Avert the misery that hasn't yet arrived byuprootingAvidyहेयंदु:खमनागतम;विवेकख्यातिरविपल्वाहनोपाय:

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समाधपाद के अनंतर साधनपाद है साधन पाद जनसामा य के लये नद ट है जबक समाधपाद पछले ज म म योग स ध रहे योग ट लोग के लये है जो वतमान ज म म अ प यास से ह उ च समाध क अव था को ा त कर लत ह । इस लेख म म य प से लोक 16 और 26 पर यान आक ट कया गया है क हय दःखमनागतम और ववेक यातरव लवा हानोपा

आया

नह है उसक जानकार हो जाने पर उसको फलत होने से रोका जा सकता है

से रोका जा सकता है यह भी वणत है िजसक या या अनंतर है -

यह यायोग प है -

तपः वा याये वर णधानान यायोगः ॥ 1 ॥

समाधभावनाथः लशतनकरणाथ च ॥ 2 ॥

अव याि मताराग वेषाभनवेशा: लेशाः ॥ 3 ॥

अव या म रेषां स ततनवि छ नोदाराणाम ॥ 4 ॥

अन याशचदःखाना मस न यशचसखा म यातरव या ॥ 5 ॥

दशनश योरेका मतवाि मता ॥ 6 ॥

सखानशयी रागः ॥ 7 ॥

दःखानशयी वेषः ॥ 8 ॥

वरसवाह वदषोऽप तथा ढोऽभनवेशः ॥ 9 ॥

ते त सवहयाः स माः ॥ 10 ॥

यानहेया तदव यः ॥ 11 ॥

लशमलः कमाशयो टा टज मवेदनीयः ॥ 12 ॥

सत मल तदवपाको जा यायभगाः ॥ 13 ॥

ते लादपरतापफलाः प याप यहत वात ॥ 14 ॥

परणामतापसं कारदःखगणव वरोधा च दःखमव सवववेकनः ॥15 ॥

हय दःखमनागतम ॥ 16 ॥

ट ययोः सयोगो हयहतः ॥ 17 ॥

काश याि थतशील भति या मकं भोगापवगाथ यम ॥ 18 ॥

वशेषावशेषल गमा ाल गान गणपवाण ॥ 19 ॥

टा शमा ः श धोऽप ययानप यः ॥ 20 ॥

तदथ एव य याऽ मा ॥ 21 ॥

कताथ त न टम यन टं तद यसाधारण वात ॥ 22 ॥ व वामश योः व पोपलि धहतः सयोगः ॥ 23 ॥

त य हतरव या ॥

यः
के मा यम से नवेदन कया गया है क जो दख अभी
कन कन क ट को आने
और
24 ॥ तदभावा संयोगाभावो हानं त शेः कैव यम ॥ 25 ॥ ववेक यातरव लवा हानोपायः ॥ 26 ॥ त य स तधा ा तभमः ा ॥ 27 ॥ योगा गान ठानादश ध ये ानदि तराववेक यातेः ॥ 28 ॥

यमनयमासन ाणायाम याहारधारणा यानसमाधयोऽ टाव गान ॥ 29 ॥

अहसास या तेय मचयापर हाः यमाः ॥ 30 ॥

जातदेशकालसमयानवि छ नाः सावभौमाः महा तम ॥ 31 ॥

शौचसंतोषतपः वा याये वर णधानान नयमाः ॥ 32 ॥

वतकबाधने तप भावनम ॥ 33 ॥

वतकाहसादयः कतकारतानमोदता

ठायां वीयलाभः ॥ 38 ॥

अपर ह थय ज मकथंतासंबोधः ॥ 39 ॥

शौचा वा गजग सा परैरसंसगः ॥ 40 ॥

स वश ध सौमन यैका येि यजया मदशन यो य वान च ॥ 41 ॥

सतोषादन मःसखलाभः ॥ 42 ॥

कायेि यस धरश ध या तपसः ॥ 43 ॥

वा यायाद टदेवतासं योगः ॥ 44 ॥

समाधस धर वर णधानात ॥ 45 ॥

ि थरसखमासनम ॥ 46 ॥

य नशैथ यान तसमाप याम ॥ 47 ॥

ततो व वानभघातः ॥ 48 ॥

ति म सत वास वासयोगतव छेदः ाणायामः ॥ 49 ॥

बा या य तर त भव दशकालसं याभःपर टो दघस मः ॥ 50 ॥

बा या य तरवषया पी चतथः ॥ 51 ॥

ततः ीयते काशावरणम ॥ 52 ॥

धारणास च यो यता मनसः ॥ 53 ॥

लोभ ोधमोहपवका मदम या पधमा ा दःखा ानान तफला इत तप भावनम ॥ 34 ॥ अहसा त ठायां त सि नधौ वैर
स य त ठायां याफला
वम
अ तेय त ठायां
मचय
यागः ॥ 35 ॥
॥ 36 ॥
सवर नोप थानम ॥ 37 ॥
ववषयास योगे च य व पानकार इवि याणां याहारः ॥ 54 ॥ ततः परमा व यतेि याणाम ॥ 55 ॥ इसके अनंतर वभत पाद 1 से 54 लोक म ह पन च कैव यपाद लोक 1 स 34 लोक म तत ह
नवेदक : पि डत धीरे नाथ म , माच 01 ,2023

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