भगवान दास जी का योगिंदर सिकंद द्वारा लिया गया साक्षात्कार

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भगववान दवास जजी कवा ययोगगगिंदर ससकगिंद द्ववारवा सलियवा गयवा सवाकवात्कवार

(भगववान दवास (23 अपप्रैल, 1927- 18 नवम्बर, 2010) जजी कवा यह सवाकवात्कवार उनकके पररननववार्वाण सके कवाफफी पहलके ललयवा गयवा थवा . इस

सवाकवात्कवार मम भगववान दवास जजी नके दललत आन्ददोलन सके अपनके जजड़नके, दललत आन्ददोलन कफी कमजदोररयय, जवानतभकेद कके ववनवाश कके ललए बवाबवा सवाहके ब कके बबौद्ध धमर्वा आन्ददोलन कफी पवाससंगगकतवा , भसंगजी जवानतयय कके बवाललमकफीकरण और दललत आन्ददोलन कके भववष्य कफी ससंभवावनवाएसं एवसं उसकफी सहही ददशवा कके बवारके मम कवाफफी सवारगलभर्वात तथवा बकेबवाक दटिप्पणणयवायाँ कफी हह. सब सके पहलके यह सवाकवात्कवार असंगकेजजी मम इन्टिरनकेटि पर छपवा थवा लजसके बवाद मम लसकसंद जजी नके “धमर्वा और रवाजनजीनत” नवालमक पजलसतकवा मम दहसंदही मम भजी पकवालशत ककयवा थवा. यह सवाकवात्कवार आज 23 अपप्रैल कदो उनकके जन्म ददन कके अवसर पर समनम त कके तबौर पर पकवालशत ककयवा जवा रहवा हप्रै .)

प्र०: आप दसलित आन्दयोलिन मम ककस प्रकवार आयय? उ०: मकेरवा जन्म दहमवाचल पदके श मम एक अछछत पररववार मम हजआ. मकेरके वपतवा एक पदोसटि आकफस मम सफवाई-कमर्वाचवारही थके. मकेरही मवायाँ अद्धर्वा-मजलसलम पररववार सके थजी. मजझके डड. आसंबकेडकर सके लमलनके कवा अनजभव कजछ अवसरय पर हजआ. सब सके पहलके मह उन कदो बम्बई मम 1943 मम लमलवा. ववायज सकेनवा नबौकरही करतके समय मकेरही पदोलसटिसं ग हजयजी तदो उनकदो लमलनके कके ललए हफ्तके मम तजीन बवार ज़रूर जवातवा थवा, मह कजछ पकेपर वकर्वा करतवा थवा जप्रैसके पकेपर लकलवपसंग इत्यवादद जदो वह मजझके दके तके थके, टिवाइवपसंग और अन्य कवायर्वा जदो मजझके सछचनवा कके तबौर पर इकठवा करनके हदोतके थके. इस पकवार मह दललत आन्ददोलन मम आयवा. डड. आसंबकेडकर नके 1956 मम बबौद्ध धमर्वा अपनवायवा, महनके भजी 1957 मम अपनके पररववार सदहत बबौद्ध धमर्वा अपनवा ललयवा. प्र०: आगिंबयडकर नय बबौद्ध धमर्म क्ययों अपनवायवा? उ०: अवणर्वा हदोनके कके कवारण दललत कभजी भजी दहन्द छ नहहीसं रहके थके, वके चवार वणर्णों सके बवाहर थके. डड. आसंबकेडकर कके अनजसवार बबौद्ध धमर्वा दललतय कवा मछल धमर्वा थवा. यह आज़वादही और मलज कत कवा धमर्वा हप्रै . डड. आसंबकेडकर मवानतके थके कक सभजी रवाजनप्रैनतक कवासंनतयय सके पहलके सवामवालजकऔर धवालमर्वाक कवासंनतयवायाँ हजयजीसं, अततः धमर्वापररवतर्वान दललत ससंघरर्वा कफी मछलभत छ आवश्यकतवा थजी. हम दललत कभजी भजी दहन्द छ नहहीसं थके. असल मम बवाह्मणववादही परम्परवाओसं और ववश्ववासय सके अलग हमवारही अपनजी मवान्यतवाएसं थजीसं. मकेरही अपनजी भसंगजी जवानत कदो हही लके लहीलजयके . वके न दहन्द छ थके, न मजसलमवान. हमम इनमम कहहीसं भजी रखनवा मजलश्कल थवा कययकक हम ककसजी दहन्द छ भगववान कफी पछजवा नहहीसं करतके थके, न हही हम मलसजद मम नमवाज़ पढ़नके जवातके थके. हमवारके अपनके महवापजरुर थके लजन कफी हम पछजवा करतके थके लकेककन वदो रहीनत ररववाज़ अब भजलवा ददए गए हह कययकक दहन्द छ ससंसथवाएसं हमम दहसंद छ बनवानके पर तल ज ही हजई हह.


हम भसंगगयय कके अपनके महवात्मवा हजए हह लजनकवा नवाम लवालबकेग थवा लकेककन बवाद कके आयर्वासमवालजयय नके हमम दहन्द छ बनवा ददयवा कक हम बवालमजीकक कके लशष्य हह लजन्हयनके बवालमजीकक रवामवायण ललखजी. महनके इस लमथ कदो कभजी नहहीसं सवजीकवारवा. प्र०: लिवालिबयग कबौन थवा? उ०: कजछ लदोग कहतके हह कक लवालबकेग ववासतव मम लभकज थवा जदो एक बबौद्ध ससंत हदो सकतवा हप्रै . यदद उत्तर भवारत कफी भसंगजी जवानतयय कफी लवालबकेग कदो समवपर्वात पवाथर्वानवाएसं सजनमगके तदो आप कदो कजछ मज़केदवार बवातम पतवा चलमगजी. इन पवाथर्वानवाओसं कदो कजसर्सीनवामवा कहतके हह. यसंगसटिन नके इन्हम इकठवा ककयवा और अपनजी पजसतक एसंटिहीकवकेरहीज़ आफ इसंडडयवा मम पकवालशत ककयवा. यके ओलड टिके सटिवामम टि कके जकेनकेलसस कफी तरह हह. कजसर्सीनवामवा बतवातजी हप्रै कक हम न दहन्द छ हह न मजसलमवान. कहहीसं पर दहन्द छ भगववान रवाम और कमष्ण कवा लज़क नहहीसं हप्रै . लकेककन मज़केदवार बवात यह हप्रै कक कजसर्सीनवामवा कफी शजरुआत “बबलसमललवाह-इररर्वा ह्मवान इरर्वा रहहीम” सके हदोतजी हप्रै जदो कक कजरआन कफी आयत हप्रै लजसके शजरुआत मम पढ़वा जवातवा हप्रै और असंत मम वके सभजी गचललवातके हह “बदोलदो मदोलमनय वदोहही एक हप्रै .” ( ओ! भकतदो वदो हही एकमवात्र सत्य हप्रै ). कजसर्सीनवामवा मम कई जगह पर बवालवाशवाह और लवालबकेग कवा नवाम एक दस ज रके कके ललए इसतकेमवाल ककयवा गयवा हप्रै . बलवाशवाह एक पलसद्ध पसंजवाबजी ससंत थके. पसंजवाबजी सवादहत्य मम अपनके समय कफी महवान रचनवा “हहीर” मम पसंजवाबजी सछफफी कवव ववाररसशवाह कहतके हह कक बलवाशवाह ददो ननम्न जवानतयय चछहड़के और पवालसयय कके पजीर थके. प्र०: क्यवा भगिंगजी अभजी भजी इस बवात सय पररगचित हह? उ०: दभ ज वार्वाग्यवश बहजत कम लदोग इस बवारके मम जवानतके हह. वह परम्परवा लजप्त हदोतजी जवा रहही हप्रै . एक कवारण तदो यह हप्रै कक दहन्द छ ससंसथवाएसं अपनजी ससंख्यवा बढ़वानके कके चककर मम भसंगगयय कदो दहन्द छ बनवा रहही हह कययकक उन्हम खतरवा हप्रै कक भसंगजी अगर ईसवाई बन जवायमगके जप्रैसवा कक 1873 मम हजआ और 1931 तक चलतवा रहवा. अततः उन्हयनके धमवार्वान्तरण रदोकनके कके ललए सभजी हथकसंडके अपनवायके. दस छ रही ओर उन्हयनके यह कहवानजी बकेचनजी शजरू कर दही कक भसंगजी ववासतव मम ववालमजीकक कके वसंशज हह. उन कवा यह भजी कहनवा हप्रै कक बवालवाशवाह जदो कक लवालबकेग कवा दस छ रवा नवाम थवा, ववालमजीकक कवा अपभसंश रूप थवा. प्र०: लियककन यह ककैसय सगिंभव हकै जब बवाल्मजीकक रवामवायण मम जवातत व्यवस्थवा कयो उगचित ठहरवातय हह? वह हमम बतवातय हह कक रवाम नय शम्बक ब ककी गदर्मन इससलिए उड़वा ददी थजी क्ययोंकक वह स्वगर्म जवानय सलिए समवागध (ध्यवान) लिगवा रहवा थवा. उ०: यह एक लमथ हप्रै . समसयवा यह हप्रै कक वके ककस बवालमजीकक कफी बवात कर रहके हह: वदो बवाह्मणववादही बवालमजीकक जदो बवाह्मण हप्रै और वरुण कके दसवम पजत्र हदोनके कवा दवाववा करतवा हप्रै ? यवा वह बवालमजीकक लजसके पजरवानय मम डवाकछ बतवायवा गयवा हप्रै ? लजस बवालमजीकक नके रवामवायण ललखजी वह जवानत व्यवसथवा कवा समथर्वान करतवा हप्रै . अततः वह भसंगजी कप्रैसके हदो सकतवा हप्रै . वह ववासतव मम बवाह्मण थवा. बवालमजीकक और भसंगजी जवानत कके ससंबसंधय मम एक समसयवा हप्रै कक जब चमवार रववदवास कदो अपनवा मवानतके हह तदो ददोनय कके मध्य एक सम्बन्ध बनतवा हप्रै , जप्रैसके जजलवाहवा और बन ज कर कबजीर कदो अपनवा कहतके हह लकेककन रवामवायण कके बवालमजीकक और भसंगगयय मम कदोई सम्बन्ध नहहीसं हप्रै . प्र०: क्यवा भगिंगगययों कय इस सगिंस्ककततकरण सय उनककी सवामवाजजक जस्थतत मम कयोई ससधवार आयवा हकै ? उ०: नहहीसं, बबलकजल नहहीसं. मह इसके ससंसकमनतकरण नहहीसं कहछयाँगवा. ववासतव मम यह बवाह्मणजी रहीतजी ररववाजय कवा ससतवा अनजकरण हप्रै . ससंसकमनतकरण कके कवारण भसंगगयय कफी सवामवालजक गनतशजीलतवा नहहीसं बढ़ही हप्रै . जवानत कके मवामलके मम मलज श्कल यह हप्रै कक अगर आप इसके दरववाजके सके बवाहर फमकनवा चवाहम तदो वह वपछलके दववार्वाज़के यवा णखड़कफी सके कफर अन्दर आ


जवातजी हप्रै . दललतय कके ईसवाई धमर्वा, लसख धमर्वा और इसलवाम मम धमवार्मांतरण कवा यहही हवाल हजआ हप्रै जबकक यके धमर्वा लसद्धवासंत रूप मम समतवाववादही हह परन्तज दहन्द छ धमर्वा मम ऐसवा नहहीसं हह. जहवायाँ तक मह समझवातवा हछयाँ ससंसकमनतकरण कके नवाम पर रहीनतररववाजय मम कजछ बवाहरही पररवतर्वान तदो हदो सकतके हह लकेककन इससके दललतय कके पनत ऊयाँचजी जवानत ववालय कवा रवप्रैयवा नहहीसं बदलतवा. भसंगगयय कवा यहही तजजबवार्वा रहवा हप्रै जदो बवालमजीकक हदोनके कवा दवाववा करतके हह. इसललए अगर एक भसंगजी अपनके आप कदो बवालमजीकक यवा चमवार यवा रववदवासजी यवा आधमर्सी यवा बढ़ई कहनके लगतवा हप्रै , इससके दललतय कके पनत दहसंदय ज य कके रवप्रैयके मम कदोई बदलवाव नहहीसं आतवा. प्र०: आपकय हहसवाब सय दसलित मजस क्त सगिंघरर्म मम सगिंस्ककततकरण कवा क्यवा प्रभवाव पड़यगवा? उ०: मकेरके दहसवाब सके दललतय कदो दहन्द छ बनवानके कवा हही दस छ रवा नवाम ससंसकमनतकरण हप्रै . दललत मलज कत पर इस कवा बरज वा असर पड़वा हप्रै . यह दललतय कदो बवासंटितवा हप्रै . चमवारय मम जदो उत्तर भवारत मम ससंख्यवा मम सबसके ज्यवादवा हह ससंसकमनतकरण कफी वजह सके वके 67 उप-जवानतयय मम बसंटि गए हह. इनमम सके कदोई भजी दस छ रही जवानत मम शवादही नहहीसं करतवा हप्रै . उत्तर पदके श मम भसंगजी 7 सजवातजीय समछहय मम बसंटिके हह. ससंसकमनतकरण सके उन लदोगय कके रूख मम कदोई पररवतर्वान नहहीसं आयवा हप्रै जदो सददयय सके दललतय कके पनत छजआछछत कर रहके थके. तबौर तवारहीकके बदल सकतके हह लकेककन नफरत बरक़रवार हप्रै . दललतय कके दहन्दक ज रण सके उनकके अन्दर चकेतनवा कवा आनवा बहजत मजलश्कल हदो जवातवा हप्रै कययकक दहन्द छ बन गयजी दललत जवानतयवासं उन समछहय सके नफरत करनके लगतजी हह जदो कम दहन्द छ हह. यदद आप एक बवालमजीकक पजरुर सके एक धवानजक यवा बवासंसफदोड़ मदहलवा सके शवादही करनके कदो कहम तदो वह सवाफ़ तबौर पर इनकवार कर दके गवा कययकक धवानजक और बवासंसफदोड़ बवाललमककयय कके मक ज वाबलके कम दहन्द छ हह. प्र०: दसलित जवाततययों और उनकय मजस क्त सगिंघरर्म पर हहगिंदत्स व कय एजगिंडवा कवा क्यवा असर हकै ? उ०: मकेरही दृलष्टि मम दहसंदत्ज व ससंगठन दललतय कदो जदो दहन्द छ नहहीसं हह दहन्द छ धमर्वा मम लवानवा चवाहतके हह और सब सके नजीचके रखनवा चवाहम गके. ऐसवा गवायाँधजी जजी नके भजी ककयवा. वके दललतय कदो बतवातके थके कक भगववान नके दललतय कदो लसफर्वा इसललए बनवायवा हप्रै कक वके सवणर्णों कफी सकेववा कर सकम और उन्हम इस उम्मजीद सके अपनके जवातजीय धसंधके करतके रहनवा चवादहए तवाकक अगलके जन्म मम उन कवा जन्म ऊयाँचजी जवानत मम हदो सकके. दहसंदत्ज व कवा पछरवा पदोजकेकटि यहही हप्रै . इसललए दहसंदत्ज व कवा बढ़नवा दललतय कके ववचवार सके बहजत खतरनवाक हप्रै . यदद आप इस जवातजीय ढवासंचके मम मल छ भत छ पररवतर्वान लवानके कके ववरय मम गसंभजीर हह तदो आप कदो जवातजीय व्यवसथवा और उसके पप्रैदवा करनके ववालही धवालमर्वाक ववचवारधवारवा पर जम कर हमलवा करनवा हदोगवा. लकेककन दहसंदत्ज व कके ससंगठन न तदो ऐसवा करम गके और न हही वके ऐसवा कर सकतके हह. प्र०: हहगिंदत्स व ककी आदशर्म व्यवस्थवा ककी क्यवा जस्थतत हयोगजी? उ०: दहसंदत्ज व कफी यदोजनवाओसं कके अनजसवार सबसके आदशर्वा यजग लजसके सवणणर्वाम यजग कहतके हह, वह यजग वकेदय, रवामवायण, गजीतवा और मनजसमनम त कवा यजग हप्रै . तब उस समय दललतय और शछदय कफी कयवा लसथनत थजी? हम लदोगय कके सवाथ गजलवामय सके भजी बदतर व्यवहवार ककयवा जवातवा थवा और उसके इन बवाह्मणववादही शवासत्रय मम धवालमर्वाक मवान्यतवा पदवान कफी गयजी थजी लजसके दहसंदत्ज व कके पहरही आज पचवाररत कर रहके हह. दहसंदत्ज व कके ससंगठन वणर्वा-व्यवसथवा कदो अलग अलग तरहीकय सके लवागछ करनवा चवाहतके हह और यह हमवारके ललए सबसके खतरनवाक पभवाव हप्रै . अभजी मह आर.एस.एस. कके पमजख गदोलवलकर कफी पजसतक पढ़ रहवा थवा लजसमके उन्हयनके कहवा हप्रै कक जवानत-व्यवसथवा नके कदोई नजकसवान नहहीसं पहजयाँचवायवा हप्रै . जवानत-व्यवसथवा कवा गजणगवान उनकके ललए अच्छवा हदो सकतवा हप्रै परन्तज हमवारके ललए कदवावप नहहीसं. हमवारही दृलष्टि सके दहसंदत्ज व कवा बढ़नवा


ककसजी भजी कफीमत पर बढ़तजी दललत-चकेतनवा कदो रदोकनवा हप्रै जदो दललत मजलकत कवा एक मवात्र रवासतवा हप्रै और इसकके ललए दहसंदत्ज व कफी शलकतयवासं उनकवा ध्यवान बवासंटिनके कके ललए मस ज लवामवानय और ईसवाईयय कदो अपनवा ननशवानवा बनवा रहही हह. प्र०: धमर्म कवा ववस्तत क सगिंघरर्म मम क्यवा रयोलि हकै ? ऊ०: मह समझवातवा हछयाँ कक एक समवाज कके चलवानके कके ललए तजीन बवातम आवश्यक हह: पहलवा ववववाह, दस छ रवा सरकवार और तजीसरवा धमर्वा जदो कदो एक नप्रैनतक आधवार दके तवा हप्रै और जदोड़तवा हप्रै . इस सववाल नके डड. अम्बकेडकर कदो उस वकत बहजत उदकेललत ककयवा थवा जब उन्हयनके दहन्द छ धमर्वा छदोड़वा,लजस कके सवाथ ऐतहवालसक रूप सके बहजत कम लदोग जजड़के थके. अततः उन्हयनके बबौद्ध धमर्वा कफी नयजी पररभवारवा दही जदो दककणजी अमकेररकवा कके कप्रैथदोललकय कफी ललबरके शन गथयदोलदोजजी सके लमलतजी जल ज तजी थजी. उनकवा पहलवा सववाल हदोतवा थवा कक धमर्वा कवा समवाज मम कयवा रदोल हप्रै ? उन्हयनके जदोर दके कर कहवा कक धमर्वा एक अछछी नसर्वा हप्रै परसं तज खरवाब रखप्रैल हप्रै कययकक धमर्वा नके बहजत अच्छवा और तदोड़क रदोल भजी खकेलम हह. प्र०: बहसत सय महवायवानजी और हदीनयवानजी बबौद्ध कहतय हह कक आगिंबयडकर ककी बबौद्ध धमर्म ककी पररभवारवा बबौद्ध धमर्म कय मबलिभत ब ससद्धवागिंतयों कय अनसरूप नहदीगिं हकै ? उ०: यह बवात सहही हप्रै कक आसंबकेडकर द्ववारवा दही गयजी बबौद्ध धमर्वा कफी पररभवारवा महवायवान और हहीनयवान ददोनय सके कई महत्वपछणर्वा मवामलय मम लभन्न हप्रै . लकेककन शजरू सके हही बद्ध ज कफी मबौत तक बबौद्ध धमर्वा मम आन्तररक ववववधतवाएयाँ रहही हह. उदवाहरणवाथर्वा जवापवान मम 1260 ववलभन्न समद ज वाय हह. प्र०: क्यवा दसलित बबौद्ध आन्दयोलिन और आजकलि कय ईसवाई समसदय मम दृश्य दसलित ईसवाई दह्र्म मम कयोई सम्बन्ध हकै ? उ०: दललत ककलश्चयन गथओलदोजजी वपछलके दस सवाल मम उभर कर आई हप्रै जदो कक दललतय कफी चकेतनवा मम आ रहही ववम द्ध कके फलसवरूप हप्रै . मकेरवा यह व्यलकतगत ववचवार हप्रै कक यह चचर्वा कके भजीतर वणर्वाववाद और सवणर्वा पभजत्वववाद कके ववरुद्ध एक चजनबौतजी हप्रै . महनके दललत ककलश्चयन गथओलवाजजी कवा असर अन्य गप्रैर-ईसवाई दललतय पर पड़तके नहहीसं दके खवा. कई गप्रैर ईसवाई चचर्वा कके अचवानक दललत सववाल कदो उठवानके कदो ससंशय कफी दृलष्टि सके दके खतके हह. मह समझतवा हछयाँ कक चचर्वा कके लदोग इस बवात सके परके शवान हह कक ईसवाईयय कफी ससंख्यवा घटि रहही हप्रै कययकक कई दललत ईसवाई आरकण कवा फवायदवा उठवानके कके ललए चचर्वा छदोड़ रहके हह. कवानछन कके अनजसवार आरकण ककलश्चयन दललतय कदो नहहीसं हप्रै . शवायद दललत ककलश्चयन गथओलवाजजी इसके रदोकनके कवा हही एक दहससवा हप्रै . प्र०: क्यवा आप यह कहम गय कक दसलितयों मम आज धमवार्मन्तरण मसख्यत: बबौद्ध धमर्म ककी और हकै न कक ईसवाई धमर्म ककी ओर? उ०: हवायाँ मझ ज के तदो ऐसवा हही ददखतवा हप्रै . बबौद्ध धमर्वा सके उन्हम गवर्वा और पहचवान कवा अनजभव हदोतवा हप्रै और यह उन्हम परज वानके सववाणणर्वाम कवाल सके जदोड़तवा हप्रै . लकेककन बबौद्ध धमर्वा आन्ददोलन उतनजी तकेजजी सके नहहीसं चल रहवा हप्रै लजतनवा कक हम चवाहतके हह. एक कवारण तदो यह हप्रै कक लभकखजओसं कफी टके ननसंग कफी कदोई व्यवसथवा नहहीसं हप्रै , हवालवायाँकक डड. अम्बकेडकर नके इस कके ललए कहवा थवा. उन्हयनके कहवा थवा कक लभकखजओसं कके पलशकण कके ललए सकछल हदोनके चवादहए जप्रैसके पवाचजीन बबौद्धय

नके बनवाए

थके. नवालसंदवा और तककलवा कके ववश्वववद्यवालय इस कवा एक उदवाहरण हह. शजरुआत कके ललए हम नके कदोलशश कफी. अपनके लभकखजओसं कदो पलशकण कके ललए थवाईलहड भकेजवा. उनमम सके कई लदोग पलशकण पछरवा करनके कके बवाद पलच्छम कफी ओर चलके गए और वके भवारत मम सकेववा करनके कके ललए ववापस नहहीसं आयके. यह हमवारके ललए एक बड़जी समसयवा हप्रै . लकेककन इस सवाल हम इस समसयवा कदो हल करनके कके ललए कदोलशश कर रहके हह. उत्तर पदके श कके तरवाई ककेत्र मम लभकजओसं कके


पलशकण कके ललए एक लशकणवालय खदोलनके कफी यदोजनवा हप्रै लजस मम बबौद्ध धमर्वा-शवासत्रय कफी लशकवा दही जवाएगजी. आसंबकेडकर कके दशर्वान और अन्य समकवालहीन धमर्णों कके बवारके मम भजी पढ़वायवा जवायकेगवा. प्र०: बबौद्ध धमर्म मम धमर्म-पररवतर्मन सय महवारवाष्ट्र कय महवारयों पर, जजस जवातत सय डड. अम्बयडकर थय, क्यवा प्रभवाव पड़वा हकै ? उ०: मकेरके दहसवाब सके धमर्वा बदलनके सके ककेवल रहीनत-ररववाजय मम पररवतर्वान आयवा हप्रै . सवामवालजक सतर पर कदोई खवास बदलवाव नहहीसं आयवा हप्रै . लकेककन धमर्वा बदलनके सके कई लदोगय नके शरवाब पजीनवा छदोड़ ददयवा और दहन्द छ दके वजी दके वतवाओसं जप्रैसके रवाम और कमष्ण कफी पछजवा करनवा भजी छदोड़ दही हप्रै . आज महवारवाष्ट मम बबौद्ध धमर्वा मजख्यततः महवारय तक हही सजीलमत हप्रै और उनकके पनत दस छ रय कवा रवप्रैयवा हकफीकत मम नहहीसं बदलवा हप्रै . लकेककन कम सके कम धमर्वा बदलनके सके उनकदो एक नयजी पहचवान तदो लमलही हप्रै और उनकके अन्दर आत्म-सम्मवान कफी भवावनवा आई हप्रै . प्र०: क्यवा बबौद्ध धमर्म ककी मदद सय जवातत-व्यवस्थवा कमज़योर पड़ सकतजी हकै ? उ०: आज ऐसवा

हही हदो रहवा हप्रै हवालवायाँकक इस कफी रफ़्तवार धजीमजी हप्रै . लमसवाल कके तबौर पर आसंबकेडकर लमशन सदोसवाइटिही

लजस सके मह जजड़वा हछयाँ कके सभजी सदसय बबौद्ध हह. हम इस बवात पर जदोर दके रहके हह कक पररववार कवा एक सदसय अपनजी जवानत सके बवाहर शवादही करके . जवानत-व्यवसथवा कदो ख़त्म करनके कवा यहही एक तरहीकवा हप्रै . यदद अलग-अलग जवानतयय ववालके दललत बबौद्ध धमर्वा मम आ जवाएयाँ और असंतरजवातजीय ववववाह शजरू करम तदो ऐतहवालसक तबौर रूप सके दललतय कदो कमज़दोर करनके कके ललए इन कके बजीच जदो मतभकेद पप्रैदवा ककयके गए हह वह धजीरके धजीरके समवाप्त हदो जवायमगके. उन्हम इकटवा हदोनके कवा अवसर लमलकेगवा. इससके उनकदो एक पहचवान लमलकेगजी और वके गवर्वा महसछस करम गके. अगर वके धमर्वा पररवतर्वान नहहीसं करतके तदो वके कई सबौ जवानत-समछहय मम बसंटिके रहम गके और उनकफी कदोई पहचवान भजी नहहीसं बन पवायकेगजी.


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