SAMAJIK NYAY KE SRUJAN ME SAHITYA KI BHUMIKA

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Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language, Online ISSN 2348-3083, SJ IMPACT FACTOR 2021: 7.278, www.srjis.com PEER REVIEWED & REFEREED JOURNAL, DEC-JAN, 2022, VOL-10/49 सामाजिक न्याय के सृिन में साजित्य की भूजमका ब्यूटी जसिंि

असिस्टें ट प्रोफेिर, बी॰डी॰एम॰एमयू मसिला मिासिद्यालय, सिकोिाबाद

Paper Received On: 25 JAN 2022 Peer Reviewed On: 31 JAN 2022 Published On: 1 FEB 2022 Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com िामासिक न्याय (social justice) की बुसियाद िभी मिुष्ो​ों को िमाि माि​िे के आग्रि पर आधाररत िै । इिके मु तासबक सकिी के िाथ िामासिक, धासमि क और िाों स्कृसतक पूि​िग्रि​िो​ों के आधार पर भे दभाि ि​िीों िोिा चासिए। िर सकिी के पाि इतिे न्यू ितम िोंिाधि िोिे चासिए सक िे ‘उत्तम िीि​ि’ की अपिी िोंकल्पिा को धरती पर उतार पाएँ । सिकसित िो​ों या सिकाि​िील, दोिो​ों िी तरि के दे िो​ों में राि​िीसतक सिद्ाों त के दायरे में िामासिक न्याय की इि अिधारणा और उि​िे िु डी असभव्यक्तियो​ों का प्रमु खता िे प्रयोग सकया िाता िै । ले सकि इिका मतलब यि ि​िीों िै सक उिका अथि िमे िा िुस्पष्ट िी िोता िै । सिद्ाों तकारो​ों िे इि प्रत्यय का अपिे -अपिे तरीके िे इस्ते माल सकया िै । व्याि​िाररक राि​िीसत के क्षे त्र में भी, भारतिै िे दे ि में िामासिक न्याय का िारा िोंसचत िमू िो​ों की राि​िीसतक गोलबोंदी का एक प्रमु ख आधार रिा िै । उदारतािादी मािकीय राि​िीसतक सिद्ाों त में उदारतािादी-िमतािाद िे आगे बढ़ते हुए िामासिक न्याय के सिद्ाों तीकरण में कई आयाम िु डते गये िैं । मिलि, अल्पिोंख्यक असधकार, बहुिों स्कृसतिाद, मूल सि​िासियो​ों के असधकार आसद। इिी तरि, िारीिाद के दायरे में क्तियो​ों के असधकारो​ों को ले कर भी सिसभन्न स्तरो​ों पर सिद्ाों तीकरण हुआ िै और िी-ि​ि​िीकरण के मु द्ो​ों को उिके िामासिक न्याय िे िोड कर दे खा िािे लगा िै । (रो​ोंल्स, िे .1971) इिी के िाथ-िाथ मािकीय उदारतािादी सिद्ाों त में राज्य द्वारा िमाि के कुछ तबको​ों की भलाई या कल्याण के सलए ज़्यादा आय िाले लोगो​ों पर टै क्स लगािे का मिला सि​िादास्पद बिा रिा। कीोंि िे पूँिीिाद को मों दी िे उबारिे के सलए राज्य के िस्तक्षे प के ज़ररये रोज़गार पैदा करिे के प्रािधािो​ों का िुझाि सदया, ले सकि फ़्रेसडिख़ िाि िायक, समल्टि फ़्रीडमैि और बाद में रॉबटि िॉसज़क िैिे सिद्वािो​ों िे आसथि क गसतसिसधयो​ों में राज्य के िस्तक्षे प की आलोचिा की। इि लोगो​ों का माि​िा था सक इि​िे व्यक्ति की स्वतोंत्रता और आसथि क आज़ादी को चोट पहुँ चती िै । िॉि रॉल्स िे 1971 में अपिी सकताब अ सथयरी ऑफ़ िक्तस्टि में ताकतिर दलीलें दीों आसख़र क्ो​ों िमाि के कमज़ोर तबको​ों की भलाई के सलए राज्य को िसिय िस्तक्षे प करिा चासिए। अपिी सथयरी में रॉल्स िुद् प्रसियात्मक न्याय की अिधारणा प्रस्तु त करते हुए सितरणमू लक न्याय के लक्ष्य को िासिल करिे की कोसि​ि करते हुए सदखाई दे ते िैं । अपिे न्याय के सिद्ाों त में उन्ो​ोंिे िर सकिी को िमाि स्वतोंत्रता के असधकार की तरफ़दारी की। इिके िाथ Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language


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