Shukrawar 1 15 august (1)

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वर्ष 8 अंक 15 n 1-15 अगस्​् 2015 n ` 25



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वर्ष8 अंक 15 n 1 से 15 अगस्​्2015 स्वत्वाधिकारी, मुद्क एवं प्​्काशक क्​्मता सिंह संपादक अंबरीश कुमार संपादकीय सलाहकार मंगलेश डबराल फोटो संपादक पवन कुमार

आवरण कथा

संपादकीय सहयोगी िसवता वम्ा​ा अंजना सिंह नीरज सतवारी पूजा सिंह (भोपाल) असवनाश सिंह (सिल्ली) असनल अंशुमन(रांची) रीता सतवारी (कोलकाता) अजय कुमार पांडेय

8 | संसंकृनत मंे संघ की घुसपैठ

कला: श्याम एि सतवारी रोसहत श्​्ीवास्​्व महाप्​्बंिक एि के सिंह +91.8004903209 +91.9793677793 gm@shukrawaar.com

18 | िरजता-बरसता सतं​ं

ब्​्ांिडंग कॉमडेज कम्यूिनकेशन प्​्ा़ िल़

कला, प्​्िार एवं िवज्​्ापन

मीिडया गवन्ार डी-144/सी, थड्डफ्लोर, हधरनगर, आश्​्म, िदल्ली-14

िंस्कृसत की प्​्मुख िंस्थाओ्मे्के्द्िरकार राष्​्ीय स्वयंिेवक िंघ की सवचारधारा के िोगो्को सनयुक्त करके उन्हे्सनयंस्तत करने मे्िगी है. यही वजह है सक िरकार के इन क़दमो्का सवरोध भी बढ़ रहा है.

िंिद के मानिून ित्​्को भारी राजनीसतक बासरश ने ठप कर सदया. कांग्ेि भाजपा के नेताओ्के इस्​्ीफे की मांग पर अड़ी रही है़

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22 | मोह मंे क़ैद माया

+91. 11. 30423000

िंसवधान का पहिा मिौदा सपछिे हफ्ते िंसवधान िभा मे्पेश तो सकया गया, पर मिौदे को िेकर कई आशंकाएं भी है्.

प्​्िार : अिभनेत ि​िंह +91. 7835002010

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िवज्​्ापन

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धवधि सलाहकार शुभांशु सिंह

shubhanshusingh@gmail.com

9971286429 िुयश मंजुल िंपािकीय काय्ा​ालय एमडी-4/304, सहारा ग्​्ेस, जानकीपुरम लखनऊ, उत्​्र प्​्देश-226021 टेलीफैक्स : +91.522.2735504 ईमेल : editor@shukrawaar.com www.shukrawaar.com DELHIN/2008/24781 स्वत्वािधकारी, प्क ् ाशक और मुदक ् क्म् ता सिंह के सिए नोवा पब्लिकेशन एंड िप्ट्ं ि्,स प्िॉट 9-10, िेकट् र-59, फेज-2, फरीदाबाद, हसरयाणा िे मुस्दत एवं दूिरी मंसजि,ल्ाी-146, हसरनगर आश्म् , नयी सदल्िी-110014 िे प्क ् ासशत. िंपादक : अंबरीश कुमार (पीआरल्ाी अिधसनयम के तहत िमाचारो्के चयन के ि​िए िजम्मेदार) िभी कानूनी िववादो्के ि​िए न्याय क्​्ेत्िदल्िी होगा.

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शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

24 | बानियोंका तीसरा खेमा

38 | मेरी िदी तुमंहारी िदी

60 | ऐसा है पूरब का वेनिस

56 | ‘मैंहर पीढ़ी मेंशानमल होता हूं’

सवधानिभा चुनावो्िे पहिे सबहार के ज्यादातर बागी नेताओ्ने राजनीसतक दिो् का गठन कर सिया है़

िमूचा केरि बहुत िुंदर है, िेसकन कोस्​्ि मे्जो बात है वह कही्नही्. इि ऐसतहासिक शहर मे् पय्सटक बरबि िखंचा चिा आता है़

सपछिे आम चुनावो्मे्गंगा को नरे्द्मोदी ने राजनीसतक मुद्ा बनाया था़ हािांिक उनका असभयान ठंडा हो गया है.

पद्​्ेपर नया िोच और नया स्िाल्प बॉिीवुड मे्बड़्े बदिाव िा रहा है़ िीक िे हटकर बनी िफल्मे्कमाई के


आपकी डाक

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अपनी स्थायी घरो्को िेकर ही है. ऐिे मे्जब मोदी िरकार देश के िोगो् को आवाि मुहैया करवाने के िपने सदखाती है तो मंडिा जैिी कार्सवाई िोगो्को चौ्काती भी है. इि िेख की हेसडंग ‘कहां है हमारा घर ’ ि​ि्​्ाई का आईना सदखाती है. ववश्​् रंजीत वसंह, झसरया, (झारखंड) -----------------------

पािी का कारोबार

कठपुतली अवाम शुक्वार का 16-31 जुिाई के अंक मे्‘वहशत और दहशत के बीच’ मे्पासकस्​्ान के हािात जानकार मन दुसखत हो गया. आजादी के पहिे पासकस्​्ान सहंदुस्ान का ही सहस्िा रहा. पर बंटवारे के बाद इि मुल्क की दयनीय दशा पर अफिोि हो रहा है. यह िही है सक पड़्ोिी मुल्क होने के कारण भारत और पासकस्​्ान के िीमा पर आये सदन गोिीबारी की घटनाएं होती रहती है्. िेसकन इि​िे सदि मे् दूसरयां नही् आ िकती. पासकस्​्ान की पूरी पड़्ताि पढ़्कर वहां की हकीकत का िारा अंदाजा िग गया. इन हािात के दोषी वहां के हुक्मरान ज्यादा है् बजाय की जनता के. पासकस्​्ान की जनता सिफ्फ कठपुतिी की तरह है. फौज की कारगुजासरयां भी इिमे् कम नही् है्. ‘कभी हां, कभी ना’ पढ़्कर िगा की पड़्ोसियो्की खटपट स्वाभासवक है. पर इि​िे सरि्ते मे् दूसरयां दोनो् देशो्के सिए मुबि् किे्पैदा कर रही है. इि वजह िे ज्यादा नुकिान दोनो् देशो् के आवाम को ज्यादा हो रहा है. वसीउल्लाह अंसारी, अिीगढ़्, (उत्​्र प्​्देश)

घर खोजते लोि

मेधा पाटकर का िेख ‘कहां है हमारा घर’ पढ़्कर देश मे्गरीब िोगो्के घरो्की दशा का हाि िमझ आया. मेधा जैिी शब्सियत जब इन गरीबो् के सिए िड़्ाई िड़्ती है तो उनका कद और भी बढ़्जाता है. मंडिा के िोगो्की तरह देश मे्कई बस्​्सयां है्जहां िोग अपने हक की िड़्ाई िड़्रहे है्. बड़्ेशहरो्मे्झुग्गी और तंग बस्​्सयो्मे्रह रहे िोगो्के िामने बड़्ी िमस्या 4

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

पानी पर जुिाई के दूिरे अंक मे् आई सरपोट्स बेहतरीन रही्. आज जब िब कुछ बाजार के हवािे हो गया है, तो पानी भी इिी बाजार के भेट् चढ़् गया है. प्िाब्सटक के बोतिो् मे् पानी िुसवधाजन पैकसे जंग मे्तो समि रहा है. पर इिमे् बहुत िे जहरीिे रिायन भी घुिते जा रहे है्. पूव्ा​ा्चि के इिाके की कहानी पढ़्कर तो मन और भी पीड़्ा िे भर गया. पानी वहां आि्​्ेसनक की वजह िे जहर बन गया है. इि​िे िोगो्को कई तरह की बीमासरयां हो रही है्. आि्​्ेसनक की वजह िे आि्​्ेसनकोसि​ि िोगो् की सजंदसगयां िीि रहा है. िरकार का यह कत्वस य् है सक िोगो् को िाफ पेयजि उपिल्ध कराये. िेसकन िरकारे्अपने दासयत्व िे पीछे भाग रही है्. ऐिे मे् पानी की बड़्ी िमस्या के तरफ इि रपट ने िोगो्का ध्यान खी्चा है. नवलनी ववश्​्कर्ा​ा, गाजीपुर, (उत्​्र प्​्देश)

नदिकर और राजिीनत

शुकव् ार के जून 1-15 अंक मे्अशोक स्​्पयदश्​्ी का आिेख 'जासत के जाि मे् महापुर्ष' और सवमि कुमार के िेख16-31 मई 'सकतनी दूर सकतने पाि' ने एक बहि तेज कर दी है. राष्​्कसव होने के नाते आयोसजत िमारोह मे् प्​्धानमंत्ी मोदी शरीक हुए. प्​्धानमंत्ी के शरीक होने को िेकर और उनके महत्वपूण्स भाषण िे जासत के तुस्िकरण का िार सनकािा गया. प्​्धानमंत्ी का भाषण इि बात की पुस्ि कर रहा था सक हम जासतयो्के घेरे िे मुकत् नही् है. वैिे मुझे ऐिा कतई नही्िगता सक मोदी जी ने ऐिी कोई बात की हो जो सवशुद्राजनीसतक हो सिवाय इिके सक वे राजनीसत िे िंबद्​् व्यब्कत है्. इिसिए इिके सनसहताथ्स कुछ िोग चुनाव िे जोड़्कर देख रहे है्. मोदी जी ने सदनकर जी के हवािे िे जासतवाद पर प्​्हार सकया और इिे जासतवाद का पोषक बता सदया गया. अरववंद कुरार वसंह सदनकर भवन, आय्सकुमार रोड, पटना

मि मंे बसा लेह शुक्वार पस्​्तका के नए अंक मे् मुकुि श्​्ीवास्​्व के सिखे यात्​्ा-वृतांत को पढ़कर अच्छा िगा. सिन्धु नदी, रंग बदिते पहाड़, गो्पा, िेह का राजमहि,पे्गो्ग झीि और मनोहर नुब्ा घाटी. सवश्​्की छत कहे जानेवािे िद्​्ाख के बफ्​्ीिे मर्स्थि मे् देखने-िहेजने के सिए वास्​्व मे् बहुत कुछ है. िेह की प्​्ाकृसतक िुंदरता का जीवंत वण्सन ने िेह की याद सदिा दी. आकांक्ा वर्ा​ा, जेएनयू (नईसदल्िी)

रोबोट का दख़ल

रोबोट शुर्िे ही मानव के सिए अदभुत रहे है्. मानव जीवन मे्बढ़्ते सवज्​्ान की दखि ने इन रोबोटो् को जगह दी है. इन रोबोटो िे मानव जीवन मे्िरिता आ िकती है. जुिाई के दूिरे अंक मे् रोबोट पर दी गयी जानकारी अच्छी िगी. अमेसरका जैिे देशो् मे् रोबोट पर असधक काय्ससकये जा चुके है्. िेसकन अभी भी इि पर बहुत िे काय्ससकये जाने है्. राजीव सोनकर, जबिपुर (मध्य प्​्देश)

बसे अचंछे िांव

आज़ादी के इतने िािो्बाद भी भारत सवकाि के सिए कोई सनस्​्ित सदशा सनध्ासस रत नही्कर पाया है. आज भी शहर बिाने मे् ही हमे् सवकाि नज़र आता है. जब जनिंस्या सवस्फोट की बात की जाती है तो इिके िमाधान मे्ये बताया जाता है सक अगर और शहर बिा सदए जाए तो इि िमस्या का सनवारण हो जाएगा. पर कभी भी भारत के गांव की हाित और वहां िे शहर की ओर पिायन करने वािे िोगो् की जनिंस्या का कोई भी िेखा जोखा नही्रखा जाता. शवश चतुव्ेदी, नैनीताि(उत्​्राखंड)

पाठकोंसे निवेदि

शुक्वार मे्प्​्कािशत सरपोट्​्ो्और रचनाओ्पर पाठको्की प्​्सतसक्​्या का स्वागत है़ आप अपने पत्​्नीचे िदए गए पते पर या ई-मेि िे भेज िकते है् एमडी-4/304, िहारा ग्​्ेि, जानकीपुरम, िखनऊ उत्​्र प्​्देश-226021 टेिीफैक्ि : +91.522.2735504 ईमेि : editor@shukrawaar.com


राजपाट

एहसाि के फेर मंे थरंर प्​्धानमंत्ी नरे्द्मोदी ने शसश थर्र को िफाई असभयान के ब्​्ैड एंबेस्डरो्मे्क्या शासमि सकया, थर्र को िमझ मे्नही् आ रहा है सक वह अहिान का बदिा कैिे चुकाये.् िंिद का मानिून ित्​् शुर्आत मे् कांग्ेि िंिदीय दि की बैठक मे् रणनीसत बनी सक हमे् िंिद की काय्सवाही नही् चिनी देनी चासहए. इि पर िभी कांग्ेिी िांिद एकमत थे. पर शसश थर्र ने इि कदम का सवरोधी करके वहां मौजूद िोसनया गांधी तक को अवाक कर सदया. उनकी दिीि थी सक यह अच्छी परंपरा नही् होगी. अब िोसनया गांधी की िमझ मे् नही् आ रहा है सक उनिे कैिे सनपटे्.

सरिच्सएंड एनासिसि​ि सवंग के पूव्सप्​्मुख एएि दुल्ित की सकताब ‘कि्मीर, द वाजपेयी इयि्स’ के आने िे तीन िोग िबिे ज्यादा खुश है.् ये है्फार्ख अल्दलु ि ् ा, िाि कृष्ण आडवाणी और उप राष्​्पसत हासमद अंिारी. जम्मू कि्मीर के पूव्स मुस्यमंत्ी फार्ख अल्दुल्िा की खुशी की वजह यह है सक इि पुस्क मे् यह खुिािा सकया गया है सक वे आईिी-814 सवमान अपहरण के बदिे मे् आतंकवासदयो्को सरहा सकये जाने के िस्त सखिाफ थे. उन्हो्ने तत्कािीन गृहमंत्ी िाि कृषण ् आडवाणी व सवदेश मंत्ी जिवंत सिंह को इि बारे मे्आगाह भी सकया था.

परेशाि हैंकांगंेसी राजा कांग्ेसियो् के भ्​्ि्ाचार मुद्े पर राजग िरकार को घेरने की योजना िे कांग्ेि पाट्​्ी के ही दो राजा बहुत परेशान है. ये है् सहमाचि प्​्देश के मुस्यमंत्ी राजा वीरभद्​् सिंह और पसटयािा के महाराज कैप्टन अमसरंदर सिंह. वीरभद्​्सिंह को आशंका है सक इि हमिे के जवाब मे् उनका सरश्​्त घोटािा खुि जायेगा, सजिमे् उन्हो्ने के्द् मे्इस्पात मंत्ी रहते हुए 6 करोड़्र्पये की रकम िी थी. यह रासश िेब की सबक्​्ी िे कमाई गयी थी. मामिा िीबीआई के पाि है. वैिे, उनके नरे्द्मोदी िे काफी मधुर िंबंध रहे है्. उनकी बेटी गुजरात हाईकोट्स मे्जज है्. हाि ही मे्पसरवार मे्हुई शादी मे्नरे्द्मोदी भी आये थे. वही्कैप्टन को खतरा है सक िरकार के पाि जो सवदेश मे्कािा धन जमा करने वािे 326 खतेदारो् की िूची है कही्उिे िाव्सजसनक न कर सदया जाये. इनमे्उनकी पत्नी का भी खाता होने की चच्ास है. वैिे भी जब िे कैप्टन ने अर्ण जेटिी को अमृतिर मे्हराया, तब िे उनका सवत्​्मंत्ी के िाथ छत्​्ीि का आंकड़्ा चि रहा है. दोनो्ही नेताओ्को डर है सक इि िड़्ाई मे्वे बेवजह सशकार बन जाये्गे.

खबरदार

चौधरी चले नवदेश

िपा के प्व् क्ता और काबीना मंत्ी राजेद् ्चौधरी पहिी बार सवदेश के दौरे पर गये .इि​िे पहिे वे सवंध्याचि पव्सत भी पार करने के सिये िौ बार िोचते थे .िमुद् के सकनारे भी नही् जाते गोवा तो दूर की बात है .जानकारो्के मुतासबक जाटो्मे्कोई गित िंदेश न जाये इिसिये वे सपछिी बार गोवा भी नही् गये .दरअि​ि वे िमाजवादी पाट्​्ी मे् अकेिा िमाजवादी चेहरा माने जाते है़ सजनकी राजनैसतक िाख है .चौधरी चरण सिंह की सवराित वािे है .शाम ढिते ही दो पैकेट दूध के िाथ घर पहुंच जाते है और रात होते होते सखचड़ी दसिया खाकर िोने चिे जाते है क्यो्सक िुबह िे मुस्यमंत्ी के िाथ सफर सनकिना होता है .मुस्यमंत्ी के िाथ ज्यादातर फोटो उन्ही्की होती है. सपछिे सदनो्सकिी ने ताना कि सदया सक क्या िाहब मुस्यमंत्ी देश मे्तो आपको बगि मे् रखते है सवदेश जाते िमय मंत्ी असभषेक समश्​् को िाथ िे जाते है .असभषेक समश्​् की जो छसव है उिपर कोई सटपण्णी ठीक नही् .बहरहाि मामिा ऊपर तक गया और इि बार मुस्यमंत्ी परंपरा तोड़ते हुये चौधरी को जम्सनी और स्​्बटेन के सनजी दौरे पर िे गये. अब िभी को इंतजार है कब चौधरी िौटे और सवदेश के सकस्िे िुनाएं. वे अच्छे सकस्िागो भी है और ित्​्र के दशक के कई राजनैसतक सकस्िे वे िुनाते भी रहते है .

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

रेखांकन इरफान

खुश हैंतीिों

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शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015


संपादकीय

आप की आशा निराशा ए

अंबरीश कुमार

दिल्ली मे्आम आिमी पार्​्ी अब इसके मुख्य संस्थापक यानी अरदवंि केजरीवाल की ही पार्​्ी बनकर रह गई है.

क चैनि पर देखा सदल्िी के मुस्यमंत्ी अरसवंद केजरीवाि देश के प्​्धानमंत्ी िे सवज्​्ापन के जसरये िंवाद कर रहे थे .ऐिा पहिी बार देखा .जन आंदोिन िे सनकिी आम आदमी पाट्​्ी इि ब्सथसत मे् पहुंच जायेगी यह उम्मीद तो नही् थी .वैिे भी अब आम आदमी पाट्​्ी अब इिके मुस्य िंस्थापक यानी अरसवंद केजरीवाि की ही पाट्​्ी बनकर रह गई है. ठीक उिी तरह जैिे क्​्ेत्ीय दिो् मे् एक व्यब्कत की चिती है वैिे ही आम आदमी पाट्​्ी मे् सिफ्फ केजरीवाि की चिती है. वे भी अब मायावती ,मुिायम और िािू जैिे नेताओ्वािी राजनीसत के रास्​्ेपर है्. बहुत ध्यान िे देखे्तो पाये्गे सक ये िभी नेता बदिाव की राजनीसत िे सनकिे. ये नेता गैर कांग्ेि, गैर भाजपा के सवकल्प के तौर पर अपने गढ़ मे्उभरे भी. मायावती अगर उत्​्र भारत मे् उभरी दसित राजनीसत िे सनकिी, तो मुिायम और िािू मंडि आंदोिन िे ताकत पाकर उभरे. पर िभी पर व्यब्कतवाद का आरोप िगा. इन नेताओ् ने वही सकया जो इन्हे् ठीक िगा. अब अरसवंद केजरीवाि भी उिी रास्​्ेपर है्. दुभ्ासग्य यह है सक अरसवंद केजरीवाि इन्ही् नेताओ्की राजनैसतक शैिी को मुद्ा बनाया था. इिी के सवरोध मे् सनम्न और मध्य वग्स को िामबंद भी सकया. हािांसक यह काम सिफ्फ सदल्िी मे्वे कर पाये. पर यह भी कोई मामूिी काम नही् था. इिका श्​्ेय अन्ना हजारे के आंदोिन और उनकी जुझार्टीम को भी जाता है. इि टीम मे् अरसवंद केजरीवाि थे तो मेधा पाटकर ,िंतोष हेगड़े ,डॉ िुनीिम, प्​्ोफ़ेिर आनंद कुमार ,पीवी राजगोपाि, राजे्द् सिंह, प्​्शांत भूषण ,राकेश रफीक और दयामनी जैिे कई जन आंदोिन के कई तपे तपाये चेहरे भी थे. पर राजनैसतक प्​्योग के चिते यह टीम सबखर भी गयी. अरसवंद केजरीवाि ने चुनावी राजनीसत का प्​्योग सदल्िी िे सकया .कांग्ेि गठबंधन िरकार के एक के बाद एक घोटािो् के चिते िमूचे देश मे् आक्​्ोश पनपाने का काम अन्ना हजारे और उनकी टीम ने सकया. यह एक बड़्ा तथ्य है. इिका रत्​्ी भर भी श्​्ेय भाजपा िमेत सकिी दूिरे राजनैसतक दि को नही् जाता है. भिे इिका बड़ा फायदा बाद मे् मोदी के नेतृत्व मे्भाजपा को समिा हो. इिसिए बदिाव की जमीन तो हजारे की टीम ने तैयार

ही कर रखी थी. अरसवंद केजरीवाि का राजनैसतक प्​्योग इिी जमीन पर कामयाब हुआ था. पर जो व्यवहार उन्हो्ने आंदोिन के दौर मे् अपने िहयोसगयो्िे सकया वह ित्​्ा मे्आने के बाद भी जारी रहा. वे एक अराजनैसतक आंदोिन िे सनकिे थे जबसक उनके िाथ के बहुत िे िोग राजनैसतक आंदोिन की पृस्िभूसम िे थे.टकराव की एक वजह यह भी थी. मेधा पाटकर ,डा आनंद कुमार िे िेकर डा िुनीिम तक िमाजवादी आंदोिन िे सनकिे थे. इन िब का प्​्याि बदिाव के इि असभयान को देश के हर अंचि मे्िे जाने का था. सकिान आसदवािी मजदूरो्को इि आंदोिन िे जोड़ने का था. वह नही् हो पाया. पर सदल्िी मे् केजरीवाि और उनकी टीम ने जो असभयान चिाया उिके चिते सदल्िी मे् उन्हे् बड़ी कामयाबी समिी. इि कामयाबी के बाद िोगो् की उम्मीद भी बढ़ी. अरसवंद केजरीवाि एक नायक की तरह उभरे .पर कामकाज की शैिी के चिते उनका टकराव सफर अपनी ही टीम िे हुआ. इि बार प्​्शांत भूषण ,आनंद कुमार और योगे्द् की बारी थी. जन आंदोिन िे जुड़्ी ताकते पहिे ही िाथ छोड़ चुकी थी. गौरतिब है सक अरसवंद केजरीवाि ने इन आंदोिन के काय्क स त्ाओ स ्को िोकिभा मे्सटकट तो सदया पर सकिी के पक्​् मे् प्​्चार करने एक सदन भी नही् गये .चाहे मेधा पाटकर हो या दयामनी बारिा या सफर बस्​्र मे् िोनी िोरी .इि​िे जन आंदोिनो् और उनके काय्सकत्ासओ् के प्​्सत उनका नजसरया भी िाफ़ हो जाता है. बाद मे् िामासजक राजनैसतक काय्सकत्ासओ् का उनिे मोहभंग हुआ और अब आम आदमी भी आशंसकत है. यह िही है सक के्द्िरकार उप राज्यपाि के जसरये आम आदमी पाट्​्ी िरकार के कामो्मे् बाधा डाि रही है इिका िंदेश तो िमूचे देश मे् जा रहा है .पर इि िड़ाई मे्अरसवंद केजरीवाि भी ठीक िे ही िड़ते नजर आ रहे है्. वे भी छोटे-छोटे मुद्ो् को िेकर भीड़ रहे है्. केजरीवाि ने गांधी की तज्स पर कोई स्वराज नाम की पुसक ् सिखी है जो िोगो्मे्बांटी जाती है .ऐिे मे्जो व्यब्कत गांधी और िादगी की बात करे िाथ मे्पांच िौ करोड़ र्पये प्च ् ार पर खच्स करे तो िवाि तो उठेगा ही .िवा िाख के पैकेज पर पसरजन को रखे तो िवाि िोग करे्गे शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

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आवरण कथा

संसक ् तृ ि की प्म ्ख ु संसथ ् ाओ्मे्केद् ्सरकार राष्​्ीय स्वयंसवे क संघ की तवचारधारा के लोगो्को तियुकि् करके उन्हे्तियंत्ि​ि करिे मे्लगी है. इससे भी अतधक तचंिा की बाि यह है तक ऐसे सभी लोग उि पदो्के तलए िाकातबल और संतदग्ध है्और इससे संसक ् तृ ि, इतिहास, तिक्​्ा और तवज्​्ाि की इि संसथ ् ाओ्और उिके मूलय ् ो्मे् तगरावट ही आ सकिी है. यही वजह है तक सरकार के इि क़दमो्का तवरोध भी बढ़ रहा है.

संस्कृवत

संघ की

प्​्ियदश्शन

भा

रतीय सफल्म और टेिीसवजन िंसथ ् ान के अध्यक्​् के तौर पर गजे्द् चौहान की सनयुब्कत को िेकर चि रहा सववाद भाजपा और िंघ पसरवार की नज़्र मे्‘सहंदू सवरोधी’ तत्वो्की कार्सवाई है. िंघ के मुखपत्​् ‘ऑग्सनाइज़्र’ मे् बाक़्ायदा इि पर िेख छपा है. जबसक गजे्द् चौहान की सनयुब्कत के सवरोध मे् िंस्थान की िोिाइटी िे इस्ी्फा देने वािे िदस्यो् का कहना है सक उन्हे् गजे्द् चौहान के दस्​्कणपंथी र्झानो्िे सशकायत नही्है, भारतीय सफल्म और टेिीसवजन िंसथ ् ान का अध्यक्​्बनने की उनकी पात्​्ता पर िंदेह है. बीआर चोपड़्ा के टीवी िीसरयि ‘महाभारत’ मे् युसधस्​्िर की भूसमका सनभाने के अिावा गजे्द् चौहान आम तौर पर दोयम दज्​्े की फूह़ड़् सफल्मो् मे् असभनय करते पाये गये है् और उनका चयन पुणे सफल्म और टीवी इंस्टीट्​्ूट के अध्यक्​् पद की गसरमा के उपयुक्त नही् है. पुणे सफल्म और टीवी इंस्टीट्​्ूट के छात्ो्​् ने बाक़्ायदा प्​्ेि कॉन्फे्ि कर कहा सक बीजेपी िांिद और मंत्ी रहे सवनोद खन्ना जब अध्यक्​् बने तो सकिी को एतराज़् नही्हुआ. उनके मुतासबक अब भी शत्घ्ु न् सिन्हा को अध्यक्​्बनाया जाये, तो िब इिका स्वागत करे्गे. उन्हे् गजे्द् चौहान की सवचारधारा िे िफल्म और टेलीिवजन संस्थान के छात्​्ो्के समथ्थन मे्प्​्दर्थन : बढ्ता हुआ ववरोध 8

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घुसपैठ

नही्, उनकी योग्यता िे सशकायत है. उन्हे्बि भाजपा के प्​्चार मे् िस्​्कय भूसमका सनभाने का पुरस्कार समिा है. िेसकन यह सिफ्फ पुणे सफल्म और टीवी इंस्टीट्​्ूट का मामिा नही् है, कई और प्​्सतस्​्ित िंस्थानो् के िम्मानजनक पद इि िरकार ने पुरस्कार और रेवड़्ी की तरह बांटे है.् ऐिे बंटवारे मे्उिने न्यूनतम मय्ासदाओ्की भी धस्​्ियां उड़्ाई गयी् है्. कुछ मामिो् मे् तो सबल्कि ु बुसनयादी अनुशािन का भी पािन नही् हुआ है. भारतीय इसतहाि अनुिध ं ान पसरषद की अध्यक्​्ता िुदश्सन राव नाम के एक ऐिे शख्​्ि को िौ्पी गयी है जो जासत व्यवस्था के सहमायती है्और रामायण और महाभारत को इसतहाि के दायरे मे्रखकर देखने का हामी है्. इिमे्शक नही् सक रामायण और महाभारत भारतीय िंस्कृसत का असभन्न सहस्िा है् और उनका भारतीय जनमानि के सनम्ासण मे् काफी महत्वपूण्सयोगदान है. ये दोनो्ग्​्ंथ, इनिे जुड़्ी कहासनयां और इनके चसरत्​्हमारी चेतना मे्बिे हुए है्. इनका अध्ययन होना चासहए. कई अिग-अिग अनुशािनो्मे्कई वजहो्िे होता भी रहा है. पर इन्हे् इसतहाि की तरह पढ़्ना इसतहाि-बोध के िाथ भी अन्याय है और रामायण-महाभारत की सवराटता और बहुिता के िाथ भी. बहरहाि, िुदश्सन राव जैिे िोगो् की सनयुब्कत का िबिे बड़्ा ख्तरा यह है सक इसतहाि अनुिंधान के नाम पर बहुत िारी कहासनयो्, अधकचरे अनुमान और कपोि कल्पनाओ् के ऐसतहासिक िाक्​्य ढूढ़्ने की क़्वायद न शुर्हो जाये. खोई हुई िरस्वती की

तिाश के नाम पर कुछ सदन पहिे एक तमाशा हो भी चुका है. भारतीय िांस्कृसतक िंबंध पसरषद के अध्यक्​्के तौर पर 87 िाि के िोकेश चंद्की सनयुब्कत इसतहाि अनुिंधान पसरषद िे ज्​्यादा बड़्ा मज़्ाक है. उन्हे्प्​्धानमंत्ी नरे्द्मोदी की प्​्शंिा नही्, वंदना करने का पुरस्कार समिा है. उनकी राय माने् तो मोदी, महात्मा गांधी और काि्स माक्ि्स दोनो् िे बड़्े है्. उन्हो्ने गरीबो् के सिए कही्ज्य् ादा काम सकया है. िोकेशचंद्ख्दु को दज्सनो् भाषाओ् का ज्​्ाता और ढाई िौ िे ज्​्यादा पुस्को् का िेखक बताते रहे है्. उन्हे् पद्​् िम्मान भी हासि​ि है. अतीत मे् शायद उन्हो्ने िंस्कृसत के िंबंध मे् कुछ सकया हो, िेसकन 87 िाि की उम्​् मे् उन्हे् यह दासयत्व देना दरअि​ि यह बताना है सक भारतीय िांस्कृसतक िंबंध पसरषद की उपयोसगता को िेकर िरकार की राय क्या है. यह मामिा अगर कुछ पदो्पर सिफ्फअपने िमथ्सको्को सबठाने का होता तो सचंता की बात नही् थी. दरअि​ि, यह उन िंस्थाओ् का अवमूल्यन है जो एक दीघ्स अवसध मे् बनती है् और एक िमाज की आत्मिजगता, उिकी आत्मपहचान और जीवन शब्कत का माध्यम बन जाती है्. िंिदीय िोकतंत् और चुनावी राजनीसत की बहुत िारी सवडंबनाओ् के बीच भारतीय िमाज अगर मोटे तौर पर िांस्कृसतक बहुिता और िामासजक िौहाद्स के रास्​्े पर चिता रह पाया है तो इिसिए सक इन िारी िंस्थाओ्ने बहुत चुपचाप रहते भारतीय परंपरा के बेहतरीन मूल्यो्को िहेजने का काम सकया

मोदी सरकार स्वायत्त् ा के मायने नही्समझ रही है.यह पहला संसथ ् ान नही्है जहां स्वायत्त् ा को खत्म ककया जा रहा है.असल सवाल संसथ ् ानो्के स्र् के किरने का है जहां बिैर ज़र्री योग्यता वाले लोिो्को तैनात ककया जा रहा है. यह इन बेहतरीन संसथ ् ानो् पर हमला है जो राष्​्कहत मे्नही्है.

कवरोध िजेद् ् चौहान को लेकर नही्, शैकक्िक संसथ ् ाओ्के भिवाकरि पर है.यह उत्कष ृ त् ा के केनद् ्ो्के साथ छेड़छाड़ के कवरोध मे्है. यह साफ़ तौर पर आईआईटी, आईआईएम और टाटा इंसट् ीट्ट्ू ऑफ सोशल साइंसज े जैसे संसथ ् ानो्के काम मे् दखल देने की योजना है.द्

- योगेदं ं यादव, संवराज अभियान के नेता और सावंज व भनक बुभंिजीवी

-राकेश शरंा,व जाने राने डाकंयरू टें री भिलंर भनरंातव ा

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आवरण कथा

(बाये्से)मुकेर खन्ना, लोकेर चंद्, पहलाज िनहलानी, वाई सुदर्थन राव और भाई बलदेव रम्ाथ : अपने लोग

रेवप्ियां अपनो् के िलए

दपछले बारह महीनो्मे्सरकार द्​्ारा संघ दवचारधारा के समथ्षक लोग

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सफल्म एंड टेसिसवजन इंसट् ीट्ट्ू ऑफ इंसडया (एफटीआईआई) मे् गजेद् ् चौहान को अध्यक्​् पद पर सबठाया गया. ‘महाभारत’ िीसरयि मे्युसधस्​्िर की भूसमका कर चुके चौहान िी-ग्ड्े सफल्मो् के असभनेता रहे है् और ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ नामक वीसडयो बना चुके है.् इंसडयन इंसट् ीट्ट्ू ऑफ एडवांि स्टडी (आईआईएएि), सशमिा मे् अध्यक्​्पद पर चंदक ् िा पासडया को नासमत कर सदया गया जी िंघ क्​्सनकट मानी जाती है.् इंसडयन इंसट् ीट्ट्ू ऑफ टेकन् ािॉजी (आईआईटी) बांबे के परमाणु वैज्ासनक असनि काकोदकर ने िरकार िे मतभेदो् के बाद तय िमय िे पहिे ही इस्​्ीफा दे सदया. काकोदकर आईआईटी रोपड़्, भुवनेशर् और पटना के आईआईटी सनदेशको्के चयन मे्मनमानी और मानव िंिाधन मंत्ािय की चयन िसमसत द्​्ारा तय 37 उम्मीदवारो्को वापि बुिाने िे नाराज थे. इंसडयन इंसट् ीट्ट्ू ऑफ मैनज े मेट् (आईआईएम) के सिए िरकार ने नया सबि पेश सकया. इिमे्आईआईएम के सनदेशक पद के सिए िामूसहक चच्ास की प्स्​्कया िे गुजरने की बात रखी गयी. िंसथ् ान के िारे फैि​िे िेने का हक भी बोड्सऑफ गवनि्सको सदया गया. इिमे् चेयरपि्नस , सनदेशक और िदस्यो्की सनयुबक् त के असधकार भी बोड्स को सदये गये. िाथ ही फीि, पासरश्स्मक, पाठ्क ् म् मे्बदिाव की प्स्​्कया मानव िंिाधन मंत्ािय के अधीन होने की बात रखी गयी्. राष्​्ीय शैस्कक अनुिधं ान और प्स्शक्ण ् पसरषद (एनिीईआरटी) मे्सनदेशक का पद खािी है.माध्यसमक स्र् की सशक्​्ा पर सनयंतण ् करना िंघ का प्म् ख ु एजेड् ा है और इि पद पर भी िंघ के सकिी चहेते व्यब्कत को िाने की तैयारी है. काशी सहंदू सवश्स्वद्​्ािय मे्सगरीश चंद्स्​्तपाठी को कुिपसत बनाया गया जो गावर िे अपने को िंघ का स्वयमिेवक कहते है.् टाटा इंसट् ीट्ट्ू ऑफ फंडामेट् ि सरिच्ससनदेशक पद पर िैद्ासं तक

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भौसतकी के जानकार िंदीप स्​्तवेदी की सनयुबक् त पर प्ध् ानमंत्ी काय्ाि स य ने रोक िगा दी. ऐिा पहिी बार हुआ सक पीएमओ ने सकिी सनदेशक के सनयुबक् त पर तकनीकी आधार पर रोक िगायी है. भारतीय इसतहाि अनुिधं ान पसरषद (आईिीएचआर) के अध्यक्​् पद पर वाई िुदश्नस राव को बैठाया गया. राव आरएिएि की िहायक शाखा असखि भारतीय इसतहाि िंकिन योजना के मुसखया रह चुके है.् भारतीय िांसक ् सृ तक िंबधं पसरषद (आईिीिीआर) मे् सवदेश मंत्ािय ने िोकेश चंद्को अध्यक्​्बनाया हैनरेनद् ्मोदी को महात्मा गाँधी िे भी बड़ा महाप्ष्ु और भगवान्का अवतार मानते है.् नेशनि बुक ट्स् ट् का अध्यक्​् ‘पांचजन्य’ के िंपादक रहे भाई बिदेव शम्ास को बनाया गया है. ट्स् ट् के सनदेशक के र्प मे्रीता चौधरी की सनयुबक् त की गयी है जो अिम के भाजपा नेता की पत्नी है.् इंसदरा गांधी राष्​्ीय किा केद् ् (आईजीएनएिी) के नाम को बदिकर राष्​्ीय किा केद् ्करने की योजना है. नेशनि इंसट् ीट्ट्ू ऑफ टेकन् ािॉजी नागपुर मे् िंघ के करीबी सवश्​्ाम रामचंद्जमदार को अध्यक्​्बनाया गया. केद् ्ीय सफल्म प्म् ाणन बोड्स मे् पहिाज सनहिानी को अध्यक्​् सनयुकत् सकया गया सजन्हो्ने भाजपा के सिए चुनावी प्च् ार की फ़िल्मे् बनाई है.् प्ि् ार भारती मे्िंघ िे जुड़्ेरहे पत्क ् ार ए िूयस्प्क ् ाश को अध्यक्​् पद पर सबठा सदया गया. िूयपस् क ् ाश िंघ पसरवार के टैक ् कहे जाने वािे सववेकानंद इंटरनेशनि फाउंडश े न िे जुड़्ेरहे है.् नािंदा सवश्स्वद्​्ािय मे् कुिपसत के दूिरे काय्क स ाि के सिए नोबेि पुरस्कार सवजेता अथ्श स ास्​्ी अमत्यस्िेन के नाम पर सवचार न करके उन्हे्हटने को बाध्य सकया गया.


मै्इसकलए कवरोध नही्कर रहा कक वे दक्​्किपंथी है,्.मेरा कवरोध इसकलए है कक उन्हो्ने कजस व्यक्कत को इस पद पर कनयुकत् ककया है वह कसनेमा के बारे मे् कुछ नही्जानता. उन्हे्कसफ्फ अकभनय ही नही्, बक्कक दूसरी कलाओ्जैसे साउंड, एकडकटंिऔर अंतरराष्​्ीय पकरदृशय् की भी जानकारी होनी चाकहए. भगरीश कासरवलंली , पंभं सदं​ं कनंनडं भिलंरकार

है. इतना ही नही्कािक्​्म मे्चिी आई िड़्ांध को भी पहचाना है और उि​िे भी मुठभेड़्की है. और अंततः बहुत िारे िोगो् के सिए एक आधुसनक िोकतांस्तक नागसरकता को िंभव सकया है. ये िंस्थाएं यह काम इिसिए कर पाई् सक राजनीसतक ित्​्ाओ् ने इनमे् बहुत दखि नही् सदया, या कम िे कम उन्हे् अपनी राजनीसतक महत्वाकांक्ाओ्के अश्​्ो्की तरह इस्​्ेमाि नही्सकया- कुछ अपनी िीमाओ्की वजह िे और कुछ अपनी िमझ की वजह िे. िेसकन मौजूदा िरकार जैिे उन तमाम िंस्थाओ्को ख्त्म करने या अप्​्ािंसगक बनाने पर तुिी है जो यह काम कर रही है्. यही नही्, सजन िंस्थाओ् को भारतीय श्​्ेि्ता के मानक की तरह माना जाता है, उनकी स्वायत्​्ता मे्भी िे्धमारी की कोसशश हो रही है. आइआइटी सदल्िी के सनदेशक आरके सशवगांवकर ने ऐिे ही दखि िे तंग आकर अपने पद िे इस्​्ीफ़्ा दे सदया. आइआइटी मुंबई के बोड्सका अध्यक्​्पद छोड़्ते हुए जाने- माने नासभकीय वैज्ासनक असनि काकोदकर ने खुिा आरोप िगाया सक िरकार सनदेशको् की सनयुब्कत के काफी महत्वपूण्सफैि​िे को सबल्कुि तदथ्सवादी ढंग िे सनबटाने पर तुिी है. इंसडयन इंस्टीट्​्ूट ऑफ मैनेजमे्ट के सिए भी एक नया सबि प्​्स्ासवत है सजिमे् सनयुब्कतयो् मे् िरकारी दखि और बढ़्ाने की गुज ं ाइश होगी. तीन और चार िाि के कोि्स के िवाि पर िरकार ने सदल्िी सवश्​्सवद्​्ािय और सवश्​्सवद्​्ािय अनुदान आयोग दोनो्की स्वायत्​्ता का करीब अपमान सकया. अब सवश्​्सवद्​्ाियो् के सिए यूजीिी सजि तरह के फरमान जारी कर रही है, वह एक और सवडंबना की ओर इशारा है. इंसडयन इंस्टीट्​्ूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज़् या नेशनि

बुक ट्​्स्ट मे् हुई सनयुब्कतयां िंस्थाओ् की इिी बेक़्दरी का एक और नमूना है्. यह सि​िसि​िा और आगे तक जाता है. कई और िंस्थाओ् के नाम अनायाि याद आते है्सजनको ख्त्म करने की तैयारी चि रही है. योजना आयोग को ख्तम् कर नीसत आयोग बनाने की पहि इिी का सहस्िा है. बीजेपी और िंघ पसरवार के िमथ्सक इि बात की ओर उसचत ही ध्यान सदिाते है्सक इन तमाम िंस्थाओ् मे् पहिे भी गड़्बस्ड़यां हुई है् और सवचारधारा के आधार पर सनयुब्कतयां भी होती रही है्. कई िंस्थाओ् का काम पहिे भी िंसदग्ध रहा है और इनमे्भ्​्ि्ाचार के उदाहरण भी देखने को समिे है्. सनस्िंदेह ये आरोप िही है् और एक हद तक हमारे राजनीसतक, िांस्कृसतक, बौस्​्दक नेतृत्व की सवफिता के भी िाक्​्य है्. अगर ये गड़्बस्ड़यां न रही होती्, तो राष्​्ीय स्वयंिेवक िंघ जैिे िंसदग्ध िंगठन और उिकी िंकरी-िांप्दासयक सवचारधारा िे जुड़्े िंगठनो् और दिो् को ित्​्ा पर कासबज़् होने का मौक़्ा न समिता. यह भी िच है सक सजन िोगो् पर िमाज और िंस्कृसत के प्​्गसतशीि और िव्सिमावेशी मूल्यो् के वहन की स्ज़म्मेदारी थी, उनकी अपनी क्​्ुद्ता उनके िमथ्सको् के िामने एक बड़्ा िवाि बन कर खड़्ी है. कई महत्वपूणस्मौको्पर इन िोगो्और िंस्थाओ् ने अपनी उसचत स्ज़म्दारी सनभाने मे् िंकोच भी सदखाया. िेसकन इि क्​्ुद्ता का फ़्ायदा उठाकर बीजेपी िरकार जो कर रही है, वह िीधे-िीधे िंस्थाओ्का खात्मा है और इि देश की वैचासरक उव्सरता को ख्त्म करने का काम है. सनिंदेह बीजेपी को हक़् है सक वह सजि सवचारधारा की राजनीसत करती रही है, उिके प्​्िार के सिए काम करे. वह अपनी सवचारधारा िे जुड़्ेमहत्वपूण्सिोगो्को खोजे और ऐिे पदो् पर बैठाये. भारतीय इसतहाि या िंस्कृसत पर उिके मुतासबक जो सवदेशी हमिा है, उिका प्स्तकार करे और भारतीयता का अपना ही िही, िेसकन एक उसचत भाष्य खोजे. पर िवाि दो है.् पहिा तो यह सक क्या बीजेपी या िंघ पसरवार के पाि अपनी कोई मुकब्ममि सवचारधारा है? या िंस्कृसत के िंबंध मे् उिकी कोई िुसचंसतत

संघ पकरवार को अपनी कवचारधारा के भीतर ऐसे प्ख ् र और यशस्वी लोि क्यो्नही् कमलते कजनके हाथ वह इन संसथ ् ाओ्को सौ्प सके?

समस्या की एक जड़्यह है कक भाजपा और दक्​्किपंथी कहदुतव् शाखा कभी सांसक ् कृ तक क्त्े ्के प्क्तक्​्ित लोिो्को अपनी तरफ खीचने मे्सफल नही्हो पाये. भाजपा की यह नीकत सचमुच खतरनाक है कक कजन प्म् ख ु सांसक ् कृ तक संसथ ् ाओ्पर वह कनयंति ् नही्कर सकती, उन्हे्नष्​् कर देना चाहती है.

संजय काक, डाकंयरू टें ंी भिलंर भनरंातव ा

राय है? राष्​्, धम्स, िंस्कृसत- यह िब उिके सिए भावना का मामिा है. ऐिी जड़् मूस्तसयो् का, सजन्हे् वह आस्था के जि िे नहिाती तो है्, पर सवचारधारा की किौटी पर किने को तैयार नही् होती. देशकाि मे् चिने वािे द्​्ंद्ो् मे्अक्िर वह सकिी जड़्या नकारात्मक तत्व िे तक्फ और ऊज्ास दोनो् हासि​ि करती है और जाने-अनजाने उि जैिा होने की कोसशश करती है. मि​िन अगर उिकी सहंदूवादी राजनीसत पर आप वैचासरक प्​्ि्न खड़्े करे् तो वह आपको याद सदिा िकती है सक चीन मे्तो ऐिे िवाि पूछने का सरवाज नही् है, या सजन देशो्मे्इस्िामी कानून चि रहे है,् वहां आपको इि तरह की आिोचना का असधकार नही् है. वह यह नही् िमझती सक भारत मे् अगर ऐिे अिुसवधाजनक प्​्ि्न उठाने का असधकार बचा हुआ है तो सकिी िंघ पसरवार या िरकार की कृपा िे नही्, बब्लक उि समट्​्ी की अपनी सफतरत िे है सजिे इि देश ने िसदयो्की अपनी िाझा परंपरा के दौरान गढ़्ा है. इिे आज़्ादी की िड़्ाई के दौरान एक मुकब्ममि आकार सदया है. यह सवचारधारा िमझ नही् पाती सक सकिी भी िंस्कृसत का उिके देशकाि िे, उिकी आस्थसक-िामासजक पसरब्सथसतयो् िे नासभनािबद्​् सरि्ता होता है. अगर हम एक भूमंडिीय िमय की आस्थसक मजबूसरयो् को आत्मिात करते है्, तो उिके िांस्कृसतक प्​्त्ययो् िे भी सरि्ता सबठाने के सिए हमे् तैयार रहना चासहए. बहरहाि, िंस्कृसत का यह िवाि बहुत बड़्ा है. दूिरा और ज्​्यादा बड़्ा िवाि यह है सक अक्िर बीजेपी या िंघ पसरवार को अपनी सवचारधारा के भीतर ऐिे प्​्खर और यशस्वी िोग क्यो्नही्समिते सजनके हाथ वह इन िंस्थाओ् को िौ्प िके? पहिा जवाब तो शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 11


आवरण कथा ऊपर सदये कारण मे्छुपा है. सकिी भी तक्फशीि बुस्दजीवी को िंघ पसरवार की अंधश्​्द्ा और िांप्दासयक घृणा की नकारात्मक राजनीसत अपनी ओर आकस्षसत नही्कर िकती. बेशक, कुछ ऐिे किाकार या रंगकम्​्ी हो िकते है्जो अपनी किा यात्​्ा मे्दस्​्कणपंथी र्झानो्के बीच पिे-बढ़्ेहो्, जो ईमानदारी िे िंस्कृसत या देश िे जुड़्ी उन धारणाओ् को िही मानते हो् जो िंघ पसरवार ने गढ़्ी है्, िेसकन एक िीमा के बाद वे भी पाते है्सक यह िोच एक सवचारधारा के तौर पर उनकी मदद नही् कर रही, उन्हे् बेहतर मनुष्य नही्बना रही. दूिरी बात यह है सक िोग कहां िे जुटते है?् वे आंदोिनो्िे आते है्, िामूसहक प्​्यत्नो्और सवचार-सवमश्सकी परंपरा िे आते है.् इि देश मे् आज़्ादी की िड़्ाई के दौरान प्​्गसतशीि आंदोिन ने िासहत्य, नाटक और अिग-अिग किाओ् को खािा प्​्भासवत सकया. इप्टा की िांसक ् सृ तक िस्​्कयता के बीच एक जनपक्ध ् रता धीरे-धीरे िमकािीन भारतीय िासहत्य और िंस्कृसत का अपसरहाय्स मूल्य बनती चिी गई. इन आंदोिनो्के बीच िे बड़्ेिोग सनकिे, एक पूरी परंपरा सवकसित हुई- इसतहाि, िमाज, िंस्कृसत को िमझने की दृस्ियां िामने आयी्. सनिंदेह इन दृस्ियो् की भी िीमा रही होगी, इसतहाि और िामासजक अध्ययनो् के क्​्ेत् मे् बहुत िारे अधूरेपन की गुंजाइश भी रही होगी. पर इि गसतशीि परंपरा ने ऐिे िोग सदये जो इन िंस्थाओ् को िंभाि िके्. िरकारो् ने अपनी पिंद िे इन्ही्िोगो्के बीच िे अपने िोग चुने. िेसकन बीजेपी इिी मोड़्पर फंि जाती है. आज़्ादी की िड़्ाई मे्िंघ पसरवार का योगदान अंगूिी तो दूर, नाख्ून कटाने तक का नही्याद आता है. उिकी ओर िे ऐिा िांस्कृसतक आंदोिन भी नही् सदखता है सजिमे् अपने

संघ की काय्थयोजना का बढ्ता ववरोध : छात्​्ो्का सरोकार

इस िकतशील परंपरा ने ऐसे लोि कदये जो इन संसथ ् ाओ् को संभाल सके.् सरकारो्ने अपनी पसंद से इन्ही्लोिो्के बीच से अपने लोि चुन.े देशकाि को िमझने की बेचनै ी हो. िंघ पसरवार अपनी इि ख्ामी को कैिे भरता है. वह अयोध्या मे्रामि​िा की पूजा शुर्करवाने वािे डीएम को नेता बना चुनाव मैदान मे्उतार देता है, वह राजनीसतक र्प िे फायदा पहुंचाने वािी िीएजी सरपोर्ि्स िे जुड़्े अफ़्िरो् को अपने सटकट देता है, वह सकिी पूव्स िेना प्​्मुख को मंत्ी बना देता है, वह कभी ‘रामायण’ िीसरयि मे् काम करने वािो् को िांिद बना देता है तो

कभी महाभारत’ मे् काम करने वािो् को पुणे सफल्म इंस्टीट्​्ूट का अध्यक्​्. सशकायत यह नही् है सक बीजेपी कई िंस्थाओ्मे्एक ख्ाि सवचारधारा के िोगो्को भर रही है. सशकायत यह है सक वह नाक़्ासबि िोगो्को यह काम िौ्प रही है. क्यो्सक अपनी सवचारधारा के भीतर उिे कासबि िोग नही् समि रहे. और ऐिे िोग इिसिए नही्समि रहे सक वह अपनी सवचारधारा के भीतर सकिी तास्कफक मुठभेड़्के सिए तैयार नही्है. िरकार मानती है सक िंस्थाओ् मे् घुिपैठ करके वह अपनी सवचारधारा पर स्वीकृसत की मुहर िगवा िेगी, वह रामदेव की ि​िाह मानते हुए आईआईटी मे् गाय-भै्िो् पर सरिच्स करवाएगी और इंस्टीट्​्ूट ऑफ इंसडयन मैनेजमे्ट के नाम पर नसदयो् और पहाड़्ो् की पढ़्ाई का नया सशगूफ़्ा छोड़्गे ी. अगर आप इिका सवरोध करेग् े तो आपको तत्काि सहंदू सवरोधी और भारत सवरोधी घोसषत कर सदया जायेगा. सवचार की दुसनया मे्ऐिे िंसदग्ध तत्व हारने को असभशप्त होते है्. ख्तरा और अफ़्िोि बि इतना है सक इि हार िे पहिे जो सहंिा होगी, वह बहुत िारी बौस्​्दकता का क्​्रण करेगी, बहुत िारे िोगो् पर भारी गुज़्रेगी. सजिे हम िंस्थाओ् के क्​्रण की तरह देख रहे है्, दरअि​ि वह हमारी िोकतांस्तक चेतना का क्​्रण है, िवाि बि इतना है सक हम इिे बचाना चाहते है्या नही्. ( िेखक जाने-माने कसव और पत्​्कार है्)

12 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015


आवरण कथा

'मै् होता तो इस्​्ीफा देता' भाजपा सांसि और दिल्म अदभनेता शत्​्ुघ्न दसन्हा से दववेक कुमार की बातचीत.

चंद माह बाद तबहार मे्तवधािसभा चुिाव होिे जा रहे है.् ऐसे मे्तबहारी बाबू की क्या भूतमका रहेगी? पिा िही्. अभी िक िो मुझसे तकसी िे कुछ कहा िही्है ि ही कोई भूतमका ही िजर आ रही है. मुझे िो अहम बैठको्िक मे्आमंत्ि​ि िही्तकया गया. चुिाव से पहले ही मुखय् मंि्ी की दौड्िुर्हो गयी है. क्या इस पद के उम्मीदवार का िाम घोति​ि तकया जािा चातहए? मैि् े िो पाट्​्ी को यही सलाह दी है तक मुखय् मंि्ी पद के उम्मीदवार का िाम घोति​ि कर देिे मे्ज्यादा फायदा रहेगा. आगे उिकी मज्​्ी. उम्मीदवार िो भाजपा का ही होगा? ऐसा कोई तियम या बाध्यिा िही्है तक केवल भाजपा का िेिा ही मुखय् मंि्ी बि सकिा है. मेरी चलिी िो मै्सहयोगी दलो्के िेिाओ्के िाम भी आगे बढ़्ािा. जहां भाजपा मे्िंद तकिोर यादव अच्छे उम्मीदवार हो सकिे है्वही्लोजपा के राम तवलास पासवाि वतरष्​्अिुभवी िेिा है. राष्​्ीय लोक समिा पाट्​्ी के उपेद् ् कुिवाहा भी अच्छे उम्मीदवार हो सकिे है.् उन्हे्भी तजम्मदे ार सौ्पी जा सकिी है. और आप? मै्इस दौड्मे्िातमल िही्हू,ं ि ही मेरी ऐसी कोई अपेक्ा है. तवधाि पतरिद ि​िीजो्से पाट्​्ी उत्सातहि है. आपकी क्या राय है? इि ि​िीजो्से ज्यादा उत्सातहि होिे की जर्रि िही्है. इन्हे्आगामी तवधािसभा चुिाव की बािगी िही्मािा जा सकिा क्यो्तक इिमे्आम चुिाव की िरह आम मिदािा वोट िही्देिा है. ज्यादा ढोल बजािे व जश्ि मिािे की जर्रि िही्है. क्या लालू- िीिीि की जोड्ी कुछ कमाल तदखा पायेगी? इि दोिो्ही िेिाओ्को हल्के मे्िही्तलया जािा चातहए. दोिो्का ही अपिा अपिा मजबूि सामातजक आधार है. इसे ध्याि मे्रखिे हुए ही चुिाव की रणिीति िैयार की जािी चातहए. संसदीय बोर्डको अपिा मुखय् मंि्ी पद का उम्मीदवार घोति​ि कर देिा चातहए. पर भाजपा िो िरे्द्मोदी के चेहरे पर वोट मांगिे जा रही है? उन्हे्कुछ ज्यादा ही मतहमा मंतरि तकया जा रहा है? भाजपा मे्व्यक्कि तविेि को िही्बक्लक तविेि व्यक्कि को महत्व तदया जािा है. हाल ही मे्यिवंि तसन्हा िे कहा था तक 26 मई 2014 को पाट्​्ी के 75 साल के ऊपर के िेिा ब्ि्े रेर हो गये. आपकी क्या राय है? मुझे लगिा है तक अगर पाट्​्ी मे्कुछ और अतभभावक व माग्दड ि्िड करिे वाले िेिा होिे िो अच्छा रहिा. हालाि बदिर होिे से पहले बेहिर हो सकिे थे. लाल कृषण ् आरवाणी की तजस िरह से उपेक्ा की जा रही है, उसे देखकर आपको कैसा महसूस होिा है? जवाब: हम कतठि समय से गुजर रहे है.् मेरी यह आिा, अपेक्ा व प्​्ाथ्िड ा है तक उन्हे्उतचि सम्माि व स्थाि तदया जाये. यह िो दूसरो को देखिा है तक उन्हे् तवश्​्ास मे्तलया जाये. आप आरवाणी खेमे के है?् इसी कारण आपको मंि्ी िही्बिाया गया? जब िक आरवाणी जी मेरे साथ है्मुझे कोई तचंिा िही्है. वे मेरे दोस्,् सलाहकार व मागदि्क ड है.् मुझे इस बाि की तचंिा िही्है तक हाईकमाि मेरे साथ कैसा बि्ावड करिा है. मैि् े िो िब भी प्त्ित्​्िया िही्जिाई थी जब मुझसे यह पूछा गया था तक कैतबिेट मे्िातमल ि तकये जािे से आपको कैसा महसूस हो रहा है. कुछ तमले ि तमले सब ठीक है. मैि् े आरवाणीजी से यही सीखा है. सत्​्ा का असीतमि ि​िा आकि्ण ड होिा है. उन्हो्िे मुझे तसखाया है तक दूसरो्के आदि्​्ो्पर चलिे की जगह खुद आदि्डस्थातपि करो. यह बहुि मुकश् कल है पर असंभव िही्. अब भाजपा का चुिाव प्​्चार एक ही व्यक्कि पर आधातरि हो चुका है। यह कैसी िुरआ ् ि है? दो िरह की तफल्मे्होिी है. कुछ सोलो (एक) स्टार वाली होिी है िो कुछ मल्टी (बहु) स्टार वाली होिी है. इिके दौर बि​िे बदलिे रहिे है.् इसी िरह भाजपा पहले मल्टी स्टार वाली पाट्​्ी थी और अब सोलो स्टार हो गयी है. हो सकिा है तक

भतवष्य मे्तफर मल्टी स्टार बि जाये. क्या पाट्​्ी हाईकमाि िे तकसी संकट या समस्या के दौराि आपसे सलाह ली? यही िो समस्या है. एक बार भी िही्पूछा. हाईकमाि िो दूर रहा मुझे िो पाट्​्ी अध्यक्​्की पटिा रैली िक मे्बुलाया िही्गया और मुझे तबहारी बाबू कहा जािा है. हाईकमाि को आिंका रही होगी तक आपके सामिे बाकी िेिा फीके पड्जाएंग?े जवाब: यह भी हो सकिा है तक चूतं क उि लोगो्िे मुझे अपेत्कि सम्माि और स्थाि िही्तदया इसतलए बुलािे से किरा रहे हो्. मुझे हाईकमाि से कोई अपेक्ा िही्है पर उससे इि​िा ही कहिा चाहिा हूं तक उसे जमीि से जुड्ेस्वच्छ छतव वाले काय्क ड ि्ाओ ड ्और िेिाओ्को आगे लािा चातहए. तबिा पद के कैसा लगिा है? मेरे पास पद भले ही ि हो, पर कद है. यह मेरा व्यक्किगि कद है. जैसे लिा मंगि े कर की आवाज उिकी पहचाि है, वैसा ही मेरा व्यक्कित्व मेरी पहचाि है. मै् तकसी पद या उससे तमलिे वाली पहचाि का मोहिाज िही्हू.ं सुिमा स्वराज व वसुधं रा राजे पर लगे आरोपो्पर आप क्या कहिा चाहेग ् ?े लोगो्को लग रहा है तक जो िेिा खुद सबको खामोि कर देिे थे, आज खुद खामोि है.् पाट्​्ी के ऊपर से काले बादल गुजर रहे है.् पाट्​्ी संघि्,ड संकट और कैच22 जैसे हालाि से गुजर रही है. पाट्​्ी के तलए सत्​्ा मे्आिे का 13 वां महीिा िुभ सातबि िही्हुआ, उसे िजर लग गयी. तजि पर आरोप लगे है,् उन्हे्खुद को तिद्​्ोि सातबि करिा चातहए. क्या इि​िे गंभीर आरोप लगिे के बाद इि दोिो्को इस्​्ीफा िही्दे देिा चातहए था? अगर मै्उिकी जगह होिा िो दे देिा. मेरे प्र्े णास्​्ोि िो आरवाणी जी है,् तजन्हो्िे हवाला रायरी मे्झूठे आरोप लगिे पर भी इस्​्ीफा दे तदया था और यह कसम खायी थी तक तिद्​्ोि सातबि होिे िक वे संसद मे्पैर िही्रखेग ् .े

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 13


आवरण कथा

हमारे नहसंसे की धूप

कु

बौत्​्िक इलाके मे्राजिैतिक कट्र् पंतथिा के अलोकिांत्िक हस्क ् प्े से िक्स क म्मि तवश्-्स्र् के ज्​्ाि का तवघटि लातजमी है.

जैन िूसरयो् ने जैन धम्ासनुयासययो् को, तुि​िी ने मध्यकािीन छ िाि पहिे कुछ मताग्​्ही सदल्िी सवश्​्सवद्​्ािय अवधीभाषी जनता और श्​्ोता को ध्यान मे् रखते हुए इिाके मे् इसतहाि ऑनि्स पाठ्​्क्म िे रामायण सवषयक के िमिामसयक िंदभ्​्ो् िे जोड़्ते हुए िुनाया है) अनेको् एक िेख को हटवाने आये. िुप्सिद्​् िासहत्यकार और िोकर्पो्पर अचंभे या आपस्​्त की वजह क्या? और इनमे्िे अनुवादक डॉ रामानुजन का यह जाना माना िेख –थ्​्ी हंड्ेड सकिी भी स्वर्प को अपनी नापिंदगी का हवािा देकर कोई रामायणाज़् , फाइव एग्ज़्ांपल्ि एंड थ्​्ी थॉर्ि ऑन भी गुट जबरन कैिे खासरज करा िकता है ? इिीसिए जब वेड ्ी ट्​्ांि​िेशंि-- भारत के कई क्​्ेत्ीय िमुदायो् मे् प्​्चसित डॉसनगर िरीखी सवदुषी की सकताब पर प्​्सतबंध िगा और रामकथा के िैकड़्ो्स्वर्पो्पर िारगस्भसत चच्ास के सिए मीि सदल्िी सवश्​्सवद्​्ािय की अकादसमक कॉंसि​ि पर दबाव बना का पत्थर माना जाता रहा है. इिके अनुिार, श्​्ुसत और स्मृसत मृणाल पांडे कर रामानुजन के िेख को पाठ्​्क्म िे हटवाया गया तभी िे पर आधासरत मौसखक परंपरा पर चिते रहे हमारे सवसवधतामय ् त है. गौरतिब देश मे् समथकीय इसतहाि सकिी मत सवशेष की भावनाओ् के दबाव िे िमझदारो्को िगने िगा था सक यह एक खतरनाक शुरआ इकरंगा नही् बनाया जा िकता. हर क्​्ेत् और िमुदाय मे् स्थानीय भाषा, है सक वे्डी की सकताब बाज़्ार मे्सबक रही थी. सवश्​्सवद्​्ािय की अपनी िंस्कृसत और मान्यताओ् िे जुड़् कर जन- इसतहाि िहजता िे अिग- सवशेषज्​्िसमसत रामानुजन महाशय के िेख को पाठ्​्क्म मे्बनाये रखने अिग शक्िे् ग्​्हण करता रहा है. सफर, एक- अनेक िोगो् िे बांची गयी की िहमसत दे चुकी थी. सफर भी दो बड़्ेपब्लिशर रेि िे अचानक हट गये इि कथा के (सजिे आम मान्यतानुिार सशव ने पाव्सती को, कृष्ण ने और देर रात गये यह फैि​िा िेते िमय उि इसतहाि सवशेषज्​्सवहीन युसधस्​्िर को , वाल्मीसक ने राम को, कंबन ने दस्​्कण भारतीय िोगो्को, अकादसमक कॉंसि​ि ने इसतहाि सवभाग की राय नही्िी.

िफल्म और टेलीववजन संस्थान : छात्​्हड्ताल पर, पुवलस पहरे पर 14 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015


एके रामानुजन और वे्डी डेवनगर : अवभव्यक्तत पर आक्​्मण

सपछिे िाि के इन गुप्त दबावो् के जनक राजकीय सशक्​्ा िे जुड़्े िभी बड़्ेिंस्थानो्मे्उतर कर िस्​्कय होते गये है्. राजमान्य राजनैसतक सवचारधारा िे मतभेद रखनेवािे कई सवभागीय प्​्मुख काय्सकाि खत्म होने के या अकुशिता के आक्​्ेप िगा कर हटवा सदये गये. कुछ मंत्ािय के कसतपय सववादास्पद आदेशो् पर गहरी प्​्ोफेशनि आपस्​्तयो् की अनिुनी िे खीझ कर त्याग पत्​्देने पर बाध्य हुए. िरकारी मान्यता प्​्ाप्त आईआईटी और कुछेक आईआईएम िंस्थानो्के सनदेशक, नेशनि बुक ट्​्स्ट, िरकारी किा अकादसमयां, भारतीय इसतहाि शोध िंस्थान के प्​्मुख, सकतने नाम सगनाये्? फेहसरस्​् हर सदन बढ़् रही है. ताज़्ा गाज एफटीआईआई पर सगरी, जहां सफल्म सनम्ासण जगत के प्​्स्यात नामो् को पीछे कर एक िगभग अज्​्ातकुिशीि कसथत तौर िे िंघी पिंदीदा जन को िाया गया है. इि तक्ासतीत फैि​िे के सखिाफ छात्​्िामबंद है्. छात्​्ो् को सफल्म जगत के तमाम जानेमाने िोगो् का िमथ्सन भी है, िेसकन सववासदत सनयुब्कत का आदेश अंगद का पैर बना हुआ है. यह िंभव है सक कुछ मामिो्मे्शीष्ाससधकारी या िंस्थान को पूव्सवत्​्ी शािन िे राजनैसतक वजहो् के तहत िमथ्सन और फंसडंग समिती रही हो. पर दोबारा वही गिती क्यो्? सकिी भी महत्वपूण्स सशक्​्ण िंस्था िे शीष्स असधकारी को हटाना या नये की सनयुब्कत एकासधक वैचासरकता वािे सवशषज्​्ो् के िमुसचत आकिन के सबना अिंभव है और होनी भी चासहए. बौस्​्दक इिाके मे् राजनैसतक कट्​्रपंसथता के अिोकतांस्तक हस्​्क्ेप िे तक्फिम्मत सवश्​्-स्​्र के ज्​्ान का सवघटन िासजमी है. जब हमारे िीडरान बार- बार सवश्​्गुर् बनने,परदेिी पूंजी न्योतने और बेरोज़्गार युवाओ् मे् सवश्​्-बाज़्ार के योग्य हुनरमंदी को खाि बढ़्ावा देने की बात कर रहे हो्,तब सशक्​्ा के क्​्ेत् मे् सकिी तरह की इकतरफा असधनायकवादी झक थोपने के खतरो्की अनदेखी अिंभव है. क्या अचरज की बात नही्सक जब दुसनया भर के छात्​्इंटरनेट और िोशि नेटवस्कगि् िे तमाम तरह का गुहत् म(िसचत्​्) ज्​्ान बटन दबा कर

हासि​ि करने मे् िक्​्म हो् तो िरकार के करीबी सकंतु िंसदग्ध बौस्​्दक गहराई वािे कुछक े गैरिरकारी िरकारी िंचािक हर कृसत (पाठ्प् स ु क ् हो या सफल्म) को आज भी इिी किौटी पर किना चाहे्सक क्या यह बहूबेसटयो्के आगे पेश सकया जाने िायक है, तो इिके पीछे एक असिसखत स्वीकार यह है सक तमाम किा और िासहत्य और पाठ्​् पुस्के् तक सशशुवत बहू- बेसटयो्या सशष्यो्के सिए ही सिखी जानी चासहए. ऐिी िाठी िे हांकने पर तो कुछ दूर जाकर वाल्मीसक और व्याि भी भगाये जाने िगेग् ,े वात्स्यायन, कासिदाि और जयदेव का तो कहना ही क्या? यह िब तो हमारे कुछक े उम्दा सवश्स्वद्​्ाियी पसरिरो्की बसखया उधेड़्कर हुनरमंद िुसशस्​्कत युवाओ् के नाम पर वहां बि एक अपसरपक्व,बेसदमाग और अध्सिभ्य भीड़्को ही तैयार करेगा. मन मे्यह खयाि ज़्रर् आता है सक काश, इि िरकार के एकासधक शीष्सपुर्ष और आय्स ि​िनाएं खुद युवावस्था मे् सकिी उि्​् सशक्​्ा और शोध िंगठन िे छात्​् जीवन मे् जुड़्े होते, तो उनके िामने यह िूरज की रोशनी की तरह िाफ होता सक इन महत्वपूण्सिंस्थानो्की स्वायत्​्ता और अनुभवी सवशेषज्​्ो्िे िंचािन खुद िरकार की महत्वाकांक्ी ‘बेटी पढ़्ाओ’ या ‘ब्सकि डेविपमे्ट’ जैिी महत्वाकांक्ी योजनाओ् के सिए भी एक बुसनयादी ज़्रर् त है. ित्​्ा की िीकरी िे दूर खड़्ी ज्​्ान की दुसनया राज्यित्​्ा िे एक औघड़्सकस्म की आज़्ादी मांगती आयी है. प्​्खर यूनानी दाश्ससनक डायसजसनि के सिए कहा जाता है सक उन्होने सिकंदर महान् के बार-बार बुिाने पर भी दरबार जाना कभी गवारा न सकया. एक बार जब वे नंगधड़्ंग धूप मे् िेटे उिका आनंद िे रहे थे तो बादशाह खुद उनिे समिने चिे आये. जैिी सक िम्​्ाटो्की आदत होती है, िामने खड़्ेहो कर बादशाह ने फरमाया, ‘मांगो क्या मांगते हो!’ डायसजसनि का र्खा जवाब था, ‘सफिहाि तो बि यही सक िामने खड़्ेहोकर श्​्ीमन मेरे सहस्िे की धूप को न छे्के्.’ ( िेसखका प्​्सतस्​्ित िासहत्यकार और प्​्िार भारती की पूव्सअध्यक्​्है्.)

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 15


आवरण कथा अनुपम खेर जाने माने असभनेता है्और सफल्म िे्िर बोड्सके अध्यक्​्रह चुके है्

निकले कोई राह

गजेद् ्चौहाि िे कहा है तक वे बहुि मेहि​ि करेग ् ,े लेतकि यह कोई मेहि​ि-मज्दरू ी वाला काम िही्है.

ि तरह का सवरोध प्​्दश्सन एफटीआईआई के इसतहाि मे्उिके छात्​्ो् ने अपने अध्यक्​् के सखिाफ पहिे कभी नही् सकया. यह सकिी पॉसिसटक्ि की वजह िे नही्हो रहा है. यह खुद िे उपजा सवरोध है. इिे गंभीरतापूव्सक सिया जाना चासहए. पर अब िग रहा है सक बात ‘ईगो’ तक पहुंच गयी है. एक हठधस्मसता सदखाई दे रही है. इतने िंबे िमय िे छात्​्ो् की हड़्ताि चि रही है, िेसकन इि पर गंभीरतापूव्सक सवचार नही्हो रहा है. छात्​्ो्के भसवष्य को ध्यान मे्रखते हुए इि मामिे मे्नये सिरे िे िोचे जाने की जर्रत है. यह एक सचंता का सवषय है सक अध्यक्​्गजे्द्चौहान छात्​्ो्के सवरोध को िमझ नही्पा रहे है्. मै्आज भी अपनी बात पर असडग हूं सक गजे्द्जी इि पद के उपयुक्त नही्है्. सनजी तौर पर मेरा उनिे कोई सवरोध नही् है. पर जब एफटीआईआई जैिी िंस्था के अध्यक्​् की बात आती है, तो मै्छात्​्ो्के िाथ खड़्ा हूं. एक सफल्म पि्सनासिटी के तौर पर सनस्​्ित र्प िे िोग गजे्द् को जानते है्. िंभव है सक वे बहुत मेहनती भी हो्. परंतु यह पय्ासप्त नही् है. उन्हे् न तो वल्ड्स सिनेमा की िमझ है और न ही भारतीय सिनेमा की उन्हे्िटीक जानकारी है. डेढ़्िौ सफल्मो् या छह िौ िीसरयल्ि मे् काम करने िे कुछ नही्होता है. इन सफल्मो् या धारावासहको् मे् िे ज्यादातर का स्​्र एक िा रहा है, इि पर भी गौर सकया जाना चासहए. सकतने ही किाकार हो्गे, जो गजे्द् िे भी ज्यादा काम कर चुके हो्गे. िवाि उठता है सक वे िभी एफटीआईआई के अध्यक्​् की कुि्ी के िायक हो्गे? एक िामान्य किाकार होने और एफटीआईआई के अध्यक्​्बनने मे्काफी फक्फहै. इि फक्फको िमझा जाना चासहए. एफटीआईआई का एक गौरवपूण्स इसतहाि रहा है. इिके पूव्स चेयरपि्सन्ि पर नजर डािे्गे, तो िमझ मे्आ जायेगा सक छात्​्ो्का सवरोध गित नही् है. आरके िक्​्मण, ि्याम बेनेगि, मृणाि िेन, अडूर गोपािकृष्णनन, महेश भट्​्, सगरीश कन्ासड, यूआर अनंतमूस्तस और िईद समज्ास जैिी हस्​्सयां इि िंस्थान के अध्यक्​्पद पर रही है्. यहां तक सक इि इंस्टीट्​्ूट िे सनकिे छात्​्ो्ने भी सिनेमा मे्अपनी बड़्ी उपब्सथसत दज्स की है. एफटीआईआई ने बीसियो् उल्िेखनीय सफल्मकार और किाकार भारतीय सिनेमा को सदये है्. इि िंस्थान मे्दासखिा िेने वािे छात्​्काफी 16 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

गंभीर होते है्. वे खुद भी सफल्मो्के बहुत जानकार होते है्. वे सवश्​्सिनेमा िे जुड़्चुके होते है्. वे और भी बेहतर सशक्​्ा पाने के सिए एफटीआईआई मे्दासखिा िेते है्. यही िोचकर छात्​्इि िंस्थान मे्दासखिा िेते है्सक वे सिनेमा के सनद्​्ेशन, असभनय और तकनीक िंबंधी बारीक बाते्जाने्गे. आधुसनक तकनीकी को िमझे्और उिका ढंग िे इस्म्े ाि करे.् तकनीकी के तौर पर आज के सिनेमा और पहिे के सिनेमा मे्बहुत फक्फआज चुका है. कई नये सवभागो्की जर्रत आ पड़्ी है. आज के छात्​्ो्के भीतर कुछ नया करने का जज्बा सदखाई देता है. वे सिनेमा की प्​्योगधस्मसता को आगे बढ़्ाना चाहते है्. उनमे् कुछ नया करने की तड़्प है. उनके मन मे् कई शंकाएं भी होती है्. उन्हे् िही सदशा सनद्​्ेशन की जर्रत पड़्ती है. जब आपको कुछ ज्​्ान ही नही्होगा, तो आप सकिी को कैिे गाइड करे्गे? मेरा सनस्​्ित मत है सक एफटीआईआई एक स्​्कएसटव जगह है, जहां नॉन स्​्कएसटव िोग नही् चि िकते है्. इि इंस्टीट्​्ूट मे् अकूत िंभावनाएं है्. िेसकन यह तभी िंभव है जब सक यहां नये सवजन वािा अध्यक्​् हो. इिके सिए क्वासिफाइड होना आवि्यक है. यहां वही कामयाब हो िकता है, सजिके पाि सिनेमा का बड़्ा अनुभव हो. स्टूडे्ट कोई िवाि पूछे्, तो उिका जवाब उन्हे् समिे. जब आपको कुछ जानकारी ही नही्होगी, तो आप क्या जवाब दे्गे? इि बात को िमझा जाना चासहए सक यह पोस्ट मैनेजर वािी नही्है. गजे्द्ने अपने पक्​् मे् कहा है सक वे बहुत मेहनत करे्गे. िंस्थान के भिे के सिए रात और सदन काम करे्गे. िेसकन िवाि उठता है सक क्या यह मजदूरी वािा काम है? आट्सफॉम्सको िमझने की बात है और ि​ि्​्ाई यही है सक उनका ज्​्ान एकदम िीसमत है. वे कहते है्सक अच्छी सफल्म वह होती है, सजिे दश्सक पिंद करे्और जो बॉक्ि ऑसफि पर र्पये कमाये. इि तरह की बचकानी िोच के बारे मे्क्या कहा जा िकता है ? गजे्द्ने सजि तरह की सफल्मो् मे् काम सकया है, वे ऐिी ही बाते् िोच िकते है्. हािांसक मै् बार-बार छात्​्ो् िे अनुरोध करना चाहता हूं सक वे स्ट्ाइक छोड़्े् और कक्​्ाओ्मे्जाये्. उनका िाि बब्ासद हो िकता है. वे सवरोध प्​्दश्सन करने का दूिरा रास्​्ा अपनाये्. मै्िरकार िे भी आग्​्ह करता हूं सक उिे अपनी गिती िुधारनी चासहए और कोई बीच का रास्​्ा सनकािना चासहए.


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शुक्वार, पाक्​्िक पक्​्िका

िी-144/ली, तीलरी मंकजल, मीकिया गवन्सर , हरीनगर आश्​्म, नई कदर्ली. फोन: 011-30423006, 7835002010 पाक्​्िक ‘शुक्वार’ का पर्ल्सन्यूज नेटवक्कप्​्ा़ िल़ ले कोई लंबंध नही्है नियम और शर्​्े: 1. यह योजिा केवल भारर मे् ही मान्य है. 2. नदल्ली के बाहर भेजे् गए चेक मे् 30/- अनिक भेजे्. 4.पन्​्िका सािारण डाक द्​्ारा भेजी जाएगी रथा डाक गुम हो जािे पर नजम्मेदारीसंस्थाि की िही होगी. सूचिा प्​्ाप्र होिे पर यनद वह अंक उपलब्ि रहरा है रो पुि: निशुल्क प्​्ेनिर कर नदया जाएगा. 5. कूनरयर रनज. डाक से मंगवािे के नलए ग्​्ाहक को कूनरयर रनज. डाक खच्च अनरनरक वहि करिा होगा. 7. सभी नववादो् का निपटारा नदल्ली न्यायालय के अिीि होगा.

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 17


देशकाल

गरजरा-बरसरा सि्​्

संसि के मानसून सत्​्को भारी राजनीदतक बादरश ने ठप कर दिया. कांगस्े आक्​्ामक होकर घोरालो्के मुद्ेउठाकर भाजपा के नेताओ्के इस्ी्िे की मांग पर अड़ी रही और सता पक्​्ने भी कांगस्े नेताओ्के भ्ष ् ्ाचार की पोल खोलनी शुर्कर िी. वी कुमार

िं

िद के मानूिन ित्​् मे् ऐिी राजनीसतक बासरश की सकिी ने कल्पना तक नही्की होगी. यह अनुमान तो था सक िसित गेट, व्यापम घोटािे िरीखे मामिो् िे िंिद ित्​् हंगामेदार होगा .पर सकिी ने यह नही् िोचा था सक इि दौरान राजनीसतक अिमंजि भी देखने को समि िकता है. ित्​्ार्ढ़् दि ही आंखे् सदखा कर घुड़क ् ी देता नजर आयेगा और िबिे बड़्ा सवपक्​्ी दि कांगि्े के अिग-थिग पड़्जायेगा. मानिून ित्​्की शुरआ ् त ही िुषमा स्वराज, विुधं रा राजे, सशवराज सिंह चौहान के इस्​्ीफे की मांग को िेकर हुई. पहिे सदन सवपक्​्पूरी तरह िे हावी नजर आया. बार-बार राज्यिभा की बैठक स्थसगत करनी पड़्ी. िोकिभा की बैठक उि सदन अपने सदवंगत िदस्यो्को श्द ् ्ाज ं सि देने के कारण नही् हो िकी थी. कांगि ्े बेहद आक्​्ामक नजर आयी. उिके नेताओ् को िगा सक एक बार सफर भूसम असधग्ह् ण के मुद्े की तरह सवरोध की कमान उनके हाथ मे्आ गई है. उत्िाह मे्आकर अगिे सदन िंिद के पसरिर मे्महात्मा गांधी की मूसत् स के िमक्​्धरने का ऐिान कर सदया. पर महज 12 घंटो् मे् िारा मामिा बदिा गया. एक तरफ भाजपा नेता शांता कुमार का िेटर बम सगरने पाट्​्ी की मुिीबत बढ़्ी, तो वही्मुिायम 18 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

सिंह यादव की िमाजवादी पाट्​्ी ने कांगि ्े िे सकनारा कर सिया. िमाजवादी पाट्​्ी नही्चाहती थी सक यह िंदश े जाये सक सवपक्​् कांगि ्े की अगुवाई मे्अपनी िड़्ाई िड़्रहा है. इि वजह िे िपा ने तुरतं खुद को सकनारे कर सिया. िुषमा के इस्​्ीफे पर मुिायम सिंह यादव ने कहा सक एक मसहिा के िौ खून माफ है.् िपा िुप्ीमो मुिायम सिंह ने कहा सक वह इस्​्ीफे के पक्​्मे्नही्है.् नतीजतन अगिे सदन कांगि्े को अपना धरने का फैि​िा रद्​् करना पड़्ा. बाद मे् कांगि ्े ी िांिद कािी पट्​्ी बांधकर िोकिभा मे्गये. दूिरी तरफ, भाजपा ने अपनी िंिदीय दि के बैठक मे् नयी रणनीसत तैयार की. ित्​्ापक्​् रक्​्ात्मक होने की जगह हमिावर होने पर उतर आया. उिने कांगि्े पर आक्​्ामक र्ख अपनाने का फैि​िा सकया. रातो्-रात कांगि ्े शासित मुसय् मंस्तयो् के घपिो्, यूपीए िरकार के भ्ि ् ्ाचारो्का ल्यौरा तैयार करके िांिदो्मे्बांट सदया गया. भाजपा िांिदो्को इन जानकासरयो्का पूरा इस्म्े ाि करने की सहदायत दी गयी. असमत शाह काफी खफा थे. उन्हो्ने शांता कुमार पर पाट्​्ी के छोटे नेताओ् िे हमिा करवाया. रसव शंकर प्ि् ाद, राजीव प्त् ाप र्डी ने उन पर तीखा हमिा सकया. उन्हे्कांगि्े िे प्स्ेरत बताया. मध्यप्द् श े मे् सशवराज सिंह चौहान ने उनको सचट्​्ी सिखकर अनुशािनहीनता न करने की ि​िाह दे डािी.

पंजाब के मनोहर कासिया ने उन पर चंदे का सहिाब न देने के आरोप िगाये. उत्र् ाखंड के मुसय् मंत्ी हरीश रावत के सनजी िसचव मोहम्मद शासहद को शराब सवकेत् ाओ्िे िाइिेि् के मुद्ेपर िेनदे ने की बाते्करते सदखाए जाने वािी िीडी सदल्िी आयी. सजिे सनम्ि स ा िीतारमण ने प्ि ्े कांफि्े मे्जारी सकया. िंिदीय दि की बैठक मे्सवदेश मंत्ी िुषमा स्वराज के तेवर भी बदिे नजर आये. अर्ण जेटिी ने भाजपा अध्यक्​्असमत शाह को िमझा सदया था सक िुषमा स्वराज को इि प्क ् रण मे् अपना बचाव करते हुए िंिद मे् बयान देना चासहए. इि​िे सवपक्​्को करारा झटका िगेगा और कांगि्े की आक्​्ामकता कुदं हो जायेगी. िुषमा ने ठीक वैिा ही सकया. िुषमा स्वराज उनकी चाि िमझती थी्. उन्हे्पहिे िे ही यह आशंका थी सक िसित मोदी प्क ् रण मे्जो कुछ भी िीक सकया गया उिके पीछे सकिका सदमाग काम कर रहा था. अब उन्हो्ने िंिदीय दि की बैठक मे् अर्ण जेटिी को भी घिीट सिया. भरी िभा मे् बैठे िांिदो्को यह ज्​्ान सदया सक ऐिा पहिी बार नही् हुआ है सक जब सकिी को मानवीय आधार पर कही् जाने सदया गया हो. उन्हो्ने कहा सक जब अर्ण जेटिी एक मीसडया िमूह के मासिक का मुकदमा िड़्रहे थे उन्हो्ने भी इिी आधार पर अदाित िे अपने मुवस्​्ि​ि को सवदेश जाने देने


की अनुमसत मांगी थी. िब िुनकर जेटिी का अवाक रह जाना स्वाभासवक था. िुषमा ने बैठक खत्म होने के िाथ ही र्वीट कर सदया सक वे इि मामिे मे्बयान देने को तैयार है बब्लक यह भी बताएंगी सक कोयिा घोटािे मे्फंिे कांगि्े के पूवस् मंत्ी िंतोष बागरोसड़्या को राजनसयक पािपोट्स सदिवाने के सिए सकिने दबाव डािा था.इधर ित्​् शुर्हुआ नही्सक सवपक्​्ने सफर हंगामा शुर्कर सदया. अर्ण जेटिी ने राज्यिभा मे्कहा सक जब िुषमा स्वराज पूरे मामिे पर बयान देने को तैयार है तो सवपक्​्को क्या सदि्त् है? इि बार सवपक्​् की मांग बदि गई. कांगि्े व भाकपा ने कहा सक हमे् पहिे िुषमा का इस्​्ीफा चासहए. जब तक उनका इस्​्ीफा नही्होगा, िंिद नही्चिने दी जाएगी. िीताराम येचरु ी ने जेटिी को याद सदिाया सक जब यूपीए िरकार के मंत्ी भ्ि ् ्ाचार के घोटािो्मे्फंिे थे तब उनकी पाट्​्ी ने भी यही मांग रखी थी सक जब तक मंस्तयो्का इस्​्ीफा नही्हो जाता िदन की काय्वस ाही नही्चिने दी जायेगी. िंिद के पहिे सदन ही प्ध् ानमंत्ी नरेद् ्मोदी के हाव भाव िे िाफ था सक वह पाट्​्ी और िरकार के मंस्तयो्पर िगाये जा रहे आरोपो्को िेकर रत्​्ी भर भी सचंसतत नही्है.् वे ित्​्ा के मद मे्थे या पूरी तरह िे सनस्​्ितं यह कह पाना मुबि् कि है. िंिद भवन मे्पत्क ् ारो्िे सघरे मोदी के हावभाव देखने के कासबि थे. पहिा िवाि हुआ सक क्या िुषमा स्वराज इस्​्ीफा देगी्? उन्हो्ने िवाि पूछने वािे पत्क ् ार को ऐिे देखा सक मानो कहना चाहते हो सक क्या बेवकूफी भरा िवाि पूछ रहे हो? सफर विुधं रा राजे के इस्​्ीफे और उनकी िरकार पर भ्ि ् ्ाचार के आरोपो्मे्सघरने के िवाि हुए. िभी िवािो्पर उन्हो्ने कोई प्स्तस्​्कया नही्जताई. इिी अंदाज मे् प्ि् न् पूछने वािो् को घूरते रहे. सफर अपनी बात कहकर आगे बढ़्गये. पर उन्हे्पूरा भरोिा है सक ित्​् ठीकठाक चिेगा. आगे वही हुआ सजिकी उम्मीद थी. हंगामा जारी रहा. कांगि्े ने भी अपनी रणनीसत बदिी. तय हुआ सक बाकी दि उिका िाथ दे या न दे पर वह िुषमा स्वराज और विुधं रा राजे के इस्​्ीफे होने तक िदन नही् चिने देगी. न ही उनके बारे मे्सकिी तरह की कोई िफाई िुनगे ी. खाि बात रही सक ित्​्ा पक्​् और सवपक्​्की तरफ िे मामिे को िमझने की कोई कोसशश की गई. ऐिा िग रहा था सक दोनो् ही पक्​्एक दूिरे को नीचा सदखाने पर उतर आये हो्. इिी रणनीसत के तहत भ्ि ् ्ाचार उजागर करने का सि​िसि​िा शुर् हुआ. भाजपा ने सहमाचि प्द् श े के मुसय् मंत्ी वीरभद्​्सिंह िे एक उद्​्ोगपसत िे 6 करोड़्र्पये िेने के दस्​्ावेज जारी कर सदये. यह पैिा एक ऐिी सबजिी पसरयोजना शुर्करने

की अनुमसत देने के बदि मे्यह रासश दी गई थी सजिे पहिे राज्य िरकार ने ठुकरा सदया था. इिी रणनीसत के तहत उत्र् ाखंड के मुसय् मंत्ी हरीश रावत भी घेरे गये. इिके बाद िोसनया गांधी के दामाद राबट्सवाड्​्ा पर फेिबुक के जसरये िांिदो् के सखिाफ अपमानजनक सटप्पणी करने का मामिा उठाया गया. इिे िेकर िोकिभा अध्यक्​् िुसमत्​्ा महाजन िे उनके सखिाफ िदन की अवमानना का मामिा शुर्करने की मांग कर डािी गयी. भाजपा के प्ह् िाद जोशी ने वाड्​्ा की यह सटप्पणी दुहराई ‘िंिद शुर्हो गई है और िाथ ही शुर्हो गई है उनकी क्द्ु ्सवभाजनकारी राजनीसत. भारत की जनता बेवकूफ नही्है. खेद है सक भारत का नेततृ व् ऐिा तथाकसथत नेता कर रहे है.्’ भाजपा नेता का कहना था सक वाड्​्ा की इि सटप्पणी िे िंिद की गसरमा को ठेि पहुच ं ी है.् मामिे पर वाड्​्ा को िदन मे्बुिाकर उन्हे्इि सटप्पणी के सिए दंसडत सकये जाने की मांग की गयी. इि दौरान िोसनया गांधी थोड़्ी सवचसित हो गयी. िदन मे् भाजपा के िचेतक अज्नसु राम मेघवाि और कांगि ्े के नेता मब्लिकाज्नसु खड़्गे मे्वाकयुद्होने िगा. जहां मेघवाि यह मामिा सवशेषासधकार िसमसत को भेजे जाने की मांग कर रहे थे, वही्खड़्गे की दिीि थी सक वाड्​्ा िदन के िदस्य नही्है,् इिसिए उनका नाम काय्वस ाही िे हटा देना चासहए. इिे िेकर दोनो् पक्​्ो् मे् जमकर नारेबाजी की. कांगि्े के नारे थे सक ‘जब बड़्े मोदी मेहरबान, तो छोटे मोदी पहिवान’, ‘मोदीजी 56 इंच िीना सदखाओ, विुधं रा को हटाओ’. वही् भाजपा के नारे रहे, ‘उल्टा चोर कोतवाि को डांट,े सकिान की जमीन दामाद को बांट’े , ‘कांगि ्े का राज है जहां, घोटािो्की बाढ़् है्वहां’.बहुत सदनो्बाद कांगि ्े उपाध्यक्​्राहुि गांधी आक्​्ामक सदखे. प्ध् ानमंत्ी नरेद् ्मोदी पर िीधा सनशाना िाधते हुए राहुि ने कहा सक वे सिफ्फहवाई बाते्करते है.् उनकी सवश्​्ािनीयता घट रही है. वे व्यापमं िे िेकर िुषमा स्वराज पर चुप है. वे भाजपा के नही्पूरे देश के प्ध् ानमंत्ी है.् उनकी चुपप् ी िे हमको िाभ हो रहा है. गांधी ने एक्शन छोड़्कर मामिे पर िफाई देने की बात कही. इिके िाथ ही राहुि गांधी ने स्पि्​् कर सदया सक जब तक इस्​्ीफे नही्हो्ग,े िंिद नही् चिने दी जायेगी. िंिद मे् हंगामे पर भाजपा के कुछ बड़्े नेताओ्का मानना रहा सक चाहे हमारे नेता कुछ भी दिीिे्देते सफरे पर िच यह है सक पाट्​्ी की छसव सबगड़् रही है. सवदेश मंत्ी िुषमा स्वराज, िंतोष बागड़्ोसदया का हवािा देकर इतना हल्का

बचाव करेगी यह सकिी ने िोचा भी नही् था. भाजपा नेताओ् कहना था सक बागड़्ोसदया को राजनसयक पािपोट्स देने का आग्ह् एक बड़्े कांगि ्े ी ने उनिे सकया था, यह मामिा बेहद थोथा है. राजनसयक पािपोट्सकी तुिना िसित मोदी कांड िे करना िही नही्है. यह कैिी तुिना है? इतनी बड़्ी सवदुषी नेता ने हाथी के िामने बकरी खड़्ी कर दी. कांगि्े के सजि नेता ने उनकी सिफासरश की थी क्या वे राष्प् सत, उपराष्प् सत या प्ध् ानमंत्ी है.् क्या उनकी सिफासरश बाध्यकारी थी. आपने बागड़्ोसदया की सिफासरश को अस्वीकार कर सदया जो सक 18 िाि तक िांिद रहे्और अपने राजनसयक पािपोट्सकी अवसध 6 माह के सिए बढ़्वाना चाहते थे. वे भी अपनी पत्नी को कैि् र के इिाज के सिए बाहर जा रहे थे, पर िुषमा ने िसित मोदी के अनुरोध को स्वीकार कर सिया. यह दिीि देकर उन्हो्ने खुद को कठघरे मे्खड़्ा कर सिया है. उनका दांव उल्टा पड़्गया है. यह भी मानवीय मामिा था. बागड़्ोसदया भगोड़्े नही्थे. वे िुषमा के समत्​्थे. उनका पािपोट्सजल्त नही्सकया गया था. पर जर्रत पड़्ने पर उन्हो्ने उनकी मदद नही् सक पर जब खुद फंि गई् तो उनकी ओट मे् अपना बचाव कर रही है.् यसद भाजपा इिी तरह अपने बचाव मे् ऐिी अटपटी मुद्ाएं धारण करती रहेग् ी तो उिकी और कांगि्े की छसव मे् अंतर कर पाना बहुत मुबि् कि हो जायेगा. कांगि्े ने गसतरोध टािने के सिए बुिाई गई िव्दस िीय बैठक मे्सहस्िा नही्सिया. ऐिे मे् ित्​्ापक्​्भी टकराव का मन बना चुका है. इि​िे ित्​्का अधर मे्िटक जाना करीब तय है. दोनो् ही पक्​् अड़् नजर आते है.् कांगि ्े मुसय् मंत्ी विुधं रा राजे वे सशवराज सिंह चैहा और सवदेश मंत्ी िुषमा स्वराज इस्​्ीफा के इस्​्ीफे पर अड़्ी है. वही भाजपा यूपीए िरकार मे् कांगि ्े के भ्ि ् ्ाचारो्को उजागर करने मे्िगी है. इिे बेहयाई की इंतहा ही कहा जा िकता है. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 19


मास् िेपटालहेड

अभी ज़र्री है संववधान

नेपाल अपने नए संदवधान को अंदतम र्प िेने के करीब है. िेश की चार बड़्ी पाद्रषयां नेपाली कांग्ेस, सीपीएन-यूएमएल, यूसीपीएन-माओवािी और मधेशी पीपुल्स िोरम डेमोके्दरक संदवधान दनम्ाषण के दववािास्पि मुद्े को सुलझाने के दलए 16 सूत्ी समझौते पर पहुंची है्. संदवधान का पहला मसौिा दपछले हफ्ते संदवधान सभा मे्पेश तो दकया गया, पर मसौिे को लेकर कई आशंकाएं भी है्. सबसे बड़्ी आशंका िदलतो्, दपछड़्ो्, मदहलाओ्और अल्पसंख्यको्को दमलने वाले अदधकारो्को लेकर है. इन्ही्मसलो्पर अदभरेक रंजन दसंह ने भारत की यात्​्ा पर आये नेपाल के पूव्षप्​्धानमंत्ी और एकीकृत नेपाल कम्युदनस्र पार्​्ी (माओवािी) के अध्यक्​्पुष्प कमल िहल प्​्चंड से ख्ास बातचीत.

िेपाल के िए संतवधाि तिम्ाडण मे्आपकी भारि याि्​्ा तकि​िी महत्वपूण्डहै ? कई वि्​्ो्के राजिीतिक मिांिर के बाद िेपाल मे्िए संतवधाि बि​िे का रास्​्ा साफ्हो गया है. भारि सरकार के आमंि्ण पर मै्ियी तदल्ली आया हूं. इस संबंध मे्मै्िे भारि के राष्​्पति, प्​्धािमंि्ी, तवदेि मंि्ी और गृह मंि्ी से भी मुलाक़्ाि की. हमारी यह याि्​्ा भारि और िेपाल के बीच आपसी सहयोग और संबंधो्के तलहाज से काफ्ी अहम है. िए संतवधाि मे्जिजातियो्, दतलिो्,

20 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015


तपछड्ो्और मतहलाओ्के तहिो्से जुड्ी् कौि-सी बािे्हो्गी ? िया संतवधाि िेपाल की जि​िा को बेहिर भतवष्य देगा. सामातजक और आत्थडक र्प से कमज्ोर दतलिो्, तपछड्ो्और मतहलाओ् के सिक्किकरण पर हमारा काफ्ी जोर है. िए संतवधाि मे्ग्ैर-बराबरी ख्त्म करिे के कई प्​्ावधाि हो्गे. आपसी व वैचातरक मिभेदो्की वजह से िेपाल की कम्युतिस्ट पात्टियां कई धडो्मे् बंट चुकी है्. इस तवघटि पर आपकी क्या राय है ? राजिाही के ख्ात्मे के तलए हमिे एक दिक िक सिस्​्संघि्डतकया. राजिाही खत्म होिे के बाद, माओवातदयो्को सत्​्िय राजिीति या रेमोिे्तटक तसस्टम मे्आिा चातहए? यह हमारे तलए एक बड्ा सवाल था. वैसे, माक्स्डवाद सैि्ांतिक र्प से हमे्यह छूट देिा है तक हम संसदीय राजिीति का तहस्सा बिे्. जहां िक कम्युतिस्ट पात्टियो्के तवघटि का सवाल है िो मेरा माि​िा है तक िेपाल मे्माओत्से-िुंग की तवचारधारा पर तवश्​्ास रखिे वाली कम्युतिस्ट पात्टियो्को एक मंच पर आिा चातहए. मै्भी इस तदिा मे्प्​्यासरि हूं तक आिे वाले समय मे्िेपाल की कम्युतिस्ट पात्टियो्मे्आपसी एकिा बिे. िेपाल की मौजूदा राजिीतिक व्यवस्था से आप संिुष्है्? सिस्​्ि्​्ांति का युग खत्म होिे के बाद अब िेपाल मे्ियी ि्​्ांति का दौर िुर् हुआ है. इसे आप समाजवादी ि्​्ांति भी कह सकिे है्. पहले हमारा संघि्डिेपाल मे् सामंिवाद और तवदेिी हस्​्क्ेप के तवर्ि् था, पर अब हम िेपाल को उस दौर मे्ले जािा चाहिे है्, जहां िोिण और असमाि​िा जैसी समस्याये्ि हो्. इसतलए अब हम सोितलस्ट रेवोल्यूि​ि पर ज्ोर दे रहे है्. यह रेवोल्यूि​िरी प्​्ोसेस तसफ्कसदि िक ही सीतमि िही्रहेगा, बक्लक यह हर िहर, हर गांव और सड्को्पर भी तदखाई देगा. जब हम समाजवादी ि्​्ांति की बाि करिे है्िो, इसका आिय असमाि​िा, दलाल पूंजीपतियो्और िौकरिाही के खात्मे से है. संसदीय राजिीति मे्आिे का मिलब यह िही्है तक हम उसकी ख्ातमयो्को िज्रअंदाज्करिे रहे्. एक सच्​्ा कम्युतिस्ट होिे के िािे मेरा यह माि​िा है तक समाजवादी ि्​्ांति बल प्​्योग से ही संभव है.

िेपाल मे्भूतम सुधार िुर्ही िही्हुआ िो वहां सामंिवाद कैसे खि़्म तकया जा सकिा है ? राजिाही के खात्मे के बाद भूतम सुधार क़्ािूि बिािे की जर्रि महसूस हुई. इस तदिा मे्सबसे पहले राजा ज्​्ािे्द्के ‘िारायण तहिी’ महल समेि कई महलो् को सरकारी संपत्​्त घोति​ि कर तदया गया. उसके बाद बड्ेज्मी्दारो्और जागीरदारो् को तचंतहि तकया गया. िेपाल के ऊपरी त्जलो्के कई बड्ेज्मी्दार माओवादी सिस्​्संघि्डके दौराि अपिी संपत्​्त छोड्कर िहरो्मे्बस गये. बाद मे्उिकी ज्मीिो्पर भूतमहीि तकसाि दख्लकार हो गये. भूतम सुधार संबंधी कई प्​्स्ावो्का तजि्​्िये संतवधाि के मसौदे मे्है. िेपाल मे्अब पहले जैसी हालि िही्है. यहां बड्े ज्मी्दार करीब िगण्य है्. तफलहाल िेपाल मे्सीतलंग एक्ट िही्है, पर भूतम सुधार के तलए इस तदिा मे्एक ठोस क़्ािूि बिािे की ज्र्रि है. भारि-िेपाल मैि्ी समझौिा-1950 की समीक्​्ा के बारे मे्आप क्या कर रहे है? िेपाल मे्राणािाही के समय हुए इस समझौिे की समीक्​्ा की मांग तसफ्कप्​्चंर

की िही्है, बक्लक िेपाली जि​िा भी यही चाहिी है. छह दिक पहले हुए इस समझौिे को िये र्प से पतरभाति​ि करिे मे्कोई बुराई िही्है. प्​्धािमंि्ी बि​िे के बाद जब मै्पहली बार तदल्ली आया था, उस वक्ि भी ित्कालीि भारि सरकार से इस मुद्े पर चच्ाड हुई थी. भारि सरकार के साथ संयुक्ि बयाि के दौराि भी मै्िे इस संबंध मे्बयाि तदया था. िेपाल को तहंदू राष्​्घोति​ि करिे के तलए वहां की कई पात्टियां और संगठि प्​्यास कर रहे है्. क्या यह संभव होगा ? राजा समथ्डक पाट्​्ी की अगुवाई कर रहे कमल थापा और िेपाली कांग्ेस िेपाल को तहंदू राष्​्घोति​ि करिे की वकालि कर रहे है्. परोक्​्र्प से यूएमएल भी इस मांग मे्िातमल है, पर यह किई संभव िही्है. िेपाल की कम्युतिस्ट पात्टडयो्के रहिे यह मुमतकि िही्है. दुतिया के ज्यादािर लोकिांत्िक देि संवैधातिक र्प से धम्डतिरपेक्है्. िये संतवधाि के मसौदे मे्प्​्लोभि देकर या जबरि धम्डपतरवि्डि करािे संबंधी कृत्य को अपराध मािा गया है. इसके तलए कठोर दंर के प्​्ावधाि िय तकये गये है्.

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 21


उत्​्र प्​्देश

मोह मेंक़ैद माया लोकसभा चुनावो्मे्दमली हार से कोई सबक न सीखने वाली बसपा सुप्ीमो को अब भी अपने िदलत वोर बै्क पर अंधदवश्​्ास है. पार्​्ी के भीतर दनराशा गहरी हो रही है और मायावती दिल्ली से बाहर झांकने को तैयार नही्है्. पववेक प्​्िपाठी

म चुनाव मे् हुए नुकिान की भरपाई के सिए बिपा िुप्ीमो मायावती गंभीर नही्सदखाई देती. इिकी झिक उनके आगे की राजनीसतक रणनीसत मे् सदखाई दे रही है. वह कि्मकश मे्है.् वह दसित वोट बैक ् मे्िेध ् मारी को तो रोकना चाहती है. पर इि​िे बिपा िुप्ीमो को िोशि इंजीसनयसरंग के खत्म होने का अंदश े ा भी है. उत्र् प्द् श े मे्चार बार ित्​्ा िंभाि चुकी बिपा की हाित िोकिभा चुनाव मे् बेहद खराब रही. दसितो्के वोट का दम भरने वािी पाट्​्ी का इि चुनाव मे्खाता भी नही्खुि िका. िेसकन अभी तक उन्हो्ने इि​िे िीख नही् िी. पाट्​्ी मुसखया को आज भी भ्म् है सक दसित वोट बै्क चाहे जहां हो उि पर उन्ही का कल्जा है. वह अपने सहिाब िे तैयारी कर रही है. उन्हे् िगता है सक दसित वोट बैक ् पर सबना कुछ सकये ही उनके िाथ रहेगा. िेसकन िोकिभा चुनाव मे्ऐिा सदखा नही्. इि चुनाव मे्दसितो्के वोट बैक ् मे्िेध ् मारी हुई थी. मायावती इिे रोक नही् िकी थी. इिकी बड़ी वजह पाट्​्ी का वन मैन् 22 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

मायावती: अपनी छवव मे्कैद

शो बन जाना है. राजनीसतज्​्ो् की माने तो वह अपने अिावा सकिी चेहरे को आगे फोकि नही् होने देती है. इि​िे काम करने वािे काय्क स त्ाओ स ् मे्सनराशा का भाव जागता है. वह ही इन्हे्आधार सवहीन सदशा की ओर बढ़्ा रहा है. सजि​िे बिपा का आधार िगातार कम हो रहा है. उनका कहना है सक अगर देखा जाये तो बिपा ने सपछिे कई वष्​्ो् िे कोई प्​्भावी व जमीनी आंदोिन नही् चिाया. सजि​िे उिके काडर और िमथ्क स ो्मे्सनष्स्कयता आई है. वह सजि वोट के भरोिे थी उि​िे भी िंवाद करने का प्य् ाि नही्सकया है. जनता के बीच मे्बहुत कम जाने का भी प्स्तकूि प्भ् ाव पड़्ा. मायावती के अिावा कोई बड़्ा चेहरा नही् था. पाट्​्ी के प्​्त्याशी को जनता के सिए पहचान पाना मुबि् कि हो रहा था. वह िोकिभा चुनाव मे्देर िे प्च ् ार मे्उतरी इिका भी खासमयाजा उनकी पाट्​्ी को भुगतना पड़्ा. मायावती ने िोशि इंजीसनयसरंग फाम्ि सू े के तहत िोकिभा चुनाव के सिए अप्ि ्ै 2012 मे् िबिे पहिे उन्हो्ने िभी 80 सटकट घोसषत कर सदये. इनमे्19 मुबस् िम, 21 ब्​्ाम्हण, 15 सपछड़्ो् के अिावा आठ ठाकुरो् को सटकट सदये. बाकी

बची 17 आरस्​्कत िीटो्पर दसित खड़्ेहै.् मजे की बात यह रही सक आरस्​्कत 17 िीटो् मे् िे 1999 मे्बीएिपी ने चार, िाि 2004 मे्पांच और िाि 2009 मे्सिफ्फदो िीटो्पर ही जीत दज्सकी. िाि 1998 मे् पांच िीटो् िे खाता खुिा और एक िाि बाद 1999 के िोकिभा चुनाव मे्उन्हे्14 िीटे्समिी. सफर पाट्​्ी ने पीछे मुड़क ्र नही्देखा, िाि 2004 मे्19 और 2009 मे्20 िीटे् जीतकर उिने अपने मजबूत दसित वोट बैक ् को जीत का आधार बना सदया. िाि 1999 के िोकिभा चुनावो्मे्22.08 फीिद, 2004 मे् 24.67 फीिद और िाि 2009 मे् 27.42 फीिद वोट, समिे. िेसकन मायावती ने हार स्वीकार नही्की वह इि​िे आगे बढ़्ती रही है. आम चुनावो् के बाद पाट्​्ी मे् बगावती िुर तेज हो गये. जो मायावती को बद्ािस त् नही्हुआ. सजिका खसमयाजा पाट्​्ी के सदग्गज नेता रहे असखिेश दाि, दारा सिंह चौहान, कासदर राणा, शासहद अखिाक को बाहर का रास्​्ा देखकर भुगतना पड़ा. मायावती यह बताना चाहती थी सक पाट्​्ी मे्एक मात्​्नेता वही है.् अन्य िभी को अपनी हैसियत मे्रहना होगा.


इन िभी नेताओ्ने मायावती पर पैिे िेकर सटकट देने का आरोप िगाया. अभी कुछ ही सदन पहिे माया ने अपने एक और कासबि मंत्ी दद्​् प्ि ् ाद को पाट्​्ी िे बाहर का रास्​्ा सदखाया था. दद्​्प्ि ् ाद िे जब सनष्काषन का कारण पूछा गया तो इिके जवाब मे् उन्हो्ने कहा सक दरअि​ि, मायावती की सटकट सबकवाने मे् अड़्चन पैदा करने वािो् को पाट्​्ी िे िाफ कर रही है और यह उनका असधकार है. इन नेताओ्का वोट बैक ् भी मायावती को घाटे की ओर िे जायेगा. पूवस्आइपीएि एिआर दारापुरी का कहना है सक िव्ज स न का जुमिा प्य् ोग करके मायावती ने कुि्ी तो हासि​ि कर िी पर उन्हो्ने दसितो्के सहत मे् कोई काम नही् सकया. उन्हो्ने अपने शािन काि मे् कुि्ी की खरीद फरोस्त शुर् की. सजि​िे दूसषत राजनीसत को बढ़्ावा समिा. उन्होने कहा सक इिका िीधा उदाहरण मेरे िमधी छोटे िाि है जो पुसि​ि िे सरटायड्सहोने के बाद राजनीसत मे्जाना चाहते थे. इिके सिए वह बिपा मुसखया िे भी उन्हे्सिंधौिी मे्सटकट देने के नाम पर पांच िाख एडवांि जमा करा सिये. िेसकन उन्हे् चुनाव के िमय मसिहाबाद िे सटकट सदया गया. वह चुनाव हार गये. हांिासक वह अब इि दुसनया मे् नही् है. इि घटना िे मै्िमझता हूं सक वह दसितो्को वोट बैक ् के नाम पर ही इस्म्े ाि करती है. उन्हो्ने कहा सक िुरस्​्कत िीटो्पर दसितो्िे भी पैिे मांगे जाते है. दारापुरी का कहना है सक कांशीराम के जमाने िे ही इि पाट्​्ी पर पैिे का खेि चिता आ रहा है. िाि 1995 मे् जयंत मल्होत्​्ा को

प्​्कार आंबेडकर आैर दद्​्प्​्साद: बगावती स्वर

कनचले स्र् पर काय्क य त्ाओ य ्व समथ्क य ो्को लिता है कक मायावती को उनके सुख-दुख से कोई मतलब नही्है. वे ककसी की मुसीबत मे्नही्खड़्ी होती्. पाट्​्ी ने सटकट देकर राज्यिभा भेजा. जबसक पाट्​्ी मे् उनिे पहिे के काम करने वािे दसित थे. िेसकन उन्हे तवि्​्ो नही्दी गयी. कांशीराम िे पूछने पर उन्होने कहा सक पाट्​्ी पैिे िे चिती है. यह शुर्िे ही दसितो्के नाम पर तो राजनीसत करते है पर उनके सहत िे इन्हे्कोई मतिब नही् है. राजनीसतक जानकार मानते है् सक िाि 2017 के चुनाव मे्दसित वोट बैक ् का सबखराव होगा. उिकी मुसय् वजह बिपा ने मतदातो्को ठगा है. अब दसित पूण्सतया जागर्क है वह अपनी पिंद के वोटरो्को वोट करेगा. बिपा िे बागी हुए दद्​्प्ि ् ाद का कहना है सक बिपा िे मेरा कभी िगाव नही् रहा है. क्यो्सक उिमे्सिफ्फव्यब्कतवाद हावी रहा है. इि पाट्​्ी मे्कभी दसितो्का सहत नही्हो िकता है. दसितो् के सहत करने के सिए उन्हे् बहुजन बनाना पड़्ेगा. वत्समान मे्कोई ऐिा राजनैसतक दि नही् जहां दसितो् को िही िम्मान समिे. मायावती कभी भी दसितो् की शुभसचंतक नही् रही्. उन्होने् िोकिभा चुनाव मे् 80 मे् िे 17 दसितो् को सटकट सदया इिी िे उनकी मानसिकता का पता चिता है. प्​्िाद का कहना है सक बिपा ने गरीब

मुब्सिमो् को भी ठगा है. पाट्​्ी मे् पैिे वािे मुब्सिम िऊदी अरब िे िौटकर आते है. उन्हे् सटकट सदया जाता है. और काम करने वािे िोगो्को पाट्​्ी दरसकनार करती है्. बाबा िाहब भीमराव आंबेडकर के प्​्पौत्​् प्​्काश यशवंत आंबेडकर का कहना है सक दसितो् के वोट की वजह िे ही मायावती चार बार ित्​्ा िंभाि चुकी है्. िेसकन उप्​्मे्दसितो् का भसवष्य अच्छा नही् है. यहां घूमने के बाद पता चिा सक बिपा मे् सिफ्फ दसितो् के नाम पर वोट बटोरे जाते है्. उनका इस्​्ेमाि इिेक्शन मे्ही सकया जाता है. उन्होने्कहा सक वंसचतो्, शोसषतो् को ऊपर उठाने के सिए उप्​् मे्बहुत जल्दी एक दि बनाने की आवि्यकता है. जो इन िभी का कल्याण कर िके। आंबेडकर का कहना है सक दसित-सहतो् की रक्​्ा करने वािे िोगो् के िाथ समिकर एक नया दि बनाने का प्​्याि सकया जा रहा है. वत्समान िमय मे् िभी दि समिकर बाबा िाहब को अपने रंग मे्रंगने का प्​्याि कर रहे है्. पर वह िफि नही्हो पायेगे्. क्यो्सक बाबा िाहब िब को िेकर चिना चाहते थे.बिपा िमथ्सको का मानना है सक युवाओ् को जोड़्ने के सिए पाट्​्ी को कुछ नये कदम उठाने होगे् दसितो् और गैर दसितो् िे िीधा िंवाद करना होगा. क्यो्सक अब िभी जगह बदिाव हो रहे. इिसिए अपने ढर्​्ेपर बिपा को बदिना होगा. मायावती कई महीने के अं त राि पर िखनऊ आती है, सफर सदल्िी चिी जाती है. बै ठ क के नाम पर खाना पू स्तस होती है. वह अपनी बात कहती है ,िे सकन जमीन पर जो पसरब्सथसतयो् का मुकाबिा करते है्,उन्हे् मुंह खोिने की इजाजत नही्है. एक तरफा बैठके् पाट्​्ी मे् सनराशा बढ़्ा रही है्. सनचिे स्​्र पर काय्सक त्ासओ् व िमथ्सको् को िगता है सक मायावती को उनके िुख-दुख िे कोई मतिब नही् है. वह कभी सकिी की मुिीबत मे् नही् खड़्ी होती. िपा शािन मे् एक जासत सवशेष के िोग उनका उत्पीड़्न करते है् िेसकन मायावती को सदल्िी िे बाहर सनकिना मंजूर नही्.िमथ्सको् की यह सनराशा पाट्​्ी को भारी पड़् िकती है. इिके अिावा राज्यिभा और सवधान पसरषद की िभी िीटे दसितो् को देने िे वह वग्स नाराज है ,सजिने मायावती को बहु म त तक पहुं चाया था.दे खना है सक इन पसरब्सथसतयो् को मायावती सकि तरह िंभािती है. सफिहाि वह ऐिा कुछ नही्कर िकी्, सजि​िे िोकिभा चुनाव के मुकाबिे मे् उनका ग्​्ाफ बढ़्ा हो. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 23


िबहार

बागियों का तीसरा खेमा साधू यािव और पप्पू यािव हो्या जीतनराम मांझी,दवधान सभा चुनावो्से पहले दबहार के ज़्यािातर बागी नेताओ्ने राजनीदतक िलो्का गठन कर दलया है और वे भी िूसरे िलो्की तरह जादत, व्यक्ततवाि और पदरवारवाि की बुराइयो्से ग्​्स्है्. अशोक प्​्ियदश्​्ी सबहार सवधानिभा चुनावो् मे् बासगयो् की भागीदारी भी बढ़्चढ़्कर है. यह बागी चुनाव की पूरी कहानी बदि िकते है्. नये पास्टियो् के जसरये ये सबहार सवधान चुनाव मे्अपनी दावेदारी ठो्क रहे है्. ऐिे मे्प्​्मुख पास्टियां भी इन्हे्िाथ िेने के सिए तैयार सदखाई देती है. िेसकन इन बासगयो्का सकतना फायदा बड़्ेदिो्का होगा. यह तो िमय ही बतायेगा. पूव्स मुस्यमंत्ी राबड़ी देवी के सखिाफ िारण िे उनके भाई गोपािगंज के पूव्स िांिद असनर्द्प्ि ् ाद उफ्फिाधु यादव ने चुनाव िड़ने का एिान कर सदया था. हािांसक इि फैि​िे िे सफर वह मुकर गये. इिके बाद िाधु ने महाराजगंज िे सनद्सिीय चुनाव िड़ने का फैि​िा सकया. यहां िे भी उन्हो्ने नामांकन का परचा वापि िे सिया. तब िाधु ने यह कहते हुये अपना वापि सिया सक देश मे् तीिरे मोच्​्े की िरकार बनेगी. नीतीश कुमार प्​्धानमंत्ी बने्गे. िाधु ने यह भी जोड़ा सक देश मे् एक सहटिर का उदय हो रहा है. सहटिर िे असभप्​्ाय 24 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

नरे्द्मोदी िे था. इिके कुछ ही सदन पहिे िाधु यादव ने कहा था सक ‘नरे्द् मोदी ही देश के िशक्त प्​्धानमंत्ी िासबत हो िके्गे. मोदी की प्​्शंिा वािी सटप्पणी की वजह िे कांग्ेि ने िाधु को बाहर का रास्​्ा सदखा सदया था. िेसकन िाधु की छसव के कारण भाजपा ने नही् अपनाया. तब िाधु ने िपा और रािोिपा की ओर भी र्ख सकया. सफर भी सकिी दि का िाया नही्समिा. उिके बाद राजद पर दबाव के सिए िाधु ने अपनी बहन राबड़ी देवी के सखिाफ चुनाव िड़ने का एिान कर सदया था. पर यहां भी जब कोई बात नही् बनी, तब जदयू िे िमीपता बढ़ाने के सिए महाराजगंज िे चुनाव िड़ने के फैि​िे को टाि सदया. िाधु का क्​्ोभ और सवद्​्ोह राजनैसतक दि के र्प मे् िामने आया. बीते िोिह जून को पटना के रवी्द् भवन मे् गरीब जनता दि िेक्युिर पाट्​्ी के र्प मे्िामने आया है. पाट्​्ी के पहिे काय्क स त्ास िम्मि े न मे्िाधु ने कहा सक हमारी पाट्​्ी राजद, जदयू और राजग के मुकाबिे तीिरा सवकल्प देने के उदेिय् िे चुनाव

मैदान मे् आयी है. कानून का राज स्थासपत करना हमारी पहिी प्​्ाथसमकता है. हािांसक यह भी कहा सक राजद-जदयू का मकिद भाजपा को रोकना है. िेसकन हमारा उदेि्य सकिी को रोकना और टोकना नही् बब्लक व्यवस्था पसरवत्सन है. नयी पास्टियो्की िाइन मे्एक और नाम भी जुड़्ा है. राजद िे सनकािे गये मधेपुरा िे िांिद राजेश रंजन उफ्फपप्पू यादव की जन असधकार पाट्​्ी भी इन चुनावो्मे्उतरेगी. नौ जून को पप्पू यादव ने पाट्​्ी पदासधकासरयो् के नामो् की घोषणा की है. पप्पू ने राजद िुप्ीमो िािू प्​्िाद पर उन्हे् अपमासनत करने का आरोप िगाया. वह बताते है् सक राजद काय्सकासरणी की बैठक मे् उनपर हाथ उठाने की कोसशश भी हुई. पप्पू का आरोप है सक िािू प्​्िाद अपने बेटे और बेटी िे इतर नही् िोचते है्. पप्पू ने िािू पर वंशवाद का आरोप भी िगाया. दरअि​ि, राजद िुप्ीमो िािू के िजायाफ्ता होने के बाद िे पप्पू दि मे्िस्​्कय भूसमका चाहते थे. पर उन्हे् ऐिा मौका नही् समिा. िािू पुत्ो् के कसथत हरकतो् यह दूरी


और बढ़्ती गयी. यह नाराजगी दि के स्वर्प मे्आकार सिया. पप्पू ने प्​्सतस्​्कया मे्कहा सक िािू प्ि ् ाद छह बार मधेपरु ा िे हारे िेसकन जब मै् िाथ आया तब वह चुनाव जीते. अब पप्पू दावा करते है् सक सबहार मे् िािू प्​्िाद और नीतीश कुमार की िरकार नही बनने दे्गे. बीते 25 फरवरी को पप्पू ने प्ध् ानमंत्ी नरेद् ् मोदी िे मुिाकात की. इिके बाद जुिाई मे् भाजपा अध्यक्​्असमत शाह िे. पर भाजपा पप्पू की पुरानी छसव िे परहेज करती सदख रही है. पर भाजपा की मजबूरी िािू-नीसतश की जोड़्ी है. इि​िे पप्पू यादव को पाि िाना भी उनकी जर्रत है. िाि 2008 मे्माक्ि्सवादी कम्युसनस्ट पाट्​्ी के सवधायक अजीत िरकार की हत्या के आरोप िे िाजायाफ्ता पप्पू यादव िाि 2009 का चुनाव नही् िड़् िके. िुप्ीम कोट्स िे बरी होने के बाद िाि 2014 मे्िोकिभा चुनाव िे पहिे वह राजद मे् शासमि हुए. इिके पहिे पप्पू िपा, एिजेएनपी और सनद्ि स ीय चुनाव िड़ चुके है्. सहंदुस्ानी आवाम मोच्ास बनाकर पूव्स मुस्यमंत्ी जीतन राम मांझी भी मैदान मे्है्. बीते 8 मई को पाट्​्ी को घोषणा िे मांझी गदगद है्. नीतीश कुमार ने इस्​्ीफा देकर मांझी को कुि्ी पर सबठाया था. पर बाद मे् नीतीश ने मांझी सकनारे कर सदया. बीते 11 जून को भाजपा के िाथ मांझी ने गठबंधन का भी एिान कर सदया. मांझी का राजनैसतक अतीत 35 िािो् का है. पहिी बार मांझी गया सजिे के फतेहपुर सवधानिभा क्​्ेत् िे सनव्ाससचत हुए थे. वह कांगि ्े ी नेता सबंदश े र् ी दुब,े ित्यने द् ्नारायण सिन्हा और जगन्नाथ समश्​्ा के मुसय् मंस्तत्वकाि मे्मंत्ी रह चुके है्. पूव्स केन्द्ीय मंत्ी नागमसण का दि बनाने की कहानी रोचक है. दि बदिने मे् नागमसण का कोई िानी नही. कांग्ेि, बीजेपी, जनता दि, राजद,िोजपा, जदयू, राकंपा, आजिू िमेत दज्सन बार नागमसण राजनैसतक दिो्का िफर तय कर चुके है्. िेसकन सपछिे िाि 20 नवंबर को नागमसण ने िमरि िमाज पाट्​्ी का गठन सकया है. नागमसण सबहार मे् तीिरे सवकल्प की वकाित कर रहे है्. जगदेव रथ यात्​्ा के दौरान नागमसण ने कहा,‘गठबंधन की िरकार िे िोग उब चुके है्. िािू और नीतीश की िरकार को देख चुके है्.’ यही नही्, 3 माच्स2013 को राष्​्ीय िोक िमता पाट्​्ी का गठन सकया गया है. के्न्द्ीय मानव िंिाधन सवकाि राज्यमंत्ी उपेन्द्

कुशवाहा ने जदयू िे बगावत कर रािोिपा का गठन सकया था. इिके पहिे 2009 मे्कुशवाहा ने राष्​्ीय िमता पाट्​्ी का गठन सकया था. नीतीश िे कुशवाहा का सवरोध दि के र्प मे् िामने आया. कुशवाहा ने नीतीश पर तानाशाही का आरोप िगाते हुए राज्यिभा और पाट्​्ी की िदस्यता िे इस्​्ीफा दे सदया. सफर जदयू को सशकस्​्देने के सिए नये दि का गठन सकया. िोकिभा चुनाव के पहिे 23 फरवरी को रािोिपा एनडीए का सहस्िा बन गया. इिमे् रािोिपा तीन िीटे् जीती. यही नही्, रणवीर िेना प्​्मुख ब्​्हमेश्र मुसखया की हत्या के बाद उनका भतीजा इन्द्भूषण सिंह ने राज्य िरकार

कनचले स्र् पर काय्क य त्ाओ य ्व समथ्क य ो्को लिता है कक मायावती को उनके सुख-दुख से कोई मतलब नही्है. वे ककसी की मुसीबत मे्नही्खड़्ी होती्. के मुखािफत के सिए देिी सकिान पाट्​्ी का गठन सकया. पाट्​्ी ने िोकिभा चुनाव मे्नवादा, औरंगाबाद और पाटसिपुत्ा मे् उम्मीदवार भी उतारा. िेसकन कोई नही जीता. हािांसक दिो् के उभरने के िाथ सविीन होने की भी घटनाये् होती रही है. 1993 मे्िमाजवादी क्​्ांसतिेना के नेता आनंद मोहन ने जनता दि िे अिग सबहार पीपुलि ् पाट्​्ी का गठन सकया था. िेसकन 2004 मे् कांग्ेि मे् शासमि हो गया. इिके पहिे बीपीपा का िंघष्ससदिचस्प रहा है. 1994 मे्वैशािी िोकिभा के उप चुनाव मे् आनंद मोहन की पत्नी िविी आनंद सनव्ाससचत हुयी थी. 1995 के सवधानिभा चुनाव मे् पाट्​्ी की खराब प्​्दश्सन के बाद िमता पाट्​्ी िे गठबंधन सकया. 1996 के चुनाव मे् आनंद मोहन सनव्ाससचत हुए. 1999 मे् भाजपा और

जनता दि के िाथ गठबंधन सकया. उिके अगिे िाि भाजपा और झारखंड पीपुल्ि पाट्​्ी के िाथ समिकर चुनाव िड़ा. बीपीपा दो िीटे् जीती थी. आसखर मे् बीपीपा कांग्ेि मे् सविय कर गयी. सविय के बाद भी पाट्​्ी िीडर का दि बदिने का सि​िसि​िा थमा नही. िविी िपा मे्शासमि हुयी. नेशनि जनता पाट्​्ी (आई) 9 फरवरी 2015 बनी. वैशािी के एक इंस्टीच्यूट के सनदेशक िंतिाि यादव पहिी दफा तब चच्ास मे् आये थे जब 4 नवंबर 2012 को जदयू की असधकार रैिी के सिए मुजफ्फरनगर जेि मे्बंद मुन्ना शुक्िा पर दो करोड़ र्पये रंगदारी मांगने की सशकायत दज्स कराई गयी थी. िेसकन इि बार यादव नये दि के िाथ िोगो्के िामने है्. सबहार मे् 1990 के बाद क्​्ेत्ीय दिो् का गठन तेज हुआ है. इिे क्​्ेत्ीय दिो्के गठन का स्वस्णसम काि भी कह िकते है्. दि िाि के अंतराि मे्राजद, िमता पाट्​्ी और िोजपा का गठन हुआ था, सजनके हाथो्सपछिे 25 िाि िे राज्य की बागडोर रही है. िमाजसवद रत्नाकर कहते है्, ‘असधकांश क्​्ेत्ीय दि व्यब्कतवाद और पसरवारवाद का प्​्सतसनसधत्व करते है्. यह िोकतंत्के सिए िही नही्है. पसरवारवाद भी राजतंत्ही है. इनिब का नुकिान आसखर मे्जनता को उठाना पड़ता है.. िोकतंत् के नाम पर क्​्ेत्ीय दि आते है्. पर वास्​्व मे् वह राजनीसतक महत्वकांक्ा, राजनैसतक िौदेबाजी और जमीन तिाशने का काम करता है. इिमे्जनता का सहत नही्होता. बहरहाि, क्​्ेत्ीय दिो्के उभरने के अच्छे और बुरे दोनो्अनुभव रहे है.् ताि्ब्ु है सक सजि जासत, पसरवारवाद और व्यब्कतवाद का सवरोध कर नेता नये दि का गठन करते है्, वह नये दि के अस्​्सत्व मे्आते ही उिी पुरानी बीमारी के सगरफ्त मे्आ जाते है्. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 25


पंजाब

चुनाव क्​्ेत्के दौरे पर अवमरंदर िसंह : जी तोड्कोिरर

कैप्टन की आव्िरी करवट कैप्रन अमदरंिर दसंह इन दिनो्कई स्​्रो्पर कड़ी मेहनत कर रहे है्. कांग्ेस मे्अब उनकी वह हैदसयत नही्है इसदलए कभी उनके भारतीय जनता पार्​्ी मे्जाने की बात चलती है तो कभी चच्ाष होती है की दसि्फवही राज्य मे्कांग्ेस को बचा सकते है्. मनोज ठाकुर

न सदनो्चंड़ीगढ़ मे्नेताओ्की आवाजाही िे दबे पैर चुनावी मौिम की शुर्आत होती सदख रही है. ऐिे मौिम मे् पूव्स िीएम कैप्टन अमरे्द् सिंह अपने िारे एशोआराम छोड़ कर कड़ी मेहनत करते सदख रहे है. वह राजा जो िीएम होते हुए अपनी मज्​्ी िे चिता था, आज धूि भरी गम्सहवाओ्के बीच पंजाब मे् जनिपंक्फ असभयान चिाए हुए है्. पचहतर िाि की उम्​् मे् उनका जोश देखते ही बनता है. सिंह कहते है् सक यह बदिाव का दौर है. उनके िमथ्सक भी जोश मे्जोरदार नारा िगाते

26 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

है्. िमथ्सको् के इि जोश की एक नही् बब्लक दो वजहे्है्. उनके िमथ्सक जानते है्, नेता एक िाथ दो बदिाव की बात कर रहे है्. पाट्​्ी के भीतर और प्​्देश की सियाित मे्. वे एकिाथ दो मोच्​्ो् पर दो चार कर रहे है्. पाट्​्ी मे् अब उनकी पहिे जैिी पकड़ नही्रही. वह भी तब जब उन्हो्ने िोकिभा चुनाव मे्अमृतिर िीट िे भाजपा के सदग्गज अर्ण जेटिी को करारी हार दी. प्​्चंड बहुमत पाने के बाद भी भाजपा उन्हे् भूि नही् पा रही है. इि जीत के बाद भी पूव्स िीएम की डगमगाती सियािी कि्ती को सकनारा नही्समि रहा है. पाट्​्ी मे्जब िे युवा

नेताओ्का आगे िाने की बात चिी है, तभी िे िीसनयर कांग्ेिी हासशये पर है्. कैप्टन भी इिी तरह की सिस्ट मे् शासमि है. जब िे प्​्देश कांग्ेि अध्यक्​् प्​्ताप सिंह बाजवा को बनाया गया तब िे कैप्टन कोपभवन मे् थे. कैप्टन हमेशा कड़ा सनण्सय िेते है्. एक झटके मे् कांग्ेि को छोड़ कर उन्हो्ने आपरेशन ल्िू स्टार के सखिाफ आवाज बुिंद कर दी थी. िाि 1984 के इि दौर मे्उन्हो्ने अपनी पाट्​्ी बना िी थी. िेसकन ज्यादा कामयाब नही् हो पाये. िाि 1999 मे्वे दोबारा कांग्ेि मे्आये. तब िाि 2000 मे् उन्हे् पंजाब कांग्ेि का अध्यक्​् बनाया गया.


िाि 2002 के पंजाब चुनाव मे् कैप्टन को वापि आये थे. अब ये एक गुजरे जमाने की बात हो चु की है . िे सकन अब जबसक सवधानिभा चु नाव मे् डे ढ़ िाि रह गया, उन्हे् बाहर आना ही पड़ा. वे यह बात अच्छी तरह जानते है् सक अगर वे िस्​्कय नही् हुए तो दु बारा उन्हे् यह मौका नही् समिे गा. अकािी दि भाजपा गठबंधन िे दो बार मात खाने के बाद उन्हे् जमीनी हकीकत का अहिाि भी हो गया. हािां सक दोनो ही सवधानिभा चु नाव कै प्ट न के ही ने तृ त्व मे् हु ए . िे सकन दोनो् ही बार कै प्ट न चू क गये . इि बार के सवधानिभा चुनाव मे् उन्हो्ने हार की कल्पना तक भी नही् की थी.सियाित मे् कई बार आप जो िोचते नही्वह भी हो जाता है. िाि 2009 के पंजाब सवधानिभा चुनाव मे् कांग्ेि और कैप्टन के िाथ कुछ ऐिा ही हु आ . इिी तरह की गिती उन्हो्ने िाि 2007 के सवधानिभा चुनाव मे् की थी. तब उन्हे् महिू ि हु आ सक कां ग्े ि शायद िीएम की िीट पर सकिी दूिरे कांग्ेिी को सबठाएगी. इि बीच वह चुनाव मे्पासकस्​्ान की मसहिा पत्​्कार अर्षा आिम के िाथ अजमे र शरीफ की यात्​्ा पर सनकि गये . जब िौटे तब तक पं जाब के मतदाता ने कां ग्े ि को ित्​्ा िे बाहर करने का ऐिान कर सदया था. सपछिी घटनाओ् िे िबक िेते हुए इि बार कैप्टन कोई सरस्क िेने के मूड मे्नही्है. यही् वजह है सक वह इन सदनो् पंजाब की धूि फांक रहे है्. उन्हे् पाट्​्ी काय्सकत्ासओ् का भी जबरदस्​् िमथ्सन समि रहा है. आजकि वह जहां भी जाते है िमथ्सको् की अच्छी खािी भीड़ उनके पीछे नजर आती है. इिके बाद भी पाट्​्ी उन्हे् नेतृत्व मौका देने के सिए तैयार नही् है. ऐिे मे् कैप्टन ने अब सियािी व्यहू रचना करना शुर् कर सदया है. उनके खाि िमथ्सक अब कांग्ेि को िपेट रहे है्. उनका कहना है सक कैप्टन ही कांग्ेि को बचा िकते है्. इि तरह के िमथ्सक कैप्टन की बड़्ी चाि के छोटे प्यादे भर है. शतरंज के खेि की तरह इि सियािी खेि मे् के प्यादे एक बार मे् भिे ही एक चाि चिे. िेसकन कई बार यह चाि बादशाह को भी फां ि िकती है. कैप्टन भी इिी कोसशश मे्नजर आ रहे है्. तभी तो उनके िमथ्सक आज कि नया सियािी सशगूफा फे्क रहे है्. उनका नेता भाजपा मे्जा रहा है. इिके सिए कई तरह के तक्फ सदये जा रहे है्. मि​िन भाजपा के पाि सिख फेि नही् है. भाजपा जो अभी पंजाब मे्अकािी दि के

िाथ िरकार मे् है्, यसद अकेिे चुनाव िड़ती है तो उन्हे् इिकी िस्त जर्रत है. कैप्टन के भाजपा मे्आने िे दो गसणत ठीक होगी. एक तो कांग्ेि कमजोर होती है. दूिरा, कैप्टन की काट अकािी दि के पाि भी नही्है. अकािी दि की यह दूिरी सियािी पारी है. पंजाब का मतदाता इि बार कड़ा फैि​िा िेने के मूड मे् है्. भाजपा सजि तरह िे प्​्देश मे् तेवर सदखा रही है, इिकी िंभावना ज्यादा है सक गठबंधन शायद अब ज्यादा सदनो् का मेहमान नही् है. ऐिे मे् कैप्टन के सिए भाजपा मे् जाना काफी िंभावनाओ् िे भरा िगता है. प्​्देश कांग्ेि मे् उनकी पकड़ है. पंजाब सवधानिभा मे् 117 िदस्यो् मे् िे कांग्ेि के 43 है. इिमे् िे 36 एमएि खुिे तौर पर कैप्टन के िाथ है. प्​्देशाध्यक्​्बाजवा के िाथ कांग्ेि के तीन चार सवधायक ही है. बाकी सवधायक देखो और इंतजार करो सक तज्स पर है. कैप्टन के िाथ चिने वािे सवधायक सकिी भी हद तक जा

कांगस ्े की भी मजबूरी है. उसके पास भी कैपट् न का कवकक्प कफलहाल नही्है. ऐसे मे्बड़ी बात नही्कक पाट्​्ी एक बार कफर से कैपट् न पर अपना दांव लिा दे. िकते है. अभी तक तीन सवधायक तो ऐिे है्, जो यह बोि रहे है् सक उनका नेता कांग्ेि मे् रहे या दूिरी जगह जाये, या सफर अपनी पाट्​्ी बनाये, वे हर जगह उनके िाथ है. िेसकन इिमे् बड़ा िवाि ये है सक क्या कैप्टन ऐिा करे्गे. कम िे कम अपनी बातचीत मे् तो कैप्टन यह बात नही् मानते. इिके िाथ ही यह बात कहने िे भी वे नही् चूकते सक राजा जी को कम िे कम इि बार िीएम तो बनना ही चासहये. अब यह कैिे िंभव होगा. इि िवाि पर कैप्टन अमृतिर की जीत का उदाहरण दे देते है्. िेसकन पंजाब अमृतिर नही्, अमृतिर पंजाब नही्है. कैप्टन इि बात को अच्छी तरह जानते है्. तभी तो वे् बहुत ही िधी हुई चाि चि रहे है्. पूरी कोसशश है सक कांग्ेि उन्हे् िीएम कै्सडडेट बनाये. जनिभाओ् के पीछे यही रणनीसत काम कर रही है. क्यो्सक कैप्टन और उनके िमथ्सक जानते है्राजा के सिए इि सियािी जंग को फतेह करने का ये आसखरी मौका है. इि बार चूके तो शायद यह मौका सफर न समिे. नौ िाि ित्​्ा िे बाहर रहने के बाद उन्हे्यह अहिाि अच्छी तरह िे हो गया है. पंजाब मे्कांग्ेि भी ज्यादा जोसखम िेने की

ब्सथसत मे् नही् है. हसरयाणा का उदाहरण िामने है्. सकि तरह िे पाट्​्ी के बड़े नेता एक-एक कर भाजपा के पािे मे् जा खड़े हुए थे. पसरणाम िब के िामने है्. कम िे कम पंजाब मे्कांग्ेि ऐिा नही्होने देगी. एक बड़ा िवाि ये भी है सक क्या कांग्ेि कैप्टन को िीएम कै्सडडेट घोसषत करेगी. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी ही होगी. सियािी माहौि कौन िी करवट िे रहा है? पाट्​्ी के नेता सकि ओर जा रहे है्? िमथ्सक क्या चाहते है्? इन िभी का गुणाभाग सकया जा रहा है. यूं तो अभी चुनाव मे् िमय है. इिसिए पाट्​्ी िोच िमझ कर ही कोई कदम उठाने के मूड मे्है्. कांग्ेि के सिए ये राहत की बात यह है सक कम िे कम भाजपा के स्थानीय नेता कैप्टन को पाट्​्ी की ओर िे िीएम कै्सडडेट शायद ही घोसषत होने दे्. भाजपा मे् भी इन सदनो् कई ऐिे चेहरे है सजनके मन मे् यह िपना कुिांचे मार रहा है. ऐिे मे् वे् सकिी भी कीमत पर नही् चाहे्गे सक कैप्टन को िीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाये. उनकी पूरी कोसशश है सक कम िे कम िीएम तो भाजपा का ही होना चासहये. भाजपा की यही्िोच कैप्टन की राह सक िबिे बड़ी अड़चन बन कर उभर रही है. क्यो्सक िीएम िे कम िे कोई भी जाने को तैयार नही् है. हािांसक भाजपा उन्हे्एक सवकल्प जर्र दे िकती है वह है, के्द्मे्समसनस्टर का. िेसकन उनकी अि​िी स्वासहश तो िीएम बनना है. इिी िोच के िाथ कैप्टन इन सदनो् पंजाब मे् िस्​्कय हो गये है्. उनकी कोसशश है सक पाट्​्ी आिा कमान के िामने खुद को िासबत सकया जाये. इि बात का यकीन सदिाया जाए सक कैप्टन का वक्त अभी गुजरा नही्है. अब दे ख ना यह है सक कां ग्े ि आिा कमान उनके दम ठोकने की ओर ध्यान देता है या सफर हसरयाणा की तरह यहां भी िब कुछ वक्त के हाथ मे् छोड़ देते है्. कांग्ेि की भी मजबू री है , उनके पाि भी कै प्ट न का सवकल्प सफिहाि नही् है. ऐिे मे् बड़ी बात नही् सक पाट्​्ी एक बार सफर िे कै प्ट न पर अपना दां व िगा दे . कहते है् राजनीसत िंभावनाओ् व असनस्​्ितता का दौर है. और यही् असनस्​्ि तता इन सदनो् पं जाब की सियाित, कां ग्े ि व भाजपा मे् है्. अब यह असनस्​्ितता सकिकी िंभवाना मजबूत करती है, यह आने वािा वक्त ही तय कर पायेगा. िेसकन एक बात तो िाफ है, इि िब के बीच, कैप्टन की शायद यह आसखरी जंग है. क्यो्सक िगता नही् वक्त अब उन्हे् इि​िे ज्यादा और मौका देगा. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 27


मध्य प्​्देश

चुनाव क्​्ेत्के दौरे पर अवमरंदर िसंह : जी तोड्कोिरर

वरव से दूर कैलार

कैलाश दवजयवग्​्ीय के के्द्मे्जाने के साथ दशवराज दसंह चौहान की राह का रोड़ा दिलहाल िूर हो गया, लेदकन यह भी आशंका है दक वे दशवराज पर अब ज्यािा कठोर दशकंजा कस सकते है्.

सुनील राउत/ अपवनाश पसंह चार जुिाई को तीन हज़्ार गास्ड़यो्के कासफिे के िाथ जब कैिाश सवजयवग्​्ीय इंदौर िे भोपाि के सिए रवाना हुये. उनकी इि ‘शब्कत प्​्दश्सन यात्​्ा’ के दौरान िूबे के सजतने सहस्िे िे वे गुजरे वहां उनके िम्मान मे् उतरे जनिमूह के जसरये अपनी शब्कत का िंदेश तो दे ही सदया.इि जन िमुदाय के िमथ्नस ने यह िासबत कर सदया सक वे एक बहुत अच्छे आयोजक ही नही् प्​्बंधक भी है्. सशवराज के ओर िे बाहर सनकिने के सिए छटपटा रहे कैिाश सवजयवग्​्ीय की मानो मुराद पूरी हो गयी है और इिकी पुस्ि वो पूरी यात्​्ा मे् पत्​्कारो् के पूछे िवाि के जवाब मे् यह कहकर करते रहे सक उन्हो्ने इस्​्ीफे की पेशकश कर दी है, सशवराज 28 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

सिंह जब चाहे् तब मेरा इस्​्ीफा स्वीकार कर िकते है्. एक हफ्ते मे् के्द् िे दो बड़्ी सजम्मेदासरयां समिने के बाद सवजयवग्​्ीय पहिी बार अपने प्​्देश पहुंचे तो उनके इंतजार मे्पिके्सबछाये सशवराज ने उन्हे् आते ही गिे िगा सिया. पर देखने वािो्ने इि ‘भरत समिाप’ मे्भी दूसरयां देख िी. भोपाि मे्इि काय्सक्म का आयोजन कैिाश के िम्मान मे् रखा गया था. पर यहां मौजूद नेताओ् के भाषणो् िे यह ‘सवदाई काय्सक्म’ ज्यादा िग रहा था. सवजयवग्​्ीय ने भी इशारो्-इशारो् मे् राज्य िे सियािी सवदा िे िी. िाथ ही, उन्हो्ने जाते-जाते ये भी जता सदया सक मंच पर बैठे ज्यादातर नेता उनकी वजह िे यहां है्. मंच िे जब वह बोि रहे थे तो उनके उदगार थे- ‘भिे ही नंदकुमार चौहान को मै्ने

पाट्​्ी प्​्देश अध्यक्​् बनवाया हो पर मै् अपनी औकात नही्भूिूंगा, भिे ही महािसचव के नाते पूरे देश मे् गुंडागद्​्ी करं्गा िेसकन राज्य मे् अपनी औकात मे्ही रहूंगा’ दरअि​ि अपना िामथ्य्स सदखाकर वो सकि पर तीर चिा रहे थे यह िमझने वािे िमझ गये और सियािी पंसडतो् ने इिके दूरगामी पसरणामो् का आकिन भी कर सिया. भिे ही के्द् मे् समिी सजम्मेदारी के सशवराज िमथ्सक उनके ‘मास्टर स्ट्ोक’ के तौर पर देख रहे हो्. पर कैिाश िमथ्सक इि बदिाव को सवजयवग्​्ीय की एक बड़्ी उपिब्लध मान रहे है्. हािांसक इतना तो िाफ हो गया है सक सदल्िी मे् सशवराज सवरोसधयो् को िामबंद होने का एक मौका जर्र समि गया है. कैिाश सवजयवग्​्ीय और सशवराज सिंह


दोनो्िंघ प्​्चारको्के स्​्पय नेता रहे है्. पर दोनो् के गुट अिग है्. इिी के चिते कैिाश सवजयवग्​्ीय िूबे की राजनीसत िे बाहर सनकिकर केन्द्की राजनीसत करना चाहते थे. सशवराज और सवजयवग्​्ीय के सरि्ते हमेशा िे ही अिमान्य रहे है् पर हासिया वक्त मे् दोनो् के बीच टकराव खुिकर सदखने िगा था. भाजपा के अंदर्नी िूत्ो् की माने् तो सशवराज इन िंकटो के सिए खाितौर पर कैिाश सवजयवग्​्ीय को सजम्मेदार मान रहे है्. राजनैसतक हिको्मे्कैिाश सवजयवग्​्ीय और व्यापम घोटािे को उठाकर मध्यप्द् श े मे्अपनी राजनैसतक जमीन मजबूत करने मे् जुटे पूव्स मुस्यमंत्ी सदब्गवजय सिंह की घसनि्​्ता सकिी िे छुपी नही्है्. इन्ही्हािात के चिते मुस्यमंत्ी सशवराज सिंह चौहान ने हासिया प्​्शािसनक फेरबदि मे् कैिाश सवजयवग्​्ीय के पर कतरने मे्देर नही् की और सवजयवग्​्ीय के खाि अफिरो् को बदिकर इि बात के िंकेत भी दे सदये. यहां तक सक मुस्यमंत्ी ने खुद इंदौर आकर पुसिसिया असधकासरयो्को फ्​्ी हैण्ड देने िे पहिे इंदौर की कानून व्यवस्था की िमीक्​्ा करते हुए यह कह डािा सक अब गुंडे रहे्गे या सशवराज. अफिरो् के तबादिो् के िाथ ही सवजयवग्​्ीय और इंदौर के नये डीएम, नये डीआईजी के बीच की टि​ि भी सचस्​्टयो् और िोशि नेटवस्कगि् िाइर्ि के जसरये िाव्ज स सनक हो चुकी है. इधर मेट्ो पसरयोजना िे पहिे िे दूर रखे गये कैिाश सवजयवग्​्ीय को नगरीय प्​्शािन मंत्ी होने के बावजूद उि्​्ैन मे् होने वािे सिंहस्थ 2016 की तैयासरयो् िे भी दूर करने की कोसशशे्हुई्, िीएम ने अकेिे उि्​्ैन जाकर असधकासरयो् की बैठके् िेकर सवजयवग्​्ीय को दरसकनार करने मे्कोई कोरकिर नही् छोड़्ी. इधर िूबे की सियाित िे परे हटकर सवजयवग्​्ीय ने भी व्यापम घोटािे मे् असभयुक्तो् और गवाहो् की मौत के मामिे की जांच अदाित की सनगरानी कराने का बयान देकर अपनी मंशा को जासहर कर सदया. राज्य की बदिती राजनीसतक पसरब्सथसतयो् के बीच सवजयवग्​्ीय का राष्​्ीय महािसचव बनना सशवराज के सिये पाट्​्ी के भीतर सकिी नयी चुनौती िे कम नही् माना जा रहा है. वसरि्​् पत्​्कार दीपक सतवारी भी इि बात की तस्दीक करते है् सक उनकी माने् तो ‘राष्​्ीय राजनीसत मे्भाजपा पहिी बार स्थासयत्व मे्है, यही कारण है सक राज्य मे् दूिरा पावर िे्टर तैयार सकया जा रहा है, और कैिाश सवजयवग्​्ीय एक िोकस्​्पय नेता है तो उनके

सीडी कांड मे्जेल से लौटे राघव जी पाट्​्ी से बाहर है्और व्यापम मामले मे्जेल की हवा खा रहे लक्म् ीकांत शम्ाय की जमानत कब होिी कोई नही्जानता िाथ बाकी िोगो् के खड़्े होने की िंभावनाये् भी है्. पहिे भाजपा और िंघ राज्य मे् दूिरा पावर िे्टर नही्बनाना चाहता था, िेसकन अब ऐिा नही् रहा. इि​िे के्द्ीय नेतृत्व िूबे की सियाित मे्एक बैिे्ि बनाने का काम कर रहा है जो अभी तक पाट्​्ी के भीतर नही्था’. वैिे अपनी कूटनीसत िे सशवराज ने पहिे भी राज्य िे अपने सियािी शत्​्ुओ् को बड़्ी चािाकी िे सनपटाया है, उनकी घोर सवरोधी उमा भारती को वे पहिे ही राज्य िे ‘सियािी िंन्याि’ सदिा चुके है्, प्​्भात झा को भी प्​्देश के बाहर करा चुके है्, अटि सबहारी के भांजे अनूप समश्​्ा और उमा भारती के करीबी प्​्हिाद पटेि को िांिद बनाकर प्​्देश की सियाित िे काट सदया है, िीडी कांड मे्जेि िे िौटे राघव जी पाट्​्ी िे बाहर है्और व्यापम मामिे मे्जेि की हवा खा रहे िक्​्मीकांत शम्ास की जमानत कब होगी कोई नही् जानता. बचे नरे्द् सिंह तोमर तो उन्हे्भी के्द्ीय मंत्ी बनाकर प्​्देश की सियाित िे सवदाई सदिा दी और कैिाश सवजयवग्​्ीय को के्द्के िंगठन मे्व्यस्​्करा सदया. पर सवजयवग्​्ीय की सवदायी उतनी िामान्य नही्है सजतनी इि​िे पहिे के नेताओ् की रही है क्यो्सक सवजयवग्​्ीय और सशवराज मे् कई िमानताये्है्मि​िन दोनो्ही िंघ की पौध

है्, दोनो् ने सियािी सशक्​्ा छात्​् जीवन िे ही िेनी शुर्कर दी थी, दोनो्का सियािी कसरयर िंघष्सपूण्स रहा है, दोनो् ही जमीन िे जुड़्े और िोकस्​्पय नेता है्. िाथ ही दोनो्ने हर मौके पर पाट्​्ी के िामने खुद को िासबत सकया है, एक िामान्य सकिान के बेटे िे िीएम की कुि्ी तक पहुंचा है् और दूिरा मजदूर के बेटे िे िंगठन के शीष्सस्थ पदो्मे्िे एक पर और िबिे बड़्ी बात ये सक दोनो् ही िफि प्​्बंधक और आयोजक है्. इिी वजह िे सशवराज सवरोसधयो् को भी िगता है सक कैिाश ही ऐिे नेता है्जो सशवराज सिंह को चुनौती दे िकते है्. िूबे मे् इंफोसि​ि को िाने के मामिे मे् सशवराज सिंह के बराबर कद की तुिना मे् कैिाश सवजयवग्​्ीय को पेश सकया गया. मध्य प्​्देश मे् इंफोसि​ि के पांव पिारने पर राज्य का काफी नाम हुआ था. प्द् श े मे्सनवेश का माहौि बढ़्ाने मे् ये कदम महत्वपूण्स आंका गया. पर इिमे् एक सववाद भी जुड़्ा. इंदौर इंफोसि​ि कै्पि के सशिान्याि के बाद जारी एक एड पर जोरो्की चच्ास शुर् हो गई सजिमे् िीएम सशवराज सिंह के िाथ वासणज्य मंत्ी कैिाश सवजयवग्​्ीय भी शासमि थे. सजि तरीके िे कैिाश को इि एड मे् दश्ासया गया उि​िे यह िंदेश गया सक इंफोसि​ि को िाने मे् उनकी ही अहम भूसमका है. इि एड मे् कैिाश इंफोसि​ि के नारायण मूस्तस िे हाथ समिाते हुए सदख रहे है और जबसक मुस्यमंत्ी को एक सकनारे बैठे हुए सदखाया गया. इि एड के कैप्शन मे् सिखा था “धन्यवाद, नारायणमूस्तस जी...हमारे नायक के प्​्यािो को पहचान देने के सिए ” जब ये चच्ास मे् आया तो िवाि उठा सक नायक कौन है कैिाश या सशवराज?शायद िंघ और के्द्ीय नेतृत्व को भी अब िगने िगा है सक मध्य प्​्देश मे् सशवराज के एकासधकार पर कैिाश ही अंकुश िगा िकते है्. अगर व्यापम की आंच मे्सशवराज की बसि चढ़्ती है तो पाट्​्ी सशवराज के सवकल्प के तौर पर कैिाश सवजयवग्​्ीय को िामने िा िकती है. वैिे भी दूिरे बड़्े नेता बाबूिाि गौर की उम्​्75 िे ज्यादा है. भोपाि आगमन पर बीजेपी राष्​्ीय अध्यक्​्असमत शाह ने िीधे उनकी उम्​्पूछ िी थी सजिे माना गया पाट्​्ी बुजुग्स नेताओ् िे छुटकारा पाकर युवा नेताओ्को पाट्​्ी का फेि बनाना चाहती है. ऐिे मे्जो िशक्त चेहरा उभर के िामने आता है वो कैिाश सवजयवग्​्ीय का. सशवराज और मोदी के सरि्ते भी जगजासहर है् सशवराज को आडवाणी के अनन्य भक्तो् मे् सगना जाता है, उनकी यह भब्कत कई मौको् पर फूट-फूटकर बाहर आती रही है. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 29


छत्​्ीसगढ.

उनके पलए नही् स्कूल

कही्स्कूल नही्है्तो कही्भवन नही्है और कही्रारपट्​्ी तक नही्है. नत्सल-प्​्भादवत इलाको्मे्कई साल से सरकार स्कूल ही नही्खोल पायी है. दशक्​्ा की इस बितर हालत के बीच तीन हज़ार स्कूल बंि कर दिये गये है्. रपेश कुमार ‘परपु’

त्​्ीिगढ़् के फरफौद मे् कन्या पूव्स माध्यसमक पाठशािा की छात्​्ाये् किेक्टर िे समिने आयी थी्. मुिाकात नही् होने पर इन छात्​्ाओ्ने नारेबाजी शुर्कर दी. तब कही जाकर किेक्ट्ेट के अफिरो् ने सवद्​्ािय को नही्बंद करने का ज्​्ापन सिया. 30

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

पर उन्हे्कोई आश्​्ािन नही्समिा. छात्​्ाओ् का कहना था सक स्कूि नही् खुिा तो हमे् अपनी पढ़ाई छोडनी पड़ेगी. करीब िवा िौ िे असधक छात्​्ाएं स्कि ू मे्है.् छत्​्ीिगढ़्के बहुत िारे स्कूिो् को बंद सकया जा रहा है. िमायोजन के चिते कई स्कि ू ो्पर तािा िग चुका है. इि​िे इन स्कूिो्मे्पढ़्रहे बि्​्ो्को दूिरे स्कूिो्मे्भेजा जाने िगा है. इि प्​्स्कया

िे छात्​्ो्को कई तरह की सदि्​्तो्का िामना करना पड़्रहा है. सकिी के घर िे स्कूि की दूरी बढ़् गयी है, तो सकिी स्कूि मे् पेयजि तक नही्है. इतना ही नही्बहुत िे स्कूिो्मे् शौचािय का भी बंदोबस्​् नही् है. ऐिे मे् िरकार के िमायोजन (युबक् तयुकत् करण) के चिते छात्​्ो् और उनके असभभावको् की मुब्िकिे् बढ़्ती


जा रही है्. छत्​्ीिगढ़्मे्61 हजार 453 स्कि ू है.् पर िरकारी स्कूि की ब्सथसत अब भी यही है सक टाटपट्​्ी पर बैठकर छात्​् कािीन के िपने देखे्. आजादी के इतने बरिो् बाद भी िैकड़्ो् स्कूिो् मे् बुसनयादी िुसवधाये् नही् है्. चैकाने् वािी बात यह है सक आसदवािी बहुि क्​्ेत्ो्मे् अरबो्र्पये खच्सकरने के बाद भी िरकार ढंग के स्कूि नही्बना पा रही है. स्कूि का नाम है, पर भवन नही् है. पय्ासप्त शैक्सणक िुसवधाये नही्है. इन िबके बावजूद िरकार ने 2918 स्कूिे्बंद कर पढ़्ने वािे सवद्​्ास्थसयो् को दूिरे स्कूिो्मे्िमायोसजत कर सदया है. प्​्देश के िभी सजिो् मे् सशक्​्ा की ब्सथसत करीब एक िी है. पर बस्​्र िंभाग की हाित बद िे बदतर हो चिी है.सशक्​्ा मंत्ी केदार कि्यप इिी िंभाग िे है्. रायपुर िे तीन िौ सकिोमीटर दूर बस्​्र के नंदपूरा गांव मे् नंदपूरा हाई स्कूि है. जहां प्​्ाथसमक, माध्यसमक और हाई स्कूि के िभी बि्​्ेटाट पर ही बैठकर पढ़ाई करते है. यहां के हािात

करीब नौ सौ से ज्यादा प्​्ाथकमक, 350 माध्यकमक और 137 हाईस्कल ू और 345 उच्त् र माध्यकमक स्कल ू ो्मे् शौचालय ही नही्है.् िाफ़ बता रहे है सक इन स्कूिी बि्​्ो्के अच्छे सदन आने मे् अभी वक्त है. बस्​्र िंभाग मे् करीब 514 प्​्ाथसमक स्कूि है्. इिके अिावा 115 माध्यसमक और 49 हाईस्कूि, 53 उि्​्तर माध्यसमक स्कूि है्सजनके पाि खुद की इमारत नही् है्. इिी तरह करीब तीन िौ िे ज्यादा प्​्ाथसमक, 900 माध्यसमक, 94 हाईस्कि और 361 उि्​्तर माध्यसमक स्कूिो्मे्सबजिी नही्है. इतना ही नही्करीब नौ िौ िे ज्यादा प्​्ाथसमक, 350 माध्यसमक और 137 हाईस्कूि और 345 उि्​्तर माध्यसमक स्कूिो्मे्शौचािय ही नही्है्. इन स्कूिो्मे्पेय जि की िुसवधा नही्है. ऐिे मे् इन स्कूिो्मे्बुसनयादी िुसवधाओ्का अकाि है. इन हािात मे् सशक्​्ा के क्​्ेत् मे् आउटिोस्िा्ग की िंभावनाओ्को तिाश रही िरकार के िामने बस्​्र मे् स्कूिो् की दशा िुधारने की बड़ी चुनौती है. इिकी वजह असधकांश स्कूिो् का नक्िसियो् का सशकार बन जाना है्. बस्​्र िंभाग मे्बीते 13 िाि मे्

िही् है नशक्​्क

रायपुर िे डेढ़् िौ सकिोमीटर दूर िरायपािी के शािकीय हायर िेके्ड्ी स्कूि केदुवां मे् सवद्​्ाथ्​्ी है्पर 16 सशक्​्को्की कमी है. एक हजार छात्​्ो्के सिए स्कूि की भी इमारत नही्है. सवज्​्ान िमूह के भौसतक,रिायन, जीव सवज्​्ान, वासणज्य एवं किा सवषय के अिावा अथ्श स ास्​् भूगोि के भी सशक्​्क नही्है्. इिी तरह कांकेर सजिे के ग्​्ाम िे्डारा के स्कूि मे्14 सशक्​्को् की की जगह केवि 6 सशक्क ् है. ग्​्ामीणो्ने किेकट् र शम्मी आसबदी को ज्​्ापन िौ्पकर अवगत कराया सक सपछिे दि िाि िे सशक्​्को के पद खािी है्. चारामा क्​्ेत्के ग्​्ाम पंचायत सपपरौद के पूव्समाध्यसमक शािा बोदेिी मे्छठवी्िे आठवी्तक की कक्​्ाये्चि रही है्. कई िािो् स्कूि मे्गसणत के सशक्​्क का पद खािी है. रायगढ़्सजिे मे्राष्​्ीय माध्यसमक सशक्​्ा समशन ने 57 हाईस्कूि सबब्लडंगो्के सनम्ासण की स्वीकृसत दी गयी थी. िाि 2008-09 िे िेकर 1011 के बीच 57 हाईस्कूि भवन सनम्ासण के सिए रासश जारी की गयी थी. पर चार िाि बाद भी हाईस्कूि भवन सनम्ासण नही्हो िका.वही्सनम्ासण काय्समे्िेटितीफी होने िे सनम्ासण काय्सकी िागत बढ़्रही है. इि िच को नकारा नही्जा िकता सक प्​्देश मे्स्कूि सशक्​्ा की बद्तर कहानी व्यवस्था की सिखी हुई है्. सशक्​्ा सवकाि का िूचकांक नक्ि​ि प्​्भासवत क्​्ेत्के िभी स्कूिो्मे्नीचे िे नाम दज्सहोता है.्बावजूद इिके िरकार की इि नयी व्यवस्था के बाद भी सशक्​्ा मे्गुणात्मक सवस्​्ार होने की िंभावना कम सदख रही है, इिसिए सक प्​्देश मे्हजारो्स्कूिो्मे्बुसनयादी िुसवधाओ् का अभाव है्.

नक्िसियो् के खौफ के चिते करीब िारे स्कूिो्मे्तािा िग गया. इिकी वजह यह है सक िुरक्​्ा बि इन स्कूिो् को ही अपना आसशयाना बनाते थे, इिसिये माओवासदयो्ने स्कूिो् को सनशाना बनाकर उिका वजूद ही समटा सदया. छात्​्ो् और अध्यापको् के िमायोजन के

तहत जगदिपुर सजिे के 188 स्कूि बंद कर सदये गये है. सजिमे् 46 प्​्ाथसमक और तीन हाई स्कूि शासमि है. इि​िे छात्​्ो् के िामने िमस्या पैदा हो गयी है. अब उन्हे्अपने गांव िे पढने दूिरे गांव जाना पड़्ेगा. नक्ि​िी इिाका होने िे असभभावक खौफजदा है्. गंजहागुड़्ा का समसडि स्कूि बंदकर इिका शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 31


छत्​्ीसगढ् रपेश कुमार ‘परपु’

त्​्ीिगढ़् के फरफौद मे् कन्या पूव्स माध्यसमक पाठशािा की छात्​्ाये् किेक्टर िे समिने आयी थी्. मुिाकात नही् होने पर इन छात्​्ाओ्ने नारेबाजी शुर्कर दी. तब कही जाकर किेक्ट्ेट के अफिरो् ने सवद्​्ािय को नही्बंद करने का ज्​्ापन सिया. पर उन्हे्कोई आश्​्ािन नही्समिा. छात्​्ाओ् का कहना था सक स्कूि नही् खुिा तो हमे् अपनी पढ़ाई छोडनी पड़ेगी. करीब िवा िौ िे असधक छात्​्ाएं स्कि ू मे्है.् छत्​्ीिगढ़्के बहुत िारे स्कूिो् को बंद सकया जा रहा है. िमायोजन के चिते कई स्कि ू ो्पर तािा िग चुका है. इि​िे इन स्कूिो्मे्पढ़्रहे बि्​्ो्को दूिरे स्कूिो्मे्भेजा जाने िगा है. इि प्​्स्कया िे छात्​्ो्को कई तरह की सदि्​्तो्का िामना करना पड़्रहा है. सकिी के घर िे स्कूि की दूरी बढ़् गयी है, तो सकिी स्कूि मे् पेयजि तक नही्है. इतना ही नही्बहुत िे स्कूिो्मे् शौचािय का भी बंदोबस्​् नही् है. ऐिे मे् िरकार के िमायोजन (युब्कतयुक्त करण) के चिते छात्​्ो् और उनके असभभावको् की मुब्िकिे् बढ़्ती जा रही है्. छत्​्ीिगढ़्मे्61 हजार 453 स्कि ू है.् पर िरकारी स्कूि की ब्सथसत अब भी यही है सक टाटपट्​्ी पर बैठकर छात्​् कािीन के िपने देखे्. आजादी के इतने बरिो्बाद भी िैकड़्ो् स्कूिो् मे् बुसनयादी िुसवधाये् नही् है्. चैकाने् वािी बात यह है सक आसदवािी बहुि क्​्ेत्ो्मे् अरबो्र्पये खच्सकरने के बाद भी िरकार ढंग के स्कूि नही्बना पा रही है. स्कूि का नाम है, पर भवन नही् है. पय्ासप्त शैक्सणक िुसवधाये नही्है. इन िबके बावजूद िरकार ने 2918 स्कि ू े्बंद कर पढ़्ने वािे सवद्​्ास्थयस ो् को दूिरे स्कूिो्मे्िमायोसजत कर सदया है. प्​्देश के िभी सजिो् मे् सशक्​्ा की ब्सथसत करीब एक िी है. पर बस्​्र िंभाग की हाित बद िे बदतर हो चिी है.सशक्​्ा मंत्ी केदार कि्यप इिी िंभाग िे है्. रायपुर िे तीन िौ सकिोमीटर दूर बस्​्र के नंदपूरा गांव मे् नंदपूरा हाई स्कूि है. जहां प्​्ाथसमक, माध्यसमक और हाई स्कूि के िभी बि्​्ेटाट पर ही बैठकर पढ़ाई करते है. यहां के हािात िाफ़ बता रहे है सक इन स्कि ू ी बि्​्ो्के अच्छे सदन आने मे् अभी वक्त है. बस्​्र िंभाग मे् करीब 514 प्​्ाथसमक स्कूि है्. इिके अिावा 115 माध्यसमक और 49 हाईस्कूि, 53 32 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

क्या है समायोजि

िमायोजन की प्​्स्कया मे्िरकार छात्​्ो्और अध्यापको्को िही अनुपात मे्उसचत स्कूिो् मे्िमायोसजत कर रही है. इि प्​्स्कया मे्कई स्कूिो्को कम छात्​्िंस्या की वजह िे और अध्यापको्की कमी िे दूिरे स्कूिो्मे्स्थानांतसरत सकया जा रहा है.

गैर वानजब समायोजि

िमायोजन के तहत आरंग के फरफौद कन्या पूव्स माध्यसमक शािा को बंद कर शािकीय बािक पूव्समाध्यसमक शािा मे्मज्सकर सदया गया. जबसक यह स्कूि 11 िाि िे चि रहा है. छठवी् िे िेकर आठवी् तक की कक्​्ा िगती रही है. इि स्कूि को आदश्स स्कूि का दज्ास प्​्ाप्त था. फरफौद कन्या पूव्स माध्यसमक शािा की छात्​्ाये् अपने स्कूि को नही् बंद सकये जाने की मांग कर रही है्. करीब िवा िौ िे असधक छात्​्ाएं स्कूि मे्है. छात्​्ाओ्का आरोप है सक नयी व्यवस्था मे्प्त्य् क े कक्​्ा मे्70 िे 80 बि्​्ेहो जायेग् .े इि​िे पढ़्ाई प्भ् ासवत होगी.उन्हे्िड़्को्के िाथ पढ़्ने मे्अिुसवधा हो रही है.इि​िे कई िड़्सकयो्ने स्कूि आना छोड़्सदया है. यही ब्सथसत बिौदा सवकािखंड के ग्​्ाम पंचायत सिवनी-चांपा के कन्या हायर िेकड ं री स्कि ू का है. इिका िमायोजन बािक हायर िेकड े् ्ी स्कि ू मे्सकया गया है. सजि​िे छात्​्ाओ्मे्नाराजगी है्.

झोपड्ी मे् लग रही है् स्कूले्

प्​्देश का िबिे िंवेदनशीि इिाका है नारायणपुर. इि सजिे मे्150 स्कूिो्के पाि भवन नही्है्. घरो्मे्या सफर झोपसड़्यो्मे्स्कूि चि रहे्है्. अबूझमाड़्के चार प्​्ाथसमक शािा पुंिािामा, आमािरा, आंदोपारा और िेकवाड़् के स्कूि ग्​्ामीणो् के घरो् मे् चि रहे है्. अबूझमाड़्मे्स्कूिो्का िबिे बुरा हाि है. माड़्के असधकांश गांवो्मे्िरकारी स्कूि तक पहुंच माग्सनही्होने की वजह िे बि्​्ो्को नक्िसियो्की पाठशािा मे्पढ़्ाया जा रहा है. नारायणपुर ल्िाक मे्376 स्कूिो्मे्264 प्​्ाथसमक, 89 माघ्यसमक,7 हाई स्कूि एवं 16 हायर िेकेड्ी स्कूि है्. सजिमे्83 प्​्ाथसमक, 21 पूव्समाध्यसमक और 3 हायर िे्कड्​्ी स्कूि भवन सवहीन है्. ओरछा ल्िाक मे् 40 प्​्ाथसमक शािा के पाि छत नही् होने की वजह िे झोपड़्ी मे्स्कूि िगती है्. मादुर नार मे्प्​्ाथसमक शािा अब भी झोपड़्ी मे्िगती है. कुछ िाि पहिे नक्िसियो्ने कई स्कूिो्को ध्वस्​्कर सदया था. पर अभी तक नही्बने.


शन्िसयर

नामुमगकन तो नहीं

पहले तीन साल जर्र उत्पािन थोड़ा कम होता है. त्यो्दक तब तक जमीन की उपजाऊ शक्तत पूरी नही्हो पाती. पर एक बार जमीन ठीक हो जाये तो इसके बाि उत्पािन बढ़ता है.

अपिे अच्छे खासे कतरयर को छोडकर आग्त्ेिक खेिी मे्आिे के फैसले से आपको रर िही्लगा? िही्, रर िही्लगा. खेिी मे्आग्त्ेिक तवतध का प्य ् ोग करके बेहिर खेिी की जा सकिी है. आपके इस तिण्य ड पर घरवालो्का क्या रवैया रहा? अतभभावक कभी िही्चाहिे तक बच्​्ेसेफ कतरयर छोडकर इस िरह का जोतखम ले.् मेरे मम्मी-पापा भी यही चाहिे थे. मैि ् े उन्हे्आग्त्ेिक फात्मग ड के बारे मे्समझाया और आज वह मेरे इस फैसले से खुि है.् आपके पास खुद की जमीि िही्है. चंरीगढ़ मे् जमीिे महंगी भी है. ऐसे मे्आप कैसे कामयाबी की उम्मीद कर रही है?् आग्त्ेिक खेिी मे्सफलिा के तलए जमीि होिा जर्री िही्है. िहर मे्भी लोगो्के सामिे भी यही समस्या है. तजिके तलए हम तकचि गार्ि ड के माध्यम से आग्त्ेिक खेिी के तलए लोगो्को प्त्ेरि करिे का काम कर रहे है.् आग्त्ेिक फात्मग ि् मे्आप कैसे अपिा कतरयर िलाि रही्है? आग्त्ेिक फात्मग ि् का एक पूरा तसस्टम है. कीट मैिज े मेट् तबगड चुका है तजसे तियतमि मातिटर करिे की जर्रि पडिी है. मै्ऐसी चेि बिािा चाह रही हूं तजसमे्तकसाि को गाइरेस ् तमले. उसके उत्पाद आग्त्ेिक है या िही्इसकी लैब टेकस् टंग हो. तकसाि को बाजार तमले. इस पर लगािार तरसच्डकरिी होगी. जातहर है इसमे् मेरे तलए तफट होिे के तलए जगह की कोई कमी िही्है. तसस्टम को आप तकस िरह मैिज े करेग ् ी? क्या इसके तलये आपिे कोई प्लाि बिाया है? जी हां, इसके तलए हमिे बकायदा प्लाि िैयार तकया है. हम गांवो्मे्तकसािो्की गोत्​्षयां कर रहे है.् खेिो्की तमट्​्ी पािी की जांच कर रहे है.् इसके बाद उन्हे्ट्र्े करिे है्तक कैसे पारंपतरक खेिी कर सकिे है.् यह मुकश् कल काम िही्है. िहर मे्आग्त्ेिक उत्पादक के कस्टमर खोजे जा रहे है.् हम चाहिे है्तक यहां का आग्त्ेिक प्​्ोरेकट् देि के दूसरे राज्यो्िक जाये. कोल्र चेि बिािे की भी योजिा है. इसके साथ ही हम

पोस्ट हाव्स ्े तटंग और प्​्ोसेतसंग मे्भी जािे का भी प्लाि बिा रहे है.् यह िीसरे चरण मे्रखा जायेगा. तफलहाल िो हमारा ध्याि उत्पादि और कस्टमर िैयार करिे पर है. ऐसा मािा जािा है तक आग्त्ेिक फात्मि्ग से उत्पादि घटिा है. अगर सभी तकसाि आग्​्ेतिक खेिी करिे लगे िो देि मे्अन्ि का संकट आ सकिा है.

यह एक तमथ माि्​्है. आग्त्ेिक खेिी से उत्पादि कम िही्होिा. पहले िीि साल जर्र उत्पादि थोडा कम होिा है. क्यो्तक िब िक जमीि की उपजाऊ िक्कि पूरी िही्हो पािी. पर एक बार जमीि ठीक हो जाये िो इसके बाद उत्पादि बढ़िा है. हमारे पास ऐसे कई तकसाि है.् जो अच्छी पैदावार हातसल कर आग्त्ेिक खेिी को बढ़ा रहे है.

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 33


देशकाल

जांच की आंच! व्यापम घोराले की सीबीआई जांच शुर्होने के बाि सबकी दनगाहे्इस बात पर दरकी है्दक मुख्यमंत्ी दशवराज दसंह चौहान की कुस्ी रहेगी या जायेगी. पूजा िसंह

ि

व्​्ोि्​् न्यायािय िे व्याविासयक परीक्​्ा मंडि (व्यापम) घोटािे की िीबीआई जांच के आदेश सदये जाने के बाद मुस्यमंत्ी सशवराज सिंह चौहान के भसवष्य को िेकर चच्ासएं तेज हो गयी है्. यह जांच के पसरणाम को िेकर आशंकाओ्का भी बाजार तेज हो चिा है. प्​्देश मे् सवपक्​्ी दि िसहत भाजपा खेमे मे् भी इिे िेकर राजनीसत गरमाने िगी है. ऐिे मे् सशवराज सिंह चौहान का कद कमजोर होता सदख रहा है. व्यापम मामिे की िीबीआई जांच की मंजूरी और पाट्​्ी मे् बढ़्ता सवरोधी स्वर सशवराज की मुब्िकिे्बढ़्ाते नजर आ रहा है्. दरअि​ि, सशवराज खुद व्यापम मामिे मे् 34 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

िंबे िमय िे िीबीआई जांच की मांग ठुकराते आ रहे थे. ऐिे मे् अचानक खुद ही िीबीआई जांच की मांग और सफर िव्​्ोि्​् न्यायािय िे उि पर मुहर कई कयािो् को जन्म दे रही है. राजनीसतक जानकारो् के मुतासबक प्​्धानमंत्ी नरे्द्मोदी िमेत भाजपा के बड़्ेनेताओ्को यह आशंका थी सक 9 जुिाई को होने वािी िुनवाई मे्देश की िबिे बड़्ी अदाित व्यापम घोटािे की िीबीआई जांच का आदेश दे िकती है. अगर ऐिा होता तो यह आरोप िगता सक िव्​्ोि्​् न्यायािय के आदेश के बाद िरकार को मजबूर होकर यह जांच करानी पड़्ी. ऐिे मे् िरकार ने आननफानन मे् जांच की सिफासरश कर दी. भाजपा नेताओ्और सशवराज के करीसबयो्

के उिट जानकारो्का मानना है सक िीबीआई जांच की मांग प्​्धानमंत्ी नरे्द्मोदी के हस्​्क्ेप के बाद की गयी. प्​्देश भाजपा के एक वसरि्​् नेता कहते है्, 'सशवराज वष्​्ो्िे िीबीआई जांच की मांग ठुकराते आ रहे थे. पर अंत मे् प्​्धानमंत्ी के दबाव पर उनको झुकना पड़्ा. सशवराज यहां रणनीसतक चूक करते आ रहे थे. चूंसक ऐिी खबरे्आ रही थी्सक व्यापम घोटािे के तार सशवराज के काय्सकाि िे पहिे कांग्ेि शािन तक फैिे हुए है् इिसिए उनको बहुत पहिे मामिे की िीबीआई जांच के आदेश दे देने चासहये थे.' सशवराज की देरी िे कांग्ेि के िगाए गये आरोपो् का वजन बढ़्ता है. मामिे के ब्वहि​ि ल्िोअर और प्​्सतपक्​्ी दि कांग्ेि का यह


इल्जाम रहा है सक मुस्यमंत्ी सशवराज सिंह चौहान का पसरवार इि घोटािे मे् शासमि है. हािांसक िूत्ो् का कहना है सक सशवराज खुद भिे ही घोटािे िे अनजान रहे हो्, पर उनके नजदीकी िोग इिमे्शासमि है्. बहरहाि, मामिे की िीबीआई जांच शुर् है. अब तक 13 प्​्ाथसमसकयां दज्स हो गयी है्. इिमे्प्​्देश के पूव्ससशक्​्ा मंत्ी िक्​्मीकांत शम्ास पर दज्स भी मामिा दज्स है. इि जांच िे मुस्यमंत्ी परेशानी भी बढ़् िकती है. इिकी वजह यह है सक सदिंबर 2008 और माच्स2012 के बीच प्​्देश मे् सचसकत्िा सशक्​्ा सवभाग िीधे सशवराज सिंह के अधीन था. इि दौरान मेसडकि प्​्वेश परीक्​्ा मे् जमकर गड़्बसडय़ां हुई्. जानकार कहते है् सक इिी वजह िे िीबीआई जांच की गाज उन पर सगर िकती है. इिसिए वह इि​िे पार नही्पा िके्गे. पाट्​्ी के कुछ वसरि्​् नेता कहते है् सक यसद िीबीआई जांच मे्कुछ और सवपरीत तथ्य उजागर होते है्, तो पाट्​्ी की छसव को बेदाग बनाये रखने के सिए सशवराज िे इस्​्ीफा देना होगा. इिके चिते 'बड़्ी भूसमका' सनभाने के सिए सदल्िी प्स् थ ् ान भी सशवराज का हो िकता है. प्​्धानमंत्ी मोदी की सशवराज के प्​्सत नापिंदगी की चच्ास की अटकिे् पहिे भी उठती रही है्. इिके तहत सशवराज को सदल्िी मे् जगह दी जा िकती है. प्​्देश भाजपा नेताओ् का िाफ कहना है सक व्यापम ने सशवराज सिंह चौहान की िुशािन की छसव को गहरा धि्​्ा पहुंचाया है. अब िीबीआई जांच का नतीजा चाहे जो सनकिे, पर जनता के मन मे् िरकार की छसव धूसमि हो चुकी है. इिे दोबारा बनाना आिान काम नही् होगा. घोटािे पर कांग्ेि प्​्वक्ता केके समश्​्ा कहते है्, 'िीबीआई जांच माननीय िव्​्ोि्​् न्यायािय की सनगरानी मे्होनी चासहए. सशवराज सिंह चौहान के पसरजन इिमे् िीधे तौर पर शासमि है्. अरबो् का घोटािा सबना उनकी जानकारी के हुआ हो ऐिा िंभव नही्. ऐिे मे् जांच के बहाने जर्री दस्​्ावेजो्िे छेड़छ ् ाड़्की गयी है. कंप्यूटर के दस्​्ावेजो् मे् छेड़्छाड़् की गयी जबसक कागजी दस्​्ावेजो्मे्आग िगा दी गयी. डीमेट घोटािे पर अब तक सकिी का ध्यान नही्है. उिकी केवि 721 िीटो्की बात की जाए तो प्​्सत िीट एक करोड़् र्पये के सहिाब िे 721 करोड़् का घोटािा तो प्​्थम दृि्य् ा है.' समश्​्ा कहते है्सक 2008 िे 2012 तक मुस्यमंत्ी खुद सचसकत्िा सशक्​्ा सवभाग के मंत्ी रहे. ऐिे मे्धनरासश वहां तक न पहुंची हो

यह िंभव नही्. प्​्सत िीट एक करोड़्र्पये का यह आंकड़्ा योगेश उपरीत ने डीमेट घोटािे मे् सगरफ्तारी के बाद बताया. िीबीआई जांच शुर्होने के बाद हािांसक भाजपा के वसरि्​्नेता चौहान के िाथ नजर आ रहे है्. पर यह सि​िसि​िा कब तक चिेगा कहा नही् जा िकता. सहमाचि प्​्देश के वसरि्​् भाजपा नेता और राज्य के पूव्स मुस्यमंत्ी शांता कुमार ने पाट्​्ी अध्यक्​् असमत शाह को पत्​् सिखकर इि सवषय पर औपचासरक आपस्​्त दज्स कराई और कहा सक व्यापम मामिे िे पाट्​्ी काय्सकत्ासओ् का िर शम्स िे झुक गया है. हािांसक सशवराज ने जवाबी खत के जसरये तीखी प्​्सतस्​्कया व्यक्त की है िेसकन शांता कुमार के खत को सशवराज सवरोध के सि​िसि​िे की शुर्आत माना जा िकता है. माकपा की मध्य प्​्देश इकाई के िसचव और के्द्ीय िसमसत के िदस्य बादि िरोज कहते है् सक 2जी घोटािे की जांच की तज्स पर व्यापम घोटािे की जांच भी िव्​्ोि्​् न्यायािय की सनगरानी मे् होनी चासहए. इिसिए क्यो्सक देश मे्बहुत कम िंस्थान ऐिे है्सजन पर िोगो् का भरोिा कायम है. अगर 164 अध्यापको्की सनयुब्कत के घोटािे मे्ओमप्​्काश चौटािा जेि जा िकते है्, तो यहां तो हजारो् भस्तसयो् का मामिा है.

वैिे जहां तक बात व्यापम की जांच िीबीआई को सदये जाने की है, तो यह सशवराज सिंह चौहान के सिए भी फायदेमंद कही जा रही है. सशवराज के एक करीबी भाजपा नेता कहते है्, 'अगर सशवराज पाक िाफ है्तो उनको यह मुराद मांगनी चासहए सक िीबीआई जांच देश की िबिे बड़्ी अदाित की सनगरानी मे् हो. वरना राजनीसतक हस्​्क्ेप के बीच जांच मे्ऊंट सकि करवट बैठेगा कहना मुब्िकि है.' इन तमाम बातो्के बीच मुसय् मंत्ी सशवराज सिंह चौहान के हावभाव उनकी सचंता को िाफ बताते है.् सशवराज को िीबीआई जांच िे असधक सचंता पाट्​्ी के भीतर पनप रहे सवरोध िे है. प्द् श े मे्सशवराज सवरोधी भाजपा नेताओ्के िमथ्सक िोशि मीसडया िे अफवाहे् फैिाने का काम पुरजोर तरीके िे कर रहे है.् इि​िे मुसय् मंत्ी को अपने कुि्ी की सचंता िताने िगी है. व्यापम घोटािे का अंतरराष्​्ीय स्​्र पर िुस्खसयां बटोरना भी मुस्यमंत्ी के सखिाफ जाता है. यह घोटािा अन्य घोटािो् िे अिग और बड़्ा है. इिमे् केवि आस्थसक भ्​्ि्ाचार नही् हुआ है बब्लक बड़्ी िंस्या मे्युवाओ्की जान भी गयी है. हैरत की बात है सक उन मौतो् को िरकार और जांच एजे्सियां िगातार िामान्य कहती रही्. बहरहाि, तमाम उठापटक के बाद अब गे्द िीबीआई के पािे मे्है. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 35


िहमाचल देशकालप्​्देश

एक आवाज़ का अकेलापन

व्यापम के त्​्िसल-ब्लोअर आिंद राय संघ की िाख मे्प्त्ित्​्कि हुए है,्लेतकि घोटाले का भंराफोड होिे के बाद संघ िे ही उिका साथ छोड तदया है.

व्य

ापम मामिे के ब्वहि​ि ल्िोअर और आरटीआई काय्सकत्ास डॉ आनंद राय सजि दौर मे् युवा हुए उि दौर मे् डॉक्टरी और इंजीसनयसरंग के िरकारी कॉिेज मे्दासखिा होना ही प्​्सति्​्ा का सवषय था. पढऩे मे्होसशयार आनंदर राय ने भी डॉक्टर बनने की ठानी. वह हरदा सजिे मे् ब्सथत अपने छोटे िे गांव महे्द्गांव िे इंदौर चिे आये. वह अब बदनाम हो चुके व्याविासयक परीक्​्ा मंडि (व्यापम) की मेसडकि प्​्वेश परीक्​्ा (पीएमटी) मे्शासमि होने आये थे. प्​्ासण सवज्​्ान मे्अच्छी िमझ रखने वािे राय की खुशी उि वक्त काफूर हो गयी, जब उनको पता चिा सक यह प्ि् न् पत्​्तो ग्वासियर मे्िीक हो चुका है. उन्हो्ने हार नही् मानी. उनके और अन्य उम्मीदवारो्के तगड़्ेसवरोध के बाद आसखरकार इि परीक्​्ा को दोबारा आयोसजत सकया गया. िाि 1996 बैच के सचसकत्िा स्नातक डॉ. आनंद राय दासखिे के बाद यह देखकर हैरान रह गये सक स्नातक और स्नातकोत्​्र परीक्​्ाओ् मे् नौकरशाहो्और नेताओ्की बि्​्ो्की भरमार है. यही नही् इन बि्​्ो् का पढ़्ाई िे दूर तक कोई नाता नही्िगता था. पर शीष्सस्थान पाने वािो्मे्इनके ही नाम रहते. ये वो छात्​्थे जो न तो कक्​्ा मे्जाते और न ही प्​्ैब्कटकि अथवा िाक्​्ात्कार मे्शासमि होते. अपने बैच के अन्य िासथयो्की तरह राय ने इिकी अनदेखी नही् की. उन्हो्ने िगातार जानकारी जुटाई. ऐिे छात्​्ो् को राय ने सचब्नहत करना शुर् सकया, जो एकदम नाकारा सवद्​्ाथ्​्ी होने के बावजूद िगातार अव्वि दज्​्ेमे्पाि हो रहे थे. राय ने आवाज बुिंद करने की कोसशश की. पर ऐिा नही्कर पाये क्यो्सक वह जूसनयर छात्​्थे. राय ने धीरे-धीरे छात्​्ो्की गसतसवसधयो्की अगुवाई करना शुर्सकया. वह इन्ही् असनयसमतताओ् के सि​िसि​िे मे् भोपाि पहुंचे, जहां उनकी मुिाकात ग्वासियर के जूसनयर डॉक्टर दीपक यादव िे हुई. यादव की िंसदग्ध गसतसवसधयो् िे राय पीछा करते हुए आनंद होटि पहुंचे. होटि मे् उन्हो्ने पाया सक मेसडकि प्​्वेश परीक्​्ा के फाम्स पर िॉल्वरो् की तस्वीरे् सचपकाई जा रही थी्. राय की आशंकाएं पुि्हो गयी्. कुछ िमय बाद वह एक दूिरे िहयोगी जगदीश िागर के िाथ एक सनजी िमारोह मे् शासमि होने भोपाि पहुंचे. इि बार उनको िागर के ब्​्ीफकेि मे् िंयोगवश मेसडकि प्​्वेश के फाम्स समि गये. वह िमझ गये सक दीपक और जगदीश सकिी बड़्ेगठजोड़्का सहस्िा है्. उन्हो्ने रैकेट की काय्सशैिी का अब पता िगाना शुर्कर सदया. इि बीच वह 2005 बैच मे्सचसकत्िा िे पोस्टग्​्ेजुएशन कर चुके थे. जुिाई 2009 मे् मेसडकि प्​्वेश परीक्​्ा िे पहिे उन्हो्ने व्यापम मे् इन गड़्बसडय़ो्की सशकायत की. मध्य प्​्देश िरकार ने सदिंबर 2009 मे् एक िसमसत का गठन सकया. इि िसमसत ने 8 िंसदग्धो् की पहचान की.

36 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

सरकॉड्सकी जांच मे्280 ऐिे छात्​्ो्का भी पता चिा सजनकी जगह सकिी और ने परीक्​्ा दी थी. वष्स2012 तक उन्हो्ने सवधानिभा मे्भी अपनी बात पहुंचवायी. आरटीआई के जसरये उन बहुर्सपयो्के नाम भी जुटा सिये. इन िब ने डॉ जगदीश िागर के सिए काम करने की बात कही. इि तरह डॉ. राय ने इि घोटािे का खुिािा सकया. इि घोटािे की व्यापकता का अंदाजा िगाकर डॉ राय िहम गये. इिके बाद राय को धमसकयां समिनी शुर्हो गई्. अगस्​्, 2010 मे् डॉक्टरो् को हड़्ताि करने के सिए भड़्काने के आरोप मे् उनको इंदौर के िरकारी अस्पताि महाराजा यशवंत राव हॉब्सपटि िे बाहर सनकाि सदया गया. इि फैि​िे के सखिाफ डॉ राय ने अदाित का दरवाजा खटखटाया. नवंबर, 2010 मे् अदाित ने उनके बहािी का आदेश जारी सकया. पर िरकार ने उन्हे् बहाि नही् सकया. इिके बाद वह राज्य िोक िेवा आयोग के िमक्​् पेश हुए. इिके बाद जाकर क्​्ेत्ीय स्वास्थ्य एवं पसरवार कल्याण प्स्शक्ण ् केद् ,् इंदौर मे्सचसकत्िा असधकारी के तौर पर उन्हे्सनयुक्त सकया गया. सपछिे सदनो्डॉ आनंद राय का तबादिा इंदौर िे धार कर सदया गया. राय का तबादिा उि वक्त सकया गया, जब उन्हो्ने कुछ सदनो् पहिे ही िीबीआई के पाि भाजपा के वसरि्​्नेता और पूव्सके्द्ीय मंत्ी सवक्​्म वम्ास के सखिाफ सशकायत दज्स कराई थी. डॉ राय की पत्नी भी िरकारी सचसकत्िक है्. िरकार ने महू के सिसवि अस्पताि िे उनका तबादिा सपछिे माह ही उि्​्ैन सजिा अस्पताि मे् कर सदया था. दूिरी तरफ प्​्शािन का कहना है सक राय का तबादिा सनयसमत प्​्स्कया का सहस्िा है. वह पहिे भी धार मे्तैनात थे. उन्हे्इंदौर अटैच सकया गया था. अब उनका अटैचमे्ट खत्म कर सदया गया है. इि बीच राष्​्ीय स्वयंिेवक िंघ (आरएिएि) ने भी उनका िाथ छोड़्सदया है. जबसक राय अपनी ित्यसनि्​्ा और ईमानदारी का पूरा श्​्ेय िंघ को देते है्. उनका कहना है सक उन्हो्ने राष्​् प्​्थम का पाठ िंघ की शाखा मे्ही पढ़्ा. िेसकन अब जब वह भ्​्ि्ाचार के खुिािे के इि भंवर मे् िंघष्स कर रहे है्, तो िंघ उनकी िुध नही् िे रहा. राय का कहना है सक अगर िंघ आतंकवाद की आरोपी प्​्ज्ा भारती के सिए खड़्ा हो िकता है तो वह भ्​्ि्ाचार का खुिािा करने वािे अपने काय्सकत्ास का िाथ क्यो्नही् दे रहा? दरअि​ि, िाि 2013 मे् जब राय का नाम ब्वहि​िल्िोअर के र्प मे् िुस्खसयो् मे् आया तो िंघ ने उनिे दूरी बना िी. इि​िे पहिे वह सनरंतर िंघ के काय्सक्मो् मे् जाते थे. उनके पाि अनेक ऐिे दस्​्ावेज है् सजनमे् िंघ और भाजपा के िोगो् ने उनिे िोगो् के इिाज मे् मदद की दरखास्​् की है. परंतु अब जबसक वह भ्​्ि्ाचार के मज्स के इिाज की कोसशश कर रहे है्तो उनके अपने ही िाथ छोड़्गये है्.


लोकार्ाण सम्रन्न

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 37


देशकाल

मेरी िदी रुम्हारी िदी

दपछले आम चुनावो्मे्गंगा को नरे्द्मोिी ने राजनीदतक मुद्ा बनाया था, हालाँदक उनका अदभयान ठंढा पड गया है. अब इसी की तर्ज़ पर अदखलेश यािव गोमती की सिाई को मुद्ा बना रहे है्और इसके दलए एक बड़ी धनरादश भी तय कर िी गयी है. सुनीता शाही प्​्धानमंत्ी मोदी के गंगा के िफाई के सिए असभयान चिाने के बाद नसदयो् पर राजनीसत तेज होती सदख रही है. गंगा के तज्स पर उत्​्र प्​्देश के मुस्यमंत्ी असखिेश यादव ने गोमती के िफाई असभयान की शुर्आत कर दी है. इिके सिए बाकायदा एक बड़्ी रासश भी जारी की गयी है. असखिेश िरकार गोमती सरवरफं्ट को सवकसित करना चाहती है. ऐिे मे्यसद िाि 2017 के उत्​्र प्​्देश का सवधानिभा चुनावो्मे् नसदयां चुनावी मुद्ा बने तो अचरज मत कसरएगा. बीते िाि 2014 के आम चुनावो्मे्मोदी ने गंगा की िफाई को मुद्ा बनाया था. जनता भी गंगा की िफाई को िेकर जागर्क हुई है. 38 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

ऐिे मे् वह इि मुद्े को भूिने वािी नही् है. अपने दूिरे काय्सकाि की तैयारी मे्उत्​्र प्​्देश के मुस्यमंत्ी असखिेश यादव गोमती की िफाई के जसरये प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी िमेत दूिरी पास्टियो् को चुनौती देने वािे है्. ऐिे मे् अब इन नसदयो्की िफाई चुनावो्का बड़्ा मुद्ा बन गयी है. करीब 2,252 सकिोमीटर तक फैिी गंगा नदी का करीब हजार सकिोमीटर भाग कन्नौज, फर्ख्ासबाद, वाराणिी, इिाहाबाद और कानपुर िे िगा होता है. इन सहस्िो् मे् यह िबिे ज्यादा प्​्दूसषत है. इिे िाफ़ कर पाना एक बड़ी चुनौती है. इिी वजह िे उमा भारती ने कानपुर के चमड़ा कारखानो् को बंद करने का फरमान सदया है. फरमान तो जारी हो गया. िेसकन सियाित शुर् हो गयी. प्​्देश के

मुस्यमंत्ी असखिेश यादव ने मामिे पर तंज किा सक क्या अब के्द्ीय मंत्ी चमड़्ेका जूताचप्पि पहनना बंद कर दे्गे. इि बयान के बाद नसदयो्पर सियाित गरमाती सदखी. इन हािात मे्उत्​्र प्​्देश चुनावो्मे्गंगामसहमा बहािी एक अहम मुद्ा बनता सदख रहा है. मुस्यमंत्ी असखिेश यादव ने िाि 2017 के चुनावो्मे् ‘मुस्यमंत्ी नदी बनाम प्​्धानमंत्ी नदी’ को मुद्ा बनाने का फैि​िा सकया है. प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी ने िोकिभा चुनाव असभयान के दौरान वाराणिी मे्कहा था, ‘गंगा मां ने उन्हे् यहां बुिाया है’. उन्हो्ने गंगा को जल्द िाफ़ करने का वायदा भी सकया था. प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी गंगा की िफाई के सिए हरिंभव कोसशश मे् िगे है्. मुस्यमंत्ी असखिेश यादव ने गोमती सरवरफं्ट सवकाि


पसरयोजना बनाने का फैि​िा सिया है. हाि ही मे्इिके सिए 656 करोड़ र्पये जारी कर सदये गये. इि​िे तीि सकिोमीटर तक गोमती नदी की िफाई की जायेगी. नदी के सकनारे िाइसकि और तांगे के सिए ट्​्ैक बनेगा. इिके िाथ डायाफ्​्ाम वाि और िांस्कृसतक काय्सक्म के आयोजन स्थि बनाये जाये्गे. गोमती सरवर फं्ट बनाने के मुद्े पर मुस्यमंत्ी असखिेश यादव कहते है सक इि​िे पहिे गोमती नदी के सिए कोई काम नही्सकया गया. पर िपा िरकार अवध की सवराित बचाये रखने की सदशा मे् काम करती रहेगी. गोमती महान नदी है यह अपने मे्कई इसतहाि िमेटे हुए है. पुराने िमय मे् िोग इिका इस्​्ेमाि व्यापार और पसरवहन के सिए करते रहे है्. प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी के गंगा िफाई असभयान को मुस्यमंत्ी असखिेश यादव िांप्दासयक ताकतो् का खेि बताते है्. मुस्यमंत्ी कहते है्सक कुछ िोग गंगा को धम्स िे जोड़ रहे है्. पर वास्​्व मे्गंगा और यमुना धम्ससनरपेक् नसदयां है.वे िभी जासतयो् और धम्​्ो् िे होती हुई िमाजवादी धारा मे् बहती है.’ प्​्धानमंत्ी मोदी गंगा नदी और वाराणिी को क्यूटो के तज्सपर सवकसित करने की बात करते है् तो राज्य के मुस्यमंत्ी गोमती को टोक्यो की तमा सरवरफं्ट की तरह बनाने की योजना बताते है्. वे गोमती को शारदा नहर िे जोड़ने की योजना बना रहे है्. इतना ही नही् इिे िाि 2017 िे पहिे खत्म करने की कोसशश भी की जायेगी. नरे्द् मोदी के प्​्धानमंत्ी बनने िे पहिे नसदयां कभी भी चुनावी मुद्ा नही् रही्. भवरा क्​्ेत्मे्एिटीपी िे गोमती मे्करीब 23 नािो् का पानी समिता है. इि​िे पहिे मुिायम सिंह ने अपने तीन काय्सकािो्मे्गोमती की िफाई का वायदा सकया था. पर इिे गंभीरता िे नही् सिया गया. िेसकन मुस्यमंत्ी असखिेश यादव इिमे् प्​्भावी ढंग िे जुटे है्. गोमती के सिए करीब छह िौ करोड़्र्पये की रासश तय की गयी है. कई मशीनो् का इंतजाम सकया गया है. मिजि उपचार का काम भी शुर् सकया गया है. िरकार इिमे् कोई सढिाई बरतना चाहती इिके सनद्​्ेश भी अफिरो् को दे सदये गये है्. नसदयो् के िफाई के मुद्े पर भाजपा के प्​्देश अध्यक्​् सवजय बहादुर पाठक कहते है् सक मिजि िुधार योजना के तहत तीन िाि

पहिे तीन इकाइयां बनायी गयी्थी्. तीन िाि पहिे कूड़ा ट्​्ीटमे्ट प्िान तैयार हो चुका था. िाि 2012 मे् असखिेश ने मुस्यमंत्ी की कुि्ी िंभािी. वह गोमती को िेकर गंभीर है्. पहिे गोमती िखनऊ मे्चार िे पांच महीनो्

मोदी िंिा नदी और वारािसी को क्यटू ो के तज्यपर कवककसत करने की बात करते है्तो राज्य के मुखय् मंत्ी िोमती को टोक्यो की तमा की तरह .

तक िूखी रहती थी. पूव्स मुस्यमंत्ी मायावती ने पाक्फ और स्मारक बनवाकर गोमती की धारा को िीसमत कर सदया. मुस्यमंत्ी गंगा की िफाई को भी ज़र्री मानते है्क्यो्सक गंगा भी जीवनदासयनी है. इि​िे पहिे भी िभी िरकारो् ने गंगा की िफाई का वायदा सकया था. पर उि पर अमि नही् हो पाया. कांग्ेि िरकार ने करीब हज़ार करोड़ र्पये गंगा एक्शन प्िान के नाम खच्स सकये. पर गंगा मैिी ही रही. वाराणिी नरे्द मोदी का िंिदीय क्​्ेत्है जो अध्यात्म और िंस्कृसत का के्द्है. यहां दुसनया भर के पय्सटक आते है. प्​्धानमंत्ी नरे्द्मोदी की गंगा की िफाई की गसत अब धीमी होती सदख रही है. मोदी के बुिावे पर गंगा घाटो् को गोद िेने के सिए

तैयार हुए तमाम िामासजक िंगठन अब ठंडे होते सदख रहे है्. आठ नवंबर 2014 को नरे्द् मोदी ने वाराणिी के अस्िी घाट िे िफाई असभयान की शुर्आत की थी. ये असभयान सिफ्फ यही् पर थम गया. बाकी के करीब 83 घाटो्की हाित अब भी जि की ति है. िबिे खराब हाित गंगा महि घाट और रीवा घाट की है जहां िे प्​्धानमंत्ी मोदी ने इि असभयान की नी्व रखी थी. वाराणिी के असतसरक्त नगरपासिका आयुक्त बीके स्​्दवेदी ने कहा सक िभी िामासजक िंगठनो् ने अपना पैर पीछे खी्च सिया है. पर अब इिका सजम्मा नगर पासिका ने सिया है. वाराणिी के मेयर रामगोपाि मोहिे और नरे्द् मोदी के करीबी िहयोगी ने भी इिपर अपना अिंतोष जताया है. उन्हो्ने बताया सक सजन कंपसनयो्ने िफाई का सजम्मा सिया था वह बजट बनवाकर भाग खड़े हुए. गंगा और गोमती का चुनावी मुद्ा बनना एक नये तरह की राजनीसत की शुर्आत है. इि​िे पहिे भी गंगा चुनावी मुद्ा रही है. प्​्धानमंत्ी नरे्द् मोदी ने गंगा की िफाई का बीड़्ा उठाकर दूिरे दिो् के सिए भी चुनौती पेश की है. शायद असखिेश िरकार ने इिे चुनौती के तौर पर सिया हो. पर नसदयो्को मुद्ा बनाना असखिेश िरकार को मुब्िकि मे्भी डाि िकता है. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 39


देशकाल

दो मुपखया एक झगडा

अंधरा और तेलंगाना अलग तो हो गये है्, लेदकन उनके मुदखयाओ्के बीच झगडा बढ़ता ही जा रहा है. इसकी वजह यह है दक िोनो्राज्यो्के बीच संसाधनो्का बंरवारा ठीक से नही्हुआ है और चंद्बाबू अभी तक तेलंगाना की सचाई स्वीकार नही्कर पाये है्. मनोरमा

आं

ध्​्प्देश और तेिंगाना को अिग हुए अभी एक िाि ही हुए है्, िेसकन दोनो् राज्यो् के मुस्यमंस्तयो् के बीच सपछिे कुछ महीनो् िे जुबानी जंग तेज हो गयी है.तेिंगाना के िामने नया राज्य के बनने के िाथ बुसनयादी ढांचा तैयार करने का िक्​्य है् तो आन्ध् प्​्देश को अगिे नौ िाि मे् हैदराबाद के टि्​्र की राजधानी बनाने िमेत तेज सवकाि की बात है. हकीकत मे् सवभाजन के िाि भर बाद भी दोनो् राज्यो् के बीच िंिाधनो् िमेत सबजिी-पानी और िरकारी कम्सचासरयो् का बंटवारा नही् हो पाया है.ऐिे फैि​िे दोनो् राज्यो् के मुस्यमंत्ी बातचीत और आपिी िहमसत िे ही कर पाये्गे,

40 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

िेसकन चंद्ाबाबू और केचंद्शेखर राव के बीच की जबानी जंग सजि तरह िे रोज और तल्ख होती जा रही है, उिे देखकर ऐिा िग नही् रहासक आगे भी दोनो्राज्यो्का कोई भी मामिा बगैर सकिी सववाद के िुिझ िकता है. दरअि​ि, सपछिे महीने की शुर्आत मे् िाव्सजसनक तौर पर टीडीपी के सवधायक रेवंत रेड्ी को तेिंगाना सवधान पसरषदके सिए चुनाव मे्अपनी पाट्​्ी के उम्मीदवार के पक्​्मे्मतदान कराने के सिए एक मनोनीत सवधायक एब्लवि स्टीफेन्िन को कसथत तौर पर सरश्​्त देने की कोसशश करते हुए रंगे हाथो् पकड़्ा गया था. खबरो्के मुतासबक यह डीि पांच करोड़्र्पये मे् हुई थी, सजिमे् िे असधकासरयो् ने 50 िाख र्पये नगद जल्त सकये गये थे. इिके एक हफ्ते

बाद तेिगं ाना के एक स्थानीय चैनि (टीन्यज ू ) ने एक ऑसडयो टेप चिाया, यह चैनि तेिगं ाना के मुस्यमंत्ी के.चंद्शेखर राव के पसरवार का कहा जाता है. चैनि ने दावा सकया सक वोट के बदिे नोट मामिे मे् पकड़्े गये टीडीपी सवधायक को पूरी तरह िे पाट्​्ी प्​्मुख चंद्बाबू नायडू का िमथ्सन हासि​ि था. प्​्िासरत ऑसडयो-वीसडयो टेप मे्रेवतं रेड्ी कई बार अपने बॉि 'बाबू गार्' के बारे मे्बात करते है्और कई बार चंद्बाबू का नाम भी िेते है्, वीसडयो्मे्वह कहते है्सक चंदब् ाबू ने ही इि काम के सिए उन्हे् सनयुक्त सकया है. इिके अिावा तेिंगाना के गृहमंत्ी ने भी इिमामिे मे् चंद्बाबू नायडू के िीधे शासमि होने के िुबूत के र्प मे् फोन सरकॉस्डा्ग होने का दावा सकया, उन्हो्ने ये


भीआरोप िगाया सक चंद्बाबू ने टीआरएि के कुछ अन्य सवधायको्िे भी िंपक्फकरके उन्हे् टीडीपी के िमथ्नस मे्करनेकी कोसशश की. इिी के बाद दोनो् राज्यो् का सियािी माहौि एकदूिरे के सखिाफ गम्सहो गया, आंध्प्​्देश और तेिंगाना मे् टीडीपी सवधायको् ने केिीआर के सखिाफ नायडू और दूिरे महत्वपूण्स टीडीपी मंस्तयो्के फोन गैरकानूनी र्प िे टैप करने के 50 िे ज्यादा मुकदमे दज्स कराये. राजनीसतक िड़्ाई कानूनी बन गयी. टीडीपी ने केिीआर के सखिाफ मामिा दज्स करा सदया. जवाब मे्तेिंगाना की ओर िे भी चंद्ाबाबू पर सरश्​्त देने का मामिा दायर सकया गया है. दरअि​ि 119 िदस्यो् वािी सवधानिभा मे् टीआरएि के 63 सवधायक थे बाद मे्बिपा के दो सवधायक समिने िेउिके 65 सवधायक हो गए. िेसकन सवधान पसरषद के चुनाव मे् टीआरएि के पाि 85 सवधायको् का िमथ्सन था,यानी कांग्ेि और टीडीपी के सवधायको् ने अपनी ही पाट्​्ी के सखिाफ वोट सदया था. इिपर नायडू ने टीआरएि पर टीडीपी के 'पांच', कांग्ेि के 'चार' और वाईएिआर के 'दो' सवधायको् को खरीद िेने के आरोप िगाये. िंभवत: इिके बाद ही उन्हो्ने खुद भी इिी शैिी मे्राजनीसतक जवाब देने का मन सिया हो. मुस्यमंत्ी के फोन टेप कराने के मुद्े पर टीआरएि के मीसडया िंयोजक श्​्वण रेड्ी कहते है सक टीडीपी हमारे सवधायको्को पहिे िे िािच दे रही थी, हमारे सकिी सवधायक के अपनी सकिी बातचीत को सरकॉड्सकरने को क्या फ़ोन टैसपंग कहे्गे? उनके मुतासबक िमस्या की जड़् चंद् बाबू की िोच है वे अपने राज्य का सनम्ासण करने के बजाय तेिंगाना के पीछे पड़े हुए है्. एक ओर तेिंगाना मे्आकर वे तेिंगाना बनाने का श्​्ेय खुद िे िेते है् तो आंध् पहुंचते ही सवभाजन के सिए िोसनया गांधी की आिोचना करने िगते है् और बंटवारे को बस्िसन की दीवार कहते है्. चंद् बाबू अभी तक तेिंगाना को एक अिग भौगोसिक,राजनीसतक पहचान के िाथ देख ही नही् पा रहे. राज्य पुनग्सठन कानून की धारा-10 के मुतासबक सवभाजन के एकिाि की अवसध मे्दोनो्राज्यो् के बीच पानी सबज़िी और िरकारी कम्सचासरओ् का बंटवारा हो जाना चासहए था,िेसकन हकीकत मे्आंध्प्​्देश राजस्व की रकम भी खुद रख िे रहा है और तेिंगाना को नही्देता है. दरअि​ि, चंद् बाबू के तेिंगाना मे् आकर टीआरएि को सगराने वािे बयानो्ने राजनीसत की जंग तेज की है. श्व् ण कहते है,् हकीकत मे्तेिगं ाना मे्अभी

भी कांग्ेि सवपक्​्है, टीडीपी के 16सवधायक है् सजनमे् िे 10 िे ज्यादा कभी भी टीआरएि मे् आने को तैयार है्. जवाब मे् टीडीपी का पक्​् रखते हुए पाट्​्ी के प्​्वक्ता प्​्कािा प्​्भाकर कहते है्, चंद्ाबाबू नायडू पर तो केिीआर सरश्​्त देने के आरोप िगा रहे है्िेसकन उन पर पहिे िे टीडीपी के 5 सवधायको् को सडफेक्ट करने के आरोप नही् बब्लक ित्यासपत तथ्य है. इिसिए टीआरएि के सखिाफ टीडीपी िमथ्सको् की ओर िे िगभग 85 मामिे दोनो् राज्यो् मे् दायर सकये गये है्. दोनो् मुस्यमंस्तयो् और राज्यो् के बीच सववाद खत्म नही् होने की बात पर प्​्भाकर कहते है्, हम िोग केिीआर िे बातचीत के सिए तैयार है् जवाब मे् केिीआर को भी हमिे बातचीत के सिए तैयार होना होगा. िेसकन हमारी मांग, राज्य पुनग्सठन कानून की धारा-8 को पूण्सर्प िे िागू करने की है, इिमे्िाफ़ िाफ़ कहा गया है सक राज्यपाि तेिंगाना मंस्तमंडि की राय मांग िकते है्, मगर फैि​िा अपने सववेक िे करने को आजाद है्. िाथ ही दि िाि तक हैदराबाद दोनो् राज्यो् की राजधानी है इिसिए तेिंगाना को आंध्प्​्देश की राजधानी हैदराबाद िे स्थानांतसरत होने तक िहयोग करना चासहए. इिके अिावा बतौर राजनीसतक दि टीडीपी दोनो् राज्यो् मे् है जबसक टीआरएि केवि तेिंगाना मे्, टीडीपी के तेिंगाना मे् अपने 16 और िहयोसगयो्को समिाकर 20 सवधायक है. िंिाधनो् के बंटवारे के मामिे मे् भी प्​्भाकर तेिंगाना िरकार पर एकतरफा होकर काम

करने केआरोप िगाते है्, तेिंगाना िरकार राज्य पुनग्सठन कानून की धारा-10 के तहत आनेवािे िभी िंस्थानो् काअसधग्​्हण करना चाहती है जबसक धारा-10 के तहत िूचीबद्​् िंस्थानो् के बारे मे् कोई भी फैि​िा एक िाि के बादकरने के सनद्​्ेश है्, पहिे तेिंगाना िरकार ने ही इि िूची मे्आनेवािे िंस्थानो्िे आंध् प्​्देश के िोगो् औरकम्सचासरयो् को बाहर कर सदया. जो भी हो िच ये है सक अब चंद्ाबाबू बहुत ज्यादा ितक्फ हो गए है्, ये हाि ही मे् सवकीिीक्ि िे जािूिी िॉफ्टवेयर बनाने वािी कंपनी हैसकंग टीम के िगभग दि िाख िाव्सजसनक सकए गए मेि िे भी जासहर हो रहा है. इिमे्एकमेि आंध्प्​्देश पुसि​ि का भी है, 12 जून 2015 को आंध् प्​्देश पुसि​ि के खुसफया सवभाग ने ‘िेल्युिर इंटरिेप्शनहाड्सवेयर िॉल्यूशन’ नाम की एक सडवाइि के सिए हैसकंग टीम को एक मेि सकया था. आंध् प्​्देश पुसि​ि ने हैसकंग टीम िे जल्द िे जल्द इि सडवाइि को भेजने का अनुरोध सकया था. ये मेि तेिंगाना िरकार िे सकये गये फोनटैसपंग के मामिे के िामने बाद की तारीख का है इिसिए अंदाजा िगाया जा िकता है सक चंद्ाबाबू कानूनी कार्सवाई के िाथ-िाथ केिीआर को उन्ही् की शैिी मे् जवाब देने की तैयारी कर रहे थे. इिके अिावा ये भी खबर है सक आंध्प्​्देश िरकार ने के्द्ीय गृहमंत्ािय िे अनुमसत िेकर 'एि ल्िाक' मे् मुस्यमंत्ी के दफ्तर मे्सवशेष िुरक्​्ा व्यवस्था की है. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 41


कि्ाचटक

बदलते वोकं​ंगलिा पद्​्िमी घार के पहाड़ो्मे्रहने वाले हलाक्​्ी वोक्​्दलगा अफ्​्ीका की मसाईमारा जनजादत के लोगो्से दमलते-जुलते है्, लेदकन अब उनकी जीवनशैली तेज़ी से बिल रही है और वे शहरी रंग-ढंग की ओर आकद्रषत हो रहे है्.

मनोरमा

हर बंगिूर् िे िाढ़्े चार िौ सकिोमीटर की दूरी पर तटीय कन्ासटक िे िटे पस्​्िमी घाट पहाड़्ो्के िाये मे्अभी भी एक अिग दुसनया बिती है. यहां िमय चार िौ िाि पीछे र्का हुआ है. िेसकन सवकाि की हमारी आधुसनक पसरभाषा और मानदंडो्का अिर अब इन पर भी पड़्ने िगा है. तटीय कन्ासटक के उत्​्र कन्नड़् सजिे के आि-पाि बिने वािी हिाि्ी् वोि्​्ासिगा, सिद्​्ी, कुनाबी, गो्ड और गौिी जैिी 400 िाि पुरानी जनजासतयां खाितौर पर हिाि्​्ी वोि्ा्सिगा धीरे-धीरे सविुब्पत की ओर बढ़् रही है् . इि जनजातीय िमुदाय की नयी पीढ़्ी शहरी प्​्भाव के कारण िगातार अपनी जड़्ो् िे दूर हो रही है. इि​िे पुरानी पीढ़्ी के सिए अपनी िंस्कृसत, सरवाजो्, खानपान, जीवनशैिी और किाओ् को िहेजना मुब्िकि होता जा रहा है. िंकट दोनो्ओर िे है, एक ओर जंगिो् के िंरक्​्ण िे इिमे् बिने वािे जनजासत िमुदाय के िोगो् के असधकार िंकुसचत हुए है्. इि​िे पेड़्-पौधे, जानवर िब िगातार कम होते गये है्. दूिरी 42 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

ओर सवकाि के नाम पर होने वािे असतक्​्मण के कारण भी जंगि और पहाड़् अब अपने िोगो्को जीवनयापन के िंिाधन मुहैया नही्करा पा रहे है्. नतीजतन यहां के िोग भी शहरो्का र्ख कर रहे है्. हांिासक इिमे् कुछ बुरा नही् है और न ही ये तक्फिंगत है सक पस्​्िमी घाट पहाड़्ो् मे् बिने वािी जनजासतयां आधुसनक जीवनशैिी न अपनाये्. या ये जासतयां मुस्यधारा मे् शासमि होकर देश के बाकी िोगो् की तरह बुसनयादी व उि्​् सशक्​्ा या पेशेवर प्​्सशक्​्ण न ग्​्हण करे्. रोजगार और नौकरी जैिे तमाम मौके भी इन्हे्हासि​ि होने चासहए. िेसकन िाथ मे् उनकी पहचान, उनकी िांस्कृसतक सवराित का बचे रहना भी उतना ही जर्री है. ऐिी जनजासतयो्के पाि अनुभव और ज्​्ान का खजाना होता है. प्​्कृसत के िाथ िामंजस्य बनाने की किा इन्हे् आती है, िेसकन ये ज्​्ान और अनुभव सिसखत नही् होता. यह एक पीढ़्ी िे दूिरी पीढ़्ी मे् मौसखक और उनकी रोजाना की सजदंगी िे जुड़्ा होता है. इिसिए कन्ासटक मे् जनजासतयो् के सिए काम करने वािे िोगो् के सिए ऐिे िवाि सचंता की वजह बन रहे है्. हािांसक िसदयो् िे अभी तक हािाि्​्ी

जनजासत ने अपनी िंस्कृसत और दूिरी सवराितो्को बचाये रखा है. आसखर कौन है्हािाि्​्ी वोि्​्सिगा ? और उनमे् ऐिा क्या खाि है् ? दरअि​ि हािाि्​्ी अफ्​्ीका के मिाई मारा जनजासत िमुदाय िे काफी समिते जुिते है्, इनका इसतहाि चार िौ िाि पुराना है. तटीय कन्ासटक के राष्​्ीय राजमाग्स 17 िे िगे सजिो् मि​िन कारवार, अंकोिा, कुमाटा, गोकण्ास और होन्नावर के आिपाि पस्​्िमी घाट पहाड़् की तिहटी मे् बिने वािी जनजासतयो्हािाि्​्ी, सिद्​्ी, कुनाबी, गो्ड और गौिी का इसतहाि काफी पुराना है. हािाि्​्ी वोि्​्ा सविुप्त होती जनजासत है. जनजासतयो् के अध्ययन और कन्ासटक िरकार के परामश्सदाता मैिूर के बिवन गौडा बताते है्सक सिद्​्ी जनजासत का िंबंध अफ्​्ीकी की जनतासतयो् िे है. सजन्हे् 400 िाि पहिे पुत्सगािी कन्ासटक िेकर आये थे. पर अब इनका पूरी तरह िे भारतीयकरण हो चुका है, इनमे् िे ज्यादातर सहंदू धम्स मानने िगे और कुछ इस्िाम और ईिाई भी. हािाि्​्ी पूरी तरह िे भारतीय जनजासत है. इनका त्वचा का रंग कािा या गहरा भूरा होता है, मसहिाएं गिे मे् कािे, पीिे, िाि


रंग की छह िड़्ी वािी पत्थर या प्​्ाकृसतक रेशो्िे बनी रंगीन मोसतयो्की मािा पहनती है्. िाड़्ी भी घुटने के उपर िे िपेट कर िारो्ग की तरह बांधती है् और उपरी सहस्िे को भी िाड़्ी के बचे सहस्िे िे ढकती है्. बाि को फूिो् िे िजाती है्, नोिसरंग और कांच व धातु की चूस्ड़यां पहनती है्. हािाि्​्ी मसहिाएं खूब मेहनती होती है्. अक्िर उन्हे् धान के खेतो् मे् काम करते और िभी अविर पर गीत गाते देखा जा िकता है. फि​ि काटने के िमय एक सवशेष नृत्य सकया जाता है, सजिे िुग्गी नृत्य कहा जाता है. मसहिाएं महाभारत और रामायण गाती है् सजिे क्​्मश: पंडाभराकामी और िीतेकामी कहा जाता है. इनकी रामायण मे् राम नही् बब्लक िक्​्मण िीता को जीतते है्. इनके गीतो् मे् पूरी रामायण मे् िीता का चसरत्​् िबिे मजबूत होता है. हिाि्​्ी पसरवार मातृित्ा्त्मक होते है्. करीब दो िाख िे ऊपर की आबादी वािे इि जनजासत िमूह मे् िड़्सकयो् और िड़्को् का अनुपात दो और एक है. हािाि्ी् वोि्​्ासिगा जनजासतयो् की अपनी एक स्वतंत् िामासजक व्यवस्था रही है. इनका इसतहाि स्वशािन का रहा है. पूरे िमुदाय को िात इिाको् मे् बांटा गया है. इनके घर या झोपस्ड़यो् के िमूह को कोप्पा कहते है. हर एक कोप्पा का मुस्य भाग गौडा या बुदावंथा कहिाता है. कई कोप्पा समिकर िीमे बनता है. सजिका मुस्य अरािू कहिाता है. इनमे् उत्​्रासधकार वंशानुगत होता है. यानी मुसखया का बेटा ही मुसखया बनता है. हािाि्ी् वोि्​्ासिगा ग्​्ामा वोि्​्सिगा भी कहिाते है्. ये मुस्यर्प िे खेती-सकिानी ही करते है् और अपनी जर्रत के सहिाब िे पशुपािन भी. िेसकन सपछिे कुछ िािो् मे् नयी पीढ़्ी के हिाि्ी् आधुसनक और शहरी जीवनशैिी की ओर तेजी िे आकस्षसत हो रहे है्. इि​िे 62 िाि के कोप्पा प्​्मुख गौडा को अब सचंता होने िगी है. इिकी वजह नयी पीढ़्ी का अपने पहनावे के िाथ जीवनशैिी को िेकर बदिाव है. इि पीढ़्ी की िोच भी बदिी हुई है. गौडा महिूि करते है् सक नौकरी और शहरी जीवनशैिी उन्हे् धीरेधीरे अपनी भाषा िे भी दूर कर देगी. इि िंदभ्स मे् राज्य के जनजातीय मामिो् के सनदेशक बिंतकुमार कहते है् सक जनजासतयो् को सवकाि की मुस्यधारा मे्

जनजातीय समुदायो्की कला, भाषा, साकहत्य और संसक ् कृ त को प्​्ोत्साकहत करने के कलए राज्य मे् हर साल जनजातीय महोत्सव मनाया जाता है. िाने का प्​्याि बहुत िािो् िे हो रहा है. िरकार की ओर िे आवाि, सशक्​्ा और स्वास्थ्य के सिए अनेक काय्सक्म चिाये जाते है्. हमारा एक उदे्ि्य इन्हे्बेहतर सशक्​्ा िुसवधाएं देकर नौकरी मे्िाना भी है. िेसकन दूिरी ओर जनजातीय िमूहो् की िंस्कृसत, उनकी भाषा, उनकी किा के िंरक्​्ण के सिए भी काम हो रहा है. जनजातीय िमुदायो् की किा, भाषा, िासहत्य और िंस्कृसत को प्​्ोत्िासहत करने के सिए राज्य मे् हर िाि जनजातीय महोत्िव मनाया जाता है. कन्ासटक मे् पचाि िे ज्यादा जनजातीय िमुदाय है्, सजनमे् 30 बहुत छोटे िमूह है्. ऐिे िमूहो् की भाषा और ज्​्ान को िंरस्​्कत करने के सिए उनकी भाषा मे् प्​्सशस्​्कत सशक्​्को् की तैनाती हुई है. िरकार सवकाि के काय्सक्मो्के िाथ जनजासतयो्की परंपरा और िंस्कृसत को भी िजोने के सिए िचेत है. हिाि्​्ी िमुदाय के पाि अपने गीत-

िंगीत को िेकर िुकरी बोम्मा गौडा जैिी िचेत मसहिा भी रही है्, सजन्हे्िुकरी आजी कहा जाता रहा है. इन्हो्ने 14 िाि के आिपाि की उम्​् की तीन िड़्सकयो् को अपना िारा हुनर सिखाया था और चार मसहिाओ् का एक िंगीत िमूह बनाया. इिके पाि हर मौके के सिए अपनी परंपरा िे जुड़्े िारे गीत है्. िमूह की मसहिाएं उम्​्दराज हो रही है्तो उन्हे्ये सचंता िता रही है कही्उनके िाथ ही ये परंपरा खत्म न हो जाये्. इिकी वजह नयी िड़्सकयो्की इनमे् र्सच नही् िे रही है्. इतना ही नही् बोम्मा गौडा की पीढ़्ी की मसहिाओ् को ये भी सशकायत है सक अब िड़्सकयां अपनी पारंपसरक पोशाक भी पहनना नही्पिंद कर रही, यहां तक सक शादी भी सववाह िे जुड़्ी वेबिाइट के जसरये िड़्का पिंद करके कर रही है्. जासहर है ये बदिाव रोकना िंभव भी नही्है. वैिे जर्री नही्सक पुराना िबकुछ अच्छा ही होता है. हािाि्​्ी जनजासत के िोग जैिे-जैिे मुस्यधारा के िंपक्फ मे् आये्गे अच्छे- बुरे िारे प्​्भावो् को िमझ िके्ग. िेसकन ये िुसनस्​्ित करना भी उतना ही जर्री होगा सक ये िोग अपनी जड़्ो् िे कटे नही् और उनकी पारंपसरक िामासजक,िांस्कृसतक,िासहत्य और किा की धरोहर हमेशा बनी और बची रहे. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 43


देशकाल

ईद पर कोलकाता मे्एक रैली के दाैरान ममता: अभी से चुनाव की तैयारी

चुिावी सौिात की बरसात

राज्य का खज़ाना खाली होने के बावजूि ममता बनज्​्ी सरकार ने युवाओ्और अल्पसंख्यको्के दलए लोकलुभावन योजनाओ्की झड़ी लगा िी है. कुमार ि्त् ीक

मता बनज्​्ी की िरकार जनता पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रही है. अगिे िाि होने वािे सवधानिभा चुनावो् की तैयारी मे् जुटी िरकार ने अल्पिंस्यको् और युवाओ्को िुभाने के सिए िरकारी खजाने खोि सदये है. सियािी पंसडतो्का मानना है सक ये एक चुनावी िौगात है. क्यो्सक राज्य िरकार का खजाना पहिे िे ही खािी है. सजि​िे ममता के इन िोकिुभावन फैि​िो् िे िरकार पर और बोझ बढ़ेगा. पर िरकार अपने चुनाव तैयारी के तहत अपने वोट बैको् िे सकिी भी तरह का िमझौता करने के मूड मे् नही् है. सवपक्​् ने ममता के इन फैि​िो्को चुनावी करार देते हुए िरकार की आिोचना करना भी शुर्कर सदया है. ममता बनज्​्ी िरकार ने चािू सवत्​् वष्स के दौरान िगभग दो िाख िरकारी नौकसरयो् का चुनावी िािीपॉप फेक ् ा है. उनका कहना है सक िरकार ने चुनावो्िे पहिे कई सवभागो्मे्खािी पड़े करीब दो िाख पदो् पर नयी सनयुब्कतयां करने का फैि​िा सकया है. राजनीसतक हिको्मे् 44 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

िरकार के इि फैि​िे को चुनाव िे पहिे वोटरो् खािकर युवा तबके को िुभाने की कवायद माना जा रहा है. इिके िाथ ही सवपक्​्ने िवाि उठाया है सक खजाना खािी होने का रोना रोने वािी िरकार इन दो िाख िोगो्के वेतन के पैिे कहां िे जुटायेगी? सवपक्​्ी िीपीएम का कहना है सक जब इतने बड़े पैमाने पर िरकारी पद खािी थे तो िरकार को पहिे इन पर बहािी का खयाि क्यो्नही्आया? इि पर ममता का कहना है सक कई सवभागो् मे् कम्च स ासरयो् की कमी िे िरकार के रोजमर्ास का कामकाज प्भ् ासवत हो रहा है. उन्हो्ने कहा सक इि िमय करीब दो िाख पद खािी पड़े है.् भारी सवत्​्ीय तंगी के बावजूद िरकार का कामकाज िुचार् र्प िे चिाने के सिए इन खािी पदो् को भरने का फैि​िा सकया गया है. िरकार करीब सवभागो्मे्ग्प्ु िी और ग्प्ु डी के 60 हजार कम्सचासरयो् की भत्​्ी करेगी. इिके अिावा 70 हजार सशक्​्को् की भी बहािी की जायेगी. राज्य िरकार मे्ग्प्ु िी के कम्च स ासरयो् का औित वेतन 14 हजार र्पये है. इि सहिाब िे 60 हजार नये कम्च स ासरयो्को वेतन देने पर

िरकार को हर महीने 84 करोड़् र्पये खच्स करने हो्ग.े इिी तरह ग्प्ु डी के कम्च स ासरयो्को 11 हजार र्पये के सहिाब िे वेतन देने पर िरकार को हर महीने 66 करोड़्का असतसरक्त बोझ होगा. इिके अिावा 70 हजार सशक्क ् ो्के वेतन पर हर महीने 154 करोड़्र्पये खच्सहो्ग.े यानी इन नयी बहासियो्के पहिे िे ही आस्थक स तंगी िे जूझ रही िरकार पर हर महीने करीब 304 करोड़् का असतसरक्त बोझ पड़्ेगा. सवधानिभा मे्सवपक्​्के नेता िूयक स् ांत समश्​्ने ये िवाि उठाया है सक आसखर यह रकम आयेगी कहां िे ? उनका कहना है सक अब जब िाफिफाई और हाउिकीसपंग जैिे कामो् के सिए बाहरी एजंसियो्िे ठेके पर िोग रखे जा रहे है् तब इतनी भारी तादाद मे् ग्​्ुप िी और डी कम्सचासरयो् की भत्​्ी का क्या औसचत्य है? भाजपा और कांग्ेि ने भी इिे चुनावी कवायद करार देते हुए िरकार िरकार की मंशा पर िवाि उठाये है.् मुस्यमंत्ी के मुतासबक, सिसवक पुसि​ि वािंसटयरो् का मेहनताना भी मौजूदा 2800 र्पये िे बढ़ाकर िाढ़े पांच हजार र्पये प्स्त माह करने का फैि​िा सकया गया है. ममता ने अपने अल्पिंस्यक वोट बै्क को मजबूत करने के सिये भी धड़्ाधड़्कई योजनाओ्का भी एिान कर सदया है. इनके तहत अल्पिंस्यक छात्​्ो्को स्कािरसशप देने की प्स्​्कया तेज करने का सनद्श ्े सदया गया है. यह पहिा मौका है जब िरकार ने अपने अल्पिंसय् क कम्च स ासरयो्मे्ईद का बोनि बांटा है. इिके तहत 24 हजार र्पये िे कम वेतन पाने वािे कम्च स ासरयो्को 3200 र्पये का बोनि समिा है. इि फैि​िे पर िरकारी खजाने पर चार िौ करोड़्र्पये का असतसरक्त बोझ पड़्ा है.


मीिडया वध्तषका नन्दा

एक था चांद नवाब

सद

पाठक और दि्क ड अगर तसिेमा हाल मे्जाकर इस चांद िवाब को देख कर भीग सकिा है िो असल तजंदगी मे्उसके मि मे्ऐसे चांद िवाबो्को देखिे की तकि​िी लालसा होगी.

लिी ् की गीता कािोनी मे्आज िे करीब 15 िाि पहिे पुसि​ि थाने मे् एक बंदर घुि आने की खबर आयी. थाने मे् घुिने के बाद बंदर वहां िे जाने का नाम ही नही्िे रहा था. सदल्िी पुसि​ि के जवान बंदर को डंडा सदखाते रहे पर बंदर टि िे मि नही्हुआ. एक फ़ाइि िे दूिरी फ़ाइि पर यह बंदर उछि-कूद करता रहा. उन सदनो् सदल्िी मे् मंकी मैन की कहासनयां चरम पर थी. रात के अंधरे े मे्बंदर उत्पात मचाने वािा यह बंदर पुसि​ि की पकड़ मे्नही्आ रहा था. जब गीता कािोनी मे्इि बंदर की खबर मुझे समिी तो मै भी एनडीटीवी की अपराध बीट की प्म् ख ु के तौर पर वहां गयी. उि िमय थाने का िीन बेहद मजेदार था. डंडे सिए पुसि​ि के जवान बंदर को पकड़ने मे् जुटे थे. दूिरी तरफ सकन्ही्वजहो्िे थाने आये पीड़ित हाथ जोड़े बजरंगी स्टाइि मे् खड़े थे. इि खबर पर थाने के बाहर खड़े होकर मैन् े ‘एक बंदर थाने के अंदर’ नाम िे पीटूिी सकया. बंदर न तो बाहर आ रहा था और न पुसि​ि को अंदर आने दे रहा था. बंदर को शांत करने के सिए पीड़ित हनुमान चािीिा पढ़्रहे है.् इि घटना को िेकर हर सकिी के मन मे्एक ही िवाि था, कही्ये बंदर मंकी मैन तो नही्? यह पीटूिी मेरे सकये गये िारे पीटूिी मे्सहट रहा. इिके बाद मे्कई सदनो् तक दश्क स चैनि मे्फोन करके यह पूछते रहे सक आसखर बंदर थाने िे बाहर आया कैि.े हाि ही मे्आयी सफल्म बजरंगी भाईजान को देखते हुए कई बार मुझे बजरंगी भाईजान की याद आयी. बजरंगी भाईजान की ईमानदारी, बि्​्ी की चुपप् ी, पासकस्​्ानी पुसि​ि की तमाम मूखतस् ाओ्के बीच सफल्म मे्जो पात्​् िारे िूत्ो्को आपि मे्जोड़्कर िंवदे नाये्बटोरता है – वह है पत्क ् ार – चांद नवाब उफ्फनवाजुद्ीन सिद्​्ीकी. अि​ि सजंदगी मे्पासकस्​्ान का सरपोट्रस ईद के मौके पर सिंध जा रहे िोगो्पर स्टोरी की पीटूिी कर रहा है तो िोग उिे धकेिते हुए जा रहे है.् पर वह भी पि्​्ा पत्क ् ार है. वह कई बार अपने वाक्यो् को उिी तन्मयता िे दोहरा रहा है. यूट्ूब पर डािा उिका यही वीसडयो कुछ िाि बाद बड़्ेपरदे पर ऐिा सहट होगा, यह सकिी ने नही्िोचा होगा, खुद उिने भी. यहां बात सफल्म मे्पत्क ् ार की िंवदे ना की भी है सजि पर गौर करना होगा. पहिे पासकस्​्ानी पुसि​ि की तरह वह भी बजरंगी को शक की सनगाह िे देखता है. पर जैिे ही उिे बजरंगी की िाफनीयती का यकीन होता है, वह तुरतं अपने सवचार बदि िेता है और सफल्म के अंत तक बजरंगी और बि्​्ी का िाथ देता है. अब यह िवाि खड़ा होता है सक अि​ि सजंदगी मे् आसखर सकतने पत्क ् ार ऐिा कर पाते है? आज पत्क ् ासरता की पढ़्ाई और उिका काम शक की बुसनयाद पर खड़्ा सदखाई पड़ रहा है. हर बात पर शक. िरकार पर , ित्​्ा पर, पुसि​ि पर. बात यहां तक तो जमती है. क्यो्सक सजनका काम जनता की िेवा है, जो जनता के सिए जवाबदेह है,् मीसडया को उनिे कड़्ेिवाि पूछने ही चासहये. जनता का पैिा पानी मे्न समिे, इिके सिए शि्​्ी सनगाह रखनी ही है पर जब पत्क ् ार इन दूसरयो् को पाट कर और अपने अि​ि काम को छोड़्कर पेड न्यज ू के जसरये इन तीन स्भ्ं ो्का िाथी और पीसडतो्का सवद्​्ोही हो जाता है, पीस्ड़त को ही धसकयाने िगता है, उिके प्स्त शि्​्ी हो जाता है

तो पत्क ् ासरता के मायने बदि जाते है.् आप और हम सकतने ऐिे पत्क ् ारो्को जानते है्जो अपने क्त्े ्ीय गुटो्, दफ्तरी गुटो्, भाषायी गुटो्और पूवा्भस ािो्िे ऊपर उठ कर सकिी िच का िाथ देने के सिए आमादा हो्. ऐिा नही्है सक पूरी पत्क ् ासरता ही दागदार है पर ऐिा जर्र है सक खबरो्के सबके किेवर की नयी फि​ि के बीच पत्​्कासरता के तमाम िंदभ्​्ो् को भी कुछ िफाई की जर्रत तो है. इि बात िे इंकार नही्है सक सकिी भी चैनि या अखबार का मासिक चांद नवाब जैिे की दी हुयी खबर को बाजार की खबर नही्मानेगा. उिे नकारेगा और न ही उिे यह िमय देगा सक वह सकिी खबर को इतने सदनो्तक फािो कर िके. पर बाजार के दबावो्को अगर हम कुछ िमय के सिए हासशये पर िे जाये तो भी पत्क ् ासरता के मूि को सचंतन की जर्रत तो है. अब मामिा िरोकार की पत्क ् ासरता और सनभ्​्ीकता का है. िािो्तक प्भ् ात खबर को सवकाि पत्क ् ासरता की एक समिाि माना गया. इिके बाद, जनित्​्ा और द सहंदू को आज भी िरोकारो्िे जुड़्ा अखबार माना जाता है. दूरदश्सन जन माध्यम है. पर सनजी मीसडया के आगमन ने पत्​्कासरता की पसरभाषा को बदि सदया है. टीआरपी बढ़ाने और तुरतं सबकने वािी मिािेदार खबरो्को उठाने मे्मीसडया के कैमरो्ने कभी देरी नही्की. इि बाज़ार मे् फैशन शो के ग्िमै र की चमक तो सबकी पर खेतो्मे्काम करने वािे सकिान के िंघष्सकी कोई खबर मीसडया के इि बाज़ार तो क्या इनके कैमरो् और िेखको्के किम तक नही्पहुच ं ी िकी. जब सकिान चैनि बना तो वहां भी सकिान की खबर िे ज्यादा ये बड़्ी खबर यह बनी सक कैिे िदी के महानायक तक ने सकिान चैनि के सिए मुफत् मे्काम करने की बजाय कसथत तौर पर 6.5 करोड़् की रकम मांग िी. इिमे् हम पी िाई्नाथ को भी याद कर िे् सजन्हो्ने शायद पहिी बार भारत का ध्यान इि तरफ सदिाया सक जब महाराष्​् मे्बड़्ी तादाद मे्सकिान आत्महत्या कर रहे थे तो उिे कवर करने 6 सरपोट्रस ही पहुच ं े जबसक उिी िमय हो रहे िैकम् े फैशन वीक को कवर करने 512 पत्क ् ारो्का हुजमू पहुच ं गया. सदल्िी जैिे शहर मे्ही 80 फीिद मीसडया 20 फीिद िोगो्की मुट्ी मे् है. यानी सक खबर की पूरी बागडोर िीसमत हाथो् मे् कैद है. इिका अिर खबर के चुनाव और उिके प्ि ् ार पर तो पड़्गे ा ही. खबरे्नपेग् ी, तौिी जायेग् ी और राजनीसतक जर्रतो्मे्किी भी जायेग् ी पर इि िारे मोि-भाव के बीच भी इि बात को कौन नकार िकता है सक इि मीसडया मंडी को पत्क ् ार की कुवव् त के सबना िजाया ही नही्जा िकता. बाजार के दबाव मे्पत्क ् ार और िंपादक का कद कुछ छोटा हो िकता है. पर ऐिा भी क्या सक उिके अंदर का चांद नवाब सकिी परछाई् मे् ही सिमट जाये. पाठक और दश्क स अगर सिनेमा हाि मे्जाकर इि चांद नवाब को देख कर भीग िकता है तो अि​ि सजंदगी मे्उिके मन मे्ऐिे चांद नवाबो्को देखने की सकतनी िाि​िा होगी. इि बात पर भी गौर करना ज़र्री है. बेशक, ऐिे चांद नवाबो्को खोजने के सिए कबीर खान वािी नजर भी चासहये. मीसडया मासिक अपने चि्मे को िाफ कर िे्तो यह मुमसकन होगा ही.

( िेसखका सहंदी कसव और जानीमानी पत्​्कार है्.)

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 45


सािहत्य/बारचीर

सरि्​् कसव िीिाधर जगूड़्ी ने पहिी जुिाई को जीवन के पचहत्​्र वष्स पूरे सकये है्. िन िाठ के बाद की सहंदी कसवता को आधुसनक मुहावरा और एक िमृद्भाषा देने के सिए उन्हे् खाि तौर पर जाना जाता है. उनके दि कसवता िंग्ह प्​्कासशत है्, सजनमे िबिे नया िंग्ह ‘सजतने िोग उतने प्​्ेम’ है. उनिे बातचीत के कुछ अंश. रचहत्​्र साल के हो गये आर. कैसा रहसूस करते है् ? पहिी बार नयी-नयी मूंछो् पर उस्​्ुरा सफराते हुए महिूि सकया था सक मै्युवा हू.ं और जब भी अपनी दाढ़्ी मूंछे् छुपाने के सिए समटा देता तो मै् अपने को युवाओ् के बीच असधक नया महिूि करता हूं.यह सदखाने की चेि्ा करता सक देखो और सवचार करो सक हूं तो मै् िबिे छोटा, िेसकन सवचारो्की िृजनात्मकता मे् मै् बड़्ो् जैिा हूं और मेरा सवश्​्ाि करो, मै् जो कर रहा हूं , कसवता कर रहा हूं. अब पचहत्​्रवां वष्स पूरा करते हुए अनुभव होता है सक तब मै्उम्​्िे युवा था और सवचारो्िे शायद अधूरा. िेसकन तब मुझे अपने सवचारो् पर सजतना िंदेह और असवश्​्ाि था, उतना आज नही् है. शायद िंदेह और आत्मसवश्​्ाि हमे् युवा और कमसिन बनाये रखता है. तब मै् असनण्सय की ब्सथसत मे् िोचता और बोिता था और अब मै् सनण्सय की ब्सथसत मे् उिे कही् ज्​्यादा अपने प्​्सत िंसदग्ध हो उठता हूं. मेरे सवरोधाभाि कही् ज्​्यादा तीक्​्ण और सदखाई पड़्ने वािी स्पि्​्ता को प्​्ाप्त हुए है्. मै्पस्​्िम िे उतना प्​्भासवत नही् हो िका, सजतना भारत और एसशया की परंपराओ्िे ओतप्​्ोत होता रहा हूं. एक वैचासरक िमय ऐिा भी आया सक पूरे सवश्​् की िांस्कृसतक यात्​्ाओ् का ज्​्ानात्मक स्पश्सप्​्ाप्त करते हुए थोड़्ा अिग िे कुछ िोचने और करने का मन हो. िामासजक अन्याय को दूर करने के सिए चिने वािे आंदोिनो् और िंघष्सके हर मोच्सपर मार खाकर भी दाता रहा. तब जो िमय और भाषा हाथ िगी, उिी को अपनी कसवता की आवाज़् बनाने की कोसशश की. िफिता सवफिता का मूल्यांकन मै् नही् कर पाऊंगा. मेरे पचहत्​्र वष्​्ो् का िफ़्र मुझे सकिी नये िमाज तक नही् पहुंचा िका. सवज्​्ान ने ज़्र्र कुछ बेहतर उदाहरण सदखाये, पर बाज़्ार और बसनयासगरी ने सवज्​्ान को भी बेच खाने के िारे उपाय रच डािे. जगह- जगह िमृस्द के सवशािकाय बांध ज़्र्र बने, पर उन्नत जीवन िबके जीवन मे् नही् आ िका. हमारे आधुसनक िासहत्य का अस्​्सत्व बना तो, 46 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

‘मैंहर पीढ़ी में शागमल होता हूं’

वदरष्​्कदव लीलाधर जगूड़ी से प्​्मोि कौ्सवाल की बातचीत लीलाधर जगूड्ी : कववता का यथाथ्थ

िेसकन उिमे् उदारता और सवकसित होती प्​्ाणवान किात्मकता ज्​्यादा नही् आयी. यथाथ्सकी स्मरणीय प्​्स्ुसतयां बहुत कम ऐिी हुई है् जो किा को भी एक नया मूल्य देती हो्. शल्द बढ़्े पर शल्दाथ्स नही् बढ़्े. सफर भी रचनात्मकता की नयी सदशाएं सहंदी मे् खुिती जा रही है्. मै्भी अपने को उिी रास्​्ेका एक सवकसित मुिास्फ़र िमझता हूं जो पूव्स-रसचत पात्​्ो् और पसरब्सथसतयो् िे प्​्ेरणा िेना गुनाह नही् िमझता है. आरकी रचना यात्​्ा से लगता है वक आर अरने को हरेशा नया बनाते रहते है्. पहिे मै् छायावाद के मानववाद िे प्​्भासवत रहा. उि कािखंड की रचनात्मक भाषा और िंवेदना िे अिग होने के सिए नयी कसवता और अकसवता की भूसमका बहुत महत्वपूण्स है. नयी कसवता ने जो अिगाव पैदा सकया और अकसवता ने जो तोड़्फोड़् पैदा की, उिके अिावा सवश्​्को जोड़्ने वािी एक और सखड़्की खुिी जो सहप्पयो्और बीटल्ि की थी. एिे्सगन्िबग्सका भी प्​्भाव रचनाकारो्पर पड़्ा. दबे- ढके िासहत्य के िारे आग्​्हो् ने न केवि घूघं ट उतारा, बब्लक कपड़्ेभी उतार सदये. पहिी बार युवा िोगो् ने नंगे शरीर की चादर को पहचाना और उिे ज्यो् का त्यो् रख देने का इरादा त्याग सदया. वे सदमाग् िे पहिे शरीर िे

काम िेने िगे. इिका प्​्भाव कहानी और अन्य सवधाओ् पर भी पड़्ा. एकदम नंगा और अनिंकृत यथाथ्सिामने आने िगा. ऐिे मे्मेरी ब्सथसत कई तरह के भंवरो् मे् फंिी हुई िी डांवाडोि थी. मै् अपना भी कोई सकनारा पाना चाहता था, िेसकन िहरो् िे भी सकनारा नही् करना चाहता था. मै् प्​्कृसत, गीत और नयी कसवता के ियात्मक गद्​् की ओर बढ़्ा और उिका पसरणाम था ‘ शंखमुखी सशखरो्पर’ मे् िंग्हीत कसवताएं. इि िंग्ह की िमीक्​्ा करते हुए प्​्स्यात कसव प्​्याग शुक्ि ने ‘कल्पना’ पस्​्तका मे् एक नये शल्द का प्​्योग करते हुए कहा था सक िीिाधर शम्ास की ये कसवताएं ‘घर्मोह’ की भी कसवताएं है्. घर्मोह शल्द प्​्याग जी ने नॉस्टेब्लजया के सिए इस्​्ेमाि सकया था. पर राजकमि चौधरी, धूसमि, िुकांत भट्​्ाचाय्स, अज्​्ेय और अपने िमकािीन समत्​्ो् की कसवता िे आक्​्ांत होकर मै्ने अपना नाम भी बदि सदया. मैन् े धूसमि की तरह अपना उपनाम नही् रखा, बब्लक बाह्मण होने की पहचान समटाने के सिए खुद को शम्ास की जगह जगूड़्ी बना सदया. यह ग्​्ामवाची नाम है. ख्ैर, मेरा196 0 के बाद का नया नाम ‘नाटक जारी है’ मे्प्​्कासशत हुआ. ‘शंखमुखी सशखरो् पर’ िे ‘नाटक जारी है’ की ओर आना और शम्ास का जगूड़्ी हो जाना


मानसिक र्प िे हमेशा इि िंकट िे गुज़्रा हूं सक मै्अपने मे्आधा स्​्ी भी हू.ं मेरी स्​्ी िंबध ं ी कसवताओ्का चयन अिग िे आना चासहए और वह भी शायद मुझे ही करना पड़्ेगा. कोई और कर िेता तो मुझे बड़्ी ख्ुशी हो जाती.

एक जन्म जैिा था. इिे कायाकल्प भी कह िकते है्. ‘नाटक जारी है’ की भाषा उि िमय के िासहत्य जगत को स्वीकाय्सनही्थी. मै्एक अस्वीकृत कसव के र्प मे्अपनी शुर्आत देख रहा था. पर बौस्​्दक जगत मे्1960 के बाद जो वैचासरक खिबिी थी, उिने मेरे जैिे सिखने वािो् को गंभीरता िे सिया. जीवन की सविंगसतयो् और नाराजसगयो् को अपना कथ्य बनाने वािा िोगो् मे् मेरा नाम भी शुमार होने िगा. तब िे अब तक सजतने दशकीय मोड़् आये और िामासजक उथिपुथि की घटनाएं घटी्, मै्ने अपने ढंग िे अपने को हर पीढ़्ी के िाथ शासमि पाया. मुझे कहना नही् चासहए, (अगर ख्दु न कहो तो सहंदी मे्आज कोई कहने वािा भी नही् है) सक मै् िाव्सकासिक िमकािीन हूं. अभी मुझे खुद को तत्काि िोचना, पहचानना और बनाना पड़्ता है. आरने प्​्ारंविक दौर रे् व्​्ियो् रर वलखी जा रही कववताओ् से अलग ढर्​्े रर वलखा ? छायावाद िे पहिे अिगाव मेरा तब हुआ, जब स्​्सयो् के िौ्दय्स और चेतना का उिका वण्नस मेरे गिे िे नही्उतरा. स्​्ी के पुरष् ाथ्सको कुछ ज्यादा ही अनदेखा सकया गया है. मेरी कसवता मे् स्​्सयो् की उपब्सथसत पुर्ष दृस्ि के अिावा उनकी अपनी दृस्ि िे भी हुई है. मै्

जीवन की बात करे् तो आरके संघर्ा वकस तरह के रहे ? मै्बचपन िे िेकर पैत् ािीि िाि की उमर तक हर िाि बीमार पड़्ता रहा हूं. जब मै्कही् नही् होता था तो अस्पताि मे् होता था. अस्पतािो् मे् मुझे पढ़्ने का बहुत मौक़्ा समिा और अपने शरीर को िंभािने का भी. जीवन मे्सवपस्​्तयां बहुत आयी है्. हर बार अनचाहे िंघष्स मे् रहा हूं. घर के स्​्र पर तीन बार सवस्थापन झेिा है. दो बार नेस्नाबूद हुआ हूं. िन 1970 की बाढ़्और भूस्खिन के बाद 2013 के 17 जून को केदारनाथ और उत्​्रकाशी मे् जो प्​्ाकृसतक आपदा का तांडव हुआ, उिमे् बहुतो् के िाथ हमारा पसरवार भी तबाह हुआ. जीवन की इि िंकटमय िीिा को केवि सवनाशिीिा ही कहा जा िकता है. इन घटनाओ् पर 1970 मे् पेड़् कसवता सिखी थी और अब 21वी्िदी मे्‘खंड-खंड केदारखंड’ शीष्क स िे कुछ कसवताएं सिखी्है्सजनमे्िे कुछ कसवताएं ‘िदानीरा’ मे्सपछिे सदनो्ही प्क ् ासशत हुई है.् हमारे जीवन मे्तो उथि-पुथि हो गयी, िेसकन िासहत्य मे्कोई खिबिी नही्. आरकी कववताओ् रे् काफी ववस्​्ार वदखाई देता है. इसका कोई ठोस कारण ? मेरी कसवताओ् का समज़्ाज कुछ िंबी कसवताओ्का रहा. यह दौर ही िंबी कसवताओ् की महाकाव्यात्मकता का है. मेरे एक िंग्ह का नाम ‘महाकाव्य के सबना’ है सजिमे् िंबी कसवताएं है्. ‘अनुस्मृसत’ नाम की एक िंबी कसवता को अज्​्ेय जी ने ‘नया प्​्तीक’ मे्छापा था, यह कहकर सक यह आधुसनक मनु और मानवी की गाथा है. आधुसनक मनु और मानवी के िंघष्स और िौ्दय्स को िमझने की आिोचकीय दृस्ि कुछ कही्बन ही नही्पायी. ऐिा शायद इिसिए भी हुआ है सक सहंदी िासहत्य की आिोचना के कुछ िुसनस्​्ित खाने बना सदये गये है.् उनिे बाहर आने मे्कई अिुसवधाएं पैदा हो जाये्गी. अिुसवधा मे् आिोचक पड़्ना नही्चाहते. हर ज़्माने मे्िासहत्य और किाओ्के कुछ गुण-दोष सगनाये या बताये जाते है् िेसकन यह भी देखा गया है सक एक िमय के दोष आगे के िमय मे्गुण हो गये है.् बेशक़्, वात्ास को कसवता मे् काव्य दोष माना गया है, िेसकन आगे

चिकर कसवता मे् िंवाद गुण बहुत प्​्शंसित हुए. आज की कसवता तो पूरी बातचीत पर ही आधासरत है. आज कसवता अपने मंतव्य और गंतव्य के सिए पूरा सवस्​्ार िेती है, िेसकन शाब्लदक समतव्यसयता के िाथ. काव्य गुण गद्​् को िुंदर बना देता है, पर काव्य गुण की कब कैिे पहचान की जाये, कुछ पता ही नही्चिता. राजकमि, मुब्कतबोध, धूसमि, अज्​्ेय और रघुवीर िहाय आसद बड़्े कसवयो् मे् िंबी कसवताओ् का सवस्​्ार है. पर पंब्कतयो् मे् समतव्यसयता और िंब्ि​ि​ि्​्ता बहुत है. आज कववता के संकटो् और सवालो् को आर वकस तरह देखते है्? आज कसवता क्यो्और कहां पर ख्राब हो रही है, इिकी एक नही् कई वजहे् है्. कसवता का भी ध्येय कहे्या मंतव्य शुर्िे ही यह रहा है सक सवस्​्ार को यथािंभव िमेटते हुए कोई बात इि तरह िे कहना सक सजि तरह वह कभी कही नही् गयी. िेसकन तथाकसथत आत्मासभमानी कसवयो् ने उि सबल्कुि कहानी और कही्-कही्सनबंध को सिखना और कहना शुर् कर सदया. सिहाजा न तो कसवता मे् कथा तत्व ठीक िे आ पाया और न सनबंध का सनखार बन पाया. कसवता भी एक स्क़स्िा बनकर रह गयी. यह कसवयो्की कसवता पर ढाही गयी एक सवपदा है. इि सवपदा िे कसव ही उिे उबार िकते है्. यह तभी िंभव होगा जब कसवता के सिए कसवगण एक ख्ाि तरह का अिग रंगढंग वािा गद्​् सनस्मसत करना शुर् करे्गे. वह गद्​् खुद बतायेगा सक यह कसवता का गद्​्है. कसवता का कथ्य और िरोकार अख्बार, रेसडयो और टीवी आसद माध्यमो् िे अिग तरह का होना चासहए तभी कसवता को नया आकष्सण देकर िौटाया जा िकता है. एक िमय था जब कसवता का नारा हो जाना इिसिए अच्छा िगता था सक वह िूब्कत की क्​्सतपूस्तस करती सदखती थी. िेसकन अब नारे इतने अपार और अथ्सहीन हो चिे है् सक वे एकदम ितही राजनीसतक िोच के नमूने िगते है्. वे कसवता और खबरो् की भाषा मे् फ़्क़फ् नही् रहने देते. अब वक्त आ गया है सक वैस्शकता और स्थानीयता के टकराव सदनप्​्सतसदन कम होते जाये्गे. उल्िेखनीय स्थानीयता वैस्शक हो जायेगी. इिसिए मानवीय मूलय् और िंवदे नाओ्को ग्िोबि स्र् पर एक दूिरे मे्पाना िासहत्य की िाव्भस ौसमकता की पुनस्थ्ासपना का कारण बनती मुझे सदखाई दे रही है. स्थानीयता भी एक सदन वैस्शक हिचि का पहिू बनकर हमारे दुसनयावी जीवन की जर्री सहस्िा बन जायेगी. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 47


सािहत्य

याद नकसे अब आती है

बांदा मे्केदारनाथ अग्​्वाल का घर : अब नामोवनरान नही्

केदारनाथ अग्​्वाल : केन का कवव

तहंदी समाज अपिे बडे लेखको्की स्मतृ ि को बचा कर रखिा ि जाि​िा है और ि चाहिा है. सरकारो्को भी इसकी कोई परवाह िही्. बांदा मे्कतव केदार के घर को जमी्दोज तकये जािे की घटिा इसका एक र्पक है. वीरेद् ् यादव

हा

ि ही मे् जब उत्​्र प्​्देश के बांदा मे् सहंदी के शीष्सस्थ प्​्गसतशीि कसव केदारनाथ अग्​्वाि के पसरजनो् िे उनके आवािीय पसरिर को खरीदनेवािे सबल्डर ने उि घर को जमी्दोज सकया गया तो सहंदी के िेखक िमुदाय के बीच अविाद और आक्​्ोश का व्याप्त होना स्वाभासवक था. यह इिसिए भी सक एक शीष्सस्थ कसव का आवाि होने के िाथिाथ वह िंबे िमय तक बांदा की िासहब्तयक पहचान भी रहा था.डॉ रामसविाि शम्ास ,नागाज्सुन ,स्​्तिोचन, शमशेर िसहत सहंदी के कसवयो्-िेखको्की कई पीढ़ियो्की इि पसरिर मे्िगातार आवाजाही भी बनी रही थी. ित्र् के दशक मे् प्​्गसतशीि और जनवादी िेखको् के उि बड़े जमावड़े का भी यह पसरिर गवाह रहा था सजिके बाद ही प्​्गसतशीि आन्दोिन के पुनग्ठस न की प्स्​्कया शुर्हुई थी. इि पसरिर मे् केदार जी द्​्ारा िंग्हीत दुि्सभ पस्​्तकाओ् और पुस्को् का जो िंग्ह था, वह भी इि कि्​्े मकान के जमी्दोज होने के िाथ सविुप्त हो गया. पूवस्मे्इि तरह की कई घटनाओ्की तर्ज़ पर इि बार भी िेखक िंगठन सवरोध स्वर्प 48 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

कुछ बयानो्, शािन-प्​्शािन िे अपीिो् की रस्म-अदायगी के असतसरक्त कारगर कुछ न कर िके. यह िचमुच िस्​्ित करने वािा है सक सजन केदारनाथ अग्व् ाि की उपब्सथसत िे बांदा िासहत्य के मानसचत्​्पर आया, उनकी याद को िंजोने के सिए आज बांदा मे् उनके सनधन के इतने वष्​्ो् बाद भी उनकी एक प्​्सतमा तक न िगाई जा िकी. दरअि​ि यह िमूचा प्क ् रण एक बार सफर सहंदी िमाज की िांसक ् सृ तक उदािीनता, िेखक िंगठनो् की सनष्स्कयता और सहंदी प्​्देश की िरकारो्के गैर-िांसक ् सृ तक र्ख को ही उजागर करता है. इिी गैर -िांसक ् सृ तक दृस्ि के चिते सनरािा िरीखे महाकसव का उनके जन्मस्थान उन्नाव िे िेकर उनकी कम्सस्थिी इिाहाबाद तक न तो कोई ढंग का स्मारक है और न ही कोई प्​्सति्​्ान. उन्नाव शहर मे् एक उद्​्ान और प्क ्े ्ागृह का नामकरण जर्र सनरािा के नाम पर सकया गया है. प्य् ाग के सजि दारागंज मुहल्िे मे् सनरािाजी का जीवन बीता, वहां उनकी वह कोठरी भी िंबे िमय तक उपेस्कत रहने के बाद अब बेचेहरा हो गयी है. िे-देकर दारागंज मे् सनरािा जी की एक मूसत् स जर्र िगी है. िच तो यह है सक यसद सनरािाजी के पसरवारजनो् की

िंस्था ‘सनरािा िासहत्य िंस्थान’ खुद के िंिाधनो् िे प्स्त वष्सइिाहबाद मे्उनकी स्मसृ त मे्आयोजन न करे तो वे सवस्मतृ ही हो जाये.् इिी तरह इिाहाबाद मे्सफराक गोरखपुरी और बि्न् की भी याद का कोई सि​िसि​िा अभी तक नही बन पाया है. महादेवी वम्ास की ‘िासहत्यकार िंिद’ िंसथ् ा न होती तो उनकी याद का भी कोई सि​िसि​िा शायद ही बचा होता. हां, नैनीताि के रामगढ मे्महादेवीजी के आवाि मे्जर्र उिके बदिे हुए स्वर्प के बाद िेखको्िंसक ् सृ तकस्मयस ो् की आवाजाही बढ़्ी है. िच तो यह है सक जहां िेखको्या उनके पसरवारजन द्​्ारा स्वयं कोई प्य् त्न नही सकये गये, वहां उनकी स्मृसत को बचाने का कोई प्​्भावी उपक्म् भी नही्हुआ. ब्सथसत तो यह है सक राहुि िांकतृ य् ायन िरीखे महासवद्​्ान तक का स्मारक बनना तो दूर, उनके द्​्ारा िंकसित उन दुिभस् पांडसु िसपयो्को भी नही्िहेजा जा िका जो एक अरिे तक आजमगढ़ के सजिा प्​्शािन की िुपुद्सगी मे् थी्. राहुि िांकृत्यायन के सपतृगाँव कनैिा मे् उनके पसरवारजनो् ने उनकी स्मसृ तस्वर्प गाँव के उनके घर मे्दो अिमासरयो् मे्बि उनकी कुछ सकताबे्जर्र िहेज कर रखी है्.कुछ वष्स पूव्स जब इन पंब्कतयो् का िेखक


आजमगढ़ मे् राहुि जी के नसनहाि के गाँव ( जहाँ उनका बचपन बीता था ) गया तो वहां भी गाँव-घर के िोगो्के प्य् ाि िे राहुि जी की एक िाधारण िी प्स्तमा और एक कोठरीनुमा कमरे मे्कुछ जीण्श स ीण्ससकताबे्ही देखने को समि पायी थी्. आजमगढ़ मे् ही अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हसरऔध’ की स्मृसत मे् बना ‘हसरऔध किा भवन’ सपछिे सदनो्इतनी जीण्श स ीण्सब्सथसत मे्था सक स्थानीय िेखको्और िंसक ् सृ तकस्मयस ो्को इिे बचाने के सिए धरना प्​्दश्सन तक करना पड़ा.खतरा यह भी था सक कही्इि भवन मे्कोई िरकारी दफ्तर ही न खोि सदया जाये. दरभंगा मे् बाबा नागाज्नसु और पूसण ् यस ां मे् फनीश्र् नाथ रेणु के पसरवारजनो् ने अपने प्य् त्नो् िे सकिी तरह सहन्दी िासहत्य की इन सवभूसतयो् के स्मृसतसचह्नो् को अब तक बचाये रखा है. छतीिगढ़ मे्मुबक् तबोध के बहाने िरकारी और गैर-िरकारी िंसथ् ाओ्द्​्ारा अपनी छसव-सनम्ाण स के करतब तो खूब सकये जाते है्, िेसकन राजनांदगांव मे् उनके नाम पर एक िरकारी भवन को छोड़कर उनकी स्मृसत को अक्​्ुण्ण रखने के कोई कारगर उपाय नही सकये गये है.् दरअि​ि िमूचे सहन्दी प्द् श े मे् अपनी िासहब्तयक –िांसक ् सृ तक सवभूसतयो्को िेकर जो दुदश स् ा है ,वैिी अन्य भारतीय भाषाओँ मे्अन्यत्​् कही् नही्. बांगि ् ा, मियािम, कन्नड़ ,तसमि और तेिगु ु िमाज मे्अपनी भाषा के शीष्सिेखको् के प्स्त जो आकष्ण स और िम्मान का भाव है ,वह सवरि है. वहां िरकारी और गैर-िरकारी दोनो् ही स्र् पर िेखक के व्यब्कतत्व और कृसतत्व को िंजोने और िँभािने की िुदढ़ृ परंपरा रही है. सहन्दी मे्ब्सथसत इिके उिट है. िखनऊ मे्कभी गंगा पुसक ् मािा नाम का प्क ् ाशनगृह था जहाँ िे ‘िुधा’ और ‘माधुरी’ िरीखी पस्​्तकाएं प्क ् ासशत

लम्ाही मे्प्​्ेमचंद का स्मारक : लंबे संघर्थके बाद

होती थी् और दुिारेिाि भाग्वस सजिके िंचािक-स्वामी हुआ करते थे. प्म्े चंद ,सनरािा ,सशवपूजन िहाय िरीखे कई शीष्सिेखको्ने इि प्क ् ाशनगृह मे्वेतनभोगी के र्प मे्काय्ससकया था.प्म्े चंद और सनरािा की कई पुसक ् े्भी यही् िे प्क ् ासशत हुई.् िेसकन आज न तो इि प्क ् ाशन गृह का कोई नामो्सनशाँ बचा है और न पहचान. इिी तरह कभी उद्-सू सहंदी पुसक ् ो्का एसशया का िबिे बड़ा प्क ् ाशनगृह रहा िखनऊ का मुश ं ी नविसकशोर प्ि ्े भी आज महज एक िाईनबोड्स मे् तल्दीि होकर रह गया है. इिकी जगह अब एक मॉि ने िे िी है. स्वीकार करना होगा सक बदिते िमय और बाज़ार की मांग के चिते यह िब कुछ होना ही था ,िेसकन यसद िरकारो् को रंचमात्​् भी अपनी भाषा और िंसक ् सृ त की सवभूसतयो् और गौरवशािी िंसथ ् ाओ् की स्मसृ त िहेजने की सचंता होती तो सकिी न सकिी र्प मे् उनकी स्मसृ त और थाती को प्त् ीक र्प मे् ही िही, बचाया जा िकता था. आगामी 17 अगस्​्िे िखनऊ की पहचान रहे उपन्यािकार अमृतिाि नागर का शताल्दी वष्स शुर् हो रहा है. उत्​्र प्​्देश िरकार के िंस्कृसत सवभाग को न इिकी कोई खबर है न सचंता. उनके सनधन के इतने वष्सबाद भी न शहर मे्कही्उनकी मूसत् स है और न उनके नाम पर कोई िड़क. िखनऊ सवश्स्वद्​्ािय के सहंदी सवभाग ने जर्र कुछ वष्स पूव्स िखनऊ की उपन्यािकार-त्​्यी को याद करते हुए भगवती बाबू, यशपािजी, और अमृतिाि नागर की प्स्तमा अपने पसरिर मे्िगवायी है.् यशपाि को भी याद करने के सिए शहर मे्न कोई स्मारक है और न ही कोई सनयसमत आयोजन. यशपाि के नाम पर उत्र् प्द् श े सहंदी िंसथ् ान मे्एक िभागार अवि्य है और इि िभागार मे्यशपाि की वह

प्स्तमा भी रखी गयी है सजिे उनके पसरवार ने ही िंस्थान को भे्ट सकया था. भगवती बाबू के जन्मसदन को यसद उनके पासरवासरक जन अपने घर पर न मनाये्तो शायद ही उन्हे्याद करने का कोई सि​िसि​िा शहर मे् हो. उनकी भी न कोई मूस्तस शहर मे् है और न स्मारक. यह िचमुच सवडंबना है सक प्द् श े की राजधानी के सजि नगर मे् भगवती बाबू , यशपाि और नागर जी की कोई प्स्तमा न हो वहां पूवस्मुसय् मंत्ी नारायणदत्​् सतवारी की सदवंगत पत्नी के नाम पर िड़क, उद्​्ान और प्स्तमा िभी कुछ है. िमूचे सहंदी िासहत्य मे् प्म्े चंद अकेिे ऐिे िेखक है्सजनका स्मारक िंबी जद्​्ोजहद के बाद उनके गांव िमही (बनारि) मे्आज मौजूद है. िंभवतः वह भी इिसिए हो िका सक प्म्े चंद के वासरिो्ने अपनी िासहब्तयक पृिभ् सू म के चिते इिे स्मारक के र्प मे्तल्दीि करने की अपनी िहमसत दे दी थी. इिके उिट उिी बनारि मे् जयशंकर प्ि ् ाद के नाम पर न कोई स्मारक है ,न िड़क,न गिी और न ही उनकी कोई मूसत् .स ‘चंदक ् ांता िंतसत’ के यशस्वी िेखक देवकीनंदन खत्​्ी भी यहां पूरी तरह उपेस्कत है,् बि रामकटोरा रोड पर उनके ‘िहरी प्ि ्े ’ का बोड्सजर्र देखा जा िकता है. यहां तक सक भारत रत्न उस्​्ाद सबब्समल्िाह खान की शान मे्भी अभी तक बि एक गिी का नाम भर ही है. ऐिी ही उपेक्ा बनारि के कई किाकारो्की भी है. िच तो यह है सक आज के िमय मे् राजनीसत का िासहत्य और िंस्कृसत िे स्वस्थ बौस्​्दक सरि्ता टूट चुका है.सपछिे सदनो् सदनकर को सजि तरह जासत सवशेष की पहचान मे्ढािने का जतन सकया गया, वह िासहत्य को राजनीसत के घूरे मे् तल्दीि करने की एक बानगी भर है. मुबक् तबोध के िाथ भी रायपुर मे्यही सकया गया. ऐिे मे्िेखक िमुदाय और िमूचे सहंदी िमाज को अपनी उि भूसमका मे्वापि जाना होगा जो राजनीसत के िामने याचक नही्, बब्लक अपनी शत्​्ो् पर सनयामक होने की होगी. इिके सिए जर्री यह भी होगा सक िासहत्य के नाम पर पुरस्कारो् और महोत्िवो् पर करोड़ो् का बजट खच्स करने वािी िरकारो् और िंस्थाओ् िे जवाबदेही मांगते हुए िवाि उठाये जाये् और उन्हे् उनके िही दासयत्वो् के प्स्त आगाह सकया जाये. िचमुच जब िेखक राजनीसत के आगे चिनेवािी मशाि की भूसमका मे् होगा तभी उिकी स्मसृ त और स्मारक की अथ्वस त्​्ा भी होगी. केदारनाथ अग्​्वाि के आवािीय पसरिर का ध्वस्​् होना आज के आक्​्ांता िमय का एक र्पक भी है. काश, हम इिे िमझ कर िंकल्पबद्​्हो पाते! शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 49


कनवरा रश्मम भारद्​्ाज युवा कवसयत्​्ी , अनेक पत्​्-पस्​्तकाओ्मे्कसवताएं प्​्कासशत, वत्समान मे् अध्यापन और स्वतंत्िेखन. 100 कसवयो्के िंकिन “शतदि” मे्रचनाएं चयसनत.

चनरतं​ंहीि बड़ी बेहया होती है वो औरते् जो सिखी गयी भूसमकाओ्मे् शासतराना तरीके िे कर देती है तल्दीिी और चुपके िे तय कर जाती है्िफ़र सशकार िे आखेटक तक का अदा िे पीछे करती है माथो्पर िटक आये रेशमी गुच्छे और मुस्कुरा उठती है्सिपब्सटक पुते होठो्िे िुनकर जहर मे्सभगोया िंबोधन ‘चसरत्​्हीन’ बड़ी भाग्यशीिा होती है्वो औरते् जो मुक्त है्खो देने के डर िे वो तथाकसथत जेवर सजिके बोझ तिे जीती औरते्जानती है् सक उिे उठाये चिना सकतना बेदम करता जाता है पि-पि उन्हे् मुक्त , सनब्​्ाध राग िी सकिकती यह औरते् जान जाती है्सक िमप्सण का गसणत है बहुत अिंतुसित और उनका ईश्​्र बहुत िचीिा है बड़ी चािाक होती है ये बेहया औरते् सक जब इनके अंदर रोपा जा रहा होता है बीज़ दंभ का यह देख िेती है्शाखाएं फैिाता एक छतनार वृक् और उिकी िबिे ऊंची शाख पर बैठी छू आती है्ितरंगा इंद्धनुष उन्हे्पता है सक जड़ो्पर नही्है उनका जोर खाद-पानी समट्​्ी पर कल्जा है बीज के मासिक का शाखाओ्तक पहुंचने के हर रास्​्ेपर है उिका पहरा िेसकन गीिी गुफाओ्मे्सफि​िते वह ढीिी करता जाता है रब्सियां और खुिने िगते है्आकाश के वह िारे सहस्िे जो अब तक टुकडो्मे्पहुंचते थे घर की आधी खुिी सखड़्सकयो्िे िुनते है्, ज़िंदगी को िूटने की किा जानती है्यह आवारा औरते् इसतहाि मे्सिखवा जाती है्अपना नाम मरती नही्अतृप्त सतनके भर का ही िही कर देती है्िुराख उिूिो्की िोहे ठुकी दीवारो्मे् और उिकी रोशनी मे्अपना नंगा चेहरा देखते बुदबुदा उठते है्िोग ‘चसरत्​्हीन’

कुछ नदि

कुछ सदन बड़े कसठन होते है् जब मेरी आंखो्मे्तैर जाते है्कामना के नीिे रेशे िाि रक्त दौड़ता है सदमाग िे िेकर पैरो्के अंगूठे तक एक असनयंस्तत ज्वार िावे िा सपघि-सपघि कर बहता रहता है देह के जमे सशिाखंड िे मै्उतार कर अपनी के्चुिी िमा देना चाहती हूं खुद को िस्त चट्​्ानो्के बीच इतने करीब सक वह िोख िे मेरा उद्​्ाम ज्वर 50 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

मेरा िारा अविाद, मेरी िारी िाि​िा और मै्िमेट िूं खुद मे्उिका िारा पथरीिापन तासक सखि िके नरम फूि और सकिकती कोमि दूब कुछ सदन बड़े कसठन होते है् जब भूि कर और िब कुछ मै्बन जाती हूँ सिफ्फएक औरत अपनी देह िे बंधी अपनी देह िे सनकिने को आतुर चाहना के उि बंद द्​्ार पर दस्​्क देती जहां मेरे सिए अपनी मज्​्ी िे प्​्वेश वस्जसत है.

मेरा शहर

अपने शहर को याद करते अक्िर मुझे याद आती है वह िुंदर िी िड़की जो नये खुिे सपि्​्ा कॉन्सर मे् कांटे- छुरी िे सपि्​्ा खाने की नाकाम कोसशश कर रही थी अगिे महीने उिे ल्याह कर मुंबई बि जाना था और वह भावी पसत को सशकायत का कोई मौका नही्देना चाहती थी अपने शहर को याद करते हुए अक्िर मुझे याद आती है वह नीरि राते् जब आठ बजे ही बेचैन कदम िुन िकते थे अपनी आहट कािी िड़को्पर आवारा कुत्ो्के बौखिाये हुए शोर के बीच भी और वे मटमैिे िे सदन, बेपरवाह धूि मे्िोटे बि्​्ेिे सजिे िुबह मां ने बड़ी जतन िे िजाया था तंग गसियां जहां एक अदना िा सरक्शा वािा भी थोड़ी और रेजगारी मांगता कर देता था रास्​्ा बंद वह अनजान आंखे्जो आतुर थी्बना िेने को पहचान सनजता के आवरण मे्हंिी की िे्ध िगाती जहां हवा भी कुछ यूं बहती थी जैिे गुनगुना रही्हो्आपका ही नाम अपने शहर को याद करते हुए अक्िर याद आती है गांव िे आयी वह िड़की सजिने जी्ि-स्कट्सपहनना तो िीख सिया िेसकन उतारना भूि गयी थी माथे की सबंदी वह मीठी िी बोिी जो अब भी उतरते ही शहर मे्कि कर गिे िगाती है यूं समिती है जैिे अब तक हमने उिे कभी दगा ही नही्सदया इि बड़े शहर मे् कभी भीड़ मे्डूबे रास्​्ा खोजते या रोशनी मे्नहाई रातो्मे् एक कतरा पहचान का तिाशते अक्िर पीछे िे बोिता है धप्पा पकड़ िेता है िरेआम जब हम खेि रहे होते है्उिकी यादो्िे आंखसमचौिी शहरी हो जाने की दौड़ मे्अकुिाया मेरा कस्बाई शहर अब तक बचा हुआ है िच मे्बन जाने िे एक पूरा शहर.


बरकही चंचल

रिमरिम बिसे कािी बदरिया

एक अकेली तबजली अपिे साथ दज्ि ड ो्चेल-े चपाड्ेले कर आयी और सब लोग उिसे परतचि भी हो गये. करेट् , अत्थग ि् , क्सवच, हाफ लाइि आतद-आतद.

मु

द्त् बाद इि बार बहत सचरौरी-सवनती के बाद ' परधान ; इि बात पे राजी हो गया सक झूिे का इंतजाम होगा. िावन अईिे ही थोड़े चिा जायेगा. िस्ड़का गदेिा बूढ़्पुरसनया, िब आपन िाध समटाय िे.् ई न कहे् सक गांव मे्झूिा ही नही्पड़ा. िेसकन सदि्त् हो गयी सक 'नार ' कहां िे समिे ? सपंटु को कौतूहि हुआ, ये बाबू! इ नार का होता है ? पारि को ऊपरी गुसि ् ा आ गया. अबे तेरी मां की.. तै नार नही्जानते ? भंगार तेिी ने िमझाया. उि पर काहे गुसि ् ाते हो जब इ पैदा भावा तो नार मोट का ज़माना ही खत्म हो गया रहा. पैदा हुआ औ आंख खोिा तो पब्मपंग िेट देखा. इिे का मािूम सक पहिे पुराने जमाने मे् खेत की सिंचाई पुरवट िे होती रही. चमड़े का बड़ा िा झोिा बनाया जाता था सजिे मोट कहते है, उिे सजि रस्िी िे बांध कर बैि जोड़्ी िे जोड़ा जाता था उिे नार कहते है.् यह मोटी रस्िी सकिान खुद बनाता था. एक फि​ि होती थी िनई की. उिके रेशे िे यह रस्िी बनती थी. यही नार िावन मे्झूिा डािने के काम आता था. िंमरदार ने िंबी िांि िी, ि्​्ा रे ज़माना! सकिान गुिाम नही् था. अपनी जर्रत की िब चीज खुद तैयार कर िेता था. देश गुिाम था, िेसकन सकिान आजाद था. आज जब हम आजाद हुए तो िबिे पहिे हमने अपनी गुिामी खुद खोज िी. आज हम कारखाने के गुिाम है्. कहो शेरई कुछ गित कहा ? पहिे खेत की सिंचाई होती थी, अब खेत की भराई होती है. कुवे िे पानी सनकािा जाता था पुर 'नाध' कर. अब बटन दबाकर पब्मपंग िेट स्टाट्ससकया और पि भर मे्खेत भर गया. सकतना पानी अकारथ जाता है इिका अंदाजा ही नही्. तािाब, कुएं बावड़्ी िब िूख गये. जानवर की जगह मशीन आ गयी. गोबर की खाद की जगह अंगज ्े ी खाद. िबे बड़ा खतरा हुआ 'स्वाद' सबगड़् गया.... िंमरदार अभी चिते िेसकन नवि उपसधया ने टुकड़ा जोड़ सदया, स्वाद की बात छोड़ो िंमरदार , आिा िटकाए ये जो िौ्डे बाइक िे दौड़ रहे है्. ये अपनी ही भाषा मे् दसरद्​् हो गये है् एक सदन का वाकया िुसनए खेती सवभाग का एक नंबर है आप उि​िे सकिानी की सकिी भी िमस्या का िमाधान पूछ िकते है्. एक सदन हम औ िखन कहार समि के फोन सकये. - जी बताइये आपकी िमस्या क्या है ? - िरकार की तरफ िे 'जुआ' कोई व्यवस्था है ? काहे िे सक रामकृपाि िोहार मर गये. उनके खानदान मे् सकिी को भी जुए की जानकारी नही्है. हमे जुआ चासहए. आप क्या मदद कर िकते है्? रेखांकन : सुवमता चक्​्वत्​्ी कृसष सवभाग का फोनी बोिवइया ताव खा गया, मजाक करते हो. यह कृसष सबभाग

है, यह जुआ नही् सखिवाता. आइंदा िे जुआ की बात सकये तो जेि जाओगे. आय हो दद्​्ा! काटो तो खून नही्फोन राखी के हम दोनो्जन भागे और चौराहे िे हट के िुखी को्हार के दरवाजे पे दम सिये. िंमरदार ने रोका, बुड़बक हो उि िौ्डे को का मािूम सक जुआ का होता है. वो भी तो खेत और खेती की पढ़्ाई अंग्ेजी मे्कर के सनकिा है... यही िामने.. नयी पीढ़ी िे पूछो.. जुआ जानता है ? िैि , खपीच िब सहंदी िे गायब. इि औजारी जमाने ने हमारी शल्द िंपदा को सनध्सन बना सदया है.भीखइ मास्टर ने बड़ी िंजीदगी िे कहा, वह हर उद्​्ोग जो टूटता है पने िाथ शल्दो् को भी दफ़न कर देता है और जो नये यंत्आते है्वे अपने िाथ नयी शल्दाविी भी िाते है्. अब इि सबजिी को देख िो. एक अकेिी सबजिी अपने िाथ दज्नस ो् चेिे चपाड़्े िे कर आयी और िब िोग उनिे परसचत भी हो गये. करेट् , अस्थगा् , ब्सवच, हाफ िाइन आसद आसद. चिो ये िब तो चिता रहता है. िेसकन अपने को बचाये रखना पड़ता है. अपनी तमीज तहजीब को बचाये रखने के सिए अपने िोक को बचाये रखना चासहए. अब देसखये न िावन का महीना है , झूिे नही्पड़ेग् े ? अपने उत्िवधम्​्ी िमाज को बचाये रखना चासहए. और इि पर िरकार को सवशेष ध्यान देना चासहए. िेसकन हम उत्र् प्द् श े के िोग इि मुद्ेपर सफिड्​्ी है्जबसक यहां िंभावनाये्बहुत है.् उमर दरजी ने कैच ् ी मारी- जैिे ? वो भी बटा सदया जाये. मद्​्पत्क ् ार ने माइक अपने हाथ मे्सिया और चािू हो गये, देश मे्एक बेहदू ा नारा िग रहा है ' इस्माट्सशहर ' बनाया जाय. कमाि की िोच है , क्या होता है इस्माट्सशहर ? इि िरकार को खुि कर बोिना चासहए ' गांव िंवारो '. उनकी मूिभूत िामासजक िंरचना को मजबूत करो. उन्हे्अनुदान िे नही्पुरष् ाथ्सिे िुिस्​्ित करो. दुसनया को बता दो सक आओ गांव देखो. यह है सहंदस ु ्ान. हर गांव मे् जर्री आवि्यकता की िुसवधा दे बि. सवदेश का आदमी यहां आता है तो शहर देखने नही्, वह इि​िे बेहतर शहर िे होकर यहां आ रहा है. इिे गंवई पय्टस न का केद् ्बना दो. हर गांव मे् खादी के के्द् खोिो. मर रहे पुि्तैनी पेशे को ज़िंदा करो. यह है जवाब. िाथ्क स जवाब. खुशहािी का रास्​्ा. क्या-क्या करना पड़ेगा, इिके सिए ? नवि उपाधय का यह िवाि चौराहे की िंिद मे् कि तक के सिए मुलत् वी हो गया. इि प्​्स्ाव के िाथ सक हम खुशनिीब है् सक हमारे िूबे मे् एक भी शहर नही्है. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 51


खािपाि अर्ण कुमार पानीबाबा

बिसात में पकौरिंयां

मौजूदा ‘बाजार्’ भोजि व्यवस्था मे,् िली हुई पकौिडयो्को राष्​्ीय दज्ाड प्​्ाप्ि है. ‘हाई टी’ मे्गरम पकौिडयां अतिवाय्डहै.ं

हिे िौकी, तोरी, बै्गन और आिू की कुरकुरी पकौड़ियां-पांच-छह खाने वािे हो् तो पाव भर चारो् िब्लजयां, आधा पाव हरी समच्स भी. मोटा बेिन आधा सकिो, मिािो् मे् िौ्फ, धसनया, अजवायन, नमक, िािसमच्सऔर तिने के सिये पाव भर तेि तो कढ़ाही मे्चढ़ाना ही होगा. पहिे िल्जी की तैयारी कर िीसजए. सिफ्फ आिू की पकौड़ी के सिये पतिे सचप्ि तरासशये. बाकी बै्गन, िौकी और तोरी के सिए टुकडे्दो-तीन िूत मोटे होने चासहए. िभी सचप्ि को काटकर धो िीसजए और फरहरा कर िीसजए. हरी मोटी समच्​्ो्को िंबे मे्चीर कर दो टुकडे करके बीच झाड़कर अिग कर िीसजए. जब पानी सबिकुि सनचुड़ जाये तो इन िभी सचप्ि मे् नमक, मोटी कुटी िौ्फ, मोटा धसनया, महीन िाि समच्स का मिािा हल्का-िा बुरक दीसजए. मोटा बेिन परात मे्नाप कर डासिए. एक सगिाि बेिन है तो एक ही सगिाि पानी डासिए. इिे हथेिी िे फे्ट कर िफ़ेद कर िीसजए. ज़र्री िगे तो पानी का बूटा देकर फेटेn यानी घोि गाढ़ा न पतिा बि ऐिा हो सक िल्जी के सचप मे्हल्का िा िन जाए. इि घोि मे् थोड़ी अजवायन ज़र्र समिा िे्. नमक नही्- नमक समिा बेिन अनावि्यक तेि पी िेता है. यह पकौड़ियां िूखी चटनी िगाकर खाई जाती है. अब पहिे जीरे-मूंग दाि की पू ड़ी-यानी चटनी पाउडर-दि ग्​्ाम जीरा, 25 ग्​्ाम िू खी मूंग दाि ( सछिका रसहत धो कर िुखाई हुई ), 25 ग्​्ाम िूखी िाि समच्स बीज झडी, पांच ग्​्ाम दािचीनी का टुकड़ा उतने ही जासवत्​्ी के फूि और छोटी पीपि, इतना ही ही्ग. दि ग्​्ाम िफ़ेद सति. इन िभी को िोहे सक कढ़ाही मे् इि तरह भूने की दाि तो अच्छी तरह भुन जाए और शेष िामाग्​्ी भी ठीक िे सिक जाये. पहिे दाि और करी पत्​्ा आधा भून िे्, तब शेष िामाग्​्ी समिाकर भूने. हल्की िी खुि्बू आये तो कढ़ाही नीचे उतार िे्. सबिकुि ठंडी हो जाए तो िारी िामाग्​्ी इमामदस्​्े मे् महीन कूट िे. स्वादानुिार नमक समिाकर तबाित िगे तो समक्िी मे् पीि िे्. थोडा खट्​्ा असनवाय्स िगे तो दो-तीन ग्​्ाम नी्बू ित्​् के फूि भी िाथ मे् पीि िीसजए. यह ‘चाट’ सिफ्फ पकौड़ियो् के सिए नही् अनेक तरह िे चाट मिािे की तरह उपयोग की जा िकती है. पकौड़ियो्, बड़ो्या मंगोसडयो्के िंदभ्समे्चंद राज की बाते्है. पहिी तो सक नमक-मिािा ऊपर िे ही डािना चासहए. बेिन मे् नही् समिना चासहए वरना पकौड़ियां बहुत ही तेि पी जाती है. दूिरा, िही कुरकुरापन 52 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

तभी आता है जब बेिन मोटा हो. पानी आवि्यकता िे जरा भी असधक न हो. बड़े-मंगोडे मे्भी सपट्​्ी बहुत िस्त होनी चासहए. फोकापन तो फेटने िे आता है. पकौड़ियो् िे बेिन का घोि या मंगोड़ी की सपट्​्ी सजतनी सफट जायेगी उतनी ही बरि्​्त होगी. पकौड़ियां ि​ि्​्तदार हो्गी. अब िवाि है सक तोरी, िौकी, कद्​्की पकौड़ियां बनाई कैिे जाए. इिके दो िूत्है्. इन िब्लजयो् के सचप्ि को मिािे मे् िपेटने के सिए जो चूण्स तैयार करना है उिमे थोडा ित्​्ूया चावि का आटा समिा िे्. हमारा अनुभव-जसनत दावा है सक पकौड़ियां कुरकुरी बने्गी और तेि की बचत होगी. पकौड़ी के आम खोमचो् वािो् िे िेकर पंच-सितारा होटि, क्िबो् तक तरह-तरह की पकौड़ियां, सवशेष कर पनीर, पािक और गोभी के पकौड़ो्को खािा सरवाज डि गया है, िेसकन पकौड़ी बनाने की सवसध पर कतई ध्यान नही् सदया जा रहा है. गरमा गरम पकौड़ियां खाि व्यंजन है. मौजूदा ‘बाजार्’ भोजन व्यवस्था मे्, तिी हुई पकौड़ियो्को राष्​्ीय दज्ास प्​्ाप्त है. ‘हाई टी’ मे्गरम पकौड़ियां असनवाय्सहै. यूरोप अमेसरका मे्‘हाट फ़ूड’ िे िेकर सफंगर-फ्​्ाई तक जो उपिल्ध है, उिे पछाड़ िकती है. अनेक तरह की पकौड़ियां बांि की खपि्​्ी या बारीक िरकंडा िगाकर ‘कुल्फी की तरह’ है्डि बार-युक्त बनायी जा िकती है.सजतनी िी भारतीय भोजन पाक-किा आज सवश्​्मे्प्च ् सित है वह हमारी पाकसवद्​्ा का शायद िाखवां अंश भी नही्. मुद्ा केवि व्यापार मे्स्पध्ास का नही् है. वास्​्व मे् चुनौती तो मानवीय कर्णा के सवस्​्ार की है. हम और शेष दुसनया आज जो कूडाकबाड़ खा रही है और एिोपैथी आधासरत स्वास्थ्य उद्​्ोग को बढ़ावा सदया जा रहा है उि​िे पूरी मानवता को बचना है.मौजूदा खानपान मे् भारतीय मिािो् को ‘खिनायकी’ का दज्ास प्​्ाप्त है क्यो्सक हमे्यह ऐसतहासिक तथ्य भूि गया है सक गोरा सफरंगी मूितः मिािो्की खोज मे्सहंदुस्ान पहुंचा था. वास्​्व मे्भारतीय मिािे तो शुद्िाब्तवक िहज िुिभ औषसधयां है. वष्ास ऋतु िे िेकर शीत के अंत तक तिी हुई पकौड़ियां- सजिमे्अंदर थोड़ी अजवायन डिी हो, और ऊपर िे स्​्तकुट-युक्त मिािा और चार नमक डािा गया हो. स्वास्थ्य के सिए सहतकर व्यंजन है. अब िे िेकर िद्​्ी के अंत तक ऐिा भारी भरकम भोजन असनवाय्स है सजि​िे पानी की प्याि जगती रहे और कफ, वात व सपत्​् की प्​्कृसत मे्िंतुिन बना रहे. बरिात मे्गरम पकौड़ियो्िे शुर्होकर पौष मे्बड़े-मंगोडो तक का यही मूि सवज्​्ान है. (िेखक जाने-माने िामािजक काय्क स त्ास है्और उनकी एक पुसक ् ‘अन्न-जि’ प्क ् ािशत है)


व्यंग्य ज्​्ान चतुव्ेदी

मुदंों का टीला

व्यापम के वैधातिक और ईश्र् ीय तियमो्के अंिग्िड आम जि को खास िरह से और खास जिो्को आम िरीको्से मौि आ सकिी है.

ि

रकार के इि गजटीय नोसटि िे प्​्देश की िमस्​् प्​्सतभाओ् को िाव्सजसनक र्प िे िूसचत सकया जाता है सक अब यहां उनकी उपब्सथसत गैरकानूनी घोसषत की जा रही है. प्​्देश मे् अब प्​्सतभा के सिए कोई स्थान नही् रहेगा. पसरश्​्मी, प्​्सतभावान छात्​्ो् को यसद सकिी प्​्वेश परीक्​्ा मे्पाि होने की कोसशश करता पाया गया तो यह िरकार व्यापम के जसरये उनके सवर्द् कड़्ी काय्सवाही करेगी. प्​्देश मे् कोई भी प्​्सतभाशािी छात्​् यसद कही् भी खड़्ा समि गया तो व्यापम के कासरंदे भेजकर उिको तुरंत उि जमीन िे बेदखि कर सदया जायेगा. प्​्सतभा का हर कल्जा अब नाजायज माना जायेगा. सजि जमीन पर तसनक िी प्​्सतभा भी पनपती पाई गयी, िरकार उि जमीन का पट्​्ा रद्​्कर देगी. िरकार ऐिी हर जमीन का असधग्​्हण करेगी. इिे उनको देगी जो इिे ऊंचे दाम पर खरीद िकते है्. प्​्सतभाशािी बि्​्ो् को अंधेरी िुरंग मे् धकेिने का आदेश जारी सकया जा रहा है और इिके सिए िरकार ने माननीय राज्यपाि िे भी अनुमोदन प्​्ाप्त कर सिया है ! िरकार शीघ्​्ही प्स्तभाओ् को प्​्देश िे सनकि जाने के सिए माइग्​्ेशन िस्टिसफकेट इि्यू कर रही है. ये अि​िी िस्टिसफकेट हो्गे. ये उिी िरकारी प्​्ेि मे्छापे जा रहे है्जहां िे जािी माक्फशीट छपती रही है्. ये िस्टिसफकेट थोड़्ा िीक अवि्य करे्गे. िरकारी स्​्पंसटंग मशीन पर छपे इतने पेपर अब तक िीक हो चुके है्सक अब इि पर छपे हर कागज को िीक होने की आदत पड़्गयी है. छपते ही िीक होने िगते है्. ये हमारी व्यवस्था की मशीन के किपुज्ो् की तरह है्, जहां जोड़्-जोड़्खुि गये है्और घपिो्का तेि सरि रहा है. इि नोसटसफकेशन िे िमस्​्प्​्सतभाओ्, सचंसतत िजग नागसरको्और मीसडयाकस्मयस ो्को िस्त चेतावनी दी जाती है सक वे चू-ं चपड़्न करे.् उनकी यह हरकत बद्ािस त् नही्की जायेगी. मुनादी की जाती है सक कोई भी िरसफरा िरकार िे गित िवाि न सकया करे. ऐिे प्​्ि्न पूछने पर िरकारी कामकाज मे् बाधा डािने का अपराध करने की धारा िगाई जायेगी. इि िक्फुिर िे आज िे व्यापम को पसवत्​् गाय घोसषत सकया जाता है. व्यापम को िेकर कोई भी िवाि, पड़्ताि और शंका को गोवध के िमान पाप माना जायेगा. इि पसवत्​्राज्य मे्इि गोवध की िजा मृत्युदंड घोसषत की जाती है. अिहज प्​्ि्न मेरी पड़्ताि करने वािे पासपयो् को जिाकर, सवषपान का प्यािा देकर, रथ के पसहयो् के नीचे कुचिकर, िरोवर मे्

डुबोकर, फंदे िे िटकाकर, गिा मिककर, व्यवस्था के पोसषत खूंखार कुत्ो् को छोड़्कर और िूिी चढ़्ाकर िाव्सजसनक र्प िे इि तरह मारा जायेगा सक प्​्जा जन के मन मे् सिंहािन के प्​्सत भय जागे. िमस्​् कानूनसवदो् को, सवद्​्ानो् और बुस्दजीसवयो् को, न्याय मांगने वािो् को, अन्याय के सवर्द् तनकर खड़्े होने की सहमाकत करने वािो् को, िचेत नागसरको् को और प्​्सतभाशासियो् के सिए िड़्ने वािे मूख्ो् को आगाह सकया जाता है सक वे िमय रहते जनसहत मे्अपनी ये अवांसछत गसतसवसधयो् को तुरंत बंद कर दे्, वरना जनसहत मे्ही िरकार सकिी भी हद तक जाने को कसटबद्​्है. िरकार का इकबाि बुिंद करना हर नागसरक का कत्सव्य है. न्याय का िपना देखने वािो् रेखांकन : इरफान को आंखे् नोच िेने के आदेश िक्​्म असधकारी के जसरये पासरत कर सदये गये है्. िपने िोच- िमझकर ही देखे जाने की चेतावनी दी जा रही है. हर आम और खाि को चेतावनी दी जाती है सक वे ‘मौत के आगे िब बराबर है्’ का सनयम िमझे्. व्यापम के वैधासनक और ईश्​्रीय सनयमो् के अंतग्सत आम जन को खाि तरह िे और खाि जनो् को आम तरीको्िे मौत आ िकती है. िरकार का काम िजग करना भर है. यसद अन्य िोगो् की मौत िे नागसरक िबक नही् िे्गे तो िरकार की सजम्मेदारी नही् मानी जायेगी. िरकार द्​्ारा सनसवदाएं आमंस्तत की जा रही है्-- िरकार प्​्देश के हर सवभाग, हर शहर, हर परीक्​्ा हॉि, हर नौकरी, हर प्​्सतयोसगता के क्​्ेत्मे् प्स्तभाओ्का शािकीय कस्​्बस्​्ान बनाने का इरादा जासहर कर रही है. कब्​्ो् के पत्थरो् पर व्यापम िे जारी नकिी माक्फशीट उकेरी जाये्गी. इन पर िरकारी ठप्पा इतना अि​िी होगा सक मुद्ास भी नही् बता िकेगा सक वह नकिी माक्फशीट के पत्थर के नीचे दबा है सक अि​िी के ? इन कब्​्ो् पर फसतहा पढ़्ना गैरकानूनी गसतसवसध मानी जायेगी. इन प्स्तभाओ्के सिए रोना ग्ैर -जमानती अपराध माना जायेगा. इन कब्​्ो् पर फूि चढ़्ाने की िस्त मुमासनयत रहेगी. फूि बरामद होने पर उि मािी को सगरफ्तार करने के सिए सवशेष जांच दि जायेगा, सजिकी बसगया िे ये फूि चुने गये. िरकार की यह योजना भी है सक प्​्सतभा के इि कस्​्बस्​्ान के सनकम्मो् की घाि पनपे. िरकार पारदश्​्ी, सनष्पक्​्प्​्शािन देने को कसटबद्​्है. पारदश्​्ी होने मे्राजा का नंगापन उजागर होने के खतरो्िे िरकार वासकफ है. इि िंबध ं मे्उसचत कदम उठाये जा रहे है्. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 53


देशकाल

बीमार स्वास्थ्य सेवा अर्ण कुमार प्​्िपाठी

ग साव्षजदनक स्वास्थ्य सेवाओ्का हाल दबगड़्ा है दजससे समाज की मानदसकता भी दनजी क्​्ेत्को वरीयता िेने की हो गयी है.

54 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

मिी का बेटा बाबू(35) और बेटी िंदूड़्ी(18) गुजरात की पत्थर फैक्ट्ी मे् काम करने गये थे. वहां गोधरा के धरती धन मे् कुछ महीने काम करने के बाद उनकी ताकत घट गयी और दम फूिने िगा. वे घर िौट आये और सफर ज्यादा सदन नही्जी िके. वे सजि फैक्ट्ी मे् कम करते थे वहां पत्थर पीिा जाता था. यह कहानी दो राज्यो्और दो बीमासरयो्के बीच फंिे आसदवासियो् की है जो मध्य प्​्देश मे् पेट नही् भर िकते और गुजरात मे् काम करके िौटने के बाद जी नही् िकते. आसदवािी बहुि झाबुआ सजिे के मांडिी गांव

की सभिािा जासत की गमिी मसहिा (60) के सिर पर जैिे आिमान फट गया है. इि बुढ़्ापे मे् उि पर अपने बेटे और बेटी के चार बि्​्ो्को पािने की सजम्मेदारी आ गयी है. पसत िािचंद(70) पहिे िे ही िाचार है्. बचपन मे् सकिी मशीन पर काम करते िमय उिका हाथ कट गया था. इिसिए वह कोई काम कर नही्िकता. गमिी का बेटा और बेटी िंदूड़्ी मुंह पर कपड़्ा बांध कर काम करते थे. पर उनके फेफड़्े बच नही् पाये. यहां मेघनगर िौटे तो डाक्टरो्ने टीबी की दवाई शुर्की. पर उि​िे कोई काम नही् बना क्यो्सक बीमारी तो कुछ और थी. गमिी कहती है,` वे दोनो् 2005 मे् ही शांत हो गये. घर आने के बाद वे ज्यादा सदन नही् बच िके. उन्हे् गोधरा का पाउडर (सिसिकोसि​ि) खा गया. बेटे की दो िड़्सकयां है् और बेटी के भी दो बि्​्े है्. बेटी के िाि ि​िुर दार्पीकर पड़्ेरहते है्इिसिए हम पाि रहे है् बेटी के बि्​्ो् को. िेसकन हमारे पाि आमदनी का कोई सनयसमत जसरया नही् है. पे्शन समिती थी जो बंद हो गई और नरेगा मे्काम समिना बंद हो गया.’पसरवार के कत्ास िािचंद कहते है्, `हमारे पाि दो-तीन बीघा जमीन है. उिे भी रेहन पर रख सदया है. पहिे पे्शन के र्प मे् 150 र्पये महीना समिता था. अब वो भी बंद हो गया है. नरेगा मे् आजकि काम बंद है. वैिे भी हमारे पाि एक हाथ ही नही् है कौन काम देगा. इिसिए कुछ पैिा फि​ि िे समि जाता है और कुछ मवेशी बेचकर कमा िेते है्.िरकार की तरफ िे न तो सकिी प्​्कार का मुआवजा है और न ही राहत.’ इि गांव के पटेि सदनेश भाई (40) खुद सिसिकोसि​ि के सशकार है्. वह बोिते-बोिते हांफ जाते है्. चिते-चिते थक जाते है्. वे भी गुजरात गये थे कमाने पर वहां िे जानिेवा बीमारी िेकर आये. वे सिसिकोसि​ि पीस्ड़त िंघ के िदस्य है्और यह िंगठन पीस्ड़तो्की जांच करवा कर उन्हे्िस्टससफकेट सदिवाता है. उनका कहना है सक पहिे डाक्टर इि प्​्कार का कोई िस्टससफकेट देने को तैयार नही् होते


थे. पर खेड्त मजदूर चेतना िंगठन की ओर िे मामिा राष्​्ीय मानवासधकार आयोग और िुप्ीम कोट्स गया तब िरकार ने इतना करना शुर् सकया है. िेसकन यह काम भी काफी जद्​्ोजहद के बाद हुआ. पहिे न तो सजिे के अफिर और न ही िरकारी डाक्टर यह मानने को तैयार थे सक इि तरह की कोई बीमारी होती है और यह बीमारी उन्हे् गोधरा िे िगी है. वजह िाफ है सक गोधरा के फैक्टरी मासिक मजदूरो् को मास्क वगैरह तो देते ही नही् थे और मस्टर रोि पर न तो नाम चढ़्ाते थे और न ही सकिी प्​्कार का पहचान पत्​् देते थे. िरकार के कान पर तब जूं रेगना शुर् हुआ जब मरने वािो् का पोस्टमाट्सम कराया गया और उनके फेफड़्ो् िे पत्थर मे् बदि चुके सिसिका के कण सनकिे. इि बीच डॉक्टर इन मरीजो् को टीबी की ही दवा देते है्. सजि​िे सिसिकोसि​ि पर कोई अिर नही्पड़्ता महज खांिते फेफड़्ो् को थोड़्ी राहत समिती है. सिसिकोसि​ि वािे प्​्माण पत्​्ो् का एक ही फायदा होता है और वो यह सक उन्हे् कभीकभी पे्शन समि जाती है और पसरवार के िदस्यो् को नरेगा मे् काम समि जाता है. पर आज कि नरेगा िे भी िरकार ने हाथ खी्च रखा है. सदनेश भाई बताते है् सक यह रोग झाबुआ सजिे के मेघनगर के आिपाि तकरीबन छह िात गांवो्मे्िगा है. करीब 2000 की आबादी वािे एक गांव मे् इि बीमारी िे िात-आठ िोग प्​्भासवत है्. इनमे् िे कुछ मर गये और कुछ मौत का इंतजार कर रहे है्. वजह िाफ है सक उनके पाि खाने के सिए पय्ासप्त भोजन नही् है और इि मज्सकी भारत मे्कोई दवाई भी नही् है. सिसिकोसि​ि पीस्ड़त िंघ के 2012 के 102 गांवो् पर सकये गये एक िव्​्ेक्ण के अनुिार 743 पसरवार ऐिे थे सजनका कम िे कम एक िदस्य पिायन करके क्वार्ज्स या सगट्​्ी की खदान मे् काम करने गया था और इिी कारण वह सिसिकोसि​ि की बीमारी की चपेट मे्आ गया. सजन पसरवारो्पर इि बीमारी का अिर पड़्ा उनमे् िे 57 प्​्सतशत िोगो् का कोई िहारा नही् रह गया था. प्​्भासवत 511 िोगो् मे् िे 74 िोग यानी 14 फीिद िोग अपनी बीमारी पर एक िाख र्पये और 54 फीिद िोग 25,000 र्पये िे ज्यादा खच्सकर चुके है्. मांडिी गांव की मैता की बेटी खीमा(35) भी सिसिकोसि​ि िे मर गयी. वह भी गोधरा की

फैक्टरी मे् काम करने गयी थी. वह 2014 मे् चि बिी. उिके पांच बि्​्े है्. उिे भी कोई मुआवजा नही्समिा. मैता के िाथ ही रहता है खीमा का पसत. मैता का पसत नही्है. बेटा और बहू है्और वे खेती करते है्. उि​िे बाद उनके घर िे कोई गोधरा जाने को तैयार नही्है. इिी तरह शैतान (55) का भाई भी गोधरा िे काम करके िौटा तो खत्म हो गया. उिके भाई ने वहां आठ महीने काम सकया था. शैतान खुद भी इि बीमारी की सशकार है. वह बताता है सक फैक्टरी मे् मुंह पर बांधने के सिए कोई सकट नही्दी जाती. न ही वहां सकिी प्​्कार का कोई काड्स या पहचान पत्​् समिता है. फैक्टरी वािे ज्यादा िे ज्यादा यही अहिान करते है्सक बीमार होने पर अपनी गाड़्ी िे घर तक छुड़्वा जाते है्. पर दवा का कोई खच्स या सकिी तरह का मुआवजा वगैरह देने का िवाि ही नही्है. बिु (40) वल्द मल्जी भी गोधरा काम करने गए थे. उन्हे्दो महीने मे्ही सदि्​्त होने िगी. अब वे दवा खा रहे है्. राजस्थान के बांिवाड़्ा िे उनका इिाज चि रहा है. इिाज भी क्या है, डाक्टर ने परचे पर टीबी सिख रखा है और पीने के सिए कफ िीरप देते है्. इनमे्िबिे बुरी दशा शैतान (45) वल्द मंजी की सदखी. वे गोधरा मे् पांच-छह महीने काम करने के बाद सकिी िायक नही् बचे. आजकि खाट पर पड़्ेरहते है्. खांिी आती है िांि फूिती है, चिना सफरना बंद है. उनको राजस्थान के डूंगरपुर मे् सदखाया था. डाक्टर

ने अपने परचे पर टीबी सिखा है. एक झोिा दवाएं रखे हुए है्. सदि्​्त होने पर उिी मे् िे कुछ खा िेते है्. िेसकन इि बात को डाक्टर, मरीज और तीमारदार िब जानते है् सक इन दवाओ् िे कुछ होना नही् है और न ही यह बीमारी ठीक होनी है. सशल्पी के्द्, खेड्त मजदूर चेतना िंगठ, आसदवािी दसित मोच्ास, सिसिकोसि​ि पीस्ड़त िंघ और जनस्वास्थ्य असभयान के िंयुक्त प्​्याि िे सिसिकोसि​ि िे होने वािी 238 मौतो्मे्िे प्​्त्येक को तीन िाख का मुआवजा समिा है. 304 पीस्ड़तो् के पुनव्ासि का आदेश भी हुआ है. मध्य प्​्देश के धार, झाबुआ और अिीराजपुर जैिे तीन सजिो्के 102 गांवो्के 1701 पीस्ड़तो् है सजनमे् िे 503 मर चुके है्. इनका मामिा िुप्ीम कोट्सऔर मानवासधकार आय़ोग मे् दायर है. इिी प्​्याि के कारण मेघनगर के ग्वािी गांव के र्पिा भूसरया की पत्नी हकरी और उिके पसत र्पिा को सिसिकोसि​ि का िस्टससफकेट भी समिा है. उनका जाब काड्स भी बन गया है. िेसकन जब मनरेगा मे् पैिा ही नही् आ रहा है तो उनके आस्​्शतो् को काम कैिे समिेगा. इि तरह गुजरात और मध्यप्​्देश के बीच मजदूरी के सिए सवस्थासपत होने और पिायन करने वािे आसदवािी सिसिकोसि​ि की चपेट मे् आकर जान दे रहे है् वही् िरकारे् और सवशेषज्​् सिसिकोसि​ि बनाम टीबी की बहि मे् उिझे हुए है्. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 55


खेल

छल बल आईपीएल मयप्पन और राज कुंद्ा पर पर लगे आजीवन प्​्दतबंध ने जहा द्​्ककेर पर कलंक की तरह लगे आईपीएल को बेनकाब दकया वहीँ यह उम्मीि भी जगायी की पूजीपदतयो्की चरागाह बन चुके इस खेल के मैिान से गंिगी शायि कुछ साफ़ हो सके.

अजय कुमार पांडेय

‘व

ह (मयप्पन ) िट्​्ेबाजी के दोषी पाये गये है्. उनके काम िे बीिीिीआई, िीग और खेि की छसव को नुकिान पहुंचा है.’ जब्सटि िोढ़्ा ने 14 जुिाई को प्​्ेि कांफे्ि के दौरान यही शल्द कहे थे. आईपीएि के आठवे िंस्करण मे् िट्​्ेबाजी के मामिे मे् फैि​िा देने के सिए िुप्ीम कोट्स ने जब्सटि िोढ़्ा कमेटी बनाई थी. िुप्ीम कोट्स ने इि िाि 22 जनवरी को मयप्पन और कुद्ां के सखिाफ िट्​्ेबाजी के आरोप िासबत होने की बात कही थी. जब्सटि िोढ़्ा ने इिे िेकर चेन्नई िुपर सकग्ि के स्​्पंसिपि रहे गुर्नाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्ि के िहमासिक राज कुद्ां पर स्​्ककेट की गसतसवसधयो् मे् सहस्िा िेने पर आजीवन प्​्सतबंध िगा सदया. पैिा उगाने वािे इि खेि मे्िट्ब्े ाजी ने अपनी पैठ बना िी. दौित, शोहरत और नाम का हुजमू जुटने िगा. िसित मोदी के सदमाग की पैदाइश रहा यह खेि सखिास्ड़यो्को भी अपने आगोश मे्िेने िगा. आईपीएि के प्​्थम कब्िमनर रहे िसित मोदी ने इि पैिा पैदा करने वािी फैक्ट्ी को खूब िी्चा. खेि के बाद पाट्​्ी की रंगरसियां होने िगी. इिमे् देश और सवदेश के कारपोरेटि और पूंजीपसत जुटने िगे. कमाई का हर वह तरीका सनकािा गया सजि​िे पैिा बटोरा जा िके. िीट िे िेकर पानी बोति तक पर बाजार बैठाया गया. मैदान मे् भी हंिने के सिए चीयर िीडि्स का इंतजाम सकया गया. िेसकन हद तो तब हो गया जब कमाई िे शुर् हुआ खेि िट्​्ेबाजी का बाजार बन गया. सफल्म और कारपोरेटि ने इिे चमकदार बनाया. सखिास्ड़यो् की बोसियां िगने िगी. करोड़्पसत बनते सखिास्ड़यो्के पैर भी सफि​िने िगे. 56 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

लोढ्ा का हथौड्ा n

चेनन् ई िुपरसकंगि ् पर दो िाि के सिए बैन: िट्​्ेबाजी के दोषी और एन श्​्ीसनवािन के दामाद गुर्नाथ मयप्पन इिी टीम िे जुड़्े थे. भारतीय टेस्ट कप्तान एमएि धोनी इि टीम की कप्तानी करते है्. रैना, जडेजा और अस्​्शन जैिे बड़्ेसखिाड़्ी भी इिी टीम िे खेिते है्.

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राजस्थान रॉयल्ि दो िाि के सिए बैन: िट्​्ेबाजी के दोषी राज कुंद्ा इिी टीम िे जुड़्े थे. सजम्बाल्वे मे् टीम इंसडया की कप्तानी कर रहे असजंक्य रहाणे इिी टीम िे खेिते है्.

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गुर्नाथ मयप्पन पर आजीवन बैन: सवडंबना है सक आईिीिी चेयरमैन एन श्​्ीसनवािन के दामाद गुर्नाथ मयप्पन अब कभी स्​्ककेट की गसतसवसधयो्मे्सहस्िा नही्िे पाएंगे.

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राज कुंद्ा पर आजीवन बैन: सशल्पा शेट्ी के पसत और राजस्थान रॉयल्ि के िह-मासिक राज कुंद्ा भी कभी स्​्ककेट की गसतसवसधयो् मे् सहस्िा नही् िे पाएंगे. * स्​्ककेट की छसव को नुकिान: जब्सटि िोढ़्ा कमेटी ने कहा सक मयप्पन और कुंद्ा की हरकत िे बीिीिीआई, िीग और खेि की छसव को नुकिान पहुंचा है. उन्हो्ने कहा सक टीमे्यह कहकर नही्बच िकती्सक दोनो्दोसषयो्ने व्यब्कतगत तौर पर ऐिे काम सकए.


ऐिे मे्इिकी चपेट मे्कई नामी सखिाड़्ी भी आ गये. इिी की सगरफ्त मे् आये असजत चंदीिा, एि. श्​्ीिंत और अंसकत चव्हाण जैिे सखिाड़्ी. तड़्क भड़्क और ग्िैमर मे् फंि चुके सखिास्ड़यो् को सनिंबन की िजा भी भुगतनी पड़्ी. हािांसक बीते 25 जुिाई को सदल्िी की पसटयािा हाउि कोट्स ने आईपीएि-6 स्पॉट सफब्किंग मामिे मे् फैि​िा िुनाते हुए तीनो् प्म् ख ु आरोपी सनिंसबत स्​्ककेटर असजत चंदीिा, एि. श्​्ीिंत और अंसकत चव्हाण को बरी कर सदया. िेसकन इन चमकीिे सितारो्पर दाग तो िग ही गये. स्पाट सफब्किंग मामिे को िेकर िोढ़्ा कमेटी ने दोनो् टीमो् चेन्नई िुपर सकंग्ि और राजस्थान रॉयल्ि पर भी दो िाि की पाबंदी िगा दी. इि फैि​िे िे महे्द् सिंह की कप्तानी वािी चेनन् ई िुपर सकंगि ् और रहाणे की अगुवाई वािी राजस्थान रॉयल्ि अब दो िाि तक आईपीएि नही्खेि पायेगी. इन दोनो्टीमो्िे मयप्पन और कुंद्ा जुड़्े रहे है्. कमेटी ने अपने सरपोट्समे्कहा सक मयप्पन ने खुिेआम सनयमो् की धस्​्ियां उड़्ाई. आईपीएि के आठवे् िंस्करण मे्िट्​्ेबाजी के मामिो्मे्बनी कमेटी के तीन िदस्यो् मे् जब्सटि अशोक भान और जब्सटि आरवी रवी्द्न भी शासमि रहे. िुप्ीम कोट्सने आईपीएि मामिे मे्फैि​िे के सिए यह कमेटी बनाई थी. बीते 25 जुिाई को आरोपी सनिंसबत स्​्ककेटर असजत चंदीिा, एि. श्​्ीिंत और अंसकत चव्हाण को बरी कर सदया. आरोसपयो्मे् अंडरवल्ड्स डॉन दाऊद इब्​्ासहम और उिका िहयोगी छोटा शकीि भी शासमि है्. कोट्स ने तीनो् स्​्ककेटरो् और अन्य के सखिाफ सदल्िी पुसि​ि के िगाये गये आरोप हटा सदये गये. पूरे मामिे मे्िबूतो्के अभाव मे्कोट्सने िभी 39 आरोसपयो् को बरी कर सदया. बता दे् सक इि मामिे मे् कुि आरोपी 43 है् सजिमे् दाउद इब्​्ासहम, उिका िहयोगी छोटा शकीि और उिका दुबई का िाथी जावेद चुटानी भी है सजन्हे् कोट्सने पहिे ही भगोड़्ा घोसषत कर रखा है. असतसरक्त ित्​् न्यायाधीश नीना बंि​ि कृष्णा ने फैि​िा िुनाते हुए कहा, ‘िबको (मामिे िे) बरी सकया जाता है.’ 36 आरोसपयो् के सखिाफ आरोप तय करने के िंबध ं मे्फैि​िे के सिए मामिे को आज रखा गया था. गौर करने की बात यह है सक इिमे् सदल्िी पुसि​ि कोट्स मे् यह िासबत नही् कर पायी सक आसखर दाउद इब्​्ासहम इन आरोसपयो्िे कैिे जुड़्ा था. आईपीएि स्पॉट सफब्किंग कैिे हुई, पैिे का

िेन-देन कैिे हुआ और यह मकोका के तहत कैिे आया. इि तरह सदल्िी पुसि​ि आरोसपयो् के आईपीएि स्पॉट सफब्किंग मामिे मे्शासमि होने की बात िासबत नही् कर िकी. इिसिए कोट्सने मकोका के िाथ िाथ बाकी आरोपो्जैिे जाि​िाजी और आपरासधक षड़्यंत् को भी खासरज कर सदया. हांिासक सखिास्ड़यो् िसहत िभी 36 आरोसपयो्को बरी सकये जाने पर सदल्िी पुसि​ि ने पसटयािा कोट्समे्कहा सक हमारी जांच जारी है और हमे् जांच करने के सिए और वक्त चासहए. सजिके बाद कोट्सने िभी आरोसपयो्को केि िे मुक्त कर सदया. फैि​िे के बाद सदल्िी पुसि​ि की ओर िे कहा गया है सक उन्हे्सनचिी अदाित के इि फैि​िे िे धि्​्ा िगा है. पुसि​ि का कहना है सक िबूतो् और सरपोट्स के आधार पर जब्सटि मुद्ि िसमसत और िोढ़्ा िसमसत ने अपना फैि​िा िुनाया था. कोट्स के सवस्​्ृत फैि​िे का सदल्िी पुसि​ि अभी अध्ययन करेगी और सफर अगिी कार्सवाई तय करेगी. स्पाट सफब्किंग मामिे मे्मई 2013 मे्इन सखिाड़ियो्को सदल्िी पुसि​ि ने सगरफ़्तार सकया था, िेसकन जुिाई 2013 मे्िबूत के अभाव के चिते इन्हे् ज़मानत समि गई. बीिीिीआई ने इनपर अपनी जांच करके आजीवन प्​्सतबंध िगा सदया है. पुसि​ि ने अपने आरोपपत्​्मे्दावा सकया था सक दाऊद और शकीि भारत मे् स्​्कके्ट मे्सफब्किंग और िट्​्ेबाजी को सनयंस्तत करते रहे और वे ही आईपीएि स्पॉट सफब्किंग के पीछे थे. सखिास्ड़यो् की इि आवाजाही िे स्​्ककेट की छसव को खूब धि्​्ा िगा. दुसनया मे्िबिे धनी स्​्ककेट बोड्स की िापरवाही भी स्​्ककेट के दश्सको् को अखरती रही. राजनीसत के कई

सदग्गज सखिाड़्ी भी स्​्ककेट के खेश मे् मिाईदार पदो् पर सवराजे रहे. राजीव शुक्िा ,शरद पवार, अर्ण जेटिी, अनुराग ठाकुर, फार्ख अल्दुल्िा जैिे जाने माने नाम स्​्ककेट बोड्समे्शासमि रहे है.्िेसकन आईपीएि की इि िट्​्ेबाजी ने स्​्ककेट पर कासिख िगाने मे्कोई किर नही्छोड़्ी. शुर्आत मे्िफिता की कई बुिंसदयो् को छूने के बाद आईपीएि बाद मे् सववादो्मे्सघरता चिा गया. िगातार दूिरे िािो् आईपीएि मे् स्पॉट सफब्किंग के मामिो्िे भी आईपीएि के सवशेष तरह के कानून बनाने की मांगे् भी उठने िगी्. हािांसक स्पॉट सफब्किंग मामिो् के बाद बीिीिीआई भी इन घटनाओ् को िेकर िजग हो गयी है. इन सनयमो्के तहत अब नये करार मे् स्पॉट सफब्किंग जैिे गित कामो् मे् सिप्ती पाए जाने पर सखिास्ड़यो् पर कानूनी कार्सवाई की जा िकेगी.हािांसक कई स्​्ककेट पंसडतो् का मानना है सक बीिीिीआई स्पॉट सफब्किंग पर पाबंदी िगाने के सिए कठोर कदम नही् उठा रही है. पहिे भी कई सखिाड़्ी गित कामो् मे् िंसिप्त पाये गये पर उन पर कठोर अनुशािनात्मक कार्सवाई नही्की गई. इन सववादो्के बीच सदग्गज सखिास्ड़यो्का मौन िाधे रखना भी कई तरह के िंदेश देने का काम करता है. आसखर स्​्ककेट के सदग्गज मौन क्यो्िाधे रखते है.् आईपीएि कई अन्य कारणो् िे भी चच्ास मे् िगातार बना रहता है. इनमे् देर रात होने वािी पास्टसयो्का और पूंजीपसतयो्की समिीभगत भी िंदहे के घेरो्को पुसत् ा बनाती है. पैिे और सफल्मी हस्​्सयो्का शासमि होना इिे ग्िैमरि बनाता है. ऐिे मे्िवाि उठने िगा है सक क्या स्​्ककेट प्​्शंिको्के बीच इि िुभावनी व रोमांचक प्​्सतयोसगता का के्ज बना रहेगा. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 57


राज्यिामा

नहरासर मे् होरी मौर िो

कतंत् मे् जनता की िुरक्​्ा का सजम्मा पुसि​ि के हांथो्मे्होता है. िेसकन जब ये रक्​्क ही भक्​्क का र्प धरने िगे तो जनता सकि​िे अपनी िुरक्​्ा सक उम्मीद करेगी. जी हां, ऐिा ही एक मामिा आंध्प्द् श े मे्िामने आया है. जहां छह महीने मे् पूछताछ के सिए पुसि​ि सहराित मे् सिए गये कुि अठारह िोगो् को अपनी जान िे हाथ धोना पड़ा. मानवासधकार काय्सकत्ासओ् का कहना है सक सपछिे छह महीनो् मे् पुसि​ि सहराित मे् सिए गये कुि अठारह िोगो्को पुसि​ि ने मौत के घाट उतार सदया. हाि ही मे्, पीपुल्ि वाच नामक गैरिरकारी िंगठन के पसरिर मे् आयोसजत चच्ास के सवषय ‘तसमिनाडु मे्सहराित मे्होने वािी मौतो्की सनरंतरता’ पर वकीि व वाग्न्मूिी के सनदेशक एम ब्​्ीटो ने कहा सक इि वष्सजनवरी िे जून तक पुसि​ि सहराित मे् कुि अठारह िोगो्की मौत हो गयी. आंध्प्​्देश मे्कुछ सदन पहिे ये खबर िामने आई सक 20 आसदवासियो्

को शेषाचिम जंगि मे् पुसि​ि ने भयावह तरीके िे मौत के घात उतार सदया था. दुभ्ासग्यवश तसमिनाडु िरकार ने प्​्भासवत पसरवारो्के िदस्यो्की िहायता मे्कोई कदम नही्उठाया. हद तो तब हो गयी जब पीड़ितो्की पोस्टमाट्सम सरपोट्स िेने तक का प्​्याि नही्

टॉइलट है जर्री

58 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

सकया गया. ब्​्ीटो ने कहा सक इिमे् राष्​्ीय मानवासधकार आयोग के सदशा-सनद्​्ेश का भी िम्मान नही् सकया गया. सजि पर िुनवाई के सिए मानवासधकार काय्सकत्ासओ् ने न्यायपासिका िे गुहार िगाई है. इि​िे पहिे एि पी पसथनाम केि पर िाक्​्य काय्सकारी सनदेशक ए कासथर व अन्य गैर-िरकारी िंगठनो् के काय्सकत्ासओ् ने समिकर आवाज उठाई थी. सजिके बाद िरकार ने पुसि​ि उपसनरीक्​्क को सहराित मे् िेने का आदेश सदया गया था. उिने पूछताछ के दौरान युवक की पुसि​ि स्टश े न मे्गोिी मारकर हत्या कर दी थी. अब काय्सकत्ासओ् की मांग है सक एि पी केि की ही तरह इन केिो् सक भी िुनवाई िीधे न्यायपासिका मे्सक जाये. कासथर का कहना है सक अगर कुछ उदाहरणो्को छोड़ सदया जाए तो पुसि​ि सहराित मे्मौत के असधकांश मामिो्मे् फैि​िे पुसि​ि के पक्​् मे् ही होते है. अब आंध् प्​्देश िरकार इिपर क्या र्ख अपनाती है़

ब अगर घर मे्टॉइिट नही्है तो आपको सनकाय चुनाव यानी म्यूसनसिपि इिेक्शन का सटकट नही्समि पायेगा. राजस्थान िरकार ने एक अध्यादेश जारी कर कहा है सक अगर सकिी को सनकाय चुनाव िड़ना है तो उिके घर मे् शौचािय जर्री है. इिका शपथ पत्​्उम्मीदवार िे सिया जायेगा. िाथ ही सनकाय चुनाव िड़ने के सिए दिवी्पाि होना भी जर्री होगा. राजस्थान िरकार का मानना है की पंचायत चुनाव मे्शैक्सणक योग्यता िाने के बाद, कई पढ़े-सिखे और पेशेवर िोग पंचायती राज मे्आये है्. इिसिए अब ये आधार सनकायो् के सिए भी िागू सकया जा रहा है. राज्य चुनाव आयोग जल्द ही 129 सनकायो्के सिए चुनाव का नोसटसफकेशन जारी कर देगा. इिसिए इि बार होने वािे सनकायो् के चुनाव मे् ये योग्य ता िागू हो जायेगी. राजस्थान िरकार के मंत्ी राजे्द्राठौर ने कहा, 'स्वच्छग सहंदुस्ान और स्वच्छ राजस्थान' हमारी पसरकल्पना है. जो चुनाव के सिए आवेदन करेगा, उिके घर मे्शौचािय होने का शपथ पत्​्भी उि​िे सिया जायेगा. हािांसक कांग्ेि ने यह सनयम अध्यादेश के जसरये िाने पर राज्य मे्बीजेपी िरकार की आिोचना की है. राजस्थान कांग्ेि के अध्यक्​्िसचन पायिट ने कहा, 'पहिे ये सनयम िांिद और सवधायक पर िागू होना चासहए और इिे सवधानिभा मे्क्यो्नही् पाि सकया जाता है? िरकार हर बार अध्यादेश का रास्​्ा क्यो् अपना रही है?


राज्यिामा

भारर का पहला नडनजटल गांव अकोदरा

गु

जरात मे् अहमदाबाद शहर िे िगभग 90 सकिोमीटर दूर िाबरकांठा सजिे के अकोदरा गांव को छह महीने पहिे देश के पहिे सडसजटि गांव का दज्ास समि चुका है। सडसजटि इंसडया प्​्ोग्​्ाम के तहत प्​्धानमंत्ी नरे्द्मोदी ने सवसडयो कॉन्फे्सिंग के माध्यम िे इि गांव का िोकाप्सण भी सकया था। इि िमय 20 िोग वाईफाई िुसवधाओ् का इस्​्ेमाि कर रहे है्। गांव मे्िाइबर केटिी नाम िे एक कॉफी हाउि बनाया गया है जहां 25 र्पये की चाय समिती है। िाइबर केटिी की एंट्ी फीि भी पांच र्पये है्। कुछ वजहे् है्, सजनिे गांव के िंपूण्स सडसजटिीकरण की योजना पूरी तरह िे सिरे नही्चढ़्पाई।

ये हैंनिनजटल सुनवधाएं

सडसजटि सविेज स्कीम के तहत इि गांव मे् वाईफाई, प्​्ाइमरी स्कूिो् मे् एिईडी िे पढ़्ाई, स्माट्स एजुकेशन, ई-हेल्थ िे्टर िे इिाज, खरीद-सबक्​्ी के सिए मनी ट्​्ांिफर, दुकानो् मे् समिने वािे िामान की दर रोजाना सडिप्िे पर प्​्दस्शसत करने की व्यवस्था बनाई गई थी, िेसकन इनका पूरा

िाभ नही् सिया जा पा रहा है। इि गांव मे् सडसजटि क्िॉक टावर है जो काम कर रहा है। गांव की िरपंच ताराबेन पटेि का कहना है सक सकराने की दुकान पर िेन-देन का मेिेज मोबाइि पर समि रहा है।

नफलहाल यह है हाल

अकोदरा के सडसजटि स्कूि मे्क्िाि 1 िे 8 तक कुि 71 स्टूडे्र्ि है्। स्कूि मे् 9 िीिीटीवी कैमरे, 6 कंप्यूटर है्। स्कूि के टीचर सहतेशभाई पटेि के मुतासबक, क्िाि 1 और 2 के िभी स्टूडे्र्ि को टैबिेट देने की बात कही गई थी, िेसकन कुि समिाकर 5 टैबिेट सदए गए है्। टीचि्सकी अटे्डे्ि के सिए िगाई गई् मशीने् इंस्टॉि नही् हुई है्। िरपंच का कहना है सक गांव मे् िाउंड सिस्टम, िीिीटीवी कैमरे और अन्य िुसवधाएं देने का वादा सकया गया है।

यह है आबादी

गांव के 300 पसरवारो्मे्िगभग 1200 िोग है्। कृसष और पशुपािन इि गांव के िोगो् का मुस्य पेशा है।

टेक ए बं​ंेक पंलीज

सद आप िड़्क माग्सिे िंबे िफर पर जा रहे है्तो नाि्ते और दूिरी िुसवधाओ्को िेकर अब परेशान नही् होना पड़्ेगा. केरि िरकार ने इिके सिए बाकायदा िड़्को् के सकनारे ‘टेक ए ब्​्ेक’ नाम के सरफे्शमे्ट िे्टर खोिने की तैयारी कर िी है. पय्सटन सवभाग ने यास्​्तयो् की िुसवधाओ् को देखते हुए इि तरह के के्द्ो् को खोिने का फैि​िा सकया है. इिे ‘टेक एक ब्​्ेक’ का नाम सदया गया है. इिकी जानकारी पय्सटन मंत्ी असनि कुमार ने सवधानिभा मे्दी. जनवरी 2016 तक इि तरह के 20 के्द्खोिे जाने की योजना है. इनकी िागत करीब 25 िाख िे 50 िाख र्पये तक आयेगी. इिके तहत टायिेट, एटीएम काउंटर , स्नक ै बार और पास्कगि् का भी इंतजाम रहेगा. इि​िे िंबी दूरी की यात्​्ा करने वािे यास्​्तयो् को रास्​्े मे् िहूसियत समि िके्गी. पय्सटन मंत्ी ने ये बाते् अनुदान मांगो् पर चच्ास के दौरान कही्. पहिा ‘टेक ए ब्​्ेक’ के्द् िनगुमुगम मे् चिाया गया था. नये के्द् चाथन्नूर, छावरा, हसरपड, चेरथिा, एन्ासकुिम, चिाकुडी, कूटानंड, मुन्नार, कोटारकारा, कोनी, थािायाजम, मूल्िूरपडी, मिप्पुरम, कोटाकुन्नू, थामरिेरी, घाट रोड, उत्​्र पारावुर, अमबािवायि और थािापड्​्ी मे्खोिे जाये्गे. इिके अिावा चार नये यात्​्ी सनवाि पसरिर भी गुर्वायूर, अथीरपल्िी, इडुि्ी, और कन्याकुमारी मे् बनाये जाये्गे. यह सकफायती दर पर पय्सटको्और यास्​्तयो्को समि िके्गे. राज्य िरकार को इिकी िुध पय्सटन िे हो रही भारी आय के कारण आयी है. सवधानिभा मे् हो रही चच्ास के दौरान पय्सटन मंत्ी ने इिका खुिािा सकया. पय्सटन मंत्ी ने िदन मे्बताया सक िाि 2014-15 मे्करीब 1,16,95,411 घरेिू और 9,23,366 सवदेशी पय्सटक आये. इि​िे राज्य को करीब 24,885.44 करोड़्र्पये की आय हुयी. इिमे् करीब 6398.93 करोड़्र्पये की सवदेशी मुद्ा भी शासमि है. इिे देखते हुए पय्सटन सवभाग और भी दूिरी योजनाएं बनाने का काम कर रहा है. पय्सटन मंत्ी असनि कुमार ने कहा सक मंत्ािय मािाबार के नीिा हेसरटेज पय्सटन िस्कटफ , सतर्वनंतपुरम के पोनमुडी के आिपाि के इिाको् मे् गोल्डन वैिी टूसरज्म िस्कफट, किादी मिायाट्​्र टूसरज्म िस्कफट, अि्​्ामुडी टूसरज्म प्​्ोजेक्ट और नीिामबुर पय्सटक के्द्के सिए मास्टर प्िान बनाने की तैयारी हो रही है्. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 59


यायावरी

ऐसा है पूरब का वेवनस समूचा केरल बहुत सुंिर है, लेदकन कोद्​्ि मे्जो बात है वह और कही् नही्. मसालो्के दलए मशहूर इस ऐदतहादसक शहर मे्समुद्, दकला और चीनी दिदशंग नेर पय्षरको्को बरबस बांध लेते है्. कोव्​्ि बंदरगाह : डूबते सूरज का सौ्दय्थ

रीता पतवारी

न्ासकुिम जेटी िे चिी मोटर वािी बोट या फेरी के दूिरे पड़्ाव तक पहुंचने पर उिके कंडक्टर ने सचल्िाकर कहा—फोट्स कोस्​्ि. वहां जेटी िे बाहर सनकिते ही ऐिा िगा सक सकिी अिग ही दुसनया मे् पहुंच गये हो्. इिे देखकर यकीन नही्होता सक यह भी भारत का ही सहस्िा है. डच, पुत्सगािी और स्​्बसटश स्थाप्तय किा िमेटे मकान और िड़्को् पर िाइसकि िे घूमते सवदेशी युवक-युवसतयां. फोट्सकोस्​्ि की िड़्को्पर घूमते हुए िगता है सक सकिी यूरोपीय शहर मे्घूम रहे हो्. देश के दस्​्कणी छोर पर बिे केरि के इि तटवत्​्ी शहर को अरब िागर की रानी यूं ही नही्कहा जाता है. यहां पुत्सगािी, यहूदी, स्​्बसटश, फे्च, डच और चीनी िंस्कृसत का समिा-जुिा र्प देखने को समिता है. वेसनि की तरह ही यहां मोटर बोट भी आवाजाही के प्​्मुख िाधन है्. इिसिये 60 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

इिे पूरब का वेसनि कहा जाता है. हम िुबह ही सतर्अनंतपुरम िे कािीकट जाने वािी जनशताल्दी िे कोई तीन-िवा तीन घंटे का िफर तय कर एन्ासकुिम पहुंचे थे. कोस्​्ि पहुच ं ने के सिए यही रेिवे स्टश े न है. इि छोटे िफर मे्रास्​्ेमे्ब्कविोन और अिेप्पी या अिपुझा जैिे स्टेशनो् को देख कर स्कूि मे् इसतहाि की सकताबो् मे् पढ़े अध्याय आंखो् के िामने िजीव हो उठे. अपने िंबे दस्​्कण भारत दौरे की िूची मे् पहिे तो कोस्​्ि का नाम ही नही् था. बाद मे् देखा सक एक सदन असतसरक्त िमय है तो हमने सतर्अनंतपुरम िे कोस्​्ि जाने का मन बना सिया था. िेसकन वहां पहुंच कर िगा सक यहां नही् आते तो सकतना कुछ छूट जाता. होटि मे् तैयार होने के बाद हमने स्टेशन के बाहर प्​्ी-पेड बूथ िे जेटी तक जाने के सिये एक आटो सरक्शा सिया. सकराया बेहद िस्​्ा. महज बारह र्पये. राजधानी सतर्अनंतपुरम के


पानी और नावरयल के पेड्: प्​्कृित की भरमार

मुकाबिे यह शहर बेहद िस्​्ा है. जेटी पर पहुंच कर जब फोट्स कोस्​्ि जाने के सिये बोट की सटकट िेने सखड़्की पर पहुंचे तो एक और िुखद आि्​्य्ससमिा वह था. वहां का सकराया. प्​्सत व्यब्कत महज चार र्पये. हम तीन िोग थे. िो सटकट िेकर िीधे बोट मे्चढ़े. एन्ासकुिम िे फोट्सकोस्​्ि तक जाने के दो रास्​्े है्. िड़्क माग्स िे भी वहां पहुंचा जा िकता है. िेसकन कोस्​्ि बंदरगाह की खूबिूरती का िुत्फ उठाने के सिए हमने जि माग्स िे जाने का फैि​िा सकया. एक ओर बंदरगाह और दूिरी ओर िमुद्के सकनारे मरीन ड्​्ाइव पर खड़्ी गगनचुंबी इमारतो् का नजारा देखते और तस्वीरे्खी्चते हुए हमारी बोट कब फोट्स कोस्​्ि पहुंच गयी, इिका पता ही नही् चिा. तंद्ा तब टूटी जब कंडक्टर ने कहा-फोट्स कोस्​्ि. अिग िंस्कृसतयो् वािे इि शहर का इसतहाि बहुत पुराना है. कोस्​्ि 14वी् िदी िे

सभी फोटाे : रीता वतवारी

ही देश के पस्​्िमी तट पर मिािो् के व्यापार का प्​्मुख के्द्रहा है. यह शहर देश की पहिी यूरोपीय कािोसनयो्मे्शुमार है. प्​्ाचीन यास्​्तयो् और व्यापासरयो् ने अपने िेखन मे् कोस्​्ि का सजक्​्कोसिम, कोसचम, कोचीन और कोची के तौर पर सकया है. कोचीन का यहूदी िमुदाय इिे कोसगन पुकारता था. सिनेगाग की मुहर पर अब भी यही नाम है. इि शहर का नाम आसखर कोचीन कैिे पड़्ा, इिे िेकर भी कई कथाएं प्​्चसित है्. पुत्सगासियो्के यहां पहुंचने के बाद िरकारी कामकाज मे् कोचीन नाम का ही इस्​्ेमाि होने िगा. वष्स1996 मे्इिका नाम बदि कर पुराने मियािी नाम िे समिताजुिता कोस्​्ि रख सदया गया. हािांसक अदािती चुनौती के बाद िरकारी दस्​्ावेजो्मे् अब भी इि शहर का नाम कोचीन ही है. पुतगस् ासियो्के आगमन िे पहिे का कोस्​्ि का इसतहाि काफी धुंधिा है. इि शहर के इसतहाि मे्पुत्सगासियो्का आगमन एक अहम

पड़्ाव िासबत हुआ. कोस्​्ि के राजाओ् ने इन सवदेसशयो् का स्वागत सकया क्यो्सक उन्हे् कािीकट के जमोसरन के िाथ दुिम् नी के चिते एक शब्कतशािी िहयोगी की तिाश थी. केशव राम वम्ास के शािनकाि मे् यहूसदयो् को भी राजकीय िंरक्ण ् हासि​ि था. यह िोग मूि र्प िे कोदनगिूर िे व्यापार के मकिद िे कोस्​्ि पहुंचे थे. भारत के िमुद्ी माग्स को खोजने वािे वास्कोसडगामा ने वष्स1502 मे्पहिे पुत्सगािी व्यापार के्द् की स्थापना की और पुत्सगािी वायिराय अिफांिो-द-अल्बुकक्फने यहां वष्स 1503 मे्पहिा पुत्सगािी सकिा बनवाया. शहर मे्अब भी पुतगस् ािी स्थापत्य किा की बहुतायत देखने को समिती है. अरब िागर के सकनारे गांधी बीच के पाि ही वास्कोसडगामा स्क्वायर भी है. फोट्सकोस्​्ि मे्पुतगस् ासियो्की ओर िे वष्स 1503 मे्बनाया गया िेट् फ्​्ासं ि​ि चच्सभारत मे् पहिा यूरोपीय चच्स होने के कारण मशहूर है. शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 61


यायावरी

यहां कुछ िमय के सिए वास्कोसडगामा को दफनाया गया था. बाद मे् उनके पास्थसव अवशेष पुतगस् ाि िे जाये गये. िेसकन उि कब्​् के पत्थर को आज भी देखा जा िकता है. अन्य सगरजाघरो् के िाथ ही यहां सहंदू मंसदर, मब्सजदे्और मत्​्नचेरी का ऐसतहासिक सिनेगाग (यहूदी उपािना गृह) मौजूद है्. चौथी शताल्दी मे् बिा कोस्​्ि का यहूदी िमुदाय भारत मे् िबिे पुराना था. हािांसक हज़्ारो्िदस्यो्मे्िे करीब िभी 20वी्शताल्दी के उत्​्रा्​्द्सतक इजराइि चिे गये थे. जेटी िे िबिे पहिे हम अरब िागर मे् िगे सवशािकाय चाइनीज सफसशंग नेट देखने गये जो यहां की दश्सनीय चीजो् मे् शुमार है. एक कतार मे् िगे इन सवशािकाय जािो् को एक िाथ पानी के भीतर जाते और हजारो् मछसियो्के िाथ बाहर सनकिते देखना अपने आप मे् एक अनूठा अनुभव है. चीनी जाि केरि के मछुआरो् की रोज़्ी-रोटी का मुस्य िाधन है.् यह जाि काफी पुराने और तकनीक िे िैि है्. चीन के अिावा पूरी दुसनया मे्सिफ्फ यही्इि जाि का इस्​्ेमाि होता है. वष्स 1506 मे् बना सबशप हाउि कभी पुत्सगािी गवन्सर का आवाि हुआ करता था. यह परेड ग्​्ाउंड के पाि एक छोटी िी पहाड़ी पर ब्सथत है. भवन के िामने का सहस्िा सवशाि गोसथक मेहराबो् िे िजा है. फोट्स कोस्​्ि मे्देखने के सिए इतना कुछ है सक एक सदन मे् िबको िमेटना िंभव नही् है. डच महि भी काफी आकष्सक है. यह महि मूि र्प िे पुत्सगासियो्ने वष्स1556 मे्बनवा कर कोचीन के तत्कािीन राजा वीर केरिा वम्ास को भे्ट सकया गया था. इि सकिे मे् रामायण और महाभारत जैिे महाकाव्यो् िे िंबंसधत पे्सटंग्िइ बनी हुई है. अब इिे िंग्हािय बना सदया गया है.बोिघट्​्ी महि को देखने के सिए रोजाना काफी तादाद मे् पय्सटक यहां आते है्. डच व्यापासरयो् ने बोिघट्​्ी द्​्ीप पर यह बोिगाट्​्ी पैिेि बनवाया था जो हािै्ड के बाहर आज भी िबिे पुराना डच पैिेि है.

62 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

कोव्​्ि मे्जेटी : सैर का आनंद

इि महि को अब एक िक्जरी होटि मे् तल्दीि कर सदया गया है. बोिघट्​्ी मे् एक गोल्फ कोि्सभी है. बरिो्िे ये शहर मिािो्का के्द्रहा है. वष्स1341 मे्पेसरयार नदी मे्आई भयावह बाढ़् मे् कोडनगिूर के पाि बने पोट्स मुसजसरि के नि्​् होने के बाद कोस्​्ि की अहसमयत बढ़्ी. बीिवी्िदी की शुरआ ् त मे्कारोबार बढ़्ने की वजह िे कोस्​्ि बंदरगाह को सवकसित करने के सिए मद्​्ाि के तत्कािीन गवन्सर िाड्स सवसिंगड ् न ने हाब्रस इंजीसनयर राबट्सस्​्बस्टोव को वष्स 1920 मे् कोचीन भेजा. स्​्बिोटव ने 21 वष्​्ो्की अथक मेहनत के बाद कोचीन को देश के िबिे प्​्मुख बंदरगाहो् की कतार मे् खड़्ा कर सदया. कोस्​्ि मे्पय्सटन एक प्​्मुख व्यविाय है. देशी-सवदेशी पय्सटको्की आवक के मामिे मे् कोस्​्ि का स्थान केरि मे्पहिे नंबर पर है. यह शहर दस्​्कणी नवि कमांड का मुस्यािय और भारतीय कोस्ट गाड्सका प्​्देश मुस्यािय भी है. शहर मे्जगह-जगह मिािो्की दुकाने् िजी नजर आती है्. िाथ ही मुन्नार के चाय बागानो् की चाय भी सबकती है. डच पैिेि के पाि 1568 मे्बना यहूदी उपािना स्थि यानी सिनेगाग की इमारत चीनी और बेबल् जयन चीजो् िे िजी है. यहां पहुंचते ही पुराने कोचीन की यादे्ताजी हो जाती है्. इि तंग गिी मे्वाहनो् की आवाजाही पर पाबंदी है. यूं तो पूरे केरि का प्​्ाकृसतक िौ्दय्सअस्​्दतीय है. िेसकन कोस्​्ि मे्जो बात है वह कही्नही्है.

कोस्​्ि की गसियो्मे्घूमते हुए सदन कैिे सनकि गया, इिका पता ही नही् चिा. बैकवाटर का सजक्​्सकये सबना केरि का कोई यात्​्ा वृत्ांत पूरा हो ही नही् िकता. हमने भी करीब दो घंटे तक इिका िुत्फ उठाया. नासरयि के पेड़्ो् के बीच िे गुजरती हमारी छोटी-िी नाव एक अिग ही दुसनया मे्पहुंचने का आभाि देती रही. वापि एन्ास कु ि म जे टी पर पहुं च ने के बाद कुछ देर हमने वहां झीि के सकनारे बनी मरीन ड्​्ाइव पर सबताया. वही् एनज्​्ी पाक्फ भी है. मरीन ड्​्ाइव एक खूबिूरत जगह है जहां बै ठ कर दू र जाती नौकाओ् और िं ग र डािे खड़्े सवशािकाय जहाजो् को दे ख ते हुए कैिे िमय बीत जाता है, इिका आभाि नही् होता. हां, एन्ासकुिम मे् सजि होटि मे् ठहरे थे उिके बगि मे्ही एक िरदार जी के ढाबे का सजक्​् सकये सबना कोस्​्ि की कहानी शायद अधूरी ही रहेगी. बरिो् पहिे कोस्​्ि जाकर बिे उि िरदार ने एक स्थानीय मसहिा िे शादी की है. वह मसहिा ही पूरा ढाबा चिाती है. हम कोिकाता िे कोई 12 सदन पहिे सनकिे थे. उिके बाद चेन्नई, रामेश्र, कोडाईकनाि, कन्याकुमारी और सतर्अनंतपुरम घूमने के दौरान हम दस्​्कण भारतीय खाना ही खा रहे थे. कोस्​्ि के इि ढाबे मे् कोई दो हफ्ते बाद तंदूरी रोटी, चावि और पनीर की िल्जी समिी तो घर जैिा अहिाि हुआ.


शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 63


िफल्म

पदं​ंेपर छायी आधी दुनिया

बॉलीवुर मे्अब हीरोइिे्तसफ्क अपिे दम पर तफल्मो्को कामयाब बिा रही है्और इसके तलए हीरो के सहारे की जर्रि िही्रह गयी है.्कई तफल्मकार भी अब मतहला-केत्​्दि फिल्मे्बिािे के तलए प्त्ेरि हो रहे है.्

हपर मृदुल

बॉ

िीवुड की शक्ि तेजी िे बदि रही है. नये सनद्​्ेशको्ने एक ऐिा सिनेमाई िंिार रचना शुर् कर सदया है सक सिनेमाघरो् िे दूरी बना चुके दश्सक अब िौटने िगे है्. ऐिी सफल्मे्बंपर कमाई करने िगी है्, सजनमे्परंपरागत मिािो्िे परहेज सकया गया है. अब इन सफल्मो्मे्कंटे्ट ही सकंग है. ज्यादा दूर न भी जाये,् तो हासिया सरिीज दो सफल्मो्के उदाहरण काफी है्. महीने भर के भीतर ‘पीकू’ और ‘तनु वेड्ि मनु सरटन्सि’ जैिी सफल्मो्की धुंआधार िफिता ने जैिे बॉिीवुड का मनोबि बढ़्ा सदया है. इिे एक नई राह सदखा दी है. पहिे ‘पीकू’ जैिी एक िाइन की कहानी वािी सफल्म ने िौ करोड़्की कमाई की. इिके बाद िीक्वि सफल्म ‘तनु वेड्ि मनु सरटन्सि ’ ने ‘ िौ करोड़्ी क्िब’ मे्अपनी जगह बनाई.इि बीच कई बड़्ी सफल्मे् डूबी्, िेसकन िाधारण बजट की इन दोनो् सफल्मो् ने बॉिीवुड के सिए जैिे पतवार का काम कर सदया. दश्सक खुश है्सक उन्हे् कुछ नया देखने को समि रहा है. सनस्​्ित र्प िे यह एक उत्िाहजनक ब्सथसत है. सनद्श ्े क शूसजत िरकार और आनंद एि.राय ने िासबत कर सदया है सक नई िोच और नई कथाभूसम की सफल्मे् ही बॉिीवुड का बेड़्ा पार िगाएंगी. सवशाि भारद्​्ाज, सवकाि बहि, सरतेश बत्​्ा, आर.बाब्लक, राजकुमार सहरानी, सवक्म् ासदत्य मोटवाने, नीतीश सतवारी, अनुराग कि्यप, सतग्मांशु धूसिया, सदबाकर बनज्​्ी, िुजॉय घोष और गौरी सशंदे जैिे सनद्श ्े क भी सनरंतर कुछ नया रचने के सिए बेचनै नजर आ रहे है.् कहने की जर्रत नही्है सक ये ही वे नाम है्, जो सहंदी सफल्म इंडस्ट्ी को आगे बढ़्ा रहे है्और उिे एक नई गसरमा प्​्दान कर रहे है्. िेसकन यह भी िच है सक नया रचने के अपने जोसखम होते है्. ऐिे मे् कई बार अिफिता भी हाथ िगती है. एक्िपेसरमेट् फेि होते है.् ‘सडटेबक् टव व्योमकेश बस्शी’ और ‘बांबे वेिवेट’ जैिी सफल्मे् इिका नमूना है्. सदबाकर बनज्​्ी ने बंगाि के िोकस्​्पय जािूि व्योमकेश बक्शी को िेकर एक प्​्ामासणक सफल्म रची. पर दश्सको् का मनोरंजन करने मे् वे फेि हो गये. िाठ-पै्िठ िाि पहिे के कोिकाता के पसरवेश को रचने मे्उन्हो्ने बड़्ा पसरश्​्म सकया. पर दश्सक इतने भर िे जुट नही्िके. सफर भी सदबाकर के कुछ नया करने के जुनून की तो तारीफ करनी ही पड़्ेगी. ऐिा ही कुछ अनुराग कि्यप की बेहद महंगी सफल्म ‘बांबे वेिवेट’ के िाथ हुआ है. यह सफल्म बॉक्ि ऑसफि पर औ्धे मुंह सगर गई. अनुराग ने भी मुंबई के एक सवशेष कािखंड को परदे पर उतारने मे्बड़्ी मेहनत की थी, िेसकन दश्क स ो् ने उन्हे् नकार सदया. इि सफल्म को सटकट सखडक़ी पर जैिा भी रेस्पांि समिा हो, िेसकन कुछ नया करने की कोसशश की तो िराहना होनी ही चासहए. इि सफल्म को िेकर अनुराग की काफी घेराबंदी हुई है. पर वे अपनी अिफिता िे मायूि नही्है. उन्हे्सफल्म के फ्िॉप होने िे धि्​्ा जर्र िगा है. हािांसक वे इि​िे उबर चुके है्. जल्द ही वे अपने ही ढंग िे सफल्म सनम्ासण और सनद्​्ेशन मे् िस्​्कय हो जाएंगे. कुछ ऐिा ही हादिा सनद्​्ेशक आर.बाब्लक के िाथ भी हुआ है. ‘चीनी कम’ और ‘पा’ जैिी 64 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

सफल्मे्देने के बाद उन्हो्ने ‘शसमताभ’ जैिी प्य् ोगधम्​्ी सफल्म बनाई. िेसकन िोगो्ने इिे सरजेक्ट कर सदया. िमीक्​्को्ने इि सफल्म की भरपूर तारीफ की, िेसकन आम दश्सक इिका मम्सिमझ नही्पाये. पर बाब्लक का कुछ नया रचने का जूनून कतई कम नही्हुआ है. वे नई सफल्म की तैयारी कर रहे है्.दरअि​ि कहानी के स्​्र पर यह कायाकल्प का दौर है. कुछ िमय पहिे तक बिात्कार, मारधाड़्और अि्िीि भंसगमाओ्के बि पर दश्सको् को सरझाया जाता था. आइटम िौ्ग सफल्म का असनवाय्ससहस्िा होते थे. ऐिी सफल्मो् मे् हीरोइन का काम नाम मात्​् का ही होता था. उन्हे् चुनौतीपूण्स सकरदार सदये ही नही् जाते थे. गाओ और ठुमके िगाओ. तब हीरो ही िबकुछ होता था. िेसकन अब अकेिे हीरोइनो्के बि पर सफल्मे्चि रही है्. स्​्पयंका चोपड़्ा, सवद्​्ा बािन, दीसपका पादुकोण और कंगना रंनौत जैिी मेनस्ट्ीम सिनेमा की हीरोइनो्ने ऐिी भूसमकाये्सनभानी शुर्की है,् सजिकी कोई कल्पना ही नही्करता था. इन हीरोइनो्को यह मौका आज के िाहिी और कल्पनाशीि सनद्​्ेशको् ने ही सदया है. ‘द डट्​्ी सपक्चर’, ‘क्वीन’, ‘कहानी’ और ‘इंब्गि​ि सवंब्गि​ि’ जैिी सफल्मे्इिका उदाहरण है्. कमाि की बात है सक मौका समिते ही हीरोइनो्ने अपने आपको िासबत भी सकया है. अि​ि मे्अब मानवीय भावनाओ्और िंवदे नाओ्को हीरोइनो्के जसरये पेश सकया जा रहा है. प्​्योगधम्​्ी सनद्​्ेशको् ने आम सजंदगी िे कहासनयां उठानी शुर्की है्, यही वजह है सक ये सफल्मे्सदि को छूने मे्िक्​्म हो पा रही है्. वसरि्​् सफल्मकार महेश भट्​् कहते है्, ‘बॉिीवुड एक शानदार मुकाम पर है. अब नकिी सवषय वस्​्ुकी सफल्मे्नही्चि िकती्. मिािा सफल्मो्का दौर भी जाने को है. अब वे ही सफल्मे्दश्सको्को पिंद आएंगी, सजनमे्कुछ नया होगा और प्​्ामासणक होगा. मुझे तो िगता है सक एक बार सफर देिी पृिभ् सू म की कहासनयो्का दौर शुर्होने जा रहा है. नये सनद्श ्े क इि बात को अच्छी तरह जान चुके है् सक ि​ि्​्ी और अच्छी कहासनयां दूरदराज के गांवो्और नगरो्मे्मौजूद है्.’ इिका पसरणाम भी िकारात्मक है. सवजुअि माध्यम मे्कहानी को प्भ् ावशािी ढंग िे व्यक्त करने के सिए तकनीकी योग्यता जर्री है. यह बात आज के सनद्​्ेशक अच्छी तरह जानते है्. आज के सनद्​्ेशक सिफ्फ कहानी कहने मे् ही सनपुण नही् है्. उनका तकनीकी ज्​्ान भी भरपूर है. इिी वजह िे उनकी सफल्मे्मेसकंग मे्कही्िे भी िचर नही् सदखती्. चाहे अनुराग कि्यप हो् या सवशाि भारद्​्ाज, सदबाकर बनज्​्ी हो् या िुजॉय घोष, िभी ने सफल्मीकरण की मॉडन्स तकनीक का बखूबी इस्​्ेमाि सकया है. हां, बजट के मामिे मे्हम जर्र पीछे है्. इिके बावजूद हम अच्छा पसरणाम दे पा रहे है्. अब हमारे यहां सफर िे वल्​्ड क्िाि सफल्मे्बन रही है्.’ गौर करे्, तो पाएंगे सक इि बीच सनद्​्ेशको्ने कहानी और पटकथा के स्​्र पर इतने िाहिी प्​्योग सकए गये है्, सजतने पहिे कभी नही् हुये थे. सवशाि भारद्​्ाज ने ‘हैदर’ जैिी सफल्म देकर बता सदया है सक वे उत्​्रोत्​्र सवकाि कर रहे है्. हमेशा ही वह कुछ नया देने की कूवत रखते है्. ‘पान सिंह तोमर’ वािे सतग्मांशु धूसिया एक बार सफर बायोसपक बनाने की िोच रहे है्.


िफल्मी् बारे्

िवाज की दोगुिी ख़ुशी

कैसी ये बेर्खी

भट्​् कै्प की सफल्म ‘हमारी अधूरी कहानी’ बॉक्ि आसफि पर ज्यादा कमाि नही् कर पायी. पर सफल्म के िभी किाकारो्के असभनय ने खूब िराहना बटोरी. खािकर सवद्​्ा बािन के असभनय को खूब पिंद सकया गया.इन सदनो् सवद्​्ा के बारे मे्दो खबरे्आ रही है. एक तो यह सक वह िुपर स्टार रजनीकांत की सहरोइन बनने जा रही है. दूिरी खबर ये है सक सवभु पूरी के सनद्​्ेशन मे् बनने वािी सफल्म मे् धनुष के अपोसजट सिया जा रहा है. इि बारे जब सवद्​्ा िे िवाि सकया गया तब सवद्​्ा का कहना था सक इंतज़ार कीसजए. सवद्​्ा के इि र्खेपन की वजह सकिी के िमझ नही्आ रही है.

लौट आयी ख़ुशी

हाि ही मे्यह खबर आई सक सफल्म ‘अकीरा’ िे तल्बू को अिग कर सदया गया है. पर तल्बू के करीसबयो्का कहना है सक उन्हो्ने खुद ये सफल्म छोड़ दी है. अब एआर मुर्गदाि इि सफल्म मे् तल्बू की जगह को्कणा िेन शम्ास को िेने जा रहे है. ये िारी मारामारी सफल्म मे्िीड रोि को िेकर हो रही है. सफल्म मे्िीड रोि मे्िोनाक्​्ी सिन्हा है. ‘हैदर’ जैिी सफल्म के बाद तल्बू काफी व्यस्​् हो चुकी है. इि िमय उनके पाि ‘दृि्यम’,’समसिंग’, और ‘सफतूर’ जैिी फ़िल्मे् है. काफी िमय के बाद अच्छी फ़िल्मे् तल्बू के खाते मे् आई है. सजि​िे उनकी खुशी दूबारा िौटती सदख रही है.

हाि ही मे्सरिीज हुई सफल्म बजरंगी भाईजान सहट रही. नवाजुद्ीन इि सफल्म िुपरस्टार ि​िमान खान के िाथ सदखाई सदए. सफल्म मे्नवाज ने एक पासकस्​्ानी टीवी पत्​्कार की भूसमका को काफी िराहना समिी. सफल्म बॉक्ि आसफि पर भी बंपर सहट रही. नवाज को अब नामीसनम्ासताओ्िे सफल्म के ऑफर समिने तय है्. नवाज की दूिरी सफल्म ‘र्द माउन्टेन’ जल्द सरिीज होने वािी है. यह सफल्म दशरथ मांझी पर बनी है. अपनी पत्नी की याद मे्उन्हो्ने अकेिे बाईि िाि तक पहाड़ काटकर रास्​्ा बना सदया था. नवाज इि सफल्म मे्मुस्य भूसमका मे् सदखाई दे्गे. एक के बाद एक सहट सफल्मो् िे नवाज की खुशी दोगुनी हो गई है.

यही सच है

करीना कपूर तीनो्खान िुपरस्टार के िाथ काम करने के सिए काफी उत्िासहत नज़र आती है. पर चौथे खान िपुरस्टार िैफ अिी खान के करीना आन स्क्ीन जोड़ी बनाने िे बचती है. करीना अब ये िमझ चुकी है सक िैफ भिे ही सरयि िाइफ मे्उनके जीवनिाथी है. पर रीि िाइफ मे् उनकी जोड़ी जम नही्पाती है. सपछिे सदनो्जब सफल्म ‘सवक्​्मासदत्य’ के सिए िैफ के अपोसजट रोि के सिए करीना को आफर सकया गया. तब उन्हो्ने यह कहते हुए इि आफर िे इनकार कर सदया सक हमारी जोड़ी रीि िाइफ मे्उतनी पिंद नही्की जाती. सपछिी दो सफल्म कुब्ासन और एजे्ट सवनोद इिके उदाहरण है. बात तो एकदम िही कही. पर बेगम की स्पि्​्वासदता कही्नवाब िाहब को अखर न जाए.

शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015 65


अंिरम पंिा

अंितम पऩना एपीजे अब्दुल कलाम

आज़ाद देश का सपना

यहां एक साथ भारि और इंतरया बसिे है.् इसका खात्मा तकये तबिा आगे बढ़्पािा कोरी कल्पिा है़

र आज़ाद देश का िपना होता है सक वह सवकसित और िंपन्न कहिाए. सजिके सिए एक स्पि्​्सवजन होना ज़र्री है. इि सवजन मे्यह शासमि सकया जाता है सक उिके िभी नागसरक गरीबी रेखा िे ऊपर की सजंदगी गुजर-बिर कर रहे हो्. नागसरको्की सशक्​्ा और िेहत के सिए गुणवत्​्ापूणस् व्यवस्था हो और िभी व्यवस्था दुसनया मे् उि्​् स्र् की हो. उिकी राष्​्ीय िुरक्​्ा की व्यवस्था पुस्ता हो और वैस्शक प्​्सतस्प्द्ास मे् सटकने के सिए उनके पाि सकिी महत्वपूणस्क्त्े ्मे्उत्पादन भी हो. कहने का मतिब यह है सक आज़ाद देश की चौतरफा खुशहािी इि सवजन मे् शासमि होना चासहए. आजादी के िुनहरे पड़ाव पर हमे् भी कुछ बाते् िोचने और उनपर अमि करने की ज़र्रत है. गांव और शहर के बीच की बढ़ती खाई को पाटना ज़र्री है. क्यो्सक इिी देश मे्एकिाथ भारत और इंसडया बिते है.् इिका खात्मा सकए सबना आगे बढ़्पाना एकमात्​्कोरी कल्पना है. दूिरी तरफ देश के नागसरको्तक ऊज्ास व स्वच्छ पेयजि उनकी जर्रत के सहिाब िे समिना चासहए. जो अभी तक िंभव नही्हो पाया है. इि क्​्ेत् मे् काम करने की ज़र्रत है. इिमे् यह भी ध्यान रखना ज़र्री है सक इि​िे हमारे पय्ासवरण को नुकिान न पहुंचे. तीिरी हमे् एक ऐिा देश बनना होगा. जहां खेती-सकिानॉ, उद्​्ोग-धंधे और िेवा-क्​्ेत् िभी एकिाथ समिकर िौहाद्सपूण्स माहौि मे् काम करे.् चौथी बात यह ज़र्री है सक सकिी िामासजक और आस्थसक सवषमता या अंतर के कारण कोई भी योग्य छात्​् मूल्यवान सशक्​्ा िे वंसचत न रह जाए. मै् िमझता हूं सक आज के िमय मे्यह बड़्ी सजम्मदे ारी है. पांचवी्, हमे्यह भी देखना होगा सक यह देश श्​्ेि् िोगो् का गंतव्य बने यानी यह न केवि प्स्तभाशािी सवद्​्ानो्वैज्ासनको्और सनवेशको्का घर बने बब्लक दुसनयाभर िे यहां िोग आने की इच्छा भी रखे.् छठी, देश के बड़्ेसहस्िे तक स्वास्थय् िेवा पहुच ं नही् पाती है. इिसिए यह देखना होगा सक िभी नागसरको् को स्वास्थय् प्द् माहौि समिे और इिके सिए शीष्सस्र् की स्वास्थय् -िेवा होना चासहए. िातवी्, एक ऐिे राष्​्का सनम्ाण स हो जहां प्श ् ािन प्स्तस्​्कयाशीि, पारदश्​्ी और भ्ि ् ्ाचार-मुकत् हो. इिके अिावा देश िे गरीबी सनरक्​्रता मसहिाओ् और बि्​्ो् के सखिाफ अपराध जैिी बुराइयां खत्म हो. यह िबके करने के सिए ये ज़र्री 66 शुक्वार | 1 िे 15 अगस्​्2015

है सक िमाज इन बुराइयो्के प्स्त शूनय् िसहष्णतु ा सदखाए. कोई भी भारतीय िमाज मे् अपने को अिग, उपेस्कत और शोसषत महिूि न करे. हमे् आतंकवाद व अिगाववाद िे िुरस्​्कत एक िमृद्और शांसतपूणस्देश बनना होगा. यह हमे्सवकाि के सटकाऊ रास्​्ेपर िे जाएगा. यही नही्हमे्एक ऐिा देश बनना होगा जो दुसनया की िबिे बेहतरीन जगहो्मे्िे एक हो और जो अपने नेततृ व् पर गव्सकर िके. ये बाते्ही हमारे िक्य् और सवजन है.् जासहर है कृसष,खाद्-् प्ि ् सं क ् रण,सशक्​्ा,स्वास्थय् , और िूचना-िंचार प्​्ौद्​्ोसगकी इन पांच क्त्े ्ो्के सवकाि पर ध्यान देना होगा. देश के िभी इिाको् तक सबजिी,पसरवहन और ढांचागत िुसवधा पहुच ं .े इिमे् शहरी क्त्े ् और ग्​्ामीण क्त्े ्मे्एकिमानता हो. महत्वपूणस्प्​्ौद्​्ोसगकी मे्भी आत्म-सनभ्रस ता आवि्यक है. अब हम थोड़्ा पीछे चिते है.् यही िक्य् , सवजन और प्स ् ्ाव पीवी नरसिंह राव िरकार के िमय तैयार सकया गया था. और जब यह मिौदा बाद के िमय मे्प्ध् ानमंत्ी अटि सबहारी वाजपेयी को सदया गया तो उन्हो्ने िंिद मे्इिकी घोषणा भी की और स्वतंतत् ा सदवि के मौके पर यह भी कहा सक िाि 2020 िे पहिे भारत एक आस्थक स सवकसित राष्​् बन जाएगा. यह था ‘सवजन 2020’. जब मै् राष्​्पसत था तब राज्यपािो् के एक िम्मेिन मे् तत्कािीन प्​्धानमंत्ी मनमोहन सिंह ने यह घोषणा की थी सक उनकी िरकार भी इि आस्थक स सवकसित राष्​् के सवजन को पाने के सिए काम करेगी. मौजूदा राजग िरकार के िामने भी यह सजम्मदे ारी है. यह गौरतिब है सक सकिी भी राष्​्ीय सवजन को पाने मे्कम िे कम 15 िाि िग जाते है. यानी कम िे कम तीन िोकतांस्तक िरकारो्को इिमे् काम करना होता है. इिसिए हमे्इि बात के सिए सनराश होने की जर्रत नही्है सक काफी िारा वक्त जाया हो गया है या काफी िारे काम बचे हुए है.् बब्लक जर्री यह है सक शेष िमय का िही इस्म्े ाि हो. बेशक आजादी के बाद की िरकारो्ने देश की बुसनयाद को मजबूत बनाने के काम सकए है् पर आज और आने वािी ित्​्ा के िामने भी ढेरो्चुनौसतयां है.् खािकर वह चुनौसतयां सजन पर सवजय पाकर भारत सवकाि पथ पर आगे रह िकता है. हमे्अपनी बुसनयाद को और मजबूत बनाना होगा. (िेखक भारत के पूवस्राष्प् सत है.् आिेख श्स्ुत िमत्ि ् िे बातचीत पर आधासरत)



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