गया और ये सिफ्कजोया मे्नही्िगता, आि-पाि के गांवो्मे्भी िगता है, हां जोया वािा िबिे चढ्ा हाेता है, जाके आ बेटा, तेरे आट्ण एंड ि््ाफ्ट की भी बहुत चीजे् समिे्गी इिमे्.’ इतना कहकर दादी चिी गयी. वे जानती थी आसखरी बात जो उन्हो्ने बोिी उििे कुछ चांिेि है् सक इनारा छस्डयां देखने चिी जाये. दादी तो िे दे कर बि इतना चाहती थी्सक कैिे भी हो इनारा वहां खुश रहे. पहिे की तरह हंिे बोिे, िहेसियां बनाये, घूमे सफरे. ‘वो नही्जायेगी, तुम िोग जाओ’ दादी ने नीचे आकर रब्शम िे कहा. रब्शम इनारा के नये स्कूि मे्उिके िाथ पढ्ती थी.
‘मै् चि रही हूं’ रब्शम वापि जाती उििे पहिे ही इनारा तैयार होकर नीचे आ गयी. दादी मुस्कुरा दी, उन्हे्यकीन था सक जोया मे् इनारा का मन िगाने की छस्डयां का मेिा अच्छी शुर्आत है, क्यो्सक मेिे मे् आट्ण एंड ि््ाफ्ट पिंद करने वािी इनारा के सिए बहुत कुछ था. पाि के गांव मे् बनने वािी िुप्सिद्् ढोिके्, िेसकन है्डीि््ाफ्ट के सखिौने, इनारा सखिौनो् की दुकान िे आगे बढ्ी तो उिकी नजर बांि की बुनी खूबिूरत रंग-सबरंगी डसियो् पर गयी, उिने दाम पूछने के सिए िर उठाया तो देखा बेचने वािी उिकी क्िाि की िईदा है. ‘तुमने कभी बताया नही् सक तुम इतनी िुंदर कारीगरी भी करती हो’ इनारा ने िईदा िे कहा. ‘मेरी अम्मी अल्बू करते है्, मै्तो बि मेिे मे् उनकी मदद के सिए गयी हूं, वो घर गये है् अभी’ िईदा ने कहा. ‘ये काम तो वाकई कमाि का है, िेसकन तुम इतने िि््े दामो् मे् क्यो् बेच रही हो, मेट्ो सिटीज मे् इि तरह के काम को एक्िक्िूसिव कहकर सकतना महंगा बेचा जाता है पता है’ इनारा ने कहा. ‘यहां उतना महंगा कोई खरीदेगा नही्, एक वक्त था जब जोया की बुनी डसियां फेमि थी. िईदा ने कहा.’ ‘तो बाहर बेचो, तुम तो पढ्ी सिखी हो, इंटरनेट भी जानती हो. ऑनिाइन माके्ट यूज करो, तुम्हे् पता है, सदल्िी के एक बहुत ही फेमि काॅफी शॉप मे्इिी तरह की बुनाई िे पूरा इंटीसरयर हुआ है. और करने वािी यूपी के िोकि िोग थे, स्माि सबजनि स्टाट्ण करो, सहंदू शासदयो्मे्, और न जाने सकतने ही त्योहारो् मे् इि तरह की िुंदर बुनाई की छोटी-छोटी डसियो् का चिन है. हम इिमे् कुछ स््िएसटसवटी भी ऐड कर िके है्. ऑनिाइन बेचने मे्मै्तुमह् ारी मदद करंग् ी, मै्खुद भी बड्े होकर आट्णएंड ि््ाफ्ट मे्सबजनि ओपन करना चाहती हूं, अभी िे ही िही.’ ‘थै्क यू इनारा, अल्बू की बुनाई की तारीफ तो बहुत जगह है, सकिी ने उद््ोग बंधु िे मदद िेकर काम करने को भी कहा था, िेसकन ये ऑनिाइन वािी और आट्ण एंड ि््ाफ्ट वािी बात कुछ नयी िग रही है, मै् अल्बू िे जर्र बात करं्गी.’ शाम को इनारा घर पहुंची तो उिके हाथ मे् ढोिक, कुछ रंग सबरंगी करीने िे बुनी हुई डसिया और उिके होठो् पर चहक के िाथ दादी को िब कुछ बता देने की ििक को देख दादी मुस्कुरा दी्. ये शाम दादी और इनारा दोनो् के सिए वो खुशी ढूंढ िायी थी जो उन्हे्चासहए थी. (सूचना एवं जनसम्पक्क तविाग उत््ार प््देश ि््ारा प््कातशत) शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 31
तवज््ापन
र्हानी
हष्यलता
ब
रिात मौिम मे् िखनऊ के गोमती नगर िे एक बाराबंकी के सिए रवाना हो रही थी. कार मे्ड््ाइवर के अिावा तीन िोग और मौजूद थे. सवशाि वम्ाण, उनकी पत्नी िोनािी वम्ाण और उनकी तीन महीने की बेटी माही. कार की मंसजि थी बाराबंकी मे् देवां शरीफ यानी हाजी वासरि शाह की मजार. िोनािी आज अपने जीवन मे् दूिरी बार देवा शरीफ जा रही थी. बेटी माही को गादी मे् सिए कार िे बाहर की ओर ताकते हुए अपने पसत िे बोिी. ‘याद है सवशाि, सपछिी दफा आप मुझे जब पहिी बार देवा िे जा रहे थे तब मेरा मूड कैिा था?’ सवशाि ने हंिकर जवाब सदया ‘अरे, उि सदन को भूि िकता हूं भिा कभी? सकतना गुस्िा थी्तुम, सक हम मजार जाकर क्या करे्गे और ऐिा भी क्या है वहां? और आज देखो, आज अपनी िाडिी माही को खुद िे जाना चाहती हो!’ िोनािी जवाब मे्बि मुस्कुरा भर दी. और मन ही मन उि िूसफयाना कव्वािी मे्खो गयी सजिका अिर पूरे दो िाि बाद भी वो महिूि 32 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
कर िकती थी. अिि मे् सवशाि और िोनािी नोएडा मे् िाॅफ्वेयर इंजीसनयि्णथे. सवशाि िखनऊ िे था और िोनािी उदयपुर िे. दोनो् का दफ्तर मे् शुर्हुआ प्यार पांच िाि पहिे शादी मे्तल्दीि हो चुका था और माही उनकी पहिी िंतान थी. चूंसक सवशाि का बचपन और कॉिेज की पढ्ाई िखनऊ मे्ही हुई थी तो उिे आिपाि के खाि इिाको् की बस्ढयां जानकारी थी. शुर्आत मे् अपने दोि््ो् के िाथ मोटरिाइसकि मे् मजेमजे मे् देवां तक आनेकी जो रवायत शुर् हुई वो सवशाि की आदत मे् तल्दीि हो चिी थी. काम और नौकरो्के चिते अपने शहर िे बाहर रहने के बावजूद, जब भी सवशाि िखनऊ आता, देवां शरीफ जाना उिकी ‘टू-डू’ सिस्ट मे्जर्र रहता. और सपछिी दो बार िे तो ये वजह और भी जर्री हो चिी थी. सपछिी बार अपनी शादी के बाद िोनािी को िेकर गया था और आज अपनी बेटी माही को दश्णन के सिए िे जा रहा था. हल्की-हल्की बूंदा-बांदी के बीच, मक्खन िी िड्को्पर ये कार एकदम ियबद््िी आगे बढ्रही थी. माही िोनािी की गोद मे्िेटे-िेटे िो चुकी थी और िोनािी सवशाि के कंधे पर
िर सटकाये आंखे् मूंदे हुए इि िफर को पूरी तरह यादगार बना िेना चाहती थी. करीब घंटे भर बाद िफर अपनी मंसजि पर पहंुच कर थम चुका था. कार को मजार िे कुछ दूरी पर बनी पास्कगि् मे्खड्ी कर अब ये पसरवार कार पास्कि्ग िे मजार की मुख्य इमारत की ओर बढ्रहा था. ये दूरी, िगभग आधा सकिोमीटर की ही रही होगी और राि््ेके दोनो्तरफ कांच और समट््ी के सखिौने, चूस्डयां, इत््, मजार के सिए चादर, रेवस्डयां और जाने सकतनी चीजे्िे दुकाने िदी पड्ी थी्, एकदम यूपी-स्टाइि के हाट बाजार मे्. सवशाि को पूरी उम्मीद थी सक उिकी पत्नी िोनािी सपछिी बार की तरह आज भी इन दुकानो्िे खरीदारी मे्मगन हो जायेगी. िेसकन िोनािी तो एकदम तेज-तेज कदमो् िे मजार की ओर बढ्रही थी. बब्लक अपनी तेज रफ्तार मे् पीछे आते सवशाि की ओर मुड्कर बोिी, ‘फटाफट आओ न. मुझे कव्वािी नही् समि करनी है.’ सवशाि भी इत््, रेवड्ी और चादर िेकर फटाफट मजार तक जा पहुंचा. वाकई, तीनो् एकदम िही वक्त पर पहुच ं े थे. मजार की मुखय् इमारत के आगन मे् ही बैठे कव्वाि अपने पूरे जोश मे्थे. ये तीनो्अभी मजार की िीस्ढयो्पर
जाकर बैठे ही थे सक एक ऐिी आवाज मे् कव्वािी की तान सछड्ी, जैिे िीधे र्ह तक जा पहुंची हो्. िोनािी ने उि आवाज िे जुड्ेचेहरे को तिाशा तो िमझ आया, कव्वािो्की टोिी मे् ये र्हानी आवाज एक आठ-नौ िाि के बच््ेकी थी. ‘िांिो्की मािा मे्सिमरं्मै्... तेरा नाम’ ये किाम िुनकर िोनािी ने बच््े के करीब जाकर जब उिे बताया सक वो बेहद खूबिूरत गाता है तो बच््ेथे िाथ बैठे कव्वाि का जवाब िुनकर वो िन्न रह गयी. ‘दीदी, िब ऊपरवािे की मेहर है. इिकी नजरो् की कमी उिने ये जादुई आवाज देकर पूरी की है. ये सजिकी आवाज आपको खी्च िाई है न, ये बच््ा बचपन िे देख नही्िकता है.’ ये बात िुनकर िोनािी की तो जैिे आवाज ही सछन गयी. जैिे अभी-अभी अपने कानो्िुनी बात को झुठिा देना चाहती थी. बड्ी ही सहम्मत बटोर कर उिने बच््े िे उिका नाम जानना चाहता, ‘क्या नाम है बेटे तुम्हारा?’ ‘जी इमरान!’ बच््े ने िोसनया को जवाब सदया. ‘क्या करते हो तुम? स्कूि जाते हो सक नही्?’ िोसनया ने तो बच््े के िामने जैिे एकदम िवािो्की झड्ी िी िगा दी थी. इमरान ने बड्ी ही धीमी आवाज मे् िोनािी िे कहा, ‘नही् दीदी, स्कूि नही् जाते है्, कैिे जाते, देख नही्िकते है्न! वैिे पढ्ने सिखन का मन तो था. हां, ये जर्र है सक अम्मी गाना गाने देती है्. और ये जो उि््ाद जी है्न, ये हमको गाना सिखाते है.् अब तो हम बड्े होकर और भी अच्छा गाना चाहते है्.’
इधर िोसनया इमरान के िाथ बातो्मे्क्या िगी सक मजार के दश्णन के सिए आगे बढ्ना ही भूि िा गयी. अभी िीस्ढयो्मे्ही बैठी थी सक तभी सवशाि की आवाज िे िोसनया का ध्यान इमरान िे हट ‘अरे िोसनया, कहां रह गयी? अब आओ न फटाफट! माही को िेकर अंदर भी जाना है सक नही्?’ सवशाि, िोसनया और माही मजार के अंदर जा चुके थे. और अंदर अगरबत््ी जिाते वक्त भी िोसनया के कानो्मे्इमरान की आवाज गंूज रही थी, जो अब कह रही थी, ‘अिी दा पहिा नंबर, दमा दम मि्् किंदर.’ आैर सफर िोसनया, सवशाि और माही देवां के दश्णन कर िखनऊ िौट चुके थे. िेसकन इि बार के िौटने मे्हर बार की तरह का िुकनू नही् था. जैिे िौट तो आये थे मगर अपना चैन वही् गवां आये थे. देर रात, माही को िुिाने के बाद सबि््र पर करवट बदिते हुए िोसनया ने सवशाि िे कहा. ‘सकतना अच्छा गाता है वो बच््ा. क्या आपको भी वही िग रहा है जो मुझे महिूि हो रहा है? पता नही् ऊपरवािा भी कैिे फैििे करता है कभी-कभी. आवाज इतनी र्हानी और आंखे्ऐिी वीरान.’ सवशाि भी िोच मे्डूबा हुआ था. बच््ेकी आवाज के जादू िे वो भी कहां अछूता रह पाया था. और ये बच््ा तो वैिे भी कुछ खाि ही था क्यो्सक ये सवशाि को देवां मे्जो समिा था. यूं तो एकमुश्त रकम देकर इमरान की हाि-सफिहाि मदद की जा िकती थी पर उिका सदि आैर सदमाग कुछ ऐिा तिाश रहा था जो इमरान को उम्् भर के सिए िक््म बना
िके, जो उिका हुनर उभार िके. और जैिा सक कहते है्न, जहां चाह होती है, वही्राह भी समि जाती है. अगिे दो सदन मे् सवशाि और िोसनया ने समिकर राज्य की कुछ िरकारी िंस्थाओ् और दृस्षहीन िोगो् को दी जाने वािी िुसवधाओ्के बारे मे्पता कर सिया था और चार सदन बाद, मन मे् उम्मीद सिए सवशाि और िोसनया एक बार सफर बाराबंकी की ओर चि पड्ेथे. इि बार तो िोसनया जैिे पंख िगाकर देवा पहुंच जाना चाहती थी. जैिे ही गाड्ी पास्कि्ग मे् र्की, िोसनया ने सवशाि के िाथ मजार का र्ख सकया और ठीक चार रोज बाद आज एक बार सफर िोसनया और सवशाि, उि र्हानी आवाज के धनी इमरान और उिके उि््ाद जी के िाथ बैठे थे. इमरान ने भी िोसनया और सवशाि की आवाज पहचानने मे् कोई चूक नही् की और उनकी ओर मुखासतब होकर कहा, ‘देखा दीदी, इि मजार मे्जो एक बार आ जाये, वो बि यूं ही िौटा चिा आता है.’ िोसनया की आंखे्इमरान की िादगी िे नम थी. िच, सकतना बड्ा सदि चासहए न, इतनी बड्ी तकिीफ मे् भी अपने िहजे िे सशकायत दूर रखने के सिए. अपनी भावनाओ्पर काबू पाते हुए, बड्ेही िंयम के िाथ िोसनया ने इमरान के िर पर हाथ फेरते हुए कहा, ‘अरे अब तुम गाओगे ही ऐिा बस्ढया, तो यहां तो आना ही पड्ेगा न? पता है सपछिी बार तुम्हारी आवाज अपने मोबाइि मे् सरकॉड्ण कर िी थी मै्ने. और तुम्हारी इि आवाज के जसरये िंगीत मे्ट््ेसनंग का इंतजाम हो गया है. और हां, अम्मी को ये भी बताना है सक इि िब मे्िरकार की ओर िे भी पूरी मदद समिेगी तुमको! तो अब बोिो, क्या कहते हो? िीखोगे न? और आगे बढ्ोगे न?’ और इन िब बातो् की अहसमयत िे अनजान इमरान कुछ कहता, इििे पहिे उिके उि््ाद बोि पड्े ‘बहुत-बहुत शुसि््या िाहब. ये शायद इि बच््ेकी र्हानी आवाज का जादू ही था सक आपने एक ही मुिाकात मे् वो कर सदया जो हम बहुत अरिे िे चाह रहे थे. आज वासरि शाह जी की मेहर िे हमे् इमरान की मंसजि का राि््ा समि गया है. बि, अब आप देसखएगा ये बच््ा खूब मेहनत करेगा और अपने फन िे खूब कामयाब होगा. अपना, अपनी अम्मी और िबिे ज्यादा ‘आपका’ नाम रोशन करेगा?’ और सफर एक बार वासरि शाह की महार पर चादर चढ्ाकर, िोसनया और सवशाि देवां िे िौट चिे, इमरान की तरक््ी की दुआ के िाथ. (सूचना एवं जनसम्पक्क तविाग उत््ार प््देश ि््ारा प््कातशत) शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 33
संस्कृनत
देशज का दमख़म
िेशज सिारोह िेूएक लोक नाटूूपूूसूुदत: सांसूकृदतक ऊजूाथ की अदभवूयटूकत
हमारे संगीि, नृतय् और रंगकम्ष के देशज कला-र्पो् मे्ऐसी अनोखी ऊज्ाष तदखाई देिी है जो शहरी कला-र्पाे्मे्नही्तमलिी. तछटपुट ढंग से होने वाले आयोजनो्मे्लोक संसक ् तृ ि की अनोखी परंपरा जब-िब प्क ् ट हो जािी है. रवी्द् तमश््
भा
रत की िांस्कृसतक परंपरा इतनी सवपुि और िमृद् रही है सक बि उिे परंपरा शल्द मे्िमेटा नही्जा िकता. हमारी परंपराओ् मे् कई ऐिी परंपराये् है्. जो औपचासरक किा सवधानो्और प््ि्ुसत के दायरे के बाहर है्. िच तो यह है सक सजिे हम भारत की िमृद् िांस्कृसतक सवराित मानते है्. उिकी कुंजी दरखता इन अनदेखी-अछूती परंपराओ् और शैसियो् मे् ही समिती है. बीते सदनो् राष््ीय िंगीत नाटक अकादमी और िसित 34 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
नारायर समसथिा सवश््सवद््ािय दरभंगा के िहयोग िे आयोसजत िमारोह मे् यह बात खुिकर सदखी. सवश््सवद््ािय के पसरिर मे्तीन सदन तक देशज के नाम िे हुए इि आयोजन मे्भारत के िोक तत्वो्, भारतीय िोक शैसियो्, िंगीत, नृत्य और नाटक परंपरा को िमझने, उनके िंकटो और िंभवानाओ् को िमझने का एक बड्ा अविर समिा. भूमंडिीकरर के इि दौर मे् जब िंस्कृसत बाजार और कारोबार के कंधो् पर िवार होकर आ रही है. जो िारे देशज तत्वो् को नष््करने मे्तुिी है. तब हमारी िभ्यता मे् रची बिी हमारी िोक शैसियां ही इि िांस्कृसतक अश््मेध का वाि््सवक प््सतरोध करने मे्िफि रही है. क्यो्सक यह परंपरा सकिी बाजार या िरकारो् िे िंरस््कत या पोसरत नही् है. वह िाधारर िोगो् की स्मृसत मे् बिी है. उनके राग, सवराग, उल्िाि और शोक मे् असभव्यब्कतयां होती रही है्. इि देशज िमारोह मे्ऐिी कई अनगढ्असभव्यब्कतयां िामने आयी है्. जो इिके पहिे सकिी औपचासरक मंच पर प््ि्ुत करने मे्िंकोच करती रही है्. इिी मंच पर यह िंभव हुआ सक अस्िी िाि की वृद्ा ने अपने किाकार का दावा सकये सबना भी दो घंटे
तक एक ऐिी कहानी िे श््ोताओ्को बांधे रखा जो उिे उिकी िोक स्मृसत ने दी है. एक नीसत के तहत िंगीत नाटक अकादमी देशज तत्वो्मे् िंगीत नृत्य और नाटक िोक शैसियो् की पारंपसरक सवराित को िमझने और परखने के सिए युवा पीढ्ी मे् अिख जगा रही है. राष््ीय ि््र पर इिके प््सत चेतना जगाना भी अकादमी का मकिद है. भारतीय िासहत्य मे् भब्कत परंपरा के ि््ंभ सवद््ापसत के मध्यकािीन मैसथिी काव्यो् मे् वैष्रव और शैव भब्कत के िेतु परंपरा के दश्णन होते है.् समसथिाचंि के िोक जीवन मे्सवद््ापसत की श््ृंगार भब्कत रि मे् रची बिी रचनाओ् मे् पदाविी और कीस्ति ण ता है. रचनात्मक ऊज्ाण को शल्दो्मे्ढािने मे्सवद््ापसत के िामथ्य्णकी जो बानगी सदखती है. वह अपने मे् अद््त है. सवद््ापसत की पदाविी और उनकी कुछ काव्य रचनाओ्को िंगीतबद््करके मधुबनी के राधा मोहन समश््और उनके िहयोसगयो्ने िमूह गान मे्िरि िोकधुन मे्प््ि्ुत सकया. ििहेि उत््र सबहार के समसथिा क्े्त् का प््मुख िामासजक उत्िव है. इिका आयोजन दसित वग्,ण दुिाध जासत के िोग ही करते है.् पर इिमे् िभी वग्ण के िोग भी शासमि होते है्.
िसदयो् िे जासतगत आधार पर बटे िमाज को ििहेि उत्िव की भूसमका एक-दूिरे को जोड्ने मे् बहुत कारगर रही है. पांचवी-छठी शताल्दी के मसहिौधा राज्य के प््तापी राजा ििहेि उपेस्कत वग्णके िंरक््क के र्प मे्जाने जाते है्. समसथिा िमाज मे्िोक देवता के र्प मे्पूजे जाते है.् मान्यता है सक ििहेि जीव-जंतु के भी रक््क थे. आज भी सकिान और पशु पािक वग्ण अपने पशुओ् की रक््ा के सिए ििहेि िे मन्नत मांगते है. समसथिा सचत््किा मे्ििहेि की मूस्तण रचना सवशेर है. ििहेि की कथा और उनिे जुड्ी मान्यताओ् को मधुबनी के यदुवीर यादव और उनके दि की िोक नाट्् मे् प््ि्ुसत दश्णनीय और रोचक थी. मैथिी िोक गाथा मे् कार्ख महराय महत्वपूर्ण गायन शैिी के र्प मे् सवख्यात है. इिमे्ग््ामीर और शोसरत िोगो्के िुख-दुख, उनके उदात्् सवचार और अदम्य िाहि की प््भावी असभव्यब्कत है. इि गाथा का गायन खाितौर पर दुिाध जासतयो् मे् होता है. गायन के जसरये इि गाथा को बाबू बरही के िक्म् ी पािवान और उनके िहयोसगयो्ने प्ि ् त्ु सकया. मनपुर गांव के महे्द् कुमार और उनके दि ने नारदी भब्कतपरक नृत्य गान को प््ि्ुत करने मे् पुरानी िोकभब्कत परंपरा को उजागर
सकया. इिमे्राधा-कृषर ् का राि गीत, सवद््ापसत रसचत राि पद और पाव्णती िे जुड्े प््िंग गाये जाते है्. उिकी रिभाव मे् प््ि्ुसत मनमोहक थी. महेशवारी नचारी मे् समसथिा के िोकजीवन के धास्मणक गीतो् की गुर् श््ी हसर उनके िहयोगी गायको् की मनोरम गायन प््ि्ुसत भब्कतभाव को जगाने वािी थी. समसथिा के दाम्पत्य जीवन मे् मधुश्ावरी त्यौहार महत्वपूर्ण है. मान्यता है सक श््ावर शुक्ि का जो त्यौहार मनाया जाता है. उि सदन नव सववासहताओ्को अब्गन परीक््ा देनी पड्ती है. इि कथा प््िंग को मधुवनी की मसहिा मंडिी ने डूबकर तन्मयता िे गायन मे् प््ि्ुत सकया. असहराई िाठी का िंबंध असहर (यादव) जासत िे है. इि प््चसित परंपरा मे् बघेिखंड मे् असहराई, बुंदेिखंड मे् राई और छत््ीिगढ् का गसहरा नृत्य है. इिमे् युद् कथानक और प््ेमप््िंग भरपूर है्. इिे मध्यप््देश की इंद्ावती नाट््ने पारंपसरक असहराई को आकर्णक ढंग िे प््ि्ुत सकया. सववाह के अविर पर अनुष्ासनक नृत्य नाट्् डोमकच पुराने जमाने िे और आजतक काफी िोकस््पय है. िड्के की बारात जाने पर उि रात घर की और आिपाि की स््सयां असभनय, िंवाद गीत नृत्य के बीच हंिीएक आदिवासी नृतूय:आदिि ऊजूाथ
सठठोिी के िाथ पूरी रात इिे प््दस्शणत करती है्. इिे मंिसगया फाउंडेशन के िोक किाकारो्ने आत्मसवभोर होकर िरिता िे प््ि्ुत सकया. सबहूिा सवरहारी गायन मे् एक िती नारी की कथा को दश्ाणया जाता है. मान्यता है सक सशव की जटा टूटने िे सवरहारी का जन्म हुआ था. सकंवदत््ी है मृतय् ु िोक मे्मनिा सवर सबहारी की पूजा होने िगी और बहुिा का यश गान होने िगा. कथा का िार गायन नृत्य और िवांद मे् का जीवतंता और िरिता िे िामने आया. जाट-जटनी समसथिा का अनूठा िोक नाट्् है. आराढ्, िावन, भादो् के मसहने की चांदनी रात मे्वर्ाण के आवान्न के सिए इिका प््दश्णन सकया जाता है. मधुबनी की फूिन देवी और उनके दि ने गांव के बाहर इिे पहिी बार
पूरी रात िीर रि मे्आल्हा गायन मे्ऊदल की कहानी की प््स्ुदत की जो रोमांचक पुरानी परंपरा की िह गांिो्मे्अब लुप्त िी हो रही है. िाव्णजसनक मंच पर प््ि्ुत सकया. दो सहस्िो्मे् बटी्मसहिाओ्की टोिी मे्एक-दूिरे के िाथ कटाक्् करना और दोनो् का अपने को बेहतर िासबत करने मे्जो एक िंबा िंवाद चिता है. उिमे् गजब की िोकानुभूसत है. आल्हा गायन मे्ऊदि की कहानी की वीर रि मे्प््ि्ुसत की परंपरा काफी पुरानी है. इि पारंपसरक कथानक को आल्हा मे् युवा गासयका शीिू सिंह ने बड्ी ओजस्वता और वीर रि मे्असभनय और गायन मे् अपनी प््ि्ुसत िे श््ोताओ् को मंत्मुग्ध सकया. उत््र प््देश के बुंदेिखंड मे् गांवो् के चौपािो् मे् आल्हा गायन की िोकस््पय परंपरा िसदयो् पुरानी है. पूरी रात वीर रि मे् आल्हा गायन मे् ऊदि की कहानी की प््ि्ुसत की जो रोमांचक पुरानी परंपरा की वह गांवो् मे् अब िुप्त िी हो रही है. एक नीसत के तहत िोक किाओ्को पुनज््ीसवत िंरस््कत करने और इि िमृद्िोककिा की सवराित को आम िोगो्के िामने िाने मे् राष््ीय िंगीत नाटक अकादेमी नेजो शुरआ ् त की है उिमे्आल्हा गायन परंपरा को भी प््धानता दी गयी है, हािांसक आल्हा गाने मे्कुछ ही पुराने गायक बचे है.् नयी पीढ्ी मे्इि गायन के प््सत कोई र्सच या उत्िाह नही्है. यह आपवाद है सक बाईि िाि की शीिू सिंह आल्हा गाने मे्तेजी िे उभर रही है. खुिी ऊज्ाण भरी पुकार मे्वीररि आल्हा गायन पुरर् -प्ध ् ान रहा है, पर एक मसहिा गायक के र्प मे्शीिू सिहं की इि क्त्े ्मे्जो नयी दि्क ् है, वह बहुत प््भवशािी और दश्णनीय है. n शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 35
मास् सानहत् ट हेयड
तुम तो ऐसेन थे
कहानी
हतरयश राय
आ
प आइए जर्र िर, पापा आपको बहुत याद करते है. कई सदनो्िे आप उनिे समिे भी नही्.’ तर्र कपूर ने अपने बेटे के नामकरर िंसक ् ार का सनमंतर ् पत््देते हुए बहुत आग्ह् िे कहा. िुरश े प्ि ् ाद ने सनमंतर ् पत््को उिट-पिट कर देखा. बड्ा आकर्क ण सनमंतर ् पत््था. िुनहरे पीिे कागज पर िफेद अक्र् ो्िे छपा सनमंतर ् पत्् था. सनमंतर ् पत््की शुरआ ् त मे्गरेश के सचत््के िाथ वि्त् डुं महाकाय िूयक ण् ोसट िमप्भ् गरेश जी ि्स्ुत वािा श्िोक और उिके बाद मे्गायत््ी मंत्छपा था. गायत््ी मंत्के बाद सनमंतर ् की इबारत थी. िुरश े प्ि ् ाद ने सनमंतर ् पत््को उिट-पुिट कर देखा और सफर एक कोने मे्रख सदया. ‘बड्ा महंगा सनमंतर ् पत््छपवाया है.’ ‘कुछ खाि महंगा नही्है, िर आप आइए जर्र.’ तर्र कपूर ने कहा. ‘हां, मेरी भी बड्ी सदिी इच्छा है उनिे समिने की, िेसकन तुम तो जानते हो न, मुझे िोिर एनज््ी वािे प््ोजेकट् की सरपोट्ण फाइनि करके देनी है. आजकि उिी मे्िगा हू.ं आना हो नही्पायेगा’ िुरश े प्ि ् ाद ने कहा. ‘केवि दो-तीन घंटे की ही बात है. वहां आपको इंसट् ीट्ट्ू के और भी प््ोफेिर समिेग् .े आप आयेग् े्तो हमे्भी अच्छा िगेगा. ‘तर्र ने जोर देकर कहा. ‘नही्, वहां जाने िे मेरा बहुत िमय चिा जायेगा. मुझे अगिे हफ्त् े तक सरपोट्णदे देनी है.’ प्ो्फेिर िुरश े प्ि ् ाद ने प्स्तवाद सकया. वे इि तरह के कम्क ण ांडी-काय्ि ण म् ो्मे्सबल्कुि भी नही्जाना चाहते थे. बड्ा अटपटा िा िगता था उन्हे्ऐिी जगहो्पर जाकर. ‘नही्सबल्कुि देर नही्होगी. हवन घर के पाि ही क्िब हाउि मे्रखा है. उिके बाद क्िब हाउि के िॉन मे्ही िंच का इंतजाम है. दो बजे तक िब कुछ खत्म हो जायेगा. दो बजे के बाद क्िब सकिी और पाट््ी के नाम बुक है. इिसिए देर होने का कोई िवाि ही नही्पैदा होता. वैिे िुबह दि बजे हवन शुर्होगा, पर आप चाहे्तो थोड्ी देर िे आ जाये,् पर आये्जर्र. ‘तर्र ने िम्मान पूवक ण् कहा. उिका आग्ह् बरकरार था.
िुप सरसचत कथाकार और व्यंग्यकार. प््मुख कृसतयां: ‘अंसतम पड्ाव’, ‘नागफनी के जंगि मे्’, ‘पहाड्पर धूप’, ‘उधर भी िहर’. िूचना तकनीक और बैसकंग के सवरयो्पर भी कुछ पुि्के्प््कासशत.
36 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
िुरश े प्ि ् ाद तर्र की बात िुनकर चुप रह गये. एकाएक उनकी नजर तर्र की उंगसियो्पर पड्ी. देखा दो उंगसियो्मे्अंगसू ठयां थी्. उनमे्कुछ नीिे और केिरी रंग के पत्थर और मोती थे. उन्हे्याद नही्सक उन्हो्ने पहिे कभी तर्र के हाथो्मे्पत्थर-जस्डत अंगसू ठयां देखी हो्. थोड्ी हैरानी हुई. बोिे, ‘अरे तर्र, ये तुमह् ारे हाथ मे्क्या है?’ तर्र िमझ नही्िका सक वे क्या पूछ रहे है्उिने अपना हाथ आगे करते हुए हैरानी िे कहा,’ हाथ मे.्.. हाथ मे् तो कुछ भी नही् है. हाथ तो एकदम खािी है.’ ‘मेरा मतिब है हाथ मे्जो तुमने अंगसू ठयां पहन रखी है,् वह क्या है?’ उन्हो्ने तर्र के हाथो्की उंगसियो्की ओर इशारा करते हुए कहा. तर्र को िमझ मे्आ गया सक वे क्या पूछना चाह रहे है.् अपने हाथ की उंगसियो्को सदखाते हुए उिने कहा,’ ये अंगसू ठयां है. इनमे्नीिम और मोती िगे हुए है.् इि अंगठू ी मे्नीिम है और इिमे्मूगं ा.’ ‘पर तुम यह िब कब िे...’ उन्हो्ने हैरानी िे पूछा. ‘मै् तो इन िब को नही् मानता, पर अस्पतण ा ने बच््ेके जन्म के बाद पहना दी है.् कहने िगी सक बच््ेके जन्म के िाथ तुम पर भारी िंकट आ िकता है. उि भावी िंकट िे बचने के सिए उिने ये अंगसू ठयां पहना दी है.्’ उिने अंगसू ठयां पहनने का स्पष््ीकरर िा सदया. तर्र के स्वर मे्िकुचाहट थी. वे कुछ बोिे नही्. तर्र भी नही्बोिा. उनकी इच्छा हुई सक तर्र िे कहे्सक तुम िाइंसटस्ट होकर भी इन अंगसू ठयो्के चक्र् ो्मे्कैिे फंि गये, िेसकन कुछ बोिे नही्. कुछ पि तक वहां मौन छाया रहा. सफर तर्र ने उि मौन को तोड्ते हुए कहा. ‘आंटी आप इन्हे्कसहए न वहां आये्जर्र.’ ‘मै्तो पहिे ही कह चुकी हू.ं पर ये मानते नही्. आजकि सकिी जगह नही्जाते. बि अपनी सरपोट्णसिखने मे्िगे रहते है.’ मधुसिका ने कहा. ‘नही्, ऐिा नही्है. मै्कभी- कभी जाता हू,ं एक तो तुम जानते हो. मै् कम्क ण ांडो्िे बहुत दूर रहता हूं और दूिरा मेरे पाि सबल्कुि भी वक्त नही्
है. ‘उन्हो्ने तक्कसदया. ‘भिे ही दि समनट के सिए आये.् पर आये्जर्र,’ आपके आने िे हम िब को बहुत खुशी होगी, ‘तर्र ने उन्हे्मनाने की कोसशश की. ‘अच्छा देखता हू.ं ‘कहकर िुरश े प्ि ् ाद ने उि आमंतर ् को स्वीकार तो कर सिया. िेसकन मन ही मन ठान सिया था सक वह कतई जायेग् े नही्. दरअिि पचाि िाि की उम््हो चुकी थी िुरश े की. प्ि ् ाद. रंग गोरा, पके बाि और आंखो्पर मोटा, छोटा, चश्मा उनकी पहचान थी. शहर के नामी-सगरामी सरिच्णिंसथ् ान मे्िोिर एनज््ी पढ्ाया करते थे. तर्र उनका िबिे स््पय छात््था. िौर ऊज्ाण पर उिने उनके सनद्श ्े न मे्शोध सकया था. अपने शोध-काय्णके सििसििे मे्आये सदन उनके घर आता था. शुर-् शुर् मे्आता था, तो रोज कोई न कोई िवाि िेकर सक ‘िर ऐिा कैिे है? सक िर ऐिा कैिे है? इिी दौरान पता ही नही्चिा सक कब वह उनके पसरवार का सहस्िा बन गया. शोध काय्णपूरा होते ही शहर के स्पि े िेट् र मे्उिे नौकरी समि गयी थी. सफर चाहे उिकी बहन की शादी हो या उिके भाई की शादी हो, उिके पसरवार के हर िमारोह मे्िुरश े प्ि ् ाद की उपब्सथसत िाजमी होती थी. तर्र के सववाह मे्भी वे अपनी पत्नी मधुसिका के िाथ शासमि हुए थे. िुरश े प्ि ् ाद को भी तर्र के पसरवार मे्एक बुजगु ण्का िम्मान समिता था. सपछिे कुछ िमय िे उन्हो्ने ऐिे िमारोह मे्आना- जाना िगभग बंद िा कर सदया था. बहुत कम घर िे बाहर सनकिते. ज्यादातर िमय घर मे्ही सबताते. वह प््ोजेकट् पर सरपोट्णसिख रहे थे. इि सरपोट्णको वह जल्दी पूरा करना चाहते थे. इिसिए वे बहुत कम कही्जाते थे. कि तर्र ने अपने बेटे का नाम रखना था, सजिके सिए पूजा- पाठ और हवन करवाया जा रहा था. वह चाहता था सक िुरश े प्ि ् ाद अपने पसरवार िसहत इि पूजा-पाठ मे्शासमि हो्. तर्र कपूर के जाने के बाद उन्हो्ने अपनी पत्नी मधुसिका िे कहा,’ जमाना कहां िे कहां पहुच ं गया है और ये िोग अभी तक कम्क ण ांडो्िे बाहर नही्सनकि िके. ‘उन्हेानं े थोड्ा आवेश मे्आकर कहा. ‘पर िोग तो यही िब करते है् और खूब धम–धाम िे करते है्.’
मधुसिका ने कहा. ‘इिीसिए तो हमारा यह हाि है. अब बताओ काम करेग् े इक्कीिवी् िदी के स्पि े िेट् र मे.् माइि््ो िैक ् डं तक मे्ग्ह् ो्की चाि का अंदाजा िगा िेग् ,े िेसकन नामकरर करवायेग् े्ग्ह् ो्की दशा के अनुिार. पूजा-पाठ करेग् े तासक ये नक्त् ्इनका कुछ सबगाड्न दे,् हद हो गयी जासहिी की. रख दीसजए कोई नाम. इिके सिए पूजा-पाठ जैिे आंडबर क्यो्करना. अफिोि है मुझे तर्र जैिे िोग भी अंगसू ठयो्के चक्र् मे्फंि गये.’ ‘दरअिि िारा माहौि ऐिा बन गया है सक व्यब्कत चाहकर भी बाहर नही्सनकि िकता’. मधुसिका ने कहा. ‘नही्, ऐिा नही्है. व्यब्कत चाहे तो बहुत कुछ बदिा जा िकता है. पर िोग चाहते नही्है.्’ उन्हो्ने उदािी िे कहा. िोग चाहे्भी तो नही्बदि िकते आजकि सदन रात टेिीसवज्न यही िब सदखा रहा है. देखते हो न रोज नये- नये चैनि इिी को िेकर अपना धंधा कर रहे है.्’ उनकी पत्नी ने उनकी बात का िमथ्नण सकया. दरअिि िुरेश प््िाद को तर्र कपूर िे जबरदि्् सशकायत थी. सशकायत ही नही्, बब्लक अफिोि भी था. बहुत ज्यादा अफिोि सक तर्र सक िोच ऐिे कैिी बन गयी. कैिे उिने अपनी िारी िमझ को दरसकनार कर सदया. कैिे वह पंसडतो्और ज्योसतसरयो्के चक्र् मे्आ गया. आसखर उिकी इतनी पढ्ाई का क्या फायदा! क्या फायदा िौर ऊज्ाण मे्उिके शोध का सक वह अभी तक पंदह् वी शताल्दी के कम्क ण ांडो्िे मुकत् नही्हो िका. वैिे तो अंतसरक््मे्भेजने के सिए रॉकेट बनायेग् ,े ग्ह् ो्की गसत का सहिाब करके रॉकेट छोड्गे् े िेसकन बच््ेका नाम रखने के सिए ग्ह् ो्की दशा को देखगे् .े तर्र ही नही्, िंसथ् ान के कई िारे प््ोफेिर अब यही करने िगे थे. आए सदन सकिी न सकिी घर मे्कोई हवन हो रहा है. कोई पूजा–पाठ हो रहा है. पंसडतो्का आना-जाना कैप् ि मे्बहुत बढ्गया था. उन्हे्सचढ्हो गयी थी इि तरह के पाखंड िे. िेसकन अपनी पत्नी मधुसिका के जोर देने पर और तर्र के स्नहे के रहते वे इि शत्णपर जाने के सिए तैयार हो गये सक वहां दि समनट िे ज्यादा नही्र्कगे् .े अगिे सदन जब वे क्िब हाउि पहुंचे तो इतने िोगो् का जमावड्ा देखकर हैरान रह गये. वे तो घर के तीि-चािीि िोगो्की कल्पना करके आये थे, िेसकन यहां तो दो- ढाई िौ िे ज्यादा िोग सदखाई दे रहे थे गोया सकिी शादी का जश्न हो. वहां का नजारा देखकर उन्हे्कोफ्त िी होने िगी. बहुत बड्ी जगह थी. एक बहुत बड्ा गेट बनाया हुआ सजि पर िभी रासशयो् के सचन्न अंसकत थे. गेट के दोनो्ओर गरेश जी की प्स्तमा रखी थी. गेट के उपर फूिो्िे गायत््ी मंत्सिखा हुआ था. गेट के अंदर बहुत बड्ा िॉन था. िॉन मे्जगह-जगह गोिाकार मेज्और कुसि ् यण ा िगी हुई थी्. िान मे्िगे पेड्ो्को गुिाबी झािरो्और गुिाबी रंग के गुलबारो ् िे िजाया हुआ था. हरी घाि पर रेड काप्ट्े सबछाया हुआ था. चारो्तरफ यूसकसिप्टि के बड्-े बड्े पेड्थे सजनकी टहसनयां हवा िे सहि रही थी माहौि मे्ठंडक का एहिाि था. दस््कर भारत के इडिी-वड्ा िे िेकर गुजरात के ढोकिे और पंजाब के दही बड्ेतक नाश्ते का इंतजाम था. फिो्को एक अिग जगह िजाया गया था. खाने की तो बात ही सनरािी थी. न जाने सकतनी तरह की िब्लजयां और रोसटयां मौजूद थी्. समठाइयां अिग, वैज अिग, नॉन-वैज अिग. माइक पर पंसडतो्के मंत्ो्की आवाजे्गूज ं रही थी. क्िब के अंदर पूजा–पाठ और हवन हो रहा था. िुरश े प्ि ् ाद को देखते ही तर्र कपूर के सपता उनके पाि आ गये. िाठपैि ् ठ िाि की उम््रही होगी.रेशमी िफेद कुता्ण और िफेद पायजामा पहने. उन्हो्ने बहुत आत्मीयता िे उनका स्वागत सकया. ‘अच्छा सकया आप गये िर, मुझे तो िगा था सक आप नही्आयेग् .े तर्र बता रहा था सक आप बहुत व्यि््रहते है.्’ उन्हो्ने िम्मानपूवक ण् कहा. ‘अब आपने बुिाया था तो आना ही था.’ उन्हो्ने हंिते हुए कहा. ‘वो तो है िर, आपके सबना यह काम अधूरा िा रहता.’ उन्हो्ने उत्िाह शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 37
सानहत्य िे कहा. ‘तर्र कहां है?’ उन्हो्ने पूछा. ‘अंदर हवन करवा रहा है. बि खत्म होने वािा है. आइए, मै्आपको िे चिता हू.ं ‘कहकर तर्र कपूर के सपताजी उन्हे्क्िब के अंदर एक हॉि मे्िे गये. वहां उन्हो्ने देखा सक एक जगह हवन हो रहा है. पांच पंसडत एक िाथ हवन कुडं मे्आहुसत डाि रहे और िाथ-िाथ िंसक ् तृ के कुछ श्िोक भी बोि रहे थे. तर्र कपूर भी पीिी धोती पहने उि हवन मे्अपनी आहुसत दे रहा था. यज््का धुआं हॉि मे्िमा रहा था. बहुत िारे िोग हवन कुडं के आि पाि बैठे हुए थे. कुछ िोग मोबाइि िे अपनी और दूिरो्की फोटो िेने मे्मशगूि थे.फोटो िेकर एक दूिरे को सदखा भी रहे थे. उन्हो्ने िुना कोई कर रहा था सक इिे फेि बुक पर अपिोड कर दो. कुछ िोग मोबाइि िे हवन के काय्-ण किापो्का वीसडयो बनाने मे्तल्िीन थे, गोया यह देश के सिए बहुत बड्ी ऐसतहासिक घटना होने जा रही हो और यसद वे इि घटना का वीसडयो बनाना चूक गये तो अनथ्णहो जायेगा. वे कुछ देर वहां र्क.े कुछ देर बाद ही हवन के धुएं िे उनकी आंख मे् पानी आने िगा था. उन्हो्ने र्माि िे अपनी आंखो् को िाफ सकया और अपनी पत्नी मधुसिका िे कहा सक चसिए, बाहर चिकर बैठते है.् ‘हां, आप बाहर ही चिकर बैठ.े् कुछ ही देर मे्हवन खत्म हो जायेगा.’ तर्र कपूर के सपताजी ने कहा और उन्हे्बाहर िॉन मे्िे आये. िान मे्एक मेज्के पाि िे जाकर सबठा सदया और बैरे को उनके सिए कॉफी िाने के सिए कहा. कुि्ी पर बैठते हुए उन्हो्ने कहा, ‘बहुत िारे िोगो्का जमा कर सिया आपने.’ ‘हां, पसरवार के िभी िोग है.् दरअिि आपको तर्र ने बताया होगा उिका बच््ा गंड-मूि नक्त् ्मे्पैदा हुआ है. गंड मूि नक्त् .्.. वे हैरान हो गये. उन्हो्ने पहिी बार ऐिे नक्त् ्के बारे मे्िुना था. हां, गंड मूि नक्त् .्.; जब बच््ा गंड मूि नक्त् ्मे्पैदा होता है तो घर मे्शांसत बनी रहे. इिके सिए शांसत पूजा और हवन करवाना जर्री होता है. ‘अरे... ऐिा सवधान है क्या...?’ उनकी हैरानी बढ्ती जा रही थी. ‘हां ऐिा ही सवधान है. आज बच््ेके जन्म के ित््ाईि सदन पूरे हो गये है. आज हवन और पूजा के बाद बच््ेको गंड मूि नक्त् ्िे मुबक् त समि गयी है.’ उनके स्वर मे्खुशी का एहिाि था. ‘गंड मूि नक्त् ्िे मुबक् त... कुछ िमझ न िके िुरश े प्ि ् ाद. उन्हो्ने हैरानी िे पूछा. हां, पंसडतो्ने कहा सक इि नक्त् ्मे्जन्मे बच््े
िुरेश प््िाद ने देखा दक इि कम्णकांिी उत्िि मे्तमाम तरह के लोग िे. उम््दराज मदहलाएं अपने चेहरो्पर न जाने कौनकौन िे लेप पोतकर आयी िी्. पसरवार के सिए असनष्क ् ारी होते है.् असनष््िे मुबक् त के सिए शांसत पूजा और पंसडतो्को दान दस््करा देना जर्री होता है.’ तर्र के सपताजी ने बताया. ‘यह िब न कराये तो... ‘इि बार उनकी पत्नी मधुसिका ने मुसक ् राते हुए पूछा. उनकी हैरानी बढ्ती जा रही थी. ‘तब बच््ा सपता के सिए िंकट पैदा कर िकता है और उिके ऊपर भी िंकट आ िकता है पंसडतो् ने यह भी बताया था बच््ा सपता के जीवन के सिए ठीक नही्है. इिसिए सपता ित््ाईि सदन तक अपने बच््ेकी िूरत न देख’े आज शांसत पूजा के बाद ही तर्र अपने बच््ेकी शक्ि देखगे ा.’ तर्र के सपताजी ने उन दोनो्को सवि््ार िे बताया. 38 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
‘कमाि है, आप िोग भी अब इन ग्ह् ो्के चक्क्र मे्फंि गये.’ िुरश े प्ि ् ाद ने हैरानी िे पूछा. ‘फंिते तो नही्, पर पंसडतो्ने डरा िा सदया था. तर्र ने अभी अपने बच््ेकी शक्ि भी नही्देखी. हम िोगो्ने बच््ेका तर्र िे दूर ही रखा. आज हवन के बाद गंड मूि नक्त् ्का अिर शांत हो जायेगा, तब तर्र बच््े को गोदी मे्उठायेगा. इिसिए भी आज िारे सरश्तदे ारो्और दोि््ो्को बुिाया गया है.’ तर्र के सपता ने इतने िारे िोगो्को बुिाने का स्पष््ीकरर सदया. ‘आप िोग तो पढ्-े सिखे है.् आपने इन पंसडतो्की बात कैिे मान िी? आप खुद यूसनवस्िटण ी मे्बायो सवज््ान पढ्ाते है.् ‘िुरश े प्ि ् ाद ने थोड्ा गुसिे ् मे्आकर पूछा. ‘बि माननी ही पड्ती है. मन मे् एक डर िा िमा गया था.’ उन्हो्ने कहा. ‘ये पंसडत जन्म के िमय ग्ह् ो्की ब्सथसत बताते है. इनकी बात इिरो्के िोगो् को मान िेनी थी और देश मे् मंगि समशन की शुरआ ् त करने की क्या जर्रत थी?’ उन्हो्ने कटाक््करते हुए कहा. ‘पर िर यह क्यो्भूि जाते हो मंगि यान की िफिता के सिए मंसदरो् मे्पूजा की गयी थी. वे िब गित थोड्ेही थे.’ तर्र के सपताजी ने कहा. ‘यही तो रोना है इि देश का. िरकारे्भी तो ज्योसतरो्के चि्व् य् हू मे् फंिी हुई है. िूयण्ग्ह् र के बुरे प्भ् ावो्िे सनपटने के सिए िरकार मंसदरो्को बजट देती है. एक बार नही्कई-कई शोधो्िे यह स्थासपत हो गया है सक इन नक्त् ्ो्का हमारे जीवन पर कोई प्भ् ाव नही्पढ्ता. पर सफर भी आप जैिे िोग िारी िफिताओ्को दर सकनार करते हुए ज्योसतरो्के चक्र् ो्मे्फंिे रहते है. हद होती है कासहिी की. ‘िुरश े प्ि ् ाद ने आवेश मे्कहा. बड्ा अजीब िा िगा उन्हे् यह िब जानकर. पढ्े-सिखे िोग भी ज्योसतसरयो्के चक्र् मे्फंि जाते है.् बहुत मुबश् कि है इि िमाज का पंसडतो् और ज्योसतसरयो्के चंगि ु िे मुकत् होना, वे िोचने िगे. ‘आप काफी पीसजए िर, मै् अभी आया.’ कहकर तर्र के सपता जी कुछ और मेहमानो्के पाि चिे गये. वे काफी पीने िगे. िुरश े प्ि ् ाद ने देखा सक आज के इि कम्क ण ांडी उत्िव मे्तमाम तरह के िोग आये हुए थे. बच््ेकम और बड्ेज्यादा सदखाई दे रहे थे. उम््दराज मसहिाएं अपने चेहरो् पर न जाने कौन-कौन िे िेप पोतकर आई हुई थी्सजििे सक उनकी उम््का पता न चि िके. िेसकन सकिी भी िूरत मे् उनकी उम्् सछप नही् रही थी. िाठ-िाठ वर्ण िे असधक की मसहिाएं िाि िूट पहने िोिह ‘ित्ह् की िड्सकयो् की तरह चहक रही थी. यहां आयी िड्सकयो् और मसहिाओ्की पोशाके्देखकर उन्हे्बहुत कोफ्त हुई. ज्यादातर मसहिाओ्की पोशाक शािीनता की िारी हदो् को पार कर गयी थी. बेहद मोटी मसहिाएं भी जी्ि और टॉप पहने हुए अभद्त् ा की नुमाइश कर रही थी्. िड्सकयां घुटनो्के उपर की स्कट्णपहने अपने आप को सकिी मॉडि के र्प मे्देख रही थी्. उि पर तुरा्ण यह सक िड्की अपने फोन िे खुद अपनी ही फोटो िेकर फेिबुक पर अपिोड करके खुश हो रही थी. फोटोग््ाफरो् के कैमरे िडसकयो् पर िगातार फोकि थे. िुरेश प््िाद िमझ नही् िके सक क्या इनके पाि कोई शािीन पोशाक नही्थी पहनने के सिए. ये मसहिाएं इि तरह िे िज-धज कर आयी थी्गोया सकिी फैशन परेड मे्जाना हो. पुरर् भी शेरवानी और िाि पीिे दुपट््ेओढ्ेघूम रहे थे. गोया मध्यकाि के सकिी िमारोह मे्आये हो्. सवतृषर ् ा िी हो आई उन्हे्यह िब देखकर. ‘अरे िर आप... कहते हुए एक िि्न् उनके पाि आये. महेद् ्प्त् ाप नाम था उिका. उन्ही्के इंसटीटू ् यट मे्प््ोफेिर थे. अगिे िाि सरटायर होने
वािे थे. िुरश े प्ि ् ाद इिे ज्यादा पिंद नही्करते थे. इििे दूर ही रहते थे. पर तुमने शोध सकया है.’ उन्हो्ने थोड्ा आवेश मे्कहा. ‘कई सदन बाद सदखे, आजकि आप मास्नगण वॉक पर गाड्नण मे् नही् ‘मैन् े तो मना सकया था, पर अस्पतण ा और सपताजी नही्मान रहे थे.’ तर्र आते.’ महेद् ्प्त् ाप ने उिाहना भरे स्वर मे्कहा. ने सहचसकचाते हुए कहा. ‘हां, आजकि आ नही्पाता.’ उन्हो्ने कहा और काफी पीने मे्मशगूि ‘पर तुम तो िमझा िकते थे.’ उन्हो्ने उिाहना भरे स्वर मे्कहा. हो गये. ‘मैन् े िमझाने की कोसशश की थी.’ तर्र ने अपना बचाव करते हुए पहिे वे बाग्मे्जाते थे मास्नगण वाक के सिए. पर अब नही्जाते. ऐिा कहा. नही्था सक िुरश े प्ि ् ाद मास्नगण वॉक पर नही्जाते. जाते अब भी है्पर अब ‘न, तुमने िमझाने की कोई कोसशश नही्की होगी, तुमह् ारा भी मन रहा उन्हो्ने अपना बाग्बदि सदया है. ये िोग बहुत ही सछछोरी सकस्म की बाते् होगा.’ सकया करते है. इि उम््मे्आकर भी िफंग् ो्की तरह बाते्करना उन्हे्शोभा तर्र ने उनकी इि बात का कोई जवाब नही्सदया. नही्देता था. सबना गािी के इन िोगो्का कोई वाक्य पूरा नही्होता था. बाग् ‘आपिे कुछ सछपा नही्है िर, अस्पतण ा के भाई अमेरीका िे आये है. बि मे्िैर करते िमय वे अक्िर िोचा करते, क्या हो उन्ही्के वाि््ेअस्पतण ा ने यह िब सकया है.’ तर्र लेदकन कोई यह कहने को गया है इनकी बोिी को. ये िीधे-िादे शल्दो् मे् ने थोड्ी शस्मदि् गी िे कहा. तैयार नही्है दक मुझे गंि मूल अपनी बात क्यो्नही्कह पाते. क्यो्इन िोगो को ‘अरे भाई, िादगी के िाथ भी बच््ेका नाम नक््त्िे िर लग गया इिदलए हर वाक्य मे्गािी का प्य् ोग करना वासजब िगता रखा जा िकता था. िादगी िे अमेरीका के िोग है. इन िोगो्िे समिकर मन उनका बड्ा अशांत हो ज्यादा खुश होते. अब तो अमेरीका मे् भी िादगी िब इिकी दजम्मेदारी एक जाता था इिसिये वे अब दूिरे बाग्मे्जाने िगे थे पिंद की जाने िगी है. सजन चीजो् को अमरीका दूिरे पर िाल रहे िे. िैर करने. वािो् ने छोड् सदया, हम िोगो् ने खुशी िे उन्हे् ‘हां, अब िोचता हूं सफर िे आना शुर् कर्.ं ’ उन्हो्ने उिे टािने की अपने गिे िगा सिया.’ उन्हो्ने उकता कर कहा. कोसशश की. एक बात िुरश े प्ि ् ाद और उनकी पत्नी मधुसिका को िमझ मे्आ गयी ‘आइए िर, जर्र आइए और हमारा िाफ्टर क्िब भी ज्वाइन कर थी सक पंसडतो्के चक्र् मे्िब िोग आ गये है.् क्या तर्र कपूर, क्या उिके िीसजए.’ सपताजी. िेसकन कोई यह कहने को तैयार नही्है सक मुझे गंड मूि नक्त् ्िे ‘िाफ्टर क्िब!’ उन्हो्ने हैरानी िे कहा. डर िग गया इिसिए िब इिकी सजम्मदे ारी एक दूिरे पर डाि रहे थे. बड्ा ‘हां िर, िाफ्टर क्िब. आप तो जानते है्न. हम िोग रोज बाग मे्झुडं अजीब िा िगा उन्हे् यह िब जानकर. बहुत मुबश् कि है इि िमाज का बनाकर हंिते है. ‘उिने कहा. पंसडतो् और ज्योसतसरयो् के चक््र िे मुक्त होना. पढ्े-सिखे िोग भी ‘तुम उिे िाफ्टर क्िब कहते हो, जो नकिी हंिी तुम िोग िुबह-िुबह ज्योसतसरयो्के चक्र् मे्आ रहे है.् वे िोचने िगे. सनकािते हो, उिे देखकर ही िोगो्को हंिी आ जाये. वह नकिी हंिी, हंिी ‘इतना तामझाम करने मे्खच्ाण तो बहुत हुआ होगा तुमह् ारा.’ उन्हो्ने नही्होती. तुम मुझे बताओ िुबह-िुबह की नकिी हंिी के सिवाय सदन मे् िंशयात्मक स्वर मे्पूछा. कभी हंिते भी हो.’ िुरश े प्ि ् ाद ने उििे मुसक ् राते हुए पूछा. ‘जी, िब वो अस्पतण ा के भाई ने ही करवाया है. वे अमेसरका िे आये है.’ ‘हां वो तो है. बाकी सदन तो शायद ही हंिते है.’ महेद् ्प्त् ाप ने कहा. तर्र ने अस्पतण ा पर सजम्मदे ारी डािते हुए कहा. ‘इि तरह िाफ्टर क्िब िे हंिी नही्आयेगी. तुम िोगो्की हरकतो्िे िेसकन उन्हे्िग गया था सक तर्र उनके िामने अििी बात नही्कह हंिी तो हमारी सजंदगी िे गायब ही हो गयी है.’ उन्हो्ने कहा. रहा है. वे तर्र को जानते थे. इतना तामझाम उनके घर के पहिे सकिी इतने मे्उन्हो्ने देखा सक पांचो्पंसडत क्िब के हॉि िे सनकिकर बाहर फक्शन मे्नही्हुआ. यहां तक सक तर्र की शादी मे्भी नही्. िॉन मे्आ गये. िभी पंसडत खाने की टेबि की ओर बढ्गये. िबने पीिी ‘इतना िब फाितू खच्ा.ण कहां िे इतने िारे पैिे आ गये तुमह् ारे पाि?’ धोसतयां पहनी हुई थी्. कंधे पर पीिे रंग का वस््िपेट रखा था. उन्हो्ने आत्मीयता िे पूछा. पंसडतो्को देखकर मधुसिका ने कहा, ‘िगता है, हवन खत्म हो गया.’ तर्र ने उनकी इि बात का कोई जवाब नही्सदया. िुरश े प्ि ् ाद ने भी देखा सक पंसडतो्के िाथ-िाथ तर्र कपूर भी था. पता नही्िुरश े प्ि ् ाद को एकाएक क्या िूझा वे अपनी कुि्ी िे उठ गये. उिने भी पीिे रंग की धोती पहन रखी थी.वह उन्ही्की तरफ आ रहा था. उन्हे्सवतृषर ् ा हो गयी थी. उन्हे्िगा सक यहां आकर उन्हो्ने गिती की. यह शायद उिके सपताजी ने उिे उनके आने की खबर दे दी थी. उनकी मेज्के दुसनया उनकी दुसनया नही्है. उन्हे्उठते देख उनकी पत्नी मधुसिका भी उठ पाि आते ही उिने कहा. गयी. ‘अच्छा सकया आपमे् आ गये िर. मुझे उम्मीद थी सक आप जर्र ‘क्या हुआ िर?’ तर्र ने पूछा. आयेग् .े ’ ‘हुआ कुछ नही्, अब मै्चिता हू.ं ’ उन्हो्ने क्ल्ु घ् होकर कहा. ‘वो तो ठीक है. पर तर्र ये िब हवन-पूजा, पंसडत यह िब क्या है? ‘खाना तैयार है िर, खाना खाकर जाइए. ‘तर्र ने आग्ह् सकया. और सफर तुम ज्योसतसरयो्के चक्र् मे्कैिे फंि गये. तुम तो ऐिे न थे.’ ‘नही्, मै् कुछ नही् खाऊंगा. अब और ज्यादा मुझिे यहां र्का नही् उन्हो्ने अपने मन की बात कही. जायेगा.’ उनकी अकुिाहट बढ्ती जा रही थी. ‘मै्तो नही्चाह रहा था, पर अस्पतण ा चाहती थी सक बच््ेका नाम के चिते-चिते उन्हो्ने तर्र कपूर को एक सिफ्ाफ्ा देते हुए कहा, ‘तुम अविर पर िब िोगो्को बुिाया जाये. यह सिफ्ाफ्ा रख िो. इि सिफ्ाफे्मे्एिआईिी की एक पासििी है. यह ‘मानते तो तुम भी हो िेसकन नाम पत्नी का कर रहे हो.’ मधुसिका ने पॉसििी मैन् े तुमह् ारे बच््ेके सिए िी है. जब यह बारहवी्पाि कर िेगा तो कहा. यह पॉसििी मैचयोर ् हो जायेगी. इि पासििी िे जो पैिे समिेग् ,े वे इिके आगे ‘बच््ा गंड मूि नक्त् ् मे् पैदा हुआ है इिसिए यह िब करना पड्ा.’ की पढ्ाई मे्िगा देना.’ तर्र कपूर ने िुरश े प्ि ् ाद को बताया. सिफ्ाफ्ा तर्र कपूर को िौ्प कर िज्ेहुए गेट िे बाहर आ गये. यहां का माहौि देखकर वे बहुत सखन्न थे. तर्र कपूर की िमझ पर उिे नही्पता था सक उिके सपता इन्हे्पहिे गंड मूि नक्त् ्के बारे मे् उन्हे्भरोिा था. पर आज उनका भरोिा टूट गया था. िोच रहे थे, न ही आते िब कुछ बता चुके है. n ‘क्या गंड–मूि, गंड- मूि िगा रखा है. तुम तो िब जानते हो. तारो् तो अच्छा रहता. शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 39
सानहत् मास्यट/समीक् हेड ्ा
एक तक्कवादी यौद््ा
हमारी तहंदी पट््ी के तलए भी इन पुस्िको्मे्कई सबक है्. सौ बरस पहले इन पो्गापतियो्के तखलाफ यहां कुछ नही्कर पाये िो अब िो कर सकिे है्. नरेूदू िाभोलकर: अंधदवशूवास उनूिूलन (3 भाग) संपािक डॉ. सुनील कुिार लवटे िराठी से अनुवाि भाग एक- आचार- डॉ. चंिा दगरीश; भाग िो– दवचार- पूूकाश कांवले, भाग- तीन- दसदूूांतदवजय दशंिे. पूूतूयेक: 150 रूपये पेपरबैक राजकिल पूूकाशन, िदरयागंज, दिलूली—2
प््ेमपाल शम्ाय
आ
जाद भारत के इसतहाि मे्अंधसवश्वाि, कूपमडूंकता और धम्णके नाम पर कािे धंधो्के सखिाफ िड्ने वािा ऐिा अप््सतम योद््ा दूिरा नही् हुआ, इिसिए ि््ान्मवादी िोच ने िरेआम 20 अगस्त 2013 को पुरे मे्नरे्द्दाभोिकर की हत्या कर दी. पेशे और सशक््ा िे सचसकत्िक डाक्टर नरेद् ्के काम, अंजाम, िंघर्णऔर अंतत: बसिदान की कहानी तीन खंडो् मे् बहुत स्पष्टता िे िमेटी गयी है. जो पूरे देश की नयी पीढ्ी, हर भारा-भारी के सिए एक प््ेररा का स््ोत है. नरे्द् दाभोिकर को पढते वक्त कई बाते् उभरती है् सक सहंदी पट््ी, सवशेरकर उत्तर प््देश, सबहार काकई कायरो्के प््देश है्. जो बांकुरे कर िकते है्वह है तो आजादी के बाद िे आज तक सिफ्क ित्ता हसथयाने की सघनौनी राजनीसत, सजिके चिते यहां के नागसरको्को दरबदर होकर मुबं ई, सदल्िी, मद््ाि, िूरत िभी जगह मार खानी पड्ती है. दोर इन वेचारे मजदूरो्का नही्है, उन तथाकसथत राजनेताओ्-बुस्दजीसवयो्का है जो हर बार गरीबो्को िही सशक््ा न देकर उन्हे्धम्,ण जासत की उन्ही छठ, रमजान, पूजा, भगवती जागरर, िांई बाबा, मूस्तणयो् मे् ही बनाये रखना चाहते है्. वरना, क्या कारर है सक िमानता और गरीबो् के पक्् मे् िामासजक पसरवत्णन की िडा़ई सपछिी िदी मे्ज्योसतराव फुिे िड्ते है्और मौजूदा वक्त मे्नरेद् ्दाभोिकर, किबुग्ी आसद. नरेद् ्दाभोिकर के अंधसवश्वािो् के सखिाफ िंघर्णके िै्कड्ो्सकस्िे इन पुस्तको्मे्सबखर पड्ेहै्. भाग दो मे् अिग-अिग अध्यायो् मे् भूत िे िाक््ात्कार, मीठे बाबा, बाबाजी की करतूत, िंगर का चमत्कार दरवेश की पुकार, शसन, भूत के सखिाफ असभयान चिाते तो उन िोगो्ने हजारो्की भीड्के िमक््माफी मांगी सक भूत नही्होता और हम िोगो्को गुमराह करते थे. ित्यनारायर की कथा के औसचत्य पर भी दामोिकर उन्हो्ने िवाि उठाए और जनता का िमथ्णन हासिि सकया. उिी का नतीजा था सक दाभोिकर पूरे सहंदू िमाज की दाि््ान है, सजिमे्ऐिे िभी पो्गापंसथयो्के सनशाने पर आ गये. सकिी ने उनका िर किम करने की धमकी दी तो सकिी ने महाराष्ट्् िे 40 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
सनकािने की. उन्हो्ने पुसिि िहायता िेने िे भी मना कर सदया और सपस्तौि रखने िे भी. ‘ये दोनो्बाते्ही मुझे उसचत नही्िगी्क्यो्सक इििे सववेकवादी अंदोिन का मूि तत्व ही खत्म हो जाता है’. और तो और, कुछ तत्वो्ने उन पर ईिाई समशनसरयो्के इशारे पर काम करने के आरोप िगाये और उन्हे् अंधसवश्वाि उन्मूिन िसमसत िे भी बाहर सनकािने के सिए आवाज उठायी. अमेसरका मे् महाराष्ट्् फांउडेान ने उन्हे् ‘दशक का िव्णश्ेष्ठ काय्णकत्ाण’ का दि िाख का पुरस्कार देने की घोररा की तो सफर सवरोध शुर्इन शल्दो्मे्सकया गया: ‘धम्दण ्ोही डॉ. दाभोिकर को पुरिकार देने वािे अमेसरका की महाराष्ट््फांउडेशन का सवरोध करे.्’ िो्गो्िे इिके सखिाफ ई-मेि भेजने की अपीि की गयी. ‘पुरस्कार तो सहन्दू सवरोधी दाभोिकर द््ारा सहन्दुओ् के जख्मो् पर नमक सछड्कने जैिा है, इिसिए इि रोका जाये.’ (पृष्ठ 131 भाग-2) िेसकन जब दाभोिकर अमेसरका पहुंचे तो सवरोसधयो्िे ज्यादा ईमेि पुरस्कार के पक्् मे्पंहुचे थे. अंसनि (अंधसवश्वाि सनवारर िसमसत) केवि सहंदु सवरोधी है,् इिका जबाव भी दाभोिकर की पुस्तक के इन शल्दो् िे िमझा जा िकता है: ‘अंधसवश््ाि श््द्ा के क््ेत्का कािा बाजार है और कािे धंधे करने वािे धम्ण नही् देखते. इिसिए अंधसवश्वाि उन्मूिन िसमसत सहंदु, मुब्सिम, ईिाई धम्ण के ढकोििो् का बराबर सवरोध करती है. हां, असधिंख्यक मामिे सहंदुओ्के जर्र है्क्यो्सक भारत मे्अस्िी प््सतशत सहंदु आबादी है. सहंदु धम्ण मे् सजतनी बारीक जासत व्यवस्था है, िबके अपने अपने कम्णकांड, देवी-देवता है् इिसिए अंधसवश्वािो् को पनपने का पय्ाणप्त कारर भी. सहंदओ ु ्के इन अंधसवश्वािो्के सखिाफ सहंदु ही बोिते है्क्यो्सक उििे नुकिान तो उन्ही् का ज्यादा होता है.’ इिी भाग मे् ‘भारत मे् वैज्ासनक दृस्षकोर का अभाव क्यो्’ नामक अध्याय भी है.् सजिमे्पूरी ऐसतहासिकता के िाथ इिके कारर सगनाये गये है्. सहंदी पट््ी के सिए इन पुस्तको् मे् कई िबक है्. िौ बरि पहिे इन पो्गापसथयो्के सखिाफ यहां कुछ नही्कर पाये तो अब तो कर िकते है.् क्यो्सक अब उत्तर प्द् श े , सबहार मे्िामासजक न्याय की िरकारे्है.् धीरेधीरे इन्हे्भी तीन दशक हो रहे है.् इन कुरीसतयो्का सशकार यही तबका है.
िौभाग्य िे सहंदी का पढा-सिखा बुस्दजीवी-िेखक िमुदाय भी इन्ही्िरकारो् है तो यह तक्कहीन है. ि््ान्मरवाद को दूिरी जासतयो्वािे भी उिी ढंग िे की पक्ध् रता का दावा करता है और ित्ता पर कासबज मौजूदा शािको्या फैिा रहे है्. वही वास्तु, ज्योसतर, जन्मकुडिी, पूजा, ग््ह नक््त्. िेसकन उनिे पहिे की कांगि ्े िरकारो्के प्स्त भी वे दस््करपंथी ताकतो्के मुकाबिे जासत जानते ही कई बुस्दजीवी चुपी िाध िेते है्. बडे़ भोिेपन िे कहते है् ज्यादा नरम और नजदीक है.् सफर एक भी दाभोिकर क्यो्नही्पैदा होता इनमे्यह बुराई धीरे-धीरे िमाप्त होगी. िेसकन अंधसवश्वाि, धम्ाधि् ता गैरयहां जो ित्ता को चुनौती दे? क्यो्नही्महाराष्ट््जैिा कानून इन प्द् श े ो्मे् ि््ान्मरो्मे्भी बहुत तेजी िे बढ्रही है. कहां तो हम इन बुराइयो्को खत्म िाया जाता? महाराष्ट््मे्कानून बने दो वर्ण (2014 के शुर्मे्बना) होने करने चिे थे और कहां इिका उल्टा हो रहा है हमारी कायरता िे. नरे्द् जा रहे है,् सजिके अंतग्तण तीन िौ सगरफ्तासरयां हो चुकी है.् क्या इनकी इसतश््ी दाभोिकर ने खुिकर ऐिे जासतगत ि््ान्मरवाद की सनंदा की है. अच्छी बातो्के सिए उन्हे्िावरकर भी (सजन्हे्हर जगह स्वातंत्य वीर दाभोिकर या किबुग्ो्के नाम पर जंतर-मंतर पर घंटे दो घंटे धरना प्द् श्नण करना भर है? बुराइयां तो पटना, इिाहाबाद, िखनऊ, कानपुर मे्है,् िेसकन िावरकर सिखा गया है. स्वीकाय्ण है्. िावरकर को उदधृत करते हुए वे ्ं मे्जो सिखा है यसद वह प्त्यक् ् ्िबूत, सनरीक्र ् , अनुभव धरना-सवरोध के नाम पर इनके सखिाफ िड्ाई का ड््ामा सदल्िी मे्खेिा कहते है,् ‘धम्गण थ और प्य् ोग िे िासबत हो तभी स्वीकारे.् पुरातन युग जाता है. नरेद् ्दाभोिकर के प्स्त िच्ची श्द् ांजसि इन्ही्िब काररो्िे नरे्द् के ग््ंथ बंद करके सवज््ान युग का पन्ना पिट कर तभी होगी जब इन सकताबो्को हर स्कूि मे्बांटा दाभोलकर दकिी भी राजनीदतक देख ् .े् इन ग्थ ्ं ो्मे्कि क्या हुआ था, इिी तरह िंत जाये और ऐिे ही िमांतर िडा़ई जल्द िे जल्द पूरी सहंदी पट््ी मे् शुर् की जाये. िेखको् को और दो पाट््ी को हज्म नही्हुए. अिली गाड्गे बाबा तक्ककी बात करते है्तो वे भी स्वीकाय्ण है्. सिफ्क िंत नाम मे् िगाने िे अतास्ककक सचढ् कदम आग बढ्कर िामासजक पसरवत्नण की िड्ाई बुद्दजीिी की यही पहचान है क्यो्? ईश्वर की सखल्िी जैिी िंत गाड्गे बाबा का नेततृ व् करना होगा. और यही योगदान. उड्ाते है्, वैिे तो सहंदी का बुस्दजीवी भी नही् पूरे महाराष्ट््मे्िसमसत की 180 शाखाएं है्जो सपछिे 20 वर््ो् िे राज्यभर मे् काय्रण त है.् मुकदमेबाजी, मारपीट, िंघर््ो उड्ाता. दाभोिकर ने तीिरे खंड मे् बहुत तक्क के िाथ िमान नागसरक के िैक ् डो्सकस्िे सबखरे पड्ेहै्इन िंकिनो्मे.् हजारो्काय्क ण त्ाण िस््िय कानून की बात का भी िमथ्णन सकया है. तो ईश्वर, खुदा को खुश रखने के है. िसमसत के मुखय् क्म्े है-् वैज्ासनक जागरर, सववेकवादी जीवन दृस्ष का नाम पर बकरे की बसि का सवरोध भी. िगता है इन्ही्िब काररो्िे नरे्द् प््चार- प््िार वाबाबाजी का पद्ाणफाश, ज्योसतर, भानमसत, डासकन, दाभोिकर सकिी भी राजनीसतक पाट््ी को हज्म नही्हुए. अििी बुस्दजीवी जादूटोना, कम्क ण ांड का सवरोध और अंतरर्ाज ण ीय धास्मक ण सववाह का िमथ्नण . की यही पहचान है और यही योगदान. इन पुस्तको्के िंपादक डॉ. िुनीि कुमार िावटे और सहंदी अनुवाद हमे् सहंदी क््ेत् के कई सवमश््ो पर पुन: सवचार करने की जर्रत है. जैिे ि््ान्मरवाद का सवरोध जायज है क्यो्सक िारी शोरर व्यवस्था का की भी तारीफ की जानी चासहए. सहंदी मे् इन पुस्तको् की इतनी आक्करक आधार भी ि््ान्मरवाद हे, िेसकन जब जन्मना ि््ान्मर पर ही हमिा होता िहज, पठनीय प््स्तुसत के सिए भी. n
दोहो् की दुनिया
शासमि है सजिे पढकर हम और आप बडे हुए है्‘गुर्, गोसवन्द दोऊ खडे, काके िागूं पाय बसिहारी गुर्आपने, गोसवन्द सदयो बताय’ वही्कसव वृन्द का वह दोहा भी पुि्क के महत्व मे्इजाफा करता है जो आमजन मे्मुहावरे की तरह हर जुबान पर आज भी है‘करत-करत अभ्याि के, जडमसत होत िुजान योगेन्द् वम्ाय ‘व्योम’ रिरी आवत, जात ते्, सिि पर परत सनिान’ पुि्क मे्प््मुख र्प िे शासमि रचनाकारो्के िगभग िभी दोहे एक हा’ सहंदी कसवता का ऐिा छंद है जो आज भी आमजन के ह्दय मे् बिता है, जुबान पर सवराजता है और दो पंब्कतयो्की अपनी छोटी- िे बढकर एक है्, िभी दोहो्का यहां उल्िेख सकया जाना तो िंभव नही् िी देह मे् ही कथ्य की िंपूर्णता को िमासहत कर िेता है. भब्कतकाि िे है, सफर भी कुछ महत्वपूर्णदोहो्की चच्ाण न हो तो यह बेमानी होगा. स्व. िेकर आज तक अपनी िाब्तवक यात््ा मे् दोहा छंद ने कई महत्वपूर्ण कैिाश गौतम मुख्यतः नवगीत के प््मुख रचनाकार रहे है्, उन्हो्ने अपनी रचनाओ्मे्िमाज और देश मे्व्याप्त सवद््ूपताओ्पर जमकर कीस्तणमान स्थासपत सकये है्. हाि ही मे् दोहा छंद को िेकर कटाक् ्सकया है: एक महत्वपूर्ण काम हुआ है. प््सिद्् दोहाकार हरेराम ‘िु नता हूं सजि सदन समिा, िरकारी अनुदान ‘िमीप’ के िंपादन मे्आये ‘िमकािीन दोहा कोश’ के र्प नयी जीप मे्बैठकर, घर िौटे परधान’ मे्. कुि 516 दोहाकारो् के िगभग 4000 दोहो् को करीने हािां सक सनदा फाजिी को उनकी बेशकीमती गजिो्और िे अपने भीतर िजाये हुए यह पुि्क इि दृस्ष िे भी जर्री नज््मो्के सिए जमाने भर मे्जाना जाता है, िेसकन उनके दोहे बन जाती है सक इिमे् गुर् नानक, चंद् वरदाई, अमीर अद््त कहन के िाथ िासहत्य मे्अपनी दि््ावेजी उपब्सथसत खुिरो, कबीर, रहीम, सबहारी आसद िे िेकर नागाज्णुन, दज्ण कराते है्. जगहो् पर उनके दोहो् का उल्िेख आज भी नीरज, देवे्द् शम्ाण ‘इन्द्’, मासरक वम्ाण, डा. सशवओम सकया जाता है. उनका एक बहुत चस्चणत दोहा है: ‘अंबर’, िोम ठाकुर, माहेश्र सतवारी, िसहत सबल्कुि नयी ‘नक़्शा िेकर हाथ मे्, बच््ा है हैरान’ पीढी के राकेश ‘मधुर’, असमत अहद तक के दोहे शासमि कैिे दीमक खा गयी, उिका सहन्दुि्ान’ सकये गये है्. इि पुि्क के सिए दोहो्के चयन मे्िंपादक सिकालीन िोहा कोश: हरेराि दोहाकार अशोक ‘अंजुम’ की महत्वपूर्णभूसमका के िाथ ‘िमीप’ ने अत्यसधक श््म तो सकया ही है, कडाई भी बरती ‘सिीप’, शबूिलोक पूूकाशन, प््कासशत इि पुि्क की एक सवशेरता यह भी है सक सहंदी है. सी-3/59, नागाजूथुन नगर, िासहत्य मे् दोहा छंद के िंदभ्ण मे् शोधकाय्ण करने वािे हमारे पूवज ण् रचनाकारो्के महत्वपूरण्और दि््ावेजी दोहे साितपुर दवसूूार, दिलूली-90 शोधास्थणयो् के सिए यह पुि्क िमग्् र्प िे बहुत उपयोगी खोजकर िहेजने मे्भी िमीपजी की मेहनत सदखाई देती है. िूलूय 750 रूपये (हाडूथबाॅउंड) िामग््ी प््ि्ुत करती है. n एक ओर पुि्क मे् कबीरदाि का वह जगत्प्सिद्् दोहा
दो
शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 41
सानहत्य/होली नवशेष
अनविाश निश्् की कनवताएं
िारे महीने िगते है्िंबे-िंबे पैिे अब भी हमको कम पडते है्
युवा कसव और आिोचक. पहिा कसवता िंग्ह शीघ््प््काश्य. इन सदनो्मासिक पस््तका ‘पाखी’ के िंपादन िे जुड्ेहै्.
म्सिटतयां क़सी भी हो् कभी-कभी िफिता पूरी समिती है कभी-कभी अधूरी समिती है कभी-कभी नही्समिती है ब्सथसतयां कैिी भी हो् मै्िफिता िे आिक्त और अिफिता िे सवचसित नही्होता ब्सथसतयां कैिी भी हो् मै्कभी मय िे भरा प्यािा नही्तोडता कभी ऊंची आवाज मे्बात नही्करता
सभ्यता अगिी िुबह बदिा जा चुका था मेरा इसतहाि िारे उजािो्मे् अपने सहस्िे की मनुष्यता के सिए भटका मै् मुझे इनकार समिा
टफर हमने यह देखा रघुवीर िहाय के प््सत
सचंताएं कुछ अपनी कम नही्हुई् िब है्अब तक वैिी की वैिी हां कुछ बदिी्पर मरहम नही्हुई्
ब्सथसतयां कैिी भी हो् यह मेरा उत््र नही् मेरा प््श्न है : ‘मै्क्या कर िकता हूं’
वह कीि अब भी रोज सनकिती है इि दुःख को अब भी रोज िमझना पडता है टीि भिा ये क्यो्नही्सपघिती है
उत्मीदे् उपम्सित है्
पाि का कागज कम पडता जाता है ‘अपमान, अकेिापन, फाका, बीमारी’ वक्त यही बि सिखना सिखिाता है?
मुझे दुसनया िे उम्मीदे्है् दुसनया को मुझिे कभी-कभी यहां कोई उम्मीद नही्होती कभी-कभी होती है् उम्मीदे् क्या नही्है वहां जहां है्उम्मीदे्
अपराध-किा
एक रात मै्ने अपनी आवाज खोकर आंखे्बंद की् नी्द नही्थी वहां प््ायस््ित था— बेआवाज हो चुकने पर 42 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
हम जब-जब कहते है्अब अच्छा होगा िमय और कसठन होता जाता है हमारा कहना आसखर कब िच््ा होगा?
हक के सिए हम अब तक िडते है्
शुद्उच््ारर िे नही्चिता व्यविाय गिसतयां कभी भी िुधारी जा िकती है् इिसिए वे होती ही रहती है् मै्यहां तक पहुंचा हूं इिमे्सकिी का कोई हाथ नही् हािांसक मै्उद््ृत करता हूं बहुत जगहो्पर बहुत िारे नाम िेसकन कृतज््ता-बोध अब जाता रहा है
टवर्द् प््स्िान
एक सशखर पुर्र का आत्मवक्तव्य
मेरे सिए िब कुछ अपने व्यापक वैभव मे्भी उदािीन है मेरे जानशी्मेरी नाउम्मीसदयो्को खासरज करते रहते है् जबसक उम्मीदे्उनिे भी उतनी ही दूर है् वे उम््के िाथ िब कुछ िीख िेने के भ््म मे्है् यह आवारगी उन पर जंचती है और मेरे जख्म मुझ पर िारे दद्णबेहद ििीके िे रहते है्मेरे िाथ मै्मृत्यु पर िबिे कम िोचता हूं मेरे आि-पाि जीसवत बने रहने के सिए वासजब वजहे्और योजनाएं मौजूद है् मेरे खल्त ने मेरे बाि जल्द ही दूसधया कर सदये है् िेसकन िारी धुने्अब भी अपनी जगह ब्सथर है् बीती हुई प््ेसमकाएं मेरी झुस्रणयां िहिाती है् मै्असडग रहता हूं एक पूव्णग्ह पर मेरे बाद अगर तुम मुझे पढना तब इि तथ्य पर गौर मत करना सक कई गोरखधंधो्मे्मै्भी शासमि था... n
खेल/स्मरण
शिसने बदला था फ़्टबाल
असल त्िंदगी मे्भले कै्सर ने जोहान की जीवनलीला समाप्ि कर दी हो, लेतकन फु्टबाल की दुतनया मे्बेजोड़ कारनामो्से वे वाकई अमर रहे्गे.
योहान कूूॉय: फुटबॉल की अिर कला
आनंद नायक
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क तरह िे देखा जाये तो मै् अमर हूं.’ ये शल्द है् हाॅिै्ड के महान सखिाडी और कोच योहान ि््ाॅय के, सजनका सपछिे सदनो् सनधन हो गया. अिि स्जंदगी मे्भिे कै्िर ने जोहान की जीवनिीिा िमाप्त कर दी हो िेसकन फु्टबाि की दुसनया मे् बेजोड कारनामो् िे वे वाकई अमर रहेग् .े उनके कॅसरयर पर सफर नज्र डािे्तो िाफ्आभाि होता है सक उनके खेि और सवचारो् ने फु्टबाि पर गहरी और असमट छाप छोडी है. और ऐिी ही एक अनोखी छाप छोडी उनके बेहतरीन ‘ि््ाॅय टन्ण’ ने .फु्टबाि इसतहाि मे् अगर सकिी एक ऐिे पि की बात की जाये, सजिने एक पूरी पीढी का फुट् बॉि देखने का नजसरया ही बदि सदया हो तो वह 1974 वल्डण् कप मे्सकया गया वो 'टन्ण’ होगा सजििे हािै्ड के योहान ि््ॉय ने स्वीडन के सडफेन्डर यान ओल्िन को पूरी तरह िे अचंसभत व िाचार कर सदया था. डॉट्णमन्ड के स्टेसडयम मे्बैठे दश्णक अपनी आंखो्पर सवश््ाि ही ना कर िके. यह एक दूिरी ही दुसनया की फु्टबॉि थी. जादुई, अिरदार व िहज फु्टबॉि. योहान ि््ॉय की फु्टबॉि. इि टन्ण को ‘ि््ॉय टन्ण’ का नाम सदया गया और यही ‘ि््ॉय टन्ण’, 1970 मे् िोकस््पय, फु्टबॉि खेिने के एक बेहतरीन अंदाज, 'टोटि फु्टबॉि’ का प््तीक बना. टोटि फु्टबॉि, फु्टबॉि खेिने का एक ऐिा तरीका सजिमे्कोई भी सखिाडी सकिी भी जगह पर खेिता है. पूरे मैच के दौरान िारे सखिाडी एक-दूिरे की खािी जगह भरते रहते है्. सकिी भी सखिाडी की सपच पर कोई जगह तय नही् होती. इिके आसवष्कारक थे हािै्ड के कोच राइनि समकैि, सजन्हे्फ्ीफ्ा ने 1999 मे्शतक के िबिे बेहतरीन कोच का िम्मान सदया था. ि््ॉय समकैि के िबिे स््पय सशष्य थे. उनके अनुिार ि््ॉय के सबना उनकी कोई टीम ही नही्थी. उनकी कल्पना व सवचारो्को सपच पर ि््ॉय ने खूबिूरत व कुशि खेि मे्र्पांतसरत सकया. ि््ॉय बहुत ही िफि सखिाडी व कोच थे. सखिाडी के तौर पर उन्हो्ने एजैक्ि के िाथ आठ बार घरेिू िीग, पांच बार घरेिू कप व िगातार तीन बार यूरोपीय कप जीता जो अब चैस्पयंि िीग कहिाता है. वह 1974 वल्डण् कप के फाइनि तक पहुंचे सजिमे् उन्हे् 'प्िेयर ऑफ द टून्ाणमे्ट’ का स्खताब समिा. स्पेन मे्बास्िणिोना के िाथ अपने पहिे ही िाि मे्उन्हो्ने
िीग जीती. यह बास्िणिोना का 13 िाि मे्पहिा िीग स्खताब था. इिके बाद उन्हो्ने एक स्पेसनश कप व सरटायर होने िे पहिे 1984 मे्फे्यनूद्णिे खेिते हुए दोबारा हािै्ड मे्िीग व कप जीता. उन्हे्अपने कॅसरयर मे्तीन बार 'बैिोन द ओर’ पुरस्कार समिा. ि््ॉय एक खूबिूरत, बेहतरीन व प््ेररात्मक सखिाडी थे. उनका खेि ही उनको फु्टबॉि की महानतम हस््ियो्मे्जगह सदिाने के सिए काफी था, िेसकन एक कोच के तौर पर जो ि््ॉय ने सकया, वह तो अस््ितीय है. वह फु्टबॉि के महानतम सवचारक थे. उन्हो्ने फु्टबॉि खेिने का तरीका व िोगो् का फु्टबॉि देखने का नजसरया ही बदि डािा. आधुसनक फु्टबॉि को ि््ॉय िे ज््यादा शायद ही सकिी ने प््भासवत सकया हो. 1988 मे्ि््ॉय के कोच बनने िे पहिे बास्िणिोना ने सपछिे 28 िाि मे् सिफक् दो बार स्पेसनश िीग जीती थी. तबिे अभी तक के 27 िािो् मे् वह 13 बार स्पेसनश िीग व पांच बार चै्सपयंि िीग जीत चुकी है. ि््ॉय ने बास्िणिोना का कोच रहते हुए िगातार चार बार िीग जीती व क्िब को 1992 मे् उनका पहिा चै्सपयंि िीग स्खताब भी सदिवाया. िेसकन इन िब स्खताबो् िे ज््यादा महत्वपूर्ण है वह सवचार व खेिने का तरीका जो ि््ॉय ने बास्िणिोना को सदया. उन्हो्ने इि क्िब की पूरी मानसिकता को ही बदि सदया. बास्िणिोना की नामी अकादमी 'िा मासिया’ की भी शुर्आत ि््ॉय ने ही की थी सजििे सियोनि मेस्िी, जावी, इनीएि््ा व पुयोि जैिे सखिाडी सनकिे. 2006 मे्फै्क सरजकाड्णने बास्िणिोना को दूिरी बार चै्सपयंि िीग सजतवाई. सरजकाड्ण जब एजैक्ि मे् खेिते थे, तब वहां के कोच ि््ॉय थे. उिके बाद बास्िणिोना ने 2009 व 2011 मे्पेप गास्दणयोिा के कोच रहते हुए चै्सपयंि िीग जीती, जो आज के िव्णश्ेष् कोच माने जाते है्. इि िीजन िुईि एनरीके िगातार दो बार चै्सपयंि िीग जीतने वािे पहिे कोच बन िकते है्. यह िब कुछ ि््ॉय की फु्टबॉि की बदौित. ि््ॉय की 1992 की 'ड््ीम टीम’ मे्मौजूद थे पेप गास्दणयोिा, रोनाल्ड कूमन, सरि््ो ि््ोईच्कोव, माइकि िॉडर्प व रोमासरयो, जो िब आगे चि कर बडीबडी टीमो्को कोच बने. इनके अिावा, आि््ेनि के कोच आि््ीन वेन्गर, िुई वैन हाि, समिान के महान कोच आरीगो िाची, िब ि््ॉय िे प््भासवत है्. आज तक कोई इतना महान सखिाडी नही्हुआ, जो उतना ही महान कोच भी हो. इि सििसििे मे्ि््ॉय अनोखे है्. ि््ॉय ने एक बार कहा था, 'जीतना जर्री है, िेसकन उििे ज््यादा जर्री आपके खेिने का एक अंदाज होना, सजििे िोग आपकी प््शंिा करे्, आपकी नकि करे्, यह िबिे बडा तोहफ्ा है.’ उनके खुद के ही शल्दो् िे नापा जाए, तो शायद ही कोई ि््ॉय िे ज्य् ादा िफि होगा. उनिे ज्य् ादा प्भ् ावशािी कोई नही्रहा. पूरी आधुसनक n फु्टबॉि ही इि दुसनया को सदया हुआ उनका एक तोहफ्ा है. शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 43
मास् यायावरी ट हेड
गुजराि के पय्षटन को वहां की सांप्दातयक नीति नष््कर रही है. हर शहर और कस्बे मे्तजस िरह श््ीस्वामी नारायण के मंतदरो्को स्िातपि तकया गया है, वे पय्षटन को खी्ि पाने मे् असफल है्. अपने अिीि के स्िापत्य के प््ति तहकारि गुजराि पय्षटन तवभाग की काय्षप्णाली पर सवातलया तनशान लगािी है. सुिाष चंद् कुशवाहा
गु
जरात के सजि 'सवकाि मॉडि' को िगातार आदश्ण बताया जाता है, उिका वत्णमान अतीत िे असधक प््भासवत है. अंग्ेजो् के भारत आगमन के िाथ ही गुजराती व्यापासरयो्ने सफजी, हांगकांग के िाथ पूव्ी और दस््करी अफ््ीका मे्
पांव जमा सिये थे. महात्मा गांधी का दस््कर अफ््ीका जाना इिका उदाहरर है. धीर्भाई अंबानी ने मुबं ई मे्पैर जमाने के पहिे खाड्ी देश अदन जाकर व्यापार करना िीखा था. कहने का मतिब यह सक गुजराती व्यापारी पहिे िे िमृद् और फैिे रहे है.् यही िच है. गुजरात यात््ा के दौरान मेरे जेहन मे्अतीत और वत्मण ान की खूबिूरत छसवयां अंसकत थी्. मै् िाबरमती नदी के उि सरवर व्यू को देखना चाहता था जहां चीन के राष्प् सत झूिा झूि गये थे. वहां जाकर पता चिा सक यह खूबिूरत सरवर व्यू बनावटी है. कुछ सकिोमीटर तक तो िाबरमती उधार के पानी िे िबािब है िेसकन अहमदाबाद िे 8-10 सकमी बाहर सनकिते नदी का मुरझाया चेहरा सवकाि के खोखिेपन को उजागर कर देता है. सरवर व्यू के दूिरी ओर िाबरमती आश्म् भी है जहां गांधी जी के जीवन के िभी पक््देखे और िमझे जा िकते है.् अहमदाबाद शहर मे् कदम रखते ही यह िमझ मे्आ गया था सक यातायात के मामिे मे् यह सवकसित राज्य सबहार और उत्र् प्द् श े जैिे सपछड्े राज्यो् िे कुछ खाि बेहतर नही् है. मै्ने पाया सक वहां 80 प्स्तशत दोपसहया चािक सबना हेिमेट वाहन चिाते है.् चौराहो् पर दाये,् बाये,्
िकबरे पर नकूूाशी: अनोखी कला (नीचे) जूनागढूिेूसरिार पटेल दूूार: इदतहास की धडूकन
गुलाबी के बीच कुछ धूसर
44 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
उल्टी सदशा मे्और िािबत््ी की अनदेखी करके चिते हुए वाहन चािक नजर आये. यह अराजकता सवकाि के समथ के उिट नजर आयी. अहमदाबाद-जामनगर-द््ारका की अच्छी िडके् वाि््व मे् सवकाि का आभाि देती है् िेसकन िौराष्् और कासठयावाड् के तमाम राजमाग््ो् पर छकड्ो् मे् ठूंिी और िटकी हुई िवासरयां सवकाि की पोि खोि देती है्. यह तस्वीर पस््िमी उत्र् प्द् श े के जुगाड्वाहनो्का ही प्स्तर्प है. फक्ककेवि यह है सक जुगाड्वाहन स्थानीय ि््र पर ही बना सिये जाते है् जबसक छकड्ा वाहनो्मे्राजदूत का इंजन िगा है. पीछे िकड्ी का एक ढांचा िगा सदया जाता है. इि वाहन का बकायदा पंजीयन होता है. गुजरात की करीब एक सतहाई आबादी के सिये यही सवकाि की िवारी है. बंदरगाह की िुसवधा और भौगोसिक ब्सथसत ने यहां व्यापार को पनपने का अविर सदया है िेसकन आम आदमी की सजंदगी कुछ खाि नही् बदिी है. गांव के मकान, कच््ेऔर पके्दोनो् है.् फूि की झोपसडय़ां भी देखने को समि जाती है.् पशुपािन करके पेट पािने वािे तमाम गुजराती घुमतं ु जीवन सबता रहे है.् सरिायंि और एस्िार सरफायनरी, टाटा नमक, अंबुजा िीमे्ट जैिी कंपसनयो् ने अपने सवकाि के सिये गुजरात के प््ाकृसतक िंिाधनो् का जबरदि््दोहन सकया है. इिकी कीमत आने वािी पीसढय़ो्को चुकानी होगी. िभी बड्ेउद््ोग, शोध के बजाय, प््ाकृसतक िंिाधनो् का उपयोग कर, मुनाफा कमाने मे्िगे है.् इन भारी भरकम उद््ोगो्ने जमीनी पानी का दोहन बेदद््ी िे सकया है. प्द् श े की असधकांश नसदयां िूख चुकी है् या िूख रही है.् िाबरमती सरवर व्यू को सजि तरह प््चासरत कर अहमदाबाद के सवकाि की पीठ थपथपायी जाती है, वह भी िरदार िरोवर बांध के उधार के पानी के बि पर दश्नण ीय है. गुजरात की खेती नकदी फििो्की खेती है. कपाि, धसनया, अरंडी आसद यहां की प््मुख पैदावार है.् िहिुन, गन्ना भी कुछ हद तक बोया जाता है. कपाि की खेती ने पानी का जमकर दोहन सकया है. सिंचायी के सिये करीब 85 प््सतशत िोग सनजी िाधनो् का प््योग करते है्. दीव िे अहमदाबाद तक करीब 800 सकमी की िडक यात््ा मे् मुझे कही् कोई नदी मचिती, इठिाती नही् सदखी. खेतो् का िूखापन मन को िुखाता है. िूखते अरंडी के खेत, सकिानी पर आिन्न िंकट का िंकते देते है.् प््कृसत का दोहन िामासजक िंबंधो् को भी बंजर बनाता है. गुजरात का सवकाि मॉडि भी प््ाकृसतक िंिाधनो् को िीिते हुए िामासजक तानेबाने मे् फंफूंद की तरह जम गया है. अहमदाबाद की धरती 2002 की प््ेत छाया िे अभी भी मुक्त नही् है. 14 िाि बीत चुके है्
फोटो: सुभाष चंदूकुशवाहा
िेसकन िामासजक तानेबाने मे्खौफ और चुपप् ी है. शायद िमरिता स्थासपत करने का कोई प्य् ाि नही्हुआ है. िांपद् ासयक सहंिा का दद्णिमाज की आंखो् मे् झिक रहा है. मनुषय् ता को नफरत ने इि कदर दूर कर सदया है सक िगता नही् सक िुलत् ान अहमद शाह के बिाये इि शहर के सहंदू और मुििमान दोबारा एक हो िकेग् .े आज अहमदाबाद मे् िुल्तान अहमद शाह का कोई नामिेवा नही्है. उि शािक के नाम पर कोई िडक भी नही् है. सजि स्थापत्य किा को उिके शािन काि मे्स्थान समिा था, उिे देख स््िसटश शािक भिे अचंसभत हुए हो्, वत्णमान शािक तो नष्् कर अपनी पीठ थपथपा रहे है.् बचपन मे्इसतहाि की सकताबो्मे्अहमदाबाद की सवश््प्स्िद््झूिती मीनारे्और जामी मस्जीद की तस्वीरे्देखी थी्. िगभग िमान स्थापत्य किा को िमेट,े िुलत् ान की सहन्दू बीवी, रानी र्पावती की मब्सजद के बारे मे् भी पढ्ा था. सिदी िैयद की जािी, सजिको अहमद शाह के नौकर सिदी िैयद ने 1573 मे्बनवाया था और सजिमे्एकि पत्थर की सखड्सकयो्की अस््दतीय जािी की कारगरी के बारे मे् भी पहिे िे जानता था. अहमदाबाद पहुच ं ते ही मेरे मन मे् पहिी इच्छा इन्ही् पय्टण क स्थिो्को देखने की थी . मैन् े पंदह् सदन के सिये एक टैकि ् ी िे रखी थी. पहिे सदन चािक को जब इन स्थानो् पर चिने को कहा तो उिने हैरानी जतायी. उिने कहा सक वह मुझे िाबरमती आश्म् , अक्र् धाम मंसदर, कनकसरया िेक, िाइंि म्यूसजयम, श््ी स्वामीनारायर मंसदर, जैन मंसदर और बावड्ी सदखायेगा क्यो्सक गुजरात के दश्क ण इन्ही् स्थिो् को देखने आते है.् मै् टैकि ् ीवािे की बोिी और भारा िे थोड्ा सनराश हुआ. पहिे सदन उिने अपनी मज््ी िे इन्ही्स्थिो्को सदखाया. अडािज
अहििाबाि के बाहर साबरिती: िुरझायी काया की बावड्ी अच्छी िगी . उिकी कारगरी देख मन मुग्ध था मगर वहां की गंदगी ने मन को खट््ा सकया. दूिरे सदन मैन् े टैकि ् ी चािक िे सजद की तो उिने कहा सक 'मुििमानो्के क्त्े ्मे्टैकि ् ी वािे नही् जाते है्. आपको मै् िाि दरवाजे के पाि उतार दूंगा . वहां िे आप िडक के दूिरी ओर जाकर आटो िे िकते है.् तीन दरवाजा या मानक चौक की ओर वे ही जायेग् .े ' उिने वैिा ही सकया. मुबस् िम इिाके मे्जाने के सिये हम िडक पार करते ही सिदी िैयद की जािी के पाि आ गये थे . वहां िे 'समयां भाइयो्' का इिाका शुर्होता है.् सिदी िैयद की जािी के पाि हमने एक आटो वािे िे झूिती मीनारे्और जामी मब्सजद चिने का अनुरोध सकया. आटोवािा कुछ देर तक मुझे िंदेह की सनगाहो् िे देखता रहा. जब मै्ने उिे िमझाया सक ऐसतहासिक स्थिो्को देखने के सिए दूिरे प्द् श े िे आया हू,ं तब उिने आटो मे्बैठने का इशारा सकया . आटोवािा चुप था. उिकी चुपप् ी मुझे खि रही थी. मैन् े बातचीत शुर् की. वह धीरे-धीरे िामान्य होता गया और कुछ ही िमय बाद बड्ी आत्मीयता िे बातचीत करने िगा. मुझे मब्सजदो् मे् पत्नी के िाथ जाने की इजाजत समि गयी. झूिती मीनारो्पर िगा पुरातत्व सवभाग का पत्थर टूटा पड्ा था. िामने बकसरयां और जानवर गंदगी फैिाये बैठे थे. एक ऐसतहसिक इमारत के पाि न तो कोई गाड्णथा और न िाफ-िफाई की व्यवस्था. आटोवािे ने झूिती मीनारो्के बारे मे् बताने के सिये पड्ोि के एक युवक को बुिा सिया. युवक ने सबना कोई पासरश््समक सिए मीनारो् के स्थापत्य के बारे मे् बताया. उिने बताया सक पहिे ऊपर चढ् कर एक मीनार को सहिाने पर दूिरी अपने आप सहिती थी. अंगज ्े ो् शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 45
यायावरी
पोरबंिर िेूगांधी जी का जनूिसूरान: पहुंचना सरल नहीू
ने एक मीनार के ऊपरी सहस्िे को तोड्कर कारर िमझने की कोसशश की मगर िफिता न समिी. सवशाि हाते वािी जामी या जामा मब्सजद मे्एक मौिवी िाहब समि गये जो 30 िाि पहिे सबहार के मुजफरनगर िे यहां आ बिे थे. जामी मब्सजद का सनम्ार ण 1424 मे् िुलत् ान अहमद शाह द््ारा सकया गया था सजिके प्म् ख ु प््ाथ्नण ा कक््मे्260 खंबे है.् मब्सजद की मीनारे्1819 के भूकपं मे्टूट गयी्. सफर भी शेर बचे सहस्िे के पत्थरो् की कारीगरी देखकर आि््य्ण होता है. मीनारो् के दोनो्ओर अद्त् नक््ाशी के पत्थर िगे है्. इि इिाके को तीन दरवाजा कहा जाता है.् यह बेहद भीड्भाड्वािा और प्द् सू रत इिाका है. वाहनो्के धुएं मे्दम घुटता है. दुकानो्और िडक मे् फक्क करना मुब्शकि जान पड्ता है. दोनो् मब्सजदो्को देख कर हम सिदी िैयद की जािी वािे चौराहे पर आ चुके थे. आटो चािक ने हमे् िडक पार कराकर वहां तक पहुच ं ाया, जहां मेरी टैकि ् ी खड्ी थी और ििाम करते हुए सवदा िी. अब हम टैकि ् ी मे् थे और अपेक्ाकृत चौड्े राि््ेपर. एक बार सफर मैन् े टैकि ् ी चािक िे पूछा सक रानी र्पावती की मब्सजद इधर ही है, वहां भी चिना है. इि बार भी टैकि ् ीवािे ने िाफ मना कर सदया . बोिा, 'ऐिी कोई मब्सजद नही् है.' तभी आशा की सनगाह माग्ण पर ही ब्सथत उि ऐसतहासिक मब्सजद पर पड्गई. मोटे अच्छरो्मे् िाफ-िाफ सिखा हुआ था-'रानी र्पावती की मब्सजद.' हमने गाड्ी रोकने को कहा और उतर कर मब्सजद मे् चिे गये जहां तीन सवदेशी खूबिूरत नक््ाशी को कैद कर रहे थे. अगिे सदन हमने टैक्िी वािे िे विी गुजराती या विी दक्न् ी के मकबरे वािी जगह पर चिने को कहा. उिने मुझे बताया था सक वह 25 िाि िे शहर मे्टैकि ् ी चिा रहा है. मुझे िगा उिने मकबरे को देखा होगा जो 2002 तक मौजूद था. िेसकन वह झुझ ं िा गया. उिने अपने मासिक िे बात करायी और उिके मासिक ने कहा सक हमे्जो जगह मािूम है केवि वही सदखा 46 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016
सोिनार िंदिर: भवूयता के बावजूि
िकते है्. विी गुजराती का कोई मकबरा यहां कभी नही्रहा. आप चाहे्तो कि िे दूिरी गाड्ी िे िकते है.् थक हार कर मैन् े अगिे सदन टैकि ् ी बदि दी. विी गुजराती के मकबिे वािी जगह मुझे हाईकोट्णके एक वकीि ने सदखायी. उद्णूशायरी के बाबा आदम विी दकनी िांपद् ासयक िौहाद्ण के सहंदि ु ्ानी नगीने थे. हािांसक वह औरंगाबाद मे् जन्मे् िेसकन गुजरात िे उनको बेहद प्यार था. उन्हे् सहंदू व््त त्योहारो् िे भी िगाव था िेसकन 2002 मे् भाईचारे के दुशम् नो् ने उनकी कि््को जमीन मे्गाड्कर उि पर िडक बना दी. जूनागढ्के खूबिूरत मकबरे भी उपेक्ा और सतरस्कार झेिते नजर आये. इनकी िुरक््ा के सिये कोई गाड्णतक तैनात नही्है. पुरातत्व सवभाग का बोड्णगि चुका है और दोनो् ऐसतहासिक मकबरे गंदगी और कूड्ेिे सघरे अपने अतीत पर रो रहे है.् यहां सवदेशी िैिानी आते है् िेसकन नाक पर र्माि बांधकर जल्द ही िौट जाते है.् बहाउद््ीन वजीर और नवाब महल्बत खान के मकबरो् की नक््ाशी हमे्चसकत कर देती है. हमे्ऐिे स्थापत्य पर नाज करना चासहये. मगर सवराित को सहंदू और मुब्सिम चश्मे िे देखने वािो् के सिये मकबरे भी नफरत का जसरया बन गये है.् जूनागढ् मे् हमे् िम््ाट अशोक का सशिािेख, बौद्् गुफाये् और मौय्ण कािीन िंस्कृसत के दीदार होते है् िेसकन वहां की बौद्् बावसडय़ो्मे्फेक ् ा गया कचरा और प्िाब्सटक की बोतिे् िाफ-िफायी की नयी राजनीसत को मुहं सचढ्ाती नजर आती है.् ऐिा नही्है सक गुजरात मे् सहंदू तीथ्ण चमक रहे है्. द््ारका की गंदगी और कुपब् धं िे दोचार हुए सबना आप द््ारकाधीश के दीदार नही्कर िकते. मंसदर तक जाने वािे पीछे के माग्णपर मूत्की गंदगी की भरमार है. वही्वेट द््ारका जाने वािी नावो् मे् यास््तयो् को भूिे की तरह ठूंिा जाता है. गांधी जी के जन्मस्थान पोरबंदर मे्भी गंदगी की भरमार है. प्म् ख ु माग्णपर एक बोड्णतक नही्िगा जो आिानी िे वहां तक
पहुच ं ा िके. िोमनाथ का भव्य मंसदर आज भी अपनी स्थापत्य किा के कारर ध्यान खी्चता है. गौर िे देखे्तो मंसदर की बाहरी दीवारो्पर नीचे िे मध्य तक जहां िैकड्ो्मूसत् यण ां है्वही्आधे िे ऊपर का सहस्िा िादा है. यह सहस्िा पुनसनॢमत िगता है. िंभव है उन मूस्तणयो् को तोड्ा गया हो. नीचे, वीसथका िे ऊपर अभी भी मैथनु मूसत् यण ाँ है,् सजनके कुछ भाग को तोड्ा गया है. कुछ मूसत् यण ो्पर पेट् पोत कर ढंकने का प्य् ाि सकया गया है. ऊपरी सहस्िे मे्और भी मैथनु मूसत् यण ाँ रही हो्गी जैिे की कोराक्क मे् सवश््ासमत्् और मेनका की या खजुराहो मे्पायी जाती है.् िंभव है इि कारर भी ऊपरी सहस्िे िे मूसत् यण ो्को तोड्सदया गया हो. सगर का जंगि उजाड् हो चुका है. िगभग पंाच घंटे तक जंगि मे् भ््मर करने के बाद भी सकिी शेर, बाघ या चीते के दश्णन नही् हुए. हां िोमनाथ के स््तवेरी घाट और वेट द््ारका यात््ा मे् िमुद्ी डव पक््ी जर्र मन को िुकून देते है्. गुजरात के धास्मक ण स्थिो् एवं कच्छ के रन की खूबिूरती के अिावा जो कुछ है, उि पर वहां का पय्टण न सवभाग मौन है. गांधी की जन्मभूसम होने के नाते शराबबंदी िागू है. खुिे मे्शराब की सबि््ी नही्होती मगर शराब उपिल्ध होने के स्थानो्के बारे हर टैक्िी वािा जानता है. आप को थोड्ी ज्यादा रकम खच्णकरनी होती है और बंद कमरे मे् शराब की बोतिे् उपिल्ध हो जाती है.् मुकत् होकर शराब पीने का शौक पूरा करने गुजराती दीव की ओर र्ख करते है.् कुि समिाकर गुजरात के पय्टण न को वहां की िांपद् ासयक नीसत नष््कर रही है. हर शहर और कस्बे मे्सजि तरह श््ीस्वामी नारायर के मंसदरो् को स्थासपत सकया गया है, वे पय्टण न को खी्च पाने मे् अिफि है.् धम्ण को व्यापार की शक्ि दे दी गयी है िेसकन अपने अतीत के स्थापत्य के प्स्त सहकारत, गुजरात पय्णटन सवभाग या भारतीय पुरातत्व सवभाग की काय्णप्रािी पर िवासिया सनशान िगाती है. n
खािपाि मास् ट हेड अर्ण कुमार ‘पानीबाबा’ िेखक िंस्कार िे राजनीितक व्यब्कत और पानी,भोजन और पोराहार के िवशेरज््है्. हिवाई होने का दावा भी करते है्. e-mail.: akpanibaba@gmail.com
व्यंजन के लिए हरा चना
यतद आप भोजन की संस्कृति मे्हमारी िरह आधुतनकीकरण से िोड़्ा भी उकिा गये हो् िो हरे िने की पकोत्ड़यो्और हलवे का प््योग अवश्य करे्.
रं
गारंग होिी का मौिम उि िंि्ासत का प््तीक है. सजिमे्शीतकाि की सवदाई होती है और ग््ीष्म ऋतु का स्वागत होता है. िंसध काि मे्ताजा िब्लजयो् का आना कम हो जाता है. पहिे िे आ रही िब्लजयां इि कदर पक जाती है्सक खाने-पकाने िायक नही्होती. याद नही्सक इि िंदभ्णमे्ताजी मंगोडी के िािन पर पहिे चच्ाण की है या नही्? खैर पहिे चच्ाण की भी हो तो पुन: स्मरर मे्कोई हासन नही्है. वाि््व मे्ताजी मंगोरी एक शाही व्यंजन है. अत: अत्यंत िंस्कासरत कुटुंब पसरवारो्मे्ही इि िािन का चिन सदखायी पड्ता है. नुसख ् ा सबल्कि ु िरि है. चार-पांच व्यब्कतयो्/िदस्यो् के पसरवार के सिए एक छोटी कटोरी मूंगदाि तकरीबन िवा छंटाक पय्ाणप्त होगी. बनाने िे एक घंटा पहिे सभगो दे्. भीगी दाि को अच्छी तरह सनथार कर उिका सछिका उतार दे्. दाि की सपट््ी पीि िे्. दाि सभगाते िमय उिमे् आधा छोटी चम्मच मेथी के दाने अवश्य सभगोये्. महीन सपट््ी को थािी या परांत मे्डािकर अच्छी तरह हथेिी िे मथ िे. इतना फे्टे सक सपट््ी िफेद सदखायी पड्ने िगे. अब कड्ाही मे् घी या तेि चढ्ा कर पकोस्डयां उतार िे्. पकोस्डयां तेि मे्तिी्हो्तो उन्हे्पानी मे्सभगो कर सनचोड्िे. घी की पकोस्डयां सबना धुिी छौ्की जाती है. अब एक अिग कड्ाही मे् एक चम्मच घी चढ्ा कर ही्ग, जीरा और िाि समच्-ण बीज झड्ी का बाजार िगा कर जो सपट््ी बत्णन मे्िगी रह गयी है. उिमे्उसचत मात््ा मे् िादा पानी या दही का तोइ (दही जो पानी छोड् देती) छो्क दे्. यह मूंग का पानी उबािने िगे तो इिमे् स्वादानुिार नमक डाि दे्. पानी का रिा है तो िूक्म मात््ा मे् नी्बू का ित (टाटरी) का उपयोग कर िकते है्. यसद दही के तोड्का रिा है. तो ऊपर िे सकिी भी तरह की अन्य खटाि का प््योग नही् करना है. पको्स्डयां डािकर एक उबाि दे्और आंच िे उतार िे्. इि व्यज ं न की सवशेरता यही है सक इि समच्णकी चरचराहट नही्केवि हल्की खुशबु होती है. खटाि भी अत्यंत िीसमत होता है तासक मूंग दाि का चटपटापन और िहक बदि््ूर बनी रहे. इि िािन िे चावि और रोटी का प््योग होता है. िामान्यत: अन्य कोई िल्जी-िािन नही्पकाया जाता. कानपुर िखनऊ िे िेकर इिाहाबाद तक का यह पसरवारो् इन मूंग की पकोस्डयो् का एक िािन और भी चिन मे् था. प्याज िहिुन वािा रोगन जोरा का गाढा रिा बनाकर उिमे्यह पकोस्डयां रचा िी जाती थी्. बेिन के गट््े तो राजस्थानी नुस्खा है. िेसकन सदल्िी और पूव्ी उत््र
प््देश मे् बेिन के चीिो् का िािन भी पकाया जाता है. बेिन मे् प्याज, िहिुन, हसर समच्ण और टमाटर डाि कर घोि तैयार कर िेते है्. उिके अच्छे मोटे चीिे् तवे पर परांठे की तरह ति िेते है्. छोटे टुकड्े काटकर मनपिंद रिे मे्छौ्क िेते है्. सजि मौिम मे् िब्लजयां कम और महंगी हो् उिमे् एक राजस्थानी नुसख ् ा पुराने पापड़ के चूरे और िूखी मंगोसरया का भी है. मंगोड्ी और पापड् को एक कड्छी घी मे्राई-समच्णका छौ्क िगाकर भून िेते है्. बि इिमे् दही-पानी का रिा िगा कर पका िेते है्. यह िािन पांच समनट िे भी कम िमय मे् तैयार हो जाता है. कभी भी अचानक मेहमान आ जाये तो यह नुस्खा बहुत कारगर सिद््होता है. अब िे चासिि पचाि बरि पहिे इि मौिम की प््मुख िल्जी हरा चना हुआ करती थी. उि जमाने मे्हरे चने का मटर की तरह प््योग काफी प््चसित था. अमीर िोगो् के घरो् मे् शाम के नाश्ते मे् हरे चने कूट कर पकोस्डयां बनायी जाती थी्और हरे चने की महीन सपट््ी पीि कर बहुत ही िोसफयाना हिवा भी बना करता था. यसद आप भोजन की िंस्कृसत मे्हमारी तरह आधुसनकीकरर िे थोड्ा भी उकता गये हो् तो हरे चने की पकोस्डयो् और हिवे का प््योग अवश्य करे्. पकोस्डयो् मे् उपयोग के सिए यह आवश्यक नही् सक चना सबल्कुि कसचया हो. पकोस्डयो् मे् थोड्ा पका चना भी अच्छा ही िगता है. नुस्खा िरि है: इमामदि््ा अच्छी तरह धो कर चना मोटा मोटा कूट िीसजए. इिमे् आवश्यकतानुिार मामूिी बेिन समिाये स्वादनुिार नमक, हसर समच्ण, िौ्फ धसनया और नाम मात्् को अजवायन समिा िे्. पानी का हल्का छी्टा िगाये्. सजििे पकोड्ी बंध जाये. इन पकोस्डयो् को पुराने िरिो् के तेि मे् ति िे और मन पिंद चटनी के िाथ प््योग करे्. हिवे के सिए चने सबल्कुि कसचया होने चासहए यासन ऐिे हरे चने सजनमे्समठाि कायम है. पांच िदस्यो्के पसरवार के सिए दो िौ ग््ाम चने पय्ाणप्त हो्गे. हरे चनो्को अच्छी तरह धोकर सिि पर महीन सपट््ी पीि िे्. दो िौ ग््ाम चनो् के सिए डेढ् िौ ग््ाम घी कड्ाही मे् चढ्ाये और जब तक सपट््ी घी ने छोड्दे. तब तक सपट््ी को भूने्. अब इिमे्बराबर की मात््ा मे् पानी और तकरीबन 150 ग््ाम बूरा या चीनी समिा कर पकाये्. हिवा पुन: घी छोड्ने िगे तो इिे आंच िे उतार िे.् गरम गरम ही परोिे.् अब िे पचाि बरि पहिे तक यह एक अनोखा शाही व्यंजन हुआ करता था. अब तो n िुप्तप््ाय हो गया है. शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 47
मास् निल् ट महेड
हॉलीवुड पहुंचा बॉलीवुड
तहंदी तसनेमा के अदाकारो्का बॉलीवुड मे्काम करना कोई नयी बाि नही्है, लेतकन अब यह तरश्िा और भी मजबूि हो रहा है. त््पयंका िोपड़्ा और दीतपका पादुकोण का बॉलीवुड तफल्मो्मे्महत्वपूण्षभूतमका तनभाना इसका एक उदाहरण है. हतर मृदल ु
ह
मारे सफल्मी अदाकारो्का हॉिीवुड मे्काम करना कोई नयी बात तो नही्है. िेसकन यह जर्र है सक यह सरश्ता अब नये सिरे िे बनता नजर आ रहा है. देसखये पीकू और बाजीराव मि््ानी जैिी सफल्मे्देने के बाद दीसपका पादुकोर िे बॉिीवुड के कई नामी सनम्ाणता िंपक्क करना चाह रहे थे. िेसकन वे तो हॉिीवुड जा चुकी थी्. दरअिि उन्हे्स््टपि एक्ि: द सरटन्णऑफ जेड् र केज के सिए िाइन सकया जा चुका था. खाि बात यह है सक डीजे कार्िो के सनद्श ्े न मे्बन रही इि सफल्म मे्दीसपका एक महत्वपूरण्भूसमका मे्है.् इि एक्शन सफल्म मे् वे िेरेना नाम की युवती की भूसमका सनभा रही है.् उनके िाथ सवन डीजि जैिा एक्टर है. अक्िर देखा गया है सक हॉिीवुड मे् सहंदि ु ्ानी अदाकारो् की मौजूदगी ज्यादा महत्व इरफान: सूलिडॉग की भूदिका
48 शुक्वार | 16 िे 29 फरवरी 2016
नही्रखती है. िेसकन दीसपका की यही शत्णथी सक हॉिीवुड की सकिी सफल्म मे्वे तभी काम करेग् ी्. जब उन्हे् बॉिीवुड की तरह ही अहम भूसमका िौ्पी जायेगी. दीसपका की यह शत्णमान िी गयी. तो उन्हे्सफल्म िाइन करने मे्भिा क्यो्सदक्त् पेश आती? दीसपका बताती है,् मैन् े हॉिीवुड की सकिी सफल्म मे् काम करने के िपने कभी नही् देखे थे. मै् बॉिीवुड मे् खुश थी. िेसकन जब हॉिीवुड िे अच्छा ऑफर समिा. तो मै् सवचार करने पर मजबूर हो गयी. चूसं क मै्पेशे िे असभनेत्ी हूं, इिसिए अच्छा रोि समिने पर मुझे इंटरनेशनि सिनेमा मे्काम करने िे एतराज नही् है. हािांसक बॉिीवुड की सफल्मे्आज भी मेरे सिए ज्यादा महत्व रखती है.् इधर दीसपका की तरह ही स््पयंका चोपड्ा को भी एक हॉिीवुड सफल्म के सिए िाइन कर सिया गया है. बेवॉच नाम की इि सफल्म मे् पीिी को नेगेसटव सकरदार सनभाना है. यह सफल्म िेथ गोरडोन के सनद््ेशन मे् बन रही है. अमेसरकन िीसरयि क्वांसटको के जसरये िात िमंदर पार अपने टेिटे् की धाक जमा चुकी स््पयंका के सिए यह सफल्म भी कम मायने नही् रखती है. इधर इरफान भी एक नयी हॉिीवुड सफल्म इंफन््ो मे् काम कर रहे है.् इििे पहिे वे वॉसरयर ए माइटी हाट्ण, न्यूयॉक्क, द नेमिेक, आई िव यू, द अमेसजंग स्पाइडर मैन, स्िम डॉग समिेसनयर,
‘वेवॉच’ िेूदूूपयंका चोपडूा: हॉलीवुड बुला रहा है िाइफ ऑफ पाइ और जुरासिक वल्ड्ण जैिी हॉिीवुड सफल्मे्कर चुके है.् इि सफल्म मे्वे एक कंपनी के बॉि हैरी की भूसमका मे् सदखाई दे्गे. इरफान की राह पर िोनू िूद भी सनकि चुके है.् वे एक इंडो चाइनीज सफल्म कूंग फू योगा मे् सदखाई देग् .े इि सबग बजट सफल्म मे्वे जैकी चैन जैिे इंटरनेशनि स्टार के िाथ असभनय करेग् .े इिमे्उनकी भूसमका िम््ाट हर्वण ध्नण की है. हाि ही मे् जानी मानी असभनेत्ी शबाना आजमी भी हॉिीवुड की एक सफल्म द ल्िैक स््पंि मे् काम करके िौटी है्. इि सफल्म मे् उनकी भूसमका महारानी सजंद की है. इधर ओम पुरी िे भी हॉिीवुड के एक सफल्मकार ने िंपक्किाधा है और वे इि सफल्म मे्काम करने के सिए हामी भर चुके है्. िब जानते ही है् सक एक िमय ओम पुरी हॉिीवुड मे्बॉिीवुड के प्स्तसनसध चेहरे थे. उनके नाम सिटी ऑफ जॉय, माइ िन द फेनसे टक, ईस्ट इज ईस्ट, वोल्फ और द घोस्ट एंड द डाक्कनेि जैिी कई नायाब सफल्मे्है.् कुि समिाकर यही सक हॉिीवुड की नजर एक बार सफर बॉिीवुड की प्स्तभाओ्पर पड्चुकी है और वे पहिे की तुिना मे्ज्यादा भरोिा भी कर रहे है.् िेसकन यह महज इत््फाक नही् है सक हॉिीवुड के सफल्मकारो् ने बॉिीवुड एक्टरो् को महत्व देना शुर् सकया है. िच््ाई यह है सक बॉिीवुड के सवि््ार िे हॉिीवुड की आंखे्
‘एकूस एकूस एकूस’ िेू दवन डाइजल के सार िीदपका: बढूती िहतूवाकांकूा चुंसधयायी हुई है्. आज सहंदी सफल्मो् के करोड्ो् आ गया है सक बॉिीवुड की िामथ्य्ण क्या है? अिि मे्दो बातो्ने हॉिीवुड को प्भ् ासवत सकया सनयसमत दश्क ण है.् अगर इन दश्क ण ो्के बीच ढंग है. एक तो यह सक सहंदी सफल्मे्देखने वािे दुसनया िे पैठ बनायी जाये, तो भसवष्य मे् व्यापार की अिीम िंभावनाये्बनती है.् वैिे भी सहंदि ु ्ान मे् के हर कोने मे्समि जाते है.् िाख आिोचनाओ् के बावजूद इन सफल्मो् मे् जैिा मनोरंजक तत्व हॉिीवुड सफल्मो्के सिए एक बड्ा बाजार बन ही होता है, वैिा कही्और की सफल्मो्मे्नही्होता. चुका है. इधर कई हॉिीवुड सफल्मो् ने सहंदी दूिरी बात यह सक अब सहंदी सफल्मे्तकनीक और सफल्मो् िे ज्यादा सबजनेि कर चौ्काया है. बजट के ि्र् पर भी हॉिीवुड िे बहुत दूर नही्है.् दरअिि दश्क ण की दृस्ष िे सहंदि ु ्ान हॉिीवुड हमारी बहुत िारी सफल्मो्की तकनीक हॉिीवुड के सिए एक बहुत बड्ा बाजार है. इि बारे मे्सवधु के टक्र् की है. सवनोद चोपड्ा का सवश्िरे र एकदम िटीक है. वे ज्यादा दूर न भी जाये,् तो बाहुबिी िे िेकर कहते है,् अगर हॉिीवुड हममे् सदिचस्पी सदखा रहा है. तो उिकी वजह हमारी बढ्ती हुई िामथ्यण् हासिया सरिीज हुई सफल्म रॉकी हैड् िम तक ऐिी बीसियो् सफल्मे् है्. सजनमे् सिनेमेटोग््ाफी, स्टंट, है. हमे् िमझना चासहए सक हॉिीवुड का अपना मेकअप और मेसकंग का ि््र हॉिीवुड िे होड् एक सबजनेि ऑफ पॉइंट है. वे िमझ चुके है्सक िेता सदखायी देता है. यूं टेिटे् की तो हमारे यहां अब बॉिीवुड सवि््ार िेने जा रहा है. हमारी कभी कमी रही ही नही् है. बॉिीवुड मे् मदर इंडस्ट्ी मे् ऐिी बीसियो् सफल्मे् बनने िगी है्. इंसडया, मुगि-ए-आजम, गाइड, प्यािा, कागज सजनमे् हम हॉिीवुड के टेकन् ीसशयनो् को उनकी के फूि, दीवार, शोिे, बै्सडट क्वीन और हम ऊंची फीि के िाथ बुिाते है.् अब गुरवत््ा मे्हम आपके है्कौन जैिी पचािो्उल्िख े नीय सफल्मे् उनिे बराबरी करने िगे है.् खुद मै्ने ि््ोकन बनी है.् तो हमारे िमानांतर सिनेमा का कंटटे् भी हॉि््ेि जैिी सफल्म इिसिए हॉिीवुड जाकर बनायी सक हम अपनी अहसमयत बता िके.् उनकी कम आकर्णक नही् रहा है. सहंदी की दज्णनो् यथाथ्वण ादी सफल्मे्सवश््सिनेमा मे्अपना दखि यह धाररा खत्म होनी चासहए सक हम िाउड और रखती है.् अंकरु , आि््ोश, मंथन, उिकी रोटी, रसबश सफल्मे्ही बनाते है.् अध्ि ण त्य, भूसमका, नीचा नगर, मृगया, पार और िच््ाई यह है सक अगर पूरी दुसनया मे्सकिी गरम हवा जैिी बीसियो् सहंदी सफल्मो् ने अपनी ने हॉिीवुड को टक्र् दी है, तो वह बॉिीवुड ही है. सनस््ित र्प िे हॉिीवुड वािो्को िमझ मे् बौस््दकता की धाक जमायी. िेसकन इि बात िे
कतई इनकार नही् सकया जा िकता है सक सहंदी सिनेमा के किाकार भी हॉिीवुड को बड्ी उत्िुकता िे देखते रहे है्. अिि मे् हॉिीवुड सिनेमा को वल्डण् क्िाि होने की मान्यता समिी हुई है. यानी यहां की सफल्मो्मे्काम करने के बाद दुसनया भर मे्प्स्िस््द समिना तय है. नेम और फेम के अिावा डॉिर का भी अपना गेम रहता ही है. यह िच है सक हॉिीवुड की सफल्मो् मे् काम करनेवािे किाकारो् को डॉिि्ण मे् एक मोटा मेहनताना समि जाता है. सनस््ित र्प िे बॉिीवुड के किाकारो् के सिए यह भी एक आकर्र ण की वजह रही है. मोटे मेहनताने के िाथ सवश््भर मे्प्स्िस््द समिना सकिी भी किाकार के सिए कम महत्व नही्रखता है. िेसकन िबिे बड्ी बात यह थी सक ऐिी कहासनयो्पर सफल्मे्बन रही थी्. सजनमे् सहंदी सफल्मो् के किाकार सफट बैठते थे. उि दौर मे् शसश कपूर, ओम पुरी, अमरीश पुरी, िईद जाफरी, कबीर बेदी और रोशन िेठ आसद ने कई चस्चतण हॉिीवुड सफल्मो् मे् काम सकया. िेसकन सफर यह सििसििा जैिे थम िा गया. बाद मे् इरफान खान ने एक नयी शुर्आत की. उन्हे् हॉिीवुड मे् बॉिीवुड का िबिे प््सतभाशािी युवा एक्टर माना जाता है. हािांसक इिी दौर मे् इरफान के अिावा ऐश्य् ण् राय (सपंक पेथ ् र, ि््ाइड एंड स््पजूसडि, समस्टि ्े ऑफ स्पाइिेज, प््ोवोक्ड, द िास्ट रीजन), अनुपम खेर (सिल्वर िाइसनंगि ् प्िे बुक, बैड् इट िाइक बेखम), मब्लिका शेरावत (द समथ, पॉसिसटक्ि ऑफ िव), असनि कपूर (स्िमडॉग समिेसनयर, समशन इंपॉिबि) और असमताभ बच्न् ( द ग्ट्े गेवि ् बाइ) ने भी हॉिीवुड सफल्मो् मे् काम सकया और अपनी ठीकठाक उपब्सथसत दज्णकी. अिि मे्बॉिीवुड की तरह ही हॉिीवुड मे् भी बड्े पसरवत्नण आ रहे है.् अगर बॉिीवुड का चेहरा बदि रहा है, तो हॉिीवुड भी नयी िंभावनाये्तिाशने मे्जुट गया है. कहानी और सफल्मांकन के ि्र् पर उिे भी कुछ नयेपन की जर्रत महिूि होने िगी है. वैिे भी हॉिीवुड की हर सफल्म महान नही्होती है. वहां भी एक िे एक कचरा सफल्मे् हर िाि बड्ी िंखय् ा मे् बनती है.् दरअिि सहंदि ु ्ान सफल्मो्का बहुत बड्ा माक्ट्े है. इिे तभी िही तरह िे भुनाया जा िकता है, जब सक इंटरनेशनि सफल्मो्मे्भारतीय इमोशन भी जुड्ेहो्. खैर स््टपि एक्ि: द सरटन्णऑफ जेड् र केज और बेवॉच की सरिीज के बाद स्पष्् हो जायेगा सक हॉिीवुड की यह होसशयारी सकतने काम की है. इि बारे मे्भारतीय मूि के जाने माने इंटरनेशनि सफल्मकार पेन नसिन कहते है्, हॉिीवुड तमाम सकस्म के एक्िपेसरमेट् के दौर िे गुजर रहा है. अगर वह बॉिीवुड के नजदीक आने की िोच रहा है. तो इिका स्वागत सकया जाना चासहए. n शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016 49
अंितम पन्ना ज्यां द््ेज्
बेला निशािे पर क्यो्
छत््ीसगढ्के जगदलपुर मे्रह रही अपनी सहयोगी बेला भातटया पर हो रहे हमले और खुद को तवदेशी दलाल और नक्सली बिाये जाने की घटना के जवाब मे्वतरष््अि्षशास््ी ज्यां द््ेि्का पत््.
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ि मै्यह िुनकर दंग रह गया सक कुछ िोग जगदिपुर के नजदीक मै्न तो नक्ििवादी सहंिा का िमथ्णन करता हूं और न ही राज्यित््ा द््ारा रह रही मेरी िहोयगी बेिा भासटया के सनवाि के पाि जमा हुए और की जाने वािी सहंिा का. माओवादी सहंिा मे्मैन् े खुद अपने समत््को गंवाने पड्ोसियो् को उनके सखिाफ भड्काने िगे. एकदम सफल्मी तज्ण पर इन का दुख उठाया है. झारखंड मे्भ्ष ् ्ाचार के सखिाफ िड्ने वािे मेरे िाहिी िोगो् ने उनके घर के नजदीक ही प््दश्णन सकया और ‘बेिा भासटया समत््सनयामत अंिारी को माओवादी दि््ेने कुछ िाि पहिे बड्ी बेरहमी मुद्ाणबाद’ और ‘बेिा भासटया बि््र छोड्ो’ जैिे नारे िगाये. िे मार डािा था. इन िोगो्ने एक पच्ाण भी बांटा सजिमे्हम दोनो्के बारे सिखा था सक ऊपर सजि पच््ेका सजि््आया है, उिमे्मुझे ‘सवदेशी दिाि’ बताया ये दोनो्नक्ििवादी है्और ‘देश को तोड्ना चाहते है्’. प््दश्णनकासरयो्मे् गया है. िच््ाई यह है सक मै्भारतीय नागसरक हूं और कि जो िोग यह िे कुछ ने बेिा की मकान मािसकन िे उिे सनकाि बाहर करने को कहा. पच्ाण बांट रहे थे, उनमे् िे कइयो् की तुिना मे् मै्ने भारत मे् कही् ज्यादा िौभाग्य िे, बेिा के पड्ोिी और मकान मािसकन उिकी बहुत कद््करते वक्त सबताया है. मै् इि देश िे प्यार करता हूं जहां कश्मीर िे िेकर है्और उन्हो्ने प््दश्णनकासरयो्को तवि््ो नही्दी. कन्याकुमारी तक मेरे समत्् है्. सिवाय कि के सदन के, भारत मे् िै्तीि जो कोई बेिा और मुझे नक्िििवादी मानता है, वह सनस््ित ही िािो्िे रहते हुए मुझे कभी शत््ुतापूर्णबत्ाणव का िामना नही्करना पड्ा िच््ाई िे कोिो्दूर है. स्थानीय मीसडया (कैच न्यूज मे्भी) मे्प््कासशत है. एक बयान मे्बेिा इन आरोपो्को खासरज करते हुए बि््र के अपने काम नक्ििवादी होने का आरोप एक बहाना भर है. बेिा को परेशान करने की प््कृसत के बारे मे्स्पष््कर चुकी है्. मेरे खुद के सवचार और काम भी की अििी वजह यह है सक उन्हो्ने कुछ हफ्ते पहिे िुरक््ाबि के कुछ एक खुिी सकताब की तरह है.् अगर प्द् श्नण कासरयो्ने इन बातो्को जानने- िदस्यो्के सखिाफ बिात्कार और यौन-सहंिा की सशकायत दज्णकराने मे् खोजने की जहमत बीजापुर सजिे की कुछ उठायी होती तो वे ऐिा आसदवािी मसहिाओ्की आरोप िगाने िे पहिे मदद की थी. इिके बाद कई दफा िोचते. िे ही पुसिि-प््ायोसजत मै् रांची िामासजक एकता मंच सवश््सवद््ािय और जैिे िमूहो् ने बेिा को सदल्िी स्कूि ऑफ सनशाना बनाना शुर् कर इकॉनॉसमक्ि िे जुड्ा हूं सदया. बि््र के िोगो् ने और सवकािपरक मुद्ो् तो अपनी तरफ िे बेिा पर एक अथ्णशास््ी के का, वे जहां भी गयी है्, तौर पर काम करता हूं. स्वागत ही सकया है और मै्रांची मे्रहता हूं और उनके काम का िामथ्ण िमय-िमय पर बेिा सकया है. िे समिने बि््र आता कि का प््दश्णन रहता हूं. मेरा ज्यादातर धमकाने का आपरासधक काम भुखमरी, गरीबी, कृत्य है. यह बहुत सशक््ा, स्वास्थ्य और अनैसतक भी है. बि््र बसूूर िेूआदिवादसयोूके बीच बेला भादटया: झूठे पूूचार की दशकार जैिी जगह मे् सकिी िामासजक नीसत के अन्य पहिुओ् पर है. मै् अमत्य्ण िेन, एंगि डीटॉन, सनकोिि स्टन्ण पर नक्ििवादी होने का आरोप मढ्ना उिकी जान खतरे मे् डािने के और अन्य अथ्णशास््सयो् का घसनष्् िहकम््ी हूं और अगर मै् बराबर है. नक्ििवादी को सनंदा का पात्् िमझकर उिे सनशाने पर िेने नक्ििवादी हूं तो इन्हे्भी छत््ीिगढ्स्पेशि पब्लिक एक्ट के तहत जेि वािा कोई भी व्यब्कत ऐिे आरोप के आधार पर बेिा को नुकिान पहुंचा भेजा जाना चासहए. िकता है. सजि सकिी ने मेरा िेखन देखा है वह जानता है सक मै्िशस््िंघर्ण मुझे सवश््ाि है सक बि््र के नेकसदि िोग बेिा की िुरक््ा मे्मदद का िमथ्णन नही् करता, हािांसक िोकतांस्तक िाधनो् के जसरये अन्याय करे्गे. ज्यां द््ेज के िभी र्पो् के प््सतकार का मै् िमथ्णक हूं. मै्ने बचपन मे् युद् की जगदलपुर, 27 मार्च 2016 n भयावहता के बारे मे्िुना था और तभी िे मै्शांसत-िमथ्णक काय्णकत्ाण हूं, 50 शुक्वार | 1 िे 15 अप््ैि 2016