Hindi - Joseph and Asenath by E.W. Brooks

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जोसेफ और असेनाथ राजा के बेटे और कई अन्य लोगो​ों द्वारा वि​िाह के वलए असेनाथ की तलाश की जाती है। 1. पहिले वर्ष के बहुतायत के दू सरे मिीने के पा​ां चवें हदन को हिरौन ने यूसुि को सारे हमस्र दे श में घूमने को भेजा; और पहिले वर्ष के चौथे मिीने के अठारिवें हदन को यूसुि िे ल्योपुहलस के हसवाने पर आया, और उस दे श का अन्न समुद्र की बालू के समान इकट्ठा करने लगा। और उस नगर में पेंतेफ्रेस नाम एक पुरूर् या, जो िे हलयोपोहलस का याजक और हिरौन का अहिपहत, और हिरौन के सब अहिपहतयोांऔर िाहकमोांमें प्रिान था; और वि मनुष्य अत्यांत िनी, बुद्धिमान और सज्जन था, और हिरौन का सलािकार भी था, क्ोांहक वि हिरौन के सब िाहकमोां से अहिक बुद्धिमान था। और उसकी असेनाथ नाम अठारि वर्ष की एक कु​ुँवारी बेटी थी, जो लम्बी, सुडौल, और पृय्वी भर की सब कु​ुँवाररयोां से बढ़कर दे खने में सुन्दर थी। आसनत स्वयां हमहस्रयोां की कुांवाररयोां के समान निी ां थी, परन्तु सब बातोां में इहियोां की बेहटयोां के समान थी; वि सारा के समान लम्बी, ररबका के समान सुन्दर और रािे ल के समान सुन्दर थी; और उसकी सुन्दरता की कीहतष उस सारे दे श में और जगत की छोर तक िैल गई, यिा​ां तक हक उसके कारण सब िाहकमोांऔर अहिपहतयोांके पुत्र भी उसे मोहित करना चािते थे, वरन राजाओांके भी। सब जवान और शूरवीर थे, और उसके कारण उन में बडा झगडा हुआ, और वे एक दू सरे से लडने को उतारू िो गए। और हिरौन के पहिलौठे पुत्र ने भी उसके हवर्य में सुना, और अपके हपता से हबनती करने लगा, हक वि उसे ब्याि दे , और उस से किने लगा, िे हपता, आसनत, जो पेंतेफ्रेस की बेटी िै , और िे हलयोपोहलस का पहिला पुरूर् िै , मुझे ब्याि दे । और उसके हपता हिरौन ने उस से किा, जब तू इस सारे दे श का राजा िै , तो तू अपने से छोटी स्त्री क्ोां ढू ां ढ़ता िै ? निी,ां लेहकन दे खो! मोआब के राजा योआहकम की बेटी की मांगनी तुझ से हुई िै , और वि रानी और अहत सुन्दर िै । हिर इसे अपनी पत्नी के पास ले जाओ।" वजस मीनार में असेनाथ रहता है उसका िर्णन वकया गया है। 2. परन्तु आसनत ने घमण्ड और घमण्ड करके सब मनुष्योांको तुच्छ जाना और तुच्छ जाना, और हकसी मनु ष्य ने उसे कभी न दे खा, यिा​ां तक हक पेंतेफ्रेस ने अपने घर में एक मीनार बनाई, जो बहुत बडी और ऊांची थी, और मीनार के ऊपर दसोांवाली एक छत थी। कक्ष. और पहिला कक्ष बडा और अहत मनमोिक था, और बैंजनी पत्थरोां से जडा हुआ था, और उसकी दीवारोां के ऊपर बहुमूल्य और रां ग हबरां गे पत्थर लगे थे, और उस कक्ष की छत भी सोने की थी। और उस कक्ष के भीतर हमहस्रयोां के दे वता, हजनमें हगनती निी ां थी, सोने और चा​ां दी, स्थाहपत हकए गए थे, और आसनथ उन सभी की पूजा करती थी, और वि उनसे डरती थी, और वि प्रहत हदन उनके हलए बहलदान करती थी। और दू सरे कक्ष में आसनथ का सारा आभूर्ण और सन्दू कें भी थी,ां और उस में सोना, और बहुत सी चा​ां दी और सोने के बुने हुए अनहगनत वस्त्र, और अच्छे और बडे मू ल्य के पत्थर, और सनी के कपडे के बहढ़या वस्त्र, और उसके कौमायष की सारी सजावट थी। विाुँ था। और तीसरा कक्ष आसनत का भण्डार था, हजसमें पृय्वी की सारी अच्छी वस्तुएां रखी हुई थी।ां और शेर् सात कोठररया​ां उन सात कुांवाररयोां ने जो आसनत की सेवा टिल करती थी,ां उन पर कब्जा कर हलया, प्रत्येक में एक िी कक्ष था, क्ोांहक वे एक िी उम्र की थी,ां और आसनत के साथ एक िी रात में पैदा हुई थी,ां और वि उनसे बहुत प्यार करती थी; और वे आकाश के तारोां के समान अहत सुन्दर थे, और कभी कोई पुरूर् वा कोई बालक उन से बातें निी ां करता था। अब असेनाथ के मिान कक्ष में जिा​ां उसके कौमायष का पालन-पोर्ण हकया गया था, उसमें तीन द्धखडहकयाुँ

थी;ां और पिली द्धखडकी बहुत बडी थी, जो पूवष की ओर आां गन की ओर दे खती थी; और दू सरे ने दहक्षण की ओर, और तीसरे ने सडक की ओर दे खा। और कोठरी में पूवष की ओर मुख हकए हुए सोने का एक हबछौना खडा था; और हबछौना सोने से गूांथे हुए बैंजनी कपडे से हबछाया गया, और वि हबछौना लाल और गिरे लाल रां ग के कपडे और बहढ़या सनी के कपडे से बुना गया। इस हबस्तर पर असेनाथ अकेला सोता था, और उस पर कभी कोई पुरुर् या अन्य महिला निी ां बैठी थी। और भवन के चारोां ओर एक बडा आां गन भी था, और आां गन के चारोां ओर बडे आयताकार पत्थरोां की बनी हुई एक बहुत ऊांची दीवार थी; और आुँ गन में लोिे से मढ़े हुए चार िाटक भी थे, और उन पर अट्ठारि िहथयारबांद जवान जवान पिरा दे ते थे; और शिरपनाि के पास सब प्रकार के और सब प्रकार के िल दे नेवाले सुन्दर वृक्ष लगे हुए थे, और उनके िल पके हुए थे, क्ोांहक िसल का समय था; और उसी आां गन के दाहिनी ओर से पानी का एक समृि झरना भी िूट रिा था; और सोते के नीचे एक बडा िौज था, हजस से उस सोते का जल हनकलता था, और जिा​ां से मानो आां गन के बीच में एक नदी बिती थी, और उस से उस आां गन के सब वृक्षोां को सीच ां ा जाता था। जोसेफ ने पेंटेफ़्रेस में अपने आने की घोषर्ा की। 3. और सातोांवर्ोंकी बहुतायत के पहिले वर्ष के चौथे मिीने के अट्ठाईसवें हदन को ऐसा हुआ, हक यूसुि उस हजलेका अन्न बटोरने के हलथे िे ल्योपुहलस के हसवाने पर पहुां चा। और जब यूसुि उस नगर के हनकट पहुां चा, तब उस ने िे हलयुपोहलस के याजक पेंतेफ्रेस के पास बारि पुरूर्ोां को अपने आगे यि किकर भेजा, हक मैं आज तेरे पास आऊांगा, क्ोांहक दोपिर और दोपिर के भोजन का समय िो गया िै , और विा​ां भोजन िै । सूरज की बहुत गमी िै , और मैं ते रे घर की छत के नीचे अपने आप को ठां डा कर सकता हुँ ।" और पेन्तेफ़्रेस ने ये बातें सुनीां, और बहुत आनद्धन्दत हुआ, और किा, यूसुि का परमेश्वर यिोवा िन्य िै , क्ोांहक मेरे स्वामी यूसुि ने मुझे योग्य समझा िै । और पेंटेफ़्रेस ने अपने घर के अध्यक्ष को बुलाया और उससे किा: "जल्दी करो और मेरा घर तैयार करो, और एक मिान राहत्रभोज तैयार करो, क्ोांहक भगवान का शद्धिशाली यूसुि आज िमारे पास आता िै ।" और जब आसनत ने सुना, हक उसके माता-हपता अपने हनज भाग से लौट आए िैं , तब वि बहुत आनद्धन्दत हुई, और किा, मैं जाकर अपने माता-हपता से हमलूांगी, क्ोांहक वे िमारे हनज भाग से लौट आए िैं । िसल का मौसम था)। और आसनथ झट से अपनी कोठरी में गई, जिा​ां उसके वस्त्र पडे थे, और लाल रां ग के कपडे से बना और सोने से बुना हुआ एक बहढ़या सनी का बागा पिना, और सोने का करिनी बान्ध हलया, और िाथोां में कांगन बान्ध हलया; और उसने अपने पै रोां के चारोां ओर सोने की बुद्धिनें डालीां, और अपनी गदष न के चारोां ओर बहुमूल्य और बहुमू ल्य पत्थरोां का आभूर्ण डाला, जो चारोां ओर से सुशोहभत थे, और उन कांगनोां पर भी हमहस्रयोां के दे वताओां के नाम िर जगि खुदे हुए थे। और पत्थर; और उसने अपने हसर पर एक मुकुट भी रखा, और अपनी कनपटी के चारोां ओर एक मुकुट बाुँ िा और अपने हसर को एक लबादे से ढुँ क हलया। पेंटेफ़्रेस ने असे नाथ की शादी जोसेफ से करने का प्रस्ताि रखा। 4. तब वि िुती करके अपनी छत से सीहढ़या​ां उतरकर अपने माता-हपता के पास आई, और उनको चूमा। और पेंटेफ़्रेस और उसकी पत्नी अपनी बेटी असेनात के कारण बहुत प्रसन्न हुए, क्ोांहक उन्ोांने उसे परमेश्वर की दु ल्हन के समान सजी-िजी और सुशोहभत दे खा था; और उन्ोांने अपनी हनज भूहम में से जो अच्छी अच्छी वस्तुएां अपने पास ले आए थे सब हनकालकर अपनी बेटी को दे दीां; और असेनात ने सब अच्छी वस्तुओां पर आनन्द हकया, अथाष त् ग्रीष्म ऋतु के िलोां और अांगूरोां और खजूरोां पर,


और कबूतरोां पर, और शितूत और अांजीर पर, क्ोांहक वे सब स्वाहदष्ट और स्वाद में मनभावन थे। और पें टेफ़्रेस ने अपनी बेटी असे नाथ से किा: "बच्चे।" और उसने किा: "मैं यिाुँ हुँ , मेरे प्रभु।" और उस ने उस से किा, िमारे बीच में बैठ, और मैं तुझ से अपनी बातें कहां गा। "दे खो! यूसुि, परमेश्वर का पराक्रमी, आज िमारे पास आता िै , और यि मनुष्य हमस्र के सारे दे श का प्रिान िै ; और राजा हिरौन ने उसे िमारे सारे दे श का िाहकम और राजा हनयुि हकया िै , और वि आप िी इस सारे दे श में अन्न दे ता िै ।" , और उसे आनेवाले अकाल से बचाता िै ; और यि यूसुि परमेश्वर का भजन करनेवाला पु रूर् िै , और तू आज की नाई बुद्धिमान और कुांवारी िै , और बुद्धि और ज्ञान में पराक्रमी पुरूर् िै , और परमेश्वर का आत्मा उस पर िै , और उसका अनुग्रि उस पर िै । प्रभु उस में िै । िे हप्रय बालक, आओ, और मैं तुम्हें उसके िाथ में सौांप दू ां गा, और तू उसकी दु ल्हन बन जाएगी, और वि सदा के हलये तेरा दू ल्हा िोगा। और, जब आसनथ ने अपने हपता से ये शब्द सुने, तो उसके चेिरे पर बहुत पसीना आ गया, और वि बडे क्रोि से क्रोहित िो गई, और उसने अपने हपता की ओर हतरछी आुँ खोां से दे खा और किा: "इसहलए, मेरे स्वामी हपता , क्ा तू ये बातें किता िै ? क्ा तू मुझे परदे शी, भगोडे , और बेचे हुए के वश में कर दे ना चािता िै ? क्ा यि कनान दे श के चरवािे का पुत्र निी ां िै ? और वि आप िी पीछे छूट गया िै क्ा यि वि निी ां िै जो अपनी स्वाहमनी के साथ सोया था, और उसके स्वामी ने उसे अद्धन्धयारे के बन्दीगृि में डाल हदया, और हिरौन ने उसे बन्दीगृि से हनकाल हलया, क्ोांहक उस ने उसके स्वप्न का वैसा िी िल हदया, जैसा हमहस्रयोां की बडी द्धस्त्रया​ां भी बताती िैं ? निी,ां परन्तु मेरी शादी राजा के पिलौठे पुत्र से िोगी, क्ोांहक वि आप िी सारे दे श का राजा िै ।” जब उसने ये बातें सुनी ां तो पेन्तेफ़्रेस अपनी बेटी आसनत से यूसुि के हवर्य में और कुछ किने से लद्धज्जत हुआ, और उस ने उसे घमण्ड और क्रोि से उत्तर हदया। जोसेफ़ पेंटेफ़्रेस के घर पहुँचता है। 5. और लो! पेंटेफ़्रेस के सेवकोां में से एक जवान अांदर आया, और उसने उससे किा: "दे खो! यूसुि िमारे दरबार के दरवाजे के सामने खडा िै ।" और जब आसनत ने ये बातें सुनी,ां तब वि अपके माता-हपता के साम्हने से भागकर छत पर चढ़ गई, और अपनी कोठरी में आकर बडी द्धखडकी के पास से पूवष की ओर मुांि करके खडी िो गई, हक यूसुि को अपके हपता के घर में आता हुआ दे खे। और पेन्तेफ़्रेस, और उसकी पत्नी, और उसके सब कुटु म्बी, और उनके सेवक यूसुि से भेंट करने को हनकले; और जब आां गन के पूवषमुखी िाटक खुले, तब यूसुि हिरौन के दू सरे रथ पर बैठा हुआ भीतर आया; और बिष के समान श्वेत और सुनिरे टु कडे वाले चार घोडे जुते हुए थे, और रथ शुि सोने का बना हुआ था। और यूसुि सिेद और दु लषभ अांगरखा पिने हुए था, और जो बागा उसके चारोां ओर डाला गया था वि बैंगनी था, सोने के साथ गूांथे हुए सूक्ष्म सनी के कपडे से बना था, और उसके हसर पर सोने की माला थी, और उसकी माला के चारोां ओर बारि अच्छे पत्थर थे, और ऊपर पत्थर बारि सोने की हकरणें, और उसके दाहिने िाथ में एक शािी छडी, हजसमें जैतून की एक शाखा िैली हुई थी, और उस पर बहुतायत के िल थे। तब जब यूसुि आुँ गन में आया, और द्वार बन्द हकए गए, और सब परदे शी स्त्री-पुरुर् आुँ गन के बािर रि गए, तब िाटक के पिरूओां ने आकर द्वार बन्द कर हदए, और पेंटेफ्रेस और उसकी पत्नी और सब लोग आ गए। और उनकी बेटी आसनत को छोड कर उनके कुटु म्बी, और उन्ोांने पृय्वी पर मुांि के बल यूसुि को दण्डवत् हकया; और यूसुि अपने रथ से उतरा, और िाथ से उनका स्वागत हकया।

असे नाथ खखड़की से जोसे फ को दे खता है। 6. और जब आसनत ने यूसुि को दे खा, तब उसके मन में बडी पीडा हुई, और उसका हृदय कुचला गया, और उसके घुटने ढीले िो गए, और उसका सारा शरीर का​ां पने लगा, और वि बडे भय के मारे डर गई, और तब वि करािकर अपने मन में किने लगी, िाय मुझ पर। दु खी! अब मैं, अभागा, किा​ां जाऊां? या उसके मुख से किा​ां हछपा रहां ? या परमेश्वर का पुत्र यूसुि मुझे क्ोां दे खेगा, क्ोांहक मैं ने अपनी ओर से उसके हवर्य में बुरी बातें किी िैं ? अिसोस मुझे दु खी! मैं किा​ां जाकर हछपूां, क्ोांहक वि आप िी सब हछपने के स्थानोां को दे खता िै , और सब बातें जानता िै , और उस में के बडे प्रकाश के कारण कोई भी हछपी हुई वस्तु उस से बच निी ां पाती? और अब यूसुि का परमे श्वर दयालु िो मुझ से इसहलये हक मैं ने अज्ञान में उसके हवरूि बुरी बातें किी िैं । अब मैं अभागा िोकर क्ा मानूांगा? क्ा मैं ने निी ां किा, हक गडे ररये का पुत्र यूसुि कनान दे श से आया िै ? इसहलये अब वि िमारे पास आया िै अपने रथ पर स्वगष से सूयष के समान, और वि आज िमारे घर में प्रवेश हकया, और वि पृथ्वी पर प्रकाश की तरि उसमें चमका। परन्तु मैं मूखष और सािसी हां , क्ोांहक मैं ने उसका हतरिार हकया, और उसके हवर्य में बुरी बातें किी,ां और निी ां जानता था, हक यूसुि परमेश्वर का पुत्र िै । मनुष्योां में से कौन ऐसी सु न्दरता उत्पन्न करे गा, या हकस स्त्री का गभष ऐसी ज्योहत को जन्म दे गा? मैं अभागा और मूखष हां , क्ोांहक मैं ने अपने हपता से बुरी बातें किी िैं । इसहलये अब मेरा हपता मुझे यूसुि के बदले एक दासी वा दासी के हलये सौांप दे , और मैं सवषदा उसके दासत्व में रहां गी। जोसेफ ने खखड़की पर असेनाथ को दे खा। 7. और यूसुि पेंतेफ्रेस के घर में आकर कुरसी पर बैठ गया। और उन्ोांने उसके पा​ां व िोए, और उसके साम्हने अलग मे ज रखी, हक यूसुि हमहस्रयोांके सांग भोजन न करे , क्ोांहक यि उसको घृहणत बात या। और यूसुि ने आां ख उठाई, और आसनथ को बािर झाुँ कते हुए दे खा, और उसने पेंटेफ्रेस से किा, "वि स्त्री कौन िै जो द्धखडकी के पास अटारी में खडी िै ? उसे इस घर से चले जाने दे ।" क्ोांहक यूसुि डरकर किता था, हक ऐसा न िो हक वि आप भी मुझे ररस हदलाए। क्ोांहक हमस्र के सारे दे श के िाहकमोां और अहिपहतयोां की सब पहत्नयाुँ और बेहटयाुँ उसके साय सो जाने के हलये उसे ररस हदलाती रिती थी;ां परन्तु हमहस्रयोांकी बहुत सी पहत्नयाुँ और बेहटयाुँ भी हजतनोांने यूसुि को दे खा, उसके सौन्दयष के कारण घबरा गईां; और द्धस्त्रयोां ने जो दू त उसके पास सोने, चान्दी और बहुमूल्य भेंटें लेकर भेजे थे, उनको यूसुि ने िमकी और अपमान के साथ लौटा हदया, और किा, मैं प्रभु परमेश्वर और अपने हपता इस्राएल के साम्हने पाप न करू ां गा। क्ोांहक यूसुि की आां खोां के सामने परमेश्वर सदै व रिता था, और वि अपने हपता की आज्ञाओां को सदै व स्मरण रखता था; क्ोांहक याकूब अक्सर अपने बेटे यूसुि और उसके सभी बेटोां से किा और हचताया करता था: "िे बच्चोां, अपने आप को पराई स्त्री से बचाकर रखो, ऐसा न िो हक तुम उससे मे लजोल करो, क्ोांहक उसके साथ मेलजोल रखना हवनाश और हवनाश िै ।" इसहलये यूसुि ने किा, उस स्त्री को इस घर से चले जाने दे । और पेन्तेफ़्रेस ने उस से किा, िे मेरे प्रभु, जो स्त्री तू ने अटारी पर खडी दे खी िै , वि पराई निी,ां पर िमारी बेटी िै , जो िर एक पुरूर् से बैर रखती िै , और तेरे आज के हसवा हकसी और पुरूर् ने उसे कभी निी ां दे खा; और यहद तू चािे , तो िे प्रभु, वि आकर तुझ से बातें करे गी, क्ोांहक िमारी बेटी तेरी बहिन के समान िै । और यूसुि अत्याहिक आनद्धन्दत हुआ, क्ोांहक पेंटेफ्रेस ने किा था, हक वि कु​ुँवारी िै जो िर एक पुरूर् से बैर रखती िै । और यूसुि ने पेंटेफ्रेस और उसकी पत्नी से किा, यहद वि तेरी बेटी िै , और कुांवारी िै , तो उसे आने दे , क्ोांहक वि मेरी बिन िै , और आज से मैं उस से अपनी बिन के समान प्रेम रखता हां ।


यूसुफ ने आसनथ को आशीिाणद वदया। 8. तब उसकी माुँ मचान में चली गई और अहसनाथ को जोसेि के पास ले गई, और पेंटेफ्रेस ने उससे किा: "अपने भाई को चूमो, क्ोांहक वि भी आज भी एक कुांवारी िै , और िर अजीब महिला से भी घृणा करता िै जैसे हक तू िर अजीब आदमी से निरत करता िै ।" और असेनाथ ने यूसुि से किा, िे प्रभु, परमप्रिान परमे श्वर की ओर से िन्य िो। और यूसुि ने उससे किा: ''भगवान जो सभी चीजोां को पुनजीहवत करता िै , वि तुम्हें आशीवाष द दे गा, बेटी।'' पेंटेफ्रेस ने तब अपनी बेटी असेनाथ से किा: "आओ और अपने भाई को चूमो।" जब असेनाथ यूसुि को चूमने के हलए आया, तो यूसुि ने अपना दाहिना िाथ बढ़ाया िाथ, और उसे अपने दोनोां स्तनोां के बीच उसकी छाती पर रख हदया (क्ोांहक उसके स्तन पिले से िी सुांदर सेब की तरि खडे थे), और जोसेि ने किा: "यि उस आदमी के हलए उपयुि निी ां िै जो भगवान की पूजा करता िै , जो अपने मुां ि से जीहवत भगवान को आशीवाष द दे ता िै , और जीवन की िन्य रोटी खाता िै , और अमरता का िन्य प्याला पीता िै , और अहवनाशी की िन्य हक्रया से अहभहर्ि िोता िै , एक अजीब महिला को चूमने के हलए, जो अपने मुांि से मृत और बिरी मूहतषयोां को आशीवाष द दे ता िै और उनकी मेज से गला घोांटने की रोटी खाता िै और अपने अघष में से छल का प्याला पीता िै , और हवनाश की हक्रया से अहभर्ेक करता िै ; परन्तु जो मनुष्य परमेश्वर का भजन करता िै , वि अपनी माता को, और अपनी माता से उत्पन्न हुई बहिन को, और अपने गोत्र में से उत्पन्न हुई बहिन को, और उसके हबछौने पर सोने वाली पत्नी को चूमेगा, जो अपने मुांि से जीवते परमेश्वर का िन्यवाद करती िो। इसी प्रकार, जो स्त्री परमेश्वर की आरािना करती िै , उसके हलए हकसी पराये पुरुर् को चूमना शोभा निी ां दे ता, क्ोांहक यि प्रभु परमेश्वर की दृहष्ट में घृहणत काम िै । ; और जब वि आां खें खोलकर यू सुि की ओर दे खती रिी, तो वे आां सुओां से भर गईां। और यूसुि ने उसे रोते दे खा, और उस पर बहुत तरस खाया, क्ोांहक वि कोमल और दयालु और प्रभु का भय माननेवाला था। अपना दाहिना िाथ उसके हसर के ऊपर उठाया और किा: "िे प्रभु, मेरे हपता इस्राएल का परमेश्वर, परमप्रिान और शद्धिशाली परमेश्वर, जो सब वस्तुओां को हजलाता िै और अांिकार से प्रकाश की ओर, त्रुहट से सत्य की ओर और मृत्यु से जीवन की ओर बुलाता िै ।" इस कु​ुँवारी को भी आशीवाष द दे , और उसे हजला, और अपनी पहवत्र आत्मा से नया कर दे , और वि तेरे जीवन की रोटी खाए, और तेरे आशीवाष द का कटोरा पीए, और उसे अपनी प्रजा में हगन ले, हजसे तू ने सब वस्तुओां की सृहष्ट से पहिले से चुन हलया िै , और वि तेरे उस हवश्राम में प्रवेश करे हजसे तू अपने चुने हुओां के हलये तैयार करता िै , और वि तेरे अनन्त जीवन में सवषदा जीहवत रिे । असे नाथ सेिावनिृत्त हो जाता है और जोसेफ प्रस्थान करने की तैयारी करता है। 9. और आसनत यूसुि को आशीवाष द दे ने से बहुत मगन हुआ। तब वि िुती करके अपने छत पर अकेली आ गई, और दु बषलता के कारण अपने हबछौने पर हगर पडी, क्ोांहक उसे आनन्द, शोक, और बडा भय था; और जब उस ने यूसुि से ये बातें सुनी, और जब उस ने परमप्रिान परमेश्वर के नाम से उस से बातें की, तब उस पर लगातार पसीना बिने लगा। तब वि बडे और िूट-िूट कर रोने लगी, और अपने दे वताओां से हजनकी वि आरािना करती थी, और हजन मूरतोां को वि तुच्छ समझती थी उन से पश्चात्ताप करने लगी, और सा​ां झ िोने की प्रतीक्षा करती रिी। परन्तु यूसुि ने खाया हपया; और उस ने अपने सेवकोां से किा, हक वे अपने रथोां में घोडे जोतकर सारे दे श में घूमें। और पेंटेफ्रेस ने यूसुि से किा, मेरे प्रभु को आज यिी ां हटकने दे , और भोर को तू अपना मागष ले ना। और यूसुि ने किा, निी,ां परन्तु मैं आज चला जाऊांगा, क्ोांहक यिी वि हदन िै हजस

हदन परमेश्वर ने अपनी सब सृजी हुई वस्तुएां बनाना आरम्भ हकया, और आठवें हदन मैं भी तुम्हारे पास लौट आऊांगा, और यिी ां हटकूांगा। असे नाथ ने वमस्र के दे िताओों को अस्वीकार कर वदया और खुद को अपमावनत वकया। 10. और जब यूसुि घर से हनकला, तब पेन्तेफ्रेस भी अपके सब भाइयोांसमेत अपके हनज भाग को चला गया, और आसनत उन सात कुांवाररयोांके साय अकेला रि गया, और सूयष अस्त िोने तक हनस्तेज और रोता रिा; और उस ने न तो रोटी खाई, और न पानी हपया, परन्तु जब सब सो गए, तो वि आप अकेली जागकर रोती रिी, और बार-बार अपने िाथ से अपनी छाती पीटती रिी। और इन बातोां के बाद आसनथ अपके पलांग पर से उठी, और चुपचाप छत की सीहढ़योां से नीचे उतर गई, और िाटक के पास पहुां चकर प्याले को अपके बालकोांसमेत सोते हुए पाया; और उस ने िुती करके द्वार पर से चमडे का आवरण उतारकर उसमें राख भर दी, और उसे छत पर ले जाकर िशष पर हबछा हदया। और तब उसने दरवाजा अच्छी तरि से बांद कर हदया और उसे बगल से लोिे की कुांडी से कस हदया और बहुत जोर से रोने के साथ-साथ बहुत जोर से करािने लगी। परन्तु वि कु​ुँवारी, हजसे आसनथ सब कु​ुँवाररयोां से अहिक हप्रय जानता था, उसका करािना सुनकर तुरन्त द्वार पर आई और अन्य कु​ुँवाररयोां को भी जगाकर द्वार पर आई, और दरवाजे को बन्द पाया। और, जब उसने आसनाथ की कराि और रोने की आवाज सुनी, तो उसने बािर खडे िोकर उससे किा: "यि क्ा िै , मेरी मालहकन, और तुम क्ोां उदास िो? और वि क्ा िै जो तुम्हें परे शान कर रिा िै ? िमारे हलए खोलो और चलो िम तुम्हें दे खते िैं ।" और असेनाथ ने भीतर िी भीतर बांद िोकर उस से किा, मेरे हसर पर बडा भारी ददष उठा िै , और मैं अपने हबस्तर पर पडा हां , और मैं उठ कर तुम्हारे सामने खुल निी ां पा रिा हां , क्ोांहक मैं अपने सारे अांगोां से कमजोर िो गया हां । इसहलये तुम सब अपनी कोठरी में जाकर सो जाओ, और मुझे शान्त रिने दो।” और जब कु​ुँवाररयाुँ अपनेअपने कक्ष में चली गईां, तो आसनथ उठी और चुपचाप अपने शयनकक्ष का द्वार खोला, और अपने दू सरे कक्ष में चली गई, जिाुँ उसकी सजावट की सन्दू कें थी,ां और उसने अपना सांदूक खोला और एक काला और उदास अांगरखा हजसे उसने तब पिना था और शोक मनाया था जब उसके पिले जन्मे भाई की मृत्यु िो गई थी। हिर, यि अांगरखा लेकर, वि उसे अपने कक्ष में ले गई, और हिर से दरवाजा सुरहक्षत रूप से बांद कर हदया, और बगल से कुांडी लगा दी। तब आसनथ ने अपना राजसी वस्त्र उतार हदया, और शोक अांगरखा पहिन हलया, और अपनी सोने की करिनी खोल दी, और रस्सी से कमर बान्ध ली, और अपने हसर से मु कुट, अथाष त पगडी, और मुकुट भी उतार हदया, और उसके िाथोां और पैरोां की जांजीरें भी िशष पर हबछी हुई थी ां। तब वि अपना मनभावन वस्त्र, सोने का कमरबन्द, पगडी, और मुकुट लेकर उत्तर की ओर की द्धखडकी से कांगालोां की ओर िेंक दे ती िै । और तब उसने अपने सब दे वताओां को, जो उसके कक्ष में थे, अथाष त सोने और चा​ां दी के दे वताओां को, हजनकी कोई हगनती निी ां थी, ले हलया, और उन्ें टु कडोां में तोड हदया, और उन्ें द्धखडकी से गरीबोां और हभखाररयोां के सामने िेंक हदया। और हिर, आसनथ ने अपना शािी राहत्रभोज और मोटा जानवर और मछली और बहछया का मा​ां स, और उसके दे वताओां के सभी बहलदान, और पेय की शराब के बतषन ले हलए, और उन सभी को कुत्तोां के भोजन के रूप में उत्तर की ओर दे खने वाली द्धखडकी से िेंक हदया। . 2 और इन बातोां के बाद उस ने अांगारोांवाला चमडे का ढकना लेकर भूहम पर डाल हदया; तब उस ने टाट ओढ़कर अपनी कमर बान्ध ली; और उसने अपने हसर के बालोां का जाल भी ढीला कर हदया, और राख अपने हसर पर हछडक ली। और उसने राखें भी िशष पर हबखे र दीां, और उन राखोां पर हगर पडी, और अपने िाथोां से लगातार अपनी छाती पीटती रिी, और हबिान तक करािते


हुए सारी रात रोती रिी। और भोर को जब आसनत ने उठकर दे खा, और क्ा दे खा! राखें उसके नीचे आां सुओां की हमट्टी की तरि थी,ां वि हिर से सूरज डूबने तक राद्धखयोां पर मुांि के बल हगरी रिी। इस प्रकार, असेनाथ ने सात हदनोां तक ऐसा हकया, कुछ भी निी ां चखा। असे नाथ ने इब्रावनयो​ों के भगिान से प्राथण ना करने का सोंकल्प वलया। 11. और आठवें हदन जब भोर हुई, और पक्षी चिचिाने लगे, और कुत्ते रािगीरोां पर भौांकने लगे, तब आसनत ने अपना हसर िशष से और हजस पर वि बैठी थी, अांगारोां से थोडा ऊपर उठाया, क्ोांहक वि बहुत थकी हुई थी। और अपने बडे अपमान के कारण उसने अपने अांगोां की शद्धि खो दी थी; क्ोांहक आसनथ थकी हुई और मूहछष त िो गई थी और उसकी शद्धि कम िोती जा रिी थी, और तब वि दीवार की ओर मुडकर पूवष की ओर दे खने वाली द्धखडकी के नीचे बैठ गई; और उसने अपना हसर अपनी छाती पर रख हलया, और अपने िाथोां की अांगुहलयोां को अपने दाहिने घुटने पर घुमाया; और उसका मुां ि बन्द रिा, और अपने अपमान के सात हदन और सात रात तक उस ने न खोला। और उस ने मुांि न खोलते हुए अपने मन में किा, मैं क्ा करू ां , मैं जो कांगाल हां , या किा​ां जाऊां? और अब को हिर हकस का आश्रय लूां? वा जो कुांवारी हां , उस से क्ा कहां ? क्ा मैं अनाथ और उजाड हां , और सब ने त्याग हदया िै , और तुम से बैर हकया जाता िै ? अब सब मुझ से बैर करने लगे िैं , और उन में से मेरे हपता और माता भी, इस कारण हक मैं ने दे वताओां को तुच्छ जाना, और उनको दू र करके कांगालोां को दे हदया िै । मनुष्योां द्वारा नाश हकया जाए। क्ोांहक मेरे हपता और मेरी माता ने किा था, आसनत िमारी बेटी निी ां िै । परन्तु मेरे सब कुटु म्बी, वरन सब मनुष्य भी मुझ से बैर करने लगे िैं , क्ोांहक मैं ने उनके दे वताओां को नाश हकया िै । और मैं ने भी बैर हकया िै िर एक मनुष्य और सब हजतनोां ने मुझ से प्रेम हकया, और अब इस अपमान के कारण सब ने मुझ से बैर हकया िै , और वे मेरे क्लेश से आनद्धन्दत हुए िैं । परन्तु पराक्रमी यूसुि का यिोवा और परमेश्वर उन सब से बैर रखता िै जो मूरतोां की पूजा करते िैं , क्ोांहक वि ईष्याष लु परमेश्वर िै और जै सा मैं ने सुना िै , हक पराये दे वताओां के भजन करनेवालोांके हवरूि बुरा हुआ िै ; और उस ने मुझ से भी बैर रखा, इसहलये हक मैं ने मरी हुई और बिरी मूरतोांको दण्डवत हकया और उनको आशीवाष द हदया। परन्तु अब मैं ने उनके बहलदान को त्याग हदया िै , और मेरा मुांि उनकी मेज से अलग िो गया िै , और मुझमें स्वगष के परमेश्वर यिोवा, जो परमप्रिान और पराक्रमी यूसुि में से एक िै , को पुकारने का सािस निी ां रिा, क्ोांहक मेरा मुांि अशुि िो गया िै मूहतषयोां का बहलदान. परन्तु मैं ने बहुतोां को यि किते सुना िै , हक इिाहनयोां का परमेश्वर सच्चा परमेश्वर, और जीहवत परमेश्वर, और दयालु परमेश्वर, और दयालु, और सिनशील, और दया और नम्रता से भरा हुआ िै , और जो मनुष्य के पाप का भी हिसाब निी ां करता। हवनम्र िै , और हवशेर् रूप से उस व्यद्धि के हलए जो अज्ञानता में पाप करता िै , और हकसी पीहडत व्यद्धि के सांकट के समय में अिमष का दोर्ी निी ां ठिराता िै ; उसी के अनुसार मैं भी जो दीन हां , हियाव बान्धकर उसकी ओर हिरू ां गा, और उस से शरण लूांगा, और अपने सब पापोांको उस से मान लूांगा, और अपनी हबनती उसके साम्हने खोलूांगा, और वि मे रे दु ख पर दया करे गा। कौन जानता िै हक वि मेरा अपमान और मेरी आत्मा की वीरानी दे खेगा, और मुझ पर तरस खाएगा, और मेरी दु दषशा और कौमायष का अनाथपन भी दे खेगा, और मेरी रक्षा करे गा? क्ोांहक जैसा मैं सुनता हां , वि आप िी अनाथोां का हपता, और दु द्धखयोां को सा​ां त्वना दे नेवाला, और सताए हुए लोगोां का सिायक िै । परन्तु हकसी भी दशा में मैं भी जो दीन हां , हियाव बान्धूांगा, और उसकी दोिाई दू ां गा। तब आसनथ उस दीवार पर से, जिा​ां वि बैठी थी, उठी, और पूवष की ओर अपने घुटनोां के बल उठी, और अपनी आां खें स्वगष की ओर करके, अपना मुांि खोलकर परमेश्वर से किा;

असे नाथ की प्राथणना 12. असेनाथ की प्राथषना और स्वीकारोद्धि: "िहमषयोां के भगवान भगवान, जो युगोां का हनमाष ण करते िैं और सभी चीजोां को जीवन दे ते िैं , हजन्ोांने आपकी सारी सृहष्ट को जीवन की सा​ां स दी िै , जो अदृश्य चीजोां को प्रकाश में लाते िैं , हजन्ोांने बनाया िै सब वस्तुओां और प्रगट वस्तुओां को प्रगट हकया, हजन्ोांने स्वगष को ऊांचा हकया, और पृय्वी को जल के ऊपर स्थाहपत हकया, हजन्ोांने बडे बडे पत्थरोां को जल के अथाि स्थान पर द्धस्थर हकया, जो डूबेंगे निी,ां परन्तु अन्त तक तेरी इच्छा पूरी करते रिें गे, क्ोांहक िे प्रभु, तू ने वचन किा, और सब कुछ अद्धस्तत्व में आया, और तेरा वचन, िे प्रभु, तेरे सब प्राहणयोां का जीवन िै , मैं तेरी शरण में भागता हां , िे मेरे परमेश्वर यिोवा, अब से मैं तेरी दोिाई दू ां गा, िे प्रभु और मैं तेरे सामने अपने पापोां को स्वीकार करू ां गा, मैं तुझ पर अपनी प्राथष ना प्रकट करू ां गा, िे स्वामी, और मैं अपने अिमष को तेरे सामने प्रकट करू ां गा। िे प्रभु, मुझे छोड दे , क्ोांहक मैं ने तेरे हवरूि बहुत से पाप हकए िैं , मैं ने अिमष हकया िै और दु ष्टता, मैं ने ऐसी बातें किी िैं जो बोलने योग्य निी,ां और जो तेरी दृहष्ट में बुरी िैं ; िे प्रभु, मेरा मुांि हमहस्रयोांकी मूरतोांके बहलदानोांके कारण, और उनके दे वताओां की मेज के कारण अशुि िो गया िै ; मैं ने पाप हकया, िे प्रभु, मैं ने पाप हकया तेरी दृहष्ट में, ज्ञान और अज्ञान दोनोां में मैं ने अिमष हकया िै , मैं मृत और बिरी मूरतोां की पूजा करता हां , और मैं तेरे सामने मुांि खोलने के योग्य निी ां हां , िे प्रभु, मैं पेंटेफ्रेस पु जारी की बेटी, कुांवारी और रानी, दु खी आसनथ हां । जो पहिले घमण्डी और घमण्डी था, और मेरे हपता की सब मनुष्योां से अहिक सम्पहत्त के कारण िलता-िूलता था, परन्तु अब अनाथ, और उजाड, और सब मनुष्योां से त्याज्य िो गया िै । िे प्रभु, मैं तेरी ओर भागता हां , और मैं तुझ से प्राथषना करता हां , और मैं तेरी दोिाई दू ां गा। मुझे उनसे छु डाओ जो मेरा पीछा करते िैं । गुरु, इससे पिले हक मैं उनके द्वारा पकड हलया जाऊां; क्ोांहक जैसे कोई बच्चा डर के मारे अपने माता-हपता के पास भागता िै , और हपता िाथ बढ़ाकर उसे छाती से लगा लेता िै , वैसे िी तू भी कर। भगवान, एक बच्चे से प्यार करने वाले हपता की तरि अपने हनष्कलांक और भयानक िाथ मुझ पर बढ़ाओ, और मुझे अतीद्धिय शत्रु के िाथ से पकड लो। लो के हलए! प्राचीन, क्रूर और क्रूर हसांि मेरा पीछा करता िै , क्ोांहक वि हमहस्रयोां के दे वताओां का हपता िै , और मूहतषपूजकोां के दे वता उसकी सन्तान िैं ; वे हसांि की सन्तान िैं , और मैं ने हमहस्रयोांके सब दे वताओां को अपने पास से हनकाल कर दू र कर हदया िै , और हसांि वा उनका हपता शैतान मुझ पर क्रोि करके मुझे हनगलना चािता िै । परन्तु िे प्रभु , तू मुझे उसके िाथ से बचा, और मैं उसके मुांि से बचूांगा, किी ां ऐसा न िो हक वि मुझे िाड डाले, और आग की ज्वाला में डाल दे , और आग मुझे तूिान में डाल दे , और तूिान मुझ पर अद्धन्धयारा छा जाए। और मुझे गिरे समुद्र में डाल दो, और वि मिापशु जो अनाहदकाल से िै मु झे हनगल जाएगा, और मैं सदा के हलये नाश िो जाऊांगा। इससे पिले हक ये सब हवपहत्तयाुँ मुझ पर आ पडे , िे प्रभु, मुझे बचा ले; िे स्वामी, मुझे उजाड और हनरीि को छु डा, क्ोांहक मेरे हपता और मेरी माता ने मुझ से इन्कार हकया िै और किा िै , 'आसेनाथ िमारी बेटी निी ां िै ,' क्ोांहक मैं ने उनके दे वताओां को टु कडे -टु कडे करके उन्ें इस प्रकार दू र कर हदया, जैसे मैं उन से बैर रखता हां । और अब मैं अनाथ और उजाड िो गया हां , और तेरे हसवा मुझे और कोई आशा निी।ां िे प्रभु, िे मनुष्योां के हमत्र, तेरी दया के हसवा कोई अन्य शरण निीां िै , क्ोांहक तू िी अनाथोां का हपता, और सताए हुए लोगोां का समथषक और पीहडतोां का सिायक िै । िे प्रभु, मुझ पर दया करो, और मुझे शुि और कुांवारा, त्यागा हुआ और अनाथ रखो, क्ोांहक केवल तू िी प्रभु िै जो एक मिुर और अच्छा और सौम्य हपता िै । िे प्रभु, कौन सा हपता आपके समान मिुर और भला िै ? लो के हलए! मेरे हपता पेंटेफ्रेस के हजतने घर उस ने मुझे हनज भाग करके हदए थे, वे सब नाश िो जाएां गे; परन्तु िे प्रभु , तेरे हनज भाग के घर अहवनाशी और अनन्त िैं ।"


असे नाथ की प्राथणना (जारी) 13. "िे प्रभु, मेरे अपमान पर ध्यान दे , और मेरे अनाथपन पर दया कर, और मुझ दीन पर दया कर। दे खो! मैं, िे स्वामी, सब से भाग गया, और मनुष्योां के एकमात्र हमत्र, तेरी शरण में आया। लो! मैंने सब अच्छा छोड हदया पृय्वी की वस्तुएां और तुझ से शरण मा​ां गी। िे प्रभु, टाट और राख में, नग्न और एकान्त। लो! अब मैं बहढ़या मलमल और सोने से गूांथे हुए लाल रां ग के कपडे का अपना राजसी वस्त्र उतार दे ता हां और शोक का काला अांगरखा पिन लेता हां । लो! मैं ने अपना सोने का करिनी खोल कर िेंक हदया िै , और अपने आप को रस्सी और टाट से लपेट हलया िै । लो! मैं ने अपना मुकुट और पगडी अपने हसर से उतार दी िै , और मैं ने अपने ऊपर राख हछडक ली िै । लो! मेरे कक्ष का िशष जो अनेक रां ग-हबरां गे और बैंगनी पत्थरोां से पक्का हकया गया था, हजसे पिले मलिम से हसि हकया जाता था और चमकीले सनी के कपडोां से सुखाया जाता था, अब वि मेरे आां सुओां से भीग गया िै और राख से हबखर गया िै , इसहलए उसका अनादर हकया गया िै । दे खो, मेरे भगवान, राख से और मेरे आुँ सुओां से मेरे कक्ष में चौडी सडक के समान बहुत सी हमट्टी बन गई िै । दे खो! िे प्रभु, मेरा शािी राहत्रभोज और वि मा​ां स जो मैंने कुत्तोां को हदया िै । लो! िे स्वामी, मैं भी सात हदन और सात रात उपवास कर रिा हां , और न रोटी खाई, और न पानी हपया, और मेरा मुांि पहिये के समान सूख गया िै , और मेरी जीभ सीग ां के समान और मेरे िोांठ ठीकरे के समान िो गए िैं , और मेरा मुख हसकुड गया िै , और मेरी आां खें सूख गई िैं आुँ सू बिाने से असिल िो गए िैं । परन्तु िे मेरे परमेश्वर यिोवा, तू मुझे मेरी बहुत सी अज्ञानताओां से छु डा, और मुझे इस बात के हलए क्षमा कर, हक मैं कुांवारी िोकर और अनजाने में भटक गई हां । लो! अब हजतने दे वताओां की मैं ने पहिले अज्ञानता से आरािना की, अब मैं ने जान हलया िै हक वे बिरी और मुदाष मूरतें िैं , और मैं ने उन्ें टु कडे टु कडे कर हदया, और सब मनुष्योां के रौांदने के हलथे कर हदया, और चोरोां ने उनको लूट हलया, जो सोने और चान्दी के थे , और िे प्रभु परमेश्वर, जो एकमात्र दयालु और मनुष्योां का हमत्र िै , मैं ने तुझ से शरण मा​ां गी िै । िे प्रभु, मुझे क्षमा कर, क्ोांहक मैं ने अज्ञानता में तेरे हवरूि बहुत से पाप हकए, और अपने प्रभु यूसुि के हवरूि हनन्दा की बातें बोली,ां और िे अभागे, यि निी ां जानता था, हक वि तेरा पुत्र िै । िे प्रभु, जब दु ष्ट मनु ष्योां ने डाि करके मुझ से किा, यूसुि कनान दे श के चरवािे का पुत्र िै , तब मुझ अभागे ने उन की प्रतीहत की, और भटक गया, और मैं ने उसे तुच्छ जाना, और बुरी बातें किी िैं । उसके हवर्य में यि न जानते हुए, हक वि तेरा पुत्र िै । मनुष्योां में से हकसने ऐसी सुन्दरता उत्पन्न की या कभी उत्पन्न करे गा? या उसके समान बुद्धिमान और पराक्रमी यूसुि के समान और कौन िै ? परन्तु िे प्रभु, मैं उसे तेरे िवाले करता हां , क्ोांहक अपनी ओर से मैं उसे अपनी आत्मा से भी अहिक प्रेम करता हां । उसे अपने अनुग्रि के ज्ञान से सुरहक्षत रख, और मुझे उसकी दासी और दासी बनाकर सौांप दे , हक मैं उसके पा​ां व िोऊां, और उसका हबछौना बनाऊां, और उसकी सेवा टिल करू ां , और मैं उसके हलये दासी बन कर रहां । मेरे जीवन का समय।" महादू त माइकल ने असेनाथ का दौरा वकया। 14. और जब आसनत ने यिोवा के साम्हने अपना अांगीकार करना बन्द कर हदया, तब दे खो! भोर का तारा भी पूवष हदशा में स्वगष से उदय हुआ; और आसनथ ने इसे दे खा और आनद्धन्दत िोकर किा: "क्ा भगवान भगवान ने मेरी प्राथषना सुनी िै ? क्ोांहक यि तारा मिान हदन की ऊांचाई का दू त और सांदेशवािक िै ।" और लो! भोर के तारे से स्वगष िट गया और एक मिान और अवणषनीय प्रकाश प्रकट हुआ। और जब उसने यि दे खा तो आसनथ उसके मुख के बल राख पर हगर पडा, और तुरन्त स्वगष से एक पुरूर् प्रकाश की हकरणें भेजता हुआ उसके पास आया, और उसके हसर के ऊपर खडा िो गया। और, जैसे िी वि अपने चेिरे के बल

लेटी, हदव्य दे वदू त ने उससे किा, "असेनाथ, खडे िो जाओ।" और वि बोली, वि कौन िै , हजस ने मुझे इसहलये बुलाया हक मेरी कोठरी का द्वार बन्द िै , और गुम्मट ऊांचा िै , हिर वि मेरी कोठरी में क्ोांकर आया? और उस ने उसे दू सरी बार हिर पुकारकर किा, "असेनाथ, असेनाथ।" और उसने किा, "मैं यिा​ां हां , प्रभु, मुझे बताएां हक आप कौन िैं ।" और उस ने किा, मैं यिोवा परमेश्वर का प्रिान सेनापहत और परमप्रिान की सारी सेना का प्रिान हां ; उठ, और अपने पा​ां वोांके बल खडा िो, हक मैं अपके वचन तुझ से कि सकूां। और उसने अपना चेिरा उठाकर दे खा, और दे खो! िर चीज में यूसुि के समान एक आदमी, वस्त्र और माला और शािी छडी में, हसवाय इसके हक उसका चेिरा हबजली की तरि था, और उसकी आुँ खें सूरज की रोशनी की तरि थी,ां और उसके हसर के बाल जलती हुई मशाल की आग की लौ के समान थे , और उसके िाथ और उसके पैर लोिे के समान आग से चमक रिे थे, क्ोांहक उसके िाथोां और पैरोां दोनोां से मानो हचांगारी हनकल रिी थी। इन बातोां को दे खकर आसनथ डर गई और मु​ुँि के बल हगर पडी, और अपने पैरोां पर खडी भी न रि सकी, क्ोांहक वि बहुत डर गई और उसके सारे अांग का​ां पने लगे। और उस पुरूर् ने उस से किा, िे आसनथ, ढाढ़स बाुँ ि, और मत डर; परन्तु उठकर अपने पा​ां वोांके बल खडा िो, हक मैं अपके वचन तुझ से कि सकूां। तब आसनथ उठकर अपने पैरोां पर खडी िो गई, और स्वगषदूत ने उससे किा: "हबना हकसी बािा के अपने दू सरे कक्ष में जाओ और जो काला अांगरखा तुमने पिना िै उसे अलग रख दो, और अपनी कमर से टाट उतार दो, और अांगारोां को झाड दो अपने हसर पर से, और अपना मुख और िाथ शुि जल से िो, और शुि श्वेत वस्त्र पहिन, और अपनी कमर में कौमायष का चमकीला, दोिरा कमरबांद बान्ध, और मेरे पास हिर आ, और मैं तुझ से वचन कहां गा जो प्रभु की ओर से तु म्हारे पास भे जे गए िैं ।" तब आसनथ िुती से अपनी दू सरी कोठरी में गई, जिा​ां उसके आभूर्णोां की सन्दू कें थी,ां और अपना सांदूक खोलकर एक सिेद, बहढ़या, अछूता बागा हलया और उसे पिन हलया, पिले काले बागे को उतार हदया, और रस्सी भी खोल दी और उसने अपनी कमर से टाट का कपडा हनकाला और अपने कौमायष का एक चमकीला, दोिरा करिनी बाुँि हलया, एक करिनी उसकी कमर के चारोां ओर और दू सरी करिनी उसकी छाती के चारोां ओर। और उस ने अपने हसर पर से राख झाड दी, और अपने िाथ और मुांि शुि जल से िोए, और एक सुन्दर और उत्तम वस्त्र ओढ़ हलया, और अपना हसर ढा​ां प हलया। माइकल असेनाथ से कहता है वक िह जोसेफ की पत्नी होगी। 15. तब वि परमेश्वर के प्रिान सेनापहत के पास आकर उसके साम्हने खडी हुई, और यिोवा के दू त ने उस से किा, अपके हसर पर से बागा उतार ले; क्ोांहक तू आज शुि कु​ुँवारी िै , और तेरा हसर पहिले के समान िै । एक युवक।" और असे नाथ ने उसे उसके हसर पर से उतार हदया। और हिर, हदव्य दे वदू त ने उससे किा: "खुश रिो, आसनथ, कुांवारी और शुि, क्ोांहक दे खो! भगवान भगवान ने तु म्हारे कबूलनामे और प्राथष ना के सभी शब्दोां को सुना िै , और उन्ोांने अपमान और पीडा को भी दे खा िै तेरे सांयम के सात हदन, क्ोांहक तेरे आां सुओां से तेरे साम्हने इन राखोां पर बहुत सी हमट्टी बन गई िै । तदनुसार, िे असेनाथ, कुांवारी और शुि, ढाढ़स बा​ां ि; क्ोांहक दे ख! तेरा नाम पुस्तक में हलखा गया िै जीवन और सदै व के हलए नष्ट न हकया जाएगा; परन्तु आज से तू नवीनीकृत और नया रूप हदया जाएगा, और सुसांिृत हकया जाएगा, और तू जीवन की िन्य रोटी खाएगा, और अमरता से भरा हुआ प्याला हपएगा, और अहवनाशीता के िन्य कायष से अहभहर्ि िोगा। िे आसनत, िे कु​ुँवारी और शुि, ढाढ़स बाुँ ि; प्रभु परमेश्वर ने आज तुझे दु ल्हन बनाकर यूसुि को दे हदया िै , और विी सवषदा के हलये तेरा दू ल्हा िोगा। और अब से तू आसनत न किलाएगा, परन्तु तेरा िी नाम किलाएगा। शरण का नगर बनो, क्ोांहक


बहुत सी जाहतया​ां तुझ में शरण ढू ां ढ़ेंगी, और वे तेरे पांखोां के नीचे शरण लेंगी, और बहुत सी जाहतया​ां तेरे द्वारा शरण पाएां गी, और जो प्रायहश्चत्त करके परमप्रिान परमेश्वर की शरण में रिें गे, वे तेरी शिरपनाि पर सुरहक्षत रखे जाएां गे; क्ोांहक वि पश्चाताप परमप्रिान की बेटी िै , और वि स्वयां आपके हलए और उन सभी पश्चाताप करने वालोां के हलए परमप्रिान परमेश्वर से हवनती करती िै , क्ोांहक वि पश्चाताप का हपता िै , और वि स्वयां सभी कुांवाररयोां की पूणषता और दे खरे ख करने वाली िै , आपसे अत्यहिक प्यार करती िै और िर घडी तुम्हारे हलये परमप्रिान से प्राथषना करती रिती िै , और वि सब मन हिरानेवालोां को स्वगष में हवश्राम का स्थान दे गी, और वि सब मन हिरानेवालोां को नया कर दे ती िै । और प्रायहश्चत अत्यांत हनष्पक्ष िै , एक कुांवारी शुि और कोमल और सौम्य िै ; और इस कारण परमप्रिान परमेश्वर उस से प्रेम रखता िै , और सब स्वगषदूत उस का आदर करते िैं, और मैं उस से अहत प्रेम रखता हां , क्ोांहक वि आप िी मेरी बिन िै , और जैसे वि तुम कुांवाररयोां से प्रेम रखती िै , वैसे िी मैं भी तुम से प्रेम रखता हां । और लो! मैं अपनी ओर से यूसुि के पास जाता हां , और उस से तेरे हवर्य में ये सब बातें कहां गा, और वि आज तेरे पास आएगा, और तु झे दे खेगा, और तुझ पर आनन्द करे गा, और तुझ से प्रेम करे गा, और तेरा दू ल्हा बनेगा, और तू सवषदा उसकी हप्रय दु ल्हन ठिरे गी। मेरी बात सुनो, असनाथ, और हववाि का वस्त्र पिन लो, वि प्राचीन और पिला वस्त्र जो तु म्हारे कक्ष में प्राचीन काल से रखा हुआ िै , और अपने चारोां ओर अपनी पसांद की सारी सजावट भी कर लो, और अपने आप को एक अच्छी दु ल्हन की तरि सजाओ और अपने आप को सुांदर बनाओ उससे हमलने को तैयार; लो के हलए! वि आज आप िी तेरे पास आएगा, और तुझे दे खेगा, और आनन्द करे गा। , और पृय्वी पर मुांि के बल हगर पडी, और उसके पा​ां वोांके साम्हने दण्डवत् करके किा, िन्य िै तेरा परमेश्वर यिोवा, हजस ने मुझे अद्धन्धयारे से छु डाने, और अथाि कुण्ड की नेव से हनकालकर अिोलोक में पहुां चाने के हलथे तुझे भेजा िै । प्रकाश, और तेरा नाम सवषदा िन्य िै । िे मेरे प्रभु, यहद मुझ पर तेरे अनुग्रि की दृहष्ट िो, और मैं जानूां हक जो वचन तू ने मुझ से किे िैं , उन्ें तू पूरा करे गा, तो तेरी दासी तुझ से किे । और स्वगषदूत ने उस से किा, किो।" और उस ने किा, िे प्रभु, मैं तुझ से प्राथषना करती हां , हक इस हबछौने पर कुछ दे र बैठ, क्ोांहक यि हबछौना पहवत्र और हनष्कलांक िै , इस पर कभी कोई पुरूर् वा स्त्री इस पर निी ां बैठी, और मैं तेरे आगे इसे हबछाऊांगी। एक मेज और रोटी, और तू खाना, और मैं तेरे हलये पुरानी और अच्छी दाखमिु भी लाऊांगा, हजसका सुगन्ध स्वगष तक पहुां चेगा, और तू उसमें से पीना, और उसके बाद अपना मागष लेना।" और उस ने उस से किा, " जल्दी करो और जल्दी ले आओ।” असे नाथ को अपने भोंडारगृह में एक छत्ते का छत्ते वमलता है। 16. और आसनत ने िुती करके उसके साम्हने खाली मेज रखी; और, जब वि रोटी लाने लगी, तो हदव्य दे वदू त ने उससे किा: "मेरे हलए एक छत्ते भी लाओ।" और वि द्धस्थर खडी रिी, और इस बात से चहकत और दु ुः खी हुई हक उसके भण्डार में मिुमक्खी की कांघी भी निी ां थी। और हदव्य दे वदू त ने उससे किा: "तू अब तक क्ोां खडी िै ?" और उस ने किा, िे मेरे प्रभु, मैं एक लडके को चरागाि में भेजूांगी, क्ोांहक िमारी हनज भूहम हनकट िै , और वि आकर तुरन्त विा​ां से एक ले आएगा, और मैं उसे तेरे साम्हने रख दू ां गी। हदव्य दे वदू त ने उससे किा: "अपने भांडारगृि में प्रवेश करो और तुम्हें मेज पर एक मिुमक्खी का छल्ला पडा हुआ हमलेगा; इसे उठाओ और यिा​ां ले आओ।" और उसने किा, "िे प्रभु, मेरे भण्डार में मिुमक्खी का छल्ला निी ां िै ।" और उसने किा, "जाओ और तुम पाओगे।" और आसनत ने अपने भण्डार में प्रवेश करके मेज पर एक मिु का छत्ता रखा हुआ दे खा; और छल्ला बिष के समान बडा और श्वेत और मिु से भरा हुआ था, और वि मिु स्वगष की ओस के समान

था, और उसकी सुगन्ध जीवन की सुगन्ध के समान थी। तब आसनथ ने आश्चयषचहकत िोकर मन िी मन किा, "क्ा यि कांघी इसी मनुष्य के मु​ुँि से हनकली िै ?" और आसनत ने वि कांघी ली, और लाकर मेज पर रख दी, और स्वगषदूत ने उस से किा, तू ने ऐसा क्ोां किा, हक मेरे घर में छत्ते का छत्ता निी ां िै , और दे ख, तू िी उसे मेरे पास ले आई िै ? " और उस ने किा, िे प्रभु, मैं ने अपने घर में कभी मिु का छत्ता निी ां रखा, परन्तु जैसा तू ने किा वैसा िी यि बना िै । क्ा यि तेरे मुांि से हनकला? क्ोांहक इसकी सुगन्ध मरिम के समान िै । और वि आदमी महिला की समझ पर मुिुराया। तब उस ने उसे अपने पास बुलाया, और जब वि आई, तब उस ने अपना दाहिना िाथ बढ़ाकर उसका हसर पकड हलया, और जब उस ने अपने दाहिने िाथ से उसका हसर हिलाया, तब आसनथ को स्वगषदूत के िाथ का बहुत भय हुआ, क्ोांहक उस से हचांगारी हनकल रिी थी। उसके िाथ लाल-गमष लोिे की तरि थे, और तदनुसार वि िर समय बहुत डर और का​ां प के साथ दे वदू त के िाथ को दे ख रिी थी। और वि मुिुराया और किा: "आशीवाषद, आप िन्य िैं , क्ोांहक भगवान के अवणषनीय रिस्य आपके सामने प्रकट हुए िैं ; और िन्य िैं वे सभी जो पश्चाताप में भगवान भगवान से जुडे हुए िैं , क्ोांहक वे इस कांघी में से खाएां गे, उस कांघी के हलए यि जीवन की आत्मा िै , और इसे आनां द के स्वगष की मिुमद्धक्खयोां ने जीवन के गुलाबोां की ओस से बनाया िै जो भगवान के स्वगष में िैं और िर िूल, और इसमें से स्वगषदूत और भगवान के सभी चुने हुए लोग और सभी खाते िैं परमप्रिान के पुत्र, और जो कोई उसमें से खाएगा वि सवषदा न मरे गा।" तब हदव्य दे वदू त ने अपना दाहिना िाथ बढ़ाया और कांघी से एक छोटा सा टु कडा हनकाला और खा हलया, और जो बचा था उसे अपने िाथ से आसनथ के मुांि में डाल हदया और उससे किा, "खाओ," और उसने खा हलया। और दे वदू त ने उससे किा: "दे खो! अब तुमने जीवन की रोटी खा ली िै और अमरता का प्याला पी हलया िै और अहवनाशी कमष से अहभहर्ि िो गई िै ; दे खो! अब आज तुम्हारा शरीर परम के झरने से जीवन के िूल पैदा करता िै ऊुँचे, और तेरी िहियाुँ परमेश्वर के प्रसन्न स्वगष के दे वदारोां के समान मोटी िो जाएुँ गी और अथक शद्धियाुँ तुझे सम्भालेंगी; तदनुसार तेरी जवानी बुढ़ापा न दे खेगी, और न तेरी सुन्दरता सवषदा के हलए लुप्त िोगी, परन्तु तू दीवार के समान िो जाएगा सभी की मातृ-नगरी।" और स्वगषदूत ने छत्ते को उकसाया, और उस छत्ते की कोठररयोां से बहुत-सी मिुमद्धक्खयाुँ हनकलीां, और कोठररयाुँ अनहगनत, दहसयोां िजार, दहसयोां िजार और िजारोां िजार िो गईां। और मिुमद्धक्खयाुँ भी हिम के समान श्वेत थी,ां और उनके पांख बैंजनी, लाल रां ग और लाल रां ग के समान थे; और उन्ोांने तेज डां क भी मारे और हकसी आदमी को घायल निी ां हकया। तब उन सभी मिुमद्धक्खयोां ने आसनथ को पैरोां से हसर तक घे र हलया, और उनकी राहनयोां के समान अन्य बडी मिुमद्धक्खयाुँ कोठररयोां से हनकलीां, और उन्ोांने उसके चेिरे पर और उसके िोांठोां पर गोल घेरा बनाया, और उसके मु​ुँि पर और उसके िोांठोां पर उस कांघी की तरि एक कांघी बनाई। दे वदू त के सामने लेट जाओ; और उन सब मिुमद्धक्खयोां ने आसनाथ के मुांि पर के छत्ते को खा हलया। और स्वगषदूत ने मिुमद्धक्खयोां से किा, "अब अपने स्थान पर जाओ।" तब सब मिुमद्धक्खयाुँ उठकर उड गईां और स्वगष की ओर प्रस्थान कर गईां; परन्तु हजतने लोग आसनथ को घायल करना चािते थे वे सब पृथ्वी पर हगर पडे और मर गए। और तब स्वगषदूत ने मृत मिुमद्धक्खयोां के ऊपर अपनी लाठी तान दी और उनसे किा: "उठो और तुम भी अपने स्थान पर चले जाओ।" तब सभी मरी हुई मिुमद्धक्खयाुँ उठकर आसनथ के घर से सटे आुँ गन में चली गईां और िलदार वृक्षोां पर अपना हनवास स्थान बनाने लगी।ां


माइकल चला गया. 17. और स्वगषदूत ने आसनत से किा, क्ा तू ने यि दे खा िै ? और उसने किा, "िाुँ , मेरे प्रभु, मैंने ये सब चीजें दे खी िैं ।" हदव्य दे वदू त ने उससे किा: "मेरे सभी वचन ऐसे िी िोांगे, और सोने से बुना हुआ बहढ़या मलमल, और उनमें से प्रत्येक के हसर पर सोने का एक मुकुट था; जैसा हक मैंने आज तुमसे किा िै ।" तब यिोवा के दू त ने तीसरी बार अपना दाहिना िाथ बढ़ाकर कांघी के हकनारे को छु आ, और तुरन्त मेज से आग उठी और कांघी को भस्म कर हदया, परन्तु मेज को जरा भी िाहन निी ां हुई। और, जब कांघी के जलने से बहुत सुगांि हनकली और कक्ष में भर गया, तो आसनथ ने हदव्य दू त से किा: "भगवान, मेरे पास सात कुांवाररयाुँ िैं जो मेरी युवावस्था से मेरे साथ पली-बढ़ीां और मेरे साथ एक िी रात में पैदा हुईां , जो मेरी बाट जोिती रिती िैं , और मैं उन सब को अपनी बहिनोां के समान प्रेम रखता हां । मैं उनको बुलाऊांगा, और जैसा तू मुझे आशीवाष द दे ता िै , वैसा िी तू भी उन्ें आशीवाष द दे ना। और स्वगषदूत ने उससे किा: "उन्ें बुलाओ।" तब आसनत ने सातोां कु​ुँवाररयोां को बुलाकर स्वगषदूत के साम्हने खडा हकया, और स्वगषदूत ने उन से किा, परमप्रिान परमेश्वर यिोवा तुम्हें आशीर् दे गा, और तु म सात नगरोांके और उस नगर के सब चुने हुओां के शरणस्थान ठिरोगे। िम सब हमलकर तुम पर सवषदा हवश्राम करें गे।" और इन बातोां के बाद हदव्य दू त ने आसनथ से किा: "इस मेज को िटा दो।" और, जब आसनथ मेज िटाने के हलए मुडा, तो वि तुरन्त उसकी आां खोां से दू र चला गया, और आसनथ ने दे खा हक यि चार घोडोां वाला एक रथ था जो पूवष की ओर स्वगष की ओर जा रिा था, और रथ अहग्न की ज्वाला के समान था, और घोडे हबजली के समान थे। , और दे वदू त उस रथ के ऊपर खडा था। तब असेनाथ ने किा, मैं मूखष और मूखष हां, जो मैं ने ऐसा किा, मानो कोई मनुष्य स्वगष से मेरी कोठरी में आया िो! उसकी जगि।" और वि अपने मन में किने लगी, िे प्रभु, अपनी दासी पर अनुग्रि कर, और अपनी दासी को छोड दे , क्ोांहक मैं ने अज्ञानता में तेरे साम्हने हबना सोचे-समझे बातें कि दी िैं । असीनाथ का चेहरा बदल गया है. 18. और आसनत अपने आप से ये बातें कि िी रिी या, हक दे खो! यूसुि के सेवकोां में से एक जवान ने किा, यूसुि, परमेश्वर का पराक्रमी जन, आज तेरे पास आता िै । और आसनत ने तुरन्त उसके घर के सरदार को बुलाया, और उस से किा, िुती करके मेरा घर तैयार कर, और अच्छा भोज तैयार कर, क्ोांहक परमेश्वर का पराक्रमी पुरूर् यूसुि आज िमारे पास आएगा। और घर के रखवाले ने जब उसे दे खा (क्ोांहक उसका मुख सात हदन के कष्ट और रोने-पीटने के कारण सूख गया था) तो वि उदास हुआ और रोने लगा; और उस ने उसका दाहिना िाथ पकडकर प्रेम से चूमा, और किा, िे मेरी स्त्री, तुझे क्ा हुआ, हक तेरा मुांि इस प्रकार हसकुड गया िै ? और उसने किा, "मेरे हसर में बहुत ददष िो रिा िै , और मेरी आुँ खोां से नीांद उड गई िै ।" तब घर का हनरीक्षक चला गया और घर और रात का भोजन तैयार हकया। और आसनथ ने स्वगषदूत के शब्दोां और उसके आदे शोां को याद हकया, और जल्दी से उसके दू सरे कक्ष में प्रवेश हकया, जिा​ां उसकी सजावट की सांदूहकया​ां थी,ां और उसके हवशाल बक्से को खोला और हबजली की तरि दे खने के हलए अपना पिला वस्त्र हनकाला और उसे पिन हलया; और उस ने सोने और बहुमू ल्य महणयोां का चमकीला और राजसी कमरबांद बान्ध हलया, और अपने िाथोां में सोने के कांगन, और पा​ां वोां में सुनिरी अांगूहठया​ां , और अपने गले में एक बहुमूल्य आभूर्ण, और सोने की माला पिन रखी थी। उसका सर; और पुष्पमाला के सामने की ओर एक बडा नीलमहण पत्थर था, और उस बडे पत्थर के चारोां ओर छि बहुमूल्य रत्न थे, और उसने एक बहुत िी अद् भुत ओढ़नी से अपना हसर ढका हुआ था। और जब आसनथ को उसके घर के सरदार की बातें स्मरण आईां, हक उस ने उस से किा था, हक उसका मुांि हसकुड

गया िै , तब वि बहुत उदास हुई, और करािकर किने लगी, हिक्कार िै मुझ दीन पर, हक मेरा मुांि हसकुड गया िै । यूसुि मुझे इस प्रकार दे खेगा और मैं उसके द्वारा तुच्छ ठिराया जाऊुँगा।" और उस ने अपनी दासी से किा, मेरे हलये सोते से शुि जल ले आ। और जब वि उसे ले आई, तब उस ने उसे िौदी में डाला, और अपना मुांि िोने के हलये झुककर क्ा दे खा, हक उसका मुख सूयष के समान चमक रिा िै , और उसकी आां खें भोर के तारे के समान चमक रिी िैं , और उसके गाल स्वगष के तारे के समान, और उसके िोांठ लाल गु लाब के समान थे, उसके हसर के बाल उस बेल के समान थे जो भगवान के स्वगष में उसके िलोां के बीच द्धखलती िै , उसकी गदष न एक सवष-हवहवि सरू के समान थी। और आसनत ने जब ये बातें दे खीां, तो यि दे ख कर अचद्धम्भत हुई, और अहत आनद्धन्दत हुई, और अपना मुांि न िोया, यि कि कर किा, ऐसा न िो हक मैं इस बडी और मनमोिक सुन्दरता को हमटा डालूां। तब उसके घर का रखवाला उस से किने को लौट आया, हक जो कुछ तू ने आज्ञा दी िै वि सब िो गया िै ; और जब उस ने उसे दे खा, तो बहुत डर गया, और बहुत दे र तक का​ां पता रिा, और उसके पा​ां वोां पर हगर पडा, और किने लगा, िे मेरी स्वाहमनी, यि क्ा िै ? अद् भुत? क्ा स्वगष के परमेश्वर यिोवा ने तुझे अपने पुत्र यूसुि के हलये दु ल्हन के रूप में चुना िै ?" जोसेफ लौटता है और असेनाथ उसका स्वागत करता है। 19. और वे ये बातें कि िी रिे थे, हक एक लडका आ कर आसनत से किने लगा, दे खो, यूसुि िमारे आां गन के द्वार पर खडा िै । तब आसनत िुती करके सातोां कुांवाररयोांको सांग लेकर यूसुि से भेंट करने को अपक्की छत से सीहढ़या​ां उतरकर अपने घर के ओसारे में खडी हुई। और यूसुि आां गन में आया, और िाटक बन्द कर हदए गए, और सब परदे शी बािर रि गए। और आसनथ यूसुि से भेंट करने को ओसारे से हनकला, और जब उस ने उसे दे खा तो उस की सुन्दरता से अचम्भा हकया, और उस से किा, िे कन्या, तू कौन िै ? शीघ्र मुझे बता। और उस ने उस से किा, िे प्रभु, मैं तेरी दासी आसनत हां ; हजतनी मूरतें मैं ने अपके पास से िेंक दी, वे नाश िो गईां। और आज एक पुरूर् ने स्वगष से मेरे पास आकर मुझे जीवन की रोटी दी, और मैं ने खाई; मैं ने िन्य प्याला पीया, और उस ने मुझ से किा, मैं ने तुझे यूसुि के हलये ब्याि हदया िै , और वि सवषदा के हलये तेरा दू ल्हा िोगा; और तेरा नाम आसनत न रखा जाएगा, परन्तु वि नगर किलाएगा। शरण,'' और प्रभु परमेश्वर बहुत सी जाहतयोां पर राज्य करे गा, और वे तेरे द्वारा परमप्रिान परमेश्वर की शरण ढू ां ढ़ेंगे।' और उस मनुष्य ने किा, मैं यूसुि के पास भी जाऊांगा, हक तेरे हवर्य में ये बातें उसे सुनाऊां। और िे प्रभु, अब तू जानता िै , हक वि पुरूर् तेरे पास आया या निी,ां और उस ने तुझ से मेरे हवर्य में कुछ किा िै । तब यूसुि ने असेनाथ से किा, िे स्त्री, तू परमप्रिान परमेश्वर की ओर से िन्य िै , और तेरा नाम सवषदा िन्य िै , क्ोांहक यिोवा परमेश्वर ने तेरी शिरपनाि की नेव डाली िै , और जीहवत परमेश्वर के पुत्र उसमें वास करें गे। तेरा शरण नगर, और यिोवा परमेश्वर उन पर सवषदा राज्य करे गा। क्ोांहक वि मनुष्य आज स्वगष से मेरे पास आया, और तेरे हवर्य में मुझ से ये बातें किी। और अब िे कुांवारी और पहवत्र, मेरे पास आ, हिर तू दू र क्ोां खडी िै ? "तब यूसुि ने िाथ बढ़ाकर आसनत को गले लगाया, और आसननाथ को गले लगाया, और उन्ोांने एक दू सरे को बहुत दे र तक चूमा, और दोनोां अपनी आत्मा में हिर से जीहवत िो गए। और यूसुि ने आसनत को चूमकर उसे जीवन की आत्मा दी, हिर दू सरी बार उसने उसे बुद्धि की आत्मा दी, और तीसरी बार उसे कोमलता से चूमा और सच्चाई की आत्मा दी।


पेंटेफ़्रेस िापस आती है और असे नाथ की शादी जोसेफ से करना चाहती है, लेवकन जोसे फ वफरौन से उसका हाथ माोंगने का सों कल्प करता है। 20. और जब वे बहुत दे र तक एक दू सरे से हलपटे हुए और अपने अपने िाथोां में जांजीरें गूांथ चुके, तब आसनत ने यूसुि से किा, िे प्रभु, इिर आकर िमारे घर में प्रवेश कर; क्ोांहक मैं ने अपनी ओर से अपना घर तैयार कर हलया िै ; बहुत बहढ़या राहत्र भोज।" और वि उसका दाहिना िाथ पकडकर अपने घर में ले गई, और अपके हपता पेंतेफ्रेस की कुरसी पर बैठाया; और वि उसके पा​ां व िोने के हलये जल ले आई। और यूसुि ने किा, कुांवाररयोां में से एक आकर मेरे पा​ां व िोए। और आसनथ ने उस से किा, निी,ां िे प्रभु, अब से तू मे रा स्वामी िै , और मैं तेरी दासी हां । और तू यि क्ोां चािता िै , हक कोई और कु​ुँवारी तेरे पा​ां व िोए? क्ोांहक तेरे पा​ां व मेरे पा​ां व िैं , और तेरे िाथ मेरे िाथ िैं , और तेरा प्राण मेरा प्राण िै , और कोई दू सरा तेरे पा​ां व न िोएगा।" और उस ने उसे रोका, और उसके पा​ां व िोए। तब यूसुि ने उसका दाहिना िाथ पकडकर उसे चूमा। और आसनत ने उसके हसर को िीरे से चूमा, और तब उस ने उसे अपनी दाहिनी ओर बैठाया। तब उसके माता-हपता और उसके सब कुटु म्बी अपके हनज भाग से आए, और उसे ब्याि का वस्त्र पहिने हुए यूसुि के साथ बैठे दे खा। और उन्ोांने उसके सौन्दयष पर आश्चयष हुआ, और आनद्धन्दत हुआ, और मरे हुओां को हजलानेवाले परमेश्वर की बडाई की। और इसके बाद उन्ोांने खाया हपया; और सब ने जयजयकार करके यूसुि से किा, कल मैं दे श भर के सब िाहकमोां और अहिपहतयोां को बुलाऊांगा हमस्र, मैं तुम्हारे हलये ब्याि करू ां गा, और तुम मेरी बेटी आसनत को ब्याि लेना। परन्तु यूसुि ने किा, मैं कल हिरौन राजा के पास जाऊांगा, क्ोांहक विी मेरा हपता िै , और उस ने मुझे इस सारे दे श पर प्रिान ठिराया िै । और मैं उस से आसनत के हवर्य में बातें करू ां गा, और वि उसे मुझे ब्याि दे गा।" और पेंटेफ्रेस ने उस से किा, "शाद्धन्त से जा।" जोसेफ ने असे नाथ से शादी की। 21. और यूसुि उस हदन पेंतेफ्रेस के पास रिा, और आसनत में न गया, क्ोांहक वि यि किता या, हक जो पुरूर् परमेश्वर का भजन करता िै , उसके ब्याि के पहिले अपनी पत्नी के साय सोना शोभा निी ां दे ता। और यूसुि सबेरे उठकर हिरौन के पास चला गया, और उस से किा, िे हलयोपोहलस के याजक पेंटेफ्रेस की बेटी आसनत को मेरी पत्नी बना दे । और हिरौन बहुत आनद्धन्दत हुआ, और उस ने यूसुि से किा, सुन, क्ा यि सदा से तेरी पत्नी निी ां हुई? इसहलये अब से अनन्तकाल तक वि तेरी पत्नी बनी रिे । तब हिरौन ने पेंतेफ्रेस को बुलवा भेजा, और पेंतेफ्रेस ने आसनत को लाकर हिरौन के साम्हने खडा हकया; और हिरौन ने उसे दे खा, तो उसके सौन्दयष से अचद्धम्भत िोकर किा, िे बालक, यूसुि का परमेश्वर यिोवा तुझे आशीर् दे गा, और तेरी यि सुन्दरता अनन्त काल तक बनी रिे गी, क्ोांहक यूसुि के परमेश्वर यिोवा ने तुझे अपनी दु ल्हन के रूप में चुना िै : यूसुि परमप्रिान के पुत्र के समान िै , और तू अब से सवषदा तक उसकी दु ल्हन किलाएगी। प्राचीन काल में, और हिरौन ने आसनत को यूसुि के दाहिने िाथ पर बैठाया। और हिरौन ने उनके हसर पर िाथ रखकर किा, "परमप्रिान प्रभु यिोवा तुम्हें आशीवाष द दे गा, और गुणा करे गा, और बढ़ाएगा, और अनन्त काल तक महिमा करे गा।" तब हिरौन ने उन्ें घुमा हदया। और वे एक दू सरे के साम्हने आमने-सामने आए, और उन्ोांने एक दू सरे को चूमा। और हिरौन ने यूसुि के हलथे ब्याि हकया, और सात हदन तक बडा भोज और हपयक्कड हुआ, और हमस्र के सब िाहकमोांऔर सब राजाओांको इकट्ठे हकया। और राष्ट्ोां ने हमस्र दे श में यि प्रचार करके किा, जो कोई यूसुि और आसनत के हववाि के सातोां हदन तक काम करे गा वि हनश्चय मार डाला जाएगा। और जब हववाि चल रिा िो, और जब भोजन का समय िो और यूसुि आसनत

के पास गया, और आसनत यूसुि से गभषवती हुई, और यूसुि के घर में मनश्शे और उसके भाई एप्रैम को जन्म हदया। असे नाथ का पररचय जैकब से हआ। 22. और जब बहुतायत के सात वर्ष बीत गए, तो अकाल के सात वर्ष आने लगे। और जब याकूब ने अपने पुत्र यूसुि के हवर्य में सुना, तब वि अकाल के दू सरे वर्ष के इक्कीसवें हदन को अपके सारे भाइयोांसमेत हमस्र में आया, और गोशेन में रिने लगा। और आसनत ने यूसुि से किा, मैं जाकर तेरे हपता से हमलूांगा, क्ोांहक तेरा हपता इस्राएल मेरे हपता और परमेश्वर के तुल्य िै । और यूसुि ने उस से किा, तू मेरे सांग चल, और मेरे हपता से भेंट कर। दोनोां याकूब के पास गए; और याकूब अपने हबछौने पर बैठा था, और वि आप िी बुढ़ापे का पुरूर् था। और जब आसनाथ ने उसे दे खा, तब उसके सौांदयष से अचम्भा हकया, क्ोांहक याकूब दे खने में और उसकी सुांदरता से बहुत अहिक सुन्दर था। बुढ़ापा एक सुांदर आदमी की जवानी के समान था, और उसका पूरा हसर बिष की तरि सिेद था, और उसके हसर के सभी बाल घने और घने थे, और उसकी दाढ़ी उसकी छाती तक सिेद थी, उसकी आां खें प्रसन्न और चमक रिी थी,ां उसकी नसें और नसें उसके कांिे और भुजाएां स्वगषदूत के समान थी,ां उसकी जा​ां घें और हपांडहलयाुँ और उसके पैर हवशाल के समान थे। तब आसनत ने जब उसे इस प्रकार दे खा, तो अचम्भा हकया, और हगरकर पृय्वी पर मुांि के बल हगरकर दण्डवत की। और याकूब ने किा। जोसेि: "क्ा यि मेरी बह, तुम्हारी पत्नी िै ? वि परमप्रिान परमेश्वर की ओर से िन्य िोगी। उन्ोांने क्ा खाया-पीया। तब यूसुि और आसनत दोनोां अपने घर को चले गए, और हलआ के पुत्र हशमोन और लेवी अकेले िी उन्ें बािर ले गए, परन्तु हबल्हा और हजल्पा के पुत्र जो हलआ और रािे ल की दाहसया​ां थीां, वे उनके साथ न आए। और लेवी आसनत के दाहिनी ओर और हशमोन उसके बायीां ओर था। और आसनत ने लेवी का िाथ पकड हलया, क्ोांहक वि उस से यूसुि के सब भाइयोां से अहिक और भहवष्यद्विा और उपासक के समान प्रेम रखती थी। परमेश्वर का और यिोवा का भय मानने वाला। क्ोांहक वि समझदार मनुष्य और परमप्रिान का भहवष्यद्विा था, और उसने आप िी स्वगष में हलखी हुई हचहट्ठयोां को दे खा, और पढ़ा, और गुप्त रूप से आसनत को प्रगट हकया; क्ोांहक लेवी आप भी आसनत से बहुत प्रेम रखता था और ऊांचे स्थान पर उसके हवश्राम का स्थान दे खा। वफरौन का बेटा यूसुफ को मारने के वलए वशमोन और लेिी को प्रेररत करने की कोवशश करता है। 23. और ऐसा हुआ हक जब यूसुि और आसनत याकूब के पास जा रिे थे, तब हिरौन के पहिलौठे पुत्र ने उनको शिरपनाि पर से दे खा, और आसनत को दे खकर उसके अत्याहिक सुन्दर कारण से उस पर मोहित िो गया। तब ह़िरौन के पुत्र ने दू त भेजकर हशमोन और लेवी को अपने पास बुलाया; और जब वे आकर उसके साम्हने खडे हुए, तब हिरौन के पहिलौठे पुत्र ने उन से किा, मैं अपनी ओर से जानता हां , हक तुम आज पृय्वी के सब मनुष्योांसे अहिक पराक्रमी िो, और तुम्हारे इन्ीां दाहिने िाथोांसे शकेहमयोांका नगर उलट हदया गया। और तेरी दो तलवारोां से 30,000 योिा मारे गए। और मैं आज तुझे अपना साथी बना लूांगा, और तुझे बहुत सारा सोना, चान्दी, दास दाहसया​ां , मकान और बडी बडी सम्पहत्त दू ां गा, और मेरी ओर से मुकद्दमा लडकर मुझ पर दया करू ां गा। क्ोांहक तेरे भाई यूसुि से मुझे बहुत बडा िल हमला, क्ोांहक उस ने आसनत को ब्याि हलया, और उस स्त्री की मांगनी प्राचीन काल से मेरी हुई िै । और अब मेरे सांग आ, और मैं यूसुि से लडकर उसे अपनी तलवार से घात करू ां गा। और मैं आसनत को ब्याि लूांगा, और तुम मेरे भाई और हवश्वासयोग्य हमत्र ठिरोगे। परन्तु यहद तुम मेरी बातें न मानोगे, तो मैं तुम्हें अपनी तलवार से मार डालूांगा। और ये बातें कि कर उस ने अपनी


तलवार हनकालकर उनको हदखाई। और हशमोन सािसी और सािसी मनुष्य था, और उसने सोचा हक अपना दाहिना िाथ अपनी तलवार की मूठ पर रखकर उसे म्यान से खीांच ले, और हिरौन के पुत्र को मारे , क्ोांहक उस ने उन से कठोर बातें किी ां थी।ां तब लेवी ने उसके मन का हवचार दे खा, क्ोांहक वि भहवष्यद्विा था, और हशमोन के दाहिने पा​ांव पर पा​ां व रखकर उसे दबाया, और उसे अपना क्रोि दू र करने का सांकेत हदया। और लेवी ने िीरे से हशमोन से किा, तू इस मनुष्य पर क्ोां क्रोहित िै ? िम तो परमेश्वर की उपासना करनेवाले मनुष्य िैं , और बुराई के बदले बुराई करना िमारे हलये उहचत निी ां िै । तब लेवी ने हिरौन के पुत्र से खुले मन से किा, िमारा प्रभु ये बातें क्ोां किता िै ? िम तो परमेश्वर के भजन करनेवाले मनुष्य िैं , और िमारा हपता परमप्रिान परमेश्वर का हमत्र िै , और िमारा भाई परमेश्वर का पुत्र तुल्य िै । क्ा िम यि दु ष्ट काम करें , हक अपने परमेश्वर, और अपने हपता इस्राएल, और अपने भाई यूसुि की दृहष्ट में पाप करें ? और अब मेरी बातें सुनो। जो मनुष्य परमेश्वर की उपासना करता िै , उसके हलये हकसी मनुष्य को िाहन पहुां चाना शोभा निी ां दे ता। कोई भी बुद्धिमान; और यहद कोई परमेश्वर के भजन करनेवाले को िाहन पहुां चाना चािे , तो वि परमे श्वर का भजन करनेवाला अपना पलटा न ले, क्ोांहक उसके िाथ में तलवार निी ां िै । और तू िमारे भाई के हवर्य में आगे से ऐसी बातें किने से साविान रिना। यूसुि। परन्तु यहद तू अपनी बुरी युद्धि पर चलता रिा, तो दे खो, िमारी तलवारें तेरे हवरूि द्धखांची हुई िैं ।'' तब हशमोन और लेवी ने अपनी तलवारें म्यान से हनकालीां और किा, क्ा तुम इन तलवारोां को दे ख रिे िो? इन दोनोां तलवारोां से यिोवा ने शकेहमयोां को दण्ड हदया, जो उन्ोांने िमारी बिन दीना अथाष त् शकेम के द्वारा इस्राएहलयोां के हवरूि हकया था। िमोर के पुत्र ने अपहवत्र हकया।" और हिरौन के बेटे ने जब तलवारें खीांची हुई दे खीां, तो बहुत डर गया और उसका सारा शरीर का​ां प उठा, क्ोांहक वे आग की लौ की तरि चमक रिी थी,ां और उसकी आां खें िुांिली िो गईां, और वि उनके पैरोां के नीचे पृथ्वी पर मुांि के बल हगर पडा। तब लेवी ने अपना दाहिना िाथ बढ़ाकर उसे थाम हलया, और किा, खडे िो जाओ और मत डरो, केवल िमारे भाई यूसुि के हवर्य में कोई बुरी बात किने से साविान रिो। और इस प्रकार हशमोन और लेवी दोनोां उसके साम्हने से हनकल गए। वफरौन के बेटे ने दान और गाद के साथ वमलकर यूसुफ को मारने और आसनथ को पकड़ने की सावजश रची। 24. तब हिरौन का पुत्र यूसुि के भाइयोांके डर के कारण भय और शोक से भरा रिा, और हिर आसनत की सुन्दरता के कारण अत्यन्त क्रोहित हुआ, और बहुत उदास हुआ। तब उसके सेवकोां ने उसके कान में किा, “दे खो, हबल्हा के पुत्र और हजल्पा के पुत्र, जो याकूब की पहत्नयाुँ हलआ और रािे ल की लौांहडयाुँ िैं , वे यूसुि और आसनत से बडी शत्रुता रखते िैं , और उन से बैर रखते िैं ; सब कुछ तेरी इच्छा के अनुसार िै ।" तब हिरौन के पुत्र ने तुरन्त दू त भेजकर उन्ें बुलाया, और वे रात के पहिले पिर उसके पास आए, और उसके साम्हने खडे हुए, और उस ने उन से किा, मैं ने बहुतोांसे सीखा िै , हक तुम शूरवीर िो। तब दान और गाद नाम बडे भाइयोां ने उस से किा, मेरा स्वामी जो कुछ अपने सेवकोांसे चािता िै वि किे , हक तेरे सेवक सुनें, और िम तेरी इच्छा के अनुसार करें । तब हिरौन का पुत्र बहुत आनद्धन्दत हुआ। आनद्धन्दत हुआ और अपने से वकोां से किा, "अब थोडी दे र के हलए मेरे पास से िट जाओ, क्ोांहक मुझे इन मनुष्योां से गुप्त बातें करनी िैं ।" और वे सब पीछे िट गए। तब हिरौन के पुत्र ने झूठ बोला, और उस ने उन से किा, "दे खो! अब आशीर् और मृत्यु तुम्हारे साम्हने िैं ; इसहलये तुम मृत्यु के बदले आशीवाष द लेना चािते िो, क्ोांहक तुम वीर िो, और द्धस्त्रयोां की नाईां न मरोगे; परन्तु सािसी बनो और अपने शत्रुओां से बदला लो। क्ोांहक मैं ने तेरे भाई यूसुि को मेरे हपता हिरौन से यि किते सुना िै , दान, गाद, नप्ताली, और आशेर मेरे भाई

निी,ां परन्तु मेरे हपता की दाहसयोांके बच्चे िैं ; इसहलये मैं अपके हपता के मरने की बाट जोिता हां , और उनको पृय्वी पर से हमटा डालूांगा; उनका सारा माल, किी ां ऐसा न िो हक वे दाहसयोांके सन्तान िोकर िमारे सांग उत्तराहिकार पा लें। क्ोांहक उन्ोांने भी मुझे इश्माएहलयोांके िाथ बेच डाला िै , और जो कुछ उन्ोांने मेरे हवरूि हकया िै उसका बदला मैं उनको दू ां गा; केवल मेरा हपता मर जाए। ।" और मेरे हपता ह़िरौन ने इन बातोां के हलये उसकी सरािना की, और उस से किा, "िे पुत्र, तू ने ठीक किा; इसहलये तू मेरे पास से शूरवीरोां को ले ले, और जैसा उन्ोांने तेरे हवरूि हकया िै , वैसा िी उन पर चढ़ाई कर; और मैं तेरा सिायक िोऊांगा।" " और जब दान और गाद ने हिरौन के पुत्र से ये बातें सुनीां, तो वे बहुत घबरा गए, और बहुत उदास हुए, और उस से किा, िे प्रभु, िम तुझ से हबनती करते िैं , िमारी सिायता कर; क्ोांहक अब से िम तेरे दास और दास िैं , और तेरे सांग मरें गे। ।" और ह़िरऔन के बेटे ने किा, "अगर तुम भी मेरी बातें मानोगे तो मैं तुम्हारा मददगार बनूुँगा।" और उन्ोांने उससे किा: "तू जो चािे िमें आज्ञा दे , और िम तेरी इच्छा के अनुसार करें गे।" और हिरौन के बेटे ने उन से किा, मैं आज रात को अपने हपता हिरौन को घात करू ां गा, क्ोांहक हिरौन यूसुि के हपता के तुल्य िै , और उस ने उस से किा, हक मैं तुम्हारे हवरूि सिायता करू ां गा; और तुम यूसुि को घात करो, और मैं आसनत को अपनी पत्नी बना लूांगा , और तुम मेरे भाई और मेरी सारी सम्पहत्त के वाररस ठिरोगे। केवल यिी काम करो।" और दान और गाद ने उस से किा, िम आज तेरे दास िैं , और जो कुछ तू ने िम से किा िै वि सब करें गे; िसल के मौसम में'; और उसने उसके साथ युि करने के हलए छि सौ शद्धिशाली पुरुर्ोां और पचास अग्रदू तोां को भेजा। इसहलए अब िमारी बात सुनो और िम अपने प्रभु से बात करें गे।' और उन्ोांने अपक्की सारी गुप्त बातें उस से कि दीां। तब ह़िरऔन के बेटे ने उन चारोां भाइयोां को पाुँ च-पाुँ च सौ आदमी दे कर उनका मुद्धखया और मुद्धखया ठिराया। और दान और गाद ने उस से किा, िम आज तेरे दास िैं , और जो कुछ तू ने िम से किा िै विी सब करें गे; और रात को हनकलेंगे, और खि में घात लगाकर बैठेंगे, और नरकटोां की झाहडयोां में हछप जाएां गे। ; और तू पचास िनुिाष री घोडोांपर सांग लेकर िम से बहुत आगे आगे जाना, और आसनत आकर िमारे िाथ में पड जाएगा, और िम उसके सांग के पुरूर्ोांको काट डालेंगे, और वि अपके रथ समेत पहिले से भाग जाएगी। और तेरे िाथ में पड जाएगा, और तू उसके साथ वैसा िी व्यविार करना जैसा तू चािता िै ; और इन बातोां के बाद िम यूसुि को भी, जब वि आसनाथ के हलये शोक कर रिा िोगा, घात करें गे; वैसे िी उसके पुत्रोां को भी िम उसके साम्हने घात करें गे।" ह़िरौन के पहिलौठे पुत्र ने ये बातें सुनीां, तो बहुत आनद्धन्दत हुआ, और उन को दो िजार योिाओां समेत भेज हदया। और जब वे खि के पास आए, तो नरकटोां की झाहडयोां में हछप गए, और चार टु कहडयोां में हवभि िो गए, और खि के उस पार, सडक के इस ओर पा​ां च सौ पु रूर्ोां के साम्हने अपना डे रा जमा हलया। और उस पर, और खि के पास भी वैसे िी और लोग रि गए, और आप ने भी नरकटोां की झाहडयोां में अपना डे रा जमा हलया, अथाष त सडक के इस पार और उस पार पा​ां च सौ पुरूर्; और उनके बीच एक चौडी और चौडी सडक थी। वफरौन का बेटा अपने वपता को मारने जाता है, लेवकन उसे अनुमवत नही ों वमलती है। नप्ताली और आशेर ने दान और गाद से षडयोंत्र का विरोध वकया। 25. तब उसी रात हिरौन का पुत्र उठकर अपने हपता की शयनकक्ष के पास आया, हक उसे तलवार से मार डाले। उसके हपता के रक्षकोां ने उसे अपने हपता के पास आने से रोका और उससे किा: "आप क्ा आदे श दे ते िैं , प्रभु?" और हिरौन के बेटे ने उन से किा, मैं अपने हपता से हमलना चािता हां , क्ोांहक मैं अपने नए लगाए गए अांगूर के बगीचे की उपज


इकट्ठा करने जा रिा हां । और पिरुओां ने उस से किा, तेरे हपता को पीडा िो रिी िै , और वि सारी रात जागकर अब हवश्राम कर रिा िै , और उस ने िम से किा, हक कोई उसके पास न आए, चािे वि मेरा पहिलौठा पुत्र िी क्ोां न िो। और वि ये बातें सुनकर क्रोहित िोकर चला गया, और दान और गाद के किने के अनु सार तुरन्त पचास िनुिाष ररयोां को लेकर उनके आगे आगे चला। और छोटे भाइयोां नप्ताली और आशेर ने अपने बडे भाइयोां दान और गाद से किा, तुम अपने हपता इस्राएल और अपने भाई यूसुि के हवरूि हिर दु ष्टता क्ोां करते िो? और परमेश्वर उसे आां ख की पुतली के समान सुरहक्षत रखता िै । दे खो क्ा तुम ने यूसुि को कभी निी ां बेचा था? और वि आज सारे हमस्र दे श का राजा और अन्नदाता िै । अब यहद तुम हिर उसके हवरूि दु ष्टता करना चािो, तो वि परमप्रिान की दोिाई दे गा, और वि आग भे जेगा स्वगष और वि तु म्हें हनगल जाएगा, और परमेश्वर के दू त तुम्हारे हवरुि लडें गे।" तब बडे भाई उन पर क्रोहित िोकर किने लगे, क्ा िम स्त्री िोकर मरें ? और वे यूसुि और आसनत से भेंट करने को हनकले। षडयोंत्रकाररयो​ों ने असेनाथ के गाडों को मार डाला और िह भाग गई। 26. और हबिान को आसनत ने उठकर यूसुि से किा, मैं तेरे किने के अनुसार अपने हनज भाग के अहिक्कारनेी िोने को हां ; परन्तु मैं इस बात से बहुत डरता हां हक तू मुझ से अलग िो जाता िै । और यूसुि ने उस से किा, ढाढ़स बाुँ ि, और मत डर; परन्तु आनन्द करते हुए, और हकसी से कुछ भी न डरते हुए चली जा; क्ोांहक प्रभु तेरे सांग िै , और वि आप िी तुझे सब आां खोां की पुतली के समान सब से बचाएगा। बुराई। और मैं भोजनवस्तु का दान हनकालूांगा, और नगर के सब मनुष्योांको दू ां गा, और हमस्र दे श में कोई भूखा न मरे गा। तब आसनत अपने मागष पर चला गया, और यूसुि उसको भोजन दे ने के हलथे चला गया। और जब आसनत छुः सौ पुरूर्ोां समेत खि के स्यान पर पहुां चा, तब जो हिरौन के पुत्र के साय थे, वे अचानक घात में से हनकल आए, और आसनत के साहथयोां से युि करने लगे, और उन सभोां को तलवारोांसे, और उसके सब को भी मार डाला। उन्ोांने अग्रजोां को मार डाला, परन्तु असेनाथ अपना रथ लेकर भाग गई। तब हलआ के पुत्र लेवी ने भहवष्यद्विा के समान ये सब बातें जान लीां, और अपने भाइयोां को आसनत के खतरे के बारे में बताया, और तुरांत उनमें से प्रत्येक ने अपनी तलवार अपनी जाुँ घ पर, अपनी ढालें अपनी बा​ां िोां पर और अपने दाहिने िाथोां में भाले ले ली ां और उनका पीछा हकया। बडे वेग से असेनाथ। और, जैसे असेनाथ पिले भाग रिा था, लो! हिरौन का पुत्र पचास सवारोां समेत उस से हमला; और आसनत ने उसे दे खकर बहुत िी भय से घबरा गई, और का​ां पने लगी, और अपने परमेश्वर यिोवा से प्राथषना की। वफरौन के पुत्र और दान और गाद के सोंगी पुरूष मारे गए; और चारो​ों भाई खड्ड की ओर भाग गए और उनकी तलिारें उनके हाथो​ों से छूट गईों। 27. और हबन्यामीन उसके साय रथ पर दाहिनी ओर बैठा या; और हबन्यामीन लगभग उन्नीस वर्ष का बलवन्त लडका था, और उस में हसांि के बच्चे का सा अवणषनीय सौन्दयष और पराक्रम था, और वि परमेश्वर का बहुत भय माननेवाला भी था। तब हबन्यामीन ने रथ से छला​ां ग लगाई, और खि में से एक गोल पत्थर उठाया, और िाथ में भरकर हिरौन के पुत्र पर िेंका, और उसकी बाईां कनपटी पर ऐसा मारा हक वि गांभीर रूप से घायल िो गया, और वि अपने घोडे से आिा पृथ्वी पर हगर पडा। मृत। तब हबन्यामीन एक चट्टान पर चढ़ गया, और आसनत के सारथी से किा, ''मुझे खि से पत्थर दे दो।'' और उसने उसे पचास पत्थर हदए। और हबन्यामीन ने पत्थर िेंककर उन पचास पुरूर्ोां को मार डाला जो हिरौन

के सांग थे। बेटे, सब पत्थर उनकी कनपटी में िांस रिे िैं । तब हलआ के पुत्र, रूबेन और हशमोन, लेवी और यहदा, इस्साकार और जबूलोन ने उन लोगोां का पीछा हकया जो आसनत की घात में बैठे थे और उन पर अनजाने में टू ट पडे और उन सब को मार डाला। ; और छुः पुरूर्ोांने दो िजार हछित्तर पुरूर्ोांको घात हकया। और हबल्हा और हजल्पा के पुत्र उनके साम्हने से भागकर किने लगे, िम तो अपके भाइयोांके िाथ से नाश हुए, और हिरौन का पुत्र भी हबन्यामीन के िाथ से मर गया। वि लडका और उसके सब साथी हबन्यामीन के िाथ से नाश िो गए। इसहलये आओ, िम आसनत और हबन्यामीन को मार डालें, और इन नरकटोां की झाहडयोां में भाग जाएां । मुझे हजलाया, और मुझे मूरतोां और मृत्यु की सडािट से बचाया; जैसा तू ने मुझ से किा, हक मेरा प्राण सवषदा जीहवत रिे गा, वैसे िी अब भी मुझे इन दु ष्ट मनुष्योां से बचा। शत्रु उनके िाथ से छूटकर पृथ्वी पर हगर पडे और राख में बदल गए। असे नाथ के अनुरोध पर डै न और गाद को बख्श वदया गया। 28. और हबल्हा और हजल्पा के पुत्र उस हवहचत्र आश्चयषकमष को दे खकर डर गए, और किने लगे, यिोवा आसनत की ओर से िम से लड रिा िै । तब वे पृय्वी पर मुांि के बल हगरे और आसनत को दण्डवत् करके किने लगे, अपने दासोां, िम पर दया कर, क्ोांहक तू िमारी स्वाहमनी और रानी िै । िम ने तेरे और िमारे भाई यूसुि के हवरूि, परन्तु यिोवा को छोड दु ष्ट काम हकए िैं इसहलये िम ते रे दास िम से प्राथषना करते िैं , हक िम दीनोां और दु द्धखयोांपर दया करो, और िमें िमारे भाइयोांके िाथ से छु डाओ, क्ोांहक वे तेरे साय हकए हुए अपराि का पलटा लेंगे, और अपनी तलवारें लिरा रिे िैं । िमारे हवरुि। तदनुसार, अपने दासोां, स्वाहमनी, से पिले उन पर अनुग्रि करो।" और आसनत ने उन से किा, ढाढ़स बा​ांिो, और अपने भाइयोांसे मत डरो, क्ोांहक वे तो आप िी परमेश्वर के भजन करनेवाले और यिोवा का भय माननेवाले मनुष्य िैं ; परन्तु जब तक मैं तुम्हारी ओर से उनको प्रसन्न न करू ां , तब तक इन नरकटोांके जांगल में चले जाओ। और उन बडे अपरािोां के कारण जो तुम ने उनके हवरुि करने का सािस हकया िै , उनके क्रोि को रोको। परन्तु प्रभु दे खे, और मेरे और तुम्हारे बीच न्याय करे । तब दान और गाद नरकटोां की झाहडयोां में भाग गए; और उनके भाई हलआ के पुत्र उनके हवरूि बडी िुती से िररणोां की नाईां दौडे आए। और आसनत ने रथ पर से, जो उसका हछपा हुआ था उतर कर, आां सुओां के साथ अपना दाहिना िाथ उन्ें हदया, और वे आप िी हगरकर पृय्वी पर हगरकर उसे दण्डवत् करने लगे, और ऊांचे शब्द से रोने लगे; और वे अपने भाई दाहसयोांके पुत्रोांसे हबनती करते रिे , हक वे उन्ें मार डालें। और आसनत ने उन से किा, मैं तुम से हबनती करता हां , अपने भाइयोांको छोड दो, और उन से बुराई के बदले बु राई न करो। क्ोांहक यिोवा ने मुझे उन से बचाया, और उनके खांजर और तलवारोांको उनके िाथ से तोड डाला, और दे खो, वे हपघलकर नष्ट िो गए िैं । आग से मोम की नाईां जलकर पृय्वी पर भस्म िो गया, और िमारे हलये यिी कािी िै हक यिोवा िमारी ओर से उन से लडे । इसी प्रकार तुम अपने भाइयोांको बचा लेना, क्ोांहक वे तुम्हारे भाई और तु म्हारे मूलपुरूर् इस्राएल का खू न िैं । और हशमोन ने उस से किा, िमारी स्वाहमनी अपने शत्रुओां के हवर्य में भला क्ोां बोलती िै ? तुम, िमारी मालहकन, आज।" तब आसनथ ने अपना दाहिना िाथ बढ़ाया और हशमोन की दाढ़ी को छु आ और उसे प्यार से चूमा और किा: "हकसी भी तरि से, भाई, अपने पडोसी को बुराई के बदले बुराई मत दो, क्ोांहक प्रभु इसके बावजूद इसका बदला लेगा। तुम जानते िो, वे स्वयां तुम्हारे िैं िे भाई, और तेरे मूलपुरुर् इस्राएल की सन्तान, और वे तेरे साम्हने से दू र भाग गए। इसहलये उनको क्षमा कर।” तब लेवी उसके पास आया और उसके दाहिने िाथ को प्यार से चूमा, क्ोांहक वि जानता था हक वि उन लोगोां को उनके भाइयोां के क्रोि से बचाने में असमथष थी, ताहक वे उन्ें मार न


डालें। और वे आप िी नरकट की झाहडयोां के हनकट थे; और उसके भाई लेवी ने यि जानकर अपने भाइयोांको यि न बताया, क्ोांहक उसे भय था, हक किी ां वे क्रोि में आकर उनके भाइयोांको मार न डालें। वफरौन का बेटा मर जाता है. वफरौन भी मर गया और यूसुफ उसका उत्तरावधकारी बना। 29. और हिरौन का पुत्र पृय्वी पर से उठकर बैठ गया, और अपके मुांि से लोह थूकने लगा; क्ोांहक खू न उसकी कनपटी से बिकर उसके मु​ुँि में जा रिा था। और हबन्यामीन उसके पास दौडा, और उसकी तलवार ले ली, और उसे हिरौन के पुत्र की म्यान से खीांच हलया (क्ोांहक हबन्यामीन ने अपनी जा​ां घ पर तलवार निी ां पिनी थी) और हिरौन के पुत्र की छाती पर मारना चािा। तब लेवी उसके पास दौडकर आया और उसका िाथ पकडकर किा, “िे भाई, ऐसा काम कभी मत करना, क्ोांहक िम तो परमेश्वर के भजन करनेवाले मनु ष्य िैं , और जो परमेश्वर का भजन करता िै , उसके हलये बुराई करना उहचत निी ां िै ।” बुराई, और न हगरे हुए को रौांदना, और न अपने शत्रु को यिा​ां तक कुचलना हक वि मर जाए। और अब तलवार को उसके स्थान पर लौटा दो, और आओ और मेरी सिायता करो, और िम उसे इस घाव से चांगा करें ; और, यहद वि रिता िै, वि िमारा हमत्र िोगा, और उसका हपता हिरौन िमारा हपता िोगा।" तब लेवी ने हिरौन के पुत्र को भूहम पर से उठाया, और उसके मुांि पर से खून िोया, और उसके घाव पर पट्टी बान्धी, और उसे घोडे पर चढ़ाया, और उसे उसके हपता हिरौन के पास ले गया, और जो कुछ हुआ और जो कुछ उस पर पडा था, सब उस से कि सु नाया। और हिरौन ने अपने हसांिासन पर से उठकर भूहम पर लेवी को दण्डवत् हकया, और उसे आशीवाषद हदया। हिर जब तीसरा हदन बीत गया, तब हिरौन का पुत्र उस पत्थर से मर गया हजस से वि हबन्यामीन ने घायल हकया या। और हिरौन ने अपने पिलौठे बेटे के हलए बहुत हवलाप हकया, और उस दु ुः ख के कारण हिरौन बीमार पड गया और 109 वर्ष की आयु में उसकी मृत्यु िो गई, और उसने अपना राजमुकुट अत्यांत सुन्दर यूसुि के पास छोड हदया। और यूसुि हमस्र में अडतालीस वर्ष तक अकेला राज्य करता रिा; और इन बातोां के बाद यूसुि ने वि मुकुट हिरौन के छोटे लडके को लौटा हदया, जो बूढ़े हिरौन के मरने के समय उसकी छाती पर था। और तब से यूसुि अपनी मृत्यु तक हमस्र में हिरौन के छोटे बच्चे का हपता बनकर परमेश्वर की महिमा और स्तुहत करता रिा।


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