ISSN: 2456 4818 वैज्ञानिक निन्दी अप्रैल-जूि-2022 वषष -54 अंक-2 निन्दीनवज्ञािसानित्यपरिषदकीपनिका आजादीकाअमृतमिोत्सवके अंतर्षतप्रकानित “11मई2022-राष्ट् र ीयप्रौद्योगिकीगिवस” 21जून,2022अतरराष्ट्ीययोिगिवस
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वैज्ञानिक (त्रैमानिक)पनत्रका- िनमनि िंपादि –मंडल डॉसंजयकुमारपाठक श्रीराजेशकुमार श्रीप्रवीणदब श्रीकृष्णकुमारवमाा व्यवस्थापक–मंडल श्रीनवीनत्रिपाठी श्रीबी.एन. ममश्र श्रीअत्रनलअत्रिरवार श्रीप्रकाशकश्यप श्रीराजेशकुमारममश्र
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वैज्ञानिक2w वर्ष54अंक 2 अप्रैलजूि 2022 *मुख्यसंपादक* श्रीराजेशकुमारनमश्र *संपादनमंडल* डॉसंजयकुमारपाठक श्री राजेशकुमार श्रीप्रवीणदब श्रीकृष्णकुमारवमाष * मुख्यव्यवस्थापक* श्रीसंजयगोस्वामी *व्यवस्थापकमंडल* श्रीिवीिनिपाठी श्रीबी.एि. नमश्र श्रीअनिलअनिरवार श्रीप्रकाशकश्यप आजीविसदस्यताशुल्क व्यक्तिगत: रु 1000/ संस्थागत: रु 2000/सदस्यता हेतु कृपया स्टेट बैंक आफ इंडिया खाता संख्या : 34185199589, IFSC : SBIN0001268 कृते : डहन्दी डवज्ञान साडहत्य परिषद” ई भुगतान की िसीद ईमेल से नीचे दी गई पते पि स्कैन कि भेजें * कायाालय* निंदीनवज्ञािसानित्यपररर्द 16 सी, कंचिजंगा, अणुशक्तििगर, मुंबई 400094 फोििंबर -022-255920285 Emailhvsp.india1968@yahoo.comid-hvsp1968@rediffmail.com/ सभीपदअवैतडनकहै। वैज्ञानिक’ में छपे लेखोंका दानयत्व लेखकोंका िै ‘ ISSN: 2456 4818 अिुक्रमनणका संपादकीय 1 नवज्ञाि लेख 1.आजादी के बाद का जीवनदायनी गंगा नदी का संिक्षण 3 िॉ िॉ दीपक कोहली 2.पर्यावरणपरएलनििोऔरलयनिियके प्रभयव 5 -राघवशैलेन्द्र कुमार स िंह 3.क्याहमारे ब्रह्ािंड जै कईऔर ब्रह्ािंड अस्तित्व में हैं? 12 प्रदीप 4. आजादीके बादभाितीयनाडभकीयसंयंत्ोंकीसुिक्षा तथाडवश्वकीडतामान 16 शिीफखान 5 कोडविमहामािीके समयपयााविणीय परिवतान 23 िॉज्योडतवमााविॉ हेमलतापन्त 6 योगकीखोजएवंयोगासन से स्वास्थ्यलाभ 25 िॉसिोजशुक्ला 7पयााविणकोसुिडक्षतिखनाजरूिी 32 िॉ०दयाशंकिडत्पाठी 8.खेलकूद के फायदे 36 िॉअंडकताडमश्रा 9.सततभडवष्यके डलएडवज्ञानऔि प्रौद्योडगकी 40 नवीनडत्पाठी 10 डवशालतमजीवकाडनर्ाािणकैसेहुआ 43 बी एन डमश्र 11. भाितीयडवज्ञानवप्रौद्योडगकीपिंपिामें वैडदकडवज्ञानकीभूडमका 45 मनीषश्रीवािव 12िाष्ट्ीयपुष्पकमल 54 प्रेमचन्द्रश्रीवािव 13प्राचीनभाितीयमौसमडवज्ञानसेवषाा 55 िा0 वेंकटेशभािद्वाज 14. सेहतके डलएलाभदायकहैदही 61 उत्तमडसंहगहिवाि 15 सेहतके डलएनुकसानदेहहै खानपान में डमलावट 63 िॉ मनीषमोहनगोिे 16 िॉनोबलपुिस्कािडवजेताभाितीयखगोलशास्त्ीसुब्रह्मण्यन्चन्द्रशेखि 67 िॉमीनाक्षीपाठक 17 कवकएवंपादपिोगवैज्ञाडनकिॉ बीबीमुंदकुि 68 प्रेमचन्द्रश्रीवािव 18 समुद्रतटकािक्षकमैंग्रोव 69 संजयगोस्वामी नवज्ञािसमाचार 1. कािगिडसद्धहुएकोिोनाके टीके प्रकाशकश्यप 71 2. कौन सी वैक्सीन कोडवि संकट िॉ दीपक कोहली 72 3. पानीके कणोंसेजेटफ्यूल डवजयलक्ष्मीडगिी 74 पुिकसमीक्षा 22 डवज्ञानकडवताएँ संजयगोस्वामी 77 परिषदसमाचाि परिषदद्वािाआयोडजत48वींआमसभा 78 मिोगत 81
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वैज्ञानिक 1 अप्रैल जूि 2022 संपादकीय नप्रय पाठक , यह वैज्ञानिक पनिका (िैमानिक) अप्रैल जूि 2022 का अोंक हैं । इिमें प्रकानित िामग्री वैज्ञानिक नवषय पर राजभाषा नहोंदी में ख्याति प्राप्त नवज्ञाि लेखक द्वारा है । आजादी के अमृत मह त्सव नवशेषाोंक के अोंतर्गत ये नवज्ञाि लेख िमिामनयक हैं । इिकी नवनिष्टता का कारण है इिके प्रकािि का यह वषग नजिमें िोंपूणग भारत आजादी का अमृत मह त्सव मिा रहा है। हम िभी भारतीय इस स्वतोंिता नदवि क अपिी स्वतोंिता के 75 वषग पूरे कर रहे हैं । स्वतोंि भारत की इि नवकाि यािा में हमारी नवशेषतायें व उपलब्धियाों वैनिक पटल पर अोंनकत हुई हैं। यह िमय उल्लाि, उमोंर् और उत्साहपूवगक अपिी नवज्ञाि की प्रर्नत, अपिे िामर्थ्ग क मिािे के तिये है। िाथ ही िमय है स्वतोंिता िेिानिय के बनलदाि क श्रृद्धापूवगक ितमस्तक ह कर याद करिे एवों उिके प्रनत कृतज्ञता ज्ञानपत करिे हेिु । यह भी तवचारणीय है नक क्या हम मििा, वाचा, कमगणा राष्ट क िमनपगत रहे हैं ? यनद हााँ त कैिे और यनद िहीोंत क्य ? वैज्ञानिक नक इि यािा में भी हम िभी िे इस पतिका क निरन्तर माि िम्माि नदलािे के नलए राष्टीय स्तर पर प्रयाि नकये हैं एवों िफलता भी नमली है । आजादी के अमृत मह त्सव हेतु नवज्ञाि व प्रौद्य नर्की मोंिालय के आदरणीय िनचव मह दय का िुभकामिा िोंदेि पनिका के र्ुणवत्ता के स्तर का द्य िक है । नवज्ञाि वर्गि हेिु प्रयािरत रहते हुये, पनिका में अनर्कानर्क वैज्ञानिक नवषयक तथा राजभाषा व इिके नवनभन्न पक् क उजार्र करते लेख क प्राथनमकता दी र्ई है। इिका मुख्य उद्देश्य है की नवज्ञाि की जािकारी जििमान्य क िरल भाषा में नमले । इिके नलए राजभाषा नहोंदी एक ऐिा माध्यम है ज िभी नवज्ञाि प्रेमी क एक िूि में बाोंर् कर रखता है। प्रयाि यह है नक नवज्ञाि नवषयक जािकाररयाों जििामान्य में िरल, िुर्म व िुब र् िैली में िोंप्रेनषत की जा िकें । वैज्ञानिक अपिे प्रकािि के 54 वषों के पड़ाव िे र्ुजर चुकी है। यह अवनर् वैज्ञानिक पनिका की जीवोंतता का प्रतीक है । इस पतिका का िैमानिक के रूप मे राष्टीय स्तर पर स्वीकायगता बढ़ी है । इिका बहुत कुछ श्रेय देि भर में फैले हमारे आजीवि िदस् , पाठक और िम्माििीय लेखक के मूल्यवाि सहय ग क जाता है । पूवग की भाोंनत इि अोंक के अोंतर्गत प्रकानित लेख में अतराष्टीय य र् नदवि(21 मई 22) पर य र् के िाभ , नवश्व पयागवरण नदवि (5जूि, 22), वैनदक नवज्ञाि, क र िा महामारी, अतराष्टीय खर् ल नवज्ञाि नदवि 2022 (7 मई, 2022) पर ब्रह्माण्ड के बारे में, िेििल टेक्न लॉजी डे(11 मई, 2022), परमाणु ऊजाग, स्वास्थ्य क जार्रूक करिे हेतु खाि पाि में नमलावट,स्वास्थ्य, खेल कू द का महत्व, अतराष्टीय महािार्र नदवि (8 जूि, 2022) पर िमुद्रतट का रक्क मैंग्रव, नवि पृथ्वी नदवि, आनद जैिे नवज्ञाि लेख क िमानहत नकया र्या है या जािकारी दी र्ई है। नवज्ञाि क नहोंदी में जििमाि तक पहुोंचािे का भरपूर प्रयाि नकया र्या है तिसे प्रनततिि व िये नवज्ञाि लेखक द्वारा नलखा र्या है । इिके िाथ नवज्ञाि कनवता, नवज्ञाि िमाचार व पररषद की िई कायगकाररणी (22 24) के र्ठि हेतु नविेष आमिभा की जािकारी दी र्ई है।आिा है यह अोंक आप िभी पाठक क पिोंद आएर्ी। वैज्ञानिक पनिका की टीम में पररषद के िनिय िदस् िानमल हैं ज देि के जािे मािे नवज्ञाि िोंचारक, नवज्ञाि लेखक व नहोंदी नवज्ञाि क ल कनप्रयता क आर्े बढ़ािे का कायग कर रहें हैं । वे िभी बर्ाई के पाि हैं। नवज्ञाि िूचिा, ज्ञाि और
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वैज्ञानिक 2 अप्रैल जूि 2022 नवश्लेषण की निवेणी के रूप में नवज्ञाि की िटीक और िकारात्मक प्रस्तुनत एवों नवज्ञाि के भ्रामक मुद्द पर पाठक क जार्रूक बिािा वैज्ञानिक का मुख्य उद्देश्य है । वैज्ञानिक अपिे प्रकािि के 54 वषो में कई उतार चढ़ाव देख चुकी है | कुछ स्वाथी िदस् द्वारा अतानकगक ह िे के कारण मौजूदा िमय में वैज्ञानिक के नलए काफी िोंकटपूणग है । अब एक िई कायगकाररणी का र्ठि ह र्या है, अतः हम िभी आिाब्धित हैं नक पररषद के उदारमिा आजीवि िदस् , िवीि कायगकाररणी , पाठक और लेखक के िोंरक्ण िे इि िोंकट की ब्धथथनत िे जल्दी उभर िकेंर्े । हमारा यह प्रयाि लेखक के य र्दाि के नबिा, एक कदम भी िही बढ़ िकता है । लेखक के य र्दाि िे ही हम वैज्ञानिक क यहाों तक लाये हैं और आर्े भी ले जायेंर्ें । लेखक के य र्दाि के नलये पररषद् आभारी है । इि िब जािकाररय के िाथ राजभाषा में नवज्ञाि व तकिीकी लेखि जहाों हमारा मार्गदिगि करेर्ा वहीों वैनिक पटल पर नहन्दी की ब्धथथनत की जािकारी हमें र्ौरव की अिुभूनत प्रदाि करेर्ी । हमें आिा ही िहीों पूणग नविाि है नक ये िभी रचिाएों आप िभी पाठक और खाितौर पर हमारे युवा नवज्ञाि पाठक क जरुर पिोंद आएोंर्ी। हमेिा की तरह आपके िुझाव और प्रनतनियाओों की हम प्रिीक्षा करेंगे । वैज्ञानिक पनिका के इि अोंक में आजादी के अमृत मह त्सव पर नवज्ञाि व प्र द्यौनर्की िे िम्बोंनर्त िारर्नभगत व वैज्ञानिक जािकारी िे पररपूणग लेख राजभाषा नहोंदी में नमलेर्ा । नवज्ञाि की ल कनप्रय पनिका, वैज्ञानिक िे जुड़े आप िभी नवज्ञाि लेखक पाठक और िृजििील व्यब्धिय के निरोंतर िहय र्, स्नेह, नविाि और लर्ाव के नलए र्न्यवाद । शुभकामना सहित! राजेिकुमारनमश्र मुख्यिम्पादक, वैज्ञानिक राजाराममोिनरायकी 250 वींजयंती आजादी का अमृत मह त्सव यािी आजादी के 75 वषों के उपलक्ष्य में एक और आय जि, राजा रामम हि राय की 250वीों जयोंती िोंस्कृनतमोंिालय, भारतिरकार औरध्याि फाउोंडेििद्वारािोंयुिरूपिे मिायाजारहाहै।व आर्ुनिकभारतके जिककहे जाते हैं,स्वराजारामम हिरायकी 250वीोंजयोंतीके अविरपरपनिमबोंर्ालवअन्यराज् मेंअिेक जर्ह परउिके जीविपरआर्ाररत िेनमिार वउिके जीविके ऊपर अब्धखलभारतस्तर पर लेखप्रनतय नर्ता वअन्यकायगिम पुरे देिमें र्ूम र्ामिे आय जिनकया जा रहाहैं।नपछले िालजिवरीमें हीप्रर्ािमोंिीश्रीिरेंद्रम दीिे राजारामम हिरायकी 250वीोंजयोंती मिािे कीय जिाकाघ षणाकी थी, नजिके बारे में उन् ोंिे कहा था नक यह भारत की स्वतोंिता की 75 वीोंवषगर्ाोंठ के िाथ उिकी 250वीोंजयोंती भी पुरे देि में हषो उल्लाििे मिाया जायेर्ा।प्रर्ािमोंिी िे अपिे भाषण में कहाथा, उन् ोंिे राष्टके आत्मिम्मािक बढ़ािे और मनहलाओोंकी र्ररमाके नलए लड़िे में राजा राम महि राय द्वारा नकए र्ए प्रयाि की िराहिा की थी। राय का जन्म 22 मई 1772 क हुआ था और उिकी 250वीोंजयोंती इिी िाल आजादी के अमृत मह त्सव के िाथ ही मिाई जा रही है इिके तहत एक अतरराष्टीय िम्मेलि और क्ेिीय कायगिालाओों में राजा राम म हिराय के जीवि पर प्रकाि डाला जायर्ा, िभी राज् और केंद्रीय पुस्तकालय में राजा राम म हि राय ज्ञािक िेकीथथापिा, भारतीयइनतहाि, िोंस्कृनत, िमाज, र्मगऔरनवज्ञािपरपुस्तक के िाथएककेंद्रीकृतई पुस्तकालयबिायाजा रहाहै ।राजारामम हिरॉयलाइब्रेरीफाउोंडेिि, क लकत्ताविोंस्कृनतमोंिालयके द्वाराहालहीमेंइिपरकायग करिािुरूकरनदया है।इिमें प्रख्यात निक्ानवद , पुस्तकालयाध्यक् , प्रिािक और वररष्ठ अनर्काररय में िे भारत िरकार द्वारा िानमत 22 िदस् िानमल हैं।राजारामम हिरायकी 250वीोंजयोंतीपरिभीदेिवानिय क वैज्ञानिकपररवारकीओरिे अिेकािेकिुभकामिाएों ! िम्पादक,वैज्ञानिक
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वैज्ञानिक 3 अप्रैल जूि 2022 " आजादी के बाद जीवनदायनीगंगा नदी कासंरक्षण" डॉ दीपक कोिली िोंयुि िनचव,पयागवरण,वि एवों जलवायु पररवतगि नवभार्, उत्तरप्रदेि िािि,5 /104, नवपुल खोंड, र्मती िर्र,लखिऊ 226010 प्रस्ताविा: हाल ही में भारत में नवि का िबिे बड़ा र्ानमगक मेला ‘कुोंभ’ आय नजत नकयार्या तथा इि मेले के दौराि लाख श्रद्धालु र्ोंर्ा में डुबकी लर्ािे के नलये एकि हुए। प्राचीि काल िे कुोंभ मेला नवनभन्न मान्यताओों, प्रथाओों, दिगि और नवचारर्ाराओों के िम्मेलि थथल का प्रतीक रहा है।दुभागग्य िे िमय के िाथ आबादी में वृब्धद्ध, अनिय नजत औद्यर्ीकरण और अिोंवहिीय कृनष प्रथाओों के कारण र्ोंर्ा एवों इिकी िहायक िनदय में प्रदूषक तत्त् में उल्लेखिीय वृब्धद्ध हुई है।हालााँनक, फ्लैर्निप पररय जिा 'िमानम र्ोंर्े' के नियाियि के बाद र्ीरे र्ीरे र्ोंर्ा िदी में प्रदूषण काफी कम ह र्या है। इि पररय जिा के तहत िावगजनिक िीनतय , प्रौद्यनर्की का प्रयर् एवों िामुदानयक भार्ीदारी क िानमल करते हुए एक िमग्रदृनष्टकण अपिाया है। िमानम र्ोंर्े पररय जिा:यह केंद्र िरकार की य जिा है नजिे वषग 2014 में िुरू नकया र्याथा। िरकार द्वारा इि पररय जिा की िुरुआत र्ोंर्ा िदी के प्रदूषण क कम करिे के उद्देश्य िे की र्ई थी। इि य जिा का नियाियि केंद्रीय जल िोंिार्ि, िदी नवकाि और र्ोंर्ा कायाकल्प मोंिालय द्वारा नकया जा रहा है। र्ोंर्ा िदी के प्रदूनषत ह िे का कारण:िहरीकरण: हाल के दिक में भारत में तेजी िे हुए िहरीकरण के कारण कई पयागवरणीय िमस्ाएाँ , जैिे जल आपूनतग, अपनिष्ट जल और इिका एक थथाि पर जमा ह िा िाथ , इिके उपचार और निपटाि जैिे िमस्ाएाँ उत्पन्न हुई हैं। र्ोंर्ा िदी के तट पर बिे कई िहर एवों कस् के लर् एवों प्रिािि िे िहर िे निष्कानित ह िे वाले अपनिष्ट जल, िीवरेज आनद की िमस्ा के बारे में र्ोंभीरता पूवगक नवचार िहीों नकया है। उद्य र्: र्ोंर्ा में िीवरेज और औद्यनर्क अपनिष्ट के अप्रबोंनर्त एवों अनिय नजत प्रवाह के कारण इिके जल की िुद्धता पर प्रनतकूल प्रभाव पड़ा है। जल में घुले ये औद्यनर्क अपनिष्ट िनदय के जल का उपयर् करिे वाले िभी जीव के नलये हानिकारक हैं।पेपर नमल्स, स्टील प्ाोंट्ि, टेक्सटाइल और चीिी उद्यर् िे भी काफी मािा में अपनिष्ट जल का निष्कािििनदय के जल में ह ता है। कृनष अपवाह और अिुनचत कृनष प्रथाएाँ : कृनष के दौराि अत्यनर्क उवगरक के प्रय र् के कारण नमट्टी में घुले हुए उवगरक एवों कीटिािक वषाग जल के िाथ निकटतम जल निकाय में पहुोंचजाते हैं। जल निकािी की व्यवथथा: र्ोंर्ा में न्यूितम प्रवाह के अध्ययि पर जल िोंिार्ि मोंिालय की एक ररप टग के अिुिार, िदी के जल की र्ुणवत्ता पर उपचाररत या अिुपचाररत अपनिष्ट जल के निकाि का प्रभाव िदी के प्रवाह पर निभगर करता है। ज्ञातव्य है नक र्ोंर्ा िदी जब मैदािी क्ेि में प्रवेि करती है त इिमें जल की मािा कम ह जाती है और इिका न्यूितम प्रवाह बानर्त ह ता है। उदाहरण के नलये, ऊपरी र्ोंर्ा िहर और निचली र्ोंर्ा िहर के कारण र्ोंर्ा की निचली र्ाराएाँ लर्भर् िूखिे लर्ी हैं। र्ानमगक और िामानजक आचरण: र्ानमगक आथथा और िामानजक प्रथाएाँ भी र्ोंर्ा िदी में प्रदूषण क बढ़ािे के नलये नजम्मेदार हैं। िदी नकिारे िव का अोंनतम िोंस्कार एवों आोंनिक रूप िे जले हुए िव िदी में बहािा, र्ानमगक त्य हार के दौराि लर् का बड़ी िोंख्या में िदी में स्नाि करिा पयागवरणीय रूप िे हानिकारक प्रथाएाँ है। ये प्रथाएाँ
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वैज्ञानिक 4 अप्रैल जूि 2022 िदी के जल क प्रदूनषत करती हैं और जल की र्ुणवत्ता पर प्रनतकूल प्रभाव डालती हैं। र्ोंर्ा िदी में प्रदूषण क कम करिे के नलये उठाए र्ए कदम:िावगजनिक िीनत: वषग 2016 में िरकार िे राष्टीय र्ोंर्ा स्वच्छ नमिि (एिएमिीजी) क पयागवरण (िोंरक्ण) अनर्नियम,1986 के तहत प्रदत्त अनर्कार का प्रयर् करिे के नलये अनर्कृत करते हुए अनर्िूचिा जारी की।एिएमिीजी िे िदी तट पर खिि र्नतनवनर्य क नियोंनित करिे, अनतिमण क र किे और मूनतगय के नविजगि जैिी र्नतनवनर्य क नवनियनमतकरिे के निदेिभीजारीनकये। प्रौद्यनर्की का प्रयर्: एिएमिीजी िे उपग्रह इमेजरी, ररम ट िेंनिोंर् और भू थथानिक िमार्ाि जैिी अत्यार्ुनिक तकिीक क अपिाया है, नजििे वास्तनवक िमय में र्ोंर्ा और उिकीिहायक िनदय में प्रदूषक की निर्रािी की जा िकती है।िीवेज उपचार हेतु िए बुनियादी ढाोंचे क नडजाइि करिे के नलये वैज्ञानिक िे पूवागिुमानित मॉडल तैयार नकये हैं।िामुदानयक भार्ीदारी: र्ोंर्ा िदी की िफाई हेतु िामुदानयक भार्ीदारी क प्र त्सानहत करिे के नलये र्ोंर्ा तट पर बिे िहर , र्ाोंव एवों कस् में "र्ोंर्ा प्रहरी" िामक िव थथानपत िमुदाय िमूह के माध्यम िे जार्रुकता अनभयाि नियनमत रूप िे चलाया जा जा रहा है। उिके माध्यम िे, िरकार "जल चेतिा" क "जि चेतिा" एवों पुिः इिे "जल आोंद लि" में बदल िकती है। हनष्कर्ष:भारत का िोंनवर्ाि, केंद्र और राज् िरकार क इिके िार्ररक के नलये स्वच्छ तथा स्वथथ वातावरण एवों स्वच्छ पेयजल उपलि करािे का प्रावर्ाि करता है। (अिुच्छेद 48A, अिुच्छेद 51 (A) (g), अिुच्छेद 21)। िाथ ही, िवोच्च न्यायालय िे घ षणा की है नक स्वथथ और स्वच्छ पयागवरण का अनर्कार एक मौनलक अनर्कार है।इि िोंदभग में िमानम र्ोंर्े पररय जिा र्ोंर्ा िदी क िाफ करिे के नलये िही नदिा में उठाया र्या एक कदम है एवों भारत की अन्य िनदय में प्रदूषण िे निपटिे के नलये इि पररय जिा का अिुकरण नकया चानहये।जािा हवज्ञानलेखकस्व.शुकदेवप्रसाददुहनयासेअलहवदा! प्रख्यात हवज्ञानं लेखक सोहवयत लैंड नेिरु अवाडष से सम्माहनतस्व. शुकदेव प्रसाद ने दहनया को अलहवदा कि हदया। छोटा बघाडा स्थित हनवास में सोमवार23 मई 2022 क़ो उन्हें िाटष अटैक आया और उनका हनधन िो गया हिंदीहवज्ञान के सभी पहिकाओ में प्रकाहशत लेख सभी हवज्ञान प्रेहमयों के हलए मागषदशषक िैआजवो इसदहनया से अलहवदा हुएिैं लेहकनउनके हवहभन्न हवज्ञानलेखोंसे हवज्ञानलेखनएक नया खोजलेकर आएगी हवज्ञानलेखनमें पररवृस्ि के हलए उनके प्रयास अनुकरणीयिै वैज्ञाहनक पररवारउनके आकस्िक हनधनसे भावपूणष श्रिांजहल देता िै व ईश्वरसे उनकी आत्मा की शांहतकी प्रािषना करता िै! वैज्ञाहनकपररवार
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वैज्ञानिक 5 अप्रैल जूि 2022 हवश्वपयाषवरणहदवस 5 जून,2022 परहवशेर् पर्यावरणपरएलनििोऔरलयनिियके प्रभयव रयघवशैलेन्द्रकुमयरन िंह वररिवैज्ञातिक, तहन्दीतवभाग भारिीयउष्णदेशीयमौसमतवज्ञािसोंस्थाि पाषाणरड, पस्ट एि. सी. एि, पुणे 411008 एल नििो और लय नििय अिंतरवयनषाक घटियर्ें हैं जो उष्ण कनटबिंधीर् प्रशयिंत महय यगर और नहन्द महय यगरक्षेत्ोिंमेंघटतीहैं।दोिोिंहीघटियर्ेंनवश्वभरमेंलोगोिंऔरपयररतिंत्ोिंके नलएगहरय िंकटपैदय करतीहैं।महय यगरऔरवयर्ुमिंडलके बीचहोिेवयलीअिंतःनिर्यएँ नवश्वमेंिकेवलमौ मबदलतीहैं बल्किप्रचिंडतूफयिजै हरीकेि, अियवृनिर्यबयढ़भीलयतीहैं।एलनििोऔरलयनिियमहय यगरके तयपिमबदलिेके यथ यथधरतीपरनगरिेवयलीवषयाकीमयत्यकोभीप्रभयनवतकरतीहै।एलनििो औरइ के िंगतभयगलयनिियकयहरीकेिपरपड़िेवयलयप्रभयवप्रशयिंतमहय यगरऔरअटलयिंनटक महय यगरके बीचएकझलके मयिलगतयहैजहयँ एकक्षेत्में हरीकेिकीतीव्रतयबढ़तीहै जबनक द रक्षेत्मेंघटतीहै।इिदोिोिंघटियओिं प्रेररतनवक्षोभोिंको प्राकृहतकआपदा यिा बयढ़, ूखय, आग, महयमयरी, एविंव्ययनध पैदयकरिेके नलएदोषीठहरयर्यजयतयहै। एल नििो (El Nino) : एि तिि स्पैतिश भाषा का शब्द है, तिसका शाब्दब्दक अथथ है तशशु याति छ टा बािक । इसका उच्चारण एि तिन्य (El Ninyo) िैसा तकया िािा है । वैज्ञातिक अथथ में, एि तिि प्रशाोंि महासागर के भूमध्यीय क्षेि की उस समुद्री घटिा का िाम है ि दतक्षण अमेररका के पतिमी िट पर ब्दस्थि इक्वाड र और पेरु देश के िटीय समुद्री िि में कुछ साि के अोंिराि पर ह िी है । यह समुद्र में ह िे वािी उथि पुथि है औरइससे समुद्रके सिहीििकािापमािसामान्यसे अतिकह िािाहै ।इसकीशुरुआितदसम्बरमेंतिसमस के आस पास ह िी है । यह ईसा मसीह के िन्म के समय का है और शायद इसी कारण, पेरू देश के मछुआर िे इसघटिाकािामएितिि तदया। एि तिि का तवस्तार 3°S से 18°S अक्षाोंश िक रहिा है । यह गमथ िि िारा है तिसके आगमि पर सागरीय िि का िापमाि सामान्य से 3°C 4°C बढ़ िािा है । यह महासागरीय िापि दतक्षणी अमेररकी िट से पतिमी प्रशाोंि महासागर िक तवषुवि रेखा की तदशा में फैि कर िगभग 1000 तकमी चौड़ा और 13000 तकमी िोंबा क्षेि घेरिा है। यह घटिा वायुमोंडि में महासागरीय ऊष्मा की एक बहुि बड़ी मािा उन्मुक्त करिी है । इसका प्रेक्षण 18वीों शिाब्दी के उत्तरार्द्थ में तकया गया िब दतक्षणी अमेररकी मछुआर िे तिसमसके आस पासिटीयििके िापिका अवि कितकया।सरतगल्बटथ वॉकर,एकतितटशगतणिज्ञ, िे दतक्षणी द िि (SO) या इोंड िेतशया और उष्णकतटबोंिीय प्रशाोंि महासागर के बीच समुद्र स्तरीय दवाब में हुए बृहिमािपररविथि कापिािगाया।तफरभी,उसे आभास िहीोंहुआतकयहप्रशाोंिमहासागरमेंह िे वािेपररविथि से िुड़ाहुआथा।सि1960दशकके उत्तरार्द्थ में िॉवेतियि अमेररकी मौसम तवज्ञािी िेकब ब्जेकथिेस (Jacob Bjerknes) और उिके सहयतगय िे महसूस तकया तक महासागर एवों वायुमोंडि में हुए पररविथि एक दूसरे से िुड़े हुए थे । इसी िरह से एिस (ENSO) शब्द तिमाथण की प्रतिया अब्दस्तत्व में आयी ।तपछिे 50 वषों में एि तिि की तिम्नतिब्दखिघटिाएँ दिथ कीगयीों:एितिि :1972,1976, 1977, 1979, 1982 83 (प्रबििम), 1986 87, 1991, 1992,1994,1997-98(प्रबििम),2002,2004,200607, 2009 10, 2014 16 (प्रबििम), 2018 19, 2019 20,2020 21 लय नििय (La Nina) : यह स्पैतिश भाषा का शब्द है तिसकाअथथ है छ टीबच्ची।इसकाउच्चारणिाहिी न्याह (Lah Nee Nyah) के िैसा तकया िािा है । यह घटिा सामान्यिः एि तिि के बाद आिी है । इसे कभी कभी एि वाइि (El Viejo), छ टी बच्ची, प्रति एि तिि भी कहा
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वैज्ञानिक 6 अप्रैल जूि 2022 िािा है । तवशेष रूप से, िा तििा की घटिा एि तिि के तवपरीिह िीहै औरइसके घतटिह िे कीसोंभाविािगभग एितिि कीआिीह िीहै । िातििाएकमौसमप्रतिमाि है ि प्रशाोंि महासागर में घतटि ह िा है । इस प्रतिमाि में, प्रबि हवाएँ महासागर के पृि से गमथ िि क बहा कर दतक्षणी अमेररका से इोंड िेतशया िक िे िािी है । िैसे ही, गमथ िि पतिम की ओर िािा है, बहुि िीचे से ठोंडा पािी दतक्षणी अमेररका िट के ििदीक समुद्र पृि की ओर िेिी से बढ़िा है । इसका आतवभाथव पतिमी प्रशाोंि महासागर में उस समय ह िा है िब पूवी प्रशाोंि महासागर में एि तिि का प्रभाव समाप्त ह िािा है । पतिमी प्रशाोंि महासागर में एि तिि द्वारा पैदा तकये गए सूखे की ब्दस्थति क िा तििा आद्रथ मौसम में बदि देिी है । िा तििा घटिा कई बार दुतिया भर में बाढ़ की सामान्य विह बि िािी है । तपछिे 50वषोंमेंिातििाकीतिम्नतिब्दखिघटिाएँ दिथ कीगयीों: िा तििा : 1970 72, 1973, 1974 76, 1983, 1984 85, 1988 89, 1994 95, 1998 2001, 2005 06, 2007 08, 2008 09, 2010 12, 2016, 2017 18, 2020 21,2021 22 दनक्षणी दोलि (Southern Oscillation) : ऐतिहातसक रूप से दतक्षणी द िि (SO) और एि तिि की घटिाएँ सामान्यिः पृथक मािी िािी थीों (वॉकर 1928 इत्यातद)। तफर िब 20 वीोंशिाब्दी में िग ििवायु के बारे में अच्छी िरह से समझिे िगे िब ये द ि घटिाएँ एक युब्दिि ििवायु घटिा बि गयी और सि 1960 के दशक में ऐसे चि का िाम एिस (ENSO) तदया गया । दतक्षणी द िि एि तिि का एक वायुमोंडिीय अवयव है । यह अवयव उष्णकतटबोंिीय पूवी और पतिमी प्रशाोंि महासागरीय िि के बीच सिहीय वायु दबाव में एक द िि है । दतक्षणी द िि (SO) की सामर्थ्थ दतक्षणी द िि सूचक (SOI) द्वारा मापी िािी है । दतक्षणी द िि सूचक (SOI) का पररकिि प्रशाोंि महासागर में ब्दस्थि िातहिी और तहन्द महासागर में ब्दस्थि डातवथि (Darwin, ऑस्टरेतिया) के बीच सिहीय वायु दाबाोंिर में उिार चढ़ाव से की िािी है । िातहिी और डातवथिके बीचकीदूरीिगभग8500तकमी है । एि तिि और िा तििा उष्णकतटबोंिीय प्रशाोंि महासागरके एकबहुिबड़े क्षेिक बारी बारीसेगमथऔर ठोंडाकरिे हैं।यहतवश्वका सबसे तवशािमहासागरहै ि तवश्वमें कहाँ परऔरतकििीमािा में बाररश ह गी,इसक भी प्रभातवि करिा है । आद्रथ एवों ऊपर उठिे वाले हवाओों कामुख्यतठकािाएितिि कीअवतिमें मध्यविीयापूवी प्रशाोंि महासागर और िा तििा की अवति में इोंड िेतशया एवों पतिमी प्रशाोंि महासागर के ऊपर केब्दिि रहिा है । िारा में एक तशिाखोंड (boulder) की िरह, यह स्थाि पररविथि वायुमोंडिीय पररसोंचरण के उस प्रतिमाि क अस्त व्यस्त करिा है ि उष्णकतटबन्ध क मध्य अक्षाोंश से ि ड़िाहै औरि बदिे में मध्य अक्षाोंशीप्रिारिाराओों (jetstreams) क सोंश तिि करिा है । प्रिार िाराओों के सोंश ििद्वारा,एिस अमेररकाऔरतवश्वके दूसरे भाग के ऊपरिापिमएवोंअवक्षेपणक प्रभातविकरसकिाहै । भयरतीर् मयि ूि पर एल नििो और लय नििय के प्रभयव : एि तिि और िा तििा एिस चि की चरम अवस्थाएँ हैं ि उष्णकतटबोंि में वृतिपाि तविरण क प्रत्यक्ष रूप से प्रभातवि करिी हैं । भारिीय ग्रीष्म मािसूि वृतिपाि (ISMR) की अोंिर वातषथक पररविथिशीििा तवषुविीयप्रशाोंिमहासागरऔरतहन्दमहासागरके ऊपर समुद्र सिह िापिम (SST) के पररविथि से िुड़ी हुई हैं । एस॰एस॰टी॰ वैतश्वक मौसम में एक महत्वपूणथ भूतमका तिभािे हैं ि प्राकृतिक रूप से घटिे वािी ििवायु चि याति एि तिि और िा तििा की द चरम अवस्थाओों क प्रभातविकरिीहैं । एिस (ENSO)कामौसमएवों ििवायु प्रतिमाि िैसे तक भारी वषाथ, बाढ़ एवों अिावृति पर व्यापक प्रभाव पड़िा है ।उदाहरणस्वरूप,एितिि भारिमें अिावृतियाक्षीण मािसूि से िुड़ा हुआ है । िा तििा प्रबि मािसूि और सामान्य से अतिक वषाथ से िुड़ा हुआ है । सि 2019 एक क्षीण एि तिि वषथ था और िूि मतहिा िे देश के तवतभन्न भाग में अत्योंि ही शुष्क ब्दस्थति का अिुभव तकया था। यह मतहिा33%वृतिपािमेंकमीके साथखत्महुआ। एि तिि भारि में सामान्य मािसूिी वृतिपाि से कम वषाथ करवािा है । यह ठोंडे महासागर से भारि की ओर आिे वािीआद्रथिािारीपवि के प्रवाहक प्रभातविकरिा है । एक बार िब एि तिि आरोंभ ह िा है, यह िगभग 12 15 महीि िक कायम रहिा है और अगिे पूवथ मािसूि ऋिु में िीमा पड़ िािा है । कुछ दुिथभ अवसर पर, यह देर से शुरू ह सकिा है, सामर्थ्थ प्राप्त करिा है औरिबमािसूिशुरूह िे से पहिे ही क्षीणह िािाहै । तकसी भी िीव्रिा का एि तिि मािसूि वृतिपाि की मािा क कम कर देिा है और इस प्रकार स्थािीय ििवायु पर साथथक प्रभाव पड़िा है । महासागर के पृिीय एवों उपपृिीय द ि स्तर के िापमाि में वृब्दर्द् ह िी है तिससे
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वैज्ञानिक 7 अप्रैल जूि 2022 अगिे कई महीि िक क्षीण एि तिि के कायमरहिे का खिराबिारहिाहै । िा तििा तवषुविीय प्रशाोंि महासागर में एिस चि की शीििि अवस्था (coolingphase) है । यह मध्यविी एवों पूवथ मध्यविी प्रशाोंि महासागर के असामान्य शीििि द्वारा अतभिक्षतणि ह िा है । िा तििा साइबेररया और दतक्षणी चीि से आिे वािी ठोंडी हवाओों क प्रतवि करवा करभारिीयउपमहाद्वीपक प्रभातविकरिाहै ि उिर दतक्षण की तदशा में कम दवाब की प्रणािी पैदा करिे के तिए उष्णकतटबोंिीय िापि के साथ अोंिःतिया करिा है । इस उिर दतक्षण द्र णी (trough) से सम्बर्द् शीिि हवा भारि में दतक्षण की तदशा में अतिक दूर िक फैििे की प्रवृति रखिी है । यह एि तिि से सम्बर्द् शीिि हवा के अतिक उिरपतिम दतक्षणपूवथ झ ोंके से तबिकुि अिग है । सामान्य िौर पर, िा तििा की ठोंडी हवा एि तिि की ठोंडी हवा के मुक़ाबिे भारि के एक बड़े तहस्से क घेरिी है । एि तिि क्षीणिर मािसूि पैदा करिे की प्रवृति रखिा है परोंिु क्षीणिर मािसूि का माि 50% एि तिि के आर प्य ह िा है । िा तििा उल्टा प्रभाव पैदा करिे की प्रवृतत्तरखिाहै और एक आद्रथिरमािसूिपैदाकरिा है । मािसूि की अोंिर वातषथक पररविथिशीििा तसिोंबर में सबसे ज्यादा ह िी है । इसतिए, िा तििा एक आद्रथिर तसिोंबरपैदाकरसकिाहै।िातििाके िीव्ररूपसे बढ्िे पर मािसूि की तिकासी (withdrawal) देर से ह िी है। स्वयोंिातििातपछिेचारदशक सेबदििाआरहाहै । िा तििा भारि के शीि काि क प्रभातवि कर सकिा है । शीि काि के दौराि हवायें भूसिह के तिकट उिर पूवथ तदशासे आिीहैं औरयहऊपरीवायुमोंडिमें दतक्षणपतिमी िेट से िुड़ी रहिी हैं । एि तिि की घटिा में, यह िेटदतक्षणकीओरिकेिा िािाहै औरयहउिर पतिमी भारि में वषाथ और तहमपाि करािे के तिए अतिक पतिमी तवक्ष भ क अिुमति देिा है । परोंिु िा तििा, वास्तव में, उिर दतक्षण तदशा में अतभतवन्यस्त (oriented) कम दबाव की प्रणािी पैदा करिी है ि साइबेररयि हवा िािी है और शीि िहर दतक्षण में और दूर िक फैि िािी है । कुछ वषथ पहिे महाबािेश्वर में पािा (hoarfrost) और ितमििाडु के पहाड़ीभाग मेंशीििहरभीदेखीगयीहै । इसकासाराश्रेयिातििाक िािाहै । यद्यतप िा तििा प्रबि मािसूि से िुड़ी हुई है परोंिु सि 2010 में िा तििा वषथ के दौराि अभावग्रस्त (deficit) मािसूि देखा गया और इसका खुिासा िूि 2012 के मेटर लॉनजकल एप्ीकेिि में प्रकातशि एक श ि पि से हुआ । एि तिि और िा तििा तदसम्बर से फ़रवरी के दौराि अपिे शीषथ पर ह िे हैं िब तक मािसूि िूि से तसिोंबरके दौरािशीषथ पर रहिाहै । अब मुख्य प्रश्न उठिा है तक मािसूि कैसे एि तिि और िातििाक प्रभातविकरिाहै ? इस बीच, मािसूि ऋिु में एि तिि और िा तििा, द ि ही अपिे तवकासमाि अवस्था में रहिे हैं, इसतिए कारण एवों प्रभावक अिगकरिा बहुिहीमुब्दििहै । वैनश्वक जलवयर्ु पर एल नििो के प्रभयव : भारि के अिावा कुछ एतशयाई देश एवों अमेररका पर एि तिि का व्यापक प्रभाव पड़िा है तििका सोंतक्षप्त तववरण िीचे तदयािारहाहै : एनशर्य : दतक्षणपूवथ एतशयाई देश िैसे तक इोंड िेतशया, थायिैंड और मिेतशया में, एि तिि सामान्यिः उष्णिर िापिम पैदा करिा है । मच्छर उष्ण एवों आद्रथ ििवायु में पिपिे हैं । चूँतक यह क्षेि पहिे से ही बहुि आद्रथ रहिा है, माि उन्नतयि िाप वहाँ पर डेंगू िैसे र ग के फैिाव क िेिकरसकिाहै। उपयुथक्त देश के अिावा, चीि भी कुछ हद िक एि तिि से प्रभातवि रहिा है। इस घटिा का चीि के वृतिपाि परबृहिप्रभावपड़िाहै। एि तिि की घटिा तवषुवि रेखा के तिकटविी देश में प्राकृतिक आपदाएँ िािी रहिी हैं परोंिु हमेशा चीि क िबाहिहीोंकरिी है ।सि1998मेंएितिि के प्रभावके कारण, उिरी चीि में िे सूखे का सोंकट आया िब तक दतक्षणी चीि बाढ़ से परेशाि ह गया । चीि पर एि तिि कामुख्यप्रभावप्रचण्डिूफाि कीआवृतत्तक घटािाहै । एि तिि के मोंद प्रभाव के कारण, ग्रीष्म काि में चीि क कमिूफाि कासामिाकरिापड़िाहै । ऑस्ट्रेनलर्य : ऑस्टरेतियाई वृतिपाि, शरद वसोंि ऋिु के दौराि, महाद्वीप के पूवी एवों उिरी भाग में घट िािा है । सि 1982, 1994, 2002 और 2006 सभी के भयािक अकाि एि तिि की घटिा से िुड़े हुए हैं । तवगि एि तिि घटिाओों के तवश्लेषण तदखिािे है तक व्यापक अिावृतिप्रत्येकएितिि घटिाके साथिहीोंह िाहै और इस घटिा की सामर्थ्थिा वृतिपाि की मािा के प्रत्यक्षिः समािुपािी िहीोंह िा है । उदाहरण के तिए, सि 2002 03के क्षीणएितिि िेबड़ाअकािपैदातकया। उत्तरीअमेररकय : एि तिि वषों में, तिचिे अमेररका के उिरी भाग और दतक्षणी अिास्का पिझड़ और शरदऋिु
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वैज्ञानिक 8 अप्रैल जूि 2022 में सामान्य से अतिक िापिम का सामिा करिे हैं । अमेररका का गल्फ िट शीि काि में सामान्य से कम िापिमकासामिाकरिाहै ।कैतिफतिथया,गल्फिटके पररि: और दतक्षण पूवथ अमेररका में भारी वषाथ ह िी है । तपछिे 50 वषों के द प्रबििम एि तिि 1982 83 और 1997 98 के दौराि कैतिफतिथया में भारी वषाथ, बाढ़ और भूस्खिि की घटिा दिथ की गयी । परोंिु कई दूसरे एि तिि वषों में, कैतिफतिथया में उस िरह की तविाशकारी िीिा िहीों देखी गयी । एि तिि के पररमाण क देखिे हुए, कैतिफतिथयावातसय क भारी वषाथ, बाढ़ और भारी िटीय अपक्षरण से बच कर रहिा चातहए ि उच्चिर समुद्री स्तर और िूफािी िहर के सोंयुक्त प्रभाव से पैदा ह िेहैं । दनक्षणअमेररकय:दतक्षणअमेररकामेंएितिि के प्रभाव उिरी अमेररका के वतिस्पि प्रत्यक्ष और प्रबििर हैं । एि तिि उिरी पेरु और इक्वाड र िट के तकिारे अप्रैि से अक्तूबर महीि के दरम्याि उष्ण एवों बहुि आद्रथ मौसम पैदा करिा है ि भारी बाढ़ िािा है । एि तिि दतक्षण अमेररकीपतिमिटके कईभाग मेंभारीवषाथ करवािा है । फ़रवरी, माचथ और अप्रैि इस िट के तिए भयावह बि िािे हैं । एि तिि ठोंडे एवों प षक से पररपूणथ िि के उत्प्रवाह(upwelling)क कमकरिाहै ि मच्छतिय के एक बहुि बड़े समुदाय क प षण देिा है । उत्प्रवाह में कमी आिे से पेरु के समुद्री िट के तकिारे मच्छतिय की सोंख्या में कमी आिी है ।प्रभातवि समुद्र िट पर ब्दस्थि स्थािीयमत्स्यउद्यग काअब्दस्तत्वदीघथस्थायीएितिि के कारण सोंकट में पड िािा है । दतक्षणी िाज़ीि एवों उिरी अिेंटीिा वसोंि और शुरुआिी ग्रीष्म के दौराि सामान्य से अतिक आद्रथ मौसम का अिुभव करिे हैं । आमेिि िदी के बेतसि, क िब्दम्बया और मध्यविी अमेररका के भाग में शुष्किरएवोंउष्णिरमौसमह िाहै । उष्णकनटबिंधीर् तूफयि : एि तिि प्रशाोंि महासागर में प्रत्येक कुछ वषों के अोंिराि पर िि का आवतिक िापि है । िब यह घटिा ह िी है ि वहाँ पर िूफाि बििे के तिए अतिक ऊिाथ उपिब्ध रहिी है । एि तिि पवि अपरूपण (wind shear) क प्रभातवि करिा है तिसमें वायुमोंडि में तिचिे स्तर पर बहिे वािी हवाओों की तदशा उच्चिर स्तर पर बहिे वािी हवाओों की तदशा से तभन्न ह िी है । प्रबि पवि अपरूपण हरीकेि के तिमाथण में बािा डाििा है । एि तिि प्रशाोंि महासागर में पवि अपरूपण क क्षीण बिािा है और अटिाोंतटक महासागर में इसे सुदृढ़ करिा है । यह उष्णकतटबोंिीय अटिाोंतटक महासागर के ऊपर वायुमोंडि के ऊपरी स्तर में प्रबििर पछुवा हवाएँ पैदा करिा है । दूसरी ओर, एि तिि तवषुविीय प्रशाोंि महासागर के सिहीय िि (surface water) क सामान्य से ज्यादा गमथ बिािा है । इसका पररणाम यह ह िा है तक तवषुविीय प्रशाोंि महासागर में उष्णकतटबोंिीय चिवाि (tropical cyclone) एवों हरीकेि ज्यादा बििे हैं और इिकी सोंख्या अटिाोंतटक महासागर, मेब्दिक की खाड़ी एवों कैरीतबयि सागर में कम िािी है। उदाहरण के तिए, सि 2015 में प्रशाोंि महासागर में 24 उष्ण कतटबोंिीय िूफाि एवों 15 हरीकेि का तिमाथण हुआ िब तक अटिाोंतटक महासागर में 11 िूफािएवों4हरीकेिबिे। मुद्रीजीव-जिंतुओिंपरएलनििोके प्रभयव : एि तिि रतहि वषों में, गहरे एवों ठोंडे महासागरीय िि का उत्प्रवाह ििी के तिकट पड़े हुए प षक क ऊपर िािाहै । ऊपरी ििमें रहिे वािीमच्छतियाों उिप्लवक क खािी हैं ि इि प षक पर तिभथर रहिे हैं । एि तिि अमेररका के िट से दूर ठोंडे पािी के उत्प्रवाह क कम करिा है । िब यह ह िा है ि मच्छतियाों या ि मर िािी हैं अथवा दूसरे िगह पर चिी िािी हैं िहाँ पर उिक खािे क कुछ तमि िािा है । मच्छतिय के चिे िािे पर समुद्री पक्षी ि उि पर तिभथर रहिे हैं, मर िािे हैं या अन्यि चिे िािे हैं । मच्छतिय पर तिभथर रहिे वािे समुद्री स्तििारी िन्तु िैसे तक सीि एवों समुद्री तसोंह (sea lion ) प्रभातविह िािे हैं । कैतिफतिथयासे थ ड़ीदूरपर, मच्छतिय कीआबादीकम ह िािीहै । समुद्रीतसोंह वैनश्वकजलवयर्ुपरलयनिियके प्रभयव : िा तििा तवषुवि रेखा के ऊपर और िीचे पूरब से पतिम की ओर बहिे वािी सामान्य समगति (steady) पवि के
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वैज्ञानिक 9 अप्रैल जूि 2022 सुदृढीकरण द्वारा पैदा ह िा है । एि तिि की िरह, यह भारि के अिावा कुछ एतशयाई देश एवों अमेररका की ििवायु परव्यापकप्रभावडाििाहै, तििकासोंतक्षप्ततववरणिीचे तदयािारहाहै : एनशर्य : मध्यविी एतशया में, िा तििा की घटिा ििवरी से मई िक वृतिपाि मैं कमी िािी है । दतक्षणपूवथ एतशया में सामान्य से अतिक वषाथ करवािी है तिससे बाढ़ आिे की सोंभाविा बढ़ िािी है । तवगि िीि वषों (1998-2001) के प्रचण्ड सूखे से व्यापक अकाि पड़ गया तिससे मध्यविी एवों दतक्षणपूवथ एतशया के 6 कर ड़ से अतिक िग प्रभातवि ह गए । सि 1998 2001 के िा तििा घटिा की दीघीकृि अवति और पतिमी प्रशाोंि महासागर में असामान्य रूप से गमथ सागरीय िि िे सूखे की प्रचोंडिा में य गदाि तकया । माचथ 2008 में, िा तििा िे दतक्षणपूवथ एतशया के समुद्र सिह िापमाि में 2°C का तगरावट पैदा तकया । इससे मिेतशया, तफल्लीपीोंस और इोंड िेतशयाके ऊपरभारीवृतिपािहुई। िा तििा की अवति में, उष्णकतटबोंिीय चिवाि का तिमाथण पतिमी प्रशाोंि महासागर में पतिम की ओर स्थािाोंिररि ह िा है, तिससे चीि में िूफाि के मुख्य भूतम से टकरािे की सोंभाविा बढ़ िािी है । िा तििा वषों के तविोंतबि ऋिु में, चीि में अतिक िूफाि के भूतम से टकरािे का अोंदेशा बिा रहिा है । पतिमी उत्तरी प्रशाोंि महासागरमें उष्णकतटबोंिीयचिवाि के भूतमसे टकरािे की सोंख्या का पूवाथिुमातिकिा चीि के तिए उच्चिम पायी गयीहै । ऑस्ट्रेनलर्य:ऑस्टरेतिया का मौसम िा तििा की घटिासे प्रबि रूप से प्रभातवि ह िा है । िा तििा की अवति में ऑस्टरेतिया के अतिक भाग के ऊपर वतिथि (enhanced) वृतिपाि, उत्तरी ऑस्टरेतिया में राि का गमथ िापमाि और शीघथ मािसूि ऑिसेट प्रेतक्षि तकया िािा है । इसकी उपब्दस्थति व्यापक बाढ़ की आशोंका क बढ़ािी है । उष्णकतटबोंिीय चिवाि की सोंख्या में वृब्दर्द् के कारण, उत्तरी ऑस्टरेतिया के कुछ भाग में बाढ़ का अिुभव तकया िािा है । सि 1955, 1988, 1998 और 2010 इि सभी वषों के दौराि ऑस्टरेतिया में आयी प्रचोंड बाढ़ िा तििा से सोंबोंतििथे। उत्तरीअमेररकय : उत्तरीतमडवेस्ट, रॉकी पवथि शोंखिाओों के उत्तरी भाग , उत्तरी कैतिफतिथया और पैतसतफक िॉथथवेस्ट के दतक्षणी एवों पूवी क्षेि में सामान्य से अतिक वृतिपाि का अिुभव तकया िािा है । इसी बीच, दतक्षणपतिमी और दतक्षणपूवी राज्य के साथ साथ दतक्षणी कैतिफतिथया में सामान्य से कम वषाथ का प्रेक्षण तकया िािा है । सि 2007 08 के शीि काि के दौराि भारी मािा में तहमपाि और तहम से सोंबोंतिि कई घटिाएँ दिथ की गई । कुछ िगह पर 500 सें॰मी॰ से ज्यादा तहमपाि दिथ तकए गए । किाडा में, िा तििा सामान्य िौर पर शीिििरएवों तहममयशीिकाििािा है ।पूवीकिाडा में सि 2007-08 के िा तििा शीिकाि में िगभग ररकॉडथ ि ड़िे वािे तहमपाि दिथ तकए गए । सि 1988 के िा तििा िे अमेररका के तमडवेस्ट में भयािक सुखा (drought)िाया। दनक्षण अमेररकय : िा तििा पेरु में सूखा और तचिी के िटीय क्षेि में तविाश िािा है । तदसम्बर से फरबरी िक, उिरी िाज़ीि सामान्य से अतिक आद्रथ रहिा है । िा तििा मध्यविी एोंडीि में सामान्य से अतिक वृतिपाि पैदा करिा है । िा तििा घटिा के प्रभाव प्रशाोंि महासागर की सीमा से िगे हुए तवषुवि रेखा से ििदीक के देश में सवथप्रथम देखे िािे हैं । शीि ऋिु (तदसम्बर से फरबरी) में उिरी िाज़ीि में सामान्य से अतिक आद्रथ ब्दस्थतिय का अिुभव तकयािािाहै । सि 2010 11 में िा तििा की घटिा िे 40 िाख क िब्दम्बयावातसय क प्रभातवि तकया और काफी बड़े क्षेिफि के कृष्य भूतम क डुबा तदया।इसिे दतक्षणी अमेररका के कुछ भाग में अत्योंि शुष्क ब्दस्थतियाँ पैदा की।पतिमीदतक्षणअमेररकाके मत्स्यउद्यगपरिातििा का प्रभाव समान्यिः सकारात्मक ह िा है। उत्प्रवाह सिह पर ठोंडे एवों प षक से पररपूणथ िि क िािा है ि मच्छतिय एवों परुषकवतचय (crustaceans) द्वारा भक्षण तकएिािेहैं । मुद्री जीव-जिंतुओिं पर लय नििय के प्रभयव : पतिमी दतक्षण अमेररका के मात्स्यकी (fishery) उद्यग पर िा तििा का प्रभाव सामान्यिः ििात्मक ह िा है । उत्प्रवाह
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वैज्ञानिक 10 अप्रैल जूि 2022 ठोंडी एवों प षक युक्त िि क ऊपरी सिह पर िािी है । प षक में मच्छतिय एवों परुषकवतचय द्वारा खाये िािे वािे प्लवक शातमि है । मूल्यवाि मत्स्य प्रिातिय के साथ-साथ उच्चिर स्तर के परभक्षी िैसे समुद्री बैस (sea bass) परुषकवतचय का तशकार करिे हैं। चरम िापमाि से प्रवाि तवरोंिि (coralbleaching) ह सकिा है । उष्णकनटबिंधीर्तूफयि: िा तििा की अवति में, मध्यविी प्रशाोंि महासागर के पूवी तवषुविीय भाग में समुद्र सिह का िापमाि सामान्य से 3° 5°C िीचे रहिा है । िा तििा की उपब्दस्थति कम से कम 5 महीि िक बिी रहिी है । यह अटिाोंतटक महासागर के उष्णकतटबोंिीय चिवाि एवों प्रशाोंि महासागर के हरीकेि क प्रभातवि करिा है । तिम्न पवि अपरूपण एवों उष्णिर समुद्री िापमाि के कारण अटिाोंतटक बेतसि में अतिक उष्णकतटबोंिीय चिवाि बििे हैं िब तक प्रशाोंि महासागर में हरीकेि बििे की क्षमिा कम ह िािी है । उत्तरी अटिाोंतटक महासागर का एक प्रारब्दिक अध्ययि प्रदतशथि करिा है तक िा तििा की अवति में अतिक चिवाि, खासकर प्रबििर, बििे हैं । एलनििोऔरलयनिियकयपूवयािुमयिलगयिय : ि वा (NOAA) और दूसरे सोंस्थाओोंके वैज्ञातिक प्रशान्त महासागर में आए पररविथि की तिगरािी और पूवाथिुमाि िगािे और वैतश्वक मौसम प्रतिमाि पर इि पररविथि का प्रभाव िाििे के तिए कई योंि और िकिीक का सहारा िेिे हैं। उष्णकतटबोंिीय प्रशान्त महासागर में एि तिि का परीक्षण उपग्रह , बाँिे गए प्लव , अपवाही (drifting) प्लव , समुद्री स्तर के तवश्लेषण और उपभ तिि (expendable) प्लव के अिावा कई तवतिय से तिकािा िािा है । िवीि प्रौद्यतगक प्रगतिय िे वास्ततवक समय में एि तिि और िा तििा घटिाओों की तिगरािी, तिदाि और पूवाथिुमाि सोंभव कर तदया है । प्रयुक्त प्रमुख प्रौद्यतगतकय में से कुछिीचे तदये िारहे हैं : ➢ उपग्रहें उष्णकतटबोंिीय वृतिपाि, पवि एवों महासागरीय िापमाि प्रतिमाि के साथ साथ हरीकेि तिमाथण में हुए पररविथि का ब्य रा भी प्रदाि करिीहैं । ➢ महासागरीय प्लवें समुद्र सिह एवों ऊपरी महासागरीय िापमाि की तिगरािी में सहायिा करिीहैं । ➢ सुपर कम्पुटर का प्रयग तवश्व में सभी िरह के मौसम आँकड़ क एकतिि करिे और उिक साथथक प्रारूप में रखिे के तिए तकया िािा है । एि तिि और िा तििा की घटिाओों क अच्छी िरह से समझिे एवों पूवाथिुमाि िगािे के तिए वैज्ञातिकगण पररष्कृिकम्प्प्युटरमॉडेि क भीचिारहे हैं । ➢ िैदातिक और पूवाथिुमाि उपकरण का सम्पूणथ समूह उच्च गति के कम्प्प्युटर पर चिाये िािे हैं ि एि तिि और िा तििा क वास्ततवक-कल्प (near real) समयमें तिगरािीतकएिािे कीअिुमतिदेिे हैं । चरम ििवायु प्रकरण िैसे बाढ़ और अिावृति का बेहिर पूवाथिुमाि िगािे से अमेररका में अरब डॉिर की सम्पतत्त िि ह िे से बच सकिी है । प्रशाोंि महासागर के गमथ या ठोंडे प्रकरण के िीवि चि और सामर्थ्थ का पूवाथिुमाि िि, ऊिाथ, कृतष एवों मत्स्यि (fishing) क्षेि में एक महत्वपूणथ भूतमका तिभािा है। उन्नि ििवायु पूवाथिुमाि में प्रगति सोंभाव्य क्षतिय का शमि) और आतथथकसुतविाओोंमेंबढ़ िरीिाएगी। वैज्ञातिकगण चेिाविी देिे आ रहे हैं तक वैतश्वक िापि एि तिि क वैतश्वक मौसम प्रणािी का एक स्थायी िक्षण बिा सकिा है । एि तिि की घटिायें सामान्यिः िगभग प्रत्येक5वषोंके अोंिरािपरघतटिह िीहैं और12से 18 महीि िक कायम रहिी हैं । परोंिु अप्रकातशि वैज्ञातिक अिुसोंिािअबसोंकेिकरिे हैं तकितटिमौसमप्रणातियाँ प्रत्येक 3 वषों के अोंिराि पर घतटि ह सकिी हैं ि उिक एक प्रभावी मौसम प्रतिमाि और िगभग स्थायी बिा सकिी हैं । एि तिि की घटिायें हिार वषों से घटिी आ रही हैं । भतवष्य में एि तिि अतिक बारोंबारिा एवों अतिक िीव्रिा वािी घटिा ह िे िा रही है और कुछ वषों में हमिग एक स्थायी एि तिि का सामिा करेगें । इसतिए एक या द वषों के तिए शीिि िि की अवति याति िा तििा रहिे के बदिे में, हमि ग एक एितिि के बाद दूसरे एि तिि का सामिा करेगें । एक एि तिि के 18 महीि िक बिे रहिे के बदिे में, एि तिि की एक िोंबीश्रेणी18वषोंिकभीकायमरहसकिीहै ।
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वैज्ञानिक 11 अप्रैल जूि 2022 ला-नीनोकासंबंधउ. अमेररकाके सूखासेसम्बंहधतमानाजातािै।इसके हवपरीतभारतमेंला-नीनोके प्रभावसेअच्छीवर्ाषिोतीिै। --------------------------------------------------xx----------------------------------------------------------
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वैज्ञानिक 12 अप्रैल जूि 2022 अतरराष्ट्ीयखगोल हवज्ञानहदवस(7 मई, 2022 हदवस) पर हवशेर् क्यािमारे ब्रह्ांडजैसे कईऔरब्रह्ांड अस्ित्व में िैं? प्रदीप मकाििों. 390 391ए, गिीि. 17 ए, ियतवहारफेि-3 (हरफूितवहार), बापरौिा, िईतदल्ली 110043 “आकािर्ोंर्ाएाँ (Galaxies),निहाररकाओों, र्ूलकण, बादल, ग्रह उपग्रह, अरब िक्ि, ब्लैक हल, व्हाइट डराफ्, पुच्छल तार और घुम्मकड़ छटे खर् लीय नपोंड (Celestialbodies)िे नमलकर हमारा ब्रह्माोंड (Universe)बिा हुआ है. द आकािर्ोंर्ाएाँ आकषगण पाि में बोंर्कर स्वजाती भक्ण करते हुए नविाल आकािर्ोंर्ाओों का िृजि करती रहती हैं. यूों कहें ब्रह्माोंड की िबिे नविाल और महत्वपूणग िोंरचिा आकािर्ोंर्ाएों ही हैं. कई आकािर्ोंर्ाएों नमलकर ल कल क्लस्टर का निमागण करती हैं और ऐिे कई ल कल क्लस्टिग नमलकर नबर् क्लस्टर बिाते हैं तथा कुछ ल कल क्लस्टिग नमलकर र्ैलेक्सी िीट का निमागण करते हैं और ये िीटें नमलकर ब्रह्माोंड का निमागण करती हैं. हमारी आकािर्ोंर्ा दुग्धमेखला (नमल्की वे), हमारी पड़ िि आकािर्ोंर्ा देवयािी (एोंडर मेडा) और तकरीबि 15छ टी आकािर्ोंर्ाएों व िैकड़ ड्वाफग र्ैलेब्धक्सयाों नमलकर ल कल क्लस्टर क बिाती हैं.” वास्ततवकिा में हमारे िह्ाोंड की पृिभूतम इििी तवशाि, व्यापक, अद्भुि, अिुपमऔरअिोंिहै, साथही यहइििी प्राकृतिक तवतचििाओों से भरा पड़ा है तक हमारी कल्पिाएों भी काम करिी बोंद कर देिी है, यहाँ िक इसकी तवशेषिाओों का वणथि करिे के तिए शब्द और िकों की भीकमीह िे िगिीहै. आि हम उस ब्दस्थति में हैं तक अपिे िह्ाोंड की तवशाििा का म टे िौर पर अिुमाि िगा सकिे हैं. हमारी तवराट पृथ्वी सौरमोंडि (Solar System) का एक सािारण आकार का ग्रह है, ि सूयथ िामक िारे के इदथतगदथ पररिमा कर रही है. सौरमोंडि का मुब्दखया ह िे के बाविूद सूयथ भी तवशाि आकाशगोंगा दुग्धमेखिा िाम की मोंदातकिी का एक सािारण और औसि आकार व आयु का िारा है. इस तवराट िह्ाोंड में हमारी आकाशगोंगा की िरह िाख अन्य आकाशगोंगाएों भी हैं िब्ब िुबाब यह है तक हमारा िह्ाोंड आकाशगोंगाओों का एक तवशाि समूह है. आिकि के वैज्ञातिक यहाँ िक माििे हैं तक िह्ाोंड एक िहीों बब्दि अिेक हैं. इसके पीछे उिका यह िकथ है तक अोंिररक्ष का क ई भी ओर छ र िहीोंहै, इसतिए एक से ज्यादा िह्ाोंड ह िे की सिाविा है. अगर हम अिेक िह्ाोंड पर िग से उिके तवचारपूछे ि ज़्यादािरइसे तसरे से िकारदेंगे और कहेंगे ऐसा िहीोंह सकिा, हमारा िह्ाोंड ही एकिौिा है. हािाोंतक ऐसा कहिा भी तकसी तवशेष िकथ पर आिाररि िहीोंहैं िकथ तसफथ इििा ही है तक अब िक िए िह्ाोंड का क ई सुबूि िहीों तमिा है. सवाि उठिा है तक िब हम अपिे िह्ाोंड के िन्म, तवकास, व उसकी तवशाििा और ब्दस्थति क सही ढोंग से िहीोंिाि पाएँ हैं दूसरे िह्ाोंड के विूद क कैसे िकारसकिे हैं? आनिर हम यह कैिे कह िकते हैं नक हमारा ब्रह्माोंड अिेक ब्रह्माोंड में िे एक है? अिेक ब्रह्माोंड ह िे की िोंकल्पिा में हमारी िनदय िे नदलचस्पी रही है. निक लि क परनिकि िे िबिे पहले यह बताया नक पृथ्वी िूयग की पररिमा करती है तथा पृथ्वी ब्रह्माोंड के केंद्र में िहीों है. आर्े ज् दािग ब्रूि िे यह बताया नक हमारा िूयग एक तारा है और ब्रह्माोंड में अिनर्ित तारे हैं. उन् ोंिे यहााँ तक कहा नक आकाि अिोंत है, तथा हमारे िौरमोंडल की तरह अिेक और भी िौरमोंडल इि ब्रह्माोंड में अब्धस्तत्वमाि हैं. 18वी िदी आते आते दूिरे िौरमोंडल के ह िे की ब्रूि की कल्पिा क िामान्य रूप िे अपिा नलया र्या. इिनलए िूयग की ब्रह्माण्ड में नवनिष्ट ब्धथथनत पर खतरा मोंडरािे लर्ा, यह तब और भी स्पष्ट ह र्या जब यह पता चला नक िूयग भी हमारी आकािर्ोंर्ा के अरब तार में िे एक है और यह वहाों भी केंद्र में िहीों है. जब आर्ुनिक काल में ब्रह्माोंड की उत्पनत्त के नबर् बैंर् निद्धाोंत की ख ज हुई तब ल र् क यह लर्ा नक ह ि ह हमारी आकािर्ोंर्ा ही ब्रह्माोंड के केंद्र में है, ज एक महा
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वैज्ञानिक 13 अप्रैल जूि 2022 नवस्फ ट का केंद्र बिी. परन्तु ऐिा भी िहीोंथा, अर्र हम ि चें नक नकिी अन्य आकािर्ोंर्ा िे हमारा ब्रह्माोंड कैिा नदखाई देर्ा? उत्तर है नक हमारे इि िए प्रेक्ण थथल िे भी िभी आकािर्ोंर्ाएों दूर भार्ती नदखाई देंर्ी. इिनलए ब्रह्माोंडनवज्ञाि में आज पूवग क परनिकि निष्कषों का क ई औनचत्य िहीों रह र्या है. वास्तव में क परनिकि के िूयगकेंद्री निद्धाोंत (Heliocentric theory) िे ज्ञाि नवज्ञाि के क्ेि में ऐिी माोंर् उठाई, जैिी कभी उठािे की कल्पिा भी िहीोंकी र्यी थी! इिनलए वैज्ञानिक क लर्िे लर्ा नक अिोंत अोंतररक् में यह जरूरी िहीों है नक एक ही ब्रह्माोंड ह . इि िामान्य तकग िे एक िे अनर्क ब्रह्माोंड ह िे की िोंकल्पिा क बल नमला. एक िे ज्ादा ब्रह्माोंड ह िे की अवर्ारणा के बारे में अक्सर यह दावा नकया जाता है नक इिकी िोंकल्पिा त हमारे वेद , पुराण में भी है. मर्र वेद में वनणगत इि िोंकल्पिा का क ई र्नणतीय आर्ार िहीों है, इिनलए ये तर्थ्ात्मक (Factual) भी िहीों हैं. वहीों वतगमाि में ज वैज्ञानिक अिेक ब्रह्माोंड ह िे का दावा करते हैं, प्रमाणस्वरूप उिके पाि र्नणतीय आर्ार जरूर ह ता है. इिनलए अिेक ब्रह्माोंड ह िे की आर्ुनिक िोंकल्पिा िे प्राचीि भारतीय िानहत्य की नविेषकर वेद , पुराण िे िमािता ितही माि है. वैज्ञानिक दृनष्टकण िे एक िे अनर्क ब्रह्माोंड ह िे की बात िबिे पहले अमेररकी दािगनिक और मि वैज्ञानिक नवनलयम जेम्स िे वषग 1895 में कही उन् ोंिे बहु ब्रह्माोंड (Multi universe) के नलए िवगप्रथम मल्टीविग िब्द का उपय र् भी नकया, मर्र आज की अिेक ब्रह्माोंड की िोंकल्पिा नवनलयम जेम्स के कल्पिा िे कहीोंअनर्क तर्थ्र्त है. अिेक ब्रह्माोंड ह िे की िम्भाविाओों पर बीिवी िदी में और इर्र िुरू के वषों में काफी काम हुआ है. हमारे ब्रह्माोंड के बारे में ऐिा कहा जाता है नक इिकी उत्पनत्त आज िे तेरह अरब ित्तर कर ड़ वषग पहले नबर् बैंर् िाम के महानवस्फ ट िे हुआ था. कहा जाता है नक हमारा िोंपूणग ब्रह्माोंड एक अनत िूक्ष्म नबोंदु (Central singularity point) में िमानहत था. नकिी अज्ञात कारण िे इिी िूक्ष्म नबोंदु िे एक तीव्र नवस्फ ट हुआ तथा िमस्त द्रव्य इर्र उर्र नछटक र्या. इि ब्धथथनत में नकिी अज्ञात कारण िे अचािक ब्रह्माोंड का नवस्तार िुरू हुआ और यह भौनतक नवज्ञािी ऐलि र्ुथ के अिुिार महास्फीनत (महानवस्तार) की ब्धथथनत िे भी र्ुजरा. महास्फीनत (Inflation) िे अनभप्राय यह है नक ब्रह्माोंड का यह नवस्तार वतगमाि नवस्तार दर की तुलिा में अकल्पिीय तौर पर बहुत ही तीव्र र्नत िे हुआ था. इि महानवस्तार क अभी तक ब्रह्माोंडनवज्ञाि (Cosmology) िमझािे में पूरी तरह िे िक्म िहीोंहुआ है, परोंतु वैज्ञानिक का यह माििा है नक िुरुवाती ब्रह्माोंड में अलर् अलर् क्ेि की नवस्तारण दरें भी नभन्न नभन्न रही ह ोंर्ी और वे अपिे अलर् अलर् ब्रह्माोंड भी बिाएों ह ोंर्े, नजिमें भौनतकी के नियम (Laws of physics) भी अलर् अलर् रहे ह ोंर्े. वैज्ञानिक का यह भी माििा है नक इि क्ेिीय ब्रह्माोंड के बीच का अोंतररक् इतिी तीव्र र्नत िे नवस्तृत ह रहा है नक इि ब्रह्माोंड में िे नकन्ीोंद ब्रह्माोंड का िम्पकग िोंभव िहीोंहै, यहााँ तक नक िोंदेि प्रकाि की र्नत िे भी भेजा जाए त भी िहीों! वैज्ञानिक कहते हैं नक भले ही ब्रह्माोंड अलर् अलर् ह , नकोंतु वे हमेिा ऐिा िहीोंरहेंर्े. भनवष्य में एक िमय ऐिा भी आएर्ा नक जब व एक दूिरे के िजदीक आएोंर्े, और एक दूिरे में नवलीि ह जाएोंर्े. ब्धस्टरोंर् निद्धाोंत, ज दि आयाम की बात करता है, क जब महानवस्तार निद्धाोंत िे नमलाया जाता है, त वह यह भी बताता प्रतीत ह ता है नक एक महाब्रह्माोंड में अिेकािेक नििु ब्रह्माोंड भी उपब्धथथत ह िकते हैं. वैिे अिेक ब्रह्माोंड ह िे की िोंकल्पिा आर्ुनिक ब्रह्माोंड नवज्ञाि के द अिुत्तररत प्रश् के उत्तर भी देती प्रतीत ह ती है पहला यह नक नबर् बैंर् िे पहले क्या था? तथा दूिरा यह नक भौनतकी के नियम ऐिे ही क्य हैं, जैिानक हम जािते हैं? पहले का उत्तर है नक इिके अिुिार अिीनमत बार नबर् बैंर् हुआ ह र्ा, नजििे िया ब्रह्माोंड उत्पन्न हुआ ह र्ा. तथा इिनलए (दूिरे का उत्तर) भौनतकी के नियम की अिीनमत िम्भाविाएों बिी ह ोंर्ी, और हमारे ब्रह्माोंड के भौनतकी के ये नियम अिीनमत नियम में िे एक हैं. यनद हम माि लें नक वास्तव में ऐिे ब्रह्माोंड का अब्धस्तत्व है त ह िकता है नक वहाों पर जीवि भी ह . यह नदलकि ख्याल ही हमे अपिे जैि क ढूढ़िे के नलए नवचनलत कर देता है. आर्ुनिक वैज्ञानिक िे अिेक ब्रह्माण्ड ह िे की िोंभाविा क लेकर कई प्रकार के निद्धाोंत नवकनित नकए हैं, नजिमें िे कुछ महत्वपूणग निद्धाोंत का वणगि हम आर्े िमािाोंतरकरेंर्े. ब्रह्माोंड (Parallel universe) की अवर्ारणा का नवचार िवगप्रथम वषग 1954 में नप्रोंिटि नविनवद्यालय के ि र् छाि हुर् एवेरेट िे नदया था. उन् ोंिे कहा था नक हमारे अपिे ब्रह्माण्ड की ही तरह दूिरे कई िमािाोंतर ब्रह्माण्ड मौजूद ह िकते हैं और वे िभी ब्रह्माण्ड हमारे ब्रह्माण्ड िे िोंबोंनर्त ह िकते हैं. एवेरेट की इि अवर्ारणा का वषों तक मजाक उड़ाया जाता रहा, लेनकि जब िैद्धाोंनतक वैज्ञानिक मैक्स टैर्माकग िे क्ाोंटम
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वैज्ञानिक 14 अप्रैल जूि 2022 आत्महत्या (Quantum suicide) िामक वैचाररक प्रय र् क प्रस्तानवत नकया, तभी िे इिक र्म्भीरता िे नलया जािे लर्ा है. िामान्य भाषा में इि वैचाररक प्रयर् के अिुिार एक व्यब्धि अपिे निर पर बोंदूक तािे बैठा रहता है. वह व्यब्धि घबराहट में बोंदूक का नटरर्र दबाता है. नटरर्र दबाते ही ब्रह्माोंड का नवभाजि द पररणाम के अिुिार ह जाता है. एक ब्रह्माोंड में र् ली चल जाती है और वह व्यब्धि मर जाता है, त दूिरे ब्रह्माोंड में र् ली िहीोंचलेर्ी और व्यब्धि जीनवत रहेर्ा. िमािाोंतर ब्रह्माोंड निद्धाोंत के अिुिार नकिी भी निया के िभी िोंभव पररणाम के अिुिार ब्रह्माोंड का उतिे ही भार् में नवभाजि ह जाता है. प्रत्येक ब्रह्माोंड मूल ब्रह्माोंड का ही प्रनतरूप (Doublet) ह ता है, लेनकि नकिी भी निया का पररणाम हरेक ब्रह्माोंड में अलर् अलर् ह ता है. इिका अथग यह है नक जब आप क ई लाटरी निकालते हैं और यनद हम अपिे इि ब्रह्माोंड में हार जाएोंर्े त नकिी अन्य ब्रह्माोंड में हम जीत भी जाएोंर्े. इिी प्रकार िे नकिी अन्य ब्रह्माोंड में महात्मा र्ााँर्ी और अल्बटग आइन्स्टाइि जीनवत ह ोंर्े, नहर निमा और िार्ािाकी क परमाणु बम की िािदी िहीोंझेलिी पड़ी ह र्ी, चााँद पर िवगप्रथम जािे की रेि में ि नवयत िोंघ नवजयी ह र्या ह र्ा वर्ैरह वैर्रह. यह िब नदमार् क चकरा देिे वाला है, क्य ोंनक इि नहिाब िे हमारे ब्रह्माोंड के भौनतकी के नियम उिके िमािाोंतर दूिरे ब्रह्माोंड के नियम िे पूरी तरह िे अलर् ह ोंर्े! दरअिल इि पररकल्पिा के अिुिार नकिी निया के पररणाम केवल द ब्रह्माोंडीय भार् में ही िहीोंनवभानजत ह ते हैं, बब्धल्क अिोंत ब्रह्माोंड में नवभानजत ह ते हैं. जैिे अभी आप इि ब्रह्माोंड में यह लेख पढ़ रहें हैं, ह िकता है नक नकिी ब्रह्माोंड में आपिे यह लेख ि पढ़ रहें ह , यह भी ह िकता है नक नकिी ब्रह्माोंड में आप यह लेख पढ़ चुके ह और नकिी अन्य नियाकलाप में व्यस्त ह ों. इि तरह िे अिोंत िम्भाविाएों िृनजत ह ती है इिनलए इि ब्रह्माोंड में (नजिमें हम इि लेख क पढ़ रहे हैं) एक िम्भाविा िच ह ती है, त नकिी अन्य ब्रह्माोंड में इििे पूणगतया नभन्न घनटत घटिाएाँ उि ब्रह्माोंड की िच्चाई बि जाती हैं. वतगमाि में िमािाोंतर ब्रह्माोंड की अवर्ारणा के पक् में ब्रायि ग्रीि, नमनचओों काकू , स्टीफेि हानकोंर् आनद जािे मािे भौनतक नवज्ञािी खड़े हैं। इिमे िे भी िबिे बड़े पक्र्र ब्रायि ग्रीि मािे जाते हैं. हमें ब्रायि ग्रीि के अिेक ब्रह्माोंड के निद्धाोंत पर उिके कायों के बारे जािकारी उिकी पुस्तक ‘नहडि ररयानलटी, पैरलल यूनिवनिगज ऐोंड द डीप लॉ ऑफ द कॉस्म ि’ िे प्राप्त ह ती है. ग्रीि के अिुिार परोंपरा िे हमारा ब्रह्माोंड हमारे नलए उि िब कुछ का ज ड़ रहा है, ज कुछ उपब्धथथत है, लेनकि नपछले दिक के ि र् और अिुिोंर्ाि िे पता चलता है नक िभी तार , आकािर्ोंर्ाओों और िभी कुछ का यह ज ड़, कहीों अनर्क बड़े, ऐिे अब्धस्तत्व का एक भार् है, नजिमे अिेक ब्रह्माोंड िब्धम्मनलत ह िकते हैं. इििे एक महा ब्रह्माोंड की िोंकल्पिा का उदय ह ता है, नजिके अिुिार िभी ब्रह्माोंड इि महा ब्रह्माोंड के अोंदर िमानहत हैं! हुर् एवेरेट क यह िहीों पता था नक िमािाोंतर ब्रह्माोंड कहााँ हैं? और ि ही आज के वैज्ञानिक इि नवषय में ज्ादा जािते हैं. वैज्ञानिक डेलि एडम्स िे व्योंग्य करते हुए यह कहा था नक जब आप िमािाोंतर ब्रह्माोंड की अवर्ारणा पर काम कर रहे ह तें हैं त द बातें याद रखें : पहला यह नक ये ब्रह्माोंड िमािाोंतर िहीों है और दूिरा यह नक ये वस्तुतः ब्रह्माोंड हैं ही िहीों! क्ाोंटम भौनतकी के निद्धाोंत, ज िूक्ष्म ब्रह्माोंड (Micro universe) के अध्ययि िे िोंबोंनर्त है, निनित पररणाम की बजाय िम्भाविाओों के िन्दभग में ब्रह्माोंड का वणगि करते है. और इि निद्धाोंत का र्नणत यह िुझाव देता प्रतीत ह ता है नक नकिी भी ब्धथथनत के िभी िम्भव पररणाम ह ते हैं अपिे अलर् अलर् ब्रह्माोंड में। उदाहरण के नलए आप एक चौराहे पर पहुोंचतें हैं, जहााँ पर
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वैज्ञानिक 15 अप्रैल जूि 2022 आप िही या बाएों रास्ते पर जा िकते हैं. त वतगमाि ब्रह्माोंड द नििु ब्रह्माोंड (Baby Universes) में बढ़ त्तरी करता है : एक वह नजिमे आप िही रास्ते पर जाते हैं, त दूिरा वह नजिमे आप र्लत रास्ते पर जाते हैं. यह अवर्ारणा मूलतः िमािाोंतर ब्रह्माोंड की अवर्ारणा िे िोंबोंनर्त है. इि निद्धाोंत के मुतानबक नििु ब्रह्माोंड की उत्पनत्त उिके अनभवावक महा ब्रह्माोंड (Great universe) िे हुई है. ब्रह्माोंडनवज्ञाि में भी अथगिास्त्र की भाोंनत मुद्रास्फीनत (Inflation) िामक एक अवर्ारणा है, नजिके अिुिार नबर् बैंर् िे ब्रह्माोंड की उत्पनत्त के बाद यह तेजी िे नवस्ताररत हुआ. प्रभाव में यह एक र्ुब्बारे की तरह बढ़ रहा है, अथागत् जब हम हम र्ुब्बारे क फुलाते हैं त उिके नबोंनदय के बीच दूररय क बढ़ते हुए देखते हैं। टफ््ि यूनिवनिगटी के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर नवलिेनकि द्वारा प्रस्तानवत आनदम मुद्रास्फीनत िे पता चलता है नक अन्तररक् अिोंतुनलत अथगव्यवथथा की भाोंनत अराजकता की ब्धथथनत में तीव्र र्नत िे नवस्तृत ह रही है, और बुलबुल की उत्पनत्त ह रही है. यह नवस्तार ही बुलबुल क जन्म दे रहा है, ज नक िए ब्रह्माोंड की उत्पनत्त का कारण है. इि प्रकार हमारे स्वयों के ब्रह्माोंड में जहााँ मुद्रास्फीनत िमाप्त ह र्ई है, नजिके फलस्वरूप तार और आकािर्ोंर्ाओों का निमागण हुआ और ह रहा है. ब्रह्माोंड के नवस्तार िे ब्रह्माोंड क एक बुलबुला बिा नदया और इि बुलबुले िे िये ब्रह्माोंड की उत्पनत्त हुई, नजिमें ि क ई आपिी जुड़ाव था और ि ही उिके भौनतकी के नियम कािूि एक हैं. .. पृथ्वी आिाि िब्द में कहें त प्रत्येक नबर् बैंर् िे एक फैलते बुलबुले का जन्म हुआ ह र्ा और हमारा ब्रह्माोंड उिमें िे एक बुलबुले की नवस्फ ट की उपज है.अिेक ब्रह्माोंड के बारे में वतगमाि में प्रचनलत कुछ प्रमुख निद्धाोंत की ऊपर हमिे चचाग की है. मुब्धिल यह है नक इिमें िे नकिी भी निद्धाोंत क ित्य की किौटी पर िहीोंकिा जा िकता है, क्य ोंनक यनद दूिरे ब्रह्माोंड अब्धस्तत्व में ह भी त वतगमाि नवज्ञाि उििे िम्पकग करिे में अिमथग है. बहरहाल, हम वतगमाि बहु ब्रह्माोंडीय निद्धाोंत क बौब्धद्धक नवलनिता (Intellectual luxury) या क री कल्पिा िहीोंकह िकते हैं क्य ोंनक र्नणतीय िमीकरण (Mathematical equations) हमें यह अजीब र्रीब िोंकेत देते िजर आ रहें हैं नक एक िे ज्ादा ब्रह्माोंड ह िकते हैं! हालााँनक इि निद्धाोंत क हम तब तक िहीों स्वीकार करेंर्े, जब तक नक वैज्ञानिक नवनर् (Scientific method) के अिुिार प्रयर् द्वारा इिके पक् में प्रभावी िाक्ष्य प्राप्त िहीों ह जाते हैं. नफलहाल अिेक ब्रह्माोंड ह िे की िोंकल्पिा पर वैज्ञानिक र्म्भीरतापूवगक काम कर रहे हैं. और वे उि बुनियादी निद्धाोंत (र्थ् री ऑफ़ एवरीनथोंर्) क ढूढिे का प्रयाि कर रहें हैं, ज प्रत्येक थथाि पर, प्रत्येक ब्धथथनत में लार्ू ह . तबतक के नलए आप ब्रायि ग्रीि की तरह दैनिक जीवि की िामान्यता िे बाहर निकलर ब्रह्माोंड क उिके नविालतम रूप (महाब्रह्माोंड रूप) क र्नणतीय िमीकरण के अर्ीि देखकर आिब्धन्दत महिूि कीनजए ब्रह्माोंड नवज्ञाि
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वैज्ञानिक 16 अप्रैल जूि 2022 आजादीके बादभारतीयनाहभकीयसंयंिोंकीश्रेष्ठसुरक्षावहवश्वकीहतषमान शरीफखयि वैज्ञयनिक हयर्क-ई, आर.आर. यईट-3&4 एनपीसीआईएल, आरआरसाइट-3 और 4, कोटा भारि में परमाणु उिाथ के क्षेि में अिुसन्धाि, तवकास िथा इसके अिुप्रय ग के उद्देश्य हेिु 10 अगस्त, 1948 क , डॉ ह मी िहाँगीर भाभा की अध्यक्षिा में परमाणु उिाथ आय ग (एईसी) की स्थापिा की गई । इस आय ग िे अपिी िीतिय के तियान्वयि के तिए वषथ 1954 में परमाणु ऊिाथ तवभागकीस्थापिाकी। वषथ 1987 में परमाणु ऊिाथ कायथिम के तवस्तारके तिए NPCIL कीस्थापिाकीगई।विथमािसमयमें तवश्वके 30 देश में िगभग 450 परमाणु ररएक्टर प्रचातिि अवस्था में है । भारि में विथमाि समय में 21 परमयणुररएक्टर प्रचाििरि हैं एवों कई ररएक्टर का फ्लीट म ड में तिमाथण कायथ भी चिरहा है । 21 प्रचातिि ररएक्टर में 2 ब इतिोंग वाटर ररएक्टर, 18 प्रेसराइज्डहैवीवाटर ररएक्टर (PHWR) एवों 2 प्रेसराइज्ड िाइट ररएक्टर (LWR) हैं, तििमें िगभग 6780 (MWe) मेगावाट तवद्युि पैदा ह िी है, ि देश में कुि उत्पातदि तवद्युि का 2% है । विथमाि में िातभकीय तवद्युि क्षमिा 6780 MWe है | भारिीय िातभकीय ऊिाथ तिगम तितमटेडिे वषथ 2031 िक परमाणु तवद्युिउत्पादिकीक्षमिाक 3,68,690 MWe िकपहुँचािेकािक्ष्यरखाहै । परमाणु ऊिाथ तवभाग के अिीि एिपीसीआईएि के परमाणु ऊिाथ सोंयोंि के साइट चयि, अतभकल्पि (तडिाइि), तिमाथण (कोंस्टरक्शि) िथा कमीशतिोंग आतद तवतभन्न अवस्थाओों से गुिरकर प्रचािि (ऑपरेशि) ब्दस्थति में सुरक्षा का एक अचूक उदहारण पेश करिा है | इि सोंयोंि में उपब्दस्थि अचूक िैसतगथक सुरक्षा तडिाईि िथा आमिि की सोंरक्षा से सम्बोंतिि तबदुओों क तिम्नतिब्दखि सोंतक्षप्त आिेख के माध्यम से पेश कर सकिे हैं : परमयणु िंर्िंत् में यईट चर्ि, निमयाण तथय कमीशनििंगमें ुरक्षय : (Safety in Construction & Commissioning): • अिुम तदि िकिीकी तवतशिीकरण (Approved Technical Specifications) ए ई आर बी (AERB) के तदशा तिदेश के आिार पर | • अिुम तदि कायथ-तवति िथा अभ्यास (Approved Procedures and Practices) से अिुम तदि कायथतवति अपिािा | • गुणवत्ता आश्वासि (Quality Assurance) सुरक्षा के मध्य-िज़र सोंयोंि की प्रत्येक गुणवत्ता का अचूक ध्याि रखा िािा है | • बेसिाइि आोंकड़े (Collection of Baseline Data) मीतटय र ि तिकि आोंकड के आिार पर परमाणु-सोंयोंि तिमाथण करिा | • कमीशतिोंग के पूवथ चेक (Pre Commissioning Checks) सोंयोंि प्रचािि के पूवथ तसस्टम कमीशतिोंग चेक तकया िािा है| • प्रत्येक तिकाय का टेस्ट (Individual System Integrated Tests): प्रत्येक तिकाय का समेतकि परीक्षण तकया िािा है | अन्य म्बिंनधत ुरक्षयवगीकरण (1) भूकिंप वगीकरण (Seismic Classification): भूकोंप सोंवेदि र िी क्षेि में सोंयोंि का तिमाथण तकया िािा है, िथा उिकी तबब्दडोंग क तिम्न टेस्ट में पूणथिः क्वातिफाइड तकया िािा है | इिमे प्रयुक्त तबब्दडोंग क द भाग में तवभक्त करिे है : (A) एसएसई (SSE) क्वयनलफयइड ुरनक्षत भूकिंप रोधी नबल्कडिंग कय निमयाण : एसएसई (SSE) क्वयनलफयइड तबब्दडोंग, स्टरक्चसथ, उपकरण सप ट्थस भूकोंप कोंपि क सहि सामर्थ्थ प्रदाि करिे है िथा सोंयोंि के अति महत्वपूणथ सेफ्टी तसस्टम िैसे क र कुतिोंग, फायर वाटर तसस्टम,
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वैज्ञानिक 17 अप्रैल जूि 2022 एब्दक्टव प्र सेि वाटर शीििि तसस्टम इस तबब्दडोंग में सुसब्दिि ह िे है | उदाहरणाथथ: ररएक्टर तबब्दडोंग, तियोंिण तबब्दडोंग िथा कोंटर ि रूम कक्ष इत्यातद | (B)ओबीई (OBE) क्वयनलफयइड नबल्कडिंग कय निमयाण :इस तबब्दडोंग में गैर सुरक्षा उपकरण िथा सामान्य तसस्टम अवब्दस्थि ह िे है; िैसे टबाथइि तबब्दडोंग, सामान्य उपकरण की तबब्दडोंग आतद | )2)गुणवत्ता आिािि वगीकरण: (Quality assurance Classification): सोंयोंि के तिमाथण से प्रचािि िक गुणवत्ता का ध्याि रखा िािा है | पल्किक तथय पर्यावरण की ुरक्षय (Safety Of Public&Environment) • ड ि सीमा (Dose Limits) अिरािीय मािक से भी बहुि कम है | • द्रव (liquid) िथा गैस (gas) तिस्सरण (discharges) की सिि तिगरािी )Continuous monitoring) तियामक ब डथ के तििाथरण के िहि ह िा है | • िय सीमा (limits) से भी िगण्य तिस्सरण (Negligible releases) ह िा है | • सभी सोंयोंि का आईएिओ 14001 "ईएमएि" ISO-14001 “EMS” प्रमाणीकरण (ISO14001 “EMS” certification) उपिब्ध है | • तडिाइि आिाररि दुघथटिा (Design Basis Accidents) से बचाव िथा तिपटाि हेिु सोंयोंि में िेसतगथक सोंरक्षा अतभिक्षण )Inherent SafetyFeatures) तितहि है | • फुकुतशमा दुघथटिा के मध्य िज़र, गोंभीर िथा तडिाइि से परे दुघथटिा (BDBA) से तिपटाि हेिु सोंयोंि में अतभन्न अचूक सुरक्षा के उपाय तकये हैं | तििमें भी प्रकयर की औद्य तगक, िातभकीय, रेतडय सतिय सुरक्षा समातवि है| िंर्िंत् प्रचयलि में अनभकल्पि (नडजयइि) में गहि ुरक्षयअवधयरणयके निम्नगुणशयनमलहोतेहैं: लेवल-1: • सुरतक्षि अतभकल्पि (Safe Design) • कायथदक्षिा गुण (Quality Workmanship) • मुस्तेद प्रचािि (DiligentOperation) लेवल-2: सामान्य प्रचािि से तवचिि (deviation) आभास हेिु पूवथ सोंकेि (alarm) लेवल-3: िुरोंि सुरतक्षि शटडाउि िथा तवतकरण कन्टेिमेंट कन्टेिमेंट (Containment): ररएक्टर तबब्दडोंग की द हरी अभेध्य दीवार का (डबि कन्टेन्मेंट) तिम्न भूतमका अदा करिा है: • सामान्य प्रचािि (Normal Operation) के दौराि सकि आवरण (Gross Shielding) करिी है | • दुघथटिा अवस्थाओों (Accident Condition) में रेतडयसतियिा (Radioactivity) का रुकाव (Retention) करिी है | Steam Calandria Headers Steam-WaterCoolantPumpsSeparators FeedwaterBoiler Pressurizer Core Fuel PumpModeratorModeratorHeatExchanger MachineFuelling MachineFuelling Containment ियनभकीर् िंर्िंत् ुरक्षय के मूल न द्यिंत (IntensiveNuclearSafetyPrinciples) : ररएक्टरनिर्िंत्णके तीि ी (3C’s) न द्यिंत : • निर्िंत्ण(Control), • शीतलि(Cool) , • कन्टेि (Contain) प्रचयलि दशय में िंर्िंत् निम्न अवस्थयएिं नवद्यमयि होतीहै : ✓ ररएक्टर पॉवर (Reactor power) तियोंतिि रहिा है | ✓ फ्यूि (Fuel) का सदैव शीििीकरण (cooling) स्थातपि रहिा है | ✓ ररएक्टर क र में उपब्दस्थि रेतडय एब्दक्टतवटी (Radioactivity) ररएक्टर के अोंदर ही सीतमि (contained) रहे और पयाथवरण में तिमुथक्त िहीों ह | निर्िंत्ण (Control) में फ्यूल तथय फ्यूल क्लेनडिंगकीइिंनटनिटी:
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वैज्ञानिक 18 अप्रैल जूि 2022 फ्यूि का िापमाि तियि (Set Point) से परे िहीों िाये, इस हेिु तडिाइि (Design) में तिम्न महत्वपूणथ उपाय तकये गए हैं : 1) ररएल्कक्टनवटी निर्िंत्ण प्रणयली (ReactivityMechanism): ररएक्टर क र में न्यूटर ि का सोंिुिि रहे िातक तवखोंडि से प्राप्त ऊिाथ अतियोंतिि िा ह | रेग्युिेतटोंग प्रणािी (Regulating system) कोंटर ि र ड की ब्दस्थति सेट करिी है िातक वाोंतछि ऊिाथ (Demand power) स्तर वास्ततवक ऊिाथ (Actual Power) स्तर के समाि ह | इस तियोंिण से प्रचािि के दौराि ऊिाथ सेट रहिी है| 2) ररएक्टर शटडयउि प्रणयली (Reactor shut down system): त्वररि शट डाउि तसस्टम ि तक रेग्युिेतटोंग से स्विोंि व अिग है ि तक अिग अिग तसर्द्ाोंि पर आिाररि हैं व 2 सेकण्ड में ररएक्टर में तवखोंडि प्रतिया (Fission Reaction) क स्विः बोंद कर देिी है, ये प्रणािी तिम्न प्रकार कायथ करिी है: (अ) प्रयथनमक शटडयउि प्रणयली (Primary Shut Down system): िब ररएक्टर क तटरपसोंकेि तमििे पर “14” केडतमयम मेकेतिकि शटऑफ र ड” तवद्युि चुम्बकत्व क्लच डी एििाथइि (de energised) ह िे पर गुरुत्वीय बि (Gravity) से क र में न्यूटर ि अवश षण कर तवखोंडि प्रतिया क उप-िाब्दन्तक (Sub-Critical) कर देिी है| (ब) नितीर्क शटडयउि प्रणयली SSS (Secondary Shut Down System): यह प्राथतमक तसस्टम (PSS) के फ़ैि ह िे पर या २.२ सेकण्ड तविम्ब उसके बाद में, फास्ट एब्दक्टोंग वाल्व (SVs) खुििे पर 1.2 सेकण्ड में (Lithium Penta Borate Solution) ररएक्टर के अोंदर ब्दस्थि (3 X 4 Tubes)=12 खािी ट्यूब में िाकर तवखोंडि प्रतिया क अवरुर्द् कर उप िाोंतिक कर देिा है| ये प्रणातियाँ एक दुसरे से स्विोंि है एवों तवद्युि व वायु स्त्र ि फ़ैि ह िे पर भी कारगर है| ( ) द्रनवत पोइजि शटडयउि प्रणयली LPIS (Liquid PoisonShut DownSystem): यह प्रणािी तद्विीयक शटडाउि प्रणािी (SSS) के पिाि् िुरोंि एक्चुएट ह िी है या यह प्राथतमक शटडाउि तसस्टम (PSS) के 2 घोंटे 20 तमिट के पिाि “दीघथ कातिक शट-डाउि” हेिु आिी है, िातक ररएक्टर की उप-िाब्दन्तकिा बिी रहे | ➢ ररएक्टर ुरक्षय न द्यिंत में शीतलीकरण ुनवधयएँ (CoolingProvisions): प्रचयलि (OPERATION) के दौरयि: प्रचािि (Operation) के दौराि परमाणु भट्टी (Nuclear Reactor Core) से ऊष्मा का तिष्कासि कर वाष्प ितिि (Steam Generator) के द्वारा स्टीम उत्पन्न ह िी है, स्टीम टबाथइि क घूणथि उसी की शाफ्ट में सोंिग्न ितिि के माध्यम से तवद्युि ऊिाथ उत्पन्न ह िी है | नटरप (TRIP) के दौरयि: क्लास 4 अिुपिब्धिा की ब्दस्थति में, क र से क्षय ऊष्मा (Decay Heat) के तिष्कासि की सुरक्षा तडिाइि तफि स फी के अोंिगथि सोंयोंि में तिम्न अतभिक्षण (Characteristics) तितहि हैं: A) पी.सी.पी. पम्प (PCP) के फ्लाई व्हीि (2.5 टि) के िडत्व (Inertia) के कारण | B) प्राकृतिक थेमोसाइफतिोंग (वाष्पितिि व क र के स्तर) में अोंिर िथा पुिसंचाररि क र के द्रव के घित्व के कारण| C) वाष्प ितिि (SG) की इन्वेंटरी 10 तमिट से ज्यादा िक शीििि करिे की क्षमिा है | D( “2” ABFP पम्प से 2.5% क्षमिा से फीड वाटर की आपूतिथ (CL III DG) डी.िी. सेट की उपिब्धिा| E) क्लास-III डीजी िेट ( DG Sets) उपिब्ध िा भी ह ि : ब इिर में फायर वाटर फीड व (ASDVs) से ऊष्मा तिष्कासि| F) शट-डाउि कूतिोंग पम्प : तग्रड या क्लास-4 फ़ैि ह िे पर, या ररएक्टर तटरप ह िे पर इमरिेंसी
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वैज्ञानिक 19 अप्रैल जूि 2022 डीिि ििरेटर सेट (DG set) से 2 तमिट के अोंदर स्विः प्रचातिि ह कर यह प्रणािी ररएक्टर की क्षय ऊष्मा क तिष्कातसि कर क र के फ्यूि क ठोंडा रखिा है और इस पर तिरोंिर तिगरािी रहिी है | ➢ यमयन्य शीतलि (Cooling) के अ फल र्यअक्षमहोिेपरल्कस्थनतमें : आपयतकयलीि शीतलीकरण न स्ट्म (ECCS): यतद तिकाय में यतद ररसाव या िीक ह िाये ि पी एच टी. (प्राथतमक ऊष्मा सोंचरण प्रणािी) इन्टेक्ट िहीों रहेगा और उसका तियि दाब तगरिे िगेगा | अिः पी.एच.टी. क वाष्पि से बचािे हेिु िथा तिकाय की इोंतटतग्रटी कायम रखिे हेिु 3 प्रकार के तडिाईि तिब्दिब्दखि स्विः तसस्टम (AutoSystem) कायथ करेंगे : ✓ भारी पािी उच्च दाब (D2O) इोंिेक्शि (High Pressure D2O Injection): पी एच टी का दाब 55 kg/cm2 पहुँचिे पर टेंक (3335TK-2) से भारी पािी (D2O) का इोंिेक्शि स्विः प्रारोंभ ह िा है | ✓ सामान्य पािी मध्य दाब H2O इोंिेक्शि (Intermidiate Pressure H2O Injection): पी एच टी का दाब 32 kg/cm2 पहुँचिे पर H2O टेंक (3335 TK 3A/3B)) का क र में इोंिेक्शि स्विः प्रारोंभ ह िा है | ✓ दीघथ कािीि सोंचरण प्रणािी (Long term Recirculation): सप्रेशि पूि से क्लास 3 के पम्प द्वारा क र के पािी की तिबाथि आपूतिथ के द्वारा ररएक्टर-क र का अिवरि शीििि प्रणािी कायथ करिी है | ➢ कन्टेिमेंट प्रणयली (Containment System): यह हमारे सोंयोंि का अतभिाक्षतिक गुण (Inherent safety features) है, तिसमे डबि कन्टेिमेंट की सुतविा प्रयुक्त है| द ि कन्टेिमेंट के मध्य तिवाथि ह िा है, िातक अोंदर की दूतषि हवा (Contamination) तकसी भी अवस्था में पयाथवरण में िहीोंिायेगी | गिंभीर दघटिय (Severe Accident) की ल्कस्थनत में र्य ईिीिीएि इमरजेंिी क र कूनलोंर् निस्टम (ECCS) कूलेंट एक्सीडेंट्ि का िुकिाि(ल का-LOCA)ECCS/LOCA फ़ैल हो जयर्े : म डरेटर तसस्टम न्यूटरोि परयवताक के आिावा (HEAT SINK) क र ऊष्मा अवशषण का कायथ करिा है िथा चेिि ज्यातमति (channel Geometry) क सुरतक्षि रखकर दुघथटिा क कम करिा है, इसतिए इसे अल्टीमेट हीट-न िंक (UltimateHeatSink) भी कहा िािा है| ➢ परमयणु िंर्िंत् प्रचयलि में ुरक्षय न द्यिंत के निर्यमक पहलू: भारिीय परमाणु ऊिाथ तियामक ब डथ (AERB) के पहिू तिम्न प्रकार है : 1) िंर्िंत्प्रचयलिहेतुनिर्यमकप्रयनधकयर(AERB Authrisation): सोंयोंि के प्रचािि के तिए प्रत्येक 5 साि में रेग्युिेटरी य ग्यिा िेिी अतिवायथ है | तियामक प्रातिकार के िवीिीकरण हेिु आवेदि करिा ह िा है| इसी प्रकार सोंयोंि प्रचािक (प्रातिकृि अतभयोंिाओों) क भी प्रत्येक 3 साि में िाइसेंस िवीिीकरण के तिये प्रतशक्षण िथा साक्षात्कार में पास ह िा अतिवायथ है | 2) आवनधक ुरक्षय मीक्षय Periodic Safety Review (PSR): अध्ययि के उपरान्त प्रत्येक 10 साि में एक दीघथ समीक्षा (comprehensive review( की िािी है; तिसमे मािक सुरक्षा तवश्लेषण शातमि है| िंर्िंत् में प्रचयलयिरत-कयनमाकोिंकी िंरक्षयके निम्न उपयर्निनहतहै: (अ) निधयाररतडोज़ ीमय (DOSELIMITS): एईआरबी (AERB) से तििाथररि से भी काफी कम तितमट (In house) “ड ि सीमा” रखी है | ज्ञाि रहे तक अतरराष्टीय परमाणु ऊजाग एजेंिी (IAEA) के अिरािीय कतमटी फॉर
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वैज्ञानिक 20 अप्रैल जूि 2022 रेतडय ि तिकि प्र टेक्शि (ICRP) से काफी कम भारिीय परमाणु ऊिाथ तियामक ब डथ )AERB) की ड ि तितमट ह िी है | (ब) अलयरय-न द्यिंत (ALARA Principle) अिंगीकृत :अथाथि सोंभाव्य ग्राह्य (reasonably Achievable) ड ि का न्यूिीकरण (As Low As Reasonably Achievable) तसर्द्ाोंि अपिािे है; िातक कातमथक क काम के दौराि िगण्य ड ि प्राप्त ह (|स) स्वयस्थ्य भोनतकी मोनिटररिंग व ररव्यू (HPU): सोंयोंि प्रचािि के दौराि (24x7 घोंटे) स्वास्थ्य भौतिकी द्वारा सिि तिगरािी िथा समीक्षा की िािी है | अनभर्यिंनत्कीर् व प्रशय निक उपयर् (Engineering&AdministrativeControl): ✓ शीब्दडोंग (Shielding), ✓ वेंतटिेशि (Ventilation), ✓ पहुँच तियोंिण (Access Control) िथा ✓ स्वास्थ्य भतिकी प्रभाग )Health Physics Unit) सिि तिगरािी िथा सतवथिेंस उपाय शातमि है, तिससे परमाणु सोंयोंि में कातमथक एक सुरतक्षि व सोंरतक्षि उदाहरण पेश करिे है | ियनभकीर् ुरक्षय न द्यिंत (Nuclear Safety Principles): हमारे परमाणु सोंयोंि की िायाब सोंरतक्षि अतभिक्षण “तडफेन्स इि डेप्थ प्रणािी” पर आिाररि ह िी है िथा एिपीसीआईएि के सोंयोंि में सुरक्षा चूक का ख़िरा िा के बराबर है| भयरतीर् ियनभकीर् ऊजया िंर्िंत्ोिं नवमुक्त रेनडर्ो निर्तय को पल्किक डोमेि में जयिे रोकिे हेतु नवनभन्न अचूक िे नगाक ुरक्षय नडजयइिअवरोधकहै : स्वदेशी परमाणु सोंयोंि की सुरक्षा तडिाइि वगीकरण में “अवर िक गहििा अविारणा या अप्र च” का तसर्द्ाोंि अोंगीकार तकया है: (डीआईडीDID=Defensein DepthApproach) : → ईिि (फ्यूि) → ईिि-परि (फ्यूि-क्लेतडोंग) → प्राथतमक ऊष्मा सोंचरण प्रणािी (पी.एच.टी.तसस्टम) → प्राथतमक कन्टेन्मेंट → तद्विीयक कन्टेन्मेंट → एिक्लूिि ज़ ि (आविथि) → स्टेररिाईज्ड ज़ ि →िि क्षेि (पब्दिक ड मेि). आपयतकयलीि तैर्यरी (Emergency Preparedness) कीव्यवस्थय: िातभकीय सोंयोंि से सोंभाव्य रेतडय -एब्दक्टतवटी के तवमुब्दक्तकरण पर आपािकािीि िैयारी हेिु म क तडरि (आपाि प्रेब्दक्टस) का प्रतशक्षण िथा आभासी तडरि अभ्यास तिम्न अोंिराि में औचक िरीके से तडरि तकया िािा है | सोंयोंि आपािकाि (Plant Emergency) : सोंयोंि (प्लाोंट) िक सीतमि ति मातसक (Once in Quarter) : सोंयोंि की पररति के अोंदर ही सोंभाव्य रेतडय एब्दक्टतवटी के तवमुब्दक्तकरण का आकब्दिक अवि कि | स्थि आपािकाि (Site Emergency) : स्थि पररति 1.6 km िक सीतमि साि में एक बार (Once in an Year): सोंयोंि स्थि पररति (1.6 km) में आकब्दिक आपािकाि प्रेब्दक्टस का औचक तिरीक्षण या अवि कि तकया िािा है | • स्थल परे आपयतकयल (Off-Site Emergency) : आमजि क्ेि में स्थि की प्रत्येक इकाई का द साि में एक बार (Once in Two Years): स्थि से 16 32 तकिमीटर दूर िक आकब्दिक आपािकाि की ब्दस्थति का िायिा, इसमें स्टेट अतिकारी िथा िि सामान्य क भी शातमि करिे है | अतरयिीर् अिंकेक्षण (परमयणु िंर्िंत्) मीक्षय ररपोटा : हमारे भारिीय िातभकीय सोंयोंि (INDIAN NPPs) में िातभकीय सुरक्षा ररव्यू (REVIEW) िथा िातभकीय सोंस्कृति की समीक्षा करिे हेिु आोंिररक ररव्यू एिपीिी (NPC) िथा भारिीय परमाणु ऊिाथ
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वैज्ञानिक 21 अप्रैल जूि 2022 तियामक ब डथ (AERB) के अतिररक्त तवश्व स्तरीय तवतभन्न पीयर ररव्यू िथा अोंकेक्षण या ऑतडट ह िे है | अ.वाि (WANO) िातभकीय-प्रचािक का एक वैतश्वक सोंगठि द्वारा समीक्षा : प्रत्येक भारिीय सोंयोंि का 4 वषथ के अोंिराि में वाि के ट क्य सेंटर द्वारा वाि की भारिीय परमाणु सोंयोंि की वृहत्त समीक्षा आ. केन्डू ऑिर ग्रुप (COG) द्वारा ईिि भरण तिकाय (Fuel Handling System) की वृहत्त समीक्षा | इ अिरािीय परमाणु ऊिाथ एिेंसी (IAEA) के ऑपरेशिि सेफ्टी ररव्यू टीम द्वारा वृहत्त समीक्षा (OSART REVIEW). िापाि के फुकुतशमा न्यूब्दक्लयर-सोंयोंि हादसे के पिाि आमिि में परमाणु ऊिाथ सोंयोंि के सम्बन्ध में व्याप्त भ्ाोंतिय के तिवारण हेिु हमारे ित्कािीि प्रिािमोंिी, भारि सरकार द्वारा आर आर साईट परमाणु तबििी घर ईकाई 3 & 4 में IAEA के अन्तरािीय ओसाटथ समीक्षा के तिये 2012 में आमोंतिि तकया था | आईएईए (IAEA) की अन्तरािीय ओसाटथ समीक्षा (OSART REVIEW2012) के मेहमाि तवशेषज्ञ िे तििमे - किाडा, िमथिी, बेब्दियम, स्वीडि, तफििैंड, स्ल वातकया, र मातिया आतद देश के परमाणु सोंयोंि के तवशेषज्ञ शातमि थे | अपयुथक्त देश के तवशेषज्ञ िे परमाणु सोंयोंि की गहि सुरक्षा मापदोंड , िातभकीय सुरक्षा सोंस्कृति, कमथचाररय , पब्दिक सुरक्षा के पहिुओों का तिरीक्षण तकया िथा अपिी सम्पूणथ िातभकीय सुरक्षा पहिुओों की गहि ररप टथ भारि सरकार क पेश की | आमिि में परमाणु ऊिाथ सोंयोंि के प्रति भ्ाोंतिय (Myth) के तिवारण के साथ यह ररप टथ भी यह इोंतगि करिी है तक हमारे सोंयोंि की तवतकरण (िातभकीय) सोंरक्षा का परफ रमेन्स तवश्व के मािक स्तर के परमाणु सोंयोंि के समिुल्य है, यह देश के परमाणु सोंयोंि के साथ देश के तिये बेहद गवथ की बाि है | भयरतीर्ियनभकीर् िंर्िंत्ोिंकयअन्तरयिीर्ररकॉडा वियनभकीर् िंरक्षय िंस्कृनत: एि पी सी आई एि. (NPCIL) के सोंयोंि में ियनभकीर् िंरक्षय वोपरर प्रयथनमकतय है िथा हमारे परमाणु सोंयोंि में अन्तरािीय स्तर की िातभकीय रक्षा मौिूद है| एक सुदृढ़ औद्य तगक सोंरक्षा के साथ साथ प्र एब्दक्टव िातभकीय सोंरक्षा सोंस्कृतििथा व्यवब्दस्थि तवतकरण सोंरक्षा सोंस्कृति के प्रमाण-स्वरुप िथा पररणाम स्वरुप ही एि पी सी आई एि के परमाणु सोंयोंि िे 30 बयर, एक वषथ से अतिक “अिवरि प्रचािि” कर देश क तिबाथि रूप से सस्ती तबििी आपूतिथ की है | ररएक्टर द्वारा िोंबी अवतिय िक तिरोंिर सुरतक्षि व तवश्वसिीय प्रचािि, न्यूब्दक्लयर प्र द्य तगकी में हमारी अतिथि पररपक्विा का स्व-प्रमाण है | न्यूब्दक्लयर सोंरक्षा, तवकास व सोंिारणीयिा के प्रति सशक्त प्रतिबर्द्िा के साथ एिपीसीआईएि िे स्वयों क एक मज़बूि, आत्म तिभथरिा के रूप में स्थातपि तकया है | हाि ही में देश के 5 परमयणु िंर्िंत्ोिंिे 500 तदि से ज्यादा िक सिि प्रचािि, 90% क्षमिा घटक िथा उपिब्धिा घटक के साथ ररक डथ दिथ तकया है | इिमे एनपीसीआईएल (NPCIL) के आर.आर.साईट इकाई 5 (RAPS 5) के एतिहातसक 765 तदि के सिि प्रचािि िथा इकाई 3 (RAPS 3) का 777 तदि के सिि प्रचािि, कैगा परमाणु सोंयोंि की तवतभन्न इकाइय ों, िैसे (KGS 2) 697 तदि िक, (KGS 3) 541 तदि िक, मद्रास परमाणु सोंयोंि (MAPS 2) का 512 तदि के अिवरि तबििी उत्पादि तकया है | कैगा ििरेतटोंग स्टेशि (KGS 1) का 962 तदि के सिि प्रचािि में 99.3 सोंयोंि भार घटक (plant Load factor) सतहि 5 तबतियि यूतिट का उत्पादि तकया िथा यह एतिहातसक कीतिथमाि वैतश्वक दातबि भारी पािी ररएक्टर (PHWR) के उच्च स्तरीय दक्षिा एवों सोंरक्षा सतहि अतभकल्पि, तिमाथण, प्रचािि की श्रेििा का साक्षाि् प्रमाण है | ि देश के न्यूब्दक्लयर प्र ग्राम क गरवाब्दन्वि करिा है | दातबिभारी पािीररएक्टर (PHWR) कीबिावट
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वैज्ञानिक 22 अप्रैल जूि 2022 पुिकसमीक्षा पुिक:स्कॉलरहशपऔरफैलोहशप लेखक:मनीर्श्रीवािव प्रकाशक: आईसेक्टप्रकाशन स्कोप कैम्पस,एन.एच-12, िोशंगाबादरोड, (हमसरोदसे आगे),भोपाल. संस्करण – जनवरी 2021 मूल्य:200 रुपये वैज्ञानिक पनिका के लेखक श्री मिीष श्रीवास्तव द्वारा नलब्धखत पुस्तक स्कॉलरनिप और फै ल निप छाि के नलए बहुत महत्वपूणग पुस्तक है आज परोंपरार्त निक्ा ह या प्रफेििल निक्ा, लर्भर् हर क्ेि में स्कॉलरनिप्स उपलि कराई जाती हैं। केंद्र िरकार, राज् िरकार या देि की महत्वपूणग फाउोंडेिि अपिे अपिे स्तर पर िभी क छािवृनत्त के रूप में िहायता उपलि कराती हैं। आज के िमय में जब बेहतर निक्ा लर्ातार महोंर्ी हती जा रही है, ऐिे में वे छाि ज प्रनतभािाली हते हुए भी आनथगक अक्मता के कारण अपिे िपि क िाकारिहीोंकरपारहे हैं, उिजैिे लाख युवाओोंके नलए एक ही उम्मीद बचती है और वह है िरकार और निजी स्तर पर प्रदाि की जािे वाली स्कॉलरनिप और फैलनिप। छािवृनत और फै ल निप द ि ही कायगिम का मुख्य उद्देश्य छाि क एक निनित अन्तराल पर िमय िमय पर नवत्तीय िहायता िैनक्क स्तर पर प्रदाि करिा हता है. छािवृनत और फेल निप के बीच एकमाि अोंतर यह है नक छािवृनत प्राथनमक कक्ा िे स्नातक नडग्री स्तर तक छाि क प्रदाि की जाती है. जबनक फेल निप उि छाि क प्रदाि की जाती है ज नकिी नविेष िोंथथाि या नविनवद्यालय में अिुिोंर्ाि(research) कर रहे हते हैं. छािवृनतनवनभन्नमािक परआर्ाररतहतीहै जैिे यनदनकिीछािक नवत्तीयिहायताके रूपमें अपिीनिक्ाके नलए छािवृनत की आवश्यकताहै त उि छाि का अकादनमक स्क र, खेल प्रनतयनर्ताओों में अच्छा प्रदिगि या रचिात्मक कौिल प्रनतयनर्ताओों आनद में िे नकिी एक में कम िे कम अच्छा हिा अनिवायग है. तथा दूिरी ओर यनद हम बात करें फै ल निप की त इिके नलए छाि का केवल अकादनमक स्क रअच्छाहिाअनिवायग है ऐिीहीमहत्वपूणग स्कॉलरनिप्स और फेल निप के बारे में जािकारी इि पुस्तक में प्रदाि की र्ई है। ऑिलाइि िॉप द्वारा नवनभन्न िाइट पर पुस्तक नविी के नलए उपलि है. िोंजयर्स्वामी XX
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वैज्ञानिक 23 अप्रैल जूि 2022 कोहवडमिामारीके समयपयाषवरणीयपररवतषन * जंतुशास्रहवभाग, सीएमपीकॉलेज, इलािाबादहवश्वहवद्यालय, प्रयागराज नवकाि की अोंर्ी दौड़ में र्रती के पयागवरण का हमिे ज हाल नकया है, वह बीते करीब चार दिक िे नचोंता का नवषय त बिा लेनकि नवकनित देि अपिी नजम्मेदारी निभािे के बजाए नवकाििील देि पर हावी ह िे के नलए इिे इस्तेमाल करते रहे और नवकाििील देि भी नवकनित देि के रास्ते पर चलकर पयागवरण िष्ट करिे के अनभयाि में िानमल ह र्ए।पृथ्वी िम्मेलि के 28 िाल बाद भी हालात जि के ति ही थे, लेनकि क र िा महामारी िे भयािाोंत िमूचे नवि में लॉक डाउि िे पयागवरण क स्वथथ ह िे काअवकािदे नदयाहै।हवाकाजहरक्ीणह र्याहै औरिनदय काजलनिमगल। काफी कम िमय में दुनिया भर में फैले क नवड महामारी (COVID 19) िे औद्यनर्क र्नतनवनर्य , िड़क यातायात और पयगटि में िाटकीय रूप िे कमी ला दी। इि िोंकट की घड़ी में प्रकृनत के िाथ मािव का िीनमतिोंपकग प्रकृनत और पयागवरण के नलए वरदाि के रूप में िामिे आया। दुनिया भर िे ररप टें िोंकेत दे रही हैं नक क नवड महामारी (COVID 19) के प्रकप के बाद, िनदय में हवा की र्ुणवत्ता और पािी की र्ुणवत्ता िनहत पयागवरण की ब्धथथनत में िुर्ार और वन्यजीव ब्धखल रहे थे । भारत हमेिा भारी आबादी, भारी यातायात और प्रदूषणकारी उद्यर् के िाथ प्रदूषण का केंद्र रहा है, ज िभी प्रमुख िहर में उच्च वायु र्ुणवत्ता िूचकाोंक (एक्यूआई) मूल्य की ओर ले जाता है। लेनकि क नवड महामारी (COVID 19) के कारण लॉकडाउि की घ षणा के बाद, हवा की र्ुणवत्ता में िुर्ार ह िा िुरू ह र्या और अन्य िभी पयागवरणीय मापदोंड जैिे नक िनदय में पािी की र्ुणवत्ता िे बहाल करिे की नदिा में िकारात्मक िोंकेत देिा िुरू कर नदया था । काबगि उत्सजगि में कमी आई और हवा की र्ुणवत्ता में अभूतपूवग िुर्ारदेखार्या।भारतीयवातावरणकीउपग्रह छनवयाों भी क नवड महामारी (COVID 19) के प्रकप के बाद वायु प्रदूषण में कमी की िमाि प्रवृनत्त क दिागती हैं। इि लॉकडाउि के बाद भारत के िभी राज् में वायु र्ुणवत्ता िूचकाोंक (AQI) अब द अोंक (हवा की अच्छी र्ुणवत्ता का िोंकेत) में था । िरकार और िीनत निमागताओों क आवश्यक कदम उठािे चानहए तानक यह उपचार प्रनिया अथथायी ि ह जाए। प्रदूषण कम करिे के वैकब्धल्पक उपाय के रूप में इि तरह के अल्पावनर् लॉकडाउि के कायागियि के प्रभाव और अथगव्यवथथा पर इिके प्रभाव पर अध्ययि की आवश्यकता है। जब पूरी दुनिया क नवड 19 िे निपटिे के नलए उनचत रणिीनत बिािे के नलए िोंघषग कर रही , त लार्ू नकए र्ए लॉकडाउि िे पाररब्धथथनतकी तोंि और पयागवरण क बहाल करिे की नदिा में एक अचूक रास्ता नदखाया है। मिुष्य िनहत पिु मेजबाि की एक नवस्तृत श्रृोंखला में क र िवीरि र्ोंभीर ििि, आोंत और प्रणालीर्त िोंिमण का प्रनिद्ध कारण है। चीि के वुहाि में िुरू हुए क नवड महामारी (COVID 19) (SARS CoV 2) के प्रकप के बाद िे क र िावायरि पर वैज्ञानिक रुनच बढ़ र्ई है। भारत में माचग आते ही नफर िे क र िा का कहर देखा जा रहा था । क र िाके िएस्टरेििे एकबारनफरभारतमें हलचलमचा दी थी ।इिे जल्द ही नवि स्वास्थ्य िोंर्ठि (WHO) द्वारा अतराष्टीय नचोंता का िावगजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घ नषत कर नदया र्या था । माचग 20 में नफर िे क र िा के मामल में बढ़ तरी दजग की र्ई ।वैक्सीि का टरायल बहुत िमय िे चल रहा था । कभी यह कहा जा रहा था की 15 अर्स्त 2020 तकवैक्सीि आजाएर्ी।कभीकहाजारहा था िवोंबर में वैक्सीि आ जाएर्ी । स्वास्थ्य मोंिी िे भी कहा था की िोंभाविा जताई थी की 2021 तक वैक्सीि आ जाएर्ी । ज की िच हुआ । िभी 3 फेज टरायल खत्म हिे के बाद जिवरी में वैक्सीि की घ षणा कर दी र्ई । 8 जिवरी 2021 क डराय रि भी नकया र्या । और 16 जिवरी 2021 क टीकाकारणकाकामिुरूह र्या ।16 तारीख क वैक्सीिेिि का आर्ाज पूरे भारत में नकया जा चुका है । अब तक कई ल र् क यह वैक्सीि दी जा चुकी डॉज्योहतवमाष* डॉ िेमलतापन्त*
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वैज्ञानिक 24 अप्रैल जूि 2022 ही ।नजिकी आोंख देखा हाल लर्भर् िभी िे न्यूज चैिल्स के माध्यम िे देखा ही है । इि वैक्सीि क लेकर क ई िकारात्मक बात या पररणाम अभी तक िामिे िहीों आए हैं । टीकाकारण के बाद क र िा के केि में नर्रावट देखी र्ई अप्रेल िे लेकर िवोंबर21 तक क र िा के केि में नदि नदि वृब्धद्ध देखी र्ई । लकडाउि खुलिे के बाद क र िा के केि बहुत ज्ादा बढ़ र्ए थे । लर्ा था लॉकडाउि दुबारा लर्ािे की िौबत आ जाएर्ी । परोंतु िुि यह हुआ की क र िा के केि में कुछ िमय िे नर्रावट पाई र्ई । इतिा ही िहीोंररकवरी रेट में भी नदि नदिवृब्धद्धहीदेखीर्ई । वतगमाि में, इि महामारी के ब्धखलाफ िबिे अच्छी रणिीनत नियनमत रूप िे हाथ और चेहरा र्िे, मास्क, दस्तािे और व्यब्धिर्त िुरक्ा उपकरण और िामानजक दूरी के माध्यम िे रकथाम है। क र िावायरि के ब्धखलाफ चल रही और भनवष्य की रणिीनत यह िुनिनित करती है नक बड़ी मािा में मास्क, प्ाब्धस्टक उत्पाद (व्यब्धिर्त िुरक्ा उपकरण (पीपीई) नकट, फेि िील्ड, आनद) और रिायि (क्ल र क्सीलेिॉल, क्ल रीि, एच 2 ओ 2, आनद) कचरे के रूप में उत्पन्न ह ोंर्े। भनवष्य। इिके अलावा, प्रनत व्यब्धि पािी की खपत में भी वृब्धद्ध ह र्ी। इि प्रभाव का पयागवरण पर अप्रत्यानित प्रभाव पड़ िकता है। इिके अलावा, मािव पिु अोंतःनियाओों पर पाररब्धथथनतक प्रभाव क भी देखा जा िकता है, जैिे नक लर् भनवष्य में पालतू जािवर िे बचिे के नलए एक स्वास्थ्य और िुरक्ा उपाय के रूप में देखा है। यह कर िावायरि, इिके प्रिार की वतगमािब्धथथनतऔरमहामारीिे ह िे वाले पयागवरणीयऔर पाररब्धथथनतक ज ब्धखम का अवल कि देता है।हालाोंनक पयागवरण पर क नवड महामारी (COVID 19) के कुछ िकारात्मक प्रभाव देखे र्ए, ये अल्पकानलक प्रभाव थे ज बड़े पैमािे परराष्टव्यापीलॉकडाउििे प्रेररतथे। लॉकडाउन में वायुप्रदर्णमें कमी हालाोंनक पयागवरण पर कनवड महामारी के कुछ िकारात्मक प्रभाव देखे र्ए, ये अल्पकानलक प्रभाव थे ज बड़े पैमािे पर राष्टव्यापी लॉकडाउि िे प्रेररत थे। वास्तव में, महामारी िे भनवष्य में पयागवरण पर दीघगकानलक प्रनतकूल प्रभाव पड़िे की आिोंका है। रिायि (िाबुि, नडटजेंट और िफाई के अन्य रािायनिक िार्ि ), दवाओों और प्ाब्धस्टक (दस्तािे, मास्क, पीपीई नकट, िीररोंज, आनद) के उपयर् िे पयागवरण प्रदूषण में और वृब्धद्ध ह िे की उम्मीद है। क नवड महामारी और भनवष्य के प्रभाव िे निपटिे की आवश्यकताहै: ➢ कमरे में प्रवेि करते और बाहर जाते िमय हैंड िेनिटाइजर का प्रय र् करें। खााँिते और छीोंकते िमय िाक मुाँहक ढककररखें। अन्यिभीलर् िे 1.5 मीकी दूरीबिाएरखें। ➢ प्ाब्धस्टक और रािायनिक अपनिष्ट और अपनिष्ट जल उपचार के उनचत प्रबोंर्ि के नलए िीनतर्त नदिानिदेितैयारकरिाऔरउन्ें अतरराष्टीयऔरराष्टीय स्तरपरलार्ूकरिा। ➢ डॉक्टर , िफाई कमगचाररय और अस्पताल के कमगचाररय के नलए िुरक्ा नदिानिदेि नवकनित करिा और उिका कायागियि िुनिनित करिा तानक उन्ें स्वथथ रखा जा िके और नकिी भी वायरल प्रिार िे बचा जा िके। ➢ र्लत िूचिा और भ्राोंनतय के प्रिार िे बचिे और नवनभन्न नदिा निदेि के उनचत कायागियि की र्ारोंटी देिे के नलए स्कूल , कॉलेज , र्ाोंव आनद िनहत नवनभन्न स्तर परजार्रूकताकायगिमऔरअनभयािचलािा। ➢ ठ िअिुिोंर्ािप्रयाि के िाथक नवड महामारीके पयागवरणीय और पाररब्धथथनतक प्रभाव क िमझिा तानक भनवष्य में ऐिी प्रनतकू लताओों िे अनर्क प्रभावी तरीके िे निपटाजािके। ➢ उि बुजुर्ग लर् का डेटाबेि नवकनित करिा नजन्ें क नवड महामारी के कारण अनर्क देखभाल, उनचत और िमय पर उपचार की आवश्यकता ह िकती है और भनवष्यमें उिके स्वास्थ्यऔरदेखभालक िुनिनितकरिा है। ➢ उि बच्च के मािनिक तिाव और मि नवज्ञाि क भी िमझिा ज घर में बोंद पररब्धथथनतय में रहिे के नलए मजबूर थे और उिके बाहर, खेल और खेल र्नतनवनर्य के नलए पयागवरण और िुरनक्त पररब्धथथनतय का नवकाि करिाहै।
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वैज्ञानिक 25 अप्रैल जूि 2022 अतरराष्टीयय र्नदवि21जूि,22परनविेष योगकीखोजएवं योगासनसेस्वास्थ्यलाभ (आजादी के बाद िुरू हुआ अतरराष्टीयय र्नदवि) M‚ ljkst 'kqDyk KA 94/628, dqjeupy uxj (Indira Nagar)] y[kuÅ 226016 “यर्क्याहै ,यहजाििेकेनलएहमेंइिकेमूलमेंजािाहर्ा।यर्िब्दकीउत्पनत्तिोंस्कृतिब्दयुज‘’िेहुईहै , नजिकाअथग जुड़िाहै।यर्केमूलरूपिेदअथगमािेर्एहैं ,पहला जुड़िाऔरदूिरािमानर्।जबतकहमस्वयोंिेिहीोंजुड़पाते , तब तकिमानर्के स्तरकप्राप्तकरिामुब्धिलहताहैयहनिफगव्यायामभरिहीोंहै , बब्धल्कनवज्ञािपरआर्ाररतिारीररकनियाहै। इिमेंमब्धस्तष्क , िरीरऔरआत्माकाएकदूिरेिेनमलिहताहै।िाथहीमािवऔरप्रकृनतकेबीचएकिामोंजस्भीबिताहै। यहजीविकिहीतरीकेिेजीिेकाएकमार्गहै।र्ीतामेंभीश्रीकृष्णिेकहाहैनकयर् : कमगिुकौिलमयािीयर्िेकमोंमें कुिलताआतीहै।“ िोंिार के िभी व्यब्धि िुख एवों िाब्धन्त चाहते हैं तथा नवि में ज कुछ भी व्यब्धि कर रहा है, उिका एक ही मुख्य लक्ष्य है नक इििे उिे िुख नमलेर्ा। व्यब्धि ही िहीों, क ई भी राष्ट अथवा नवि के िम्पूणग राष्ट नमलकर भी इि बात पर िहमत हैं नक नवि में िाब्धन्त थथानपत ह िी चानहए। प्रनतवषग इिी उद्देश्यिे हीएकव्यब्धिक,ज नकिवागत्मिािाोंनतथथानपत करिे के नलए िमनपगत ह ता है, उिक ि बेल पुरस्कार भी प्रदाि नकया जाता है। परन्तु यह िाब्धन्त कैिे थथानपत ह , इि बात क लेकर िभी अिमोंजि की ब्धथथनत में हैं। इिके नलए य र् िवोत्तम है । य र्के प्रकार 1.राजयर्: य र् की िबिे अोंनतम अवथथा िमानर् क ही राजय र् कहा र्या है। इिे िभी य र् का राजा मािा र्या है, क्य ोंनक इिमें िभी प्रकार के य र् की क ई ि क ई खानियत जरूर है। इिमें र जमराग की नजोंदर्ी िे कुछ िमय निकालकर आत्म निरीक्ण नकया जाता है। यह ऐिी िार्िा है, नजिे हर क ई कर िकता है। महनषग पतोंजनल िे इिका िाम अष्टाोंर् य र् रखा है और य र् िूि में इिका नवस्तार िे उल्लेखनकयाहै। उन् ोंिेइिके आठप्रकारबताएहैं,ज इिप्रकारहैं: यम (िपथ लेिा), नियम (आत्म अिुिािि),आिि (मुद्रा), प्राणायाम (िाि नियोंिण),प्रत्याहार (इोंनद्रय का नियोंिण), र्ारणा (एकाग्रता),ध्याि (मेनडटेिि),िमानर् (बोंर्ि िे मुब्धि(परमात्मािेनमलि) 2. ज्ञाियर्: ज्ञाि य र् क बुब्धद्ध का मार्ग मािा र्या है। यह ज्ञाि और स्वयों िे पररचय करिे का जररया है। इिके जररए मिके अोंर्कारयािीअज्ञािक दूरनकयाजाताहै। 3. कमगयर्: श्रीकृष्ण िे भी र्ीता में कहा है ‘य र्: कमगिु कौिलम्’ यािी कुिलतापूवगक काम करिा ही य र् है। कमग य र् का निद्धाोंत है नक हम वतगमाि में ज कुछ भी अिुभव करते हैं, व हमारे पूवग कमों पर आर्ाररत ह ता है। कमग य र् के जररए मिुष्य नकिी म ह माया में फोंिे नबिा िाोंिाररक कायग करताजाताहै औरअोंतमेंपरमेिरमेंलीिह जाताहै। र्ृहथथलर् के नलएयहय र्िबिेउपयुिमािार्याहै । 4. भब्धियर्: भब्धि का अथग नदव्य प्रेम और य र् का अथग जुड़िा है। ईिर, िृनष्ट, प्रानणय , पिु पनक्य आनद के प्रनत प्रेम, िमपगण भाव औरनिष्ठाक ही भब्धिय र्मािा र्या है। भब्धि य र् नकिी भी उम्र, र्मग, राष्ट, निर्गि व अमीर व्यब्धि कर िकता है। हर क ई नकिी ि नकिी क अपिा ईिर मािकरउिकीपूजाकरताहै,बिउिीपूजाक भब्धिय र् कहा र्या है। यह भब्धि निस्वाथग भाव िे की जाती है, तानक हमअपिेउद्देश्यक िुरनक्तहानिलकरिकें । 5. हठयर्: यह प्राचीि भारतीय िार्िा पद्धनत है। हठ में हका अथग हकार यािीदाई िानिकास्वर,नजिे नपोंर्ला िाड़ी कहते हैं। वहीों, ठ का अथग ठकार यािी बाई िानिका स्वर, नजिे इड़ा िाड़ी कहते हैं, जबनक य र् द ि क ज ड़िे का काम करता है। हठ य र् के जररए इि द ि िानड़य के बीच िोंतुलि बिाए रखिे का प्रयाि नकया जाता है। ऐिा मािा जाता है नक प्राचीि काल में ऋनष मुनि हठ य र् नकया करते थे। इि नदि हठ य र् का प्रचलि काफी बढ़ र्या है। इिे
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वैज्ञानिक 26 अप्रैल जूि 2022 करिे िे मब्धस्तष्क क िाोंनत नमलती है और स्वास्थ्य बेहतर ह ताहै । 6.कुोंडनलिी/लयय र्:य र्के अिुिारमािविरीरमें िात चि ह ते हैं। जब ध्याि के माध्यम िे कुोंडनलिी क जार्ृत नकया जाता है, त िब्धि जार्ृत ह कर मब्धस्तष्क की ओर जाती है। इि दौराि वह िभी िात चि क नियािील करती है। इि प्रनिया क ही कुोंडनलिी/लय य र् कहा जाता है। इिमें मिुष्य बाहर के बोंर्ि िे मुि ह कर भीतर पैदा ह िे वाले िब्द क िुििे का प्रयाि करता है, नजिे िाद कहा जाता है। इि प्रकार के अभ्याि िे मि की चोंचलता खत्मह तीहै औरएकाग्रताबढ़तीहै । योगासन के फायदे –य र् तीि स्तर पर काम करते हुए व्यब्धि क फायदा पहुोंचा िकताहै।इिनलहाजिेय र्करिािभीके नलएिहीहै। • पहले चरण में यह मिुष्य क स्वास्थ्यवर्गक बिाते हुए उिमेंऊजाग भरिेकाकामकरताहै । • दूिरे चरण में यह मब्धस्तष्क व नवचार पर अिर डालता है। हमारे िकारात्मक नवचार ही ह ते हैं, ज हमें तिाव,नचोंतायानफरमािनिकनवकारमें डालदेते हैं। य र् इि चि िे बाहर निकालिे में हमारी मदद करताहै । • य र्के तीिरे और िबिे महत्वपूणग चरण में पहुोंचकर मिुष्य नचोंताओों िे मुि ह जाता है। य र् के इि अोंनतम चरण तक पहुोंचिे के नलए कनठि पररश्रम की जरूरत ह ती है। इि प्रकार य र्के लाभ नवनभन्न स्तर परनमलतेहैं। य र्ािि के आोंतररक स्वास्थ्य लाभ नियनमत य र् करिे पर आोंतररक स्वास्थ्य पर िकारात्मक अिर नदख िकता है। इििे कई िमस्ाओोंक पिपिे िे र का और उिके लक्ण क कम नकया जा िकता है। बि य र् का लाभ पािे के नलए इिे र जािा करते रहें। य र् के आिि हमें िेहतमोंद रखता है। योगके स्वास्थ्य लाभ हनम्नहलस्खत िैं: 1.रिप्रवाह: जब िरीर में रि का िोंचार बेहतर ह ता है, त िभी अोंर् बेहतर तरीके िे काम करते हैं। एििीबीआई (िेििल िेंटर फॉरबाय टेक्न लॉजीइोंफॉमेिि)कीवेबिाइटपरप्रकानित अध्ययि के अिुिार, य र् करिे िे पूरे िरीर के रि िोंचार में िुर्ार ह िकता है। यही िहीों, हीमग्ल नबि और लाल रि क निकाओों के स्तर क भी बढ़ावा नमल िकता है। इििे हृदय िोंबोंर्ी र र् और खराब नलवर की परेिािी कम ह िे के िाथ ही मब्धस्तष्क क ठीक िे काम करिे में मदद नमल िकती है। इिके अलावा, य र् करिे िे िरीर के िभी अोंर् क पयागप्तऑक्सीजिनमलती है । 2.िोंतुनलतरिचाप: र्लत जीवििैली के कारण कई लर् रिचाप की िमस्ा िे जूझते हैं। अर्र नकिी क रिचाप िे जुड़ी क ई भी परेिािी है, त आज िे ही नकिी य र् प्रनिक्क की देखरेख में य र् करिा िुरू कर दें। य र् करिे िे उच्च रिचाप क िोंतुलि में लाया जा िकता है। इि बात की पुनष्ट एििीबीआई की वेबिाइट पर पब्धब्लि एक ररिचग िे भी ह तीहै । 3.बेहतरिििप्रणाली: ििि प्रणाली में आया क ई भी नवकार हमें बीमार करिे के नलए काफी है। ऐिे में य र् हमें बताता है नक जीवि में िाोंि का क्या महत्व है, क्य ोंनक कई य र्ािि िाोंि पर ही आर्ाररत हैं। जब य र् करते हैं, त फेफड़े पूरी क्मता के िाथ काम करिे लर्ते हैं, नजििे िाोंि लेिा आिाि ह जाता है । 4.र्ैस्टर इोंटेस्टाइिमेंिुर्ार: य र्के लाभ में र्ैस्टर इोंटेस्टाइिल िोंबोंर्ी िमस्ा िे छुटकारा पािा भी िानमल है। इििे जुड़ी एक मेनडकल ररिचग की मािें, त य र् करिे िे इररगटेबल बाउल निोंडर म (पेट िे िोंबोंनर्त िमस्ा है, नजििे पेट में ददग, ऐोंठि और र्ैि ह िकती है) िे कुछ हद तक राहत नमल िकती है। इि िमस्ा का एक लक्ण र्ैस्टर इोंटेस्टाइिल नडिऑडगर (पाचि तोंिमेंइोंफेक्शियािूजिकीिमस्ा)भीहै।ऐिेमेंय र्इि िमस्ा िे छुटकारा नदलाकर र्ैस्टर इोंटेस्टाइि में िुर्ार कर िकताहै । 5.ददग िहिेकीक्मता: िरीर में कहीोंभी और कभी भी ददग ह िकता है। खािकर, ज ड़ में ददग क िहिा मुब्धिल ह जाता है। वहीों, जब य र् करते हैं, त िुरुआत में इि ददग क िहिे की िारीररक क्मता बढ़िे लर्ती है। िाथ ही नियनमत अभ्याि के बाद यह ददग कमह िेिकताहै । 6.प्रनतर र्कक्मता: बीमाररय िे लड़िे के नलए र र् प्रनतर र्क क्मता का बेहतर ह िाजरूरीहै।प्रनतर र्कप्रणालीके कमज रह िे िे िरीर नवनभन्न र र् का आिािी िे निकार बि जाता है। चाहे स्वथथ हैं या िहीोंहैं, द ि ही ब्धथथनत में य र् करिा फायदे का िौदा िानबतह र्ा।य र्िे प्रनतर र्कप्रणालीबेहतरह िकती है । 7.िईऊजाग : एक य र् का लाभ ऊजागवाि बिाए रखिा भी है। दरअिल, जीवि क िकारात्मक तरीके िे जीिे और काम करिे के
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वैज्ञानिक 27 अप्रैल जूि 2022 नलए िरीर में ऊजाग का बिा रहिा जरूरी है। य र् क करिे िेथकावटदूरह तीहै औरिरीरिईऊजाग िेभरजाताहै । 8.बेहतरमेटाबॉनलज्म: हमारे िरीर के नलए मेटाबॉनलज्म प्रनिया जरूरी है। इििे ही िरीर क भ जि के जररए ऊजाग नमलती है, नजििे हम अपिे नदिभर के काम कर पाते हैं। जब पाचि तोंि, नलवर और नकडिी अच्छी तरह काम करते हैं, त मेटाबॉनलज्म भी ठीक िे काम करता है। मतलब िाफ है नक य र् के जररए मेटाबॉनलज्मक बेहतरनकयाजािकताहै । 9.िीोंदके नलए: नदिभर काम करिे के बाद रात क अच्छी िीोंद लेिा जरूरी है। इििे िरीर क अर्ले नदि नफर िे काम करिे के नलए तैयारह िे में मददनमलती है।इिके नलएय र्करिा बेहतर ह र्ा।एििीबीआईकीवेबिाइटपरप्रकानिति र्में नदया है नकलोंबेिमयतकनियनमतरूपिे य र्करिे परिीोंदकी र्ुणवत्तामेंिुर्ारह िकतीहै । 10.िोंतुनलतक लेस्टरॉल: एक य र् का लाभ िरीर में क लेस्टरॉल क िोंतुनलत बिाए रखिा भी है। एक वैज्ञानिक ि र् के दौराि, द महीिे तक र जािा य र् करिे वाल में वेरी ल डेंनिटी नलप प्र टीि (िुकिािदायक क लेस्टरॉल) की मािा में कमी देखी र्ई। िाथ ही हाई डेंनिटी क लेस्टरॉल (लाभकारी क लेस्टरॉल) में बढ़ावा हुआ। इि आर्ार पर कह िकते हैं नक य र् करिा क लेस्टरॉलके नलएअच्छाह ताहै । 11.नियोंनितकरताहै ि नडयम: िरीर में ि नडयम की कमी ह या अनर्कता द ि ही हानिकारक ह िकते हैं । इिी वजह िे ि नडयम की मािा का िोंतुनलत रहिा िेहत के नलए जरूरी ह ता है। इिके नलए य र्ािि मददर्ार ह िकता है। दरअिल, य र् िरीर में ि नडयम की मािा क कम करिे का काम कर िकता है। इििेि नडयमक िोंतुनलतरखिेमेंमददनमलिकतीहै । 12.टराइब्धग्लिराइड्िमेंकमी: टराइब्धग्लिराइड्ि हमारे रि में पाया जािे वाला एक तरह काफैट है,ज हृदयर र्व स्टर ककाकारण बििकताहै । इिे कम करिे के नलए नियनमत य र् करिा जरूरी है । य र् करिे िे हृदय की र्नत थ ड़ा बढ़ती है, नजि कारण टराइब्धग्लिराइड्िजैिीब्धथथनतिेबचाजािकताहै। 13.लालरिक निकाओोंमेंवृब्धद्ध: हमारे िरीर में लाल रि क निकाओों का अहम य र्दाि ह ता है। ये फेफड़ िे ऑक्सीजि लेकर प्रत्येक अोंर् तक पहुोंचाती हैं। लाल रि क निकाओों की कमी िे एिीनमया तक ह िकता है । य र्करिे िे िरीर में इिकी मािा बढ़िे लर्तीहै । 14.हृदयर र्िेबचाव: हृदय हमारे िरीर का िाजुक नहस्सा है। एक वैज्ञानिक अध्ययि के मुतानबक, य र् हृदय क िुकिाि पहुोंचािे वाले िभी कारक क दूर रखिे का काम कर िकता है। इििे हृदयर र्िेबचेरहिेमेंमददनमलिकतीहै । 15.अथथमा: अथथमाह िे पर िाििली निकुड़ जातीहै,नजििे िाोंि लेिे में परेिािी ह ती है। जरा िी र्ूल नमट्टी में भी हमारा दम घुटिे लर्ता है। अर्र क ई ऐिी अवथथा में क ई य र् करता है, त फेफड़ पर ज र पड़ता है और व अनर्क क्मता के िाथ काम करते हैं। इििे अथथमा की ब्धथथनत में कुछ हद तकिुर्ारह िकताहै। 16.अथगराइनटि: अथगराइनटिर्नठयाह िे परज ड़ मेंिूजिऔरददग िुरूह जाता है। इि अवथथा में र जमराग के काम करिा मुब्धिल लर्िे लर्ता है। ऐिे में य र् करिा फायदेमोंद ह िकता है। नकिीय ग्यय र्प्रनिक्कके निरीक्णमें य र्करिे िे ज ड़ मेंआईिूजिऔरददग र्ीरे र्ीरे कमह िकतेहैं । 17.कैंिरमेंकमी: यह कहिा मुब्धिल है नक य र् करिे िे कैंिर ठीक ह िकता है या िहीों। हाों, इतिा जरूर कहा जा िकता है नक य र् के जररए कैंिर जैिी बीमारी िे उबरिे में मदद नमल िकती है। य र् करिे िे कैंिर के मरीज में मौजूद नवषैले जीवाणु खत्म ह िकते हैं। िाथ ही माोंिपेनिय में आया ब्धखोंचाव, तिाव और थकाि कम और रि िोंचार बेहतर ह िकताहै।इिके अलावा,कीनमय थेरेपीके दौरािह िे वाली मतलीवउल्टीजैिीिमस्ािेभीनिपटाजािकताहै । 18.माइग्रेि मेंराहत: अर्र माइग्रेि का मरीज य र् करता है, त उिे निर में ह िे वाले ददग िे राहत नमल िकती है। य र् माोंिपेनिय में आए ब्धखोंचावक कमकरताहै औरनिरतकपयागप्तमेंऑक्सीजि पहुोंचाताहै,नजििेमाइग्रेिमेंराहतनमलतीहै ।
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वैज्ञानिक 28 अप्रैल जूि 2022 19.ब्र ोंकाइनटिमें राहत: मुोंह, िाक और फेफड़ क बीच हवा मार्ग क िाि िली कहते हैं। जब इिमें िूजि आ जाती है, त िाोंि लेिा मुब्धिल ह जाता है। नचनकत्सीय भाषा में इि अवथथा क ब्र ोंकाइनटि कहा जाता है । य र् इि िूजि क दूर कर िाोंि लेिे में मददकरताहै।य र्के जररएिाििलीक ख लिे में मदद नमल िकती है, नजििे ब्र ोंकाइनटि िे राहत नमल िकतीहै । 20.कब्जमें राहत: यह ऐिी बीमारी है, ज अन्य बीमाररय के ह िे का कारण बिती है। दरअिल, पाचि तोंि में िमस्ा ह िे पर कब्ज ह ता है। इिे ठीक करिे के नलए दवाइय िे बेहतर य र् है। य र् के जररए कब्ज जड़ िे खत्म ह िकता है। य र् िबिे पहले पाचि तोंि क ठीक करेर्ा, नजििे कब्ज में भी िुर्ार ह र्ा। 21.बाोंझपि: अर्र क ई प्रजिि क्मता क बेहतर करिा चाहता है, त इिके नलएभीय र्के आििकावणगिनकयार्याहै। 22.िाइििवअन्यएलजीमें राहत: िाइिि के कारण िाक के आिपाि की माोंिपेनिय में िूजि आजातीहै।इििे िाोंिलेिे में परेिािी ह तीहै ।इि िमस्ा के नलए भी य र् हर नलहाज िे बेहतर है। िाइिि में िाोंि िोंबोंर्ी य र् यािी प्राणायाम करिे िे िाक व र्ले की िनलयाों में आई रुकावट दूर ह ती है और िाोंि लेिा आिाि ह जाता है। इिके अलावा, अन्य प्रकार की एलजी क भी य र्िेठीकनकयाजािकताहै । 23.कमरददग में राहत: आजकल लर् का ज्ादा काम बैठकर ही ह ता है। इि वजह िे नकिी ि नकिी क कमर ददग की निकायत ह ही जाती है। अर्र य ग्य प्रनिनक्क की निर्रािी में य र् करें, त हड्डीकी लचक(फ्लेब्धक्सनबनलटी)बढ़तीहै,नजििे कमरददग दूरह िकताहै । योगासन के बािरी स्वास्थ्य लाभ ( External Health BenefitsofYoga) िरीर के बाहरी स्वास्थ्य पर भी य र् के लाभ देखे जा िकते हैं,ज कुछइिप्रकारिेहैं: 1. बढ़ती उम्र का अिर कम: कुछ लर् के चेहरे पर िमय िे पहले हीबढ़तीउम्रकाअिरिजरआिे लर्ताहै।ऐिे में अर्र य र् नकया जाए, त िमय िे पूवग चेहरे पर पड़िे वाली झररय क कमनकयाजािकताहै । 2. िारीररक क्मता का बढ़िा : र्लत तरीके िे उठिे बैठिे और चलिे-नफरिे िे िरीर की मुद्रा नबर्ड़ जाती है। इि वजह िे िरीर में जर्ह जर्ह ददग, माोंिपेनिय में नवकार और हनड्डयाों कमज र ह िे लर्ती हैं। इि िमस्ाओों िे बचिे का िही तरीका य र् है। नियनमत रूप िे य र् करिे िे हनड्डयाों व माोंिपेनियाों मजबूत ह ती हैं, िरीर का आकार बेहतरह ताहै औरिारीररकक्मताबेहतरह तीहै । 3. िोंतुनलत वजि :इि नदि कई लर्म टापे का निकार हैं। इिका कारण र्लत खािपाि और नदिचयाग है। िबिे पहले हमारा पेट खराब ह ता है। पाचि तोंि बेहतर ि ह िा ही हर बीमारी की जड़ है। इििे निपटिे का आिाि और बेहतरीि तरीका य र् ही है। अर्र नियनमत य र् करते हैं, त र्ीरे र्ीरे वजिकमह िकताहै । 4. िुडौल िरीर : य र्ािि निर िे लेकर पाोंव तक िरीर क िोंतुनलत बिाता है और मािनिक व आब्धत्मक रूप िे भी व्यब्धि क मजबूत बिाता है। इि िभी के बेहतर प्रकार िे कायगकरिेपरहीिरीरिुडौलबिताहै । 5. क र की क्मता का बढ़िा : क र का मुख्य रूप िे अथग िरीर की महत्वपूणग माोंिपेनिय के िमूह क कहा जाता है। िरीरके ठीकप्रकारिे कामकरिे के नलएक रकामजबूत रहिा जरूरी है। िरीर का पूरा भार क र पर ही नटका ह ता है।य र्करिे िे क रमें मजबूतआतीहैं,लचीलापिआताहै औरस्वथथरहतीहैं । 6. माोंिपेनिय में िुर्ार : य र् करिे िे माोंिपेनिय की र्नतनवनर् में िुर्ार ह ता है। यह मजबूत ह ती हैं और इिमें लचीलापिआताहै । 7.िहििीलतामेंवृब्धद्ध:जैिानकइिलेखमेंकईबारनलखा र्या है नक य र् निफग िारीररक ही िहीों, बब्धल्क मािनिक रूप िे भी मजबूत बिाता है। इिकी जरूरत र जमराग के काममें पड़तीहै।खाितौरपरब्धखलानड़य के नलएमािनिक तौर पर मजबूत ह िा जरूरी है। वह नजतिा िहििील रहते हैं, उतिा ही उिके प्रदिगि में िुर्ार िजर आता है। िाथ ही हर व्यब्धि नवपरीत पररब्धथथनतय में िही निणगय लेिे में िक्म ह पाताहै । योगासनके भावनात्मकस्वास्थ्यलाभ य र् करिे का अिर मािनिक स्वास्थ्य के िाथ ही भाविात्मकस्वास्थ्यपरभीपड़ताहै। योगके भावनात्मकफायदे कुछइसतरििैं: 1. अच्छा मूड : जीवि में आर्े बढ़िे और िफलता हानिल करिे के नलए स्वभाव का अच्छा और िकारात्मक रहिा जरूरी है। इि काम में यर् मदद कर िकता है। यकीि मानिए, जब आप य र् करते हैं, त अोंदर िे पूरी तरह िकारात्मक ऊजाग िे भर जाते हैं। इििे मूड अच्छा ह ता है औरनदिभरकाममेंमिलर्ारहताहै । 2. तिाव कम : तिाव हर नकिी के नलए िुकिािदायक है। व्यब्धि जब तिाव में ह ता है, उिके नलए िामान्य नजोंदर्ी जीिा मुब्धिल ह जाता है। तिाव िे बाहर निकलिे का
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वैज्ञानिक 29 अप्रैल जूि 2022 एकमाि रास्ता य र् है। जब य र् करेंर्े, त िई ऊजाग िे भर जाएोंर्े।इििेतिावकाकमह िास्वाभानवकहै। 3. नचोंता िे छुटकारा :कहाजाता है नचोंता नचता की जििी है, ज नचोंता में डूबा उिका तिाव में जािा तय है। नचोंता के कारण हृदय िोंबोंर्ी बीमाररयाों तक ह िकती हैं। अर्र क ई ज्ादानचोंतामेंडूबारहताहै,त य र्कािहारालेिकताहै। य र् िे ि निफग मािनिक नवकार व िकारात्मक ि च िे उबर पाएोंर्े, बब्धल्क जीवि की तमाम दुनवर्ाओों का िामिा करिेकीक्मतापैदाह जाएर्ी। 4. अविाद िे राहत : कई बार ऑनफि और घर का काम इतिा ज्ादा ह जाता है नक क ई भी मािनिक दबाव में आ िकताहै।इिअवथथा में काम के बीचिोंतुलिबिाए रखिा मुब्धिल ह जाता है। इििे अविाद की िमस्ा उत्पन्न ह िकतीहै,नजििेबचिेकाएकजररयाय र्भी है । 5. निणगय लेिे की क्मता : य र् व्यब्धि क मािनिक रूप िे इि कदर मजबूत बिाता है नक जीवि िे जुड़े महत्वपूणग निणगय लेिे में लर् िक्म ह जाते हैं। िाथ ही नवपरीत हालत में स्वयों क कैिे िोंतुनलत बिाए रखिा है, यह निणगय लेिा भी आिािह जाताहै । 6. एकाग्रता : एकाग्रता बढ़ािे में भी य र् फायदेमोंद ह िकता है। नियनमत रूप िे य र् करते रहिे िे एकाग्रनचत ह कर काम करिे में मि लर्ता है। इि दौराि मार्ग में आिे वालीतमामबार्ाओोंक भीआिािीिे पारनकयाजािकता है। वैिे भी कहा जाता है नक िफलता का मूल मोंि काम के प्रनतएकाग्रताहै । 7.अच्छीयाददाश्त:य र्के जररएमब्धस्तष्ककीकायगप्रणाली पर भी िकारात्मक अिर ह ता है। खािकर, छाि के नलए यह बेहद जरूरी है। परीक्ा के दौराि अपिे मब्धस्तष्क क िाोंत रखिा और बेहतर बिािा जरूरी है, तानक व ज भी पढ़ रहे हैं, उन्ें अच्छी तरह याद रहे । इि िबमें य र् मददर्ारिानबतह िकताहै । 8. बारीनकय पर िजर : अक्सर क ई स्कूल, कॉलेज या नफर ऑनफिमें ऐिे प्र ग्राममें जाते है, नजिमें नकिीनवषयके बारे में नवस्तारिे बतायाजाता है औरयहव्यब्धिनलएजरूरीभी ह ताहै।इितरहके माहौलमें अमूमिह तायहहै नककुछ िमय त एब्धक्टव रहते हैं, लेनकि र्ीरे र्ीरे ध्याि नकिी और तरफचलाजाताहै।इिप्रकारजरूरीबात परध्याििहीोंदे पाते, लेनकि य र् करिे वाला व्यब्धि हर िमय एब्धक्टव रहता है।वहहरबारीकिेबारीकचीज परभीध्यािरखताहै । 9. िकारात्मक नवचार : य र् का एक लाभ िकारात्मक नवचार भी है। य र् करिे िे जीवि क लेकर नवचार िकारात्मक ह जाते हैं। वह जीवि क हर नदि िई ऊजाग व ज िके िाथजीिापिोंदकरताहै।वहजीविभर‘खुिरह औरदूिर क खुिरख ’इिीनिद्धाोंतकापालिकरताहै । योगासनके हनयम RulesofYogainHindi य र् करिे िे पहले और करते िमय कुछ नियम का पालि करिाजरूरीहै,नजिके बारे मेंहमिीचेबतारहे हैं : ✓ नियमािुिार य र् क िूयोदय िे पहले और िूयागस्त के बाद करिा चानहए। िुबह जल्दी उठकर य र् करिा अनर्कफायदेमोंदह ताहै। ✓ य र्ािि िे पहले हल्का वॉमगअप करिा जरूरी है, तानकिरीरखुलजाए। ✓ य र् की िुरुआत हमेिा ताड़ािि िे ही करिी चानहए। ✓ िुबहय र्ाििखालीपेटकरिाचानहए। ✓ पहली बार य र्ािि करिे वाल क िुरुआत में हल्के य र् के आिि करिे चानहए। नफर जैिे जैिे इिके अभ्यस्तह जाएों,त अपिेस्तरक बढ़ातेजाएों।इि ✓ दौरािप्रनिक्ककीमददलेिाजरूरीहै। ✓ अर्रक ईिामक य र्कररहे हैं,त भ जिकरिे के करीब तीि-चार घोंटे बाद ही करें। िाथ ही य र् करिे के आर्ेघोंटे बादहीकुछखाएों। ✓ य र्ािि करिे के तुरोंत बाद िहीों िहािा चानहए, बब्धल्ककुछदेरइोंतजारकरिाचानहए। ✓ हमेिा आरामदायक कपड़े पहिकर ही य र् करिा चानहए। ✓ जहाों य र् कर रहे हैं, व जर्ह िाफ और िाोंत ह िी चानहए। ✓ य र् करते िमय िकारात्मक नवचार क अपिे मि िेनिकालिेकाप्रयािकरें। ✓ य र् का िबिे जरूरी नियम यह है नक इिे र्ैयग िे करें और नकिी भी आिि में अनर्क ज र ि लर्ाएों। अपिीक्मताके अिुिारहीइिेकरें। ✓ िभीय र्ािििाोंिलेिे औरछ ड़िे परनिभगरकरते हैं, नजिका पूणग ज्ञाि ह िा जरूरी है। िोंभव ह त पहले इिबारे मेंिीखलें,उिके बादहीस्वयोंिे करें। ✓ अर्र क ई बीमार या र्भगवती है, त डॉक्टर िे िलाह लेिे के बाद य र् प्रनिक्क की देखरेख में ही य र्ाििकरें। ✓ हमेिा य र्ािि के अोंत में िवािि जरूर करें। इििे ति और मि पूरी तरह िाोंत ह जाता है। िवािि करिेपरहीय र्कापूरीतरहिेलाभनमलताहै। ✓ य र् के दौराि ठोंडा पािी ि नपएों, क्य ोंनक य र् करते िमय िरीर र्मग ह ता है। ठोंडे पािी की जर्ह िामान्य या हल्कार्ुिर्ुिापािीहीनपएों। योगकरनेकासिीसमय :
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वैज्ञानिक 30 अप्रैल जूि 2022 य र् में िमय की महत्वपूणग भूनमका ह ती है। यही वजह है नकिीचे य र्करिेके िमयके बारे मेंजािकारी हैं। ➢ य र् नवज्ञाि में नदि क चार नहस्स में बाोंटा र्या है, ब्रह्म मुहूतग, िूयोदय, द पहर व िूयागस्त। इिमें िे ब्रह्म मुहूतग और िूयोदय क य र् के नलए िबिे बेहतर मािार्याहै। ➢ ऐिा मािा जाता है नक अर्र य र् के आिि ब्रह्म मुहूतग में उठकर करता है, त िबिे ज्ादा फायदा ह ता है। उि िमय वातावरण िुद्ध ह ता है और ताजी हवा चल रही ह ती है। अमूमि अध्यात्म ज्ञाि प्राप्तकरिेवालेहीइििमयय र्ाभ्यािकरतेहैं। ➢ ब्रह्म मुहूतग का िमय िुबह तीि बजे का मािा र्या है। इि िमय िभी का उठिा िोंभविहीोंहै,इिनलए िूयोदयके िमयभीय र्करिकते हैं।इििे िरीर नदिभरऊजागवािरहताहै। ➢ ध्यािरहे नकय र्ाििहमेिाखालीपेटहीकरें। ➢ िूयागस्त के बाद भी य र् कर िकते हैं। बि य र् िे तीि चारघोंटे पहलेतककुछिखायाह । ➢ लेखके अर्ले भार्में हमय र्करिे के नलएजरूरी चीजेंक्याहैं,व बतारहे हैं। योगके हलएआवश्यकचीजें य र्ाभ्यािके दौरािकुछचीज कीजरूरतह तीहै,नजिमें येिानमलहैं: ➢ िाफऔरआरामदायकय र्मैट। ➢ आरामदायक कपड़े, नजिमें य र्ािि करते हुए परेिािीिह । ➢ एक तौनलया भी िाथ रख िकते हैं, तानक पिीिा आिेपरप ोंछिकें। ➢ िाफपािीकीब तल। ➢ अर्रनकिीमनहलायापुरुष के बाललोंबे हैं,त उन्ें बाोंर्ें के नलए रबर बैंड का इस्तेमाल करें, तानक य र् करतेिमयये बीचमेंिआएों। ➢ कुछलर् क िुरुआतमेंय र्करतेहुएनदक्कतह िकती है, त य र् ब्लॉक्स व बेल्ट का उपय र् कर िकते है। इिे इस्तेमाल करिे िे पहले एक बार अपिेटरेिरिेपूछलें। ➢ िबिे अहम बात यह है नक नजि कमरे में य र् करें, व िाफऔरिाोंतह । य र्हमारे िरीरमें िईऊजाग कािोंचारकरताहै।इिऊजाग क ग्रहण करिे के नलए अपिे िरीर क तैयार करिा भी जरूरी है। इिी वजह िे य र् करते िमय मि िे िभी र्लत नवचार क निकाल दें। इि बारे में नबल्कुल ि ि चें नक य र् करिे िे क ई लाभ ह र्ा या िहीोंऔर ह र्ा त नकतिे िमय में ह र्ा। य र् के दौराि मि क पूरी तरह िे ब्धथथर औरिाोंत करिे काप्रयाि करें।हालाोंनक,िुरुआतमें कुछपरेिािीह िकतीहै,लेनकिर्ीरे र्ीरे िबिामान्यह जाएर्ा। य र्ािि क अपिे दैनिक रूटीि में िानमल करिे का ि च रहे हैं,त कुछबात क ध्यािमेंरखें।इिके बारे मेंिीचेकुछ नबोंदुओोंके माध्यमिेबतायार्याहै। ✓ य र् के नलए ि च िमझ कर अच्छे य र् टीचर का चुिावकरें।इिमेंक ईजल्दबाजीिनदखाएों। ✓ य र् करते िमय हमेिा अपिे चेहरे पर हल्की मुस्कािरखें। ✓ जब भी पद्मािि या िुखािि पर बैठें, त कमर क नबल्कुलिीर्ारखें। ✓ िाोंिक मुोंहिेछ ड़ें औरिाकिेलें। ✓ नकि अवथथा में कब िाोंि लेिी है और कब छ ड़िी है,उिकापूराज्ञािह िाचानहए। ✓ िरीर नजतिा िाथ दे, उतिी देर ही य र्ािि करें। नियनमत अभ्याि करिे िे ही िरीर में लचीलापि आएर्ा। ✓ कौि य र् क कैिे कर रहा है, उि पर ध्याि दें। हर नकिीके िरीरकीअपिीिीमाह तीहै। ✓ स्वथथ िरीर के नलए य र् के िाथ िाथ िोंतुनलत भ जिभीकरें। ✓ अर्र कुछ िमझ िहीोंआ रहा है, त य र् टीचर िे जरूरपूछें।कुछर्लतकरिे िे बेहतरपरामिग लेिा है। य र् आिि र्लत तरीके िे करिे पर फायदे की जर्हहानिह िकतीहै। इिमें क ई िक िहीोंनक य र् िे िब िोंभव है। बि जरूरत है इिे करिे का िोंकल्प लेिे की, इिनलए आज ही नकिी य ग्यय र्प्रनिक्ककाचुिावकरें औरय र्करिािुरूकर दें। हाों, इि बात का जरूर ध्याि रखें नक य र् करिे िे फकग तुरोंतिजरआएर्ा,लेनकि पूरीतरहिे फायदाह िे में िमय लर् िकता है। ऐिे में िोंयम के िाथ य र् करिा जरूरी है। य र्करके खुदक िेहतमोंदरखें।य र्करें,निर र्रहें! िावर्ािी : अर्र क ई पहली बार य र् कर रहा है, त प्रनिक्क की निर्रािी में ही करें। वह उम्र, बीमारी व क्मता के अिुिार उपयुि य र्ािि बताएोंर्े। कई ऐिी बीमाररयाों हैं,नजिमें कुछय र्ाििवनजगतहैं,त य र्टरेिरिे पूछकरही य र्ाििकरें।हफ्ते में6नदिय र्करके एकनदिकाब्रेकले िकते हैं। चाहें त हफ्ते के िात नदि य र् कर िकते हैं।िुरुआत में 20 नमिट य र् करिा पयागप्त है। र्ीरे र्ीरे य र्करिेकािमयबढ़ािकतेहैं।
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वैज्ञानिक 31 अप्रैल जूि 2022 नियमनत रूप िे य र् करिे पर िरीर क िही आकार नमल िकता है ।नजम और य र् द ि अपिा अपिा महत्व है। इि द ि िेहीिरीरनफटरहताहै, लेनकि य र्िे मि क िाोंनत भी नमलती है।ऐिा कहा जाता है नक आत्मा की िुब्धद्ध ज्ञाि य र् िे ही ह ती है। नचोंति करते हुए िुद्ध स्वरूप क प्राप्त कर लेिा ही ज्ञाि य र् कहलाता है।िाथ हीय र् के ग्रोंथ का अध्ययिकर बुब्धद्ध का नवकािनकयाजाताहै।ज्ञािय र्क िबिे कनठिमािार्या है। अोंत में इतिा ही कहा जा िकता है नक स्वयों में लुप्त अपारिोंभाविाओोंकीख जकरब्रह्ममें लीिह जािाहै ज्ञाि य र् कहलाता है । य र् करिे िे बेली फैट बिग नकया जा िकता है ।यर् िारीररक और मािनिक रूप िे नफट रहिे में मदद कर िकता है। बि य र् के िाथ ही डाइट पर भी जरूरध्यािदें। (यर्िोंबोंर्ीनकिीभीएक्सरिाइजकरिेिेपहलेडॉक्टरकीिलाहअवश्यलें) संदभष: The Efficacy of Yogic Breathing Exercise Bhramari Pranayama in RelievingSymptomsofChronicRhinosinusitis Yogahttps://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6521749/asatreatmentforchroniclowbackpain:Asystematicreview ofthe https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4878447/literature Breathing to younger skin: ‘reversing the molecular mechanism of skinagingwithyoga’ ControlledYogahttps://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6691728/describeYogahttps://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5544241/Ahttps://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5843960/ThefitnessThePsychologicalYogaHongEnduranceEffectshttps://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5137887/ofa12WeekHathaYogaInterventiononCardiorespiratoryMuscularStrengthandEnduranceandFlexibilityinKongChineseAdults:AControlledClinicalTrialPracticeforReducingtheMaleObesityandWeightRelatedDifficultiesARandomizedControlledTrialeffectofyogaexerciseinterventiononhealthrelatedphysicalinschoolageasthmaticchildrenEffectofYogaonStressAnxietyandDepressioninWomenyogaprogramforcognitiveenhancementandbodyimage:Howdoyoungadultspracticingyogaitsimpactontheirbodyimage?inWomenWithAbdominalObesityaRandomizedTrial (य र् कीनवनभन्न मुद्राएों य र्मुद्राएों,उिनविेषतत्व क िनिय करके ि निफग िरीरबब्धल्कमिक भीस्वथथबिातीहैं।)
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वैज्ञानिक 32 अप्रैल जूि 2022 नविपयागवरणनदवि5जूि, 2022परनविेष पयाषवरण को सुरहक्षत रखना जरूरी डॉ०दयाशंकरहिपाठी बी 2/63 सी-1के , भदैनी वाराणसी - 221 001 “नविपयागवरणनदवि(WorldEnvironmentDay)हरिाल5जूिकामिायाजाताहै।पेड़ पौर्ेपयागवरणमेंप्रदूषणके स्तरक कमकरिेकाकामकरतेहैंऔरअिुद्धपयागवरणक िुद्धकरिेमेंभीअपिापूराय र्दािदेतेहैं,लेनकिऔद्य र्ीकरणके नवकािकाअिरपयागवरणपरबुरापड़रहाहै।पयागवरणप्रदूषणजैिे-जैिेबढ़ताजारहाहैउिकीवजहिेकभीप्राकृनतक आपदाओोंकाखतराभीबढ़ताजारहाहै।ऐिेमेंिबिेज़्यादाजरूरीहैनकल र् क पयागवरणके प्रनतजार्रूकनकयाजाए।इिी उद्देश्यके िाथहमहरिाल5जूिक नविपयागवरणनदविके रूपमेंमिातेहैं।“ पयागवरण द िब्द ‘परर’ (ज हमारे चार ओर है) और ‘आवरण’ (ज हमें चार ओरिे घेरे हुएहै) के मेलिे बिा है, नजिका िाब्धब्दक का अथग है हमारे चार ओर का आवरण यािी नक वातावरण। पयागवरण िब्द पढ़िे, नलखिे, ब लिे या िुििे में नजतिा छ टा है, इिका अथग उतिा ही ज़्यादा बड़ा और र्हरा है। पयागवरण (Environment) िब्द एक फ्रेंच भाषा के िब्द एिनवर निया (Environia) िे नलया र्या है नजिका मतलब ह ता है हमारे आि पाि या चार ओर। नजि पररवेियावातावरणमें हमिबनिवािकरते हैं यहउि पररवेि के जैनवक पयागवरण (ज जीनवत ह ते हैं) और अजैनवक पयागवरण (ज जीनवत िहीों ह ते हैं) द ि क दिागता है। पयागवरण और जीव प्रकृनत के द िोंर्नठत और जनटल घटक ह ते हैं। पयागवरण हम िभी के जीवि क नियोंनित करिे का काम करता है क्य ोंनक िबिे ज़्यादा हम पयागवरण के िाथ ही िोंपकग में आते हैं और पयागवरणमेंरहकरहीअपिाजीविव्यनततकरते हैं। प्रकृनत (Nature) िे नमली पयागवरण (Environment) की िब्धिय का अोंदाजा लर्ािे अर्र हम बैठेंर्े, त िायद हमारा पूरा एक जीवि भी इिके नलए कम रहेर्ा। पयागवरण एक ऐिा नवषय है नजिके बारे में नजतिा पढ़ा जाए या नलखा जाए उतिा ही कम है। मिुष्य, पिु पक्ी, पेड़ पौर्े आनद िभी चीजें पयागवरण िे ही जीनवत हैं। पयागवरण के नबिा मािव जीवि की कल्पिा करिा अिोंभव है। हम िभी पयागवरण के िाथ और पयागवरण हमारे िाथ हर तरह िे जुड़ा हुआ है।हमारे पयागवरण में लर्भर् िभी प्रकार के प्राकृनतक िोंिार्ि पाए जाते हैं, ज अलर् अलर् तरीक िे हमारी िहायता करते हैं। ये प्राकृ नतक पयागवरण हमें चार ओर िे घेरे हुए हैं। यह हमें आर्े बढ़िे और नवकनित ह िे का बेहतर माध्यम प्रदाि करते हैं। यह हमें व िब कुछ उपलि करवाते हैं, नजिकी हमें जीवि यापि करिे हेतु िबिे ज़्यादा जरूरत ह ती है। हमारा पयागवरण भी हमिे कुछ मदद की अपेक्ा रखता है नजििे नक हमारा जीवि भी बिारहे और पयागवरण भी कभी िष्ट ि ह ।इि र्रती पर अर्र हम जीवि क बिाए रखिाचाहते हैं, त उिके नलए हमें िबिे पहले पयागवरण क बचाकर रखिा ह र्ा और उिका िोंरक्ण करिा ह र्ा। नपछले कई वषों िे हम पयागवरण के प्रनत लर् में जार्रूकता फैलािे के नलए 5 जूि क नवि पयागवरण नदवि त मिाते हुए आ रहे हैं लेनकिपयागवरणस्वच्छताऔरिुरक्ाके मामले में हमारा देि आज भी दूिरे देि के मुकाबले बहुत पीछे है। पयागवरण जैिे र्ोंभीर नवषय क जाििे के नलए नक हमें हमारे पयागवरण क नकि प्रकार िुरनक्त रखिा है और उि बात के बारे में जाििे के नलए नजििे पयागवरण क िुकिाि पहुाँचता है, हम िभी क पयागवरण के नलए चलाईजारहीअलर् अलर्मुनहमऔरपयागवरणबचाओ अनभयाि का नहस्सा बििाचानहए।हमारा पयागवरण पृथ्वी पर जीव के स्वथथ जीवि के नलए िबिे अहम भूनमका निभाता है। इिके बावजूद भी हमारा पयागवरण नदि प्रनतनदि मािव निनमगत तकिीक तथा आर्ुनिक युर् के आर्ुनिकरण की वजह िे िष्ट ह ता जा रहा है। यही कारणहै नकआजहमें पयागवरणप्रदूषणजैिीिबिे बड़ी िमस्ा का िामिा करिा पड़ रहा है। पयागवरण के नबिा मािव जीवि की कल्पिा तक िहीोंकी जा िकती। हमें अपिे भनवष्य क जीनवत रखिे के नलए िबिे पहले
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वैज्ञानिक 33 अप्रैल जूि 2022 पयागवरण का भनवष्य िुरनक्त रखिा ह र्ा। इिकी नजम्मेदारी नकिी एक इोंिाि की िहीों बब्धल्क पृथ्वी पर रहिे वाले प्रत्येक व्यब्धि की है। हर व्यब्धि क अपिे अपिे स्तर पर पयागवरण िोंरक्ण जैिे मुनहम का नहस्सा जरूरबििाचानहए। ज क ई भी वस्तुएों हमारे आिपाि या चार ओर ह ती हैं, जैिे पेड़ पौर्े, जीव जोंतु, िदी, तालाब, हवा, नमट्टी तथा मिुष्य और उिके द्वारा ज क ई भी नियाएों की जाती हैं, उिी क हम पयागवरण (Environment) कहते हैं। पयागवरण नकिी एक तत्व का िाम िहीोंहै ब्लनक यह नवनभन्न तत्व के य र् के नमलकर बिा है। ज तत्व या चीजें हमें अपिे आिपाि िजर आती हैं वही हमारा पयागवरण है। पयागवरण भौनतक और बल क दिागता है। पयागवरण क वातावरण या ब्धथथनत के रूप में पररभानषत नकया जा िकता है नजिमें व्यब्धि, जीव या पौर्े निवाि करते हुए अपिा हर कायग करते हैं। मिुष्य के जीवि चि में पयागवरण की मुख्य भूनमका ह ती है क्य ोंनक हम िभी िबिे अनर्क पयागवरण के ऊपर ही निभगर हैं। पयागवरण के पाि प्राकृनतक चीज का उत्पादि करिे और िौोंदयग दिागिे की िब्धियााँ मौजूद हैं। पयागवरण वह ब्धथथनत है नजिमें एक जीव जन्म लेता है, नफर उिकी जीवि प्रनिया चलती है और नफर एक िमय ऐिा आता है जब उिका अोंत ह ता है।यह जीनवत जीव की वृब्धद्ध और नवकाि क प्रभानवत करता है। अन्य िब्द में कहा जाए त पयागवरण उि पररवेि क दिागिे का काम करता है ज िभी िजीव क चार तरफ िे घेरे रहता है और उिके जीवि क प्रभानवत करता है। पयागवरण के मुख्य रूप िे चार प्रकार ह ते हैं, ज निम्ननलब्धखत हैं 1. प्राकृहतक पयाषवरण यह पयागवरण का व भार् है ज प्रकृनत िे हमें वरदाि के रूप में नमला है। ज प्राकृनतक िब्धियााँ, प्रनियाएाँ और तत्व मिुष्य के जीवि क प्रभानवत करते हैं, उन्ें प्राकृनतक पयागवरण के िाथ में ज ड़कर देखा जाता है। ये व िब्धियााँ हैं नजििे पृथ्वी पर नवनभन्न वातावरणीय चीजें जन्म लेती हैं, नजिमें जैनवक चीजें और अजैनवक चीजें द ि ही मौजूद ह ती हैं। जैनवक चीज में मिुष्य, पेड़ पौर्े, जीव जोंतु, प्राकृनतक विस्पनत आनद चीजें आती हैं, त वहीों अजैनवक चीज में जल, तापमाि, हवा, तालाब, िदी, महािार्र, पहाड़, झील, वि, रेनर्स्ताि, ऊजाग, नमट्टी, आर् आनद चीजें िानमल हैं। 2. मािव निनमगत पयागवरण इि तरह के पयागवरण में मािव द्वारा निनमगत चीजें िानमल ह ती हैं, जैिे उद्यर्, िैक्नणक िोंथथाएाँ, अनर्वाि, कारखािे, यातायात के िार्ि, वि, उद्याि, श्मिाि, कनब्रस्ताि, मि रोंजि थथल, िहर, कस्ा, खेत, कृनिम झील, बाोंर्, इमारतें, िड़क, पुल, पाकग , अन्तररक् स्टेिि आनद। मािव अपिी निक्ा और ज्ञाि के बल पर नवज्ञाि तथा तकिीक की मदद िे भौनतक पयागवरण के िाथ निया कर नजि पररवेि का निमागण करता है, उिे ही हम मािव निनमगत पयागवरण कहते हैं। 3. भौनतक पयागवरण इि पयागवरण में प्रकृनत िे बिी चीज पर प्रकृनत का ही िीर्ा नियन्त्रण ह ता है। इिमें मािव का नकिी भी तरह का क ई हस्तक्ेप िानमल िहीों ह ता है। भौनतक पयागवरण में जलमण्डल, थथलमण्डल और वायुमण्डल का अध्ययि नकया जाता है। इिके अलावा थथलरूप, जलीय भार्, जलवायु, मृदा, िैल तथा खनिज पदाथग आनद नवषय का भी इिमें अध्ययि करिे क नमलता है। 4. जैनवक पयागवरण मािव और जीव जन्तुओों के नमलकर एक दूिरे की मदद िे जैनवक पयागवरण का निमागण नकया है। मािव एक िामानजक प्राणी है नजि वजह िे वह िामानजक, भौनतक तथा आनथगक र्नतनवनर्य िे जुड़ा रहता है। इिमें िभी तरह के जीव प्रणाली िानमल ह ते हैं। इि िभी के बीच ज िोंबोंर् ह ता है उिक पररब्धथथनतकी कह जाता है। यह एक प्रकार िे िोंतुलि बिाए रखिे की प्रनिया भी ह ती है। इिके अोंतर्गत पेड़ पौर्े, जीव जन्तु, िूक्ष्म जीव, मािव आनद का अध्ययि िानमल है। हमें निफग इि बात का ही ध्याि िही रखिा है नक पयागवरण का िोंरक्ण करें बब्धल्क पयागवरण के नवनभन्न घटक का पुिजगिि भी जरूरी हैं तानक पयागवरण की क्नत पूनतग की जा िके। िरोंक्ण िब्द का उद्मभव लैनटि भाषा के Conservation (िोंरक्ण) िे हुआ था। इि िब्द का प्रनतपादि िि् 1908 में िीफडग नपिच ट द्वारा नकया र्या था ज नब्रटेि के निवािी थे। इन्ें हमारे देि भारत के प्राकृनतक स्त्र त की िुरक्ा एवों देखभाल हेतु नब्रनटि अनर्कारी के रूप में नियुि नकया र्या था। वस्तुतः प्राकृनतक पयागवणग का रख रखाव उिकी िुरक्ा, उिका उपयर् एवों उिका पुिजगिि पुऩः भण्डारण इत्यानद का अभ्याि िोंरक्ण कहलाता है। इिके मुख्यतः निम्न उद्देश्य है पयागवरण की र्ुणवत्ता बिाये रखिा तथा उपयर् व पुिः उत्पादि के बीच िन्तुलि बिाए रखिा। आइये हम पयागवणीय िोंरक्ण के बारे में िोंनक्प्त जािकारी प्राप्त करिे का प्रयाि करें। र्ाोंर्ी जी के अिुिार ‘प्रकृनत मे िभी की आवश्यकताओों की पूनतग करिे की क्मता है, परन्तु
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वैज्ञानिक 34 अप्रैल जूि 2022 नकिी एक के लालच की िही’ आवश्यकता इि बात की है नक हम ये िमझे नक हमें प्रकृनत िे नकतिा लेिा चानहये नजििे उिका अिावश्यक द हि ि षण ि ह पाये क्य ोंनक हम इि तर्थ् िे पूरी तरह िे पररनचत ह र्ये है नक प्रकृनत में यह िब्धि है नक ज भी अव्यवथथा या अिन्तुलि उिमें ह ता है उिकी भरपायी प्रकृनत खुद ही कर लेती है। पयागवरण वायुमोंडल, जलमोंडल, थथलमोंडल और जीवमोंडल िे बिा हुआ है। नमट्टी, पािी, हवा, आर् और आकाि पयागवरण के मुख्य घटक हैं, नजन्ें हम पोंचतत्व भी ब लते हैं। पयागवरण िे हम िभी क एक आरामदायक जीवि जीिे के नलए और जरूरत के अिुिार उिका उपभ र् करिे के नलए हमें प्राकृनतक िोंिार्ि प्रदाि नकए हैं। पयागवरण का िोंबोंर् उि चीज िे है ज नकिी वस्तु के बहुत पाि है और उि पर उिका िीर्ा प्रभाव पड़ता ह । हमारा पयागवरण उि चीज या िार्ि क नदखाता है ज हमिे हर रूप में अलर् हैं और हमारे जीवि क प्रभानवत करते हैं। पयागवरण िामानजक, िारीररक, आनथगक, भाविात्मक तथा बौब्धद्धक रूप िे हमारे दैनिक जीवि के नवनभन्न पहलुओों क प्रभानवत करता है लेनकि पयागवरण प्रदूषण की िमस्ा िे वातावरण में नवनभन्न प्रकार की बीमारीय क जन्म नदया, नजिे आज हर व्यब्धि अपिे जीवि में झेल रहा है। अब यह नकिी िमुदाय या िहर की िमस्ा िहीों रही बब्धल्क अब त यह दुनियाभर की िमस्ा बि चुकी है। इि िमस्ा का िमार्ाि नकिी एक व्यब्धि के प्रयाि करिे िे िहीोंह र्ा। अर्र इिका निवारण पूणग तरीके िे िहीोंनकया र्या, त एक नदि ऐिा आएर्ा जब पृथ्वी पर जीवि का क ई अब्धस्तत्व िहीों रहेर्ा। इिीनलए प्रत्येक आम िार्ररक क िरकार द्वारा चलाए जा रहे पयागवरण आन्द लि में िानमल ह िा ह र्ा। हम िभी क अपिी र्लती में िुर्ार करते हुए पयागवरण क प्रदूषण िे मुि करािा ह र्ा। यह माििा थ ड़ा मुब्धिल है, लेनकि िही यही है नक हर व्यब्धि द्वारा उठाया र्या छ टे िे छ टा भी िकारात्मक कदम एक नदि बड़ा बदलाव जरूर लाता है। हमें अब िमझिा ह र्ा नक व िमय आ चुका है नक प्राकृनतक िोंिार्ि का द हि बोंद करते हुए उिका िही तरीके िे इस्तेमाल करें। हमें इि बात का भी पूरा ख़्याल रखिा ह र्ा नक जीवि क बेहतर बिािे के नलए नवज्ञाि तथा तकिीक क नवकनित करिे के िाथ िाथ पयागवरण क भी नकिी प्रकार का िुकिाि ि पहुाँचे। स्वथथ रहिे के नलए स्वच्छ पयागवणीय हवा का ह िा बहुत जरूरी ह ता है। जब हवा की िोंरचिा में पररवतगि हिे पर स्वास्थ्य के नलए खतरा पैदा ह जाता है।वायु प्रानणय के जीवि का आर्ार ह ता है। वायुमोंडल पयागवरण का एक बहुत ही महत्वपूणग नहस्सा ह ता है। मािव जीवि के नलएवायु काह िाबहुतहीआवश्यकह ताहै।नबिावायु के मािव जीवि की कल्पिा भी िहीोंकी जा िकती है। वायुप्रदर्ण: नपछले कुछ िाल िे िोंिार के िामिे वायु प्रदूषण की बहुत बड़ी िमस्ा खड़ी ह र्यी है।वायु प्रदूषण का अथग ह ता है वायु में अिावश्यक रूप िे कुछ तत्व के नमल जािे िे वायु काप्रदूनषतह जािा।जबनकिीभीतरहके हानिकारक पदाथग जैिे रिायि, िूक्ष्म पदाथग या नफर जैनवकपदाथग वातावरणमें नमलते हैं त वायु प्रदूषणह ता है।जब वायु में र्ूल, र्ुआों, नवषाि, र्ैि, रािायनिक वाष् , वैज्ञानिक प्रयर् की वजह िे आोंतररक िोंरचिा प्रभानवत ह जाती है अथातग नवजातीय पदाथों की अनर्कता ह िे पर जब वायु, मिुष्य औरउिके पयागवरण के नलए हानिकारक ह जाते हैं त इि ब्धथथनत क वायु प्रदूषण कहते हैं। वायु प्रदूषण के इतिा अनर्क बढिे का कारण उद्य र् का व्यापक प्रिार, र्ुआों छ ड़िे वाले वाहि की िोंख्या में वृब्धद्ध और घरेलू उपय र् के नलए ऊजाग के स्त्र त का अनर्क मािा में द हि ह िा है। पयागवरण की ताजी हवा नदि प्रनतनदि नवनभि, जैनवक अणुओों, और कई प्रकार के हानिकारक िामग्री के नमलिे की वजह िे दूनषत ह रही है।वायु प्रदूषणका एक कारण बढती हुयी जििोंख्या और लर् का िहर की तरफ आिा भी है। लर् के रहिे के थथाि की व्यवथथा और आवाि की व्यवथथा के नलए वृक् और वि क लर्ातार काटा जाता है नजिकी वजह िे वायु प्रदूषण में वृब्धद्ध ह ती है। कुछ रािायनिक र्ैिे वायुमण्डल में पहुोंचकर वहााँ के ओज ि मोंडल िे निया करके उिकी मािा क कम कर देते हैं नजिकी वजह िे भी वायु प्रदूषणबढ़जाताहै।अर्रवायुमोंडलमें लर्ातारकाबगिडाई आक्साइड, काबगि मि आक्साइड, िाईटर जि, आक्साइड, हाईडर काबगि इिी तरह िे नमलते रहोंर्े त वायु प्रदूषण अपिी चरम िीमा पर पहुोंच जायेर्ा।जब िावगजनिक और व्यब्धिर्त िौचालय की िमुनचत िफाई िहीों ह ती है नजििे क्ेि नविेष में वायु प्रदूषण बहुत अनर्क बढ़ जाता है।िोंिार की बढती हुयी जििोंख्या िे प्राकृनतक िोंिार्ि का अनर्क प्रयर् नकया है। औद्यर्ीकरण की वजह िे बड़े बड़े िहर बोंजर बिते जा रहे हैं। वाहि और कारखाि िे ज र्ुआों निकलताहै उिमें िल्फर डाई आक्साइडकीमािाह तीहै ज पहले
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वैज्ञानिक 35 अप्रैल जूि 2022 िल्फाइडऔरबादमेंिल्फ्यूररकअम्लमेंबदलकरबूोंद के रूप में वायु में रह जाती है।वायु प्रदूषण का िबिे बड़ा कारण कपड़ा बिािे के कारखािे, रािायनिक कारखािे, तेल ि र्क कारखािे, चीिी बिािे के कारखािे, र्ातुकमग और र्त्ता बिािे वाले कारखािे, खाद और कीटिािक कारखािे ह ते हैं। इि कारखाि िे निकलिे वाले काबगि डाई आक्साइड, िाईटर जि, काबगि म ि आक्साइड, िल्फर, िीिा, बेरेनलयम, नजोंक, कैडनमयम, पारा और र्ूल िीर्े वायुमोंडल में पहुोंचते हैं नजिकी वजह िे वायु प्रदूषण में वृब्धद्ध ह ती है।जब जािवर की खाल क निकालकर उिके मृत िरीर क खुली जर्ह पर डाल नदया जाता है और उिके िरीर के िड़िे की वजह िे बदबू वायु में फै लती है नजििे वायु प्रदूषण ह ता है। आणनवक ऊजाग, अोंतररक् यािा, तकिीक के नवकाि की वजह िे अथवा ि र्कायग के नलए नकये जािे वाले नवस्फट या निया िे वातावरण क दूनषत करती है।वायु िे दूनषत करिे वाले तत्व क हटाकर वायु क दूनषत ह िे िे बचाया जा िकता है। हम वि िोंरक्ण और वृक्ार पण िे भी वायु प्रदूषण क कम कर िकते हैं। जलाऊ लकड़ी की जर्ह पर ऊजाग के अन्य नवकल्प क ढूाँढिा चानहए। कचरे का उपयुि नवनर् िे निवारण करिा चानहए।िरकारी विर पण क प्र त्साहि देिा चानहए। औद्यनर्क िोंथथाि क आवािी जर्ह िे दूर बिािा चानहए। वाहि क चलाते िमय मास्कयाचश्मे काप्रयर्करिाचानहए।िरकारक घर पर बैठकर काम करिे वाली िीनतय का प्रय र् करिा चानहए। नजतिा ह िके उतिा िाइनकल का प्रय र् करिा चानहए नजििे वायु प्रदूषण ि ह ।अपिे घर के आि पाि के पेड़ की देखभाल और रक्ा करिीचानहए। जब ज्ादा जरूरत ि ह नबजली का प्रयर् िहीोंकरिा चानहए। जहााँ पर आपक जरूरत है वहीों पर कूलर या पोंखा चलािा चानहए बानक थथाि का पोंखा या कूलर बोंद कर देिा चानहए। िूखे पत्त क जलािे की जर्ह पर उिकाखादके रूपमेंप्रयर्करिाचानहए। अपिी र्ाड़ी का प्रदूषण हर तीि महीिे में जााँच जरुर करवािी चानहए। हमेिा िीिायुि पेटर ल का प्रयर् करिा चानहए। बाहर की जर्ह पर घर में प्रदूषण का प्रभाव बहुतकम ह ताहै इिी वजहिे जब बाहर प्रदूषण अनर्क ह जाये त घर के अोंदर चले जािा चानहए। भनवष्य में अर्र हम अपिे आिपाि के वातावरण क िुोंदर और उपयर्ी देखिा चाहते हैं, त िबिे पहले हमें अपिे पयागवरण के िाथ जोंर्ली जािवर जैिा बतागव करिा बोंद करिा ह र्ा। पयागवरण में मौजूद िभी चीज का इस्तेमाल हमें भूखे भेनड़य की तरह िहीों बब्धल्क इोंिाि बिकर ही करिा ह र्ा। जब हम पयागवरण का िाथ देंर्े त उििे कही र्ुिा ज़्यादा बढ़कर पयागवरण हमारा िाथ देर्ा। नजतिी िहायता की जरूरत हमें प्राकृनतक पयागवरण की है, त उििे अनर्क िहायता प्रकृनत क बचािे के नलए हमें करिी ह र्ी। पयागवरण िोंरक्ण
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वैज्ञानिक 36 अप्रैल जूि 2022 खेलकूदके फायदे डॉ. अंहकताहमश्रा संपादक, आहवष्कार, इन्वेंशनइंटेलीजेंस, एनआरडीसी, नईहदल्ली “खेल हमारे जीवि का आवश्यक नहस्सा है। स्वथथ िरीर और नदमार् क नवकनित करिे के नलए खेल महत्वपूणग भूनमकानिभाता है।खेल एकअच्छीिारीररकर्नतनवनर्है ज तिावऔरनचन्तािे मुब्धिप्रदािकरताहै।यहब्धखलानड़य के नलए अच्छाभनवष्यप्रदािकरताहै । नकिी एनथलीट या ब्धखलाड़ी के नलए िारीररक र्नतनवनर्यााँ बहुत महत्वपूणग ह ती हैं। खेल, ब्धखलानड़य के नलए राष्टीय और अन्तराष्टीय स्तर पर बहुत अच्छा अविर प्रदाि है।प्रस्तुत लेख इिी नवषय पर केंनद्रत है िों.।“ खेलकूद मिुष्य के जीवि का एक अनभन्न अोंर् है। जीवि के अन्य निया कलाप के िाथ िाथ खेलकूद के नलए भी िमय निकालिा बहुत आवश्यक है। आपिे वह कहावत त िुिी ही ह र्ी पहला िुख निर र्ी काया। यह ित्यहीहै नकनिर र्ीिरीरजीविकािवगश्रेष्ठिुखहै, जब िरीर स्वस्थ्य ह र्ा त मिुष्य अपिे उत्तरदानयत्व का निवगहि िही ढोंर् िे कर िकेर्ा और जीवि का आिन्द उठा िकेर्ा। लेनकि इिके नलए आवश्यक है नक हमारा स्वास्थ्य अच्छा बिा रहे। इिके नलए हमें अपिी िारीररक क्मताओों का नवकाि करिा ह र्ा और िरीर क िुदृढ़ता प्रदािकरिीह र्ी।इिके नलएखेलक अपिीनदिचयाग में िानमल करिा ह र्ा।यनद आप िारीररक पररश्रम करते हैं और खेलकूद में नियनमत िहभार्ी ह ते हैं त आप स्वथथ रहेंर्े और िाथ ही िभी कायग िनिय रूप िे कर पाएोंर्े। आज की दौड़ भार् भरी नजोंदर्ी में व्यब्धि क मािनिक और िारीररक द ि प्रकार िे स्वथथ रहिा बहुत ही आवश्यक है। बेहतर स्वास्थ्य और िारीररक नवकाि में इिकी अहम भूनमका है। इििे िरीर भी दुरुस्त रहता है और मािनिक तिाव भी दूर ह ता है। उम्र के बढ़िे के िाथ िाथ हमारी माोंिपेनियाों कमज र ह ती जाती हैं। ऐिे में व्यायाम करिा हमारे िरीर के नलए अच्छा ह ता है, लेनकि यनदआप अपिी नदिचयाग में खेलकूद क नियनमत रूपिे िानमलरखते हैं त अिेकस्वास्थ्यिमस्ाओोंऔर व्यानर्य िे मुि बिे रहेंर्े। नियनमत व्यायाम और खेलकूद िे िरीर में रि का िोंचार िही ढोंर् िे ह ता है और भ जि का पाचि भी बेहतर ढोंर् िे ह ता हैं। म्यूनिख टेब्धक्नकलयूिीवनिगटीके हेल्थिाोंइिेिनडपाटगमेंटकीओर िे नकएर्एएकि र्िे प्राप्तपररणामबताते हैं नकखेलिे िे ध्याि केंनद्रत करिे की िब्धि बढ़ती और जीवि र्ुणवत्ता में भी िुर्ार ह ता है।नियनमत रूप िे खेलकूद में नहस्सा लेिे वाले व्यब्धिय क अिेक प्रकार की बीमाररय िे छुटकारा भी नमल जाता है। यनद नकिी क म टापे की िमस्ा है त खेलकूद के माध्यम िे इििे निजात नमल िकता हैं। वयस्क में मर्ुमेह, म टापा, उच्च व निम्म रिचाप आनद स्वास्थ्य िोंबोंनर्त अिेक िमस्ाओों पर नियोंिण पाया जा िकता है। खेलकूद कहिे में नजतिा आिािहै, लेनकिइिकािहीढोंर्िे अिुपालिकरिाभी उतिा ही आवश्यक है। अन्यथा आपक लाभ की बजाय दुष्ररणाम का भी िामिा करिा पड़ िकता है। िामान्य अथग में खेलकूद एक प्रनतस्पर्ागत्मक और प्रनिनक्त िारीररक र्नतनवनर् का िाम है ज हमें तिाव, नचोंता एवों अिेक परेिानिय िे मुि कर नजोंदर्ी भर स्वस्थ्य बिाएों रखिे में मदद करती है। दूिरे िब्द में कहे त खेलिे िे आप आजीवि नफट रह िकते हैं क्य ोंनक खेल ही है ज हरेक प्रकार िे िारीररक, िामानजक, मािनिक, बौब्धद्धक और मि वैज्ञानिक ढोंर् िे बेहतर स्वास्थ्य के निमागण में महत्त्पूणग य र्दाि प्रदाि करता है। खेल का मैदाि वह थथाि है ज आपके स्वास्थ्य पर एक थथायी छाप छ ड़ता है। यह िरीर क चुस्त, फुतीला और बनलष्ठ बिाता है। यनद आप दौड़ते हैं त यह िरीर में जमा अनतररि विा क कम करके िरीर क नफट बिाता है और म टापे क कम करता है। खेलकूद िे दौराि िरीर के लर्भर् िभी अोंर् का व्यायाम ह जाता है। वैिे िारीररक व्यायाम क नवनभन्न कारण िे नकया जाता है नजिमें माोंिपेनिय और हृदय व रि पररिोंचरण तोंि प्रणाली क िुदृढ़ बिािा, एथलीनटककौिलक बढ़ािे के नलएवजिघटािायाउिे
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वैज्ञानिक 37 अप्रैल जूि 2022 बिाए रखिा तथा मि रोंजि आनद िानमल हैं। अच्छे स्वास्थ्य के नलए नियनमत रूप िे िारीररक व्यायाम आवश्यक है। यनद नकि र िारीररक रूप िे िनिय िहीों हैं त उिके बीमार ह िे का ज ब्धखम बहुत है। बार बार और नियनमत रूप िे नकया र्या व्यायाम प्रनतरक्ा प्रणाली क मजबूतबिाताहै औरहृदयर र्, टाइपटू मर्ुमेहतथा म टापे जैिी जीवि िैली िे िोंबोंनर्त बीमाररय की र कथाम में िहायता करता है। खेलिे िे िरीर की माोंिपेनियाों िुदृढ़ बिती हैं और काया निर र्ी रहती है। खेल जीवि में िमपगण की भाविा नवकनित करिे में मूल्यवाि भूनमका भी निभाता है। खेल के मैदाि में ब्धखलाड़ीनिष्क्तान्याय, हारवजीतद ि क िमािरूप िे ग्रहण करता है। अपिे प्रनतद्वोंदी के प्रनत िहज भाव रखता है। वह जािता है नक खेल में कभी जीत ह ती है, त कभी हार ह ती है। वह अपिे प्रनतद्वोंदी के बनढ़या खेल की खुलकर िराहिा भी करता है और उिकी जीत पर मुि कोंठ िे बर्ाई देता है। ये िब र्ुण खेल िे ही त आते हैं। िामानजक जीवि में अिुिािि के महत्त् का पाठ खेल के मैदाि में िरलता िे िीखा जािकता है। खेल के द्वारा जीवि में पारस्पररक िम्माि के िद्र्ुण का नवकाि ह ता है। खेल के ब्धखलानड़य िे यह अपेक्ा की जाती है नक वे एक दूिरे ब्धखलानड़य का िम्माि करें। खेल िे टीम ब्धस्पररट यािी िमूह भाविा का नवकाि ह ता है। टीम ब्धस्पररट का मतलब हर उि ब्धखलाड़ी िे है ज अपिे पृथक पृथकव्यब्धित्वक टीमके व्यब्धित्वमें नवलीिकर दे।इिमेंटीमकाहरब्धखलाड़ीिम्पूणग टीमके नलएखेलता है केवल अपिे नलए िहीों। ‘टीम ब्धस्पररट‘ के जररए ब्धखलाड़ी खेल के द्वारा अपिे अोंदर बौब्धद्धक िब्धि क नवकनित करता है त यही उिके र जमराग के जीवि की िमस्ाओों का िमार्ाि करिे में अत्यनर्क लाभदायक निद्ध ह ती है।खेलकूद में िारीररक व्यायामभीअहमहै। िारीररक व्यायाम एक ऐिी र्नतनवनर् है ज िारीररक निर र्ता अथवा िमग्र स्वास्थ्य क बढ़ाती है या बिाए रखती है। राष्टीय नहत के नलए खेल महत्त्पूणग हैं। खेल के माध्यम िे हमें ज राष्टीय र्ौरव प्राप्त हुआ है उििे त िभी पररनचत ही हैं। देि के निकेटर श्री िनचि तेंदुलकर िे निकेट के माध्यम िे देि क ज र्ौरव प्रदाि नकया, उिके बारे में िभी जािते हैं। खेल के प्रनत उिका लर्ाव और उिकी उपलब्धधध्य क िोंज्ञाि में रखते हुए उन्ें देि का िवोच्च िार्ररक िम्माि ‘भारत रत्न‘ प्रदाि नकया र्या। भारतीय निकेट टीम द बार निकेट नवि कप में नवजेता रही। आजादी के बाद पहली बार वषग 1983 में निकेट नवि कप तथा दूिरी बार 2011 निकेट का नवि कप िमिः श्री कनपल देव तथा श्री महेंद्र निोंह र्िी के िेतृत्व में देि िे प्राप्त नकया। भारत का राष्टीय खेल हॉकी के खेल में भारत िे वषग 1975 में नवि कप जीता था।हाल ही में ओलोंनपक र्ल्ड मेडनलस्ट और जेवनलि थ्र के ब्धखलाड़ी िीरज च पड़ा िे नफिलैंड में आय नजत खेल में 89.30 मीटरदूरतकभालाफेंकते हुएरजतपदकहानिल नकया। इििे भारत की िाि बढ़ी और ब्धखलाड़ी का मि बल भी बढ़ा। भारतीय निक्ण व्यवथथा में प्राथनमक नवद्यालय िे लेकरउच्चनिक्ाके िोंथथाि मेंखेल के नलए उनचत व्यवथथा एवों प्रबन्धि नकया र्या है तानक िमस्त स्तर के नवद्याथी खेल के माध्यम िे अपिे व्यब्धित्व का निमागण कर िकें। भारत के नजतिे भी महापुरुष हुए हैं: स्वामी नववेकान्द, भर्वाि राम, कृष्ण, राणा प्रताप आनद, ये िभी नकिी ि नकिी िारीररक कौिल में दक् थे। इिी कारण वे िब्धििाली तथा यिस्वी भी बिे। िारीररक या मािनिक अस्वथथता रुग्णता की जिक ह ती है ज व्यब्धि के नलए ब झ िानबत ह ती हैं। व्यब्धित्व एवों चररि के निमागण में खेल की महती भूनमका है। खेल में हार जीत िामान्य बात है एक अच्छा ब्धखलाड़ी अिुकूल व नवपरीत पररब्धथथनतय में र्ैयग िे िामिा करिे की क्मता क अनजगत करता है ज उिके जीवि में िुख दुःख की थथनतय में िदा एक िा रहिे में मददर्ार िानबत ह ती है। पुरािे जमािे िे हमारी निक्ण पद्धनत में खेल क भी पाठ्यचयाग का अोंर् मािा र्या है। नवद्याथी के जीवि एवों िमुनचत नवकाि में खेल क उपय र्ी मािा र्या है। खेल ही िारीररक िब्धि के नवपुल भोंडार हैं। नित्य खेलकूद में भार् लेिे िे िरीर स्वथथ एवों मजबूत बिता है। पाचि िब्धि बढ़ती है, माोंिपेनियाों मजबूत ह ती हैं, स्फूनतग तथा िब्धि आती है। इतिा ही िहीोंिरीर में चपलता आती है तथा मािनिक नवकाि एवों निणगय लेिे की िब्धि का पररष्कार ह ता है। अस्वथथ व्यब्धि हमेिा कमज री महिूि करता है, इि प्रकार आत्मनविाि ख देता है। स्वथथ रहिे के नलए, खेल और खेल में िनिय रुनच लेिी
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वैज्ञानिक 38 अप्रैल जूि 2022 चानहए। इि प्रकार खेल जीवि में एक आवश्यक उद्देश्य कीपूनतग करते हैं।अच्छे स्वास्थ्यके जररएनिर र्ीकायाके निमागण में इिकी अहम भूनमका है। अच्छे स्वथथ के नलए अिेक प्रकार के खेल का िहारा नलया जा िकता है। दौड़िा, कूदिा, कबड्डी, टेनिि, हॉकी, फुटबॉल, निकेट, नजमिाब्धस्टक, य र्ाभ्याि मुख्य खेल हैं नजििे िे उत्तम व्यायाम ह ता है। इिमें िे कुछ आउटड र यािी बाहर जाकर खेलिे वाले खेल हते हैं और कुछ इोंड र यािी भीतर बैठकर खेले जािे वाले खेल। आउटड र खेल खुले मैदाि में खेले जाते हैं। इोंडर खेल क घर के अोंदर भी खेला जा िकता है। इिमें कैरम, ितरोंज, टेबलटेनिि आनद िानमल हैं। ि केवल अपिे देि में, बब्धल्क नवदेि में भी खेल का आय जि ह ता रहता है। खेल िे ि केवल ब्धखलानड़य काअनपतु देखिे वाल काभीभरपूरमि रोंजि ह ताहै।आजरेनडय तथाटेलीनवजिएवों अन्यमाध्यम के नवकाि िे हम खेल का आोंख देखा हाल अथवा िीर्ा प्रिारण देख िकते हैं तथा उभरते ब्धखलाड़ी प्रेरणा प्राप्त करिकते हैं। अतः खेलके हनम्नहलस्खतफायदे िैं :• खेलसेशरीरहफटिोतािै। • इससेटीमवकष औरलीडरहशपकीभावना बढ़तीिै। • खेलसेतनावकािरकमिोतािैऔर लेखन पढ़ाईबेितरिोतीिै। • खेलके माध्यमसेनीरसजीवनमेंऊजाषका संचारिोतािै। • वतषमानमेंस्पोटटषसमेंबेितरजॉबके अवसर िैं। अतः आज के युर् में खेल ि केवल मि रोंजि का िार्ि हैं, बब्धल्क इिका िामानजक तथा राष्टीय महत्त् भी है। इिमें स्वास्थ्य प्राब्धप्त के िाथ िाथ मि रोंजि भी हता है। इििे छाि में अिुिािि की भाविा आती है। खेल के मैदाि में छाि क नियम में बोंर्कर खेलिा पड़ता है, नजििे आपिी िहयर् और मेल ज ल की भाविा का भी नवकाि ह ता है। खेलकूद मिुष्य में िाहि और उत्साह की भाविा पैदा करते हैं। नवजय तथा पराजय दि ब्धथथनतय क ब्धखलाड़ी प्रिन्नतापूवगक स्वीकार करता है। अतः उपर ि कथि िे ऐ िाफ मालूम ह ता है नक खेलकूद िे िरीर में स्फूनतग आती है, बुब्धद्ध का नवकाि ह ता है तथा रि िोंचार बढ़ता है। खेल में भार् लेिे िे आपिी मि-मुटाव िमाप्त ह जाता है तथा खेल भाविा का नवकाि ह िा है। जीनवका अजगि में भी खेल का बहुत महत्व है। आज खेल में ऊोंचा थथाि प्राप्त ब्धखलाड़ी िम्पन्न व्यब्धिय में नर्िे जाते हैं। खेल क त आजकल अपिे कररयर के रूप में भी चुिा जाता है नजिमें माहीर ह कर ब्धखलाड़ी िाम व प्रनिब्धद्ध आनद भी पा िकता है। नकिी भी क्ेि में िफल ह िे के नलए कनठि मेहित िच्ची लर्ि की जरूरत ह ती है उिी तरह खेल जर्त में आर्े बढ़िे के नलए िारीररक और मािनिक द ि तरह िे तोंदुरुस्त ह िा बहुत ही आवश्यक है। राष्टीय अथवा अतराष्टीय स्तर पर खेलिे वालेब्धखलाड़ीअपिातथाअपिे देिकािामरिि करते हैं। भारत जैिे नवकाििील देि के नलए आवश्यकता है नक प्रत्येक युवक युवती खेल में भार् ले तथा श्रेष्ठता प्राप्त करिे के नलए प्रयाि करें। पहले अपिी रुनच के अिुिार ज िही लर्ता है, उिका चुिाव करें। अपिे स्कूल की प्रनतय नर्ता में भार् लेकर नकिी अच्छे टरेिरयािीप्रनिक्ु िे र जकुछिमयके नलएउिखेलकी बारीकीय क िमझें। नफर नजला स्तर पर आय नजत प्रनतय नर्ता में भार् लेिे के नलए प्रयाि और मेहित करिी चानहए। राज् स्तर पर भार् लेकर उिमें महारत हानिल कर आप राष्टीय स्तर यािी िेििल लेवल पर भार् ले िकते हैं। बि आपके अोंदर उिका जुिूि ह िा चानहए। खेल के िाथ िाथ पढ़ाई क भी जारी रखिा आवश्यक ह ता है। वैिे खेल क बढ़ावा देिे के नलए आजकल िरकार द्वारा भी प्र त्साहि नदया जा रहा है। ‘खेलर्ा इोंनडया त बढ़ेर्ा इोंनडया‘ आओ हम िब इिी िोंकल्प के िाथआर्ेबढेों। नवनभन्नप्रकारके खेलके नलएके खेल िामग्री
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वैज्ञानिक 39 अप्रैल जूि 2022 खेलकूदिे बच्च कािारीररकव्यायाम भारतके मिानतमएिलीट हदवंगतहमल्खाहसंि1958में स्वतंिभारतसे राष्ट्मडलखेलोंमें पिलास्वणष पदकहवजेता बने,विएकमािभारतीयपुरुर्िे, हजसने 56सालतकव्यस्िगतएिलेहटक्सराष्ट्मडलखेलोंमें स्वणष पदकजीता िा दुनिया में जैवनलि थ्र नविेषज्ञ भारतीय ब्धखलाड़ी श्री िीरजचपड़ा भारत िे 1975 में हॉकी के फाइिल में पानकस्ताि क 2 1 िे हराकर नवि कप जीता निकेटवल्डग कप : आजादीके बादजबभारतपहलीबार 1983 में औरदूिरीबार 2011 मेंनिकेट में नविचैब्धम्पयिबिा xx िरघरहतरंगा'आजादीकाअमृतमिोत्सव”आजादीके 75सालके तत्वावधानमें हतरंगाभारतदेशकीएकता काअहभयानिै
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वैज्ञानिक 40 अप्रैल जूि 2022 राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2022 2022 परनविेष सततभहवष्यके हलए हवज्ञान और प्रौद्योहगकी नवीन हिपाठी एएमआईई (मैकेहनकल इंजीहनयर) सीएनआईडी, आरसीएनडीहबस्डंग, बीएआरसी,मुंबई-94 “तत्कालीिप्रर्ािमोंिीस्वअटलनबहारीवाजपेयीिे11मई1998कदेिकेनलएमहत्वपूणगउपलब्धिका नदिघनषतनकयाथाऔरतभीिेइिेिेििलटेक्नलॉजीडेके तौरपरमिायाजाताहै.11मई1998में भारतीयिेिावदेिकेप्रमुखवैज्ञानिकोंिेनमलकरएकपखरणपरमाणुपरीक्णनकयाथा .पखरणटेस्टमेंपाोंचनवस्फटकीएकिीरीज थी.1998मेंपखरणपरमाणुपरीक्णकेबाद1999मेंइिकीपहलीवषगर्ाठोंमिाईर्ईऔरतबिेइिनदिकिेििलटेक्नलॉजीडेके तौरपरमिायाजाताहै” िेििल टेक्न लॉजी डे हर िाल 11 मई क मिाया जाता है। नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की में अतुलिीय य र्दाि देिे वाल के िम्माि में राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि मिाया जाता है। राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2022 की थीम 'िस्टेिेबल यूचर के नलए िाइोंि एोंड टेक्न लॉजी में इोंनटग्रेटेड अप्र च' रखीर्ईहै।जबनकनपछलेिालिेििलटेक्न लॉजीडे की थीम 'एक ितत भनवष्य के नलए नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की' रखी र्ई थी। राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि मिािे की िुरुआत 11 मई 1998 क ऑपरेिि िब्धि के तहत राजथथाि में भारतीय िेिा के प खरण टेस्ट रेंज में तीि िफल परमाणु परीक्ण के बाद हुई। क र िावायरि महामारी में टेक्न लॉजी क नवड 19 िे लड़िे में भारत क िक्म बिा रहा है। प्रौद्यनर्की में नचनकत्सा प्रौद्यनर्की, उन्नत प्रौद्यनर्नकयाों औरनवनिमागणिानमलहैं।राष्टीयप्रौद्यनर्की नदवि पर आइये जािते हैं िेििल टेक्न लॉजी डे की पूरी जािकारी।ब डग हर िाल एक थीम की घ षणा करता है। राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2022 की थीम 'िस्टेिेबल यूचर के नलए िाइोंि एोंड टेक्न लॉजी में इोंनटग्रेटेड अप्र च' (Integrated Approach in Science & Technology for Sustainable Future) रखी र्ई है। वतगमाि एवों भनवष्य में मािवता की भलाई के नलए नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की के ितत नवकाि की निरोंतर आवश्यकता है। इोंडस्टरी के आर्ुनिकीकरण,पेटर नलयम पदाथो के उत्पादि व नबजली के उत्पादि व कृनष िोंरचिाओों व प्रणानलय के िभी िकारात्मक प्रभाव व िवाचार क बढ़ावा देिा ह र्ा । नवकाि का मतलब यह िहीों की अनर्क अनर्क उत्पादि, अनर्क खपत ,ह नजिके कारण ग्ल बल वानमिंर्, िई बीमाररयाों व प्राकृनतक िोंिार्ि का अत्यनर्क द हि और मि वैज्ञानिक नवकार में वृब्धद्ध ह ।नजि पर नवचार कर आवश्यक हल ख जिे की आवश्यकता है, नपछले िाल राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2021 की थीम "एक ितत भनवष्य के नलए नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की" यािी (Science and Technology for a Sustainable Future) रखी र्ई थी। जबनक राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2020 की थीम 'रीबूनटोंर् द इक िॉमी नवद िाइोंि, टेक्न लॉजी एोंड ररिचग टराोंिलेिि' यािी (Rebooting the Economy through Science, Technology and Research Translations' titled 'RESTART') रखी र्ई थी। िेििल टेक्न लॉजी डे का इनतहाि क्या है: राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2022 इनतहाि हमें 1998 में वापि ले जाता है, जब तत्कालीि प्रर्ािमोंिी अटल नबहारी वाजपेयी िे 11 मई क प खरण परमाणु परीक्ण II मेंके िफल ह िे पर देि के नलए महत्वपूणग उपलब्धि के नदि के रूप में घ नषत नकया था। प्रौद्यनर्की नवकाि ब डग तब िे वैज्ञानिक और इोंजीनियर और उिके तकिीकी िवाचार क िम्मानित कर रहा है नजन् ोंिे इि नदि भारत के नवकाि में वृब्धद्ध की है। 1998 में इि नदि नकए र्ए परमाणु परीक्ण, ज राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2022 क इिकी अहनमयत देता है, क एयर स्पेि वैज्ञानिक और भारत के पूवग राष्टपनत एपीजे अब्दुल कलाम िे पनतत नकया था। यह नमिि भारतीय िेिा द्वारा रक्ा अिुिोंर्ाि और नवकाि िोंर्ठि (DRDO), भाभा परमाणु अिुिोंर्ाि केंद्र (BARC), परमाणु खनिज निदेिालय अिेषण और अिुिोंर्ाि (AMDER) के वैज्ञानिक के िहयर् िे नकया र्या था। इि परीक्ण िे भारत क थमोन्यूब्धक्लयर हनथयार और नवखोंडि बम
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वैज्ञानिक 41 अप्रैल जूि 2022 बिािे में िक्म बिाया। राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि पर, भारत के पहले स्वदेिी नवमाि, होंिा 1 िे उड़ाि भरी और डीआरडीओ (DRDO) िे ितह िे हवा में मार करिे वाली नििूल नमिाइल का परीक्ण नकया। यह एक त्वररत प्रनतनिया िमय के िाथ कम दूरी की नमिाइल है। िेििल टेक्न लॉजी डे कैिे मिाया जाता है ? आमतौर पर, राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि िमार ह के नलए िई नदल्ली में एक बड़े पैमािे पर कायगिम आय नजत नकया जाता है और राष्टपनत क मुख्य अनतनथ के रूप में आमोंनित नकया जाता है। वह वैज्ञानिक क पुरस्कार प्रदाि करता है और उिकी उपलब्धिय के नलए उन्ें िम्मानित करता है। िेििल टेक्न लॉजी डे अवाड्गि क र िवायरि वायरि महामारी के िाथ, यह स्पष्ट िहीों है नक इि वषग क ई कायगिम आय नजत नकया जाएर्ा या िहीों। प्रौद्यनर्की नवकाि ब डग के अिुिार, इि नदि स्वदेिी प्रौद्यनर्की के िफलतापूवगक नवकाि और व्यविायीकरण के नलए स्वदेिी प्रौद्यनर्की के िफल व्यविायीकरण के नलए राष्टीय पुरस्कार नदया जाता है। राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि थीम राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2022 थीम "िस्टेिेबल यूचर के नलए िाइोंि एोंड टेक्न लॉजी में इोंनटग्रेटेड अप्र च" राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2021 थीम "एक ितत भनवष्य के नलए नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की" राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2020 थीम "नवज्ञाि, प्रौद्यनर्की और अिुिोंर्ाि अिुवाद के माध्यम िे अथगव्यवथथा क ररबूट करिा (RESTART)" राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2019 थीम "नवज्ञाि के नलए लर् और नवज्ञाि के नलए ल र्" राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2018 थीम "स्वदेिी प्रौद्यनर्नकय का व्यविायीकरण: बेंचमाकग िे व्यविाय तक की यािा" राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि 2017 थीम "िमावेिी और ितत नवकाि के नलए प्रौद्य नर्की" हिशूलहमसाइलभारतीयसेना में हुई शाहमल: 11 मई, 1998 क रक्ा अिुिोंर्ाि एवों नवकाि िोंर्ठि (डीआरडीओ) िे नििूल नमिाइल का आब्धखरी टेस्ट फायर क पूरा करके उिे भारतीय वायु िेिा िे अपिी िेवा में िानमल नकया. ितह िे हवा में वार करिे वाली, िीघ्र प्रनतनिया देिे वाली, लघु िीमा की नमिाइल नििूल भारत के िमब्धित र्ाइडेड नमिाइल नवकाि कायगिम की एक इकाई थी नजिके पररणामस्वरूप पृथ्वी, आकाि और अनि नमिाइल प्रणाली का भी र्ठि हुआ है. राष्ट्ीय प्रौद्योहगकीहदवसका मित्व: आज प्रौद्यनर्की यानि टेक्न लॉजी की हर क्ेि में आवश्यकता है इिका महत्व केवल नवज्ञाि में ही िहीों बब्धल्क एक देि क आर्े बढ़ािे के हर पहलु पर है. आज प्रत्येक व्यब्धि नकिी िा नकिी तरह िे प्रौद्यनर्की िे जुड़ा है भारत क नडनजटल करिे में प्रौद्यनर्की का बढ़ा हाथ है. नजि तरह िे प्रत्येक नवकनित औऱ नवकाििील देि अपिे अपिे परमाणु परीक्ण कर अपिी िब्धिय िे दुनिया क रुबरु करा रहे हैं. उिी प्रकार भारत भी राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि मिाकर अपिे वैज्ञानिक एवों उिके कायों क िम्माि प्रदाि करता है 1 मई 1998 के नदि िुबह िे ही िेिा के वाहि द्वारा र्ाोंव में र्श्ती िुरू कर दी र्ई थी. िेिा के जवाि द्वारा लर् क बार बार घर िे बाहर निकलकर िुरनक्त थथाि पर जािे की अपील की जा रही थी. द पहर के 3 बजकर 20 नमिट पर तेज र्माके की आवाज िे र्ाोंव र्ूोंज उठा लर् क लर्ा नक क ई प्राकृनतक आपदा हुई है इिी दौराि ग्रामीण िे देखा नक नफल्ड फायररोंर् की तरफ िे आिमाि में र्ुएों का नवस्फ ट ह रहा था. उि ऐनतहानिक व र्ौरवाब्धित मोंजर क याद करते हुए ग्रामीण बताते हैं नक र्माके की आवाज िे जमीि में थ ड़ी हलचल हुई. ल र् क लर्ा नक भूोंकप आ र्या र्ाोंव के मवेिी इर्र उर्र भार्िे लर्े कई मकाि की छत पर दरारें आ र्ई र्माके के िमय र्ाोंव में िेिा के अनर्कारी व जवाि खड़े थे. उि तेज र्माके की आवाज के कुछ क्ण बाद ही िेिा के अनर्कारी र्ानडय के कानफले के िाथ र्ाोंव िे बाहर निकल र्ए.पू वग राष्टपनत डॉ. कलाम िे िेतृत्व नकया था. 11 मई 1998 क जब प क प खरण ब्धथथत नफल्ड फायररोंर् रेंज में परमाणु परीक्ण हुआ, उि िमय डीआरडीओ के तत्कालीि निदेिक भारत के पूवग राष्टपनत डॉ. अब्दुल कलाम थे. भारत की जिता देि के पूवग राष्टपनत क नमिाइल मैि के िाम िे भी जािती है. परीक्ण िे पहले डॉ कलाम िे िेिा के जवाि के िाथ
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वैज्ञानिक 42 अप्रैल जूि 2022 प करण फायररोंर् रेंज का निरीक्ण नकया था. इि परीक्ण क लेकर प्रर्ाि मोंिी, रक्ा मोंिी और नमिि िे जुड़े प्रमुख वैज्ञानिक व िेिा के अलावा नकिी भी व्यब्धि क इि ऐनतहानिक ह िे वाले मोंजर की जािकारी िहीों थी डॉ कलाम िे अपिी नववेकनिल िे इि ऑपरेिि क अोंजाम नदया र्या जैिे ही डॉ कलाम के िेतृत्व में राजथथाि की इि वीर र्रती पर परमाणु परीक्ण नकया र्या, डॉक्टर एपीजे अधदुल कलाम क उि िमय एक छद्म िाम नदया र्या और वह अधदुल कलाम िे किगल पृथ्वीराज बिे र्ए और वह कभी भी ग्रुप में टेथट वाली िाइट पर िहीों जाते थे। वह हमेिा ही अकेले िफर करते तानक नकिी क भी उि पर िक ि ह । आमी यूनिफॉमग िे उिका काम आिाि कर नदया। िीआईए जािूि क लर्ा नक ये िभी आम आमी ऑनफििग हैं और इिके परमाणु वैज्ञानिक िे क ई िोंबोंर् िहीोंहैं। उि िमय देि के प्रर्ािमोंिी स्व अटल नबहारी वाजपेयी थे. उन् िे भी परमाणु परीक्ण क देि के नलए र्ौरविाली बताकर ल र् का आभार व्यि नकया था. प खरण की िरजमीों िे डॉ. कलाम व देि के पूवग प्रर्ािमोंिी क इतिा प्यार था नक वाजपेयी िे 19 मई 1998 क प खरण में आय नजत एक कायगिम में ल र् िे रू ब रू ह कर इि ऐनतहानिक मोंजर क िाझा नकया उिी िमय उन् ोंिे िेिा, नकिाि व नवज्ञाि के क्ेि में जय जवाि, जय नकिाि व जय नवज्ञाि का िारा नदया. उिी नदि उन् ोंिे कहा नक भारत में बुद्ध मुस्कराएों हैं. एक अग्रेजी अखबार क नदए अपिे निजी इोंटव्यू में उन् ोंिे खेत लाई र्ाोंव का नजि करते हुए “आइ लव यू खेत लाई” भी कहा. इि नदि 1998 में प खरण में ि निफग िफलतापूवगक परमाणु परीक्ण नकया र्या, बब्धल्क इि नदि िे िुरू हुई कड़ी 13 मई तक भारत के पाोंच परमाणु र्माक में तब्दील ह चुकी थी. भारत िे ि निफग परमाणु नवस्फ ट िे अपिी कुिल प्रौद्यनर्की का प्रदिगि नकया, बब्धल्क अपिे प्रौद्यनर्की कौिल के चलते नकिी क काि ोंकाि परमाणु परीक्ण की भिक भी िहीोंलर्िे दी. इि नदवि क मिािे का यह भी उद्देश्य है नक लर् ज्ादा िे ज्ादा प्रौद्यनर्की के बारे में जाि िकें , उिके प्रनत जार्रुक ह िकें . आज प्रौद्यनर्की के कारण ही िमस्त नवि एक दूिरे िे जुड़ पाया है. निक्ा, व्यापार, िोंचार इत्यानद क आज िरल और िोंभव प्रौद्यनर्की िे ही बिाया है. भारत अपिे इिी नवकाि क आर्े बढ़ािे के नलए और प्रौद्यनर्की के महत्व क दिागिे के नलए प्रनतवषग राष्टीय प्रौद्यनर्की नदवि मिाता है. प खरण परीक्णके दौराि पूवग प्रर्ािमोंिी स्व अटल नबहारी वाजपेयी पूवग रक्ा मोंिी स्व जॉजग फिािंडीि,महािवैज्ञानिकडॉअधदुलकलाम, डॉआरनचदोंबरमऔर आमीके जवाि
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वैज्ञानिक 43 अप्रैल जूि 2022 हवशालतमजीवकाहनधाषरणकैसे हुआ बीएनहमश्र एनआरबी, बीएआरसी, मुंबई 85 आपिेतरहतरहकेजीवजोंतुदेखेहोंर्ेयाइिकेबारेमेंिुिाहर्ा अनतिूक्ष्मजीवाणुिेलेकर नविालकायिीलीव्हेलतक।परयहाोंनजिजीवकीबातकरेंर्े , आपिेिायदहीकभीउिकेबारेमें िुिाहर्ा।यनदहमआपिेप्रश्करेंनकइिपृथ्वीकािबिेबड़ेजीवकौिहै , तआपकीजािकारीके अिुिारइिकाउत्तरनजराफ , हाथीयाब्लूव्हेलयानफरनिकयापेड़हर्ा। ब्लू व्हेल िमुद्र में पाई जाती है नजिकी लोंबाई लर्भर् 30 मीटर तथा वजि 173 टि तक ह िकता है। यह िोंिार का िबिे बड़ा स्तिर्ारी जीव है। इिी तरह निक या पेड़ है ज उत्तरीअमेररकामें पायाजाताहै, इिकीलोंबाईलर्भर् 115 मीटर तथा चौड़ाई 10 मीटर तक ह िकती है। यह िोंिार कािबिे लोंबापेड़है।लेनकिआियग कीबातहै नकये द ि हीपृथ्वीके नविालतमजीव मेंिे िहीोंहै।त नफरकौिहै? हवशालतमपेड हसकोया आपके मि में यह िवाल भी आ रहा ह र्ा नक नविालतम जीव का निर्ागरण कैिे नकया जाता है? इिके निर्ागरण क लेकर वैज्ञानिक िमुदाय में कुछ मतभेद हैं नफर भी कुछ पहलुओों के आर्ार पर इिका निर्ागरण िोंभव है। जैिे, नकिी जीव का पररमाप, क्ेिफल, लोंबाई, ऊोंचाई। यहाों तक नकजीि मके आकारके द्वाराभीइिकानिर्ागरणनकयाजा िकता है। चीोंनटय और मर्ुमब्धिय जैिे कुछ जीव िाथ नमलकर िुपरऑर्ेनिज़्म का निमागण करते हैं। लेनकि ये एकल जीव िहीों हैं। दी ग्रेट बैररयर रीफ दुनिया की िबिे बड़ी िोंरचिा है ज 2000 नकलमीटर तक फैली है लेनकि इिमेंकईप्रजानतय के जीवहैं। पाोंडा वजि के नहिाब िे इि पृथ्वी का िबिे बड़ा ज्ञात जीव है पाोंडा। िुद्ध वजि के मामले में पाोंडा िबिे ऊपर है। पाोंडा का लैनटि भाषा में मतलब ‘I Spread’ (यािी मैं फैलता हूों) है। इिे टरेम्बनलोंर् जाएोंट (कोंपायमाि दैत्य) या एस्पेि के िाम िे भीजािाजाताहै।पाोंडािोंयुिराज्अमेररकाके दनक्ण मध्य ऊटा में क लेरैड पठार के पनिम छ र पर नफिलेक राष्टीय उद्याि में है। लेनकि आप यनद इि जीव के बारे में पढ़े नबिा इिे ख जिे जाएोंर्े त ढूोंढिा थड़ा मुब्धिल ह र्ा क्य ोंनक यह एक पेड़ है। एक पेड़ क ढूोंढिा इतिा मुब्धिल क्य है? त आपक बता दें नक यह पेड़ देखिे में एक जोंर्ल के िमाि ही है। लेनकि वैज्ञानिक दृनष्ट िे पाोंडा एक पेड़ है नजिके क्ल ि के िमुदाय 5 नकलमीटरतकफैले ह िकते हैं।आिुवोंनिकि र्कतागओोंद्वाराइिे एकलजीवके रूपमें नचोंनहत नकया र्या है। यह लर्भर् 108 एकड़ में फैला है नजिका वजि लर्भर् 6000 टि (60,00,000 नक.ग्रा.) ह िकता है। यह िबिे बड़े नविालकाय निक या पेड़ िे लर्भर् 5 र्ुिा अनर्क और लर्भर् पूरी तरह िे नवकनित 45 ब्लूव्हेलके बराबरहै। पाोंडा (Populus tremuloids) की पहचाि 1976 में जेरी केम्परमैि और बटगि बार्न्ग िे की थी। माइकल ग्राोंट, जेफरी नलटिऔरक लेरैड नविनवद्यालयके नयिनलिहाटग िे 1992
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वैज्ञानिक 44 अप्रैल जूि 2022 में क्ल र्न् की नफर िे जाोंच की और इिे पाोंडा िाम नदया। िाथ हीवजिके नलहाज िे दुनिया का िबिे बड़ाजीवह िे का दावा नकया। ऐिा मािा जाता है नक पाोंडा की िुरुआत एक बीज िे हुई थी। यह लर्भर् 14,000 िाल या उििे भी पहले की बात है। हालाोंनक इिकी उम्र का िही िही अिुमाि लर्ा पािा कनठि है। कुछ जर्ह इिकी उम्र 50,000 60,000 वषग भी बताई र्ई है। पाोंडा आिुवोंनिक रूप िे िर है नजिमें एक अलर् जड़ तोंि ह ता है ज आपि में जुड़ाहुआह ताहै।वैज्ञानिकिहीोंजािते नकक्ल िमें बड़े पैमािे पर पेड़ कैिे जुड़े हैं। एक बार पौर्े जब एक निनित उम्र तक पहुोंच जाते हैं, त वे अपिे जड़ तोंि क अलर् कर िकते हैं। ऊटा नविनवद्यालय की कैरि मॉक बताती हैं नक िाझा आिुवोंनिकी के कारण, अलर् ह िे वाले पेड़ में अभी भी एक जैिे र्ुणर्मग हैं। जैिे नक कनलय का एक िमय में ब्धखलिा और पनत्तय का नविेष पररब्धथथनत ह िे पर एक ही िमय में मुड़िा। इिका जड़ तोंि कई हजार िाल पुरािा मािा जाता है। िभी क्ल ि जड़ की एक िाझा प्रणाली के जररएएकपेड़द्वाराएकनितऊजाग यापािीक इिजड़तोंि के द्वारा िभीपेड़िाझाकरते हैं। पाोंडामें अपिे जड़तोंि के माध्यम िे अलैंनर्क रूप िे आिुवोंनिक रूप िे िमाि िोंतािें उत्पन्न करिे की अद्भुत क्मता है।पाोंडा देखिे में खूबिूरत ह ता है। इिके िभी क्ल ि लर्भर् िमाि ऊोंचाई के हैं। िरद ऋतु में पाोंडा अपिे पीले िुिहरे रोंर् के नलए जािे जाते हैं। ऊटा िे 2014 में पाोंडा क अपिे राज् का अनर्काररक पेड़ बिाया। इिकी छाल िफेद भूरे रोंर् की ह तीहै नजिमें म टे काले आड़े नििािऔरर्ाोंठें ह तीहैं।ये नििाि एल्क (एक प्रकार का बारहनिोंहा) द्वारा बिाए र्ए िोंकेतहैं ज दाोंत द्वाराएस्पेिकीछालक छीलिे िे बिे हैं। पाोंडाकीपनत्तयाों र्लह तीहैं औरति परनवनिष्टतरीके िे जुड़ी हुई ह ती हैं। जब हवाइि पनत्तय क छूकर र्ुजरती है त वे नवनिष्ट तरीके िे नहलती डुलती हैं।लेनकि इि ग्रह का नविालतम जीव आज मरिे की कर्ार पर है। इिके कुछ कारण ज्ञात हैं त कुछ अज्ञात। र र्, जलवायु पररवतगि और जोंर्लमेंलर्ीआर्िे पाोंडापरबहुतहीबुराप्रभावडालाहै। परोंतु नर्रावट का मूल कारण बहुत ही आियगजिक है। बहुत िारे िाकाहारी जािवर (खच्चर, नहरण, एल्क) पाोंडा के बीच घूमते रहते हैं। परन्तु इिकी बढ़ती जििोंख्या िबिे बड़ा खतरा बि र्ई है। इि जािवर िे िई निकल रही क पल तथा युवा ति क तेजी िे खािा प्रारोंभ कर नदया है, नजिके कारण िए क्ल ि की िोंख्या घट रही है। पाोंडा पर ि र् करिे वाले रॉजिग कहते हैं नक पुरािे पेड़ के लर्भर् 47,000 तिे लर्भर् 70 प्रनतित मृत हैं या तेजी िे अपिे अोंत के करीब हैं। अमेररकी वि िेवा के निक लि मास्ट कहते हैं नक पाोंडा के िए तिे खच्चर, नहरण एवों एल्क के नलए स्वानदष्ट भ जि हैं। पाोंडा के पाि अपिा िुरक्ा तोंि भी है यनद पाोंडा खुद क खतरे में पाता है त वह अपिे रिायि क बदल िकता है और अनर्क अोंकुरण कर िकता है। नवपरीत पररब्धथथनतय में एस्पेि एक रिायि का उत्पादि करिे में िक्म ह ते हैं ज नहरण के नलए अपिे ति के स्वाद क खराब करते हैं ज चराई के ब्धखलाफ एक िुरक्ा है।िाकाहारी जािवर िे पाोंडा की िुरक्ा के नलए 2013 में अमरीकी वि नवभार् के िहयर् िे तथा िोंरक्ण प्रेनमय के एक र्ैर मुिाफा िोंर्ठि की मदद िे पाोंडा की 108 एकड़ जर्ह क तार िे घेरा र्या है। वैज्ञानिक आिावादी थे, पर कुछ किमकि में थे नक िाकाहारी जािवर के आिमण िे बचाव के बाद पाोंडा के िए अोंकुर तथा युवा क्ल ि का क्या ह र्ा? क्या पाोंडा िए क्ल ि क तेजी बिािे में िक्म ह ोंर्े या नफर इिके मरिे के और भी कारण है। खुिी की बात यह है नक फेंनिोंर् के कुछ िाल बाद िए क्ल ि की क पलें िुरनक्त हैं और युवा क्ल ि तेजी िे बढ़ रहे है। आिा है नक पृथ्वी का यह नविालतम जीव िुरनक्तरहेर्ा।
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वैज्ञानिक 45 अप्रैल जूि 2022 वैहदकहवज्ञान भारतीयहवज्ञानवप्रौद्योहगकीपरंपरामेंवैहदकहवज्ञानकीभूहमका मनीर्श्रीवािव आइसेक्ट, हवद्यानगर, भोपाल, मप्र आर्ुनिकभारतीयिोंस्कृनतमेंज्ञाि नवज्ञािकीपरोंपराअनवरलरूपिेप्रवानहतहतेरहीहै।वैज्ञानिकप्रमाणों औरइनतहािनवदोंकीखजोंिेभारतमेंमािविभ्यताकेतर्थ्ात्मकप्रमाणनिोंर्ुघाटीकीिभ्यतािेमािेजातेहैं।रेनडयकाबगिपद्धनतिेइिकी िमयावनर्2350 ईस्वी 1750 ईस्वीके लर्भर्बताईर्ईहै।हालााँनकपूवगऔरपनिमकेवैज्ञानिकोंद्वाराइिके कालनिर्ागरणमेंमतभेदहैं , लेनकिहमअर्रऔितरूपिेइिकाकालईिाकेलर्भर्2000 ईिापहलेभीमािलें , तभीनिोंर्ुघाटीकेथथलोंकीखुदाईमेंप्राप्तप्रमाणों िेयहज्ञातहहीजाताहैनकतात्कालीििमयमेंरहिेवालीभारतीयिभ्यताके लर्र्नणत , निनवलइोंजीनियररोंर् , नचनकत्साजैिेमहत्वपूणग नवषयोंके बारेमेंपयागप्तजािकारीरखतेथे।(इिआलेखमेंआर्ेहमइिबातके पयागप्तप्रमाणदेखेंर्े। ) इनतहािनवदोंद्वाराप्राचीिभारतके कालिम(निोंर्ुघाटीकीिभ्यताकाकालखोंड/ वैनदककाल/उत्तरवैनदककाल/मध्ययुर्/आर्ुनिकयुर्) कनजितरहिेनवभानजतनकयार्या है , काहमउििभीकालखोंडोंिेयहजाििकतेहैंनकभारतमेंनवज्ञािऔरप्रौद्यनर्कीकीउत्कृष्टिमझयािवोत्तमजािकारीयहााँकीिोंस्कृनतअनभन्ननहस्सारहीहै।र्नणत , नचनकत्सा , पिु नचनकत्सा , परमाणुनिद्धाोंत , रिायि , ज्नतष , कलाजैिेर्ूढ़नवषयऔरइििेिोंबोंनर्त महत्वपूणगनिद्धाोंतोंकाप्रनतपादिभारतीयमिीनषयोंद्वाराआर्ुनिकनविकेहजारोंवषोंपहलेनकयाजाचुकाथा। भारतीय िोंस्कृनत के 'तैनत्तरीय िोंनहता' िामक ग्रोंथ में चोंद्रमाक 'िूयग रब्धश्म'कहकरपुकारिेकातर्थ्नमलता है।ऐिाइिनलये कहार्याहै नकभारतके महािऋनषय क उि िमय ही यह ज्ञाि ह र्या था नक चोंद्रमा िूयग के प्रकाि िे चमकता है। इिी प्रकार 'अथवग िोंनहता' में आकािीय र्ूमकेतुओों का िोंदभग नदया र्या है। इिमें नलखार्या, 'शन्नोमृत्युधूषमकेतु: शरुद्रास्िग्मतेजस:।' इिी तरह काल के निर्ागरण हेतु भी भारतीय मिीनषय िे िोंवत् िामकर्णिा का आनवष्कार कर नलया था। नवनवर् िोंदभों िे ज्ञात ह ता है नक वैनदक ऋनष दीघगतमि् िे 4 प्रकार िे वषों का निर्ागरण नकया था। उन् ोंिे 354 नदि का चन्द्र वषग, 365 1/4 नदि का िायि वषग, 360 नदि का लौनकक वषग और 366 नदि का िक्ि वषग का नवभाजि वानषगक र्णिा के नलये नकया हुआ था। इि आलेख में हम नवषयवार उि िभी प्राचीि भारतीय ऋनषय और मिीनषय के बारे में चचाग करेंर्े, नजन् ोंिे अपिे ज्ञाि िे ि निफग कई महत्वपूणग रहस् क उजार्र नकया, बब्धल्क िये िये आनवष्कार िे मािव िभ्यता में िये युर् का िूिपात भी नकया। आईये कालखोंड के अिुिार नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की के क्ेि में भारत की प्राचीि ज्ञाि नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की की परोंपरा तथा मिीनषय के अिीनमतज्ञािके बारे में प्रमाण औरिोंदभों के जररएनवस्तारिेजाितेहैं: हसंधु घाटी की सभ्यता 1921 22 के लर्भर् दयाराम िाहिी और मार्स्वरूप वत्स द्वारा नवि इनतहाि की िबिे महत्वपूणग ख ज का निलनिला िुरू नकया र्या। हड़प्पा और म हिज दड़ िामक द प्राचीि िर्र की ख ज की र्ई, नजिे िारे निष्कषों के बाद प्राचीि निोंर्ु घाटी की िभ्यता का नहस्सा कहा र्या। इिी तरह िे आर्े भी खुदाई ह ते रही और कालीबोंर्ि, र पड़, लथल जैिे भारतीय िभ्यता के प्राचीि प्रमाण का पता चला। ऐिी प्राचीि भारतीय िभ्यता, ज वतगमाि हररयाणा िे लेकर दनक्ण में र्ुजरात तकके दायरे मेंफैलीहुईथी।
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वैज्ञानिक 46 अप्रैल जूि 2022 इनतहािनवद द्वाराइिे ईिािे लर्भर्2000वषग पूवग की िभ्यताओों के रूप में प्रमानणत नकया र्या। वैनिक इनतहािमेंमौजूदिबिे अनर्कप्राचीििभ्यताओोंमेंइिे आज भी नर्िा जाता है। इि नविेष ख ज के महत्वपूणग तर्थ् यह थे नक इनतहािनवद क वहााँ प्राचीि व्यवब्धथथत िर्र के अविेष नमले। कुछ बहुमोंनजला इमारत नमली। स्नाि करिे के नलये भवि और िौचालय की बेहतर व्यवथथा नमली। िर्र में घूमिे के नलये व्यवब्धथथत िड़क और बरिात के पािी तथा र्ोंदर्ी की निकािी के नलये िु व्यवथथायें नदखीों।यहााँ तकअिाजक िुरनक्तरखिे के नलये भण्डार र्ृह, खुले आोंर्ि, कुएाँ और ईट भी प्राप्त हुईथीों। यह िारे तर्थ् वैज्ञानिक रूप िे भारतीय िभ्यता के नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की के प्रनत आनद्वतीय ज्ञाि क प्रदनिगत करते हैं। यह तर्थ् इि बात क भी प्रमानणत करते हैं नक उि िभ्यता के लर् क ज्ानमनत और रेखार्नणत का भलीभाोंनत ज्ञाि था। तभी वे व्यवब्धथथत इमारत और ऐिे िर्र का निमागण कर पाये, ज तत्कालीि िमय के उन्नतीिील िभ्यताओों में नर्िा जाता था। उन्ें लोंबे िमय तक अिाज क िुरनक्त रखिे की भी नवनर् पता थी, इिका अथग है उन् ोंिे ऐिे प्राकृनतक तरीक या रिायि की ख ज कर ली थी, ज खाि पाि िे जुड़ी वस्तुओों क लोंबे िमय तक िुरनक्त रख िकती थीों। वैहदकयुगके वैज्ञाहनकप्रमाण पुरातत्वनवद कीख ज के अिुिारईिािेलर्भर्1500 वषग पहले की अवनर् िे भारतीय िोंस्कृनत में वैनदक युर् की िुरुआत मािी जाती है। (हालााँनक कई पुरातत्वनवद के मध्यकालखोंडकीअवनर्क लेकरमतभेदहैं,लेनकि हमनफलहालइिअवनर्क हीमािकरचलतेहैं।) भारतीयिभ्यताके िबिे प्रमुखकालखोंड में िे एकइि अवनर् में ही ज्ञाि नवज्ञाि की अकूत परोंपरा का िूिपात हुआ। वैनदक युर् के दौराि चार वेद की रचिा हुई, नजिे ऋग्वेद, यजुवेद, अथवगवेद और िामवेद कहा र्या। इि वेद के अोंतर्गतहीप्रकृनतऔरब्रहमाण्डिे जुड़े आद्वतीय ज्ञाि क श्लाक के माध्यम िे रेखाोंनकत नकया र्या। ज्ञाि नवज्ञाि की इि परोंपरा की िुरुआत यहााँ िे हते हुए ईिा िे बारह िदी बाद तक निरन्तर चलती रही। इिके बाद जरूर एक ठहराव आया, नजिके कई कारण रहे। नफलहाल अब यहााँ हम नवषयवार भारत के उि महाि ज्ञानिय के बारे में जािेंर्े, नजन् ोंिे ि निफग िई िई वैज्ञानिक अवर्ारणाओों का िूिपात नकया, बब्धल्क उिके िूतिआनवष्कारनविके नलयेवरदाििानबतहुये। गहणत अंकगहणत र्नणतीय इनतहाि की दुनिया में भारत िे िबिे नवनिष्ट ज्ञाि पूरे िोंिार क उपलि कराया है। इिके नलये पूरे िोंिार क उिका ऋणी ह िा चानहये। भारतीय मिीनषय द्वाराउपलिकरायार्याज्ञािहै दिमलवऔरिून्य का। इिके नबिा र्नणत का िोंिार कैिा ह ता? आज इिके नबिा कल्पिा करिा भी अिोंभव ह ता है। नवनवर् िोंदभों पर िजर डाली जाए त भारत के आचायग नपोंर्ल द्वारा 'छन्द: िास्त्रम्' की रचिा में िून्य जैिे अोंक के
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वैज्ञानिक 47 अप्रैल जूि 2022 प्रयर् के प्रमाण नमलते हैं। इिके बाद वैनदक ऋनष मेर्ानतनथ के द्वारा अोंक के प्रयर् के िोंदभग प्राप्त ह ते हैं, नजिके िाथहीयहभीज्ञात ह ताहै नक उन् ोंिे अोंक क दिकीघातके रूपमें व्यिकरिे कीकल्पिाभीबहुत पहले कर ली थी। र्नणत और ज् नतष िास्त्र के क्ेि में भारत में नजि महाि व्यब्धित्व का स्मरण नकया जाता है, उिमें प्रमुख िाम है ब्रह्मर्ुप्त। लर्भर् 598 ईस्वी िे इिके कालकानिर्ागरणनकयार्याहै।ज् नतषिास्त्रपर नलखे र्ये इिके द प्रनिद्धग्रोंथहैं ब्रम्हस्फुट निद्धाोंत और खोंड खाघ। इिके नलखे महाि ग्रोंथ िे ही अरब क पहली बार भारतीय र्नणत और ज् नतष का ज्ञाि प्राप्त हुआ था। ब्रम्ह स्फुट निद्धाोंत ग्रोंथ में 25 अध्याय के अोंतर्गत 1008श्ल कनलखे र्ये थे,नजिमें अोंकर्नणत, बीजर्नणत, क्ेिमनत जैिे महत्वपूणग नवषय िे िोंबोंनर्त िोंनियाओों का उल्लेख नकया र्या था। ज् नतष िास्त्र और र्नणत में उिका य र्दाि अमूल्य है। इिकी रचिाओों की महत्वता क देखते हुए इिका अिुवाद अरबी भाषा में 'निोंद नहोंद' और 'अलठ अरकोंद' िाम िे भी हुआ है। अोंग्रेज नवद्वाि क लब्रुक िे 1817 में ब्रह्मर्ुप्त के नलखे ग्रोंथ कुट्टकाध्याय (बीजर्नणत) का अोंग्रेजीभाषामें अिुवादकरपनिममें इिज्ञािकाप्रचार नकया। बीजगहणतआयगभट्ट भारत के प्रनिद्ध र्नणतज्ञ हुए, नजन् ोंिे दुनिया क बीजर्नणत और ज् नतष के रूप में अिुपम ज्ञाि नदया। इिका जन्म 476 ई के लर्भर् मािा जाता है। इन् ोंिे अपिे प्रनिद्ध ग्रोंथ 'आयगभट्टीय या आयग निद्धाोंत' में िूयगग्रहण और चोंद्रग्रहण का उल्लेख बहुत पहले कर नदया था। अपिे ल कनप्रय ग्रोंथ में इन् ोंिे नलखा 'छादयनतििीिूयिंिनििोंमहतीचभूच्छाया।' इिकाअथगहै: पृथ्वीकीबड़ीछायाजबचोंद्रमापरपड़ती है त चोंद्र ग्रहण ह ता है। इिी प्रकार चोंद्रमा जब पृथ्वी और िूयग के बीच आता है िूयग क ढक लेता है तब िूयगग्रहण ह ता है। आयगभट्ट िे अपिी रचिा में ऐिे श्ल क का प्रयर् नकया था, नजिमें ज्ानमती, निक णनमनत, िून्य और दिमलव निद्धाोंत के दिगि उपयुि रूप िे ह ते हैं। वे ही पहले ऐिे व्यब्धि हुए, नजन् ोंिे ज् नतष में अोंकर्नणत और रेखार्नणत द ि का एक िाथ िमावेि नकया। (950 ईस्वी के लर्भर् आयगभट्ट िाम के एक और ज्ञािी हुए थे, नजन् ोंिे 'महानिद्धाोंत'िामकग्रोंथकीरचिाकीथी।) बीजर्नणत और अन्य र्नणतीय िोंनियाओोंके क्ेि में एक और महाि भारतीय र्नणतज्ञ हुए 'भास्कराचायग'। 12वीों िदी के लर्भर् इिके बारे में उल्लेख प्राप्त ह ता है। भास्कराचायग के प्रनिद्ध ग्रोंथ में 'निद्धाोंत—निर मनण' का िामआताहै,ज उन् ोंिे माि36 वषग की उम्रमें रचाथा। यह चार भार् (पाटी र्नणत या लीलावती, बीजर्नणत, र्नणताध्याय और र् लाध्याय) में नवभानजत है। इिके उि ग्रोंथ में र्नणत िोंबोंर्ी कई महाि िोंकल्पिाएों प्रस्तुत की र्ई, जैिे िून्य द्वारा भार् देिे की स्पष्ट िोंकल्पिा उन् ोंिे प्रनिद्ध पुस्तक िूयग निद्धाोंत के भार् 'बीजर्नणत'मेंदी। उन् ोंिेनलखा अस्िस्न्वकार: खिरे नराहश:, वहपप्रहवष्ट्ेष्वहपहन:सृतेर्ु। बहुस्वहपस्याल्लयसृहष्ट्कालेनन्तेच्युते, भूतगणेर्ुपद्वतट।। इिका अथग यह है नक खहर रानिमें क ईिोंख्याजड़ दी जाये या घटा दी जाये त अपररवनतगत रहती है, जैिे प्रलयकाल में अिेक जीव ब्रम्ह में िमानहत ह जाते हैं तथा िृनष्टकाल में प्रकट ह ते हैं परन्तु इििे अिन्त ब्रम्हा में क ई अोंतर िहीोंपड़ता जैिे : ∞ ± ∗ = ∞ यहााँ ∗ कई िोंख्या है। यही िहीों भास्कराचायग िे ही पाई का माि 3.14166... के लर्भर् अपिी रचिाओों में बताया था, ज आजके पाईके माि 3.142.. के बेहदकरीबहै।
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वैज्ञानिक 48 अप्रैल जूि 2022 अपिे ग्रोंथ के र्नणताध्याय में उन् ोंिे ग्रह के मध्य की र्नतयाों, काल, नदिा िोंबोंर्ी ज्ञाि, िूयग और चोंद्रग्रहण िोंबोंर्ी जािकारी उल्लेब्धखत की थी। उिके ज्ञाि की महत्वत्ता क िमझते हुए ही उिकी रचिा 'बीजर्नणत' का अिुवाद एच.टी. क लब्रुक द्वारा 1810 में नकया र्या था। इिी तरह 'र्नणताध्याय' और 'र्लाध्याय' का अोंग्रेजी अिुवादभी 1861 62 मेंनकया भास्कराचायगर्या। ज्याहमतीय ब र्ायिभारतके महािर्नणतज्ञहुए, नजन् ोंिे कईमहाि ग्रोंथ की रचिाएों की। ईिा िे लर्भर् 700 या 800 वषग पहले हुए ब र्ायि द्वारा नजि उत्कृष्ट ग्रोंथ की रचिाएों की र्ई उिमें िे एक का िाम है 'िुल्बिूि'। इिी ग्रोंथ में आज प्रयुि ह िे वाले पाइथार्रि प्रमेय की रचिा का िोंदभग प्राप्त ह ता है। एक श्ल क में उन् ोंिे स्पष्ट नकया नक आयत में कणग का वर्ग आर्ार तथा लोंब के वर्ों के य र् के बराबर ह ता है। अपिी रचिाओोंमें इन्ीोंके नदये िूि की वजह िे बाद में आयगभट्ट जैिे प्रनिद्ध नवद्वाि िे अोंतररक् नवज्ञाि के कई रहस् का उजार्र करिे में िफलता पाई। उन्ें दुनिया का पहला ज्ानमनतज्ञ भी कहा जा िकता है। ज्ञात रूप िे उिके द्वारा रनचत ग्रोंथ की िोंख्या द िौ के लर्भर् बताई जाती है, नजिमें वेदवृनत, वेदाोंत, रत्न मोंजूष, र्मगिूि एवों र्ृहिूि जैिे िाम प्रमुखरूपिे नलये जाते हैं। र्नणत के क्ेि में भारतीय मिीनषय की अनवरल र्ारा का प्रवाह 12वीों िदी तक लर्ातार चलता रहा। मुर्ल के िािि की थथापिा के बाद ही इि िम में रूकावट आई।महािभारतीयर्नणतज्ञ में कुछऔरिामनलये जा िकते हैं, जैिे श्रीर्राचायग, नजन् ोंिे बीजर्नणत पर महाि ग्रोंथ की रचिा की। उिका उल्लेख भास्कराचायग अपिे ग्रोंथ 'बीजर्नणत' में कईबारकरते हैं।यहअिुमाि लर्ाया जाता है नक उिका जन्म 9वीोंिदी के पहले हुआ ह र्ा। उिके द्वारा नलखी र्ई 'नििनतका' में 300 श्लक का उल्लेख नमलता है। इिमें उन् ोंिे र्ुणा, वर्ग, घि, घिमूल, नमश्रण जैिे निद्धाोंत के बारे में उल्लेब्धखत नकया है। उन्ीोंकी तरह उिके बाद हुए महावीराचायग का िाम भी भारतीय र्नणतीय ज्ञाि पद्धनत के ऐनतहानिक िम में आता है। लर्भर् 9वीों िदी में इिका नजि आता है। इिके द्वारानलखीर्ईरचिा 'र्नणतिार', 'ज् नतषपटल', 'षटनििोंका' के िोंदभग हमें प्राप्त हुए हैं। अपिे ग्रोंथ र्नणतिार में इन् ोंिे मूलर्ि, ब्याज, नमश्रर्ि िे जुड़े कई ऐिे नियम नदये हैं, ज प्राचीि और आर्ुनिक र्नणत के मध्य एक िेतु की तरह कायग करते हैं। दिमलव की उत्पनत्त कब हुई? यह बता पािा आज मुब्धिल कायग है, लेनकि वैनिक रूप िे यह मान्यता स्पष्ट है नक इिकी ख ज भारतीय ज्ञाि नवज्ञाि परोंपरा के अोंतर्गत ही कहीों हुईर्नणतहै। के नवनवर् क्ेि में उल्लेब्धखत नकये र्ये प्रमाण िे यह पूणग रूप िे स्पष्ट ह जाता है नक प्राचीि भारत में ही र्नणतीय ज्ञाि परोंपरा का नवस्तार इतिा ह चुका था नक प्रकृनत और आकाि िे जुड़े कई रहस् क भारतीय मिीनषय िे िुलझािेमेंिफलतापालीथी। हचहकत्सा हवज्ञान भारत की प्राचीि ज्ञाि नवज्ञाि परोंपरा के अोंतर्गत मािव नचनकत्साके क्ेिमें ज ज्ञािभारतीयमिीनषय िे नदयाहै, उिके नलये पूरे नवि क ऋणी ह िा चानहये। हजार िाल पहले भारतीय िोंस्कृनत में नचनकत्सा की वे पद्धनतयाों
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वैज्ञानिक 49 अप्रैल जूि 2022 प्रचनलत थीों, नजिकी आज कल्पिा भी िहीों की जा िकती। भारतीय नचनकत्सा पद्धनत क 'आयुवेद' के िाम िे जािा र्या। आईये जािते हैं भारत के उि महाि नचनकत्सािाब्धस्त्रय के बारे में धन्वंतरर — भारतीय नचनकत्सा पद्धनत में र्िोंतरर क औषनर् नवज्ञाि के देवता के रूप में उल्लेब्धखत नकया र्या है। उन्ें आर ग्य के देवता कहकर पुकारा जाता है। उिके जन्म और काल के नवषय में प्रमानणत रूप िे िहीों कहा जा िकता, लेनकि उिके नवषय में चरक और िुश्रुत जैिे महाि नचनकत्सक के ग्रोंथ में िोंदभग नदया र्या है। इिनलये यह मािा जाता है नक आयुवेद नचनकत्सा की पद्धनतके आरोंभकताग वे हीथे। पुनवषसु आिेय — आिेय का उल्लेख आयुवेदाचायग चरक िोंनहता में नकया र्या है। उिके कालखोंड के बारे में स्पष्ट जािकारी िहीोंहै, लेनकि उिका िमय लर्भर् आठवीों िताब्दी पूवग मािा जाता है। उिके नलखे ग्रोंथ 'आिेय िोंनहता' िे उिकी महािता का पता चलता है। उन् ोंिे ही आयुवेनदक पद्धनत िे पूणगत: वैज्ञानिक आर्ार पर आयुवेद नचनकत्सा क भारतीय िामानजक िोंदभग में प्रचाररत नकया। उि दौराि उन् ोंिे अपिे ग्रोंथ में र र् के लक्ण, िाड़ी नवज्ञाि, अिाध्य र र् की श्रेणी, मौिम पररवतगि िे ह िे वाले र र् जैिे महत्वपूणग नवषय पर लर्भर् 40 हजारिेज्ादाश्ल क कीरचिाकरलीथी। आिेय चरक भारत के महाि नचनकत्सािास्त्री के रूप में चरक का िाम परम आदर िे नलया जाता है। उिके नलखे उत्कृष्ट नचनकत्सा ग्रोंथ 'चरक िोंनहता' क नवि का पहला िल्य नचनकत्सा ग्रोंथ भी मािा जाता है। उिके िोंदभग की पुनष्ट फ्रेंचनवद्वािनिल्वािलेवीिे भीयहकहकरकीहै, ''बौद्ध र्मगग्रोंथ निनपटककाचीिी अिुवादमुझे देखिे क नमला। उिमें चरक का िाम ज्ञात ह ता है, ज भारत के िम्राट कनिष्क के दरबार में थे।'' इिके अलावा इनतहािकार उिके काल का निर्ागरण ईिा िे पहले का भी करते हैं, लेनकि काल निर्ागरण क छ ड़कर उिकी रचिा 'चरक—िोंनहता' की बात की जाये त इिमें नचनकत्सा िे जुड़े ऐिे िायाब तरीक के बारे में जािकारी नमलती है, नजि पर नविाि करिा आज िायद मुब्धिल ह । इनतहािकार के अिुिार चरक—िोंनहता िोंस्कृत में नलखी र्ई र्द्य पद्य द ि प्रकार की रचिा है। इिे आठ खोंड में 120 अध्याय मेंनवभानजतनकयार्याहै।हरखोंड में नचनकत्सा िे जुड़ी अलर् अलर् जािकाररयाों दी है, जैिे पहले खोंड में औषनर् नवज्ञाि, आहार, मािनिक र र्; दूिरे में र र् का कारण और इिी िम में िरीर रचिा, र र्नचनकत्साऔरनविेषउपचारकाअमूल्यज्ञाि िमानहत नकया है। यह ग्रोंथ इतिा ज्ञािपूणग था नक अरबी भाषामेंभीइिकाअिुवादनकयार्या।
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वैज्ञानिक 50 अप्रैल जूि 2022 सुश्रुत — िुश्रुत के कालखोंड के नवषय में प्रमानणत रूप िे िहीों कहा जा िकता है, लेनकि उन्ें भारतीय िल्य नचनकत्सा का जिक कहा जाता है। उिकी नलखी र्ई 'िुश्रुत िोंनहता' क नचनकत्सा नवज्ञाि की अिम ल कृनत कादजाग प्राप्तहै।ऐिीकृनत नजिमें िल्यनियाकानदया र्या ज्ञाि आज भी प्रािोंनर्क बिा हुआ है। िोंस्कृत भाषा में नलखे इि ग्रोंथ के िुरुआती 120 अध्याय में िल्य नचनकत्सा की जािकारी पररपूणग रूप िे दी र्ई है। इिमें व्यावहाररकप्रनिक्णके नलये फल औरमरे हुएजािवर के प्रयर्के बारे में भीउल्लेब्धखतनकयार्याहै।िरीरके घाव क भरिा, जरूरत ह िे पर उिकी िल्य निया करिा, नकिी र र् के इलाज के नलये नकि योंि का प्रय र् करिा, मािव िरीर की िोंरचिा का अध्ययि आनद नवषय क इि अनत महत्वपूणग ग्रोंथ में िानमल नकया र्या। िुश्रुत िे लर्भर् 101 योंि के बारे में ज्ञाि कराया, नजििे आपरेिि िोंबोंर्ी कायग नकये जा िकते थे। इि महाि ग्रोंथ में िाक, काि और ओठ की प्ाब्धस्टक िजगरी का भी नजि नकया र्या। इि ग्रोंथ की महत्वता इि बात िे ही देखी जा िकती है नक पनिम देि में जब इि ग्रोंथ के बारे में जािकारी नमली, त इिके ज्ञाि के महत्व के कारण उिके नचनकत्सा िास्त्र की पढ़ाई में 'प्ाब्धस्टक िजगरी की भारतीय पद्धनत' िामक अध्याय जड़ा र्या। 800 ईिा के लर्भर् िुश्रुत िोंनहता का अिुवाद अरबी में 'नकताबे—िुश्रुत' के िाम िे भी नकया र्या।भारतीय ज्ञानिय के नचनकत्सा के क्ेि में नदये र्ये अवदाि की श्रृोंखला बेहद लोंबी रही है। ऊपर नदये र्ये उदाहरण के अलावा भी कई और ऐिे प्रनिद्ध भारतीय आयुवेदाचायग हुए हैं, नजन् ोंिे िमय—िमय पर अपिे अनत—महत्वपूणग ग्रोंथ के द्वारा नचनकत्सा के क्ेि में िये आयाम थथानपत नकये। इिमें प्रमुख िाम है; वाग्भट्ट, इिके जन्म के प्रमाण के काल का निर्ागरण िहीोंहुआ है, लेनकि निोंर्ु घाटी के तटवती इलाके में इिका जन्म ह िा मािा जाता है। इन् ोंिे 'अष्टाोंर् िोंग्रह' और 'अष्टाोंर् ह्दय' के िाम िे रचिायें की। इिमें नवस्तृत रूप िे आयुवेनदक औषर्ी, र र् की उत्तपनत्त, खाद्य पदाथों के र्ुण द ष, िरीर के प्रमुख अोंर् और उिके काम, बुखार, उलटी, दमा, िाक, काि, आोंख िोंबोंर्ी र र् पर नवस्तृत ज्ञाि उपलि कराया। इिी प्रकार मार्वाकर प्राचीि भारत के िुप्रनिद्ध आयुवेदाचायग हुए, नजिके प्रमाण 9वीों िदी के लर्भर् प्राप्त ह ते हैं। उन् ोंिे 'मार्व निदाि' िाम िे ग्रोंथ नलखा और इिमें र र् के कारण और निदाि क स्पष्ट नकया। अन्य नचनकत्सािाब्धस्त्रय में भाव नमश्र का नलखा 'भावप्रकाि' और दृद्धबल िामक आयुवेदाचायग कािामिम्माििे नलयाजाताहै। पशु हचहकत्सा मािव नचनकत्सा के िाथ ही पिु—नचनकत्सा मािव जर्त का महत्वपूणग नहस्सा रही है। इि क्ेि में भी भारतीय ज्ञािदिगि में उत्कृष्ट ज्ञाि की र्ारा प्रवानहत हुई। इि क्ेि में आचायग िानलह ि का िाम महत्पूणग है। उिका कालखोंड ईिा िे लर्भर् 8वीोंिदी पहले का मािा जाता है। पिु नचनकत्सा पर उिके नलखे ग्रोंथ थे 1. आयुवेदअिवाशाहलिोिसंहिता 2. अश्वलक्षणशास्त्र 3. अश्वप्रशंसा। इिमें उन् ोंिे घ ड़ की जानत, र्ुण, र र्, लक्ण, उपचार क नवस्तृत रूप िे बताया है। इिके नलखे ग्रोंथ इतिे महत्वपूणग थे नक उिका अरबी, फारिी, नतब्बती और अोंग्रेजीभाषामेंभीअिुवादहुआ। भौनतकी र्नणत, नचनकत्सा और ज् नतष की तरह ही प्राचीि भारतीय ज्ञाि नवज्ञाि परोंपरा िे भौनतकी के क्ेि में भी अद्भुत य र्दाि नदया है। इिमें महनषग कणाद का िाम
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वैज्ञानिक 51 अप्रैल जूि 2022 प्रमुख है। महनषग कणाद के कालखोंड क प्रमानणत िहीों नकया जा िका है, लेनकि उिके अनत महत्वपूणग ग्रोंथ 'वैिेनषक दिगि' में पृथ्वी के र्ुरुत्वाकषगण निद्धाोंत क बहुत पहले प्रनतपानदत कर नदया र्या। उन् ोंिे अपिे ग्रोंथ में नलखा था िोंय र्ाभावेर्ुरुत्वात् पतिम्।।5.1.7।। अथागत् क ई वस्तु ऊपर बल लर्िे पर उठती है नजिके अभावमेंवहपृथ्वीपरर्ुरुत्वके कारणनर्रतीहै। इिी तरह महनषग कणाद िे यह भी अवर्ारणा दी थी नक पृथ्वीकईअणु—परमाणु के िोंय जििे बिीहुईहै। रसायन भारतीय िोंस्कृनत में दिगि के अलावा नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की के नवनवर् पहलुओों पर उत्तकृष्ट दृनष्टकण प्रकट नकया र्या और महाि ज्ञािी इि िोंिार क नदये। नवज्ञाि के नवनवर् क्ेि में रिायि क्ेि के अोंतर्गत भी कई प्रनतनष्ठत भारतीय रिायि नवज्ञािी हुए हैं। उिमें िे एक हैं िार्ाजुगि। इिके कालखोंड का निर्ागरण नफलहाल िहीों नकया जा िकता, लेनकि 1031 में भारत आए नवदेिी यािी अलबरूिी िे अपिी रचिाओों में रिायििास्त्री िार्ाजुगि का उल्लेख करते हुए उिका कालखोंड उिकी यािा िे 1000 वषग पहले कामािा था। रिायिनवज्ञािपर उन् ोंिे प्रनिद्ध ग्रोंथ नलखे, 'रि रत्नाकर' या 'रिेंद्र मोंर्ल'। अपिे ग्रोंथ में उन् ोंिे नवनवर् र्ातुओों के नमश्रण, र्ातु के ि र्ि और रिायि की अिेक नवनर्य की बहुमूल्य जािकारी दी हुई थी। उिके ग्रोंथ िे उिके नवषद् ज्ञाि का अिुमािह जाताहै। ज्योहतर् और नक्षि ज्ञान : भारतीय ज्ञाि परोंपरा में नवज्ञाि के िारे स्वरूप का िमाय जि प्राचीिता िे नकया जाता रहा है, इिी में िे एक नवषय है ज् नतष और िक्ि ज्ञाि। प्राचीि भारतीय ऋनषय क इि क्ेि में इतिा नवषद् ज्ञाि था नक आज भी कई र्मग ग्रोंथ में उिकी की र्ई भनवष्यवानणय का नजि नमलताहै, ज िमयके िाथित्यहुई।वैनदकरचिाओोंमें कई जर्ह पर वषग, ऋतु और िक्ि का उल्लेख कई बार नमलता है। इििे यह ज्ञात ह ता है नक वे िमय, मौिम और तार की र्नतनवनर्य के बारे में जािकारी रखते थे। पुराति र्ानमगक ग्रोंथ में िुि:िेप, पारािर, र्ौतम और वनिष्ठर्ृत्समद जैिे ऋनषय का िाम महाि ज् नतषिाब्धस्त्रय के रूप में नदया र्या है, नजन्ें िक्ि का अन्यतमज्ञािथा। इिीप्रकार र्ानमगक ग्रोंथ यह िोंदभग नदया जाता है नक ऋनष र्ौतम के पुि वापदेव िे िबिे पहले बृहस्पनत ग्रह की पहचाि की थी, वहीोंऋनष भृर्ु के पुिवेििे िबिे पहलेिुिग्रहकापतालर्ाया। योग हवज्ञान: पूरी दुनिया क य र् की राह भारत िे ही नदखाई है, यह एक प्रमानणक तर्थ् है। वेद में य र् िे िोंबोंनर्त कई निद्धाोंत का नजि नकया र्या था, उन्ीोंक एकत्व प्रदाि कर दािगनिक रूप िे िारीररक नियाओों में बदलिे और उिका प्रचार प्रिार करिे में महत्वपूणग िाम आता है महनषग पतोंजनल का। उिके जन्म का अिुमाि ईिा िे द िताब्दी पूवग लर्ाया जाता है। उन् ोंिे य र्िास्त्र क चार भार् में बाोंटा, जैिे ज्ञािय र्, कमगय र्, राजय र् और हठय र्। इिी तरह य र् क उन् ोंिे आठ आर्ार में बाोंटा यम, नियम, आिि, प्राणायाम, प्रत्याहार, र्ारणा, ध्याि, िमानर्। य र्के लाभ क आर्ुनिकदुनियाभीस्वीकारकरतीहै। यह वह महाि परोंपरा है नजिके र्ुण क जैि र्मग, बौद्ध र्मग, कबीरिे लेकरआर्ुनिकदुनियाभरके िभीिोंत िे
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वैज्ञानिक 52 अप्रैल जूि 2022 स्वीकार नकया है। यही कारण है दुनियाभर में य र् क अपिी निक्ा में भी िानमल कर नलया र्या है। यह बेहद ही र्ौरव की बात है नक नजि परोंपरा का अिुिरण दुनियाभरके लर्कररहे हैं, वहभारतकीहीदेिहै। भारतीयज्ञान—हवज्ञानपरंपरामेंप्रौद्योहगकी भारतीय िभ्यता के वैज्ञानिक प्रमानणक इनतहाि की बात की जाये त इिमें ही ऐिे कई प्रमाण यहस्पष्टकरदेते हैं नक नवज्ञाि के िाथ िाथ भारतीय परोंपरा में िमय की आवश्यकता के अिुिार िये िये आनवष्कार ह ते रहे हैं। यहााँ के र्ुणी लर्अपिे—अपिे कालखोंड में जरूरत के अिुिार िये िये िवन्मेषी कदम उठाते रहे हैं। पुरातत्वनवद के नदये र्ये प्रमाण में यहबातस्पष्टकीर्ई है नक निोंर्ु घाटी के दौराि नमले िाक्ष्य के अिुिार यहााँ रहिे वाले लर् िे भवि निमागण की कला िीख ली थी, अथागत् उन् ोंिे कई ऐिे उपकरण का आनवष्कार कर नलया था, ज भवि निमागण में िहायक थे। र्ातुओों की ख ज कर उििे नवनवर् उपकरण तात्कालीि लर् िे बिािे िीख नलये थे, जैिे िमि: ताोंबा, काोंिा और लहे की ख ज कर उििे चाकू , छैिी, मूनतगयााँ, भाले, अोंर्ूठी, निक्के , तलवारें, बतगि, मुहरें, कुल्हानड़याों। लहे क नपघलाकर महत्वपूणग उपकरण बिािे की प्रौद्यनर्की में भारत के तात्कालीि ल र् िे महारत् हानिल कर ली थी। ऐनतहानिक प्रमाण बताते हैं नक तात्कालीि िमय में मर्र् राज् में कच्चा लहा बहुतायत में पाया जाता था, नजिके कारण वहााँ लहे िे कई प्रकार की चीजें बिवाई जाती थीों। प्राचीि काल में भारत की नवनवर् जर्ह पर भव्य मोंनदर बिाये र्ये, पाषाण क तरािकर स्तम्भ का निमागणनकयार्या, लौहस्तम्भ कीथथापिाकीर्ई (नजि पर िैंकड़ िाल बाद भी जोंर् िहीोंलर्ी।) इि िब कायों के नलये नकिी िे नकिी उच्च प्रौद्यनर्की का प्रय र् तात्कालीि िमय में नकया जाता था। उदाहरण के रूप में; मैहरौली िामक थथाि पर लर्े पुराति लौह स्तोंभ का िैंकड़ वषों तक जोंर् रनहत ह िा उि भारतीय प्रौद्यनर्की के प्रनत कौतुहूल का नवषय है। 'राजतरोंनर्णी' िामक उत्कृ ष्ट िानहब्धत्यक कृनत में खुया िामक ऐिे इोंजीनियरकाउल्लेखनकयार्याहै, नजििे झेलमके तट पर बाोंर् बिवाकर िहरें बिवािे का कायग नकया था। दनक्णभारतमेंब्धथथतमोंनदर मेंहुईउत्कृष्टिक्कािीऔर मि हर तथा आियगचनकत कर देिे वाले मोंनदर में प्रयर् हुई प्रौद्यनर्की क देखकर आर्ुनिक इोंजीनियर और निल्पकारभीनवस्मयमेंपड़जाते हैं।इिीतरहके अिेक उदाहरणहैं, ज प्राचीिभारतमें रहीअप्रनतमप्रौद्यनर्की क रेखाोंनकतकरते हैं। भारत के सुप्रहसि प्राचीन हशक्षा संथिान तक्षहशला हवश्वहवद्यालय: आज रावलनपोंडी जर्ह पानकस्ताि में ब्धथथत है, लेनकि एक िमय यह भारतीय िीमा में हुआ करती थी। यहीों ब्धथथत था तक्निला नविनवद्यालय। इिकी थथापिा की र्णिा ईिा िे छठी िताब्दी पूवग के लर्भर् की जाती है। दुनियाभर िे अध्ययि करिे यहााँ नवद्याथी आया करते थे। ऐनतहानिक िोंदभग ये बताते हैं नक बुद्ध काल में नचनकत्सक जीवक िे तक्निला नविनवद्यालय िे ही अपिी नचनकत्सा निक्ा प्राप्त की थी। बौद्ध ग्रोंथ में भी नचनकत्सक जीवक का उल्लेखप्राप्तह ताहै। तक्षहशलाहवश्वहवद्यालय नालन्दाहवश्वहवद्यालय: िम्राट कुमारर्ुप्त द्वारा थथानपत यह नविनवद्यालय 425 455 ईिाके मध्यथथानपत हुआ। यहााँ तत्कालीििमयमें र्नणत, रिायि, ज् नतष, खर्ल, नचनकत्सा नवज्ञाि की निक्ा के िाथ ही अिुिोंर्ाि के कायग भी उच्चकनट के हुए करते थे। इि नविनवद्यालय क बिािे में उच्चक नट की थथापत्य कला का प्रयर् हुआ था। 600 वषों िे भी अनर्क िमय तक यहााँ नवद्याथी दुनियाभर िे अध्ययि करिे आते रहे। इनतहािनवद के अिुिार लर्भर् 10 हजार नवद्याथी यहााँ एक िाथ निक्ा पा िकते थे। इिी तरह पाटनलपुि, उज्जैि, कािी भी िमय िमय पर भारत के उल्लेखिीय निक्ा केंद्र के रूप में प्रनिद्ध रहे हैं, नजिका लाभ िमय िमय पर यहााँ आिे वाले लर् िे उठाया।
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वैज्ञानिक 53 अप्रैल जूि 2022 िालन्दानविनवद्यालय हवदेहशयों के भारतीय ज्ञान—हवज्ञान परंपरा पर दृहष्ट्कोण: आयुवेदाचायग द्वारा नलखे र्ये महाि ग्रोंथ 'िुश्रुत िोंनहता' के महत्व काअोंदाजाइिबात िे ही लर्ाया जािकताहै नक अरब के प्रनिद्ध नचनकत्सक टेनजि िे अपिे ग्रोंथ में िुश्रुत का नजि नकया है। 9वीों 10वीों िताब्दी में ईराि के प्रनिद्ध नचनकत्सक राजी िे भी िुश्रुत क महाि नचनकत्सक के रूप में स्वीकार नकया। बुलेनटि आफ द अमेररका मैथामैनटकल ि िायटी के 25वें अोंक में नर्र्न्वर्ग िे नलखा है लर्भर् 700 ईिा में उज्जैि के एकनहन्दू नवद्वािकान्काक बर्दादके प्रनिद्धदरबारमें अव्बािईद खलीफा अल मोंिूर िे आमोंनित नकया। इि तरह िे नहन्दू अोंकि पद्धनत अरब पहुोंची। कान्का िे ही नहोंदू ज् नतष नवज्ञाि तथा र्नणत अरब के नवद्वाि क पढ़ाया। कान्का की िहायता िे उन् ोंिे ब्रह्मर्ुप्त के ब्रह्स्फुट निद्धाोंत का अरबी में अिुवाद नकया।प्राचीि िमय के दौराि दिगि के अनर्काोंि स्कूल परमाणु निद्धाोंतमेंनविािकरतेथे। प्र . एएल. बािम के अिुिार, "भारतीय परमाणुवाद निनित रूप िे ग्रीक प्रभाव िे स्वतोंि था, क्य ोंनक परमाणु निद्धाोंत क बुद्ध के पुरािे िमकालीि पाकुड़ कात्यायि िे पढ़ाया था, और इिनलए यह डेम निटि की तुलिा में पहलेथा।" हनष्कर्ष इि तरह नवनवर् नवषय (र्नणत, रिायि, भौनतकी, नचनकत्सा, ज् नतष, इोंजीनियररोंर्, य र्) में ऊपर दिागये र्ये िोंदभोंऔरउदाहरण िे यहबातपूणग रूपिे स्पष्ट ह जाती है नक भारतीय िभ्यता में प्राचीिता िे ही नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की के महत्वपूणग तत्व िानमलरहे हैं। चाहे वह निोंर्ु घाटी की िभ्यता ह या वैनदक काल या मध्य युर्। हर दौर में ऐिे भारतीय मिीषी हुए हैं, नजन् ोंिे ि निफग भारतीय ज्ञाि नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की की परोंपरा क िये आयाम नदये, बब्धल्क नजिके ज्ञाि के प्रकाि िे उिके बाद के िमय के ख जी, आनवष्कारक भी आलनकत ह ते रहे हैं। प्राचीितम् रूप िे भारतीय ज्ञाि नवज्ञाि और प्रौद्यनर्की की यह अनवरल र्ारा (नजिकी िुरुआत वैज्ञानिक प्रमानणत रूप िे निोंर्ु घाटी कीिभ्यतािे मािते हैं।) लर्भर् 12वीोंिदीतकप्रवानहत ह ती रही, जब तक भारतीय पररदृश्य पर मुर्ल का अनर्पत्य िहीों ह र्या। इिके बाद ही भारतीय ज्ञाि— नवज्ञाि की उन्ननत और प्रचार प्रिार में निनथलता आई तथा एक लोंबा दौर कईिताब्धब्दय तक चला।इि दौराि िबिे बड़ी हानि उि अिम ल ग्रोंथ की हुई, नजिका िमय पर िोंरक्ण िहीों ह पाया और वे क्ीण ह ते चले र्ये। नकन्तु प्राचीि मिीनषय के ग्रोंथ इतिे महत्वपूणग थे नक उिके ज्ञाि का िमय िमय अन्य भाषाओों में अिुवादहुआऔरभारतीयज्ञाि नवज्ञाि, प्रौद्यनर्कीकी अद्भुत परोंपरा दुनियाभर का नहस्सा बिते चली र्ई। आर्ुनिक युर् में भी कई भारतीय वैज्ञानिक और प्रौद्यनर्कीनवद् हुए, नजन् ोंिे अपिे पररश्रम और ज्ञाि िे ऐिे रहस् का उद्घाटि नकया, नजििे पूरी दुनिया क ियादृनष्टकणप्रदािनकया। डॉ िीव्ही रामि, जर्दीि चोंद्र बिु, मेघिाद िाहा, ित्येंद्रिाथ ब ि, डॉ. ह मी जहााँर्ीर भाभा, डॉ. हरर्नवोंद खुरािा जैिे कई भारतीय वैज्ञानिक िे भारतीय प्रनतभा का लहा पूरी दुनिया क मिवाया है। आज भी िानहत्य, र्मगग्रोंथ, निल्प, कला, थथापत्यकला, नवदेिी यानिय के दस्तावेज (चीिी लेखक हुएििाोंर् िे भारत आकर 6 वषों तकिालोंदानविनवद्यालयमें अध्ययिनकयाथाऔरचीिी लेखक इब्धत्सोंर् के यािा नववरण में 7वीोंिदी के अोंतर्गत िालोंदा नवि नवद्यालय/नविमनिला नवि नवद्यालय का नजि नमलता है।) में भारतीय ज्ञाि के महत्वपूणग िोंदभग दजग हैं, ज उि अप्रनतम ज्ञाि िे ि निफग हमें रूबरू कराते हैं, बब्धल्कआजभीिईि चऔरिईनदिादेिेका अद्भुतमार्गदिगिकरते हैं। संदभष 1. भारतीयवैज्ञाहनक 2. भारतऔरहवज्ञान 3. ल्यूसेंट : सामान्यज्ञान 4. भारतीयहवज्ञान 5. https://www.jagran.com
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वैज्ञानिक 54 अप्रैल जूि 2022 jk"Vªh; iq"i dey &izsepUnz vuqdEik*]okbZJhokLro2lh 115@6 f=os.khiqje~] >wW¡lh, bykgkckn&19¼miz½ gjns'kdk,djk"Vªh;iq"igksrkgSAÝkaldhfyyh]baXyS.Mdkxqykc]vesfjdkdkxksYMsujkM]phu dhufxZl]eSfDldksdkdSDVl]caxns'kdk'kqIyk];wukudkykSjy]bZjkudkfMIMsu]gkyS.MdkV~;wfyi] fLoVtjyS.MdkfØUFksel] dukMkdkeSFkyyhQ]LisudkjsMdkjulZvkSjHkkjrdkjk"Vªh;iq"ideylkjslalkjesafo[;krgSA ey vkerkSj ls Hkkjrh; tyk'k;ksa esa iSnk gksrk gS] fo'ks"k :i ls ,sls rky ryS;k esa ftlesa dhpM+ tek gks vkSj xfeZ;ksa ds ekSle esa Hkh ikuh Hkjk jgrk gks A ge esa ls 'kk;n gh ,slk dksbZ gks] ftlus dey dk Qwy u ns[kk gksAdey ds dbZ uke gSA bls laLd`r esa dey] in~e] vjfoUn] fgUnh esa dWoy]dey] iqjbu] cWxyk esa in~e] dey] ey;kye vkSj xqtjkrh esa dey] iatkch esa dkWoy] rfey esa rkejS] dUuM+ esa] iEiks'k vkSj vaxzsth esa lSdjsM yksVl dgrs gSaA ;g fufEQ,lh ¼Nymphaeceae) dqy dk ikS/kk gSA bldk okuLifrd vuqlkj ekW ikoZrh dk 'kjhj Lo.kZ dey ls fufeZr FkkA blhfy, muds 'kjhj esa dey dh dkseyrk vkSj Lo.kZ dh dBksjrk dk vuqie laxe Fkk A cht o"kkZ _rq ds var esa curs gSaA cpiu esa ge yksxksa us Lo;a rky&ryS;k ls fudkydj vFkok lCth cspus okyksa ls [kjhn dj dPph df.kZdk ¼Qy½ ls cht fudky dj [kk;k Hkh A cPps vkt Hkh bls cM+s pko ls [kkrs gSa Adey dh ifRr;ksa dh uky ¼MaBy½ vkSj tM+ksa dh lCth idkdj [kk;k tkrk gS] fo'ks"k :i ls xfeZ;ksa ds ekSle esa tc rkykcksa esa ikuh lw[k tkrk gS vkSj tM+s eksVh gks tkrh gSa] deyxV~Vk dPpk Hkh [kk;k tkrk gS A fdUrq lq[kk;s gq;s Qwy vkSj chp ¼doyxV~Vk½ vf/kd mi;ksxh gksrs gSA deyxV~Vs dk Lokfn"V gyok Hkh cuk;k tkrk gSA lq[kk;s x, Qwyksa vkSj ids chtksa dks lw[ks] BaMs LFkkuksa esa fMCcksa esa can djds j[krs gSa rkfd ueh ls cps jgsaA dey euksgkjh gksus ds lkFk gh vusd izdkj ds vks"k/kh; xq.kksa ls ;qDr ikni gSaA dey ls cukbZ x;h vks"kf/k;k¡ dQ] fiRr] :f/kj fodkj] QksM+k] fo"k uk'kd gksus ds lkFk gh fpRr dks izqqfYyr djus okyk gksrk gS A ;g uohu 'osr iznj ls nkg 'keu ds fy,] mYVh jksdus esa] flj nnZ esa] xHkkZ'k; ls jDrlzko gksus ij fL=;ksa dh detksjh nwj djus esa jDrkYirk vkfn ds fuokj.k esa mi;ksxh gksrk gS A dey ds laca/k esa ,d jkspd rF; ;g gS fd dey Hkkjrh; /keZxzaFkksa ds vuqlkj ek¡ y{eh dh iwtk esa dey ds iq"iksa dk fo'ks"k egRo gS A blh lanHkZ esa vkidks ;g Hkh crkrs pysa fd 5 deyxV~Vksa vkSj 5 fgfjnzk dh xkWBksa dks ,d lkFk viuh frtksjh esa j[kus ls ?kj /ku&/kkU; ls ifjiw.kZ jgrk gSA dey izHkk dk izrhd gSA lkjukFk esa Hkxoku cq) dh izfrek dk izHkke.My dey ds Qwy tSlk gS A dey esa lkSUn;Z vkSj lqxa/k dk vn~Hkqr~ mUehyu gS vkSj laHkor% ;gh dkj.k gS fd Hkkjro"kZ us dey dks jk"Vªh; iq"i dk xkSjo iznku djds bl iq"i dks fo'ks"k :i ls efgekef.Mr fd;k x;k gSA dey iq"i dkuke usyEcks uwlhQsjk ;k uhyfEc;e Lisf'kvksle gS Avesfjdk] Qkjl] phu] felz vkSj dkfL;u lkxj ds rVh; {ks=ksa esa dey feyrk gS dey dh isfM+;kW ikuh ls 3&4 bap ls Åij ugha vkrh gSA ifRr;k¡ Fkkyh ds vkdkj dh cM+h&cM+h] 1&3 QqV O;kl dh gksrh gSaA MaBy chp esa tqM+k jgrk gSA ifRr;ksa dks iqjbu dgrs gSaA budh Åijh lrg] tks ikuh ds lEidZ esa ugha jgrh] eyey dh rjg dksey vkSj bruh fpduh gksrh gS fd ikuh dh cwWnsa Bgj ugha ikrha] fQly tkrh gSa A blds iqf"ir gksus dk le; fgUnh eklkuqlkj pSr cSlk[k ls lkou&Hkknksa rd gksrk gS A dey ds Qwy lw;ksZn; ds lkFk f[kyrs gSa vkSj lw;kZLr ds lkFk f[kyrs gSa vkSj lw;kZLr ds lkFk can gks tkrs gSaA lk/kkj.kr;k Qwyksa dk jax vkd"kZd] xqykch vFkok jDr dh rjg yky gksrk gSA dey dh vusd tkfr;kW gSaA buesa ^lw;Z fodklh* vkSj ^pUnz fodklh* eq[; gSaA lw;Z fodklh vkdkj esa cM+s vkSj pUnzfodklh NksVs gksrs gSaA bu nksuksa esa gh 'osr] jDr rFkk uhy fdLesa gksrh gSaA^ dqekjlaHkoe~*ds ^dFkklfjRlkxj* esa Lof.kZe eyksa dk mYys[k gSA dey ds Qwy
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वैज्ञानिक 55 अप्रैल जूि 2022 izkphu Hkkjrh; ekSlefoKku ls o”kkZKku Mk0 osadVs’k Hkkj}kt iwoZ izk/;kid ,oa foHkkxk/;{k] d`f”k ekSle foKku foHkkx xksfcUn cYyHk iar d`f”k ,oa izkS|ksfxd fo’ofo|ky;] iaruxj &263145 प्राचीिभारतीय िोंस्कृतकृनतमिुस्मृनतमेंमौिमनवज्ञािके कईप्राचीिपद्धनतएवोंनवर्ाऍिानमलहैं।तीिरी िताब्दीईिापूवगमेंिोंकनलतकौनटल्यके अथगिास्त्रमेंकृनषके िामानजकऔरआनथगकब्धथथनतकाभीिोंदभग है।नवस्तारिेइिअध्यायोंमेंकृनषपरमौिमऔरवषागके मापकावणगिभारतीयवैनदकनवज्ञाि ds अध्यायों ls नकयार्याहै। d`”kdksa rFkk vU; mi;ksxdrkZvksa dh vko’;drk ds vuqlkj izkphu Hkkjrh; ekSlefoKku dks rhu ‘kk[kkvksa esa ckaVk x;k gS & ¼1½ okf”kZd o”kkZKku ds fl)kUr&bu fl)kUrksa ds }kjk okf”kZd o”kkZ dk vuqeku yxk;k tkrk gSA blls ekfld rFkk nSfud o”kkZ ds iwokZuqeku esa lgk;rk feyrh gS A okf”kZd o”kkZ ¼de ;k vf/kd½ dk tSlh gksxh] mlh ds vuqlkj ekfld ;k nSfud o”kkZ Hkh gksxh A ¼2½ ekfld ;k ikf{kd o”kkZ dk Kku&bu fl)kUrksa ls izR;sd eghus ;k izR;sd i{k ¼d`”.k i{k ;k ‘kqDy i{k½ dh o”kkZ dk vuqeku yxk;k tkrk gS A o”kZ ds 12 eghuksa esas fdl ekl esa de ;k vf/kd o”kkZ gksrh gS] bldk Kku gksus ij nSfud o”kkZ ds iwokZuqeku esa lgk;rk feyrh gS A ¼3½ nSfud o”kkZ Kku ds fl)kUr&blls nSfud ekSle dk irk pyrk gS A izkphu Hkkjrh; ekSle foKku ds xf.krh; fl)kUr dh laf{kIr :i js[kk izkphu Hkkjrh; ekSle foKku esa lkSj ekl ¼ ladzkfUr ls ladzkfUr rd ½ rFkk pUn ekl ¼iw.kZeklh ls iw.kZeklh rd vFkok egkjk”Vª vkfn esa vekoL;k rd½ nksuksa dk gh fooj.k feyrk gSA ijUrq ekSle ds iwokZuqeku gsrq lkSj eklksa dk gh iz;ksx mfpr gS] D;ksafd pUnz ekl vkxs ihNs gksrs jgrs gSaA fQj Hkh ;fn pUnzeklksa dks ysa] rks buesa fdu frfFk;ksa dk {k; vFkok vkf/kD; gks jgk gS] ml ij Hkh /;ku j[kuk gksxkA
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वैज्ञानिक 56 अप्रैल जूि 2022 lkSj eklksa dk Lo:i lw;Z dh LFkfr oSfnd ukevk/kqfud uke jkf’k va’k foLrkj 1 ehu esa 330&360 v’ka rd e/kq pS= 2 es”k esa 360 ;k 0 ls 30 rd ek/ko oS’kk[k 3 o`”k esa 30 ls 60 rd ‘kqdz T;s”B 4 feFkqu esa 60 ls 90 rd ‘kqfp vk”kk<+ 5- ddZ esa 90 ls 120 rd uHkl~ Jko.k 6 flag esa 120 l 150 rd uHkL; Hkknzin 7 dU;k esa 150 ls 180 rd b”k vkf’ou 8 rqyk esa 180 ls 210 rd ÅtZ dkfrZd 9 o`f’pd esa 210 ls 240 rd lgl ekxZ’kh”kZ 10 /ku esa 240 ls 270 rd lgL; ikS”k 11 edj esa 270 ls 300 rd ril ek?k 12 dqEHk es 300 ls 330 rd riL; QkYxqu bl izdkj vki ns[kssaxs fd eklksa dh x.kuk lEikr fcUnq ls vkjEHk u gksdj ,d ekl igys ls gS A lEikr fcUnq dks clUr _rq dk Bhd e/; ekuk x;k gS] vr% lEikr ls ,d ekl igys vkSj ,d ekl ckn ;g le; clUr gksxk A vr% o”kZ dk vkjEHk lEikr fcUnq ls u gksdj ,d ekl igys ls gksrk gS A fuj;u x.kukuqlkj lw;Z 330 v’ka ij ekpZ 14 dks vkrk gS] vkSj orZeku lEikr ¼lk;u x.kuk ½ ls 20 Qjojh dks A vr% fuj;u x.kukuqlkj o”kkZjEHk ,oa clUrkjEHk 14 ekpZ ls rFkk lk;u x.kukuqlkj o”kkZ dk vkjEHk ,oa clUr dk vkjEHk 20 Qjojh ls A pUn ekl ls clUrkjEHk Hkkjrh; fo)kuksa us lkSj vkSj pUnz eklksa es oM+k lkeatL; cSBk;k gS A dkSu ls pUnz ekl pS= vkfn dgs tk;saxs] mldk vk/kkj bl izdkj gS& lw;Z dh fLFkfr iw.kZpUnzek ,oa u{k= pUnz ekl 330 ls 360 va’k rd iwokZ QkYxquh] mŸkjk QkYxquh gLr QkYxqu 360 ls 30 va’k rd fp=k] Lokrh pS= 30 ls 60 va’k rd fo’kk[kk] vuqjk/kk oS’kk[k 60 ls 90 va’k rd T;s”Bk] ewy T;s”B 90 ls 120 va’k rd iwokZ”kk<+k] mŸkjk”kk<+k vk”kk<+ 120 ls 150 va’k rd Jo.k] /kfu”Bk Jko.k 150 ls 180 va’k rd ‘krfHk”kk] iwokZ Hkknzin] mŸkjk Hkknzin Hkknzin 180 ls 210 va’k rd jsorh] vf’ouh] Hkj.kh vkf’ou 210 ls 240 va’k rd d`frdk] jksfg.kh dkfrZd 240 ls 270 va’k rd e`xf’kj] vknzkZ ekxZ’kh”kZ 270 ls 300 va’k rd iquoZlq] iq”; ikS”k 300 ls 330 va’k rd v’ys”kk] e?kk ek?k vkdk’kh; x.kuk esa lqfo/kk ds gsrq js[kka’kks ds LFkku ij u{k=ksa ;k jkf’k;ksa dk uke iz;ksx gksrk gS A tSls Åij lkSj eklksa dk Lo:i esa fn[kyk;k gS fd tc lw;Z 330 va’k ls 360 va’k rd jgrk gS rc mls ^lw;Z ehu jkf’k* esa gS] ,slk dgrs gSaA ,sls gh czák.M ds 360 va’kksa dks 30&30 va’kksa esa ckWaV dj 12 jkf’k;kWa dgykrh gS] tks Åij nh tk pqdh gSA vFkkZr~ vkdk’k esa 330 ls 360 va’k ds LFkku dk uke ^ehu* gS A bR;kfnA blh izdkj 360 va’kksa dks 27 Hkkxksa esas ckWVdj 13 3 1 va’k ¼13 33½ ds ,d Hkkx dks u{k= dgrs gSA;g fo”k; vkxs pydj Hkh dke vk;sxkA
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वैज्ञानिक 57 अप्रैल जूि 2022 vr% vkdk’k ds bu 27 Hkkxksa] vkSj mlds ukeksa ¼u{k=ksa ½ dks bl izdkj tkuuk pkfg, & vkdk’k dk va’k uke Œ ls 1333 va’k rd vf’ouh 1333 ls 26 66 va’k rd Hkj.kh 2666 ls 40 00 va’k rd d`frdk 40 ls 53 33 va’k rd jksfg.kh 66 66 vaa’k rd e`xf’kjk 80 00 va’k rd vknzkZ 93 33 va’k rd iquoZlq 106 66 va’k rd iq”; 120 va’k rd v’ys”kk 133 33 va’k rd e?kk 146 66 va’k rd iwokZ QkYxquh 160 va’k rd mŸkjk QkYxquh 173 33 va’k rd gLr 186 66 va’k rd fp=k 200 va’k rd Lokrh 213 33 va’k rd fo’kk[kk 226 66 va’k rd vuqjk/kk 240 va’k rd T;s”Bk 253 33 va’k rd ewy 266 66 va’k rd iwokZ”kk<+k 280 va’k rd mŸkjk”kk<+k 293 33 va’k rd Jo.k 306 66 va’k rd ?kfu”Bk 320 va’k rd ‘krfHk”kk 333-33 va’k rd iwokZ Hkknzink 346 66 va’k rd mŸkjk Hkknzink 360 va’k rd jsorh bl lEcU/k esa Hkh Hkkjr essa nks er gS] dksbZ pUnz ekl dk vkjEHk ¼mŸkjh Hkkjr esa ½ d`”.k izfrink ls ysdj iw.kZeklh dks ekl dk vUr ¼,d iw.kZ pUnz ls nwljs iw.kZ pUnz rd ½ ekurs gS A egkjk”Vª vkfn dqN izkUrksa esa ¼if’peh nf{k.kh Hkkjr esa iw.kZekl o”kZ dk vafre fnu ekurs Fks A rSfŸkjh; czká.k ¼1A1A2A8½ esa dgk gS fd ^iwokZ QkYxquh esa* vX;k/kku ¼gksfydkngu½ u djsa] D;ksafd og loaRlj dh vfUre jkf= gSA
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वैज्ञानिक 58 अप्रैल जूि 2022 mŸkjk QkYxquh esa vXU;k/kku djsa D;ksa fd ;g laEoRlj dk eq[k gSA ‘kqDy izfrink ls vekokL;k rd ¼vFkkZr ,d pUnz{k; ls nwljs pUnz{k; rd] ¼vekokL;k ls vekokL;k rd½ ekurs gSA tSls& uke ¼mRrj Hkkjr ½ egkjk”Vªh; uke pS= d`”.k i{k QkYxqu d`”.k pS= pS= ‘kqDy i{k & pS= ‘kqDy pS= oS’kk[k d`”.k i{k & pS= d`”.k oS’kk[k oS’kk[k ‘kqDy i{k & oS’kk[k ‘kqDy oS’kk[k T;s”B d`”.k i{k & oS’kk[k d`”.k frfFk dh lw;ZifjHkk”kkvkSj pUnzek dh nwjh ijLij 12 va’k c<+us ij ,d frfFk gksrh gS A vekokL;k ds vUr esa lw;Z vkSj pUnzek nksuksa ,d fcUnq ij vk tkrs gS vkSj tc mudh nwjh izfr 12 va’k gksrh gS] rc ,d frfFk gksrh gS] tSls& ,d fcUnq ls lw;Z pUnzek dh nwjh 12 va’k gksus rd dks izfrink ¼’kqDyi{k dh ƒ ½ dgrs gS A 12 ls 24 f}rh;k 24 ls 36 r`rh;k 36 ls 48 prqFkhZ 48 ls 60 iapeh 60 ls 72 “k”Bh 72 ls 84 lIreh 84 ls 96 v”Veh 96 ls 108 uoeh 108 ls 120 n’keh 120 ls 132 ,dkn’kh 132 ls 144 }kn’kh 144 ls 156 =;ksn’kh 156 ls 168 prqnsZ’kh 168 ls 180 iw.kZeklh ;s lHkh ‘kqDy i{k dh frfFk;k¡ gSA d`”.k i{k esa Hkh ;gh frfFk;kWa gS dsoy iw.kZeklh ds LFkku ij vUr esa vekokL;k gksrh gS A iw.kZeklh ds ckn d`”.ki{k dh frfFk;kWa vkrh gSA iw.kZeklh ds vUr esa lw;Z vkSj pUnzek ijLij 180 dh nwjh ij jgrs gsS A tSls ‘kqDy v”Veh dk vFkZ ;g gqvk fd pUnzek tc rd lw;Z ls 84 ls 96 va’k rd jgs A 4 ekpZ ls clar _rq dk vkjaHk fuj;u x.kuk ls ekuuk pkfg, A izkphu Hkkjrh; ekSlefoKku ds fl)kUr okf"kZd o”kkZKku ds fl)kUr esa lcls igys xf.krh; fl)kUr ysxsa A ¼1½ lakoRlj fl)kUr% laoRlj fl)kUr esa laoRljkssa dh o”kZ la[;k ds vk/kkj ij o”kkZ dh lEHkkouk O;Dr dh tkrh gS A izR;sd iapkx esas ;g fn;k jgrk gsS fd dc dkSu lk laoRlj gSA laoRljksa dks ikWap ukeksa ls foHkDr fd;k x;k gSA bu ikWpksa lEorljksa esa izR;sd dks lkB milEorljksa e ckWaVk x;k gSA
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वैज्ञानिक 59 अप्रैल जूि 2022 v- laoRlj c- ifjoRlj l- bMkoRlj n- vuqoRlj ;- m}Rlj ¼1½ izHko ¼2½ foHko ¼3½ ‘kqDy ¼4½ izeksn ¼5½ iztkifr ¼6½ vafxjk ¼7½ Jheq[k ¼8½ Hkko ¼9½ ;qok ¼10½ /kkrk ¼11½ bZ’oj ¼12½ cgq/kkU; ¼13½ izekFkh ¼14½ fodze ¼15½ o`”k ¼16½ fp=Hkkuq ¼17½ lqHkkuq ¼18½ rkj.k ¼19½ ikfFkZo ¼20½ O;; ¼21½ loZftr~ ¼22½ loZ/kkjh ¼23½ fojks/kh ¼24½ fod`r ¼25½ [kj ¼26½ uUnu ¼27½ fot; ¼28½ t; ¼29½ eUeFk ¼30½ nqeqZ[k ¼31½ gseyEch ¼32½ foyEch ¼33½ fodkjh ¼34½ ‘koZjh ¼35½ Iyo ¼36½ ‘kqHkd`n~ ¼37½ ‘kksHku ¼38½ dzks/kh ¼39½ fo’okolq ¼40½ ijkHko ¼41½ Iyoax ¼42½ dhyd ¼43½ lkSE; ¼44½ lk/kkj.k ¼45½ fojks/kd`r~ ¼46½ ifj/kkoh ¼47½ izekFkh ¼48½ vkuUn ¼49½ jk{kl ¼50½ uy ¼51½ fiaxy ¼52½ dky;qDr ¼53½ fl}kFkZ ¼54½ jkSnz ¼55½ nqeZfr 56½ nqanfHk ¼57½ :f/kjksXnkjh ¼58½ jDrk{k ¼59½ dzks/ku ¼60½ {k; tks laoRlj ^laoRlj* ds gh Js.kh esa vkrk gS] mlesa o”kkZ lkekU; gksrh gS] vFkkZr~ u cgqr vf/kd vkSj u de A ^ifjoRlj* dh Js.kh esa vkus okys o”kZ esa o”kZ ds iwokZ)Z esa vFkkZr~ laoRlj ds vkjEHk ls 6 eghuksa esa vPNh o”kkZ gksrh gS vkSj ckn ds 6 eghuksa esa lk/kkj.k o”kkZ gksrh gS A ^bMkoRlj* okys o”kZ esa dkQh ikuh cjlrk gS A ^vuqoRlj* okys o”kZ esa iwokZ/kZ esa de o”kkZ gksrh gS] rFkk mŸkjk/kZ ds 6 eghuksa esa vPNh o”kkZ gksrh gS vkSj m}Rlj uked o”kZ esa o”kkZ cgqr de gksrh gS A ¼2½ xq:o”kZ ls o”kkZKku c`gLifr o”kZ esa ,d ckj lw;Z ds fudV vk tkus ls vkdk’k esa fn[kykbZ ugha nsrk] D;ksafd lw;Z ds yxHkx ikl gh jgrk gS] ,slh fLFkfr dks ^vLr* dgrs gS A /khjs&/khjs lw;Z ls nwjh vf/kd gksus ij tc fQj fn[kykbZ nssus yxrk gS mls ^mn;* gksuk dgrs gS A bl mn; gksus ds le; c`gLifr ftl u{k= esa gks] rnuqlkj ml o”kZ dk uke vkSj mldk Qy ¼o”kkZ vkfn½ dgk tkrk gS A tks bl izdkj gS &u{k= ¼ftl ij mn; gks½ o”kZuke Qy d`frdk] jksfg.kh dkfrZd lkekU; o”kkZ e`xf’kjk] vknzkZ ekxZ’kh”kZ de o”kkZ iquoZlq] iq”; ikS”k vPNh o”kkZ v’ys”kk] e?kk ek?k vPNh o”kkZ iwokZ QkŒ] mŒ QkŒ] gLr QkYxqu [k.Mo`f”V fp=k] Lokrh pS= LoYi o”kkZ fo’kk[kk] vuqjk/kk oS’kk[k vPNh o”kkZ T;s”Bk ] ewy T;s”B lkekU; o”kkZ iwokZ"kk<+k] mŒ “kkŒ vk”kk<+ [k.Mo`f”V Jo.k] /kfu”Bk Jko.k vPNh o”kkZ ‘krfHk”kk] iwŒ HkkŒ] mŒ HkkŒ Hkknzin [k.Mo`f”V jsorh] v’ouh] Hkj.kh vkf’ou vfr o”kkZ c`gLifr dk mn; rFkk vLr iapkxks esa fn;k jgrk gSA
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वैज्ञानिक 60 अप्रैल जूि 2022 ¼3½ vknzkZ izos’k dk fl)kUr bl fl)kUr dk yksd O;ogkj esa dkQh izpkj gS A blesa lw;Z tc vknzkZ u{k= esa izos’k djrk gS] ml le; dh fLFkfr ds vuqlkj o”kkZ tkurs gS A tSls& ¼1½ lw;Z ds vknzkZ izos’k ds le; tks ckj gksrk gS] mls ml o”kZ es?kksa dk Lokeh ekurs gS A ;g ‘kfu] eaxy ;k lw;Z gks rks o”kZ esa o”kkZ de gksrh gS vkSj pUnzek] cq/k] c`gLifr ;k ‘kqdz gks rks vPNh o”kkZ gksrh gS A ¼2½ vknzkZ izos’k ds le; dkSu frfFk] gS] bldk fopkj gksrk gS A prqFkhZ 4] uoeh 9] prqnZ’kh 14] ;k vekoL;k gks rks o”kkZ LoYi gksxh] budks NksM+dj vkSj frfFk gks rks o”kkZ vPNh gksxh A ¼3½ vknzkZ izos’k ds le; pUnzek fdl u{k= esa gS] ;g Hkh ns[krs gS vf’ouh] jksfg.kh] e`xf’kjk] vknzkZ] iquoZlq] iq”;] e?kk] mŸkjk QkYxquh] gLr] fp=k] Lokrh] fo’kk[kk] vuqjk/kk] mŒ “kkŒ] Jo.k] /kfu”Bk] ‘krfHk”kk] iwŒ HkkŒ] mŒ HkkŒ] esa gksuk vPNk gS] vPNh o”kkZ gksxh A Hkj.kh] d`frdk] v’ys”kk] iqokZ QkŒ] T;s”Bk] ewy] iwŒ “kkŒ] vkSj jsorh esa gks rks de o”kkZ gksxh A ¼4½ vknzkZ izos’k ds le; D;k ;ksx gS A bl ckr dks Hkh ns[krs gS A lw;Z vkSj pUnzek feydj ftrus le; esa 13 va’k pyrs gS] mrus le; dks ,d ;ksx dgrs gS tks iapkxksa esa nSfud :i esa fn;s jgrs gS A fo”dqEHk] izhfr] vk;q”eku~] lkSHkkX;] ‘kksHku] vfrx.M] lqdekZ] /k`fr] o`f)] /kzqo] g”kZ.k] flf)] f’ko] flf)] lk/;] ‘kqHk] ‘kqDy] ,sUnz esa vknzkZ izos’k o`f”V&lwpd ‘kqHk gS A ‘kwy] x.M] O;k?kkr] otz] O;rhikr] ofj;ku] ifj?k] czãk vkSj oS/k`fr esa o”kkZ de gksrh gS ;k vfro”kkZ ls gkfu gks A ¼5½ vknzkZ izos’k fnu esa gks rks o”kkZ de gksrh gS A jkf= esa vknzkZ izos’k gks rks mŸke o”kkZ gksrh gS A jkf= o fnu esa o”kkZ
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वैज्ञानिक 61 अप्रैल जूि 2022 स्वास्थ्य सेितके हलएलाभदायकिैदिी -उत्तमहसंिगिरवार 205, समताकॉलोनी, रायपुर दहीकेबहुतिारेफायदोंकेकारणयेपूरीदुनियाकापिोंदीदाखाद्यपदाथगहै| कहतेहैदूर्िेज्ादा फायदेमोंददहीहताहै , स्वाथथविौन्दयगदिोंकेनलएदहीबहुतअच्छाहै| हमारेदेिकेअलावाइिेनवदेिमेंभीलर्नदिकेिमय अपिेखािेमेंजरुरलेतेहै| डॉक्टरऔरिभीडाईटीनियिलोंचमें1 कटरीदहीखािेकीिलाहदेतेहै| ताजेदहीमेंबहुतिेपषक हतेहैजहमारेिरीकेनलएफायदेमोंदहतेहै| दूर् में फैट व नचकिाई अनर्क ह ता है नजििे एक िमय के बाद ये िरीर में दुष्प्रभाव पड़ता है| लेनकि दही में फैट बहुत कम ह ता है, कम फैट दूर् िे बिे दही में त नबल्कुल फैट िहीोंह ता है| दही क जमािे के नलए आपक दूर् क हल्का र्मग करिा ह र्ा उिमें थ ड़ा िा दही डालिा ह र्ा और उिे रातभर रखिा ह र्ा दही जम जाएर्ा।दही क रात के िमय िहीों खािा चानहए इििे आपक र्ले में काफीनदक्कतह िकतीहै। आजकल हाटग िे जुडी परेिािी उम्र देखकर िहीोंहती है, आजकल के खािपाि के चलते कम उम्र में ही इि परेिािी का िामिा करिा पड़ जाता है| इििे बचिे के नलएदहीकािेविकरिाचानहए, र जदहीखािे िे आपके नदलकीदेखभालह तीहै| दहीमेंमौजूदप षकतत्त् दही िे क लेस्टर ल कम ह ता है व हाई ब्लडप्रेिर भी कोंटर ल रहता है|प्रनतर र्क क्मता बढ़ाये दही में मौज द बैक्टीररया हमारे िरीर के अोंदर के कीटाणु व आिपाि के छ टे छ टे कीटाणु िे लड़िे कीक्मताबढ़ाताहै| दहीखािे िे िरीरमेंफूतीआतीहै वबहुतिे र र्दूररहते है|हनड्डय क मजबूत करे दही में कैब्धल्फ्ियम ह ता है ज हड्डी के नलए बहुतजरुरीहै| इििे हड्डीवदाोंतमजबूतह ते है|पाचितोंि मजबूत करे दही खािे िे पाचि िही रूप िे ह ता है, कब्ज, र्ैि, एनिनडटी जैिीपरेिानियााँ दूर ह ती है|अलिर ठीक करे –पेटकाअल्सरवकैंिरिे दहीिरीरक बचाए रखता है|वजि कम करिे में िहायक दही खािे िे पेट बहुत देर तक भरा हुआ महिूि ह ता है नजििे भूख कम लर्ती है| इिमें प्र टीि व कैब्धल्फ्ियम अनर्क ह ता है ज वजि कोंटर ल में िहायक है| दही िे कैलरी भी कम ह ती है| दही िरीर िे एक्स्ट्रा फैट क हटाता है|दहीब्धस्कि के नलएफायदेमोंद दहीिे चेहरे में ग्ल आताहै, टैनिोंर्वचेहरे कीर्न्दर्ीइििे दूरह तीहै| इििे कीलमुहाोंिे, दार्र्ब्बे भीदूरह ते है|दहीमेंबेिि, िीम्बूकारिनमलाकरचेहरे व र्ाडगि में 15 नमिट तक लर्ायें| हफ्ते में 2 बार ऐिा करिे िे चेहरा िाफ ह जायेर्ा|1 चम्मच ताजा दही र ज िहािे िे पहले चेहरे पर लर्ायें| रूखापि व टैनिोंर् दूर ह र्ी|िोंतरे के नछलके का पाउडर व दही नमलाकर चहरे परलर्ायें|ताजे दहीक 30 नमिटतकबाल मेंलर्ायें नफर पािीिे र् लें, इिे आपमेहाँदीवअोंडे के िाथनमलाकर भी लर्ा िकते है| इििे बाल हेल्थी, लम्बे, काले ह ते है|दही में बेिि व काली नमचग पाउडर नमलाकर हफ्ते में 2 बार लर्ािे िे बाल झड़िा भी कम ह ता है व रुिी भी ित्म ह जाती है|मैथी पाउडर क दही में नमलाकर लर्ािे िे बाल िाइि करते है|अन्यफायदे र्मीके नदि में र जदहीका िेवि जरुरकरिाचानहए| इििे आपलू, र्मीिे बचे रहते है| इििे पेट की र्मी िाोंत ह ती है|छाछ िे कुल्ला करिे िे मुहों के छालेित्मह ते है|
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वैज्ञानिक 62 अप्रैल जूि 2022 दहीिे जुडीअन्यबातें दहीरातमें खािे िे स्वाथथपरबुरा अिर पड़ता है|रात क अर्र दही खा रहे है त उिमें िमक, काली नमचग या िक्कर नमलाकर खाएों | व ििे िे पहले ब्रि करें|ठण्ड में दही खािे िे दुष्प्रभाव हता है|खली पेट दही िहीों खािा चानहए|र्ुप िे तुरोंत आकर दही िहीों खािा चानहए|दही क कभी र्रम िहीों करिा चानहये |दही क माोंि के िाथ िहीोंखािा चानहए, ये द ि अलर् तरह के खाद्य है नजन्ें िाथ में िहीों खाया जाता|बवािीर के मरीज क दही िे परहेज करिा चानहए|र ज दही वजि बढ़ा भी िकता है इिनलए वजि कमकरिे वाल क इिबातकानविेषध्यािरखिाचानहए की दही कम फैट दूर् िे बिा ह |दही के िुकिाि अथगराइनटि की ह िकती है िमस्ाअथगराइनटि की िमस्ावालेलर् के नलएजहरके िमािह ताहै| दहीकािेवि: क्य ोंनकइिलर् क दहीखािे िे ज ड़ में ददग की िमस्ा और ज्ादा बढ़ जाती है। नजिके कारण कई नदक्कते ह िे का खतरा रहता है। इिनलए अर्र इन्ें दही का िेवि करिा है त इन्ें डॉक्टर की िलाह पर करिा चानहए।डायनबनटज मरीज िा करें दही का िेविअर्र आप डायनबनटज के मरीज हैं त आपक िावर्ाि रहिा बहुत जरूरी है क्य नक अर्र आप दही का िेवि अनर्क मािा में कर रहे हैं त इििे आपकी तबीयत नबर्ड़ िकतीहै नजिके कारणआपक परेिािीह िकती है, ह िकता है की आपकी डायनबनटज बढ़ जाए। इिनलए िावर्ािी िे आप दही का िेवि करें।र्ले में ह िकते हैं टॉब्धर्न्ल्स, िदी ह या र्मी दही का अनर्क िेवि आपके र्ले के नलए हानिकारकह िकता है क्य ोंनक इििे आपके र्ले की माोंिपेनिय में िूजि आ िकती है नजिके कारण आपक र्ले में टॉब्धर्न्ल्स ह िकते हैं त िेवि करें लेनकि कम मािा में । ज्ादा खट्टा दही िा खाएों ज्ादा खट्टा दही आपके नलए काफी िुकिािदायक ह िकता है क्यनक इिके िेवििे आपक िीिे में जलिऔरर्ैिकीनदक्कत ह िकतीहै, इिनलएज्ादानदिके रखे हुएदहीकािेवि कममािामेंयानबल्कुलभीिाकरें। दही कब खािा चानहए : दही का िेवि आपक िुबह या नफर द पहर के िमयकरिा चानहएक्य ोंनक इििमयदही आपक फायदा पहुोंचाता है। इिमे ज भी प्र टीि, नजोंक, कैब्धल्फ्ियम आनद ह ता है व आपकी बॉडी क अच्छे तरीके िे प्राप्त ह ता है। नजिके कारण आपक नकिी तरह की क ई नदक्कत िहीोंह ती है। इिनलए कहते हैं नक दही का िेवि अर्र आप नदि के िमय करेर्ें त आपक र्ले की नदक्कत या नफर अथगराइनटि जैिे परेिािी िहीों हर्ी। िाथहीये आपक ठोंड़ाभीरखेर्ा। दिीसेजुडीतस्वीरें
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वैज्ञानिक 63 अप्रैल जूि 2022 lsgr ds fy, uqdlkunsg gS [kkuiku esa feykoV M‚ euh"k eksgu xksjs वररष्ठ वैज्ञानिक,राष्टीयनवज्ञाििोंचारएवोंिीनतअिुिोंर्ाििोंथथाि, वैज्ञातिक एवों औद्यतगक अिुसोंिाि पररषद (सीएसआईआर) िईनदल्ली 110012 vDlj ge vius jkstejkZ ds [kkuiku esa dh tkus okyh feykoV ls cs[kcj jgrs gSaA gekjs [kk| inkFkksaZ esa dadM+] jax vkSj nwljs dbZ jlk;u feyk, tkrs gSaA budk gekjs LokLF; ij cqjk vlj gksrk gSA vc vki gh lksfp;s gekjs vkSj cPpksa ds fy, nw/k fdruk t:jh gS vkSj blesa vxj ikuh ds lkFk&lkFk fMVtsaZV tSls inkFkZ feyk;s tk,a rks os gekjs vkSj cPpksa dh lsgr gh ugha thou dks fdruk uqdlku igqapk,axsA Qy&lCth vkSj nwljh reke [kkus&ihus dh phtksa esa feykoV vkt ,d lkekU; ckr gks xbZ gSA gesa buls lko/kku jgus dh t:jr gSA vkb;s buls tqM+h leL;kvksa vkSj cpko ds ckjs esa tkurs gSaA Hkkstu ls gekjs 'kjhj dks ÅtkZ feyrh gSA bl ÅtkZ ls ge vius jkstejkZ ds dke dks dj ikus esa l{ke gksrs gSaA [kk| inkFkksaZ dks ,d ls nwljh txg ys tkrs gq, xanxh ds laidZ ;k [kkuk ijkslrs le; vko';d LoPNrk dk /;ku u j[kus ij dhVk.kqvksa dk laØe.k gksrk gSA bl otg ls [kkuk nwf"kr gksdj [kjkc gks tkrk gSA ;g ?kVuk rks vutkus esa gksrh gSA ysfdu tc feykoV[kksj viu O;fäxr Qk;ns ds fy, gekjs nSfud thou ds [kk| inkFkksaZ esa rjg&rjg ds feykoVh inkFkZ feykdj mUgsa nwf"kr djrs gSa rks ;g tkucw>dj fd;k tkus okyk dke gS tks ,d rjg dk vijk/k gSA D;ksafd bl fØ;k&dyki ls ekuo LokLF; dks [krjk mRiUu gksrk vketugSA dh euksn'kk vkSj cnyrh thou 'kSyh ls feykoV[kksjh tksjksa ij % gj O;fä pkgrk gS fd mls de ls de dher esa dksbZ [kk| inkFkZ fey tk,A blds fy, cktkjksa esa yksx eksyHkko djrs gSaA nqdkunkj vkSj feykoV[kksj [kkus&ihus dh lkefxz;ksa esa feykoV djds yksxksa dh blh ço`fÙk dk nksgu djrs gSaA ijaijkxr rkSj ij Hkkjrh; ifjokj LoPN vkSj lsgrean rjhds ls ?kj ij gh [kkuk idkdj [kkrs gSaA mUgsa [kkuk idkrs le; ;g ekywe jgrk gS fd [kkus esa dksbZ nwf"kr inkFkZ ugha x;k gSA exj bl ckr dh xkjaVh cktkj esa ids vkSj fcØh fd;s tk jgs [kk| inkFkksaZ esa ugha gksrhA vk/kqfud lekt esa yksxksa dh vk; esa o`f) gqbZ gS vkSj dke&dkt ds ncko ds pyrs yksxksa ds ikl le; Hkh de gSA ,sls esa gj jkst ?kj ij [kkuk idkdj [kkus dh xqatkb'k de jgrh gSA ubZ ih<h vDlj jsLrjka vkSj [kqys LFkkuksa ij QkLV QwM [kkus dks ilan djrh gSA ;s tYnh ls idkdj ijkslk tkus okyk Hkkstu gksrk gS ftlesa [kjkc xq.koÙkk ds rsy] ?kh] elkys vkSj [kk| inkFkZ 'kkfey fd;s tkrs gSaA ge bl ckr ls vDlj vufHkK gksrs ga fd bu [kkus&ihus dh phtksa esa feykoV gks ldrh gSA tcfd losZ{k.k ls ;g ckr fudydj vkbZ gS fd gekjs ns'k esa ckgj csps tkus okys 25 ls 30 çfr'kr [kk| inkFkksaZ esa feykoV jgrh gSA gj Lrj ij [kkuiku esa feykoV % ifCyd gsYFk QkmaMs'ku vkQ bafM;k dh ,d rktk fjiksVZ ds vuqlkj ns'k esa vle; gksus okyh ekSrksa ds ihNs [kkuiku dh phtksa esa feykoV ,d cM+h otg cu xbZ gSA [kk| feykoV dh 'kq#vkr [ksrksa ls gh gks tkrh gS tgka moZjd vkSj dhVuk'kdksa dk vR;f/kd ç;ksx fd;k tk jgk gSA ;gh dkj.k gS fd Qy&lfCt;ksa vkSj vuktksa esa dhVuk'kdksa ds vo'ks"k mPp lkaærk esa fey jgs gSaA ;g Hkh lp gS fd dhVuk'kd gh ,dek= leL;k ugha gSA nw/k] iuhj] rsy tSlh vusd [kkus&fius dh phtksa esa feykoV gks jgh gSA Qy&lfCt;ksa] elkyksa vkSj nkyksa esa dyfjax ,tsaV ds :i esa ?kkrd jlk;uksa ds ç;ksx fd;s tkrs gSaA dkckZbM jlk;u vkSj ,fFkyhu xSl dk ç;ksx Qyksa dks rsth ls idkus ds fy, fd;k tkrk gS budk gekjh lsgr ij cgqr cqjk vlj gksrk gSA [kk| inkFkksaZ esa feykoVh jlk;uksa dk lcls T;knk cqjk vlj cPpksa vkSj o`) O;fä;ksa ij iM+rk gSA
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वैज्ञानिक 64 अप्रैल जूि 2022 feykoV[kksj gekjs [kkus&ihus dh gj pht esa feykoV dj jgs gSa tks gekjh lsgr ds fy, uqdlkunsg lkfcr gksrk gSA ehfM;k esa vDlj ,slh [kcjsa i<us&ns[kus dks feyrh gSa fd [kk| feykoV ls O;fä dh rfc;r fcxM+ xbZA vHkh fiNys lky Vhoh ij ,d [kcj vkbZ Fkh fd bykgkckn jsyos LVs'ku ij ,d pk; cspus okyk O;fä nw/k dh txg FkksM+h&FkksM+h ek=k esa lQsn jax ds isaV dk ç;ksx djrk FkkA if'peh mÙkj çns'k dk ,d pkV cspus okyk O;fä pkV ds elkys esa rstkc feykrk Fkk ftldh otg ls mldh pkV vf/kd pViVh gksrh vkSj [kkus okyksa dh ogka ykbu yxh jgrh FkhA ysfdu og O;fä yksxksa dh ftUnxh ds lkFk f[kyokM+ dj jgk FkkA vkf[kjdkj ;s yksx [kk| fujh{k.k foHkkx ds }kjk idM+s x;s vkSj bUgsa iqfyl ds gokys fd;k x;kA loky ;g gS fd ;s rks dqN mnkgj.k gSa tks gekjs lkeus gSaA exj buds vykok gekjs vkl&ikl jkst ,sls gtkjksa feykoV[kksj vius dke dks vatke ns jgs gSaA R;kSgkj vkSj fo'ks"k lekjksgksa esa feykoV[kksjh ls jgsa lko/kku gksyh&nhokyh% tSls R;ksgkjksa esa [kks;k] iuhj vkSj feBkb;ksa esa feykoV ,d vke ckr gks xbZ gSA tks yksx tkx:d vkSj le>nkj gSa] os bu phtksa dk lsou ugha djrsA exj vf/kdka'k yksx bu ckrksa ls cs[kcj jgrs gSa vkSj os gh bu feykoV[kksjksa dk edln vutkus esa iwjk djrs gSaA feBkbZ] twl vkSj tSe esa feykoV[kksj uku ijfeVsM dyj dk bLrseky djrs gSa tks dSalj mRiUu dj ldrk gSA [kk| inkFkksaZ esa gksus okyh dqN lkekU; feykoV %buls cpus ds fy, gesa tkx:d gksus dh t:jr gSA gesa ns[kuk gksxk fd lqcg ls ysdj jkr rd dkSu&dkSu ls [kk| vkSj is; inkFkksaZ dk lsou ge djrs gSaA D;k bu inkFkksaZ esa feykoV gks ldrh gS\ vxj gka rks gesa D;k lko/kkfu;ka j[kuh gksaxhA bl ckr dks gesa r; djuk gksxkA vyx&vyx çdkj ds [kk| rsyksa esa vkthZeksu dk rsy] feujy vk;y] dsLVj vk;y feykdj budh xq.koÙkk dks [kjkc fd;k tkrk gS vkSj bldh otg ls gesa ân; jksx] ;—r esa [kjkch] Vîwej] isV dh chekjh tSlh LokLF; leL;k,a gks ldrh gSaA dksYM fMªad] lk¶V fMªad ds uke ij <sj lkjh dEifu;ka cktkj esa udyh fMªad csp jgh gSaA buesa lsgr dks uqdlkunsg dyj] fçtosZfVo vkSj nwljs jlk;u feyk;s tkrs gSaA lcls igys ge bl ckr dks le> ysa fd ;fn fdlh [kkus&ihus dh pht esa gekjh ykijokgh ls ;k çk—frd :i ls dksbZ uqdlkunsg inkFkZ fey x;k gS rks bls feykoV ugha cfYd laØe.k dgsaxsA vc nsf[k;s vxj geus fcuk gkFk /kks;s dksbZ 'kq) [kkus dh pht dks Hkh [kk fy;k rks blls gekjs gkFkksa esa cSDVhfj;k&ok;jl lsgr dks uqdlku igqapk ldrs gSaA blfy, cPpksa vkSj cM+ksa dks O;fäxr LoPNrk dk fo'ks"k /;ku j[kuk t:jh gSA NksVh&cM+h lkQ&lQkbZ dh vknrksa tSls fd gkFk /kksdj Hkkstu djuk] jkst ugkuk] uk[kwu&cky fu;fer dVokuk; bUgsa vxj ge vius O;ogkj esa 'kkfey dj ysa vkSj mUgsa ikyu djsa rks bu laØe.kksa ls cp ldrs gSaA vkb;s vc ns[krs gSa fd [kk| inkFkksaZ esa D;k&D;k phtsa feykoV dh tkrh gSaA [kkus&ihus dh phtksa dk Lokn vkSj tk;dk c<kus ds fy, vDlj muesa uku ijfeVsM dyj feyk;k tkrk gSA vxj bu dyj ds lzksr çk—frd gksa rks ;s uqdlku ugha igqapkrsA ysfdu vxj ;s flaFksfVd gSa rks buls lsgr [kjkc gks tkrh gSA pqdanj ls feyus okys çk—frd jatd ls csVkfuu uked ,d eStsaVk MkbZ vkSj ihys&ukjaxh jax dh chVk dSjksfVu MkbZ curs gSaA budk ç;ksx gkfudkjd ugha gksrkA exj uhys jax ds bafMxks dkfeZu] yky ,yqjk jsM ,lh vkSj ihys jax ds fDouksfyu ;syks MCY;w,l flaFksfVd dyj gksrs gSa tks fd gekjh lsgr dks uqdlku igqapkrs gSaA bUgsa vDlj dspi] tSe] dSaMh] psjh tSls [kk| inkFkksaZ esa feyk;k tkrk gSA ,d ckj ç;ksx gks xbZ pk; dh ifÙk;ksa esa dkij vklsZukbV feykdj og pk; nksckjk csph tkrh gSA iuhj vkSj daQsD'kujh dks jax nsus ds fy, muesa vDlj jsM ysM ;k ofeZfy;ku tSls ?kkrd jlk;u feyk;s tkrs gSa tks lsgr dks Hkkjh uqdlku igqapkrs gSaA vktdy cktkj esa xfy;ksa&eksgYyksa esa feyus okys pkbuht QwM dh Hkjekj gSA buesa flaFksfVd dyj [kwc feyk;k tkrk gSA bUgsa [kkus ls gesa cpuk pkfg,A nky] pkoy] xsagw tSl vuktksa esa ckyw&dadM+ feyk;s tkrs gSa ftuls vukt dh xq.koÙkk [kjkc gksrh gSA Qyksa dks tYnh idkus ds fy, ,fFkyhu tSls flaFksfVd jlk;u feyk;s tkrs gSaA blls Qy dh çk—frd xq.koÙkk esa fxjkoV vkrh gS vkSj ;g çk—frd :i ls ids gq, Qy tSlk lsgrean Hkh ugha jg tkrkA feBkbZ vkSj LuSDl esa ysM] ejdjh vkSj vklsZfud tSlh /kkrq,a feyk;h tk jgh gSaA gkykafd csgn vYi ek=k esa gekjs 'kjhj dks bu /kkrqvksa dh t:jr gksrh gS] ysfdu bu [kk| inkFkksaZ esa vlarqfyr vuqikr esa /kkrqvksa dh feykoV uqdlkunsg lkfcr gks jgh gSA bZaV Hkêksa vkSj jk"Vªh; jktekxZ ds utnhd mxkbZ tkus okyh lfCt;ksa esa vDlj mPp ek=k esa gsoh esVy ik, tkrs gSaA gesa ugha ekywe iM+rk fd ftl nqdkunkj ls geus lCth [kjhnh
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वैज्ञानिक 65 अप्रैल जूि 2022 gS] og dgka ij viuh lfCt;ka mxkrk gSA moZjd vkSj jklk;fud dhVuk'kdksa esa Hkh cM+h ek=k esa uqdlkunk;d jlk;uksa dk ç;ksx gksrk gSA ,aMkslYQku] tSls vusd dhVuk'kd fo'o esa cSu gSa exj Hkkjr esa budk /kM+Yys ls bLrseky fd;k tk jgk gSA ljdkj bl vksj /;ku nsdj mfpr fu;e cuk ldrh gSA QkLVQwM ds ctk; gkseesM QwM dks nsa rjthg % ,d fjiksVZ ds vuqlkj gekjs ns'k esa QwM lfoZl baMLVªh dks 60 ls ysdj 80 çfr'kr [kk| tfur chekfj;ksa ds fy, ftEesnkj ekuk x;k gSA lM+d fdukjs] [kqys esa vkSj jsLrjka esa fcdus okys vusd QkLV QwM lsgr ds nq'eu lkfcr gks jgs gSaA buesa rsy] elkys dk cgqr T;knk ç;ksx gksrk gSA bUgsa T;knk nsj ugha idk;k tkrkA bUgsa cukus esa LoPNrk dk Hkh /;ku de j[kk tkrk gSA vf/kdka'k QkLV QwM dks nks&pkj fnuksa rd lqjf{kr j[kus ds fy, muesa fçtosZfVo jlk;uksa dk ç;ksx fd;k tkrk gSA lcls vge ckr [kk| inkFkZ idk, tkus ls 2&4 ?kaVs rd [kkus d fy, mi;qä gksrk gSA mlds ckn mldh iks"k.k xq.koÙkk ?kVus yxrh gSA fçtosZfVo ds rkSj ij ç;ksx gksus okys ukbVªkbV] esVk lYQkbV vkSj eksukslksfM;e XywVkesV tSls jlk;u lsgr dks gkfu igqapkrs gSaA ljlksa esa vkthZeksu chtksa dh feykoV djus ls fnYyh esa 1998 esa MªkIlh tSlh xaHkhj chekjh dks geus >syk gSA nw/k esa vDlj fMVtsaZV dh feykoV ls tqM+h f'kdk;r [kcjksa esa vkrh gSaA gesa buls lko/kku jgus dh t:jr gSA feykoV dks ekr nsus ds fy, lrdZrk t:jh % ,d miHkksäk dh gSfl;r ls ge lHkh dks 'kq) vkSj [kkus ;ksX; inkFkZ feyuh pkfg,A [kkus&ihus dh [kqyh phtksa tSls fd QkLV QwM] pk;uht QwM ls ijgst j[kuk gekjs fy, vge gSA nwljk vukt [kjhnrs le; gesa ogha ij dadM+&iRFkj tSlh fn[kkbZ nsus okyh feykoV dh tkap djus ds ckn lgh pht gesa [kjhnuh pkfg,A lCth&Qy] feBkbZ] twl ftuesa uku ijfeVsM dyj feyk;s tkrs gSa] mUgsa ?kj ykdj jax NksM+us ds ç;ksx dks djds ns[kuk pkfg,A fdlh Hkh iSDM QwM vkbVe dh ,Dlik;jh MsV] baxzsMh,aV dh lwph] fçtosZfVo vkfn ds ckjs esa nh xbZ tkudkjh dks ns[kuk cgqr t:jh gSA [kk| laj{k.k ls lacaf/kr miHkksäk vkSj lkekftd laLFkkvksa ls tqM+dj lCth&Qy vkSj nwljh [kkus&ihus dh phtksa dh tkap [kk| fujh{k.k foHkkx ls djokuh pkfg,A QwM balisDVj ds laidZ esa jgdj feykoV[kksjksa dks xyfr;ksa dk naM fnyokuk pkfg,A blls feykoV[kksj lko/kku gks tk;saxs vkSj vkxs ls feykoV djus ls drjk;saxsA dsaæ vkSj jkT; ljdkj esa [kk| fujh{k.k ls tqM+s foHkkx bu leL;kvksa dh fuxjkuh j[krs gSaA dsaæ ljdkj ds Lrj ij LokLF; ,oa ifjokj dY;k.k ea=ky; ds lh/ks fu;U=.k esa QwM ls¶Vh ,aM LVS.MMZ vFkkfjVh vkQ bafM;k uked ,d laLFkk gS tks [kk| inkFkksaZ dh eSU;qQsDpfjax] LVksjst] forj.k] fcØh vkSj vk;kr ij fuxjkuh j[krs gq, ekuo miHkksx ds fy, lqjf{kr [kk| inkFkksaZ dh xq.koÙkk dks r; djrh gSA [kk| inkFkksaZ esa feykoV ls cpus dk lcls vPNk rjhdk gS fd ge budks ysdj tkx:d jgsa vkSj le;≤ ij bu lkefxz;ksa esa feykoV dh tkap djrs jgsaA xkaoksa esa jgus okys yksxksa esa 'kgj dh rqyuk esa [kk| feykoV dks ysdj tkx:drk dk çk;% vHkko ns[kk tkrk gSA blds fy, tkx:drk vfHk;ku pykdj yksxksa dks lpsr fd;k tk ldrk gSA ;s vfHk;ku vkSj dk;ZØe vxj xzkeh.k {ks= dh Hkk"kk&cksyh esa vkSj muds yksddykvksa ls tksM+dj pyk;s tk,a rks mudk T;knk vlj xzkeh.kksa ij gksxkA uqDdM+&ukVd blds fy, lcls mi;qä ek/;e gks ldrk gSA blesa yksx ukVd ds cgkus [kk| inkFkksaZ esa feykoV dh leL;k ds ckjs esa tku ysaxs vkSj blls cpko dk ysdj lpsr Hkh gks tk;saxsA [kkus&ihus dh phtksa esa feykoV ds bl iwjs ifj–'; dks ns[kdj rhu eq[; ckrsa le> esa vkrh gSaA igyh ckr gesa O;fäxr Lrj ij LoPNrk dh vknr Mkyuh pkfg, vkSj cPpksa dks Hkh ,slk djus ds fy, le>kuk pkfg,A nwljk tgka rd laHko gks ge ?kj dk cuk rktk Hkkstu [kk,a ysfdu ?kj ls nwj gksus ij ;k lQj ds nkSjku dksf'k'k djsa fd [kqyh phtsa ;k LVªhV QwM dk lsou uk djsaA rhljh egRoiw.kZ ckr ge feykoV dks ysdj lpsr jgsa vkSj vius ifjtuksa&fe=ksa dks Hkh lrdZ jgus dks dgsaA bl leL;k ls gekjs LokLF; dks cgqr [krjk gksrk gSA blfy, [kk| inkFkksaZ esa feykoV dks ysdj lko/kkuh vkSj tkx:drk csgn vko';d gSA
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वैज्ञानिक 66 अप्रैल जूि 2022 [kkus&ihus dh lkexzh feykoV dh lkexzh LokLF; ij gkfudkjd vlj nw/k ikuh vkSj LVkpZ isfp'k [kks;k LVkpZ vkSj phuh fuEu iks"k.k phuh pkd ikmMj isV esa nnZ dkQh ikmMj bZeyh&[ktwj ds cht dk ikmMj nLr] pDdj vkuk] tksM+ksa esa nnZ pus dh nky vkSj vjgj nky [kslkjh nky ySfFkfjTe dSalj fpyh ikmMj bZaV dk pw.kZ ;k ydM+h dk cqjknk] —f=e jax isV esa ejksM+] dSalj feBkbZ] twl] tSe uku ijfeVsM dyj uku ijfeVsM dyj dSaljtud gksrs gSa 'kgn phuh vkSj ikuh isV dh chekjh nky dksyrkj MkbZ isV esa chekjh] vYlj xqM+ okf'kax lksMk] pkd ikmMj mYVh] nLr rsy vkthZeksu dk rsy] feujy vk;y] dsLVj vk;y vk¡[k dh jks'kuh esa deh] ân; jksx] ;—r esa [kjkch] Vîwej] isV dh chekjh lanHkZ % 1 QwM ,MYVjs'ku % lkslsZl] gsYFk fjLDl ,aM fMVsD'ku esFkM~l] laxhrk caly] euh"kk eaxy] viwokZ flag ,oa latho dqekj 2 QwM ,MYVjs'ku ,aM daVªksy esdsfuTe] ,lih ofljsìh 3 Hkkjrh; [kk| lqj{kk ,oa ekud çkf/kdj.k] LokLF; ,oa ifjokj dY;k.k ea=ky;] Hkkjr ljdkj dk osclkbV *****
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वैज्ञानिक 67 अप्रैल जूि 2022 laLej.k1 आजादीके बाद नवि नवख्यात वैज्ञानिकडॉ िुब्रह्मण्यि् चन्द्रिेखर का खर्लिाथि नोबल पुरथकारहवजेता भारतीय खगोलशाथिी डॉसुब्रह्ण्यनट चन्द्रशेखरकाय़ोगदान डॉमीनाक्षीपाठक पीएचडी, आईआईटी, मुंबई िुब्रह्मण्यि् चन्द्रिेखर (१९ अक्टूबर, १९१० २१ अर्स्त, १९९५) नवख्यात भारतीय अमेररकी खर् लिास्त्री थे। ि बल पुरथकार नवजेता भारतीय खर् लिाथिी िुब्रह्मण्यि् चन्द्रिेखर का जन्म 19 अक्टूबर 1910 क लाहौर पोंजाब में हुआ था। अपिे कायों के नलए ि बल जीतिे वाले डाक्टर िुब्रह्मण्यि् का कहिा था नक मिुष्य की अब तक की िबिे बड़ी ख ज भर्वाि है। डाक्टर िुब्रह्मण्यि् चन्द्रिेखर क भौनतक िास्त्र पर उिके अध्ययि के नलए नवनलयम ए. फाउलर के िाथ िोंयुि रूप िे 1983 में भौनतकी का ि बेल पुरस्कार नदया र्या था। उिका जन्म पाटीिि िे पहले 19 अक्टूबर 1910 क लाहौर पानकस्ताि में हुआ था। उिकी प्रारोंनभक निक्ा दीक्ा मद्राि में हुई। 18 िाल की उम्र में चोंद्रिेखर का पहला ररिचग पेपर इोंनडयि जिगल ऑफ नफनजक्स में प्रकानित हुआ था।महज 24 िाल की उम्र में उिकी एक महत्वपूणग ररिचग िामिे आयी थी नजिमें उन् ोंिे प्रमानणत नकया था नक व्हाइट ड्वाफग स्टार का माि ही ब्लैक ह ल का निमागण करता है। उन् िे इिकी वजह बताते हुए स्पष्ट नकया था नक व्हाइट ड्वाफग स्टार एक डेनफिेट माि प्राप्त करिे के बाद अपिे भार क िहीोंबढ़ा िकता नजिके चलते वे ब्लैक ह ल बि जाते हैं। यानि नजि तार का द्रव्यमाि िूयग िे 1.4 र्ुिा हर्ा, वे अोंतत निकुड़ कर बहुत भारी ह जाएोंर्े। हालानक तारे के नर्रिे और लुप्त ह िे की अपिी ये वैज्ञानिक नजज्ञािा उन् ोंिे 1934 में िुलझा ली थी और 11 जिवरी 1935 क इिििे िोंबोंनर्त ररिचग क लोंदि की रॉयल एस्टर िॉनमकल ििाइटी की एक बैठक में प्रस्तुत भी कर नदया था लेनकि उिे स्वीकार िहीों नकया र्या था। आब्धखरकार पचाि िाल बाद 1983 में उिके निद्धाोंत क मान्यता नमली और ि बल प्राइज भी नमला। डाक्टर िुब्रह्मण्यि् अपिे छाि क भी हमेिा आर्े बढ़िे के नलए प्रेररत करते थे यही वजह है नक 1957 में उिकेद स्टेडेंटि त्सुोंर् दाओ ली तथा चेि निोंर् येंर् क भी भौनतकी के िबेल पुरस्कार िे िम्मानित नकया र्या।इोंग्लैंड िे भारत की यािा के दौराि अपिी िवगश्रेष्ठ र्थ्री की ख ज करिे वाले डाक्टर िुब्रह्मण्यि् ि बेल पुरस्कार प्राप्त प्रथम भारतीय तथा एनियाई वैज्ञानिक िुप्रनिद्ध िर चोंद्रिेखर वेंकट रामि के भतीजे थे। अपिे एक इोंटरव्यू में उन् ोंिे कहा था, हालाोंनक वे एक िाब्धस्तक नहोंदू हैं पर तानकगक दृनष्ट िे जब देखते हैं, त यह पाते हैं, नक मािव की िबिे बड़ी और अद्भुत खज ईिर है। डाक्टर िुब्रह्मण्यि् लर्भर् 20 िाल तक एस्टर नफनजकल जिगल के िोंपादक भी रहे थे। भारतीय खर् लिाथिी नजन्ह िे कहा था भर्वाि इोंिाि की िबिे बड़ी ख ज है।1969 में तत्कालीि प्रर्ािमोंिी श्रीमती इोंनदरा र्ाोंर्ी िे उन्ें भारत िरकार की ओर िे पद्म नवभूषण िे िम्मानित नकया था। हालाोंनक वे अपिी उपलब्धिय के नलए िम्मानित भी हुए और उन्ें पुरस्कार भी नमले पर भारत क उिकी मृत्यु के बाद बेहद अफि ि रहा क्य ोंनक जब हमारे देि में `जायोंट मीटर वेव रेनडय टेनलस्क प' की थथापिा हुई, तब इि क्ेि में िवीितम ख जें करिे वाला वैज्ञानिक िहीों रहा था, नजिका उद्देश्य ही था भारत में भी अमेररका जैिी िोंथथा `िेटी' यानि पृथ्वीतर िक्ि ल क में बौब्धद्धक जीव की ख ज का र्ठि करिा। डॉ॰ चोंद्रा िेवानिवृत्त ह िे के बाद भी जीवि पयिंत अपिे अिुिोंर्ाि कायग में जुटे रहे। बीिवीों िदी के नवि नवख्यात वैज्ञानिक तथा महाि खर् ल वैज्ञानिक डॉ॰ िुब्रह्मण्यम् चोंद्रिेखर का 22 अर्स्त 1995 क 84 वषग की आयु में नदल का दौरा पड़िे िे निकार् में निर्ि ह र्या। इि घटिा िे खर् ल जर्त िे एक युर्ाोंतकारी खर्ल वैज्ञानिक ख नदया।
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वैज्ञानिक 68 अप्रैल जूि 2022 laLej.k2 आजादीके बादकवकएवंपादपरोगहवज्ञानके क्षेिमें वैज्ञाहनकडॉ. बी.बी.मुंदकुरकाय़ोगदान izsepUnz f=os.khiqje~]>wW¡lh]iz;kxjk^vuqdEik*]okbZJhokLro2lh]115@6t&19 MkW ckypUnz Hkokuh'kadj eqandqj dk tUe 26 twu 1896 esa gqvk Fkk A os mu fojy Hkkjrh; ouLifr foKkfu;ksa esa ls ,d gSa] ftUgsa Hkkjr esa ikni jksx foKku dks ,d izfrf"Br foKku ds :i esa LFkkfir djus dk xkSjo izkIr gSA MkW eqandqj ds uke ls rks eSa rHkh ls ifjfpr Fkk] tc eSa ch,l&lh dk fo|kFkhZ Fkk] fdUrq muds O;fDrRo vkSj d`frRo ls xgjk ifjp; ml le; gqvk tc ,e,l&lh vfUre o"kZ esa eSaus IykaV iSFkksykth Lis'ky isij ds :i esa v/;;u ds fy, pquk Axq# izksQslj dkes'oj lgk; HkkxZo ¼vc LoxhZ;½ tks xksj[kiqj fo'ofo|ky; vc ^nhun;ky mik/;k; fo'ofo|ky;] xksj[kiqj ¼miz½ ds dk;Zokgd dqyifr vkSj ouLifr foHkkx ds laLFkkid foHkkxk/;{k Fks] ls vusd voljksa ij MkW eqandqj ds fo"k; esa lquus dk lkSHkkX; feyk A izksQslj eqandqj dh dk;ZLFkyh eq[; :i ls Hkkjrh; d`f"k vuqla/kku laLFkku¼bf.M;u ,xhdYpjy fjlpZ bLVhV~;wV½ vkSj iwuk fo'ofo|ky; dk ouLifr foKku foHkkx jgk A vius dk;Zdkjh thou ds vafre o"kksZa esa mUgksaus iwuk fo'ofo|ky; esa ouLifr foKku dh f'k{kk dks ewrZ:i iznku fd;k A izksQslj eqandqj ,d egkekuo] vkn'kZ f'k{kd vkSj lefiZr vuqla/kkudrkZ FksA cqjs LokLF; ds ckotwn vkthou mUgksaus ftl yxu] ftl riL;k ls dk;Z fd;k] og iz'kaluh; rks gS gh] vuqdj.kh; Hkh gS A deZ dks os ^iwtk* ls de ugha ekurs FksA fdlh Hkh ckr dks ?kqek fQjkdj dgus ds os vknh ugha Fks A fcuk fdlh ykx yisV ds os lh/kh lPph ckr dgrs Fks vkSj blh dkj.k dHkh&dHkh nwljksa dks pksV Hkh igqaprh Fkh] ij vanj ls os ukfj;y dh Hkk¡fr eqyk;e Fks A muls ckr djus esa vkuUn vkrk Fkk] D;ksafd mudh ckr esa gkL;&fouksn dk iqV gksrk Fkk A izksQslj eqandqj dks ^fdrkch dhM+k* dgk tk;s rks vR;qfDr u gksxh A fdUrq iz[kj izfrHkk ds /kuh gksus ds dkj.k mudh Lej.k 'kfDr rst Fkh A yxkrkj vLoLFk jgus vkSj vR;f/kd dk;Z ds ncko ds dkj.k dHkh dHkkj muds O;ogkj esa fpM+fpM+kiu >ydrk Fkk] ij os fny ds lkQ O;fDr Fks A fdlh ds izfr dVqrk dk Hkko ugha j[krs Fks A izksQslj eqandqj ds thou dk vf/kdka'k le; dodksa ds laxzg] oxhZdj.k vkSj muds lgh uke irk djus esa chrk A mUgksaus vius bnZ&fxnZ dodksa ds v/;;u dk dsUnz LFkkfir dj j[kk Fkk A muds 'kks/ki=ksa dh la[;k vR;f/kd Fkh A os lkjs fo'o esa tkus tkrs Fks vkSj vko';drk iM+us ij lnSo nwljs dodfoKkfu;ksa dh enn djrs jgrs Fks A izksQslj eqandqj ls igys ikS/kksa ij jksx mRiUu djus okys dodksa dk v/;;u izxfr iFk ij rks Fkk] fdUrq ,dkaxh Fkk A dodksa ds thou&pØ] iks"k.k vko';drkvksa] lgh igpku vkSj nwljs ikS/kksa ij /;ku fn;k tkus yxk] ;g MkW eqandqj dk gh izHkko Fkk A igys ,slk le>k tkrk Fkk fd dod gkfudj gh gksrs gSa] fdUrq muds mi;ksxksa dh tkudkjh MkW eqandqj us nh A dodksa ds izfrtSfodksa ¼,.Vhck;ksfVDl½ ds :i esa mi;ksx] ikniksa dh o`f) esa lgk;d gksuk] fd.ou m|ksx esa mi;ksx] [kkn feV~Vh ¼g~;wel½ rS;kj djus] vkSj dqN vU; dodksa ds fouk'kdkjh xq.k dks jksdus esa dodksa dh egRoiw.kZ Hkwfedk gS A izksQslj eqandqj us Hkkjr ds dodksa ;Fkk vfLVySftusYl] ;wjsfMysYl] flufdfVª;e] QkbyksfLVd~Vk] isLVSyksft;k ij mYys[kuh; 'kks/k dk;Z fd;k gS A cVyj vkSj fcLch us 1931 esa ^QatkbZ vkWo bf.M;k* ¼Hkkjr ds dod½ uke ls ,d eksuksxzkQ dh jpuk dh] ftlesa dodksa dh 2]351 iztkfr;k¡ lfEefyr Fkha] fdUrq blesa feDlksekbflVht 'kkfey ugha fd, x, A 1938 esa eqandqj us lIyhesaV fy[k dj blh deh dks iwjk dj fn;k A bl izdkj dodksa dh iztkfr;ksa dh la[;k 2]351 ls c<+dj 2875 gks xbZ A blesa 90 iztkfr;k¡ feDlksekbflVht dh Fkhaa A vkt rks igpkus x, dodksa dh la[;k c<+rh gh tk jgh gSa A izksQslj eqandqj us vius laxzg ls vusd dod iztkfr;ksa dks ns'k&fons'k ds oSKkfudksa ds fy, miyC/k Hkh fd;k A blls mudk lEidZ {ks= O;kid gks x;k A vius fe=ksa dh lgk;rk ls MkW eqandqj us ^bf.M;u QkbVksiSFkksykWftdy lkslkbVh* uked laLFkk dks tUe fn;k] LFkkfir dj fn;k A os bl ckr ds fy, lnSo rRij vkSj fpafrr jgrs Fks fd bl lkslkbVh }kjk izdkf'kr tuZy ¼'kks/k if=dk½ dk Lrj mPp ls mPprj gks lds A mUgksaus ikni jksx foKku fo"k; ij ,d iqLrd Hkh fy[kh Aos vius fo|kfFkZ;ksa vkSj lgdfeZ;ksa dh tedj f[kapkbZ Hkh djrs Fks fdUrq vPNs dke dh mUgksaus lnSo iz'kalk dh A okLro esa os pkgrs Fks fd muds lEidZ esa vkus okys lHkh O;fDr mUgha dh rjg yxu ls dk;Z djsa A ;|fi mudk O;fDrRo egku Fkk fQj Hkh os vius fo|kfFkZ;ksa vkSj lgdfeZ;ksa dks cjkcj dk ntkZ nsrs Fks A ;g mudk cM+Iiu Fkk A fo|kfFkZ;ksa dk os lnSo Lora= fparu ds fy, izsfjr djrs Fks A ;|fi MkW eandqj vc Le`fr 'ks"k gSa ¼30 fnlEcj 1952 dks fu/ku½ fQj Hkh vius O;fDrRo vkSj d`frRo ls vkus okyh ihf<+;ksa dks vuqizkf.kr djrs jgsaxsA ouLifr foKku ds mUu;u ds fy, muds }kjk fd, x, dk;Z dks vkxs c<+krs jguk gh muds izfr lPph J)katfy gksxhA MkW- ckypUnz Hkokuh'kadj eqandqj
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वैज्ञानिक 69 अप्रैल जूि 2022 leqærV dk j{kd eSaxzkso ⪫ xksLokeh ;equk th / 13] v.kq'kfäuxj] eqacbZ 94 eSaxzkso o`{kksa ls leqæ rVksa dh lqj{kk gksrk gSA eSaxzkso ikfjfLFkfrdh ç.kkyh tSo&fofo/krk ls ifjiw.kZ gS vkSj ;g ck?k] M‚fYQu] ?kfM+;ky vkfn tSlh tksf[ke okyh çtkfr;ksa lfgr vU; cgqr&lh çtkfr;ksa dh 'kj.kLFkyh gS] ftlesa LFkyh; vkSj tyh; nksuksa çtkfr;ka 'kkfey gSaA eSaxzkso fQu eNyh] 'ksy eNyh] ØLVkflu vkSj eksyLdksa ds fy, jgus dk LFkku Hkh gSA bu ikfjfLFkfrdh ç.kkfy;ksa }kjk leqærVh; ty esa cM+h ek=k esa tSfod vkSj vtSfod iks"kd rRoksa ds fu"d"kZ.k ds dkj.k eSaxzkso ds ouksa dks fo'o esa lokZf/kd mRiknd ikfjfLFkfrdh; ç.kkyh ds :i esa tkuk tkrk gSA eSaxzkso ou i`Foh ds xje tyok;q okys çns'kk esa gh feyrs gSaA muds iuius ds fy, dqN ty dk fujarj çokg feêh esa vkDlhtu de ek=k esa gksuk vkSj lfnZ;ksa esa vkSlr rkieku 16 fMxzh ls vf/kd jgukA bl lnh ds igys o"kksaZ esa ftrus eSaxzkso ou Fks] vkt mudk 64 çfr'kr u"V gks pqdk gSA fQj Hkh i`Foh ij bl çdkj ds taxyksa dk foLrkj 1 yk[k oxZ fdyksehVj gSA czkthy esa fo'oHkj esa ik, tkus okys eSaxzkso ouksa dk yxHkx vk/kk ekStwn gSA Hkkjr esa 6]750 oxZ fdyksehVj {ks= ij bl çdkj ds ou QSys gq, gSaA ;g fo'o Hkj esa ekStwn eSaxzkso ouksa dk 7-3 çfr'kr gSA bu ouksa esa 60 ls Hkh vf/kd tkfr;ksa ds eSaxzkso ikS/ks ik, tkrs gSaA Hkkjr ds eSaxzkso ouksa dk 82 çfr'kr ns'k ds if'peh Hkkxksa esa ik;k tkrk gSAeSaxzkso o`{kksa ds chtksa dk vadqj.k ,oa fodkl ekr`&o`{k ds Åij gh gksrk gSA tc leqæ esa Tokj vkrk gS vkSj ikuh tehu dh vksj QSyrk gS rc dqN vadqfjr cht ikuh ds cgko ls VwVdj ekr`&o`{k ls vyx gks tkrs gSa vkSj ikuh ds lkFk cgus yxrs gSaA eSaxzkso ,sls ikS/ks gSa tks vR;f/kd yo.krk] TokjHkkVk] rst gok] vf/kd xehZ vkSj nynyh Hkwfe esa Hkh ftank jg tkrs gSaA bu fLFkfr;ksa esa vU; ikS/kksa ds fy, ftank jg ikuk eqf'dy gksrk gSA eSaxzkso dh ikfjfLFkfrdh esa LFkyh; vkSj leqæh ikfjfLFkfrdh ds chp ,d lsrq&lk çrhr gksrk gSA eSaxzkso leqæ ds fNNys fdukjs] ySxwuksa vkSj nynyh Hkkxksa okys TokjHkkVk {ks=ksa esa ik;k tkrk gSA lHkh leqærVh; jkT;ksa vkSj dsaæ 'kkflr çns'kksa esa eSaxzkso yxk, x, gSaA Hkkjr esa fo'o ds dqN loZJs"B eSaxzkso ik, tkrs gSaA ns'k esa eSaxzkso ds lokZf/kd vkPNknu esa igyk LFkku if'pe caxky dk gS vkSj mlds ckn xqtjkr rFkk vaMeku vkSj fudksckj }hilewg dk LFkku gSA gkykafd lHkh leqærVh; {ks= eSaxzkso yxk, tkus ds fy, mi;qä ugha gSa] D;ksafd eSaxzkso ds fy, yo.kh; vkSj rktk ty ds ,d leqfpr feJ.k vkSj nyny dh t:jr gksrh gSA ljdkj us ns'k Hkj esa l?ku laj{k.k vkSj çca/ku ds fy, eSaxzkso ds 39 {ks=ksa dh igpku dh gSA rfeyukMq esa fipkoje] eqFkqisV] jkeukM] iqyhdkV vkSj dktwosyh tSls eSaxzkso {ks=ksa dh igpku dh xbZ gSA dbZ çdkj dh ikfjfLFkfrdh; lsok,a çnku djus ds vykok eSaxzkso leqærVh; {ks=ksa dks dVko] TokjHkkVk vkSj lqukeh ls cpkus esa çeq[k Hkwfedk fuHkkrs gSaA ;g Hkwfe mip; ds lanHkZ esa ennxkj gSA eNyh ds vykok ;g 'kgn] ekse vkSj o`{k ls çkIr {kkj dk ,d egRoiw.kZ lzksr Hkh gSA orZeku esa —f=e vkSj çk—frd nksuksa gh ?kVdksa ds dkj.k ;g lokZf/kd tksf[ke okyh ikfjfLFkfrfd;ksa esa ls ,d gSA eSaxzkso lkekU;r% isM+ o ikS/ks gksrs gSa] tks [kkjs ikuh esa rVh; {ks=ksa esa ik, tkrs gSaA leqæksa ds fdukjksa ij vusd cM+h&cM+h ufn;ka leqæ&lekf/k ysrh gSaA blfy, ogka [kkjs vkSj ehBs ikuh dk vn~Hkqr laxe gksrk gSA bu fof'k"V çdkj ds tyksa esa ,d vuks[kh ouLifr mxrh gS]
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वैज्ञानिक 70 अप्रैल जूि 2022 ftls eSaxzkso vFkok dPN ouLifr dgrs gSaA caxykns'k vkSj if'pe caxky ds nf{k.kh Hkkxksa esa fLFkr lqanjcu bl çdkj dh ouLifr dk vPNk mnkgj.k gSA oLrqr% bl çns'k dk uke lqanjcu blfy, iM+k gS D;ksafd ogka lqanjh uked dPN ouLifr ds ou ik, tkrs gSaA eSaxzkso ml {ks= esa ik;h tkus okyh vusd çtkfr;ksa dks 'kj.k miyC/k djkrs gSa vusd çdkj ds 'kSokyksa rFkk eNfy;ksa }kjk tM+ksa dk ç;ksx vkJ; ds fy;s gksrk gSA vkil esa xqaFkh gqbZ tM+s NksVs thoksa tSls eNfy;ksa] >haxksa dh cM+s ijHkf{k;ksa ls j{kk djrh gSaA isM+ dh 'kk[kk,sa lw;Z dh rhoz fdj.kksa ls Nk;k çnku djrh gSa vkSj if{k;ksa ls ysdj cUnjksa rd fofo/k tho&tUrqvksa ds fy;s vkJ; LFky miyC/k djkrh gSA NksVh&NksVh njkjsa dhVksa rFkk vU; lw{e thoksa ds fy;s vkJ; çnku djrh gSaA isM+ ij p<+us okys dsdM+s rFkk ?kksa?ks Tokj ds le; ijHkf{k;ksa ls cpus ds fy;s ok;oh; tM+ksa ¼,sfj;y :V~l½ ij p<+ tkrs gSaA ikuh ds vanj tM+ksa rFkk 'kk[kkvksa ij vusd tho tSls czksUdsy] Likat] 'kSyfQ'k ¼fQYVj QhMj½ vkfn cgqrk;r esa jgrs gS tks ikuh esa ls dkcZfud inkFkZ vkSj dhpM+ ¼flYV½ dks lkQ djrs gSaA lkQ ikuh okfil leqæ esa tkrk gS vkSj ;g ewaxsa dh pêkuksa ds ra= dh c<+okj vkSj LokLF; ds fy, ykHkdkjh gksrk gSAbl çdkj ;g Hkwfe /khjs&/khjs o`{kksa ds mxus ds vuqdwy gksus yxrh gSA eSaxzkso rst gokvksa] rwQku vkSj lqukeh ls gksus okyh gkfu dk de djrs gSaA budk o`gr~ tM+ra= ygjksa dh gSA ;gka ygjksa dh xfr de gksus ij mudk ryNV rV ij jg tkrk gS vkSj bu {ks=ksa ds ryNV esa vusd çdkj ds Hkkjh /kkrqvksa ds rRo ik, tkrs gSaA eSaxzkso dks u"V djus ij ;g Hkkjh /kkrq ikuh esa Åij vk tkrs gSa vkSj leqæh ikuh rFkk tyh; thoksa dks çnwf"kr djrs gSaAeSaxzkso o`{kksa dh tM+sa dhpM+ vkSj ckyw dks leqæh rjaxksa rFkk unh dh ygjksa esa cgus ls cpkrh gSAeSaxzkso o`{k /khjs&/khjs feêh dks iquZthfor djrs gSaA tM+ksa ds vanj tkus ls vkSj gok ds cgko ls feêh esa lq/kkj gksus yxrk gS vkSj nwljs isM+ tM+ idM+us yxrs gSaA eSaxzkso ra= esa dsdM+s] leqæh ?kksa?ks gok esa fudyh tM+ksa ij jgrs gSaA eghu tM+ksa dk tky ikuh esa NksVh eNfy;ksa vkSj >haxk eNyh dks ijHk{kh ls cpkrk gSA ikuh esa Mwch tM+ksa ij 'kSoky] czksUdsy] lhi] Likat]czk;kstksUl vkfn] ftudks ikuh esa yVds jgus ds fy, dM+h lrg pkfg,] ik, tkrs gSaA >haxk eNyh vkSj ykscLVj dhpM+ ;qä Hkwfe esa ?kj cukrs gSaA ikuh esa fxjh ifÙk;ka lw{e thoksa rFkk tho tarqvksa ds fy, Hkkstu dk dk;Z djrh gS A tc ;g cgdj ewaxs dh pêku esa tkrh gS rc dsdM+s vkSj vU; tho budks rksM+rs gSaAblds ckn bUgsa lw{e tho rksM+dj [kfut cukrs gSaA NksVs&NksVs ekSFk U;wesVksQksj esa ik, tkrs gSa tks ifÙk;ksa dks [kkrs gSaA eSaxzkso ou leqæ vkSj Fky ds chp cQj {ks= dk dke djrs gSaA os leqæh HkwdEi ;k pØokr ds le; j{kd dh Hkwfedk fuHkkrs gSa mudh ekStwnxh ,slh vkink dk vlj de dj nsrh gSA baMksusf'k;k] Jhyadk] Hkkjr esa vkbZ lqukeh ds ftu bykdksa esa eSaxzkso ou cps gq, Fks] ogka ygjksa dk dgj de jgkA ;s ou çk—frd vkink esa çgjh dk dke rks djrs gh gSa] ges'kk ls rVh; vkcknh ds fy, baZ/ku ds lzksr vkSj vkthfodk dk lgkjk Hkh lkfcr gq, gSaA blds lkFk gh ;s taxy tyh; vkSj LFkyh;] nksuksa rjg dh cgqr&lh tho&çtkfr;ksa ds vkJ; Hkh jgs gSaA ysfdu buds vfu;af=r nksgu us rVh; vkcknh ds lkFk gh cgqr&lh oU; çtkfr;ksa ds fy, Hkh [krjk iSnk dj fn;k gSA
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वैज्ञानिक 71 अप्रैल जूि 2022 नवज्ञाि िमाचार कारगरहसि हुए कोरोना के टीके प्रकाशकश्यप सीडीएमबीएआरसी, मुंबई-85 क र िावायरि के उभरते िोंस्करण क लेकर टीकाकरण क लेकर बहुत िे ल र् िे िोंका जताई नक ये मूल वायरि िे अनर्किोंिामकह िकते हैं।लेनकिमािव वायरिके इिखेलमेंवैज्ञानिक िेकुछआिाजिकपररणामदेखे हैं। रॉकफेलर युनिवनिगटी के प्रनतरक्ा नवज्ञािी नमिेल िूिेिज़्वाइर् के अिुिार हमारा प्रनतरक्ा तोंि मूलत: वायरि िे आर्े रहिे का प्रयाि कर रहा है। िूिेिज़्वाइर् का नवचार है नक हमारा िरीर मूल प्रनतरक्ी क निकाओों के अलावा एोंटीबॉडी बिािे वाली क निकाओों की आरनक्त िेिा भी तैयार रखता है। िमय के िाथ कुछ आरनक्त क निकाएों उत्पररवनतगत ह ती हैं और ऐिी एोंटीबॉडीज का उत्पादि करती हैं ज िए वायरल िोंस्करण की बखूबी पहचाि कर लेती हैं। अभी यह देखिा बाकी है नक क्या उत्पररवनतगत िािग क व 2 िे िुरक्ा प्रदाि करिे के नलए पयागप्त आरनक्त क निकाएों और एोंटीबॉडीजउपलि हैं या िहीों। क नवड िे स्वथथ हुए लर् औरटीकाकृतल र् के खूिकीजाोंचिे पताचलाहै नक हमारे प्रनतरक्ा तोंि की कुछ क निकाओों - ज पूवग में हुए िोंिमण क याद रखती हैं में बदलते वायरि के अिुिार बदलकर उिका मुकाबला करिे की क्मता नवकनित ह िकती है। इिका मतलब हुआ नक प्रनतरक्ा तोंि िए िोंस्करण िे निपटिे की नदिा में नवकनित हुआ है। नपछले वषग अप्रैल माह के दौराि िूिेिज़्वाइर् और उिके िहयनर्य क क नवड िे ठीक हुए लर् के रि में पुि: िोंिमणऔरघटतीहुईएोंटीबॉडीजके िोंकेतनमले थे ज नचोंताजिक था। त वे देखिा चाहते थे वायरि के नवरुद्ध प्रनतरक्ा तोंि द्वारा जवाब देिे की क्मता नकतिे िमयतक बिीरहतीहै।इिनलएउन् ोंिे िािग क व 2 की चपेट में आए लर् के ठीक ह िे के एक महीिे और छह महीिे बाद रि के िमूिे एकनित नकए। इि बार काफी िकारात्मक पररणाम नमले। बाद की तारीख में एकनित िमूि में कम एोंटीबॉडी पाई र्ई लेनकि यह अपेनक्त था क्य ोंनक अब िोंिमण िाफ ह चुका था। इिके अलावा कुछ लर् में एोंटीबॉडी उत्पन्न करिे वाली क निकाएों (स्मृनत बी क निकाएों ) िमय के िाथ ब्धथथररही थीोंया नफर बढ़ी हुई थीों। िोंिमण के बाद ये क निकाएों लनिका ग्रोंनथय में िुस्त पड़ी रहती हैं और इिमें वायरि क पहचाििे की क्मता बिी रहती है। यनद क ई व्यब्धि दूिरी बार िोंिनमत ह ता है त स्मृनत बी क निकाएों िनिय ह कर जल्द िे जल्द एोंटीबॉडीज उत्पन्न करती हैं ज िोंिमण क र क देती हैं। आर्े के परीक्ण में वैज्ञानिक िे आरनक्त बी क निकाओों के क्ल ि तैयार नकए और उिकी एोंटीबॉडी का परीक्ण नकया। इि परीक्ण में िािग क व 2 क िए िोंस्करण की तरह तैयार नकया र्या था लेनकि इिमें िोंख्या वृब्धद्ध की क्मता िहीों थी।इिवायरिके स्पाइकप्र टीिमें कुछ उत्पररवतगिभी नकए र्ए थे। जब ि र्कतागओोंिे इि उत्पररवनतगत वायरि के नवरुद्ध आरनक्त क निकाओों का परीक्ण नकया त कुछ क निकाओोंद्वारा बिाई र्ई एोंटीबॉडीज उत्पररवनतगत स्पाइक प्र टीि िे जाकर नचपक र्इिं। िेचर में प्रकानित ररप टग के अिुिार एोंटीबॉडीज िमय के िाथ पररवनतगत हुई।हाल ही में िूिेिज़्वाइर् और उिकी टीम िे जेिेनटक रूप िे पररवनतगत नवनभन्न वायरि का 6 महीिे पुरािी बी क निकाओोंके िाथ परीक्ण नकया। प्रारोंनभक अध्ययि िे पताचलाहै नकइिएोंटीबॉडीजिे पररवनतगतिोंस्करण क पहचाििे और प्रनतनिया देिे की क्मता नदखाई है। यािी प्रनतरक्ा क निकाएों नवकनित ह ती रहती हैं।यह बात काफी नदलचस्प है नक ज क निकाएों थ ड़ी अलर् नकस्म की एोंटीबॉडी बिाती हैं वे र र्जिक पर हमला त िहीों करतीोंलेनकि नफर भी िरीर में बिी रहती हैं।लेनकि क्या ये आरनक्त एोंटीबॉडी पयागप्त मािा में हैं और क्या वे िए वायरल िोंस्करण क बेअिर करके हमारी रक्ा करिे में
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वैज्ञानिक 72 अप्रैल जूि 2022 िक्म हैं? नफलहाल इि िवाल का जवाब दे पािा मुब्धिल है। वैिे वाल्थम ब्धथथत एडैनजय थेराप्यूनटक्स की प्रनतरक्ा नवज्ञािी लौरा वॉकर के िाइोंि इम्यूि लॉजी में प्रकानित अध्ययि के अिुिार करीब पाोंच महीिे बाद एोंटीबॉडी की वायरि क उदािीि करिे की क्मता में 10 र्ुिा कमी देखी र्ई। लेनकि िूिेिज़्वाइर् की टीम के िमाि वॉकर और उिकी टीम िे भी स्मृनत बी क निका की िोंख्या में निरोंतर वृब्धद्ध देखी। वॉकर की टीम िे कई प्रकार की स्मृनत बी क निकाओोंके क्ल ि बिाकर नवनभन्न वायरि िोंस्करण के नवरुद्ध उिकी एोंटीबॉडी का परीक्ण नकया। वॉकर के अिुिार कुछ िए िोंस्करण एोंटीबॉडीज िे बच निकलिे में िक्म रहे जबनक 30 प्रनतित एोंटीबॉडीज िए वायरि कण िे नचपकी रहीों। यािी बी क निकाओों द्वारा एोंटीबॉडी उत्पादि बढ़िे िे पहले ही िया िोंिमण फैलिा िुरू ह िकता है। लेनकि ऐिी पररब्धथथनत में भी बी क निका इि वायरि क कुछ हद तक र क िकती है और र्ोंभीर र र् िे िुरक्ा प्रदाि कर िकतीहै।लेनकिइिएोंटीबॉडीकीपयागप्ततापरअभी भी िवाल बिा हुआ है। वॉकरका माििा है नक एोंटीबॉडीकी कम मािा के बाद भी अस्पताल में दाब्धखले या मृत्यु जैिी िोंभाविाओोंक र काजािकताहै। वैिे र्ोंभीरक नवडिे बचाव के नलए िुरक्ा की एक और पोंब्धि िहायक ह ती है नजिे हम टी क निका कहते हैं। ये क निकाएों र र्जिक पर िीर्े हमला िहीों करती हैं बब्धल्क एक नकस्म की टी क निकाएों िोंिनमत क निकाओों की तलाि करके उन्ें िष्ट कर देती हैं। प्रनतरक्ा नवज्ञानिय के अिुिार टी क निकाएों र र्जिक कीपहचािकरिे में िामान्यतरीके क अपिाती हैं। ये बी क निकाओों की तरह स्पाइक नवनिष्ट आिमण के नवपरीत, वायरि के कई अोंि पर हमला करती हैं नजििे अलर् अलर् िोंस्करण के वायरि उन्ें चकमा िहीों दे पाते हैं।हाल ही में प्रकानित एक अध्ययि में प्रनतरक्ा नवज्ञानिय िे िािग क व 2 िे ग्रनित लर् की टी क निकाओों का परीक्ण नकया। वायरि के नवनभन्न िोंस्करण के ब्धखलाफ टी क निकाओों की प्रनतनिया कम िहीोंहुई थी। ि र्कतागओों के अिुिार एक कमज र बी क निका प्रनतनिया के चलते वायरि क फैलिे मेंमददनमलिकतीहै लेनकिटी क निकावायरि क र्ोंभीर रूप िे फैलिे िे र किे में िक्म ह ती हैं।आिे वाले महीि में, ि र्कताग िव नवकनित जीि अिुिमण उपकरण और क्ल निोंर् तकिीक का उपयर् करके इि क निकाओों पर िजर रखेंर्े तानक वायरि के नवनभन्न िोंस्करण और िए टीक के प्रनत हमारी प्रनतनिया का पता लर् िके। इि तकिीक की मदद िे प्रनतरक्ा नवज्ञानिय क बड़ी जििोंख्या में व्यापक िोंिमण का अध्ययि और निर्रािी करिे की िई क्मताएों नमलती रहेंर्ी। xx कौन सी वैक्सीन कोहवड संकट में िै बेितर -डॉ दीपक कोिली संयुि सहचव ,पयाषवरण ,वन एवं जलवायु पररवतषन हवभाग ,5 /104, हवपुल खंड, गोमती नगर लखनऊ- 226010, आजकल हर जर्ह क नवड 19 िोंकट और इििे बचिे के नलए लर्ाये जािे वाली वैक्सीि की ही चचाग है। वैक्सीि आपके िरीर क नकिी बीमारी, वायरि या िोंिमण िे लड़िे के नलए तैयार करती है। वैक्सीि में नकिी जीव के कुछ कमज र या निब्धिय अोंि ह ते हैं ज बीमारी का कारण बिते हैं।ये िरीर के 'इम्यूि निस्टम' यािी प्रनतरक्ा प्रणाली क िोंिमण (आिमणकारी वायरि) की पहचाि करिे के नलए प्रेररत करते हैं और उिके निलाफ़ िरीर में एोंटीबॉडी बिाते हैं ज बाहरी हमले िे लड़िे में हमारे िरीर की मदद करती हैं।भारत में स्वीकृत वैक्सीि क नविील्ड, क वाब्धक्सि और स्पुतनिक में कौि िी बेहतर है और कौि िी वैक्सीि हमें लर्वािी चानहए? आइए इिी िोंबोंर् में तीि वैक्सीि के बारे में नवस्तार िे जािते हैं 1.कोहवशीड :क नविील्ड क ऑक्सफ डग यूनिवनिगटी और एस्टराजेिेका िे नमलकर तैयार नकया है और इिके उत्पादि के नलए भारत में इिे पुणे की िीरम इोंस्टीट्यूट ऑफ इोंनडया बिा रही है।ये एक तरह का िौदा है नजिमें प्रनत वैक्सीि की आर्ी कीमत ऑक्सफ़डग के पाि जाती है। क नविील्ड दुनिया की िबिे लकनप्रय वैक्सीि में िे है क्य ोंनक कई देि इिका इस्तेमाल कर रहे हैं।कनविील्ड म्यूटेंट स्टरेर्न् (अथागत रूप बदले हुए वायरि) के ब्धखलाफ िबिे अिरदार और प्रभावी है। क वीिील्ड एक वायरल वेक्टर टाइप की वैक्सीि है।कनविील्ड क *निोंर्ल वायरि के जररए* बिाया र्या है ज नक नचम्पैंजी में पाए
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वैज्ञानिक 73 अप्रैल जूि 2022 जािे वाले एडेि वायरि(नचोंपैंजी के मल में पाया जािे वाला वायरि) ChAD0x1 िे बिी है।ये वही वायरि है ज नचोंपैंजी में ह िे वाले *जुकाम का कारण* बिता है लेनकि इि वायरि की जेिेनटक िरोंचिा COVID के वायरि िे नमलती है इिनलए एडेि वायरि का उपय र् कर के िरीर मे एोंटीबॉडी बिािे क वैक्सीि इम्युनिटी निस्टम क प्रेररत करती है। क वीिील्ड क भी WHO िे मोंजूरी दी है। इिकी प्रभानवकता या इफेब्धक्टविेि रेट 70 फीिदी है। यह वैक्सीि क र िा के र्ोंभीर लक्ण िे बचाती है और िोंिनमत व्यब्धि जल्दी ठीक ह ता है।ये व्यब्धि क वेब्धिलर पर जािे िे भी बचाती है। इिका रख रखाव रखिा बेहद आिाि है क्य ोंनक यह लर्भर् 2° िे 8°C पर कहीों भी ले जाई जा िकती है इिनलए इिकी उपयर् में लािे के बाद बची हुई वैक्सीि की वायल क नफ्रज में स्ट र नकया जा िकता है। 2.कोवैस्क्सन :क वैब्धक्सि क ICMR और भारत बाय टेक िे नमलकर तैयार नकया है। इिे वैक्सीि बिािे के िबिे पुरािे अथागत पारोंपररक इिएब्धक्टवेटेड प्ेटफॉमग पर बिाया र्या है। इिएब्धक्टवेटेड का मतलब है नक इिमें डेड वायरि क िरीर में डाला जाता है, नजििे एोंटीबॉडी पैदा ह ती है और नफर यही एोंटीबॉडी वायरि क मारती है। यह वैक्सीि लर् क िोंिनमत करिे में िक्म िहीों है क्य ोंनक वैक्सीि बिािा बेहद फाइि बैलेंि का काम ह ता है तानक वायरि िरीर मे एब्धक्टवेट ि ह िके। ये इिब्धक्टवेटेड वायरि िरीर के प्रनतरक्ा तोंि क अिली वायरि क पहचाििे के नलए तैयार करता है और िोंिमण ह िे पर उििे लड़ता है और उिे खत्म करिे की क निि करता है।इि वैक्सीि िे क र िा वायरि क खतरा है, इोंिाि क िहीों।कवैक्सीि की *प्रभानवकता 78 फीिदी* है। एक ि र् में ये भी बताया र्या है नक यह वैक्सीि घातक िोंिमण और मृत्यु दर के ज ब्धखम क 100 फीिदी तक कम कर िकती है। हाल ही में हुए ि र् में यह दावा नकया र्या है नक क वैब्धक्सि क र िा के िभी वेररएोंट्ि के ब्धखलाफ कारर्र है। इि िभी वैक्सीि में निफग covaxin अकेली वैक्सीि है नजिे वैक्सीि बिािे के िबिे पुरािे तरीके िे बिाया र्या है इिमें क र िा वायरि के ही (इिब्धक्टवेटेड वायरि अथागत मृत स्वरूप क उपयर् में लाया है और यही एक बड़ा कारण है ज नक covaxin क क र िा के 671 वैररएोंट (हाल ही में हुए ि र् अिुिार) के ब्धखलाफ प्रभावी बिाता है मतलब ये नक चाहे क र िा वायरि नकतिा भी म्यूटेिि कर ले (अथागत रूप बदल लें) covaxin उि िभी पर प्रभावी रहेर्ी। 3. स्पुतहनक- V :इिे मॉस्क के र्मलेया ररिचग इोंस्टीट्यूट िे तैयार नकया है,नजिे भारत में डॉ० रेड्डी लैब द्वारा बिाया जाएर्ा। इिे भी 2 8°C पर स्ट र नकया जा िकता है।स्पुतनिक V भी एक *वायरल वेक्टर वैक्सीि* है, लेनकि इिमें और बाकी वैक्सीि में एक बड़ा फकग यही है नक बाकी वैक्सीि क एक वायरि िे बिाया र्या है, जबनक इिमें द वायरि हैं और इिके द ि डज अलर् अलर् ह ते हैं। स्पुतनिक V क भारत ही िहीों बब्धल्क हर जर्ह अब तक की िबिे प्रभावी वैक्सीि मािा र्या है। इि पैमािे पर भारत की िबिे इफेब्धक्टव वैक्सीि है। स्पुतनिक V *91.6 % प्रभावी* है। ऐिे में इिे िबिे अनर्क प्रभावी वैक्सीि कहा जा िकता है। यह िदी, जुकाम और अन्य ििि र र् पैदा करिे वाले एडेि वायरि 26 (Ad26) और एडेि वायरि 5 ( Ad5) अथागत 2 अलर् अलर् प्रकार के वायरि पर आर्ाररत है। यह क र िा वायरि में पाए जािे वाले काोंटेदार प्र टीि (Spike प्र टीि यही व प्र टीि है ज िरीर की क निकाओों अथागत िेल्स में एोंटरी लेिे में मदद करता है) की िकल करती है, ज िरीर पर िबिे पहले हमला करता है। वैक्सीि िरीर में पहुोंचते ही इम्यूि निस्टम िनिय ह जाता है। और िरीर में एोंटीबॉडी पैदा ह जाती है। यही एोंटीबॉडी िरीर क क र िा वायरि िे बचाती हैं।चूोंनक स्पुतनिक वैक्सीि की द ि ड ज में द अलर् अलर् वायरि उपयर् ह ते है त स्पुतनिक लाइट वैक्सीि अिल में स्पुतनिक V वैक्सीि का पहला ड ज ही है। ध्याि रहे नक स्पुतनिक V में द अलर् अलर् वैक्सीि तीि हफ्ते के अोंतराल के बाद नदए जाते हैं। अब इिे बिािे वाली कोंपिी िे दावा नकया है नक स्पुतनिक V का पहला ड ज भी क र िा िोंिमण िे बचािे में कारर्र है और इिे ही स्पुतनिक लाइट के रूप में लाोंच नकया र्या है।नजिका इफेब्धक्टविेि 79.4% है ज नक अन्य वैक्सीि के द ड ज िे भी अनर्क है यनद इिकी मोंजूरी भारत में नमलती है त एक ड ज में ही
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वैज्ञानिक 74 अप्रैल जूि 2022 अनर्क टीकाकरण नकया जा िकेर्ा।नजििे टीकाकरण में तेजी भी लाई जा िकेर्ी। इि तीि के अलावा 2 वैक्सीि और भी हैं नवि में नजिक आपातकालीि मोंजूरी दी र्यी है लेनकि नफलहाल भारत मे मान्य िहीों है ज नक म डिाग और फाइजर की हैं,म डिाग क जहााँ * 20° पर* स्ट र करिा ह ता है वहीों दूिरी ओर फाइजर की वैक्सीि क * 70°C िे 75°C* पर िुरनक्त रखिा पड़ता है यही कारण है भारत इि वैक्सीि क मोंजूरी देिे में कदम पीछे खीोंच रहा है क्य ोंनक भारत मे ऐिे तोंि क नवकनित करिा मुब्धिल है नजिमें इि तापमाि क मेंटेि रखा जाए।इििे भी अलर् एक बात ये है नक इि वैक्सीि क बिािे में परम्परार्त तकिीक िे अलर् तकिीक उपय र् में लाई र्ई है। परोंपरार्त वैक्सीि के जररए हमारे िरीर के रिप्रवाह में जीनवत या मृत वायरि डाला जाता है। िाथ ही इिमें कई पदाथग ह ते हैं, ज प्रनतर र्ी प्रनिया के उत्पादि के नलए जरूरी ह ते हैं। लेनकि क नवड 19 की िई वैक्सीि में मैिेंजर आरएिए का इस्तेमाल नकया र्या है,ज एक प्रकार का न्यूब्धक्लक अम्ल है।यह मैिेंजर आरएिए एक आिुवोंनिक तोंि का िोंकेत देता है, नजििे क नवड एोंटीबॉडी उत्पन्न ह ती है, ज वायरि के नििाि क िष्ट कर देती है। यािी इि प्रनिया में वायरि क िरीर में िीर्े इोंजेक्ट िहीों नकया जाता है। अब त 18 िाल िे ऊपर िभी लर् क वैक्सीि लर् रही है। इिनलए रनजस्टरेिि करा कर ये वैक्सीि लर्वायी जा िकती हैं। हमारे देि में स्वीकृत तीि ही वैक्सीि (क नविील्ड, क वैब्धक्सि और स्पुतनिक) क नवड क र्म्भीर ह िे और वेंनटलेटर पर जािे िे बचाती हैं और ज भी वैक्सीि नमल जाये, तुरन्त लर्वािी चानहए क्य ोंनक ये तीि की वैक्सीि र र् के र्म्भीर ह िे के खतरे क टाल देती है और आपकी रक्ा करती हैं। xx पानीके कणोंसेजेटफ्यूलका श्रीमतीहनमाषणहवजयलक्ष्मी हगरी, वाघोली, पुणे स्पेि के म स्ट ल्स में ि र्कतागओों िे एक अि खा कारिामा करते हुए एक टॉवर के जररए जेट यूल बिाया येहै।ऑल इि वि टावर है, जहाों िूयग के प्रकाि, काबगि डाईऑक्साइड और पािी के कण िे जेट यूल का निमागण ह ता है। क्या आपक पता है नक हवाई जहाज में पड़िे वाला जेट यूल कैिे नमलता है? जवाब ह र्ा िूड ऑयल। लेनकि क्या आपिे कभी ि चा है नक िूड ऑयल कीजर्ह हमें हवािे जेट यूलनमलिकताहै? वैज्ञानिक िे ये ख ज की है। मामला स्पेि के म स्ट ल्स का है, जहाों ि र्कतागओोंिे नदखाया है नक एक बाहरी प्रणाली िे यूल बिाया जा िकता है, ज जेट यूल में काम आ िकता है। इिमें तीि आिाि चीज का इस्तेमाल नकया र्या। पहला िूयग की र ििी, काबगि डाईऑक्साइड और पािी के कण।ये ि लर केर निि पेटर नलयि िे नमलिे वाले जेट यूल का नवकल्प बि िकता है, ज नवमाि िे निकलिे वाले ग्रीि हाउि र्ैि क कम करिे में मदद करेर्ा। िाइोंि न्यूज की खबर के मुतानबक ETH ज्ूररख के इोंजीनियर एल्ड स्टीिफेल्ड िे कहा नक इि प्रनिया िे नमलिे वाले यूल क जलािे पर उतिा ही काबगि डाइऑक्साइडनिकलताहै,नजतिाइिे बिािे मेंइस्तेमाल नकया र्या ह । इि कारण ये यूल काबगि न्यूटरल है। ये भनवष्य में ऊजाग का नवकल्प ह िकता है। उड्डयि क्ेि लर्भर् 5 फीिदी मािव जनित ग्रीि हाउि र्ैि के नलए नजम्मेदार हैं। एररज िा स्टेट यूनिवनिगटी के रािायनिक भौनतक नवज्ञािी एलेि स्टेचेल ज इि ररिचग में िानमल िहीोंथे, कहते हैं नक जेट यूल का थथाई नवकल्प ख जिा मुब्धिल िानबत हुआ है, खािकर लोंबी दूरी वाले नवमाि के नलए क्य ोंनक जेट यूल में बहुत ज्ादा ऊजाग ह ती है। 2015 में स्टेिफेल्ड और उिके िहयनर्य िे लैब में िौर जेट यूल बिाया था, लेनकि नकिी िे भी इिे एक निोंर्ल निस्टम के जररए मैदाि में िहीों बिाया। स्टेिफेल्ड और उिकी टीम िे 169 काोंच का इस्तेमाल कर िूयग के प्रकाि क एक 15 मीटर लोंबे टावर पर एक जर्ह फकि नकया। नजि जर्ह फ कि नकया। इि ररएक्टर
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वैज्ञानिक 75 अप्रैल जूि 2022 में एक ब्धखड़की थी, नजिके जररए लाइट अोंदर जा िकती थी। इिमें िेररया (Ceria) िाम का कैनमल लर्ाया र्या नजिमें छ टे छ टे छेद थे। जब िूयग की र्मी िेररया क जलािे लर्ी त इििे काबगि डाइऑक्साइड और पािी के वाष् के िाथ ररएक्शि नकया, नजिके जररए Syngas यािी Hydrogen और काबगि म ि ऑक्साइड का नमश्रण तैयार हुआ। टावर के एक पाइप िे नििर्ैि िीचे आती और एक मिीि के जररए केर निि और अन्य हाइडर काबगि में किटग नकया जाता है। 9 नदि में 5,191 लीटर नििर्ैि ि र्कतागओों िे प्राप्त नकया। समयरितेिाटष अटैकपतालगायाजासकेगा वैज्ञानिक िे एक ऐिा तरीका ख ज निकाला है नजिके जररए यह पता लर्ाया जा िकेर्ा नक नकि व्यब्धि क हाटग अटैक ह िकता है.ऑक्सफडग यूनिवनिगटी में ररिचग टीम िे बताया नक इि स्टडी िे दुनिया में मौत के िबिे बड़े कारण में िे एक के इलाज के नलए काफी मदद नमलेर्ी.इि िए तरीके िे र्मनिय के चार ओर म टापे और िूजि का पता लर्ािे में आिािी ह र्ी िमय रहते इिका पता चलिा जरूरी है.इिके जररए हाई ररस्क वाले मरीज क स्टर क या हाटगअटैक िे बचािे के नलए ज़्यादा इोंटेंनिव टरीटमेंट देिे में मदद नमलेर्ीररिचग टीम हृदय र र् में िूजि की भूनमका क लेकर स्टडी कर रही थी.िरीर के अोंदर िूजि का िबिे बड़ा कारण खूि की निराओों में कई छ टे छ टे टुकड़ का इकट्ठा ह िा है ये टुकड़े बाद में टूट जाते हैं और कॉर िरी र्मिी क ब्लॉक कर देते हैं नजििे हाटग तक ऑक्सीजि िहीोंपहुोंच पाती. यही हाटग अटैक ह ता है.ररिचग टीम का नहस्सा रहे प्र . चारालोंब ि एोंटॉनियाडेि कहते हैं, 'कॉर िरी र्मनिय में िूजि का पता लर्ािा बीते 50 िाल िे एक चुिौती बिा था.'िौजवाि मनहलाओों में ह ता है एक अजीब नकस्म का हाटग अटैक कैिे जािेंर्े नक नदल का दौरा पड़िेवाला है. िाइोंि टराोंिलेििल मेनडनिि में छपी यह स्टडी बताती है नक खूि की निराओों के बाहर मौजूद फैट के आर्ार पर िूजिमेंबदलावह ताहै जब िूजि बढ़ती है त फैट टुकड़ में बोंटिे लर्ता है और आिपाि के नटश्यू ज्ादा र्ीले ह िे लर्ते हैं.हाटग िे जुड़े र र् की जाोंच के नलए पहले िे इस्तेमाल में लाए जा रहे िीटी स्कैि के जररए इिका भी पता लर्ाया जा िकता है क ईभीनटश्यू नजतिाज़्यादालालह र्ा, िूजिका स्तर भी उतिा ही बढ़ेर्ा और हाटग का ितरा भी है स्कैि के जररए र्मनिय के आिपाि िूजि का पता लर्ाया जा िकेर्ा स्टडी िे यह भी पता चलता है नक ज ल र् कानडगयक िजगरी करवा रहे हैं उिमें इि बदलाव का भी पता लर्ाया जा िकता है. ररिचग टीम के मुतानबक, जाोंच का मुख्य क िग इि िाल के अोंत तक आ जाएर्ा. टीम करीब 2000 हाटग स्कैि करके यह पता लर्ाएर्ी नक स्वथथ नदखिे वाले लर् में हाटग अटैक की िोंभाविा बतािे में यह तरीका नकतिा कारर्र है.. एोंटॉनियाडेि िे कहा, 'इिटेक्न लॉजीिे भनवष्यमें पतालर्ायाजािकेर्ा नकनकिे हाटग अटैकह िकताहै.' इिकािीर्ामतलबये है नक िमय रहते आप ितकग ह जाएोंर्े और बचाव के तरीके भी जाि पाएोंर्े उदाहरण के तौर पर, स्वथथ नदखिे वालाक ईव्यब्धिहृदयर र्के िुरुआतीस्टेजपरहै और उिे कॉलेस्टॉल कम करिे की जरूरत है त इिका पता पहले ही चल जाएर्ा.प्र . मेनटि एवनकराि िे कहा, 'अर्र यह तकिीक अपिी अब तक की बात पर अनडर् रही त आर्े चलकरहाटग अटैकयास्टर कजैिीिमस्ाक िमय रहते र का जा िकेर्ा
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वैज्ञानिक 76 अक्टूबर 2021 माचग 2022 तहोंदीतवज्ञािसातहत्यपररषद् (मुम्बई) तहोंदीनवज्ञािकीअब्धखलभारतीयस्तरपरएकिीषगिोंथथाि (पोंिीकृिसोंख्या: BOM/64/70/G.B.B.S. F 2005) पिाचारकापता: 16 िी कोंचिजोंर्ा अणुिब्धििर्र मुोंबई 400094 फ ििोंबर 022 255592205. Mob. 9869306364. email id: hvsp1968@rediffmail.com/hvsp.india1968@yahoo.com नईकायषकाररणीसहमहत(2022 24) अध्यक्ष श्रीमती स्िता मनोिर, निदेिक, एिआरजी, बीएआरिी उपाध्यक्ष डॉराकेशकुमार बाजपेयी सतचव श्री ित्य प्रभात प्रभाकर सहसतचव श्रीरािेशकुमार क षाध्यक्ष श्रीकृष्णकुमारवमाष संयुिकोर्ाध्यक्ष श्री बी.एि. नमश्र पदेनसदस्य (मुख्यसोंपादक, वैज्ञातिक) श्रीरािेशकुमारतमश्र सदस्य श्रीप्रकाशकश्यप सदस्य श्री अहमतहटकाररया सदस्य श्री िोंजयर्स्वामी सदस्य श्रीराजेशकुमारसचान सदस्य श्रीशेरहसंिमीना सदस्य श्रीडीएसराजापुरे सदस्य श्री निनतिवीचौर्ुले सदस्य श्री के डी र्ुप्ता
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वैज्ञानिक 77 अक्टूबर 2021 माचग 2022 नवज्ञािकनवताएाँ संजयगोस्वामी यमुनाजी 13, अणुशस्िनगर, मुंबई 94
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वैज्ञानिक 78 अक्टूबर 2021 माचग 2022 पररषदकापृष्ठ मित्वपूणष गहतहवहधयां नहिंदीनवज्ञयि यनहत्यपररषदियरयआर्ोनजत48वीिंआम भय(हवशेर्) नदियिंक:23मई2022:स्थल:,बृन्दावनहबस्डंग,अणुशस्िनगर: शाम5.0 बजे नहोंदी नवज्ञाि िानहत्य पररषद द्वारा 48 वीों आमिभा (नविेष) का आय जि नदिाोंक23मई 2022 क बृन्दावि नबब्धल्डोंर्,अणुिब्धििर्र में िाम 5.0 बजे िुरू नकया र्या नजिकी जािकारी माििीय िदस् क पररपि द्वारा दी र्ई थी इि आमिभा क पूवग कायगकारी िनचव श्री राजेि कुमार िे कायगकाररणी िनमनत की िहमनत िे कुछ आवश्यक ऐजेंडा क अिुम दिहेतुबुलायाथाआमिभामें नकयेर्एकायोंकानववरणइिप्रकारिेहै. 1. अध्यक्षीय संबोधन :. नहन्दी नवज्ञाि िानहत्य पररषद की नदिाोंक 23मई 2022 क आरवा ऑनफि, बृन्दावि नबब्धल्डोंर्,अणुिब्धििर्र में करीब 5 बजे हुई पररषद के नविेष आमिभा में पररषद के तत्कालीि अध्यक् श्री कवीन्द्र पाठक की अध्यक्ता में िुरू की र्ई, करम के अभाव इिे 10नमिट का नवराम नदया र्या व िाम 5.10 बजे पुिः आम िभा क िुरू की र्ई , इि कायगिम में सभा की अध्यक्षिा पररषद के तत्कानलि अध्यक्ष श्री कवीन्द्र पाठक द्वारा की गई श्री कवीन्द्र पाठक िे नहोंदी नवज्ञाि िानहत्य पररषद् के कायगकलाप पर नवचार रखे, उन् ोंिे कहा नक पररषद् िे आमिभा (नविेष) कायगिम का आय जि कर चुिाव अनर्कारी द्वारा िई कायगकाररणी िनमनत का र्ठि और आम िभा अब नियमािुिार पररषद की िई कायगकाररणी िनमनत क अिुम नदत करें तत्कालीि उपाध्यक्,श्री राजेि कुमार नमश्र िे बताया नक पररषद् िे नवज्ञाि क िरल और िहज भाषा में जिमािि तक पहुाँचाया हैं इि हेतु उन्ें ज भी दानयत्व नमलेर्ा उिे पुरी लर्ि िे पुरा करेंर्े, तत्पिात तत्कानलि मुख्य िोंपादक,वैज्ञानिक श्री ित्य प्रभात प्रभाकर िे तथा तत्कानलि िनचव श्री राजेि कुमार िे पररषद् द्वारा आय नजत नहोंदी आर्ामी कायगिम पर चचाग की. श्री कवीन्द्रपाठक 2. हनयमानुसार नई कायषकाररणी सहमहत का चुनाव: पररषद के िई कायगकारणी िनमनत 2022 24 हेतु चुिाव अनर्कारी श्री महािन्द झा िे आम िभा में िई कायगकारणी िनमनत (2022 24) िदस् की िूची प्रस्तुत की र्ई नजिका पररणाम निचे दी र्ई है आम िभा िे िभी िदस् के िाम क़ िवगिम्मनत िे ताली बजाकर स्वार्त नकया चुोंनक चुिाव अनर्कारी क प्राप्त आवेदि की िोंख्या अन्त में उतिी ही प्राप्त हुई नजतिा िनमनत में ह िा चानहए अतः चुिाव करािे की जरूरत िहीोंहुई इिके नलए चुिाव अनर्कारी श्री महािन्दझािेकाफ़ी मेहित की पररषद उिका आभारी है. चुिावअनर्कारीश्रीमहािन्दझा द्वारा िईकायगकारणीिनमनत 2022 24 कीघ षणा
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वैज्ञानिक 79 अक्टूबर 2021 माचग 2022 3. हवज्ञान वाताष मानवऔरमशीन: इिके उपराोंत वैज्ञानिक के पूवग िोंपादक श्री मिीष कुमारजी की वाताग मानवऔरमशीन का िुभारम्भ हुआ लर्भर् 30 नमिट की वैज्ञानिक वाताग में उन् ोंिे इि नवषय पर नवज्ञाि की अच्छी जािकारी दी ज आज की आवश्यकता है नजिे हम आनटगनफिल इोंटेलीजेंििी व मिीि लनििंर् के नवषयिे जड़कर आिे वाले िमय में नवज्ञािक एक िई र्नत प्रदाि की जा िकतीहै इिके नलएवातागकारबर्ाई के पाि हैं. वाताषकारश्रीमनीर्कुमार वररष्ठ वैज्ञाहनक, ईएमएएंडआईडी, बीएआरसी आमिभामें िईकायगकाररणीिनमनतके अध्यक्वकुछिदस्ज बाहररहते हैाँ नकिीनिजीकारणिे िहीोंआपाएों अतः िई कायगकाररणी िे पररषद के उपाध्यक् डॉ बाजपेईजी व तत्कालीि अध्यक् श्री कवीन्द्र पाठकजी की अध्यक्ता में हैंड ओवर मीनटोंर् का कायगिम िफलतापूवगक पूणग हुआ पुरािी कायगकाररणी िनमनत के लर्भर् िभी िदस् मौजुद थे कुछ िई िनमनत में िानमल हुए कुछ वैज्ञानिक में िानमल नकए र्ए हैं श्रीसत्यप्रभातप्रभाकरसहचव, नहिंदीनवज्ञयि यनहत्यपररषद िईकायषकाररणीसहमहतके उत्तमसंचालनके हलएहवचारप्रकटकरते हुए सभा के अोंि में अध्यक्ष मह दय द्वारा िन्यवाद प्रेतषि तकया गया एवों जलपािके बाद सभा समाब्दप्त की घ षणा की गई. इिआय जि के नलएपररषदके कायगकाररणीिभीपूवग िदस्अध्यक्श्रीकवीोंद्रपाठक,उपाध्यक्,श्रीराजेिकुमारनमश्र,कायगकारीिनचवश्रीराजेि कुमार,िह िनचव श्री प्रदीपकुमार रामटेके क षाध्यक् श्री िवीि निपाठी िोंयुि क षाध्यक् श्री अनिलअनहरवार मुख्य िोंपादक,वैज्ञानिक श्री ित्य प्रभात प्रभाकर िदस् श्री प्रवीण दुबे , श्री िोंजय र् स्वामी ,िहय नजत िदस् श्री बी.एि. नमश्रा, श्रीप्रकाि कश्यपऔरिभीउपब्धथथतआजीवििदस् िभी बर्ाई के पाि हैं. (िोंपादक, वैज्ञानिक)
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वैज्ञानिक 80 अक्टूबर 2021 माचग 2022
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वैज्ञानिक 81 अक्टूबर 2021 माचग 2022 म नो ग त िवीितम व ज्ञािवर्गक अोंक हवज्ञान की जानकारी से पररपूणष अक्टूबर 2021 माचग 2022 'वैज्ञानिक' पनिका का अोंक प्राप्त हुआ। मेरे लेख के प्रकािि के नलए बहुत बहुत र्न्यवाद ! पनिका में िारे लेख नवज्ञाि की नवनभन्न जािकारी िे पररपूणग है इिी िम में दूिरा लेख भी िीघ्र भेजुोंर्ा डॉवेंकटेिभारद्वाज काफ़ी अच्छी है पनिका आजआपकीपनिका'वैज्ञानिक' काअक्टूबर 2021 माचग 2022 अोंकप्राप्तह र्ईहै।र्न्यवाद।पनिकामेंिारे लेख अत्योंतर चकवनवज्ञािकीनवनभन्नजािकारीिे पररपूणग है प्रूफभीकाफ़ीअच्छाहै पनिकाके महत्वपूणग अोंकक निरन्तरताबिाये रखें नमनथलेिनिन्ा, भ पाल 'वैज्ञाहनक' की हनरन्तरता बनाये रखें! पनिका 'वैज्ञानिक' का अक्टूबर 2021 माचग 2022 अोंक प्राप्त हुआ। आजादी के अमृत मह त्सव के अोंतर्गत 75 वषों में नवज्ञाि और प्रौद्य नर्की की उपलब्धिय पर आर्ाररत यहिवीितम अोंक ज्ञािवर्गक और िूतिजािकाररय िे भरपूर है।इिअोंक के माध्यम िे भारतीय पररप्रेक्ष्य में नपछले 75 वषों में हुई वैज्ञानिक प्रर्नत क नि:िोंदेह िुोंदर ढोंर् िे प्रस्तुत नकया र्या है। िारे ही लेख बेहद उपय र्ी हैं। वैज्ञानिक दृनष्टक ण क नवकनित करिे तथा इिका प्रचार प्रिार करिे में पनिका 'वैज्ञानिक' अब तक महत्वपूणग भूनमकाअदाकरते आरहीहै।नविेषकरछाि के भीतरनवज्ञािके प्रनतरूनचजर्ािे में इि पनिका िे अनद्वतीय कायग नकया है। इि पनिका का निरन्तर प्रकानित ह िा बेहद जरूरीहै।कृपयाइिकीनिरन्तरताक जरूरबिाये रखें। र्न्यवाद! मिीषश्रीवास्तव, भ पाल, मप्र र चक व नवज्ञाि की नवनभन्न जािकारी आपकी पनिका के अक्टूबर 2021 माचग 2022 अोंक अोंक में प्रकानित हुई िभी लेख कानफ रूनचकर व ज्ञािवर्गक जािकारी दी र्ई है आपकी पनिका जिमािि में नवज्ञाि के प्रनतजार्रूकपैदाकरिे काअि खाप्रयािनिरोंतरजारी है ।इिहेतु आभारव्यिकरताहूों वप्रौद्य नर्कीके नवकािके नलएआपके प्रयािक िलामकरताहूों। िुभकामिाएों िनहत! श्रीउत्तमनिोंहर्हरवार, रायपुर वैज्ञानिक नवज्ञाि का खजािा आपकीपनिका'वैज्ञानिक' काअक्टूबर 2021 माचग 2022 काअोंकका e कॉपीपढ़िे क नमलाइिअोंकमेंिभीलेखवैज्ञानिकजािकारीिे पररपूणग हैनवज्ञािकाखजािाहै आपकीपनिकामेंज िामग्रीदीर्ईहै व एकिये तरहकाहै वैज्ञानिकवतकनिकीिे भरायहअोंकबहुतहीअच्छाहै नजिकीक ईदूिरीनवज्ञािकीपनिकानटकिहीों िुभकामिापायेर्ीिनहत! राजेि कुमार, छपरा (ि ट :पनिकामेंअनर्काोंितस्वीरें र्ूर्लिे िैनक्कउद्देश्यहेतु जिनहतमें लीर्ईहै मुख्य व्यवथथापक )
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वैज्ञानिक 82 अक्टूबर 2021 माचग 2022 लेखकोंसेअपील
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वैज्ञानिक (त्रैमानिक) RNI. No.:18862/70 दिल्ली, नयीदिल्ली, महाराष्ट्, दहमाचल प्रिेश, राजस्थान व उप्र के दशक्षा दवभाग द्वारास्कूल व कॉलेज के दलए स्वीकृत। 22 अप्रैल, 2022- नवश्वपृथ्वीनिवि हरसालक िुदनयाभरमेंपयाावरणसोंरक्षणके दलएआयदजतदकयाजाताहै इसेमनाने कामकसियहीहै दकल गपृथ्वीके महत्वक समझेंऔरपयाावरणक बेहतरबनाएरखने के प्रदतजागरूकह यहीवजहहै दकइसदिनपयाावरणसोंरक्षणऔरपृथ्वीक बचाने का सोंकल्पदलयाजाताहै. 5 जूि, 2022- नवश्वपर्ाावरणनिवि नवश्वपर्ाावरणनिविपर्ाावरणकीिुरक्षाऔरिंरक्षणहेतु हरिाल 5 जूिकोपर्ाावरणको पूरे नवश्वमेंमिार्ाजाताहै।इि निवि को मिािे की घोषणा िंर्ुक्त राष्ट् िे वषा 1972 को पर्ाावरण के प्रनत वैनश्वक स्तर पर िामानजक जागृनत लािे हेतु की थी।इििालनवश्वपर्ाावरणनिवि 2022 काथीमकेवलएकपृथ्वीहै. इिकामतलबहैनकहमारे पािकेवलएकपृथ्वीहै. इिे बचािेके नलएिमर्बहुततेजीिेनबताजारहाहै. ऐिेमेंजरूरीहैनकहमपर्ाावरणकीरक्षाकरें। वैज्ञादनक’ में लेखक द्वारा व्यक्त दवचार से सोंपािनमोंडल कासहमत हना आवश्यक नहीोंहै वैज्ञादनक में प्रकादशत समस्त सामग्री के सवाादिकारदहों.दव.सा.पररषिके पाससुरदक्षत हैं. ‘वैज्ञादनक’ एवों दहों.दव.सा.पररषिसेसोंबोंदित सभी दववाि का दनणाय मुोंबई के न्यायालयमें हीहगा ‘वैज्ञादनक’ में प्रकादशतसामग्रीकाआप दबनाअनुमदत दलए उपयग करसकतेहैं परोंतुइस बातकाउल्लेखकरना अदनवायाहगादकअमुक सामग्री ‘वैज्ञादनक’ सेसाभार नहंिीनवज्ञाििानहत्यपररषि , मुंबईके नलएमुख्यिंपािकश्री राजेशकुमारनमश्रद्वारािम्पानित मुख्यव्यवस्थापक: श्रीिंजर्गोस्वामीद्वाराप्रकानशत . मुद्रण- ऑिलाइि
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