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Mobin Shaikh
पढ-पढ इल्म किताबाँ दाँ तू नाम रख लिया काज़ी हथ् विच् फडके तलवाराँ तू नाम रख लिया ग़ाज़ी मक्के मदीने घूम आया तू नाम रख लिया हाजी या अल्लाह ! तूने क्या पाया जे यार न किद्दा राज़ी - बाबा बुल्लेशाह जी
पढ-पढ इल्म किताबाँ दाँ तू नाम रख लिया काज़ी हथ् विच् फडके तलवाराँ तू नाम रख लिया ग़ाज़ी मक्के मदीने घूम आया तू नाम रख लिया हाजी या अल्लाह ! तूने क्या पाया जे यार न किद्दा राज़ी - बाबा बुल्लेशाह जी