वातषिकी
दुनिया के देश दुनिया में सात महाद्वीप हैं। पृथ्वी का नवषुवतीय/भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 नकलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12,714 नकलोमीटर है। अफगानिथताि
प
हाड़ों से घिरे अफगाघिलताि के दघिण में पाघकलताि, पघचिम में ईराि, उिर में तुककमेघिलताि, उयबेघकलताि व ताघिघकलताि आैर उिर-पूवव में िीि है। घहंदुकुश पववत िंखला, पामीर का पठार, कोहई बाबा पहाड़ आघद अफगाघिलताि के िमुख पववत हैं। अफगाघिलताि 1946 से संयतु त राटि का सदलय है। अफगाघिलताि में अफगाि राटिीय सेिा और अफगाि वायु सेिा को िाटो देश तैयार कर रहे हैं। राटिीय सेिा के पास कमांडो घिगेड भी है। यह देश भी घिटेि का उपघिवेश था। राष्ट्रपति : हाघमद करिई स्विंत्र देश बना : 19 अगलत 1919 राजधानी : काबुल क्षेत्रफल : 6,47,500 वगव घकमी. जनसंख्या : 3,04,19,928 (अिुमाघित) जनसंख्या घनत्व : 43.5 िघत वगव घकमी. िांि : 34 जाति-धमम: पचतो- 42 %, तघिक-31 %, हिारा-10 %, उयबेक- 9 % और असय। 99 % अफगािी मुघललम हैं घिसमें 80-85 % सुसिी और 15-19 % घशया हैं। खेल : बुिकाशी अफगाघिलताि का पारंपघरक खेल है। फुटबॉल और घिकेट हाल में लोकघिय हुआ है। भाषाएं : दारी (पारसी), पचतो (आघिकाघरक), उयबेक, तुककमेि और असय 30 भाषाएं। 272
मुद्रा : एएफए राष्ट्रगान : द वति अफगाघिलताि राष्ट्रीय पशु : माकोवपोलो भेड़ राष्ट्रीय पक्षी : िील आईएसडी कोड : +93 इंटरनेट टीएलडी : .एफ शासन िणाली : अफगाघिलताि इललामी गणतंि रायय है। अफगाि संसद के दो अंग हैं-हाउस ऑफ पीपल (249 सदलय) और हाउस ऑफ एडडसव (102 सदलय)। यहां राटिपघत में समलत शघततयां समाघहत हैं, घिसे 5 साल के घलए िुिा िाता है। अथमव्यवस्था : अफगाघिलताि अडप घवकघसत देश है। घवदेशी घिवेश की कमी और दशकों तक युि की घलथघत के कारण अफगाघिलताि में गरीबी बहुत ययादा हैे। अिार, अंगूर, खुबािी और मेवा यहां बहुतायत में हैं। यह साकक, ईको और ओआईसी का भी सदलय है। यहां बहुतायत में खघिि पदाथव उपललि हैं। भारि के साथ संबंध : भारत अफगाघिलताि के पुिलथावपि ियासों और उसे आघथवक मदद देिे में सघिय भूघमका घिभाता रहा है। अफगाघिलताि के साथ सामाघिक-आघथवक पुिलथावपि ियासों के मद्देििर भारत के ििािमंिी िे अफगाघिलताि को 2011 में 6 सालों के घलए 500 घमघलयि डॉलर की सहायता राघश का वादा घकया है। भारिीय दूिावास: मलालाई वाट, शेरे िाऊ, काबुल, अफगाघिलताि फोन- 00-873-763095560 फैक्स- 00-873-763095561
अममीनिया अमीघिवया गणरायय पूवीव यूरोप और पघचिमी एघशया के बीि दोराहे पर खड़ा है घिसके पघचिम में टकीव, उिर में िॉघिवया, पूवव में अिरबेिाि और दघिण में ईराि है। काफी समय तक यह रािाओं के अिीि रहा। पहले घवचवयुि में यहां बड़े पैमािे पर लोग घगरततार हुए थे घिसहें बेरहमी से कयल घकया गया। इघतहासकार इसे अमीवघिया िरसंहार के रूप में दिव