कुम्ब रग्न पर 2016 वषष २०१६ की शुरुआत हो यही है शनन के वश्ृ चिक भें , गुरु ससॊह भें , याहु - केतु ३१ जनवयी तक अऩनी वतषभान यासशमों भें यहने के फाद ससॊह भें याहु का प्रवेश होगा औय कुम्ब भें केतु का। आऩके जीवन के ववसबन आमाभ ककस तयह से प्रबाववत हो सकते हैं तथा आऩको क्मा उऩाम कयने िाहहए औय ककन
तायीखों भें आऩको फड़े ननजी अथवा साभाश्जक ननर्षम रेने से फिना िाहहए मह सफ भैं ज्मोनतषीम गर्ना द्वाया आऩके सरए प्रस्तुत कय यहा हॉ। आशा है नववषष आऩके सरए शुब यहे गा।
१) पारिवारिक स्थिति : इस वषष आऩकी ऩारयवारयक श्स्थनत साभान्म यहे गी , अधधकतय वषष भें आऩको ऩरयवाय के सदस्मों से वाॊनित सहमोग सभरेगा।आऩके भन शाॊनत फनी यहे गी। मद्मवऩ याहु सप्तभ बाव को
आक्ाॊत कये गा ककन्तु अगस्त तक फह ृ स्ऩनत का बी वहाॉ गोिय यहे गा श्जसके कायर् आऩके वववाहहत
जीवन भें बी सहमोग की स्थनत िरेगी ककन्तु अगस्त के फाद कुि भतबेद उबय सकते हैं। आऩका आऩके
वऩता औय भाता से सम्फन्ध अच्िा फना यहे गा औय साथ ही रयचतेदायों से बी आऩकी फहिमा ऩटयी फैठेगी।
२) थवाथ्य : इस वषष स्वास््म बी अधधकतय अच्िा ही यहे गा ककन्तु अगस्त के फाद से आऩको गुप्ताॊगों
, भश्स्तष्क आहद भें सभस्मा हो सकती है । ससयददष की सभस्मा , ऩािन तॊत्र , नेत्रों भें ऩीड़ा से आऩ आक्ाॊत हो सकते हैं।आऩको जर का अधधकाधधक सेवन कयना िाहहए औय धम्रऩान , भहदया से दय यहना िाहहए। आऩ रोगों को नशा कयने की स्वाबाववक आदत होती है औय मही आगे िरकय जानरेवा बी ससद्ध होती है ।
३) आधथषक श्स्थनत : आऩकी आधथषक श्स्थनत बी इस वषष अच्िी यहे गी ककन्तु आऩको मह ध्मान यखना है की दरयमाहदरी से ऩयहे ज कयना है । धन फहुत भेहनत से अश्जषत कया जाता है औय उसका अऩव्मम आऩका ही नुक्सान कये गा। आऩको अगस्त तक सावधानी यखनी है औय उधाय आहद नहीॊ दे ना है । आऩके सभत्रों से आऩको राब होने के अच्िे मोग हैं। धन की श्स्थनत इस वषष ऐसी यहे गी की आएगा तो सही ऩय
आऩसे रुक नहीॊ ऩामेगा। अत् ध्मान यखखमे।
४) नौकयी : श्जन जातकों की शनन की दशा िर यही है उनको तो आने वारे ३-४ वषष फहुत उत्तभ यहने वारे
हैं। गुरु की दशा श्जन जातकों की होगी उनको थोड़ा कष्ट तो होगा ककन्तु तयक्की वे बी कयें गे। केतु की
दशा वारे जातकों को कापी ऩये शानी हो सकती है । साभान्म तौय ऩय बी सबी जातकों के सरए मह वषष नौकयी के सरहाज से फहुत फहिमा है । आऩको ऩदोन्ननत , वेतन भें राब आहद सभरने के अच्िे मोग हैं।
५) व्मवसाम : आऩ रोगों को बी मह वषष शुब यहने वारा है । सफसे अधधक राब भें वे यहें गे श्जनकी शनन
की दशा िर यही है औय केतु की दशा वारे जातकों के सरए उतना शब ु नहीॊ यहे गा। ककन्तु कपय बी धन की आवक अच्िी फनी यहे गी औय आऩको हषष ही होगा। आऩके साझेदायों से आऩको अऩने आधथषक सम्फन्ध
साफ़ यखने होंगे श्जससे कोई भतबेद जन्भ न रेने ऩामे। आऩसी वववादों को सयरता से सुरझाने की कोसशश कीश्जमेगा जो की अगस्त भाह से शुरू हो सकते हैं।
६) प्रेभ सम्फन्ध : प्रेभ सॊफॊधों की स्थनत साभान्म ही यहे गी। इस वषष आऩ फहुत व्मस्त यहने वारे हैं अत् आऩका ध्मान प्रेभ आहद की तयप उतना नहीॊ यहे गा। कपय बी श्जन जातकों के प्रेभ प्रसॊग िर यहे हैं उनको
मथावत श्स््तनत ही यहने वारी है औय जो ककसी को िाहते हैं उनको बी िाहहए की अऩनी फात साभने वारे से कह दें क्मोंकक ऩरयर्ाभ आऩके ही ऩऺ भें यहने के फहुत मोग हैं। आऩको अऩने साथी के साथ श्जतना हो सके उतना सॊफॊधों भें सपाई औय सच्िाई यखनी होगी अन्मथा अगस्त के फाद सम्फन्ध सभाप्त बी हो सकते हैं।
७) सेक्स राइप : आऩकी सेक्स राइप आऩको फहुत सुख दे गी। आऩको काभोत्तेजना तीव्र फनी यहे गी। आऩ अऩनी इच्िा को अऩने अवववाहहत ( प्रेभ सॊफॊधों) अथवा वववाहहत साथी द्वाया ऩर्ष कयें गे। ककन्तु
इसकी अधधकता से आऩको फिना िाहहए। इसके कायर् आऩको स्वास््म भें हानन बी हो सकती है । अत् अनत न होने ऩामे ऐसा ध्मान यखना है ।
८) सावधानी के हदन : ३० अप्रैर से १३ जुराई , १२ ससतम्फय से १० अक्टफय , इन सभम भें कोई फड़ा ननवेश नहीॊ कयना है , अगय गुरु की भहादशा िर यही हो तो ८ जनवयी से ९ भई के फीि भें कोई नमा कामष शुरू नहीॊ कयना है औय उधाय नहीॊ दे ना है । िन्रभा ससॊह , वश्ृ चिक कुम्ब भें यहे तो भन को शाॊत यखना है औय वववाद भें नहीॊ ऩड़ना है ।
९) उऩाम : शनन की रग्न के जातकों के सरए हनुभान िारीसा ही सफसे अच्िा उऩाम है औय दसया याभिरयतभानस का ननत्म ऩाठ आऩको सभस्त सॊकटों से ऩाय कय दे गा। दग ु ाष जी का दे वी कवि का ऩाठ बी आऩको ननत्म कयना िाहहए।