व्यक्तित्व
06
स्वच्छता
जीवट संघर्ष का शिलालेख
24 पुस्तक अंश
26 कही-अनकही
29
शालीन संगीत की ‘उषा’
स्वच्छता के आदर्श स्वास्थ्य के लिए के लिए जूझता देश कल्याणकारी योजनाएं
डाक पंजीयन नंबर-DL(W)10/2241/2017-19
आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597
बदलते भारत का साप्ताहिक
दु:स्वप्न का अंत
sulabhswachhbharat.com
वर्ष-2 | अंक-31 | 16 - 22 जुलाई 2018
फीफा वर्ल्ड कप का चरम पर पहुंचा रोमांच और फुटबॉल के उभरते नए सितारों की चमक, एक ऐसी टीम के सामने धुंधली पड़ गई, जिसके अनाम सितारे 18 दिनों तक एक ऐसा मैच खेलते रहे, जिसमें हार का मतलब सिर्फ मौत था। मौत की खौफनाक अंधेरी सुरंग में वे लगातार बिना थके जिंदगी का फुटबॉल खेलते रहे। आखिरकार जीत जिंदगी की हुई... रोशनी की हुई... उम्मीद और दुआओं की हुई
थाईलैंड की 10 किमी लंबी
थाम लुआंग गुफा
6 देशों के 90 गोताखोर बचाव अभियान में थे शामिल
दो गोताखारों के पास एक बच्चे को बाहर लाने की जिम्मेदारी थी
यहां थे बच्चे
ये हिस्से पानी से भरे थे
बचाव कैंप
3.2 किमी लंबी रस्सी के सहारे बाहर आए बच्चे
व
एसएसबी ब्यूरो
र्ष 2015 में हॉलीवुड की फिल्म ‘द 33’ आई थी। यह फिल्म वर्ष 2010 में चिली के कॉपर और गोल्ड के सैनोजे माइंस में फंसे 33 खनिकों को बचाने के लिए 69 दिनों तक चले जीवन संघर्ष पर आधारित है। माइंस में हमले की वजह से फंसे 33 खनिकों के साहस और रेस्क्यू टीम की मेहनत को पूरी संजीदगी के साथ फिल्माया गया। कुछ ऐसी ही त्रासद घटना हाल में थाईलैंड में घटी। थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में फंसी बच्चों की फुटबॉल टीम के सभी सदस्यों को 17 दिन बाद सुरक्षित निकाला गया। इन दिनों में कई तरह की सरगर्मियां एक साथ चलीं। सबसे अहम था गुफा के अंदर फंसे बच्चों की खैर-खबर। इसके साथ ही इन बच्चों को सकुशल
खास बातें
फुटबॉल टीम 23 जून को गुफा देखने गई, लेकिन बाढ़ में फंस गई 6 देशों के 90 गोताखोर इस बचाव अभियान में हुए शामिल 8 जुलाई को शुरू हुआ फाइनल रेस्क्यू ऑपरेशन 10 जुलाई को खत्म