सुलभ स्वच्छ भारत - वर्ष-2 - (अंक 26)

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स्वच्छता

08 व्यक्तित्व

गरीबी से संघर्ष स्वच्छता का लक्ष्य

पर्यावरण के लोकतंत्र की रचयिता

10

पुस्तक अंश

राजपथ बना योगपथ

डाक पंजीयन नंबर-DL(W)10/2241/2017-19

26 कही-अनकही

29

आज जाने की जिद न करो...

sulabhswachhbharat.com

आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597

ऊर्जा और चेतना का योग वर्ष-2 | अंक-26 | 11 - 17 जून 2018

ईशा फाउंडेशन की विविध गतिविधियों द्वारा खासतौर पर योग और ध्यान की ऊर्जा का अहसास कराते हुए सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने देश-समाज से आगे पूरी दुनिया को अध्यात्म की नई ताजगी से भर दिया है। इस ताजगी में जहां प्रकृति प्रेम है, वहीं मनुष्य के लिए कई कल्याणकारी कार्यक्रम भी हैं

एसएसबी ब्यूरो

क मनुष्य के लिए उसके जीवन के सभी प्रयासों में से सबसे पावन प्रयास, स्वयं को एक उच्चतर संभावना में रूपांतरित करना है। यही वह प्रयास है, जो मनुष्य होने के उद्देश्य को पूरा करता है तथा यही वह प्रयास है जो सभी के जीवन में कुशलता लाता है। ईशा फाउंडेशन का मूल उद्देश्य मनुष्य के अंदर की इस स्वाभाविक खोज को प्रेरित, प्रोत्साहित और पोषित करना और व्यक्ति को अपनी परम क्षमता को पहचानने में उसकी सहायता करना है।

ईशा फाउंडेशन की स्थापना

1992 में सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा स्थापित ईशा फाउंडेशन मानव क्षमता के विकास के लिए पूर्ण समर्पित, एक स्वयंसेवी, अंतरराष्ट्रीय लाभ-रहित संस्था है। यह फाउंडेशन एवं इसके सक्रिय एवं समर्पित संगठन तथा इसकी विभिन्न गतिविधियां मानव सशक्तीकरण और समुदाय के पुनरुत्थान के लिए विश्व के सामने एक सफल आदर्श के रूप में प्रस्तुत है। तमिलनाडु में वेल्लियांगिरि पर्वत की तलहटी में ईशा योग केंद्र स्थापित है। ध्यानलिंग योग मंदिर, लिंग भैरवी मंदिर, सूर्य कुंड, चंद्र कुंड, अदियोगी


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