How to get success-सफलता कैसे अपने जीवन ल य के अनु प सफलता कैसे शी ित शी
ा
ा
कर
हो ,यह
येक
बुि" से कमजोर , साधन रिहत , सम&या से '&त , प ( ु य से रिहत )यि* के मन को )यिथत करता रहता है और जीवन ल य की ओर िनबा/ध ग ित से आग े ब2ने म उस )यि* के सम4 बहुत सी बाधाय उसके जीवन काल मे आती रहती ह5 और जीवन म अभी7 सफलता कैसे
ा
हो इसी उधेड़ बुन म जीवन बीत जाता है और
िफर न&वर सं सार से धीरे धीरे समय ग ज़ ु र जाने पर िवदाई की बेला आ पहुँचती है । यह सदै व &मरण रहना चािहये िक ईBरे 4ा से िवदाई की बेला कभी भी िकसी भी )यि* की आ सकती है । इसी िलये यथा शी ा
अपने अपने अभी7 ल य को
िकये िबना चैन की बं सी बजाने का फालतू समय सायद िकसी समझदार
)यि* के पास नहींहै । आपका जीवन अपने सीिमत दायरे तक ही है ,िफर भी भिवFय की अिनिHतता को दे खते हुये ऐसा
तीत होता है िक आपके पास भी चैन की
बं सी बजाने का फालतू समय सायद नहींहोग ा । ऋिषयM ने सदै व उदघ ोिषत िकया है िक िकसी )यि* के सम&त सफलताओंके मूल म उसका िलये ऋिषयM ने )यि* के
ाणवान होना ही माO एक
ाणवान बनने हे तु , सदै व
सम&त आष/ 'QथM की रचना की है और
धान कारण है । इसी
ाणवान बने रहने हे तु ही
ाणवान बनने हे तु तरह तरह की
साधनाओंको िनरंतर करने का माग / सुझाया है । इसी Rम मे सं 4ेप मे &मरण कराया जा रहा है िक सम&त मानव जाित के Sारा अवग ाहन के िलये ग ायOी सािवOी महामं O को ग ुU मं O बताया ग या है तथा पVच कोश Ð स
चRM के
जाग रण और उQनयन का माग / सुझाया ग या है और यह माग / सवXYम है ।