सुलभ स्वच्छ भारत (अंक - 23)

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वर्ष-1 | अंक-23 | 22-28 मई 2017

आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597

sulabhswachhbharat.com

06 अल्पसंख्यक

नई राहें

अल्पसंख्यक कल्याण के लिए कई अहम पहल

08 बातचीत

स्वच्छता के लिए प्रार्थना

प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल से विशेष बातचीत

30 श्रद्धांजलि

सूना हो गया ‘नदी का घर’ नर्मदा प्रेमी अनिल माधव दवे की प्रेरक स्मृति

‘नर्मदा की एक-एक बूंद की कीमत जानता हूं’ नरेंद्र मोदी

148 दिनों तक चली नर्मदा सेवा यात्रा के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल की तारीफ की

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सुनील पटेल

मामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा' के पूरे होने के मौके पर नर्मदा नदी के उद्गमस्थल अनूपपुर जिले के अमरकंटक में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे यहां कहा जाता है जो एक साल का सोचता है, वो अनाज बोता है और जो भविष्य का सोचता है वह फलदार वृक्ष बोता है। ये फलदार वृक्ष आने वाले समय में कई परिवारों के लिए कमाई की गारंटी भी बन जाते हैं।’ इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने स्थानीय नर्मदा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की और डेढ़ सौ दिनों की नर्मदा यात्रा को असंभव और असामान्य बताया।

‘फ्यूचर विजन का परफेक्ट डॉक्यूमेंट’

उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के संरक्षण अभियान को लेकर जो कार्ययोजना बनाई है। उसमें हर व्यक्ति, हर जगह के लिए काम है। कब करना और कैसे करना है, उसका विधि-विधान है। कौन किस काम को देखेगा, इसका ब्योरा है। एक हिसाब से यह ‘फ्यूचर विजन का परफेक्ट डॉक्यूमेंट’ है।’ उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर एक-एक किलोमीटर तक फलदार पेड़ों के पौधे लगाने की योजना बनाई है। इसके तहत पहले तीन साल तक सरकार किसानों को मुआवजा देगी, क्योंकि इन पेड़ों में फल कम से कम तीन साल बाद ही लगेंगे।

दिलचस्प है कि नर्मदा सेवा यात्रा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चली। ऐसा पहली बार देखने में आया कि कोई मुख्यमंत्री किसी नदी के संरक्षण और स्वच्छता के संकल्प के लिए इस तरह के कार्यक्रम को हाथ में ले। चौहान की इस कार्यक्रम के पीछे जो उनकी प्रतिबद्धता रही, उसकी सराहना प्रधानमंत्री मोदी ने भी की। अलबत्ता इस यात्रा को लेकर मीडिया की उदासीनता से वे कुछ निराश भी दिखे। उन्होंने कहा, ‘नदी संरक्षण का इस तरह का अभियान दुनिया के किसी और देश में चला होता, तो उसकी दुनियाभर में चर्चा हो रही होती, मीडिया इस अभियान के पीछे भागा-भागा जाता, मगर इस यात्रा के साथ ऐसा नहीं हुआ, यह

एक नजर

नर्मदा संरक्षण को लेकर विस्तृत कार्ययोजना जारी नर्मदा यात्रा में करीब 25 लाख लोगों ने शिरकत की

11 दिसंबर 2016 को अमरकंटक से शुरू हुई थी यात्रा हमारा दुर्भाग्य है।’ मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज की योजनाओं और उनकी कार्यशैली की जमकर सराहना ...जारी पेज 2


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