Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies, Online ISSN 2278 8808, SJIF 2021 = 7.380, www.srjis.com PEER REVIEWED & REFEREED JOURNAL, JULY AUGUST, 2022, VOL 10/72 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies वाराणसी में शिक्षक-शिक्षा संस्थाओं की वृद्धि एवं शवकास (1850 ई० से 2017 ई० तक): एक ऐशतहाशसकअध्ययन अभयकुमारिमाा शोधछात्र , शशक्षासंकाय , कमच्छा , काशीशंदूशिश्वशिद्यालय Paper Received On: 25 AUGUST 2022 Peer Reviewed On: 31 AUGUST 2022 Published On: 01 SEPTEMBER 2022 प्राचीनकालसे ीिाराणसीशशक्षाकाएकप्रमुखकेंद्रर ा ै।आधुशनककालमेंभीय अपनािचचस्व कायमरखेहुए ै।िर्च1954 ई०मेंिुडशडस्पैचमेंतत्कालीनभारतकीशशक्षाव्यिस्थाकोसुधारनेके शलए शशक्षास्थापनाबतातेशिशभन्नसुझािप्रस्तुतशकयेगए।इसक्रममेंशडस्पैचनेशशक्षाकेक्षेत्रमेंकायचरतयोग्यअध्यापकोंकीकमीकोहुएइसेतुशशक्षकोंकेप्रशशक्षणपरध्यानदेनेकीबातकी।इसकेअंतगचतशशक्षकप्रशशक्षणसंस्थाओंकेकासुझािशदया।इसकेउपरांतशडस्पैचमेंशदएगएसुझािोंकेअनुपालनमेंदेशकेसभीप्रांतोंमेंशशक्षकसंस्थाओंकीस्थापनाकीजानेलगी।प्रस्तुतशोधपत्रमेंिाराणसीमें 1850 ई०केउपरांतस्थाशपतशशक्षक शशक्षासंस्थाओंमेंहुईिृद्धिएिंशिकासकाअध्ययनशकयागया ै। मुख्यिब्द: िाराणसी , शशक्षकशशक्षा , ऐशताशसकअध्ययन। Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com प्रस्तावना आधुशनक भारत में शशक्षक शशक्षा संस्थाओं की स्थापना का इशत ास एक निीन प्रक्रम ै। शिश्वशिद्यालय शशक्षा आयोग (1948 49) के अनुसार िर्च 1716 ई० में डेशनश शमशनररयोंने शशक्षकोंको प्रशशक्षण प्रदान करने के शलए ट्रानक्वेबार में एक संस्था खोली (पृ० 11)। डेशनश शमशनररयोंद्वारा प्रारम्भ शकएगएइसकायच कोआगे बढाने काकायच शिशट्शसरकारद्वारा शकयागया।शापच (1920) के अनुसार सर थॉमस मुनरो ने, 10 माचच 1826 के अपने शििरण पत्र में शलखा शक जन कायाचलयों ेतु अच्छे शशशक्षतव्यद्धितबतकन ींशमलेंगेजबतकशकबे तरप्रशशशक्षतशशक्षकोंकोतैयारन ींशकयाजाएगा। इसके शलए सिचप्रथम य आिश्यक शक शशक्षकों को प्रशशशक्षत करने के शलए एक स्कूल खोला जाए(पृ० 74)। मुनरो म ोदय ने जो शिचार प्रस्तुत शकया उसे साकार ोने में लगभग तीन दशक का Abstract
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17357 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies समय लग गया। शापच (1920) के अनुसार िुड ने अपने घोर्णा पत्र 1854 में शलखा शक मारा ितचमान उद्देश्य शशक्षकोंको सुधारने का ोना चाश ए, उन्हें नॉमचल स्कूल एिं कक्षा में भाग लेने के शलए प्रोत्साश त करना चाश ए (पृ० 384)। िुड के इस आदेश के समथचन में लाडच डल ौजी 1854 ने अपने शििरण पत्र में शलखा शक नॉमचल स्कूलोंकी स्थापना बहुत अशधक आिश्यक (पृ० 406) । इसके बाद मद्रास में िर्च 1856 ई० में प ला प्रशशक्षण संस्थान, सरकारी नॉमचल स्कूल खोला गया, शजसका नाम िर्च 1886 मेंपररिशतचत ोकरट्ीचसचकॉलेज ोगया (शिश्वशिद्यालयशशक्षाआयोग,1948 49, पृ० 183)। 1859 ई०के घोर्णापत्रमें नॉमचल स्कूलोंकीस्थापना के सन्दभच में शलखा शक एकस्कूलकी स्थापनाबंगाल में, एकस्कूलकीस्थापनाबनारसतथादोस्कूलोंकीस्थापनाअन्यप्रान्ोंके भीतरकीगई (शापच,1920, पृ० 434)। 19िींशताब्दीमेंशशक्षक शशक्षासंस्थाओंकोस्थाशपतकरनेकीजोप्रशक्रयाआरंभहुई, ि 20 िींशताब्दीमेंभीप्रगशतशीलर ी।शिश्वशिद्यालयशशक्षाआयोग (1948 49) के अनुसार िर्च 1906, 1908 में क्रमशः बम्बई एिं कोलकाता में ट्रेशनंग कॉलेज स्थाशपत शकया गया (पृ० 183)। स्वतंत्र भारत में शशक्षक शशक्षा संस्थाओंकी स्थापना के साथ साथइनसंस्थाओंके संगठनात्मक पक्षोंके शिकास परभी ध्यान शदया जाने लगा, माध्यशमक शशक्षा आयोग (1952 53) के अनुसार शशक्षक प्रशशक्षण ेतु केिल दो प्रकार की संस्थाएं ोनी चाश ए, प्रथम प्रकार के संस्था में दो िर्च का शशक्षक प्रशशक्षण कायचक्रम आयोशजत शकया जाए एिं शद्वतीय प्रकार के संस्था में केिल एक िर्च का शशक्षक प्रशशक्षण कायचक्रम आयोशजतशकयाजाए (पृ० 166) ।इससंदभच में कोठारीआयोग (1964 66) के अनुसार प्रत्येकचयशनत शिश्वशिद्यालयोंमें शोध और प्रशशक्षण कायचक्रमों के शिकास ेतु एक शिभाग अथिा संस्था अथिा स्कूल ऑफ एजुकेशन में से कोई एक स्थाशपत शकया जाना चाश ए (पृ० 69)। 20िींशताब्दी के उत्तरािच में प्रस्तुत राष्ट्ीय शशक्षा नीशत 1986 में अनुशंसा की गई शक प्रत्येक शजले में शजला शशक्षा और प्रशशक्षण संस्थानोंकी स्थापना की जाए (पृ० 32)। इसके पश्चात देश में शशक्षक शशक्षा संस्थाओंकी संख्या में तेजी से िृद्धिहुई, राष्ट्ीयशशक्षानीशत 1986: शक्रयान्वयनयोजना 1992 के अनुसार माचच 1992 तक 306 शजला शशक्षा और प्रशशक्षण संस्थान प्रस्ताशित थे (पृ० 32)। इन सभी संस्थाओं में समान रूप से शशक्षक शशक्षा प्रणालीकाशिकासकरनेके शलएिर्च 1993 मेंराष्ट्ीयशशक्षकशशक्षापररर्द कानूनपाररतशकयागया। शिगत 150 िर्ों में शशक्षक शशक्षा के क्षेत्र में जो शिकास हुए उससे सम्बद्धित शोध अध्ययनोंकी समीक्षा से सम्बद्धित साश त्य समीक्षा से ज्ञात हुआ शक अशधकांश शोध कायच शशक्षा एिं उच्च शशक्षा की िृद्धि के संदभच में शकएगए थे, उनमें से तीनशोधकायच व्यािसाशयकशशक्षाएिं सातशोधकायच शशक्षक शशक्षा की िृद्धि के संदभच में शकया गया था। साश त्य समीक्षा के अंतगचत दो शोध अध्ययन ऐसे प्राप्त हुए शजसमें िाराणसी में शशक्षा के शिकास के संदभच में अध्ययन शकया गया था। एक शोध अध्ययन बुच
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17358 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies (1984) के अनुसार ब्यास (1975) ने 1904 ई० से 1947 ई० के बीच िाराणसी में प्रचशलत शशक्षा के प्राचीन एिं आधुशनक प्रिृशत्त का ऐशत ाशसक एिं आलोचनात्मक अध्ययन शकया, जबशक दूसरे शोध अध्ययन में शसं (1993) ने काशी के 3 शिश्वशिद्यालयोंका व्यद्धि िृत अध्ययन शकया था। इन सम्बद्धित साश त्योंकीसमीक्षासेज्ञातहुआशकिाराणसीमेंशशक्षक शशक्षासंस्थाओंकीिृद्धिएिंशिकासके संदभच में अध्ययन न ींशकया गया था, जबशकशिगत कुछ िर्ों से य देखने में आया शक िाराणसी में शशक्षक शशक्षाके पाठ्यक्रमोंकासंचालनमात्रसरकारीसंस्थाओंमें ीन ींिरन्शनजीसंस्थाओंमेंभी ोर ाथा तथा ऐसे संस्थाओं की संख्या में तीव्र िृद्धि भी हुई थी। शशक्षक शशक्षा के क्षेत्र में आये इस पररितचन एिं संबंशधत साश त्य समीक्षा से ज्ञात अध्ययन क्षेत्र में ररिता के आधार पर शनम्नशलद्धखत शोध प्रश्न शनधाचररत शकयेगयेथे: 1. िाराणसी में िर्च 1850 ई०से 2017 ई० तक शशक्षक शशक्षा संस्थाओं की स्थापना में िृद्धि की क्याद्धस्थशत ? 2. िाराणसी में शशक्षक शशक्षा संस्थाओं के शिकास में स्थानीय सरकारों, संगठनोंएिं व्यद्धियों आशदकाक्यायोगदानर ा ? शोधअध्ययनके उद्देश्य अध्ययनकीआिश्यकताके आधारपरशनम्नशलद्धखतउद्देश्योंकाशनधाचरणशकयागया 1. िाराणसी में 1850 ई० के उपरान् स्थाशपत शशक्षक शशक्षा संस्थाओंके शचद्धन्हकरण, एिं िगीकरणके आधारपरउनकीिृद्धिज्ञातकरना। 2. िाराणसीश रमेंशशक्षक शशक्षासंस्थाओंकीस्थापनाएिंसंचालनमेंस्थानीयसरकारों, संगठनोंएिं व्यद्धियोंद्वारा शदए गए योगदान के अध्ययन द्वारा शशक्षक शशक्षा संस्थाओं के ऐशत ाशसक शिकासकोज्ञातकरना। िोधअध्ययनहेतुमान्यता 1850 ई० से अद्यतन शशक्षक शशक्षा संस्थाओंकी स्थापना एिं शिकास में व्यद्धियों, संगठनोंएिं सरकारोंने योगदानशदया ै।इसे शिशभन्नप्रकार के अशभलेखोंएिं व्यद्धियोंके सम्पकच द्वाराज्ञातशकया जासकता ै। िोधअध्ययनकीप्रशवशध • िोधशवशध प्रस्तुत शोध अध्ययन में िाराणसी श र में शिगत 150 िर्ों में शशक्षक शशक्षा संस्थाओं की स्थापना में हुई िृद्धि एिं शिकास को ज्ञात शकया गया , जो एक ऐशत ाशसक अध्ययन ै। अतः इस
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17359 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies दृशष्ट्कोण से प्रस्तुत शोध अध्ययन में ऐशत ाशसक शोध शिशध का प्रयोग शकया गया ै। 150 िर्च के लंबे अंतराल के अध्ययन को देखते हुए, सुशिधा के शलए इसे तीन काल खंडों - 1850 ई० से 1900 ई० तक, 1901 ई०से 1950 ई०तकऔर 1951 ई०से 2017 ई०तकमेंबांट्करअध्ययनशकयागया ै। • साक्ष्यसंग्रहण प्रस्तुतशोधअध्ययनमेंसाक्ष्ोंके रूपमेंप्राथशमकएिं शद्वतीयकस्रोतोंकाप्रयोगशकयागया ै। इसके साथ ी साथ िाराणसी के शशक्षक शशक्षा संस्थाओंकी स्थापना में योगदान देने िाले व्यद्धियोंसे जुडे ऐसे व्यद्धि, जोआजजीशित उनसे सपकच कर, िाराणसीके शशक्षक शशक्षासंस्थाओंकीस्थापना में योगदान देने िाले व्यद्धियों द्वारा शदए गये योगदानों के सम्बंध में मौद्धखक िृत्तांत प्राप्त शकया गया। प्राथशमक स्रोत के रूप में िाराणसी के शिशभन्न सरकारी एिं स ायता प्राप्त शशक्षक शशक्षा संस्थाओं (कॉलेजोंएिं शिश्वशिद्यालयों) से संपाशदतशिभागीयप्रशतिेदन, िाशर्चकप्रशतिेदन, शििरणपत्रकोसंबंशधत संस्थाओं के अशधकाररयों से शोधकताच व्यद्धिगत रूप से शमलकर प्राप्त शकया एिं इसके अशतररि सरकारएिंसरकारीसंस्थाओंद्वाराप्रस्तुतअशभलेख, गजट्एिंिाशर्चकप्रशतिेदनआशदकोिाराणसीके क्षेशत्रय अशभलेखागार, ऑनलाइन अशभलेखागार एिं गोखले इंस्टीट्यूट् ऑफ पॉशलशट्क्स एंड इकोनॉशमक्स, पुणे के ऑनलाइन लाइिेरी से प्राप्त शकया। शद्वतीयक स्रोत के रूप में मुख्यतः प्रकाशशत पुस्तकोंकाप्रयोगशकयागया ै।इन्हे ऑनलाइनअशभलेखागारएिं गोखले इंस्टीट्यूट्ऑफ पॉशलशट्क्स एंडइकोनॉशमक्स, पुणेके ऑनलाइनलाइिेरीसेप्राप्तशकया। • साक्ष्योंकाशविलेषण प्राथशमकएिं शद्वतीयकस्रोतोंसे प्राप्तसाक्ष्ोंकीिाह्यआलोचनाएिं आन्ररकआलोचनाकरने के उपरान्आिश्यकतानुसारिगीकरणकरतेहुएउनकीव्याख्याकीगई ै। • जनसंख्याएवंप्रशतदिा प्रस्तुत शोध अध्ययन में जनसंख्या एिं प्रशतदशच के अंतगचत िाराणसी में संचाशलत सरकारी एिं सरकारद्वारास ायताप्राप्तसभीशशक्षकशशक्षासंस्थाओंकोसद्धिशलतशकयागया ै। अध्ययनके पररणाम प्रस्तुतशोधके उद्देश्यिारपररणामअधोशलद्धखत प्रथमउद्देश्यसेसम्बद्धितपररणाम प्रस्तुत शोध अध्ययन का प्रथम उद्देश्य “िाराणसी में 1850 ई० के उपरान् स्थाशपत शशक्षक शशक्षा संस्थाओंके शचद्धन्हकरण, एिं िगीकरण के आधार पर उनकी िृद्धि ज्ञात करना” था। इस उद्देश्य सेसम्बद्धितप्राप्तपररणामशनम्नित :
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17360 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies 1. िर्च 1850 ई०से 1900 ई०तककीअिशधमें िाराणसीमें स्थाशपतशशक्षक शशक्षासंस्थाओंमें हुईिृद्धि।िर्च 1850 ई० से 1900 ई० तक िाराणसी में कुल तीन शशक्षक शशक्षा संस्थाओंकी स्थापना की गई थी। इसमें से एक सरकार द्वारा एिं अन्य दो चचच शमशनरी सोसायट्ी द्वारा संचाशलत थे। इनमें से दो संस्थाएं पुरुर्ोंके शलए एिं एक मश लाओंके शलए स्थाशपत की गई थी। सरकार द्वारा संचाशलत संस्थान, 1857 ई०मेंस्थाशपत ‘सरकारीनॉमचलस्कूल’ था, शजसमेंपुरुर्अभ्यशथचयोंकोप्रशशक्षणप्रदानशकयाजाता था। चचच शमशनरी सोसायट्ी द्वारा संचाशलत संस्थाओं में एक पुरुर्ों के शलए स्थाशपत नॉमचल स्कूल एिं दूसरा मश लाओं के शलए स्थाशपत नॉमचल स्कूल था। मश लाओं ेतु स्थाशपत नॉमचल स्कूल ‘द फीमेल नॉमचल स्कूल, शसगरा’ के नाम से जाना जाताथा, शजसमें शक्रद्धस्चयन मश लाओंको प्रशशशक्षत शकया जाता था।इननॉमचलस्कूलोंमेंप्रशशशक्षतअध्यापक, िनाचकुलरशिद्यालयोंमेंशशक्षणकायच ेतुशनयुिशकएजाते थे। 2. िर्च 1901 ई०से 1950 ई०तककीअिशधमें िाराणसीमें स्थाशपतशशक्षक शशक्षासंस्थाओंमें हुईिृद्धि।िर्च 1901 ई० से 1950 ई० के पूिच की अिशध में, ज ां िाराणसी में मात्र नॉमचल स्कूल स्थाशपत शकए गए थे ि ींइस अिशध में प्रशशक्षण ेतु नॉमचल स्कूलोंके अशतररि ट्रेशनंग कक्षाओंएिं स्कूलोंऔर कॉलेजों की स्थापना की गई। ट्रेशनंग कक्षाओं एिं स्कूलों में प्रशशक्षण के उपरांत प्राइमरी ट्ीचसच सशट्चशफकेट् की उपाशध प्रदान की जाती थी, जबशक ट्रेशनंग कॉलेज में लाइसेंशसएट् इन ट्ीशचंग/बैचलर ऑफ ट्ीशचंग की उपाशध प्रदान की जाती थी। ट्रेशनंग कक्षाओं के अंतगचत लोअर प्राइमरी ट्ीचसच ट्रेंशनंग क्लास और बेशसक ट्रेशनंग क्लास की स्थापना की गई। 31 माचच 1917 ई० तक िाराणसी में कुल 29 लोअर प्राइमरी ट्ीचसच ट्रेंशनंग कक्षाओं का संचालन ो र ा था। बेशसक ट्रेशनंग क्लास की स्थापना 1938 ई० में हुई थी, शजसमें मश लाओं को प्रशशक्षण प्रदान शकया जाता था। ट्रेशनंग स्कूलों की स्थापना के अंतगचत 1907 ई० में एक सेंट्रल ट्रेंशनंग स्कूल स्थाशपत शकया गया। इसमें मश लाओं को प्रशशक्षण का प्रदानशकयाजाताथा। ट्रेशनंगकॉलेजके अंतगचत 1918 ई०मेंबनारसश ंदू यूशनिशसचट्ीट्रेशनंगकॉलेजकी स्थापनाकीगई।इसमेंस्नातकपासशिद्याशथचयोंकोशशक्षकप्रशशक्षण ेतु प्रिेशशकयाजाताथा।य सभी संस्थाएं सरकारके शनयंत्रणमेंसंचाशलत ोतीथी।इसके अशतररिशनजीसंस्थानकशट्ंगमेमोररयल ाई स्कूलथा, शजसमें 1931 ई०मेंपुरुर्शशक्षकोंके प्रशशक्षण ेतुएकअनुभागकीस्थापनाकीगईथी। 3. िर्च 1951 ई० से 2017 ई०तककीअिशधमेंिाराणसीमेंस्थाशपतशशक्षक शशक्षासंस्थाओंमें हुईिृद्धि।
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17361 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies िर्च 1951 ई० से 2017 ई०के मध्य िाराणसी में शशक्षकोंके प्रशशक्षण ेतु नॉमचल स्कूल, जूशनयर ट्रेशनंग कॉलेज, ट्रेशनंग कॉलेज एिं पूिच से स्थाशपत कॉलेजों/शिश्वशिद्यालयों में शशक्षा-शास्त्र शिभाग की स्थापना की गई। इन सभी प्रकार के शशक्षक शशक्षा संस्थाओंमें से, 9 संस्थाएं ऐसी थी, जो सरकार द्वारा शनयंशत्रतथी। 2 संस्थाएं ऐसीथी, जोराज्यसरकारद्वारास ायताप्राप्तथीएिंशेर् 2 संस्थाएं बनारसश दू यूशनिशसचट्ी से थे। नॉमचल स्कूलों के अंतगचत िर्च 1958 59 ई० में सरकारी नॉमचल स्कूल, ज्ञानपुर की स्थापनाकीगईथी।इसके अशतररिएकनॉमचलस्कूलपूिचसेसंचाशलत ोताआर ाथा।जूशनयरट्रेशनंग कॉलेजके अंतगचतिर्च 1958 59 ई०में गिनचमेंट्जूशनयरट्रेशनंगकॉलेज, सकलडी ाकीस्थापनाकीगई थी। ट्रेशनंग कॉलेज के अंतगचत िर्च 1959 60 ई० में बेशसक ट्रेशनंग कॉलेज, िाराणसी एिं 1990 ई० में शजला शशक्षा एिं प्रशशक्षण संस्थान, सारनाथ की स्थापना की गई थी। इसके अशतररि एका एल०ट्ी० ट्रेशनंग कॉलेज, इस अिशध के पूिच से संचाशलत ोता आ र ा था। पूिच से स्थाशपत कालेजों के अंतगचत प्रारंभ शकए गए शशक्षाशास्त्र शिभागों के अंतगचत, ररशचंद्र स्नातकोत्तर म ाशिद्यालय, उदय प्रताप स्वायत्तशासीम ाशिद्यालय, िसंतमश लाम ाशिद्यालय, राजघाट्, आयच मश लापी०जी०कॉलेजमें शशक्षा शास्त्र शिभाग की स्थापना क्रमश: 1960 ई०, 1972 ई०, 1973 ई० एिं 1974 ई० में की गई थी। पूिच से स्थाशपत शिश्वशिद्यालयों के अंतगचत िाराणसेय संस्कृत शिश्वशिद्यालय, म ात्मा गांधी काशी शिद्यापीठ एिं केंद्रीय उच्च शतब्बती अध्ययन संस्थान, सारनाथ में शशक्षा शास्त्र शिभाग की स्थापना क्रमश: 1958 ई०, 1983 ई० एिं 2012 ई० में की गई थी। इन प्रशशक्षण संस्थाओं में प्रशशक्षण के उपरांत, नॉमचल स्कूलोंमें श ंदुस्तानी ट्ीचसच सशट्चशफकेट्, जूशनयर ट्रेशनंग कॉलेज में जूशनयर ट्ीचसच सशट्चशफकेट्, ट्रेशनंग कॉलेजों में लाइसेंशसएट् इन ट्ीशचंग एिं बी०ट्ी०सी० और कॉलेजों एिं शिश्वशिद्यालयों के अंतगचत स्थाशपत शशक्षा शास्त्रशिभागोंमेंबैचलरऑफट्ीशचंग (बी०एड०) कीउपाशधप्रदानकीजातीथी। िर्च 2017 ई०तकिाराणसीमेंसरकारीएिं सरकारद्वारास ायताप्राप्तकुल 10 शशक्षक शशक्षा संस्थान संचाशलत ो र थे। शजनका संख्यात्मक िगीकरण प्रबंधन का प्रकार, संस्थान का प्रकार, शशक्षकशशक्षाकायचक्रमकाप्रकारएिंप्रदतउपाशधके प्रकारोंके आधारपरशनम्नशलद्धखत
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17362 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies ताशलकासंख्या 1 वषा 2017 ई०तकवाराणसीमेंसंचाशलतशिक्षक-शिक्षासंस्थाओंकावर्गीकरण प्रबंधन का प्रकार संस्थान का प्रकार शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम का प्रकार प्रदत उपाशध केंद्र सर कार रा ज्र् सर कार राज्र् सरकार द्वारा सहार् ता प्राप्त बी० एच० र्ू० से सम्ब द्ध विश्ववि द्यालर् कॉलेज सेिा पूिय सेिा पूिय एिं सेिा रत बी० एड ० डी० एल ० एड ० बी०ए० बी०एड० / बी० एससी० बी०एड० 2 4 2 2 4 6 8 2 7 2 1 ताशलका संख्या 1 से य ज्ञात ोता शक प्रबंधन के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा संचाशलत 2 संस्थाएं, राज्य सरकार द्वारा संचाशलत 4 संस्थाएं और राज्य सरकार द्वारा स ायता प्राप्त 2 संस्थाएं ैं। संस्थाओं के प्रकार के आधार पर 4 शिश्वशिद्यालयों के अंतगचत स्थाशपत शशक्षा शास्त्र शिभाग और शेर् कॉलेज अथिा कालेजोंके अंतगचत स्थाशपत शशक्षा शास्त्र शिभाग ैं। शशक्षक शशक्षा कायचक्रम के आधार पर 8 संस्थाएं ऐसी शजनमें सेिा पूिच शशक्षक शशक्षा कायचक्रम का संचालन शकया जाता और शेर् दो संस्थाओंमेंसेिा पूिचएिंसेिारतदोनों ीप्रकारके शशक्षकशशक्षाकायचक्रमोंकासंचालनशकयाजाता ै। इनसंस्थाओंमेंप्रदानकीजानेिालीउपाशधके आधारपर 7 संस्थाएं ऐसी शजनमेंबी०एड०कीउपाशध प्रदान की जाती , 2 शशक्षक शशक्षा संस्थाएं ऐसी शजनमें डी०एल०एड० की उपाशध और एक शशक्षक शशक्षा संस्थान ऐसा शजसमें बी०ए० बी०एड०/ बी०एससी० बी०एड० की उपाशध प्रदान की जाती ै। ये संस्थाएं क्रमश: शशक्षा शास्त्र शिभाग, काशी श ंदू शिश्वशिद्यालय, िाराणसी; शशक्षक शशक्षा केंद्र, केंद्रीय उच्चशतब्बतीअध्ययनसंस्थान, सारनाथ, िाराणसी; शशक्षा शास्त्रशिभाग, म ात्मागांधीकाशीशिद्यापीठ, िाराणसी; शशक्षा शास्त्र शिभाग, संपूणाचनंद संस्कृत शिश्वशिद्यालय, िाराणसी; शशक्षा शास्त्र शिभाग, ररशचंद्र स्नातकोत्तर म ाशिद्यालय, िाराणसी; उदय प्रताप स्वायत्तशासी म ाशिद्यालय, िाराणसी;
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17363 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies शशक्षा शास्त्रशिभाग, बसंतमश लाम ाशिद्यालय, राजघाट्, िाराणसी; शशक्षा शास्त्रशिभाग, आयच मश ला पी०जी०कॉलेज, िाराणसी, कॉलेजऑफट्ीचरएजुकेशन, िाराणसी; शजलाशशक्षाएिंप्रशशक्षणसंस्थान, सारनाथ, िाराणसी ैं। शितीयउद्देश्यसेसम्बद्धितपररणाम प्रस्तुत शोध अध्ययन का शद्वतीय उद्देश्य “िाराणसी में शशक्षक शशक्षा संस्थाओं की स्थापना एिं संचालन में स्थानीय सरकारों, संगठनोंएिं व्यद्धियोंद्वारा शदए गए योगदान के अध्ययन द्वारा शशक्षक शशक्षा संस्थाओं के ऐशत ाशसक शिकास को ज्ञात करना” था। इसकी शिशधित एिं व्यिद्धस्थत व्याख्या चतुथच अध्यायके अनुभाग 4.2 में दीगई ै।इसप्रकारइसउद्देश्यसे सम्बद्धितअनुभाग 4.2 के आधार परप्राप्तपररणामशनम्नित : 1. स्थानीयसरकारिाराशदएर्गएयोर्गदान • पद्धिकइंस्ट्रक्शनशिपार्ामेंर्, नॉथावेस्ट्नाप्रोशवंसेस (यूनाइर्ेिप्रोशवंसेज) इसशिभागकीस्थापनािर्च 1854 ई०में कीगईथी।इसके द्वारासंपूणच नॉथचिेस्टनच प्रांतमें शशक्षा व्यिस्थाकोसुधारने के शलए, सभीप्रकारके शशक्षासंस्थाओंकाअधीक्षणएिं शनरीक्षणशकयाजाताथा। इसक्रममें िाराणसीमें शिशभन्नसमयपरशशक्षकोंके प्रशशक्षण ेतु नॉमचलस्कूलोंएिं कक्षाओंकोप्रारंभ करने एिं इनके सुचारू रूप से संचालन में इस शिभाग का शिशेर् योगदान र ा। नॉमचल स्कूलों की स्थापनाके शलएभूशमकींब्यिस्था, भिनशनमाचणएिं अन्य सुशिधाओंकीव्यिस्थाभीइसीशिभागद्वारा सुशनशश्चतकीजातीथी। • शिक्षामंत्रालय, उत्तरप्रदेि स्वतंत्रभारतमेंयूनाइट्ेडप्रोशिंसेज ‘उत्तरप्रदेश’ के नामसेजानागया।य ां परप्रांतीयसरकार के गठन के उपरांत शशक्षा व्यिस्था के संचालन ेतु एक शशक्षा मंत्रालय का गठन शकया गया, शजसके द्वारा प्रदेश की शशक्षा व्यिस्था को सुधारने के शलए शिशभन्न सरकारी योजनाओं को प्रारंभ शकया। इसके अंतगचतसम्पूणच प्रदेश में शशक्षकोंके प्रशशक्षण ेतु नये नॉमचलस्कूलोंएिं ट्रेशनंगस्क्वाड्सकोप्रारंभकरने एिं इस ेतु शशक्षकोंकी आपूशतच, पाठ्यचयाच में सुधार, भूशम खरीद, भिन शनमाचण एिं अन्य संरचनात्मक सुशिधाओंकोसुशनशश्चतशकयागया। 2. स्थानीयसंर्गठनिाराशदएर्गएयोर्गदान • आयामशहलाशहतकाररणीमहापररषद, वाराणसी आयच मश ला श तकाररणी म ापररर्द, िाराणसी की स्थापना स्वामी ज्ञानानंद म ाराज जी द्वारा शकया गया था। य म ापररर्द मश लाओंके श तोंको बढािा देने और भारतीय संस्कृशत और मानिीय
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17364 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies मूल्ों को संरशक्षत करने का कायच करती ै। इस म ापररर्द द्वारा आयच मश ला पी०जी० कॉलेज की स्थापना िर्च 1932 ई० में एक बाशलका प्राथशमक शिद्यालय के रूप में की गई थी। इसे शिद्यालय स्तर से कॉलेजस्तरतकशिकशसतकरनेमेंम ापररर्दकाम त्वपूणचयोगदानर ा ै। 3. व्यद्धियोिाराशदएर्गएयोर्गदान • सुश्रीिुभदातैलंर्ग सुश्री शुभदा तैलंग, िसंत मश ला म ाशिद्यालय, राजघाट् फोट्च, िाराणसी की प्रथम प्राचायाच थीं। इन्होंने इस पद को िर्च 1954 ई० से लेकर िर्च 1974 ई० तक सुशोशभत शकया। प्राचायच पद के लंबे कायचकालके अंशतमदौरमें आपने अपने दृढप्रयाससेबी०एड०पाठ्यक्रमके संचालन ेतु बी०एच०यू० द्वारा मान्यता शदलाने में सफलता प्राप्त की थी। इसके उपरांत सत्र 1973 74 से िसंत मश ला म ाशिद्यालय, राजघाट् िाराणसी में मश ला अभ्यशथचयों के शलए एक िर्ीय बीएड पाठ्यक्रम का प्रारंभ हुआ। • श्रीमतीशवद्यादेवी श्रीमती शिद्या देिी शब ार प्रांत की र ने िाली थी। आपका शििा बचपन में ी कर शदया गया था। शििा के कुछ समय उपरांत पशत की मृत्यु ो जाने कारण आप बचपन में ी शिधिा ो गई थी। इसके उपरांतआपस्वामी ज्ञानानंदजीम ाराजकानामसुनकरिाराणसीमें आईऔरस्वामीजी की अनुयायीबनी, औरकालांतरमें आयच मश लाश तकाररणीम ापररर्द, िाराणसीकीएकसशक्रयसदस्य भीबनीं।इन्होनेस्वामीज्ञानानंदम ाराजजीद्वारास्थाशपतबाशलकाशिद्यालयमेंस्नातकस्तरकीकक्षाओं कोप्रारंभकराने औरिर्च 1974 ई०में आयच मश लाशडग्रीकॉलेजमें शशक्षा शास्त्रशिभागकीस्थापनामें म त्वपूणचयोगदानशदया। • िॉ०राजनाथशसंह डॉ० राजनाथ शसं उदय प्रताप कॉलेज के प्राचायच थे। इन्होने लगभग 20 िर्ों तक इस पद को सुशोशभत शकया। इतने लंबे कायचकाल के दौरान उन्होंने इस म ाशिद्यालय को लोकशप्रय बनाने और शिकासकीनईऊंचाइयोंतकलेजानेमेंअपनीम त्वपूणचभूशमकाशनभाई।इसीक्रममेंअपनेकायचकाल के अंशतमचरणमेंशशक्षकोंके प्रशशक्षण ेतुशशक्षा शास्त्रशिभागकीस्थापनाकोमूतचरूपशदयाऔरइसे गोरखपुरशिश्वशिद्यालयसेस्थायीमान्यताशदलानेमेंम त्वपूणचभूशमकाशनभाई। • प्रो०दधनाथचतुवेदी प्रो० दूधनाथ चतुिेदी एक शिख्यात शशक्षाशिद थे, जो 1 निम्बर 1982 ई० से 4 अगस्त 1986 ई० तक म ात्मा गांधी काशी शिद्यापीठ के उप कुलपशत र े। इन्होने अपने कायचकाल के दौरान शशक्षकोंके
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17365 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies प्रशशक्षण ेतु उत्तरप्रदेशसरकारसे अनुमशतप्राप्तकीऔरइसशिश्वशिद्यालयके प्रांगणमें शशक्षा शास्त्र शिभागकीस्थापनाकी।उससमयइसशिभागकोअस्थाईरूपसे ीमान्यताप्राप्तहुईथी। • प्रो०शवद्याशनवासशमश्र प्रो० शिद्याशनिास शमश्र संस्कृत और श ंदी साश त्य के शिख्यात शिद्वान और भार्ाशिद थे। आपने 15 अगस्त 1986 ई० से 31 जुलाई 1989 ई० तक म ात्मा गांधी काशी शिद्यापीठ, िाराणसी के उप कुलपशत पद को सुशोशभत शकया। अपने कायचकाल के दौरान शिश्वशिद्यालय के श त में अनेक म त्वपूणच कायों को संपाशदत शकया, शजसमें से एक म त्वपूणच कायच शशक्षा शास्त्र शिभाग, म ात्मा गांधी काशीशिद्यापीठ, जोअभीतकअस्थाईरूपसेसंचाशलत ोर ाथा, उसेउत्तरप्रदेशसरकारद्वारास्थाई मान्यताशदलिाईऔरइसके साथ ीसाथइसशिभागमेंकुछनएपदोंकोभीसृशजतशकया। अध्ययनके शनष्कषा उपरोिपररणामोंके आधारपरप्राप्तशनष्कषाशनम्नवतहैं: 1. िाराणसी में 1850 ई० से 2017 ई० के मध्य मुख्य रूप से दो प्रकार की शशक्षक शशक्षा संस्थाएं स्थाशपत की गई थी, शजनमें से एक नॉमचल स्कूल एिं दूसरा ट्रेशनंग कॉलेज था। शकंतु प्रस्तुत शोध अध्ययन के शिशभन्न काल खंडोंमें संस्थाओंके प्रकार में थोडी शभन्नता पाई गई। िर्च 1850 ई० से 1980 ई०के मध्यिाराणसीमें केिलनॉमचलस्कूलोंकीस्थापनाहुईथी। 1901 ई०से 1950 ई०के मध्यनॉमचल स्कूलोंके अशतररिनॉमचल कक्षाओंएिं ट्रेशनंगकॉलेजोंकीस्थापनाकीगई।िर्च 1951 ई०से 2017 ई० के मध्य िाराणसी में चार प्रकार की शशक्षक शशक्षा संस्थाएं स्थाशपत की गई, जो नॉमचल स्कूल, जूशनयर ट्रेशनंगकॉलेज, ट्रेशनंगकॉलेज, एिं कालेजोंएिं शिश्वशिद्यालयोंमें स्थाशपतशशक्षा शास्त्रशिभागथे।शिशट्श शासन के दौरान नॉमचल स्कूलोंमें प्रशशक्षण के उपरांत िनाचकुलर ट्ीचसच सशट्चशफकेट् की उपाशध प्रदान की जाती थी, शकंतु स्वतंत्र भारत में इसका नाम पररिशतचत कर श ंदुस्तानी ट्ीचसच सशट्चशफकेट् रखा गया। नॉमचलकक्षाओंमेंप्रशशक्षणके उपरांतप्राइमरीट्ीचसचसशट्चशफकेट्, जूशनयरट्रेशनंगकॉलेजमेंप्रशशक्षणके उपरांत जूशनयर ट्ीचर सशट्चशफकेट्, ट्रेशनंग कॉलेजों में लाइसेंशसएट् इन ट्ीशचंग(एल०ट्ी०) की उपाशध प्रदानकीजातीथी।िाराणसीमें, िर्च 2017 ई०में दोप्रकारकीशशक्षक शशक्षासंस्थानसंचाशलत ोर ी थीजो, ट्रेशनंगकॉलेजऔरकॉलेजोंएिं शिश्वशिद्यालयोंमें स्थाशपतशशक्षा शास्त्रशिभागथे।ट्रेशनंगकॉलेजों में सेिा पूिच एिं सेिा रत दोनों ी प्रकार के प्रशशक्षण प्रदान शकए जाते थे, जबशक कॉलेजों एिं शिश्वशिद्यालयों में स्थाशपत शशक्षा शास्त्र शिभाग में केिल सेिा पूिच प्रशशक्षण प्रदान शकया जाता था। इन संस्थाओं में प्रशशक्षण के उपरांत बी०एड०/ डी०एल०एड०/बी०ए०बी०एड०/बी०एससी० बी०एड० की उपाशधप्रदानकीजातीथी।
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17366 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies 2. िाराणसी में 1850 ई० से 2017 ई० के मध्य शशक्षक शशक्षा संस्थाओं की स्थापना में धीमी शकंतुक्रशमकिृद्धिहुई।िर्च 1850 ई०से 1900 ई०के दौरानिाराणसीमेंप्रथमनॉमचलस्कूलकीस्थापना िर्च 1857 ई०मेंकीगई।इसके उपरांतिर्च 1861 ई०मेंदोअन्यनॉमचलस्कूलोंकीस्थापनाकीगई।इस प्रकार इस अिशध में कुल 3 नॉमचल स्कूल स्थाशपत शकए गए, शजसमें से दो पुरुर्ों के शलए एिं एक मश लाओंके शलएथा।िर्च 1901 ई०से 1950 ई०के प्रारंभमें संपूणच देशमें लोकलएिं म्युशनस्पलबोडच द्वारानॉमचलकक्षाओंकाआयोजनशकयागया, शजसके कारणइसअिशधके प्रथमदोदशकोंमें शशक्षक शशक्षासंस्थाओंमें तीव्रिृद्धिहुई।शकंतु इसके उपरांतइनकक्षाओंमें तेजीसे कमीभीआई।ऐसे नॉमचल कक्षाओं का आयोजन िाराणसी में भी शकया गया, शजनकी संख्या िर्च 1917 ई० में 29 थी। इसके अशतररिचारअन्यसंस्थाएं भीस्थाशपतकीगईथी, शजनमें सेंट्रलट्रेशनंगस्कूल, बनारसश ंदू यूशनिशसचट्ी ट्रेशनंग कॉलेज, द कशट्ंग मेमोररयल ाई स्कूल में प्रशशक्षण अनुभाग एिं बेशसक ट्रेशनंग कॉलेज थे। िर्च 1951 ई० से िर्च 2017 ई० के दौरान िाराणसी में स्थाशपत शशक्षक शशक्षा संस्थाओं की स्थापना में पूिच अिशधकीतुलना में थोडीतीव्रिृद्धि पाईगई।इसअिशधमें शिशभन्नसमयोंपरसरकारीअथिासरकार द्वारा स ायता प्राप्त 11 शशक्षक शशक्षा संस्थाएं स्थाशपत की गई, शजनमें से नॉमचल स्कूल, जूशनयर ट्रेशनंग कॉलेज, ट्रेशनंग कॉलेज एिं कॉलेजोंअथिा शिश्वशिद्यालयोंमें स्थाशपत शशक्षा शास्त्र शिभाग थे। िर्च 2017 ई०में िाराणसीमें सरकारीएिं सरकारद्वारास ायताप्राप्तशशक्षकशशक्षासंस्थाओंकीकुलसंख्या 10 थी। 3. िर्च 1850 ई० से लेकर िर्च 2017 ई० तक िाराणसी में शशक्षक शशक्षा संस्थाओं के शिकास में शभन्न शभन्न समय पर स्थानीय सरकारों, संगठनोंएिं व्यद्धियोंआशद ने अपना म त्वपूणच योगदान शदया। सरकारी प्रयास के अंतगचत शिशट्श भारत में नॉथचिेस्टनच प्रांत द्वारा स्थाशपत पद्धिक इंस्टरक्शन शडपाट्चमेंट् एिं स्वतंत्र भारत में उत्तर प्रदेश सरकार की शशक्षा मंत्रालय द्वारा शदए गए योगदान प्रमुख ैं। इन दोनो शिभागोंद्वारा शशक्षक शशक्षा संस्थाओं को प्रारंभ करने एिं इनके सुचारू रूप से संचालन ेतु भूशम की व्यिस्था, भिन शनमाचण एिं अन्य सुशिधाएं सुशनशश्चत की जाती थी। शशक्षक शशक्षा के शिकास में स्थानीय संगठनके रूपमें, आयच मश लाश तकाररणीम ापररर्द, िाराणसीकानामप्रमुख , शजसके द्वाराय ााँ पर मश लाओं की शशक्षा एिं प्रशशक्षण ेतु आयच मश ला पी०जी० कॉलेज का संचालन शकया जा र ा ै। शशक्षक शशक्षा संस्थाओं के शिकास में िाराणसी के शजन म ान व्यद्धियोंने अपना योगदान शदया उनमें प्रमुख सुश्री सुभदा तैलंग, श्रीमती शिद्या देिी, डॉ० राजनाथ शसं , प्रो० दूधनाथ चतुिेदी, प्रो० शिद्याशनिासशमश्र।
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17367 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies संदभाग्रंथ प्राथशमकस्रोत एजुकेशनकमीशनररपोट्च(1883). ररपोट्चऑफदएजुकेशनकमीशन1882(भागएक).कलकत्ता: मैनेजरऑफ पद्धिकेशन नाथचिेस्टनचएण्डअिधएजुकेशनकशमशनररपोट्च(1884). दनाथचिेस्टनचप्रोशिंसेसएण्डअिधप्रोशिंशशयलकमेट्ी शिथएशिडेंसट्ेकनशबफोरदकमेट्ीएण्डमेमोररयलएडरेस्डट्ू दएजुकेशनकशमशन . कलकत्ता: सुपररंट्ेंडेंट्ऑफगिनचमेंट्शप्रंशट्ंग , पृ०491. कॉन्स्टेबल , ई०ट्ी०(1890). जनरलररपोट्चऑनपद्धिकइंस्टरक्शनइनदनॉथचिेस्टनचप्रोशिंसेजएंडअिधफॉरद ईयर1889 90. इला ाबाद: नॉथचिेस्टनचप्रोशिंसेजएंडअिधप्रेस बोट्फ्लािर , दब्ल्यू०एन० (1901). जनरलररपोट्चऑनपद्धिकइंस्टरक्शनइनदनॉथचिेस्टनचप्रोशिंसेजएंडअिध फॉरदईयर1900 01. इला ाबाद: नॉथचिेस्टनचप्रोशिंसेजएंडअिधप्रेस . फोसे , सी०एफ० (1910). जनरलररपोट्चऑनपद्धिकइंस्टरक्शनइनदनॉथचिेस्टनचप्रोशिंसेजऑफआगराएंड अिधफॉरदईयरएंशडंग31 माचच1910. इला ाबाद: सुपररंट्ेंडेंट्गिनचमेंट्प्रेस , यूनाइट्ेडप्रोशिंसेज मैकेंजी , ए०एच० (1922). जनरलररपोट्चऑनपद्धिकइंस्टरक्शनइनदनॉथचिेस्टनचप्रोशिंसेजऑफआगराएंड अिधफॉरदद्धक्वंक्वेशनयमएंशडंग 31 माचच 1922. इला ाबाद: सुपररंट्ेंडेंट्गिनचमेंट्प्रेस , यूनाइट्ेड प्रोशिंसेज मैकेंजी , ए०एच० (1927). जनरलररपोट्चऑनपद्धिकइंस्टरक्शनइनदनॉथचिेस्टनचप्रोशिंसेजऑफआगराएंड अिधफॉरदद्धक्वंक्वेशनयमएंशडंग 31 माचच 1927. इला ाबाद: सुपररंट्ेंडेंट्गिनचमेंट्प्रेस , यूनाइट्ेड प्रोशिंसेज उत्तरप्रदेशसरकार (1954). एनुअलररपोट्चऑनदप्रोग्रेसऑफएजुकेशनइनदउत्तरप्रदेशफॉरदईयर 1950 51. लखनऊ: सुपररंट्ेंडेंट्शप्रंशट्ंगएण्डस्टेशनरी उत्तरप्रदेशसरकार (1958). एनुअलररपोट्चऑनदप्रोग्रेसऑफएजुकेशनइनदउत्तरप्रदेशफॉरदईयर 1954 55. इला ाबाद: सुपररंट्ेंडेंट्शप्रंशट्ंगएण्डस्टेशनरी उत्तरप्रदेशसरकार (1967). एनुअलररपोट्चऑनदप्रोग्रेसऑफएजुकेशनइनदउत्तरप्रदेशफॉरदईयर 1959 60. इला ाबाद: सुपररंट्ेंडेंट्शप्रंशट्ंगएण्डस्टेशनरी उत्तरप्रदेशसरकार (1970). एनुअलररपोट्चऑनदप्रोग्रेसऑफएजुकेशनइनदउत्तरप्रदेशफॉरदईयर 1962 63. इला ाबाद: सुपररंट्ेंडेंट्शप्रंशट्ंगएण्डस्टेशनरी शितीयकस्रोत ररक्टर , डी०डी०जे०(1908). एशस्टरीऑफशमशनइनइंशडया . न्यूयॉकच: फ्लेशमंगएच०ररिेलकंपनी . शापच , एच०(1920). सेलेक्शंसफ्रॉमएजुकेशनलररकॉड्चसपाट्च1 (1781 1839). कलकत्ता: सुपररंट्ेंडेंट्गिनचमेंट् शप्रंशट्ंग . ररचे , जे०ए०(1922). सेलेक्शनफ्रॉमएजुकेशनलररकॉड्चस , पाट्च2 (1840 1859). कलकत्ता: सुपररंट्ेंडेंट्गिनचमेंट् शप्रंशट्ंग . नुरुल्ला एिंनायक(1943). शस्टरीऑफएजुकेशनइनइंशडयाड्यूररंगशिशट्शपीररयड . बम्बई : मैकशमलनएण्ड कम्पनीशलशमट्ेड . दत्त , यू०सी०(1957). एजुकेशनलसिेऑफउत्तरप्रदेश . इला ाबाद:दइद्धण्डयनप्रेसप्रा०शल०. मोतीचंद्र(1962). काशीकाइशतास . बम्बई : शंदीग्रंथरत्नाकरप्राइिेट्शलशमट्ेड . जोशी , ई०बी०(1965). उत्तरप्रदेशशडद्धस्टरक्टगैजेशट्यसचिाराणसी . लखनऊ: गिनचमेंट्ऑफउत्तरप्रदेश .
अभयकुमारशमाच (Pg. 17356 17368) 17368 Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies नाथ , जी०(2010 11). मीलकेपत्थर: डॉ०राजनाथशसं . शसं ,जी०सी०(2010 11). उदयश्री . िाराणसी : प्राचायच , उदयप्रतापकॉलेजमें(पृ०18 20). शशिपुरी , िी०(2013 14). िसंताकॉलेजफॉरिूमेन : ंडरेडग्रोसरीइयसच . िसंताकॉलेजफॉरिूमेन(2013 14). िासंशतका , दसेंट्ेनरीसोिेशनयर .िाराणसी : स्वयं . शगरी , के०(2020). सुश्रीशुभदातैलंग . िसंताकॉलेजफॉरिूमेन(2020). िासंशतका2020.िाराणसी : स्वयं . भारतसरकार(1962). शिश्वशिद्यालयशशक्षाआयोग . नईशदल्लीःशशक्षामंत्रालय . भारतसरकार(1953). माध्यशमकशशक्षाआयोग1952 53. नईशदल्लीःशशक्षामंत्रालय . भारतसरकार(1966). शशक्षाआयोग1964 66. नईशदल्लीःशशक्षामंत्रालय . भारतसरकार(1992). राष्ट्ीयशशक्षानीशत1986 (संशोशधत , 1992).नईशदल्लीःशशक्षामंत्रालय , मानि संसाधनशिकासमंत्रालय .