स्पर्धा 20/09/2014

Page 1

प्रस्तुत करता है :-

स्पर्धा बॉसम श्रृंखला । दिवस 1। अृंक 2

अंदर देखिए:दिनेश मोंगिया :- एक मल ु ाक़ात

बॉसम उद्घाटन समारोह अपनों की अपनों से मल ु ाक़ात

मेहमानों के विचार मया​ािा उल्लंघन


2

a

दिनेश म दों िया :- एक मुलाक़ात बॉसम के उद्घाटन समारोह के बाद हहन्दी प्रेस क्लब ने हिके टर हदनेश मोंहिया से मल ु ाक़ात की। V-FAST में उनके कमरे के दरवाजे पर जब दस्तक दी तो उन्होंने बड़ी मधरु ता से अदं र आने को कहा। टीवी पर हिके ट का काययिम देखते हुए उन्होंने कहा कि किट्स िी िॉलेज-लाइफ देखिर लगता है कि िाश वे भी अपनी िॉलेज-लाइफ इसी प्रिार जी पाते। वे कहते हैं हक अपने कॉलेज के हदनों में वे कभी कक्षा नहीं जाते थे। उनके हलए कॉलेज का मतलब था हसर्य ‘हिके ट’ यहा​ाँ तक हक वे अपने प्रधानाचायय से भी कभी नहीं हमले थे। मोंहिया हबट्स से इस कदर प्रभाहवत थे हक उन्होंने हर्र कॉलेज-लाइर् जीने की इच्छा, वाताय के दौरान कई बार जताई। शरू ु में उनके माता-हपता भी उनके हिके ट प्रेम से असमजं स में पड़ िए। पररवारजनों ने उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा। परंतु मोंहिया का लक्ष्य पढ़ाई न था। उन्हें तो हिके ट प्रेम ने जकड़ हलया था। मोंहिया को हिके ट का चस्का दसवीं कक्षा से लिा। हर्र यह जनु नू में बदल िया और अतं तः उनकी हजदं िी बन िया। उन्होंने कभी नहीं सोचा था हक वे देश के हलए खेलेंिे एवं काउंटी हिके ट में भी धमाका करें ि।े भारतीय टीम में जब उनका चयन हुआ तो उन्हें बहुत िवय महससू हुआ। सहचन के साथ खेलना उनके हलए एक अलौहकक अनभु व था क्योंहक सहचन उनके हलए भिवान हैं। सहचन के साथ ड्रेहसंि रूम में बैठना, िीज़ पर उतरना एवं हार -जीत के पल साझा करना उन्हें आज भी रोमांहचत एवं उल्लाहसत कर देता है। वे कहते हैं हक उन्हें अहनल कंु बले, सहचन तेंदल ु कर एवं राहुल द्रहवड़ जैसे महान हखलाहड़यों का साथ हमला। इन हदग्िजों ने उस समय आए नए हखलाहड़यों जैसे मोहम्मद कै र्, यवु राज, हरभजन एवं उन्हें माियदहशयत

हकया। भज्जी की मज़ाहकया प्रवृहि, द्रहवड़ का पेशवे र खेल एवं सहचन का साथ एक दल ु यभ संयोि था। टीम के सभी हखलाड़ी भाइयों की तरह रहते थे। महान सहचन, ऑस्रेहलया के स्टीव वॉ एवं वेस्टइडं ीज़ के कालय हूपर उनके प्रेरणा स्रोत रहे। काउंटी में अपने धमाके दार प्रदशयन के बारे में वे कहते हैं हक इग्ं लैंड की हपच उनके खेल के अनरू ु प थी। काउंटी में उनका अनभु व बहुत अच्छा रहा। वे ओपनर एवं तीसरे नंबर पर खेलें हैं। वे कहते हैं हक यद्यहप नई िेंद से खेलना महु ककल होता है तथाहप पेशवे र हखलाड़ी के हलए यह सब सामान्य हो जाता है। आई.पी.एल. के बढ़ते प्रभाव के बारे में वे कहते हैं हक यह यवु ाओ ं की मा​ाँि के अनसु ार ही है। आई.पी.एल. ने एक तरर् नए हखलाहड़यों को मौका हदया है वहीं दसू री ओर खेल के तकनीकी पहलओ ु ं को नज़रअदं ाज़ हकया है। हखलाड़ी की पहचान उसके बनाए हुए रन एवं हलए हुए हवके टों तक ही सीहमत रह िई है। तकनीकी खेल नकारा जा रहा है लेहकन यहद जनता इसे पसंद कर रही है तो यही सही। उनकी नज़र में तो टेस्ट हिके ट ही असली हिके ट है। आज के नौजवान तो यह भी नहीं जानते हक पहले टेस्ट मैच 6 हदन के हुआ करते थे एवं एक हदन हवश्राम का होता था। उनके हदनों में भी यही तरीका था। लेहकन अब तो खेल छोटे से छोटा होता जा रहा है। अब से 20 साल बाद तो शायद टेस्ट का अहस्तत्व ही न रहे। आई.पी.एल. में हुए हववादों पर हटप्पणी करते हुए वे कहते हैं हक इतने बड़े खेल में इस प्रकार की घटनाएाँ तो होती रहती हैं। वे दोहराते हैं हक यहद जनता इन सब के बावजदू भी खेल देखती है तो यह उनकी पसंद पर हनभयर है। हिके ट तो चलती ही रहेिी। जब मोंहिया जी से पछ ू ा िया हक प्रोद्योहिक हवकास ने प्रहशक्षण में क्या बदलाव हकए


3

a

हैं तो उन्होंने बताया हक अब प्रहशक्षण के तरीके बेहतर हो िए हैं। ताकत एवं सम्पणू य शारीररक स्वस्थता रखना अब आसान हो िया है। एक हदवसीय एवं टेस्ट के अनरू ु प आप तैयारी कर सकते हैं। हिके ट का प्रचार भी बढ़ िया है हजसके कारण हखलाड़ी का खेल भौिोहलक सीमाओ ं में बधं े दशयकों तक ही सीहमत नहीं रह िया है। वे मानते हैं हक अन्य खेल हिके ट की भांहत प्रहसद्ध नहीं है परंतु उनके दशयकों में वृहद्ध हो रही है। अहभनव हबद्रं ा, हवजेंदर हसंह, सश ु ील कुमार आहद की जीत ने न जाने हकतने नौजवानों को प्रेररत हकया है। अब माता-हपता अपने बच्चे को हसर्य IAS नहीं अहपतु एक हखलाड़ी भी बनाना चाहते हैं। खेलों में पैसा भी बढ़ िया है हजस कारण इन्हें आजीहवका के साधन की तरह भी देखा जा रहा है। िभं ीरता एवं अनभु व के हमहश्रत भावों से वे कहते हैं हक 90 प्रहतशत लाने पर एक हवद्याथी का दाहखला अिली कक्षा में होना ही है परंतु बहुत उम्दा खेलने पर भी कई हखलाड़ी बहुत आिे नहीं बढ़ पाते। उनकी नज़र में सभी हखलाड़ी मानव नहीं अहपतु महामानव हैं।

वे महामानव असंख्य हार एवं खेल के राजनीहतकरण से जझू ते हुए भी सर्लता के हलए प्रयत्न नहीं छोड़ते। इन सब मद्दु ों पर बात करने के पश्चात मोंहिया जी से उनके हिके ट से हभन्न अन्य शौक जाने िए। उन्होंने बताया हक वे पहले बैडहमटं न खेलते थे। अब उन्हें वे खेल पसदं हैं हजनमें शारीररक ताकत की परीक्षा होती है, जैसे रग्बी। र्ुटबॉल के भी वे बड़े प्रशसं क हैं। अतं में बड़े ही उत्साह एवं अनभु वात्मक लहजे से उन्होंने कहा हक नौजवानों को देने के हलए उनके पास एक मल ू मत्रं है। अपने लक्ष्य के प्रहत श्रद्धा एवं हनष्ठा और अपने पथ के प्रहत दृढ़ संकल्प होना चाहहए। अपनी ऊजाय को सही हदशा में के हन्द्रत करो। अपने स्तर पर अच्छा बनो। यह न देखो हक कौन हकतना सर्ल हो रहा है। आप स्वयं अपने प्रहतद्वदं ी हैं। अपने आप से बेहतर बनो। इस प्रकार आप कभी दबाव में आएिं े ही नहीं। बहुत ही प्रभावात्मक हो वे कहते हैं हक इस धरा पर सभी अलि हैं। बस आवकयकता है तो खदु को पहचानने की।

मेहमान ों के दिचार अपना घर तो हर एक प्राणी को अच्छा लिता है। हदनभर आकाश में हवचरण करने वाले पक्षी, जो सारे हदन इस रंिहबरंिी दहु नया की अलि-अलि छटा को हनहारते रहते हैं, उन्हें भी अपना घोंसला रूपी छोटा सा आहशयाना ही सवोिम लिता हैं। परन्तु कहव कबीरदास के “हनंदक हनयरे राहखए, आाँिन कुटी छवा​ाँय” की कहावत के अनसु ार एक पराया ही आपके घर के िणु -दोष की जानकारी रखता है। अपने पररसर में आयोहजत खेल महोत्सव के सदं भय में बाहरी प्रहतभािी की राय जानने हेतु हमारे संवाददाता ने इदं ौर के एक प्रहतभािी महाहवद्यालय के हिके ट टीम के सदस्य संतोष हवश्वकमाय से बातचीत की। संतोष के अनसु ार उनकी टीम को हबट्स का कै म्पस संदु र लिा परंतु वह आयोजन एवं प्रबंधन

सहमहत के रुख से असंतष्टु हदखे। हकन्हीं कारणों से उनकी टीम को अभ्यास तथा आराम करने का वक्त नहीं हमल सका। उनकी टीम हिके ट मैदान की दशा से भी सतं ष्टु नहीं थी। उनकी टीम ने कुछ हदन पहले हबट्स िोवा का दौर हकया था तथा उन्हें वहा​ाँ की व्यवस्था अच्छी लिी। उन्हें उम्मीद है हक उनकी टीम अच्छा प्रदशयन करे िी तथा हवजय प्राप्त करे िी। वहीं एम.आर.आई.य.ू फ़रीदाबाद से आई र्ुटबॉल टीम के सदस्य इन्द्रप्रीत ने वातायलाप के दौरान बताया हक उन्हें यहा​ाँ का कै म्पस राजा-महाराजाओ ं के वक्त का लिता है तथा यह कार्ी बड़ा एवं अच्छा है। उनको अपने अभ्यास पर परू ा भरोसा है तथा टीम से अच्छे प्रदशयन की उम्मीद है।

अपने सुझाि हमें भेजें:- hindipressclub@gmail.com छायागचत्र सौजन्य:- फोटोग्राफी क्लब


4

a

राम दकशन कॉल:- अपन ों की अपन ों से मुलाक़ात बॉसम 2014 के उद्घाटन समारोह में माननीय अहतहथ के रूप में आए सन् 1971 बैच के हबट्हसयन श्री राम हकशन कॉल ने बॉसम हहदं ी प्रेस से हुए साक्षात्कार में अपने यादों का एक ऐसा अथाह सािर सा रख हदया हक हम समझ ही नहीं पा रहे हक हकतनी और कौन-कौन सी कहाहनया​ाँ आपसे बा​ाँटें। उन्होंने हबट्स में प्रवेश इलेहक्रकल इजं ीहनयररंि के साथ हकया था परन्तु अतं में वे इलेहक्रकल और इलेक्रोहनक्स इजं ीहनयररंि से उिीणय हुए। उन हदनों में हचड़ावा हर्ल्में देखने जाना, सबु ह पा​ाँच बजे वाली चाय की चहु स्कया​ाँ आज भी उन्हें ताज़िी का अनभु व-सा कराती है। उन्होंने बताया हक कै से उन पा​ाँच वषों में बनाए हुए दोस्त उनके हजदं िी भर के साथी बन िए। वे आई.आई.एम. अहमदाबाद के भी अलम्ु नी हैं परन्तु कई कारणों से वे स्वयं को हबट्स हपलानी का अलम्ु नी बताना ही पसंद करते हैं। उनका मानना है हक हकताबों से परे 5 वषों में उन्होंने जो भी हबट्स हपलानी में सीखा उससे उन्हें अपने जीवन में बहुत मदद प्राप्त हुई। उन्होंने 1973 की उन यादों को भी ताज़ा हकया जब हपलानी का पारा शन्ू य से भी नीचे हिर िया था एवं नल खोलने पर पानी नहीं बहल्क बर्य हनकल रही थी। अपने हबट्स के हदनों में वकय शॉप में बनाए हुए मेडल्स उन्होंने आज भी सम्भाल के रखे हुए हैं। हसर्य वे मेडल ही नहीं बहल्क उन 5 वषों से जड़ु ी हर छोटी-बड़ी चीज़ भी उन्होंने बड़े ध्यान से अपने पास संरहक्षत की हुई है। उनका मानना है

हक हर इसं ान के जीवन में एक ऐसा समय आता है जब घर, िाड़ी का आकार या बैंक बैलेंस या कोई भी अन्य सांसाररक सख ु उसे कोई खश ु ी नहीं दे पाता बहल्क ऐसी कोई चीज़ उसे संतहु ष्ट देती है जो सदा से उसके ह्रदय के हनकट रही हो। जब हमने उनसे यह पछ ू ा हक वे हबट्स में क्या बदलाव देख रहे हैं तो उन्होंने कई चीज़ें बताई जैसे हक रे ड्डी प्रणाली में कार्ी बदलाव आया है, हबट्स में लड़हकयों की संख्या भी लिभि 20 िनु ा अहधक हो चक ु ी है, खेल कूद की सहु वधाओ ं का आधहु नकीकरण इत्याहद। उन्हें SAC भी बहुत पसदं आया। उन्होंने यह भी बतलाया हक उनके समय में ऑल नाईट कैं टीन- वी.के .भािीरथ मेस ही हुआ करती थी। उन्हें प्रोजेक्ट पररवतयन से भी बहुत आशाएाँ हैं हक यह हबट्स हपलानी का नाम ऊाँचाइयों पर ले जाएिा। इन सबके उपरान्त उनकी कई हशकायतें भी हैं जैसे हक हम अपने धरोहरों का ध्यान रखने में असक्षम हदखाई पड़ रहे हैं। उन्हें क्लॉक टावर एवं सरस्वती महं दर की हस्थहत कार्ी असंतोषजनक लिी जो हक एक ज़माने में चमका करते थे। परन्तु वे आशावादी हैं हक हम इस बात को समझें हक यह धरोहर हमारी पहचान का एक हहस्सा है। अतं में उन्होंने कहा हक पढ़ाई से हटकर हम अपने जीवन में ऐसी कोई न कोई रुहच जैसे कोई खेल, कोई कला, नृत्य इत्याहद अवकय रखें क्योंहक अनजाने में ही यह आपको जीवन के कई पाठ पढ़ा देती हैं।


5

a

ि स्ताना बास्केट-बॉल मैच हबट्स हपलानी के बहु प्रतीहक्षत खेल महोत्सव बॉसम के उनतीसवें संस्करण में खेलों का जोशपणू य आिाज़ सौहादयपणू य दोस्ताना बास्के ट-बॉल मैच के साथ हुआ। यह मैच UIET पजं ाब (चडं ीिढ़) और हबट्स हपलानी की टीम के बीच खेला िया। कहने को तो यह मैच दोस्ताना था, परन्तु दशयकों का उत्साह देखते हुए मैच की िंभीरता और प्रहतस्पधायत्मकता का अंदाज़ा लिाना महु ककल हो िया। परू ा कोटय खचाखच भरा हुआ था और सभी को मैच शरू ु होने का इन्तज़ार था। ताहलयों की िड़िड़ाहट के बीच दोनों टीमों का स्वाित हुआ और उन्होंने वॉमय-अप शरू ु कर हदया। रै र्री के सीटी बजाते ही मैच का आिाज़ हुआ और दोनों ही टीम के हखलाड़ी सवयश्रष्ठे प्रदशयन करने की कोहशश में जटु िए। पहला बास्के ट हबट्स की टीम के द्वारा हकया िया और परू ा कोटय जोश से भर िया। UIET की टीम ने पलटवार भी हकया, परन्तु हबट्स टीम ने अपने मजबतू हडर्े न्स के बलबतू े मैच को अपने हाथ से हर्सलने नहीं हदया। थोड़ी ही देर में हबट्स टीम ने बास्के ट पर बास्के ट दािे और अच्छी बढ़त हाहसल की और इसी के साथ हवरोधी टीम के जीत के इरादों को हमट्टी में हमला हदया। इस रोमाच ं क मैच में हबट्स ने 37-28 के स्कोर से शानदार जीत हाहसल की, और इसी के साथ हबट्स टीम ने टूनायमटें में जीत के अपने इरादे साफ़ दशाय हदए।

बैडदमन्टन और टे दनस क टट् स का उिट घाटन सैक में हबछे रे ड कारपेट को देखते ही यह अहसास हो िया हक बॉसम 2014 का आिाज़ हो चक ु ा है। इस बार बॉसम में कार्ी पररवतयन हकये िये हैं जैसे बैडहमटं न कोटय और लॉन टेहनस कोटय का नवीनीकरण। इन सबके हलए हबट्स के पवू य छात्रों ने परू ा योिदान हदया। रे ड कारपेट का पथ हमें सीधे ले जाता है नवहनहमयत बैडहमटं न कोटय की ओर। कोटय में कदम रखते ही चमचमाता हुआ हसंथेहटक र्शय हदखता है जो हक रबड़ कुशन की 8 परतों से हमलकर बना हुआ है जो हखलाहड़यों को होने वाली शारीररक चोट से बचाव करता है। कोटय में 500 दशयकों के बैठने की क्षमता है। परू ा कोटय अतं रायष्ट्रीय पैमानों के अनसु ार बना हुआ है। इस वषय बॉसम के उद्घाटन समारोह के मख्ु य अहतहथ के रूप में पवू य हिके टर श्री हदनेश मोंहिया को आमहं त्रत हकया िया। नवहनहमयत कोटय का उद्घाटन भी उन्होंने ही हकया। उद्घाटन से पहले श्री हदनेश मोंहिया और हबट्स के वाइस चांसलर बी.एन. जैन ने सभी कॉसैकंस से वातायलाप की। हबट्स के हनदेशक जी. रघरु ामा भी इस वातायलाप का हहस्सा थे। उद्घाटन कर मख्ु य अहतहथ श्री हदनेश मोंहिया ने बैडहमटं न में अपना हाथ आजमाया। इसमें हबट्स के पवू य छात्रों ने भी हहस्सा हलया और बैडहमटं न टीमों के कप्तान इहशता और हनहमत के साथ नवहनहमयत कोटय पर पहला अनौपचाररक मैच खेला। इसी उद्घाटन के साथ ही सभी हखलाड़ी अपनी जीत की तैयारी में जटु िये। बॉसम में हुए पररवतयनों में लॉन टेहनस कोटय का नवहनमायण भी शाहमल है। इस शानदार कोटय के उद्घाटन के पश्चात कोटय के पहले अनऔपचाररक खेल के साक्षी कार्ी लोि बने। इस रोमांहचत खेल की शरु​ु आत श्री हदनेश मोंहिया ने लड़कों के टीम के कप्तान पल्लव हजदं ल के साथ खेलकर की। उसके बाद हबट्स के पवू य छात्र और लॉन टेहनस के हखलाड़ी आर.के .कोल ने अपना हाथ लॉन टेहनस पर आज़माया।

स्पॉटलाइट ‘स्पॉटलाइट’ एक ऐसा इवेंट है हजसमें कमेंरी करने के इच्छुक छात्रों को अपनी कला के प्रदशयन करने का मौका हमलेिा । भाि लेने के हलए दो-दो के दल में आना अहनवायय है और प्रहतभािी खेल पर लाइव कमेंरी करें िे। हनयमों के आधार पर देखा जाएिा हक कौन हकतना प्रभाहवत कर पाया। यह इवेंट शाम 4 िजे वॉलीिॉल(गर्लसस) िे मैच किट्स-ए िनाम किट्स-िी िे दौरान आयोकजत किया जाएगा।


6

a

बॉसम 2K14 का आिाज़ मानव जीवन कहठन संघषों से भरा हुआ है, जहा​ाँ हर कदम, हर पहलू पर इसं ान को चनु ौहतयों का सामना करना पड़ता है। जहा​ाँ कुछ चनु ौहतया​ाँ इसं ान को कमजोर बना देती हैं, वहीं कुछ उन्हे पहले से भी ज्यादा मजबतू एवं द्रढ़ बनाती है। जीवन का एक पहलू ऐसा भी है, जहा​ाँ लोि न के वल सघं षय पसदं करते हैं अहपतु और भी कहठन चनु ौहतयों की कामना करतें है, वह है खेल। संघषय एवं खेल का ररकता है ही कुछ ऐसा हक जीवन-पथ पर हर चनु ौती को पार करने वाले को सच्चा हखलाड़ी कहा जाता है। संघषय और रोमांच से भरी एक कहानी हबट्स हपलानी के प्रहतहष्ठत खेल महोत्सव ‘बॉसम’ के दौरान हलखी जायेिी, एक ऐसी कहानी हजसमे मख्ु य पात्र की भहू मका में हखलाड़ी एवं दशयक हैं, एक ऐसी कहानी जहा​ाँ हर पंहक्त हखलाहड़यों की जी -तोड़ मेहनत को बयान करे िी, ऐसी कहानी जहा​ाँ कई खेल खेले जायेंिे कई हखलाड़ी भाि लेंिे पर जहा​ाँ हवजय हसर्य प्रहतयोहिता में भाि लेने वालों की ना हो के खेल भावना की होिी। इन खेलों में भाि लेने आए देश-हवदेश के 1100 से भी ज्यादा प्रहतयोहियों के संघषय की इस दास्तां की शरु​ु आत पररसर के प्रांिण मे हस्थत ऑडीटोररयम में शि ु वार की रात हुए उद्घाटन समारोह से हुई। हनहश्चत समय से थोड़े हवलम्ब के बाद चालू हुए काययिम में दशयक-दीघाय में बैठे हबट्स के छात्रों एवं हवहभन्न कॉलेजों का प्रहतहनहधत्व कर रहे हखलाहड़यों का उत्साह देखते ही बनता था। मख्ु य अहतहथ हदनेश मोंहिया, जो हक पवू य में भारतीय हिके ट टीम का प्रहतहनहधत्व भी कर चक ु े हैं, के आिमन पर दशयकों ने भारी िजयन से उनका स्वाित हकया। काययिम का आिाज़ िरू ु कुल के सदस्यों द्वारा रहचत बॉसम के थीम-सॉन्ि से हुई, हजसे दशयकों ने खबू सराहा। इसके पश्चात् बॉसम के सर्ल आयोजन कराने के हज़म्मेदार हवभािों के सयं ोजक, खेल सहचव एवं सह खेल सहचवों का पररचय देते हदया िया। मख्ु य अहतहथ हदनेश मोंहिया, हबट्स हपलानी के हनदेशक

जी. रघरु ामा और पवू य हबट्स के छात्र एवं खास अहतहथ आर. के . कॉल ने खेल सहचव के अनग्रु ह पर दीप-प्रज्ज्वलन हकया। दीपप्रज्ज्वलन के पश्चात जी. रघरु ामा ने अपने हवचार दशयकों से साझा हकए। उन्होंने हखलाहड़यों को अपनी हार से हतोत्साहहत होने के बजाय उससे सबक लेने का संदश े हदया साथ ही साथ उन्होंने हबट्स के स्वयंसेवी क्लबों N. S. S. एवं हनमायण को जनू नू और योध जैसे आयोजन कराने के हलए सहृदय धन्यवाद हदया। भाषण का अतं करते हुए हनदेशक महोदय ने सभी अहतहथयों को अपना कीमती वक्त देने के हलए धन्यवाद हदया। खेल सहचव अहनरुद्ध शमाय ने दशयकों का एवं सभी हखलाहड़यों का स्वाित हकया तथा उनसे खेल भावना से भाि लेनें का अनरु ोध हकया। साथ ही उन्होंने इद्रं -देव से बाधा रहहत बॉसम की भी प्राथयना की, अहनरुद्ध ने आशा की, हक बाररश के कारण कोई भी खेल प्रहतयोहिता बहधत ना हो। आर. के . कौल ने खदु को अध्यापकों एवं आयोजन सहमहत का आभारी बताया। शरीर एवं बहु द्ध के पणू य हवकास की हजम्मेदारी रखने वाले अध्यापकों को उन्होंने अपना कायय सर्लता पवू यक करने के हलए सराहा। मंच पर सभा को सम्बोहधत करने के हलए अतं में मख्ु य अहतहथ हदनेश मोंहिया आए और उन्होंने सभा में उपहस्थत हर आदमी से शारीररक कसरत करके शरीर को पणू तय : स्वस्थ रखने की अपील की। उन्होंने समारोह में आमंहत्रत करने के हलए प्रशासन को धन्यवाद हदया और हखलाहड़यों को पररणाम की हचंता ना करते हुए के वल अपना शत-प्रहतशत देने की सलाह दी। उन्होंने औपचाररक रूप से बॉसम की शरु​ु आत की घोषणा कर अपनी वाणी को हवराम हदया| भाषणों का दौर समाप्त होने के बाद माशयल-आट्यस दल ने अपनी कला का प्रदशयन करके सबका मन मोह हलया। उद्घाटन समारोह का अतं पंजाब से आए िट्का कला में हनपणु दल ‘दलेर खालसा’ की शानदार प्रस्तहु त से हुआ। उनके प्रदशयन को देख दशयक भौंचक्के रह िए |


7

a

मया् िा उल्लोंघन बॉसम-2014 के उद्घाटन समारोह के उपरांत रात्रत्र 11 बजे के लिभि ANC के अंिर बड़ी ही शमासार करने िाली घटना सामने आई। यूननिर्साटी लॉ कॉलेज, जयपुर से आई हुई हॉकी टीम के ककसी खिलाड़ी ने त्रबट्स की एक छात्रा के साथ िर्वु यािहार ककया। जहा​ाँ र्शक्षा का मकसि समाज से बरु ाइयों को िरू करना है िहीं जब इतनी उच्चस्तरीय

र्शक्षा प्राप्त करने िाले छात्र ननम्नस्तरीय हरकतों में र्लप्त पाए जाते हैं तो यह सम्पूर्ा समाज के र्लए एक सोचनीय विषय बन जाता है । सामाजजक ि​ि ु ा शा के हालात बयां करती यह घटना चररत्रहीनता नामक उस कैंसर के लक्षर् हैं जो िे श की उन्ननत ि नारीसशजक्तकरर् के मािा में एक लाइलाज बीमारी की तरह है । जब इस घटना की िबर िेल सगचि अननरुद्ध शमा​ा को हुई तो उन्होंने कड़े किम उठाते हुए हॉकी टीम का कैम्पस में प्रिेश िजजात

कर दिया ि उनके रुकने की र्वयिस्था कैम्पस के बाहर ही करा िी। हॉकी के सारे मैच भी त्रबरला पजललक स्कूल में

आयोजजत हो रहे हैं जजससे कोई िवु िधा नहीं आएाँिी। हमारी आपसे अपील है कक कृपया मया​ादित र्वयिहार करें और िेलों के इस महाकुम्भ की िररमा को क्षनत ना पहुाँचायें।

आज के आकर्​्ण:बैडर्मंटन(िल्सा)

त्रबट्स ए

कनोररया

सायं 5 बजे

सैक

स्किैश

त्रबट्स ए

एल.एन.एम.आई.आई.टी.

सायं 7 बजे

सैक

स्किैश

एल.एन.आई.पी.ई.

िें कटे श्िर

सायं 5:30 बजे

सैक

िॉलीबॉल(िल्सा)

मानि रचना

सेंट जेिीयसा, जयपुर

सायं 6 बजे

जजम-जी

िॉलीबॉल(िल्सा)

त्रबट्स ए

त्रबट्स बी

सायं 4 बजे

जजम-जी

हॉकी

त्रबट्स

राईट

सायं 5 बजे

त्रबरला पजललक स्कूल

कैरम

त्रबट्स ए

शेिािटी

सायं 5:30 बजे

सैक

बॉसम फैंटे सी लीि ‘बॉसम र्ैं टेसी लीि’ एक ऑनलाइन इवेंट है, हजसमें प्रहतभािी बैठे-बैठे ही बॉसम का पणू य लत्ु फ़ उठाएिं ,े जरूरत है तो बस पजं ीकरण कराने की। पजं ीकरण के पश्चात् कुछ हनयमों के आधार पर प्रहतभाहियों को कुल 7 टीमों का चयन करना है। उन टीमों के प्रदशयन के आधार पर प्रहतभाहियों को अक ं प्रदान हकये जाएाँि,े जैसे अिर कोई टीम एक मैच में हवजयी होती है तो प्रहतभािी को कुछ अक ं ों से परु स्कृ त हकया जाएिा और अिर कोई टीम हारती है तो उसे कुछ अक ं ों का नक्ु सान झेलना पड़ेिा। टीम हजतने स्तर तक अपना हवजयी अहभयान जारी रखेिी, प्रहतभािी को उतने ही ज्यादा अक ं ों से नवाज़ा जाएाँिा। इस से सम्बंहधत सारी जानकारी वेबसाइट bits-bosm.org/blogs/hindiblog/2014/bfl पर उपलब्ध है।


8

a

ज ब ले स दनहाल...


Turn static files into dynamic content formats.

Create a flipbook
Issuu converts static files into: digital portfolios, online yearbooks, online catalogs, digital photo albums and more. Sign up and create your flipbook.