Economics Part-2

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वार्षिकी

भारत में बैंकिंग िे िदम ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में तीन बैंकों की शुरुआत की थी। बाद में इन सबका एक नए बैंक इंपीडरयल बैंक में डिलय कर डदया गया। िाते हैं। इन आठों बैंकों के नाम तिेि बैंक आफ हैदराबाद, तिेि बैंक आफ बीकानेर एंि ियपुर, तिेि बैंक आफ इंदौर, तिेि बैंक आफ मैसूर, तिेि बैंक आफ िािणकोर इत्याटद हैं। इनकी लगभग 15,000 शाखाएं हैं। देश के प्रमुख 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 िुलाई, 1969 को टकया गया। ये सभी िाटणटययक बैंक थे। 15 अप्रैल, 1980 को टनिी िेि के छह और बैंक राष्ट्रीयकृत टकए गए। इन सभी बीस बैंकों की शाखाएं देशभर में फैली हैं। ितवमान में कुल 27 राष्ट्रीयकृत बैंक हैं।

निजी व सहकारी क्षेत्र के बैंक 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में टिटिश ईति इंटिया कंपनी ने भारत में 3 बैंकों की शुरुआत की - बैंक आफ बंगाल (1809 में), बैंक ऑफ बॉम्बे (1840 में) और बैंक ऑफ मिास (1843 में)। बाद में इन तीनों बैंको का टिलय कर एक नए बैंक इंपीटरयल बैंक में कर टदया गया टिसे सन 1955 में तिेि बैंक आफ इंटिया में टिलय कर टदया गया। इलाहबाद बैंक भारत का पहला टनिी बैंक था। टरि​िव बैंक आफ इंटिया सन 1935 में तथाटपत टकया गया था। बाद में पंिाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंटिया, केनरा बैंक और इंटियन बैंक की तथापना की गई। तितंिता से पूिव देश में तीन तरह के बैंक कायवरत थे- भारतीय अनुसूटित बैंक, गैर अनुसूटित बैंक और टिदेशी अनुसूटित बैंक।

बैंकों का राष्ट्रीयकरण भारतीय टरि​िव बैंक का राष्ट्रीयकरण तितंिता के बाद िषव 1949 में टकया गया। इसके कुछ िषो​ों बाद सन 1955 में इंपीटरयल बैंक आफ इंटिया का भी राष्ट्रीयकरण टकया गया और उसका नाम बदलकर भारतीय तिेि बैंक रख टदया गया। सन 1959 में भारतीय तिेि बैंक अटिटनयम बनाकर आठ िेिीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण टकया गया। ितवमान में ये आठों बैंक भारतीय तिेि बैंक समूह के बैंक कहे 232

भारतीय टरि​िव बैंक ने िनिरी, 1993 में 13 नए घरेलू बैंकों को बैंटकंग गटतटिटियां शुरू करने की अनुमटत दी। इनमें प्रमुख हैं- यूिीआई, इंिस इंटिया, आईसीआईसीआई, ग्लोबल ट्रति, एि​िीएफसी और आईिीबीआई। देश में लगभग 500 सहकारी िेि के बैंक भी बैंटकंग गटतटिटियों में संलग्न हैं। देशी बैंकों के साथ अमेटरकी, यूरोपीय तथा एटशयायी देशों के बैंक भी भारत में अपनी शाखाएं खोलकर कारोबार कर रही हैं। ग्रामीण बैंकों का बड़ा संिाल फैलाया गया है। टसटककम और गोिा में िेिीय बैंक नहीं हैं। देश में लघु बैंटकंग कारोबार में इन ग्रामीण बैंकों की बहुत महत्त्िपूणव भूटमका रही है। केंन्द्रीय बैंक : टरि​िव बैंक आफ इंटिया (आरबीआई) भारत का केंिीय बैंक है िो टक भारत सरकार के अिीन है। इसे केंिीय मंिल द्वारा शाटसत टकया िाता है, टिसे एक गिनवर टनयंटित करता है। गिनवर की टनयुटकत केंि सरकार करती है। यह देश के भीतर की सभी बैंकों को संिालन के टलए टदशा-टनददेश िारी करता है। इसके अलािा बैंकों की कायवप्रणाली और उनकी गटतटिटियों पर भी टनगरानी रखता है। नाबाडड : इसकी तथापना 1982 में हुई। ितवमान में यह भारत में कृटष एिं ग्रामीण िेि के टिकास से संबंटित शीषव टि​िीय संतथा है। यह प्रत्यि ऋण आिंटित नहीं करता है। पहले नाबािड का कायव भारतीय टरि​िव बैंक द्वारा संिाटलत होता था।


वार्षिकी

गरीब िी रोजी मनरेगा मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में िृहद स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के डलए शुरू की गई है। पहले इसका नाम नरेगा था। आिंिन टकया। यह योिना संप्रग सरकार द्वारा शुरू की गई थी। बेटजियम में िन्मे और टदजली तकूल ऑफ इकोनॉटमकस में कायवरत अथवशातिी ययां िेि की इस पटरयोिना के पीछे एक अहम भूटमका है।

कायय प्रनिया

हात्मा गांिी राष्ट्रीय ग्रामीण रोिगार गारंिी अटिटनयम (मनरेगा), भारत सरकार की एक ऐसी योिना है टिसे ग्रामीण िेिों में िृहद ततर पर रोिगार उपलब्ि कराने के टलए शुरू टकया गया है। सबसे पहले यह योिना 25 अगतत, 2005 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोिगार गारंिी अटिटनयम के रूप में अटततत्ि में आई। बाद में 2 अकतूबर, 2009 को इसके नाम के पहले महात्मा गांिी िोड़ टदया गया और इसका नाम नरेगा से मनरेगा हो गया। इस योिना का मकसद टकसी भी ियतक ग्रामीण (िाहे मटहला हो या पुरुष) को न्यूनतम मिदूरी 130 रुपये पर 100 टदन का रोिगार उपलब्ि कराना है। सिवप्रथम 2006 में इसे 200 टिलों में शुरू टकया गया। इसके बाद 1 अप्रैल, 2008 तक मनरेगा देश के 34 राययों और केंि शाटसत िेिों (िम्मू और कश्मीर को छोड़कर) के कुल 593 टिलों में लागू कर दी गई। केंि सरकार या रायय सरकार का कोई टिभाग िैसे टिला पटरषद, ग्राम पंिायत या कोई प्राथटमक अथॉटरिी, केंि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एनिीओ आटद इस योिना के अंतगवत काम कराने के अटिकारी हैं। यह योिना ग्रामीण ततर पर लोगों को टनयटमत तौर पर रोिगार उपलब्ि कराने और टबना टशिा और तकनीकी ज्ञान के लोगों की िय शटकत बढ़ाने के टलए बनाई गई। िषव 2011-12 में केंि सरकार ने इस योिना के टलए 33000 करोड़ रुपये का

इसमें कायव के तौर पर तिबंिों या बांिों का टनमावण, तालाब, िैंक आटद की खुदाई, िनीकरण, िृिारोपण, सड़क टनमावण और अन्य सािविटनक टिटनमावण कायव शाटमल हैं। इस अटिटनयम के तहत पुरुष और मटहला दोनों समान रूप से आिेदन कर सकते हैं। दोनों को ही समान िेतन राटश प्रदान की िाएगी। इसके तहत ग्रामीण पटरिार के सदतयों को ग्राम पंिायत में अपना पंिीकरण कराना होता है। तब पंिायत घर आिेदकों को िॉब कािड प्रदान करते हैं। इस िॉब कािड के आिार पर पंिीकृत व्यटकत कम से कम 14 टदन तक काम के टलए आिेदन करता है और दैटनक भिा प्राप्त करता है। अब तो सरकार ने नई व्यितथा कर दी है टक इय योिना में 50 फीसदी मेठ मटहलाएं होंगी।

काम और मजदूरी का निधायरण इस तकीम के तहत टकए िाने िाले कामों में िल संरिण और संियन, िनीकरण, ग्रामीण संपककतंि, बाढ़ टनयंिण, तिबंिों का टनमावण और मरम्मत, नए िैंक/तालाबों की खुदाई, टरसाि िैंक और छोिे बांिों के टनमावण आटद शाटमल है। मिदूरी का टनिावरण रायय सरकारों द्वारा न्यूनतम मिदूरी अटिटनयम-1948 के तहत और िेि की िरूरतों के अनुसार टकया िाता है।

आलोचिा भी खूब हुई यह योिना टपछले 6 साल से लगातार िल रही है। इसकी कायवप्रणाली और टिश्िसनीयता पर भारतीय टनयंिक और महालेखा परीिक ने अपनी टरपोिड तैयार की है। इसमें कई अटनयटमतताएं पाई गई हैं। तमाम गड़बटड़यों और भ्रष्िािार के कारण इस योिना की काफी आलोिना हुई। 233


वार्षिकी

12वीं पंचवषी​ीय योजना लागू योजना आयोग की 15 डसतंबर, 2012 को हुई बैठक में 12िीं पंचिषी​ीय योजना (2012-17) के दस्तािेज को मंजूरी दी गई। 4,90,000 करोड़ रुपये और पेयिल और तिछछता के टलए 10,00000 करोड़ रुपये आिंटित टकए िाएंगे।

योजिा आयोग बिाता है योजिाएं भारत का योिना आयोग पंि​िषीवय योिनाएं बनाता है। इस प्रटिया के तहत देश के संसािनों का आकलन, आिंिन, प्रभािी उपयोग के टलए टनयोिन, प्राथटमकताओं का टनिावरण, कायावन्ियन के टलए आिश्यक मशीनरी का टनिावरण करना, आिटिक मूजयांकन, योिनाओं का टनमावण, टिकास को बाटित करने िाले कारकों की पहिान और ि​िषीवय योिना देश के टिकास केटलए एक प्रत्येक िरण के सफल टियान्ियन के टलए रोिमैप की माटफक होती है। इसके िटरए आिश्यक मशीनरी का टनिावरण करना होता है। अगले पांि साल का पूरा खाका तैयार टकया िाता है। िषव 2012 में योिना आयोग की 15 टसतंबर इनतहास पर िजर की हुई बैठक में 12िीं पंि​िषीवय योिना (2012- भारत में टिटिश राि के अंतगवत सबसे पहले 17) के दततािेि को मंिूरी दी गई। आटथवक िृटि 1930 में औपिाटरक रूप से कायव टनयोिन पर को गटत देने के टलए योिना आयोग ने देश में काम टकया। पहले योिना बोिड ने 1944 से 1946 सड़कें और पुल संिारने पर अगले पांि साल में तक कायव टकया। टनिी उद्योगपटतयों और 9.2 लाख करोड़ रुपए खिव का अनुमान लगाया। अथवशाटतियों ने 1944 में कुछ योिनाएं बनाईं। कुल 9,02,071 करोड़ रुपए टनिेश होने का तितंिता के बाद पहले योिना आयोग का गठन अनुमान है टिसमें से केंि और राययों द्वारा िमश: 15 मािव, 1950 को तत्कालीन प्रिानमंिी 3,58,845 करोड़ रुपए और 2,66,851 करोड़ ि​िाहरलाल नेहरू की अध्यिता में टकया गया। देश रुपए टनिेश टकया िाएगा। शेष 32 प्रटतशत िन के संसािनों के प्रभािी दोहन कर, उत्पादन िृटि, टनिी िेि से आने की उम्मीद है। सालाना 8.2 रोिगार के अिसर बढ़ाना और लोगों के िीिन प्रटतशत आटथवक िृटि दर हाटसल करने का अनुमान ततर में तेिी से सुिार लाने के उद्देश्य से योिनाएं है। योिना में गरीबी उन्मूलन, टशशु मृत्यु, दाटखला तैयार करना इसका मुयय दाटयत्ि है। 1965 तक अनुपात और रोिगार सृिन से सम्बंटित सामाटिक दो और पंि​िषीवय योिनाएं बनाई गईं। 1965 के और आटथवक टिकास के टलए लक्ष्य तय टकए गए युि के कारण योिना बनाने के काम में व्यि​िान हैं। इस योिना में ग्रामीण िेिों के टलए केंि और पड़ा। दो साल के लगातार सूखे, मुिा का रायय सरकारों के कोष से 40000 करोड़ रुपये अिमूजयन, कीमतों में सामान्य िृटि और संसािनों ग्रामीण टिकास मंिालय को टदए िाएंगे िो रूरल के सीटमत हो िाने के कारण योिना प्रटिया बाटित िेिलपमेंि फ्लेकसी फंि के तहत िारी होंगे। हुई। 1966 और 1969 के बीि तीन िाटषवक इसका 70 प्रटतशत केंि सरकार िहन करेगी। योिनाओं के बाद, िौथी पंि​िषीवय योिना को बैठक में योिना आयोग के उपाध्यि मोंिेक टसंह 1969 में शुरू टकया गया। आठिीं योिना 1990 आहलूिाटलया ने बताया टक बारहिीं पंि​िषीवय में शुरू होनी थी लेटकन शुरू नहीं की िा सकी और योिना के टलए ग्रामीण टिकास मंिालय को िषव 1990-91 ि 1991-92 को िाटषवक योिनाएं

पं

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योजिा आयोग का गठि माना गया। संरिनात्मक समायोिन की नीटतयों की शुरुआत के बाद, 1992 में आठिीं योिना शुरू की गई। पहली आठ योिनाओं में मुयय िोर तेिी से बढ़ रहे सािविटनक िेि पर था और इस दौरान आिारभूत ि भारी उद्योग में भारी टनिेश टकया गया, लेटकन 1997 की नौिीं योिना की शुरुआत के बाद से, सािविटनक िेि पर िोर थोड़ा कम हो गया।

पहली पंचवषीयय योजिा (1951-56) पंटित ि​िाहर लाल नेहरू ने 8 टदसंबर, 1951 को भारत की संसद में पहली पंि​िषीवय योिना पेश की। इसमें बांिों, टसंिाई और खेती पर िोर टदया गया। 2068 अरब की योिना में 27.2 प्रटतशत टसंिाई और ऊिाव 17.4 प्रटतशत कृटष और सामुदाटयक टिकास, 24 फीसदी पटरिहन और संिार, 8.4 प्रटतशत उद्योग, 16.64 प्रटतशत सामाटिक सेिाएं, 4.1 प्रटतशत भूटम पुनिावस और 2.5 प्रटतशत अन्य िेिों और सेिाओं के टलए आिंटित टकया गया। तितंिता के तुरंत बाद भारत में बुटनयादी पूंिी की समतयाओं का सामना करना पड़ रहा था। िाटषवक सकल घरेलू उत्पाद (िीिीपी) का लक्ष्य 2.1 फीसदी टिकास था लेटकन हाटसल टकया 3.6 प्रटतशत। शुि घरेलू उत्पाद 15 प्रटतशत से ऊपर िला गया। भाखड़ा बांि और हीराकुंि बांि सटहत कई टसंिाई पटरयोिनाएं इस अिटि के दौरान शुरू की गईं। योिना अिटि के अंत में पांि आईआईिी शुरू टकए गए। पांि इतपात संयिं ों के टलए हततािर टकए िो, िो दूसरी पंि​िषीवय योिना के बीि में अटततत्ि में आए।

प्रधानमंत्री के पदेन अध्यक्ष होने के साथ, आयोग मे​ें एक नामजद उपाध्यक्ष भी होता है, जजसकी रैंक एक कैजिनेट मंत्री के िरािर होती है। वततमान में मोंटेक जसंह अहलूवाजलया आयोग के उपाध्यक्ष हैं। कुछ महत्वपूणत जवभागों के कैजिनेट मंत्री आयोग के अस्थायी सदस्य होते है, जिजक स्थायी सदस्यों में अथतशास्त्र, उद्योग, जवज्ञान एवं सामान्य प्रशासन जैसे जवजभन्न क्षेत्रों के जवशेषज्ञ शाजमल होते हैं।

एक अनुसंिान संतथान के रूप में तथाटपत टकया गया। 1957 में एक प्रटतभा खोि और छाि​िृटि कायविम भी शुरू हुआ। दूसरी पंि​िषीवय योिना 4800 करोड़ की थी। इस योिना में टिकास दर का लक्ष्य 4.5 प्रटतशत था िबटक िाततटिक टिकास दर 4.27 प्रटतशत रही।

तीसरी योजिा (1961-1966) तीसरी योिना में कृटष उत्पादन में सुिार पर िोर टदया गया था। लेटकन 1962 के भारत-िीन युि ने रिा उद्योग की ओर भी ध्यान खींिा। इसकेअलािा 1965 में भारत-पाक युि से मुिातफीटत ने टि​िटलत टकया। इस दौराना बांिों का टनमावण िारी रहा और कई सीमेंि और उिवरक संयिं भी बनाए गए। ग्रामीण िेिों में प्राथटमक तकूल खोले गए और पंिायत िुनाि शुरू हुए। राययों को टिकास की और अटिक टिम्मेदाटरयां दी गईं। रायय टबिली बोिो​ों और रायय के माध्यटमक टशिा बोिो​ों का गठन टकया गया। माध्यटमक और उच्च टशिा के टलए रायय टिम्मेदार बनाए गए। रायय सड़क पटरिहन टनगमों का गठन हुआ। इस योिना में टिकास दर 5.6 फीसदी हाटसल करना था लेटकन यह 2.84 प्रटतशत ही रही।

चौथी योजिा (1969-1974) दूसरी योजिा (1956-1961)

इंटदरा गांिी सरकार ने 14 प्रमुख भारतीय बैंकों को राष्ट्रीयकृत टकया। इस दौरान उन्नत कृटष में हटरत िांटत भी आई। 1971 और बांग्लादेश मुटकत युि लड़ा इसटलए औद्योटगक टिकास के टलए टनिावटरत फंि युि के टलए भेि टदया गया। 1974 में बंगाल की खाड़ी में अमेटरका के सातिें बेड़े की तैनाती के ि​िाब में भूटमगत परमाणु परीिण टकया गया। इस योिना में टिकास दर 5.7 फीसदी हाटसल करना था लेटकन यह 3.3 प्रटतशत ही रही।

दूसरी योिना उद्योग पर केंटित थी। सािविटनक िेि के टिकास में 1953 में भारतीय सांटययकीटिद प्रशांत िंि महलानोटबस द्वारा टिकटसत मॉिल का पालन टकया गया। दो बड़ी पनटबिली पटरयोिनाओं और टभलाई, दुगावपुर, राउरकेला में तिील उद्योग तथाटपत टकए गए। कोयला उत्पादन बढ़ाया। 1948 में होमी िहांगीर भाभा के साथ परमाणु ऊिाव पांचवीं योजिा (1974-1979) आयोग के पहले अध्यि के रूप में गठन टकया इस योिना में रोिगार और गरीबी उन्मूलन बड़े गया। िािा इंतिीट्यूि ऑफ फंिामेंिल टरसिव के लक्ष्य थे। िषव 1975 में टिद्युत आपूटतव अटिटनयम

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वार्षिकी लागू टकया गया। भारतीय राष्ट्रीय रािमागव प्रणाली पहली बार के टलए पेश टकया गया था और कई सड़कें िौड़ी की गई। इस योिना में पयविन के िेि में टिततार पर भी िोर रहा। िारगेि ग्रोथ 4.4 फीसदी थी हाटसल लक्ष्य 3.8 फीसदी का रहा।

छठी योजिा (1980-1985) छठी योिना आटथवक उदारीकरण की शुरुआत थी और नेहरूिादी योिना का अंत भी। इस बार खाद्य कीमतों में िृटि और िीिन यापन की लागत में िृटि हुई। इस अिटि में रािीि गांिी देश के प्रिानमंिी थे। इस योिना में िनसंयया टनयंिण और पटरिार टनयोिन पर भी काफी िोर टदया गया। िारगेि ग्रोथ 5.2 फीसदी और िाततटिक िृटि 5.66 फीसदी रही।

रोिगार, गरीबी में कमी, घरेलू संसािनों पर आत्मटनभवरता, कीमतों को टतथर करना और अथवव्यितथा की टिकास दर बढ़ाना िैसे उद्देश्य थे। योिना के बीि में भारत की आिादी की तिणव ियंती की पृष्ठभूटम तैयार की गई थी। टनिी टनिेश में िृटि के टलए एक उदार बािार बनाने के टलए प्रयास हुए। िृटि दर 5.35 प्रटतशत के मुकाबले 6.5 प्रटतशत रही।

सातवीं योजिा (1985-1989)

दसवीं योजिा (2002-2007)

सातिीं योिना उद्योगों के उत्पादकता ततर में सुिार पर प्रौद्योटगकी के उन्नयन पर केंटित रही। इस दौरान ऊिाव उत्पादन की टदशा में देश आगे बढ़ा। कृटष में आिुटनक प्रौद्योटगकी का प्रयोग भी शुरू हो गया। नीटत टनमावताओं ने भारत को एक तितंि अथवव्यितथा बनाने पर िोर टदया। तिैटछछक एिेंटसयों और आम िनता के योगदान के साथ देश में एक आत्मटनभवर अथवव्यितथा लाने के प्रयास हुए। िारगेि ग्रोथ 5.0 फीसदी थी िबटक हाटसल 6.01 फसीदी को टकया गया।

इस योिना में पहली बार राययों के साथ टि​िार-टिमशव कर राययिार टिकास दर टनिावटरत की गई। साथ ही पहली बार आटथवक लक्ष्यों के साथ-साथ सामाटिक लक्ष्यों पर भी टनगरानी की व्यितथा बनाई गई। इस योिना काल के दौरान िीिीपी में िृटि दर 8 प्रटतशत पहुंिाना था। इसके अलािा िषव 2007 तक प्राथटमक टशिा की पहुंि को सिवव्यापी बनाना और िषव 2001-2011 के बीि िनसंयया की दसिषीवय िृटि दर को 16.2 प्रटतशत तक कम करना भी तय टकया गया। िषव 2012 तक पीने योग्य पानी की पहुंि सभी गांिों तक कायम करने का खाका तैयार टकया गया।

ग्यारहवीं योजिा (2007-2012)

आठवीं योजिा (1992-1997) आठिीं योिना में पीिी नरटसंह राि प्रिानमंिी थे और िॉ. मनमोहन टसंह टि​ि मंिी थे। मनमोहन टसंह ने सुिारों का टि​िार रखा। यह भारत में टनिीकरण और उदारीकरण की शुरुआत थी। तेिी से बढ़ते घािे और टिदेशी किव पर ध्यान गया। भारत 1 िनिरी, 1995 को टिश्ि व्यापार संगठन का सदतय बना। रोिगार सृिन, बुटनयादी ढांिा, संतथागत टनमावण, पयविन प्रबंिन, मानि संसािन टिकास, पंिायत राि, टिकेंिीकरण और लोगों की भागीदारी इस योिना के खास सरोकार थे। इस बार 5.6 प्रटतशत के लक्ष्य से ययादा 6.78 की िाटषवक िृटि हाटसल की गई।

िौवीं योजिा (1997-2002) नौिीं पंि​िषीवय योिना में औद्योगीकरण, मानि टिकास, 236

ग्यारहिीं पंि​िषीवय योिना का कुल बि​ि 71731.98 करोि रुपये अनुमोटदत टकया गया था िो 10िीं योिना से 39900.23 करोड़ ययादा था। टिकास दर 7.9 फीसदी रही। कृटष िृटि दर 3.5 प्रटतशत, उद्योग िृटि दर 8 प्रटतशत, सेिा िृटि दर 8.9 प्रटतशत, घरेलू उत्पाद िृटि दर 7.4 प्रटतशत का लक्ष्य था। िार करोड़ बेरोिगार लोगों के साथ देश में 'नौकरी रटहत ग्रोथ' रही। लटित पांि करोड़ नौकटरयों के मुकाबले केिल 10 लाख नौकटरयां ही पैदा की िा सकी। 15 से 59 साल के आयु िगव के लोगों की संयया इस दौरान करीब पांि करोड़ बढ़ी। सड़कों और पुलों पर 5,16,180 करोड़ रुपए का टनिेश टकया गया, टिसमें केंि की टहतसेदारी 42.85 प्रटतशत (2,21,649 करोड़ रुपये) रही। िहीं राययों ने 7.02 प्रटतशत (1,91,517 करोड़ रुपये) तथा टनिी िेि ने शेष 20.13 प्रटतशत (1,03,014 करोड़ रुपये) टनिेश टकया। योजना आयोग का पता ः योिना आयोग, योिना भिन, संसद मागव, नई टदजली- 110001, फोन नं. : 011-23096677, 23096666, ईमेल- plancom@nic.in


भारत के राज्य


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