महात्मा बनाम महात्मा

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महहात्महा बनहाम महहात्महा -पप. गगेल ओम्वगेट

ननोट: गगेल ओम्वगेट जजी कका यह लगेख गकागांधजीवकाद और फफलगे ववमरर्श कका एक बहफत सटटीक वववगेचन हह . - एस. आर. दकारकापरफ टी ज्यपततबका फफलगे कगे ददल मम वगांचचत तबककों कगे पतत करुणका भकाव दगे ख कर उन्हम भजी गकागाँधजी ककी तरह हटी “महकात्मका” ककी उपकाचध सगे नवकाज़का गयका हह . लगेककन इस उपकाचध ककी समकानतका कप अपवकाद मकानका जकायगे तप वगे हरगे क रूप मम पससद्ध “महकात्मका” कगे बबलकफल ववपरटीत थगे. महकात्मका गकागाँधजी जहकागाँ धकासमर्शक श्रद्धका सगे भरका सगांभकागांत वगर्श कका पतततनचधत्व करनगे वकालगे एक ऐसगे व्यककत थगे, जप स्वतगांत्रतका आन्दपलन कगे सलए धकासमर्शक भकावनकाओगां कका भरपफर इस्तगेमकाल ककयका करतगे थगे, तप वहटीहीँ दस फ रटी ओर फफलगे ऐसगे महकात्मका थगे, जप मतफ तर्शभगांजक (अगांध ववरवकास) ववरपधजी थगे और जनसमफदकाय सगे तनकलगे हफए एक ऐसगे बफवद्धजजीवजी, कजन्हकोंनगे जकाततवकाद और अन्य तमकाम असमकानतकाओगां कगे खखलकाफ उस सगांभकागांत तबकगे कका ववरपध ककयका जप गकागाँधजी जजी कका समथर्शक थका. भकारत कका पतततनचधत्व करनगे कगे सलए भजी इन दपनकों कगे पतजीक भजी एकदम सभन्न थगे. गकागाँधजी नगे “रकाम रकाज”कका नकारका ददयका तप फफलगे नगे “बसल रकाज” कका. मतलब इन दपनकों कगे बजीच बहफत गहरगे ववरपधकाभकास हह. गकागाँधजी कगे सलए “रकाम रकाज” पतजीक कका अथर्श दगे र कगे सलए महज़ धकासमर्शक-सकागांस्ककततक पहचकान नहटीगां थजी बकलक इस मम उनककी धमर्श और परफ काण पर आधकाररत भकावनकात्मक सगांतफकषट भजी जड फ जी हफयजी थजी. रकायद इसजी सलए उन्हकोंनगे भकारत ककी अपकार सकागांस्ककततक-धकासमर्शक सगांपदका कगे चफनकाव मम सब सगे वववकादस्पद पतजीक कका हटी चफनकाव ककयका. रकाम ककी कहकानजी मम पफरूषवकाद, सकामगांतवकाद और जकाततवकाद ककी तजीव्र बदबफ हह . इस मम आदरर्श पररवकार कका मतलब – एक श्रद्धकालफ भकाई, भरपसगेमगांद पत्नजी, ववश्वसनजीय सगेवक जहसगे लभ फ कावनगे पतजीक, जप एक दहन्द फ मदहलका कका आदरर्श तनमकार्शण करतका हह ककन्तफ यगे आदरर्श ववषमतका यकातन उगां च-नजीच पर आधकाररत हह.


कफर हम कहसगे भफल सकतगे हह कक “रकाम रकाज” मम खफद रकाम कगे द्वकारका एक रफद्र सन्यकासजी रम्बफक ककी हत्यका कप जकायज़ ठहरकायका गयका हह . हकालकागाँकक गकागाँधजी जजी तमकाम रकाम भकतकों ककी तरह अपनगे रकाम कप रकागांततवपय और सहटी बतकानका चकाहतगे थगे. पर रकाम ककी कहकानजी मम इस मकान्यतका कका स्पषट ववरपध ददखकाई दगे तका हह . मफकस्लम आक्रमण जप सबसगे पभकावजी रूप मम तफकर्कों कगे आगमन कगे सकाथ हफआ उसककी तजीव्र पततकक्रयका रकाम ककी कथका मम ददखतजी हह . रकाम स्पषट रूप सगे दहन्दव फ काद कका सगांरक्षक और दकानवजी घफसपहदठयकों कका ववरपधजी थका पर गकागाँधजी इसमम दहन्द-फ मफकस्लम एकतका कप रकासमल करनका चकाहतगे थगे. वगे बगेरक अपनगे इस पयकास कगे सलए तकाउम्र लड़तगे भजी रहगे , परन्तफ यह हकास्यस्पद

ववरपधकाभकास हह

कक उनकका इसकगे सलए दहन्द फ और मफकस्लम समफदकायकों कप जपड़नका इन दपनकों समफदकायकों मम और सकाम्पदकातयकतका भरनगे मम ककारगर ससद्ध हफआ और अगांतत इन दपनकों समद फ कायकों नगे हटी एक दस फ रगे कगे सलए कट्टरतका भर लटी. सच्चकाई यह हह कक “रकाम रकाज” महज भकारत कप आज़काद करकानगे सगे अचधक ककी सपच थजी. रकाम रकाज दरअसल धकासमर्शक रूप सगे पररभकावषत एक ऐसका यफटपवपयका थका, कजसनगे ककसजी भजी भकारतजीय परम्परका पर सवकाल उठकानगे ककी जहमत नहटीगां उठकाई. यह आदरर्श भकारतजीय गकाम समकाज ककी पररकलपनका थजी, जप मकानव कप आधतफ नकतका सगे बबलकफल दरफ रखतजी थजी. दहन्द फ परम्परका कगे पतत गकागाँधजी जजी ककी सपच भजी कभजी आलपचनकात्मक नहटीगां थजी. वगे उसमम सगे ककसजी एक बकात कका भजी वववगेचन करनगे मम ववश्वकास नहटीगां रखतगे थगे. इसजी सलए वगे गजीतका जहसजी यफद्ध सरक्षका ककी ककतकाब कप भजी अदहगांसका कगे पकाठ मम रकासमल करनगे सगे नहटीगां दहचकतगे थगे. गकागाँधजी दहन्द फ परम्परकाओगां मम रकासमल असमकानतका कगे तत्व कप भजी हरदम नज़रगां दकाज़ करतगे हफए इनकगे ववरपध कका भजी दकावका ककयका करतगे थगे. दस फ रटी ओर फफलगे द्वकारका “बसल रकाज” कगे पतजीक कका पयपग बबलकफल हटी अलग थका. उन्हकोंनगे “बसल” कप सजीधगे ककसजी परम्परका यका मकान्यतका सगे नहटीगां उठकायका थका, बकलक उसकका पफनरवववगेचन ककयका थका. उन्हकोंनगे “आयर्श ससद्धकागांत” कप पलटकर स्पषट ककयका कक उन्हकोंनगे गहर-आयर्श, जप भकारत कगे मफलतनवकासजी थगे और आयर्कों सगे यफद्ध मम हकार गए थगे. पकारम्पररक मकान्यतका कगे अनफसकार बसल एक रकाक्षस थका, कजसगे बकाह्मण अवतकार वकामन नगे सजीधका नरक मम पहफगाँचका ददयका थका. लगेककन इस कगे ववपरटीत फफलगे कगे द्वकारका पस्तफत पफनरवववगेचन पचसलत ककसकान-परम्परका पर आधकाररत थका. आज भजी महकारकाषट्र कगे ककसकान बसल कप एक आदरर्श रकाजका कगे रूप मम यकाद करतगे हह, कजस ककी पफकषट उनककी लपकपककत “ इड़का पजीड़का हर जकायगे बसल रजका वकापस आए” सगे हपतजी हह . कगेरल कगे ओणम त्ययौहकार मम यह मकानका जकातका हह कक आदरर्श रकाजका बसल वकापस पथ् क वजी पर आयगे हह. बसल कगे चफनकाव मम फफलगे बकाह्मणवकादटी परम्परका कगे ऐतहकाससक आयर्श-अनकायर्श सगांघषर्श कप उभकार कर चफनयौतजी दगे रहगे थगे. वहटीहीँ गकागाँधजी रकाम पर ववश्वकास रखतगे थगे और उनकका रकाम पर ववश्वकास इस हद तक थका कक उन्हकोंनगे उस कगे मदहलका ववरपधजी, और जकातपकागांत सगे भरगे ककाम कप नज़रगां दकाज़ कर एक आदरर्श रकाजका कगे रूप मम मकानका. लगेककन फफलगे नगे बसल कगे चफनकाव मम उन्हम इस रूप मम नहटीगां मकानका. उनककी अपनजी सत्य रपधक वतक त आस्थका और ववरवकास सगे परगे थजी. उन्हकोंनगे इततहकास मम जकाकर एक आदरर्शवकादटी यफटपवपयका ककी खपज ककी. इस तरह बसल कगे रकाज “बसलस्थकान” कगे तनमकार्शण कगे पजीछगे कपई कलपनका लपक नहटीगां, बकलक एक रकाज्य कप स्थकावपत करनगे ककी आरका थजी, कजसमगे सरक्षका, सगांघषर्श और उपलकबध हप. जहकागाँ गकागाँधजी कका “रकाम रकाज” एक आदरर्श गकागाँव थका जहकागाँ रकागांतत, मधफरतका, स्थकातयत्व परन्तफ उद्यपगकों कका ववरपध थका. उन्हकोंनगे मकानव कप बबनका ककारण भकावनका और लपभ मम झफलतगे दगे खका थका. वगे उनककी ज़रूरतकों कप तनयगांबत्रत करनका चकाहतगे थगे, तकाकक वगे भकतकों ककी तरह रहम . गकागाँधजी कका चरखका न ससफर्श आत्मतनभर्शरतका कका पतजीक थका, बकलक यह एक ककस्म


ककी आत्म-आचश्रततका कका भजी पतजीक थका जप अमकानवजीय मरजीनकों कगे ववरुद्ध औद्यपगजीकरण कका ववरपध कर रहका थका. यह फफलगे ककी मकानवतकावकादटी दृकषट ककी कलपनका, तनमकार्शतका, रपधकाथर, उद्यमजी और पररवतर्शनरजीलतका सगे ववपरटीत थका. फफलगे नगे मकानव और परफ कगे बजीच मफल अगांतर यह पकायका कक मकानव मम पयकास सगे तनरगां तर पररवतर्शन सगांभव हह . इस मकामलगे मम फफलगे और उनकगे बकाद बकाबका सकाहगे ब डका. आगांबगेडकर दपनकों हटी

मकाकसर्श सगे मगेल खकातगे थगे कक मकानव इततहकास मम चकाहगे

जप भजी जजीतगे, रपषण हप, पतकाड़नका हप, वह कजस हद तक उत्पकादन ककी तकाकत हह , वह मकानव क्षमतका कका भजी ववककास करगे गजी हटी. औद्यपगजीकरण एक उपलकबध हह कजसनगे ख़फरजी लकायजी, यह ककसजी ककस्म ककी गफलकामजी नहटीगां हह . गकागाँधजी आजकाद भकारत कगे स्वपन कप पररभकावषत करनगे मम उस धमर्श ककी स्तफतत करनगे बहठ गए थगे, जप मफकस्लम ववरपधजी और दसलत ववरपधजी हह . यह उन्हम मकान्यतका पदकान करतका हह , जप रकाम कप दगे रभककत कका पततरूप मकानतगे हह, जबकक इस वपछड़गेपन कगे ववपरटीत फफलगे कका ऐतहकाससक मफलयकागांकन जप बसल रजका कप गकाथकायकों सगे तनककाल कर एक नयका अथर्श दगे तका हह , उन्हम दगे र कगे बहफसगांख्यक पजीड़ड़तकों सगे जपड़तका हह और वकास्तव मम भकारत कगे भववषय कका एक नयका आधकार तय करतका हह .

(मक् म वक्तहा ससे सहाभहार)


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