Spiritual News India - जगन्नाथ पुरी मंदिर
जगन्नाथ पुरी मंदिर श्री कृष्ण भागवान का मंदिर है । जगन्नाथ पुरी मंदिर का दजस तरह से दनमाा ण दकया गया है वो तारीफ के कादिल है । आज हम आपको जगन्नाथ पुरी मंदिर के िारे में कुछ दिलचस्प िाते िताएं गें, दजन्हें जानकर आप है रान रह जाएं गे और आपके मन में भी एक िार जगन्नाथ पुरी जाने का ख्याल ज़रूर आएगा। पद़िए जगन्नाथ पूरी की है रान कर िे ने वाली िातें :
दपछले लगभग 800 सालों से मंदिर का ध्वज हर रोज़ ििला जाता है | यह काम हर रोज़ शाम 6 से 7 िजे के िीच चोला पररवार के लोग करते हैं | रथ यात्रा मंदिर का एक वादषा क उत्सव है दजसमें िे वताओं को मंदिर के िाहर िो जोडी रथों पर ले जाया जाता है (3 रथ प्रत्येक जोडी में) |
मंदिर में िे वताओं की मूदतायों को हर 12 साल में ििल दिया जाता है | अक्सर िे खा जाता है दक सुिह के वक्त हवा समुद्र से ज़मीन की तरफ जाती है और शाम के वक़्त ज़मीन से समुद्र की तरफ। लेदकन पुरी शहर में इसका उल्टा है ।
मंदिर के ऊपर से कभी भी कोई हवाई जहाज़ या पंछी नहीं गुजरता है ।
आपने िे खा होगा दक आप रौशनी में खडे होते हैं तो आपकी परछाईं ज़रूर िनती है , लेदकन मंदिर के मुख्य गुम्बि की परछाईं दिन में दकसी भी वक्त दिखाई नहीं िे ती है । Aarti of Hindu Gods
मंदिर में भक्तों के दलए लंगर की व्यवस्था की जाती है । लंगर के प्रसाि की खास िात यह है , दक साल भर पके हुए खाने की मात्रा एक िरािर ही रहती है । अि चाहे उस लंगर में से हज़ार या लाखों भक्त खाना खालें प्रसाि सिके दलए पूरा हो जाता है ।
आप जि भी मंदिर में प्रवेश करें गे तो आपको पहली सी़िी पर किम रखते वक्त कोई आवाज़ नहीं आएगी लेदकन जैसे ही आप भगवान जगन्नाथ के िशान कर के वापस उसी सी़िी पर किम रखेंगे तो, आपको महासागर की लहरों की आवाज़ साफ़-सुनाई िे गी।