24 अक्टूबर 2013 | गरू ु वार | पिलानी
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अल्ऩाॊश
जापनए मख् ु य अपिपि को आखियकाय आज वो फहुप्रतीक्षऺत ददवस आ ही गमा जजसका हय बफट्ससमन फेसब्री से इॊतज़ाय कय यहा था। जी हाॉ, आज शाभ ऩाॉच फजे ऑडी भें ओएससस’13 का धभ ू धाभ से आगाज़ ककमा जामेगा। ओएससस’13 के भख् ु म अततथथ के रूऩ भें सशय़त कय यहे हैं- जानेभाने ऩत्रकाय औय एन.डी.टी.वी. 24X7 के शो ‘वॉक द टॉक’ के सॊचारक ऩद्म-बष ू ण ‘शेिय गप्ु ता’। श्री शेिय गप्ु ता इॊडडमन-एक्सप्रेस के भख् ु म सॊऩादक बी हैं। 1977 भें इन्होंने इॊडडमन-एक्सप्रेस के रयऩोटट य के रूऩ भें अऩने ऩत्रकारयक कैरयमय की शरु ु आत की। तीन वषट फाद ही केवर 23 सार की उम्र भें इन्होंने उत्तय-ऩव ू ट भें हुई घस ु ऩैठ को फेिौप कवय ककमा था। कपय मे ऩत्रकाय के तौय ऩय ‘इॊडडमा-टूडे’ से जड़ ु गमे तथा फाद भें इसके सॊऩादक बी फने। इन्होंने ऑऩये शन ब्रू स्टाय से रेकय रॉस एॊजसरस तक तत्कारीन इततहास बी कवय ककमा है । इनकी रेिनी ने कई भहत्वऩण ू ट घटनामें करभफद्ध की हैं जैसे कक पॉर ऑप फसरटन वॉर, गल्प वॉय, अपगातनस्तान भें जजहाद, श्रीरॊकाई भद्द ु े इत्मादद। मे बायत भें एर.टी.टी.ई. ट्रे तनॊग कैम्ऩ औय इसयो के स्ऩाई स्कैं डर को प्रकाश भें रेकय आमे। तहकीकात की फेजोड़ ऺभता, अद्ववतीम तनष्प्कप्ऺता औय ऩेशव े याना अॊदाज़ इनके व्मजक्तव को फमाॊ कयते हैं। ‘वॉक द टॉक’ बी अऩने सात सार ऩयू े कयने वारा है । मे एसशमा सोसाइटी एट न्मम ू ॉकट, नेशनर डडपेंस कॉरेज, वल्डट इकॉनोसभक पोयभ आदद सॊस्थाओॊ के गेस्ट स्ऩीकय हैं। इनके द्वाया सरखित ऩस् ु तकें ‘आसाभ: ए वैरी डडवाईडेड’ औय ‘इॊडडमा रयडडपाइॊस इट्स योर’ काफ़ी चचाट भें यही थीॊ। इन्हें कई ऩयु स्कायों एवॊ उऩाथधमों से नवाजा जा चक ु ा है , जजनभें से कुछ प्रभि ु हैं- ऩत्रकारयता के सरमे ‘जी.के. ये डी अवॉडट’, याष्प्कट्रीम अिॊडता के सरमे ‘पिरूद्दीन अरी अहभद भेभोरयमर अवॉडट’ औय 2009 भें बायत सयकाय द्वाया ‘ऩद्म बष ू ण’। ऐसी भहान हस्ती से रूफरू होने का अवसय ना गॉवाते हुए अऩनी व्मस्त ददनचमाट भें से थोड़ा सभम तनकारकय ओएससस इनॉग भें जरूय जाऐॊ।
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अल्ऩाॊश
आज और कल के कुछ इवेंट्स अन्ताक्षरी
फैठे-फैठे क्मा कयें , कयना है कुछ काभ, शरू ु कयो अन्ताऺयी , आ गमी भें , ट्रे न भें सफ़य कयते हुए, दोस्तों
के साथ गऩशऩ कयते वक़्त औय
है ओएससस-2013 की शाभ। अऩने िारी
वक़्त
न जाने ककतने ऐसे भौकों ऩय हभ अन्ताऺयी िेरने
से नहीॊ चूकते। अन्ताऺयी केवर एक िेर नहीॊ ऩयन्तु एक आनॊद की गाथा सभान है जजसभें सॊगीत कक तार है तो है ही ऩय उसी के साथ- साथ भनोयॊ जन की रम बी है । ओएससस का शब ु ायम्ब एजक्टववटीज सोसाइटी इवें ट
द्वाया आमोजजत कयवामा
हो यहा है सॊगीत के यस - अन्ताऺयी से जो कक दहॊदी
जा यहा है । वऩछरे कुछ वषों का रयकॉडट दे िें तो अन्ताऺयी काफ़ी सपर
यहा है । तो अगय आऩ अऩने आऩ को गीतों भें भहायथी सभझते हैं, तो अवश्म िेरने जाइमे मह इवें ट ।
फॉर नो राईम एंड रीज़न क्मा आऩ कववताओॊ भें ददरचस्ऩी यिते हैं ? क्मा आऩ भें व्मॊग्म भायने की एक ऐसा इवें ट जहाॉ आऩको दी गमी कववता को
तक ु फॊदी
करा है ?तो ऩोएट्री क्रफ रामा है आऩके सरए
से ऩये होकय भनोयॊ जक एवॊ हाजज़य-ज़वाफी रूऩ भें ऩेश कयना होगा
। गत वषट इसकी रोकवप्रमता कापी अच्छी यही थी । सबी प्रततबाथगमों द्वाया अच्छी प्रततकिमा प्राप्त हुई थी | तो है अगय आऩ भें हुनय अऩनी आसान
सी फात को सयस तयीके
से शब्दों को वऩयोकय कववता के रूऩ भें ऩेश कयने की, तो अवश्म
सशयकत कयें इस इवेंट भें |
नाभ दे िकय
कुछ
बेग बौरो एंड स्टीऱ
माद आमा ? बफॊदास चैनर के भशहूय ट्रे वर शो ऩय आधारयत है मह इवें ट। ऩय रुककए जनाफ! कहाॉ चर
ददए अऩना फोरयमा बफस्तय फाॉधकय ?? मह इवें ट आऩको हय उस छोटी सी वस्तु की भहत्ता फतरामेगा जजसे हभ औय आऩ अऩनी योज़भयाट की जज़न्दगी भें अनदे िा कय दे ते हैं। मह अऩने आऩ भें एक ऐसा इवें ट है जजसभें आऩके भनोयॊ जन के साथसाथ आऩकी कसयत बी हो जाएगी
तो
एक ददन तो जजभ
को बर ू ही जामें । आउटस्टीज़ी़ के द्वाया हभेशा से ऩसॊद ककमा
जाने वारा मह इवें ट एक दौड़ के सभान है जो की एप डी -२ , QT भें आमोजजत होगा। तो अगय आऩको रगता है कक आऩ ककसी बी चीज़ की जुगाड़ कय सकते हैं, तो इस इवें ट क सरए बी सभम कक जुगाड़ कय रें |
अल्ऩाॊश
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अल्ऩाॊश
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अल्ऩाॊश
ओएपसस
एक कारवााँ
सभम सदै व गततभान यहता हैं, मह भनष्प्कु म ऩय तनबटय कयता है कक इन गततभान ऺणों भें से कैसे वह स्वमॊ के आनॊद के सरए एक ऩर चुयाता हैं| जो भनष्प्कु म अऩनी जजॊदगी भें इस करा भें ऩायॊ गत हो जाता हैं वही अऩनी जजॊदगी को जी ऩाता हैं, क्मोंकक इस जजॊदगी भें भयते तो सबी हैं रेककन इसे जीते कुछ ही हैं| मह आनॊद के ऩर ही हभाये जजॊदगी भें उत्सव के स्वरूऩ भें आते हैं| हभ बफट्ससमॊस अऩनी जजॊदगी भें प्रत्मेक ददन को एक उत्सव का स्वरूऩ दे ना चाहते हैं, क्मोंकक वास्तव भें हभ अऩनी जजॊदगी के हय एक ऩर को िुर के
यूननयो ममस्स्टका( ओएमिि 2008)
एमिि 2009) स्लऱपिाइड(ओ
ओएससस का अथट है "शाद्वर" अथाटत भरूबसू भ भें हरयमारीहै ना कुछ अजीफ सी फात? इसी अजीफोगयीफ फात ने तो आज हभें दतु नमा की नज़यों भें जादग ू य फना ददमा है | मही ओएससस हभाये बफट्स को भरुद्मान अथाटत "प्रकृतत की अद्भत ु दे न" के रूऩ भें एक यभणीम स्थर भें ऩरयवततटत कय दे ता है | प्रत्मेक वषट मह भरुद्मान अऩने प्रत्मेक ऩरयदशटक को एक नमे प्रसॊग से जीने के नमी करा से रूफरू कयाता है | जीना चाहते हैं| हभ बफट्ससमॊस सदै व कुछ इस प्रकाय जीना चाहते हैं "जीवन भें चरते यहना है , रुकना नहीॊ चरते यहना है , भॊजजरों को ऩाते यहना है , ऽुद को बी िोजते यहना है , हभें चाह नहीॊ ज़्मादा कुछ इस जजॊदगी से, फस इसके हय एक ऩर को जीते यहना है " | हभायी इसी जीवटता को फमान कयने के सरए हभाये बफट्ससमॊस जजॊदगी के भहा उत्सव का 43 वाॉ सॊस्कयण "ओएससस: द एसरभें ट्स" दस्तक दे चुका है |
ि 2010)
इंिोस्ननया(ओएमि
अल्ऩाॊश
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अगय इततहास के ऩन्नों को ऩरट कय दे िा जामे तो हय एक वषट ने इस भहा उत्सव को एक नमे अवताय भें
हभें
अऩने
आवश्मकता
इस
भरूद्मान
भहसस ू
ऩरयबावषत ककमा है | कबी हभने अऩने इस भरुद्मान को
हुई|
को
ऩन ु ्
सजृ जत
कयने
की
इस
प्रकाय
हभने
इसे
ऩन ु ्
द रोडट्रिप(ओएमिि 2011)
'Scintillations' अथातट उज्जवसरत की सॊऻा दी तो कबी "Psychedelia" अथातट बभटकायक की उऩाथध से नवाज़ा| सन ्
2008
भें
हभने
इसे
"Unio-Mystica"
जैसे
अध्माजत्भक रूऩ भें उताया| हभ भ्रसभत बफट्ससमॊस ने अध्माजत्भकता से प्रबाववत होकय सवमॊ से साऺात्काय कयने ् के सरए सन ् 2009 भें भरूद्मान का "Flipside" रूऩ इस सॊसाय के साभने ऩेश ककमा| स्वमॊ से साऺात्काय ने हभायी नीॊद उड़ा दी, तो हभें "Insomnia" हो गमा, औय 2010 भें हभाया भरुद्मान “अतनद्रारम” भें ऩरयवततटत हो गमा| जफ हभायी नीॊद उड़ी तो कुछ नमा कयने की चाह भें सन ् 2011 भें हभ कायवाॉ रेकय इस भरुद्मान भें तनकर ऩड़े,
ऩरयबावषत कयने के सरए अऩने इस भहा उत्सव को
"The
औय हभाया उत्सव "Roadtrip" के नाभ से इस दतु नमा के
Reinvention"
सभऺ प्रस्तत ु हुआ| हभ मह कायवाॉ रेकय तनकरे ही थे कक
इस सॊसाय भें ककसी बी वस्तु का सज ू त् ऩाॉच तत्वों ृ न भर
के नाभ से दतु नमा के सभऺ प्रस्तत ु ककमा|
"क्षऺततज", "जर", "ऩावक", "गगन" औय "सभीय" से होता है , इससरए मह ओएससस हभाये सभऺ इन सभस्त तत्वों के साथ "The Elements" के नाभ से जाना जाएगा | ओएससस अथातट "भरुद्मान" के ऩष्प्कु ऩ के स्वरूऩ भें ना जाने ककतने कामटिभ अऩनी िुशफू बफिेयना शरू ु कय चुके हैं, जजनके साऩेऺ भें भैं मही कहना चाहूॉगा“इक फात होंठों तक है जो आई नहीॊ, फस आॉिों से है झाॉकती, तभ ु से कबी, भझ ु से कबी, कुछ रफ्जज़ है वो भाॊगती|” ओएससस के अनब ु वों को रफ़्ज़ों भें फमाॊ कयना शामद इतना कदठन है कक ऊऩय ककमे गए सभस्त वणटन उसके एक ऩर के साथ बी न्माम नहीॊ कय सकते| शब्दों भें क्मा यिा है
) एमिि 2012 रीइंवेंशन (ओ
दोस्तों, बावनाओॊ को सभझो!
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अल्ऩाॊश
सम्िादक की कलम से… प्रोप-शोज़ का इॊतज़ाय, नाईट-ऩम्सट सभरने की िुशी, क्रासेज़ ऑप होने से सभरने वारा सक ु ू न, फाहयी कॉरेज़ से आए छात्रों की उत्सक ु ता, हय इवें ट भे बाग रेने की आतयु ता एवॊ क्रफ-डडऩाटट भेंट के सदस्मों की इवें ट आमोजजत कयाने की रग्न – ओएससस अऩने साथ उम्भीदों व बावनाओॊ की बयभाय राता है ऩय शामद मह ओएससस की बव्मता ही है कक मह हय छात्र की उम्भीद ऩय ना ससपट िया उतयता है अवऩतु उसके कॉरेज-राइप का एक अववस्भयणीम अॊश फन जाता है | हय फाय की तयह मह ओएससस बी एक नए जोश के साथ कैम्ऩस भें कदभ यिने वारा है | मह कोई नमी मा आश्चमटजनक फात नहीॊ है , क्मोंकक हभ बफट्ससमॊस वऩछरे 42 सारों से ओएससस का आमोजन केवर अऩने फरफत ू े ऩय इसी जोश के साथ कयते आमे हैं| इस सार की थीभ सजृ ष्प्कट के तनभाटण भें प्रमक् ु त होने वारे ऩाॉच तत्व “एसरभेट्स” अजग्न, जर, वाम,ु आकाश औय ऩथ् ृ वी से प्रेरयत है | भाना जाता है कक सम्ऩण ू ट ब्रह्भाण्ड की यचना इन ऩाॉच तत्वों के सभश्रण से हुई है | 2013 बफट्स का स्वणट जमॊती वषट होने के कायण इस थीभ की प्रासॊथगकता औय बी फढ़ जाती है | मह थीभ हभ सफ को बफट्स के भहान इततहास का स्भयण कयाती है | अऩनी उत्ऩजत्त के सभम कई कदठन दौयों से गज ु यने के फाद आज मह इॊजस्टट्मट ू इस भक ु ाभ ऩय ऩहुॉचा है , जहाॉ इसे दे श के सवटश्रेष्प्कठ सॊस्थनो भे थगना जाता है | मे ऩाॉचों तत्व उत्ऩजत्त का ऩमाटम होने के कायण बफट्स के स्वणट जमॊती वषट के सरए सवटथा उऩमक् ु त हैं| प्रथभ वषीम छात्र जल्द ही जान जाएॉगे कक उनके सीतनमसट 96 घॊटे की जजस अववयाभ भस्ती की फात कयते हैं, उसे असर जज़ॊदगी भें जीना एकदभ अनोिा औय अद्भत ु व होता है , जजसे फमाॉ कयने के सरए शब्द कभ ऩड़ जाते हैं| भेयी आऩ ु अनब रोगों से फस मही गज ु ारयश है कक अऩने ऩहरे ओएससस का ऩयू ी तयह से आनॊद उठाएॉ, क्मोंकक ऩहरा ओएससस एक सन ु हये सऩने जैसा होता है , जजसे आऩ बर ु ाए नहीॊ बर ू सकते| फाहय से आने वारे प्रततबाथगमों से हभायी मह अऩीर है कक आऩ इस ऩवट का अथधक से अथधक आनॊद उठाएॉ, औय फेशक आऩ इन चाय ददनों को अऩने जीवन के अववस्भयणीम ऩरों भें शभ ु ाय कयें गे| अफ ज्मादा कुछ कहने को है नहीॊ, तो फस, आऩकी अनभ ु तत चाहूॉगा|
पिन्दी प्रेस िररवार धनॊजम| सोभजी, ईशान, शसशन, नीतत, श्रेम, भाधव, यजत अबम, अतनरुद्ध अग्रवार, भॉतनका, आततफ़, अनॊत, ऩायस, िुशफ,ू यवव, करयश्भा, अतनरुद्ध सभश्र, याजेश, सोनारी, नीततका, अखिरेश |
प्रणम, आकृतत, यजत, अॊककता, मशवधटन, इराश्री, सम ु श, प्राॊजर, मशाददत्म, सत्मभ, प्रवीण, आवेश | अॊचर, गोववन्द, वप्रमॊक, कुनार, नीततशा, भदु द्रका, ऐश्वमाट, अॊकुय, रोकेश, हाददट क, योदहत।