PRATHMIK VIDYALAYONKE CHHATR CHHATRAON KA GANITIY KOUSHAL KA ADHYAYAN

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Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language, Online ISSN 2348-3083, SJ IMPACT FACTOR 2021: 7.278, www.srjis.com

PEER REVIEWED & REFEREED JOURNAL, OCT-NOV, 2022, VOL-10/54 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language

प्राथमिकमिद्यालय के छात्रछात्राओोंकागमितीयकौशलकाअध्ययन प्र .चन्द्रधारीयादि, Ph. D. प्रोफेसर ,शिक्षािास्त्रशिभाग ,बी .एन .एम .यू, मधेपुरा , शबहार
Paper
NOV 2022 Peer Reviewed On: 30 NOV 2022 Published On:
DEC 2022 Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com कीिर्ड: माध्यशमकशिद्यालय , गशितशिषय , अशभरुशिसमस्याकथन , माध्यशमकशिक्षाकेशिद्यालयोोंका अध्ययन प्रस्तािना भारतमेंप्रािीनकालसेहीसभीप्रकारके ज्ञानशिज्ञानके क्षेत्रमेंगशितशिषयका अपनाएकअलगस्थानरहाहै l l यूरोपके महानगशितशिद्वानगाउसमहोदयशलखाहै, शक गशित सभी शिषयोोंकी जननी है l गशित शिज्ञान तथा प्रौद्योशगकी का एक महत्वपूिण उपकरि है l भौशतकी, रसायन शिज्ञान, खगोल शिज्ञान, इत्याशद शिषयोोंमें शबना गशित के समझानहीोंजासकता l ऐशतहाशसकरूपमेंयशददेखाजाएतोिास्तिमेंगशितकीअनेक िाखाओोंकाहीशिकासइसीके अनुसारहुआहै l प्राकृशतकशिज्ञानमेंइसकीआिश्यकता कोकाफीमहसूसशकयागयाथा l ऐशतहाशसकरूपसे यहदेखाजाएतोिास्तिमें गशित कीअनेकिाखाओोंकाशिकासनहीोंइसशलएशकयागयाथाशक,प्राकृशतकशिज्ञानमेंइसकी आिश्यकता पडी थी व्यिसाय तथा उद्योगोोंसे जुडी लेखा सोंबोंधी सोंशियाएों गशित पर ही आधाररत बीमा सोंबोंधी गिना तथा िाशिज्य व्यापार सोंबोंधी अशधकाोंि घटनाएों ब्याज की िि शिशध दर यह सब गशित पर ही आधाररत है l जलयान तथा शिमान का िालक मागण कीशदिाशनधाणररतकरनेमेंज्याशमतीयगशितकाप्रयोगकरताहैसोंघद्वारागिोोंकोइसकी
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प्रो . (डॉ .) िन्द्रधारीयादि (Pg.
13581 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language शिशधयोोंद्वारा की गई घटनाओों की अपेक्षा एक अोंि मात्र समग्र समय सीमा के अोंदर ही सोंपन्न शकया जा सकता है l इस प्रकार कोंप्यूटर के आशिष्कार ने उन सभी प्रकार की घटनाओों में िाोंशत ला शदया है l आज दैशनक जीिन में भी गशित शिषय का बहुत ज्यादा महत्व है l यह शिषय प्रािीन काल से ही छात्रोोंके शलए नीरस रहा है ऐसा महसूस शकया जाताहै l प्रस्तुतिोधअध्ययनइसीसमस्यापरआधाररतशकयागयाहै l सिस्याकथन समस्याकथनकाशिश्लेषिकरनेके बादयहस्पष्टहोताहै शक, औपिाररकशिक्षा की अिशध को मुख्यतः दो भागोोंमें बाोंटा गया है स्कूल स्तर की शिक्षा तथा उच्च स्तर की शिक्षा स्कूल स्तर की शिक्षा को ही भी मुख्य रूप से तीन भागोों में बाोंटा गया है l पूिण माध्यशमक शिक्षा प्राथशमक शिक्षा तथा माध्यशमक शिक्षा माध्यशमक शिक्षा को हम शकसी औरोों की शिक्षा कर सकते हैं l िह स्कूल जो शकिोरािस्था तक के बच्चोों की शिक्षा का प्रबोंधकरते हैं उन्हें माध्यशमक शिद्यालयकहाजाताहै l 1960 के बोंगाल शिक्षाअशधशनयम में इससोंबोंधमें कहागयाहै शक, माध्यशमकशिक्षासे अशभप्रायउनबच्चोोंकीशिक्षासे है l जो प्रारोंशभक शिक्षा प्राप्त कर िुके हैं तथा उन्हें साधारि तकनीकी औद्योशगक तथा कृशष सोंबोंधीव्यिसाशयकशिक्षाकोिाशमलशकयागयाहै l िहीशिद्याथीिब्दकोस्पष्टकरतेहुए कहा गया है शक शिद्याथी िह होता है जो कुछ सीख रहा होता है शिद्याथी िब्द को मुख्य गया 2 िब्दोोंसेबनाहोताहै l शिद्याधनअथीशजसकािाब्दब्दकअथणहैशिद्याकोिाहनेिाला शिद्याथी शकसी भी आयु िगण का हो सकता है l बालक शकिोर युिा तथा ियस्क परोंतु या महत्वपूिण है शकउसेकुछसीखरहाहोनािाशहए l िहीोंदूसरीतरफशिषयके प्रशतस्पष्टशकयागयाहै शकगशितऐसीशिधाओोंकािह समूह है l जो सोंख्याओों मात्राओों तथा पररभाषाओों रूपोों एिों आपसी ररश्तो पूिण स्वभाि इशतहासकाअध्ययनकरतीहै l गशितएकअमूतणशनराकारतथाशनगमआत्मकप्रिालीहै l शिक्षामेंअभ्यस्तव्यब्दियाखोजकरनेिालेिैज्ञाशनककोगशितज्ञकहाजाताहै l बीसिीों िताब्दीमेंप्रख्यातगशितज्ञिैज्ञाशनकबारटेंडरसेलमहोदयनेशलखाहै, शकगशितकोऐसे
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13582 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language शिषयके रूपमें पररभाशषत शकयाजासकताहै शजसे हमजानते हैं शकनहीोंहमक्याकर रहे हैं नाहीहमेंयहजानते हैं शक, हमजोकहरहे हैं याकररहे हैं िहसत्यहै अथिानहीों है l अब िही अशभरुशि का अथण है इसके सोंकुशित अथों में कहा जा सकता है शक,लोग रुशिकरकोमनोरोंजनकापयाणयसमझलेते हैं l परयहठीकनहीोंहै शजसिस्तु में हमारी रुशिहै l िहहमें अच्छीलगतीहै l शकोंतु यहआिश्यकनहीोंहै शक, शजसििहमें इसमें रूशि होरही है िहहमारे शलए मनोरोंजकभीहो अशभरुशि एक आोंतररक प्रेरक िब्द है l ध्यानदेनेके शलएशकसीिस्तुव्यब्दियाशियाके शलएप्रेररतकरतीहै l िास्तिमेंअशभरुशि एकमानशसकसोंरिनाहैl शजसके द्वाराव्यब्दिशकसीिस्तु से अपनालगाओयासों उईबोंध प्रकटकरताहै l इसिब्दकोडेबरमहोदय, ने पररभाशषतशकयाहै, शकअशभरुशिअपने शियात्मकस्वरूपमेंएकमानशसकसोंस्कारहै जोिोएिोंिमानुसारअशभरुशििहप्रेरिा सकतीहै l जोहमेंशकसीव्यब्दियाशियाकीओरध्यानदेनेके शलएप्रेररतकरताहै l इस प्रकार इस सोंपूिण समस्या कथन का साराोंि यह है शक माध्यशमक शिद्यालय के छात्रोों में गशितशिषयतथाउसके प्रशतअशभरुशिकास्तरशकसप्रकारकाहै l इसिोधअध्ययनमें उसकोस्पष्टकरनेकाप्रयासशकयाजाएगा l पररकल्पनानोंबर 1. शिद्यालयके स्वरूपके आधारपरमाध्यशमकशिद्यालयके शिद्याशथणयोों मेंगशितके प्रशतअशभरुशिमेंसाथणकअोंतरनहीोंहैसाथणकअोंतरनहीोंहै l नोंबर 2. अध्ययन क्षेत्रके आधारपरमाध्यशमकशिद्यालयके शिद्याशथणयोोंमेंगशितके प्रशतअशभरुशिमेंसाथणक अोंतरनहीोंहै l नोंबर 3. शलोंगके आधारपर आधाररतशिद्यालयके शिद्याशथणयोोंमें गशित के प्रशतसाथणकअोंतरनहीोंहै l अध्ययन की पररसीिा : इस िोध अध्ययन के शलए िोधकताण द्वारा अध्ययन हेतु आजमगढ़जनपदके माध्यशमकशिद्यालयोोंमेंजाकर 100 छात्रोोंपरइसकाअध्ययनशकया गया l सोंबोंमधत सामित्य का अध्ययन : इस प्रकरि के अथाणत गशित शिषय के अशभरुशि से सोंबोंशधतशनम्नशलब्दखतअध्ययनहुएकुिारी 2014, के अध्ययनमें पायागयाशक 11िीोंकक्षा
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13583 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language के शिज्ञानके शिद्याशथणयोोंमेंशिज्ञानप्रशियाकौिलके शिकासताशकणकशििेिनतथाशनष्पक्ष के आधारपरशलोंगभेदके कारिसाथणकअोंतरनहीोंपायागया l िहीटाटा 2013, झारखोंड के छात्रोोंके बारे में जो अपनाअध्ययन शकया l उसमें उसने पाया शक छात्रोोंकागशित के शिषय नकारात्मक अशभरुशि गशित के प्रशत डर और प्रभािी शिक्षि शिशध एिों अपयाणप्त शिक्षि साधन इत्याशद महत्वपूिण कारि बताया गशित शिषय पर 2017 में मचतौरा,ने माध्यशमकस्तरकीसृजनात्मकताबुब्दिशनष्पशितथागशितइसपत्रके सोंबोंधपरअध्ययन शकया जो नकारात्मक पाया गया फारूक एिों शाि ने 2008, ने शिद्याशथणयोोंके गशित के प्रशतअशभिृशिकाअध्ययनशकयाउन्होोंनेसरकारीतथाप्राइिेटस्कूलोोंसेसोंबोंशधतछात्रोोंका िुनािशकया , तथाअपनेअध्ययनके शनष्कषणमेंयहपायाशक, छात्रएिोंछात्राओोंमेंगशित शिषयके प्रशतअशभिृशिसमानहै शलोंगभेदकाछात्रोोंके प्रशतगशितके अशभिृशिपरकोई साथणकप्रभािनहीोंपडताहै l अध्ययन मिमध मकसी भी मिषय : में िोध कायण की शिशध इससे िोध शिशध के अोंतगणत सिेक्षि शिशध का प्रयोग शकया गया यह एक ऐसी शिशध है , शजसमें शजसमें व्यब्दियोोंके प्राशिशधकसमूहके व्यिहारमनोिृशतऔरशिश्वासके सोंदभणमेंमेंप्रश्नपूछे जातेहैंयहिोध शिशध सामाशजक अनुसोंधान की एक ऐसी िाखा है शजसके अोंतगणत सामाशजक तथा मनोिैज्ञाशनक िारोों के घटना िि शितरि तथा अोंतर सोंबोंधोों पर िैज्ञाशनक प्रशतदिण के सिेक्षि पर आधाररत होता है इस अध्ययन के शलए प्रशतिषण प्रशतदिण के ियन के शलए यादृब्दच्छककी (रेंडम शिशध )काप्रयोग करते हुए आजमगढ़जनपदके सशठयाोंि ब्लॉकके दोसरकारीतथादोप्राइिेटकालेजोोंकाियनशकयागयाजोशनम्नशलब्दखतहै l
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13584 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language प्रमतदशडकामिद्यालयिारमििरि तामलकासोंख्या . 1 िमस. शिद्यालयकानाम अनुशिया कताण प्रशतित सरकारीिाध्यमिकमिद्यालय 1. इोंटरकॉलेजसशठयाोंि 25 25/: 2. एम पी इोंटरकॉलेज, मुबारकपुर 25 25/: मनजीिाध्यमिकमिद्यालय 3. सनिाइनस्कूल, हरैया 25 25/: 4. िासिैलीइोंटरनेिनलस्कूल, कुकुरीपुर 25 25/: कुल 100 100/: अध्ययनके मलएप्रयुक्तउपकरि : साोंब्दख्यकीशिशधगशितशिषयके प्रशतअशभरुशिका पता लगाने के शलए स्वशनशमणत प्रश्नािली का प्रयोग शकया गया l साोंब्दख्यकी के अोंतगणत मध्यमानमानकशििलनटीपरीक्षिएिोंइत्याशदसाोंब्दख्यकीशिशधयोोंकाप्रयोगशकयागया l आोंकड का मिश्लेषि: िोध अध्ययन के शलए शनधाणररत पररकल्पना के आधार पर प्रशतितशिश्लेषिशनम्नशलब्दखतहै l िर शनम्न औषध उच्च सोंख्या प्रशत. सोंख्या प्रशत. सोंख्या प्रशत. बालक 8 16/: 22 44/: 20 40/: बाशलका 12 24/: 20 40/: 18 36/: उपरोिताशलकाके आधारपरयहस्पष्टहोताहैशक, माध्यशमकशिद्यालयके 16% छात्रोोंमें अशभरुशिका स्तरशनम्न 40% में अिसरएिों 40% में उच्चहै l जबशकछात्राओोंमें 24% के शनम्नतथा 40% आिश्यकतथा 36% मेंउच्चअशभरुशि 36% मेंकोप्राप्तशकयाहै l
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प्रो . (डॉ .) िन्द्रधारीयादि (Pg. 13580-13586) 13585 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language शून्यपररकल्पनापरीक्षिशलोंगके आधारपरमाध्यशमकशिद्यालयोोंके शिद्याशथणयोों मेंगशितशिषयके प्रशतअशभरुशिमेंसाथणकअोंतरनहीोंहै l मलोंग सोंख्या िाध्य िानक मिचलन t अनुपात साथडक अोंतर निीोंिै छात्र 50 92.147 4.56741 143 " छात्रा 50 90.6410 5.92713 " " " " (0.05) साथणकतास्तरt मूल्य1.98 हैl स्पष्टहैशकछात्रऔरछात्राकागशितशिषयके प्रशतअशभरुशिके आधारपर (t)का मान 1.4 शदन है जो एप्स के सारिी मूल्य 1.98 अथाणत 0.05 साथणकता अोंतर से कम है इसशलएिून्यपररकल्पनाकोस्वीकारशकयागया l पररकल्पना 2 : शिद्यालयके प्रकारके आधारपरमाध्यशमकशिद्यालयोोंके छात्रोोंमेंगशित शिषयके प्रशतअशभरुशिमेंसाथणकअोंतरहै l शिद्यालय के प्रकार सोंख्या माध्य मानक शििलन t अनुपात सा अन्तर सरकारी 50 84.64 5.77 2.02 साथणकता अोंतर मनजी 50 85.70 6.05 2.02 " योग तामलका (1.३) इस ताशलका से यह स्पष्ट है शक शिद्यालय के प्रकार के आधार पर प्राप्त अोंकोोंका टीअनुपातकामानहै इसआधारपरमाध्यशमकशिद्यालयके शिद्याशथणयोोंमेंगशितके प्रशत अशभरुशिसाथणकअोंतरहै पररकल्पना 3 अध्ययन क्षेत्र के आधार पर माध्यशमक शिद्यालय के शिद्याशथणयोोंमें गशितके प्रशतअशभरुशिमेंसाथणकअोंतरनहीोंहै l
प्रो . (डॉ .) िन्द्रधारीयादि (Pg. 13580-13586) 13586 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language अध्ययन का क्षेत्र सोंख्या िाध्य िानक मिचलन t अनुपात साथडकअोंतर ग्रािीि 40 91.06 4.19 2.325 साथडकअोंतर शिरी 60 98.61 4.01 " साथडकअोंतर 005 साथणकता स्तर का मूल्य 1.98 इस ताशलका के आधार पर गशित शिषय की अशभरुशिके आधारपरआपकामान 3.35 जोसाररिी है ( t ) के सारिीमूल्य 1.98 में 0.05 साथणकता अोंतर से ज्यादा है l िून्य पररकल्पना को अतः िून्य पररकल्पना को अस्वीकार शकया जाता है l इस प्रकार इस िोध अध्ययन में शजस अशभरुशि का अध्ययन शकयागयाहै प्रशतिषण के रूपमें आजमगढ़जनपदके सशठयाब्लॉक के 2 सरकारीतथा दोशनजीशिद्यालयोोंके 100 छात्रोोंपरअध्ययनशकयागयाशनम्नशलब्दखतपररिामप्राप्तहुआ l 1. शलोंगके आधारपरमाध्यशमकशिद्यालयोोंके छात्रोोंमेंगशितके प्रशतअशभरुशिमेंसाथणक अोंतरनहीोंहै l 2. शिद्यालयके स्वरूपके आधारपरमाध्यशमकशिद्यालयोोंके शिद्याशथणयोोंमें गशितशिषय के प्रशतसाथणकअोंतरहै l 3. अध्ययन क्षेत्र के आधारपर माध्यशमक शिद्यालय के शिद्याशथणयोोंमें गशित के शिषय की अशभरुशिमेंसाथणकअोंतरहै l अध्ययनके फलस्वरूपजोअिधारिाएों प्राप्तहोतीहैं l गशितशिषयगशितशिषयकाप्रभािशलोंगआधाररतनहीोंहोताहै l कीसमस्याकोईसाथणकसमस्यानहीोंहै बब्दियहकाल्पशनकहै l काशनरोंतरअभ्यासकरनेके बादइसकासाथणकपररिामहोताहै l सोंदभडग्रोंथसूची जीसीअग्रिाल2010, भारतमेंशिक्षककीभूशमकाअग्रिालप्रकािन,आगराl कौल .लोकेि , 2010,िैशक्षकअनुसोंधानकीकायणप्रिाली , शिकासपब्दब्लकेिनप्राइिेटशलशमटेड, नोएडा िॉल्यूम2 दाऊजी ,शिोंता(2011) माध्यशमकस्तरकेछात्रोोंमेंसृजनात्मकताबुब्दिउपलब्दि,लघुिोधप्रबोंध( 2004) जीएसपारीक , सामाशजकशिज्ञानशिक्षि ,आशिष्कारपब्दब्लकेिनआगरा2,

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