आया
नह है उसक जानकार हो जाने पर उसको फलत होने से रोका जा सकता है
से रोका जा सकता है यह भी वणत है िजसक या या अनंतर है -
यह यायोग प है -
तपः वा याये वर णधानान यायोगः ॥ 1 ॥
समाधभावनाथः लशतनकरणाथ च ॥ 2 ॥
अव याि मताराग वेषाभनवेशा: लेशाः ॥ 3 ॥
अव या म रेषां स ततनवि छ नोदाराणाम ॥ 4 ॥
अन याशचदःखाना मस न यशचसखा म यातरव या ॥ 5 ॥
दशनश योरेका मतवाि मता ॥ 6 ॥
सखानशयी रागः ॥ 7 ॥
दःखानशयी वेषः ॥ 8 ॥
वरसवाह वदषोऽप तथा ढोऽभनवेशः ॥ 9 ॥
ते त सवहयाः स माः ॥ 10 ॥
यानहेया तदव यः ॥ 11 ॥
लशमलः कमाशयो टा टज मवेदनीयः ॥ 12 ॥
सत मल तदवपाको जा यायभगाः ॥ 13 ॥
ते लादपरतापफलाः प याप यहत वात ॥ 14 ॥
परणामतापसं कारदःखगणव वरोधा च दःखमव सवववेकनः ॥15 ॥
हय दःखमनागतम ॥ 16 ॥
ट ययोः सयोगो हयहतः ॥ 17 ॥
काश याि थतशील भति या मकं भोगापवगाथ यम ॥ 18 ॥
वशेषावशेषल गमा ाल गान गणपवाण ॥ 19 ॥
टा शमा ः श धोऽप ययानप यः ॥ 20 ॥
तदथ एव य याऽ मा ॥ 21 ॥
कताथ त न टम यन टं तद यसाधारण वात ॥ 22 ॥ व वामश योः व पोपलि धहतः सयोगः ॥ 23 ॥
त य हतरव या ॥
यमनयमासन ाणायाम याहारधारणा यानसमाधयोऽ टाव गान ॥ 29 ॥
अहसास या तेय मचयापर हाः यमाः ॥ 30 ॥
जातदेशकालसमयानवि छ नाः सावभौमाः महा तम ॥ 31 ॥
शौचसंतोषतपः वा याये वर णधानान नयमाः ॥ 32 ॥
वतकबाधने तप भावनम ॥ 33 ॥
वतकाहसादयः कतकारतानमोदता
ठायां वीयलाभः ॥ 38 ॥
अपर ह थय ज मकथंतासंबोधः ॥ 39 ॥
शौचा वा गजग सा परैरसंसगः ॥ 40 ॥
स वश ध सौमन यैका येि यजया मदशन यो य वान च ॥ 41 ॥
सतोषादन मःसखलाभः ॥ 42 ॥
कायेि यस धरश ध या तपसः ॥ 43 ॥
वा यायाद टदेवतासं योगः ॥ 44 ॥
समाधस धर वर णधानात ॥ 45 ॥
ि थरसखमासनम ॥ 46 ॥
य नशैथ यान तसमाप याम ॥ 47 ॥
ततो व वानभघातः ॥ 48 ॥
ति म सत वास वासयोगतव छेदः ाणायामः ॥ 49 ॥
बा या य तर त भव दशकालसं याभःपर टो दघस मः ॥ 50 ॥
बा या य तरवषया पी चतथः ॥ 51 ॥
ततः ीयते काशावरणम ॥ 52 ॥
धारणास च यो यता मनसः ॥ 53 ॥