बायोतपक की भेड्चाल पेज- 13
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वर्ष 1 अंक 22 n पृष्: 16 n 01 - 07 अप््ैल 2016 n नयी दिल्ली n ~ 5
रावत के बिकाऊ बवधायक बिम्मदे ार
lकर्ाटा क, मतिपुर और तिमाचल भी तरशारे पर lकांगस ्े -मुकत् भारत बरारे की मुतिम शरद गुपत् ा
25-30 करोड र्पये का भ्ि ् ्ाचार कर िे.् मै् अपनी आंखे्बंद कर िूगं ा. भिे ही यह एक स्सटंग ऑपरेशन था. िेलकन एक लजम्मदे ार मंत्ी नयी चिल्ली. घर का भेदी ही हमेशा के ऐसे बयान कही्भी उलचत नही्ठहराये जा िंका ढहाता है. उत्र् ाखंड मे् कांगस े् की सकते. यही रजह थी लक कोट्ा ने राष्प् लत सरकार लगरने के पीछे लकतनी ही सालजशो्के शासन िगाने के फैसिे पर केई आपल््त नही् आरोप िगे.् िेलकन हकीकत यही है लक अगर की. िेलकन राष्प् लत शासन िगाने का केद् ् उसके नौ लरिायको्ने बगारत नही्की होती, सरकार का फैसिा भिे ही कानूनी र्प से तो हरीश रारत की सरकार अभी भी चि रही उलचत ठहराया जाये. िेलकन क्या नैलतक र्प होती. यह बगारत बीते कई महीनो्से चि रही से सही था? लरिानसभा सत््शुर्होने से ठीक थी. साथ ही अगर रारत ने लरिायको् की बारह घंटे पहिे! जालहर है नौ बागी लरिायको् सौदेबाजी नही्की होती, तो राज्य मे्कांगस्े की को लरिानसभा अध्यक््गोलरंद लसंह कुज ं राि सरकार ही रहती. के अयोग् य ठहराये जाने से लरिानसभा मे् यही रजह है लक नैनीताि हाईकोट्ाके दो हरीश रारत खे म े को बहु म त लमि गया जजो्की लडरीजन बेच ् ने लसंगि जज के उस को जल्दबाजी मे्राष्प् लत शासन क्यो्िगाया कर रहे थे. उस रीलडयो टेप का लजसमे् था. हार सामने दे ख बीजे प ी ने पीछे दरराजे से आदेश पर रोक िगा लदया. लजसमे्30 माच्ा गया. रोहतगी ने कहा लक रहां लरिायको्की मुखय् मंत्ी एक टीरी चैनि के मालिक से सत् ा ् हलथया िी. को लरिानसभा मे्रारत को बहुमत लसद््करने सौदेबाजी हो रही थी. राष्प् लत शासन के लरिायको्की सौदेबाजी करते हुए लदख रहे है.् बीजेपी की मंशा का अंदाजा उसके को कहा गया था. कोट्ा ने अटॉन््ी जनरि दौरान लरिानसभा थी ही नही् तो शस्कत रे उससे बागी लरिायको् को करोडो् की बाकी पेज 2 पर मुकि ु रोहतगी से पूछा लक 29 माच्ाकी शाम परीक्ण ् हो कैसे सकता था? रे दरअसि लजक्् िनरालश देने का रादा कर रहे है.् मंत्ी चाहे्तो
बाघों की कबंंगाह बनता 'टाइगर संटेट'
पूजा तसंि भोपाल. एक समय टाइगर स्टेट का दज्ाा रखने रािे मध्य प््देश मे्बाघो्की मौत का लसिलसिा थमने का नाम ही नही्िे रहा है. प््देश मे्स्सथत पे्च नेशनि पाक्कमे्बीते लदनो्एक बालघन और दो शारको्की मौत के साथ इस रष्ा प््देश मे्ं मरने रािे बाघो् की संख्या सात हो गयी है. इनमे् से छह बाघ केरि पे्च मे्ं ही मारे गये है्. एक शारक खबर लिखे जाने तक िापता है. सरकारी आंकड्ो् मे् हर बाघ की मौत की कोई न कोई ठोस रजह है. मसिन कोई
बाघ करे्ट िगने से मरा तो कोई कुंए मे् लगरकर, लकसी की मौत जहर देने से हुई. िेलकन पय्ााररण काय्ाकत्ाा इन तमाम मौतो् को संदेहास्पद करार देते है्. िंबे समय से बाघो् पर काम करने रािे पय्ााररण काय्ाकत्ाा अजय दुबे सरकार पर आरोप िगाते है्लक रन मालफया को संरक्ण ् देने की कोलशश मे्सरकार ने बाघो्के लहत को ताक पर रख लदया है. दुबे कहते है्, 'पे्च मे्बाघो् को जहर लदये जाने के जो मामिे सामने आ रहे है् उनके लिये सरकार दोषी है क्यो्लक उसने अब तक स्पेशि टाइगर प््ोटेक्शन फोस्ानही्बनायी है. जबलक इसे रष्ा2008 मे् बनाया जाना था और के्द् इसके लिये 100 प््लतशत आल्थाक सहायता देने के लिये तैयार था.' आलिकालरक कहानी यह है लक पे्च मे् बालघन और शारको् की मौत जहर से हुई. कहा जा रहा है लक बालघन और शारको्की मौत एक ऐसे चीति को खाने से हुई लजसके शरीर मे्कीटनाशक पदाथ्ाथे. रही्स्थानीय िोगो्का कहना है लक पाक्कमे्पीने के पानी के स््ोतो् मे् जहर लमिाये जाने के कारण बाघो्की मौत हुई. लपछिे कुछ लदनो्मे्पाक्क मे् 10 अन्य पशुओ् की मौत भी इस आरोप की पुल्ि करती है. अजय दुबे कहते है् लक बाघ अगर अप््ाकृलतक तौर पर मर रहे है्तो लफर सरकार चाहे लजतने बहाने बना िे रह अपनी जराबदेही से नही्भाग सकती.
रही् प््देश के अलतलरक्त प््िान मुख्य रन संरक््क आर पी लसंह का कहना है लक लरभाग कम्ाचालरयो्की कमी से जूझ रहा है. यहां करीब 40 प््लतशत लरस्कतयो् की पूल्ता अभी होनी है. इस रजह से भी कलठनाइयो्का सामना करना पड्रहा है. राष््ीय बाघ संरक््ण प््ालिकार (एनटीसीए) के आंकड्ो् के मुतालबक गत रष्ा देश मे् कुि 69 बाघो्ं की मौत हुई थी, उनमे्ं से 11 बाघो् की मौत के साथ मध्य प््देश देश मे् सबसे ऊपर था. रही् इस रष्ा अब तक मारे गये 16 बाघो्मे्से सात मध्य प््देश मे्ही मरे है्.
कोच््ि मे् बढ़ा जल-संकट कोच््ि. शहर के कई लहस्सो् मे् पीने योग्य पानी की लकल्ित बढ गयी है. यहां के िोग सप्ताह मे्कम से कम दो बार पीने का पानी खरीदने पर मजबूर है्. शहर मे्रोजाना हर घर के लिए 20 िीटर पानी की जर्रत है. हािांलक शहर मे् दो नलदयो् का जि जराहर िाि नेहर्राष््ीय शहरी नरीकरण लमशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत मरदू जि उपचार संयतं ्से पेयजि की आपूलत् ा की जाती है. लफर भी कुछ क््ेत्ो् मे् पानी नही् पहुंच पाता है. हािांलक केरि जि प््ालिकरण के रलरष्् अलिकालरयो् ने शहर के अलिकांश भागो् मे् 24 घंटे जि आपूल्ता का दारा लकया है. साथ ही उनका कहना है लक चेरानाल्िूर और पल््िम कोल््ि मे्जि आपूल्ता प््भालरत हुई है. पल््िम कोल््ि मे्भी जि आपूल्ता मे् कमी आयी है. जहां फोट्ा कोल््ि, पल्िुर्थ्य, चेल्िानाम, कुम्बिंगी बाकी पेज 2 पर
आसान नहीं भाजपा की राह
रीता ततवारी
सत््ा मे्रहते कई ऐसी हत्याएं हुई थी्लजनके हत्यारो्का अब तक खुिासा नही्हो सका है. कोलकाता. पूरो्त्र् राज्य असम मे्सत््ा तब इनको गोपनीय हत्याएं कहा गया था. यह की सबसे प्म् ख ु दारेदार भाजपा के लिए मुद्ा राज्य के िोगो्के लिए बेहद भारनात्मक गोपनीय हत्याओ्का मुद्ा भारी पड्सकता है. रहा है. इसके जोर पकड्ने पर भाजपा के अस्सी के दशक के आलखर मे् असम गण मुखय् मंत्ी पद के उम्मीदरार सब्ाना दं पलरषद के सत््ा मे् रहते खासकर उग्र् ादी सोनोराि के लिए मुसीबत पैदा हो सकती है. संगठन अल्फा के कई नेताओ् और इन हत्याओ् के समय असम गण पलरषद राजनीलतक लररोलियो्की गोपनीय हत्याएं हुई सरकार मे् मंत्ी रहे सोनोराि की ओर भी थी्. अब मुखय् मंत्ी तर्ण गोगोई और अल्फा अंगलु ियां उठती रही है.् उन पर अल्फा के कुछ के परेश बर्आ गुट ने यह मुद्ा उछाि कर पूरा् काडरो् के जलरए रष्ा 1986 मे् लडब्ग्ू ढ् लरश्ल्रद््ािय के छात््सौरर बोरा समेत भाजपा खेमे मे्हिचि मचा दी है. बाकी पेज 2 पर अस्सी के दशक मे्असम गण पलरषद के
बनारस आइए, बाबा मिल जायेंगे
चंचल
िा
िमुलन चौबे नही्रहे, यह कटुसत्य कुछ देर के लिए हटा दीलजये और बनारस भ्म् ण पर आ जाइये. तो चौबे जी कही्न कही टकरा जायेग् .े कल्पनाथ लसंह से लसयासत पर बलतयाते हुए. िच्छू महराज
से संगीत पर ताि ठो्कते हुए. लकसी को डांटते हुए, लकसी को पुचकारते हुए. गरज
यह की बनारस ने कभी यह नही् देखा की यह शख्स जो बाबा के नाम से पुकारा जाता है और राजनीलत मे्अटि जी का भरोसेमदं है. कभी लकसी भी कोण से संघी रहा हो. सच बात तो यह है लक यह शख्स संघ लररोिी रहा है. यह हमने जेि यात््ा के दौरान जाना जहां हम एक साथ पौने दो साि गुजारे. काशी लरश्ल्रद््ािय की छात्् राजनीलत मे् एक चौकडी हुआ करती थी. उसके चार पाये थे. देरब्त् मजूमदार, रामबचन पांड,े मारकंडे लसंह और िािमुनी चौबे. इनके मतभेद रहते बाकी पेज 2 पर
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01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
बढ़ेगी केजरीवाल की सुरक््ा
बनारस आइए, बाबा मिल जायेग ं े
पेज 1 का बाकी थे, िेलकन मनभेद गायब रहता. देबदू ा बनाम मारकंडे लसंह स्थायी भार था, देबू दा अगर चंडीग़ढ़. के्द्ीय गृह बोिते लक सूरज पूरब से लनकिता है. तो मंत्ािय ने पंजाब सरकार से मारकंडे लसंह इससे असहमत जर्र होते. देबू लदल्िी के चीफ लमलनस्टर अरलरंद दा की बात सही हो सकती थी, अगर उन्हे्यह केजरीराि की सुरक््ा को और पता होता की सूरज लनकिता ही नही्या पृथर् ी बढ्ाने को कहा है. केजरीराि की घूमती है. िेलकन यह बयान परोक््से आता सुरक््ा का लरव्यू करते हुए था. रामबचन पांडे दोनो् ओर रहते. रह भी मंत्ािय ने कहा है लक चूंलक रह परोक्् मे् ही, पांडे जी राजनारायण जी के िोगो्के बीच ज्यादा रहते है्और मुहिगे ल््पय थे. िेलकन माक्ड ्ं ये लसंह के पंजाब मे् उन पर दो बार हमिा बजाय पांडे जी देबदु ा के िंगोलटया यार माने हो चुका है. ऐसे मे् िोकि थ््ेट जाते थे. इस यारी पर दीनदयाि जी ऐतराज को देखते हुए उन्हे्लमिी हुई जेड दालखि करते- नॉट! नॉट जी! गित प्च ् ार है केटेगरी की सुरक््ा के अिारा िंगोट दोनो्ही नही्पहनते है.् चौबे जी संघी और भी सुरक््ा मुहैया कररायी नही्थे, क्यो्लक रह जन संघी थे. जनसंघी मे् जाये. क्यो्लक आने रािे पत्थर भी फे्के गये. इससे पहिे भी लदल्िी भी उदाररादी थे. इस चारपाये रािी चौकी मे् लरिानसभा इिेक्शन को देखते हुए मे्पस्बिक प्िेस पर अरलरंद केजरीराि के आंदोिन और भोजन दो तंतु ऐसे थे. जो सारे केजरीराि पंजाब मे् काफी ज्यादा आये्गे. साथ लरराद हुए है्. लजसमे्17 जनररी को मतभेद लमटा कर एक र्प कर लदया करता था. मंत्ािय ने कहा, फरररी महीने मे् जब एक मलहिा का स्याही फे्कना भी शालमि देबू का घर भोजन का अखाडा रचा करता था. केजरीराि पंजाब के दौरे पर आये थे. तो है. सालमष लनरालमष हर तरह का प्य् ोग. एक उनकी लररोिी पाल्टियो् ने उन्हे् कई स्थानो् तालक इस लकस्म की घटनाओ्को लफर राकया सुलनए – कोई आंदोिन चि रहा था. पर कािे झंडे लदखाये. आप और कांग्ेस के से न दोहराया जाये. िोकि इंटेलिजे्स से पुलिस लगरफ्तार करना चाह रही थी. िोग यूथ नेताओ् मे् इस यात््ा के दौरान झगड् प््दश्ान आलद की जानकारी िेकर सुरक््ा फरार चि रहे थे, िेलकन भोजन तो फरार हो भी हुआ. 29 फरररी को उनकी कार पर को कड्ा लकया जाये. कालबिे गौर है लक नही्सकता था. चुनांचे चुपके से लखचडी बनी हलररंस की कैट् ीन पर, जहां अब मिुरन है पहिे यह जंगि का एक टुकडा हुआ करता था. यही हलररंस चाय बेचता था और लबस्कटु रखता था. एक टूटे हुए ताबूत मे् रात को पेज 1 का बाकी का दबार भी कम हो जाता है. पाइपिाइन मे् अपना सामान बंद कर के चिा जाता था. इसे पेज 1 का बाकी महामंत्ी कैिाश लरजयरग््ीय के बयान से और थोप्पमु पद्् जैसे क्त्े ्मे्40 िाख िीटर पानी आ जाना लकस्मत मानी जाती है. पानी ही कैट् ीन नाम दे लदया गया था. ज्यो् ही ही िग जाता है लक अर्णाचि और पानी की सप्िाई मे्कमी पायी गयी है. यहां इतना िीरे आता है लक टैक ् भरने मे्तकरीबन लखचडी परोसी गयी, सामने से तेज प्क ् श देती उत््राखंड के बाद अब कांग्ेस शालसत अब एक लदन मे् केरि छह घंटे ही पानी 20 लदन िग जाते है्. एक कार लदखायी पडी और िो्गो ने समझा कन्ाटा क, मलणपुर और लहमाचि प्द् श े हमारे आता है. शहर के एक लनरासी ने कहा लक लचिारान्नूर के लनरालसयो्को पानी की पुलिस आ गयी. सब भागे अपना अपना पत्ि ् लनशाने पर है.् यानी भाजपा ने देश को कांगस ्े थम्मनाम से होने रािी जिापूलत् ा का भंडारण भारी लकल्ित का सामना करना पड रहा है. छोड कर िेलकन पांडे जी अपने पत्ि ् को मुकत् बनाने का यह फाम्ि ाू ा ईजाद लकया है. करने के लिए रह बीते 15 लदनो्से राटर पंप एिामक््ारा मे्केडब्िूए के पुराने पाइपो्मे् साथ लिए भागे. रह गाडी पुलिस की नही्थी, मलणपुर मे् भी लरिानसभा अस्सथर होने के का इस््ेमाि कर रहा है. जो अब खराब हो र्कारट भी है, लजससे जिापूल्ता पूरी तरह से सब रापस आये. अपने-अपने पत्ि ् के सामने संदेश है्. जबलक लहमाचि मे् मुख्यमंत्ी गया है. इससे पहिे रहां रैकस्लपक लदनो्मे् ठप्प है. इसके साथ ही यहां लबजिी की बैठ गये, िेलकन पांडे जी का पत्ि ् गायब था. रीरभद्् लसंह के लखिाफ एनफोस्ामे्ट लनयलमत जि आपूल्ता करता था. िेलकन आपूल्ता का मुद्ा भी है, लजससे कुछ इिाको् पांडे कमर तक भीगे हुए थे. पानी के गड््ेमे्लगर डॉयरेक्टरेट (ईडी) की जांच तेजी से चि पाइप बदिने और एक पाइप के फटने के मे् पंप नही् चि पा रहे है्. पंप के न चिने गये थे और लखचडी रही्रह गयी थी. देबू दा रही है. िेलकन लकसी राज्य मे् राष््पलत कारण बीते 15 लदनो्से उसे पानी नही्लमि की रजह से आपूल्ता मे् बडा अंतर पैदा हो ने प्स ् ्ार रखा की सबिोग अपने अपने लहस्से शासन कब और कैसे िग सकता है? रहा है. कई व्यारसालयक प््लतष््ानो् और गया है. हािांलक एक अलिकारी ने कहा लक से थोडी-थोडी लखचडी लनकाि कर इस राष्प् लत केद् ्ीय मंत्ीपलरषद की लसफालरश पर व्यस्कतयो्के बडे मोटरो्के उपयोग से पानी इसे जल्द सही कररा लदया जायेगा. 'महाबाभन' को दे दे,् नही्तो लकसी को नही् काम करते है.् केद् ्ीय मंत्ीपलरषद की मीलटंग पचेगी. संघष्ाके लदनो्मे्ऐसी छोटी छोटी बाते हुई और उसमे् लरचार लरमश्ा हुआ और बहुत कुछ लसखाती रही है.् लजनके छांर मे् उन्हो्ने राष्प् लत से प्स ्े ीडेट् र्ि िगाने की सल्फा कहा जाता है, के जलरए माजुिी मे् हमारे जैसे िोग उग रहे थे. हम इस सब के लसफालरश की. राष्प् लत के पास लरकल्प था पेज 1 का बाकी ा त्ाा संजय घोष, पत्क ् ार ल््पय रहे है.् भाई दुगा्लसंह चैहान ने अपनी एक इस लसफालरश को मंल्तपलरषद के पास अपने कई लररोलियो्की हत्या का आरोप िगा सामालजक काय्क ्े नेता मानरेद् ्शम्ाा लटप्पणी मे् यह लजक््लकया है. जेि मे् लकस पुनल्रच ा ार के लिए रापस भेजने की. िेलकन था. हािांलक गुराहाटी हाईकोट्ाने सोनोराि कमिा कलिता और कांगस तरह चौबे हमे्मीठा लखिाने का इंतजाम लकया उन्हो्ने यह नही् लकया. उत््राखंड को रष्ा2012 मे्हत्या के आरोपो्से बरी कर की हत्या कराने का आरोप िगाया है. उसने ् लु ि ् कुमार महंत पर भी इन करते थे. हमे्खाने के बाद लमठाई की तिब लरिानसभा को भंग नही् लकया गया है. लदया था. िेलकन चुनारो्के मौके पर हाईकोट्ा पूरा्मुखय् मंत्ी प्फ िगती थी. इसके लिए चौबे लकसी न लकसी इसका मतिब ये है लक अब भी सरकार के उस फैसिे का कोई मतिब नही्रह गया गोपनीय हत्याओ्मे्शालमि होने का आरोप तरह जुगाड करते थे. चौबे लजन्हे्बाबा कह कर बनाने का रास््ा खुिा हुआ है. अगर है. मुखय् मंत्ी गोगोई ने सोनोराि के लखिाफ िगाया है. यह तमाम हत्याएं महंत के बु िाते थे. उनकी आराज बहुत मिुर थी. जेि राज्यपाि को लकसी भी समय ये लरश््ास हो हत्या का मामिा चिाने की मांग उठाई है. मुखय् मंत्ी रहते हुई ती्. िेलकन िाख टके का की चारदीरारी गूज ं जाया करती थी. जब रे जाये लक रैकस्लपक सरकार बन सकती है. सोनोराि जोरहाट लजिे की लजस माजुिी सराि यह है लक क्या गोपनीय हत्याओ् का पीया तू आर अं ग ना, गाते थे. हम जेि से बाहर तो राष््पलत शासन हटाकर रैकस्लपक सीट से िड्रहे है्उसे भी उनका अहम अल्फा मुद्ा चुनारी नतीजो् को प्भ् ालरत करने मे् आये तो छात् स ् घ ं चु नार मे् संलघयो् ने बहुत ् न माना जा रहा है. यह नदी द््ीप कभी सक्म् है ? राजनीलतक लरश्िषे क अर्पज्योलत सरकार बनायी जा सकती है. ऐसा होने के कनेकश कोलशश लकया की चौबे हमारे लखिाफ भाषण लिए ऐसा कोई राजनेता या दि सामने आना अल्फा का एक मजबूत गढ् था. यह द््ीप सैलकया कहते है् लक लफिहाि यह कहना करे . ् िे ल कन चौबे एक भी शब्द नही्बोिे. हम चालहए. लजसको िेकर राज्यपाि आश््स् अहोम पहचान का भी संकते है. शायद मुसश् कि है. हर चुनार से पहिे तमाम दि इस अपने सं स म ् रण लजसे एक लकताब के र्प मे् हो्लक उसे सदन मे्बहुमत से समथ्ना लमिने इसीलिए भाजपा का चेहरा बने सोनोराि ने मुद्ेको उठाते रहे है.् उसके बाद इसे भुिा लदया िाने की कोलशश कर रहे है .् की आशा की जा सकती है. जालहर है अब माजुिी सीट को चुना था. नब्बे के दशक के जाता है. उके मुतालबक यह बेहद अफसोस की बात एक ही है , राकया रही है. कि तक ा त्ाा संजय घोष की बात है लक लकसी भी पाट््ी को सि््ाई का पता रहां कांग्ेस की सरकार तो नही् ही बन आलखर मे्सामालजक काय्क हम इसे साझा करके ठहाका िगाते थे. आज ् या ां िगाने मे्कोई लदिचस्पी नही्है. इन गोपनीय सकती है. ऐसे मे् इंतजार करना होगा लक हत्या के बाद इस द््ीप ने पूरी दुलनया मे्सुलख उसी राकये पर मन उदास हो जा रहा है, रोना हत्याओ् की जांच के लिए गलठत सैलकया बीजेपी कब अपनी सरकार बनायेगी. इससे बटोरी थी्. आता है . िािमु न ी चौबे सां स द थे. डॉ िोलहया अल्फा के परेश बर्आ गुट ने कांगस ्े के सलमलत ने ऐसे 35 मामिो् की जांच के बाद भी ज्यादा इंतजार इस बात का रहेगा लक इन हॉस्सपटि के सामने सांसद आरास के 101 घटनाओ् का चुनार पर क्या असर पडेगा. पूरा् मंत्ी और अब भाजपा नेता लहमंत माना था लक तमाम हत्याओ्मे्काफी हद तक नं बर मे्रह रहे थे. देबू दा जब भी लदल्िी जाते, ् म्ाा और सोनोराि के लखिाफ समानता है और राज्य सरकार की लमिीभगत आलखर उसके लिए अब एक साि से भी कम लरश्श सं डसा रही लगरता. सौभाग्य से देबू दा के साथ हलथयार डाि चुके अल्फा काडरो्, लजनको के लबना यह संभर नही्हो सकता. समय रह गया है.
एम कुमार
अरलरंद केजरीराि फरररी और माच्ा महीने मे् पंजाब मे् आये थे. फरररी मे् उन्हो्ने पांच लदन तक पंजाब के लरलभन्न स्थानो् का दौरा करके िोगो् की लदक््तो् को समझा. उनके मई मे् लफर से आने की उम्मीद है. लजस दौरान रह केरि इंडस्ल्िलिस्टो् से लमिे्गे. उिर, अपनी पाल्टियो् का आिार लखसकता देखकर अकािी दि, भाजपा और कांग्ेस लरलभन्न मुद्ो्पर उनके लखिाफ प््दश्ान कर रही है्. मसिन अमृतसर और बटािा मे् भाजपा ने केजरीराि के लखिाफ प््दश्ान लकया और आरोप िगाया लक रे जानबूझकर नशो् के मामिे मे् बदनाम कर रहे है्. जािंिर और जिािाबाद मे्यूथ कांग्ेसी उनके लखिाफ है. िुलियाना मे्1984 के दंगा पीलडतो्ने उनके लखिाफ न केरि प््दश्ान लकया बस्लक उनकी कार पर पत्थर भी मारा लजससे कांच के टुकड्ेउनके ऊपर लगर गये थे.
रावत के बिकाऊ... कोमंंि िें बढ़ा जल-संकट
आसान नहीं भाजपा की राह
रामबचन पांडे भी रही्जा लगरे. चौबे और पांडे के बीच लरश्ता था. लबहार मे्परोक््रात्ाि ा ाप बात करने की एक लरिा है. इन दोनो मे्रही होता था. उन लदनो्हम लदल्िी मे्ही थे. देबू दा ने फोन लकया लक चौबे के यहां आ जाओ. अि सुबह हम पहुच ं े तो देखा चौबे जी पूजा कर रहे है.् देबू दा बरामदे मे्बैठे अखबार पढ रहे है.् पांडे और चौबे के खानसामे से बलतया रहे है.् बहरहाि पराठा और रात मे्बने मुग्ेका प्भ् ात भोज हुआ. पांडे ने हमसे दो सौ र्पये मांगे हमने दे लदया और बाहर लनकि आया. सांझ बहुत है बतनाक सालबत हुयी. हम पहुंचे तो चौबे और देबू दा कुछ लचंलतत लदखे और बाहर बरामदे मे्पांडे चहि कदमी कर रहे थे और खैनी रगड रहे थे. हमे्देखते ही पांडे ने लकनारे की तरफ खी्चा और बोिे उिर मत जाओ. कुछ भी हो सकता है. रो दोनो् हत्या भी कर सकते है्. चौबे से ज्यादा गुस्से मे् बंगािी है. हमने पूछा माजरा क्या है? माजरा बहुत खराब है, ठाकुर गायब है्. - ठाकुर जी कौन? - ये िो ये भी नही् जानते, ठाकुर जी, जो खाना बनाता था? - रो भाग गया, कुछ िे भी गया? - क्या है जो िे जायेगा, चौबे के पास जो सबसे कीमती था रो ठाकुर जी ही थे, रही गायब है. ये दोनो् समझ रहे है् हमने उसे भगाया है. अब तुमह् ी बताओ हम क्यो्भगाएंग.े हमने कहा चलिए सांतर् ना लदया जाये. - िेलकन रे्ज के बाहर रहना क्यो् की रोहू तो आ ही गया है, मसािा पीसना है खुद ही रोटी बनाना है. चीजो् को समझा करो. बोिते बलतयाते हम अंदर कमरे मे्गये. हमने पूछा क्या हुआ - चौबे ने एक पुज्ी सामने रख दी. ठाकुर भाग गया. उस पर लिखा था 'लजंदगी भर खाना बनाने और फोन सुनने के लिए ही नही्बना हूं, अब राजनीलत करं्गा. प््णाम बाबा. देबू दा ने कहा - यह लिखारट तो उसी की है िेलकन लजसने यह लिखराया है, रह लनहायत कुलटि है. पांडे मुसक ् रु ाये. बहरहाि आचमन शुर् हुआ. देबू दा पांडे के प््लत उदारता बरते सो थोडी देर मे् ही पांडे रौ मे् आ गये. 'ठाकुर को आप िोगो् की हरकत से भागना पडा है. भिा यह भी होता है की मुग्े की टांगे दो जन खाय और तीसरे को (यानी खुद पांडे) को खोइया लमिे? इस अन्याय के लखिाफ ठाकुर को यह कदम उठाना पडा होगा. जहां तक हम समझ रहे है्. नंबर दो कप्ाूरी ठाकुर के बाद लबहार की राजनीलत मे् एक गैप आया है. हो सकता है उसी को भरने के लिए ठाकुर लदल्िी से कूच कर गये हो्. - िेलकन उसके पास तो पैसा था नही्? बेचारा जायेगा कैसे ? चौबे ने लचंता जतायी. -राजनीलत मे्सब होता है, मान िीलजये उसने हमसे दो सौ मांगा और मेरे पास नही् था और हमने लकसी से मांग कर दो सौ दे लदये तो इसमे् गित क्या था. कि को रह मुख्यमंत्ी बना तो दो सौ तो याद रहेगा. चौबे चीखे- बचनी! पांडे ने बट्ड ्े रसाि को बीच मे्िा लदया और पूरा फ़्िैट गुिजार हो गया. एक दौर का मुआयना है भाई, अब अगर ऐसा हो जाये तो ठहाका नही्िगेगा. बार्द की गंि से इिाका दहि जायेगा. नमन बाबा
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पंजाब मे् आप की लहर
नयी चिल्ली. अगर चुनार पूरा्सर्क ्े ण ् ो् का कोई महत्र है तो अगिे साि फरररी मे् होने रािे पंजाब लरिानसभा चुनारो्मे्आम आदमी पाट््ी की आंिी होगी. साथ ही िम्ाके नाम पर बनने रािे इस राज्य को पहिा गैरलसख मुख्यमंत्ी लमि सकता है. न्यूज रेबसाइट हलफंगटन पोस्ट के लिए लकए सर््े मे्सी-रोटर ने पाया लक 59 फीसदी मतदाता अरलरंद केजरीराि को पंजाब के मुख्यमंत्ी
एम कुमार
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01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
के र्प मे् देखना चाहते है्. जबलक आम आदमी पाट््ी को 48 फीसदी रोट लमिता लदख रहा है. सर््ेके अनुसार आप को पंजाब की 117 मे्से 94-100 तक सीटे्लमिने की संभारना है. दूसरे नंबर पर आने रािी कांग्ेस को 8 से 14 और अकािी दि-बीजेपी गठबंिन को 6 से 12 के बीच सीटे्लमिे्गी. आप प््रक्ता आशुतोष का कहना है लक
यह हाि तो तब है जब केजरीराि ने पंजाब मे्प््चार करना शुर्भी नही्लकया है. पंजाब के िोग कांग्ेस और अकािी दोनो्से नाराज है्. केजरीराि के प््चार के बाद तो लरपक््ी दिो्का एकदम सफाया हो जाएगा. याद रहे शुक्रार ने दो महीने पहिे ही पंजाब मे्आप की िहर का समाचार प््कालशत लकया था. संभरतया यह ऐसी भलरष्यराणी करने रािा देश का पहिा समाचारपत््था.
खतरे में वीरभदंं की कुरंी
रीरभद््की आठ करोड्की संपल््त जब्त की है. रीरभद््2008-09 से 2011-12 के बीच केद् ्ीय इस्पात मंत्ी थे. आयकर लरटन्ा मे् चिमला. क्या लहमाचि मे्भाजपा कांगस्े पलररार की आय 47.35 िाख लदखायी. बाद की सरकार को अस्सथर करना चाहती है? कम मे्संशोलित लरटन्ामे्इसे 6.57 करोड्लकया. से कम मौजूदा हािात मे्लहमाचि के कांगस ्े ी अलिकांश आमदनी सेब के बगीचे से लदखायी. यही्बात बोि रहे है.् पुराने लरटन्ामे्बगीचे से आय सात से 15 िाख लहमाचि प्द् श े के सीएम रीरभद््लसंह पर र्पये सािाना थी. िेलकन बाद मे्इसे करोड्ो् लगरफ्तारी की तिरार िटक रही है. प्र् त्ना र्पये लदखाया. लनदेशािय (ईडी) के अलिकारी उन्हे्लकसी अब लहमाचि मे् लसयासी गलतलरलियां भी रक्त पूछताछ के लिए बुिा सकते है.् ते ज हो गयी. कांगस ्े ने इस मुद्ेपर बीजेपी को हािांलक ईडी के सूत्इस बात से इनकार नही् उनके घर होिी िॉज पर छापा मारा था. घे र ना शु र ् कर लदया है. उसका कहना है लक कर रहे है् लक उन्हे् लगरफ्तार भी लकया जा रीरभद््लसंह को तीन साि की आयकर लहमाचि कां ग स े ् सरकार को तंग करने के लिए सकता है. आय से अलिक संपल््त के आरोप जांच से गुजरना पड् रहा है. इन सािो् मे् ही के द ् ् के इशारे पर यह सब लकया जा रहा है. रािे मे्लसतंबर 2015 मे्रीरभद््के लिए उस उनकी संशोलित आय अचानक बढ्गयी थी. समय पलरस्सथलतयां अजीब हो गयी थी्. जब रह साि-दर-साि तकरीबन साढे सात िाख हािांलक लहमाचि के सीएम पहिे भी इन अपनी छोटी बेटी मीनाक््ी की शादी की तैयारी र्पये से 15 िाख र्पये और 25 िाख र्पये आरोपो्का सामना कर चुके है्और आसानी मे्जुटे थे और लबना उन्हे्कोई पूरा्सूचना लदये से सरा दो करोड्र्पये, पौने तीन करोड्र्पये से साफ बच लनकिे है.् िेलकन ताजा सीबीआई और ईडी के 18 अलिकालरयो् ने और डेढ करोड् र्पये हो गयी है. ईडी ने घटनाक्म् ने उनकी परेशानी बढा दी है.
'भारत माता की जय’ ग़ैर इस़लामी! नयी चिल्ली. दार्ि-उिूम देरबंद ने एक फ़्तरे मे्कहा है लक देरी के र्प मे्भारत माता की रंदना करना ग्रै -इस्िामी है.दार्िउिूम के प्र् क्ता अशरफ़्उस्मानी ने बताया लक दार्ि-उिूम की लजस शाखा से फ़्तरा जारी लकया जाता है रहां पर भारत के कई लहस्से से िोगो्के सराि आ रहे थे लक क्या 'भारत माता की जय' बोिा जा सकता है और िोगो्के सराि के जराब मे्ये फ़्तरा जारी लकया गया है. इससे पहिे महाराष्् मे् एमआईएम के लरिायक रालरस पठान को भारत माता की जय नही्बोिने पर लनिंलबत कर लदया गया था. दूसरी तरफ़्, राष््ीय स्रयंसरे क प्म् ख ु
मोहन भागरत की बात पर प्ल्तल््कया देते हुए एमआईएम नेता असदउद््ीन ओरैसी ने कहा था लक उनकी गद्ना पर चाकू्रख लदया जाए तो भी रे भारत माता की जय नही्बोिेग् .े ओरैसी ने कहा था लक ऐसा करने के लिए देश का संलरिान उन्हे्इजाज्त देता है. दार्ि-उिूम के फ़्तरे पर भाजपा नेता और केद् ्सरकार मे्मंत्ी साध्री लनरंजन ज्योलत ने कहा, ‘ये फ़्तरा शहीदो्का अपमान है और ये इस्िाम के कट्र् पंथी चेहरे को दश्ाता ा है.’ िेलकन अशरफ़्उस्मानी ने कहा लक िोगो्ने अपने सरािो्के साथ भारत माता की तस्रीर भी भेजी थी लक क्या इस तस्रीर की जय या इसकी रंदना की जा सकती है.
कालीघाट मे़ दीदी का जलवा
तबश््राथ घोष
कालीघाट. ममता बनज््ी के पड्ोस मे् कािीघाट मे् िोग राजनीलत या चुनार पर बात करने से कतराते है्. कािीघाट को रास््र मे् आिुलनक कोिकाता माना जाता है. हािांलक यहां लक तीन देलरयो्रािी मंलदर तकरीबन 200 साि पुरानी है. जो अभी भी बरकरार है. बंगािी िोग देरी दुग्ाा और कािी के भक्त होते है्. जो हर साि तकरीबन पांच लदन बहुत बडा उत्सर मनाते है्. कोिकाता मे् जहां देरी दुग्ाा की स्थायी मंलदर बहुत कम ही है.् िेलकन देरी कािी की कई मंलदरे्है्. इसमे्एक मंलदर कािीघाट मे् है जो काफी िोकल््पय है. यहां 1929 मे्िोगो्के ठहरने के लिए दो मंलजिा िम्ाशािा बनाया गया था. लजसे 1952 मे् नगर लनगम ने मदर टेरेसा को बेसहारा िोगो् के रहने के लिए दे लदया था. यहां आये् तो चिते रहे्, लजससे आपको काफी पुरानी दुकाने्देखने को लमि जाये्गी. यहां अच्छे कांच, इस्पात और मलहिाओ्के पलरिान से जुडी अच्छी दुकाने् है्. कािीघाट रोड आगे बढकर जल्द ही हाजरा रोड के ि््ाम पटलरयो्से लमिकर खत्म हो जाती है. इसमे् एक गिी का नाम हरीश चटज््ी स्ि्ीट है. हाजरा सड्क पार करने के बाद आपको एक मड्ई नजर आयेगी. जहां पल््िम बंगाि की मुखय् मंत्ी ममता बनज््ी रहती है.् इस गिी मे् काफी मशहूर िोग रहते है्और यहां मशहूर दुकानो्भी है.् साथ ही कई िोगो्का सामान्य व्यापार भी है. इससे पहिे मै्यहां पांच साि पहिे आया था. इन पांच सािो्मे्ये काफी बदि गयी है. एक बात और यहां के िोग अब राजनीलत पर चच्ाा करने से कतराते है्. िेलकन बंगािी िोग लकसी को अनजान नही् समझते है्. रह सबसे प्यार से लमिते है्. चंद्नाथ मन्ना लजनकी इस्पात की दुकान है, साथ ही रह खुद को ममता बनज््ी का समथ्ाक बताते है्. उनसे मै्ने कुछ सराि
पूछे. पहिा यहां दीदी को चुनौती देता हुआ कौन लदखायी दे रहा है? दूसरा उनकी लजंदगी मे्क्या बदिार आये है?् साथ ही कोिकाता मे्लकतनी शांलत है? उन्हो्ने शांलत और अपनी ख़ुशी की बात तो कबूिी, िेलकन रह इस पर और ज्यादा बात नही्करना चाहते थे. रोमा मंडि, जो एक चाय की दुकान चिाती है्. उनसे जब हमने यही सराि लकया तो उनके पलत समीर ने जराब लदया लक रह ममता बनज््ी को रोट देग् .े क्यो्लक उनके एकिौते बेटे को ममता बनज््ी के रेिमंत्ी रहते हुए ही नौकरी लमिी थी. उनके जीरन मे् लकतना सुिार हुआ है. तो उन्हो्ने जराब लदया लक हमारे बेटे को नौकरी लमि गयी और इससे ज्यादा उन्हे् क्या चालहए. उसके बाद उन्हो्ने पानी की बाल्टी उठाई और चिे गये. इसके बाद मै्ने कई िोगो् से बात करनी चाही. िेलकन कोई भी यहां राजनीलत पर बात करने को तैयार नही् हो रहा था. मै् हाजरा रोड को पार करके रापस कािीघाट रोड पर आ गया. जहां एक पान की दूकान पर ठहरा. ररी्द्जना नाम के दुकानदार से मै्ने ठंडा मांगा. साथ ही मै्ने उसका मन टटोिने के लिए अपने सराि पूछ लिये. ररी्द् जना ने लबना लहचलकचाहट के कहा लक ममता बनज््ी अगर अगिे पांच साि के लिए सत््ा मे् आती है्. तो बंगाि की तस्रीर बदि जायेगी. उसने अपने गांर लमदनापुर का उदहारण देते हुए कहा लक रहां पांच साि पहिे रोड नही्थी. िेलकन अब जाकर देखे् तो रहां की तस्रीर बदि गयी है. मै्ने उससे जब ये पुछा लक उसे क्या िाभ हुआ है. तो उसने कहा लक मै् 30 साि से ये दुकान चिा रहा हूं. साथ ही आज के पांच साि पहिे यहां के लनचिे स्र् के नेता अक्सर लसगरेट और शीति पेय िेते तो थे. िेलकन पैसा नही् देते थे. पर जबसे दीदी आयी् है्. ये सब यहां बंद हो गया है. ऐसा नही्है लक रह नेता सब यहां से भाग गये है्. िेलकन उन्हे्डर है लक ये बात कही्दीदी को न पता चि जाये. (ि चिंिू)
चीन से बवरोध दि्जकराये्गे
नयी चिल्ली. पठानकोट हमिे के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन जैश-एमोहम्मद के प््मुख मसूद अजहर पर प््लतबंि िगाने की भारत की कोलशशो् पर चीन ने संयुक्त राष्् मे् अड्ंगा िगा लदया. चीन की इस हरकत पर के्द्ीय गृह राज्य मंत्ी लकरन लरलजजू ने कहा लक चीन ने जो लकया है रह ठीक नही् हुआ है.लरलजजू ने कहा-चीन ने बेहद गित फैसिा लिया है, लरदेश मंत्ािय इस मामिे को उठाएगा और लररोि दज्ा कराएगा.' उन्हो्ने कहा लक भारत सरकार हर तरह से चीन के इस कदम का लररोि करेगी. दरअसि, संयुक्त राष्् की सलमलत मोहम्मद के प््मुख पर पाबंदी को िेकर पालकस््ान के आतंकी संगठन जैश-ए- लरचार करने रािी थी, िेलकन तय
समयसीमा के कुछ घंटे पहिे चीन ने इसे रोकने की गुजालरश कर दी. चीन ने अपने रीटो पारर का इस््ेमाि करके राह मे्रोड्ा अटकाया. भारत मे् आतंकराद से जुड्े 11 व्यस्कतयो्और एक संगठन की सूची बीते 18 फरररी को 1267, 1989, 2253 आईएसआईि (दाएश) और अिकायदा प््लतबंि सलमलत को सौ्पी थी. संयुक्त राष््ने 2001 मे् जैश-ए-मोहम्मद को प््लतबंलित लकया था, िेलकन अजहर को प््लतबंलित कराने के भारत की कोलशश सफि नही् हो पा रही है, क्यो्लक सुरक््ा पलरषद के पांच स्थायी सदस्य देशो् मे् से एक चीन इस प््लतबंि की स्रीकृलत नही्दे रहा है.
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एम कुमार
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01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
िंद होने के कगार पर एचएमटी
रेतन चुकाने के लिए जमीन को ओने पौने दाम बेचना आसान हो सकता है. रक्कर यूलनयन प््िान महे्द् लसंह का कहना है लक चंडीगढ़. एक समय लहंदुस्ान मशीन कं पनी मे्ज्यादातर कम्ाचारी हलरयाणा से है्. टूल्स (एचएमटी) सरकार की नररत्न प््देश सरकार हैपलनंग हलरयाणा और के्द् कंपलनयो्की लिस्ट मे्शालमि रही है. आज सरकार मेक इन इंलडया काय्ाक्म चिा रही यह कंपनी मर रही है. यह मौत हुई नही्, है. ऐसे मे्एचएमटी की तािाबंदी के्द् और बस्लक कंपनी को मरने के लिए मजबूर कर राज्य सरकार के इन काय्ाक्मो् पर सराि लदया गया है. एचएमटी मे् सरा साि से खड्ा कर रही है. महे्द् ने बताया लक ि््ैक्टर का उत्पादन बंद है. युलनट के पास हलरयाणा सरकार कंपनी बचाने के लिए कुछ ि््ैक्टर लनम्ााण के लिए पैसा ही नही् है. जो नही् कर रही है. कोई योजना इनके पास कंपनी 15 साि पहिे तक मुनाफे मे् थी. नही् है. बस बाते् ही हो रही है. एचएमटी आज इस हाित मे् पहुंच चुकी लक उसके क्यो्जर्री है. इसके ि््ैक्टर इंिन लकफायत पास 1500 कम्ाचालरयो् का रेतन देने का मे ्तीसरे नंबर पर है. पैसा भी नही्है. यह कंपनी डूबी नही्डूबायी लनजी कंपलनयां जहां खुद के मुनाफे के गयी है. लमस मैनेजमे्ट, लरश््ासघात और लिए काम करती है्. रही्एचएमटी लकसानो् नयी टेक्नोिॉजी की कमी के साथ साथ के लहतो् को ध्यान मे् रखती है. लजससे अच्छी माक््ेट रणनीलत के अभार मे् कंपनी लडजाइन पर पंजाब की एक नामी कंपनी पाये्गे. बस उन्हो्ने सबसे पहिे एचएमटी ि््ैक्टर तैयार कर रही है. एचएमटी कंपनी ने को लनशाना बनाना शुर् कर लदया. बाजार मे्ि््ैक्टर के रेट मे्संतुिन बना रहता को यह लदन देखना पड्रहा है. कंपनी मे् सीलनयर िेरि के ऐसे कई 2000 मे् रीआरएस योजना शुर् की, जो एचएमटी की टेक्नोिॉजी आज भी देश मे् है. एचएमटी बंद होने का मतिब लनजी कम्ाचारी थे. जो रेतन तो एचएमटी से िेते नुकसानदेह रही. अच्छा टेस्कनकि स्टाफ नंबर रन है. यहां की सीएनसी मशीन इतनी ि््ैक्टर कंपलनयो् की मनमानी. कंपनी के थे. िेलकन काम पंजाब मे् खड्ी हो रही यहां से लरटायरमे्ट िेकर लनजी ि््ैक्टर भरोसेमंद है लक लडफे्स, रेिरे और लनजी पास खड्ा होने की क््मता है. इिर हलरयाणा लनजी क््ेत् की ि््ैक्टर कंपलनयो् के लिए कर कंपलनयो् मे् चिे गये. इसका पलरणाम यह ि््ैक्टर कंपलनयां, ऑटोमोबाइि कंपनी मे् के सीएम मनोहर िाि खट््र ने कहा लक रहे थे. 2001 मे् एचएमटी ने ि््ैक्टर का लनकिा लक कंपनी की बारीलकयां जानने यूज हो रही है. लसफ्कसीएनसी मशीन के दम यह के्द्का प््ोजेक्ट है. हम इस बारे मे्के्द् माडि तैयार लकया. दारा लकया जा रहा था रािा स्टाफ खुद एचएमटी का कास्मपटीटर पर ही एचएमटी खुद के पांरो् पर खड्ी हो से बात कर रहे है्. उन्हो्ने कहा लक उम्मीद लक इस माडि के दम पर कंपनी बाजार मे् बन गये. पंजाब और देश की लनजी ि््ैक्टर सकती है. कंपनी के पास करोड्ो्की जमीन है, जल्दी ही इस समस्या का हि लनकि पैठ बनाने की योजना बना रही थी. रह कंपनी के संचािक जानते थे लक जब तक है. हर लकसी की नजर इस जमीन पर है. आयेगा. िेलकन रे् यह नही् बता पा रहे लक लडजाइन ही चोरी हो गया. आज इसी एचएमटी है. तब तक रे्बजार मे्लटक नही् यलद कंपनी बंद होती है तो देनदालरयां और कंपनी चिेगी या बंद होगी.
जूनियर डॉक्टरो् का रवैया गुंडो् जैसा है.् मरीजो्को बेड लमिने मे्भी बढी मुसश् कि अवरीश कुमार होती है. तीमारदार अनूप ने बताया लक यहां कानपुर. उत्र् प्द् श े के कानपुर मे्गरीबो् डॉक्टर कभी संरदे नशीि नही् हो सकते है.् का एक मात््सहारा हैिटे अस्पताि है. जहां िेलकन उनके लखिाफ कोई काय्रा ाही की पर कानपुर और आसपास के जुड्ेअन्य लजिो् लहम्मत नही्कर सकता है. तीमारदार अनूप ने के गरीब िोग अपने पलरजनो्का इिाज कराने बताया लक कुछ लदन पहिे ही जूलनयर डॉक्टरो् आते है.् रह इस उम्मीद से आते है्लक शायद ने इंसालनयत की सारी हदे् ही पार कर दी. उन्हे्इस अस्पताि मे्अच्छा इिाज कम दामो् हैिटे मे् इिाज के लिए एक 55 साि के मे् लमि जायेगा. िेलकन उन गरीबो् के इस मरीज को मरा समझ कर कूड्े के ढेर मे् फेक ् रा लदया था. िेलकन सपने को जूलनयर डॉक्टर यहां मौजूद अन्य मरीजो्के तोड्ने का काम कर रहे है.् पलरजनो् और स्थानीय तो रही् सीलनयर डॉक्टर िोगो् ने देखा तो इस बारे और मेलडकि कॉिेज डॉक् टरो्को सूचना दी गयी. प्ब् िं न आंख बंद लकये हुये जहां उसे राड्ामे्लशफ्ट कर है. अब सराि यह उठता है लदया गया. लक इन गरीबो्के सपनो्को लजसे जूलनयर डाक्टरो् तोड्ने का काम सच मे् ने मृत समझकर पुलिस को कौन कर रहा है. इसका सूचना दे दी. हािांलक लजम्मदे ार कौन है? ऐसे पुलिस ने उसे दोबारा बहुत से सराि है,् जो ् ी मे्इिाज के लिए भत््ी करा लदया. मेलडकि कॉिेज प्ब् िं न पर सरालिया लनशान इमरजेस प्त्य् क्द् ाल्शया ो् के मुतालबक पुलिस ने बीमार खड्ेकर देते है.् आथ््ो लरभाग के राड्ा नंबर 18 मे् जब युरक के पलररार का भी पता ल्गालिया है. पहुच ं े तो रहां पर दद्ासे चीखने रािो्की कोई आरोप ये भी है लक पुलिस के रापस जाने के कमी नही्थी. लकसी का हाथ टूटा था तो लकसी बाद जूलनयर डाक्टरो् ने बीमार युरक को ् ी से बाहर कर लदया. रही् ल््पलसपि का पैर मरीजो् के साथ-साथ मरीजो के इमरजेस नरनीत कुमार का कहना है लक सभी मामिे पलरजन भी मरीज िग रहे थे. घाटमपुर के उनके सं ज ्ान मे्आये्है.्जांच के लिए डाक्टरो् नजदीक नंदन गांर का एक मरीज दद्ासे तड्प रहा था. लजसे कोई भी जूलनयर डॉ दरा देने को की टीम गलठत की गयी है. उनकी लरपोट्ाके तैयार नही्था. ऊपर से रौब अिग से झाडते आिार पर ही कार्रा ाई की जायेगी.
पंजाब में बीजेपी को झटका
चंडीगढ़. पंजाब मे्बीजेपी को उस समय करारा झटका िगा जब अमृतसर से उनकी लरिायक और पूरा्सांसद नरजोत लसंह लसद््की पत्नी नरजोत कौर ने पाट््ी से इस््ीफा दे लदया. नरजोत पंजाब की प्क ् ाश लसंह बादि सरकार मे् संसदीय सलचर का पद संभाि चुकी है.् नरजोत कौर ने इस््ीफे के लिए एक अप्ि ्ै की तारीख चुनी, इसे िेकर मीलडया मे्यह भी चच्ाा
थी लक कही् उन्हो्ने मजाक तो नही् लकया. िेलकन बाद मे्उनके पीए ने साफ लकया है लक यह ‘अप्ि ्ै फूि’ नही् है और नरजोत ने सचमुच इस््ीफा दे लदया है. नरजोत ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जलरये भी इस््ीफे की जानकारी दी है. उन्हो्ने लिखा, ‘आलखरकार मैन् े बीजेपी से इस््ीफा दे लदया है. एक बड्ा बोझ उतर गया है. अटकिे् यह है् लक लसद्् दंपलत अरलरंद केजरीराि की आम आदमी पाट््ी मे् शालमि हो सकते है.्
धोनी एक कदिश्माई कप्तान
मरोज ततवारी
भा
रतीय टीम के कप्तान एमएस िोनी को हम हमेशा टीरी पर मैच के दौरान खेि की बुलनयादी चीजो्पर काम करते हुए देखते है्. िोनी को ऐसा करते हुए देख हमे् बस यही िगता है लक कैसे रह एक बडे मौके की तैयारी करते है्. हम उनसे कभी लनराश नही्होते है्. बीते दो साि से एमएस िोनी ने बडे ही गैरपरंपरागत तरीके से लरकेट के पीछे अपने काम को अंजाम लदया है. उनकी इस कालबलियत को देखकर इयान हीिी भी चौ्क गये थे. हािांलक अब ऐसा करना अब उनकी आदत मे् शुमार हो गया है. रह लगस्लियां लबखेरने का कोई भी मौका नही्गरांते है्. ये बात भी काफी लदिचस्प है लक िोनी को स्टपं के पीछे लबना रजह अपीि करते हुए भी नही् देखा गया है. रह जब अपीि करते है्. तो तकरीबन अंपायर की उंगिी हरा मे्उठ ही जाती है. टेसट् से सन्यास िेने के बाद से िोनी की कीलपंग मे्और लरलरिता आयी है. िोनी अभी 34 साि के है्. ऐसे मे् अगर टी-20 लरश््कप मे् बांग्िादेश के साथ हुए मैच के आलखरी पिो् को देखे्. तो उनकी उम्् का अंदाजा हर कोई गित िगा सकता है. मौजूदा टी-20 लरश्क ् प के मुकाबिे टी-20 लरश््कप साि 2007 मे्भारतीय टीम कही् ज्यादा लरध्रस ं कारी टीम थी. िेलकन इस टीम मे्िोनी की छाप ज्यादा है. रह टीम के सबसे रलरष्् लखिालडयो् मे् से आते है्, लजसे रह गाइड करते है्. हां ये बात भी सही है लक उन्हे् हमेशा अच्छी बल्िबे ाजी रािी टीम लमिी है.
हािांलक अभी टीम मे् गे्दबाज के तौर पर उनके पास नेहरा है्, जो उनसे पहिे भारतीय टीम मे् आये थे. युरा गे्दबाज बुमराह जो अपनी खतरनाक यॉक्रक से अिग ही पहचान बनाने मे् िगे है्. स्सपनर के र्प मे्उनके आल््शन है्, जो लफ़िहाि इस रक्त दुलनया के सबसे बेहतरीन ऑफ़ स्सपनर है्. बतौर कप्तान िोनी समय से पहिे ही मैच के हािात को समझ िेते है्. रह पहिे ही लरपक््ी टीम के बारे मे्अपनी रणनीलत तैयार कर िेते है्. बांग्िादेश के लखिाफ हुए मैच मे् सुपर ओरर का प्िान भी िोनी ने बना लिया था. लजसका लजक््उन्हो्ने प््ेस कांफे्स मे् लकया था. िोनी ने अपने कलरयर की
शुर्आत आज से 12 साि पहिे लकया था. इस रोमांचक मैच की अंलतम गे्द से पहिे िोनी ने ग्िब्स उतार लदया था. साथ ही दबार के ऐसे पि मे् भी उनके चेहरे पर मुस्कान बनी हुई थी. उनके लदमाग मे् जो चि रहा था, रह उनकी आंखो्मे्साफ़ नजर आ रहा था. देश के ल््ककेटप््ेलमयो्की िडकने अगिे 60 सेकंड के लिए र्क सी गयी्थी. कोहिी घुटने के बि खडे थे, रह अपनी मुठ्ी को बार-बार रगड रहे थे. साथ ही रह हर लखिाडी को देख भी रहे थे. िेलकन दश्ाको् का एक रग्ािोनी को ढूंढ रही्थी्. रास््र मे् रह इस मैच को बदिने की क््मता रखते थे. अंत मे्उन्हो्ने ऐसा कर लदखाया.
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01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
आममर और अममताभ की दीवानी हूं: सना
फइम
शा
लहद आफरीदी की अगुआई रािी पालकस््ान की पुरष् ो्की ल््ककेट टीम लरश््कप मे्जो कलरश्मा नही्कर सकी सना मीर की अगुआई रािी पालकस््ान की मलहिा टीम ने कर लदखाया. शालहद आफरीदी की टीम भारत से कोिकाता मे् हार गई िेलकन सना मीर की टीम ने भारतीय मलहिा टीम को लदल्िी के फीरोज शाह कोटिा मैदान पर फतह कर पुरष् ो् को लमिी हार से उपजी मायूसी को कुछ हद तक कम लकया. हािांलक टीम को जीत डकरथ्ािुइस लनयमो्से लमिी थी िेलकन भारतीय मलहिाओ्से पालकस््ानी टीम ने अच्छा प्द् श्ना लकया था. और जीत बहरहाि जीत होती है. सना मीर ने पालकस््ान की इस मलहिा टीम को जुझार्टीम मे्बदिा है और रे अपना अंलतम लरश््कप खेि रही है.् सना को उम्मीद नही् थी लक पालकस््ानी टीम शालहद आफरीदी की अगुआई मे्इस तरह खराब प्द् श्ना करेगी िेलकन उन्हे्भरोसा है लक जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगी. सना बातचीत मे् खुि कर इस बात का इजहार करती है्लक घरेिू हािात ठीक नही्होने की रजह से ल््ककेट प्भ् ालरत हो रहा है. दूसरे देशो् की टीमे् रहां खेिने नही् आती है् लजसकी रजह से पालकस््ानी मलहिा टीम के लिए और भी परेशानी होती है. पुरष् ो्की टीम तो दूसरे देश या लकसी तीसरे देश मे्घरेिू सीरीज खेि भी आती है िेलकन हमारे लिए ज्यादा समस्या होती है. सना यह बी मानती है् लक कई बार
वीर तवरोद छाबडा
सना कहती हैंकक मकहला व पुरंष कंंिकेट की तुलना करना सही नहींहै. हम भी पुरंषोंकी तरह ही खेलते हैंऔर मैदान पर उतना ही दम लगाते हैं, कितना दम पुरंष लगाते हैं. उनंहें जंयादा तवजंंो कमलती है और इसकी विह भी है कक मकहला कंंिकेट को अब तक उस तरह का पंंोिेकंशन नहींकमला है िो कमलना चाकहए. मलहिाओ् को देश मे् खेिने मे् भी परेशानी होती है. कई तरह के िोग है्जो कई बार दूसरी रजहो् से हमे् तंकीद का लनशाना बनाते है.् िेलकन िीरे-िीरे माहौि बदि रहा है. उन्हो्ने कहा लक अब उतनी परेशानी नही्होती लजतनी पहिे होती थी. शुर् मे् हमे् काफी परेशानी झेिनी पडी. दरअसि हर तरह के िोग होते
भावना पर हावी क््िकेट
ते्दुिकर ने अजहर से गे्द छीनी थी. दोनो् ही बार इंलडया जीती थी. इस बार यह काम रत का 192 रन दो लरकेट पर बहुत कोहिी को करना पडा. िेलकन चमत्कार अच्छा स्कोर था. कोहिी ने 47 गे्द बार-बार नही् होते. और लफर अकेिा पर नाबाद 89 रन बनाये. रह एक बार लफर कोहिी ही क्या क्या करे बेचारा. रन बनाये, भारतीय पारी के हीरो रहे. लरपक््ी टीम मे् रन रोके, कैच पकडे और लरकेट भी िे. बस दहशत पैदा करने के लिए एक अकेिा करो यारो्. बि््े की जान िोगे क्या? कोहिी काफी है. भारतीय खेमा ख़ुशी से झूम रहा है. िोग आलतशबाजी का इंतजाम करने िगे थे. 19 रन पर दो लरकेट लगरने से लरंडीज की मायूसी गहरा गयी थी. मगर हाय लकस्मत और बेडा गरक हो ल््ककेट की अलनल््ित प््रृलत का, बाजी पिट गयी. यह अलत आत्मलरश््ास ही है. पूरे टून्ाामे्ट मे् अब तक लरपक्् को अपने नागपाश मे्बांिने रािे भारतीय गेद् बाज रन पर रन िुटा रहे थे. कोई 49 तो कोई 45 रन दे रहा था. गे्दबाज जान बचाते लदख रहे थे, जैसे चीि-कौरे उनकी खोपडी पर चो्च मारने को बेकरार हो्. बहुत लरश््सनीय अल््शन दो ओरर मे् बीस रन देने के बाद बहुत हताश थे. रो आलखरी ओरर डािने आलखर रही हुआ जो दीरार पर बडे हरफो् की लहम्मत नही्जुटा पाये. इलतहासलरदो्को मे्साफ़-साफ़ लिखा था. दो गे्द बाकी रहते 1983 का रल्ड्ाकप फाइनि याद आ रहा रेस्टइंडीज की नैया पार. टूना्मा टे् मे्अब तक हारते-हारते जीतती था. लरचर्स्ागे्दबाजी की लचंदी-लचंदी लकये पडे थे. तब मदनिाि ने कलपि से गे्द आयी टीम इंलडया मुंबई मे् जीतते-जीतते छीनी थी. लरकेट झोिी मे् आ गया. लफर हार गयी. काश दो गे्दो्पर जो लरकेट लगरे 1983 मे्साउथ अफ््ीका के लरर्द्का हीरो थे रह नो बॉि न होती! काश टॉस जीत कर कप का सेमी-फाइनि तब युरा सलचन बल्िेबाजी करते! ऐसा होता तो बाद मे्
भा
है्और हम लजस समाज मे्जी रहे है्रहां हम पर चारो्तरफ से नजर रखी जाती है. िेलकन शुक् है लक हािात तेजी से बदि रहे है.् पालकस््ान मे्तेजी से बदिार आ रहा है और मलहिा ल््ककेट को भी िोग पसंद करने िगे है.् सना ने कहा लक आने रािे लदनो्मे्पालकस््ान मलहिा ल््ककेट मे्और बेहतर प्द् श्ना करेगा.
गे्दबाजी करते हुए ओस से हमारे हाथ से गे्द तो न लफसिती. कलरये बहानेबाजी, लजतनी भी कर सकते है्. मरे सांप को िाठी से पीटो, लजतना पीटना है. जीत जाते तो कोई कमी याद न आती. यह सही है लक अफ़सोस तो हारने का है. िेलकन इसमे् दो राय नही् लक आज के लदन रेस्टइंडीज की टीम भारतीय टीम से बेहतर खेिी. रो खेि के जज्बे से खेिी. उसने प््ोफेशनि ल््ककेट खेिी. मायूसी को हारी नही्होने लदया. रह तो ल््ककेट के लिए बनाया गया कई कैलरलबयाई देशो् का एक संगठन है. उसे ल््ककेट मे्कुछ खोना नही्होता. आज मैच मे् रह खडे-खडे शॉट्स िगा रहे थे. हार गये तो ठीक और जीत गये तो बहुत बलढया. इस हार से हमे् कई सबक लमिते है्. चाहे ज्योलतष शास््बांचो या अंकशास््या नक्त् ् देखो. और चाहे टेरा काड्ा फडफडाओ. हरन करो या कीत्ना . हौ्सिा बढाने के लिए नारे िगाओ या लरशाि पोस्टर गिी-गिी के नुक्डो्पर टांगो या चैनि मीलडया पर डंका पीटो. सब बेकार सालबत होता है. लनयलत की खी्ची िकीरे्भी कभी कोई बदि पाया क्या? हर मैच के दौरान 'ऊपर' ड्ट् ी करने रािा भारतीय नही् होता. अब गाओ बैठ कर मेरा सुंदर सपना टूट गया....इस दुलनया मे्जीना तो गम छोड के मनाओ रंग रेिी...िेलकन मै् तो मानूंगा लक भारनाओ् की नही्ल््ककेट की जीत हुई है.
पांच जनररी 1986 को ऐबटाबाद मे् जन्मी सना मीर दाएं हाथ की आफ स्सपनर है् और दाएं हाथ की ही मध्यक्म् मे्बल्िबे ाजी करती है.् लरश््कप के बाद ल््ककेट से संनय् ास िेने रािी सना ने कहा लक यह फैसिा बहुत पहिे का है और मुझे िगता है लक टीम अब बेहतर शक्ि मे्है. युरा र अनुभरी लखिालडयो् से सजी पालकस््ानी टीम आने रािे लदनो् मे् बेहतर प्द् श्ना करेगी. उन्हो्ने कहा लक बतौर कप्तान मैन् े काफी एंजर् ाय लकया है और मुझे लकसी बात का मिाि नही्है. मै्जब टीम से जुडी तब भी टीम मे्कई प्ल्तभाशािी लखिाडी थी्और आज भी है.् पास्कसातानी टीम ने सना मीर की अगुआई मे्एलशयाई खेिो्मे्दो स्रण्ा पदक जीता. 2010 र 2014 के एलशयाई खेिो् मे्पालकस््ान की टीम ने स्रण्ापदक जीता था. रनडे रैल्कंग मे्लरश््मे्सना अभी छठे नंबर पर है् और आइसीसी रैल्कंग मे् लपछिे मनौ साि से रे पहिे बीस लखिालडयो्मे्शालमि रही है.् इतना ही नही् उनकी कप्तानी मे् पालकस््ान की आठ लखिाडी टाप बीस मे् शालमि रही है.् यह बडी उपिस्बि कही जा सकती है. 2008 मे् मलहिा लरश्् कप क्रािीफायर मे् टुना्मा टे् की श्ष ्े ् लखिाडी चुनी गर्इं सना ने अपना पहिा रनडे मैच 28 लदसंबर, 2005 को श््ीिंका के लखिाफ खेिा था. सना ने 66 रनडे मैचो् मे् 14.18 की औसत से 766 रन और 24.71 की औसत से 77 लरकेट चटकाए है.् अपने कलरअर मे्उन्हो्ने 32 रन देकर पांच लरकेट लिया है. टी 20 कलरअर मे् सना ने 41 मैचो् मे् 13.50 की औसत से 324 रन बनाए और 16.0 की औसत से 41 लरकेट झटके है.् टी 20 मे्उनका श्ष ्े ्प्द् श्ना चार लरकेट पर 13 रन है. सना को 2009 मे् पालकस््ानी टीम का कप्तान बनाया गया था. मूि र्प से कश्मीरी सना को 2013 मे् पीसीबी ने श्ष ्े ् मलहिा ल््ककेट लखिाडी के पुरस्कार से भी नराजा था. सना यो्तो पुरष् और मलहिा ल््ककेट मे् लकसी तरह की प्ल्तस्पि्ाा से इनकार करती है.्
रे कहती है् लक मलहिा र पुरष् ल््ककेट की तुिना करना सही नही्है. हम भी पुरष् ो्की तरह ही खेिते है्और मैदान पर उतना ही दम िगाते है,् लजतना दम पुरष् िगाते है.् उन्हे् ज्यादा तरज््ो लमिती है और इसकी रजह भी है लक मलहिा ल््ककेट को अब तक उस तरह का प््ोजेकश ् न नही्लमिा है जो लमिना चालहए. हमारी सुरक््ा को िेकर उतनी हायतौबा नही् रहती है लजतनी पुरष् ो्को िेकर होती है. हम भी भारत के लखिाफ मैच खेिते है्िेलकन जो उत्ज ्े ना पुरष् ो्के मैच मे्बनाई जाती है, हमारे मैच मे् नही् है. इसकी कई सारी रजहे् है.् िेलकन शुक् है लक िीरे-िीरे आइसीसी अब मलहिा ल््ककेट पर ध्यान दे रहा है. सना इमरान खान, रकार यूनस ु और जो्टी रोर्स की मुरीद रही है.् िेलकन अब उनके पसंदीदा लखिाडी महेद् ्लसंह िोनी है. रे कहती है्लक िोनी के खेि और कप्तानी की मै् कायि हू.ं पालकस््ानी ल््ककेटरो्मे्मोहम्मद हफीज और यूनस ु खान का खेि उन्हे्भाता है. सना कहती है्लक िोनी ने भारतीय ल््ककेट का चेहरा बदिा है तो हफीज और यूनस ु ने पालकस््ानी ल््ककेट को ऊंचाई दी है. भारतीय िोगो्की बाबत पूछे जाने पर सना कहती है्लक भारत के िोग बहुत ही अच्छे है.् हमे् पालकस््ान मे् लजतना प्यार लमिता है उससे कम यहां के िोग हमे् नही् चाहते है.् िेलकन हमे्अपने मुलक ् मे्खेिना ज्यादा अच्छा िगता है. क्यो्लक रहां हमारे चाहने रािे ज्यादा है. पालकस््ानी पुरष् टीम के कप्तान शालहद आफरीदी ‘भारत प्म्े ’ के अपने बयान से फंस गए थे. िेलकन सना मीर इस सराि पर काफी सतक्कलदखी्. उनसे जब पूछा गया लक उन्हे् भी शालहद आफरीदी की तरह भारत मे् ज्यादा प्यार लमिता है तो रे बेसाख्ता हंस पडी् और लफर कहा हमे् दोनो् जगह प्यार लमिता है. भारत के िोग भी हमारा बहुत खयाि रखते है.् यहां के िोग बहुत अच्छे है.् हमारा बहुत ख्याि रखते है.् इस चीज को कम या ज्यादा कहना सही नही्होगा. मोहब्बत् कम हो या ज्यादा, मोहब्बत ही होती है. इसे तराजू मे्तौिा नही्जाता. िेलकन चूलं क पालकस््ान मेरा रतन है तो रहां खेिना, रहां की बाते,् रहां के िोग हमे्ज्यादा अच्छे िगते है.् िेलकन भारत मे् भी हमे् खेिने मे् ज्यादा मजा आता है. सना कहती है्लक भारत मे्भी हम हमेशा खेिने के लिए तैयार रहते है् क्यो्लक यहां भी हमारे समथ्क ा ो्की कमी नही् है. चेनन् ई मे्पहिे मैच मे्काफी अच्छे दश्क ा थे और उन्हो्ने हमे्बेपनाह प्यार लदया. पुरष् टीम के लरपरीत पालकस््ानी मलहिा ल््ककेटरो् की सुरक््ा इतनी कडी नही्थी और रे इसका पूरा िुतफ ् भी उठा रही थी्. उन्हो्ने कहा लक लपछिी बार हमे्ज्यादा सुरक््मुहयै ा कराई गई थी और हम इस रजह से मैदान तक सीलमत रहे थे िेलकन इस बार हम पूरा िुतफ ् िे रहे है. भारत की कौन सी चीज उन्हे्भाती है के जराब मे्सना ने कहा लक भारत की लफल्मे्उन्हे्बहुत पसंद है् और यहां की सालडयां भी हमे् बहुत िुभाती है.् यह पूछे जाने पर लक कौन सा अदाकार उन्हे्सबसे ज्यादा पसंद है तो सना ने छूटते ही कहा लक भारत मे्तो सभी सुपर स्टार है.् लकसी एक का नाम िेना बहुत मुसश् कि है िेलकन मुझे अलमताभ बि्न् और आलमर खान की अदाकारी पसंद है.
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पंकज चतुवद्े ी
पर्ाावरण
01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
िल, िंगल और िमीन का िुनून
रै
से तो रे एक रकीि है.् िेलकन रह एक राजनीलतक दि के समल्पता काय्क ा त्ाा भी है.् उनके लदि और लदमाग मे् हर समय जो मचिता रहता है. रह है अपनी िरती को आिुलनकता से उपजे प्द् षू ण से मुकत् कराना. रे लहंडन नदी बचाने के आंदोिन मे्भी उतने ही सल््कय रहते है.् लजतना लक गौरेया संरक्ण ् मे्और उतना ही पािीथीन प्य् ोग पर पाबंदी को िेकर भी सल््कय है.् लदल्िी से सटे गालजयाबाद लजिे मे्उनकी पहि पर कई ऐसे काम हो गये, जो यहां के िाखो्बालशंदो्को स्रच्छ हरा-पानी मुहयै ा करराने मे् अनुकरणीय पहि है. संजय कश्यप ने एमबीए कर एक कंपनी मे्प्ब् िं न की नौकरी की और रह भी कश्मीर घाटी मे्रहां रे बांि और जि प्ब् िं न को नजदीक से देखते तो रहे. िेलकन कभी पय्ारा रण संरक्ण ् जैसी कोई भारना लदि मे्नही्उपजी. अचानक लपता के देहांत के बाद मजबूरी हुई लक अपने घर गालजयाबाद मे्ही रहना पडा. यहां जब रकाित शुर्की तो अचानक उन्हे् बचपन के रे लदन याद आ गये, जब शहर के तािाब पर रामिीिा के खुद दृशय् मंलचत लकये जाते थे. िेलकन तब रह रमतेराम तािाब पूरी तरह राम को प्यारा हो चुका था. नगर लनगम ने तो मरा घोलषत कर उसे भरकर रहां एक बडा व्यारसालयक पलरसर बनाने की ठान िी. संजय अभी भी तािाब के पय्ारा रणीय महत्र् के प्ल्त उतने लभज्् नही् थे. िेलकन रे उस परंपरा को जीरंत रखना चाहते थे. छह महीने सडको्पर अदाित मे्िडाई िडी. शहर के
प्म ्े पंचोली
साल 2004 मेंकशंयप ने अपने 150 कमतंंोंको इस बात के कलये तैयार ककया कक 15 कदन में एक कदन बगैर पेटंोल का कदन मनायेंगे. तब से आि तक यह कारवां बढ़ रहा है. कई हिार लोग महीने मेंकई कदन साईककल पर चलते हैं. िोगो्को भी पहिी बार िगा लक तािाब हमारे लिये लकतने जर्री है.् नगर लनगम को अपना फैसिा रालपस िेना पडा और पहिी िडाई मे् ही जीत से कश्यप के हौसिे बुिदं हो गये. इस संघष्ाके दौरान संजय कश्यप, राजेद् ् लसंह, मेिा पाटकर, अनुपम लमश्् आलद के संपक्कमे्आये. लफर ‘अरण्या’ संसथ् ा का गठन, आगरा मे्यमुना के पानी पर सर््ेजैसे प्य् ोग के सुखद पलरणाम आने िगे. बरेिी मे्जैलरक कृलष को प््ोत्सालहत करने के लिये एक केद् ् खोिा और उससे भी सकारात्मक लकरणे् आयी. इस तरह पय्ारा रण संरक्ण ् एक
अलिरक्ता के जीरन का अलभन्न अंग बन गया. उनकी सोच है लक पय्ारा रण संरक्ण ् मे् एक सशक्त नागलरक हस्क ् प्े होना चालहये और इसका प्य् ोग उन्हो्ने नब्बे के दशक मे् बरेिी के तीन तािाबो् के संरक्ण ् के अपने प्य् ोग मे् लकया. बगैर सरकारी मदद के जन संसािनो् से तीन तािाबो् की गंदगी साफ कर जब जनता को िगा लक उन्हो्ने कुछ सकारात्मक लकया है. तो कश्यप ने पय्ारा रण संरक्ण ् मे्जन भागीदारी के अपनी मुलहम को आगे बढाया. गालजयाबाद के पक््ा तािाब सलहत कई मुद्ो्पर उन्हो्ने सीएनएन
आईबीएन के लिये लसलटजन जन्ला िस्ट बनकर शानदार रपट बनायी. साि 2004 मे् कश्यप ने अपने 150 लमत््ो्को इस बात के लिये तैयार लकया लक 15 लदन मे्एक लदन बगैर पेि्ोि का लदन मनायेग् .े तब से आज तक यह काररां बढ रहा है. कई हजार िोग महीने मे् कई लदन साईलकि पर चिते है.् इसी दौर मे् 20 स्कि ू ो् सलहत कई भरनो्मे्राटर हार्स्ेस् टंग के प्य् ोग हुय.े सन 2006 से 2009 के बीच गालजयाबाद नगर लनगम से उनकी टीम ने कुछ जेसीबी मशीन िी्. लजससे लजिे के 22 तािाबो् की सफाई
मलेथा गांव की अिूठी परंपरा
गांर के लकसी बुजगु ा्ने यह सिाह दी लक यलद उक्त जगह पर पहाड काटकर गूि का लनम्ाण ा त्र् ाखंड राज्य मे्िोगो्ने स्रयं के ज््ान लकया गया और इसमे् कभी कोई आदमी या से कई आलरष्कार लकये है.् इनमे् से जानरर लगर गया, तो नही्बच पायेगा. तब यह ा श््ीनगर गढराि के पास मिेथा गांर मे्मािो सोचा गया लक गूि से अच्छा सुरगं का लनम्ाण लसंह भंडारी नाम के शख्स ने लबना लकसी लकया जाये. मािो लसंह ने तत्काि ठान लिया लक रे आिुलनक यंत्के एक ऐसी सुरगं का लनम्ाण ा इस सु रगं का लनम्ाण ा करके ही चैन की सांस लकया. जो आज भी शोि का लरषय बना हुआ िे ग ् . े कहा जाता है लक एक बार रे श््ीनगर है. इस सुरगं के माफ्तक मािो लसंह ने ग््ामीणो् दरबार से रापस अपने गांर िौट रहे थे, के लिये न लक पानी की आपूलत् ा की बस्लक मिेथा जैसी जमीन को लसंलचत भी कर लदया. अचानक उन्हे् काफी भूख िगी थी. उनकी मािो लसंह भंडारी की ही देन है लक ‘मिेथा का पत्नी ने जब उन्हे्खाना परोसा तो रह खाना सेरा’ आज हजारो् िोगो् की आजीलरका का र्खा-सूखा था. कारण जानने पर मािूम हुआ सािन बना हुआ है. यही रजह है लक मिेथा लक गांर मे्पानी की भयंकर लकल्ित हो चुकी ु गांर के िोग अनाज इत्यालद खाद््सामग््ी कभी है. सस्बजयां और अनाज का उत्पादन लबल्कि भी बाजार से नही्िाते है.् मािो लसंह के मिेथा बंद हो चुका था. इस पर मािो लसंह को रात भर गांर मे्आज भी ऐसी कई परंपराएं है,् जो आज नी्द नही् आयी. अिकनंदा नदी तो गांर से काफी नीचे और दूर बहती थी, लजसका पानी के युग मे्आदश्ाबनी हुई है.् ं ही नही्सकता था. मगर गांर के रीर योद््ा मािो लसंह ने 17री्शताब्दी मे् गांर मे्पहुच ही पास मे ् चंदभ् ागा नदी बहती है. लजसका तकरीबन डेढ् सौ मीटर कठोर पहाड को पानी गां र तक पहुच ं सकता था. िेलकन नदी काटकर जो सुरगं -नुमा गूि बनायी थी. रह और गां र के बीच मे ्पहाड था. मािो लसंह ने अक्सर कई कारणो् से चच्ाओ ा ् मे् रहती है. इसी पहाड के सीने मे ्सुरगं बनाकर पानी गांर लनम्ाण ा की गुणरत््ा ही नही् इसमे् मानरीय संरदे नाये् भी लनलहत रही है.् गांर के बुजगु ा् िाने की ठानी. मािो लसंह शुर्मे्अकेिे ही बताते है्लक जहां गूि बनी है, रहां सीिे ऊपर सुरगं खोदते रहे, िेलकन बाद मे्गांर के िोग से नीचे तक पहाड की कटाई होनी थी. तत्काि भी उनके साथ जुड गये.
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पानी िाने के लिये पूरे गांर से िोग चंदभ् ागा नदी पर जाते है.् रहां नदी पर बांि बनाकर पानी िाया जाता है. लजससे 275 पलररारो् के110 एकड खेत लसंलचत होते है.् िेलकन कभी पानी को िेकर गांर मे्झगडा नही्हुआ. तीन लकमी क्त्े ् मे् फैिे इस गांर मे् 22 जालतयो्के 275पलररार लनरास करते है.् इस तरह गांर माि खोिा, लबचिा खोिा, बंगारयो् खोिा, नेगय् ो् खोिा मे् बंटा है. इतनी सारी लभन्नताओ्और पलरस्सथलतयो्के बारजूद जोडे रखती है. गांर मे्रोपाई से पूरा्पंचायत होती है. पंचायत बुिाने के लिये. यूं तो प्ब् ि ं काय्क ा ालरणी है, िेलकन सूचना देने रािा ‘पौरी’ सूचना देने के लिये लनयुकत् होता है. इस व्यस्कत को बैठक ही नही्काय्क ा ालरणी के हर लनण्या , जंगि मे् िकडी कटान कब होगा,पानी कौन उपयोग करेगा, कब ा लनक उत्सर हो्गे जैसी सूचनाएं देनी िेलकन जब उनके बेटे गजे लसंह को पता चिा सार्ज ् ार खेत’ लमिता तो रह खुद को बलि चढने के लिये तैयार हो होती है. उसके बदिे उसे ‘प्च गया. गजे लसंह गांर मे् पानी की सुलरिा है,लजस पर उगा अनाज उसे लमिता है. ा ालरणी की पंचायत मे् रोपाई के लिये उपिब्ि करराने के लिये बलिदान हो गया काय्क पानी िाने की लतलथ और उस लदन देरीऔर इसी सुरगं से गांर तक पानी भी पहुच ं गया. एक तरफ गजे लसंह का मौत का मातम देरताओ् को भोग िगाने के लिये पकरान पसरा था. रही्दूसरी तरफ गांर रािो्के चेहरो् आलद का अंशदान‘म्यिाग’ इसी बैठक मे् सुलनल््ित होता है. क्म् रार पानी पहुच ं ाने की पर खुशहािी थी. इस गूि पर आज भी ढोि नगाडो के साथ लजम्मदे ारी के लिये ‘कोल्िािू’ और बंदरो से कहते है्लक जब सुरगं बनकर तैयार हो गयी तो काफी प्य् ासो् के बारजूद भी पानी उसमे् नही् आया. इन्ही् लदनो् रात को मािो लसंह के सपने मे् उनकी कुिदेरी प्क ् ट हुई और उन्हो्ने कहा लक सुरगं मे् पानी तभी आयेगा. जब रह अपने इकिौते बेटे गजेलसंह की बलि सुरगं के मुहाने पर देगा. मािो लसंह का ऐसा करने के लिये हाथ-पांर फूि गये.
कर डािी. बाद मे् गालजयाबाद लरकास प््ालिकरण के सर््ेमे्यह स्रीकार लकया गया लक तािाबो् से गाद लनकािने के बाद उन इिाको् का भूजि स्र् अप्त्य् ालशत र्प से ऊंचा हुआ है. लहंडन नदी की स्रच्छता के लिये कश्यप के आंदोिन, सेलमनार आयोजन और जन जागर्कता अलभयान के पलरणाम भी अब सामने आने िगे है.् रे कहते है्लक पय्ारा रण के लिये कानूनी या प्श ् ासलनक िडाई एक पूरा टीम रक्कहै. रे अदाित मे्लनयमो्र दस््ारेजो् के लिये काम करते है.् तो उनके कुछ साथी लिखा-पढ्ी और फॉिोअप काम करते है.् कश्यप इन लदनो् लहंडन मे् गंदा पानी रोकने, उसे एसटीपी से गुजार कर गंदे पानी का भी रैकस्लपक प्य् ोग करने और स्िज को जैलरक कृलष के लिये इस्म्े ाि करने की योजना पर काम कर रहे है.् इससे पहिे लहंडन मे् मूलत् ा लरसज्ना रोकने की उनकी मांग पर प्श ् ासन और समाज का र्ख सकारात्मक रहा है. अब मूलत् या ां अिग से अस्थाई तािाबो्मे् लरसल्जता की जा रही है.् कश्यप देश मे्तािाब संरि्ना प््ालिकरण के गठन और खेतो्मे्छोटे लनजी तािाबो्के खोदने और उनके संरक्ण ् के लिये सतत काम कर रहे है.् इसके लिये िोकसभा की संसदीय सलमलत के समक्् भी अपना प्ल्तरेदन प्स ् त्ु कर चुके है.् देश के कोने-कोने मे्ऐसे ही कई जमीनी काय्क ा त्ाा बगैर लकसी िोभ, िािच के िरती को बचाने के लिये सल््कय है् और असि मे् पय्ारा रण संरक्ण ् का काम सरकारी योजनाओ् के रलनस्पत ऐसे ही िोगो् की कम्ठा ता से साकार हो रहा है. (इंचडया वाटर पोट्ल ट )
फसि बचाने के लिये ‘बंदरराल्या’ लनयुकत् होता है. लजन्हे् प्त्य् क े पलररार से फसि के तैयार होने पर अनाज लमिता है और काम ठीक न करने पर इसमे्कटौती का प््ारिान होता है. इसी तरह द्ि ्ू श े र् लशरािय मे्पूजाअच्ना ा करने रािे और सामग््ी के लिये ‘लबंदी खेत’ और नागराजा, बद््ीकेदार आलद खेत की उपज मेहनताना लदया जाता है. ओिारृल्ि को मंत्ो्से दूसरी तरफ भेजने रािे बिूनी पलररारो् के लिये ‘डाल्यूं खेत’लदये गये है.् गांर की पंचायत अपने रनो्के प्ल्त सचेत है.् घास तो साि मे्कभी भी लकतना भी रनो्से िो, मगर िकडी लकतनी काटनी है, इसके लिये मानक लनि्ाला रत है.् गांर मे्शादी-ब्याह जैसे व्यस्कतगत आयोजन खुिे स्र् पर ही होते है.् सार्ज ा लनक आयोजनो्मे्सभी का लशरकत करना जर्री है. कई मंलदरो् मे् पूजा, मािो लसंह भंडारी स्मलृ त मेिा, श्म् दान और पंचायत बैठको्मे्सभी ग््ामीण अलनराय्ार्प से भाग िेते है.् गांर के भिे के लिये अपने प््ाण देने रािे मािो लसंह भंडारी के पुत् गजे लसंह की स्मलृ त मे् रोपाई के अंलतम लदन ‘मायाझाडा खेत’मे् समारोह होता है. बकरे की बलि दी जाती है. समाज के लिये बलिदान की याद शायद यही परंपराओ् को लनभाने की शस्कत और प्र्े णा देता है.
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पतरवार के तलये समाजवाद!
चिा रखा है. हािांलक यह सच है लक 2014 के िोकसभा चुनार मे्चचा ने जो सीटे्जीती् रे पलररार की ही थी्. मसिन आजमगढ् र मैनपुरी से चचा मुिायम स्रयं, बदायूं से शंभूराथ शुक्ल भतीजा िम््ेद् यादर, लफरोजाबाद से दूसरा भतीजा अक््य यादर और कन्नौज से बड्ी चा मुिायम को अक्सर अपने पलररार बहू चुनार जीती थी. और बाद मे्चचा ने जब और समाज मे् एकर्पता नजर आने मैनपुरी सीट खािी की तो इस दुग्ानुमा सीट िगती है और इसीलिए रे समाजरादी पाट््ी से चचा ने अपने पोते तेजप््ताप यादर को की लटकटो् को बटरारा करते समय अपने िड्ाया और रह जीत भी गया. लरिानसभा मे्भी चचा का पलररार खूब पलररार को प््ाथलमकता दे ही देते है्. पर अब बेचारे् करे् तो क्या करे्! छोटी बहु घर मे् सरसब्ज है. स्रयं पुत् अलखिेश यादर िाड्िी होती है और रह इस समय लबफरी मुखय् मंत्ी है्और भाई लशरपाि कैलबनेट मंत्ी थी लक अगर जेठानी को संसद मे्पहुच ं ाया तो और इस लशरपाि लसंह का अपना पलररार भी ससुर जी मुझे भी कम से कम लरिानसभा इटारा के सारे पंचायती पदो् पर कालबज है. तक तो पहुंचाएं. शायद घर की रार बचाने के यह सब चचा की देन माना जाता है. मगर लिए ही चचा ने िखनऊ कैट् की लरिानसभा इसे यलद व्यारहालरक दृल्िकोण से सोचा जाए सीट छोटी बहू अपण्ाा लबि्् यादर के लिए तो गित भी नही्िगता क्यो्लक अगर पलररार छोड् दी है. रैसे यह उलचत भी है. अगर न िड्े तो चचा की पाट््ी के िोग जीत भी िाड्िी बहू एक सीट से मान जाए तो इसमे् नही् सकते. क््ेत्ीय दिो् की अपनी कुछ हज्ाही क्या है. पर चचा से जिने रािे कम मजबूलरयां होती है्और उन पर गौर करना ही नही् है् और चचा को घेरे मे् िेकर आरोप पड्ता है. क््ेत्ीय दिो् की राजनीलत का जड्ेजा रहे है्लक चचा ने यूपी मे्पलररार राद दिदि ऐसा है लक रहां पर पलररार के भरोसे
च
त्िरदौस ख्ार
प
के राजकुँअर भी खूब मैदान मे् है्. कल्याण लसंह के पास राजबीर तब से है् जब रे यूपी के सीएम थे. राजनाथ के पास पंकज है्. रसुंिरा के पास उनका अपना राजकुंअर है तो िूमि के पास अनुराग ठाकुर. यशरंत लसन्हा जैसे ईमानदार बताए जाने रािे राजनेता भी अपने पुत् जयंत का ही माग्ा प््शस्् करते है्. िािजी टंडन के पास गोपाि है्. यानी यह पलररार राद से अब भाजपा भी अछूती नही्रही. बाकी के दिो्का तो भगरान ही मालिक है. राष््ीय जनता दि के सुप्ीमो िािू यादर ने तो ऐसी रंश परंपरा शुर्की थी लक अपने बाद पहिे ही उन्हो्ने अपनी पत्नी राबड्ी देरी को मुख्यमंत्ी बनरा लदया था और रह भी तब जबलक राबड्ी देरी राजनीलत का क ख ग नही् जानती थी् और कभी भी ही आगे बढऩा पड्ता है. पलररार बढ्ाने का राजनीलत मे् नही् रही थी्. अब उनका एक मतिब है संसािन बढ्ाना और उन संसािनो् बेटा लबहार का लडप्टी सीएम है जो लक अपनी के बूते अगिे चुनार की रैतरणी पार करना. शपथ तक नही्पढ्पाया था और दूसरा बेटा यूं अकेिे चचा ही नही् सारी पाल्टियो् मे् भी सूबे मे् मंत्ी है. उनकी बेटी मीसा पलररारराद लसर चढ्कर बोिता है. कांगस ्े तो िोकसभा चुनार हार गई थी्. पप्पू यादर को शुर् से ही अव्रि रही है मगर अब भाजपा राजद की लररासत सौ्पने के नाम पर उन्हो्ने
िल सेवा- एक शाश््त परंपरा
रंपराएं लसफ़्क लकसी देश या समाज की संस्कृलत का ही लहस्सा नही्होती्, बस्लक इनसे जनमानस की जर्रते् भी राबस््ा होती है्. जि सेरा को ही िे्. हमारे देश मे् सलदयो्से जि सेरा की परंपरा रही है. जि सेरा हमारी संस्कृलत का गौररशािी अंश है. उपलनषद मे्कहा गया है लक 'अमृत रै आप:' यानी पानी ही अमृत है. इसके अिारा पानी को 'लशरतम: रस:' यालन पेय पदाथ््ो् मे् सबसे ज््यादा कल्याणकारी बताया गया है. गरमी का मौसम शुर्होते ही देशभर मे्जि सेरा शुर् हो जाती है. पहिे सडक्ो् के करीब कुएं खुदराए जाते थे और जगहजगह घने दरख़्तो् के नीचे पानी के मटके रखे जाते थे, तालक राहगीरो् को पानी की तिाश मे् भटकना न पडे. अब है्डपंप िगराए जाते है्, पके्प्याऊ बनाए जाते है् और कई जगह ठंडे पानी की टंलकयां भी रखी जाती है्. देहात और कस्बो्मे्आज भी पानी के मटके देखे जा सकते है्. इसके अिारा कुछ िोग अपनी रोजमर्ाा की लजन्दगी से कुछ रक्त लनकािकर राहगीरो् को ख़ुद पानी लपिाते है्. गम््ी का मौसम शुर्हो चुका है. इसी के साथ गांर-देहात और कस्बो् मे् पानी के अस्थाई प्याऊ बनाने का काम भी हो गया है. जगह-जगह लतरपाि, टाट या लफर सेटो्की एक झो्पडी बनाकर उसमे् पानी के मटके रख लदए जाते है्. पानी लपिाने के लिए लकसी व्यस्कत की ड््ूटी िगा दी जाती है, लजसे मालसक रेतन पर रखा जाता है. यह रकम कोई एक व्यस्कत अपने पास से देता है या लफर इिाके के िोग आपस मे् चंदा इकट््ा करके प्याऊ पर तैनात व्यस्कत को तनख़्राह देते है्. इस तरह के काम ज्यादातर रृद् मलहिा या रृद् पुर्ष करते है्, जो प्यासे
कवचार
01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
राहगीरो्को पानी लपिाते है्. कई जगह पेड के नीचे या लफर झोपडी बनाकर उसमे्पानी से भरे मटके रख लदए जाते है् और पानी लनकािने के मग को लकसी डोरी से बांि लदया जाता है. राहगीर ख़ुद मटके से िेकर पानी पीते है्. सुबह -शाम इन मटको् को पानी से भर लदया जाता है. ये काम कुछ िोग ख़ुद करते है् या लफर लकसी को पैसे देकर मटको्मे्पानी भररा लिया जाता है. अमूमन सभी मजहबो् मे् पानी लपिाने को सराब का काम माना जाता है. रेदपुराणो् मे् भी इसका महत्र बताया गया है. इसीलिए िोग प्याऊ बनराते है्. पहाडी इिाको्मे् िोग पानी की लकसी िार के नीचे प्याऊ बनरा देते है्, लजससे मुसालफ़र पानी पीते है् और अपनी बोतिो् मे् भी पानी भर िेते है्. उत््राखंड मे् ऐसे बहुत से प्याऊ लदख जाएंगे. शहरो् मे् पके् प्याऊ बनाने का चिन है. िोग अपने पूर्ाजो्की याद मे् पके्प्याऊ बनराते है्, लजन पर बनाने रािे व्यस्कत के नाम का पत्थर िगा होता है. साथ ही पत्थर पर उस व्यस्कत का भी नाम होता है, लजसकी याद मे्प्याऊ बनराया गया है. हलरयाणा के लभरानी ल्जिे के गांर िोहानी मे्लपछिे छह दहाई से जि सेरा का काम सुचार् र्प से चि रहा है. गांररािे
बताते है् लक बाबा योगी नेतानाथ ने ग््ामीणो् को जि सेरा के लिए प््ेलरत लकया था. उन्ही् के आदेश पर िोग कुछ रक्त लनकािकर गरमी के मौसम मे्राहगीरो्को पानी लपिाने िगे. गांर के युरक बस अड््ेपर ठंडे पानी से भरी बास्लटयां िेकर खडे हो जाते है्और जब कोई बस आती है, तो उसके मुसालफ़रो् को पानी लपिाते है्. गांररािो् का मानना है लक जब से यहां जि सेरा शुर्हुई है, तब से गांर पर कोई प््ाकृलतक आपदा नही्आई है. गांर मे् न तो कभी सूखा पड्ा है और न ही कोई अन्य प््ाकृलतक आपदा आई है. उनका यह भी कहना है लक गांर मे्कभी कोई महामारी नही् फैिी और न ही बीमारी से लकसी पशु की मौत हुई है. इस चैनअमन को गांररािे जि सेरा के पुण्य का ही फि मानते है्. बाबा योगी नेतानाथ के समालि िेने पर गांररािो् ने उनका मंलदर भी बनराया है. मंलदर के पास ही प्याऊ भी है. चिते-लफरते प्याऊ भी प्यासे राहगीरो् के लिए ररदान सालबत हो रहे है्. हलरयाणा के लहसार की सडको्पर पानी बाबा को देखा जा सकता है. पानी बाबा एक जीप मे्पानी से भरा एक बडा टै्क िेकर शहर की सडको् पर घूमते रहते है्. जि सेरा के काम के बारे मे्पूछने पर रह बताते है्लक पहिे रह सेना
मे् थे. भारत-चीन युद् के दौरान उन्हे् सैलनको्को पानी लपिाने का काम लदया गया था. रह सैलनको् को पानी लपिाया करते थे. प्यासे सैलनको् को पानी लपिाकर उन्हे् आस्तमक शांलत लमिती थी. जब रह सेरालनरृत हुए, तो उन्हो्ने जि सेरा को ही अपने लजन्दगी का मकसद बना लिया. हर साि माच्ाकी पहिी तारीख़ से रह जि सेरा के काम मे्िग जाते है्, जो सद््ी का मौसम शुर् होने तक जारी रहता है. हर सुबह रह जीप मे्रखे टै्क को पानी से भरते है्, उसमे् बहुत-सी बफ़्क डािते है् और लफर प्यासे मुसालफ़रो् को पानी लपिाने के लिए लनकि पडते है्और देर देर रात तक िोगो्को पानी लपिाते है्. अफ़सोस की बात है लक आज प्याऊ और जिसेरा की परंपराएं दम तोड रही है्. आिुलनकता ने हमे बहुत कुछ लदया है, तो बहुत कुछ छीन भी लिया है. आज बोति बंद पानी का दौर है, लजस देश मे्कभी िोग दूि बेचने को पाप समझते थे, रहां अब पानी लबक रहा है. बडी कंपलनयां तीन सौ से चार सौ गुना कीमत पर िोगो् को पानी बेच रही है.् महंगा पानी ख़रीदना िोगो्की मजबूरी है. रेिरे स्टश े नो्और बस अड््ो्पर पीने के पानी की व्यरस्था नही्होती, जहां होती है. जहां पानी होता है, रहां इतनी गंदगी होती है लक िोग पानी पीने से कतराते है्. कई जगह पेशाबघरो्या शौचाियो्के पास ही पानी के नि िगाए गए है्, ऐसे मे् मुसाल्फ़र यहां से पानी िेने मे्कतराते है्. कई िाल्माक और समाज सेरी संस्थाएं भी जि सेरा का काम कर रही है्. जि सेरा मे् जुटे िोगो् का कहना है लक इससे उन्हे् आस्तमक शांलत का अनुभर होता है. नर सेरा ही नारायण सेरा है. बहरहाि, जि सेरा जैसी जन लहतैषी परंपराओ् को बढारा लदया जाना चालहए.
बतकही
अत्यंत शम्ानाक बयान लदया था लक अपनी लररासत तो अपने बेटी-बेटे को दी जाती है गैरो्को नही्. जालहर है जब ऐसी सोच हो तो राजनीलत के नाम पर िोकतं का माखौि ही उड्ेगा. इनके अिारा बाि ठाकरे के बाद उनके बेटे और उनके भतीजे मे् लकस कदर घमासान मचा यह लकसी से छुपा नही्है. इसी तरह तलमिनाडु मे् कर्णालनलि के बेटे परस्पर एक-दूसरे को देखना तक नही्चाहते और रह भी एक ही पाट््ी द््मुक मे्रहते हुए. देरीिाि की चौथी पीढ्ी राजनीलत मे् है. िोकसभा सदस्य दुषय् तं चौटािा देरीिाि के पड्पोते है्. प््काश लसंह बादि का भी यही हाि है बेटा-बेटी-बहू सब राजनीलत मे् है्. यहां तक लक बेटे का सािा भी. चौिरी चरण लसंह के बेटे अलजत के बाद उनका बेटा जयंत भी राजनीलत मे् आ चुका है. राजनीलत मे् पलररारराद ऐसा हारी हो चुका है लक लजस लकसी गिी मे् जाएं बाप-बेटो् की यह जोड्ी लमि जाएगी. स्रच्छ, ईमानदार और लनस्पृह राजनीलत के लदन अब हरा हुए. अब तो िोकतंत्का मतिब पलररार तंत्बन गया है. तब लफर अकेिे चचा को ही क्या कोसना!
सोशल मीमिया
छाती कूटने वाले
कोिकाता मे्लगरने रािे फ्िाईओरर को बनाने रािी कंपनी आईरीआरसीएि के प्म् ख ु रार साहब तेिगू ब््ाह्मण है और मुखय् मंत्ी ममता भी उनकी सजातीय है.् पुि का ठेका लजसके जमाने मे् लदया गया रो मुखय् मंत्ी भी ब््ाह्मण था. आईरीआरसीएि लनजी कंपनी है जहां आरक्ण ् िागू नही है. उसी कंपनी के कारकुन राजीब बैनज््ी बताते है् लक उनके यहां इंजीलनयर तो क्या कोई सुपरराइजर भी लनचिी जालत से नही है. सो पुि लगरने पर आरक्ण ् के लिए छाती कूटने रािो्, नेकर पहन कर फोटू लखंचराओ् और उसे यहां रायरि करो. रैसे भी मिबे के नीचे दबे िोगो्को सेना, सुरक््ा ने ही लनकािा चिद््ार्ट कलिंि है.्
ननर्ाण ा की गुणवत््ा
तकरीबन सभी सरकारी भरन और अन्य लनम्ाण ा काय्ाइसी प्क ् ार भूलम पूजन और अन्य कम्क ा ांडो्से शुर्लकये जाते है.् िेलकन लफर भी बहुत से बीच मे्ही ध्रस््हो जाते है्क्यो्लक उन के लनम्ाण ा की गुणरत््ा बहुत घलटया होती प्ि् ीप नागिेव है.
ईष्या
िोगो्के लिए मूिलनरासी बहुजन भारत के उस स्टाइलिश बुल्दजीरी को झेिना मुमलकन नही् लजसका रहन-सहन लफल्म लसतारो्के लिए भी इष्या्ा की रस््ुहै. जो एक साथ कलर-कथाकार और राजनीलतक लरचारक है.् सबसे बडी बात है लक लहंदू साम््ाजरादी उसकी इष्या्ा करने के लिए िंबे समय तक लररश रहेग् .े जो सोहो जैसी रचना देकर भारत का सॉमरसेट मॉम बन जाता है. मै्समझता हू,ं मध्ययुग मे्जीने रािो्मे्लजस लदन सोहो जैसी रचना को सम्मान देने की तमीज पैदा हो जायेगी. उस लदन बहुजन भारत के फैन्क ् ो्के प्ल्त उनके नजलरया मे्बदिार आ पायेगा. तब तक हमे् इन बब्रा िोगो् के प्ल्त कर्णाशीि बने रहने की जर्रत है. एचएल िुिाध िुिाध
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राजकाज
नेता इस बात से परेशान थे लक पाट््ी के ऊपर लहंदू और देश लररोिी होने का िेरि िग रहा है. िोकसभा चुनार के तुरंत बाद एके एंटनी ने यह मुद्ा उठाया था. लजसके बाद राहुि गांिी की छलर बदिने की खूब कोलशश हुई थी. तभी रे केदारनाथ गये थे और मथुरा के मंलदर मे्भी गये थे. एंटनी के सुझार के बाद ही 2014 मे् पहिी बार मध्य प््देश मे्कांग्ेस दफ्तर मे्गणपलत की पूजा का आयोजन हुआ था. माना जा रहा है लक होिी का आयोजन उसी का लरस््ार है. सोशि मीलडया मे्बीते कुछ समय से इस बात का प््चार चि रहा था लक कांग्ेस अध्यक्् सोलनया गांिी, उपाध्यक्् राहुि गांिी और ल््पयंका गांिी क्यो्कोई लहंदू त्योहार मनाते हुए नही्लदखते है्. कांग्ेस के जानकार सूत्ो् का कहना है लक सोशि मीलडया के इस प््चार और जेएनयू की घटना के बाद मीलडया मे् आयी खबरो् और भाजपा के आक््ामक तेरर का से महज संयोग कहा जाये या पूर्ा के जराब देने के लिए होिी का आयोजन कम््ो् का फि लक लहमाचि प््देश के हुआ. खुद सोलनया गांिी इसमे्शालमि हुई्. नेताओ्का बुढ्ापा बहुत कि््दायक सालबत कांग्ेस के रलरष्् नेता मोतीिाि रोरा, होता आया है. बेचारे सुखराम इस उम्् मे् मीलडया प््मुख रणदीप सुरजेरािा, शीिा भी अदाित के चक््र काट रहे है्. उन्हे् दील््कत का पलररार, अजय माकन आलद टेिीकाम घोटािे मे् सजा हो चुकी है. लजसे सब मौजूद रहे. कांग्ेस की सोशि मीलडया उन्हो्ने सुप्ीम कोट्ा मे् चुनौती दी हुई है. टीम ने भी इसका खूब प््चार लकया. न्यालयक व्यरस्था के चिते अभी तक पूरे मामिे की सुनराई ही नही् हो पायी है. इसलिए जेि की सजा से बचे हुए है्. राज्य त््र प््देश मे् कांग्ेस के लिए चुनार मे् भाजपा के सबसे बड्े और बुजुग्ा नेता प् ्बंिन का काम संभाि रहे प््शांत शांता कुमार को नरे्द्मोदी ने बरफ मे्िगा लकशोर की राह आसान नही् लदख रही है. रखा है. लबना केाई लजम्मेदारी लदए हुए घर कां ग ् े स के नेता उनकी हर योजना मे्फि््र बैठा लदया है. रे कभी कभार अपना दुख डािते लदख रहे है्. पहिे उन्हो्ने ल््पयंका साझा करने के लिए जर्र िाि कृष्ण गां ि ी को प् ो ् जे क्ट करने की बात की, िेलकन आडराणी के घर हो आते है्. अब मौजूदा कां ग ् े स ने इसे िगभग खालरज कर लदया. मुख्यमंत्ी रीरभद््लसंह पर भी लगरफ्तारी का उसके बाद रे चाहते है् लक पाट््ी के रलरष्् साया मंडरा रहा है. हाि ही मे् प््रत्ान ने त ा, पू र ् ा के ् द ् ी य मं त्ी और पूर्ा सांसद लनदेशािय ने लदल्िी मे् उनकी नौ करोड् लरिानसभा का चु न ार िड्े्. िेलकन ऐसा की संपल््त जब्त की थी. आयकर कानून के िग रहा है लक पाट् ी ् उनकी यह मांग भी पूरी तहत मामिा पहिे से ही चि रहा है. मुख्यमंत्ी को जहां एक ओर अपनी तरह से मंजूर नही् करेगी. इसका कारण लगरफ्तारी का डर है तो दूसरी ओर रे अपने यह है लक पाट््ी के ज्यादातर बड्ेनेता चुनार ही दि के नेताओ् से बेहद दुखी है्. लहमाचि के कुछ कांग्ेसी नेताओ्ने लदल्िी दरबार के चक््र काटने शुर् कर लदये है्. तालक राजा की लगरफ्तारी की स्सथलत मे् उनका ताज हालसि कर सके. इसलिए रे हाि ही मे् सोलनया गांिी से लमिने आये. उन्हे् अंदर की कहानी सुनायी. हािांलक बाहर आकर बयान लदया लक के्द् उनकी सरकार को लगराने की कोलशश कर रहा है. उनकी लदक््त यह है लक लपछिी बार तो सोलनया गांिी ने उन्हे् लमिने का समय भी नही् लदया था.
नकस्रत के रारे, बुजुग्ा बेचारे
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चुनाव लड़ने से कतराती कांगस्े
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अब होली की याद आयी
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01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
श भर मे् चि रही राष््राद की बहस के बीच कांग्ेस मुख्यािय मे्इस साि होिी का त्योहार आयोलजत लकया गया. पत््कार और पाट््ी के नेता भी बड्ी देर तक यह पता िगाने की कोलशश करते रहे लक आलखरी बार कब लकसी त्योहार का आयोजन कांग्ेस मुख्यािय मे् लकया गया था. लजसमे् कांग्ेस अध्यक्् सोलनया गांिी और राहुि गांिी दोनो्शालमि हुए थे. कोई पके्तौर पर नही्बता सका था. कहा जा रहा है लक कांग्ेस के कई बड्े
नही्िड्ना चाहते. बीते लदनो् एक टेिीलरजन चैनि ने उत््र प््देश की चुनारी संभारनाओ्का एक सर््ेक्ण लकया था. इस सर््ेक्ण मे् कांग्ेस को दहाई अंक मे् भी नही् पहुंचने की संभारना जतायी गयी. इसके बाद से कांग्ेस के नेता और घबराये है्. उनको िग रहा है लक पाट््ी को बड्ा और चमत्कालरक चेहरा िेकर चुनार मे्नही्उतर रही है और अभी से चुनार बसपा और भाजपा के बीच आमने-सामने के मुकाबिे की तरह होता लदख रहा है. उसमे्कांग्ेस अपनी क्या जगह बना पायेगी. कांग्ेस के बड्ेनेताओ्मे्से रही्चुनार िड्ने को तैयार है्, जो पहिे से िड्ते रहे्गे. जैसे रीता बहुगुणा जोशी िड्े्गी, िेलकन लनम्ाि खत््ी चुनार िड्ने को तैयार नही्है्. इसी तरह सिमान खुश्ीद चाहते्है् लक उनको िड्ने के लिए नही् कहा जाये. उनकी पत्नी िुईस खुश्ीद को ही लटकट लमिे. आरपीएन लसंह अपनी पुरानी लरिानसभा सीट से िड् सकते है्. िेलकन कहा जा रहा है लक लजलतन प््साद चुनार नही् िड्ना चाहते है्. बेनी प््साद रम्ाा के बारे मे्अभी तय ही नही्हो पा रहा है लक रे क्या करे्गे. बताया जा रहा है लक अगर राहुि गांिी कहे्तो प््दीप जैन चुनार िड्ने को तैयार हो सकते है्.
सरकार का प्च् ार पाट््ी करेगी
न
रे्द् मोदी की सरकार के दो साि पूरे करने पर उसकी उपिस्बियो् का प््चार करने के लिए पाट््ी एक टीम बना रही है. भाजपा के लररोिी उस पर आरोप िगाते है्लक रह प््चार मे्बहुत आगे रहती है. कई बार राहुि गांिी भी कह चुके है्लक भाजपा के िोग प््चार और जनसंपक्क मे् बहुत सक््म है्, जबलक कांग्ेस अपने कामो् का प््चार नही्कर पाती है. इसके उिट प््िानमंत्ी नरे्द् मोदी का मानना है लक उनकी पाट््ी और उनकी सरकार के मंत्ी सरकार के कामकाज का
पहिे से कह रहे है् लक उनकी िड्ाई नरे्द् मोदी से है. गौरतिब है लक 1971 मे्इंलदरा गांिी ने गरीबी हटाओ का नारा लदया था- मै् कहती हूं गरीबी हटाओ और लरपक्् कहता है इंलदरा हटाओ. भाजपा के जानकार सूत्ो् का कहना है लक प््िानमंत्ी नरे्द् मोदी और भाजपा अध्यक्् अलमत शाह इस बार लबहार रािी गिती नही् दोहरा रहे है्. दोनो् नेता लकसी हाि मे्अपने ऊपर फोकस नही्बनने देना चाहते. दूसरी ओर गोगोई की कोलशश इन दोनो् पर फोकस बनाने का है. रे बाहरी और लहंदी भाषी बनाम स्थानीय की िड्ाई बनाना चाहते है्. इसलिए रे बार-बार मोदी को लनशाना बना रहे है्. गोगोई का दूसरा मकसद अल्पसंख्यक प््चार नही् कर पा रहे है्. प््िानमंत्ी मोदी रोटो् को ध््ुरीकरण कराने का है. उन्हे् ने मंल्तयो्की बैठक मे्और भाजपा संसदीय बदर्रद््ीन अजमि की पाट््ी से खतरा है. दि की बैठक मे् नेताओ् से कहा था लक रे बीते चुनार मे् अल्पसंख्यक रोट एकमुश्त अपने क््ेत् मे् जाये् और सरकार के अजमि की पाट््ी को गये थे और लहंदू रोटो् कामकाज के बारे मे्िोगो्को बताये्. लनजी का ध््ुरीकरण कांग्ेस के पक्् मे् हुआ था. तौर पर सभी सांसदो्को यह काम करना है. इस बार भाजपा-अगप-बीपीएफ गठबंिन िेलकन अब पाट््ी प््चार के इस काम को लहंदू रोटो् का ज्यादा बड्ा दारेदार है. तभी सांस्थालयक र्प देने जा रही है. बताया जा गोगोई अल्पसंख्यक रोटो् पर ज्यादा दांर रहा है लक पाट््ी अध्यक््अलमत शाह नेताओ् िगा रहे है्. इसलिए भी उनके लनशाने पर की एक टीम बना रहे है्, जो सरकार की मोदी है्. मोदी और भाजपा नेतृत्र इस दांर उपिस्बियो् का प््चार करेगी. इस टीम मे् को समझ रहा है. इसलिए रे भी अपने ऊपर भाजपा के संगठन महामंत्ी रामिाि खुद फोकस नही्बनने देना चाहते. रहे्गे. उनके अिारा पाट््ी संगठन के और पदालिकालरयो्को इस टीम मे्शालमि लकया जायेगा. ग््ेस पाट््ी एक तरफ भाजपा के हमिे झेि रही है और एक के बाद एक राज्यो् मे् सत््ा गंरा रही है. तो दूसरी ्िानमंत्ी नरे्द्मोदी ने असम के प््चार ओर पाट््ी के भीतर घमासान लछड्ा है. ्मे् एक नारा इंलदरा गांिी से िेकर कांग्ेस अध्यक््सोलनया गांिी और उपाध्यक्् शालमि लकया है. उन्हो्ने पहिी चुनारी रैिी राहुि गांिी की तमाम कोलशशो्के बारजूद मे् कहा लक रे गरीबी से िड् रहे है्. गोगोई चार राज्यो् मे् कांग्ेस नेताओ् के बीच का से नही्. मोदी ने कहा मेरी िड्ायी गरीबी झगड्ा थम नही्रहा है. इनमे्से तीन राज्य और भ््ि्ाचार से है, गोगोई से नही्. उन्हो्ने को कांग्ेस शालसत है्. बीते लदनो् केरि के मुख्यमंत्ी ओमन इस नारे से गोगोई के इस प््चार का जराब लदया लक उनकी िड्ाई मोदी से है. चांडी और प््देश अध्यक््रीएम सुिीरन के मुख्यमंत्ी तर्ण गोगोई प््चार शुर्होने के बीच प््देश कांग्ेस की बैठक मे् जम कर झगड्ा हुआ. सुिीरन ने कैलबनेट के कई फैसिो् पर सराि उठाये और कहा लक प््देश कांग्ेस राज्य सरकार की िूट मे् लहस्सेदार नही् बन सकती. उन्हो्ने चांडी सरकार पर भ््ि्ाचार मे्डूबे होने का आरोप िगाया. यह लशकायत सोलनया गांिी तक पहुंची है. गौरतिब है लक केरि मे् मई मे् चुनार है. इसी तरह पंजाब मे् राहुि गांिी ने झगड्ा सुिझा लदया था. पर कांग्ेस काय्ासलमलत के सदस्य रहे रलरष्् नेता जगमीत लसंह बरार ने कैप्टेन अमलरंदर लसंह पर कई गंभीर आरोप िगाये है्. उन्हो्ने कहा लक कैप्टेन चार-पांच िोगो्की भ््ि्चौकड्ी से लघरे है्. पंजाब मे्अगिे साि चुनार होना है और उससे पहिे बरार ने कहा है लक कांग्ेस तीसरे नंबर पर चिी गयी है. उनके लहसाब से आम आदमी पाट््ी पहिे नंबर पर और अकािी दि दूसरे नंबर पर है. इस हमिे से पहिे कैप्टेन अमलरंदर लसंह का झगड्ा प््ताप लसंह बाजरा से था. लजनको हाि मे् राज्यसभा के लिए चुना गया है. - िाभार केरि और पंजाब के बाद बाकी के दो राज्य लहमाचि प््देश और कन्ााटक है्, जहां कांग्ेस के मुख्यमंल्तयो् के लखिाफ पाट््ी नेताओ्ने अलभयान छेड्ा है.
आपस रे् उलझी कांग्ेस
इंनदरा स्टाइल रे् प््चार
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आज़ादी मांगना देशद़़ोह नही़
इंिौर. भारतीय जन नाट््संघ (इप्टा) का राष््ीय सम्मेिनदो से चार अक्टूबर 2016 मे्इंदौर मे्होना तय हुआ है. इंदौर मे् प््लतमाह लरलभन्न काय्ाक्मो् का आयोजन लकया जायेगा.17 माच्ा2016 को भगत लसंह की शहादत लदरस पर पलरचच्ाा का आयोजन इस कडी का पहिा काय्ाक्म था. इस काय्ाक्म मे् मुख्य रक्ता जेएनयू के प््ो चमनिाि थे. लजन्हे् उनके भगतलसंह पर लकये गये शोिपूण्ा िेखन और क््ांलतकारी पंजाबी कलर पाश की कलरताओ्के अनुराद के लिए देश - लरदेश मे्जाना जाता है. यहां उपस्सथत िोगो्को संबोलित करते हुए प््ोफेसर चमनिाि ने कहा लक भगत लसंह ने देश को जगाने के लिए शहादत दी थी. भगत लसंह ने कहा था लक मनुषय् पर हो रहे शोषण के तंत्को नि््करना ही इंकिाब है. भगत लसंह के लिए देश का अथ्ादेश के िोग और उनकी जर्रतो्के साथ जुड्ा हुआ था. शुरआ ् ती दौर मे्उन्हो्ने रंदे मातरम का नारा िगाया. िेलकन समाजराद को जाननेसमझने के बाद उन्हो्ने इंकिाब लजंदाबाद और साम््ाज्यराद हो बरबाद का नारा ही िगाया. चमनिाि ने अपनी बात रखते हुए कहा लक आाज लजस तरह देशप््ेम और देशभस्कत को पलरभालषत लकया जा रहा है उसका सही मायनो्मे्देश से कोई संबि ं ही नही्है. रह केरि सत््ा की लरचारिारा को प्ल्तलबंलबत करता है. 15 अगस्् 1947 को पंलडत नेहर् के िाि लकिे पर लदये गये भाषण से िेकर2014 तक मोदी के पहिे तक, लकसी भी प्ि ् ानमंत्ी ने िाि लकिे पर लदये गये अपने भाषण मे्भारत माता की जय
ओम तरश्चल
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कज चतुर्ेदी अपनी बेबाक और अनुशीिनपरक आिोचना के लिए जाने जाते है्. कलरता के लिए भारत भूषण पुरस्कार और आिोचना के लिए प््लतल््षत देरीशंकर अरस्थी सम्मान से सम्मालनत है्, िेलकन रे मूित: कलर है्. यह और बात है लक कलरता के प््लत उनकी गुणग््ाहकता और रलसकता उन्हे् आिोचना की ओर खी्च िायी. कलरता को समझने और उसे लरश्िेलषत करने की उनकी कोलशश अकादलमक कोलशशो् से बेहद अिग रही है. समकािीन कलरयो् पर लिखे उनके क््मबद्् लनबंि और प््ख्यात कलर कुंरर नारायण पर लिखी आिोचना ‘जीने का उदात्त आशय’ इस बात का प््माण है. पंकज चतुर्ेदी का कलर अपने समय और समाज मे् बराबर हस्तक््ेप करता रहा है. ‘एक संपूण्ाता के लिए’ और ‘एक ही चेहरा ‘ के बाद आया नया संग्ह ‘रक्तचाप और अन्य कलरताएं’ पंकज चतुर्ेदी के कलरत्र को एक नयी िार देता है. उनकी कलरता की खालसयत यह है लक उसमे् रे अपने आिोचक की िीर- गंभीर और तक्ााश्यी छलर को आरोलपत नही् करते, ररन कलरता को रालचक अदायगी के गुणो्
नही्बोिा है. यहां तक लक अटि जी ने भी नही् बोिा. मोदी ने पहिी बार भारत माता की जय कहा है. इसका मतिब क्या यह िगाया जाए लक मोदी के पहिे के सारे प्ि ् ानमंत्ी देशद््ोही थे? उन्हो्ने बताया लक लजस तरह सालजशपूण्ा तरीके से सरकार के लजम्मेदार मंल्तयो्और आरएसएस के नेताओ्ने लनद््ोष लरद््ाल्थया ो्पर हमिा बोिा है. उसके लररोि मे् उन्हो्ने मानर संसािन मंत्ािय का एक पुरस्कार िौटा लदया. उन्हो्ने कहा लक हैदराबाद और जेएनयू के नौजरानो् ने लफर से ताक्तरर सत््ा के सामने लनडरता से रैसी ही चुनौती खड्ी की है. जैसी भगतलसंह और उनके सालथयो् ने अंग्ेजो् के लिए खड्ी की थी. लकतने झूठ गढ्े जा रहे है्. पूरा देश
रामपंथ से, इन नौजरानो् से नफ़्रत करने िगे. प््लसद्् अथ्ाशास््ी डॉ जया मेहता ने सराि का जराब देते हुए कहा लक चुनार हो्गे और मोदी सरकार चिी भी जायेगी. मगर कुस्ी पर राहुि या उनके जैसा कोई और बैठ गया. तो इस बदिार का कोई मतिब नही्रह जायेगा. क्यो्लक भाजपा और कांगस ्े की आल्थक ा नीलतयां तो एक जैसी ही है्. इससे आम इंसान को कोई राहत नही् लमिने रािी है. हमे्एक अच्छा लरकल्प तो िोगो्को देना ही होगा. एक सराि यह भी हुआ लक सरदार पटेि ने भी सारी लरयासतो् को कोई बहुत शराफत और िोकतांल्तक तरीके से भारत मे् लरिय नही् कराया था. तो अब कश्मीर के मामिे मे्क्यो्इतना िोकतंत्बरतने की बात
की जा रही है. जराब मे् कॅामरेड जया ने कहा लक कश्मीर पर भारत, पालकस््ान ही नही् उिझे है्. साम््ाज्यरालदयो् की िािची नज्रे्भी रहां िगी हुई है.् ऐसे मे्अगर हम जनमत संग्ह कराया जाना चालहए. भारत लररोिी प्च ् ार या नाराज्गी की रजह से अगर कश्मीर आज्ाद हो जाता है. तो दूसरे ही लदन रहां अमेलरकी फौजे् डेरा डाि िेग् ी. दूसरा असर ये होगा लक नाथ्ा ईस्ट से भी जनमत संगह् की मांग उठेगी और हमारा देश लफर से टुकड्ो्मे्बंटना शुर्हो जायेगा. ये छोटे-छोटे देश अमेलरका जैसे साहूकार का सामना नही् कर सकते. इसलिए एक होकर रहना बहुत जर्री है. िेलकन इसका मतिब ये नही् है लक आप सबको बंदक ू के दम पर रखो. काय्क ा म् का संचािन कर रहे कॅामरेड
आंसू मे् बची उम्मीद
से भरने की चेष्टा करते है्. चाहे रह पांच महीने के बच्चे से संराद कर रहे हो् या उज्जलयनी के लकसी ऑटो ड््ाइरर से. रे कलरता को बातचीत के िहजे मे् रखना चाहते है् इसीलिए कलरता के लिए लकसी बड्े मुद्ो् की तिाश नही् करते. जो सामान्य जीरन मे् घट रहा है,रह उनकी चेतना की छन्नी से छन कर कलरता मे् लदखता है. यह बात रे चाहे खुद से कर रहे हो् या दूसरो् से. इस रजह से उनकी कलरता मे्एक आत्मीय संरादमयता है. पंकज की कलरताओ् का एक गुण उसकी ‘लरट’ और लरदग्िता है. उनकी कलरताओ् मे् बहुत तीखेपन और व्यंग्यबोिक भार तो नही्है्, िेलकन उनका आिोचक तमाम ऐसी स्सथलतयो् पर अिग मत लदखाता है लजससे कलरता के दूसरे तत्रो् का पता चिता है. चतुर्ेदी की कलरताएं लकसी िीर-गंभीर कलरता का बानक नही् बनाती्. इसके लिए उनके लनबंि और लटप्पलणयां पय्ााप्त उत्तरदालयत्र लनभाते है्. न अमूत्ान न र्पक न श्िेष ‘एक माल्माक सी कहानी कहते हुए रह बारीक से बारीक मानरीय क््णो् को पकड्ते है्. इन मानरीय क््णो् को उनकी कलरताओ् मे् यत््-तत्् पहचाना जा सकता है.
रक्तचाप और अन्य कबवताएं: पंकि चतुव्ेदी, वाणी प््काशन, 21 ए दबरयागंि, नयी बदल्ली, संस्करण 2015, मूल्य 325 र्पये.
यहां कुछ कलरताएं लनजी क््णो् की है्. कुछ र्मानी और फुरसलतया मूड मे्लिखी गयी्. एकालिक मे् कलरताओ् की शुर्आत (सबक्) पत्नी के हरािे से होती है या कलरता के मध्य मे् (स्मृलत) उनका कोई संदभ्ा आ िमकता है. िेलकन यहां भी रह अपने को नही् बख्श़ते. ‘सबक्’ ऐसी ही
कलरता है लजसमे् रे पत्नी के एक लरश्ते के भाई से लभिाई पसंद आने की बात कहते है्. िेलकन जब रे कहते है् लक क्या करं्, नौकरी की मजबूरी है तो रह अचरज से पूछता है: क्या आप नौकरी भी करते है्. मै्ने तो समझा था, आप कलरता करते हो्गे. प््ेम और र्मानी कलरताओ्मे्एक अप््कट लकस्म का लबछोह-सा नजर आता है, जैसे कोई अपने ल््पय से दूर रहने के लिए अलभशप्त हो. इस भार की कई कलरताएं है् यहां जो लचत्त को अनजाने ही लभगो जाती है्. मसिन, ‘सोचता हूं लक चिा जाऊं’ की ये पंल्कतयां : ‘तुम्हारी हंसी मे्जो चंद्मा है/ रह मेरी रात का लनकष है/ दूर होकर भी लकतना मेरे पास है.‘ इन कलरताओ् का मानरीय चेहरा अलिक प््भारी है. पंकज राजनीलतक एजे्डे के कलर नही् है् पर लहंदी की दुलनया की राजनीलत पर तस्जक्रा जर्र करते है्. उनके लपछिे संग्ह मे् भी ऐसी कुछ कलरताएं थी्. लहंदी की जीलरका या दुलनया से जुड्े िोगो् की संकीण्ाता पर तमाम कहालनयां कलरताएं लिखी गयी है्. पंकज ने यहां भी इस लरयासत के दारेदारो्की खबर िी है. एक ऐसे अध्यापक की मनोव्यथा भी उन्हो्ने उकेरी है जो लकन्ही् रजहो् से लरभागाध्यक्् न हो सका और लजसका
लरनीत ने बताया लक कन्हयै ा के िगाए गये आजादी के नारे का मूि स््ोत भारतीय जन नाट््संघ (इप्टा) का जनगीत है. लजसे इप्टा िखनऊ के रलर नागर ने 1993 मे् लिखा और राराणसी से मगहर तक लनकािी गयी कबीर के पगलचन्ह यात््ा मे्पहिी बार गाया गया था. कन्हयै ा भी इप्टा का सदस्य रहा है. प््ोफेसर चमनिाि ने बताया लक भगत लसंह को भगतलसंह बनाने मे् उनकी पालररालरक पृष्भूलम का भी योगदान था. भगतलसंह के पलररार मे् उनके लपता, चाचा और अन्य क्रीबी लरश्तदे ार भी आज्ादी के आंदोिन मे् कमर कसे हुए थे. इप्टा के सबसे छोटे सदस्य 15 रष््ीय पीयूष की उम््का तकाजा देते हुए चमनिाि ने बताया लक लकस तरह 10-11 साि के बि््े का स्कूि जाने के बजाय िाहौर से अमृतसर तक करीब 12 मीि दूर जाकर जलियारािा बाग से शहीदो् के खून से सनी लमट््ी को िाना उनकी इस उम्् मे् राजनीलतक और रैचालरक सोच को दश्ााता है. रही् उनकी अपने दोस््ो् के साथ मस््ी और शरारतो् की भी अनेक घटनाओ् का लजक््प््ोफेसर चमनिाि ने लकया. करीब डेढ्से दो घंटे चिी इस बैठक मे् इप्टा करीब 25-30साथी मौजूद थे. इप्टा इंदौर के अध्यक्् लरजय दिाि, सलचर अशोक दुबे, जया मेहता, लरनीत लतरारी, प्म् ोद बांगड्ी, अरलरंद पोरराि, एसके दुब,े सालरका श््ीरास्र् की मौजूदगी भी रही. रही् रच्ाुअि रोयेज कािेज के लरद््ाल्थायो् ने भगतलसंह के लरचारो् पर आिालरत एक नाटक भी प््स्ुत लकया लजसका लनद््ेशन गुिरेज्ने लकया.
जीरन क््ुद्ताओ् से भरा है. लशक््ा के अंत:पलरसर के लनरासी पंकज का आिोचक लजस व्यथा से ऐसी संकीण्ाताओ् का प््लतकार करता है उसका भी िजक््है. अंतत: एक संग्ह भिे ही तमाम तरह की कलरताओ् से भरा होता है, पर उसकी पहचान कुछ कलरताओ् से ही बनती है. रे ही है्जो उस कलर को पढ्ते हुए बार- बार याद आती है्. लकताबो्पर यहां एक कलरता है : ‘उनके न होने मे्’. पूरी तौर पर लकताबो् के मनोलरज््ान से गुजरते हुए लिखी गयी. उज्जलयनी के एक ऑटो ड््ाइरर -सहगाइड के लमजाज को दज्ाकरती हुई कलरता लजस मोड् पर खत्म होती है, एक प््भार सीने पर छोड् जाती है: ‘उज्जलयनी अगर लफर कभी आऊंगा/ तुमसे लमिे लबना कैसे रह पाऊंगा?’ िेलकन सबसे मारक रह छोटी सी कलरता है लजसमे् कलर कहता है: ‘लजसकी आंख मे् आंसू है् / उससे मुझे हमेशा उम्मीद है’ यानी करीब केदारनाथ लसंह की याद लदिाते हुए लक उम्मीद नही् छोड्ती ये कलरताएं. पंकज चतुर्ेदी आलखरकार लजन तीन बातो् की तरफ हमारा ध्यान लदिाते है् उनमे् आलखरी बात यही लक ‘आप जो कुछ है्/ अपनी बदौित है्.’ पंकज चतुर्ेदी भी लहंदी कलरता मे् अपने बिबूते ही प््लतल््षत है्.
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उद््ोग/व्यापार जेटली जौहनरयो् के साथ
ईपीएफ का और पैसा लगेगा शेयरो् मे्
त््मंत्ी अर्ण जेटिी ने भरोसा लदया लक सरकार यह सुलनल््ित करेगी लक छोटे सर्ााफा कारोबालरयो् को कर अलिकारी परेशान न करे्. उत्पाद शुल्क िगाये जाने के लखिाफ जौहलरयो् की हड्ताि के चौथे सप्ताह मे्प््रेश करने के बीच लरत््मंत्ी का यह बयान आया है. जेटिी ने कहा लक सोना और अन्य आभूषण उत्पाद और सेरा कर (जीएसटी) प्ण ् ािी का लहस्सा हो्ग.े सोने के आभूषणो्एक फीसदी उत्पाद शुलक ् भी इसमे् समालहत हो जायेगा. अगर प््ल्कया संबंिी परेशानी को िेकर व्यापालरयो् का कोई सुझार है. तो मै् उसे सरि बनाने के लिए लरचार करने को तैयार हूं. िेलकन भारत मे् ऐसी स्सथलत नही् हो सकती लक िग्जरी उत्पादो्को लबना कर िगाये छोड्लदया जाये. उल्िेखनीय है लक जेटिी ने आम बजट मे् आभूषणो् पर एक फीसदी उत्पाद शुल्क िगाने का प््स्ार लकया था. आभूषण उद््ोग
्म मंत्ी बंडार् दत््ात््ेय ने कहा है लक कम् ् ाचारी भलरष्य लनलि कोष (ईपीएफओ) शेयर बाजार मे् लनरेश जारी रखेगा. पर सार्ाजलनक क््ेत् के बांडो् मे् अपेक्ाकृत अलिक िन िगायेगा. तालक बुलनयादी ढांचा लरकास के सरकारी काय्क ा म् ो्को प््ोत्साहन लमिे. ईपीएफओ का 65 फीसदी पैसा सरकारी प््लतभूलतयो् मे् िगाने के लिए लनरेश के स्रर्प मे्बदिार के प््स्ार पर ईपीएफ संगठन के न्यासी मंडि मे्मंगिरार को लरचार लकया जाना है. अभी ईपीएफ का 50 फीसद िन सरकारी क््ेत्के बांडो्मे्िगाया जाता है. दत््ात््ेय ने कहा लक शेयरो्मे्लनरेश का लसिलसिा जारी रहेगा. हमने एक फैसिा लकया है लक हम 65 फीसदी तक लनरेश सरकारी प््लतभूलतयो् मे् करे्गे. शेष 35 फीसदी लनरेश लनजी बांड और शेयरो् मे् जायेगा. मंत्ी ने कहा लक मौजूदा स्सथलतयो्को
श
लर
उत्पाद शुल्क को रापस िेने की मांग कर रहा है. सरकार ने जौहलरयो् की समस्याओ् पर लरचार करने के लिए पूर्ामुख्य आल्थाक सिाहकार अशोक िालहड्ी की अध्यक््ता मे् एक सलमलत गलठत की है.
आभूषण बाजार मे् भी एफडीआई लािे की तैयारी
खु
दरा कारोबालरयो्के शीष्ासंगठन कैट ने सोना, हीरा और चांदी के रत्नजलड्त गहनो् पर एक फीसदी उत्पाद शुलक ् िगाने के बजटीय प्स ् ्ार को सरकार खुदरा आभूषण बाजार मे् प््त्यक्् लरदेशी लनरेश (एफडीआई) िाने की तैयारी करार देते हुये कहा लक इससे इस बाजार मे्बहुराष््ीय कंपलनयां आसानी से प््रेश कर जाये्गी. कंफैडरेशन आफ आि इंलडया ि््ेडस्ा (कैट) के महामंत्ी प््रीण खंडेिराि ने संगठन का श््ेतपत्् जारी करते हुये कहा लक उत्पाद शुल्क िगने से
बाजार मे्इंस्पेक्टर राज शुर्हो जायेगा और अलिकारी कारोबालरयो् का उत्पीड्न करे्गे. छोटी पूंजी रािे कारोबारी इससे बाहर होते
एससीएसटी उद्न् मयो् को एक करोड् का कज्ज चिे जायेग् े और इस बाजार पर िीरे-िीरे बहुराष््ीय कंपलनयो् का दबदबा बढ्ता जायेगा. श्त्े पत््मे्आभूषण कारोबालरयो्पर उत्पाद शुल्क िगाये जाने को गित बताते हुये कहा गया है लक उत्पाद शुल्क अलिलनयम के तहत मशीन से बनी रस््ुआं और लरलनम्ााताओ् पर उत्पाद शुल्क िगाने का प््ारिान है. िेलकन सरकार ने कारोबालरयो् को इसके दायरे मे् िाने के लिए अपने अलिकारो् का अलतक््मण करते हुये एक नया शब्द ‘ल््पंलसपि मैनुफैक्चरर’ गढ्ा है.
मंहगाई रोकिे वाला ‘कोष’ पासवाि को
अब जल्द पूरे हो्गे प््ोजेक्ट्स!
द्् रस््ुओ् की महंगाई रोकने रािा सरकारी कोष उपभोक्ता मंत्ी रामलरिास पासरान को सौ्प लदया गया है. मूल्य स्सथरीकरण कोष (पीएसएफ) का दालयत्र अब तक कृलष मंत्ािय के अिीन था. लजसे अब उपभोक्ता मंत्ािय को सौ्प लदया गया है. कोष का आकार भी बढ्ा लदया गया है. मंहगाई बढ्ाने रािी अलत संरेदनशीि खाद््रस््ुओ्का बफर स्टाक बनाने और फसि के समय औने-पौने मे्लबकने पर इन रस््ुओ् की न्यूनतम समथ्ान मूल्य पर खरीद करने के लिए पीएसएफ का उपयोग लकया जाता है. इस खरीद-फरोख्त मे् संभालरत नुकसान की भरपायी इसी से होती है. एक अप3्रैि 2016 से िागू होने रािे आम बजट मे्पीएसएएफ के आरंटन मे्80 फीसद की बढ्ोतरी की गयी है. महंगाई पर लनगरानी के साथ इस कोष की लनगरानी भी उपभोक्ता मामिे का मंत्ािय करेगा. कोष मे्900 करोड्र्पये का प््ारिान लकया गया है. उपभोक्ताओ्को महंगाई से राहत देने के लिए प््मुख चीजो् का स्टाक करने और आपूल्ता बढ्ाने के लिए इस कोष का उपयोग
ड र कंस्ि्क्शन प््ोजेक्ट्स मे् फ्िैटस खरीदने रािो् को राहत लमि सकती है. खासतौर पर रैसे प््ोजेक्टस मे् लजनमे् काफी देरी हो चुकी है. नये लरयि एस्टेट कानून से बचने के लिए लबल्डस्ाइन प््ाजेकट् स ् मे्बचा हुआ काम जल्द पूरा करने की तैयारी कर रहे है्. रे नये कानून के िागू होने से पहिे इन्हे्पूरा करना चाहते है्. नये कानून मे् होम बायस्ा के लहतो् की रक््ा और उन प््ाजेकट् स ् के भी रलजस्िश ्े न के प््ारिान है्. लजन्हे् अब तक कंप्िीशन या आक्युपेसी सल्टिलफकेट नही् लमिा है. इन प््ाजेक्ट्स के रलजस्ि्ेशन मे् 15-18 महीने का समय बाकी है. एक्सपि््स ् का कहना है लक इतना समय इन्हे् पूरा करने के लिए काफी है. इन प््ाजेक्ट्स मे् अभी 60-70 पस््ेट तक काम पूरा हुआ है. प््ापट््ी लरसच्ाफम्ालियासेज फोरास के मुतालबक, 27 शहरो् मे् 17,000 प््ाजेक्ट्स अभी अंडर-कंस्ि्क्शन फेज मे् है्. इसमे् से 56 फीसद मे्कम से कम 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है.
खा
लकया जाता है. बीते साि कृलष मंत्ािय ने दाि और प्याज की महंगाई को रोकने मे् इसका उपयोग लकया था. पीएसएफ मे् बीते साि 500 करोड् र्पये को आरंटन लकया गया था. इसमे् से केरि सात राज्यो्ने अिग-अिग तरीके से महंगाई पर काबू पाने के लिए पीएसएफ से िन के लिए आरेदन लकया था. देश मे्दािो् की मांग और आपूल्ता मे्अंतर को देखते हुए इस कोष का उपयोग लकया गया. बीते खरीफ सीजन मे् दािो् का बफर स्टाक बनाने के लिए 35 हजार टन दािो् की खरीद बाजार मूल्य पर की गयी.
माडि के आिार पर पूरी तरह सरकार के लरत्प् ोलषत पलरयोजनाओ्मे्50,000 करोड् र्पये के लनरेश के लिए सड्क, पलररहन एरं राजमाग्ा मंत्ािय से भी बात कर रहा है. ईपीएफओ के पैसे को सरकार के लरत््पोलषत पलरयोजनाओ्मे्िगाने के संबंि मे्हािांलक अभी कोई फैसिा नही् लकया जा सका. क्यो्लक ईपीएफओ बांड पर ऐसी दर चाहता था. जो इसके अंशदाताओ्को दी जाने रािी 8.75 फीसदी की ब्याज दर के अनुर्प हो. जहां तक शेयरो् मे् लनरेश की बात है. तो पहिे यह आशंका थी लक श््म मंत्ािय ईपीएफओ के शेयर बाजार मे लनरेश का फैसिा रापस िेने पर लरचार कर सकता है. देखते हुए और सरकार की बुलनयादी ढांचा क्यो्लक ऐसे लनरेश का प््लतफि अभी क्त्े ्मे्बढ्ती गलतलरलियो्के मद्न्े जर रे यही ऋणात्मक रहा है. संगठन साि मे्अपने कोष ब्याज दर दे्गे. इसलिए हम सार्ाजलनक क््ेत् मे् होने रािी रृल्द का पांच फीसदी ईटीएफ ् मे्सूचीबद््कोषो्) की यूलनटो्के के लनरेश को तरजीह दे्गे. ईपीएफओ (एक्सचेज इंजीलनयलरंग, खरीद और लनम्ााण (ईपीसी) जलरए शेयरो्मे्लनरेश करता है.
अं
दे
श मे् अनुसूलचत जालत, जनजालत और मलहिाओ् मे् उद््लमता लरकलसत करने और उन्हे्बड्ेउद््मी बनने मे्प््ोत्साहन देने के लिए स्टै्ड अप इंलडया स्कीम सरकार जल्द िागू करेगी. इस स्कीम की मदद से एससी, एसटी और मलहिाओ् को उद््मी बनने मे् मदद लमिेगी. के्द्ीय लरत्् मंत्ी अर्ण जेटिी ने कहा है लक अगिे कुछ ही लदनो् मे् स्टै्ड अप इंलडया स्कीम के तहत सभी बै्को् की प््त्येक शाखा एक एससी या एसटी और एक मलहिा को एक करोड्र्पये का कज्ा देना शुर् करेगी. ऐसा होने के बाद ये िोग भी बड्ा उद््म स्थालपत कर पाये्गे. जेटिी भारतीय जनता पाट््ी की लदल्िी प््देश काय्ाकालरणी की बैठक मे्पाट््ी काय्ाकत्ााओ् को संबोलित कर रहे थे. उन्हो्ने कहा लक लदल्िी मे्पाट््ी चुनार हारी है. इसलिए पाट््ी
को अब अपना आिार मजबूत करने के लिए अिग अिग रग््ो मे् अपनी पैठ बनाने की आरश्यकता है. खासतौर पर अनुसूलचत जालत, जनजालत और मलहिाओ्तक पहुंचने की कोलशश होनी चालहए. कांग्ेस और आम आदमी पाट््ी से िोगो्का मोहभंग हो रहा है.
दस कंपनिया बीमा क््ेत् मे् दस््क को तैयार
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श मे् आपरेशन शुर्करने के लिए दस नयी कंपलनयो् ने बीमा लनयामक झरडा के पास आरेदन लकया है. अभी ये प््ोसेलसंग मे् है. इनमे् इंश्योरस्ा और री-इंशय् ोरस्ाशालमि है.् दो नान-िाइफ इंश्योरर, एक िाइफ इंश्योरर, एक हेल्थ इंश्योरर, एक री इंश्योरर और पांच ग्िोबि री-इंश्योरर ने िांइसे्स के लिए आरेदन लकया है. लजन ग्िोबि री-इंश्योरर ने आरेदन लकया है, उनमे्म्यूलनख रे, स्सरस रे, हैनोरर रे, एससीओआर, एक्सि आइएिएसई शालमि है्. 2015 मे् प््त्यक्् लरदेशी लनरेश (एफडीआई) की सीमा 26 फीसद से बढ्ाकर 49 फीसदी लकये जाने के बाद देश के बीमा उद््ोग को पहिे ही 10 हजार करोड्र्पये लमि चुके है्. बाजार सूत्ो् के मुतालबक आलदत्य
लबड्िा ग््ुप दल््कण अफ््ीका फम्ाएमएमआइ होस्लडंग्स के साथ पाट्ानरलशप मे् हेल्थ इंश्योरे्स कंपनी शुर् करने की तैयारी मे् है. अय्यर ने कहा लक भारतीय बीमा क््ेत् मे् सयुक्त उद््म भी नये लनयमो् के अनुर्प अपने कागजी काय्ा पूरे कर रहे है्. इसके मुतालबक संयुक्त उद््म को भारतीय प््मोटर के स्रालमत्र और लनयंत्ण रािा होना चालहए. बीमा कंपनी (संशोिन) अलिलनयम 2015 मे्इसे अलनराय्ालकया गया है.
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कसनेमा
01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
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बायोमिक की भेडंचाल आतंमकथा और िीवकनयोंपर आधाकरत कुछ किलंमोंके कामयाब होने के बाद अब बंमंबैया भेडंचाल की सुई बायोकपक किलंमोंपर अटक गयी है और हर बडा-छोटा कनमंााता ऐसी किलंम बनाना चाहता है. ितर मृदुल
सभी की आंखे्फटी रह गई है्. अगर यह डीि हो जाती है, तो ‘दंगि’ अपनी लरिीज से पहिे ही ‘ढाई सौ करोड् िीरुड की भेड्चाि लकसी से लछपी हुई नही् है. के क्िब’ मे् एंि्ी कर जाएगी. हलरयाणा के पहिरान कोई एक तरह की लफल्म लहट होती है, तो उसी महारीर फोगट के जीरन पर बन रही इस लफल्म के प््लत तरह की बीलसयो् लफल्मे् बननी शुर् हो जाती है्. इस िोगो्की पहिे से ही जबद्ास्लजज््ासा बनी हुई है, इस भेड्चाि की सुई इस बार बायोलपक लफल्मो् पर आकर सनसनीखेज खबर के बाद तो अब हर जगह इस लफल्म लटक गयी है. बायोलपक लफल्मो् के प््लत दश्ाको् की बढ्ी की चच्ाा होनी शुर् हो चुकी है. सच यही है लक लकसी लदिचस्पी ने नामी लफल्मकारो् से िेकर छुटभैये बायोलपक लफल्म को इतना महत्र पहिी बार लमिा है. लनम्ााताओ् तक को चौ्का लदया है. ‘नो रन लकल्ड ‘दंगि’ मे् आलमर खान लसफ्क पहिरानी ही करते नजर जेलसका’, ‘पान लसंह तोमर’, ‘द डट््ी लपक्चर’, ‘भाग नही्आएंग.े इसमे्उनका अपनी बेलटयो्के साथ एक लपता लमल्खा भाग’, ‘मेरी कोम’ ‘शालहद’ और ‘मांझी-द रािा स्नेलहि संबंि भी लचल््तत होगा. इस लफल्म के अिारा जो बायोलपक है,् रे है्‘िौनी’, माउंटेन मैन’ जैसी लफल्मो्को लमिी सफिता ने इंडस्ि्ी को न केरि नये उत्साह से भर लदया, बस्लक लरषय रस््ु ‘अजहर’, ‘मै्और चाल्स्ा’ और ‘नीरजा’. जल्द ही एक की दृल्ि से एक नयी राह भी लदखा दी. अब तो ऐसा िग अन्य बायोलपक ‘सरबजीत’की शूलटंग भी शुर् होगी, रहा है लक जैसे इन लफल्मकारो् को कोई संजीरनी बूटी लजसमे् मुख्य भूलमका ऐश््य्ा राय लनभाये्गी. ‘िौनी’ की लमि गयी हो. एक ऐसा नुस्खा हाथ आ गया हो, लजसके बात करे्, तो इसमे् सुशांत लसंह राजपूत िीड रोि मे् सहारे बॉक्स ऑलफस पर नोटो्की बरसात हो जाये. यह लदखाई दे्गे. एक गरीब घर का िडका कैसे लरकट संघष्ा सही है लक इिर ज्यादातर बायोलपक लफल्मे् लहट रही है्. के बाद न केरि भारतीय ल््ककेट टीम का कप्तान बनता ‘भाग लमल्खा भाग’ ने तो सौ करोड्से ज्यादा का लबजनेस है, बस्लक रल्ड्ाकप भी जीत कर िाता है. इस लफल्म मे् भी कर लिया था. बाकी सारी लफल्मो्ने भी अपनी िागत महे्द् लसंह िौनी का बचपन से िेकर शादी तक का से दुगुनी कमायी कर िी थी. िेलकन यह भी बड्ी सि््ाई जीरन लफल्माया जायेगा. एक अन्य पूर्ा ल््ककेट कप्तान है लक बायोलपक लफल्मे्बनाना बि््ो्का खेि नही्. लकसी अजहर्द्ीन के जीरन पर बन रही लफल्म ‘अजहर’ भी भेड्चाि के तहत तो ऐसी लफल्मे् बनाई ही नही् जा कम रोचक नही्होगी. इसमे्अजहर को ल््ककेट के मैदान मे् तो लदखाया ही जायेगा, उनकी लनजी जीरन का भी सकती्. ् होगा. खास तौर पर उनके प्म्े प्स ् गं ो्को रोमांचक खैर, अब तक की सबसे बड्ी बायोलपक लफल्म लचत्ण ‘दंगि’ मानी जा रही है. एक तो यह आलमर खान ढंग से लफल्माया जा रहा है. खुद अजहर की मौजूदगी मे् अलभनीत लफल्म है, इसलिए भी यह सबसे हॉट प््ोजेक्ट लफल्म की शूलटंग हो रही है. अजहर की भूलमका लनभा रहे है. िेलकन इिर इस बायोलपक लफल्म के पक््मे्जो एक इमरान हाशमी को इस लफल्म के लिए खासी मेहनत बड्ी खबर आई लक शूलटंग शुर् होते ही एक नामी करनी पड्ी है. ल््ककेट की दुलनया से एकदम अिग है ‘मै् कारपोरेट कंपनी ने इसके एक्सक्िूलसर राइट्स हालसि और चाल्स्ा’ की कहानी. चाल्स्ा शोभराज नाम के एक करने के लिए ढाई सौ करोड्की प््ाइस ऑफर की है, तो कुख्यात हत्यारे के आपरालिक जीरन को लदखाती इस
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लफल्म मे् रणदीप हूडा ने मुख्य भूलमका लनभायी है. इस लफल्म की सबसे बड्ी खालसयत चाल्स्ा का रहस्यमय व्यस्कतत्र होगा, लजसके तहत रह दो बार सफितापूर्ाक जेि से फरार हुआ और दुभ्ााग्य से दोनो् ही बार पकड्ा भी गया. लफल्म ‘नीरजा’ मे् एक साहसी फ्िाइट पस्ान की कहानी है, लजसके लरमान को आतंकरालदयो्ने हाइजैक कर लिया था. नीरजा भनोत तीन बि््ो् और एक अमेलरकन नागलरक की रक््ा करते हुए आतंलकयो् की गोिी से मारी गयी थी. नीरजा को मरणोपरांत इस शौय्ा के लिए ‘अशोक चक््’ प््दान लकया गया था. नीरजा का लकरदार सोनम कपूर ने लनभाया. ‘दंगि’ मे्रेसिर की भूलमका को असरदार बनाने के लिए आलमर खान ने कोई कसर नही् छोड्ी है. इस लफल्म के लिए उन्हो्ने अपना जीरन जोलखम मे् डािकर सौ लकिो रजन कर लिया. डॉक्टरो्के मना करने पर भी उन्हो्ने यह काम लकया और अब पंजाब मे् इस लफल्म की शूलटंग शुर् कर चुके है्. ‘सरबजीत’ मे्पालकस््ान की जेि मे्कैद सरबजीत को छुड्ाने के लिए संघष्ा करती उनकी बहन दिबीर के लकरदार मे् ऐश््य्ा राय लदखायी दे्गी. ‘मेरी कॉम’ फेम उमंग कुमार के लनद्श ्े न मे्बनने जा रही यह लफल्म जल्द ही फ्िोर पर जायेगी. इन लफल्मो् के अिारा लकशोर कुमार और संजय दत्् की िाइफ पर भी लसनेमा बनाने की तैयारी चि रही है. लकशोर कुमार के जीरन पर अनुराग बसु लफल्म बनाना चाहते है्, तो संजय दत्् की िाइफ को राजकुमार लहरानी परदे पर उतारना चाहते है्. इिर केतन मेहता कंगना रनोट को रानी िक््मी बाई की भूलमका के लिए साइन कर चुके है्. ये लफल्मे् कब शुर् हो्गी, इसके बारे मे्ज्यादा कुछ नही्कहा जा सकता है. िेलकन इस बात से इनकार नही्लकया जा सकता है लक दश्ाको्को बायोलपक लफल्मे्दूसरी लफल्मो्की तुिना
मे् ज्यादा िुभाती नजर आ रही है्. असि मे् बायोलपक लफल्मो् के लिए ‘पान लसंह तोमर’ और ‘भाग लमल्खा भाग’ ने गेम चे्जर का काम लकया. दोनो् ही लफल्मो् को दश्ाको् और आिोचको् का समान र्प से प्यार लमिा. बॉक्स ऑलफस की सफिता ने दूसरे लफल्मकारो्को ऐसी लफल्मे्बनाने के लिए प््ेलरत कर लदया. कुछ समय के बाद ‘शालहद’ जैसी एक छोटे बजट की लफल्म आई. हंसि मेहता के लनद््ेशन मे् बनी इस लफल्म ने साहसी लफल्मकारो्को सचमुच एक नयी राह लदखा दी. सीक्रि और रीमेक लफल्मो् के इस दौर मे् आलखर इन बायोलपक लफल्मो्मे्दश्क ा ो्को ऐसी क्या चीज लदखाई दे जाती है, जो उन्हे् काफी ज्यादा अपीि करती है? इसका जराब लफल्मकार हंसि मेहता इस तरह देते है्, ‘असि मे् लकसी भी बायोलपक मे् एक शानदार कहानी होती है. कहानी साहस की हो या दुस्साहस की, अपीि जर्र करती है. लकसी बायोलपक की अहलमयत तब होती है, जब उसमे् लसनेमेलटक पुटे्लशयि होता है. एक ऐसी कथारस््ु, जो दश्ाको्पर गहरा प््भार छोड्े. ऐसी लफल्मो् मे्स्टोरी टेलिंग का खास महत्र होता है.’ इसमे्कोई शक नही् लक अब दश्ाक र्टीन लकस्म की कहानी देखकर उकताने िगे है्. रे अब अच्छा लसनेमा ढूंढऩे िगे है्. लफल्मकारो् को यह बात अच्छी तरह समझ मे् आ गयी है. हािांलक बायोलपक लफल्मे् बनाना कोई मजाक नही्. ऐसी लफल्मे् बनाने के लिए लकस हस््ी का चयन लकया जाना चालहए, यह लफल्मकार की दृल्ि पर लनभ्ार करता है. यह सही है लक बायोलपक लफल्मो् का यथाथ्ा दश्ाको् को ज्यादा अपीि करता है. अगर ये लफल्मे्प््ेरणादायक हो्, तो लफर बात ही कुछ और हो जाती है. केतन मेहता कहते है्, ‘मांझी के जीरन पर बनी लफल्म का कथानक तो लदिचस्प है ही, रह प््ेरणा भी प््दान करता है. मेरी अगिी लफल्म रानी िक््मीबाई के जीरन पर बनेगी, जो लक रष््ो्से भारतीय जनमानस मे्रची बसी हुई है. उनकी कहानी हम सबमे्आज भी शस्कत का संचार करती है.’ बायोलपक लफल्मो्के साथ कई बार लकस्म-लकस्म की लदक््ते् पेश आने िगती है्. लकसी जीलरत हस््ी पर लफल्म बनाई जाती है, तो बहुत सी िीगि परेशालनयां भी पैदा हो जाती है्. जर्री नही्लक बायोलपक लफल्म लकसी महान हस््ी पर ही बने. अगर लकसी अपरािी के जीरन मे् िोमहष्ाक घटनाक््म हो्, तो उसे भी परदे पर उतारा जा सकता है. बायोलपक लफल्म का प््ेरणास्पद होना अलनराय्ाशत्ाकतई नही्है. यह लफल्मकार की योग्यता पर लनभ्ार करता है लक रह व्यस्कत लरशेष के जीरन को लकतनी किात्मक ऊंचाई प््दान कर पाता है. अगर रह ऐसा करने मे् सफि होता है, तो दश्ाको् की स्रीकृलत सुलनल््ित हो जाती है.
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01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
वीरा श््ीवास््व
पर्ाटन
पलामू बंगले के बरामदे में
श
लनरार की सुबह हम साढ्े पांच बजे जग गये. पूरब की लदशा मे्आकाश मे् बादि थे. िगा शायद सूय्ोदय नही् देख पाये्गे. लफर भी हम कैमरे के साथ राच टारर पहुंच गये. रहां तीन िोग पहिे से ही मौजूद थे. राताररण मे्ठंडी हरा बह रही थी. पौने छह बजे मध्यम सा एक िाि गोिा बादिो् के बीच झिका िेलकन रह एक नजर मे्नही् लदखायी दे रहा था. सभी की लनगाह आकाश पर िगी हुई थी. तब तक हल्का सा िाि गोिा थोड्ा और ऊपर उठ चुका था. सामने की पहाल्डयो् और सखुआ के पेड्ो् के ऊपर लनकिते सूरज ने राकई लदि को मोह लिया था. हम 15 लमनट तक बाि सूरज को देखते रहे. जीतन लकसान ने नीचे से आराज िगायी, बाबू चाय तैयार है. ऊपर ही िाये् क्या? हमने कहा नही्, हम ही नीचे आते है्. नीचे उतर कर हमने गेस्ट हाउस के बरामदे मे् गुनगुनी िूप के साथ चाय पी. इस दौरान हम घूमने की योजना पर भी चच्ाा कर रहे थे. तय हुआ लक नाश्ते के बाद हम सनसेट प्राइंट तक जाये्गे. रहां से िौटकर नेतरहाट स्कूि देखा जायेगा और लफर गेस्टहाउस िौटकर िंच िे्गे. लनि्ाालरत समय यानी ठीक साढ्े आठ बजे नाश्ता िगा. पराठे् और आिू की भुलजया. यहां दही और दूि का लरराज नही् है. जीतन ने बताया था लक इसके अिारा टोस्ट बटर और आमिेट लमि सकता है. नाश्ते के बाद, हम सनसेट प्राइंट की ओर रराना हुए. पिामू बंगिे से यह स्थान करीब छह लकमी है. रास््ा बेहद खूबसूरत था. पतिी सी सड्क सीिी सखुआ और चीड्के बीच से होती हुई जा रही थी. नेतरहाट स्कूि के बाद एक छोटी सी आलदरासी बस््ी पड्ी. सुंदर और शािीन घर दूर से बटुिी मे्पानी
िाते बि््े और मलहिाये् नजर आ रहे थे. िोग गाय और बकलरयो् के लिए चारे का इंतजाम कर रहे थे. जगह-जगह मलहिाये् सड्क पर मक््ा सुखा रही् थी्. यहां कभीकभार ही बाहरी िोग लदखायी देते है.् सो िोग हमे्कौतूहि से देख रहे थे. रास््ेमे्चीड्ो्के झुंड इतने शेप मे्लदख रहे थे, जैसे लकसी ने इनकी कलटंग कर ऐसा बनाया हो. िेलकन यहां ऐसा कुछ नही् होता है. हरा ही इन पेड्ो्को संरारती है और शेप
हुआ िेलकन हम शाम देती है. हमारी कार िीमे-िीमे चि रही सरकारी उपेकंा से पंंाकृकतक खूबसूरती तो उखडंती नहींहै. को रहां चाय पीने जर्र गये. दरअसि हमने थी और हम जंगि, हरा और मनोरम कलहािा इस पंवाइंट से खूबसूरत निारा देखने को कमलता है. इस सोचा लक जब हम राताररण का आनंद पंवाइंट का नाम है मैगंनोकलया सनसेट पंवाइंट. इस पंवाइंट से सनसेट देखने जाये्गे तो िेते हुए आगे बढ् रहे नीचे एक गहरी खाई है. बीच मेंघाटी है और किर पहाकंडयां हैं. उिर से होते हुए जाये्गे. शाम को बादि छा गये थे. थोड्ी देर मे् हम सूरि इनंहींपहाकंडयोंके बीच डूबता है. लिहाजा सनसेट देखने सनसेट प्राइंट पहुंच का काय्ाक्म रद करना गये. रहां सनसेट देखने के लिए एक सीढ्ीदार प्िेटफाम्ा बना बताते है् यहां पहिे एक अंग्ेज रहता था. पड्ा और हम फारेस्ट रेस्टहाउस पहुंच गये. साढ्े पांच बजे से बालरश शुर् हो गयी. है. तीन साि पहिे बने इस प्िेटफाम्ा की लजसकी बेटी का नाम मैग्नोलिया था. फश्ा उखड् चुकी है. उस पर िगे पत्थर मैग्नोलिया बहुत खूबसूरत थी. लहंदुस्ान मे् करीब आठ बजे तक जबरदस््बालरश होती ही पैदा हुई मैग्नोलिया यहां की भाषा भी अच्छे से जानती थी. घुड्सरारी के दौरान उसकी मुिाकात एक आलदरासी नौजरान से हुई. यह नौजरान बहुत अच्छा बांसुरीरादक और गायक था. बांसुरी की तान जंगिो् मे् और भी मारक हो जाती थी. तान सुनकर मैग्नोलिया बेचैन हो उठती थी. मुिाकात का दौर शुर्हुआ और िीरे-िीरे मैग्नोलिया के मन के कोमि से भार ने मोहब्बत का र्प िे लिया. मैग्नोलिया उस आलदरासी के साथ रहना चाहती थी. िेलकन उसके मां-बाप को यह मंज्ूर नही् था. अंग्ेज साहब को जब कोई रास््ा न सूझा तो उसने आलदरासी युरक की हत्या करा दी. जब मैग्नोलिया को पता चिता है. तो रह पागि हो उठती है. कहती है मुझे उस िड्के से लमिना है. अपने गायब है्, यहां तक लक उद्घाटन का पत्थर घोड्ेपर सरार होती है और घोड्ा दौड्ाते हुए रही. घुप अंिेरा, तेज बालरश और केरोलसन उस खांई् मे् छिांग िगा देती है. िोगो् का िै्प के साथ हम पिामू बंगिे के बरामदे मे् भी िोग उखाड्िे गये. सरकारी उपेक्ा से प््ाकृलतक खूबसूरती कहना है लक कभी-कभी मिुर आराज इस बैठे थे. प््कृलत ने जो माहौि बना रखा था लक तो उखड्ती नही् है. लिहाजा इस प्राइंट से खांई् से आज भी सुनाई देती है. घोड्े पर उसका मजा ही अिग था. बालरश की बूंदो्के खूबसूरत नजारा देखने को लमिता है. इस सरार मैग्नोलिया भी लदखायी दे जाती है. इस साथ सखुआ और चीड् की जो जुगिबंदी प्राइंट का नाम है मैग्नोलिया सनसेट प्राइंट. तरह इस प्राइंट का नाम मैग्नोलिया प्राइंट शुर्हुई थी. रह तेज होती बालरश मे्डूब गयी और लफर शुर् हुआ बादिो् का मांदर. घड्ी इस प्राइंट से नीचे एक गहरी खांई् है. बीच पड्गया. शाम को िोहरदगा से आग््ह हुआ लक की सुइंयां इतने िीमे चिती नजर आ रही थी् मे्घाटी है और लफर पहाल्डयां है्. सूरज इन्ही् शलनरार की रात हम फारेस्ट रेस्टहाउस मे् लक समय जैसे ठहर गया हो. पहाल्डयो्के बीच डूबता है. इस नाम के पीछे एक कहानी है- िोग स्सथत िागहाउस मे् ठहरे्. ठहरना तो नही् सुबह काफी चहिपहि थी. जब हम
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नाश्ता कर रहे थे तभी रहां लरकास भारती संस्था के मुलखया अशोक भगत आ गये. राजे्द् को देखकर रह चौ्क गये. नमस्कार हुआ. उन्हो्ने कहा लक गांिी जयंती पर लरकास भारती आलदरासी युरक-युरलतयो् और बि््ो् की एक दौड् का आयोजन कर रहा है. यह दौड् नेतरहाट स्कूि से शुर् होकर बनारी पर खत्म होगी. यानी करीब 25 लकमी की दूरी होगी. अशोक भगत ने राजे्द् से दौड् को हरी झंडी लदखाने का आग््ह लकया. लजसे राजेद् ्ने सलरनय मना कर लदया. रापस होते हुए रास््े मे् हमने देखा लक बड्ी संखय् ा मे्िड्क-े िड्लकयां (अलिकतर नंगे पांर) दौड्ते हुए नीचे जा रहे थे. लरकास भारती ने जगह-जगह पानी का इंतजाम कर रखा था. कही्से नही्िग रहा था लक ये बि््े नक्सिी बनकर बंदूक उठाने का लरकल्प अपनाये्गे. यलद इन इिाको् को लरकास की मुख्यिारा मे्शालमि कर लिया जाये. अशोक भगत के आग््ह पर हम लबशुनपुर मे्लरकास भारती के पलरसर स्सथत गेसट् हाउस मे्चाय पीने के लिए र्क.े लरकास भारती के कामो् की जानकारी हमे् दी गयी. हमने उनका स्रारिंबन के्द् देखा लक कैसे स्थानीय िोगो्को स्ररोजगार के लिए तैयार लकया जा रहा है. उनके लिए प्िेटफाम्ा का काम भी लरकास भारती कर रही है.् यही नही्, दुलनया की सबसे पुरानी अयस्क से िोहा और एिुमलु नयम बनाने की तकनीक को भी बचाये रखने का काम भी यहां चि रहा है. िौटते मे् हम कुड् होकर नही् बस्लक िोहरदगा से बेड्ो रािी सड्क से रांची आये. अच्छी सड्क, मनोहारी दृश्यो् के बीच पता नही्चिा लक कब हम रांची पहुंच गये. कुि लमिाकर मुझे िगता है लक यलद आप दो-तीन लदन दुलनया-जहान से कटकर कुछ पि सुकून से लबताना चाहते है्तो नेतरहाट सबसे मुफीद जगह है.
नेतरहाट पहुंचने के लिए लदल्िी, कोिकाता, पटना और मुंबई से रांची रायुमाग्ा से जुड्ा है. रेिमाग्ा से रांची मुख्यर्प से लदल्िी और कोिकाता से जुड्ा है. रेि से िनबाद होकर भी रांची पहुंचा जा सकता है. िनबाद से रांची 160 लकमी है. िखनऊ से आने के लिए कानपुर से ि््ेन पकड्े. रांची से टैक्सी िेकर नेतरहाट पहुंचा जा सकता है. सात मे् हल्के गम्ा कपड्े िे जाना न भूिे्.
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01 अप््ैल - 07 अप््ैल 2016
चंबल के घमियाल आयेग ् े पंजाब मिवराज के राज िें मवधायक
लिए डीएफओ लफरोजपुर को रन लरभाग मुरैना से सूचना भेज दी गयी है. ये कम्ाचारी पंजाब से अप््ैि माह मे् मुरैना आये्गे लजन्हे् यहां के रन लरभाग की तरफ से घल्डयाि रेज ् मे्िे जाया जायेगा. जहां पांच साि की उम्् रािे तीस घलडय्ािो् के संबंि मे् उन्हे् जानकारी दी जायेगी. लफरोजपुर के लडप्टी कलमश्नर डीपीएस खरबंदा ने इसकी पुल्ि की है. खरबंदा ने बताया लक घल्डयाि इंसानो् के खतरा नही् है्, िेलकन इसकी जानकारी िोगो् को कम है. उन्हे् यहां िाने का कारण बताते हुए उन्हो्ने कहा लक इस तरह की प््जालतयो् को बचाने के लिए नयी जगहे्खोजी जा रही है.् हलरके पत्न् एक ऐसी जगह है. जहां हर समय फै्श राटर उपिब्ि रहता है. इसके अिारा यह नेचुरि रेटिै्ड है. जहां इसके लिए पय्ााप्त भोजन भी उपिब्ि है. पूरे देश मे् इस तरह की जगह रेटिै्ड मे् रखे जाये्गे. इसके लिए पूरी खोजी जा रही है्. पंजाब के हलरके के लिए भी एम कुमार तैयालरयां पूरी कर िी गयी है् और अप््ैि जगह का चुनार करने से पहिे पूरा सर््े ा ालरयो् लकया गया है. इिर ग््ामीणो्का कहना है लक चंडीगढ़. मध्य प््देश की चंबि नदी के महीने मे्इनकी देखभाि के कुछ कम्च घलडयािो् का नया बसेरा अब पंजाब मे् को लरशेष ि््ेलनंग दी जायेगी. एक साि से यहां घलडयाि आने से उन्हे् खासी लदक््तो् होगा. ब्यास और सतिुज नलदयो् के इस चंबि के घलडयािो् को पंजाब भेजने की का सामना करना पड सकता है. ग््ामीण मान कर चि रहे है् लक ये जिचर कभी भी उन संगम मे् जहां नेचुरि रेटिै्ड है, रही् पानी तैयारी चि रही है. राइल् ड िाइफ एडराइजरी बोड् ा और पर हमिा कर सकते है्. लजससे उनकी जान का प््दूषण िेरि भी काफी कम है. इसको देखते हुए मध्यप््देश के मुरैना लजिे के राइल्ड िाइफ इंसट् ीट्ट्ू देहरादून के जिीय और मरेलशयो्को खासी लदक््त का सामना राष््ीय चंबि घलडयाि रन्य क््ेत् से 30 जीर लरशेषज््ो् की मंजूरी के बाद तीस करना पड सकता है. यही् डर उनमे् संशय घलडयाि िाये जा रहे है्, जो यहां रामसर घलडयािो् को पंजाब भेजा जायेगा. इसके पैदा कर रहा है.
पुडच् रे ी मे् सभी सीटो् पर लड़ेगी आप
पुड्चेरी. बीते रलररार को आम आदमी पाट््ी के नेता सोमनाथ भारती ने ऐिान लकया लक पुड्चेरी मे् आप सभी सीटो् पर चुनार िडेगी. भारती ने कहा लक पाट््ी सभी सीटो् पर चुनार िड्ेगी और अगर सत््ा मे् आयी तो रह नयी लदल्िी की तरह ही यहां काम करेगी. उन्हो्ने कहा लक पुडुचेरी के िोग एक ऐसी ताकत का इंतजार कर रहे है्. जो राज्य
को के्द्से मुस्कत लदिाने और लरकास काय््ो् के लिए एक अच्छा मंच तैयार कर सकती है. ऐसा लसफ्क आप सरकार ही कर सकती है. उन्हो्ने दारा लकया लक आम आदमी पाट््ी स्रच्छ राजनीलत के लिए देश भर के िोगो्से जनसंपक्क कर रही है. साथ ही उन्हो्ने कहा लक पाट््ी राज्य मे् भ््ि्ाचार मुक्त सरकार देगी.
कोटूल्ली (केरल). जैसा बहुत सी पय्ााररण एजे्सी कहती आई्है्, चाहे जि प््दूषण हो, रनस्पलत का नुकसान हो, या तेजी से फैि रही कोई प््जालत हो, झीिो् को ही सबसे ज्यादा खतरा नजर आता है्. कुछ ऐसा ही कोटूल्िी मे्झीिो्के साथ भी हो रहा है, और खतरा सबसे खतरनाक प््जालत से है, ‘इंसान’. लजस तेजी से कोटूल्िी की झीिो्को कंक्ीट और ई्टो्की लबस्लडगो्के जाि से भरा जा रहा है, झीिे् खत्म होने की कगार पर है्.सबसे दुर्खद यह है लक ऐसा राजनेता और नगर लनगम के अंतब््ंिन के कारण संभर हो रहा है या नही्इसमे्स्थानीय समूह और राजस्र अलिकारी भी बराबर के लहस्सेदार है्. आम जनता की नजरो्और गुस्से से बचने के लिए काम रात मे् ही अंजाम लदया जाता है. रात ही मे्दूराज के इिाको्से लमट््ी
िा करके पाट दी जाती है. युरध््, कोटूल्िी मे्ही एक युराओ्का मंच है लजसके सलचर केरी प््मोद कहते है्लक ‘यह झीिे्शहर के लिए दक महत्रपूण्ा पानी का स््ोत है जो जल्द ही सूख जायेगा’. रो आगे बताते है्लक ‘आम जनता कुछ कर भी नही सकती क्यो्लक दसके पीछे शस्कतशािी िोग है’.सूत्ो् के मुतालबक काफी क््ेत्ो् मे् नगर लनगम से मंजूरी के बाद लनम्ााण काय्ाभी शुर्हो चुका है. मुख्यत जमीन का लरकास प््ाइरेट कंपनी के गोदाम के लिए लकया जा रहा है.
झील पाटकर गोदाम बनायेंगे
RNI- DELHIN/2015/ 65658
रीता ततवारी
हुये िालािाल
भोपाल. प््देश मे् लरिायको् का रेतन बढ्ाने को िेकर कैलबनेट ने मंजूरी दे दी है. बुिरार सुबह लरिानसभा मे् हुई बैठक मे् यह लनण्या लिया गया. इसके बाद लरिायको्का रेतन 71 हजार र्पये से बढ्कर एक िाख दस हजार र्पये प््लतमाह हो गया है. लरिायको् ने इसमे् डीए को भी जोड्ने की मांग की थी, िेलकन सरकार ने उसे खालरज कर लदया. अगर इसमे्डीए भी जोड् लदया जाता तो रेतन एक िाख 50 हजार र्पये हो जाता. िेलकन टो्को-रो्को-ठो्को क््ांलतकारी मोच्ाा ने इसका सीिा लररोि लकया है. मोच्ाा के संयोजक उमेश लतरारी ने कहा लक जहां सूखे से प््भालरत लकसानो्को सहायता रालश के नाम पर ठगा गया है.रही् लशरराज सरकार ने लरिायको्और मंल्तयो्के रेतन मे् असमान रृल्द कर दी है. जहां प््देश के लकसान बेबसी, िाचारी और गरीबी से परेशान है्. रही् लफजूिखच््ी करने रािे
नेताओ्का रेतन बढाया जा रहा है. प््देश मे् प््त्येक लदन चार लकसान आत्महत्या कर रहा है और िोग भूखमरी का लशकार है.् भ्ि ् ्ाचार से परेशान िोग रोजी रोटी की तिाश मे्दर दर की ठोकरे्खा रहे है्. लनराल््शतो्को पे्शन के नाम पर 150 र्पये लदया जा रहा है. जो इस सरकार की असंरेदनशीिता का पोि खोि रही है. ऐसे मे् सरकार के इस कदम की लजतनी लनंदा की जाये उतनी कम है. साथ ही अब समय आ गया है लक नागलरक स्रयं जागे और भ््ि्ाचार के लखिाफ एकजुट होकर संघष्ाकरे्.
मबहू पर भारी पड़ी राजनीमि
गुवािाटी. असलमया िोगो् के लिए अप्ि ्ै उत्सर का महीना होता है। इसी महीने मे् राज्य के सबसे बड्े उत्सर बहाग या रंगािी लबहू का आयोजन लकया जाता है जो बसंत के आगमन का संकेत देता है. इसकी तैयालरयो् महीनो् पहिे से शुर् हो जाती है् और पूरा राज्य लबहू के गीतो् की िुन पर लथरकने िगता है.िेलकन अबकी इस सीजन मे् असम लबहू की बजाय राजनीलत की िुन पर लथरक रहा है. सत््ार्ढ् कांग्ेस और उसे चुनौती देने रािी भाजपा के बीच चुनारी जंग का एिान हो चुका है. प््िानमंत्ी नरे्द् मोदी कोई आिा दज्ना रैलियां कर राज्य मे्पाट््ी के आक््ामक चुनार अलभयान की शुर्आत कर चुके है्. असम मे् लबहू का उत्सर 14 अप््ैि से शुर् हो कर महीने भर तक चिता है.इस दौरान राज्य मे् जगह-जगह मंच बना कर लबहू गीतो्, नृतय् और िोकगीतो्का आयोजन चिता रहा है. िेलकन अबकी चुनारो्ने इस उत्सर की रंगत कुछ फीकी कर दी है। इस समय भी मंच तो नजर आ रहे है्िेलकन रह
चुनारी रैलियो्के है्, लबहू के नही्। राज्य की 126 सीटो् के लिए घमासान शुर् हो चुका है. कांग्ेस जहां राज्य मे् लरकाड्ा चौथी बार सत््ा मे् रापसी का प््यास कर रही है रही् भाजपा पहिी बार पूर्ोत््र के लकसी राज्य मे्
चुनार जीत कर सत््ा पाने का. भाजपा ने अबकी असम गण पलरषद (अगप) और बोड्ो पीपुल्स पाट््ी (बीपीएफ) के साथ गठबंिन लकया है। हाि के कुछ सर््ेक्णो्मे्भी भाजपा गठबंिन को सत््ा का दारेदार बताया गया है. िेलकन मुख्यमंत्ी गोगोई इससे लरचलित नही् है्. रे कहते है्लक राज्य के िोग कांग्ेस को ही एक बार लफर सत््ा सौ्पगे् ।े भाजपा की छलर बेदाग नही् है और के्द् सरकार के दो साि के
दौरान मोदी का जादू फीका पड्चुका है. लबहू के मौके पर चुनारो्के आयोजन ने िोगो्को दुलरिा मे्डाि लदया है। रे समझ नही् पा रहे है् लक लबहू के आयोजन र पकरानो् की तैयारी करे् या लफर अपना समय यह चुनने मे् िगाएं लक रोट लकसे देना है. दरअसि, अिग-अिग आदश््ो् रािे कई गठबंिनो् ने रोटरो् को भ््लमत कर लदया है.एक मलहिा लमतािी डेका कहती है् लक लदल्िी के नेताओ् को चुनारो् के समय ही पूर्ोत््र की याद आती है.उसके बाद रे अपने रादे भूि जाते है.्असम मे्बेरोजगारी और आिारभूत ढांचे की कमी सबसे बड्ी समस्या है. राज्य मे्दो चरणो्मे्चार और 11 अप्ि ्ै को रोट पड्गे् ।े चुनार का नतीजा चाहे जो भी हो, दूसरे चरण के बाद पूरा राज्य लबहू की रंगीलनयो् मे् खो जाएगा.िेलकन अबकी लबहू लकसके लिए खुलशयो् का संदेश िे कर आएगा और लकसके लिए मातम का, यह तो चुनारी नतीजे ही तय करे्गे. तब तक नेता से िेकर अलभनेता तक तमाम िोग राजनीलत की िुन पर ही लथरक रहे है्.
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