2 जूलाई 2015 जुमारात को एक साथ दुन्या भर के दा’वते इस्लामी के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ में होने वाले उर्दू बयान का हिन्दी रस्मुल ख़त़ (लीपियांतर) । जिस में है अल्लाह वालों की नमाज़ के मुख़्लिफ़ दिलचस्प अन्दाज नीज़ मिस्वाक के मदनी फूल और दावते इस्लामी के इजतिमाअ में पढे जाने वाले 7 दुरूदे पाक, हर रात इबादत में गुज़ारने के आसान नुसख़े के साथ साथ और भी बहुत कुछ । नीज़ आप चाहें तो नेक निय्यती से अपने तअस्सुरात नीचे दिये गए कोमेन्ट बोक्स में लिख कर सबमिट भी कर सकते हैं और कोई भूल या कमी-बेशी नज़र आए तो मजलिसे तराजिम (हिन्दी) को भी मुत़्त़लअ कर सकते हैं ।