Advertisement
Share Public Profile
Manish Tiwari
जीवन एक शांत - महाशांत किनारा जैसे चाँदी की रेतों भरा मायातट जैसे भारी हवा मारे, मचलती मछली जैसे शांत उमडे लहर यहाँ, तीर यहीं सदा जैसे जीवन सुनहरे रंग भरे त्रिसंध्या वर्ण जैसे मोह वर्णजाल डालती संध्या सुख जैसे जीवपक्षी चिलचिलाके उड़ते, संध्या समय जैसे शांत सर्वशांति देती संध्या सदा जैसे जीवन एक मान्त्रिक मायाजाल करता जैसे मनमोह करे दिल चुराते मंत्रजाल जैसे मन अचेत कर डालते तांत्रिक