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journalist samkit sawan
बड़ी मासूमियत से सादगी से बात करता है... मेरा किरदार जब भी जिंदगी से बात करता है, शरारत देखती है शक्ल बचपन की उदासी से.. ये बचपन जब कभी संजीदगी से बात करता है, मैं कोशिश तो बहुत करता हूँ उसको जान लूँ, लेकिन.. वो मिलने पर बड़ी कारीगरी से बात करता है...!!