मेरा अनुभव (Tech Tips & ...) ... म थलेश क कलम से, मातृभाषा म
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ई वर एवं गु ओं को नमन! माता- पता ने कं यू टर इं जी नय रंग म एड मशन करा तो दया, क तु यह कहते हु ए बड़ा अफ़सोस होता है क इं जी नय रंग म पढ़े गए स जे ट से इंड
और जॉब का कु छ लेना-दे ना नह ं नकला. इस लए, इस
संकलन म आपको मेरे पछले 8 साल के अनु भव ह
मलगे. लेख के
प म ये
अनु भव न चय ह आपका मागदशन करगे. इसके अ त र त आज क जीवनचया म कं यू टर, इंटरनेट, सोशल मी डया, मेल इ या द ज र
वषय हो गए ह और आप
भी इन सभी के बारे म काफ कु छ जानते ह, इस लए इस फाइल म सामा य ब दुओं क बजाय उन पर
यान दे ने क को शश क गयी है , जो जानकार के
लहाज से छुपे हु ए ह अथवा जो सु र ा के लहाज से अ य धक आव यक ह या फर
कोप के हसाब से िजनका
योग बहु तायत म होने वाला है. मने इसक
भाषा सामा य रखने क को शश क है , जो एक सामा य इं टरनेट उपभो ता के लए तो उपयोगी है ह , साथ ह साथ वेबसाइट, सोशल मी डया इ या द यवसाय म शु आती
तर पर गाइड करने वाला भी है. य द कोई वषय छूट गया हो, तो आप
मु झे ज र बताएं , ता क उसे आगे सि म लत त
कया जा सके. बा क आपक
या मेरे लए सव े ठ उ साहवधन है . आपका अपना- म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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समपण यू ं तो कोई कृ त सामने आने म जर से कायनात तक, सभी का मह वपू ण योगदान होता है, क तु भ व य क ओर दे खते हु ए म उन
यास को यह संकलन सम पत करना
चाहू ं गा, जो आगे चलकर एक बड़ी आबाद को दशा दे सकती है . जी हाँ! आ थक यु ग म आज इस बात क ज रत है समझने म स
क दे श क आधी आबाद , या न म हलाएं अथतं
य भू मका नभाएं . हालाँ क इसक शु आत कई
क तु यह कई बार असंतु लत
े
म शु
को
हो चु क है ,
प म सामने आती है. मसलन, औरत को घर या नौकर
म से कई बार एक वक प चुनने के लए मजबू र होना पड़ता है और यह ि थ त तब और दुखदायी हो जाती है , जब वह मातृ व क ओर कदम बढाती ह. इन ि थ तय से नपटने के लए हम नि चत क क मय को दु
प से अपनी पुरानी पा रवा रक यव था 'संयु त प रवार'
त करके पुनज वन
दान करना होगा . वह ं सूचना तकनीक म हलाओं
को उ यमी बनाने म बेहद मह वपू ण भू मका नभा सकता है (वतमान से कई सौ गु णा यादा). मेर
अधा गनी
जीवनसं गनी ह
दोन
उ य मता.
ीमती
मोच
ीमती
वं यवा सनी
संह और मेरे छोटे भाई कौशले श क
वेता संह ने पछले कु छ वष म बेहतर प रणाम दए ह, न चय
पर. या न प रवार
लॉ गंग, सोशल मी डया
यास सराहनीय रहा है . इस तरह के
बं धत करते हु ए, सूचना तकनीक
वारा स
य
बंधन, क टमर स वस, ट म मैनेजमट म इनका यास को दे खकर भ व य क आशाजनक त वीर
सामने आती है . य द सरकार और व भ न गैर-सरकार संगठन 'संयु त प रवार' के मु दे पर
यान दे ते हु ए उ य मता को बढ़ावा द, तो हमार
आ चयजनक प रणाम
यव था मौजूदा संशाधन म ह
ा त कर सकती है . आशा है , इस संकलन म दए गए लेख और
जानका रयां आपको पसंद आएँगी, साथ ह साथ यह आपक सु वधा और सकारा मक ि टकोण वक सत करने म मह वपूण भू मका नभाएगा .
- म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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वषय - सू ची 1. फेसबु क
ाइवेसी से टंग कैसे कर? (Page 6)
2. जीमेल के कुछ मह वपू ण फ चस (Page 7) 3. अपने मह वपू ण ऑनलाइन अकाउं ट को रमोटल लॉगआउट कर (Page 9) 4. वेबसाइट, लॉ गंग, सोशल मी डया, क मत एवं सावधा नयां (Page 10) 5. ऑनलाइन माक टंग से कमाई एवं सावधा नयां (Page 15) 6. इंटरनेट, सोशल मी डया पर सु र ा (Page 18) 7. गू गल सच, जीमेल एवं गू गल कैले डर :: कु छ अ य फ चस (Page 21) 8. मोबाइल म हंद फॉ ट इन टॉल करने के लए व ध (Page 23) 9. कं यू टर फ़ा ट कर (Page 24) 10. लॉग कैसे बनाएं ( टे प वाइज) (Page 25) 11. वटर (Page 26) 12. ट म यू अर (Page 28) 13. अथ पाजन क भाषा बने हंद (Page 32) 14. माटफोन को सु र
त रखने के कुछ ट स (Page 35)
15. ऑनलाइन बजनेस शु 16. ऑनलाइन डाटा
करने क
ला नंग (Page 37)
टोरे ज (Page 42)
17. ाउज़र म सेव पासवड भी दे ख सकते है (Page 43) 18. वड और ए सेल डॉ यू मट म पासवड (Page 45) 19. वेबसाइट का बजनेस कैसे शु
कर (Page 46)
20. मोबाइल के मेसेज, कांटे ट, फोटो सब अपने कं यू टर से नयं त कर (Page 53) 21. एं ाइड मोबाइल
वारा लैपटॉप पर नेट चलाने का तर का (Page 54) 4
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22. दे र तक कैसे कर कं यू टर म काम (Page 55) 23. माट ऑनलाइन उपभो ता बन (Page 57) 24. या
टाचार को लेकर आप गु सा ह? (Page 59)
25. नौकर या उ यमी : एक व लेषण (Page 64) 26. प रवार एवं धन का सामंज य (Page 67) 27. बे टय क दु नया: वतमान स दभ (Page 69) 28. चाँद पर जाने क तम ना
(Page 74)
29. दे श के कानू न से ऊपर नह ं है कोई (Page 80) 30. भारतीय समाज क क थत ‘आधु नकता’ एवं कामकाजी म हलाएं (Page 83) 31. े न का टाइम (क वता) (Page 89) 32. दाद तु म रहती
य दूर (क वता) (Page 92)
33. IMPORTANT SOFTWAREs/ WEBSITEs (Page 94) 34. और आ खर म... (साभार) (Page 95)
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फेसबुक
ाइवेसी से टंग कैसे कर?
जब आप पो ट करते ह तो टे के साथ)
ट बॉ स के नीचे दा हनी ओर (पो ट बटन
ाप-डाउन से आप PUBLIC या
ाइवेट सेट कर सकते ह.
इसके बाद आप अपनी टाइमलाइन पर ABOUT टै ब म जाएं. इसम ले ट साइड म ओवर यू, वक एंड एडु केशन, कांटे ट, फै मल एंड रलेशन शप इ या द है . जब आप कसी एक पर ि लक करगे तो दा हनी ओर
येक
सू चना के साथ EDIT का ऑ सन (माउस ओवर करने पर) आ जायेगा, फर ाप डाउन म आप
ाइवेसी का लेवल सेट करके सेव कर.
इसके अ त र त आपको टॉप राइट कानर म (नो ट फकेशन बार के पास) एक ताले का आइकॉन दखेगा, िजसे फेसबु क का ‘ ाइवेसी शॉटकट’ माना जा सकता है . इसको ि लक करके आप अपने मेसेज बॉ स और पो ट को नयं त कर सकते ह. टै गंग से लोग बड़े दुखी होते ह. अनचाहे
प से आपक टाइमलाइन पर
कोई प चर आ जाये और नो ट फकेशन आती रहे , यह बड़ा दुखदायी होता है . आप से टंग म जाइये और Timeline & Tagging म आपके काम क चीज मल जाएगी. इसम Review posts friends tag को Enable करके सेव करना न भू ल. इसके अ त र त से टंग के स यो रट टै ब म आप अनजान कं यू टर से लॉ गन के लए अलट सेट कर सकते ह (ईमेल, मेसेज). साथ म अपने लए आप
टे ड कांटे ट सेट कर सकते ह, जो आपातकाल म आपके मददगार
सा बत हो सकते ह. यह मु य कसी
ाइवेसी से टं स है फेसबु क के लए. बा क
पे स फक के लए मु झे इनबॉ स (mithilesh2020@gmail.com) म
ज र बताइये. 6 www.mithilesh2020.com
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जीमेल के कुछ मह वपूण फ चस 1990 के दशक के दूसरे चरण मे याहू और हाटमेल जैसी ईमेल सेवाएं तेजी से लोक य हु . बाद मे गू गल ने 2004 से अपनी ईमेल सेवा ‘जीमेल’ शु
क तो
अपने तमाम नए फ चस के चलते वह करोड यू जस को अपनी ओर खींचने म सफल रह . इस ई-मेल सेवा म ऐसी कई सु वधाएं है जो दुसरे मेल स वस ोवाइडस म क पना भी नह ं क जा सकती ह. मेल भेजना, ा ट इ या द तो आप जानते ह ह, यहाँ कुछ अ य सु वधाओं को हम बता रहे ह: Accounts and Import : यह सु वधा उन डोमेन ओनस के लए परफे ट है, जो शेयड होि टं ग इ तेमाल करते ह. शेयड होि टं ग म ईमेल के
प म आपको
Squirrel Mail या Horde का इ तेमाल करना होता है , जो कई बार आपको दुखी कर दे ता है . तो आप अपनी मेल को Add a POP3 mail account you own से जाकर ऐड कर, यह आपके वेबमेल का यू जर नेम, पासवड और pop / smtp क
डटे ल मांगेगा. pop / smtp सवर सामा यतः pop.domainname.com
(पोट:110 ) होता है और smtp.domainname.com (पोट:25 ). फर आप आराम से अपनी वेबमेल को जीमेल क सु वधाओं के साथ इ तेमाल क िजये. इस सवा धक मह वपू ण सु वधा के अ त र त, जीमेल से टं स म स नेचर सेट करना, ऑटो र लाई सेट करना, लेबल सेट करना, इनबॉ स क
ायो रट
सेट करना, फ़ ट रंग और मेल सेट करना, मेल फॉरवा डग करना, थीम सेट करना और सबसे मह वपू ण जीमेल ऑफलाइन चलाना इ या द सु वधाएं आप दे खते ह समझ जायगे, अ यथा नीचे क त वीर दे खये. इसके अलावा जीमेल लै स आपको कु छ ऐसी वशेष सु वधाएं दे ती ह, िजसको इ तेमाल करते ह आप वाह कर उठगे. बस लैब वाल टै ब म जाकर आपको 7 www.mithilesh2020.com
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इन स वसेस को Enable करना है . - Undo Send का मतलब य द आपसे मेल भेजते समय गलती से ज दबाजी म सड बटन दब जाए या आप को मेल भेजने के 10 सेकंड तक यह अहसास हो क आपको यह मेल नह ं भेजनी थी, या उसम कुछ और जोड़ना है तो इस फ चर को चाट म इनेबल कर. - इसी
कार Unread message icon आपके
ाउज़र के ऊपर ह unread मे स
क सं या बता दे गा और आप य द कसी और टै ब म काम कर रहे ह तो भी आपको जीमेल वाल टै ब म नयी आयी मे स का पता चल जायेगा. एक और मह वपू ण फ चर आप
ोम म
http://www.boomeranggmail.com/ से इं टॉल कर सकते ह. इसके मा यम से आप अपनी मेल को श यू ल कर सकते ह, समय सेट करके अपनी इनबॉ स म वापस बु ला सकते ह. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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अपने मह वपूण ऑनलाइन अकाउं ट को रमोटल लॉगआउट कर अगर आप कसी स टम पर अपनी जीमेल क आईडी को Sign Out करना भू ल गये है, तो आप कसी दुसरे स टम पर खु ल हु ई आईडी को बंद कर सकते है । इस के लए आप जीमेल म लो गन कर और सबसे नीचे, दा हनी ओर आपको Last account activity दखेगा, जहाँ आपको Details पर ि लक करना है , फर उसके बाद एक पॉप-अप खु लेगा, जहाँ Sign out all other sessions पर ि लक करने के बाद आप पु नः सु र
त हो जायगे.
जीमेल क तरह फेसबु क क आईडी को Sign out करने का तर का भी बहु त आसान है अपनी फेसबु क आईडी को लॉग इन करे । इसके बाद ऊपर राईट साईट से टंग पर पर
ल क करके Account Settings म जाएं। इसके बाद Security
ल क कर। सबसे नीचे Where You’re Logged In लखा दखाई दे गा, फर
आपको End All Activity ि लक करना होगा. अब आप नि च त हो जाइये. इसके अ त र त भी फेसबु क म एक और
ावधान है, जो
येक डवाइस से
आपको लॉगआउट कर दे गा, इसके लए आपको अपना फेसबु क का पासवड चज करना होगा, चज करने के बाद तु रंत फेसबु क ऑ शन दे गा क -log me out of other devices [इस ऑ शन को सेले ट करके Submit कर] -keep me logged in इसी तरह से
वटर / लं डइन म भी आपको अपना पासवड चज करना
होगा और ऐसी कसी आपात ि थ त म आप दुसरे कं यू टर से अपने Twitter / Linkedin अकाउं ट को सु र
त कर पाएंग.े
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वेबसाइट, लॉ गंग, सोशल मी डया, क मत एवं सावधा नयां You want to make a Website? You already own a website, but having a lot of issues, related? Price Confusion?
वेबसाइट
य ? (वृह र विज टंग काड): शु आती तर पर वेबसाइट को आप
एक तरह का विज टंग काड मान सकते ह, जो आपक अनु पि थ त म भी आपका या आपके पेशे का वृहद प रचय सामने वाले
यि त को दे गा. जब आप कसी से
मलते ह और उसको अपना विज टंग काड दे ते ह, तो उसम आपके बारे म आपका फोन न., मेल और पता होता ह. य द उसी काड म आपक वेबसाइट लखी ह तो स बं धत यि त आपके बारे म काफ कु छ जान कर आपसे अव य भी
भा वत
हो जायेगा. अपनी वेबसाइट के बारे म आप सामने वाले यि त को फोन
वारा
एक श द म बता सकते ह.
लॉग/ फेसबुक /
वटर एवं वेबसाइट म भ नता: सबसे बड़ी भ नता इसके
ोटोकॉल को लेकर है . नि चत
प से यह सभी मा यम बड़े ह उपयोगी ह, क तु
सभी के लए इनक उपल धता समान होने के कारण, आपक
व श टता कायम
नह ं रह पाती है . इसके अ त र त आप इन सभी को अपने विज टंग काड पर छापने म क ठनाई महसू स करगे. माक टंग क
ि ट से भी यह बहु त उपयु त नह ं
है , य क इन मा यम पर ( वशेषकर सोशल मी डया पर)
ै फक बहु त ज द
आता है और आकर चला भी जाता ह. बि क कई लोग सोशल लेटफॉम का ै फक मोड़कर अपनी वेबसाइट पर लाते ह, जो एक समझदार भरा नणय है . सोशल मी डया को आप य द कोई माकट लेस (सड़क) मान ल, तो वेबसाइट उस 10 www.mithilesh2020.com
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माकट लेस म ि थत आपक दूकान है , और सामान तो तभी बकेगा जब आपक दूकान म आएगा. य द ऑ डएंस को दूकान है , जहाँ क
ाहक
ाहक मान ल तो वेबसाइट आपक
ाहक आपके सामान दे खकर खर दने को
यू िजंग- टे ज होती है . इसके अ त र त लॉग या
े रत होगा, जब क बाहर लेटफॉ स म आपको
बहु त ह सी मत डज़ाइन क सु वधा मलती है, जो न चय ह एक आकषक एवं इंटरै ि टव वेबसाइट से बहु त पीछे होती है. पर तु य द आप पैसे खच नह ं करना चाहते ह अथवा आप को बहु त बलकु ल शु आती
यादे
चार- सार क आव यकता नह ं है , तो
टे ज के लए लॉग या
लेटफॉम भी एक अ छा मा यम
होता है .
डायना मक, टे टक, सीएमएस (वेबसाइट के
कार): टे टक वेबसाइट,
एचट एमएल क साधारण को डंग से बनाया जाता है , िजसम प रवतन करना आमजनमानस के लए मु ि कल होता है, य क इसे को डंग, डजाय नंग, एफट पी क कई
याओं से गु जरना पड़ता है, जो क कसी जानकार के लए ह मु फ द होता
है . डायना मक वेबसाइट य द क टमाइ ड (पीएचपी/ एएसपी/ डॉटनेट म) बनी है तो शु
म काम अ छा ह चलता है, ले कन य द स वस दे ने वाल कंपनी पु रानी
और मजबू त नह ं है तो द कत आनी तय है. छोट कंप नय अथवा
लांसर से
क टमाइ ड डायना मक वेबसाइट बनवाना अंततः नु सान का सौदा सा बत होता है , छोट -छोट
द कत बहु त इ रटे ट करती ह और आपका काफ समय एवं धन
खच होता है , फर भी क मयां रह ह जाती ह. इसके अलावा य द आप कंपनी या डेवलपर बीच म या बाद म भी चज करते ह तो आपका पछला सारा काम बबाद ह समझो, य क हर एक डेवलपर का अपना काम करने का तर का होता है , जो क नि चत
प से
टै डड नह ं होता है . इसके अ त र त आप य द सीएमएस (कंटट
मैनेजमट स टम) के साथ जाते ह तो आपको खच, सु वधाएं और लोबल
टै डड 11
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साथ म मलते ह, और ऊपर
टे टक या क टमाइ ड डायना मक वेबसाइट क
सम याएं हल हो जाती ह. यह नह ं, आपको इनके लए तमाम सपोट बहु त ह आसानी से उपल ध हो जाता है . वड ेस, जु मला, पु ल इ या द पॉपु लर सीएमएस क ेणी म आते ह.
गू गल, एसईओ, एडव स, मोशन: मेरे ोफेशनल कै रयर के दौरान िजस एक श द के बारे म सबसे क वेबसाइट के
यू िजंग
वैर आयी है, वह गू गल सच और अपनी
मोशन को लेकर है . साधारण सच इंिजन ऑि टमाइजेशन, आप
वेबसाइट बनाते समय, कंटट भरते समय भी कर सकते ह, िजसम टाइटल सह करना, कंटट, इमेज क सह जगह ले संग होती है , वह ं य द आप गू गल सच म टॉप पर दखना चाहते ह या आपको कसी ने सपना दखाया है , तो आपको सावधान हो जाना चा हए. यह एक उलझाऊ फ ड है , खासकर वेबसाइट क शु आत करने वाल के लए. क वड, ड सट , लंक- बि डंग का बहु त ह
ाड
कारोबार मा कट म उपल ध है , िजस से क टमर बहु त ह दुखी ह. इसके लए आपको न चय ह बड़े लेवल पर ला नंग और खच दोन करना पड़ता है . इससे बेहतर य द आप गू गल के पेड-एडवरटाइिजंग (एडव स) क ओर जाते ह तो यह कम खच म आपको बेहतर प रणाम दे सकता है . मेरे कई अपने
ाहक फेसबु क पर भी
ोड ट क अनपेड और पेड दोन मा यम से माक टंग कराकर काफ खु श
हु ए ह.
पैसे का खच और साधारण हसाब- कताब: वेबसाइट के स दभ म मा कट म यह सबसे ग दा और इ छा रखने वाले
म पैदा करने वाला
ाहक के मन म न यानवे
े
बन गया है . वेबसाइट बनवाने क पये से लेकर लाख
पये का
फगर दमाग म बना हु आ है और वह इनके बीच अंतर समझ पाने म अ धकांश
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बार वफल हो जाता है . इसके लए आपको
टे प-बाय- टे प बताने का
यास कर
रहा हू ँ डोमेन-रिज
े शन: इसके कई
कार के ए सटे सन मौजू द ह. डॉट कॉम, डॉट
इन, डॉट नेट … इ या द. साधारण
प म इसक क मत पांच – छः सौ के
आस पास होती है . कई कंप नयां अपने डोमेन बेचने के लए तमाम ऑफर भी दे ती ह, जो न यानवे चार को लेकर भी कई जब क यह शु आती उस कंपनी का
पये तक का होता है (इस डोमेन के ट वी पर ाहक क मत के मामले म क
यू ज हो जाते ह,
टे ज है). हालाँ क स ता डोमेन दे ने पर इसम कई बार
तब ध भी होता है और अगल साल र यू वल पर वह
आपसे काफ
यादा पैसा चाज कर लेती ह. बगरॉक, गोडैडी इ या द
कंप नयां इस
े
वेब होि टं ग/
म काय कर रह ह.
पेस: इसम भी डोमेन क तरह ह क
साधारण वेबसाइट के लए आपको दो हजार
यू ज
टे ज है, पर तु
पये सालाना म ब ढ़या शेयड
होि टं ग मल जाएगी, िजसम आपको ब ढ़या सपोट, बड व थ और अ छा भला मेल सवर मल जायेगा. हालाँ क इससे स ती भी होि टं ग दे ने का दावा करती ह कंप नयां, ले कन फर आपको उनके पीछे दौड़ना पड़ेगा.
टै डड
ाइस क बात कर तो याहू.कॉम क डोमेन-होि टं ग ३,५०० और बगरॉक.इन क ३,०००
पये सालाना है (१ वेबसाइट, शेयड होि टं ग). तमाम ऑफर इसम
भी समय-समय पर आते रहते ह. वेब डज़ाइनर, डेवलपर को हायर करना: य द आप रे डीमेड वेबसाइट- ब डर क तरफ नह ं जाते ह तो आपको कसी कंपनी या पड़ेगा. यहाँ आप ज र दे ख क वह कंपनी अथवा चार-पांच साल से इंड
लांसर को हायर करना लांसर कम से कम
म काम कर रहा है क नह .ं चेक करने का 13
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ब ढ़या तर का उसके
वारा कये गए काम होते ह. उसके कु छे क
से बात करने म आप हच कचाएं नह .ं और यहाँ ‘सीएमएस’ को ह
लाय ट
यान रहे क आप
फर कर. जहाँ तक क मत क बात है , साधारण वेबसाइट
के लए यह पांच हज़ार से लेकर पचास हज़ार तक हो सकता है . आप वेब डज़ाइनर का काम, परफे शन, उसक नॉलेज, सपोट क काम का
यव था और पछले
तर दे खकर उसक क मत और द जा रह सु वधाओं के बारे म
क पेयर कर. को शश कर क एक से अ धक वेब डजायनर को अपने पैमाने पर रख, इससे आप फ चर-वाइज तु लना कर पाएंग.े हाँ! कसी अ य यवसाय क भां त वेब डजायनर का यवहार-अ ययन भी भ व य म आपको काफ सहू लयत दे सकता है. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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ऑनलाइन माक टंग से कमाई एवं सावधा नयां कई म
ने फेसबु क पर, कई ने फोन करके मु झे पू छा क फेसबु क से कमाई कैसे
होगी. आ खर उनका काफ सारा समय इस लेटफॉम पर यू ँह
यतीत हो जाता है.
जो कुछ मने उ ह अलग-अलग बताया, उसको आपके सामने यहाँ रखता हू ँ1. कंटट (Content is king) : यह सफ फेसबु क के लए नह ं, बि क पू रे इंटरनेट यवसाय के लए स य है . य द आप इंटरनेट के कसी भी मा यम से पैसा कमाना चाहते ह, तो आपको अपने कंटट क
तु त को वजनदार
रखना होगा. ओ रिजनल (original) रहे तो अ छा, य द न भी रहे तो उसक तु त(presentation) नि चत
प से अलग रहे . इसके साथ आपके कंटट
म स बं धत त वीर, लं स (Links), सू वा य (quotes) इसका वजन बढ़ाने के काम आते ह. अब एक अ छा कंटट, हे डंग के साथ तैयार करके आप फेसबु क पर डाल सकते ह. वैसे बेहतर यह रहता है क यह कंटट आप कसी लॉग (Blog) पर डाल और उससे भी बेहतर रहे गा य द आप कसी सीएमएस वेबसाइट (CMS Website) पर डालकर फेसबु क पर उसका लंक और प रचय भर द. फर अ छे कंटट क चाह म आपक वेबसाइट पर फेसबु क से आ सकता है . अपनी
ोफाइल के अ त र त आप
ले सकते ह, जो एक बड़ा सोस है
ै फक
ु प (fb groups) का सहारा
ै फक डायवट करने का. पेज का पेड
मोशन भी कई मामल म इ तेमाल कया जा सकता है . 2. अ फ लएट समझदार
ो ाम (Affiliate Program): य द आपने कंटट के मामले म
दखा द है तो फर आगे का रा ता बहु त मु ि कल नह.ं
अ धकाँश लोग यह ं चू क जाते ह. अगले अ फ लएट
टे प म आपको कु छ स बं धत
ो ाम ढू ं ढने क ज रत है. इसम कु छ क
ल ट म नीचे दूं गा. 15
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ले कन अ नग के लए सबसे
यादा गू गल एडसस इ तेमाल कया जाता है.
और यह सबसे व वसनीय होने के साथ-साथ अ धकाँश अ फ लएट
ो ाम अ व वसनीय होने के साथ
(Spammers) भी ह, जो आपके पाठक को नह ं छोड़ते ह. फर भी कु छ अ फ लएट
पैम-
(Spam-free) भी है . पैम के अ डे
मत एवं परे शान करने म कसर
ो ाम आप और इ तेमाल कर सकते ह.
ो ाम म साइनअप करने के बाद अपनी डटे ल भरनी होती है ,
अपने लॉग/ वेबसाइट के बारे म डटे ल भरनी होती है . गू गल एडसस यहाँ बहु त स त है, य द आपका कंटट उसक पॉ लसी के हसाब से नह ं है तो यह आपके
यास को न फल कर दे गा.( हंद को यह सपोट नह ं करता है
अभी, ले कन अकाउं ट अ ू व होने के बाद आप व ापन हंद वेबसाइट पर डाल सकते ह).
अ फ लएट अकाउं ट अ ू व होने के बाद आपको अपने बक
अकाउं ट क जानकार दे नी होती है , फर एक नि चत रा श आपके अ फ लएट अकाउं ट म जमा होने पर वह रा श आपके बक अकाउं ट म ांसफर कर द जाती है . कुछ मह वपू ण अ फ लएट 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8.
ो ाम ह:
https://www.google.com/adsense/ https://www.flipkart.com/affiliate/signup https://affiliate-program.amazon.in/gp/associates/join/landing/main.html http://www.cj.com/ http://www.affiliatefuture.co.uk/ http://www.paidonresults.com/affiliates-sign-up.html https://www.apple.com/in/itunes/affiliates/ http://www.omgpm.com/india/
सावधानी (Precautions):
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ज दबाजी करने वाले बहु त ज द
नराश होकर मैदान से बाहर हो जाते ह.
आपको इस मा कट को समझने और कु छ कमाई के लेवल तक पहु ँ चने के लए 6 मह ने से 1 साल तक आराम से लग जाएंगे. वह भी तब जब आप येक दन 2 घंटे से
यादा समय दगे. इस लए ज द है तो यह काम शु
ह न कर. कंटट कॉपी, पे ट करके आप अपनी मेहनत ह जाया करगे, इसका कोई फायदा नह .ं न तो आपका पाठक-वग बनेगा, न ह इंटरनेट पर इसे कोई र कं ग मलेगी. बि क आपक वेबसाइट या लॉग क साख ख़राब ह होगी. थोड़ा बहु त तकनी क समझ बढ़ाने क को शश फायदे मंद रहे गी इस जैसे कसी वेबसाइट को मैनेज कैसे कया जाय, ऑनपेज एसईओ है , टै ग, लेवल, इमेज ऑ ट टे
े णी म. या होता
ट इ या द समझने पर बेहतर प रणाम आएं गे.
(Get Knowledge) कभी इस तरह क ग़लतफ़हमी म न फंसे क यहाँ ि लक करने से, वहां ि लक करने से, मेल करने से आप पैसे कमा लगे. (Stay away from spammers) साथ म कमाने के लए कह ं भी पेड मे बर शप नह ं ल. कई वेबसाइट इस तरह का झांसा दे ती ह क आप य द इतने डॉलर क मे बर शप लगे तो उतना कमा लगे. यह बलकु ल
ॉड है , झू ठा जाल है आपको फंसाने के लए.
ै फक बढ़ाने के लए आप फेसबु क क तरह के दुसरे सोशल नेटवक का भी सावधानी से इ तेमाल कर सकते ह. जैसे
वटर, टं बलउपॉन, गू गल लस
आ द. सी रयस होने पर य द आपको और जानकार चा हए, तो आप मु झे कभी भी संपक कर सकते ह. (www.mithilesh2020.com)
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इंटरनेट, सोशल मी डया पर सुर ा सोशल नेटव कग साइ स के लए अलग पासवड रख, न क वह पासवड जो आप अपने मेल या दुसरे मह वपू ण अकाउं ट म यू ज करते ह. सोशल मी डया पर
यादा यि तगत सू चनाएं दे ने से आपके वरोधी इसका
मान सक फायदा उठा सकते ह, वह ं व भ न व ापन कंप नयां आपको जगह-जगह टारगेट कर सकती ह, िजनसे आप दुखी हो जायगे . पि लक क
यू टर पर कसी भी ऐसी वेबसाइट को खोलने से परहे ज कर,
िजसम पासवड क ज रत हो. आपका पासवड गलत हाथ म जाने के पू रे चांस ह. य द बहु त ज र ह हो तो आप
ाइवेट
ाउिज़ंग/ इ काि नटो वंडो
का इ तेमाल कर और उठने से पहले वंडो बंद कर द. अपडेटेड एं ट वायरस
ोटे शन के बावजू द सॉ टवेयर या फाइल डाऊनलोड
करने के लए ‘ स योर’ सवर का इ तेमाल करने को तरजीह द. https:// से शु
होने वाल वेबसाइट अपे ाकृ त सु र
यू ं तो
त होती ह.
पैमस अलग-अलग तर के ईजाद करते रहते ह, आपको अपने जाल म
फंसाने के लए, ले कन जो तर के सबसे कॉमन ह लड़ कय के
प म इ तेमाल होते ह, वह
प म आपसे इमोशनल बात करना और एक ल बे लान के
तहत आपसे लाभ लेना, इसम सब कु छ आपको ओ रिजनल दखेगा, लड कयां भी, ले कन इनका नेटवक बेहद सफाई से अपने टारगेट को घेरता है . इसके अ त र त आप इतने डॉलर या प ड का इनाम जीत गए ह अथवा कोई अमीर औरत मरने से पहले काफ धन आपके लए छोड़ गयी है इस
कार
क मेल या सोशल मी डया पर मेसेज आम बात ह. मु झसे बात करने वाले कई लोग इन च कर म काफ कु छ गँवा चु के ह.
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कई बार आपको फोन, मे स, मेसेज इस
कार के आ सकते ह, िजसम सामने
वाला यि त आपके बक का कमचार होने का दावा कर सकता है और आपसे गु त सू चनाएं
ा त करने क को शश कर सकता है. यह नह ं, कई
बार जीमेल, हॉटमेल या याहू के लो गन पेज क तरह दखने वाले लंक आपके पास आते ह और आप अपनी मेल का पैनल समझ कर उसम लो गन करते ह तो सावधान हो जाएं और अपना पासवड तु रत ं बदल द. आपका पासवड है कस के पास पहु ँ च चू का है.
तकनीक
प से इस
धोखाधड़ी को फ शंग (Fishing) कहा जाता है . अपनी कई मेल, सोशल नेटवक, बक के लो गन एवं
ांसै शन समेत तमाम
पासवड आपके पास हो चु के ह, तो भी अपने पासवड को कह ं ल खए मत. य द बार-बार भू लने क सम या हो तो आप पासवड को हंट के
प म
लख जैसे य द आपका पासवड RAMESH@12THk है तो आप सफ R…. @1…k लख, िजसे सफ आप समझ पाएं , दूसरा नह ं . इसके बावजू द आप कसी एक मेल म कई सारे पासवड न रख, य क है कर बेहद ती ण दमाग के होते ह. कु छ पासवड आप डायर म, कुछ एक मेल म तो कुछ दूसर मेल म. पासवड को छः मह ने म ज र बदल और पासवड म कै पटल, माल लेटर के साथ
पेशल कैरे टर और नंबस का
योग आप जानते ह ह.
अ धकतर वेबसाइट म दोहरे लेवल क सु र ा होती है, िजसम पासवड के साथ मेल और मोबाइल भी कने ट होते ह. वशेषकर जीमेल म आपने य द टू -लेवल स यु रट ऑन क है तो पासवड के बाद ओट पी (वन टाइम पासवड) आएगा, उसके बाद आगे
ोसेस होगा. इसी तरह से फेसबु क या
दूसर वेबसाइट म अपने मोबाइल को अटै च रख और उसे क फम भी कर. अपने घर के छोटे ब च को िजन वेबसाइट से बचाना चाहते ह, उन वेबसाइट को आप एं ट वायरस क सहायता से या
ाउज़र क सहायता से लॉक कर. 19
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इसके बावजू द ब चे के काम करने के तु रंत बाद ब चे
ाउज़र ह
चेक कर.
वारा कु छ गलत दे खे जाने के बावजू द अपना आप न खोएं , बि क
सू झबू झ से उसे इनडायरे ट
प म समझाएं. अपने ब च के सोशल नेटवक
ोफाइल पर बार क़ नजर रख, उ ह अजन बय से दूर रहने क सलाह लगातार दे ते रह. असु र
त ( बना पासवड
ोटे शन के) वाईफाई का
योग
ांसे शन के लए
कदा प न कर. अटै च फाइल डाउनलोड करने से पहले उसके ए सटे सन क तरफ
यान द
और अप र चत ए सटे सन होने पर उसे डाउनलोड करने या खोलने से बच. (Familiar Extensions like- .pdf, .jpg, .png, .doc, .rtf etc.)
कसी भी लंक को ि लक करके बक क वेबसाइट पर न जाएँ. अपने बक क वेबसाइट का यू आरएल, यू जर नेम, पासवड टाइप करके डाल, बजाय कॉपी/ पे ट करने के.
अपने कं यू टर को घर या ऑ फस म चालू न छोड़, बि क उसे
ल प मोड म
करके जाएँ. असावधानी से आपक कई मह वपू ण सू चनाएं पि लक हो सकती ह. यह हाल आपके
माटफोन का है . ए स-लॉक लगाकर रख, अ यथा कई
बार अनचाहे आपक गु त सू चनाएं, फोटो या वी डयो फेसबु क जैसी सोशल नेटवक पर पि लक हो सकता है . - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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गूगल सच, जीमेल, गूगल कैले डर: कु छ फ चस गू गल सच: दु नया का सबसे बड़ा सच इंिजन. इसक मह ा का अंदाजा आप इस बात से ह लगा ल िजये क गू गल भगवान, गू गल दे वता इ या द उपनाम सब इसी गू गल-सच के ह ह. य द इं टरनेट आज सू चनाओं का इतना बड़ा
ोत बना है तो
उसम गू गल का योगदान सवा धक है. हम आप सच करते ह ह, ले कन सच को और भी
पे स फक बनाने के लए कई लोग क तरह आप भी ‘सच टू ल’ का
इ तेमाल कर. ‘सच टू ल’ सच बार के ठ क नीचे ह होता है . इस ‘सच टू स’ को ि लक करते ह दे श के हसाब से, समय के हसाब से ऑ शन मल जायगे. य द आप इमेज सच कर रहे ह तो इमेज क साइज, कलर, टाइप इ या द ऑ शन आपक सच को काफ हद तक सु वधाजनक बना सकते ह. य द आप बोल कर सच करना चाहते ह तो ‘सच बटन’ के पास म माइ ोफोन का ऑ शन आपक मदद कर सकता है . आपके मोबाइल फोन म यह ऑ शन तो आपक बहु त मदद करता है .
जीमेल: गू गल क दूसर सबसे लोक य स वस इसक मेल स वस है. आज के समय म पू रे व व क इमे स म २३ फ सद से
यादा मा कट शेयर अकेला
जीमेल का है , जब क इसके सबसे कर ब याहू (१० फ सद ) और हॉटमेल (१० फ सद ) ह ह. आप म से अ धकांश लोग भी इस मेल को ज र इ तेमाल करते ह गे. मेल भेजने के अ त र त आप इसक से टंग म जाकर तमाम सु वधाओं का लाभ भी ले सकते ह, िजसम स नेचर एड करना, वेकेशन रे पो डेर एड करना, लेब स (फो डर) मैनेज करना, इनबॉ स क से मेल भेजना एवं
ायो रट मैनेज करना, POP3 अकाउं ट
ा त करना, मेल को फ़ टर करना एवं अपनी सभी मेल को
या फ़ टड मेल को दूसर मेल पर फॉरवड करना, जीमेल ऑफलाइन इ तेमाल 21 www.mithilesh2020.com
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करना ( ोम- लगइन), व भ न
कार क थीम/ डज़ाइन इ तेमाल कर सकते ह.
यह सभी फ चर अ यंत ह उपयोगी एवं इ तेमाल म सरल ह. इसके अ त र त जीमेल-से टंग क ‘लैब’-टै ब म आपको तमाम सु वधाएं मलगी, िज ह स
य करके
आप अपने मेल अनु भव को और भी बेहतर कर सकते ह जैस-े मेल अनडू (मेल भेजने के कु छ सेक ड बाद तक आप उसे वापस कर सकते ह). इसी तरह अनर डआइकॉन, मि टपल इनबॉ स जैसी तमाम सु वधाएं आपका मनमोह लगी. हालाँ क इ ह इ तेमाल करने के लए, पहले पहल थोड़ी उलझन ज र होगी, ले कन आगे आप खु द ह समझते जायगे. कसी
कार क असु वधा होने क ि थ त म आप
मु झ,े या न म थलेश को- 9990089080 पर फोन कर सकते ह.
गू गल कैलडर: गू गल क जो दूसर सबसे यार एवं उपयोगी स वस लगती है , वह नि चत
प से गू गल कैलडर ह है. इसम आप अपने तमाम काय सू चीब ध
(Schedule) कर सकते ह, और यह ठ क नयत समय पर, या उसके पहले आपको मेल
वारा, पॉप अप
वारा आपको याद दल दे गा क आपको अमु क काम करना
है . यह नह ं, आप इसके मा यम से कसी भी इवट के लए गे ट क मेल भी डाल सकते ह, िजससे वह इस इवट क अपडेट से पल-पल जु ड़ा रहे गा. इसे आप एक ईआरपी क तरह इ तेमाल कर सकते ह. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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मोबाइल म हंद फॉ ट इन टॉल करने के लए वध Install this app in your phone for hindi typing >> http://goo.gl/OZLbtm (At Google Play Store search 'google hindi input') Then go in Setting > language > enable google hindi typing उसके बाद आपके नो ट फकेशन म एक क बोड का आइकॉन अपीयर हो जायेगा, उसे ि लक करने के बाद जब आप कसी ए ल केशन म टाइप करना शु
करगे तो
पेस बार के पास a > अ का आइकॉन आएगा, इसको ि लक
करने के बाद आप रोमन म टाइप कर सकते ह. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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कं यू टर फ़ा ट कर 1. कं यू टर म जब हम कसी भी ऐि लकेशंस को ऑपरे ट करते ह तो उसको ओ टे करने म मेमर उपयोग होता है । अब हमे ये पता केना है क जो ए ल केशन हम चला रहे है वो कं यू टर म कतने
पेस का यू ज हो रहा
है ।इसको चेक करने का तर का आसान है : 2. क बोड पे CTRL + ALT +DELETE या न ये सरे बटन एक साथ िजससे एक नई वंडो
ेस करते है
न सामने आएगी। इसम टा क मैनेजर पर ि लक
कर। 3. फर उसम ' ॉसेसेज' का बटन ि लक कर। न पर एक ल ट दखेगी, अब मेम. यू सेज पर ि लक कर। फाइल अरज
4.
हो जाएं गी। अब फाइ स और ऐि लकेशन क साइज दे ख सकता है । 5. ऐसे आप कसी भी ऑपरे टंग ए ल केशन और
ो ाम का मेमोर
पेस पता
कर सकते है . 6. इसके अ त र त य द आप कसी इं टा ड ए ल केशन के
पेस के बारे म
जानना चाहते ह तो वह आप को कं ोल पैनल म जाकर > ो ाम & फ चस म दख जायेगा. फर आप अनु पयोगी ए ल केशन को अनइं टॉल कर सकते ह. 7. अपने क
यू टर को तेज करने के लए सामा यतः आपके एंट -वायरस म
यू न करने क फै स लट होती है, अ यथा आप सीसी- ल नर सॉ टवेयर का मु त वजन डाऊनलोड कर सकते ह, जो काफ हद तक आपके कं यू टर म अन-यू ज
पेस को
कर दे गा. इसे आप यहाँ से डाऊनलोड कर-
http://www.piriform.com/ccleaner/download
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लॉग कैसे बनाएं ( टे प वाइज) आज के समय म एक लॉग हम सबक ज रत बन कर उभरा है . ज रत इस से स म क हमार ग त व धय का संकलन कर सकने म एक लॉग स म है . लॉग बनाने के लए कई तरह के मु त लेटफॉम उपल ध ह, जब क हम कु छ पैसे चु का कर (सालाना) अपने लॉग को हम पू र तरह से पसनलाइ ड कर सकते ह. अपना डोमेन ले सकते ह, जो क दूसर के व ापन से मु त रहे गा. लॉग बनाने के लए न न ल खत लेटफॉम को मने सट क पाया है :
http://blogger.com/ https://www.tumblr.com/ http://www.livejournal.com/ https://wordpress.com/ http://www.weebly.com/ http://blog.com/
इसके अ त र त दुसरे तमाम मा यम भी हो सकते ह. पर इनम से आप कोई भी एक चु न सकते ह. यहाँ हम सबसे पॉपु लर लेटफॉम ' लॉगर' क चचा करगे, जो क दु नया के सबसे बड़े सच इं जन 'गू गल' से एसो सएटे ड है . 1. Click on: www.blogger.com 2. Sign in with your Google Account details 3. Continue to blogger [before this step; you can create Google+ profile or Limited Blogger Profile] 4. New Blog > Title > Address ( demo.blogspot.com) > Choose Template > Create Blog 5. Start Posting > Post Title > Body (Description with image, content) > Enter Labels > Publish 6. For More information, Visit this following link: 7. http://www.wikihow.com/Start-a-Blog-on-Blogger 25 www.mithilesh2020.com
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वटर अभी तक सोशल मी डया के नाम पर फेसबु क से हम सभी गाहे -बगाहे
वटर का नाम भी हम सु न लेते ह. ले कन
लोग उलझ जाते ह. कई म
यादा प र चत ह.
वटर के
योग म कई
ने मु झसे फ़ोन पर पू छा क अखबार म, ट वी पर
वटर के बारे म बड़ा सु नता रहता हू,ँ इसका
योग कैसे क ँ .
वटर के बारे म हम यह समझ लेना चा हए क यह वन टू मेनी (one to many) के स धांत पर काय करता है . मतलब एक यि त कुछ कहे गा, और बा क उसको फॉलो करगे. जैसे एक नेता कोई बात कहता है , अ भनेता कोई बात कहता है . लेखक कुछ कहता है , और बा क लोग उसक बात सु नते ह. मतलब साफ़ है क य द आपक अपने
स ध पहले से है तो आप
वटर पर और भी
स द हो सकते ह,
शंसक ज द बना सकते ह. इसके अ त र त य द आपक बात म दम है ,
तो आप धीरे -धीरे , बेहद कम श द म अपनी बात रखकर अपने
शंसक बना सकते
ह. इसके अलावा
वटर का उपयोग आम जनमानस के लए खास है और यह
खा सयत इसके #टै ग (#tag) म है . जैसे आप कुछ भी पो ट कर अपने
वटर
अकाउं ट से, उस टॉ पक के पहले बस # लगा द िजये. अब य द वह टॉ पक उस दन चचा म है तो नि चत से जु ड़कर यह बेहद बड़ा है क मेन-
प से और भी लोग उस पर चचा करगे और फर एक-एक प ले लेता है. कभी-कभी इतना बड़ा कै पेन चल जाता
म मी डया (Main stream media) इसका
मजबू र हो जाती है. और कई ट वी चैनल पर तो लेकर रोज कोई न कोई
झान दखाने के लए
वटर-
ो ाम आता है . अ छे और
स (Twitter Trends) को
भावी
वीट को चैनल वाले
नाम स हत कोट करते ह. मतलब, कसी खास मु दे पर आप अपनी बात कोई 26 www.mithilesh2020.com
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लोग तक
वटर से पहु ं चा सकते ह. पर मेन
पर आधा रत है . इसके अलावा आप अपने
प से यह वन टू मेनी के कांसे ट
वी स अपनी वेबसाइट (Embed tweets
on your website), लॉग (Blog) पर भी लगा सकते ह. To Embed Twitter (full time line) on your website/ blog, follow these steps- (TO EMBED ONLY 1 TWEET, Above 2 images are sufficient informative) Clikc wrench icon, top-right side > Setting Click Widget (left below side) > Create New Choose timeline source (by default, this is USER TIMELINE i.e. your twitter user name) Set, Height, options, color etc. Create Widget Copy Genereated code and paste this at appropriate place of your website. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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ट म यू अर आपके कं यू टर म कोई खास सॉ टवेयर इं टॉल करने या थोड़ी ज टल क म क से टं स करने आया कं यू टर इंिज नयर फोन पर अपने सी नयर से बात करता है और आप दे खते ह क वह कं यू टर पर एक नया सॉ टवेयर इं टॉल करता है, िजसके बाद आपके कं यू टर का कं ोल दूर से ह उसका सी नयर करने लगता है । थोड़ी दे र म वह खु द ज़ र से टं स कर दे ता है और आपका काम हो गया। वा तव म यह संभव होता है ट म यू अर सॉ टवेयर क मदद से। कं यू टर इंिज नयर के बीच ट म यू अर रमोट ऐ सेस सॉ टवेयर बेहद लोक य है । यह प म मलता है । हालां क
और पेड, दोन
सं करण म कने शन सफ पांच मनट चलता है ,
ले कन पांच-पांच मनट के तीन-चार
यास म अ सर कं यू टर सपोट ट म का
काम हो जाता है । अ छ बात यह है क यह सफ वंडोज़ तक सी मत नह ं है , बि क मैक, लाइन स कं यू टर और ऐं ॉयड ( माटफ़ोन) पर भी काम करता है । 1. पहले कर डाउनलोड 2. अगर आप ट म यू अर को आजमाना चाहते ह तो www.teamviewer.com से इसे डाउनलोड और इं टॉल कर ल। 3. पू छे जाने पर Basic installation और Personal/non-commercial use को चु न। कुछ ह सेकंड म ट म यू अर इं टॉल हो जाएगा। 4. इसी तरह इस सॉ टवेयर को दूर मौजू द दूसरे कं यू टर पर भी इं टॉल करना होगा, िजससे आप अपने कं यू टर को जोड़ना चाहते ह। 5. दोन तरफ ऐसा हो जाने पर अपने कं यू टर म ट म यू अर को चलाएं। 6. यहां दो ऑ शन दखगे। पहला Allow Remote Control, यानी आपका कं यू टर कसी और यि त
वारा दूर से ऐ सेस कया जाना है । दूसरा ऑ शन है 28
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Control Remote Computer, यानी आप खु द कसी अ य कं यू टर को रमोट ऐ सेस करगे। 7. जब कं ोल कसी और को दे ना हो 8. आप दे खगे क Allow Remote Control कॉलम म Your ID और Password के सामने दो डिजट वाला नंबर दखाई दे गा। इनका
योग करके दूर मौजू द
कं यू टर पर बैठा यि त आपके कं यू टर को ऐ सेस कर सकता है । इ ह फोन, एसएमएस या ईमेल आ द के ज रए उ ह बता द। आपको सफ इतना ह करना है । जैसे ह वह यि त अपने कं यू टर म मौजू द ट म यू अर म आपक आईडी और पासवड डालेगा, ट म यू अर का काम शु
हो जाएगा और
आपके कं यू टर का नयं ण उनके पास चला जाएगा।
जब दूसरे कं यू टर को कं ोल करना होऐसा करने के लए कह ं दूर मौजू द कं यू टर पर दखाई गई आईडी और पासवड पू छ ल। अब अपने ट म यू अर पर Control Remote Computer खंड म जहां Partner ID पू छा जा रहा है , वहां उनक आईडी लख और नीचे Remote Control रे डयो बटन पर ि लक कर। अब Connect to partner बटन दबाएं। आप दे खगे क आपके कं यू टर क
न और उस पर दखने वाल फाइल बदल गई ह। वा तव म यह
उस कं यू टर क
न है, िजसे आप दूर से ऐ सेस करना चाहते थे। अब आप जो
कुछ भी कर रहे ह (फाइल बनाना, कॉपी-पे ट, सॉ टवेयर चलाना, से टंग करना आ द) वह आपके कं यू टर पर नह ,ं बि क उस दूर रखे कं यू टर पर घ टत हो रहा है ।
याद रख: रमोट ऐ सेस म मा यम के
प म इंटरनेट का
योग होता है । इसके
लए ज र है क दोन तरफ के कं यू टर ऑन(ON) ह और दोन पर इंटरनेट 29 www.mithilesh2020.com
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कने शन ऑन हो। ट म यू अर के
सं करण को कं यू टर इंिज नयर
वारा
रपेयर और अ य सपोट के लए इ तेमाल करना उसक शत का उ लंघन है । बहरहाल, आम लोग
वारा, गैर- यावसा यक काम के लए इसके इ तेमाल म कोई
कावट नह ं है ।
माटफोन के लए: अब माटफोन और टै बलट के रमोट ऐ सेस के लए भी ट म यू अर ऐि लकेशन आ चु के ह। न सफ ऐं ॉयड, बि क आइओएस गैज स (आईपैड, आईफोन) को भी अपने कं यू टर से नयं त करने के लए आप इसका इ तेमाल कर सकते ह। तर का लगभग वह कं यू टर जैसा है । उ मीद है क आपने ऊपर के
टे स का इ तेमाल करते हु ए अपने कं यू टर म ट म यू अर को
पहले ह इं टॉल कर लया है । अब ज रत है , अपने
माटफोन/टै बलट म यह काम
करने क । अगर आप ऐं ॉयड गैजट इ तेमाल करते ह तो Google PlayStore पर और आईपैड/आईफोन का
योग करते ह तो AppStore पर जाकर TeamViewer
QuickSupport ऐप को डाउनलोड और इं टॉल कर ल। अब कं यू टर म ट म यू अर चलाएं और दूसर तरफ अपने
माटफोन/टै बलट
म भी ट म यू अर ि वकसपोट ऐप लॉ च कर। आपके मोबाइल गैजट म ट म यू अर लॉ च होते ह एक आइडी (Your Id) उपल ध कराई जाएगी। आप िजतनी बार इस ऐि लकेशन को चलाते ह, हर बार नई आइडी मु हैया कराई जाती है । मोबाइल गैजट पर दखने वाल आइडी को अपने कं यू टर म चल रहे ट म यू अर सॉ टवेयर म Control Remote Computer से शन म जहां Partner ID पू छा जा रहा है, वहां लख। अब नीचे Remote Control रे डयो बटन पर ि लक कर और Connect to partner बटन दबाएं। 30 www.mithilesh2020.com
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दूसर तरफ आपके
माटफोन/टै बलट पर मेसेज आएगा क कोई कं यू टर
उसे दूर से ऐ सेस करना चाहता है । Allow remote control? सवाल आने पर Allow ऑ शन को चु न। ऐसा करते ह दूर मौजू द कं यू टर पर आपके माटफोन का च
दखाई दे गा। माउस और क बोड का
योग करते हु ए
आप उस पर मौजू द फाइल , फो डर , ऐ स आ द को ए सेस कर सकगे। ट म- यु वर के अ त र त, ए मी-एड मन सॉ टवेयर (Ammyy Admin) है , इसी तरह के काम के लए. हालाँ क ट म यु वर
यादा
च लत है.
- म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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अथ पाजन क भाषा बने हंद हंद पखवाड़े के समापन के अवसर तक काफ अपने वचार य त कये ह.
व वान ने व भ न मंच पर
वभाषा क बात हु ई, साथ म
वरोजगार क बात
हु ई, वशासन, वतं ता इ या द तमाम बात भाषा से ह तो शु म यह बात स ध हो चु क है क दे वनागर सवा धक वै ा नक है . इसके साथ ह व व म तीसर सबसे
होती ह. इस
ल प व व भर क दूसर
म
ल पय म
हंद भाषा, चीनी मंडा रन और अं ेजी के बाद
यादा बोल जाने वाल भाषा भी है . इसम अं ेजी और हंद
बोलने वाल क सं या ५० करोड़ के आस पास ह है . सू चना
ो यो गक , वेबसाइट
बजनेस से जु ड़ा हु आ हू, ँ इस लए ऑनलाइन बजनेस से जु ड़े हु ए आंकड़ पर जब नजर डालता हू ँ तो दे ख कर ख़ु शी होती है क लगभग सभी बड़े यापा रक घराने अं ेजी के साथ हंद म भी अपनी वेबसाइट के मा यम से उपि थत रहने क सफल को शश कर रहे ह. हालाँ क हंद कं यू टर इ या द मा यम के लए उतनी सरल अभी भी नह ं बन पायी है , इसके बावजू द मेरे पास वेबसाइट जब वेबसाइट बनने के लए आती है तो ३ म से १ क टमर वेबसाइट को हंद म भी रखने का आ ह करता है . कुछ नह ं तो ऑनलाइन
ांसलेटर ह लगाने को कहता है , िजससे
बना कोई अ त र त मेहनत कये, उसके अं ेजी कंटट ह यह
यास 70 फ सद से
यादा शु ध होता है. सरकार
हंद म दे खे जा सक. तर पर भी लगभग सभी
वेबसाइट हंद म भी उपल ध ह. फेसबु क क दु नया से हम सब जु ड़े ह ह. भारत म तो मु झे लगता है, दे वनागर म फेसबु क इ तेमाल करने वाल क सं या अं ेजी से दोगु नी हो गयी है . हंद क सहयोगी अ य भाषाओ को मला दया जाय, तो यह सं या फेसबु क क तीन चौथाई हो जाएगी.
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ले कन, ऑनलाइन बजनेस से जु ड़े होने के कारण इससे जु डी सम याओं पर फोकस करना चाहू ं गा. जब तक कोई भाषा, कोई सं कृ त, श ा सीधे तौर से 'अथ पाजन' से नह जु ड़ पाती है, उसक
वाभा वक
ग त सं द ध हो जाती है . हंद इस मामले म
आज़ाद के बाद से ह दुभा यशाल रह है . उदाहरण के तौर पर लॉगस क बात क ँ गा. अपने लॉग लखकर कई अं ेजी के लेखक ब ढ़या पैसे कमा रहे ह, वह ं हंद लेख से यु त लॉग शु
से द कत म फंस जाता है , जब क उनके पाठक भी
पया त हो रहे ह, इसके बावजू द यह हाल होता है क हंद
लॉग/ वेबसाइट के लए
गू गल एडसस या दुसरे लेटफॉम ए ू वल ह नह ं दे ते ह. इसी तरह दे शी, वदे शी िजतने भी उ पाद बन रहे ह, उन सभी के मैनु अल हंद म ह तो हंद के जानकार को न सफ काम मलेगा, बि क उस उ पाद क समझ भी भारतीय खर ददार को ठ क तरह से हो पायेगी. हे थ इ सु रस, मोटर इ सु रस या लाइफ इ सु रस के अ धकांश मैनु अल, फॉ स-
प
हंद म
य नह ं आते ह, यह बात
कई बार सोचने पर भी मु झे समझ नह ं आती है . यहाँ यह बताना म आव यक समझता हू ँ क दे श म अं ेजी बोलने और समझने के बावजू द लोग हंद म ह सु वधा महसू स करते ह. जैसे मने उपरो त
प
क चचा क , जो अं ेजी म रहने
पर हम उसक हे डंग या एक पैरा ह पढ़ पाते ह, जब क वह हंद म रहने पर उतने ह समय म हम पू रा पेज पढ़ जाएँ. म दावे के साथ कह सकता हू ँ क फॉम भरने वाल म से 90 फ सद लोग उसके बार क
ावधान को पढ़ ह नह ं पाते ह,
न समझ पाते ह, और इसका सबसे बड़ा कारण इन सबका हंद म नह ं होना है . शास नक द तर , अदालत इ या द क कायवाह पर हंद के वषय म चचा न ह करना उ चत है , य क इसे न कोई सु नने वाला है, न समझने वाला. अभी हाल ह म एक चचा बड़ी तेजी से फैल थी क अदालती आदे श हंद म ह
लखे जाएँ,
य क फैसले से स बं धत यि त उसे समझने के लए वक ल या दूसर पर नभर हो जाते ह. 33 www.mithilesh2020.com
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ऐसा नह ं है क इन सब बात से हम प र चत नह ं ह. ले कन यह बात बार-बार दोहराना पड़ेगा हम, ता क नी त- नयं क के कान म यह बात हथौड़े क तरह लगे. पंहु चती तो वह पहले भी रह है. हालाँ क हंद मनाने और उसको के तमाम सरकार , गैर-सरकार
यास हो रहे ह. और इन सब
ो सा हत करने
यास का
सकारा मक असर भी दख रहा है . सबसे बड़ा असर यह हु आ है क हंद , गैर- हंद भाषाओ का मु दा समय के साथ रा लगभग सभी लोग हंद क भाषाई सा ह यकार
हत क खा तर सकारा मक हो गया है. अब
ग त क खा तर कमर कस रहे ह. अनेक गैर हंद
वारा सा ह य रचनाएं हो रह ह. ले कन सरकार को उपरो त
व णत मामल म स ती से नयमन करना होगा, िजससे उ पाद, अथ पाजन म हंद क सहभा गता तेजी से बढे . और तभी हम हंद के प दे खगे और शायद तब हम हंद
म साथक पहल होते
दवस, हंद पखवाड़ा मनाने क ज रत भी नह ं
पड़ेगी. आ खर साथकता यह तो है हंद पखवाड़े क . भारतदु ह र चं
ने भी
या
खू ब कहा है -
" नज भाषा उ न त अहै, सब उ न त का मू ल" बन नज भाषा
ान के, मटे न हय को शूल " - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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माटफोन को सुर
त रखने के कु छ ट स
पासवड: स यो रट ट स म एक बे सक ट स है - पासवड। वाइप पैटन भी सह है पर इससे कोई भी आपके फोन म झांक सकता है । इस लए 4 अंक या श द से बनाएं अपना पासवड।
ऑटोमै टक लॉक: य द अपने फोन के लए आपने कोई पासवड सेट कर रखा है तो ऑटोमै टक लॉक को सेट कर और एक नि चत समय भी चाहे वह 5 सेकड का हो या फर कु छ मनट का ता क लॉक करना कभी भू ल भी जाएं तो एक नि चत व त पर खु द ह लॉक हो जाए।
स यो रट सॉ टवेयर: आपका माटफोन कं यू टंग डवाइस है और इसके अनु सार इसक सु र ा होनी चा हए। इसके लए आपको कु छ ए स डाउनलोड करने ह गे उदाहरण के लए 'सोफोस मोबाइल स यो रट ' इसम मालवेयर
वशन, रमोट
डाटा वाइप, ाइवेसी र यू के ए स और ऑटोमै टक स यो रट एडवाइजर जो डवाइस से टं स के बदलने पर संभा वत खतर के
त आगाह करे गा।
अगर आप
अपने आगनाइजेशन के फोन व टै बले स क सु र ा चाहते ह तो 'सोफोस मोबाइल कं ोल' जैसे मोबाइल डवाइस मैनेजमट सॉ यू शन को चु न।
ए स डाउनलोड: गू गल ले टोर और एपल एप टोर जैसे सोस काफ बेहतर ह। ये
टोस उपल ध कराए गए ए स के
त काफ गंभीर होते ह साथ ह यू जर के
वारा दए गए र यू पर भी ए शन लेते ह। कसी भी एप को इं टॉल करने से पहले यू जर का र यू ज र पढ़।
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ए स पर मशन: काफ सारे ऐसे ए स ह िजनम बे सक डफॉ ट पर मशन से यादा क ज रत होती है । उदाहरण के लए एक एसएमएस एप आपसे जीपीएस लोकेशन क मांग करे गा। ले कन कैलकुलेटर जैसे ए स म नेटवक ए सेस या अलाम
लॉक क ज रत होगी जो आपके कंटै ट डाटाबेस के डटे स जान सकता
है ।
ऑपरे टंग स टम अपडे स: ऑपरे टंग स टम का अपडेशन मह वपू ण है इस लए इसे इं टॉल करने व समय समय पर अपडेट करने से न चू क। इमेल या मैसेज से मले लंक के चेक करते ह तो मेल से
त सावधान : य द आप अपने फोन पर मेल
ा त कसी लंक को खोलते हु ए चौक ना रह।
ऑटोमै टक वाइ-फाइ कने शन: आजकल के मोबाइल फोन म कने ट वट के कई उपाय ह, पर ऑटोमै टक वाइ-फाइ नेटवक से जु ड़ते हु ए आप खतरा मोल ले रहे ह। इससे आपके डाटा को है क कया जा सकता है और सार जानका रयां ल जा सकती ह तो इस तरह के कने शन से दूर ह रह तो बेहतर है ।
लू टू थ व एनएफसी को कर ऑफ: कने ट वट के लए लू टूथ व एनएफसी ( नयर फ ड क यू नकेशन) का इ तेमाल धड़ ले से होता है । ले कन इससे कई खतरे भी ह इस लए जब इनका
योग न कर रहे ह तो बेहतर है क इसे ऑफ ह
रख। - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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ऑनलाइन बजनेस शु भारत म ि लपकाट (Flipkart) और
करने क
ला नंग
नैपडील(Snapdeal), चीन क अल बाबा, अमे रका
क अमेजन (Amazon), जबॉ ग जैसी ई-कॉमस कंप नय ने शॉ पंग को एक नया अंदाज दया। आज के समय म भारत म ई-कॉमस इंड
यादातर लोग ऑनलाइन शॉ पंग कर रहे ह।
के लए बहु त बड़ी संभावना है । वदे शी कंप नयां भी यहां
नवेश करने को तैयार ह, ले कन भारतीय के लए ये व त सबसे अनु कू ल है । ईकॉमस इंड
शु
करने क
ला नंग कर रहे लोग के लए भारतीय बाजार म
सबकु छ मौजू द है । बस समझने क ज रत है क शु आत कहां से और कैसे क जाए। हम आपको वो आसान तर के बता रहे ह िजनसे आप अपनी ई-कॉमस कंपनी शु
करके ि लपकाट और
ऑनलाइन बजनेस शु
करने क
नैपडील कंपनी के बराबर खड़े हो सकते ह। ला नंग कर रहे लोग इन 5
टे स को फॉलो
कर सकते ह-
ज रत को पहचान और उसे पूरा करने का तर का ढू ं ढ़: 1. बहु त सारे लोग कसी ऑनलाइन बजनेस को शु ज रत न जानकर सीधे उ ह
करने से पहले लोग क
ोड ट दे ने क सोच लेते ह। यहां पर
यान
रखने क बात यह है क पहले लोग क ज रत को समझ और फर उ ह उसी हसाब से
ोड ट द। अपनी सफलता के चांस बढ़ाने के लए एक
माकट रसच कर लेनी चा हए। इसके लए लोग के ऐसे समू ह से बात क जा सकती है , जो कसी
ॉ लम का सॉ यू शन ढू ं ढ़ रहे ह। इसके लए य द
आप कसी ए सपट कंपनी या
लांसर क सलाह लेते ह तो यह आपके
लए फायदे मंद हो सकता है .
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2. ऑनलाइन फोरम पर जाएं और दे ख क लोग कस तरह क परे शा नय का समाधान ढू ं ढ़ने क को शश कर रहे ह। 3. लोग क परे शा नय के समाधान करने वाल वेबसाइ स पर जाएं और दे ख क इससे लोग संतु ट हो रहे ह या नह ं। यह भी दे ख क वहां आपके लए कतने मौके ह। य द आप लोग को अ य वेबसाइ स से अ छा समाधान दे सकते ह तो यहां आपक खोज ख म होती है । इसके अ त र त कु छ सफल वेबसाइट मॉडल का भी अ ययन ज र कर, इससे आपको ऑनलाइन क मा कट समझने म काफ सहू लयत होगी. आप कई
ोड ट
वेबसाइट का
योग रसच करने म, आंकड़े जु टाने म कर सकते ह.
अपनी वेबसाइट बनवाएं: 1. जैसे ह आपको माकट और
ोड ट मल जाए तो अगला
टे प आता है
अपने बजनेस के लए वेबसाइट डजाइन का। वेबसाइट डजाइन करते या करवाते समय कुछ बात का वशेष
यान रख:
2. ल बे समय के लए य द आप सोचते ह तो वेबसाइट के लए टे नोलॉजी का चयन बहु त मह वपू ण हो जाता है. आप ओपन सोस सीएमएस का चयन करके आसानी से अपनी मंिजल तक पहु ँ च सकते ह. यह स ता होने के साथ आपक अ धकांश ज रत कम क मत म पू र कर दे ता है. 3. डजायन बैक ाउं ड को साधारण रख। सफेद बैक ाउं ड रखना अ धक अ छा है । 4. पेज के ने वगेशन को बहु त ह आसान रख, ता क इ तेमाल करने म यू जर को कोई परे शानी न हो। 5.
ा फक, ऑ डयो और वी डयो का इ तेमाल तभी कर जब वह आपके
ोड ट
या स वस के लए बहु त ज र हो। 38 www.mithilesh2020.com
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6. कसी
ोड ट को खर दने क
करके ह यू जर
या सरल रख, ता क कम से कम ि लक
ोड ट खर द सके।
7. अपनी वेबसाइट को क टमर
डल बनाएं।
8. वेबसाइट विजटस का अ ययन करने के लए आप गू गल एना ल ट स ज र लगाएं.
टारगेट यूजस को अपनी वेबसाइट तक लाने के लए सच इंजन का योग कर पे पर ि लक ( त ि लक के पैसे दे ना) एडवटाइिजंग अपनी वेबसाइट पर ै फक लाने का सबसे सह तर का है । पे पर ि लक एडवटाइिजंग म आप अलग-अलग तरह के क वड का इ तेमाल करके उ ह टे ट कर सकते ह। िजन क वड से अ धक
ै फक जनरे ट होता है आप उन क वड को अपनी
वेबसाइट के सभी संबं धत पेज पर ले जा सकते ह। यह काम सोशल नेटव कग साइट से सबसे अ छे तर के से कया जा सकता है । फेसबु क जैसी वेबसाइट न केवल कंटे ट, बि क वी डयो को भी लोग तक पहु ं चाने का एक अ छा तर का है । अपने कंटे ट म सड टू ए
ड (SEND TO A FRIEND) लंक
लगाना भी काफ अ छा होता है , ता क लोग आपसे जु ड़े रह।
अपनी वेबासाइट पर एक ए सपट क तरह दख [Look like an Expert of your Subject] लोग इंटरनेट का
योग सू चना पाने के लए करते ह। लोग के लए
व भ न तरह क ए सपट क जानका रय को आपक वेबसाइट के लए
म उपल ध कराएं, जो
ै फक लाने का काम करे गी और बेहतर सच इं जन
र कं ग दे गी। इसके लए ए सपट कंटे ट का आ टकल और वी डयो बनाकर 39 www.mithilesh2020.com
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इंटरनेट पर फैला द। िजस
ोड ट को आप अपनी वेबसाइट से बेचना चाहते
ह, य द उसके बारे म सू चना हो तो और अ छा है. यहाँ
यान रखना
आव यक है क कॉपी-पे ट करके अनाप शनाप कंटट डालना आपक वेबसाइट के लए हा नकारक हो सकता है . कंटट ओ रिजनल रहे .
ई-मेल माक टंग क ताकत का इ तेमाल कर [Email Marketing] अपने बजनेस को बढ़ाने के लए ई-मेल माक टंग का इ तेमाल करना भी ज र है । इसके कई फायदे होते ह ई-मेल माक टंग से विजटस के साथ आपका रलेशन काफ अ छा होता है । इसक सहायता से आप अपने विजटस को उनक परे शानी का समाधान तो दे ह सकते ह, साथ ह उ ह नए ऑफस के बारे म भी बता सकते ह। ई-मेल माक टंग क एक अ छ बात यह भी है क इसम
त
या को
मेजर कया जा सकता है । कु छ लोग
ोड ट को लेकर पॉिज टव फ डबैक
दगे, कुछ नगे टव और कुछ क भी
त
या नह ं दगे।
ई-मेल माक टंग क सबसे अ छ बात यह है क यह ट वी, रे डयो और
ट ं
क तु लना म काफ स ता होता है । ईमेल माक टंग के लए कई वेबसाइट आपको कुछ हद तक मु त स वस और ए सपट ज दे ती ह. आप शु आत म इनका
योग मु त म कर सकते
ह. इसी तरह से अपने बजनेस को आगे बढ़ाते रह और विजटस क मांग के हसाब से अपने
इन पर भी द
ोड ट या स वस म बदलाव लाते रह।
यान:
य द आप कंटे ट
ोवाइड कर रहे ह तो उसक भाषा पर खास
यान द। 40
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य द आप कसी
ोड ट म डील कर रहे ह तो उन परे शा नय के बारे म
बताएं, जो आपका
ोड ट सॉ व कर सकता है ।
विजटर क परे शानी का समाधान करने अपनी
िजसने आपके यू जर को
े ड ब लट बढ़ाएं ।
ोड ट को इ तेमाल कया है उनका फ डबैक ज र ल।
ोड ट के बारे म और उसके फायद के बारे म समय-समय पर
बताते रह।
ोड ट के साथ कुछ ऑफर भी दे ते रह, जैसे ि लपकाट ने अभी दया था. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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ऑनलाइन डाटा अगर अपने डाटा को सु र
टोरे ज
त रखना चाहते ह, तो ऑनलाइन डाटा
एक बे ट ऑ शन हो सकता है । ऑनलाइन डाटा
टोरे ज
टोरे ज के लए 'ए ाइव
डॉट कॉम' बेहतर न साइट है । यहां आप पसनल इ तेमाल के लए 50 जीबी तक का डाटा डाटा
टोर कर सकते ह।
टोर करने से पहले आपको साइनअप करना पड़ेगा। यह सभी
लेटफॉम पर काम करता है , ले कन इसके लए जावा क ज रत होती है । फाइल मैनेजर वंडो से आप अपनी अपलोड फाइल कह ं भी सच कर सकते ह। 'ए ाइव' म ट टॉि कंग है , जहां यू जर अपलो डंग के दौरान डाउनलो डंग भी कर सकते ह। ए ाइव पर यू जर एमएस ऑ फस शी स, फो डस, ए ल केशंस, फोटो ा स, यू िजक और वी डयो फाइ स वगैरह
टोर कर सकते ह। वह ं डाटा क
ऑनलाइन शेय रंग का भी ऑ शन दया गया है । यह साइट वंडोज, मैक, लन स के लए डे कटॉप
लाइंट क सु वधा
दान करती है, जो पेड होती
है ।
Few other websites for online storage:
https://drive.google.com https://www.dropbox.com http://www.adrive.com https://www.box.com - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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ाउज़र म सेव पासवड भी दे ख सकते है Social networking websites, Online shopping, Online SMS, Job Portal, इ या द क इतनी भरमार हो गयी है , क इन सब पर आपका Account होता ह है , और कभीकभी हम Password डालकर भू ल भी जाते है, इस लये आज कल Web Browser म ह Password Safe रखने का Option आता है ा जब आप कसी भी Site पर अपना E-mail ID डालकर Account बनाते ह तो आपके Web Browser वारा पू छा जाता है क
या
आप इस पासवड को सु र
त रखना चाहते ह, या Remember my
Password का Option आता है , य द आप Yes कर दे ते है , तो Web Browser वारा आपका User ID और Password सु र
त रख लया जाता है ा ले कन कभी कभी आप
इतनी Sites पर Account बना लेते ह क आपको खु द याद Site पर आपने Browser म सु र
नह ं रहता क कस
याह Password डाला था, इसका एक तर का है क आप अपने त Password क List दे खकर इसका पता कर सकते ह कस Site
पर आपने या Password डाला था: सेव पासवड दे खने के लए
ोसेस (Step for managing saved passwords in
Browsers): Firefox : फायरफॉ स
म ऑ शन म security ि लक करते ह
वंडो म
saved password बटन शो होता है Saved password व डो् के खु लने के बाद आपक सभी Sites क List आ जायेगी, िजनको आपने Firefox म खोलकर Account बनाया था, अब केवल Show password पर ि लक कर, आपको उस भी साइट के Username और Password दखाई दे जायेग। Google Chrome से टंग म जाकर show advance seeting ि लक करते है िजससे
ोमे क पू र से टंग ओपन ह जाती है अब इसम password and 43
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forms म जाकर Manage password ि लक करते है .
Password व डोक के
खु लने के बाद आपक सभी Sites क List आ जायेगी, िजनको आपने Google Chrome म खोलकर Account बनाया था, अब केवल Show पर ि लक कर, आपको उस भी Sites के Username और Password दखाई दे जायेग.
Note: अगर आप Cyber cafe पर Internet यू ज करते ह तो हमेशा यान रख क जब आप अपने E-mail ID को या कसी अ य एकाउ ट को खोल तो कभी भी Remember my Password पर Tick न लगाय, इस तरह आपका Password सावज नक (Public) हो सकता है , और कोई भी याि त इसका दु पयोग (Misuse) कर सकता है । सावज नक क chrome)का
यू टस पर आप
योग कर तो
ाउजर म
यादा सु र ा
ाइवेट वंडो (Incognito window in
ा त क जा सकती है. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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वड और ए सेल डॉ यूमट म पासवड अगर
office 2007 को Use कर रहे ह और word और excel document म
password लगाना चाहते ह, िजससे पीछे कोई उ ह ना तो Open कर सके और ना ह उसे modify कर सके है , वड और ए सेल डॉ यू मट म पासवड डालने को दो तर के है एक जब फाइल को सेव करता है ओ दूसरा आप जब चाहे डाल सकते है जब फाइल को सेव कर: कसी भी word और excel document पर password save करते समय लगाया जा सकता है । कोई भी New document बनाईये। अब Ctrl+S दबाईये, Save window ओपन हो जायेगी। यहॉ save करने से पहले Save Button के पास Tools पर Click क िजये तथा General Options पर जाईये। General Options म Password to open म Password भ रये य द आप केवल File को open करने के लये ह पासवड लगाना चाहते ह और य द आप open के साथ-साथ modify के लये भी Password का Use करना चाहते ह तो Password to modify म Password भ रये और Ok कर द िजये ok पर आपसे वह password दोबारा पू छे जायेग इस लये Confirm Password box म वह पासवड दोबारा भर द िजये और Ok पर Click कर द िजये। अब word और excel document को जहॉ भी save करना चाह कर द िजये। आप जब चाहे डाल सकते है : माइ ोसॉ ट बटन (Top Left Corner in Word) पे ि लक करे . prepare पर पॉइंट करे और Encrypt Document पर ि लक करे . Encrypt Document डायलॉग बॉ स ओपन होगा उस डायलॉग बॉ स म पासवड डाल कर OK ि लक करे . OK करते ह क फम पासवड डायलॉग बॉ स ओपन होगा उसमे सेम पासवड डाले और ओके ि लक करे . अब आप फाइल को save कर सकते है .
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वेबसाइट का बजनेस कैसे शु कं यू टर इं जी नय रंग, एमसीए, बीसीए के
कर
ेजु एट जब कॉलेज से नकलते ह तो
बचार को कई क ठनाइय से जू झना पड़ता है. आईआईट , एनआईट और कुछ बड़े कॉप रे ट इं जी नय रंग सं थान को य द छोड़ दया जाय तो दुसरे इं जी नय रंग कॉलेज से बड़ी सं या म नकले
ेजु ए स यहाँ, वहां इंटर यू देते हु ए नराशा क
ओर बढ़ने लगते ह. फर उनम से कु छ जबरद ती एमबीए या एमटे क म ए मसन क तरफ दौड़ लगा दे ते ह, या छोट -मोट कंप नय म नौकर शु अपनी फ
कर दे ते ह. कई
स चज कर दे ते ह तो कई बचारे अपने जू नयस को तैयार कराने
लगते ह और कई उसी कॉलेज म पढ़ाने लगते ह, जहाँ से उ ह ने इंजी नय रंग क थी. यह तो रह
बचारे इंजी नयस क दुःख भर कहानी. ले कन, इन सभी म कह ं
न कह ं अपना उ यम शु बहु तायत
करने क ललक भी रहती है. और कह ं न कह ं वह
प से वेबसाइट के कारोबार को लेकर
इंजी नयस के लए वेबसाइट क
च रखते ह. तो ल िजये, कं यू टर
यावसा यक संभावनाओं पर कु छ ब दुवार
रपो स:
वेबसाइट बनाने का यापार: यह इंजी नय रंग यादा शु
ेजए ु स
वारा सबसे
कया जाने वाला कारोबार है, क तु शु आती दौर म इसम
तमाम उतार-चढाव आते ह, जैसे: गलत
ो ा मंग लगु एज का चु नाव- वैसे तो मा कट म तमाम भाषाएँ ह,
िजसम C#.NET, Java और PHP मु ख ह. इसम सबसे सट क और शु आती लगु एज के तौर पर आप PHP का चु नाव करगे तो आपक सफलता क संभावनाएं 200 फ सद बढ़ जाएँगी. कारण तमाम ह, सं
त म इसका सरल 46
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होना, इसके ए
लाइज का आसानी से मल जाना, तमाम CMS का इसी भाषा
म होना और वेब-होि टं ग से इसक क पै ट ब लट इसको शु आती वेबसाइट बजनेस के लए परफे ट बनाती है . वह ं .NET और JAVA म तमाम कोि ोजे
लकेश स और यवहा रक क ठनाइयाँ ह, वशेषकर छोटे और दे सी स म इसक कॉि टं ग PHP क तु लना म 10 गु णा बढ़ जाती है और
यू जर-ए सपी रयंस क ठनाई म डालने वाला होता है . इसके अ त र त PHP म आप को पेश आने वाल
कसी भी एक द कत के लए कम से कम सौ
तरह के स यू शन अलग-अलग फोर स पर मल जायगे. सबसे बड़ी बात आपको इं डयन मा कट म PHP के
ोजे ट ह
मलगे और जहाँ हज़ार, दो
हजार म वेबसाइट बन रह ह, वहां आप .NET और JAVA म इतनी कम कॉ ट पर सोच भी नह ं सकते ह. .NET और JAVA बड़े और महं गे
ोजे
स के लए
सह सा बत होती ह.
टै डड CMS का चुनाव : आपने PHP म काम तो शु
कर दया, क तु
इसका मतलब यह नह ं क आप हर काम क टम ह करने लग, मतलब हर ोजे ट के लए शु य क अपना
से डजाइ नंग और को डंग. फर फेल कर जायगे आप,
टै डड वक सत करना, क टम
ोजे
स म सपोट दे ना और
कोई फं शन घटाना या बढ़ाना बेहद सरदद और कॉ ट बढ़ाने वाला सा बत होता है . इससे बेहतर होगा य द आप PHP ल वेज म बने कुछ बेहद सफल CMS म से कसी एक म काम करना शु
कर, मसलन Wordpress, Joomla,
Drupal. यहाँ पर इन लेटफॉ स क सभी खा सयत बता पाना मु म कन नह ं है , क तु आप यह समझ ल क वेबसाइट का यापार शु
करने के लए
आप इनको 'भगवान' का दजा दे सकते ह. तमाम रे डीमेड सु वधाएं, टे पले स, मु त ल ग स, SEO क पे ट ब लट , कम खच और मा कट म
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उपल ध स ते ए
लोयी और हज़ार
लांसस आपके लए बेहद
सु वधाजनक आधार बनाते ह. म थलेश आपको शु आत म Wordpress का चु नाव करने क सलाह दे ते ह. सह होि टं ग और डोमेन सेलर का चुनाव : तमाम डोमेन, होि टं ग कंप नयां/ रसेलर आपको बेहद लु भावने ऑफर दगे, क तु आप अलट रह. भारत म कु छ अ छ कंप नयां ResellerClub, Net4, Godaddy, BigRock इ या द ह, बा क आपको इस फ ड म काम करते-करते अनु भव राह दखायेगा. य द आप PHP म काम कर रहे ह तो Linux Hosting के लए जाएँ. माक टंग एंड
ोमोशन: दो त , इसके लए कोई नि चत फामू ला नह ं है,
पर तु तमाम इंड
क डायरे
ज आपको मल जाएँगी, िजसक सहायता
से आप अपने क टमर को कॉल या मेल के ज रये संपक कर सकते ह. आप फेसबु क,
वटर, यू टु ब इ या द सोशल मी डया पर स
य रहकर अपने लए
क टमर तलाश सकते ह. आप गू गल पर पेड कै पेन (Adwords) चला सकते ह, क तु आप वेबसाइट के लए B2B लेटफॉ स पर भरोसा न कर, जैसे JustDial, IndiaMart, TradeIndia, Alibaba इ या द. अनु भव बताता है क इन सभी से
यादा फायदा आपको रफरे स से होगा. इस लए आप व भ न
जगह म अपने संबंध को मजबूत कर. और हाँ! आप वदे शी
ोजे
स क
ओर तब तक न भाग, जब तक आप अपनी फ ड म जानकार न हो जाएँ और कम से कम 2 साल तक अनु भव न ले चु के ह , य क Odesk इ या द पर नए लड़के
ोजे
स लेने के लए लग जाते ह, ले कन अंततः उनको
नराशा ह हाथ लगती है , य क ओवरसीज
ोजे
स के लए बेहद
ए यू रेसी और टाइम- ल मटे शन होता ह है , साथ ह साथ पेमट-ट स और हाई-लेवल क क टम ्इज़ेशन कर पाने म नए ब दे कतई स म नह ं हो 48 www.mithilesh2020.com
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पाएंग.े हाँ! अनु भव बढ़ने के साथ आप धीरे-धीरे इंटरनेशनल मा कट को समझने लगगे. बेहतर न स वस और रफरे स: यह आपके बजनेस क 'मा टर क ' है और अ धकतर लोग फेल भी यह ं होते ह. अ छ स वस हम
य नह ं दे
पाते, इसके कुछ कारण म आपको बता सकता हू ँ, बा क आपको अनु भव ह सखाएगा. आप सह क मत पर वह काम उठाइये, िजसे आप खच के भीतर कर सक, साथ म आपको 20 फ सद मु नाफा होना अ नवाय है. इसके अ त र त य द बना समझ आप काम उठाते ह, और उसे बना ला नंग के करते ह, तो आपको नु सान होना तय है. इस लए ज र है क छोटे से छोटे ोजे ट क
फिज ब लट दे ख ल, साथ म क टमर क मान सकता को भी
एक हद तक नजर म रख क वह सी रयस है , समझदार है , अ य धक चतु र है , पैसे दे ने म आनाकानी करने वाला है , बार-बार
ोजे ट लान को चज
करने वाला तो नह ं है . इसके लए ज र है क कोई से पहले अपनी ट स-कंडीशन उस से ल खत सहम त ले ल. वेबसाइट
प म साझा कर ल और
ोजे ट म डजाइ नंग क सम या
इस लए डज़ाइन और फ चर ल खत
यादा आती है ,
प म फाइनल करने के बाद आगे
बढ़. इसके बाद सम या आती है , आपक कंपनी के ए आपका ए
ोजे ट फाइनल होने
लोयी क . य द
लोयी यथायो य नह ं है , आपक बात नह ं समझ पा रहा है और
समय क क मत नह ं समझता है तो आपके
ोजे ट क कॉि टं ग पर असर
पड़ना तय है . वैसे, छोट कंप नय म अ धकांश काम खु द आपको ह करना होगा और ए
लाइज के ऊपर नभरता बेहद कम करनी होगी, तब तक जब
तक आप आ थक ए
प से स म न हो जाएं . यहाँ
यान रहे , सफ महं गा
लोयी रख लेने से वह अ छा काम कर के नह ं दे दे गा, बि क ए
लाइज
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को मैनेज करने के लए एक बड़ा स टम तैयार करना पड़ता है , िजसम बेहतर न ट म, HR Department से लेकर Training Cell और कंपनी म एक बड़ा Future कोप दखना इ या द शा मल होते ह. इन तमाम फै टस के आधार पर ए
लाइज बेहतर परफॉरमस दे पाते ह या दे ना चाहते ह. छोट कंप नय
को इस लेवल तक पहु ँ चने म ल बा समय लग जाता है, इस लए महं गे ए
लाइज कतई न रख, बि क कम से कम खच म साधारण ए
लाइज से
काम नकलवाना ह आपक खू बी को आपक कंपनी के लए लाभदायक बना सकेगा. इन सब प रि थ तय को मैनेज करके आप अपने क टमर को, कम खच म बेहतर न स वस दे सकते ह. आगे
या: अब सवाल उठता है क एक हद तक अपनी कंपनी को सेटअप
करने के बाद और आ थक हमारा लान कसी
प से
ेक ू के लेवल से आगे आने के बाद
या होना चा हए? इस ि थ त म
ोजे ट को शु
ोथ के लए हम अपने
कर सकते ह, मसलन कोई नौकर का बड़ा पोटल
बना सकते ह, सरकार सू चनाओं से आम जनता को जोड़ने के लए कसी वेबसाइट को शु सोशल नेटवक शु रहे , अपना
कर सकते ह अथवा पू र
ला नंग करके एक नए तरह का
कर सकते ह, कसी फेसबु क या
वटर जैसा! पर
ोजे ट सेटअप करने के लए आप कम से कम इंड
साल तो बताइये ह , वह भी लगातार. और अपना कोई भी बड़ा
यान
म 5 ोजे ट शु
करने से पहले उसके सफल होने क स भावना, उस पर लगने वाला खच और उस से होने वाल आमदनी, उसका मा कट सेगमट इ या द तमाम प पर अ ययन आव यक है . शु आत म अपना कोई बड़ा
ोजे ट शु
करना
सामा यतः नु कसानदायक ह रहता है. हाँ! य द आपके दमाग म कोई वचार है , तो उसे 5 साल तक सहे ज कर रख, रसच कर और खु द को और
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खु द क कंपनी को आ थक
प से, मानव संशाधन म और तकनीक
प से
स म कर. इसके अ त र त, पांच साल अनु भव लेने के बाद आप कसी बड़े यवसायी से कसी
ोजे ट म पाटनर शप भी कर सकते ह, पर शु
म यह
जो खम लेने क सलाह म थलेश आप को बलकु ल नह ं दगे.
सावधा नयां: 1. कंपनी का मतलब ढे र सारे ए एक
लोयी और बड़ा ऑ फस नह ं होता है , बि क
वाटर म आपने कतना मु नाफा कमाया और अगले
मु नाफा आने क स भावना है, इस कांसे ट से कंपनी शु
वाटर म कतना होती है.
2. कंपनी का मतलब ढे र सारे क टमर बनाना कतई नह ं, बि क बनाये गए क टमर को फायदा पहु ँ चाना और उसके संबंध से रफरे स लेना आपक माक टंग है . 3. तकनीक यु ग म कंपनी का आगे बढ़ना सफ और सफ इस बात पर नभर करता है क हर मह ने बदलती हु ए मा कट और टे नोलॉजी से कतना अपडेट ह आप. कसी भी सॉ टवेयर या लगइन का नया वजन आने म अब साल भर भी नह ं लगता है , वह ं आपके क टमर क ज रत पू र करने के लए आपको लगातार अ ययन करने क ज र है . इस लए इंजी नय रंग म आपने बेशक पढाई नह ं क हो, क तु यहाँ आपको स बं धत स
य
लोग के लॉग, टे नोलॉजी अपडेट लगातार समझना होगा, अ यथा आपको आउटडे टड होते दे र नह ं लगेगी. 4. अपने फ ड के खु द वशेष
बन, कसी ए
लोयी के
ान के ऊपर नभर
होना आपक कंपनी के लए घातक सा बत हो सकता है .
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5. इसके लए आप फोटोशॉप, ीमवीवर, लैश, कोरल ा, एमएस ऑ फस, CSS, HTML इ या द क अ छ जानकार होना आव यक है , य क वेबसाइट के यापार म इनका
योग होगा ह होगा.
6. इसके अ त र त मानव स ब धी गु ण तो ज र ह ह , मसलन धैय, ईमानदार , अथ- बंधन, अखंड मेहनत, दूरद शता, आ म व वास और इन सबसे बढ़कर नणय लेने का साहस. तो अब आप इन ट स क सहायता से मा कट म अपना वेबसाइट- यापार शु करने के लए तै यार ह. बा क आपको इस वषय से स बं धत और जानका रयां मेर वेबसाइट पर मलगी. आप मु झे मेरे ईमेल पर भी संपक करके सलाह दे सकते ह, ले सकते ह. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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मोबाइल के मेसेज, कांटे ट, फोटो सब अपने कं यूटर से नयं त कर हममे से बहु त से लोग ऐसे भी है जो अ सर अपना मोबाइल घर पर ह भू ल जाते है ऑ फस जाकर याद आता है क मोबाइल घर ह भू ल आये अब
या करे कैसे
रसीव कर SMS और कॉ स? ले कन अब आप कह से भी अपने मोबाइल पर आए SMS और कॉल को बहु त ह आराम से अपने कं यू टर पर दे ख सकते ह, ले कन इसके लए आपके पास एं ाइड मोबाइल होना चा हए. फर आप इस ए ल केसन (https://play.google.com/store/apps/details?id=com.texty.sms) को अपने मोबाइल म इं टाल कर (आप ले टोर म SMS Text Messaging & Group MMS डालकर सच करगे तो भी यह ए ल केशन दख जाएगी. ए ल केसन इं टाल होने के बाद कुछ ह पल म आपके सारे SMS फोटो और व डयो संक हो जायगे. इसके बाद आपक जीमेल पर एक क फमशन मेल आएगी और उसे क फम करते ह SMS और कांटे ट न बर आपको
न पर दखाई दगे. इस ए ल केशन के
आप अपने SMS और फोटो तो दे ख ह सकते ह, अपनी मोबाइल
वजन म वारा कह ं कॉल
भी कर सकते ह, मेसेज भी भेज सकते ह. बेहद उपयोगी ए ल केशन है यह, क तु इसम सावधानी सफ इस बात क रखनी है क यह आपके जीमेल से आथराइज होकर चलता है और य द आपका जीमेल कसी
ाउज़र म लो गन है तो https://mightytext.net डालकर कोई भी बंदा आपके
फोन म घु सकर कसी भी
कार क छे ड़छाड़ कर सकता है .
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एं ाइड मोबाइल
वारा लैपटॉप पर नेट चलाने का तर का
मोबाइल से पीसी म इं टरनेट चलाने के लए सबसे पहले हम अपने मोबाइल म से टंग करनी पड़ेगी. मोबाइल म से टंग करने के लए आपको1. मोबाइल म से टँ ग को खोलना होगा 2. इसके बाद Mobile data and networks म जाना है 3. अब Mobile hotspot / Tethering & Portable hotspot को ओपन करे . 4. अब आपको हॉट पॉट क से टंग करनी है इसके लए Wi-Fi hotspot / Setup Wi-Fi hotspot को ओपन करे 5. ओपन करते ह आपके सामने बॉ स खु ल जाएंगे िजसमे आप द गयी जानकार , पासवड भर और इसके बाद Save बटन पर ि लक कर दे . 6. अब आपको Portable Wi-Fi hotspot को ओन करना है . 7. Portable Wi-Fi hotspot को ओन करने के बाद अपने मोबाइल के डाटा को ओन करे आप आपका मोबाइल तैयार है पीसी पर लेपटॉप पर या कसी दूसरे मोबाइल पर नेट चलाने के लए. 8. Portable Wi-Fi hotspot ओन होते है अपने लेपटॉप या पीसी पर wifi सच करे . 9. इस तरह आप अपने मोबाइल के
वारा पीसी पर नेट चला सकते ह. how
to connect internet in laptop through android mobile
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दे र तक कैसे कर कं यूटर म काम आजकल क भाग दौड़ भर िजंदगी म बना कं यू सटर के काम करने क क पoना भी नह ं क जा सकती। एक तरह से यह हमार रोजमरा क ज रत म शा मल हो चु का है । पहले के मु काबले अब हम कं यू टटर पर अपना लगे ह।
या
आप जानते है
या दा व ती बताने
या दा दे र तक कं यू टर पर काम करने से हमार
सेहत पर काफ बु रा असर पड़ता है । अगर कुछ बात का
यान रखा जाए तो
कं यू ीटर से हमारे शर र पर होने वाले नु कसान से बचा जा सकता है । 1. सबसे पहले कं यूटर का समय तक कं यूटर
योग आव यकतानु प ह कर
य क अ धक
न के सामने बैठने पर आंख पर लाल के अलावा
थकान होने लगती है । 2. कं यू टर पर काम करने के लए कभी भी ऐसी कुस का
योग न कर
िजससे आपक पीठ पर गहरा असर हो । 3. जब भी कं यूटर पर दे र तक काम कर बीच बीच म 30 से 40 मनट के अंतर पर उठ कर थोड़ा चल ल इससे आपका शर र थकेगा नह । 4. बंद कमरे से बेहतर है कसी खु ले और हवादार कमरे म काम कर, इससे काम करने म अ छा् लगेगा और थकान भी कम लगेगी। 5. अपनी हथे लय से कप जैसे आकार बनाय और आंख को इस कप से ढक ल। 20 से 25 बार आंख खोल और बंद कर िजससे आपक आंख को काफ रलै स मलेगा। 6. काम होने के बाद आख को थंड़े पानी से ज र धोएं इससे आख क थकावट दूर हो जाएगी। अगर हो सके तो कं यू सटर पर काम करने के लए
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खासतरह के च मेस बाजार म आते है िजससे आख पर कम असर पड़ता है , उसका
योग कर।
7. इसके अ त र त आप वेबसाइट
ाउिज़ंग करते समय फॉ ट साइज को
अपनी आँख के अनु प रख. ज रत पड़ने पर ctrl + या ctrl – का
योग
कर। - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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माट ऑनलाइन उपभो ता बन आजकल ऑनलाइन खर ददार का
चलन तेजी से बढ़ा है . होम ड लवर से लेकर,
स ते सामान तक का वक प व भ न कंप नयां उपल ध करा रह ह. इसके साथ ऑनलाइन मा यम म धोखाधड़ी भी बड़ी सम या के
प म सामने आ रह है .
ऐसे म म थलेश आपको कुछ सु झाव बता रहे ह, िजससे आपको ऑनलाइन शॉ पंग सेफ हो सकती है . 1. सफ एक खू बसू रत वेबसाइट दे खकर यह भरोसा न कर क वह एक बहु त ब ढ़या कंपनी है , बि क उसके मा लक का नाम और उसका लोकल पता ज र दे ख. 2. उस शहर के सरकार
वभाग से कंपनी क लाइस संग डटे ल पता करने क
को शश कर. ज रत पड़े तो मेल, फोन करने म हच कचाएं नह .ं उपभो ता फोरम क ऑ फ सयल वेबसाइट यह है : http://nationalconsumerhelpline.in/ 3. साइबर कानू न के तहत यह बात
यान र खये क कह ं वह कंपनी कोई
कानू न तो नह ं तोड़ रह है. इसके साथ यह भी दे ख क अ य धक लु भावने ऑफर और गैर-कानू नी सामान क
ब
आपके लए खतरे क घंट हो
सकती है . 4. कंपनी म काम करने वाले ए
लाइज को जानने का
य न आपको इस
मामले म संतु ि ट दला सकता है क कंपनी के साथ कतने लोग जु ड़े हु ए ह. 5. वेबसाइट पर कये गए बड़े दावे और लेबल को दे ख कर कसी फंसे, बि क इसके बजाय आप दूसर कर. इसी
र यु वेबसाइट पर इसक
म म न ह
चेक
म म 57
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6. आप इसके डोमेन के पु राने होने को http://who.is/ पर चेक कर सकते ह साथ म वेबसाइट क गू गल रक (1 -10 ) इस वेबसाइट पर दे ख सकते ह: http://www.prchecker.info/ . गू गल रक िजतनी
यादा होगी, वेबसाइट उतनी
पु रानी और बेहतर न मानी जा सकती है. य द गू गल रक 3 से कम है तो सावधान हो जाइये. 7. सामान आपके घर पर कोई डल वर करने आये तो तु रंत दरवाजा नह ं खो लए, बि क उसक आई डी
ू फ दे खकर ह आगे बढ़. साथ ह साथ कंपनी
के साथ य द आप कु छ भी खर दते ह तो उसका ल खत कॉ
ै ट ज र ल.
8. कई कंप नयां घ टया सामान आप तक पहु ं चा दे ती ह, ऐसे म कंपनी क रटन-पा लसी को साफ़-साफ़ समझे बना खर दार न कर. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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या
टाचार को लेकर आप गु सा ह?
आपके चारो तरह नराशा का माहौल होने के बावजू द,
टाचार से घरे होने पर
भी, भारतवष क महानता के भाव से आपका म तक ऊँचा होता होगा, हमेशा नह ं तो कभी-कभार तो ज र ह . नह ं, नह ं मै ठठोल नह ं कर रहा हू ँ, यह एक वपर त वा त वकता है , कम से कम मु झ-जैसो के साथ तो नि चत ह है . य द दुसरे यि तय क बात छोड़ दे तो भी
वयं का अध- वक सत मि त क न चय ह
चारो तरफ बु राइय का भंडार दखाता है, ले कन कह ं कोने म छुपी मि त क क पू णता कहती है, नह ं यह बु राइयां हमारे भारतवष क
नि चत ह नह ं ह, यह तो
बाहर से आयी हु ई ह. इन बात म स चाई हो भी सकती है . ले कन एक बात तो तय है क य द इन बु राइय का अि त व है तो भी अभी पू ण नह ं हो पाई ह, सफ हमारा उपर आवरण ह इनसे
प हम पर हावी
भा वत हु आ है. यह बात मै
बहु त व वास से कह सकता हू ँ क हर भारतीय क अंतरा मा अभी भी उसे रा ता दखाती है , लाख वह बु रा द खता है, पर एक छोट सी घटना उसके असल स चे व प को उजागर कर ह दे ती है . आ खर हम यह कैसे भू ल जाय क अंगु लमाल जैस क अंतरा मा पर पड़ी धु ल य द साफ़ हो गयी, तो हमार अंतरा मा से भी बु राइय का पदा हट सकता है और फर सामने होगी भारत क व व गु
व , नमल और
क छ व. यह हमारा भारत है , िजसके बारे म सोच-सोच कर छाती चौड़ी
होती रहती है , क कभी तो हम उस जगह पर पहु ं चेगे जो हम सफ अतीत म सु नते आय है. ले कन इसके लए यह ज र है क आ मा पर पड़ी धु ल साफ़ हो और इसके लए नि चत ह हर बार कोई बु ध नह ं आयगे. हम
वयं अपने बीच
म से ह बु ध खोजना होगा और उ ह आदर दे ना होगा. इस बात पर आगे व तार से चचा करगे.
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एक वाकया आज मेरे साथ घ टत हु आ, म अपनी मोटरसाइ कल से बक म अपनी कंपनी का
पया जमा कराने जा रहा था, रा ते म द ल पु लस क खाक वद म
३-४ कां टे बल और
ै फक पु लस वै रकेड लगाकर चे कं ग कर रहे थे. य द आपने
द ल म मोटरसाइ कल से सफ़र कया है तो आप प र चत ह गे इस तरह क चे कं ग से, ाइ वंग लाइसस, दुषण और इ सु रस के कागज दखाओ, ऐसा नदश हु आ एक कां टे बल का. मै अपने कागजात पु रे रखता हू,ँ सो आ व त था. मने अपने पस म दे खा तो इं सोरस का पेपर नह ं था. याद आया, पछल बरसात म गीला होने के कारन मेर प नी ने उसे सु खाने के लए नकाला था. गाड़ी साइड म लगाओ, फर कां टे बल क आवाज आई और इ सुरस का पेपर न पाकर मेर मोटरसाइ कल क चाभी नकाल कर अपने हाथ म ले ल . कर दूं चालान, ११०० पये का होता है इ सु रस का, कर दूं ? लगातार वह दबाव बनाने का
य न करने
लगा. इधर मै न ता से पेश आ रहा था, नह ं तो झू ठ-मू ठ का और समय लगता. मेर ऊपर क जेब फूल हु ई थी, इस बात का एहसास उसे बखू बी हो चू का था, और अब वह कु छ और ह चाह रहा था. मै इस इशारे को समझ रहा था, ले कन मै ऐसी लेन-दे न से भरसक बचने क को शश करता हू ँ. वह कां टे बल भी आ व त था क अब कहाँ? अब तो कु छ बन ह जायगे. य द १०० का भर चु का होता पर ११००
पये का चालान होता तो मै कब
पये का चालान सु नकर मेरा आदश लगातार अंकल
जी, अंकल जी क रट लगा रहा था, उसे अपनी सफाई पेश कर रहा था. ‘जाने दो यार उसे’, लड़का झू ठ बोलता नह ं लग रहा है, एक बु जु ग क आवाज थी, बगल के फुटपाथ पर शायद टहल रहे ह गे. यह बोलकर वह महानु भाव आगे चले गए. आप यक ं नह ं करगे, वह बु जु ग चले गए और कां टे बल ने मेर तरफ गाड़ी क चाभी कर द . मु झसे नजरे मलाये बना, कहा ‘जाओ बेटा’ . दो बात इससे नकलती ह. पहल भारतीय यव था, स यता, अंतरा मा नाम क चीज अभी भी अि त व म ह, ज रत है उस पर जमी हु ई धु ल पर कपडा मारने क. दूसर बात, हम सभी को 60 www.mithilesh2020.com
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बार-बार लगातार सह रा ता दखाने क भी ज रत है और जो वग, यादा से यादा
भावी हो सकता है , वह ‘सी नयर स टजन’ वग ह है . भारतीय स यता म
बु जु ग का एक खास
थान रहा है. उसके पास यापक समझ होने के साथ-साथ
पया त समय भी है . मै सकारा मक लेखन म हमेशा से व वास करता हू ँ. हमसे पू छा जाता है, या टाचार को लेकर आप गु सा ह? ले कन यह क- आप
न अधू रा है. सह
न यह है
टाचार को लेकर कस से गु सा ह ? न चय ह जवाब आएगा, दूसर
से, सरकार से, दूधवाले से . और खु द से ?? हाँ, जी आपने सह सु ना, या आप टाचार को लेकर खु द से भी गु सा है ? य द नह ं तो यह मान ल िजये क आप दोहर मान सकता के शकार है . छोटे से लेकर बड़े-बड़ो तक को सांप सू ंघ जायेगा इस
न से. ले कन सवाल यहाँ सफ सम या का नह ं है , सम या से हम सभी
कह ं न कह अवगत तो ह ह , समाधान एक ल बी
न है सम या के समाधान का. यक ं मा नये, यह
या है और वह भी सावधानी से अपनाई जाने वाल
या. इस संपू ण सम या का हल दे श के नौ नहाल का च र - नमाण है , नै तक वकास है और वह संभव है सफ और सफ ‘भारतीय संयु त प रवार’ से. मै आगे क पंि तय म इस बात को त या मक तर के से रखू ँ गा. वैसे भी आज क पीढ़ काफ हद तक ता कक और वै ा नक है . संयु त भारतीय प रवार म लाख अ य बु राइयां हो सकती है, पर मै कुछ
न रखता हू ँ समाज के
सामने खा लस ता कक और वै ा नक भीएक यु वा क शाद क औसत उ
२५-३५ साल के बीच म होती है . इसी उ
सामा यतः संतानो प त भी होती है . पहला
न-
या इस उ
म
म इस यु वा के
पास अपने ब चे के लए समय होता है , यान रहे , यह कै रयर का सु नहरा दौर
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होता है हर एक के लए. दूसरा
न-
या इस उ
म इस यु वा के पास इतना
पया त अनु भव होता है जो ब चे के वकास म सहायक हो सके. जी नह ं, वह तो अपने जीवन-साथी तक को न समझ पाता है न समझा पाता है . अदालत म तलाक के बढ़ते मामले इसक कहानी
वयं कहते ह. तीसरा
न- य द मान भी
लया जाये क इस यु वा के पास इतना समय भी है और पया त अनु भव भी है, तो भी आप समाजशा
के मू ल स धांत का पु नरावलोकन कर, जो
क- “मनु य एक सामािजक
प ट कहता है
ाणी है”.
उस छोटे ब चे को मनु य से भरे माहौल म वक सत होने दो, मेरे आदरणीय और महान दे शवा सय . उसे दादा क कहा नयाँ सु नने दो, उसे चाचा क डांट पड़ने दो, बड़ी माँ को लाड करने दो, उसे भाइय -चचेरे भाइय से मेलजोल बढ़ाने दो. मत पालो उसे मशीन के बीच म. व डओ गेम, कं यू टर, बु धू-बा स उसे संकु चत और आ मक त बनाते है. यह
वाथ ,
या हमारे संपू ण समाज को बीमार कर
रह है . िजस एकल प रवार म बाप घू स क मोट रकम से ल बी-ल बी गा ड़यां खर दता है , या कोई उस से पू छता है इसक नै तकता के बारे म? ब चा छोटा है और प नी तो आनं दत होती है ह रा-ज डत मोटे हार को पाकर. ब चा बड़ा होकर ठ क इ ह आदत का मु र द बन जाता है. इसके वपर त भारतीय समाज म संयु त प रवार क यव था इन सबका नदान है , बु जु ग क सामािजक सु र ा क गारं ट है. मै इसका अंध-समथन नह ं कर रहा हू ँ, इस म भी तमाम बुराइयां हो सकती है , समाजशा बेहतर तक दे सकते ह. पर मै उ ह
के वशेष
इसके बारे म
वशेष -बंधु ओं से पू छता हू ँ क आज
‘संसद य- यव था’ से सबका भरोसा उठ चु का है, नेता संपू ण व वसनीयता खो चु के ह, तो यह यव था ख़तम कर के हम कोई तानाशाह -माडल
य नह ं वक सत
कर लेते ह ? फर तो यहाँ एक अ ना हजारे के आ दोलन से समाजशाि
य
क 62
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भृकु टयाँ तन जाती है . राहु ल गाँधी को संसद य-परं परा पर खतरा दखने लगता है . और पू रा समाज एक सु र म इस सड़ी-गल संसद य यव था को सु धारने का समवेत
यास करता द खता है . ठ क इसी
कार हम संयु त प रवार के दोष को
हटाकर समाज के हत म इस यव था को पु नज वत करना चा हए. संगठनो को इसक मह ा समझकर इसक
वयंसेवी
ाण- त ठा करनी चा हए. य द बहू त
ज र हो तो सरकार को भी इसके संर ण के लए आगे आना चा हए, य क च र - नमाण के बना वा त वक बदलाव क आशा करना दवा- व न ह है . आंदोलन से सफ स ा बदलती है , यव था नह ं. यव था के लए च र - नमाण अ त आव यक त व है . और च र - नमाण क
थम और अ त
भावी सीढ़
प रवार ह है . नह ं, नह ं मै सफ प रवार क बात नह ं कर रहा हू ँ, एकल प रवार तो ब चो को मशीन म प रव तत करते जा रहे ह. मै तो भारतीय संयु त प रवार क बात कर रहा हू ँ, िजसके बल पर भारतीय ने एक होकर वकास कया, कृ ष उ यम को चरम पर पहु ँ चाया और सोने क
च ड़या, व व-गु
पी
इ याद उपनाम से
कृ ताथ कया दे श को. इस यापक भारतीय महानता का आधार सफ भारतीयचर
था, िजसने हम न ववाद शखर पर पहु ँ चाया और भारतीय च र
क एकमा
ज मदा ी भारतीय संयु त प रवार परं परा ह थी. सो चये ! सो चये ! सो चये ! - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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नौकर या उ यमी : एक व लेषण आ थक मु दे सदा से मानव जीवन के लए मह वपू ण रहे ह, क तु आज के समय म लोग ‘अथ’ क के
धानता को सव यापी व सभी सम याओं के एकमा
समाधान
प म भी दे खते ह. इस हवा म दूसर बहु त मह वपू ण चीज भी गौण हो चु क
ह, मसलन स ब ध, च र , सहयोग, श ा, उ यम इ या द. भारतवष के वतमान धानमं ी भी तमाम जतन कर रहे ह क दे श के कसान, नौजवान सश त ह , उनको रोजगार मले. भू म अ ध हण, जीएसट जैसे तमाम बल को तक-कुतक दे कर संसद म पास कराये जाने क ज रत बताई जा रह है . खैर, राजनी त एक अलग वषय है , और अथनी त अलग. भारतीय प र े य म य द अथनी त पर आप यान दगे तो समझ जायगे क यहाँ ‘उ यम’ के अवसर पैदा करने क बजाय ‘नौकर ’ श द पर
यादा जोर दया जा रहा है . ‘नौकर ’ श द मू लतः ‘नौकर’, ‘सवट’,
चाकर, सेवक, दास इ या द से ह बना है , िजसे हर हाल म ‘मा लक’ के अनु सार ह चलना होता है , ठ क कसी सामंतवाद या जमींदार लहाज से इसका
था क तरह (आधु नकता के
ा प ज र बदला है , पर मू ल भाव ‘मान सक गु लामी’ का भाव
वह है ). हम सबको पता है क यह श द ‘नौकर ’ कतना कचोट भरा होता है , और इसी लए आज का श
त यु वक उ यम करने क सोच रखता है, शु
भी करता है,
क तु तमाम अ य सम याओं के अलावा शु आत म ‘मानव संशाधन’ क कमी, उनक वफादार और संघष के दौर म उनम समपण का अभाव मु य सम या के प म सामने आता है . जी हाँ! आप कोई भी रोजगार शु
करते ह तो उसम पूँजी
क सवा धक खपत ‘मानव संशाधन’ पर ह खच होती है , उसके बावजू द भी अ धकांश उ यमी शु आत म ह दम तोड़ दे ते ह और फर नौकर क तरफ मु ड़ जाते ह. आ खर इसका कारण
या है ?
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इस बात को समझने के लए मने कई पार प रक यापा रय (ब नय ), पंजाबी प रवार , जैन बंधु ओ,ं मारवा ड़य , बड़े और सफल कसान प रवार का अ ययन करने क को शश क तो न न बात सामने आयीं1. इन सभी सफल उ योगप तय के अ धकांश प रवार ‘संयु त’ ह.
यान रहे ,
इस एक श द ‘संयु त’ प रवार से मानव संशाधन क शु आती सभी सम याओं म अ धकांश
थाई
प से हल हो जाती ह, मसलन उनक
वफादार , सहयोग, समपण और उ योग शु
होने के समय कम से कम
ज रत इ या द. 2. इन सभी प रवार के ब च को लगभग शु
से ह उ योग के
त
ो सा हत कया जाता है और वय क होते-होते उसक मान सकता
वतः ह
एक उ यमी क हो जाती है और साथ म उसको यवसाय का यवहा रक ान भी
ा त हो जाता है . ( यान रहे , यह भी संयु त प रवार के होने से ह
संभव हो पाता है , जब वह ब चा अपने प रवार म चाचा, ताऊ, भाई इ या द को रोजगार करते दे खता है और उसके व भ न पहलु ओं पर घर म चचा होते सु नता है.) 3. इन प रवार के यु वा ब चे जब रोजगार करते ह, तो उनक गल तयां आप ह यू न हो जाती ह, य क प रवार एक होने से बड़े-बु जु ग बार क नजर रखते ह. (यहाँ
यान रखने वाल बात है क उन बु जु ग का ह त ेप कम से कम
होता है और सहयोग
यादा).
4. यवसाय सेट हो जाने के बाद य द दो भाइय म कसी ववाद क ि थ त उ प न होती है , तो इसका नपटारा बड़ी सरलता से घर के बु जु ग कर पाते ह य क उनके दमाग म यह वचार बहु त पहले से आया होता है और साथ म वह इसके समाधान पर भी ल बे समय तक वचार कर पाते ह. 65 www.mithilesh2020.com
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5. इसके अलावा सबसे मह वपू ण बात यह होती है क संयु त प रवार के बैक ाउं ड से होने के कारण सफल या औसत सफल यि त भी अनयं त नह ं होता है , बि क एकल प रवार के कसी यि त क तु लना म वह एक हद तक समाज के दबाव को
वीकार भी करता है और इस दबाव म वह
जन वरोधी फैसले लेने से पहले हज़ार बार सोचता है . 6. इन संयु त प रवार म एक बेहद मजबू त ‘सहकार
यव था’ का दशन भी
होता है , मसलन ऋण लेना-दे ना, कसी संकट के समय त काल एक हो जाना इ या द. यह नि चत
प से प रवार क साख के कारण हो पाता है और
कोई सरकार मदद करे , न करे , उसका नचले लेवल पर कु छ ख़ास असर नह ं पड़ता है . मेरा न कष यह
नकला क आधु नक यु ग म उ यम के लए ‘संयु त प रवार’
सबसे उ म लेटफॉम है , य द सच म उसके सद य ‘नौकर ’ जैसे श द के ‘कचोट’ से सफलतापू वक बचना चाहते ह और य द साथ म कोई यवसाय शु ह, सफलता क सवा धक गारं ट के साथ. आप सब का
करना चाहते
या कहना है , इस वषय
पर? साथ ह सरकार क इस नी त पर भी अपनी राय र खये क वह ‘नौकर ’ क सं या बढ़ाना चाहती है क ‘उ य मय ’ क . - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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प रवार एवं धन का सामंज य प रवार से स बं धत मू य पर वचार कर तो ‘अथ’ क बड़ी व च आती है . नि चत है क य द तीन-चार भाई ह तो उसम से कोई कमायेगा, कोई कम. अब यहाँ समीकरण बगड़ने शु कमाता है , वह प रवार से कटना शु अपने माँ-बाप के
ि थ त सामने यादा धन
हो जाते ह. जो
यादा धन
हो जाता है. भाई तो भाई, कई बार वह लड़का
त बेहद छोट िज मेवा रयां पू र करने से बचने लगता है.
यान रहे क यह वह लड़का होता है , जो अपने प रवार म सबसे
यादा धन
कमाता है , और जैसे-जैसे धन बढ़ता जाता है , प रवार से वह उतनी ह तेजी से कटने भी लगता है . शाद के बाद वह अपना यि तगत
टै डड बढ़ाने क झू ठ
और भागमभाग वाल को शश करता है , और प रवार कह ं दूर छूट जाता है …. … .. . या तो ऐसे ह उसका जीवन यू ँह कट जाता है या फर अचानक उसको अहसास होता है क अपने लए, अपने ब च के लए एक सोशल सकल भी होना ज र है , और वह अपना कमाया हु आ धन उन अनजान दो त के साथ पा टय इ या द म खच करता है , िजनक कुछ वशेष िज मेवार हो नह ं सकती और न ह उसके ब च को इससे कु छ सं कार मल सकता है. वह अपना पैसा वाटर-पाक, मू वी, दे शी- वदे शी टू र जैसी जगह पर बेतहाशा खच करता है , करता रहता है . और उसे आ खर म अहसास होता है क इन सबके बावजू द वह अकेला है, उसक प नी ड े ड है , उसके ब चे नालायक नकल गए ह और उसके हाथ म अंततः शू य है, य क सं कार और अनु शासन तो ‘संयु त प रवार’ म ह
वक सत हो सकता है .
फर कई लोग अपने प रवार और अपने उन भाइय क तरफ लौटने क सोचते भी ह, िज ह वह अपना पैसा बचाने के लए छोड़ आये थे, पर समय उनके हाथ से नकल चू का होता है. … 67 www.mithilesh2020.com
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जरा सो चये, य द ‘अथ’ क इस दू षत
वृ
को क थत ‘यो य और का बल लोग’
संतु लत कर, और अपने वकास के साथ अपने संयु त प रवार के लए यथासंभव संचन का भाव जी वत रख, तब शायद हमारे भीतर, हमार प नी के भीतर और हमारे आने वाले ब च के सं कार पर कतना बड़ा
भाव पड़ेगा! प रवार म संबंध
को सींचने के लए हमारा पैसा ज र खच होगा, क तु
या ई वर ने हम इसी लए
का बल नह ं बनाया है क हम अपने कमजोर भाइय , बहन , भतीज के
त अपने
कत य को पू रा कर. आ खर, वह धन इसी लए तो है क हम अपने वा त वक संबंध को िज मेवार से वक सत कर, य क प रवार के वकास म ह हमारा वकास भी है . अ यथा हम तमाम स पदा के बावजू द अंततः ‘ भखार ’ ह सा बत होते ह. ज र वचार क िजये ! - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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बे टय क दु नया: वतमान स दभ धानमं ी नर
मोद ने अपनी तमाम योजनाओं के साथ बेट बचाओ, बेट पढ़ाओ
योजना क शु आत कर द है. म हला एवं बाल वकास, मानव संसाधन मं ालय क साथ वाल इस योजना म मु य
प से
ी-पु ष लंगानु पात घटाने पर ज़ोर
दे ने क बात कह गयी है . इसके अ त र त लड़ कय क उ रजी वता और संर ण सु र
त करना और लड़ कय क
है . भारत के नए
श ा पर काम करने का मु य ल य रखा गया
धानमं ी का भाषण यू ं तो हमेशा ह रोचक होता है, मन से वह
भाषण दे ते ह, और इस योजना के उ घाटन- थल पर बॉल वु ड का चमकदार चेहरा माधु र द
त के
ांड-अ बै डर के
प म उपि थत था, तो
जमेगा ह . क तु इस योजना के अनेक पहलु ओं को दे खने के बाद यह
प म भाव प ट हो
जाता है क आज़ाद के बाद चल तमाम आधी- अधू र योजनाओं क तरह यह योजना भी कसी
कार भ न नह ं है .
ू ण-ह या, लड़ कय क
श ा पर तमाम
बात और काय म हम सब बचपन से सु नते आ रहे ह, ले कन इस बार मन आस लगाये बैठा था क इस योजना म ज़मीनी कारण पर वचार कया जायेगा और लड़ कय के ज म से लेकर उनके सशि तकरण तक के मू ल कारण पर अ ययन कया जायेगा, फर कसी काय म क घोषणा क जाएगी. ले कन, जैसा क
येक
सरकार के बाद होता है क उस सरकार का फेस तो बदल जाता है , क तु उसके अंतर म काय करनेवाले लोग, नौकरशाह क सोच नह ं बदलती है और प रणाम वह , एक ढर पर चलती दु नया और उस दु नया के लए एक ह ढर पर बनतीं योजनाएं. इस योजना म दे श भर के 676 िज़ल म 100 चय नत िजल को काय े
बनाया गया है , जब क ‘गु डा-गु डी’ बोड पर, कसी
ाम-पंचायत म
लंगानु पात के बारे म सू चनाएं लखीं जाएँगी. इसके अ त र त आम जनमानस के लए क
य
प म कु छ बात को दुहराया गया है क वह बि चय के ज म पर 69
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उ सव मनाएं , ‘पराया-धन’ क मान सकता से वह बाहर आएं , इ या द इ या द. कहना अ त योि त नह ं होगा क इस
कार क
तीका मक योजनाओं से दे श क बे टय
का न तो कु छ ख़ास भला हु आ है और होने क स भावना भी नह ं है. तो फर न उठता है क
या इस योजना क साथकता शु य है? नह !ं
कसी भी योजना क साथकता इस मामले म शु य नह ं हो सकती है, य क वह कह ं न कह ं संवाद का ज रया तो बनती ह है . इसके साथ होता है क
न यह भी उ प न
या संवाद अथवा जाग कता के अपने उ दे य को इस
कार क
योजनाएं पू रत कर पाने म स म ह? आपको फर नराशा हाथ लगेगी और नकारा मक उ र ह
मलेगा, नह !ं
कारण? म हलाओं के अ धकार से जु ड़े अ धकांश वषय म जाग कता क सवा धक आव यकता
वयं म हलाओं को ह है .
उसके बाल- ववाह म आ चयजनक
ू ण-ह या और बेट क अ श ा अथवा
प से आपको म हलाओं क ह सहभा गता
नजर आएगी, कई मामल म पु ष से भी हो जाएगी, जब हम म हलाओं क आज लगभग
यादा. इस मु दे पर चचा और
प ट
श ा और उसक उपयो गता पर बात करगे.
येक म यम-वग प रवार म लड़ कयां
ेजु एशन करती ह ह, कुछ
बीच म भी छोड़ दे ती ह यह अलग बात है . और म यम वग क ह बात कह जाए तो कई लड कयां इं जी नय रंग से लेकर दुसरे
ोफेशनल कोसस क तरफ बहु तायत
म मु ड़ रह ह. भारत का न न आय-वग भी इस मामले म जाग क हु आ है और उस वग क लड कयां भी श ा
ा त करने म कदम-दर-कदम आगे बढ़ा रह ह.
धानमं ी जी, एवं ‘बेट बचाओ, बेट पढ़ाओ’ के नमाताओं! इसके बाद इस बात पर
या होता है ,
यान द िजये ज़रा! 70
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तमाम श ा- श ण
ा त करने के बाद भी, अ धकांश लड़ कयां, सामिजक दबाव
म ज द ह शाद करती ह और घर म बैठ जाती ह. फर उनक पीढ़ क उन औरत से
श ा पछल
यादा अह मयत नह ं रखती है , जो पांचवी पास होती थीं
और दूर दे श म नौकर करते अपने प त को प
लख लेती थीं . कु छे क फ सद
म हलाएं संघष करती ह और शाद के बाद भी नौकर करने का अपना नणय, तमाम वरोध- तरोध के बाद भी जार रखती ह, ले कन उनका संघष भी तब दम तोड़ जाता है , जब मातृ व क िज मेदार उन पर आती है . प रणाम फर वह , ढाक के तीन पात! म हला फर वह ं क वह ं, आ थक आज़ाद उसक तमाम
छन जाती है और
यास के बावजू द उसके साथ जो प रि थ त गु जर , अपनी बेट के साथ वह
उसी ि थ त क क पना करके सहर जाती है . आगे सु नए, धानमं ी जी! कुछे क म हलाएं , आ थक सशि तकरण के लए मातृ व के बाद भी संघष जार रखती ह और अपने ब च को
े च या डे-बो डग के सहारे छोड़ने का र क लेती
ह, और प रणामतः उनके ब चे माँ-बाप से दूर , कुं ठत और अपे ाकृ त असामािजक नकलते ह. अपने आप म यह आंकड़े भयानक ह क अपने आ थक एवं काय क वतं ता के लए िज़ द करती म हलाओं का अपने प रवार से तालमेल नह ं हो पाता है और फर समाज म तलाक जैसी वकृ त फैलती है. इन म हलाओं से अलग कुछ और म हलाएं जो स म होती ह, वह तो ब चे ह पैदा नह ं करना चाहतीं. अब म पु नः मू ल पढ़ाओ’ अ भयान कस
न पर आता हू ँ. ऐसी प रि थ त म ‘बेट बचाओ, बेट
कार से म हलाओं से संवाद
था पत करने म स म हो
पायेगा? संवाद वह कर सकता है जो स म हो और म हलाओं को हम कु छ हद तक सा र बना पाने म बेशक कामयाब हु ए ह, क तु उनक स मता पर ि थ त
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आज़ाद के 67 साल बाद भी कु छ ख़ास नह ं बदल है. यह कारण है क संवाद, जाग कता के तमाम
यास सफ कागजी ह रह जाते ह.
इस व तु ि थ त म त वीर बेहद डरावनी नजर आती है.
या व त क यह मांग
नह ं है क बे टय क भलाई के लए, उनक माताओं को आ थक वतं
प से स म एवं
बनाया जाय? या समय यह नह ं कहता है क पढ़ - लखी लड़ कय को
रोजगार क भरपू र संभावनाएं मल? या म हला एवं बाल वकास मं ालय क यह िज मेवार नह ं है क वह बदलते समय के अनु प, बेहतर पा रवा रक माहौल के लए शोध पर जोर दे , पा रवा रक
े
म स
य गैर-सरकार सं थाओं, भारतीय
संयु त-प रवार से तालमेल करे ? या म हलाओं के सशि तकरण के लए घरे लु उ योग के वकास क संभावनाएं मौजू द ह? य द नह ं, तो कौन िज मेदार है ? या घर से बाहर नकलती म हलाओं को सु र ा है? कसी होने पर हमारा तं य द इन
उस लड़क के साथ कतना सहयोगा मक रहता है ?
न के उ र ढू ं ढ लए जाते ह, तो यक न मा नये,
आधा रत हमारा समाज कई
न के उ र
और दे श के नाग रक इस बात के नयी सरकार क इस योजना म
ी और म हला
वतः पा जायेगा. अब हालात बदले ह,
त िज मेवार नजर आते ह. वह अपने ब च
को, बि चय को बचाना चाहते ह, पढ़ना चाहते ह खानापू त
कार क पीड़ा अथवा हादसा
प ट
ले कन उसके बाद
या? दे श क
प से उथलापन द खता है और कागजी
यादा नजर आती है. सच कहा जाय तो यह 80 के दशक क योजना
लगती है , य क अब समाज क सम याएं अलग ह और वतमान म म हलाओं क , बे टय क सम याओं का समाधान तो छो ड़ये, इस योजना म उन सम याओं का िज़
भी नह ं द खता है . गणतं
दवस क बेला पर दे शवासी इस
न पर ज र
वचार कर और अपने वचार से जाग कता फ़ैलाने का नणय कर तो सरकार और उसके नौकरशाह भी कागजी खानापू त से ज र बचगे िजसका प रणाम 72 www.mithilesh2020.com
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नि चत
प से यथाथ पर आधा रत होगा, न क योजना के नाम पर पु रानी फाइल
को कॉपी-पे ट कर दया जायेगा. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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चाँद पर जाने क तम ना वा सय क
न ठा पर
छोड़ी गयी ज़मीन के
न उठना कोई नई बात नह ं है . कोई उनको अपनी त ग दार बताता है तो िजस नयी ज़मीन पर वह गए ह,
वहां उ ह अपना नह ं माना जाता है . थोड़ा पीछे जाएँ तो भारत-पा क तान के बंटवारे के समय जो मु सलमान भारत म अपना सब कु छ छोड़कर भी पा क तान चले गए ह, उनको भी वहां कई दशक बीत जाने के बाद भी ‘मु हािजर’ ह कहा जाता है . कु छ ऐसी ह ि थ तय पर आधा रत अमे रकन राजनी त
बॉबी िजंदल
का बयान आया है , िजसम उ ह ने कहा है क वह सफ अमे रक ह, ‘भारतीयअमे रक ’ नह !ं आगे जोड़ते हु ए उ ह ने यहाँ तक कह डाला क उनके माता- पता 40 साल पहले अमे रका म अमे रक बनने गए थे! खैर, यह एक राजनेता का राजनी तक बयान कह कर त काल खा रज कया जा सकता है , ले कन इस बीच इस
न क जड़ तक पहु ं चा जाना ज र है क
का आधार
या है और वा तव म उनके क
पछले दन से यह बड़ा घातक श ण सं थाओं से स म
वा सय क इ छा और मजबू र
य और न ठा क कसौट
या है .
ड सामने आया है , जब दे श के तमाम उ च
तभाएं
श
त होकर ‘एनआरआई’ बनने का सपना
मन म पाल लेती ह. कोई यु वक गाँव के कसी गर ब, मजदूर माँ -बाप क मेहनत पर सवार होकर इन सं थाओं तक पहु ँ चता है तो अ धकांश यु वक पर भारत सरकार अपने संसाधन को बेतहासा खच करती है , ता क यह
तभाएं दे श क सेवा
कर सक. फ स तो इन सं थाओं म इनके खच क दस फ सद भी नह ं होती है और य द इन सं थाओं के
तर क बात कर तो इनम पढ़ने वाले यु वक , युव तय
को लगभग मु त श ा और क
श ण मल जाता है. उसके बाद यह
तभाएं दे श
कतनी सेवा करती ह, या करनी चा हए, यह बॉबी िजंदल ने अपने बयान म 74
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बता दया है . उनका यह बयान अभी बेशक भारत- वरोध जैसा लगे, क तु यह एक स चाई है . आईआईट , आईआईएम, एनआईट और ऐसे ह अनेक समक दे श क श
सं थान
तभाओं को दे श के लए नह ं अमे रका या दुसरे ऐसे ह दे श के लए त करती ह. बीच म इसी मु दे को लेकर इन सं थाओं म पढ़ने वाल पर
नि चत अव ध के लए ‘अनु बंध’ साईन करने क बात भी कह -सु नी गई. महा मा गांधी ने अपने एक कथन म कहा है क दे श म जब तक गाँव का वकास नह ं होता, तब तक दे श का वकास संभव नह ं. ‘गाँव क ओर लौटो’, बहु त पु राना, मशहू र नारा है. यह सफ एनआरआई के लए ह बात हो, ऐसा नह ं है , बि क हमारे दे श म भी जो अंधाधु ंध शहर करण हो रहा है, कह ं न कह ं इसी
वास
क सम या से जु ड़ा हु आ वषय है. इसी वषय से जु ड़ा हु आ एक वाकया बताता हू. ँ गाँव म कसी गर ब प रवार क हाड़तोड़ मेहनत, मजदूर से एक महाशय भारतीय फ़ौज म ‘कनल’ रक तक पहु ँ च गए. अफसर
ेड अपने आप म एक अलग, उ च
ओहदा होता है . उ ह ने गाँव जाना लगभग छोड़ ह
दया. अपने पता के अं तम-
सं कार म भी बचारे जैसे-तैसे गाँव पहु ं चे, य क गाँव तक
े न, लाइट क सु वधा
तो छोड़ ह द िजये, सड़क और उस पर चलने वाले लोकल साधन भी माशा अ लाह ह थे.
या-कम म ह ते भर से
यादा समय लगता है और इस दौरान वह
बचारे गाँव म आने के बारे म अपने क ट का रोना रोते रहे . उनके ह प रवार के कसी लड़के ने उनसे कहा क चाचाजी! मने भी बीए पास कर लया है , आप मेर नौकर भी कह ं फ़ौज म लगवा द िजये. वह कटा
करते हु ए बोले क ‘बीए’. दे श
म लाख इंिज नयर ड ी लेकर बेकार घू म रहे ह और तु म गंवार, बीए पास करके नौकर पाने क बात कर रहे हो. तु म गाँव के पछड़े लोग, कसी काम को इतना आसान कैसे समझ लेते हो? तु ह पता है नौकर पाने क खा तर
या- या करना
पड़ता है ? अं ेजी फराटे दार होनी चा हए, बॉडी लगु एज पॉिज टव होनी चा हए, 75 www.mithilesh2020.com
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एट केट, एट यू ड … और भी जाने वह
या- या कहते रहे . वह तो शायद
कते ह
नह ं, ले कन उस बीए पास लड़के क आँख म आंसू आ गए और वह घर के अंदर चला गया. गाँव के एक बु जु ग ने कनल साहब को टोकते हु ए कहा क बेट!ा आज तो तु म शहर के हो गए, ले कन वह दन तु म भू ल गए जब तु हार नाक बहती थी और तु म फट हु ई पट पहनकर
कू ल जाते थे. िजसको तु मने गांव का गंवार कहा,
उसी के घर से तु हार माँ आटा मांग कर लाती थी और तु म उसक रोट खाकर कू ल जाते थे. ले कन, तु मने तो गाँव और समाज का कज तो एक झटके म उतार दया! यह सु नना भर था क कनल साहब, आ म ला न क बजाय और भड़क गए, कहा- काका! तु हारे जैसी सोच रहती तो आज इं सान चाँद पर नह ं पहु ँ च सकता था. और फर उसके बाद कनल साहब गाँव म फर कभी दखे नह .ं इस वाकये को आप सच मान सकते ह. हमारे आस-पास नजर दौड़ाने पर एनआरआई के स दभ म ह नह ं, बि क दे श म भी ‘
मी-लेयर’ कुछ ऐसा ह करती नजर आती
है . बड़े अ धकार , आईएएस, आईपीएस, पीसीएस या कसी म ट नेशनल म काम करता टॉप-एि स यू टव म से अ धकांश गाँव से उठे हु ए यि त ह. उनक माँ ने इनक पढ़ाई क खा तर अ य सहोदर क अपे ा थोड़ा
यादा दूध पलाया होगा
और बाप ने दुसरे भाइय -बहन के मु काबले कताब पहले दलाई ह गी. उन माँ-बाप को शायद यह उ मीद रह होगी क एक लड़का बड़ा अफसर बन गया तो दुसरे भाइय -बहन के हत क भी चंता करे गा. उ ह कतई आभास नह ं रहा होगा क गाँव और भाई-बहन क कौन पू छे, वह माँ – बाप को लात मार दे गा. माँ के
न पर ह एक एनआरआई महोदय हम पर बगड़ गए. हु आ यू ं क वह
द ल म कसी क शाद म शर क होने आये थे. द ल क एक मं दर- पी सं था है और वहां लड़के- लड़ कय से हंद म शाद क ए ल केशन लखवाई जाती है . खैर! उनका अपना
ल है . इस हंद के
न पर वह सहज नह ं रह सके और 76
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भारतीय के पछड़ेपन क चचा छे ड़ द . अपनी मु ंहफट आदत के कारण म चु प न रह सका और उनसे सीधा
न कर बैठा क आपक माँ जी वत ह?
उ ह ने कहा- हाँ! मने फर पू छा- कहाँ ह वह? उ ह ने कहाँ- गाँव म? मने कहा- उनक दे खभाल कौन करता है ? उ ह ने कहा, नौकर रखने के लए कहा था, ले कन माँ ने मना कर दया. मेर आँख को घू रता पाकर, उ ह ने फर कहामने माँ से अपने साथ वदे श चलने के लए कहा, ले कन उसने खु द मना कर दया. उनक इस बात पर मने कठोरता से कहा- माँ को नौकरानी बनाने के लए आप अमे रका ले जाना चाहते थे? अब तक वह सकपका चु के थे. बात बढ़ती, उससे पहले ह मंडप म उनको बु लाने वाले आ गए. फर अगले कु छ घंट तक वह महोदय उदासी ओढ़कर नजर चु राते रहे . आ खर, इन
न का जवाब उपरो त व णत ‘कनल साहब’ या ‘िजंदल जैसे
एनआरआई’ दे सकते ह श
या? या फर वह तमाम ‘आईआईट यन’ और
बंधन के
त यु वा जवाब दगे, जो पलते यहाँ ह, संसाधन यहाँ का इ तेमाल करते ह
और अपनी उ पादकता कसी और के लए इ तेमाल करते ह? और अभी नर मोद क बहु च चत रै ल हु ई अमे रका म, मै डसन
वायर पर. य द अमे रका म
िजंदल जैसे अमे रक ह थे, तो उस रै ल म लाख लोग
या भारत से गए थे? और
फर दोहर नाग रकता और वीजा-स ब धी द कत को दूर करने के लए मोद ने 77 www.mithilesh2020.com
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तमाम घोषणाएं कसके लए क .ं
यू याक म कसी स ख अमे रक पर
दया जाता है , तो उसके लए भारत सरकार
य दबाव बनाये? ऑ
क चढ़ा
े लया म
िजंदल जैसे कसी नाग रक पर हमला होता है तो उसके लए भारत-सरकार पैरवी य करे ? सच तो यह है क मनु य, मनु य तब तक ह है, जब तक उसम क भाव है और क
य
य भाव जड़ के वगैर शू य है. बॉबी िजंदल को ऊपर तौर पर ह
सह अमे रक बनने क ज द
दखती है , ले कन अमे र कय को इतनी ज द नह ं
होगी उ ह अमे रक बनाने म. इस पहचान क राजनी त ने मानवता का बहु त नु सान कया है. िजंदल जैसे लोग ह ह, जो इस म उलझे रहते ह और न ठा को राजनी तक लाभ-हा न के पैमाने पर तोलते ह. अपनी मटट को कोई भी नह ं छोड़ना चाहता है , आ थक मजबू रय , रोजगार क संभावनाओं, बेहतर के लए यि त एक जगह से दूसर जगह पलायन करता है , ले कन 80 फ सद से
यादा
मामल म यह अपनी जड़ से जु ड़ा हु आ रहता है , य क नै तकता यह मांग करती है . य द कोई एक पीढ़ अमे रका चल गयी है तो
या उसका सं कार प रव तत हो
जायेगा? सं कार उन प य का नाम है , जो जड़ से खाद-पानी लेती रहती है . य द जड़ नह ं तो सं कार कैसा? बॉबी िजंदल तब भारतीय अमे रक नह ं ह गे, जब वह अपने इ तहास को मटा दगे. अपने पता का नाम अपने ब च को नह ं बताएँ गे और अपने नाम से िजंदल टाइटल भी हटा लगे. उनक प नी का नाम ‘सु या’ है , उसे बदलकर वह कोई
ला डया नाम रख ल, य क यह नाम भी भारतीयता से ह
जु ड़ा है. स म होने के बाद अपने गाँव से बेशक कोई ‘
मी-लेयर‘ का यि त नाता तोड़
ले, या भारत से जाने के बाद कोई एनआरआई भारत से र ता ख म कर ले, उसे यह बात याद रखनी चा हए क उसक अगल पीढ़ भी है और बना जड़ के वह सू ख जाएगी. शायद यह कारण है क शहर म बड़े लोग के ब चे सं कार वह न 78 www.mithilesh2020.com
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होकर
ग, अपराध क शरण ले लेते ह अथवा नममता से अपने माँ-बाप को
छोड़कर अपनी पु रानी न ठा को छोड़कर, कोई दूसर छ म न ठा धारण कर लेते ह. तब वह माँ-बाप रोते ह, ले कन वह भू ल जाते ह क अपने गाँव, अपने भाइय और अपने सं कार को छोड़कर उ ह ने भी यह
कया था. भारत जैसे वकासशील
दे श और दे श के गाँव, जहाँ स म लोग क इतनी ज रत है , वहां िजंदल जैस और ‘कनल’ जैसे लोग का यवहार नै तक अपराध क
े णी म आएगा, य क उ ह ने
कसी और का हक मारकर यो यता हा सल क है , दे श का नमक, जी हाँ! टाटा नमक खाकर दे श के साथ, अपने गाँव के साथ ग दार क है और तक दया है , खोखल
यवहा रकता का, चाँद पर जाने के सपने का. कसी शायर ने
या खू ब
कहा है -
‘चाँद पर जाने क तम ना करने वाल , पहले धरती पर रहना तो सीख लो’. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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दे श के कानू न से ऊपर नह ं है कोई भारत दे श म व भ न
कार के लोग और समू ह पाये जाते ह और इसी के हसाब
से उनक मान सकता भी बदल रहती है . ले कन इस बीच एक बात बड़ी कॉमन नजर आती है और वह है इन सभी के मन म दे श के कानू न से खु द को ऊपर समझने क लत. गांव म पान क दूकान या चाय क दुकान पर बैठा हु आ छुटभैया नेता हो या दे श म बड़े कॉप रे ट समू ह के धना य के तौर पर पहचान रखने वाला यवसायी, सभी दे श के कानू न के ऊपर खु द को समझते ह नह ं ह, बि क उनके मन म
येक प रि थ त म सब कु छ ‘मैनेज’ कर लेने क नीयत भी
होती है और वह इस सल सले म अपनी जु गत भी भड़ाते रहते ह. आ खर कानू न म कह ं तो झोल है , जो इस
कार क मान सकता आम-ओ-ख़ास सभी म वक सत
हो जाती है . यह अलग बात है क जब कानू न अपनी पर उतरता है तब आम क तो बात ह लोकताि
या क जाय, बड़े से बड़े ख़ास इस च क म पस जाते ह. इस बड़े क दे श म, आबाद के अनु पात के हसाब से
शास नक ढाँचे म बड़ी
खा मयां मौजू द ह. इ ह ं खा मय का फायदा उठाकर धू त यवसायी येन, केन कारे ण धन और स ा के क
म आने म सफल हो जाते ह, और भारतीय जनता
को ध ा बताने क को शश म लग जाते ह. हाल ह म डीएलएफ जैसी बड़ी कंपनी के ऊपर शेयर बाज़ार म कारोबार पर बाजार नयामक सं था सेबी ने
तब ध लगाया है . इस कंपनी के ऊपर नवेशक से
जानकार छुपाने का आरोप लगाते हु ए इनके नदे शक को भी
तबं धत कया
गया है . यहाँ यह बताना उ चत रहे गा क डीएलएफ कंपनी सो नया गांधी के दामाद रोबट वा ा से क थत सौदे को लेकर बड़ी च चत रह है . पर इस कड़ी म सफ डीएलएफ के केपी संह ह नह ं ह, बि क जेल म बंद सहारा के मु खया सु त रॉय 80 www.mithilesh2020.com
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सहारा जैसे यवसायी भी ह. सहारा के साथ-साथ रलायंस समू ह को
पे
म
घोटाल और वजय मा या इ या द को कमचा रय के साथ धोखाधड़ी करने जैसे आरोप का सामना करना पड़ा है . वजय मा या ने तो सांसद के घर पर
भा वत
करने क माशा से ‘महँ गी शराब’ तक भजवा द थी. और भी कई बड़े बजनेसमैन अपने काय को साधने क खा तर अ धका रय समेत, नेताओं और को
यायाधीश तक
भा वत करने क को शश खु ले तौर पर करते रहे ह. जहाँ तक बात डीएलएफ
समू ह क है, तो ब चा-ब चा जानता है क ह रयाणा म इस कंपनी ने कस अकूत स प ी हा सल क है. इसी
कार सहारा समू ह के मु खया तो
कार
यायालय क
नाफरमानी करने के आरोप के चलते जेल म बंद ह. डीएलएफ या सहारा ऐसे पहले औ यो गक घराने नह ं ह, िजन पर इस तरह के मामले दज हु ए ह, ले कन अपनी गल तय से वह इस तरह के पहले औ यो गक घराने ज र बन गए ह, जो सीधे तौर पर कानू न क नाफरमानी करने वाला
तीत हो रहा है. हालाँ क इस बात से
इंकार नह ं कया जा सकता है क औ यो गक समू ह को ल
त करने म
राजनै तक उ दे य भी हो सकते ह, ले कन बावजू द इसके उ ह कानू न का पालन करने म संयम तो दखाना ह चा हए. इसके साथ सरकार और
यायपा लका को
अपरा धय को दं ड ज र दे ना चा हए, ले कन इससे पहले इस बात क कड़ी यव था होनी चा हए क कोई भी धू त या तेज यि त आम जनमानस के पैस अथवा उसक भावनाओं के साथ सीधा खलवाड़ नह ं कर सके. य द डीएलएफ या सहारा जैसी कंपनी ने नवेशक के पैस के साथ कोई धोखाधड़ी क भी है तो यह
न उस सेबी से ह पू छा जाना चा हए क वह बना कसी ठोस
गारं ट के ऐसा कैसे कर पायी, और सेबी के अ धकार आ खर कोई धोखाधड़ी हो जाने के बाद
य जागते ह. और डीएलएफ समू ह कोई आज से तो कारोबार कर
नह ं रहा है तो फर उस पर आज से पहले
न
य नह ं पू छे गए? या इस 81
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सम त
करण म खु द ‘सेबी’ भी शक के दायरे म नह ं है ? उन सभी अ धका रय
पर भी कड़ी कारवाई होनी चा हए, िज ह ने डीएलएफ को नयम म ढ ल द होगी. जनता का पैसा आईपीओ के रा ते करने वाल कंपनी पर आ खर ढलाई कैसे क जा सकती है . बाद म
तब ध लगाने पर भी नु सान नवेशक को ह तो होता
है . इसके साथ इन बात से कौन इंकार कर सकता है क सरकार अ धकार चंद पैस म गलत सह कारोबा रय को आगे बढ़ने म खु ल मदद करते ह. औ यो गक घरान को भी चा हए क वह अपनी साथ के साथ-साथ नवेशक के पैस का पू रा पू रा हसाब द और खु द को दे श के कानू न से ऊपर समझने क िज द भी छोड़ द. इसी म खु द उनक भी भलाई है, उनके नवेशक क भी भलाई है और बड़े समू ह से जु ड़े कमचा रय का भ व य भी इसी म सु र
त रहे गा.
न को आगे तक ले जाने
पर हम दे खते ह क कानू न को ठगा दखाने म सफ उ योगप त ह नह ,ं बि क धमा धकार भी पीछे नह ं ह. कई पाखंडी व भ न आरोप म जेल क हवा भी खा रहे ह. गहराई से अ ययन करने पर यह
प ट हो जाता है क गलत सह काम
करने के लए शु आत म कानू न क कमजोर का फायदा उठाया जाता है, और फंसने पर सफेदपोश बड़ी आसानी से, वोट क खा तर इन सभी का बचाव करते ह. ज रत है कानू न क
यव था को दु
त करने क , ता क कोई भी आम या ख़ास
कानू न के दायरे म ह रहे. क़ानू न के दायरे से बाहर जाते ह उसको सरकार का भय हो. तभी आम जनमानस के शोषण म कमी आएगी और हम कह सकगे क दे श म “कानू न का राज है”.
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भारतीय समाज क क थत ‘आधु नकता’ एवं कामकाजी म हलाएं कुछ ह
दन पहले क बात है , जब व व क बड़ी आई ट कंपनी माइ ोसॉ ट के
सीईओ से कसी ने
न कया क यो यता म बराबर होने के बावजू द म हलाओं
के मेहनताने उनके पु ष समक
से कमतर
य ह? संयोग से यह सीईओ साहब
भारतीय मू ल के ह ह, और भारतीय मू ल के यि त शा
को बड़े मनोयोग से
पढ़ते ह. तो उन महाशय ने तपाक से जवाब दया क म हलाएं कम कर और सेलर क
चंता छोड़ द!
त
या
व प बवाल होना ह था, और हं गामा इतना
हु आ क इन महाशय को सावज नक माफ़ तक मांगनी पड़ी. खैर! यह तो एक बात हु ई, ले कन इस हं गामे ने मु झे म हलाओं क ि थ त पर पु न वचार करने को मजबू र कया, वशेषकर आज के भारतीय प र और
य म. चूँ क हमारा दे श पु रातनपंथी
ढ़वाद रहा है , यहाँ म हलाओं को लेकर अनेक आंदोलन चले ह, उनके
अ धकार के लए, उनके स मान के लए हर
तर पर काय भी हु ए ह, ले कन फर
भी म हला अ धकार के स दभ म हमारे दे श को नचले पायदान पर ह रखा जाता है . हालाँ क, दे श क आज़ाद को लेकर हम ले टनम जु बल मनाने को तैयार ह, ले कन म हलाओं क दशा पर चंतन करने का समय हमारे पास कम है . यह ि थ त तब है , जब दे श वदे श म िजन भारतीय ने झंडे गाड़े ह, उनम म हलाओं क सं या कह ं से कमतर नह ं है . चाहे क पना चावला, सु नीता व लय स, करण बेद , मैर कॉम जैसी एक
े
म बु लंद छूने वाल म हला
तभाओं क बात कर या
इं दरा नू यी, चंदा कोचर, सा व ी िजंदल जैसी यवसायी म हलाओं क बात कर या फर राजनी त के
े
म सु षमा
वराज, सो नया गांधी जैसी हि तय क बात कर
ल, यह सू ची बढ़ती ह जाती है. य द कुछ नह ं बढ़ता है तो वह हमारे दे श क 83 www.mithilesh2020.com
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सामा य म हलाओं का जीवन समाज क वह
तर. य द कु छ नह ं बदलता है तो वह है हमारे
ढ़वाद सोच, जो औरत को माइ ोसॉ ट के सीईओ क तरह
काम करने भर का अ धकार दे ते ह. उन जैस क नजर म वह अपने अ धकार को मांग नह ं सकती ह, उन पर वचार नह ं कर सकती ह अथवा उसके लए लड़ाई नह ं लड़ सकती ह. एक नजर म दे खने पर यह कहा जा सकता है क भारतीय म हलाओं क ि थ त म पहले क अपे ा बहु त सु धार हु आ है, अब वह उ च श ा नौक रयां कर रह ह, आ थक और सामािजक बार क से दे खने पर यह भी पर ह है , और जो कुछ
हण कर रह ह,
प से सश त बन रह ह. ले कन
प ट हो जाता है क यह सफलता
तीका मक
तर
तीका मक भी है , उसके लए भी उन म हलाओं को कई
जगह भार क मत तक चु कानी पड़ रह है .
न यहाँ उठता है और उठना भी
चा हए क आ खर हमारा समाज और समाज के क थत पढ़े - लखे लोग, कामकाजी म हलाओं को
ो सा हत
य नह ं कर पा रहे ह? या हमार सामािजक संरचना
अभी तक इस वैि वक बदलाव को पर
वीकार नह ं कर पायी है ? या इस नकारा मक
य म म हलाओं क भी भू मका है? य द हाँ! तो
या और उसका समरस हल
या है ? हालाँ क इन
न का उ र ढू ं ढने से पहले हम अपनी सामािजक संरचना क
मू लभू त बात पर पु न ि ट ज र डालनी होगी, य क हजार साल क सोच को कुछ दशक म बदल पाना न चय ह क ठन अवधारणा है . ि
य को अब तक
प त क सेवा करने और ब च को सँभालने क मशीन ह समझा जाता रहा है , और सफ मशीन ह नह ं, बि क उसे अ धकार वह न भी समझा जाता रहा है . हालाँ क, समय के साथ यह सोच इतनी ज र बदल है क अब हमारा सं वधान और समाज दोन ि
य को अ धकारयु त मानने लगा है. अब हर घर क 84
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लड कयां उ च श ा
हण कर पाती ह. नौकर करने का
य न भी करती ह,
ले कन उसके बाद …. …. !!! सार सम या उसके बाद उ प न होनी शु
हो जाती है .
ढ़वाद और अ तवाद
वभाव वाल क हम बात नह ं करते, य क उनक सं या धीरे -धीरे कम हो रह है और उनके वचार भी वकासशील हो रहे ह. हम बात करते ह आधु नक और पढ़
लखी जमात क . शाद के बाद स तानो प ी होते ह नौकर पेशा म हला को
अपनी नौकर का ब लदान करना ह पड़ता है . भारत म ऐसा ९० फ सद मामल म होता है , शेष दस फ सद मामल म द प य के बीच तनाव क ि थ त बन जाती है . शु आत म कु छ लोग ज र डे-बो डग /
े च को
ाथ मकता दे ने क सोचते ह,
ले कन भारत म यह सं कृ त पनप ह नह ं पायी है , और शायद उस व ता रत होगी भी नह .ं
प म
य क भारत म ब च को न सफ उस प रवार का
बि क दे श का भ व य तक कहा और माना जाता है . अब यह सोचने वाल बात है क भारत जैसे भावना – धान दे श म ब च का लालन-पालन कसी नौकर या ोफेशनल के हाथ म कैसे दया जा सकता है . यह ठ क है क ब च के नमाण क सवा धक सफल और
मा णत
या हमारे दे श क संयु त प रवार यव था
रह है , ले कन इस सं था के लगातार टू टन ने हमारे दे श क औरत पर सबसे यादा कहर ढाया है . आधु नकता और अथ के साथ
वा भमान क कुछ ऐसी मजबू र है क दे श म पढ़
लखी म हलाएं नौकर करना चाहती ह, ले कन नौकर करते ह उ ह अपना प रवार, अपने ब च का भ व य, सं कार और र ते तार-तार होते नजर आते ह. िज द करके य द वह शु आती कुछ दन तक नौकर करती भी है तो उसे घर के दुसरे काम के अ त र त ब च के पालन का अ त र त दबाव सहन करना पड़ता है . इस दबाव के फल व प ड ेशन समेत अनेक बीमा रयां कम उ
म ह 85
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म हलाओं को जकड लेती ह. य द फर भी जैसे-तैसे, अपन का वरोध करके, लड़ कर वह अपनी जॉब जार भी रखती है तो कुछ साल के बाद पता लगता है क उसका ब चा उस से काफ दूर चला गया है . ट वी, कं यू टर से लगाव के कारण वह मशीन बन गया है , तो माँ के समय न दे पाने के कारण वह इंसानी भावनाओं और संवेदनाओं से भी वं चत रह गया है . आ खर कोई
ी कतनी भी आधु नक
य
न हो जाय, ले कन भारतीय माताओं और वदे शी मदस म इतना अंतर तो रहे गा ह क उसे अपने पु
से सबसे
यादा लगाव होगा, कसी डे बो डग अथवा
े च से
अ धक. इन प रि थ तय के साथ तालमेल बठाकर, औरत के लए नौकर कर पाना काफ मु ि कल हो जाता है. इस के साथ यह बताना मु ना सब होगा क समाज के साथ, पु ष के साथ औरत क सोच भी कामकाजी नह ं हो पायी है. म यि तगत से कई ऐसी पढ़
लखी म हलाओं को जानता हू ँ, िजनका अपना घरे लु
प
यवसाय है,
वह आसानी से अपने प त का हाथ बंटा सकती ह, िजस से उनका घर भी बचा रहे गा और वह कामकाजी भी बनी रह पाएं गी, ले कन उन पर बाहर काम करने का, व छं दता का भू त जाने
य सवार रहता है? मतलब य द वह काम करगी तो कह ं
बाहर, नह ं तो वह घर बैठकर ट वी और क ट म समय ह बदल हु ई प रि थ त म यह सबसे सु गम हल है क पढ़
नकलगी. हालाँ क लखी औरत
के सहारे अपने यि त व को नखार, अपने प त के या घरे लु आ थक स प नता का रा ता ढू ं ढने का कर तो, आज के समय म जब सू चना तो इसको लेकर तमाम
यवसाय म अपनी
य न कर. य द हम एक
े
क ह बात
ौ यो गक म भारत अपने झंडे गाड़ रहा है,
वरोजगार क संभावनाएं भी उ प न हु ई ह. घर बैठकर
छोटे रोजगार के अवसर जैसे- टाइ पंग, डेटा एं बजनेस कंसि टं ग, बड़े
व-उ योग
ोजे
से लेकर यापक अवसर जैसे-
स क को डंग तक का काम घर बैठकर ह
कया जा 86
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सकता है . कई बड़ी कंप नयां घर बैठकर बड़ी बात यह है क सू चना
लांस करने क सु वधा दे ती ह. सबसे
ो यो गक म ऐसा कोई काम नह ं है, िजसे पढ़
लखी
लड कयां घर बैठकर एक कं यू टर के सहारे कर नह ं सकती ह. य द काम करने म कोई सम या आती है तो यू यू ब, गू गल जैसी सु वधाओं से बेहद आसानी से वह टे प-बाई- टे प सीख सकती ह. इसके अ त र त, िजस सॉ टवेयर म द कत आती है , वह सॉ टवेयर बनाने वाल कंपनी हर व त तैयार रहती है सपोट दे ने के लए. पर मु झे बड़ा अजीब लगता है, जब अपने समक
कई लड़ कय को बहाने बनाकर
काम से भागते दे खता हू ँ. शायद, वह भी उसी सोच क
शकार ह िजसम पैसा
कमाने के लए प त होता है और वह ब चे सँभालने क खानापू त करने के लए. खानापू त श द इस लए मु झे इ तेमाल करना पड़ रहा है
य क आज कल क
लड़क घरे लु हो या कामकाजी, ब चे को ट वी के सहारे ह छोड़ दे ती ह, या अथवा
यू शन के सहारे छोड़कर खु श हो लेते ह. हालाँ क यहाँ, पु ष-वग को
कू ल लन
चट नह ं द जा सकती, य क एकल प रवार म उनके पास अपनी बीवी के साथ वीकड पर मू वी दे खने का समय ज र होता है, ले कन अपने छोटे ब चे के साथ शाम को पाक म घू मना उ ह समय क बबाद लगता है. काश! संयु त प रवार म यह यु वा रहते और उनके माँ-बाप उनके कान खींचते रहते. उनको थोड़ा बु रा ज र लगता, थोड़ा क ट भी होता, ले कन खु द उनका भ व य और उनक अगल पीढ़ का भ व य अपे ाकृ त अ छा बनता. ईमानदार से दे खा जाए तो आज के भारतीय समाज म ि
य क ि थ त बेहद
उलझी हु ई नजर आती है. कई बार इसके लए समाज क सोच िज मेवार होती है तो कई बार खु द म हलाओं क मान सकता इसका कारण होती है. ले कन भारतीय समाज का व तृत चंतन करने पर इसके दो हल नजर आते ह , िजसको प रमािजत कया जा सकता है . ऊपर क पंि तय म संयु त प रवार और
व87
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रोजगार का वणन इसी भारतीय संवेदना को उ मीद है , समाज के साथ यि तगत दे ने का त
या
यान म रखकर कया गया है .
येक यि त इस सम या को वकराल बनने से पहले
च लेकर इस सम या पर अ ययन करे गा एवं इसका बहु आयामी हल
य न करे गा. इ ह ं श द के साथ, आप से वदा लेते हु ए आपक वारा उ साहवधन क उ मीद करता हू ँ. - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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े न का टाइम (क वता) बेटा, आज तो
क जा
अभी तो आया है , अब जा रहा है माँ बोल ं पछल बार भी तू न
का था
तब मेरा मन खू ब दुखा था
उ ह लगा, बु रा न लग जाए बोल ंतु झे भी कतना काम है, एक पल ना आराम है और फर बहु भी शहर म अकेल है पोता बदमाश, पोती अलबेल है
अरे सु नउसको भी तो गाँव ले आ उसक जड़ से उसको मला
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उसके दादा उसक फ़ोटो सहलाते ह मलने को उससे रोज तड़प जाते ह
कहते हछोट बहु भी घर नह ं आयी मायके से वापसी क
टकट कटवाई
दे ख न पाया छोटे पोते को कहते हु ए, आँख डबडबाई
थोड़े अम द ले जा, न बू के आचार बहू बना दे गी ये सरस का शु ध तेल है, पोते क मा लश वह करे गी
सू रज ढल रहा था म माँ को सु न रहा था, जी कया सु नता जाऊं ले कन90 www.mithilesh2020.com
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े न का टाइम हो रहा था। े न का टाइम हो रहा था। - म थलेश (www.mithilesh2020.com)
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दाद तु म रहती
य दूर (क वता)
दाद – दाद मु झे पढ़ाओ, ढे र
फर तु म बात बताओ
खेलो दन और रात मेरे संग क ँ गा तु मको जी भर तं ग
म मी सु बह जगाती है, फर मु झको नहलाती है, रोता हू ँ म जी भर ले कन दया उसे नह ं आती है
छोटा हू ँ म घर म सबसे बड़ी बड़ी कताब ह करना चाहू ँ बात म सबसे ढे र पास म बात ह
म मी, काक करतीं काम,
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खाना वह बनाती ह कं यू टर पर करतीं खट- पट ट वी दखा, सु लाती ह
काका, पापा के आने पर पास म उनके जाता हू ँ कहते ह वह थके बहु त ह मन मसोस रह जाता हू ँ
दाद तु म रहती
य दूर
समझ नह ं यह पाता हू ँ गम क छु ट म ह
य
गाँव तु हारे आता हू ँ.
वहां थे आयु ष और अनु क प द ल म नह ं कोई वक प साथ रहो या साथ ले चलो दाद मानो यह संक प. 93 www.mithilesh2020.com
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और आ खर म... (साभार) 1.
लेश मत करो
2. खराब मत करो 3. गव ना करो 4. घम ड मत करो 5. …….. 6. चँ ता मत करो 7. छल-कपट मत करो 8. जवाबदार
नभाओ
9. झू ठ मत बोलो 10. ……… 11. ट- ट पणी मत करो 12. ठ- ठगो मत 13. ड- डरपोक मत बनो 14. ढ- ढ ग ना करो 15. ………… 16. त- तैश मे मत रहो 17. थ- थको मत 18. द- दलदार बनो 19. ध- धोखा मत करो 20. न- न
बनो
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21. प- पाप मत करो 22. फ- फालतू काम मत करो 23. ब- बगाङ मत करो 24. भ- भावु क बनो 25. म- मधु र बनो 26. य- यश वी बनो 27. र- रोओ मत 28. ल- लोभ मत करो 29. व- वैर मत करो 30. श- श ु ता मत करो 31. ष- षटकोण क तरह ि थर रहो 32. स- सच बोलो 33. ह- हँ समु ख रहो 34. -
मा करो
35. -
ास मत करो
36. -
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