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OF -7 ग़ािीपुर की बेरी िीतांजलि शंंी को लमिा अंतरराषंंीय बुकर पुरसंकार
वऱष : 13 अंक : 12
(हिऩदी साप़ताहिक)
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आजमगढ़,
पुलिस नहीं कर सकती लिरफंंतार आनंद ग््ोवर ने बिाया, सुप्ीम कोर्ट के आदेश ने सेक्स वक्कस्ट कम्युतनरी के बीच एक बहुि अच्छा संदेश भेिा है.
शहनवार, 28 मई-2 जून , 2022 पृष़ 08
एक नायक बनो और सदैव खुद से कहो मुझे कोई डर नहीं है जैसा मैं सोच सकता हूं वैसा जीवन में जी भी सकता हूँ। -कलाम
तिशेष संपादकीय
सुपंीम कोरंट के आदेश से लकतनी बदिेिी सेकंस वकंकसंट की लंिंदिी ~Rg`qo Qdonqsdq सुप्ीम कोर्ट ने एक ऐतिहातसक आदेश तदया है तिसके दूरगामी पतरणाम हो्गे. इससे सेक्स वक्कस्ट के िीवन और सम्मान पर प््भाव पड्ेगा. सुप्ीम कोर्ट ने 19 मई को तदए गए आदेश मे् पुतिस को तनद््ेश तदया तक उसे सहमति से यौन संबंध बनाने वािी सेक्स वक्कस्ट के त्ििाफ् न िो हस््क्ेप करना चातहए और ना ही आपरातधक कार्टवाई करनी चातहए. सेक्स वक्कस्ट के साथ अपरातधयो् िैसा बि्ाटव न करके उनके साथ सम्मान के साथ व्यवहार तकया िाना चातहए. सुप्ीम कोर्ट की िीन न्यायाधीशो् की तिस पीठ ने ये ऐतिहातसक आदेश तकया उसकी अध्यक््िा िस्टरस एि नागेश्र राव कर रहे थे. पीठ मे् तिसमे् िस्टरस बी आर गवई और िस्टरस ए एस बोपन्ना शातमि थे. दरअसि साि 2011 मे् कोिकािा मे् एक सेक्स वक्कर के संबधं मे् आपरातधक तशकायि दि्ट हुई थी. इस तशकायि पर सुप्ीम कोर्ट ने ट्वि: संज्ान तिया था तिसके बाद ये आदेश पातरि तकया गया है.वतरष्् वकीि आनंद ग््ोवर इस मामिे से िुड्े है्. वे इस मामिे मे् दरबार मतहिा समन्वय सतमति की िरफ से प््तितनतधत्व कर रहे थे. उन्हो्ने बीबीसी को बिाया तक यह सव््ोच्् न्यायािय का एक अच्छा आदेश है. पहिी बार सुप्ीम कोर्ट ने सेक्स वक्कस्ट को िेकर इिना बड्ा आदेश पातरि तकया है.
पैनी नज़र... धारदार खबर...
डॉ० अरतिंद तसंह
साहब के कुतंे ने हमारे दौर की मान 'लसकता को भी कु..'तंंा' बना डािा.?
य
~ डॉ अरलवंद लसंह (लतरछी निंर का दोष)
की बाि करिा है.
सुप्ीम कोर्ट ने लिया स ्वत: संज्ान
'पुलिस को संवेदनशीि बनने की जरंरत'
साि 2011 मे् सुप्ीम कोर्ट ने इस मुद्े पर स्वत: संज्ान लिया था. उसके बाद सुप्ीम कोर्ट ने पूरे मामिे को देखने के लिए एक कमेरी बनाई थी. 19 मई, 2022 को पैनि की लसफालरशो् को अच्छी तरह से देखने के बाद सुप्ीम कोर्ट ने आदेश पालरत लकया. इस पैनि मे् प््दीप घोष अध्यक्् थे. उनके साथ वलरष्् वकीि जयंत भूषण, उषा बहुउद््ेशीय सहकारी सलमलत, भारत सरकार और अन्य संबंलित पाल्रटयां शालमि थी्. अब सेक्स वक्कस्ट के साथ सम्मान के साथ व्यवहार तकया िाना चातहए ना तक अपरातधयो् या गैर नागतरको् की िरह. उन्हे् राशन कार्ट, पहचान पत्् और आधार कार्ट तदए िाने के अतधकार तदए गए है्. ग््ोवर ने यह भी कहा तक अगर यौनकम््ी अपनी मर््ी से तकसी सेक्सुअि एस्करतवरी मे् शातमि है् और पुतिस छापेमारी होिी है िो ऐसी स्टथति मे् पुतिस तकसी भी सेक्स वक्कर को तगरफ््िार नही् कर सकिी है. इसके तिए सेक्स वक्कर पर मुकदमा नही् चिाया िा सकिा. वे अपराधी नही् है्. ग््ोवर कहिे है्,"सुप्ीम कोर्ट का आदेश एक पेशे के र्प मे् यौनकत्मटयो् पर कुछ नही् कहिा, मामिा पूरे देश मे् यौनकत्मटयो् की गतरमा और उनके साथ होने वािा व्यवहार
भारि की एक और प््तसद्् कानूनी तवशेषज्् और सुप्ीम कोर्ट की वतरष्् वकीि कातमनी िायसवाि ने बीबीसी से कहा, ''सेक्स वक्कस्ट को हर समय अपरातधयो् के र्प मे् नही् माना िा सकिा है. वे आतिरकार इंसान है्. सेक्स वक्कस्ट को िीने के तिए सम्मान तदया िाना एक बड्ी बाि है. आतिरकार हमे् ये समझने की र्र्रि है तक उनके पास करने के तिए कुछ नही् है. वे इसे अपनी पसंद से नही् करिी्. उन्हे् इस पेशे मे् धकेि तदया िािा है. सुप्ीम कोर्ट का ये आदेश सेक्स वक्कस्ट के बीच सम्मान को बढ्ािा है. िायसवाि कहिी है् तक सरकार को अब सेक्स वक्कस्ट को अपना िीवन चिाने के तिए सुरक््ा, िाना, शेल्रर िैसी सुतवधाएं देनी चातहए िातक उन्हे् इस पेशे मे् रहने के तिए मिबूर न तकया िा सके. सेक्स वक्कस्ट को तकसी िरह का तसक्योतररी नंबर भी तदया िाना चातहए. उन्हो्ने इस बाि पर भी िोर तदया तक इसके तिए पुतिस को संवेदनशीि और िवाबदेह बनाना होगा. इसके साथ ही पुर्षो् को भी इस मुद्े पर ठीक से संवेदनशीि होना चातहए. मतहिाओ् को प््भातवि करने वािे मुद्ो् पर मुिर रहने वािी् वतरष्् कानूनी तवशेषज्् वृंदा ग््ोवर कहिी है्, सुप्ीम कोर्ट के आदेश ने सेक्स वक्कस्ट को नागतरक के र्प मे् मान्यिा दी है, तिनकी गतरमा को बरकरार रिा िाना चातहए. इसके तिए उन्हे् कानून का संरक््ण तदया िाना चातहए िो सख्िी से िागू हो.
किेकंरर साब! झुमका यूँ ही नहीं...
एक थी मेहरंनंननसा ...
लवनाशकारी है, जातीयजनिणना
यशवंत को आजमिढं से िोकसभा उपचुनाव िडंा...
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ह कोई मामूली कुत्ा थोडे़ नही् है. यह साहब का कुत्ा है. यह उस आईएएस दंपत््त का महान कुत्ा है, जो अपने इस तिशेष कुत्े के तलए तदल्ली के एक पूरे स्टेतडयम को खाली करा तदया..साहब की तरफ से तखलात्ियो् और कोच को यह सख्त तनद््ेश दे तदए गए थे- तक साहब के इस एलीट क्लास के कुत्े के हिा-पानी के तलए जब आगमन हो तो, मैदान साफ होना चातहए. तजससे साहब दम्पतत और उनके कुत्े को टहलने मे् कोई बांधा नही् हो, कोई यह पूछने िाला या टोकने िाला नही् हो तक- साहब का यह कुत्ा देश के तलए मेडल लाने और इस स्टेतडयम मे् पसीना बहाने िाले तखलात्ियो् से श््ेष् प््जातत का आतखर कैसे है, क्या यह उपतनिेशिादी अफसरशाही की मानतसकता नही् है तक-साहब कुत्ा भी आम इंसानो् से श््ेष् है.इसका भी जिाब शायद है-क्यो्तक इस तिशेष कुत्े की मानतसकता तकसी जम्मन शेफड्म है या बुलडाग कुत्े की तरह थोि्ी न है. िह तो आईएएस साहब का कुत्ा है. तबल्कुल उन्ही् की तरह सोचता है, तिचारता है, उसी लाइफ स्टाइल मे् जीता है, कुलीनता और जलिा अफ्रोज के चरम पर चढ् तांडि कर सकता है और उस मानतसकता मे् लोगो् को दास समझ सकता है. इस डेिलपमे्ट तक पहुँचना आसान थोि्े न है. इस जीिन स््र तक पहुँचने के तलए कुत्े को भी मानतसक स््र पर आदमी बनना पि्ा होगा. इस जतटल और महान लक््य के तलए उसे कि्ी मेहनत और त््ितातनया मनोतिज््ान मे् परकाया प््िेश करनी पि्ी होगी. साहब और उनकी आईएएस मैडम को तो उसे तिशेष र्प से मानतसक और उसकी शारीतरक रचना तिज््ान के स््र पर प््तशत््ित करना पि्ा होगा. उसकी सोच से 'कुत्ा समाज' के मनोतिज््ान को तनकाल कर, मानि समाज और उस पर भी आईएएस के मनोतिज््ान को प््त्यारोतपत करना पि्ा होगा... आदमी को कुत्ा बनते तो सभी ने देखा और पढ्ा होगा, यहाँ तो कुत्े को आदमी बनाने का मुश्ककल और असंभि जैसा टास्क था. िह भी आईएएस के मनोतिज््ान और उस मानतसक स््र तक पहुँचाना. इससे यह तसद्् होता है तक एक आईएएस, मामूली कुत्े को भी आदमी बना सकता है. यह चमत्कार केिल भारतीय नौकरशाह ही कर सकता है. यह असंभि सा टास्क दुतनया के मानि और जीि तिज््ान के इततहास मे् भले पहली बार हुआ हो, लेतकन इस कीत्तममान को भारत ने करके तदखा तदया. भारतीय सातहत्य मे् हलकू और झबरा 'पूस की रात' मे् मातलक के फसलो् की मिेतशयो् से रखिाली करने मे् अपनी श््ान-स्िातमभश्कत भले तसद्् तकया हो, लेतकन यहाँ मामला 'एतलट क्लास िज्मन' के डाग का है. कुत्े ने तदल्ली के अपने आईएएस साहब और आईएएस मैम साहब के बीच 3500 तकमी की तिरह की दीिार खी्च दी, लेतकन सिाल यह है तक कुत्े से आदमी बना 'कुत्ा' अब तकसके पास रहेगा. साहब के पास लद््ाख मे्..या मैम के पास अर्णाचल प््देश मे्.. तदल की राजधानी तदल्ली को छोि् कर उसे पूि्ोत््र भारत मे् कबतक रहना पडेगा..! इसका जिाब भी भारत सरकार को देना पि्ेगा. या तफर सरकार को ऐसी व्यिस्था करनी पि्ेगी तक- उससे हिाई माग्म से दोनो् मातलको् से डेली भे्ट मुलाकात होती रहे.. नही् तो यह आदमी की मानतसकता का कुत्ा, तफर कुत्ा बन जाएगा. और आदमी को ही कु.. बना देगा. ( व्यंग्य को व्यंग्य की ही तरह ले्, व्यश्कतगत तदल पर नही्) contact 2editor@gmail.com
आंखिन देिी
(िहन्दी साप्ताहहक)
शहनवाि, 28 मई-2 जून , 2022
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नेता जी कगहन
क्या है 'हहंदी पत््काहिता हदवस' औि 30 मई को इसे मनाने की वजह क्या है
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समस्या देने वाले की हस््ी रकतनी ही महान क्यो् न हो, लेरकन ईश््र की कृपा-दृर्ि से बड्ी कभी नही् हो सकती है...
100 साल के सबसे बड्े संकिकाल मे्, कोरोना महामारी के इस समय मे् भी देश ने ये लगातार अनुभव रकया है रक गरीबो् को सशक्त करने के रलए सरकार कैसे काम कर रही है।
यूपी सरकार की पररवहन सेवाएं जनता रिकि भी दे और धक््ा भी मारे ?
कलेक्टर साब! झुमका यूँ ही नही् गिरा था, बरेली के बाज्ार मे्....
महंदी पत््कामरता मदवस हर साल 30 िई को िनाया जाता है। दरअसल इसे िनाने की वजह यह है मक इसी मदन साल 1826 िे् महंदी भाषा का पहला अखबार 'उदन्त िात्तण्ड' प््कामित होना िुर् हुआ था। इसका प््कािन तत्कालीन कलकत््ा िहर से मकया जाता था और पंमडत जुगल मकिोर िुक्ल ने इसे िुर् मकया था। िुक्ल स्वयं ही इसके प््कािक और संपादक थे। िूल र्प से कानपुर के रहने वाले जुगल मकिोर िुक्ल वकील भी थे। उन्हो्ने कलकत््ा को अपनी कि्तभूमि बनाया और वकील के साथ साथ पत््कार तथा संपादक व प््कािक भी बन गए। उन्हो्ने कलकत््ा के बडा बाजार इलाके िे् अिर तल्ला लेन, कोलूटोला से 'उदन्त िात्तण्ड' अखबार का प््कािन िुर् मकया था। यह साप्तामहक अखबार हर हफ्ते िंगलवार को पाठको् तक पहुंचता था। पंमडत िुक्ल ने कलकत््ा को अपनी कि्तभमू ि इसमलए भी बनाया था क्यो्मक उस सिय देि की राजधानी यही िहर था। उस सिय की भाषा िे् अंग्ेजी के बाद बांग्ला और उद्तू का काफी प््भाव था। यही कारण है मक उस कालखंड िे् अमधकांि अखबार अंग्ेजी, बांग्ला और फारसी िे् छापे जाते थे। उदन्त िात्तण्ड' के पहले अंक की 500 प््मतयां छापी गई थी्, हालांमक उस सिय इस अखबार को ज्यादा पाठक नही् मिले थे। महंदी अखबार होने की वजह से कलकत््ा िे् इसके पाठक न के बराबर थे, इसमलए इसे डाक से अन्य राज्यो् िे् भेजना पड्ता था। हालांमक, डाक से भेजना उस सिय काफी िहंगा सौदा था। जुगल मकिोर ने अंग्ेज सरकार ने कई बार डाक दरो् िे् मरयायत का अनुरोध मकया, पर कोई सिाधान नही् मनकला। नतीजा यह रहा मक आम्थतक तंगी के चलते 'उदन्त िात्तण्ड' ज्यादा मदनो् तक नही् छप सका और 4 मदसंबर 1826 को यह अखबार बंद हो गया। 46 साल के इंतजार के बाद आया था महंदी अखबार महंदी अखबार उदन्त िात्तण्ड के प््कामित होने से 46 साल पहले सन 1780 िे् एक अंग्ेजी अखबार छपना िुर् हुआ था। 29 जनवरी 1780 िे् एक आयमरि नागमरक जेम्स आगस्टस महकी कलकत््ा िहर से ही ‘कलकत््ा जनरल एडवट्ातइजर’ नाि से एक अंग्ेजी अखबार का प््कािन िुर् मकया था। यह भारतीय उपिहाि््ीप का पहला अखबार था। इसके प््कािन के साढ्े चार दिक बाद उदन्त िात्तण्ड नाि से पहला महंदी अखबार प््कामित हुआ था। इन बीच अन्य भारतीय भाषाओ् के अखबारो् का प््कािन िुर् हो चुका था।
~डॉ अरशवंद शिंह एक आईएएस मित्् है् मिवाकान्त म््िवेदी,जो वत्तिान िे् बरेली के कलेक्टर है्. जब उत््र प््देि मवधान सभा-2022 के चुनाव की आचार संमहता लग गयी थी- चुनाव आयोग ने बरेली के तत्कालीन कलेक्टर को हटा मदया और अल्पसंख्यक मवभाग के मविेष समचव रहे मिवाकान्त म््िवेदी को लखनऊ से बरेली भेज मदया. जब वे बरेली जा रहे थे, तो उनका फोन आया- बोले 'अरमवंद भाई! बरेली जा रहा हूँ ज्वाइन करने.' िै्ने कहा- नयी मजम्िेदारी के मलए हाम्दतक िुभकािनाएं. कुछ मदन बाद मफर फोन आया- पूछे,-'बेटे की तमबयत कैसी है- एम्स िे् कोई िदद की आवश्यकता होगी तो मन:संकोच बोमलएगा..!' यह उनका बडप्पन है मक- प््ाय: हिारे बीच संवाद और हालचाल होता रहता है्. एक मदन आईएएस अिृत म््तपाठी की उपन्यास कृत-'मिमथला' पर कुछ मलखा था, मजसे पढ्कर उन्हे् बहुत अच्छा लगा था और उन्हो्ने अिृत म््तपाठी को फोन मिलाया और उस सृजनिीलता के मलए उन्हे् धन्यवाद भी मदया.. मफर एक मदन फोन आया और िुझे- 'बरेली घूिने का स्नेह मनिंत्ण मदया.' िै्ने आभार व्यक्त करते हुए िनजौक िे् पूछ मलया- 'झुिका बरेली के मकस बाजार िे् मगरा था, ढूंढ पाएं.?', जवाब था- यहाँ ऐसा कुछ तो नही् है, लेमकन हां एक कलेक्टर साब नेएक 'झुिका चौराहा: जर्र बनवा मदया है. िेरी इस भूमिका का कारण बस यही है- बरेली के बाजार िे् मगरे झुिके को अबतक ढूढा जा सका या नही्, और यह झुिका कभी मगरा भी था, या नही्..? या राजा िे्हदी अली खान ने ही 1966 िे् बस यूं ही मगरा मदया था. अपने जिाने के ििहूर नायक सुनील दत्् और नामयका साधना के ऊपर मफल्िाया गया मसनेिा- 'हि साया' जब 1966 िे् महंदी मफल्ि जगत िे् आया तो, - गीतकार राजा िे्हदी अली खान ने मविेषतौर पर इस मफल्ि िे् साधना के झुिके को बरेली के बाजार िे् मगरा मदया. और मफर यही् बरेली इस गीत के बोल पर चढ्कर देि और दुमनया िे् पहुंच गया, और आज भी पहुंचता है. यह तो हुआ एक तथ्य लेमकन झुिके का बरेली से क्या संबंध है, इसको ढूँढना बहुत जर्री है. जबमक पूरी मफल्ि िे् बरेली का मजक्् तक नही् है.
शिवाकान्त श््िवेदी, डीएम बरेली
झरोखा तेजी और हररवंश का प््ेम परवान चढ्ने लगा. दोनो् के बीच प््ेम की मादकता ने सभी बंधनो् को तोड् रदया. उन्ही् सुनहरे रदनो् मे् एक रदन दोनो् को रकसी वैवारहक काय्यक्म मे् बरेली जाना हुआ. इस समय तक प््ख्यात करव हररवंशराय और तेजी का प््ेम लोगो् के रलए कौतुहल का रवषय बन चुका था
दरअसल इस कहानी के केन्द् िे् एक दूसरी प््ेि कहानी है. मजसे बहुत कि लोग जानते है्- अपने सिय के प््ख्यात कमव और िधुिाला के अिर रचनाकार हमरवंिराय बच््न, जो कभी इलाहाबाद मवश््मवद््ालय िे् अंग्ेजी के प््ध्यापक थे. उनकी प््थि पत्नी का 1936 िे् इंतकाल हो गया, बच््न के जीवन िे् एकाकीपन सा आ गया. उसके बाद अचानक से उनकी िुलाकात एक िमहला से होती है, जो इलाहाबाद मवश््मवद््ालय िे् मकसी काय्तक्ि िे् आयी हुई् थी्. नाि था-तेजवंत कौर सूरी, पंजाबी खत््ी, जो पंजाब प््ांत के ल्यालपुर,की रहने वाली थी. वत्तिान िे् यह पामकस््ान के पंजाब प््ांत के फैसलाबाद िे् पड्ता है. मजन्हे् बाद िे् तेजी कौर कहा गया. वह उन मदनो् ख्ूबचंद मडग््ी कॉलेज, लाहौर िे् िनोमवज््ान पढ्ा रही थी्. मफल्ि और रंगिंच िे् मविेष र्मच थी. संगि नगरी िे् गंगा और जिुना का ऐसा मिलन हुआ मक पंजाब का पंचनद इलाहाबाद िे् नया संगि बनाने लगी्. तेजी और हमरवंि का प््ेि परवान चढ्ने लगा. दोनो् के बीच प््ेि की िादकता ने सभी बंधनो् को तोड् मदया. उन्ही् सुनहरे मदनो् िे् एक मदन दोनो् को मकसी वैवामहक काय्तक्ि िे् बरेली जाना हुआ. इस सिय तक प््ख्यात कमव हमरवंिराय और तेजी का प््ेि लोगो् के मलए कौतुहल का मवषय बन चुका था. बरेली के मित््ो् ने उन्हे् एक साथ देखकर दोनो् से कहा- अब तो अपने प््ेि को स्वीकार कर लो, यह बात तेजी के मलए असहज सी कर दी- मफर लोगो् का ध्यान इस बात से हटाने के मलए अचानक से बोल पडी्- ‘मेरा झुमका बरेली के बाज़ार मे़ गिर िया.’ मफर क्या लोगो् का ध्यान झुिके के खोने पर चला गया. हालांमक इसके बाद पंजाब की तेजी और इलाहाबाद के बच््न का प््ेि मववाह 1941 िे् हो गया. और इसके बाद हमरवंिराय बच््न की प््मसद्् कृत 'नीड् का मनि्ातण मफर से' आयी. यह ख्बर ििहूर गीतकार राजा िे्हदी अली खान तक गयी, जब उन्हो्ने 1966 िे् 'िेरा साया' मफल्ि का गीत संगीत तैयार कर रहे थे, तो उन्हे् बरेली के झुिके की बात याद रही और उन्हो्ने एक गीत की रचना कर डाली'झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार मे़... '
(िहन्दी साप्ताहहक)
योगी राज से भय खाकर अपराधी गले मे् िख्िी लगाकर कर रहे
सरे ड ् र बृजेश पाठक
मुद्ा
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शहिवार, 28 मई-2 जूि , 2022
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राज्य सरकार प््देश मे् संवेदनशील और पारदश््ी प््शासन देने के ललए प््लिबद््: मुख्यमंत्ी ~शार्प िररोर्पर लखनऊ। उत््र प््देश के मुख्यमंत्ी योगी आददत्यनाथ ने कहा दक राज्य सरकार प््देश मे् संवेदनशील और पारदश््ी प््शासन देने के दलए प््दिबद्् है। लोक दशकायिो् का समयबद्् व गुणवत््ापरक दनस््ारण प््देश सरकार की सव््ोच्् प््ाथदमकिाओ् मे् सम्ममदलि है। उन्हो्ने प््ाप्ि होने वाली दशकायिो् के समयबद््, गुणवत््ापूण्ण व प््भावी दनस््ारण के दनद््ेश देिे हुए कहा दक दशकायिो् का मेदरट के आधार पर दनस््ारण सुदनद््िि दकया जाना चादहए। मुख्यमंत्ी आज यहां लोक भवन मे् जनसुनवाई-समाधान मे् लम्मबि संदभ््ो् की समीक््ा कर रहे थे। उन्हो्ने कहा दक जनसुनवाई
िथा सी0एम0 हेल्पलाइन मे् आने वाली दशकायिो् के गुणवत््ापरक दनस््ारण का प््भावी िंत् दवकदसि दकया जाए। उन्हो्ने कहा दक लम्मबि संदभ््ो् की दवभागीय स््र पर दनयदमि समीक््ा की जाए। जनपद, िहसील एवं दवकासखण्ड स््र पर लम्मबि संदभ््ो् की भी समीक््ा की जाए। मुख्यमंत्ी ने कहा दक दशकायि
को ऊपर से नीचे भेज देने मात्् से उसका दनस््ारण नही् होिा। दशकायिकि्ाण की संिुद्ि ही दशकायि दनस््ारण का मानक होना चादहए। दशकायि जायज होने पर दशकायिकि्ाण की संिुद्ि आवश्यक है। इस अवसर पर मुख्य सदचव दुग्ाण शंकर दमश््, अवस्थापना एवं औद््ोदगक दवकास आयुक्ि अरदवन्द कुमार, कृदि उत्पादन आयुक्ि मनोज कुमार दसंह, अपर मुख्य सदचव मुख्यमंत्ी एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सदचव दचदकत्सा एवं स्वास्थ्य अदमि मोहन प््साद, प््मुख सदचव मुख्यमंत्ी एवं सूचना संजय प््साद, प््मुख सदचव दसंचाई अदनल गग्ण, प््मुख सदचव न्याय प््मोद कुमार श््ीवास््व सदहि अन्य वदरष्् अदधकारी उपम्सथि थे।
साहब का कुत्ा! स्टेलडयम मे् कुत्ा घुमाने वाले H@R का लद््ाख ट््ांसफर, पत्नी का अर्णाचल िबादला एक झटके मे् पलि-पत्नी हो गए 3500 JL दूर!
~शार्प िररोर्पर लखनऊ। उत््र प््देश की दवधान पदरिद मे् आज उपमुख्यमंत्ी ि््जेश पाठक ने कहा दक मुख्यमंत्ी योगी आददत्यनाथ के दनद््ेशन मे् उत््र प््देश मे् कानून का राज स्थादपि हुआ है। लोग योगी सरकार की कानून-व्यवस्था को नजीर मान रहे है्। इससे प््ेदरि होकर अन्य राज्यो् मे् भी बुल्डोजर चल रहा है। प््देश सरकार द््ारा अपरादधयो् की अवैध र्प से कमाई गई संपद््त को जब्ि दकया गया। इससे जनिा मे् दवश््ास की भावना जागृि हुई है। उपमुख्यमंत्ी ने कहा दक आज योगी राज से भय खाकर अपराधी गले मे् िख्िी लगाकर सरे्डर कर रहे है् और स्वयं ही दगरफ्िारी की गुहार लगा रहे है्। आज मादफयाओ् से जो जमीन मुक्ि कराई जा रही है, उस पर गरीबो् का आदशयाना बन रहा है। उन्हो्ने सपा की िरफ इशारा करिे हुए कहा दक जो लोग मादफयाओ् के दम पर अपनी सरकारे् चलािे थे, सत््ा पर कब्जा करिे थे, उनको दद्ण हो रहा है। श््ी पाठक ने कहा दक प््देश मे् जब-जब समाजवादी पाट््ी सत््ा मे् आई, गुंडे, अपराधी, मवाली, मादफया, लुच्े-लफंगे थानो् पर कब्जा करके बैठे रहे है्। इसका गवाह पूरा उत््र प््देश रहा है। लखनऊ प््देश की राजधानी है। समाजवादी पाट््ी के अनुिांदगक संगठन लोदहयावादहनी के गुंडो् ने हजरिगंज के सी0ओ0 को गाड़ी के बोनट पर टांग कर पूरे लखनऊ मे् घुमाया था और एस0एस0पी0 के बंगले मे् घुसा ददया था।उपमुख्यमंत्ी ने कहा दक समाज मे् जब एक नेिा बनिा है, िो उसके पीछे बड़ी लंबी
समाज मे् जब एक नेिा बनिा है, िो उसके पीछे बड़ी लंबी प््ल्िया होिी है। लेलकन जब ठोकर खाकर वह गलि रास््े पर चला जािा है िो आने वाली पीलियां भी उस पर दुःखी होिी है्। प््द्िया होिी है। लेदकन जब ठोकर खाकर वह गलि रास््े पर चला जािा है िो आने वाली पीदियां भी उस पर दुःखी होिी है्। हमारे पूव्णज भी स्वग्ण मे् दुःखी होिे है्। उन्हो्ने लोदहया जी, बाबा साहब डॉ0 आंबेडकर, डॉ0 श्यामा प््साद मुखज््ी, पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी का उदाहरण देिे हुए कहा दक सबसे कमजोर वग्ण का उत्थान इन सभी का एक समान ध्येय था। उन्हो्ने सपा सरकार पर िंज कसिे हुए कहा दक कांच पर अगर पारा चढ़ा दे् िो वह आईना हो जािा है और अगर दकसी को आईना ददखा दो िो उसका पारा चढ़ हो जािा है। सपा सरकार मे् इसी सदन के बाहर पचासो् गादडयो् मे् बंदूकधारी मौजूद रहिे थे। आज प््देश सरकार की चुस्-दुर्स् कानून-व्यवस्था के भय से अपराधी और मादफया नदारद है्। उपमुख्यमंत्ी ने कहा दक वि्णमान प््देश सरकार दनष्पक््िा से अपरादधयो् पर काय्णवाही करिी है। वि्ण 2016 के सापेक् वि्ण 2021 मे् डकैिी के मामलो् मे् 73.94 प््दिशि, लूट की घटनाओ् मे् 65.88 प््दिशि, हत्या के मामलो् मे् 33.95 प््दिशि िथा बलात्कार के अपराध मे् 50.66 प््दिशि की कमी आयी है।
- प््ो० ऋषभदेव शर्ाप ~rg`qo qdonqsdq अभी जब ददल्ली से एक आईएएस जोड़े के देश के दो अलग अलग कोनो् लद््ाख और अर्णाचल प््देश को िबादले का मामला सुद्खणयो् मे् आया, िो उसके पीछे दछपे इस कदथि कारण को जान कर लोग चौ्क उठे दक प््शासदनक अदधकारी और उनके कुत्े के टहलने के दलए स्टेदडयम से दखलाड़ियो् को िय वक़्ि से पहले ही खदेड़ ददया जािा था। इससे समझा जा सकिा है दक खेल और दखलाड़ी की इस देश मे् क्या औकाि है! दखलाड़ी जब दकसी दवश्् स््र की प््दियोदगिा मे् कोई पदक जीि कर लािे है्, िब िो देश भर मे् उनकी बहुि जय-जयकार ज़र्र होिी है, वरना खेलो् और दखलाड़ियो् के प््दि खास िौर से व्यवस्था का र्ख उपेक्ा का ही रहिा है। अगर हम अपने दखलाड़ियो् के साथ यही व्यवहार करिे रहे, िो इिनी बड़ी जनसंख्या के बावजूद दुदनया के खेल-नक्शे पर कोई खास जगह न बनाने के दलए अदभशप्ि रहे्गे ही। इसदलए इस मामले से जुड़े आईएएस अफसर के िबादले को इसके प््िीक के र्प मे् देखा जाना चादहए दक अब हम खेल के प््दि गंभीर है्। इसके अलावा यह भी दक अब समय आ गया है दक दसदवल सेवा के अफसर खुद को प््जा के माई-बाप समझने की द््िदटश उपदनवेशवादी मानदसकिा से मुक्ि हो्! गौरिलब है दक दपछले कुछ महीनो् से ददल्ली के त्यागराज स्टेदडयम मे् ट््ेदनंग करने वाले एथलीट और कोच परेशान थे। क्यो्दक उन्हे् शाम 7 बजे से पहले ट््ेदनंग खत्म करके स्टेदडयम खाली करना पड़िा था। इससे उनकी प््ैम्कटस पर असर पड़् रहा था। स्टेदडयम खाली कराने की वजह यह बिाई गई दक साढ़े 7 बजे ददल्ली के प््मुख सदचव (राजस्व) और उनके
पूर्व आईपीएस अधिकारी धकरण बेदी ने इस तबादले पर सराल उठाते हुए कहा है धक, अगर आईएएस अफसर के स्टेधियम मे् कुत्ा घुमाने की घटना को सही पाया गया तो उन्हे् दूसरे के्द् शाधसत प््देश क्यो् भेजा जा रहा है, उन्हे् फैसला आने तक छुट्ी पर क्यो् नही् भेजा जा रहा? यानी सरकार ने नरमी बरती है, ररना कुत्े के माधलक अफसर को धनलंधबत भी धकया जा सकता था! कुत्े को ट््ैक पर टहलने के दलए आना होिा था। मामला कोट्ण िक पहुँचा िो वहाँ से ददल्ली और के्द् सरकार को ददल्ली मे् िीन स्टेदडयमो् को एथलीटो् के दलए सुबह 5 बजे से राि 10 बजे के बीच खुला रखने का आदेश ददया गया। साथ ही, आस-पड़्ोस के बच््ो् के दलए स्कूलो् के बड़्े खेल के मैदान खोलने के दलए नीदि िलाशने के दलए भी कहा गया। इस घटना को सरकार ने गंभीरिा से दलया और उन आईएएस अफसर को सीधे लद््ाख जाने को कह ददया। सरकार की इस सख्िी की सराहना करिे हुए भी यह िो कहा ही जा सकिा है दक एक अफसर के िबादले से ज़्यादा ज़र्री है खेल और दखलाड़ियो् के प््दि व्यवस्था के र्झान मे् बदलाव! यह बाि अलग है दक उन स्वनामधन्य अफसर को अब भी यही लगिा है दक उनके और उनके कुत्े के टहलनेटहलाने से दखलाड़ियो् की प््ैम्कटस मे् कोई र्कावट नही् आिी थी। इस संभावना से इनकार नही् दकया जा सकिा दक उन्हो्ने दखलाड़ियो् को
जल्दी जाने के दनद््ेश न ददए हो्, बम्लक उनके मािहिो् ने अफसर के र्िबे के आिंक मे् आकर दखलाड़ियो् को भगाने का फरमान खुद ही जारी दकया हो। ऐसा है िो भी यह अफसरशाही का ही एक दवकृि उदाहरण है और देखा जाना चादहए दक ऐसे कांड कही् भी दोहराए न जाएँ! संभवि: इसीदलए पूव्ण आईपीएस अदधकारी दकरण बेदी ने इस िबादले पर सवाल उठािे हुए कहा है दक, अगर आईएएस अफसर के स्टेदडयम मे् कुत्ा घुमाने की घटना को सही पाया गया िो उन्हे् दूसरे के्द् शादसि प््देश क्यो् भेजा जा रहा है, उन्हे् फैसला आने िक छुट्ी पर क्यो् नही् भेजा जा रहा? यानी सरकार ने नरमी बरिी है, वरना कुत्े के मादलक अफसर को दनलंदबि भी दकया जा सकिा था! अंििः यही दक भारिीय दसदवल सेवा के अफसरो् की ज़िम्मेदारी बेहद अहम और गंभीर होिी है। उन्हे् उपदनवेशवादी अफसरशाही वाले आचरण से बचना चादहए।
(िहन्दी साप्िातहक)
आलू तिक््ी बग्गर रेतसपी
बरूगर सभी शौक से खािा पसंद करते है. इसे बिािे के आलू और मटर की एक सूवाददषूू दटकूूी बिाई जाती है दजसके बाद इसे बरूगर बि मेू लराया जाता है. आलू दटकूूी बरूगर की सामगूूी 1 बरूगर बि 1/4 कप उबली मटर 1/4 कप उबला आलू 1/2 कप मैदा सलरी 1 लेटूस पतूूा 1/2 कप बूूेड कूूमूबस 4-5 अदियि दरंगूस 2-3 टमाटर सूलाइस सूवादािुसार िमक 1/4 टी सूपूि कालीदमरूग 1/4 टी सूपूि लाल दमरूग 1/2 टी सूपूि धदिया पाउडर 2 टेबल सूपूि मेयोिेज 2 टेबल सूपूि टोमैटो सॉस 1/2 टी सूपूि अदरक लहसुि का पेसूट आलू दटकूूी बरूगर बिािे की दवदध 1.एक बाउल मेू उबला आलू, मटर, अदरक लहसुि का पेसूट, िमक, लाल दमरूग, जीरा पाउडर, धदिया पाउडर डालकर दमला लेू. 2.दटकूूी बिाएं और मैदा सूलरी मेू दडप करके बूूेड कूूमूब मेू कोट करके फूूाई करेू.3.अब मेयोिेज, टोमैटो सॉस को एक साथ दमलाएं.4.बरूगर बि लेू दोिोू दहसूसोू पर मेयोिेज और कैअप का पेसूट लराएं.5.इस पर लेटूस का पतूूा लराएं. इसके बाद दटकूूी रखेू.6.अदियि दरंगूस और टमाटर सूलाइस लराएं.7.बरूगर का दूसरा दहसूसा रखेू और एंजॉय करेू.
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एक थी मेहरूनूनिसा... ~ rg`qo qdonqsdq अजय श््ीवास््व मशहूर डच िेखक अपनी वकिाि ‘वडस्व्ित्शन आँफ इंड़िया एंड फै्िमे्ट आफ इंवडयन वहस्ट्ी’ मे् विखिे है् वक महान मुिि िािशाह जिािुद्ीन मोहम्मि अकिर का इकिौिा पुत् जहांिीर वजन्हे् उन्हो्ने िडे जिन िे पािा था,एक पारिी िड़की के प््ेम मे् िीिाना हो िया था।िीिानिी इिनी ज्यािा थी वक अफीम की िडी डोज िेने के िाि भी उिे नी्ि नही् आिी थी।उि िडकी का नाम मेहर्त्ननिा था।मेहर्त्ननिा अकिर के िरिार मे् काम करने िािे वियाि िेि की िेटी थी।िफािार वियाि िेि के कामो् िे खुश होकर िािशाह अकिर ने उन्हे् ‘ऐविमािुद्ौिा’ की उपावध िी थी। जहाँिीर हर हाि मे् मेहर्त्ननिा िे वनकाह करना चाहिे थे।उन्हो्ने अपनी माँ के द््ारा ये िाि िािशाह-ए-वहंि िक पहुँचाई मिर अकिर िो िािशाह-ए-वहंि ठहरे, िो कैिे अपने पुत् का वनकाह मंत्ी की पुत्ी िे करिािे। िािशाह के अिािा वियाि िेि भी नही् चाहिे थे वक मेहर्त्ननिा का वनकाह एक अफीमची िे वकया जाए।वियािुद्ीन ने आननफानन मे् मेहर्त्ननिा का वनकाह अपने भिीजे अिीिुि िे कर िोनो् को िंिाि भेज विया। मेहर्त्ननिा की जुिाई ने उिे िोडकर रख विया था और िो हमेशा नशे मे् डूिा रहिा। ये िो िमय था जि िािशाह अकिर िीमार रहने ििे थे।थोडे ही् विनो् मे् अकिर का इंिकाि हो िया और जहांिीर मुिि िाम््ाज्य के चौथे िािशाह िने। डी-िायट अपनी वकिाि मे् विखिे है् वक मरने िे पहिे िािशाह अकिर ने जहांिीर के हरम के िभी कनीज़ को ििि विया था।उन्हे् िूचना वमिी थी वक हरम मे् जहांिीर के वखिाफ कोई िडी िावजश हो रही है वजिमे् जहांिीर को अफीम का ज्यािा डोज िेकर मारने की योजना िनाई जा रही है।डी-िायट ने ये वजि्् नही् वकया है वक ये िावजश वकिने की थी।जहांिीर के महि मे् िािशाह अकिर के विश््ािपात्् िोिो् ने अपना काम शुर् कर विया।उन्हो्ने अफीम के ििी जहांिीर की नशे की खुराक धीरे धीरे कम कर िी,वजििे िे स्िस्थ्य होने ििे थे।िािशाह िनने के िाि भी िो मेहर्त्ननिा को भूि नही् िके थे।उन्हो्ने मेहर्त्ननिा को कई पत्् विखा,वजिमे् उन्हो्ने आग््ह वकया था वक िो अपने शौहर को ििाक िेकर उनके पाि आ जाएं,उन्हे् िेिम का िज्ाा विया जाएिा।िेखक के अनुिार
मेहर्त्ननिा अपने शौहर िे िेहि त्यार करिी थी, उन्हो्ने जहांिीर के पत्् का उत््र िेिे हुए विखा था एक एक िािशाह को इि प््कार की िािो् िे िचना चावहए।मै् अपने शौहर िे िहुि त्यार करिी हूँ और उम्् भर उनके ही् िाथ रहूंिी। जहांिीर िमझ िया था वक उिे हाविि करने के विए उिके शौहर को मारना होिा।जहांिीर ने अिीिुि को रास््े िे हटाने के विए उिे शेर िे वनहत्थे िडिाया,मिर िहािुर अिीिुि ने शेर को मार डािा था।इि प््याि के अिफि होने के िाि जहांिीर ने िंिाि के ििन्ार कुिुिुद्ीन को िािच िेकर अिीिुि की हत्या करा िी। अिीिुि की हत्या के िाि जहांिीर ने मेहर्त्ननिा के िामने वनकाह करने की कई िार वमन्निे् की मिर िो जानिी थी वक इि हत्या के पीछे कौन है। मेहर्त्ननिा के इंकार के िाि जहांिीर ने राजिरिार मे् आना िंि कर विया।िि िािशाह के मंव्तयो् ने मेहर्त्ननिा के पाि जाकर आग््ह वकया वक िो वनकाह के विए िैयार हो जाएं, नही् िो मुिि िाम््ाज्य का पिन वनव््िि है।ििािे है् वक अपने वरश्िेिारो् के कहने पर िो वनकाह के विए िैयार हो िई।िाि 1611 मे् िोनो् का वनकाह हुआ। डच िेखक अपनी वकिाि मे् विखिे है् वक मेहर्त्ननिा िे वनकाह के िाि जहांिीर हर िक्ि उिकी जुल्फो् के िाये मे् और शराि की मिहोवशयो् मे् डूिा रहिा था।इिका निीजा ये हुआ वक ित््ा की पूरी िािडोर मेहर्त्ननिा के हाथो् मे् आ िई।अपनी िाडिी िेिम िे खुश होकर जहांिीर ने उिे नूरजहां की उपावध िे निाजा।नूरजहां को राजनीविक पैिरो् की अच्छी िमझ हो िई थी और उिने राजकाज को अच्छी िरह िे िंभाि विया था। डच िेखक ने अपनी वकिाि "वडस्व्ित्शन आँफ इंवडया एंड फै्िमे्ट आँफ इंवडयन वहस्ट्ी" मे् विखा है वक िाि 1627 मे् उनके ही् एक रक््क ने शाहजहां के िाथ वमिकर मुिि शहंशाह के वखिाफ ििािि कर िी।शाहजहां के आिेश के िाि जहांिीर और नूरजहां को विरफ्िार कर कारािार मे् डाि विया िया था।उनका अंविम िक्ि जेि मे् कैिे िीिा इिका कोई वजि्् वकिाि मे् नही् वमििा है।नूरजहां की मृत्यु िन् 1645 मे् हुई।िाहौर मे् जहांिीर के मकिरे के करीि ही् शहािरा मे् उनकी कब्् है।
शतिवार, 28 मई-2 जूि , 2022
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एक गाय की आत्मकथा” उपन्यास की छपेगी एक लाख प््तियां
~ rg`qo qdonqsdq राष्् कवि रामधारी विंह ‘विनकर’ स्मृवि न्याि द््ारा िंचाविि नािंिा प््काशन की ओर िे वहंिी के चव्चि्ि िेखक श््ी विरीश पंकज के उपन्याि “एक िाय की आत्मकथा”की एक िाख प््वियाँ प््कावशि की जाएंिी। उम्मीि है वक यह उपन्याि िि्ाावधक विकने िािे िावहत्तयक उपन्याि की िूची मे् िििे ऊपर होिा। न्याि के अध्यक्् नीरज कुमार ने आज प््ेि विज््त्ति जारी करके ििाया वक एक भव्य िमारोह मे् इि कृवि का विमोचन एक निम्िर 2022 को िोपाष््मी के विन िरिाने िौशािा पवरिर, िृंिािन (उ.प््.) मे् वकया जायेिा। इि अििर पर िेशभर िे िौ िावहत्य के अध्येिा एिं िौ िेिक पधारे्िे। एक िाय की आत्मकथा पर आधावरि नाट््मंचन भी वकया जायेिा। राष््कवि विनकर स्मृवि न्याि द््ारा 2014 मे् इि उपन्याि की िि हजार प््वियाँ प््कावशि कर आम वनःशुल्क वििवरि की िई थी। “एक िाय की आत्मकथा” को पढ़कर आज कई िोि िौशािा वनम्ााण कर िैकड़ो् िायो् की िेिा कर रहे है्। नीरज कुमार ने ििाया वक िेश के अनेक िोि ने “एक िाय की आत्मकथा” पढ़ने हेिु माँि कर रहे है्। इिे िेखिे हुए न्याि ने एक िाख प््वियाँ प््कावशि करने का वनण्ाय विया है। उपन्याि पढ़कर रायपुर का एक राष््िािी मुत्सिम युिक मो. फैज खान अपनी िरकारी वशक््क की नौकरी छोड़कर िौ जािरण काय्ा मे् जुट िये है्। मो- फैज ने िौहत्या पर पूण्ा प््वििंध की मांि को िेकर नई विल्िी के जंिर-मंिर मे् आमरण अनशन भी वकया था । “एक िाय की आत्मकथा” उपन्याि की रचना विरीश पंकज ने की, वजिे पढ़कर िोिो् मे् िाय के प््वि श््द्ा एिं कर्णा का भाि जाि िके्। वजि िाय की िूध का उपयोि मनुष्य जीिन-भर करिा है, उिी िौमािा को मैिा, पोिीथीन खाने को वििश कर रहे है् इि उपन्याि मे् िमस्या को उजािर भी वकया िया है और िमाधान भी ििाया िया है। िरकार और िमाज को वमिकर िोधन की रक््ा के विए िख्ि कानून िनाने की जर्रि है। मनुष्य के िंिेिनहीनिा के कई उिाहरण इिमे् प््स्ुि वकया िया है। मुत्सिम पवरिार के िौ प््ेम को िड़े ही माव्माक ढंि िे िश्ााया िया है। श््ी नीरज ने कहा वक एक िाय की आत्मकथा िायो् की त्सथवि का एक िरह िे श््ेि पत्् है, वजििे पढ़कर िाफ-िाफ िमझा जा िकिा।िमाज के िोिो् का कथनी और करनी मे् वकिना अन्िर है। स्िाथ््ी मानि िमाज कैिे िौमािा को ऑक्िीटोविन की िुई िेकर िच््े को अिि कर िूध वनकाि िेिा है, िौमािा पीड़ा मे् रहकर भी िूध िेने को वििश है, इि िरह अनेक उिाहरण इि उपन्याि मे् भरे पड़े् है्। श््ी नीरज ने कहा वक “एक िाय की आत्मकथा” मे् भारिीयो् िायो् की प््ाचीन मवहमा और उिकी अि वनरन्िर हो रही िुि्ाशा का विस््ृि आख्यान है। न्याि द््ारा पूि्ा मे् भी िोकमान्य वििक की 1000 पृष्ो् की कािजयी िीिा रहस्य की एक िाख प््वियाँ िन् 2019 मे् प््कावशि की िई है, वजिे िेश भर मे् खूि पंिि वकया िया। नीरज कुमार, मो. 9650334142
आज की पीढ़ी को नेहरू-लोहहया का केवल हवरोध पता है, दोनोू के आतूमीय सद-भाव नहीू..! वातायन
फूड टाइम
झरोखा
~ rg`qo qdonqsdq महान स्ििंत्िा िंग्ाम िेनानी ि ि््ांविधम््ी िमाजिािी वचंिक राममनोहर िोवहया का नाम िेकर उपमुख्यमंत्ी भाई ब््जेश पाठक ने विधान पवरषि मे् िपा के िमाजिािी स्िर्प पर ही प््श्न वचन्ह ििाया । व्यिहावरक उद््रणो् के िाथ िैद्ांविक ििाि खड़े वकए । िुभ्ााग्यपूण्ा है वक िमूची िपा उनका जिाि िे नही् पाई । पाठक जी ने पंवडि नेहर् ि िोवहया जी का एक िाकया भी िुनाया वजिका उल्िेख मै्ने जाज्ा फन्ाान्डीज, रवि रॉय ि जनेश्र जी िे पहिे िुन चुका हूँ । इंिुमिी केिकर की वकिाि मे् भी इिका वजि्् है जो िोवहया जी की प््ामावणक जीिनी मानी जािी है । िि्ामान पीढ़ी को केिि नेहर् - िोवहया का विरोध पिा है । िोनो् के िि-भाि की जानकारी िे ज्यािािर िोि िंवचि है । इिविए जि उपमुख्यमंत्ी ने नेहर् िोवहया का एक िाथ वजि्् वकया िो कुछ िोि इिे कत्लपि कथा ििाने ििे । िंिभ्ािश पंवडि नेहर् ि िोवहया की एक िस्िीर द््ष्व्य है। िोवहया के भी ििाि पर िपा की रहस्यमय चुत्पी िुखि है। िपा शनैः शनैः िोवहया द््ारा प््विपाविि िमाजिाि िे िूर होिी जा रही है -दीपक ममश््ा, समाजवादी मवचारक
(िहऩदी साप़ताहहक)
हलचल
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5 आजमगढ़ जेल मे़ कलेक़टर का छापा शहिवार, 28 मई-2 जूि , 2022
आपत््िजनक वस््ु न तिलने पर जेल प््शासन ने ली राहत की सांस
योगीराज की टीि- िुख्य सतिव डीएस तिश््ा, एसीएस-सूिना- नवनीत सहगल, सूिना तनदेशक- तशतशर
~ rg`qo qdonqsdq वेद प््काश सिंह ‘लल्ला’ आजमगढ़। जिलाजिकारी व पुजलस अिीक््क की अगुवाई मे् शजिवार को जिला कारागार का माजसक जिरीक््ण जकया गया। इस दौराि िेल की बैरको् मे् चलाए गए सघि तलाशी अजियाि मे् कोई आपज््िििक वस््ु ि जमलिे पर प््शासजिक अजिकाजरयो् िे िहां संतोष व्यक्त जकया वही् िेल प््शासि िे िी राहत की सांस ली। जिला कारागार पजरसर मे् शजिवार की सुबह करीब 10.30 बिे औचक जिरीक््ण करिे पहुंचे प््शासजिक अजिकाजरयो् का काजिले की िमक सुि िेल के अंदर अिरातिरी मच गई। पुजलस बल के साथ पहुंचे डीएम जवशाल िारद््ाि व एसपी अिुराग आय्य के जिद््ेश पर बैरको् की सघि तलाशी ली गई। हालांजक इस दौराि टीम
को कोई आपज््िििक वस््ु िही् जमली। अजिकाजरयो् की जिगरािी मे् पुर्ष व मजहला बैरक, िोििालय, अस्पताल आजद का िी जिरीक््ण जकया गया। अजिकाजरयो् िे िेल मे् जिर्द् बंजदयो् से उिकी समस्याओ् के बाबत िािकारी ली। साथ ही िेल के अजिकाजरयो् से िी बंजदयो् को जमलिे वाली सुजविाओ् के बारे मे् पूछताछ की गई। सबकुछ सामान्य जमलिे पर अजिकारी द््य िे संतोष िाजहर जकया। प््शासजिक अजिकाजरयो् की िेल से रवािगी के बाद िेल अजिकाजरयो् िे राहत महसूस जकया।
पोखरी पर अवैध अततक््िण
करने के िािले िे् गांव के 18 लोगो् पर बेदखली का
िुकदिा दज्ज इस सम्बंध मे् क््ेत्ीय राजस्व निरीक््क नजते्द् राम िे बताया नक निकायत के बाद मामले मे् मौके की पैमाईि करते हुए अवैध र्प से पोखरी पर कब्जा नकये लोगो् पर धारा 67 (1) के तहत न्यायालय श््ीमाि तहसीलदार की कोर्ट मे् बेदखली का मुकदमा पंजीकृत नकया गया है।
लखनऊ स्थित सतिवालय का सतिव है िुख्य भूतिका िे् तशकायत करने के बाद जागा प््शासन, शुर् हुई कारवाई ~ rg`qo qdonqsdq शन्नू आज़मी की सिपोर्ट घोसी (मऊ)। केकर केकर लेई् िांव, कमरी ओढ़ले सगरी गांव उक्त कहावत वत्यमाि समय मऊ ििपद के घोसी तहसील क््ेत् के एक गांव मे् पूरी तरह चजरताथ्य हो रही है। िहां एक दो िही् गांव के डेढ़ दि्यि लोगो् द््ारा ग््ाम सिा की सम्पजत पर अवैि कब्िा िमाए हुए थे। और तो और इस अवैि कब्िे मे् प््शासजिक इकाई के बड़े ओहदेदार िी मुख्य िूजमका मे् संजलप्त है्। यह घटिा अवैि अजतक््मण के जवर्द् पूरे प््देश मे् चल रहे बाबा के बुलडोिर प््ज्कया मे् कही् ि कही् सवाजलया जिशाि खड़ा कर रही है। जमली िािकारी के अिुसार घोसी तहसील क््ेत् के लखिी मुबारकपुर गांव जिवासी व लखिऊ सजचवालय मे् तैिात जवशेष सजचव
अशोक कुमार व उसके दो िाईयो् सजहत ग््ाम सिा के 18 लोगो् पर ग््ाम सिा की सरकारी पोखरी पाटकर मकाि बिािे के आरोप मे् रािस्व संजहता की िारा 67 (1) के तहत बेदखली का मुकदमा पंिीकृत जकया गया है।
बताते चले् जक घोसी तहसील क््ेत् के ग््ाम सिा लखिी मुबारकपुर जिवासी रािू पुत् स्व० रामिवि िे मुख्यमंत्ी को एक जशकायती पत्् िेिा था। जशकायती पत्् मे् बताया था जक उसके गांव मे् पोखरी आरािी संख्या 1258 पर गांव के
ही जिवासी व लखिऊ सजचवालय मे् तैिात जवशेष सजचव अशोक कुमार व उसके पजरवार वालो् िे पाटकर मकाि बिाकर पूरी तरह से अवैि कब्िा कर रखा है व पोखरी का अज््सत्व पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। पत्् मे् बताया
गया है जक जवगत अप््ैल माह की 19 तारीख को इस सम्बन्ि मे् तहसीलदार घोसी को कारवाई करिे के जलये प््ाथ्यिा पत्् जदया था। जिसके बाद तहसीलदार की उपस्सथजत मे् जदिांक 25 अप््ैल को मौके पर पैमाईश की गई जिसमे् उक्त जवशेष सजचव अशोक कुमार व उसके दो िाईयो् सजहत 18 लोगो् का अवैि कब्िा पाया गया। पैमाईश के बाद अवैि कब्िे की पुज्ि होिे के बाद रािस्व जिजरक््क की जरपोट्य पर तहसीलदार न्यायालय मे् उक्त जवशेष सजचव अशोक कुमार, उसके िाई रामदरश व अजमत पुत्गण सुन्दर प््साद सजहत उसी गांव के सत्येन्द्, हरेन्द् पुत्गण रामिाथ, तुिािी व रामिारी पुत्गण अवतार, रामिारी, रामाशीष, रामपजत व रामिौमी पुत्गण सुमेर, रािू, रंिीत, अमरिीत, संदीप व रजवन्द् पुत्गण रामिवि, बृििाि व सूय्यिाि पुत्गण जवशुिी सजहत कुल 18 लोगो् पर पोखरी संख्या 1258 रकबा 808 हेक्टेयर को पाटकर अवैि जिम्ायण करिे के आरोप मे् तहसीलदार न्यायालय मे् िारा 67 (1) के तहत मुकदमा पंिीकृत कर बेदखली की कारवाई की गई है।
(िहन्दी साप्ताहहक)
गणतंत्
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शहिवार, 28 मई-2 जूि , 2022
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सवनाशकारी है, जातीय-जनगणना ~ rg`qo qdonqsdq डॉ. वेदप््ताप वैददक खबर है कि 1 जून िो कबहार िे मुख्यमंत्ी नीतीशिुमार एि सर्वदलीय बैठि बुला रहे है्, जो कबहार मे् जातीय जनगणना िी र्प-रेखा तय िरेगी। पहले भाजपा इसिा कररोध िर रही थी, अब रह भी इस बैठि मे् शाकमल होगी। नीतीश इस सराल पर दो बार प््धानमंत्ी नरे्द् मोदी से कमल चुिे है्। जहां ति मोदी िा सराल है, रह जातीय जनगणना िे पके् कररोधी है्। जब 2010 मे् जातीय जनगणना िे करर्द् मै्ने कदल्ली मे् जन-अकभयान शुर् किया तो गुजरात िे मुख्यमंत्ी िे तौर पर मोदी ने मुझे िई बार फोन किया और हमारे आंदोलन िो अपने खुले समथ्वन िा एलान किया। उस आंदोलन मे् िांग्ेस, भाजपा, समाजरादी पार््ी और िम्युकनस्र पार््ी िे अनेि बड़े नेता भी सक््िय भूकमिा अदा िरते रहे। सोकनया गांधी ने न्यूयाि्क से लौरते ही पहल िी और ‘मेरी जाकत कहंदुस्ानी’ िे आग््ह पर जातीय जनगणना र्िरा दी। मनमोहन कसंह िी िांग्ेस सरिार ने उन आंिड़ो् िो प््िाकशत भी नही् होने कदया, जो हमारे आंदोलन िे पहले इिट््े हो गए थे। मुझे खुशी है कि नरे्द् मोदी ने
सिर्फ 5-7 हजार िरकारी नौकसरयो् की रेवड़ियां बांटकर देश के 80 करोड़ गरीबी की रेखा के नीचे लोगो् को उपेक्ा का सशकार क्यो् बनाया जाए?
देश के 70 करोड़ िे ज्यादा वंसचतो् का जातीय आरक््ण ने िबिे ज्यादा नुकिान सकया है। भी अपने प््धानमंत्ी िाल मे् उसी नीकत िो चलाए रखा। अब नीतीश जो पहल िर रहे है्, रह कबहार िे कलए नही्, सारे देश िे कलए खतरनाि कसद्् हो सिती है। रैसे नेताओ् मे् नीतीश मेरे क््पय है्। उन्हो्ने रेल मंत्ी रहते हुए कहंदी िे कलए और कबहार मे् शराबबंदी िे कलए मेरे िई सुझारो् िो तुरंत लागू किया है लेकिन यकद जातीय जनगणना
उन्हो्ने कबहार मे् िररा दी तो यह बीमारी सारे भारत मे् फैल जाएगी। िन्ावरि और तकमलनाडु मे् उसिी असफल िोकशश हो चुिी है। अब छत््ीसगढ़, ओकडशा और महाराष्् िी सरिारे् भी इसे अपने यहां िरराना चाहती है्। यकद सभी प््ांतो् मे् जातीय जन-गणना होने लगी तो भारत िी एिता िे कलए यह करनाशिारी कसद्् होगी। जातीय अलगार मजहबी अलगार से भी अकधि
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जहरीला है। 1947 मे् भारत िे कसफ्क दो रुिड़े हुए थे, अब भारत हजारो्-लाखो् रुिड़ो् मे् बंर जाएगा। कपछली जनगणना मे् 46 लाख जाकतयो् और उप-जाकतयो् िा पता चला था। एि ही प््ांत मे् एि ही जाकत िे लोग अलग-अलग कजलो् मे् अपने आपिो उच्् या नीच जाकत िा मानते है्। यकद जातीय आधार पर आरक््ण और सुकरधाएं बंरने लगी् तो िौन जाकत िे लोग अपने आपिो
कपछड़ा या दकलत साकबत नही् िरना चाहे्गे? जातीय जन-गणना सामूकहि लूर-खसोर िा हकथयार बन जाएगी। रैसे देश िे िुछ नेता इन आंिड़ो् िा इस््ेमाल िुस्ी पाने और उसे बचाने िे कलए िरते ही है। जातीय जनगणना देश िे लोितंत् िो भेड़तंत् मे् बदल डालेगी। देश िी न्यायपाकलिा, करधानपाकलिा और िाय्वपाकलिा मे् ही नही्, जीरन िे हर क््ेत् मे् योग्यता िी जगह जाकत ही पैमाना बन जाएगी। गरीबी दूर िरने िा लक््य धरा िा धरा रह जाएगा। आज 80 िरोड़ लोगो् िो मुफ्त राशन क्या जाकत िे आधार पर कमल रहा है? नही्, गरीबी िे आधार पर कमल रहा है। जातीय जनगणना हुई तो यह आधार नष्् हो जाएगा। देश मे् गरीबी बढ़ेगी। देश िे 70 िरोड़ से ज्यादा रंकचतो् िा जातीय आरक््ण ने सबसे ज्यादा नुिसान किया है। कसफ्क 5-7 हजार सरिारी नौिकरयो् िी रेरड़ियां बांरिर देश िे 80 िरोड़ गरीबी िी रेखा िे नीचे लोगो् िो उपेक्ा िा कशिार क्यो् बनाया जाए? जो लोग भारत िा भला चाहते है्, उन्हे् जन्मना जाकतराद िा डरिर कररोध िरना चाकहए।
आजमगढ् सवि््सवद््ालय के पहले सशल्पकार ने जब रखी सनम्ााण और अकादसमक पसरयोजनाओ् की र्परेखा रामाधीन सिंह जब अपने उदबोधन के सिए उठे तो- िभी शांत हो गयें- बोिे- चािीि बरि पहिे मैं मेरठ में काम सकया था. आज चािीि बरि बाद मेरठ िे एक सिदंंान और सशकंंा सिद हमारे नगर में आया है. यह सिशंंसिदंंािय एक महान उदंंेशंय के समशन को पूरा करेगा. िैिे ही जैिे इिाहाबाद सिशंंसिदंंािय के पहिे िीिी िर िुनंदर िाि, मदंंाि सिशंंसिदंंािय के रामासंिामी, किकतंंा सिशंंसिदंंािय के िीिी की पसरकलंपनाओं ने एक महान पंंकाशपुंज ने मूतंत रंप सिया था. इिके सिए हर युग के ििािों के सिए, उि युग के िोगों को आगे आना पडंेगा.
यह सवद््ा का वैस्िक केन्द् बनेगा- कुलपसत कुलपसत का सवि््सवद््ालय असियान टीम ने सकया था नागसरक असिनन्दन ~ rg`qo qdonqsdq ~ डॉ अरदवंद दिंह - दरपोर्ट यह मई िी एि शकनरारी दुपहरी थी. आजमगढ़् नगर िे शारदा चौराहे पर स्सथत होरल गर्ण िे सभागार मे् आजमगढ़् िे बौक््दि और जनसरोिारी जनो् िा समागम हो रहा था. रातानुिूकलत और सुसक््ित सभागार मे् िरीने से िुक्सवयो् पर लोग बैठते जा रहे थे. सामने मंच पर एि बैनर लगा था- कजस पर बहुप्तीक््कत आजमगढ़् करश््करद््ालय िे प््थम िुलपकत प््ोफेसर प््दीप िुमार शम्ाव िा गंभीर कचत्् िे बीच एि इबारत कलखी थी- 'महाराजा सुहेलदेर राज्य करश््करद््ालय आजमगढ़् िे प््थम िुलपकत िा नागकरि अकभनन्दन', और इस शानदार जलसे िा आयोजन किया था,-करश््करद््ालय अकभयान रीम ने, कजसिी आजमगढ़् िे गाँर-गाँर से लेिर कजला मुख्यालय होते् हुए लखनऊ ति प््कतध्रकन स्पंकदत होती रही. सतत और कनब्ावध संघर्व िे बाद जब आप िे सपने पूरे होने लगे् तो, उस खुशी िो बयां शब्दो् मे् नही् किया जा सिता है. िमोबेश यही स्सथकत इस सभागार मे् थी. सरस्रती पुत्ो् और जनपद िे एस्करकरस्रो् िा एि तरह से कमलन था. दुकनया िी सारी समस्याओ् िा समाधान कजस एि हकथयार िे बुते कनिल सिता है- रह कशक््ा ही तो है. यहाँ आने राले लगभग सभी िे मन- मक््सष्ि मे् था. सभी ने एि सपना देखा था, उस सपने िे कलए सड़्िो् पर संघर्व किया था.कबना मौसम िी परराह किए सड़्िो् िो पगो् से मापा था, अनशन पर बैठना पड़्ा था.ति जािर ये कदन कदखे थे. मंच पर करद््त समाज था, इसकलए सुनने िी
प््बल इच्छा भी थी. कजस मंच पर पूरब िे आक्सफोड्व इलाहाबाद करश््करद््ालय िे पूर्व छात््संघ िे शानदार अध्यक्् और उत््र प््देश सूबे मे् आपातिाल िे पहले बंदी, प््ख्यात रक्ता रामाधीन कसंह हो्, रह मंच समृद् तो ऐसे ही हो जाना था. लेकिन प््ोफेसर प््मोद िुमार शम्ाव जैसा धीर-गंभीर और िम्वरादी व्यस्कतत््र, कशक््ाकरद, िृकर करज््ानी जब आजमगढ़् करश््करद््ालय िे संग- ए- बुकनयाद िा कशल्पिार बनिर आया हो, तो मंच िो समृद् बनना ही था और बना भी. अकभनन्दन और माल्याप्वण िे एि लंबे खरिरम िे बाद जब संचालि िे र्प मे् डा० ईश््रचन्द् क््तपाठी ने मंच िी ओर मुखाकतब हुए तो मानो् तमसा िी लहरो् मे् तरंकगत हो सरस्रती िी धार फूर पड़्ी हो. तमसा िी जलधारा मे् मानो् सरस्रती िी ररानी आ गयी हो.. यह पहली बार था कि आजमगढ़् अपने िुलपकत िो एि नागकरि अकभनन्दन मे् मंत्मुग्ध हो सुन रहा थाजो सपना एि िस्बाई नगर और 60 लाख िी आबादी ने अपनी खुली आँखो् से देखा था, उसिे एि एि र्प रंग और आिार िो इसिे
कशल्पिार िे मुख से सुनिर आह््ाकदत हुआ जा रहा था.- मंच जरां था- सभागार कबल्िुल शांत, सरस्रती संराद िर रही थी्- पीिे शम्ाव बोल रहे थे- करश््करद््ालय िा अथ्व होता है-' करश्् िा करद््ालय याकन रल्ड्व िा स्िूल.. याकन स्थानीय और देश ही नही् करदेश िे भी करद््ाथ््ी आएंगे. यह करश््करद््ालय िेरल ई्र गारे से एि शानदार इमारत और रास््ु ही नही् होगा- यह करद््ा िा रैक्शि िेन्द् बनेगा. ज््ान- करज््ान िी सभी करधाओ् मे् शोध - अनुसंधान िो बढ़्ारा कमलेगा. जनररी मे् जब पहली बार आएं तो पूर्ाा्चल करश््करद््ालय िे िै्पस मे् जािर चाज्व कलया और उसिे गेस्रहाउस मे् रहिर पूर्ाा्चल करश््करद््ालय से सभी अकभलेखीय प््पत््ो् िो पृथि िर उसे लेिर आजमगढ़् आ गये्. पीडब्ल्यूडी और कनम्ावण एजे्सी िे बीच लगातार कनम्ावण िी समीक््ा िर रहे् है्. हमने लक््य रखा है कि अगले माच्व 2023 ति करश््करद््ालय िा िै्पस, एिडकमि ब्लॉि, एडकमकनस्ट्ेकरर ब्लॉि, गल्स्व और ब्याज हॉस्रल सकहत फैिल्री तैयार हो जाएगी, और क्लास
चलना शुर् हो जाएगा. रत्वमान परीक््ा हम िरा रहे है्.इसिे कलए नागकरि समाज, अकभभारि, कशक््ि, और मीकडया से सहयोग िी अपेक्ा भी िरते है्. मीकडया िो तो हम अपने जीरन िा अकभन्न कहस्सा मानते है्, उसिे माध्यम से बाहर िी सूचनाएं हमारे ति आती है्. आप िे संघर्व िो नमन है, आप िे सपनो् िो हमने महसूस किया है, कितने संघर्व िे बाद यह करश््करद््ालय कमला है, मुख्यमंत्ी जी भी आजमगढ़् करश््करद््ालय िे कलए प््ाथकमिताओ् मे् रखते है्.'रीसी िा संबोधन चल रहा था- एि करज्नरी, कमशनरी कशल्पिार िा अपने कशल्प िी र्परेखा और भकरष्य िी योजनाओ् िो लेिर. संबोधन समाप्त होते ही- सभागार मे् िरतल ध्रकनयो् से गडगडाहर होने लगी. अध्यक््ता िर रहे रामाधीन कसंह जब अपने उदबोधन िे कलए उठे तो- सभी शांत हो गये्बोले- चालीस बरस पहले मै् मेरठ मे् िाम किया था. आज चालीस बरस बाद मेरठ से एि करद््ान और कशक््ा करद हमारे नगर मे् आया है. यह करश््करद््ालय एि महान उद््ेश्य िे कमशन िो
पूरा िरेगा. रैसे ही जैसे इलाहाबाद करश््करद््ालय िे पहले रीसी सर सुन्दर लाल, मद््ास करश््करद््ालय िे रामास्रामी, िलित््ा करश््करद््ालय िे रीसी िी पकरिल्पनाओ् ने एि महान प््िाशपुंज ने मूत्व र्प कलया था. इसिे कलए हर युग िे सरालो् िे कलए, उस युग िे लोगो् िो आगे आना पड़्ेगा. जैसे हमारे समय मे् करश््करद््ालय अकभयान ने इस सराल िो उठाया, सुजीत भूरण, रािेश गांधी, प््रेश कसंह और करजे्द् िे र्प मे्. यह करश््करद््ालय रैक्शि सरालो् िे जराब देने िे कलए जाना जाए, इसिी पकरिल्पना और कनम्ावण ऐसा हो. प््मुख साथी िे र्प मे् करजे्द् कसंह बताया कि- िैसे इस करश््करद््ालय िे कलए तमाम छल छद्् िो भेदिर यह करश््करद््ालय िी घोरणा िरना पड़्ा. मंच पर डा० फूलचंद कसंह और प््ोफेसर शम्ाव तथा करजे्द् कसंह थे. िाय्वि्म मे् डा० प््रेश कसंह, शैले्द् कसंह, अकनता क््दरेदी सकहत आजमगढ़् मऊ िे अध्यापि और गणमान्य लोग थे.
(िहन्दी साप्तालहक)
वाद-िववाद-संवाद
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ग़ाज़ीपुर की बेटी गीतांजलि श््ी को लििा अंतरराष््ीय बुकर पुरस्कार ~ rg`qo qdonqsdq सुधीर कुमार प््धान रेत की समाधि- उपन्यास की लेधिका गीतांजधल श््ी को प््धतध््ित अंतरराष््ीय बुकर प््ाइज से नवाजा गया है्। गीतांजधलश््ी उत््र प््देश राज्य के जनपद ग़ाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद तहसील के गुणउर गांव की रहने वाली है्। धजसे ग़ाज़ीपुर मे् आम भाषा के र्प मे करइल क््ेत् बोला जाता है।
गीतांजलि श््ी -अलिर्द् पांडेय जी, पूर्व लिलरि िर््ेट की बेटी है्। अधनर्द् पांडेय जी धजलाधिकारी- इलाहाबाद अब प््यागराज से धरटायर हुए। गीतांजधलश््ी का जन्म मैनपुरी जनपद मे् हुआ जब इनके धपताजी वहाँ धडप्टी कलेक्टर थे। जानकारी के अनुसार धरटायर होने के बाद श््ीपांडेय प््यागराज मे् सेटल हुये। श््ी पांडेय के दो पुत् व एक पुत्ी
गीतांजधल श््ी है्। एक पुत् श््ी ज््ाने्द् जी धवदेश मे् प््ोफेसर है् व बहुत बड़े इधतहासकार भी है्। एक पुत् शैलेन्द् पांडेय H@R थे। CF के पद से धरटायर हुए। कोरोना काल मे शैलेन्द् जी का धनिन हो गया। शैलेन्द्, श््ी धवनोद राय पूव्व H@R.पूव्व (भारत के धनयंत्क व महालेिा परीक््क) कैग (B@F) के साथ काय्व भी धकये है्। अधनर्द् पांडेय जी (H@R Qdsc.) भी साधहत्य प््ेमी व
उपन्यास लेिक रहे। उनके आिे दज्वन धलिे उपन्यासो् मे् "काया की माया", पन्ना व पुिराज व कंचन कवल प््धसद्् है्। प््शासधनक सेवा मे् रहते हुये भी पांडेय जी साधहत्य मे् लेिन करते रहे। धपता का अंश बेटी गीतांजधल श््ी मे् भी आया। जो इनके द््ारा धलिी गयी "रेत की समाधि" - मे् रचनात्मक प््धतभा की झलक धदिायी दी। धजसे अंतरराष््ीय पुरस्कार धमला। गीतांजधल श््ी की पढ़ाई C.T.धदल्ली से है। भारत की भाषा धहंदी को यह प््धतध््ित अंतरराष््ीय बुकर पुरस्कार धमला है.
गीतांजलिश््ी बधाई की पात्् है्। पूरा ग़ाज़ीपुर धजला गौरवान्नवत महसूस कर रहा है। आपने धजले का बहुत मान बढ़ाया है् प््धतध््ित बुकर प््ाइज प््ाप्त करके। पुनः आपको ढेर सारी शुभकामनाएं
लिर िौटे ज््ािरापी मे् तांडर करते ! नरेन्द् मोदी को जनादेश ममला है मक वह इन जंगली और असभ्य तुक्ी, अरब और मुगल लुटेरो् द््ारा सैन्यबल के बूते बहुसंख्यको् पर ढाये जुल्मो् का प््मतकार करे्। राष््वादी आकांक्ा है मक नरेन्द् मोदी अब अटल मबहारी वाजपेयी की मलबमलब नीमत की फोटोकॉपी नही् बने्गे। इमतहास की मरम्मत करे्गे।
~ rg`qo qdonqsdq के. विक््म राि रामजन्मभूमम मििाद के पांच समदयो् बाद हल हो जाने की तुलना मे् काशी ज््ानिापी मस्जजद का समाधान भी अब सुगमता से होता मदख रहा है। शायद इसीमलये मक सभी भक्त अपने इष््देि मय्ाादा पुर्षोत््म रामचन्द् की भांमत सौहाद्ा्ता, सहनशीलता तथा सौम्यता के दायरे मे् ही रहे। मगर भोले शंकर तो औघड् है्, प््गल्भ है्, प््चण्ड है्। म््िनेि्धारी, म््िशुल लहराते। आमद है्, अनंत है्। कौन टकरा सकता है उनसे ? संसद और सुप्ीम कोट्ा भी महमायती न रहे, मिर भी कोई अड्चन नही् पड्ेगी। कोट्ा ने पूछा था मक क्या मंमदर तोड् कर मस्जजद बनी? क्यो्मक अयोध्या पर तो कहा गया था मक बाबर ने खाली भूमम पर अपने हमराहो् हेतु नमाज अता करने की ईमारत बनिायी थी। न मकसी मंमदर पर अमतक््मण था, न हमला। मकतना बड्ा िज््ीिाड्ा था ? मगर ज््ानिापी पर कल (17 मई 2021) िामजले बरेल्िी (1892) आला हजरत अहमद रजा खां रहमुतल्लाह अलय के िंशज इम््तहादे ममल्लत कांउमसल के मुमखया जनाब तौकी रजा साहब ने िरमा मदया मक : ''जहां—जहां महन्दुओ् ने इज्लाम ज्िीकारा िहां—िहां मंमदर तोड्कर मस्जजद बनायी गयी।'' इसीमलये िे नही् चाहते मक मुसलमान मकसी मुकदमे् मे् पड्े। (टाइम्स आि इंमडया, बुधिार, 18 मई 2022, लखनऊ, पृष्—5, कालम 4—6)। यूं मसमिल जज (सीमनयर मडमिजन) आदरणीय आशुतोष मतिारी (िाराणसी) ने आम्कियोलामजक सि्ा आि इंमडया के महामनदेशक को सि््ेक्ण का आदेश दे मदया। यामचकाकत्ााओ् के िकील मदन मोहन यादि ने अगस्् 2021 मे् ही मां श््ृंगार गौरी की आरती, पूजा और दैमनक दश्ान की मांग की थी। िकील यादि के अनुरोध पर िमरष्् न्यायाधीश रमि कुमार मदिाकर ने 26 अप््ैल 2022 को ज््ानिापी की िीमडयोग््ािी का मनद््ेश मदया था। इस पर आल इंमडया मुस्जलम पस्ानल लॉ बोड्ा ने एएसआई द््ारा सि््े का जोरदार मिरोध मकया था। उनकी चेतािनी थी मक सि््े अिैध कृत्य है (9 अप््ैल 2022)। बोड्ा का दािा था मक धम्ाज्थल पर 1991 (नरमसम्हा राि िाली कांग्ेस सरकार द््ारा) संसदीय कानून बनाने के बाद ज््ानिापी का
कोई मसला नही् रहा। मस्जजदिाले इलाहाबाद हाई कोट्ा गये थे, इस मांग के साथ, मक ज््ानिापी मंस्जजद का कोई मििाद नही् रहा, अत: यह सि््े अिैध है। इस पर 29 माच्ा 2022 से उच्् न्यायालय ने लगातार सुनिाई की। न्यायमूम्ता प््काश पामडया ने अंजुमन इंतजाममया मस्जजद (िाराणसी) की ओर से दायर यामचका को सुना। सुनिाई के दौरान मिश््ेश्र नाथ मंमदर के अमधिक्ता मिजय शंकर रस््ोगी ने अमतमरक्त मलमखत बहस दामखल की और कहा मक याची ने सीपीसी के आदेश 7, मनयम 11डी के तहत िाद की पोषणीयता पर आपम््त अज््ी दामखल की थी। लेमकन उस पर बल न देकर जिाबी हलिनामा दामखल मकया है।
कोट्ा ने दोनो् पक््ो् को सुनकर िाद मबंदु तय मकये। उधर उच््तम न्यायालय ने मुस्जलम पक्् की अपील पर िाराणसी स्जथत ज््ानिापी—श््ृंगार गौरी पमरसर मे् सि््े रोकने की मांग संबंधी यामचका पर तत्काल आदेश देने से इंकार कर मदया। अदालत ने कहा मक िह अभी कोई आदेश पामरत नही् कर सकती। हालांमक, िह यामचका सूचीबद्् करने को लेकर मिचार करने पर राजी हो गया। मामले मे् मुस्जलम पक्् की पैरिी कर रहे िकील हुजेिा अहमदी ने मुख्य न्यायाधीश एनिी रमणा की अगुिाईिाली पीठ को बताया मक िाराणसी—स्जथत पमरसर मे् कराए जा रहे सि््ेक्ण के मखलाि अज््ी दायर की गयी है। मगर
तत्काल सुनिाई करने की जर्रत है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ''मुझे मिचार करने दीमजए। यथास्जथमत रखने का आदेश मदया जाये'' िकील ने कहा, यह (ज््ानिापी) पुरातन काल से मस्जजद है। यह (सि््ेक्ण) उपासना ज्थल अमधमनयम 1991 के तहत ज्पष्् र्प से प््मतबंमधत है। सि््े करने का मनद््ेश पामरत मकया गया है, अत: यथास्जथमत बनाये रखने का आदेश चामहये। मुख्य न्यायाधीश रमणा ने कहा मक ''मुझे कोई जानकारी नही् है। मै् ऐसा आदेश कैसे पामरत कर सकता हूं ? मै् पढूंगा। मुझे मिचार करने दीमजए।'' इस बीच 14 मई से सि््े तथा िीमडयोग््ािी शुर् हो गयी। अब गौर करे् इस भय को मजसे कई कमथत सेक्युलर महन्दुओ् तथा मुसलमानो् ने सज्ााया है। यह मबजूका मामिक है मजससे मकसान पम््कयो् को डराते है्। इसे अिधी मे् ऊढ् तथा मैमथल मे् धूिा कहते है्। यह 18 मसतम्बर 1991 का पूजाज्थल (मिशेष प््ािधान) मनयम है। (एक्ट का नम्बर 42)। इसे कांग्ेसी पीिी नरमसम्हा राि सरकार ने बहुमत से पामरत कराया था। मकसद था भारतीय मुसलमानो् का ढांढस बंधाने हेतु मक अयोध्या आमखरी है। इसके बाद अब बस। इस तेलुगुभाषी मनयोगी मिप्् ने सोचा होगा मक ऐमतहामसक अत्याचारो् को सुधारने की राष््िादी प््म्कया मे् मिराम लग जायेगा। इसका तब लोकसभा मे् 120 भाजपायी सदज्यो् ने मिरोध मकया था। अब तो िे संख्या मे् 303 है्। राज्यसभा मे् भी भाजपा का बहुमत है। नरेन्द् मोदी को जनादेश ममला है मक िह इन जंगली और असभ्य तुक्ी, अरब और मुगल लुटेरो् द््ारा सैन्यबल के बूते बहुसंख्यको् पर ढाये जुल्मो् का प््मतकार करे्। राष््िादी आकांक्ा है मक नरेन्द् मोदी अब अटल मबहारी िाजपेयी की मलबमलब नीमत की िोटोकॉपी नही् बने्गे। इमतहास की मरम्मत करे्गे। इस 1991 के कानून को खत्म कर सनातनी आज्था—ज्थलो् पर से अमतक््मण हटिाया जाये। यूं भी अमतक््मण पर बुलडोजर बाबा कारगर कदम उठा रहे् है्। गोरी—गजनिी, बाबर— औरंगजेब तथा उनके िंशजो् अंसारी, अतीक आमद द््ारा अमतक््मण नेस्नाबूद हो ? यही लोकाज्था का तकाजा है।
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(िहनंदी िापंताखहक)
चुनावी संग़ाम
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शखनवार, 28 मई-2 जून , 2022
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यशवंत को आजमगढ़ से लोकसभा उपचुनाव लड़ा सकती है भाजपा? खदलंली दूर है या पाि, यह तो यशवंत का िमाजवादी गढं में कमल ििलाने की खियािी भखवषंय तय करेगा, लेखकन चुनौती योगी और मोदी को िपा िे िमलेगी आज योगी फेकंटर उनके पकंं में है. कडंी चुनौती ~ rg`qo qdonqsdqडॉ अरविंद विंह उत़़र प़़देश मे़ रामपुर और आजमगढ़ मे़ उपचुनाि की दुंदुतभ बज चुकी है. चुनाि आयोग ने आगामी 23 जून को मतदान और 26 को मतगणना की तततथ घोतरत कर दी है. सपा प़़मुख और आजमगढ़ के सांसद रहे अतखलेश यादि के तिधान सभा चुनाि 2022 मे़ करहल सीट से उत़़र प़़देश की तिधानसभा मे़ पहुंचने पर, उऩहो़ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस़़ीफा दे तदया था, तजससे तरक़त हुई इस लोकसभा सीट पर उपचुनाि होना है. सपा, बसपा और भाजपा से आतधकातरक प़़त़यातशयो़ की सूची अभी आनी बाकी है, लेतकन जो सत़़ा के गतलयारो़ और दलीय सूत़ो़ के हिाले से कयास लगाएं जा रहे है़ और जो ख़बरे़ आ रही है़, उसके मुतातबक सपा से मुलायम पतरिार का ही कोई प़़त़याशी आ सकता है, बहुत संभि है, उनकी बहु और अतखलेश की पत़नी तडम़पल यादि को भी आजमगढ़ के चुनािी समर मे़ उतारा जा सकता है. भतीजे धम़़ेऩद़ यादि के नाम की भी चच़ाय चल रही है. हालांतक आजमगढ़ की तिधानसभा की दसो़ सीट पर सपा का कब़जा है. लेतकन इसी के साथ यह भी समीचीन है तक तिधानसभा और लोकसभा के चुनाि मे़ मुद़ो़ और प़़ाथतमकताओ़ मे़ बहुत भारी अंतर होता है. िही़ बसपा मे़ पुनः िापसी कर चुके शाह आलम उऱ् गुड़ जमाली ने घरिापसी से पहले ही उपचुनाि के तलए ताल ठोक तदया था, इसके पहले िे बसपा मे़ रहते हुए मुबारकपुर सीट से लगातार तिधायक रहे है़, पाट़़ी ने उऩहे़ तिधानमंडल दल का नेता भी बनाया था. 2022 के तिधानसभा के चुनाि मे़ उऩहे़ यह सीट गंिानी पड़ी. िे आजमगढ़ लोकसभा सीट पर पहले भी बसपा प़़त़याशी के ऱप मे़ चुनाि लड़े और मुलायम तसंह यादि के तलए मुश़ककले़ खड़ी कर चुके है़. बहुत संभि है इस उपचुनाि मे़ बसपा उऩहे़ एकबार तफर अपना प़़त़याशी बना, चुनािी मैदान मे़ उतार दे. िही़ देश और दुतनया की सबसे बड़ी पाट़़ी भाजपा से अनेक नामो़ पर चच़ाय चल रही है, तजसमे़ भोजपुरी कलाकार और पूि़य प़़त़याशी तदनेश लाल तनरहुआ भी शातमल है़. लेतकन तजस एक नाम पर लोग ज़यादा गंभीर है़, िह योगी के बेहद करीबी एमएलसी यशिंत तसंह है़.18िी़ तिधानसभा के चल रहे बजट सत़़ मे़ भी तिधानसभा के भीतर योगी के बेहद करीबी लोगो़ मे़ शातमल यशिंत की एक फोटो सोशल मीतडया मे़ भी खुब िायरल हो रही थी और है. तजसमे़ मुख़यमंत़ी योगी और तित़़मंत़ी के साथ यशिंत तसंह भी है़. यह फोटो तित़़ बजट पेश करने जाते समय का है. उच़़ पदस़थ सूत़ो़ की माने तो आजमगढ़ उपचुनाि के तलए एमएलसी यशिंत तसंह, योगी की पहली पसंद है़ और दूसरी पसंद तदनेश लाल यादि है़. आजमगढ़ भाजपा का भी एक धड़ा यशिंत को आजमगढ़ लोकसभा सीट से उपचुनाि मे़ प़़त़याशी के ऱप मे़ देखता है. िही सूबे के संगठन का भी एक धड़ा ऐसा चाहता है, देखने िाली बात यह होगी तक पाट़़ी की आम सहमतत मे़ एमएलसी यशिंत तसंह तकतने भारी पड़ते है़.यशिंत के आने से यह फायदा जऱर होगा तक भाजपा मूल मतदाता इस उपचुनाि मे़ संगतठत रहेगा.
िपा िे खिमंपल या धमंंेनंदं भाजपा िे खनषंकािन के बाद भी बेटे खवकंंांत और बिपा िे जमाली हो को आजमगढं-मऊ कंंेतं िे एमएलिी बनाने िकतें हैं पंंतंयाशी. में िफल हुए एमएलिी यशवंत
आजमगढ़ का संग़ाम
आखिर कौन हैं यशवंत खिंह और कंया है उनकी राजनीखतक जमीन?
द
श के सबसे बड़े सूबे उत़़र प़़देश की राजधानी लखनऊ के दाऱलशफा का बी- ब़लॉक का 37/38 कमरा यूँ तो ेउत़़र प़़देश के राज़य सम़पत़़त तिभाग की सम़पत़़त है. लेतकन इसकी पहचान तपछले कई दशक से दूसरी है- यहाँ जो जनप़़तततनतध रहता है, उसे दशक भर पहले अपनी आंखो़ से देखा था- एक-एक कमरे मे़ जाना और िहाँ क़़ेत़ और देहात या दूसरे तजलो़ से भी अपने काय़य के तलए आयी जनता एिं आगंतुको़ से यह पूछना-' तक िह भोजन की है या नही़, सोने के तलए तिस़़र तमला है की नही़, उसे तकस तरह की मदद की जऱरत है.' और तफर यह जनसेिक उसकी मदद कर देता, तबना यह जाने की िह तकस जातत, धम़य या क़़ेत़ से ताल़लुक रखता है, िह उसका िोटर भी है या नही़. तीन या चार सौ तकमी दूर राजधानी मे़ कोई आप से इस अपनेपन से यतद पूछता है और यह क़़म तनयतमत चलता है तो उसे आप तकस नज़र से देखे़गे. आप की नज़र और नज़तरया चाहे जो हो, लेतकन यह साधारण से तदखने िाला असाधारण जनप़़तततनतध कोई और नही़ हमारे समय के भाजपा से तनष़कातसत एमएलसी यशिंत तसंह है़, तजसने भाजपा और सपा के तदग़गज प़़त़यातशयो़ के बीच तनद़यल अपने पुत़ तिक़़ांत तसंह तरशू को एमएलसी बना कर आजमगढ़- मऊ स़थानीय तनि़ायचन क़़ेत़ मे़ बहुतो़ की राजनीततक ताकत और चाणक़य बनने के सपनो़ को पानी फेर तदया. दरअसल यह जीत केिल तिक़़ांत भर की नही़ है, यह उस सोच और तसद़़ांत की भी जीत है, तजसे यशिंत ने अपने राजनीततक गुऱ चऩद़शेखर से संस़कारो़ मे़ पाया. िक़त़ चाहे तजतना नाजुक हो, हालात चाहे तजतना मुश़ककल भरा हो, पतरश़सथततयो़ का डटकर, और तनडर होकर सामना करना चातहए. अपनी गैरत और अस़मत की कीमत पर सोने का ताज भी तमले तो उसे लात मार देना चातहए. तमाम तिरोधो़ और दल से तनष़कासन के बाद भी तमली जीत और इस जीत का जक़न मनाने से पहले यशिंत को जानने की कोतशश भी करनी चातहए, खासतौर पर आज की पीढ़ी को, तजसे सबकुछ तत़क़ण और तत़काल चातहए. इंतज़ार और संघऱय तजनके तलए गैरजऱरी चीज लगती है. तजस तिक़़ांत को आज सभी एमएलसी के ऱप मे़ जान रहे है़. कोई पांच बरस पहले तक उनकी पहचान कुछ खास लोगो़ तक ही थी, मऊ तजले की सुल़तानपुरी क़़ेत़ से जब उऩहो़ने महाप़़धानी के तलए पच़ाय भरा तो यही यशिंत, जो उनके तपता भी है़, पूरे चुनाि मे़ प़़चार करना तो दूर आजमगढ़ और मऊ मे़ पग तक नही़ रखा, मुख़यालय लखनऊ छोड़ा तक नही़, कारण उऩहो़ने तय कर तदया था- अगर तकसी को चुनािी प़़त़कया और राजनीतत मे़ आना है तो उसे अपने तहस़से का संघऱय स़ियं करना होगा, अपने पांि के छाले और दद़य को स़ियं महसूसना होगा. िह चाहे मेरा पुत़ ही क़यो़ न हो.. और उनके बेटे
ने पूरे चुनाि मे़ डगर-डगर पग -पग अपने क़़ेत़ को मापा, लोगो़ से समथ़यन और आशीि़ायद मांगा... और महाप़़धान बन गया. बेटे की मेहनत देख.. यशिंत के अतीत के तदन बहुतो़ को याद आ जाते है़- जब एक नौजिान इंजीतनयर देश की सेिा के तलए चऩद़शेखर जी के आह़़ान पर राजनीतत मे़ आता है. मुबारकपुर तिधानसभा को पैदल चल अपने पगो़ से माप देता है. एक चप़पल जो सुबह पहनते शाम तक टूट जाती, इतना पैदल चलते, तचरैयाकोट के तिजई, जहानागंज के भानू (जो अब होमगाड़य मे़ है़) , स़कूटर पर बैठकर क़़ेत़ मे़ तनकल जाते़,लोगो़ से तमलते, शाम को दूर कही़ गांि देहात मे़ बत़़तयां जलती तदखाई देती या बाजा बजता सुनाई देता तो िहा पहुंच जाते और भानु लोगो़ के बीच पतरचय कराते- ये यशिंत तसंह है, युिा है़, राजनीतत मे़ आए है़. लपसीपुर के रघुपतत तसंह और समे़दा के सुभार तसंह, ने यशिंत तसंह का आतखरी समय तक साथ तदया. और यशिंत ने अपने लोगो़ का भरपूर साथ और समथ़यन ही नही़ तकया बश़लक सामऱय़यिान भी बनाया. सुभार तसंह के न रहने पर अरतिंद तसंह भले यशिंत तसंह के तनकट पहुंच गये़ लेतकन उनके जीतित रहते अरतिंद तसंह ने भी सतठयांि ब़लॉक से सुभार को बड़े भाई सा मान तदया. जब देश मे़ आपातकाल लगा तो यशिंत इंतदरा गाँधी के तानाशाही के तखलाफ संघऱय तकया और एक लंबा समय जेल मे़ तबताया. लोकतंत़ सेनानी यशिंत के जीिन मे़ पतरश़सथततयां बस दलो़ का आगमन होता रहा लेतकन उनके तदल मे़ सदा अपनो़ के तलए पीड़ा और तचंता रही. उनके मूल तसद़़ांतो़ मे़ कोई खास पतरित़यन नही़ तदखा. िे पहले भी तिचारो़ से सोशतलस़ट थे और आज भी. धम़य से ऊपर मानिता को हमेशा से तरजीह तदया. एक बार जब िे समाजिादी पाट़़ी मे़ थे, और उनके एम एल सी का काय़यकाल समाप़त हो रहा था. पाट़़ी के संसदीय दल की बैठक मुलायम तसंह के अध़यक़़ता मे़ हो रही थी. यशिंत तसंह की सीट पर प़़ोफेसर रामगोपाल यादि तकसी अपने को एम एल सी बनिाने की रणनीतत पर थे. बैठक मे़ तशिपाल यादि, रामगोपाल यादि,
अतखलेश यादि और सभी प़़मुख नेतागण उपश़सथत थे. यशिंत को यह ख़बर लगी. उऩहो़ने राज भैया को फोन तकया- कहां है़..? उत़़र तमला- रामायण ( राजा भैया की कोठी). पाट़़ी काय़ायलय पहुंतचए. तफर क़या तमतमाये यशिंत, राजा भैया और गातडयो़ का कातफला सीधे तिक़़मातदत़य माग़य पहुंचा. पहुंचते ही मुलायम तसंह यादि खड़े हो गये़ और राजा भैया ि यशिंत को बैठने के तलए बोले- राजा िह सूची मांगी जो आज इस बैठक मे़ फायनल हो गयी थी. यशिंत तसंह के नाम के आगे रामगोपाल के तरक़तेदार का नाम था. राजा ने उसे क़़ास करके उस स़थान पर तफर यशिंत तसंह तलख तदया और बोलानेता जी से- तकसी को कोई तदग़गत..? कोई और बोलता, मुलायम तसंह ने िक़त की नब़्ज पकड़ी और बोले-- नही़ राजा भैया.. आप लोगो ने कहा हो गया. शायद यह नही़ होता तो उसी तदन समाजिादी पाट़़ी टूट जाती. यशिंत, राजा भैया, अरतिंद तसंह गोप और सूबे क़़त़तय समाज के बड़े राजनेता ओ़ ने तय कर तलया था. लेतकन धरती पुत़ मुलायम तसंह हिाओ़ का ऱख पकड़ने मे़ सदैि से मातहर रहे. जीिन मे़ सफलता भले न तमले लेतकन उसूलो़ से समझौता कभी नही़ तकया. तजस भाजपा से उऩहे़ एमएलसी चुनाि मे़ बागी होने का आरोप लगा कर दल से तनकाला गया. दरअसलउस दल मे़ योगी आतदत़यनाथ के कारण आएं. उनकी ईमानदारी और राष़़ीय भािना को देखकर. यही कारण है तक उऩहो़ने योगी जी को सीएम के पहले काय़यकाल के तलए अपनी एमएलसी सीट छोड़ तदया. यह अलग बात है तक योगी आतदत़यनाथ और भाजपा ने उऩहे़ तफर से एमएलसी बना तदया. तजस तिक़़ांत तसंह की जीत के तलए रणनीतत बनी थी और िह एमएलसी बन गये़, उस तिक़़ांत के तििाहोत़सि मे़ स़ियं योगी आतदत़यनाथ गोरखपुर पहुंचकर आशीि़ायद तदए थे.दाऱलशफा का चऩद़शेखर चबूतरा आज भी अपने नेता चऩद़शेखर की याद मे़ उऩही़ तसद़़ांतो़ के साथ हर आगंतुक की सेिा करने के तलए तत़पर रहता है. तजसके संचालक और संिाहक यशिंत सरीखे तशष़य है़. भाजपा यशिंत तसंह और तिक़़ांत तसंह का उपयोग तकस ऱप मे़ करती है यह तो िक़़त बताएगा लेतकन योगी आतदत़यनाथ से संबंधो़ की तासीर तकसी से तछपी नही़ है...और उसी कड़ी मे़ इस उपचुनाि मे़ आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उऩहे़ प़़त़याशी बनाया जा सकता है. यशिंत तसंह की भी आतखरी तसयासी हसरत देश की सबसे बड़ी पंचायत मे़ पहुंचने की है. तजसे िे अपनो़ के बीच कई बार साझा कर चुके है़. अब यशिंत के तलए तदल़ली दूर है या पास यह तो िक़त बताएगा, लेतकन तदल़ली पहुंचने की पहली बांधा तटकट पाने की है, तजसे सूत़ो़ के मुतातबक यह बांधा दूर होने को है.