विवाह विच्छेद, जीवन की कड़वाहट को रेखांकित करता है जो विवाह के उपरांत वैवाहिक सुख के स्थान पर पति और पत्नी के वैवाहिक जीवन में विष्टनकारी परिस्थिति के कारण निर्मित होती है तथा पति-पत्नी का वैवाहिक सुख के प्रति धैर्य विलुप्त हो और उनके अहंकार के दोनों का आकार इतना विशाल स्वरूप ग्रहण कर लेता है जिसका अंत विच्छेद या तलाक है