बाइबलकोसमझने का एक ही उद्देश्य है : पाठक को परमेश्वर के वचन
को समझने मेें सहायता करना। यह उसे हाससल करने की कोसिि करता
है जो नहेम्याह ने सलखा, “उनहोेंनेपरमेश्वर कीव्यवस्थाकीप ु स्तक स े
पढ़करअथथसमझादिया; औरलोगोेंनेपाठकोसमझसलया”(नहेम्याह
8:8)। यह पस्तक दकसी भी अनच्छि क अथ को समझान का प्रयास करती
है और पाठक को उसे समझने मेें सहायता करती है जो वह पढ़ रहा है।
मूसा द्वारा ललखी पहली पुस्तक
उत्पत्ति
पररचय:उत्पदिकीप ु स्तकसप ू र् थबाइबलकीनीवहै।असिकािप्रमुख
िमथ-ससद्ातोकीि ु रुआत उत्पदि म ेहीपाईजातीहै। इब्रानीभाषा म े , प ु स्तक कोबेरेस्स्थथ कहा जाता ह ैजोपहलेपि का पहला िब्ि ह ै ।
असिकजाना-मानानाम ‘उत्पदि’ उसीकाय ू नानीअन ुवािह ै (य ू नानीिब्ि ‘जेनेससस’सेसलयागयाहैसजसकािास्ब्िकअथथहै‘पीदढ़यााँ’या ‘म ूल’)। वास्तवमेें , उत्पदिकीप ु स्तकउत्पदिक े दवषयमेईश्वरीयरूपसेप्रेररत प ुस्तकह ै ।डादवथनकी “प्रजादतयोकीउत्पदि”नामकप ु स्तकजीवनकी उत्पदिके दवषयमेेंिैतानके छलसेभरप ूरह ै ।परत ु उत्पदिकीप ु स्तक
प्रजादतयोेंकीउत्पदिके दवषयमेेंपरमेश्वरकासत्यहै।
पदवत्रिास्त्रक े सभीगभीरछात्रसहमतहैदकम ूसाइसप ु स्तककाल े खक
है।उत्पदिपेंचग्रेंथ(पेेंटाट्य ूक) की पहली प ु स्तक ह ै । व ै स े ही, यह ू िी
रस्ब्बयोनेइसेव्यवस्थाक े पा ाँ चपा ाँ चोमेपहलीप ुस्तककहाह ै ।उत्पदि
म े प्रमुखआस्त्मकसत्योकापहलाउल्लेखहै।स ृदिसबसेपहलाऔरप्रत्यक्ष
ह ै ।इसम े पापक े प्रव े िकापतालगताहैऔरयहभीदकइसनेमन ु ष्यजादत
कोक ै स ेप्रभादवत दकया ह ै । प्रमुख वाचाओेंमेेंसेपहलीउत्पदिमेेंपाई
जातीहै , औरसाथहीअिनकी , आिमकी, नूहकी, औरअब्राहमकी
वाचाए ाँभीहै।उत्पदिकीप ुस्तककोनएदनयममेेंबार-बारउद्तदकया गयाहै , क ु छअन ु मानोक े अन ु सारसाठस ेअसिकबार।अब्राहम, इसहाक, याक ू ब और उसक े विजोमेसमाप्त होतेहुए मसीह की विावली को ‘भदिप ू र् थ ’विावसलयोमेउत्पदिक े द्वाराि े खाजाताह ै ।
उत्पत्ति1कासलिप्तत्तििरण:उत्पदिकापहलाअध्यायस ृ
नहीेंहै।यहीनहीें , व्य ुत्पदिसबिी, सेंिभथ-सेंबेंिी, औरपदवत्रिास्त्र-सेंबेंिी
सभीप्रमार् स ृ दिक े छः िास्ब्िक, चौबीसघेंटेके दिनोेंकीओरसेंकेत
करत े ह ै ।सजसइब्रानीिब्िकाअन ु वाि ‘दिन’क े सलएदकयागयाहैवह
‘योम’है , सजसकाअध्यायएकके सेंिभथमेेंकेवलएकहीअथथहोसकता
है:एकदिनऔररातकाचि।यहीनहीें , दनगथमन20:11मेेंलेखकहता
है,“कयोेंदकछ:दिनमेेंयहोवानेआकाि, औरप ृथ्वी, औरसम ुद्र, और जोक ु छउनम े ह ै , सबकोबनाया , औरसातवेेंदिनदवश्रामदकया।”स ृ दि काकाय थ कबह ुआ, इसबारेमेेंकोईदतसथनहीेंबताईगईहै।हालााँदक, प ु रानेदनयम क े इदतहास म ेज्ञातऐदतहाससक सक ेतकोसेपीछे कीओर
जान े वालीपदवत्रिास्त्र कीदवदभन्न विावसलयोका अन ु सरर् करत े हुए, स ृदिलगभगछःहजारसालपहलेकीहोसकतीहै।बाइबलक े इदतहास
का सबस ेगभीर और सटीक ि ृ दिकोर् स ृ दि कीरचना कोलगभग चार
हजारसालईसाप ू व थ म े रखताह ै ।
1:1 आत्ति म परमश्िर न आकाश और पथ्िी की सष्ि की। यह ध्यान िेने
योग्य है, जब िरुआत हई, तो परमेश्वर पहल स ही था। उसका अनत पव-
अस्स्तत्व स्पि रूप से बताया गया है। बाइबल मेें पाया गया परमेश्वर का
पहला नाम एलोहीम ह। यह ‘एल’ का बहवचन ह और इसका िास्ब्िक
अथ ह ‘सामथी’। िब्ि क बहवचन होन म दत्रएकता का अथ ह। ईश्वरत्व
एक ही है, दिर भी उसमेें तीन अलग-अलग व्यदित्व हैें। उत्पदि 1:1 को
यहन्ना 1:3 या कलस्स्सयो 1:16-17 के साथ दमलाकर िेखने से यह स्पि है
दक ईश्वरत्व के भीतर के सजस व्यदित्व को सदि का वास्तदवक काय
सौेंपा गया, वह पत्र अथात यीि मसीह ह। सदि के रूप म अनदित िब्ि
बाराि ह। इसक ‘काल’ रूप म जसा दक यहा प्रयोग दकया गया ह, इसका
अथ ह िनय स कछ रचना करना। उत्पदि 5 और
फ्लॉयड जोनस, पीएच.डी., टी.एच.डी. न भी 4004 ईसा पव म सदि क
समय को प्रमासर्त दकया है।
1:2 पथ्िी बडौल और सनसान पडी थी, और गहर जल क ऊपर अष्धियारा
था; तथा परमश्िर का आत्मा जल क ऊपर मण्डराता था। वाकयाेंि, पृथ्िी
बडौल और सनसान पडी थी, का अनवाि ऐस भी दकया जा सकता ह, “और पथ्वी एक जगल और सनसान जगह थी।” बडौल क रूप म अनदित
िब्ि (तोह) म ‘जगल’ या ‘बजर भदम’ का भाव ह। इसक अलावा, नई
रसचत पथ्वी अिकारमय थी। कयोदक वहा कोई प्रकाि नही था। आग िख
तो इस बात पर ध्यान दिया गया है दक “परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर
मण्डराता था।” परमेश्वर क आत्मा का पहला उल्लख यहा ह। इस रीदत से
अनदित इब्रानी िब्ि ‘रूआख’ है। अपने असिक सामानय अथथ मेें यह
िास्ब्िक रूप स ‘सास’ या ‘हवा’ को ििाता ह। इस प्रकार यहा पदवत्र
आत्मा की बाि की सवकाइयो का पवाभास प्रिान दकया गया ह (प्रररतो
के काम 2 िेखेें।) मण्डराता था क रूप म अनदित िब्ि (राकाि) म ‘ऊपर
मण्डराना’ या ‘िड़िड़ाना’ का अथथ है। दिर से, पदवत्र आत्मा की बाि की
सवकाई का एक और पवाभास दिया गया ह। पथ्वी की रचना क पहल
चरर् म इसकी परी सतह जल स ढकी हई थी। आज तक पथ्वी की सतह
का तीन-चौथाई भाग जल का ही बना हआ ह।
1:3-5 जब परमश्िर न कहा, उलजयाला हो, तो उलजयाला हो गया। पि िो
और तीन के बीच ‘अेंतराल’ को मानने का कोई लेख-सेंबेंिी या प्रासेंदगक
कारर् नही ह। (‘अतराल ससद्ात’ दवकासवाि क साथ ससमाचार को
रखन और उसका सामजस्य बठान का एक मनष्यवािी प्रयास ह। उन्नीसवी
सिी के मध्य मेें दवकासवाि के लोकदप्रय होने से पहले इस ससद्ाेंत पर
कभी दवचार नहीें दकया गया
दकया गया ह। हो सकता ह दक सदि क पहल कछ दिनो म प्रकाि दकसी
दवसिि स्रोत जस सय पर कदद्रत नही था, बस्कक एक असेंगदठत इकाई के
रूप मेें था सेंभवतः यह स्वयें परमेश्वर का प्रकाि हो।
4 और परमश्िर न उलजयाल को िखा त्तक अच्छा ह; और परमश्िर न
उलजयाल को अष्धियार स अलग त्तकया। भौदतक प्रकाि को िेखकर
परमेश्वर ने ध्यान दिया दक यह “अच्छा है।” अच्छा क रूप म अनदित
िब्ि (तोब) म सखि या मनोहर का भाव ह। जसा दक िखा गया ह, प्रकाि अपने स्वभाव मेें ही अेंिकार को हटा िेता है। आज तक, यह न केवल
भौदतक रूप से सच है, बस्कक आस्त्मक रूप से भी। भौदतक िास्त्र मेें, अिकार प्रकाि की अनपस्स्थदत ह न दक इसका दवपरीत।प्रकाि एक
रसचत इकाई है, न दक अिकार। अिकार पहल स मौजि था। यह कछ
नहीें के बराबर है।
5 और परमश्िर न उलजयाल को त्तिन और अष्धियार को रात कहा। तथा
साझ हई त्तिर भोर हआ। इस प्रकार पहला त्तिन हो गया। प्रकाि की रचना
को दिन कहा गया। िल हए अिकार को रात कहा गया। यहा िोनो ही
स्स्थदतयोें मेें त्तिन क रूप म अनदित इब्रानी िब्ि योम ह। यद्यदप कछ
दवषयो म यह एक दवस्तत, अदनसित समय को ििाथ सकता है जैसे दक
‘प्रभ का दिन,’ या ‘उस समय,’ दिर भी यहा का सिभ इस स्पि रूप स
“साझ हई दिर भोर हआ। इस प्रकार पहला दिन हो गया” क रूप म
पररभादषत करता है। यह समय-सीमा को एक दिन और रात के चि तक
सीदमत करता है। इसे ही आज हम चौबीस घेंटे की अवसि के रूप मेें ििाथते
हैें। (जैसा भी हो, िब्ि ‘योम’ का अनवाि दवस्तत रूप स ‘दिन’ क रूप म
दकया जाता ह। परान दनयम म पाए जानवाल िो हजार िो सौ सिासी उल्लखो म िो हजार आठ बार इसका अनवाि सरल रूप स ‘दिन’ क रूप म दकया जाता ह। इससलए सदि का सप्ताह कवल सात दिन और रात क चिो (अथाथत चौबीस घट क दिनो) का हो सकता ह। “साझ और भोर” का िम
ध्यान िन योग्य ह। आज तक इब्रानी दिन सयास्त क समय िरू होता ह।
इससलए इसे पहले सलखा जाता है, यहा तक दक सदि क विात म भी।
1:6-8 त्तिर परमश्िर न कहा, जल क बीच एक ऐसा अधतर हो त्तक जल िो भाग हो जाए। सदि क िसर दिन, परमेश्वर ने आज्ञा िी, “जल के बीच एक
ऐसा अनतर हो दक जल िो भाग हो जाए।” अधतर क रूप म अनदित िब्ि
(रादकया) मेें एक ‘िैलाव’ का भाव है। पि 8 मेें यह िेखा गया है दक
परमेश्वर ने इस िैलाव को आकाश कहा ह। परी सभावना ह दक यह
वायमडलीय आकाि को ििाता ह।
7 तब परमश्िर न एक अधतर बनाकर उसक नीच क जल और उसक ऊपर
क जल को अलग अलग त्तकया; और िसा ही हो गया। यह िेखा गया है
दक इस अनतर (आकाि या वातावरर्) ने “उसके नीचे के जल और उसके
ऊपर के जल को अलग अलग दकया।” स्पि ह दक मल सदि म, वायमडलीय आकाि क ऊपर पानी का एक गोला या छाता था। बाि म
नह क जलप्रलय म, “आकाि क झरोख खल गए।” यदि वतमान
वातावरर् का सारा पानी नीचे आ जाए, तो समद्र का स्तर कवल थोड़ासा बढ़ेगा कवल कछ ही इच। स्पि है दक वहा जल का एक बड़ा स्रोत
होगा जो अब नहीें है। परमेश्वर ने स्पि रूप से जल की ऐसी छतरी बनाई
सजसन पथ्वी को एक सच्चा ‘हररतगह’ प्रभाव प्रिान दकया। पथ्वी पर मल
जलवाय पररस्स्थदतया स्पि रूप स पर ग्रह पर उपोष्र्कदटबिीय थी।
आकदटक और अटाकदटक िोनो म परातास्त्वक खोजो स पता चला ह दक
एक समय पर ध्रवीय क्षत्र भी जलवाय मेें उपोष्र्कदटबेंिीय थे। यह
आकाि (अथात वायमडलीय आकाि) क ऊपर ऐसी जल छतरी का
प्रभाव रहा होगा। इस प्रकार स वर्न दकए गए सदि क विात न सदि क
िसर दिन को पररभादषत दकया। 8 और परमश्िर न उस अधतर को
क तीन स्तर ह। सबस पहल वायमडलीय आकाि ह सजस यहा अनतर कहा
गया है। दिर, तारकीय आकाि ह सजस िसरा आकाि कहा जा सकता ह।
दिर, तीसरा आकाि है जो परमेश्वर का दनवास ह। प्रररत पौलस न 2
कररस्नथयो 12:2 म इसका उल्लख दकया ह। अनतर और आकाि की रचना
के साथ, सदि का िसरा दिन समाप्त हो गया। दिर, साझ क साथ िरू होन, भोर स होकर गजरन और अगल िोपहर को समाप्त होन क रूप म दिन क
चौबीस घेंटे के चि को ििाथया गया है।
1:9-13 त्तिर परमश्िर न कहा, आकाश क नीच का जल एक स्थान म इकट्ठा हो जाए और सखी भत्तम त्तिखाई ि, और िसा ही हो गया। सदि क
तीसरे दिन परमेश्वर न सखी भदम बनाकर महाद्वीपो को महासागरो स ऊपर
उठाया।
10 परमश्िर न सखी भत्तम को पथ्िी कहा, तथा जो जल इकट्ठा हआ उसको
उसन समद्र कहा : और परमश्िर न िखा त्तक अच्छा ह। सखी भदम को
पथ्वी कहा गया। सजस इब्रानी िब्ि (ऐरट्स) का अनवाि इस प्रकार दकया
गया ह उसका अनवाि आम तौर पर ‘भदम’ क रूप म दकया जाता ह।
पथ्वी पर जल क जमाव को समद्र कहा गया। दिर स, इस बात पर ध्यान
दिया गया है दक परमेश्वर ने िेखा दक “यह अच्छा है।” (दकसी न बताए
गए कारर् से, सदि क िसर दिन परमेश्वर द्वारा इस बात पर ध्यान िेने का
कोई उल्लेख नहीें है।)
11 त्तिर परमश्िर न कहा, “पथ्िी स हरी घास, तथा बीजिाल छोि छोि
पड, और िलिाई िि भी लजनक बीज उधही म एक एक की जात्तत क
अनसार ह, पथ्िी पर उग,” और िसा ही हो गया। उसी तीसरे दिन, परमेश्वर न पथ्वी की ‘वनस्पदत,’ अथात पड़-पौिोें की रचना की। “हरी
घास, तथा बीजवाले
दवदभन्न रूपो का िल “एक एक की जादत क अनसार” उत्पन्न होगा। िब्ि
जात्तत का अनवाि इब्रानी िब्ि ‘मीयन’से दकया गया है, सजसमेें ‘प्रजादत’
का मल भाव ह। यद्यदप आनवसिकी का स्पि उल्लख नही ह, दिर भी वह
स्पि रूप से दनदहत है। एक प्रजादत का सेंकरर् नहीें होगा और न ही हो
सकता है। उिाहरर् के सलए, एक सब क पड़ का कद्द क पौि स सकरर्
नहीें कराया जा सकता।
12 इस प्रकार पथ्िी स हरी घास, और छोि छोि पड लजनम अपनी अपनी
जात्तत क अनसार बीज होता ह, और िलिाई िि लजनक बीज एक एक
की जात्तत क अनसार उधही म होत ह उग : और परमश्िर न िखा त्तक अच्छा
ह। दिर से, परमेश्वर न अपन सदि क काय को िखा दक यह अच्छा ह।
दिर से, ध्यान िेें दक प्रत्येक पौिे की प्रजादत द्वारा उसकी अपनी दकस्म के अनसार बीज या िल िन पर जोर दिया गया ह। आनवसिकता क बदनयािी दनयम दवकास की सेंभावना को खत्म कर िेते
एक दकस्म या प्रजादत िसर म पररवदतत या दवकससत नहीें हो सकती।
13 तथा साझ हई त्तिर भोर हआ। इस प्रकार तीसरा त्तिन हो गया। सदि क
तीसरे दिन को इस प्रकार पररभादषत दकया गया, अथात दिर स दिन की
िरुआत को साझ क रूप म िखत हए।
1:14-19 त्तिर परमश्िर न कहा, त्तिन को रात स अलग करन क ललय
आकाश क अधतर म ज्योत्ततया हो; और ि लचह्ो, और त्तनयत समयो और
त्तिनो, और िर्षों क कारण हो। यद्यदप एक इकाई के रूप मेें उसजयाले की
रचना पहल ही की जा चकी थी, दिर भी सदि क चौथ दिन परमेश्वर ने
ज्योदत क दवसिि प्राकदतक
मेें पररभादषत करेेंगे। वास्तव मेें, एक दिन का वर्न पथ्वी क घमन स होता
ह। अथात इस सय क उिय और अस्त होन क सबि म पररभादषत दकया
जाता है। इसी तरह, महीनो को प्रमख रूप स चद्रमा क चिो द्वारा
पररभादषत दकया जाता ह। वषों का वर्न सय क चारो ओर पथ्वी क चि
द्वारा दकया जाता है, जैसा दक अनय खगोलीय दपेंडोें द्वारा पररभादषत होता
है।
16 तब परमश्िर न िो बडी ज्योत्ततया बनाईं; उन म स बडी ज्योत्तत को त्तिन
पर प्रभता करन क ललय और छोिी ज्योत्तत को रात पर प्रभता करन क ललय बनाया; और तारागण को भी बनाया। दविेष रूप से, परमेश्वर ने बडी
ज्योत्तत को त्तिन पर प्रभता करन क ललय और छोिी ज्योत्तत को रात पर प्रभता करन क ललय बनाया, और तारोें को भी बनाया। दिन और रात पर
उनक द्वारा प्रभता करन क दवचार म िायि इस बात का भाव ह दक पथ्वी
क सबि म सय और चद्रमा क चि वास्तव म समय की माप को कस
सेंचासलत करते हैें।
17 परमश्िर न उनको आकाश क अधतर म इसललय रखा त्तक ि पथ्िी पर
प्रकाश ि। आकाि की ज्योदतयो का और भी स्पि उद्दश्य पथ्वी पर प्रकाि
प्रिान करना था।
18 तथा त्तिन और रात पर प्रभता कर, और उलजयाल को अष्धियार स
अलग कर : और परमश्िर न िखा त्तक अच्छा ह। दिर से, जसा दक सदि
के चौथे दिन का उल्लेख है, परमेश्वर ने िेखा दक यह अच्छा ह।
19 तथा साझ हई त्तिर भोर हआ। इस प्रकार चौथा त्तिन हो गया। सदि का
चौथा दिन इस प्रकार समाप्त
परमेश्वर न जानवरो की प्रजादत क पहल समह, अथात गर-स्तनिारी
प्रासर्योें की रचना की। उसने सबसे पहले जल मेें रहनेवाले जीव-जतओ, अथात मछसलयो, और सार जलीय जीवन क साथ िरू दकया। उसन पाचव
दिन आकाि के पसक्षयोें को भी बनाया।
21 इसललय परमश्िर न जात्तत जात्तत क बड बड जल–जधतओ की, और उन सब जीत्तित प्रालणयो की भी सष्ि की जो चलत त्तिरत ह लजन स जल
बहत ही भर गया, और एक एक जात्तत क उडनिाल पलियो की भी सष्ि
की : और परमश्िर न िखा त्तक अच्छा ह। बड बड जल–जधतओ (अेंग्रेजी
म “व्हल”) का उल्लख दिलचस्प ह। इस रूप म अनदित िब्ि (टदनदयन)
का अनवाि परान दनयम म अनय स्थानो पर अजगर, सपथ, या मगरमच्छ के
रूप मेें दकया गया है। कोिोें मेें िी गई एक दट्पर्ी डायनासोरोें
पसक्षयो की भी रचना हई। एक बार दिर, उनका प्रजनन कड़ाई से उनकी प्रजादत तक ही सीदमत था।
22 परमेश्वर ने केवल उसे िेखकर कहा दक यह अच्छा है, बस्कक परमश्िर
न यह कहक उनको आशीर्ष िी, िूलो–िलो, और समद्र क जल म भर
जाओ, और पिी पथ्िी पर बढ। अतः परमेश्वर ने इन गैर-स्तनिारी
प्रासर्यो को समद्र म और पसक्षयो को परी पथ्वी पर बहतायत स िलनिलने की आज्ञा िी।
23 तथा साझ हई त्तिर भोर हआ। इस प्रकार पाचिा त्तिन हो गया। इस प्रकार, दिर स साझ और भोर क िम को ध्यान म रखत हए सदि का पाचवा दिन परा हआ।
1:24-25 त्तिर परमश्िर न कहा, पथ्िी स एक एक जात्तत क जीत्तित
भी िादमल हो सकत ह)। भदम पर रहनवाल जानवरो की प्रत्यक प्रजादत
की रचना की गई।
25 इस प्रकार परमश्िर न पथ्िी क जात्तत जात्तत क िन–पशओ को, और
जात्तत जात्तत क घरल पशओ को, और जात्तत जात्तत क भत्तम पर सब रगनिाल
जधतओ को बनाया : और परमश्िर न िखा त्तक अच्छा ह। दिर, भदम पर
रहनेवाले प्रासर्योें की प्रत्येक प्रजादत को कड़ाई से पररभादषत दकया गया।
आनवसिकी क दनयम एक प्रजादत को दवकससत होन या िसर म बिलन
नहीें िेते। जब परमेश्वर न अपन सदि क काय क इस पहल को परा दकया, उसने िेखा दक यह अच्छा है।
1:26-27 त्तिर परमश्िर न कहा, हम मनय को अपन स्िरूप क अनसार
अपनी समानता म बनाए; और ि समद्र की मछललयो, और आकाश क
पलियो, और घरल पशओ, और सारी पृथ्िी पर, और सब रगनिाल
जधतओ पर जो पथ्िी पर रगत ह, अलिकार रख। छठव दिन सदि का
िसरा प्रमख काय मनष्य की रचना करना था। ध्यान ि दक परमेश्वर ने
कहा, “हम मनष्य को अपन स्वरूप क अनसार अपनी समानता म बनाए।”
बहवचन का प्रयोग दिर स परमेश्वरत्व (अथात दत्रएकता) क भीतर
बहलता क अथ को ििाता ह। परमेश्वर के स्वरूप मेें और उनकी समानता
म क गहर अथ ह। इसम कोई सिह नही ह दक कस मनष्य को आस्त्मक
रूप से परमेश्वर क समान बनाया गया ह। हमार पास बसद्, इच्छा, भावनाए
और एक ऐसा दववेक है सजस पर परमेश्वर के िमी और पदवत्र स्वभाव
की छाप है। जानवरोें के दवपरीत, परमेश्वर न मनष्य को एक आत्मा क
साथ भी रचा। यही नहीें, परमेश्वर न अपनी सवज्ञता म यह जानत हए दक
कस उसका पत्र एक दिन एक ससद् िह को िारर् करगा, मानवीय िेह को
भी उस समानता और स्वरूप मेें बनाया।
परमेश्वर न मनष्य को जानवरो की प्रजादत पर असिकार रखन क सलए
बनाया। व आसिक रूप स मनष्य क लाभ क सलए बनाए गए थ।
27 तब परमश्िर न मनय को अपन स्िरूप क अनसार उत्पन्न त्तकया, अपन ही स्िरूप क अनसार परमश्िर न उसको उत्पन्न त्तकया; नर और
नारी करक उसन मनयो की सष्ि की। पि 27 पव-िश्य म इस बात का
सार प्रस्तत करता ह दक कस परमेश्वर ने नर और नारी िोनोें को बनाया।
यह दिलचस्प है दक जानवरोें और पेड़-पौिोें िोनोें मेें नर और नारी का कोई
स्पि उल्लख नही दकया गया ह। परत परमेश्वर ने एक मानवीय नारी को
बनाने मेें एक दविेष प्रदिया का इस्तेमाल दकया। यही नहीें, परमेश्वर ने
आिम और हव्वा को बनाया, आिम और प्रीतम को नही (यहा अथ यह
है दक परमेश्वर न एक जोड़ क रूप म िो परुषो को नही बस्कक एक स्त्री
और एक परुष को बनाया)। यहा िो अलग-अलग सलेंग और उनकी
सबसित प्राकदतक भदमकाए स्पि रूप स दनदहत ह। इन िो पिो म तीन
बार ध्यान दिया गया ह दक कस मनष्यजादत को परमेश्वर के स्वरूप मेें
बनाया गया। दिलचस्प बात यह ह दक मनष्यजादत की सदि क सबि म
परमेश्वर न यह नही कहा दक व अच्छ ह। परत पि 31 म सपर् सदि क
सलए पाई जानेवाली आिीष म मनष्यजादत िादमल ह।
1:28-31और परमश्िर न उनको आशीर्ष िी, और उनस कहा, िूलो–िलो, और पथ्िी म भर जाओ, और उसको अपन िश म कर लो; और समुद्र की
मछललयो, तथा आकाश क पलियो, और पथ्िी पर रगनिाल सब जधतओ
पर अलिकार रखो। जानवरोें की प्रजादत को अपनी आिीष िेने के समान
ही, परमेश्वर ने नई-नई रसचत मनष्यजादत को भी आिीष िी। हव्वा की
रचना का दववरर् अगल अध्याय म ध्यान दिया जाएगा। यहा परमेश्वर की
सदि की पर्ता क अवलोकन पर ध्यान दिया गया ह। परमेश्वर
रखो।” भर जाओ क रूप म अनदित िब्ि (मावल) का सरल रूप म अथ
ह ‘भरना’। यह दवचार उस पथ्वी को दिर स भरन का नही ह सजस परमेश्वर
ने पहले िेंड दिया था और अब सजस पर एक और प्रजादत को रखा है। वह
बस आिम और हव्वा को बच्चे उत्पन्न करने की आज्ञा िे रहा है। आिम को
आग पथ्वी को िश म करन का आिेि दिया गया। िश म कर लो के रूप
म अनदित िब्ि (काबाि) मेें ‘असिकार रखने’ या ‘अिीनता मेें लाने’ का
भाव ह। पथ्वी हमारी माता नही ह, न ही इसकी आरािना की जदन चादहए।
इस मनष्य क लाभ और असिकार क सलए रचा गया था। इसी प्रकार, परमेश्वर ने जानवरोें और पेड़-पौिो की प्रजादत को मनष्य क लाभ क सलए
दिया है।
29 त्तिर परमश्िर न उनस कहा, सुनो, लजतन बीजिाल छोि छोि पड सारी
पथ्िी क ऊपर ह और लजतन ििो म बीजिाल िल होत ह, ि सब म न
तम को त्तिए ह; ि तम्हार भोजन क ललय ह। परमेश्वर ने पेड़-पौिोें की
प्रजादत की रचना को मनष्य क भोजन क सलए की थी।
30 और लजतन पथ्िी क पश, और आकाश क पिी, और पृथ्िी पर
रगनिाल जधत ह, लजन म जीिन का प्राण ह, उन सब क खान क ललय म
न सब हर हर छोि पड त्तिए ह, और िसा ही हो गया। यह दिलचस्पीकी है
दक मनष्यजादत का मल आहार िाकाहारी होना था। इसी प्रकार, जानवरोें
की मल प्रजादत की रचना िाकाहारी होन क सलए की गई थी। स्पि ह दक
पाप म पतन क बाि वह सब बिल गया। मनष्य क पाप क कारर् जानवरो
की प्रजादत भी बिल गई।
31 तब परमश्िर न जो कछ बनाया था सब को िखा, तो क्या िखा, त्तक
िह बहत ही अच्छा ह। तथा साझ हई त्तिर भोर हआ। इस प्रकार छठिा
उत्पत्ति2कासलिप्तत्तििरण: उत्पदिकाि ू सराअध्यायस ृ दिक े सप्ताह
कासाराेंिहै , और इसमेदविेष रूप स ेस्त्री और प ु रुष की रचना स े
सेंबेंसितदववरर्ोेंकोजोड़ागयाहै।अिनकीवादटकाकापहलाउल्लेख यहा ाँ दमलताहै।भलेऔरब ु र े क े ज्ञानक े वृक्षकापहलाउल्ल े खयहा ाँ ह ै ।स्त्री
कीरचनाकातथापहलेवैवादहकसबिकाभीदववरर्यहााँहै।मानवीय इदतहासकापहला ‘य ु ग’ि ुरूहोगयाहै अथा थ त ् वहसमयसजसमेकोई
पापनहीेंथा, हाला ाँ दकयहस्पिरूपसेछोटाहै , दिरभीक ु छलोगोनेइसे
दनिोषताकासमयकहाहै।
2:1 यो आकाश और पथ्िी और उनकी सारी सना का बनाना समाप्त हो
गया। पहले अध्याय का एक सेंसक्षप्त दववरर् दिया गया है दक कैसे स्वगथ
और पथ्वी की रचना का काय समाप्त, अथात परा हआ। कोई दनरतर
दवकास सेंभव नहीें है। परमेश्वर का सदि का काय छठव दिन समाप्त हो
गया था। ईश्वरवािी दवकासवादियो न यह बहिा िावा दकया दक परमेश्वर
न िरू म तो सदि की और दिर दवकास की प्रदियाओ को लाग दकया, जो
आज तक जारी ह। परत ईश्वरवािी दवकास का दवचार ईश्वरदवहीन,
सासाररक दवकास और दवज्ञान को सरक्षर् िना ह सजस झठा कहा जाता
है। डादवथन की दवकासवािी पररककपना के लोकदप्रय होने से पहले ऐसे
मखतापर् दवचार नही पाए जात थ। यही नही, अगला पि स्पि रूप से
बताता है दक परमेश्वर न सातव दिन अपन सदि क काय को समाप्त कर
दिया।
2:2-3 और परमश्िर न अपना काम लजस िह करता था साति त्तिन समाप्त
त्तकया, और उसन अपन त्तकए हए सार काम स साति त्तिन त्तिश्राम त्तकया।
यह भी स्पि रूप से कहा गया है दक
थकता, न श्रदमत होता है” (यिायाह 40:28)। बस्कक, उसका सदि का
काय पर् रूप स परा था। इससलए, परमेश्वर अपन काय स सति होकर
‘बठ गया’। यह भी ध्यान िन योग्य ह दक सब्त का ससद्ात सदि क सप्ताह
तक जाता है। परमेश्वर न िरू स ही सात म स एक दिन दवश्राम क सलए
ठहराया। यह मसा की व्यवस्था स बहत पहल का ह।
3 और परमश्िर न साति त्तिन को आशीर्ष िी और पत्तित्र ठहराया; क्योत्तक
उसम उसन सष्ि की रचना क अपन सार काम स त्तिश्राम ललया। अतः
परमेश्वर ने “सातवेें दिन को आिीष िी और पदवत्र ठहराया।” इस प्रकार
सात मेें से एक दिन अलग करने के ससद्ाेंत को दवकससत दकया गया। पत्तित्र
ठहराया क रूप म अनदित िब्ि (कािाि) म ‘अलग करन’ का दवचार ह।
बड़ा दवचार सातवेें दिन इतना असिक नहीें है, बस्कक सात मेें से एक दिन
दवश्राम और परमेश्वर की चीजोें के सलए अलग रखा जाना है। इससलए, मसीह क पनरुत्थान क बाि, प्रारेंदभक चचथ ने अपने साप्तादहक पदवत्र दिन
को सातवेें से पहले मेें बिल दिया। यह उल्लेखनीय है दक सात मेें एक दिन
का ससद्ाेंत दवश्राम के सलए अलग रखा जाता है और ईश्वर की चीज सदि
की िरुआत म वापस चली जाती ह।
2:4-6 आकाश और पथ्िी की उत्पत्ति का ििाधत यह ह त्तक जब ि उत्पन्न
हए अथात लजस त्तिन यहोिा परमश्िर न पथ्िी और आकाश को बनाया।
कछ उिार िमदवज्ञादनयो का मानना ह दक उत्पदि की पस्तक सदि क
दवषय मेें इब्रानी लोगोें की दवदभन्न सलसखत और मौसखक परेंपराओें का
सेंकलन है। इससलए वे मानते हैें दक अध्याय 2 एक ‘िसरी राय’ ह या
अध्याय 1 की वकस्कपक परपरा ह। इस तरह का िदिकोर् इस पस्तक
की अखेंडता और प्रामासर्कता को कम करने के प्रयास पर आिाररत है।
इन पिोें सदहत अध्याय
अध्याय 2 मेें पहली बार दकया गया है, लेदकन अनय नए दववरर् भी हैें।
एलोहीम एक एक िीषथक की तरह है, जबदक यहोवा वास्तव मेें परमेश्वर
का नाम है। इस प्रकार, यह बाइबल मेें यहोवा के नाम का पहला उल्लेख है।
उस िनय नाम का िास्ब्िक अथथ है ‘वह सजसका अस्स्तत्व है’ या िायि
‘वह जो अनेंत है’। यह ‘होना’ दिया से दनकला है। परमेश्वर सिैव था, है, और हमेिा रहेगा।
5 तब मिान का कोई पौिा भत्तम पर न था, और न मिान का कोई छोिा
पड उगा था, क्योत्तक यहोिा परमश्िर न पथ्िी पर जल नही बरसाया था, और भत्तम पर खती करन क ललय मनय भी नही था। सदि क नए दववरर्
दिए गए ह। मल सदि म, परमेश्वर न पथ्वी क वातावरर् को ऐसा बनाया
था दक बाररि नही हई। यह सभवतः इस बात स सबसित ह दक कस
परमेश्वर ने “एक अनतर बनाकर उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के
जल को अलग अलग दकया” था। एक बार दिर, पथ्वी क वायमडल क
ऊपर जल की सेंभादवत छतरी का अथथ दनदहत है।
6 तौभी कहरा पथ्िी स उठता था लजस स सारी भत्तम लसच जाती थी। बस्कक, उपोष्र्कदटबिीय पथ्वी क हररत-गह जस वातावरर् म, सरज की गमी
दिन क िौरान भदम स नमी खीचती थी, और रात की ठेंडक इसे हर रात
ओस जसी भारी िि क रूप म भर िती थी। जब “कहरा पथ्वी स उठता
था सजस स सारी भदम ससच जाती थी” तो परी पथ्वी प्रदतदिन पानी स
ससचती रहती थी। यह तब तक जारी रहा जब तक दक दवनािकारी जलवाय
पररवतथन के कारर् बाि मेें जलप्रलय नहीें आया।
2:7 तब यहोिा परमश्िर न आिम को भत्तम की त्तमट्टी स रचा, और उसक
नथनो म जीिन का श्िास िक त्तिया; और आिम जीत्तित प्राणी बन गया।
मनष्य की सदि क दवषय म और
वह िल वास्तव म दमट्टी थी। इस प्रकार पहल मनष्य क भौदतक िरीर की
रचना करत हए, परमेश्वर ने “उसके नथनोें मेें जीवन का श्वास िक दिया;
और आिम जीदवत प्रार्ी बन गया।” आत्मा क रूप म अनदित इब्रानी
िब्ि (निि) का सबस असिक अनवाि ‘आत्मा’ क रूप म दकया जाता
ह। परत इसका मख्य दवचार यह ह दक मनष्य एक जीदवत प्रार्ी, एक
व्यदि, अथात परमेश्वर की समानता मेें बनाया गया प्रार्ी बन गया।
‘आत्मा’ की बड़ी बाइबल-आिाररत अविारर्ा साेंस या हवा के दवचार
से ली गई है।
2:8-9 और यहोिा परमश्िर न पि की ओर अिन म एक िात्तिका लगाई,
और िहा आिम को लजस उसन रचा था, रख त्तिया। यहा अिन की वादटका
का पहला उल्लख दमलता ह। स्पि ह दक इसकी रचना सदि क तीसर और
चौथे दिन की गई थी। पि की ओर क रूप म अनदित िब्ि (केिेम) का अथथ ‘पहले’ या ‘पहले का’ भी हो सकता है (इस सेंबेंि मेें दक
पव म समय कस िरू होता ह)। दवचार यह हो सकता ह दक परमेश्वर ने
वादटका कब बनाई, यह नहीें दक कहा ाँ बनाई। परमेश्वर न अपनी सदि क
मकट, अथात मनष्य को उस वादटका म रखा।
9 और यहोिा परमश्िर न भत्तम स सब भात्तत क िि, जो िखन म मनोहर
और लजनक िल खान म अच्छ ह, उगाए, और िात्तिका क बीच म जीिन
क िि को और भल या बर क ज्ञान क िि को भी लगाया। इस वादटका
मेें, परमेश्वर न अपनी सदि क सबस अच्छ पड़-पौिे लगाए जो िखन म
मनोहर और लजनक िल खान म अच्छ ह। इस प्रकार अिन की वादटका
असािारर् सिरता क साथ-साथ अच्छ प्राकदतक भोजन का स्थान भी थी।
परमेश्वर न आिम को सब कछ उिम स उिम दिया। यह सचमच स्वग
थी। “जीवन क वक्ष” क साथ-साथ “भल या बर क ज्ञान क वक्ष” का
पहला उल्लख
से रूपक हैें; और (3) प्रकासितवाकय मेें आनेवाले िो उल्लेख जो स्पि रूप
स भदवष्य क अनप्रयोग ह। प्रकासितवाकय 2:7 और 22:2 क उल्लखो स
ऐसा प्रतीत होता ह दक एक बार दिर स्वग म जीवन का वक्ष होगा जो
अननतता मेें प्रवेि पानेवालोें को नई िदि प्रिान करेगा। इस बात का एक
और सकत दिया गया ह दक भल और बर क ज्ञान क वक्ष म चमत्कारी
िदिया ह। उत्पदि 3:22 म पतन क बाि, परमेश्वर ने आिम और हव्वा
को उसमेें से खाने से रोकने का दनिय दकया, कहीें ऐसा न हो दक वे हमेिा
के सलए जीदवत रहेें। यहा वक्ष स्पि रूप से आिम और हव्वा को परखने
के सलए एक आस्त्मक सीमा थी। परमेश्वर ने इसे आज्ञाकाररता की एक
सरल परख क रूप म रखा। िःख की बात ह दक व सभी जकि ही उस
परख मेें असिल हो गए।
2:10-14 उस िात्तिका को सीचन क ललय एक महानिी अिन स त्तनकली
और िहा स आग बहकर चार िाराओ म बि गई। अिन की वादटका के
सेंबेंि मेें दवसिि नदियोें और भौगोसलक ििा का उल्लेख दकया गया है। स्पि
है दक परमेश्वर ने इसकी ससेंचाई के सलए वादटका मेें एक निी को रखा।
सेंसार की नदियोें के दवपरीत, सजनके बारे मेें हम जानते हैें दक वे बड़ी नदियोें
मेें प्रवादहत होती हैें, और व बड़ी नदिया और भी बड़ी नदियो म बहती ह, और अत म समद्र म दमल जाती ह, अिन की वादटका के चारोें ओर की
नदियोें ने इसके दवपरीत दकया। स्पि है दक निी का स्रोत अिन की वादटका
के भीतर था। जब यह वादटका से बाहर दनकलती थी, तो चार छोटी नदियोें
मेें दवभासजत हो जाती थी और वे चार अलग-अलग दििाओें मेें बहती थीें।
11-14 पहली िारा का नाम पीशोन ह; यह िही ह जो हिीला नाम क सार िश को जहा सोना त्तमलता ह, घर हए ह। उस िश का सोना चोखा होता ह; िहा मोती और सलमानी पत्थर
िि सभी नह स पहल क थ। अथात, उनहोेंने बाि के जल-प्रलय से पहले
पथ्वी क उस भाग की भौगोसलक ििा और स्थलाकदत का प्रदतदनसित्व
दकया। नह क बाि क जल-प्रलय क अथ ऐस ह दक परी पथ्वी का स्वरूप मौसलक रूप से बिल दिया गया। जल-प्रलय के दवनािकारी, सेंरचनासेंबेंिी पररर्ामोें के बाि महाद्वीप, पहाड़, महासागर और निी घादटया प्रकट
हईं। भौगोसलक और स्थलाकदतक रूप स पथ्वी का रूप जल-प्रलय से
पहले प ूरीतरहसेअलग था। इससलए, हालादक यहा उदल्लसखत कछ नदियो
और िेिोें के नाम जल-प्रलय के बाि की भौगोसलक ििा के समान हैें, पर
परी सभवना ह दक व वही नही ह।
वास्तव मेें, हम सचमच नही जानत दक अिन की वादटका कहा थी। यह
माना जाता है दक यह मेसोपोटादमया के क्षेत्र मेें थी। हालादक, इसका
एकमात्र कारर् दहदद्दकेल के साथ िरात निी का उल्लेख है।
परत सभावना इसी बात की असिक ह दक दहद्दकल और िरात नदियो क
जल-प्रलय के बाि की निी घादटयोें मेें प्रलय-पव अवसि क साथ स्वरूप या स्थान की कोई समानता नहीें है। यदि अिन की वादटका वास्तव मेें
मेसोपोटादमया के क्षेत्र मेें थी, तो यह केवल इससलए होगा कयोेंदक जल-
प्रलय क बाि की निी का नाम नह क पत्रो द्वारा रखा गया था, सजनहोेंने इसे
जल-प्रलय स पहल जसा ही माना। यहा दिए गए सभी दववरर् जल-प्रलय
क बाि क ह। लदकन नह क जहाज क दववरर् ऐस ह दक हो सकता ह दक
उसने जल-प्रलय क जल पर एक बड़ी िरी की यात्रा न की हो, और हो
सकता ह दक जहा स वह दनकला था, वहा स बहत िर नही गया हो।
इससलए, यह मान लेना उसचत है दक अिन की वादटका मेसोपोटादमया के
आसपास के क्षेत्र
आिम को करन क सलए काय दिया। मनष्य क सलए परमेश्वर द्वारा
दनिाररत सवा का पहला सकत यहा ह। परमेश्वर न मनष्य को एक उद्दश्य
क साथ बनाया। यह उनकी सदि म उनकी सवा करना था। काम कर के
रूप म अनदित िब्ि (अबाि) का सबस िास्ब्िक अथ ह ‘सवा करना।’
परमेश्वर ने आिम को उसकी सेवा करने के सलए बनाया। हालादक, उस
आरेंदभक कायथ मेें थकान या परेिानी का कोई अथथ दनदहत नहीें है।
16 और यहोिा परमश्िर न आिम को यह आज्ञा िी, त िात्तिका क सब
ििो का िल त्तबना खिक खा सकता ह। परमेश्वर ने आिम को उसकी
पहली आज्ञा भी िी। यह ध्यान दिया जा सकता है दक परमेश्वर की आज्ञा
आिम के माध्यम से हव्वा के सलए भी थी। हालादक, जैसा दक अध्याय 1
मेें हव्वा की रचना का उल्लेख नहीें है, हो सकता है दक हव्वा वास्तव मेें
पहल स ही मौजि हो जब परमेश्वर ने अपनी पहली आज्ञा िी थी। उसकी
रचना का दववरर् बाि क पिो म प्रस्तत दकया गया ह। जसा भी हो, परमेश्वर ने अपनी पहली आज्ञा आिम को और उसके द्वारा िी। यदि हव्वा
की रचना सचमच उस समय तक नही हई थी, तो यह आिम की सजम्मेिारी
थी दक वह उसे परमेश्वर की आज्ञा बताए। हालादक, सदि क पहल
पररिश्य की सभावना असिक प्रतीत होती ह।
17 पर भल या बर क ज्ञान का जो िि ह, उसका िल तू कभी न खाना :
क्योत्तक लजस त्तिन त उसका िल खाएगा उसी त्तिन अिश्य मर जाएगा।
परमेश्वर ने सबसे पहले आिम (और हव्वा को) को िात्तिका क सब ििो
का िल आजािी स खान की अनमदत िी। (एक बार दिर, मनष्य का मल
आहार िाकाहारी था।) परत एक सरल, दविेष आिेि भी था। “पर भले
या बर क ज्ञान का जो वक्ष ह, उसका िल त कभी न खाना।” जसा दक
पहले
आिम और उसकी पत्नी क सलए एक बदनयािी, आस्त्मक परीक्षा थी।
भगवान ने बस इतना कहा, ‘इस वक्ष का िल मत खाना।’
इस आज्ञा की आज्ञाकाररता या अनाज्ञाकाररता वास्तव म भल और बर क
ज्ञान को पररभादषत करेगी। परमेश्वर ने कहा ‘मतखाना।’उनहोेंने परमेश्वर
की आज्ञा का पालन न करत हए बाि म उस खा सलया। यही नही, परमेश्वर
ने चेतावनी िी, “कयोदक सजस दिन त उसका िल खाएगा उसी दिन अवश्य
मर जाएगा।” अेंदतम वाकयाेंि को िास्ब्िक रूप से इस प्रकार कहा जा
सकता ह “मरत हए तम मर जाओग।” सजस इब्रानी महावर का इस्तमाल
दकया गया है, वह पहल स बताई गई मत्य की दनसितता को ििाता ह।
िसर िब्िो म, परमेश्वर न कहा दक यदि तम उसका िल खाओग, तो उस
दिन दनिय ही मर जाओगे।
2:18 त्तिर यहोिा परमश्िर न कहा, आिम का अकला रहना अच्छा नही; म उसक ललय एक ऐसा सहायक बनाऊगा जो उस स मल खाए। कहानी
पर वापस लौटत हए, परमेश्वर ने कहा दक “आिम का अकेला रहना
अच्छा नहीें; म उसक सलय एक ऐसा सहायक बनाऊगा जो उस स मल
खाए।” परमेश्वर की असीम बसद् और करुर्ा यहा प्रकट होती ह। वह उस
मनष्य की ज़रूरतो को समझता था सजस उसन रचा था और जानता था दक
उसे सेंगदत और मिि के सलए एक साथी की ज़रूरत है। वाकय “ऐसा
सहायक... जो उस स मल खाए” का अनवाि वास्तव म एज़ेर िब्ि से
हआ ह, सजसमेें ‘सहायता’ का सरल अथथ है।
2:19-20 और यहोिा परमश्िर भत्तम म स सब जात्तत क बनल पशओ, और
आकाश क सब भात्तत क पलियो को रचकर आिम क पास ल आया त्तक
िख त्तक िह उनका क्या क्या नाम रखता ह; और लजस
जात्तत क
क
और सब जात्तत क बनल पशओ क नाम रख; परधत आिम क ललय कोई
ऐसा सहायक न त्तमला जो उस स मल खा सक। यह बात ध्यान िेने योग्य
ह दक समद्र क जीवो का कोई उल्लख नही ह। यह हव्वा क रच जान क
बाि हआ होगा, हालादक एक बार दिर इस बात पर ध्यान दिया गया है
दक “आिम के सलये कोई ऐसा सहायक न दमला जो उस से मेल खा सके।”
आिम नाम (आिाम) का प्रयोग पहली बार पि 19 मेें दकया गया है। इसका
िास्ब्िक अथथ है ‘आिमी’। यह वही इब्रानी िब्ि है सजसका प्रयोग ‘आिम’
के सलए अध्याय 1 और 2 मेें दकया गया है। उत्पदि 3:20 हव्वा का उल्लेख
उसके नाम से नहीें है।
2:21-22 तब यहोिा परमश्िर न आिम को भारी नीि म डाल त्तिया, और
जब िह सो गया तब उसन उसकी एक पसली त्तनकालकर उसकी जगह
मास भर त्तिया। यद्यदप परमेश्वर ने नर और नारी िोनोें को बनाया था, परत
उसन मनष्य की रचना क सबि म स्पि रूप स सबस पहल परुष को
बनाया था। 1 तीमसथयस 2:13 िख। अब बाि म छठ दिन परमेश्वर ने
आिम की पसली स एक पसली दनकालकर स्त्री की रचना की। यह सझाव
दिया गया है दक परमेश्वर द्वारा पसली दनकालने के महत्व का अथथ है दक
स्त्री को परुष क बगल म रहन क सलए बनाया गया था। अतः यहा सगदत
और सहायता का अथथ दनदहत हैें।
22 और यहोिा परमश्िर न उस पसली को जो उसन आिम म स त्तनकाली
थी, स्त्री बना त्तिया; और उसको आिम क पास ल आया। एक पसली जैसी
सामानय वस्त म
िोनोें ही परमेश्वर द्वारा दनिाररत सबि ह। यह भी महत्वपर् ह दक यह
परमेश्वर द्वारा बनाया गया पहला सेंबेंि है। इसकी प्राचीनता स्पि रूप से
इसके महत्व को ििाथती है। इससे पहले दक परमेश्वर ने दकसी अनय
मानवीय सेंबेंि को बनाया, उसने पररवार और दववाह के सेंबेंि को बनाया।
यह समाज की सबस बदनयािी इकाई ह।
24 इस कारण परुर्ष अपन माता–त्तपता को छोडकर अपनी पत्नी स त्तमला
रहगा, और ि एक ही तन बन रहग। जसा दक मिी 19:5 म यीि द्वारा उद्त
दकया गया है, मानवीय जीवन की पद्दत को सदि क सप्ताह क समाप्त होन
स पहल ही स्थादपत कर दिया गया था। मनष्य क सलए हमिा यह इच्छा
रही है दक वह बड़ा हो, घर छोड़ िे, एक पत्नी खोजे, और उससे दमला रहे।
यहा त्तमला रहगा को उद्त करत हए नए दनयम म प्रयि यनानी िब्ि म
एक साथ सचपक या जड़ रहन का दवचार ह। अतः ववादहक सबि क
बिन की स्थाई प्रकदत को िरुआत स ही स्थादपत दकया गया है। “एक
ही तन” का उल्लेख न केवल दववाह के भीतर के यौन सेंबेंि को ििाथता है
बस्कक पदत और पत्नी क बीच सपर् एकता को भी।
2:25 आिम और उसकी पत्नी िोनो नग थ, पर लजात न थ। यह तथ्य दक
आिम और हव्वा को अभी तक अपनी नग्नता पर कोई िमथ नहीें थी, यह
पाप क प्रवि स पहल की मनष्यजादत की दनिोषता को ििाता ह।
उत्पत्ति3कासलिप्तत्तििरण: उत्पदि3मेमन ु ष्यजादतमेपापक े प्रव े ि
औरउसक े ि ु खिपररर्ामोकादववरर्है , नकेवलआिमऔरहव्वाके सलए , बस्ककउनसबके सलएजोउनके वेंिजहैें।हालााँदकइसअध्यायमेें िैतानकादविेषरूपसेउल्लेखनहीेंदकयागयाहै , परत ु सप थ क े रूपम े वह स्पिरूपसेदनदहतहै।उत्पदिमेेंजोनहीेंबतायागयाहै , वहहैिैतानकी उत्पदि, उसकापतन और यहसब कबह ु आ।अनयस्वग थ ि ू तोक े साथसाथउसकीरचनास्पिरूपसेस ृ दिक े सप्ताहक े िौरानह ु ईथी।
उसक े बािअध्याय3 कीघटनाएाँदकसीअदनिाथररतसमयपरहै। स्पि
रूपसे , परमेश्वरक े दवरुद्िैतानकादवद्रोहस ृ दिक े सप्ताहऔरउत्पदि
3 म ेउदल्लसखतघटनाओक े बीचदकसीसमयपरह ु आथा।यहअतराल
दकतनालेंबाथा, यहअज्ञातहै।
3:1 यहोिा परमश्िर न लजतन बनल पश बनाए थ, उन सब म सप ित था;
उसन स्त्री स कहा, क्या सच ह त्तक परमश्िर न कहा, तम इस िात्तिका क
त्तकसी िृि का िल न खाना? यहा सप और उसकी ितता का उल्लख दकया
गया है। कई दनष्कषथ दनकाले जा सकते हैें। (1) सप आज की तलना म एक
अलग रूप का था। अथ यह ह दक यह िरू म सीिा खड़ा था। (2) हव्वा
का स्पि रूप से उसके साथ पहले से सेंपकथ था और वह उसके साथ सहज
थी। (3) यह भी दनदहत है दक िैतान ने दकसी तरह से सपथ मेें प्रवेि दकया
और उसम स होकर बोला। (कछ लोगो न सवाल उठाया है दक कया पतन
से पहले अनय प्रार्ी बोल सकते थे, कयोेंदक हव्वा को बात करनेवाले सपथ
को िखकर कोई आिय नही हआ।) (4) यह भी अनमान लगाया जा सकता
ह दक ितान को उसक पतन क बाि पथ्वी पर सप क रूप िक दिया गया
था।
प्रकासितवाकय 12:9 और 20:2 मेें यह िेखा जा सकता है दक िैतान हमेिा
से एक सपथ रहा है। यह उल्लेख एक रूपक के बजाय लगभग वर्थनात्मक
लगता है। यदि ऐसा है, तो यह माना जा सकता है दक हव्वा यह जानती थी
दक स्वग म ितान क साथ कया हआ था, वह कया बन गया था, और एक
सप क समान उसक रूप क बार म भी। परत यह कवल सभावना ही ह।
जैसा भी हो, यह बात स्पि है दक िैतान ने वादटका मेें सपथ नामक एक प्रार्ी
मेें से होकर हव्वा से बात की।
लगता ह दक ितान न हव्वा को इतन अच्छ वक्ष तक पहचन स वसचत
करने मेें परमेश्वर की भलाई पर सवाल उठाया। दवचार यह है, ‘कया तेरे
कहने का अथथ यह है दक परमेश्वर सचमच तम्ह वादटका म स कछ भी
खाने नहीें िेगा? वह तम्हार साथ अनयाय कर रहा ह।’
ितान न हव्वा क साथ अपनी बातचीत की िरुआत उसक और परमेश्वर
के बीच मतभेि उत्पन्न करने की कोसिि के साथ की। उस कायथ के सलए
उसने सेंिेह का बीज बोया, “कया तम सचमच उस बात पर भरोसा कर
सकती हो जो परमेश्वर ने कही है?” उनकी रर्नीदत आज तक नहीें बिली
है। िैतान ने परमेश्वर के वचनोें पर स्पि रूप से सवाल उठाया जब उसने
कहा, क्या सच ह त्तक परमश्िर न कहा? यह आज भी दविमी िास्त्र
आलोचना के रूप मेें जारी है।
3:2-3 स्त्री न सप स कहा, इस िात्तिका क ििो क िल हम खा सकत ह;
3 पर जो िि िात्तिका क बीच म ह, उसक िल क त्तिर्षय म परमश्िर न
कहा ह त्तक न तो तम उसको खाना और न उसको छना, नही तो मर जाओग।
िैतान के साथ हव्वा की दमलीभगत परमेश्वर द्वारा कही गई बात को
जानबझकर दबगाड़ िन म तरत स्पि हो जाती ह। यद्यदप परमेश्वर ने कहा
था, “जो वक्ष वादटका क बीच म ह, उसक िल... को तम न खाना”
परमेश्वर न यह नही कहा था “न उसको छना।” हव्वा न जानबझकर परमेश्वर क वचन म कछ जोड़न क द्वारा उस तोड़-मरोड़कर पेि दकया।
यह ऐसा लगता है जैसे दक उसने िैतान के साथ सहमत होकर उिर दिया, ‘हा, परमेश्वर न कहा दक हम उस छ भी नही सकत।’ यहा यह दवचार ह
दक भल और बर क ज्ञान क वक्ष तक जान म उनह रोकन क द्वारा परमेश्वर
उनक सलए दकतना अनयायपर् और मतलबी था। एक बार दिर, िैतान की
चाल दबककल वसी ही
ितान की काय प्रर्ाली अपररवदतत बनी हई ह। िह झठा ह िरन झठ का
त्तपता ह (यहन्ना 8:44)।
3:5 िरन परमश्िर आप जानता ह त्तक लजस त्तिन तम उसका िल खाओग
उसी त्तिन तम्हारी आख खल जाएगी, और तम भल बर का ज्ञान पाकर
परमश्िर क तल्य हो जाओग। यह महसस करत हए दक हव्वा उसक
नापाक काम मेें उसके साथ थी, ितान न उस और भी गहराई स करिन
की कोसिि की। छल, दवकदत और घमड की अपील क एक और सयोजन
के साथ उसने उस से कहा, िरन परमश्िर आप जानता ह त्तक लजस त्तिन
तम उसका िल खाओग उसी त्तिन तम्हारी आख खल जाएगी, और तुम
भल बर का ज्ञान पाकर परमश्िर क तल्य हो जाओग। उसने भ्रामक रूप
स वह कारर् बतात हए उसके अहेंकार को जगाया दक परमेश्वर नहीें
चाहता दक तम उस वक्ष का िल खाकर उसक समान बन जाओ। ितान
के कहने का अथथ यह था, परमेश्वर वास्तव मेें स्वाथी है और वह नहीें
चाहता है दक हव्वा (या आिम) उसके जैसे ज्ञानी बने। “हव्वा, यही
वास्तदवक कारर् है।” एक बार दिर, उसके कहने का अथथ यह है दक
परमेश्वर अनसचत और स्वाथी रूप स उस हर उस वस्त स वसचत कर रहा
है जो अच्छी है। और हव्वा ने उसे खा सलया।
उनक सलए “भल बर का ज्ञान पाकर परमेश्वर क तकय” होन का उल्लख
दवडबनापर् था। अब तक, न तो हव्वा और न ही आिम बराई क बार म
कछ जानता था। उनहोन कवल अपन सलए परमेश्वर की भलाई का ही
अनभव दकया था। एक दवकत रूप म, िैतान आेंसिक रूप से सही कह
रहा था। जब उसने उनहेें पाप करने के सलए िसला सलया, तो वे भले और
बर क बीच क अतर को जान गए। परत यह पादपयो क िदिकोर्
हो गया होता। परत व परीक्षा म असिल रह और बाकी सब तो इदतहास
है।
3:6 अत: जब स्त्री न िखा त्तक उस िि का िल खान क ललए अच्छा, और िखन म मनभाऊ, और बलि िन क ललय चाहनयोग्य भी ह; तब उसन
उसम स तोडकर खाया, और अपन पत्तत को भी त्तिया, और उसन भी खाया।
यहा एक दिलचस्प िम ह। यह 1 यहन्ना 2:16 और ससार क बार म इसक
वर्थन के समान, हव्वा न (1) “िखा दक उस वक्ष का िल खान क सलए
अच्छा” ह। उसन िरीर की अदभलाषा क सामन घटन टक दिए। दिर (2)
उसन महसस दकया दक यह “िखन म मनभाऊ” ह और उसन आखो की
अदभलाषा क सामन घटन टक दिए। अत म, (3) उसन महसस दकया दक
यह “बसद् िन क सलय चाहनयोग्य भी ह।” ऐसा करत हए उसन जीवन क
घमड क आग घटन टक दिए। दवद्रोह पर आिाररत ससार की अभदि, पाप और अनाज्ञाकाररता की व्यवस्था की जड़ेें अिन की वादटका मेें ही
थी। वह वक्ष ललचा रहा था। भोजन क रूप म उसका मकय स्पि था। यह
आखो के सलए आकषथक था। और यह करने के सलए ‘सही’ कायथ लग रहा
था। यहा तक दक सप न भी सोचा दक यह एक अच्छा दवचार ह।
हव्वा इससलए परीक्षा मेें पड़ी कयोेंदक वह अपनी ही अदभलाषा से आकदषथत
हई, और िस गई। वह अदभलाषा गभवती हई और उसन पाप को जनम
दिया। अिन की वादटका मेें दकया गया सािारर् पाप दवद्रोह से प्रेरर्ा पाकर
अनाज्ञाकाररता स ज्यािा कछ नही था : िरीर की अदभलाषा, आखो की
अदभलाषा, और जीवन के घमेंड मेें िेंसकर। पाप का यौन-दिया से कोई
लेना-िेना नहीें था जैसा दक रोमी कैथोसलक कलीससया ससखाती है। न ही
वह िल सेब था। “तब उसने उसमेें से तोड़कर खाया,
गई थी। परत आिम नही आया। दिर भी, उसन भी उसका अनसरर् दकया
और परमेश्वर क प्रदत दवद्रोहपर् अनाज्ञाकाररता म िादमल हो गया। यहा
यह प्रतीत होता ह दक आिम का पाप सबस बरा था।
हव्वा को एक हि तक बहकाया गया। आिम को बहकाया नहीें गया।
उसने थोड़े-बहत छल जान क कारर् पाप दकया। आिम का पाप प्रत्यक्ष
अनाज्ञाकाररता था। कछ लोगो का मानना ह दक आिम न महसस कर
सलया था दक हव्वा ने कया दकया था और इससलए वह उसके साथ िादमल
हो गया, दक कहीें वह एक बार दिर अकेला न रह जाए। (या, कहीें ऐसा न
हो दक कवल हव्वा को ही पाप का परा बोझ उठाना पड़, इससलए वह
उसके साथ िादमल हो गया।) इसके सलए पदवत्रिास्त्र मेें कोई सीिा आिार
नहीें है, हालादक यह एक दिलचस्प दबि ह। इस प्रकार एक नई व्यवस्था
िरू हो गई थी। मनष्यजादत अब पापरदहत दनिोषता म नही थी। इसक
बाि सब कछ बिलकर और भी बरा होन वाला था।
3:7 तब उन िोनो की आख खल गईं, और उनको मालम हआ त्तक ि नग
ह; इसललए उधहोन अजीर क पि जोड जोड कर लगोि बना ललय। उनकी
आख खलन का उल्लख िायि इस बात का उल्लख ह दक कस अब उनहोन
व्यदिगत रूप स बराई का अनभव दकया ह। व अचानक पाप म भादगिार
बन गए थ और अब इसक बार म जानत थ। तरत अपराि बोि िरू हो
गया। हालादक उनहोेंने अब तक कभी अपनी नग्नता के बारे मेें सोचा तक
नहीें था, पर वे अचानक इसके बारे मेें सचेत हो गए। इससलए उनहोेंने अपने
सलए लेंगोट बनाए। लगोि (खागोर) क रूप म अनदित िब्ि का िास्ब्िक
अथथ एक ऐसे वस्त्र से है जो दकसी के जननाेंगोें को ढकता है। हालादक
स्पि रूप से उनके पाप मेें यौनदिया से सेंबेंसित कोई बात नहीें थी, दिर
शब्ि उनको सनाई त्तिया। तब आिम और उसकी पत्नी िात्तिका क ििो
क बीच यहोिा परमश्िर स लछप गए। उसके थोड़ी ही िेर बाि, यहोिा
परमश्िर, जो त्तिन क ठड समय िात्तिका म त्तिरता था, का शब्ि उनको
सुनाई त्तिया। दिन के ठेंडे समय का उल्लेख िास्ब्िक रूप से दिन की हवा है
और यह िाम क सलए एक महावरा हो सकता ह। यहा अथ यह ह दक व
अब तक एक घदनष्ठ सेंगदत मेें परमेश्वर के साथ चला और बात दकया
करते थे। परमेश्वर न मनष्य को एक ऐस प्रार्ी क रूप म बनाया था जो
स्वच्छा स उसक साथ सगदत कर। परत वह सगदत अब नि हो गई थी।
यद्यदप आिम और हव्वा तरत िारीररक रूप स नही मर, परत परमेश्वर के
साथ उनका आस्त्मक सबि टट गया था। (यह मानन का भी पयाप्त कारर्
ह दक मनष्य भी आन वाली मत्य की प्रदिया मेें िारीररक रूप से क्षीर् हो
गया था, जो िीरे-िीरे अपना प्रभाव छोड़ रही थी। वह मानससक रूप से
भी क्षीर् हो गया था। मनष्यजादत क पास स्पि रूप स आज तक वसी
बौसद्क क्षमता नहीें है जो पतन से पहले थी।) अपराि-बोि और लज्जा के
साथ, आिम और हव्वा न स्वय को प्रभ परमेश्वर की उपस्स्थदत से सछपा
सलया।
3:9-10 तब यहोिा परमश्िर न पकारकर आिम स पछा, त कहा ह?
परमेश्वर जानता था दक उनहोन कया दकया ह और व कहा ह। दिर भी, उसन आिम को पकारा, “त कहा ह?”
10 उसन कहा, म तरा शब्ि बारी म सनकर डर गया, क्योत्तक म नगा था;
इसललय लछप गया। आिम का जवाब दवचारपर् ह। उसन अपन जीवन म
पहली बार डर, नग्नता, अपराि-बोि और िमथ को जाना। परमेश्वर न कछ
दवसचत्र िेखा होगा। उसके अब तक के
न अपनी जाच-पड़ताल िरू की। वह हर उस प्रश्न का उिर जानता था जो
उसन पछ थ। परत उसन आिम और हव्वा को अपन सामन खि को िोषी
ठहरान की अनमदत िी। उनकी प्रदतदिया वसी ही ह जसी आज भी पाप
के कारर् पाई जाती है।
परमेश्वर न पछा दक कया उनहोन उस वक्ष का िल खाया ह सजस खान स
परमेश्वर ने मना दकया था। वह मामले की तह तक गया। आिम और हव्वा
का सछपाना व्यथथ था। एक सवथज्ञ परमेश्वर क सामन सब कछ हमिा स्पि होता है।
12 आिम न कहा, लजस स्त्री को त न मर सग रहन को त्तिया ह उसी न उस िि का िल मझ त्तिया, और म न खाया। आिम न तरत अपनी पत्नी को िोषी ठहराया और सजम्मेिारी को उस पर डाल दिया। एक कठोर मातादपता के सामने िोषी बच्चोें की तरह, अपनी गलती को िसरो पर डालत हए
आिम न तरत अपनी पत्नी पर उगली उठाई और कहा, “उसी न उस वक्ष
का िल मझ दिया, और मैें ने खाया।” वास्तव मेें, अथथ यह भी हो सकता
है दक उसने पहले परमेश्वर पर िोष लगाया। ध्यान िेें दक उसने यह कहा, “सजस स्त्री को त न मर सग रहन को दिया ह।” आिम क व्यथथ बहाने का
अथथ यह था दक यह आसखरकार परमेश्वर की गलती थी।
13 तब यहोिा परमश्िर न स्त्री स कहा, त न यह क्या त्तकया ह? स्त्री न
कहा, सप न मझ बहका त्तिया, तब म न खाया। इससलए परमेश्वर हव्वा
की ओर मड़ा और पछा दक त न यह क्या त्तकया ह? उसने बिले मेें सपथ
और उसके छल को िोषी ठहराया। बहका त्तिया (नािा) क रूप म अनदित
िब्ि का मल रूप स
को. अथात ितान को िाप ित हए प्रदतदिया िी। इसक बाि सप को अपन
पेट के बल रेेंगने के सलए छोड़ दिया गया। (अथथ यह है दक पतन से पहले
ऐसा कस नही था।) यह भी अनमान लगाया जा सकता ह दक सदि क सभी
जानवर िाप स प्रभादवत हए, लेदकन सपथ उन सबसे असिक िादपत था।
15 और म तर और इस स्त्री क बीच म, और तर िश और इसक िश क
बीच म बर उत्पन्न करूगा; िह तर लसर को कचल डालगा, और तू उसकी
एडी को डसगा। पि 15 मेें पाया जानेवाला आस्त्मक अथथ और भदवष्यद्वार्ी
का असिक महत्व है। आज तक, स्स्त्रयोें मेें अब साेंपोें के प्रदत स्वाभादवक
घर्ा ह। परत ितान क उस अिन क सप म पाए का आस्त्मक प्रयोग
परमेश्वर की आन वाली छटकार की योजना क भदवष्यद्वार्ी क पहल
उल्लेख का वाहक बन जाता है। हालादक आिम और हव्वा ने पाप दकया
था, परत परमेश्वर इस भदवष्यद्वार्ी के साथ तैयार था दक एक दिन वह
उनह छड़ाएगा। स्त्री का वि एक दिन सप क ससर को कचल डालगा, यद्यदप सप उसकी एड़ी को डसगा। सजस इब्रानी िब्ि का अनवाि कुचल
डालगा (िि) क रूप म दकया गया ह, उसका अथ ‘कचलन’ स लकर
‘डसने’ तक होता है, जसा दक एक साप करता ह। अथ यह ह दक परमेश्वर
हव्वा को बच्च पिा करन की अनमदत िगा और उसका वि अततः ितान
क ससर को कचल िगा, परत वह परी तरह स परासजत होन स पहल साप
की तरह उसकी एड़ी को डसेगा। दनस्सेंिेह, ितान न हमार प्रभ को िस
पर मत्य क अस्थायी जहर स मारकर उसकी एड़ी को डस सलया। परत
उसन कब्र स जी उठन म ितान क ससर को कचल दिया और उस हमिा
के सलए हरा दिया। रोदमयोें 16:20 म पौलस इसकी ओर सकत करता ह।
गलादतयोें 3:16 को भी िेखेें।
3:16 त्तिर स्त्री स उसन कहा,
स्स्त्रयोें) को िाप दिया। उसने उस से कहा, “मैें तेरी पीड़ा और तेरे गभथवती
होन क ि:ख को बहत बढ़ाऊगा।” गभवती होन का अथ यहा गभ िारर्
करन स ह। इसक बाि गभावस्था और स्त्री की प्रजनन प्रर्ाली उतना सखि
अनभव प्रिान नही करगी। यही नही, “त पीदड़त होकर बालक उत्पन्न
करेगी।”
पीत्तडत होकर क रूप म अनदित िब्ि (एसटब) बच्च क जनम म प्रसव पीड़ा
को ििाथता है। हालादक हव्वा क अब तक बच्च नही हए थ, पर अथ यहा
यह ह दक उस वह िि नही हआ होता जो सब स्स्त्रयो न जनम िन म सहा
है। अेंत मेें, परमेश्वर ने यह कहा, “तेरी लालसा तेरे पदत की ओर होगी, और वह तझ पर प्रभता करगा।” अथ यहा पदत और पत्नी क बीच एक
नए सबि का ह। मनष्यजादत म पाप की िरुआत करन म हव्वा क स्वच्छा
से दिए िोखे के कारर्, अब वह अपन पदत की अगवाई म होगी। स्पि
रूप से, पाप से पहले आिम और हव्वा के बीच समानता का सेंबेंि उससे
असिक था सजतना परमेश्वर ने उनके पाप मेें दगरने के बाि ठहराया था।
परमेश्वर न अब स्पि रूप स परुष को घर का मसखया बना दिया और
उसकी पत्नी को उसके अिीन रहने को कहा।
3:17-19 और आिम स उसन कहा, त न जो अपनी पत्नी की बात सनी, और लजस िि क िल क त्तिर्षय म न तझ आज्ञा िी थी त्तक त उस न खाना, उसको त न खाया ह इसललय भत्तम तर कारण शात्तपत ह। त उसकी उपज
जीिन भर ि:ख क साथ खाया करगा। अेंत मेें परमेश्वर ने आिम और पाप म उसकी भागीिारी को िाप दिया। भदम को िाप दिया गया। जबदक पहल, इसन आिम की ओर स बहत कम या दबना दकसी प्रयास क अच्छी उपज
उत्पन्न की, परत अब भदम यह आसानी स उत्पन्न नही करगी।
18 और िह तर ललय काि और ऊिकिार
त्तमल जाएगा क्योत्तक त उसी
ही म त्तिर त्तमल जाएगा। इसक बाि स मनष्य को दमट्टी स जीदवका चलान
के सलए "अपने माथे के पसीने” से मेहनत करनी पड़ेगी। यद्यदप आिम के
पत्र न बाि म इस आज्ञा का उल्लघन दकया, परत स्पि ह दक मनष्य क सलए
परमेश्वर की योजना अब भी िाकाहारी होना ही थी। यहा उस “खत की
उपज” खाने का दनिेि दिया गया है। जैसे दक परमेश्वर न मनष्य को दमट्टी से बनाया था, वह उसी म लौट जाएगा। यहा पर अथ उनके पाप के सलए
परमेश्वर द्वारा उन पर मत्य की घोषर्ा करन का ह।
20 आिम न अपनी पत्नी का नाम हव्िा रखा; क्योत्तक लजतन मनय जीत्तित
ह उन सब की आत्तिमाता िही हई। आिम द्वारा अपनी पत्नी हव्वा को दिए
गए नाम का िास्ब्िक अथ ह ‘जीवन’ या ‘जीवन िनवाला।’ कछ लोगो का मानना है दक उसने परमेश्वर की बात पर भरोसा रखत हए दवश्वास के
साथ उसका नाम रखा, कयोदक वह 3:15 क अनसार वि (अथात सतान)
उत्पन्न करगी। सपर् बाइबल म हव्वा नाम कवल चार बार पाया जाता ह, उत्पदि म िो बार (3:20 और 4:1) और नए दनयम म िो बार (2 कररस्नथयो
11:3 और 1 तीमसथयस 2:13)।
3:21-24 और यहोिा परमश्िर न आिम और उसकी पत्नी क ललय चमड
क अगरख बनाकर उनको पत्तहना त्तिए। उनक पाप क प्रत्यिर म परमेश्वर
न तीन किम उठाए। पहल उसन उनह चमड़ क अगरख पहनाए। अथ यहा
यह है दक उनकी नग्नता, अथात उनक पाप को ढकन क सलए दनिोष लह
बहाया गया। परमेश्वर द्वारा उनके सलए बनाए गए अेंगरखे दकतने दवसिि
रहे होेंगे। िायि स्वगथ के सेंग्रहालय मेें
परमेश्वर न जीवन क वक्ष क िल को खान स उनहेें रोकने के सलए किम
उठाए। दवचार यह ह दक आिम और हव्वा म मनष्य भल और बर की
अपनी समझ मेें परमेश्वर के समान हो गया था।
अेंतर यह है दक परमेश्वर न पाप को पदवत्रता क िदिकोर् स समझा।
उनहोन इस िोष क िदिकोर् स समझा। अथ यह ह दक यदि उनह जीवन
क वक्ष का िल खान की अनमदत िी जाती, तो वे एक पापी, पदतत िरीर
मेें अनेंत जीवन प्राप्त कर लेते। परमेश्वर ने िया करके उसे रोका। उसके
पास एक बेहतर तरीका था : एक नया जनम जो हमेिा के सलए जीदवत एक
मदहमामय, ससद् िरीर म आस्त्मक रूप स परा होता ह।
23 इसललय यहोिा परमश्िर न उसको अिन की िात्तिका म स त्तनकाल
त्तिया त्तक िह उस भत्तम पर खती कर लजस म स िह बनाया गया था। तीसरा,
कहीें ऐसा न हो दक वे उसका िल खाने की कोसिि करेें, इससलए परमेश्वर
न आिम और हव्वा को अिन क स्वगलोक और जीवन क वक्ष स िर कर
दिया। पाप के कारर् उनहोेंने वह स्वगथ खो दिया जो परमेश्वर ने उनके सलए
बनाया था। अब, पाप की कटनी स्पि रूप से स्पि हो रही थी। उनहोेंने न
केवल अपना घर खो दिया था, बस्कक अब जेंगली पौिोें, ऊटकटारो, काटो
और कीड़ो स ग्रस्त भदम स िसल उगाकर उनह जीदवका कमान क सलए
सेंघषथ करना पड़ता था।
24 इसललय आिम को उसन त्तनकाल त्तिया और जीिन क िि क माग का
पहरा िन क ललय अिन की िात्तिका क पि की ओर करूबो को, और
चारो ओर घमनिाली ज्िालामय तलिार को भी त्तनयक्त कर त्तिया। यही
नहीें, परमेश्वर ने अिन के द्वार पर करूबो को जो स्वगित थ, दनयि
दकया। यह मख्य पदतत स्वगित अथात ितान क अदतररि बाइबल म
स्वगितो का यह
उत्पत्ति4कासलिप्तत्तििरण:उत्पदिकाचौथाअध्यायमानवीयसभ्यता कीि ु रुआत कोििाथता ह ै , दविेषरूपसे , अिमीसभ्यताऔरकायथप्रर्ालीकी।पहलीहत्याओेंके साथपहलादविमी‘िमथ’पायाजाताहै।
अध्यायकेअेंतमेें,एकऔरभदिप ू र् थवि(अथाथत ् विावली)कीि ु रुआत
केबारेमेेंध्यानदियागयाहै , सजसेप ूरीबाइबलमेिेखाजाएगाऔरउसकी
प ू र् थ तामसीहमेहोगी।
4:1-2 जब आिम अपनी पत्नी हव्िा क पास गया तब उस न गभिती
होकर कन को जधम त्तिया और कहा, म न यहोिा की सहायता स एक परुर्ष
पाया ह। यहा सामानय ववादहक सबिो का पहला दववरर् दिया गया है
सजसके पररर्ामस्वरूप कैन का जनम होता है। इस नाम का िास्ब्िक अथथ
ह ‘असिकार’ या कछ लोग मानत ह, ‘प्राप्त कर लेना’। हव्वा की दट्पर्ी, म न यहोिा की सहायता स एक परुर्ष पाया ह का अनवाि, ‘मैेंने यहोवा से
एक परुष पाया ह’ भी दकया जा सकता ह।
2 त्तिर उसन उसक भाई हात्तबल को भी जधम त्तिया। हात्तबल भड–बकररयो
का चरिाहा बन गया, परधत कन भत्तम पर खती करन िाला त्तकसान बना।
उसक िसर पत्र का नाम हात्तबल है, और उसके नाम का िास्ब्िक अथथ है
‘सास’ और इससलए कछ लोगो का मानना ह दक वह असिक आस्त्मक
था। हादबल ‘भेड़–बकररयोें का चरवाहा’ था। इसके दवपरीत, कन भदम पर
काम करनेवाला या दकसान था। यद्यदप दविेष रूप से बताया नहीें गया है, पर स्पि रूप स पि 2 और उसक बाि क बीच कछ समय बीत गया था।
स्पि है दक िोनोें लड़के बड़े हो गए थे और उनहोेंने अपने-अपने व्यवसायोें
को चन सलया था।
4:3-5 कछ त्तिनो क पश्चात कन यहोिा क पास भत्तम की उपज म स कछ
भि ल आया।
वादटका क िाटको क सामन था जहा स्पि रूप स परमेश्वर अब भी
मनष्यजादत स दमलता था। परत पदवत्रिास्त्र म इसका कोई दवसिि प्रमार्
नहीें है।
4 और हात्तबल भी अपनी भड–बकररयो क कई एक पत्तहलौठ बच्च भि
चढान ल आया और उनकी चबी भि चढाई; तब यहोिा न हात्तबल और
उसकी भि को तो ग्रहण त्तकया। कन की भट “भदम की उपज म स” थी
और हादबल “भेड़–बकररयोें के कई एक पदहलौठे बच्चे... और उनकी
चबी” भेेंट चढ़ाने के सलए लाया।
चबी क रूप म अनदित िब्ि (खालब) का अथ ‘उिम’ या ‘झड का सबस
मोटा’ भी हो सकता ह। अथ यह ह दक हादबल अपन झड का सबस उिम
पि परमेश्वर के सलए एक भेेंट के रूप मेें लाया। परमेश्वर ने हादबल की
भेेंट को स्वीकार दकया, लेदकन कैन की भेेंट को नहीें। (दवचार यह है दक
परमेश्वर हादबल की भट स प्रसन्न हआ, परत कन की भट स नही) वास्तव
म यह कस प्रकट हआ, यह स्पि नही ह। कछ लोगो का मानना ह दक
परमेश्वर न स्वग स आग बरसाई और सजस भट स वह प्रसन्न हआ उस
स्वीकार दकया।
5 परधत कन और उसकी भि को उसन ग्रहण न त्तकया। तब कन अत्तत
क्रोलित हआ, और उसक मह पर उिासी छा गई। परमेश्वर कैन की भेेंट
स कयो प्रसन्न नही हआ, इसका स्पि उल्लेख नहीें दकया गया है। हो सकता
है दक बीच के वषों मेें जब वे बड़े हो रहे थे, तो परमेश्वर ने यह स्पि कर
दिया हो दक वह एक ऐसा बसलिान चाहता है सजसमेें पाप के प्रायसित के
रूप म लह बहाना िादमल हो। िष पराना दनयम दनसित रूप स इस
िदिकोर् को प्रस्तत करता ह। कन, जो दक चरवाहा नहीें था, अपने खेतोें से परमेश्वर के सामने अपनी सवथश्रेष्ठ भेेंट लेकर आया। परमेश्वर
कैन न तो पहला िल लाया था और न ही अपनी िसल का सबसे अच्छा
भाग।) जैसा भी हो, परमेश्वर ने कैन द्वारा चढ़ाई भेेंट को स्वीकार नहीें
दकया।
उसकी प्रदतदिया िो रूपो म प्रकट हई : (1) “वह अदत िोसित हआ; (2)
“उसक मह पर उिासी छा गई।” कन क पापमय, पदतत स्वभाव (अथात, उसके िरीर) की कायथप्रर्ाली स्वयें को प्रकट करने लगी। न केवल वह
िोसित हआ, बस्कक दिर दनराि, और उिास भी हआ, तथा उपेक्षा दकए जान क सलए मह िलान लगा। यहा एक सरल ससद्ात स्पि ह, सही करने से िाेंदत दमलती है और गलत करने से परेिानी आती है।
4:6-7 तब यहोिा न कन स कहा, त क्यो क्रोलित हआ? और तर मह पर
उिासी क्यो छा गई ह? इससलए परमेश्वर न कन स बात की और पछा दक
वह कयोें परेिान है। यह ध्यान िेने योग्य है दक परमेश्वर न अनग्रहपवक
कैन को एक और मौका दिया। वह उसके पास आया और उसकी गलती
सिारन म उसकी मिि करन की कोसिि की। यह स्पि हो जाएगा, कैन
न िसर अवसर क परमेश्वर क अनग्रहपर् प्रस्ताव को अस्वीकार कर
दिया।
आग बढ़त हए, परमेश्वर ने कैन से कहा, 7 यत्ति त भला कर, तो क्या तरी
भि ग्रहण न की जाएगी? और यत्ति त भला न कर, तो पाप द्वार पर लछपा
रहता ह; और उसकी लालसा तरी ओर होगी, और तझ उस पर प्रभता
करनी ह। वास्तव मेें, परमेश्वर ने कैन से कहा, ‘यदि त वह कर जो सही
है, तो त स्वीकार दकया जाएगा।’ वाकयाि “पाप द्वार पर सछपा रहता ह”
का िास्ब्िक अनवाि इस प्रकार हो सकता ह, ‘एक पापबसल द्वार के बाहर
पड़ी है।’ इसका अथथ यह है दक परमेश्वर ने एक मेमना प्रिान दकया था जो
उस बातचीत क समय बाहर पड़ा हआ था। यदि ऐसा ह, तो यह एक स्पि
तस्वीर है
उपयोग अपने सलए करेगा, तो वह कैन के दनर्थय की प्रतीक्षा कर रहा था।
कैन जानवर की बसल िेकर परमेश्वर क अनग्रहपर् प्रस्ताव को स्वीकार
करने के अपने दवककप का प्रयोग कर सकता था। यह स्पि है दक कैन ने
स्थानापन्न बसलिान के परमेश्वर क अनग्रहपर् प्रस्ताव को ठकरा दिया।
ऐसा करने पर, वह मसीह को ठकरा िनवाल ससार का आिि बन गया।
परमेश्वर न कपा करक एक उिम बसलिान प्रिान दकया। कन न इस ठकरा
दिया।
4:8 तब कन न अपन भाई हात्तबल स कछ कहा; और जब ि मिान म थ, तब कन न अपन भाई हात्तबल पर चढकर उस घात त्तकया। स्पि है दक
इसक कछ ही समय बाि, कन की अपन भाई क साथ बहस हई। यह
अच्छी तरह से समझा जा सकता है दक उसके पापी हृिय मेें ईष्याथ और
कड़वाहट थी जो स्पि रूप से और बढ़ गई थी। उसने न केवल परमेश्वर
के मागथ की उपेक्षा की थी, बस्कक उसने परमेश्वर के प्रिान दकए गए
बसलिान को भी ठकरा दिया था। अब उसन अपना िोि हादबल स बिला
लेने मेें दनकाला। कैन का कठोर हृिय इतना िोसित हो गया था दक उसने
अपने भाई को ही मार डाला। हालादक पहली बार पढ़ने पर, यह एक ‘िसर
स्तर’ का अपराि लग सकता है जो सोचा-समझा कायथ नहीें था, परत यह
लख इसस भी घसर्त काय को ििाता ह। वाकयाि “और जब व मिान म
थे,” का अथ ह दक कन न पहल स सोचकर अपन भाई की निस हत्या
की योजना बनाई। वह उसे उसके माता-दपता स िर मिान म बहलािसलाकर ल गया और वहा उसन “अपन भाई हादबल पर चढ़कर उस घात दकया।” इदतहास की पहली हत्या यहा हई थी और स्वग म प्रवि
करनेवाला पहला व्यदि भी यहीें था। इब्रादनयोें 11:4 स्पि रूप से ििाथता है दक दवश्वास के द्वारा हादबल ने परमेश्वर
और हव्वा का उनके पाप के बाि सामना दकया था, वैसे ही उसने अब
कैन का सामना दकया। परमेश्वर जानता था दक वास्तव म कया हआ था।
दिर भी, उसन कन स पछा, “तरा भाई हादबल कहा ह?” कैन का पापी
चररत्र प्रकट होता रहा। उसने परमेश्वर स सीि झठ बोला और कहा, “मालम नही।” तब उसन घमड और दढठाई स भरकर उिर दिया, “कया मैें अपन भाई का रखवाला ह?” कैन जानता था दक वह हादबल के सलए सज़म्मेिार नहीें है, और वह जानता था दक परमेश्वर यह जानता है। दिर भी, उसने परमेश्वर के प्रदत श्रद्ाहीन और असिि बनने की इच्छा का दवरोि
नहीें दकया।
10 उसन कहा, त न क्या त्तकया ह? तर भाई का लह भत्तम स मरी ओर लचल्लाकर मरी िोहाई ि रहा ह! जब परमेश्वर ने कैन से कहा, “त न कया
दकया है? तर भाई का लह भदम स मरी ओर सचकलाकर मेरी िोहाई िे रहा
है,” तो परमेश्वर क िमी िोि को सना जा सकता ह। अदतम वाकयाि
सेंभवतः इस बात का रूपक है दक परमेश्वर को हादबल क बहाए गए लह
के बारे मेें पता है।
4:11-12 इसललय अब भत्तम लजसन तर भाई का लह तर हाथ स पीन क
ललय अपना मह खोला ह, उसकी ओर स त शात्तपत ह। कैन के अपराि के
प्रदत परमेश्वर का िड उस िोहरा िाप िना था। (1) भदम की “परी उपज
दिर तझ न दमलगी” कन को अपन जीवन भर िसल उगान म कदठनाई
होगी। इसमेें कदठनाई और सेंभादवत गरीबी का अथथ है।
12 चाह त भत्तम पर खती कर, तौभी उसकी परी उपज त्तिर तझ न त्तमलगी;
और त पथ्िी पर भिकनिाला और भगोडा होगा। (2) “त पथ्वी पर भटकनेवाला और भगोड़ा होगा।” कैन को समस्याओें का सामना करना पड़ेगा और
उल्लघन दकया था। व प्रत्यक अपन जीवन क िष भाग म िःख उठात रह।
पाप हमेिा कदठनाई, िःख और भ्रिता लाता ह। यह प्रकदत का एक
अनल्लघनीय दनयम ह।
4:13-14 तब कन न यहोिा स कहा, मरा िण्ड सहन स बाहर ह। 14िख, त न आज क त्तिन मझ भत्तम पर स त्तनकाला ह, और म तरी िष्ि की आड
म रहगा, और पथ्िी पर भिकनिाला और भगोडा रहगा; और जो कोई मझ
पाएगा, मझ घात करगा। कैन के पदतत चररत्र की कमजोरी और असिक
स्पि हो जाती ह। अपन ‘िड’ को सनकर, वह ियनीय स्स्थदत मेें सिकायत
करने लगा। यही नहीें, उसन कहा दक “जो कोई मझ पाएगा, मझ घात
करगा।” उस प्रदतिोि का डर था। अथ यहा यह भी ह दक अब तक आिम, हव्वा और कैन के अलावा अनय लोग भी
यह आगे आने वाले लेख मेें स्पि है। जैसे-जैसे समय बीतता गया,
आिम क इन अनय बच्चो न दववाह दकया और उनक पररवार हए।
4:15 इस कारण यहोिा न उस स कहा, जो कोई कन को घात करगा उस
स सात गणा बिला ललया जाएगा। और यहोिा न कन क ललय एक लचह्
ठहराया ऐसा न हो त्तक कोई उस पाकर मार डाल। इससलए परमेश्वर ने एक
चतावनी जारी की दक यदि दकसी न बिला लत हए कन को मार डाला, तो
उसक सलए उस स सात गर्ा बिला सलया जाएगा। उस सबि म परमेश्वर
द्वारा कन को दिए गए सचह्न न बहत वाि-दववाि उत्पन्न दकया है। उसके
माथे पर दकसी तरह के सचह्न से लेकर उसकी रक्षा के सलए दिए गए एक
भयकर कि
4:16-17 तब कन यहोिा क सम्मख स त्तनकल गया, और नोि नामक िश
म जो अिन क पि की ओर ह, रहन लगा। प्रभ की उपस्स्थदत स कन क
दनकल जाने का सेंिभथ िायि यह है दक वह अिन के प्रवेि द्वार और उसके
माता-दपता के घर के आसपास के क्षेत्र को छोड़कर चला गया। अिन के
पव म नोि की भदम का सकत दिर स जल-प्रलय स पव क भगोल का
वर्थन है। जल-प्रलय क कारर् पथ्वी क भगोल और स्थलाकदत म इतना
गहरा जलदवज्ञान-सबिी पररवतन हआ दक प्रलय-पव क दकसी भी स्थान
को ढढ़ पाना असभव हो गया था।
17 जब कन अपनी पत्नी क पास गया तब िह गभिती हई, और उसन
हनोक को जधम त्तिया; त्तिर कन न एक नगर बसाया और उस नगर का नाम
अपन पत्र क नाम पर हनोक रखा। यह प्रश्न हमिा स पछा जाता रहा ह
दक कन को उसकी पत्नी कहा स दमली, और इसका सरल उिर इससे
दिया जा सकता है दक आिम और हव्वा के पहले से ही अनय बच्चे थे, जैसा
दक पहले भी उल्लेख दकया गया है। यह उत्पदि 5:4 मेें स्पि रूप से दनदहत
है, जहा यह उल्लख दकया गया ह दक अपन लब जीवनकाल क िौरान,
आिम क “उसक और भी बट बदटया उत्पन्न हईं।” (स्पि ह दक उस प्रजादत
मेें उस समय भाई-बहन का परस्पर दववाह हो सकता था।) कैन द्वारा एक
नगर के दनमाथर् मेें ईश्वररदहत प्रलय-पव समाज की िरुआत का उल्लख
दकया गया है। इस प्रकार अिमी लोगोें की साेंसाररक रीदत के बीज बोए
गए। कन क एक पत्र उत्पन्न हआ सजसका नाम उसन हनोक रखा। यह
अध्याय 5 मेें उदल्लसखत परमेश्वर का भय माननेवाला हनोक नहीें है।
4:18-22 हनोक स ईराि उत्पन्न हआ, और ईराि स महयाएल उत्पन्न हआ, और महयाएल स मतशाएल, और मतशाएल स लमक उत्पन्न हआ।
19लमक न िो ष्स्त्रया
ह। लमक पहला बहदववाही था। हालादक परमेश्वर ने उस समय तक इस
दवषय पर कोई सलसखत दनयम नहीें दिया था, दिर भी आिम और हव्वा के
उिाहरर् ने परमेश्वर की ससद् इच्छा के उिाहरर् के रूप मेें कायथ दकया
था : अथात एक जीवनसाथी।
20 आिा न याबाल को जधम त्तिया। िह तम्बओ म रहना और पश–पालन
इन िोनो रीत्ततयो का प्रितक हआ। हमारे पास इन व्यदियोें का और कोई
ब्यौरा नहीें है। एक बार दिर, वे अिमी प्रलय-पव क समाज क प्रारदभक
पवज थ।
21 और उसक भाई का नाम यबाल था : िह िीणा और बासरी आत्ति बाजो
क बजान की सारी रीत्तत का प्रितक हआ। यहा उन दवदभन्न परुषो का
उल्लेख दकया गया है सजनहोेंने उस प्रारेंदभक
और सिकपोें का आदवष्कार दकया। दनस्सेंिेह उनहोेंने सेंसार के सेंगीत की
पहली िन का आदवष्कार दकया। सगीत क िरुआत का उल्लख भी
दिलचस्प है। यह एक स्वाभादवक घटना है जो सदिकता को ही ििाती ह।
हालादक पाप ने उनकी क्षमताओें को सीदमत कर दिया था, दिर भी
आनवसिक समह अब भी मजबत था।
22 और लसल्ला न भी तबल–कन नामक एक पत्र को जधम त्तिया : िह
पीतल और लोह क सब िारिाल हलथयारो का गढनिाला हआ। तबल–
कन की बत्तहन नामा थी। िात दवज्ञान और िात काटन की सिकपकला म
किल परुष तजी स दवकससत हए। यहा अथ िातओ की उपलब्िता और
उनस उपयोगी उपकरर् बनान क कौिल का भी ह। तब बनाना, भेड़-
बकररयोें को पालना, सेंगीतकार, वाद्य येंत्र बनाना, और िात को गलाना
जस बदनयािी कौिलो पर ध्यान दिया गया ह। अथ यह ह दक य प्रारदभक
कौिल अच्छी तरह से दवकससत थे, न दक उनकी िरुआत हो रही थी।
इस बात पर दवश्वास
उन्नत कला और तकनीक को ििाथती है, यहा तक दक जल-प्रलय स पव
दक सभ्यता मेें भी।
4:23-24 और लमक न अपनी पष्त्नयो स कहा, ह आिा और ह लसल्ला, मरी सनो; ह लमक की पष्त्नयो, मरी बात पर कान लगाओ : म न एक
परुर्ष को जो मझ चोि लगाता था, अथात एक जिान को जो मझ घायल
करता था, घात त्तकया ह। आगे ध्यान िेने योग्य बात लेमेक है जो कैन की
पाचवी पीढ़ी का विज था। पि 23 म यह उल्लख दकया गया ह दक उसन
िो लोगो को मार डाला। पररस्स्थदतया स्पि नही ह। उसक घायल होन और
चोदटल होन क उल्लख का अथ यह हो सकता ह दक उनस लड़त हए म वह
घायल हो गया होगा। या, यह इस बात को ििाथ सकता है दक उसने अपने
कायों के पररर्ामोें को कैसे िेखा सजनके कारर् उसके सलए परेिानी और
िःख आए। दनदहत यह भी ह दक एक पीदड़त एक वद् व्यदि था और िसरा
जवान व्यदि। यहिी परेंपरा यह मानती है दक सिकार करते समय उसने
गलती से अपने एक जवान साथी के साथ-साथ अपन बड़ पवज कन को
मार डाला। परत इसका दनसित रूप स पदवत्रिास्त्र म कोई आिार नही
है। लेमेक के व्यवहार को समझने के सलए हम केवल उसकी दट्पसर्योें
के लहजे का ही अेंिाजा लगा सकते हैें।
उसने अपनी पस्त्नयोें के सामने अहेंकार से भरकर यह कहा होगा दक 24
जब कन का बिला सातगणा ललया जाएगा, तो लमक का सतहिरगणा
ललया जाएगा। परत यह समझनयोग्य ह दक यह इस डर क साथ घबराहट
मेें कहा गया हो सकता दक उसके अपराि के कारर् उसके साथ कया
होगा। दिर भी, यदि कोई उत्पदि के आने वाले अध्यायोें को िमी और
अिमी के बीच के अेंतर के रूप मेें िेखता है, तो लेमेक दनसित रूप से
मनष्यजादत क अिमी वि को प्रकट करगा। ऐसा होन
“मनष्यो की बराई पथ्वी पर बढ़ गई ह, और उनके मन के दवचार मेें जो
कछ उत्पन्न होता ह वह दनरनतर बरा ही होता ह।” (उत्पदि 6:5)। कन और
उसक विज दनसित रूप स ससार की उस व्यवस्था की िरुआत थ जो
आज भी जारी है।
4:25 आिम अपनी पत्नी क पास त्तिर गया, और उसन एक पत्र को जधम
त्तिया और उसका नाम यह कह क शत रखा : परमश्िर न मर ललय हात्तबल क बिल लजसको कन न घात त्तकया, एक और िश ठहरा त्तिया ह। वाकयाेंि आिम अपनी पत्नी क पास त्तिर गया का अनवाि यह भी हो सकता ह, ‘आिम एक बार दिर अपनी पत्नी के पास गया।’ दवचार यह है दक वे
वैवादहक सेंबेंि मेें आगे बढ़े। अथथ यह नहीें है दक इतने समय के बाि
आिम ने आसखरकार एक बार दिर से अपनी पत्नी के साथ सेंभोग दकया। स्पि रूप से उनके बीच सामानय यौन सेंबेंि चल रहे थे, और इसके साथसाथ अनय बच्चोें का जनम भी हआ था। हालादक, पदवत्रिास्त्र के लेखक ने
ध्यान दिया दक समय के साथ, उसन दविष रूप स एक पत्र को जनम दिया,
सजसका नाम उसने िेत रखा। (इब्रानी िब्ि िेत का िास्ब्िक अथथ
‘क्षदतपदत’ ह, परत कछ लोगो का मानना ह दक इसका अथ ‘दनयि दकया
गया’ है।
एक असिक मानयता-प्राप्त िदिकोर् यह ह दक पि 25 की घटनाए पि 24
मेें समाप्त होनेवाली घटनाओें के बाि समय के िम मेें नहीें हैें, बस्कक पि 8
क बाि ह। (उत्पदि 5: 3 ििाता ह दक जब ित पिा हआ तो आिम 130
साल का था।) जैसा भी हो, हव्वा ने जान सलया दक कैसे परमेश्वर ने उसे
“हादबल क बिल... एक और वि ठहरा दिया ह।” उत्पदि की पस्तक का
िष भाग ित स होकर आिम की विावली को ढढगा जो कन क दवपरीत
िमी विावली का पवज बना।
4:26 शत क भी एक पत्र उत्पन्न हआ,
से लोग यहोवा से प्राथथना करने लगे” मेें िो ऐदतहाससक अथथ हैें। (1) एक
स्स्थदत यह मानती है दक दकस प्रकार लोग यहोवा के नाम से प्राथथना करने
लगे, जसा दक असिकत सस्करर् ििाता प्रतीत होता ह। (2) परत यहिी
दवचारिरा मानती है दक तब सेंसार के अिदमथयोें ने यहोवा के नाम का
इस्तमाल अपदवत्र तरीक स करना िरू कर दिया था, कछ बातो म उनहोन
उस पदवत्र नाम को अपन सलए रख सलया था और यहा तक दक अपनी
मदतयो का भी वही नाम रख दिया था। जस दक अध्याय 6 म कन क वि
की ििता सामन आती ह, तो पहल क बजाय िसरा िदिकोर् प्रासेंदगक
रूप से असिक दवश्वसनीयता प्रतीत होता है।
उत्पत्ति5कासलिप्तत्तििरण:बाइबलम ेपहलीविावलीयहााँपाईजाती
ह ै ।यहक ैनकीम ृ त्य ु क े बािि े तस े आन े वालीिमीकोखोजतीहै।यह विावलीवास्तव म ेमसीह कीविावलीहैजैसा दक ल ू का 3 म े उल्ल े ख
दकयागयाहै।अिमीसेंसारऔरइसके दवकासकोआगेउत्पदि6मेें परमेश्वरक े प ु त्रो , अथा थ त ् िमीविावलीक े दवपरीतमन ु ष्योक े प ु त्रोक े
रूपमेेंििाथयागयाहै।इसप्रकार , आजके दिनतकमसीहसेहोकर परमेश्वर क े लोगोक े वि कीि ु रुआत ह ु ईहै।इसक े साथ-साथसेंसार
औरउसकीभीड़काभ्रिदवकासभीसमानाेंतरचलरहाहै।
5:1-2 आिम की िशािली यह ह। जब परमश्िर न मनय की सष्ि की
तब अपन ही स्िरूप म उसको बनाया। आिम की रचना का एक सेंसक्षप्त
साराि िोहराया गया ह। यह इस बात पर ध्यान िन स िरू होती ह दक
“आिम की विावली यह ह।” यहा
बार दिर, इस बात पर ध्यान दिया गया है दक आिम को परमेश्वर की
समानता मेें बनाया गया था।
2 उसन नर और नारी करक मनयो की सष्ि की और उधह आशीर्ष िी, और उनकी सृष्ि क त्तिन उनका नाम आिम रखा। जैसा दक उत्पदि 1:28
मेें ििाथया गया है, परमेश्वर न आिम और हव्वा को उनकी सदि म आिीष
िी। यह ध्यान िेने योग्य बात है दक आिम नाम मेें आिम और हव्वा िोनोें
िादमल ह। हव्वा की सदि उस परुष स हई थी सजस पहल रचा गया था।
आिदनक नारीवािी दवचारिारा क दवचार चाह जो भी हो, स्त्री परुष सेही
दनकलीहै।पतन के बाि से, परुष पि और असिकार म स्त्री स ऊपर था।
5:3-5 जब आिम एक सौ तीस िर्ष का हआ, तब उसक द्वारा उसकी
समानता म उस ही क स्िरूप क अनसार एक पत्र उत्पन्न हआ। उसन
उसका नाम शत रखा। यद्यदप यह कहा गया है दक “आिम एक सौ तीस
वष का हआ, तब उसक द्वारा... एक पत्र उत्पन्न हआ,” परत इसका अथ
यह नहीें है दक कैन से पहले उसके और कोई सेंतान नहीें थी। इसके दवपरीत
और पि 4 म बताए अनसार, उसक वास्तव म अनय पत्र और पदत्रया हईं।
इस बात की सभावना ह दक उनम स कछ कन स पहल भी उत्पन्न हए थ।
ध्यान िेने योग्य बात यह है दक िेत का वर्थन उसके दपता आिम की
समानता और स्वरूप म होन क रूप म दकया गया ह। यह महत्वपर् रूप
से परमेश्वर द्वारा आिम की रचना से पहले की गई दट्पर्ी के समान है
(उत्पदि 1:28)। आिम की प्रत्येक सेंतान अपने माता-दपता की मानवीय
आत्मा और आनवसिक रीदत क अनसार थी और उस रूप म उसकी
समानता और उसके स्वरूप मेें थी।
परत यहा यह अथ हो सकता ह दक ित को उसक माता-दपता ने दविेष
रूप स िमी बनना ससखाया था। उनहोन अपन पत्र कन पर अपन पाप की
मखता और उसक भ्रि प्रभाव का अनभव दकया था। इससलए, उनहोेंने िेत
को परमेश्वर क स्वरूप म ढालन का दनिय दकया सजसम व मल रूप स
रच गए थ। यहा अथ यह हो सकता ह दक आिम और हव्वा न महसस
दकया दक कैसे पाप ने कैन और उसके अनय अनाम भाई-बहनोें और वेंिजोें
को भ्रि कर दिया था। इससलए उनहोेंने िेत को परमेश्वर की समानता और
उसके स्वरूप मेें प्रसिसक्षत करने का दनिय दकया, सजसे उनहोेंने पाप के
कदठन सबक के द्वारा कदठन तरीके से सीखा था।
4 शत क जधम क पश्चात आिम आठ सौ िर्ष जीत्तित रहा, और उसक
और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। आिम और हव्वा की कल सतानो की
दनसित सेंख्या नहीें िी गई है। 930 वषों की अवसि मेें, दनस्सेंिेह यह कािी
असिक रही होगी। अथथ यह भी हो सकता है दक आिम की केवल एक ही पत्नी थी, अथात हव्वा।
5 इस प्रकार आिम की कल आय नौ सौ तीस िर्ष की हई; तत्पश्चात िह मर गया। हालादक हव्वा की लबी आय का कोई उल्लख नही दकया गया ह, दिर भी यह माना जा सकता है दक वे उन 930 वषों मेें से बड़ी अवसि मेें
एक साथ रह थ। इससलए उस स्थादयत्व क बार म मजबती स कहा जा
सकता है सजसे परमेश्वर ने दववाह के सलए रखा है।
जैसा दक अध्याय के िेष भाग मेें ििाथया जाएगा, जल-प्रलय स पहल मनष्यो
का जीवनकाल आिदनक मनष्य की तलना म महत्वपर् रूप स लबा था।
यह लगभग िस गना असिक ह। यह सझाव दिया गया ह दक इसका एक
प्रमख कारर् स्पि रूप स “आकाि क ऊपर” जल की छतरी थी (उत्पदि
1:6-8 म िी गई दट्पसर्या िख)।
यह सझाव दिया गया ह दक पथ्वी क ऊपर जल वाष्प की यह छतरी हादनकारक आकािीय और सौर दवदकरर्ो को रोक िती थी जो आय बढ़न
की प्रदिया को बहत तज कर सकती ह। जल-प्रलय के बाि, उस जलछतरी को नि कर दिया गया सजससे
यह भी स्पि दकया गया है, “तत्पिात वह मर गया।” पाप का पहल स
बताया गया पररर्ाम आिम म पर् रूप स परा हआ। यद्यदप आिम और
हव्वा म मत्य की प्रदिया उनक पाप करत ही िरू हो गई थी, परत यह
अततः बाि म परी हई। परमेश्वर न जो कहा वह सच सादबत हआ और
ितान का झठ दक “तम दनश्चय न मरोग” (उत्पदि 3:4) उसक झठ क
समान ही खोखला था। जैसे-जैसे िेत का वेंि आगे बढ़ा, वैसे-वैसे आज
तक हर वेंिज की एक समान दविेषता पाई जाती है, “तत्पिात वह मर
गया।” पाप की मजिरी मत्य ह।
5:6-8 जब शत एक सौ पाच िर्ष का हआ, तब उसस एनोश का जधम
हआ। 7 एनोश क जधम क पश्चात शत आठ सौ सात िर्ष जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 8 इस प्रकार शत की कल आय
नौ सौ बारह िर्ष की हई; तत्पश्चात िह मर गया। िेत की वेंिावली को
ििाथया गया है। दिर से, यह अनमान लगाया जा सकता ह दक 105 वष की
आय म एनोि क जनम स पहल ित क और भी बच्च थ। परत उसका दविष
पत्र (जो िसर पहल स िख तो उसका पहला पहलौठा हो सकता ह) एनोि
है। उसके द्वारा ही िमी वेंि और मसीह की वेंिावली को खोजा जाता है।
अपन पवजो क समान 912 वष की आय म अपनी मत्य स पहल उसन
मरन स पहल उसक “बट बदटया उत्पन्न हईं।”
5:9-11 जब एनोश नब्ब िर्ष का हआ, तब उसस कनान का जधम हआ।
10 कनान क जधम क पश्चात एनोश आठ सौ पधद्रह िर्ष जीत्तित रहा, और
उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 11 इस प्रकार एनोश की कुल आयु
नौ सौ पाच िर्ष की हई; तत्पश्चात िह मर गया। इसी तरह, एनोि की
वेंिावली का उल्लेख दकया गया है और वह 905 वषथ तक जीदवत
5:12-14 जब कनान सिर िर्ष का हआ, तब उसस महललल का जधम
हआ। 13 महललल क जधम क पश्चात कनान आठ सौ चालीस िर्ष
जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 14 इस प्रकार
कनान की कल आय नौ सौ िस िर्ष की हई; तत्पश्चात िह मर गया।
केनान की वेंिावली भी इसी तरह ििाथई गई है और वह 910 वषों तक
जीदवत रहा। िमी वेंिावली के प्रदत उसका योगिान महललेलथा। अपने
पवजो क समान उसक “बट बदटया उत्पन्न हईं।”
5:15-17 जब महललल पसठ िर्ष का हआ, तब उसस यरि का जधम
हआ। 16यरि क जधम क पश्चात महललल आठ सौ तीस िर्ष जीत्तित
रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 17 इस प्रकार महललल
की कल आय आठ सौ पचानब िर्ष की हई; तत्पश्चात िह मर गया।
महललेल से येरेि उत्पन्न हआ सजसस िमी विावली आग बढ़ी। महललल
की भी मत्य हई और वह 895 वष की आय तक जीदवत रहा। अपन पवजो
क समान उसक “बट बदटया उत्पन्न हईं।”
5:18-20 जब यरि एक सौ बासठ िर्ष का हआ, तब उसस हनोक का
जधम हआ। 19 हनोक क जधम क पश्चात यरि आठ सौ िर्ष जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 20 इस प्रकार यरि की कल
आय नौ सौ बासठ िर्ष की हई; तत्पश्चात िह मर गया। आग बढ़त हए, येरेि 962 वषों तक जीदवत रहा। िमी वेंिावली मेें उसका योगिान हनोक
था। अपन पवजो क समान उसक “बट बदटया उत्पन्न हईं।”
5:21-24 जब हनोक पसठ िर्ष का हआ, तब उसस मतशलह का जधम
हआ। 22 मतशलह क जधम क पश्चात हनोक तीन सौ िर्ष तक परमश्िर
क साथ साथ चलता रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 23 इस प्रकार हनोक
परमश्िर न उस उठा ललया। इस बात का कोई सेंकेत नहीें है दक उसके
सब पवजो क समान हनोक की मत्य हई। बस्कक, यह उल्लेख दकया गया है
दक “हनोक परमेश्वर के साथ साथ चलता था; दिर वह लोप हो गया
कयोेंदक परमेश्वर ने उसे उठा सलया।” इब्रादनयोें 11:5 की प्रेरर्ा-प्राप्त
व्याख्या ध्यान िती ह दक उस “उठा सलया गया दक मत्य को न िख।” इस
बार म बहत सी अटकल लगाई गई ह दक कयो परमेश्वर ने हनोक को उठा
सलया, दक उस मत्य स बचाए। एक सझाव यह ह दक उसकी परमेश्वर के
साथ ऐसी सेंगदत थी दक परमेश्वर उसे सीिे स्वगथ मेें ले गया। दनसित रूप
से ऐसे अनय लोग भी थे सजनकी परमेश्वर के साथ घदनष्ठ सेंगदत थी जैसे
िाऊि, िादनय्यल और पौलस। परमेश्वर के साथ हनोक की सेंगदत के
बावजि, वह पापी बना रहा, पाप की मजिरी क अिीन रहा। एक अनय
सझाव यह ह दक परमेश्वर स्वगाथरोदहत कलीससया का प्रदतरूप तैयार कर
रहा था।
हनोक को जल-प्रलय के भावी िेंड से बचाया गया, जैसे दक कलीससया
महाकलि स बचाई जाएगी। परत सबस व्यावहाररक सझाव यह ह दक
हनोक के सलए परमेश्वर क पास दविष योजनाए थी। यह सझाव दिया
जाता है दक वह प्रकासितवाकय 11 के उन िो गवाहोें मेें से एक होगा सजनहेें
अेंततः मसीह-दवरोिी द्वारा मार डाला जाएगा। एसलय्याह और वह इदतहास
म कवल िो ऐस व्यदि ह सजनह मत्य का सामना नही करना पड़ा। जसा
भी हो, परमेश्वर के साथ उसकी घदनष्ठ सेंगदत ने उसे इतना दप्रय बनाया
दक उस मत्य की पीड़ा स बचा सलया गया।
5:25-27 जब मतशलह एक सौ सिासी िर्ष का हआ, तब उसस लमक
का जधम हआ। 26लमक क जधम क पश्चात मतशलह सात सौ बयासी
िर्ष जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया
के सलए लेमेक के रूप मेें एक सेंतान को जनम दिया (इसे उत्पदि 4 मेें कैन
का विज लमक नही समझा जाना चादहए।) अपन पवजो क समान उसक
भी “बट बदटया उत्पन्न हईं।” ध्यान िन योग्य यह ह दक वह 969 वष की
आय तक पहचनवाला अब तक का सबस वद् व्यदि ह।
5:28-31 जब लमक एक सौ बयासी िर्ष का हआ, तब उसस एक पत्र का
जधम हआ। 29उसन यह कहकर उसका नाम नह रखा, यहोिा न जो पथ्िी
को शाप त्तिया ह, उसक त्तिर्षय यह लडका हमार काम म, और उस कत्तठन
पररश्रम म जो हम करत ह, हम को शाष्धत िगा। मसीह के वेंि को आगे
बढ़ान वाला लमक का िमी पत्र नूह था। 777 वष की आय म अपनी मत्य
से पहले, लमक न नह क बार म एक भदवष्यवार्ी की, “यहोवा ने जो
पथ्वी को िाप दिया ह, उसके दवषय यह लड़का हमारे काम मेें, और उस
कदठन पररश्रम मेें जो हम करते हैें, हम को िास्नत िेगा।” भदवष्यवार्ी
िायि इस बात का उल्लख ह दक कस नह मनष्यजादत को जारी रखगा, और
अेंत मेें मसीह के आगमन मेें िमी वेंि को आगे बढ़ाएगा। परमेश्वर ने
अपनी आत्मा क द्वारा लमक को बताया दक उसका पत्र एक दविष आिीष
होगा। वास्तव म नह एक भदिहीन ससार म िादमकता का प्रचारक बना
जो दवश्वास क द्वारा “उस िम का वाररस हआ जो दवश्वास से होता है।”
(इब्रादनयोें 11:7)। 30नह क जधम क पश्चात लमक पाच सौ पचानब िर्ष
जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। अपन पवजो क
समान उसके भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं।
31 इस प्रकार लमक की कल आय सात सौ सतहिर िर्ष की हई;
तत्पश्चात िह मर गया। आिम स लकर सब मनष्यो की तरह लमक की
भी मत्य हई। पाप की मजिरी मत्य बनी रहती ह।
इस वेंिावली के उस समय तक की
वष जीदवत रहा। अतः ित की मत्य नह की मत्य स चौिह वष पहल ही
हई थी। जब नह का जनम हआ तब एनोि जीदवत ही था।
5:32 और नह पाच सौ िर्ष का हआ; और नह स शम, और हाम, और
यपत का जधम हआ। जल-प्रलय से पहले, नह क तीन बट हए : “िम, हाम, और येपेत।” यद्यदप यह मानवीय रूप से अककपनीय लगता है दक 500 वष की आय स पहल नह क कोई सतान नही थी, पर यह वास्तव मेें हो
सकता है। परमेश्वर न िायि चाहा दक नह जल-प्रलय के बाि िमी तरीके
म मनष्यजादत को आग बढ़ान क सलए उनह प्रसिसक्षत कर। यह भी हो
सकता है दक परमेश्वर न नह की पत्नी को उस समय तक बच्च पिा करन
स रोक रखा हो। नह तक िमी विावली क जीवन काल को दगनन पर
िमी वेंिावली मेें से केवल वह और उसका दनकटतम पररवार ही बचा था।
और, जैसा दक आगे का अध्याय प्रकट करेगा, केवल इन आठ लोगोें को ही परमेश्वर क द्वारा िमी माना गया था। सदि क 1,656 वषथ बाि जलप्रलय हआ। उस वष िम 98 वष का था (उत्पदि 11:10 िख)।
उत्पत्ति6का सलिप्तत्तििरण:उत्पदिकाछठाअध्यायचारखेंडोेंमेेंबेंटा ह ु आह ै:(1)पि1-7मेससारकीि ु ितासजसनेपरमेश्वरके िोिको
उकसाया।(2)पि8-11मेनूहपरमेश्वरक े सामन े अन ुग्रहकोपाताहै।
(3)पि12-21नूहकोजल-प्रलयके बारेमेेंचेतावनीिीजातीहैऔरउसे जहाजबनानेके सलएदनिेिदिएगएहैें।और,(4) पि 22 म े नूह का दवश्वासऔरआज्ञाकाररता।
6:1 त्तिर जब मनय भत्तम क ऊपर बहत बढन लग, और उनक बत्तिया उत्पन्न हईं। ऐसा लगता ह दक ध्यान अब
जल-प्रलय स पहल मनष्यजादत की िीघाय को ध्यान म रखत हए, यह माना
जा सकता ह दक पथ्वी की जनसख्या कािी बढ़ गई थी। कछ, गसर्तज्ञोें
न सझाव दिया ह दक नह क समय पथ्वी की जनसख्या लगभग िो अरब
हो सकती है। यह भी स्पि है दक उसमेें से थोड़े से ही लोगोें, अथात नह क
पररवार को ही परमेश्वर के सामने िमी माना गया। जैसा भी हो, “मनष्य
भदम क ऊपर बहत बढ़न लग, और उनक बदटया उत्पन्न हईं।” मख्य रूप
स कोयला समद्र म परातास्त्वक खोज हई ह, सजनहोेंने स्पि रूप से प्रलयपव की कलाकदतयो को सरसक्षत रखा ह। इनम स कछ एक उन्नत सभ्यता
का सकत ित ह सजसम कछ प्रकार की दवद्यत तकनीक भी थी। जल-प्रलय से पहले के जगत मेें एक बड़ी जनसेंख्या थी और स्पि रूप से वह एक उन्नत सभ्यता थी।
6:2 तब परमश्िर क पत्रो न मनय की पत्तत्रयो को िखा, त्तक ि सधिर ह, और उधहोन लजस लजसको चाहा उनस त्तििाह कर ललया। वषों से इस बात
पर बहत वाि-दववाि रहा है दक परमश्िर क पत्र और मनयो की पत्तत्रया
कौन थ। कछ लोगो न सझाव दिया ह दक परमेश्वर क पत्र पदतत स्वगित
थ जो पथ्वी पर उतर और स्स्त्रयो (मनष्यो की पदत्रयो) स दववाह दकया।
परत इसक सलए पदवत्रिास्त्र म कोई आिार नही ह। वास्तव म, यह जैदवक
रूप से असेंभव होगा। यही नहीें, यीि न ििाया ह दक स्वगितो की जादत
लैेंदगक जादत नहीें है, सजस कारर् उनमेें प्रजनन क्षमता नहीें होती।
इसके बजाय, “परमेश्वर क पत्रो” का उल्लख सभवतः िमी विावली क
पत्रो क बार म हो सकता ह। स्पि रूप स िमी विावली द्वारा अपन
आसपास के अिमी सेंसार से स्वयें को अलग रखने का प्रयास दकया गया
था। दिर भी, सदियो स िमी विावली क पत्रो न मनष्यो की पदत्रयो की
यवा स्स्त्रयो
यवदतयो न िमी विावली क पत्रो का ध्यान खीचा। (2) स्पि रूप से, िमी
वि द्वारा एक अलग जीवन दबतान का ससद्ात टट गया।
उनक बच्च ससार क अिमी लोगो म घलन-दमलने लगे। इसी प्रकार, िमी
वेंि के बच्चे उस समय के साेंसाररक लोग से दववाह करने लगे। अतः िमी
वि की आस्त्मक िद्ता और अखडता इस हि तक दबगड़ गई दक उसका
अस्स्तत्व ही लगभग समाप्त हो गया। दवकससत हई इसी भदिहीन समाज
को परमेश्वर ने नि करन का दनर्य सलया। कवल नह न अपन पररवार को
अलग और िमी बनाए रखा था। यह अनमान लगाया जा सकता ह दक नह
की बहए िमी वि स थी।
6:3 तब यहोिा न कहा, मरा आत्मा मनय स सिा लो त्तििाि करता न
रहगा, क्योत्तक मनय भी शरीर ही ह; उसकी आय एक सौ बीस िर्ष की
होगी। परमेश्वर न मनष्यजादत म अिम की पराकाष्ठा को िखत हए प्रदतज्ञा
की, “मरा आत्मा मनष्य स सिा लो दववाि करता न रहगा, कयोदक मनष्य
भी िरीर ही है।” त्तििाि करता क रूप म अनदित िब्ि (िीन) का अथथ है
‘बहस करना’ या ‘दवनती करना।’ परमेश्वर ने दनिय दकया दक वह
मनष्यजादत स सिा दववाि, दवनती या बहस करता नहीें रहेगा सजसे उसने
बनाया था। उसने यह भी ध्यान दिया दक वे िरीर ही थे, िायि इसका
मतलब यह था दक उनहोन स्वय को कामकता और अनदतकता क अिीन
कर दिया था। इससलए, अपने स्वयें के सवोच्च कारर्ोें से, परमेश्वर ने
दनिाथररत दकया “उसकी आय एक सौ बीस वष की होगी।” िसर िब्िो म, परमेश्वर ने दनिाथररत दकया दक 120 वषों के बाि, वह मनष्यजादत को नि
कर िेगा। 120 साल ही कयोें? िायि इतना ही समय नह और उसक पत्रो
को जहाज बनाने मेें लगेगा।
6:4 उन त्तिनो म पथ्िी पर िानि
िब्ि (नेिीलीम) का प्रयोग केवल एक अनय स्थान पर दकया गया है, और
वह है दगनती 13:33 जहा अनाक क पत्रो को िानवो क रूप म ििाया गया
है। जैसा भी हो, इस िब्ि मेें लेंबे, मजबत और िदििाली लोगो का भाव
है। पि 2 के समान ही, परमेश्वर क पत्रो और मनष्यो की पदत्रयो क परस्पर
दववाह स बच्च पिा हए। अिम की य सतान िदि और प्रसससद् म भदिहीन
ससार का एक अदतररि तत्व बन गईं। यह भी दनदहत ह दक कछ लोग
दबना दववाह के भी साथ रह रहे थे, जो घोर, यहा तक दक खली अनदतकता
को भी ििाथता है। यदि ऐसा है, तो प्रलय-पव क समाज का नदतक तानाबाना तेजी से उिड़ रहा था।
कछ लोग ससखात ह दक यहा सजन िानवो की चचा की गई ह, वे पदतत
स्वगितो की सतान थ और स्स्त्रयो क साथ उनक सहवास का वर्न पि
2 म दकया गया ह। परत इसका पदवत्रिास्त्र म कोई आिार नही ह। पि 2
की दट्पसर्या िख।
6:5 यहोिा न िखा त्तक मनयो की बराई पथ्िी पर बढ गई ह, और उनक
मन क त्तिचार म जो कछ उत्पन्न होता ह िह त्तनरधतर बरा ही होता ह। उस
सिभ म, यहोिा न िखा त्तक मनयो की बराई पथ्िी पर बढ गई ह, और
उनक मन क त्तिचार म जो कछ उत्पन्न होता ह िह त्तनरधतर बरा ही होता
ह। बुराई क रूप म अनदित िब्ि (राह) परान दनयम म पाप क सलए मल
िब्िो म स एक ह सजसम ‘बराई’ का सबस बदनयािी अथ ह। जो कुछ
उत्पन्न होता ह क रूप म अनदित िब्ि (यत्ज़र) म दवचार या ििन की
सरचना का भाव ह। िसर िब्िो म, मनष्यजादत की दवचार सरचना उस
हि तक दबगड़ गई थी जहा “दनरनतर बरा ही होता ह।” यदि पि 4 मेें यौन
अनदतकता का भाव ह (सजसकी बहत सभावना ह), तो दवचार यह है दक
मानवीय सभ्यता हर प्रकार की यौन दवकदत और कामकता स
6:6 और यहोिा पथ्िी पर मनय को बनान स पछताया, और िह मन म
अत्तत खत्तित हआ। वाकयाेंि “और यहोवा... पछताया” का अथथ है, ‘और
यहोवा पथ्वी पर मनष्य को बनान स पछताया, और वह मन मेें अदत खेदित
हआ।’ अत्तत खत्तित क रूप म अनदित िब्ि (अत्साब) म खदित होन क
भाव के अदतररि ‘परेिान’ होने का दवचार भी हो सकता है। िायि ये िोनोें
ही हैें। परमेश्वर न कवल इस बात स खदित था दक पापी मनष्यजादत न
स्वयें को इतना भ्रि कर सलया था, बस्कक वह इस बात से अपने मन मेें
परेिान भी हो गया था।
6:7 तब यहोिा न कहा, म मनय को लजसकी म न सष्ि की ह पथ्िी क
ऊपर स त्तमिा िगा; क्या मनुय, क्या पशु, क्या रगनिाल जधत, क्या
आकाश क पिी, सब को त्तमिा िगा, क्योत्तक म उनक बनान स पछताता
ह। इससलए परमेश्वर न उस मनष्यजादत को प्रकदत क अनय प्रासर्यो क
साथ पथ्वी क ऊपर स दमटा िन का दनिय दकया सजसकी उसन रचना की
थी। दिर से, पछताना क रूप म अनदित िब्ि (नाखम) म खदित होन का
दवचार है। त्तमिा िगा क रूप म अनदित िब्ि (माखाह) का अथथ है ‘खत्म
कर िेना,’ ‘हटा िेना,’ या ‘दमटाना।’ परमेश्वर न स्लट को परी तरह स साि
करन और नए ससर स िरू करन का दनिय दकया।
6:8-10 परधत यहोिा क अनग्रह की िष्ि नूह पर बनी रही। अनुग्रह के
रूप म अनदित िब्ि (खाने) म ‘कपा’ का दवचार ह। नह न परमेश्वर की
िदि म कपा पाई।
9 नह की िशािली यह ह। नह िमी परुर्ष और अपन समय क लोगो म
खरा था; और नूह परमश्िर ही क साथ साथ चलता रहा। नह पर परमेश्वर
की कपा का कारर् ििाया गया ह। “नह िमी परुष और अपन समय क लोगोें मेें खरा था; और नह परमेश्वर ही के साथ साथ चलता रहा।” हालादक
(इब्रादनयोें 11:7 ििाता ह दक नह “उस िम का वाररस हआ जो दवश्वास
से होता है।” (2) नह को खरा व्यदि होन क रूप म भी ििाया गया ह।
इस रूप म अनदित िब्ि (तौमीम) म ‘ससद्’ या ‘सपर्’ होन का भाव ह।
दवचार यह ह दक नह परमेश्वर क प्रदत पर हृिय स समदपत था। हम आज
कह सकत ह दक वह परी तरह स समदपत था। (3) “नह परमेश्वर ही के
साथ साथ चलता रहा।” अपन परिािा हनोक क समान नह की अपन
सदिकता क साथ गहरी सगदत थी।
10 और नह स शम, और हाम, और यपत नामक तीन पत्र उत्पन्न हए।
िशािली क रूप म अनदित िब्ि (तोलिा) म ‘विजो’ का भाव ह। नह
क पत्र “िम, हाम, और यपत” थ। िम बाि म पवी, सामी लोगोें का पवज
बना। हाम (सजसक नाम का अथ गम या जला हआ ह) बाि म िसक्षर् (अथात अफ्रीका) क लोगो का पवज बना। यपत क विज बाि म उिर
के लोग बने, अथात यरो-श्वेत लोगोें के राष्र।
िमी वेंिावली िेम से होकर दनकली जो जल-प्रलय के समय 98 वषथ का
था। उत्पदि 11:10 िेखेें। यह स्पि रूप से दनदहत है दक कम से कम, िेम
का जनम परमेश्वर द्वारा नह को जहाज बनान का दनिि िन क बाि हआ।
यह भी माना जा सकता है दक हाम और येपेत िेम के छोटे भाई थे कयोेंदक
उनहेें हमेिािम क अनसार दिखाया गया ह। अनमान यह ह दक िम
पहलौठा पत्र था।
6:11-12 उस समय पृथ्िी परमश्िर की िष्ि म त्तबगड गई थी, और उपद्रि
स भर गई थी। त्तबगड गई क रूप म अनदित िब्ि (िौखात) म अनय बातो
क अलावा सड़ा हआ होन का दवचार हो सकता ह। यह स्पि व्यापक
लदगक अनदतकता का उल्लख कर सकता ह सजसस पथ्वी भर गई थी जसा
दक 6:2-5 मेें ििाथया गया है। यही नहीें, पथ्वी दहसा स भी भर गई थी। यीि
न मिी 24:37 म बताया ह दक कस उसक पनरागमन स पहल की
पररस्स्थदतया नह क दिनो क समान होगी।
हई ह; क्योत्तक सब प्रालणयो न पथ्िी पर अपना अपना चाल–चलन त्तबगाड
ललया था। पि 12 मेें सामानय दवचार को दिर से िोहराया गया है। उस
समय न केवल व्यापक लैेंदगक अनैदतकता थी, बस्कक दहेंसक अपराि भी
चरम पर था।
6:13 तब परमश्िर न नह स कहा, “सब प्रालणयो क अधत करन का प्रश्न
मर सामन आ गया ह; क्योत्तक उनक कारण पथ्िी उपद्रि स भर गई ह, इसललय म उनको पथ्िी समत नि कर डालगा। अतः परमेश्वर ने अपना
दनर्थय सलया। सब प्रालणयो क अधत करन का प्रश्न मर सामन आ गया ह।
परमेश्वर न पाप का स्पि दनष्कष िखा। मनष्य क अिम का ्याला भर
गया था। दिर से परमेश्वर क आरोप पर ध्यान ि दक पथ्वी उपद्रव स भर
गई थी। (हम आज एक ऐस ससार म रहत ह जहा ससार मनोरजन उद्योग
म दहसा को बहत पसि करता ह। हॉलीवड और टीवी दनयदमत रूप स
दहेंसा को सम्मान िेते हैें, और लैेंदगक अनैदतकता की तो बात ही कया करेें।)
इससलए, परमेश्वर न नह स कहा, “म उनको पथ्वी समत नष्ट कर
डालगा।” परमेश्वर की योजना सरल थी। वह पथ्वी की सतह को साि
कर िगा और नए ससर स िरू करगा। परमेश्वर का इरािा न कवल पथ्वी
की सतह को बस्कक उस पर रहनेवालोें को भी नि करने का था।
6:14-16 इसललय त गोपर िि की लकडी का एक जहाज बना ल, उसम
कोठररया बनाना, और भीतर–बाहर उस पर राल लगाना। मनष्य की ििता
क बावजि भी, परमेश्वर न अपनी िया म नह और उसक पररवार को
बचाने के सलए एक योजना तैयार की थी। वह योजना एक जहाज बनाने की
थी। कछ लोग 1 पतरस 3:20 को कछ लोग कस समझत ह, उसके
दवपरीत, यह वह जहाज था सजसन नह को बचाया
उल्लेख अदनसित है। इस िब्ि का प्रयोग बाइबल मेें यहीें केवल एक बार
दकया गया ह। कछ लोगो का अनमान ह दक कया यह दकसी प्रकार की
सरो की लकड़ी थी। नह को दनिि दिया गया था दक वह इसक भीतर और
बाहर राललगाए जो डामर की एक दकस्म है। जहाज (तायबाह) िब्ि का
अथथ ‘पानी का जहाज’ है।
15 इस ढग स त उसको बनाना : जहाज की लम्बाई तीन सौ हाथ, चौडाई
पचास हाथ, और ऊचाई तीस हाथ की हो। इस जहाज की लम्बाई तीन सौ
हाथ, चौड़ाई पचास हाथ और ऊचाई तीस हाथ होनी थी। (आम तौर पर, एक हाथ की लेंबाई दकसी व्यदि की कोहनी की नोक से उसकी उेंगसलयोें
की नोक तक या लगभग 18 इेंच की होती है।) इस प्रकार, जहाज लगभग
450 िीट लेंबा रहा होगा सजसमेें पचहिर िीट का बीम था, और उसकी
कल ऊचाई पतालीस िीट की थी।
यह माना जा सकता ह दक परी तरह स भर हए जहाज का ढाचा उसकी
ऊचाई क आि स थोड़ा कम या पद्रह हाथ स कम था। समद्री इजीदनयरो
न ध्यान दिया ह दक इन आयामो का अनपात अदनयदमत लहरो वाल समद्रो
मेें आििथ जहाज स्स्थरता के सलए सही था। यही नहीें, पि 7:20 ििाथता है
दक जल-प्रलय का पानी पहाड़ोें के ऊपर पेंद्रह हाथ तक बढ़ गया था।
परमेश्वर न सदनसित दकया दक जलप्रलय की असिक गहराई क बावजि
भी जहाज उसक नीच क सबस ऊच अवरोिो को पार कर सक। हालादक
जहाज का पारपररक िश्य एक ऊच िनष और कड़ी क साथ एक गोल नाकवाले जहाज का है, यह सेंभावना है दक जहाज एक लेंबे, दनम्न, आयताकार नाव की तरह असिक था।
16 जहाज म एक लखडकी बनाना, और उसक एक हाथ ऊपर स इसकी
छत बनाना, और जहाज की एक ओर एक द्वार
साथ आवागमन के सलए भी थी। जहाज के एक तरि एक िरवाजा और
उस पर तीन खेंड बनने थे।
6:17 और सुन, म आप पथ्िी पर जल–प्रलय करक सब प्रालणयो को, लजनम
जीिन का प्राण ह, आकाश क नीच स नि करन पर ह; और सब जो पृथ्िी
पर ह मर जाएग। जहाज का उद्देश्य स्पि कर दिया गया था। परमेश्वर का
इरािा “पथ्वी पर जल–प्रलय करके सब प्रासर्योें को... नष्ट करने” का था। कयोेंदक पृथ्िी क रूप म अनदित िब्ि (एरत्ज़) का अनवाि पथ्वी या भदम के रूप मेें दकया जा सकता है, इससलए कछ लोगो का मानना ह दक जलप्रलय सीदमत थी, और उसने केवल स्थानीय क्षेत्र को नि दकया था।
हालादक, पदवत्रिास्त्र का सपर् सिभ ऐसी मानयता को बतका बना िता है। (1) जल-प्रलय का उद्दश्य परी मनष्यजादत को नि करना था। एक
स्थानीय जल-प्रलय इस परा नही करगी। (2) नह को जहाज की
आवश्यकता नही होती। उस कवल कछ िर दकसी स्थान पर जान की
जरूरत होती। (3) हर प्रकार के जीदवत प्रासर्योें को जहाज पर लाने की
कोई जरूरत नही होगी। इस तरह क िदिकोर् को उिारवािी िमदवज्ञादनयो
द्वारा प्रचाररत दकया जाता है जो दवकासवािी दवचारिारा के साथ
पदवत्रिास्त्र को जोड़ना चाहते हैें। जल-प्रलय के दनदहताथथ दवकासवाि की
नीेंव के साथ-साथ जीवाश्मो क भवज्ञादनक स्तभ पर इसक दिए गए महत्व
को दमटा िेते हैें।
6:18-21 परधत तर सग म िाचा बािता ह; इसललय त अपन पत्रो, स्त्री, और बहओ समत जहाज म प्रिश करना। परमेश्वर ने ध्यान दिया दक वह
नह क साथ एक वाचा बािगा। उस यहा नही बताया गया
भत्तम पर रगनिाल, सब म स िो िो तर पास आएग, त्तक तू उनको जीत्तित
रख।” आम तौर पर यह िखा जाता ह दक नह को हर प्रकार क िो जानवर, नर और मािा लाने थे, और साथ ही उन सब को जीदवत रखने के सलए
आवश्यक भोजन भी लाना था। आलोचकोें का कहना है दक हर तरह के
जानवरोें को जोड़े मेें ऐसे जहाज मेें लाना सेंभव नहीें होगा, और दिर उनहेें
जीदवत रखन क सलए इतना भोजन तो िर की बात ह। ऐसी आलोचना क
कई जवाब हैें। (1) प्रत्येक उप-प्रजादत को लेने की जरूरत नहीें थी। प्रत्येक
प्रकार के केवल एक जोड़े की जरूरत थी। उिाहरर् के सलए, कि की हर
नस्ल नहीें ली गई, कवल कि की मल प्रजादत। (2) यह मानन का कोई
कारर् नहीें है दक जानवरोें के जोड़े को पररपकव वयस्क होना जरूरी था।
वे िायि छोटे रहे होेंगे। अतः बड़े-बड़े जीव जैसे हाथी, या यहा तक दक
दवदभन्न डायनासोरो को उनकी यवावस्था म जहाज पर ल जाया गया होगा।
इसके अलावा, रगनवाल बड़ जानवर अपन बचपन म बहत छोट होत ह।
(3) इसकी भी कािी सेंभावना है दक परमेश्वर ने कई जानवरोें के सलए
दकसी प्रकार की दनस्ष्ियता को भजकर उनह कछ समय क सलए बहोिी
जैसी अवस्था मेें डाल दिया हो। (4) जहाज का क्षेत्र बड़ा था। इसके बाहरी
आयामो स पता चलता ह दक इसम पनद्रह लाख घनाकार िट स असिक
स्थान था। यह हर मल प्रजादत और उनक भोजन के सलए पयाथप्त होगा, खासकर यदि वे दकिोर थे और बेहोि थे।
21 और भात्तत भात्तत का भोज्य पिाथ जो खाया जाता ह, उनको त लकर
अपन पास इकट्ठा कर रखना; जो तर और उनक भोजन क ललय होगा।
जहाज पर लाए जानेवाले जानवरोें के अलावा, नह को अपन तरत हए
सचदड़याघर को जीदवत रखने के सलए जहाज मेें जरूरी भोजन भरना था।
परमेश्वर ने उसे यह जानने के सलए
6:22 परमश्िर की इस आज्ञा क अनसार नह न त्तकया। नह का एक और
आस्त्मक गर् स्पि ह। उसन परी तरह स परमेश्वर की आज्ञा का पालन
दकया। पि 7:5 और 16 भी िेखेें। वह स्पि रूप से एक बड़े दवश्वास का
व्यदि भी था। इब्रादनयोें 11:7 कहता है, “दवश्वास ही स नह न उन बातो
के दवषय मेें जो उस समय दिखाई न पड़ती थीें, चेतावनी पाकर भस्कत के
साथ अपने घराने के बचाव के सलये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने
सेंसार को िोषी ठहराया; और उस िम का वाररस हआ जो दवश्वास से
होता है।”
उत्पत्ति7का कासलिप्तत्तििरण:अध्याय7मेेंजल-प्रलयके आरेंभका
दववरर् ह ै । नूह और उसक े पररवार नेपरमेश्वरके दनिेिपरजहाजमेें
प्रवेिदकयाऔरजल-प्रलयि ुरूहोगई।इसअध्यायमेचारखडहै:(1)
पि1-12मेेंजल-प्रलयकाप्रारेंभ।(2)पि13-16मेनूहकाअलौदकक
रूपसेजहाजमेेंबेंिहोजाना।(3)पि17-20मेेंचालीसदिनोेंतकजलप्रलयकीतीव्रता।और(4)पि21-24मेेंजल-प्रलयद्वारासबप्रासर्योेंका नाि।
7:1 तब यहोिा न नह स कहा, त अपन सार घरान समत जहाज म जा; क्योत्तक म न इस समय क लोगो म स किल तझी को अपनी िष्ि म िमी
पाया ह। हालादक पि 6:9 का दवषय िायि िी गई िादमथकता न हो, परत
यहा यही प्रतीत होती ह। नह न एक सरल दवश्वास के साथ परमेश्वर के
वचन पर भरोसा दकया और वह दकया जो परमेश्वर ने करने के सलए कहा
था। यही दवश्वास ह और यही िमी ठहराए जान का आिार ह। ि:ख की
बात ह दक पथ्वी क सार लोगो म स, सजनकी सेंख्या इस समय तक एक
अरब से असिक हो सकती
मािा; 3और आकाश क पलियो म स भी सात सात जोड, अथात नर और
मािा लना, त्तक उनका िश बचकर सारी पथ्िी क ऊपर बना रह। नह को
असिक दवसिि दनिि दिए गए। उस जहाज म कल सात िद् पिओ और
पसक्षयोें को ले जाना था। हालादक तब तक िद् या अिद् जानवरो का कोई
सलसखत दववरर् नहीें था, पर नह स्पि रूप स उनक बीच का अतर जानता
था। स्पि है दक इसका उद्देश्य जल-प्रलय के बाि बसलिान और िायि
भोजन क सलए ऐस प्रासर्यो की पयाप्त आपदत सदनसित करना था।
7:4-6 क्योत्तक अब सात त्तिन और बीतन पर म पथ्िी पर चालीस त्तिन और
चालीस रात तक जल बरसाता रहगा; और लजतन प्राणी म न बनाए ह उन
सब को भत्तम क ऊपर स त्तमिा िगा। इस प्रकार, परमेश्वर न नह को बताया
दक सात दिनोें मेें जल-प्रलय िरू हो जाएगी। चालीस दिनो और चालीस
रातोें तक वषाथ होती रहेगी। जलप्रलय के समाप्त होने से पहले, पथ्वी पर
रहनेवाला प्रत्येक जीदवत प्रार्ी नि हो जाएगा।
एक बार दिर से बताया गया है दक कैसे 5 यहोिा की इस आज्ञा क अनसार
नह न त्तकया। 6 नह की आय छ: सौ िर्ष की थी, जब जल प्रलय पृथ्िी पर
आया। यह भी बताया गया है दक जब जल-प्रलय िरू हई तब नह 600 वष
का था। यह िखना दिलचस्प ह दक नह न तब जहाज पर काम करना िरू
दकया जब वह 480 वष का था। उसक पत्र तब उत्पन्न हए जब वह 500
वषथ का था (5:32)।
7:7-10 नह अपन पत्रो, पत्नी, और बहओ समत जल–प्रलय स बचन क
ललय जहाज म गया। 8 शि और अशि, िोनो प्रकार क पशओ म स, पलियो, 9 और भत्तम पर रगनिाल जधतओ म स भी, िो िो, अथात नर और
मािा, जहाज म नह क पास गए, लजस प्रकार
का कायथ केवल उनहेें जहाज मेें चढ़ाना था। िो-िो करके , प्रत्येक प्रजादत के
नर और मािा जानवरो न जहाज म प्रवि दकया। िद् पिओ म स एक एक
जादत क सात सात पिओ न भी प्रवि दकया।
10 सात त्तिन क उपराधत प्रलय का जल पथ्िी पर आन लगा। दनिाथररत
सात दिनोें के बाि, बाररि िरू हई और नीच दिए गए दववरर् क अनसार
पथ्वी पर जल-प्रलय आ गई।
7:11-12 जब नह की आय क छ: सौि िर्ष क िसर महीन का सत्रहिा
त्तिन आया; उसी त्तिन बड गहर समद्र क सब सोत िि त्तनकल और आकाश
क झरोख खल गए। जल-प्रलय की िरुआत नह क जीवन क छह-सौवेें
वष क िसर महीन क सत्रहव दिन क रूप म ििाई गई ह। जल-प्रलय के
जल क िो स्रोत ििाए गए ह। (1) “बड़ गहर समद्र क सब सोत िट
दनकले।” वास्तव मेें ये कया हैें, स्पि नहीें है। स्पि रूप से जल-प्रलय से
पहल पथ्वी की सतह क नीच जल क बड़ जलािय रह होग।
ऐसा हआ होगा दक जब आकाि खल गया और दवनािकारी रूप स वषा
हई, तो पथ्वी की सतह पर पानी क भार न इस नीच की ओर िबाया सजसन
नीच क जल को ऊपर की ओर बढ़न क सलए मजबर कर दिया। (2)
“आकाि क झरोख” खल जाना बड़ी बाररि का रूपक ह। इस बात की
बहत सभावना ह दक “ऊपर का जल” (1:7) अथात पथ्वी क ऊपर
पानी की बड़ी छतरी पथ्वी पर ढह गई थी। (जैसा दक पहले बताया गया
है, यदि आज वायमडलीय आकाि म का सारा जल दकसी तरह एक बार
मेें बाररि के रूप मेें दगर जाए, तो महासागरोें का स्तर केवल थोड़ा ही ऊपर
उठेगा।
एक बार दिर,
कयोदक पथ्वी क ऊपर की छतरी ढह गई थी, इससलए इसने ऐसी जलप्रलय पैिा कर िी होगी सजसकी ककपना भी नहीें की जा सकती। वायमडलीय मौसम की स्स्थदत जो उत्पन्न हई, वह न केवल भयावह थी, बस्कक दवनािकारी भी थी। उस समय का ससार सचमच समाप्त हो गया
था।
12 और िर्षाा चालीस त्तिन और चालीस रात त्तनरधतर पृथ्िी पर होती रही।
यह ध्यान दिया जाना चादहए दक जल-प्रलय चालीस दिनोें तक नहीें रहा।
यह वास्तव मेें एक वषथ से असिक समय तक जारी रहा। बस्कक ऊपर से
पानी का दवनािकारी बहाव चालीस दिनोें और चालीस रातोें तक जारी
रहा।
7:13-16 ठीक उसी त्तिन नह अपन पत्र शम, हाम, और यपत, और अपनी
पत्नी, और तीनो बहओ समत जहाज म गया। पि 7-9 का सार िोहराया
गया है, िायि जोर िेने के सलए। एक बार दिर, इस बात पर ध्यान दिया
गया ह दक नह न “सजस प्रकार परमेश्वर ने आज्ञा िी थी” वैसा ही दकया।
यह दववरर् महत्वपर् ह दक “यहोवा न जहाज़ का द्वार बनि कर दिया।”
परमेश्वर न उसक पीछ िरवाजा बि कर दिया। नह और पररवार को जहाज
मेें प्रवेि करने के सलए ईश्वरीय रूप से दनिेि दिया गया और उसचत समय
पर परमेश्वर द्वारा अलौदकक रूप से द्वार बेंि कर दिया गया।
14 और उनक सग एक एक जात्तत क सब बनल पश, और एक एक जात्तत
क सब घरल पश, और एक एक जात्तत क सब पथ्िी पर रगनिाल जधत, और एक एक जात्तत क सब उडनिाल पिी, जहाज म गए। दनदहत है दक
जब जानवरोें की भीड़ अपनी-अपनी
आप म एक बड़ा चमत्कार था। कोई भी मनष्य जगली जानवरो को इस
तरह तरीके से व्यवस्स्थत नहीें कर सकता था।
16 और जो गए, ि परमश्िर की आज्ञा क अनसार सब जात्तत क प्रालणयो
म स नर और मािा गए। तब यहोिा न जहाज़ का द्वार बधि कर त्तिया। पथ्वी
पर प्रत्यक प्रजादत क एक नर और एक मािा का वहा जाना जहा जहाज
था, स्वयें को िो-िो जोड़ोें के रूप मेें व्यवस्स्थत करना, और दिर अलगअलग श्रेसर्योें मेें एक दवसचत्र से जहाज पर चढ़ना, यह परमेश्वर के
अलौदकक हस्तक्षेप की गवाही है। उसने स्पि रूप से ‘यातायात’ को
दनिेसित दकया और उनहेें जहाज मेें चढ़ाया। इसके अलावा, यह अनमान
लगाया जा सकता है दक परमेश्वर ने प्रत्येक प्रजादत मेें से दविेष रूप से
जानवरो को चना तादक व जल-प्रलय क बाि मजबत बन रह।
एक बार दिर, प्रेरर्ा-प्राप्त लेख यह स्पि करता है दक वह परमेश्वर था
सजसन उन सब को अिर बि दकया। नह और पत्र सभवतः जहाज क अिर
थे और प्रत्येक प्रजादत को उनके सेंबेंसित दपेंजरोें मेें भेज रहे थे और प्रत्येक
जोड़े के प्रवेि करने के बाि िरवाजा बेंि कर रहे थे।
7:17-20 पृथ्िी पर चालीस त्तिन तक जल–प्रलय होता रहा; और पानी बहत
बढता ही गया, लजसस जहाज़ ऊपर को उठन लगा; और िह पथ्िी पर स
ऊचा उठ गया। एक बार दिर, दवनािकारी वषाथ चालीस दिनोें तक होती
रही (साथ ही साथ भदमगत पानी क स्रोत ऊपर की ओर उठत रह)। जलप्रलय एक साल से असिक समय तक चली।
18 जल बढत बढत पथ्िी पर बहत ही बढ गया, और जहाज जल क ऊपर ऊपर तरता रहा। जब गहर सागर क बड़ बड़ सोत िट दनकल, और आकाि क झरोख खल गए, तो 19 जल पृथ्िी
जल-प्रलय स पहल पथ्वी क पहाड़ बाि क पहाड़ो की तलना म कािी
छोटे थे।
स्पि ह दक जब बड़ी मात्रा म पथ्वी पर पानी इकट्ठा होन लगा, तो पथ्वी
की सतह क कमजोर स्थान (िायि जहा पहल स गहर सोत थ) पानी क
भार स िब गए। इसक करर् दनसित रूप स पथ्वी क अनय स्थान ऊपर
की ओर दनकल आए होेंगे, सजसस न कवल नए महाद्वीप उत्पन्न हए बस्कक
पहाड़ो की नई श्रखलाए भी। परत स्पि ह दक मल पहाड़ उतन ऊच नही
थे।
20 जल पधद्रह हाथ और ऊपर बढ गया, और पहाड भी डूब गए। उनकी
ऊचाई दकतनी भी हो, जल-प्रलय का पानी उस समय क सबस ऊच पहाड़ो से भी पेंद्रह हाथ ऊपर बढ़ गया। इस बात ने दिर से जहाज को उनके ऊपर
स गजरन म सक्षम बनाया होगा, यह मानत हए दक जहाज का ढाचा तीस
हाथ की उसकी कल ऊचाई (6:15) स थोड़ा कम था। इसक अलावा, यह
बात भी स्पि ह दक परी पथ्वी जलमग्न हो गई थी, कम से कम जल-प्रलय
क िरूआती भाग म। पथ्वी की परी सतह तब तक पानी स ढकी रही जब
तक दक वतमान समद्रो क तल िब नही गए और नए महाद्वीप और पहाड़
ऊपर की ओर नहीें दनकल आए, सजससे बड़ी मात्रा मेें पानी नए महासागरोें
की सतह म बहन लगा। महाद्वीपो और ऊचाइयो स पानी की दनकासी की
जल-िदि पथ्वी क इदतहास म सदि की रचना क बाि दनस्सिह सबस
िदििाली कायथ थी। महासागरोें मेें प्रवादहत होनेवाले महाद्वीपोें की
िदििाली जल-िदि न बड़ पमान पर पथ्वी की स्थलाकदत और भगोल
को आकार दिया, जैसा दक हम आज िेखते हैें।
7:21-23 और क्या पिी, क्या घरल पश, क्या बनल पश, और पृथ्िी पर
सब चलनिाल प्राणी, और लजतन
भेंयकर और सावथभौदमक िोनोें था। एक बार दिर, लेख के प्रकाि मेें एक
सीदमत जल-प्रलय का दवचार बतका ह। यहा तक दक आकाि क पक्षी भी
नि हो गए। एक सीदमत जल-प्रलय का सब प्रासर्योें मेें से पसक्षयोें पर
वास्तव मेें कोई प्रभाव नहीें पड़ता। उस सभ्यता के समय की न केवल
पथ्वी की सतह परी तरह स नि हो गई थी, बस्कक उसका कोई दनिान
नहीें बचा था, पथ्वी की सतह पर रहनवाल सब प्रार्ी नि हो गए थ। नह, उसका दवस्तत पररवार और जहाज पर सवार प्रार्ी ही बच थ। वह समाज
और ससार इतना िि था दक परमेश्वर न उस परी तरह स नि कर दिया। इसक सकत कवल कछ कलाकदतया ह जो आज पथ्वी क कोयल की गहरी परतो म िबी हई पाई जाती ह।
23 और क्या मनुय, क्या पशु, क्या रगनिाल जधत, क्या आकाश क पिी, जो जो भत्तम पर थ सब पथ्िी पर स त्तमि गए; किल नह, और लजतन उसक
सग जहाज म थ, ि ही बच गए। परमेश्वर ने जहाज मेें वास करनेवालोें को
बचाया। हालादक कछ सिि बपदतस्मा या बपदतस्मा सबिी नए जनम की
वकालत करनवाल 2 पतरस 2:5 को उद्त कर सकत ह, परत वह परी
तरह से सेंिभथ या ऐदतहाससक दववरर् से बाहर है; यह वह जहाज था सजसने
नह और बाकी लोगो को बचाया, न दक पानी ने। सामानय ज्ञान तो यही
बताता है।
7:24 और जल पृथ्िी पर एक सौ पचास त्तिन तक प्रबल रहा। एक सौ
पचास दिनो तक पथ्वी पर रहनवाल जल क सिभ का अथ ह दक जल
उतने समय तक प्रबलता के साथ था। प्रबल क रूप म अनदित िब्ि
(गाबार) मेें बल होने का भाव होता है। जल-प्रलय के जल-दवज्ञान सेंबेंिी
प्रभाव गहर ह। जसा
जड़ स उखड़ गई होगी और कछ स्थानो पर परतो म जमा हो गई होगी।
जब वनस्पदत के अविेषोें के ऊपर से अनय गनिी बहकर दनकली, तो उस
भार स उत्पन्न हए िबाव न वनस्पदत पिाथ को िमिः कोयल या तल म
बिल दिया। ऐसा करने के द्वारा परमेश्वर न आन वाल यगो क सलए ऊजा
स्रोत प्रिान दकए। जब पथ्वी की सतह क दवनािकारी दववतदनक बलो क
द्वारा महाद्वीप और पवत श्रखलाए ऊपर की ओर आ दनकली, तो
गरुत्वाकषर् द्वारा महाद्वीपो का जल समद्रो की ओर बहना िरू हो गया।
इस प्रकार, और भी असिक िदििाली जल-िदिया उत्पन्न हो गईं।
सभव ह दक इस समय पथ्वी की बड़ी-बड़ी नदियोें और घादटयोें की रचना
हई। जब पथ्वी उस पर इकट्ठ हए जल क कारर् नरम थी, और जब पानी
तजी स िर जान लगा, तो नदियो और िाराओ की घादटया, जैसा दक हम
आज िेखते हैें, पथ्वी की सतह म जड़ गईं। पथ्वी की सतह, जैसा दक आज
हम इसक भगोल और स्थलाकदत म िखत ह, इस रीदत से रची गई।
जब जल की छतरी ढह गई, तो पथ्वी की परी जलवाय प्रर्ाली म बहत
असिक पररवतन हो गया। जहा परी पथ्वी पर स्पि रूप स
उपोष्र्कदटबिीय जलवाय रही थी, वही अब ध्रवीय क्षत्र ठड हो गए, और
भमध्यरखीय क्षत्र पर वष गम हो गए। यह जल छतरी क ढहन क साथ हो
सकता है, सजसम बाहरी अतररक्ष की ठडक ध्रवीय क्षत्रो पर उतरी और
अचानक से उसे बिथ सा ठेंडा कर दिया। खोजकताथओें ने आकथदटक की
बि म मास्टोडोन जस परी तरह स सरसक्षत उष्र्कदटबिीय प्रकार क जीवो
को पाया ह जो ििात ह दक व तरत जम गए थ। जसा दक उत्पदि 8:22 स्पि रूप से यह अथथ प्रिान करता है, वष क मौसमो की िरुआत जलप्रलय स हई थी। स्पि ह दक इसस पहल अलग-अलग मौसम नहीें थे।
उत्पत्ति8कासलिप्तत्तििरण:जल-प्रलयऔरउसमेेंिीरे-िीरेकमीआने
परमेश्वरन
म ेजहाजअरारातपहाड़परदटकाह ु आह ै , औरनूहएककौएऔरएक
कब ूतरीकोबाहरउड़ाताहै।(3)पि13-19मेनूहजहाजस े उतरताह ै ।
और,(4)पि20-22मेन
ूहबसलिानचढ़ाताहैऔरपरमेश्वरप ृ थ्वीको
दिरकभीिापनिेनेकीप्रदतज्ञाकरताहै।
8:1-3 परधतु परमश्िर न नह और लजतन बनल पश और घरल पश उसक
सग जहाज म थ, उन सभो की सलि ली : और परमश्िर न पथ्िी पर पिन
बहाई, और जल घिन लगा। वाकयाेंि, और परमश्िर न नह... की सलि
ली, का अनवाि ऐस भी दकया जा सकता ह, “और परमेश्वर को नह का
ध्यान था।” दवचार यह नहीें है दक परमेश्वर नह को भल गया था और दिर अचानक एक दिन उसन तरत हए उसकी ससि ली। बस्कक, परमेश्वर को
पर समय उसका ध्यान था। हवा का पहला उल्लख यहा ह। स्पि ह दक जलप्रलय स पहल कभी हवा नही चली थी। परत जल-छतरी के ढह जाने के
साथ वायमडली की स्स्थदत परी तरह स बिल गई थी और उसक कारर्
आज क समान वाय की िाराए और हवाए बहन लगी। हवा दकतनी तज
थी हम नही बताया गया ह। यह सभवतः तिान सजतनी मजबत होगी। “जल
घटन लगा” का अथ ह ‘पानी पथ्वी पर कम होन लगा।’
2 और गत्तहर समद्र क सोत और आकाश क झरोख बि हो गए; और उसस
जो िर्षाा होती थी िह भी रुक गई। दपछले अध्याय मेें जो कहा गया था, उस िोहरात हए, मसा न ििाया दक जल-प्रलय के पानी के िोहरे स्रोत
अथात पथ्वी क नीच क सोत और ऊपर स वषा. बि कर दिए गए थ।
3 और एक सौ पचास त्तिन क पश्चात जल पथ्िी पर स लगातार घिन
लगा। वाकयाेंि, जल पथ्िी पर स लगातार घिन लगा मेें ‘जल िीरे-िीरे
करके नीचे जाने लगा’ का भाव है। घिन लगा क रूप म अनदित िब्ि
(खौसेर)म ‘कम होन’ या ‘नीच जान’ का भाव ह। िसर िब्िो
द्वारा पथ्वी की सतह पर पानी क बहाव क जल-सेंबेंिी प्रभाव, और दिर
अत्यसिक तज हवाए, जल दनकासी की प्रदिया जब पानी महाद्वीपोें से
दनकलकर भतल क नए समद्रो मेें बहने लगा, यह सब दवनािकारी था। न
कवल पथ्वी की सतह दबककल साि हो गई, बस्कक इसकी एक नई
सरचना बन गई। नह क बाहर आन पर एक परी तरह स नया ससार उसक
सामने होने वाला था।
4 साति महीन क सत्रहि त्तिन को, जहाज अरारात नामक पहाड पर त्तिक
गया। यह याि करत हए दक जल-प्रलय उस वष क िसर महीन म िरू
हआ था, सातवा महीना पाच महीन या लगभग एक सौ-पचास दिनोें के
बाि था। जल-प्रलय िरू होन क पाच महीन बाि जहाज अरारात क पहाड़
पर आकर दटका। वे पहाड़ आज उिर-पवी तकी म ह।
8:5-7 और जल िसि महीन तक घिता चला गया, और िसि महीन क
पहल त्तिन को पहाडो की चोत्तिया त्तिखाई िी। अगले साढ़े चार महीने तक
जहाज अरारात पहाड़ पर दटका रहा। िसवेें महीने के पहले दिन “पहाड़ोें
की चोदटया दिखाई िी।” अत म, नह वहा अनय पहाड़ो की चोदटयो को
िख पाया जहा व दटक हए थ।
6 त्तिर ऐसा हआ त्तक चालीस त्तिन क पश्चात नह न अपन बनाए हए जहाज
की लखडकी को खोलकर, 7 एक कौआ उडा त्तिया : जब तक जल पृथ्िी
पर स सख न गया, तब तक कौआ इिर उिर त्तिरता रहा। चालीस दिन
बाि, नह न एक कौआ उड़ा दिया और “जब तक जल पथ्वी पर स सख न
गया, तब तक कौआ इिर उिर दिरता रहा।” कौआ स्पि रूप से जहाज
पर आता और जाता रहा, लदकन स्पि रूप स वह नह
क्योत्तक सारी पथ्िी क ऊपर जल ही जल छाया था। तब उसन हाथ बढाकर
उस अपन पास जहाज़ म ल ललया। 10तब और सात त्तिन तक ठहरकर, उसन उसी कबतरी को जहाज म स त्तिर उडा त्तिया; 11और कबतरी साझ
क समय उसक पास आ गई, तो क्या िखा त्तक उसकी चोच म जतन का
एक नया पिा ह; इस स नह न जान ललया त्तक जल पथ्िी पर घि गया ह।
तब नह न एक कबतरी को उड़ाया। कबतरी उसक पास लौट आई और
“उसने हाथ बढ़ाकर उसे अपने पास जहाज़ मेें ले सलया।” उसने सात दिन
और प्रतीक्षा की और कबतर को दिर स उड़ा दिया। इस बार वह अपनी
चोच म जतन का पिा लकर लौटी। “इस स नह न जान सलया दक जल
पथ्वी पर घट गया है।” घि गया ह क रूप म अनदित िब्ि यहा (कलाल)
है (पि 3 स अलग) और इसका अथ ‘मामली’ या ‘थोड़ा सा’ ह। िसर
िब्िोें मेें, व िायि ऐस स्थान थ जहा पथ्वी अब भी गीली थी, लेदकन यह
असिक नहीें बस्कक थोड़ी ही थी।
8:12 त्तिर उस न सात त्तिन और ठहरकर उसी कबतरी को उडा त्तिया; और
िह उसक पास त्तिर कभी लौिकर नही आई। इससलए नह न सात दिन
और प्रतीक्षा की। दिर उसन कबतरी को तीसरी बार छोड़ा, और वह उसक
पास त्तिर कभी लौिकर नही आई।
8:13-14 नह की आय क छ: सौ एक िर्ष क पहल महीन क पहल त्तिन
जल पथ्िी पर स सख गया। तब नह न जहाज की छत खोलकर क्या िखा
त्तक िरती सख गई ह। यह स्पि नहीें है दक छह सौ एक वषथ का पहला
महीना और पहला दिन नह क जनमदिन (7:11 िख) या नह की छह सौ
एक वष की आय क कलडर वष का पहला महीना ह। जो भी हो, उस समय, जहा तक नह सोच सकता था, “जल पथ्वी पर स सख गया” था। इससलए उसन “जहाज की छत (अथात
को पि 7:11 मेें जल-प्रलय की िरुआत क साथ िख तो नह और जानवर
कल 370 दिनो तक जहाज म थ (यदि इब्रानी लनर कलडर को 360 दिन
के वषथ के रूप मेें िेखेें तो)।
8:15-19 तब परमश्िर न नह स कहा, 16त अपन पत्रो, पत्नी, और बहओ
समत जहाज म स त्तनकल आ। उस दिन परमेश्वर ने उनहेें जहाज़ पर सवार
सभी प्रासर्यो क साथ जहाज स बाहर आन की आज्ञा िी। यह महत्वपर् ह
दक नह तब तक बाहर नही दनकला जब तक दक परमेश्वर ने उसे ऐसा
करने के सलए स्पि दनिेि नहीें दिए। वह यहोवा की बाट जोहता रहा।
जहाज पर सवार सभी जानवरोें को व्यवस्स्थत रूप से बाहर दनकालने के
साथ-साथ उनकी व्यदिगत वस्तओ को इकट्ठा करन स सबसित काय थ।
यह बड़े उत्साह का समय रहा होगा। वे परमेश्वर की स्वगीय िेखभाल के
द्वारा जल-प्रलय स बच गए थ। उनक सामन एक दबककल नया ससार था।
उसकी स्थलाकदत और भगोल बहत ही अलग थ। परी सभावना ह दक न
कवल जलवाय बहत असिक अलग थी, बस्कक नह और उसक पत्रो न
आकाि मेें मौसम की ऐसी पद्दतयोें को िेखा जैसी उनहोेंने कभी नहीें िेखी
थीें। हालादक पथ्वी म हररयाली बहत असिक भर रही थी, दिर भी वहा
कोई पेड़ नहीें थे। वे एक उपोष्र्कदटबेंिीय स्थान से दनकलकर अब
असिक आरामिायक जगह की तलाि मेें अरारात के पहाड़ोें की कठोर
सदियो जसी जलवाय म आ गए। पथ्वी पर कवल व ही लोग थ। उस रूप
मेें व वास्तव म पथ्वी क िरूआती लोग थ। सजस ईश्वरदवहीन, िि, साेंसाररक-व्यवस्था को वे जानते थे, वह अब बीत चकी थी। अब कवल वे लोग थे, थोड़े से जानवर थे, और परमेश्वर था। 17 क्या पिी, क्या पशु, क्या सब भात्तत क रगनिाल जधत जो पथ्िी पर
दनिेि जारी दकए सजनहेें बाहर लाया गया था दक ि िल–िल, और पृथ्िी
पर िल जाए।
18 तब नूह, और उसक पत्र और पत्नी, और बहए त्तनकल आईं : 19और
सब चौपाए, रगनिाल जधत, और पिी, और लजतन जीिजधतु पृथ्िी पर
चलत त्तिरत ह, सब जात्तत जात्तत करक जहाज म स त्तनकल आए। सजस प्रकार नह न परमेश्वर की आज्ञा क अनसार जहाज म प्रवि दकया था, उसी प्रकार अब वह अपने पररवार के साथ परमेश्वर की आज्ञा क अनसार उसमेें से बाहर दनकला। जैसा दक इब्रादनयोें 11:7 मेें ििाथया गया है, दवश्वास
ही स नह न परमेश्वर की आज्ञा मानी।
20 तब िनयवाि के साथ, नह न यहोिा क ललय एक ििी बनाई; और सब
शि पशओ और सब शि पलियो म स कछ कछ लकर ििी पर होमबलल
चढाया। यह बाइबल मेें होमबसलयोें का पहला दववरर् है, परत यह स्पि
ह दक नह उनस पररसचत था। स्पि ह दक नह तक आनवाली िमी विावली
ने जल-प्रलय से पहले यहोवा परमेश्वर को ऐसे बसलिान चढ़ाए थे। (यह
ध्यान िेने योग्य बात है दक उन खोजकताथओें ने जो जहाज को खोजने का
िावा करते हैें, यह भी िावा दकया दक उनहोन कछ िर एक विी जसा भी
कछ िखा था जो एक जली हई चट्टान जसी प्रतीत हई।)
8:21-22 इस पर यहोिा न सखिायक सगधि पाकर सोचा, “मनय क
कारण म त्तिर कभी भत्तम को शाप न िगा, यद्यत्तप मनय क मन म बचपन
स जो कछ उत्पन्न होता ह िह बरा ही होता ह; तौभी जसा म न सब जीिो
को अब मारा ह, िसा उनको त्तिर कभी न मारूगा। बसलिान स्वीकार करते
(परमेश्वर द्वारा मिर सगि को
क समय, ठण्ड और तपन, िूपकाल और शीतकाल, त्तिन और रात, त्तनरधतर होत चल
जाएग। नह की वाचा आज भी लाग ह। परमेश्वर न नह स (और साथ ही
साथ हम से भी) प्रदतज्ञा की दक वह दिर कभी (1) मनष्य क कारर् दिर
कभी भदम को िाप नही िगा। वह एक बार ध्यान िता ह दक “मनष्य क
मन म बचपन स जो कछ उत्पन्न होता ह वह बरा ही होता ह।” तब (2),
परमेश्वर ने प्रदतज्ञा की दक “जैसा मैें ने सब जीवोें को अब मारा है, वैसा
उनको दिर कभी न मारूगा।” परमेश्वर दिर कभी जल-प्रलय स पथ्वी को
नि नहीें करेगा। (3) “अब स जब तक पथ्वी बनी रहगी, तब तक बोने
और काटने के समय, ठण्ड और तपन, िपकाल और िीतकाल, दिन और
रात, दनरनतर होत चल जाएग।” इस समय परमेश्वर ने जो कहा उसके गहरे
अथथ हैें।
पहला, उसन ििाया दक पथ्वी हमिा क सलए नही रहगी। इस दकसी दिन
बिल दिया जाएगा। एक दिन एक नई पथ्वी का यह पहला अथ ह। परत
इस बीच, मौसम के साथ-साथ दिन और रात चलते रहेेंगे। अथथ यह है दक
जल-प्रलय से पहले, आज जस कोई मौसम नही थ। हम जानत ह दक ऋतए
सय क सबि म पथ्वी की िरी क झकाव क कारर् होती ह और दक कस
यह दनयदमत रूप स एक वादषक चि स गजरती ह जब पथ्वी सय की
पररिमा करती है। जल-प्रलय से पहले, पथ्वी पर ऋतओ का ऐसा वादषक
चि नही था। कछ लोगो न अनमान लगाया ह दक परमेश्वर न पथ्वी को
झकान का काय एक बड़ उककादपड, क्षद्रग्रह, या िमकत क प्रभाव स
दकया होगा, सजसन अपन प्रभाव क बल स पथ्वी की िरी को बिल दिया।
यह वह सािन भी हो
उत्पत्ति 9 कासलिप्तत्तििरण: जल-प्रलयके तत्कालपररर्ामकाऔर
असिकवर्थनदकयागयाहै , सजसमेेंयहसबिादमलहैें:(1)पि1-3मेें परमेश्वरनेनूहकोआिीषिीऔरभोजनक े सलएमासदिया।(2)पि4-
7म े लह ू कोखानेऔरहत्याकोप्रदतबसितदकयागयाहै।(3)पि8-17 मेेंपरमेश्वरअपनीवाचाकोस्थादपतकरताहैसजसकासचह्नमेघिन ुषह ै । (4)पि18-23मेनूहएकिाखकीबारीलगाताहै , निेकरताहैऔरहाम
द्वाराउसकाउपहासदकयाजाताहै।अेंतमेें,(5)पि24-29मेनूहकनान कोिापिेताहै , िेमकोआिीषिेताहै , येपेतके सलएप्राथथनाकरताहै।
9:1 त्तिर परमश्िर न नह और उसक पत्रो को आशीर्ष िी और उनस कहा, िूलो–िलो, और बढो, और पथ्िी म भर जाओ। जस ही नह, उसकी पत्नी, उनक तीन बट और उनकी पस्त्नया जहाज स दनकल, परमेश्वर ने उनहेें
आिीष िी। (िेखेें 6:9।) साथ ही, उसने उनहेें आज्ञा िी, “िलो–िलो, और बढ़ो, और पथ्वी म भर जाओ।” स्पि ह दक उनह सतान उत्पन्न करन की
आज्ञा िी गई थी। यह अनमान लगाया जा सकता ह दक नह, उसके बेटोें
और उनकी पस्त्नयोें ने जल-प्रलय के िौरान िारीररक सेंबेंि नहीें बनाया, इससलए दक कहीें ऐसा न हो दक जहाज मेें उनके दनवास के िौरान उन पर
बच्चे के जनम का अदतररि बोझ पड़े।
9:2-4 तम्हारा डर और भय पथ्िी क सब पशओ, और आकाश क सब
पलियो, और भत्तम पर क सब रगनिाल जधतओ, और समुद्र की सब
मछललयो पर बना रहगा : य सब तम्हार िश म कर त्तिए जात ह। जैसे दक
नह की वाचा को और दवस्तार स बताया जाता ह, तो ध्यान िेने योग्य और
कई बात ह। यहा अथ यह प्रतीत होता ह दक मनष्य क सबि म जानवरो
का चररत्र बिल गया ह। जानवरो क भीतर अब मनष्यो का एक जनमजात डर उत्पन्न
सकता है दक जल-प्रलय से पहले अिमी लोग ऐसा करते थे, लेदकन अब
उस रीदत पर परमेश्वर की स्वीकदत दमल गई ह। अब जब जानवरो का
सिकार दकया जाएगा, तो परमेश्वर न उनक भीतर मनष्य का भय उत्पन्न
कर दिया।
4 पर मास को प्राण समत अथात लह समत तम न खाना। यही नहीें, बाइबल
म पहली बार भोजन क रूप म लह को न खान की आज्ञा िी गई है।
दनस्सेंिेह, इससे पहले, मास खान को भी मजरी नही िी गई थी। इससलए, लह को खाना कोई गभीर समस्या नही रही होगी।
9:5-6 और त्तनश्चय ही म तम्हार लह अथात प्राण का बिला लगा : सब
पशओ और मनयो, िोनो स म उस लगा; मनय क प्राण का बिला म एक
एक क भाई बधि स लगा। 6 जो कोई मनय का लह बहाएगा उसका लह
मनय ही स बहाया जाएगा, क्योत्तक परमश्िर न मनय को अपन ही स्िरूप
क अनसार बनाया ह। नह की वाचा क भाग क रूप म, परमेश्वर न मत्यिड
की िरुआत की। इसक बाि स परमेश्वर ने ठहराया दक जब कोई दकसी
की हत्या करे, तो हत्यार को मार डाला जाए। मनष्य म परमेश्वर के स्वरूप
की पदवत्रता को हत्या के द्वारा अपदवत्र नहीें दकया जाना था। परमेश्वर ने
मत्यिड को उस लक्ष्य की ओर एक प्रदतबि क रूप म जोड़ा। दकतन िख
की बात ह दक आज इसकी उपक्षा करक समाज को हादन पहचाई जाती
है।
7 और तुम िूलो–िलो, और बढो, और पथ्िी पर बहतायत स सधतान
उत्पन्न करक उसम भर जाओ। दिर से, यह आज्ञा िोहराई गई है दक िूलो–
िलो, और बढो, और पथ्िी पर बहतायत स सधतान उत्पन्न करक उसम
भर जाओ। परमेश्वर स्पि रूप स चाहता था दक पथ्वी एक बार दिर
जानवरोें
क्या घरल पश क्या पथ्िी क सब बनल पश, पथ्िी क लजतन जीिजधत
जहाज स त्तनकल ह। 11और म तम्हार साथ अपनी यह िाचा बािता ह त्तक
सब प्राणी त्तिर जल–प्रलय स नि न होग : और पथ्िी का नाश करन क
ललय त्तिर जल–प्रलय न होगा।
नह की वाचा क और असिक दववरर् दिए गए ह। परमेश्वर न मनष्य (और
यहा तक दक जानवरो) क साथ जो वाचा बािी थी, उसका एक भाग यह
था दक वह दिर कभी जल-प्रलय स पथ्वी को नि नही करगा। वह प्रदतज्ञा
आज भी जारी है। यह स्पि रूप से उस सीदमत जल-प्रलय के ससद्ाेंत को
भी खाररज़ करता है सजसे उिारवािी िमथदवज्ञानी वषों से ससखाते आए हैें।
दनसित रूप स प्रत्यक वष परी पथ्वी पर झरनो क बहाव और वषा क
कारर् सीदमत बाढ़ आई ह। परत परमेश्वर ने स्पि रूप से प्रदतज्ञा की है
दक वह दिर कभी प ू री पथ्वी को जल-प्रलय से नि नहीें करेगा!
9:12-13 त्तिर परमश्िर न कहा, जो िाचा म तम्हार साथ, और लजतन
जीत्तित प्राणी तम्हार सग ह उन सब क साथ भी यग–यग की पीत्तढयो क
ललय बािता ह, उसका यह लचह् ह : 13 म न बािल म अपना िनर्ष रखा
ह, िह मर और पथ्िी क बीच म िाचा का लचह् होगा। उस प्रदतज्ञा का
सचह्न मघिनष होगा। “वह मर और पथ्वी क बीच म वाचा का सचह्न
होगा।” एक इद्रिनष की सामानय और सिर घटनाए आज तक बनी हई ह, यह याि दिलाता है दक परमेश्वर ने (1) एक बार जल-प्रलय स पथ्वी को
नि कर दिया था और (2) दक वह दिर कभी ऐसा नहीें करेगा।
9:14-17 और जब म पथ्िी पर बािल िलाऊ तब बािल म िनर्ष त्तिखाई
िगा। 15 तब मरी जो िाचा तम्हार और सब जीत्तित शरीरिारी
नह क साथ (और हमार साथ) परमेश्वर की वाचा का सचह्न िो तरिा मागथ
था। यह न केवल हमेें परमेश्वर के वािे की याि दिलाता है, बस्कक यह
परमेश्वर को उसी की याि दिलाता है। 17 जो िाचा म न पथ्िी भर क सब
प्रालणयो क साथ बािी ह, उसका लचह् यही मघिनर्ष ह। इस प्रकार
मघिनष न कवल बहत पहल आई जल-प्रलय का एक अनस्मारक
(अथात, सचह्न) है, यह एक िश्य सचह्न ह दक परमेश्वर पथ्वी को दिर कभी
इस रीदत से नि नहीें करेगा।
9:18-19 नह क पत्र जो जहाज म स त्तनकल, ि शम, हाम और यपत थ; और हाम कनान का त्तपता हआ। नह क तीन पत्रो का एक बार दिर उल्लख
दकया गया है (जैसा दक पि 5:32 मेें है) : िेम, हाम और येपेत। यह दट्पर्ी
अदनिकारी ह दक “हाम कनान का दपता हआ।”
19 नह क तीन पत्र य ही ह, और इनका िश सारी पथ्िी पर िल गया।
स्पि बात को बताया गया ह। इन तीन पररवारो का वि “सारी पथ्वी पर
िल गया।” आज तक सभी जादतयो और राष्रीयताओ की जड़ नह क इन
तीन पत्रो म स दकसी एक म पाई जाती ह। एक बार दिर िोहराए तो िम
मध्य पव सदहत पवी लोगो का पवज ह। हाम िसक्षर्ी लोगो का पवज ह,
दविषकर अफ्रीका का। यपत यरोप क उिरी लोगो और उिर-पसिम
एसिया क लोगो का पवज ह। उत्पदि 10:21 म िम को नह का सबस बड़ा
पत्र बताया गया ह।
9:20-23 नह दकसानी करन लगा। उसन िाख की बारी लगाई। जल-प्रलय
के बाि के वषों मेें, नह िाख की खती करनवाला दकसान बन गया। कछ
समय बाि, “उसने िाख की बारी लगाई,” 21 और िह िाखमिु पीकर
मतिाला हआ; और अपन तम्ब क भीतर नगा हो गया। यह बाइबल म
िराब का पहला उल्लेख है और
िमी व्यदि क चररत्र स मल नही खाता दक वह जानबझकर नि म ित हो
जाए। हो सकता है, नह िराब और दकस्ण्वत िाखमि म पाए जानवाल
तत्वोें से अनजान हो। जैसा भी हो, वह नि म ित हो गया। वह अपन
मतवालपन म अपन तब म खला और नगा पड़ा था। िराब की बराई का
पहला स्पि सकत यहा दमलता ह। इसम स्पि रूप स दनलज्जता, िमथ और
कामकता दनदहत ह। जसा दक अकसर होता ह, सामानय पाप, और अकसर
लदगक पाप निील पिाथों क सवन स जड़ होत ह।
22 तब कनान क त्तपता हाम न अपन त्तपता को नगा िखा, और बाहर आकर
अपन िोनो भाइयो को बतला त्तिया। कनान के दपता हाम का उल्लेख ध्यान
िन योग्य ह। िसरी बार यह बताया ह दक वह कनान का दपता था। सभव
ह दक कनान की आन वाली ििता क प्रदत एक स्पि सबि स्थादपत दकया
जा रहा हो। अथथ यह हो सकता है दक उसके दपता हाम का स्पि पाप उसके
बट तक पहच गया था। िखा क रूप म अनदित िब्ि (रा-आह) का
अनवाि ‘जानबझकर िखा’ क रूप म भी दकया जा सकता ह। अथ यह ह
दक हाम न न कवल अपन दपता क खल जननाग को िखा, बस्कक उसने
उस जानबझकर िखा। यह समलदगक वासना का एक स्पि सकत हो
सकता है। जैसा भी हो, उसने अपने दपता की दनलथज्जता का िायिा उठाकर
उसे गेंिी नजर से िेखा।
जब उसने अपने भाइयोें को इस घटना के बारे मेें बताया, तो उनहोेंने 23
कपडा लकर अपन कधिो पर रखा, और पीछ की ओर उलिा चलकर
अपन त्तपता क नग तन को ढाप त्तिया, और ि अपना मख पीछ त्तकए हए थ
इसललय उधहोन अपन त्तपता को नगा न िखा। िेम और येपेत को यह अच्छा
नही लगा और उनहोन अपन दपता क प्रदत आिर दिखात हए उसकी नग्नता
की
है। त्तकया ह क रूप म अनदित िब्ि (आसाह) मेें अनय अथों के साथ-साथ
‘अपराि दकया है’ का अथथ भी हो सकता है। कम से कम, हाम अपने
दनबल दपता को अनसचत रूप स घरन का िोषी था। सबस बरी बात यह
भी हो सकती है दक इसमेें दकसी समलैेंदगक वासना का अथथ हो। ऐसा प्रतीत
होता ह दक नह न इस एक बहत ही गभीर दवषय की तरह िखा। (इस
लेखक ने सजतना पढ़ा है, उसक अनसार असिकाि समलदगक कत्य िराब
के सेवन से होते हैें।)
25 इसललय उसन कहा, कनान शात्तपत हो : िह अपन भाई बधिओ क
िासो का िास हो। इसक बाि उसन हाम क पत्र कनान को िाप दिया:
“कनान िादपत हो : वह अपन भाई बनिओ क िासो का िास हो।” यह
ध्यान दिया जाना चादहए दक िाप कनान को दिया गया। यह सेंभव है दक
कनान का जनम हो चका था और जो कछ भी हआ उसन उसम दकसी तरह
से भाग सलया था। यह भी हो सकता है दक वास्तदवक अपरािी कनान था
और उसे मौसलक रूप से हाम कहा जाता है। यह और भी ध्यान िेने योग्य
है दक िाप कनान और उसके वेंिजोें, अथात कनादनयो पर था। कछ लोगो
की यह गलतिहमी है दक िाप हाम और उसके वेंिजोें, अथात अश्वत
प्रजादत था। परत िाप दविष रूप स कनान और उसके वेंिजोें के दवरुद्
था। कनानी लोग बाि म िि और अनदतक लोग सादबत हए।
26 त्तिर उसन कहा, शम का परमश्िर यहोिा िधय ह, और कनान शम का
िास हो। नह न िम को और आिीष िी और कहा दक कनान उसका िास
होगा। यह दनश्चय ही सच सादबत हआ दक दकस तरह िम क विज
इस्राएल ने कनादनयोें को अपने अिीन कर सलया।
27 परमश्िर यपत क िश को िलाए; और िह शम क तम्बओ म बस, और कनान उसका
यह सेंकेत हो सकती है दक कैसे समय के साथ-साथ यरोपीय िि पवी, सामी ििो पर हावी होग। यह दनसित रूप स न कवल यनान और रोम म, बस्कक आिदनक साम्राज्यवािी ििो म भी हआ ह। एक बार दिर, कनान और उसके वेंिज सभी के सेवक होेंगे। एक गहरा
सबक दक माता-दपता का पाप उनके वेंिजोें पर भी आगे बढ़ जा सकता
है, यहा स्पि दकया गया ह। नह को िायि इस बात का अिाज़ा नही था
दक उसके तीन बेटोें और उनकी वेंिावली के बारे मेें उसकी भदवष्यवार्ी
दकतनी सही सादबत होगी।
9:28-29 जल–प्रलय क पश्चात नह साढ तीन सौ िर्ष जीत्तित रहा। नह क
अेंदतम दिनोें को जल-प्रलय के बाि तीन सौ पचास वषों तक जीदवत रहने
के रूप मेें दकया गया है, वह कल नौ सौ पचास वषों तक जीदवत रहा।
सदि क बाि वष 1656 म जल-प्रलय आई और एक वषथ (1657) से थोड़ा
असिक समय तक रही। उसके बाि 350 वषथ जीदवत रहने का अथथ है दक
नह की मत्य जल-प्रलय क बाि लगभग 2006 वष म हई होगी। (जल-प्रलय
की िरुआत वास्तदवक दतसथ-सचह्न है न दक उसका अेंत।) दिलचस्प बात
यह ह दक उसक िो वष बाि अब्राहम का जनम हआ (सदि क 2008 वषथ
के बाि)।
29 इस प्रकार नह की कल आय साढ नौ सौ िर्ष की हई; तत्पश्चात िह
मर गया। नह का जनम सदि क बाि 1056 वष म हआ था। सदि क 950
वष बाि 2006 वष म उसकी मत्य हई। इस प्रकार नह सदि क समय स
लकर अपनी मत्य तक ििाए गए समय क लगभग आि समय तक जीदवत
रहा। *****
उत्पत्ति 10 का सलिप्त त्तििरण : उत्पदि 10 नूह और उसक े प ु त्रोकी
5म े य े प े तक े प ुत्र;(2)पि6-14मेहामक े प ुत्र, इनमेेंपि15-20मेेंदनम्रोि
औरकनानके
वेंिजोेंकादववरर्भीिादमलहै;(3)अेंतमेें , पि21-32
म े ि े मक े प ु त्र।
10:1 नह क पत्र शम, हाम, और यपत थ; उनक पत्र जल–प्रलय क पश्चात
उत्पन्न हए : उनकी िशािली यह ह। िशािली क रूप म अनदित िब्ि
(टोलेडो) का प्राथदमक अथ ‘विज’ ह। अतः यह अध्याय नह क पत्रो क
तत्काल वेंिजोें को ििाथता है जो जल–प्रलय क पश्चात उत्पन्न हए।
10:2-5 यपत क पत्र : गोमर, मागोग, माि, यािान, तूबल, मशक, और
तीरास हए। हालादक येपेत को आम तौर पर नह क अदतम पत्र क रूप म
जाना जाता है, दिर भी उसके वेंि का उल्लेख सबसे पहले दकया गया है।
गोमेरको सस्कटक जादतयो और बाि म जमदनक लोगो का पवज माना
जाता है। मागोग टाटर (सीसथयन) लोगो का पवज बन गया और व आज
के रूसी लोगोें से सेंबेंसित होेंगे। मािै मेेंिी लोगोें का पवज था जो आज
पव क सोदवयत सघ क िसक्षर्ी गर्राज्य क लोग होग। यावान उन लोगोें
का पवज था जो यनानी प्रायद्वीप म रहत थ।
त ू बल उन लोगो का पवज बन गया जो काला सागर क आसपास बस थ, और बाि मेें उिर की ओर चले गए, सजसका मख्य िहर टोबोकस्क क नाम
स जाना जान लगा। इस विावली क कछ लोग स्पन म भी चल गए। मेिेक
स्लादवक और रूसी लोगो का पवज भी हआ। तीरासथ्रसी लोगो का पवज
हआ, जो भमध्यसागर क लोग थ।
3 गोमर क पत्र : अशकनज, रीपत, और तोगमा हए। जैसा दक स्पि है, येपेत के वेंिज इेंडो-यरोपीय, या कोकेसियान जादत बन गए। असिक दविेष
रूप से कहेें
4 और यािान क िश म एलीशा, और तशीश, और त्तकिी, और िोिानी
लोग हए। इसके अलावा यािान के वेंिज वे लोग थे जो उन क्षेत्रोें मेें बसे
जो बाि म यनान क नाम स जान गए। िोिानी सेंभवतः रोड्स के लोगोें को
ििाथता है।
5 इनक िश अधयजात्ततयो क द्वीपो क िशो म ऐस बि गए त्तक ि त्तभन्न त्तभन्न
भार्षाओ, कलो और जात्ततयो क अनसार अलग अलग हो गए। यह और भी
ध्यान िेने योग्य है दक बाइबल मेें अधयजात्ततयो क रूप म अनदित िब्ि (गोदयम) का पहला प्रयोग यहीें पाया जाता है। दिलचस्प बात यह है दक
येपेत के वेंिजोें को हाम या िेम के वेंिजोें के दवपरीत अनयजादतयोें
(मदतपजको) क रूप म ििाया गया ह। स्पि रूप स, पि 5 का िदिकोर्
वह सभावना ह जो अध्याय 11 की बाबल क गम्मट की घटनाओ स पर
िेखती है।
10:6-7 हाम क पत्र : कश, त्तमस्र, ित और कनान हए। हाम क पत्र कूश, त्तमस्र, िूत और कनान हए। य प्रत्यक उन लोगो क पवज थ जो सभ्यता क
उद्गम स्थल के िसक्षर् मेें रहते थे और बड़े पैमाने पर वे लोग हैें जो अफ्रीकी
महाद्वीप मेें बस गए थे। क ू ि कािी हि तक इसथयोदपया के समान है, हालादक मल इसथयोदपयाई लोग उिर पसिमी अफ्रीका म प्रवास करन स
पहले अरब प्रायद्वीप मेें रहते थे। दमस्रवही है सजससे दमस्र के लोगोें को
जाना गया। ि ू त ने उिरी अफ्रीका के अनय भागोें को आबाि दकया और
माना जाता ह दक यह लीदबया ह। हाम का चौथा पत्र कनान दफ़सलस्तीन
के क्षेत्र मेें रहा, सजसने उस क्षेत्र को आबाि दकया सजसे बाि मेें प्रदतज्ञा का
िेि या बाइबल के इस्राएल के रूप मेें जाना गया।
7 और कश क पत्र सबा, हिीला, सबता, रामा, और सबतका
जानकारी नहीें है। िबा िसक्षर्ी अरब म रहनवाल लोगो का पवज था।
इसी तरह ििान िसक्षर्ी अरब का एक क्षेत्र था।
10:8-12 कश क िश म त्तनम्रोि भी हआ; पथ्िी पर पहला िीर िही हआ
ह। 9 िह यहोिा की िष्ि म पराक्रमी लशकार खलनिाला ठहरा, इस स
यह कहाित चली ह; त्तनम्रोि क समान यहोिा की िष्ि म पराक्रमी लशकार
खलनिाला। िायि कि का सबस जाना-पहचाना पत्र दनम्रोि था जो पथ्वी
पर और यहोवा के सामने एक िदििाली सिकारी बनने के रूप मेें प्रचसलत
हआ।
10 उसक राज्य का आरम्भ लशनार िश म बबीलोन, एरख, अक्कि और
कलन स हआ। उसने उस क्षेत्र को बसाया और स्थादपत दकया जो बाबेल
बन गया, सजसे बाि मेें बेबीलोन कहा गया। एरेख, अककि और कलने
बेबीलोन (वतथमान इराक) के क्षेत्र के िहर थे और सिनार के बड़े क्षेत्र का
दहस्सा थ जो बाि क बबीलोन या कसदिया स मल खाता ह। आिदनक
भगोल म, यह कवत स इराक तक िरात और दहद्दकल नदियो क दकनार
का क्षेत्र है।
11 उस िश स िह त्तनकलकर अश्शर को गया, और नीनि, रहोबोतीर और
कालह को बसाया। यहा अश्शूर का उल्लेख दकसी व्यदि को नहीें, बस्कक
एक स्थान को ििाथ सकता है। स्पि है दक दनम्रोि के वेंिज उस क्षेत्र मेें गए
सजस अश्िर क नाम स जाना जाता ह और उनहोन नीनवेके साथ-साथ
रहोबोतीरऔर कालह को बसाया।
12 और नीनि और कालह क बीच जो रसन ह, उस भी बसाया; बडा नगर
यही ह। यहा पाए गए भौगोसलक दनििाको क अलावा रसन
त्तमस्र क िश म लिी, अनामी, लहाबी, नप्तूही, 14 और पत्रूसी, कसलूही और कप्तोरी लोग हए, कसलत्तहयो म स तो पललश्ती लोग
त्तनकल। हाम का िसरा पत्र दमस्र था सजसन यहा बताए गए राष्रो को जनम
दिया। माना जाता ह दक अनादमयो को लहादबयो और न्तदहयोें के साथसाथ दमसस्रयोें का एक और वेंि माना जाता है। दविेष रूप से, पसलश्ती
दमस्र के माध्यम से हाम से दनकले। क्तोरी लोग िेते के आरेंदभक दनवासी
थे।
10:15-19 कनान क िश म उसका ज्यठ पुत्र सीिोन, तब त्तहि, 16
यबूसी, एमोरी, त्तगगााशी, 17 त्तहव्िी, अकी, सीनी, 18 अििी, समारी, और
हमाती लोग भी हए; त्तिर कनात्तनयो क कल भी िल गए। कनान (हाम का चौथा पत्र) क विज बाि क बाइबल क भगोल और इदतहास म असिक पररसचत नाम हैें। लेबनान के सीिोनी लोग, यबससयो, एमोररयोें, दगगाथसियोें, दहस्व्वयोें और अनय अकपज्ञात लोगोें जैसे अदकथयोें, सीदनयोें, अवथदियोें, समाररयो और हमादतयो क साथ कनान स उत्पन्न हए।
19 और कनात्तनयो की सीमा सीिोन स लकर गरार क माग स होकर अज्जा
तक और त्तिर सिोम और अमोरा और अिमा और सबोयीम क माग स
होकर लाशा तक हई। याि कीसजए दक नह न कनादनयो को िाप दिया था।
ये वे ईश्वररदहत लोग थे जो उस िेि मेें रहते थे जब इस्राएल ने बाि मेें इस
पर दवजय प्राप्त की थी। उनका क्षत्र वह भदम थी सजस ऐदतहाससक रूप से
आम तौर पर दफ़सलस्तीन के रूप मेें जाना जाता था, जो उिर मेें लेबनान (सीिोन) से लेकर िसक्षर् मेें गाजा तक, पव म सिोम और अमोरा (मत
सागर) और वहा स उिर की ओर तक िली हई थी।
10:20 हाम क िश म य ही हए, और य त्तभन्न त्तभन्न कलो, भार्षाओ, िशो
और जात्ततयो क अनसार अलग अलग हो गए। हाम के लोगोें और उनकी
ििाया
की ओर तथा अफ्रीका क लोगो क समह की रचना की।
10:21 शम, जो सब एबरिलशयो का मलपरुर्ष हआ, और जो यपत का
ज्यठ भाई था, उसक भी पत्र उत्पन्न हए। िेम के वेंिजोें का उल्लेख दकया
गया है। उसे येपेत का भाई कहा गया है, िायि इससलए दक जो व्यवहार
अपने दपता के प्रदत एक साथ दिखाया था तथा कैसे उनमेें तथा हाम और
उसके व्यवहार के बीच अेंतर था। ज्येष्ठ भाई का उल्लेख िेम को ििाथता
ह जो नह का सबस बड़ा पत्र था। बाबल क गम्मट की घटना क बाि
असिकाि िमविी पव की ओर चल गए और व ससार क पवी, प्राचीन
और एसियाई लोगो क मल बन गए। यह भी ध्यान िन योग्य बात है दक
‘सेदमदटक’ िब्ि िेम से दनकला है। तकनीकी रूप से, सभी पवी लोग
सेमेदटक हैें, न दक कवल यहिी, जैसा दक आज आम तौर पर माना जाता
है।
10:22-30 शम क पत्र : एलाम, अश्शूर, अपिि, लि और अराम हए। िेम
की सतान एलाम ह जो मलतः फ़ारसी लोगो का पवज ह और सजस आज
ईरान के नाम से जाना जाता है। अश्ि ूरअसीररया, आिदनक सीररया और
िसक्षर्ी काकेिस के लोगोें को ििाथता है। अपथक्षि या ल ू ि के बारे मेें
ज्यािा जानकारी नहीें है।
23 अराम क पत्र : ऊस, हल, गतर और मश हए। 24 और अपिि न शलह को, और शलह न एबर को जधम त्तिया। 25 और एबर क िो पत्र उत्पन्न हए, एक का नाम पलग इस कारण रखा गया त्तक उसक त्तिनो म पथ्िी बि गई, और उसक भाई का नाम योक्तान था। 26 और योक्तान न अल्मोिाि, शलप, हसमाित, यरह, 27 यिोरिाम, ऊजाल, त्तिक्ला, 28 ओबाल, अबीमाएल, शबा, 29 ओपीर, हिीला और योबाब को जधम त्तिया : य ही सब योक्तान क पत्र हए। अराम सीररयाई लोगो का मल पवज ह और बाि
की अरामी
कछ अरबी लोगो क पवज बन। ओपीर , सजसका उल्लेख बाि मेें पदवत्रिास्त्र
मेें दकया गया, हवीला के साथ अरब प्रायद्वीप के क्षेत्र और अरबी लोगोें की
अनय िाखाओ क कलदपता थ। उनकी सीमा पव तक िली हई थी जसा
दक पि 30 मेें बताया गया है।
30 इनक रहन का स्थान मशा स लकर सपारा, जो पि म एक पहाड ह, उसक माग तक हआ। हालादक सपारा िब्ि अरब मेें एक जगह को ििाथता
है, दिर भी यहिी लोग आज भी इसका उपयोग प्राचीन को ििान क सलए
करते हैें, और ‘सपारी’ यहदियो को अिकनजी या पसिमी (यरोपीय)
यहदियो क दवपरीत प्राचीन यहदियो क रूप म िखत ह।
10:31 शम क पत्र य ही हए; और य त्तभन्न त्तभन्न कलो, भार्षाओ, िशो और
जात्ततयो क अनसार अलग अलग हो गए। िेम के वेंिजोें का दिर से साराेंि
दिया गया है जो आज तक के प्राचीन, पवी और एसियाई लोगो का आिार
बन हए ह। अमररकी इदडयस सभवतः इसी मल क विज ह।
10:32 नह क पत्रो क घरान य ही ह : और उनकी जात्ततयो क अनसार
उनकी िशािललया य ही ह; और जल–प्रलय क पश्चात पथ्िी भर की
जात्ततया इधही म स होकर बि गईं। जसा दक यहा ििाया गया ह, जल-
प्रलय क बाि नह क इन तीन पत्रो और उनक विजो क द्वारा परी पथ्वी
भर गई और दवभासजत हो गई। अध्याय 10 से अध्याय 11 के प्रारेंदभक
भाग तक का समय लगभग 100 वषथ का है। उत्पदि 11:10-16 की
विावली क अनसार, जल-प्रलय के बाि िेम के समय से लेकर पेलेग के
समय तक जो दक दवभाजन का समय था, तीन पीदढ़या कल 101 वष थी।
उत्पत्ति11कासलिप्तत्तििरण: उत्पदिका ग्यारहवा ाँ अध्यायजल-प्रलय
क े अतस े ल े करअब्राहमक े समयतकमन ु ष्यजादतक े इदतहासकासाराि
प्रस्त ुतकरताह ै ।कईमहत्वप ू र् थ बात े यहा ाँपाईजातीहै।(1)बेबीलोनमे
एकल-ससारकीपद्दतक े सलएमन ुष्यद्वारापहलाप्रयासदकयागयासजसे
परमेश्वरद्वारा ठ ु करादियागया। साथहीराष्रीयताओक े दवभाजनका
वास्तदवककारर्भीििाथयागयाहै।(2)मसीहकीवेंिावलीकोअब्राहम तकखोजतेहुएिमीविकीदनरतरचलनेवालीविावलीकोििाथयागया ह ै ।(3) अब्राहम क े जीवन और उसकीिरोहर का क ु छ दववरर् प्रिान
दकयागयाहै।
11:1 सारी पृथ्िी पर एक ही भार्षा और एक ही बोली थी। स्पि है दक
परमेश्वर ने आिम के समय केवल एक ही भाषा बनाई थी। यद्यदप अकसर
इसे हकके मेें सलया जाता है, मौसखक बातचीत मनष्य का परमेश्वर के
स्वरूप म रच होन का एक और पहल ह। पथ्वी पर दकसी अनय प्रार्ी म
ऐसी क्षमता नहीें है। इसमेें कोई सेंिेह नहीें दक यह जानना दिलचस्प होगा
दक परमेश्वर न आिम को दकस मल भाषा म बनाया था। कछ लोगो का
मानना ह दक इब्रानी मल भाषा थी, वे इस बात को आिार मानते हैें दक यह
बाइबल क सबस पहल कलपदतयो की भाषा थी। परत यह कवल एक
िारर्ा ही है। बाइबल मेें इसका कोई प्रमार् नहीें है।
11:2 उस समय लोग पि की ओर चलत चलत लशनार िश म एक मिान
पाकर उसम बस गए। “पव की ओर” चलत-चलत को ‘पव स’ चलत
चलते भी ििाथया जा सकता है। इब्रानी लेख मेें ‘से’ या ‘की ओर’
ििाथनेवाला कोई िब्ि नहीें दिया गया है। जहाज अरारात के पहाड़ोें पर
दटक गया था जो उिरपवी तकी म ह। सिनार कसिी या उसक बाि क नाम
बबीलोन का िसरा नाम है। सिनार अरारात से िसक्षर्-पवी दििा म ह।
‘लोग’ दनस्सिह नह और उसक विजो क समस्त पररवार ह।
11:3-4 तब ि आपस म कहन लग, आओ, हम ईि बना बना क भली
भात्तत आग म पकाए। और उधहोन पत्थर क स्थान पर ईंि स, और चन क स्थान पर त्तमट्टी क गार स काम ललया। जैसे-जैसे
लजसकी चोिी आकाश स बात कर, इस प्रकार स हम अपना नाम कर, ऐसा
न हो त्तक हम को सारी पथ्िी पर िलना पड। यहा िो बार इस्तमाल दकए
गए “आओ” िब्ि का अनवाि इब्रानी िब्ि याहब से दकया गया है और
इसम दकसी को साथ लान का अथ ह। सक्षप म कह तो यहा ‘वसश्वक
समिाय’ न आपस म एक साथ आन का आह्वान दकया ह – आओ, हम
अपन सलए एक नगर बनाए।
यहा कई दट्पसर्या की जा सकती ह। (1) यह स्पि ह दक इस दवषय म
परमेश्वर की इच्छा को खोजने का कोई प्रयास नहीें दकया गया। इसके
दवपरीत, उनकी योजना सीिे-सीिे परमेश्वर की इच्छा के प्रदत दवद्रोह
करना थी। िेखेें 9:1। (2) बस्कक, ऐसा लगता है दक उनके मन मेें अपनी
ितों पर और अपनी क्षमता क साथ स्वग तक पहचन का लक्ष्य था। ध्यान
स िख तो उनका काय बतका था, वे सोच रहे थे दक वे स्वगथ और परमेश्वर
तक पहचन योग्य ऊचा गम्मट बना सकत ह। सदियो स चली आ रही िम
की मानवीय योजनाए भी उतनी ही बतकी ह। (3) जीवन का घमेंड स्पि
ह। व अपना नाम करना चाहत थ। (4) एकीकत दवश्व प्रर्ाली क सलए
पहला सगदठत प्रयास िरू हो गया था। जसा दक सदियो स होता आया ह, परमेश्वर को छोड़ दिया गया। मानवतावाि का सार यहा स्पि ह, अथात
परमेश्वर की अनिखी करत हए एक मानवीय योजना को परा करना। जसा
भी हो, परमेश्वर ऐस प्रयास की अनमदत िन क सलए तयार नही था। समय
की वह पर्ता अभी नही हई थी। एकीकत दवश्व का िासन तब होगा जब
यीि मसीह वापस आएगा और इस पथ्वी पर अपना राज्य स्थादपत करगा।
य दबि भी दिलचस्प ह : (5) िब्ि ‘आओ’। जसा दक ऊपर बताया गया ह, इसका अथथ यह हो सकता है, ‘आओ, चलो’ आओ हम ईंट बनाए। (6)
प्राथदमक दनमाथर् सामग्री एक प्रकार
स्थानो क रूप म बनाया जाता था।) परत यह काय परमेश्वर को सीिी
चनौती और मनष्य की सामदहक कोसिि का एक सगदठत प्रयास प्रतीत
हई।
11:5-6 जब लोग नगर और गम्मि बनान लग, तब उधह िखन क ललय
यहोिा उतर आया। परमेश्वर की मानवरूपता का प्रयोग दकया गया है।
उसे वास्तव मेें नीचे जाकर यह िेखने की जरूरत नहीें थी दक कया हो रहा
था। वह पहल स ही जानता था। परत पदवत्र आत्मा न उस ऐसा करत हए
ििान का चनाव दकया, िायि मनष्यजादत स उसकी समानता को ििान
क सलए और यह दक एक व्यदि इस दवषय की जाच करगा। परमेश्वर ने
उनक एकजट प्रयास और उनकी साझी भाषा पर ध्यान दिया।
6 और यहोिा न कहा, म क्या िखता ह त्तक सब एक ही िल क ह, और
भार्षा भी उन सब की एक ही ह, और उधहोन ऐसा ही काम भी आरम्भ
त्तकया; और अब जो कछ ि करन का यत्न करग, उसम स कछ भी उनक
ललय अनहोना न होगा। इसका तात्पयथ यह हो सकता है दक ऐसे लोग थे जो
परमेश्वर के प्रदत दवश्वासयोग्य और सच्चे बने रहे, दविेषकर िेम के वेंि
मेें। जैसा दक उल्लेख दकया गया है, बबीलोन क गम्मट का दनमार् पलग क
जीवनकाल (10:25) म हआ था, जो 11:10-16 क अनसार जल-प्रलय के
लगभग एक सिी बाि पिा हआ था। (हालादक यह ध्यान दिया जाना चादहए
दक पेलेग लगभग 239 वषथ जीदवत रहा {िेखेें 11:16-19}।) नह जल-प्रलय
के बाि 350 वषथ जीदवत रहा (10:28 िेखेें)।
इससलए, जब बबीलोन का दवषय चल रहा था तब नह सभवतः जीदवत
था। यह सेंभव है दक उनहोेंने और अनय लोगोें ने िायि ऐसे कायथ का दवरोि
दकया हो। यह दट्पर्ी दक “जो कछ व करन का यत्न करग, उसम स
इससलए परमेश्वर न मनष्य क घमड और मखता को दविल करन क सलए
किम उठाए। परमेश्वर की योजना थी दक मनष्यजादत िल-िल, और बढ़े, और पथ्वी म भर जाए (9:1)। इसका अथ ह दक मनष्यजादत क सलए
परमेश्वर की योजना थी दक वह िल और सपर् पथ्वी पर बस जाए।
बबीलोन म बनाया जा रहा गम्मट उनकी व्यि इच्छा का सीिा-सीिा
उल्लेंघन था।
11:7 इसललय आओ, हम उतर क उनकी भार्षा म गडबडी डाल, त्तक ि एक िसर की बोली को न समझ सक। जैसा दक ऊपर उल्लेख दकया गया है, वाकयाि “आओ” का अनवाि एक बार दिर ‘चलो’ या ‘आओ चलो’
के रूप मेें दकया जा सकता है। परमेश्वर की योजना सरल थी। वह “उनकी
भाषा मेें गड़बड़ी डाले, दक व एक िसर की बोली को न समझ सक।”
परमेश्वर छोटा सा बिलाव करक मनष्य की योजनाओ को दविल कर
सकता है। अहेंकारी, दवद्रोही मनष्यजादत की घमडी योजनाए इस िारर्ा
पर आिाररत थीें दक वे एक-िसर क साथ आसानी स बातचीत कर सकत
हैें। परमेश्वर ने बस दवदभन्न जनजादतयोें, कलो और पाररवाररक समहो की
भाषा को बिल डाला। अब वे एक साथ काम नहीें कर सकते थे। अब
उनकी अहेंकारी, दवद्रोही योजनाए काम नही कर सकती। उनह मजबरन
काम बेंि करना पड़ा।
इस घबराहट की कवल ककपना की जा सकती ह दक कोई सबह उठकर
एक बड़ी पररयाजना पर काम करने जाए तो सही पर उस कायथ मेें िादमल
िसर लोगो स बातचीत ही न कर पाए। वहा अचानक कलह और
अदवश्वास उत्पन्न हो गया होगा कयोदक काय करनवाल दवदभन्न समह एकिसर क साथ बातचीत नही कर सक। सामग्री प्रिान करनवाल ईंट दबछा रहे कारीगरोें की बात नहीें समझ सके। सामग्री का ब्यौरा रखनेवाले उन
लोगो स बातचीत नही कर सक सजनहोन उनह सामान दिया था। गम्मट
बनाने की पररयोजना परी तरह ठप हो गई, दनस्सेंिेह कड़वाहट, मनमटाव
और अदवश्वास के साथ।
और उधहोन उस नगर का बनाना छोड त्तिया। प्रत्यक पररवार समह, कल
या जनजादत स्पि रूप स एक िसर की भाषा समझ सकत थ। इससलए व
काय करन और अपनी बदनयािी जरूरतो को परा करन क सलए अलग रह।
इसम कोई सिह नही दक भाषाओ क इस कोलाहल क बीच जो िट और
अदवश्वास पिा हआ, उसने सेंभवतः उनहेें चारोें दििाओें मेें िैला दिया, सजसस उनहोन बसन और दिर स सब कछ िरू करन क सलए नए स्थानो
की तलाि की।
ध्यान िन योग्य बात यह ह दक भाषादविो न पररर्ाम दनकाला ह दक पथ्वी
पर वतमान म मौजि सभी भाषाओ म स कवल तीन मल, मल भाषाई समह
ह। भाषादविो न आग यह भी सझाव दिया ह दक उन तीन मल भाषाओ का
एक समय म सभवतः एक ही मल था। इसम अचम्भ की बात नही ह दक
आज तक अिमी भाषादविोें द्वारा दकए गए अध्ययन परमेश्वर के वचन
की सटीकता की पदि करत ह। याि कर दक नह क तीन बट थ और ससार
म तीन बदनयािी नस्ल ह।
इसके अलावा, यह भी दिलचस्प ह दक बदनयािी राष्रीयताए जो पथ्वी पर
िैलीें, वे भाषाओें के आिार पर ही िैलीें। आज तक प्रत्येक राष्रीयता की
अपनी अलग भाषा है।
11:9 इस कारण उस नगर का नाम बबीलोन पडा; क्योत्तक सारी पथ्िी की
भार्षा म जो गडबडी ह, िह यहोिा न िही डाली, और िही स यहोिा न
मनयो को सारी पथ्िी क ऊपर िला त्तिया।
बबीलोन िब्ि ध्यान िन योग्य ह। परान दनयम म यह इब्रानी िब्ि 262
बार आता ह। इनम स इसका
बेबीलोन जल-प्रलय क बाि स सभी झठ िमों का कद्र और ितानी िोख
का स्रोत रहा है।
बबीलोन क रहस्यमयी िम का प्रभाव आज तक असिकाि मदतपजक, झठ िमों म पाया जाता ह, सजनमेें रोमी कैथोसलक कलीससया भी िादमल
ह। बबीलोन पररयोजना क गम्मट को प्रररत करनवाली अिमी, दवद्रोही
आत्मा दनम्रोि और उसके द्वारा बनाए गए नगर के द्वारा आगे बढ़ी।
िैतान ने हमेिा एक दवश्व व्यवस्था को बढ़ावा दिया है। वह केेंद्रीकरर् का
पक्षिर है कयोेंदक इससे उसे प्रभाविाली रूप से दनयेंत्रर् बनाने का अवसर
दमलता है। इससलए उसने हमेिा असिकार की तलाि मेें, सदियोें से सरकारोें
और िादमक दनकायो को एकजट करन का काम दकया ह। बबीलोन म
उसके प्रयास को दविल कर दिया गया। वह महाकलेि के िौरान दिर से
प्रयास करेगा जब कलीससया और पदवत्र आत्मा का रोकनेवाला प्रभाव हटा
दिया जाएगा। परत परमेश्वर की आििथ योजना एक ऐसे वैसश्वक िासन के
सलए है जो राजकीय असिकार, अथात राजाओ क राजा, यीि मसीह के
अिीन हो।
11:10-26 शम की िशािली यह ह। जल–प्रलय क िो िर्ष पश्चात जब
शम एक सौ िर्ष का हआ, तब उसस अपिि का जधम हआ; 11और
अपिि क जधम क पश्चात शम पाच सौ िर्ष जीत्तित रहा; और उसक और
भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 12जब अपिि पतीस िर्ष का हआ, तब उसस
शलह का जधम हआ; 13और शलह क जधम क पश्चात अपिि चार सौ
तीन िर्ष और जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं।
14जब शलह तीस िर्ष का हआ, तब उसक द्वारा एबर का जधम हआ;
15और एबर क जधम क पश्चात
16 जब एबर चौतीस
हआ, तब उसक द्वारा रू का जधम हआ; 19और रू क जधम क पश्चात
पलग िो सौ नौ िर्ष और जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न
हईं।
20 जब रू बिीस िर्ष का हआ, तब उसक द्वारा सरूग का जधम हआ; 21और सरूग क जधम क पश्चात रू िो सौ सात िर्ष और जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 22जब सरूग तीस िर्ष का
हआ, तब उसक द्वारा नाहोर का जधम हआ; 23और नाहोर क जधम क
पश्चात सरूग िो सौ िर्ष और जीत्तित रहा, और उसक और भी बि बत्तिया
उत्पन्न हईं।
24 जब नाहोर उनतीस िर्ष का हआ तब उसक द्वारा तरह का जधम हआ;
25और तरह क जधम क पश्चात नाहोर एक सौ उन्नीस िर्ष और जीत्तित
रहा, और उसक और भी बि बत्तिया उत्पन्न हईं। 26जब तक तरह सिर
िर्ष का हआ, तब तक उसक द्वारा अब्राम और नाहोर और हारान उत्पन्न
हए।
एक अनय प्रमख विावली को प्रस्तत दकया गया ह। ध्यान िन योग्य बात
यह ह दक यह वि िम का विज ह और यीि मसीह का वि ह। इस दविष
रूप स लका 3:34-38 म लका द्वारा िी गई मसीह की विावली म उद्त
दकया गया ह। (ध्यान िनवाली बात यह ह दक लका 3:36 म अपथक्षि और
िेलह के बीच एक ‘केनान’ को रखा गया है। उत्पदि 11 या बाइबल की
दकसी अनय वेंिावली मेें उसका कोई उल्लेख नहीें दकया गया है।) इसके
अदतररि, लका द्वारा िी गई विावली दबककल वसी ही ह जसी यहा ह।
पारपररक रूप स माना जाता
का आिीवाि नही दमला। लका क दववरर् म बार-बार िोहराया जाने वाला
िब्ि पत्र लख म नही ह, लदकन कई अनवािको द्वारा उस रखा गया ह, सजसस दपता पत्र क अलावा अनय सबिो को समादहत दकया जा सक।
दवस्तत दववरर् क सलए फ्लोयड जोनस की पस्तक िोनोलॉजीऑफ़िी
ओकडटेस्टामेेंट को िेखेें।
उत्पदि 11 की वेंिावली 12:1 मेें दिए गए िेम के वेंिजोें को अब्राम तक
ल जाती ह। कवल उनह ििाया गया ह जो यीि मसीह की सीिी विावली
मेें आते हैें। इस प्रकार पदवत्रिास्त्र मानव इदतहास पर लगाए गए अपने
ध्यान को हमार प्रभ क पवजो तक सीदमत कर िता ह। यह ध्यान को
केेंदद्रत करता है और दिर अध्याय 12 मेें और उसके बाि अब्राहम के
जीवन और उसक विजो का अनसरर् करता ह।
इस वेंिावली का साराेंि इस प्रकार है :
शम जल-प्रलय के बाि िो वषथ तक जीदवत रहा और उससे अपथक्षि का
जनम हआ। (2 वष बाि)
इसके बाि वह 500 वषथ और जीदवत रहा।
अपिि स 35 वष की आय म िलह का जनम हआ। (35 वष बाि)
वह 403 वषथ और जीदवत रहा।
शलह स 30 वष की आय म एबर का जनम हआ। (30 वष बाि)
वह 403 वषथ और जीदवत रहा।
एबर स 34 वष की आय म पलग का जनम हआ। (34 वष बाि)
वह 430 वषथ और जीदवत रहा।
पलग स 30 वष की आय म रू का जनम हआ। (30 वष बाि)
वह 209 वषथ और जीदवत रहा।
रू स 32 वष की आय म सरूग का जनम हआ। (32 वष बाि)
वह और 207 वषथ जीदवत रहा।
सरूग स 30 वष की आय म नाहोर का जनम हआ। (30 वष बाि)
वह 200 वषथ और जीदवत रहा।
नाहोर स 29 वष की आय म तरह का जनम हआ। (29 वष बाि)
वह 119 वषथ और जीदवत रहा।
तरह स 70 वष की आय म अब्राम, नाहोर और हारान का जनम हआ। (70 वषथ बाि)
तरह की मत्य 205 वष (11:32) की आय म हई।
समय-रेखा को जोड़ने पर जल-प्रलय की समादप्त से लेकर तेरह के पहले
पत्र क जनम तक 292 वष होत ह। (हम इस िारर्ा को स्पि रूप स खाररज
करत ह दक समय क िम म कछ अतराल ह सजनका उल्लख नही दकया
गया है। अपथक्षि, केनान, िेलह क दवषय म ऊपर िी गई दट्पसर्या िख।)
अथथ यह हो सकता है दक अब्राम, नाहोर और हारान तीन भाई थ। परत जब
अब्राम हारान स दनकला तो वह 75 वष का था (12:4)। तरह की मत्य
205 वष की आय (11:32) म हई। अतः यह सभव ह दक हारान का जनम
तब हआ जब उसका दपता 70 वष का था और अब्राम का जनम तब हआ
जब वह 130 वषथ का था।
11:27-30 तरह की िशािली यह ह। तरह स अब्राम, नाहोर और हारान
का जधम हआ; और हारान स लत का जधम हआ। 28 हारान अपन त्तपता
क सामन ही कसत्तियो क ऊर नामक नगर म, जो उसकी जधमभूत्तम थी, मर
गया। 29 अब्राम और नाहोर िोनो न त्तििाह त्तकया। अब्राम की पत्नी का
नाम सार और नाहोर की पत्नी का नाम त्तमल्का था। यह उस हारान की
बिी थी, जो त्तमल्का और त्तयस्का िोनो का त्तपता था। ईश्वरीय इदतहास का
ध्यान अब अब्राहम के पररवार तक सीदमत हो गया है। “हारान अपने दपता
के सामने ही कसदियोें के ऊर नामक नगर मेें, जो उसकी जनमभदम थी, मर
गया।” हालादक उसस पहल उसका लत नाम का एक बटा था। अब्राम
और नाहोर (यह पि 22-25 वाला नाहोर नहीें है) ने भी दववाह दकया।
अब्राम
ििाथया गया है, सारा क 90 वष की आय तक कोई सतान नही हई।
11:31-32 तरह अपन पुत्र अब्राम, और अपन पोत लत, जो हारान का पुत्र
था, और अपनी बह सार, जो उसक पत्र अब्राम की पत्नी थी, इन सभो को
लकर कसत्तियो क ऊर नगर स त्तनकल कनान िश जान को चला; पर हारान
नामक िश म पहचकर िही रहन लगा। अब्राम की जनमभदम कसदियो का
ऊर थी, जो िरात निी क महान क पास का क्षत्र था जहा यह िारस की
खाड़ी म दमलती ह। यह एक मदतपजक क्षत्र था। इस बात क प्रमार् मौजि
ह दक वहा क दनवासी चद्रमा की पजा करत थ। यहोि 24:2 स यह स्पि
प्रतीत होता है दक तेरह और, िायि अपने प्रारेंदभक वषों मेें, अब्राम तथा
नाहोर मदतपजक थ।
उत्पदि के दववरर् से केवल यह सेंकेत दमलता है दक तेरह ने अब्राम, सारा
और लत सदहत अपन छोट स कल को सलया, और कसदियोें के ऊर से
प्रस्थान करक कनान की ओर यात्रा िरू की। हालादक, इब्रादनयोें 11:8 से
यह सेंकेत दमलता है दक यह अब्राम के सलए परमेश्वर की बलाहट थी
सजसन पररवार को यात्रा िरू करन क सलए प्रररत दकया। इस बात क
कारर् अज्ञात हैें दक कयोें वे हारान तक आकर रुक गए जो वतथमान के
सीररया म ह। यह हो सकता ह दक इस स्थान का नाम तरह न अपन मत
पत्र हारान क सम्मान म रखा हो। दिर, इसके भी करर् अज्ञात हैें दक कयोें
वे वहीें रहन लग। कब तक, हमेें नहीें बताया गया है?
32 जब तरह िो सौ पाच िर्ष का हआ; तब िह हारान िश म मर गया।
हारान मेें, अब्राम क दपता तरह की 205 वष की आय म मत्य हो
उत्पत्ति12कासलिप्तत्तििरण: उत्पदिकाबारहवााँअध्यायअब्राहमक े
सलएपरमेश्वरकीब ुलाहटऔरअब्राहमक े साथपरमेश्वरकीवाचाके
बाेंिेजानेसेसेंबेंसितहै।यहअब्राहमकीकनानकीओरयात्राऔरउसके
बािके दवश्वासकीकमीकीकहानीकोििाथताहै।इसअध्यायमेेंये
खेंडिादमलहैें:(1)पि1-3मेेंआिीषकीप्रदतज्ञाके साथअब्रामकी
ब ुलाहट।(2) पि 4-5मेेंअब्रामकाहारानसेप्रस्थान।(3)पि6-9मेें अब्रामकाकनानसेहोकरयात्राकरनाऔरउसिेिमेेंपरमेश्वर की
आरािनाकरना।और,(4)पि10-20मेेंअब्रामकाअकालपड़नेके
कारर्दमस्रकोजानाजहााँउसनेअपनीपत्नीकोअपनीबहनबतानेका झ ू ठबोला।
12:1 यहोिा न अब्राम स कहा, अपन िश, और अपन किष्म्बयो, और
अपन त्तपता क घर को छोडकर उस िश म चला जा जो म तझ त्तिखाऊगा।
इब्रानी भाषा मेें अब्राम नाम का िास्ब्िक अथथ है ‘मदहमास्नवत दपता’। यह
उसके बाि के नाम, अब्राहम (‘बहत लोगो क दपता’) स पहल का नाम था।
यह ध्यान िन योग्य ह दक कछ अनवािो म ऐसा सलखा ह, “यहोवा ने
अब्राम से कहा था।” कहन का अथ यह ह दक सामान बािकर दनकल
पड़ने का आिेि तब दिया गया था जब वह कसदियोें के ऊर मेें रह रहा
था। प्रेररतोें के काम 7:2 की प्रेरर्ा-प्राप्त दट्पर्ी यह स्पि करती है दक
“हमारा दपता अब्राहम हारान मेें बसने से पहले जब मेसोपोटादमया मेें था;
तो तेजोमय परमेश्वर ने उसे ििथन दिया।” अब्राम और उसका पररवार
हारान मेें रुककर कयोें रहनेलगे , इसे स्पि नहीें दकया गया है।
यह िरात घाटी और दफ़सलस्तीन के बीच यात्रा के सामानय मागथ पर था।
यह िायि एक आकषथक जगह रही होगी और उनहोेंने वहीें रुकने और रहने
का िैसला दकया। यदि ऐसा है,
(प्रेररतोें 7:4 इस बात की ओर सेंकेत करता प्रतीत होता है।) पि 11:31 मेें
यह भी ध्यान िन योग्य ह दक “तरह अपन पत्र अब्राम... को लकर... हारान
नामक िि म पहचकर वही रहन लगा।” जसा भी हो, अब्राहम को उसकी
मल बलाहट मसोपोटादमया म प्राप्त हई थी, जो कसदियोें के ऊर मेें था।
वहा परमेश्वर ने उस से कहा था, अपन िश, और अपन किष्म्बयो, और
अपन त्तपता क घर को छोडकर उस िश म चला जा जो म तझ त्तिखाऊगा।
इब्रादनयोें 11:8 प्रेरर्ा-प्राप्त अतिदि को जोड़ता ह। वहा हम पढ़त ह दक
कैसे “दवश्वास ही स अब्राहम जब बलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी
जगह दनकल गया सजसे मीरास मेें लेनेवाला था; और यह न जानता था दक
म दकिर जाता ह, तौभी दनकल गया।” यहा यह ििाया गया प्रतीत होता
है दक अब्राहम को नहीें पता था दक परमेश्वर उसे कहा ाँ ले जा रहा था।
उसन बस आज्ञा मानी और चला गया। अतः यहा यह अथ हो सकता है दक
कछ समय तक हारान म रहन क बाि परमेश्वर ने उसे दिर से आगे बढ़ने
के सलए प्रेररत दकया। पि 4 मेें ऐसा ििाथया गया प्रतीत होता है।
12:2 और म तझ स एक बडी जात्तत बनाऊगा, और तझ आशीर्ष िगा, और
तरा नाम महान करूगा, और तू आशीर्ष का मूल होगा। परमेश्वर ने अब्राहम
को न कवल बलाया, बस्कक उसक साथ एक वाचा भी बािी। यह स्पि
नही ह दक वाचा का सार अब्राहम को मल रूप स कसदियो क ऊर म या
हारान मेें बताया गया था, हालादक पि 4 के सेंिभथ से यह प्रतीत होता है दक
वाचा हारान म बािी गई थी। प्रररतो क काम 7:4-5 इस सेंभावना पर बल
िता ह दक वाचा हारान म या उसक बाि बािी गई थी।
वाचा (प्रदतज्ञा) का सार यह था दक परमेश्वर उससे एक बड़ी जादत
बनाएगा, “और तझ आिीष िगा, और तरा नाम महान करूगा, और त
आिीष का मल होगा।” अब्राहम स बािी गई परमेश्वर की प्रदतज्ञा की
दकए जानेवाले उपकार के दवषय को इस रीदत से समझ लेते हैें जैसा
पदवत्रिास्त्र नही ससखाता। यदि वाचा हारान म आन स पहल नही बािी
गई थी, जैसा दक पि 4 से सेंकेत दमलता है, तो अब्राहम ने पहले ही हारान
तक आने मेें परमेश्वर के प्रदत आज्ञाकाररता और दवश्वास को प्रकट दकया
था। अतः अब्राहम क साथ अपनी वाचा बािन म परमेश्वर के पास उसके
आस्त्मक व्यवहार का कछ आिार था। इब्रादनयो 11:8 अब्राहम क
दवश्वास और आज्ञाकाररता पर जोर िेता है, जो उसके हारान से दनकलने
के समय स्पि है।
अब्राहम क साथ वाचा का आरदभक उल्लख चार भागो म था। (1) “म तझ
स एक बड़ी जादत बनाऊगा।” समय क साथ परमेश्वर ने दनसित रूप से
इस्राएल मेें अब्राहम के वेंिजोें की एक बड़ी जादत बनाई (अनय दवदभन्न
अरब जादतयोें की दबना दगने ही जो अपनी वेंिावली को उससे जोड़ते हैें)।
एक समय ऐसा था जब िाऊि और सलमान क अिीन इस्राएल सभ्य मध्य-
पवी ससार का एक प्रमख राष्र था। एक दिन जब इस्राएल का सबस महान
पत्र वापस आएगा, तो यह पर ससार की राजिानी होगा। (2) “और तझ
आिीष िगा।” परमेश्वर न वास्तव म अब्राहम को उसक पर जीवन भर
आिीष िी। हालादक उसका बाि का जीवन वास्तव मेें महान दवश्वास
और आज्ञाकाररता को प्रकट करना जारी रखेगा, दिर भी जैसा दक अब्राहम
के सेवक ने बाि मेें 24:35 मेें सलखा, “यहोवा ने मेरे स्वामी को बड़ी आिीष
िी ह।” (3) “और तरा नाम महान करूगा” अब्राहम का नाम दनसित रूप
स महान हआ। उस आज तक न कवल यहिी लोगो का, बस्कक कछ अरब
लोगो का भी कलदपता माना जाता ह। इसक अलावा, आज भी लोग अपने
बटो का नाम अब्राहम क नाम पर रखत ह। (4) “और त आिीष का मल होगा।” सचमच, मसीह की वेंिावली अब्राहम से होकर दनकली। पदवत्रिास्त्र
उन आिीषो म पौलस द्वारा इदिससयो 1:3 और आग क पिो म पाई
जानेवाली आिीषेें भी िादमल हैें।
12:3 जो तझ आशीिाि ि, उधह म आशीर्ष िगा; और जो तझ कोस, उस म शाप िगा; और भमण्डल क सार कल तर द्वारा आशीर्ष पाएग। यही नहीें, परमेश्वर न आग कहा दक “जो तझ आिीवाि ि, उनह म आिीष िगा; और जो तझ कोस, उस म िाप िगा।” परमेश्वर ने अब्राहम के समय मेें
इस परा दकया और वह प्रदतज्ञा आज तक कायम ह। आिदनक इदतहास म
सजन राष्रो न यहदियो और इस्राएल राज्य की मिि की ह, उनहेें परमेश्वर
न आिीदषत दकया ह। सयि राज्य अमररका न 1948 म स्वतत्रता की
घोषर्ा के चौबीस घेंटोें के भीतर औपचाररक रूप से इस्राएल राज्य को
मानयता िी थी। तब से, अमररका न इस्राएल को बहत सहायता-रासि प्रिान
की ह और यद् क समयो म उसकी मिि की ह। इस िि को दमली आिीष
का एक कारर् अब्राहम से की गई परमेश्वर की प्रदतज्ञा का परा होना ह।
यह प्रदतज्ञा आज भी लाग ह।
इसी प्रकार, वाचा का िाप आज भी लाग ह। इदतहास म सजन राष्रो न
यहिी लोगो या इस्राएल राष्र पर अत्याचार दकया ह, उनहेें परमेश्वर द्वारा
िादपत दकया गया ह। प्राचीन दमस्र न इस्राएल पर बहत अत्याचार दकया।
तब से लेकर आज तक वे तीसरे और चौथे िजे के गरीब िेि रहे हैें।
बबीलोन न यहदियो पर अत्याचार दकया और व आज कहा ह? यनान न
इस्राएल पर कड़ा प्रहार दकया और वे तब से एक गरीब, दपछड़ा हआ राष्र
बन हए ह। रोम न यहिी लोगो और यहिी राज्य क बच हए लोगो पर बड़ा
अत्याचार दकया। िखो रोम का कया हआ। आिदनक इदतहास म िख तो
नाजी जमनी या सद्दाम हसन क साथ कया हआ था। परमेश्वर अपनी प्रदतज्ञा
परी करता ह। अब्राहम
आया। हमारा उद्ार और उसकी सारी आिीषेें मसीह से होकर अब्राहम
तक आसानी से िेसख जा सकती हैें। वह न केवल परमेश्वर का दमत्र बना, बस्कक दवश्वास का दपता भी बना। सचमच, हम प्रत्येक िेि के
अनयजादतयोें के रूप मेें अब्राहम के दवश्वास, उसकी आज्ञाकाररता और
उसक वि क द्वारा आज तक आिीदषत हए ह। गलादतयो 3:7-9 िेखेें। पि
22:18 भी िेखेें।
12:4 यहोिा क इस िचन क अनसार अब्राम चला, और लत भी उसक
सग चला; और जब अब्राम हारान िश स त्तनकला उस समय िह पचहिर
िर्ष का था। इसके अथथ इस प्रकार हैें : (1) हारान मेें परमेश्वर द्वारा अब्राहम
को वाचा का दववरर् यदि पहली बार नहीें भी बताया गया था, तो कम से
कम उस िोहराया गया था। (2) अब्राहम “यहोवा क इस वचन क अनसार”
दिर स सपर् आज्ञाकाररता क साथ चला। (3) चाह यहा दवश्वास स्पि
रूप से प्रकट न होता हो, दिर भी परमेश्वर की बात मानकर चल पड़ने मेें
उसका दवश्वास अेंतदनथदहत अवश्य है। (4) वास्तव मेें परमेश्वर ने अब्राहम
स हारान म िसरी बार बात की होगी, पहली बार तब जब वह
मेसोपोटादमया मेें था।
उसन अपन भतीज लत को अपन साथ सलया। जब वह हारान स दनकला
तब वह पचहिर वषथ का था। स्पि है दक यही वह समय था जब वाचा के
अनसार एक बड़ वि की प्रदतज्ञा की गई थी।
12:5 इस प्रकार अब्राम अपनी पत्नी सार, और अपन भतीज लत को, और
जो िन उधहोन इकट्ठा त्तकया था, और जो प्राणी उधहोन हारान म प्राप्त त्तकए
थ, सब को लकर कनान िश म जान को त्तनकल चला; और ि कनान िश
म आ गए। हारान से प्रस्थान करते समय,
और साथ ही उनके द्वारा इकट्ठे दकए गए सेवकोें से भी हो सकता है। उत्पदि
14:14 म सलखा ह दक अब्राहम क पास उस समय तक 318 परुष सवक
हो गए थे। यह अपने आप मेें एक सेंकेत है दक परमेश्वर न उस बहतायत
स आिीष िी थी (यहा तक दक उसक साथ अपनी वाचा बाि हए अभी
कछ ही समय हआ था)।
वह “सब को लेकर कनान िेि मेें जाने को दनकल चला।” इब्रादनयोें 11:8
म कहा गया ह दक अब्राहम को नही पता था दक वह कहा जा रहा ह, हालादक उत्पदि 11:31 (और साथ ही यहा) स्पि करता ह दक उस कनान
जाने की आज्ञा िी गई थी। हो सकता है दक अब्राहम को पता हो दक वह
कनान क्षेत्र की ओर जा रहा है, लेदकन उसे यह नहीें पता होगा दक कनान
म कहा। यहा दिखनवाला िोहराव ििाता ह दक (1) वह “कनान िि म
जाने को दनकल चला” और (2) “वे कनान िेि मेें आ गए।” वह कदठन
यात्रा पर दनकला और पहच भी गया। इस बार वह दकसी भी कारर् भटका
नहीें।
12:6 उस िश क बीच स जात हए अब्राम शकम म, जहा मोर का बाज
िि ह, पहचा। उस समय उस िश म कनानी लोग रहत थ। उिर से
दफ़सलस्तीन म प्रवि करत हए, अब्राहम ने िसक्षर् की ओर िकेम मेें, “जहा
मोर का बाज वक्ष ह,” यात्रा की। िकेम को नए दनयम के समय मेें िायि
इसे ‘ससकार’ कहा जाता था। यह उसी क्षत्र म ह जहा सामररया बाि म
दफ़सलस्तीन की लेंबाई के लगभग आिे रास्ते पर होगा। “उस समय उस
िेि मेें कनानी लोग रहते थे।” इस समय तक कनान के वेंिज इस क्षेत्र मेें
बस गए थ और अगल पाच सौ वषों तक वही रहग, जब यहोि क नतत्व
मेें इस्राएल उनहेें खिेड़ िेगा।
12:7 तब यहोिा न अब्राम को िशन
को कैसे प्रकट दकया था, इसे सटीक रूप से नहीें बताया गया है। हालादक
ऐसा ििाथया नहीें गया है, दिर भी स्पि है दक िेकेम मेें अब्राहम के सामने
यहोवा परमेश्वर की उपस्स्थदत ‘ईश्वर-ििन’ अथात परमेश्वर के मानव
रूप म प्रकट होन क रूप म थी। वहा परमेश्वर ने दफ़सलस्तीन िेि के सेंबेंि
म अब्राहम स और असिक प्रदतज्ञा की। “यह िि म तर वि को िगा।”
वह प्रदतज्ञा कभी रद्द नहीें की गई! परमेश्वर ने अब्राहम के वेंि को वह िेि
दिया और वह प्रदतज्ञा आज तक बनी हई ह।
आिदनक इस्राएल िि स सबसित दववाि मख्य रूप स इस बात पर ह दक
उस िेि पर दकसका असिकार है : यहदियो का या दफ़सलस्तीदनयोें का।
अब्राहम द्वारा “यहोवा की विी” बनान का पहला उल्लख यहा ह। हो सकता
है उसने पहले भी ऐसा दकया हो। पर ऐसा कोई दववरर् नहीें है। अेंतदनथदहत
यह है दक ऐसा करने के द्वारा अब्राहम ने इस वेिी पर यहोवा की आरािना
की। ऐसा हो सकता है दक जब परमेश्वर ने उसके समक्ष िेि को िेने की
प्रदतज्ञा की, तो उसन िनयवाि ित हए बिल म यहोवा की आरािना करन
के सलए एक वेिी बनाई।
12:8 त्तिर िहा स आग बढ कर िह उस पहाड पर आया, जो बतल क
पि की ओर ह, और अपना तम्ब उस स्थान म खडा त्तकया लजसक पष्श्चम
की ओर तो बतल और पि की ओर ऐ ह। िहा भी उसन यहोिा क ललय
एक ििी बनाई और यहोिा स प्राथना की। इसके बाि, अब्राहम न जाने
कयोें िसक्षर् की ओर चला गया और बतल (पसिम की ओर) तथा ऐ (पव
की ओर) क बीच पहाड़ पर अपना तब लगाया। वहा, “उसने यहोवा के
सलये एक वेिी बनाई और यहोवा से प्राथथना की।” दिर से, अब्राहम ने
औपचाररक रूप से यहोवा परमेश्वर की आरािना की, िायि और िया पाने की प्राथथना करने तथा पहले से प्राप्त आिीषोें
12:9 और अब्राम आग बढ करक िष्क्खन िश की ओर चला गया। वह
िसक्षर् की ओर बढ़ता रहा, िायि उस िि की खोजबीन करत हए सजसकी प्रदतज्ञा परमेश्वर ने की थी। इस बार वह िायि हेब्रोन तक चला गया होगा।
12:10-13 उस िश म अकाल पडा : इसललय अब्राम त्तमस्र िश को चला
गया त्तक िहा परिशी होकर रह–क्योत्तक िश म भयकर अकाल पडा था।
अध्याय का िेष भाग, हालादक ऐदतहाससक रूप से सटीक है, परत इसम
मसीही जीवन के रूपक भी पाए जाते हैें। मसीही जीवन कभी आसान नहीें होता। और ऐसा हआ भी, परमेश्वर द्वारा अब्राहम स अपनी वाचा बािन
और प्रदतज्ञा करने तथा उसे आिीष िेने के बाि भी परमेश्वर न प्रदतकल
पररस्स्थदतयोें को उसके जीवन मेें आने दिया। उस िेि मेें भयेंकर अकाल
पड़ गया। पिओ को चरानवाल क रूप म, यह एक कदठन समय था।
अब्राहम को डर लगा दक वह अपनी इकट्ठी की गई सेंपदि को खो िेगा।
परमेश्वर की प्रदतज्ञा क बावजि, उसन (अपन िदिकोर् स) एक
वास्तदवक सेंकट का सामना दकया। इससलए उसने समस्या से भागने का
दवककप चना। इसस वह और भी बड़ी मसीबत म िस गया, जैसा दक आम
तौर पर भागने से होता है।
11 त्तिर ऐसा हआ त्तक त्तमस्र क त्तनकि पहचकर, उसन अपनी पत्नी सार स
कहा, सुन, मझ मालम ह त्तक त एक सधिर स्त्री ह; 12और जब त्तमस्री तझ
िखग तब कहग, यह उसकी पत्नी ह, इसललय ि मझ को तो मार डालग, पर तझ को जीती रख लग। 13अत: यह कहना, म उसकी बत्तहन ह, लजसस
तर कारण मरा कल्याण हो, और मरा प्राण तर कारण बच। हालादक उसकी
पत्नी सारा पहले से ही पैेंसठ वषथ से असिक की थी, दिर भी वह एक
आकषथक मदहला थी। जैसे ही उनहोेंने दमस्र मेें
व करन पर सहमत हए थ वह तकनीकी रूप स सत्य था, दिर भी यह
कपटपर् था। अब्राहम अपन सलए एक गड्ढ़ा खोि रहा था।
12:14-16 त्तिर ऐसा हआ त्तक जब अब्राम त्तमस्र म आया, तब त्तमलस्रयो न
उसकी पत्नी को िखा त्तक िह अत्तत सधिर ह। 15और त्त़िरौन क हात्तकमो
न उसको िखकर त्त़िरौन क सामन उसकी प्रशसा की; इसललय िह स्त्री
त्त़िरौन क घर म पहचाई गई। 16और त्त़िरौन न उसक कारण अब्राम की
भलाई की; और उसको भड–बकरी, गाय–बल, िास–िालसया, गिह–
गित्तहया, और ऊि त्तमल। अब्राहम को सजस बात का डर था वही हआ।
सारा को अब्राहम के पास से त्त़िरौन क घर पहचाया गया। उसन अब्राहम
के साथ अच्छा व्यवहार दकया सजसे उसने उसका भाई समझा था। अब्राहम
की सेंपदि और उसके घराने के आकार का दववरर् आगे दिया गया है।
12:17 परधत यहोिा न त्त़िरौन और उसक घरान पर, अब्राम की पत्नी सार
क कारण बडी बडी त्तिपत्तिया डाली। त्तिपत्तिया डाली क रूप म अनदित
िब्ि (नागा) का सबस बदनयािी अथ ‘स्पि’ ह। त्तिपत्तिया के रूप मेें
अनदित िब्ि (नेगा) का अथथ अनय बातोें के साथ-साथ ‘घाव’ भी हो सकता
है। इसका अथथ यह हो सकता है दक परमेश्वर ने दफ़रौन के घराने पर
पीड़ािायक घाव भेजे होें।
12:18-20 तब त्त़िरौन न अब्राम को बलिाकर कहा, त न मर साथ यह
क्या त्तकया? त न मझ क्यो नही बताया त्तक िह तरी पत्नी ह? 19 त न क्यो
कहा त्तक िह तरी बत्तहन ह? म न उस अपनी ही पत्नी बनान क ललय ललया;
परधत अब अपनी पत्नी को लकर यहा स चला जा। 20 और त्त़िरौन न
अपन आित्तमयो को उसक त्तिर्षय म आज्ञा िी और उधहोन उसको और
उसकी पत्नी को, सब सम्पत्ति सत्तहत जो उसकी
अब्राहम को उस गमराह करन क कारर् डाटा। िायि परमेश्वर की ओर
से आई दवपदि ने उसे अचानक सतकथ होने के सलए प्रेररत दकया। इससलए
दफ़रौन ने उनहेें उन सब चीजोें के साथ भेज दिया जो उनकी थीें। परमेश्वर
न न कवल अब्राहम और उसक ववादहक सबि को सरसक्षत रखा, बस्कक
उसने सारा को भी अपदवत्र होने से रोका और इस प्रकार मसीह के वेंि को
बनाए रखा। *****
उत्पत्ति 13 का सलिप्त त्तििरण : अब्रामकीआरेंदभक‘सेवा’काऔर
असिकवर्थनदकयागयाहै , दविेषरूपसे(1)पि1-4मेेंप्रदतज्ञाके िेि
मेेंउसकीवापसीका;(2)पि5-13मेल ू तस े उसक े अलगहोनेका;और
(3)पि14-18मेेंपरमेश्वरद्वाराअब्रामके साथअपनीवाचाकीदिरसे
प ु दिकरनेका।
13:1-4 तब अब्राम अपनी पत्नी और अपनी सारी सम्पत्ति लकर, लूत को
भी सग ललय हए, त्तमस्र को छोडकर कनान क िष्क्खन िश म आया। दमस्र
से दनकाले जाने पर, अब्राम िष्क्खन िश म दफ़सलस्तीन को लौट आया।
यहा दवचार उस िि क िसक्षर्ी भाग का ह। अब्राम पर परमेश्वर की
आिीष की िरुआत स्पि दिखाई ि रही थी।
2 अब्राम भड–बकरी, गाय–बल, और सोन–रूप का बडा िनी था। हालादक
परमेश्वर न उन लोगो को समद् करन की प्रदतज्ञा नही की ह जो दवश्वास
से उसकी आज्ञा मानते हैें, दिर भी उसने उनहेें आिीष िेने की प्रदतज्ञा की है। अब्राम के दवषय मेें, परमेश्वर ने िोनोें काम दकए। 3 त्तिर िह िष्क्खन िश स
है ‘परमेश्वर का घर।’ हालादक अब्राम का दवश्वास डगमगा गया था, और
वह सेंसार (दमस्र, जैसा दक वह था) की ओर लौट गया था, परत वह अब
परमेश्वर के घर लौट आया है। उसके सेंगदत मेें लौट आने की आस्त्मक
तस्वीर दबककल स्पि ह। “पहल” का उल्लख कवल उस आरदभक स्थान
की याि दिलाता ह जहा अब्राम न पहली बार कनान पहचन पर परमेश्वर
की आरािना की थी।
वह उस स्थान को लौटा 4 जो उस ििी का ह, लजस उसन पहल बनाई थी;
और िहा अब्राम न त्तिर यहोिा स प्राथना की। यह नहीें सोचा जाना चादहए
दक जब से अब्राम बेतेल से दनकला, तब से लेकर उसके लौटने तक उस
न प्राथना नही की होगी। बस्कक अथ यहा यह ह दक उस स्थान पर लौटन
पर जहा उसन एक बार परमेश्वर की सेवा की थी, वहीें उसने दविेष रूप
से, खल तौर पर और सावजदनक रूप स प्राथना की, और परमेश्वर को
उसकी आिीष और छटकार क सलए िनयवाि दिया।
13:5-7 लत क पास भी, जो अब्राम क साथ चलता था, भड–बकरी, गाय–
बल, और तम्ब थ। इस िौरान, न कवल अब्राम िनी हआ, बस्कक लत भी
िनी हआ। अब तक उसक पास भड–बकरी, गाय–बल, और तम्बू थ। लत
एक यवा, और समद् पिपालक बन गया था।
6 इसललय उस िश म उन िोनो क ललए पयाप्त स्थान न था त्तक ि इकट्ठ
रह : क्योत्तक उनक पास बहत िन था इसललय ि इकट्ठ न रह सक। बेतेल
क आसपास का चरन योग्य क्षत्र अब्राम और लत िोनो क जानवरो को
पालन क सलए पयाप्त नही था। इसक कारर् लत और अब्राम द्वारा दनयि
चरवाहो क
रूप से कनादनयोें का ही एक उप-भाग थे) के पास भी उस क्षेत्र मेें जानवर
थे। इससलए, न तो लत और न ही अब्राम अपनी इच्छा स आग िल सकत
थे।
13:8-9 तब अब्राम लत स कहन लगा, मर और तर बीच, और मर और तर
चरिाहो क बीच म झगडा न होन पाए; क्योत्तक हम लोग भाई–बधि ह।
अब्राम का उिार, दनस्वाथथ और परोपकारी स्वभाव स्पि है। अपने
‘असिकारोें’ की माेंग करने मेें आग मेें घी डालने के बजाय, अब्राम ने
दवनम्रतापवक आग बढ़न की पिकि की। उनक भाई–बनि होन का
उसका उल्लख ‘सबिी’ क व्यापक अथ म ह। लत अब्राम क भाई का बटा
था। इस अथथ मेें, वे वास्तव मेें भाई–बनि थ। अब्राम न अपन भाई क पत्र
को अपन भाई क स्थान पर िखा। अब्राम न लत स कहा दक वह पहल चन
दक उसे कौनसा क्षेत्र चादहए।
9 क्या सारा िश तर सामन नही? इसललय मझ स अलग हो जा; यत्ति तू बाईं ओर जाए तो म िात्तहनी ओर जाऊगा; और यत्ति तू िात्तहनी ओर जाए, तो म बाईं ओर जाऊगा। न कवल अब्राम की ियालता स्पि ह, बस्कक
उसकी दनस्वाथथ पररपकवता भी प्रकट हो रही है। स्वयें को पहले स्थान पर
रखकर उसे जो भी आसथथक लाभ दमल सकता था, वह उसके पाररवाररक
ररश्त म आन वाल तनाव और परिानी क सामन कछ नही था। आज भी
हम इससे सीख ले सकते हैें।
13:10 तब लत न आख उठाकर, यरिन निी क पास िाली सारी तराई को
िखा त्तक िह सब लसची हई ह। जब तक यहोिा न सिोम और अमोरा को
नि न त्तकया था, तब तक सोअर क माग तक िह तराई यहोिा की
िात्तिका, और त्तमस्र िश क समान उपजाऊ थी। जब लत और अब्राम उस
स्थान पर खड़ थ सजस बाि म बतल क
सिोम और अमोरा क दवनाि स पहल मत सागर क िसक्षर्ी तटीय क्षत्र भी
हरे-भर थ। यहा अथ यह लगता ह दक सिोम और अमोरा क दवरुद् िड
आने के बाि, परमेश्वर न इस क्षत्र को सखा बना दिया जसा दक यह आज
तक है। सोअर मत सागर क िसक्षर्ी तट क आसपास क क्षत्र और सिोम
और अमोरा के आस-पास क समिाय क पाच िहरो म स एक था। िायि
लत पहल भी अपन मवसियो क उत्पाि बचन क सलए वहा गया था। उसन
न केवल अच्छी ससेंचाईवाले मैिानोें मेें, बस्कक आकषथक बाजारोें के करीब
होन म भी व्यापार की सभावनाओ को महसस दकया।
13:11 इसललय लत अपन ललय यरिन की सारी तराई को चन क पि की
ओर चला, और ि एक िसर स अलग हो गए। लत न ऐसी बड़ी गलदतया
कीें जो लोग आज तक करते हैें। उसने आसथथक बातोें के आिार पर जीवन
बिलनेवाले दनर्थय सलए और उसके आस्त्मक अथों को नजरअेंिाज कर
दिया। उसने असिक पैसा कमाने के सलए एक बड़ा किम उठाया, लेदकन
इस बारे मेें नहीें सोचा दक इसका आस्त्मक रूप से उस पर कया प्रभाव
पड़ेगा, उसने पररवार के बारे मेें तो सोचा ही नहीें। हालादक वह वहा स्पि
रूप से िनी बन जाएगा, पर वह अपने पररवार को सेंसार मेें खो िेगा। यही
नहीें, वह जानबझकर अब्राम स िर चला गया जो उसका आस्त्मक गरु था।
लत जानता था दक बजग चाचा अब्राम यहोवा परमेश्वर का अनसरर् करन
म सख्त था। अब उस अपनी नई जगह म चनन की असिक आजािी होगी।
13:12-13 अब्राम कनान िश म रहा, पर लत उस तराई क नगरो म रहन
लगा; और अपना तम्ब सिोम क त्तनकि खडा त्तकया। परमेश्वर का भय
माननेवाला, वद् अब्राम कनान िि म रहता रहा, उस स्थान म जहा
परमेश्वर न उस आिीष िन की प्रदतज्ञा की थी।
पहचान स अवगत था। वह दनस्सिह उस ििता और भ्रिता स अवगत था
सजसक सलए व कख्यात थ।
ऐसा िायि इससलए हआ होगा कयोदक सिोम म व्यापार बहतर था, लेदकन
कारर् कोई भी रहा हो, लत न “अपना तम्ब सिोम क दनकट खड़ा दकया।”
अगली बार जब हम लत क बार म पढ़त ह (14:12), तो वह सिोम मेें चला
गया था।
यह कोई भेि की बात नहीें थी दक 13 सिोम क लोग यहोिा क लख म
बड िि और पापी थ। लत को दनस्सिह इसक बार म पता था।
13:14-15 जब लत अब्राम स अलग हो गया तब उसक पश्चात यहोिा न अब्राम स कहा, आख उठाकर लजस स्थान पर त ह िहा स उिर–िलिण, पि–पष्श्चम, चारो ओर िष्ि कर। इसमेें कोई िक नहीें दक अब्राम अपने
भतीज लत क दबना सोच-समझ सलए गए िसल स िखी था। अब्राम न उस
ऐसे पाला था मानो वह उसका अपना बेटा हो। इसमेें कोई सेंिेह नहीें दक
उनमेें एक ऐसा बेंिन था जो सामानय चाचा-भतीजे के ररश्तोें से कहीें ऊपर
था। अस्वीकदत क उसक इस समय मेें परमेश्वर ने आकर उसे एक
उत्साहजनक खबर िी। परमेश्वर ने अब्राम को उिर, िसक्षर्, पव और
पसिम की ओर िेखने का दनिेि दिया। सेंभवतः वह अब भी एक पहाड़
पर था, जहा उसन बतल क पास परमेश्वर के सलए अपनी वेिी बनाई थी।
उस सदविापर् स्थान स, अब्राम हर दििा मेें मीलोें तक िेख पाया।
15 क्योत्तक लजतनी भत्तम तझ त्तिखाई िती ह, उस सब को म तझ और तर
िश को यग यग क ललय िगा। ऐसा करत हए, परमेश्वर ने अब्राम के साथ
अपनी वाचा को और असिक
रही हैें, व बहत सरल ह। यहिी उस भदम को दिर स प्राप्त करना चाहत ह
जो परमेश्वर ने लगभग चार-हजार वषथ पहले अब्राम को िी थी। अरब के
लोग उस िावे को मानने को तैयार नहीें हैें। यह ध्यान िेने योग्य है दक
परमेश्वर न अब्राम क विजो को वह भदम “यग-यग क सलए” िन की
प्रदतज्ञा की थी। वह प्रदतज्ञा कभी रद्द नही हई ह।
13:16 परमेश्वर ने यह प्रदतज्ञा भी की, और म तर िश को पथ्िी की िल
क त्तकनको क समान बहत करूगा, यहा तक त्तक जो कोई पथ्िी की िल
क त्तकनको को त्तगन सकगा िही तरा िश भी त्तगन सकगा। परमेश्वर ने न
कवल अब्राम को एक भदम िन की प्रदतज्ञा की, बस्कक उस भदम म एक
बड़ वि की प्रदतज्ञा भी की। उस प्रदतज्ञा की पर्ता न कवल इस्राएल क
आने वाले वेंि मेें है, बस्कक उन सब मेें भी है जो एक दिन मसीह मेें दवश्वास
के द्वारा उसका वेंि बनेेंगे।
13:17 अतः परमेश्वर ने अब्राम को दनिेि दिया, उठ, इस िश की लम्बाई
और चौडाई म चल त्तिर, क्योत्तक म उस तझी को िगा। भदम की प्रदतज्ञा
को दिर िोहराया गया है। परमेश्वर ने वास्तव मेें कहा, “जाकर उस भदम
को िखो जो मन तम्ह िी ह।“ भदम क मासलक स ही अपक्षा की जाती ह
दक वह उस भदम की जाच कर सजस वह खरीिन जा रहा ह।
13:18 इसक पश्चात अब्राम अपना तम्ब उखाडकर, मम्र क बाज ििो क
बीच जो हब्रोन म थ, जाकर रहन लगा; और िहा भी यहोिा की एक ििी
बनाई। चाहे यह उसके िौरे का दहस्सा हो या उसके बाि, अब्राम बेतेल से
िसक्षर् की ओर चला गया और दिर स “मम्र क बाज वक्षो क बीच जो
उत्पत्ति14कासलिप्तत्तििरण:अध्याय14इनबातोकोप्रस्त ुतकरताह ै
(1)पि1-12मेअब्रामक े साथराजाओक े य ु द्साथ-साथल ू तकाबिी
बनासलयाजाना।(2)पि13-16 म े अब्रामद्वाराल ू तकोबचायाजाना।
(4)पि17-20मेेंमसलदकससिकद्वाराअब्रामकोआिीषिेना।(5)और, पि21-24म े अब्रामल ूटीगईवस्त ुओकोबचालाताहै।
14:1-12 लशनार क राजा अम्रापल, और एल्लासार क राजा अयोक, और एलाम क राजा किोलाओमर, और गोयीम क राजा त्ततिाल क त्तिनो म ऐसा
हआ, 2त्तक उधहोन सिोम क राजा बरा, और अमोरा क राजा त्तबशा, और
अिमा क राजा लशनाब, और सबोयीम क राजा शमबर, और बला जो सोअर
भी कहलाता ह, इन राजाओ क त्तिरुि यि त्तकया। 3इन पाचो न लसद्दीम
नामक तराई म, जो खार ताल क पास ह, एका त्तकया। 4बारह िर्ष तक तो
य किोलाओमर क अिीन रह; पर तरहि िर्ष म उसक त्तिरुि त्तिद्रोह
त्तकया।
5 चौिहि िर्ष म किोलाओमर और उसक सगी राजा आए, और
अशतरोत्कनम म रपाइयो को, और हाम म जलजयो को, और शाबत्तकयातम
म एत्तमयो को, 6और सईर नामक पहाड पर होररयो को मारत मारत उस
एल्पारान तक जो जगल क पास ह, पहच गए। 7िहा स ि लौिकर
एष्धमशपात को आए, जो कािश भी कहलाता ह, और अमालत्तकयो क सार
िश को और उन एमोररयो को भी जीत ललया, जो हससोधतामार म रहत थ।
8 तब सिोम, अमोरा, अिमा, सबोयीम, और बला, जो सोअर भी कहलाता
ह; इनक राजा त्तनकल और लसद्दीम नामक तराई म, उनक साथ यि क ललय
पात्तत बािी : 9अथात एलाम क राजा किोलाओमर, गोयीम क राजा
त्ततिाल, लशनार क राजा अम्रापल, और एल्लासार क राजा अयोक, इन
लाि कर चल गए। 12और अब्राम का भतीजा लत, जो सिोम म रहता था, उसको भी िन समत ि लकर चल गए।
अगले कई वषों के िौरान, लत सिोम म जाकर रहन लगा, िायि उन
राजनीदतक षड्यत्रो स बखबर जो दवकससत हो रह थ। मत सागर क
िसक्षर्ी तट पर स्स्थत नगर (सिोम, अमोरा, अिमा, सबोयीम और सोअर)
पव म किोलाओमर क नतत्व वाल राजाओ क एक सघ क अिीन थ।
हालादक यह बताया नहीें गया है, लेदकन स्पि है दक वे किोलाथओमेर को
कर िेने के सलए बाध्य थे। राज्योें के सजस गठबेंिन को बाि मेें बेबीलोन
कहा गया, बारह वषों तक उसके अिीन रहने के बाि, मत सागर क िसक्षर्ी
छोर पर स्स्थत कनानी नगरोें ने दवद्रोह कर दिया।
इससलए, राजाओें के एक गठबेंिन (सिनार {बेबीलोन} के राजा अम्रापेल , एल्लासार के राजा अयोक , एलाम के राजा किोलाथओमेर(सजसे बाि मेें
िारस कहा गया), और दतिाल(दवदभन्न राष्रोें के एक नगर-राज्य का राजा)
ने दवद्रोही नगर-राज्योें के दवरुद् युि त्तकया। य सब यद् करन क सलए
“ससद्दीम नामक तराई मेें, जो खार ताल क पास ह” इकट्ठा हए। वाकयाि
“ससद्दीम नामक तराई” का अथथ है, ‘मत सागर की तराई।’ न कवल ऊपर
बताए गए पाच नगरो पर हमला दकया गया, बस्कक क्षेत्र के अनय नगरराज्योें पर भी हमला दकया गया, जैसा दक पि 5-7 मेें बताया गया है।
इससलए, मत सागर क िसक्षर्ी तट पर स्स्थत पाच नगरो क राजा उन
असिपदतयो क साथ यद् करन क सलए दनकल पड़ सजनक दवरुद् उनहोन
दवद्रोह दकया था। उनह बहत बरी तरह स परासजत कर दिया गया। यह
ििाया गया ह दक “ससद्दीम नामक तराई म जहा लसार दमट्टी क
का उल्लख उस क्षत्र म भदम की सतह पर टार, डामर और कच्चे तेल के गड्ढोें
से है।
यह यदि काम नही आई। किोलाओमर की आिमर्कारी सनाओ न
सिोम और उसक सहयोदगयो की सनाओ को परी तरह स हरा दिया।
उनहोन अपन ित्रओ को परासजत करक चल गए। " और अब्राम का भतीजा
लत, जो सिोम मेें रहता था, उसको भी िन समत व लकर चल गए।" लत
की आकाक्षाओ पर पानी दिर गया। जो वस्त पहल सोने जैसी लग रही थी
उसमेें अब दनसित रूप से अब चमक नहीें थी।
14:13 तब एक जन जो भागकर बच त्तनकला था उसन जाकर इब्री अब्राम
को समाचार त्तिया; अब्राम तो एमोरी मम्र, जो एश्कोल और आनर का भाई
था, उसक बाज ििो क बीच म रहता था; और य लोग अब्राम क सग
िाचा बाि हए थ। एक व्यदि वहा स भाग दनकला और उसन सारी बात
अब्राम को बताई। बाइबल म िब्ि इब्रानी का पहला प्रयोग यहा दकया
गया ह। िब्ि का मल अथ यह ह ‘वह जो पार स ह।’ अथ यह ह दक
अब्राम कनादनयोें के बीच एक अजनबी और दविेिी था। इसमेें कोई सेंिेह
नहीें दक इब्रादनयोें 11:9, 13 म इसका सकत दमलता ह। वहा अब्राहम एक
“पराए िि” म रहन लगा। यहा अथ दवििी भदम का ह। उसन अनय
दवश्वाससयो क साथ “मान सलया दक हम पथ्वी पर परििी और बाहरी ह।”
सचमच यह ससार हमारा घर नही ह। हम तो बस इसम स गजर रह ह।
हालादक परमेश्वर ने अब्राहम को वह िेि िेने की प्रदतज्ञा की थी, दिर भी
वह उसम अजनबी या परििी था। वहा क कनादनयो न उस ऐस ही िखा, और उस स्वय भी उस समय क ससार म घर जसा महसस नही हआ होगा।
सचमच वह उस स्स्थर नीववाल नगर की बाट जोहता था, सजसका
रचनेवाला और बनानेवाला परमेश्वर है।। कई कनादनयोें के “अब्राम के
सग वाचा बाि हए” होन
14:14-16 यह सनकर त्तक उसका भतीजा बधिी बना ललया गया ह, अब्राम
न अपन तीन सौ अठारह लशलित, यि कौशल म त्तनपण िासो को लकर जो
उसक किम्ब म उत्पन्न हए थ, अस्त्र–शस्त्र िारण करक िान तक उनका
पीछा त्तकया। अतः अब्राम ने अपने िासोें को इकट्ठा दकया सजनकी सेंख्या
अब 318 थी, और िान तक लटर राजाओ का पीछा दकया। यहा एक बड़
साहस का प्रमार् दमलता ह। परी सभावना ह दक अब्राम क पास सख्या
कम थी। यह भी स्पि है दक परमेश्वर ने उसे उस िेि मेें आिीष िेना जारी
रखा था। यद् म जान क सलए उपयि 318 िासो का होना एक बड़ी समसद्
का सचक ह। उनका पीछा करत-करत व िान तक पहच गए जो कनान
(दिसलस्तीन) का सबसे उिरी छोर है।
15 और रात को अपन िासो क अलग–अलग िल बािकर उन पर चढाई
करक उनको मार ललया और होबा तक, जो ित्तमश्क क उिर की ओर ह, उनका पीछा त्तकया। यह महसस करत हए दक िायि उसक पास अपन ित्र
का सामना करने के सलए आवश्यक िदि नहीें है, अब्राम ने अपनी सेना
को दवभासजत दकया और रात मेें हमला दकया। स्पि है दक उसने कई
दििाओ स उन पर चढ़ाई की और अिर म उसन अपन ित्र को यह सोचन
पर मजबर करक भ्रम म डाला दक कोई बहत बड़ी िदि उन पर हमला
कर रही ह। व भाग खड़ हए। अब्राम न “उन पर चढ़ाई करके उनको मार
सलया और होबा तक, जो िदमश्क के उिर की ओर है, उनका पीछा
दकया।”
16 और िह सार िन को, और अपन भतीज लत और उसक िन को, और
ष्स्त्रयो को, और सब बष्धियो को लौिा ल आया। उसन िसक्षर् क लट गए
नगरो क सामान को वापस ल सलया और इसस भी महत्वपर् बात यह ह
दक बेंिी बना सलए
उनसे प्राप्त दकया था उसे लेकर सिोम और उसके आसपास के क्षेत्र की
ओर वापस आया। जो कछ हआ था, उसक बार म सनकर सिोम क राजा ने “िावे नामक तराई मेें, जो राजा की तराई भी कहलाती है,” उससे भेेंट की।
14:18-20 तब शालम का राजा मललत्तकलसिक, जो परमप्रिान ईश्िर का
याजक था, रोिी और िाखमि ल आया। इस बीच, एक और राजा, िालेम
का मसलदकससिक राजा भी आता है। आम तौर पर िालेम को वही माना
जाता है सजसे बाि मेें यरूिलेम कहा गया। इब्रानी भाषा मेें, इसका अथथ है
‘िाेंदत’। मसलदकससिक नाम कई सरल िब्िोें से बना है और इसका
िास्ब्िक अथथ है ‘मेरा राजा िमी है,’ या जैसा दक इब्रादनयोें 7:2 कहता है, “िादमथकता का राजा।” उसका वर्थन “परमप्रिान परमेश्वर के याजक” के
रूप मेें दकया गया है। इससलए, यहा एक व्यदि का वर्न ऐस दकया गया
है (1) िाेंदत का राजा, (2) िादमथकता का राजा, और (3) परमप्रिान
परमेश्वर के याजक। यही नहीें, इब्रादनयोें 7:3 मेें कहा गया है दक वह
“सजसका न दपता, न माता, न वेंिावली है, सजसके दिनोें का न आदि है
और न जीवन का अनत है; परनत परमेश्वर क पत्र क स्वरूप ठहर कर वह
सिा के सलये याजक बना रहता है।” स्पि रूप से मसलदकससिक कोई नश्वर
व्यदि नहीें था। इसके अदतररि, उसक िीषक की आस्त्मक दविषताए
िढ़ता स सकत िती ह दक वह वास्तव म यीि मसीह क पव-अवतार का
प्रकटीकरर् (मसीह का स्वरूप) था।
19 और उसन अब्राम को यह आशीिाि त्तिया, परमप्रिान ईश्िर की ओर स, जो आकाश और पथ्िी का अलिकारी ह, तू िधय हो। मसलदकससिक ने अब्राम को आिीवाथि दिया और उससे ििमाेंि प्राप्त दकया। उसे आिीवाि ित हए, उसने कहा
और पथ्वी का स्वामी ह। सदियो बाि सलखत हए, िाऊि असिकार के
साथ कह सका, “पथ्वी और जो कछ उस म ह यहोवा ही का ह।”
20 और िधय ह परमप्रिान ईश्िर, लजसन तर द्रोत्तहयो को तर िश म कर
त्तिया ह। तब अब्राम न उसको सब वस्तओ का ििमाि दिया। बाइबल म
ििमाि का पहला उल्लख यहा दमलता ह। यहा यह प्रतीत होता ह दक अब्राम
ने पहले से ही अपनी सेंपदि का िसवाें भाग परमेश्वर को िेना उसचत समझा
था। इस पर भी ध्यान दिया जाना चादहए दक ििमाेंि का यह पहला उल्लेख मसा की व्यवस्था म इसक उल्लख स सकड़ो वष पहल का ह। इस प्रकार, व्यवस्था दिए जान स बहत पहल ही इस स्थादपत कर दिया गया था।
14:21-24 तब सिोम क राजा न अब्राम स कहा, प्रालणयो को तो मझ ि, और िन को अपन पास रख। सिोम का राजा पकड़े गए अपने लोगोें को
वापस पाकर प्रसन्न हआ, और उसन अब्राम को लट की व वस्तए िना
चाहीें जो उसने प्राप्त की थीें।
22 अब्राम न सिोम क राजा स कहा, परमप्रिान ईश्िर यहोिा, जो आकाश
और पथ्िी का अलिकारी ह। ध्यान ि दक अग्रजी क एक अनवाि म इस
प्रकार सलखा है अब्राम ने अपना हाथ यहोवा, परमप्रिान परमेश्वर की ओर
बढ़ाया, जो स्वग और पथ्वी का असिकारी ह। उसन स्पि रूप स एक
गेंभीर िपथ के साथ परमेश्वर के सामने यह वचन दिया। एक पि मेें
परमेश्वर क परान दनयम क तीन नाम ििाए गए ह। यहोवा , “परमप्रिान” (एकयोन), और ईश्वर(एल)। यहा दत्रएकता की ओर सकत दकया गया ह।
दिर से, परमेश्वर को स्वग और पथ्वी क स्वामी क रूप म ििाया गया
है। इस सेंिभथ मेें, अथथ यह हो सकता
ललया ह और उनका भाग, जो मर साथ गए थ अथात आनर, एश्कोल, और
मम्र, म नही लौिाऊगा, ि तो अपना अपना भाग रख ल।” वास्तव मेें अब्राम
न िपथ खाई दक वह एक िागा या जत का िीता भी नहीें लेगा, ऐसा न हो
दक उस पर यह आरोप लग दक वह उसक द्वारा िनी हआ ह। बस्कक उसन
कवल यह मागा दक सजन लोगो न उसकी सहायता की थी, उनह लट का
एक भाग और साथ ही जो उनहोेंने खाया था, वह दमले। (इसमेें यह भी
दनदहत ह दक ििमाि प्रभ क पास गया।)
उत्पत्ति15कासंलिप्तत्तििरण:उत्पदिकापद्रहवााँअध्यायल ू तकोबचाने
औरमसलदकससिककीघटनाके बािआताहै।परमेश्वर नेअब्रामके
समक्षअसख्यसतानऔरिेिकीप्रदतज्ञाकोिोहरातेहुएदिरसेअपनी
वाचा कीप ु दि की।एक बात तोदनसित ह ै । कयोदक अब्राहम कीवाचा
उत्पदिके बीचके अध्यायोेंमेेंिोहराईगईहै , तोपरमेश्वरअब्रामऔर
अनयसबके समक्षस्पिकरताहैदकउससेकीगईपरमेश्वरकीप्रदतज्ञा अस्थायीनहीेंहै।
इसअध्यायमेेंदनम्नसलसखतउपखेंडिादमलहैें:(1)पि1मेेंअब्रामको परमेश्वरकाप्रोत्साहन।(2)पि2-6मेेंदवश्वासद्वाराअब्राहमकािमी
ठहरायाजाना।(3)पि7-11मेेंएकमीरासके रूपमेेंअब्राहमके सलए
भ ू दम कीप्रदतज्ञा।(4) पि 12-16 म े एक िि थ न म े वाचा कीप ु दि दकया
जाना।और,(5)पि17-21 म े एक सचह्न क े द्वारा वाचा कीप ु दि दकया
जाना।
15:1 इन बातो क पश्चात यहोिा का यह िचन िशन म अब्राम क पास पहचा : ह अब्राम, मत डर; तरी ढाल और तरा अत्यधत बडा प्रत्ततिल म ह। “इन
दकसी रीदत स नही बताया गया ह। कछ लोगो न अनमान लगाया ह दक
कया यीि मसीह न स्वय को दिस्टोिनी (मसीह क पव-िेहिारी स्वरूप)
म प्रकट दकया था। जसा भी हआ हो, परमेश्वर ने अब्राम से स्पि रूप से
बात की।
जैसा दक कई अनेकोें ईश्वरीय सेंिेिोें मेें होता है, उसने अपने सेंिेि को िाेंदत
स भर िब्िो क साथ प्रस्तत दकया, “हे अब्राम, मत डर।” तब परमेश्वर ने
दविेष रूप से अब्राम से एक बड़ी प्रदतज्ञा की। हालादक, आज के सेंिभथ मेें
कहेें तो यह प्रदतज्ञा आज परमेश्वर क लोगो पर भी लाग होती ह। “तरी
ढाल और तरा अत्यनत बड़ा प्रदतिल म ह।” परमेश्वर ने अब्राम से प्रदतज्ञा
की दक वह उसक सलए सरक्षा की एक ढाल बनगा। वह प्रदतज्ञा सामानय
रूप से परमेश्वर के लोगोें के सलए अनय जगहोें पर िोहराई गई है। भजन
3:3, 5:12, 28:7 इत्यादि िेखेें। इसके अलावा, परमेश्वर न केवल अपने
लोगोें को प्रदतिल िेता है (भजन 58:12), वह स्वयें हमारा प्रदतिल है।
इसके अलावा, वह एक “अत्यनत बड़ा प्रदतिल” है।
15:2 अब्राम न कहा, ह प्रभु यहोिा, म तो त्तनिश ह, और मर घर का िाररस
यह ित्तमश्किासी एलीएजर होगा, अत: त मझ क्या िगा? इस बात को
कछ वष बीत चक थ जब परमेश्वर ने उत्पदि 12 मेें अब्राम को एक बड़ी
जादत बनान क सबि म अपनी मल प्रदतज्ञा की थी। लत, उसका भतीजा, चला गया था और अब्राम अब अपने अस्सी वषथ के ििक मेें है और उसकी
कोई सेंतान नहीें थी। जैसा दक हम सब कभी-कभार करते हैें, अब्राम अपना
िैयथ खोने लगा और उस दवषय को अपने हाथोें मेें लेने के बारे मेें सोचने
लगा। कम से कम, यह स्पि है दक अब्राम स्स्थदत को लेकर सचेंदतत था।
जब यहोवा परमेश्वर न पि 1 स िरू हए ििन म उसस बात की, तो अब्राम
पहला स्थान है जहाें ‘अडोनाई’ का प्रयोग परमेश्वर के सेंबेंि मेें दकया गया
है (वास्तव मेें, बाइबल मेें पहली बार अडोनाईिब्ि का प्रयोग दकया गया
ह।) नए दनयम क अथ म इस िब्ि म प्रभ का भाव ह। (दनस्सिह, असिकत
सस्करर् अकसर यहोवा को प्रभ क रूप म प्रस्तत करता ह जसा दक उत्पदि
मेें पहले से ही पाया जाता है।)
कयोेंदक अब्राम की कोई सेंतान नहीें थी और उसके सेंतान होने की कोई
सेंभावना भी नहीें थी, इससलए उसने अपने घर मेें पहले से ही उपस्स्थत
दकसी को अपना उिरासिकारी बनान का दवचार दकया। यहा स्पि अथ
यह है दक अब्राम ने परमेश्वर को सझाव दिया दक िायि उसका मख्य
सेवक एलीएजेर, या (असिक सभावना ह) उसक पत्र को उिरासिकारी
बनाया जाए। दिलचस्प बात यह ह दक सजस िब्ि का अनवाि िाररस (बेन)
के रूप मेें दकया गया है, वह ‘पत्र’ क सलए सामानय इब्रानी िब्ि ह और
इस असिकतर ‘बट’ क रूप म प्रस्तत दकया जाता ह। परत, इस िब्ि को
इब्रानी िब्ि मेिेक के साथ सेंिोसित दकया गया है, सजसका िास्ब्िक
अथ ह ‘असजत’। एलीएजर अब्राम का ‘असजत पत्र’ था। इस दवचार स
सभवतः यह अथ ह दक वह एक पत्र जसा सवक था।
15:3 जारी रखत हए, अब्राम न कहा, मझ तो त न िश नही त्तिया, और
क्या िखता ह त्तक मर घर म उत्पन्न हआ एक जन मरा िाररस होगा। यहा
अथथ यह हो सकता है दक एलीएजेर का एक बेटा था जो अब्राम की सेवा
करत हए पिा हआ था और इससलए उसन उसका सझाव दिया हो। या असिक सेंभावना यह है दक एलीएजेर का जनम अब्राम के दकसी सेवक के
घर हआ हो और उसका पालन-पोषर् अब्राम क घर म हआ हो। अब्राम न, जैसा दक हम सब कभी-कभार करते हैें, परमेश्वर को वह सझाव दिया जो वह िदि स िख सकता था, पर दवश्वास से नहीें।
15:4 तब यहोिा का यह िचन
कहना है दक पि 1-3 के दवपरीत यह बाि मेें अब्राम के सामने परमेश्वर
का दिर से प्रकट होना हो सकता है।) “यह तेरा वाररस न होगा, तेरा जो
दनज पत्र होगा, वही तेरा वाररस होगा।” परमेश्वर ने अब्राम से स्पि कर
दिया दक उसकी प्रदतज्ञा अब्राम से जनमे पत्र क द्वारा परी होगी। इस सिभ
मेें त्तनज (मे-आह) क रूप म अनदित िब्ि उसक प्रजनन अगो को ििाता
है।
15:5 और उसन उसको बाहर ल जा क कहा, आकाश की ओर िष्ि
करक तारागण को त्तगन, क्या त उनको त्तगन सकता ह? त्तिर उसन उसस
कहा, तरा िश ऐसा ही होगा। इस लेख का तात्पयथ (कम से कम इस भाग
से) यह प्रतीत होता है दक परमेश्वर ने रात मेें अब्राम से बात की थी।
वाकयाेंि “और उसने उसको बाहर ले जा के कहा” का अथथ अब्राम को
बाहर, िायि उसके डेरे से बाहर लाने का है। परमेश्वर ने उस से कहा, “आकाि की ओर िस्ष्ट करके तारागर् को दगन, कया त उनको दगन सकता
है?” दिर उसने उससे कहा, “तरा वि ऐसा ही होगा।” अथ यहा यह ह दक
यह एक साि, चािरदहत रात म हआ।
जब अब्राम न आकािगगा को िखत हए तारो स भर आकाि की ओर
िेखा, तो परमेश्वर की प्रदतज्ञा की सभावना स्पि हो गई होगी। वाय या
प्रकाि प्रिषर् स पहल क एक यग म, आकाि तारो स भरा हआ था। एक
बड़ा अथ यहा यह ह दक अब्राम का वि (उसक विज) असख्य होग। यह
प्रदतज्ञा न केवल इस्राएल के आने वाले राष्र और उसकी अनेंत पीढ़ी मेें
परी होती ह, बस्कक इससे भी असिक उन गैर-यहिी लोगो म जो मसीह पर
दवश्वास करने से परमेश्वर द्वारा अब्राहम से की गई प्रदतज्ञा के
उिरासिकारी बन गए हैें।
15:6 उसन यहोिा पर त्तिश्िास त्तकया; और यहोिा न इस बात को
यह है दक अब्राम ने परमेश्वर पर उसक वचन क अनसार दवश्वास दकया।
इसमेें दवश्वास की एक सरल, लदकन गढ़ पररभाषा ह। इस परमेश्वर पर
उसक वचन क अनसार दवश्वास करने के रूप मेें पररभादषत दकया जा
सकता है। लख म... त्तगना क रूप म अनदित िब्ि (खॉ-िाब) का अथथ
अनय बातोें के अलावा ‘जोड़ना’ या ‘दगन लेना’ होता है।
रोदमयोें 4 मेें दवश्वास द्वारा िमी ठहराया जाने के नए दनयम के ससद्ाेंत को
स्थादपत करन म प्रररत पौलस स्पि रूप स और बल क साथ इसी अनच्छि
का उल्लेख करता है। स्पि बात यह है दक अब्राहम दवश्वास के द्वारा िमी
ठहराया गया था। उसने परमेश्वर पर उसक वचन क अनसार भरोसा
दकया। उसने उस पर भरोसा दकया। उसने उस पर दवश्वास दकया। यद्यदप
एक आस्त्मक ससद्ाेंत के रूप मेें दवश्वास बाि म और असिक पर् रूप स
दवकससत होगा, पर उसका सार यहीें है। अब्राम ने परमेश्वर पर
भरोसा दकया। वह ससद्ाेंत आज भी कायम है, और वह न केवल उद्ार
िेनेवाले दवश्वास का, बस्कक दवश्वास से जीने का भी सार है।
15:7 तब उसन उसस कहा, म िही यहोिा ह जो तझ कसत्तियो क ऊर
नगर स बाहर ल आया, त्तक तझ को इस िश का अलिकार ि। ऐसा लगता
है दक परमेश्वर न अब्राम को यह याि दिलात हए उसस की गई अपनी
वाचा की पदि को समाप्त दकया दक वह वही यहोवा ह जो “तझ कसदियो
के ऊर नगर से बाहर ले आया, दक तझ को इस िि का असिकार ि।”
ऐसा न हो दक अब्राम के मन मेें कोई सेंिेह हो, इससलए परमेश्वर ने यह
स्पि कर दिया दक वह और सजसन उस बलाया ह, एक ही है। उसी ने उसे
बलाया
यह भी हो सकता है दक वह दवश्वास करने के सलए परमेश्वर से भदवष्य
की पीदढ़यो की पदि का एक और सचह्न िन क सलए कह रहा हो। परमेश्वर
पर दवश्वास करनेवाले अनय लोगोें ने भी परमेश्वर की प्रदतज्ञा की पदि
करनवाल सचह्नो की माग की थी, जैसे दक नयादययोें 6:36-40 मेें दगिोन, या
2 राजाओें 20:8-11 मेें दहजदकय्याह। ऐसा हो सकता है दक अब्राम ने केवल
खि पर सिह दकया हो। वह सोच रहा हो दक कया वास्तव म परमेश्वर
उससे बात कर रहा था या वह केवल एक स्व्न िेख रहा था। इससलए, इसे स्पि करने के सलए उसने परमेश्वर स इसकी पदि करन को कहा। उस
पदि क सलए परमेश्वर ने उसे यह दनिेि दिया।
15:9-11 यहोिा न उसस कहा, मर ललय तीन िर्ष की एक कलोर, और तीन िर्ष की एक बकरी, और तीन िर्ष का एक मढा, और एक त्तपण्डुक
और कबूतर का एक बच्चा ल। स्पि है दक एक और दिन बीत गया होगा।
रात हो चकी थी, और अब अब्राम अगले काम पर चला गया, सजसका अेंत
सरज डबन तक हआ। परमेश्वर ने उसे आज्ञा िी, “मेरे सलये तीन वषथ की
एक कलोर, और तीन वषथ की एक बकरी, और तीन वषथ का एक मेढ़ा,
और एक दपण्डक और कबतर का एक बच्चा ल।” कछ लोगो न अनमान
लगाया ह दक इन दवदभन्न जानवरो का कया महत्व ह। अनमान कई तरह क
हैें, हालादक लेख इनके दकसी दविेष महत्व को नहीें ििाथता।
10 इन सभो को लकर उसन बीच स िो िकड कर त्तिया, और िकडो को
आमन–सामन रखा; पर लचत्तडयो क उसन िकड नही त्तकए। अब्राम ने उस
दिन पिओ को िो भागो म बाट दिया (लदकन पसक्षयो को नही)। ऐसा हो
सकता है दक प्रत्येक जानवर (कलोर, बकरी और मेढ़ा) को िो भागोें मेें
दवभासजत दकया गया हो, और प्रत्यक आि को िसर आि स अलग करक
जमीन पर रखा गया हो। यह बताया गया है
यदि कोई भी पक्ष वाचा तोड़ता है, तो उनहेें जानवरोें की तरह बीच से काट दिया जाएगा।
11 जब मासाहारी पिी लोथो पर झपि, तब अब्राम न उधह उडा त्तिया।
माेंसाहारी पसक्षयोें के लोथोें पर झपटने और अब्राम द्वारा उनहेें भगाने का
दववरर् महत्वपर् ह। कछ लोगो न यह ििाया एक उपमा क रूप म
झपटनेवाले पक्षी उन दवदभन्न राष्रोें को ििाथते हैें जो भदवष्य के इस्राएल पर
सिकारी पसक्षयोें की तरह झपटेेंगे। लेदकन परमेश्वर उसचत समय पर उनहेें
भगा िेगा। यह िायि केवल दववरर् का एक दहस्सा हो सकता है। जब
हवा मेें उड़ने वाले माेंसाहारी पक्षी भोजन के सलए झपटे, तो अब्राम ने उनहेें
भगा दिया।
15:12 जब सय अस्त होन लगा, तब अब्राम को भारी नीि आई; और
िखो, अत्यधत भय और महा अधिकार न उस छा ललया। जस ही रात हई, “अब्राम को भारी नीेंि आई; और िेखो, अत्यनत भय और महा अनिकार
ने उसे छा सलया।” दिर से, यह कहा जा सकता है दक अब्राम पर आने
वाल “अत्यनत भय और महा अनिकार” का दववरर् महत्वपर् ह। इस
ििाया नही गया ह। लदकन कछ लोगो का मानना ह दक यह कदठनाई और
अेंिकार के समय का सेंकेत हो सकता है जो आने वाली सहस्राब्िी मेें
अब्राहम के वेंि पर पड़ेगा। भय (अय-माव) क रूप म अनदित िब्ि का
अथथ ‘डर’ या ‘आतेंक’ है। जैसा भी हो, जब अब्राम नीेंि/बेहोिी जैसे ििथन
मेें गया, तो यह उसके अेंिेरे मेें डर पैिा करनेवाला था।
15:13-16 तब यहोिा न अब्राम स कहा, यह त्तनश्चय जान त्तक तर िश
पराए िश म परिशी होकर रहग, और उस िश
दक उसका वि (अथात, इस्राएल का आगामी राष्र) चार सौ वषों तक
गलामी म रहगा। इस स्पि रूप स दनगमन की पस्तक मेें दवस्तार के साथ
ििाथया गया है।
जारी रखत हए, परमेश्वर ने अब्राम को पहले से बताया दक कैसे 14लजस
िश क ि िास होग उसको म िण्ड िगा : और उसक पश्चात ि बडा िन
िहा स लकर त्तनकल आएग। दिर से, परमेश्वर न पर दववरर् क साथ
पहले से बताया दक वह दमस्र को िेंड िेगा और बड़े िन के साथ अपने
लोगो को वहा स बाहर दनकलगा। यह दबककल वस ही परा हआ जस
दनगथमन 11:2-3, 12:35-36 और साथ ही भजन 105:37 मेें बताया गया है।
15 त तो अपन त्तपतरो म कशल क साथ त्तमल जाएगा; तझ पर बढाप म
त्तमट्टी िी जाएगी। परमेश्वर ने अब्राम से वािा दकया दक वह िाेंदत से मरेगा
और “पर बढ़ाप” म उस दमट्टी िी जाएगी। जसा दक भजन 37:37 म कहा
गया है, खर लोग िादतपर् मत्य की आिा कर सकत ह। हालादक इसे
हकके मेें सलया जाता रहा है, और यगो स असख्य लोग अलग-अलग रीदत
से मरत रह ह। सचमच, अब्राम 175 साल की आय म मर गया। उत्पदि
25:7 िेखेें।
अेंत मेें, परमेश्वर ने अब्राम से प्रदतज्ञा की दक 16ि चौथी पीढी म यहा त्तिर
आएग : क्योत्तक अब तक एमोररयो का अिम परा नही हआ ह। बाइबल
की सभी पीदढ़या एक जसी नही ह। अब्राम क दिनो म, मनष्य असिक आय
तक जीदवत रहत थ। पदवत्रिास्त्र ििाता ह दक लवी और मसा क बीच
चार पीदढ़या थी। उस समय, वे “उस िेि” (अथाथत, दमस्र) स बाहर आएग।
िरी का एक कारर् यह था दक “एमोररयो का अिम” अभी परा नही हआ
था। परमेश्वर ऐसे तरीकोें से कायथ
िि होग। जब उनक अिम का ्याला भर गया, तो परमेश्वर न पर नयाय
के साथ उनहेें उस िेि से बाहर दनकाल दिया और वह िेि अब्राहम के वेंि
को िे दिया। कई बार, हम िायि यह नहीें समझ पाते दक परमेश्वर काम
करने मेें िेर कयोें करता है। लेदकन अपनी ससद् इच्छा मेें वह कायथ करने
का सही और उसचत समय जानता है।
15:17 और ऐसा हआ त्तक जब सय अस्त हो गया और घोर अधिकार छा
गया, तब एक अगीठी लजसम स िआ उठता था और एक जलती हई मशाल
त्तिखाई िी जो उन िकडो क बीच म स होकर त्तनकल गई। याि करेें दक
अब्राम ने पि 5-7 मेें परमेश्वर स उसकी प्रदतज्ञा की पदि क सलए दवनती
की थी। परमेश्वर ने उसे कई जानवरोें को काटकर दवभासजत करने और
उनहेें जमीन पर रखने का दनिेि दिया था जैसा दक पि 9-11 मेें बताया गया
है। समय अब भी वही रात है। परमेश्वर ने पि 13-16 मेें अब्राम को और
असिक प्रकािन प्रिान दकया। अब सेंिभथ परमेश्वर की ओर वापस मड़ता है सजसमेें वह सचह्न प्रिान करता है सजसके सलए अब्राम ने दवनती की थी।
स्पि है दक उसी रात, “एक अगीठी सजसम स िआ उठता था और एक
जलती हई मिाल दिखाई िी जो उन टकड़ो क बीच म स होकर दनकल
गई।” अब्राम क साथ बािी वाचा म एक पक्ष बनन क द्वारा परमेश्वर एक
प्रतीक के रूप मेें जमीन पर रख दवभासजत जानवरो क बीच स गजरा। ऐसा
करक उसन ििाया दक उसन पि 10 म अब्राम क साथ बािी वाचा की
पदि की ह।
“अेंगीठी” या कम से कम इसकी समानता इस्राएल के उन किोें का प्रतीक
रही होगी सजनमेें से वह दमस्र मेें होकर दनकलेगा। व्यवस्थादववरर् 4:20
दमस्र म उनक िःख की तलना लोह क भट्ठ स करता ह। यही नही, उनहेें
वहा
भस्म करनेवाली आग होने, या िायि परमेश्वर को ज्योदत के रूप मेें ििाथने
क सलए हो सकता ह। पदवत्रिास्त्र यहा अपन वतमान प्रयोग म स्पि नही
ह। इसम कोई सिह नही दक उपरोि म स कछ या सभी बात मन म रही
होें। जैसा भी हो, भट्टी और आग क िीपक का गजरना (या उनकी समानता)
अब्राम क सलए उसकी वाचा और उसम पाई जानवाली प्रदतज्ञाओ की पदि
करनेवाला परमेश्वर का सचह्न था।
15:18 इसी त्तिन यहोिा न अब्राम क साथ यह िाचा बािी, त्तमस्र क महानि
स लकर परात नामक बड नि तक लजतना िश ह... म न तर िश को त्तिया
ह। परमेश्वर ने उस िेि की सीमाओें को और भी असिक दवस्तार से बताया
सजसकी उसने अब्राम के वेंि से प्रदतज्ञा की थी। दमस्र की निी सेंभवतः
नील निी है, हालादक कछ लोगो का मानना ह दक यह एक छोटी निी ह
जो आज इस्राएल और दमस्र के बीच बहती है। जैसा भी हो, वह िेि एक
दिन दमस्र स लकर परात निी तक िल जाएगा। कवल िाऊि और सलमान
क समय क िौरान ही इस्राएल उस भदम की परी सीमा तक पहचन क
करीब आया था सजसकी प्रदतज्ञा परमेश्वर न अब्राहम स की थी। 2 िमएल
8:3 और 1 राजाओ 4:21 िख। दनस्सिह उस िि की सीमाए उस पर्ता
तक एक दिन पहच जाएगी जब यीि मसीह सहस्राब्िी म अपन ससहासन
पर बैठेगा।
15:19-21 अथात कत्तनयो, कत्तनष्ज्जयो, किमोत्तनयो, 20त्तहत्तियो, परीष्ज्जयो, रपाइयो, 21एमोररयो, कनात्तनयो, त्तगगालशयो और यबलसयो का
िश म न तर िश को त्तिया ह।
दविेष रूप से, अब्राम का वेंि एक दिन उन जगहोें पर असिकार कर लेगा
सजन पर वतथमान मेें ऊपर बताए गए राष्रोें का असिकार है। अब्राहम के
वि को राज्य की परी सीमा तक सब कछ िन की प्रदतज्ञा
उत्पत्ति16कासलिप्तत्तििरण: उत्पदिका16वााँअध्यायइसबातको
ििाथताहैदककैसेअब्रामऔरसारैदनःसेंतानथेऔरकैसेवेअपनीसमझ
सेकायोंकोकरनाचाहतेथे।इसअध्यायमेेंदनम्नसलसखतखेंडहैें:(1)
पि1-3मेेंसारैहासजराकोअब्रामकोसौेंपिेतीहै।(2)पि4-6मेेंहासजरा अपनीस्वादमनीकोत ु च्छि ृदिसेिेखनेलगतीहै।(3)पि7-16मेेंयहोवा
काि ूतहासजराकोआज्ञाएाँऔरप्रदतज्ञािेताहै।
16:1 अब्राम की पत्नी सार क कोई सधतान न थी। उसक हालजरा नाम की
एक त्तमस्री िासी थी। यहोवा परमेश्वर द्वारा हारान मेें अब्राम के समक्ष प्रकट
होन और सतान िन की मल प्रदतज्ञा करन क बाि िस वषथ बीत चक थ।
दिर भी अब्राम और सार की कोई सतान न थी। यहा एक महत्वपर् तथ्य
है दक सारै की िासी हासजरा एक दमस्री स्त्री थी। सम्पर् पदवत्रिास्त्र मेें दमस्र
को आम तौर पर सेंसार का प्रतीक माना गया है।
परीक्षा, सनिेह और दवचसलत होने के समय के िौरान अब्राम और सारै दमस्र
को गए थे। यद्यदप स्पि रूप से उल्लेख नहीें दकया गया है, परत ऐसा अनमान
लगाया जा सकता है दक यहीें उनहेें हासजरा दमली थी। यदि ऐसा है, तो सेंसार
म रहत हए वे ऐसी बातो स प्रभादवत हए जो लम्ब समय तक उनह समस्या
मेें डालती रहीें।
16:2-3 सार न अब्राम स कहा, िख, यहोिा न तो मरी कोख बधि कर रखी
ह, इसललए म तझ स त्तिनती करती ह त्तक त मरी िासी क पास जा; सभि
ह त्तक मरा घर उसक द्वारा बस जाए। सार की बात अब्राम न मान ली। यह
ध्यान िन लायक ह दक सार न ही अब्राम को सझाव दिया दक त मरी िासी क पास जा। अब्राम सजस स्तर का दवश्वासी था, सारै
इच्छा उसमेें दवश्वास की कमी को ििाथती है। दवश्वास की यही कमी बाि
मेें और भी असिक समस्याए उत्पन्न करने वाली थी।
3 इसललय जब अब्राम को कनान िश म रहत िस िर्ष बीत चक तब उसकी
स्त्री सार न अपनी त्तमस्री िासी हालजरा को लकर अपन पत्तत अब्राम को
त्तिया, त्तक िह उसकी पत्नी हो। उस समय यह सामासजक रूप से स्वीकायथ
था दक एक िपदि पत्नी की िासी क द्वारा सतान प्राप्त कर सकती थी। परत
इस बात पर ध्यान िेना जरूरी है दक यद्यदप यह सामासजक रूप से स्वीकायथ
था, दिर भी यह परमेश्वर का तरीका नहीें था। और, यह भी अनमान लगाया
जा सकता है दक अब्राम और सारै को दमस्र िेि मेें रहत हए यह दवचार
आया होगा। यह भी सेंभव है दक उनहेें अपने कनानी पड़ोससयोें से यह दवचार
दमला हो। जसा भी हआ हो, यह दवचार सेंसार की ओर से था, न दक
परमेश्वर की ओर से।
यद्यदप बाइबल क यग म बहदववाह सामासजक रूप स एक स्वीकाय प्रथा
थी, परत यह कभी भी परमेश्वर की ससद् इच्छा नहीें रही। बावजि इसक
सारै ने अपनी “दमस्री िासी हासजरा को लेकर अपने पदत अब्राम को दिया।”
दवचार यह नहीें है दक हासजरा ने सारै के समान असिकार पा सलया। बस्कक
यह दक उसे अब्राम के द्वारा गभथिारर् करने के उद्देश्य से उसके साथ सोने
की अनमदत िी गई।
16:4 िह हालजरा क पास गया, और िह गभिती हई। जब उसन जाना त्तक
िह गभिती ह, तब िह अपनी स्िात्तमनी को तच्छ िष्ि स िखन लगी।
सारै की योजना काम कर गई। उसकी िासी उसके पदत अब्राम के द्वारा
गभवती हो गई। परत जस ही हासजरा न जान सलया दक वह अब्राम क द्वारा
गभिारर् कर चकी ह, “तब वह अपनी स्वादमनी
िदि स िेखने लगी थी। हासजरा ने यह सोचकर दक वह सारै से असिक
स्वाभादवक रूप से िलवेंत नारी है, साेंसाररक और िारीररक घमेंड
दिखाना िरू कर दिया।
16:5 तब सार न अब्राम स कहा, जो मझ पर उपद्रि हआ िह तर ही लसर
पर हो। म न तो अपनी िासी को तरी पत्नी कर त्तिया; पर जब उसन जाना
त्तक िह गभिती ह, तब िह मझ तच्छ समझन लगी; इसललय यहोिा मर
और तर बीच म धयाय कर। हो सकता है दक अब तक सारै अपने मन मेें
सोचती थी दक अब्राम मेें सेंतान उत्पन्न करने की िारीररक योग्यता नहीें थी, परत अब तो स्पि था दक कमी सारै मेें ही थी। जैसा भी हो, अब वह इस
बात को जानती थी दक हासजरा उसकी प्रदतद्वेंद्वी थी।
इससलए अब सारै ने अब्राम के पास जाकर कहा, “मझ पर जो उपद्रव हआ
वह तेरे ही ससर पर हो।” दवचार यह है दक उसने अपने पदत के पास आकर
वास्तव मेें यह कहा, “मेरी समस्या अब तेरी समस्या है।” इसमेें कोई
सनिह नही दक यह भावनात्मक िश्य था। सार ने वास्तव मेें कहा, “उसका
घमेंड िेख रहे हो? वह मझ तच्छ समझ रही ह।” इतने िब्िोें मेें सारै ने
अब्राम से कहा, “तम इसक दवषय म कया करोग?” यही नहीें, सारै
मानससक पीड़ा से भरकर कहती है, “यहोवा मेरे और तेरे बीच मेें नयाय
करे।” अपने दवश्वास की कमी के कारर् उनहोेंने एक बड़ी गलती कर िी
थी। वे उसे पलट नहीें सकते थे। अपनी दनरािा मेें सारै का अथथ था दक
यदि अब्राम इस दवषय म कछ नही करता तो वह परमेश्वर के सामने इस
दवषय को रखेगी। दनस्सेंिेह, उनका वैवादहक सेंबेंि खतरे मेें था।
16:6 अब्राम न सार स कहा, िख, तरी िासी तर िश म ह; जसा तझ भला
लग िसा ही उसक साथ कर। तब सार उसको ि:ख िन लगी, और िह उसक सामन स भाग गई। अब अब्राम ने अपनी पत्नी से कहा, िख,
दक इस मामले मेें वह जैसा चाहती है, वैसा ही करे। यह िखी करनवाली
भावनाओें का एक समय रहा होगा।
अब्राम अेंततः दपता बनने वाला था, परत उसकी पत्नी बहत िखी थी। यही नहीें, उस बेचारी िासी को उसके अजनमे बच्चे के साथ घर से दनकाला जा
रहा था। िुःख िन लगी क रूप म अनदित िब्ि औनामेें ‘कठोरतापवक’
का भाव है। इससलए हासजरा भाग गई।
16:7-9 तब यहोिा क ित न उसको जगल म शर क माग पर जल क एक
सोत क पास पाकर कहा। हासजरा की पीड़ािायक भावनाओें की ससिथ
ककपना की जा सकती है। उसने तो बड़ी आज्ञाकाररता, वफ़ािारी और परी
दनिोषता के साथ अपनी स्वादमनी की योजना मेें भाग सलया था। अब सब
कछ उसक ससर पर आ पड़ा था। वह अब अकेली, गभवती और ठकराई
हई स्त्री थी।
8 ह सार की िासी हालजरा, त कहा स आती और कहा को जाती ह? उसन
कहा, म अपनी स्िात्तमनी सार क सामन स भाग आई ह। यह बात स्पि है
दक परमेश्वर की िया उस पर थी। उसकी मिि के सलए परमेश्वर ने एक
स्वगथित को भेजा था। (यह बाइबल म स्वगितोें का पहला सीिा उल्लेख
है)। वह उस ित को ि ू र के मागथ पर जल के एक सोते के पास दमली। यह
िर दमस्र की सीमा पर था। यह दबककल स्पि है दक हासजरा अपने घर की
ओर जा रही थी।
9 यहोिा क ित न उसस कहा, अपनी स्िात्तमनी क पास लौि जा और
उसक िश म रह। इस यवा और अदववादहत मा क सलए ित क पास एक
महत्वपर् सनिेि था। “अपनी स्वादमनी के पास लौट जा और उसके वि
मेें रह।” िश म रह के सलए
16:10-11 और यहोिा क ित न उसस यह भी कहा, म तर िश को बहत
बढाऊगा, यहा तक त्तक बहतायत क कारण उसकी गणना न हो सकगी।
परमेश्वर न हासजरा स प्रदतज्ञा की दक वह उसक वि को बहतायत स इतना
बढ़ाएगा दक उसके वेंि के लोगोें की दगनती करना भी सेंभव न होगा।
11 और यहोिा क ित न उसस कहा, िख, त गभिती ह, और पत्र जनगी;
तू उसका नाम इश्माएल रखना, क्योत्तक यहोिा न तर ि:ख का हाल सन
ललया ह। यही नहीें, यह भी प्रदतज्ञा की गई दक उसक पत्र उत्पन्न होगा।
उसस कहा गया दक त उसका नाम “इश्माएल रखना, कयोेंदक यहोवा ने तेरे
ि:ख का हाल सन सलया ह।” इश्माएल नाम का िास्ब्िक अथथ है ‘परमेश्वर
सनगा।’ परमेश्वर न सन सलया था और वह हासजरा की सहायता के सलए
आ गया था।
करीब चौिह वषथ बाि जब सारा न दिर स हासजरा और उसक पत्र को
दनकाल िेने की माेंग की, तो परमेश्वर न दिर स इस िासी की पकार
सनकर उनह सरक्षा प्रिान की। उत्पदि 21:9-10 िेखेें। इश्माएल वास्तव मेें
एक दविाल जादत बन गया था। अरब प्राेंत के लोग आज तक इसी
इश्माएल के वेंि से आए हैें।
16:12 और िह मनय बनल गिह क समान होगा, उसका हाथ सब क
त्तिरुि उठगा और सब क हाथ उसक त्तिरुि उठग; और िह अपन सब
भाई–बधिओ क मध्य म बसा रहगा। ित न भदवष्यवार्ी जारी रखत हए
आगे यह कहा दक इश्माएल एक “बनैले गिहे के समान होगा, उसका हाथ
सब के दवरूद् उठेगा और सब के हाथ उसके दवरूद् उठेेंगे; और वह अपने
सब भाई–बनिओ क मध्य म बसा रहगा।” बनल गिह क रूप म अनदित
पेरेह
लब समय स परा होता आया ह। सदियो स अरब प्रानत क िि यद् म
िादमल रहे हैें, वे या तो पड़ोसी िेिोें पर हमला करते आए हैें या उन पर
हमल हए ह। अपने भाई-बनिओ क मध्य बसे रहने का उल्लेख भदवष्यवार्ी
के रूप मेें हो सकता है दक अरब के लोग भी बिईन लोगोें के समान अपने
पड़ोससयोें (दमद्यानी, अिोमी और इस्राएली) के बीच खानाबिोि लोग रहे
होेंगे। ये सब लोग दकसी न दकसी रूप मेें सेंबेंसित थे।
16:13-14 तब उसन यहोिा का नाम लजसन उसस बात की थी, अिाएलरोई रखकर कहा, क्या म यहा भी उसको जात हए िखन पाई और
िखन क बाि भी जीत्तित रही? हासजरा ने यहोवा परमेश्वर के सलए अपना
एक नाम रखा : “अिाएलरोई” अथात ह परमेश्वर त िखता ह। पि 13 के
अेंदतम वाकयाि का अनवाि इस प्रकार दकया जा सकता ह, ‘उसने कहा, सजसन मझ िखा, मन भी उस यहा िख सलया ह।’ यहा अथथ यह है दक
हासजरा ने यहोवा के ित को िखकर (अपने मन मेें) सोचा होगा दक यह
स्वय यहोवा ही ह। कछ लोगो का मानना ह दक वह ित वास्तव म ईिििथन
था, अथात परमेश्वर का िश्य रूप म प्रकट होना। परमेश्वर एक ििथन के
रूप मेें प्रकट हआ था। एक बड़ी सच्चाई यह ह दक परमेश्वर वास्तव मेें हमेें
िेखता है। उसने इस िासी को उसके सेंकट मेें िेखा था।
14 इस कारण उस कए का नाम लहरोई कआ पडा; िह तो कािश और
बरि क बीच म ह। यह स्पि नही ह दक खि हासजरा न या दकसी और
व्यदि न उस कए का वह नाम रखा, पर जैसा भी हो, उस कए का नाम
लहैरोईपड़ा। उस वाकयाेंि का िास्ब्िक अथथ है “उस जीदवत परमेश्वर
का कआ सजसन मझ िखा था।” यह िसक्षर्ी दिसलस्तीन मेें है सजसे वतथमान समय मेें नेगेव कहा जाता है।
16:15-16 हालजरा
जनम दिया, और अब्राम ने उसका नाम इश्माएल रखा। जब इश्माएल का
जनम हआ तब अब्राम सछयासी वष का था। उत्पदि 12:1 व आगे से याि
करेें दक जब अब्राम पचिर वषथ का था तब परमेश्वर न उस एक पत्र िन
की प्रदतज्ञा की थी। अतः ग्यारह वष बीत चक थ। िसर तरीक स कहेें तो
िस वषों तक इेंतजार करने के बाि सारै और अब्राम ने हासजरा के दवषय
मेें बातोें को अपने हाथोें मेें ले सलया था। िारीररक इच्छा परी करन का वह
दनर्थय उस दिन से लेकर वतथमान समय तक उनहेें और उनकी पीदढ़योें को
परेिान करता रहा है।
अध्याय17कासलिप्तत्तििरण:इसअध्यायमेेंपरमेश्वरअब्रामके साथ
अपनीवाचाकानवीनीकरर्करतेहुएउसकीप ुदिकरताहै।इसअध्याय
मेेंयेदवभाजनपाएजातेहैें।(1)पि1-6मेेंपरमेश्वरअब्रामके साथअपनी वाचाकानवीनीकरर्करताहै।(2)पि7-14मेेंखतनेकीरीदतकोि ु रू
दकयागया।(3)पि15-22मेेंसारैकानामभीबिलाजाताहैऔरइसहाक
कीप्रदतज्ञाकीजातीहै।अेंतमेें , (4)पि23-27मेेंअब्राहमउसके घराने क े सभीप ुरूषोकाखतनाकरवाताहै।
17:1 जब अब्राम त्तनधयानि िर्ष का हो गया, तब यहोिा न उसको िशन
िकर कहा, म सिशष्क्तमान ईश्िर ह; मरी उपष्स्थत्तत म चल और लसि
होता जा। तरह साल गजर गए। इन वषों म और कया कछ हआ, इस बारे
मेें कोई जानकारी नहीें िी गई। हो सकता है दक अब्राम ने सोचा हो दक
इश्माएल ही परमेश्वर की प्रदतज्ञा को परा करनवाला है। परमेश्वर ने अपना
जो नाम यहा अब्राहम को बताया उसका उल्लेख इससे
होता है। “मेरी उपस्स्थदत मेें चल और ससद् होता जा।” लसि के रूप मेें
अनदित िब्ि “तदमयम” मेें ‘िोषरदहत,’ ‘खरा’ तथा ‘सपर् तथा सवागीर्’
होने का दविाल अथथ है। इस दवचार को इस तरह से भी कहा जा सकता
है, ‘मेरी उपस्स्थदत मेें खराई से चल’। या, ‘मेरी उपस्स्थदत मेें िोषरदहत होकर
चल’। या, ‘मरी उपस्स्थदत म सपर्ता क साथ चल’। सपर् दवचार यह है
दक परमेश्वर ने अब्राम को आज्ञा िी (“चलना” एक आिेिात्मक दिया है)
दक वह उसकी उपस्स्थदत मेें िादमथकता, िद्ता और पर समपथर् के साथ
चले।
िब्ि ससद्इस सपर् दवचार का सटीक प्रकटीकरर् ह। अब्राम क स्पि
लड़खड़ाने के सेंिभथ मेें सजस पर अगले अध्याय मेें ध्यान दिया गया है, परमेश्वर िायि अब्राम को डाेंट रहा हो दक वह पर् दवश्वास की ओर
लौट आए।
17:2 म तर साथ िाचा बािगा, और तर िश को अत्यधत ही बढाऊगा।
परमेश्वर की वह प्रदतज्ञा म तर साथ िाचा बािगा पहले पि मेें िी गई
उसकी आज्ञा पर दनभथर नहीें थी। परमेश्वर ने पहले ही अब्राम के साथ
अपनी वाचा बाि ली थी। यहा परमेश्वर अब्राम से अपनी वाचा की पदि
कर रहा है। वास्तव मेें, परमेश्वर ने अब्राम को उसकी वाचा के योग्य चाल
चलने की याि दिलाई। बािगा के रूप म अनदित िब्ि (नाथान) मेें व्यापक
अथथ हैें सजसका साराेंि िब्ि ‘िेना’ म दिया जा सकता ह। यहा दवचार
सेंभवतया यह है दक परमेश्वर अब्राम के साथ अपनी वाचा को स्थादपत
या परा करन पर है। आगे का सेंिभथ स्पि करता है दक अब्राम अपने प्रदतज्ञा
के पत्र को प्राप्त करने पर था। एक बार दिर परमेश्वर ने घोषर्ा की दक
वह अब्राम
का मूलत्तपता हो जाएगा। जब परमेश्वर अपनी वाचा की पदि करन आग
बढ़ा, तो अब्राहम मह क बल दगरा। सचमच, अब्राम न केवल इस्राएल
जादत का दपता बनेगा, बस्कक इश्माएल के द्वारा अरब की जादतयोें का और
तक लोगोें का भी, और साथ ही साथ कतरा क पत्रो क द्वारा अनय लोगो
का भी दपता बनेगा। बाि मेें वह सब दवश्वास करनेवालोें का भी आस्त्मक
रूप से दपता बना।
5 इसललय अब स तरा नाम अब्राम न रहगा, परधत तरा नाम अब्राहम होगा;
क्योत्तक म न तझ जात्ततयो क समह का मलत्तपता ठहरा त्तिया ह। परमेश्वर
ने अब्राम का नाम बिल दिया। अब्राम का मतलब था ‘ऊचा उठाया गया दपता’। परत उसक नए नाम अब्राहमका िास्ब्िक अथथ था ‘बहत स लोगो
का दपता’। सचमच, अब्राहम अनेक जादतयोें का दपता बनने वाला था।
17:6-8 म तझ अत्यधत िलिधत करूगा, और तुझ को जात्तत जात्तत का
मल बना िगा, और तर िश म राजा उत्पन्न होग। यहा परमेश्वर ने अब्राहम
क साथ बािी अपनी वाचा को चौथी बार िोहराया। हर बार बार थोड़ा
और वर्थन जोड़ा गया है। दिर से, जैसा पहले बताया गया है, परमेश्वर ने
उससे प्रदतज्ञा की दक वह उसे “अत्येंत िलवनत करेगा और उसे जादत
जादत का मल बना िेगा, और उसके वेंि मेें राजा उत्पन्न होेंगे।” अब्राहम
को ऐसी प्रदतज्ञा पर दवश्वास करना चादहए था। दननयानवे वषथ क एक परुष
होन क बावजि उसकी पत्नी स उस अब तक एक भी सनतान प्राप्त नही
हई थी। अब, परमेश्वर उससे कहता है दक वह “अत्येंत िलवेंत होगा”।
उसकी सतान क द्वारा ऐसा सचमच हआ। सचमच अब्राहम के वेंि मेें अनेक
राजाओें ने जनम सलया, िाऊल से ससिदकय्याह तक। सबसे महान राजा
दनस्सेंिेह मसीह है। परत, जैसा दक जकि ध्यान दिया जाएगा, अब्राहम
िायि असमेंजस मेें था दक
तर िश का भी परमश्िर रहगा। यही नहीें, सजस वाचा की प्रदतज्ञा परमेश्वर
ने की थी वह उसके और उसकी सेंतान के बीच सिैव कायम रहेगी। यहोवा
ने उसके और उसकी सेंतान के सवथिा के परमेश्वर होने की प्रदतज्ञा की।
8 और म तझ को, और तर पश्चात तर िश को भी, यह सारा कनान िश
लजसम त परिशी होकर रहता ह, इस रीत्तत िगा त्तक िह यग–युग उनकी
त्तनज भत्तम रहगी, और म उनका परमश्िर रहगा। इससे बढ़कर, परमेश्वर
ने दिर से अब्राहम और उसके वेंि को उस िि की प्रदतज्ञा की जहा अब्राहम
परिशी था। परिशी क रूप म अनदित िब्ि (मगवर) म ‘यात्री’ होने का
भाव है। यह दनस्सेंिेह इब्रादनयोें 11:13 की ओर आग िखता ह जहा
अब्राहम और सारा ने “मान सलया दक वे पथ्वी पर परििी और बाहरी ह।”
दिर भी, परमेश्वर ने अब्राहम और उसकी सेंतान से िश (हा एरेट्ज) की
प्रदतज्ञा की।
ऐसा न हो दक कोई प्रश्न उठे, वह िेि कनान था जो बाि दिसलस्तीन के
नाम से जाना गया। यह अब्राहम के वेंि को दिया गया। वह स्पि रूप से
इश्माएल या उसका वेंि नहीें था। प्रदतज्ञा की सेंतान का जनम अभी तक
नही हआ था। यही नही, अब्राहम के वेंि को दिए जाने वाले िेि की प्रदतज्ञा
“यग–यग उनकी दनज भदम” होने के सलए थी। परमेश्वर ने दिर से उनका
सिा का परमेश्वर होने की प्रदतज्ञा की। परमेश्वर ने वह िेि यहदियो को
दिया। और वह प्रदतज्ञा कभी दनरस्त नहीें हई।
17:9-14 त्तिर परमश्िर न अब्राहम स कहा, त भी मर साथ बािी हई िाचा
का पालन करना; त और तर पश्चात तरा िश भी अपनी–अपनी पीढी म
उसका पालन कर। 10मर साथ बािी हई िाचा, लजसका पालन तझ और
तर पश्चात तर िश को करना पडगा, िह यह ह : तम म स एक एक परुर्ष
का खतना हो। 11तम अपनी अपनी खलडी का खतना करा लना
क हो जाए, तब उनका खतना त्तकया जाए। परमेश्वर द्वारा अब्राहम के साथ
बािी गई वाचा का प्रतीक या सचह्न खतना था, और उसके घर मेें जनमे सभी
परूषो (आठ दिनोें के या उससे बड़ोें) का खतना दकया जाना अदनवायथ था।
उससे कहा गया यह कायथ “तेरे पश्चात तरा वि भी अपनी–अपनी पीढ़ी मेें
करे।”
13 जो तर घर म उत्पन्न हो, अथिा तर रूप स मोल ललया जाए, उसका
खतना अिश्य ही त्तकया जाए; इस प्रकार मरी िाचा लजसका लचह् तम्हारी
िह म होगा िह यग–यग रहगी। 14जो परुर्ष खतनारत्तहत रह, अथात
लजसकी खलडी का खतना न हो, िह प्राणी अपन लोगो म स नि त्तकया
जाए, क्योत्तक उसन मर साथ बािी हई िाचा को तोड त्तिया।
यहा कई दट्पसर्या की जा सकती हैें। (1) खतना से सेंबेंसित आज्ञा
अब्राहम द्वारा परमेश्वर पर दवश्वास करने और यह उसके सलए िादमथकता
दगने जाने के करीब पनद्रह वषथ बाि िी गई थी (उत्पदि 15:6)। रोदमयोें 4
यह स्पि करता है, अब्राहम तब िमी ठहराया गया (अथात उसने उद्ार
पाया) जब उसने उत्पदि 15:6 मेें परमेश्वर पर दवश्वास दकया। उसके
खतना का उससे कोई सेंबेंि ही नहीें था। (2) उसका खतना उसके और
परमेश्वर के बीच वाचा का सचह्न होगा। लचह् क रूप म अनदित िब्ि
(ओथ) मेें प्रतीक का भाव है। खतना उस िादमथकता का एक सचह्न या एक
‘छाप’ था (रोदमयोें 4:11) जो पहले से ही उसके पास थी। यह उस वाचा
का एक प्रतीक बन गया जो परमेश्वर ने अब्राहम और उसके वेंि के साथ
बािी थी। रोदमयोें 4:11 पर िी गई दट्पसर्योें को िेखेें।
17:15-16 त्तिर परमश्िर न अब्राहम स कहा, तरी जो पत्नी सार ह, उसको
त अब सार न कहना, उसका नाम सारा होगा। यही नहीें,
है। सारा के पास सारै से ऊचा पि है। इसमेें अब राजकमारी स बढ़कर
सबसे बड़ी महारानी होने का भाव था।
16 म उसको आशीर्ष िगा, और तझ को उसक द्वारा एक पत्र िगा; और म
उसको ऐसी आशीर्ष िगा त्तक िह जात्तत जात्तत की मलमाता हो जाएगी; और
उसक िश म राज्य–राज्य क राजा उत्पन्न होग। परमेश्वर ने दविेष रूप से
उल्लेख दकया दक वह सारा को आिीष िेगा और उससे अब्राहम को एक
पत्र भी िगा। अब्राहम की तरह वह भी जादत-जादत की माता बनेगी और
उसके वेंि से राजा उत्पन्न होेंगे।
17:17 तब अब्राहम मह क बल त्तगर पडा और हसा, और मन ही मन कहन
लगा, क्या सौ िर्ष क परुर्ष क भी सधतान होगी और क्या सारा जो नब्ब
िर्ष की ह पत्र जनगी? कछ लोगो न यह दवचार प्रकट दकया है दक अब्राहम
आनि क मार हसा था। लेदकन सेंिभथ यह ििाथता प्रतीत होता है दक उसका
हसना अदवश्वास के कारर् था। सौ वषथ का एक व्यदि और उसकी नब्बे
वषथ की पत्नी सेंतान कैसे उत्पन्न कर सकते हैें? यद्यदप अब्राहम बहत बड़ा
दवश्वासी था, परत उसकी मानवीय सोच मेें यह असेंभव सी बात रही होगी, और उसने परमेश्वर द्वारा उसस की गई मल प्रदतज्ञा म आिा खो िी थी।
18 और अब्राहम न परमश्िर स कहा, इश्माएल तरी िष्ि म बना रह! यही
बहत ह। अब्राहम ने परमेश्वर के सामने प्रस्ताव रखा, इश्माएल तरी ित्ति
म बना रह। इस समय तक इश्माएल तरह वष का हो चका था। यद्यदप
इश्माएल प्रदतज्ञा का पत्र नही था, लदकन था तो वह अब्राहम का ही पत्र।
दनस्सेंिेह वह अपन दपता की आखो का तारा बन गया था। इससलए अब्राहम ने परमेश्वर से दवनती की दक वह अपनी प्रदतज्ञा की आिीष इश्माएल
प्राप्त होगा और उसे उसका नाम इसहाक रखना है। इस नाम का िास्ब्िक
अथथ ‘हसी’ है। यद्यदप अब्राहम अपने दवश्वास मेें इतना दनबथल था दक उसे
हसी आ गई थी, दिर भी परमेश्वर ने उसे बताया दक उस अपन पत्र का
यही नाम रखना है। यह सेंभवतः अब्राहम को उसके दनबथल दवश्वास की
याि दिलाएगा।
17:20-22 इश्माएल क त्तिर्षय म भी म न तरी सनी ह; म उसको भी आशीर्ष
िगा, और उस िलिधत करूगा और अत्यधत ही बढा िगा; उस स बारह
प्रिान उत्पन्न होग, और म उस स एक बडी जात्तत बनाऊगा। परमेश्वर ने अब्राहम से यह भी प्रदतज्ञा की दक वह अब भी इश्माएल को आिीष िेगा, उसे सेंख्या मेें बढ़ाएगा और िलवेंत करेगा। इश्माएल क कल क बारह प्रिानोें का उल्लेख उत्पदि 25:12-16 मेें दमलता है।
21 परधत म अपनी िाचा इसहाक ही क साथ बािगा जो सारा स अगल
िर्ष क इसी त्तनयक्त समय म उत्पन्न होगा। सजस वाचा की प्रदतज्ञा परमेश्वर
ने अब्राहम से बहत समय पहल की थी, वह उसके आने वाले पत्र इसहाक
के साथ और उसके द्वारा परी होगी। यही नही, सारा “अगले वषथ के इसी
दनयकत समय मेें” अब्राहम के द्वारा उसे उत्पन्न करेगी। “दनयकत समय” मेें
अगले वषथ के ‘दनिाथररत समय’ का भाव है। परमेश्वर की प्रदतज्ञा अब और
िर नही रह गई थी। यह अगल ही वष परी होगी।
22 तब परमश्िर न अब्राहम स बात करनी बधि की और उसक पास स
ऊपर चढ गया। इसी के साथ, परमेश्वर वहा से चला गया। “ऊपर चढ़
गया” क रूप म अनदित िब्ि (आलाह) मेें ‘ऊपर जाने’ का भाव है। स्पि
है दक परमेश्वर
24 जब अब्राहम की खलडी का खतना हआ तब िह त्तनधयानि िर्ष का
था। 25और जब उसक पत्र इश्माएल की खलडी का खतना हआ तब िह
तरह िर्ष का था।
26 अब्राहम और उसक पत्र इश्माएल िोनो का खतना एक ही त्तिन हआ;
27और उसक घर म लजतन परुर्ष थ, जो घर म उत्पन्न हए तथा जो परिलशयो
क हाथ स मोल ललय गए थ, सब का खतना उसक साथ ही हआ।
अब्राहम की आज्ञाकाररता परमेश्वर की प्रदतज्ञा म उसक नवीनीकत
दवश्वास को ििाथती है। उसन तरत अपन और अपन पत्र इश्माएल सदहत
अपन घरान क प्रत्यक परुष का खतना करवाया। दविष उल्लख दकया गया
है दक उस समय अब्राहम दननयानवे वषथ का और इश्माएल तेरह वषथ का
था।
अध्याय 18 का सलिप्त त्तििरण : उत्पदि की प ु स्तक का अठारहवा ाँ
अध्यायअब्राहमक े जीवनकीिोमहत्वप ू र् थघटनाओकादववरर्प्रस्त ु त
करताहै:(1)पि1-15मेेंपरमेश्वरअब्राहमऔरसाराके समक्षदिरसे
प्रकटहोकरसाराके गभथमेेंइसहाकके होनेकीदनियताकोिोहराताहै।
दिर(2)इसीके साथ-साथ, पि16-33मेेंपरमेश्वरसिोमकोनािकरने कीघोषर्ाकरताहैसजसके बािअब्राहमल ूतके सलएपरमेश्वरसेदवनती करताहै।
18:1-2 अब्राहम मम्र क बाज ििो क बीच कडी िप क समय तम्ब क
द्वार पर बठा हआ था, तब यहोिा न उस िशन त्तिया। इस अध्याय मेें घटने
वाली घटनाओें के दविेष
वष का था। इससलए यह अनमान लगाया जा सकता ह दक अध्याय 17 म
पाई जान वाली घटनाओ क गजर तीन महीनो स ज्यािा समय नही बीता
होगा। स्थान “मम्र क बाज वक्षो” का ह जो दक हब्रोन ह और वहा बाज
वक्षो का जगल था। हो सकता ह दक उसन उन बाज वक्षो क नीचे छाया
पान क सलए अपना तम्ब उस जगल म लगाया हो। यहा एक और मख्य
ईिििन अथात परमेश्वर का प्रत्यक्ष प्रकटीकरर् है, या दिर यह सिस्त-
ििथन भी हो सकता है।
2 उसन आख उठाकर िष्ि की तो क्या िखा त्तक तीन परुर्ष उसक सामन
खड ह। जब उसन उधह िखा तब िह उनस भि करन क ललय तम्ब क द्वार
स िौडा, और भत्तम पर त्तगरकर िण्डित की और कहन लगा। िोपहर के
समय “तीन परूष उसक सामन खड़ थ”। आन वाला सिभ जकि ही स्पि
कर िेगा दक ये तीनोें ईश्वरीय व्यदि थे। वास्तव मेें आगामी लेख स्पि
करता है दक इन तीनोें मेें से एक स्वयें यहोवा है (पि 13)। यदि यह मान
सलया जाए दक परान दनयम का यहोवा नए दनयम का यीि है, तो दिर यहा
मसीह-ििथन का वर्थन दकया गया है।
तो दिर यहा प्रश्न उठता ह दक िो अनय ‘परूष’ कौन थ। ऐसा प्रतीत होता
है दक इब्रादनयोें 13:2 मेें की गई अदतसथ सत्कार की दट्पसर्योें का
ऐदतहाससक आिार यही है, “अदतसथ सत्कार करना न भलना, कयोेंदक
इसक द्वारा कछ लोगो न अनजान म स्वगितो का आिर सत्कार दकया
ह।” वहा की प्ररर्ा-प्राप्त दट्पसर्योें ने अनय िो जनोें को ‘स्वगथित’ कहा
ह। कछ लोगो न यह भी माना ह दक य िो जन दत्रएकता क िो अनय
व्यदित्व थे, अथात पदवत्र आत्मा और दपता।
परत यह इब्रादनयो 13:2 क साथ मल खाता प्रतीत नहीें होता। और यदि
यीि ही यहोवा ह, तो आग की बातो म उसन ही
इब्रादनयोें की पत्री मेें सजनहेें अदतसथ कहा गया है, उनहेें इस तथ्य के द्वारा
थोड़ा अलग रीदत स ििाया गया ह दक यहोवा कछ ही समय पहल अब्राहम
क सामन प्रकट हआ था। सभव ह दक अब्राहम न उस पहचान सलया था।
यह इस बात को स्पि करता है दक अब्राहम ने कैसे और कयोें उनका
अदतसथ सत्कार दकया होगा। वह अपने अदतसथयोें की श्रेष्ठता को समझ
गया था। िायि वह अनजान लोगोें के प्रदत इतना आिर नहीें दिखाता जो
अचानक उसके सामने आ गए होें। इससलए “वह उनसे भेेंट करने के सलये
तम्ब क द्वार से िौड़ा, और भदम पर दगरकर िण्डवत की।” स्पि ह दक तीन
अदतसथयोें मेें से कम से कम एक को अब्राहम ने पहचान सलया होगा दक
वह यहोवा है। यही नहीें, वह दनस्सेंिेह समझ गया था दक ये तीनोें स्वगथ से
आए हैें।
18:3-5 ह प्रभ, यत्ति मझ पर तरी अनग्रह की िष्ि ह तो म त्तिनती करता
ह त्तक अपन िास क पास स चल न जाना। 4म थोडा सा जल लाता ह, और
आप अपन पाि िोकर इस िि क नीच त्तिश्राम कर। 5त्तिर म एक िकडा
रोिी ल आऊ, और उसस आप अपन अपन जीि को तप्त कर, तब उसक
पश्चात आग बढ; क्योत्तक आप अपन िास क पास इसी ललय पिार ह।
उधहोन कहा, जसा त कहता ह िसा ही कर।
इससलए अब्राहम ने अपने दवसिि अदतसथयोें से दवनती की दक वे थोड़ा
ठहर। उसन तरत उनह मध्यपवी प्रकार का अदतसथ-सत्कार दिया। इब्रादनयोें
13:2 मेें परिेसियोें का स्वागत करने के दवचार मेें आदतथ्य करने का भाव
असिक ह। अब्राहम न दबककल यही दकया।
18:6-8 तब अब्राहम तरधत तम्ब म सारा क पास गया और कहा, तीन
सआ मिा जल्िी स गि, और िलक बना। 7त्तिर अब्राहम गाय–बल क
झण्ड म िौडा और एक कोमल और अच्छा बछडा लकर अपन सिक को
त्तिया, और उसन जल्िी स उस पकाया। 8तब उसन िि और िही और
बछड का मास, जो उसन पकिाया था, लकर उनक आग परोस त्तिया; और
आप िि तल उनक पास खडा रहा, और ि खान लग।
अतः अब्राहम न अपनी पत्नी स आग्रह दकया दक वह ताज िलक बनाए।
उसन एक बहत ही अच्छ बछड़ को चना और कटवाया। जब उसक
अदतसथगर् मम्र क बाज वक्षो की छाया म दवश्राम कर रह थ, तो अब्राहम
न ताज िलको, बछड़े के माेंस, िि, िही का भोजन तैयार करके उनके
सामन परोसा। अब्राहम का वक्ष तल उनक पास खड़ रहन का उल्लख ििाता
ह दक उसन स्वय एक सवक की भदमका दनभाई। इसक अलावा, यह भी
दिलचस्प है दक सिस्त-ििन म भी प्रभ न वास्तव म भौदतक भोजन दकया।
उनहोेंने उस समय के दमिन के सलए स्पि रूप से अस्थाई मानवीय िेहोें को
िारर् दकया था।
18:9-10 उधहोन उसस पछा, तरी पत्नी सारा कहा ह? उसन कहा, िह तो
तम्ब म ह। यह दिलचस्प ह दक उनहोन पछा, तरी पत्नी सारा कहा ह?
कयोेंदक वे तीनोें एक समान दिखते थे, कछ लोगो का यह मानना ह दक य तीनो दत्रएकता को प्रस्तत करत ह। जसा भी हो, अब्राहम से सारा के बारे
म पछन वाला एकवचन म पछता ह और वह स्पि रूप स यहोवा ही था
जैसा दक पि 13 मेें ििाथया गया है।
10 उसन कहा, म िसधत ऋत म त्तनश्चय तर पास त्तिर आऊगा, और तरी
पत्नी सारा क एक पत्र उत्पन्न होगा। सारा तम्ब क द्वार पर जो अब्राहम क
पीछ था, सुन रही थी। परमेश्वर ने घोषर्ा की दक वह दनश्चय वसनत ऋत
मेें अब्राहम के पास लौट आएगा, और उसकी पत्नी सारा क एक पत्र उत्पन्न
होगा। आरेंदभक वाकयाेंि को ऐसा भी कहा जा सकता है, ‘म वसनत ऋत
मेें दनश्चय तर पास लौटगा।’ िसधत ऋत म एक महावरा भी हो सकता ह
सजसका अथथ नौ महीने का मानवीय गभथिारर् हो। उनके पास उसका लौट
आना उनके जननाेंगोें को िदििाली बनाने को या दिर समय परा होन पर
जनम िेने के सलए सारा को बल प्रिान करने को ििाथ सकता है। बात जो भी हो, परमेश्वर की प्रदतज्ञा अब कही िर नही थी। वह वतमान म ही परी होने वाली थी।
यद्यदप उनहोेंने चौबीस वषों तक प्रतीक्षा की थी (कई बार लड़खड़ाते
दवश्वास के साथ), दिर भी परमेश्वर ने स्पि रूप से कहा दक सारा जकि
ही अब्राहम क पत्र को गभ म िारर् करगी। उत्पदि 17:21 म तीन महीन
पहले परमेश्वर ने उनसे कहा था, “अगल वष क इसी दनयकत समय मेें”
सारा एक पत्र को जनम िगी। तीन महीन पर हो चक थ। अब जनम िन क
सलए नौ महीन लगन थ। वह प्रदतज्ञा परी होन ही वाली थी। सारा न तम्ब
क द्वार स बाहर चलनवाली बातचीत सन ली थी।
18:11-12 अब्राहम और सारा िोनो बहत बढ थ; और सारा का मालसक
िम बधि हो गया था। इस वास्तदवकता क बावजि दक जल-प्रलय के बाि
सदियोें तक लोग जीदवत रहे, अब्राहम और सारा बहत बढ़ हो चक थ। यह
दट्पर्ी दक “सारा का माससक िमथ बेंि हो गया था” से यह पता चलता है
दक सारा “रजोदनवदत” स होकर जा चकी थी। अतः प्राकदतक मानवीय
रूप से गभथिारर् अब असेंभव ही था।
12 इसललय सारा मन म हस कर कहन लगी, म तो बढी ह, और मरा पत्तत
भी बढा ह, तो क्या मझ यह सख होगा? जब सारा तम्ब क द्वार क पीछ
खड़ी थी और उसन प्रभ द्वारा की गई भदवष्यवार्ी को सना, तो उस हसी
आ गई और वह अपने मन मेें सोचने लगी, “म तो बढ़ी ह, और मेरा पदत
भी बढ़ा ह, तो कया मझ यह सख होगा?” उस मालम था दक मानवीय रूप
स इस उम्र म पत्र को जनम िना, उस िि दपलाना और उसका पालन-पोषर्
करना सेंभव नहीें था।
18:13-14 तब यहोिा न अब्राहम स कहा, सारा यह कहकर क्यो हसी त्तक
क्या मर, जो इतनी बढी हो गई ह, सचमुच एक पुत्र उत्पन्न होगा? स्पि है
दक अब्राहम न सारा की हसी सन नही थी कयोदक वह अपन मन म हसी
थी। पर परमेश्वर न उस सना था। इससलए उसन उनस प्रश्न पछा “सारा
यह कहकर कयो हसी दक कया मर, जो इतनी बढ़ी हो गई ह, सचमच एक
पत्र उत्पन्न होगा?”
िसधत ऋत म, म तर पास त्तिर आऊगा, और सारा क पत्र उत्पन्न होगा। और तब परमेश्वर ने, आगे जो होने वाला है उसके दवषय मेें हर प्रश्न को
िर करत हए पछा, “कया यहोवा के सलये कोई काम कदठन है?” यद्यदप
मानवीय रूप से सारा के सलए गभथिारर् करना असेंभव था, परत परमेश्वर
के सलए यह काम कदठन नहीें था। वास्तव मेें, परमेश्वर क सलए कछ भी
असेंभव नहीें है। “दनयत समय” सेंभवतः उत्पदि 17:21 मेें उदल्लसखत
“दनयि समय” ह। परमेश्वर ने अब्राहम से दिर वही बात कही, सेंभवतः
सारा के लाभ के सलए, दक “वसनत ऋत म, म तर पास दिर आऊगा, और
सारा क पत्र उत्पन्न होगा।”
18:15 तब सारा डर क मार यह कहकर मकर गई, म नही हसी। उसन
कहा, नही; त हसी तो थी। सारा पहले तो लस्ज्जत हो गई और दिर डर भी
गई। इससलए वह यह कहकर मकर गई, “म नही हसी।” परत परमेश्वर ने
दिर भी उसकी सिहपर् हसी क कारर् उस टोका।
18:16-18 त्तिर ि परुर्ष िहा स चल और सिोम की ओर िष्ि की; और
अब्राहम उधह त्तििा करन क ललय उनक सग सग चला। उनकी बातचीत
समाप्त हो गई थी। दिर से, अब्राहम से दमलने आए आगनतको को “परूष”
कहा गया है। यद्यदप इसमेें कोई सेंिेह नहीें दक वे स्वगथ से आए लोग थे, और उनमेें से एक जन तो ईश्वरीय था, दिर भी वे मानवीय रूप मेें थे। यह
बाइबल मेें परमेश्वर या मसीह के प्रकटीकरर् के उिाहरर्ोें मेें से एक सबसे
स्पि उिाहरर् है। एक उिम मेजबान की तरह अब्राहम उनहेें बाहर तक
छोड़न आया। परत व सामन सिोम की ओर िख रह थ।
स्वगीय िल वाताथलाप करने के सलए रुका। 17तब यहोिा न कहा, यह जो म करता ह, उस क्या अब्राहम स लछपा रख? यह दिलचस्प है दक (1) उन
के होें। यह एक और प्रमार् हो सकता है दक वास्तव मेें वे तीनोें दत्रएकता
के भाग होें।
18 अब्राहम स तो त्तनश्चय एक बडी और सामथी जात्तत उपजगी, और पृथ्िी
की सारी जात्ततया उसक द्वारा आशीर्ष पाएगी। दिलचस्प बात यह है दक
यहोवा अपने स्वगथ के सासथयोें के साथ बातचीत मेें उनहेें बताता है दक
अब्राहम एक बड़ी जादत बनगा और बाकी सब जादतया उसम आिीष
पाएगी।
18:19 क्योत्तक म जानता ह त्तक िह अपन पत्रो और पररिार को, जो उसक
पीछ रह जाएग, आज्ञा िगा त्तक ि यहोिा क माग म अिल बन रह, और
िम और धयाय करत रह; तात्तक जो कछ यहोिा न अब्राहम क त्तिर्षय म
कहा ह उस परा कर। यह कथन दकतना अथपर् ह! परमेश्वर अब्राहम को
जानता था। वह जानता था दक अब्राहम अपने बच्चोें और अपने घराने को
आज्ञा िेगा दक वे (1) यहोवा के मागथ मेें अटल बने रहेें, (2) और िमथ और
नयाय करते रहेें। परमेश्वर न केवल अपने सवथज्ञान से यह जानता था, बस्कक
वह सालोें से अब्राहम को िेखता भी आ रहा था। िम क रूप म अनदित
िब्ि (ज़िक) वह मल िब्ि ह सजसका अनवाि ‘िादमकता’ क रूप म
दकया जा सकता है। धयाय क रूप म अनदित िब्ि (दमिपात) म नयायोसचत
रूप मेें कायथ करने का भाव है।
परमेश्वर को मालम था दक अब्राहम अपन बच्चो को सही और नयायोसचत
कायथ करना ससखाएगा। उसी कारर् परमेश्वर अब्राहम को वह सब िेगा
जो उसने उसके बारे मेें कहा था। परमेश्वर द्वारा एक सटीक दवश्लषर् यहा
है दक अब्राहम अपने आने वाले पररवार को प्रसिसक्षत करगा। यहा एक
स्पि
की बातचीत का दवषय दिर स अब सिोम और अमोरा की ओर मड़ गया।
भारी क रूप म अनदित िब्ि (काबोि) म ‘वजनिार’ होन का भाव ह।
िसर िब्िो म, सिोम का पाप बहत बड़ा था। परमेश्वर उनके पापोें को
परी तरह स जानता था और वह यह भी जानता था दक वह इस बार म कया
करने वाला था। दिर भी, अब्राहम के सलए अपने आप को िेंड िेने मेें िमी
ििाथने मेें उसने ऐसा दिखाया दक वह जाकर सिोम के पाप को िेखेगा।
इससलए परमेश्वर ने घोषर्ा की दक 21म उतरकर िखगा त्तक उसकी जसी
लचल्लाहि मर कान तक पहची ह, उधहोन ठीक िसा ही काम त्तकया ह त्तक
नही; और न त्तकया हो तो म उस जान लगा। 22तब ि परुर्ष िहा स मड क
सिोम की ओर जान लग; पर अब्राहम यहोिा क आग खडा रह गया।
यहा यह अथ हो सकता ह दक यहोवा क िो साथी सिोम क सलए दनकल
गए। परत यह स्पि ह दक यहोवा अब्राहम क साथ रुका रहा। आग के रूप म अनदित िब्ि (पानीम) म ‘उपस्स्थदत म’ का भाव भी हो सकता ह। अतः
यह स्पि है दक जब यहोवा के अनय िो साथी सिोम की ओर चले गए, तब अब्राहम परमेश्वर की उपस्स्थदत म रहा। यहा अब्राहम का उद्दश्य स्पि
हो जाता है। वह अपने भतीजे की ओर से यहोवा से दवनती करना चाहता
था। इस बारे मेें अब्राहम के मन मेें कोई प्रश्न नहीें था दक सिोम और अमोरा
मेें परमेश्वर को कया दिखाई िेगा। और इस दवषय मेें भी उसके मन मेें कोई
सेंिेह नहीें था दक परमेश्वर वहा कया करगा। इससलए उसन परमेश्वर से
दवनती करना िरू कर दिया।
18:23-25 तब अब्राहम उसक समीप जाकर कहन लगा, क्या तू सचमुच
िि क सग िमी का भी नाश करगा? यद्यदप अब्राहम जानता था दक उसके
भतीज लत न सिोम म जाकर बसन क द्वारा समझौता दकया था, दिर भी
तब अब्राहम न मध्यस्थता करत हए परमेश्वर स बातचीत करना िरू
दकया।
24 किालचत उस नगर म पचास िमी हो; तो क्या तू सचमुच उस स्थान को
नि करगा और उन पचास ित्तमयो क कारण जो उसम हो, न छोडगा? हो
सकता ह दक अब्राहम न मिान क पाच नगरो को सिोम क दविाल नाम
के तहत एक नगर के रूप मेें िेखा हो। यदि ऐसा है, यदि वहा पचास िमी
हो (पाच नगरो म प्रत्यक म िस िस), तो कया परमेश्वर उनहेें छोड़ िेगा?
अब्राहम ने कहना जारी रखा, 25इस प्रकार का काम करना तझ स िर रह
त्तक िि क सग िमी को भी मार डाल, और िमी और िि िोनो की एक
ही िशा हो। यह तझ स िर रह। क्या सारी पथ्िी का धयायी धयाय न कर?
दिलचस्प बात यह है दक अब्राहम परमेश्वर को स्पि रूप से जानता था।
उसने व्यदिगत दमत्रता के आिार पर परमेश्वर के सामने अपनी बात रखी।
उसने दवनती की दक परमेश्वर का चररत्र ऐसा नही ह दक वह िि क साथ
िमी को भी िेंड िे।
स्पि है दक अब्राहम और परमेश्वर के बीच एक िीघथकासलक घदनष्ठता थी।
व एक िसर को जानत थ। परमेश्वर के सलए यह कोई बड़ी बात प्रतीत
नहीें होती, परत अब्राहम क सलए यह बहत बड़ी बात थी। यहा अथ यह ह
दक अब्राहम ने प्राथथना की सेंगदत मेें परमेश्वर क साथ बहत समय दबताया
था। वह परमेश्वर को जान गया था और यह भी दक वह दकस रीदत से कायथ
करता है।
यह कहत हए अब्राहम अपना आरदभक तक समाप्त करता ह “कया सारी
पथ्वी का नयायी नयाय न कर?” यहा कई बात कही जा सकती ह। (1)
अब्राहम ने यहोवा परमेश्वर को सम्पर् ससार क नयायी क रूप म िखा।
परमेश्वर
अब्राहम ने परमेश्वर स सटीक रूप स पछा दक कया वह िमी रूप स नयाय
न करेगा? (3) यद्यदप अब्राहम ने सम्मान के साथ बात की, दिर भी अपनी
दवनती रखत हए उसन परमेश्वर से आमने-सामने बात की।
18:26 यहोिा न कहा, यत्ति मझ सिोम म पचास िमी त्तमल, तो उनक कारण उस सार स्थान को छोडगा। परमेश्वर ने मान सलया दक यदि उस नगर म पचास िमी दमल जाए तो वह उस नगर को नि नही करगा।
18:27-28 त्तिर अब्राहम न कहा, ह प्रभ, सुन, म तो त्तमट्टी और राख ह; तौभी म न इतनी त्तढठाई की त्तक तझ स बात करू। 28किालचत उन पचास
ित्तमयो म पाच घि जाए; तो क्या त पाच ही क घिन क कारण उस सार नगर का नाश करगा? उसन कहा, यत्ति मझ उसम पतालीस भी त्तमल, तौभी
उसका नाश न करूगा। अब्राहम न िायि यह महसस करत हए दक वह
परमेश्वर क साथ दकतन खलपन क साथ बात कर रहा ह, अब अपने
आपको “दमट्टी और राख” कहकर नम्र करता है। दिर भी, उसने परमेश्वर
से दवनती करना जारी रखा दक पैेंतालीस िमी दमलने पर भी वह उस नगर
को नि न करे। परमेश्वर ने पैेंतालीस िदमथयोें के होने पर भी उसे नि न
करने की बात मान ली।
18:29-32 त्तिर उसन उसस यह भी कहा, किालचत िहा चालीस त्तमल।
उसन कहा, तो म चालीस क कारण भी ऐसा न करूगा। 30त्तिर उसन कहा, ह प्रभ, क्रोि न कर तो म कछ और कह। किालचत िहा तीस त्तमल। उसन
कहा, यत्ति मझ िहा तीस भी त्तमल, तौभी ऐसा न करूगा।
31 त्तिर उसन कहा, ह प्रभ सन, म न इतनी त्तढठाई तो की ह त्तक तझ स
बात करू : किालचत उसम बीस त्तमल। उसन कहा, म बीस क कारण भी
उसका नाश न करूगा। 32त्तिर उसन कहा, ह प्रभ, क्रोि न कर, म एक ही
बार और कहगा : किालचत उसम िस त्तमल। उसन कहा, तो म िस क
कारण भी उसका नाश न करूगा।
अब्राहम ने दनडर होकर ‘मोलभाव’ करना जारी रखा। दिर उसने तीस
िदमथयोें के होने के आिार पर दवनती की। दिर बीस के , और अेंत मेें िस
के। परमेश्वर ने प्रदतज्ञा की, “म िस क कारर् भी उसका नाि न करूगा।”
दवडेंबना यह थी दक अब्राहम जानता था दक उस नगर मेें िायि िस िमी
भी नहीें थे। दिर भी उसने दनरािा मेें भी आिा रखी। जैसा दक आगे पता
चलेगा, लत की िो बदटया घर पर थी, अथात उसकी पत्नी को दमलाकर
लत क पररवार मेें कल चार लोग थ। उसके िामाि भी थे। सजसका अथथ है
दक उसकी कम स कम िो और बदटया और उनक पदत भी थ। य चार लोग
और हो गए, िायि उनसे भी असिक। उन िो दववादहत बेदटयोें के बच्चे भी
रहे होेंगे।
सिोम म लत क पररवार म उस समय कम स कम िस लोग हो सकत ह।
दिर भी, जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है तो पता चलता है दक उस नगर मेें
िस िमी भी नही थ। अब्राहम को सभवतः पता था दक लत न लाभ प्राप्त
करने की अपनी खोज मेें अपने प्रभाव और अपनी गवाही को न केवल
अपन पररवार म बस्कक अपन समिाय म भी खो दिया था।
18:33 जब यहोिा अब्राहम स बात कर चका, तब चला गया; और अब्राहम
अपन घर को लौि गया। बातचीतसमाप्त होने के बाि, यहोवा ने अपना
मागथ सलया और अब्राहम भी अपने घर लौट गया। स्पि है दक परमेश्वर
सिोम को गया होगा। यद्यदप उसके िेंड िेने वाल ित, अथात स्वगित वहा
थे, दिर भी परमेश्वर भी दनकट ही था। अब्राहम का दनवास-स्थान सेंभवतः
हेब्रोन रहा होगा। *****
उत्पत्ति19कासलिप्तत्तििरण:अध्याय19ल ू तक े परमेश्वरसेपीछेहट
जान े क े दघनौनेपररर्ामोकोप्रस्त ुतकरताह ै ।परमेश्वरनेसचम ु चसिोम
औरअमोराकोिडदियाथा।ल ू तन े अपनाघर, अपनाव्यवसाय, अपनी
पत्नीऔरएकबह ु तहीि ु खितरीक े स ेअपनीबदटयोकोखोदियाथा।
इदतहासके सबकोेंके अलावा , यहउस व्यदिक े ि ु खिअतकासबक
हैसजसनेपरमेश्वरके साथअपनेसेंबेंिकोत्यागकरलाभपानेकीअपेक्षा कीथी।
इसअध्यायमेेंिोखेंडहैें:(1)पि1-29मेसिोमकादवनािऔरल ू त काबचायाजाना।और,(2)पि30-38मेल ू तकापापऔरअपमान।
19:1-3 साझ को ि िो ित सिोम क पास आए; और लत सिोम क िािक क पास बठा था। उन को िखकर िह उनस भि करन क ललय उठा, और
मह क बल झककर िण्डित कर कहा। य िो ित दनिय ही व िो ‘परुष’
थे जो पि 18:22 मेें अब्राहम और यहोवा से दविा लेकर आगे बढ़ गए थे।
लत क सिोम क िाटक पर बठ होन क बार म कई बात कही गई ह। कछ लोगोें का कहना है दक वह िायि नगर का एक असिकारी बन गया होगा, हो सकता ह दक नगराध्यक्ष। कछ अनय लोगो न दविष रूप से आगे घटने
वाली घटनाओ को ध्यान म रखत हए कहा ह दक वह भटक हए यादत्रयो
के सलए अस्थाई रूप से रहने का स्थान चलाता था। जैसा भी हो, वह नगर
के नैदतक पतन से और इस बात से अवगत था दक सिोम के दनवासी
अनजान आगतको क साथ कसा व्यवहार करत ह।
2 ह मर प्रभओ, अपन िास क घर म पिाररए, और रात भर त्तिश्राम कीलजए,
और अपन पाि िोइय, त्तिर भोर को उठकर अपन माग पर जाइए। उधहोन
कहा, नही, हम चौक ही म रात त्तबताएग।
कयोेंदक िाम के समय नगर के िाटक पर आनेवाले इन अनजान यादत्रयोें
को वह नहीें जानता था, इससलए रात को उसक यहा दवश्राम करन का
उसका प्रस्ताव सच्चे अदतसथ सत्कार की भावना से असिक व्यावसादयक
दिर भी, लत न 3उनस बहत त्तिनती करक उधह मनाया; इसललय ि उसक
साथ चलकर उसक घर म आए; और उसन उनक ललय भोजन तयार त्तकया, और त्तबना खमीर की रोत्तिया बनाकर उनको लखलाईं। उसने उनके सलए भोजन तैयार दकया और उनहोेंने खाया। दिर से यह दिलचस्प बात यह है
दक स्वगीय प्रासर्यो न अपनी मलाकात क िौरान भौदतक भोजन खाया।
19:4-5 उनक सो जान स पहल, सिोम नगर क परुर्षो न, जिानो स लकर
बढो तक, िरन चारो ओर क सब लोगो न आकर उस घर को घर ललया।
इसी बीच नगर क लोगो न जब लत क मेहमानो को िखा तो उनहोन लत
क मकान को घर सलया। यहा ध्यान िन योग्य यह ह दक जो वहा आए थ, “जवानो स लकर बढ़ो तक” थ। स्पि ह दक जो लोग वहा होन वाल काम
क सलए कािी बढ़ थ, व जवानो को अपनी लालसा परी करत िखन और
अपनी दवकत वासना को सति करन आए होग।
5 और लत को पकारकर कहन लग, जो परुर्ष आज रात को तर पास आए
ह ि कहा ह? उनको हमार पास बाहर ल आ त्तक हम उनस भोग कर। नगर
क समलदगको न लत को पकारा दक वह उन परुषो को उनके हवाले कर
िे, सजनहेें उनहोेंने उस रात उसके घर मेें प्रवेि करते िेखा है, “दक हम उनसे
भोग करेें।” आगे सेंिभथ से यह स्पि हो जाता है दक वे केवल उनसे दमलना
ही नहीें चाहते थे। भोग कर क रूप म अनदित िब्ि (यािा) म अनय बातो
के साथ-साथ यौन सबि बनान का भाव भी ह। नगर क सिोदमयो न लत
के मेहमानोें के साथ समलैेंदगक रूप से बलात्कार करने की योजना बनाई
थी। लत यह जानता था।
19:6-8 तब लत उनक पास द्वार क बाहर गया, और त्तकिाड को अपन
पीछ बधि करक कहा, 7ह मर भाइयो, ऐसी बुराई न करो।
यहा यह ििाया गया ह दक लत दकतना दकतना असिक दगर चका था। लत
के प्रदत हमारा परा सम्मान है, लेदकन उसन महसस दकया होगा दक (1)
उसके द्वार पर खड़े लोग उसके पररवार को और भी असिक हादन पहचा
सकते हैें, जैसा दक उनहोेंने िमकी िी थी। (2) उसन िायि महसस दकया
होगा दक उसके मेहमान स्वगीय थे और इस प्रकार वह उनका दविेष रूप
स ध्यान रख रहा था। लदकन अपनी कवारी बदटयो को ऐस परुषो को सौप
िेना, सजनक बार म वह जानता था दक व दवकत लोग ह और उनक साथ
िव्यवहार दकया जाएगा, बहत घसर्त बात ह। दिर भी, उसे अपने पररवार
क सम्मान की रक्षा करन क बजाय महमानो की सरक्षा करक अपनी
सामासजक प्रदतष्ठा को बचान की असिक सचता थी। इसस भी बरी बात यह
है दक यदि उसका घर ‘दवश्राम और भोजन’ प्रिान करने जैसी सराय थी, तो
उस डर था दक महमानो को नगर क दवकत लोगो को सौप िन स उसकी
व्यावसादयक प्रदतष्ठा नि हो जाएगी। यदि ऐसा है, तो उसका पाप और भी
भयानक था। उस स्स्थदत मेें, वह व्यावसादयक प्रदतष्ठा के सलए अपनी
बेदटयोें का बसलिान करने को तैयार था।
दिर भी, 2 पतरस 2:8 मेें पतरस लत को “िमी” और “सच्च मन” का
कहता है। इन िो दवरोिाभासी लगनेवाले दववरर्ोें को एकदत्रत करने पर, यह कहा जा सकता ह दक लत मल रूप स एक िमी व्यदि था सजसन
नगर क पाप को न तो अपनाया और न ही उसम सहयोग दकया। परत जब
उस पर भारी िबाव डाला गया, जसा दक उस रात हआ, तो उसन बहत ही
खराब दनर्थय सलया। यह भी हो सकता है दक वह जानता हो दक सिोमवासी
उसके प्रस्ताव पर कया उिर िेेंगे।
19:9-11 उधहोन कहा, हि जा! त्तिर ि कहन लग, त एक परिशी होकर
यहा रहन क ललय आया, पर अब धयायी
साथ सहयोग नही दकया तो इसस भी बरा होगा। एक भीड़ क रूप म, वे
“उस परुष लत को बहत िबान लग, और दकवाड़ तोड़ने के सलये दनकट
आए।” लत क सामन आया सकट बहत गभीर था, इस पर कोई सेंिेह नहीें
है। उस समय, परमेश्वर ने हस्तक्षेप दकया।
10 तब उन अत्ततलथयो न हाथ बढाकर लत को अपन पास घर म खीच
ललया, और त्तकिाड को बधि कर त्तिया। िो ‘परुषो’ (स्वगितो) न लत को
घर मेें खीेंच सलया, और िरवाजा बेंि कर दिया।
दिर उनहोेंने, 11क्या छोि, क्या बड, सब परुर्षो को जो घर क द्वार पर थ, अधिा कर त्तिया, अत: ि द्वार को ििोलत ििोलत थक गए। उनके दवरुद्
परमेश्वर का िड िरू हो चका था, दिर भी व इसस बखबर रह। यहा तक
दक अपने अेंिेपन मेें भी, व अपनी वासना म लत क घर का िरवाज़ा ढढ़न
की कोसिि करते रहे, पर नाकाम रहे।
19:12-13 त्तिर उन अत्ततलथयो न लत स पछा, यहा तरा और कौन कौन
ह? िामाि, बि, बत्तिया, और नगर म तरा जो कोई हो, उन सभो को लकर
इस स्थान स त्तनकल जा। जब बाहर सड़क पर उपद्रव का िोर जारी रहा, तो िोनो स्वगितो ने लत से काम की बात की। यदि उसे कोई सेंिेह था दक
उसके िोनोें मेहमान स्वगथ से आए थे, तो अब इसकी पदि हो गई थी।
उनहोन लत स पछा दक कया इस नगर मेें उसका कोई और पररवार है।
13 क्योत्तक हम यह स्थान नि करन पर ह, इसललय त्तक इसकी लचल्लाहि
यहोिा क सम्मख बढ गई ह; और यहोिा न हम इसका सत्यानाश करन
क ललय भजा ह। उनहोेंने उसे आिेि दिया दक वह उनहेें नगर से बाहर
दनकाल िे। उनका उद्देश्य सरल था। उनका इरािा उस जगह को नि
सिोम का पाप परमेश्वर क सामन आ गया था। इस प्रकार इस िि नगर
के सलए िेंड का दिन आ गया था। पि 18:20 िेखेें।
19:14 तब लत न त्तनकलकर अपन िामािो को, लजनक साथ उसकी बत्तियो
की सगाई हो गई थी, (कछ अनवािो म सलखा ह ‘सजनक साथ उसकी
बेदटयोें का दववाह हो गया था।’) समझा क कहा, उठो, इस स्थान स त्तनकल
चलो; क्योत्तक यहोिा इस नगर को नि करन पर ह। स्पि है दक जब रात
असिक होने लगी, तो लत क घर क सामन का कोलाहल कम हो गया।
तब वह रात को अपनी दववादहत बेदटयोें के घर गया, और कहा, उठो, इस
स्थान से दनकल चलो, कयोेंदक यहोवा इस नगर को नष्ट करने पर है।
उनक िामाि इसस प्रभादवत नही हए। उनह लगा दक उनक ससर कोई बड़ा
मजाक कर रहे हैें। वास्तव मेें, उनके सलए परमेश्वर के िेंड का दवचार
मजाक करने जैसा था। एक बात तो दनसित है। अपने पररवार के सामने
लत की गवाही भरोस-योग्य नहीें थी। जब वह परमेश्वर के िेंड के बारे मेें
चतावनी िन आया तो व कवल हस। उनहोन सोचा होगा दक िायि यह
बढ़ा व्यदि िम क बार म कछ ज्यािा ही सोच रहा ह। अतः लत घर चला
गया।
19:15-16 जब पौ ििन लगी, तब ितो न लत स जल्िी करन को कहा
और बोल, उठ, अपनी पत्नी और िोनो बत्तियो को जो यहा ह ल जा; नही
तो त भी इस नगर क अिम म भस्म हो जाएगा। जब भोर का ििला प्रकाि
दिखाई िेने लगा, “तब ितो न लत स जकिी करन को कहा और बोल, उठ, अपनी पत्नी और िोनो बदटयो को जो यहा ह ल जा; नही तो त भी इस नगर के अिमथ मेें भस्म हो जाएगा।” दिर भी, लत रुका रहा। हो सकता ह, उसकी पत्नी ने उसे रोककर रखा हो।
परमेश्वर की िया का उस पर होना था। स्वगित इसस पल्ला झाड़कर अपना
काम कर सकते थे। दिर भी, लत और उसक पररवार पर परमेश्वर की
िया हई। सचमच, उसकी करूर्ा सिा बनी रहती है।
19:17 और ऐसा हआ त्तक जब उधहोन उनको बाहर त्तनकाला, तब कहा, अपना प्राण लकर भाग जा; पीछ की ओर न ताकना, और तराई भर म न
ठहरना; उस पहाड पर भाग जाना, नही तो त भी भस्म हो जाएगा। स्वगितो
ने उनसे आग्रह दकया दक “अपना प्रार् लेकर भाग जा; पीछे की ओर न
ताकना, और तराई भर मेें न ठहरना; उस पहाड़ पर भाग जाना, नही तो त
भी भस्म हो जाएगा।” ध्यान िन योग्य यह ह दक लत और उसक पररवार
को पीछ मड़कर न िखन की आज्ञा िी गई थी। उसकी पत्नी न उस आिि
की उपक्षा की जो उसक सलए हादनकारक सादबत हआ।
19:18-20 लत न उनस कहा, ह प्रभ, ऐसा न कर! 19िख, तर िास पर
तरी अनग्रह की िष्ि हई ह, और त न इस म बडी कपा त्तिखाई त्तक मर
प्राण को बचाया ह; पर म पहाड पर भाग नही सकता, कही ऐसा न हो त्तक
कोई त्तिपत्ति मझ पर आ पड, और म मर जाऊ। लत िायि आन वाल िड
की गेंभीरता को नहीें समझ रहा था, और िायि उस वतथमान सेंसार से प्रेम
करने के कारर् दकसी कम कठोर मेंसजल पर जाने के दवषय मेें मोलभाव
करने लगा। ऊपर का पहाड़ वह स्थान ह जहा उसका चाचा अब्राहम रहता
था और जहा स वह चला आया था। उस ससार स और ससार की वस्तओ
से प्रेम हो गया था। िायि वह पास के पहाड़ोें की कदठन यात्रा करने के
सलए तैयार नहीें था।
20 िख, िह नगर ऐसा त्तनकि ह त्तक म िहा भाग सकता ह, और िह छोिा
भी ह। मझ िही भाग जान ि, क्या िह नगर छोिा नही ह?
19:21-23 उसन उसस कहा, िख, म न इस त्तिर्षय म भी तरी त्तिनती
स्िीकार की ह, त्तक लजस नगर की चचा त न की ह, उसको म नि न
करूगा। 22िती स िहा भाग जा; क्योत्तक जब तक त िहा न पहच, तब
तक म कछ न कर सकगा। इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पडा।
23लत क सोअर क त्तनकि पहचत ही सय पथ्िी पर उिय हआ। प्रिान
स्वगित न लत की दवनती स्वीकार कर ली। उसन दनकट क छोट नगर
को नि न करने का वािा दकया सजसे सोअर के नाम से जाना जाता है। उस
नाम का िास्ब्िक अथथ है ‘महत्वहीन’ या ‘छोटा’। स्पि है दक यह वही
जगह है सजसे बेला कहा गया है जैसा दक 14:2 म पाया जाता ह। तब सय उिय हो रहा था और लत सोअर म प्रवि कर गया।
19:24-25 तब यहोिा न अपनी ओर स सिोम और अमोरा पर आकाश स गधिक और आग बरसाई 25और उन नगरो को और उस सम्पण तराई को, और नगरो क सब त्तनिालसयो को, भत्तम की सारी उपज समत नि कर त्तिया। गधिक क रूप म अनदित िब्ि (गोदफ्रथ) इब्रानी भाषा मेें अस्पि
है। दहेंिी अथथ गेंिक के जलने या पत्थर के जलने का है। ऐसा हो सकता
है दक परमेश्वर ने सिोम और मैिानी नगरोें पर अलौदकक रूप से ऐसी वषाथ
की हो। यह भी हो सकता है दक उसने ऐसा करने के सलए उस क्षेत्र मेें
ज्वालामखी का दवस्िोट कराया हो। हालादक आज उस क्षेत्र मेें कोई
सदिय ज्वालामखी नही ह, परत मत सागर घाटी एक सदिय दववतदनक
क्षेत्र है जो आसानी से िट सकता है। इसके अलावा, यह तथ्य दक उस
क्षेत्र मेें ‘स्लाइमदपट्स’ (डामर और पेरोसलयम के सतही तालाब) थे, इससे
आग लगने की सेंभावना बढ़ जाती है। जैसा दक 1991 क खाड़ी यद् म
स्पि रूप से िेखा गया था, मध्य पव म जलनवाल परोसलयम पिाथ
प्रचेंडता
पेरोसलयम पिाथथ जल उठे होें, उनका पररर्ाम वही हआ। उनह नि कर
दिया गया। कछ लोग मानत ह दक सिोम और अमोरा और उसक अनय
पड़ोसी नगर वास्तव म वही थ जहा अब मत सागर ह। परमेश्वर के िेंड
की आग भड़कन क बाि वह क्षत्र और डब गया और एक घाटी बन गया
जो अब मत सागर ह। अरब लोग हाल ही तक इस एस्िाकट की झील
कहते रहे हैें।
25 और उन नगरो को और उस सम्पण तराई को, और नगरो क सब
त्तनिालसयो को, भत्तम की सारी उपज समत नि कर त्तिया। मैिान के अनय नगरोें मेें स्पि रूप से सिोम, अमोरा, सबोयीम और अिमा िादमल थे।
व्यवस्थादववरर् 29:23 िख। आग की लपटो म न कवल नगर नि हए, बस्कक भदम पर उगनवाली िसल भी नि हो गईं। वह क्षत्र आज भी
रेदगस्तान ही है।
19:26 लत की पत्नी न जो उसक पीछ थी िष्ि िर क पीछ की ओर
िखा, और िह नमक का खम्भा बन गई। ईश्वरीय आिेि का उल्लेंघन करने
क कारर् लत की पत्नी नमक का खम्भा बन गई। यह स्पि ह, लत की
पत्नी ससार स और ससार की वस्तओ स बहत प्रम करती थी। अथ यह
ह दक उसन स्पि रूप स इस चाहत क साथ पीछ मड़कर िखा दक वहा
कया छट गया था। एक मा क रूप म उस िायि अपनी उन बदटयो और
िायि नादतयोें की भी सचेंता हो रही हो जो नाि हो रहे थे। दिर भी, उसने
स्वगित की आज्ञा का उल्लघन करत हए वही दकया जो उस न करन को
कहा गया था। उसका दनर्थय एकिम सलया गया था। यह भी समझा जा
सकता ह दक वह लत पर पड़नवाला नकारात्मक प्रभाव थी सजसन उस
लगातार
उस सबह जकिी उठ गया दक कया होन वाला ह। कछ लोगो का मानना ह
दक यह वही स्थान ह जहा वह एक दिन पहल यहोवा स दमला था।
हालादक, असिक सभावना यह ह दक यह वह दनयदमत स्थान था जहा वह
हर सबह प्राथना म यहोवा स भट करता था। इसम दिन की िरुआत म हर
सबह अब्राहम और परमेश्वर के एक साथ दमलने मेें पाई जानेवाली दमत्रता
का भाव है।
19:28 और सिोम, और अमोरा, और उस तराई क सार िश की ओर आख
उठाकर क्या िखा त्तक उस िश म स ििकती हई भट्ठी का सा िआ उठ
रहा ह। जब उसने िसक्षर्-पव म सिोम और अमोरा की ओर िखा, तो
अब्राहम ने परमेश्वर क िड का िआ ऐस ऊपर उठत िखा जस वह “भट्ठी
का सा िआ” हो। उसन िायि वही िखा जो िदनया न कवत म खाड़ी यद्
मेें िेखा था, एक बड़ा िआ आकाि की ओर उठ रहा था। अब्राहम कवल
सोच ही सकता था दक कया लत और उसक पर पररवार को बचा सलया
गया होगा। दनस्सेंिेह उसन उस सबह उस दवषय क सलए प्राथना की।
19:29 और ऐसा हआ त्तक जब परमश्िर न उस तराई क नगरो को, लजनम
लूत रहता था, उलि–पुलि कर नि त्तकया, तब उसन अब्राहम को याि
करक लत को उस घिना स बचा ललया। स्पि अथथ यह है दक परमेश्वर ने
सिोम मेें एक भी िमी व्यदि को बचाने मेें अब्राहम से की गई अपनी
प्रदतज्ञा को याि रखा। यह वह कारर् हो सकता ह दक पतरस न लत क
िमी होने की बात कही। जैसा भी हो, लत म सजतनी भी िादमकता रही हो
वह थोड़ी सी ही रही होगी। हो सकता है, उसने अपने चाचा अब्राहम के
समान परमेश्वर पर दवश्वास दकया हो और इससलए उसे िमी दगना गया
हो। दनसित रूप से उसमेें व्यदिगत िादमथकता
और पहाड़ पर रहन लगा। उसन वह काय परा दकया जो उस पहल करन
को कहा गया था। वहा वह और उसकी िोनो बदटया एक गिा म रहन
लगे। परमेश्वर स िर होन की ििा का अब उसे एहसास हो रहा था, हालादक अभी उसकी पर्ता नही हई थी। वह सजसक पास अब्राहम क
सजतनी भेड़-बकररया और गाय-बल थ और जो सिोम म एक प्रमख व्यदि
था, अब एक टटा हआ जन था। उसका व्यापार चौपट हो गया था। उसन
अपनी पत्नी को खो दिया था। उसने अपने पररवार के असिकाेंि लोगोें को
खो दिया था। जकि ही, वह अपनी खराई को भी खो िेगा। एक मसीही
व्यदि के परमेश्वर से पीछे हटने के भयानक पररर्ाम हो सकते हैें।
19:31-35 तब बडी बिी न छोिी स कहा, हमारा त्तपता बढा ह, और पृथ्िी–भर म कोई ऐसा परुर्ष नही जो ससार की रीत्तत क अनसार हमार पास आए।
32इसललय आ, हम अपन त्तपता को िाखमि त्तपलाकर उसक साथ सोए, लजसस त्तक हम अपन त्तपता क िश को बचाए रख। यद्यदप उसकी बदटया
िारीररक रूप स कवारी थी, लेदकन दिर भी वे साेंसाररक रूप से अवश्य
चतर थी। कनादनयो (अथात सिोम क लोगो) की यह रीदत रही होगी दक
यदि कोई अनय दवककप न हो तो एक परुष अपनी बटी स सतान उत्पन्न
कर सकता है। ऐसी रीदत परमेश्वर की िदि म िि काय था। इसके अलावा, लत की बदटयो को पता होगा दक ऐसा दवचार उनक दपता क सलए घसर्त
होगा, कयोेंदक वे जानती थीें दक अपनी सही मानससक अवस्था मेें वह ऐसे
कायथ के सलए कभी सहमत नहीें होगा।
अपन जीवन की स्स्थदत पर ध्यान ित हए, व इस दनष्कष पर पहची दक व
कभी अपन पररवार नही बना पाएगी। अतः उनहोन अपन दपता को िाखमि
दपलान और दिर नि म होन पर उसक साथ यौन सबि बनान की िि
योजना बनाई।
है। (यह उनके आस्त्मक पतन को ििाथता है। वे स्पि रूप से अभी
दकिोरावस्था मेें ही थीें।)
33 अत: उधहोन उसी त्तिन रात क समय अपन त्तपता को िाखमि त्तपलाया, तब बडी बिी जाकर अपन त्तपता क पास लि गई; पर उसन न जाना त्तक
िह कब लिी और कब उठ गई।
34 और ऐसा हआ त्तक िसर त्तिन बडी न छोिी स कहा, िख, कल रात को
म अपन त्तपता क साथ सोई; इसललय आज भी रात को हम उसको िाखमि
त्तपलाए; तब त जाकर उसक साथ सोना त्तक हम अपन त्तपता क द्वारा िश
उत्पन्न कर।
35 अत: उधहोन उस त्तिन भी रात क समय अपन त्तपता को िाखमि
त्तपलाया; और छोिी बिी जाकर उसक पास लि गई, पर उसको उसक भी
सोन और उठन क समय का ज्ञान न था।
स्पि ह दक लत को निा करन स परहज़ नही था, जो उसकी आस्त्मक
अवस्था को और भी स्पि करता है। अतः उनहोेंने अपनी भ्रि योजना पर
काम दकया। िोनो म स प्रत्यक लड़की न अपन दपता को िाखमि दपलान
के बाि उसे उिेसजत दकया और वह सब दकया जो उसके साथ सेंभोग करने
के सलए आवश्यक था। निे मेें होने के कारर् उसे पता ही नहीें चला दक
वह दकसक साथ सबि बना रहा ह। िायि अपन सन्नपन म उसन सोचा
दक उसकी पत्नी अब भी उसके साथ है। मदिरापान ने उसकी सेंवेिनाओें
को सन्न कर दिया था, लेदकन उसकी यौन-इच्छा को नहीें। मदिरापान की
बराई पर एक सीख यहा स्पि रूप स पाई जाती ह।
19:36-38 इस प्रकार स लत की िोनो बत्तिया अपन त्तपता स गभिती हईं।
37बडी एक पुत्र जनी, और उसका
पत्र उत्पन्न हए। पहल का नाम मोआब रखा गया : वह मोआब नामक जादत
का जो आज तक ह मलदपता हआ। िसर का नाम बनम्मी था : वह
अम्मोनवसियो का जो आज तक ह मलदपता हआ। लत का परमेश्वर से
िर होना अपने चरम तक पहच गया था। उसका जीवन समझौता करनेवाला
और व्यदिगत लाभ को परमेश्वर की भदि से पहले रखने का था। उसने
कड़वी फ़सल काटी। मोआबी और अम्मोनी (बाि मेें यरिन के लोग) आज
तक यहदियो क ित्र बन हए ह।
उत्पत्ति20कासलिप्तत्तििरण:अब्राहमके जीवनकीकहानीजारीरहती है।कारर्स्पिनहीेंहैें , लेदकनअब्राहमगरारकीओरगयाऔरएकबार दिरअपनीपत्नीक े दवषयमेझ ूठबोला।दिर, इसबातनेइसमेेंिादमल सबलोगोेंके सलएसेंकटपैिाकरदिया।
इसअध्यायमेेंयेदवभाजनहैें:(1)पि1-8अबीमेलेकसाराकोलेलेता है।(2)पि9-13मेेंअबीमेलेकअब्राहमकोडाेंटताहै।और,(3)पि1418मेेंअबीमेलेकसाराकोदिरसेवापसकरिेताहै।
20:1 त्तिर अब्राहम िहा स त्तनकल कर िष्क्खन िश म आकर कािश और
शर क बीच म ठहरा, और गरार म रहन लगा। कारर् स्पि नहीें है, लेदकन
अब्राहम हब्रोन (जहा वह पेंद्रह या बीस वषों तक रहा था) से गरार को
चला गया। इसके कई कारर् हो सकते हैें, जस दक वह मम्र क बाज वक्षो
से ऊब गया था, या उसक पिओ क सलए उस क्षत्र मेें चारा नहीें बचा था, या वह उस िेि के अनय क्षेत्रोें मेें रहना चाहता था सजसकी प्रदतज्ञा परमेश्वर ने की थी। िायि, परमेश्वर उस पथ्वी पर एक प्रवासी क रूप म रखना
चाहता था और इससलए उसन
भाग मेें स्स्थत है सजसे अब दफ़सलस्तीदनयोें के क्षेत्र गाज़ा के नाम से जाना
जाता है।
20:2 और अब्राहम न अपनी पत्नी सारा क त्तिर्षय म कहा, िह मरी बत्तहन
ह, इसललय गरार क राजा अबीमलक न ित भजकर सारा को बलिा ललया।
एक बार दिर, अब्राहम और सारा ने सहमदत की दक वे स्थानीय लोगोें को
यह बताएग दक वह उसकी बहन थी। य आिा सच तो था, लेदकन आिा
झठ भी था। जसा दक आग पता चलता ह, इसने हर दकसी को परेिानी मेें
डाल दिया। तब “गरार क राजा अबीमलक न ित भजकर सारा को बलवा
सलया।” हालादक वह नब्ब साल की उम्र क करीब एक स्त्री थी, दिर भी
वह इतनी सिर थी दक दकसी को आकदषत कर सकती थी। स्पि ह दक
वह िारीररक रूप स बहत सिर थी।
20:3-7 रात को परमश्िर न स्िप्न म अबीमलक क पास आकर कहा, सुन, लजस स्त्री को त न रख ललया ह उसक कारण त मर जाएगा क्योत्तक
िह सहात्तगन ह। यह याि करना महत्वपर् ह दक य घटनाए उन दिनो म
घटीें जब परमेश्वर न अब्राहम स दिर स पदि की थी दक उसी वष उस
सारा क द्वारा एक पत्र होगा। इससलए परमेश्वर ने अबीमेलेक को स्व्न मेें
ििथन दिया और उसे चेतावनी िी दक उसने दकसी अनय व्यदि की पत्नी
को ले सलया है। यही नहीें, यदि अबीमेलेक उसके साथ सेंबेंि बनाएगा तो
वह मर जाएगा।
4 परधत अबीमलक उस क पास न गया था; इसललय उसन कहा, ह प्रभ, क्या त त्तनिोर्ष जात्तत का भी घात करगा? 5क्या उसी न स्िय मझ स नही कहा, िह मरी बत्तहन ह? और उस स्त्री न भी आप कहा, िह मरा भाई ह, म न तो अपन मन की खराई और अपन व्यिहार की सच्चाई स यह काम
परमेश्वर न इस मान सलया और ििाया दक उसी न अबीमलक को उस छन
से रोका था।
7 इसललय अब उस परुर्ष की पत्नी को उस लौिा ि; क्योत्तक िह नबी ह, और तर ललय प्राथना करगा, और त जीता रहगा; पर यत्ति तू उसको न
लौिाए तो जान रख त्तक त और तर लजतन लोग ह, सब त्तनश्चय मर जाएग। इससलए परमेश्वर ने अबीमेलेक को आिेि दिया दक वह सारा को अब्राहम
को लौटा िे। और उसने उसे चेतावनी भी िी दक यदि वह ऐसा नहीें करता, तो वह और उसक लोग मार जाएग।
20:8-10 सबर अबीमलक न तडक उठकर अपन सब कमचाररयो को
बलिाकर य सब बात सनाईं; और ि लोग बहत डर गए। 9तब अबीमलक
न अब्राहम को बलिाकर कहा, त न हमार साथ यह क्या त्तकया ह? म न
तरा क्या त्तबगाडा था त्तक त न मर और मर राज्य क ऊपर ऐसा बडा पाप
डाल त्तिया ह? त न मर साथ िह काम त्तकया ह जो उलचत न था। 10त्तिर
अबीमलक न अब्राहम स पछा, त न क्या समझकर ऐसा काम त्तकया?
अगली सबह, अबीमेलेक ने अपने लोगोें को वह सब बताया और वे इस
बात स डर गए। इससलए उसन अब्राहम को बलाया और उसक झठ क
कारर् उसे डाेंटा। वह जानना चाहता था दक उसने अब्राहम के दवरुद् ऐसा
कया दकया था दक उसन उस इतनी खतरनाक स्स्थदत म िसा दिया था।
जैसा दक वषों पहले दफ़रौन और सारा क दवषय म हआ था (अध्याय 13), अबीमलक भी अचानक भदिमय हो गया। उसन िरू म अपन िरीर की
लालसा को सति करन का काम दकया था। परत अब, वह अचानक इस
मामले मेें बहत भदिमय हो गया। इससलए जो कछ भी हआ, उसने
ऐसा हआ त्तक जब परमश्िर न मझ अपन त्तपता का घर छोडकर त्तनकलन
की आज्ञा िी, तब म न उसस कहा, इतनी कपा तझ मझ पर करनी होगी त्तक हम िोनो जहा–जहा जाए िहा–िहा त मर त्तिर्षय म कहना त्तक यह मरा
भाई ह।
िदमिंिगी और अपनी अस्पिता मेें िेंसकर, अब्राहम ने मान सलया दक उसे
सेंिेह था दक अबीमेलेक और उसके लोग परमेश्वर का भय नहीें रखते
होेंगे। तब उसने माना दक वह वास्तव मेें उसकी सौतेली बहन थी। (उसके
दपता तरह की स्पि रूप स एक स असिक पस्त्नया थी। उसका तथा सारा
का दपता एक ही था, लदकन मा एक नही थी। उस समय ऐस दववाह
स्वीकायथ थे।) उसने यह भी माना दक वे वषों पहले इसी बात पर सहमत
हए थ जब कोई परििी िासक अब्राहम स सारा को छीनन की कोसिि
करगा। एक सरल सीख यहा स्पि ह। उनहोन आिा सच बोलत हए आिा
झठ भी उसक सामन रखा। इसका पररर्ाम िोखा हआ।
20:14-16 तब अबीमलक न भड–बकरी, गाय–बल, और िास–िालसया
लकर अब्राहम को िी, और उसकी पत्नी सारा को भी उस लौिा त्तिया।
15और अबीमलक न कहा, िख, मरा िश तर सामन ह, जहा तझ भाए िहा
रह। 16सारा स उसन कहा, िख, म न तर भाई को रूप क एक हज़ार िकड
त्तिए ह। िख, तर सार सत्तगयो क सामन िही तरी आखो का परिा बनगा, और सभो क सामन त ठीक होगी।
अतः अबीमेलेक ने सारा को लौटा दिया। परमेश्वर का भय अपने मन मेें
समाने के बाि, उसन अब्राहम को पि और िास-िासी भी उपहार मेें दिए।
उसन अब्राहम को उस क्षत्र म जहा वह चाह रहन का असिकार दिया।
इसके अलावा, उनहोेंने सारा से सीिे बात की। रूप क एक हज़ार िकड
का उल्लख
अथ यह ह दक उसक पदत क रूप म अब्राहम को उसकी सरक्षा और
सिीलता बनना ह। अथ यह भी ह दक सारा अपन व्यवहार म उतनी
दववेकिील या दवनम्र नहीें रही होगी सजतना सही रीदत से उसे होना चादहए
था। इस सारे दवषय मेें सारा भी उतनी ही िोषी थी सजतने दक अबीमेलेक या अब्राहम।
20:17-18 तब अब्राहम न यहोिा स प्राथना की, और यहोिा न अबीमलक, और उसकी पत्नी और िालसयो को चगा त्तकया और ि जनन लगी। 18क्योत्तक यहोिा न अब्राहम की पत्नी सारा क कारण अबीमलक क घर
की सब ष्स्त्रयो की कोखो को परी रीत्तत स बधि कर त्तिया था। अतः अब्राहम
ने अबीमेलेक और उसके पररवार की चेंगाई के सलए परमेश्वर से प्राथथना
की तादक वे दिर से बच्चे पैिा कर सकेें। अथथ यह है दक परमेश्वर ने कम
स कम अबीमलक क घरान को बाझ तो बना ही दिया था।
परत कयोदक समय सीमा इतनी सीदमत ह, इससलए समस्या असिक स्पि
रही होगी। कछ लोगो का मानना ह दक अबीमलक क घर की सभी कोखो
को इतनी जकिी बेंि करने मेें परमेश्वर ने अबीमेलेक के घर की स्स्त्रयोें के
प्रजनन अेंगोें मेें गेंभीर िोड़े भेज दिए थे। यदि ऐसा है, तो इसने न केवल
भदवष्य मेें बच्चोें के जनम को रोक दिया था, बस्कक पदतयोें और पस्त्नयोें के
बीच सामानय ववादहक सबिो को भी रोक दिया था। जो भी हआ हो, परत जब अब्राहम ने प्राथथना की, तो परमेश्वर ने अबीमेलेक के पररवार को उस
रोग से चेंगा कर दिया।
उत्पत्ति21कासंलिप्तत्तििरण:जैसे-जैसेअब्राहमकाजीवनआगेबढ़ता है,यहअगलाअध्यायइसहाककेजनमऔरहासजराकीसमस्याकोप्रकट करताहै।इसअध्यायमेेंदनम्नसलसखतउपखेंडहैें:(1)पि1-8मेेंइसहाक काजनम।(2)पि9-13मेेंइश्माएलऔरहासजराकाइसहाकसेमतभेि। (3)पि14-21मेेंहासजराऔरइश्माएलकाबाहरदनकालदियाजाना , पर
दिरएक स्वग थ ि ू त द्वारा उनह े सहायता दमलना। और,(4)पि22-34मेें
अब्राहमके साथअबीमेलेककीवाचा।
21:1 यहोिा न जसा कहा था िसा ही सारा की सलि ल क उसक साथ
अपन िचन क अनसार त्तकया। सपर् बाइबल क एक जान-पहचाने कथनोें
मेें, परमेश्वर ने वही दकया जो उसने कहा था दक वह करेगा। सरल सीख
इसमेें यह है दक परमेश्वर हमिा अपनी प्रदतज्ञा परी करता ह! वह कभी
इसस मकरता नही ह। िादनय्यल 11:36 का अदतम वाकयाि िख।
21:2-4 सारा अब्राहम स गभिती हई; और उसक बढाप म उसी त्तनयक्त
समय पर जो परमश्िर न उस स ठहराया था, एक पत्र उत्पन्न हआ।
3अब्राहम न अपन उस पत्र का नाम जो सारा स उत्पन्न हआ था इसहाक
रखा। 4और जब उसका पत्र इसहाक आठ त्तिन का हआ, तब उसन
परमश्िर की आज्ञा क अनसार उसका खतना त्तकया।
जैसा दक परमेश्वर ने लेंबे समय से प्रदतज्ञा की थी, सारा गभवती हई और
अब्राहम क बढ़ाप म उसी दनयि समय पर जो परमेश्वर ने ठहराया था एक
पत्र को जनम दिया। पि 17:21 स स्मरर् कर दक परमेश्वर ने न केवल
अब्राहम को दिर स सारा क द्वारा एक पत्र िन की प्रदतज्ञा की थी, बस्कक
उसन उस यह भी बताया था दक अगल वष “दनयि समय” पर ऐसा होगा।
परमेश्वर ने न केवल वही दकया जो उसने करने को कहा था, बस्कक उसने
अपने बताए गए समय पर ही ऐसा दकया। जैसा दक 17:19 मेें आज्ञा िी गई
थी, अब्राहम न अपन पत्र का नाम इसहाक रखा। यही नहीें, जब वह आठ
दिन का हआ तो अब्राहम न उसका खतना दकया, जैसा दक परमेश्वर ने
उसे लगभग एक वषथ पहले आज्ञा िी थी। िेखेें 17:12।
21:5 जब अब्राहम
21:6-7 यद्यदप सारा ने अध्याय 18 मेें परमेश्वर पर सेंिेह दकया था, पर अब उसने खिी से गवाही िी दक परमश्िर न मझ प्रिष्ल्लत त्तकया ह। इसललय सब सननिाल भी मर साथ प्रिष्ल्लत होग। वह आगे कहती है, 7क्या कोई कभी अब्राहम स कह सकता था त्तक सारा लडको को िि त्तपलाएगी? पर िखो, मझ स उसक बढाप म एक पत्र उत्पन्न हआ।
21:8 िह लडका बढा और उसका िि छडाया गया; और इसहाक क िि छडान क त्तिन अब्राहम न बडा भोज त्तकया। जब बालक इसहाक का िि
छड़ाया गया, तो अब्राहम ने उसी दिन एक बड़ी िावत िी सजस दिन इसहाक
का िि छड़ाया गया था।
21:9-10 तब सारा को त्तमस्री हालजरा का पुत्र, जो अब्राहम स उत्पन्न हआ
था, हसी करता हआ त्तिखाई पडा। 10इस कारण उसन अब्राहम स कहा, इस िासी को पत्र सत्तहत त्तनकाल ि; क्योत्तक इस िासी का पत्र मर पत्र
इसहाक क साथ भागी नही होगा। लगभग उसी समय, िायि इसहाक के
िि छड़ान क भोज क दिन ही सारा न हासजरा क पत्र इश्माएल को बालक
इसहाक की हसी उड़ात हए िखा। यह ध्यान दिया जाना चादहए दक इस
समय तक इश्माएल कम से कम चौिह वषथ का था। हो सकता है, उसने
अपने छोटे भाई का इससलए मज़ाक उड़ाया हो दक वह पहलौठा है और
इस कारर् उसे अपने दपता के उिरासिकार मेें बड़ा दहस्सा दमलेगा। स्पि
है दक उसने इसहाक की माता क साथ भी ऐसा ही अदववकपर् व्यवहार
दकया हो। िेखेें 16:4 और आगे।
इससलए सारा अपने पदत के पास गई और उससे कहा दक वह “इस िासी
को पत्र सदहत दनकाल ि।” िासी के रूप मेें अनदित िब्ि (आमाह) का
अनवाि ‘नौकरानी’ क रूप म
क दवषय म उनकी मखता का कड़वा िल उनह प्राप्त होता रहा। (एक वकस्कपक सीख वह कड़वी प्रदतद्वदद्वता ह जो एक स असिक पस्त्नया रखन
क कारर् उत्पन्न हो जाती ह।) इश्माएल प्रदतज्ञा का पत्र नही था, दिर भी
वह अब्राहम का पत्र अवश्य था। उनहोन चौिह वषों तक उस बढ़त हए
िेखा था। अब, अपनी पत्नी क िबाव म उस और उसकी मा को उनक घर
से बेिखल करने का दनिथयी कायथ करना पड़ा। दनस्सेंिेह, अपन पत्र क
कारर् यह बात अब्राहम की िदि म बड़ी कििायक थी। सचमच, जो कछ
दवश्वास से नहीें है वह पाप है। हासजरा के साथ िादमल होने मेें अब्राहम
की दवश्वास की कमी ने आने वाले वषों के सलए परेिानी पैिा कर िी थी।
इश्माएल क विज आज तक इस्राएल क सलए एक चभन बन हए ह।
21:12-13 परधतु परमश्िर न अब्राहम स कहा, उस लडक और अपनी
िासी क कारण तझ बरा न लग; जो बात सारा तझ स कह, उस मान, क्योत्तक जो तरा िश कहलाएगा िह इसहाक ही स चलगा। 13िासी क पत्र
स भी म एक जात्तत उत्पन्न करूगा, इसललय त्तक िह तरा िश ह। परमेश्वर
न अब्राहम स बात की और पदि की दक उस सारा की बात सननी ह, “कयोेंदक जो तेरा वेंि कहलाएगा वह इसहाक ही से चलेगा।” यही नहीें, परमेश्वर ने दिर भी इश्माएल से एक जादत बनाने की प्रदतज्ञा की “इससलये
दक वह तेरा वेंि है।”
21:14-16 इसललय अब्राहम न सबर तडक उठकर रोिी और पानी स भरी
चमड की थली भी हालजरा को िी, और उसक कधि पर रखी, और उसक
लडक को भी उस िकर उसको त्तििा त्तकया। िह चली गई, और बशबा क
जगल म भिकन लगी। 15जब थली का जल समाप्त हो गया, तब उसन
लडक को एक झाडी क
अगली सबह, अब्राहम ने हासजरा और इश्माएल को रोटी और पानी िेकर
दविा दकया। वह कछ समय बिबा क जगल म भटकती रही। जब पानी
खत्म हो गया (और स्पि है दक वे ्यास से तड़प रहे थे), तो उसने इश्माएल
को एक झाड़ी के नीचे रखा, और उसस कछ िर (तीर भर क ट्प पर)
चली गई। वह बैठ गई और बोली, “मझ को लड़क की मत्य िखनी न पड़।
तब वह उसके सामन बठी हई सचकला सचकला के रोने लगी।”
स्स्थदत बहत ही ियनीय ह। हालादक जो कछ भी हआ उसम उसन बसद् स
काम नहीें सलया था, पर दिर भी वह सारा और अब्राहम के दवश्वास की
कमी के कारर् पीदड़त अवस्था मेें थी। परमेश्वर यह जानता था। (इसके
अलावा, एक सीख यहा ली जा सकती ह दक पाप दनसित रूप स िःख
लाता ह।) ऐसा कोई दववरर् नही ह दक अब्राहम न अपन पत्र इश्माएल को
दिर कभी िखा हो। उस िश्य की पीड़ा अवश्य ही ियनीय रही होगी।
21:17-19 परमश्िर न उस लडक की सनी; और उसक ित न स्िग स
हालजरा को पकार क कहा, ह हालजरा, तझ क्या हआ? मत डर; क्योत्तक
जहा तरा लडका ह िहा स उसकी आिाज़ परमश्िर को सन पडी ह।
18उठ, अपन लडक को उठा और अपन हाथ स सम्भाल; क्योत्तक म उसक
द्वारा एक बडी जात्तत बनाऊगा। 19तब परमश्िर न उसकी आख खोल िी, और उसको एक कआ त्तिखाई पडा; तब उसन जाकर थली को जल स
भरकर लडक को त्तपलाया। परमेश्वर न हासजरा की पकार सनी और उस
सात्वना िन क सलए एक ित को भजा। उसन उसस प्रदतज्ञा की दक वह
उसक पत्र इश्माएल को एक बड़ी जादत बनाएगा। आज भी असिकाि
अरबी लोग अपनी वेंिावली को इश्माएल से जोड़ते हैें। “तब परमेश्वर ने उसकी आख खोल िी, और उसको एक कआ दिखाई पड़ा।” इस प्रकार
परमेश्वर इश्माएल
स्त्री मगिाई। यह ध्यान िेने योग्य है दक “परमेश्वर बालक इश्माएल के
साथ रहा।” हालादक वह उस प्रदतज्ञा का उिरासिकारी नहीें होगा जो
परमेश्वर ने इसहाक से की थी, दिर भी परमेश्वर ने इश्माएल को आिीष
िी और उसकी मिि की। जैसे-जस वह बड़ा हआ, वह एक अच्छा
िनिारी बन गया, और पारान के जेंगल मेें रहने लगा जो दिसलस्तीन और
सीनै क्षेत्र की सीमा पर है। दनयत समय पर, हासजरा न अपन गह क्षत्र दमस्र
स उसक सलए एक पत्नी ढढ़ी।
21:22-24 उन त्तिनो म ऐसा हआ त्तक अबीमलक अपन सनापत्तत पीकोल
को सग लकर अब्राहम स कहन लगा, जो कछ त करता ह उसम परमश्िर
तर सग रहता ह।
23इसललय अब मझ स यहा इस त्तिर्षय म परमश्िर की शपथ खा त्तक तू न
तो मझ स छल करगा और न कभी मर िश स करगा, परधत जसी करुणा
म न तझ पर की ह िसी ही त मझ पर और इस िश पर भी, लजसम त रहता
ह, करगा। 24अब्राहम न कहा, म शपथ खाऊगा। इस बीच, अब्राहम और
अबीमलक न अपन मतभिो को िर कर सलया था। (स्पि ह दक इसहाक
का जनम तब हआ था जब अब्राहम गरार क क्षत्र म रहता था।) अबीमलक
“अपने सेनापदत पीकोल” को साथ लेकर अब्राहम के पास आया और कहा
दक उनहोन िखा ह दक “जो कछ त करता ह उसम परमेश्वर तेरे सेंग रहता
है।” अब्राहम के सेंपकथ मेें आने से न केवल उनके मन मेें परमेश्वर का भय
आ गया था, बस्कक उनहोेंने उस पर परमेश्वर की आिीष को भी िेखा था।
इससलए उनहोेंने अब्राहम से कहा दक कयोें न वे एक साथ एक वाचा बाि।
वास्तव मेें, उनहोेंने प्रस्ताव रखा दक वे िोनोें अपने वेंिजोें सदहत एक-िसर
क साथ आिरपर् व्यवहार कर। अब्राहम सहमत हो गया।
21:25-31 तब अब्राहम न अबीमलक
27तब अब्राहम न भड–बकरी और गाय–बल अबीमलक को त्तिए; और उन
िोनो न आपस म िाचा बािी।
28अब्राहम न भड की सात बच्ची अलग कर रखी। 29तब अबीमलक न
अब्राहम स पछा, इन सात बष्च्चयो का, जो त न अलग कर रखी ह, क्या
प्रयोजन ह? 30उसन कहा, तू इन सात बष्च्चयो को इस बात की सािी
जानकर मर हाथ स ल त्तक म न यह कआ खोिा ह। 31उन िोनो न जो उस
स्थान म आपस म शपथ खाई, इसी कारण उसका नाम बशबा पडा।
इससे पहले दक अब्राहम वाचा को पक्का करता, उसने अबीमेलेक का ध्यान
इस ओर खीचा दक उसक कछ सवको न दहसक तरीक स उसक सवको
स एक कआ छीन सलया ह। उस अि-िष्क क्षत्र म कओ का महत्व बहत
असिक था। अबीमेलेक ने, िायि िदमिंिा होकर, बड़ी नम्रता के साथ कहा
दक वह इस घटना क बार म कछ नही जानता। तब अब्राहम न उन िोनो
के बीच वाचा को पक्का करने के सलए अबीमेलेक को भेड़ेें और बैल दिए।
इसके अदतररि, अब्राहम ने “भेड़ की सात बच्ची अलग कर रखीें।” जब
अबीमलक न ऐसा करन का कारर् पछा, तो अब्राहम ने जवाब दिया दक
व सब क सामन गवाह ह दक उस दववादित कए को अब्राहम न खोिा था।
अबीमेलेक ने स्पि रूप से उन भेड़ोें को स्वीकार दकया और इस दववाि
को िर दकया दक कआ अब्राहम का ही था।
दिलचस्प बात यह है दक इस कारर् उनहोेंने उस स्थान का नाम बेिेबा
रखा। इब्रानी िब्ि ‘बर’ का अथ ह ‘कआ’। िब्ि ‘िबा’ का अथ ह, ‘सात’। अतः बिबा नाम का िास्ब्िक अथ ह ‘सात का कआ’ (कछ लोग
इस ‘सात भड़ो का कआ’ भी कहत ह)। िसक्षर्ी इस्राएल म बिबा नाम की एक जगह आज तक है। वहीें अब्राहम और अबीमेलेक,
सनातन ईश्िर ह प्राथना की। 34अब्राहम पललष्श्तयो क िश म बहत त्तिनो
तक परिशी होकर रहा।
उनके बीच स्थादपत वाचा पर सहमत होने के बाि, अबीमेलेक और उसका
िल पसलस्श्तयोें के िेि मेें लौट गए। यह बाइबल मेें पसलस्श्तयोें का पहला
उल्लख ह। यह आिदनक नाम दफ़सलस्तीनी जसा ही िब्ि ह। आज तक, उन
लोगो क बीच सबि बना हआ ह, हालादक यह उतना सौहािपर् नही ह
सजतना अब्राहम रख पाने मेें सिल रहा था। पि 34 मेें यह ध्यान िेने योग्य
ह दक अब्राहम बहत दिनो तक पसलस्श्तयो क िि म रहा। वहा रहत हए
उसन “बिबा म झाऊ का एक वक्ष लगाया और वहा यहोवा स जो सनातन
ईश्वर है प्राथथना की।”
बाि म मसा की व्यवस्था म झाऊ क वक्ष पर परमेश्वर ने प्रदतबेंि लगा
दिया गया कयोदक व मदतपजा की रीदतयो का स्थान बन गए थ। परत
अब्राहम के मन मेें इसके पीछे अच्छे उद्देश्य थे। हो सकता है दक उसने
छाया या िल की खोज म ऐसा दकया हो जो एक झाऊ का वक्ष प्रिान
करेगा। यहोवा से प्राथथना करने का अथथ यह है दक यह वह स्थान बन गया
जहा उसन दविष रूप स परमेश्वर की आरािना की।
उत्पत्ति 22 का सलिप्त त्तििरण : दवश्वास औरआज्ञाकाररताके महान
उिाहरर्ोमेसेएकइसहाककीबसलक े दवषयमेप्रस्त ुतदकयागयाहै।
यहीनहीें , दपताऔरमसीहके एकगहनसचत्रकोउसीके एकप्रतीकके
रूपमेेंििाथयागयाहै।पााँचवीबार, अब्राहमकीवाचाकीप ुदिकीगईहै।
इस अध्याय म ेिोब ुदनयािीउप-दवभागहैें:(1)पि1-14मेेंमोररय्याह पवथतपरइसहाककीभेेंटऔर(2)पि15-24मेेंअब्राहमके वाचाकी दिरसेप ु दि।
रूप से इन बातो क पश्चात दपछले अध्याय की घटनाओें के बाि है। खास
तौर पर, उसक बाि का समय स्पि नही ह। कछ लोगो न अनमान लगाया
है दक इसहाक की उम्र 5 वषथ से लेकर छिीस वषथ के बीच थी। सबसे
अच्छा अनमान यह ह दक इसहाक कम स कम एक दकिोर बालक या
सेंभवतः बीस वषथ का था। परीिा के रूप मेें अनदित िब्ि (नाकाह) मेें
‘परखना’ का भाव है। परमेश्वर ने अपने अनेंत ज्ञान से अब्राहम की परीक्षा
लेने का दनिय दकया। परीक्षा वास्तव मेें कदठन थी। अब्राहम ने अपने
प्रदतज्ञा क पत्र क सलए पच्चीस वष तक प्रतीक्षा की थी। अब जब इसहाक
एक यवा व्यदि बन रहा था, तो परमेश्वर ने अब्राहम को उसका बसलिान
करने का आिेि िेकर उसकी परीक्षा ली।
22:2 उसन कहा, अपन पत्र को अथात अपन एकलौत पत्र इसहाक को, लजस स त प्रम रखता ह, सग ल कर मोररय्याह िश म चला जा, और िहा
उसको एक पहाड क ऊपर जो म तझ बताऊगा होमबलल करक चढा। परमेश्वर अब्राहम को यह स्मरर् दिलाता प्रतीत हआ दक वह अपन पत्र स
सजतना भी प्रेम करता हो, उसन उस आिि दिया दक “अपन पत्र को अथात
अपन एकलौत पत्र इसहाक को, सजस स त प्रम रखता ह, सेंग ले कर
मोररय्याह िेि मेें चला जा, और वहा उसको होमबसल करक चढ़ा।”
परमेश्वर न अब्राहम स न कवल अपना पत्र िन को कहा, उसने उससे कहा
दक वह उसे होमबसल के रूप मेें चाहता है। मोररय्याह िब्ि सल्येंतररत है
और इसका िास्ब्िक अथ ह ‘यहोवा द्वारा चना गया।’ आम तौर पर यह
सोचा जाता है दक “मोररय्याह की भदम” वह स्थान ह जो बाि म यरूिलम
होगी और बसलिान का वास्तदवक स्थान वह होगा जहा भदवष्य क मदिर
की वेिी बनाई जाएगी। 2 इदतहास 3:1 िेखेें। वास्तव मेें यरूिलेम वह नगर
होगा सजस यहोवा चनगा। 1 राजाओ 11:13, 32, 36, इत्यादि
चचाा परमश्िर न उसस की थी। सम्पर् आज्ञाकाररता म, अब्राहम सबर
तडक उठा और परमेश्वर ने उसे जो आज्ञा िी थी उसे करने लगा। कोई
टालमटोल नही थी। कोई बहस नही हई या स्पिीकरर् नही मागा गया।
वह अगले दिन तड़के उठा, “अपने गिे पर काठी कसी,” इसहाक तथा
िो सेवकोें को सेंग सलया, वह लकड़ी चीर ली जो होमबसल के सलए
आवश्यक होगी और “उस स्थान की ओर चला, सजसकी चचाथ परमेश्वर
न उसस की थी।” कोई िरी नही हई। वह तरत वही करन लगा जो परमेश्वर
ने उसे करने को कहा था!
22:4 तीसर त्तिन अब्राहम न आख उठाकर उस स्थान को िर स िखा। इस
घटना की समानता परमेश्वर दपता और परमेश्वर पत्र क साथ बाि म उभरन
लगती है। अब्राहम की ओर से तीन दिनोें की पीड़ा स्पि है। कोई केवल
उन दवचारोें की ककपना ही कर सकता है जो बेिेबा से मोररय्याह तक यात्रा
करत समय उसक मन म घम रह होग। माग म हर रात जब अब्राहम न
अपना ससर तदकये पर रखा होगा, तो उसने अवश्य ही उस वाचा को याि
दकया होगा सजसकी पदि परमेश्वर ने बार-बार उससे की थी। दिर भी, एक
मनष्य और एक दपता क रूप म वह आग होन वाली घटना से अवश्य डर
रहा होगा। यह समानता उस पीड़ा स दमलती जलती ह सजस दपता परमेश्वर
न तब सहा होगा जब यीि कलवरी की ओर जा रहा था और जब उसने
तीन दिन और तीन रातेें कब्र मेें दबताई थीें।
22:5 और उसन अपन सिको स कहा, गिह क पास यही ठहर रहो; यह लडका और म िहा तक जाकर, और िण्डित करक, त्तिर तम्हार पास
लौि आएग। अब्राहम को जो भी घबराहट और सचता महसस हई होगी, उसक बावजि परमेश्वर के हस्तक्षेप मेें उसका दवश्वास स्पि है। उसने अपने सेवकोें को दनिेि
होगा दक परमेश्वर एक दवककप प्रिान करेगा जैसा दक उसने दकया। या
दिर, उसे दवश्वास था दक परमेश्वर उसे दिर से जीदवत कर िेगा जैसा दक
इब्रादनयोें 11:19 मेें बताया गया है।
जैसा भी हो, यह स्पि है दक उसे उन प्रदतज्ञाओेंपर दवश्वास था जो परमेश्वर
ने बार-बार िोहराई थीें दक इसहाक से एक बड़ा वेंि उत्पन्न होगा। इससलए
उसने परमेश्वर के वचन को वैसे ही स्वीकार दकया और उसका पालन
दकया। इब्रादनयोें 11:17, 19 स्पि करता है दक “दवश्वास ही से अब्राहम
ने परखे जाने के समय इसहाक को बसलिान चढ़ाया... कयोेंदक उस ने मान
सलया, दक परमेश्वर सामथी ह दक उस मर हओ म स सजलाए, सो उनहीें मेें
स ििानत की रीदत पर वह उस दिर दमला।” परमेश्वर की प्रदतज्ञा के
आिार पर, दवश्वास के द्वारा अब्राहम ने आज्ञा का पालन दकया। उसने
बस परमेश्वर पर उसक वचन क अनसार भरोसा दकया।
22:6-7 तब अब्राहम न होमबलल की लकडी ल अपन पत्र इसहाक पर
लािी, और आग और छरी को अपन हाथ म ललया; और ि िोनो एक साथ
चल पड। 7 इसहाक न अपन त्तपता अब्राहम स कहा, ह मर त्तपता; उसन
कहा, ह मर पत्र, क्या बात ह? उसन कहा, िख, आग और लकडी तो ह;
पर होमबलल क ललय भड कहा ह?
इसहाक म मसीह का प्रतीक बहत स्पि रूप स सामन आता ह। अब्राहम
की परीक्षा की परी प्रदिया क िौरान, इसहाक ने स्वेच्छा से अपने दपता
के साथ सहयोग दकया। और इस प्रकार वे एक साथ अपनी घातक यात्रा
के अेंदतम पड़ाव पर आगे बढ़ते रहे। इसहाक ने वैसे ही स्वेच्छा से लकड़ी
का बोझ अपने ऊपर उठाया, जस यीि
22:8 अब्राहम न कहा, ह मर पत्र, परमश्िर होमबलल की भड का उपाय
आप ही करगा। और ि िोनो सग सग आग चलत गए। अब्राहम ने, यह न
जानत हए दक वह भदवष्य से दकतना अवगत है, उिर दिया, “ह मर पत्र, परमेश्वर होमबसल की भेड़ का उपाय आप ही करेगा।” मसीह के स्थानापन्न क बसलिान की तस्वीर स्पि रूप स सामन आती ह। यीि आया और उसन
स्वय को ऐस प्रस्तत दकया, “परमेश्वर का मेमना, जो जगत का पाप उठा
ल जाता ह” (यहन्ना 1:29)। यिायाह 53:10 स्पि करता ह दक मसीह का
प्रार् पाप के सलए बसलिान बन जाएगा। वास्तव मेें, यीि वह महान
स्थानापन्न मेमना बन गया सजसे परमेश्वर न हमार पापो को िर करन क
सलए हमारे बिले प्रिान दकया।
इसके अलावा, प्रकासितवाकय 13:8 मेें परमेश्वर के स्थानापन्न के मेमने के
रूप मेें, वह “जगत की उत्पदि क समय स घात हआ ह।” इसहाक और
मसीह िोनोें ही के दवषयोें मेें, परमेश्वर ने स्थानापन्न का एक मेमना प्रिान
दकया। इसी तरह परमेश्वर की प्रदतज्ञा पर अब्राहम का दवश्वास भी स्पि
है।
22:9-10 जब ि उस स्थान को लजस परमश्िर न उसको बताया था पहच;
तब अब्राहम न िहा ििी बनाकर लकडी को चन चनकर रखा, और अपन
पत्र इसहाक को बाि कर ििी पर की लकडी क ऊपर रख त्तिया। त्तिर
अब्राहम न हाथ बढाकर छरी को ल ललया त्तक अपन पत्र को बलल कर।
अब्राहम और इसहाक उस स्थान पर पहच। अब्राहम न वहा विी बनाकर
लकड़ी को चन चनकर रखा, और अपन पत्र इसहाक को बाि कर विी
पर की लकड़ी के ऊपर रख दिया। यह स्पि है दक इसहाक मसीह के
प्रतीक क रूप म मत्य तक आज्ञाकारी रहा। उसन स्वच्छा स अपन दपता
की इच्छा क प्रदत समपर् दकया। अतः अब्राहम
22:11-12 तब यहोिा क ित न स्िग स उसको पकार क कहा, ह अब्राहम, ह अब्राहम! उसन कहा, िख, म यहा ह। उसन कहा, उस लडक पर हाथ मत बढा, और न उसस कछ कर; क्योत्तक त न जो मझ स अपन पत्र, िरन
अपन एकलौत पत्र को भी नही रख छोडा; इसस म अब जान गया त्तक त
परमश्िर का भय मानता ह। परीक्षा समाप्त हो चकी थी। अब्राहम अच्छ
अको स उिीर् हआ था। यहोवा क ित न स्वग स उस पकारा। ित की
पहचान पि 12 मेें स्पि की गई है। यदि वह आवाज़ दपता परमेश्वर की
नहीें है, तो यह अवश्य पत्र की ह।
पि 12 म ित का सजि करत हए अदतम मुझ, परमेश्वर की समानता मेें है।
यह ध्यान िेने योग्य बात है दक परमेश्वर न अब्राहम को ससचत दकया, “इस
स म अब जान गया दक त परमेश्वर का भय मानता है।” कोई सोच सकता
है दक परमेश्वर यह कहेगा, “अब म जान गया ह दक त परमेश्वर पर
दवश्वास करता हैें,” या “परमेश्वर की आज्ञा मानता है।“ लेदकन उसने भय
िब्ि का प्रयोग करना चना। अब्राहम की ओर स प्रभ क प्रदत भय न उस
परमेश्वर की आज्ञा मानने के सलए प्रेररत दकया। और, जैसे अब्राहम ने अपने
पत्र को भी नही रख छोड़ा, वैसे ही इसने दपता परमेश्वर की तस्वीर को
परा करना जारी रखा जो एक दिन अपन पत्र को भी न रख छोड़गा।
22:13 इसके बाि परमेश्वर न अब्राहम की आख खोल िी। तब अब्राहम
न आख उठाईं, और क्या िखा त्तक उसक पीछ एक मढा अपन सीगो स
एक झाडी म िसा हआ ह; अत: अब्राहम न जाक उस मढ को ललया, और
अपन पत्र क स्थान पर उस होमबलल करक चढाया।
हमार बिल एक स्थानापन्न ममन को चढ़ान की तस्वीर परी हो गई ह। कछ
ही समय पहल इसहाक स कही अब्राहम की भदवष्यवार्ी की बात परी हो
रही थीें। परमेश्वर
22:14 और अब्राहम न उस स्थान का नाम यहोिा त्तयर रखा। इसक अनसार
आज तक भी कहा जाता ह, त्तक यहोिा क पहाड पर उपाय त्तकया जाएगा।
इससलये अब्राहम ने उस स्थान का नाम यहोवादयरेरखा। उस नाम का
िास्ब्िक अथथ है ‘यहोवा िेखता है।’ परमेश्वर न वास्तव म वहा ममन की
स्थानापन्न मत्य को िखा, जैसे दक उसने कई वषों बाि वैसी ही जगह पर
यीि की स्थानापन्न मत्य को भी स्पि रूप स िखा।
22:15 त्तिर यहोिा क ित न िसरी बार स्िग स अब्राहम को पकार क कहा। यहोवा क ित न स्वग स एक बार दिर पकारा और उसन जो कछ कहा उससे एक बार दिर स्पि हो गया दक वह परमेश्वर बोल रहा था।
22:16-18 यहोिा की यह िाणी ह, त्तक म अपनी ही यह शपथ खाता ह, त्तक त न जो यह काम त्तकया ह त्तक अपन पत्र, िरन अपन एकलौत पत्र को
भी, नही रख छोडा। परमेश्वर की आिीषो का महान उच्चारर् यहा दकया गया है। इसके अलावा, परमेश्वर ने इस अवसर की गेंभीरता को यह कहते
हए स्पि कर दिया दक कस “म अपनी ही यह िपथ खाता ह।” जसा दक
इब्रादनयोें के लेखक ने बाि मेें सलखा दक उसने “िपथ खाने के सलए दकसी
को अपने से बड़ा न पाया” (इब्रादनयोें 6:13)। परमेश्वर ने अब्राहम को
दमलनवाली उसकी महान आिीषो का आिार स्पि कर दिया : “त न जो
यह काम दकया ह दक अपन पत्र, वरन अपन एकलौत पत्र को भी, नहीें रख
छोड़ा।” अब्राहम की पर् आज्ञाकाररता और साथ ही मसीह का एक और
सेंकेत दक वह परमेश्वर का एकलौता पत्र था, िोनोें ही के बारे मेें बताया
गया है।
17 इस कारण म त्तनश्चय तझ आशीर्ष िगा; और त्तनश्चय तर िश को
आकाश क तारागण, और समद्र क तीर की बाल क त्तकनको क समान
अनत्तगत्तनत करूगा, और तरा
आज्ञाकाररता को प्रेररत दकया, परमेश्वर की आिीष का आिार बन गया।
इसके अलावा, परमेश्वर ने अब्राहम से अपनी वाचा की प्रदतज्ञा को दिर
से िोहराया दक मैें “तेरे वेंि को आकाि के तारागर्, और समद्र क तीर
की बाल क दकनको क समान अनदगनत करूगा, और तेरा वेंि अपने
ित्रओ क नगरो का असिकारी होगा।”
पाचवी बार, परमेश्वर ने अब्राहम से अपनी वाचा की प्रदतज्ञा को िोहराया।
जसा दक दपछल हर विात म हआ, उसने और असिक दववरर् को जोड़ा।
परमेश्वर न िखा दक अब्राहम का वि उसक ित्रओ क नगरो का
असिकारी होगा। िसर िब्िो म, न केवल वे अनदगदनत होेंगे, बस्कक वे
अपन ित्रओ पर दवजय भी प्राप्त करग। उस प्रदतज्ञा की सपर् पर्ता का
आना अभी बाकी है, जब मसीह वापस आएगा।
18 और पथ्िी की सारी जात्ततया अपन को तर िश क कारण िधय मानगी: क्योत्तक त न मरी बात मानी ह। जैसा दक उत्पदि 12:1 मेें अब्राहम से की
गई अपनी आरेंदभक प्रदतज्ञा मेें परमेश्वर ने कहा था, उसने दिर से याि
दिलाया दक एक दिन उसक वि क कारर् सभी जादतया आिीष पाएगी।
यह अेंदतम बार है जब परमेश्वर ने अब्राहम के प्रदत अपनी वाचा को
िोहराया।
यद्यदप इब्रादनयोें 11 अब्राहम को बड़े दवश्वास वाले व्यदि के रूप मेें
ििाता ह जो सचमच वह था, परत परमेश्वर की आिीष का वास्तदवक
कद्र दबि अब्राहम की आज्ञाकाररता थी। (और सचमच, “दवश्वास ही से...
उस ने आज्ञा मानकर” इब्रादनयोें 11:8।) परमेश्वर की आिीष का एक
प्रमख माध्यम उसक प्रदत आज्ञाकाररता ह। यह आसिक रूप स प्रभ क भय (पि 12) और दवश्वास (इब्रादनयोें 11:8) से प्रेररत होती है। लेदकन
परमेश्वर क सपर् वचन म, आज्ञाकाररता सबस बदनयािी माग ह सजसक
द्वारा परमेश्वर अपने लोगोें को आिीष िेता है।
22:19 तब अब्राहम अपन सिको क पास लौि आया, और ि सब बशबा
को सग–सग गए; और अब्राहम बशबा म रहता रहा। अतः अब्राहम बेिेबा
को लौट आया और वहीें रहने लगा।
22:20-24 इन बातो क पश्चात ऐसा हआ त्तक अब्राहम को यह सधिश
त्तमला, त्तमल्का क तर भाई नाहोर स सधतान उत्पन्न हई ह। वर्थन दकया गया
है दक अब्राहम को अपने पररवार के बारे मेें जानकारी दमली और उसकी
भाभी दमकका ने अपने पदत नाहोर, जो अब्राहम का भाई था, से आठ बच्चे
उत्पन्न दकए हैें।
21 त्तमल्का क पत्र तो य हए, अथात उसका जठा ऊस, और ऊस का भाई बूज, और कमूएल, जो अराम का त्तपता हआ। दिलचस्प बात यह है दक ऊस वही िब्ि ह जो अय्यब 1 म ऊज़ है।
22 त्तिर कसि, हज़ो, त्तपल्िाश, त्तयद्लाप, और बतएल। 23 इन आठो को
त्तमल्का न अब्राहम क भाई नाहोर क द्वारा जधम त्तिया। और बतएल स
ररबका उत्पन्न हई। 24 त्तिर, नाहोर क रूमा नामक एक रखल भी थी; लजस
स तबह, गहम, तहश, और माका उत्पन्न हए। इनमेें से असिकाेंि नामोें के
बारे मेें हमारे पास जानकारी नहीें है। दिर भी, यह बताया गया है दक बतूएल
(अब्राहम का भतीजा) की ररबका नाम की एक बेटी थी। वह दनसित रूप
से बाि मेें इसहाक की पत्नी बनेगी।
उत्पत्ति23कासलिप्तत्तििरण:इसअध्यायमेसाराकीम ृ त्य ु औरउसक े
गाड़ेजानेकादववरर्दियागयाहै।(1)पि1-13मेेंअब्राहमसाराकेगाड़े जानेकेस्थानकेसलएबातचीतकरताहै।(2)साराकेगाड़ेजानेकेस्थान कोखरीिनेऔरउसकेगाड़ेजानेकावर्थनपि14-20मेेंदकयागयाहै।
िहा गया। इसहाक को जनम िेने के सैेंतीस वषथ बाि, 127 वष की आय म
सारा की मत्य हो गई। त्तकयतबा का उल्लेख दकया गया है सजसका िास्ब्िक
अथथ है ‘अबाथ का नगर,’ सजस हब्रोन और आिदनक समय म दकररयोथरबा
के नाम से भी जाना जाता है।
23:3-16 तब अब्राहम शि क पास स उठकर त्तहत्तियो स कहन लगा, 4“म
तम्हार बीच अत्ततलथ और परिशी ह; मझ अपन मध्य म कत्तब्रस्तान क ललय
ऐसी भत्तम िो जो मरी त्तनज की हो जाए, त्तक म अपन मतक को गाडकर
अपनी आख की ओि करू।” 5त्तहत्तियो न अब्राहम स कहा, 6 ह हमार प्रभ, हमारी सुन; त तो हमार बीच म बडा प्रिान ह। हमारी क़ब्रो
म स लजसको त चाह उसम अपन मतक को गाड; हम म स कोई तझ अपनी
क़ब्र क लन स न रोकगा, त्तक त अपन मतक को उस म गाडन न पाए।
7तब अब्राहम उठकर खडा हआ, और त्तहत्तियो क सम्मख, जो उस िश क
त्तनिासी थ, िण्डित करक कहन लगा, 8यत्ति तम्हारी यह इच्छा हो त्तक म
अपन मतक को गाडकर अपनी आख की ओि करू, तो मरी प्राथना ह त्तक
सोहर क पत्र एप्रोन स मर ललय त्तिनती करो, 9त्तक िह अपनी मकपलािाली
गु़िा, जो उसकी भत्तम की सीमा पर ह, उसका परा िाम लकर मझ ि ि, त्तक िह तम्हार बीच क़त्तब्रस्तान क ललय मरी त्तनज भत्तम हो जाए।
10 एप्रोन तो त्तहत्तियो क बीच िहा बठा हआ था, इसललय लजतन त्तहिी
उसक नगर क िािक स होकर भीतर जात थ, उन सभो क सामन उसन
अब्राहम को उिर त्तिया, 11ह मर प्रभ, ऐसा नही, मरी सन; िह भत्तम म तझ
िता ह, और उसम जो ग़िा ह, िह भी म तझ िता ह; अपन जात्ततभाइयो
क सम्मख म उस तझ को त्तिए िता
भत्तम का िाम तो चार सौ शकल रूपा ह; पर मर और तर बीच म यह क्या
ह? अपन मतक को कब्र म रख। 16अब्राहम न एप्रोन की मानकर उसको
उतना रूपा तौल त्तिया, लजतना उसन त्तहत्तियो क सनत हए कहा था, अथात
चार सौ ऐस शकल जो व्यापाररयो म चलत थ।
अब्राहम ने सारा के गाड़े जाने के स्थान के दवषय मेें स्थानीय कनादनयोें से
बातचीत की। यह महत्वपर् ह दक कनान म रहन क इतन वषों (लगभग
62 वषथ) के बाि भी, वह स्वयें को “अदतसथ और परिेिी” के रूप मेें िेखता
था। हालादक वह वहा रहता था, वह जानता था दक यह सेंसार उसका घर
नही ह। वह यहा स होकर जा रहा था।
कनादनयो न अब्राहम स कहा दक वह अपनी पसि क अनसार कदब्रस्तान
की भदम चन ल। यह उस गवाही को ििाता ह जो अब्राहम न ससार क
लोगोें के बीच बनाकर रखी थी सजनके साथ वह इतने वषों तक रहा था।
उसन मकपलावाली गफ़ा िन का अनरोि दकया जो सोहर क पत्र एप्रोन
की थी। एप्रोन न अब्राहम स कहा दक वह उस भदम को ल ल। परत अब्राहम
न उसका मकय चकान पर जोर दिया। इससलए एप्रोन न उसस कहा दक उस
भदम का मकय चार सौ िकल रूपा ह।
23:17-20 इस प्रकार एप्रोन की भूत्तम, जो मम्र क सम्मख मकपला म थी, िह ग़िा समत और उन सब ििो समत भी जो उसम और उसक चारो
ओर सीमा पर थ, 18लजतन त्तहिी उसक नगर क िािक स होकर भीतर
जात थ, उन सभो क सामन अब्राहम क अलिकार म पक्की रीत्तत स आ
गई। 19इसक पश्चात अब्राहम न अपनी पत्नी सारा को उस मकपला िाली
भत्तम की ग़िा म, जो मम्र क अथात हब्रोन
खरीि ली। इस सब दहदियो क सामन गवाह क रूप म सदनसित या पक्का
दकया गया। वहा अब्राहम न पत्नी सारा को दमट्टी िी। इस क्षत्र का नाम
आज तक हेब्रोन है।
उत्पत्ति24कासंलिप्तत्तििरण:उत्पदि24अब्राहमके िासद्वाराइसहाक
क े सलएपत्नीढ ू ाँ ढन ेकीकहानीकोप्रस्त ुतकरताह ै ।यहअब्राहमक े उस
ि ृ ढ़सककपकीकहानीहैसजसमेवहपरमेश्वरकीइच्छाकीओरअपने प ुत्रकामागथििथनकरताहै।यहपरमेश्वरकीईश्वरीयअग ुवाईकीकहानी है।इसके अलावा , वहा ाँ यीि ु मसीहऔरकलीससयाकीएकस्पितस्वीर है।परमेश्वरनेप्रदतज्ञाक े प ुत्रइसहाकक े सलएअनयजादतकीएकि ु कहन कोच ुना, औरउसनेकलीससयाक े रूपम ेयीि ु क े सलएभीऐसाहीदकया।
इसलेंबेअध्यायमेेंयेदवभाजनपाएजातेहैें:(1)पि1-9मेेंइसहाकके दववाहकेसलएअब्राहमकादनिेि।(2)पि10-28मेेंअब्राहमके िासका
मेसोपोटादमयाकीओरजानाऔरउसकाररबकासेदमलना।(3)पि29-
53मेेंररबकाऔरउसके पररवारकाइसहाकसेउसके दववाहके सलए
सहमतहोजाना।और(4)पि54-67मेेंइसहाकऔरररबकाकीआनेंिमय म ुलाकातऔरउनकादववाह।
24:1-6 अब्राहम अब िि हो गया था और उसकी आय बहत थी और यहोिा न सब बातो म उसको आशीर्ष िी थी। 2अब्राहम न अपन उस िास स, जो उसक घर म परत्तनया और उसकी सारी सम्पत्ति पर अलिकारी था, कहा, अपना हाथ मरी जाघ क नीच रख; 3और मझ स आकाश और पथ्िी क परमश्िर यहोिा की इस त्तिर्षय म शपथ खा त्तक त मर पत्र क ललय कनात्तनयो की लडत्तकयो
त आया ह ल जाना पडगा? 6अब्राहम न उसस कहा, चौकस रह, मर पत्र
को िहा कभी न ल जाना।
अब्राहम न अपन बढ़ाप म अपन पत्र इसहाक क सलए एक पत्नी खोजन
का दनिय दकया। जैसा दक परमेश्वर ने उत्पदि 22:16-17 मेें प्रदतज्ञा की
थी, “यहोवा न सब बातो म उसको आिीष िी थी।” उस यग की प्राचीन
सस्कदत म माता-दपता को अपन बच्चो क सलए जीवनसाथी को चनना होता
था। अब्राहम न इसहाक क सलए पत्नी ढढन का काय अपन मख्य िास को
सौपा। यहा कई बात कही जा सकती ह : (1) उसक िास का हाथ उसकी
“जाघ क नीच” रखना इसक पर महत्व को प्रकट नही करता ह। परत इस
तरह का घदनष्ठ भाव सेंभवत: िपथ की गेंभीरता को ििाथता है। (2)
अब्राहम ने अपने िास से यह िपथ लेनी चाही दक वह कनादनयोें की
लड़दकयोें मेें से इसहाक के सलए पत्नी नहीें लाएगा। वे कनादनयोें के बीच
मेें रहते थे और अब्राहम उनकी अिमी, मदतपजक रीदतयो स अवगत था।
बस्कक, उसने अपने िास को उसकी खोज के सलए अपने ररश्तेिारोें के पास
जान का दनिि दिया। उसक िास न पछा दक यदि भावी िकहन उसक साथ
आना न चाहे, तो कया वह इसहाक को अब्राहम के ररश्तेिारोें के बीच ले
जाए? (3) अब्राहम ने उससे सीिे-सीिे कहा, “चौकस रह, मर पत्र को
वहा कभी न ल जाना।” परमेश्वर ने अब्राहम और उसके वेंि को िेि िेने
की प्रदतज्ञा की थी। वह अपन पत्र को कही और, यहा तक दक हारान तक
जाने की परीक्षा मेें भी नहीें डालने वाला था। इससलए, यह सदनसित करन
के सलए दक इसहाक प्रदतज्ञा के िेि मेें रहे, उसने अपने िास को स्पि रूप
स चतावनी िी दक वह इसहाक को वहा न ल जाए।
24:7-9 स्िग का परमश्िर यहोिा, लजसन मझ मर त्तपता क घर
त मर पत्र क सलय वहा स एक स्त्री ल आए।” हो सकता ह दक परमेश्वर
न अब्राहम को बताया हो दक वह उसक िास क आग आग एक स्वगित को भेजेगा दक उसकी यात्रा को ईश्वरीय रूप से सिल बनाए।
8 परधत यत्ति िह स्त्री तर साथ आना न चाह तब तो त मरी इस शपथ स छूि जाएगा; पर मर पत्र को िहा न ल जाना।
9 तब उस िास न अपन स्िामी अब्राहम की जाघ क नीच अपना हाथ
रखकर उसस इस त्तिर्षय की शपथ खाई। अब्राहम ने अपने िास को दनिेि
दिया दक यदि वह चनी हई स्त्री उसक साथ आन क सलए सहमत न हो, तो
वह उस िपथ स छट जाएगा। उसकी जाघ क नीच हाथ रखन क सबि म पि 2 की दट्पसर्योें को िेखेें।
24:10-11 तब िह िास अपन स्िामी क ऊिो म स िस ऊि छािकर, उसक सब उिम–उिम पिाथों म स कछ कछ लकर चला; और मसोपोिात्तमया म नाहोर क नगर क पास पहचा। 11उसन ऊिो को नगर क
बाहर एक कए क पास बठाया। िह सध्या का समय था, लजस समय ष्स्त्रया
जल भरन क ललय त्तनकलती ह। अतः अब्राहम के उस िास ने सजसका नाम
नही बताया गया ह िस ऊटो को सलया और मसोपोटादमया क क्षत्र म
अब्राहम के भाई नाहोर के नगर की ओर गया। एक दिन बाि वह िोपहर
को वहा पहचा। यह जानत हए दक यवदतया िाम क समय पानी भरन क
सलए उस सावजदनक कए पर आती ह, उसन वहा अपन ऊटो को बठाया।
उस िायि आिा थी दक वहा उस दववाह-योग्य स्स्त्रया दमलगी।
24:12-15 िह कहन लगा, ह मर स्िामी अब्राहम क परमश्िर यहोिा, आज मर काय को लसि कर, और मर स्िामी अब्राहम पर करुणा कर।
13िख,
त्तपलाऊगी : यह िही हो लजस त न अपन िास इसहाक क ललय ठहराया
हो; इसी रीत्तत म जान लगा त्तक त न मर स्िामी पर करुणा की ह।
15 और ऐसा हआ त्तक जब िह कह ही रहा था त्तक ररबका, जो अब्राहम
क भाई नाहोर क जधमाय त्तमल्का क पत्र बतएल की बिी थी, िह कधि
पर घडा ललय हए आई।
अब्राहम क िास न कछ भी करन स पहल, सवथप्रथम प्राथथना की और
परमेश्वर से कहा दक वह स्वगीय रूप से उसकी खोज को दनिेसित करे।
इससलए, उसने एक सरल सेंकेत रखा और परमेश्वर से वैसा ही ििाथने को
कहा। बड़ा सत्य यह है दक उसने इस दवषय मेें परमेश्वर की अगवाई चाही।
यह स्पि रूप से दवश्वास के द्वारा परमेश्वर की अगवाई पान का एक
उिाहरर् है।
प्रस्तादवत सचह्न अपने आप मेें स्पि है। पि 24:45 से भी यह स्पि है दक
िास न ऊची आवाज़ स नही बस्कक मन ही मन प्राथना की थी।
24:16-20 िह अत्तत सुधिर और कुमारी थी, और त्तकसी परुर्ष का मह न
िखा था। िह कए म सोत क पास उतर गई, और अपना घडा भर क त्तिर
ऊपर आई। 17तब िह िास उसस भि करन को िौडा, और कहा, अपन
घड म स थोडा पानी मझ त्तपला ि। 18उसन कहा, ह मर प्रभ, ल, पी ल, और उसन जल्िी स घडा उतारकर हाथ म ललय ललय उसको त्तपला त्तिया।
19 जब िह उसको त्तपला चुकी, तब कहा, म तर ऊिो क ललय भी तब तक पानी भर भर लाऊगी, जब तक ि पी न चक। 20तब िह तरधत अपन घड
का जल हौि म उण्डलकर त्तिर कए पर भरन को िौड गई, और उसक सब ऊिो क ललय पानी भर त्तिया। जस ही िास न अपनी
अपने केंिे पर पानी का एक घड़ा सलए आई। लेख ििाथता है दक वह “अदत
सनिर और कमारी थी, और दकसी परुष का मह न िखा था।” उसकी
प्राकदतक सनिरता स्पि रूप स दिखाई ि रही थी। सभवतः उस समय
कवारी लड़दकयो क सलए ऐस कपड़ पहनन की रीदत थी जो उनकी स्स्थदत
को प्रकट करेें। हो सकता है दक इसी कारर् एक बार िेखने पर ही उसकी
स्स्थदत समझी जा सकी।
ररबका अपना घड़ा भरने के सलए आगे बढ़ी और अब्राहम के िास ने उससे
पीन क सलए पानी मागा। उस यह िखकर आिय हआ दक उसन न कवल
उसे पानी दिया, बस्कक स्वच्छा स उसक ऊटो को भी पानी दपलाया।
24:21 अब्राहम का िास उसकी ओर चपचाप अचम्भ क साथ ताकता
हआ यह सोचता था त्तक यहोिा न मरी यात्रा को सिल त्तकया ह त्तक नही।
उस यह िखकर आिय हआ दक पानी भरन आनवाली पहली लड़की न
परमेश्वर स की गई उसकी सित दवनती को परा दकया। इससलए उसन
यह सोचकर कछ भी नही कहा दक कया वही वह लड़की ह।
24:22-27 जब ऊि पी चक, तब उस परुर्ष न आिा तोला सोन का एक
नथ त्तनकालकर उसको त्तिया, और िस तोल सोन क कगन उसक हाथो म
पत्तहना त्तिए;
23 और पूछा, त त्तकसकी बिी ह, यह मझ को बता। क्या तर त्तपता क घर
म हमार त्तिकन क ललय स्थान ह?
24 उसन उिर त्तिया, म तो नाहोर क जधमाए त्तमल्का क पत्र बतएल की
बिी ह। 25त्तिर उसन उसस कहा, हमार यहा पआल और चारा बहत ह,
उसक घरान का नाम पछा और दक कया वह उस रात वहा रुक सकता ह।
तब, उस यह जानकर हरानी हई दक वह नाहोर (अब्राहम का भाई) क पत्र
बतएल की बटी थी। इसक अलावा, उसने कहा दक उस रात उसके और
उसके सासथयोें के रुकने के सलए उसके घर मेें जगह थी।
तब उस िास ने 26लसर झकाकर यहोिा को िण्डित करक कहा, 27िधय
ह मर स्िामी अब्राहम का परमश्िर यहोिा, लजसन अपनी करुणा और
सच्चाई को मर स्िामी पर स हिा नही ललया; यहोिा न मझ को ठीक माग
पर चलाकर मर स्िामी क भाई–बधिओ क घर पर पहचा त्तिया ह।
िास को अब पता चल गया था दक परमेश्वर न उसकी अगवाई की थी
और उसकी प्राथथना का उिर दिया था। इससे भी दिलचस्प बात यह है दक
अब्राहम का िास भी एक भदिपर् व्यदि बन गया था। यहोवा पर उसका
दवश्वास और उसकी आरािना स्पि रूप से प्रकट होते हैें। वह स्पि रूप
से दवश्वास क घरान का दहस्सा बन गया था और अपन इस महत्वपर्
दमिन पर दनसित रूप से दवश्वास के साथ चला था।
24:28-32 तब उस कधया न िौडकर अपनी माता क घर म यह सारा
िृिाधत कह सुनाया। 29तब लाबान जो ररबका का भाई था, बाहर कए क
त्तनकि उस परुर्ष क पास िौडा गया।
30 और ऐसा हआ त्तक जब उसन िह नथ और अपनी बत्तहन ररबका क
हाथो म ि कगन भी िख, और उसकी यह बात भी सनी त्तक उस परुर्ष न
मझ स ऐसी बात कही; तब िह उस परुर्ष क पास गया; और क्या िखा त्तक
िह सोत क त्तनकि ऊिो क पास खडा ह।
31 उसन कहा, ह यहोिा की ओर स िधय परुर्ष, भीतर आ। त क्यो बाहर
खडा ह?
अब्राहम के िास से दमलने के बाि ररबका घर चली गई और अपने पररवार
को बताया दक उसक साथ कया हआ ह। उसका भाई लाबान कए की ओर
िौड़ा और वहा अब्राहम क िास स दमला। उसन औपचाररक रूप स उस
परुष और उसक सासथयो को अपन घर आमदत्रत दकया। तब अब्राहम का
िास आया, और ऊटो की रस्स्सया खोलकर उनहेें चराया, और जो उसके
साथ यात्रा करके आए थे उनहेें पानी दपलाया।
24:33-37 तब ररबका के पररवार ने उसके सामने भोजन परोसा, लेदकन
जब तक उसने अपनी यात्रा का उद्देश्य नहीें बता दिया तब तक उसने खाने
से इनकार कर दिया। अतः उनहोेंने कहा, कह ि। उसने उनसे कहा, यहोिा
न मर स्िामी को बडी आशीर्ष िी ह, इसललय िह महान परुर्ष हो गया ह।
34तब उसन कहा, म तो अब्राहम का िास ह।
35 यहोिा न मर स्िामी को बडी आशीर्ष िी ह, इसललय िह महान परुर्ष
हो गया ह; और उसन उसको भड–बकरी, गाय–बल, सोना–रूपा, िास–
िालसया, ऊि और गिह त्तिए ह। 36और मर स्िामी की पत्नी सारा क बढाप
म उसस एक पत्र उत्पन्न हआ ह; और उस पत्र को अब्राहम न अपना सब
कछ ि त्तिया ह। 37मर स्िामी न मझ यह शपथ लखलाई ह, म उसक पत्र
क ललय कनात्तनयो की लडत्तकयो म स, लजनक िश म िह रहता ह, कोई
स्त्री नही लाऊगा।
सेंभवतः जब ररबका के पररवार को पता चला दक यह यात्री उनके लेंबे
समय स छट सबिी अब्राहम का िास था तो उनह आिय हआ होगा। एक
बार दिर, इस बात पर ध्यान दिया गया है दक परमेश्वर ने इस बीच अब्राहम
को आिीष िी है जैसा दक उसने 22:16-17 (और अनय स्थानोें) मेें प्रदतज्ञा
की थी। दिर वह उनहेें इसहाक के
लजसक सामन म चलता आया ह, िह तर सग अपन ित को भजकर तरी
यात्रा को सिल करगा; और त मर कल, और मर त्तपता क घरान म स मर
पत्र क ललए एक स्त्री ला सकगा।
41 त तब ही मरी इस शपथ स छिगा, जब त मर कल क लोगो क पास
पहचगा; और यत्ति ि तझ कोई स्त्री न ि, तो त मरी शपथ स छिगा।
वह िास दवस्तार से बताता रहा दक कैसे अब्राहम ने उसे अपने दपता के
घर और अपने ररश्तेिारोें के पास जाने और अपने बेटे के सलए पत्नी लाने
का दनिेि दिया था। उसने उनहेें यह भी बताया दक कैसे परमेश्वर एक ित
को भेजेगा जो ईश्वरीय रूप से उसकी यात्रा को सिल करेगा।
24:42-48 इसललय म आज उस कए क त्तनकि आकर कहन लगा, ‘ह मर
स्िामी अब्राहम क परमश्िर यहोिा, यत्ति त मरी इस यात्रा को सिल करता
हो; 43तो िख, म जल क इस कए क त्तनकि खडा ह; और ऐसा हो त्तक जो
कमारी जल भरन क ललय आए, और म उसस कह, अपन घड म स मझ
थोडा पानी त्तपला, 44और िह मझ स कह, पी ल, और म तर ऊिो क पीन
क ललय भी पानी भर िगी, िह िही स्त्री हो लजसको त न मर स्िामी क पत्र
क ललय ठहराया ह। 45म मन ही मन यह कह ही रहा था त्तक िखो ररबका
कधि पर घडा ललय हए त्तनकल आई; त्तिर िह सोत क पास उतरक भरन
लगी। म न उसस कहा, मझ त्तपला ि।
46 और उसन जल्िी स अपन घड को कधि पर स उतारक कहा, ल, पी
ल, पीछ म तर ऊिो को भी त्तपलाऊगी, इस प्रकार म न पी ललया, और उसन
ऊिो को भी त्तपला त्तिया। 47तब म न उसस पछा, त त्तकसकी बिी ह? उसन
कहा, म तो नाहोर क जधमाए त्तमल्का क पत्र बतएल की बिी ह, तब म न
नाक म िह
स पहचाया त्तक म अपन स्िामी क पत्र क ललय उसक किम्बी की पत्री को
ल जाऊ।
यह लेख कहानी को उस क्षर् तक ले आया। अब्राहम के सेवक ने दवस्तार
से बताया दक उसने दविेष रूप से परमेश्वर से प्राथथना की थी दक वह
उसकी पसेंि और इच्छा को प्रकट करे। उसने पि 45 मेें उल्लेख दकया दक
इसस पहल दक वह अपन मन म बात परी कर पाता, ररबका आ पहची
और उसने उस सचह्न को दवस्तार से प्रकट दकया जो उसने परमेश्वर से
अपनी इच्छा को प्रकट करने मेें इस्तेमाल करने के सलए कहा था। उसने
आग कहा दक इससलए उसन “ससर झकाकर यहोवा को िण्डवत दकया, और अपने स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा को िनय कहा, कयोेंदक
उसन मझ ठीक माग स पहचाया।” उसन अपन मज़बानो क मन म अपनी
पदवत्रता और भदि के बारे मेें कोई सेंिेह नहीें छोड़ा।
24:49-51 अतः अब्राहम के िास ने अपने मेज़बानोें के सामने यह प्रश्न
रखा। कया वे ररबका को इसहाक की पत्नी होने के सलए िेेंगे? 49इसललय
अब, यत्ति तम मर स्िामी क साथ कपा और सच्चाई का व्यिहार करना
चाहत हो, तो मझस कहो; और यत्ति नही चाहत हो, तौभी मझस कह िो; तात्तक म िात्तहनी ओर या बाईं ओर त्तिर जाऊ। दिलचस्प बात यह है दक
उसक भाई लाबान और उसक दपता बतएल न एक साथ दमलकर उिर
दिया, 50यह बात यहोिा की ओर स हई ह; इसललय हम लोग तझ स न
तो भला कह सकत ह न बरा। 51िख, ररबका तर सामन ह, उसको ल जा, और िह यहोिा क िचन क अनसार तर स्िामी क पत्र की पत्नी हो जाए।
इससलए उनहोेंने उससे आग्रह दकया दक वह ररबका को इसहाक की पत्नी होने के सलए ले जाए।
24:52-54 उनकी यह बात सुनकर, अब्राहम क िास न भत्तम पर त्तगरक यहोिा को
उसन तडक उठकर कहा, मझ को अपन स्िामी क
करो।
अब्राहम के िास ने यहोवा को िण्डित त्तकया। उसन ररबका को आभषर्
और वस्त्र िेने के साथ-साथ उसकी माता और भाई को भी उपहार दिए।
इस प्रकार उनहोन उस रात बहत सा समय एक साथ सगदत म दबताया।
थोड़ी िेर सोने के बाि भोर को अब्राहम का िास उठकर बोला, “मझ को
अपने स्वामी के पास जाने के सलये दविा करो।”
24:55-57 ररबका क भाई और माता न कहा, कधया को हमार पास कछ
त्तिन, अथात कम स कम िस त्तिन और रहन ि; त्तिर उसक पश्चात िह
चली जाएगी। 56उसन उनस कहा, यहोिा न जो मरी यात्रा को सिल त्तकया
ह, इसललय तम मझ मत रोको, अब मझ त्तििा कर िो त्तक म अपन स्िामी
क पास जाऊ। 57उधहोन कहा, हम कधया को बलाकर पछत ह, और िखग
त्तक िह क्या कहती ह। अचानक उनह इस वास्तदवकता का अहसास हआ
दक कया हो रहा था। ररबका की माता और भाई ने आग्रह दकया दक उसे
िस दिन तक रुकन की अनमदत िी जाए। यह स्वाभादवक ही था। हो
सकता है दक व उस दिर कभी न िख। परत अब्राहम क िास न सोचा दक
कहीें वे अपना मन न बिल िेें। इससलए उसने कहा, “यहोवा ने जो मेरी
यात्रा को सिल दकया है, इससलय तम मझ मत रोको, अब मझ दविा कर
िो दक म अपन स्वामी क पास जाऊ।”
24:58-59 और उधहोन ररबका को बलाकर उसस पछा, क्या तू इस मनुय क सग जाएगी? उसन कहा, हा, म जाऊगी। 59तब उधहोन अपनी बत्तहन
ररबका, और उसकी िाय, और अब्राहम क िास और उसक साथी, सभो
को त्तििा त्तकया। इस पर पररवार ने िैसला
24:60-61 और उधहोन ररबका को आशीिाि ि क कहा, ह हमारी बत्तहन, त हज़ारो लाखो की आत्तिमाता हो, और तरा िश अपन बररयो क नगरो का अलिकारी हो। 61तब ररबका अपनी सहललयो समत चली, और ऊि पर
चढ क उस परुर्ष क पीछ हो ली। इस प्रकार िह िास ररबका को साथ
लकर चल त्तिया। ररबका के पररवार ने उसे आिीवाथि दिया और िायि
भदवष्यवासर्य रूप से परमेश्वर से दवनती की दक वह “हज़ारोें लाखोें की
आदिमाता हो, और तेरा वेंि अपने बैररयोें के नगरोें का असिकारी हो।”
वह प्रदतज्ञा इस्राएल और एिोम म परी होगी सजनह उसन जनम दिया था।
मसीह मेें, सचमच अनतकाल तक परमेश्वर के लोगोें की असेंख्य भीड़
उसी से दनकलेगी। इसके अलावा, मसीह मेें, उसका वेंि एक दिन वास्तव
म उनक नगरो पर असिकार करगा (अथात प्रभाव रखगा) जो उसक वि
से बैर करते थे।
24:62-65 इसहाक जो िष्क्खन िश म रहता था, लहरोई नामक कए स
होकर चला आता था। 63साझ क समय िह मिान म ध्यान करन क ललय
त्तनकला था; और उसन आख उठाकर क्या िखा त्तक ऊि चल आ रह ह।
64 ररबका न भी आख उठाकर इसहाक को िखा, और िखत ही ऊि पर
स उतर पडी। 65तब उसन िास स पछा, जो परुर्ष मिान पर हम स त्तमलन
को चला आता ह, सो कौन ह? िास न कहा, िह तो मरा स्िामी ह। तब
ररबका न घघि लकर अपन मह को ढाप ललया।
इस बीच, कनान िेि मेें, इसहाक लहरोई कए (वह कआ जहा परमेश्वर
हासजरा को दिखाई दिया था) के पास रह रहा था। िाम के समय, वह ध्यान
करने के सलए दनकला था (िायि, परमेश्वर के साथ बातचीत करने के
सलए।) जब उसन िर स िखा, तो उसने अपने दपता के िास के िल को करीब आत िखा। इसहाक को वहा खड़ा िखकर ररबका ऊट स उतर गई। उसन िास स पहल ही पछ सलया था दक यह कौन ह और उसन उस बता भी दिया था। इससलए उसन नम्रतापवक अपन मह को घघट स ढक सलया।
24:66-67 िास न इसहाक को अपना सम्पण ििाधत सनाया। 67तब
इसहाक ररबका को अपनी माता सारा क तम्ब म ल आया, और उसको
ब्याह कर उसस प्रम त्तकया। इस प्रकार इसहाक को माता की मत्य क
पश्चात शाष्धत प्राप्त हई। उस िास ने इसहाक को वह सब बता दिया जो
हआ था। अतः इसहाक न ररबका से दववाह कर सलया, और वह उसकी
पत्नी हो गई। यही नहीें, उसने “उससे प्रेम दकया। इस प्रकार इसहाक को
माता की मत्य क पश्चात िास्नत प्रा्त हई।” उत्पदि 25:20 म सलखा ह दक जब इसहाक ने ररबका से दववाह दकया, तब वह 40 वषथ का था।
उत्पत्ति25कासलिप्तत्तििरण:उत्पदिकापच्चीसवााँअध्यायअब्राहमक े लेंबेजीवनकाअेंदतमभागहै।इसअध्यायमेेंयेउप-भागहैें:(1)पि110म े कत ू राक े द्वाराअब्राहमकापररवार, उसकीम ृ त्य ु
औरउसकागाड़ा
जाना।(2)पि11-18मेेंइसहाकऔरइश्माएलके वेंिजोेंपरपरमेश्वर
कीआिीष।(3)पि19-26मेएसावऔरयाक ू बकाजनम।(4)पि2728म े एसावऔरयाक ू बकादवदविचररत्र।और,(5)पि29-34मेेंएसाव अपन ेपहलौठेक े असिकारकोत ुच्छजानताहैऔरउसेबेचिेताहै।
25:1-4 तब अब्राहम न एक और पत्नी ब्याह ली लजसका नाम कतरा था। 2उसस लजम्रान, योिान, मिना, त्तमद्यान, त्तयशबाक, और शह उत्पन्न हए।
3योिान स शबा और ििान उत्पन्न हए; और ििान क िश म अश्शरी, लतूशी, और लम्मी लोग हए। 4त्तमद्यान क पत्र एपा, एपर, हनोक, अबीिा, और एल्िा हए, य सब कतरा की सधतान हए।
सारा की मत्य क बाि अब्राहम न दिर स दववाह दकया। उसकी नई पत्नी
का नाम कतरा था सजसक बार
जानकारी ह। व सब स्पि रूप स दवदभन्न जादतयो क पवज बन गए जो
आज तक अरब लोगो क मल बन हए ह।
25:5 परत इसहाक को तो अब्राहम न अपना सब कछ त्तिया। वह प्रदतज्ञा
का पत्र था। वह सब म स वाररस बना।
25:6 पर अपनी रखललयो क पत्रो को कछ कछ िकर अपन जीत जी अपन
पत्र इसहाक क पास स परब िश म भज त्तिया। परी सभावना ह दक “अपनी
रखसलयो” का उल्लख हासजरा और कतरा को ििाता ह। उनक पत्रो को
(स्पि रूप स इश्माएल को भी) उसन कछ कछ दिया और इन पत्रो को
(सजनका उल्लेख पि 2-4 म ह) “परब िि म भज दिया।” यह सभवतः उस
क्षेत्र को ििाथता है सजसे आम तौर पर आज अरब के नाम से जाना जाता है।
वह उनके और इसहाक के बीच एक स्पि दवभाजन रखना चाहता था। यह
कहा जा सकता है दक अब्राहम दिर से दववाह करके परमेश्वर की ससद्
इच्छा स बाहर दनकल गया था और उसकी अनमदतिायक इच्छा म आ
गया था। व पत्र, जो अरब क लोगो का एक बड़ा दहस्सा बन जाएग, आने
वाली सदियो तक इस्राएल क सलए मसीबत बन रहग।
25:7-8 अब्राहम की सारी आय एक सौ पचहिर िर्ष की हई। 8अब्राहम
क िीघाय होन क कारण अथात पर बढाप की अिस्था म प्राण छि गया,
और िह अपन लोगो म जा त्तमला। अब्राहम की 175 वष की आय म मत्य
हो गई, और वह “िीघाय होन क कारर् अथात पर बढ़ाप की अवस्था
म... अपन लोगो म जा दमला।” अदतम वाकयाि एक पदवत्रजन की मत्य
का खबसरती स वर्न करता ह। हम भी एक दिन अपन लोगो म जा दमलग
जो पहल ही स्वग जा चक ह। इसी तरह का वर्न
और इश्माएल न उस मकपला की गिा म उनक पररवार क गाड़ जान क
स्थान मेें गाड़ा, सजस अब्राहम न सारा की मत्य क समय वषों पहल खरीिा
था।
25:11 अब्राहम क मरन क पश्चात परमश्िर न उसक पत्र इसहाक को जो
लहरोई नामक कए क पास रहता था, आशीर्ष िी। इस बीच, इसहाक
लहरोई नामक कए क पास रहता रहा और परमेश्वर न उस वहा आिीष
िी।
25:12-18 अब्राहम का पत्र इश्माएल जो सारा की त्तमस्री िासी हालजरा स उत्पन्न हआ था, उसकी यह िशािली ह। 13इश्माएल क पत्रो क नाम और िशािली यह ह : अथात इश्माएल का जठा पत्र नबायोत, त्तिर किार, अद्बल, त्तमबसाम, 14त्तमश्मा, िमा, मस्सा, 15हिर, तमा, यतूर, नापीश, और किमा।
16इश्माएल क पत्र य ही हए, और इधही क नामो क अनसार इनक गािो, और छाित्तनयो क नाम भी पड; और य ही बारह अपन अपन कल क प्रिान
हए। 17इश्माएल की सारी आय एक सौ सतीस िर्ष की हई; तब उसक
प्राण छूि गए, और िह अपन लोगो म जा त्तमला। 18उसक िश हबीला स
शूर तक, जो त्तमस्र क सम्मख अश्शर क माग म ह, बस गए; और उनका
भाग उनक सब भाई–बधिओ क सम्मख पडा।
इश्माएल की वेंिावली का उल्लेख दकया गया है। ये लोग आज तक दवदभन्न
अरबी लोगो क पवज बन हए ह। इश्माएल क बारह पत्र थ जो अपन-अपने
कल (अथात गोत्रो) क प्रिान हो गए। यह उत्पदि 17:20 म इश्माएल क
सबि म अब्राहम स की गई भदवष्यवार्ी क पर होन को ििाथता है।
इश्माएल की 137 वष की आय म मत्य हो गई। अब्राहम क समान, यह
उल्लख दकया गया ह दक वह “अपन लोगो म जा दमला।” इश्माएल क पत्र “हबीला स िर” तक बस गए। आज तक इश्माएल क विज मध्य पव म,
बड़ पमान पर अरब उपद्वीप म और दमस्र की सीमाओ स लकर िर
(सीररया) क क्षत्र तक बस हए ह।
25:19-20 अब्राहम क पत्र इसहाक की िशािली यह ह : अब्राहम स
इसहाक उत्पन्न हआ; 20और इसहाक न चालीस िर्ष का होकर ररबका स, जो पद्दनराम क िासी, अरामी बतएल की बिी और अरामी लाबान की बत्तहन थी, त्तििाह कर ललया। िशािली क रूप म अनदित िब्ि (टोलडाह)
म ‘विजो’ का मल दवचार ह। यह ध्यान िन योग्य ह दक इसहाक चालीस वषथ का था जब उसने ररबका से दववाह दकया। इसहाक के तात्कालीन
पाररवाररक वेंि का उल्लेख आगे आने वाले पिोें मेें दकया जाएगा।
25:21 इसहाक की पत्नी बाझ थी, इसललय उसन उसक त्तनत्तमि यहोिा स
त्तिनती की; और यहोिा न उसकी त्तिनती सनी, इस प्रकार उसकी पत्नी
ररबका गभिती हई। पि 26 से यह स्पि है दक इसहाक और ररबका के
दववाह के बीस वषों तक उनके कोई सेंतान नहीें थी। दनस्सेंिेह, इससे िोनोें
को घबराहट और सचता हई। परत उस समस्या क बीच म एक महान
आस्त्मक सत्य पाया जाता ह। अतः “इसहाक की पत्नी बाझ थी, इससलये
उसने उसके दनदमि यहोवा से दवनती की।” इसहाक ने समस्या को यहोवा
के सामने रखा और परमेश्वर से सेंतान िेने की दवनती की। यह दवश्वास
का स्पि उिाहरर् था। दिर भी, उस दवश्वास की नीेंव को याि रखा जाना
चादहए सजस पर इसहाक दटका रहा। इसमेें कोई सेंिेह नहीें दक वह जानता
था दक परमेश्वर ने इसहाक के द्वारा उसके दपता अब्राहम को अनदगदनत
सेंतान िेने की प्रदतज्ञा की थी। इससलए यह माना गया दक इसहाक के सेंतान
अवश्य होेंगी। अतः उसने परमेश्वर को उसकी प्रदतज्ञा याि दिलाई। यही
दवश्वास ह। कछ यहिी दवद्वान िावा करत ह दक इसहाक ररबका को
मोररय्याह पवथत पर ले गया, जस अब्राहम उस
25:22-23 लडक उसक गभ म आपस म ललपिक एक िसर को मारन
लग। तब उसन कहा, मरी जो ऐसी ही िशा रहगी तो म कस जीत्तित रहगी?
और िह यहोिा की इच्छा पछन को गई। 23तब यहोिा न उसस कहा, तर
गभ म िो जात्ततया ह,और तरी कोख स त्तनकलत ही िो राज्य क लोग अलग-
अलग होग, और एक राज्य क लोग िसर स अलिक सामथी होग, और
बडा बिा छोि क अिीन होगा। यह तरत स्पि हो गया दक ररबका क
जड़वा बच्च होग। उसक गभ म सघष कर रह अजनम बच्चो का दववरर्
सामानय भ्रर् म हलचल स कही असिक बातो को ििाता ह। जनम स
पहल का सघष स्पि रूप स इतना था दक ररबका न यहोवा स पछा, “मैें
कस जीदवत रहगी?” यह ऐसा है जैसा दक उसने परमेश्वर स पछा हो, ‘मझ
जो कदठनाई हो रही ह उस िखत हए हमन तझस सतान मागी ही कयो?’
स्पि रूप से उसकी गभाथवस्था आसान नहीें थी।
उसके सलए यहोवा का उिर (हालादक यह नहीें बताया गया है दक उसने
कैसे उिर दिया) दनिेिात्मक है। (1) उसने उसे बताया दक “तेरे गभथ मेें िो
जादतया ह।” स्पि ह दक वह यह पहल स जानती थी। (2) परत व िो
अलग-अलग जादतया बन जाएग (“तरी कोख स दनकलत ही िो राज्य क
लोग अलग अलग होेंगे”)। (3) यही नहीें, “एक राज्य क लोग िसर स
असिक सामथी होेंगे।” (4) अेंत मेें, “बड़ा छोटे के अिीन होगा।” यह
दनस्सिह बहत ही भदवष्यवासर्य था। एसाव, जो समय क अनसार पहल
उत्पन्न हआ, वास्तव मेें इस्राएल के अिीन होगा। हालादक, कछ समय के
सलए ऐसा लगा दक इसके दवपरीत हो रहा है। आरेंभ मेें, एिोमी लोग याकब
और उसकी नई-नवेली जादत से असिक िदििाली थे। लेदकन समय के
साथ, परमेश्वर न सचमच कछ ऐसा दकया दक बड़े ने छोटे की सेवा की।
जब मसीह एक हजार
और उसका सारा शरीर कम्बल क समान रोममय था; इसललय उसका नाम
एसाि रखा गया। 26पीछ उसका भाई अपन हाथ स एसाि की एडी पकड
हए उत्पन्न हआ; और उसका नाम याक़ूब रखा गया। जब ररबका न उनको
जधम त्तिया तब इसहाक साठ िर्ष का था।
प्रसव क समय ररबका को सचमच जड़व बालक हए। जो पहल उत्पन्न
हआ वह लाल रग का था। लालपन स्पि रूप स बालक एसाव क लाल
बालो को ििाता ह जो स्पि रूप स बहत घन थ। एसाव नाम का िास्ब्िक
अथ ह ‘असिक बालो वाला’। जब िसरा बालक उत्पन्न हआ, तो उसने
अपने भाई की एड़ी पकड़ रखी थी। याक ू ब नाम का िास्ब्िक अथथ है ‘एड़ी
पकड़ने वाला,’ हालादक इस िब्ि का अथ ‘चालकी स िसर का स्थान
हसथया लेने वाला’ भी है। बाि वाले मेें चालबाज़ी, छल या िोखे का भाव है। वास्तव मेें, याकब अपने जीवनकाल मेें इन सब से हटके नहीें था।
25:27-28 त्तिर ि लडक बढन लग, और एसाि तो िनिासी होकर चतुर
लशकार खलनिाला हो गया, पर याक़ब सीिा मनय था और तम्बओ म
रहा करता था। 28इसहाक एसाि क अहर का मास खाया करता था, इसललय िह उसस प्रीत्तत रखता था; पर ररबका याक़ब स प्रीत्तत रखती थी।
जैसे-जस जड़वा बालक बड़ हए, एसाव तो चतर सिकार खलन वाला और
जेंगलोें मेें रहनेवाला व्यदि बना। याकब घर क करीब ही “तम्बओ म रहा
करता था।” सीिा क रूप म अनदित िब्ि (ताम) म ‘सपर्’ स लकर
‘सिर’ और ‘सभ्य’ तक का एक व्यापक अथ ह। जसा भी हो, जहा एसाव
जेंगल मेें रहने वाला व्यदि था, वहीें याकब घर पर ही रहता था और उसका
िदिकोर् घरल था। इसहाक एसाव को पसि करता था कयोदक वह सिकार
लेकर
का अलिकार आज मर हाथ बच ि। 32एसाि न कहा, िख, म तो अभी
मरन पर ह : इसललय पत्तहलौठ क अलिकार स मरा क्या लाभ होगा?
33याक़ब न कहा, मझ स अभी शपथ खा, अत: उसन उसस शपथ खाई, और अपना पत्तहलौठ का अलिकार याक़ब क हाथ बच डाला। 34इस पर
याक़ब न एसाि को रोिी और पकाई हई मसर की िाल िी; और उसन
खाया–त्तपया, और उठकर चला गया। यो एसाि न अपना पत्तहलौठ का
अलिकार तुच्छ जाना।
समय सीमा का उल्लेख नहीें दकया गया है। पर यह माना जा सकता है दक
एसाव और याकब िोनोें जवान हो गए थे। पि 26:1 मेें उदल्लसखत अकाल
सभवतः िरू हो चका था। स्पि ह दक एसाव घर स बाहर रहन लगा था
और िि स कही िर रहा करता था। परत बढ़त अकाल क कारर् उस
भोजन नहीें दमला और वह थककर घर लौट आया।
थका हआ क रूप म अनदित िब्ि (आयि) म अनय बातो क साथ ‘क्षीर्’
होने का भाव भी हो सकता है। एसाव का अपने भाई से भोजन के सलए
अनरोि बताबी भरा रहा होगा, कयोदक उस डर था दक कही वह भख स
मर न जाए। जैसा दक बताया गया है, इस बीच याकब क पास “लाल वस्त”
थी, सजसका अथथ है, उबला हआ सप, िायि दमचथ-मसाल वाला सप। इसक
लाल होन का उल्लख इस बात स जड़ा हो सकता ह दक याकब ने िाल के
साथ अपना सप तयार दकया हो। स्पि ह दक लाल सप मागन क कारर्
एसाव का उपनाम एिोमभी पड़ा सजसका अथथ लाल है।
छल से दकसी का स्थान हसथया लेनेवाले याकब ने अपने भाई की हालत
स लाभ कमान का अवसर िखा। यह महसस करत हए दक उसका भाई
स्पि रूप से एक बड़ी जरूरत मेें है,
भदमका भी प्रिान करता ह)। याकब अपने भाई से उसी दविेषासिकार को
छीन रहा था जब वह जरूरत म था। जहा तक एसाव का सवाल ह, वह इतना बीमार और कमज़ोर था दक मरने की कगार पर था। इससलए उसने
उस बचन म कोई नकसान नही िखा। इससलए याकब ने एसाव को भोजन
के बिले उसके पदहलौठे का असिकार िेने को कहा। अतः एसाव ने खाया, दपया और उठकर चला गया। ऐसा करके , उसने “अपना पदहलौठे का
असिकार तच्छ जाना।”
उत्पत्ति26कासलिप्तत्तििरण:अब्राहमऔरइसहाकके जीवनके बीच
समानताएाँदिखाईिेतीहै।इसअध्यायमेयेदवभाजनपाएजातेहै:(1)
पि1-5मेेंअब्राहमसेकीगईवाचाकीइसहाकसेप ुदिकीगईहै।(2)
पि6-16 म े इसहाकअपनेदपताक े समान उसीमूख थ ताप ू र् थिोखेमेपड़
जाताहै।और(3)पि17-35मेइसहाकद्वाराक ु आ ाँखोिनाऔरउससे
ज ु ड़ीसमस्याएाँदनदहतहै।
26:1 उस िश म अकाल पडा, यह उस पहल अकाल स अलग था जो
अब्राहम क त्तिनो म पडा था। इसललय इसहाक गरार को पललष्श्तयो क
राजा अबीमलक क पास गया। इदतहास अपने को िोहराता रहता है। अपने
दपता अब्राहम के समय के समान, जब कदठन समय आया, तो इसहाक ने
उस स्थान को छोड़न पर दवचार दकया जहा परमेश्वर ने उसे रखा था। िेि
मेें (अब्राहम के समय के अकाल से अलग) एक और अकाल पड़ा।
इससलए, इसहाक न सामान बािा और “गरार को पसलस्श्तयो क राजा
अबीमेलेक के पास गया।” गरार पसलश्त के िसक्षर्-पसिमी भाग मेें
पसलस्श्तनी मैिान पर था और आज वह गाजा के रूप मेें है। यद्यदप इस पर
पसलश्ती लोगोें का कब्ज़ा
जो लगभग सौ साल पहले अब्राहम से दमला था, परत ऐसा सभव प्रतीत
नहीें होता। जकि ही होने वाली घटनाओें मेें, जो अब्राहम द्वारा दकए गए
कायों से दमलती-जलती ह, अबीमेलेक इस बात से अनजान लग रहा था
दक अब्राहम ने भी ऐसा ही दकया था।
26:2-5 इसी िौरान यहोिा न उसको िशन िकर कहा, त्तमस्र म मत जा; जो
िश म तझ बताऊ उसी म रह। यहा परमेश्वर ने इसहाक से उस वाचा की
पदि की जो उसन अब्राहम स बािी थी। उसन इसहाक को दमस्र न जान
की आज्ञा ित हए कहना िरू दकया, जैसा दक उसके दपता ने दनराि होने
पर दकया था।
बस्कक उसने इसहाक से कहा दक 3त इसी िश म रह, और म तर सग
रहगा, और तझ आशीर्ष िगा; और य सब िश म तझ को और तर िश को
िगा; और जो शपथ म न तर त्तपता अब्राहम स खाई थी, उस म परी करूगा।
4म तर िश को आकाश क तारागण क समान करूगा; और म तर िश को
य सब िश िगा, और पथ्िी की सारी जात्ततया तर िश क कारण अपन को
िधय मानगी।
परमेश्वर ने अब्राहम की तरह ही इसहाक को भी वह िेि िेने की प्रदतज्ञा
की। इस प्रकार परमेश्वर ने अब्राहम के वेंि को आकाि के तारागर् के
समान बढ़ाने की अपनी प्रदतज्ञा िोहराई। यही नहीें, अब्राहम की आिीष
भी उस पर बनी रहेगी।
5 क्योत्तक अब्राहम न मरी मानी, और जो म न उस सौपा था उसको और
मरी आज्ञाओ, त्तिलियो और व्यिस्था का पालन त्तकया। एक बार दिर, इसहाक को िी जानेवाली परमेश्वर की आिीष को अब्राहम की
आज्ञाकाररता स जोड़ा गया।
अब्राहम ने स्पि रूप से परमेश्वर की आज्ञा मानी थी चाहे वह ऊर और
दिर हारान को छोड़ने के दवषय मेें हो या इसहाक का बसलिान चढ़ाने के
दवषय मेें हो। परमेश्वर के आिेि, आज्ञाए, दवसिया और दनयम कम स्पि
ह। य दनयदमत रूप स मसा की व्यवस्था स सबसित िब्ि ह सजस दिए
जान म अभी सदिया बाकी ह। स्पि ह दक अब्राहम या तो मौसखक परपरा
के द्वारा या परमेश्वर के प्रत्यक्ष प्रकािन के द्वारा परमेश्वर के मागों से
पररसचत था। जैसा भी हो, वह परमेश्वर की इच्छा और वचन के प्रदत
दनयदमत रूप से आज्ञाकारी था। प्रत्यक्ष पररर्ाम के रूप मेें, परमेश्वर ने
उसे आिीष िी और उसे आिीष िेने की प्रदतज्ञा की।
26:6 इसललय इसहाक गरार म रह गया। इसहाक गरार मेें ही रहा।
हालादक, ऐसा करत हए वह दमस्र क आि रास्त तक चला गया था। आज
तक जब परमेश्वर के लोग सेंसार के साथ िादमल होने मेें आिे रास्ते तक
चले जाते हैें, तो मसीबत म पड़ जात ह। आग जो हआ वह दिखाता है दक
इसहाक के साथ भी दनसित रूप से ऐसा ही हआ।
26:7-11 जब उस स्थान क लोगो न उसकी पत्नी क त्तिर्षय म पछा, तब
उसन यह सोचकर त्तक यत्ति म उसको अपनी पत्नी कह तो यहा क लोग
ररबका क कारण जो परम सधिरी ह मझ को मार डालग, उिर त्तिया, िह
तो मरी बत्तहन ह। 8जब उसको िहा रहत बहत त्तिन बीत गए, तब एक त्तिन
पललष्श्तयो क राजा अबीमलक न लखडकी म स झाकक क्या िखा त्तक
इसहाक अपनी पत्नी ररबका क साथ क्रीडा कर रहा ह।
9 तब अबीमलक न इसहाक को बलिाकर कहा, िह तो त्तनश्चय तरी पत्नी
ह; त्तिर त न क्यो उसको अपनी बत्तहन कहा? इसहाक न उिर त्तिया, म न
सोचा था त्तक ऐसा न हो त्तक
यह चाहे परमेश्वर द्वारा दपता क पापो को पत्र पर प्रकट करना हो, या पत्र
द्वारा अपने दपता की गलती को िोहराना हो, इसहाक ने गरार मेें वही कायथ
दकया जो उसके दपता ने दकया था (उत्पदि 20 िेखेें)। उसने अपनी पत्नी
को अपनी बहन बताने की कोसिि की। उसे डर था दक कोई उसकी पत्नी
को चाहेगा और उसे पाने के सलए इसहाक को मार डालेगा। (स्पि है दक
अपनी सास सारा की तरह वह भी एक बहत ही आकषक स्त्री थी।) यह
महत्वपर् ह दक यह िोखा “बहत दिन” तक चलता रहा। परत एक दिन, अबीमेलेक ने अपनी सखड़की से बाहर िेखा और पाया दक इसहाक “अपनी
पत्नी ररबका के साथ िीड़ा कर रहा है।” इस सेंिभथ मेें क्रीडा कर रहा ह
क रूप म अनदित िब्ि (साखाक) म ‘खलन’ का दवचार ह। यह स्पि ह
दक यह ‘खेलना’ उस कायथ की ओर सेंकेत करता है जो एक पदत और पत्नी
करते हैें, न दक एक भाई और बहन। अबीमेलेक को इसका सेंिेह हआ
और उसने उनका सामना दकया। उसने उनहेें िटकार लगाई दक कोई व्यदि
उस लकर उसक साथ ककम कर सकता था, (अथात, उसके साथ सो
सकता था) और इससे उसके लोग िोषी ठहर सकते थे।
ऐसा प्रतीत होता है दक, अबीमलक सचमच इस बात स सचदतत था दक
कछ गलत हो सकता था और उसक सलए उसक लोग सजम्मिार ठहराए
जाते। यह वतथमान मेें प्रचसलत नैदतकता से अलग नैदतकता का सेंकेत िेता
ह। इससलए उसन आिि दिया दक कोई भी इसहाक या ररबका को न छए, नहीें तो वह मार डाला जाएगा।
26:12-16 त्तिर इसहाक न उस िश म जोता बोया, और उसी िर्ष म सौ
गुणा िल पाया; और यहोिा न उसको आशीर्ष िी, 13और िह बढा और उसकी उन्नत्तत होती चली गई, यहा तक त्तक िह अत्तत महान परुर्ष हो गया।
14 जब उसक
अबीमलक न इसहाक स कहा, हमार पास स चला जा; क्योत्तक त हम स
बहत सामथी हो गया ह।
यह महत्वपर् ह दक उसी वष इसहाक न बोया और सौ गर्ा प्राप्त दकया।
परमेश्वर न उस आिीष िी। यहा अथ यह ह दक परमेश्वर उस झठ को न
तो आिीष िे सकता है और न िेगा सजसके साथ वह अब तक जी रहा था।
हालादक उस सब कछ अब्राहम स दवरासत मेें दमला था, दिर भी वह अब
“बढ़ा और उसकी उन्नदत होती चली गई, यहा तक दक वह अदत महान
परुष हो गया।” वह इतना समद् हो गया दक “पसलश्ती उसस डाह करन
लगे।”
सजतन कए अब्राहम न खोि थ व सब पसलस्श्तयो न भर दिए। अथ यहा यह
है दक ईष्याथ मेें, पसलस्श्तयो न बहमकय कओ को भर दिया था, िायि
इसहाक पर िबाव डालन क सलए दक वह वहा स चला जाए। वास्तव म, अबीमेलेक ने इसहाक को उस क्षेत्र से चले जाने को कहा। “हमारे पास से
चला जा; कयोदक त हम स बहत सामथी हो गया ह।”
26:17-22 अत: इसहाक िहा स चला गया, और गरार की घािी म अपना
तम्ब खडा करक िहा रहन लगा। 18तब जो कए उसक त्तपता अब्राहम क
त्तिनो म खोि गए थ, और अब्राहम क मरन क बाि पललष्श्तयो न भर त्तिए
थ, उनको इसहाक न त्तिर स खििाया; और उनक ि ही नाम रख, जो
उसक त्तपता न रख थ।
19 त्तिर इसहाक क िासो को घािी म खोित–खोित बहत जल का एक
सोता त्तमला। 20तब गरार क चरिाहो न इसहाक क चरिाहो स झगडा
त्तकया और कहा, यह जल हमारा ह। इसललय उसन उस कए का नाम एसक
रखा; क्योत्तक ि उसस झगड थ। 21त्तिर उधहोन िसरा कआ खोिा, और
उधहोन उसक ललय भी झगडा त्तकया; इसललय उसन उसका नाम लसत्ना
रखा।
22 तब उसन िहा स त्तनकल कर एक और कआ खििाया; और उसक
ललय उधहोन झगडा न त्तकया; इसललय उसन उसका नाम यह कहकर
रहोबोत रखा, अब तो यहोिा न हमार ललय बहत स्थान त्तिया ह, और हम
इस िश म िल–िलग।
इसहाक चला गया, लदकन ज्यािा िर नही गया। वह अब भी गरार की
घाटी म ही रहा। उसक सवको न बहमकय कओ को दिर स खोलना िरू
कर दिया। कछ कए अब्राहम क समय क थ। कछ ज्यािा परान नही थ।
इसके अलावा, उनह नए कए भी दमल। गरार की घाटी म एक कआ “बहत
जल का एक सोता” था। परत तरत ही उस क्षत्र क पसलश्ती चरवाहो न
जोर िेकर कहा, “यह जल हमारा ह।” बहत पहल स लकर आज तक, मध्य पवी ििो म जल का महत्व बहत असिक रहा ह।
इससलय इसहाक न उस कए का नाम “एसक रखा; कयोेंदक वे उससे झगड़े
थ।” उनहोन एक और कआ खोिा और उस पर भी दववाि हआ। उसन उस
ससत्ना कहा सजसका अथथ दववाि भी है। इससलए, “उसन वहा स दनकल
कर एक और कआ खिवाया; और उसके सलये उनहोेंने झगड़ा न दकया।”
इसहाक क सवको न इस कए का नाम रहोबोत रखा सजसका िास्ब्िक
अथथ दविाल या बड़ा स्थान है। इसहाक ने यह सीख प्राप्त की। गरार मेें पाए
जानेवाले सेंसार के प्रभाव से अलग होकर ही अेंततः उसे िाेंदत दमली।
26:23-25 िहा स िह बशबा को गया। 24और उसी त्तिन यहोिा न रात
को उस िशन िकर कहा, म तर त्तपता अब्राहम का परमश्िर ह; मत डर, क्योत्तक म तर साथ ह, और अपन िास अब्राहम क कारण तझ आशीर्ष
िगा, और तरा िश बढाऊगा। 25तब उसन िहा एक ििी बनाई, और यहोिा स प्राथना की, और अपना तम्ब िही खडा त्तकया; और िहा इसहाक क िासो न एक कआ खोिा।
इसक
दिर स पदि की। एक बार दिर, परमेश्वर ने इसहाक से प्रदतज्ञा की, मैें
“अपन िास अब्राहम क कारर् तझ आिीष िगा, और तरा वि बढ़ाऊगा।”
वहा इसहाक न एक विी बनाई, और “और यहोवा से प्राथथना की, और
अपना तम्ब वही खड़ा दकया।” अथ यहा यह ह दक इसहाक न परमेश्वर
की आरािना करने, और उसकी आिीषोें के सलए उसकी प्रिेंसा करने और
उसका िनयवाि करन का दनिय दकया। उसन उस क्षत्र म नए कए भी
खिवाए।
26:26-29 तब अबीमलक अपन मत्री अहज्जत और अपन सनापत्तत
पीकोल को सग लकर, गरार स उसक पास गया। 27इसहाक न उनस
कहा, तम न मझ स बर करक अपन बीच स त्तनकाल त्तिया था, अब मर
पास क्यो आए हो?
28 उधहोन कहा, हम न तो प्रत्यि िखा ह त्तक यहोिा तर साथ रहता ह; इसललय हम न सोचा त्तक त तो यहोिा की ओर स िधय ह, अत: हमार तर
बीच म शपथ खाई जाए, और हम तझ स इस त्तिर्षय की िाचा बधिाए, 29त्तक जस हम न तझ नही छआ, िरन तर साथ किल भलाई ही की ह, और तझ को कशल िम स त्तििा त्तकया, उसक अनसार त भी हम स कोई
बराई न करगा।
इस बीच, अबीमेलेक और उसके िो साथी बेिेबा मेें इसहाक से दमलने
आए। ऐसा लगता ह दक इसहाक को उन पर सिह हआ और उसन उनस
पछा दक व कया चाहत ह। उनहोन उसस कहा दक यह स्पि ह दक यहोवा
उसके साथ है और इससलए वे उसके साथ िाेंदत समझौता करना चाहते हैें।
उनहेें यह एहसास होने के अलावा दक
साथ समझौता करने के सलए सहमत हो गया और उसने अपने मेहमानोें के
सलए भोज रखा। इसके बाि, उनहोेंने आपस मेें िाेंदत बनाए रखने का
समझौता दकया। इसके बाि अबीमेलेक और उसके साथी चले गए। तडक
उठकर क रूप म अनदित िब्ि (िकम) का सामानय सा अथ ह, ‘सबह
जकिी उठकर’।
26:32-33 उसी त्तिन इसहाक क िासो न आकर अपन उस खोि हए कए
का िताधत सना क कहा, हम को जल का एक सोता त्तमला ह। 33तब उसन
उसका नाम लशबा रखा; इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बशबा
पडा ह।
इसी बीच, इसहाक क िासो न आकर बताया दक उनहोन एक और कआ
खोिा है। इससलये इसहाक ने उसका नाम सिबा रखा। हालादक अब्राहम ने
वषों पहले उस स्थान का वही नाम (बेिेबा) रखा था, लेदकन स्पि है दक
इसहाक ने या तो उस स्थान को पहचाना नहीें था या िायि वह इससे
अनजान था। यह परी घटना एक सिी पहल अब्राहम की घटना स बहत
दमलती-जलती ह। उत्पदि 21:22-33 िेखेें। जैसा भी हो, उस स्थान को
बिबा (सात का कआ) क रूप म जाना जान लगा, जैसा दक उत्पदि 21:31
म बताया गया ह। यह आज तक बना हआ ह।
26:34-35 जब एसाि चालीस िर्ष का हआ, तब उसन त्तहिी बरी की बिी
यहिीत, और त्तहिी एलोन की बिी बाशमत स त्तििाह कर ललया; 35और
इन ष्स्त्रयो क कारण इसहाक और ररबका क मन को खि हआ। जब एसाव
चालीस वष का हआ, तो उसने िो स्स्त्रयोें से दववाह दकया : “दहिी बेरी
की बटी यहिीत, और दहिी एलोन की बटी बािमत।” यहा क दववरर्
और पि 36:2 के बीच पाई जानेवाली दवपरीतता का समािान
उनक िःख का मख्य कारर् यह ह दक एसाव न अब्राहम द्वारा स्पि रूप स
स्थादपत अलगाव क ससद्ात का उल्लघन करत हए कनानी स्स्त्रयो स दववाह
दकया था। वास्तव मेें, एसाव ने बाहर जाकर परमेश्वर को न जाननेवाली
सासाररक लड़दकयो स दववाह कर सलया था। उनका िःख उसक
बहदववाह क कारर् उतना नही था जो उस समय सामासजक रूप स
स्वीकायथ था। बस्कक, व इस बात स िखी थ दक वह अदवश्वाससयो क साथ
एक असमान जए म जत गया था। उनकी नई बहए सासाररक स्स्त्रया थी
और व यह जानत थ। अतः उनका िःख आस्त्मक था। *****
उत्पत्ति27कासलिप्तत्तििरण:अबध्यानयाक ू बके जीवनपरकेेंदद्रतहो
जाताह ै ।ि ु खिरूपस े , उसनेएकहड़पनेवालेऔरिोखेबाजके रूपमेें
अपन े नाम क े अन ु रूप जीवन जीया। सबस े पहल े उसन े अपन ेभाईका
पहलौठेकाअसिकारछीना।अबयहााँ,वहअपनेबड़ेभाईकोदमलनेवाले
दपताक े आिीवाथिकोिोखेसेच ु राल े ताह ै ।बिल े म े , उसेअपनीजान
बचाकरभागनापड़ताहै।
इसअध्यायमेेंयेदवभाजनहैें:(1)पि1-25मेच ुरायागयाआिीवाथि,
(2)पि26-33मेेंयाक ू ब कोदमलाआिीवाथि , और(3)पि34-46मेें
एसावकापछतावाऔरिोि।
27:1-4 जब इसहाक बूढा हो गया, और उसकी आख ऐसी ििली पड गईं त्तक उसको सूझता न था, तब उसन अपन जठ पत्र एसाि को बलाकर कहा, ह मर पत्र, उसन कहा, क्या आज्ञा। 2उसन कहा, सुन, म तो बढा हो गया
ह, और नही जानता त्तक मरी मत्य का त्तिन कब होगा : 3इसललय
ऐसा माना जाता है दक इसहाक इस समय लगभग 137 वषथ का था।
हालादक 180 वषथ का होने तक वह 43 वषथ और जीदवत रहेगा, लेदकन इस
समय उसने सोचा दक उसका समय दनकट आ गया है। उसकी आखो की
रोिनी भी लगभग चली गई थी। इससलए उसने अपने पहलौठे बेटे, एसाव
को बलाया दक वह जाकर सिकार कर और उसका भोजन तयार करक
उसके पास लाए, जो उस बहत पसि था। उसन अत म कहा, तादक “मैें
उस खाकर मरन स पहल तझ जी भर क आिीवाि ि।”
27:5-10 तब एसाि अहर करन को मिान म गया। जब इसहाक एसाि स
यह बात कह रहा था, तब ररबका सन रही थी। 6इसललय उसन अपन पत्र
याक़ब स कहा, सुन, म न तर त्तपता को तर भाई एसाि स यह कहत सना
ह, 7त मर ललय अहर करक उसका स्िात्तिि भोजन बना, त्तक म उस खाकर
तझ यहोिा क आग मरन स पहल आशीिाि ि।
8 इसललय अब, ह मर पत्र, मरी सन, और यह आज्ञा मान, 9त्तक बकररयो
क पास जाकर बकररयो क िो अच्छ अच्छ बच्च ल आ; और म तर त्तपता
क ललय उसकी रुलच क अनसार उनक मास का स्िात्तिि भोजन बनाऊगी।
10तब त उसको अपन त्तपता क पास ल जाना, त्तक िह उस खाकर मरन स
पहल तझ को आशीिाि ि।
याकब की पत्नी ररबका न सन सलया था दक उसक पदत न एसाव स कया
कहा था। उसका पसिीिा पत्र याकब था। इससलए, जब एसाव सिकार
करने के सलए अपनी यात्रा पर चला गया, तो उसने याकब को बताया दक
वहा कया हो रहा था। हालादक उसके सलए याकब को िोष दिया गया जो
कछ वहा होन वाला था, लेदकन असल मेें इसकी योजना उसकी माता
ररबका ने बनाई थी। इसमेें कोई
“स्वादिष्ट भोजन” बनाएगी जो वह जानती थी दक उसके पदत को पसेंि है। इसके अलावा, याकब के सलए उसकी योजना यह थी दक वह जेंगली
सिकार का भोजन अपने दपता के पास ले जाए और स्वयें को उसके भाई, एसाव क रूप म प्रस्तत कर। योजना यह थी दक इसहाक उसक भाई क
बिले याकब को आिीवाथि िे।
इस पर अध्याय का कद्र इसहाक द्वारा अपन एक पत्र को दपता का
आिीवाथि िेने पर आिाररत है। इस घटना के अदतररि पदवत्रिास्त्र मेें कहीें
और इस तरह के आिीवाथि के बारे मेें कोई जानकारी नहीें है।
परत ऐसा लगता ह दक उस समय की यह रीदत थी दक पररवार क मसखया
(इस सेंिभथ मेें, इसहाक) क पास अपन सबस बड़ पत्र को एक दविष
आिीवाि िन की अनमदत थी। यह माना जाता था दक वह आिीवाथि (1)
के वल एक बार दिया जा सकता था और यह गैर-हस्ताेंतरर्ीय था, तथा (2) इसे प्राप्त करनेवाले को परमेश्वर से एक दविेष आिीष दमलती थी।
कयोेंदक परमेश्वर ने अब्राहम और इसहाक से ऐसी बड़ी-बड़ी प्रदतज्ञाए की
थीें, इससलए यह आिीवाि प्राप्त करनवाला दविष रूप स समद् होगा।
ररबका यह जानती थी और चाहती थी दक उसक पसिीिा पत्र को वह
आिीवाथि दमले। हो सकता है, उसने इस तथ्य से अपने िोखे को सही
ठहराना चाहा हो दक उसक बट जड़वा थ और इससलए आिीवाि िोनो म
से दकसी को भी दमल सकता था।
यह और भी दिलचस्प बात है दक परमेश्वर ने पहले ही भदवष्यवार्ी कर
िी थी दक बड़ा छोटे की सेवा करेगा। ररबका यह जानती थी। दिर भी, यह
नहीें समझा जाना चादहए दक परमेश्वर ने योजना
लग, तो म उसकी िष्ि म ठग ठहरूगा; और आशीर्ष क बिल शाप ही
कमाऊगा। 13उसकी माता न उसस कहा, ह मर पत्र, शाप तझ पर नही
मझी पर पड, त किल मरी सन, और जाकर ि बच्च मर पास ल आ।
याकब न कहा दक उसक दपता को छन स ही अतर पता चल जाएगा।
एसाव क िरीर पर बहत बाल थ। याकब के साथ ऐसा नहीें था। याकब
को पता चल जाएगा दक कया हो रहा है और वह याकब को आिीवाथि िेने
के बजाय िाप िे िेगा। ररबका ने यह प्रदतज्ञा की दक जो भी िाप आएगा
वह याकब पर नहीें बस्कक उस पर पड़ेगा। उसने तो अपने बेटे को आिेि दिया : “त कवल मरी सन, और जाकर वे बच्चे मेरे पास ले आ।”
27:14-17 तब याक़ब जाकर उनको अपनी माता क पास ल आया, और
माता न उसक त्तपता की रुलच क अनसार स्िात्तिि भोजन बना त्तिया।
15तब ररबका न अपन पहलौठ पत्र एसाि क सधिर िस्त्र, जो उसक पास
घर म थ, लकर अपन छोि पत्र याक़ब को पत्तहना त्तिए; 16और बकररयो
क बच्चो की खालो को उसक हाथो म और उसक लचकन गल म लपि
त्तिया; 17और िह स्िात्तिि भोजन और अपनी बनाई हई रोिी भी अपन
पत्र याक़ब क हाथ म ि िी।
याकब ने वैसा ही दकया जैसा उससे कहा गया था। हालादक उसकी माता
ने यह योजना बनाई थी, दिर भी याकब स्पि रूप स उसम एक इच्छक
साथी था। इसके अलावा, ररबका न एसाव क सबस सिर वस्त्रो म स एक
सलया, सजसकी एक दवसिि गेंि थी, और उसे याकब को पहना दिया। यही
नहीें, उसने बकरी के बच्चोें की खाल उसके हाथोें और उसकी गिथन, अथात
उसक िरीर क खल दहस्सो पर बाि िी। उसन वसा स्वादिि भोजन तयार दकया जैसा वह जानती थी दक उसके पदत को पसेंि
उठ और बठकर मर अहर क मास म स खा, त्तक त जी स मझ आशीिाि
ि।
20 इसहाक न अपन पत्र स कहा, ह मर पत्र, क्या कारण ह त्तक िह तझ
इतनी जल्िी त्तमल गया? उसन यह उिर त्तिया, तर परमश्िर यहोिा न
उसको मर सामन कर त्तिया। 21त्तिर इसहाक न याक़ब स कहा, ह मर पत्र, त्तनकि आ, म तझ ििोलकर जान त्तक त सचमच मरा पत्र एसाि ह त्तक नही।
22तब याक़ब अपन त्तपता इसहाक क त्तनकि गया, और उसन उसको ििोलकर कहा, बोल तो याक़ब का सा ह, पर हाथ एसाि ही क स जान
पडत ह। 23और उसन उसको नही पहचाना, क्योत्तक उसक हाथ उसक
भाई क स रोआर थ; अत: उसन उसको आशीिाि त्तिया।
24 और उसन पछा, क्या त सचमच मरा पत्र एसाि ह? उसन कहा, हा, म
ह। 25तब उसन कहा, भोजन को मर त्तनकि ल आ, त्तक म अपन पत्र क
अहर क मास म स खाकर, तझ जी स आशीिाि ि। तब िह उसको उसक
त्तनकि ल आया, और उसन खाया; और िह उसक पास िाखमि भी लाया,
और उसन त्तपया।
िोखा चल रहा था। इसहाक न पछा दक कौन उसस दमलन आया ह। याकब
ने उिर दिया, “म तरा जठा पत्र एसाव ह। म न तरी आज्ञा क अनसार दकया
है।” उसने अपने दपता को उसके द्वारा लाए गए भोजन को खाने के सलए
कहा। इसहाक को तरत सिह हआ। उसन पछा दक उसक बट न यह काम
इतनी जकिी कस परा कर सलया। याकब न भदि का ढोग करत हए और
बेईमानी से कहा, “तेरे परमेश्वर यहोवा ने उसको मेरे सामने कर दिया।”
दिर भी सेंिेह
इसहाक ने उससे वह सिकार का माेंस लाने को कहा, और याकब ने उसे
उसके सामने रखा, और इसहाक ने उसमेें से खाया। िोखा इतना बड़ा था
दक इसहाक वास्तव मेें याकब को आिीवाथि िेने के सलए तैयार हो गया।
27:26-27 तब उसक त्तपता इसहाक न उसस कहा, ह मर पत्र, त्तनकि
आकर मझ चम। 27उसन त्तनकि जाकर उसको चमा; और उसन उसक
िस्त्रो का सगधि पाकर उसको यह आशीिाि त्तिया, िख, मर पत्र की
सगधि जो ऐस खत की सी ह लजस पर यहोिा न आशीर्ष िी हो। इसहाक
को अब भी सेंिेह था, इससलए उसने अपने बेटे को दनकट आकर और उसे
चमन को कहा। याकब ने ऐसा दकया। इतना दनकट आने पर, इसहाक ने
एसाव क वस्त्र की दवसिि गि सघी और कहा, “िेख, मर पत्र की सगनि
जो ऐसे खेत की सी है सजस पर यहोवा ने आिीष िी हो।” सजतना जरूरी
था उतना िोखा दिया गया।
27:28-29 इससलए इसहाक ने यह सोचकर याकब को औपचाररक रूप
से आिीवाथि दिया दक वह एसाव है। उसने कहा, परमश्िर तझ आकाश
स ओस, और भत्तम की उिम स उिम उपज, और बहत सा अनाज और
नया िाखमि ि। 29राज्य राज्य क लोग तर अिीन हो, और िश िश क
लोग तझ िण्डित कर। त अपन भाइयो का स्िामी हो, और तरी माता क
पत्र तझ िण्डित कर। जो तझ शाप ि ि आप ही शात्तपत हो, और जो तझ
आशीिाि ि ि आशीर्ष पाए।
इसहाक को िायि पता नहीें था दक याकब ने एसाव से पहलौठे का
असिकार छीन सलया था। लेदकन िायि वह उसे दिए अपने औपचाररक
आिीवाथि मेें दविेष लाभ जोड़ना चाहता था। वह यह भी जानता था दक
परमेश्वर ने भदवष्यवार्ी की थी दक बड़ा छोटे की सेवा करेगा। दिर भी
यह सोचत हए
दिर भी, इसहाक वास्तव मेें भदवष्यवासर्य रूप मेें याकब के वेंि को
आिीवाि ि रहा था सजसकी सपर् पर्ता मसीह म प्राप्त होगी। यह और
भी दिलचस्प बात है दक इस आिीवाथि का एक भाग परमेश्वर द्वारा
अब्राहम से की गई प्रदतज्ञा से दमलता-जलता था। उत्पदि 12:3 िख। यह
अब्राहम से की गई परमेश्वर की प्रदतज्ञा के याकब तक जाने का पहला
औपचाररक प्रसारर् है।
27:30-33 जस ही यह आशीिाि इसहाक याक़ब को ि चका, और याक़ूब
अपन त्तपता इसहाक क सामन स त्तनकला ही था, त्तक एसाि अहर लकर
आ पहचा। 31तब िह भी स्िात्तिि भोजन बनाकर अपन त्तपता क पास ल
आया, और उसस कहा, ह मर त्तपता, उठकर अपन पत्र क अहर का मास
खा, तात्तक मझ जी स आशीिाि ि।
32उसक त्तपता इसहाक न पछा, त कौन ह? उसन कहा, म तरा जठा पत्र
एसाि ह। 33तब इसहाक न अत्यधत थरथर कापत हए कहा, त्तिर िह
कौन था जो अहर करक मर पास ल आया था, और म न तर आन स पहल
सब म स कछ कछ खा ललया और उसको आशीिाि त्तिया? अब उसको
आशीर्ष लगी भी रहगी।
जैसा दक आम तौर पर िोखे मेें होता है, जकि ही इसका पता चल जाता
है। इस दवषय मेें, यह तरत हो गया। जस ही याकब अपने दपता के सामने
से दनकला, एसाव सिकार करके आ गया। उसने अपने दपता द्वारा चाहा
गया स्वादिि भोजन बनाया और लाकर उस अपन दपता क सामन प्रस्तत
दकया। इसहाक उलझन म पड़ गया। उसन पछा, “त कौन ह?” एसाव ने
उसस कहा दक वह एसाव ह। इसहाक थरथरा उठा और दिर पछा, “कौन?” जब िोनोें घबरा गए, तो इसहाक न पछा दक वह कौन था जो अभी-अभी उसके सलए स्वादिि
27:34-36 अपन त्तपता की यह बात सनत ही एसाि न अत्यधत ऊच और
ि:ख भर स्िर स लचल्लाकर अपन त्तपता स कहा, ह मर त्तपता, मुझको भी
आशीिाि ि! 35उसन कहा, तरा भाई ितता स आया, और तर आशीिााि
को ल क चला गया।
36 उसन कहा, क्या उसका नाम याक़ब यथाथ नही रखा गया? उसन मझ
िो बार अडगा मारा। मरा पत्तहलौठ का अलिकार तो उसन ल ही ललया था;
और अब िख, उसन मरा आशीिाि भी ल ललया ह। त्तिर उसन कहा, क्या
त न मर ललय भी कोई आशीिाि नही सोच रखा ह?
इसहाक और एसाव िोनो को तरत पता चल गया दक आिीवाि दकसन
चराया ह। तब एसाव िट-िटकर रोन लगा और अपन दपता स दवनती
करने लगा, “हे मेरे दपता, मझको भी आिीवाि ि!” इसहाक न दनस्सिह
हतािा और िोि मेें कहा, “तरा भाई ितता स आया, और तेरे आिीवाथि
को ले के चला गया।” ितता स क रूप म अनदित िब्ि (दमरमाह) मेें
‘िोख’ का मल भाव ह, और याकब न दबककल यही दकया था।
एसाव न कटतापवक अपन भाई क नाम क अथ पर दवचार दकया। याकब
के नाम मेें ‘छल से हसथया लेने’ का दवचार है, अथात हड़पन वाला,
िोखेबाज या छल करनेवाला। उसने अपने दपता को याि दिलाया दक
याकब न सिहपर् पररस्स्थदतयो म उसक पहलौठ का असिकार प्राप्त करने
म और अब उसक आिीवाि को चरान म िो बार छल दकया ह। अतः
उसन ियनीय रूप स पछा, “कया त न मर सलय भी कोई आिीवाि नही
सोच रखा है?”
27:37 इसहाक न एसाि को उिर िकर कहा, सुन, म न उसको तरा स्िामी ठहराया, और उसक सब भाइयो को उसक अिीन कर त्तिया, और अनाज
और नया िाखमि
क कल क नतत्व क साथ-साथ पररवार की सेंपदि का बड़ा दहस्सा भी
दिया। इसहाक न पछा, “ह मर पत्र, म तर सलय कया करू?”
27:38-40 एसाि न अपन त्तपता स कहा, ह मर त्तपता, क्या तर मन म एक
ही आशीिाि ह? ह मर त्तपता, मझ को भी आशीिाि ि। यो कहकर एसाि
िि ििक रोया। 39उसक त्तपता इसहाक न उसस कहा, सुन, तरा त्तनिास
उपजाऊ भत्तम स िर हो, और ऊपर स आकाश की ओस उस पर न पड।
40 त अपनी तलिार क बल स जीत्तित रह, और अपन भाई क अिीन तो
हो; पर जब तू स्िािीन हो जाएगा, तब उसक जए को अपन कधि पर स
तोड िक।
एसाव ने दिर भी अपने दपता से दविेष आिीवाथि की प्राथथना की। िायि
सच्च िःख म और िायि अपन दपता को िया म प्रररत करन क सलए, एसाव
दिर स उसक सामन िट-िटकर रोया। इससलए इसहाक न अपन िोखा
खाए बट को यह आिीवाि दिया। “सन, तरा दनवास उपजाऊ भदम स िर
हो, और ऊपर स आकाि की ओस उस पर न पड़। त अपनी तलवार क
बल से जीदवत रहे, और अपने भाई के अिीन तो हो; पर जब त स्वािीन
हो जाएगा, तब उसक जए को अपन कनि पर स तोड़ िक।”
एसाव का आिीवाथि सरल था। (1) इसहाक ने उसके सलए परमेश्वर से
भौदतक आिीवाि मागा। (2) यद्यदप वह तलवार क िम पर जीदवत रहगा, इसका अथथ है दक वह प्रबल होगा। (3) वह वास्तव मेें अपने भाई की सेवा
करेगा। (4) हालादक, ऐसा समय आएगा जब वह आसखरकार याकब के
असिकार और िासन से आजाि हो जाएगा। यह सेंभवतः 2 राजाओें 8:2022 म परा हआ।
27:41-42 एसाि न तो याक़ब स अपन त्तपता क त्तिए हए आशीिाि क
कारण
को बुलाकर कहा, सुन, तरा भाई एसाि तझ घात करन क ललय अपन मन
म िीरज रख हए ह।
इस कारर्, एसाव याकब स घर्ा करन लगा और अपन भाई की हत्या की
योजना बनान लगा। उसन मान सलया दक उसक दपता की जकि ही मत्य हो
जाएगी और उसक बाि वह अपना काम परा करगा। इसक अलावा, एसाव
की योजना उसकी माता ररबका को बताई गई। अतः उसने दिर से योजना
बनाई दक अपने पसेंिीिा बेटे की रक्षा कैसे की जाए। उसने याकब को
उसके भाई की योजना के बारे मेें बताया।
27:43-45 इसललय अब, ह मर पत्र, मरी सन, और हारान को मर भाई
लाबान क पास भाग जा; 44और थोड त्तिन तक, अथात जब तक तर भाई
का क्रोि न उतर तब तक उसी क पास रहना। 45त्तिर जब तर भाई का
क्रोि तझ पर स उतर, और जो काम त न उस स त्तकया ह उसको िह भल
जाए; तब म तझ िहा स बलिा भजगी। ऐसा क्यो हो त्तक एक ही त्तिन म
मझ तम िोनो स रत्तहत होना पड? अतः ररबका ने याकब से आग्रह दकया
दक वह तरत चला जाए और जाकर उसके भाई लाबान के साथ रहे, जो
अब भी हारान मेें रहता था।
27:46 त्तिर ररबका न इसहाक स कहा, त्तहिी लडत्तकयो क कारण म अपन
प्राण स त्तघन करती ह; इसललय यत्ति ऐसी त्तहिी लडत्तकयो म स, जसी इस
िश की लडत्तकया ह, याक़ब भी एक स कही त्तििाह कर ल, तो मर जीिन
म क्या लाभ होगा? अध्याय का अेंत ररबका द्वारा अपने पदत इसहाक से
उनके बेटे एसाव की पस्त्नयोें, अथात दहिी लड़दकयोें के बारे मेें सिकायत
करन क साथ होता ह। दहि कनान का पत्र और दहदियो का दपता था जहा स एसाव की पस्त्नया थी। उसन बताया दक वह नही चाहती थी दक याकब दहदियोें मेें से
उत्पत्ति28कासलिप्तत्तििरण: यहअध्याययाक ू बकोबेतेलमेप्रस्त ु त
करताह ै ।वहा ाँ परमेश्वरनेउससेउसवाचाकीप ुदिकीजोउसनेअब्राहम
क े साथ बा ाँ िीथी।इस अध्याय म े येदवभाजनहै: पि 1-5मेेंइसहाक
याक ू बकोपद्दनरामभेजताहै।(2)पि6-9मेेंएसावइश्माएलकीबेटीसे दववाहकरताहै।(3)पि10-19 म े याक ू ब कीसीढ़ीका िि थ न प्रस्त ु त
दकयागयाहै , और,(4)पि20-22मेयाक ू बद्वारापरमेश्वरकेसमक्षमानी गईमन्नतहै।
28:1-4 तब इसहाक न याक़ब को बलाकर आशीिाि त्तिया, और आज्ञा
िी, त त्तकसी कनानी लडकी स त्तििाह न कर लना। 2पद्दनराम म अपन
नाना बतएल क घर जाकर, िहा अपन मामा लाबान की एक बिी स त्तििाह
कर लना।
3 सिशष्क्तमान ईश्िर तझ आशीर्ष ि, और िलिधत कर क बढाए, और
त राज्य राज्य की मण्डली का मल हो। 4िह तझ और तर िश को भी
अब्राहम की सी आशीर्ष ि, त्तक त यह िश लजसम त परिशी होकर रहता
ह, और लजस परमश्िर न अब्राहम को त्तिया था, उसका अलिकारी हो जाए।
अतः इसहाक न याकब को बलाया और उस आज्ञा िी दक वह दकसी
कनानी स्त्री से दववाह न करे। बस्कक, उसन अपन पत्र को पद्दनराम (इसका
िास्ब्िक अथ ह ‘अराम क मिान’ जो सीररया म थ जहा लाबान रहता था)
म अपन पररवार क पास जान का आिि दिया। इसहाक न याकब स कहा
दक वह वहा जाए और “अपन मामा लाबान की एक बटी स दववाह” कर
ले। पररवार के भीतर दववाह सामासजक रूप से स्वीकायथ था। इस सेंिभथ
मेें, चचेरे भाई-बहन क बीच दववाह का सझाव दिया गया था।
इसहाक न अपन पत्र को आसखरी बार आिीवाि
है, और सजसे परमेश्वर ने अब्राहम को दिया था, उसका असिकारी हो
जाए।”
यह स्पि ह दक इसहाक समझ गया था दक याकब क द्वारा ही अब्राहम की
वाचा आगे बढ़ेगी। इससलए उसने उसे यह आिीवाथि दिया। इसके अलावा, इसहाक न याकब को याि दिलाया दक उसका वि एक दिन उस िि का असिकारी होगा सजसकी प्रदतज्ञा परमेश्वर ने अब्राहम से की थी। यही नहीें, यह दिलचस्प है दक इसहाक ने कहा, याकब अब भी उस िि म एक
परिेिी था। वह अब तीसरी पीढ़ी का दनवासी था, पर दिर भी वहा एक
परििी था। उस िि पर सपर् असिकार सकड़ो वष बाि यहोि क समय
मेें प्राप्त होगा।
28:5 और इसहाक न याक़ब को त्तििा त्तकया, और िह पद्दनराम को अरामी
बतएल क पत्र लाबान क पास चला, जो याक़ूब और एसाि की माता
ररबका का भाई था। अतः याकब वहा स दनकला और सीररया म पद्दनराम
की ओर चला गया।
28:6-9 जब इसहाक न याक़ब को आशीिाि िकर पद्दनराम भज त्तिया, त्तक िह िही स पत्नी लाए, और उसको आशीिाि िन क समय यह आज्ञा
भी िी, त त्तकसी कनानी लडकी स त्तििाह न कर लना, 7और याक़ूब माता–
त्तपता की मानकर पद्दनराम को चल त्तिया। 8तब एसाि यह सब िख क
और यह भी सोचकर त्तक कनानी लडत्तकया मर त्तपता इसहाक को बरी
लगती ह, 9अब्राहम क पत्र इश्माएल क पास गया, और इश्माएल की बिी
महलत को, जो नबायोत की बत्तहन थी, ब्याहकर अपनी पष्त्नयो म त्तमला
ललया।
एसाव को पता था दक उसक भाई क साथ हाल ही म कया हआ ह। वह
यह भी जानता
“अब्राहम क पत्र इश्माएल... की बटी महलत को, जो नबायोत की बदहन
थी, ब्याहकर अपनी पस्त्नयोें मेें दमला सलया।” एसाव ने िायि सोचा दक
वह एक ऐसी स्त्री से दववाह करके अपने माता-दपता का असिक सम्मान
प्राप्त करेगा, सजसके उनके साथ पाररवाररक सेंबेंि होें, जैसा दक उनहोेंने
याकब को करन की आज्ञा िी थी। परत अपनी पहल की िो पस्त्नयो क
कारर् अपने माता-दपता की इच्छाओें की अनिेखी करने से उनके सेंबेंि
पहल स ही खराब हो चक थ।
28:10-15 याक़ब बशबा स त्तनकलकर हारान की ओर चला। 11और उसन
त्तकसी स्थान म पहचकर रात िही त्तबतान का त्तिचार त्तकया, क्योत्तक सय
अस्त हो गया था; इसललय उसन उस स्थान क पत्थरो म स एक पत्थर ल
अपना तत्तकया बनाकर रखा, और उसी स्थान म सो गया। 12तब उसन
स्िप्न म क्या िखा, त्तक एक सीढी पथ्िी पर खडी ह, और उसका लसरा
स्िग तक पहचा ह; और परमश्िर क ित उस पर स चढत उतरत ह।
13 और यहोिा उसक ऊपर खडा होकर कहता ह, म यहोिा, तर िािा
अब्राहम का परमश्िर, और इसहाक का भी परमश्िर ह; लजस भूत्तम पर तू
लिा ह, उस म तझ को और तर िश को िगा। 14और तरा िश भत्तम की
िल क त्तकनको क समान बहत होगा, और पष्श्चम, पूरब, उिर, िलिण,
चारो ओर िलता जाएगा : और तर और तर िश क द्वारा पथ्िी क सार
कल आशीर्ष पाएग।
15 और सुन, म तर सग रहगा, और जहा कही त जाए िहा तरी रिा
करूगा, और तझ इस िश म लौिा ल आऊगा : म अपन कह हए को जब
तक परा न कर ल तब तक तझ को न छोडगा।
बीच, याकब
बार औपचाररक रूप स याकब क साथ उस वाचा की पदि की जो उसन
अब्राहम स बािी थी। दिर स, अब्राहम के वेंि, दविेष रूप से, याकब क
वेंि को वह िेि िेने की प्रदतज्ञा की गई। इसके अलावा, परमेश्वर ने प्रदतज्ञा
की दक याकब का वि पथ्वी की िल क दकनको क समान होगा और उस
स्थान से पसिम, पव, उिर और िसक्षर् तक िैल जाएगा। (सजस स्थान पर
वह खड़ा था वह उस भदम क कद्र क दनकट था सजसकी प्रदतज्ञा परमेश्वर
ने अब्राहम से की थी।)
जैसे परमेश्वर ने उत्पदि 22:18 मेें अब्राहम से और 26:4 मेें इसहाक से
प्रदतज्ञा की थी, वस ही उसन याकब स भी प्रदतज्ञा की। “तर वि क द्वारा
पथ्वी क सार कल आिीष पाएग।” यही नही, परमेश्वर न याकब क साथ
रहन और जहा कही वह जाए, उस सरसक्षत रखन की प्रदतज्ञा की। उसन
उसे एक बार दिर प्रदतज्ञा के िेि मेें वापस लाने का भी आश्वासन दिया।
परमेश्वर ने एक प्रदतज्ञा के साथ समाप्त दकया जो आज तक परमेश्वर का
काय करनवाल दकसी भी व्यदि क सलए बहमकय ह। “म अपन कह हए
को जब तक परा न कर ल तब तक तझ को न छोड़गा।” दवचार यह ह दक
परमेश्वर उसक जीवन क सलए रख अपन उद्दश्य और योजना को परा
करेगा और इससलए हर समय उसके साथ रहेगा। जो लोग आज (मसीह मेें)
उस प्रदतज्ञा के वेंि मेें से हैें, वे उस प्रदतज्ञा की घोषर्ा कर सकते हैें जब वे
उसकी इच्छा परी करत ह।
28:16-19 तब याक़ूब जाग उठा, और कहन लगा, त्तनश्चय इस स्थान म
यहोिा ह; और म इस बात को न जानता था। 17और भय खाकर उसन
कहा, यह स्थान क्या ही भयानक ह! यह तो परमश्िर क भिन को छोड
और कछ नही हो सकता; िरन यह स्िग का िािक ही होगा। 18भोर को
याक़ूब उठा, और अपन तत्तकए का पत्थर लकर उसका खम्भा खडा त्तकया,
और उसक लसर पर तल डाल त्तिया। 19उसन उस स्थान का नाम बतल
रखा; पर उस नगर का नाम पहल लज था।
याकब डरकर नीि स जाग उठा। यद्यदप वह अब्राहम क वि स था, दिर
भी वह दनसित रूप स इस समय तक एक भदिपर् व्यदि नही था और न
ही परमेश्वर का भय रखता था। अब वह अपन पवजो क परमेश्वर के
आमने-सामन आ गया था (चाह स्व्न म ही)। वह सचमच डरा हआ था।
उसन मान सलया दक उसन अनजान म वही डरा डाल दिया ह जहा यहोवा
परमेश्वर का दनवास स्थान है।
इससलए उसने इस स्थान को परमेश्वर का भवन और स्वगथ का िाटक
समझा। इससलये वह भोर को उठा, और उन पत्थरोें को सलया सजनका उसने
तदकए के रूप मेें प्रयोग दकया था, तथा उनकी एक वेिी बनाई, और उस
पर तेल डाला, िायि एक भेेंट के रूप मेें, और दिर उसका नाम बेतेल
रखा। उस नाम का िास्ब्िक अथथ ‘परमेश्वर का घर’ ह। इस पहल लज क नाम से जाना जाता था (सजसका अथथ है ‘बािाम का पेड़’) और िायि यह
दनकट के नगर का नाम रहा होगा।
28:20-22 तब याक़ब न यह मन्नत मानी, यत्ति परमश्िर मर सग रहकर इस
यात्रा म मरी रिा कर, और मझ खान क ललय रोिी, और पत्तहनन क ललय
कपडा ि, 21और म अपन त्तपता क घर म कशल िम स लौि आऊ; तो
यहोिा मरा परमश्िर ठहरगा। 22और यह पत्थर, लजसका म न खम्भा खडा
त्तकया ह, परमश्िर का भिन ठहरगा : और जो कछ त मझ ि उसका
िशमाश म अिश्य ही तझ त्तिया करूगा।
अब याकब न परमेश्वर के सामने ऐसी मन्नत मानी जो कमज़ोर और भ्रि
सादबत हई। (याि रख दक याकब अब तक अपनी भदि या अपन दवश्वास
के सलए प्रससद् नहीें था)। असल मेें, उसने परमेश्वर के साथ एक समझौता
करने की कोसिि की। उसने कहा, “यदि परमेश्वर मेरे सेंग रहकर इस यात्रा मेें मेरी रक्षा करे, और मझ खान क सलय रोटी, और पदहनने के सलये
कपड़ा िे, और म अपन
इसके अदतररि, उसने प्रस्ताव रखा दक पत्थर की जो वेिी उसने स्थादपत
की है वह परमेश्वर का भवन होगी और वह अपनी सेंपदि का ििमाेंि
उस िगा। (यह दिलचस्प ह दक याकब को पता था दक परमेश्वर की सेवा
म ििमाि िना िादमल ह। यह मसा द्वारा व्यवस्था िन क बहत पहल स
एक सामानय ससद्ाेंत था।) अपनी भदि को अचानक प्रकट करने के प्रयास
मेें, याकब न परमेश्वर के साथ एक समझौता करने की कोसिि की और
कहा, यदि परमेश्वर मझ आिीष ि, तो म उसकी आरािना करूगा और
उस ििमाि भी िगा। याकब को आन वाल वषों म कदठन तरीके से
सीखना पड़ा दक कोई इस तरीके से परमेश्वर के दनकट नहीें जा सकता।
उत्पत्ति 29 का सलिप्त त्तििरण : उत्पदि क े अध्याय 29 म े याक ू ब द्वारा
पस्त्नयोेंऔरबच्चोेंिोनोेंके रूपमेेंएकपररवारकोप्राप्तकरनेकावर्थन दकयागयाहै।साथही , जबउसन े अपन े सस ु रलाबानक े साथचत ुराईसे
व्यवहारदकया , तोउसकीभौदतकसेंपदिके सेंचयकोभीििाथयागयाहै।
इसअध्यायमेेंदनम्नसलसखतदवभाजनहैें:(1)पि1-8मेयाक ू बहारानक े
क ु ए ाँ परआताह ै ।(2)पि9-14मेराहेलऔरलाबानसेउसकीम ु लाकात
कावर्थनहै।(3)पि15-30 म े राह े ल क े सलए याक ू ब कीप्रदतज्ञा और
लाबानके िोखेकावर्थनदकयागयाहै।औरदिर(4)पि31-35मेें
सलआ:क े प ुत्रोकाउल्लेखहै।
29:1-6 त्तिर याक़ब न अपना माग ललया, और पत्तबयो क िश म आया।
2उसन िष्ि करक क्या िखा त्तक मिान म एक कआ ह, और उसक पास
भड–बकररयो क तीन झण्ड बठ हए ह; क्योत्तक जो पत्थर
कहा, हम हारान क ह। 5तब उसन उनस पछा, क्या तम नाहोर क पोत
लाबान को जानत हो? उधहोन कहा, हा, हम उस जानत ह। 6त्तिर उसन
उनस पछा, क्या िह कशल स ह? उधहोन कहा, हा, कशल स ह और िह
िख, उसकी बिी राहल भड–बकररयो को ललय हए चली आती ह।
घर छोड़ने के बाि, याकब अराम म “पदबयो क िि म” पहचा। जसा दक
हम िेखते हैें, वह सटीक रूप स उस स्थान पर पहचा जहा उसक सबिी
रहत थ। यह ध्यान िन योग्य ह दक जब वह वहा आया तो भड़ो क तीन
झड पानी की प्रतीक्षा म एक कए क पास बठ थ। तब उसन वहा क
चरवाहो स पछा दक वह कौनसी जगह ह। उनहोन उस बताया दक वह
हारान मेें ह। उसन आग पछा दक कया व नाहोर क पत्र लाबान को जानत हैें। वे न केवल उसे जानते थे, बस्कक उनहोेंने यह भी बताया दक लाबान
जान क दववरर् की समानता यहा स्पि ह। यह समझा जाना उसचत ह दक
यह सब परमेश्वर द्वारा इस रीदत से व्यवस्स्थत दकया गया था।
29:7-12 उसन कहा, िखो, अभी तो त्तिन बहत ह, पशओ क इकट्ठ होन
का समय नही; इसललय भड–बकररयो को जल त्तपलाकर त्तिर ल जाकर
चराओ। 8उधहोन कहा, हम अभी ऐसा नही कर सकत; जब सब झुण्ड
इकट्ठा होत ह तब पत्थर कए क मह पर स लढकाया जाता ह, और तब
हम भड–बकररयो को पानी त्तपलात ह। उनकी यह बातचीत हो ही रही थी
त्तक राहल, जो पशु चराया करती थी, अपन त्तपता की भड–बकररयो को
ललय हए आ गई।
10 याक़ब न अपन मामा लाबान की बिी राहल को, और उसकी भड–
बकररयो को िखा तो त्तनकि जाकर कए क मह पर स पत्थर को लढकाया
और अपन मामा लाबान की भड–बकररयो को पानी त्तपलाया।
11 तब याक़ब न राहल को चमा, और ऊच स्िर स रोया। 12और याक़ब
न राहल को बता त्तिया, त्तक म तरा ििरा भाई ह, अथात ररबका का पत्र
ह। तब उसन िौडक अपन त्तपता स कह त्तिया।
याकब न प्रतीक्षा कर रह चरवाहो स अपनी भड़ो को पानी दपलान का
अनरोि दकया। (यह ध्यान दिया जाना चादहए दक पशओ क रूप म अनदित
िब्ि {दमकनेह} सामानय रूप स पििन को ििाता ह।) वहा की रीदत
स्पि रूप स यह थी दक जब सार झड आ जात थ तब कए क पत्थर को
हटाया जाता था, कही ऐसा न हो दक घमनवाल झड उस गिा कर ि। एक
बार जब व पहच जात थ और उनह सलटा दिया जाता था, तो कए को खोला
जाता था। स्पि है दक यह िोपहर के समय नहीें होता था, जो उस समय
था। इस बीच, राहल अपन दपता की भड़ो क झड क साथ पहची। तब
याकब आग बढ़ा और राहल क सलए कआ खोल दिया।
यह ध्यान िेने योग्य है दक राहेल उसकी माता के भाई लाबान की बेटी थी
और लाबान उसकी माता का भाई था। याकब ररबका का पत्र था, और
इस प्रकार राहेल का ििरा भाई था। तब याकब न राहल को चमा, और
ऊची आवाज़ स रोया। उसका रोना िायि अपन दनकट सबसियो स दमलन
की खिी क मार या दिर मन की भावनाओ को व्यि करन क कारर् हो।
उसने उसे बताया दक वह कौन है। उसने उसे बताया दक वह उसके दपता
की बहन का बेटा है। इसका अथथ है दक वह उसका दनकट सेंबेंिी है। अतः
वह वहा स िौड़ी और अपन दपता को बताया।
29:13-14 अपन भानज याक़ब का समाचार पात ही लाबान उसस भि
करन को िौडा, और उसको गल लगाकर चमा, त्तिर अपन घर ल आया।
याक़ब न लाबान को अपना सब ििाधत सनाया। 14तब लाबान न याक़ब
स कहा, त तो सचमच मरी हिी और मास ह। और याक़ब एक महीना भर
उसक साथ रहा। लाबान भी यह सनकर आनस्नित हआ दक उसकी बहन
का बटा आया ह। जसा दक पवी ििो की रीदत थी (और ह), वह “उससे
भेेंट करने को िौड़ा, और उसको गल लगाकर चमा, दिर अपने घर ले
आया।” अतः याकब एक महीन तक लाबान क साथ रहा।
29:15-20 तब लाबान न याक़ब स कहा, किम्बी होन क कारण तझ स
मफ्त म सिा कराना मर ललए उलचत नही ह; इसललय कह म तझ सिा क
बिल क्या ि? 16लाबान की िो बत्तिया थी, लजनम स बडी का नाम ललआ:
और छोिी का राहल था। 17ललआ: क तो िधिली आख थी, पर राहल
रूपिती और सधिर थी। 18इसललय याक़ब न, जो राहल स प्रीत्तत रखता
था, कहा, म तरी छोिी बिी राहल क ललय सात िर्ष तरी सिा करूगा।
19 लाबान न कहा, उस पराए परुर्ष को िन स तझ को िना उिम होगा; इसललय मर पास रह। 20अत: याक़ब न राहल क ललय सात िर्ष सिा की; और ि उसको राहल की प्रीत्तत क कारण थोड ही त्तिनो क बराबर जान
पड।
लाबान न याकब क साथ बठकर इस दवषय म चचा की दक वह उसक
सलए काम करे। उसने कहा दक कयोेंदक वह उसका सेंबेंिी है, इससलए उसे
मफ्त म काम करन की जरूरत नही ह। अतः उसन याकब स अनरोि दकया
दक वह मजिरी बताए।
लाबान की िो बदटया थी सजनह याकब न पहल ही िख सलया था। बड़ी
लड़की, “सलआ: क तो िनिली आख थी, पर राहल रूपवती और सनिर
थी।” सलआ: की “िनिली आख” िायि इस बात का वर्न करती ह दक
उसकी आख लाल और पानी स भरी थी सजसक कारर् वह उतनी सिर
नहीें दिखती थी। इसके दवपरीत उसकी बहन का चेहरा, कि-काठी और
सब कछ सनिर था। याकब उसकी
उसको राहेल की प्रीदत के कारर् थोड़े ही दिनोें के बराबर जान पड़े।”
हालादक वे उस िौरान दनसित रूप से एक साथ नहीें थे, दिर भी यह
सभवतः सात वषों का प्रमपर् समय रहा।
29:21-29 तब याक़ब न लाबान स कहा, मरी पत्नी मझ ि, और म उसक
पास जाऊगा, क्योत्तक मरा समय परा हो गया ह। 22अत: लाबान न उस
स्थान क सब मनयो को बलाकर इकट्ठा त्तकया, और एक भोज त्तिया।
23साझ क समय िह अपनी बिी ललआ: को याक़ब क पास ल गया, और
िह उसक पास गया। 24लाबान न अपनी बिी ललआ: को उसकी िासी
होन क ललय अपनी िासी लजल्पा िी।
25 भोर को मालम हआ त्तक यह तो ललआ: ह, इसललय उसन लाबान स
कहा, यह त न मर साथ क्या त्तकया ह? म न तर साथ रहकर जो तरी सिा
की, तो क्या राहल क ललय नही की? त्तिर त न मझ स क्यो ऐसा छल त्तकया
ह? 26लाबान न कहा, हमार यहा ऐसी रीत्तत नही त्तक बडी बिी स पहल
िसरी का त्तििाह कर ि। 27इसका सप्ताह तो पूरा कर; त्तिर िसरी भी तझ
उस सिा क ललय त्तमलगी जो त मर साथ रहकर और सात िर्ष तक करगा।
28याक़ब न ऐसा ही त्तकया, और ललआ: क सप्ताह को पूरा त्तकया; तब
लाबान न उस अपनी बिी राहल भी िी त्तक िह उसकी पत्नी हो। 29लाबान
न अपनी बिी राहल की िासी होन क ललय अपनी िासी त्तबल्हा को त्तिया।
याकब न अपन जीवन म जो कछ बोया था, उसम स कछ उसन काटना
िरू दकया। उसन कदटल तरीको स अपन भाई एसाव को िोखा दिया था।
अब लाबान न याकब क साथ भी कछ वसा ही दकया। सात वष पर होन
पर, याकब न सहमदत क अनसार अपनी पत्नी मागी। तब लाबान न एक
बड़ दववाह भोज का आयोजन दकया। परत जब रात हई, तो लाबान ने
सलआ: को याकब क पास भज दिया। अिर म याकब को पता ही नही
चला दक वह दकसक साथ सो रहा ह। “भोर को मालम हआ दक यह तो
सलआ: है।”
अपनी व्याकलता और हतािा म, वह लाबान के पास गया और जानना
चाहा दक कया हो रहा ह। लाबान न बड़ी ितता स उस बताया दक उस क्षत्र
की रीदत यह ह दक बड़ी बटी का दववाह पहल दकया जाता ह। उसन याकब
से कहा, “इसका स्ताह तो परा कर; दिर िसरी भी तझ उस सवा क सलय
दमलगी जो त मर साथ रहकर और सात वष तक करगा।” हो सकता ह दक
सचमच ऐसी कोई रीदत हो। दिर भी, लाबान न सचमच याकब को िोखा
दिया था। वह अपनी ही कदटलताओ का पररर्ाम भोग रहा था। सचमच
मनष्य जो कछ बोएगा, वही काटेगा।
सजस सप्ताह का उल्लख दकया गया वह सभवतः एक पारपररक ‘हनीमन’
जैसा सप्ताह था। तब वह राहेल को पा सकता था। दिर भी, ऐसा करके
लाबान न कदटलतापवक िो स्पि उद्दश्यो को परा दकया। (1) उसन अपनी
िोनो बदटयो क सलए एक पदत ढढ़ सलया था, यहा तक दक अपनी कम
आकषक सलआ: क सलए भी। (2) उस दबना दकसी असिक मज़िरी क एक
अच्छा कमचारी दमल गया था। उसन याकब क सलए कवल रहन का स्थान
और भोजन उपलब्ि कराया। और उस ने अपनी बेटी सलआ: के सलए
सजकपा, और राहेल के सलए दबकहा के रूप मेें एक एक िासी प्रिान की।
29:30-31 और िह राहल क पास भी गया, और उस न राहल स ललआुः
स अलिक प्रम रखा, तथा सात िर्ष और उसक साथ सिा करता रहा।
31जब यहोिा न िखा, त्तक ललआ: अत्तप्रय हई, तब उसन उसकी कोख
खोली, पर राहल बाझ रही। याकब न राहल स ‘दववाह’ दकया। इसम कोई
हरानी की बात नही दक “उसकी प्रीदत सलआ: स असिक राहल पर हई।”
दपछले सात वषों से उसका ‘्यार’ राहेल थी, और इसमेें कोई सेंिेह नहीें
दक वह अपनी सहमदत क दबना जबरिस्ती िसरी
एक पत्र उत्पन्न हआ; तब उसन यह कहा, यह सनक त्तक म अत्तप्रय ह, यहोिा न मझ यह भी पत्र त्तिया। इसललय उसन उसका नाम लशमोन रखा।
34 त्तिर िह गभिती हई और उसक एक पत्र उत्पन्न हआ; और उसन कहा, अब की बार तो मरा पत्तत मझ स त्तमल जाएगा, क्योत्तक उस स मर तीन पत्र उत्पन्न हए। इसललय उसका नाम लिी रखा गया।
35 और त्तिर िह गभिती हई और उसक एक और पत्र उत्पन्न हआ; और
उसन कहा, अब की बार तो म यहोिा का िधयिाि करूगी। इसललय उसन
उसका नाम यहिा रखा; तब उसकी कोख बधि हो गई।
सलआ: “गभवती हई और उसक एक पत्र उत्पन्न हआ, और उसने उसका
नाम रूबेनरखा।” याकब क इस पहलौठ क नाम का अथ ह, ‘एक पत्र
को िेखो,’ या िायि, ‘िेखो, एक पत्र।’ वह अच्छी तरह स जानती थी दक
वह अपने पदत की पहली पसेंि नहीें है। अतः उसने कहा, “यहोवा ने मेरे
ि:ख पर िस्ष्ट की है, अब मरा पदत मझ स प्रीदत रखगा।” उसका नाम
रूबेन (िेखो, एक पत्र) रखन म उसका उद्दश्य अपनी प्रदतद्वद्वी, राहेल के
सामने घमेंड करना भी हो सकता है।
सलआ: दिर स गभवती हई और उसन अपन िसर बट का नाम सिमोन रखा
सजसका अथ ह ‘सना गया,’ या िायि, ‘परमेश्वर न सन ली।’ दिर भी, उसकी आत्मा की कड़वाहट स्पि थी। उसने कहा, “यह सनक दक म
अदप्रय ह, यहोवा न मझ यह भी पत्र दिया।” यहा अदप्रय होने का दवचार
सापेसक्षक है। इसमेें प्रेम न दकए जाने का दवचार है।
सलआ: दिर गभवती हई और उसक एक और पत्र उत्पन्न हआ सजसका नाम
उसने लेवीरखा। इसम ‘जड़न’ (दमलन) का भाव ह। उसका मन स्पि ह
जब उसने
नाम का अथथ है ‘िनयवाि’ या िायि, ‘िनयवाि दकया गया।’ इसका अथथ
यहोवा को िनयवाि िेना हो सकता है। इसके बाि, अस्थायी रूप से सलआ:
की कोख बेंि हो गई। *****
उत्पत्ति 30 का सलिप्त त्तििरण : अध्याय 30 याक ू ब क े बच्चोका वर् थ न
करनाजारीरखताहै।इसअध्यायके दवभाजनयेहैें:(1)पि1-24मेें य ू स ुिसदहतराहेलद्वारायाक ू बस े प ै िाहुएअनयबच्च े ।और,(2)पि2543 म े याक ू ब का लाबान क े साथ भ े ड़-बकररयोकोसाँभालनेका नया समझौता।
30:1-6 जब राहल न िखा त्तक याक़ब क ललय मझ स कोई सधतान नही
होती, तब िह अपनी बत्तहन स डाह करन लगी और याक़ब स कहा, मझ
भी सधतान ि, नही तो मर जाऊगी। 2तब याक़ब न राहल स क्रोलित होकर
कहा, क्या म परमश्िर ह? तरी कोख तो उसी न बधि कर रखी ह। 3राहल
न कहा, अच्छा, मरी िासी त्तबल्हा हालजर ह; उसी क पास जा, िह मर
घिनो पर जनगी, और उसक द्वारा मरा भी घर बसगा।
4 तब उसन उस अपनी िासी त्तबल्हा को त्तिया त्तक िह उसकी पत्नी हो;
और याक़ब उसक पास गया। 5और त्तबल्हा गभिती हई और याक़ब स
उसक एक पत्र उत्पन्न हआ। 6तब राहल न कहा, परमश्िर न मरा धयाय
चकाया और मरी सनकर मझ एक पत्र त्तिया। इसललय उसन उसका नाम
िान रखा।
राहेल को अब अपनी बहन से जलन होने लगी थी। िबाव के समय मेें उसने अपने पदत से कड़वाहट से भरकर सिकायत की, “मझ
याि कर।) राहल की िासी दबकहा का उसक घटनो पर जनम िना िायि
एक रीदत थी सजसम प्रसव क िौरान िासी अपनी मालदकन क घटनो पर
बैठती या लेटती थी सजससे यह प्रतीत हो दक बच्चा उसकी मालदकन से
उत्पन्न हआ ह।
अतः याकब दबकहा क “पास गया।” वह गभवती हई और याकब स एक
पत्र को जनम दिया। दिलचस्प बात यह ह दक राहल न नवजात सिि का
नाम िान रखा। उसने माना दक परमेश्वर न उसका नयाय चकाया ह। अथ
यह है दक वह जानती थी दक परमेश्वर ने उसे गभथिारर् करने से रोके रखने
म उसकी बहन क प्रदत उसकी ईष्या का नयाय चकाया था। िान नाम का
अथथ है ‘नयायी’, या इस सेंिभथ मेें असिक सेंभावना है, ‘नयाय चकाया गया’।
30:7-8 राहल की िासी त्तबल्हा त्तिर गभिती हई और याक़ब स एक पत्र
और उत्पन्न हआ। 8तब राहल न कहा, म न अपनी बत्तहन क साथ बड बल स ललपिकर मल्लयि त्तकया और अब जीत गई। अत: उसन उसका नाम
नप्ताली रखा। याकब स दबकहा दिर गभवती हई और दिर स राहल न उस
बालक का नाम न्ताली रखा। इस नाम का अथथ है ‘मकलयद् करना’ या, िायि, ‘मकलयद्।’ उसन कहा दक उसन अपनी बहन क साथ मकलयद्
दकया था (अलकत भाषा म)। (यद्यदप बहदववाह उस समय की एक
सामासजक प्रथा थी, लेदकन कई पस्त्नयोें के बीच आेंतररक प्रदतद्वेंद्व और
सघष का दवचार यहा स्पि ह। एक-पत्नी दववाह हमेिा परमेश्वर की ससद्
इच्छा रही है।)
30:9-13 जब ललआ: न िखा त्तक म जनन स रत्तहत हो गई ह, तब उसन
अपनी िासी लजल्पा को लकर याक़ब की पत्नी होन क ललय ि त्तिया।
10और ललआ: की िासी लजल्पा क भी याक़ब स एक पत्र उत्पन्न हआ।
11तब ललआ: न कहा, अहो भाग्य! इसललय उसन उसका नाम गाि रखा।
12त्तिर ललआ: की िासी लजल्पा क याक़ब स एक और पत्र उत्पन्न हआ।
13तब ललआ: न कहा, म िधय ह; त्तनश्चय ष्स्त्रया मझ िधय कहगी।
सलआ: न यह ध्यान ित हए दक उसकी बहन न दबकहा क साथ कया दकया
था और अपन वतमान बाझपन को महसस करत हए उसन अपनी नौकरानी
सजकपा को उसक पदत को सौप दिया। बिल म उसन उनक सलए एक पत्र
को जनम दिया, सजसका नाम सलआ: ने गािरखा, सजसमेें एक ‘सैनय िल’
का दवचार है। अथथ यह है दक सलआ: अब अपने बच्चोें को एक ‘सैनय िल’
मानने लगी। (उसके चार स्वाभादवक बच्चे थे, और उसन पाचव बच्च क
सलए सजकपा को इस्तमाल दकया था।) सजकपा न दिर स एक और पत्र को जनम दिया, सजसका नाम सलआ: ने आिेररखा। उस नाम का अथथ है ‘िनय’ कयोेंदक सलआ: ने कहा, “म िनय ह; दनश्चय स्स्त्रया मझ िनय कहगी।”
30:14-18 गह की किनी क त्तिनो म रूबन को मिान म ििािल त्तमल, और िह उनको अपनी माता ललआ: क पास ल गया। तब राहल न ललआ:
स कहा, अपन पत्र क ििािलो म स कछ मझ ि। 15उसन उसस कहा, तू
न जो मर पत्तत को ल ललया ह क्या यह छोिी बात ह? अब क्या त मर पत्र
क ििािल भी लना चाहती ह? राहल न कहा, अच्छा, तर पत्र क ििािलो
क बिल िह आज रात को तर सग सोएगा।
16 साझ को जब याक़ब मिान स आ रहा था, तब ललआ: उसस भि करन
को त्तनकली, और कहा, तझ मर ही पास आना होगा, क्योत्तक म न अपन
पत्र क ििािल िकर तझ सचमच मोल ललया। तब िह उस रात को उसी
क सग सोया। 17तब परमश्िर न ललआ: की सनी, और िह गभिती हई
और याक़ब स उसक पाचिा पत्र उत्पन्न हआ।
18 तब ललआ: न कहा, म न जो अपन पत्तत को अपनी िासी िी, इसललय
परमश्िर न मझ मरी मजिरी िी ह। इसललय
आया। राहल को जब ििािलो क बार म पता चला, तो उसने उससे वे
माग। सलआ: और राहल क बीच स्पि कटता और प्रदतद्वदद्वता अब भी जारी
थी और पि 15 मेें उसे अच्छे से ििाथया गया है। तब सलआ: ने अपनी बहन
क साथ सौिा दकया। उसन कहा दक वह राहल को ििािल िगी, लेदकन
इसक बिल उस रात याकब उसक साथ सोएगा। राहल सहमत हो गई।
उस िाम सलआ: न याकब स कहा दक उस उस रात उसक साथ सोना ह
और दिर उनहोेंने सेंबेंि बनाया। उसने स्पि रूप से परमेश्वर से और
असिक बच्च िन की दवनती की होगी। वहा परमेश्वर न “सलआ: की सनी, और वह गभवती हई और याकब स उसक पाचवा पत्र उत्पन्न हआ।” उसन
उसका नाम इस्साकार रखा सजसमेें ‘प्रदतिल,’ ‘मजिरी’ या ‘दकराए’ का
भाव ह। उसन अपनी बहन स ििािल क बिल म अपने पदत के स्नेह की
‘मजिरी’ दमली थी।
30:19-21 ललआ: त्तिर गभिती हई और याक़ब स उसक छठिा पत्र उत्पन्न
हआ। 20तब ललआ: न कहा, परमश्िर न मझ अच्छा िान त्तिया ह; अब
की बार मरा पत्तत मर सग बना रहगा, क्योत्तक मर उसस छ: पत्र उत्पन्न हो
चक ह। इसललय उसन उसका नाम जबलन रखा। 21तत्पश्चात उसक एक
बिी भी हई, और उसन उसका नाम िीना रखा।
सलआ: न एक और पत्र को जनम दिया और उसका नाम उसने जब ू ल ू न रखा।
उसके नाम मेें ‘दनवास’ का भाव है। उसे आिा थी दक अब उसका पदत
उसक साथ और असिक ‘दनवास’ करगा। इसक बाि उसन याकब स एक
बेटी को भी जनम दिया सजसका नाम उसने िीनारखा जो दक ‘िान’ का
स्त्रीसलेंग रूप है और इसमेें ‘नयाय’ का भाव है। वह िायि यह कहना चाह
रही होगी दक परमेश्वर ने उसे
24इसललए
उसन यह कहकर उसका नाम यसि रखा, परमश्िर मझ एक
पत्र और भी िगा।
अेंततः “परमेश्वर न राहल की भी ससि ली, और उसकी सनकर उसकी
कोख खोली।” दवचार यह है दक परमेश्वर ने अब अपना ध्यान राहेल की
ओर लगाया। हालादक उसका पदत उस बहत चाहता था, लेदकन परमेश्वर
ने उसे बच्चे पैिा करने से रोक रखा था। उसने अब उसे वह सौभाग्य प्रिान
दकया। उसन एक पत्र को जनम दिया और उसका नाम य ू स ुिरखा। उस
नाम का अथथ है ‘यहोवा ने जोड़ा है।’ उसने िायि भदवष्यवासर्य रूप मेें या
कम से कम इस आिा से कहा, “परमेश्वर मझ एक पत्र और भी िगा।”
ध्यान िेने योग्य बात यह है दक सलआ: और राहेल िोनोें ने कई अवसरोें पर
अपने बच्चोें का नाम रखने मेें यहोवा नाम का इस्तेमाल दकया। तात्पयथ यह
ह दक याकब न उनह बताया था दक यहोवा उसका परमेश्वर ह। परत उनका
दपता लाबान यहोवा का आरािक प्रतीत नहीें होता।
30:25-28 जब राहल स यसि उत्पन्न हआ, तब याक़ब न लाबान स कहा, मझ त्तििा कर त्तक म अपन िश और स्थान को जाऊ। 26मरी ष्स्त्रया और मर बच्च, लजनक ललय म न तरी सिा की ह, उधह मझ ि त्तक म चला जाऊ; त तो जानता ह त्तक म न तरी कसी सिा की ह।
27 लाबान न उसस कहा, यत्ति तरी िष्ि म म न अनग्रह पाया ह, तो यही
रह जा; क्योत्तक म न अनभि स जान ललया ह त्तक यहोिा न तर कारण स
मझ आशीर्ष िी ह। 28त्तिर उसन कहा, त ठीक बता त्तक म तझ को क्या ि, और म उस िगा।
लगभग इस समय (अपने बारहवेें
बस्कक उसन अनभव स जान सलया था दक परमेश्वर न याकब क कारर्
उसे आिीष िी थी।
याकब न िायि लाबान को उसस और उसक पवजो स की गई परमेश्वर
की प्रदतज्ञा के बारे मेें बताया था। जैसा भी हो, याकब पर परमेश्वर की
आिीष का प्रभाव उसक ससर लाबान पर भी पड़ा। इससलए लाबान न
सकोचपवक उसस उसकी मजिरी पछी। दवचार िायि छोड़कर जान क
समय क भगतान का था।
30:29-34 उसन उसस कहा, त जानता ह त्तक म न तरी कसी सिा की, और तर पश मर पास त्तकस प्रकार स रह। 30मर आन स पहल ि त्तकतन
थ, और अब त्तकतन हो गए ह; और यहोिा न मर आन पर तझ आशीर्ष िी
ह। पर म अपन घर का काम कब करन पाऊगा?
31 उसन त्तिर कहा, म तझ क्या ि? याक़ब न कहा, त मझ कछ न ि; यत्ति
त मर ललय एक काम कर, तो म त्तिर तरी भड–बकररयो को चराऊगा, और
उनकी रिा करूगा। 32म आज तरी सब भड–बकररयो क बीच होकर
त्तनकलगा, और जो भड या बकरी लचिीिाली और लचतकबरी हो, और जो
भड काली हो, और जो बकरी लचतकबरी और लचिीिाली हो, उधह म
अलग कर रखगा; और मरी मजिरी म ि ही ठहरगी। 33और जब आग को
मरी मजिरी की चचा तर सामन चल, तब िम की यही सािी होगी; अथात
बकररयो म स जो कोई न लचिीिाली न लचतकबरी हो, और भडो म स जो
कोई काली न हो, यत्ति मर पास त्तनकल तो चोरी की ठहरगी।
34 तब लाबान न कहा, तर कहन क अनुसार हो।
याकब न लाबान को याि दिलाया दक उसन चौिह वषों
इससलए उसन लाबान क सामन एक प्रस्ताव रखा। उसन लाबान क झड
की िखभाल करन का काम जारी रखन की पिकि की। परत समझौता
यह होगा दक लाबान याकब को “जो भड़ या बकरी सचिीवाली और
सचतकबरी हो, और जो भेड़ काली हो, और जो बकरी सचतकबरी और
सचिीवाली हो” रखन की अनमदत िन पर सहमत हो। वही उसकी मजिरी
होगी। तात्पयथ यह है दक ये सचिीवाली और सचतकबरी भेड़-बकररया होगी
जो भदवष्य मेें पैिा होेंगी। वह केवल सचिीवाली और सचतकबरी भेड़बकररयोें को ही लेगा जो उनमेें से उत्पन्न होेंगी। लाबान इस पर सहमत हो
गया।
30:35-36 अत: उसन उसी त्तिन सब िारीिाल और लचतकबर बकरो, और सब लचिीिाली और लचतकबरी बकररयो को, अथात लजनम कछ
उजलापन था, उनको और सब काली भडो को भी अलग करक अपन पत्रो
क हाथ सौप त्तिया; 36और उसन अपन और याक़ब क बीच म तीन त्तिन
क माग का अधतर ठहराया; और याक़ब लाबान की भड–बकररयो को
चरान लगा।
अतः लाबान ने सचिीवाली और िारीवाली भेड़-बकररयोें को अलग करके
याकब स तीन दिन की िरी पर भज दिया। ऐसा प्रतीत हआ मानो लाबान
ने सचिीवाली भेड़-बकररयो को याकब स िर रखन क सलए उपाय दकए
और इस प्रकार उसे लाभ की सेंभावना से वेंसचत कर दिया। यह िायि
उसकी मज़िरी म एक बिलाव हो सकता ह सजसकी याकब न बाि म
सिकायत की। पि 31:41 िेखेें।
30:37-42 तब याक़ब न लचनार, और बािाम, और अमोन ििो की हरी–हरी छत्तडया लकर, उनक लछलक कही कही छील क,
क सामन गात्तभन होकर, भड–बकररया िारीिाल, लचिीिाल और
लचतकबर बच्च जनी।
40 तब याक़ब न भडो क बच्चो को अलग–अलग त्तकया, और लाबान की
भड–बकररयो क मह को लचिीिाल और सब काल बच्चो की ओर कर त्तिया; और अपन झण्डो को उनस अलग रखा, और लाबान की भड–
बकररयो स त्तमलन न त्तिया।
41 और जब जब बलिधत भड–बकररया गात्तभन होती थी, तब तब याक़ूब
उन छत्तडयो को कठौतो म उनक सामन रख िता था; लजसस ि छत्तडयो को
िखती हई गात्तभन हो जाए। 42पर जब त्तनबल भड–बकररया गात्तभन होती
थी, तब िह उधह उनक आग नही रखता था। इसस त्तनबल त्तनबल लाबान
की रही, और बलिधत बलिधत याक़ूब की हो गईं।
समझाया गया ह दक कस याकब न सचनार, बािाम, और अमोन की हरी
छदड़या ली, और उनके सछलकोें को कहीें-कहीें से छीलकर उनमेें सिेि
िाररया बनाईं। उसन इन आसिक रूप स छीली हई िारीिार लकदड़यो को
पानी के कठौतोें के बीच मेें रख दिया। कारर् नहीें बताए गए हैें, दिर भी
छदड़योें (िारीिार छदड़योें) का उद्देश्य जानवरोें को गमी मेें रखना था, सजसस व मथन कर सक। इसक अलावा, यह भी दनदहत है दक ये िारीिार
छदड़या जानवरोें को सचतकबरे, िारीवाले और सचिीवाले बच्चे पैिा करने
का कारर् बनगी। वास्तव म यही हआ।
कया याकब पिपालन की तरकीब जानता था सजसका कोई प्रमार् नही ह, या दिर कया परमेश्वर ने बस उसकी योजना को आिीष िी, यह स्पि नहीें
ह। परत जो हआ वह यह ह दक सजस झड की सजम्मिारी उसक पास थी वह कई गर्ा बढ़ गया और उनही सचह्नो क साथ सामन आया जो
इस प्रकार, उसक झड म उिम भड़-बकररयोें की सेंख्या बढ़ी। उसने
कमज़ोर जानवरो का प्रजनन नही कराया। अतः उसका झड न कवल सख्या
म बस्कक गर्विा म भी लाबान स बढ़ गया। अब, चाहे परमेश्वर ने उसे
चाहने-योग्य दविेषताओेंको उत्पन्न करने के सलए एक दविेष तरीका बताया
हो या उसन बस याकब को आिीष िी हो, जसा भी हआ हो, वह आिीदषत
हआ।
30:43 इस प्रकार िह पुरुर्ष अत्यधत िनाढ्य हो गया, और उसक बहत
सी भड–बकररया, और िालसया और िास, और ऊि और गिह हो गए।
परमेश्वर अब्राहम के वेंि को आिीष िे रहा था जैसी दक उसने प्रदतज्ञा की
थी। इस प्रकार, याकब पिओ का एक िनी स्वामी बन गया।
उत्पत्ति 31 का सलिप्त त्तििरण : याक ू ब का जीवन जारीरहताहै। बीस वषोंतकलाबानके सलएकामकरनेके बाि, याक ू बन े अपन े ि े िलौटने कािैसलादकया।अध्याय31लाबानके पाससेउनके प्रस्थानके इिथदगिथकीघटनाओकोप्रस्त ुतकरताह ै ।दविेषरूपसे , वेयेहैें:(1)पि1-
21म े याक ू बकालाबानस े ग ु पच ुपप्रस्थान।(2)पि23-35मेेंलाबानद्वारा
याक ू बकापीछाकरना।(3)पि36-42मेेंलाबानके व्यवहारके बारेमेें
याक ू बकीसिकायत।और,(4)पि43-55मेदगलािमेयाक ू बऔरलाबान
के बीचवाचा।
31:1-2 त्तिर लाबान क पत्रो की य बात याक़ब क सनन म आईं, याक़ूब
न हमार त्तपता का सब कछ छीन ललया ह, और हमार त्तपता क िन क कारण
उसकी यह प्रत्ततठा ह। 2और याक़ब न लाबान क मख पर िष्ि
जधमभूत्तम को लौि जा, और म तर सग रहगा। इस बीच, िायि एक स्व्न
क द्वारा (पि 11 िख) यहोवा न याकब स बात की, “अपने दपतरोें के िेि
और अपनी जनमभदम को लौट जा, और म तर सग रहगा।” जब प्रस्थान
करने का समय आया, तो परमेश्वर न ऐसी पररस्स्थदतया तयार की सजसस
याकब क सलए प्रस्थान करना आसान हो गया। वह हारान म िन कमा रहा
था, लेदकन अब परमेश्वर उसे कहीें और भेजता है।
31:4-10 तब याक़ब न राहल और ललआ: को मिान म अपनी भड–
बकररयो क पास बुलिाकर कहा, 5तम्हार त्तपता क मख स मझ जान पडता
ह त्तक िह मझ पहल क समान अब नही िखता; पर मर त्तपता का परमश्िर
मर सग ह। 6तम भी जानती हो त्तक म न तम्हार त्तपता की सिा शष्क्त भर
की ह। 7त्तिर भी तम्हार त्तपता न मझ स छल करक मरी मज़िरी को िस
बार बिल त्तिया; परधतु परमश्िर न उसको मरी हात्तन करन नही त्तिया। 8जब
उसन कहा, लचिीिाल बच्च तरी मज़िरी ठहरग, तब सब भड–बकररया
लचिीिाल ही जनन लगी; और जब उसन कहा, िारीिाल बच्च तरी मज़िरी
ठहरग, तब सब भड–बकररया िारीिाल जनन लगी।
9 इस रीत्तत स परमश्िर न तम्हार त्तपता क पश लकर मझ को ि त्तिए।
10भड–बकररयो क गात्तभन होन क समय म न स्िप्न म क्या िखा त्तक जो
बकर बकररयो पर चढ रह ह, ि िारीिाल, लचिीिाल, और िब्बिाल ह।
इससलय याकब अपनी िोनो पस्त्नयो क साथ बठा और उनह अपनी
योजनाए समझाईं। हो सकता ह दक उसन यह कहत हए उनह बढ़ा-चढ़ाकर
बताया हो दक उसन अपनी परी िदि स उनक दपता की सवा की ह और
उसके दपता का परमेश्वर उसके साथ रहा है। उसने उनहेें यह भी बताया
दक लाबान न उसकी मज़िरी
िेतीें, जैसा दक वे स्पि रूप से करती हैें, तो अगल पाच वषों म ममनो क
िस समह उत्पन्न होग। स्पि ह, जब मेमनोें के एक-एक समह का जनम हआ, तो लाबान ने समझौते को बिल दिया। यदि उस समय भेड़-बकररयोें
ने सचिीवाले बच्चोें को जनम दिया, तो उसन घोषर्ा की दक अगल समह म,
याकब को िारीिार बच्च दमलग। ऐसा स्पि रूप से अध्याय 31 की
घटनाओ स पहल िस बार हआ।
31:11-13 तब परमश्िर क ित न स्िप्न म मझ स कहा, ह याक़ब, म न
कहा, क्या आज्ञा। 12उसन कहा, आख उठाकर उन सब बकरो को जो
बकररयो पर चढ रह ह िख, त्तक ि िारीिाल, लचिीिाल, और िब्बिाल
ह; क्योत्तक जो कछ लाबान तझ स करता ह, िह म न िखा ह।
13 म उस बतल का परमश्िर ह, जहा त न एक खम्भ पर तल डाल त्तिया
था, और मरी मन्नत मानी थी। अब चल, इस िश स त्तनकलकर अपनी
जधमभूत्तम को लौि जा।
इसके अलावा, याकब न अपनी पस्त्नयो स कहा दक परमेश्वर ने स्व्न मेें
उसस बात करक याि दिलाया ह दक उसी न उस इतना समद् दकया ह।
उसन याकब को यह भी याि दिलाया दक वह “बतल का परमेश्वर” है
जहा याकब न बीस वष पहल आकाि तक पहचन वाली सीढ़ी का स्व्न
िखकर एक विी बनाई थी। याकब को इसकी याि दिलात हए, परमेश्वर
ने उससे कहा, “अब चल, इस िि स दनकलकर अपनी जनमभदम को लौट
जा’।”
31:14-16 तब राहल और ललआ: न उसस कहा, क्या हमार त्तपता क घर
म अब भी हमारा कछ भाग िा अश बचा ह? 15क्या हम उसकी िष्ि म पराय न ठहरी? िख, उसन हम को तो बच डाला, और हमार रूप को खा बठा ह। 16इसललय परमश्िर न
उनकी पस्त्नयोें ने दवरोि दकया दक कया इस तरह अपने दपता को छोड़ने
से कया उनहेें कोई उिरासिकार दमलेगा? उनहेें डर था दक उनहेें परिेसियोें
के रूप मेें समझा जाएगा। दिर भी, उनहोेंने यही कहा दक जो भौदतक सेंपदि
उनहोेंने उनके दपता की हादन से दमली है, वह वास्तव मेें परमेश्वर ने उनहेें
और उनक बच्चो को िी ह। अतः उनहोन याकब को प्रोत्सादहत दकया, “अब
जो कछ परमेश्वर न तझ स कहा ह, वही कर।” जब जीवनसाथी सहमत
हो तो परमेश्वर की इच्छा परी करना दनसित रूप स आसान होता ह।
िायि, परमेश्वर न याकब को आग बढ़न क सलए प्रोत्सादहत करने के सलए
उनके मनोें मेें काम दकया।
31:17-18 तब याक़ब न अपन बच्चो और ष्स्त्रयो को ऊिो पर चढाया; 18और लजतन पशओ को िह पद्दनराम म इकट्ठा करक िनाढ्य हो गया था, सब को कनान म अपन त्तपता इसहाक क पास जान क त्तिचार स, साथ
ल गया।
अतः याकब न अपन पररवार को ऊटो पर दबठाया, और अपनी भेड़बकररयोें को इकट्ठा दकया, और कनान िेि की ओर प्रस्थान दकया। इतना
बड़ा िल दनसित रूप से िीरे-िीरे आगे बढ़ रहा होगा। लाबान दनसित रूप
से जकि ही उनहेें पकड़ लेगा।
31:19-24 लाबान अपनी भडो का ऊन कतरन क ललय चला गया था, और
राहल अपन त्तपता क गहििताओ को चरा ल गई। 20अत: याक़ब लाबान
अरामी क पास स चोरी स चला गया, उसको न बताया त्तक म भागा जाता
ह। 21िह अपना सब कछ लकर भागा, और महानि क पार उतरकर
अपना मह त्तगलाि
इस बीच, प्रस्थान करते समय, राहेल ने अपने दपता के गह-िेवताओें को
चरा सलया। यह समझा जाता ह दक य मदतया न कवल उसक पररवार की
मदतपजा को ििाती ह, बस्कक ये उसके पररवार के सलए अपनी सेंपदि को
सदविाजनक रूप स इकट्ठा करन का एक तरीका भी थी। य प्रदतमाए
सभवतः चािी या सोन की बनी थी। लाबान न स्पि रूप स भदवष्य क सलए
बचत करन क एक सरल सािन क रूप म अपन कछ ससािनो का उनम
‘दनवेि’ दकया होगा। वास्तव मेें वे उनके सोने या चाेंिी मेें एक दनवेि या
बचत का सािन थ। राहल यह जानती थी। उसका उनह चरा ल जाना
मदतपजा को उतना नही ििाता सजतना दक कदटलता को। वह अपन दपता
की दवरासत म स कछ चाहती थी।
तीन दिन बाि लाबान को पता चला दक उसकी िोनो मदतया गायब थी और
याकब भाग गया था। इससलए उसन याकब क िीर-िीरे चलने वाले िल
का पीछा दकया। सात दिनो तक पीछा करन क बाि (याकब क प्रस्थान
के िस दिन बाि), लाबान ने दगलाि पवथत पर उसे पकड़ सलया। (दगलाि
हारान स एक लबी िरी पर था और इस प्रकार याकब न कािी िर तक
यात्रा कर ली थी।) परत परमेश्वर ने एक रात पहले लाबान को ििथन िेकर
चेतावनी िी, “साविान रह, त याकब स न तो भला कहना और न बरा।”
वास्तव मेें, परमेश्वर न लाबान को चतावनी िी थी दक वह याकब को
नकसान न पहचाए। दिर भी, परमेश्वर भी नही चाहता था दक याकब हारान
को लौटे, इससलए उसकी भलाई न करने का आिेि भी दिया गया।
31:25-30 और लाबान याक़ब क पास पहच गया। याक़ब अपना तम्ब
त्तगलाि नामक पहाडी िश म खडा त्तकए पडा था; और लाबान न भी अपन
भाइयो क साथ अपना तम्ब
िीणा बजिात, और गीत गिात त्तििा करता? 28त न तो मझ अपन बि
बत्तियो को चमन तक न त्तिया? त न मखता की ह।
29 तम लोगो की हात्तन करन की शष्क्त मर हाथ म तो ह; पर तम्हार त्तपता
क परमश्िर न मझस बीती हई रात म कहा, साििान रह, याक़ब स न तो
भला कहना और न बुरा। 30भला, अब त अपन त्तपता क घर का बडा
अत्तभलार्षी होकर चला आया तो चला आया, पर मर ििताओ को त क्यो
चरा ल आया ह?
लाबान िोसित था। उसन गस्स म याकब का सामना दकया और जानना
चाहा दक (1) वह कयोें उसकी बेदटयोें के साथ चोरी-सछपे भाग आया है; (2) कयोें उसने दविाई समारोह मनाने का अवसर नहीें दिया; (3) और कयोें
उसन उसक िवताओ को चरा सलया ह।
31:31-35 याक़ब न लाबान को उिर त्तिया, म यह सोचकर डर गया था
त्तक कही त अपनी बत्तियो को मझस छीन न ल। 32लजस त्तकसी क पास त
अपन ििताओ को पाए, िह जीत्तित न बचगा। मर पास तरा जो कछ
त्तनकल, उस भाई–बधिओ क सामन पत्तहचानकर ल ल। क्योत्तक याक़ब न
जानता था त्तक राहल गहििताओ को चरा ल आई ह। 33यह सनकर
लाबान, याक़ब और ललआ: और िोनो िालसयो क तम्बओ म गया; और
कछ न त्तमला। तब ललआ: क तम्ब म स त्तनकलकर राहल क तम्ब म गया।
34 राहल तो गहििताओ को ऊि की काठी म रखक उन पर बठी थी।
लाबान न उसक सार तम्ब म ििोलन पर भी उधह न पाया। 35राहल न
अपन त्तपता स कहा, ह मर प्रभ; इस स अप्रसन्न न हो त्तक म तर सामन नही
उठी; क्योत्तक म मालसकिम स ह। अत: उस ढढन पर भी गहििता उसको न त्तमल।
याकब न उिर
बचेगा।” उसने लाबान से कहा दक वह उसे बताए दक उसका कया है और
उसे ले ले। लेदकन वह नहीें जानता था दक राहेल ने कया दकया है। लाबान
न याकब क सामान की तलािी ली और उस वहा िवता नही दमल। जब
वह राहल क तम्ब म आया तो उसन अपन दपता को बताया दक उसका
माससक िमथ चल रहा है। यह उस समय की रीदत थी दक यदि कोई
माससकिम वाली दकसी स्त्री को या सजस पर वह बठी हो उस छ ल तो वह अिद् हो जाता ह। इससलए, लाबान उसके दनकट नहीें गया। उसे वे
मदतया कभी नही दमली।
31:36-42 तब याक़ब क्रोलित होकर लाबान स झगडन लगा, और कहा, मरा क्या अपराि ह? मरा क्या पाप ह त्तक त न इतना क्रोलित होकर मरा पीछा त्तकया ह? 37त न जो मरी सारी सामग्री को ििोलकर िखा, तो तुझ
को अपन घर की सारी सामग्री म स क्या त्तमला? कुछ त्तमला हो तो उसको
यहा अपन और मर भाइयो क सामन रख ि, और ि हम िोनो क बीच धयाय
कर।
38 इन बीस िर्षों तक म तर पास रहा; इनम न तो तरी भड–बकररयो क
गभ त्तगर, और न तर मढो का मास म न कभी खाया। 39लजस बनल जधतओ
न िाड डाला उसको म तर पास न लाता था, उसकी हात्तन म ही उठाता
था; चाह त्तिन को चोरी जाता चाह रात को, त मझ ही स उसको ल लता
था। 40मरी तो यह िशा थी त्तक त्तिन को तो घाम और रात को पाला मझ
खा गया; और नीि मरी आखो स भाग जाती थी।
41 बीस िर्ष तक म तर घर म रहा; चौिह िर्ष तो म न तरी िोनो बत्तियो क
ललय, और छ: िर्ष तरी भड–बकररयो क ललय सिा की; और त न मरी मज़िरी को िस बार बिल डाला। 42मर त्तपता का
याकब िोसित हो गया। दपछल बीस वषों की सारी हतािा और कड़वाहट
लाबान क साथ कटतापर् टकराव म सामन आ गई। उसन लाबान को
चनौती िी दक उसन जो कछ भी चराया ह उस सामन रख। दिर उसन
िोसित होकर लाबान को याि दिलाया दक दपछले बीस वषों से उसने
अच्छे और बर समयो म उसकी सवा की ह। याकब न लाबान को यह भी
याि दिलाया दक उसन उसकी मज़िरी िस बार बिली थी। (िोखा िनवाल
याकब को अपन ही दकए का बिला दमल गया था। उसने अपनी ही औषसि
प्राप्त कर ली थी। मनष्य जो कछ बोता है, वही काटता है।) यही नहीें, उसने लाबान से कहा दक “मेरे दपता का परमेश्वर, अथात अब्राहम का परमेश्वर, सजसका भय इसहाक भी मानता है, यदि मेरी ओर न होता तो दनश्चय त
अब मझ छछ हाथ जान िता।” याकब न लाबान को यह भी बताया दक
परमेश्वर न एक रात पहल लाबान क सामन प्रकट होकर उस डाटा।
31:43-53 लाबान न याक़ब स कहा, य बत्तिया तो मरी ही ह, और य बच्च
भी मर ही ह, और य भड–बकररया भी मरी ही ह, और जो कछ तझ िख
पडता ह िह सब मरा ही ह। परधत अब म अपनी इन बत्तियो, और इनकी
सधतान स क्या कर सकता ह? 44अब आ, म और त िोनो आपस म िाचा
बाि, और िह मर और तर बीच सािी ठहर। 45तब याक़ब न एक पत्थर
लकर उसका खम्भा खडा त्तकया।
46तब याक़ब न अपन भाई–बधिओ स कहा, पत्थर इकट्ठा करो, यह
सनकर उधहोन पत्थर इकट्ठा करक एक ढर लगाया, और िही ढर क पास
उधहोन भोजन त्तकया। 47उस ढर का नाम लाबान न तो यज्रसहािथा, पर
याक़ब न त्तगललयाि रखा। 48लाबान न कहा, यह ढर आज स मर और तर
बीच सािी रहगा। इस कारण उसका नाम त्तगललयाि रखा गया, 49और
त्तमज़पा
सािी रहगा। 51त्तिर लाबान न याक़ब स कहा, इस ढर को िख और इस
खम्भ को भी िख, लजनको म न अपन और तर बीच म खडा त्तकया ह।
52 यह ढर और यह खम्भा िोनो इस बात क सािी रह त्तक हात्तन करन क
त्तिचार स न तो म इस ढर को पार करक तर पास जाऊगा, न त इस ढर
और इस खम्भ को पार कर क मर पास आएगा। 53अब्राहम और नाहोर
और उनक त्तपता; तीनो का जो परमश्िर ह, िही हम िोनो क बीच धयाय
कर। तब याक़ब न उसकी शपथ खाई लजसका भय उसका त्तपता इसहाक
मानता था।
इस प्रकार याकब और लाबान िोनो की भावनाए प्रकट हो गई थी। सब
कछ स्पि हो गया था। लाबान का मन जानता था दक यह उसका पररवार, उसकी बदटया और उसक नाती ह। इससलए उसन उनक बीच पत्थरो का
एक ढर लगाकर एक वाचा बािन का प्रस्ताव रखा। अतः याकब और
लाबान िोनोें ने साक्षी के तौर पर अपने बीच पत्थरोें का एक ढेर बनाया।
लाबान ने इसे यज्रसहाि ुथाकहा जो दक गवाही के ढेर के सलए सीररयाई
िब्ि है।
याकब न इस दगसलयािकहा जो उसी के सलए इब्रानी िब्ि है। यही नहीें, लाबान ने इसे दमज़पाभी कहा, जो इब्रानी भाषा का है और उसका अथथ है
‘ताकने का स्थान’। उसने कहा, दक “जब हम एक िसर स िर रह तब
यहोवा मेरी और तेरी िेखभाल करता रहे।” इस प्रकार लाबान ने परमेश्वर
को इस बात का साक्षी ठहराया दक याकब दकसी भी तरह स उसकी बदटयो
स बरा व्यवहार न कर। इसक अलावा, लाबान ने प्रस्ताव दिया दक पत्थरोें
का ढर एक सीमा को सचदह्नत करगा सजसको पार करक वह याकब को
परिान करन नही आएगा और न याकब उस कोई हादन पहचान आएगा।
इसके अलावा, लाबान ने
31:54-55 और याक़ब न उस पहाड पर मलबलल चढाया, और अपन भाई–
बधिओ को भोजन करन क ललय बलाया; तब उधहोन भोजन करक पहाड
पर रात त्तबताई। 55भोर को लाबान उठा, और अपन बि–बत्तियो को चमकर
और आशीिाि िकर चल त्तिया, और अपन स्थान को लौि गया। अतः
याकब न दगसलयाि पवत पर यहोवा परमेश्वर के सलए बसलिान चढ़ाया।
तब याकब और लाबान िोनोें ने एक साथ बैठकर भोजन दकया और रात
भर सगदत करत रह। सबह व उठ, लाबान ने अपनी बेदटयोें और नादतयोें
को चमा, और प्रस्थान करके और अपने स्थान को लौट गया।
उत्पत्ति32कासलिप्तत्तििरण: इसअगल ेअध्यायमेयाक ू बक े जीवन कीमहत्वप ू र् थ घटनाए ाँपाईजातीहै।इसअध्यायक े दवभाजनयेहै:(1)
पि1-8म े महन ै मम े स्वग थ ि ू तोक े साथयाक ू बकीम ुलाकातऔरएसावसे
उसकाडर।(2)पि9-23मेछ ु टकार े क े सलएयाक ू बकीप्राथथनाजबवह
एसावकेसलएउपहारतैयारकरताहै।और,(3)पि24-32मेस्वगथि ू तक े साथयाक ू बकामल्लय ु द्।
32:1-2 याक़ब न भी अपना माग ललया और परमश्िर क ित उस आ त्तमल।
2उनको िखत ही याक़ब न कहा, यह तो परमश्िर का िल ह। इसललय
उस न उस स्थान का नाम महनम रखा। जस ही याकब िसक्षर्-पसिम की
ओर कनान की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ा, “परमेश्वर क ित उस आ
दमल।” इन स्वगितो क बार म ज्यािा कछ मालम नही ह, बस केवल यह
दक व दिखाई ि रह थ और स्पि रूप स कछ सख्या म थ। यह सझाव
दिया गया है दक परमेश्वर ने न केवल उसे प्रोत्सादहत करने के सलए बस्कक
उस ित्रतापर् िि म उसकी रक्षा करन क सलए उनह याकब क सामन
प्रकट दकया। भजन 91:11-12 िख। याकब को तरत एहसास हआ दक व
‘परमेश्वर का िल’ थे। िल क रूप म अनदित िब्ि (मकानेह) मेें ‘डेरा
लगाने’ या ‘सेना के सिदवर’ का दवचार है।
इससलए, उनहोेंने उस स्थान का नाम महनैमरखा सजसका िास्ब्िक अथथ है िो सिदवर उसका और स्वगितो का। महनम यरिन निी क पव म ह, िायि मत सागर स िस मील स भी कम ऊपर। यह आज जॉडन िि म होगा।
32:3-6 तब याक़ब न सईर िश म, अथात एिोम िश म, अपन भाई एसाि क पास अपन आग ित भज त्तिए, 4और उसन उधह यह आज्ञा िी, मर प्रभ
एसाि स यो कहना : तरा िास याक़ब तझ स यो कहता ह त्तक म लाबान क यहा परिशी होकर अब तक रहा; 5और मर पास गाय–बल, गिह, भड–बकररया, और िास–िालसया ह : और म न अपन प्रभ क पास इसललय
सिश भजा ह त्तक तर अनग्रह की िष्ि मुझ पर हो।
6 ि ित याक़ब क पास लौि क कहन लग, हम तर भाई एसाि क पास
गए थ, और िह भी तझ स भि करन को चार सौ परुर्ष सग ललय हए चला
आता ह।
कयोदक वह उस क्षत्र क दनकट पहच रहा था जहा उसका भाई एसाव रहता
था, इससलए याकब न “सईर िि म, अथात एिोम िि म” उसक पास
सेंिेि भेजा। (एिोम और सेईर वतथमान जॉडन म मत सागर क िसक्षर् म
होग।) याकब न सिि भजा दक जब वह लाबान क साथ रहा था तब वह
िनी हो गया और अब वापस लौट रहा ह। ित यह खबर लेकर वापस आए
दक एसाव अपन साथ चार सौ परूषो को लकर उसस दमलन आ रहा ह।
32:7-8 तब याक़ब बहत डर गया, और सकि म पडा; और यह सोचकर
अपन सालथयो क, और भड–बकररयो क, और गाय–बलो, और ऊिो क
भी अलग–अलग िो िल कर ललय, 8त्तक यत्ति एसाि आकर पहल िल को
मारन लग, तो िसरा िल भागकर बच जाएगा।
याकब न एसाव क आन क समाचार का एक ही अथ दनकाला। वह वषों
पहल याकब द्वारा की गई िोखािड़ी का दहसाब चकान आ रहा था।
इससलए, उसन िायि कछ बसद् स काम लकर लदकन स्पि कायरता क
साथ अपन िल को िो समहो म बाट दिया। उसकी आिा थी दक यदि
एसाव िोि म आया तो कम स कम उनम स कछ तो बच दनकलग।
32:9-12 त्तिर याक़ब न कहा, ह यहोिा, ह मर िािा अब्राहम क परमश्िर, ह मर त्तपता इसहाक क परमश्िर, त न तो मझ स कहा था त्तक अपन िश
और जधमभत्तम म लौि जा, और म तरी भलाई करूगा : 10त न जो जो काम अपनी करुणा और सच्चाई स अपन िास क साथ त्तकए ह, त्तक म जो अपनी
छडी ही लकर इस यरिन निी क पार उतर आया, और अब मर िो िल हो
गए ह; तर ऐस ऐस कामो म स म एक क भी योग्य तो नही ह।
11 मरी त्तिनती सनकर मझ मर भाई एसाि क हाथ स बचा : म तो उसस
डरता ह, कही ऐसा न हो त्तक िह आकर मझ और मा समत लडको को भी
मार डाल। 12त न तो कहा ह त्तक म त्तनश्चय तरी भलाई करूगा, और तर
िश को समद्र की बाल क त्तकनको क समान बहत करूगा, जो बहतायत
क मार त्तगन नही जा सकत।
यहा याकब द्वारा छटकार क सलए परमेश्वर से प्राथथना करने का पहला
दववरर् दिया गया ह। कछ लोग सोचत ह दक यह उसका वास्तदवक मनपररवतन का अनभव था। जसा दक 28:20-22 मेें बताया गया है, बीस साल
पहले उसने परमेश्वर क साथ एक मखतापर् समझौता करन की कोसिि
की थी। परत अब वह अपन हृिय स अपन पवजो क परमेश्वर की ओर
मड़ा और उस पर भरोसा दकया, जो स्पि रूप से उसके जीवन मेें पहली
बार हआ था। उस रात प्राथना करत समय, उसने परमेश्वर को याि दिलाया
दक उसने उसे अपने सेंबेंसियोें के िेि लौटने का दनिेि दिया था। यहा स्पि
पिाताप दिखाई िेता है। दिर, उसने पिातापी हृिय से परमेश्वर से प्राथथना
की दक वह उस छड़ाए। इतन सार िब्िो
32:13-23 उसन उस त्तिन रात िही त्तबताई; और जो कछ उसक पास था
उसम स अपन भाई एसाि की भि क ललय छाि छािकर त्तनकाला; 14अथात िो सौ बकररया, और बीस बकर, और िो सौ भड, और बीस मढ, 15और बच्चो समत िि िनिाली तीस ऊित्तनया, और चालीस गाय, और िस बल, और बीस गित्तहया और उनक िस बच्च। 16इनको उसन
झुण्ड–झण्ड करक, अपन िासो को सौपकर उनस कहा, मर आग बढ जाओ; और झण्डो क बीच बीच म अधतर रखो। 17 त्तिर उसन अगल झण्ड क रखिाल को यह आज्ञा िी, जब मरा भाई एसाि तझ त्तमल, और पछन लग, त त्तकसका िास ह, और कहा जाता ह, और य जो तर आग आग ह, ि त्तकसक ह? 18तब कहना, यह तर िास याक़ब क ह। ह मर प्रभ एसाि, य भि क ललय तर पास भज गए ह, और
िह आप भी हमार पीछ–पीछ आ रहा ह। 19और उसन िसर और तीसर
रखिालो को भी, िरन उन सभो को जो झण्डो क पीछ–पीछ थ ऐसी ही
आज्ञा िी त्तक जब एसाि तम को त्तमल तब इसी प्रकार उसस कहना। 20और
यह भी कहना, तरा िास याक़ब हमार पीछ–पीछ आ रहा ह। क्योत्तक उसन
यह सोचा त्तक यह भि जो मर आग आग जाती ह, इसक द्वारा म उसक
क्रोि को शाधत करक तब उसका िशन करूगा; हो सकता ह िह मझ स
प्रसन्न हो जाए।
21 इसललय िह भि याक़ब स पहल पार उतर गई, और िह आप उस रात
को छािनी म रहा। 22उसी रात िह उठा और अपनी िोनो ष्स्त्रयो, और
िोनो िालसयो और ग्यारहो लडको को सग लकर घाि स यब्बोक निी क
पार उतर गया। 23उसन उधह उस निी क पार उतार त्तिया, िरन अपना सब
कुछ पार उतार त्तिया।
इसक बाि याकब न अपन भाई
प्रत्येक को एक-एक करके आगे भेज दिया। उस रात उसने अपने पररवार
को यब्बोक निी के पार भेज दिया जो महनैम के पास है।
32:24-32 और याक़ब आप अकला रह गया; तब कोई पुरुर्ष आकर पौ
ििन तक उसस मल्लयि करता रहा। 25जब उसन िखा त्तक म याक़ब पर
प्रबल नही होता, तब उसकी जाघ की नस को छआ; और याक़ब की जाघ
की नस उसस मल्लयि करत ही करत चढ गई। 26तब उसन कहा, मझ जान ि, क्योत्तक भोर होन िाला ह, याक़ब न कहा, जब तक त मझ आशीिाि न ि, तब तक म तझ जान न िगा।
27 और उसन याक़ब स पछा, तरा नाम क्या ह? उसन कहा, याक़ूब।
28उसन कहा, तरा नाम अब याक़ब नही, परधतु इस्राएल होगा, क्योत्तक त परमश्िर स और मनयो स भी यि करक प्रबल हआ ह।
29 याक़ब न कहा, म त्तिनती करता ह, मझ अपना नाम बता। उसन कहा, त मरा नाम क्यो पछता ह? तब उसन उसको िही आशीिाि त्तिया। 30तब
याक़ब न यह कहकर उस स्थान का नाम पनीएल रखा; परमश्िर को
आमन–सामन िखन पर भी मरा प्राण बच गया ह।
31 पनीएल क पास स चलत–चलत सय उिय हो गया, और िह जाघ स
लगडाता था।
32इस्राएली जो पशओ की जाघ को जोडनिाल जघानस को
आज क त्तिन तक नही खात, इसका कारण यही ह त्तक उस परुर्ष न याक़ब
की जाघ क जोड म जघानस को छआ था।
सजस प ु रुषक साथ याकब न मल्लयद् दकया था, वह स्पि रूप से यहोवा
परमेश्वर का भौदतक प्रकटीकरर् था। पि 30 मेें, याकब न कहा दक उसन
परमेश्वर को “आमने-सामने” िेखा था। परमेश्वर ने मानव रूप सलया
एक ईि-ििथन और याकब क साथ
जान िन को कहा। याकब को जब स्पि रूप स यह एहसास हआ दक वह
दकसक साथ मल्लयद् कर रहा ह, तो उसने बल िेकर कहा दक पहले वह
उसे आिीवाथि िे। तब परमेश्वर न याकब को बताया दक उसका एक नया
नाम होगा, इस्राएल। इब्रानी भाषा मेें उस नाम का िास्ब्िक अथथ है
‘परमेश्वर के साथ प्रबल होना’। तब परमेश्वर न उस बताया दक “त
परमेश्वर स और मनष्यो स भी यद् करक प्रबल हआ ह।” बड़ा तक यहा
यह ह दक याकब न प्राथना क प्राथदमक रूप म ही परमेश्वर के साथ दवजय
पाई थी। जब तक परमेश्वर ने उसे आिीवाथि नहीें दिया तब तक उसने उसे
जान नही दिया। जब याकब न परमेश्वर पर और िबाव डाला, तो “उसने
उसको वहीें आिीवाथि दिया।”
इससलए याकब न उस स्थान को पनीएल कहा, सजसमेें ‘परमेश्वर का
सामना करना’ या 'परमेश्वर के साथ आमने-सामने’ का दवचार है। उसने
कहा दक “परमेश्वर को आमने–सामने िेखने पर भी मेरा प्रार् बच गया है।”
बड़ा सेंिभथ यह है दक वह जानता था दक उस दिन उसका अपने चोट खाए
भाई से सामना होने वाला था। इससलए उसने सरल दवश्वास के साथ उस
आमने-सामने के सलए परमेश्वर से सहायता और आिीष माेंगी। इससलए
उसने परमेश्वर स सहायता और आिीष प्राप्त करन क सलए मल्लयद् दकया
और सचमच दवजय प्राप्त की।
याकब परमेश्वर क साथ मल्लयद् करन म कम स कम अस्थायी रूप स (या
िायि स्थायी रूप स) अपनी जाघ स दनबल हो गया था। यह िखा गया ह
दक इस्राएली आज तक दकसी भी जानवर की जाघ की नस नही खात
कयोेंदक परमेश्वर न याकब की नस को छआ था।
उत्पत्ति 33 का सलिप्त त्तििरण: उत्पदि क े अध्याय 33 म े याक ू ब और
एसावकीम ु लाकातकावर् थ नदकयागयाहै।इसअध्यायमेयेदवभाजन
33:1-3 याक़ब न आख उठाकर यह िखा त्तक एसाि चार सौ परुर्ष सग
ललय हए चला आता ह। तब उसन बच्चो को अलग–अलग बािकर ललआ: और राहल और िोनो िालसयो को सौप त्तिया। 2और उसन सबस आग
लडको समत िालसयो को, उसक पीछ लडको समत ललआ: को और सब
क पीछ राहल और यसि को रखा, 3और आप उन सब क आग बढा और
सात बार भत्तम पर त्तगर क िण्डित की, और अपन भाई क पास पहचा।
जैसे ही अगला दिन चढ़ा, याकब न एसाव और उसक चार सौ परूषो को
आत हए िखा। याकब न, जो अपने साहस के सलए नहीें जाना जाता, एसाव
से दमलने के सलए पहले अपनी िाससयोें और उनके बच्चोें को और दिर
अपनी पस्त्नयोें और उनके बच्चोें (राहेल को सबसे आसखर मेें) को भेजा।
इरािा स्पि है दक वह अपने भाई के सेंभादवत िोि और अपने बीच एक
ढाल रखना चाहता था। अेंत मेें, याकब स्वय एसाव क पास गया और
“सात बार भदम पर दगर क िण्डवत की, और अपन भाई क पास पहचा।”
अपने भाई के प्रदत उसके अतीत के पाप अब उसे याि आ रहे थे। इससलए,
याकब पछताव और भय क साथ उसस दमलन क सलए आग बढ़ा।
33:4-11 तब एसाि उसस भि करन को िौडा, और उसको हृिय स
लगाकर, गल स ललपिकर चमा; त्तिर ि िोनो रो पड। 5तब उसन आख
उठाकर ष्स्त्रयो और बच्चो को िखा, और पूछा, य जो तर साथ ह ि कौन
ह? उसन कहा, य तर िास क लडक ह, लजधह परमश्िर न अनग्रह करक
मझ को त्तिया ह। 6तब लडको समत िालसयो न त्तनकि आकर िण्डित
त्तकया।
7 त्तिर लडको समत ललआ: त्तनकि आई और उधहोन भी िण्डित त्तकया;
अधत म यसि और राहल न भी त्तनकि आकर िण्डित त्तकया। 8तब उसन
पूछा, तरा
हो, तो मरी भि ग्रहण कर; क्योत्तक म न तरा िशन पाकर, मानो परमश्िर का िशन पाया ह, और त मझ स प्रसन्न हआ ह। 11इसललय यह भि जो तझ भजी गई ह, ग्रहण कर; क्योत्तक परमश्िर न मझ पर अनग्रह त्तकया ह, और मर पास
बहत ह। जब उसन उसस बहत आग्रह त्तकया, तब उसन भि को ग्रहण
त्तकया।
याकब को यह िखकर आिय हआ दक एसाव का जो भी गस्सा था वह
िर हो गया ह और उनकी एक बहत ही भावनात्मक मलाकात हई। एसाव
न पछा दक व सब लोग कौन ह और याकब न उसका अपने पररवार से
पररचय कराया। वह यह भी जानना चाहता था दक उससे पहले दनकली सब
भेड़-बकररयो का कया उद्दश्य था। याकब न उसस कहा दक व उसक स्वामी
की िदि म अनग्रह पान क सलए एक उपहार थ। एसाव न उनह लन स
इनकार कर दिया, लदकन याकब क बार-बार कहने पर एसाव ने वह
उपहार स्वीकार कर सलया। याकब को इस बात का श्रेय िेना होगा दक
उसने यह स्वीकार करक प्रभ की मदहमा की दक परमेश्वर ने उसके साथ
ियापर् व्यवहार दकया।
33:12-17 त्तिर एसाि न कहा, आ, हम बढ चल; और म तर आग आग
चलगा। 13याक़ब न कहा, ह मर प्रभ, त जानता ही ह त्तक मर साथ सकमार
लडक, और िि िनहारी भड–बकररया और गाय ह; यत्ति ऐस पश एक त्तिन
भी अलिक हाक जाए, तो सब क सब मर जाएग। 14इसललय मरा प्रभ
अपन िास क आग बढ जाए, और म इन पशओ की गत्तत क अनसार जो
मर आग ह, और बच्चो की गत्तत क अनसार िीर िीर चलकर सईर म
अपन प्रभ क पास पहचगा।
15 एसाि न
अपन ललय एक घर, और पशओ क ललय झोपड बनाए। इसी कारण उस
स्थान का नाम सुक्कोत पडा।
एसाव न याकब को सईर म अपन घर आन क सलए आमदत्रत दकया। याकब
ने िायि िदमिंिगी और डर के कारर् या िायि उन बातोें के कारर् इनकार
कर दिया, सजनमेें उसने अपने पररवार और भेड़-बकररयोें के सलए सचेंता
जादहर की थी। याकब न कहा दक वह अपन आप आ जाएगा, लेदकन वह
नही आया। इसक बजाय वह थोड़ी िर क एक स्थान पर चला गया, सजसे
सककोत के नाम से जाना जाता था, और वह यरिन निी क ठीक पव म
ह। उसन वहा एक घर और अपनी भड़-बकररयो क सलए झोपदड़या बनाईं।
33:18-20 याक़ब जो पद्दनराम स आया था, उसन कनान िश क शकम
नगर क पास कशल िम स पहचकर नगर क सामन डर खड त्तकए। 19और
भत्तम क लजस खण्ड पर उसन अपना तम्ब खडा त्तकया, उसको उसन शकम
क त्तपता हमोर क पत्रो क हाथ स एक सौ कसीतो म मोल ललया।
20 िहा उसन एक ििी बनाकर उसका नाम एल–एलोह–इस्राएल रखा।
इसके बाि वह शकम (जो सेंभवतः बाि मेें यरूिलेम कहलाया) मेें आया
और वहा उसन अपना डरा खड़ा दकया। स्पि ह, उसन सककोत मेें जो घर
बनाया था वह एक अस्थायी आवास था। िकम क क्षत्र म उसन भदम
खरीिी तथा वहा और असिक स्थाई रूप स अपना डरा खड़ा दकया। और
“वहा उसन एक विी बनाकर उसका नाम एल–एलोहे–इस्राएल रखा,”
सजसका अथथ है ‘इस्राएल का सामथी परमेश्वर।’
उत्पत्ति34कासलिप्तत्तििरण:याक ू बक े जीवनकीबीचकीअवसिका औरअसिकदववरर्प्रस्त ुतदकयागयाहै।अध्याय34मेउसकीबेटीक े साथछेड़छाड़औरउसके दघनौनेपररर्ामकादववरर्दियागयाहै।इस अध्यायकेदवभाजनयेहैें:(1)पि1-19मेेंिकेमद्वारािीनाकोभ्रिदकया
जाना।और,(2)पि20-31मेेंसिमोनऔरलेवीद्वारािेकेदमयोेंकीहत्या दकयाजाना।
34:1-4 एक त्तिन ललआ: की बिी िीना, जो याक़ब स उत्पन्न हई थी, उस
िश की लडत्तकयो स भि करन को त्तनकली। 2तब उस िश क प्रिान त्तहव्िी
हमोर क पत्र शकम न उस िखा, और उस ल जाकर उसक साथ ककम
करक उसको भ्रि कर डाला। 3तब उसका मन याक़ब की बिी िीना स
लग गया, और उसन उस कधया स प्रम की बात की, और उसस प्रम करन
लगा। 4अत: शकम न अपन त्तपता हमोर स कहा, मझ इस लडकी को मरी
पत्नी होन क ललय त्तिला ि।
िीना क साथ हई अदप्रय घटनाओ का उल्लख दकया गया ह। पि 46:15 म
एक बहत ही ससक्षप्त उल्लख क अदतररि, िीना के बारे मेें बाइबल मेें और
कोई उल्लेख नहीें है। सेंसार के साथ सेंबेंि रखने के खतरोें मेें से एक इसका
भ्रि प्रभाव पड़ना है। िीना “उस िेि की लड़दकयोें से भेेंट करने को
दनकली” थी। कनान की लड़दकयोें से जान-पहचान करते समय, “उस िेि
क प्रिान दहव्वी हमोर क पत्र िकम न उस िखा, और उसे ले जाकर उसके
साथ ककम करक उसको भ्रष्ट कर डाला।”
यह नहीें बताया गया है दक उनका सेंबेंि बनाना सहमदत से था या नहीें।
भ्रि क रूप म अनदित िब्ि (पीएल स्टम म ‘आना’) का मल अथ ‘नीचा
करना’ या ‘अपमादनत करना’ है। यह इस बात को ििाथता प्रतीत होता है
दक उसन उसक साथ बलात्कार दकया। जसा भी हआ हो, िकेम ने उसका
िायिा उठाया। हालादक उसने अपनी ओर से िावा दकया दक वह उससे
प्रेम करता है, लेदकन उसने दनसित रूप से गलत काम दकया था। अतः
उसने अपने दपता से कहा दक वह उसका िीना से दववाह कराए। (इस
प्रकार माता-दपता द्वारा दववाह की व्यवस्था करने की प्राचीन
उनक आन तक चप रहा। 6तब शकम का त्तपता हमोर त्तनकलकर याक़ब
स बातचीत करन क ललय उसक पास गया। 7याक़ब क पत्र यह सनत ही
मिान स बहत उिास और क्रोलित होकर आए; क्योत्तक शकम न याक़ब
की बिी क साथ ककम करक इस्राएल क घरान स मखता का ऐसा काम
त्तकया था, लजसका करना अनुलचत था।
याकब न घटना क बार म सना और तब तक कछ नही कहा जब तक
उसके बेटे अपनी भेड़-बकररयोें को चराकर वापस नहीें आ गए। िकेम का
दपता “याकब स बातचीत करन क सलय उसक पास गया।” बातचीत करन
क रूप म अनदित िब्ि (डाबार) का अनवाि आम तौर पर ‘बोलना’ क
रूप मेें दकया जाता है। परेिानी बढ़ती जा रही थी और उसने दनस्सेंिेह इसे
िात करन की कोसिि की। जब याकब क पत्रो न सना दक कया हआ था
तो व “बहत उिास और िोसित होकर आए।” दवचार यह ह दक व बहत
गस्स म थ। मखता क रूप म अनदित िब्ि (नबाला) म दविष रूप स
नैदतक मामलोें के सेंबेंि मेें ‘अपमान’ का दवचार है।
34:8-12 हमोर न उन सबस कहा, मर पत्र शकम का मन तम्हारी बिी पर
बहत लगा ह, इसललय उस उसकी पत्नी होन क ललय उसको ि िो। 9और
हमार साथ ब्याह त्तकया करो; अपनी बत्तिया हम को त्तिया करो, और हमारी
बत्तियो को आप ललया करो। 10हमार सग बस रहो; और यह िश तम्हार
सामन पडा ह, इसम रहकर लन–िन करो, और इसकी भत्तम को अपन ललय
ल लो।
11 शकम न भी िीना क त्तपता और भाइयो स कहा, यत्ति मझ पर तम लोगो
की अनग्रह की िष्ि हो, तो जो कछ तम मझ स कहो, िह म िगा।
एक साथ आ जाए। उसन आग यह भी कहा दक याकब जो भी िहज माग, वह उसे दमलेगा।
हमोर िायि अपनी ओर स ईमानिार था। उसका अिमी िदिकोर् यह था
दक दववाह स सब कछ सही हो जाएगा। यही नही, उसके दवचार मेें, एक
सावथभौदमक व्यवहार ही आगे बढ़ने का मागथ था। ‘आओ हम सब एक
साथ आ जाए।’
34:13-17 तब यह सोचकर त्तक शकम न हमारी बत्तहन िीना को अशि
त्तकया ह, याक़ब क पत्रो न शकम और उसक त्तपता हमोर को छल क साथ
यह उिर त्तिया, 14हम ऐसा काम नही कर सकत त्तक त्तकसी खतनारत्तहत
परुर्ष को अपनी बत्तहन ि, क्योत्तक इसस हमारी नामिराई होगी। 15इस
बात पर तो हम तम्हारी मान लग त्तक हमार समान तमम स हर एक परुर्ष
का खतना त्तकया जाए। 16तब हम अपनी बत्तिया तम्ह ब्याह िग, और तम्हारी बत्तिया ब्याह लग, और तम्हार सग बस भी रहग, और हम िोनो
एक ही समिाय क मनय हो जाएग। 17पर यत्ति तम हमारी बात न मानकर
अपना खतना न कराओग, तो हम अपनी लडकी को लक यहा स चल
जाएग।
ऐसा लगता ह दक याकब क पत्रो न बातचीत पर दनयत्रर् कर सलया था।
परत बिला लन की अपनी इच्छा म, उनहोेंने िोखे से काम दकया। खतना
क प्रदत सम्मान का उनका दिखावा िढ़ दवश्वास नहीें, बस्कक एक छलावा
था। इससलए उनहोेंने प्रस्ताव रखा दक यदि हमोर, िकेम और उनके सभी
परुष खतना करान क सलए तयार होग, तो वे अेंतजाथतीय दववाह करने और
उनक साथ जड़न क सलए सहमत होग।
34:18-19 उनकी इस बात पर हमोर और उसका पत्र शकम प्रसन्न
िकेम और हमोर को यह प्रस्ताव पसेंि आया। वास्तव मेें, िकेम ने “यह
काम करने मेें दवलम्ब नहीें दकया, कयोदक वह याकब की बटी स प्रसन्न
था।” उसके दपता के घराने से असिक प्रदतदष्ठत होने का उल्लेख इस तथ्य
से हो सकता है दक उसने जो दकया था उसके बावजि भी वह िीना से
दववाह करने को तैयार था।
34:20-24 इसललय हमोर और उसका पत्र शकम अपन नगर क िािक क
त्तनकि जाकर नगरिालसयो को यो समझान लग, 21ि मनय हमार सग मल
स रहना चाहत ह, अत: उधह इस िश म रह क लनिन करन िो; िखो, यह
िश उनक ललय भी बहत ह; त्तिर हम लोग उनकी बत्तियो को ब्याह ल, और
अपनी बत्तियो को उधह त्तिया कर।
22 ि लोग किल इस बात पर हमार सग रहन और एक ही समिाय क
मनय हो जान को प्रसन्न ह त्तक उनक समान हमार सब परुर्षो का भी खतना
त्तकया जाए। 23क्या उनकी भड–बकररया, और गाय–बल िरन उनक सार
पशु और िन–सम्पत्ति हमारी न हो जाएगी? इतना ही कर त्तक हम लोग
उनकी बात मान ल, तो ि हमार सग रहग। 24इसललय लजतन उस नगर क
िािक स त्तनकलत थ, उन सभो न हमोर की और उसक पत्र शकम की
बात मानी; और हर एक पुरुर्ष का खतना त्तकया गया, लजतन उस नगर क
िािक स त्तनकलत थ।
इससलए हमोर और िकेम लौट आए और इस दवचार पर नगर के लोगोें को
राजी करन लग। माग यह थी दक प्रत्यक परुष का खतना दकया जाए। स्पि
ह दक उनक मन म एक गलत मकसि भी था। याकब क साथ एक
सावथभौदमक गठबेंिन करने मेें उनहोेंने सोचा दक वे
से ही अपने प्रस्ताव के प्रदत खरे नहीें थे। इस बात पर भी ध्यान दिया जाना
चादहए दक केवल खतना होने से ये दहव्वी लोग परमेश्वर के लोग नहीें बन
गए। यह उन लोगोें की दवचारिारा से दमलती-जलती ह जो आज सोचत ह
दक बपदतस्मा एक व्यदि को परमेश्वर की सेंतान बना िेता है।
34:25-29 तीसर त्तिन, जब ि लोग पीत्तडत पड थ, तब ऐसा हआ त्तक
लशमोन और लिी नामक याक़ब क िो पत्रो न, जो िीना क भाई थ, अपनी
अपनी तलिार ल उस नगर म त्तनिडक घसकर सब परुर्षो को घात त्तकया।
26हमोर और उसक पत्र शकम को उधहोन तलिार स मार डाला, और िीना
को शकम क घर स त्तनकाल ल गए। 27याक़ब क पत्रो न घात कर डालन
पर भी चढकर नगर को इसललय लि ललया त्तक उस म उनकी बत्तहन अशि
की गई थी। 28उधहोन भड–बकरी, और गाय–बल, और गिह, और नगर
और मिान म लजतना िन था ल ललया। 29उस सब को, और उनक बाल–
बच्चो, और ष्स्त्रयो को भी हर ल गए, िरन घर घर म जो कछ था उसको
भी उधहोन लि ललया।
तीन दिन बाि, सिमोन और लेवी (उसके िो सगे भाई) िकेम को आए और
प्रत्यक परुष को मार डाला। (यह समझा जाना चादहए दक िब्ि िकम क
आिदनक अथ म वह स्थान ‘नगर’ नही था। इस िब्ि का अनवाि ‘कस्ब’
क रूप म भी दकया जाता ह।) जब वहा क परुष अपन खतन स ठीक हो
ही रहे थे और पीड़ा मेें ही थे, तो सिमोन और लेवी ने बिला लेने का कायथ
दकया। अथथ यह है दक इस बीच िीना िकेम की पत्नी बन गई थी और
उनहोेंने उसे उसके घर से दनकाल सलया।
उनक बाकी भाइयो न भी आकर नगर को लट सलया, और उनक पिओ
और सारी सेंपदि को हड़प सलया, तथा
न बाि म मत्य िय्या पर अपन ही िो बटो को िोषी ठहराया। उत्पदि 49:57 िेखेें।
34:30-31 तब याक़ब न लशमोन और लिी स कहा, तम न जो इस िश क
त्तनिासी कनात्तनयो और पररष्ज्जयो क मन म मर प्रत्तत घणा उत्पन्न कराई ह, इस स तम न मझ सकि म डाला ह, क्योत्तक मर साथ तो थोड ही लोग ह;
इसललय अब ि इकट्ठ होकर मझ पर चढग, और मझ मार डालग, तो म
अपन घरान समत नि हो जाऊगा। 31उधहोन कहा, क्या िह हमारी बत्तहन क साथ िश्या क समान बताि कर?
याकब क ग्यारह पत्रो न बिला लत हए यह काय दकया था (यद्यदप यसि
उस समय इतना छोटा रहा होगा दक उसने उस कायथ मेें भाग नहीें सलया)।
याकब उस काय क कारर् हो सकनवाल प्रभावो को समझ गया था। उस
एहसास हो गया दक उसक चारो ओर क कनादनयो की तलना म वह और
उसका घराना दकतना छोटा है। घृणा क रूप म अनदित िब्ि (बावाि) म
‘घसर्त बनन’ का दवचार ह। उस डर था दक कनानी और पररज्जी लोग
बिला लन आएग और उनह मार डालग। दिर भी, उसक यवा पत्र अपन
कायों को उसचत ठहराते रहे। वे अपनी बहन के सलए खड़े रहे। वे उसके
साथ वेश्या जैसा व्यवहार नहीें होने िेना चाहते। उनकी गलती बातोें को
अपन तरीक स सलझान की थी। यह भी ध्यान िन योग्य ह दक उनहोन
अपने दपता से सलाह नहीें ली।
उत्पत्ति35कासलिप्तत्तििरण:याक ू बक े जीवनकादववरर्जारीहै।(1)
पि1-15म े याक ू बब े त े लकोलौटताहै।(2)पि16-26मेेंदबनयामीनके जनमऔरराहेलकीम ृ त्य ु कावर्थनदकयागयाहै।और,(3)पि27-29मेें इसहाककीम ृ त्य ु कादववरर्है।
35:1-5 तब परमश्िर न याक़ब स कहा, यहा स त्तनकल कर बतल को जा, और िही रह; और िहा परमश्िर क ललय ििी बना, लजसन तझ उस समय
िशन त्तिया जब त अपन भाई एसाि क डर स भागा जाता था। 2तब याक़ब
न अपन घरान स, और उन सबस भी जो उसक सग थ कहा, तम्हार बीच
म जो पराए ििता ह, उधह त्तनकाल िको; और अपन अपन को शि करो, और अपन िस्त्र बिल डालो; 3और आओ, हम यहा स त्तनकल कर बतल
को जाए; िहा म परमश्िर क ललय एक ििी बनाऊगा, लजसन सकि क
त्तिन मरी सन ली, और लजस माग स म चलता था, उसम मर सग रहा।
4 इसललय लजतन पराए ििता उनक पास थ, और लजतन कण्डल उनक
कानो म थ, उन सभो को उधहोन याक़ब को त्तिया; और उसन उनको उस
बाज िि क नीच, जो शकम क पास ह, गाड त्तिया। 5तब उधहोन कच
त्तकया; और उनक चारो ओर क नगर त्तनिालसयो क मन म परमश्िर की
ओर स ऐसा भय समा गया त्तक उधहोन याक़ब क पत्रो का पीछा न त्तकया।
परमेश्वर का सामथी हाथ एक बार दिर से स्पि है। परमेश्वर जानता था
दक याकब और उसका पररवार दकस खतर म थ। इससलए उसन न कवल
याकब को वहा स दनकलन को कहा, बस्कक उसने अनय कनानी लोगोें के
मन मेें भी उसके प्रदत भय समवा दिया।
इससलए परमेश्वर न याकब स (अप्रत्यक्ष रूप स) बात की और उस िकम
स िसक्षर् की ओर बतल को लौटन और वहा रहन की आज्ञा िी। अतः
याकब न अपन पररवार को आस्त्मक रूप स व्यवस्स्थत करन क सलए
किम उठाए। उसन अपन घरान को आिि दिया दक (1) “तम्हार बीच म
जो पराए िेवता हैें, उनहेें दनकाल िेेंको, (2) और अपन अपन को िद् करो, और (3) अपने वस्त्र बिल डालो।” स्पि है दक कनादनयोें का प्रभाव याकब
क पररवार म मदतपजा ल आया था। यह राहल और उसक द्वारा अपन दपता
की मदतयो को चरान क सिभ
इससलए उसने अपने पररवार को आस्त्मक और बाहरी िोनोें रूपोें मेें सही
होने की आज्ञा िी। इसके अलावा, याकब न ध्यान दिया दक वह वहा
परमेश्वर के सलए एक वेिी बनाना चाहता था। दिलचस्प बात यह है दक
जब उसक पररवार न उस अपन दवदभन्न दवििी िवताओ की मदतया और
उनके गहने दिए, तो “उसन उनको उस बाज वक्ष क नीच, जो िकेम के
पास है, गाड़ दिया।”
जब वे िसक्षर् की ओर बेतेल को चले, तो “उनके चारोें ओर के नगर
दनवाससयोें के मन मेें परमेश्वर की ओर से ऐसा भय समा गया दक उनहोेंने
याकब क पत्रो का पीछा न दकया।” भय क रूप म अनदित िब्ि (सचिाह)
मेें डर का भाव है। परमेश्वर ने उन लोगोें के मन मेें परमेश्वर का डर
समवाया जो याकब स बिला लन की कोसिि कर सकत थ।
35:6-7 याक़ब उन सब समत जो उसक सग थ, कनान िश क लज नगर को आया। िह नगर बतल भी कहलाता ह। 7िहा उसन एक ििी बनाई, और उस स्थान का नाम एलबतल रखा; क्योत्तक जब िह अपन भाई क डर
स भागा जाता था तब परमश्िर उस पर िही प्रगि हआ था। अतः इससलए
याकब और उसका पररवार लज को आए जो उस स्थान का कनानी नाम
था सजस याकब न बतल कहा था। वहा पर “उसन एक विी बनाई, और
उस स्थान का नाम एलबेतेल रखा,” जो वषों पहल याकब द्वारा एसाव स
भागने के समय की याि दिलाता है जब परमेश्वर ने उसे ििथन दिया था।
एलबेतेल िब्ि का िास्ब्िक अथथ है ‘बेतेल का परमेश्वर’ या ‘परमेश्वर के
घर का परमेश्वर’।
35:8 और ररबका की िि त्तपलानहारी िाय िबोरा मर गई, और बतल क
बाज िि क त्तनचल भाग म उसको त्तमट्टी िी गई, और
उसे अकलोनबककत कहा जाता था, सजसका अथ ह ‘रोन का बाज वक्ष।’
(यह दिलचस्प ह दक ररबका की िाय या तो याकब क साथ या अकल
बेतेल मेें रह रही थी। इस अध्याय मेें आगे {पि 27} इस बात पर ध्यान
दिया गया ह दक हब्रोन म याकब अपन दपता इसहाक क पास उसकी मत्य
से पहले आया था। और भी असिक दिलचस्प तथ्य यह है दक बाइबल मेें
ररबका की मत्य का कोई दववरर् नही दिया गया ह।)
35:9-15 त्तिर याक़ब क पद्दनराम स आन क पश्चात परमश्िर न िसरी बार उसको िशन िकर आशीर्ष िी। 10और परमश्िर न उसस कहा, अब
तक तरा नाम याक़ब रहा ह, पर आग को तरा नाम याक़ब न रहगा, तू
इस्राएल कहलाएगा। इस प्रकार उसन उसका नाम इस्राएल रखा। 11त्तिर
परमश्िर न उसस कहा, म सिशष्क्तमान ईश्िर ह। त िल–िल और बढ;
और तझ स एक जात्तत िरन जात्ततयो की एक मण्डली भी उत्पन्न होगी, और
तर िश म राजा उत्पन्न होग। 12और जो िश म न अब्राहम और इसहाक
को त्तिया ह, िही िश तझ िता ह, और तर पीछ तर िश को भी िगा।
13 तब परमश्िर उस स्थान म, जहा उसन याक़ब स बात की, उसक पास स ऊपर चढ गया। 14और लजस स्थान म परमश्िर न याक़ब स बात की, िहा याक़ब न पत्थर का एक खम्भा खडा त्तकया, और उस पर अघ िकर
तल डाल त्तिया। 15जहा परमश्िर न याक़ब स बात की, उस स्थान का
नाम उसन बतल रखा।
याकब क “पद्दनराम स आन क पश्चात परमेश्वर न िसरी बार उसको
ििन” दिया का उल्लख ििाता ह दक वह वहा वापस गया। परत िष सिभ
इसे सही ठहराता प्रतीत नहीें होता। बड़ा दवचार सेंभवतः यह है दक
परमेश्वर ने उसे दिर से ििथन दिया, वैसे ही जैसे
परमेश्वर न याकब क साथ वाचा म अब्राहम क साथ बािी वाचा को
िोहराया, उसकी दिर स पदि की तथा उसमेें और दववरर्ोें को जोड़ा।
िलन-िलन का आिि याकब क सलए उसक अदतम पत्र क दवषय म हो
सकता ह जो जकि ही उत्पन्न हआ। उसक वि का “जादतयो की मडली”
बनन का उल्लख उन बारह गोत्रो को ििा सकता ह जो उसक पत्रो स उत्पन्न
होेंगी। यह गैर-यहिी जादतयो मेें बड़े आस्त्मक सेंकेत को भी व्यि कर
सकता है जो एक दिन मसीह मेें अब्राहम के वेंि का दहस्सा होेंगी।
दनसित रूप से, न केवल िाऊल और िाऊिवेंिी राजा, बस्कक इससे भी
महत्वपर् मसीह भी उसी क वि स आया। परमेश्वर ने अब्राहम, इसहाक, और याकब तथा उसक वि को वह िि िन की प्रदतज्ञा की दिर स पदि की। वह प्रदतज्ञा कभी दनरस्त नही हई ह। न ही यह कभी दनरस्त होगी। यह
एक अनेंत प्रदतज्ञा है।
जब परमेश्वर “उस स्थान मेें, जहा उसन याकब स बात की, उसके पास
से ऊपर चढ़ गया,” तो याकब न पत्थर का एक खम्भा खड़ा दकया। उसन
अघथ चढ़ाया, और (जतन का) तल उडला। इन बसलिानो का आग वर्न
नहीें दकया गया है, परत य उसी अघ क समान हो सकती ह सजनका वर्न
बाि म मसा की व्यवस्था म दकया गया ह। जसा भी हो, वे परमेश्वर की
आरािना करने का एक माध्यम थे। यही नहीें, “जहा परमेश्वर न याकब
से बातेें की, उस स्थान का नाम उसने बेतेल रखा।”
35:16-20 त्तिर उधहोन बतल स कच त्तकया, और एप्राता थोडी ही िर रह
गया था त्तक राहल को बच्चा जनन की बडी पीडा उठन लगी। 17जब
उसको बडी बडी पीडा उठती थी तब िाय न उसस कहा, मत डर; अब
की भी तर बिा ही होगा। 18तब ऐसा हआ त्तक िह मर गई, और प्राण
त्तनकलत त्तनकलत उसन उस
बेतेल से दनकलने के बाि, याकब एप्राता (सजस बतलहम भी कहा जाता
ह) की ओर गया तथा वहा राहल को प्रसव की बड़ी पीड़ा उठी। अपन
िसर पत्र (याकब क बारहव पत्र) को जनम ित समय उसकी मत्य हो गई।
मरने से पहले, उनहोेंने उसका नाम बेनोनीरखा सजसका िास्ब्िक अथथ है
‘मर िोक का पत्र।’
परत याकब न उसका नाम बिलकर दबनयामीन रख दिया, सजसका अथथ
है, ‘मर िादहन हाथ का पत्र।’ वह यसि का एकमात्र सगा भाई था और
अपनी पसिीिा पत्नी राहल को खोन क बाि दनस्सिह वह बढ़ाप म याकब
को दविेष रूप से दप्रय था। (यह और असिक ध्यान िेने योग्य बात है दक
दबनयामीन का जनम पि 32:9-11 म उसक दपता क पर मन स परमेश्वर की
ओर मड़न क बाि हआ था। वह अपन भाई यसि क साथ अपन अनय
िस भाइयो की ििता म भागीिार नही था। जब एक दपता वास्तव म
परमेश्वर के साथ एक सही सेंबेंि मेें आ जाता है, तो इसका उसके बच्चोें
पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
अब याकब न राहल को बतलहम म दमट्टी िी और उसक सलए वहा एक
स्मारक सचह्न स्थादपत दकया। (बैतलहम नाम का िास्ब्िक अथथ रोटी का
घर है।)
35:21-22 त्तिर इस्राएल न कच त्तकया, और एिर नामक गम्मि क आग
बढकर अपना तम्ब खडा त्तकया। 22जब इस्राएल उस िश म बसा था, तब
एक त्तिन ऐसा हआ त्तक रूबन न जाकर अपन त्तपता की रखली त्तबल्हा क
साथ ककम त्तकया; और यह बात इस्राएल को मालम हो गई। याक़ब क
बारह पत्र हए।
एिर की ओर बताई गई यात्रा छोटी थी। यह बैतलहम के
दिया था। यह पाप एक घसर्त काय था, और 1 कररस्नथयो 5 म उदल्लसखत
अपने दपता की पत्नी से सेंबेंि बनाने से अलग नहीें था। इस प्रकार का पाप
कभी असिक समय तक सछपा नहीें रहता है। जैसा दक बताया गया है, यह
हमेिा सामने आ जाता है, “यह बात इस्राएल को मालम हो गई।” इस
सेंबेंि मेें रूबेन के साथ उसकी बातचीत का कोई दववरर् नहीें दिया गया
ह। परत 1 इदतहास 5:1 म कहा गया ह दक रूबन न इस घटना क कारर्
अपना पहलौठे का असिकार खो दिया था। इसके अलावा, अपनी मत्य
िय्या पर उसके दपता ने रूबेन के दवषय मेें यह कहा, “त जो जल क समान
उबलनेवाला है, इससलय िसरो स श्रष्ठ न ठहरेगा; कयोदक त अपन दपता
की खाट पर चढ़ा, तब त न उसको अिद् दकया” (उत्पदि 49:4)।
35:23-26 उन म स ललआ: क पत्र य थ; अथात याक़ब का जठा रूबन, त्तिर लशमोन, लिी, यहिा, इस्साकार, और जबलन। 24और राहल क पत्र
य थ; अथात यसि और त्तबधयामीन। 25और राहल की िासी त्तबल्हा क
पत्र य थ; अथात िान और नप्ताली। 26और ललआ: की िासी लजल्पा क
पत्र य थ : अथात गाि, और आशर। याक़ब क य ही पत्र हए, जो उसस
पद्दनराम म उत्पन्न हए।
याकब क पत्रो का साराि दिया गया ह। सलआ: स रूबन, सिमोन, लेवी, यहिा, इस्साकार और जबलन उत्पन्न हए। राहल स यसि और दबनयामीन
उत्पन्न हए। राहल की िासी दबकहा स िान और नप्ताली उत्पन्न हए। सलआ:
की िासी सजकपा स गाि और आिर उत्पन्न हए। दबनयामीन को छोड़कर
सभी का जनम पद्दनराम म हआ।
35:27-29 याक़ब मम्र म, जो त्तकयतबा अथात हब्रोन ह, जहा अब्राहम और
इसहाक परिशी हो कर रह थ, अपन त्तपता इसहाक क पास आया। 28इसहाक की आय एक सौ अस्सी
यहा वर्न दकया गया ह दक याकब अपन दपता क अदतम दिनो म उससे
दमलने आया। (यह सेंभव है दक िेि मेें वापस आने पर वह कभी-कभी
उससे दमलने आया होगा, लेदकन इसका उल्लेख केवल यहीें दकया गया है।)
उसके अेंदतम दिन हेब्रोन मेें बीते, सजसे मम्रे और दकयथतबाथ के नाम से भी
जाना जाता था। वहा, 180 वष की आय म इसहाक की मत्य हो गई।
उसका, “प्रार् छट गया और वह मर गया, और वह बढ़ा और परी आय
का होकर अपने लोगोें मेें जा दमला।” स्पि है दक एसाव को उसके दपता
क अदतम दिनो क बार म सचना िी गई थी, कयोेंदक वह अपने दपता को
दमट्टी िन म याकब क साथ िादमल हआ था। दिर स, ररबका की मत्य का
कोई उल्लख नही दकया गया ह जो स्पि ह दक पहल ही मर चकी थी।
उत्पत्ति36कासलिप्तत्तििरण:यहअध्यायपि1-10मेेंएसावकेपररवार , उसकीपस्त्नयोऔरप ुत्रोकाविावली-सेंबेंिीदववरर्िेताहैसजनके साथ
वहसेईरकोचलागयाथा;पि11-19मेउसक े प ु त्रोक े प ु त्रो , यापोतोेंका
दववरर्िेताहै , जोएिोमिेिमेेंिासकथे।इसके बािपि20-30मेेंहोरी
नामकजादतके सेईरकीवेंिावलीिीगईहै , सजसके पररवारमेेंएसावने
दववाहदकयाथा, औरउसके बच्चोेंऔरउनमेेंपाएजानेवालेअसिपदतयोें कीवेंिावली।इसके बािपि31-39मेएिोमक े राजाओकीस ूचीिीगई
है।पि40-43मेेंएसावके असिपदतयोेंके उनके पररवारोेंके आिारपर
दिएएकसेंसक्षप्तदववरर्के साथयहअध्यायसमाप्तहोताहै।ऐसेलोगोें क े दवस्त ृ तदववरर्काकारर्जोनतोयीि ु मसीहकीविावलीमेहैऔर नहीअपनीिादमथकताके सलएजानेजातेहैें , िायियहहैदकवेइसहाक के वेंिजथेऔरइसप्रकारअब्राहमके वेंिजथे।
36:1-10 एसाि जो एिोम भी कहलाता ह, उसकी
थी, ब्याह ललया। 4आिा न एसाि क द्वारा एलीपज को, और बासमत न
रूएल को जधम त्तिया।
5 और ओहोलीबामा न यश, और यालाम, और कोरह को उत्पन्न त्तकया।
एसाि क य ही पत्र कनान िश म उत्पन्न हए। 6तब एसाि अपनी पष्त्नयो
और बि–बत्तियो, और घर क सब प्रालणयो, और अपनी भड–बकरी, और
गाय–बल आत्ति सब पशओ, त्तनिान अपनी सारी सम्पत्ति को, जो उसन
कनान िश म सलचत की थी, लकर अपन भाई याक़ब क पास स िसर िश
को चला गया। 7क्योत्तक उनकी सम्पत्ति इतनी हो गई थी त्तक ि इकट्ठ न रह सक; और पशओ की बहतायत क कारण उस िश म, जहा ि परिशी
होकर रहत थ, ि समा न सक। 8एसाि जो एिोम भी कहलाता ह, सईर
नामक पहाडी िश म रहन लगा। 9सईर नामक पहाडी िश म रहनिाल
एिोत्तमयो क मल परुर्ष एसाि की िशािली यह ह। 10एसाि क पत्रो क
नाम य ह; अथात एसाि की पत्नी आिा का पत्र एलीपज, और उसी एसाि
की पत्नी बासमत का पुत्र रूएल।
एसाव के वेंिजोें पर ध्यान दिया गया है। उसकी पस्त्नयोें के दवदभन्न नामोें
के सेंबेंि मेें पि 26:34 की दट्पर्ी को िेखेें। उसका प्राथदमक दनवास
स्थान सईर पवत म था जो मत सागर क िसक्षर् और पव म था और वतमान
मेें यह जॉडथन िेि मेें होगा। बताया गया है दक एसाव और एिोम एक ही हैें।
36:11-19 एलीपज क य पत्र हए; अथात तमान, ओमार, सपो, गाताम, और कनज। 12एसाि क पत्र एलीपज क त्ततम्ना नामक एक रखल थी, लजसन एलीपज क द्वारा अमालक को जधम त्तिया : एसाि की पत्नी आिा क िश म य ही हए। 13रूएल क य पत्र हए; अथात नहत, जरह, शम्मा, और त्तमज्जा : एसाि की पत्नी बासमत
िश म स तमान, अलिपत्तत, ओमार अलिपत्तत, सपो अलिपत्तत, कनज अलिपत्तत, 16कोरह अलिपत्तत, गाताम अलिपत्तत, अमालक अलिपत्तत : एलीपजिलशयो म स, एिोम िश म य ही अलिपत्तत हए : और य ही आिा क िश म हए। 17एसाि क पत्र रूएल क िश म य हए; अथात नहत अलिपत्तत, जरह अलिपत्तत, शम्मा अलिपत्तत, त्तमज्जा अलिपत्तत : रूएलिलशयो म स, एिोम िश म स ही अलिपत्तत हए; और य ही एसाि की
पत्नी बासमत क िश म हए। 18एसाि की पत्नी ओहोलीबामा क िश म
य हए; अथात यश अलिपत्तत, यालाम अलिपत्तत, कोरह अलिपत्तत, अना की
बिी ओहोलीबामा जो एसाि की पत्नी थी उसक िश म य ही हए। 19एसाि
जो एिोम भी कहलाता ह, उसक िश य ही ह, और उनक अलिपत्तत भी य
ही हए।
वचन म उसक पत्रो और उनक पत्रो क बार म और असिक दववरर् दिया
गया ह सजनह असिपदत या घरानो क मसखया क रूप म जाना गया। इस
सची म अमालेक महत्वपर् ह, सजस स अमालदकयो की उत्पदि हई।
36:20-30 सईर जो होरी नामक जात्तत का था, उसक य पत्र उस िश म
पहल स रहत थ : लोतान, शोबाल, लशबोन, अना, 21िीशोन, एसर, और
िीशान : एिोम िश म सईर क य ही होरी जात्ततिाल अलिपत्तत हए।
22लोतान क पत्र, होरी और हमाम हए; और लोतान की बत्तहन त्ततम्ना थी।
23शोबाल क य पत्र हए : आल्िान, मानहत, एबाल, शपो, और ओनाम।
24लसिोन क य पत्र हए : अय्या, और अना; यह िही अना ह लजस को
जगल म अपन त्तपता लसबोन क गिहो को चरात चरात गरम पानी क झरन त्तमल। 25अना क िीशोन नाम पत्र हआ, और उसी अना क ओहोलीबामा
नामक
अलिपत्तत, लशबोन अलिपत्तत, अना अलिपत्तत, 30िीशोन अलिपत्तत, एसर
अलिपत्तत, िीशान अलिपत्तत; सईर िश म होरी जात्ततिाल य ही अलिपत्तत
हए। होरी जादत क सईर क पत्रो की एक सची िी गई ह सजनम स एसाव
के वेंिजोें ने दववाह दकया था। इसी तरह, उनम स कछ को असिपदतयो
के रूप मेें ििाथया गया है।
36:31-39 त्तिर जब इस्राएललयो पर त्तकसी राजा न राज्य न त्तकया था, तब
भी एिोम क िश म य राजा हए; 32बोर क पत्र बला न एिोम म राज्य त्तकया, और उसकी राजिानी का नाम त्तिधहाबा ह। 33बला क मरन पर, बोस्रात्तनिासी जरह का पत्र योबाब उसक स्थान पर राजा हआ। 34योबाब
क मरन पर तमात्तनयो क िश का त्तनिासी हशाम उसक स्थान पर राजा
हआ। 35त्तिर हशाम क मरन पर बिि का पत्र हिि उसक स्थान पर राजा
हआ : यह िही ह लजसन त्तमद्यात्तनयो को मोआब क िश म मार ललया, और उसकी राजिानी का नाम अबीत ह।
36 हिि क मरन पर मस्रकािासी सम्ला उसक स्थान पर राजा हआ।
37त्तिर सम्ला क मरन पर शाऊल जो महानि क तििाल रहोबोत नगर का
था िह उसक स्थान पर राजा हआ। 38शाऊल क मरन पर अकबोर का
पत्र बाल्हानान उसक स्थान पर राजा हआ। 39अकबोर क पत्र बाल्हानान
क मरन पर हिर उसक स्थान पर राजा हआ : और उसकी राजिानी का
नाम पाऊ ह; और उसकी पत्नी का नाम महतबल ह, जो मजाहब की नात्ततन
और मत्रि की बिी थी। एसाव की विावली म उन लोगो की सची ििाना
जारी रखती है जो बाि मेें इस्राएल मेें राजतेंत्र की स्थापना से पहले एिोम
के राजा हए।
36:40-43 एसाििलशयो क अलिपत्ततयो क कलो और स्थानो क अनसार
उनक नाम य ह : त्ततम्ना अलिपत्तत, अल्बा अलिपत्तत, यतत अलिपत्तत, 41ओहोलीबामा अलिपत्तत, एला अलिपत्तत, पीनोन अलिपत्तत, 42कनज अलिपत्तत, तमान अलिपत्तत, त्तमबसार अलिपत्तत, 43मग्िीएल अलिपत्तत, ईराम अलिपत्तत : एिोमिलशयो न जो िश अपना कर ललया था, उसक
त्तनिास–स्थानो म उनक य ही अलिपत्तत हए; एिोमी जात्तत का मूलपुरुर्ष
एसाि ह। यह अध्याय एसाव से उत्पन्न दवदभन्न असिपदतयोें के एक साराेंि
के साथ समाप्त होता है।
*****
उत्पत्ति37कासलिप्तत्तििरण: अबध्यानयाक ू बक े बच्चोपरकेदद्रतहो
जाताह ै ।अध्याय37मेअपनेईष्याथल ु भाइयोक े हाथोय ू स ु िकीकदठन परीक्षाकीकहानीपाईजातीहै।इसअध्यायकेदवभाजनयेहैें(1)पि17म े य ू स ु िक े याक ू बक े दप्रयप ुत्रहोनेकीकहानी;(2)पि8-19मेय ू स ु ि क े भाइयोद्वारा उसस े घ ृ र्ा करना;(3)पि20-27 म े य ू स ु ि कोउसक े ईष्याथल ु भाइयोद्वारािोखादियाजाना;और(4)पि28-36मेय ू स ु िका िासत्वमेेंबेचदियाजाना।
37:1-4 याक़ब तो कनान िश म रहता था, जहा उसका त्तपता परिशी होकर
रहा था। 2याक़ब क िश का ििाधत यह ह : यसि सत्रह िर्ष का होकर
अपन भाइयो क सग भड–बकररयो को चराता था; और िह लडका अपन
त्तपता की पत्नी त्तबल्हा और लजल्पा क पत्रो क सग रहा करता था; और
उनकी बराइयो का समाचार अपन त्तपता क पास पहचाया करता था।
3इस्राएल अपन सब पत्रो स बढ क यसि स प्रीत्तत रखता था, क्योत्तक िह
उसक बढाप का पत्र था : और उसन उसक ललय एक रगत्तबरगा अगरखा
बनिाया। 4परधत जब उसक भाइयो न िखा त्तक हमारा त्तपता हम सब भाइयो
स अलिक उसी स प्रीत्तत रखता ह, तब ि उसस बर करन लग और उसक
साथ ठीक स बात भी नही करत थ।
याकब हब्रोन म अपन दपता क िि म रहता रहा। सत्रह वषीय यवक क
रूप मेें, यसि अपन अनय भाइयो क साथ अपन दपता की
हआ तो वह छोटा ही था, जैसा दक उत्पदि 32:10-11 मेें बताया गया है।
स्पि ह दक इसस यसि पर गहरा प्रभाव पड़ा। उसक बड़ भाइयो का
पालन-पोषर् तब हआ था जब उनक दपता क जीवन म परमेश्वर का उतना
भय नहीें था। जैसा भी हो, उसक भाइयो म उसक प्रदत ईष्या और घर्ा क
बीज पहल ही पड़ चक थ। सचमच, “िष्ट िमी की ताक मेें रहता है। और
उसे मार डालने का यत्न करता है” (भजन 37:32)।
सजस बात ने उनकी ईष्याथ को और भी असिक बढ़ा दिया वह यह स्पि
िारर्ा थी दक उनका दपता िसर पत्रो स असिक यसि स प्रम करता था।
यह बात और भी पक्की हो गई जब यसि न उस एक रगदबरगा अगरखा
उपहार म दिया। उस यग क सामानय कामकाजी वस्त्र सािारर् और िीक
से होत थ। कपड़ म बन हए रगोवाला अगरखा महगा और सिर था।
इससलए, उसक ईष्याल भाई “उसस बर करन लग और उसक साथ ठीक
स बात भी नही करत थ।” सचमच, ईष्याथ एक बड़ा राक्षस है।
37:5-8 यसि न एक स्िप्न िखा, और अपन भाइयो स उसका िणन
त्तकया; तब ि उसस और भी द्वर्ष करन लग। 6उसन उनस कहा, जो स्िप्न
म न िखा ह, उस सनो : 7हम लोग खत म पल बाि रह ह, और क्या िखता
ह त्तक मरा पला उठकर सीिा खडा हो गया; तब तम्हार पलो न मर पल
को चारो तरि स घर ललया और उस िण्डित त्तकया। 8तब उसक भाइयो
न उसस कहा, क्या सचमच त हमार ऊपर राज्य करगा? या क्या सचमुच
त हम पर प्रभता करगा? इसललय ि उसक स्िप्नो और उसकी बातो क
कारण उसस और भी अलिक बर करन लग।
यही नहीें, यसि और उसक अनय ग्यारह भाइयो क बीच की खाई उन
भदवष्यवासर्य स्व्नोें के कारर् और भी गहरी हो गई थी जो परमेश्वर
भाइयो को समझ आ गया दक दकसी दिन उनह उसक सामन झकना होगा।
इससलए वे “उससे और भी असिक बैर करने लगे।”
37:9-11 त्तिर उसन एक और स्िप्न िखा, और अपन भाइयो स उसका
भी यो िणन त्तकया, सुनो, म न एक और स्िप्न िखा ह, त्तक सय और चधद्रमा
और ग्यारह तार मझ िण्डित कर रह ह। 10इस स्िप्न का उसन अपन
त्तपता और भाइयो स िणन त्तकया तब उसक त्तपता न उसको डाि कर कहा,
यह कसा स्िप्न ह जो त न िखा ह? क्या सचमच म और तरी माता और
तर भाई सब जाकर तर आग भत्तम पर त्तगरक िण्डित करग? 11उसक भाई
उसस डाह करत थ; पर उसक त्तपता न उसक उस िचन को स्मरण रखा।
यसि न एक और स्व्न िखा सजसम “सय और चनद्रमा और ग्यारह तार
मझ िण्डवत कर रह ह।” न कवल उसक भाइयो न उस और असिक तच्छ
जाना, बस्कक उसक दपता न भी िोसित होकर उस डाटा। व सभी उसक
स्व्न का अथथ समझ गए थे। दकसी दिन, उसका परा पररवार (उसक दपता, माता और भाई) यसि क सामन िण्डवत करगा। यद्यदप बाि म ऐसा ही
होगा, दिर भी उस समय यसि का यह दवचार उनम स दकसी को पसि
नहीें आया।
37:12-19 उसक भाई अपन त्तपता की भड–बकररयो को चरान क ललय
शकम को गए। 13तब इस्राएल न यसि स कहा, तर भाई शकम ही म
भड–बकरी चरा रह होग। इसललय जा, म तझ उनक पास भजता ह। उसन
उसस कहा, जो आज्ञा म हालज़र ह। 14उसन उसस कहा, जा, अपन भाइयो
और भड–बकररयो का हाल िख आ त्तक ि कशल स तो ह, त्तिर मर पास
समाचार ल आ। अत: उसन उसको हब्रोन की तराई म त्तििा कर त्तिया, और िह शकम म आया। 15और एक मनय न उसको मिान म इिर–उिर भिकत हए पाकर उसस पछा, त क्या ढढता ह?
16 उसन कहा, म
यसि अपन भाइयो क पीछ चला, और उधह िोतान म पाया। 18ज्योही
उधहोन उस िर स आत िखा, तो उसक त्तनकि आन क पहल ही उस मार
डालन का र्षड्यधत्र रचा। 19और ि आपस म कहन लग, िखो, िह स्िप्न
िखन िाला आ रहा ह।
इस बीच, उसके भाई पररवार की भेड़-बकररयोें को चराने िकेम ले गए।
याकब अब भी हब्रोन (हब्रोन की घाटी) क पास रह रहा था, जो उिर की
ओर लगभग साठ मील की यात्रा पर था। इससलए याकब न यसि को
बलाया दक वह उनक पास जाकर िख दक व कस ह। अपन दपता को दिए
उिर “जो आज्ञा म हासज़र ह” म यसि की आज्ञाकारी भावना स्पि ह।
यसि दनकलकर िकम क आसपास पहचा, और अपने भाइयोें के बारे मेें
पछताछ की। उस बताया गया दक व िोतान की ओर चल गए ह जो उिर
दििा म थोड़ी िरी पर था। जस ही वह दनकट आया, उनहोन िर स ही
पहचान सलया दक वह कौन ह और तरत बिला लन का षड्येंत्र रचने लगे।
न कवल उनकी ईष्या न घर्ा को जनम दिया, बस्कक घर्ा क कारर् अब
जानलवा इराि भी उत्पन्न हो गए। उसक भाइयो का िि चररत्र स्पि हो
गया। उनहोन उपहास करत हए एक-िसर स कहा, “िेखो, वह स्व्न िेखने
वाला आ रहा है।”
37:20-24 इसललय आओ, हम उसको घात करक त्तकसी गडह म डाल ि;
और यह कह िग त्तक कोई बनला पश उसको खा गया। त्तिर हम िखग त्तक
उसक स्िप्नो का क्या िल होगा। 21यह सन क रूबन न उसको उनक
हाथ स बचान क त्तिचार स कहा, हम उसको प्राण स तो न मार।
22 त्तिर रूबन न उनस कहा, लह मत बहाओ, उसको जगल क इस गडह
म डाल िो, और उस पर
यसि क भाइयो न एक षड्यत्र रचा सजसम व उस मार डालग और उस
एक सख गड्ढ म िक िग। परत सबस बड़ भाई रूबन को यसि पर कोई
्यार नहीें आया, पर दिर भी उसन दवरोि करत हए यह कहा, “हम उसको
प्रार् से तो न मारेें।” सबसे बड़ा होने के नाते, वह जानता था दक उसका
दपता उसके छोटे भाई के सलए उसे सजम्मेिार ठहराएगा। यही नहीें, हो
सकता ह दक वह दपता क साथ ररश्त को सिारना चाहता हो जो उसक
द्वारा अपन दपता की पत्नी दबकहा क साथ सबि बनान क कारर् टट गए
थ। उसकी योजना यसि को उस गड्ढे मेें से दनकालकर दिर उसे उनके
दपता क पास पहचान की थी।
उनहोेंने रूबेन की बात मान ली, यसि का सिर अगरखा उतार सलया, “और
यसि को उठाकर गड्ढे मेें डाल दिया।” (ऐसे गड्ढे सेंभवतः बाररि के
पानी को इकट्ठा करने के सलए बनाए गए हौि जैसे स्थान थे। यह बताया
गया है दक इसमेें पानी नहीें था।)
37:25-28 तब ि रोिी खान बठ गए; और आख उठाकर क्या िखा त्तक
इश्माएललयो का एक िल ऊिो पर सगधिद्रव्य, बलसान, और गधिरस
लाि हए, त्तगलाि स त्तमस्र को चला जा रहा ह। 26तब यहिा न अपन भाइयो
स कहा, अपन भाई को घात करन और उसका खन लछपान स क्या लाभ होगा?
27 आओ, हम उस इश्माएललयो क हाथ बच डाल, और अपना हाथ उस
पर न उठाए; क्योत्तक िह हमारा भाई और हमारी ही हिी और मास ह। और
उसक भाइयो न उसकी बात मान ली। 28तब त्तमद्यानी व्यापारी उिर स
होकर उनक पास पहच। अत: यसि क भाइयो न उसको उस गडह म स
खीच क बाहर
िेें। लाभ िब्ि एक रूपक स कही असिक था। यहिा न अपन भाई को
िास क रूप म बचन म लाभ की गजाईि िखी। यह उसकी िया नही थी।
बस्कक वह तो अपने भाई के बिले लाभ कमाना चाहता था।
त्तमद्यानी व्यापाररयो के उल्लेख को समझना सरल है। वे दमस्र की ओर
जानवाल बड़ िल का दहस्सा थ। व इश्माएसलयो स अलग एक समह थ, लेदकन कयोेंदक िोनोें एक साथ यात्रा कर रहे थे, इससलए उनका उल्लेख एक
िसर क स्थान पर दकया गया ह। अतः यसि को इश्माएसलयो क हाथ चािी क बीस टकड़ो म बच दिया गया।
37:29-30 रूबन न गडह पर लौिकर क्या िखा त्तक यसि गडह म नही
ह; इसललय उसन अपन िस्त्र िाड, 30और अपन भाइयो क पास लौिकर
कहन लगा, लडका तो नही ह; अब म त्तकिर जाऊ? स्पि ह दक यसि को
गड्ढ म िकन क बाि रूबन चला गया था। यहिी परपरा कहती ह दक
वह इस इराि क साथ चला गया था दक रात को लौटकर यसि को वहा
से दनकाल लेगा। जब वह वापस लौटा, तो यसि जा चका था और रूबन
इतना परिान हआ दक उसन अपन वस्त्र िाड़ डाल, जो मध्य-पव म बड़
सेंकट को ििाथता है।
37:31-35 तब उधहोन यसि का अगरखा ललया, और एक बकर को मार
क उसक लह म उस डबा त्तिया। 32और उधहोन उस रगत्तबरग अगरख को
अपन त्तपता क पास भजकर कहला त्तिया, यह हम को त्तमला ह, अत:
िखकर पत्तहचान ल त्तक यह तर पत्र का अगरखा ह त्तक नही। 33उसन
उसको पत्तहचान ललया और कहा, हा, यह मर ही पत्र का अगरखा ह; त्तकसी
िि पश न उसको खा ललया ह; त्तन:सधिह यसि िाड डाला गया ह। 34तब
याक़ब न अपन िस्त्र िाड और कमर म िाि लपिा, और अपन पत्र क
ललय बहत त्तिनो तक त्तिलाप करता
उसक भाइयो न एक कहानी गढ़ी दक कस एक जगली जानवर न यसि
को मार डाला होगा। उनहोेंने उसका अेंगरखा सलया और उसे एक बकरी
क बच्च क लह म डबो दिया सजस उनहोन मार डाला था। हब्रोन म घर लौटन
पर, उनहोन याकब स पछा दक कया यह उसक बट का अगरखा ह। उनकी
दनष्ठरता इस बात स स्पि ह दक व यसि को अपन भाई क रूप म भी
सेंबोसित नहीें कर रहे थे, व उस कवल अपन दपता का पत्र कह रह थ।
अेंगरखे के बारे मेें जानकर और यह मानकर (जैसी दक उनहेें उम्मीि थी)
दक दकसी जगली जानवर (िर या भाल) न उस मार डाला है, याकब िखी
हआ। उसकी बदटयो द्वारा उस िादत िन की कोसिि का उल्लख उनकी
बहओ क दवषय म हो सकता ह। याकब को िादत िन क उसक पर पररवार
क प्रयास क बावजि, उसे िाेंदत नहीें दमली। “इस प्रकार उसका दपता
उसके सलये रोता ही रहा।”
37:36 इस बीच त्तमद्यात्तनयो न यसि को त्तमस्र म ल जाकर पोतीपर नामक
त्त़िरौन क एक हात्तकम और अगरिको क प्रिान क हाथ बच डाला। इस
बीच, दमद्यादनयोें ने, जो इश्माएसलयोें के िल का दहस्सा थे, यसि को
पोतीपर के हाथ एक िास के रूप मेें बेच दिया; पोतीपर दफ़रौन का एक
हादकम और अेंगरक्षकोें का प्रिान था। अेंगरक्षकोें का प्रिान िायि दफ़रौन
क अगरक्षको क रूप म दनयि दवसिि समह को ििाता ह।
उत्पत्ति38काकासलिप्तत्तििरण: उत्पदिकाअध्याय38दनरेंतरचल रहीकहानीक े बीचमेरखागयाएककोष्ठकअध्यायहै।यहयह ू िाक े
अनैदतकआचरर्औरउसकेकड़वेपररर्ामोकाव ृिातह ै ।
38:1-6 उधही त्तिनो म ऐसा हआ त्तक यहिा अपन भाइयो क पास स चला गया, और हीरा नामक एक अिल्लामिासी
और उसक एक पत्र और उत्पन्न हआ, और उसका नाम ओनान रखा गया।
5त्तिर उसक एक पत्र और उत्पन्न हआ, और उसका नाम शला रखा गया; और लजस समय इसका जधम हआ उस समय यहिा कजीब म रहता था।
6और यहिा न तामार नाम की एक स्त्री स अपन जठ एर का त्तििाह कर
त्तिया।
अब ध्यान अस्थायी रूप स यहिा क अिमी व्यवहार पर कदद्रत हो जाता
है। वह अपने भाइयो को छोड़कर अिकलाम नामक नगर मेें रहने चला गया
और वहा हीरा नामक व्यदि स दमत्रता कर ली। वहा यहिा एक स्त्री जो
िआ की बटी थी, “उसके पास गया।” यह स्पि नहीें है दक उसने उससे
दववाह दकया था या केवल ‘बातचीत करके’ सेंबेंि स्थादपत दकया था।
सेंभावना बाि वाली असिक प्रतीत होती है। जैसा भी हो, वह एक कनानी स्त्री थी। समय के साथ-साथ, उसन यहिा स तीन पत्रो को जनम दिया, एर, ओनानऔरिेला।जैसे-जस व वयस्क हए, जैसा दक मध्य-पवी रीदत थी, यहिा न अपन पहल पत्र क सलए एक पत्नी क रूप म एक स्त्री को चना।
उसका नाम तामार था।
38:7-10 परधत यहिा का िह जठा एर यहोिा क लख म िि था, इसललय
यहोिा न उसको मार डाला। 8तब यहिा न ओनान स कहा, अपनी भौजाई
क पास जा, और उसक साथ ििर का िम परा करक अपन भाई क ललय
सधतान उत्पन्न कर। 9ओनान जानता था त्तक सधतान मरी न ठहरगी; इसललय
ऐसा हआ त्तक जब िह अपनी भौजाई क पास गया, तब उसन भत्तम पर िीय
त्तगराकर नाश त्तकया, लजसस ऐसा न हो त्तक उसक भाई क नाम स िश चल।
10यह काम जो उसन त्तकया उसस यहोिा अप्रसन्न हआ; और उसन उसको
भी मार डाला।
चौेंका िेनेवाली स्पिवादिता मेें, पदवत्रिास्त्र
समलैेंदगकता थी सजसके कारर् उसके कोई सेंतान नहीें थी। जैसा भी हो, उसका पाप इतना भयेंकर था दक परमेश्वर ने उसे मार डाला!
जैसी दक मध्य-पवी रीदत थी (इस बाि म व्यवस्थादववरर् 25:5 म मसा
की व्यवस्था मेें िादमल दकया गया), यहिा न अपन िसर बट ओनान स
आग्रह दकया दक वह अपनी दविवा भाभी से िािी कर ले तादक वह अपने
पहल पदत क नाम पर बच्चो को जनम ि सक। परत ओनान जानता था दक
“सनतान मरी न ठहरगी।” वह जानता था दक इस दववाह स पिा हए हर
बच्चे को उसके भाई का नाम दिया जाएगा। इससलये, “जब वह अपनी
भौजाई के पास गया, तब उसन भदम पर वीय दगराकर नाि दकया, सजससे
ऐसा न हो दक उसके भाई के नाम से वेंि चले।” अेंग्रेजी के दकेंग जेम्स
अनवाि मेें दनदहत सामानय अथथ यह है दक कैसे उसने अपनी नई पत्नी के
साथ सबि बनात हए योदन म वीयपात करन क बजाय जमीन पर कर
दिया।
परत इस लख का िास्ब्िक अथ यह ह, ‘उसन भदम पर वीय दगराकर नाि
दकया।’ अथ यहा दकसी प्रकार क गभपात का हो सकता ह। जसा भी हो, उसने अपने भाई की पत्नी का िायिा उठाया, अपने दपता के दनिेिोें की
उपेक्षा की, और सेंक्षेप मेें कहेें तो उसने दवद्रोह दकया। उसका पाप जो भी
हो, यह इतना भयेंकर था दक यहोवा ने “उसको भी मार डाला।”
अथ यहा स्पि ह दक मत्य तक ल जानवाला पाप भी होता ह। परमेश्वर
उस व्यदि का जीवन ले सकता है सजसका पाप उसके उद्देश्य को दबगाड़
िता ह। याि रखन योग्य िसरा पहल इसका बड़ा सिभ ह।
एर और ओनान िोनो याकब क पोत थ सजसस परमेश्वर ने एक जादत बनाने
का उद्देश्य
38:11-13 तब यहिा न इस डर क मार त्तक कही ऐसा न हो त्तक अपन
भाइयो क समान शला भी मर, अपनी बह तामार स कहा, जब तक मरा पत्र
शला लसयाना न हो जाए तब तक अपन त्तपता क घर म त्तिििा ही बठी रह।
इसललय तामार अपन त्तपता क घर म जाकर रहन लगी।
12 बहत समय क बीतन पर यहिा की पत्नी जो शआ की बिी थी, िह मर गई; त्तिर यहिा शोक क त्तिन बीतन पर अपन त्तमत्र हीरा अिल्लामिासी
समत अपनी भड–बकररयो का ऊन कतरनिालो क पास त्ततम्नाथ को गया।
13और तामार को यह समाचार त्तमला, तरा ससर अपनी भड–बकररयो का
ऊन कतरान क ललय त्ततम्नाथ को जा रहा ह।
तब यहिा न अपनी बह तामार स कहा दक वह िला क दववाह योग्य होन
तक प्रतीक्षा करे, दिर वह उसका दववाह उससे करा िेगा। वह सहमत हो
गई। इस बीच, यहिा की पत्नी की मत्य हो गई। (इस बात पर ध्यान दिया
जाना चादहए दक वह िआ की बटी थी, न दक स्वय िआ थी। वह अपने
दपता के नाम से जानी जाती थी।) दिर िोक के सलए दनिाथररत समय के
बाि, यहिा अपन दमत्र हीरा क साथ अपनी भड़ो का ऊन कतरवान क सलए
उस नगर स दनकलकर दतम्नाथ को चला गया। स्पि अथ यहा यह ह दक
यद्यदप यहिा न अपन सबस छोट बट िला का दववाह तामार स करवान
का वािा दकया था, दिर भी उसने ऐसा नहीें दकया।
38:14-18 तब उसन यह सोचकर त्तक शला लसयाना तो हो गया पर म
उसकी स्त्री नही होन पाई; अपना त्तिििापन का पत्तहरािा उतारा और घघि डालकर अपन को ढाप ललया, और एनम नगर क िािक क पास, जो
त्ततम्नाथ क माग म ह, जा बठी। 15जब यहिा न उसको िखा, उसन उसको
िश्या समझा; क्योत्तक िह अपना मह ढाप हए थी।
16 िह
कहा, भला उसक भजन तक क्या त हमार पास कछ रहन रख जाएगा?
18उसन पछा, म तर पास क्या रहन रख जाऊ? उसन कहा, अपनी मुहर, और बाजूबधि, और अपन हाथ की छडी। तब उसन उसको ि िस्तए ि
िी, और उसक पास गया, और िह उसस गभिती हई।
अब तामार ने, बड़ी दनरािा और िायि द्वेष मेें आकर, दवषयोें को अपने
तरीक स सलझान का िसला दकया। उसन भष बिलकर एक आम वश्या
का रूप सलया। (घघट का उल्लख दकसी वश्या ही को नही ििाता कयोदक
उस समय की असिकाि स्स्त्रया सावजदनक रूप स ऐस ही वस्त्र पहनती
थी। हा, इससे उसकी पहचान जरूर सछप गई।) सजस तरह से वह एक आम
रास्ते पर बैठी और सजस तरह से उसने अपना भेष बिला, उसने यही ििाथया
दक वह वेश्या के कायथ के सलए तैयार थी। जैसी दक उसे आिा थी, यहिा
आया और उसने उसे वेश्या समझा। इससलए उसने उसे प्रस्ताव दिया और
वह सैद्ाेंदतक रूप से सहमत हो गई।
यहिा उस काय क सलए उस एक बकरी का बच्चा िन को तयार हो गया।
परत उसन उस समय क िौरान कछ दगरवी रखन पर जोर दिया। इससलए
वह उसक पास अपनी महर, बाजबि और छड़ी रखन क सलए मान गया,
जब तक दक वह उसके सलए बकरी का बच्चा नहीें भेज िेता। कयोेंदक उसने
अपना चेहरा ढक रखा था, इससलए यहिा नही जान पाया दक वह कौन है।
अतः वह उसस गभवती हई। िोनो व्यदभचार क िोषी थ।
38:19-23 तब िह उठकर चली गई, और अपना घघि उतार क अपना
त्तिििापन का पत्तहरािा त्तिर पत्तहन ललया। 20तब यहिा न बकरी का एक
बच्चा अपन त्तमत्र उस अिल्लामिासी क हाथ भज त्तिया त्तक िह रहन रखी
हई िस्तए उस स्त्री क हाथ स
कहा, अच्छा, िह बधिक उसी क पास रहन ि, नही तो हम लोग तच्छ
त्तगन जाएग; िख, म न बकरी का यह बच्चा भज त्तिया था, पर िह तझ नही त्तमली।
इसक बाि तामार न दिर स दविवा क वस्त्र पहन सलए। यहिा न अपनी
दगरवी रखी वस्तओ को वापस लन क सलए वश्या को खोजन का प्रयास
दकया। लेदकन उस क्षेत्र मेें उस वेश्या के बारे मेें कोई नहीें जानता था। अतः
ऐसा लगा जस दक यहिा को एक वश्या न उसकी सहमदत स कही असिक
रकम लकर लट सलया हो।
38:24-26 लगभग तीन महीन क बाि यहिा को यह समाचार त्तमला, तरी
बह तामार न व्यत्तभचार त्तकया ह; िरन िह व्यत्तभचार स गभिती भी हो गई
ह। तब यहिा न कहा, उसको बाहर ल आओ त्तक िह जलाई जाए। 25जब
उस बाहर त्तनकाला जा रहा था तब उसन अपन ससर क पास यह कहला
भजा, लजस परुर्ष की य िस्तए ह, उसी स म गभिती ह, त्तिर उसन यह भी
कहलाया, पत्तहचान तो सही त्तक यह मुहर, और बाजूबधि, और छडी
त्तकसकी ह। 26यहिा न उधह पत्तहचानकर कहा, िह तो मझ स कम िोर्षी
ह; क्योत्तक म न उसका अपन पत्र शला स त्तििाह न त्तकया। और उसन
उसस त्तिर कभी प्रसग न त्तकया।
इसके तीन महीने बाि, यहिा को पता चला दक तामार गभवती थी। उसन
िोसित होकर उस जला डालन की आज्ञा िी। परत जब उसस पछा गया
तो उसने बस इतना कहा, “सजस परुष की य वस्तए ह, उसी से मैें गभथवती
ह, दिर उसने यह भी कहलाया, पदहचान तो सही दक यह महर, और
बाजबनि, और छड़ी दकसकी ह।” यहिा का पाप और दवश्वासघात
खलकर सामन आ गया। वह कवल यह स्वीकार कर सका दक “वह तो
मझ स कम िोषी ह।” वह िला को उसक पदत क रूप म िन क अपन
वािे से पीछे हट गया था। जैसा भी हो, उसने सेंतान उत्पन्न करने की अपनी
इच्छा परी कर ली थी।
38:27-30 जब उसक जनन का समय आया, तब यह जान पडा त्तक उसक
गभ म जडि बच्च ह। 28और जब िह जनन लगी तब एक बालक का
हाथ बाहर आया, और िाय न लाल सत लकर उसक हाथ म यह कहत
हए बाि त्तिया, पहल यही उत्पन्न हआ। 29जब उसन हाथ समि ललया, तब
उसका भाई उत्पन्न हो गया। तब उस िाय न कहा, त क्यो बरबस त्तनकल
आया ह? इसललय उसका नाम परस रखा गया। 30पीछ उसका भाई लजसक
हाथ म लाल सत बधिा था उत्पन्न हआ, और उसका नाम जरह रखा गया।
जब समय परा हआ, तो तामार न जड़वा बच्चो को जनम दिया। जनम क
समय, पहल न अपना हाथ बाहर दनकाला। तभी एक िाई न तरत उसकी
कलाई पर लाल रेंग का एक िागा बाि दिया, यह पहचानने के सलए दक
दकसका जनम पहल हो रहा ह। परत तभी िसर बच्च का जनम पहल हो
गया। इससलए उनहोेंने उस बच्चे का नाम पेरेस रखा, सजसका अथथ है
‘अदतिमर्’ कयोदक उसन अपन भाई का स्थान ल सलया था। िसर पत्र का
नाम जरह रखा गया। इस प्रकार यहिा िो पत्रो, पेरेस और जेरह का दपता
बना।
उत्पत्ति39 कासलिप्तत्तििरण: दमस्रमेय ू स ुिकीकहानीदिरसेि ु रू
होतीहै। य ू स ु ि और पोतीपर कीपत्नीकीकहानीका वर् थ न दकया ह ै
सजसक े अतम े य ू स ु िकोबिीगृहम ेडालदियाजाताहै।
39:1-6 जब यसि त्तमस्र म पहचाया गया, तब पोतीपर नामक एक त्तमस्री न
जो त्त़िरौन का हात्तकम और अगरिको का प्रिान था, उसको इश्माएललयो
क हाथ स, जो उस िहा ल गए थ, मोल ललया। 2यसि अपन त्तमस्री स्िामी
क घर म रहता था, और यहोिा
करन क ललय त्तनयक्त त्तकया गया; त्तिर उसन उसको अपन घर का
अलिकारी बनाक अपना सब कछ उसक हाथ म सौप त्तिया।
5 जब स उसन उसको अपन घर का और अपनी सारी सम्पत्ति का
अलिकारी बनाया, तब स यहोिा यसि क कारण उस त्तमस्री क घर पर
आशीर्ष िन लगा; और क्या घर म, क्या मिान म, उसका जो कुछ था सब
पर यहोिा की आशीर्ष होन लगी। 6इसललय उसन अपना सब कछ यसि क हाथ म यहा तक छोड त्तिया त्तक अपन खान की रोिी को छोड, िह अपनी सम्पत्ति का हाल कछ न जानता था। यसि सधिर और रूपिान था। कहानी दमस्र म दिर स यसि की ओर मड़ती ह। यहा यह बताया गया ह दक उसे इश्माएसलयोें द्वारा पोतीपर के हाथ बेच दिया गया। (दिर से, इश्माएसलयोें और दमद्यादनयोें का उल्लेख एक-िसर क स्थान पर दकया गया है कयोेंदक वे िोनोें एक ही िल मेें थे। पि 37:25, 28, 36 िेखेें।) पोतीपर के एक असिकारी होने के उल्लेख मेें एक खोजा होने का भी अथथ हो सकता
है, हालादक ऐसा नहीें प्रतीत नहीें होता कयोेंदक वह दववादहत व्यदि था।
परत यदि सचमच ऐसा था, तो इससे उसकी पत्नी का व्यवहार समझ मेें
आता है।
जैसा भी हो, परमेश्वर न यसि को आिीष िी। यद्यदप उसन िादमकता क
सलए कि सहा, दिर भी परमेश्वर न उस समद् करक और ऊचा उठाकर
आिीष िी। सचमच, परमेश्वर िदमथयोें को आिीष िेता है। भजन 5:12
िेखेें। यही नहीें, परमेश्वर न यसि क कारर् पोतीपर को भी आिीष िी
और उस समद् दकया। यहा पि 30:27 क साथ समानता पर ध्यान ि।
39:7-10 इन बातो क पश्चात ऐसा हआ त्तक उसक स्िामी की पत्नी न
यसि की ओर
कोई नही, और उसन तझ छोड, जो उसकी पत्नी ह, मझ स कछ नही रख
छोडा, इसललय भला, म ऐसी बडी ििता करक परमश्िर का अपरािी
क्यो बन?
10 और ऐसा हआ त्तक िह प्रत्ततत्तिन यसि स बात करती रही, पर उसन उसकी न मानी त्तक उसक पास लि या उसक सग रह।
स्पि ह दक श्रीमती पोतीपर न इस बात पर ध्यान दिया था दक यसि क
कारर् परमेश्वर ने उनहेें आिीष िी है। इससलए उसने उसे अपने साथ
व्यदभचार करने के सलए बहकाने की कोसिि की। पर उसने इनकार कर
दिया। उसने ईमानिारी से कहा दक ऐसा करके वह उसके दवरुद् पाप करेगा
सजसन उस इतना कछ सौपा ह। यही नही, आसखरकार यह पाप परमेश्वर
के दवरुद् होगा, जैसा दक व्यदभचार परमेश्वर के दवरुद् पाप है।
यसि का िमी, नैदतक चररत्र स्पि है। दमस्र के एक उच्च पिवाले
की पत्नी के रूप मेें, यह माना जा सकता है दक वह एक आकषथक स्त्री रही
होगी। इसके अलावा, यह भी समझा जा सकता ह दक उसन यसि को
लभान क प्रयास म दनलज्ज वस्त्र पहनकर रख होग जब वह दिन-प्रदत-दिन
उस लभान की कोसिि करती थी। यसि िढ़ बना रहा। इससलए वह
बसद्मानीपवक उसक दनकट जान स बचता रहा।
39:11-18 एक त्तिन क्या हआ त्तक यसि अपना काम–काज करन क ललय
घर म गया, और घर क सिको म स कोई भी घर क अधिर न था। 12तब
उस स्त्री न उसका िस्त्र पकडकर कहा, मर साथ सो, पर िह अपना िस्त्र
उसक हाथ म छोडकर भागा और बाहर त्तनकल गया। 13यह िखकर त्तक
िह अपना िस्त्र मर हाथ म छोडकर बाहर भाग गया, 14उस स्त्री न अपन
घर क सिको को बलाकर कहा, िखो, िह एक इब्री मनुय को हमारा
त्ततरस्कार करन क ललय हमार पास ल आया ह। िह तो मर साथ सोन क
मतलब स मर पास अधिर आया था, और म ऊच स्िर स लचल्ला उठी।
भागा, और बाहर त्तनकल गया। 16और िह उसका िस्त्र उसक स्िामी क
घर आन तक अपन पास रख रही। 17तब उसन उसस इस प्रकार की बात
कही, िह इब्री िास लजसको त हमार पास ल आया ह, िह मझ स हसी
करन क ललय मर पास आया था; 18और जब म ऊच स्िर स लचल्ला उठी, तब िह अपना िस्त्र मर पास छोडकर बाहर भाग गया।
यसि को बहकान क अपन व्यदभचारपर् प्रयास म असिल रहन पर, श्रीमती पोतीपर न अब यसि स बिला लन का दनर्य दकया। जब वह
अपना कामकाज करने के सलए गया, तो उसने एक बार दिर से उसका
कपड़ा पकड़कर उस लभान की कोसिि की। इस बार यसि अपना बाहरी
वस्त्र उसक हाथ म छोड़कर ही भाग गया। तब उसन घर क अनय परुषो
को बलाया और यसि पर उसका यौन िोषर् करन की कोसिि करन का
आरोप लगाया। उसन दनिोष होन का ढोग करत हए सबत क तौर पर
उसका कपड़ा दिखाया। जब उसका पदत घर आया, तो उसने िोसित
होकर यसि पर आरोप लगाए।
39:19-23 अपनी पत्नी की य बात सनकर त्तक तर िास न मझ स ऐसा ऐसा
काम त्तकया, यसि क स्िामी का कोप भडका। 20और यसि क स्िामी
न उसको पकडकर बधिीगह म, जहा राजा क किी बधि थ, डलिा त्तिया; अत: िह उस बधिीगह म रहा।
21 पर यहोिा यसि क सग सग रहा और उस पर करुणा की, और
बधिीगह क िारोगा क अनग्रह की िष्ि उस पर हई। 22इसललय बधिीगह
क िारोगा न उन सब बष्धियो को, जो कारागार म थ, यसि क हाथ म सौप त्तिया; और जो जो काम ि िहा करत थ, िह उसी की आज्ञा
इस प्रकार पोतीपर न यसि को “बनिीगह म, जहा राजा क किी बनि थ, डलवा दिया; अत: वह उस बनिीगह म रहा।” दिर भी “यहोवा यसि क
सेंग सेंग रहा और उस पर करुर्ा की, और बनिीगह क िारोगा क अनग्रह
की िस्ष्ट उस पर हई।” बिीगह क िारोगा न यसि को असिकारी बनाकर
उसको ऊचा उठाया। वह िीघ्र ही बिीगह का प्रभारी बन गया। इस प्रकार
रखवाल न पर बिीगह की दनगरानी यसि को सौप िी, “कयोेंदक यहोवा
यसि क साथ था; और जो कछ वह करता था, यहोवा उसको उसमेें
सिलता िेता था।”
कई बात यहा स्पि ह। (1) सचमच, सब बातेें दमलकर भलाई उत्पन्न कर
रही थीें। परमेश्वर क पास यसि और उसक पररवार क सलए एक बड़ी
योजना थी। बिीगह म रहना उसी योजना की तयारी का एक दहस्सा था।
(2) परमेश्वर ने कभी वािा नहीें दकया दक मसीही जीवन दबना परेिादनयोें
का होगा। परत उसन परिादनयो क िौरान रक्षा करन का वािा दकया ह।
उत्पत्ति40कासलिप्तत्तििरण:सप ू र् थ बाइबलम ेरोदमयो8:28कासबसे
स ुिरसचत्रर्यहााँप्रकटहोताहै।य ू स ु िक े जीवनमेजोपरेिादनयााँआई
थीें , वेउसकेजीवनकेसलएपरमेश्वरकीएकबड़ीयोजनाकादहस्साथीें।
सचम ु चसम्मानस े पहल ेिीनताआतीहै।यहअध्यायय ू स ु िक े कारावास
कादववरर्ि ुरूकरताह ै ।
40:1-4 इन बातो क पश्चात ऐसा हआ, त्तक त्तमस्र क राजा क त्तपलानहार
और पकानहार न अपन स्िामी क त्तिरुि कछ अपराि त्तकया। 2तब त्त़िरौन
न अपन उन िोनो हात्तकमो, अथात त्तपलानहारो क प्रिान, और पकानहारो
क प्रिान, पर क्रोलित
यहा बताया गया ह दक दफ़रौन क दपलानहार क प्रिान और पकानेहारे के
प्रिान ने उसे िोसित दकया। अपने िोि मेें, उसन िोनो को “उसी बनिीगह
मेें, जहा यसि बनिी था, डलवा दिया।” यही नहीें, यसि को बिीगह क
दनरीक्षक क रूप म उनका प्रभारी दनयि दकया गया। क ु छदिनतक के
अदतररि उनक वहा रहन क समय का वर्न नही दकया गया ह।
40:5-8 त्तमस्र क राजा का त्तपलानहारा और पकानहारा, बधिीगह म बधि
थ, उन िोनो न एक ही रात म, अपन अपन होनहार क अनसार स्िप्न िखा।
6सबर जब यसि उनक पास अधिर गया, तब उन पर उसन जो िष्ि की
तो क्या िखता ह त्तक ि उिास ह। 7इसललय उसन त्त़िरौन क उन हात्तकमो
स, जो उसक साथ उसक स्िामी क घर क बधिीगह म थ, पूछा, आज
तम्हार मह क्यो उिास ह?
8 उधहोन उसस कहा, हम िोनो न स्िप्न िखा ह, और उनक िल का
बतानिाला कोई भी नही। यसि न उनस कहा, क्या स्िप्नो का िल कहना
परमश्िर का काम नही ह? मझ अपना अपना स्िप्न बताओ।
कछ समय क बाि (स्पि तौर पर तब जब उनह यसि पर भरोसा हो गया), दपलानेहारे और पकानेहारे िोनोें ने एक रात स्व्न िेखे सजनके कारर् वे
परिान हो गए। व ऐस समय म रहत थ जब स्व्नो को महत्वपर् माना
जाता था और इससलए वे स्पि रूप से उिास थे। जब यसि न उनस पछा, तो उनहोेंने उसे बताया दक उनह कया बात परिान कर रही ह। यसि न सही
बात कही, “कया स्व्नोें का िल कहना परमेश्वर का काम नहीें है? मझ अपना अपना स्व्न बताओ।”
40:9-11 तब त्तपलानहारो का प्रिान अपना स्िप्न यसि को यो बतान लगा
: म न स्िप्न म िखा त्तक मर सामन एक िाखलता ह;
तब प्रिान दपलानहार न यसि को अपना स्व्न बताया। एक िाखलता मेें
तीन डासलया थी। जब उनम कसलया िटी, तो व िली और उनम पक हए
अगर लग। तब उसन अगर सलए, और उनहेें दनचोड़कर उसका रस दफ़रौन
के ्याले मेें डाला।
40:12-15 तब यसि न उसस कहा, इसका िल यह ह : तीन डाललयो का
अथ तीन त्तिन ह; 13इसललय अब स तीन त्तिन क भीतर त्त़िरौन तरा लसर
ऊचा करगा, और त्तिर स तर पि पर तझ त्तनयक्त करगा, और त पहल क
समान त्त़िरौन का त्तपलानहारा होकर उसका किोरा उसक हाथ म त्तिर त्तिया
करगा। 14अत: जब तरा भला हो जाए तब मझ स्मरण करना, और मुझ पर
कपा करक त्त़िरौन स मरी चचा चलाना, और इस घर स मझ छडिा िना।
15क्योत्तक सचमच इब्रात्तनयो क िश स मझ चरा कर लाया गया ह; और
यहा भी म न कोई ऐसा काम नही त्तकया, लजसक कारण म इस कारागार म
डाला जाऊ।
यसि न उस स्व्न का यह अथ बताया : तीन डासलया तीन दिन हैें सजनके
बाि दफ़रौन दिर स उस उसक पि पर दनयि करक उसक ससर को ऊ ाँ चा
करेगा (अथात उस पनस्थादपत करगा)। वह एक बार दिर राजा का
दपलानेहारा बनकर लौटेगा।
तब यसि न याचना करत हए दपलानहार स आग्रह दकया दक वह उसक
साथ ियापर् व्यवहार कर और दफ़रौन को उसकी िििा क बार म बताए।
उसने बताया दक वास्तवमेें उसे इब्रादनयोें के िि स चरा लाया गया था और दमस्र मेें उसने कारावास मेें रहने योग्य कोई
प्रिान पकानहार न जब यसि द्वारा अपन साथी क स्व्न की अच्छी
व्याख्या सनी, तो उसे अपना स्व्न भी बताया। उसके ससर पर तीन सिेि
टोकररया थी। सबस ऊपर की टोकरी म सब प्रकार की पकी पकाई िस्तए
थीें; तब और पक्षी आए और उसक ससर पर रखी टोकरी स उन वस्तओ
को खा गए।
40:18-19 यसि न कहा, इसका िल यह ह : तीन िोकररयो का अथ तीन
त्तिन ह। 19अब स तीन त्तिन क भीतर त्त़िरौन तरा लसर कििाकर तझ एक
िि पर िगिा िगा, और पिी तर मास को नोच नोच कर खाएग। यसि
न स्व्न का यह अथ बताया। तीन टोकररया भी तीन दिन हैें और उसके
बाि दफ़रौन उसका ससर कटवाकर उसके िव को एक पेड़ से लटका िेगा।
तब पक्षी आएग और वहा लटक उसक िव का मास खाएग।
40:20-23 तीसर त्तिन त्त़िरौन का जधमत्तिन था, उसन अपन सब कमचाररयो
को भोज त्तिया, और उनम स त्तपलानहारो क प्रिान और पकानहारो क
प्रिान िोनो को बधिीगह स त्तनकलिाया।
21त्तपलानहारो क प्रिान को तो
त्तपलानहार क पि पर त्तिर स त्तनयक्त त्तकया, और िह त्त़िरौन क हाथ म
किोरा िन लगा।
22 पर पकानहारो क प्रिान को उसन िगिा त्तिया, जसा त्तक यसि न उनक
स्िप्नो का िल उनस कहा था। 23त्तिर भी त्तपलानहारो क प्रिान न यसि
को स्मरण न रखा; परधत उस भल गया।
यसि द्वारा बताए गए िोनो स्व्नो क अथ सच दनकल। तीन दिन बाि
(दफ़रौन क जनमदिन पर) दपलानहार को उसक पि पर पनस्थादपत कर
दिया गया। वह राजा का दपलानेहारा बनकर लौट आया। वहीें, पकानेहारे को ल जाकर ठीक वस ही लटका दिया गया जसा यसि न पहल स बताया था। यद्यदप एक बार मेें
उत्पत्ति41कासलिप्तत्तििरण:य ू स ुिकीकहानीपि1-13मेें(1)दफ़रौन के परेिानकरनेवालेस्व्न,(2) पि 14-44 म े य ू स ु ि द्वारा स्व्नकी
व्याख्याऔर उसक े ऊ ाँ च े उठाएजान े ;(3)औरपि45-57मेय ू स ु िकी पत्नीऔरप ु त्रक े साथजारीरहतीहै।
41:1-4 पर िो िर्ष बीतन पर त्त़िरौन न यह स्िप्न िखा त्तक िह नील निी क त्तकनार खडा ह। 2और उस निी म स सात सधिर और मोिी मोिी गाय त्तनकलकर कछार की घास चरन लगी। 3और, क्या िखा त्तक उनक पीछ
और सात गाय, जो करूप और िबल ह, निी स त्तनकली, और िसरी गायो
क त्तनकि निी क ति पर जा खडी हईं। 4तब य करूप और िबल गाय उन
सात सधिर और मोिी मोिी गायो को खा गईं। तब त्त़िरौन जाग उठा।
पर िो वषथ बीत जाने के बाि दफ़रौन ने स्वयें परेिान करनेवाले स्व्न िेखे।
पहले स्व्न मेें, नील निी स सात “सनिर और मोटी मोटी गाय दनकलकर
कछार की घास चरने लगीें।” इसके बाि सात अनय गायेें निी से बाहर
आईं। परत य “करूप और िबल” थी। व निी क दकनार खड़ी थी। “सनिर
और मोटी मोटी” का िास्ब्िक अथथ अच्छी दिखनेवाली और मोटी-ताज़ी
ह। करूप और िबल गाय िास्ब्िक रूप स भद्दी दिखनवाली और िबलीपतली ह। िबली-पतली गायोें ने मोटी-ताज़ी सात गायोें को खा सलया, सजसके बाि दफ़रौन जाग गया।
41:5-7 और िह त्तिर सो गया और िसरा स्िप्न िखा त्तक एक डठल म स
सात मोिी और अच्छी अच्छी बाल त्तनकली। 6और, क्या िखा त्तक उनक
पीछ सात बाल पतली और परिाई स मरझाई हई त्तनकली। 7और इन पतली
बालो न उन सातो मोिी और अन्न
का िास्ब्िक अथथ ‘अनाज की बालेें’ है) दिखाई िीें। मोिी क रूप म अनदित
िब्ि (बाओरी इसी का अनवाि पि 2 मेें ‘मोटी मोटी’ के रूप मेें दकया
गया है।) मेें दिर से बलवान का भाव है। दिर “उनके पीछे सात बालेें पतली
और परवाई स मरझाई हई दनकली।” दवचार यहा अनाज की उन सात
बालोें का है जो छोटी और कमजोर थीें, तथा सीनै के रेदगस्तान से
चलनवाली गम परवाई स झलस गई थी। इन सात पतली बालो न अनाज
की मोटी बालोें को दनगल सलया। इसके बाि, दफ़रौन एक बार दिर जाग
गया, और उस एहसास हआ दक यह एक स्व्न था।
41:8 भोर को त्त़िरौन का मन व्याकल हआ और उसन त्तमस्र क सब
ज्योत्ततत्तर्षयो और पष्ण्डतो को बलिा भजा; और उनको अपन स्िप्न बताए; पर उनम स कोई भी उनका िल त्त़िरौन को न बता सका। अतः राजा सबह
उठते ही परेिान हो गया। उसने दमस्र के ज्योदतदषयोें और पस्ण्डतोें को
बलवाया। परत कोई भी उसक स्व्न का अथ नही बता सका। ज्योत्ततत्तर्षयो
क रूप म अनदित िब्ि (चाटोम) म ‘भावी कहनवाल,’ ‘ओझा,’ या
‘मनोदवज्ञानी’ का भाव है।
41:9-13 तब त्तपलानहारो का प्रिान त्त़िरौन स बोल उठा, मर अपराि आज
मझ स्मरण आए : 10जब त्त़िरौन अपन िासो स क्रोलित हआ था, और मझ
और पकानहारो क प्रिान को क़ि कराक अगरिको क प्रिान क घर क
बधिीगह म डाल त्तिया था; 11तब हम िोनो न एक ही रात म अपन अपन
होनहार क अनसार स्िप्न िखा।
12 िहा हमार साथ एक इब्री जिान था, जो अगरिको क प्रिान का िास
था; अत: हम न उसको बताया और उसन हमार स्िप्नो का िल हम स
कहा, हम म स एक एक क स्िप्न का िल उसन बता त्तिया। 13और जसा
जसा िल उसन हम स कहा था, िसा ही हआ भी, अथात मझ को तो
उसे और उसके साथी पकानेहार को कई वष पहल बिीगह म डाल दिया
गया था। उसने उसे बताया दक उन िोनोें ने परेिान करनेवाले स्व्न िेखे
थ। “वहा हमार साथ एक इब्री जवान था, जो अेंगरक्षकोें के प्रिान का िास
था; अत: हम ने उसको बताया और उसने हमारे स्व्नोें का िल हम से
कहा, हम मेें से एक एक के स्व्न का िल उसने बता दिया।” उसने दफ़रौन
को बताया दक उनम स प्रत्यक क सलए यसि का बताया अथ सच दनकला।
41:14-16 तब त्त़िरौन न यसि को बलिा भजा; और िह झिपि बधिीगृह
स बाहर त्तनकाला गया, और बाल बनिाकर और िस्त्र बिल कर त्त़िरौन
क सामन आया। 15त्त़िरौन न यसि स कहा, म न एक स्िप्न िखा ह, और
उसक िल का बतानिाला कोई भी नही; और म न तर त्तिर्षय म सना ह
त्तक त स्िप्न सनत ही उसका िल बता सकता ह। 16यसि न त्त़िरौन स
कहा, म तो कछ नही जानता : परमश्िर ही त्त़िरौन क ललय शभ िचन िगा।
तब दफ़रौन न यसि को बलवाया। “वह झटपट बनिीगह स बाहर दनकाला
गया।” यह दिलचस्प है दक जब उसे राजमहल लाया गया, तो यसि “बाल
बनवाकर और वस्त्र बिल कर दफ़रौन के सामने आया।” उसने राजा के
सामन स्वय को साफ़ सथरा और अच्छ वस्त्रो म प्रस्तत दकया। यहा एक
आस्त्मक सीख स्पि है। आज भी हमारी सजम्मेिारी है दक हम राजा के
सामन िद् होकर और िादमकता क ऐस वस्त्र पहनकर आए, जो केवल
वही प्रिान कर सकता है।
दफ़रौन ने उसे बताया दक उसने एक स्व्न िेखा है और कोई उसका अथथ
नही बता पा रहा। उसन सना ह दक यसि उसका अथ बता सकता ह।
41:17-24 त्तिर त्त़िरौन यसि स कहन लगा, म न अपन स्िप्न
ललया; 21और जब ि उनको खा गईं तब यह मालम नही होता था त्तक ि
उनको खा गई ह, क्योत्तक ि पहल क समान जसी की तसी कडौल रही।
तब म जाग उठा।
22 त्तिर म न िसरा स्िप्न िखा, त्तक एक ही डठल म सात अच्छी अच्छी
और अन्न स भरी हई बाल त्तनकली। 23त्तिर क्या िखता ह, त्तक उनक पीछ
और सात बाल छछी छछी और पतली और परिाई स मरझाई हई त्तनकली, 24और इन पतली बालो न उन सात अच्छी अच्छी बालो को त्तनगल ललया।
इस म न ज्योत्ततत्तर्षयो को बताया, पर इसका समझानहारा कोई नही त्तमला।
दफ़रौन न यसि को अपना स्व्न िोहराया जसा दक पि 2-7 मेें बताया गया
ह। उसन कछ और दववरर् भी जोड़ा जस दक उसन गायो क िसर समह
जैसी गायेें दमस्र मेें कभी नहीें िेखी थीें। यही नहीें, जब िबली और कमजोर
गायोें ने सात मोटी गायोें को खा सलया, तो “यह मालम नही होता था दक व
उनको खा गई हैें, कयोदक व पहल क समान जसी की तसी कडौल रही।”
दिर उसन अनाज क डठलो क िो समहो क बार म अपना िसरा स्व्न भी
सनाया। उसन िखी होत हए कहा दक उस िि क ज्योदतदषयो म मझ
“इसका समझानेहारा कोई नहीें दमला।”
41:25-31 तब यसि न त्त़िरौन स कहा, त्त़िरौन का स्िप्न एक ही ह, परमश्िर जो काम करना चाहता ह, उसको उसन त्त़िरौन पर प्रगि त्तकया
ह। 26ि सात अच्छी अच्छी गाय सात िर्ष ह; और ि सात अच्छी अच्छी
बाल भी सात िर्ष ह; स्िप्न एक ही ह। 27त्तिर उनक पीछ जो िबल और
कडौल गाय त्तनकली, और जो सात छछी और परिाई स मरझाई हई बाल
त्तनकाली, ि अकाल क सात िर्ष होग। 28यह िही बात ह जो म त्त़िरौन स
कह चका ह
(बहतायत की उपज) िश म त्तिर स्मरण न रहगा, क्योत्तक अकाल अत्यधत
भयकर होगा।
यसि न यह कहत हए उिर िना िरू दकया : (1) िोनो स्व्नो का महत्व
समान है। उन िोनोें का अथथ भी एक ही है। (2) परमेश्वर (एलोहीम) दफ़रौन
को दिखाना चाहता है दक वह कया करने जा रहा है।
सात अच्छी गायेें और सात अच्छी बालेें िोनोें सात अच्छे वषों को ििाथती
ह। सात िबली-पतली गाय और सात झलसी हई खाली बाल अकाल क
आगामी सात वषों को ििाथती हैें। दविेष रूप से, अथथ यह है दक “सारे दमस्र
िि म सात वष तो बहतायत की उपज क होग। उनक पश्चात सात वष
अकाल के आयेेंगे।” अकाल इतना भयेंकर होगा दक लोग दपछले सात वषों
की सपन्नता को भल जाएग। यह िि को नाि कर िगा।
41:32 और त्त़िरौन न जो यह स्िप्न िो बार िखा ह इसका भि यही ह त्तक
यह बात परमश्िर की ओर स त्तनयक्त हो चकी ह, और परमश्िर इस शीघ्र
ही परा करगा। यसि न दिर कहा दक परमेश्वर ने उसे िो समान स्व्न
इससलए दिए हैें दक वह इसके महत्व पर बल िेना और इसकी तरि ध्यान
आकदषथत करना चाहता है दक ऐसा जकि ही होने वाला है।
41:33-36 इसललय अब त्त़िरौन त्तकसी समझिार और बलिमान परुर्ष को
ढढ कर क उस त्तमस्र िश पर प्रिान मत्री ठहराए। 34त्त़िरौन यह कर त्तक
िश पर अलिकाररयो को त्तनयक्त कर, और जब तक सकाल क सात िर्ष
रह तब तक िह त्तमस्र िश की उपज का पचमाश ललया कर। 35और ि इन
अच्छ िर्षों म सब प्रकार की भोजनिस्त इकट्ठा कर, और नगर नगर म
भण्डार घर भोजन क ललय, त्त़िरौन क िश म करक उसकी रिा कर।
36िह भोजनिस्त अकाल क उन सात िर्षों क ललय, जो त्तमस्र िश म
आएग, िश क भोजन क ललए रखी रह, लजसस िश का उस अकाल स
अतः यसि न (दनस्सिह परमेश्वर की अगवाई म) दफ़रौन को सलाह िी
दक वह “दकसी समझिार और बसद्मान परुष को ढढ़ कर क उस दमस्र
िि पर प्रिान मत्री ठहराए।” उसन उसस यह भी कहा दक वह पर िि म
असिकाररयो को दनयि कर दक व “जब तक सकाल क सात वष रह, तब
तक दमस्र िेि की उपज का पेंचमाेंि सलया करेें।” दिर, आने वाले अकाल
के वषों की तैयारी के सलए उस भोजन को “दफ़रौन के वि मेें” अलग करके
रखेें “सजससे िेि का उस अकाल से सत्यानाि न हो जाए।”
41:37-38 यह बात त्त़िरौन और उसक सार कमचाररयो को अच्छी लगी।
38इसललय त्त़िरौन न अपन कमचाररयो स कहा, क्या हम को ऐसा पुरुर्ष, जसा यह ह लजसम परमश्िर का आत्मा रहता ह, त्तमल सकता ह? यह
सलाह दफ़रौन को बहत अच्छी लगी और उसन सोचा दक उस ऐसा बसद्मान
व्यदि कहा दमल सकता ह “सजसम परमेश्वर का आत्मा रहता है?”
41:39-44 त्तिर त्त़िरौन न यसि स कहा, परमश्िर न जो तझ इतना ज्ञान
त्तिया ह त्तक तर तल्य कोई समझिार और बलिमान नही; 40इस कारण तू
मर घर का अलिकारी होगा, और तरी आज्ञा क अनसार मरी सारी प्रजा
चलगी, किल राजगद्दी क त्तिर्षय म तझ स बडा ठहरूगा। 41त्तिर त्त़िरौन
न यसि स कहा, सुन, म तझ को त्तमस्र क सार िश क ऊपर अलिकारी
ठहरा िता ह।
42 तब त्त़िरौन न अपन हाथ स अगठी त्तनकालक यसि क हाथ म पत्तहना
िी; और उसको बत्तढया मलमल क िस्त्र पत्तहनिा त्तिया, और उसक गल
म सोन की जजीर डाल िी; 43और उसको अपन िसर रथ पर चढिाया;
और लोग उसक आग आग यह प्रचार करत चल त्तक घिन िककर िण्डित
करो, और उसन
“तर तकय कोई समझिार और बसद्मान नही?” इससलए दफ़रौन न यसि
को दमस्र का प्रिान मेंत्री बना दिया। उसने उसे लोगोें और िेि पर असिकार
दिया, दफ़रौन क बाि िसरा सबस बड़ा असिकार का पि उस प्राप्त हआ।
अब परमेश्वर न उस बहत ऊचा दकया और उस दमस्र म हर नाम स ऊपर
एक नाम दिया, उसके पास केवल दफ़रौन से कम असिकार था। मसीह का
पव-प्रतीक यहा बहत स्पि ह।
इसके अलावा, दफ़रौन ने उसे बड़ी मदहमा प्रिान की, उसे राजकीय गहने, कपड़ और यहा तक दक दफ़रौन का िसरा रथ भी दिया। उसन यसि को
झकन को कहा और उस “दमस्र क सार िि क ऊपर प्रिान मत्री ठहराया।”
(पदवत्रिास्त्र मेें दमस्र अकसर सेंसार का प्रतीक समझा जाता है। यह
दिलचस्प बात ह दक एक दिन यीि पर जगत का राजा बनगा।) उसक
अिीन लगभग सपर् िासन आ गया था। दमस्र म सारा व्यवसाय उसकी
मेंजरी क अिीन था।
41:45-46 तब त्त़िरौन न यसि का नाम सापनत्पानह रखा; और ओन नगर
क याजक पोतीपरा की बिी आसनत स उसका त्तििाह करा त्तिया। और
यसि सार त्तमस्र िश म िौरा करन लगा।
46 जब यसि त्तमस्र क राजा त्त़िरौन क सम्मख खडा हआ, तब िह तीस
िर्ष का था। िह त्त़िरौन क सम्मख स त्तनकलकर सार त्तमस्र िश म िौरा
करन लगा।
जैसे परमेश्वर ने कलीससया के रूप मेें मसीह के सलए एक अनयजादत की
िकहन प्रिान की ह, वस ही दफ़रौन न यसि को “ओन नगर क याजक
पोतीपरा की बटी” क रूप म अनयजादत की एक िकहन प्रिान की। यही
नहीें,
दक उसक भाइयो द्वारा यसि को िासत्व म बच जान क बाि तरह वष
बीत चक थ। जब उसक दपता न उस उसक भाइयो का हाल पछन भजा
था, तब वह सत्रह वषथ का था। अतः यह िेखने के सलए दक उसे कैसे िेि
को सेंभालना है, उसने उस िेि का िौरा करने के द्वारा दमस्र पर अपना
िासन िरू दकया।
41:47-49 सकाल क सातो िर्षों म भत्तम बहतायत स अन्न उपजाती रही, 48और यसि उन सातो िर्षों म सब प्रकार की भोजनिस्तए, जो त्तमस्र िश म होती थी, जमा करक नगरो म रखता गया; और हर एक नगर क चारो ओर क खतो की भोजनिस्तओ को िह उसी नगर म इकट्ठा करता गया।
49इस प्रकार यसि न अन्न को समद्र की बाल क समान अत्यधत बहतायत
स रालश रालश त्तगनक रखा, यहा तक त्तक उसन उनका त्तगनना छोड त्तिया
क्योत्तक ि असख्य हो गईं।
जैसा दक परमेश्वर ने उसे दिखाया था, सात वष बहत असिक उपज क
हए। अतः उसन पर दमस्र म भोजन-वस्त इकट्ठा की और पर िि क नगरो
मेें उसे रखा। परमेश्वर न भरपर आिीष िी कयोदक जमा की गई भोजन-
वस्त “समद्र की बाल” क समान थी। दिर स, परमेश्वर याकब स उत्पन्न
होनेवाले अपने वाचाई लोगोें के सलए जीदवका तैयार करने मेें ईश्वरीय रूप
स काम कर रहा था। सचमच, परमेश्वर के लोगोें के सलए सब बातेें दमलकर
भलाई को ही उत्पन्न करती हैें।
41:50-52 अकाल क प्रथम िर्ष क आन स पहल यसि क िो पत्र, ओन क याजक पोतीपरा की बिी आसनत स जधम। 51यसि न अपन जठ का
नाम यह कहक मनश्श रखा, त्तक परमश्िर न मझ स मरा सारा क्लश, और
मर त्तपता का सारा घराना भला त्तिया ह। 52िसर का नाम उसन यह कहकर
िास्ब्िक अथ ‘िगना िलिायक’ होता ह। परमेश्वर न सचमच उस आिीष
िी थी, यहा तक दक उसक कि भोगन क िि म भी।
41:53-57 त्तमस्र िश क सकाल क सात िर्ष समाप्त हो गए; 54और यूसुि क कहन क अनसार सात िर्षों क ललय अकाल आरम्भ हो गया। सब िशो
म अकाल पडन लगा, परधत सार त्तमस्र िश म अन्न था। 55जब त्तमस्र का
सारा िश भखो मरन लगा; तब प्रजा त्त़िरौन स लचल्ला लचल्लाकर रोिी
मागन लगी; और िह सब त्तमलस्रयो स कहा करता था, यसि क पास जाओ; और जो कछ िह तम स कह, िही करो।
56 इसललय जब अकाल सारी पथ्िी पर िल गया, और त्तमस्र िश म
अकाल का रूप भयकर हो गया, तब यसि सब भण्डारो को खोल खोलक
त्तमलस्रयो क हाथ अन्न बचन लगा। 57इसललय सारी पथ्िी क लोग त्तमस्र म
अन्न मोल लन क ललय यसि क पास आन लग, क्योत्तक सारी पथ्िी पर
भयकर अकाल था।
जैसा दक परमेश्वर ने उसके द्वारा दिखाया था, भरपरी क सात वष समाप्त
हो गए और अकाल क सात वष िरू हो गए। अकाल पर क्षत्र म था। जब
कदठन समय आया, तो दमस्र के लोगोें ने अपने राजा, दफ़रौन की िहाई िी, सजसन उनह यसि क पास भजा। पि 56 म पृथ्िी क रूप म अनदित िब्ि
हाएरेत्ज़ ह और इसका अनवाि आम तौर पर ‘िि’ क रूप म दकया जाता
है। यह उस िेि का उल्लेख हो सकता है सजसकी प्रदतज्ञा परमेश्वर न याकब
स की थी। यसि न अब चतराई स वह भोजन बचना िरू दकया जो भरपरी
के वषों के िौरान जमा दकया गया था। स्पि है दक वह िन दफ़रौन के
खजाने मेें गया।
जैसे-जैसे
उत्पत्ति42कासलिप्तत्तििरण:य ू स ु िऔरउसक े भाइयोकीकहानीजारी रहतीहै , सजसमेबातेअबय ू स ु िक े दनयत्रर्मेहै।उसक े भाइयोकीदमस्र
कीपहलीयात्राकादववरर्दकयागयाहै।इनसबबातोेंमेें , परमेश्वरका
अलौदककहाथस्पिरूपसेकामकररहाहै।
42:1-6 जब याक़ब न सना त्तक त्तमस्र म अन्न ह, तब उसन अपन पत्रो स
कहा, तम एक िसर का मह क्यो िख रह हो। 2त्तिर उसन कहा, म न सना
ह त्तक त्तमस्र म अन्न ह; इसललय तम लोग िहा जाकर हमार ललय अन्न मोल
ल आओ, लजसस हम न मर, िरन जीत्तित रह।
3 अत: यसि क िस भाई अन्न मोल लन क ललय त्तमस्र को गए। 4पर यसि
क भाई त्तबधयामीन को याक़ब न यह सोचकर भाइयो क साथ न भजा त्तक
कही ऐसा न हो त्तक उस पर कोई त्तिपत्ति आ पड।
5 इस प्रकार जो लोग अन्न मोल लन आए उनक साथ इस्राएल क पत्र भी
आए; क्योत्तक कनान िश म भी भारी अकाल था।
6 यसि तो त्तमस्र िश का अलिकारी था, और उस िश क सब लोगो क
हाथ िही अन्न बचता था; इसललय जब यसि क भाई आए तब भत्तम पर
मह क बल त्तगरक उसको िण्डित त्तकया।
आगे होने वाली घटनाओें को केवल इस बात के अहसास से समझा जा
सकता है दक इस सार काय की अगवाई परमेश्वर कर रहा था। याकब न
दमस्र म दबक रह भोजन क बार म सना। इससलए उसन अपन िस बड़ बटो
को अनाज खरीिन क सलए भजा। परत उसन अपन सबस छोट दबनयामीन को रोक सलया, कयोेंदक उसे उसको खोने का डर था। अतः िसोें भाई दमस्र
पहच,
कहा, हम कनान िश स अन्न मोल लन क ललय आए ह। 8यसि न अपन
भाइयो को पत्तहचान ललया, परधत उधहोन उसको न पत्तहचाना। 9तब यसि
अपन उन स्िप्नो को स्मरण करक जो उसन उनक त्तिर्षय म िख थ, उनस
कहन लगा, तम भत्तिए हो; इस िश की ििशा को िखन क ललय आए हो।
यसि न तरत अपन भाइयो को पहचान सलया, परत व उस नही पहचान
सक। उसन “उनक सामन भोला बनक” (अथात अपनी पहचान सछपाकर)
कठोरता स बात की। जब उनहोन उसक सामन िण्डवत दकया तो यसि
को वे स्व्न याि आए जो उसने बचपन मेें िेखे थे सजनमेें उसके भाइयोें ने
उस िण्डवत दकया था। परमेश्वर न एक बार दिर यसि पर परमेश्वर का
हाथ होन की पदि की। अब िायि उस समझ नही आ रहा था दक आग
कया करना है, और िायि थोड़ी सतदि प्राप्त करत हए, उसने अपने भाइयोें
पर भेदिए होने का आरोप लगाया।
42:10-13 उधहोन उसस कहा, नही, नही, ह प्रभ, तर िास भोजनिस्त मोल
लन क ललय आए ह। 11हम सब एक ही त्तपता क पत्र ह, हम सीि मनय
ह; तर िास भत्तिए नही। 12उसन उनस कहा, नही नही, तम इस िश की
ििशा िखन ही को आए हो। 13उधहोन कहा, हम तर िास बारह भाई ह,
और कनान िशिासी एक ही परुर्ष क पत्र ह, और छोिा इस समय हमार
त्तपता क पास ह, और एक जाता रहा।
अब पासा पलट चका था। याकब क िस बटो न अपन भाई क सामन
उसके आरोप का दवरोि करत हए कहा (हालादक उनहेें यह नहीें पता था
दक वह कौन ह) दक व “सीि मनष्य” (अथात, ईमानिार लोग) हैें और
उनहोन भदिए होन क आरोप को नकारा। उनहोन यसि क सामन अपनी
पाररवाररक पष्ठभदम क बार म थोड़ा बताना िरू दकया। उनहोन उस
42:14-18 तब यसि न उनस कहा, म न तम स कह त्तिया त्तक तम भत्तिए
हो; 15अत: इसी रीत्तत स तम परख जाओग, त्त़िरौन क जीिन की शपथ, जब तक तम्हारा छोिा भाई यहा न आए तब तक तम यहा स न त्तनकलन
पाओग। 16इसललय अपन म स एक को भज िो त्तक िह तम्हार भाई को
ल आए, और तम लोग बधिी रहोग; इस प्रकार तम्हारी बात परखी जाएगी
त्तक तम म सच्चाई ह त्तक नही। यत्ति सच्च न ठहर तब तो त्त़िरौन क जीिन
की शपथ तुम त्तनश्चय ही भत्तिए समझ जाओग। 17तब उसन उनको तीन
त्तिन तक बधिीगह म रखा। 18तीसर त्तिन यसि न उनस कहा, एक काम
करो तब जीत्तित रहोग; क्योत्तक म परमश्िर का भय मानता ह।
अतः यसि न पहल अपन भाइयो स कहा दक व अपन सबस छोट भाई (दबनयामीन) को लाने के सलए उनमेें से एक को वापस भेजेें और इस बीच
बाकी भाइयो को बिीगह म रखा जाएगा। स्पि ह दक वह चाहता था दक वे यह प्रमासर्त करेें दक वे सच कह रहे हैें।
सलए बिीगह म डाल दिया। परत तीसर दिन, वह इन दनिेिोें के साथ उनके
पास लौटा और उनहेें बताया दक वह परमेश्वर (एलोहीम) का भय मानता
है।
42:19-24 यत्ति तम सीि मनय हो, तो तम सब भाइयो म स एक जन इस
बधिीगह म बिआ रह; और तम अपन घरिालो की भख त्तमिान क ललय
अन्न ल जाओ, 20और अपन छोि भाई को मर पास ल आओ; इस प्रकार
तम्हारी बात सच्ची ठहरगी, और तम मार डाल न जाओग। तब उधहोन
िसा ही त्तकया। 21उधहोन आपस म कहा, त्तन:सधिह हम अपन भाई क
त्तिर्षय म िोर्षी ह, क्योत्तक जब उसन हम स त्तगडत्तगडाकर त्तिनती की, तब
भी हम न यह
थी; इसस उनको मालम न हआ त्तक िह उनकी बोली समझता ह। 24तब
िह उनक पास स हिकर रोन लगा; त्तिर उनक पास लौिकर और उनस
बातचीत करक उनम स लशमोन को छाि त्तनकाला और उनक सामन उस
बधिी बना ललया।
यसि न अब उनस कहा दक उनम स कवल एक को यहा रहना होगा। वह
उनक हाथ अनाज भजगा। परत बिल म उनह अपनी सच्चाई सादबत करन
के सलए अपने सबसे छोटे भाई को उसके पास लाना होगा। ऐसा करने पर
उनके भाई को आजाि कर दिया जाएगा।
व आपस म बात करन क सलए अलग हट गए। यद्यदप यह न जानत हए दक
उनका सामना यसि स हो रहा ह, और यद्यदप चौिह वष बीत चक ह, दिर
भी व अपन हृिय म िोषी महसस कर रहे थे दक उनहोेंने वषों पहले उसके
साथ कैसा व्यवहार दकया था। उनका अपरािबोि और घायल दववेक
यहा स्पि ह। व समझ गए दक अब उनकी यह हालत इसी का प्रदतिल ह
दक उनहोेंने पहले उसके साथ कैसा व्यवहार दकया था।
“हम अपने भाई के दवषय मेें िोषी हैें, कयोेंदक जब उसने हम से दगड़दगड़ाकर
दवनती की, तब भी हम ने यह िेखकर दक उसका जीवन कैसे सेंकट मेें पड़ा
है, उसकी न सनी; इसी कारर् हम भी अब इस सेंकट मेें पड़े हैें।” रूबेन
को याि आया दक कैसे उसने अपने भाइयोें से दवनती की थी दक वे ऐसा
पाप न करेें, परत उनहोन उसकी न सनी।
इसी बीच यसि न यह सब सन सलया। इसस उसका हृिय दकतना टट गया
होगा। इससलए वह उनके पास से हटकर रोने लगा। जब वह लौटा, तो
उसन उनस बात की और उनक सबस िर भाई सिमोन
अपन गिहो पर लािकर िहा स चल त्तिए। 27सराय म जब एक न अपन
गिह को चारा िन क ललय अपना बोरा खोला, तब उसका रुपया बोर क
मह पर रखा हआ त्तिखलाई पडा।
28 तब उसन अपन भाइयो स कहा, मरा रुपया तो लौिा त्तिया गया ह;
िखो, िह मर बोर म ह, तब उनक जी म जी न रहा, और ि एक िसर की
ओर भय स ताकन लग, और बोल, परमश्िर न यह हम स क्या त्तकया ह।
तब यसि न आज्ञा िी दक उनक बोर अन्न स भर दिए जाए। उसन उनका
सारा िन प्रत्येक जन के बोरे के ऊपर रख दिया, और उनहेें दविा दकया।
बाहर दनकलकर जब उनहोन एक बोर म लौटाया हआ िन िखा तो व और
भी असिक डर गए। उनहोेंने सही समझा दक परमेश्वर उनसे व्यवहार कर
रहा था।
42:29-34 तब ि कनान िश म अपन त्तपता याक़ब क पास आए, और
अपना सारा ििाधत उस इस प्रकार सनाया : 30जो परुर्ष उस िश का
स्िामी ह, उसन हम स कठोरता क साथ बात की, और हम को िश क
भत्तिए कहा। 31तब हम न उसस कहा, हम सीि लोग ह, भत्तिए नही। 32हम
बारह भाई एक ही त्तपता क पत्र ह; एक तो जाता रहा, परधतु छोिा इस समय
कनान िश म हमार त्तपता क पास ह।
33 तब उस परुर्ष न, जो उस िश का स्िामी ह, हम स कहा, इस स मालम
हो जाएगा त्तक तम सीि मनय हो; तम अपन म स एक को मर पास छोड
क अपन घरिालो की भख त्तमिान क ललय कछ ल जाओ, 34और अपन
छोि भाई को मर पास ल आओ। तब मझ त्तिश्िास हो जाएगा त्तक तुम
भत्तिए नही, सीि लोग हो। त्तिर
दक उनहेें सिमोन को बचाने के सलए दबनयामीन को साथ लेकर लौटना था
और उसके बाि ही उनहेें आगे के लेन-िेन का असिकार प्राप्त होगा।
42:35 यह कहकर ि अपन अपन बोर स अन्न त्तनकालन लग, तब क्या
िखा त्तक एक एक जन क रुपय की थली उसी क बोर म रखी ह। तब रुपय की थललयो को िखकर ि और उनका त्तपता बहत डर गए। घर लौटने पर उन भाइयो को यह जानकर हरानी हई दक उनका सारा िन उनह लौटा दिया
गया था। इससे उनका डर और उनकी घबराहट और भी बढ़ गई।
42:36-38 तब उनक त्तपता याक़ब न उनस कहा, मझ को तम न त्तनिश कर
त्तिया, िखो, यसि नही रहा, और लशमोन भी नही आया, और अब तुम
त्तबधयामीन को भी ल जाना चाहत हो। य सब त्तिपत्तिया मर ऊपर आ पडी
ह। 37रूबन न अपन त्तपता स कहा, यत्ति म उसको तर पास न लाऊ, तो मर
िोनो पत्रो को मार डालना; त उसको मर हाथ म सौप ि, म उस तर पास
त्तिर पहचा िगा। 38उसन कहा, मरा पत्र तम्हार सग न जाएगा; क्योत्तक
उसका भाई मर गया और िह अब अकला रह गया ह : इसललय लजस माग
स तम जाओग, उसम यत्ति उस पर कोई त्तिपत्ति आ पड, तब तो तम्हार
कारण म इस बढाप की अिस्था म शोक क साथ अिोलोक म उतर
जाऊगा।
याकब न उनकी बात पर सहमदत नही जताई। वह कवल यह कह सका, “य सब दवपदिया मर ऊपर आ पड़ी ह।” रूबन न अपन दपता स कहा दक
यदि वह दबनयामीन को उसके पास वापस नहीें ला सका तो वह उसके
िोनो पत्रो को मार डाल। याकब क सलए यह कोई सात्वना भरी बात नही
थी कयोदक व उसक पोत थ। इससलए
उत्पत्ति43कासलिप्तत्तििरण: य ू स ुिकीकहानीऔरउसक े भाइयोक े
साथय ू स ुिकाख े लजारीरहताहै।एकबारदिर, रोदमयोें8:28काससद्ाेंत
प्रकटहोताहै।उत्पदि43मेें , याक ू बक े प ु त्रोद्वारादमस्रकीि ू सरीयात्राकी
जातीहै , औरइसबारदबनयामीनभीसाथहै।
43:1-10 िश म अकाल और भी भयकर होता गया। 2जब िह अन्न जो ि
त्तमस्र स ल आए थ, समाप्त हो गया तब उनक त्तपता न उनस कहा, त्तिर
जाकर हमार ललय थोडी सी भोजनिस्त मोल ल आओ। 3तब यहिा न
उसस कहा, उस परुर्ष न हम को चतािनी िकर कहा, यत्ति तुम्हारा भाई
तम्हार सग न आए, तो तम मर सम्मख न आन पाओग। 4इसललय यत्ति त
हमार भाई को हमार सग भज, तब तो हम जाकर तर ललय भोजनिस्त मोल
ल आएग, 5परधत यत्ति त उसको न भज, तो हम न जाएग, क्योत्तक उस
परुर्ष न हम स कहा, यत्ति तम्हारा भाई तम्हार सग न हो, तो तम मर सम्मख
न आन पाओग।
6 तब इस्राएल न कहा, तम न उस परुर्ष को यह बताकर त्तक हमारा एक
और भाई ह, क्यो मझ स बरा बताि त्तकया? 7उधहोन कहा, जब उस पुरुर्ष
न हमारी और हमार किष्म्बयो की ष्स्थत्तत क त्तिर्षय म इस रीत्तत पछा, क्या
तम्हारा त्तपता अब तक जीत्तित ह? क्या तम्हार कोई और भाई भी ह? तब
हम न इन प्रश्नो क अनसार उसस िणन त्तकया; त्तिर हम क्या जानत थ त्तक
िह कहगा, अपन भाई को यहा ल आओ।
8 त्तिर यहिा न अपन त्तपता इस्राएल स कहा, उस लडक को मर सग भज
ि त्तक हम चल जाए; इसस हम और त, और हमार बाल–बच्च मरन न
पाएग, िरन जीत्तित रहग। 9म उसका जात्तमन होता ह; मर ही हाथ स त
उसको िापस
कनान िि म अकाल जारी रहा। इससलए याकब न अपन बाकी नौ बड़
बेटोें को और भोजन-वस्त खरीिन क सलए दमस्र जान का दनिि दिया। (यसि और सिमोन िोनो वहा थ और याकब अभी तक दबनयामीन को
भजन क सलए तयार नही था।) यहिा न दवरोि करत हए कहा दक यदि वह
दबनयामीन को साथ नहीें ले जाएगा, तो दमस्र का िासक उनहेें अपने पास
नहीें आने िेगा। इससलए, यहिा न दबनयामीन की ओर स अपन दपता को
जादमनके रूप मेें पेि दकया।
43:11-14 तब उनक त्तपता इस्राएल न उनस कहा, यत्ति सचमुच ऐसी ही
बात ह तो यह करो, इस िश की उिम उिम िस्तओ म स कछ कछ अपन
बोरो म उस परुर्ष क ललय भि ल जाओ : जस थोडा सा बलसान, और
थोडा सा मिु, और कुछ सुगधि द्रव्य, और गधिरस, त्तपस्त, और बािाम।
12त्तिर अपन अपन साथ िना रुपया ल जाओ; और जो रुपया तम्हार बोरो
क मह पर रखकर लौिा त्तिया गया था, उसको भी लत जाओ; किालचत
यह भल स हआ हो।
13 अपन भाई को भी सग लकर उस परुर्ष क पास त्तिर जाओ, 14और
सिशष्क्तमान ईश्िर उस परुर्ष को तम पर ियाल करगा, लजसस त्तक िह
तम्हार िसर भाई को और त्तबधयामीन को भी आन ि; और यत्ति म त्तनिश
हआ तो होन िो।
याकब न चाहत हए भी दबनयामीन को भजन पर सहमत हो गया। उसन
अपने बेटोें से यह भी कहा दक वे उसपुरुर्षको िेने के सलए “थोड़ा सा
बलसान, और थोड़ा सा मि, और कछ सगनि द्रव्य, और गनिरस, दपस्ते, और बािाम” ल जाए जो (उनक सलए और वहा िल अकाल को िखत
हए) एक बहत बड़ी भट थी। यही नही, उसन यह सोचत हए उनह “िना
43:15-22 तब उन मनयो न िह भि, और िना रुपया, और त्तबधयामीन को
भी सग ललया, और चल त्तिए, और त्तमस्र म पहचकर यसि क सामन खड
हए। 16उनक साथ त्तबधयामीन को िखकर यसि न अपन घर क अलिकारी
स कहा, उन मनयो को घर म पहचा िो, और पश मारक भोजन तयार
करो; क्योत्तक ि लोग िोपहर को मर सग भोजन करग। 17तब िह
अलिकारी परुर्ष यसि क कहन क अनसार उन परुर्षो को यसि क घर म
ल गया।
18 जब ि यसि क घर को पहचाए गए तब ि आपस म डरकर कहन
लग, जो रुपया पहली बार हमार बोरो म लौिा त्तिया गया था, उसी क कारण
हम भीतर पहचाए गए ह; लजसस त्तक िह परुर्ष हम पर िि पड, और हम
िश म करक अपन िास बनाए, और हमार गिहो को भी छीन ल।
19 तब ि यसि क घर क अलिकारी क त्तनकि जाकर घर क द्वार पर इस
प्रकार कहन लग, 20ह हमार प्रभ, जब हम पहली बार अन्न मोल लन आए
थ, 21तब हम न सराय म पहचकर अपन बोरो को खोला, तो क्या िखा
त्तक एक एक जन का परा परा रुपया उसक बोर क मह पर रखा ह; इसललय
हम उसको अपन साथ त्तिर लत आए ह, 22और िसरा रुपया भी
भोजनिस्त मोल लन क ललय लाए ह; हम नही जानत त्तक हमारा रुपया
हमार बोरो म त्तकसन रख त्तिया था।
जब व दमस्र पहच तो यसि न दबनयामीन को उनक साथ िखा और
असिकारी को दनिि दिया दक भाइयो को उसक घर पहचाया जाए। यह
कहन की जरूरत नही ह दक यसि क भाई इस तरह क असामानय व्यवहार
स भयभीत हो गए थ। इससलए उनहोन यसि क घर क असिकारी क सामन
अपना दवषय रखा और यह समझाने की कोसिि की दक उनकी
त्तनकालकर उनक सग कर त्तिया। 24तब उस जन न उन मनयो को यसि
क घर म ल जाकर जल त्तिया, तब उधहोन अपन पािो को िोया; त्तिर उसन
उनक गिहो क ललय चारा त्तिया।
25 तब यह सनकर त्तक आज हम को यही भोजन करना होगा, उधहोन यसि क आन क समय तक, अथात िोपहर तक, उस भि को इकट्ठा कर रखा।
26जब यसि घर आया तब ि उस भि को, जो उनक हाथ म थी, उसक
सम्मख घर म ल गए और भत्तम पर त्तगरकर उसको िण्डित त्तकया।
अब सिमोन को आजाि कर दिया गया। घर के उस असिकारी ने उन लोगोें
के डर को िाेंत करने की कोसिि की और उनहेें यह भी बताया दक उनके
दपता के परमेश्वर ने उनहेें उनका पैसा लौटा दिया है। उस असिकारी ने
उनकी सहायता की वे अपनी यात्रा के बाि हाथ-पाव िोए और उसन उनक
जानवरो क सलए चारा भी प्रिान दकया। जब यसि िोपहर क भोजन क
सलए घर आया, तो उनहोन उस िण्डवत दकया। उत्पदि 37:9 को याि कर।
43:27-31 उसन उनका कशल पछा और कहा, क्या तुम्हारा िह बूढा
त्तपता, लजसकी तम न चचा की थी, कशल स ह? क्या िह अब तक जीत्तित
ह? 28उधहोन कहा, हा, तरा िास हमारा त्तपता कशल स ह और अब तक
जीत्तित ह। तब उधहोन लसर झकाकर त्तिर िण्डित त्तकया। 29तब उसन
आख उठाकर और अपन सग भाई त्तबधयामीन को िख कर पछा, क्या
तुम्हारा िह छोिा भाई, लजसकी चचा तम न मझ स की थी यही ह? त्तिर
उसन कहा, ह मर पत्र, परमश्िर तझ पर अनग्रह कर।
30 तब अपन भाई क स्नह स मन भर आन क कारण और यह सोचकर
त्तक म कहा जाकर रोऊ, यसि तरधत अपनी कोठरी म गया, और िहा रो पडा। 31त्तिर अपना मह िोकर त्तनकल आया, और अपन को शात कर
कहा, भोजन परोसो।
अपन भाइयो स बात करत हए, यसि न उनक दपता क बार म पछा और
यह भी दक कया वह किल स ह। उसक भाइयो न दिर स झककर उस
िण्डवत दकया। परत अपन इकलौत और छोट सग भाई दबनयामीन को
िखकर यसि कवल यही कह सका, “ह मर पत्र, परमेश्वर तझ पर अनग्रह
कर।” वह बस इतना कर सका दक िसर कमर म जाकर रोन लगा। दिर
अपन आप को सभालत हए वह लौटा और उसन भोजन परोसन को कहा।
43:32-34 तब उधहोन उसक ललय तो अलग, और भाइयो क ललय भी
अलग, और जो त्तमस्री उसक सग खात थ उनक ललय भी अलग भोजन परोसा; इसललय त्तक त्तमस्री इत्तब्रयो क साथ भोजन नही कर सकत, िरन त्तमस्री ऐसा करना घलणत समझत थ। 33और यसि क भाई उसक सामन बड बड पहल और छोि छोि पीछ, अपनी अपनी अिस्था क अनसार, क्रम स बठाए गए; यह िख ि त्तिष्स्मत होकर एक िसर की ओर िखन
लग।
34 तब यसि अपन सामन स भोजन–िस्तए उठा उठाक उनक पास भजन
लगा, और त्तबधयामीन को अपन भाइयो स पचगणा भोजनिस्त त्तमली। इस
प्रकार उधहोन उसक सग मनमाना खाया त्तपया।
भोजन क सलए बठना एक बहत ही व्यवस्स्थत रूप म था। यसि न अकल
ही खाना खाया। उसके भाइयोें ने अलग खाया, और अनय दमसस्रयोें ने अलग
खाया। िब्ि इदब्रयोेंका िास्ब्िक अथ ह ‘िर स आनवाला’ िायि नील
निी क िर स िसर िब्िो म कह तो, परिेिी। दमस्री लोग ऐसे लोगोें से
सबि नही रखत। परत ग्यारह भाइयो को यह िखकर हरानी हई दक उनह
खान की मज पर उनकी आय क अनसार बठाया गया था, अथात सबस
बड़ स िरू करक सबस छोट तक। इससलए “व दवस्स्मत होकर एक िसर
की ओर िखन लग।” तब यसि न आिि दिया दक उनम से प्रत्येक के
सलए भोजन लगाया जाए, लदकन दबनयामीन को अनय भाइयो की तलना म
पाच गना असिक भोजन दमला।
उत्पत्ति44कासलिप्तत्तििरण:य ू स ु िकाअपन े भाइयोक े साथल ु कासछपी
काख े लजारीरहताहै।यद्यदपउसनेउनहेकोईहादननहीपह ु ाँ चाईऔरन
हीउसकाहादनपह ु ाँ चान ेकाकोईइरािाथा, दिरभीउसनेदनसितरूपसे
उनह ेघबरादियाथा।उसकाबिलाबह ु तछोटाथा।
44:1-6 तब उसन अपन घर क अलिकारी को आज्ञा िी, इन मनयो क
बोरो म लजतनी भोजनिस्त समा सक उतनी भर ि, और एक एक जन क
रुपय को उसक बोर क मह पर रख ि। 2और मरा चािी का किोरा छोि
क बोर क मह पर उसक अन्न क रुपय क साथ रख ि। यसि की इस
आज्ञा क अनसार उसन त्तकया। 3भोर होत ही ि मनय अपन गिहो समत
त्तििा त्तकए गए।
4 ि नगर स त्तनकल ही थ और िर न जान पाए थ त्तक यसि न अपन घर
क अलिकारी स कहा, उन मनयो का पीछा कर, और उनको पाकर उनस
कह, तम न भलाई क बिल बराई क्यो की ह? 5क्या यह िह िस्त नही
लजसम मरा स्िामी पीता ह, और लजसस िह शकन भी त्तिचारा करता ह?
तम न यह जो त्तकया ह िह बरा त्तकया। 6तब उसन उधह जा पकडा, और
ऐसी ही बात उनस कही।
इस िौरान, यसि न अपन भाइयो स अपनी पहचान सछपाकर ही रखी।
उसने उनके बोरोें मेें उतना अन्न भरने का आिेि दिया सजतना उनमेें आ
सकता है और कहा दक दिर से उनका िन उनहेें लौटा दिया जाए। इसके
अलावा, उसने कहा दक उसका व्यदिगत कटोरा दबनयामीन के बोरे मेें रख
दिया जाए। अगली सबह, ग्यारह भाइयो न वहा स दविा ली। परत जस ही वे नगर से बाहर दनकले, यसि न अपन घर क असिकारी
तब भला, तर स्िामी क घर म स हम कोई चािी या सोन की िस्त कस
चरा सकत ह? 9तर िासो म स लजस त्तकसी क पास िह त्तनकल, िह मार
डाला जाए, और हम भी अपन उस प्रभ क िास हो जाए।
10 उसन कहा, तुम्हारा ही कहना सही, लजसक पास िह त्तनकल िह मरा
िास होगा, और तम लोग त्तनरपराि ठहरोग। 11इस पर ि जल्िी स अपन अपन बोर को उतार भत्तम पर रखकर उधह खोलन लग।
तब भाइयोें ने सजनहेें इस बात पर दवश्वास नहीें हो रहा था, स्वेच्छा से कहा, “तेरे िासोें मेें से सजस दकसी के पास वह दनकले, वह मार डाला जाए, और
हम भी अपन उस प्रभ क िास हो जाए।” दिर ग्यारह भाइयो न अन्न स भर
अपने बोरे उतार दिए।
44:12-17 तब िह ढढन लगा, और बड क बोर स लकर छोि क बोर
तक खोज की; और किोरा त्तबधयामीन क बोर म त्तमला। 13तब उधहोन
अपन अपन िस्त्र िाड, और अपना अपना गिहा लािकर नगर को लौि
गए। 14जब यहिा और उसक भाई यसि क घर पर पहच, और यूसुि
िही था, तब ि उसक सामन भत्तम पर त्तगर। 15यसि न उन स कहा, तुम
लोगो न यह कसा काम त्तकया ह? क्या तम न जानत थ, त्तक मुझ सा मनुय
शकन त्तिचार सकता ह?
16 यहिा न कहा, हम लोग अपन प्रभ स क्या कह? हम क्या कहकर अपन
को त्तनिोर्ष ठहराए? परमश्िर न तर िासो क अिम को पकड ललया ह।
हम, और लजसक पास किोरा त्तनकला िह भी, हम सब क सब अपन प्रभ
क िास ही ह। 17उसन कहा, ऐसा करना मझ स िर रह, लजस जन क पास
किोरा त्तनकला ह िही मरा िास होगा; और तम लोग अपन त्तपता क पास
कशल िम स चल जाओ। जब
न उनह यह बताकर कहानी जारी रखी दक वह िकन दवचार सकता ह
(अथात भला-बरा जान सकता ह)। सब भाइयो की ओर स बोलत हए, यहिा कवल इतना ही कह सका ‘हम लोग कया कह।’ उनका दववक अब भी इस िोष-भावना स आहत था दक उनहोन वषों पहल यसि क साथ
कैसा व्यवहार दकया था। “परमेश्वर ने तेरे िासोें के अिमथ को पकड़ सलया
ह।” इससलए उसन कहा दक व सब यसि क सवक (अथात िास) बनन
क सलए तयार ह। यसि न मना कर दिया, बस्कक आिेि दिया दक केवल
दबनयामीन ही उसका सेवक बने। उसने बाकी भाइयोें को घर जाने का
आिेि दिया।
44:18-34 तब यहिा उसक पास जाकर कहन लगा, ह मर प्रभ, तर िास को अपन प्रभ स एक बात कहन की आज्ञा हो, और तरा कोप तर िास पर न भडक; क्योत्तक त तो त्त़िरौन क तल्य ह। 19मर प्रभ न अपन िासो स
पूछा था, क्या तम्हार त्तपता या भाई ह? 20और हम न अपन प्रभ स कहा, हा, हमारा बढा त्तपता ह, और उसक बढाप का एक छोिा सा बालक भी
ह, परधत उसका भाई मर गया ह, इसललय िह अब अपनी माता का अकला
ही रह गया ह, और उसका त्तपता उसस स्नह रखता ह। 21तब त न अपन
िासो स कहा था, उसको मर पास ल आओ, लजसस म उसको िख। 22तब
हम न अपन प्रभ स कहा था, िह लडका अपन त्तपता को नही छोड सकता;
नही तो उसका त्तपता मर जाएगा। 23और त न अपन िासो स कहा, यत्ति
तम्हारा छोिा भाई तम्हार सग न आए, तो तम मर सम्मख त्तिर न आन
पाओग।
24 इसललय जब हम अपन त्तपता तर िास क पास गए, तब हम न उसस
अपन प्रभ की बात कही। 25तब हमार त्तपता न कहा, त्तिर जाकर हमार
स्त्री स िो पत्र उत्पन्न हए। 28और उनम स एक तो मझ छोड ही गया, और
म न त्तनश्चय कर ललया त्तक िह िाड डाला गया होगा; और तब स म उसका
मह न िख पाया।
29अत: यत्ति तम इसको भी मरी आख की आड म ल
जाओ, और कोई त्तिपत्ति इस पर पड, तो तम्हार कारण म इस बढाप की
अिस्था म शोक क साथ अिोलोक म उतर जाऊगा।
30 इसललय जब म अपन त्तपता तर िास क पास पहच और यह लडका सग
न रह, उसका प्राण जो इसी पर अिका रहता ह, 31इस कारण यह िखक
त्तक लडका नही ह िह तरधत ही मर जाएगा। तब तर िासो क कारण तरा
िास हमारा त्तपता, जो बढाप की अिस्था म ह, शोक क साथ अिोलोक
म उतर जाएगा। 32त्तिर तरा िास अपन त्तपता क यहा यह कहक इस लडक
का जात्तमन हआ ह, यत्ति म इसको तर पास न पहचा ि, तो म सिा क ललय
तरा अपरािी ठहरूगा।
33 इसललय अब तरा िास इस लडक क बिल अपन प्रभ का िास होकर
रहन की आज्ञा पाए, और यह लडका अपन भाइयो क सग जान त्तिया जाए।
34क्योत्तक लडक क त्तबना सग रह म कस अपन त्तपता क पास जा सकगा; ऐसा न हो त्तक मर त्तपता पर जो ि:ख पडगा िह मझ िखना पड।
यहिा न भाइयो की ओर स बोलना जारी रखा। उसन अपन दपता क सामन
दबनयामीन की सजम्मिारी ली थी। वह यसि क सामन दवलाप करत हए
वह सारी कहानी बताने लगा दक कैसे उसने घर पर अपने दपता से
दबनयामीन को साथ भजन की दवनती की थी। यसि न िायि पहली बार
वह कहानी सनी जो उसक भाइयो न उसक खो जान क बार म गढ़ी थी।
यहिा न यसि स दवनती की। उसन उस बताया दक यदि वह दबनयामीन
को वापस नहीें लेकर जाएगा, तो उनका दपता िःख स मर जाएगा। इससलए
उसन दवनती की दक यसि दबनयामीन
वाली थी।
उत्पत्ति45कासलिप्तत्तििरण:जबयहभावनात्मककहानीसमादप्तकी
ओरबढ़तीहै , तोय ू स ुिस्वयकोअपनेभाइयोक े सामन े प्रकटकरताह ै
औरदिरअपनेदपताऔरपररवारकोअपनेपासब ुलाताह ै ।
45:1-3 तब यसि उन सब क सामन जो उसक आस पास खड थ, अपन
को और रोक न सका; और पकार क कहा, मर आस पास स सब लोगो
को बाहर कर िो। भाइयो क सामन अपन को प्रगि करन क समय यसि
क सग और कोई न रहा। 2तब िह लचल्ला लचल्लाकर रोन लगा; और
त्तमलस्रयो न सना, और त्त़िरौन क घर क लोगो को भी इसका समाचार त्तमला।
3तब यसि अपन भाइयो स कहन लगा, म यसि ह, क्या मरा त्तपता अब
तक जीत्तित ह? इसका उिर उसक भाई न ि सक; क्योत्तक ि उसक सामन
घबरा गए थ।
यसि अब स्वय को रोक नही सका। इससलए उसन अपन भाइयो को छोड़
बाकी सब लोगोें को उस कमरे से बाहर जाने को कहा। दिर उसने अपने
भाइयोें से कहा, “म यसि ह, कया मेरा दपता अब तक जीदवत है?” ऐसा
करत हए वह इस हि तक “सचकला सचकलाकर रोने लगा” दक दमसस्रयोें
और यहा तक दक दफ़रौन क घर (जो दनकट ही रहा होगा) न भी सना।
उसके भाई न केवल हैरान रह गए, बस्कक डर भी गए। उनके भाई को, सजसक साथ उनहोन बीस साल पहल बहत िरता स व्यवहार दकया था, उन पर परा असिकार दमल गया था और वह उनस बिला ल सकता था।
45:4-8 त्तिर यसि न अपन भाइयो स कहा, मर त्तनकि आओ। यह सनकर
ि त्तनकि
न तम्हार प्राणो को बचान क ललय मझ तम्हार आग भज त्तिया ह। 6क्योत्तक
अब िो िर्ष स इस िश म अकाल ह; और अब पाच िर्ष और ऐस ही होग
त्तक उनम न तो हल चलगा और न अन्न कािा जाएगा।
7 इसललय परमश्िर न मझ तम्हार आग इसी ललय भजा त्तक तम पथ्िी पर
जीत्तित रहो, और तम्हार प्राणो क बचन स तम्हारा िश बढ। 8इस रीत्तत
अब मझ को यहा पर भजनिाल तम नही, परमश्िर ही ठहरा; और उसी न
मझ त्त़िरौन का त्तपता सा, और उसक सार घर का स्िामी, और सार त्तमस्र
िश का प्रभ ठहरा त्तिया ह।
दिर यसि न अपन भाइयो को दनकट आन को कहा और उसन पहली बात
को िोहराया। “म तम्हारा भाई यसि ह, सजसको तम न दमस्र आन वालो
क हाथ बच डाला था।” दपछल बीस वषों म जो कछ भी हआ था उसका
वास्तदवक उद्दश्य अब सामन आ गया ह। यसि न उनक डर और उनकी
घबराहट को िर करन की कोसिि की। “कयोदक परमेश्वर न तम्हार प्रार्ो
को बचान क सलय मझ तम्हार आग भज दिया ह।” उसन उनह बताया दक
अगल पाच वष अकाल और रहगा। रोदमयो 8:28 का एक पर् आिार और
स्पिीकरर् यहा िखा जा सकता ह। यसि एक बड़ी तस्वीर िेख पाया।
“परमेश्वर न मझ तम्हार आग इसी सलय भजा दक तम पथ्वी पर जीदवत
रहो, और तम्हार प्रार्ो क बचन स तम्हारा वि बढ़।” (िश के रूप मेें
अनदित िब्ि {िीररथ} का अनवाि आम तौर पर ‘बच हओ’ क रूप म
दकया जाता ह।) यसि को एहसास हआ दक परमेश्वर ने ही घटनाओें को
अपने तरीके चलाया है, यहा तक दक उसका दमस्र म बच दिया जाना भी
उसी की ओर स था दक वह “सार दमस्र िि का प्रभ” बन जाए।
45:9-15 अत: शीघ्र मर त्तपता क पास जाकर कहो, तरा पत्र यसि यह कहता ह त्तक परमश्िर न मझ सार त्तमस्र का स्िामी ठहराया
तरा पालन–पोर्षण करूगा; ऐसा न हो त्तक त और तरा घराना, िरन लजतन
तर ह, ि भखो मर। 12और तम अपनी आखो स िखत हो, और मरा भाई
त्तबधयामीन भी अपनी आखो स िखता ह त्तक जो हम स बात कर रहा ह िह
यसि ह।
13 तम मर सब िभि का, जो त्तमस्र म ह और जो कछ तम न िखा ह, उस
सब का मर त्तपता स िणन करना; और तरधत मर त्तपता को यहा ल आना।
14तब िह अपन भाई त्तबधयामीन क गल स ललपिकर रोया; और त्तबधयामीन
भी उसक गल स ललपिकर रोया। 15िह अपन सब भाइयो को भी चमकर
रोया, और इसक पश्चात उसक भाई उसस बात करन लग।
अब यसि न अपन भाइयो स कहा दक व िीघ्र वापस जाए और अपन
दपता को लकर दमस्र को लौट आए और उसक साथ रह। उसन उनका
पालन-पोषर् करन (अथात उनकी जरूरत परी करन) का वािा दकया।
उसन उनस कहा दक व अपन दपता को उसक वभव और जो कछ उनहोन
िेखा था उसके बार म बताए, लेदकन इस कायथ को जकिी से जकिी करेें
और अपन दपता क साथ लौट आए। तब वह “अपन भाई दबनयामीन क
गले से सलपटकर रोया; और दबनयामीन भी उसके गले से सलपटकर रोया।
वह अपन सब भाइयो को भी चमकर रोया, और इसके पश्चात उसक भाई
उससे बातेें करने लगे।”
45:16-24 इस बात का समाचार, त्तक यसि क भाई आए ह, त्त़िरौन क
भिन तक पहच गया, और इसस त्त़िरौन और उसक कमचारी प्रसन्न हए। 17इसललय त्त़िरौन न यसि स कहा, अपन भाइयो स कह त्तक एक काम
करो : अपन पशओ को लािकर कनान िश म चल जाओ। 18और अपन
त्तपता और अपन अपन घर क लोगो को लकर मर पास आओ; और त्तमस्र
जाओ, और अपन त्तपता को ल आओ। 20और अपनी सामग्री का मोह न
करना क्योत्तक सार त्तमस्र िश म जो कछ अच्छ स अच्छा ह िह तम्हारा ह।
21 इस्राएल क पत्रो न िसा ही त्तकया; और यसि न त्त़िरौन की आज्ञा क
अनसार उधह गात्तडया िी, और माग क ललय भोजन–सामग्री भी िी। 22उनम
स एक एक जन को उसन एक एक जोडा िस्त्र भी त्तिया; और त्तबधयामीन
को तीन सौ रूप क िकड और पाच जोड िस्त्र त्तिए। 23अपन त्तपता क
पास उसन जो भजा िह यह ह, अथात त्तमस्र की अच्छी िस्तओ स लि हए
िस गिह, और अन्न और रोिी और उसक त्तपता क माग क ललय भोजनिस्त
स लिी हई िस गित्तहया। 24तब उसन अपन भाइयो को त्तििा त्तकया, और
ि चल त्तिए; और उसन उनस कहा, माग म कही झगडा न करना।
इन सब बातो का समाचार तरत दफ़रौन क कानो तक पहचा। उसन अपन
दपता को दमस्र लान की यसि की योजना को मजरी िी और उस आज्ञा िी
दक उनह “दमस्र िि स गादड़या” ि िी जाए दक वे आना-जाना कर सकेें।
यसि न प्रत्यक भाई को यात्रा क सलए और भी वस्तए प्रिान की तथा “एक
एक जोड़ा वस्त्र ” दिया। लेदकन अपने सगे भाई दबनयामीन को उसने “तीन
सौ रूप क टकड़ और पाच जोड़ वस्त्र दिए।” उसन कहा, “मागथ मेें कहीें
झगड़ा न करना।” इसमेें वास्तव मेें यह दवचार है, ‘मागथ मेें डरना मत।’
45:25-28 त्तमस्र स चलकर ि कनान िश म अपन त्तपता याक़ब क पास
पहच। 26और उसस यह कहा, यसि अब तक जीत्तित ह, और सार त्तमस्र
िश पर प्रभता िही करता ह। पर उस न उनकी प्रतीत्तत न की और िह अपन
आप म न रहा। 27तब उधहोन अपन त्तपता याक़ब स यसि की सारी बात, जो उसन उनस कही थी कह िी। जब उसन उन गात्तडयो को िखा, जो यूसुि
न उसक ल आन क ललय
पर दवश्वास ही नही हआ। सारी कहानी बतान पर भी उस भरोसा नही
हआ। परत जब उसन दमस्र की गादड़या िखी तो उनक दपता याकब का
“सचि स्स्थर हो गया।” िब्ि “बस” को ऐसे भी समझा जा सकता है, ‘अब
बहत हो गया।’ दिर भी, मरने से पहले उसने उसे िेखने जाने का दनिय
दकया।
उत्पत्ति46कासलिप्तत्तििरण: याक ू ब दमस्रकीओरअपनीयात्राि ु रू
करताहै।इसअध्यायमेेंयेदवभाजनहैें:(1)पि1-4मेयाक ू बसेपरमेश्वर
कीप ुदिऔरप्रदतज्ञाएाँ।(2)पि5-27मेयाक ू बऔरउसकापररवारदमस्र
कीओरयात्राकरतेहैें।और(3)पि28-34 म े य ू स ु ि अपनेदपता और
अपनेभाइयोेंसेदमलताहै।
46:1-4 तब इस्राएल अपना सब कछ लकर बशबा को गया, और िहा अपन त्तपता इसहाक क परमश्िर को बललिान चढाया। 2तब परमश्िर न
इस्राएल स रात को िशन म कहा, ह याक़ब, ह याक़ब। उसन कहा, क्या
आज्ञा। 3उसन कहा, म परमश्िर ह, तर त्तपता का परमश्िर; त त्तमस्र म जान
स मत डर; क्योत्तक म तझ स िहा एक बडी जात्तत बनाऊगा। 4म तर सग
सग त्तमस्र को चलता ह, और म तझ िहा स त्तिर त्तनश्चय ल आऊगा; और
यसि अपन हाथ स तरी आखो को बधि करगा।
अब याकब न अपन पर घराने को वहा स दनकलन की अनमदत िी। वे
पहले बेिेबा तक गए जो िसक्षर्ी कनान है और उस ‘िेि’ की िसक्षर्पसिमी सीमा क दनकट ह। उसन वहा परमेश्वर को बसलिान चढ़ाया और
वहा परमेश्वर ने उनसे एक ििथन मेें बात की। वास्तव मेें परमेश्वर
वह भी दमस्र मेें। परमेश्वर ने यह प्रदतज्ञा भी की, “मैें तेरे सेंग सेंग दमस्र को
चलता ह, और म तझ वहा स दिर दनश्चय ल आऊगा।”
46:5-8 तब याक़ब बशबा स चला; और इस्राएल क पत्र अपन त्तपता याक़ब
और अपन बाल–बच्चो, और ष्स्त्रयो को उन गात्तडयो पर, जो त्त़िरौन न
उनक ल आन को भजी थी, चढाकर चल पड। 6ि अपनी भड–बकरी, गाय–बल, और कनान िश म अपन इकट्ठा त्तकए हए सार िन को लकर
त्तमस्र म आए; 7और याक़ब अपन बि–बत्तियो, पोत–पोत्ततयो, अथात अपन
िश भर को अपन सग त्तमस्र म ल आया।
8 याक़ब क साथ जो इस्राएली, अथात उसक बि, पोत आत्ति, त्तमस्र म
आए, उनक नाम य ह : याक़ब का जठा रूबन था। दिर याकब अपन पर
पररवार और अपने सारे जानवरोें और अपनी सारी सेंपदि
चला गया।
46:9-25 और रूबन क पत्र हनोक, पललू, हस्रोन और कम्मी थ। 10लशमोन
क पत्र यमएल, यामीन, ओहि, याकीन, सोहर, और एक कनानी स्त्री स
जधमा हआ शाऊल भी था। 11लिी क पत्र गशोन, कहात, और मरारी थ।
12 यहिा क एर, ओनान, शला, परस, और जरह नामक पत्र हए तो थ पर
एर और ओनान कनान िश म मर गए थ; और परस क पत्र हस्रोन और
हामल थ। 13इस्साकार क पत्र तोला, पुब्बा, योब, और लशम्रोन थ।
14जबलन क पत्र सरि, एलोन, और यहलल थ। 15ललआ: क पत्र जो
याक़ब स पद्दनराम म उत्पन्न हए थ, उनक बि पोत य ही थ, और इनस
अलिक उसन उसक साथ एक बिी िीना को भी जधम त्तिया। यहा तक तो
याक़ब क सब िशिाल ततीस प्राणी हए।
16 त्तिर गाि क पत्र लसय्योन, हाग्गी, शूनी, एसबोन, एरी, अरोिी, और
अरली थ। 17आशर क पत्र त्तयम्ना, त्तयश्िा, त्तयस्िी, और बरीआ थ, और
उनकी बत्तहन सरह थी; और बरीआ क पत्र हबर और मल्कीएल थ।
आत्ति य ही थ; और उसक द्वारा याक़ब क सोलह प्राणी उत्पन्न हए।
19 त्तिर याक़ब की पत्नी राहल क पत्र यसि और त्तबधयामीन थ। 20और
त्तमस्र िश म ओन क याजक पोतीपरा की बिी आसनत स यसि क य पत्र उत्पन्न हए, अथात मनश्श और एप्रम। 21और त्तबधयामीन क पत्र बला, बकर, अश्बल, गरा, नामान, एही, रोश, मुप्पीम, हप्पीम, और आि थ।
22 राहल क पत्र जो याक़ब स उत्पन्न हए उनक य ही पत्र थ; उसक य सब बि–पोत चौिह प्राणी हए। 23त्तिर िान का पत्र हशीम था। 24नप्ताली क
पत्र यहसल, गूनी, ससर, और लशल्लम थ। 25त्तबल्हा, लजस लाबान न अपनी
बिी राहल को त्तिया, उसक बि पोत य ही ह; उसक द्वारा याक़ब क िश
म सात प्राणी हए।
याकब क पत्रो म स प्रत्यक की सतान का दववरर् दिया गया ह।
रूबेन से : हनोक, पलल, हेस्रोन और कम्मी।
सिमोन स : यमएल, यामीन, ओहि, याकीन, सोहर और िाऊल।
(कनानी स्त्री का उल्लख सिमोन की िसरी पत्नी क बार म हो सकता
है।)
लेवी से : गेिोन, कहात और मरारी।
यहिा स : एर, ओनान, िेला, पेरेस, और जेरह। एर और ओनान की
मत्य कनान म हो गई थी। परत उनक स्थान पर परस क पत्रो, हेस्रोन
और हामल का उल्लख दकया गया ह।
इस्साकार से : तोला, पब्बा, योब और सिम्रोन। जबलन स : सरि, एलोन, और यहलेल।
पि 15 मेें
आिेर से : दयम्ना, दयश्वा, दयस्वी, और बरीआ, उनकी बहन सेरह, और बरीआ क पत्र हबर और मककीएल।
य सब सज़कपा क द्वारा उत्पन्न हए, सजनकी कल सख्या 16 थी।
यसि स : मनश्ि और एप्रम, जो दमस्र म उत्पन्न हए। दबनयामीन से : बेला, बेकर, अश्बेल, गेरा, नामान, एही, रोि, म्पीम, ह्पीम और आि।
य राहल क द्वारा उत्पन्न हए, सजनकी कल सख्या 14 थी।
िान स : हिीम।
न्ताली से: यहसेल, गनी, सेसेर, और सिकलेम।
य दबकहा क द्वारा उत्पन्न हए, सजनकी कल सख्या 7 थी।
46:26-27 याक़ब क त्तनज िश क जो प्राणी त्तमस्र म आए, ि उसकी बहओ
को छोड सब त्तमलकर लछयासठ प्राणी हए। 27और यसि क पत्र, जो त्तमस्र
म उसस उत्पन्न हए, ि िो प्राणी थ; इस प्रकार याक़ब क घरान क जो प्राणी
त्तमस्र म आए ि सब त्तमलकर सिर हए। यह ििाथया गया है दक उनकी
पस्त्नयो क अदतररि याकब क 66 विज दमस्र पहच। परत जब यसि और
उसक िो बटो क साथ स्वय याकब को भी जोड़ दिया जाए, तो कल सख्या 70 थी।
46:28-30 त्तिर उसन यहिा को अपन आग यसि क पास भज त्तिया त्तक
िह उसको गोशन का माग त्तिखाए; और ि गोशन िश म आए। 29तब
यसि अपना रथ जतिाकर
म अब मरन स भी प्रसन्न ह, क्योत्तक तझ जीत्तित पाया और तरा मह िख
ललया।
याकब न आग का माग जानन क सलए यहिा को यसि क पास भजा “और
व गोिन िि म आए।” गोिन नील निी क पव म और दमस्र क उिरी भाग
म था। यह एक अच्छी भदम थी और जहा स व आए थ उसक सबस दनकट
थी। जब व दनकट पहच, तो यसि अपने दपता के साथ एक भावनात्मक
पनदमलन क सलए अपन रथ पर दनकल पड़ा। जहा तक याकब की बात ह, वह अब मर सकता था कयोदक उसन एक बार दिर अपन बट यसि को
िेख सलया था।
46:31-34 तब यसि न अपन भाइयो स और अपन त्तपता क घरान स कहा, म जाकर त्त़िरौन को यह कहकर समाचार िगा, मर भाई और मर त्तपता क
सार घरान क लोग, जो कनान िश म रहत थ, ि मर पास आ गए ह; 32और
ि लोग चरिाह ह, क्योत्तक ि पशओ को पालत आए ह; इसललय ि अपनी
भड–बकरी, गाय–बल, और जो कछ उनका ह, सब ल आए ह।
33 जब त्त़िरौन तम को बला क पछ, तम्हारा उद्यम क्या ह? 34तब यह
कहना, तर िास लडकपन स लकर आज तक पशओ को पालत आए ह, िरन हमार परखा भी ऐसा ही करत थ। इसस तम गोशन िश म रहन पाओग;
क्योत्तक सब चरिाहो स त्तमस्री लोग घणा करत ह।
अध्याय की समादप्त यसि द्वारा अपन दपता को यह ‘समझान’ स होती ह
दक वह जकि ही दफ़रौन से दमलेगा और उसे कैसे जवाब िेना होगा। उसने
अपने दपता को साविान दकया दक जब उससे उसके व्यवसाय के बारे मेें
पछा जाए तो वह कह दक वह पिओ को पालता ह, और
न दमल। परत जसा दक अगल अध्याय म प्रकट होगा, याकब न अपन बट
की सलाह पर ध्यान नहीें दिया। *****
उत्पत्ति47कासलिप्तत्तििरण: इसअध्यायमेें,(1)पि1-12मेय ू स ु ि अपन ेभाइयोकोदफ़रौन क े सामन े प्रस्त ु त करता ह ै ।(2) पि 13-26मेें
अकालक े िौरानय ू स ु िकादमसस्रयोक े साथव्यवहार।और(3)पि2731म े याक ू बकीकनानमेदमट्टीदिएजानेकीइच्छा।
47:1-10 तब यसि न त्त़िरौन क पास जाकर यह समाचार त्तिया, मरा त्तपता और मर भाई, और उनकी भड–बकररया, गाय–बल और जो कछ उनका ह, सब कनान िश स आ गया ह; और अभी तो ि गोशन िश म ह। 2त्तिर
उसन अपन भाइयो म स पाच जन लकर त्त़िरौन क सामन खड कर त्तिए।
3त्त़िरौन न उसक भाइयो स पछा, तम्हारा उद्यम क्या ह? उधहोन त्त़िरौन स
कहा, तर िास चरिाह ह, और हमार परखा भी ऐस ही रह। 4त्तिर उधहोन
त्त़िरौन स कहा, हम इस िश म परिशी की भात्तत रहन क ललय आए ह;
क्योत्तक कनान िश म भारी अकाल होन क कारण तर िासो को भड–बकररयो क ललय चारा न रहा; इसललय अपन िासो को गोशन िश म रहन की आज्ञा ि।
5 तब त्त़िरौन न यसि स कहा, तरा त्तपता और तर भाई तर पास आ गए ह, 6और त्तमस्र िश तर सामन पडा ह; इस िश का जो सबस अच्छा भाग हो, उसम अपन त्तपता और भाइयो को बसा ि, अथात ि गोशन ही िश म रह; और यत्ति तू जानता हो, त्तक उनम स पररश्रमी परुर्ष ह, तो उधह मर पशओ क अलिकारी ठहरा ि। 7तब यसि न अपन त्तपता याक़ब को ल आकर त्त़िरौन क सम्मख खडा त्तकया; और याक़ब न
और मर बापिाि परिशी होकर लजतन त्तिन तक जीत्तित रह उतन त्तिन का
म अभी नही हआ। 10और याक़ब त्त़िरौन को आशीिाि िकर उसक
सम्मख स चला गया।
दमस्र पहचकर वहा व्यवस्स्थत हो जान क बाि यसि अपन दपता और
अपन पाच भाइयो को दफ़रौन स दमलान क सलए लाया। चरवाहा होन का
सजि न करन की यसि की सलाह क बावजि, याकब न मान सलया दक
वह चरवाहा ही है। दिर उसने गोिन म रहन की अनमदत मागी। दफ़रौन न
वह अनमदत ि िी और यह प्रस्ताव भी दिया दक उसक बट उसक पिओ
की िखभाल का काम भी कर सकत ह। यह पछ जान पर दक उसकी आय
दकतनी है, याकब न स्पिता स उिर दिया, “मैें एक सौ तीस वषथ परिेिी
होकर अपना जीवन दबता चका ह; मर जीवन क दिन थोड़ और ि:ख से
भर हए भी थ, और मेरे बापिािे परिेिी होकर सजतने दिन तक जीदवत रहे
उतन दिन का म अभी नही हआ।”
यद्यदप उसकी आय एक सौ तीस वष की थी, दिर भी अपन पवजो की
तलना म उसका जीवन छोटा ही था। यही नही, उन वषों मेें उसने परेिादनयोें
का भी अनभव दकया था। उनहोन अपन जीवन की तलना “परििी होकर”
रहन स की सजसका िास्ब्िक अथ अपन िि स िर रहना ह। सचमच,
परमेश्वर के लोगोें के सलए जीवन एक परिेिी होकर रहने जैसा है। जैसा
दक इब्रादनयोें 11:13-16 मेें कहा गया है, यह सेंसार हमारा घर नहीें है।
47:11-12 तब यसि न अपन त्तपता और भाइयो को बसा त्तिया, और त्त़िरौन
की आज्ञा क अनसार त्तमस्र िश क अच्छ स अच्छ भाग म, अथात रामसस
नामक प्रिश म, भत्तम िकर उनको सौप त्तिया। 12और यसि अपन त्तपता
का, और अपन भाइयो का, और त्तपता क सार
उनका पालन-पोषर् दकया। यसि एक बार दिर मसीह क प्रतीक क रूप
मेें उभरा।
47:13-26 उस सार िश म खान को कछ न रहा; क्योत्तक अकाल बहत
भारी था, और अकाल क कारण त्तमस्र और कनान िोनो िश त्रस्त हो गए।
14और लजतना रुपया त्तमस्र और कनान िश म था, सबको यसि न उस
अन्न क बिल, जो उनक त्तनिासी मोल लत थ, इकट्ठा करक त्त़िरौन क
भिन म पहचा त्तिया। 15जब त्तमस्र और कनान िश का रुपया समाप्त हो
गया, तब सब त्तमस्री यसि क पास आ आकर कहन लग, हम को
भोजनिस्त ि; क्या हम रुपय क न रहन स तर रहत हए मर जाए? 16यूसुि
न कहा, यत्ति रुपय न हो तो अपन पश ि िो, और म उनक बिल तम्ह खान
को िगा। 17तब ि अपन पश यसि क पास ल आए; और यूसुि उनको
घोडो, भड–बकररयो, गाय–बलो और गिहो क बिल खान को िन लगा :
उस िर्ष म िह सब जात्तत क पशओ क बिल भोजन िकर उनका पालन–
पोर्षण करता रहा। 18िह िर्ष तो यो कि गया; तब अगल िर्ष म उधहोन
उसक पास आकर कहा, हम अपन प्रभ स यह बात लछपा न रखग त्तक
हमारा रुपया समाप्त हो गया ह, और हमार सब प्रकार क पश हमार प्रभ
क पास आ चक ह; इसललय अब हमार प्रभ क सामन हमार शरीर और
भत्तम छोडकर और कछ नही रहा।
19 हम तर िखत क्यो मर, और हमारी भत्तम क्यो उजड जाए? हमको और
हमारी भत्तम को भोजन िस्त क बिल मोल ल, त्तक हम अपनी भत्तम समत
त्त़िरौन क िास हो : और हमको बीज ि त्तक हम मरन न पाए, िरन जीत्तित
रह, और भत्तम न उजड। 20तब यसि न त्तमस्र की सारी भत्तम को त्त़िरौन क
ललय मोल ललया; क्योत्तक उस भयकर अकाल क पडन स त्तमलस्रयो को
अपना अपना खत बच डालना
का बधिोबस्त था, और त्तनत्य जो भोजन त्त़िरौन उनको िता था िही ि खात
थ, इस कारण उनको अपनी भत्तम बचनी न पडी।
23 तब यसि न प्रजा क लोगो स कहा, सुनो, म न आज क त्तिन तम को
और तम्हारी भत्तम को भी त्त़िरौन क ललय मोल ललया ह; िखो, तम्हार ललय
यहा बीज ह, इस भत्तम म बोओ। 24और जो कछ उपज उसका पचमाश
त्त़िरौन को िना, बाकी चार अश तम्हार रहग त्तक तम उस अपन खतो म
बोओ, और अपन अपन बाल–बच्चो और घर क अधय लोगो समत खाया
करो। 25उधहोन कहा, त न हमको बचा ललया ह; हमार प्रभ क अनग्रह की
िष्ि हम पर बनी रह, और हम त्त़िरौन क िास होकर रहग। 26इस प्रकार
यसि न त्तमस्र की भत्तम क त्तिर्षय म ऐसा त्तनयम ठहराया, जो आज क त्तिन
तक चला आता ह त्तक पचमाश त्त़िरौन को त्तमला कर; किल याजको ही
की भत्तम त्त़िरौन की नही हई।
इस बीच, पर क्षत्र म अकाल जारी रहा। यसि न योजना क अनसार िि
क लोगो की जरूरतो को परा करन क सलए दमस्र क ससािनो को इकट्ठा
दकया। दिर भी, उसने अपने सेंरक्षक, दफ़रौन क सलए चतराई से िन
जटाया। उसन सबस पहल भोजन क सलए िन (अथात चािी और सोना)
सलया जो उसके दििा-दनिेि मेें एकदत्रत दकया गया। दमस्र मेें रुपये के दविल
होन का दवचार आिदनक अथों म कागज क पस क बकार हो जान स नही
है। बस्कक, यसि न पहल स ही िख सलया था दक सोना और चािी कब
समाप्त हो जाएग, और वसा ही हआ।
दिर उसने आज्ञा िी दक अन्न क बिल पि दिए जाए। दिर जब िेने के सलए
पि नही रह, तो उसन भोजन क बिल भदम िन की आज्ञा िी। वह भदम
दफ़रौन के नाम पर स्थानाेंतररत
िसल का बीस प्रदतित भाग प्राप्त हो। इस प्रकार यसि न अपन स्वामी, अथात दमस्र क दफ़रौन की सपदि और असिकार को बहत बढ़ा दिया।
47:27-28 इस्राएली त्तमस्र क गोशन प्रिश म रहन लग; और िहा की भत्तम
उनक िश म थी; और ि िल–िल, और अत्यधत बढ गए। 28त्तमस्र िश म याक़ब सत्रह िर्ष जीत्तित रहा : इस प्रकार याक़ब की सारी आय एक सौ
सतालीस िर्ष की हई।
इस बीच, इस्राएल (अथात, याकब) दमस्र म रहता रहा और समद् हआ, “वहा की भदम उनक वि म थी; और व िल–िले, और अत्यनत बढ़ गए।”
परमेश्वर ने उनहेें आिीष िी! इसके अलावा, याकब दमस्र म कल सत्रह वषों तक जीदवत रहा, और अततः 147 वष की आय म उसकी मत्य हो
गई।
47:29-31 जब इस्राएल क मरन का त्तिन त्तनकि आ गया, तब उसन अपन
पुत्र यूसुि को बुलिाकर कहा, यत्ति तरा अनग्रह मझ पर हो, तो अपना
हाथ मरी जाघ क नीच रखकर शपथ खा त्तक त मर साथ कपा और सच्चाई
का यह काम करगा त्तक मझ त्तमस्र म त्तमट्टी न िगा। 30जब म अपन बापिािो
क सग सो जाऊगा, तब त मझ त्तमस्र स उठा ल जाकर उधही क क़त्तब्रस्तान
म रखगा। तब यसि न कहा, म तर िचन क अनसार करूगा। 31त्तिर
उसन कहा, मझ स शपथ खा। अत: उसन उसस शपथ खाई। तब इस्राएल
न खाि क लसरहान की ओर लसर झकाकर प्राथना की।
यह अनमान लगात हए दक उसक दिन कम ही बच ह, याकब न यसि को
बलाया और अपनी जाघ के नीचे उसका हाथ रखकर उससे प्रदतज्ञा ली
यह एक मध्य-पवी रीदत ह जो अपनी घदनष्ठ प्रकदत क कारर्
उत्पत्ति48कासलिप्तत्तििरण:य ू स ु िऔरयाक ू बकीभावनात्मककहानी
अबअपनीसमादप्तक े दनकटपह ु ाँ चतीहै।अध्याय48मेयेदवभाजनपाए
जातेहैें:(1)पि1-7 म े य ू स ु िअपन े मरत े हुएदपतासेदमलनेजाताहै।
और,(2)पि8-22मेयाक ू बय ू स ु िक े प ुत्रोकोआिीवाथििेताहै।
48:1-7 इन बातो क पश्चात त्तकसी न यसि स कहा, सुन, तरा त्तपता बीमार
ह। तब िह मनश्श और एप्रम नामक अपन िोनो पत्रो को सग लकर उसक
पास चला। 2त्तकसी न याक़ब को बता त्तिया, तरा पत्र यसि तर पास आ
रहा ह, तब इस्राएल अपन को सम्भालकर खाि पर बठ गया।
3 और याक़ब न यसि स कहा, सिशष्क्तमान ईश्िर न कनान िश क लज
नगर क पास मझ िशन िकर आशीर्ष िी, 4और कहा, सुन, म तझ िलिधत
करक बढाऊगा, और तझ राज्य राज्य की मण्डली का मल बनाऊगा, और
तर पश्चात तर िश को यह िश िगा, लजसस त्तक िह सिा तक उनकी त्तनज
भत्तम बनी रह।
5 और अब तर िोनो पत्र, जो त्तमस्र म मर आन स पहल उत्पन्न हए ह, ि मर
ही ठहरग; अथात लजस रीत्तत स रूबन और लशमोन मर ह, उसी रीत्तत स
एप्रम और मनश्श भी मर ठहरग। 6और उनक पश्चात तर जो सधतान उत्पन्न
हो िह तर तो ठहरग; परधत बििार क समय ि अपन भाइयो ही क िश
म त्तगन जाएग।
7 जब म पद्दान स आता था, तब एप्राता पहचन स थोडी ही िर पहल राहल
कनान िश म, माग म, मर सामन मर गई; और
उस आिीष िी थी। दिलचस्प बात यह ह दक उसन कहा दक यसि क
िोनोें बेटे उसके सलए “सजस रीदत से रूबेन और सिमोन मेरे हैें, उसी रीदत से
वे भी मेरे ठहरेेंगे।”
इस बात की ओर सेंकेत दकया गया है दक कैसे रूबेन ने अपने दपता के
दवरुद् घोर पाप करके अपना पहलौठे का असिकार खो दिया था। 1
इदतहास 5:1 िख। सिमोन उसका िसरा बड़ा बटा था। परत याकब यसि
और िीना क दवषय म सिमोन की िरता स भी दनराि था। अतः उसन
यसि क िोनो पत्रो को अपना पहलौठा और िसरा पत्र बनाया। यही नही, याकब न स्पि दकया दक उसक िो पोत (मनश्ि और एप्रम भल ही दमस्र म
पिा हए थ) भी भदवष्य म उसक नाम इस्राएल स जान जाएग।
48:8-12 तब इस्राएल को यसि क पत्र िख पड, और उसन पछा, य कौन
ह? 9यसि न अपन त्तपता स कहा, य मर पत्र ह, जो परमश्िर न मझ यहा
त्तिए ह। उसन कहा, उनको मर पास ल आ त्तक म उधह आशीिाि ि।
10इस्राएल की आख बढाप क कारण िधिली हो गई थी, यहा तक त्तक
उस कम सझता था। तब यसि उधह उनक पास ल गया; और उसन उधह
चमकर गल लगा ललया। 11तब इस्राएल न यसि स कहा, मझ आशा न
थी त्तक म तरा मख त्तिर िखन पाऊगा : परधत िख, परमश्िर न मझ तरा
िश भी त्तिखाया ह। 12तब यसि न उधह उसक घिनो क बीच स हिाकर
और अपन मह क बल भत्तम पर त्तगरक िण्डित की।
यद्यदप मनश्ि और एप्रम अपन वद् िािा क सामन थ, लदकन उस बहत
ििला दिखाई ि रहा था कयोदक उसकी िदि बहत कमजोर हो गई थी।
इससलए उसन यसि स आग्रह दकया दक वह उनह उसक पास लाए दक वह
उनह आिीवाि ि। तब याकब न उनह चमा और गल स लगाया। याकब न
कहा दक कई वषों तक उस यही
48:13-20 तब यसि न उन िोनो को लकर, अथात एप्रम को अपन िात्तहन
हाथ स त्तक िह इस्राएल क बाए हाथ पड, और मनश्श को अपन बाए हाथ
स त्तक िह इस्राएल क िात्तहन हाथ पड, उधह उसक पास ल गया। 14तब
इस्राएल न अपना िात्तहना हाथ बढाकर एप्रम क लसर पर जो छोिा था, और
अपना बाया हाथ बढाकर मनश्श क लसर पर रख त्तिया; उसन जान बझकर
ऐसा त्तकया नही तो जठा मनश्श ही था। 15त्तिर उसन यसि को आशीिाि
िकर कहा, परमश्िर लजसक सम्मख मर बापिाि अब्राहम और इसहाक
चल, िही परमश्िर मर जधम स लकर आज क त्तिन तक मरा चरिाहा बना
ह।
16 और िही ित मझ सारी बराई स छडाता आया ह, िही अब इन लडको
को आशीर्ष ि; और य मर और मर बापिाि अब्राहम और इसहाक क
कहलाए; और पथ्िी म बहतायत स बढ। 17जब यसि न िखा त्तक मर
त्तपता न अपना िात्तहना हाथ एप्रम क लसर पर रखा ह, तब यह बात उसको
बुरी लगी; इसललय उस न अपन त्तपता का हाथ इस त्तिचार स पकड ललया
त्तक एप्रम क लसर पर स उठाकर मनश्श क लसर पर रख ि।
18 और यसि न अपन त्तपता स कहा, ह त्तपता, ऐसा नही; क्योत्तक जठा
यही ह; अपना िात्तहना हाथ इसक लसर पर रख। 19उसक त्तपता न कहा,
नही; सुन, ह मर पत्र, म इस बात को भली भात्तत जानता ह : यद्यत्तप इस स
भी मनयो की एक मण्डली उत्पन्न होगी, और िह भी महान हो जाएगा,
तौभी इसका छोिा भाई इसस अलिक महान हो जाएगा, और उसक िश
स बहत सी जात्ततया त्तनकलगी। 20त्तिर उसन उसी त्तिन यह कहकर उनको
आशीिााि त्तिया, इस्राएली लोग तरा नाम ल लकर ऐसा आशीिाि त्तिया
करग, परमश्िर तझ एप्रम और मनश्श क समान बना ि, और उसन मनश्श
स पहल एप्रम का नाम ललया।
जब याकब न अपन पोतो को आिीवाि िन क सलए हाथ बढ़ाया, तो उसने
अपना िादहना हाथ छोट बट एप्रम पर और अपना बाया हाथ मनश्ि पर
सम्मख मर बापिाि अब्राहम और इसहाक चल, वही परमेश्वर मेरे जनम
स लकर आज क दिन तक मरा चरवाहा बना ह। और वही ित मझ सारी बराई स छड़ाता आया ह, वही अब इन लड़कोें को आिीष िे; और ये मेरे
और मर बापिाि अब्राहम और इसहाक क कहलाए; और पथ्वी म
बहतायत स बढ़।” याकब स्पि रूप स समझ गया था दक कस परमेश्वर
न न कवल उसक पवजो का मागििन दकया और उनह आिीष िी, बस्कक
उसका भी मागथििथन करके उसे आिीष िी है।
इसके अलावा, उसने यह भी स्वीकार दकया दक परमेश्वर ने जीवन भर
उसका पालन-पोषर् दकया ह। ित का उल्लख दनस्सिह यहोवा क ित को
ििाथता है जो उसे कई बार दिखाई दिया। यह भी स्पि है दक उसने उसे
स्वयें परमेश्वर क तकय रखा। सजस परमेश्वर न उस छड़ाया था, उसने उसी
से अपने िोनोें पोते को आिीष िेने की प्राथथना की। वास्तव मेें, उसने उन
पर पहलौठ क असिकार की आिीष रखी। उसन उनक सनत हए स्पि कर
दिया दक उनहेें उसके नाम (इस्राएल) से जाना जाए, भल ही व अपन पर
जीवन भर दमस्र मेें पले-बढ़े होें। अेंत मेें, उसने परमेश्वर से प्राथथना की दक
उनसे एक बड़ी मेंडली बन जाए। इस प्रकार, यसि सजस ठकरा दिया गया
था, उस अपन पत्रो क द्वारा अपन दपता का िोगना आिीवाि प्राप्त हआ।
यसि को तरत एहसास हो गया दक कस उसक दपता न िोनो भाइयो म स
छोटे एप्रैम पर अपना िादहना हाथ रखा था। मध्य-पवी रीदत यह थी दक
िादहना हाथ बड़ आिीवाि को ििाता था। यसि न हस्तक्षप करक अपन
दपता क हाथो को बिलन की कोसिि की। उस लगा दक याकब को
एहसास नही था दक बड़ा बटा कौन था। पर याकब न इनकार करत हए
उिर दिया, “म इस बात को भली भादत जानता ह : यद्यदप
थी (दगनती 13:33, 35)। इसके अलावा, एप्रैम का स्तर मनश्िे के स्तर से
ऊपर रखा गया था (दगनती 2:18, 20)।
एप्रम स बहत सी जादतया दनकलन का उल्लख उसम स अनक पररवारो क
दनकलने का हो सकता है। ऐसा सेंभव है दक यह इस बात का उल्लेख हो
दक कैसे कलीससया मसीह मेें अनयजादत के लोगोें की मेंडली बन जाएगी
(हा, यह जरूर है दक मसीह एप्रैम के वेंि से नहीें था)।
48:21-22 तब इस्राएल न यसि स कहा, िख, म तो मरन पर ह : परधत
परमश्िर तम लोगो क सग रहगा, और तम को तम्हार त्तपतरो क िश म
त्तिर पहचा िगा। 22और म तझ को तर भाइयो स अलिक भत्तम का एक
भाग िता ह, लजसको म न एमोररयो क हाथ स अपनी तलिार और िनर्ष
क बल स ल ललया ह।
याकब न यसि को अपना भदवष्यवासर्य आिीवाि दिया दक कस उसकी
मत्य क बाि परमेश्वर अततः उनह दिर स उनक पवजो क िि ल जाएगा।
उसन कहा दक उसन वास्तव म उस उसक भाइयो स िोगनी आिीष िी ह।
उसने िायि इसे इस रूप मेें उसचत ठहराया दक एमोरी नगर पर असिकार
करन स उस बहत दनरािा हई थी (यह सभवतः लवी और सिमोन द्वारा
िीना के दवषय मेें िकेम नगर पर असिकार कर लेने की बात थी)। इस
प्रकार, याकब न स्पि रूप स उनह दमलन वाल कलदपताओ क आिीवाि
म स कछ भाग सलया और उसक बटो क माध्यम स यसि को िे दिया। *****
उत्पत्ति49कासलिप्तत्तििरण:जैसे-जैसेउत्पदिकीप ु स्तकअपनीसमादप्त
क े दनकटपह ु ाँ चतीहै , तोयाक ू बन ेअपनीम ृ त्य ु स े पहल े अपन े बारहप ु त्रो क े सलएआिीषऔरभदवष्यवार्ीकीबातेकही।पि33मेउसकीम ृ त्य ु कावर्थनहै।
49:1-2 त्तिर याक़ब न
याक़ब क पत्रो, इकट्ठ होकर सनो, अपन त्तपता इस्राएल की ओर कान लगाओ। याक़ब न यह जानत हए त्तक उसकी मत्य का समय त्तनकि ह, अपन अधय ग्यारह बिो को बलाया और उनम स प्रत्यक को एक-एक आशीिााि त्तिया।
49:3-4 ह रूबन, त मरा जठा, मरा बल और मर पौरुर्ष का पहला िल ह; प्रत्ततठा का उिम भाग और शष्क्त का भी उिम भाग त ही ह। 4त जो जल क समान उबलनिाला ह, इसललय िसरो स श्रठ न ठहरगा; क्योत्तक त
अपन त्तपता की खाि पर चढा, तब त न उसको अशि त्तकया; िह मर
त्तबछौन पर चढ गया।
अपने पहलौठे रूबेन के सलए, यद्यदप वह उसकी सेंतानोें मेें सबसे पहला
था और सजस पर उस िरू स बहत गव था, दिर भी उसे दमला आिीवाथि
एक िाप असिक था। “त जो जल क समान उबलनवाला ह, इससलय िसरो
से श्रेष्ठ न ठहरेगा; कयोदक त अपन दपता की खाट पर चढ़ा, तब त न
उसको अिद् दकया।” कयोदक रूबन न अपन दपता का घोर अनािर दकया
और वह स्पि रूप से एक अस्स्थर व्यदि था, इससलए याकब न
भदवष्यवार्ी की दक वह श्रेष्ठ न ठहरेगा। अनैदतकता के साथ-साथ
व्यदिगत अस्स्थरता आज तक एक अदभिाप बनी हई ह।
49:5-7 लशमोन और लिी तो भाई भाई ह, उनकी तलिार उपद्रि क
हलथयार ह। 6ह मर जीि, उनक मम म न पड, ह मरी मत्तहमा, उनकी सभा
म मत त्तमल; क्योत्तक उधहोन कोप स मनयो को घात त्तकया, और अपनी ही
इच्छा पर चलकर बलो को पग बनाया। 7लिक्कार उनक कोप को, जो
प्रचण्ड था; और उनक रोर्ष को, जो त्तनिय था; म उधह याक़ब म अलग
अलग और इस्राएल म त्तततर त्तबतर कर िगा।
याकब का प्रत्यक पत्र वास्तव
िरता स बिला लन की अगवाई की थी सजसक कारर् याकब को भागना
पड़ा था। उनक द्वारा मनष्यो को घात दकए जान और बलो को पग बनान
का उल्लेख दनस्सेंिेह िकेम मेें हमोर के दवषय मेें नयाय को अपने हाथोें मेें
लेने को ििाथता है।
इतने वषों के बाि, याकब अब उनक िोि और प्रकोप को सिक्कारता ह।
उनक सलए उसका आिीवाि िदमल था। “म उनह याकब म अलग अलग
और इस्राएल म दततर दबतर कर िगा।” जसा दक यहोि की पस्तक म भदम
के बटवार म हआ, सिमोन का भाग यहिा क भाग क भीतर ही था (यहोि
19:1-9)।, लेवी को दनस्सेंिेह कोई दविेष भाग नहीें दमला, बस्कक पर
इस्राएल मेें केवल नगर ही दमले।
49:8-12 ह यहिा, तर भाई तरा िधयिाि करग, तरा हाथ तर शत्रओ की
गिन पर पडगा; तर त्तपता क पत्र तझ िण्डित करग। 9यहिा लसह का
बच्चा ह। ह मर पत्र, त अहर करक ग़िा म गया ह : िह लसह अथिा
लसहनी क समान िबकर बठ गया; त्तिर कौन उसको छडगा।
10 जब तक शीलो न आए तब तक न तो यहिा स राजिण्ड छिगा, न
उसक िश स व्यिस्था िनिाला अलग होगा; और राज्य राज्य क लोग
उसक अिीन हो जाएग। 11िह अपन जिान गिह को िाखलता म, और
अपनी गिही क बच्च को उिम जात्तत की िाखलता म बािा करगा; उसन
अपन िस्त्र िाखमि म, और अपना पत्तहरािा िाखो क रस म िोया ह।
12उसकी आख िाखमि स चमकीली, और उसक िात िि स श्ित होग।
यहिा को पहला वास्तदवक आिीवाि दमला (यसि क अलावा)। उसक
नाम का अथ प्रिसा था और याकब न भदवष्यवार्ी की दक “ह यहिा, तेरे
भाई तरा िनयवाि करग।” यहिा अपन ित्रओ पर प्रबल होगा और उसक भाई दकसी दिन उस िण्डवत
यहिा क गोत्र क द्वारा िाऊि क आन वाल राजकीय वि की भदवष्यवार्ी
यहिा स राजिड क िर न होन म स्पि रूप स की गई ह। सपर् पर्ता तब
होगी जब िीलो आएगा। यद्यदप दहिी िब्ि िीलो परान दनयम म कल 31
बार प्रकट होता है, परत पि 10 म इब्रानी (सिलोह) म यह रूप एक ही बार
पाया जाता ह। यहा, इसका िास्ब्िक अथथ है ‘वह सजसका यह है’ और
स्पि रूप स यह यीि मसीह की भदवष्यवार्ी ह। सचमच, िाऊि का
ससहासन ‘उसी का ह सजसका वह ह।’ (परान दनयम म िीलो क अनय 30
उल्लेख इस नाम से प्रचसलत स्थान के बारे मेें हैें।) सचमच “राज्य राज्य के
लोग उसके अिीन हो जाएग।”
पि 11 के सेंबेंि मेें दवचारोें मेें एकमतता नहीें है, यद्यदप कछ लोगो का
मानना है दक यह िायि अेंततः मसीह और जकयाथह 9:9 को ििाथता है।
इसके अलावा, उसका “अपन वस्त्र िाखमि म, और अपना पदहरावा िाखोें के रस मेें” िोने का उल्लेख मसीह
यहिा स हटकर िीलो (अथात यीि मसीह) पर आ गया ह। जसा दक
प्रकासितवाकय 19:16 मेें बताया गया है, उसक बहाए गए लह का प्रतीक
स्पि दिखाई िेता है। इसके अलावा, यिायाह 63:1 म यीि मसीह क हरमदगिोन क यद् स लौटन का उल्लख ह, सजसम उसक ऊपर लह क छीटे
लग हए ह।
िीलो (अथात यीि मसीह) की आखो का िाखमि स चमकीला होना, और उसक िातो का िि स श्वत होना भदवष्यवासर्य रूप से हमारे परमेश्वर की राजकीय सिरता का उल्लख हो सकता ह, सजनकी आख
बैेंगनी-नीले रेंग की हैें और िात चमकत हए सिि ह (अकसर काल सड़
हए िातो क दवपरीत जो पवकाल म मध्य
49:13 जबलन समद्र क तीर पर त्तनिास करगा, िह जहाजो क ललय
बधिरगाह का काम िगा, और उसका परला भाग सीिोन क त्तनकि
पहचगा। जबलन क बार म, याकब न भदवष्यवार्ी की दक वह एक दिन
समद्र क दकनार दनवास करगा। यह बाि म परा हआ जब यहोि न सचट्ठी
डालकर जबलन को दतबररयास झील क दकनार गलील का क्षत्र दिया, जो
भमध्य सागर तक था। यद्यदप उसका भाग लबनान क सीिोन नगर तक
नहीें िैला, यह उिर म दिदनसिया (अथात लबनान) की सीमा पर था, सजसका प्रमख नगर सीिोन था। सहस्राब्िी म, जबलन की सीमाए दनस्सिह सीिोन तक पहचगी।
49:14-15 इस्साकार एक बलिधत गिा ह, जो पशओ क बाडो क बीच म िबका रहता ह। 15उसन एक त्तिश्रामस्थान िखकर, त्तक अच्छा ह, और
एक िश, त्तक मनोहर ह, अपन कधि को बोझ उठान क ललय झकाया, और
बगारी म िास का सा काम करन लगा।
इस्साकार के एक बलवेंत गिा होने और उसकी पीठ पर िो बोझ होने का
उल्लख भदवष्यवासर्य रूप स अस्पि ह। कछ लोगो न इस एक रूपक की
तरह िो पड़ोसी गोत्रोें मनश्िे और न्ताली के बीच बसे होने के रूप मेें
समझा ह। अथ यहा यह ह दक एक अच्छा िि चनन क बिल म वह अपन
पड़ोससयोें की सेवा करने के सलए तैयार था।
49:16-17 िान इस्राएल का एक गोत्र होकर अपन जात्ततभाइयो का धयाय
करगा। 17िान माग म का एक साप, और रास्त म का एक नाग होगा, जो
घोड की नली को डसता ह, लजसस उसका सिार पछाड खाकर त्तगर पडता
ह।
िान क सलए याकब न भदवष्यवार्ी की दक वह “इस्राएल
के रूप मेें िान का कोई दववरर् नहीें है। दिर भी, एक महत्वपर् नयायी
सिमिोन उस गोत्र मेें से था (नयादययोें 13 िेखेें)।
कछ लोगो न उसक द्वारा घोड़ की नली को डसन और पसलस्श्तयो पर
दवजय प्राप्त करन क दववरर् को सिमिोन को ििान म दकया ह। परत असिक सेंभावना यह हो सकती है दक यह िान द्वारा इस्राएल के सामने
रखी गई आस्त्मक बािाओ का पवानमान हो। उिाहरर् क सलए, नयादययोें
18 म मीका की मदतपजा का वर्न दकया गया ह और यारोबाम क दिनो म
िान मेें सोने के बछड़े की स्थापना की गई थी।
49:18 इस कथन, ह यहोिा, म तझी स उिार पान की बाि जोहता आया ह, का िान स बहत कम या कोई लना-िेना नहीें है। बस्कक, याकब, िायि
थकावट, परत पर् दवश्वास मेें अपनी बात कहता है दक कैसे उसने
परमेश्वर स छटकार और उद्ार की प्रतीक्षा की थी।
49:19 गाि पर एक िल चढाई तो करगा; पर िह उसी िल क त्तपछल भाग
पर छापा मारगा। याकब न कहना जारी रखा, गाि पर “एक िल चढ़ाई तो
करेगा; पर वह उसी िल के दपछले भाग पर छापा मारेगा।” यह दकसका
उल्लेख करता है, इस बारे मेें दवदवि दवचार पाए जाते हैें। गाि का िास्ब्िक
अथ एक सना ह और याकब वहा िब्िो का एक खल करता ह। स्पि ह
दक पर परान दनयम क इदतहास म, गाि (सजसका असिकार यरिन क िसरी
ओर था) पर पड़ोस की अनयजादत के लोगोें ने असिकार कर सलया था (नयादययोें 10:7-8), दिर भी अेंततः उसने दवजय हाससल की।
49:20 आशर स जो अन्न उत्पन्न होगा िह उिम होगा, और िह राजा क
योग्य स्िात्तिि भोजन त्तिया करगा। आिर स याकब न भदवष्यवार्ी की
49:21 नप्ताली एक छिी हई हररणी ह, िह सधिर बात बोलता ह। याकब
ने न्ताली की तलना “छटी हई हररर्ी” स की जो सनिर बात बोलता ह।
हररर्ी का अथथ दहरर् है।
भदवष्यवदिन और नयायी, िबोरा, न्ताली गोत्र
स थी और कछ लोगो का मानना ह दक यह भदवष्यवासर्य रूप स उस पर
लाग होता ह। जसा भी हो, याकब न न्ताली की तलना अच्छ िब्िो क
कहने से की, सजस कछ लोगो न नयादययो 5 म िबोरा का गीत समझा ह।
49:22-26 यसि िलिधत लता की एक शाखा ह, िह सोत क पास लगी
हई िलिधत लता की एक शाखा ह; उसकी डाललया भीत पर स चढकर
िल जाती ह। 23िनिाररयो न उसको खत्तित त्तकया, और उस पर तीर मार, और उसक पीछ पड ह। 24पर उसका िनर्ष िढ रहा, और उसकी बाह और हाथ याक़ब क उसी शष्क्तमान परमश्िर क हाथो क द्वारा ितील हए, लजसक पास स िह चरिाहा आएगा, जो इस्राएल की चट्टान भी ठहरगा। 25यह तर त्तपता क उस ईश्िर का काम ह, जो तरी सहायता करगा, उस सिशष्क्तमान का जो तझ ऊपर स आकाश म की आशीर्ष, और नीच स
गत्तहर जल म की आशीर्ष, और स्तनो और गभ की आशीर्ष िगा। 26तर
त्तपता क आशीिाि, मर त्तपतरो क आशीिािो स अलिक बढ गए ह और
सनातन पहात्तडयो की मनचाही िस्तओ क समान बन रहग : ि यसि क
लसर पर, जो अपन भाइयो स अलग त्तकया गया था, उसी क लसर क मकि
पर िल िलग।
यसि को याकब न बड़ा आिीवाि दिया। उसन उसकी तलना सोत क
पास लगी “िलवनत लता” से की, सजसकी िाखाए लगातार बढ़ती रहती
ह। यद्यदप उसक भाई उसस बहत घर्ा करत थ, दिर भी वह “याकब क
परमेश्वर” द्वारा बलवत बना रहा। यसि क िमी चररत्र का उल्लख स्पि
है।
याकब यह ििात हए आग बढ़ा दक यसि की आिीष उसक पवजो
अब्राहम और इसहाक से असिक थीें। उनके िोनोें बेटे प्रदतज्ञा के वेंि मेें थे
जबदक अब्राहम और इसहाक के केवल एक एक बेटे ही इस रीदत से
आिीदषत हए। यद्यदप अपन भाइयो स वह िरतापवक अलग हो गया था, दिर भी यसि को ऊचा उठाया गया था और आग भी उस आिीष दमलगी।
दिलचस्प बात यह ह दक गोिन या दमस्र म जहा व रहत थ वहा कोई
पहादड़या नहीें थीें। “सनातन पहादड़योें” का उल्लेख कनान िेि की पहादड़योें
को ििा सकता ह जहा स व आए थ और जहा व लौट जाएग। वह पर्थ
आिीष यसि को िी जाएगी। वास्तव मेें, उस िेि के असिकार का सबसे
बड़ा भाग एप्रैम और मनश्िे को दमला।
49:27 त्तबधयामीन िाडनिाला भत्तडया ह, सबर तो िह अहर भिण करगा, और साझ को लि बाि लगा। दबनयामीन को याकब न भदवष्यवार्ी करक
आिीष िी, और उसकी तलना भदड़य स की सजसम बल, साहस और
वीरता है। सदियोें से, दबनयामीन एक छोटा गोत्र होत हए भी, बड़ ित्रओ
पर प्रबल रहे जब नयादययोें 20:15-25 मेें 26,000 योद्ाओें के साथ उनहोेंने
ित्र क 4,00,000 लोगोें को हराया। दबनयामीन गोत्र के अनय उल्लेखनीय
लोग िाऊल, और साथ ही मोिथकै और एस्तेर भी थे।
49:28-33 इस्राएल क बारहो गोत्र य ही ह : और उनक त्तपता न लजस लजस
िचन स उनको आशीिाि त्तिया, ि य ही ह; एक एक को उसक योग्य
आशीिाि क अनसार उसन आशीिाि त्तिया। 29तब उसन यह कहकर
उनको आज्ञा िी, म अपन लोगो क साथ त्तमलन पर ह : इसललय मझ त्तहिी
30अथात उसी गिा म जो कनान िश म मम्र क सामनिाली मकपला की भत्तम म ह; उस भत्तम को अब्राहम
त्तमट्टी िना। 32 िह भत्तम और उसम की गिा त्तहत्तियो क हाथ स मोल ली
गई ह। 33याक़ब जब अपन पत्रो को यह आज्ञा ि चका, तब अपन पाि
खाि पर समि प्राण छोड, और अपन लोगो म जा त्तमला।
इस प्रकार याकब न अपन बारह पत्रो को आिीवाि दिया। उसन उनस
कहा दक उस भी उसक पवजो क साथ “दहिी एप्रोन की भदमवाली गिा
मेें... दमट्टी िेना जो कनान िेि मेें है।” अपने बेटोें को यह आज्ञा िेने के बाि
उसन “अपन पाव खाट पर समट प्रार् छोड़, और अपने लोगोें मेें जा
दमला।” एक बार दिर, जसा दक प्रत्यक कलदपता क साथ हआ, अपने
लोगोें के साथ जा दमलने के स्पि और वर्थनात्मक उल्लेख का प्रयोग दकया गया है।
उत्पत्ति50कासलिप्तत्तििरण:उत्पदिकीप ुस्तक(1)पि1-14मेयाक ू ब कोदमट्टीदिएजाने;(2)पि15-21मेय ू स ु िक े भाइयोद्वाराक्षमामााँगने;
और(3)पि22-26मेय ू स ु िक े अदतमदिनोक े साथसमाप्तहोतीहै।
50:1-14 तब यसि अपन त्तपता क मह पर त्तगरकर रोया और उस चमा।
2और यसि न उन िद्यो को, जो उसक सिक थ, आज्ञा िी त्तक उसक त्तपता
क शि म सगधिद्रव्य भर। तब िद्यो न इस्राएल क शि म सगधिद्रव्य भर
त्तिए। 3और उसक चालीस त्तिन पर हए, क्योत्तक लजनक शि म सगधिद्रव्य
भर जात ह, उनको इतन ही त्तिन पर लगत ह : और त्तमस्री लोग उसक ललय
सिर त्तिन तक त्तिलाप करत रह। 4जब उसक त्तिलाप क त्तिन बीत गए, तब यसि त्त़िरौन क घरान क लोगो स कहन लगा, यत्ति तम्हार अनग्रह की
िष्ि मझ पर हो तो मरी यह त्तिनती त्त़िरौन को सुनाओ, 5मर त्तपता
उसको त्तमट्टी ि। 7इसललय यसि
चला, और त्त़िरौन क सब कमचारी अथात उसक भिन क परत्तनय और त्तमस्र िश
क सब परत्तनय उसक सग चल, 8और यसि क घर क सब लोग और
उसक भाई और उसक त्तपता क घर क सब लोग भी सग गए; पर ि अपन
बाल–बच्चो, और भड–बकररयो, और गाय–बलो को गोशन िश म छोड
गए। 9और उसक सग रथ और सिार गए, इस प्रकार भीड बहत भारी हो
गई। 10जब ि आताि क खललहान तक, जो यरिन निी क पार ह, पहच, तब िहा अत्यधत भारी त्तिलाप त्तकया; और यसि न अपन त्तपता क ललय
सात त्तिन का त्तिलाप कराया। 11आताि क खललहान म क त्तिलाप को
िखकर उस िश क त्तनिासी कनात्तनयो न कहा, यह तो त्तमलस्रयो का कोई
भारी त्तिलाप होगा। इसी कारण उस स्थान का नाम आबलत्तमस्रम पडा, और िह यरिन क पार ह।
12 इस्राएल क पत्रो न ठीक िही काम त्तकया, लजसकी उसन उनको आज्ञा
िी थी : 13अथात उधहोन उसको कनान िश म ल जाकर मकपला की उस
भत्तमिाली गिा म, जो मम्र क सामन ह, त्तमट्टी िी; लजसको अब्राहम न त्तहिी
एप्रोन क हाथ स इसललय मोल ललया था त्तक िह कत्तब्रस्तान क ललय उसकी
त्तनज भत्तम हो। 14अपन त्तपता को त्तमट्टी िकर यसि अपन भाइयो और उन
सब समत, जो उसक त्तपता को त्तमट्टी िन क ललय उसक सग गए थ, त्तमस्र
लौि आया।
याकब की मत्य क बाि और दमस्र की सिर दिनो क िोक की परपरा का
पालन करत हए, यसि न दफ़रौन स अपन दपता को दमट्टी िन क सलए
कनान वापस ल जान की अनमदत मागी, जैसा दक उसने वािा दकया था।
50:15-21 जब यसि क भाइयो न िखा त्तक हमारा त्तपता मर गया ह, तब
कहन लग, किालचत यसि अब हमार पीछ पड, और लजतनी बराई हम न
उस स की थी सब का परा पलिा हम स ल। 16इसललय उधहोन यसि क
पास यह कहला भजा, तर त्तपता न मरन स पहल हम यह आज्ञा िी थी, 17तम लोग यसि स इस प्रकार कहना, त्तक हम त्तिनती करत ह त्तक त
अपन भाइयो क अपराि और पाप को िमा कर; हम न तझ स बराई की
थी, पर अब अपन त्तपता क परमश्िर क िासो का अपराि िमा कर।
उनकी य बात सनकर यसि रो पडा। 18और उसक भाई आप भी जाकर
उसक सामन त्तगर पड, और कहा, िख, हम तर िास ह। 19यसि न उनस
कहा, मत डरो, क्या म परमश्िर की जगह पर ह? 20यद्यत्तप तम लोगो न
मर ललय बराई का त्तिचार त्तकया था; परधतु परमश्िर न उसी बात म भलाई
का त्तिचार त्तकया, लजसस िह ऐसा कर, जसा आज क त्तिन प्रगि ह, त्तक
बहत स लोगो क प्राण बच ह। 21इसललय अब मत डरो; म तम्हारा और
तम्हार बाल–बच्चो का पालन–पोर्षण करता रहगा। इस प्रकार उसन उनको
समझा–बुझाकर शाष्धत िी।
यसि क भाइयो का इतन वषों तक िबा हआ अपराि-बोि एक बार दिर
सामने आ गया, जब उनह अपन दपता की मत्य क बाि यह डर सतान लगा
दक यसि अब उनस बिला लगा। पहली बार, उनकी ओर स क्षमा मागन
का वर्थन दकया गया, चाह दकसी मध्यस्थ क द्वारा ही हआ हो। यसि न
एक बार दिर यह ििात हए अपन चररत्र क िमी स्वभाव को प्रकट दकया
दक जो वषों पहल हआ था उस परमेश्वर ने ही दनिाथररत दकया था। वह
समझ गया था दक कैसे परमेश्वर ने अपने लोगोें की भलाई के सलए अेंत मेें
उनक छटकार क सलए सब बातो को दियास्नवत दकया था। सचमच, यसि
की कहानी रोदमयो 8:28 का एक अद्भत सचत्रर् ह।
िमी और उिार रीदत मेें, यसि न अपन दपता की मत्य क बाि अपन भाइयो
का पालन-पोषर् करना जारी रखा। इसके अलावा, उसने यह कायथ िया
और कपा क साथ दकया।
50:22-26 यसि अपन त्तपता क घरान समत त्तमस्र म रहता रहा, और यूसुि
एक सौ िस िर्ष जीत्तित रहा। 23और यसि एप्रम क परपोतो तक को
िखन पाया; और मनश्श क पोत, जो माकीर क पत्र थ, ि उत्पन्न हए और
यसि न उधह गोि म ललया। 24यसि न अपन भाइयो स कहा, म तो मरन
पर ह; परधतु परमश्िर त्तनश्चय तम्हारी सलि लगा, और तम्ह इस िश स
त्तनकालकर उस िश म पहचा िगा, लजसक िन की उसन अब्राहम, इसहाक, और याक़ब स शपथ खाई थी। 25त्तिर यसि न इस्राएललयो स यह कहकर
त्तक परमश्िर त्तनश्चय तम्हारी सलि लगा, उनको इस त्तिर्षय की शपथ
लखलाई, हम तरी हरियो को यहा स उस िश म ल जाएग। 26इस प्रकार
यसि एक सौ िस िर्ष का होकर मर गया; और उसक शि म सगधिद्रव्य
भर गए, और िह शि त्तमस्र म एक सधिक म रखा गया।
उत्पदि की पस्तक यसि क अदतम दिनो क साथ समाप्त होती ह, जो 110
वषथ जीदवत रहा। वह माकीर के बेटे के रूप मेें अपने परपोते िेखकर िनय
हआ। अपन भाइयो स कह गए उसक अदतम िब्ि इस रूप म भदवष्यवार्ी
की तरह थे दक “परमेश्वर दनश्चय तम्हारी ससि लगा, और तम्ह इस िि
स दनकालकर उस िि म पहचा िगा, सजसके िेने की उसने अब्राहम,
इसहाक, और याकब स िपथ खाई थी।” अपनी मत्य स पहल, उसने
इस्राएल के वेंिजोें को िपथ दिलाई दक एक दिन वे उसकी हरियोें को
दमस्र स (कनान) ल जाएग। इसक बाि उसक िव म सगस्नित द्रव्य भरे
गए और उस “दमस्र म एक सनिक म रखा गया।” मनष्य क सलए एक बार
मरना दनयि दकया गया ह।