Economics Part-2

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वार्षिकी

भारत में बैंकिंग िे िदम ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में तीन बैंकों की शुरुआत की थी। बाद में इन सबका एक नए बैंक इंपीडरयल बैंक में डिलय कर डदया गया। िाते हैं। इन आठों बैंकों के नाम तिेि बैंक आफ हैदराबाद, तिेि बैंक आफ बीकानेर एंि ियपुर, तिेि बैंक आफ इंदौर, तिेि बैंक आफ मैसूर, तिेि बैंक आफ िािणकोर इत्याटद हैं। इनकी लगभग 15,000 शाखाएं हैं। देश के प्रमुख 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 िुलाई, 1969 को टकया गया। ये सभी िाटणटययक बैंक थे। 15 अप्रैल, 1980 को टनिी िेि के छह और बैंक राष्ट्रीयकृत टकए गए। इन सभी बीस बैंकों की शाखाएं देशभर में फैली हैं। ितवमान में कुल 27 राष्ट्रीयकृत बैंक हैं।

निजी व सहकारी क्षेत्र के बैंक 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में टिटिश ईति इंटिया कंपनी ने भारत में 3 बैंकों की शुरुआत की - बैंक आफ बंगाल (1809 में), बैंक ऑफ बॉम्बे (1840 में) और बैंक ऑफ मिास (1843 में)। बाद में इन तीनों बैंको का टिलय कर एक नए बैंक इंपीटरयल बैंक में कर टदया गया टिसे सन 1955 में तिेि बैंक आफ इंटिया में टिलय कर टदया गया। इलाहबाद बैंक भारत का पहला टनिी बैंक था। टरि​िव बैंक आफ इंटिया सन 1935 में तथाटपत टकया गया था। बाद में पंिाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंटिया, केनरा बैंक और इंटियन बैंक की तथापना की गई। तितंिता से पूिव देश में तीन तरह के बैंक कायवरत थे- भारतीय अनुसूटित बैंक, गैर अनुसूटित बैंक और टिदेशी अनुसूटित बैंक।

बैंकों का राष्ट्रीयकरण भारतीय टरि​िव बैंक का राष्ट्रीयकरण तितंिता के बाद िषव 1949 में टकया गया। इसके कुछ िषो​ों बाद सन 1955 में इंपीटरयल बैंक आफ इंटिया का भी राष्ट्रीयकरण टकया गया और उसका नाम बदलकर भारतीय तिेि बैंक रख टदया गया। सन 1959 में भारतीय तिेि बैंक अटिटनयम बनाकर आठ िेिीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण टकया गया। ितवमान में ये आठों बैंक भारतीय तिेि बैंक समूह के बैंक कहे 232

भारतीय टरि​िव बैंक ने िनिरी, 1993 में 13 नए घरेलू बैंकों को बैंटकंग गटतटिटियां शुरू करने की अनुमटत दी। इनमें प्रमुख हैं- यूिीआई, इंिस इंटिया, आईसीआईसीआई, ग्लोबल ट्रति, एि​िीएफसी और आईिीबीआई। देश में लगभग 500 सहकारी िेि के बैंक भी बैंटकंग गटतटिटियों में संलग्न हैं। देशी बैंकों के साथ अमेटरकी, यूरोपीय तथा एटशयायी देशों के बैंक भी भारत में अपनी शाखाएं खोलकर कारोबार कर रही हैं। ग्रामीण बैंकों का बड़ा संिाल फैलाया गया है। टसटककम और गोिा में िेिीय बैंक नहीं हैं। देश में लघु बैंटकंग कारोबार में इन ग्रामीण बैंकों की बहुत महत्त्िपूणव भूटमका रही है। केंन्द्रीय बैंक : टरि​िव बैंक आफ इंटिया (आरबीआई) भारत का केंिीय बैंक है िो टक भारत सरकार के अिीन है। इसे केंिीय मंिल द्वारा शाटसत टकया िाता है, टिसे एक गिनवर टनयंटित करता है। गिनवर की टनयुटकत केंि सरकार करती है। यह देश के भीतर की सभी बैंकों को संिालन के टलए टदशा-टनददेश िारी करता है। इसके अलािा बैंकों की कायवप्रणाली और उनकी गटतटिटियों पर भी टनगरानी रखता है। नाबाडड : इसकी तथापना 1982 में हुई। ितवमान में यह भारत में कृटष एिं ग्रामीण िेि के टिकास से संबंटित शीषव टि​िीय संतथा है। यह प्रत्यि ऋण आिंटित नहीं करता है। पहले नाबािड का कायव भारतीय टरि​िव बैंक द्वारा संिाटलत होता था।


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