मुझे क्या! | June 2013 | अक्रम एक्सप्रेस"बालमित्रो,
“मुझे क्या?” इस शब्द का प्रयोग हम कई बार करते हैं, खास तौर पर जब हमें कोई व्यक्ति या वस्तु पराई लगे तब, लेकिन उस समय हम भूल जाते हैं कि यदि कोई हमारे साथ ऐसा बर्ताव करे तो हम् कितना दुःख होगा?
“मुझे क्या?” ऐसा बर्ताव कितना और किस तरह नुकसानदायक हैं, इस विषय पर परम पूज्य दादाश्री की सुंदर समझ इस अंक में दी गई हैं।
तो आओ, ऐसे बर्ताव के खतरों को समझकर इसे अपने जीवन से हमेशा के लिए विदा कर दें।
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